Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 उद्योग
HBSE 8th Class Geography उद्योग Textbook Questions and Answers
पाठगत प्रश्न
उद्योग Chapter 5 HBSE 8th Class Geography प्रश्न 1.
कपास के खेत से अपने घर तक अपनी कमीज की यात्रा का पता कीजिए।
उत्तर:
सूती वस्त्र की बनी कमीज का आविर्भाव कपास के खेत से आरंभ होता है। कपास सूती वस्त्र के लिये कच्चे माल के रूप में प्रयोग की जाती है। खेत में कपास को चुनकर मिल में उससे उसका बीज अलग किया जाता है। उसके पश्चात् उसकी ओटाई करके रुई तैयार की जाती है। रुई से धागा बनाने के लिये मिल में भेजा जाता है। मिल में ही धागे से कपड़ा बनाया जाता है। फिर हमारी कमीज बनती है जिसे हम पहनते हैं। इस प्रकार कमीज की यात्रा पूरी हो जाती है।
उद्योग HBSE 8th Class Geography प्रश्न 2.
कृषि आधारित उद्योगों के कुछ उदाहरण दें।
उत्तर:
कृषि आधारित उद्योगों के उदाहरण हैं:
- चीनी उद्योग
- सूती वस्त्र उद्योग
- जूट उद्योग
- रेशम बुनाई उद्योग
- तंबाकू उद्योग आदि।
प्रश्न 3.
चमड़े के जूते के विनिर्माण में शामिल निवेश, प्रक्रम और निर्गत को ज्ञात करें।
उत्तर:
चमड़े के जूते को विनिर्माण में निवेश के रूप में कचा माल के रूप में चमड़ा; उसे पकाने का प्रक्रम तथा कुछ रसायन जो चमड़े साफ करते हैं। इसके पश्चात् शुद्ध चमड़े को कारखानों में भेजा जाता है जहाँ अंतिम रूप में जूता तैयार किया जाता है।
प्रश्न 4.
उद्योगों में जोखिम कम करने के उपाय सुझाएँ।
उत्तर:
औद्योगिक जोखिम कम करने के उपाय हैं:
- घने बसे आवासीय क्षेत्रों को औद्योगिक क्षेत्रों से अलग दूर रखा जाना चाहिए।
- उद्योगों के समीप बसने वाले लोगों को दुर्घटना होने की स्थिति में विषैले एवं खतरनाक पदार्थों के संग्रहण और उनके संभव प्रभावों का ज्ञान होना चाहिए।
- आग की चेतावनी और अग्निशमन की व्यवस्था को उन्नत किया जाना चाहिए।
- विषैले पदार्थों के भंडारण क्षमता की सीमा निर्धारित होनी चाहिए।
- उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को उन्नत किया जाना चाहिए।
प्रश्न 5.
भारत के एक रूपरेखा मानचित्र में उन स्थानों की स्थिति दिखाइए जो टिस्को को कच्चे माल की पूर्ति करते हैं।
उत्तर:
टिस्को के लिये कच्चे माल के रूप में लौह अयस्क, चूना पत्थर, डोलोमाइट और मैगनीज छत्तीसगढ तथा उड़ीसा से प्राप्त होता है। कोयला झरिया कोयला खानों से प्राप्त होता है। खरकाई और स्वर्णरेखा नदियों से जल की आपूर्ति होती है।
चित्र : जमशेदपुर स्थित लौह-इस्पात संयंत्र (टिस्को)
प्रश्न 6.
विश्व के रूपरेखा मानचित्र पर उन स्थानों का चिह्नित कीजिये जो ओसाका सूती वस्त्र उद्योग को कच्चा माल प्रदान करते हैं।
उत्तर:
ओसाका सूती वस्त्र उद्योग के लिये कच्चे माल के रूप में कपास मिस्र, भारत, चीन और यू.एस. ए. से प्राप्त की जाती है।
मानचित्र- विश्व : ओसाका को कच्चा माल प्रदान करने वाले देश
प्रश्न 7.
बंगलौर में कुछ महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्र और शोध संस्थान हैं। नीचे सूची में दिए गए संगठनों का पूर्ण रूप दीजिए।
Find out the full forms of the organisations listed below:
BEL BHEL HAL NAL DRDO ISRO I.T.l llSc
उत्तर:
- BEL : Bharat Electronics Limited.
- BHEL : Bharat Heavy Electrical Limited.
- HAL : Hindustan Aeronautics Limited.
- NAL : National Aluminium Limited.
- DRDO : Directorate of Research and Development Organisation.
- ISRO : Indian Space Research Organisation.
- I.T.I : Industrial Training Institutes.”
- IISc : Indian Institutes of Science.
अभ्यास
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(i) ‘उद्योग’ शब्द का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
उद्योग का अर्थ आर्थिक गतिविधि से है जो कि वस्तुओं के उत्पादन, खनिजों के निष्कर्षण अथवा सेवाओं की व्यवस्था से संबंधित है।
(ii) वे कौन-से मुख्य तथ्य हैं जो उद्योग की अवस्थिति को प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
उद्योग की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्व निम्नलिखित हैं:
- कच्चे माल की उपलब्धता
- भूमि
- श्रम
- शक्ति के साधन
- पूँजी
- परिवहन के साधन
- बाजार।
(ii) कौन-सा उद्योग प्रायः आधुनिक उद्योग का मेरुदंड कहा जाता है और क्यों?
उत्तर:
लौह-इस्पात उद्योग को आधुनिक उद्योग का मेरुदंड कहा जाता है। यह अनेक उद्योगों के लिए उनकी आधारभूत सामग्री तैयार करता है।
(iv) कपास उद्योग मुंबई में तेजी से क्यों विकसित हुआ हैं?
उत्तर:
कपास उद्योग के शीघ्रता से मुंबई में विकसित होने के निम्नलिखित कारण हैं:
1. मुंबई की जलवायु कोष्ण-आर्द्र है जो सूती वस्त्र उद्योग के लिये उपयुक्त है।
2. मुंबई एक विशाल बंदरगाह है जिससे मशीनों के आयात तथा उत्पाद के निर्यात में सुविधा मिलती है।
3. जल की उपलब्धता : मुंबई के पृष्ठ भाग में कपास उत्पादन अधिक होता है जिससे कच्चे माल की उपलब्धता सुविधाजनक और लगातार बनी रहती है।
4. दक्ष श्रमिक : सूती वस्त्र उद्योग के लिये कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होती है, जो मुंबई प्रदेश में उपलब्ध हो जाती है। मुंबई में औद्योगिक शिक्षण संस्थान हैं जहाँ से कुशल श्रमिक मिल जाते हैं।
5. शक्ति के साधन इस उद्योग के लिये विद्युत और कोयला की आपूर्ति उपलब्ध है।
(v) बंगलौर और कैलीफोर्निया में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के बीच क्या समानता है?
उत्तर:
सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग संसाधन उपलब्धता, लागत और अवसंरचना है। इस उद्योग के प्रमुख क्षेत्र कैलीफोर्निया की सिलिकॉन घाटी और भारत के बंगलौर में हैं।
कैलीफोर्निया की सिलिकॉन घाटी और बंगलौर में कई समानताएँ हैं। दोनों ही क्षेत्र पठार पर स्थित हैं। बंगलौर दक्कन पठार पर स्थित है। इसलिए इसे सिलिकान पठार कहते हैं। दोनों क्षेत्रों की जलवायु भी समान है। बंगलौर की जलवायु वर्ष भर मृदुल बनी रहती है। सिलिकॉन घाटी जो राकी पर्वतमाला के निकट स्थित है, में शीतोष्ण जलवायु है।
बंगलौर में कई प्रौद्योगिक शिक्षण संस्थान हैं। सिलिकॉन घाटी में भी प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय है। दोनों ही क्षेत्र प्रदूषणमुक्त एवं शांतिप्रिय। इन क्षेत्रों में सैकड़ों सॉफ्टवेयर कंपनियाँ काम कर रही हैं। ये दोनों ही सूचना प्रौद्योगिकी के वैश्विक केन्द्र हैं।
प्रश्न 2.
सही उत्तर चिह्नित कीजिए:
(i) सिलिकॉन घाटी अवस्थित है:
(क) बंगलौर में
(ख) कैलिफोर्निया में
(ग) अहमदाबाद में।
उत्तर:
(ख) कैलिफोर्निया में।
(ii) कौन-सा उद्योग ‘सनराइज उद्योग’ के नाम से जाना जाता है?
(क) लोहा-इस्पात उद्योग
(ख) सूती वस्त्र उद्योग
(ग) सूचना प्रौद्योगिकी।
उत्तर:
(ग) सूचना प्रौद्योगिकी।
(iii) निम्न में से कौन-सा प्राकृतिक रेशा है?
(क) नायलॉन।
(ख) जूट
(ग) एक्रिलिक।
उत्तर:
(ख) जूट।
प्रश्न 3.
अंतर स्पष्ट कीजिए:
(i) कृषि आधारित और खनिज आधारित उद्योग (Agro-based and mineral based industry).
उत्तर:
कृषि आधारित उद्योग (Agro-based industry) | खनिज आधारित उद्योग (Mineral-based industry) |
1. कृषि आधारित उद्योग वे उद्योग हैं जो कच्चे माल के रूप में वनस्पति और जंतु उत्पादों का उपयोग करते हैं। | 1. खनिज आधारित उद्योग वे उद्योग हैं जो खनिज अयस्कों का उपयोग कच्चे माल के रूप में करते हैं। |
2. सूती वस्त्र उद्योग, चीनी उद्योग, चर्म उद्योग, डेयरी उत्पाद आदि कृषि आधारित उद्योग के उदाहरण हैं। | 2. इन उद्योगों के उत्पाद अन्य उद्योगों का पोषण करते हैं। लोहा-इस्पात उद्योग इस उद्योग का एक उदाहरण है। |
(ii) सार्वजनिक क्षेत्र और संयुक्त क्षेत्र के उद्योग (Public sector and Joint sector industries)
उत्तर:
सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग (Public sector industries) |
संयुक्त क्षेत्र के उद्योग (Joint sector industries) |
1. वे उद्योग जिनका स्वामित्व और संचालन राज्य सरकार या केन्द्र सरकार के किसी संगठन के पास होता है। | 1. संयुक्त क्षेत्र के उद्योगों का स्वामित्व और संचालन राज्यों और व्यक्तियों के समूह द्वारा होता है। |
2. इनमें नियम सरकार द्वारा बनाये जाते हैं तथा लाभ या हानि – के लिये सरकार की जिम्मेदारी होती है। | 2. इसके नियम दोनों समूह मिलकर बनाते हैं। |
3. पूँजी सरकार द्वारा ही लगाई जाती है। | 3. पूँजी दोनों मिलकर लगाते हैं |
4. बोकारो लोहा-इस्पात उद्योग तथा रेल उद्योग इसके उदाहरण हैं। | 4. मारुति उद्योग इस उद्योग का उदाहरण है। |
प्रश्न 4.
दिए गए स्थानों में निम्नलिखित के दो-दो उदाहरण दीजिए:
(i) कच्चा माल: …………. और …………
उतर:
गन्ना और लौह अयस्क।
(ii) अंतिम उत्पादः ………….. और ………….
उत्तर:
चीनी और इस्पात।
(iii) तृतीयक क्रियाकलापः …………. और ………..
उत्तर:
व्यापार और बैंकिंग।
(iv) कृषि-आधारित उद्योगः ……… और
उत्तर:
सूती वस्त्र उद्योग और चीनी उद्योग।
(v) कुटीर उद्योगः …………. और …………
उत्तर:
हाथ करघा और खिलौने बनाना।
(vi) सहकारिताः …………. और ………….
उत्तर:
आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड और सुधा डेयरी।
प्रश्न 5.
क्रियाकलाप (Activity)
उद्योग स्थापित करने के लिए अवस्थिति की पहचान कैसे की जाए?
अपनी कक्षा को समूह में बाँटें। प्रत्येक समूह, निदेशकमंडल है जिसने देवलोपन द्वीप में लोहा-इस्पात उद्योग के लिए उपयुक्त स्थान चयन करना है। तकनीकी विशेषज्ञों के एक दल ने टिप्पणी और मानचित्र के साथ एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। दल ने लौह-अयस्क, कोयला, जल और चूना-पत्थर के साथ-साथ मुख्य बाजार, श्रमिकों को स्रोत और पत्तन सुविधाओं की पहुँच पर विचार किया। दल ने X’ और Y दो स्थानों का सुझाव दिया। निदेशक मंडल को अंतिम निर्णय लेना है कि इस्पात उद्योग को कहाँ स्थापित करना
→ दल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पढ़ें।
→ प्रत्येक स्थान से संसाधनों की दूरियाँ ज्ञात करने के लिए मानचित्र का अध्ययन करें।
→ संसाधनों की महत्ता के अनुसार इनमें से प्रत्येक संसाधन को से 10 तक महत्त्व अनुसार अंक दें। एक संसाधन का उद्योगों की तरफ जितना ही अधिक अभिकर्षण होगा उतना ही अधिक -1 से 10 तक के बीच उसका महत्त्व होगा।
→ नीचे की सारणी को पूरा करें।
→ न्यूनतम लागत वाला स्थान सर्वाधिक उपयुक्त स्थान होना चाहिए।
→ याद रखें प्रत्येक निदेशकमंडल अलग तरह से निर्णय ले सकते हैं।
रिपोर्ट : देवलोपन द्वीप पर प्रस्तावित लोह-इस्पात संयंत्र की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक/संसाधन।
→ लौह-अयस्क : यह निम्न श्रेणी के लौह-अयस्क का सबसे बड़ा निक्षेप है। अयस्क का लंबी दूरी तक परिवहन अनार्थिक होगा।
→ कोयला : एकमात्र कोयला क्षेत्र जिसमें उच्च श्रेणी के कोयले के विशाल निक्षेप हैं। रेलमार्ग से कोयले का परिवहन, तुलनात्मक रूप से सस्ता है।
→ चूना-पत्थर : यह द्वीप में प्रचुरता से उपलब्ध है लेकिन शुद्धतम निक्षेप चूना पर्वत में है।
→ जल : नील नदी की दोनों सहायक नदियाँ प्रचुर मात्रा में हर मौसम में बड़े लौह-इस्पात संयंत्र को जल उपलब्ध कराती हैं। समुद्र का जल अधिक लवणीय होने के कारण अनुपयुक्त है।
→ बाजार : यह अनुमान किया जाता है कि उद्योग के उत्पाद . का मुख्य बाजार राजधानीपुर का इंजीनियरिंग कारखाना होगा। उत्पाद, मुख्यतः लघु इस्पात की छड़ों और हल्की इस्पात चादरों की परिवहन लागत सापेक्षतः कम होगी।
→ श्रम की आपूर्ति : हिल, राह और सिंग मछुआरों की तीन बस्तियों से अकुशल कामगारों की भर्ती की जायेगी। यह अनुमानित किया जाता है कि अधिकांश श्रमिक अपने वर्तमान आवास से प्रतिदिन आने-जाने का काम करेंगे।
→ पत्तन की सुविधाएँ : इस समय न्यूनतम है। पत्तन पश्चिमपुर अच्छा गहरा और प्राकृतिक पोताश्रय है जो मिश्र धातु के आयात के लिए विकसित किया गया है।
संसाधन | X से दूरी | X से दूरी | अंक 1-10 | दूरी स्थाम के लिए अंक |
X दूरी Y स्थाम के लिए अंक |
लौह-अयस्क | |||||
कोयला | |||||
चूना-पर्थर | |||||
जल | |||||
मुख्य बाजार | |||||
श्रम आपूर्ति | |||||
कुल = |
जितना बड़ा खिचाव, उतना ज्यादा भार देना।
उत्तर:
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।
HBSE 8th Class Geography उद्योग Important Questions and Answers
प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(i) उद्योग शब्द से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
वस्तुओं के उत्पादन, खनन तथा सेवाओं को प्रदान करने की प्रक्रिया को उद्योग कहा जाता है।
(ii) कच्चे माल के आधार पर पाँच प्रकार के उद्योगो के नाम लिखें।
उत्तर:
कच्चे माल के आधार पर निम्नलिखित उद्योग हैं:
- कृषि आधारित उद्योग
- पशु आधारित उद्योग
- समुद्री उत्पाद पर आधारित उद्योग
- वन आधारित उद्योग
- खनिज आधारित उद्योग।
प्रश्न 2.
लोहा-इस्पात उद्योग को मूलभूत उद्योग क्यो कहते हैं?
उत्तर:
लोहा इस्पात उद्योग को, मूलभूत उद्योग या आधारभूत उद्योग इसलिए कहते हैं क्योंकि इस उद्योग पर प्रायः सभी उद्योग निर्भर हैं। इस उद्योग के कारण ही देश में औद्योगिक विकास तेजी से आया है।
प्रश्न 3.
भारत में प्रमुख कृषि आधारित उद्योग कौन से हैं?
उत्तर:
जिन उद्योगों को कृषि से कच्चा माल प्राप्त होता है, उन्हें कृषि आधारित उद्योग कहते हैं। जैसे चीनी उद्योग, वस्त्र उद्योग आदि।
प्रश्न 4.
चार बड़े पैमाने के उद्योगों के नाम बतायें।
उत्तर:
- लोहा-इस्पात उद्योग
- वस्त्र उद्योग
- जूट उद्योग
- चीनी उद्योग
- सीमेंट उद्योग।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
उद्योग क्या है? आधुनिक उद्योग के तीन प्रमुख लक्षण बताइए।
उत्तर:
वे प्रयत्न जिनके द्वारा प्राथमिक उत्पादों को गौण उत्पादों में बदला जाता है, उद्योग कहलाते हैं, जैसे कपास से सूती वस्त्र बनाने का उद्योग।
आधुनिक उद्योग के तीन प्रमुख लक्षण निम्न हैं:
- इन उद्योगों में बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है।
- बड़ी और आधुनिक मशीनों द्वारा काम होता है।
- इनमें शक्ति के साधनों का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 2.
उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारकों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- कच्चे माल की निरंतर तथा पर्याप्त आपूर्ति
- ऊर्जा की पर्याप्त मात्रा
- पूँजी और बैंक सुविधा
- परिवहन सुविधा
- कुशल और अकुशल मजदूर
- बाजार की सुविधा
- राजनैतिक-सामाजिक स्थिरता।
प्रश्न 3.
भारत में जूट उद्योग को किन-किन चुनौतियों, का सामना करना पड़ रहा है ? उनका संभावित समाधान क्या है?
उत्तर:
हाल ही में पटसन या जूट उद्योग में अवनति आई है। इसको अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
1. पटसन के स्थान पर अब कृत्रिम रेशों से बनी चीजों का प्रयोग होने लगा है जो सस्ती होती हैं।
2. पटसन की खेती पर व्यय बहुत हो जाता है इसलिए मूल्य वृद्धि करनी पड़ती है जिससे पटसन काफी महँगा हो जाता है।
3. पटसन उद्योग को अब विदेशी स्पर्धा का मुकाबला भी करना पड़ रहा है विशेषकर बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत के सामने एक चुनौती के रूप में खड़ा है।
प्रश्न 4.
अंतर स्पष्ट करें:
(i) प्राथमिक तथा गौण उद्योग
उत्तर:
प्राथमिक उद्योग (Primary industries) | गौण (द्वितीयक) उद्योग (Secondary industries) |
1. कृषि, पशुपालन, मत्स्य ग्रहण, लकड़ी काटना, खनन आदि प्राथमिक उद्योग हैं। | 1. प्राथमिक उत्पादों को परिवर्तित करने के संगठित मानव प्रयासों को गौण उद्योग कहा जाता है। |
2. इनसे गौण उद्योगों को कच्चा माल प्राप्त होता है। प्राथमिक उद्योगों के लिए प्रकृति पर निर्भर रहना पड़ता है। | 2. इसमें बहुत अधिक पूँजी, भूमि, श्रम तथा शक्ति की आवश्यकता होती है। चीनी, वस्त्र, लोहा-इस्पात आदि गौण उद्योग हैं। |
3. इन उद्योगों की क्रियाएँ सामान्यतः स्वयं के उपभोग या संतुष्टि के लिए की जाती हैं। | 3. इन उद्योगों की क्रियाएँ लाभ कमाने अथवा बाजार को ध्यान में रखकर की जाती हैं। |
(ii) निजी क्षेत्र के उद्योग तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग।
उत्तर:
निजी क्षेत्र के उद्योग (Private sector industries) | सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग (Public sector industries) |
1. वे उद्योग जिनका स्वामित्व कुछ व्यक्तियों अथवा फर्मों या कंपनियों के पास होता है। | 1. वे उद्योग जिनका स्वामित्व तथा संचालन सरकार या इसके किसी संगठन के पास होता है। |
2. कंपनी के सभी अंशधारियों द्वारा मिलकर नियम बनाए जाते हैं। लाभ-हानि के लिए भी संबधित व्यक्ति जिम्मेदार होते हैं। | 2. इनमें नियम सरकार द्वारा बनाए जाते हैं तथा लाभ-हानि के लिए सरकार की जिम्मेदारी होती है। |
3. हिस्सेदारों द्वारा पूँजी लगाई जाती है। | 3. सरकार द्वारा पूँजी लगाई जाती है। |
4. जमशेदपुर स्थित टाटा लौह-इस्पात केन्द्र तथा दिल्ली में कैंपा कोला आदि इसके उदाहरण हैं। | 4. बोकारो लौह-इस्पात केन्द्र तथा भारतीय रेल आदि इसके – उदाहरण हैं। |
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारतीय सूती वस्त्र उद्योग किन समस्याओं का सामना कर रहा है? इन समस्याओं के हल के लिए तीन उपाय बताइए।
उत्तर:
भारतीय सूती वस्त्र उद्योग की समस्याएँ:
1. इस उद्योग की तकनीक बहुत पुरानी और बेकार हो चुकी है जिसके कारण समय पर माल तैयार नहीं हो पाता।
2. सूती कपड़े की मिलें बहुत पुरानी हो चुकी हैं जिस कारण उनके बनाएं रखने पर बहुत खर्च आता है। भवन और मशीनरी भी जीर्ण अवस्था में हैं जिसके कारण उत्पादन खर्च बहुत आता है। परिणामस्वरूप बेकारी और जड़ता उत्पन्न हो जाती है।
3. हमारे देश में लंबे रेशे वाली कपास भी नहीं होती। इसलिए लंबे रेशे वाली कपास विदेशों से आयात करनी पड़ती है।
इन समस्याओं को हल करने के उपाय:
- हमें पुरानी तकनीक में सुधार करके सूती वस्त्र बनाने की नवीनतम तकनीक को अपनाना चाहिए।
- सूती कपड़े की मिलों एवं कारखानों में निपुणता और बचत लानी होगी ताकि फिजूलखर्ची न हो।
- हमें अपने देश में ही लंबे रेशे की कपास का उत्पादन करना चाहिए ताकि विदेशी मुद्रा बचायी जा सके।
प्रश्न 2.
लोहा-इस्पात उद्योग केवल प्रायद्वीपीय भारत में ही क्यों स्थित है?
उत्तर:
देश में कुल 10 बड़े इस्पात केन्द्र हैं। जमशेदपुर, बोकारो, दुर्गापुर, आसनसोल, राउरकेला और भिलाई इस्पात केन्द्र छोटानागपुर और उसके सीमावर्ती प्रदेश में ही संकेन्द्रित हैं।
कारण (Reasons):
- इसकी भारी कच्ची सामग्री अर्थात् लौह अयस्क जो समीप के क्षेत्रों से मिल जाता है।
- अच्छे किस्म के कोयले के निक्षेप झरिया, गिरिडीह, बोकारो, रानीगंज और करनपुरा में हैं। सिंहभूम तथा मयूरभंज में लौह-अयस्क के विशाल भंडार हैं।
- अन्य पदार्थ जैसे मैंगनीज, चूना पत्थर, स्वच्छ जल की आपूर्ति आदि समीपवर्ती क्षेत्रों में उपलब्ध हैं।
- दामोदर घाटी परियोजना से जल विद्युत की आपूर्ति की जाती है।
- यहाँ रेल एवं सड़क परिवहन का सघन जाल पाया जाता
- समीप के सघन आबाद क्षेत्रों से श्रमिकों की नियमित आपूर्ति।
- कोलकाता बंदरगाह की निकटता।
उद्योग Class 8 HBSE Definitions
- उद्योग (Industry) : श्रम विभाजन तथा मशीनों के अधिकाधिक प्रयोग द्वारा व्यवस्थित उत्पादन।
- सार्वजनिक क्षेत्र (Public Sector) : इन उद्योगों का स्वामित्व तथा संचालन सरकार द्वारा होता है।
- प्राथमिक उद्योग (Primary Industry) : प्रकृति द्वारा प्रदान वस्तुओं के प्रयोग हेतु एकत्रित करने की क्रिया।
- द्वितीयक उद्योग (Secondary Industry) : बड़े उद्योग जो प्राथमिक उत्पादों को उपयोगी वस्तुओं में बदलते हैं।
- राष्ट्रीय उद्योग (National Industry) : उद्योग जो किसी देश की सरकार द्वारा स्थापित किए जाते हैं।
- कृषि-आधारित उद्योग (Agro-based Industry) : उद्योग जो कृषि के प्राप्त कच्चे माल पर निर्भर करते हैं, जैसे चीनी उद्योग।
- प्रगलन (Smelting) : यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें धातुओं को उसके अयस्कों द्वारा गलनांक बिंदु से अधिक तपाकर निष्कर्षित किया जाता है।
- विनिर्माण (Manufacturing): इसके अंतर्गत कच्चे माल को लोगों के लिए अधिक मूल्य के उत्पादों में परिवर्तित किया जाता है।
उद्योग Class 8 HBSE Notes
→ उद्योग (Industry) : उद्योग का तात्पर्य है एक आर्थिक प्रक्रिया जिसका संबंध वस्तुओं के उत्पादन, खनिजों के निष्कर्षण तथा सेवाओं से है।
→ उद्योगों का वर्गीकरण (Classification of Industries) : उद्योगों का वर्गीकरण कच्चा माल, आकार तथा स्वामित्व के आधार पर किया जा सकता है।
(i) कच्चे माल के आधार पर वर्गीकरण (On the basis of Raw Materials) : कच्चे माल के आधार पर उद्योग कृषि आधारित, खनिज आधारित, सामुद्रिक उत्पाद आधारित तथा वन आधारित होते हैं। कृषि आधारित उद्योग पौधे और पशु उत्पाद का उपयोग करते हैं। खाद्य प्रसंस्करण, सूती वस्त्र उद्योग, डेयरी उत्पाद उद्योग आदि इसके उदाहरण हैं। खनिज आधारित उद्योग प्राथमिक उद्योग हैं जो खनिजों को कच्चे माल के रूप में उपयोग करते हैं।
ये उद्योग दूसरे उद्योगों का भी पोषण करते हैं। लोहा और इस्पात उद्योग इसी प्रकार का उद्योग है। सामुद्रिक उत्पाद आधारित उद्योग समुद्र के उत्पाद उपयोग में लाते हैं। मछली-तेल उद्योग इसका उदाहरण है। वन आधारित उद्योग वन उत्पाद कच्चे माल के रूप में उपयोग में लाते हैं। कागज उद्योग इसका एक उदाहरण है।
(ii) आकार के अनुसार उद्योगों का वर्णीकरण (Classification of Industries according Size) : आकार के अनुसार उद्योग पूँजी की मात्रा जो उद्योग में लगाई गई है, श्रमिकों की संख्या तथा उत्पादन के आयतन पर निर्भर करते हैं। इनको छोटे पैमाने के उद्योग तथा बड़े पैमाने के उद्योग में वर्गीकृत कर सकते हैं। घरेलू उद्योग एक प्रकार का छोटे पैमाने का उद्योग है।
टोकरी बनाना, कपड़ा बुनना, बर्तन बनाना आदि घरेलू उद्योग के उदाहरण हैं। छोटे पैमाने के उद्योग कम पूँजी तथा निम्न प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हैं जबकि बड़े पैमाने के उद्योगों में अधिक पूँजी और उच्च प्रौद्योगिकी का उपयोग होता है। रेशम बुनना, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग छोटे पैमाने के उद्योग हैं जबकि ऑटोमोबाइल उद्योग, भारी मशीनरी उद्योग बड़े पैमाने के उद्योग हैं।
(iii) स्वामित्व के आधार पर वर्गीकरण (Classification of Industries on the Basis of Ownership) : स्वामित्व के आधार पर उद्योगों को निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र, संयुक्त क्षेत्र और सहकारी क्षेत्र में वर्गीकृत किया जा सकता है। निजी क्षेत्र के उद्योग व्यक्ति विशेष के अधीन होते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग केन्द्र सरकार या राज्य सरकार के अधीन होते हैं।
हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स उद्योग इसका एक उदाहरण है। संयुक्त क्षेत्र में सरकार तथा निजी व्यक्ति उद्योग मिलकर चलाते हैं। मारुति उद्योग इसका एक उदाहरण है। सहकारी क्षेत्र के उद्योग उत्पादक तथा श्रमिक आदि मिलकर चलाते हैं। आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड इसका एक अच्छा उदाहरण है।
→ उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक (Factors affecting location of industries): ये कारक निम्नलिखित हैं:
- कच्चे माल की उपलब्धता
- भूमि
- श्रम
- ऊर्जा
- पूँजी
- यातायात के साधन
- बाजार।
→ औद्योगिक तंत्र (Industrial System) : एक औद्योगिक तंत्र में कच्चा माल, प्रक्रम तथा उत्पादन क्रियायें सम्मिलित होती हैं। प्रक्रम (Process) में विस्तृत क्रियायें होती हैं जो कच्चे माल को तैयार माल में बदलती हैं।
→ औद्योगिक प्रदेश (Industrial Regions) : औद्योगिक प्रदेशों का निर्माण उस क्षेत्र में होता है जहाँ विभिन्न प्रकार के उद्योग स्थापित हो जाते हैं। विश्व के प्रमुख औद्योगिक प्रदेश हैं-पूर्वी-उत्तरी अमेरिका, पश्चिमी और मध्य यूरोप, पूर्वी यूरोप और पूर्वी एशिया। भारत में भी कई औद्योगिक प्रदेश हैं, जैसे-मुंबई-पुणे प्रदेश, बंगलौर-तमिलनाडु प्रदेश, हुगली प्रदेश, अहमदाबाद-वडोदरा प्रदेश, छोटानागपुर औद्योगिक पेटी, विशाखापटनम-गुंटूर पेटी, गुड़गाँव-दिल्ली-मेरठ तथा कोल्लम-तिरुवनंतपुरम प्रदेश।
→ प्रमुख उद्योगों का वितरण (Distribution of Major Industries) : लोहा और इस्पात उद्योग (Iron and Steel Industries) : लोहा-इस्पात उद्योग विश्व में जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान, और रूस में स्थापित है। अन्य उद्योगों की तरह लोहा और इस्पात उद्योग को भी विभिन्न कच्चे माल की आवश्यकता होती है। यह एक पोषक उद्योग है जो अन्य उद्योगों को मशीनें, औजार आदि कच्चे माल के रूप में आपूर्ति करता है। इस उद्योग के कच्चे माल के रूप में लौह अयस्क, कोयला और चूना पत्थर उपयोग होता है। इसके अतिरिक्त श्रम, पूँजी, भूमि और अन्य साधनों की आवश्यकता होती है। विशेष इस्पात बनाने के लिए अन्य धातुयें जैसे एलुमिनियम, निकेल और ताँबे को मिलाया जाता है।
इस्पात, आधुनिक युग में किसी देश की रीढ़ की हड्डी कहलाता है। अधिकांश वस्तुएँ जो हम उपयोग में लाते हैं इस्पात की बनी होती हैं, जैसे-मशीनें, औजार, उपकरण, जहाज, रेल, ट्रक आदि। सन् 1800 से पहले लोहा-इस्पात उद्योग वहीं स्थापित किया जाता था जहाँ कच्चा माल समीप मिलता हो तथा शक्ति साधनों की आपूर्ति हो।
1950 के बाद यह उद्योग बंदरगाह के समीप स्थापित हुआ ताकि लौह खनिज बाहर से आयात किया जा सके। भारत में लोहा और इस्पात उद्योग को कच्चे माल, सस्ता श्रम, परिवहन और बाजार का लाभ मिलता है। प्रमुख इस्पात केन्द्र भिलाई, दुर्गापुर, बर्नपुर, जमशेदपुर, राउरकेला और बोकारो हैं जो पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़ राज्यों में स्थापित हैं। अन्य प्रमुख केन्द्र हैं–भद्रावती, विजयनगर (कर्नाटक), विशाखापटनम (आंध्र प्रदेश), सलेम (तमिलनाडु)।
टाटा लोहा और इस्पात उद्योग (टिस्को), जमशेदपुर (TISCO) : 1947 से पहले भारत में केवल टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को) स्थापित थी। यह निजी क्षेत्र में थी। यह कंपनी 1907 में साकची में स्थापित की गई। यह स्वर्णरेखा और खारकाई नदियों के संगम पर झारखंड में स्थित है। भौगोलिक दृष्टि से जमशेदपुर देश में सबसे प्रमुख इस्पात केन्द्र है और सबसे अधिक सुविधाजनक स्थिति में है। जमशेदपुर में लोहा-इस्पात उद्योग के बाद कई और उद्योग स्थापित हो गये हैं जो रसायन, लोकोमोटिव, पुर्जे, कृषि उपकरण आदि का निर्माण करते हैं।
पिट्सबर्ग (Pittsburgh) : यह संयुक्त राज्य अमेरिका का महत्त्वपूर्ण इस्पात केन्द्र है। इसे भी अपनी स्थिति का लाभ पहुँचता है। कुछ कच्चा माल जैसे कोयला समीप ही मिलता है। लौह अयस्क 1500 कि. मी. दूर मिनिसोटा से मंगाया जाता है। पिट्सबर्ग क्षेत्र में अन्य कई उद्योग स्थापित हैं जिनमें कच्चे माल के रूप में इस्पात तैयार किया जाता है।
सूती वस्त्र उद्योग (Cotton Textile Industry) : कपड़े के लिये धागा बनाना एक प्राचीन कला है। सूती, ऊनी, रेशम, जूट, पटसन का प्रयोग कपड़ा बनाने में होता आया है। वस्त्र उद्योग को उसमें प्रयोग होने वाले धागे के आधार पर विभाजित कर सकते हैं। वस्त्र उद्योग के लिये धागा कच्चा माल होता है। मानवकृत धागा नाइलॉन, पोलिएस्टर और रेयॉन आदि हैं। सूती वस्त्र उद्योग सबसे युराना और विस्तृत पैमाने पर फैला उद्योग है। औद्योगिक क्रांति तक सूती कपड़ा हाथ से बनाया जाता था।
आज भारत, चीन, जापान और यू.एस.ए. प्रमुख वस्त्र उद्योग केन्द्र हैं। भारत प्राचीन समय में ढाका की मलमल के लिये प्रसिद्ध था। पहली सफल आधुनिक वस्त्र मिल मुंबई में 1854 में स्थापित हुई थी। वास्तव में यह उद्योग महाराष्ट्र और गुजरात में अधिक फला-फूला क्योंकि यहाँ इसके लिये अनुकूल जलवायु मिली। आज यह उद्योग कोयंबटूर, कानपुर, चेन्नई, अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता, लुधियाना, पांडिचेरी तथा पानीपत में स्थापित हैं।
अहमदाबाद (Ahmedabad) : यह नगर गुजरात में साबरबती नदी के किनारे स्थित है। यहाँ पर पहली मिल 1859 में स्थापित हुई और यह शीघ्र ही भारत का दूसरा बड़ा केन्द्र बन गया। अहमदाबाद को भारत का मानचेस्टर कहा जाता है क्योंकि यहाँ इस उद्योग के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ मिलती हैं। लेकिन अब अहमदाबाद वस्त्र उद्योग के समक्ष कुछ समस्यायें उत्पन्न हो गई हैं। इसलिए बहुत से सूती वस्त्र उद्योग बंद हो गये हैं।
ओसाका (Osaka) : ओसाका जापान का प्रमुख वस्त्र उद्योग केन्द्र है। इसे जापान का मानचेस्टर कहते हैं। इस उद्योग के यहाँ विकसित होने के कई कारण हैं। यहाँ की आर्द्र जलवायु इस उद्योग के लिये बहुत अनुकूल है। योडो नदी से पानी मिल जाता है। कपास मिस्र तथा भारत से आयात की जाती है। तैयार माल अधिकतर निर्यात कर दिया जाता है।
सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) : आधुनिक युग में सूचना बहुत आवश्यक है। संयुक्त राज्य अमेरिका तथा भारत की कुछ सॉफ्टवेयर कंपनियों ने मिलकर इस उद्योग में प्रशंसनीय कार्य किया है। उदाहरण के रूप में सिलिकॉन घाटी तथा भारत के बंगलौर में इस उद्योग के संकुल हैं। सूचना और प्रौद्योगिकी की कंपनियाँ भंडारण, प्रक्रम तथा सूचना वितरण में कार्य कर रही हैं।
आज यह उद्योग वैश्विक हो गया है। बंगलौर दक्कन पठार पर स्थित है जहाँ इसे सिलिकान पठार कहते हैं। यहाँ पर वर्ष भर मृदु जलवायु रहती है। सिलिकॉन घाटी राकी पर्वत माला के निकट सांताक्लारा घाटी का एक भाग है। भारत में मुंबई, नयी दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई तथा अन्य नगर जैसे गुड़गाँव, पुणे, तिरुवनंतपुरम आदि सूचना प्रौद्योगिकी केन्द्र हैं।