Haryana State Board HBSE 10th Class Science Notes Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण Notes.
Haryana Board 10th Class Science Notes Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
→ अम्ल (Acid) भोजन में खट्टा स्वाद अम्ल के कारण होता है। अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देता है।
→ क्षार (Base) भोजन में कड़वा स्वाद क्षारक की उपस्थिति के कारण होता है। यह लाल लिटमस को नीला कर देता है।
→ लिटमस विलयन (Litmus Solution) लिटमस विलयन बैंगनी रंग का रंजक होता है। यह थैलोफाइटा समूह के लाइकेन (Lichen) नामक पौधे से प्राप्त किया जाता है।
→ सूचक (Indicator) ऐसे पदार्थ, जो विलयन में अम्ल एवं क्षार की उपस्थिति को सूचित करते हैं, अमल-क्षार सूचक या सूचक कहलाते हैं। उदाहरण-फिनॉल्पथेलीन का रंग क्षारीय माध्यम में गुलाबी जबकि अम्लीय माध्यम में यह रंगहीन हो जाता है।
→ गंधीय सचक (Olfactory Indicators) ऐसे सूचक जिनकी गंध अम्लीय या क्षारीय माध्यम में बदल जाती है। गंधीय । सूचक कहलाते हैं। उदाहरण- प्याज, वैनीला (Vanilla) आदि गंधीय सूचक हैं।
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण बिन्दु (Some other Important Points) –
→ कार्बन डाइऑक्साइड गैस को चूने के पानी में प्रवाहित करने पर वह दूधिया हो जाता है।
→ चूना-पत्थर, खड़िया और संगमरमर कैल्सियम कार्बोनेट के विभिन्न रूप हैं।
→ क्षारक फीनॉल्पथेलीन अम्ल की उपस्थिति में क्रिया कर गुलाबी रंग बनाते हैं।
→ अम्ल और क्षारक परस्पर मिलकर लवण एवं जल बनाते हैं।
→ कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड एक क्षारक है।
→ अधात्विक ऑक्साइड अम्लीय प्रकृति के होते हैं।
→ अम्ल में H+ धनायन होते हैं। अम्ल विलयन में हाइड्रोजन आयन H+ (aq) उत्पन्न करता है जिसके कारण उनका गुणधर्म अम्लीय होता है।
→ जल की उपस्थिति में HCl हाइड्रोजन आयन उत्पन्न करता है। जल की अनुपस्थिति में HCl अणुओं से H+ आयन पृथक् नहीं हो सकते।
→ क्षारक जल में हाइड्रॉक्साइड (OH–) आयन उत्पन्न करते हैं।
→ क्षारों का स्पर्श साबुन की तरह, स्वाद कड़वा होता है तथा यह प्रकृति में संक्षारक होते हैं। सार्वभौम सूचक किसी विलयन में हाइड्रोजन आयन की विभिन्न सान्द्रता को विभिन्न रंगों से प्रदर्शित करते | किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात करने के लिए एक स्केल विकसित की गई है | जिसे pH स्केल कहते हैं।
→ हाइड्रोनियम आयन की सान्द्रता जितनी अधिक होगी उसका pH मान उतना ही कम होगा। किसी उदासीन | विलयन का pH मान 7 होता है।
→ pH स्केल में विलयन का मान 7 से कम होने पर वह अम्लीय होता है और pH 7 से 14 तक बढ़ने पर विलयन की प्रकृति क्षारीय होती है।
→ वर्षा के जल का pH मान 5.6 से कम हो जाने पर उसे अम्लीय वर्षा कहते हैं।
→ हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड की क्रिया से साधारण नमक (NaCl) की उत्पत्ति होती है।
→ नेट्टल नामक शाकीय पौधा मेथेनॉइक अम्ल के कारण डंक जैसा दर्द उत्पन्न करता है। इस दर्द का इलाज डॉक पौधे की पत्तियों से किया जाता है।
→ विरंजक चूर्ण बुझे हुए चूने एवं क्लोरीन की अभिक्रिया से बनता है।
→ निरंजक चूर्ण कागज एवं कपड़ा उद्योग में विरंजक का कार्य करता है। यह एक उपचायक है एवं रोगाणुनाशक भी है।
→ बेकिंग सोडा (NaHCO3), सोडियम क्लोराइड से बनता है।
→ जलीय कॉपर सल्फेट का सूत्र CuSO4:5H2O है तथा जिप्सम का सूत्र CaSO4:2H2O है।
→ धोने का सोडा (Na2CO3 10H2O), सोडियम क्लोराइड से तैयार किया जाता है। यह काँच, साबुन, कागज आदि उद्योगों में प्रयुक्त होता है। इससे जल की स्थायी कठोरता दूर की जाती है।
→ प्लास्टर ऑफ पेरिस, कैल्सियम सल्फेट अर्द्धहाइड्रेट (CasO4\(\frac{1}{2} \) H2O) को 373 K तक गर्म करके बनाया जाता है।
→ प्लास्टर ऑफ पेरिस से खिलौने और सजावटी सामान तैयार किया जाता है।