Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है Important Questions and Answers.
Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
जीवों में जनन क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए।
प्रश्न 2.
DNA का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर-
डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक अम्ल (Deoxyribonuclic Acid)।
प्रश्न 3.
जनन की मूल घटना क्या है?
उत्तर-
DNA द्वारा प्रतिकृति बनाना।
प्रश्न 4.
किसी प्रजाति की समष्टि के स्थायित्व का सम्बन्ध किससे है?
उत्तर-
जनन से।
प्रश्न 5.
गुणसूत्र कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर-
कोशिका में स्थित केन्द्रक में।
प्रश्न 6.
विभिन्नताएँ क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर-
प्रजाति (Species) की उत्तरजीविता बनाए रखने के लिए।
प्रश्न 7.
एककोशिकीय जीवों में वंश वृद्धि कैसे होती
उत्तर-
कोशिका विभाजन या विखण्डन द्वारा।
प्रश्न 8.
दो ऐसे जीवों के नाम लिखिए जिनमें पुनरुद्भवन द्वारा जनन होता है?
उत्तर-
- हाइड्रा,
- प्लेनेरिया।
प्रश्न 9.
ऊतक संवर्धन क्या है ?
उत्तर-
पौधे के किसी अंग या ऊतक का संवर्धन कराकर नये पौधे तैयार करना ऊतक संवर्धन कहलाता है।
प्रश्न 10.
मनुष्य में बनने वाली वे संरचनाएँ क्या हैं जिनमें गुणसूत्रों की संख्या आधी होती है ?
उत्तर-
नर युग्मक तथा मादा युग्मक।
प्रश्न 11.
यौवनारम्भ (Puberty) किसे कहते हैं?
उत्तर-
वह आयु जिससे लड़के एवं लड़कियों में द्वितीयक लक्षण प्रारम्भ होने लगते हैं, यौवनारम्भ कहलाती|
प्रश्न 12.
जनन कोशिकाओं में निषेचन से क्या बनता है?
उत्तर-
युग्मनज (Zygote)।
प्रश्न 13.
निषेचन के पश्चात् निषेचित अण्ड कहाँ स्थापित होता है ?
उत्तर-
गर्भाशय में।
प्रश्न 14.
लड़कों के किन्हीं दो द्वितीयक लक्षणों को लिखिए।
उत्तर-
- कंधे चौड़े होना,
- आवाज का भारी होना।
प्रश्न 15.
लड़कियों के कोई दो द्वितीयक लक्षण लिखिए।
उत्तर-
- स्तनों का विकास,
- नितम्बों का चौड़ा होना।
प्रश्न 16.
कलम द्वारा उगाये जाने वाले दो पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- गुलाब,
- गन्ना ।
प्रश्न 17.
दो एकलिंगी पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- पपीता,
- कद्।
प्रश्न 18.
भ्रूण को पोषण कहाँ से तथा किसके द्वारा प्राप्त होता है?
उत्तर-
भ्रूण को पोषण माँ से तथा अपरा (Placenta) के द्वारा पोषण प्राप्त होता है।
प्रश्न 19.
ऐसे जीव क्या कहलाते हैं जो शिशु को जन्म देते हैं?
उत्तर-
जरायुजी (Viviparous)।
प्रश्न 20.
कृत्रिम प्रवर्धन क्या है?
उत्तर-
वांछित गुणों वाले पौधों से कायिक प्रजनन द्वारा नये पौधे तैयार करना।
प्रश्न 21.
संकर प्रजनन क्या होता है?
उत्तर-
दो विभिन्न प्रजातियों के नर तथा मादा द्वारा लैंगिक जनन संकर प्रजनन कहलाता है।
प्रश्न 22.
बीजाण्ड कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर-
पुष्प में अण्डाशय के अन्दर।
प्रश्न 23.
परागण किसे कहते हैं?
उत्तर-
परागकोष से परागकणों का वर्तिकाग्र (Stigma) तक पहुँचना परागण कहलाता है।
प्रश्न 24.
अण्ड-प्रजकों के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
- छिपकली,
- मुर्गी।
प्रश्न 25.
उभयलिंगी जीव किसे कहते हैं?
उत्तर-
वे जीव जिनमें नर एवं मादा युग्मक एक ही जीव द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं, उभयलिंगी जीव कहलाते हैं।
प्रश्न 26.
पौधे के प्रमुख जननांग क्या हैं?
उत्तर-
- पुंकेसर (Androecium),
- स्त्रीकेसर (Gyanoecium)।
प्रश्न 27.
परागण के दो प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- स्व-परागण (SelfPollination),
- पर-परागण (Cross Pollination)।
प्रश्न 28.
स्त्रीकेसर के कौन-से भाग होते हैं?
उत्तर-
- अण्डाशय (Ovary),
- वर्तिका (Style), तथा
- वर्तिकाग्र (Stigma)।
प्रश्न 29.
अपरा (Placenta) क्या है? (RBSE 2017)
उत्तर-
भ्रूण को गर्भाशय से जोड़ने वाली एक नालवत् संरचना जो भ्रूण को पोषण उपलब्ध कराती है।
प्रश्न 30.
प्लेसेन्टा के दो कार्य लिखिए। (RBSE 2017)
उत्तर-
- भ्रूण को पोषण प्राप्त कराना।
- उत्सर्जी पदार्थों को माँ के रुधिर में पहुँचाना।
प्रश्न 31.
IUCD क्या है ?
उत्तर-
IUCD (Intrauterian contraceptive device) नारी गर्भाशय में लगायी जाने वाली एक युक्ति है जो गर्भनिरोधक का कार्य करती है।
प्रश्न 32.
दो यौन-संचारित रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- गोनोरिया,
- सिफलिस।
प्रश्न 33.
दो गर्भ निरोधक युक्तियों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- कण्डोम,
- कॉपर ‘टी’।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
जनन की परिभाषा लिखिए। स्पीशीज़ की समष्टि को स्थायित्व प्रदान करने में यह किस प्रकार सहायता करता है? (CBSE 2016)
उत्तर-
जनन-जीवों द्वारा लैंगिक अथवा अलैंगिक प्रजनन विधियों द्वारा अपने ही जैसे जीवों को उत्पन्न करने की प्रक्रिया को जनन कहते हैं। यह पृथ्वी पर जीवन के लिए अति आवश्यक है। जनन प्रक्रिया द्वारा किसी स्पीशीज़ की समष्टि में मृत्यु होने के कारण जीवों की संख्या घटने को पुनः पहले की संख्या के अनुपात के बराबर लाया जा सकता है। इस प्रकार जनन प्रक्रिया किसी भी स्पीशीज़ की समष्टि को एक विशेष स्थान पर स्थायित्व प्रदान करने में सहायक होती है।
प्रश्न 2.
प्रोटीन संश्लेषण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
प्रोटीन संश्लेषण DNA के नियन्त्रण में कोशिका के अन्दर होता है। प्रोटीन्स एन्जाइमों के रूप में विभिन्न उपापचयी क्रियाओं का संचालन करते हैं। इन क्रियाओं द्वारा जीव में वृद्धि होती है। वृद्धि का अन्तिम परिणाम जनन होता है।
प्रश्न 3.
DNA का प्रतिकृतिकरण क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
एक ही प्रजाति के जीवों में DNA की समान मात्रा पायी जाती है। संतति जीवों में DNA की मात्रा का सन्तुलन बनाए रखने के लिए DNA का प्रतिकृतिकरण होता है। DNA ही पुत्री पीढ़ियों में विभिन्न लक्षणों का नियमन करता है।
प्रश्न 4.
विभिन्नताएँ क्यों आवश्यक हैं ?
उत्तर-
जीवधारियों में अपने जनकों की अपेक्षा कुछ अन्तर उत्पन्न होना विभिन्नताएँ कहलाती हैं। इनके द्वारा जीव स्वयं को बदलते पर्यावरण के अनुरूप अनुकूलित कर लेता है। ऐसे जीव जिनमें लम्बे समय से विभिन्नता उत्पन्न नहीं हुई है, वे पर्यावरण के साथ तालमेल नहीं कर पाते हैं और वे प्रायः विलुप्त होने लगते हैं।
प्रश्न 5.
प्रजनन के विभिन्न प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर-
प्रश्न 6.
अमीबा में द्विखण्डन को चित्र की सहायता से समझाइए। (CBSE 2018)
उत्तर-
अमीबा एक कोशिकीय जीव है। इसकी कोशिका पहले लम्बी हो जाती है, साथ ही इसका जीवद्रव्य और केन्द्रक भी लम्बाई में फैल जाता है।
अब इसके बीचों- बीच एक खाँच उत्पन्न होती है जो कोशिकाद्रव्य एवं केन्द्रक को दो भागों में विभाजित कर देती है। इस प्रकार दो सन्तति या पुत्री अमीबा बन जाते हैं।
प्रश्न 7.
उन दो प्रेक्षणों की सूची बनाइए जिनके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि दी गयी स्लाइड अमीबा में द्विखण्डन दर्शाती है। (CBSE 2019)
उत्तर-
स्लाइड अमीबा में द्विखण्डन को दर्शाने वाले दो प्रेक्षण-
- कोशिका झिल्ली के मध्य भाग में एक खांच बनने लगती है।
- केन्द्रक लम्बा होने लगता है तथा बीच में से पतला होने लगता है। अगली अवस्था में वह दो भागों में विभाजित होता दिखाई देता है। इन प्रेक्षणों के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है कि दी गई स्लाइड अमीबा में द्विखण्डन दर्शाने के लिए तैयार है।
प्रश्न 8.
कोई छात्र यीस्ट में होने वाले अलैंगिक जनन के विभिन्न चरणों को क्रमवार दर्शाने वाली स्थायी स्लाइड का प्रेक्षण कर रहा है। इस प्रक्रिया का नाम लिखिए। जो कुछ वह प्रेक्षण करता है, उसे उचित क्रम में, आरेख खींचकर दर्शाइए। (CBSE 2016)
उत्तर-
इस प्रक्रिया का नाम मुकुलन प्रजनन विधि है।
प्रश्न 9.
जीवों के जनन के संदर्भ में उपयोग होने वाले पद “पुनरुद्भवन” (पुनर्जनन) की व्याख्या कीजिए। संक्षेप में वर्णन कीजिए कि हाइड्रा जैसे बहुकोशिक जीवों में ‘पुनरुद्भवन’ की, प्रक्रिया किस प्रकार सम्पन्न होती है? (CBSE 2016)
उत्तर-
“पुनरुद्भवन” (पुनर्जनन)-जब किसी छोटे प्राणी का शरीर कुछ विशेष टुकड़ों में बँट जाता है तथा प्रत्येक टुकड़ा एक नये जीव में विकसित हो जाता है तो इसे पुनर्जनन कहते हैं। प्लेनेरिया तथा हाइड्रा जैसे सरल एवं बहुकोशिकीय प्राणी पुनर्जनन दर्शाते हैं।
हाइड्रा में पुनरुद्भवन’-
- यदि हाइड्रा का शरीर कई टुकड़ों में बंट जाता है तो प्रत्येक टुकड़ा अपने खोए हुए अंगों को पुनर्जीवित करके एक पूर्ण हाइड्रा में विकसित हो जाता है।
- इन जीवों में अपने शरीर के अंग की कोशिकाओं से शरीर का पुनर्जनन, विकास तथा वृद्धि की प्रक्रिया द्वारा होता
- हाइड्रा के शरीर की कोशिकाओं का कटा हुआ भाग एक संपूर्ण कोशिका/कोशिकाओं का गोला बनाने के लिए विभाजित होता रहता है।
- तब कोशिकाएँ विभिन्न प्रकार के विशेष उत्तक बनाने लगती हैं जो फिर से जीव के पूरे शरीर का निर्माण करते हैं।
प्रश्न 10.
प्लाज्मोडियम में बहुविखण्डन को समझाइए।
उत्तर-
प्लाज्मोडियम (मलेरिया परजीवी) में कोशिका के चारों ओर एक रक्षी आवरण बन जाता है। इस आवरण के अन्दर केन्द्रक अनेक बार विभाजित होता है। प्रत्येक पुत्री केन्द्रक के चारों ओर जीवद्रव्य की थोड़ी-थोड़ी मात्रा भी एकत्र हो जाती है। अनुकूल मौसम में बाह्य आवरण फट जाता है तथा पुत्री केन्द्रक स्वतन्त्र जीव के रूप में बाहर निकल आते हैं।
प्रश्न 11.
स्पाइरोगाइरा में अलैंगिक जनन किस प्रकार होता है?
उत्तर-
स्पाइरोगाइरा (Spirogyra) में अलैंगिक जनन खण्डन द्वारा होता है। स्पाइरोगाइरा एक तन्तुवत् शैवाल है जिसमें आयताकार कोशिकाएँ एक लड़ी के रूप में व्यवस्थित होती हैं। जब स्पाइरोगाइरा का तन्तु टुकड़ों में टूट जाता है तो प्रत्येक खण्ड नये जीव में विकसित हो जाता है।
प्रश्न 12.
हाइड्रा में मुकुलन को चित्र द्वारा समझाइए। (CBSE 2019)
उत्तर-
हाइड्रा में कायिक प्रजनन मुकुलन (Budding) द्वारा होता है। हाइड्रा में आधार से कुछ ऊपर की कुछ कोशिकाएँ विभाजित होकर एक बटन जैसी रचना बनाती हैं। इस रचना को कलिका कहते हैं। यह कलिका वृद्धि करती है और इसके अग्र भाग पर छोटे-छोटे स्पर्शक बन जाते हैं। यह अब एक शिशु हाइड्रा का रूप ले लेती है और मातृ जीव से अलग होकर स्वतन्त्र जीवन यापन करती हैं।
प्रश्न 13.
कायिक प्रवर्धन के लाभ लिखिए।
उत्तर-
- इससे प्राप्त पौधे जनकों के समान लक्षणों वाले होते हैं अतः कायिक प्रवर्धन से वांछित पौधे तैयार किये जा सकते हैं।
- वे पौधे जो बीजों द्वारा उत्पन्न नहीं होते हैं उन्हें कायिक प्रवर्धन द्वारा प्राप्त कर सकते हैं।
- कम समय में अधिक संख्या में और बड़े पौधे प्राप्त किये जा सकते हैं।
- इन्हें प्रयोगशालाओं में तैयार किया जा सकता है।
प्रश्न 14.
ब्रायोफिल्लम् में कायिक जनन किस प्रकार होता है? (CBSE 2019)
उत्तर-
ब्रायोफिल्लम् में पत्तियों द्वारा कायिक प्रजनन होता है | इसमें पत्तियों के / किनारों की खाँचों से पर्णकलिका पर्णकलिकाएँ निकल आती हैं जिनमें जड़ें उत्पन्न हो जाती हैं। ये कलिकाएँ पत्तियों से विलग होकर भूमि पर गिर कर नये पौधे को जन्म देती हैं।
प्रश्न 15.
राइजोपस में अलैंगिक प्रजनन किस प्रकार होता है ? (CBSE 2020)
उत्तर-
राइजोपस (ब्रेड फर्कंद) का कायिक शरीर कवक जाल होता है। कवक जाल से ऊर्ध्व तन्तुओं का विकास होता है जिनके शीर्ष पर गोलाकार संरचनाएँ बीजाणु-धानी बनाती हैं। इनमें बीजाणुओं का निर्माण (Spore formation) होता है। ये बीजाणु हवा द्वारा प्रकीर्णित होते हैं। प्रत्येक बीजाणु अंकुरण करके नये कवक जाल का निर्माण करता है।
प्रश्न 16.
लैंगिक जनन में महत्त्वपूर्ण घटना क्या होती है? इसका क्या महत्त्व है? [CBSE 2015, 2017]
उत्तर-
लैंगिक जनन में नर तथा मादा युग्मकों का मिलन होता है। ये युग्मक गुणसूत्रों के अर्धसूत्रण से बनते हैं। युग्मों के संलयन के पश्चात् गुणसूत्रों की संख्या यथावत हो जाती है। ऐसा होने से नये संयोग बनते हैं।
प्रश्न 17.
पुष्प के विभिन्न भागों के नाम तथा कार्य लिखिए।
उत्तर-
एक प्रारूपिक पुष्प में निम्नलिखित भाग पाए जाते हैं
- बाह्य दलपुंज (Calyx)-यह पुष्प के सबसे बाहर की ओर स्थित होते हैं। ये कलिका अवस्था में पुष्पीय अंगों की रक्षा करते हैं।
- दलपुंज (Corolla)-ये विभिन्न रंगों के होते हैं और परागण के लिए कीटों को आकर्षित करते हैं।
- पुंकेसर (Androecium)-ये पुष्प के नर जननांग हैं। पुंकेसर के परागकोष में परागकणों का निर्माण होता है।
- स्त्रीकेसर (Gyanoecium)-ये पुष्प के मादा जननांग हैं। इनमें अण्डपों का निर्माण होता है।
प्रश्न 18.
स्व-परागण तथा पर-परागण में क्या अन्तर है? (CBSE 2020)
उत्तर-
स्व-परागण तथा पर-परागण में अन्तर
स्व-परागण (Self-Pollination) | पर-परागण (Cross-Pollination) |
1. इसमें एक पुष्प के परा गकण उसी पुष्प या उसी पौधे के किसी अन्य पुष्प के वर्तिकान पर पहुँचते हैं। | एक पुष्प के परागकण उसी जाति के किसी अन्य पौधे के पुष्प के वर्तिकान पर पहुँचते हैं। |
2. इससे परागकणों के नष्ट होने की सम्भावना कम होती है। | इससे परागकणों के नष्ट होने की सम्भावना अधिक होती है। |
3. इससे उत्पन्न बीज कम ओजस्वी होते हैं। | इससे उत्पन्न बीज अधिक ओजस्वी होते हैं। |
4. इस क्रिया से विभिन्न- ताओं की सम्भावना कम होती है। | इस क्रिया से विभिन्नताओं की सम्भावना बढ़ जाती है। |
प्रश्न 19.
वतिकाग्र पर परागकणों के अंकुरण का नामांकित चित्र बनाइए। (CBSE 2020)
उत्तर-
प्रश्न 20.
यदि अंड का निषेचन नहीं होता है, तब क्या होगा? समझाइये। (RBSE 2016)
उत्तर-
यदि अंड का निषेचन नहीं होता है तो यह लगभग 1 दिन तक जीवित रहता है। अंडाश्य से प्रत्येक 1 माह एक अंड का मोचन होता है। गर्भाशय की अंदरूनी दीवार मोटी स्पंजी हो जाती है। निषेचन ना हो पाने की स्थिति में इस परत की आवश्यकता नहीं रहती, अत: इसकी परत धीरे-धीरे टूटकर योनि मार्ग से रक्त व म्यूकस के रूप में बाहर निकलती है। यह चक्र लगभग हर माह में होता है।
प्रश्न 21.
लड़कों एवं लड़कियों में उत्पन्न होने वाले तीन-तीन द्वितीयक लक्षणों को बताइए।
उत्तर-
लड़कों में-
- दाढ़ी एवं मूंछ उगना।
- जननांगों का विकसित होना ।
- आवाज भारी होना।
लड़कियों में-
- स्तनों का विकास होना।
- जननांगों का विकास होना।
- आवाज पतली होना।
प्रश्न 22.
मानव में नर तथा मादा जनन तन्त्र क्या हैं? उनके दो-दो कार्य लिखिए।
उत्तर-
मानव में नर तथा मादा जनन तन्त्र क्रमशः वृषण तथा अण्डाशय हैं।
वृषण के कार्य-
- शुक्राणुओं का निर्माण करना।
- नर हॉर्मोन्स का स्रावण करना।
अण्डाशय के कार्य-
- अण्डाणु का निर्माण करना।
- मादा हॉर्मोन्स का स्रावण करना।
प्रश्न 23.
नर मानव में वृषण शरीर के बाहर क्यों स्थित होते हैं?
उत्तर-
नर मानव में वृषण उदर गुहा के बाहर थैले जैसी रचना वृषण कोष (Scrotum) में पाये जाते हैं। शुक्राणु शरीर के ताप से 3°C कम ताप पर सक्रिय होते हैं। वृषण कोषों का ताप शरीर के ताप से निम्न होता है। इसीलिए वृषण शरीर से बाहर स्थित होते हैं।
प्रश्न 24.
अण्डाणु तथा शुक्राणु में क्या अन्तर है?
उत्तर-
अण्डाणु तथा शुक्राणु में अन्तर-
अण्डाणु (Ovum) | शुक्राणु (Sperm) |
1. यह मादा जनन कोशिका | 1. यह नर जनन कोशिका |
2. यह आकार में शुक्राणु से बड़ा होता है। | 2. यह अण्डाणु से छोटा होता है। |
3. यह प्रायः गोलाकार होता है। | 3. यह पुच्छ युक्त होता है। |
4. यह अचल होता है। | 4. यह सचल होता है। |
प्रश्न 25.
लैंगिक जनन तथा अलैंगिक जनन में अन्तर लिखिए। [CBSE 2015]
उत्तर-
लैंगिक जनन तथा अलैंगिक जनन में अन्तर
लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) | अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction) |
1. इस प्रकार जनन प्रायः उच्च श्रेणी के जीवों में होता है। | 1. इस प्रकार का जनन प्रायः निम्न श्रेणी के जीवों में होता है। |
2. इसमें नर तथा मादा जीवों की आवश्यकता होती | 2. इसमें केवल एक जीव की आवश्यकता होती |
3. इसमें निषेचन होता है। | 3. इसमें निषेचन नहीं होता है। |
4. इससे उत्पन्न सन्तानों में नये गुण उत्पन्न होते हैं। | 4. इससे उत्पन्न सन्तानों में नये गुण उत्पन्न नहीं होते है। |
5. इस क्रिया में बीजाणु नहीं बनते हैं। | 5. इस क्रिया में बीजाणु बनते हैं। |
प्रश्न 26.
निम्न रेखाचित्र पर अंकित A, B, C, D तथा E के नाम तथा इनका एक-एक कार्य लिखिए।
उत्तर-
A. फैलोपियन नलिका-निषेचन क्रिया सम्पन्न करना।
B. अण्डाशय-अण्ड का निर्माण करना।
C. गर्भाशय-गर्भ धारण करना।
D. गर्भाशय मुख-शुक्राणु को ग्रहण करना।
E. योनि-मैथुन क्रिया के लिए स्राव उत्पन्न करना।
प्रश्न 27.
लैंगिक संचारित रोग क्या हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
लैंगिक संचारित रोग (Sexually Transmitted Diseases)- ऐसे रोग जो लैंगिक संसर्ग द्वारा संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में स्थानान्तरित होते हैं, लैंगिक संचारित रोग कहलाते हैं। उदाहरण-एड्स (AIDS), सिफिलिस (Syphilis), गोनोरिया (Gonnorhoea) आदि ।
प्रश्न 28.
(a) मनुष्य में उस अंग का नाम लिखिए जो शुक्राणु बनाता है तथा एक हार्मोन भी उत्पन्न करता है। उस हार्मोन का नाम लिखिए तथा उसका कार्य भी लिखिए।
(b) स्त्री के जनन तंत्र के उस अंग का नाम लिखिए जहाँ निषेचन होता है।
(c) विकसित होता भ्रूण माता के शरीर से किस प्रकार पोषण प्राप्त करता है? इसका वर्णन कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) मनुष्य का वह अंग जो शुक्राणु बनाता है तथा एक हॉर्मोन भी उत्पन्न करता है : वृषण जो हार्मोन उत्पन्न हुआ है : टेस्टेस्टेरॉन हॉर्मोन। टेस्टेस्ट्रॉन के कार्य-यह हार्मोन लड़कों में किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों तथा जनन अंगों के परिवर्तनों को नियंत्रित करता है। जैसे-किशोरों में चेहरे पर दाढ़ी-मूछों का विकसित होना आदि।
(b) स्त्री के जनन तंत्र का वह अंग जहाँ निषेचन होता है : अण्डवाहिका
(c) गर्भस्थ भ्रूण माँ के रुधिर से अपना पोषण विशेष उत्तकों द्वारा बनी नलिका से प्राप्त करता है जिसे अपरा (प्लैसेन्टा) कहते हैं। यह एक तश्तरीनुमा संरचना होती है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी होती है। प्लैसेन्टा माँ से भ्रूण को ग्लूकोज़, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों के स्थानान्तरण हेतु एक बड़ा क्षेत्र प्रदान करता है। विकासशील भ्रूण द्वारा उत्पादित अपशिष्ट पदार्थों को प्लेसेन्टा के माध्यम द्वारा माँ के रुधिर को भेजा जाता है। माँ के रुधिर से ये अपशिष्ट पदार्थ माँ के मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकलते हैं।
प्रश्न 29.
स्त्रियों में गर्भधारण को रोकने की कोई तीन विधियाँ लिखिए? इनमें से कौन-सी विधि पुरुष के लिए उपयोग नहीं की जा सकती? इन विधियों को अपनाने से एक परिवार के स्वास्थ्य तथा उन्नति पर क्या प्रभाव पड़ता है? (CBSE 2017)
उत्तर-
स्त्रियों में गर्भधारण को रोकने की कोई तीन विधियाँ-
- यांत्रिक अवरोध विधि-इस विधि में पुरुष शिश्न को ढकने वाले कंडोम तथा स्त्रियाँ डायाफ्राम का प्रयोग करती हैं।
- हार्मोन विधि (रासायनिक विधि)-इस विधि में स्त्रियों को गोलियाँ (मौखिक तथा यौनिक) दी जाती हैं जो उनके हार्मोन संतुलन को नियंत्रित करती हैं ताकि वह गर्भधारण न कर सकें।
- शल्य विधि-इस विधि में शल्य चिकित्सा द्वारा पुरुषों की शुक्रवाहिकाओं को अवरुद्ध कर दिया जाता है जिससे शुक्राणुओं का स्थानांतरण रूक जाता है तथा स्त्रियों की अण्डवाहिनी को बाधित कर दिया जाता है जिसके परिणामस्वरूप अंड गर्भाशय तक नहीं पहुँच पाता। हार्मोन विधि का प्रयोग पुरुषों द्वारा नहीं किया जा सकता।
इन विधियों को अपनाने से पस्विार के स्वास्थ्य तथा उन्नति पर प्रभाव-गर्भरोधक विधियों को अपना कर एक परिवार बच्चों की संख्या को सीमित कर सकते हैं जिससे उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाएगी। ऐसे परिवारों में कम बच्चे होने से माता-पिता उनको अच्छी शिक्षा तथा अच्छा पोषण दे पायेंगे जिससे बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। यही नहीं इन विधियों को अपनाने से बढ़ती जनसंख्या जैसी भयानक समस्या पर भी नियंत्रण किया जा सकता है।
प्रश्न 30.
अलैंगिक जनन और लैंगिक जनन के बीच एक अन्तर लिखिए। अलैंगिक जनन करने वाली अथवा लैंगिक जनन करने वाली स्पीशीज़ में से किसके द्वारा जनित स्पीशीज़ की उत्तरजीविता के अपेक्षाकृत अधिक संयोग हो सकते हैं? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए कारण दीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
अलैंगिक जनन में केवल एक जनक भाग लेता
लैंगिक जनन में नर तथा मादा दोनों जनक भाग लेते हैं।
लैंगिक जनन करने वाली स्पीशीज़ द्वारा जनित स्पीशीज़ की उत्तरजीविता के अपेक्षाकृत अधिक संयोग होते हैं क्योंकि लैंगिक जनन में दो प्रकार की जनन कोशिकाओं में डी.एन. ए. अणुओं की प्रतिकृति बनने के कारण, नई संतति में अधिक विभिन्नताएँ आती हैं, इसलिए उनमें उत्तरजीविता के अपेक्षाकृत अधिक संयोग होते हैं। नीचे दिए गए अनुच्छेद और पढ़ी गई सम्बन्धित संकल्पनाओं की व्याख्या के आधार पर
(a) लड़कों एवं लड़कियों में लैंगिक परिपक्वता के सामान्य लक्षण निम्न प्रकार हैं
- लड़कों के वृषण में शुक्राणुओं का बनना शुरु हो जाता है और लड़कियों के अण्डाणु में अण्डों का बनना प्रारम्भ हो जाता है।
- लड़कों के चेहरों पर मूंछे तथा दाढ़ी आने लगती हैं जबकि लड़कियों का मासिक चक्र आरम्भ हो जाता है एवं जननांगों और बगलों पर बाल उगने लगते हैं।
(b) अविवेचित मादा भ्रूण हत्या के परिणामस्वरूप मादा बच्चों का अनुपात लगातार कम होता जाता है जिससे जनसंख्या में नर व मादा बच्चों का अनुपात असंतुलित हो जाता है।
प्रश्न 31.
मानव जनसंख्या की वृद्धि सभी मनुष्यों की चिन्ता का विषय है। किसी समष्टि में जीवन दर और मृत्यु दर उसके आकार को निर्धारित करते हैं। जनन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव अपनी समष्टि की वृद्धि करते हैं। जनन के लिए लैंगिक परिपक्वता आनुक्रमिक होती है और यह तब होती है जब सामान्य शरीर में वृद्धि हो रही होती है। किसी सीमा तक लैंगिक परिपक्वता का यह अर्थ नहीं होता कि शरीर अथवा मस्तिष्क लैंगिक क्रिया अथवा बच्चे उत्पन्न करने योग्य हो गया है।
समष्टि के आकार को नियंत्रित करने के लिए मानव द्वारा विभिन्न गर्भनिरोध युक्तियाँ उपयोग की जा रही हैं।
(a) लड़के एवं लड़कियों में लैंगिक परिपक्वता के दो सामान्य लक्षणों की सूची बनाइए।
(b) अविवेचित मादा भ्रूण हत्या का क्या परिणाम होता है?
(c) गर्भ-निरोधन की कौन-सी विधि शरीर का हॉर्मोनी-संतुलन परिवर्तित कर देती है? .
(d) समष्टि (जनसंख्या) के आकार को निर्धारित करने वाले दो कारक लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) लड़कों एवं लड़कियों में लैंगिक परिपक्वता के सामान्य लक्षण निम्न प्रकार हैं
- लड़कों के वृषण में शुक्राणुओं का बनना शुरु हो जाता है और लड़कियों के अण्डाणु में अण्डों का बनना प्रारम्भ हो जाता है।
- लड़कों के चेहरों पर मूंछे तथा दाढ़ी आने लगती हैं जबकि लड़कियों का मासिक चक्र आरम्भ हो जाता है एवं जननांगों और बगलों पर बाल उगने लगते हैं।
(b) अविवेचित मादा भ्रूण हत्या के परिणामस्वरूप मादा बच्चों का अनुपात लगातार कम होता जाता है जिससे जनसंख्या में नर व मादा बच्चों का अनुपात असंतुलित हो जाता है।
(c) गर्भ-निरोधन की रासायनिक विधि, जिसमें स्त्री गोलियों के रूप में रासायनिक दवाइयाँ मुख द्वारा लेती है, जो हॉर्मोनी-संतुलन परिवर्तित कर देती है।
(d) जीवन दर व मृत्यु दर समष्टि (जनसंख्या) के आकार को निर्धारित करने वाले कारक हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। [राज. 2015]
उत्तर-
अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियाँ निम्न प्रकार हैं-
(i) विखण्डन (Fission)-यह अनेक एककोशिकीय जीवों जैसे प्रोटोजोअन्स (अमीबा, पैरामीशियम, लीशमानिया) तथा जीवाणुओं में होता है। इस प्रक्रिया में एककोशिकीय जीव विभाजित होकर दो नये जीवों को उत्पन्न करता है। उत्पन्न संतति जीव जनक कोशिका के लक्षण वाले होते हैं।
(ii) खण्डन (Fragmentation)- यह कुछ तन्तुवत् शैवालों (जैसे-स्पाइरोगाइरा) तथा कुछ कवकों में होता है। इस प्रक्रिया में जीव का तन्तुवत् शरीर अनेक खण्डों में टूट जाता है तथा प्रत्येक खण्ड नये जीव का निर्माण करता है।
(iii) द्वि-विखण्डन (Binary Fission)-इसमें जीव का शरीर विभाजित होकर दो पुत्री जीवों को जन्म देता है। जैसे पैरामीशियम, अमीबा, लीशमानिया आदि। विखण्डन में यह आवश्यक नहीं है कि समान आनुवंशिक पदार्थ पुत्री कोशिकाओं में पहुँचें, जबकि द्विविखण्डन में आनुवंशिक पदार्थ की समान मात्रा संतति में पहुँचती है।
(iv) बहु विखण्डन (Multiple Fission)-इसमें जनक कोशिका अपने ऊपर एक आवरण बना लेती है। इसके अन्दर केन्द्रक विभाजित होकर अनेक पुत्री केन्द्रक बनाता है। इनके चारों ओर जीवद्रव्य की थोड़ी-थोड़ी मात्रा एकत्र हो जाती है, जिससे छोटी-छोटी असंख्य पुत्री कोशिकाएँ बन जाती हैं। अनुकूल मौसम में आवरण के फटने पर पुत्री कोशिकाएँ स्वतन्त्र हो जाती हैं। इस प्रकार का अलैंगिक जनन अमीबा, प्लाज्मोडियम आदि में पाया जाता है।
(v) मुकुलन (Budding)-इस विधि में जीव से एक छोटी कलिका निकलती है। यह कलिका मातृ जीव से पृथक् होकर संतति जीव में बदल जाती है। इस प्रकार का जनन हाइड्रा, यीस्ट आदि में पाया जाता है।
(vi) बीजाण निर्माण (Spore Formation)-इस प्रकार का अलैंगिक जनन राइजोपस, म्यूकर आदि में पाया जाता है। इसमें कवक जाल से ऊर्ध्व तन्तुओं का निर्माण होता है। इन तन्तुओं के शीर्ष पर गोलाकार बीजाणुधानी बनती है। बीजाणुधानी में सूक्ष्म बीजाणुओं का निर्माण होता है। बीजाणुधानी के फटने पर बीजाणु वायु द्वारा प्रकीर्णित हो जाते हैं। बीजाणु अंकुरण करके नया कवक जाल बनाते हैं।
(vii) पुनरुद्भवन (Regeneration)-कुछ जीवों में जीव का स्वस्थ कोशिका युक्त भाग नये जीव का निर्माण कर लेता है, इसे पुनरुद्भवन कहते हैं। प्लेनेरिया, स्पंजों, हाइड्रा आदि के शरीर को टुकड़ों में काट देने पर प्रत्येक टुकड़ा नये जीव का निर्माण कर लेता है।
(viii) कायिक जनन (Vegetative Propagation)अनेक पौधों में ऐसी संरचनाएँ होती हैं जिनसे नये पौधों का निर्माण हो जाता है। उदाहरण के लिए अदरक के प्रकन्द, आलू के कन्द, अरबी के घनकन्द, ब्रायोफिलम् की पर्ण कलिका इत्यादि। कत्रिम रूप से कायिक प्रजनन कलम. रोपण, कलिकायन, आदि विधियों द्वारा कराया जाता है।
प्रश्न 2.
पुनरुद्भवन क्या है? प्लेनेरिया में पुनरुद्भवन का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पुनरुद्भवन (Regeneration)-कुछ जीवों के शरीर को छोटे-छोटे खण्डों में काट देने पर कटे हुए प्रत्येक खण्ड में नया जीव बनाने की क्षमता होती है। इस क्षमता को पुनरुद्भवन कहते हैं; जैसे-स्पंज, हाइड्रा, प्लेनेरिया आदि। प्लेनेरिया में पुनरुद्भवन अथवा पुनर्जनन विशिष्ट कोशिकाओं द्वारा सम्पादित होता है। इन कोशिकाओं के क्रम प्रसरण द्वारा अनेक कोशिकाएँ बन जाती हैं। कोशिकाओं के इस समूह में परिवर्तन के दौरान विभिन्न प्रकार की कोशिकाएँ एवं ऊतक बनते हैं। यह परिवर्तन अत्यधिक व्यवस्थित रूप में
एवं क्रम से होता है जिसे परिवर्धन कहते हैं। परन्तु पुनरुद्भवन जनन के समान नहीं है। इसका मुख्य कारण है कि प्रत्येक जीव के किसी भी भाग को काटकर सामान्यतः नया जीव उत्पन्न नहीं होता है।
प्रश्न 3.
कृत्रिम कायिक प्रवर्धन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
मानव द्वारा पौधों में कृत्रिम ढंग से कराये जाने वाले कायिक जनन को कृत्रिम कायिक प्रवर्धन कहते हैं। यह निम्न विधियों द्वारा सम्पन्न किया जाता है
(i) कलम लगाना (Cutting)-कुछ पौधों के परिपक्व तने के टुकड़ों (कलम) को भूमि में तिरछा गाड़ दिया जाता है। इससे कुछ दिनों बाद नया पौधा विकसित हो जाता है; जैसे-गुलाब, गन्ना, गुड़हल आदि।
(ii) दाब लगाना (Layering)-कुछ पौधों की नर्म शाखाओं पर छाल हटाकर वलय बनाकर इस स्थान को भूमि में दबा देने से इस स्थान से जड़ें निकल आती हैं और नये पौधे का निर्माण हो जाता है; जैसे- मोगरा, नीबू, बोगेनविलिया आदि।
(iii) गूटी लगाना (Gootee)-इसमें पौधे की एक वर्ष पुरानी शाखा पर एक वलय बनाकर हॉर्मोन युक्त क्ले मृदा को लपेट कर बाँध दिया जाता है। मृदा को नम रखने की भी व्यवस्था कर दी जाती है। वलय के स्थान से इसमें जड़ें उत्पन्न हो जाती हैं। अब इसे मातृ पौधे से काटकर अलग कर लिया जाता है; जैसे-अमरूद. फाइकस आदि।
(iv) रोपण (Grafting)- इस विधि में वांछित लक्षणों वाले पौधे की शाखा का रोपण अवांछित लक्षण वाले पौधे के ऊपर किया जाता है। इसमें दोनों पौधों की समान शाखाओं को छीलकर आपस में चिपकाकर बाँध देते हैं। कुछ समय बाद ये दोनों शाखाएँ आपस में जुड़ जाती हैं। अब वांछित शाखा के निचले भाग तथा अवांछित शाखा के ऊपरी भाग को काटकर अलग कर देते हैं।
प्रश्न 4.
पौधों में परागण की विभिन्न विधियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पौधों में परागण वायु, जल, कीट तथा पक्षियों द्वारा होता है।
1. वायु द्वारा परागण (Anemophily)-अनेक पौधों में वायु द्वारा परागण होता है। ऐसे पौधों में पुष्प प्रायः छोटे, पूर्ण खुले हुए होते हैं। इनमें सुगंध, मकरंद एवं रंग का अभाव होता है। इन पुष्पों में परागकण हल्के होते हैं।
2. जल द्वारा परागण (Hydrophily)-प्रायः जल में उगने वाले पौधों, जैसे-कमल, हाइड्रिला, वैलिसनेरिया आदि में जल द्वारा परागकण मादा जननांग तक पहुँचते हैं। इन पौधों में परागकण तैरने वाले होते हैं। इनके मादा पुष्प में भी विशिष्ट अनुकूलन पाए जाते हैं।
3. कीटों द्वारा परागण (Entomophily)-अनेक कीट परागकणों के वाहक का कार्य करते हैं; जैसे-मधुमक्खी, बरं, तितली आदि। कीट परागित पुष्प सुगंध एवं मकरंद युक्त तथा चटकीले रंगों के होते हैं जो कीटों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। कीट मकरंद (Nectar) प्राप्ति के लिए इन पर बैठते हैं और परागकणों को अपने ऊपर चिपकाकर ले जाते हैं। जब ये दूसरे पुष्प पर जाते हैं, तो कुछ परागकण उस पर गिर जाते हैं और परागण हो जाता है; जैसे-सरसों, अंजीर, गूलर, साल्विया आदि।
4.जन्तु परागण (Zoophily)-अनेक जन्तु, जैसे-पक्षी, चमगादड़, घोंघे आदि भी अनेक पौधों में परागण क्रिया सम्पन्न कराते हैं; जैसे-सेमल, बिगोनिया, कदम्ब एवं अन्य फलदार पौधे।
प्रश्न 5.
निषेचन की परिभाषा देते हुए पौधों में इसकी क्रियाविधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
निषेचन (Fertilization)-नर तथा मादा युग्मकों के संलयन (fusion) को निषेचन कहते हैं।
परागण (Pollination) के पश्चात्, परागकण वर्तिकाग्र (Stigma) पर अंकुरण प्रारम्भ कर देते हैं। वर्तिकान से सरल पदार्थ अवशोषित करके परागकण से एक पराग नलिका निकलती है। यह पराग नलिका परागकण में स्थित जनन छिद्र से बाहर निकलती है। परागकण का वर्षी केन्द्रक पराग नलिका के अग्र छोर पर तथा दो नर केन्द्रक (युग्मक) इसके पीछे होते हैं। पराग नलिका वर्तिका (Style) के ऊतकों को भेदती हुई भ्रूण कोष (Embryo sac) में प्रवेश करती है। यह अपने दोनों नर केन्द्रकों को भ्रूण कोष में छोड़ देती है।
परिपक्व भ्रूण कोष में एक अण्डकोशिका, दो सहायक कोशिका, तीन प्रतिव्यासांत (Antipodles) कोशिका तथा एक द्वितीयक केन्द्रक होता है। द्वितीयक केन्द्रक (2n) को छोड़कर अन्य सभी केन्द्रक अगुणित (n) होते हैं। द्वितीयक केन्द्रक का निर्माण दो ध्रुवीय केन्द्रकों के संलयन से होता पराग नलिका द्वारा भ्रूण कोष में छोड़े गये दोनों नर केन्द्रकों में से एक नर केन्द्रक अण्डकोशिका के केन्द्रक से संलयित होकर द्विगुणित युग्मनज (Zygote) बनाता है। दूसरा नर केन्द्रक द्वितीयक केन्द्रक से संलयित होकर त्रिगुणित (3n) भ्रूणपोष केन्द्रक बनाता है। युग्मनज से भ्रूण का तथा भ्रूणकोष केन्द्रक से भ्रूणपोष का विकास होता है।
प्रश्न 6.
पुरुष के जननांगों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पुरुष के जनन तन्त्र में निम्नलिखित अंग होते हैं-
1. वृषण (Testes)-पुरुष में एक जोड़ी वृषण उदरगुहा से बाहर, थैले जैसी रचना वृषण कोश (Scrotal Sac) में स्थित होते हैं। प्रत्येक वृषण के अन्दर अनेक अत्यधिक पतली तथा कुण्डलित नलिकाएँ, शुक्राणु नलिकाएँ (Seminiferous tubules) होती हैं। इनमें स्थित शुक्रजनन कोशिकाएँ (Spermatocytes) शुक्राणुजनन की क्रिया द्वारा शुक्राणुओं (Sperms) का निर्माण करती हैं।
2. अधिवृषण (Epididymis)-अधिवृषण वृषणों के ऊपर स्थित अति कुण्डलित नलिकाएँ होती हैं। शुक्राणु वृषण से इन नलिकाओं में आते हैं।
3.शुक्रवाहिनी (Vas deferens)-अधिवृषण का अन्तिम छोर एक संकरी नली में खुलता है। इसे शुक्रवाहिनी कहते हैं। दोनों ओर की शुक्रवाहिनी उदर गुहा में प्रवेश करके शुक्राशय से मिल जाती हैं।
4. शुक्राशय (Seminal Vesicle)-यह थैलीनुमा रचना होती है। शुक्रवाहिनी उदरगुहा में पहुँचकर मूत्रनली के साथ लूप बनाती हुई शुक्रवाहिनी में खुलती है। शुक्राशय में शुक्राणु एकत्र होते हैं। शुक्राशय में पोषक तरल स्रावित होता है। शुक्राणुओं सहित इस तरल को वीर्य (semen) कहा जाता है।
5. मूत्रमार्ग (Urethra)-शुक्राशय एक संकरी नली के द्वारा, जिसे स्खलन नलिका (ejaculatory duct) कहते हैं, मूत्राशय के संकरे मार्ग में खुलता है। पुरुष में मैथुन क्रिया के लिए मूत्र मार्ग एक मांसल अंग शिश्न (Penis) में स्थित होता है। बाद में यह एक छिद्र द्वारा बाहर खुलता है। इसे मूत्र जनन छिद्र कहते हैं। मैथुन के समय शिश्न भाग के द्वारा मादा की योनि में प्रवेश करके वीर्य को शरीर के अन्दर भेजने का कार्य करता है।
6. सहायक ग्रन्थियाँ (Assessory glands)-उपर्युक्त अंगों के अतिरिक्त पुरुषों में प्रोस्टेट (Prostate), काउपर्स (Cowper’s) तथा पीनियल (Penial) ग्रन्थियाँ उपस्थित होती हैं जो अपने-अपने स्राव वीर्य में स्रावित करती हैं तथा शुक्राणुओं की सुरक्षा करती हैं।
प्रश्न 7.
स्त्री के जनन तन्त्र का सचित्र वर्णन कीजिए। (CBSE 2017, 2018)
उत्तर-
स्त्री के जनन तन्त्र में निम्नलिखित अंग होते हैं-
1. अण्डाशय (Ovary)-स्त्री में एक जोड़ी अण्डाशय होते हैं। ये अण्डाकार, भूरे रंग की रचनाएँ हैं जो उदर गुहा में, गर्भाशय में दोनों ओर एक-एक करके स्थित होते हैं। अण्डाशय में अण्डजनन की क्रिया द्वारा अगुणित अण्ड (egg) का निर्माण होता है।
2. अण्डवाहिनी (Oviduct)-दोनों अण्डाशयों के समीप स्थित झालरदार मुखिका से एक-एक अण्डवाहिनी निकलती है जो मध्य भाग में फैलोपियन नलिका कहलाती है। दोनों ओर की नलिकाएँ गर्भाशय के ऊपरी भाग में खुलती हैं। अण्डाशय में मुक्त अण्ड अण्डवाहिनी के फैलोपियन भाग में आता है जहाँ अण्ड का निषेचन होता है।
3. गर्भाशय (Uterus)-गर्भाशय एक माँसल रचना है, जिसका ऊपरी भाग चौड़ा तथा निचला भाग संकरा होता है। दोनों ओर की अण्डवाहिनियाँ गर्भाशय के चौड़े भाग में ऊपर की ओर खुलती हैं। निषेचित अण्ड गर्भाशय की भीतरी भित्ति में निर्मित सूक्ष्मांकुरों (microvilli) में रोपित होता है तथा शिशु के जन्म तक भ्रूण का विकास इसी में होता है।
4. योनि (Vagina)- गर्भाशय का निचला भाग एक संकरी एवं लचीली माँसल नलिका में खुलता है जिसे योनि कहते हैं। मैथुन के समय पुरुष का वीर्य इसी नलिका में स्खलित होता है और गर्भाशय मुखिका से होते हुए शुक्राणु फैलोपियन नलिका में पहुँचता है।
5. भग (Vulva)-योनि बाहर की ओर एक छिद्र द्वारा खुलती है जिसे भग कहते हैं। इसे सुरक्षित रखने के लिए इसके दोनों ओर दो माँसल ओष्ठ होते हैं। दोनों ओष्ठों के जुड़ने के स्थान पर ऊपर की ओर एक भग शिश्न होता है।
6. बर्थोलिन ग्रन्थि (Bartholin’s gland)-यह एक विशेष प्रकार का तरल पदार्थ स्रावित करती है। यह स्राव मैथुन को सुगम बनाता है तथा शुक्राणुओं की जीवाणुओं से रक्षा करता है।
प्रश्न 8.
जनन स्वास्थ्य से आप क्या समझते हैं? गर्भधारण रोकने के विभिन्न उपाय लिखिए। [CBSE 2015, 2016, 2019]
उत्तर-
जनन स्वास्थ्य (Reproductive Health)- लैंगिक क्रिया द्वारा गर्भधारण की सम्भावना सदैव बनी रहती है। गर्भधारण की अवस्था में स्त्री के शरीर एवं भावनाओं की माँग एवं आपूर्ति बढ़ जाती है और यदि वह गर्भधारण के ‘लिए तैयार नहीं है तो इसका स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
अतः गर्भधारण को रोककर स्वास्थ्य को बनाए रखना जनन स्वास्थ्य कहलाता है। गर्भ धारण रोकने के उपाय-
- रोधक विधियाँ (Barrier Methods)-इसमें कंडोम तथा डायफ्राम का प्रयोग किया जाता है। ये युक्तियाँ शुक्राणुओं को अण्डाणु से मिलने में रोधक का कार्य करती हैं जिससे निषेचन नहीं होता है।
- रासायनिक विधियाँ (Chemical Methods)सगर्भता को रोकने में महिलाएँ दो प्रकार की गोलियों का उपयोग करती हैं-मुखीय गोलियाँ तथा योनि गोलियाँ। ये गोलियाँ शुक्राणुओं या अण्डाणुओं को निष्क्रिय कर देती हैं।
- शल्य विधियाँ (Operation Methods)-इस विधि में पुरुष नसबंदी (Vasectomy) या स्त्री नसबन्दी (Tubectomy) करायी जाती है।
- अन्तः गर्भ निरोधक विधियाँ (Intra-uterine Contraceptive Device)-चिकित्सकों द्वारा कॉपर ‘टी’ का रोपण गर्भाशय के अन्दर करने से गर्भधारण क्रिया नहीं होती है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए(i) एड्स, (ii) सुजाक, (iii) आतशक।
उत्तर-
(i) एड्स (AIDS)-यह एक लैंगिक संचारित रोग है। इसे एक्वायर्ड इम्युनो डैफीशिएंसी सिण्ड्रोम (Ac quired Immuno Deficiency Syndrome) कहते हैं। यह एक विषाणु ह्यूमेन-इम्यूनो डैफीशिएंसी वाइरस (HIV) द्वारा होता है। यह विषाणु संक्रमित व्यक्ति की लिम्फोसाइट (lymphocytes) कोशिकाओं को नष्ट करके शरीर की प्रतिरोधकता को समाप्त कर देता है जिसके फलस्वरूप व्यक्ति अनेक रोगों से ग्रस्त हो जाता है। यह रोगः असुरक्षित सहवास, संक्रमित सुई का प्रयोग, संक्रमित रुधिर आधान द्वारा संचारित होता है। इस रोग का परीक्षण एलिशा परीक्षण द्वारा किया जाता है। अभी तक इस रोग का इलाज पूर्ण रूप से नहीं किया जा सका है।
(ii) सुजाक (Gonorrhoea)-यह रोग यौन संक्रमित नर या मादा के साथ शारीरिक सम्बन्धों द्वारा संचारित होता है। यह विषाणु द्वारा होता है। रोगाणु कटी हुई त्वचा या घावों द्वारा शरीर में प्रवेश करके यौन अंगों तक पहुँच जाता है। इस रोग के प्रमुख लक्षण लम्बे समय तक बुखार, त्वचा में खुजली, जननांगों पर फुसियाँ निकलना आदि हैं। इसका एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा उपचार सम्भव है।
(iii) आतशक (Syphilis)- यह रोग स्पिरोचेट जीवाणु (Spirochete Bacterium) ट्रिपोनीमा पैलीडम (Treponema pallidum) द्वारा फैलता है। इस रोग में जनन तन्त्र, मूत्र नली आदि की झिल्ली प्रभावित होती हैं। इसका निदान किया जा सकता है।
प्रश्न 10.
(a) “कण्डोम का उपयोग यौन क्रिया में सम्मिलित दोनों लिंगों (पुरुष एवं स्त्री) के लिए लाभकारी होता है।” दो कारण सहित इस कथन की पुष्टि कीजिए।
(b) गर्भ निरोधक गोलियाँ गर्भधारण को रोकने में किस प्रकार सहायता करती हैं?
(c) लिंग चयनात्मक गर्भपात किसे कहते हैं? किसी स्वस्थ समाज को यह किस प्रकार प्रभावित करता है? (किसी एक परिणाम का उल्लेख कीजिए)। [CBSE 2020]
उत्तर-
(a)
- कण्डोम के उपयोग से दोनों लिंग यौन संक्रमित रोगों से बच जाते हैं।
- कण्डोम स्त्री व पुरुष दोनों को अनचाही संतान होने के भय से मुक्ति दिलाता है।
(b) गर्भ निरोधक गोलियाँ, मादा के अण्डाशय के हॉर्मोनों को नियन्त्रित करके अण्डोत्सर्ग क्रिया को रोक देती हैं जिसके कारण अण्डाणु निषेचन के लिए अण्डाशय से बाहर नहीं निकल पाता है।
(c) लिंग चयनात्मक गर्भपात का अर्थ है कि एक विशेष लिंग वाले भ्रूण का गर्भपात करवाना। हमारे देश में अधिकतर मादा भ्रूण का गर्भपात करवाया जाता रहीं है, परन्तु ऐसा करना अब एक कानूनी अपराध बन गया है। .. परन्तु इस प्रकार के गर्भपात यदि निरंतर होते रहे तो समाज में नर तथा मादा मनुष्यों के अनुपात का संतुलन बिगड़ जाएगा जो कि स्वस्थ समाज के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है।
बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)
1. अमीबा में जनन की अलैंगिक विधि है-
(a) विखण्डन
(b) बहुविखण्डन
(c) (a) व (b) दोनों
(d) युग्मक लयन ।
उत्तर-
(c) (a) व (b) दोनों।
2. मादा-मानव में निषेचन कहाँ होता है ?
(a) गर्भाशय में
(b) अण्डाशय में
(c) योनि में
(d) फैलोपियन नलिका में।
उत्तर-
(d) फैलोपियन नलिका में।
3. बीजाणुओं द्वारा अलैंगिक जनन होता है-
(a) अमीबा में
(b) मनुष्य में
(c) यीस्ट में
(d) मॉस में।
उत्तर-
(d) मॉस में।
4. तने द्वारा कायिक प्रवर्धन होता है-
(a) पोदीने में
(b) हल्दी में
(c) अदरक में
(d) सभी में।
उत्तर-
(d) सभी में।
5. पौधे के जननांग हैं-
(a) पुंकेसर
(b) स्त्रीकेसर
(c) (a) तथा (b) दोनों
(d) बाह्य दल।
उत्तर-
(c) (a) तथा (b) दोनों।
6. मनुष्य में अण्डाशयों की संख्या होती है
(a) एक
(b) दो
(c) तीन
(d) चार।
उत्तर-
(b) दो।
7. परागकणों का निर्माण होता है-
(a) परागकोष में
(b) भ्रणकोष में
(c) भ्रूणपोष में
(d) पुष्पासन में।
उत्तर-
(a) परागकोष में।
8. आलू में कायिक जनन होता है-
(a) जड़ से
(b) कन्द से
(c) तने से
(d) पुष्प से।
उत्तर-
(b) कन्द से।।
9. ब्रायोफिल्लम में कायिक जनन होता है
(a) जड़ कलिका से
(b) स्तम्भ कलिका से
(c) पूर्ण कलिका से
(d) शीर्ष कलिका से।
उत्तर-
(c) पूर्ण कलिका से।
10. अण्डाशय से अण्ड उत्सर्जन को कहते हैं-
(a) अण्डोत्सर्ग
(b) अण्डजनन ।
(c) रजोचक्र
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(a) अण्डोत्सर्ग।
11. किस रचना द्वारा गर्भस्थ भ्रूण माता से पोषण प्राप्त करता है-
(a) रुधिर वाहिनी
(b) गर्भनाल
(c) आमाशय
(d) अण्डवाहिनी।
उत्तर-
(b) गर्भनाल।
12. नर हॉर्मोन है-
(a) टेस्टोस्टेरॉन
(b) प्रोजेस्ट्रॉन
(c) एस्ट्रोजन
(d) ऑक्सीटोसिन।
उत्तर-
(a) टेस्टोस्टेरॉन।
13. नर युग्मक तथा मादा युग्मक के संलयन से बनता-
(a) युग्मनज (Zygote)
(b) भ्रूण (Embryo)
(c) अण्डप (Carpel)
(d) ये सभी।
उत्तर-
(a) युग्मनज (Zygote)
14. द्विनिषेचन पाया जाता है-
(a) आवृत्तबीजी में
(b) अनावृत्तबीजी में
(c) शैवाल में
(d) फर्न में।
उत्तर-
(a) आवृतबीजी में।
15. एकलिंगी पुष्प पाए जाते हैं-
(a) सरसों में
(b) गुड़हल में
(c) तरबूज में
(d) अमरूद में।
उत्तर-
(c) तरबूज में।
16. लैंगिक जनन के लिए आवश्यक है-
(a) DNA का विघटन
(b) DNA का प्रतिलिपिकरण
(c) प्रोटीन का प्रतिकृतिकरण
(d) ये सभी।
उत्तर-
(b) DNA का प्रतिलिपिकरण।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)
1. ………………………. प्रक्रिया स्पंजों, हाइड्रा आदि में मुख्य रूप से पायी जाती हैं।
उत्तर-
पुनरुद्भवन,
2. मनुष्य में गर्भ की अवधि ………………………. है।
उत्तर-
40 सप्ताह,
3. एक ही जीव में नर तथा मादा जननांगों का पाया जाना ………………………. कहलाती है।
उत्तर-
उभयलिंगता,
4. पुष्प में ………………………. तथा ………………………. पाये जाते हैं।
उत्तर-
नर जननांग, मादा जननांग,
5. हाइड्रा जैसे कुछ प्राणी जुनर्जनन की क्षमता वाली कोशिकाओं का उपयोग ………………………. के लिए करते हैं।
उत्तर-
मुकुलन |
सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)
निम्न प्रश्नों में सही मिलान कीजिए|
(a)
सूची A | सूची B |
1. अपरा या ऑवल | (i) अमीबा |
2. द्विखण्डन | (ii) स्तनधारी |
3. कलम | (iii) केंचुआ |
4. द्विलिंगी | (iv) नर जननांग |
5. पुंकेसर | (v) गुलाब |
6. स्त्रीकेसर | (vi) मादा जननांग |
उत्तर:-
सूची A | सूची B |
1. अपरा या ऑवल | (ii) स्तनधारी |
2. द्विखण्डन | (i) अमीबा |
3. कलम | (v) गुलाब |
4. द्विलिंगी | (iii) केंचुआ |
5. पुंकेसर | (iv) नर जननांग |
6. स्त्रीकेसर | (vi) मादा जननांग |
(b)
सूची A | सूची B |
1. आलू | (i) लैंगिक जनन |
2. प्याज | (ii) कन्द द्वारा कायिक जनन |
3. राइजोपस | (iii) मुकुलन |
4. यीस्ट | (iv) पुनर्जनन |
5. · हाइड्रा | (v) बीजाणु समासंघ |
6. मनुष्य | (vi) शल्क कन्द द्वारा प्रजनन |
उत्तर-
सूची A | सूची B |
1. आलू | (ii) कन्द द्वारा कायिक जनन |
2. प्याज | (iv) पुनर्जनन |
3. राइजोपस | (v) बीजाणु समासंघ |
4. यीस्ट | (iii) मुकुलन |
5. · हाइड्रा | (vi) शल्क कन्द द्वारा प्रजनन |
6. मनुष्य | (i) लैंगिक जनन |