Class 8

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 11 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 11 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Social Science Solutions History Chapter 11 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक

HBSE 8th Class History राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक Textbook Questions and Answers

आइए कल्पना करें

मान लीजिए कि आप भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय हैं। इस अध्याय को पढ़ने के बाद संक्षेप में बताइए कि आप संघर्ष के लिए कौन से तरीके अपनाते और आप किस तरह का स्वतंत्र भारत रचते ?
उत्तर:
स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान मैं गाँधी जी के तरीकों को प्राथमिकता देता जो कि निम्नलिखित हैं:

  • सत्याग्रह।
  • असहयोग।
  • स्वदेशी तथा बहिष्कार (विदेशी वस्तुओं, विदेशी शिक्षा तथा न्यायालयों का।)
  • सविनय अवज्ञा, अहिंसात्मक प्रतिरोध।
  • देश में सांप्रदायिक सद्भाव, जातिविहीन समाज, अस्पृश्यता – उन्मूलन, कुटीर एवं छोटे पैमाने के उद्योगों को प्रोत्साहन, संरक्षण एवं निवेश को प्रोत्साहन।
  • कृषि एवं किसानों के विकास हितों के लिए सर्वाधिक प्राथमिकता।
  • ग्रामीण भारत की काया परिवर्तन के लिए स्वशासन एवं स्वायत्त संस्थाओं को सशक्त करना।
  • भारतीय महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अथक कार्य करना।
  • वरिष्ठ नागरिकों, विकलांगों, निर्धन रेखा के नीचे रहने वालों को सामाजिक सुरक्षा/न्याय तथा आर्थिक न्याय दिलाना।
  • रोजगार का अधिकार शीघ्र से शीघ्र मौलिक अधिकार बनाना।
  • प्रेस एवं जनसंचार माध्यमों तथा विचारों की अभिव्यक्ति की आजादी।

मेरा नजरिया (दृष्टिकोण) हुआ होता (My vision would have been):
1. स्वतंत्रता प्राप्ति का उद्देश्य भारत में एक लोकतांत्रिक राष्ट्र की स्थापना करना। कोई भी राज्य सभा का सांसद प्रधानमंत्री नहीं बनेगा। मेरे लोकतंत्र में केवल जन्म के आधार पर बने भारत के नागरिक ही प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा का स्पीकर, सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा निर्वाचन आयोग के पदों पर नियुक्त होंगे। किसी भी तरह से देश में आयातित नागरिक इन पदों पर नहीं होगा।

2. किसी भी तरह से आया राम-गया राम अथवा राजनीतिक दलों के बदलाव की अनुमति नहीं होगी। किसी भी राजनीतिक दल को पाँच वर्षों तक मान्यता नहीं दी जायेगी। विधायिका (राज्य विधान सभा) में कम से कम 10 प्रतिशत स्थान मिलने के बाद ही क्षेत्रीय दलों को मान्यता मिलेगी तथा संसद (लोकसभा) में 10 प्रतिशत स्थान प्राप्ति के बाद ही राष्ट्रीय दल माना जायेगा।

3. एक परिवार से केवल एक सांसद (प्रथम रक्त संबंध इसका आधार होगा।) ही चुना जाएगा।

4. भारत एक संघीय, धर्मनिरपेक्ष, उदारवादी सामाजिक आधार पर आधारित ऐच्छिक समाजवाद की ओर अग्रसर होगा। हर परिवार के पास कम से कम एक मकान, परिवार में से किसी भी सदस्य को केवल एक सरकारी रोजगार या मान्यताप्राप्त व्यापारिक/व्यावसायिक संस्था में रोजगार मिलेगा।

5. प्रगतिशील आयकर, सभी नागरिकों को मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य, जल, बिजली, सड़क सुविधाएँ दी जायेंगी।

6. देश की सेनाओं, पुलिस, सशस्त्र बलों एवं नागरिक सुरक्षा समूहों को सर्वाधिक प्राथमिकता-वेतन, सुविधाओं की दृष्टि से दी जाएगी।

7. कोई भी नेता दो बार से ज्यादा बार विधायक या सांसद नहीं बनेगा।

8. आर्थिक क्षेत्र में नियोजन, वैश्वीकरण, उदारीकरण को अपनाया जायेगा लेकिन कीमतों का नियंत्रण, रोजगार प्रदान करना एवं निर्धनता निवारण जैसे कार्यों की बलि नहीं दी जाएगी।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 11 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक

फिर से याद करें

राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक के प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 1.
1870 और 1880 के दशकों में लोग ब्रिटिश शासन से क्यो असंतुष्ट थे?
उत्तर:
1870 के दशक में भारतीय जनता या लोग निम्नलिखित कारणों की वजह से विदेशी शासन-ब्रिटिश शासन के प्रति असंतुष्ट थे:
1. अंग्रेजों ने 1757 में बंगाल तथा 1761 में बंगाल के साथ बिहार एवं उड़ीसा को भी हड़प लिया। कंपनी जो हाथ जोड़कर, उसके सौदागर मुगल सम्राटों के समक्ष गिड़गिड़ा कर याचना करके व्यापार करने आये थे, वे यहाँ के शासक बन बैठे। भारतीय नवाबों, नरेशों, राजाओं को निरंतर उनके राज्यों से पृथक करते गये। लोग आजादी को हाथों से जाते देखकर अंग्रेजों से नाराज हुए एवं ब्रिटिश शासन जिसका आधार ही शोषण था से स्वाभाविक तौर पर असंतुष्ट थे।

2. अंग्रेजों ने 1757 से लेकर 1870 तक देश का आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक शोषण शुरू कर दिया था। देश के हर वर्गों के लोगों के हितों को भारी हानि हो रही थी।

3. आर्स एक्ट (Arms Act) : अंग्रेजी सरकार ने 1878 में एक आर्स एक्ट पास करके भारतवासियों पर सख्ती से पाबंदी लगा दी कि वे किसी. भी तरह का हथियार नहीं रख सकते थे।

4. प्रेस एक्ट (Press Act): 1878 में ही ब्रिटिश सरकार ने प्रेस एक्ट; जिसे प्राय: वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट कहा जाता है, को पास करके भारतीय भाषाओं में छपने वाले सभी समाचारपत्रों, पत्रिकाओं आदि पर सेंसर एवं प्रतिबंध लगा दिया गया। इस तरह का प्रतिबंध विदेशी भाषा यानी अंग्रेजी में छपने वाले समाचारपत्रों आदि पर नहीं था। यह कानून स्पष्टतया भेदभावपूर्ण था तथा भारतीयों की अभिव्यक्ति तथा जनमत निर्माण आदि पर प्रतिबंध लगाने वाला काला कानून था। इसने भारतीयों को बहुत क्रोधित/नाराज एवं असंतुष्ट किया।

5. इलबर्ट बिल का मामला (Issue of llbert Bill) : लार्ड लिटन ने जब 1883 में इलबर्ट बिल को विधायिका में रखकर न्यायालय के क्षेत्र में रंग पर आधारित भेदभाव समाप्त करते हुए
तेहास) भारतीय न्यायाधीशों को भी यूरोपियों से जुड़े केसों (मामलों), मुकदमों की सुनवाई करने का अधिकार देने का प्रयत्न किया तो अंग्रेज उनके विरुद्ध उतर आये। इसका परिणाम यह हुआ कि सरकार अंग्रेजों की माँग के सामने झुकी तथा इलबर्ट बिल पास नहीं हो सका। भारतीयों ने जब अंग्रेजी सरकार के इस रंग भेदभावपूर्ण प्रयास की कटु आलोचना की तो देश में सर्वत्र ब्रिटिश शासन के विरुद्ध रोष की लहर दौड़ गई।

राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक के प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class History प्रश्न 2.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस किन लोगों के पक्ष में बोल रही थी?
उत्तर:
1. इंडियन नेशनल कांग्रेस वस्तुतः एक राजनीतिक दल नहीं बल्कि राष्ट्रीय आंदोलन चलाने वाली एक व्यापक-सर्वजनों, सर्व वर्गों, सर्व क्षेत्रों, सर्व भाषा-भाषायी लोगों की व्यापक संस्था थी। सभी धर्म, जातियों, क्षेत्रों, पंथों, भाषाओं एवं संस्कृतियों के लोग इसके सदस्य थे। इसलिए इसने प्रारंभ से ही सभी वर्गों के लोगों के कल्याण के लिए इच्छा अभिव्यक्त की।

2. कांग्रेस ने देश के प्रशासन में भारतीय जनता (लोगों) की भागेदारी की माँग की, सैन्य व्यय को घटाने, प्रशासन व्यय को घटाने एवं जनता को मतदान का अधिकार दिये जाने एवं जनप्रतिनिधित्व संस्थाओं की स्थापना, विस्तार एवं उनके सशक्तिकरण के लिए माँग की। कांग्रेस भारत का आर्थिक शोषण रोकने, देश के कृषि विकास, औद्योगिक प्रगति, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तथा नागरिक सुविधाओं को बढ़ाने की माँग की। समय-समय पर विभिन्न समाचारपत्रों में छपे तथा राष्ट्रीय नेताओं द्वारा उद्धृत कथनों का उल्लेख नीचे दिया जाता है :
(i) जनवरी 1886 में ‘दि इंडियन मिरर’ नामक एक समाचारपत्र ने लिखा था : ‘बंबई में हुए कांग्रेस के प्रथम सत्र में कहा गया था- यह दल भावी भारतीय संसद की एक धुरी (nucleus) साबित होगी, यह पार्टी सभी देशवासियों के कल्याण के लिए ब्रिटिश नीतियों, कार्यक्रमों एवं योजनाओं को मोड़ने का पूरा-पूरा प्रयास करेगी,

(ii) 1887 में बदरुद्दीन तैयब जी ने अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि ‘यह कांग्रेस पार्टी किसी एक धर्मावलंबियों की पार्टी नहीं है बल्कि देश के सभी समुदायों के प्रतिनिधियों एवं लोगों की पार्टी है।’

राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक Notes HBSE 8th Class प्रश्न 3.
पहले विश्व युद्ध से भारत पर कौन से आर्थिक असर पड़े?
उत्तर:
प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के भारत पर निम्नलिखित आर्थिक प्रभाव पड़े थे :
1. भारत के प्रतिरक्षा व्यय में बढ़ोत्तरी : ब्रिटिश शासन ने अपने साम्राज्य की रक्षा के लिए भारत में हो रहे सैनिक एवं सैन्य सामान पर व्यय की राशि बढ़ा दी। इससे भारत में आर्थिक दबाव एवं व्यय का लोगों पर कई तरह से बुरा प्रभाव पड़ा।

2. भारी कर : सरकार ने अपने विभिन्न तरह के खर्चों को पूरा करने के लिए भारतीय जनता पर भारी करों का आर्थिक बोझ लाद दिया। यह कर व्यक्तिगत आय तथा व्यापारिक मुनाफों पर लाद दिए गए।

3. कीमतों में वृद्धि : प्रतिरक्षा व्यय के बढ़ने तथा रक्षा संबंधी विभिन्न तरह की सामग्रियों की माँग बढ़ने से सभी चीजों के दाम बढ़ते ही चले गये। महँगाई रुकने का नाम नहीं ले रही थी। इससे आम आदमी की आर्थिक कठिनाइयाँ और भी बढ़ गईं।

4. व्यापारी-मुनाफाखोरों को लाभ : जो लोग युद्ध में काम आने वाले हथियार, साजो-सामान बनाते थे या उनका व्यापार करते थे उनके मुनाफे बहुत ही बढ़ गये। यह सब कुछ युद्ध के कारण हो रहा था।

5. उद्योगों का उत्थान : युद्ध ने जहाँ एक तरफ विदेशी सामान के आयात को सुरक्षा कारणों से कम करने में मदद की वहीं युद्ध में काम आने वाले थैलों, वस्त्रों, तंबुओं, रेलवे, अन्य गाड़ियों, खाने-पीने के सामानों की माँग बढ़ा दी। उद्योगों ने 24 घंटे काम करना शुरू किया। इससे निर्मित मालों का उत्पादन बढ़ता चला गया।

6. तीव्र विकास : भारतीय व्यापारियों तथा उद्योगपतियों ने सरकार से अधिक सुविधाओं तथा अवसरों की माँग की ताकि वे उत्पादन तथा वाणिज्य आदि बढ़ाकर सरकार की इच्छानुसार अपना योगदान दे सकें। नि:संदेह इससे देश का औद्योगिक विकास तेज हो गया।

राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक Question Answer HBSE 8th Class प्रश्न 4.
1940 के मुसलिम लीग के प्रस्ताव में क्या माँ की गई थी?
What did the Muslim league resolution of 1940 ask for?
उत्तर:
यद्यपि मुस्लिम लीग ने 1940 के प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से देश के विभाजन अथवा पाकिस्तान का उल्लेख नहीं किया लेकिन इसने माँग की कि देश के उत्तरी-पश्चिमी हिस्से तथा उत्तरी क्षेत्रों में मुसलमानों के लिए पृथक स्वतंत्र देश बनाया जाये। (वस्तुतः परोक्ष रूप से यह देश के विभाजन एवं पाकिस्तान की माँग का ही प्रस्ताव था, चाहे स्पष्ट रूप से हो या अस्पष्ट रूप से लीग का मतलब यही था।)

आइए विचार करें

प्रश्न 5.
मध्यमार्गी कौन थे? वे ब्रिटिश शासन के खिलाफ किस तरह का संघर्ष करना चाहते थे?
उत्तर:
I. उदारवादी (या नरमपंथी = Moderates)
जे.पी.एच. ऑल-इन-वन सफलता का साधन-VIII (नया कोर्स) उदारवादियों से तात्पर्य उन प्रारंभिक कांग्रेसी नेताओं से है जो सरकार से अपनी बात को मनवाने या रखने के लिए प्रार्थनापत्रों, याचिकाओं, अपीलों आदि का सहारा लेते थे। वे सोचते थे कि अंग्रेज जाति पढ़ी-लिखी, सभ्य, शांति-विश्वास से समृद्ध है। वह एक दिन अवश्य भारतवासियों के दुख-दर्दो को समझकर उनके निवारण के उपाय करेगी। वस्तुतः उदारवादियों का ध्येय मुक्त कराने का नहीं अपितु भारत के लोगों को उनकी परेशानियों से छुटकारा दिलाना था। इस उदारवादी गुट का नेतृत्व दादाभाई नौरोजी कर रहे थे जिसके अन्य सदस्य सुरेन्द्र नाथ बनर्जी, फिरोजशाह मेहता, गोपाल कृष्ण गोखले आदि थे।

II. ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध संघर्ष करने की प्रस्तावित विधियाँ : उदारवादी/नरमपंथी कांग्रेसियों ने ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों, गलत नीतियों, दुष्प्रभावों से जनता को अवगत कराने के लिए सभायें की, प्रस्ताव पास किये, लेख लिखे, कुछ विद्वान कांग्रेसियों ने पुस्तकें भी लिखीं तथा विदेशी शासन के फलस्वरूप पड़े आर्थिक तथा अन्य बुरे प्रभावों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने समाचारपत्र, पत्रिकाएँ एवं पर्चे निकाले एवं छापे।

उन्होंने लोगों को बताया एवं अपने प्रतिनिधि देश के विभिन्न भागों में भेजे, जो भारतीय जनता को बताते थे कि किस तरह से अंग्रेजी राज ने भारत को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने लोगों को बताया कि किस तरह देश का आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक तथा सांस्कृतिक शोषण हो रहा था ताकि लोगों में राष्ट्रभक्ति, राष्ट्रप्रेम, भाईचारा, एकता तथा स्वराज्य को तीव्र करने की भावनाएँ एवं साहस पैदा किया जा सके। कांग्रेस ने सरकार के पास भी अपने पारित प्रस्तावों के माध्यम से माँगें रखी तथा ब्रिटेन में भी अपने प्रतिनिधि भेजे। 1905 के बंगाल विभाजन का विरोध किया तथा स्वदेशी आंदोलन का समर्थन किया। याद रहे प्रारंभ में उदारवादियों ने बहिष्कार का समर्थन नहीं किया था।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 11 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक

प्रश्न 6.
कांग्रेस में आमूल परिवर्तनवादी की राजनीति मध्यमार्गी की राजनीति से किस तरह भिन्न थी?
उत्तर:
1. कांग्रेस पार्टी के नरमवादी या उदारवादी यह मानते थे कि अंग्रेज सरकार उनकी मांगों को न्याय की कसौटी पर परख कर लेगी। वह सरकार को ऐसा करने के लिए मजबूर कर सकते हैं। दूसरी ओर कांग्रेस के गरमपंथियों का विश्वास था कि सरकार केवल भारी दबाव में आकर ही किसी माँग को मानने के लिए तैयार हो सकती है।

2. नरमपंथी संघर्ष में संवैधानिक और शांतिपूर्ण तरीकों का ही प्रयोग करना चाहते थे। गरमपंथी संघर्ष में उग्र एवं क्रांतिकारी तरीकों का पालन करना चाहते थे। राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक (इति

3. उदारवादी चाहते थे कि ब्रिटिश शासन के अंतर्गत ही आर्थिक सुधारों का कार्यक्रम लागू किया जाए। गरमवादियों का विश्वास था कि साम्राज्यवादी ताकत भारत का आर्थिक विकास नहीं होने देगी।

4. नरमवादियों ने ब्रिटिश शासन से मुक्ति की किसी भी तरह की माँग की पेशकश नहीं की। गरमवादी चाहते थे भारतीयों को पूर्ण स्वराज्य दिया जाना चाहिए। उनका विश्वास था कि तभी भारत का सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक उत्थान संभव हो पाएगा।

5. उदारवादी ब्रिटिश सरकार के विरोध में आखिरी दम तक संघर्ष करने की नीति के पक्षधर नहीं थे। गरमवादी समूचे देश की शक्ति को अंग्रेजों के विरोध में जुटाना चाहते थे।

प्रश्न 7.
चर्चा करें कि भारत के विभिन्न भागों में असहयोग आंदोलन ने किस-किस तरह के रूप ग्रहण किए? लोग गाँधीजी के बारे में क्या समझते थे?
उत्तर:
1920 में शुरू हुए असहयोग आंदोलन के विभिन्न रूप निम्नलिखित थे :
कारण :
1. जलियाँवाला बाग हत्याकांड के बाद सरकार द्वारा पंजाब में किए जा रहे अन्यायपूर्ण कार्यों का विरोध करना, तुर्की साम्राज्य के प्रति ब्रिटिश अन्याय को समाप्त करना, ब्रिटिश सरकार से स्वराज्य की माँग, हिंदू-मुस्लिम एकता को सुदृढ़ करना।।

2. खिलाफत कमेटी ने महात्मा गाँधी के इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया कि खिलाफत आंदोलन को भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का एक भाग बना दिया जाये। मुसलमानों ने कांग्रेस को पूरा सहयोग दिया और खिलाफत आंदोलन, असहयोग आंदोलन का एक भाग बना दिया।

कार्यक्रम तथा प्रभाव :
1. सितंबर 1920 ई. में कलकत्ता (कोलकाता) में कांग्रेस का विशेष अधिवेशन हुआ। इसमें सरकारी स्कूलों, सरकारी उपाधियों, अदालतों तथा धारा सभाओं के बहिष्कार का प्रस्ताव रखा गया। जब यह प्रस्ताव पास हो गया, तो सारे देश में असहयोग आंदोलन आरंभ हो गया। महात्मा गाँधी ने गवर्नर जनरल द्वारा दी गई ‘केसरे हिंद’ की उपाधि को लौटा दिया। विद्यार्थियों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया। शिक्षा प्रसार के लिए राष्ट्रीय शिक्षा संस्थाओं में राष्ट्रीय मुस्लिम विद्यालय, काशी विद्यापीठ, बंगाल राष्ट्रीय मुस्लिम विद्यालय और तिलक विद्यापीठ के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं। वकीलों ने अपनी वकालत छोड़ दी। हजारों व्यक्तियों ने ‘राय बहादुर’ जैसी उपाधियाँ लौटा दीं। नए एक्ट के अनुसार बनी धारा सभाओं का बहिष्कार कर दिया गया। कोई भी कांग्रेसी चुनाव में हास) उम्मीदवार के रूप में खड़ा नहीं हुआ। अधिकांश जनता ने मतदान नहीं किया। विदेशी कपड़ों का बहिष्कार किया गया। स्थान-स्थान पर विदेशी कपड़ों की होली जलाई गई। स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग के लिए प्रोत्साहन दिया गया।

2. नवंबर 1921 ई. में जब प्रिंस ऑफ वेल्स का भारत आगमन हुआ, तो कांग्रेस ने उसका बहिष्कार किया। उसके मुंबई बंदरगाह पर पहुँचते ही शहर में दंगा हो गया। हर स्थान पर हड़तालों द्वारा उसका स्वागत किया। कई स्थानों पर पुलिस ने लाठियों के बल पर हड़ताल तुड़वाई। इस समय तक गाँधीजी के अलावा प्रायः सभी नेता जेलों में भरे पड़े थे।

3. अनेक मुसलमानों ने राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना की। मुसलमान भी विशाल स्वयंसेवकों के समूह में भर्ती हो गये। उन्होंने सक्रिय होकर विधानसभाओं का बहिष्कार किया, उपाधियाँ लौटा दी एवं सरकारी शिक्षा संस्थाओं को छोड़ दिया। उन्होंने कर न देने के अभियान में भी हिस्सा लिया। मुसलमान मतदाताओं ने विधानसभाओं के चुनावों में मतदान नहीं किया। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता का समर्थन किया।

4. इस आंदोलन का एक रचनात्मक पहलू भी था। यह अपील की गई कि भारतीय विभिन्न संस्थाओं का स्वयं गठन करें और अधिक मात्रा में वस्तुओं का उत्पादन करें। लोगों से कहा गया कि वे प्रशासन को किसी भी प्रकार के करों का भुगतान न करें। सरकार को अवैधानिक घोषित कर दिया गया। चूँकि सरकार लोगों के कल्याण के प्रति उदासीन थी अतः इसे किसी तरह के कर लेने का अधिकार नहीं था।

5. लार्ड चेम्सफोर्ड के स्थान पर लार्ड रीडिंग को भारत का वायसराय बनाया गया। आते ही उसको 21 दिसंबर, 1921 ई. को कलकत्ता की यात्रा करनी पड़ी, क्योंकि इसी दिन प्रिंस ऑफ वेल्स को वहाँ पर पहुँचना था। नया वायसराय कांग्रेस से समझौता करना चाहता था, परंतु अली बंधुओं की रिहाई के संबंध में दोनों पक्षों में समझौता न हो सका। 1921 ई. में दिसंबर के अंत तक राजनीतिक बंदियों की संख्या 20,000 तक पहुँच गई थी। कुछ समय के बाद यह संख्या 35000 तक जा पहुँची थी।

1922 में असहयोग आंदोलन वापस लेने के कारण : गाँधीजी अहिंसा को बहुत प्यार करते थे। वे सभी प्रकार की हिंसा के विरोधी थे। वे साध्य की सरोचकता के साथ-साथ उस प्राप्ति के साधन को भी पवित्र रखना चाहते थे। महात्मा गाँधी ने जब 1922 ई. में चौरी-चौरा कांड के बाद असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया, तो कांग्रेस के प्रायः सभी नेताओं और जनता में असंतोष फैल गया। लेकिन फिर भी प्रत्यक्ष रूप से किसी ने भी गाँधीजी का विरोध नहीं किया। उधर ब्रिटिश सरकार ने जैसे ही देखा कि गाँधीजी की लोकप्रियता कुछ कम है, तो उसने गाँधीजी को बंदी बना लिया। इसके बाद असहयोग आंदोलन में शिथिलता आ गई थी।

प्रश्न 8.
गाँधीजी ने नमक कानून तोड़ने का फैसला क्यों लिया?
उत्तर:
गाँधीजी ने नमक कानून को तोड़ने को इसलिए चुना क्योंकि अब वह स्वराज्य के संघर्ष के लिए अनेक वर्षों से चल रहे आंदोलन को पूर्ण स्वराज्य प्राप्ति (अथवा पूर्ण स्वतंत्रता) के उद्देश्य की ओर शीघ्र से शीघ्र ले जाना चाहते थे। कांग्रेस द्वारा दिसंबर 1929 में लाहौर में ही रावी नदी के तट पर इस लक्ष्य प्राप्ति की घोषणा कर दी गई थी। गाँधीजी ने उन्हीं दिनों यह घोषित कर दिया कि अब एक दिन भी ब्रिटिश शासन के अधीन रहना देशवासियों के लिए घोर पाप करने के समान होगा क्योंकि ब्रिटिश शासन ने भारतवासियों का न केवल आर्थिक एवं राजनीतिक शोषण ही किया था बल्कि सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक शोषण भी किया था।

गाँधीजी मानते थे स्वराज्य अपने आप नहीं मिलेगा इसलिए अब प्रबल संघर्ष एवं आंदोलन करना ही होगा। गाँधीजी जानते थे कि नमक सभी लोगों की आवश्यकता है परंतु इसे बनाने का एकाधिकार केवल सरकार को ही प्राप्त है। 1930 में महात्मा गाँधी ने घोषणा की वह नमक कानून को तोड़कर यह जताने की कोशिश करेंगे कि अब हम अंग्रेजी सरकार के कानूनों को नहीं मानेंगे और इसके लिए एक मार्च का वह नेतृत्व करेंगे। नमक भोजन का अभिन्न अंग था। नमक अभियान गरीब एवं अमीर सभी के लिए समान था। वह सभी लोगों की स्वतंत्रता प्राप्ति की इच्छा अभिव्यक्त कर रहा था।

प्रश्न 9.
1937-47 की उन घटनाओं पर चर्चा करें जिनके फलस्वरूप पाकिस्तान का जन्म हुआ?
उत्तर:
1. 1930 के दशक से ही मुस्लिम लीग भारत में मुसलमानों को हिंदुओं से एक अलग राष्ट्र मानने लगी। इस गलत धारणा को विकसित करते हुए, यह पार्टी उन सांप्रदायिक घटनाओं से प्रभावित हो गयी थी जो हिंदुओं एवं मुसलमानों के कुछ गुटों के मध्य 1920 तथा 1930 के दशक के कुछ वर्षों में घटित हुई थीं।

2. इसके अतिरिक्त 1937 की प्रांतीय विधानसभाओं (एसेंबलियों) के जो चुनाव हुए थे और चुनाव परिणामों ने जिस तरह मुस्लिम लीग की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था तो उसने समझा कि कांग्रेस वस्तुत: बहुसंख्यक हिंदुओं का समर्थन सदैव ही प्राप्त करती रहेगी तथा देश में लोकतंत्रीय ढाँचे में मुसलमान केवल दूसरी श्रेणी के · नागरिक बन कर रह जायेंगे। इसे यह भी डर सताने लगा कि शायद मुसलमानों को विधायिकाओं में बिल्कुल भी प्रतिनिधित्व न प्राप्त हो।

3. मुस्लिम लीग ने कांग्रेस पार्टी से यह प्रार्थना भी की कि वह यूनाइटेड प्रोविंस (वर्तमान उ.प्र.) में लीग के साथ मिलकर संयुक्त (सांझी) सरकार गठित करे। सत्ता के नशे में मस्त कांग्रेस ने उसकी यह प्रार्थना जब ठुकरा दी तो लीग उससे बहुत नाराज हो गयी।

4. 1930 के दशक में कांग्रेस सर्वसाधारण मुसलमानों को बड़ी भारी संख्या में अपनी ओर खींचने में भी विफल रही तथा इससे मुस्लिम लीग को मुसलमानों में अपना सामाजिक आधार बढ़ाने का मौका मिल गया। जब 1940 के दशक के प्रारंभिक वर्षों में अधिकांश नेता जेलों में बंद थे तो मुस्लिम लीग ने अपने समर्थन को और भी विस्तृत करना चाहा।

5. 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया। ब्रिटेन की नई सरकार (मजदूर दल) ने कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग से भारत को स्वतंत्रता दिए जाने के विषय पर बातचीत प्रारंभ की। बातचीत विफल हो गयी क्योंकि मुस्लिम लीग दावा करती थी कि वही संपूर्ण भारतीय मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करती है और उनकी तरफ से बोलने का केवल उसे ही अधिकार है। कांग्रेस लीग के इस दावे को स्वीकार नहीं कर सकती थी क्योंकि अभी भी एक बहुत बड़ी संख्या में मुसलमान कांग्रेस के समर्थन में थे।

6. 1946 में प्रांतों में पुनः चुनाव हुए। साधारण चुनाव क्षेत्रों में कांग्रेस को भारी सफलता मिली लेकिन जो स्थान मुसलमानों के लिए आरक्षित थे वहाँ लीग को भी सफलता प्राप्त हुई। इससे उत्साहित हो लीग ने ‘पाकिस्तान’ की माँग पर और अधिक जोर देना शुरू कर दिया।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 11 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक

आइए करके देखें

प्रश्न 10.
पता लगाएँ कि आपके शहर, जिले, इलाके या राज्य में राष्ट्रीय आंदोलन किस तरह आयोजित किया गया। किन लोगों ने उसमें हिस्सा लिया और किन लोगों ने उसका नेतृत्व किया? आपके इलाके में आंदोलन को कौन सी सफलताएँ मिलीं?
उत्तर:
विद्यार्थियों के स्वाध्याय के लिए। आप इसके उत्तर के लिए अपने अध्यापकों या सुशिक्षित व्यक्तियों या पड़ोसियों से मदद ले सकते हैं। यदि आपके अभिभावक या दादा-दादी, नाना-नानी सुशिक्षित हैं तो उनकी मदद लेने में भी कोई हर्ज नहीं है।

प्रश्न 11.
राष्ट्रीय आंदोलन के किन्हीं दो सहभागियों या नेताओं के जीवन और कृतित्व के बारे में और पता लगाएँ तथा उनके बारे में एक संक्षिप्त निबंध लिखें। आप किसी ऐसे व्यक्ति को भी चुन सकते हैं जिसका इस अध्याय में जिक्र नहीं आया है।
उत्तर:
1. महात्मा गाँधी:
(i) गाँधीजी का प्रारंभिक जीवन : मोहनदास करमचंद गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में हुआ था। इनका विवाह कस्तूरबा के साथ हुआ। शिक्षा पूरी करने के बाद वे इंग्लैंड गये तथा प्रारंभिक वकालत की शिक्षा प्राप्त की। वे किसी कंपनी के मुकदमे के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका गए तथा वहाँ कई वर्षों तक रहे।

(ii) दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश लौटना तथा 1919 तक राष्ट्रीय आंदोलन में भूमिका : दक्षिण अफ्रीकी में रह रहे भारतीयों को राजनीतिक अधिकार दिलाने हेतु सफल संघर्ष करके 1915 ई. में गाँधीजी भारत लौटे। उन्होंने 1916 में चंपारन (बिहार) में तथा 1917 में अहमदाबाद के मिल मजदूरों के हक में सत्याग्रह एवं संघर्ष किया। प्रथम महायुद्ध की समाप्ति पर गाँधीजी ने भारत में आंदोलन की वही नीति अपनाई। उसी सत्याग्रह के सिद्धांत का पूर्ण विकास किया। ब्रिटिश सरकार के अत्याचार के विरुद्ध अहिंसात्मक प्रतिरोध का वही रूप अपनाया जिसका प्रयोग उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में किया था। गाँधीजी के नेतृत्व में जो राष्ट्रीय आंदोलन चला उसमें लाखों व्यक्ति सम्मिलित हुए।

(iii) असहयोग आंदोलन : 1920 में गाँधी जी द्वारा संचालित असहयोग आदोलन में जनता ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए, न्यायालयों का बॉयकाट किया, हड़तालं की, शिक्षा संस्थाओं का बॉयकाट किया, शराब और विदेशी वस्तुएँ बेचने वाली दुकानों पर धरना दिया, सरकार को कर नहीं दिए और व्यापार तक ठप्प कर दिए गए। ये सभी कार्य अहिंसात्मक किंतु क्रांतिकारी थे। जनता में वीरता, निर्भयता और आत्मविश्वास की भावना उत्पन्न हुई। गाँधीजी के आदेश पर जनता ने गाँधीजी के साथ मिलकर लाठियों के प्रहार सहे, गोलियों की बौछार सही तथा कारावास की यातनाएँ सहीं।

(iv) सविनय अवज्ञा आंदोलन तथा भारत छोड़ो आंदोलन : गाँधीजी द्वारा ये अन्य दो प्रमुख आंदोलन चलाए गए। इनमें सबका नेतृत्व गाँधीजी ने किया। उनकी नीतियों, कार्यक्रमों ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की एकता स्थापित की। गाँधीजी ने समाज-सुधार को राष्ट्रीय आंदोलन के कार्यक्रमों का अंग बनाया। उन्होंने हरिजनोद्धार के द्वारा अस्पृश्यता की अमानुषिकता के विरुद्ध सफल अभियान चलाया। चरखे के माध्यम से ग्रामीण जनता के कष्टों की मुक्ति का नया माग निकाला।

स्वदेशी के प्रचार से राष्ट्रीय भावना का जागरण हुआ चरखे को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपने झंडे में प्रमुख स्थान दिया। गाँधीजी ने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए बहुत प्रयत् किया। उनका विचार था कि सांप्रदायिकता अमानुषिक है और राष्ट्रीयता में बाधक है। गाँधीजी सत्य और अहिंसा पर बहुत बल देते थे। जब उन्होंने देखा कि बारदोली में किसानों का आंदोलन हिंसात्मक हो गया है तो उन्होंने आंदोलन को स्थगित कर दिया। सांप्रदायिक दंगों को देखकर वे उपवास द्वारा आत्मशुद्धि का मार्ग अपनाते थे तथा सांप्रदायिकता के विष को समाप्त करने का यत्न करते थे।

निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महात्मा गाँधी का योगदान अपूर्व है। उनकी सेवाओं के लिए यह देश सदैव उनका ऋणी रहेगा।

2. बाल गंगाधर तिलक:
(i) तिलक का संक्षिप्त परिचय : तिलक का पूरा नाम बाल गंगाधर तिलक था। उनका जन्म महाराष्ट्र में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्हें हिंदू धर्म, भारतीय संस्कृति तथा राष्ट्रीयता से अटूट प्रेम था। गाँधीजी से पूर्व वह स्वराज्य के लिए चल रहे संघर्ष में भाग लेने वाले सभी नेताओं में सर्वाधिक प्रभावशाली नेता माने जाते रहे।

(ii) योगदान : बाल गंगाधर तिलक गरमपंथी नेता थे। वे भारत के लिए तुरंत स्वराज्य चाहते थे। स्वराज्य का मतलब उनके अनुसार पूर्ण स्वतंत्रता ही थी। उन्होंने एक बार ब्रिटिश अदालत में खुलेआम घोषणा की थी, ‘स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।’

तिलक कांग्रेस पार्टी के उदारवादी नेताओं की प्रार्थना करने की नीति को उचित नहीं समझते थे। उनके अनुसार स्वतंत्रता माँगी नहीं जाती अपितु छीनी जाती है। उन्होंने ‘केसरी’ और ‘मराठा’ नामक समाचार-पत्रों का संपादन किया। इन समाचार-पत्रों के माध्यम से उन्होंने जनता में राष्ट्रीय भावनाएँ कूट-कूटकर भर दीं। 1897 ई. में उन पर मुकदमा चलाया गया और हिंसा व राजद्रोह फैलाने वाले लेख लिखने तथा भाषण देने के अपराध में उन्हें 18 माह की जेल की सजा दी गई। 1911 ई. में उन्हें 6 वर्ष का लंबा कारावास का दंड दिया गया।

1916 ई. में उन्होंने श्रीमती ऐनी बेसेंट के साथ मिलकर होमरूल आंदोलन चलाया। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य भारत के लिए स्वराज्य प्राप्त करना था। उन्होंने विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार तथा स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग पर बहुत बल दिया। अंग्रेज उन्हें ‘क्रांति का जन्मदाता’ मानते थे। 1920 में उनका स्वर्गवास हो गया था। गाँधीजी ने ‘तिलक फंड’ के नाम से स्वतंत्रता प्राप्ति की कार्यवाहियों के संचालन के लिए फंड बनाया। लोगों ने उदारता से उसमें चंदा दिया।

HBSE 8th Class History राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
साधारण चुनाव क्षेत्रों का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
निर्वाचन का वह क्षेत्र (पंचायत, विधानसभा, लोकसभा आदि से संबंधित) जो किसी विशेष धर्मावलंबी मतदाताओं के लिए आरक्षित नहीं होता अर्थात् जहाँ सभी धर्मों के अनुयायी मतदान करने तथा चुनाव लड़ने का अधिकार रखते हों, उसे साधारण या आम चुनाव क्षेत्र (General Constituency) कहते हैं।

प्रश्न 2.
‘लाल, बाल और पाल’ नाम से किन्हें जाना जाता था?
उत्तर:

  • लाला लाजपत राय
  • बाल गंगाधर तिलक एवं
  • विपिन चंद्र पाल को क्रमशः ‘लाल, बाल तथा पाल’ के नाम जाना जाता था।

प्रश्न 3.
इंडियन नेशनल कांग्रेस का 1907 का सत्र किस घटना के लिए जाना जाता है?
उत्तर:
इंडियन नेशनल कांग्रेस का 1907 का सत्र (session) कांग्रेस के दो गुटों नरमपंथी तथा गरमपंथी में फूट तथा दोनों गुटों में हुई हाथापाई (लड़ाई-झगड़ा) के लिए जाना जाता है। 1907 से 1916 तक दोनों गुट अलग-अलग कार्यरत रहे। (1916 में हुए लखनऊ समझौते से पूर्व दोनों गुट फिर एक हो गये थे।)

प्रश्न 4.
उदारपंथियों (नरमपंथियों) तथा गरमपंथियों जैसे बाल, पाल तथा लाल के मध्य जो मतभेद थे उनमें से किसी एक का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
नरम दल के नेता शांतिपूर्ण तथा संवैधानिक उपायों में विश्वास रखते थे। वे प्रार्थनाओं, पत्रों, भाषणों तथा प्रस्तावों द्वारा अपनी माँगें मनवाने के पक्ष में थे जबकि गरम दल के नेताओं के विचारानुसार स्वतंत्रता माँगी नहीं जाती बल्कि छीनी जाती है। अंग्रेजों के हर गलत काम का विरोध किया ही जाना चाहिए।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 11 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक

प्रश्न 5.
गोपाल कृष्ण गोखले के परामर्श पर गाँधीजी द्वारा 1915 में क्या किया गया था?
उत्तर:
गोपाल कृष्ण गोखले को गाँधीजी अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। उनकी सलाह पर उन्होंने 1915 में सारे देश का व्यापक भ्रमण किया ताकि वह ब्रिटिश भारत की जनता (लोगों) की सही स्थिति (तस्वीर) जान सकें।

प्रश्न 6.
रौलट एक्ट क्या था?
उत्तर:
1. मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधारों (1919) से राष्ट्रीय नेताओं में घोर निराशा व असंतोष देखकर सरकार बुरी तरह घबरा उठी। सरकार ने असंतोष को दबाने के लिए अपना दमनचक्र चला दिया।

2. सरकार ने 1919 ई. के प्रारंभ में रौलट एक्ट पास कर दिया। इस एक्ट से सरकार को दो व्यापक अधिकार मिले।

इस एक्ट के द्वारा सरकार किसी भी व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाये तथा दोषी सिद्ध किए ही जेल में बंद कर सकती थी।
सरकार को यह अधिकार भी दिया गया कि वह बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas corpus) के अधिकार को स्थगित कर सकती थी।

3. इस एक्ट के कारण लोगों में रोष की लहर दौड़ गई। अतः देश भर में विरोध होने लगा। देश भर में विरोध सभाएँ, प्रदर्शन और हड़तालें हुईं। पंजाब में जलियाँवाला बाग कांड इसी के प्रतिरोध का परिणाम था।

प्रश्न 7.
कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन का महत्त्वपूर्ण पक्ष क्या था?
उत्तर:

  • इससे नई उग्र राष्ट्रवादी विचारधारा को बल मिला।
  • ‘पूर्ण स्वराज्य’ प्राप्ति के लिए कांग्रेस कटिबद्ध हुई।
  • नागरिक अवज्ञा आंदोलन आरंभ किया गया।
  • 26 जनवरी, 1930 ई. को लाहौर में रावी के तट पर झंडा फहराकर प्रथम स्वतंत्रता दिवस मनाया गया।

प्रश्न 8.
गाँधीजी ने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में पृथक चुनाव मंडल के गठन की माँग का विरोध क्यों किया था?
उत्तर:
गाँधीजी ने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन जो लंदन में सन् 1931 में हुआ था का इसलिए विरोध किया क्योंकि वह यह ब्रिटिश सरकार को हरिजनों (दलित जातियों के लोगों) या तथाकथित निम्न जातियों को शेष हिंदुओं से पृथक करने की चाल मानते थे। वह मानते थे कि संयुक्त निर्वाचन मंडल में सभी मतदाता भाग लेंगे तो वे मुख्यधारा में ही रहेंगे। यदि निम्न जाति के लोग पृथक निर्वाचन मंडलों के माध्यम से चुने जायेंगे तथा चुनाव लड़ेंगे तो वे स्थायी रूप से अन्य हिंदुओं से अलग हो जायेंगे। इससे पूरे हिंदू समाज में फूट एवं घृणा स्थायी रूप से विद्यमान हो जायेगी।

प्रश्न 9.
पाकिस्तान की माँग कब की गई थी? किस सिद्धांत पर यह माँग आधारित थी?
उत्तरः
1. 1940 के मुस्लिम लीग के लाहौर सत्र में एक प्रस्ताव पारित कर एक पृथक राष्ट्र ‘पाकिस्तान’ की माँग की गई थी।

2. इस माँग का आधार यह था कि लीग के विचारानुसार भारत में दो राष्ट्र-एक हिंदू तथा दूसरा मुसलमान थे। इनके धार्मिक सिद्धांत, संस्कृति एवं जीवनशैली कभी-भी एक नहीं थी और कभी भी एक नहीं हो सकती। वस्तुतः लीग के दिमाग में यह था कि कांग्रेस बहुसंख्यक हिंदुओं की समर्थक है तथा वही सदा भारत पर शासन करती रहेगी।

प्रश्न 10.
क्रिप्स मिशन भारत में कब और क्यों आया था?
उत्तर:
क्रिप्स मिशन 1942 में (द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान) भारत आया था। यह मिशन ब्रिटेन के लिए सभी भारतीयों का पूर्ण समर्थन प्राप्त करना चाहता था। इसने यह आश्वासन दिया कि युद्ध के बाद भारत को डोमीनियन स्टेटस (स्वशासन का स्तर) दे दिया जायेगा। देश के नेता 1929 में ही पूर्ण स्वराज्य का लक्ष्य घोषित कर चुके थे। इसलिए इस मिशन को निराश ही लौटना पड़ा। .

प्रश्न 11.
माउंटबेटन योजना की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर:

  • भारत को दो भागों में विभक्त करके भारतीय संघ व पाकिस्तान नामक अलग-अलग दो राज्य बनाने का प्रस्ताव।
  • भारतीय रजवाड़ों को अपना-अपना भविष्य स्वयं तय करने का अधिकार होगा।
  • हिंदू व मुस्लिम राष्ट्रों का विभाजन इनकी जनसंख्या के आधार पर निर्धारित होना चाहिए। अतः पंजाब, बंगाल व असम का इस आधार पर विभाजन कर दिया गया।

प्रश्न 12.
भारत की स्वतंत्रता से संबंधित घोषणा कब और किसके द्वारा की गयी थी?
उत्तर:
भारत की स्वतंत्रता से संबंधित घोषणा 3 जून, 1947 को की गयी थी। यह घोषणा भारत में नियुक्त अंतिम अंग्रेज वायसराय लार्ड माउंटबेटन ने की थी।

प्रश्न 13.
उन क्षेत्रों के नाम लिखें जिन्हें 1947 में पाकिस्तान को दिया गया था।
उत्तर:

  • पश्चिमी पंजाब।
  • पूर्वी बंगाल (जो अब बंगलादेश सन् 1971 से कहलाता है।)
  • उत्तरी पश्चिमी सीमांत प्रांत।

प्रश्न 14.
1947 में स्वतंत्र भारत द्वारा जिन समस्याओ का सामना किया गया था, उनका उल्लेख करें।
उत्तर:
1. शरणार्थियों की समस्या : लाखों लोग बेघरबा. हो गये थे। उन्हें बसाना तथा यथासंभव आर्थिक सहायता देना व रोजगार प्रदान करना एक कठिन समस्या थी।

2. देश में अनाज, कुछ उद्योगों के कच्चे माल (जैसे जूट) का अभाव हो गया। देश के सामने विकास करने, संविधान बनाने तथा लगभग 560 से ज्यादा देशी रियासतों को भारतीय संघ में मिलाने की समस्यायें भी थीं।

प्रश्न 15.
1947 में भारत विभाजन के लिए दो कारणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
1. अंग्रेजों की ‘फूट डालो और शासन करो’ की नीति ने देश में विघटनकारी शक्तियों को बढ़ावा दिया। मुस्लिम लीग तथा हिंदू महासभा जैसे सांप्रदायिक दलों ने विभाजन की जमीन तैयार कर दी थी।

2. देश में कई बार सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हुआ। 1946 और 1947 ई. में स्थान-स्थान पर निर्दोष लोगों की हत्याएँ होने लगीं तथा करोड़ों रुपये की संपत्ति जल कर राख हो गई। अतः देश का विभाजन होना आवश्यक समझा गया।

प्रश्न 16.
1942 में क्रिप्स मिशन की असफलता के दो कारणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(i) ब्रिटिश सरकार ने भारत में क्रिप्स मिशन भेजा, जिसका मुख्य उद्देश्य था युद्ध में भारतीयों की सक्रिय सहायता प्राप्त करना, परंतु ऐसा नहीं हुआ।
(ii) गाँधीजी ने अंग्रेजों को भारत से भगाने के लिये सन् 1942 में ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन चलाया। इस आंदोलन में गाँधीजी ने लोगों को ‘करो या मरो’ का नारा दिया। इससे स्पष्ट होता है कि क्रिप्स मिशन भारत में पूरी तरह असफल रहा।

प्रश्न 17.
1916 में हुए कांग्रेस (इंडियन नेशनल कांग्रेस) अधिवेशन की दो ऐतिहासिक घटनाओं को लिखिए।
उत्तर:
1. प्रथम घटना : कांग्रेस के दोनों गुट एक हो गए। कांग्रेस के पुराने नेता तिलक व अन्य लड़ाकू राष्ट्रवादियों को फिर से आदर सहित कांग्रेस में वापस लाने के लिए मजबूर किया। 1916 का लखनऊ अधिवेशन 1907 ई. के बाद पहला संयुक्त अधिवेशन था।

2. दूसरी घटना : लखनऊ में कांग्रेस व ऑल इंडिया मुस्लिम लीग का एक मंच पर आना था। इस समझौते के अनुसार कांग्रेस व मुस्लिम लीग ने मिलकर घोषणा की कि कौंसिल में चुने हुए प्रतिनिधियों का बहुमत हो और उनके अधिकार बढ़ाए जाएँ। उन्होंने यह भी माँग की कि वायसराय की कार्यकारिणी परिषद् में कम-से-कम आधे सदस्य भारतीय हों। कांग्रेस व मुस्लिम लीग का । यह समझौता लखनऊ समझौते के नाम से जाना जाता है। यह र समझौता राष्ट्रीय आंदोलन की एक महत्त्वपूर्ण सफलता थी।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 11 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
19वीं शताब्दी में भारत में राष्ट्रवाद की भावना के उदय होने के साथ ही लोगों ने आत्म-निरीक्षण करते हुए स्वयं से एक जटिल प्रश्न पूछा-भारत का यह देश क्या है और यह किसके लिए बना है? इस प्रश्न का उत्तर किस तरह से उभरा? संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर:
1. 19वीं शताब्दी में भारत में जब राष्ट्रीय चेतना या आधुनिक राष्ट्रवाद की भावना जागने लगी थी तब उन्हीं दिनों में लोगों ने स्वयं से एक जटिल लेकिन महत्त्वपूर्ण प्रश्न पूछा कि भारत का तात्पर्य क्या है? तथा यह देश किसके लिए है? लोगों ने इसका जवाब दिया कि यह देश वस्तुतः यहाँ की जनता (नागरिकों) से बना है। सभी लोग ही तो भारत हैं, इनमें सभी धर्मों, जातियों, प्रांतों, भाषाओं तथा संस्कृतियों के लोग शामिल हैं। यही तो भारत की पहचान है–‘अनेकता में एकता’ (Unity in diversity)। यह देश जिनसे बना है उन्हीं के लिए यह देश है भी।

2. यह देश, यहाँ के लोग तथा यहाँ की पहचान, इनका स्वाभिमान तभी बचेगा जब हम सब मिलकर विदेशी सत्ता को उखाड़ फेंकेंगे तथा अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति पायेंगे। अंग्रेजों ने हमारा हर तरह से शोषण किया है। भारत की आजादी छीनी है। भारत की संपदा अंग्रेज ढो-ढोकर ले जा रहे हैं। वे भारतीय जनता के हितों को ध्यान में रखकर शासन नहीं करते। वे भारतीय संसाधनों तथा संस्कृति का भी शोषण कर रहे हैं।

प्रश्न 2.
प्रथम विश्व युद्ध के उपरांत जिन तीन कारकों ने आम जनता में (सर्वसाधारण में) राष्ट्रवाद के उत्थान में मदद की थी, उन पर विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर:
1. प्रथम विश्व युद्ध के बाद राष्ट्रीय आंदोलन के नेतृत्व की बागडोर गाँधीजी के हाथों में आ गई। उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन को सर्वसाधारण का आंदोलन बनाने के लिए सर्वसाधारण की वेशभूषा पहनी, उनकी भाषा में उनसे बात की तथा उन्होंने किसानों, मजदूरों और दलितों की समस्याओं को बार-बार उठाया। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता पर बल दिया।

2. मार्च, 1919 ई. में ब्रिटिश सरकार ने केंद्रीय विधानसभा में प्रत्येक भारतीय सदस्य के विरोध के बावजूद रौलट एक्ट पास कर दिया। इस एक्ट के अनुसार सरकार को अधिकार था कि वह किसी भी भारतीय को बिना कारण बताए, जब तक चाहे बंदी कर सकती थी। इसके विरोध में कोई अपील, दलील या वकील नहीं किया जा सकता था। इस काले कानून के विरुद्ध भारत में स्थान–स्थान पर लोगों ने प्रदर्शन किए। सरकार हर तरह से इस आंदोलन को कुचल देना चाहती थी। बंबई, अहमदाबाद, कलकत्ता, दिल्ली तथा दूसरे नगरों में निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर लाठी प्रहार और गोलियों की बरसात की गई।

3. अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 ई. को वैसाखी वाले दिन शांतिपूर्ण ढंग से चल रही जनसभा- पर जनरल डायर ने गोलियाँ चलवाईं। हजारों की संख्या में लोग हताहत हुए। इस हत्याकांड का समाचार फैलते ही पूरे देश में रोष की लहर फैल गई। बड़े पैमाने पर तोड़-फोड़ होने लगी।

4. 1919-1922 ई. तक देश में खिलाफत और असहयोग आंदोलन चले, जिनसे राष्ट्रीय आंदोलन में भारी जोश आ गया। दिल्ली में नवंबर 1919 ई. में आयोजित अखिल भारतीय खिलाफत सम्मेलन ने निर्णय किया कि अगर उनकी माँगें न मानी गईं, तो वे सरकार के साथ किसी प्रकार का सहयोग नहीं करेंगे। इस समय मुस्लिम लीग पर राष्ट्रवादियों का नेतृत्व था। उन्होंने कांग्रेस द्वारा चलाये गये असहयोग आंदोलन का समर्थन किया।

प्रश्न 3.
लखनऊ समझौता (1916) पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
1. सन् 1916 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन लखनऊ में हुआ। उन दिनों प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था। तिलक एवं ऐनीबेसेंट की होमरूल लीग स्वराज्य प्राप्ति के लिए चलाया जा रहा राष्ट्रीय आंदोलन चरम सीमा पर पहुँचा हुआ था। सरकार ने कुछ नेताओं को पहले ही बंदी बना रखा था। इस संकटपूर्ण स्थिति में कांग्रेस का भाग्य सितारा एकाएक चमक उठा। मुस्लिम लीग और कांग्रेस एक ही मंच पर आ गये।

2. मुसलमानों के दृष्टिकोण में परिवर्तन निम्नलिखित कारणों से हुआ :

  • तुर्की और इटली के युद्ध में तुर्की को भारी हानि उठानी पड़ी। अंग्रेज मूकदर्शक बने देखते रहे।
  • बंगाल विभाजन रद्द किये जाने के बाद मुसलमान, अंग्रेजों से रुष्ट हो गये।
  • 1913 ई. के बाल्कन युद्धों को मुसलमान तुर्की के विरुद्ध ईसाइयों का षड्यंत्र समझते थे जहाँ पर मुसलमानों का खलीफा रहता था।

3. इसी के परिणामस्वरूप लखनऊ समझौता हुआ तथा कांग्रेस और मुस्लिम लीग की परिस्थितियाँ उन्हें पास-पास ले आईं। इस समझौते में कांग्रेस की सबसे बड़ी भूल सांप्रदायिक चुनावों को मान लेना था। बाद में यही भारत के विभाजन का कारण बना। लखनऊ समझौता में कांग्रेस का गरम दल भी उससे राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक (इतिहास) आ मिला था। अतः कांग्रेस मुस्लिम लीग के साथ मिलकर पूरे जोश के साथ अपनी संयुक्त माँगें अंग्रेजों के सामने रख सकती थी।

प्रश्न 4.
खिलाफत आंदोलन क्या था?
उत्तर:
1. खिलाफत आंदोलन मुख्यतः ब्रिटिश सरकार की अमानवीय क्रियाओं के विरुद्ध था, जो वह तुर्की साम्राज्य के साथ कर रहा था। मित्र राष्ट्रों ने तुर्की के समृद्ध राष्ट्रों को हड़प लिया। अतः अंग्रेजों के विरुद्ध 1919 ई. में अली बंधुओं (मौलाना मुहम्मद अली और शौकत अली) तथा अबुल कलाम आजाद आदि के नेतृत्व में एक खिलाफत कमेटी का गठन किया गया। उधर गाँधीजी और बाल गंगाधर तिलक ने मुसलमानों को सहयोग देने के उद्देश्य से अंग्रेजों के विरुद्ध असहयोग आंदोलन छेड़ दिया। इस कार्यक्रम से जनता में भारी उत्साह उमड़ आया और वह स्वतंत्रता की लड़ाई में उतरने के लिए तैयार हो गई। असहयोग और खिलाफत आंदोलनों का एक सामान्य (General or Common) कार्यक्रम तैयार हो गया। गाँधीजी सर्वमान्य नेता मान लिए गये।

2. भारत में राष्ट्रीय आंदोलन के क्षेत्र में खिलाफत के प्रश्न पर हिंदू-मुसलमानों में अभूतपूर्व एकता दृष्टिगोचर होने लगी। ‘अल्लाह-हू-अकबर’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारों की गूंज एक ही मंच से सुनाई देने लगी। मुसलमानों ने कट्टर आर्यसमाजी नेता स्वामी श्रद्धानंद को दिल्ली की जामा मस्जिद के मिंबर से अपना उपदेश देने के लिए आमंत्रित किया और सिक्खों ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की चाभियाँ मुस्लिम नेता डॉ. सैफुद्दीन किचलू को सौंप दी। पहली अगस्त, 1920 ई. को संपूर्ण देश में खिलाफत आंदोलन प्रारंभ कर दिया गया किंतु यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार की तुर्की संबंधी नीति को प्रभावित करने में असमर्थ रहा।

3. खिलाफत आंदोलन का अंत : समय के साथ-साथ खिलाफत आंदोलन स्वतः ही दुर्बल होने लगा। ब्रिटिश सरकार ने – कूटनीति से हिंदू-मुसलमानों को एक-दूसरे के विरुद्ध भड़काना प्रारंभ कर दिया। परिणामस्वरूप हिंदू-मुस्लिम एकता में दरारें पड़ने लगीं और देश के विभिन्न भागों में सांप्रदायिक दंगे भड़कने लगे। इस बीच टर्की के प्रति ब्रिटेन का दृष्टिकोण भी सहानुभूतिपूर्ण होने लगा था। अतः परिस्थितियाँ परिवर्तित होते ही यह आंदोलन समाप्त हो गया।

प्रश्न 5.
मुस्लिम लीग पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
1. अंग्रेजों ने मुसलमानों को उकसाया कि वे अपने लिए कांग्रेस से अलग एक नये राजनीतिक दल की स्थापना करें, पृथक निर्वाचन प्रणाली की माँग करें। इन मांगों को मानने का पूरा आश्वासन वायसराय मिंटो ने मुसलमानों के एक प्रतिनिधि मंडल के नेता आगा खाँ कौर अक्टूबर 1906 ई. को दिया।

2. भारत मंत्री मार्ले को इन बातों की जरा भी भनक न पड़ी। अंततः 1909 ई. में एक कानून द्वारा ‘सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व प्रणाली को मान्यता दे दी। हिंदुओं ने इस प्रणाली का विरोध किया। भारतीय राजनीति पर इस कानून का गहरा प्रभाव पड़ा। इससे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव पैदा हो गया जो बाद में भारत विभाजन का कारण बना।

3. मुस्लिम लीग की स्थापना 30 दिसंबर 1906 ई. को ढाका में हुई। इसका उद्देश्य भारतीय मुसलमानों में ब्रिटिश सरकार के प्रति वफादारी पैदा करना तथा भारतीय मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा करना था। मुसलमानों की कठिनाइयों को सरकार के समक्ष नम्रता से प्रस्तुत करना भी इसका काम था।

4. 1912 ई. के बाद मुस्लिम लीग की नीति में परिवर्तन आ गया। उसने भी उत्तरदायी सरकार की माँग की। इस परिवर्तन के निम्न कारण थे :

  • इसका प्रमुख कारण अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में परिवर्तन था। उस समय अंग्रेज तुर्की के सुल्तान के साथ कठोरतापूर्ण व्यवहार कर रहे थे। भारतीय मुसलमान चाहते थे कि अंग्रेज तुर्की के सुल्तान के साथ उदारता का व्यवहार करें।
  • 1911 ई. में परामर्श लिए बिना ही ब्रिटिश सरकार ने बंगाल का विभाजन रद्द कर दिया था। इससे भारतीय मुसलमान अंग्रेजों से रुष्ट हो गये।
  • उर्दू के समाचार पत्र ‘हमदर्द’ ने भी मुसलमानों में राष्ट्रीय भावनाओं का संचार किया।

प्रश्न 6.
साइमन आयोग (कमीशन) के प्रति भारतवासियों का क्या दृष्टिकोण था?
उत्तर:
साइमन कमीशन के प्रति भारतवासियों का दृष्टिकोण (Attitude of the Indians towards Simon Commission) : इसके अध्यक्ष सर जॉन साइमन के कारण यह ‘साइमन कमीशन’ के नाम से जाना जाता है। इसमें 7 सदस्य थे और कोई भी भारतीय न था। अतः इसे ‘व्हाइट मैन कमीशन’ भी कहते हैं। कमीशन के भारत आगमन से पूर्व ही इसका विरोध प्रारंभ हो गया। कांग्रेस, हिंदू महासभा, मुस्लिम लीग सभी ने इसका विरोध करने का निर्णय लिया। जब यह कमीशन 3 फरवरी, 1928 को मुंबई पहुँचा, इसे जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। लखनऊ में पं. जवाहर लाल नेहरू व गोविंद वल्लभ पंत के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ। लाहौर में वहाँ के विद्यार्थियों ने लाला लाजपत ..य के नेतृत्व में एक विशाल जुलूस निकाला। पुलिस अधिकारी साडर्स ने लाजपत राय पर लाठी से प्रहार कराया।

साइमन कमीशन की रिपोर्ट मई 1930 में प्रकाशित हुई। भारतीयों ने इस रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया। इस कमीशन की रिपोर्ट 1935 के एक्ट का आधार बनी और ब्रिटिश सरकार के लिए एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज साबित हुई।

प्रश्न 7.
गाँधीजी ने छुआछूत ( अस्पृश्यता) उन्मूलन के लिए जो भूमिका निभायी उसका संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एक सामाजिक सुधारक के रूप में गाँधीजी ने जातीय व्यवस्था का विरोध किया। वे मानवतावादी थे तथा छुआछूत को हिंदू समाज का एक बहुत बड़ा कलंक तथा इसको व्यवहार में लाने को मानवता तथा ईश्वर के विरुद्ध एक जघन्य पाप मानते थे। उन्होंने हिंदुओं को सभी सार्वजनिक स्थानों पर जाने तथा सामूहिक भोजन करने एवं अपने हाथों से सफाई करके लोगों को कर्म पूजा का महत्त्व समझाया। उन्होंने हरिजनों का उद्धार किया तथा पहली बार अछूतों को ‘हरिजन’ का नाम दिया। उनके लिए ‘हरिजन’ नामक पत्रिका निकाली गई। वे छुआछूत के विरुद्ध लड़ते रहे। उन्होंने ब्रिटिश सरकार के पृथक निर्वाचन की व्यवस्था का विरोध करते हुए 1931 में हिंदुओं के लिए संयुक्त निर्वाचन मंडल की बात कही तथा डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को राजी करके पूना में 1932 का समझौता करके हिंदुओं तथा दलितों में पड़ रही फूट को दूर करने में सफलता प्राप्त कर ली।

प्रश्न 8.
दांडी मार्च से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
गाँधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 में चलाया जिसका आरंभ 12 मार्च, 1930 ई. को दांडी यात्रा द्वारा किया गया। भारत के पश्चिमी तट पर स्थित एक छोटे से गाँव दांडी में गाँधीजी पैदल चलकर गए। इनके साथ उनके 79 अनुयायी भी थे। 5 अप्रैल, 1930 ई. को दांडी पहुँचकर उन्होंने नमक बनाकर कानून भंग किया। इस प्रकार दांडी यात्रा सविनय अवज्ञा आंदोलन का प्रतीक बन गई।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 11 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक

प्रश्न 9.
क्रिप्स मिशन भारत क्यों आया था? इसने क्या प्राप्त किया?
उत्तर:
1. द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) चल रहा था। मार्च, 1942 ई. में जापान ने रंगून पर अधिकार कर लिया और इस प्रकार युद्ध भारत की सीमाओं तक आ पहुँचा। अतः ब्रिटेन के अमरीका और चीन जैसे मित्र राष्ट्र उस पर दबाव डालने लगे कि वह भारतीयों की स्वाधीनता की माँग को स्वीकार कर ले। अतः ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों से समझौता वार्ता करने तथा युद्ध संबंधी प्रयासों में भारतीयों का सहयोग प्राप्त करने के लिए मार्च, 1942 ई. में हाउस ऑफ कॉमन्स के नेता सर स्टेफोर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में एक मिशन भारत भेजा।

2. मिशन के प्रमुख सुझाव थे:

युद्ध के पश्चात् भारत को ब्रिटिश साम्राज्य के अंतर्गत स्वशासित राज्य बना दिया जाएगा।
युद्ध के बाद गठित की गई संविधान सभा द्वारा भारत के लिए. संविधान का निर्माण किया जाएगा।
यदि किसी देशी राज्य अथवा प्रांत को नया संविधान स्वीकृत नहीं होगा तो उसे भारतीय संघ से अलग होने की स्वतंत्रता होगी।

3. क्रिप्स के प्रस्तावों को किसी भी राजनैतिक दल ने स्वीकार नहीं किया। गाँधीजी ने क्रिप्स प्रस्तावों की ‘असफल हो रहे बैंक का एक उत्तर तिथि चैक (Post dated cheque) कहकर निंदा की। अंतत: 11 अप्रैल, 1942 ई. को क्रिप्स प्रस्तावों को वापिस ले लिया गया।

प्रश्न 10.
किन-किन कारणों की वजह से क्रिप्स मिशन विफल हो गया था?
उत्तर:
क्रिप्स मिशन निम्नलिखित कारणों से विफल हो गया:

  • ब्रिटिश सरकार भारत को पूर्ण स्वाधीनता देने को राजी नहीं थी।
  • युद्ध के दौरान राष्ट्रीय सरकार गठन करने की माँग भी ठुकरा दी गई।
  • शासकों के हितों को बचाने की कोशिश की गई जबकि रजवाड़ों की जनता की माँगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

प्रश्न 11.
भारत छोड़ो आंदोलन के महत्त्व पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
1942 ई. में गाँधीजी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन चलाया गया। गाँधीजी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया। आंदोलन की पूर्व संध्या पर ही प्रमुख नेताओं को जेलों में डाल दिया गया। इससे जनता भड़क उठी और उसने रेलवे स्टेशनों, डाकघरों, थानों तथा सरकारी भवनों को जलाना शुरू कर दिया। टेलीफोन के तार काट डाले और रेल की पटरियाँ उखाड़ दी गईं। अंग्रेजों ने इस जन आंदोलन को दबाने के लिए लाठी, गोली आदि का सहारा लिया। हजारों प्रदर्शनकारी जेलों में ढूंस दिए गये। जनता नेतृत्वहीन और दिशा भ्रमित थी। अतः सब अपने-अपने ढंग से सरकार का प्रतिरोध कर रहे थे।

प्रश्न 12.
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर:
भारत में नियुक्त अंतिम अंग्रेज वायसराय माउंटबेटन योजना के आधार पर 4 जुलाई, 1947 ई. के दिन ब्रिटिश संसद में एक बिल पेश किया गया। दो ही सप्ताह पश्चात् (18 जुलाई के दिन) इसे पास करके एक अधिनियम का रूप दे दिया गया जो ‘भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम’ के नाम से प्रसिद्ध है। इसकी मुख्य धाराएँ निम्नलिखित थीं :
(i) भारत वर्ष 15 अगस्त, 1947 से स्वतंत्र होगा और इसका विभाजन दो अधिराज्यों में किया जाएगा। यह दो स्वतंत्र अधिराज्य होंगे- भारत और पाकिस्तान।

(ii) ब्रिटिश सरकार दोनों अधिराज्यों की संविधान सभाओं को सत्ता सौंप देगी। ये सभाएँ अपने-अपने देशों के लिए संविधान बनाएँगी। जब तक संविधान तैयार नहीं हो जाते तब तक संविधान सभाओं को यह अधिकार होगा कि वे अपने-अपने अधिराज्य में केंद्रीय विधानमंडल के रूप में कार्य करें।

(iii) नये संविधान के निर्माण तक दोनों अधिराज्यों का शासन 1935 के अधिनियम के अनुसार चलाया जाएगा, परंतु दोनों को अधिनियम में आवश्यक संशोधन करने का पूरा अधिकार होगा।

(iv) दोनों अधिराज्यों को इस बात की पूर्ण स्वतंत्रता होगी कि वे ब्रिटिश राष्ट्रमंडल (Commonwealth) का सदस्य बनें या उसकी सदस्यता त्याग दें।

(v) भारत सचिव का पद समाप्त कर दिया जाएगा और दोनों देश ब्रिटिश नियंत्रण से पूर्ण रूप से मुक्त होंगे।

(vi) भारत अधिराज्य में एक गवर्नर जनरल होगा। कुछ समय तक माउंटबेटन तथा फिर राजगोपालाचारी जी प्रथम भारतीय वायसराय बनाए गए।

(vii) देशी रियासतें (इनकी संख्या 560 से भी ज्यादा थी) भी ब्रिटिश संप्रभुता से पूरी तरह मुक्त होंगी। वे चाहें तो भारत के साथ अथवा पाकिस्तान के साथ मिल सकती हैं। उन्हें अपना स्वतंत्र अस्तित्व बनाए रखने की भी पूरी स्वतंत्रता होगी।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित दोनों राष्ट्रीय नेताओं पर टिप्पणियाँ लिखिए :
(क) सुरेंद्रनाथ बनर्जी, (ख) गोपालकृष्ण गोखले।
उत्तर:
(क) सुरेंद्रनाथ बनर्जी : दादाभाई नौरोजी की भाँति सुरेंद्रनाथ बनर्जी भी कांग्रेस के नरम दल के नेता थे। उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा पास की। देश को स्वतंत्रता दिलाने में उनका भी विशेष योगदान था। यद्यपि असम में न्यायाधीश के पद पर उनकी नियुक्ति हुई परंतु देश सेवा उनका सर्वप्रमुख कार्य था। वे इंडियन एसोसिएशन के संस्थापक थे जिसका मुख्य लक्ष्य भारतीयों में राजनीतिक जागृति उत्पन्न करना था। उन्होंने मिंटो-मार्ले सुधार तथा बंगाल विभाजन का विरोध किया। अंग्रेजी माल का बहिष्कार एवं स्वदेशी सामान के प्रयोग का प्रचार किया।

बनर्जी की भाँति गोपालकृष्ण गोखले भी कांग्रेस के नरम दल के नेता थे। फर्गुसन कॉलेज के प्रधानाचार्य के पद पर एवं Imperial , council के सदस्य के रूप में निःस्वार्थ सेवा की। उन्होंने भारत . सेवक समाज (Servants of India Society) नामक संस्था की नींव रखी ताकि जनता की भलाई के लिए कार्य कर सके। गोपालकृष्ण गोखले एक महान देशभक्त थे। वे अपने समय के सबसे बड़े कूटनीतिज्ञ माने जाते थे। यहाँ तक कि महात्मा गाँधी भी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। गाँधीजी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उन्होंने देश सेवा की। ऐसे देशभक्त के त्याग व बलिदान के लिए देश तथा देशवासी सदैव ऋणी रहेंगे।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में सन् ( 1870 या) 1885 से 1905 तक का काल भारतीय स्वतंत्रता का नरमपंथी (या उदारवादी) चरण क्यों कहलाता है?
उत्तर:
1. 1885 में अपनी स्थापना के वर्ष से ही इंडियन नेशनल कांग्रेस ने अपनी स्थापना के प्रथम दो दशकों तक ऐसे तरीके, नीतियाँ तथा कार्यक्रम अपनाये जिन्हें नरमपंथी या उदारवादी ही माना जाता है।

2. कांग्रेस के आरंभिक नेताओं की नीतियाँ और कार्यक्रम नरम थे। नरमपंथी लोग संवैधानिक लड़ाई में विश्वास रखते थे। उनका हथियार था, याचिकाओं, सभाओं और प्रस्तावों तथा भाषणों द्वारा जनमत को संगठित और तैयार करना तथा जनता की माँगों को सरकार तक पहुँचाना ताकि वह शनैः-शनैः इन बातों को मान ले। नरमपंथियों की धारणा थी कि अज्ञानवश ही अंग्रेजी सरकार भारतीय परिस्थितियों से अनभिज्ञ रही। यही कारण है कि सरकार उनके साथ समुचित न्याय किये जाने की इच्छा रखते हुए भी न्याय, नहीं कर पायी। दादाभाई नौरोजी ने इंग्लैंड में भारतीय जनता का पक्ष प्रशस्त करने के लिए अपना तन-मन-धन, लगा दिया।

3. नरमपंथी मानते थे कि अंग्रेज शासकों से सीधी टक्कर लेने का अभी समय नहीं आया है परंतु इसके विपरीत गरम दल के लोगों को अंग्रेजों पर जरा भी विश्वास नहीं था और वे अपनी शक्ति पर भरोसा रखते थे। तिलक इसी प्रवृत्ति के पोषक थे। नरम दल के नेता थे दादाभाई नौरोजी, फिरोजशाह मेहता, गोपालकृष्ण गोखले और सुरेंद्रनाथ बनर्जी।

प्रश्न 2.
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में नरमपंथियों (उदारवादियों) के योगदान का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
1. नरमपंथी नेताओं ने जो अंग्रेजी शासन के प्रति नरम रुख अपनाया तथा सरकार ने प्रायः उनके प्रति जो उदोसीनता दिखायी उसे देखकर हमें यह नहीं मान लेना चाहिए कि उनके (नरमपंथियों के) प्रयत्न व्यर्थ गयें या वास्तव में उन्होंने अंग्रेजों की परोक्ष रूप से मदद की।

2. वास्तव में, वे भी उतने ही महान देशभक्त थे जितने कि बाद के उग्र राष्ट्रवादी नेता या गरमदलीय राष्ट्र नेता। इन नेताओं ने दो उद्देश्य अपने सामने रखे थे-एक तो देश की जनता को जागृत कर अंग्रेजी शासन के विरुद्ध जनमत तैयार करना तथ दूसरा अंग्रेजों को धीरे-धीरे भारतीयों की माँगें मानने के लिए तैयार करना। निःसंदेह नरमदलीय लोग अपने उद्देश्यों में अधिक सफल नहीं रहे लेकिन उन्होंने जनता में अंग्रेजी शासन के प्रति विरोधी .. भावनाएँ उत्पन्न की, लोगों को जागृत किया तथा ब्रिटिश शासन के विरुद्ध जनमत तैयार किया।

3. किसी हद तक उन्होंने अंग्रेजी शासन को भी भारत में सुधार के लिए तैयार करने में सफलता प्राप्त की। उनकी महानतम उपलब्धि लोगों में भारतीय राष्ट्र की भावना की थी।

4. उन्होंने लोगों को आंदोलन छेड़ने की कला में प्रशिक्षित किया। उनके प्रयासों से लोगों में लोकतंत्र एवं राष्ट्रभक्ति की भावना फैली। उन्हीं के आंदोलन पर बाद के राष्ट्रीय आंदोलन का ढाँचा खड़ा हो सका। …

5. लोगों को विदेशी शासन की हानियाँ पता लग गईं। संभवत: नरमपंथियों की सबसे महान सेवा उस समय दृष्टिगोचर हुई जबकि उन्होंने अंग्रेजी साम्राज्य के भारत पर आर्थिक प्रभाव का मूल्यांकन किया।

6. उन्होंने लोगों का ध्यान भारतीय निर्धनता की ओर आकर्षित किया और यह बतलाया कि यह निर्धनता अंग्रेजी औपनिवेशिक शोषण के कारण ही है। दादाभाई नौरोजी तथा दीनशावाचा जैसे नेताओं ने ‘निकास का सिद्धांत’ (Drain Theory) को प्रतिपादित कर भारतीय संपत्ति के निष्कासन की ओर लोगों का ध्यान खींचा। उदारवादियों के इसी सिद्धांत को बाद में उग्रराष्ट्रवादियों ने अंग्रेजी सरकार को बदनाम करने के लिए प्रचुर प्रयोग किया।

प्रश्न 3.
स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन के विकास क्रम (या प्रगति) पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन का विकास क्रम : स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन ने स्वतंत्रता संघर्ष में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह आंदोलन 1905 ई. में बंगाल विभाजन के विरोध में आरंभ हुआ था।
1. स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन के उद्देश्य : बंगाल विभाजन के विरोध में स्वदेशी और बहिष्कार’ आंदोलन चला था, परंतु शीघ्र ही यह स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख हथियार बन गया। ‘स्वदेशी’ का अर्थ है अपने देश का स्वतंत्रता संघर्ष में इसका अर्थ था कि हमको अपने देश में उत्पादित वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। इससे भारतीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। दस्तकारों को काम मिलेगा तथा देश की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। देश भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए इस आंदोलन ने प्रकाश स्तंभ का .. काम किया। स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने के साथ-साथ विदेशी वस्तुओं। के बहिष्कार करने का भी नारा दिया गया। इससे जनता की राष्ट्रीय। भावनाओं को उभारने में सहायता मिली। विदेशी वस्तुओं के। बहिष्कार से इंग्लैंड की भारत स्थित मंडी पर बुरा प्रभाव पड़ा।

2. आंदोलन की गतिविधियाँ:
(i) कांग्रेस ने 1905 ई. के वाराणसी अधिवेशन में और 1906 ई. के कलकत्ता अधिवेशन में स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन का समर्थन किया। इससे कांग्रेस द्वारा अपनाए गए तरीकों में भारी परिवर्तन हुआ। अब ये तरीके प्रतिवेदनों और अपीलों द्वारा ब्रिटिश शासकों से न्याय की माँग करने तक सीमित न रह गये थे।

(ii) स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन केवल बंगाल तक सीमित न रहकर देश के अनेक भागों में फैल गया। इससे पूरे भारत की राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आ गई। ब्रिटिश कपड़ों, चीनी तथा अन्य वस्तुओं का बहिष्कार किया गया। लोग जत्थे बना कर दुकानों पर जाते और दुकानदारों से विदेशी माल के स्थान पर स्वदेशी माल बेचने का आग्रह करते। अंग्रेजी शराब और अंग्रेजी माल बेचने वाली दुकानों पर स्त्रियों ने भी धरने देने शुरू कर दिए। विदेशी माल खरीदने या बेचने वाले का सामाजिक बहिष्कार किया जाता था। कई स्थानों पर नाइयों ने उन लोगों के बाल काटने बंद कर दिए या धोबियों ने उन लोगों के कपड़े धोने बंद कर दिए जो लोग विदेशी माल खरीदते या बेचते थे। अतः लोगों ने विदेशी माल लेना बंद कर दिया।

(iii) इस आंदोलन में विद्यार्थियों की भूमिका बड़ी सराहनीय थी। उन्होंने स्वयं स्वदेशी माल प्रयोग करना आरंभ किया और साथ ही साथ लोगों से भी कहा कि वे विदेशी माल प्रयोग न करें। इस तरह युवा पीढ़ी के साथ मिलने से आंदोलन में और गति आ गई। सरकार ने विद्यार्थियों को भयभीत करने के उद्देश्य से कई विद्यार्थियों को स्कूलों और कॉलेजों से निकाल दिया। कइयों को मार-पीट कर जेल के सींकचों के पीछे धकेल दिया गया परंतु विद्यार्थियों पर इसका तनिक भी प्रभाव न हुआ, बल्कि वे और अधिक भड़क उठे थे।

(iv) स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन केवल विदेशी वस्तुओं तक ही सीमित न रहा। स्वदेशी का अर्थ हो गया, वह सब जो भारतीय है। इसी प्रकार, बहिष्कार का अर्थ हो गया, वह सब त्याग दो जिसका संबंध ब्रिटिश शासन से है। बंगाल के विभाजन के प्रतिरोध में आरंभ होने वाला यह आंदोलन अंत में विदेशी शासन से छुटकारा दिलाने का साधन बन गया। विशिष्ट व्यक्तियों ने सरकार को उसके द्वारा दी गई उपाधियाँ विरोध स्वरूप लौटा दी।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 11 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक

राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक Class 8 HBSE Notes

1. अंग्रेजों के शासन ने स्वयं ही भारत में राष्ट्रवाद के उदय के लिए परिस्थितियाँ उत्पन्न की।

2. अंग्रेज स्वयं को श्रेष्ठ समझते थे एवं भारतीयों को देखकर नाक सिकोड़ते थे तथा उन्हें हीन प्राणी समझते थे। वे उन्हें ‘बाबू’ – कहकर संबोधित करते थे।

3. फ्रांसीसी क्रांति का इतिहास आधुनिक यूरोप का इतिहास है जिसने राष्ट्रवादियों के मध्य एक नई जागृति उत्पन्न की थी।

4. ए.ओ. ह्यूम नामक एक रिटायर्ड अंग्रेज अधिकारी ने 1885 में इंडियन नेशनल कांग्रेस की स्थापना की थी, जिसे अखिल भारतीय स्तर का प्रथम संगठन कहा जा सकता है।

5. दादा भाई नौरोजी ने ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ को गठित किया था।

6. 1870 के दशक में न्यायमूर्ति एम.जी. रानाडे एवं कुछ अन्य लोगों ने मिलकर ‘पुणे सार्वजनिक सभा’ को गठित किया था।

7. ब्रिटिश सरकार द्वारा 1877 में इलाहाबाद में एक महान (शानदार) दरबार आयोजित किया गया था जबकि देश के कुछ भागों में भयंकर अकाल व्याप्त था।

8. लार्ड कर्जन (वायसराय) ने 1905 में बंगाल को विभाजित कर दिया था जिसने भारतीय लोगों की भावनाओं पर गहरा प्रहार किया। कांग्रेस में अतिवादियों या उग्र राष्ट्रभक्तों का एक गुट उदित करने में बंगाल विभाजन ने सहायता की थी।

9. महात्मा गाँधी का पूरा नाम था-मोहनदास करमचंद गाँधी। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में नटाल इंडियन कांग्रेस (NIC) का निर्माण किया था।

10. 1915 में महात्मा गाँधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश लौट आये तथा वे राष्ट्रवादी आंदोलन में शामिल हो गये।

11. गाँधी जी ने साबरमती आश्रम को सन् 1916 में स्थापित किया।

12. गाँधी जी ने 1917 में चंपारन (बिहार) में नील के बागानों में कार्यरत मजदूरों के हितों के लिए सत्याग्रह करके अपना संघर्ष शुरू किया था।

13. 1918 में गाँधी जी ने अहमदाबाद (गुजरात) के वस्त्र मिल मजदूरों की न्यायिक माँगों का समर्थन किया।

14. 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर स्थित जलियाँवाले बाग में लगभग 1000 व्यक्ति मारे गये तथा 1200 के लगभग भयंकर रूप से घायल हो गये जब निर्दयी अंग्रेज जनरल डायर ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वाले लोगों पर गोलियाँ चलवा दी थी।

15. गाँधी जी ने भारतीय मुस समानों द्वारा तुर्की के खलीफा के समर्थन में तथा ब्रिटिश सरकार द्वारा उसके (तुर्की के) प्रति किए गए अन्यायपूर्ण व्यवहार क समर्थन में शुरू किये गये खिलाफ़त विरोध का समर्थन करने की घोषणा कर दी।

16. 1920 में गाँधी जी ने प्रथम असहयोग आंदोलन चलाया जिसमें स्वदेशी (वस्त्र, वस्तुएँ, शिक्षा तथा ग्रामीण तथा जातिगत पंचायतों) को अपनाना तथा विदेशी वस्तुओं, सरकारी शिक्षा संस्थाओं, विधायिकाओं तथा न्यायालयों का बहिष्कार आदि कार्यक्रम शामिल थे।

17. चौरी चौरा (गोरखपुर, उ.प्र.) के पुलिस थाने को क्रोधित भीड़ ने आग लगा दी जिसमें लगभग 22 पुलिसकर्मी मर गये। अहिंसा के पुजारी गाँधी जी को जब यह समाचार मिला तो उन्होंने तुरंत असहयोग आंदोलन स्थगित करने का निर्णय ले लिया।

18. चितरंजन दास तथा मोती लाल नेहरू ने गाँधी जी के निर्णय के विरुद्ध स्वराज्य पार्टी गठित की ताकि विधायिका के चुनावों में भाग ले सके। राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक (इतिहास)

19. सरदार भगत सिंह, सुखदेव तथा राजगुरू आदि को केंद्रीय विधायिका में बम फेंकने तथा अन्य हिंसात्मक गतिविधियों के कारण मार्च 1931 में अंग्रेजी सरकार ने फाँसी पर लटका दिया।

20. 26 जनवरी, 1930 को प्रथम स्वतंत्रता दिवस मनाया गया तथा महात्मा गाँधी ने ‘पूर्ण स्वराज’ (Complete Independence): प्राप्ति के लिए द्वितीय नागरिक सविनय अवज्ञा आंदोलन मार्च 1930 में अपने प्रसिद्ध दांडी मार्च से शुरू करके नमक आंदोलन तथा सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया, जो सुदूर पेशावर तक व्याप्त हो गया।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 11 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक

21. इस दौरान प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय गोलमेज सम्मेलन एवं गाँधी-इर्विन समझौते जैसी ऐतिहासिक घटनायें भी हुई। चालाक ब्रिटिश सरकार ने हरिजनों को हिंदू समाज से तोड़ने की निंदनीय कोशिश की जब उनके लिए मुसलमानों की तर्ज पर पृथक : निर्वाचन की व्यवस्था करने की कोशिश की। गाँधी जी ने पूना जेल में इसके खिलाफ आमरण अनशन कर दिया।

22. डॉ. भीमराव अंबेडकर ने ऐसी नाजुक परिस्थिति में दूरदर्शिता एवं अपनी बुद्धिमता का परिचय देते हुए गाँधी जी के सुझावों को मानते हुए पूना समझौते (Poona Pact) तथा सांप्रदायिक पारितोषिक (Communal Award) के अधीन पृथक चुनावों की व्यवस्था को खारिज करा दिया।

23. सरकार ने 1935 में इंडियन काउंसिल एक्ट पास किया तथा प्रांतीय स्वायतता दे दी गयी। कांग्रेस ने इसकी कुछ व्यवस्था से असहमति प्रकट की तथा इसे खारिज कर दिया लेकिन इसने चुनावों में भाग लेने का फैसला ले लिया।

24. 1937 में प्रांतीय सभाओं के लिए चुनाव हुए जिसमें अधिकांश प्रांतों में कांग्रेस को विजय प्राप्त हुई।

25. मुस्लिम लीग अपनी उपलब्धियों से खुश नहीं थी। उसने 1940 में द्वि-राष्ट्र सिद्धांत के आधार पर भारत विभाजन तथा पाकिस्तान की माँग की। अधिकांश राष्ट्रवादी मुसलमानों ने पाकिस्तान की माँग का विरोध किया।

26. 1942 में क्रिप्स मिशन तथा 1946 में कैबिनेट मिशन भारत आया।

27. 14-15 अगस्त की आधी रात को भारत स्वतंत्र (लेकिन विभाजित) हो गया। पाकिस्तान का जन्म 14 अगस्त 1947 को हुआ।

28. वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट (Vernacular Press Act) : वह अधिनियम जिसके माध्यम से लार्ड लिटन ने भारतीय भाषाओं में छपने वाले समाचारपत्रों, पत्रिकाओं आदि पर सेंसरशिप लगा दी जबकि अंग्रेजी भाषा में छपने वाले प्रकाशनों को इससे स्वतंत्र रखा।

29. उपन्यास/कथाएँ/गल्प साहित्य (Fiction) : ऐसा साहित्य गल्प साहित्य कहलाता है जिसकी घटनायें तथा पात्र काल्पनिक होते हैं जैसे उपन्यास, कहानियाँ, किस्से आदि।

30. सत्याग्रह (Satyagraha) : यह अन्याय के विरुद्ध संघर्ष का एक अहिंसात्मक तरीका है।

31. अपील (Petition) : किसी बात या चीज के लिए लिखित रूप से प्रार्थनापत्र देना, अपील कहलाता है।

32. स्वराज्य (Swaraj) : किसी देश के लोगों द्वारा स्वयं शासन करना, स्वराज्य कहलाता है।

33. कूकास (Kukas) : सिखों में नामधारियों को कूका कहा गया। ये लोग गुरु राम सिंह के अनुयायी हुआ करते थे।

34. स्वदेशी (Swadeshi) : अपने देश का अर्थात् अपने देश की संस्कृति, भाषा, वस्तुएँ एवं स्वदेशी उद्योगों, शिक्षा, न्याय-प्रणाली – आदि को अपनाना एवं प्रोत्साहन देना। आगे चलकर चरखा तथा खादी भी स्वदेशी के अभिन्न अंग समझे गये।

35. नरमपंथी (Moderates) : कांग्रेस के नेताओं का वह गुट जो स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान (विशेषकर 1885 से 1905 तक) सर्वाधिक शक्तिशाली रहे थे। उन्हें अंग्रेजों की न्यायप्रियता में यकीन था तथा वे केवल संवैधानिक तरीकों, शांतिपूर्ण विरोध, प्रार्थनापत्र देना, प्रतिनिधिमंडल भेजना एवं अहिंसात्मक तरीकों से ही अपनी राजनीतिक माँगें मनवाने में यकीन करते थे। दादाभाई नौरोजी, सुरेंद्रनाथ बनर्जी, गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोजशाह मेहता आदि उदारपंथी या नरमपंथी कांग्रेसी थे।

36. उग्रपंथी या गरमपंथी (Extremists) : वे कांग्रेसी नेतागण जिन्हें ब्रिटिश शासन से घोर घृणा थी तथा उन्हें उनके शासन, कानून या न्यायप्रियता में बिल्कुल विश्वास नहीं था। वे सरकार पर दबाव डाल करके अपनी सभी माँगें मनवाने में विश्वास करते थे। इन नेताओं ने उदारपंथी नेताओं की भिक्षा माँगने की प्रवृत्ति या सरकार के सामने गिड़गिड़ाने की घोर निंदा की तथा उन्होंने स्वदेशी के साथ-साथ’ बहिष्कार को सशक्त हथियार बनाया। वे ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहते थे। वे पक्के राष्ट्रवादी भी कहे जाते हैं। इनमें पाल, बाल तथा लाल सर्वाधिक प्रसिद्ध हुए। उनके पूरे नाम थे-बिपिन चंद्र पाल, बाल गंगाधर तिलक एवं लाला लाजपत राय। अरविंद घोष भी एक महान अतिराष्ट्रवादी नेता थे।

37. गदर पार्टी (Ghadar Party) : इसकी स्थापना 1913 में की गई थी। इसे प्रवासी भारतीयों ने कनाडा, अमेरिका तथा यूरोप में सक्रिय रखा।

38. जातिगत घृणा या ऊँच-नीच की भावना (Racial Arrogance) : किसी एक जाति (प्रजाति) के लोगों द्वारा स्वयं को अन्य से श्रेष्ठ समझने की भावना, उदाहरणार्थ श्वेत चमड़ी के अंग्रेज स्वयं को भारतीयों से श्रेष्ठ मानते थे।

39. राजनीतिक चेतना/जागृति (Political Awakening) : राष्ट्रीय भावनाओं का उत्थान।

40. बाबू (Babus) : प्रायः अंग्रेज छोटे पदों पर सरकारी कार्यालयों या थोड़ी-बहुत अंग्रेजी पढ़े-लिखे भारतीयों को चिढ़ाने (tease) .. के उद्देश्य से ‘बाबू’ कहा करते थे।

41. हड़ताल (Hartal or Strike): किसी भी अन्यायपूर्ण कार्य/निर्णय या नीति के विरुद्ध विरोध अभिव्यक्त करने के लिए दैनिक। या सामान्य कार्यक्रमों एवं कार्यों को रोक कर विरोध प्रकट करना हड़ताल कहलाता है।

42. सांप्रदायिक दल (Communal Parties) : जो राजनीतिक दल केवल अपने धर्मावलंबियों या संप्रदायों के लोगों के हितों की ही बात करते हैं तथा एक धर्मावलंबी के हितों को अन्य धर्म के लोगों से पृथक मानते हैं वे दल सांप्रदायिक दल कहलाते हैं। स्वराज्य के लिए संघर्ष के दिनों में मुस्लिम लीग सर्वप्रथम गठित एक सांप्रदायिक दल था। प्रायः उसे ही भारत विभाजन के लिए उत्तरदायी ठहराया जाता है।

43. मार्शल लॉ (Martial Law) : सेना का शासन।

44. नाइटहुड (Knighthood) : कुछ वीरों, सामंतों एवं उच्च पदवी तथा सम्मान योग्य लोगों को अंग्रेज नाइट की जो पदवी देते थे उसे ‘नाइटहुड’ कहा जाता था।

45. ट्रायल (Trial) : न्याय प्रक्रिया की पूरी कार्यवाही जो किसी के अपराध को साबित करने एवं उसके लिए सजा तय करने के लिए प्रायः न्यायालयों में की जाती है।

46. वारंट (Warrant) : न्यायालय से एक लिखित आदेश, जो पुलिस को किसी व्यक्ति विशेष को गिरफ्तार करके कोर्ट में उपस्थित करने का अधिकार देता है, वारंट कहलाता है।

47. धरना देना (Picketing) : किसी दुकान, कारखाने, मिल या कार्यालय के बाहर बैठना तथा अन्य लोगों को उनके अंदर प्रवेश करने से रोकना। प्रायः हड़तालों को ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए प्रमुख या नेतागण इस तकनीक को अपनाते हैं।

48. विरोध-प्रदर्शन (Agitation) : किसी निर्णय या नीति के विरुद्ध लोक (या जनता) द्वारा विरोध प्रकट करने की कार्यवाही।

49. सांप्रदायिकता (Communalism) : वह विचारधारा (या दर्शन) जो धर्म के आधार पर लोगों में भेदभाव करने का समर्थन करती है।

50. गाँधी युग (The Gandhian Era) : भारतीय इतिहास में स्वराज्य के लिए संघर्ष में गाँधी जी द्वारा नेतृत्व संभालने एवं उनके द्वारा प्रमुख भागेदारी एवं स्वतंत्रता के बाद के कुछ माह के कालांश को जो प्रायः 1919 से जनवरी, 1948 तक का माना जाता है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 11 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक

51. खादी (Khadi) : खुरदरा (Coarse) वस्त्र (जो प्रायः सूती तथा ऊनी होता है) जिसे हाथ से काता तथा बुना (तैयार किया) जाता है।

52. चरखा (Charkha) : कताई का चक्र। चरखा गाँधी जी को कुटीर उद्योगों के प्रतीक के रूप में तथा खादी तैयार करने में उसकी भूमिका के लिए बहुत प्रिय था।

53. परिवर्तन के पक्षधर (Pro-changers) : कांग्रेसियों का वह समूह जो गाँधी जी के असहयोग आंदोलन के स्थगन तथा विधायिकाओं के चुनावों के बहिष्कार के विरोधी थे, उन्हें इतिहास में परिवर्तनवादी कहा जाता है। इनमें मोतीलाल नेहरू तथा चितरंजन दास प्रमुख थे।

54. अपरिवर्तनशील (No-changers) : कांग्रेसियों का वह गुट (समूह) जो गाँधी जी की विचारधारा एवं रणनीति के (1922 में उनके द्वारा असहयोग आंदोलन वापिस लेने के बाद भी) समर्थक बने रहे, वे अपरिवर्तनशील कहलाये। डॉ. राजेंद्र प्रसाद, विनोबा भावे आदि ऐसे ही नेता थे। राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक (इतिहास)

55. शहीद (Martyr): वह पुरुष अथवा महिला जो अपना जीवन किसी अच्छे (noble) एवं अनुकरणीय उद्देश्य के लिए बलिदान करते हैं उन्हें शहीद कहा जाता है। भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरू आदि देश के महान शहीद माने जाते हैं।

56. नागरिक अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) : स्वराज के लिए संघर्ष के द्वारा 1930 से 1932 तक जो आंदोलन गाँधी जी ने चलाया उसे प्रायः सविनय अवज्ञा आंदोलन कहा जाता है। (यह विनम्रता के साथ आज्ञा या आदेशों के उल्लंघन करने का आंदोलन था।)

57. चंपारन सत्याग्रह (Champaran Satyagrah) : सन् 1917 में महात्मा गाँधी ने इसे नील के खेतों में काश्तकारों द्वारा की जा रही माँगों (उचित मजदूरी एवं पर्याप्त सुविधाओं) के पक्ष में अंग्रेज बागान मालिकों के विरुद्ध चंपारन (बिहार) में शुरू किया। उन्हें इसमें सफलता भी प्राप्त हुई।

58. क्रिप्स मिशन (Cripps Mission) : सन् 1942 में भारत में यह मिशन ब्रिटिश सरकार द्वारा भेजा गया था। सर स्टैफोर्ड क्रिप्स (Sir Stafford Cripps) इस मिशन के प्रमुख थे। उन दिनों द्वितीय विश्वयुद्ध चल रहा था (यह युद्ध 1939 से 1945 तक रहा था।)। इस मिशन का उद्देश्य ब्रिटेन के लिए भारतीयों का पूर्ण सहयोग एवं समर्थन प्राप्त करना था। यह युद्ध ब्रिटिश भारत की सीमाओं तक भी दस्तक दे रहा था। जापान ने दक्षिण पूर्व एशिया के अनेक देशों पर कब्जा कर लिया था। जापानी साम्राज्यवादी अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ रहे थे।

59. कैबिनेट मिशन (Cabinet Mission) : यह मिशन ब्रिटिश सरकार द्वारा 1946 में भेजा गया था। इसमें तीन कैबिनेट मंत्री थे। इसका उद्देश्य एवं कार्य भारतीय नेताओं से बातचीत करके शीघ्र से शीघ्र भारतीयों को सत्ता सौंपने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना था।

60. पाकिस्तान प्रस्ताव (Pakistan Resolution) : इसे 1940 में पास किया गया था। इसे मुस्लिम लीग ने पास किया था। इसमें उस दल ने भारत से पृथक एक स्वतंत्र देश के रूप में पाकिस्तान की माँग की थी।

61. परिसंघ (Federation) : इसमें एक संघ में कई छोटी इकाइयाँ या राज्य शामिल होते हैं। इसके राज्यों (प्रांतों) को आंतरिक – प्रशासन एवं कार्यों पर पूर्ण नियंत्रण रखने की स्वतंत्रता होती है। लेकिन कुछ मामले जैसे प्रतिरक्षा, विदेश नीति तथा मुद्रा आदि के विषय केंद्र के पास ही रहते हैं

62. संयुक्त या गठबंधन सरकार (Coalition Government) : दो अथवा दो से ज्यादा राजनीतिक दलों द्वारा बनायी गयी सांझी या संयुक्त सरकार। केंद्र में एनडीए की सरकार (जिसके प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे) तथा यूपीए सरकार (मनमोहन सिंह जिसके प्रधानमंत्री हैं।) गठबंधन सरकारों के उदाहरण हैं।

63. धर्मांध (Fanatic) : वह व्यक्ति जो किसी मामले पर विशेषकर धार्मिक मुद्दों पर बहुत ही कठोर एवं जटिल विचार रखते हैं वे धर्मांध / रूढ़िवादी कहलाते हैं।

64. लोकतंत्र (Democracy) : सरकार, जिसे लोग चुनते हैं।

65. गद्दारी (Treason) : किसी के द्वारा अपने ही देश को धोखा देना तथा उसके (देश/राज्य) के शत्रु की मदद करना।

66. अंतरिम सरकार (Interim Government) : एडहोक या अस्थायी सरकार अंतरिम सरकार कहलाती है। यह सरकार तब तक प्रशासन चलाती है जब तक वैधानिक सरकार का गठन या चयन नहीं हो जाता।

67. फासिस्ट देश (फासीवादी राष्ट्र = Fascist Countries) : 1920 के दशक से लेकर अगस्त-सितंबर 1945 के मध्य के वर्षों में इटली, जर्मनी तथा जापान की अधिनायकवादी/सैनिक तथा फासीवादी नीतियों की समर्थक सरकारों के कारण इन तीनों देशों को फासीवादी देश की संज्ञा दी गयी। इन पर क्रमशः मुसोलिनी, एडोल्फ हिटलर तथा सैनिक जनरल राज्य कर रहे थे। फासिस्टों ने खुलेआम युद्ध, आक्रमणों, आतंकवाद एवं अपने सभी विरोधियों को हरसंभव तरीके से मारने/कुचलने की बातें करते थे।

68. संप्रभुता (Sovereignty) : बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के ही स्वतंत्र रूप से निर्णय की क्षमता को संप्रभुता कहते हैं।

69. प्रकाशित किया हुआ (Publised) : जो कोई व्यक्ति सभाओं में बोल कर या भाषण करके अपने विचारों, कार्यक्रमों को

70. खारिज करना (Rejected) : किसी कानून को वापिस ले लेना या उसे रद्द कर देना, किसी सरकारी निर्णय को वापिस ले लेना या कानूनी तौर पर किसी की वैधता (रिपोर्ट या कागजात या लिखित निर्णयों) को समाप्त करना।

71. क्रांतिकारी हिंसा (Revolutionary Violence) : शक्ति एवं हिंसा का प्रयोग करके तुरंत परिवर्तन लाना (या व्यवस्थित अथवा चल रही व्यवस्था (सिस्टम) को ताकत के बल पर उलट देना) क्रांतिकारी हिंसा कहलाती है। यह हिंसा कभी-कभी अपने उद्देश्यों को पाने में सफल हो जाती है तो कभी-कभी विफल भी।

72. परिषद (या सभा) (Council) : प्रायः चुने लोगों या नामजद लोगों की परिषद जिसकी नियुक्ति एक निकाय के रूप में की जाती है। यह प्रशासनिक, सलाह देने या प्रतिनिधित्व कार्य करती है।

73. महंत (Mahants) : सिक्खों के गुरुद्वारों में धार्मिक उत्सवों को संपन्न कराने वालों को प्रायः महंत कहा जाता है।

74. गैर-कानूनी ढंग से बेदखल करना (Illegal eviction) : शक्ति का प्रयोग करते हुए जबरन एवं गैरकानूनी ढंग से किसी … किरायेदार को मकान, दुकान या फैक्टरी से उसका सामान बाहर निकालकर या फेंक कर कब्जा करना।

75. प्रांतीय स्वायतता (Provincial Autonomy): किसी परिसंघ का हिस्सा बना रहने के बाद भी आंतरिक प्रशासन एवं व्यवस्था के लिए उसकी इकाइयों (प्रांतों) को निर्णय लेने या शासन चलाने की आजादी।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 11 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक Read More »

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

HBSE 8th Class Geography कृषि Textbook Questions and Answers

अभ्यास

कृषि HBSE 8th Class Geography प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(i) कृषि क्या है?
उत्तर:
कृषि एक प्राथमिक क्रिया है जिसमें फसलें, फल-सब्जी आदि उगाई जाती हैं।

(ii) उन कारकों के नाम बताइए जो कृषि को प्रभावित करते हैं।
उत्तर:
कृषि को प्रभावित करने वाले कारक हैं:
1. धरातल की बनावट
2. मृदा
3. जलवायु।

(iii) स्थानांतरी कृषि क्या है? इस कृषि की क्या हानियाँ
उत्तर:
जंगलों के छोटे से भाग को साफ करके उस पर खेती की जाती है। कुछ समय बाद मृदा के अनुपजाऊ होने पर दूसरी जगह कृषि की जाती है जिसे स्थानांतरी कृषि कहते हैं। इसमें परिवार की आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है। इसमें अधिक खाद तथा सिचाई की आवश्यकता नहीं होती। किसान अपने परिवार के सदस्यों की सहायता से कृषि कर लेता है।

हानियाँ:
इस कृषि की निम्न हानियाँ हैं:
1. निर्वनीकरण को बढ़ावा मिलता है
2. मृदा अपरदन होता है।
3. मृदा क्षरण होता है।

(iv) रोपण कृषि क्या है?
उत्तर:
बहुत बड़े भू-भाग पर किसी एक विशेष फसल की खेती को रोपण कृषि कहते हैं। इसमें अधिक पूंजी लगाकर आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करके तथा कुशल प्रबंधन के द्वारा मुख्यत: नकदी फसलों जैसे चाय, कॉफी, रबर आदि का उत्पादन किया जाता है। इस प्रकार की कृषि उत्तर-पूर्वी भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में तथा प्रायद्वीपीय भारत की पहाड़ियों पर की जाती है।

(v) सरकार किसानों को कृषि के विकास में किस प्रकार मदद करती है?
उत्तर:
1. किसानों को उच्च उपज देने वाले बीज तथा उर्वरक आदि देकर सरकार उत्पादन बढ़ाने में सहायता करती है।
2. सिचाई की सुविधायें बढ़ाकर सरकार किसानों को सूखे की मार से संरक्षण देती है।
3. सरकार छोटे तथा मंझोले किसानों को कृषि के लिए सस्ती ब्याज दरों पर ऋण देती है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

HBSE 8th Class कृषि Chapter 4 Geography प्रश्न 2.
सही उत्तर को चिह्नित कीजिए:
(i) उद्यान कृषि का अर्थ है:
(क) गेहूँ उगाना
(ख) आदिम कृषि
(ग) फलों व सब्जियों को उगाना
उत्तर:
(ग) फलों व सब्जियों को उगाना।

(ii) ‘सुनहरा रेशा’ से अभिप्राय है:
(क) चाय
(ख) कपास
(ग) जूट
उत्तर:
(ग) जूट

(iii) कॉफी का अग्रणी उत्पादक है:
(क) ब्राजील
(ख) भारत
(ग) रूस
उत्तर:
(क) ब्राजील।

प्रश्न 3.
कारण बतायें:
Give reasons.
(i) भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रिया है।
उत्तर:
भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रियाकलाप है, क्योंकिः
(a) भारत की दो-तिहाई जनसंख्या कृषि या इससे संबंधित कार्यों में लगी हुई है।
(b) प्राथमिक क्रियाओं में फसल उगाना, फल-फूल उगाना तथा पशुपालन सम्मिलित है। ये क्रियाएँ भारत में प्राचीन समय से की जा रही हैं।
(c) भारत में कृषि प्राचीन विधियों से की जाती है। अधिकतर खाद्य फसलें उगाई जाती हैं। इसलिये भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रिया मानी जाती है।

(ii) विभिन्न फसलें विभिन्न प्रदेशों में उगाई जाती हैं।
उत्तर:
विभिन्न प्रकार की फसलें विभिन्न प्रदेशों में उगाई जाती हैं क्योंकि विभिन्न फसलों के लिये विभिन्न प्रकार की जलवायु की आवश्यकता होती है जो विभिन्न प्रदेशों में पाई जाती है।

प्रश्न 4.
अंतर स्पष्ट करें:
Distinguish between:
(i) प्राथमिक क्रियाएँ और तृतीयक क्रियाएँ
उत्तर:

प्राथमिक क्रियायें  (Primary Activities)तृतीयक क्रियायें (Tertiary activities)
1. प्राथमिक क्रियाओं में उन क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है जिनका संबंध प्राकृतिक संसाधनों के उत्पादन और निष्कर्षण से है। जैसे कृषि, मत्स्य न और संग्रहण आदि।1. तृतीयक क्रियाएँ, प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र को सेवा कार्य द्वारा सहयोग प्रदान करती हैं। यातायात, व्यापार, बैंकिंग, बीमा, विज्ञापन आदि इसके उदाहरण है।
2 इन क्रियाओं में परिवार के सदस्य मिलकर कार्य करते हैं।2. इनमें बहुत से लोग मिलकर कार्य करते हैं।
3. विकासशील देशों की पहचान हैं।3. विकसित देशों की पहचान हैं।

(ii) निर्वाह कृषि और गहन कृषि
उत्तर:

निर्वाह कृषि (Subsistence Agriculture)गहन कृषि (Intensive Agriculture)
1. इसके अंतर्गत खेतों में घर के लोगों की सहायता से निर्वाह के लिये फसलें पैदा की जाती हैं।1. गहन कृषि खेती करने का वह ढंग है जिसमें किसान भूमि के छोटे टुकड़ों पर अधिक परिश्रम करके अधिक से अधिक उत्पादन करता है।
2. अधिक आबादी वाले देशों जैसे चीन, जापान, भारत, श्रीलंका आदि में इस प्रकार की निर्वाह कृषि की जाती है।2. इस प्रकार की खेती उन क्षेत्रों में की जाती है जो घनी आबादी वाले होते हैं और खेती के लिये कम भूमि उपलब्ध होती है।
3. इस कृषि में अधिकतर कार्य हाथ से किये जाते हैं। मशीनों का प्रयोग नहीं होता।3. इस कृषि में मशीनों की भी सहायता ली जाती है।
4. इसमें उत्पादन की मात्रा कम होती है।4. जापान, भारत, श्री लंका आदि में इस प्रकार की कृषि की जाती है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

प्रश्न 5.
क्रियाकलाप (Activity):
(i) बाजार में उपलब्ध गेहूँ, चावल,ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, तिलहन और दलहन के बीजों को एकत्र कीजिए। उन्हें कक्षा में लाइए और पता लगाइए कि वे किस प्रकार की मृदा में उगते हैं।
उत्तर:
गेहूँ: जलोढ़ मृदा में अधिक उगता है।
चावल: चीका युक्त जलोढ़ मृदा।
चार-बाजरा-रागी: कम उपजाऊ और शुष्क मृदा।
मक्का: सु-अपवाहित मृदा।
तिलहन: इसके लिये भिन प्रकार की मृदा की आवश्यकता होती है।
दलहन: सु-अपवाहित, कम उपजाऊ मृदा।

(ii) पत्रिकाओं, पुस्तकों, समाचार पत्रों और इंटरनेट से संग्रहीत चित्रों के आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के किसानों की जीवन शैली के मध्य अंतर पता कीजिए।
उत्तर:
भारत के किसान की जीवन शैली:
भारत का किसान गाँव में रहता है। उसके पास 1.5 एकड़ से 2.5 हेक्टेयर भूमि होती है। उसके पास कृषि की आधुनिक मशीन नहीं होती। वह पारंपरिक ढंग से कृषि करता है। उत्तम बीज व उर्वरक आदि नहीं खरीद सकता। बीज बोने से पहले वह अपने मित्रों तथा अपने परिवार के वृद्धजनों से सलाह करता है। कभी-कभी सरकार से भी सहायता लेता है। अपने उत्पाद को समीप की मंडी में ले जाता है। उसका परिवार कृषि कार्य में ही लगा रहता है।

संयुक्त अमेरिका के किसान की जीवन शैली:
संयुक्त राज्य अमेरिका का किसान अपने फार्म पर रहता है। उसके पास 250 हेक्टेयर से 300 हेक्टेयर भूमि होती है। उसके पास सभी सुविधायें उपलब्ध होती हैं। वह ट्रेक्टर, हारवेस्टर आदि रखता है जिनसे वह कृषि करता है। वह स्वयं बीज बोने में सक्षम है। उसे नवीनतम जानकारी प्राप्त होती है जो उसके पास कंप्यूटर से प्राप्त होती रहती है। समय-समय पर वह मृदा का परीक्षण कराता है। वह आधुनिक विधि से कृषि करता है। उत्तम बीज तथा उर्वरक का प्रयोग करता है। वह किसी से भी सलाह नहीं लेता। अपने उत्पाद के भंडारण के लिये उसके पास सुरक्षित स्थान होता है। अनाज मंडी तक पहुंचाया जाता है। वह सभी आधुनिक सुख-सुविधाओं से लैस है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

आओ खेलें

शब्द पहेली को दिए संकेतों की मदद से हल कीजिए: नेट: वर्ग पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।
HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि-1

बाएं से दाएँ
1. फसल जिसे सु-अपवाहित उपजाऊ मृदा, मध्यम तापमान और तेज धूप की आवश्यकता होती है (5)
2. बीजों की उच्च उपज वाली किस्मों, रासायनिक उर्वरकों और पीड़कनाशकों के उपयोग से उत्पादन बढ़ाना (5, 10)
4. इस फसल के प्रमुख उत्पादक संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, रूस, आस्ट्रेलिया हैं (5)
10. पारिवारिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की जाने वाली कृषि का प्रकार (11)
13. विक्रय हेतु पशुपालन (9)
14. अंगूर की कृषि (11)

ऊपर से नीचे
1. मोटे अनाज भी कहलाते हैं (7)
3. कृषि जिसमें कर्तन और दहन शामिल है (8)
5. फसलों, फलों और सब्जियों को उगाना (11)
6. जिसमें चाय, कॉफी, गन्ना और रबड़ उगाए जाते हैं (11)
7. विकास के लिए 210 पोलारहित दिनों की आवश्यकता होती है (6)
8. फूलों का उगाना (12)
9.’सुनहरा रेशा’ भी कहलाता है
11. ‘धान’ के नाम से भी जाना जाता है।
12. क्रिया जो प्राकृतिक संसाधनों के निष्कर्षण से संबंधित है
उत्तर:
बाएँ से दाएँ:
1. Wheat (गेहूँ)
2.Green Revolution (हरित क्रांति)
4. maize (मक्का )
10. subsistence (निर्वाह)
14.viticulture (अंगूरोत्पादन)।

ऊपर से नीचे:
1.Millets (मोटे अनाज)
3. shifting (स्थानांतरी)
5.agriculture (कृषि)
6.plantations (बागान)
7.cotton (कपास)
8. horticulture (उद्यान कृषि).
9.jute (जूट)
11.rice (चावल)
12. I primary (प्राथमिक)।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

HBSE 8th Class Geography कृषि Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बीसवीं शताब्दी में कृषि में सहायक तीन तत्वों के नाम बताओ।
उत्तर:
20वीं शताब्दी में कृषि में सहायक तत्व निम्नलिखित
1. अधिक उपज देने वाले बीज।
2. उर्वरक और कीटनाशक।
3. मशीनों का प्रयोग।

प्रश्न 2.
विश्व में उगाई जाने वाली दो रेशेदार फसलों के नाम बताएँ।
उत्तर:
रेशेदार फसलें जो विश्व में उगाई जाती हैं. वे हैं कपास और जूट।

प्रश्न 3.
कृषि क्या है?
उत्तर:
फसल उगाना, बागवानी, पशुपालन तथा मत्स्य पालन आदि को सामूहिक रूप में कृषि कहते हैं।

प्रश्न 4.
भारत के वो महत्त्वपूर्ण खाद्यान्नों के नाम बतायें।
उत्तर:
चावल तथा गेहूँ भारत के दो महत्त्वपूर्ण खाद्यान्न हैं।

प्रश्न 5.
मोटे अनाज के अंतर्गत मुख्य रूप से कौन-सी फसलें आती हैं?
उत्तर:
रागी, ज्वार, बाजरा, मक्का तथा जी को सम्मिलित रूप से मोटे अनाज कहते हैं।

प्रश्न 6.
उद्यान कृषि क्या है?
उत्तर:
इसके अंतर्गत फल, सब्जियों, कंद या गाँठ वाली फसलें जैसे आलू, फूल, औषधि के पौधे तथा मसाले आदि आते हैं।

प्रश्न 7.
भारत में कृषि का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ के लगभग 65% लोग कृषि करते हैं। सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 126% है। यह देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान करती है तथा उद्योगों के लिए अनेक प्रकार के कच्चे माल प्रदान करती है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

प्रश्न 8.
रेशे वाली फसलों के नाम तथा आवश्यक जलवायु दशाओं का उल्लेख करें।
उत्तर:
रेशे वाली प्रमुख फसलें हैं-कपास तथा जूट। भौगोलिक दशायें:
कपास: अधिक तापमान, हल्की वर्षा तथा 210 दिन कोहरामुक्त चमकीली धूप। काली मृदा तथा जलोढ़ मृदा इसके लिये उपयुक्त है।
जूट: अधिक तापमान तथा अधिक वर्षा जो वर्ष भर होती रहे। जलोढ़ मृदा उपयुक्त है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट करें:
(i) निर्वाह कृषि और व्यापारिक कृषि।
उत्तरः

व्यापारिक कृषि (Commercial Agriculture)निर्वाह कृषि (Subsistence Agriculture)
1. ऐसी कृषि जिसमें किसान व्यापार के लिए फसलें पैदा करते हैं ताकि अपनी आय बढ़ा सकें व्यापारिक कृषि कहलाती है।1. इसके अंतर्गत फसलें छोटे खेतों में घर के लोगों की सहायता से अपने निर्वाह के लिए पैदा की जाती हैं।
2. यह बड़े-बड़े फार्मों पर आधुनिक वैज्ञानिक ढंग से की जाती है। चाय, रबर, गेहूँ, कहवा आदि की कृषि इसके उदाहरण हैं।2. अधिक आबादी वाले देशों जैसे चीन, जापान, भारत, श्रीलंका आदि में इस प्रकार की कृषि की जाती है। मुख्यतः खाद्यान्न उगाए जाते हैं।

(ii) विस्तृत कृषि और गहन कृषि
उत्तर:

गहन कृषि (Intensive Agriculture)विस्तृत कृषि (Extensive Agriculture)
1. गहन कृषि खेती करने का वह ढंग है जिसमें किसान भूमि के छोटे-छोटे टुकड़ों पर अधिक परिश्रम करके तथा अच्छे कृषि साधनों का उपयोग करके अधिक से अधिक उत्पादन करता है।1. विस्तृत कृषि खेती करने का वह ढंग है जिसमें किसान भूमि के विशाल क्षेत्रों पर अधिक उत्पादन के लिए कृषि करते हैं।
2. इस प्रकार की खेती उन भू-भागों में की जाती है जो घने आबाद होते हैं और खेती के लिए कम भूमि उपलब्ध होती है।2 इस प्रकार की खेती उन भू-भागों में की जाती है जहाँ जनसंख्या अपेक्षाकृत कम हो और कृषि करने का विशाल क्षेत्र उपलब्ध हो।
3. मशीनों की भी सहायता ली जाती है।3. इस प्रकार की कृषि में आधुनिक मशीनों का प्रयोग होता है।
4. जापान में इस प्रकार की कृषि की जाती है।4. संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रेयरी प्रदेश में इसी प्रकार की कृषि की जाती है।

प्रश्न 2.
रोपण कृषि के चार प्रमुख लक्षण बतायें।
उत्तर:
रोपण कृषि के चार प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
1. रोपण कृषि में वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जाता
2. रोपण कृषि में उत्पादन तथा पूँजी निवेश कारखानों की तरह होता है।
3. रोपण कृषि व्यापारिक कृषि है जिसमें आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग होता है।
4. रोपण कृषि की शुरुआत का श्रेय औपनिवेशिक शासकों को जाता है। जैसे भारत में चाय के बागान तथा मलेशिया में रबड़ के बाग न।

प्रश्न 3.
चावल की खेती के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाओं का वर्णन करो।
उत्तर:
चावल विश्व में उगायी जाने वाली प्रमुख फसल है। इसके लिए भौगोलिक दशाएँ निम्नलिखित हैं…..
तापमान: 20°C से अधिक वर्षा: 100 सेमी से 150 सेमी मृदा: जलोढ़ तथा डेल्टाई मिट्टी चावल की कृषि कार्यों के लिये मानव श्रम की भी आवश्यकता होती है।

प्रश्न 4.
भारतीय कृषि को प्रभावित करने वाले भौतिक कारकों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारतीय कृषि को प्रभावित करने वाले मुख्य भौतिक कारक हैं-उच्चावच, मृदा, जलवायु। भारत की 51% भूमि कृषि योग्य है। अन्य देशों की तुलना में यह काफी अधिक है। गंगा, सतलुज तथा ब्रह्मपुत्र का उपजाऊ मैदान सबसे अच्छा मृदा क्षेत्र है जहाँ कृषि उत्पादन सबसे अधिक होता है। अतः इस क्षेत्र में जनसंख्या भी सबसे अधिक है। यहाँ की मानसूनी जलवायु में सारे वर्ष वर्धनकाल रहता है। अत: भारतीय कृषि के अनुकूल भूमि तथा भौतिक जलवायु दशाएँ उपलब्ध हैं।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में चाय और कॉफी के वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तरः
चाय (Tea): भारत में चाय के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र असम में ब्रह्मपुत्र की घाटी, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कूच बिहार हैं। दक्षिण भारत में चाय तमिलनाडु और केरल के पश्चिमी घाट के निचले ढालों पर तथा नीलगिरि की पहाड़ियों पर उगाई जाती है।

कहवा (Coffee): कॉफी का उत्पादन दक्षिणी भारत में कर्नाटक में सबसे अधिक होता है। इसके अतिरिक्त तमिलनाडु और केरल तथा आंध्र प्रदेश हैं।

प्रश्न 2.
जूट का पुनः उत्पादन बढ़ाने के लिए क्या प्रयत्न किये जा रहे हैं?
उत्तर:
भारत के बँटवारे के बाद जूट उत्पादन व क्षेत्र में कमी आई क्योंकि इसका एक बड़ा भाग बांग्लादेश के रूप में पाकिस्तान में चला गया। इसकी भरपाई के लिए उत्पादन बढ़ाने के निम्न उपाय किए गए:
(i) उच्च उत्पादन वाले बीज जैसे JRO 7835 का विकास किया गया।
(i) अधिक उत्पादन के साधन अपनाए गए।
(iii) रासायनिक खाद का प्रयोग तथा वैज्ञानिक ढंग से कृषि की जाने लगी।
(iv) कृषकों को आर्थिक सहायता दी गई।

प्रश्न 3.
जूट उगाने के लिए कौन-सी भौगोलिक दशाएँ चाहिए?
उत्तर:
जूट के उत्पादन के लिए निम्न भौगोलिक दशाएँ चाहिए:
1. उष्ण-आई जलवायु
2. तापमान: 27° से.
3. वर्षा: वर्षा लगभग 150 से.मी. से 200 से.मी.
4. मृदा: नवीन जलोढ़ मृदा इसके लिये उपयुक्त है।
जूट के उत्पादन में सस्ते श्रमिकों की आवश्यकता होती है।

उत्पादन क्षेत्र: भारत में इसका उत्पादन पश्चिम बंगाल, असाम, उड़ीसा, बिहार आदि राज्यों में होता है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

कृषि Class 8 HBSE Definitions in Hindi

1. स्थानांतरी कृषि (Shiring Agriculture): यह कृषि जंगलों को साफ करके की जाती है। जब मृदा अनुपजाऊ हो जाती है तो दूसरे स्थान पर आरंभ कर दी जाती है।
2. जीविका कृषि (The Subsistence Agriculture): जो कृषि स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये की जाती है उसे जीविका कृषि कहते हैं।
3. मिश्रित कृषि (Mixed Forming): जहाँ कृषि के साथ पशुपालन किया जाता है, उसे मिश्रित कृषि कहते हैं।
4. रेशम कृषि (Sericulture): व्यापारिक आधार पर रेशम के कीटों को पालना रेशम कृषि कहलाता है।
5. उद्यान कृषि (Horticulture): फल-फूल तथा सब्जी की कृषि को उद्यान कृषि कहते हैं।

कृषि Class 8 HBSE Notes in Hindi

1. कृषि (Agriculture):
कृषि एक प्राथमिक व्यवसाय है। इसमें फसल, फल, सब्जी, फूल आदि उगाना तथा जानवर चराना सम्मिलित है। विश्व में 50% लोग कृषि या इससे संबंधित कार्यों में लगे हुए हैं। भारत की दो-तिहाई जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है। कृषि के लिये धरातल की बनावट, मृदा तथा उपयुक्त जलवायु आवश्यक है। जिस भूमि पर फसल उगाई जाती है उसे कृषि भूमि कहते हैं। निम्न मानचित्र में आप देखेंगे कि कृषि कार्य उन्हीं क्षेत्रों में केन्द्रित है जहाँ उपयुक्त दशायें मिलती

2. कृषि तंत्र (Farm System): कृषि करना एक तंत्र या प्रणाली है। कृषि की प्रमुख निवेश मदें हैं-बीज, खाद, मशीन और श्रम, जुताई, बुआई, सिंचाई आदि इसकी क्रियाएँ हैं।

3. कृषि के प्रकार (Types of Farming):
विश्व में कृषि कई प्रकार से की जाती है। यह भौगोलिक दशाओं, उत्पादन की मांग, श्रम तथा तकनीकी स्तर पर निर्भर करता है। कृषि प्रमुख रूप से दो प्रकारों में विभाजित की जा सकती है। ये हैं: निर्वाह कृषि और व्यापारिक कृषि।
(i) निर्वाह कृषि (Subsistence Farming): इस प्रकार की कृषि परिवार की आवश्यकता को पूरा करने के लिए की जाती हैं। इसको भी दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-गहन निर्वाह कृषि और आदिम निर्वाह कृषि। आदिम निर्वाह कृषि में स्थानांतरी कृषि और चलवासी पशुपालन सम्मिलित है। स्थानांतरी कृषि अमेजन बेसिन, उष्ण कटिबंधीय अफ्रीका, दक्षिणी-पूर्वी एशिया और उत्तर-पूर्वी भारत में की जाती है। चलवासी पशुचारण सहारा के अर्ध-शुष्क और शुष्क प्रदेश, मध्य एशिया तथा भारत के कुछ भागों जैसे राजस्थान और जम्मू-कश्मीर आदि में प्रचलित है।

(ii) व्यापारिक कृषि (Commercial Farming): व्यापारिक कृषि में फसलें उगाई जाती हैं और जानवर चराये जाते हैं। फसलें व्यापार की दृष्टि से उगाई जाती हैं। गेहूँ और मक्का व्यापारिक फसलें हैं। प्रमुख क्षेत्र जहाँ व्यापारिक फसलें उगाई जाती हैं वे हैं-उत्तरी अमेरिका, यूरोप और पूर्वी एशिया। ये क्षेत्र विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं लेकिन यहाँ सैकड़ों एकड़ के फार्म पाये जाते हैं।

(iii) मिश्रित कृषि (Mix Farming): भूमि का उपयोग खाद्य फसलें और चारे की फसलें उगाने के लिए किया जाता है। यह पूर्वी यूरोप, सं. रा. अमेरिका, अर्जेंटीना, दक्षिणी-पूर्वी आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में की जाती है।

(iv) रोपण कृषि व्यापारिक कृषि का एक प्रकार है जहाँ एक फसल जैसे चाय, कहवा, गन्ना, काजू, रबर, केला अथवा कपास उगाई जाती है। प्रमुख रोपण कृषि के क्षेत्र हैं-विश्व का उष्णकटिबंधीय प्रदेश। इसके उदाहरण हैं-मलेशिया की रबर कृषि, ब्राजील का कहवा, भारत और श्रीलंका में चाय की कृषि।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

4. प्रमुख फसलें (Major Crops):
(i) चावल (Rice): चावल विश्व की प्रमुख खाद्य फसल है। चावल की कृषि के लिये उच्च तापमान तथा उच्च आर्द्रता की आवश्यकता होती है। जलोढ़ चिकनी मिट्टी इसके लिये उपयुक्त रहती है। चावल के उत्पादन में चीन अग्रणी है। इसके बाद भारत, जापान, श्रीलंका और मिस्र आते हैं। उपयुक्त जलवायु की दशाओं में यह भारत में पश्चिम बंगाल और बंग्लादेश में एक वर्ष में दो-तीन बार उगाया जाता है।

(ii) गेहूँ (Wheat): गेहूँ के लिये मध्यम तापमान की आवश्यकता होती है। काटते समय चमकती धूप होनी चाहिये। इसको जलोढ़ दोमट मृदा उपयुक्त रहती है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, अर्जेंटीना, रूस, यूक्रेन, आस्ट्रेलिया और भारत में उगाया जाता है। भारत में यह सर्दी की ऋतु में उगाया जाता है।

(iii) मक्का (Maize): मक्का के लिये मध्यम तापमान और वर्षा की आवश्यकता होती है। इसके लिए उपजाऊ मृदा की आवश्यकता होती है। मक्का उत्तरी अमेरिका, ब्राजील, नीन, रूस, कनाडा, भारत और मेक्सिको में उगाई जाती है।

(iv) मिलेट अथवा ज्वार-बाजरा (Millets): इसे मोटा अनाज भी कहते हैं तथा यह कम उपजाऊ भूमि पर उगाई जा सकती है। इसके लिए कम वर्षा की आवश्यकता होती है। भारत में ज्वार-बाजरा और रागी उगाए जाते हैं। अन्य देश हैं: नाइजीरिया, चीन और नाइजर।

(v) कपास (Cotton): कपास के लिये उच्च तापमान तथा हल्की वर्षा, 210 दिन कोहरा रहित तथा चमकौली धूप की आवश्यकता होती है। यह काली मृदा में अच्छी प्रकार उगाई जाती है। चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, पाकिस्तान, ब्राजील और मिस्र प्रमुख कपास उत्पादक देश हैं।

(vi) जूट (Jute): इसे सुनहरी रेशा भी कहते हैं क्योंकि इसके निर्यात से भारी विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। यह जलोढ़ मृदा में उगाया गया है। इसे अधिक तापमान, भारी वर्षा की आवश्यकता होती है। यह उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में उगाया जाता है। भारत और बंग्लादेश प्रमुख उत्पादक हैं।

(vii) चाय (Tea): चाय एक पेय फसल है। इसके लिये आई जलवायु और अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है। इसके लिए पर्वतीय ढाल उपयुक्त हैं। पत्तियों को तोड़ने के लिये अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है। चाय के प्रमुख उत्पादक देश हैं-केन्या, भारत, चीन तथा श्रीलंका।

(viii) कहवा (Coffee): कहवा के लिये गर्म और आई जलवायु की आवश्यकता होती है। दोमट मृदा इसके लिये उपयुक्त रहती है। कहवा के लिये पहाड़ी ढाल उपयुक्त रहते हैं। यह ब्राजील, कोलंबिया और भारत में पैदा किया जाता है।

5. कृषीय विकास (Agriculrural Development):
कृषीय विकास का तात्पर्य है कि कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिये प्रयत्न किये जायें जिससे बढ़ती जनसंख्या की मांग पूरी की जा सके। यह कई प्रकार से जैसे फसल क्षेत्र को बढ़ाकर, फसलों की संख्या बढ़ाकर, सिचाई की सुविधा बढ़ाकर, खाद का अधिक उपयोग करके, उच्च उत्पादन वाले बीज का प्रयोग करके प्राप्त की जा सकती है। कृषि का मशीनीकरण कृषि विकास का दूसरा स्वरूप है। कृषि विकास का अंतिम उद्देश्य खाद्य सुरक्षा बढ़ाना है।

6. भारत में एक फार्म (MFarm in India):
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एक गाँव है आदिलाबाद। यहाँ के एक किसान मुन्ना लाल के पास 1.5 हेक्टेयर भूमि है। वह गाँव में रहता है। वह उच्च उत्पादकता वाले बीज, खाद आदि खरीद कर फसल उगाता है। वह साल में दो फसलें उगाता है। किराये पर ट्रेक्टर, मशीन आदि लाता है। वह गेहूँ, चावल और दाल उत्पन्न करता है। वह कृषि में अपने मित्रों तथा सरकारी अधिकारियों की मदद लेता है। वह सिंचाई भी किराये पर करता है। मुन्ना लाल भैंस और कुछ मुर्गियाँ रखता है। वह दूध सहकारी भंडार में बेचता है। परिवार के सभी सदस्य कृषि में उसकी मदद करते हैं। वह अपना उत्पाद समीप की मंडी में भेजता है।

7. संयुक्त राज्य अमेरिका का एक फार्म (MFarm in the U.S.A.):
संयुक्त राज्य अमेरिका के फार्म आकार में बहुत बड़े होते हैं। इनका आकार 250 हेक्टेयर तक होता है। किसान प्राय: फार्म पर ही रहता है। प्रमुख फसलें मक्का, सोयाबीन, गेहूं, कपास और चुकंदर उगाई जाती हैं। जो होरन संयुक्त राज्य अमेरिका के आयोवा राज्य का एक किसान है, उसके पास 300 हेक्टेयर भूमि है। वह मक्का उगाता है। उसके पास अच्छे बीज, खाद तथा अपनी मशीनें हैं। वह फसलें उगाने के लिये स्वयं ही निर्णय करता है। समय-समय पर वह मृदा का भी परीक्षण कराता है। उसके फार्म में लगे कंप्यूटर में नवीनतम सूचना आती रहती है। वह ट्रेक्टर, हारवेस्टर आदि का उपयोग करता है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि Read More »

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग

HBSE 8th Class Geography उद्योग Textbook Questions and Answers

पाठगत प्रश्न

उद्योग Chapter 5 HBSE 8th Class Geography प्रश्न 1.
कपास के खेत से अपने घर तक अपनी कमीज की यात्रा का पता कीजिए।
उत्तर:
सूती वस्त्र की बनी कमीज का आविर्भाव कपास के खेत से आरंभ होता है। कपास सूती वस्त्र के लिये कच्चे माल के रूप में प्रयोग की जाती है। खेत में कपास को चुनकर मिल में उससे उसका बीज अलग किया जाता है। उसके पश्चात् उसकी ओटाई करके रुई तैयार की जाती है। रुई से धागा बनाने के लिये मिल में भेजा जाता है। मिल में ही धागे से कपड़ा बनाया जाता है। फिर हमारी कमीज बनती है जिसे हम पहनते हैं। इस प्रकार कमीज की यात्रा पूरी हो जाती है।

उद्योग HBSE 8th Class Geography प्रश्न 2.
कृषि आधारित उद्योगों के कुछ उदाहरण दें।
उत्तर:
कृषि आधारित उद्योगों के उदाहरण हैं:

  1. चीनी उद्योग
  2. सूती वस्त्र उद्योग
  3. जूट उद्योग
  4. रेशम बुनाई उद्योग
  5. तंबाकू उद्योग आदि।

प्रश्न 3.
चमड़े के जूते के विनिर्माण में शामिल निवेश, प्रक्रम और निर्गत को ज्ञात करें।
उत्तर:
चमड़े के जूते को विनिर्माण में निवेश के रूप में कचा माल के रूप में चमड़ा; उसे पकाने का प्रक्रम तथा कुछ रसायन जो चमड़े साफ करते हैं। इसके पश्चात् शुद्ध चमड़े को कारखानों में भेजा जाता है जहाँ अंतिम रूप में जूता तैयार किया जाता है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग

प्रश्न 4.
उद्योगों में जोखिम कम करने के उपाय सुझाएँ।
उत्तर:
औद्योगिक जोखिम कम करने के उपाय हैं:

  1. घने बसे आवासीय क्षेत्रों को औद्योगिक क्षेत्रों से अलग दूर रखा जाना चाहिए।
  2. उद्योगों के समीप बसने वाले लोगों को दुर्घटना होने की स्थिति में विषैले एवं खतरनाक पदार्थों के संग्रहण और उनके संभव प्रभावों का ज्ञान होना चाहिए।
  3. आग की चेतावनी और अग्निशमन की व्यवस्था को उन्नत किया जाना चाहिए।
  4. विषैले पदार्थों के भंडारण क्षमता की सीमा निर्धारित होनी चाहिए।
  5. उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को उन्नत किया जाना चाहिए।

प्रश्न 5.
भारत के एक रूपरेखा मानचित्र में उन स्थानों की स्थिति दिखाइए जो टिस्को को कच्चे माल की पूर्ति करते हैं।
उत्तर:
टिस्को के लिये कच्चे माल के रूप में लौह अयस्क, चूना पत्थर, डोलोमाइट और मैगनीज छत्तीसगढ तथा उड़ीसा से प्राप्त होता है। कोयला झरिया कोयला खानों से प्राप्त होता है। खरकाई और स्वर्णरेखा नदियों से जल की आपूर्ति होती है।
HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग 1
चित्र : जमशेदपुर स्थित लौह-इस्पात संयंत्र (टिस्को)

प्रश्न 6.
विश्व के रूपरेखा मानचित्र पर उन स्थानों का चिह्नित कीजिये जो ओसाका सूती वस्त्र उद्योग को कच्चा माल प्रदान करते हैं।
उत्तर:
ओसाका सूती वस्त्र उद्योग के लिये कच्चे माल के रूप में कपास मिस्र, भारत, चीन और यू.एस. ए. से प्राप्त की जाती है।
HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग 2
मानचित्र- विश्व : ओसाका को कच्चा माल प्रदान करने वाले देश

प्रश्न 7.
बंगलौर में कुछ महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्र और शोध संस्थान हैं। नीचे सूची में दिए गए संगठनों का पूर्ण रूप दीजिए।
Find out the full forms of the organisations listed below:
BEL BHEL HAL NAL DRDO ISRO I.T.l llSc
उत्तर:

  • BEL : Bharat Electronics Limited.
  • BHEL : Bharat Heavy Electrical Limited.
  • HAL : Hindustan Aeronautics Limited.
  • NAL : National Aluminium Limited.
  • DRDO : Directorate of Research and Development Organisation.
  • ISRO : Indian Space Research Organisation.
  • I.T.I : Industrial Training Institutes.”
  • IISc : Indian Institutes of Science.

अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(i) ‘उद्योग’ शब्द का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
उद्योग का अर्थ आर्थिक गतिविधि से है जो कि वस्तुओं के उत्पादन, खनिजों के निष्कर्षण अथवा सेवाओं की व्यवस्था से संबंधित है।

(ii) वे कौन-से मुख्य तथ्य हैं जो उद्योग की अवस्थिति को प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
उद्योग की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्व निम्नलिखित हैं:

  • कच्चे माल की उपलब्धता
  • भूमि
  • श्रम
  • शक्ति के साधन
  • पूँजी
  • परिवहन के साधन
  • बाजार।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग

(ii) कौन-सा उद्योग प्रायः आधुनिक उद्योग का मेरुदंड कहा जाता है और क्यों?
उत्तर:
लौह-इस्पात उद्योग को आधुनिक उद्योग का मेरुदंड कहा जाता है। यह अनेक उद्योगों के लिए उनकी आधारभूत सामग्री तैयार करता है।

(iv) कपास उद्योग मुंबई में तेजी से क्यों विकसित हुआ हैं?
उत्तर:
कपास उद्योग के शीघ्रता से मुंबई में विकसित होने के निम्नलिखित कारण हैं:
1. मुंबई की जलवायु कोष्ण-आर्द्र है जो सूती वस्त्र उद्योग के लिये उपयुक्त है।

2. मुंबई एक विशाल बंदरगाह है जिससे मशीनों के आयात तथा उत्पाद के निर्यात में सुविधा मिलती है।

3. जल की उपलब्धता : मुंबई के पृष्ठ भाग में कपास उत्पादन अधिक होता है जिससे कच्चे माल की उपलब्धता सुविधाजनक और लगातार बनी रहती है।

4. दक्ष श्रमिक : सूती वस्त्र उद्योग के लिये कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होती है, जो मुंबई प्रदेश में उपलब्ध हो जाती है। मुंबई में औद्योगिक शिक्षण संस्थान हैं जहाँ से कुशल श्रमिक मिल जाते हैं।

5. शक्ति के साधन इस उद्योग के लिये विद्युत और कोयला की आपूर्ति उपलब्ध है।

(v) बंगलौर और कैलीफोर्निया में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के बीच क्या समानता है?
उत्तर:
सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग संसाधन उपलब्धता, लागत और अवसंरचना है। इस उद्योग के प्रमुख क्षेत्र कैलीफोर्निया की सिलिकॉन घाटी और भारत के बंगलौर में हैं।

कैलीफोर्निया की सिलिकॉन घाटी और बंगलौर में कई समानताएँ हैं। दोनों ही क्षेत्र पठार पर स्थित हैं। बंगलौर दक्कन पठार पर स्थित है। इसलिए इसे सिलिकान पठार कहते हैं। दोनों क्षेत्रों की जलवायु भी समान है। बंगलौर की जलवायु वर्ष भर मृदुल बनी रहती है। सिलिकॉन घाटी जो राकी पर्वतमाला के निकट स्थित है, में शीतोष्ण जलवायु है।

बंगलौर में कई प्रौद्योगिक शिक्षण संस्थान हैं। सिलिकॉन घाटी में भी प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय है। दोनों ही क्षेत्र प्रदूषणमुक्त एवं शांतिप्रिय। इन क्षेत्रों में सैकड़ों सॉफ्टवेयर कंपनियाँ काम कर रही हैं। ये दोनों ही सूचना प्रौद्योगिकी के वैश्विक केन्द्र हैं।

प्रश्न 2.
सही उत्तर चिह्नित कीजिए:
(i) सिलिकॉन घाटी अवस्थित है:
(क) बंगलौर में
(ख) कैलिफोर्निया में
(ग) अहमदाबाद में।
उत्तर:
(ख) कैलिफोर्निया में।

(ii) कौन-सा उद्योग ‘सनराइज उद्योग’ के नाम से जाना जाता है?
(क) लोहा-इस्पात उद्योग
(ख) सूती वस्त्र उद्योग
(ग) सूचना प्रौद्योगिकी।
उत्तर:
(ग) सूचना प्रौद्योगिकी।

(iii) निम्न में से कौन-सा प्राकृतिक रेशा है?
(क) नायलॉन।
(ख) जूट
(ग) एक्रिलिक।
उत्तर:
(ख) जूट।

प्रश्न 3.
अंतर स्पष्ट कीजिए:
(i) कृषि आधारित और खनिज आधारित उद्योग (Agro-based and mineral based industry).
उत्तर:

कृषि आधारित उद्योग (Agro-based industry)खनिज आधारित उद्योग (Mineral-based industry)
1. कृषि आधारित उद्योग वे उद्योग हैं जो कच्चे माल के रूप में वनस्पति और जंतु उत्पादों का उपयोग करते हैं।1. खनिज आधारित उद्योग वे उद्योग हैं जो खनिज अयस्कों का उपयोग कच्चे माल के रूप में करते हैं।
2. सूती वस्त्र उद्योग, चीनी उद्योग, चर्म उद्योग, डेयरी उत्पाद आदि कृषि आधारित उद्योग के उदाहरण हैं।2. इन उद्योगों के उत्पाद अन्य उद्योगों का पोषण करते हैं। लोहा-इस्पात उद्योग इस उद्योग का एक उदाहरण है।

(ii) सार्वजनिक क्षेत्र और संयुक्त क्षेत्र के उद्योग (Public sector and Joint sector industries)
उत्तर:

सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग
(Public sector industries)
संयुक्त क्षेत्र के उद्योग
(Joint sector industries)
1. वे उद्योग जिनका स्वामित्व और संचालन राज्य सरकार या केन्द्र सरकार के किसी संगठन के पास होता है।1. संयुक्त क्षेत्र के उद्योगों का स्वामित्व और संचालन राज्यों और व्यक्तियों के समूह द्वारा होता है।
2. इनमें नियम सरकार द्वारा बनाये जाते हैं तथा लाभ या हानि – के लिये सरकार की जिम्मेदारी होती है।2. इसके नियम दोनों समूह मिलकर बनाते हैं।
3. पूँजी सरकार द्वारा ही लगाई जाती है।3. पूँजी दोनों मिलकर लगाते हैं
4. बोकारो लोहा-इस्पात उद्योग तथा रेल उद्योग इसके उदाहरण हैं।4. मारुति उद्योग इस उद्योग का उदाहरण है।

प्रश्न 4.
दिए गए स्थानों में निम्नलिखित के दो-दो उदाहरण दीजिए:
(i) कच्चा माल: …………. और …………
उतर:
गन्ना और लौह अयस्क।

(ii) अंतिम उत्पादः ………….. और ………….
उत्तर:
चीनी और इस्पात।

(iii) तृतीयक क्रियाकलापः …………. और ………..
उत्तर:
व्यापार और बैंकिंग।

(iv) कृषि-आधारित उद्योगः ……… और
उत्तर:
सूती वस्त्र उद्योग और चीनी उद्योग।

(v) कुटीर उद्योगः …………. और …………
उत्तर:
हाथ करघा और खिलौने बनाना।

(vi) सहकारिताः …………. और ………….
उत्तर:
आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड और सुधा डेयरी।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग

प्रश्न 5.
क्रियाकलाप (Activity)
उद्योग स्थापित करने के लिए अवस्थिति की पहचान कैसे की जाए?
अपनी कक्षा को समूह में बाँटें। प्रत्येक समूह, निदेशकमंडल है जिसने देवलोपन द्वीप में लोहा-इस्पात उद्योग के लिए उपयुक्त स्थान चयन करना है। तकनीकी विशेषज्ञों के एक दल ने टिप्पणी और मानचित्र के साथ एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। दल ने लौह-अयस्क, कोयला, जल और चूना-पत्थर के साथ-साथ मुख्य बाजार, श्रमिकों को स्रोत और पत्तन सुविधाओं की पहुँच पर विचार किया। दल ने X’ और Y दो स्थानों का सुझाव दिया। निदेशक मंडल को अंतिम निर्णय लेना है कि इस्पात उद्योग को कहाँ स्थापित करना
→ दल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पढ़ें।

→ प्रत्येक स्थान से संसाधनों की दूरियाँ ज्ञात करने के लिए मानचित्र का अध्ययन करें।

→ संसाधनों की महत्ता के अनुसार इनमें से प्रत्येक संसाधन को से 10 तक महत्त्व अनुसार अंक दें। एक संसाधन का उद्योगों की तरफ जितना ही अधिक अभिकर्षण होगा उतना ही अधिक -1 से 10 तक के बीच उसका महत्त्व होगा।

→ नीचे की सारणी को पूरा करें।

→ न्यूनतम लागत वाला स्थान सर्वाधिक उपयुक्त स्थान होना चाहिए।

→ याद रखें प्रत्येक निदेशकमंडल अलग तरह से निर्णय ले सकते हैं।
HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग 3
रिपोर्ट : देवलोपन द्वीप पर प्रस्तावित लोह-इस्पात संयंत्र की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक/संसाधन।
→ लौह-अयस्क : यह निम्न श्रेणी के लौह-अयस्क का सबसे बड़ा निक्षेप है। अयस्क का लंबी दूरी तक परिवहन अनार्थिक होगा।

→ कोयला : एकमात्र कोयला क्षेत्र जिसमें उच्च श्रेणी के कोयले के विशाल निक्षेप हैं। रेलमार्ग से कोयले का परिवहन, तुलनात्मक रूप से सस्ता है।

→ चूना-पत्थर : यह द्वीप में प्रचुरता से उपलब्ध है लेकिन शुद्धतम निक्षेप चूना पर्वत में है।

→ जल : नील नदी की दोनों सहायक नदियाँ प्रचुर मात्रा में हर मौसम में बड़े लौह-इस्पात संयंत्र को जल उपलब्ध कराती हैं। समुद्र का जल अधिक लवणीय होने के कारण अनुपयुक्त है।

→ बाजार : यह अनुमान किया जाता है कि उद्योग के उत्पाद . का मुख्य बाजार राजधानीपुर का इंजीनियरिंग कारखाना होगा। उत्पाद, मुख्यतः लघु इस्पात की छड़ों और हल्की इस्पात चादरों की परिवहन लागत सापेक्षतः कम होगी।

→ श्रम की आपूर्ति : हिल, राह और सिंग मछुआरों की तीन बस्तियों से अकुशल कामगारों की भर्ती की जायेगी। यह अनुमानित किया जाता है कि अधिकांश श्रमिक अपने वर्तमान आवास से प्रतिदिन आने-जाने का काम करेंगे।

→ पत्तन की सुविधाएँ : इस समय न्यूनतम है। पत्तन पश्चिमपुर अच्छा गहरा और प्राकृतिक पोताश्रय है जो मिश्र धातु के आयात के लिए विकसित किया गया है।

संसाधनX से दूरीX से दूरीअंक 1-10दूरी स्थाम के
लिए अंक
X दूरी
Y स्थाम के
लिए अंक
लौह-अयस्क
कोयला
चूना-पर्थर
जल
मुख्य बाजार
श्रम आपूर्ति
कुल =

जितना बड़ा खिचाव, उतना ज्यादा भार देना।
उत्तर:
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

HBSE 8th Class Geography उद्योग Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(i) उद्योग शब्द से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
वस्तुओं के उत्पादन, खनन तथा सेवाओं को प्रदान करने की प्रक्रिया को उद्योग कहा जाता है।

(ii) कच्चे माल के आधार पर पाँच प्रकार के उद्योगो के नाम लिखें।
उत्तर:
कच्चे माल के आधार पर निम्नलिखित उद्योग हैं:

  1. कृषि आधारित उद्योग
  2. पशु आधारित उद्योग
  3. समुद्री उत्पाद पर आधारित उद्योग
  4. वन आधारित उद्योग
  5. खनिज आधारित उद्योग।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग

प्रश्न 2.
लोहा-इस्पात उद्योग को मूलभूत उद्योग क्यो कहते हैं?
उत्तर:
लोहा इस्पात उद्योग को, मूलभूत उद्योग या आधारभूत उद्योग इसलिए कहते हैं क्योंकि इस उद्योग पर प्रायः सभी उद्योग निर्भर हैं। इस उद्योग के कारण ही देश में औद्योगिक विकास तेजी से आया है।

प्रश्न 3.
भारत में प्रमुख कृषि आधारित उद्योग कौन से हैं?
उत्तर:
जिन उद्योगों को कृषि से कच्चा माल प्राप्त होता है, उन्हें कृषि आधारित उद्योग कहते हैं। जैसे चीनी उद्योग, वस्त्र उद्योग आदि।

प्रश्न 4.
चार बड़े पैमाने के उद्योगों के नाम बतायें।
उत्तर:

  1. लोहा-इस्पात उद्योग
  2. वस्त्र उद्योग
  3. जूट उद्योग
  4. चीनी उद्योग
  5. सीमेंट उद्योग।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
उद्योग क्या है? आधुनिक उद्योग के तीन प्रमुख लक्षण बताइए।
उत्तर:
वे प्रयत्न जिनके द्वारा प्राथमिक उत्पादों को गौण उत्पादों में बदला जाता है, उद्योग कहलाते हैं, जैसे कपास से सूती वस्त्र बनाने का उद्योग।

आधुनिक उद्योग के तीन प्रमुख लक्षण निम्न हैं:

  • इन उद्योगों में बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है।
  • बड़ी और आधुनिक मशीनों द्वारा काम होता है।
  • इनमें शक्ति के साधनों का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 2.
उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारकों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

  1. कच्चे माल की निरंतर तथा पर्याप्त आपूर्ति
  2. ऊर्जा की पर्याप्त मात्रा
  3. पूँजी और बैंक सुविधा
  4. परिवहन सुविधा
  5. कुशल और अकुशल मजदूर
  6. बाजार की सुविधा
  7. राजनैतिक-सामाजिक स्थिरता।

प्रश्न 3.
भारत में जूट उद्योग को किन-किन चुनौतियों, का सामना करना पड़ रहा है ? उनका संभावित समाधान क्या है?
उत्तर:
हाल ही में पटसन या जूट उद्योग में अवनति आई है। इसको अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
1. पटसन के स्थान पर अब कृत्रिम रेशों से बनी चीजों का प्रयोग होने लगा है जो सस्ती होती हैं।

2. पटसन की खेती पर व्यय बहुत हो जाता है इसलिए मूल्य वृद्धि करनी पड़ती है जिससे पटसन काफी महँगा हो जाता है।

3. पटसन उद्योग को अब विदेशी स्पर्धा का मुकाबला भी करना पड़ रहा है विशेषकर बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत के सामने एक चुनौती के रूप में खड़ा है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग

प्रश्न 4.
अंतर स्पष्ट करें:
(i) प्राथमिक तथा गौण उद्योग
उत्तर:

प्राथमिक उद्योग (Primary industries)गौण (द्वितीयक) उद्योग (Secondary industries)
1. कृषि, पशुपालन, मत्स्य ग्रहण, लकड़ी काटना, खनन आदि प्राथमिक उद्योग हैं।1. प्राथमिक उत्पादों को परिवर्तित करने के संगठित मानव प्रयासों को गौण उद्योग कहा जाता है।
2. इनसे गौण उद्योगों को कच्चा माल प्राप्त होता है। प्राथमिक उद्योगों के लिए प्रकृति पर निर्भर रहना पड़ता है।2. इसमें बहुत अधिक पूँजी, भूमि, श्रम तथा शक्ति की आवश्यकता होती है। चीनी, वस्त्र, लोहा-इस्पात आदि गौण उद्योग हैं।
3. इन उद्योगों की क्रियाएँ सामान्यतः स्वयं के उपभोग या संतुष्टि के लिए की जाती हैं।3. इन उद्योगों की क्रियाएँ लाभ कमाने अथवा बाजार को ध्यान में रखकर की जाती हैं।

(ii) निजी क्षेत्र के उद्योग तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग।
उत्तर:

निजी क्षेत्र के उद्योग (Private sector industries)सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग (Public sector industries)
1. वे उद्योग जिनका स्वामित्व कुछ व्यक्तियों अथवा फर्मों या कंपनियों के पास होता है।1. वे उद्योग जिनका स्वामित्व तथा संचालन सरकार या इसके किसी संगठन के पास होता है।
2. कंपनी के सभी अंशधारियों द्वारा मिलकर नियम बनाए जाते हैं। लाभ-हानि के लिए भी संबधित व्यक्ति जिम्मेदार होते हैं।2. इनमें नियम सरकार द्वारा बनाए जाते हैं तथा लाभ-हानि के लिए सरकार की जिम्मेदारी होती है।
3. हिस्सेदारों द्वारा पूँजी लगाई जाती है।3. सरकार द्वारा पूँजी लगाई जाती है।
4. जमशेदपुर स्थित टाटा लौह-इस्पात केन्द्र तथा दिल्ली में कैंपा कोला आदि इसके उदाहरण हैं।4. बोकारो लौह-इस्पात केन्द्र तथा भारतीय रेल आदि इसके – उदाहरण हैं।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न 

प्रश्न 1.
भारतीय सूती वस्त्र उद्योग किन समस्याओं का सामना कर रहा है? इन समस्याओं के हल के लिए तीन उपाय बताइए।
उत्तर:
भारतीय सूती वस्त्र उद्योग की समस्याएँ:
1. इस उद्योग की तकनीक बहुत पुरानी और बेकार हो चुकी है जिसके कारण समय पर माल तैयार नहीं हो पाता।

2. सूती कपड़े की मिलें बहुत पुरानी हो चुकी हैं जिस कारण उनके बनाएं रखने पर बहुत खर्च आता है। भवन और मशीनरी भी जीर्ण अवस्था में हैं जिसके कारण उत्पादन खर्च बहुत आता है। परिणामस्वरूप बेकारी और जड़ता उत्पन्न हो जाती है।

3. हमारे देश में लंबे रेशे वाली कपास भी नहीं होती। इसलिए लंबे रेशे वाली कपास विदेशों से आयात करनी पड़ती है।

इन समस्याओं को हल करने के उपाय:

  • हमें पुरानी तकनीक में सुधार करके सूती वस्त्र बनाने की नवीनतम तकनीक को अपनाना चाहिए।
  • सूती कपड़े की मिलों एवं कारखानों में निपुणता और बचत लानी होगी ताकि फिजूलखर्ची न हो।
  • हमें अपने देश में ही लंबे रेशे की कपास का उत्पादन करना चाहिए ताकि विदेशी मुद्रा बचायी जा सके।

प्रश्न 2.
लोहा-इस्पात उद्योग केवल प्रायद्वीपीय भारत में ही क्यों स्थित है?
उत्तर:
देश में कुल 10 बड़े इस्पात केन्द्र हैं। जमशेदपुर, बोकारो, दुर्गापुर, आसनसोल, राउरकेला और भिलाई इस्पात केन्द्र छोटानागपुर और उसके सीमावर्ती प्रदेश में ही संकेन्द्रित हैं।

कारण (Reasons):

  • इसकी भारी कच्ची सामग्री अर्थात् लौह अयस्क जो समीप के क्षेत्रों से मिल जाता है।
  • अच्छे किस्म के कोयले के निक्षेप झरिया, गिरिडीह, बोकारो, रानीगंज और करनपुरा में हैं। सिंहभूम तथा मयूरभंज में लौह-अयस्क के विशाल भंडार हैं।
  • अन्य पदार्थ जैसे मैंगनीज, चूना पत्थर, स्वच्छ जल की आपूर्ति आदि समीपवर्ती क्षेत्रों में उपलब्ध हैं।
  • दामोदर घाटी परियोजना से जल विद्युत की आपूर्ति की जाती है।
  • यहाँ रेल एवं सड़क परिवहन का सघन जाल पाया जाता
  • समीप के सघन आबाद क्षेत्रों से श्रमिकों की नियमित आपूर्ति।
  • कोलकाता बंदरगाह की निकटता।

उद्योग Class 8 HBSE Definitions

  1. उद्योग (Industry) : श्रम विभाजन तथा मशीनों के अधिकाधिक प्रयोग द्वारा व्यवस्थित उत्पादन।
  2. सार्वजनिक क्षेत्र (Public Sector) : इन उद्योगों का स्वामित्व तथा संचालन सरकार द्वारा होता है।
  3. प्राथमिक उद्योग (Primary Industry) : प्रकृति द्वारा प्रदान वस्तुओं के प्रयोग हेतु एकत्रित करने की क्रिया।
  4. द्वितीयक उद्योग (Secondary Industry) : बड़े उद्योग जो प्राथमिक उत्पादों को उपयोगी वस्तुओं में बदलते हैं।
  5. राष्ट्रीय उद्योग (National Industry) : उद्योग जो किसी देश की सरकार द्वारा स्थापित किए जाते हैं।
  6. कृषि-आधारित उद्योग (Agro-based Industry) : उद्योग जो कृषि के प्राप्त कच्चे माल पर निर्भर करते हैं, जैसे चीनी उद्योग।
  7. प्रगलन (Smelting) : यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें धातुओं को उसके अयस्कों द्वारा गलनांक बिंदु से अधिक तपाकर निष्कर्षित किया जाता है।
  8. विनिर्माण (Manufacturing): इसके अंतर्गत कच्चे माल को लोगों के लिए अधिक मूल्य के उत्पादों में परिवर्तित किया जाता है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग

उद्योग Class 8 HBSE Notes

→ उद्योग (Industry) : उद्योग का तात्पर्य है एक आर्थिक प्रक्रिया जिसका संबंध वस्तुओं के उत्पादन, खनिजों के निष्कर्षण तथा सेवाओं से है।

→ उद्योगों का वर्गीकरण (Classification of Industries) : उद्योगों का वर्गीकरण कच्चा माल, आकार तथा स्वामित्व के आधार पर किया जा सकता है।
(i) कच्चे माल के आधार पर वर्गीकरण (On the basis of Raw Materials) : कच्चे माल के आधार पर उद्योग कृषि आधारित, खनिज आधारित, सामुद्रिक उत्पाद आधारित तथा वन आधारित होते हैं। कृषि आधारित उद्योग पौधे और पशु उत्पाद का उपयोग करते हैं। खाद्य प्रसंस्करण, सूती वस्त्र उद्योग, डेयरी उत्पाद उद्योग आदि इसके उदाहरण हैं। खनिज आधारित उद्योग प्राथमिक उद्योग हैं जो खनिजों को कच्चे माल के रूप में उपयोग करते हैं।

ये उद्योग दूसरे उद्योगों का भी पोषण करते हैं। लोहा और इस्पात उद्योग इसी प्रकार का उद्योग है। सामुद्रिक उत्पाद आधारित उद्योग समुद्र के उत्पाद उपयोग में लाते हैं। मछली-तेल उद्योग इसका उदाहरण है। वन आधारित उद्योग वन उत्पाद कच्चे माल के रूप में उपयोग में लाते हैं। कागज उद्योग इसका एक उदाहरण है।

(ii) आकार के अनुसार उद्योगों का वर्णीकरण (Classification of Industries according Size) : आकार के अनुसार उद्योग पूँजी की मात्रा जो उद्योग में लगाई गई है, श्रमिकों की संख्या तथा उत्पादन के आयतन पर निर्भर करते हैं। इनको छोटे पैमाने के उद्योग तथा बड़े पैमाने के उद्योग में वर्गीकृत कर सकते हैं। घरेलू उद्योग एक प्रकार का छोटे पैमाने का उद्योग है।

टोकरी बनाना, कपड़ा बुनना, बर्तन बनाना आदि घरेलू उद्योग के उदाहरण हैं। छोटे पैमाने के उद्योग कम पूँजी तथा निम्न प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हैं जबकि बड़े पैमाने के उद्योगों में अधिक पूँजी और उच्च प्रौद्योगिकी का उपयोग होता है। रेशम बुनना, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग छोटे पैमाने के उद्योग हैं जबकि ऑटोमोबाइल उद्योग, भारी मशीनरी उद्योग बड़े पैमाने के उद्योग हैं।

(iii) स्वामित्व के आधार पर वर्गीकरण (Classification of Industries on the Basis of Ownership) : स्वामित्व के आधार पर उद्योगों को निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र, संयुक्त क्षेत्र और सहकारी क्षेत्र में वर्गीकृत किया जा सकता है। निजी क्षेत्र के उद्योग व्यक्ति विशेष के अधीन होते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग केन्द्र सरकार या राज्य सरकार के अधीन होते हैं।

हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स उद्योग इसका एक उदाहरण है। संयुक्त क्षेत्र में सरकार तथा निजी व्यक्ति उद्योग मिलकर चलाते हैं। मारुति उद्योग इसका एक उदाहरण है। सहकारी क्षेत्र के उद्योग उत्पादक तथा श्रमिक आदि मिलकर चलाते हैं। आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड इसका एक अच्छा उदाहरण है।

→ उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक (Factors affecting location of industries): ये कारक निम्नलिखित हैं:

  • कच्चे माल की उपलब्धता
  • भूमि
  • श्रम
  • ऊर्जा
  • पूँजी
  • यातायात के साधन
  • बाजार।

→ औद्योगिक तंत्र (Industrial System) : एक औद्योगिक तंत्र में कच्चा माल, प्रक्रम तथा उत्पादन क्रियायें सम्मिलित होती हैं। प्रक्रम (Process) में विस्तृत क्रियायें होती हैं जो कच्चे माल को तैयार माल में बदलती हैं।

→ औद्योगिक प्रदेश (Industrial Regions) : औद्योगिक प्रदेशों का निर्माण उस क्षेत्र में होता है जहाँ विभिन्न प्रकार के उद्योग स्थापित हो जाते हैं। विश्व के प्रमुख औद्योगिक प्रदेश हैं-पूर्वी-उत्तरी अमेरिका, पश्चिमी और मध्य यूरोप, पूर्वी यूरोप और पूर्वी एशिया। भारत में भी कई औद्योगिक प्रदेश हैं, जैसे-मुंबई-पुणे प्रदेश, बंगलौर-तमिलनाडु प्रदेश, हुगली प्रदेश, अहमदाबाद-वडोदरा प्रदेश, छोटानागपुर औद्योगिक पेटी, विशाखापटनम-गुंटूर पेटी, गुड़गाँव-दिल्ली-मेरठ तथा कोल्लम-तिरुवनंतपुरम प्रदेश।

→ प्रमुख उद्योगों का वितरण (Distribution of Major Industries) : लोहा और इस्पात उद्योग (Iron and Steel Industries) : लोहा-इस्पात उद्योग विश्व में जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान, और रूस में स्थापित है। अन्य उद्योगों की तरह लोहा और इस्पात उद्योग को भी विभिन्न कच्चे माल की आवश्यकता होती है। यह एक पोषक उद्योग है जो अन्य उद्योगों को मशीनें, औजार आदि कच्चे माल के रूप में आपूर्ति करता है। इस उद्योग के कच्चे माल के रूप में लौह अयस्क, कोयला और चूना पत्थर उपयोग होता है। इसके अतिरिक्त श्रम, पूँजी, भूमि और अन्य साधनों की आवश्यकता होती है। विशेष इस्पात बनाने के लिए अन्य धातुयें जैसे एलुमिनियम, निकेल और ताँबे को मिलाया जाता है।

इस्पात, आधुनिक युग में किसी देश की रीढ़ की हड्डी कहलाता है। अधिकांश वस्तुएँ जो हम उपयोग में लाते हैं इस्पात की बनी होती हैं, जैसे-मशीनें, औजार, उपकरण, जहाज, रेल, ट्रक आदि। सन् 1800 से पहले लोहा-इस्पात उद्योग वहीं स्थापित किया जाता था जहाँ कच्चा माल समीप मिलता हो तथा शक्ति साधनों की आपूर्ति हो।

1950 के बाद यह उद्योग बंदरगाह के समीप स्थापित हुआ ताकि लौह खनिज बाहर से आयात किया जा सके। भारत में लोहा और इस्पात उद्योग को कच्चे माल, सस्ता श्रम, परिवहन और बाजार का लाभ मिलता है। प्रमुख इस्पात केन्द्र भिलाई, दुर्गापुर, बर्नपुर, जमशेदपुर, राउरकेला और बोकारो हैं जो पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़ राज्यों में स्थापित हैं। अन्य प्रमुख केन्द्र हैं–भद्रावती, विजयनगर (कर्नाटक), विशाखापटनम (आंध्र प्रदेश), सलेम (तमिलनाडु)।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग

टाटा लोहा और इस्पात उद्योग (टिस्को), जमशेदपुर (TISCO) : 1947 से पहले भारत में केवल टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को) स्थापित थी। यह निजी क्षेत्र में थी। यह कंपनी 1907 में साकची में स्थापित की गई। यह स्वर्णरेखा और खारकाई नदियों के संगम पर झारखंड में स्थित है। भौगोलिक दृष्टि से जमशेदपुर देश में सबसे प्रमुख इस्पात केन्द्र है और सबसे अधिक सुविधाजनक स्थिति में है। जमशेदपुर में लोहा-इस्पात उद्योग के बाद कई और उद्योग स्थापित हो गये हैं जो रसायन, लोकोमोटिव, पुर्जे, कृषि उपकरण आदि का निर्माण करते हैं।

पिट्सबर्ग (Pittsburgh) : यह संयुक्त राज्य अमेरिका का महत्त्वपूर्ण इस्पात केन्द्र है। इसे भी अपनी स्थिति का लाभ पहुँचता है। कुछ कच्चा माल जैसे कोयला समीप ही मिलता है। लौह अयस्क 1500 कि. मी. दूर मिनिसोटा से मंगाया जाता है। पिट्सबर्ग क्षेत्र में अन्य कई उद्योग स्थापित हैं जिनमें कच्चे माल के रूप में इस्पात तैयार किया जाता है।

सूती वस्त्र उद्योग (Cotton Textile Industry) : कपड़े के लिये धागा बनाना एक प्राचीन कला है। सूती, ऊनी, रेशम, जूट, पटसन का प्रयोग कपड़ा बनाने में होता आया है। वस्त्र उद्योग को उसमें प्रयोग होने वाले धागे के आधार पर विभाजित कर सकते हैं। वस्त्र उद्योग के लिये धागा कच्चा माल होता है। मानवकृत धागा नाइलॉन, पोलिएस्टर और रेयॉन आदि हैं। सूती वस्त्र उद्योग सबसे युराना और विस्तृत पैमाने पर फैला उद्योग है। औद्योगिक क्रांति तक सूती कपड़ा हाथ से बनाया जाता था।

आज भारत, चीन, जापान और यू.एस.ए. प्रमुख वस्त्र उद्योग केन्द्र हैं। भारत प्राचीन समय में ढाका की मलमल के लिये प्रसिद्ध था। पहली सफल आधुनिक वस्त्र मिल मुंबई में 1854 में स्थापित हुई थी। वास्तव में यह उद्योग महाराष्ट्र और गुजरात में अधिक फला-फूला क्योंकि यहाँ इसके लिये अनुकूल जलवायु मिली। आज यह उद्योग कोयंबटूर, कानपुर, चेन्नई, अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता, लुधियाना, पांडिचेरी तथा पानीपत में स्थापित हैं।

अहमदाबाद (Ahmedabad) : यह नगर गुजरात में साबरबती नदी के किनारे स्थित है। यहाँ पर पहली मिल 1859 में स्थापित हुई और यह शीघ्र ही भारत का दूसरा बड़ा केन्द्र बन गया। अहमदाबाद को भारत का मानचेस्टर कहा जाता है क्योंकि यहाँ इस उद्योग के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ मिलती हैं। लेकिन अब अहमदाबाद वस्त्र उद्योग के समक्ष कुछ समस्यायें उत्पन्न हो गई हैं। इसलिए बहुत से सूती वस्त्र उद्योग बंद हो गये हैं।

ओसाका (Osaka) : ओसाका जापान का प्रमुख वस्त्र उद्योग केन्द्र है। इसे जापान का मानचेस्टर कहते हैं। इस उद्योग के यहाँ विकसित होने के कई कारण हैं। यहाँ की आर्द्र जलवायु इस उद्योग के लिये बहुत अनुकूल है। योडो नदी से पानी मिल जाता है। कपास मिस्र तथा भारत से आयात की जाती है। तैयार माल अधिकतर निर्यात कर दिया जाता है।

सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) : आधुनिक युग में सूचना बहुत आवश्यक है। संयुक्त राज्य अमेरिका तथा भारत की कुछ सॉफ्टवेयर कंपनियों ने मिलकर इस उद्योग में प्रशंसनीय कार्य किया है। उदाहरण के रूप में सिलिकॉन घाटी तथा भारत के बंगलौर में इस उद्योग के संकुल हैं। सूचना और प्रौद्योगिकी की कंपनियाँ भंडारण, प्रक्रम तथा सूचना वितरण में कार्य कर रही हैं।

आज यह उद्योग वैश्विक हो गया है। बंगलौर दक्कन पठार पर स्थित है जहाँ इसे सिलिकान पठार कहते हैं। यहाँ पर वर्ष भर मृदु जलवायु रहती है। सिलिकॉन घाटी राकी पर्वत माला के निकट सांताक्लारा घाटी का एक भाग है। भारत में मुंबई, नयी दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई तथा अन्य नगर जैसे गुड़गाँव, पुणे, तिरुवनंतपुरम आदि सूचना प्रौद्योगिकी केन्द्र हैं।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग Read More »

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 10 The Comet 2

Haryana State Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 10 The Comet 2 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 10 The Comet 2

HBSE 8th Class English The Comet 2 Textbook Questions and Answers

Comprehension Check – I

The Comet 2 Question Answer HBSE 8th Class Chapter 10 Question 1.
“For a moment James wondered if he had done his sums right.’ Why was James doubtful about his sums and calculations?
‘क्षण-भर के लिए जेम्स को आश्चर्य हुआ कि उसने ठीक गणना की थी या नहीं।’ जेम्स अपने प्रश्नों और गणनाओं के विषय में क्यों संशय में था?
Answer:
James Forsyth had made a prediction that Comet Dutta would collide with the earth within ten months. After finishing the deliberations with Sir John he reached his hotel room. He looked up from his window a starstudded night sky. It was difficult to calculate the impending calamity in advance. Hence, he grew doubtful about his sums and calculations.

The Comet 2 HBSE 8th Class Chapter 10 Question 2.
What did the scientists at the conference say about James’s sums?
जेम्स के सवालों के विषय में सम्मेलन में उपस्थित वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
Answer:
Many experts attended the international conference. They checked and rechecked James calculations with the latest observations of Comet Dutta. They found his sums right. There was no escape from direct hit of the comet with the earth. There can be partial loss to life and property if the comet grazes the atmosphere of the earth.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 10 The Comet 2

Question 3.
‘Immediate action was needed, the scientists decided. ‘Give one example each of defensive’ and ‘offensive action mentioned in the text.
‘तुरन्त कार्यवाही की जरूरत है, वैज्ञानिकों ने निर्णय लिया।’ पाठ्यपुस्तक में उल्लिखित एक-एक ‘सुरक्षात्मक’ तथा ‘आक्रामक’ कार्यवाही का उदाहरण दो।
Answer:
The scientists decided, to take immediate action. The defensive measure was to dig underground bunkers and line in them. However, the offensive measure was to deflect the comet from it a path by giving it a push. It could be achieved by a well-timed and directed gigantic nuclear explosion through remote control.

Question 4.
“I am not buying any Christmas presents till December 15th.” What did Sir John mean by that?
“मैं पन्द्रह दिसम्बर तक क्रिसमस के कोई उपहार नहीं खरीदूंगा।” सर जॉन का इस बात से क्या तात्पर्य था?
Answer:
The charge of the Light Brigade had begun. The spacecraft had also been launched on time. All possible efforts were being made to avert the collision of Comet Dutta with the earth. He was not buying any Christmas presents till December 15th.
It means Sir John was in suspense about the results of his efforts.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 10 The Comet 2

Comprehension Check – II

Question 1.
What is Duttada expected to do on his return from London?
लन्दन से लौटने पर दत्तादा को क्या करने की आशा थी
Answer:
On his return from London, Duttada is expected to participate in a yajna. It was arranged by Guruji so that the comet may not cause any ill-effects on the earth. Indrani Debi was curious to pacify the evil spirit behind the comet seen by her husband.

Question 2.
What is his reaction to the proposal?
प्रस्ताव के प्रति उसकी क्या प्रतिक्रिया है?
Answer:
Duttada knew that the yajna had not specific advantage in the age of science. The movements of comets were forecast precisely by mathematical calculations. Their visits had no correlation with disasters on the earth.
He blew up at the proposal and refused to have anything to do with it.

Question 3.
(i) What does ‘Project Light Brigade’ refer to?
(ii) What does Sir John say about the project in his letter to Duttada in October?

(i) ‘प्रोजेक्ट लाइट ब्रिगेड’ क्या संकेत देता है?
(ii) अक्तूबर में दत्तादा को लिखे गए अपने पत्र में सर जॉन, प्रोजेक्ट के बारे में क्या कहते हैं?
Answer:
(i) ‘Project Light Brigade’ refers to a very important and secret astronomical operation. It was chalked out by a special group of scientists. Sir John Macpherson, the Defence Science Advisor to the British Government was the main brain behind this project. Many leading international scientists including Dr. James Forsyth were his associates. It was designed to avert the collision of ‘Cemet Dutta’ with the earth.

(ii) Duttada was in regular correspondence with Sir John since his return from London. Sir John casually hinted at the progress of the project Light Brigade.
In his letter to Duttada in October, Sir John wrote:
“The charge of the Light Brigade has begun. Let us hope for the best”. It means the spacecraft had been launched on time.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 10 The Comet 2

Question 4.
Did Sir John buy Christmas presents on December 15? How did Duttada get to know about it?
क्या सर जॉन ने 15 दिमातर को क्रिसमस के उपहार खरीदे? दत्तादा को उसके बारे में कैसे पता चला?
Answer:
Yes, Sir John bought Christmas presents on December 15th. Duttada got an urgent telex message from the British Council. Its contents were ‘I am confident now of buying my Christmas presents on December 15th-John Macpherson! Through the letter, Duttada got to know about it.

Question 5.
Why, according to Indrani Debi, had the comet not been disastrous? Do you agree with her?
इन्द्राणी देवी के अनुसार धूमकेतु, विध्वंसक क्यों नहीं हुआ? क्या आप उसके विचार से सहमत हैं?
Answer:
Duttada informed his wife Indrani Debi that the comet had gone far away without proving disastrous to earth. She told him that there could be same major disaster on earth. However, all such disasters were averted because of the yajna at their house.
I do not agree with her.

Question 6.
Is Duttada’s general outlook
(i) rational?
(ii) moral
(ii) traditional?
Choose the right word. Say why you think it right.

दत्तादा का सामान्य दृष्टिकोण क्या है:
(i) तार्किक/वैज्ञानिक
(ii) नैतिक
(iii) पारंपरिका ठीक शब्द को चुनो। बताओ आप उसे ठीक क्यों समझते हैं।
Answer:
Duttada’s general outlook is ‘rational’. Scientists are rational in their approach to a problem. They analyse a problem and reach a | solution. They do not go by impulses. In the case of ‘Comet Dutta’, the scientists held a conference. They discussed the problem and found the solution jointly. Therefore, I think it right.

Exercise

Discuss the following topics in small groups. Write your answer afterwards:

1. Should a scientist’s findings be suppressed if they seem disturbing? Give reasons for and against the topic.
2. Do you think ours is a traditional society? What are some of the things we do to be called traditional? Do you find these things interesting or useful?
3.Give two or three.examples to show how science has been useful to us.
4. Give One example to show how science has been misused, and has thus been harmful to us.
छोटे-छोटे समूहों में इन विषयों की चर्चा करो। बाद में अपने उत्तर लिखो
1. यदि किसी वैज्ञानिक की खोज खलबली मचाने वाली है तो क्या उसे दबा दिया जाए? इसके पक्ष तथा विपक्ष में कारण लिखो।
2. क्या तुम्हारे विचार से हमारा समाज रुढ़िवादी है? रुढ़िवादी कहलाने के लिए हम कौन-सी कुछ बातें करते हैं? क्या आपको ये बातें रोचक या उपयोगी लगती हैं?
3. विज्ञान हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी है? यह दर्शाने के लिए दो या तीन उदाहरण दो।
4. एक उदाहरण द्वारा दिखाओ कि विज्ञान का दुरुपयोग किस प्रकार किया गया है और यह किस प्रकार हमारे लिए हानिकारक सिद्ध हुई है।
Answer:
For self-attempt

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 10 The Comet 2

Think it Over

1. When/a person who has never flattered you suddenly discovers all your qualities; he either wants to con you or needs something urgently from you. (to ‘con’ is to swindle after gaining over trust).
2. Be generous in complimenting to others. The secret of happiness is to make others believe that they are the cause of it.

इस पर विचार करो:
1. जब कोई व्यक्ति जिसने कभी आप की चापलूसी नहीं की है अचानक आपके सभी गुणों को खोज लेता है। वह या तो आपको चकमा देना चाहता है या आपसे कोई चीज तत्काल प्राप्त करना चाहता है
2. दूसरों का अभिवादन करते समय उदार बने रहिए। प्रसन्नता का रहस्य दूसरों को यह विश्वास कराना है कि वे इस (प्रसन्नता) के कारण हैं।

HBSE 8th Class English Solutions The Comet 2 Important Questions and Answers

Question 1.
What were James doubts about Sir John’s efficiency? How were they dispelled”
सर जॉन की कुशलता के बारे में जेम्स को क्या संशय थीं? उनका समाधान कैसे हुआ?
Answer:
Sir John wanted to call a secret conference of international experts in a week. James thought it an impossible task. Sir John began to spell out details. James doubted Sir John’s efficiency because the period was very short James’s doubts were dispelled when he reported for the conference. He found that all the experts listed by him were there.

Question 3.
How were the scientists convinced about the correctness of Duttada?
वैज्ञानिकों को दत्तादा की यथार्थता के बारे में कैसे पुष्टि हुई?
Answer:
Duttada had predicted that the comet would directly hit the earth and cause disaster. The scientists at the international conference checked and rechecked James Forsyth’s calculations with the latest observations of Comet Dutta. They found Duttada right because there was no escape from collision.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 10 The Comet 2

Question 3.
Which action did the scientists decline to take and why?
वैज्ञानिकों ने कौन-सी कार्यवाही करने से मना कर दिया at pit?
Answer:
The scientists decided to take some action. It was suggested that defensive measures like living in underground bunkers may be taken. The experts declined to take such measures. It was virtually not a practical proposition.

Question 4.
Give two examples of ‘offensive action’ mentioned in the text.
पाठ्यपुस्तक में उल्लिखित दो ‘आक्रामक कार्यवाहियों’ के उदाहरण दो।
Answer:
The only course left before the scientists was to deflect Comet Dutta marginally from its original path. Only a powerful nuclear explosion through a remote control could do that. It needed the bulk of the destructive nuclear available on the earth.

Question 5.
Why was the operation expected to be successful?
कार्यवाही के सफल होने की क्यों आशा थी?
Answer:
Success of an experiment always depends upon its volume and the efforts made to achieve it. Nobody can predict about the success or failure of any experiment. The scientists failed to assess how massive the comet was. It was uniformly hoped that it was not very massive. Therefore, the operation was expected to be successful. However, Sir John Macpherson was doubtful.

Question 6.
How did Duttada spend two weeks after the conference?
दत्तादा ने सम्मेलन के बाद दो सप्ताह किस प्रकार बिताए?
Answer:
Duttada got sad when Sir John Macpherson showed doubt about the success of the operation. He toured the British Isles for two weeks after the conference. He spent his time joyfully there. He visited many observatories. He also exchanged his views with amateurs as well as professional astronomers.

Question 7.
Who was Sibaji Babu? What is his role in the text?
सिबाजी बाबू कौन था? इस पाठ में उसकी क्या भूमिका
Answer:
Sibaji Babu was Duttada’s younger brother. He told Duttada that they had all been deeply disturbed since Duttada discovered the comet. They were waiting for Duttada to take part in the yajna. Then the comet will not cause any ill-effect on the earth. Their wise forefathers recommended such Yujnas.

Question 8.
How had Duttada grown friendship with Sir John?
दत्तादा की सर जॉन के साथ किस प्रकार मित्रता बढ़ी?
Answer:
Duttada and Sir John appreciated each other’s virtues. Sir John admired Duttada’s scientific putlook. On the other hand, Duttada admired Sir John’s discipline and efficiency. It made their mutual friendship grow.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 10 The Comet 2

Question 9.
What was the result of Duttada’s correspondence with Sir John?
सर जॉन के साथ दत्तादा के पत्रव्यवहार का क्या परिणाम?
Answer:
Duttada was in regular correspondence with Sir John. It never mentioned the ‘Project Light Brigade’. However, Sir John rarely hinted as its progress in subtle manner. Duttada would grasp the hint.

Question 10.
What were Duttada’s anxieties?
दत्तादा को क्या बेचैनी (व्याकुलता) थी?
Answer:
The charge of the Light Brigade had begun. This means, the spacecraft had been launched on time. Duttada was doubtful whether the spacecraft would react the proper place in proper time? He was not sure whether the remote control detonation would work or not? What would happen if the massive nuclear pile failed in fire? These were Duttada’s anxieties.

Question 11.
What was Duttada’s routine then?
तब दत्तादा की दिनचर्या क्या थी?
Answer:
Duttada had to take part in the Puja ceremonies, the Diwali celebrations and other festivals. During the day he relaxed in his 8 years old grandson’s company. At night he used to look through his telescope and regularly monitored the comet.

Question 12.
Give the picture of Khoka while he was performing the yajna.
खोका का चित्रण करो जब वह यज्ञ कर रहा था?
Answer:
Khoka was an eight-year old boy. He was Düttada’s grandson. He was deputizing for his grandfather. He did not understand the mantras. But he uttered them as dictated by Guruji. He poured ghee into the fire and offered flowers.

Summary in English

I

Manoj Dutta was also invited to the International Conference. The experts finished their deliberations. They found James’s observations quite correct. The Conference lasted one week under cover of total secrecy. James looked up from his hotel window. He saw the Comet Dutta in the star-studded night sky. It was heading for a collision with the earth.

There could be an escape from the direct hit if it might just graze the earth’s atmosphere. Then loss of life and property would be minimum. The experts dismissed defensive measures like living in underground bunkers. The only course was to take offensive measures.

The only course was to deflect the comet from its path by pushing it. This could be done by placing destructive nuclear power available on the earth in a spaceship and sent up. A time-table was drawn up. The comet was feared to hit the earth on 15th December. Duttada asked Dr. John if they would succeed. Dr. John was in a doubt. He replied that he would not bug the Christmas ! presents till 15th December.

Duttada toured the British Isles for two weeks. On his return, he was warmly greeted by friends and press.

II
Duttada returned home. His wife had arranged a ‘Shanti Yajna’ at home. Duttada thought that Indrani Debi had arranged the Yajna because he had left the shores of India. He did not consider it a taboo. Besides he did not believe in meaningless rituals. Duttada’s youger brother told him that they had all been very disturbed since he discovered the comet. The Shanti Yajna was meant to pacify the evil spirit behind the comet. If Duttada performed the Yajna himself the comet will hot cause any ill-effects on the Earth. Duttada called it superstition. He called all those people ignorant of elementary science. He explained that the movements of the comets can now be forecast precisely by mathematical calculations. Their visits have no correlation with disasters on the Earth. He showed his unwillingness to take part in the Yajna. However, the Yajna was performed at his home.

4 Duttada remained in correspondence with Sir John Macpherson. However, the Project Light ” Brigade was never mentioned in the letters. It was only hinted in a subtle manner. Superstitious people were worried in their own way. Many couples avoided child conceptions during this period.

The operation to deflect the comet from its path began in mid-October. The huge quantities of nuclear explosives were sent in space to check the heading comet. It was to be considered whether the remote control detonation work would be done or not. Without sharing his anxieties with anyone, Duttada found that the comet was clearly visible to the naked eye. He received a special message from Macpherson on 18th November that he would buy Christmas presents on 15th Decemebr. It was was a clear indication that the disaster of the comet’s collision with the earth had , been averted.

N Comet Dutta was closest to the earth on 15th October. Then it changed its course and had gone far away. Duttada informed his wife that the comet had done no harm to the earth. Indrani Debi called it the magical effects of the Yajna at their house. Their grandson was made to take his place. Duttada noticed the gap between the rational and the superstitious.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 10 The Comet 2

Summary in Hindi

I

मनोज दत्ता को भी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बुलाया गया। कुशल व्यक्तियों ने अपना विचार-विमर्श समाप्त किया। उन्होंने जेम्स के अवलोकनों को बिल्कुल सही पाया। सम्मेलन एक सप्ताह चलता रहा और उसमें पूर्ण गोपनीयता बनी रही। जेम्स ने अपने होटल की खिड़की से देखा। उसने तारों से अच्छादित रात्रि के आकाश में धूमकेतु दत्ता को देखा। यह टकराने के लिए पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा था।

सीधी चक्कर लगने से बचाव हो सकता था यदि वह पृथ्वी के परिमण्डल को छूता हुआ निकल जाता। तब जीवन और सम्पत्ति की हानि न्यूनतम होती। पृथ्वी के अन्दर मोर्चा में रहने के सुरक्षात्मक उपायों को कुशल व्यक्तियों ने नकार दिया। केवल आक्रामक उपाय करना ही एकमात्र रास्ता था।

एकमात्र रास्ता था धूमकेतु को धक्का देकर उसके रास्ते से थोड़ा सा हटा देना। यह पृथ्वी पर उपलब्ध विध्वंसक आणविक शक्ति को अन्तरिक्षयान में रख कर ऊपर भेजने से संभव हो सकता था। एक समय-सारणी बनाई गई। यह डर था कि 15 दिसम्बर को धूमकेतु पृथ्वी से टकरा जाएगा। दत्तादा ने डा. जॉन से पूछा कि वे सफल हो जाएँगे या नहीं? डॉ. जॉन संशय में थे। उसने उत्तर दिया कि 15 दिसम्बर तक वह क्रिसमस के उपहार नहीं खरीदेगा। दो सप्ताह तक दत्तादा ने ब्रिटिश टापुओं का दौरा किया। वापस आने पर मित्रों और प्रेस द्वारा उसका गर्मजोशी से अभिनन्दन किया गया।

II

दत्तादा घर वापस आया। उसकी पत्नी ने घर में ‘शान्ति यज्ञ’ का आयोजन किया हुआ था। दत्तादा ने सोचा कि इन्द्राणी देवी ने यज्ञ इसलिए आयोजित किया था क्योंकि वह विदेश में चला गया था। वह इसे निषिद्ध नही मानता था। साथ ही अर्थहीन धार्मिक अनुष्ठानों में उसे विश्वास नहीं था’ दत्तादा के छोटे भाई ने उसे बताया कि वे सभी बड़े व्याकुल रहे हैं जब से उसने धूमकेतु की खोज की है। शांति यज्ञ का उद्देश्य, धूमकेतु की प्रेतात्मा को शान्त करना है। यदि स्वयं दत्तादा, यज्ञ को सम्पन्न कर लें तो धूमकेतु, पृथ्वी पर कोई बुरा प्रभाव नहीं दर्शाएगा। दत्तादा ने उसे अंधविश्वास कहा। उसने उन सभी लोगों को प्रारंभिक विज्ञान से अनभिज्ञ कहा। उसने स्पष्टीकरण दिया कि अब गणितीय गणनाओं द्वारा धूमकेतु की गतियों की सही-सही पूर्व घोषणा की जा सकती है। उनके आगमन का पृथ्वी पर विध्वंस से कोई अन्योन्य सम्बन्ध नहीं है, उसने यज्ञ में भाग लेने में अपनी अनिच्छा दिखाई। फिर भी उसके घर यज्ञ सम्पन्न हुआ।

दत्तादा, सर जॉन मैक्फरसन के साथ पत्र-व्यवहार करते रहे, परंतु प्रोजेक्ट लाइट ब्रिगेड का पत्र में कभी उल्लेख नहीं किया गया। इसका केवल सूक्ष्म रूप से संकेत दिया गया। अंधविश्वासी लोग अपने ही तरीके से चिंतित थे। इस अवधि में बहुत सारे दम्पतियों ने गर्भाधान नहीं किया।

धूमकेतु को उसके मार्ग से हटाने का कार्य अक्तूबर मास के बीच में प्रारंभ हुआ। आगे बढ़ते हुए धूमकेतु को रोकने के लिए अन्तरिक्ष में विपुल मात्रा में आणविक विस्फोटक भेजे गए। यह विचार किया जाना था कि दूर-नियंत्रण विस्फोट का कार्य किया जाएगा या नहीं? अपनी व्यग्रता में किसी और को शामिल किए बिना दत्तादा ने पाया कि धूमकेतु, नंगी आँखों को साफ नजर आ रहा था। उसे 18 नवम्बर को मैक्फरसन से विशेष संदेश मिला कि वह 15 दिसम्बर को क्रिसमस के उपहार खरीदेगा। यह स्पष्ट संकेत था धूमकेतु के पृथ्वी से टकराने के फलस्वरूप होने वाला विध्वंस टल गया है।

15 अक्तूबर को दत्ता धूमकेतु पृथ्वी के निकट था। फिर उसने अपना रास्ता बदल लिया और काफी दूर चला गया था। दत्तादा ने अपनी पत्नी को सूचित किया कि धूमकेतु ने पृथ्वी को कोई हानि नहीं पहुंचाई है। इन्द्राणी देवी ने इसे अपने घर पर किए गए यज्ञ का जादुई प्रभाव माना। उसके स्थान पर उसके पोते को बैठा दिया गया था। दत्तादा ने विवेकी (वैज्ञानिक) और अंधविश्वासी के अंतर का अवलोकन किया।

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 10 The Comet 2 Read More »

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 4 The Treasure Within

Haryana State Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 4 The Treasure Within Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 4 The Treasure Within

HBSE 8th Class English The Treasure Within Textbook Questions and Answers

Comprehension Check – I

The Treasure Within Question Answer HBSE 8th Class Question 1.
What did HC have nightmares about?
एच. सी. (हफीज कांट्रेक्टर) को किस बारे में दुःस्वप्न आया करते थे?
Answer:
HC had nightmares about appearing ) for a maths examination where he did not know anything.

The Treasure Within Summary HBSE 8th Class Question 2.
What did the Principal say to HC, which influenced him deeply?
प्रधानाचार्य ने एच.सी. से क्या कहा जिसने उसे अत्यधिक प्रभावित किया?
Answer:
The Principal said to HC, “Look here, son, I have been seeing you from day one. You are a good student but you never studied. I have taken care of you till today. Now, I can no longer take care so you have to take care of yourself. Your mother, a widow works hard to pay off your fees, etc. You have played only. Now, rise to the occasion and study.”
These words of the Principal influenced HC deeply.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 4 The Treasure Within

The Treasure Within Question Answers HBSE 8th Class Question 3.
‘…………. that year I did not step out onto the field.’ What was he busy doing that year?
‘…………. उस वर्ष वह मैदान के लिए बाहर भी नहीं निकला।’ उस वर्ष वह क्या करने में व्यस्त रहा?
Answer:
That year HC did not step out onto the field. He busied himself in prayers, eating and studying.

Treasure Within Summary HBSE 8th Class Question 4.
(i) What ’distraction’ did HC create one day?
एक दिन एच. सी. ने क्या खुराफात की?
(ii) Would you have liked to participate in the ‘distraction’ had you been with him?
यदि आप उसके साथ होते तो क्या आप उसकी खुराफात में भाग लेते?
Answer:
(i) One day, HC created the distraction to play ‘Chor Police’ for one whole hour.
(ii) Had I been with HC, I would have definitely liked to participate in the distraction (game of Chor-Police).

The Treasure Within Summary In Hindi HBSE 8th Class Question 5.
HC wanted to join the police force. Why didn’t he?
एच. सी. पुलिस बल में शामिल होना चाहता था। वह क्यों नहीं हुआ?
Answer:
HC wanted to join police force but his mother forbade him to do so. She advised him do his graduation.

Comprehension Check – II

Chapter 4 The Treasure Within Question Answer HBSE 8th Class Question 1.
In the architect’s office, HC was advised to drop everything and join architecture. Why?
वास्तुशिल्पी के दफ्तर में, एच.सी. को नसीहत दी गई कि सभी बातों को छोड़कर वास्तुशिल्प में प्रवेश ले। क्यों?
Answer:
In the architect’s office he pinpointed that the architect’s drawing of window detail was wrong. The architect admitted it. His cousin’s husband bade him to draw a few specific things. He did that immediately and satisfactorily. Hence he was advised to drop everything and join architecture.

Class 8 English The Treasure Within Summary HBSE Question 2.
(i) What was Mrs. Gupta’s advice to HC?
श्रीमती गुप्ता की एच.सी. के लिए क्या सलाह थी?
(ii) What made her advise him so?
उसने उसे उस प्रकार नसीहत क्यों दी?
Answer:
(i) Mrs. Gupta taught HC in 2nd or 3rd standard. She saw his sketches.. She told him that he was useless in everything else. He should become an architect on growing up because his sketches were good.

(ii) Mrs. Gupta knew that HC was useless in everything else. But her sketches were good. It made her advise him so (to become an architect on growing up).

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 4 The Treasure Within

Treasure Within Class 8 Questions And Answers HBSE Question 3.
How did HC help fellow students who had lost a button?
एच.सी. ने उन साथी विद्यार्थियों की किस प्रकार सहायता की जिनका बटन खो (टूट) जाता था?
Answer:
Whenever some students lost a button, they would come running to HC. HC would cut a I button for them from chalk, using a blade. In this way, he helped his fellow students who could not afford to have a button missing.

Question 4.
Which rules did HC break as a school boy?
स्कूली छात्र के रूप में एच.सी. कौन-से नियम तोड़ता था?
Answer:
He broke the following rules as a school boy:
(а) He would get holdrof examination papers and study it.
(b) He would copy in tests.
(c) He would go out in rain.
(d) He would bring cinema tickets for fellow students and dine at their cost.
(e) He took pleasure in funny pranks and distractions.
(f) He planned strategies as a gang leader.
(g) He became a street Romeo.

Question 5.
(i) What is HC’s definition of mathematics?
एच.सी. की गणित की क्या परिभाषा है?
(ii) How would you want to define mathematics? Do you like the subject?
आप गणित की परिभाषा कैसे देना चाहेंगे? क्या आपको यह विषय पसंद है?
Answer:
(i) Putting designs, constructions, psychology and sociology together and making a sketch from all that is HC’s definition of mathematics.
(ii) I would like to define mathematics as the science of numbers, quantity and space. Arithmetic, algebra, geometry and trigonometry are some of its branches. I like most the mathemetics.

Exercises

Answer the following questions:

Question 1.
Is it likely that someone who is original and intelligent does not do very well at school? Should such a learner be called a failure? If not, why riot?
क्या ऐसा है कि कोई मौलिक और बुद्धिमान बालक स्कूल में अच्छा नहीं हो? क्या इस प्रकार के प्रशिक्षु (शिक्षा प्राप्त करने वाले) को निष्फल कहा जाना चाहिए? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
Answer:
Yes, it is likely that someone who is original and intelligent does not do very well at school. There is no application of mind in the school teaching. The teaching is conventional and is meant for medium students. Such a learner should not be called a failure. He can pick up the things if the urge to learn is created in them. Those who are dullards at school sometimes turn topper when they grow up. Their talent should be utilised in a constructive way.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 4 The Treasure Within

Question 2.
Who, in your view, is an ‘unusual’ learner?
आपके विचार में किसे ‘असाधारण’ प्रशिक्षु कहना चाहिए?
Answer:
A different learner is an unusual learner. Such a learner is a potential achiever. He fails in academics but tops in extra activities. He remains a laggard because he neglects his studies. The unusual learner leaves others behind when somebody sets him on the right path.

Question 3.
What can schools do to draw out the best in unusual learners? Suggest whatever seems reasonable to you.
असाधारण सीखने वालों में अच्छे गुणों को विकसित करने के लिए स्कूल क्या कर सकते हैं? जो आप को तर्कसंगत लगता हो उसका सुझाव दें।
Answer:
Unusual learners require unusual environment. They should be urged to participate in debates, competitions and tournaments. Their likes and tastes should be assessed. The counsellor should handle him in proper way. He should be encouraged to do the activities of his choice. Their talents should not be curbed. He should be allowed to read the books of his taste. The treasure within him should be brought to light and made to shine.

Think it Over

  • The only disability in life is a bad attitude.
  • Cooperation is doing with a smile what one anyhow has to do.
  • जीवन में केवल अक्षमता एक बुरा दृष्टिकोण है।
  • जिसे हमें करना ही है, उसे मुस्कुरा कर करना सहकारिता कहलाती है।

Hafeez Contractor – A Profile

Hafeez Contractor was bom in 1950. He did Answer:Yes, it is likely that1 someone who is his Graduate Diploma in architecture from Mumbai in 1975 and completed his graduation from Columbia University, New York (USA) on a Tata Scholarship. Hafeez Contractor commenced his career in 1968 with T. Khareghat as an apprentice architect and in 1977 he became the associate partner in the same firm. Between 1977 and 1980 Hafeez was a visiting faculty at the Academy of Architecture, Mumbai. He is a member of the Bombay Heritage Committee and New Delhi Lutyens Bungalow Zone Review Committee.

His practice had modest beginnings in 1982 with a staff of two. Today the firm has over 350 employees including senior associates, architects, interior designers, draftsmen, civil engineering team and architectural support staff. The firm has conceptualised, designed and executed a wide range of architectural projects like bungalows, residential developments, hospitals, hotels, corporate offices, banking and
financial institutions, commercial complexes, shopping malls, educational institutions, recreational and sports facilities, townships, airports, railway stations, urban planning and -civic redevelopment projects.

Advanced Personalised Learning – A panel of experts from round the world has identified 14 grand! challenges for engineering that, if met, may significantly improve the quality of life on Eaifth. The US National Academy of Engineering (NAE) has revealed that the Panel’s choices fall into four themes-sustainability, health, reducing vulnerability and joy of living.

One of the fourteen challenges is Advanced Personalised Learning, whereby instruction can be individualised based on~learning styles, speeds and interests to make learning more reliable. (from a reqent newspaper report)

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 4 The Treasure Within

HBSE 8th Class English Solutions The Treasure Within Important Questions and Answers

Question 1.
How was Hafeez Contractor an unhappy school boy?
हफीज़ कांट्रेक्टर, स्कूली समय में नाखुश लड़का क्यों था?
Answer:
Hafeez Contractor lost interest in studies when he was in third standard. He copied in the tests. He did badly at school. His teachers pulled him up and caned him every week. It made him an unhappy school boy.

Question 2.
How did Hafeez annoy his teachers?
हफीज़ अपने अध्यापकों को कैसे नाराज करता था?
Answer:
Hafeez did not do his homework. He never learnt his lesson. He behaved badly with other boys in the class. In this way, he annoyed his teachers.

Question 3.
How did Hafeez feel when he was pulled up?
जब हफीज़ को दंड मिलता था तो उसे कैसा महसूस होता था?
Answer:
Hafeez used to do badly at school. His teacher, used to pull him up. He was a true sportsman. He never felt anything oh being pulled up. He just lifted up hishands and received / the cuts of the cane. It would badly hurt him but he soon forgot it.

Question 4.
What did Hafeez do as a gang leader?
दल के नेता के रूप में हफीज़ ने क्या किया?
Answer:
Hafeez used to be the leader of a gang. They had gang fights. Hafeez used to plan strategies. He felt more interested iA them than in academics.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 4 The Treasure Within

Question 5.
From whom did Hafeez learn French?
हफीज़ ने फ्रेंच किससे सीखी?
Answer:
Hafeez learnt French from his cousin. She was an architect’s wife. He used to go to the architect’s office to learn French.

Question 6.
What surprised the husband of Hafeez’s cousin?
हफीज़ की चचेरी बहन के पति को किस बात ने चकित किया?
Answer:
The husband of Hafeez’s cousin was an architect. Hafeez saw somebody drawing a Window detail wrongly He had a bet with Hafeez but lost it. It surprised the husband of Hafeez’s cousin.

Question 7.
What did the husband of Hafeez’s cousin ask hint to dhnr and to what result?
हफीज़ की चचेरी बहन के पति ने उसे क्या चित्रित करने के लिए कहा और उसका क्या परिणाम हुआ?
Answer:
The husband of Hafeez’s cousin asked him to draw a few specific things. Hafeez did it immediately. Then he asked him to design a house. Hafeez designed the house also. It impressed him a great deal.

Question 8.
What dijd the Principal of the college of architecture tell Hafeez?
वास्तुशिल्प कॉलेज के प्रधानाचार्य ने हफीज़ को क्या बताया?
Answer:
The Principal of the college of architecture at first warned Hafeez. He allowed him to appear at the entrance exams. He would be allowed to join only if he did well.

Question 9.
Who was Hafeez’s friend? How did he help him?
हफीज़ का मित्र कौन था? उसने किस प्रकार उसकी सहायता की?
Answer:
Behram Divecha was Hafeez’s fiiend. They had competition with each other for designing different things \ It created a healthy and sportsman’s spirit in him.

Question 10.
How did Hafeez remember his teacher Mrs. Gupta?
हफीज़ ने श्रीमती गुप्ता को किस प्रकार याद रखा?
Answer:
Mrs. Gupta had blessed Hafeez to become an architect when he grew up. He considered it as her favour since it proved right. Therefore he went to meet her and give her the good information. In this way he remembered her.

Question 11.
How can you say that Hafeez was not interested in studies? sir?
आप कैसे कह सकते हैं कि हफीज़ पढ़ाई में रुचि नहीं लेता था?
Answer:
Hafeez was bad in languages and maths. He was studying only for the sake of studying. He did not apply his mind to studies. Whatever was taught to him, he forgot after two days. He only copied down his homework and the tests.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 4 The Treasure Within

Question 12.
How does Hafeez describe the hostel life?
हफीज़, छात्रावास के जीवन का कैसे वर्णन करता है?
Answer:
Life in a boarding school was very difficult. They were just living without any charm. Discipline was quite important there. The students had to wear neat uniform till late at night. They were allowed to go to the town on Saturdays. They had become street smarts.

The Treasure Within Summary in English

This lesson is in the form of an interview. Ms Bela Raja asks many questions and Hafeez Contractor answers them.

I
Hafeez used to have nightmares about appearing for a maths examination. He was quite nil in maths. He was a good student in the first and second year. Then he lost interest in studies and he never studied. He used to be interested in games and other silly things. He would copy in class during exam times. He got hold of examination papers and study them. He was unable to remember things taught in school.

Hafeez approached his 11th standard. His Principal advised him to study hard. He should no longer be a burden on his mother. The Principal’s advice had a magical effect on him. He started studying hard. He got second class in his SSC. Me read the books as a photograph.

Hafeez used to receive weekly caning at school. He never did his homework and misbehaved with others. He forgot the punishment and busied himself in playing, funny pranks and creating distractions. He used to play chor police. He purchased film tickets for his fellow students every Saturday. He dined at their cost on Saturdays.

Hafeez played the role of a gang leader also and planned strategies. He read only one day before exams.

II

Hafeez was not allowed to join Army or Police force. His mother advised him to do his graduation. He went to Jaihind College in Bombay. He had studied French but had not learnt any word of it. Therefore, he took German. Unluckily, his German teacher died. Again he was compelled to read French. He learnt French from his cousin. She was an architect’s wife. He used to go to an architect’s office to learn French. There he saw somebody drawing a window detail wrongly. His cousin’s husband asked him to draw a few specific things and design a house. He did it easily and immediately. He advised him to join architecture.

The Principal of the college allowed him to appear at the entrance exams. He got an ‘A+’in it. He got the admission. Since then he used to stand first class first throughout. He had competition in designing with his friend Behram Divecha. He remembers his teacher Mrs. Gupta who taught him in 2nd or 3rd standard. On seeing his sketches, she had predicted that he could be an eminent architect. He went to meet her when he became an architect. He had no interest in studies because there was no application of mind there.

Hafeez disliked living in a hostel. He used to copy at tests. In his later life, he learnt more by doing than from academics. He did not follow any rules. He used to help other students in their personal problems.

Hafeez became a successful architect. He could judge from the client’s face what type of structure he wanted. He sketches quite easily. He hated maths in the beginning but loved it most in the end.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 4 The Treasure Within

The Treasure Within Summary in Hindi

यह पाठ एक साक्षात्कार के रूप में है। कुमारी बेला राजा बहुत से प्रश्न पूछती है और हफीज़ कांट्रेक्टर उनका उत्तर देता है।

गणित की परीक्षा में बैठने में हफीज़ को दुःस्वप्न आया करते थे। वह गणित में बिल्कुल शून्य था। प्रथम 4: द्वितीय श्रेणी में वह अच्छा विद्यार्थी था। फिर पढ़ाई में उसकी रुचि समाप्त हो गई और वह कभी नहीं पड़ा। वह खेलों तथा अन्य मूर्खतापूर्ण कार्यों में रुचि लेता था। परीक्षा के समय वह कक्षा में नकल किया करता था। वह परीक्षा के प्रश्नपत्रों को हथिया लिया करता था और उन्हें पढ़ लेता था। स्कूल में पढ़ाई जाने वाली बातों को याद करने में वह असमर्थ था।

हफीज़ ग्यारहवीं श्रेणी में पहुंच गया। उसके प्रधानाचार्य ने उसे गहन अध्ययन करने का उपदेश दिया। उसे अपनी माँ पर बोझ नहीं बना रहना चाहिए। प्रधानाचार्य के उपदेश का उसके ऊपर जादुई प्रभाव पड़ा। उसने गहन अध्ययन करना प्रारंभ कर दिया। वह एस.एस.सी. में द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुआ। वह पुस्तकों को फोटो की भांति पढ़ता था।

हफीज़ की प्रत्येक सप्ताह, स्कूल में बेंतों से पिटाई हुआ करती थी। वह कभी भी अपना गृहकार्य नहीं करता था और दूसरों के साथ दुर्व्यवहार किया करता था। वह दण्ड को भूल जाता था और खेलों, मजाकिया अठखेलियों और खुराफातों में जुट जाता था। वह चोर-पुलिस खेला करता था। प्रत्येक शनिवार को वह अपने साथी विद्यार्थियों के लिए फिल्म की टिकट खरीदा करता था। वह शनिवार को उन्हीं के खर्च पर भोजन किया करता था।..

हफीज़ दल नायक की भूमिका भी निभाता था और युद्धनीति तैयार करता था। वह केवल परीक्षा के पहले दिन ही पढ़ा करता था।

II

हफीज़ को सेना में या पुलिस बल में भर्ती होने की अनुमति नहीं मिली। उसकी माँ ने उसे नसीहत दी कि वह स्नातक की डिग्री ले। वह बम्बई में जयहिन्द कॉलेज में चला गया। उसने फ्रेंच पड़ी थी परन्तु उसका एक अक्षर भी नहीं सीखा था। इसलिए, उसने

जर्मन भाषा ले ली। दुर्भाग्यवश, उसके जर्मन के अध्यापक की मृत्यु हो गई। उसे दोबारा फ्रेंच पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। उसने फ्रेंच, अपनी चचेरी बहन से सीखी थी। वह एक वास्तुशिल्पी की पत्नी थी। वह फ्रेंच सीखने के लिए वास्तुशिल्पी के दफ्तर में जाया करता था। वहाँ उसने एक व्यक्ति को एक खिड़की का ढाँचा गलत चित्रित करते हुए देखा। उसकी चचेरी बहन के पति ने उसे कुछ विशिष्ट चीजें चित्रित करने और एक घर का रेखाचित्र (डिजाइन) बनाने के लिए कहा। उसने उसे सुगमतापूर्वक और तत्काल बना दिया। उसने उसे सुझाव दिया कि वास्तुशिल्प में प्रवेश ले ले।

कॉलेज के प्रधानाचार्य ने उसे प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी। उसने उसमें ‘A+’ प्राप्त किया। उसे प्रवेश मिल गया। तब से वह सदा प्रथम श्रेणी में सर्वप्रथम आता रहा। वह अपने मित्र बेहरम दिवेचा के साथ डिजाइनिंग में मुकाबला किया करता था। वह अपनी अध्यापिका श्रीमती गुप्ता को याद करता है जो उसे दूसरी या तीसरी श्रेणी में पढ़ाया करती थी। उसके रेखाचित्रों (स्कैचों) को देख कर उसने पूर्वघोषणा की थी कि वह एक विख्यात वास्तुशिल्पी बन जाएगा। वास्तुशिल्पी बनने के पश्चात् वह उनसे मिलने गया। उसकी अध्ययन के प्रति रुचि नहीं थी क्योंकि उसमें दिमाग का प्रयोग नहीं किया जाता था।

हफीज़ को छात्रावास में रहना पसंद नहीं था। वह परीक्षाओं में नकल कर लिया करता था। बाद के अपने जीवन में उसने शैक्षिक सामग्री से अधिक अभ्यास से सीखा। वह किसी नियम का पालन नहीं करता था। अन्य छात्रों की व्यक्तिगत समस्याओं में वह उनकी सहायता किया करता था।

हफीज़ एक सफल वास्तुशिल्पी बन गया। वह ग्राहक के चेहरे (की आकृति) से निर्णय कर लेता था कि वह किस प्रकार का भवन-निर्माण चाहता है। वह बड़ी सुगमता से खाका बना लेता है। वह प्रारंभ में गणित से घृणा करता था परन्तु अन्त में उसे सर्वाधिक प्यार करने लगा।

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 4 The Treasure Within Read More »

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 5 Princess September

Haryana State Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 5 Princess September Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 5 Princess September

HBSE 8th Class English Princess September Textbook Questions and Answers

Comprehension Check – I

Princess September Question Answer HBSE 8th Class Question 1.
How many daughters did the royal couple have?
शाही युगल (राजा तथा रानी) की कितनी बेटियाँ थीं?
Answer:
The royal couple had nine daughters.

Chapter 5 Princess September Question Answer HBSE Question 2.
Why were they named after the months of the year?
उनके नाम वर्ष के महीनों के नाम पर क्यों रख गए थे?
Answer:
They were named after months of the year because there were nine in all and the queen had expressed her inability to remember their names. Moreover, the names of months can be easily expressed by everybody.

Princess September Question Answer Class 8 HBSE Question 3.
The king had a peculiar habit. What was it? Why is it called peculiar?
राजा की एक विचित्र आदत थी। वह क्या थी? इसे विचित्र क्यों कहा गया है?
Answer:
The King had a strange habit of giving gifts to the people who came to congratulate him on his birthday. This habit is called peculiar because generally people bring gifts in place of receiving on birthdays.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 5 Princess September

The Princess September Question Answer HBSE 8th Class Question 4.
(i) What was Princess September’s reaction to the loss of her parrot?
राजकुमारी सेप्टेम्बर की तोते के मर जाने पर क्या प्रतिक्रिया थी?
Answer:
Princess September was shocked to find her parrot lying dead. She didn’t touch anything to eat. She went to bed without supper.

(ii) What was her mother’s reaction to it?
इस पर उसकी माँ की प्रतिक्रिया क्या थी?
Answer:
The Queen’s reaction was indifferent. “It is stuff and nonsense. The child had better go to bed without supper.” She was neither happy nor sad.

(iii) What do the reactions indicate about the nature and temperament of each?
प्रत्येक के स्वभाव तथा व्यवहार के प्रति ये प्रतिक्रियाएँ क्या संकेत देती हैं?
Answer:
The reactions show that Princess September loved birds with intense depth. She burst into tears to see her parrot lying dead. However, her mother’s reaction was not so. She did not express the least sorrow or any feeling of “loss of” it. She called it non-sense to weep at a mere bird’s death. She was hard-hearted.

Class 8 Chapter 5 Princess September Question Answer HBSE Question 5.
What pulled the Princess out of her gloom?
राजकुमारी ने उदासी से कैसे छुटकारा पाया?
Answer:
The Princess September had received a great shock at the parrot’s death. She swooned. When she came to senses she found a little bird flying about in her room and singing. On hearing its song her gloom (sadness) vanished. So it was the little sweet singing bird that pulled the Princess out of her gloom.

Princess September Solutions HBSE 8th Class Question 6.
How did the Maids of Honour come to know that the Princess and the bird had become intimate friends?
राजकुमारी की नौकरानियों को कैसे ज्ञात हुआ कि राजकुमारी और पक्षी घनिष्ठ मित्र बन गए हैं?
Answer:
The Maids of Honour advised Princess September to get a new parrot from the market and put it in a cage but she did not accept this advice. She’tiked the new bird and the bird also sang sweet songs for her. When the bird had gone out to his father-in-law’s house, she felt very sad. But when he came back she welcomed him. She even freed him from the cage as she loved him. So, it is clear that Princess September and the new birds had become intimate friends forever.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 5 Princess September

Class 8 Chapter Princess September Question Answer HBSE Question 7.
The new bird was full of new songs but the old parrots always repeated themselves. What did they say?
नया पक्षी नए-नए गीतों से भरपूर था परंतु पुराने तोते सदा अपने को दोहराते रहते थे। वे क्या कहते थे?
Answer:
The new bird sang different songs of the king’s lake and goldfish etc. but the old parrots sang the same song “God save the king” and “Pretty Polly” again and again though in seven Asian languages.

Class 8 English Chapter 5 Princess September Question Answer HBSE Question 8.
What is the king’s opinion about his councillors? Why did he form that opinion?
राजा की अपने दरबारियों के प्रति क्या राय थी? यह राय उसने क्यों बनाई?
Answer:
The king had got tired of the same song “God save the king” being sung again and again because it reminded him too^much of his councillors. Perhaps he felt that song prayed to God to save the king smelt some danger for the king. Moreover, he felt fyored to hear of the councillors.

Princess September Class 8 Question Answer HBSE Question 9.
(i) The eight princesses made an offer to Princess September. What was it?
आठ राजकुमारियों ने राजकुमारी सेप्टेम्बर के सामने एक प्रस्ताव रखा। यह प्रस्ताव क्या था?
Answer:
They offered that they were ready to buy a red and yellow parrot with their own money collected among themselves. However, Princess September rejected their offer.

(ii) Why, in your view, did they do it?
तुम्हारे विचार में, उन्होंने यह क्यों किया?
Answer:
In my opinion, they were jealous of the new bird. They didn’t want she should have that because it was a good bird.

Princess September Summary HBSE 8th Class Question 10.
What did the sisters advise the Princess to do about her bird?
बहनों ने राजकुमारी को अपने पक्षी के प्रति क्या परामर्श दिया?
Answer:
They wanted that Princess September should put her new bird in the cage and not let him fly in freedom.

Comprehension Check – II

Class 8 Princess September Question Answer HBSE Question 1.
Under the circumstances it was a very unfortunate remark for the bird to make. Elaborate the italicised parts of the above sentence.
परिस्थितियों के अनुसार तो पक्षी के लिए यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात कही गई थी। वाक्य के इटैलिक भाग का अर्थ समझाओ।
Answer:
I think the little bird should not have madte these remarks. He was not bound under any circumstances to come back. It was not possible for him to come back to Princess September. Yet he came ignoring the party his father-in-law was giving. The new bird wanted to show his importance to the Princess.

Question 2.
(i) What did Princess September do to ensure the safety of her pet?
राजकुमारी ने अपने पालतू पक्षी की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए क्या किया?
Answer:
Princess September put the bird in a golden cage. She told him that there was danger of cats to him at night. Her mamma had told of this danger to her.

(ii) How did the bird react to it?
पक्षी ने इसके प्रति अपनी प्रतिक्रिया कैसे दिखाई?
Answer:
Bird reacted to it sharply. He didn’t want to be in prison (cage). He wanted full freedom.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 5 Princess September

Question 3.
Why did the bird refuse to be taken out in her cage?
पक्षी ने अपने आपको पिंजरे में बाहर ले जाए जाने से इंकार क्यों किया?
Answer:
The bird refused to be taken out in the cage because he did not want to be a prisoner. He wanted freedom. A free bird sings freely and enjoys the freedom.

Question 4.
(i) What persuades Princess September to give the bird his freedom again?
किस बात ने राजकुमारी सेप्टेम्बर को अपने पक्षी के लिए पुनः स्वतंत्रता प्रदान करने हेतु प्रेरित किया?
Answer:
The Princess found the bird nearly dead in the next morning. He had stopped taking anything. He had stopped singing at all. Compelled by the circumstances she had to give the bird his freedom. So she let him go out of the cage.

(ii) How did the bird react to it?
पक्षी ने इसकी प्रतिक्रिया कैसे दिखाई?
Answer:
The bird was filled with joy. He flew away to the far lands promising that he would come back and sing for her whenever she wanted.

Question 5.
Princess September kept her window open day and night.
(i) How did it help the bird?
(ii) How did it help the Princess herself?
राजकुमारी अपनी खिड़की दिन-रात खुली रखती थी।
(i) इससे पक्षी को क्या सहायता मिलती थी?
(ii) इससे स्वयं राजकुमारी को क्या लाभ होता था?
Answer:
Keeping the window open, would help the bird because he could enter September’s room freely and go away when he wanted. The Princess grew beautiful because of the open window because she could enjoy its company and the sunhght whenever she desired. Both the bird and the Princess, lived happily together with this arrangement.

Question 6.
The eight sisters kept their windows shut. How did it affect them?
आठों बहनें अपनी खिड़कियाँ बंद रखती थीं। इसका उन पर क्या प्रभाव पड़ा?
Answer:
The eight sisters kept their windows shut off. So, they did not get the fresh air and music of the freely singing bird. After some time, they grew ugly.

Exercise

Discuss the following questions in small groups. Write their answers later:

Question 1.
Are the sisters unkind and cruel to the new bird? Find evidence in the text to support your idea.
क्या तुम्हारी दृष्टि में बहनें दयाहीन तथा अत्याचारी हैं? अपने इस विचार के समर्थन में पुस्तक में से प्रमाण दीजिए।
Answer:
Yes, the sisters are unkind and cruel to the new bird. They advised their sister, Princess September, to put him in a cage. When the bird was put into, the cage, he resisted. The eight Princesses didn’t mind if the bird died in the cage.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 5 Princess September

Question 2.
Which, to you, is the most important idea in this story, and why?
(i) importance of music
(ii) value of freedom
(iii) beauty of nature
तुम्हारी दृष्टि में इस कहानी का सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण दृष्टिकोण क्या है और क्यों?
(क) संगीत का महत्त्व
(ख) स्वतंत्रता का मूल्य
(ग) प्रकृति का सौंदर्य
Answer:
The value of freedom. Freedom is a basic need of all living beings.

Think it over

  • There are two ways to study butterflies: chase them with pets then inspect their dead bodies, or sit quietly in a garden and watch them dance among the flowers.
  • Freedom practises its own logic. It puts a bouquet of rights in your rigfcihaad and a basket of duties in your left hand:. This is merely to help you walk straight.
  • To be free is to be disciplined. Who knew it better than a young enthusiast walking down the road swinging his arms wildly. When he accidentally hit an old gentleman on the tip of his nose, the man asked “What do you think you are doing?” “I’m sorry”, said the enthusiast, “but it’s a free country. I am swinging my arms.”
  • “Remember,” advised the old man, “your freedom ends where my nose begins.”
    जरा सोचिए
  • तितलियों का अध्ययन करने के लिए दो विधियाँ होती हैं-जाल लेकर उनका पीछा करना और फिर उनके मृत शरीरों का निरीक्षण करना अथवा उद्यान में मौन होकर बैठ जाना और उनको फलों के बीच नाचता हुआ देखने का आनन्द लेना।
  • स्वतंत्रता अपने तर्क का अभ्यास स्वयं करती है। यह तुम्हारे दाएँ ओर अधिकारों का गुलदस्ता पकड़ाती है और बाएँ ओर कर्त्तव्य की टोकरी। ऐसा केवल इसलिए होता है ताकि तुम्हें सीधा चलने में सुविधा हो।
    • स्वतंत्र रहना अनुशासित रहने के समान है। उस उत्साही युवक की अपेक्षा इस बात को और कौन जानता था जो मस्ती में अपनी बाहें सड़क पर झुलाते हुए चलता जा रहा था जब उसने एक वृद्ध व्यक्ति की नाक पर अनजाने में मारा। उस व्यक्ति ने कहा, “और तुम अपने विचार से तुम क्या कर रहे हो?” “मुझे खेद है,” उत्साही ने उत्तर दिया, “परंतु यह एक स्वतंत्र देश है। मैं अपनी बाहें झला रहा हूँ।” “याद रखो,” वृद्ध ने उत्तर दिया, “तुम्हारी स्वतंत्रता वहाँ समाप्त होती है जहाँ मेरी नाक आरंभ होती है।”

HBSE 8th Class English Solutions Princess September Textbook Questions and Answers

I

Question 1.
Why did the Queen feel confused?
रानी क्यों हड़बड़ा जाती थी?
Answer:
The Queen felt confused over so many names of her so many daughters.

Question 2.
What solution did she find in order to relieve herself of this problem?
उसने इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए क्या समाधान निकाला?
Answer:
It was the king who found out the solution. He decided to call them January, February and so on in Siamese. The youngest daughter was named September.

Question 3.
What happened when the Princess lay in her bed, crying?
जब राजकुमारी अपने बिस्तर में पड़ी चिल्ला रही थी, तो क्या घटित हुआ?
Answer:
When the Princess lay in her bed, hungry and crying, a little bird ‘lew down into her room. She sat up. She felt happy when the bird started singing a beautiful song about lake and garden, etc.

Question 4.
What was Princess September’s reaction to the bird’s offer?
राजकुमारी सेप्टेम्बर की पक्षी के प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया हुई?
Answer:
The new little bird’s offer made the Princess September’s heart dance with joy. At this, the bird began to sing in order to make her sleep.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 5 Princess September

Question 5.
What did Princess September serve the little bird with?
राजकुमारी सेप्टेम्बर ने पक्षी को क्या खिलाया?
Answer:
The Princess served the bird with nice rice out of her own hand. He had his bath in the saucer.

Question 6.
Where did the Princess ask the new bird to sit?
राजकुमारी ने नए पक्षी को कहाँ बैठने के लिए कहा?
Answer:
The Princess stretched out the first finger of her right hand so that it served as a seat for the bird to sit. The little bird at once jumped and occupied his seat on it.

Question 7.
How does the king feel about the song sung by the old parrot?
राजा पुराने तोते द्वारा गाए गए गीत के प्रति क्या अनुभव करता है?
Answer:
The king never minds how often he had to hear it but he does get tired to hearing those parrots sing “Pretty Polly”.

Question 8.
Why did the eight Princesses sit together?
आठ राजकुमारियाँ क्यों मिलकर बैठती थीं?
Answer:
The eight Princesses sat together to discuss how to solve the problem of Princess September to keep a new pet.

Question 9.
Where had the little bird gone? How do you know?
छोटा पक्षी कहाँ गया था? तुम कैसे जानते हो?
Answer:
The new little bird had gone to his father-in-law. We come to know of this when he comes back to the Princess’s room.

II

Question 1.
What fears surrounded Princess September in the absence of the new little bird?
छोटे पक्षी की अनुपस्थिति में राजकुमारी कौन-कौन से भय से घिर गई थी?
Answer:
When the new little bird was absent in the Princess’s room she felt very gloomy. Many fears such as attacks of hawks, traps of hunters, the birds’ forgetfulness or his attraction to someone else surrounded her.

Question 2.
Why did the new little bird enter her room quietly?
नये छोटे पक्षी ने उसके कमरे में क्यों चुपके से प्रवेश किया?
Answer:
The new little bird wanted to give her a surprise. So he entered suddenly and quietly. It shows he loved her very much.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 5 Princess September

Question 3.
What reason did the bird give to the Princess for being absent for a long time? vfa TO FFT SFjqftsiF TF^ ^ 3
एक लंबे समय तक अनुपस्थित रहने के पीछे पक्षी ने राजकुमारी को कौन-सा कारण बताया?
Answer:
He replied that he had gone to his father-in-law. He was not to return that day as his father-in-law was giving a party. They all wanted him to stay, but as he felt she would be sad without her, he had decided to come back to her.

Question 4.
Was she telling him the truth when she said about cats?
जब उसने बिल्लियों के प्रति कहा, तो क्या वह सत्य था?
Answer:
No, she was not. In fact, she acted upon her sisters’ suggestion. Moreover as she loved him very much, she didn’t want to be separated from him even for a moment.

Question 5.
Describe the actual feelings of the new little bird when she told him that she was serious about her action.
नए छोटे पक्षी की वास्तविक भावनाओं का वर्णन करो जब राजकुमारी ने उससे कहा कि वह अपनी कार्यवाही के प्रति गंभीर है।
Answer:
The new little bird stopped in the middle of his room after supper. He didn’t feel like singing. Feeling restless and irritated, he persisted to let him out of the cage. He tried to force out of the bars of the cage but in vain. He then forced the door to open it but failed. As a matter of fact, he wanted freedom which is the basic need of every living being, may be a bird, an animal or a human being.

Question 6.
How did the Princesses react to her action?
राजकुमारियों ने उस (राजकुमारी सेप्टेम्बर की) कार्यवाही पर क्या प्रतिक्रिया दिखाई?
Answer:
The Princesses praised her action. In their view, the bird would soon get used to the cage. After sometime, he would forget his freedom.

Question 7.
What did the Princess find the next day when she looked into the cage?
जब राजकुमारी ने पिंजरे में अगले दिन देखा तो उसने क्या पाया?
Answer:
She found the bird lying senseless in the cage. She cried and she opened the door and lifted him out but soon she felt relief to find that the bird was breathing still.

Question 8.
What did the bird say when he came to senses?
जब पक्षी सचेत हुआ तो उसने क्या कहा?
Answer:
When the bird opened his eyes, he saw no bars of cage round him. The very first words he expressed were: “/ cannot sing unless I’am free and if I cannot sing, I die.”

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 5 Princess September

Question 9.
What was her sisters’ reaction at the bird’s going off?
पक्षी के भाग जाने पर उसकी बहनों की क्या प्रतिक्रिया थी?
Answer:
The eight sisters said that the bird would never return.

Question 10.
Did the bird ever return?
क्या पक्षी कभी वापस आया?
Answer:
Yes, the bird returned at last. He flew up and down and sat on September’s shoulder and ate out of her hand. He sang her a beautiful song. She kept her window open day and night so that he might come to her whenever he liked. Both became happy and she became very beautiful.

Question 11.
What happened to her when she was old enough?
जब वह काफी बड़ी हो गई तो उसके साथ क्या हुआ?
Answer:
When she was old enough she was married to the King of Cambodia. She was made to sit on white elephant and taken through the streets of the city.

Question 12.
What happened to her sisters?
उसकी बहनों को क्या हुआ?
Answer:
Her sisters kept their windows closed. They became ugly as well as quarrelsome.

Question 13.
What happened to the sisters when they grew old?
जब उसकी बहनें बड़ी हो गईं तो उनका क्या हुआ?
Answer:
The sisters were married to the king’s councillors with a pound of tea and a Siamese cat.

Princess September Summary in English

A King and a Queen had many daughters. As the Queen could not remember so riiany names, the king named them after the names of months, i.e. January, February, March and so on. September was the youngest of all of them. Once the King gifted them with a green parrot on his birthday. But it lived for a few months and died. There was sorrow all round. Princess September was the most sorrowful. She wept bitterly. She did not take supper and went to bed. Tile Maids of Honour went to party and left her alone. Suddenly the Princess September saw a bird coming into her room. It began to sing a sweet song. She sat up and felt happy.

It bowed before her. She clapped with joy. It then sang her to sleep. The next day, the little bird was there. She jumped in Relight. The bird promised to remain with-her and ijjing for her whenever she wanted. She then showed it to her eight sisters, the King aftd the Queen. They felt very happy but her sisters felt jealous. They suggested to buy a bird from the market because it would sing every time for her. But she didn’t agree. One day, the bird went away. Princess September felt very sad. The Eight Princesses told her he wouldn’t come back. However, the bird came back. It had gone to its father-in-law’s house. The Princess September put it in a golden cage at once. The bird cried, “I can’t remain in cage, I wouldn’t be able to sing. I want freedom, freedom, freedom,” but the Princess September didn’t free it. The bird stopped eating everything. The next morning, the bird was found unconscious. The Princess released the bird at once lest it should die. The bird came to senses and flew about her. It started singing. She promised it never to put it in the cage again. It flew above joyfully.

Now the bird used to come to the Princess whenever she wanted it to sing for her. Both lived happily together.

At last she was married to the King of Cambodia. She was taken in a procession and welcomed by the people. However, her sisters had become ugly; their father married them to their councillors with a pound of tea and a Siamese cat.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 5 Princess September

Princess September Summary in Hindi

एक राजा और रानी की बहुत सी बेटियाँ थीं। चूंकि रानी को इतने अधिक नाम याद नहीं रहते थे, राजा ने उनके नाम महीनों । के नाम पर रख दिए जैसे जनवरी, फरवरी, मार्च इत्यादि…. सेप्टेम्बर सबसे छोटी बेटी थी। राजा की एक अजीब आदत थी। अपने जन्मदिन पर वह उपहार लेने की बजाय देता था। एक बार अपने जन्मदिन पर उसने अपनी प्रत्येक बेटी को एक-एक हरा तोता सोने के पिंजरे में डालकर दिया। दुर्भाग्य से सेप्टेम्बर का तोता कुछ दिनों के पश्चात् स्वर्ग सिधार गया। उसने उसे प्रातः उठते ही मरा हुआ पाया। वह बहुत रोई। रोते-रोते वह सो ही गई। जब उसकी नींद खुली उसने एक पक्षी को अपने कमरे में कूदता हुआ देखा। वह एक मधुर गीत भी गा रहा था। राजकुमारी सेप्टेम्बर के मन में शांति आ गई। वह उस नए पक्षी को देखकर प्रसन्न हो गई। उसने ताली बजाई। पक्षी उसके साथ उड़कर गाना भी गाने लगा। गीत सुनकर राजकुमारी सो गई। प्रात: उठी तो उसने देखा वह वहीं था। पक्षी ने उसे प्रणाम किया। उसने उसके पास रहने का वचन दिया। वह प्रसन्न हो गई।

अब राजकुमारी सेप्टेम्बर ने अपना नया पक्षी अपनी बहनों को दिखाया। राजा और रानी ने भी उसे देखा। वे उसे देखकर चकित व प्रसन्न हुए। परन्तु उसकी बहनों के मन में ईर्ष्या पैदा हो गई। एक बार वह पक्षी कहीं चला गया। राजकुमारी सेप्टेम्बर दु:खी हो गई। उसकी बहनों ने उससे कहा, “इससे अच्छा है तुम्हें हम बाजार से एक तोता लाकर देती हैं। यह पिंजरे में भी रहेगा और जो चाहोगी, गाएगा।” परंतु राजकुमारी सेप्टेम्बर न मानी, “मेरा नया पक्षी अपने ससुर के पास गया है। वह आएगा और मेरे पास रहेगा,” राजकुमारी ने कहा।

उसी दिन नया पक्षी वापस आ गया। राजकुमारी ने बहनों के परामर्श पर उसे सोने के पिंजरे में बंद कर दिया। पक्षी चिल्लाया, “टॉय-टाँय, मैं स्वतंत्र रहूँगा, मैं पिंजरे में बंद रहकर नहीं गा सकता।” परंतु राजकुमारी ने उसे रातभर बंद रखा, उसने नहीं गाया। प्रातः उठकर देखा तो वह अचेत था। वह घबरा गई। उसने शीघ्र उसे बाहर निकाला। बाहर की पवन लगते ही, पक्षी सचेत हो गया. “मैं तुम्हारे पास आता-जाता रहूँगा और जब बुलाओगी, आऊँगा, गाऊँगा।” राजकुमारी मान गई और वह दोनों मित्र बनकर आनंद से रहने लगे। राजकुमारी सेप्टेम्बर अपनी खिड़की रात-दिन खुली रखती थी ताकि वह पक्षी जब चाहे उसके कमरे में आ सके। यह उसके लिए अच्छा साबित हुआ और वह अत्यंत सुंदर होती गई। परंतु उसकी बहनें खिड़कियाँ बंद करके सोती थीं। कुछ समय के पश्चात् उनका रंग काला हो गया।

और जब राजकुमारी सेप्टेम्बर बड़ी हो गई, तब राजा ने उसका विवाह कम्बोडिया के राजा से कर दिया। उसका स्वागत हुआ। उसे रथ पर सारे नगर में घुमाया गया। उसने उचित सम्मान पाया। परंतु उसकी बहनों का विवाह राजा ने अपने दरबारियों से कर दिया। उन्हें दहेज में चाय तथा एक स्यामी बिल्ली मिली।

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 5 Princess September Read More »

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 7 When I Set Out for Lyonnesse

Haryana State Board HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 7 When I Set Out for Lyonnesse Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class English Solutions Honeydew Poem 7 When I Set Out for Lyonnesse

HBSE 8th Class English When I Set Out for Lyonnesse Textbook Questions and Answers

Working With The Poem

Lyonnesse Meaning HBSE 8th Class Question 1.
In the first stanza, find words that show :
पहले पद्यांश में, ऐसे शब्दों को ढूढों जो प्रदर्शित करते हैं :
(i) that it was very cold.
कि बहुत ठण्ड थी।
Answer:
The rime ….

(ii) that it was late evening.
कि देर शाम का समय था।
Answer:
starlight lit….

(iii) that the traveller was alone.
कि यात्री अकेला था।
Answer:
lonesomeness ….

Lyonnesse Meaning In Hindi HBSE 8th Class Question 2.
(i) Something happened at Lyonnesse. It was
ल्योनेस में कुछ हुआ था। वह था।
(a) improbable
(b) impossible
(c) unforeseeable
Answer:
Unforeseeable.

(ii) Pick out two lines from stanza-2 to justify your answer.
Answer:
“No prophet durst declare;
Nor did the wisest wizard guess”.

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 7 When I Set Out for Lyonnesse

Lyonnesse Meaning In English HBSE 8th Class Question 3.
(i) Read the line (stanza-3) that implies the following.
‘Everyone noticed something, and they made guesses, but didn’t speak a word’.
पद्यांश 3 में उस पंक्ति को पढ़ो जिसका अभिप्राय निम्नलिखित है :
‘हर किसी ने कुछ ध्यान दिया और उन्होंने अनुमान लगाया परंतु एक शब्द भी नहीं बोला।
Answer:
‘All marked with mute surmise.’

(ii) Now read the line that refers to what they noticed.
अब उस पंक्त को पढ़ों जो प्रदर्शित करती है कि उन्होने क्या ध्यान दिया।
Answer:
‘My radiance rare and fathomless.’

When I Set Out for Lyonnesse Poem Stanzas for Comprehension

Read the stanzas carefully and answer the questions that follow :

STANZA – 1

When I set out for Lyonnesse
A hundred miles away,
The rime was on the spray;
And starlight lit my lonesomeness
When I set out for Lyonnesse
Ahundred miles away.
Questions:
(i) Name the poem and the poet.
(ii) What time of the day has been mentioned here?
(iii) How is the weather?
(iv) Where did the poet go?
(v) Which word in the stanza means ‘Foliage’?
Answers:
(i) The poem is ‘When I set out for Lyonnesse,’ and the poet is ‘Thomas Hardy.
(ii) The late evening time has been mentioned here.
(iii) The weather is extreme cold as there was frost on the spray.
(iv) The poet went to Lyonnesse.
(v) Foliage – The spray.

Lyonnesse Meaning Class 8 HBSE

STANZA – 2

What would bechance at Lyonnesse
While I should sojourn there
No prophet durst declare;
Nor did the wisest wizard
What would behance at Lyonnesse
While I should sojourn there.
Questions :
(i) Name the poem.
(ii) What does the expression, ‘No prophet durst declare’ mean?
(iii) What could the wisest wizard not guess’?
(iv) Which word in the stanza means ‘to stay’?
Answers:
(i) The poem is ‘When I set out for Lyonnesse’.
(ii) The expression means that Even an inspired founder of religion could not dare to declare the consequences of the poet’s stay there at Lyonnesse.
(iii) The wisest wizard could not guess what would happen if the poet stayed there at Lyonnesse.
(iv) To stay – sojourn.

Meaning Of Lyonnesse HBSE 8th Class

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 7 When I Set Out for Lyonnesse

STANZA – 3

When I returned from Lyonnesse
With magic in my eyes,
All marked with mute surmise
My radiance rare and fathomless,
When I returned from Lyonnesse
With magic in my eyes.
Questions:
(i) Name the poet.
(ii) What happened to the poet and where?
(iii) Explain – ‘All marked with Mute surmise!
(iv) Make adjective from : radiance, magic.
Answers:
(i) The name of the poet is ‘Thomas Hardy’.
(ii) The poet had changed in his visit to Lyonnesse. He had magic in his eyes. He had rare and fathomless radiance in his face.
(iii) It means that everyone noticed something and they made guesses, but didn’t speak a word.
(iv) Radiance-radiant
Magic – magical

When I Set Out for Lyonnesse Poem Translation in Hindi

STANZA – 1

When I set out for Lyonnesse
A hundred miles away,
The rime was on the spray;
And starlight lit my lonesomeness
When I set out for Lyonnesse
A hundred miles away.

Word Meaning : Rime = Frost (3774), Spray = leaves and branches of the tree (पत्तियाँ। और टहनियाँ), Lonesomeness = to be lonely . (अकेलापन), Set out = to start for a journey (यात्रा शुरू करना)।

जब मैंने ल्योनेस की यात्रा शुरू की जो एक सौ मील की है, पत्तियों और टहनियों पर ओस थी और तारों की रोशनी मेरे अकेलेपन पर चमक रही थी। जब मैं सौ मील की दूरी वाला ल्योनेस की यात्रा पर निकला।

STANZA – 2

what would bechance at Lyonnesse
While I should sojourn there,
No prophet durst declare;
Nor did the wisest wizard guess
What would bechance at Lyonnesse
While I should sojourn there.

Word Meaning : Prophet = inspired founder of religion (पैगम्बर), Durst = Dare (साहस करना), Sojouon = to stay (ठहरना), Wizard = Magician (जादूगर)।

ल्योनेस में क्या मौका होगा यदि मैं वहाँ ठहरता हूँ। किसी पैगम्बर की घोषणा करने की हिम्मत नहीं हुई, न ही कोई जादूगर अनुमान लगा पाया कि ल्योनेस में कैसा मौका होगा यदि मैं वहाँ ठहरता हूँ।

STANZA – 3

When I returned from Lyonnesse With magic in my eyes, All marked with mute surmise My radiance rare and fathomless, When I returned from Lyonnesse With magic in my eyes.

Word Meaning : Radiance = glow (सुंदरता), Rare = vivid (अद्भुत), Fathomless = so deep that the depth can’t be measured (अंतहीन/अति गहरा)।

जब मैं ल्योनेस से आँखों में जादू के साथ वापिस आया, सभी मेरे अद्भुत और अति गहरे तेज के मूक, आश्चर्यचकित दर्शक दिखाए दिए। जब मैं ल्योनेस से अपनी आँखों में जादू लेकर लौटा।

When I Set Out for Lyonnesse Poem Summary in English

The poet happens to visit a place. He is greatly inspired by the beauty of the place and calls it ‘Lyonnesse’. He goes to visit the parish to supervise the restoration of a church actually. But the beauty of the place gives glow to his eyes. He finds the frost over the foliage. He returns with a magic in his eyes from Lyonnesse.

When I Set Out for Lyonnesse Poem Summary in Hindi

कवि एक स्थान की यात्रा पर जाता है। वह स्थान की सुंदरता से अति प्रभावित होता है तथा उसे ‘ल्योनेस’ पुकारता है। वास्तव में, वह एक चर्च के पुनः निर्माण कार्य की परिवीक्षा करने के लिए एक उपक्षेत्र में जाता है। लेकिन उस स्थान की सुंदरता उसकी आँखों में चमक देती है। उसे टहनियों और पत्तियों पर ओस दिखाई देती है। वह ल्योनेस से अपनी आँखों में जादू लेकर लौटता है।

Introduction:

As a young apprentice architect, British poet and novelist Thomas hardy once visited a parish to supervise the restoration of a church. On his return from the parish, people noticed two things about him a new glow in his eyes and a crumpled piece of paper sticking out of his coat pocket. That paper, it is recorded in one of his biographies, contained the draft of a peom. You are going to read that very poem inspired by a visit to a place which the poet calls Lyonnesse.

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 7 When I Set Out for Lyonnesse

प्रस्तावना:

एक युवा प्रशिक्षु शिल्पी के रूप में, ब्रिटेनी कवि और उपन्यासकार थॉमस हार्डी एक बार किसी चर्च के पुनः निर्माण की परिवीक्षा के लिए एक उपक्षेत्र के दौरे पर गए। उपक्षेत्र से उनकी वापसी पर, लोगों ने उनके विषय में दो बातों पर विशेष ध्यान दिया-उनकी आँखों में एक नई चमक और उनकी कोट की जेब के बाहर चिपका एक सिकुड़ा हुआ कागज का टुकड़ा। वह कागज, जो कि उनकी एक जीवनी में लिखित है, एक कविता का लेखन समेटे हुए था। आप उसी कविता को पढ़ने जा रहे हैं जो कि ऐसी जगह की यात्रा से प्रेरित होकर लिखी गई है जिसे कवि ल्योनेस कहता है।

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 7 When I Set Out for Lyonnesse Read More »

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Chapter 10 The Great Stone Face 2

Haryana State Board HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Chapter 10 The Great Stone Face 2 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class English Solutions Honeydew Chapter 10 The Great Stone Face 2

HBSE 8th Class English The Great Stone Face 2 Textbook Questions and Answers

Comprehension Check

The Great Stone Face 2 Summary HBSE 8th Class

Write ‘True’ or ‘False’ against each of the following statements :
निम्नलिखित वाक्यों के सामने सत्य अथवा असत्य लिखो :
1. Ernest’s words reminded people of the wise old sayings.
2. Total strangers from far away, who visited Ernest in the valley, found his face familiar.
3. The Great Stone Face confirmed Ernest’s view that the poet could be worthy of its likeness.
4. When Ernest and the poet met, they respected and admired each other equally.
5. The poet, along with Ernest addressed the inhabitants of the valley.
6. The poet realised that Ernest’s thoughts were far nobler than his own verses.
Answer:
1. True
2. True
3. False
4. True
5. False
6. True

Working With The Text

Answer the following questions :
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो :
Great Stone Face 2 HBSE 8th Class Question 1.
How was Ernest different from others in the valley?
घाटी में अर्नस्ट अन्य लोगों से भिन्न कैसे था?
Answer:
People of the valley never considered Ernest to be more than an ordinary man, but as i a matter of fact, thoughts which he expressed were so high that no one else could be expected to have spoken. This was the difference between Ernest and the other people of the valley.

The Great Stone Face 2 HBSE 8th Class Question 2.
Why did Ernest think the poet was like the Stone Face?
अर्नस्ट ने यह क्यों सोचा कि कवि ही महान वज्रमुख के समान रूप रखता है?
Answer:
A rumour went about all over the valley that the great man who appeared like the Great Stone Face, had been seen at last for the first time. It was said that a youngman had left the valley many years before and gone to a seaport to settle and do business there. Gathergold was his name. Gathergold had to return to the valley it was in this way that they wanted to come to know of the prophecy was about to come true.

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Chapter 10 The Great Stone Face 2

The Great Stone Face 2 Question Answers HBSE 8th Class Question 3.
What did the poet himself say about his thoughts and poems?
कवि ने स्वयं अपने विचारों तथा अपनी कविताओं के प्रति क्या कहा ?
Answer:
The poet told Ernest that he could hear in his own songs the distant voice of a heavenly song. However, his life had been different from his poems. He added that he had grand dreams but they had been only dreams. Sometimes he had no confidence in Ms own thoughts.

The Great Stone Face 2 Question Answer HBSE 8th Class Question 4.
What made the poet proclaim Ernest was the Stone Face?
किस बात ने उसे स्वयं को यह घोषणा करने का आग्रह किया कि अर्नस्ट ही वज्रमुख है?
Answer:
The poet proclaimed that Ernest was the Great Stone Face when he (Ernest) after speaking to the gathering, took on a grand expression. The poet who was moved so much at this that he shouted “Behold! Ernest is himself the likeness of Great Stone Face.”

Question 5.
Write ‘Ernest’ or ‘Poet’, against each statement below:
नीचे दिए गये प्रत्येक वक्तव्य के सामने अर्नस्ट या कवि लिखो:
(i) There was a gap between his life and his words.
(ii) His words had the power of truth as they agreed with his thoughts.
(iii) His words were as soothing as a heavenly song but only as useful as a vague dream, _
(iv) His thoughts were worthy.
(v) Whatever he said was truth itself.
(vi) His poems were noble.
(vii) His life was nobler than all the poems.
(viii) He lacked faith in his own thoughts.
(ix) His thoughts had power as they agreed with the life he lived.
(x) Greatness lies in truth.Truth is best expressed in one’s actions. He was truthful, therefore, he was great.
Answer:
(i) Poet
(ii) Ernest
(iii) Poet
(iv) Ernest
(v) Ernest
(vi) Poet
(vii) Ernest
(viii) Poet
(ix) Ernest
(x) Ernest.

Question 6.
(i) Who, by common consent, turned out to be like the Great Stone Face?
सामान्य सहमति के आधार पर, कौन महान वज्रमुख के समान निकला?
Answer:
By conimon consent, Ernest turned out to be like the Great Stone Face.

(ii) Did Ernest believe that the old prophecy had come true? What did he say about it?
क्या अर्नस्ट को विश्वास थ्रा कि प्राचीन भविष्यवाणी सत्य हो गई है? उसने इसके प्रति क्या कहा?
Answer:
Ernest felt in the end, by dint of a grand expression that the prophecy had come true. He couldn’t deny the face that the possessed the good qualities as well as the face that was exactly like the Great Stone Face.

Working With The Language

Question 1.
Mark the meaning that best fits the word / pharse in the story.

(i) (sun) going down(a) becoming smaller
(b) weakening
(c) setting
(ii) brightening(a) making (it) look bright and cheerful
(b) lending (it) a special glow
(c) causing (it) to appear hopeful
(iii) spacious(a) lonely and wild
(b) big and wide
(c) special and important
(iv) prophecy(a) proverb
(b) prediction
(c) rumour
(v) marvellous(a) wonderful
(b) surprising
(c) shout
(vi) proclaim(a) reven
(b) declue
(c) shout
(vii) cease(a) happen
(b) stop
(c) remain
(viii) (a night’s)(a) stay
(b) safety
(c) hospitality
(ix) grazed(a) wandered about
(b) stared at
(c) thought of
(x) took on (an expression)(а) challenged
(b) resembled
(c) assumed

Answer:
(i) (c)
(ii) (a)
(iii) (b)
(iv) (b)
(v) (a)
(vi) (b)
(vii) (b)
(viii) (a)
(ix) (b)
(x) (c)

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Chapter 10 The Great Stone Face 2

Question 2.
(i) Read the following sentences.
(a) I do hope I’ll live to see him.
(b) He will come ! Fear not, Ernest, the man will come.
(c) Gathergold is arriving tomorrow, people said.
(d) Blood-and-Thunder starts his journey back to the valley next week, everyone proclaimed.
(e) The great man is going to spend his old age in his native town.

Notice that in the above sentences, verbs in bold type are in four different forms, denoting four important ways of expressing future time. None of these can be said to be exclusively used to show future time, though each is used to refer to some action in future.

(ii) Which form of the verb is more natural in these sentences? Encircle your choice.
(a) I’m not free this evening. I will work/ am working on a project.
(b) Have you decided where you will go for your higher secondary ? Yes, I have. I will go/ am going to the Kendriya Vidyailaya.
(c) Don’t worry about the dog. It won’t hurt/ isn’t hurting you.
(d) The weatherman has predicted that it will snow/is snowing in Ranikhet tonight.
(e) Swapna can’t go out this evening. Her father will come/ is coming to see her.
Answer:
(a) am working
(b) will go
(c) won’t hurt
(d) will snow
(e) is coming.

Question 3.
(i) Complete these pieces of conversation using ‘will’ or ‘going to’ with the verbs given.
(a) Rani: Why are you turning on the radio?
Ravi : I …………. (listen) to the news.
Answer:
will listen

(b) Rani: Oh, I can’t buy this book. I have no money.
Ravi: Don’t worry. I …………. (lend) you some.
Answer:
will lend

(c) Rani : Look at those dark clouds.
Ravi : I think it (rain).
Answer:
is going to rain

(d) Rani : What shall we have for dinner?
Ravi : I can’t decide.
Rani : Make up your mind.
Ravi : All right, then. We (have) fried rice and dry beans.
Answer:
are going to have

(e) Rani : Why are you filling the kettle with water ?
Ravi : I ………… (make) coffee.
Answer:
am going to make

(f) Rani : We need some bread and butter for breakfast.
Ravi : All right. I …………. (go) to the bakery and get some. (before he goes out, Ravi talks to their father)
Ravi : I ……………. (get) some bread and butter. Do you want any thing from the bakery?
Father : Yes, I want some salt biscuits.
Ravi : Fine, I …………….. (get) you a packet.
Answer:
will go, am going to get, will get.

(ii) Let pairs of children take turns to speak aloud the dialogues.
Answer:
Let pairs of children take turns to speak aloud the dialogues.

Speaking and Writing

Question 1.
Each of the following words has the sound /f/as in feel. The words on the left have it initially. Those on the right have it finally. Speak each word clearly.
flail – life
fact – tough
Philip – puff
fail – laugh
flowed – deaf

Question 2.
Underline the letter or letters representing /f/in each of the following words :
file – slough – faint
lift – cough – defence
afford – enough – photograph
staff – tough – aloof
affront – philosophy – sophistry
Answer:
file – sloughfaint
lift – cough – defence
afford – enough – photograph
staff – tough – aloof
affront – philosophy – sophistry

Question 3.
Imagine that you are the poet. You have come to your native valley to meet a famous preacher called Ernest. Narrate the incident of your first meeting with him.
Answer:
My Meeting with Ernest
I was born in the valley more than fifty years ago. I left the place at the age of fifteen. I reached the seaport named Khandala. It is a fine tourist spot. My business there is catering. I have a hotel for high class tourists. Even I have a passion for writing poems. I heard about a famous preacher called Ernest in my native valley. I went to see him. When I reached at his home, he had been holding a book, reading and looking at the Great Stone Face. He was a quiet, mild, hospitable and decent fellow. He welcomed me with all his love and care. We exchanged our thoughts of the lives. I recited some of my poems to him. Both of us were very glad to meet each other.

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Chapter 10 The Great Stone Face 2

Question 4.
(i) Put each of the following in the correct order to construct sentences.
→ a resident of Noida near Delhi, / is visually impaired/ George Abraham, ………………………………………
→ confidence and competitive spirit / and infuses discipline among the participants/ It provides ………………………………………
→ he/has helped /The brain behind the World Cup Cricket/ the disabled to dream ………………………………………
→ to the blind school in Delhi/It was a chance visit/that changed his life ………………………………………
→ sport is a powerful tool/the disabled/He believes that/for rehabilitation of ………………………………………
Answer:

  • George Abraham, a resident of Noida near Delhi, is visually impaired.
  • It provides confidence and competitive spirit and infuses discipline among the participants.
  • He, the brain behind the World Cup Cricket, has helped the disabled to dream.
  • It was a chance visit to the blind school in . Delhi that changed his life.
  • He believes that sports is a powerful tool for rehabilitation of the disabled.

(ii) Now rearrange the sentences above to construct a paragraph.
Answer:
George Abraham, a resident of Noida near Delhi, is visually impaired. He, the brain behind the World Cup Cricket, has helped the disabled to dream. It was a chance visit to the blind school in Delhi that changed his life. He believes that sports is a powerful tool for rehabilitation of the disabled. It provides confidence and competitive spirit and infuses discipline among the participants.

The Great Stone Face 2 Passages for Comprehension

Read the passages carefully and answer the questions that follow :

PASSAGE – 1

The years hurried on, and brought white hairs upon the head of Ernest, and made wrinkles across his forehead and furrows in his cheeks. He was an old man. But not in vain had he grown old; more numerous than the white hairs on his head were the wise thoughts in his mind. And Ernest had ceased to be obscure.
Questions:
(i) How had Ernest become famous?
(ii) Explain : ‘Ernest had ceased to be obscure.
(iii) Find out those words from the passage – whose meanings are given below : stopped, ran quickly, intelligent.
(iv) Write the opposites of : white, old, hurried on.
(v) Write the three degrees of adjectives – old, wise.
Answers :
(i) Ernest had become an old man now. He was known for his wisdom, not only in the valley but in the whole world.
(ii) Ernest had become famous, very popular.
(iii) ceased, hurried on, wise.
(iv) black, new (young), slowed down.
(v) They are given below :
old – older (elder) – oldest (eldest)
wise – wiser – wisest

PASSAGE – 2

Ernest threw a look of familiar kindness around upon his audience. He began to speak to the people what was in his heart and mind. His words had power.
Questions:
(i) What did Ernest speak to and to whom?
(ii) What did he say?
(iii) What was special about his words? Why?
(iv) Use ‘audience’ in sentence of your own.
Answers:
(i) As was his custom, Ernest spoke to his neighbours in the open air.
(ii) Ernest spoke to the people what was in his heart.
(iii) His words had great power (effect) because acted upon what he said. His life’s activities matched with his words.
(iv) Audience : The audience gave a standing ovation to the participants.

The Great Stone Face 2 Translation in Hindi

I. Before You Read

Many years passed. Ernest was now a man of middle age. To his neighbours, who neiier suspected that he was anything more than an ordinary and familiar face, he was only a humble and hardworking, though thoughtful, person.

But what about the old prophecy? Was it ever fulfilled? Let us read and find put.
कई वर्ष बीत गए। अर्नस्ट अब एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति हो चुका था। अपने पड़ोसियों के लिए, जिन्होंने कभी शक नहीं किया कि वह एक साधारण एवं सामान्य चेहरे से कुछ अधिक था, वह मात्र .एक विनम्र और मेहनती और विचारवान व्यक्ति था। परंतु पुरानी भविष्यवाणी का क्या हुआ ? क्या वह कभी भी पूरी हुई? आइए हम पढ़ें और पता लगाएँ।

1. The years hurried on, and brought white hairs upon the head of Ernest, and made wrinkles across his forehead and furrows in his cheeks. He was an old man. But not in vain had he grown old; more numerous than the white hairs on his head were the wise thoughts in his mind. And Ernest had ceased to be obscure.

Word Meaning: Obscure : unknown = (अप्रसिद्ध), In vain : uselessly = (व्यर्थ), Ceased : stopped = (रुक गया), Hurried : ran quickly = (तेजी से भागना), Numerous : many = (बहुत सा), Wrinkles : lines = (रेखाएँ)।

वर्षों बीत गये और अर्नस्ट के सिर के बाल सफेद हो गए। और उसके माथे पर झुर्रियाँ और गाल में सिकुड़न हो गई थी। वह अब वृद्ध व्यक्ति था पंरतु वह व्यर्थ में वृद्ध नहीं हुआ था उसके मन में विवेकशील विचारों की संख्या उसके सिर के सफेद बालों से कहीं अधिक थी। अर्नस्ट अब अनजाना व्यक्ति नहीं रह गया था।

2. Unsought for, undesired, had come the fame which so many seek. He had become famous beyond the limits of the Valley. College professors, and even the activemen of cities, came from far to see and converse with Ernest, and he received them with gentle sincerity, and spoke freely with them of whatever came uppermost, pr lay deepest in hie heart or their own. While they talked together his face would brighten, unawares, and shine upon them, as with a mild evening light.

कवि अर्नस्ट के पास बैठ गया और दोनों बातें करने लगे। कवि ने पहले कभी इतने बुद्धिमान और सज्जन व्यक्ति से बात नहीं की थी। जब अर्नस्ट कवि की बात सुन रहा था तो उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे चट्टान का चेहरा भी उसकी बातें सुनने के लिए आगे झुक रहा है। उसने ध्यान से कवि के चेहरे की ओर देखा। अर्नस्ट ने कवि से पूछा कि वह कौन है, तो वह वही व्यक्ति है जिसके लिखी हुई कविताएँ अर्नस्ट पढ़ रहा है। अर्नस्ट इस बात से बहुत प्रभावित हुआ। उसने बार-बार कवि के चेहरे को चट्टान के चेहरे में मिलाया। बाद में वह उदास हो गया। कवि ने उससे पूछा कि वह उदास क्यों है तो उसने बताया कि वह सारी उम्र ऐसे व्यक्ति का इंतजार करता रहा जिसका चेहरा चट्टान के चेहरे की तरह हो। उसने सोचा था कि कवि वह व्यक्ति होगा जिसका चेहरा चट्टान की तरह है। कवि ने हंसकर कहा कि वह चट्टान के चेहरे के प्रतिरूप होने के लायक नहीं है, क्योंकि उसका जीवन उसकी कविताओं से बहुत अलग रहा है तथा उसकी अपनी कविताओं में व्यक्त विचारों में पूरी आस्था नहीं है। यह बात कहते हुए कवि उदास हो गया था, तथा अर्नस्ट भी उदास था।

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Chapter 10 The Great Stone Face 2

शाम के समय अर्नस्ट प्रतिदिन लोगों को संबोधित करता था उन्हें उपदेश देता था। उस दिन कवि भी उसके साथ गया। वहाँ से उसे चट्टान का चेहरा भी दिख रहा था। अर्नस्ट ने बोलना शुरू किया। उसके शब्दों में शक्ति थी क्योंकि उनका उसके विचारों से सामंजस्य था और उसका जीवन उसके विचारों पर आधारित था। जब कवि उसे सुन रहा था तो उसे लग रहा था कि अर्नस्ट का जीवन उसकी कविताओं से ज्यादा महान् है। बोलते बोलते अचानक अर्नस्ट के चेहरे पर एक भाव आया जो बहुत महान् था। उस क्षण कवि को लगा कि अर्नस्ट का चेहरा बिल्कुल चट्टान के चेहरे की तरह लग रहा है। उसने सबसे कहा कि अर्नस्ट ही चट्टान के चेहरे का प्रतिरूप है। सब लोगों ने देखा और उन्हें भी लगा कि अर्नस्ट का चेहरा बिल्कुल चट्टान के चेहरे की तरह लग रहा है। इस तरह यह कहानी पूरी हो गई लेकिन अर्नस्ट अभी भी एसे व्यक्ति का इंतजार कर रहा था जो उससे भी बुद्धिमान हो।

II. Before You Read

Many years passed. Ernest was now a man of middle age. To his neighbours, who never suspected that he was anything more than an ordinary and familiar face, he was only a humble and hardworking, though thoughtful, person.

But what about the old prophecy? Was it ever fulfilled? Let us read and find out.

कई वर्ष बीत गए। अर्नस्ट अब एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति हो चुका था। अपने पड़ोसियों के लिए, जिन्होंने कभी शक नहीं किया कि वह एक साधारण एवं सामान्य चेहरे से कुछ अधिक था, वह मात्र एक विनम्र और मेहनती और विचारवान व्यक्ति था। परंतु पुरानी भविष्यवाणी का क्या हुआ? क्या वह कभी भी पूरी हुई? आइए हम पढ़ें और पता लगाएँ।

1. The years hurried on, and brought white hairs upon the head of Ernest, and made wrinkles across his forehead and furrows in his cheeks. He was an old man. But not in vain had he grown old; more numerous than the white hairs on his head were the wise thoughts in his mind. And Ernest had ceased to be obscure.

Word Meaning : Obscure : unknown = (अप्रसिद्ध), In vain : uselessly = (व्यर्थ), Ceased : stopped = (रुक गया), Hurried : ran quickly = (तेजी से भागना), Numerous : many = (बहुत सा), Wrinkles : lines = (रेखाएँ)।

वर्षों बीत गये और अर्नस्ट के सिर के बाल सफेद हो गए। और उसके माथे पर झुर्रियाँ और गाल में सिकुड़न हो गई थी। वह . अब वृद्ध व्यक्ति था परंतु वह व्यर्थ में वृद्ध नहीं हुआ था उसके मन में विवेकशील विचारों की संख्या उसके सिर के सफेद बालों से कहीं अधिक थी। अर्नस्ट अब अनजाना व्यक्ति नहीं रह गया था। .

2. Unsought for, undesired, had come the fame which so many seek. He had become famous beyond the limits of the valley. College professors, and even the active men of cities, came from far to see and converse with Ernest, and he received them with gentle sincerity, and spoke freely with them of whatever came uppermost, or lay deepest in his heart or their own. While they talked together, his face would brighten, unawares, and shine upon them, as with a mild evening light.

Word Meaning : Unsought : unseek = (बिना ढूढी), Undesired : not wished for = (अनचाही), Converse : to talk = (बात करना), Mild : soft = (कोमल)।

बिना ढूँढे, बिना चाहे, वह प्रसिद्धि आ गई थी जिसे कई लोग पाना चाहते हैं। वह घाटी की सीमाओं से परे तक प्रसिद्ध हो चुका था। कॉलेज प्रोफेसर और यहाँ तक कि शहरों के सक्रिय व्यक्ति भी दूर-दूर से अर्नस्ट को देखने और उसके साथ बात करने आते थे। और वह उनसे नम्र भाव से मिलता था और उनसे खुलकर बोलता था जो भी उसके दिल के ऊपरी तथा चरम बिंदु से निकलता था और उनकी भी सुनता था। जब वे आपस में बात करते थे, उसका चेहरा दमकता, अनजान और उन पर चमकता था, जैसा कि ढलती शाम की रोशनी के साथ।

3. While Erne: . had been growing old, God had granted a new poet to this earth. He, too, was a native of the valley, but had spent the greater part of his life in distant cities, pouring out his sweet music everywhere. Neither was the Great Stone Face forgotten, for the poet had celebrated it in a poem. The songs of this poet found their way to Ernest. He read them after his customary toil, seated on the bench before his cottage door. As he read he lifted his eyes to the mountain.

Word Meaning : Distant : far away = (दूर का),Customary : routine work = (दैनिक), Toil : hard work = (परिश्रम), Cottage : hut = (झोंपड़ी)।

जब अर्नस्ट वृद्ध में रहा था, तब भगवान ने एक नया कवि पृथ्वी को दिया था। वह भी घाटी का वासी था परंतु उसने अपने जीवन का अधिकतर भाग सुदूर शहरों में व्यतीत किया था, हर जगह अपना मीठा संगीत बिखेरते हुए। न ही महान वज्रमुख को भुलाया जा सका था क्योंकि कवि ने उसे एक कविता में स्थान दिया था। कवि के इन गीतों ने अर्नस्ट तक अपनी जगह ढूँढ ली थी। वह अपनी दैनिक मेहनत के बाद उन्हें पढ़ता था। अपनी झोपड़ी के दरवाजे के बाहर बेंच पर बैठकर जैसे ही वह पढ़ता, वह अपनी आँखें पहाड़ी की तरफ उठा लेता था।

4. “O Great Stone Face,” he said, “is not this man worthy to be your likeness?” The face seemed to smile, but did not answer.
Now it happened that the poet, though he lived so far away, had not only heard of Ernest but had thought much about his character and wished to meet this man whose wisdom walked hand in hand with the noble simplicity of his life. One summer day, therefore, he arrived at Ernest’s door, where he found the good old man holding a book in his hand, which he read and, then, with a finger between the leaves, looked lovingly at the Great Stone Face.

Word Meaning : Worthy : able to = (योग्य), Simplicity: Sober = (सादगी)।
“ओ महान वज्रमुख” उसने कहा, “क्या यह मनुष्य तुम्हारी समानता बनने योग्य नहीं है”?
चेहरा मुस्कुराता हुआ प्रतीत होता था। परंतु उसने कुछ उत्तर नहीं दिया।
अब ऐसा हुआ कि कवि ने यद्यपि वह दूर रहता था न केवल अर्नस्ट की बात सुन ली अपितु उसके चरित्र के प्रति भी सोचा और उस व्यक्ति से मिलने की इच्छा हुई जिसके बुद्धिमता और साधारण चरित्र के चर्चे थे। इसलिए एक गर्मी के दिन वह अर्नस्ट के द्वार पर पहुंचा जहाँ उसने उस अच्छे वृद्ध व्यक्ति को एक पुस्तक अपने हाथ में पकड़े हुए पाया, जो वह पढ़ता था और तब पेजों के बीच में ऊँगली रखकर महान वज्रमुख को देखता था।

5. “Good evening,” said the poet. “Can you give a traveller a night’s shelter?”
“Gladly,” answered Ernest; and then he added, smiling, “I think I never saw the Great Stone Face look so hospitably at a stranger.”

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Chapter 10 The Great Stone Face 2

Word Meaning : Night’s shelter : (रात के लिए आश्रय), Stranger : (अजनबी)।
“नमस्ते” कवि बोला। “क्या तुम एक यात्री को रात भर के लिए विश्राम का स्थान दे सकते हो?”
“बहुत प्रसन्नता से,” अर्नस्ट ने उत्तर दिया, और तब उसने मुस्कुराते हुए कहा, “मेरा विचार है कि मैंने कभी भी इस महान वज्रमुख को इतनी दयालुता से एक अपरिचित व्यक्ति पर देखते नहीं देखा।

6. The poet sat down beside him, and he and Ernest talked together. Never before had the poet talked with a man like Ernest, so wise, and gentle, and kind. Ernest, on the other hand, was moved by the living images flung out of the poet’s mind.

Word Meaning : Beside : by the side of = (बगल में, पास में),On the other hand : (दूसरी ओर), Moved by : (प्रभावित हुआ)।
कवि उसके पास बैठ गया और वह तथा अर्नस्ट मिलकर बातें करने लगे। कवि ने इतने विवेकशील, इतने सज्जन तथा इतने कृपालु व्यक्ति अर्नस्ट के साथ पहले कभी भी बातें करते हुए नहीं देखा था। अर्नस्ट भी कभी के मस्तिष्क से बाहर निकली सजीव , चित्रण की बातें सुनकर पहले कभी इतना प्रभावशाली नहीं हुआ।

7. As Ernest listened to the poet, he imagined that the Great Stone Face was bending forward to listen too. He gazed into the poet’s eyes.
“Who are you, my gifted guest?” he asked.
The poet laid his finger on the book that Ernest had been reading. “You have read these poems,” said he. “You know me, then, for I wrote them.”

Word Meaning: Laid on : (हाथ किसी वस्तु पर रखना), Listened to: hear = (किसी को सुनाना)।
जैसा कि अर्नस्ट ने कवि को सुना, उसने सोचा कि महान वज्रमुख आगे को सुनने के लिए भी झुक रहा है ? उसने कवि की आँखों में घूरकर देखा।
“तुम कौन हो,” मेरे वरदानस्वरूप अतिथि ?” उसने पूछा। कवि ने अपनी अंगुली उस पुस्तक पर रख दी जो अर्नस्ट पढ़ रहा था। “तुमने ये कविताएँ पढ़ी हैं”, उसने कहा, “तुम मुझे जानते हो क्योंकि यह मैंने लिखी हैं।”

8. Again and again, Ernest examined the poet’s features; he turned towards the Great Stone Face then back. He shook his head and sighed.
“Why are you sad?” inquired the poet.
“Because,” replied Ernest, “all through life I have awaited the fulfilment of a prophecy, and when I read these poems, I hoped that it might be fulfilled in you.”

Word Meaning : Examined : (निरीक्षण किया), Feature : signs, characteristics = (चिह्न, लक्षण) Sighed : breath heavily = (आह भरना)।
अर्नस्ट ने कवि के लक्षणों का बार-बार निरीक्षण किया। वह महान वज्रमुख की ओर मुड़ा। उसने अपना हाथ मिलाया और ठण्डी आह भरी।
“तुम उदास क्यों हो ?” कवि ने पूछा।
“क्योंकि, समस्त जीवन मैं एक भविष्यवाणी के पूरा होने की प्रतीक्षा करता रहा हूँ और जब मैं ये कविताएँ पढ़ता हूँ, मुझे आशा है कि यह तुम ही हो सकते हो” अर्नस्ट ने उत्तर दिया।

9. “You hoped,” answered the poet, faintly smiling, “to find in me the likeness of the Great Stone Face. I am not worthy to be its likeness.”
“And why not?” asked Ernest. He pointed to the book. “Are not those thoughts worthy?”

Word Meaning : Faintly: dimly = (धुंधला, हल्का), Pointed : hinted = (संकेत किया)।
कवि ने हल्का सा मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “कि तुम मुझमें उस महान वज्रमुख की समानता पाने की आशा करते हो ? मैं इस समानता के योग्य नहीं हूँ।”
“और क्यों नहीं” ? अर्नस्ट ने पूछा। उसने पुस्तक की ओर संकेत किया। “क्या वे विचार इस योग्य नहीं हैं।”

10. “You can hear in them the distant voice of a heavenly song. But my life, dear Ernest, has not corresponded with my thoughts. I have had grand dreams, but they have been only dreams. Sometimes I lack faith in my own thoughts. Why, then, pure seeker of the good and true, should you hope to find me in the face of the mountain?”

Word Meaning: Heavenly: Godly = (ईश्वरीय), Seeker of good : (सत्य की खोज करने वाला), Lack: fall short of = (कमी होना), True : (सच्चा)।

“तुम अपने आध्यात्मिक गीतों की आवाज दूर से आती सुन सकते हो। परंतु मेरे प्यारे अर्नस्ट, मेरा जीवन मेरे विचारों से भिन्न रहा है। मैंने बहुत बड़े स्वप्न देखे हैं। परंतु वह केवल स्वप्न ही रहे हैं। कभी-कभी मैं अपने विचारों में कमी देखता हूँ। तब तुम इस पर्वत के चेहरे के सामने क्यों अच्छाई और सत्य के शुद्ध खोजी को मेरे भीतर पाने की आशा करते हो ?”

11. The poet spoke sadly and his eyes were wet with tears. So, too, were those of Ernest. 1 At the hour of sunset, as had long been his custom, Ernest was to speak to a group of neighbours in the open air. Together he and the poet went to the meeting place, arm in arm. From there could be seen the Great Stone Face. :

Word Meaning: Sunset : (सूर्यास्त),Custom: (प्रथा रीति-रिवाज), Arm in arm : (हाथ में हाथ डालकर)। कवि ने उदास होकर कहा और उसकी आँखें आँसुओं से गीली हो गईं। ऐसे ही अर्नस्ट की भी हो गईं।
सूर्यास्त के समय जैसा कि लंबे समय से उसकी प्रथा रही थी, अर्नस्ट ने पड़ोसियों के एक समूह को खुली हवा में प्रवचन सुनाना था। वह और कवि दोनों मिलकर सभा-स्थल पर बाजू में बाजू डालकर चले। वहाँ से वे उस महान वज्रमुख को देख सकते थे।

12. Ernest threw a look of familiar kindness around upon his audience. He began to speak to the people what was in his heart and mind. His words had power, because they agreed with his thoughts, and his thoughts had reality and depth, because they harmonised with the life which he had always lived.

Word Meaning : Familiar : (जानी-पहचानी), Kindness : (दयालुता), Agreed with : (सहमत हुए)।
अर्नस्ट ने अपने दर्शकों पर एक जानी-पहचानी दयालुतापूर्ण दृष्टि डाली और उसने जो कुछ उसके मन तथा आत्मा में विद्यमान था लोगों को बताना आरंभ किया। उसके शब्दों में शक्ति थी क्योंकि वे उसके विचारों से सहमत हो रहे थे और उसके विचारों में भी वास्तविकता और गहराई थी क्योंकि वे उसके बिताए गए जीवन से संबंधित थे।

13. It was not mere breath that the preacher uttered; they were the words of life. A life of good deeds and selfless love was melted into them. The poet, as he listened, felt that the life and character of Ernest were a nobler strain of poetry than he had ever written. His eyes filled with tears and he said to himself that never was there so worthy a sage as that mild, sweet, thoughtful face, with the glory of white hair diffused about it.

Word Meaning: Melted:to turn into liquid = (पिघलना),Preacher:speaker = (वक्ता), Uttered: spoke = (बोला), Selfless : true = (स्वार्थहीन), Strain : exert one’s power = (अपनी शक्ति लगाना)।

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Chapter 10 The Great Stone Face 2

वह मात्र श्वास नहीं था जो कि वक्ता ने कहा, वे जीवन के शब्द थे। एक अच्छे कार्यों का जीवन एवं स्वार्थहीन प्रेम उनमें घुला हुआ था। कवि, जैसा कि उसने सुना, महसूस किया कि अर्नस्ट का जीवन एवं चरित्र काव्य का एक आदर्श जज्बा थे, जैसा उसने लिखा था उससे कहीं अधिक। उसकी आँखों में आँसू आ गए और उसने स्वयं से कहा कि कभी इस प्यारे विचारवान चेहरे जैसा मूल्यवान साधु नहीं देखा जिसके सफेद बाल स्वयं महानता की गाथा कह रहे हों।

14. At a distance, but clearly to be seen, high up in the golden light of the setting sun, appeared the Great Stone Face, with white mists around it, like the white hairs around the brow of Ernest. At that moment, Ernest’s face took on an expression so grand that the poet was moved to throw his arms up and shout. “Behold! Behold! Ernest is himself the likeness of the Great Stone Face!”

Word Meaning : Moment : smallest time possible = (क्षण),Expression : (अभिव्यक्ति), Shout: cry aloud = (चिल्लाना)। कुछ दूरी पर, किंतु स्पष्ट दिखने वाला, छिपते हुए सूर्य की सुनहरी रोशनी में प्रकट हो गया वह महान वज्रमुख जिसके चारों ओर सफेद धुंध के बादल थे जैसे अनस्ट के भौंहों के सफेद बाल हों। उस क्षण अर्नस्ट के चेहरे पर इतना गौरवपूर्ण दृश्य था कि कवि उस पर बहुत प्रभावित हो गया कि उसने उस पर अपनी बाहें डाल दी और चिल्ला उठा : देखो! देखो! अर्नस्ट स्वयं ही महान वज्रमुख बन गया है।”

15. Then all the people looked, and saw that what the poet said was true. The prophecy was fulfilled. But Ernest, having finished what he had to say, took the poet’s arm, and walked slowly homeward, still hoping that some wiser and better man than himself would by and by appear, bearing a resemblance to the Great Stone Face.

Word Meaning : Homeward : towards home = (घर की तरफ),Bearing : having = (रखना)।

तब सभी लोगों ने देखा और पाया कि जो कवि ने कहा वह सच था। भविष्यवाणी संपूर्ण हुई परंतु अर्नस्ट ने जो कहना था कह डाला और कवि की बाहें पकड़ ली और धीरे-धीरे घर की ओर चल दिया। वह अब भी आशा कर रहा था कि कोई उससे अधिक विवेकशील तथा अच्छा व्यक्ति अवश्य प्रकट होगा जिसकी समानता उस महान वज्रमुख से अवश्य होगी।

The Great Stone Face 2 Summary in English

Ernest had become a middle-aged man. He became famous for his simplicity and goodness. He was intelligent and helpful. Time passed quickly. His hair had become white. He was well known throughout the world. People visited him for wise consultations. They looked at Great Stone Face. They could not remember that they had seen its resembling face one day.

A new poet also visited his native valley. He had visited mapy cities. His songs appealed Ernest, who sang them and looked above. He felt the resemblance of this poet’s face with the Great Stone Face. So, he wanted to see Ernest. He reached there. He found him wise, gentle and kind. Ernest too, was moved by the poet’s clear mind. He told him that he had written the book which Ernest was reading. Ernest looked at his’features and expressed a deep thought. He told that he had found, his likeness with the “Great Stone Face.”

The poet did not agree with this view. Ernest pointed to the book. The poet replied that his life had been different from the songs of that book. These songs were only dreams in which he had no faith. So, he did not deserve to have resemblance with the Great Stone Face. Both became sad as tears welled from the eyes of the both.

At sunset, Ernest used to hold an open meeting with a group of neighbours. The poet accompanied him on that day. From there, they could see the Great Stone Face. Ernest started speaking in his powerful words. The audience agreed with him. They and the poet were impressed by his noble behaviour. His practical life matched with his principles and thoughts.

For away, they saw the Great Stone Face. Ernest’s white hair matched with white clouds. Its impression became awfully grand. The poet was so much impressed that he threw his arms around Ernest and shouted the likeness with “Behold! Behold! Ernest is himself” The people looked Great Stone Face. They agreed the story was complete. But Ernest finished his speech and walked home. He helped some one would come to have the likeness with the Great Stone Face.

The Great Stone Face 2 Summary in Hindi

अर्नस्ट अब भी उसी घाटी में रहता था तथा अब एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति था। धीरे-धीरे उसकी ख्याति पूरी घाटी में एक सज्जन तथा कोमल हृदय के रूप में फैल गई थी। ऐसा कोई दिन नहीं बीतता था जब वह लोगों की भलाई के लिए कोई काम न करता हो। हालांकि उसके आस-पास के लोग उसे एक साधारण व्यक्ति ही समझते थे लेकिन उसके होठों से ऐसे विचार व्यक्त होते थे जैसे किसी ने कभी नहीं किए थे। अब अर्नस्ट घाटी के बाहर भी बहुत मशहूर हो गया था। लोग दूर-दूर से उससे बात करने आते थे। जब लोग उससे मिलकर लौटते तो वह चट्टान के चेहरे की ओर देख कर सोचते कि शायद उन्होंने उसका प्रतिरूप देखा है। लेकिन उन्हें याद नहीं है कि कहाँ।

जब अर्नस्ट वृद्ध हो रहा था तभी एक नया कवि भी उसकी घाटी में आया। उसने बहुत से शहरों की यात्रा कर रखी थी। इस कवि के लिखे हुए गीत अर्नस्ट तक पहुंच गए। वह अपने दरवाजे पर बैठकर उन्हें गाता था। उस चट्टान के चेहरे से कहता था कि क्या ये कवि उसका प्रतिरूप होने के लायक नहीं है।

उस कवि ने भी अनस्ट की ख्याति सुनी। वह अनस्ट के व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हुआ तथा उसने अर्नस्ट से मिलने का फैसला किया। एक बार गर्मी के दिनों में वह अर्नस्ट से मिलने घाटी में आया। उसने अर्नस्ट से पूछा कि क्या वह उसे एक रात का आश्रय दे सकता है। अर्नस्ट ने इस बात को सहर्ष स्वीकार किया।

कवि अर्नस्ट के पास बैठ गया और दोनों बातें करने लगे। कवि ने पहले कभी इतने बुद्धिमान और सज्जन व्यक्ति से बात नहीं की थी। जब अर्नस्ट कवि की बात सुन रहा था तो उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे चट्टान का चेहरा भी उसकी बातें सुनने के लिए आगे झुक रहा है। उसने ध्यान से कवि के चेहरे की ओर देखा। अर्नस्ट ने कवि से पूछा कि वह कौन है, तो वह वही व्यक्ति है जिसके लिखी हुई कविताएँ अर्नस्ट पढ़ रहा है। अर्नस्ट इस बात से बहुत प्रभावित हुआ। उसने बार-बार कवि के चेहरे को चट्टान के चेहरे में मिलाया। बाद में वह उदास हो गया। कवि ने उससे पूछा कि वह उदास क्यों है तो उसने बताया कि वह सारी उम्र ऐसे व्यक्ति का इंतजार करता रहा जिसका चेहरा चट्टान के चेहरे की तरह हो। उसने सोचा था कि कवि वह व्यक्ति होगा जिसका चेहरा चट्टान की तरह है। कवि ने हंसकर कहा कि वह चट्टान के चेहरे के प्रतिरूप होने के लायक नहीं है, क्योंकि उसका जीवन उसकी कविताओं से बहुत अलग रहा है तथा उसकी अपनी कविताओं में व्यक्त विचारों में पूरी आस्था नहीं है। यह बात कहते हुए कवि उदास हो गया था, तथा अर्नस्ट भी उदास था।

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Chapter 10 The Great Stone Face 2

शाम के समय अर्नस्ट प्रतिदिन लोगों को संबोधित करता था उन्हें उपदेश देता था। उस दिन कवि भी उसके साथ गया। वहाँ से उसे चट्टान का चेहरा भी दिख रहा था। अर्नस्ट ने बोलना शुरू किया। उसके शब्दों में शक्ति थी क्योंकि उनका उसके विचारों से सामंजस्य था और उसका जीवन उसके विचारों पर आधारित था। जब कवि उसे सुन रहा था तो उसे लग रहा था कि अर्नस्ट का जीवन उसकी कविताओं से ज्यादा महान् है। बोलते बोलते अचानक अर्नस्ट के चेहरे पर एक भाव आया जो बहुत महान् था। उस क्षण कवि को लगा कि अर्नस्ट का चेहरा… बिल्कुल चट्टान के चेहरे की तरह लग रहा है। उसने सबसे कहा कि अर्नस्ट ही चट्टान के चेहरे का प्रतिरूप है। सब लोगों ने देखा और उन्हें भी लगा कि अर्नस्ट का चेहरा बिल्कुल चट्टान के चेहरे की तरह लग रहा है। इस तरह यह कहानी पूरी हो गई लेकिन अर्नस्ट अभी भी एसे व्यक्ति का इंतजार कर रहा था जो उससे भी बुद्धिमान हो।

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Chapter 10 The Great Stone Face 2 Read More »

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः

Haryana State Board HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः

अभ्यासः

Class 8 Sanskrit Chapter 14 HBSE प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत-
(क) सूर्यः कस्यां दिशायाम् उदेति?
उत्तरम्:
पूर्वदिशायाम्

(ख) आर्यभटस्य वेधशाला कुत्र आसीत्?
उत्तरम्:
पाटलिपुत्रे

(ग) महान् गणितज्ञ: ज्योतिर्विच्च कः अस्ति?
उत्तरम्:
आर्यभटः

(घ) आर्यभटेन कः ग्रन्थः रचितः?
उत्तरम्:
आर्यभटीयम्

(ङ) अस्माकं प्रथमोपग्रहस्य नाम किम् अस्ति?
उत्तरम्:
आर्यभटम्।

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः

Sanskrit Class 8 Chapter 14 Pdf HBSE प्रश्न 2.
सन्धिविच्छेदं कुरुत-
ग्रन्थोऽयम् – ______ + _________
सूर्याचलः – ______ + _________
तथैव – ______ + _________
कालातिगामिनी – ______ + _________
प्रथमोपग्रहस्य – ______ + _________
उत्तरम्:
ग्रन्थोऽयम् – ग्रन्थः + अयम्
सूर्याचलः – सूर्य + अचलः
तथैव – तथा + एव
कालातिगामिनी – काल + अतिगामिनी
प्रथमोपग्रहस्य – प्रथम + उपग्रहस्य

Class 8th Sanskrit Chapter 14 आर्यभटः प्रश्न 3.
अधोलिखितपदानां विपरीतार्थकपदानि लिखत-
उदयः – __________
अचल: – __________
अन्धकारः – __________
स्थिरः – __________
समादरः – __________
उत्तरम्:
उदयः – अस्तः
अचल: – चलः
अन्धकारः – प्रकाशः
स्थिरः – अस्थिरः
समादरः – निरादरः

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः

Sanskrit Class 8 Chapter 14 आर्यभटः प्रश्न 4.
अधोलिखितानि पदानि आधृत्य वाक्यानि रचयत-
साम्प्रतम् – _______________
निकषा – _______________
परितः – _______________
उपविष्टः – _______________
कर्मभूमिः – _______________
वैज्ञानिक: – _______________
उत्तरम्:
साम्प्रतम् – (अब) साम्प्रतं क्रीडनीयम्।
निकषा – (निकट) गृह निकषा मन्दिरम् अस्ति।
परितः – (चारों ओर) विद्यालय परितः वृक्षाः सन्ति।
उपविष्टः – (बैठा हुआ) सः उपविष्टः पठति।
कर्मभूमिः – (कर्मभूमि) पठनमेव में कर्मभूमिः।
वैज्ञानिक: – (वैज्ञानिक) अहं वैज्ञानिकः भवितुम् इच्छामि।

Sanskrit Class 8 Chapter 14 HBSE प्रश्न 5.
मञ्जूषातः पदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
नौकाम्, पृथिवी, तदा, चला, अस्तं
(क) सूर्यः पूर्वदिशायाम् उदेति पश्चिमदिशि च __________ गच्छति।
(ख) सूर्यः अचलः पृथिवी च __________।
(ग) __________ स्वकीये अक्षे घूर्णति।
(घ) यदा पृथिव्याः छायापातेन चन्द्रस्य प्रकाशः अवरुध्यते __________ चन्द्रग्रहणं भवति।
(ङ) नौकायाम् उपविष्टः मानवः __________ स्थिरामनुभवति।
उत्तरम्:
(क) अस्तं
(ख) चला
(ग) पृथिवी
(घ) तदा
(ङ) नौकाम्

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः

प्रश्न 6.
उदाहरणानुसारं पदपरिचयं ददत-
HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः -1
उत्तरम्:
HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः -2

प्रश्न 7.
‘मति’ शब्दस्य रूपाणि पूरयत-
HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः -3
उत्तरम्:
HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः -4

योग्यता-विस्तारः

आर्यभट को अश्मकाचार्य नाम से भी जाना जाता है। यही कारण है कि इनके जन्मस्थान के विषय में विवाद है। कोई इन्हें पाटलिपुत्र का कहते हैं तो कोई महाराष्ट्र का।

आर्यभट ने दशमलव पद्धति का प्रयोग करते हुए π (पाई) का मान निर्धारित किया। उन्होंने दशमलव के बाद के चार अंकों तक π के मान को निकाला। उनकी दृष्टि में π का मान है 3.1416। आधुनिक गणित में π का मान, दशमलव के बाद सात अंकों तक जाना जा सका है, तदनुसार π = 3.14169261

भारतीयज्योतिषशास्त्र- वैदिक युग में यज्ञ के काल अर्थात् शुभ मुहूर्त के ज्ञान के लिए ज्योतिषशास्त्र का उद्भव हुआ। कालान्तर में इसके अन्तर्गत ग्रहों का संचार, वर्ष, मास, पक्ष, वार, तिथि, घंटा आदि पर गहन विचार किया जाने लगा। लगध, आर्यभट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त, भास्कराचार्य, बालगंगाधर तिलक, रामानुजन् आदि हमारे देश के प्रमुख ज्योतिषशास्त्री हैं। आर्यभटीयम्, सौरसिद्धान्तः, बृहत्संहिता, लीलावती, पञ्चसिद्धान्तिका आदि ज्योतिष के प्रमुख संस्कृत ग्रन्थ हैं।

आर्यभटीयम्- आर्यभट ने 499 ई. में इस ग्रन्थ की रचना की थी। यह ग्रन्थ 20 आर्याछन्दों में निबद्ध है। इसमें ग्रहों की गणना के लिए कलि संवत् (499 ई.में 3600 कलि संवत्) को निश्चित किया गया है।

गणितज्योतिष- संख्या के द्वारा जहाँ काल की गणना हो, वह गणितज्योतिष है। ज्योतिषशास्त्र की तीन विधाओं यथा-सिद्धान्त, फलित एवं गणित में यह सर्वाधिक प्रमुख है।

फलितज्योतिष- इसके अन्तर्गत ग्रह नक्षत्रों आदि की स्थिति के आधार पर भाग्य, कर्म आदि का विवेचन किया जाता है।

वेधशाला- ग्रह, नक्षत्र आदि की गति, स्थिति की. जानकारी जहाँ गणना तथा यान्त्रिक विधि के आधार पर ली जाये वह वेध शाला है। यथा-जन्तर-मन्तर।

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः

मूलपाठः

पूर्वदिशायाम् उदेति सूर्यः पश्चिमदिशायां च अस्तं गच्छति इति दृश्यते हि लोके। परं न अनेन अवबोध्यमस्ति यत्सूर्यो गतिशील इति। सूर्योऽचल: पृथिवी च चला या स्वकीये अक्षे घूर्णति इति साम्प्रतं सुस्थापितः सिद्धान्तः। सिद्धान्तोऽयं प्राथम्येन येन प्रवर्तितः, स आसीत् महान् गणितज्ञः ज्योतिर्विच्च आर्यभटः।

पृथिवी स्थिरा वर्तते इति परम्परया प्रचलिता रूढिः तेन प्रत्यादिष्टा। तेन उदाहृतं यद् गतिशीलायां नौकायाम् उपविष्टः मानवः नौकां स्थिरामनुभवति, अन्यान् च पदार्थान् गतिशीलान् अवगच्छति। एवमेव गतिशीलायां पृथिव्याम् अवस्थितः मानवः पृथिवीं स्थिरामनुभवति सूर्यादिग्रहान् च गतिशीलान् वेत्ति।

476 तमे ख्रिस्ताब्दे (षट्सप्तत्यधिकचतुःशततमे वर्षे) आर्यभटः जन्म लब्धवानिति तेनैव विरचिते ‘आर्यभटीयम्’ इत्यस्मिन् ग्रन्थे उल्लिखितम्। ग्रन्थोऽयं तेन त्रयोविंशतितमे वयसि विरचितः। ऐतिहासिकस्त्रोतोभिः ज्ञायते यत् पाटलिपुत्र निकषा आर्यभटस्य वेधशाला आसीत्। अनेन इदम् अनुमीयते यत् तस्य कर्मभूमिः पाटलिपुत्रमेव आसीत्।

आर्यभटस्य योगदानं गणितज्योतिषा सम्बद्धं वर्तते यत्र संख्यानाम् आकलनं महत्त्वम् आदधाति। आर्यभटः फलितज्योतिषशास्त्रे न विश्वसिति स्म। गाणितीयपद्धत्या कृतप आकलनमाधृत्य एव तेन प्रतिपादितं यद् ग्रहणे राहु-केतुनामको, दानवौ नास्ति कारणम्। तत्र तु सूर्यचन्द्रपृथिवी इति त्रीणि एव कारणानि। सूर्य परितः भ्रमन्त्याः पृथिव्याः, चन्द्रस्य परिक्रमापथेन संयोगाद् ग्रहणं भवति। यदा पृथिव्याः छायापातेन चन्द्रस्य प्रकाशः अवरुध्यते तदा चन्द्रग्रहणं भवति। तथैव पृथ्वीसूर्ययोः मध्ये समागतस्य चन्द्रस्य छायापातेन सूर्यग्रहणं दृश्यते।

समाजे नूतनानां विचाराणां स्वीकारे प्रायः सामान्यजनाः काठिन्यमनुभवन्ति। भारतीयज्योतिःशास्त्रे तथैव आर्यभटस्यापि विरोधः अभवत्। तस्य सिद्धान्ताः उपेक्षिताः। स पण्डितम्मन्यानाम् उपहासपात्रं जातः। पुनरपि तस्य दृष्टि: कालातिगामिनी दृष्टा। आधुनिकैः वैज्ञानिकैः तस्मिन्, तस्य च सिद्धान्ते समादरः प्रकटितः। अस्मादेव कारणाद् अस्माकं प्रथमोपग्रहस्य नाम आर्यभट इति कृतम्।

वस्तुतः भारतीयायाः गणितपरम्परायाः अथ च विज्ञानपरम्परायाः असौ एकः शिखरपुरुषः आसीत्।

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः

सन्धिविच्छेद:
सूर्यो गतिशील इति = सूर्यः + गतिशीलः + इति।
सूर्योऽचलः = सूर्य+ + अचल:।
सिद्धान्तोऽयम् = सिद्धान्तः + अयम्।
ज्योतिर्विच्च = ज्योतिः + विद् + च।
प्रत्याविष्य = प्रति + आदिष्य।
ख्रिस्ताब्दे = ख्रिस्त + अब्दे।
सप्तत्यधिक = सप्तति + अधिक।
तेनैव = तेन + एव।
इत्यस्मिन् = इति + अस्मिन्।
उल्लिखितम् = उत् + लिखितम्।
ग्रन्थोऽयम् = ग्रन्थः + अयम्।
नास्ति = न + अस्ति।
तथैव = तथा + एव।
आर्यभटस्यापि = आर्यभटस्य + अपि।
पुनरपि = पुनः + अपि।

संयोगः
अवबोध्यमस्ति = अवबोध्यम् + अस्ति।
स्थिरामनुर्भवति = स्थिराष्य + अनुभवति।
एवमेव = एवम् + एव।
लब्धवानिति = लब्धवान् + इति।
पाटलिपुत्रमेव = पाटलिपुत्रम् + एव।
आकलनमाधृत्य = आकलनम् + आधृत्य।
समागतस्य = सम् + आगतस्य।
काठिन्यमनुभवन्ति = काठिन्यम् + अनुभवन्ति।
समादरः = सम् + आदरः।

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः

पदार्थबोध:
उदेति = उदित होता है (उद्गच्छति, चकास्ति)।
लोके = संसार में (संसारे, जगति)।
अवबोध्यम् = जानने योग्य (ज्ञातव्यम्, ज्ञानीयम्)।
अचलः = गतिहीन, स्थिर (स्थिर:)।
चला = अस्थिर, गतिशील (गतिशीला, अस्थिरा)।
स्वकीये = अपने (आत्मीये)।
अक्षे = धुरी पर (ध्रुवके)।
घूर्णति = घूमती है (घूर्णनं करोति)।
सुस्थापितः = भली-भाँति स्थापित (सम्यक् स्थापितः)।
प्राथम्येन = प्राथमिकता से (प्राथमिकतया)।
ज्योतिविद् = ज्योतिषी (ज्योतिष्क:)।
रूढ़िः = प्रथा, परम्परा।
प्रत्यादिष्टा = खण्डन किया (खण्डितवान्)।
ख्रिस्ताब्दे = ईस्वी में (ईस्वीये)।
षट्सप्ततिः = छिहत्तर (षडधिकसप्ततिः)।
वयसि = आयु में (आयौ)।
निकषा = निकट (समीपे)।
वेधशाला = ग्रह-नक्षत्रों को जानने की प्रयोगशाला (ग्रह-ज्ञानशाला)।
आकलनम् = गणना।
आदधाति = रखता है (धारयति)।
भ्रमन्त्याः = घूमने वाली की (घूर्णन्त्याः )।
छायातपेन = छाया पड़ने से (छायावशात्)।
अवरुध्यते = रुक जाता है (अवबाध्यते)।
अपरत्र = दूसरी ओर (अन्यत्र)।
अवस्थितः = स्थित (स्थितः)।
उपेक्षिताः = नहीं माने गए (तिरस्कृताः)।
पण्डितम्मन्यानाम् = स्वयं को अधिक विद्वान् मानने वालों की (विद्वन्मन्यानाम्)।
कालातिगामिनी = समय को लाँघने वाली (कालजयिनी)।
प्रकटितः = प्रकट किया (प्रदर्शितः)।
असौ = वह (स:)।

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः

सरलार्थ:
सूर्य पूर्व दिशा में उदित होता है और पश्चिम दिशा में अस्त हो जाता है, यह देखा जाता है संसार में। परन्तु इससे यह नहीं समझना चाहिए कि सूर्य गतिशील है, ऐसा। सूर्य स्थिर है और पृथ्वी गतिशीला है जो अपने अक्ष (धुरी) पर घूमती है यह सिद्धान्त अब पूरी तरह स्थापित है। यह सिद्धान्त सबसे पहले जिसने स्थापित किया वे थे-महान् गणितज्ञ और ज्योतिषी ‘आर्यभट’। ‘पृथ्वी स्थिर है’ इस परम्परा वाली प्रथा को उन्होंने नकार दिया। उन्होंने उदाहरण दिया कि ‘गतिशील नौका में बैठा हुआ व्यक्ति नौका के स्थिर होने का अनुभव करता है और दूसरे पदार्थों को गतिशील समझता है।’ इसी प्रकार गतिशीला पृथ्वी में स्थित मानव पृथ्वी को स्थिर समझता है और सूर्यादि ग्रहों को गतिशील जानता है।

476 ई. सन् में आर्यभट ने जन्म लिया यह उनके द्वारा रचित ‘आर्यभटीयम्’ नामक ग्रन्थ में लिखित है। यह ग्रन्थ उन्होंने तेईसवें (23वें) वर्ष में रचा। ऐतिहासिक स्रोतों से ज्ञात होता है कि पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) के निकट आर्यभट की वेधशाला थी। इससे यह अनुमान किया जाता है कि उनकी कर्मभूमि पाटलिपुत्र ही थी।

आर्यभट का योगदान गणित-ज्योतिष से सम्बन्धित है, जहाँ संख्याओं का आंकलन (गणना) महत्त्व रखता है। आर्यभट फलित ज्योतिष शास्त्र में विश्वास नहीं करते थे। गणितीय पद्धति से किए गए आंकलन को ही आधार मानकर उन्होंने प्रतिपादित किया कि ग्रहण में राहु व केतु राक्षस कारण नहीं है। इसमें सूर्य, चन्द्र और पृथ्वी ये तीन ही कारण हैं। सूर्य के चारों ओर घूमती हुई पृथ्वी के व चन्द्रमा के परिक्रमा पथ से संयोग होने के कारण ग्रहण होता है। जब पृथ्वी की छाया पड़ने से चन्द्रमा का प्रकाश रुक जाता है, तब चन्द्रग्रहण होता है। वैसे ही पृथ्वी और सूर्य के बीच आए हुए चन्द्रमा की छाया पड़ने से सूर्यग्रहण दिखाई देता है।

समाज में नए विचारों को अपनाने में प्रायः सामान्य लोग कठिनाई का अनुभव करते हैं। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में उसी प्रकार आर्यभट का विरोध भी हुआ। उसके सिद्धान्तों की उपेक्षा की गई। वे स्वयं को विद्वान् मानने वाले लोगों में उपहास के पात्र बने। फिर भी उनकी दृष्टि काल को लाँघने वाली थी। आधनिक वैज्ञानिकों के द्वारा उनमें व उनके सिद्धान्तों में आदर प्रकट किया गया है। इसी कारण से हमारे प्रथम उपग्रह का नाम ‘आर्यभट’ रखा गया।

वास्तव में ये भारतीय गणित-परम्परा तथा विज्ञान-परम्परा के शिखर (श्रेष्ठ) पुरुष थे।

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः

आर्यभटः Summary

आर्यभटः पाठ-परिचयः

ज्ञान-विज्ञान की सुदीर्घ परम्परा भारतवर्ष की अमूल्य निधि है। इस परम्परा को प्रबुद्ध मनीषियों ने सम्पोषित किया। आर्यभट इन्हीं मनीषियों में अग्रगण्य थे। दशमलव पद्धति आदि के प्रारम्भिक प्रयोक्ता आर्यभट ने गणित को नयी दिशा दी। इन्हें एवं इनके सिद्धान्तों को तत्कालीन रूढ़िवादियों का विरोध झेलना पड़ा। वस्तुतः गणित को विज्ञान बनाने वाले तथा गणितीय गणना पद्धति के द्वारा आकाशीय पिण्डों (नक्षत्रों) की गति का प्रवर्तन करने वाले ये प्रथम आचार्य थे। आचार्य आर्यभट के इसी वैदुष्य का उद्घाटन प्रस्तुत पाठ में है। अधिक जानकारी के लिए योग्यता-विस्तार: द्रष्टव्य है।

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 आर्यभटः Read More »

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 प्रहेलिकाः

Haryana State Board HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 प्रहेलिकाः Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 प्रहेलिकाः

अभ्यासः

प्रहेलिकाः HBSE 8th Class Sanskrit  प्रश्न 1.
श्लोकांशेषु रिक्तस्थानानि पूरयत-
(क) सीमन्तिनीषु का _________ राजा ___________ गुणोत्तमः?
(ख) कं सञ्जघान _________ का _________ गङ्गा?
(ग) के _________ कं _________ न बाधते शीतम्।
(घ) वृक्षाग्रवासी न च _________, _________ न च शूलपाणिः।
उत्तरम्:
(क) सीमन्तिनीषु का शान्ता? राजा कोऽभूत् गुणोत्तमः?
(ख) कं सञ्जघान कृष्णः? का शीतलवाहिनी गङ्गा?
(ग) के दारपोषणरता:? कं बलवन्तं न बाधते शीतम्?
(घ) वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः, त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः।

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 प्रहेलिकाः

HBSE 8th Class Sanskrit Chapter 15 प्रहेलिकाः प्रश्न 2.
श्लोकाशान् योजयत-

कि कुर्यात् कातरो युद्धेअत्रैवोक्तं न बुध्यते।
विद्वद्भिः का सदा वन्ध्यातक्रं शक्रस्य दुर्लभम्।
कं स्ज्घान कृष्ण:मृगात् सिहः पलायते।
कथं विष्णुपदं प्रोक्तंकाशींतलवाहिनी गद्भा।

उत्तरम्:

कि कुर्यात् कातरो युद्धेमृगात् सिहः पलायते।
विद्वद्भिः का सदा वन्ध्याअत्रैवोक्तं न बुध्यते।
कं स्ज्घान कृष्ण:काशींतलवाहिनी गद्भा।
कथं विष्णुपदं प्रोक्तंतक्रं शक्रस्य दुर्लभम्।

प्रहेलिकाः Questions and Answers Class 8 HBSE प्रश्न 3.
उपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘आम’ अनुपयुक्तकथनानां समक्ष ‘न’ इति लिखत-
उपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘आम’ अनुपयुक्तकथनाना समक्ष ‘न’ इति लिखत-
यथा – सिंहः करिणां कुलं हन्ति। [आम]
(क) कातरो युद्धे युद्ध्यते।
(ख) कस्तूरी मृगात् जायते।
(ग) मृगात् सिंहः पलायते।
(घ) कंस: जघान कृष्णम्।
(ङ) तक शक्रस्य दुर्लभम्।
(च) जयन्तः कृष्णस्य पुत्रः।
उत्तरम्:
(क) कातरो युद्धे युध्यते। [न]
(ख) कस्तूरी मृगात् जायते। [आम]
(ग) मृगात् सिंहः पलायते। [न]
(घ) कंसः जघान कृष्णम्। [न]
(ङ) तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्। [आम]
(च) जयन्तः कृष्णस्य पुत्रः। [न]

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 प्रहेलिकाः

Class 8 Sanskrit Chapter 15 HBSE प्रश्न 4.
अधोलिखितानां पदानां लिङ्ग विभक्तिं वचनञ्च लिखत-
HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 प्रहेलिकाः - 1
उत्तरम्:
HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 प्रहेलिकाः - 2

प्रश्न 5.
कोष्ठकान्तर्गतानां पदानामुपयुक्तविभक्तिप्रयोगेन अनुच्छेदं पूरयत-
एकः काकः __________ (आकाश) डयमानः आसीत्। तृषार्तः सः __________ (जल) अन्वेषणं करोति। तदा सः __________ (घट) अल्पं __________ (जल) पश्यति। सः __________ (उपल) आनीय __________ (घट) पातयति। जलं __________ (घट) उपरि आगच्छति। __________ (काक) सानन्दं जलं पीत्वा तृप्यति।
उत्तरम्:
एकः काकः आकाशे (आकाश) डयमानः आसीत्। तृषार्तः सः जलस्य (जल) अन्वेषणं करोति। तदा सः घटे (घट) अल्पं जलं (जल) पश्यति। सः उपलान् (उपल) आनीय घटे (घट) पातयति। जलं घटे (घट) उपरि आगच्छति। काकः (काक) सानन्दं जलं पीत्वा तृप्यति।

योग्यता-विस्तारः

प्रस्तुत पाठ में दी गयी पहेलियों के अतिरिक्त कुछ अन्य पहेलियाँ अधोलिखित हैं। उन्हें पढ़कर स्वयं समझने की कोशिश करें और ज्ञानवर्धन करें यदि न समझ पायें तो उत्तर देखें।

(क) चक्री त्रिशूली न हरो न विष्णुः।
महान् बलिष्ठो न च भीमसेनः।
स्वच्छन्दगामी न च नारदोऽपि
सीतावियोगी न च रामचन्द्रः।।

(ख) न तस्यादिर्न तस्यान्तः मध्ये यस्तस्य तिष्ठति।
तवाप्यस्ति ममाप्यस्ति यदि जानासि तद्वद॥

(ग) अपदो दूरगामी च साक्षरो न च पण्डितः।
अमुखः स्फुटवक्ता च यो जानाति स पण्डितः।
उत्तर:
(क) वृषभः
(ख) नयनम्
(ग) पत्रम्

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 प्रहेलिकाः

मूलपाठः

कस्तूरी जायते कस्मात्?
को हन्ति करिणां कुलम्?
किं कुर्यात् कातरो युद्ध?
मृगात् सिंहः पलायते ॥1॥

सीमन्तिनीषु का शान्ता?
राजा कोऽभूत् गुणोत्तमः?
विद्वद्भिः का सदा वन्द्या?
अत्रैवोक्तं न बुध्यते ॥2॥

कं सञ्जधान कृष्णः?
का शीतलवाहिनी गङ्गा?
के दारपोषणरताः?
के बलवन्तं न बाधते शीतम् ॥3॥

वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः
त्रिनेत्रधारौ न च शूलपाणिः।
त्वग्वस्त्रधारी न च सिद्धयोगी
जलं च विचन्न घटो न मेघ: ॥4॥

भोजनान्ते च किं पेयम्?
जयन्तः कस्य वै सुतः?
कथं विष्णुपदं प्रोक्तम्?
तक्र शक्रस्य दुर्लभम् ॥5॥

अन्वयः
1. कस्तूरी कस्मात् जायते?
करिणां कुलं कः हन्ति?
कातरः युद्ध किं कुर्यात्?
मृगात् सिंहः पलायते।

2. सीमन्तिनीषु का शान्ता?
क: गुणोत्तमः राजा अभूत?
विद्वद्भिः सदा का वन्द्या?

3. कृष्णः क सञ्जधान?
का शीतलवाहिनी गङ्गा?
के दारपोषणरताः?
शीतं कं बलवन्तं न बाधते?

4. वृक्षाग्रवासी पक्षिराज: च ना
त्रिनेत्रधारी (किन्तु) शूलपाणिः च न।
त्वग्वस्त्रधारी (परन्तु) सिद्धयोगी च न।
जलं च बिभ्रत् न घटः न (च) मेघः।

5. भोजनान्ते कि पेयम्?
जयन्तः कस्य वै सुतः?
विष्णुपदं कथं प्रोक्तम्?
तक्र शक्रस्य दुर्लभम्।

सन्धिविच्छेदः
कोहन्ति = कः + हन्ति।
कातरो युद्धे = कातरः + युद्धे।
कोऽभूत = कः + अभूत् (को + अभूत्)।
गुणोत्तमः = गुण + उत्तमः।
अत्रैवोक्तम् = अत्र + एव + उक्तम्।
वृक्षाग्रवासी = वृक्ष + अग्रवासी।
बिभ्रन्न = ब्रिभत् + न।
भोजनान्ते = भोजन + अन्ते।
प्रोक्तम् = प्र + उक्तम्।

पदार्थबोध:
हन्ति = मारता/ती है (मारयति)।
करिणाम् = हाथियों के (गजानाम्)।
कातरः = कायर (भीत:)।
सीमन्तिनीषु = नारियों में (नारीषु, महिलासु)।
अभूत् = हुआ (अजायत)।
बुध्यते = जाना जाता है (ज्ञायते)।
सञ्जधान = मारा (अमारयत्, अहन्)।
कसञ्जधान् = कंस को मारा (कंसममारयत्)।
शीतलवाहिनी = शीतलधारा वाली (शैत्यवाहिनी)।
काशीतलवाहिनी = काशी की भूमि पर बहने वाली (वाराणसीतलवाहिनी)।
दारपोषणरताः = पत्नी के पोषण में लीन (पत्नीपोषणलीनाः)।
केदारपोषणरताः = खेत के कार्य में संलग्न (क्षेत्रकार्यरताः)।
बलवन्तम् = बलवान् को (शक्तिमन्तम्)।
कम्बलवन्तम् = कम्बल वाले को (कम्बलवस्त्रधारिणम्)।
बाधते = बाधित करता है (सीदति)।
वृक्षाग्रवासी = पेड़ों पर रहने वाला (तरुवासी)।
पक्षिराजः = पक्षियों का राजा (गरुड़) (वैनतेयः)।
त्रिनेत्रधारी = तीन नेत्रों वाला (शिव) (नारिकेलः, शिवः)।
शूलपाणिः = त्रिशूलधारी (शंकरः, शूली)।
त्वम् = त्वचा, छाल (वल्कलः)।
बिभ्रत् = भरा हुआ (परिपूर्णः)।
विष्णुपदम् = मोक्ष (मोक्षः)।
तक्रम् = छाछ, मठा (घृतशेषः)।
शक्रस्य = इन्द्र का (इन्द्रस्य)।
दुर्लभम् = कठिन (कठिनम्)।

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 प्रहेलिकाः

प्रहेलिकानामुत्तरान्वेषणाय सङ्केताः
प्रथमा प्रहेलिका – अन्तिम चरणे क्रमशः त्रयाणां प्रश्नानां त्रिभिः पदैः उत्तरं दत्तम्।

द्वितीया प्रहेलिका – प्रथम-द्वितीय-तृतीय चरणेषु प्रथमस्य वर्णस्य अन्तिमवर्णेन संयोगात् उत्तरं प्राप्यते।

तृतीया प्रहेलिका – प्रत्येकं चरणे प्रथमद्वितीययोः प्रथमत्रयाणां वा वर्णानां संयोगात् तस्मिन् चरणे प्रस्तुतस्य प्रश्नस्य उत्तरं प्राप्यते।

चतुर्थप्रहेलिकायाः उत्तरम् – नारिकेलफलम्।

पञ्चमप्रहेलिकायाः उत्तरम् – प्रथम-प्रहेलिकावत्।

पहेलियों का उत्तर खोजने के संकेत
पहली पहेली – अन्तिम चरण (चौथी पंक्ति) में ऊपर के तीनों प्रश्नों के उत्तर क्रमश: तीन शब्दों में दिए गए हैं।

दूसरी पहेली – प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय (तीनों) चरणों के पहले तथा अन्तिम वर्ण का मिलान करने से उत्तर मिलता है।

तीसरी पहेली – प्रत्येक चरण में पहले दोनों या पहले तीनों वर्गों को मिलाने से उसका उत्तर मिलता है।

चौथी पहेली का उत्तर नारियल।

पाँचवीं पहेली का उत्तर – पहली पहेली के समान।

सरलार्थः
1. कस्तूरी किससे उत्पन्न होती है?
कौन मारता है हाथियों के कुल को?
कायर युद्ध में क्या करता है?
‘हरिण से’, ‘शेर’, ‘भाग जाता है।’
(ये तीनों ही क्रमशः उत्तर हैं।)

2. (i) नारियों में कौन शान्त है? (सीता)
(ii) गुणों में उत्तम राजा कौन हुआ है? (राम)
(ii) विद्वानों द्वारा सदा कौन पूजी जाती है? (विद्या)
इन्हीं में कहा गया है, पता नहीं चल रहा है।

3. कृष्ण ने किसे मारा? (कंस को)
शीतलधारा वाली गंगा कहाँ है? (काशी में)
स्त्री के पोषण में कौन लगे रहते हैं? (किसान)
किस बलवान् को सर्दी नहीं लगती? (कम्बल वाले को)

4. वृक्ष पर रहता है लेकिन पक्षिराज (गरुड़) नहीं है।
तीन नेत्रों वाला है, लेकिन शिव नहीं है।
छाल के वस्त्र पहनता है लेकिन योगी नहीं है।
जल से भरा हुआ है फिर भी न घड़ा है और न बादल।
उत्तर है- नारियल।

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 प्रहेलिकाः

5. भोजन के अन्त में क्या पीना चाहिए? (छाछ)
जयन्त किसका पुत्र था? (इन्द्र का)
मोक्ष कैसा कहा गया है? (दुर्लभ)
मट्ठा दुर्लभ है इन्द्र के लिए।

प्रहेलिकाः Summary

प्रहेलिकाः पाठ-परिचयः

मनोरञ्जनहीन व हास्यविहीन जीवन को नरक माना जा सकता है। पहेलियाँ मनोरञ्जन की प्राचीन विधा हैं। ये प्रायः विश्व की सारी भाषाओं में उपलब्ध हैं। संस्कृत के कवियों ने इस परम्परा को अत्यन्त समृद्ध किया है। पहेलियाँ जहाँ हमें आनन्द देती हैं, वहीं समझ-बूझ की हमारी मानसिक व बौद्धिक प्रक्रिया को अधिक तेज बनाती हैं। इस पाठ में संस्कृत प्रहेलिका (पहेली) बूझने की परम्परा के कुछ रोचक उदाहरण प्रस्तुत किए गए हैं। रोचकपूर्ण ढंग से ज्ञानवर्धन करने के लिए पहेलियाँ उत्तम साधन हैं।

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 प्रहेलिकाः Read More »

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ

Haryana State Board HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ

HBSE 8th Class Hindi लाख की चूड़ियाँ Textbook Questions and Answers

कहानी से

पाठ 2 लाख की चूड़ियाँ प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 1.
बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ क्यों कहता था? ..
उत्तर:
बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव बड़े चाव के साथ जाता था। उसके चाव का कारण यह था कि वहाँ उसे ढेर सारी लाख की रंग-बिरंगी गोलियाँ मिलती थीं। ये गोलियाँ उसका मन मोह लेती थीं। बदलू लेखक के मामा के गाँव का था अतः उसे उसको ‘बदलू मामा’ कहना चाहिए था, पर वह ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ कहता था। इसका कारण यह था कि गाँव के सभी बच्चे उसे ‘बदलू काका’ ही कहा करते थे। लेखक भी उनकी देखा-देखी उसे ‘बदलू काका’ ही कहता था।

लाख की चूड़ियाँ प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 2.
वस्तु विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है?
उत्तर:
‘वस्तु विनिमय’ में एक वस्तु को दूसरी वस्तु देकर लिया जाता था। वस्तु के लिए पैसे नहीं लिए जाते थे। वस्तु के बदले वस्तु ली-दी जाती थी। लोग अनाज देकर चूड़ियाँ ले लेते थे।

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ

लाख की चूड़ियाँ HBSE 8th Class प्रश्न 3.
“मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं।’-पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है?
उत्तर:
इस पंक्ति में लेखक ने इस व्यथा की ओर संकेत किया है कि मशीनों के आगमन के साथ कारीगरों के हाथों से काम-धंधा छिन गया। मानो उनके हाथ ही कट गए हों। मशीनों ने लोगों को बेरोजगार बना दिया। .

लाख की चूड़ियाँ पाठ के प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 4.
बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी, जो लेखक से छिपी न रह सकी?
उत्तर:
बदलू के मन में इस बात की व्यथा की मशीनी युग के प्रभावस्वरूप उस जैसे अनेक कारीगरों को बेरोजगारी और उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। अब लोग कारीगरी की कद्र न करके दिखावटी चमक पर अधिक ध्यान देते हैं। ।

लाख की चूड़ियाँ शब्दार्थ HBSE 8th Class  प्रश्न 5.
मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?
उत्तर:
मशीनी युग से बदलू के जीवन में यह बदलाव आया कि वह बेरोजगार हो गया। काम न करने से उसका शरीर भी ढल गया, उसके हाथों-माथे पर नसें उभर आईं। अब वह बीमार रहने लगा।

कहानी से आगे

लाख की चूड़ियाँ पाठ का सार HBSE 8th Class  प्रश्न 1.
आपने मेले-बाजार आदि में हाथ से बनी चीजों को बिकते देखा होगा। आपके मन में किसी चीज को बनाने की कला को सीखने की इच्छा हुई हो और आपने कोई कारीगरी सीखने का प्रयास किया हो तो उसके विषय में लिखिए।
उत्तर:
मैंने मेले-बाजार में तरह-तरह की रंग-बिरंगी काँच के छोटे-छोटे बीकरों में रखी मोमबत्तियाँ बिकती देखीं। मेरे मन में भी यह इच्छा उत्पन्न हुई कि मैं भी इनको बनाने की कला सीखू। मैंने हस्तशिल्प कार्यशाला में एक सप्ताह का प्रशिक्षण लिया। अब मैं स्वयं इस प्रकार की कलात्मक मोमबत्तियाँ आसानी से बना लेता हूँ। मैं इनकी बिक्री करके कुछ धन भी कमा लेता हूँ।

Vasant Chapter 2 HBSE 8th Class प्रश्न 2.
लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन-किन राज्यों में होता है? लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त क्या-क्या चीजें बनती हैं? ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
लाख की वस्तुओं का निर्माण राजस्थान में सबसे अधिक होता है। यह काम गुजरात में भी होता है क्योंकि यह राज्य राजस्थान से सटा हुआ है। – लाख से चूड़ियाँ बनती हैं। – लाख से खिलौने बनते हैं।

अनुमान और कल्पना

पाठ 2 लाख की चूड़ियाँ HBSE 8th Class प्रश्न 1.
घर में मेहमान आने पर आप उसका अतिथि-सत्कार कैसे करेंगे?
उत्तर:
घर में मेहमान आने पर हम उन्हें आदर सहित बिठाएँगे।

  • उनके आने पर प्रसन्नता प्रकट करेंगे।
  • उन्हें पीने के लिए चाय, कॉफी, लस्सी या शर्बत देंगे।
  • बाद में उन्हें खाना खिलाएँगे।
  • उनके साथ प्रेमपूर्वक बातचीत करेंगे।

प्रश्न 2.
आपको अपनी छुट्टियों में किसके घर जाना सबसे अच्छा लगता है? वहाँ की दिनचर्या लिखिए। अलग कैसे होती है?
उत्तर:
हमें छुट्टियों में अपने नाना-नानी के घर जाना सबसे अच्छा लगता है, क्योंकि वे हमें बहुत प्यार करते हैं। वहाँ की दिनचर्या बहुत ही मस्ती भरी होती है। वहाँ हमें स्कूल जाने की चिंता नहीं होती। अतः हम वहाँ देर तक सोते हैं और धूप निकल आने पर उठते हैं। वहाँ हम आस-पास के बच्चों के साथ घूमने जाते हैं। घर पर हमें नाश्ता भी बड़ा मजेदार मिलता है। नाश्ता करके हम खेलने निकल जाते हैं। दोपहर का खाना काफी देर से होता है। घर के आँगन में खेलते-कूदते और मस्ती करते हैं। इस प्रकार दिन भर मौज-मस्ती चलती रहती है।

प्रश्न 3.
मशीनी युग में अनेक परिवर्तन आए दिन होते रहते हैं। आप अपने आस-पास से इस प्रकार के किसी परिवर्तन का उदाहरण चुनिए और उसके बारे में लिखिए।
उत्तर:
मशीनी युग में अनेक परिवर्तन आए दिन होते रहते हैं। हमारे आस-पास भी इस प्रकार के परिवर्तन होते रहते हैं। पहले हमारे घर के पास कई स्त्रियाँ दाल पीसने का काम करती थीं। वे बड़ी-बड़ी सिलों पर पत्थर के बट्टों से दाल पीसकर कुछ रुपए कमा लेती थीं। प्रायः हलवाई उनसे दाल पिसवाते थे। अब दाल पीसने की मशीनें आ गई हैं। अब वही काम मशीन थोड़ी ही देर में कर देती है। इससे उनका काम छिन गया है।

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ

प्रश्न 4.
बाजार में बिकने वाले सामानों की डिज़ाइनों में हमेशा परिवर्तन होता रहता है। आप इन परिवर्तनों को किस प्रकार देखते हैं। आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
बाजार में अनेक प्रकार के सामान बिकते हैं। इनमें खाने-पीने के सामानों के अतिरिक्त पहनने-ओढ़ने के कपड़े भी होते हैं। मनोरंजन के भी बहुत सामान बाजार में मिलते हैं। इन सामानों में डिजाइनों में हमेशा परिवर्तन आता रहता है, विशेषकर कपड़ों के डिजाइनों में।

प्रश्न 5.
हमारे खान-पान, रहन-सहन और कपड़ों में भी बदलाव आ रहा है। इस बदलाव के पक्ष-विपक्ष में बातचीत कीजिए और बातचीत के आधार पर लेख तैयार कीजिए।
उत्तर:
आज के युग में हमारे खान-पान, रहन-सहन तथा कपड़ों में अनेक प्रकार के बदलाव आ रहे हैं। इस बदलाव के पक्षविपक्ष में बड़े लोगों से बातचीत करने पर यह कहा जा सकता है: बदलाव प्रकृति का नियम है। हर युग में बदलाव आता रहा है और आता रहेगा। इस बदलाव को कोई रोक नहीं सकता। यद्यपि बड़े लोग इसे देर से स्वीकार करते हैं, पर युवा पीढ़ी इसे तुरंत अपना लेती है। बड़े लोग इसे फैशन का नाम दे देते हैं तथा प्रारंभ में इसका विरोध करते हैं, पर कुछ समय बीत जाने के उपरांत वे भी इसे स्वीकार कर लेते हैं।

भाषा की बात

1. ‘बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूड़ियों से’ और बदलू स्वयं कहता है।-“जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है लाख में कहाँ संभव है?” ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। इसमें व्यंग्य भी है। हारे हुए मन.से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए।

‘वहाँ की औरतें अपने मरद का हाथ पकड़कर सड़कों पर घूमती भी हैं और फिर उनकी कलाइयाँ नाजुक होती हैं। लाख की चूड़ियाँ पहनें तो मोच न आ जाए।’
→ इस कथन में शहरी स्त्रियों पर व्यंग्य किया गया है। शहर की औरतों को बेशर्म बताया गया है क्योंकि वे सड़कों पर अपने मर्द (पति) का हाथ पकड़कर घूमती हैं।

→ दूसरा व्यंग्य उनकी कलाई की नाजुकता पर किया गया है कि वे लाख की चूड़ियों का बोझ झेल ही नहीं सकती।

→ ‘आजकल सब काम मशीन से होता है। जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है, लाख में कहाँ संभव है?

→ बदलू मशीनी युग पर व्यंग्य करता है। मशीनों ने लोगों को बेरोजगार बना दिया। लोग सुंदरता के पीछे भागते हैं, मजबूती की परवाह किसे है।

2. बदलू कहानी में दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात (व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को तीन भेदों में बांटा गया है –
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा जैसे-शहर, गाँव, पतली-मोटी, गोल, चिकना इत्यादि

(ख) जातिवाचक संज्ञा जैसे–चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा।

(ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे–सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार, वचन परंतु उसका अनुभव होता है। पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएँ चुनकर लिखिए।

  • व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ – रज्जो, बदलू
  • जातिवाचक संज्ञाएँ – चूड़ियाँ, स्त्रियाँ, काँच, सड़क, काका, मशीन, चारपाई, गोली।
  • भाववाचक संज्ञाएँ – पढ़ाई, सुंदरता, व्यथा
  • गाँव की बोली के शब्द : मरद (मर्द), लला (लाल), बखत (वक्त), मचिया (खाट), पियाज (प्याज), तमाखू (तंबाकू) आदि।

3. गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू बक्त (समय) को बखत, उम्र (वय/आयु) को उमर कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं।
विद्यार्थी स्वयं करों

HBSE 8th Class Hindi लाख की चूड़ियाँ Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
बदलू कौन था? उसका व्यवसाय क्या था?
उत्तर:
बदलू मनिहार था। चूड़ियाँ बनाना उसका पैतृक पेशा था और वास्तव में वह बहुत ही सुंदर चूड़ियाँ बनाता था। उसकी बनाई हुई चूड़ियों की खपत भी बहुत. थी। उस गाँव में तो सभी स्त्रियाँ उसकी बनाई हुई चूड़ियाँ पहनती ही थीं आस-पास के गाँवों के लोग भी उससे चूड़ियाँ ले जाते थे परंतु वह कभी भी चूड़ियों को पैसों से बेचता न था। उसका अभी तक वस्तु-विनिमय का तरीका था और लोग अनाज के बदले उससे चूड़ियाँ ले जाते थे। बदलू स्वभाव से बहुत सीधा था। कभी भी उसे किसी से झगड़ते नहीं देखा गया।

प्रश्न 2.
जब कई वर्ष बाद लेखक बदलू से मिलने गया तब उसने क्या शिकायत की?
उत्तर:
बदलू ने लेखक को बताया कि उसका काम तो कई साल से बंद है। उसकी बनाई हुई चूड़ियाँ कोई पूछे तब तो। गाँव-गाँव में काँच का प्रचार हो गया है। वह कुछ देर चुप रहा, फिर बोला, मशीन युग है न यह, लला! आजकल सब काम मशीन से होता है। खेत भी मशीन से जोते जाते हैं और फिर जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है, लाख में कहाँ संभव है?

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ

प्रश्न 3.
बदलू लेखक को मलाई क्यों नहीं खिला पाया?
उत्तर:
पहले बदलू के पास एक गाय थी। वह उसके दूध की मलाई लेखक को खिलाया करता था। अब वह गाय बिक चुकी थी क्योंकि बदलू के पास उसको खिलाने को कुछ नहीं था अतः अब मलाई होती ही न थी।

लाख की चूड़ियाँ गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

1. वैसे तो मेरे मामा के गाँव का होने के कारण मुझे बदलू को ‘बदलू मामा’ कहना चाहिए था परंतु मैं उसे ‘बदलू मामा’ न कहकर बदलू काका कहा करता था जैसा कि गाँव के सभी बच्चे उसे कहा करते थे। बदलू का मकान कुछ ऊँचे पर बना था। मकान के सामने बड़ा-सा सहन था जिसमें एक पुराना नीम का वृक्ष लगा था। उसी के नीचे बैठकर बदलू अपना काम किया करता था। बगल में भट्ठी दहकती रहती जिसमें वह लाख पिघलाया करता।

सामने एक लकड़ी की चौखट पड़ी रहती जिस पर लाख के मुलायम होने पर वह उसे सलाख के समान पतला करके चूड़ी का आकार देता। पास में चार-छह विभिन्न आकार की बेलननुमा मुंगेरियाँ रखो रहतीं जो आगे से कुछ पतली और पीछे से मोटी होतीं। लाख की चूड़ी का आकार देकर वह उन्हें मुंगेरियों पर चढ़ाकर गोल और चिकना बनाता और तब एक-एक कर पूरे हाथ की चूड़ियाँ बना चुकने के पश्चात वह उन पर रंग करता।
प्रश्न:
1. लेखक को बदलू को किस संबोधन से पुकारना चाहिए था पर वह किस संबोधन से पुकारता था और क्यों?
2. बदलू का मकान कैसा था?
3. बदलू अपना काम कहाँ करता था?
4. वह अपना काम कैसे करता था?
5. वह किससे चूड़ी बनाता था तथा कैसे?
उत्तर:
1. लेखक को बदलू को ‘मामा’ से संबोधित करना चाहिए था क्योंकि वह उसके मामा के गाँव से था, पर वह उसे ‘बदलू काका’ कहकर संबोधित करता था क्योंकि गाँव के सभी बच्चे उसे ‘बदलू काका’ ही कहते थे।
2. बदलू का मकान कुछ ऊँचाई पर बना था। उसके मकान के सामने बड़ा सा आँगन था और उसमें नीम का पेड़ लगा हुआ था।
3. बदलू नीम के पेड़ के नीचे बैठकर अपना काम करता था।
4. वह दहकती भट्ठी पर लाख पिघलाता रहता था। वह लाख को मुलायम करके चूड़ी का आकार देता। इसके लिए वह विभिन्न आकार की मुंगरियों पर चढ़ाकर गोल करता था?
5. वह लाख से चूड़ी बनाता था। इसके बाद वह चूड़ियों पर रंग करता था।

2. मैं बहुधा हर गर्मी की छुट्टी में अपने मामा के यहाँ चला जाता और एक-आध महीने वहाँ रहकर स्कूल खुलने के समय तक वापस आ जाता। परंतु दो-तीन बार ही मैं अपने मामा के यहाँ गया होऊँगा। जब मेरे पिता की एक दूर के शहर में बदली हो गई और एक लंबी अवधि तक मैं अपने मामा के गाँव न जा सका। तब लगभग आठ-दस वर्षों के बाद जब मैं वहाँ गया तो इतना बड़ा हो चुका था कि लाख की गोलियों में मेरी रूचि नहीं रह गई थी। अत: गाँव में होते हुए भी कई दिनों तक मुझे बदलू का ध्यान न आया।

इस बीच मैंने देखा कि गाँव में लगभग सभी स्त्रियाँ काँच की चूड़ियाँ पहने हैं। विरले ही हाथों में मैंने लाख की चूड़ियाँ देखीं। तब एक दिन सहसा मुझे बदलू का ध्यान हो आया। बात यह हुई कि बरसात में मेरे मामा की छोटी लड़की आँगन में फिसलकर गिर पड़ी और उसके हाथ की काँच की चूड़ी टूटकर उसकी कलाई में घुस गई और उससे खून बहने लगा। मेरे मामा उस समय घर पर न थे। मुझे ही उसकी मरहम-पट्टी करनी पड़ी। तभी सहसा मुझे बदलू का ध्यान हो आया और मैंने सोचा कि उससे मिल आऊँ। अतः शाम को मैं घूमते-घूमते उसके घर चला गया। बदलू वहीं चबूतरे पर नीम के नीचे एक खाट पर लेटा था।
प्रश्न:
1. लेखक काफी समय तक मामा के गाँव क्यों नहीं जा सका?
2. वहाँ जाकर लेखक ने स्त्रियों में क्या परिवर्तन देखा?
3. लेखक को बदलू की याद कैसे आई?
4. लेखक को बदलू कहाँ मिला?
उत्तर:
1. लेखक के पिता की बदली किसी दूर के शहर में हो गई थी। इसी कारण वह 8-10 वर्षों तक मामा के गाँव नहीं जा सका।
2. लंबे समय के बाद जब लेखक मामा के गाँव गया तो उसने देखा कि अब वहाँ की अधिकांश स्त्रियाँ लाख की चूड़ियों के स्थान पर काँच की चूड़ियाँ पहने हुए हैं। किसी-किसी स्त्री ने ही लाख की चूड़ी पहन रखी थी।
3. लेखक की मामा की छोटी लड़की के हाथ की काँच की चूड़ी टूटकर उसकी कलाई में घुस गई थी और खून बहने लगा था। उस समय उसके मामा घर पर नहीं थे और लेखक को ही उसकी मरहम-पट्टी करनी पड़ी थी। तभी उसे बदलू की याद हो आई।
4. जब लेखक बदलू से मिलने उसके घर गया तब वह उसे | चबूतरे पर नीम के पेड़ के नीचे एक खाट पर लेटा हुआ मिला।

लाख की चूड़ियाँ Summary in Hindi

लाख की चूड़ियाँ पाठ का सार

लेखक को सारे गाँव में बदलू सबसे अच्छा लगता था क्योंकि वह उसे लाख की सुंदर-सुंदर गोलियाँ बनाकर देता था। लेखक उसे ‘बदलू काका’ कहा करता था। बदलू काका नीम के पेड़ के नीचे बैठकर दहकती भट्ठी पर लाख पिघला कर उसे चूड़ी का आकार देता था। वह बेलननुमा मुँगेरियों पर लाख को चढ़ाकर उसे चूड़ियों का आकार देता था और बाद में उन पर रंग करता था। वह बीच-बीच में हुक्का पीता रहता था। वह बचपन में लेखक को ‘लला’ कहता था और एक मचिया पर बिठाता था। वहीं लेखक उसे चूड़ियाँ बनाते देखता रहता था। बदलू मनिहार था। चूड़ियाँ बनाना उसका पैतृक पेशा था। गाँव की सभी स्त्रियाँ उसी की बनाई चूड़ियाँ पहनती थीं। बदलू स्वभाव से बहुत सीधा था। विवाह के अवसर पर उसकी चूड़ियों का मूल्य बढ़ जाता था। वह काँच की चूड़ियों से चिढ़ता था।

वह लेखक से बचपन में उसकी पढ़ाई के बारे में पूछता रहता था। कभी-कभी बदलू उसकी अच्छी खातिर भी करता था। बदलू उसके लिए लाख की एक-दो गोलियाँ बना देता था। बदलू लेखक के मामा के गाँव में रहता था। लेखक के पिता की बदली दूर के शहर में हो गई थी। अतः वह लंबे समय तक मामा के गाँव न जा सका। जब वह गाँव गया तो उसने गाँव की लगभग सभी स्त्रियों को काँच की चूड़ियाँ पहने देखा। एक शाम को वह बदलू से मिला तो सहसा उसने लेखक को पहचाना नहीं। फिर लेखक ने अपना नाम जनार्दन बताकर गोलियों की बात याद दिलाई, लेकिन वह फिर भी चुप रहा। बदलू ने उसे बताया कि अब उसका लाख की चूड़ियाँ बनाने का काम कई साल से बंद है क्योंकि अब उसकी बनाई चूड़ियों की पूछ नहीं होती। सभी को काँच की सुंदर चूड़ियाँ चाहिए। अब तक बदलू का शरीर भी ढल चुका था। उसे बुरी तरह खाँसी आ रही थी। उसके मन में व्यथा छिपी थी, जिसे लेखक ने भाँप लिया।

लेखक ने विषय बदलने के लिए पूछा-काका, अब की आम की फसल कैसी है? उसने जवाब दिया-अच्छी है और यह कहकर उसके लिए अपनी बेटी से कहकर आम मँगवाए। फिर लेखक ने गाय के बारे में पूछा तो वह बोला-गाय को दो साल पहले बेच दिया, कहाँ से खिलाता उसे? तभी उसकी बेटी रज्जो एक डलिया में ढेर से आम ले आई। बेटी ने चार-पाँच सिंदूरी आम छाँटकर उसे दे दिए। लेखक ने देखा कि रज्जो की गोरी-गोरी कलाइयों पर लाख की चूड़ियाँ फब रही थीं। बदलू बोला-यही आखिरी जोड़ा बनाया था, जमींदार साहब की बेटी के लिए। वे दस आने दे रहे थे, बदलू ने वह जोड़ा नहीं दिया और कह दिया-शहर से ले आओ। लेखक को यह सुनकर प्रसन्नता हुई कि बदलू ने हारकर भी हार नहीं मानी। उसका व्यक्तित्व टूटने वाला नहीं था।

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ

लाख की चूड़ियाँ शब्दार्थ

विभिन्न = तरह-तरह की (Different), पैतृक = पिता का (Paternal), विनिमय = बदल-बदल (Exchange), नाजुक = कोमल (Tender), विरले = कोई-कोई (not common), स्मृति पटल = मस्तिष्क में याद (Memory), अतीत = पुराना समय (old period), व्यथा = मन की तकलीफ (Agony)।

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ Read More »