HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन

Haryana State Board HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. असममित कार्बन परमाणु युक्त यौगिक है-
(अ) C6H5CH2COOH
(ब) HOOC (CH2)2COOH
(स) HO(CH2)2OH
(द) HOOC CH(OH)CH2COOH
उत्तर:
(द) HOOC CH(OH)CH2COOH

2. ध्रुवण घूर्णकता निम्न में से किसके कारण पायी जाती है-
(अ) सममिति तल
(ब) आणविक सममितता
(स) आणविक असममितता
(द) सममित कार्बन परमाणु
उत्तर:
(स) आणविक असममितता

3. निम्नलिखित में से कौनसा यौगिक ध्रुवण घूर्णक नहीं है ?
(अ) लैक्टिक अम्ल
(स) सिट्रिक अम्ल
(ब) टार्टरिक अम्ल
(द) मैलिक अम्ल
उत्तर:
(स) सिट्रिक अम्ल

4. अग्निशामक के रूप में प्रयुक्त होने वाला यौगिक है-
(अ) CH3Cl
(ब) CH2Cl2
(स) CHCl3
(द) CCI4
उत्तर:
(द) CCI4

5. ऐरिल हैलाइड (हैलोएरीन) का उदाहरण है-
(अ) C6H3Cl
(ब) C6H5CH2Cl
(स) C6H5Cl
(द) C6H6Cl6
उत्तर:
(स) C6H5Cl

6. 2° ऐल्किल हैलाइड का उदाहरण है-
(ब) आइसोब्यूटिल क्लोराइड
(स) आइसोप्रोपिल क्लोराइड
(द) उपरोक्त सभी
(अ) n – ब्यूटिल क्लोराइड
उत्तर:
(स) आइसोप्रोपिल क्लोराइड

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7. प्रोपेन के संभावित डाइक्लोरो व्युत्पन्नों की संख्या है-
(अ) दो
(ब) तीन
(स) चार
(द) पाँच
उत्तर:
(स) चार

8. निम्नलिखित में से कौनसा यौगिक SN1 अभिक्रिया सुगमता से दर्शाता है ?
(अ) CH3Cl
(ब) (CH3)2CH-Cl
(स) (CH)3C-Cl
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(स) (CH)3C-Cl

9. ऐल्किल हैलाइड की सोडियम ऐल्कॉक्साइड के साथ अभिक्रिया है-
(अ) इलेक्ट्रॉनस्नेही संकलन
(ब) नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन
(स) इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन
(द) नाभिकस्नेही संकलन
उत्तर:
(ब) नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन

10. निम्न में से न्यूनतम क्वथनांक वाला यौगिक कौनसा है?
(अ) CH3Cl
(ब) C2H5Cl
(स) CH3-CH2-CH2-Cl
(द) C4H9Cl
उत्तर:
(अ) CH3Cl

11. ऐल्किल हैलाइडों की क्रियाशीलता का घटता क्रम है-
(अ) RI < RBr < RCI
(ब) RBr < RI < RCl
(स) RBr > RCI > RI
(द) RI > RBr > RCI
उत्तर:
(द) RI > RBr > RCI

12. मोनो हैलोऐल्केन्स की श्रेणी
(अ) CnH2n+1 X
(ब) C2nH2n+1 X
(स) CnH2n-1 X
(द) CnH2n+2 X
उत्तर:
(अ) CnH2n+1 X

13. निम्नलिखित में से किस यौगिक को प्रशीतक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है ?
(अ) CH3COCH3
(ब) CCl4
(स) CF4
(द) CCl2F2
उत्तर:
(द) CCl2F2

14. निम्नलिखित में से कौनसा यौगिक एक जेम डाइहैलाइड है ?
(अ) एथिलीन डाइक्लोराइड
(ब) 2,2-डाइक्लोरोप्रोपेन
(स) 1,3 – डाइक्लोरोप्रोपेन
(द) 1,2- डाइक्लोरोप्रोपेन
उत्तर:
(ब) 2,2-डाइक्लोरोप्रोपेन

15. किसी ऐल्कोहॉल से क्लोरो ऐल्केन बनाने के लिए सबसे उपयुक्त अभिकर्मक है-
(अ) PCl3
(ब) Cl2/CCl4
(स) SOCl2
(द) HCl / ZnCl2
उत्तर:
(स) SOCl2

16. विहाइड्रोहैलोजेनीकरण के लिए आवश्यक विशिष्ट अभिकर्मक है-
(अ) जलीय KOH
(ब) ऐल्कोहॉलिक KOH
(स) जलीय NaOH
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) ऐल्कोहॉलिक KOH

17. FeCl3 की उपस्थिति में टॉलुईन की Cl2 से क्रिया द्वारा बना मुख्य उत्पाद होगा-
(अ) बेन्जिल क्लोराइड
(ब) बेन्जल क्लोराइड
(स) m-क्लोरोटॉलुईन
(द) o- तथा p-क्लोरो टॉलुईन
उत्तर:
(द) o- तथा p-क्लोरो टॉलुईन

18. नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन के लिए न्यूनतम क्रियाशीलता वाला यौगिक कौनसा है ?
(अ) CH2 = CH – Cl
(ब) CH3 – CH2Cl
(स) (CH3), C – Cl
(द) CH2 = CH – CH2Cl
उत्तर:
(अ) CH2 = CH – Cl

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19. निम्नलिखित में से किस यौगिक का क्वथनांक उच्चतम होगा?
(अ) CH3 – CH2 – CH – Cl
(ब) CH3 – CH3 – CH – CH2-Cl
(स) CH3CH(CH3)CH2Cl
(द) (CH3)3C – Cl
उत्तर:
(ब) CH3 – CH3 – CH – CH2-Cl

20. HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 1, यह अभिक्रिया है-
(अ) विलोपन
(ब) संकलन
(स) प्रतिस्थापन
(द) पुनर्विन्यास
उत्तर:
(स) प्रतिस्थापन

21. शल्य चिकित्सा में निश्चेतक के रूप में प्रयुक्त हैलोजन युक्त यौगिक है-
(अ) थाइरॉक्सिन
(ब) हैलोथेन
(स) फ्रेऑन
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) हैलोथेन

22. सान्द्र H2SO4 की उपस्थिति में क्लोरोबेन्जीन तथा क्लोरैल को गर्म करने से प्राप्त उत्पाद है-
(अ) BHC
(ब) C2Cl6
(स) DDT
(द) CF2Cl2
उत्तर:
(स) DDT

23. I Cl तथा Br की नाभिकस्नेहिता का बढ़ता क्रम क्या होगा ?
(अ) I < Br Cl
(ब) Br < Cl < I
(स) Cl < Br < I
(द) I < Cl < Br
उत्तर:

24. अभिक्रिया HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 2B, में यौगिक B मुख्य रूप से क्या होगा ?
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 3
उत्तर:
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 4

25. यौगिक HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 5का IUPAC का नाम होगा-
(अ) 1- ब्रोमो – 3 – क्लोरो साइक्लोहेक्सीन
(ब) 3- ब्रोमो – 1 – क्लोरो साइक्लोहेक्स – 1 – ईन
(स) 2- ब्रोमो – 5-क्लोरो साइक्लोहेक्स – 1 – ईन
(द) 6- ब्रोमो – 1 – क्लोरो साइक्लोहेक्स- 1- ईन
उत्तर:
(ब) 3- ब्रोमो – 1 – क्लोरो साइक्लोहेक्स – 1 – ईन

26. अभिक्रिया CH3Br + OH → CH3OH + Br ; SN2 क्रियाविधि द्वारा सम्पादित होती है। इस अभिक्रिया की दर किसकी सान्द्रता पर निर्भर करती है?
(अ) CH3Br, OH
(ब) केवल CH3Br
(स) केवल OH
(द) CH, Br, CH3 OH
उत्तर:
(ब) केवल CH3Br

27. निम्नलिखित में से कौन-सा यौगिक I2 तथा NaOH के साथ पीला अवक्षेप देगा ?
(अ) ICH2COCH2CH3
(ब) CH3COOCOCH3
(स) CH3-CH2 CH(OH) CH2CH3
(द) CH3COOH
उत्तर:
(स) CH3-CH2 CH(OH) CH2CH3

28. क्लोरोबेन्जीन की अपेक्षा मेथिल क्लोराइड में C-Cl आबन्ध-
(अ) लम्बा तथा दुर्बल है
(ब) छोटा तथा दुर्बल है
(स) छोटा तथा प्रबल है
(द) लम्बा तथा प्रबल है
उत्तर:
(अ) लम्बा तथा दुर्बल है

29. यौगिक (A) C8H9Br को जब ऐल्कोहॉलिक AgNO3 के साथ गर्म करते हैं तो सफेद अवक्षेप आता है। (A) के ऑक्सीकरण पर एक अम्ल (B) C3H6O4 प्राप्त होता है। (B) गर्म करने पर आसानी से एनहाइड्राइड बनाता है तो यौगिक A है-
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उत्तर:
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30. परॉक्साइड की अनुपस्थिति में प्रोपीन पर HBr के संयोजन में प्रथम
पद में संयोजन होता है-
(अ) H+ का
(ब) Br का
(स) H
(द) Br का
उत्तर:
(अ) H+ का

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
1- क्लोरोप्रोपेन से 1 आयोडोप्रोपेन प्राप्त करने का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
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इसे फिंकेल्स्टाइन अभिक्रिया कहते हैं। यह एक हैलोजन विनिमय अभिक्रिया है।

प्रश्न 2.
स्वास अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 3.
अणुसूत्र C4H8Br2 से कितने जेम डाइहैलाइड संभव हैं?
उत्तर:
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प्रश्न 4.
C3H6Cl2 से बनने वाले सभी यौगिकों के सूत्र लिखिये।
उत्तर:
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प्रश्न 5.
निम्नलिखित अभिक्रिया का उत्पाद बताइए-
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उत्तर:
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 13 क्योंकि HCl के संकलन में परॉक्साइड प्रभाव नहीं लगता है।

प्रश्न 6.
CH3F, CH3Cl, CH3Br तथा CH3I को द्विध्रुव आघूर्ण के बढ़ते क्रम में लिखिए।
उत्तर:
CH3I < CH3Br < CH3F < CH3 – Cl

प्रश्न 7.
विभिन्न हैलोजन अम्लों की क्रियाशीलता का अवरोही क्रम लिखिए।
उत्तर:
HI > HBr > HCl > HF

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प्रश्न 8.
ऐल्केनॉल से हैलोएल्केन बनाने के लिए HCl, PCl3 तथा SOCl2 में से सर्वाधिक उपयुक्त अभिकर्मक कौनसा है?
उत्तर:
SOCl2

प्रश्न 9.
मेथिल आयोडाइड से एथेनॉइक अम्ल बनाने के समीकरण लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 10.
टेट्राएथिल लैड का एक उपयोग बताइए।
उत्तर:
टेट्राएथिल लैड (C2H5)4 Pb एक अपस्फोटरोधी यौगिक होता है।

प्रश्न 11.
CH3-CH2-CH2-Cl तथा (CH3)3C-Cl में से किसका विहाइड्रोहैलोजेनीकरण अधिक सुगमता से होगा तथा क्यों?
उत्तर:
(CH3)3C-Cl का विहाइड्रोहैलोजेनीकरण अधिक सुगमता से होगा क्योंकि यह एक 3° हैलोऐल्केन है जो कि अधिक क्रियाशील है।

प्रश्न 12.
हैलाइड आयनों की नाभिकस्नेही प्रबलता का क्रम बताइए।
उत्तर:
\(\stackrel{-}{I}\) > \(\stackrel{-}{B}\)r > \(\stackrel{-}{C}\)l > \(\stackrel{-}{F}\)

प्रश्न 13.
वुर्ट्स अभिक्रिया द्वारा किस ऐल्केन का संश्लेषण नहीं होता ?
उत्तर:
मेथेन (CH4)

प्रश्न 14.
वह कौनसा हैलोएल्केन है जिससे एक ही पद में मेथेन तथा एथेन दोनों का संश्लेषण किया जा सकता है? समीकरण भी दीजिए।
उत्तर:
CH3 – X (मेथिल हैलाइड)
समीकरण –
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प्रश्न 15.
शुद्ध CHCl में सिल्वर नाइट्रेट विलयन डालने पर AgCl का अवक्षेप नहीं आता, क्यों?
उत्तर:
CHCl3 एक सहसंयोजी यौगिक है अतः इसका आयनन नहीं होने के कारण विलयन में Cl उपलब्ध नहीं होंगे इसलिए यह AgNO3 विलयन के साथ कोई अवक्षेप नहीं देता।

प्रश्न 16.
हैलोऐरीन की नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन के लिए क्रियाशीलता कब बढ़ती है?
उत्तर:
हैलोऐरीन में आर्थो तथा पैरा स्थिति पर इलेक्ट्रॉन आकर्षी समूह जैसे – NO2 उपस्थित होने पर इसकी नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन के लिए क्रियाशीलता बढ़ जाती है।

प्रश्न 17.
फ्रेऑन- 112 का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
C2F2Cl4

प्रश्न 18.
BHC के अन्य व्यापारिक नाम तथा IUPAC नाम बताइए।
उत्तर:
BHC (बेन्जीन हेक्सा क्लोराइड) के विभिन्न व्यापारिक नाम गेमेक्सीन, गेमेन, लिन्डेन व 666 हैं तथा इसका IUPAC नाम 1, 2, 3, 4, 5, 6 हेक्साक्लोरो साइक्लोहेक्सेन है।
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प्रश्न 19.
वेस्ट्रॉन तथा वेस्ट्रोसॉल के सूत्र बताइए तथा इनका क्या उपयोग है?
उत्तर:
CHCl2-CHCl2 (वेस्ट्रॉन) तथा HCCl = CCl2 (वेस्ट्रोसॉल) विलायक के रूप में प्रयुक्त होते हैं।

प्रश्न 20.
बेन्जल क्लोराइड को जलीय NaOH के साथ उबालने पर क्या होता है?
उत्तर:
बेन्जेल्डिहाइड बनता है।
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प्रश्न 21.
B\(\stackrel{-}{r}\) तथा \(\stackrel{-}{I}\) में से कौनसा प्रबल नाभिकस्नेही है तथा क्यों?
उत्तर:
B\(\stackrel{-}{r}\) तथा \(\stackrel{-}{I}\) में से \(\stackrel{-}{I}\) प्रबल नाभिकस्नेही है क्योंकि \(\stackrel{-}{I}\) का आकार बड़ा है तथा इसकी विद्युतॠणता Br से कम है अतः इसकी इलेक्ट्रॉन युग्म देने की प्रवृत्ति अधिक होती है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
(i) पाँच कार्बन युक्त हैलोएल्केन की संरचना बताइए जिसके द्वारा प्रकाशिक समावयवता दर्शायी जाती है।
(ii) 1 – क्लोरो ब्यूटेन तथा 1 – क्लोरो – 2 – मेथिल प्रोपेन में कौनसी समावयवता होती है ?
(iii) अणु सूत्र C4H9Cl वाले स्थिति समावयवी बताइए जिनमें सीधी श्रृंखला हो।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
सैन्डमायर अभिक्रिया पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
ऐमीनो से-सैन्डमायर अभिक्रिया द्वारा- किसी एरोटिक प्राथमिक एमीन (जिसमें – NH2 समूह बेन्जीन वलय से सीधा जुड़ा होता है) की क्रिया सोडियम नाइट्राइट तथा ठण्डे जलीय खनिज अम्ल (HX) से की जाती है तो डाइएजोनियम लवण बनता है। इस डाइएजोनियम लवण की क्रिया Cu2X2 (क्युप्रस हैलाइड) से करवाने पर डाइएजोनियम समूह के स्थान पर हैलोजन आ जाता है।
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(i) क्लोरीनीकरण तथा ब्रोमोनीकरण-
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इस अभिक्रिया में CuCl2 तथा Cu2Br2 के स्थान पर Cu लेने पर इसे गाटरमान अभिक्रिया कहते हैं।

(ii) आयोडीनीकरण-आयोडोबेन्जीन बनाने के लिए डाइएजोनियम लवण की क्रिया KI सें करवायी जाती है।
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प्रश्न 3.
निम्नलिखित को समझाइए-
(i) टॉलुईन का इलेक्ट्रॉनस्नेही क्लोरीनीकरण (प्रतिस्थापन)
(ii) ऐल्केनों का मुक्तमूलक हैलोजेनीकरण।
उत्तर:
(i) इलेक्ट्रॉनस्नेही (इलेक्ट्रॉन रागी) प्रतिस्थापन द्वाराएरिल हैलाइडों का विरचन-जब बेन्जीन, टॉलूईन इत्यादि की क्रिया Fe या FeCl3 (लुईस अम्ल) की उपस्थित में C2 या Br2 से करवाई जाती है तो वलय के हाइड्रोजन का प्रतिस्थापन हैलोजेन द्वारा हो जाता है। यह एक इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया है तथा इससे एरिल हैलाइड प्राप्त होते हैं।
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अभिक्रिया से बने आर्थो तथा पैरा समावयवियों के गलनांकों में अधिक अंतर होने के कारण इन्हें आसानी से पृथक् किया जा सकता है।

फ्लुओरीन बहुत अधिक क्रियाशील होती है अतः इस विधि से फ्लुओरो व्युत्पन्न नहीं बना सकते तथा आयोडीन के साथ अभिक्रिया उत्क्रमणीय होने के कारण प्राप्त HI को ऑक्सीकृत करने के लिए HNO3 या HIO3 प्रयुक्त किया जाता है।

(ii) ऐल्केनों के मुक्त मूलक हैलोजेनीकरण द्वारा-सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ऐल्केनों की Cl2 या Br2 से क्रिया करवाने पर समावयवी मोनो तथा पॉली हैलोऐल्केनों का मिश्रण बनता है। अतः किसी एक यौगिक की लब्धि कम होती है तथा इस मिश्रण को पृथक् करना मुश्किल होता है।
इस अभिक्रिया के लिए हाइड्रोजन परमाणुओं के प्रतिस्थापन का क्रम निम्नलिखित है-
3°H > 2°H > 1°H
अतः प्रोपेन की क्लोरीन से क्रिया करवाने पर 2-क्लोरोप्रोपेन (2°) अधिक मात्रा में प्राप्त होता है।
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97 %, 2-ब्रोमो प्रोपेन प्राप्त होने का कारण ब्रोमीन की वरणशीलता (Selectivity) है।
ऐल्केनों के हैलोजेनीकरण में विभिन्न हैलोजनों की क्रियाशीलता निम्न क्रम में होती है-
F2 > Cl2 > Br2 > I2
फ्लुओरीनीकरण विस्फोटक होता है जबकि आयोड़ीनीकरण बहुत धीमी गति से होता है अतः यह एक उत्क्रमणीय अभिक्रिया है। इसलिए इसे आयोडिक अम्ल (HIO3) की उपस्थिति में करवाया जाता है। जो कि अभिक्रिया से प्राप्त HI (अपचायक) से क्रिया करके I2 तथा H2O बना देता है ताकि यह पुनः R-I से क्रिया करके ऐल्केन न बना सके तथा प्राप्त I2 पुनः अभिक्रिया को अग्र दिशा में ले जाने में सहायक होती है।
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प्रश्न 4.
ऐल्कीनों पर HX तथा हैलोजेन के योग की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
(i) ऐल्कीनों पर हाइड्रोजन अम्ल (HX) के संकलन (संयोजन) से-ऐल्कीनों पर HX के संकलन से हैलोऐल्केन बनते हैं। असममित ऐल्कीनों पर HX के संकलन में प्राप्त उत्पाद मार्कोनीकॉफ के नियम के अनुसार होता है तथा परॉक्साइड की उपस्थिति में HBr का संकलन परॅक्साइड प्रभाव के अनुसार होता है।

इस अभिक्रिया के लिए विभिन्न हाइड्रोजन हैलाइडों की क्रियाशीलता का क्रम निम्न प्रकार होता है-
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मार्कोनीकॉफ का नियम-जब किसी असममित ऐल्कीन पर HX का योग होता है तो ऋणात्मक भाग (\(\overline{\mathbf{X}}\)) उस असंतृप्त कार्बन पर जुड़ता है जिस पर हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या कम होती है।

यह एक इलेक्ट्रॉनस्नेही योगात्मक अभिक्रिया है।

अभिक्रिया की क्रियाविधि-
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परॉक्साइड प्रभाव या खराश प्रभाव-जब किसी असममित ऐल्कीन पर परॉक्साइड की उपस्थिति में HBr का योग होता है तो ब्रोमीन परमाणु उस असंतृप्त कार्बन पर जुड़ता है जिस पर हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या अधिक होती है।
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(ii) ऐल्कीनों पर हैलोजन के संकलन से-ऐल्कीन पर हैलोजन की क्रिया से विसिनल डाइहैलाइड बनते हैं। ब्रोमीन के कार्बन टेट्रा क्लोराइड में विलयन की क्रिया एल्कीन से करवाने पर ब्रोमीन के विलयन का लाल रंग गायब हो जाता है। यह किसी यौगिक में द्विआबंध तथा त्रिआबन्ध की पहचान करने की एक महत्त्वपूर्ण विधि है। इसमें बना विसिनल डाइब्रोमाइड रंगहीन होता है।
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प्रश्न 5.
मार्कोनीकॉफ के नियम तथा परॉक्साइड प्रभाव की व्याख्या उदाहरण सहित कीजिए ।
उत्तर:
(i) ऐल्कीनों पर हाइड्रोजन अम्ल (HX) के संकलन (संयोजन) से-ऐल्कीनों पर HX के संकलन से हैलोऐल्केन बनते हैं। असममित ऐल्कीनों पर HX के संकलन में प्राप्त उत्पाद मार्कोनीकॉफ के नियम के अनुसार होता है तथा परॉक्साइड की उपस्थिति में HBr का संकलन परॅक्साइड प्रभाव के अनुसार होता है।

इस अभिक्रिया के लिए विभिन्न हाइड्रोजन हैलाइडों की क्रियाशीलता का क्रम निम्न प्रकार होता है-
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 25
मार्कोनीकॉफ का नियम-जब किसी असममित ऐल्कीन पर HX का योग होता है तो ऋणात्मक भाग (\(\overline{\mathbf{X}}\)) उस असंतृप्त कार्बन पर जुड़ता है जिस पर हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या कम होती है।

यह एक इलेक्ट्रॉनस्नेही योगात्मक अभिक्रिया है।

अभिक्रिया की क्रियाविधि-
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 26
परॉक्साइड प्रभाव या खराश प्रभाव-जब किसी असममित ऐल्कीन पर परॉक्साइड की उपस्थिति में HBr का योग होता है तो ब्रोमीन परमाणु उस असंतृप्त कार्बन पर जुड़ता है जिस पर हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या अधिक होती है।
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प्रश्न 6.
प्रोपेन के मोनोक्लोरीनीकरण तथा मोनोब्रोमीनीकरण के समीकरण लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 7.
प्रोपीन पर HCI के योग की क्रियाविधि बताइए।
उत्तर:
अभिक्रिया
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यह अभिक्रिया दो पदों में होती है-
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प्रश्न 8.
निम्नलिखित के समीकरण लिखिए-
(i) C2H5NH2 से C2H5Cl बनाना
(ii) CH3CH2COOAg से CH3
उत्तर:
(i) C2H5NH2 + NOCl → C2H5Cl + N2 + H2O
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प्रश्न 9.
निम्नलिखित परिवर्तनों के समीकरण लिखिए-
(i) C2H5I से CH3-CH2COOH
(ii) CH3Cl से CH3CONH2
(iii) CH3-CH2-Cl से CH3-CH2-CH2-NH2
(iv) CH3Cl से CH3CHO
उत्तर:
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प्रश्न 10.
निम्नलिखित समीकरणों को पूर्ण कीजिए-
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उत्तर:
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प्रश्न 11.
स्ट्रेकर अभिक्रिया पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
ऐल्किल सल्फोनेट का संश्लेषण (स्ट्रेकर अभिक्रिया)हैलोऐल्केन की क्रिया सोडियम सल्फाइट के साथ करवाने पर सोडियम ऐल्किल सल्फोनेट प्राप्त होता है। इसे स्ट्रेकर अभिक्रिया कहते हैं।

इस अभिक्रिया को अपमार्जकों के संश्लेषण में प्रयुक्त किया जाता है।

प्रश्न 12.
(i) CH3I की KNO2 तथा AgNO2 से अभिक्रिया के समीकरण लिखिए।
(ii) बेन्जीन से टॉलुईन बनाने की फ्रीडेल क्राफ्ट अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
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(ii) फ्रिडेल क्राफ्ट अभिक्रिया
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प्रश्न 13.
SN1 तथा SN2 अभिक्रियाओं में अन्तर बताइए।
उत्तर:
SN1 तथा SN2 अभिक्रियाओं में अन्तर
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प्रश्न 14.
सममिति तत्त्व कितने होते हैं? परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
आण्विक असममितता, किरैलता तथा प्रतिबिम्ब रूप (Molecular Asymmetry, Chirality and Enantiomers) लुइस पाश्चर (1848) के अनुसार कुछ यौगिकों के क्रिस्टल दर्पण प्रतिबिम्ब रूपों (d तथा l) में पाए जाते हैं तथा इन दोनों क्रिस्टलीय रूपों के समान सान्द्रता के जलीय विलयन, समान मात्रा (परिमाण) में लेकिन विपरीत दिशा में ध्रुवण घूर्णन दर्शाते हैं। घूर्णन में यह अन्तर इन यौगिकों में परमाणुओं तथा समूहों की त्रिविमीय व्यवस्था (विन्यास) में भिन्नता के कारण होता है।

असममित (किरेल) कार्बन परमाणु अथवा त्रिविम केन्द्र [Asymmetric (Chiral) Carbonatom or Stereo Centre]ले बेल तथा वान्ट हॉफ के अनुसार किसी कार्बनिक यौगिक में केन्द्रीय कार्बन परमाणु के चारों ओर परमाणुओं या समूहों की व्यवस्था चतुष्फलकीय (Tetrahedral ) होती है। जब किसी यौगिक में किसी कार्बन परमाणु से जुड़े सभी चार परमाणु तथा समूह भिन्न-भिन्न होते हैं तो ऐसे कार्बन को असममित (किरेल) कार्बन या त्रिविम केन्द्र कहते हैं, इस प्रकार के अणु को असममित (किरेल) अणु कहते हैं। वे अणु जो असममित होते हैं अर्थात् जिनमें असममित कार्बन परमाणु उपस्थित होता है वे प्रकाशिक समावयवता ( धुवण समावयवता) दर्शाते हैं। इन यौगिकों में कोई सममिति तत्त्व नहीं होता है।

सममिति तत्त्व मुख्यतः तीन होते हैं-सममिति तल, सममिति अक्ष तथा सममिति केन्द्र।

सममिति तल-किसी वस्तु या यौगिक का वह तल जो उसे दो समान भागों में विभाजित कर देता है, उसे सममिति तल कहते हैं। ये दोनों भाग एक-दूसरे के दर्पण प्रतिबिम्ब होते हैं, जो कि एक-दूसरे पर अध्यारोपित नहीं होते। जैसे अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर A में ऊर्ध्व्वाधर सममिति तल तथा B में क्षैतिज सममिति तल होता है।
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 40
सममिति अक्ष – किसी वस्तु या यौगिक का वह अक्ष जिस पर उसे घुमाने पर वही रूप प्राप्त हो जो उसके मूल रूप पर अध्यारोपित हो जाता है उसे सममिति अक्ष कहते हैं।

सममिति केन्द्र-किसी वस्तु का वह काल्पनिकःबिन्दु जिस पर से एक सरल रेखा खींचने पर, उस बिन्दु के दोनों और स्थित समूह समान दूरी पर पाए जाते हैं उसे सममिति केन्द्र कहते हैं।

किरेल तथा किरेलता-वे वस्तुएँ या यौगिक जो अपने दर्पण प्रतिबिम्ब पर अध्यारोपित नहीं होते उन्हें किरेल कहते हैं तथा इस गुण को किरेलता कहते हैं तथा वे वस्तुएँ जो अपने दर्पण प्रतिबिम्ब पर अध्यारोपित हो जाती हैं, उन्हें अकिरेल कहते हैं।

उदाहरण-अपने दोनों हाथ व पैर किरेल तथा गोले एवं चित्र में दिखाए गए शंकु अकिरेल होते हैं।
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 41

प्रश्न 15.
(i) CH3-I, Mg तथा शुष्क ईथर के प्रयोग से एथेन किस प्रकार बनाया जा सकता है?
(ii) CH3COOH से प्रारम्भ करके एथिल एथेनॉएट बनाने में प्रयुक्त समीकरण लिखिए।
उत्तर:
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 41a

प्रश्न 16.
हैलोएल्केन से फ्रैंकलैण्ड अभिकर्मक तथा टेट्रामेथिल लैड बनाने के लिए आवश्यक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 41b

प्रश्न 17.
हैलोऐल्केन के अपचयन से ऐल्केन कितने प्रकार से बनाया जा सकता है? समीकरण सहित समझाइए |
उत्तर:
(i) अपचायकों द्वारा – ऐल्किल हैलाइडों का अपचयन विभिन्न अपचायकों द्वारा किया जा सकता है तथा इससे ऐल्केन प्राप्त होते हैं। ये अपचायक Na + C2H5OH, Zn + HCl तथा ZnCu युग्म +C2H5OH हो सकते हैं।
R – X + 2H → RH + HX
C2H3Br + 2H → C2H6 + HBr

(ii) उत्प्रेरकी हाइड्रोजनीकरण – धातु उत्प्रेरक की उपस्थिति में R – X की क्रिया हाइड्रोजन से करवाने पर भी ऐल्केन बनते हैं।
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 42

(iii) लीथियम ऐलुमीनियम हाइड्राइड (LiAIH4) या सोडियम बोरो हाइड्राइड (NaBH4) द्वारा अपचयन – RX का अपचयन LiAlH4 या NaBH4 से करवाने पर भी एल्केन प्राप्त होते हैं। इस अभिक्रिया हाइड्राइड आयन (H) प्रयुक्त होता है, अतः यह एक नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया है।
4R – X + LiAlH4 → 4RH + LiAlX4

(iv) हाइड्रोजन आयोडाइड द्वारा अपचयन – लाल- फॉस्फोरस की उपस्थिति में ऐल्किल हैलाइडों का अपचयन, HI से कराने पर भी ऐल्केन प्राप्त होते हैं। इसे बर्थेलो विधि कहते हैं।
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 43

प्रश्न 18.
हैलोऐल्केनों की मुख्य अभिक्रिया नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन होती है जबकि हैलोऐरीनों की मुख्य अभिक्रिया इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन, क्यों?
उत्तर:
हैलोऐल्केनों में कार्बन हैलोजन बन्ध ध्रुवीय होता है HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 44अतः इनके कार्बन पर नाभिकस्नेही का आक्रमण होकर, हैलोजन का प्रतिस्थापन हो जाता है, अतः ये मुख्यतः नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया दर्शाते हैं।
\(\mathrm{R}-\stackrel{+\delta}{\mathrm{CH}_2}-\stackrel{-\delta}{\mathrm{X}}+\mathrm{N} \overline{\mathrm{u}} \longrightarrow \mathrm{R}-\mathrm{CH}_2-\mathrm{Nu}+\overline{\mathrm{X}}\)
हैलोऐरीनों में उपस्थित बेन्जीन वलय के ऐरोमैटिक षट्क ( 6 इलेक्ट्रॉन) के कारण इसमें इलेक्ट्रॉन घनत्व अधिक होता है। अतः वलय पर इलेक्ट्रॉनस्नेही का आक्रमण सुगमता से हो जाता है इसलिए ये मुख्यतः इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया दर्शाते हैं।

प्रश्न 19.
एक अणुक नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया (SN1) के लिए बेंजिल हैलाइड की क्रियाशीलता, हैलोबेन्जीन की तुलना में अधिक होती है। इसका उचित कारण दीजिए।
उत्तर:
SN1 अभिक्रिया में कार्बोकैटायन मध्यवर्ती बनता है। बेन्जिल हैलाइड के C-X बन्ध के वियोजन से प्राप्त बेन्जिल कार्बोकैटायन \(\left(\mathrm{C}_6 \mathrm{H}_5 \stackrel{+}{\mathrm{C}} \mathrm{H}_2\right)\) अनुनाद के कारण स्थायी हो जाता है अतः इसका बनना सुग होता है। इसके विपरीत हैलोबेन्जीन में हैलोजन के + M प्रभाव के कारण कार्बन हैलोजन बन्ध में द्विबन्ध के गुण आ जाते हैं, अतः बन्ध का टूटना मुश्किल होता है तथा C – X बन्ध के वियोजन से प्राप्त \(\stackrel{+}{\mathrm{C}}_6 \mathrm{H}_5\) (फेनिल कार्बधनायन) में अनुनाद नहीं होने के कारण यह अस्थायी होता है अतः इसके बनने की संभावना कम होती है। इसी कारण SN1 अभिक्रिया के लिए बेंजिल हैलाइड की क्रियाशीलता हैलोबेन्जीन की तुलना में अधिक होती है।

HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन

प्रश्न 20.
क्लोरोबेन्जीन में कार्बन क्लोरीन (C-Cl) आबन्ध लम्बाई, C2H5Cl में C-Cl आबन्ध लम्बाई की अपेक्षा कम होती है, क्यों?
उत्तर:
क्लोरोबेन्जीन HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 45 में क्लोरीन के एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म, बेन्जीन वलय के इलेक्ट्रॉनों के साथ संयुग्मन में होते हैं अतः इसमें वलय की तरफ अनुनाद ( + M प्रभाव) होता है जिसके कारण C-CI बन्ध बन्ध के गुण आ जाते हैं। इसलिए C-Cl बन्ध लम्बाई कम हो जाती है जबकि C2H5Cl में कोई अनुनाद नहीं होता अतः इसमें C-Cl बन्ध लम्बाई अधिक होती है।

प्रश्न 21.
हुसडीकर अभिक्रिया ऐल्किल आयोडाइड बनाने के लिए उपयुक्त नहीं है, क्यों ?
उत्तर:
हुन्सडीकर अभिक्रिया में जब RCOOAg की I2 के साथ क्रिया की जाती है तो ऐल्किल आयोडाइड के स्थान पर एस्टर मुख्य उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है। अतः यह अभिक्रिया ऐल्किल आयोडाइड बनाने के लिए उपयुक्त नहीं है।
2RCOOAg + I2 → RCOOR + CO, + 2AgI

प्रश्न 22.
क्लोरोफॉर्म को रंगीन बोतल में अंधेरे में रखा जाता है। क्यों ?
उत्तर:
क्लोरोफॉर्म प्रकाश की उपस्थिति में वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से क्रिया करके विषैली गैस फॉस्जीन बनाता है अतः इसे रंगीन बोतल में अंधेरे में रखा जाता है ताकि इसका ऑक्सीकरण न हो।
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 46

प्रश्न 23.
निम्नलिखित यौगिकों की नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया के प्रति क्रियाशीलता का क्रम कारण सहित बताइए –
CH3F, CH3Cl, CH3Br तथा CH3 – I
उत्तर:
CH3F < CH3Cl < CH3Br < CH3 – I
कार्बन हैलोजन बन्ध ऊर्जा का क्रम निम्न प्रकार होता है-
CF > C – Cl > C Br> C – I क्योंकि बन्ध ऊर्जा परमाणु आकार के व्युत्क्रमानुपाती होती है अतः बन्ध ऊर्जा कम होने पर बन्ध का वियोजन आसानी से होगा तथा अभिक्रिया का वेग अधिक होगा। इसी कारण CH,F की क्रियाशीलता न्यूनतम तथा CH3 – I की क्रियाशीलता अधिकतम है।

प्रश्न 24.
(i) निम्नलिखित अभिक्रिया को पूर्ण कीजिए-
CH2 = CH – CH2 – Br HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 47
(ii) आइसोप्रोपिल ब्रोमाइड से n – प्रोपिल ब्रोमाइड किस प्रकार बनाया जाता है ?
उत्तर:
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 48

बोर्ड परीक्षा के दृष्टिकोण से सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित अभिक्रिया समीकरणों को पूर्ण कीजिए-
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 49
उत्तर:
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 50

प्रश्न 2.
निम्नलिखित युग्मों में से कौनसा एक SN1 प्रतिस्थापन अभिक्रिया अधिक तीव्रता से करता है और क्यों?
अथवा
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 51
अथवा
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 52
उत्तर:
(i) HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 53क्योंकि तृतीयक कार्बोकैटायन का स्थायित्व अधिक होने के कारण तृतीयक ऐल्किल हैलाइड की अभिक्रियाशीलता SN1 अभिक्रिया के लिए द्वितीयक ऐल्किल हैलाइड से अधिक होती है।
(ii) HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 54, क्योंकि प्राथमिक कार्बोकैटायन की तुलना में द्वितीयक कार्बोकैटायन का स्थायित्व अधिक होने के कारण इसमें SN1 अभिक्रिया अधिक तीव्रता से होगी।
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 55

प्रश्न 3.
निम्न यौगिक का आई.यू.पी.ए.सी. (IUPAC) पद्धति अनुसार नाम दीजिए-
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 56
उत्तर:
4-ब्रोमो-3-मेथिल-पेन्ट-2-ईन

प्रश्न 4.
प्रतिस्थापन अभिक्रियाओं की SN1 और SN2 क्रियाविधियों के बीच आप कैसे अंतर करेंगे? प्रत्येक प्रकार का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 57
उदाहरण-
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 57a

प्रश्न 5.
निम्नलिखित यौगिक का आई.यू.पी.ए.सी. (IUPAC) नाम लिखिए-
CH2 = CHCH2Br
उत्तर:
3-ब्रोमो प्रोप-1-ईन।

HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन

प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रत्येक समूह के यौगिकों को उनके SN2 विस्थापन की सक्रियता के क्रम में लिखिए-
(i) 2-ब्रोमो-2-मेथिलब्यूटेन, 1-ब्रोमोपेन्टेन, 2-ब्रोमोपेन्टेन
(ii ) 1-ब्रोमो-3-मेथिलब्यूटेन, 2-ब्रोमो-2-मेथिलब्यूटेन, 2-ब्रोमो3-मेथिलब्यूटेन
(iii) 1-ब्रोमोब्यूटेन, 1-ब्रोमो-2, 2-डाइमेथिलप्रोपेन, 1-ब्रोमो-2मेथिलब्यूटेन
उत्तर:
विभिन्न ऐल्किल हैलाइडों में SN² अभिक्रिया के लिए क्रियाशीलता का क्रम निम्न प्रकार होता है- \(\stackrel{\circ}{1}>\stackrel{\circ}{2}>\stackrel{\circ}{3}\) तथा जब ऐल्किल हैलाइड समान प्रकार के होते हैं तो वह ऐल्किल हैलाइड जिसमें हैलोजनयुक्त कार्बन पर बड़ा समूह जुड़ा होता है तो वह त्रिविम विन्यासी बाधा उत्पन्न करता है जिससे उसकी क्रियाशीलता कम हो जाती है। क्योंकि स्थूल (बड़ा) समूह आक्रमणकारी नाभिकरागी के लिए अवरोध उत्पन्न करता है।
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 58

प्रश्न 7.
जब CH2 = CH – CH2 – C ≡ CH पर ब्रोमीन की क्रिया होती है, तो क्या होता है?
उत्तर:
निम्न अभिक्रिया होती है-
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 59
इसका कारण यह है कि त्रिआबन्ध की तुलना में द्विआबन्ध अधिक क्रियाशील होता है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(i) किसी यौगिक की किरेलिटी का क्या अर्थ है? एक उदाहरण दीजिए।
(ii) निम्नलिखित यौगिकों में से कौनसा KOH द्वारा अधिक सरलता से जल-अपघटित होता है और क्यों ?
CH3CHClCH2CH3 अथवा CH3CH2CH2Cl
(iii) इनमें कौन SN² प्रतिस्थापन अभिक्रिया अधिक तेजी से करता है और क्यों ?
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 60
उत्तर:
(i) वे वस्तुएँ या यौगिक जो अपने दर्पण प्रतिबिम्ब पर अध्यारोपित नहीं होते हैं उन्हें किरेल कहते हैं तथा इस गुण को किरेलता (किरेलिटी) कहते हैं। उदाहरण- लैक्टिक अम्ल |

(ii) CH3 – CHClCH2CH3 का KOH द्वारा अधिक सरलता से जल अपघटन होगा क्योंकि यह एक \(\stackrel{\circ}{2}\) ऐल्किल हैलाइड है तथा \(\stackrel{\circ}{2}\)– ऐल्किल हैलाइड की क्रियाशीलता \(\stackrel{\circ}{1}\) ऐल्किल हैलाइड से अधिक होती है तथा दूसरा ऐल्किल हैलाइड \(\stackrel{\circ}{1}\) है।

(iii) उपरोक्त में से HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 61 में SN2 अभिक्रिया अधिक तेजी से होगी क्योंकि क्लोरीन की तुलना में आयोडीन का आकार बड़ा होने के कारण C – I बन्ध सुगमता से टूट जाता है।

प्रश्न 9.
ऐरिल हैलाइड नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन के प्रति ऐल्किल हैलाइड से कम क्रियाशील होते हैं, कारण समझाइए।
अथवा
एथिल क्लोराइड KCN से क्रिया करके मुख्य उत्पाद एथिल सायनाइड बनाता है जबकि AgCN से क्रिया करके एथिल आइसोसायनाइड बनाता है, समझाइए।
उत्तर:
नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया (Nucleophilic Substitution Reaction )-नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया के लिए ऐरिल हैलाइड की क्रियाशीलता ऐल्किल हैलाइड, ऐलिलिक हैलाइड तथा बेन्जिलिक हैलाइड की तुलना में कम होती है। इसके निम्नलिखित कारण हैं-
(i) कार्बन हैलोजन आबंध (C-X) में कार्बन परमाणु के संकरण में भिन्नता-हैलोऐल्केन में हैलोजन से जुड़ा कार्बन परमाणु sp³ संकरित होता है जबकि हैलोऐरीन में इस कार्बन परमाणु पर sp² संकरण होता है।
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 62
संकरण में s लक्षण बढ़ने पर कार्बन की विद्युत-ऋणता बढ़ती है अतः sp³ संकरित कार्बन की तुलना में sp² संकरित कार्बन अधिक विद्युतत्रणी होता है।
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 63
अतः हैलोऐरीन का कार्बन, बन्ध के इलेक्ट्रॉन युग्म को अधिक आकर्षित करता है। अतः इसकी बन्ध लम्बाई कम हो जाती है तथा बन्ध की प्रबलता बढ़ जाती है जिससे बन्ध का टूटना मुश्किल हो जाता है।

(ii) मेसोमरी प्रभाव (अनुनाद प्रभाव)-हैलोऐरीन में हैलोजन परमाणु पर उपस्थित एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म बेन्जीन वलय के π इलेक्ट्रॉनों के साथ संयुग्मन (Conjugation) में होते हैं अतः इसमें अनुनाद होता है। (+ M प्रभाव) क्लोरोबेन्जीन की अनुनादी संरचनाएँ निम्नलिखित हैं-
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 64
+ M प्रभाव के कारण कार्बन हैलोजन बन्ध में द्विबंध के लक्षण आ जाते हैं जिसके कारण इस बन्ध की प्रबलता बढ़ जाती है, अतः हैलोएरीन में हैलोएल्केन की अपेक्षा यह बन्ध मुश्किल से टूटता है। इसलिए ये नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाओं के लिए कम क्रियाशील होते हैं।

(iii) फेनिल धनायन का कम स्थायित्व-हैलोऐरीनो के स्वतः आयनन से बना फेनिल कार्ब धनायन स्थायी नहीं हो पाता क्योंकि इसमें अनुनाद नहीं होता है। अतः इसमें SN1 क्रियाविधि की संभावना नहीं होती।

(iv) प्रतिकर्षण-इलेक्ट्रॉनधनी नाभिकस्नेही की इलेक्ट्रॉनधनी ऐरीन वलय की ओर जाने की संभावना कम होती है, क्योंकि इनमें प्रतिकर्षण होता है। अतः ऐरिल हैलाइडों की नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ विशेष परिस्थितियों में उच्च ताप पर ही हो सकती हैं।
अथवा
KCN आयनिक होता है अतः यह विलयन में सायनाइड आयन देता है। यद्यपि कार्बन तथा नाइट्रोजन दोनों ही परमाणु इलेक्ट्रॉन युग्म प्रदान कर सकते हैं परन्तु आक्रमण मुख्यतः कार्बन परमाणु के द्वारा होता है, न कि नाइट्रोजन परमाणु के द्वारा, क्योंक C-C आबंध C-N आबंध की तुलना में अधिक स्थायी होता है। अतः मुख्य उत्पाद सायनाइड बनतां है। जबकि $\mathrm{AgCN}$ सहसंयोजक होता है तथा इसका नाइट्रेजन परमाणु इलेक्ट्रॉन युग्म प्रदान कर सकता है अतः इससे आइसोसायनाइड मुख्य उत्पाद के रूप में बनता है।

प्रश्न 10.
क्या होता है जब (केवल समीकरण दीजिए) –
(i) क्लोरोबेन्जीन की क्रिया नाइट्रीकारी मिश्रण से कराई जाती है।
(ii) एथिल ब्रोमाइड मैग्नीशियम से क्रिया करता है।
(iii) क्लोरोफॉर्म की प्रकाश की उपस्थिति में O2 से क्रिया होती है।
(iv) ऐरिल हैलाइड सोडियम से क्रिया करता है।
उत्तर:
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 65

प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रत्येक युग्मों में से कौन-सा यौगिक जलीय KOH के साथ SN1 अभिक्रिया में अधिक तीव्रता से अभिक्रिया करेगा? कारण दीजिए-
(अ) CH3 – CH2 – Br अथवा CH3 – CH2 – Cl
(ब) CH3 – CH2 – CH2 – CH2 – X अथवा (CH3)3 C X
अथवा
निम्नलिखित अभिक्रियाओं की क्रियाविधि लिखिए-
(अ) CH3 – Cl + जलीय KOH → CH3 – OH + KCl
(ब) (CH3)3 CCl + जलीय KOH → (CH2), COH+KCI
उत्तर:
(अ) CH3 – CH2 – Br तथा CH3 – CH2 – Cl में से CH3 – CH2 – Br, जलीय KOH के साथ SN1 अभिक्रिया अधिक तीव्रता से देगा क्योंकि C – Br बन्ध C- Cl बन्ध की तुलना में अधिक दुर्बल है क्योंकि Br का आकार C] से बड़ा है। अतः यह आसानी से टूटकर कार्बोकटायन बना देता है।

(ब) CH3 – CH2 – CH2 – CH2 – X तथा (CH3)3 C – X में से (CH3)3C – X जलीय KOH के साथ SN1 अभिक्रिया अधिक तीव्रता से देगा क्योंकि यह एक \(\stackrel{\circ}{3}\) ऐल्किल हैलाइड है जिसमें बना कार्बोकटायन अधिक स्थायी होता है।
अथवा
(अ) अभिक्रिया CH3 – Cl + जलीय KOH → CH3OH + KCl
क्रियाविधि – SN2 (द्वितीय कोटि अभिक्रिया)
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 66
यह एक पदीय अभिक्रिया है तथा इसमें संक्रमण अवस्था मानी जाती है।

(ब) अभिक्रिया (CH3)3 C – Cl + जलीय KOH (CH3)3 C – OH + KCl
क्रियाविधि – SN1 (प्रथम कोटि अभिक्रिया)
यह दो पदीय अभिक्रिया है तथा इसमें कार्बोकैटायन मध्यवर्ती बनता है।
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 67

प्रश्न 12.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए-
(अ) फिटिग अभिक्रिया
(ब) फिंकेल्स्टाइन अभिक्रिया।
उत्तर:
(अ) फिटिंग अभिक्रिया
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 68

(ब) फिंकेल्स्टाइन अभिक्रिया
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 69

प्रश्न 13.
बेन्जिलिक क्लोराइड तथा वाइनिलिक क्लोराइड के संरचना सूत्र लिखिए। इन यौगिकों में क्लोरीन परमाणुओं से जुड़े कार्बन परमाणुओं की संकरण अवस्थाएँ भी लिखिए।
उत्तर:
(i) बेन्जिलिक क्लोराइड HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 70
इसमें क्लोरीन परमाणु से जुड़े कार्बन पर sp संकरण है क्योंकि इस पर चार σ आबन्ध हैं।

(ii) वाइनिलिक क्लोराइड HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 71
इसमें क्लोरीन परमाणु से जुड़े कार्बन पर sp³ संकरण है क्योंकि इस पर चार σ आबन्ध है।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए-
(अ) वुर्ज अभिक्रिया
(ब) वुर्ज-फिटिग अभिक्रिया।
उत्तर:
(अ) वुर्ज अभिक्रिया- शुष्क ईथर
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 72

(ब) वुर्ज-फिटिग अभिक्रिया
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 73

प्रश्न 15.
निम्नलिखित यौगिकों के IUPAC नाम लिखिए-
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 74
उत्तर:
(i) 2- क्लोरो-3, 3- डाइमेथिलब्यूटेन
(ii) 1,4-डाइक्लोरो-2- मेथिल बेन्जीन

प्रश्न 16.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के मुख्य उत्पादों की संरचना लिखिए-
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 75
उत्तर:
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 76

प्रश्न 17.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं से प्राप्त उत्पादों का अनुमान लगाइए-
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 77
उत्तर:
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 78

प्रश्न 18.
द्वि-अणुक नाभिकरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया (SN2) तथा एकाण्विक नाभिकरागी प्रतिस्थापन (SN1) अभिक्रिया की क्रियाविधियों में कोई दो अन्तर बताइए।
उत्तर:
द्वि- अणुक नाभिकरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया (SN2) तथा एकाण्विक नाभिकरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया (SN1) की क्रियाविधियों में निम्न अंतर हैं-

  • SN2 अभिक्रिया एक पद में होती है जबकि SN1 अभिक्रिया दो पदों में होती है।
  • SN2 अभिक्रिया में काल्पनिक संक्रमण अवस्था मानी जाती है जबकि SN1 अभिक्रिया में कार्बोकैटायन मध्यवर्ती बनता है।

HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन

प्रश्न 19.
अधोलिखित अभिक्रिया को पूर्ण कर इसकी क्रियाविधि समझाइए –
(CH3)3 CBr + ŌH (जलीय ) →
उत्तर:
(CH3)3 CBr + ŌH (जलीय ) → (CH3)3COH + Br यह एकअणुक नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया (SN1) है जिसकी क्रियाविधि निम्न प्रकार है – यह अभिक्रिया दो पदों में होती है-

प्रथम पद में C-Br बन्ध का विखण्डन होकर कार्बोकैटायन (कार्बोनियम आयन) या कार्ब – धनायन बनता है। द्वितीय पद में इस पर नाभिकस्नेही (ŌH) आक्रमण करके प्रतिस्थापन उत्पाद देता है।
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 79
प्रथम पद में C-Br बन्ध के विखण्डन के लिए आवश्यक ऊर्जा, विलायक से प्राप्त प्रोटोन द्वारा, हैलाइड आयन के विलायकन से प्राप्त होती है।

प्रश्न 20.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं को पूर्ण कीजिए-
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 80
उत्तर:
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 81

प्रश्न 21.
निम्नलिखित युग्म में से कौन SN2 अभिक्रिया अधिक तीव्रता से करेगा :
HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन 82
उत्तर:
उपर्युक्त युग्म में से C6H5 CH2 CH2 – Br, SN2 अभिक्रिया अधिक तीव्रता से करेगा।

प्रश्न 22.
आप निम्नलिखित का रूपान्तरण कैसे करेंगे:
(i) प्रोप- 1- ईन को प्रोपेन 2- ऑल में
(ii) ब्रोमोबेन्जीन को 2 – ब्रोमोऐसीटोफीनोन में
(iii) 2- ब्रोमोब्यूटेन को ब्यूट – 2 – ईन में।
अथवा
क्या होता है जब
(i) एथिल क्लोराइड को NaI के साथ ऐसीटोन की उपस्थिति में उपचारित किया जाता है,
(ii) शुष्क ईथर की उपस्थिति में क्लोरोबेन्जीन को Na धातु के साथ उपचारित किया जाता है,
(iii) मेथिल क्लोराइड को KNO2 के साथ उपचारित किया जाता है ?
अपने उत्तर के पक्ष में रासायनिक समीकरणों को लिखिए।
उत्तर:
(i) प्रोप- 1 – ईन का प्रोपेन-2-ऑल में रूपान्तरण
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(ii) ब्रोमोबेन्जीन का 2- ब्रोमोऐसीटोफीनोन में रूपान्तरण
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(iii) 2- ब्रोमोब्यूटेन का ब्यूट-2 ईन में रूपान्तरण
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अथवा
(i) एथिल क्लोराइड को ऐसीटोन की उपस्थिति में Nal के साथ उपचारित करने पर हैलोजन का विनिमय होकर एथिल आयोडाइड प्राप्त होता है।
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(ii) शुष्क ईथर की उपस्थिति में क्लोरोबेन्जीन को Na धातु के साथ उपचारित करने पर बाइफेनिल बनता है।
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(iii) मेथिल क्लोराइड को KNO2 के साथ उपचारित करने पर मेथिल नाइट्राइट बनता है।
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