HBSE 9th Class Hindi Vyakaran वर्ण प्रकरण

Haryana State Board HBSE 9th Class Hindi Solutions Hindi Vyakaran Varn Prakaran वर्ण प्रकरण Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Hindi Vyakaran वर्ण प्रकरण

वर्ण प्रकरण

Varn Prakaran HBSE 9th Class प्रश्न 1.
वर्ण किसे कहते हैं? सोदाहरण उत्तर दीजिए।
उत्तर:
भाषा की सबसे छोटी ध्वनि को वर्ण कहते हैं। दूसरे शब्दों में, उस छोटी-से-छोटी ध्वनि को वर्ण कहते हैं, जिसके आगे टुकड़े न किए जा सकें; जैसे अ, इ, ऋ, क, ख, ड्र आदि। वर्गों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी वर्णमाला में 46 वर्ण हैं। हिन्दी की वर्णमाला को मुख्यतः स्वर एवं व्यंजन दो भागों में बाँट सकते हैं। हिन्दी की वर्णमाला निम्नलिखित है
HBSE 9th Class Hindi Vyakaran वर्ण प्रकरण 1
हिन्दी वर्णमाला के 46 अक्षर संस्कृत भाषा से आए हैं, जिनमें 13 स्वर हैं और शेष व्यंजन हैं। प्रश्न 2. संयुक्त व्यंजनों से क्या अभिप्राय है? सोदाहरण उत्तर दीजिए। उत्तर-जो व्यंजन एक से अधिक व्यंजनों के योग से बने हों, उन्हें संयुक्त व्यंजन कहते हैं; जैसे
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HBSE 9th Class Hindi Vyakaran वर्ण प्रकरण

वर्ण के भेद

Varn Prakaran Class 9 HBSE प्रश्न 3.
वर्ण के कितने भेद होते हैं? सोदाहरण उत्तर दीजिए।
उत्तर:
वर्ण के दो भेद होते हैं- स्वर एवं व्यंजन।
स्वर- अ, इ, उ, ऋ आदि।
व्यंजन- क, ख, प, फ आदि।

वर्ण प्रकरण Class 9 HBSE प्रश्न 4.
स्वर किसे कहते हैं? सोदाहरण उत्तर दीजिए।
उत्तर:
वह वर्ण जो बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से बोला जाए, उसे स्वर कहते हैं। मात्रा के अनुसार स्वरों के तीन भेद होते हैं-हस्व स्वर, दीर्घ स्वर और प्लुत स्वर।

वर्ण प्रकरण Class 9 Vyakaran HBSE प्रश्न 5.
उच्चारण की दृष्टि से स्वरों को कितने भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
उच्चारण के अनुसार स्वरों के निम्नलिखित दो भेद हैं
(1) सानुनासिक तथा
(2) निरनुनासिक।
1. सानुनासिक: जिनका उच्चारण मुख और नासिका से होता है, वे सानुनासिक स्वर कहलाते हैं; जैसे बाँटना, हँसना, दाँत आदि।
2. निरनुनासिक: जिनका उच्चारण केवल मुख से होता है, वे निरनुनासिक स्वर होते हैं; जैसे कौन, दीन आदि।

Hindi Varna HBSE 9th Class प्रश्न 6.
अनुस्वार एवं अनुनासिक किसे कहते हैं? सोदाहरण उत्तर दीजिए।
उत्तर:
अनुनासिक के उच्चारण में हवा नाक और मुख दोनों से निकलती है और अनुस्वार के उच्चारण में हवा केवल नाक से निकलती है। इसके उच्चारण में बल भी अधिक लगता है। अनुनासिक व्यंजन ध्वनि मानी जाती है, जबकि अनुस्वार स्वर माना जाता है। अनुस्वार का चिह्न ऊपर बिन्दु ( . ) है और अनुनासिक का चिह्न चन्द्रबिन्दु (ं) है।
अनुस्वार: गंगा, बंगाल, संधि, संभावना आदि।
अनुनासिक: मुँह, हँसी, बाँटना, दाँत आदि।

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In 9th Standard HBSE प्रश्न 7.
मात्रा से क्या अभिप्राय है? सभी स्वरों के मात्रा रूप बताइए।
उत्तर:
जब किसी स्वर को व्यंजन के साथ जोड़ा जाता है तो स्वर के स्थान पर उसका जो चिह्न लगाया जाता है, उसे मात्रा कहते हैं। स्वरों की मात्राएँ निम्नलिखित हैं
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वर्ण प्रकरण कक्षा 9 HBSE प्रश्न 8.
व्यंजन किसे कहते हैं? उसके कितने भेद हैं?
उत्तर:
जो वर्ण स्वरों की सहायता से बोले जाते हैं, उन्हें व्यंजन कहते हैं। ये स्वरों की सहायता के बिना नहीं बोले जा सकते। इनके उच्चारण में वायु रुकावट के साथ बाहर आती है; जैसे क् + अ = क । यही नियम सभी व्यंजनों पर लागू होता है। बिना स्वर के योग के सभी वर्गों के नीचे हलन्त लगता है; जैसे क्, ख, ग, ट्, त्, ड्, न आदि।

उच्चारण के अनुसार व्यंजनों के तीन भेद किए जा सकते हैं
(1) स्पर्श,
(2) अन्तःस्थ
(3) ऊष्म।

प्रश्न 9.
‘र’ और ‘ऋ’ में क्या अन्तर है? व्यंजनों के साथ ‘र’ लगाने के कौन-से नियम हैं ?
उत्तर:
र व्यंजन है और ऋ स्वर है। हिन्दी में रि और ऋ के उच्चारण में काफी समानता प्रतीत होती है। व्यंजनों के साथ ‘र’ लगाने के नियम निम्नलिखित हैं-
(1) यदि ‘र’ से पूर्व कोई स्वर रहित व्यंजन अर्थात् हलन्त वाला व्यंजन हो तो ‘र’ व्यंजन के नीचे आकर जुड़ जाता है; जैसे-
क् + र = क्र (क्रम),
म् + र = म्र (ताम्र),
द् + र = द्र (द्रव्य),
प् + र = प्र (प्रकाश)।

किन्तु ‘र’ से पूर्व यदि कोई टवर्ग का व्यंजन स्वर रहित (हलन्त) हो, तो इसका प्रयोग इस तरह किया जाएगा-
ट् + र = ट्र (ट्रक),
ड् + र = ड्र (ड्रामा)।

(2) यदि स्वर रहित ‘र’ अन्य वर्गों से पहले आए तो अपने से अगले व्यंजन के ऊपर (शिरोरेख के ऊपर) लगाया जाता है; जैसे
ध + र् + म = धर्म,
पू + र् + व = पूर्व,
सू + र् + य = सूर्य ।

(3) यदि ‘र’ के साथ ‘इ’ या ‘ई’ की मात्रा लगी हो, तो इसे मात्रा के बाद जोड़कर लिखा जाता है; जैसे कर्मी, फुर्ती, दर्शी, महर्षि, गर्वित।

(4) यदि ‘र’ संयुक्त अक्षर के साथ आए तो ‘र’ को संयुक्ताक्षर के अन्तिम वर्ण पर लगाया जाता है; जैसे मर्त्य, दुर्घर्ष।

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परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
वर्ण किसे कहते हैं? हिन्दी वर्णमाला में कितने वर्ण हैं? इनको हम कितने भागों में बाँट सकते हैं?
उत्तर:
भाषा की लघुतम इकाई को वर्ण कहते हैं या वह लघु ध्वनि जिसके आगे टुकड़े न हो सकें, उसे वर्ण कहते हैं; जैसे आ, इ, क, खु आदि। हिन्दी भाषा में 46 वर्ण होते हैं। वर्ण को हम दो भागों में बाँट सकते हैं-
(1) स्वर,
(2) व्यंजन।

प्रश्न 2.
स्वर किसे कहते हैं? मात्रा के अनुसार ये कितने प्रकार के हैं?
उत्तर:
वह वर्ण जो अन्य वर्ण की सहायता से बोला जा सके, स्वर कहलाता है। मात्रा के आधार पर इन्हें तीन भागों में बाँटा जा सकता है-
(1) ह्रस्व स्वर,
(2) दीर्घ स्वर,
(3) प्लुत स्वर।

प्रश्न 3.
ह्रस्व स्वर किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिस स्वर के उच्चारण में थोड़ा अथवा एक मात्रा का समय लगे, उसे ह्रस्व स्वर कहते हैं। ये चार हैं-अ, इ, उ, ऋ। इन्हें एक मात्रिक स्वर भी कहते हैं।

प्रश्न 4.
दीर्घ स्वर किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिस स्वर के उच्चारण में ह्रस्व से दुगुना समय लगे, उसे दीर्घ स्वर कहते हैं। ये सात हैं आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ। इन्हें द्वि-मात्रिक स्वर भी कहते हैं।

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प्रश्न 5.
प्लुत स्वरों की परिभाषा देते हुए उदाहरण भी लिखें।
उत्तर:
चिल्लाते या पुकारते समय जब किसी स्वर के उच्चारण में तीन गुणा समय लगे, तो वह स्वर प्लुत कहलाता है। जैसे- ओ३म्, हे राम आदि।

प्रश्न 6.
हिन्दी में दीर्घ स्वरों का क्या महत्व होता है? सोदाहरण स्पष्ट करें।
उत्तर:
हिन्दी में दीर्घ स्वरों का बहुत महत्व होता है। ये शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं; जैसे-

ह्रस्व स्वर – दीर्घ स्वर
कल – काल
कम – काम
जाति – जाती
दिन – दीन
सुत – सूत
कुल – कूल
खल – खाल
पुत्र – पूत
नग – नाग
खिल – खील

नोट-
अंग्रेज़ी के डॉक्टर, कॉलेज, बॉल आदि शब्दों में आ और ओ ध्वनियों के मध्यवर्ती दीर्घ स्वर ‘ऑ’ का उच्चारण होता है। हिन्दी के इन दीर्घ स्वरों से इसको भिन्न लिखने और बोलने के कारण इसका प्रचलन हो गया है।

प्रश्न 7.
अनुस्वार एवं अनुनासिक में क्या अन्तर है?
उत्तर:
अनुस्वार के उच्चारण में वायु केवल नाक से निकलती है तथा अनुनासिक के उच्चारण में वायु नाक एवं मुख दोनों से निकलती है; यथा
अनुस्वार – कंगन, गंगा।
अनुनासिक – दाँत, चाँद ।

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प्रश्न 8.
व्यंजन किसे कहते हैं? उच्चारण के विचार से इनके कितने भेद हैं?
उत्तर:
स्वरों की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण को व्यंजन कहते हैं; जैसे क, ख, ग आदि। उच्चारण की दृष्टि से व्यंजन के तीन भेद होते हैं-
(1) स्पर्श व्यंजन,
(2) अन्तःस्थ व्यंजन,
(3) ऊष्म व्यंजन।

प्रश्न 9.
अंतःस्थ व्यंजन की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
जिन व्यंजनों के उच्चारण में जिह्वा पूरी तरह से मुख के किसी भाग का स्पर्श नहीं करती, उन्हें अंतःस्थ व्यंजन कहते हैं; जैसे य, र, ल, व। ये चार व्यंजन ही अंतःस्थ हैं।

प्रश्न 10.
स्पर्श व्यंजन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिन व्यंजनों के उच्चारण में जिह्वा मुख के विभिन्न भागों से पूरी तरह स्पर्श करती हो, उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते हैं। स्पर्श व्यंजन संख्या में 25 होते हैं; जैसे-
कवर्ग – क ख ग घ ङ
चवर्ग – च छ ज झ ञ
टवर्ग – ट ठ ड ढ ण
तवर्ग – त थ द ध न
पवर्ग – प फ ब भ म

प्रश्न 11.
ऊष्म व्यंजन किसे कहते हैं? इनकी कितनी संख्या होती है?
उत्तर:
जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय वायु रगड़ खाकर निकलती है अर्थात् वायु एक प्रकार से ऊष्म-सी हो जाती है, उन्हें ऊष्म व्यंजन कहते हैं; जैसे श, ष, स, ह। ये चार वर्ण ऊष्म कहलाते हैं।

प्रश्न 12.
इन शब्दों के पृथक्-पृथक् वर्ण लिखिएयूनिवर्सिटी, अमृतसर, पंजाब, मद्रास, कश्मीर।
उत्तर:
यूनिवर्सिटी – य् + ऊ + न् + इ + व् + अ + र् + स् + इ + ट् + ई।
अमृतसर – अ + म् + ऋ + त् + अ + स् + अ + र् + अ
पंजाब – प् + अं + ज् + आ + ब् + अ
मद्रास – म् + अ + द् + र् + आ + स् + अ
कश्मीर – क् + अ + श् + म् + ई + र् + अ

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प्रश्न 13.
नीचे लिखे वर्गों के योग से बनने वाले शब्द लिखिए
(1) र् + आ + त् + अ
(2) स् + अ + त् + अ + ल् + उ + ज् + अ
(3) व् + ऐ + ज् + ञ् + आ + न् + इ + क् + अ
(4) क् + ऋ + प् + आ + ण् + अ
(5) त् + उ + ल् + अ + स् + ई।
उत्तर:
(1) रात
(2) सतलुज
(3) वैज्ञानिक
(4) कृपाण
(5) तुलसी।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित वर्गों को जोड़कर शब्द बनाओ
(1) ल् + अ + त् + आ
(2) अ +ध् + य् + आ + य् + अ
(3) म् + इ + त् + र् + अ
(4) क् + ष् + अ + म् + आ
(5) आ + ज् + ञ् + आ
उत्तर:
(1) लता
(2) अध्याय
(3) मित्र
(4) क्षमा
(5) आज्ञा।

प्रश्न 15.
निम्नलिखित शब्दों को वर्गों में विभक्त करोश्लोक, ज्ञान, छात्र, विद्यालय, भारतवर्ष, भक्ति, कृष्ण, परिश्रम।
उत्तर:
श्लोक = श् + ल् + ओ + क् + अ।
ज्ञान = ज् + ञ् + आ + न् + अ।
छात्र = छ + आ + त् + र् + अ।
विद्यालय = व् + इ + द् + य् + आ + ल् + अ + य् + अ।
भारतवर्ष = भ् + आ + र् + अ + त् + अ + व् + र् + ष् + अ।
भक्ति = भु + अ + क + तु + इ।
कृष्ण = क् + ऋ + ष् + ण + अ।
परिश्रम = प् + अ + र् + इ + श् + र् + अ + म् + अ।

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प्रश्न 16.
स्वर और व्यंजन में क्या अन्तर है?
उत्तर:
स्वर:
स्वतन्त्र अर्थात् दूसरे वर्ण की सहायता के बिना बोले जाने वाले वर्ण को स्वर कहते हैं। स्वर ऐसी ध्वनियाँ हैं जिनके उच्चारण में सांस की हवा कंठ, जीभ और होंठों की सहायता के बिना बाहर निकल जाती है; जैसे अ, इ, उ।

व्यंजन:
जो वर्ण स्वरों की सहायता से बोले जाएं, उन्हें व्यंजन कहते हैं। इनके उच्चारण में सांस की हवा कंठ, जीभ और होंठ आदि मुख के अंगों में रुकावट पैदा करके निकलती है। ये क से लेकर ह तक तैंतीस व्यंजन हैं।

प्रश्न 17.
अनुस्वार और अनुनासिक में क्या अन्तर है? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अनुस्वार:
जिस ध्वनि के उच्चारण में सांस केवल नाक से निकले, उसे अनुस्वार ध्वनि कहते हैं। अनुस्वार का चिह्न बिन्दु (ं) है; जैसे संत, गंगा, व्यंजन आदि। हिन्दी वर्णमाला में ङ्, ञ्, ण, न और म् अनुस्वार ध्वनियाँ हैं।

अनुनासिक:
जब सांस की हवा कुछ तो नाक से निकल जाए और कुछ मुँह से निकले तो अनुनासिक स्वरों को बोला जाता है और उसका चिह्न चन्द्रबिन्दु (ँ) होता है; जैसे आँख, चाँद, माताएँ आदि। हिन्दी में अनुनासिकता अधिकतर दीर्घ स्वरों में ही मिलती है।

प्रश्न 18.
निम्नलिखित वर्गों के उच्चारण स्थान उनके सामने दिए कोष्ठकों में लिखो
प् ( )
न ( )
ठ ( )
ज् ( )
घ् ( )
व ( )
औ ( )
ए ( )
उत्तर:
प् (ओष्ठ),
न् (नासिका),
ठ् (मूर्धा),
ज् (तालु),
घ् (कण्ठ),
व् (दन्तोष्ठ),
औ (कंठौष्ठ),
ए (कंठ तालु)।

प्रश्न 19.
टवर्ग, पवर्ग, कवर्ग, तवर्ग की नासिक्य ध्वनियाँ लिखो।
उत्तर:
टवर्ग – ण।
पवर्ग – म्।
कवर्ग – ङ्।
तवर्ग – न्।

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प्रश्न 20.
(क) कंठ-स्थान से बोला जाने वाला ऊष्म व्यंजन लिखो।
(ख) तालु-स्थान से बोला जाने वाला एक अंतस्थ व्यंजन लिखो।
उत्तर:
(क) ह
(ख) य।

प्रश्न 21.
अयोगवाह किसे कहते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
स्वरों एवं व्यंजनों के अतिरिक्त हिन्दी वर्णमाला में दो वर्ण और भी हैं, ये हैं अं और अः । अनुस्वार और विसर्ग ये दोनों स्वरों के बाद लिखे जाते हैं। स्वतंत्र गति न होने के कारण ये स्वरों की संख्या में नहीं आ सकते। इसलिए इन्हें अयोगवाह कहते हैं। न स्वरों के योग, न व्यंजनों से, फिर भी ध्वनि वहन करते हैं। अतः ये अयोगवाह हैं।

प्रश्न 22.
‘अक्षर’ की परिभाषा देते हुए हिन्दी भाषा के प्रमुख अक्षरों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
किसी एक ध्वनि या ध्वनि समूह की उच्चरित न्यूनतम इकाई को अक्षर कहते हैं। अक्षर केवल स्वर, स्वर तथा व्यंजन या अनुनासिकता सहित स्वर हो सकता है। दूसरे शब्दों में, वह छोटी-से-छोटी इकाई अक्षर है, जिसका उच्चारण वायु के एक झटके से होता है; जैसे आ, जी, क्या आदि। हिन्दी अक्षरों के कुछ प्रमुख उदाहरण देखिए
(1) केवल स्वर, औ, आ, ओ।
(2) स्वर व्यंजन, अब, आज्, आँख् ।
(3) व्यंजन स्वर, न, खा, हाँ।
(4) व्यंजन स्वर व्यंजन, घर, देर्, साँप् ।
(5) व्यंजन-व्यंजन स्वर, क्या, क्यों।
(6) व्यंजन-व्यंजन-व्यंजन स्वर, स्त्री।

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