HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

Haryana State Board HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Physics Important Questions Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

वस्तुनिष्ठ प्रश्न:

प्रश्न 1.
प्रकाश-विद्युत उत्सर्जन घटित होता है केवल जबकि आपतित प्रकाश निम्न में से किसके न्यूनतम मान से कुछ अधिक मान रखता है:
(अ) शक्ति
(ब) तरंगदैर्ध्य
(स) तीव्रता
(द) आवृत्ति
उत्तर:
(द) आवृत्ति

प्रश्न 2.
एक प्रकाश सुग्राही धातु के लिए देहली आवृत्ति 3.3 × 1014 Hz है। यदि इस धातु पर 8.2 x 1014 Hz आवृत्ति का प्रकाश आपतित होता है तो प्रकाश वैद्युत उत्सर्जन के लिए संस्तम्भ विभव होगा (लगभग)
(अ) 1V
(ब) 2V
(स) 3V
(द) 5V
उत्तर:
(ब) 2V

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प्रश्न 3.
किसी धातु का कार्यफलन निर्भर करता है:
(अ) प्रकाश स्रोत व धातु के मध्य दूरी पर
(ब) आपतित प्रकाश की तीव्रता पर
(स) धातु एवं उसके पृष्ठ की प्रकृति पर
(द) आपतित प्रकाश की तीव्रता पर
उत्तर:
(स) धातु एवं उसके पृष्ठ की प्रकृति पर

प्रश्न 4.
30 ev ऊर्जा का एक फोटॉन धातु के पृष्ठ पर आपतित होता है इसके कारण 27.5 eV गतिज ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन होता है। धातु के पृष्ठ का कार्यफलन होगा:
(अ) 2.5 ev
(ब) 57.5 ev
(स) 5.0 ev
(द) शून्य
उत्तर:
(अ) 2.5 ev

प्रश्न 5.
प्रकाश विद्युत धारा का मान निर्भर करता है:
(अ) केवल प्रकाश की तीव्रता पर
(ब) प्रकाश की आवृत्ति तथा स्रोत व धातु के मध्य दूरी दोनों पर के कार्यफलन पर
(स) धातु कार्यफलन पर
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(ब) प्रकाश की आवृत्ति तथा स्रोत व धातु के मध्य दूरी दोनों पर के कार्यफलन पर

प्रश्न 6.
फोटॉन का संवेग होता है:
(अ) hu
(ब) hc
(स) hv/c
(द) c/hv
उत्तर:
(स) hv/c

प्रश्न 7.
एक धातु से हरे रंग के प्रकाश के आपतन पर इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन प्रारम्भ होता है निम्न रंगों के समूह में से किस समूह के प्रकाश के कारण इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन संभव होगा?
(अ) पीला, नीला, लाल
(ब) बैंगनी, लाल, पीला
(स) बैंगनी, नीला, पीला
(द) बैंगनी, नीला, आसमानी
उत्तर:
(द) बैंगनी, नीला, आसमानी

प्रश्न 8.
प्रकाश स्रोत एवं प्रकाश विद्युत सेल के मध्य दूरी में वृद्धि करने पर निरोधी विभव के मान में:
(अ) वृद्धि होती है।
(ब) कमी होती है।
(स) कोई परिवर्तन नहीं होता है।
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(स) कोई परिवर्तन नहीं होता है।

प्रश्न 9.
निरोधी विभव से कम विभव होने पर प्रकाश विद्युत धारा का मान:
(अ) शून्य होता है।
(ब) अधिक परन्तु 00 से कम होता है।
(स) कम परन्तु शून्य से अधिक होता है
(द) ∞ होता है।
उत्तर:
(अ) शून्य होता है।

प्रश्न 10.
इलेक्ट्रॉन गन से निर्गत इलेक्ट्रॉन से सम्बद्ध दे – बाग्ली तरंगदैर्ध्य 0.1227 À है। गन पर आरोपित त्वरक वोल्टता का मान होगा:
(अ) 20 kV
(ब) 10 kV
(स) 30kV
(द) 40kv
उत्तर:
(ब) 10 kV

प्रश्न 11.
धातु के पृष्ठ पर आपतित प्रकाश की तीव्रता बढ़ाने पर:
(अ) प्रकाश विद्युत धारा बढ़ जायेगी।
(ब) उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है।
(स) इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा तथा संख्या दोनों में वृद्धि होती है।
(द) प्रकाश विद्युत धारा नियत रहती है।
उत्तर:
(अ) प्रकाश विद्युत धारा बढ़ जायेगी।

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प्रश्न 12.
यदि Φ कार्यफलन है तो देहली तरंगदैर्घ्य का सूत्र होता है:
(अ) hΦ/c
(ब) c/hΦ
(स) Φ/hc
(द) hc/Φ
उत्तर:
(द) hc/Φ

प्रश्न 13.
निरोधी विभव निर्भर होता है:
(अ) केवल आपतित फोटोन की ऊर्जा पर।
(ब) केवल पदार्थ के कार्यफलन पर।
(स) आपतित फोटोन की ऊर्जा और पदार्थ के कार्यफलन के अन्तर पर।
(द) आपतित फोटोन की ऊर्जा और पदार्थ के कार्यफलन के योग पर
उत्तर:
(स) आपतित फोटोन की ऊर्जा और पदार्थ के कार्यफलन के अन्तर पर।

प्रश्न 14.
इलेक्ट्रॉन गन पर आरोपित त्वरक वोल्टता 10,000 वोल्ट हो तो गन से प्राप्त इलेक्ट्रॉन से सम्बद्ध दे-ब्राग्ली तरंगदैर्ध्य होगा:
(अ) 1.27 A
(ब) 12.27 À
(स) 1227 Å
(द) 0.1227 Å
उत्तर:
(द) 0.1227 Å

प्रश्न 15.
जब प्रकाश विद्युत प्रभाव उत्पन्न करने वाली सतह पर गिरने वाले प्रकाश की तीव्रता दुगुनी कर दी जावे तो:
(अ) उत्सर्जित फोटोन की आवृत्ति दुगुनी हो जायेगी
(ब) दुगुने फोटोन निकलेंगे
(स) फोटोन पहले की अपेक्षा चार गुणा अधिक निकलेंगे
(द) कोई प्रभाव नहीं होगा।
उत्तर:
(ब) दुगुने फोटोन निकलेंगे

प्रश्न 16.
धात्विक सतह से निकलने वाले फोटो इलेक्ट्रॉनों की अवस्था हो सकती है:
(अ) विरामावस्था
(ब) समान ऊर्जा अवस्था
(स) इनकी ऊर्जा शून्य से अनन्त तक हो सकती है।
(द) इनकी ऊर्जा शून्य से एक निश्चित मान तक हो सकती है।
उत्तर:
(द) इनकी ऊर्जा शून्य से एक निश्चित मान तक हो सकती है।

प्रश्न 17.
प्रकाश-विद्युत प्रभाव में उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों का वेग निर्भर करता है:
(अ) केवल आपतित फोटोनों की आवृत्ति पर
(ब) केवल आपतित फोटोनों की तीव्रता पर
(स) धातु के कार्यफलन तथा आपतित फोटोनों की तीव्रता पर
(द) आपतित फोटोनों की आवृत्ति तथा धातु के कार्यफलन पर।
उत्तर:
(द) आपतित फोटोनों की आवृत्ति तथा धातु के कार्यफलन पर।

प्रश्न 18.
जब पराबैंगनी किरणें किसी धातु की सतह पर आपतित होती हैं. प्रकाश विद्युत प्रभाव नहीं हो पाता है परन्तु निम्न के आपतित होगा:
(अ) अवरक्त किरणें
(ब) X-किरणें
(स) रेडियो तरंगें
(द) प्रकाश तरंगें
उत्तर:
(ब) X-किरणें

प्रश्न 19.
तीन धातुओं A, B और C के कार्यफलन क्रमानुसार 1.92eV, 2eveV हैं। आइन्सटीन समीकरण के आधार पर 4100 Å तरंगदैर्ध्य विकिरण का प्रयोग करने पर इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन होगा:
(अ) किसी धातु से भी नहीं
(ब) केवल A से
(स) केवल A व B से
(द) सभी तीनों धातुओं से
उत्तर:
(स) केवल A व B से

प्रश्न 20.
कार्यफलन कहलाता है:
(अ) आवश्यक ऊर्जा जो इलेक्ट्रॉन को उसकी कक्षा से बाहर निकाल दे।
(ब) एकांक क्षेत्रफल पर आपतित आवश्यक ऊर्जा जो इलेक्ट्रॉन को धातु से बाहर निकाल दे।
(स) प्रति इलेक्ट्रॉन, इलेक्ट्रॉनों को धातु से बाहर निकालने के लिए आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा।
(द) इलेक्ट्रॉन को धातु से मुक्त कराने के लिए आपतित ऊर्जा।
उत्तर:
(स) प्रति इलेक्ट्रॉन, इलेक्ट्रॉनों को धातु से बाहर निकालने के लिए आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा।

प्रश्न 21.
फोटो- सेल में प्रकाश-विद्युत धारा का मान निर्भर करता है:
(अ) केवल आपतित विकिरण की तीव्रता पर
(ब) आपतित विकिरण की आवृत्ति तथा तीव्रता पर
(स) केवल ऐनोड तथा कैथोड के बीच विभवान्तर पर
(द) विकिरण की तीव्रता तथा विभवान्तर
उत्तर:
(द) विकिरण की तीव्रता तथा विभवान्तर

प्रश्न 22.
देहली आवृत्ति वह आवृत्ति होती है:
(अ) इससे कम आवृत्ति पर प्रकाश-विद्युत धारा का मान स्थिर रहता है।
(ब) इससे कम आवृत्ति पर प्रकाश-विद्युत धारा विभवान्तर के साथ बढ़ती है।
(स) इससे अधिक आवृत्ति पर प्रकाश-विद्युत धारा संतृप्त हो जाती है।
(द) इससे कम आवृत्ति पर फोटो इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन नहीं होता है।
उत्तर:
(द) इससे कम आवृत्ति पर फोटो इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन नहीं होता है।

प्रश्न 23.
प्रकाश विद्युत सेल:
(अ) विद्युत को प्रकाश में बदलता है।
(ब) प्रकाश को विद्युत में बदलता है।
(स) प्रकाश का संचय करता है
(द) विद्युत का संचय करता है।
उत्तर:
(ब) प्रकाश को विद्युत में बदलता है।

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प्रश्न 24.
जब ho ऊर्जा के फोटॉन ऐलुमिनियम की प्लेट (कार्यफलन = E0) पर आपतित होते हैं तो उत्सर्जित प्रकाशिक इलेक्ट्रॉन्स की अधिकतम गतिज ऊर्जा K होती है। यदि विकिरण की आवृत्ति को दुगुना कर दिया जाए तो उत्सर्जित प्रकाशिक इलेक्ट्रॉन्स की अधिकतम गतिज ऊर्जा होगी:
(अ) 2K
(ब) K
(स) K + hv
(द) K + E
उत्तर:
(स) K + hv

प्रश्न 25.
फोटो सेल में प्रकाश विद्युत प्रभाव का प्रयोग होता है:
(अ) प्रदीपन तीव्रता में बदलाव को प्रकाश विद्युत धारा में बदलाव में बदलने के लिए
(ब) प्रदीपन तीव्रता में बदलाव को फोटो कैथोड के कार्यफलन में बदलाव में बदलने के लिए
(स) प्रकाश की आवृत्ति में बदलाव को विद्युत धारा बदलाव में बदलने के लिए
(द) प्रकाश की आवृत्ति में बदलाव को विद्युत वोल्टता में बदलाव में बदलने के लिए
उत्तर:
(स) प्रकाश की आवृत्ति में बदलाव को विद्युत धारा बदलाव में बदलने के लिए

प्रश्न 26.
डेविसन एवं जरमर के प्रयोग में क्रिस्टल का कार्य क्या है?
(अ) धुवण
(ब) व्यतिकरण
(स) विवर्तन
(द) अपवर्तन
[ संकेत- डेविसन – जरमर प्रयोग में क्रिस्टल एक ग्रेटिंग की भाँति कार्य करता है व इसके द्वारा इलेक्ट्रॉनों का विवर्तन होता है। उत्तर (स) होगा।]
उत्तर:
(स) विवर्तन

प्रश्न 27.
दे-ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य A कण की गतिज ऊर्जा E पर निर्भर करता है:
(अ) λ α E
(ब) λ α √E
(स) λ α 1/E
(द) λ α 1/√E
उत्तर:
(द) λ α 1/√E

प्रश्न 28.
प्रकाश विद्युत प्रभाव की व्याख्या की:
(अ) न्यूटन ने
(ब) आइन्सटाइन ने।
(स) प्लांक ने।
(द) बोर ने।
उत्तर:
(ब) आइन्सटाइन ने।

प्रश्न 29.
प्रकाश – विद्युत प्रभाव सिद्ध करता है कि प्रकाश में:
(अ) अनुप्रस्थीय तरंगें होती हैं
(ब) क्वान्टम प्रकृति होती है
(स) द्वैत प्रकृति होती है
(द) विद्युत चुम्बकीय तरंगें होती हैं।
उत्तर:
(ब) क्वान्टम प्रकृति होती है

प्रश्न 30.
V वोल्ट से त्वरित प्रोटोन पुंज की डी-ब्रोगली तरंगदैर्घ्य A में होगी:
(अ) \(\frac{12.27}{\sqrt{V}}\)
(ब) \(\frac{0.286}{\sqrt{\mathrm{V}}}\)
(स) \(\frac{0.101}{\sqrt{V}}\)
(द) \(\frac{0.028}{\sqrt{V}}\)
उत्तर:
(ब) \(\frac{0.286}{\sqrt{\mathrm{V}}}\)

प्रश्न 31.
किसी धातु की सतह पर प्रकाश डालने से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं जब आपतित प्रकाश की आवृत्ति:
(अ) देहली आवृत्ति से अधिक होती है।
(ब) देहली आवृत्ति से कम होती है।
(स) की तीव्रता एक निश्चित मान से अधिक होती है।
(द) की तीव्रता एक निश्चित मान से कम होती है।
उत्तर:
(अ) देहली आवृत्ति से अधिक होती है।

प्रश्न 32.
प्रकाश विद्युत प्रभाव के प्रयोग में आवृत्ति एवं निरोधी विभव V का ग्राफ सामने दिया गया है। धातु का कार्यफलन होगा:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति 1
(अ) OB
(ब) AB
(स) OA
(द) OA + AB
उत्तर:
(अ) OB

प्रश्न 33.
डी-ब्रॉग्ली के अनुसार किसी कक्षा में इलेक्ट्रॉन के लिए डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य 10-9 मीटर है, तो इलेक्ट्रॉन के लिए मुख्य क्वान्टम संख्या का मान क्या होगा?
(अ) 1
(ब) 2
(स) 3
(द) 4
उत्तर:
(स) 3

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प्रश्न 34.
इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 1 तथा प्रोटॉन का द्रव्यमान Mp है, इन्हें समान विभवान्तर से त्वरित करने पर इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन से सम्बन्धित डी-ब्रोगली तरंगदैर्घ्य का अनुपात Ae : Ap होगा:
(अ) 1
(ब) me : mp
(स) \(\sqrt{\frac{m_p}{m_e}}\)
(द) \(\sqrt{\frac{m_e}{m_p}}\)
उत्तर:
(स) \(\sqrt{\frac{m_p}{m_e}}\)

प्रश्न 35.
प्रोटॉन तथा एल्फा कण की डी ब्रोगली तरंगदैर्घ्य समान है। इनके वेगों का अनुपात होगा:
(अ) 12
(ब) 21
(स) 14
(द) 21
उत्तर:
(द) 21

प्रश्न 36.
समान वेग से गतिमान कणों में से डी ब्रोगली तरंगदैर्घ्य अधिकतम होगी:
(अ) इलेक्ट्रॉन की
(ब) प्रोटॉन की
(स) न्यूट्रॉन की
(द) फोटोन की।
उत्तर:
(अ) इलेक्ट्रॉन की

प्रश्न 37.
धातु के कार्यफलन से दुगुनी ऊर्जा वाला एक फोटोन धातु के पृष्ठ पर आपतित होता है। अधिकतम गतिज ऊर्जा का उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉन की मान होगा:
(अ) कार्यफलन का तिगुना
(ब) कार्यफलन का दुगुना
(स) कार्यफलन के बराबर
(द) कार्यफलन का आधा।
उत्तर:
(स) कार्यफलन के बराबर

प्रश्न 38.
अनिश्चितता सिद्धान्त के अनुसार किसी कण की स्थिति का शत-प्रतिशत शुद्धता से मापन कर लिया जाये तो उसके संवेग में अनिश्चितता होगी:
(अ) शून्य
(ब) 0%
(स) 10%
(द) 30%
उत्तर:
(ब) 0%

प्रश्न 39.
इलेक्ट्रॉनों का तरंगों से सम्बद्ध कौनसा गुण डेविसन एवं जरमर के प्रयोग द्वारा प्रदर्शित किया गया:
(अ) अपवर्तन
(ब) ध्रुवण
(स) व्यतिकरण
(द) विवर्तन
उत्तर:
(द) विवर्तन

प्रश्न 40.
जब पराबैंगनी किरणें किसी धातु की सतह पर आपतित होती हैं, तो प्रकाश विद्युत प्रभाव नहीं हो पाता है परन्तु निम्न के आपतित होने से होगा:
(अ) अवरक्त किरणें
(ब) X-किरणें
(स) रेडियो तरंगें
(द) प्रकाश तरंगें
उत्तर:
(ब) X-किरणें

प्रश्न 41.
यदि धातु की सतह पर आपतित फोटोनों की आवृत्ति दुगुनी कर दी जाये तो उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा हो जायेगी:
(अ) दुगुनी
(ब) दुगुनी से कुछ कम
(स) दुगुनी से अधिक
(द) कुछ कह नहीं सकते
उत्तर:
(स) दुगुनी से अधिक

प्रश्न 42.
प्रकाश विद्युत सेल में एनोड तथा कैथोड के बीच विभवान्तर बढ़ाने पर प्रकाश विद्युत धारा का मान:
(अ) कम होता है।
(ब) पहले बढ़ता है फिर कम होता है।
(स) पहले बढ़ता है फिर स्थिर होता है।
(द) अपरिवर्तित रहता है।
उत्तर:
(स) पहले बढ़ता है फिर स्थिर होता है।

प्रश्न 43.
फोटो सेल का उपयोग होता है:
(अ) फैक्ट्री में मजदूरों की संख्या जानने में
(ब) स्वतः संचालित दरवाजों में
(स) गलियों की लाइट में स्वतः स्विचन के लिए
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 44.
एक आवेशित कण की दे-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य विभवान्तर से त्वरित किया गया है V में सम्बन्ध है:
(अ) λ α v
(ब) λ α 1/√ v
(स) λ α √ v
(द) λ α 1/v
उत्तर:
(ब) λ α 1/√ v

प्रश्न 45.
समान ऊर्जा के एक प्रोटॉन तथा एक कण से सम्बद्ध दे- ब्रॉग्ली तरंगदैघ्यों का अनुपात होगा:
(अ) 1 : 4
(ब) 1 : 2
(स) 4 : 1
(द) 2 : 1
उत्तर:
(द) 2 : 1

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प्रश्न 46.
अनिश्चितता का सिद्धान्त प्रतिपादित किया-
(अ) प्लांक ने
(ब) आइन्स्टाइन ने
(स) हाइजेनबर्ग ने
(द) दे-ब्रॉग्ली ने
उत्तर:
(स) हाइजेनबर्ग ने

प्रश्न 47.
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी किस सिद्धान्त पर कार्य करता है?
(अ) द्रव्य तरंग सिद्धान्त पर
(ब) कणिका सिद्धान्त पर
(स) अनिश्चितता सिद्धान्त पर
(द) उपरोक्त सभी पर
उत्तर:
(अ) द्रव्य तरंग सिद्धान्त पर

प्रश्न 48.
डेविसन तथा जर्मर के प्रयोग में 54 वोल्ट से त्वरित इलेक्ट्रॉन पुंज निकिल क्रिस्टल से 50° से विवर्तित होता है तथा प्रथम विवर्तन उच्चिष्ठ उत्पन्न करता है। निकिल क्रिस्टल में परमाण्विक दूरी होती है:
(अ) 1 A
(ब) 2 A
(स) 2.15 A
(द) 3.12 A
उत्तर:
(स) 2.15 A

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1.
प्रकाश विद्युत प्रभाव में आपतित प्रकाश की तरंगदैर्ध्य को कम करने पर उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन के वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन का वेग बढ़ जायेगा।

प्रश्न 2.
कण की तरंग प्रकृति का समर्थन करने वाले प्रयोग का नाम दीजिए।
उत्तर:
डेविसन तथा जर्मर का प्रयोग।

प्रश्न 3.
100 वोल्ट के विभवान्तर से त्वरित इलेक्ट्रॉन की दे- ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
त्वरक विभव = 100 वोल्ट
ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य λ होगी
हम जानते हैं:
λ = h/p = \(\frac{1.227}{\sqrt{V}}\)
λ = \(\frac{1.227}{\sqrt{100}}\) = \(\frac{1.227}{10}\)
λ = 0.123nm

प्रश्न 4.
किसी आवेशित कण का द्रव्यमान ‘m’ है और इस पर ‘q’ आवेश है। इस कण को यदि V विभवान्तर से त्वरित किया जाये, तो इससे सम्बद्ध दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य के लिए व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
V विभवान्तर से त्वरित q आवेश युक्त कण की ऊर्जा
K = qV
कण का संवेग P = √2mK
= √2mqV
दे- ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य λ = h/p
= h/√2mqV

प्रश्न 5.
किसी प्रकाश सुग्राही पदार्थ पर आपतित विकिरण की तरंगदैर्ध्य घटाने से प्रकाश वैद्युत धारा किस प्रकार परिवर्तित होगी?
उत्तर:
प्रकाश वैद्युत धारा आपतित विकिरण की तीव्रता पर निर्भर करती है, उसकी ऊर्जा (तरंगदैर्घ्य) पर नहीं। अतः यह परिवर्तित नहीं होगी।

प्रश्न 6.
प्रकाश विद्युत प्रभाव के प्रयोग में आपतित प्रकाश की आवृत्ति (v) एवं निरोधी विभव के मध्य ग्राफ बनाइये।
उत्तर:
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प्रश्न 7.
m द्रव्यमान के गतिशील कण की डी ब्रोगली तरंग लम्बाई 2 है तो उसकी गतिज ऊर्जा का मान बताइये।
उत्तर:
K = h2/2mλ2

प्रश्न 8.
एक फोटोन की ऊर्जा E = hv तथा फोटोन का संवेग P = h/λ है, तो फोटोन का वेग होगा।
उत्तर:
फोटोन का वेग v = E/P

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प्रश्न 9.
नियत आवृत्ति पर प्रकाश विद्युत धारा का मान किस पर निर्भर करता है?
उत्तर:
आपतित प्रकाश की तीव्रता पर।

प्रश्न 10.
देहली आवृत्ति तथा कार्यफलन में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर:
hV0 = Φ0 या v0 = Φ0/h

प्रश्न 11.
आइन्सटीन का प्रकाश विद्युत समीकरण किस संरक्षण नियम पर आधारित होता है?
उत्तर:
ऊर्जा के संरक्षण नियम पर

प्रश्न 12.
पदार्थ के कार्यफलन का मान किस पर निर्भर करता है?
उत्तर:
पदार्थ के कार्यफलन का मान उसकी प्रकृति पर निर्भर करता है।

प्रश्न 13.
धातुओं में प्रकाश विद्युत प्रभाव किन विकिरणों से उत्पन्न नहीं होता है?
उत्तर:
रेडियो तरंग से।

प्रश्न 14.
किसी धातु का सतह से प्रकाश विद्युत प्रभाव तभी होगा जबकि आपाती प्रकाश की आवृत्ति किस आवृत्ति से अधिक होती है?
उत्तर:
देहली।

प्रश्न 15.
किसी धातु पर आपतित प्रकाश की तीव्रता बढ़ाने पर उसकी उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

प्रश्न 16.
प्रकाशीय ऊर्जा को विद्युतीय ऊर्जा में रूपान्तरित करने के लिये किस युक्ति का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
फोटो सेल।

प्रश्न 17.
निरोधी विभव का मान किस पर निर्भर करता है?
उत्तर:
आपतित प्रकाश की आवृत्ति पर।

प्रश्न 18.
1 ev ऊर्जा कितने जूल के तुल्य होती है?
उत्तर:
1.6 x 10-19 जूल।

प्रश्न 19.
सीजियम, जिंक आदि पदार्थों का उपयोग फोटो सेल में किस रूप में किया जाता है?
उत्तर:
प्रकाश सुग्राही पदार्थ के रूप में।

प्रश्न 20.
एक दिये गये प्रकाश सुग्राही पदार्थ तथा नियत आवृत्ति के आपतित विकिरण के एक स्रोत के लिए प्रकाश-विद्युत धारा आपतित प्रकाश की तीव्रता के साथ किस प्रकार विघटित होती है?
उत्तर:
प्रकाश वैद्युत धारा आपतित विकिरण की तीव्रता के बढ़ने के साथ बढ़ती है। इसके ग्राफीय विचरण को चित्र में दर्शाया गया है।
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प्रश्न 21.
प्रकाश वैद्युत प्रभाव के सन्दर्भ में निरोधी विभव का क्या अर्थ है?
उत्तर:
प्रकाश-वैद्युत प्रभाव में धन प्लेट पर लगाया गया वह न्यूनतम ऋणात्मक विभव जिस पर प्रकाश वैद्युत धारा शून्य हो जाये निरोधी विभव या संस्तब्ध विभव कहलाता है।

प्रश्न 22.
यदि किसी प्रकाश वैद्युत सेल में आपतित विकिरण की तीव्रता बढ़ा दी जाये तो निरोधी विभव किस प्रकार बदलेगा?
उत्तर:
निरोधी विभव आपतित प्रकाश की तीव्रता पर निर्भर नहीं करता है, अतः यह नहीं बदलेगा।

प्रश्न 23.
प्रकाश विद्युत प्रभाव को प्रेक्षित करने के लिये आपतित प्रकाश की आवृत्ति किस आवृत्ति से अधिक होनी चाहिये?
उत्तर:
प्रकाश सुग्राही पदार्थ की देहली आवृत्ति से।

प्रश्न 24.
विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा के पैकेट को क्या कहते हैं?
उत्तर:
फोटॉन।

प्रश्न 25.
दे ब्रॉग्ली के अनुसार द्रव्य तरंग के तरंगदैर्घ्य का सूत्र लिखिये।
उत्तर:
λ = h/mv

प्रश्न 26.
किसी धातु का कार्यफलन 2 eV है। इसके मतलब को समझाइये।
उत्तर:
धातु से इलेक्ट्रॉनों के उत्सर्जन के लिये उन्हें प्रति इलेक्ट्रॉन न्यूनतम 2ev ऊर्जा देनी होगी।

प्रश्न 27.
किसी धातु की सतह पर एकवर्णीय प्रकाश डालने पर भी उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा भिन्न-भिन्न होती है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि धातु में स्थित सब मुक्त इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा समान नहीं होती, उनमें असमान ऊर्जा वितरण होता है।

प्रश्न 28.
किसी पदार्थ के लिये निरोधी विभव तथा आपतित प्रकाश की आवृत्ति के बीच ग्राफ कैसा होता है?
उत्तर:
सीधी रेखा में जो मूल बिन्दु से नहीं गुजरता है।

प्रश्न 29.
आइन्सटीन का प्रकाश विद्युत समीकरण लिखिये।
उत्तर:
1/2 mv2 = h (v – Ug) mv2

प्रश्न 30.
दो धातु A तथा B के कार्यफलन क्रमश: 2 ev तथा 4 eV हैं। प्रकाश वैद्युत प्रभाव के लिए किसकी देहली तरंगदैर्ध्य कम होगी?
उत्तर:
Φ0 = hc/λ0 = λ0 = hc/Φ0 = λ0 α 1/ Φ0
Φ0 धातु B के लिए अधिक है। अतः इसके लिए देहली तरंगदैर्ध्य कम होगी।

प्रश्न 31.
दो धातु X तथा Y पर जब उचित आवृत्ति का प्रकाश डाला जाता है तो इनसे प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं। X का कार्यफलन Y के कार्यफलन से अधिक है। किस धातु के लिए देहली आवृत्ति अधिक होगी और क्यों?
उत्तर:
Φ0 = hv0
v0 = Φ/p
∵ X का कार्यफलन अधिक है, अतः इसी के लिए देहली आवृत्ति अधिक होगी।

प्रश्न 32.
एक इलेक्ट्रॉन तथा एक प्रोटॉन से बद्ध डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य समान है। इनकी गतिज ऊर्जा परस्पर किस प्रकार सम्बन्धित है?
उत्तर:
गतिज ऊर्जा K = \(\frac{\mathrm{h}^2}{2 \mathrm{~m} \lambda^2}\)
k α 1/m ⇒ Kc/Kp = mp/mc
∵ λ समान है )

प्रश्न 33.
कितने वोल्ट तथा कितने कोण पर तीव्रता का मान अधिकतम होता है?
उत्तर:
54 वोल्ट तथा 50° के प्रकीर्णन कोण पर

प्रश्न 34.
प्रकाश सुग्राही पदार्थ कौन-कौनसे हैं?
उत्तर:
सीजियम, लीथियम, सोडियम, पोटेशियम आदि क्षारीय धातुयें।

प्रश्न 35.
प्रकाश-विद्युत सेल में कैथोड को परवलयाकार क्यों बनाया जाता है?
उत्तर:
जिससे अधिक से अधिक इलेक्ट्रॉन ऐनोड पर जा सकें।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 36.
प्रकाश विद्युत सेल में प्रयुक्त कैथोड का पृष्ठीय क्षेत्रफल अधिक तथा सीजियम लेपित क्यों होते हैं?
उत्तर:
प्रयुक्त कैथोड का पृष्ठीय क्षेत्रफल अधिक इसलिए होता है जिससे कि इलेक्ट्रॉन ज्यादा से ज्यादा निकले और लेपित इसलिए किया जाता है चूँकि यह एक प्रकाश सुग्राही पदार्थ है।

प्रश्न 37.
देहली आवृत्ति को परिभाषित कीजिये धातु के कार्यफलन के साथ यह किस प्रकार परिवर्तित होती है?
उत्तर:
वह न्यूनतम आवृत्ति (v0) जिससे कम आवृत्ति का फोटोन इलेक्ट्रॉन को उत्सर्जित करने में समक्ष नहीं होता है, उसे देहली आवृत्ति कहते हैं। इसको (v0) से प्रदर्शित करते हैं। धातु के कार्यफलन के साथ यह समानुपाती रूप में परिवर्तित होती है।

प्रश्न 38
विभिन्न तीव्रता तथा समान तरंगदैर्घ्य के दो प्रकाश पुंजों के लिए प्रकाश वैद्युत धारा तथा एनोड विभव के बीच ग्राफ खींचिये।
उत्तर:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति 4

प्रश्न 39.
एक इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन की गतिज ऊर्जा समान है। इन दोनों में से किसकी डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य बड़ी होगी? कारण भी दीजिए।
उत्तर:
λ = \(\frac{\mathrm{h}}{\sqrt{2 \mathrm{mK}}}\) ⇒ \(\frac{1}{\sqrt{\mathrm{m}}}\)( h तथा K नियतांक है।)
परन्तु mc < mp अतः इलेक्ट्रॉन से बद्ध डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य बड़ी होगी।

प्रश्न 40.
V विभवान्तर पर त्वरित इलेक्ट्रॉन से बद्ध डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य है। यदि त्वरक विभव 4V कर दिया जाये तो तरंगदैर्घ्य कितनी होगी?
उत्तर:
डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य
λ = \(\frac{12.27}{\sqrt{V}}\)
⇒ λ α \(\frac{1}{\sqrt{\mathrm{V}}}\) = λ/λ = \(\sqrt{\frac{\mathrm{V}}{4 \mathrm{~V}}}\)
= λ = 1/2v

प्रश्न 41.
एक इलेक्ट्रॉन तथा α-कण की गतिज ऊर्जा समान है। उनसे बद्ध तरंगदैर्घ्य किस प्रकार सम्बन्धित है?
उत्तर:
गतिज ऊर्जा K = P2
K = (h/λ)2/2m = h2/2mλ2
⇒ λ = \(\frac{\mathrm{h}}{\sqrt{2 \mathrm{mK}}}\)
λ α \(\frac{1}{\sqrt{\mathrm{V}}}\)
∴ \(\frac{\lambda_{\mathrm{c}}}{\lambda_\alpha}\) = \(\sqrt{\frac{\mathrm{m}_\alpha}{\mathrm{m}_{\mathrm{e}}}}\)

प्रश्न 42.
किसी एक प्रयोग का नाम लिखिये जिससे दे-ब्रॉग्ली के तरंग सिद्धान्त की पुष्टि होती हो।
उत्तर:
डेविसन एवं जरमर का प्रयोग।

प्रश्न 43.
डेविसन व जर्मर के प्रयोग में आयनीकरण प्रकोष्ठ का क्या कार्य है?
उत्तर:
विवर्तित इलेक्ट्रॉन की तीव्रता नापने के लिये।

प्रश्न 44.
डेविसन जर्मर के प्रयोग में क्रिस्टल का क्या कार्य है?
उत्तर:
विवर्तन ग्रेटिंग।

प्रश्न 45.
डेविसन एवं जरमर के प्रयोग का उद्देश्य बतलाइये।
उत्तर:
डेविसन एवं जरमर के प्रयोग का मुख्य उद्देश्य यह था कि इलेक्ट्रॉनों का विवर्तन सम्भव है। चूँकि विवर्तन तरंगों का गुण है अतः इससे यह सिद्ध होता है कि इलेक्ट्रॉन से सम्बद्ध तरंग होती है अर्थात् दे-ब्रॉग्ली की द्रव्य तरंगों की परिकल्पना सही है।

प्रश्न 46.
कण की स्थिति एवं सम्बन्धित संवेग में अनिश्चितताओं के लिये हाइजनबर्ग का सम्बन्ध लिखिये।
उत्तर:
∆x ∆P ≥ h/p

प्रश्न 47.
किसी आवेशित कण का द्रव्यमान ‘m’ है और इस पर ‘q’ आवेश है इस कण को यदि V विभवान्तर से त्वरित किया जाये तो इससे सम्बद्ध दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य के लिए व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
V विभवान्तर से त्वरित q आवेश युक्त कण की ऊर्जा
E = qV
कण का संवेग p = √2mE = √2mqV
इसलिए दे-ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य λ = h/p = h/√2mqV

प्रश्न 48.
0.12 किग्रा. द्रव्यमान की गेंद 20 मी/से की चाल से गतिमान है। इसकी दे-ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए। (प्लांक नियतांक h = 6.62 x 10-4 जूल. से)
उत्तर:
दिया है
m = 0.12 किग्रा v=20 मी/से λ = ?
h = 6.62 × 10-4 जूल. से
डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य λ = h/p = h/mv
मान रखने पर
λ = h/p = h/mv
λ = \(\frac{6.62 \times 10^{-34}}{0.12 \times 20}\)
= 2.758 × 10-34 मीटर

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प्रश्न 49.
दो धातु की प्लेटों P तथा Q के लिए अंतक विभव के बीच वक्र दर्शाए गये हैं। इनमें से किस धातु Vo तथा आवृत्ति v की देहली तरंगदैर्घ्य एवं कार्यफलन अधिक होगा?
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति 5
उत्तर:
प्लेट P की आवृत्ति कम है। इस कारण से देहली तरंगदैर्घ्य का मान अधिक होगा। चूँकि
λ = c/v
अतः P प्लेट की देहली तरंगदैर्घ्य अधिक होगी।
प्लेट Q की आवृत्ति (v) का मान अधिक है तथा ( कार्यफलन
= h x देहली आवृत्ति )
अतः प्लेट Q का कार्यफलन अधिक होगा

प्रश्न 50.
एक धातु पर 5eV के फोटोन डालने पर उत्सर्जित फोटो-इलेक्ट्रॉन के निरोधी विभव का मान 3.2 वोल्ट है। धातु का कार्यफलन क्या है?
उत्तर:
धातु का कार्यफलन
Φo = 5 ev – 3.2 eV = 1.8 eV

प्रश्न 51.
प्रकाश-विद्युत प्रभाव के सन्दर्भ में निरोधी विभव (अंतक विभव) को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
“निरोधी विभव (V), कैथोड के सापेक्ष एनोड को दिया गया वह ऋणात्मक विभव होता है जिस पर प्रकाश विद्युत धारा का मान शून्य हो जाता है।”

प्रश्न 52.
किसी धातु का कार्यफलन 3.31 × 1.6 × 10-19 जूल है तो उसकी देहली आवृत्ति की गणना हर्ट्ज में कीजिए।
उत्तर:
हम जानते हैं:
दिया है
कार्यफल 4g = hvo
4g = 3.31 × 1.6 x 10-19 जूल h = 6.63 × 10-34 जूल सेकण्ड
देहली आवृत्ति V =
\(\frac{3.31 \times 1.6 \times 10^{-19}}{6.63 \times 10^{-34}}\)
Vo = 7.99 × 1014 Hz

लघुत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1.
देहली आवृत्ति एवं अन्तक विभव को परिभाषित कीजिए।
अथवा
प्रकाश विद्युत प्रभाव की घटना में अग्र को परिभाषित कीजिए।
(i) कार्यफलन
(ii) निरोधी विभव (अन्तक विभव)।
उत्तर:
देहली आवृत्ति – वह न्यूनतम आवृत्ति (vo) जिससे कम आवृत्ति का फोटोन इलेक्ट्रॉन को उत्सर्जित करने में सक्षम नहीं होता है, उसे देहली आवृत्ति कहते हैं। इसको 00 से प्रदर्शित करते हैं।
अन्तक विभव आपतित विकिरण की एक निश्चित आवृत्ति के लिए पट्टिका पर दिया गया निम्नतम ऋण (मंदक) विभव Vo जिस पर प्रकाशिक धारा शून्य हो जाती है, अंतक (cut-off) अथवा निरोधी विभव (stopping potential) कहलाता है। इस स्थिति में Kmax = eVo
कार्यफलन – “वह न्यूनतम ऊर्जा जो किसी धातु के प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करने के लिए आवश्यक होती है, उस धातु का प्रकाश-वैद्युत कार्यफलन ( work function) कहलाती है।” सामान्यतः इसको W या po से व्यक्त करते हैं इसको जूल तथा इलेक्ट्रॉन वोल्ट में व्यक्त किया जाता है।

प्रश्न 2.
डेवीसन तथा जरमर प्रयोग में वे प्रेक्षण बताइए जो:
(i) इलेक्ट्रॉन की तरंग प्रकृति को प्रदर्शित करते हैं।
(ii) डी- बॉली सम्बन्ध की पुष्टि करते हैं।
उत्तर:
(i) इलेक्ट्रॉनों का विवर्तन जिसमें विवर्तित इलेक्ट्रॉनों की तीव्रता विवर्तन कोण पर निर्भर करती है तथा Φ = 50° एक उभार दिखाता है।
(ii) इस प्रयोग द्वारा ज्ञात की गई डी-बॉग्ली तरंगदैर्ध्य का सूत्र \(\frac{h}{\mathrm{P}}\) = \(\frac{12.27}{\sqrt{\mathrm{V}}}\)द्वारा निकाले गये मान के लगभग बराबर आता है। यही डी-ब्रॉग्ली सम्बन्ध की पुष्टि करता है।

प्रश्न 3.
कोई इलेक्ट्रॉन विरामावस्था से जिस विभवान्तर V तक त्वरित किया गया है, उसके साथ डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य का विचरण ग्राफ द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य
λ = \(\frac{\mathrm{h}}{\sqrt{2 \mathrm{meV}}}\)
λ α \(\frac{1}{\sqrt{V}}\)
λ का V के साथ विचरण नीचे चित्र में दर्शाया गया है।
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प्रश्न 4.
एक प्रकाश-वैद्युत सेल में आपतित विकिरण की आवृत्ति v देहली आवृत्ति v0 से अधिक है। यदि आवृत्ति बढ़ाई जाये, तो दूसरे कारकों को स्थिर रखते हुए निरोधी विभव किस प्रकार परिवर्तित होगा?
उत्तर:
निरोधी विभव
v0 = (hv/e) -(hv0/e)
अतः जब आवृत्ति v बढ़ाई जाती है, तो निरोधी विभव Vo भी बढ़ेगा।

प्रश्न 5.
धातु के पृष्ठ से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन के लिए मुक्त इलेक्ट्रॉनों को न्यूनतम आवश्यक ऊर्जा किन-किन भौतिक विधि द्वारा दी जाती है? उन्हें लिखिए।
उत्तर:
न्यूनतम आवश्यक ऊर्जा निम्न किसी भी एक भौतिक विधि के द्वारा दी जा सकती है:
(i) तापायनिक उत्सर्जन
(ii) क्षेत्र उत्सर्जन
(iii) प्रकाश विद्युत उत्सर्जन।
(i) तापायनिक उत्सर्जन: तापायनिक उत्सर्जन के द्वारा मुक्त इलेक्ट्रॉनों को पर्याप्त तापीय ऊर्जा दी जा सकती है, जिससे कि वे धातु से बाहर आ सकें।
(ii) क्षेत्र उत्सर्जन- किसी धातु पर लगाया गया एक प्रबल विद्युत क्षेत्र 108 V/m की कोटि का इलेक्ट्रॉनों को धातु पृष्ठ ला सकता है। जैसा कि किसी स्पार्क प्लग में होता है।
(iii) प्रकाश-विद्युत उत्सर्जन उपयुक्त आवृत्ति का प्रकाश जब किसी धातु पृष्ठ पर पड़ता है तो इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन होता है। ये प्रकाश जनित इलेक्ट्रॉन प्रकाशिक इलेक्ट्रॉन कहलाते हैं।

प्रश्न 6.
प्रकाश सुग्राही पदार्थ किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसा पदार्थ जिस पर एक विशिष्ट आवृत्ति या उससे अधिक आवृत्ति का प्रकाश डाला जाये और उसमें से इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन हो सके ऐसा पदार्थ प्रकाश सुग्राही पदार्थ कहलाता है।
X – किरणों के लिये भारी धातु जबकि प्रकाश एवं पराबैंगनी किरणों के लिये क्षारीय धातु प्रकाश सुग्राही होते हैं।

प्रश्न 7.
प्रकाश विद्युत प्रभाव क्या होता है?
उत्तर:
प्रकाश विद्युत प्रभाव जब किसी धातु की प्लेट पर विशिष्ट तरंगदैर्ध्य (आवृत्ति) का प्रकाश डाला जाता है तो उसमें से इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन होता है। इलेक्ट्रॉनों के उत्सर्जन की इस घटना को ‘प्रकाश विद्युत प्रभाव कहते हैं। प्रकाश द्वारा उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन को ‘फोटो इलेक्ट्रॉन’ कहते हैं। फोटो इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह के कारण परिपथ में उत्पन्न धारा प्रकाश विद्युत धारा कहलाती है।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 8.
दो प्रकाश पुंज एक लाल तथा दूसरा नीला समान तीव्रता के हैं जो एक धात्विक पृष्ठ पर आपतित किये जाते हैं। इनमें से कौनसा पुंज अधिक गतिज ऊर्जा के इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करेगा?
उत्तर:
K = ho – Φ चूँकि नीले रंग की आवृत्ति लाल रंग की आवृत्ति से अधिक होती है, अतः नीला प्रकाश अधिक ऊर्जा के प्रकाश- इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करेगा।

प्रश्न 9.
प्रकाश विद्युत प्रभाव के नियम लिखिये।
उत्तर:
वैज्ञानिक लेनार्ड के द्वारा किये गये प्रकाश वैद्युत प्रभाव के प्रयोगों के आधार पर कुछ महत्त्वपूर्ण निष्कर्ष निकाले गये जिन्हें प्रकाश विद्युत प्रभाव के नियम से जाना जाता है। ये निम्न होते हैं
(1) किसी धातु की सतह से प्रकाश इलेक्ट्रॉनों के उत्सर्जन की दर धातु की सतह पर आपतित प्रकाश की तीव्रता के अनुक्रमानुपाती होती है।
(2) उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा का मान आपतित प्रकाश के आवृत्ति के समानुपाती या तरंगदैर्घ्य के विलोमानुपाती होता है।
(3) धातु की सतह से फोटो इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन आपतित प्रकाश की एक निश्चित न्यूनतम आवृत्ति (अधिकतम तरंगदैर्घ्य ) तक ही सम्भव होता है। इस न्यूनतम आवृत्ति के देहली आवृत्ति तथा संगत तरंगदैर्ध्य को देहली तरंगदैर्ध्य कहते हैं।
(4) देहली आवृत्ति या तरंगदैर्घ्य का मान फोटो सुग्राही पदार्थ की प्रकृति या धातु की सतह की प्रकृति पर निर्भर करता है।
(5) उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की गति तथा गजित ऊर्जा का मान आपतित प्रकाश की तीव्रता पर निर्भर नहीं करता है
(6) आपतित प्रकाश तथा उत्सर्जित होने वाले इलेक्ट्रॉनों के बीच कोई समयान्तराल नहीं होता है।

प्रश्न 10.
किसी धातु का कार्यफलन किस पर निर्भर करता है?
उत्तर:
कार्यफलन का मान ताप पर निर्भर होता है परन्तु यह निर्भरता उपेक्षणीय होने से इसे पदार्थ के लिये नियत माना जा सकता है। कार्यफलन को Wo या Φo से निरूपित किया जाता है। भिन्न पदार्थों के लिये इसका मान भिन्न-भिन्न होता है। टंग्स्टन के लिये इसका मान 4.5 eV के लगभग होता है। क्षारीय धातुओं के लिये इसका मान कम होता है। सोडियम के लिये इसका मान 1.5 ev है।

प्रश्न 11.
प्रकाश विद्युत सेल से प्लांक नियतांक का मान ज्ञात करने का नामांकित चित्र तथा निरोधी विभव एवं आपतित प्रकाश की आवृत्ति के मध्य चक्र बनाइए।
उत्तर:
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प्रश्न 12.
प्रकाश के द्वैत-सिद्धांत को संक्षिप्त में लिखिये।
उत्तर:
प्रकाश की द्वैत प्रकृति के आधार पर डी-ब्रोगली ने परिकल्पना प्रस्तुत की। डी ब्रोगली के अनुसार द्रवित अवस्था में द्रव्य- कण जैसे प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन आदि भी तरंग की भाँति व्यवहार करते हैं इन्हें द्रव्य तरंगें या डी ब्रोगली तरंगें कहते हैं। इन द्रव्य तरंगों में जो राशि कम्पित होती है उसे तरंग फलन कहते हैं जिस प्रकार तरंगों के रूप में विकिरण ऊर्जा से कणों के लाक्षणिक गुणों को सम्बद्ध करना आवश्यक होता है, उसी प्रकार गतिशील द्रव्य कणों के साथ तरंगों के लाक्षणिक गुण सम्बद्ध करने चाहिए। अतः द्वैतीकरण प्रकृति न केवल प्रकाश में ही होती है वरन् द्रव्य कणों में भी होती है।

प्रश्न 13.
प्रकाश विद्युत प्रभाव में निरोधी विभव को परिभाषित कीजिये। प्रकाश विद्युत सेल में कैथोड पर लेपित पदार्थ का नाम दीजिये। प्रकाश विद्युत सेल के कोई चार उपयोग भी लिखिये।
उत्तर:
निरोधी विभव – प्लेट P के सापेक्ष प्लेट P2 उस ऋण विभव को जिस पर प्रकाश विद्युत धारा का मान परिपथ में शून्य हो जाता है, उसे निरोधी विभव Vn कहते हैं। फोटो इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा
Kmax = 1/2mwanax = eVo
यहाँ पर
इलेक्ट्रॉन का आवेश है।
प्रकाश विद्युत सेल में कैथोड पर लेपित प्रकाश सुग्राही पदार्थ (K/Cs/Na) में से कोई एक पदार्थ हो सकता है।
प्रकाश विद्युत सेल के उपयोग:
(i) प्रकाश विद्युत सेलों का सबसे महत्त्वपूर्ण उपयोग सिनेमाओं में ध्वनि के पुनरोत्पादन (Reproduction of sound) में टेलीविजन में तथा फोटोटेलीग्राफ में किया जाता है।
(ii) इनसे द्रवों तथा ठोसों की अपारदर्शिता ज्ञात की जाती है।
(iii) इनके द्वारा आकाशीय पिंडों के ताप मापे जाते हैं तथा उनके स्पेक्ट्रम का अध्ययन किया जाता है।
(iv) ये भट्टियों तथा रासायनिक प्रक्रिया ओं में ताप नियंत्रण में काम आती हैं।

प्रश्न 14.
दे ब्रोगली की परिकल्पना के अनुसार वेग से गतिशील, m द्रव्यमान के कण से सम्बद्ध द्रव्य तरंग की तरंगदैर्ध्य A हो तो सिद्ध कीजिये कि-
λ = h/√2mK
उत्तर:
हम जानते हैं कि द्रव्य तरंग की तरंगदैर्ध्य
λ = h/mv = h/P ………….(1)
यदि कण की गतिज ऊर्जा K हो तो
1/2mv2 = 2K
या
या
m2v2 = 2mK
या
mv = √2mK
p = √2mK ….(2)
समी (2) का मान समी (1) में रखने पर
λ = h/√2mK

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 15
समान विभवान्तर से त्वरित कण व प्रोटॉन से सम्बद्ध दे- ब्रोगली तरंगदैर्घ्य का अनुपात ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
हम जानते हैं α-कण के लिये दे ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति 11 प्रोटॉन के लिये

प्रश्न 16
सिद्ध कीजिये कि समान विभवान्तर से त्वरित प्रोटॉन एवं α-कण से सम्बद्ध द्रव्य तरंगों के तरंगदैर्घ्य का अनुपात 2√2:1 होता है।
अथवा
डेवीसन तथा जरमर प्रयोग की क्या महत्ता है? एक Q-कण तथा एक प्रोटॉन को समान विभवान्तर √ पर त्वरित किया जाता है। इनसे बद्ध डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य का अनुपात ज्ञात कीजिए।
अथवा
समान विभवान्तर से त्वरित प्रोटोन एवं -कण से सम्बद्ध द्रव्य तरंगों की तरंगदैयों का अनुपात ज्ञात कीजिये।
उत्तर;
डेवीसन तथा जरमर प्रयोग इलेक्ट्रॉन की पदार्थिक तरंगों की उपस्थिति को प्रदर्शित करता है।
हम जानते हैं:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति 10

प्रश्न 17.
प्रोटोन व एल्फा कणों की ऊर्जायें समान हों तो उनकी तरंग का अनुपात क्या होगा?
उत्तर:
हम जानते हैं कि यदि K ऊर्जा और m द्रव्यमान हो तो
तरंगदैर्घ्य,
λ = h/√2K.m
चूंकि दिया गया है कि ऊर्जायें समान हैं लेकिन द्रव्यमान और तरंगदैर्ध्य अलग-अलग हैं।
प्रोटोन के लिये,
λ = \(\frac{h}{\sqrt{2 \mathrm{~K} m_p}}\) ……(1)
a. कण के लिये
λ = \(\frac{h}{\sqrt{2 \mathrm{~K} m_\alpha}}\) ………….(2)
समीकरण (1) में समीकरण (2) का भाग देने पर
\(\frac{\lambda_p}{\lambda_\alpha}\) = \(\sqrt{\frac{m_\alpha}{m_p}}\)
लेकिन हम जानते हैं:
\(\frac{\lambda_p}{\lambda_\alpha}\) =\(\sqrt{\frac{4 m_p}{m_p}}\)
\(\frac{\lambda_p}{\lambda_\alpha}\) = 2/1
λp : λa = 2 : 1

प्रश्न 18.
यदि एक प्रोटॉन तथा एक कण समान वेग से गतिशील हों, तो उनसे सम्बद्ध दे-ब्रोगली तरंगदैयों का अनुपात क्या होगा?
उत्तर:
λ1 = h/mpvp …….(1)
λ2 = h/mαvα ………(2)
समीकरण (1) में समी (2) का भाग देने पर
\(\frac{\lambda_1}{\lambda_2}\) = \(\frac{h}{m_p v_p}\) × \(\frac{m_\alpha v_\alpha}{h}\)
लेकिन
Vp = Va तथा mα = 4mp
∴λ1/λ2 = mα/mp = 4mp/mp
λ1 : λ2 = 4 : 1

प्रश्न 19.
फोटॉन का विराम द्रव्यमान शून्य होता है। स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
प्लांक ने यह माना कि विकिरण ऊर्जा का उत्सर्जन अथवा अवशोषण संतत अविच्छिन्न नहीं होकर विविक्त (discrete) बण्डलों (bundles ) के रूप में होता है। फोटॉन एक द्रव्य कण नहीं होता है अपितु यह एक विकिरण ऊर्जा से सम्बद्ध कण होता है। इसे ऊर्जा का क्वाण्टम भी कहते हैं। फोटॉन विद्युत उदासीन होते हैं एवं इनका विराम द्रव्यमान शून्य होता है।

प्रश्न 20.
द्रव्य तरंगों की द्वैती प्रकृति से सम्बन्धित दे-ब्रोग्ली की परिकल्पना लिखिये।
अथवा
दे-बोली परिकल्पना लिखिये।
उत्तर:
डी ब्रोग्ली की द्रव्य तरंगों की परिकल्पना- डी ब्रोग्ली ने एक परिकल्पना प्रस्तुत की कि जिस प्रकार तरंगों के रूप में विकिरण ऊर्जा से कणों के लाक्षणिक गुणों का सम्बद्ध होना पाया जाता है, ठीक उसी प्रकार गतिशील द्रव्य कणों के साथ तरंगों के लाक्षणिक गुण सम्बद्ध होने चाहिये अर्थात् गतिशील द्रव्य कणों को तरंगों की भाँति भी व्यवहार करना चाहिये। गतिशील द्रव्य कण से सम्बद्ध तरंगों को द्रव्य तरंगें कहते हैं।
डी-ब्रॉली ने यह माना कि द्रव्य तरंग की तरंगदैर्ध्य कण के संवेग के व्युत्क्रमानुपाती होती है और इसे निम्न सूत्र से दिया जाता है-
λ = h/mv = h/p
यहाँ h प्लांक नियतांक है। m कण का द्रव्यमान v वेग तथा p संवेग है।

प्रश्न 21.
हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धान्त का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
अनिश्चितता सिद्धान्त – इस सिद्धान्त के अनुसार किसी भी एक क्षण (समय) पर एक कण की स्थिति और संवेग दोनों का एक साथ एक ही दिशा में पूर्ण रूप से यथार्थ निर्धारण नहीं किया जा सकता। इनमें से किसी एक के सही नापने के लिये अभिकल्पना की जाये तो दूसरे का निर्धारण पूर्णरूपेण अनिश्चित हो जायेगा। यदि d.kdh fir eav fuf prrkar ∆x तथा संवेग में अनिश्चितता ∆pr हो तो ∆r एवं ∆px का गुणनफल कभी भी से कम नहीं हो सकता। गणितीय रूप से ∆x∆px > h/2
यहाँ h = 2/5 = 1.054 × 10-34 जूल-सेकण्ड होता है।
हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता सिद्धान्त सूक्ष्म तथा स्थूल दोनों प्रकार के कणों के लिये होता है। वस्तुओं का आकार बड़ा होने के कारण इनकी स्थिति में अनिश्चितता नगण्य होती है। अतः स्थूल कणों में अनिश्चितता का सिद्धान्त प्रेक्षित नहीं होता है।

प्रश्न 22.
दे ब्रोग्ली की परिकल्पना कीजिए। कोई इलेक्ट्रॉन विरामावस्था से विभव V वोल्ट द्वारा त्वरित किया जाता है तो इलेक्ट्रॉन की दे-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य का सूत्र प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
देब्रोग्ली की परिकल्पना (De Broglie hypothesis) “प्रत्येक गतिशील द्रव्यकण से सम्बद्ध (associated) एक तरंग होती है जिसे द्रव्य तरंग (matter wave) या दे ब्रोग्ली तरंग कहते हैं।”
समीकरण
λ = hc/E = hc/mc2 = h/mc = h/p
के अनुसार प्रकाशीय
फोटॉन का तरंगदैर्ध्य उसके संवेग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। इस तथ्य की तुल्यता के आधार पर दे ब्रोग्ली ने यह माना कि द्रव्य तरंग की तरंगदैर्घ्य कण के संवेग के व्युत्क्रमानुपाती होती है एवं इसे निम्न सूत्र से दिया जाता है-
λ = h/mv = h/p
यहाँ b प्लांक नियतांक है। m कण का द्रव्यमान v वेग तथा p संवेग है।
त्वरित इलेक्ट्रॉन की तरंगदैर्ध्य की गणना-
हम जानते हैं-
इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान m. = 9.1 x 10-31 kg
इलेक्ट्रॉन पर आवेश e = 1.6 x 10-19 कूलॉम
प्लांक स्थिरांक h = 6.63 x 10-31 जूल x सेकण्ड
सूत्र
λc = \(\frac{\mathrm{h}}{\sqrt{2 \mathrm{meV}}}\)
मान रखने पर
\(\frac{6.63 \times 10^{-34}}{\sqrt{2 \times 9.1 \times 10^{-31} \times 1.6 \times 10^{-19} \times \mathrm{V}}}\)
= \(\frac{12.27 \times 10^{-10}}{\sqrt{\mathrm{V}}}\) मीटर
(:. 1A° = 10-10 मीटर)

प्रश्न 23.
हाइड्रोजन परमाणु में अपनी निम्नतम अवस्था में परिक्रमण करने वाला इलेक्ट्रॉन जब तृतीय उत्तेजित अवस्था में गमन करता है, तब इससे सम्बद्ध दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य किस प्रकार प्रभावित होती है?
उत्तर:
हम जानते हैं:
दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य
λ = h/p = h/mv
∴ p = mv
जबकि
λ α 1/v
v α 1/n होता है।
∴ λ α n
इसलिए दे ब्रॉग्ली तरंग दैर्ध्य का मान बढ़ेगा

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प्रश्न 24.
प्रकाश-विद्युत प्रभाव के सम्बन्ध में ‘निरोधी विभव’ और ‘देहली आवृत्ति’ पदों की परिभाषा लिखिए। आइंस्टीन समीकरण का उपयोग करके इन भौतिक राशियों का निर्धारण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
निरोधी विभव आपतित विकिरण की एक निश्चित आवृत्ति के लिए पट्टिका पर दिया गया निम्नतम ऋण (मंदक) विभव V0 जिस पर प्रकाशिक धारा शून्य हो जाती है, अंतक (cut-off) अथवा निरोधी विभव (stopping potential) कहलाता है। इस स्थिति में K “max = evo
देहली आवृत्ति: वह न्यूनतम आवृत्ति (V) जिससे कम आवृत्ति का फोटोन इलेक्ट्रॉन को उत्सर्जित करने में सक्षम नहीं होता है, उसे देहली आवृत्ति कहते हैं। इसको V से प्रदर्शित करते हैं।
आइंस्टीन समीकरण से
evo = hv – Φ0
दी गई आवृत्ति के लिए v > v0, v0 का मान ज्ञात किया जा सकता है।
निरोधी विभव,
v0 = (h/e)v – Φ/e
Φo = hvo
देहली आवृत्ति
vo = Φo/h

आंकिक प्रश्न:

प्रश्न 1.
20 वाट के बल्ब से 5 x 1014 Hz आवृत्ति का प्रकाश उत्सर्जित हो रहा है। बल्ब से एक सेकण्ड में उत्सर्जित होने वाले फोटॉनों की संख्या ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
दिया गया है:
आवृत्ति v = 5 x 1014 Hz
5 x 1014 Hz आवृत्ति के फोटॉन की ऊर्जा
E = hu
E = 6.62 × 10-34 x 5 × 1014
= 33.1 x 1020 जूल
20 वाट के बल्ब द्वारा 1 सेकण्ड में उत्सर्जित ऊर्जा = 20 जूल बल्ब द्वारा 1 सेकण्ड में उत्सर्जित फोटॉन की संख्या
(N) = \(\frac{20}{33.1 \times 10^{-20}}\)
(N) = 6.04 × 1019
(N) ≈ 6 × 1019

प्रश्न 2.
3.31 À तरंगदैर्घ्य के फोटॉन की ऊर्जा की गणना कीजिए।
उत्तर:
दिया है:
λ = 3.31 A
= 3.31 × 10-10
हम जानते हैं-
E = hc/λ
मान रखने पर E = \(\frac{6.63 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{3.31 \times 10^{-10}}\)
= 6 × 10-16 J
= \(\frac{6 \times 10^{-16}}{1.6 \times 10^{-19}}\)
= 3.75 × 103 eV
= 3.75 KeV

प्रश्न 3.
एक धातु के लिए कार्यफलन 2.2 इलेक्ट्रॉन वोल्ट है। इस पर 5000 ऐंग्स्ट्रम तरंगदैर्ध्य का फोटॉन आपतित है। उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा ज्ञात करो प्लांक नियतांक h = 6.63 x 10-14 जूल सेकण्ड एवं प्रकाश का वेग c = 3 x 108 मीटर/सेकण्ड।
उत्तर:
हम जानते हैं आइन्सटीन की प्रकाश विद्युत समीकरण के अनुसार फोटो इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा निम्न होती है-
1/2mv2max = h(v – v0)
या 1/2mv2max = hc/λ – Φ0
= \(\frac{6.63 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{5000 \times 10^{-10}}\) – 2.2 × 1.6 × 10-19 J
= 3.52 × 10-19
(3.97 – 3.52) 10-19
= 0.46 × 10-19 J

प्रश्न 4.
किसी धातु से प्रकाश वैद्युत उत्सर्जन करने वाली प्रकाश किरण की देहली तरंगदैर्घ्य 5800 ऐंग्स्ट्रम है। यदि आपतित प्रकाश की तरंगदैर्घ्य 4500 ऐंग्स्ट्रम हो तो प्रकाश इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए।
उत्तर:
हम जानते हैं कि आइन्सटीन के प्रकाश विद्युत समीकरण से फोटो इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा निम्न होती है:
Kऊर्जा = hv – Φ0
या Kऊर्जा = hv – hv0
या Kऊर्जा = hc/λ – hc/λ0
या Kऊर्जा = hc(1/λ – 1/λ0)
या Kऊर्जा = hc \(\left(\frac{\lambda_0-\lambda}{\lambda \times \lambda_0}\right)\)
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति 9

प्रश्न 5.
एक टंग्स्टन से बने कैथोड जिसकी क्रान्तिक तरंगदैर्घ्य 2300 À है, पर पराबैंगनी किरणें जिनकी तरंगदैर्ध्य 1800 À आपतित होती है तदानुसार निम्न गणनाएँ कीजिए:
(i) फोटोइलेक्ट्रॉनों द्वारा उत्सर्जित ऊर्जा (eV में)
(ii) टंग्स्टन का कार्यफलन (eV में)।
उत्तर:
(i) Kऊर्जा = 1⁄2mv2 = h(v – vo)
जहाँ v आपतित विकिरण की आवृत्ति एवं 0 क्रान्तिक आवृत्ति हैं। यदि λ एवं λ0 इनकी क्रमशः तरंगदैर्घ्य हो तो
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति 8
(ii) टंग्स्टन का कार्यफलन Φo = hv0 = hc/λ0
= 8.608 x 10-19 जूल
= \(\frac{8.608 \times 10^{-19}}{1.6 \times 10^{-19}}\)
= 5.38eV

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 11 विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति

प्रश्न 6.
100 V के समान विभवान्तर से त्वरित एक इलेक्ट्रॉन तथा cc-कण से सम्बन्धित दे-ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य की गणना कीजिये।
उत्तर:
दिया है V = 100 वोल्ट
इलेक्ट्रॉन के लिये
λc = \(\frac{12.27}{\sqrt{V}}\) A°
= \(\frac{12.27}{\sqrt{100}}\) A° = \(\frac{12.27}{10}\) A°
λc = 1.227 A
तथा α-कण के लिये
λα = \(\frac{0.101}{\sqrt{V}}\) A°
λα = \(\frac{0.101}{\sqrt{100}}\) A° = 0.101/10
λα = 0.010 A°

प्रश्न 7.
127°C ताप वाले न्यूट्रॉनों से सम्बद्ध दे-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
तापीय न्यूट्रॉन के लिये तरंगदैर्घ्य का सूत्र
λm = \(\frac{30.835}{\sqrt{T}}\)A°
λm = \(\frac{30.835}{\sqrt{400}}\)A°
∵ T = 127 + 273 = 400K
∴ λm = \(\frac{30.835}{20}\)A°
= 1.54 A°

प्रश्न 8.
400 विभवान्तर से त्वरित इलेक्ट्रॉन से सम्बद्ध दे-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए।
उत्तर:
दिया है- V = 400 v
हम जानते हैं:
λ = \(\frac{\mathrm{h}}{\sqrt{2 \mathrm{meV}}}\)A° = \(\frac{12.27 \times 10^{-10}}{\sqrt{V}} \mathrm{~m}\)A°
मान रखने पर
λ = \(\frac{12.27 \times 10^{-10} \mathrm{~m}}{\sqrt{400}}\)A° = \(\frac{12.27}{20}\)A°
= 0.61 A°

प्रश्न 9.
6 × 1014 हर्ट्ज आवृत्ति का एकवर्णीय प्रकाश स्रोत प्रति सेकण्ड 2 x 103 जूल / सेकण्ड ऊर्जा उत्सर्जित करता है स्रोत द्वारा प्रति सेकण्ड उत्सर्जित फोटानों की संख्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया है आवृत्ति V = 6 × 10-14
और एकवर्णीय प्रकाश स्रोत प्रति सेकण्ड 2 x 10-3 जूल / सेकण्ड ऊर्जा उत्सर्जित करता है इसलिये प्रत्येक फोटॉन की ऊर्जा होगी
E = hv
मान रखने पर
E = (6.63 × 10-34) × 6 × 10-14 = 3.978 × 10-19 जूल
यदि स्रोत के द्वारा प्रति सेकण्ड उत्सर्जित फोटॉन की संख्या N है तो किरण पुंज में संचरित क्षमता P प्रति फोटॉन ऊर्जा E के N गुना होगी जिससे कि
P = NE तब
N = P/E
= \(\frac{2.0 \times 10^{-3} \text {}}{3.978 \times 10^{-19}}\)
= 5.03 x 105 फोटॉन प्रति सेकण्ड

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