Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 7 लोकतंत्र के परिणाम Notes.
Haryana Board 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 7 लोकतंत्र के परिणाम
लोकतंत्र के परिणाम Class 10 Notes HBSE
→ इनमें कोई संदेह नहीं कि लोकतांत्रिक शासन शेष अन्य सभी प्रकार के शासकों से बेहतर होता है नागरिकों की समानता में, व्यक्तित्व की गरिमा का अहसास, तनावों में सामंजस्य, त्रुटियों में सुधार करने की गुंजाइश आदि की आशाएँ तानाशाही, कुलीनतंत्र; राजतंत्र में नहीं की जा सकती।
→ लोकतंत्र लोगों का लोगों द्वारा तथा लोगों के हित का शासन होता है। ऐसे शासन को भले ही अच्छा शासन नहीं कहा जाता, परन्तु स्व-शासन तो किसी भी अच्छे शासन से बेहतर शासन होता है।
→ क्योंकि लोकतंत्रीय शासन मात्र शासन का एक स्वरूप है। इसमें अनेकों त्रुटियाँ होती हैं परन्तु कुल मिला कर शासन का यह रूप शासन के सभी अन्य रूपों से बेहतर है।
लोकतंत्र के परिणाम Class 10 Notes In Hindi HBSE
→ उत्तरदायी सरकार लोकतंत्रीय सरकार ही हो सकती है। ऐसी सरकार के प्रतिनिधि अपने कार्यों का दायित्व उठाते हैं। ऐसी सरकार में फैसले लेने में देरी हो सकती है परन्तु फैसलों में देरी बेकार नहीं होती, क्योंकि लोकतंत्र में हुए फैसलों में सबकी सहमति व उनके विचार दृष्टिकोण शामिल होते हैं।
→ फिर लोकतंत्र में हुए फैसले किसी कायदे कानून के अनुसार होते हैं। यह फैसले थोपे नहीं जाते। क्या हम किसी अन्य शासन-प्रणाली में नियमित व निष्पक्ष चुनाव देखते हैं? नीतियों कानूनों पर खुली चर्चा देखते हैं?
→ सरकार के कार्यों में जानकारी पाने की मिलने वाली सूचनाओं को खुलेआम देखते हैं? क्या लोकतांत्रिक संस्थाओं व व्यवस्थाओं की सफलता देखतें हैं? वास्तव में, लोकतंत्र ही शासन की ऐसी पृष्ठभूमि तैयार करता है जो किसी भी प्रकार की व्यवस्था से बेहतर होती है।
→ अन्य शासनों के मुकाबले में लोकतांत्रिक व्यवस्था अपेक्षाकृत अधिक उत्तरदायी, अधिक जिम्मेवार तथा अधिक वैधपूर्ण व्यवस्था है।
→ इसमें सन्देह नहीं है कि आर्थिक संवृद्धि व आर्थिक विकास जितना तानाशाहियों में होता है, उतना लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में नहीं होता। परन्तु तानाशाही में हुए काम के पीछे जोर जबरदस्ती होती है व उत्पीड़न होता है।
→ ऐसी व्यवस्थाओं में अंततः आर्थिक विषमतओं में वृद्धि होती है; आम व्यक्ति की आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सुधार होता है।
→ लोकतंत्रीय व्यवस्था ही आर्थिक समानताओं में कमी लाने में सफल होती है, यह सरकार ही सामाजिक विविधताओं में सामंजस्य पैदा कर सकती है। व्यक्ति की गरिमा के वृद्धि लोकतंत्रीय व्यवस्था में होती है।
→ लोकतंत्र : ऐसी शासकीय व्यवस्था जो समानता, स्वतंत्रता व कल्याणकारिता पर अधारित हो।
→ तानाशाही : व्यक्ति विशेष, दल-विशेष अथवा किसी सैनिक अधिकारी का शासन
→ वैधता : कानून अनुसार शासन किया जानाः प्रायः लोकतंत्रीय व्यवस्था वैध शासन की प्रतीक होती है।
→ स्व-शासन : लोगों का स्वयं का शासन, स्वयं अथवा लोगों द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों का शासन
→ आर्थिक असमानता : लोगों के बीच आर्थिक आय का भेद। अनुभव बताता है कि तानाशाहियों के मुकाबले में लोकतांत्रिक देशों में आर्थिक असमानता कम होती है।
→ सामाजिक विविधताएँ : सामाजिक विविधताएँ लोगों व वर्गों में भाषायी, धार्मिक, आर्थिक व सांस्कृतिक विषमताओं को कहते हैं। अनुभव बताता है कि लोकतंत्रीय व्यवस्थाओं में सामाजिक विविधताओं में सामंजस्य पाया जाता है।
→ व्यक्तित्व की गरिमा : लोगों के व्यक्तित्व में तथा उनकी प्रतिष्ठा में विश्वास। अनुभव बताता है कि लोकतंत्र में लोगों की गरिमा, कायम रहती है।
→ अल्पसंख्यक/बहुसंख्यक : कम संख्या वाले समूह को अल्पसंख्यक एवं अधिक संख्या वाले समूह को बहुसंख्यक कहा जाता है।