HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता Notes.

Haryana Board 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता

Loktantra Aur Vividhata Notes HBSE 10th Class

→ आधुनिक समाज विविधताओं का समाज है। यह विविधाएँ कई प्रकार की होती हैं। लोग श्वेत व अश्वेत भी होते हैं, मोटे व पतले भी होते हैं, हिन्दू व मुसलमान भी होते हैं, हिमाचली व हरियाणवी भी होते हैं, अमीर व गरीब भी होते हैं, सनातन धर्मी व आर्य समाजी भी होते हैं।

→ विविधताओं को मिटाया नहीं जाना चाहिए। प्रत्येक विविध समूह की अपनी भाषा होती है, ‘संस्कृति होती है, अपने रीति-रिवाज होते हैं, अपने धार्मिक तौर-तरीके होते हैं। इन सब के मिलने से सामुदायिक संस्कृति का जन्म होता है।

→ यह सामाजिक वर्ग जितना मिल-जुलकर रहते हैं, उनका भौतिक विकास उतना अधिक होता है। परस्पर सहयोग प्रत्येक अलग सामाजिक वर्ग के हित में होता है; परस्पर सामाजिक तनाव प्रत्येक अलग सामाजिक वर्ग को हानि पहुँचाता सामाजिकविभाजन लोकतंत्र के लिए हानिकारक नहीं है।

→ अलग-अलग विचार व उन विचारों की अभिव्यक्ति लोकतंत्र को मजबूत बनाती है। अतः विविधताओं में एकता स्थापित करना लोकतंत्र का एक महत्त्वपूर्ण प्रयास होता है जो सभी वर्गों के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक विकास की गारन्टी होता है।

Loktantra Aur Vividhata Notes In Hindi HBSE 10th Class

HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता

→ सामाजिक विविधताएँ समय, परिस्थितियों तथा क्षेत्र के अनुरूप अलग-अलग होती हैं। उत्तरी आयरलैंड में कैथोलिकों व प्रोटेस्टेंटों में तनाव हो सकता है, परन्तु नीदरलैंड मे ईसाई ध म के यह दोनों वर्ग एक-दूसरे से मिल-जुलकर रह भी सकते हैं।

→ श्रीलंका में सिंहालियों व तमिलों के बीच टकराव हो सकता है, परन्तु बेल्जियम में डच व फ्रेंच बोलने वालों में राजनीतिक एकता भी हो सकती है।

→ सामाजिक विभाजन के चलते भी लोगों में एकता हो सकती है। आवश्यकता इस बात की होती है कि प्रत्येक सामाजिक वर्ग को अन्य सामाजिक वर्ग का सम्मान व आदर करना चाहिए, दूसरे सामाजिक वर्ग के अस्तित्व को स्वीकार करना चाहिए, उसके विकास में उसकी सहायता करनी चाहिए।

→ हम हिन्दू व मुसलमान रहते हुए भी भारतीय बन सकते हैं; अश्वेत व श्वेत होते हुए भी अमरीकी बन सकते हैं।

→ यदि ऐसी भावनाओं को ताकत मिलती है तो सामाजिक सहनशीलता में वृद्धि होती है तथा सामाजिक सामंजस्य पनपता है एवं समाज पूरी से विकास भी करता है।

→ एफ्रो-अमरीकी : यह शब्द उन अश्वेत अमरीकी लोगों के वंशजों के लिए प्रयुक्त होता है जिन्हें 17वीं से 19वीं शताब्दियों तक अमरीका में गुलाम बनाकर लाया गया था।

→ अमरीका का नागरिक अधिकार आंदोलन : 1954-1968 के बीच घटनाओं व सुधारा के वह आन्दोलन जिनका लक्ष्य एफ्रो-अमरीकी लोगों के विरुद्ध होने वाले नस्ल पर आधारित भेदभाव को मिटाना था।

→ मार्टिन लूथर किंग जूनियर : एक अमरीकी नागरिक अधिकार आन्दोलन चलाने वाला नेताः उनके द्वारा ऐसा आन्दोलन अंहिसात्मक रूप से चलाया गया था : अंततः उन्हें सफलता प्राप्त हुई थी।

→ अश्वेत शक्ति आन्दोलन : 1966 में उभरा यह आन्दोलन 1975 तक चलता रहा। नस्लवाद को लेकर यह आन्दोलन अधिकतर उग्र रूप का था।

→ समरूप समाज : एक ऐसा समाज जिसमें सामुदायिक, सांस्कृतिक अथवा जातीय विभिन्नताएँ ज्यादा गहरी नहीं होती।

HBSE 10th Class Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता

HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता

→ सामाजिक भेदभाव : समाज के विभिन्न वर्गों में भेदभाव की भावना से व्यवहार करना।

→ प्रोटेस्टेंट : ईसाई धर्म का एक अन्य वर्ग जो कैथोलिक वर्ग का विरोध करता है तथा जिसका कैथोलिक ईसाई भी विरोध करते हैं।

→ कार्लोस व स्मिथ : एफ्रो-अमरीकी खिलाड़ी जिन्होंने अश्वेतों के साथ भेदभाव का विरोध किया।

→ पीटर नार्मन : एक ऑस्ट्रेलियाई ओलंपिक खिलाड़ी जिसने कार्लोस व स्मिथ का समर्थन किया।

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