HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

HBSE 8th Class Geography कृषि Textbook Questions and Answers

अभ्यास

कृषि HBSE 8th Class Geography प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(i) कृषि क्या है?
उत्तर:
कृषि एक प्राथमिक क्रिया है जिसमें फसलें, फल-सब्जी आदि उगाई जाती हैं।

(ii) उन कारकों के नाम बताइए जो कृषि को प्रभावित करते हैं।
उत्तर:
कृषि को प्रभावित करने वाले कारक हैं:
1. धरातल की बनावट
2. मृदा
3. जलवायु।

(iii) स्थानांतरी कृषि क्या है? इस कृषि की क्या हानियाँ
उत्तर:
जंगलों के छोटे से भाग को साफ करके उस पर खेती की जाती है। कुछ समय बाद मृदा के अनुपजाऊ होने पर दूसरी जगह कृषि की जाती है जिसे स्थानांतरी कृषि कहते हैं। इसमें परिवार की आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है। इसमें अधिक खाद तथा सिचाई की आवश्यकता नहीं होती। किसान अपने परिवार के सदस्यों की सहायता से कृषि कर लेता है।

हानियाँ:
इस कृषि की निम्न हानियाँ हैं:
1. निर्वनीकरण को बढ़ावा मिलता है
2. मृदा अपरदन होता है।
3. मृदा क्षरण होता है।

(iv) रोपण कृषि क्या है?
उत्तर:
बहुत बड़े भू-भाग पर किसी एक विशेष फसल की खेती को रोपण कृषि कहते हैं। इसमें अधिक पूंजी लगाकर आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करके तथा कुशल प्रबंधन के द्वारा मुख्यत: नकदी फसलों जैसे चाय, कॉफी, रबर आदि का उत्पादन किया जाता है। इस प्रकार की कृषि उत्तर-पूर्वी भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में तथा प्रायद्वीपीय भारत की पहाड़ियों पर की जाती है।

(v) सरकार किसानों को कृषि के विकास में किस प्रकार मदद करती है?
उत्तर:
1. किसानों को उच्च उपज देने वाले बीज तथा उर्वरक आदि देकर सरकार उत्पादन बढ़ाने में सहायता करती है।
2. सिचाई की सुविधायें बढ़ाकर सरकार किसानों को सूखे की मार से संरक्षण देती है।
3. सरकार छोटे तथा मंझोले किसानों को कृषि के लिए सस्ती ब्याज दरों पर ऋण देती है।

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HBSE 8th Class कृषि Chapter 4 Geography प्रश्न 2.
सही उत्तर को चिह्नित कीजिए:
(i) उद्यान कृषि का अर्थ है:
(क) गेहूँ उगाना
(ख) आदिम कृषि
(ग) फलों व सब्जियों को उगाना
उत्तर:
(ग) फलों व सब्जियों को उगाना।

(ii) ‘सुनहरा रेशा’ से अभिप्राय है:
(क) चाय
(ख) कपास
(ग) जूट
उत्तर:
(ग) जूट

(iii) कॉफी का अग्रणी उत्पादक है:
(क) ब्राजील
(ख) भारत
(ग) रूस
उत्तर:
(क) ब्राजील।

प्रश्न 3.
कारण बतायें:
Give reasons.
(i) भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रिया है।
उत्तर:
भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रियाकलाप है, क्योंकिः
(a) भारत की दो-तिहाई जनसंख्या कृषि या इससे संबंधित कार्यों में लगी हुई है।
(b) प्राथमिक क्रियाओं में फसल उगाना, फल-फूल उगाना तथा पशुपालन सम्मिलित है। ये क्रियाएँ भारत में प्राचीन समय से की जा रही हैं।
(c) भारत में कृषि प्राचीन विधियों से की जाती है। अधिकतर खाद्य फसलें उगाई जाती हैं। इसलिये भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रिया मानी जाती है।

(ii) विभिन्न फसलें विभिन्न प्रदेशों में उगाई जाती हैं।
उत्तर:
विभिन्न प्रकार की फसलें विभिन्न प्रदेशों में उगाई जाती हैं क्योंकि विभिन्न फसलों के लिये विभिन्न प्रकार की जलवायु की आवश्यकता होती है जो विभिन्न प्रदेशों में पाई जाती है।

प्रश्न 4.
अंतर स्पष्ट करें:
Distinguish between:
(i) प्राथमिक क्रियाएँ और तृतीयक क्रियाएँ
उत्तर:

प्राथमिक क्रियायें  (Primary Activities) तृतीयक क्रियायें (Tertiary activities)
1. प्राथमिक क्रियाओं में उन क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है जिनका संबंध प्राकृतिक संसाधनों के उत्पादन और निष्कर्षण से है। जैसे कृषि, मत्स्य न और संग्रहण आदि। 1. तृतीयक क्रियाएँ, प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र को सेवा कार्य द्वारा सहयोग प्रदान करती हैं। यातायात, व्यापार, बैंकिंग, बीमा, विज्ञापन आदि इसके उदाहरण है।
2 इन क्रियाओं में परिवार के सदस्य मिलकर कार्य करते हैं। 2. इनमें बहुत से लोग मिलकर कार्य करते हैं।
3. विकासशील देशों की पहचान हैं। 3. विकसित देशों की पहचान हैं।

(ii) निर्वाह कृषि और गहन कृषि
उत्तर:

निर्वाह कृषि (Subsistence Agriculture) गहन कृषि (Intensive Agriculture)
1. इसके अंतर्गत खेतों में घर के लोगों की सहायता से निर्वाह के लिये फसलें पैदा की जाती हैं। 1. गहन कृषि खेती करने का वह ढंग है जिसमें किसान भूमि के छोटे टुकड़ों पर अधिक परिश्रम करके अधिक से अधिक उत्पादन करता है।
2. अधिक आबादी वाले देशों जैसे चीन, जापान, भारत, श्रीलंका आदि में इस प्रकार की निर्वाह कृषि की जाती है। 2. इस प्रकार की खेती उन क्षेत्रों में की जाती है जो घनी आबादी वाले होते हैं और खेती के लिये कम भूमि उपलब्ध होती है।
3. इस कृषि में अधिकतर कार्य हाथ से किये जाते हैं। मशीनों का प्रयोग नहीं होता। 3. इस कृषि में मशीनों की भी सहायता ली जाती है।
4. इसमें उत्पादन की मात्रा कम होती है। 4. जापान, भारत, श्री लंका आदि में इस प्रकार की कृषि की जाती है।

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प्रश्न 5.
क्रियाकलाप (Activity):
(i) बाजार में उपलब्ध गेहूँ, चावल,ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, तिलहन और दलहन के बीजों को एकत्र कीजिए। उन्हें कक्षा में लाइए और पता लगाइए कि वे किस प्रकार की मृदा में उगते हैं।
उत्तर:
गेहूँ: जलोढ़ मृदा में अधिक उगता है।
चावल: चीका युक्त जलोढ़ मृदा।
चार-बाजरा-रागी: कम उपजाऊ और शुष्क मृदा।
मक्का: सु-अपवाहित मृदा।
तिलहन: इसके लिये भिन प्रकार की मृदा की आवश्यकता होती है।
दलहन: सु-अपवाहित, कम उपजाऊ मृदा।

(ii) पत्रिकाओं, पुस्तकों, समाचार पत्रों और इंटरनेट से संग्रहीत चित्रों के आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के किसानों की जीवन शैली के मध्य अंतर पता कीजिए।
उत्तर:
भारत के किसान की जीवन शैली:
भारत का किसान गाँव में रहता है। उसके पास 1.5 एकड़ से 2.5 हेक्टेयर भूमि होती है। उसके पास कृषि की आधुनिक मशीन नहीं होती। वह पारंपरिक ढंग से कृषि करता है। उत्तम बीज व उर्वरक आदि नहीं खरीद सकता। बीज बोने से पहले वह अपने मित्रों तथा अपने परिवार के वृद्धजनों से सलाह करता है। कभी-कभी सरकार से भी सहायता लेता है। अपने उत्पाद को समीप की मंडी में ले जाता है। उसका परिवार कृषि कार्य में ही लगा रहता है।

संयुक्त अमेरिका के किसान की जीवन शैली:
संयुक्त राज्य अमेरिका का किसान अपने फार्म पर रहता है। उसके पास 250 हेक्टेयर से 300 हेक्टेयर भूमि होती है। उसके पास सभी सुविधायें उपलब्ध होती हैं। वह ट्रेक्टर, हारवेस्टर आदि रखता है जिनसे वह कृषि करता है। वह स्वयं बीज बोने में सक्षम है। उसे नवीनतम जानकारी प्राप्त होती है जो उसके पास कंप्यूटर से प्राप्त होती रहती है। समय-समय पर वह मृदा का परीक्षण कराता है। वह आधुनिक विधि से कृषि करता है। उत्तम बीज तथा उर्वरक का प्रयोग करता है। वह किसी से भी सलाह नहीं लेता। अपने उत्पाद के भंडारण के लिये उसके पास सुरक्षित स्थान होता है। अनाज मंडी तक पहुंचाया जाता है। वह सभी आधुनिक सुख-सुविधाओं से लैस है।

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आओ खेलें

शब्द पहेली को दिए संकेतों की मदद से हल कीजिए: नेट: वर्ग पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।
HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि-1

बाएं से दाएँ
1. फसल जिसे सु-अपवाहित उपजाऊ मृदा, मध्यम तापमान और तेज धूप की आवश्यकता होती है (5)
2. बीजों की उच्च उपज वाली किस्मों, रासायनिक उर्वरकों और पीड़कनाशकों के उपयोग से उत्पादन बढ़ाना (5, 10)
4. इस फसल के प्रमुख उत्पादक संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, रूस, आस्ट्रेलिया हैं (5)
10. पारिवारिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की जाने वाली कृषि का प्रकार (11)
13. विक्रय हेतु पशुपालन (9)
14. अंगूर की कृषि (11)

ऊपर से नीचे
1. मोटे अनाज भी कहलाते हैं (7)
3. कृषि जिसमें कर्तन और दहन शामिल है (8)
5. फसलों, फलों और सब्जियों को उगाना (11)
6. जिसमें चाय, कॉफी, गन्ना और रबड़ उगाए जाते हैं (11)
7. विकास के लिए 210 पोलारहित दिनों की आवश्यकता होती है (6)
8. फूलों का उगाना (12)
9.’सुनहरा रेशा’ भी कहलाता है
11. ‘धान’ के नाम से भी जाना जाता है।
12. क्रिया जो प्राकृतिक संसाधनों के निष्कर्षण से संबंधित है
उत्तर:
बाएँ से दाएँ:
1. Wheat (गेहूँ)
2.Green Revolution (हरित क्रांति)
4. maize (मक्का )
10. subsistence (निर्वाह)
14.viticulture (अंगूरोत्पादन)।

ऊपर से नीचे:
1.Millets (मोटे अनाज)
3. shifting (स्थानांतरी)
5.agriculture (कृषि)
6.plantations (बागान)
7.cotton (कपास)
8. horticulture (उद्यान कृषि).
9.jute (जूट)
11.rice (चावल)
12. I primary (प्राथमिक)।

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HBSE 8th Class Geography कृषि Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बीसवीं शताब्दी में कृषि में सहायक तीन तत्वों के नाम बताओ।
उत्तर:
20वीं शताब्दी में कृषि में सहायक तत्व निम्नलिखित
1. अधिक उपज देने वाले बीज।
2. उर्वरक और कीटनाशक।
3. मशीनों का प्रयोग।

प्रश्न 2.
विश्व में उगाई जाने वाली दो रेशेदार फसलों के नाम बताएँ।
उत्तर:
रेशेदार फसलें जो विश्व में उगाई जाती हैं. वे हैं कपास और जूट।

प्रश्न 3.
कृषि क्या है?
उत्तर:
फसल उगाना, बागवानी, पशुपालन तथा मत्स्य पालन आदि को सामूहिक रूप में कृषि कहते हैं।

प्रश्न 4.
भारत के वो महत्त्वपूर्ण खाद्यान्नों के नाम बतायें।
उत्तर:
चावल तथा गेहूँ भारत के दो महत्त्वपूर्ण खाद्यान्न हैं।

प्रश्न 5.
मोटे अनाज के अंतर्गत मुख्य रूप से कौन-सी फसलें आती हैं?
उत्तर:
रागी, ज्वार, बाजरा, मक्का तथा जी को सम्मिलित रूप से मोटे अनाज कहते हैं।

प्रश्न 6.
उद्यान कृषि क्या है?
उत्तर:
इसके अंतर्गत फल, सब्जियों, कंद या गाँठ वाली फसलें जैसे आलू, फूल, औषधि के पौधे तथा मसाले आदि आते हैं।

प्रश्न 7.
भारत में कृषि का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ के लगभग 65% लोग कृषि करते हैं। सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 126% है। यह देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान करती है तथा उद्योगों के लिए अनेक प्रकार के कच्चे माल प्रदान करती है।

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प्रश्न 8.
रेशे वाली फसलों के नाम तथा आवश्यक जलवायु दशाओं का उल्लेख करें।
उत्तर:
रेशे वाली प्रमुख फसलें हैं-कपास तथा जूट। भौगोलिक दशायें:
कपास: अधिक तापमान, हल्की वर्षा तथा 210 दिन कोहरामुक्त चमकीली धूप। काली मृदा तथा जलोढ़ मृदा इसके लिये उपयुक्त है।
जूट: अधिक तापमान तथा अधिक वर्षा जो वर्ष भर होती रहे। जलोढ़ मृदा उपयुक्त है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट करें:
(i) निर्वाह कृषि और व्यापारिक कृषि।
उत्तरः

व्यापारिक कृषि (Commercial Agriculture) निर्वाह कृषि (Subsistence Agriculture)
1. ऐसी कृषि जिसमें किसान व्यापार के लिए फसलें पैदा करते हैं ताकि अपनी आय बढ़ा सकें व्यापारिक कृषि कहलाती है। 1. इसके अंतर्गत फसलें छोटे खेतों में घर के लोगों की सहायता से अपने निर्वाह के लिए पैदा की जाती हैं।
2. यह बड़े-बड़े फार्मों पर आधुनिक वैज्ञानिक ढंग से की जाती है। चाय, रबर, गेहूँ, कहवा आदि की कृषि इसके उदाहरण हैं। 2. अधिक आबादी वाले देशों जैसे चीन, जापान, भारत, श्रीलंका आदि में इस प्रकार की कृषि की जाती है। मुख्यतः खाद्यान्न उगाए जाते हैं।

(ii) विस्तृत कृषि और गहन कृषि
उत्तर:

गहन कृषि (Intensive Agriculture) विस्तृत कृषि (Extensive Agriculture)
1. गहन कृषि खेती करने का वह ढंग है जिसमें किसान भूमि के छोटे-छोटे टुकड़ों पर अधिक परिश्रम करके तथा अच्छे कृषि साधनों का उपयोग करके अधिक से अधिक उत्पादन करता है। 1. विस्तृत कृषि खेती करने का वह ढंग है जिसमें किसान भूमि के विशाल क्षेत्रों पर अधिक उत्पादन के लिए कृषि करते हैं।
2. इस प्रकार की खेती उन भू-भागों में की जाती है जो घने आबाद होते हैं और खेती के लिए कम भूमि उपलब्ध होती है। 2 इस प्रकार की खेती उन भू-भागों में की जाती है जहाँ जनसंख्या अपेक्षाकृत कम हो और कृषि करने का विशाल क्षेत्र उपलब्ध हो।
3. मशीनों की भी सहायता ली जाती है। 3. इस प्रकार की कृषि में आधुनिक मशीनों का प्रयोग होता है।
4. जापान में इस प्रकार की कृषि की जाती है। 4. संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रेयरी प्रदेश में इसी प्रकार की कृषि की जाती है।

प्रश्न 2.
रोपण कृषि के चार प्रमुख लक्षण बतायें।
उत्तर:
रोपण कृषि के चार प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
1. रोपण कृषि में वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जाता
2. रोपण कृषि में उत्पादन तथा पूँजी निवेश कारखानों की तरह होता है।
3. रोपण कृषि व्यापारिक कृषि है जिसमें आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग होता है।
4. रोपण कृषि की शुरुआत का श्रेय औपनिवेशिक शासकों को जाता है। जैसे भारत में चाय के बागान तथा मलेशिया में रबड़ के बाग न।

प्रश्न 3.
चावल की खेती के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाओं का वर्णन करो।
उत्तर:
चावल विश्व में उगायी जाने वाली प्रमुख फसल है। इसके लिए भौगोलिक दशाएँ निम्नलिखित हैं…..
तापमान: 20°C से अधिक वर्षा: 100 सेमी से 150 सेमी मृदा: जलोढ़ तथा डेल्टाई मिट्टी चावल की कृषि कार्यों के लिये मानव श्रम की भी आवश्यकता होती है।

प्रश्न 4.
भारतीय कृषि को प्रभावित करने वाले भौतिक कारकों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारतीय कृषि को प्रभावित करने वाले मुख्य भौतिक कारक हैं-उच्चावच, मृदा, जलवायु। भारत की 51% भूमि कृषि योग्य है। अन्य देशों की तुलना में यह काफी अधिक है। गंगा, सतलुज तथा ब्रह्मपुत्र का उपजाऊ मैदान सबसे अच्छा मृदा क्षेत्र है जहाँ कृषि उत्पादन सबसे अधिक होता है। अतः इस क्षेत्र में जनसंख्या भी सबसे अधिक है। यहाँ की मानसूनी जलवायु में सारे वर्ष वर्धनकाल रहता है। अत: भारतीय कृषि के अनुकूल भूमि तथा भौतिक जलवायु दशाएँ उपलब्ध हैं।

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दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में चाय और कॉफी के वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तरः
चाय (Tea): भारत में चाय के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र असम में ब्रह्मपुत्र की घाटी, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कूच बिहार हैं। दक्षिण भारत में चाय तमिलनाडु और केरल के पश्चिमी घाट के निचले ढालों पर तथा नीलगिरि की पहाड़ियों पर उगाई जाती है।

कहवा (Coffee): कॉफी का उत्पादन दक्षिणी भारत में कर्नाटक में सबसे अधिक होता है। इसके अतिरिक्त तमिलनाडु और केरल तथा आंध्र प्रदेश हैं।

प्रश्न 2.
जूट का पुनः उत्पादन बढ़ाने के लिए क्या प्रयत्न किये जा रहे हैं?
उत्तर:
भारत के बँटवारे के बाद जूट उत्पादन व क्षेत्र में कमी आई क्योंकि इसका एक बड़ा भाग बांग्लादेश के रूप में पाकिस्तान में चला गया। इसकी भरपाई के लिए उत्पादन बढ़ाने के निम्न उपाय किए गए:
(i) उच्च उत्पादन वाले बीज जैसे JRO 7835 का विकास किया गया।
(i) अधिक उत्पादन के साधन अपनाए गए।
(iii) रासायनिक खाद का प्रयोग तथा वैज्ञानिक ढंग से कृषि की जाने लगी।
(iv) कृषकों को आर्थिक सहायता दी गई।

प्रश्न 3.
जूट उगाने के लिए कौन-सी भौगोलिक दशाएँ चाहिए?
उत्तर:
जूट के उत्पादन के लिए निम्न भौगोलिक दशाएँ चाहिए:
1. उष्ण-आई जलवायु
2. तापमान: 27° से.
3. वर्षा: वर्षा लगभग 150 से.मी. से 200 से.मी.
4. मृदा: नवीन जलोढ़ मृदा इसके लिये उपयुक्त है।
जूट के उत्पादन में सस्ते श्रमिकों की आवश्यकता होती है।

उत्पादन क्षेत्र: भारत में इसका उत्पादन पश्चिम बंगाल, असाम, उड़ीसा, बिहार आदि राज्यों में होता है।

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कृषि Class 8 HBSE Definitions in Hindi

1. स्थानांतरी कृषि (Shiring Agriculture): यह कृषि जंगलों को साफ करके की जाती है। जब मृदा अनुपजाऊ हो जाती है तो दूसरे स्थान पर आरंभ कर दी जाती है।
2. जीविका कृषि (The Subsistence Agriculture): जो कृषि स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये की जाती है उसे जीविका कृषि कहते हैं।
3. मिश्रित कृषि (Mixed Forming): जहाँ कृषि के साथ पशुपालन किया जाता है, उसे मिश्रित कृषि कहते हैं।
4. रेशम कृषि (Sericulture): व्यापारिक आधार पर रेशम के कीटों को पालना रेशम कृषि कहलाता है।
5. उद्यान कृषि (Horticulture): फल-फूल तथा सब्जी की कृषि को उद्यान कृषि कहते हैं।

कृषि Class 8 HBSE Notes in Hindi

1. कृषि (Agriculture):
कृषि एक प्राथमिक व्यवसाय है। इसमें फसल, फल, सब्जी, फूल आदि उगाना तथा जानवर चराना सम्मिलित है। विश्व में 50% लोग कृषि या इससे संबंधित कार्यों में लगे हुए हैं। भारत की दो-तिहाई जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है। कृषि के लिये धरातल की बनावट, मृदा तथा उपयुक्त जलवायु आवश्यक है। जिस भूमि पर फसल उगाई जाती है उसे कृषि भूमि कहते हैं। निम्न मानचित्र में आप देखेंगे कि कृषि कार्य उन्हीं क्षेत्रों में केन्द्रित है जहाँ उपयुक्त दशायें मिलती

2. कृषि तंत्र (Farm System): कृषि करना एक तंत्र या प्रणाली है। कृषि की प्रमुख निवेश मदें हैं-बीज, खाद, मशीन और श्रम, जुताई, बुआई, सिंचाई आदि इसकी क्रियाएँ हैं।

3. कृषि के प्रकार (Types of Farming):
विश्व में कृषि कई प्रकार से की जाती है। यह भौगोलिक दशाओं, उत्पादन की मांग, श्रम तथा तकनीकी स्तर पर निर्भर करता है। कृषि प्रमुख रूप से दो प्रकारों में विभाजित की जा सकती है। ये हैं: निर्वाह कृषि और व्यापारिक कृषि।
(i) निर्वाह कृषि (Subsistence Farming): इस प्रकार की कृषि परिवार की आवश्यकता को पूरा करने के लिए की जाती हैं। इसको भी दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-गहन निर्वाह कृषि और आदिम निर्वाह कृषि। आदिम निर्वाह कृषि में स्थानांतरी कृषि और चलवासी पशुपालन सम्मिलित है। स्थानांतरी कृषि अमेजन बेसिन, उष्ण कटिबंधीय अफ्रीका, दक्षिणी-पूर्वी एशिया और उत्तर-पूर्वी भारत में की जाती है। चलवासी पशुचारण सहारा के अर्ध-शुष्क और शुष्क प्रदेश, मध्य एशिया तथा भारत के कुछ भागों जैसे राजस्थान और जम्मू-कश्मीर आदि में प्रचलित है।

(ii) व्यापारिक कृषि (Commercial Farming): व्यापारिक कृषि में फसलें उगाई जाती हैं और जानवर चराये जाते हैं। फसलें व्यापार की दृष्टि से उगाई जाती हैं। गेहूँ और मक्का व्यापारिक फसलें हैं। प्रमुख क्षेत्र जहाँ व्यापारिक फसलें उगाई जाती हैं वे हैं-उत्तरी अमेरिका, यूरोप और पूर्वी एशिया। ये क्षेत्र विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं लेकिन यहाँ सैकड़ों एकड़ के फार्म पाये जाते हैं।

(iii) मिश्रित कृषि (Mix Farming): भूमि का उपयोग खाद्य फसलें और चारे की फसलें उगाने के लिए किया जाता है। यह पूर्वी यूरोप, सं. रा. अमेरिका, अर्जेंटीना, दक्षिणी-पूर्वी आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में की जाती है।

(iv) रोपण कृषि व्यापारिक कृषि का एक प्रकार है जहाँ एक फसल जैसे चाय, कहवा, गन्ना, काजू, रबर, केला अथवा कपास उगाई जाती है। प्रमुख रोपण कृषि के क्षेत्र हैं-विश्व का उष्णकटिबंधीय प्रदेश। इसके उदाहरण हैं-मलेशिया की रबर कृषि, ब्राजील का कहवा, भारत और श्रीलंका में चाय की कृषि।

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4. प्रमुख फसलें (Major Crops):
(i) चावल (Rice): चावल विश्व की प्रमुख खाद्य फसल है। चावल की कृषि के लिये उच्च तापमान तथा उच्च आर्द्रता की आवश्यकता होती है। जलोढ़ चिकनी मिट्टी इसके लिये उपयुक्त रहती है। चावल के उत्पादन में चीन अग्रणी है। इसके बाद भारत, जापान, श्रीलंका और मिस्र आते हैं। उपयुक्त जलवायु की दशाओं में यह भारत में पश्चिम बंगाल और बंग्लादेश में एक वर्ष में दो-तीन बार उगाया जाता है।

(ii) गेहूँ (Wheat): गेहूँ के लिये मध्यम तापमान की आवश्यकता होती है। काटते समय चमकती धूप होनी चाहिये। इसको जलोढ़ दोमट मृदा उपयुक्त रहती है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, अर्जेंटीना, रूस, यूक्रेन, आस्ट्रेलिया और भारत में उगाया जाता है। भारत में यह सर्दी की ऋतु में उगाया जाता है।

(iii) मक्का (Maize): मक्का के लिये मध्यम तापमान और वर्षा की आवश्यकता होती है। इसके लिए उपजाऊ मृदा की आवश्यकता होती है। मक्का उत्तरी अमेरिका, ब्राजील, नीन, रूस, कनाडा, भारत और मेक्सिको में उगाई जाती है।

(iv) मिलेट अथवा ज्वार-बाजरा (Millets): इसे मोटा अनाज भी कहते हैं तथा यह कम उपजाऊ भूमि पर उगाई जा सकती है। इसके लिए कम वर्षा की आवश्यकता होती है। भारत में ज्वार-बाजरा और रागी उगाए जाते हैं। अन्य देश हैं: नाइजीरिया, चीन और नाइजर।

(v) कपास (Cotton): कपास के लिये उच्च तापमान तथा हल्की वर्षा, 210 दिन कोहरा रहित तथा चमकौली धूप की आवश्यकता होती है। यह काली मृदा में अच्छी प्रकार उगाई जाती है। चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, पाकिस्तान, ब्राजील और मिस्र प्रमुख कपास उत्पादक देश हैं।

(vi) जूट (Jute): इसे सुनहरी रेशा भी कहते हैं क्योंकि इसके निर्यात से भारी विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। यह जलोढ़ मृदा में उगाया गया है। इसे अधिक तापमान, भारी वर्षा की आवश्यकता होती है। यह उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में उगाया जाता है। भारत और बंग्लादेश प्रमुख उत्पादक हैं।

(vii) चाय (Tea): चाय एक पेय फसल है। इसके लिये आई जलवायु और अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है। इसके लिए पर्वतीय ढाल उपयुक्त हैं। पत्तियों को तोड़ने के लिये अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है। चाय के प्रमुख उत्पादक देश हैं-केन्या, भारत, चीन तथा श्रीलंका।

(viii) कहवा (Coffee): कहवा के लिये गर्म और आई जलवायु की आवश्यकता होती है। दोमट मृदा इसके लिये उपयुक्त रहती है। कहवा के लिये पहाड़ी ढाल उपयुक्त रहते हैं। यह ब्राजील, कोलंबिया और भारत में पैदा किया जाता है।

5. कृषीय विकास (Agriculrural Development):
कृषीय विकास का तात्पर्य है कि कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिये प्रयत्न किये जायें जिससे बढ़ती जनसंख्या की मांग पूरी की जा सके। यह कई प्रकार से जैसे फसल क्षेत्र को बढ़ाकर, फसलों की संख्या बढ़ाकर, सिचाई की सुविधा बढ़ाकर, खाद का अधिक उपयोग करके, उच्च उत्पादन वाले बीज का प्रयोग करके प्राप्त की जा सकती है। कृषि का मशीनीकरण कृषि विकास का दूसरा स्वरूप है। कृषि विकास का अंतिम उद्देश्य खाद्य सुरक्षा बढ़ाना है।

6. भारत में एक फार्म (MFarm in India):
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एक गाँव है आदिलाबाद। यहाँ के एक किसान मुन्ना लाल के पास 1.5 हेक्टेयर भूमि है। वह गाँव में रहता है। वह उच्च उत्पादकता वाले बीज, खाद आदि खरीद कर फसल उगाता है। वह साल में दो फसलें उगाता है। किराये पर ट्रेक्टर, मशीन आदि लाता है। वह गेहूँ, चावल और दाल उत्पन्न करता है। वह कृषि में अपने मित्रों तथा सरकारी अधिकारियों की मदद लेता है। वह सिंचाई भी किराये पर करता है। मुन्ना लाल भैंस और कुछ मुर्गियाँ रखता है। वह दूध सहकारी भंडार में बेचता है। परिवार के सभी सदस्य कृषि में उसकी मदद करते हैं। वह अपना उत्पाद समीप की मंडी में भेजता है।

7. संयुक्त राज्य अमेरिका का एक फार्म (MFarm in the U.S.A.):
संयुक्त राज्य अमेरिका के फार्म आकार में बहुत बड़े होते हैं। इनका आकार 250 हेक्टेयर तक होता है। किसान प्राय: फार्म पर ही रहता है। प्रमुख फसलें मक्का, सोयाबीन, गेहूं, कपास और चुकंदर उगाई जाती हैं। जो होरन संयुक्त राज्य अमेरिका के आयोवा राज्य का एक किसान है, उसके पास 300 हेक्टेयर भूमि है। वह मक्का उगाता है। उसके पास अच्छे बीज, खाद तथा अपनी मशीनें हैं। वह फसलें उगाने के लिये स्वयं ही निर्णय करता है। समय-समय पर वह मृदा का भी परीक्षण कराता है। उसके फार्म में लगे कंप्यूटर में नवीनतम सूचना आती रहती है। वह ट्रेक्टर, हारवेस्टर आदि का उपयोग करता है।

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