Class 9

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 लोकतांत्रिक अधिकार

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 लोकतांत्रिक अधिकार

HBSE 9th Class Civics लोकतांत्रिक अधिकार Textbook Questions and Answers

लोकतांत्रिक अधिकार कक्षा 9 प्रश्न-उत्तर HBSE  प्रश्न 1.
इनमें से कौन-सा मौलिक अधिकारों के उपयोग का उदाहरण नहीं हैं?
(क) बिहार के मजदूरों का पंजाब के खेतों में काम करने जाना।
(ख) ईसाई मिशनों द्वारा मिशनरी स्कूलों की श्रृंखला चलाना।
(ग) सरकारी नौकरी में औरत और मर्द को समान वेतन मिलाना।
(घ) बच्चों द्वारा माँ-बाप की संपत्ति विरासत में पाना।
उत्तर-
(ग) सरकारी नौकरी में औरत व मर्द को समान वेतन मिले-यह मौलिक अधिकारों का उदाहरण नहीं है यह राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांमों का अंश हैं।

लोकतांत्रिक अधिकार Class 9 Questions And Answers HBSE प्रश्न 2.
इनमें से कौन-सी स्वतंत्रता भारतीय नागरिकों को नहीं हैं?
(क) सरकार की आलोचना की स्वतंत्रता
(ख) सशक्त विद्रोह में भाग लेने की स्वतंत्रता
(ग) सरकार बदलने के लिए आंदोलन शुरू करने की स्वतंत्रता।
(घ) संविधान के केंद्रीय मूल्यों का विरोध करने की स्वतंत्रता।
उत्तर-
(ख) व (घ) दोनों भारतीय को प्राप्त स्वतंत्रताएँ नहीं है। सशस्त्र विद्रोह करने की स्वतंत्रता किसी भी भारतीय को नहीं है संविधान के मूल्य हमारे मूल कर्तव्यों का अंश है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 लोकतांत्रिक अधिकार

अध्याय 6 लोकतांत्रिक अधिकार के प्रश्न-उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 3.
भारतीय संविधान इनमें से कौन-सा अधिकार देता हैं?
(क) काम का अधिकार
(ख) पर्याप्त जीविका का अधिकार
(ग). अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार
(घ) निजता का अधिकार।
उत्तर-
(ग) भारतीयों को अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार प्राप्त है। इस सम्बन्ध में भारतीय शैक्षणिक संस्थाएँ बना सकते हैं।

लोकतांत्रिक अधिकार Class 9 Notes HBSE प्रश्न 4.
उस मौलिक अधिकार का नाम बताएँ जिसके तहत निम्नलिखित स्वतंत्रताएँ आती हैं?
(क) अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता
(ख) जीवन का अधिकार
(ग) छुआछूत की समाप्ति
(घ) बेगार पर प्रतिबंध।
उत्तर-
(क) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
(ख) स्वतंत्रता का अधिकार
(ग) समानता का अधिकार
(घ) शोषण के विरुद्ध अधिकार।

लोकतांत्रिक अधिकार के प्रश्न-उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 5.
लोकतंत्र और अधिकारों के बीच संबंधों के बारे में इनमें से कौन-सा ध्यान ज्यादा उचित है? अपनी पसंद के पक्ष में कारण बताएँ।
(क) हर लोकतांत्रिक देश अपने नागरिकों को अधिकार देता है। .
(ख) अपने नागरिकों को अधिकार देने वाला हर देश लोकतांत्रिक है।
(ग) अधिकार देना अच्छा है, पर यह लोकतंत्र के लिए जरूरी नहीं है।
उत्तर-
(क) यह बयान अपेक्षाकृत अधिक सही है। केवल लोकतांत्रिक देशों में नागारिकों के पास अधिकार होते हैं। लास्की ने सही कहा है कि एक राज्य की पहचान इस तथ्य पर निर्भर करती है कि उसने अपने नागरिकों को अधिकारों का आश्वासन दिया है के नहीं।

प्रश्न 6.
स्वतंत्रता के अधिकार पर ये पाबदियाँ क्या उचित हैं? अपने जवाब पक्ष में कारण बताएँ।
(क) भारतीय नागारिकों को सुरक्षा कारणों से कुछ सीमावर्ती इलाकों में जाने लिए अनुमति लेनी पड़ती है।
(ख) भारतीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए कुछ इलाकों में बाहरी लोगों संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं है।
(ग) शासक दल को चुनाव मे नुकसान पहुंचा सकने वाली किताब पर सरकार बिबंध लगाती है।
उत्तर-
(क) अधिकारों पर प्रतिबन्ध होने चाहिए। अधिकार निरंकुश नहीं होते। इनके अधिकार तो होते हैं लेकिन देश की स्वतंत्रता का भी अपना महत्व होता हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि देश की स्वतंत्रता से कोई भी बड़ी स्वतंत्रता नहीं होती।

प्रश्न 7.
मनोज एक सरकारी दफ्तर में मैनेजर के पद के लिए आवेदन देने गया वहां किरानी ने उसका आवेदन देने से मना कर दिया और कहा, ‘झाडू लगाने वाले का बेटा होकर तुम मैनेजर बनना चाहते हो। तुम्हारी जाति का कोई कभी इस पद पर आया है? नगरपालिका के दफ्तर जाओ और सफाई कर्मचारी के लिए अर्जी दो।’ इस मामले में मनोज के किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है? मनोज की तरफ से जिला अधिकारी के नाम लिखे एक पत्र में इसका उल्लेख करो।
उत्तर-
मनोज का समानता का अधिकार छीने जाने की स्थिति में है। यह उसका मौलिक अधिकार है यह अधिकार अनुसूचित जाति के लोगों को विशेष सुविधाएँ देता है। मनोज का सम्बन्ध समाज की इस कमजोर जाति के साथ है। मनोज को जिला केलक्टर को एक पत्र लिखकर इन बातों पर जोर देना चाहिए।
(क) उसे मौलिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है,
(ख) अनुसूचित जाति से जुड़ी उसकी स्थिति को स्वीकारा नहीं जा रहा,
(ग) संविधान द्वारा मिलने वाली सुविधाएँ उसे उपलब्ध नहीं हैं।

प्रश्न 8.
जब मधुरिमा संपत्ति के पंजीकरण वाले दफ्तर में गई तो रजिस्ट्रार ने कहा, “आप अपना नाम मधुरिमा बनर्जी, बेटी ए.के.बनर्जी” नहीं लिख सकतीं। आप शादीशुदा हैं और आपको अपने पति का ही नाम देना होगा। फिर आपके पति का उपनाम तो राव है। इसलिए आपका नाम भी बदलकर मधुरिमा राव हो जाना चाहिए। मधुरिमा इस बात से सहमत नहीं हुई। उसने कहा, “अगर शादी के बाद मेरे पति का नाम नहीं बदला तो मेरा नाम क्यों बदलना चाहिए।? अगर वह अपने नाम के साथ पिता का नाम लिखते रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं लिख सकती?” आपकी राय में इस विवाद में किसका पक्ष सही है? और क्यों?
उत्तर-
संविधान महिलाओं व पुरुषों को एक समान अधिकार दे रहा है शादी के बाद पत्नी पति के घर आ जाती है, वहाँ उसके नाम के साथ. उसके प्रति की जाति जुड़ जाती है। इस प्रकार मधुरिमा का नाम बनर्जी है। विवाह के बाद उसका नाम मधुरिमा राव हो जाता है क्योंकि उसके पति की जाति ‘राव’ है। इस प्रकार के विवाद का समाधान यह है ‘मधुरिमा बनर्जी’ का नाम ‘मधुरिमा बनर्जी राव’ हो जाना चाहिए।

प्रश्न 9.
मध्य प्रदेश होशंगाबाद जिले के पिपरिया में हजारों आदिवासी और जंगल में रहने वाले लोग सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क, बोरी वन्यजीव अभ्यारण्य और पंचमढ़ी वन्यजीव अभ्यारण्य से अपने प्रस्तावित विस्थापन का विरोध करने के लिए जमा हुए, उनका कहना था कि यह विस्थापन उनकी जीविका और उनके विश्वसों – पर हमला है। सरकार का दावा है कि इलाके के विकास और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए उनका विस्थापन जरूरी है। जंगल पर आधारित जीवन जीने वाले की तरफ से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक पत्र, इस मसले पर सरकार द्वारा दिया जा सकने वाला संभावित जवाब और इस मामले पर मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट तैयार करो।
उत्तर-
क्षेत्र का विकास तथा वन्यजीवन की रक्षा दोनों ही जरूरी होते हैं। यह भी ज़रूरी है कि वन में रहने वाले लोगों को वनों से निकाल कर उन्हें दर-बदर भटकने की आज्ञा नहीं देनी चाहिए। ऐसे लोगों के रोजगार का प्रबंध किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को चाहिए कि वह सरकार से प्रभावित लोगों के लिए रोजगार का प्रबंध करने पर जोर डाले।

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प्रश्न 10.
इस अध्याय में पढ़े विभिन्न अधिकारों को आपस में जोड़ने वाला एक मकड़जाल बनाएँ। जैसे आने-जाने की स्वतंत्रता का अधिकार तथा पेशा चुनने की स्वतंत्रता का अधिकार आपस में एक-दूसरे से जुड़े हैं। इसका एक कारण है कि आने-जाने की स्वतंत्रता के चलते व्यक्ति अपने गांव या शहर के अंदर ही नहीं, दूसरे गांव, दूसरे शहर और दूसरे राज्य तक जाकर काम कर सकता है। इसी प्रकार इस अधिकार को तीर्थाटन से जोड़ा जा सकता है। जो किसी व्यक्ति द्वारा अपने धर्म का अनुसरण करने की आजादी से जुड़ा है। आप इस मकड़जाल को बनाएँ और तीर के निशानों से बताएं कि कौन-से अधिकार आपस में जुड़ें हैं। हर तीन के साथ संबंध बताने वाला एक उदारहण भी दें।
उत्तर-
विद्यार्थी यह प्रश्न अपने अध्यापकों की सहायता से करें।

HBSE 9th Class Civics लोकतांत्रिक अधिकार Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
प्रतिज्ञा पत्र किसे कहते हैं?
उत्तर-
नियमों तथा सिद्धांतों को कायम रखने पर व्यक्ति, समूह या देशों का वायदा ऐसे बयान या संधि पर हस्ताक्षर करने वाले पर इसके पालने की कानूनी बाध्यता लेती है।

प्रश्न 2.
दावा का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
सभी नागरिकों, समाज या सरकार से किसी नागरिक द्वारा कानूनी या नैतिक अधिकारों की माँग।

प्रश्न 3.
‘दलित’ का क्या अर्थ हैं।
उत्तर-
ऐसी जाति में जन्मा व्यक्ति जिसे दूसरी जातियों के व्यक्ति छूने लायक नहीं मानते। दलितों के लिए अनुसूचित जाति, वर्ग जैसे शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 4.
‘जातीय समूह’ से आपका क्या अभिप्राय
उत्तर-
मानव जाति का ऐसा समूह जिसमें लोग आपस में किए मूल या सतयक वंश के हों। एक जातीय समूह के सांस्कृतिक आचरणों, धार्मिक विश्वासों और ऐतिहासिक स्मृतियों के जरिए जुड़े होते हैं।

प्रश्न 5.
‘अवैध व्यापार’ का अर्थ बताइए।
उत्तर-
अनैतिक कामों के लिए स्त्री, पुरुष या बच्चों की खरीद व बिक्री।

प्रश्न 6.
सम्मन से आपका क्या अर्थ लेते हैं?
उत्तर-
अदालत द्वारा जारी एक आदेश जिसमें किसी व्यक्ति को अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा गया हो।

प्रश्न 7.
“रिट’ का क्या अर्थ हैं?
उत्तर-
उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सरकार को जारी किया गया एक औपचारिक लिखित आदेश

प्रश्न 8.
‘एमनेस्टी इंटरनेशलन’ क्या हैं?
उत्तर-
एमनेस्टी इंटरनेशनल मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं का एक अंतराष्ट्रीय संगठन है। यह संगठन दुनिया भर में मानवाधिकारों के उल्लघंन पर स्वतंत्र रिपोर्ट जारी करता है।

प्रश्न 9.
भारत के नागरिकों को कितने मूल “अधिकार प्राप्त हैं?
उत्तर-
1950 में जब संविधान लागू हुआ था, तब भारतीयों को सात मूल अधिकार प्राप्त थे। 1978 में सम्पति के अधिकारों की सूची से निकाल दिया गया। फलस्वरूप आज भारत के नागरिकों को छः मूल अधिकार प्राप्त हैं।

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प्रश्न 10.
मूल अधिकारों का मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर-
मूल अधिकारों का मुख्य उद्देश्य ऐसी राज्य व्यवस्था बनाना है जहाँ नागरिक अपना विकास कर सकें तथा राज्य के उत्पीड़न से मुक्ति प्राप्त कर सकें।

प्रश्न 11.
मूल अधिकारों को किस अवस्था में निलंबित किया जा सकता हैं?
उत्तर-
मूल अधिकारों का निलम्बन आपातकालीन स्थिति में हो सकता है। परन्तु जब ऐसी स्थिति नहीं रहती, तब इन्हें फिर से प्रभावी बना दिया गया है।

प्रश्न 12.
किस मूल अधिकार से यह आभास होता है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य हैं?
उत्तर-
धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार से यह आभास होता है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष, अर्थात् पंथनिरपेक्ष राज्य है। राज्य सभी धर्मों को समान दृष्टि से देखता है तथा सब धर्मों का सम्मान करता है।

प्रश्न 13.
भातीयों को प्राप्त मूल अधिकारों की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर-
भातीयों को प्राप्त मूल अधिकारों का वर्णन निम्नलिखित किया जा सकता है।

  1. समाता का अधिकार
  2. स्वतंत्रता का अधिकार
  3. शोषण के विरुद्ध अधिकार
  4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
  5. संस्कृति और शिक्षा सम्बन्धी अधिकार ।
  6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार।

प्रश्न 14.
अस्पृश्यता उन्मूलन से सम्बन्धित भारत के संविधान में क्या प्रावधान है?
उत्तर-
अस्पृश्यता उन्मूलन से सम्बन्धित प्रावधान समता के अधिकार में किया गया है। संविधान अस्पृश्यता को अपराध घोषित करता है। इसे व्यवहार में लाने वाले व्यक्ति को दण्डित किया जा सकता है।

प्रश्न 15.
स्वतंत्रता के अधिकार पर लगे प्रतिबन्धों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
स्वतंत्रता के अधिकार पर कुछेक प्रतिबंध लगाए गए हैं। देश की स्वतंत्रता, संप्रभुता, तथा अखण्डता के हित में सरकार इन स्वतंत्रताओं पर अंकुश लगा सकती है। इस प्रकार राज्य नैतिकता व सार्वजनिक शान्ति व व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भी स्वतत्रंताओं पर प्रतिबन्ध लगा सकता है।

प्रश्न 16.
‘कानून के समक्ष समानता’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
काननू के समक्ष समानता का अर्थ है कि कानून की नजर में सब एक समान है। दूसरे शब्दों में इसका अर्थ यह कि राज्य लोगों के बीच जाति, रंग, भाषा, नस्ल, क्षेत्र, लिंग आदि किसी भी आधार पर भेद नहीं करेगा। राज्य व कानून की नजर में कानून तोड़ने वाला अपराधी है वह कोई भी क्यों न हो अमीर हो अथवा गरीब, छोटा हो अथवा बड़ा। इसका अर्थ यह भी है कि कानून सबको एक समान अवसर प्रदान करता है।

प्रश्न 17.
समता के अधिकार में निहित प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-

  • कानून के समक्ष सब समान हैं।
  • कानून समान संरक्षण का आश्वासन हैं।
  • राज्य, बिना किसी भेदभाव के, सबको एक समान अवसर प्रदान करता है।
  • राज्य द्वारा नागरिकों में किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।
  • सैनिक व शिक्षा सम्बन्धी उपाधियों को छोड सभी अन्य उपाधियों की व्यवस्था नहीं होगा।
  • अस्पृश्यता उन्मूलन का प्रयोजनः अस्पृश्यता को व्यवहार में लाना दण्डनीय अपराध हैं।

प्रश्न 18.
क्या किसी व्यक्ति को कानून के नियमों से अधिक दण्ड दिया जा सकता हैं?
उत्तर-
भारतीयों को स्वतंत्रता के अधिकार में कुछेक स्वतंत्रताओं का आश्वासन दिया गए है। साथ ही, उन्हें यह भी आवश्वासन प्राप्त है कि नियमों के दायरे में ही एक व्यक्ति को दण्ड दिया जा सकता; एक अपराध के लिए एह ही दण्ड का प्रावधान है; नियमों के विपरीत अधिक दण्ड दिए जाने की मनाही है। संविधान कहता है “किसी भी व्यक्ति को केवल कानून के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में अपराधी ठहराया जा सकता है. तथा उसे कानून में दिए गए दण्ड से अधिक दण्ड नहीं दिया जाएगा।”

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प्रश्न 19.
क्या भारतीयों को जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है?
उत्तर-
भारतीयों को संविधान के अंतर्गत जीवन व वैयक्तिक स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है। संविधान कहता है किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन से वंचित नहीं किया जाएगा और न ही उसकी स्वतंत्रता को उससे छीना जाएगा। यदि ऐसा करना भी हो, तो केवल कानूनी प्रावधान के ‘अंतर्गत ही किया जा सकता हैं। –

प्रश्न 20.
स्वतंत्रता के अधिकार में निहित . स्वतंत्रताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
स्वतंत्रता के अधिकार में निम्नलिखित स्वतंत्रताएँ दी गई हैं।

  • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
  • शांतिपूर्ण ढंग से जमा होने की स्वतंत्रता
  • संघठन और संघ बनाने की स्वतंत्रता
  • देश में कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता
  • देश के किसी भी भाग में रहने-बसने की स्वतंत्रता और
  • कोई भी काम करने, धंधा चुनने या पेशा करने की स्वतंत्रता।

प्रश्न 21.
क्या ये उदाहरण स्वतंत्रता के अधिकार के उल्लंघन के हैं? अगर हाँ, तो प्रत्येक में संविधान के कौन-से प्रावधान का उल्लंघन हुआ हैं?
(1) भारत सरकार ने सलमान रुश्दी की किताब ‘सैटैनिक वर्सेज’ को इस आधार पर प्रतिबंधित कर दिया कि इसमें पैगंबर मोहम्मद के प्रति अनादार का भाव दिखाया गया और इससे मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है।
(2) हर फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन से पूर्व भारत सरकार के सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र लेना होता है पर वही कहानी अगर किताब या पात्रिका में छपे तो उस पर ऐसी पाबंदी नहीं है।
(3) सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि कुछ खास औद्योगिक क्षेत्रों या अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों में काम करनक वालों को यूनियन बनाने और हड़ताल पर जाने का अधिकार नहीं होगा।
(4) नगर प्रशासन ने माध्यमिक परीक्षाओं के मद्देनजर शहर में रात 10 बजे के बाद सार्वजनिक लाउडस्पीकर के प्रयोग पर पाबंदी लगा दी हैं।
उत्तर-
(1) स्वतंत्रता का अधिकार, लेखन का अधिकार, परन्तु यह धार्मिक ठेस पहुँचाती है।
(2) प्रेस की स्वतंत्रता।
(3) यह सभा बनाने की स्वतंत्रता का विरोध हैं।
(4) इस निर्णय का सम्मान हो। यह स्वतंत्रता के अधिकार का गलत प्रयोग नहीं हैं। .

प्रश्न 22.
बंदियों से सम्बन्धि उनकी स्वतंत्रताओं अवसरों का संविधान में जो उल्लेख है, उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर-

  • बन्दी को जिस आरोप में बन्दी बनाया जाता है, उसे उसकी सूचना दी जाती है।
  • ऐसा व्यक्ति अपनी पसंद का अधिवक्ता निश्चित कर सकता है।
  • उसे 24 घंटे के भीतर नजदीकी मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है।
  • साधारणतया उसे 2 महीने तक बन्दी रखा जा सकता है। अधिक अवधि बढ़ाने के लिए उच्च न्यायाधीशों पर आधारित सलाह बोर्ड की सलाह ली जाती हैं।

प्रश्न 23.
इन खबरों को पढ़िए और प्रत्येक में जिस अधिकार की चर्चा है। उसकी पहचान कीजिए।
(i) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आपात बैठक में हरियाणा के सिख धार्मिक स्थलों के प्रबंधन के लिए अलग संगठन बनाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया। सरकार को यह चेतावनी दी गई कि सिख समुदाय अपने धार्मिक मामलों में किसी भी किस्त की दखलंदाजी बरदाश्त नहीं करेगा (जून 2005) (ii) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जा देने वाले केंद्रीय कानून को रद्द कर दिया और मेडिकल स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स में सीटों के आरक्षण को गैर-कानूनी करार दिया। (जनवरी 2005)
(iii) राजस्थान सरकार ने धर्म परिवर्तन विरोधी कानून बनाने का फैसला किया है। ईसाई नेताओं का कहना है कि इस विधेयक से अल्पसंख्यकों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ेगी। (मार्च 2005)
उत्तर-
(i) यह धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के विरुद्ध हैं।
(ii) यह सांस्कृतिक व शैक्षणिक अधिकार के विरुद्ध है। यह अधिकार अल्पसंख्या वर्गो को उनकी संस्कृति बनाए रखने का आश्वास देता है, आरक्षण नहीं।
(iii) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार जबर्दस्ती धर्म बदलने का अधिकार नहीं देता। .

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प्रश्न 24.
दक्षिणी अफ्रीका के नागरिकों को प्राप्त कुछेक अधिकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
दक्षिणी अफ्रीका के नागरिकों के कुछेक अधिकार निम्नलिखित हैं :

  1. निजता का अधिकार-इसके कारण नागरिको और उनके घरों की तलाशी नहीं ली जा सकती, उनके फोन टैप नहीं किए जा सकते, उनकी चिट्ठी-पत्री को खोलकर पढ़ा नहीं जा सकता।
  2. पर्यावरण का अधिकार-ऐसा पर्यावरण पाने का अधिकार जो नागरिकों के स्वास्थ्य या कुशलक्षेम के प्रतिकूल न हो।
  3. पर्याप्त आवास पाने का अधिकार।
  4. स्वास्थ्य सेवाओं, पर्याप्त भोजन और पानी तक – पहुँच का अधिकार; किसी को भी आपात् चिकित्सा देने से इंकार नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 25.
“संवैधानिक उपचारों का अधिकार अत्यंत विशिष्ट अधिकार है।” इस अधिकार की विशिष्टता क्या हैं?
उत्तर-
भारतीय नागरिकों को प्राप्त मूल अधिकारों में एक अधिकार संवैधानिक उपचारों का अधिकार है इस अधिकार के. अंतर्गत भारतीय अपने मूल अधिकारों की रक्षा हेतु उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय जा सकते हैं। यदि कोई अन्य नागरिक, कोई समुदाय अथवा सरकार नागरिकों के अधिकारों पर आक्रमण करते हैं, तो वह न्यायालयों में जाकर अपने अधिकारों की रक्षा का आश्वासन मांग सकते हैं। इस संदर्भ में हमारे उच्च-न्यायालयों व उच्चतम न्यायालय को प्रलेख अर्थात् ‘रिट’ जारी करने का अधिकार प्राप्त है। यह ‘रिट’ हैं बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार-पृच्दा तथा उत्प्रेषण।

प्रश्न 26.
सक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
(i) शोषण के विरुद्ध अधिकार।
(ii) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
(iii) सांस्कृतिक और शिक्षा सम्बन्धी अधिकार।
उत्तर-
(i) शोषण के विरुद्ध अधिकार-शोषणा के विरुद्ध अधिकार बेगार की मनाही करता है। इस अधिकार के अंतर्गत बाल्य आयु के बच्चों को जोखिम व बड़े-बड़े कारखानों व खदानों में काम पर ल लगाने की बात कही गयी है तथा करना दण्डनीय अपराध माना गया है।
(ii) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार-धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार सबको धर्म अपनाने, पूजा करने व उपासना करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। साथ ही, यह अधिकार धार्मिक मामलों के प्रबन्ध की स्वतंत्रता भी देता है। ऐसा प्रावधान है कि राज्य धार्मिक संस्थाओं व गैर-धार्मिक संस्थाओं के बीच अनुदान देते समय कोई भेद नहीं करेगा और न ही ऐसा कर लगाएगा जिसकी जमा-पूँजी किसी धर्म विशेष पर खर्च हो।
(iii) सांस्कृतिक व शिक्षा सम्बन्धी अधिकारसांस्कृतिक व शिक्षा सम्बन्धी अधिकार सभी प्रकार के गैर-राजनीतिक अल्पसंख्यकों को यह अधिकार देता है कि
वे अपने संस्कृतिक, लिपि व भाषा आदि को बनाए रखने – में स्वतंत्र हैं तथा राज्य उन संस्थाओं द्वारा चलाई जा रही
शिक्षा संस्थाओं के साथ भेदभाव नहीं करेगा।

प्रश्न 27.
समानता के अधिकार को विस्तार में बताइए।
उत्तर-
भारतीयों को प्राप्त मूल अधिकारों में समानता का अधिकार एक महत्त्वपूर्ण अधिकार है। इसकी मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित है-

  • राज्य सब व्यक्तियों को कानून के समान संरक्षण का आश्वासन देगा। कानून सबके लिए समान होगा।
  • राज्य धर्म जाति, लिंग, जन्म-स्थान आदि के आधार पर नागरिकों में भेदभाव नहीं करेगा अर्थात् किसी भी नागरिक को दुकान, जलपान गृह, होटल, सार्वजनिक मनोरजन के स्थान आदि पर जाने से वंचित नहीं किया जा सकता। प्रत्येक नागरिक कुएँ, तालाब, स्नानघाट आदि का प्रयोग कर सकता है चाहे वह पूर्णतः राज्य के हैं या अंशातः।
  • राज्य के अन्तर्गत नौकरी प्राप्त करते समय सब नागरिकों को समान अवसर दिए जाएंगे। धर्म, जाति, लिंग, निवास या जन्म-स्थान के आधार पर कोई भी भेद नहीं किया जाएगा।
  • भारत में वास्तविक समानता को स्थपित करने के लिए अस्पृश्यता को समाप्त कर दिया गया है तथा इसमें किसी प्रकार का विश्वास रखना कानूनी अपराध समझा जाता है तथा कानून के अनुसार दण्ड दिया जा सकता है।
  • भारत के संविधान में उपाधियाँ तथा सम्मान देने की प्रथा को समाप्त कर दिया गया है तथा इसमें किसी प्रकार का विश्वास नहीं रखा जाता। केवल सैनिक और शिक्षा सम्बन्धी उपादियां दी जाती है। भारत का कोई नागरिक विदेशों से उपधियाँ ग्रहण नहीं कर सकता। यदि कोई व्यक्ति भारतीय है. और भारत राज्य में कार्य करता है, वह भी बिना राष्ट्रपति की अनुमति के विदेशों से उपाधियाँ तथा सम्मान प्राप्त नहीं कर सकता।
  • धर्म, वंश भाषा, जाति के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ विद्यालय में प्रवेश के समय भेदभाव नहीं किया जा सकता यदि यह राजकीय विद्यालय है या राज्य की सहायता से चलाया जाता हैं।
  • परन्तु समानता का अधिकार निरंकुश नहीं है तथा कुछ अवस्थाओं में इस अधिकार का अपवाद किया जा सकता है। उदाहरणतः राज्य स्त्रियों, बच्चों, अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वालों के लिए विशेष कानून बना सकता है।

प्रश्न 28.
स्वतंत्रता के अधिकार में प्राप्त स्वतंत्रताओं का वर्णन कीजिए। इस अधिकार में और कौन-कौन सी व्यवस्थाएं विशेषताएँ हैं?
उत्तर-
स्वतंत्रता के अधिकार (विशेष रूप में अनुच्छेद 19 में) निम्नलिखित स्वतंत्रताएँ प्रदान की गई हैं.

  • भाषण देने तथा विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता।
  • बिना हथियार शान्तिपूर्वक इकटठा होने की स्वतंत्रता।
  • संघ या संस्था बनाने की स्वतंत्रता।
  • भारत में कहीं भी घूमने की स्वतंत्रता।
  • भारत में किसी भी भाग में रहने व बसने की स्वतंत्रता।
  • किसी भी आजीविका, व्यापार या कारोबार करने की स्वतंत्रता।

परन्तु स्वतंत्रता का अधिकार भी निरंकुश नहीं है, बल्कि इस पर भी कुछ बन्धन लगाए गए हैं। भाषण की स्वतंत्रता पर उस समय बन्धन लगाए जा सकते है। जब देश की प्रभुसत्ता या अखण्डता को खतरा उत्पन्न हो जाए, विदेशी सम्बन्धों पर असर पड़े या अशान्ति फैलने की संभावना हो। किसी भी संघ या संस्था की स्वतंत्रता को अशान्ति फैलाने से बचाने के लिए नागरिकों को सारे भारत में घूमने से वंचित किया जा सकता है।
अनुच्छेद 20 से 22 में नागरिकों को और भी स्वतंत्रताएँ दी गई है-

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 लोकतांत्रिक अधिकार

  • किसी भी व्यक्ति को दण्ड नहीं दिया जा सकता है तब तक किया वह अपराध करते समय स्थापित कानून का उल्लंधान नहीं करता।
  • किसी भी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए एक से अधिक बाद दण्ड नहीं दिया जा सकता और न ही किसी व्यक्ति को अपने ही मामले में गवाही के लिए बाध्य किया जा सकता है या कानून में लिखित दण्ड से अधिक दण्ड उसे दिया जा सकता है।
  • किसी भी व्यक्ति को व्यक्तिगत या जीवन की स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता जब तक कि कानून उसे ऐसा करने को न कहे।
  • बंदियों को कुछ सीमाओं में कुछेक अन्य सुविधाएँ प्राप्त हैं।

प्रश्न 29.
शोषण के विरुद्ध अधिकार का विवेचन कीजिए।
उत्तर-
भारतीयों को प्राप्त मूल अधिकारों में एक अधिकार शोषण के विरुद्ध अधिकार है। इसका सम्बन्ध अनुच्छेद 23 व 24 से है। इस अधिकार का वर्णन निम्नलिखित किया जा सकता है।
1. बेगार तथा जबर्दस्ती के लिए गए श्रम का निषेध-धारा 23 के प्रथम उपभाग के अन्तर्गत मानव क्रय-विक्रय की मनाही की गई है। बेगार तथा इसी प्रकार । का कोई भी अन्य जबर्दस्ती से लिया गया श्रम निषिद्ध ठहराया गया है। जो व्यक्ति इस प्रकार का अपराध करता । है उसे कानून-अनुसार दण्ड का पात्र समझा जाएगा।

संविधान में शोषण के विरुद्ध अधिकार इसलिए आवश्यक , समझा गया है कि शताब्दियों से हमारे देश में दासता । किसी-न-किसी रूप में विद्यमान रही है जिसके फलस्वरूप । असंख्य व्यक्ति दासता का जीवन भोगते हुए रह रहे हैं। , बच्चों के भारी कारखानों में कार्य पर निषेध-शोषण । का दूसरा रूप यह भी होता है जबकि छोटी आयु के बच्चों । को भारी कारखानों तथा खानों में कार्य करने पर विवश 1 किया जाता है संविधान की 24वीं धारा द्वारा चौदह वर्ष से . कम आयु वाले किसी बच्चे को कारखानों अथवा अन्य . किसी जोखिम भरे कार्य पर नियुक्ति की मनाही की गई है।

प्रश्न 30.
धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर एक | नोट लिखिए।
उत्तर-
भारतीयों को प्राप्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार से भारत के पंथनिरपेक्ष स्वरूप को स्पष्ट देखा जा सकता है। र इस अधिकार की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  • भारत का प्रत्येक नागरिक किसी भी धर्म का प्रचार च कर सकता है, किसी भी धर्म को मान सकता है या किसी 5 भी धर्म का प्रचार कर सकता है, किसी भी स्वतंत्रता लोकहित के विरुद्ध नहीं होनी चाहिए।
  • प्रत्येक नागरिक को धार्मिक सहायता के उद्देश्य 5 के अन्तर्गत किसी भी संस्था या संगठन को बनाने का अधिकार है। इस उद्देश्य के लिए वह धार्मिक मामलों का प्रबन्ध कर सकता है।
  • राज्य धर्म के आधार पर किसी भी नागरिक को न नौकरी देने से वंचित नहीं कर सकता।
    उक्त लिखित अधिकारों से स्पष्ट होता है कि संविधान र निर्माता भारत को धर्मनिरपेक्ष राज्य बनाना चाहते थे।

प्रश्न 31.
संस्कृति तथा शिक्षा सम्बन्धी अधिकार 7 का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
संविधान के अनुच्छेद 29 से 30 में संस्कृति – तथा शिक्षा सम्बन्धी अधिकारों का वर्णन है जो इस प्रकार है।
(i) अनुच्छेद 29 के अनुसार नागरिकों का कोई वर्ग जो भारत के किसी भी भाग में रहता हो तथा उसकी कोई भी भाषा, लिपि, साहित्य और संस्कृतिक हो वह इसकी
रक्षा का पूर्ण अधिकार रखता है कोई भी राजकीय या अराजकीय संस्था किसी भी नागरिक को जाति, धर्म, लिंग या भाष आदि के भेदभाव के आधार पर प्रवेश के लिए नहीं रोक सकती।
(ii) अनुच्छेद 30 के अनुसार सभी धार्मिक या भाषायी अल्पसंख्यक वर्गो को अपने विद्यालय तथा शिक्षा संस्थान स्थापित करने का अधिकार है तथा राज्य वित्ततीय सहायता देते समय उनमें किसी भी प्रकार को भेदभाव स्थापित नहीं कर सकता।

प्रश्न 32.
संवैधानिक उपचारों के अधिकार से आप क्या समझते हैं? इसके महत्त्व का परीक्षण कीजिए।
उत्तर-
संवधानिक उपचारों का अधिकार एक मूल अधिकार है। इस अधिकार का वर्णन संविधान के अनुच्छेद 32 में किया गया है। यह अधिकार संविधान में दिए गए नागरिकों के मूल अधिकारों को प्रभावी ढंग से लागू कराने का आश्वासन देता है। यदि यह अधिकार न हो, तो अन्य अधिकारों का कोई महत्त्व नहीं रहता।
संवैधानिक उपचारों के अधिकार में निहित भाव निम्नलिखित हैं-

  • नागरिकों को अपने मूल अधिकारों की प्राप्ति के लिए सर्वोच्च न्यायालय की शरण लेने का अधिकार इसी अधिकार से प्राप्त है।
  • यदि कोई व्यक्ति संस्था अथवा राज्य नागरिकों को प्राप्त मूल अधिकारों को छीनने का प्रयास करता है तो नागरिक उच्च न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय में इन अधिकारों की रक्षा हेतु जा सकते हैं। .
    उच्च न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा हेतु प्रलेख/रिट जारी कर सकते हैं। इन प्रलेख रिटों में बन्दी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, निषेधाज्ञा, उत्प्रेषण, अधिकार पृच्छा आदि का उल्लेख किया जा सकता है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 लोकतांत्रिक अधिकार

प्रश्न 38.
गुआंतानामों का उदाहरण देते हुए बताइए कि कैसे कुछ लोगों को उनके मानवीय अधिकारों से वंचित किया गया।
उत्तर-
अमेरिकी फौज ने दुनिया भर के विभिन्न । स्थानों से 600 लोगों को चुपचाप पकड़ लिया। इन लोगों को गुआंतानामों में स्थित एक जेल में डाल दिया। क्यूबा के निकट स्थित इस आपू पर अमेरिकी नौसेना का कब्जा है। अमेरिकी सरकार कहती है कि ये लोग अमेरिका के दुश्मन हैं और न्यूयॉर्क में हुए 11 सितंबर 2001 के हमलों से इनका संबंध है। अनस के पिता जमिल अलबन्ना उन 600 लोगों में एक हैं जिन्हें केवल संदेह के आधार पर पकड़ कर जेल में डाल दिया गया। अधिकांश मामलों में, गिरफ्तार लोगों के देश की सरकार को उनकी गिरफ्तारी और जेल में डालने की सूचना भी नहीं दी गई। इन कैदियों की तरह जमिल के परिवार वालों को भी अखबारों के माध्यम से ही खबर मिली कि उसे भी जेल में रखा गया है। इन कैदियों के परिवारवालों, मीडिया के लोगों और यहाँ तक कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों को भी उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी जाती । अमेरिकी सेना ने उन्हें गिरफ्तार किया, उनसे पूछताछ की और उसी ने फैसला किया कि किसे जेल में डालना है किसे नहीं न तो किसी कभी जज के सामने मुकदमा चला और ना ही ये कैदी अपने देश की अदालतों का दरवाजा खटखटा सके।

एक अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटनेशनल ने गुआतांनामो बे के कैदियों की स्थिति के बारे में सूचनाएँ इकट्ठी की और बताया कि उनके साथ ज्यादती की जा रह रहे हैं।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नलिखित वाक्यों में सही (√) व गलत (x) का चयन करें।

(i) बेगार एक अपराध है तथा कानून की दृष्टि में गैर-कानूनी।
(ii) संविधान ने अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा हेतु कुछ प्रावधान किए हैं।
(iii) संवैधानिक उपचारों का अधिकार एक महत्त्वहीन अधिकार है।
(iv) संविधान ने मूल अधिकारों पर कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया है।
(v) सर्वोच्च न्यायालय नागरिकों के अधिकारों की – रक्षा करता है।
उत्तर-
(i) √,
(ii) √,
(ii) x,
(iv) x,
(v) √,

(i) प्रस्ताव,
(ii) राष्ट्रपति,
(iii) छः,
(iv) स्पीकर,
(v) मंत्रिपरिषद्।

प्रश्न 2. निम्नलिखित वाक्यों में उपयुक्त शब्दों को भरें

(i) लोकतंत्र मात्र………….अवधारणा नहीं हैं।
(ii) समानता के अधिकार……….का प्रयोजन है।
(iii) स्वतंत्रता का अधिकार………..प्रकार की स्वतंत्रताएँ देता है।
(iv) सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा एक……….कर्तव्य है।
(v) संवैधानिक…………..के अधिकार से अधिकारों को संरक्षण मिलता है।
उत्तर-
(i) राजनीतिक,
(ii) समानता,
(iii) छः,
(iv) मौलिक,
(v) उपचारों।

प्रश्न 3. निम्नलिखित विकल्पों में सही विकल्प का चयन करें।

(i) भारतीय संविधान ने नागरिकों को…………. अधिकार दिए हैं।
(a) 5
(b) 6
(c) 7
(d) 8
उत्तर-
(b) 6

(ii) हमारे अधिकारों की रक्षा निम्नलिखित अधिकार द्वारा होती हैं
(a) समानता के अधिकर
(b) स्वतंत्रता के अधिकार
(c) संवैधानिक उपचारों के अधिकार
(d) इनमें किसी अधिकार द्वारा द्वारा नहीं।
उत्तर-
(c) संवैधानिक उपचारों के अधिकार

(iii) समानता के अधिकार में निम्न पहलू है
(a) कानूनी
(b) सामाजिक
(c) राजनीतिक
(d) ये सभी
उत्तर-
(d) ये सभी

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 लोकतांत्रिक अधिकार

(iv) निनिलिखि अधिकार मौलिक अधिकार नहीं हैं
(a) समानता का अधिकार
(b) सम्पत्ति का अधिकार
(c) स्वतंत्रता का अधिकार
(d) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार।
उत्तर-
(b) सम्पत्ति का अधिकार

(v) निम्नलिखित देश में महिलाओं को मताधिकार प्राप्त नहीं हैं
(a) अमेरिका
(b) ब्रिटेन
(c) सऊदी अरब
(d) स्विट्जरलैंड।
उत्तर-
(c) सऊदी अरब

लोकतांत्रिक अधिकार Class 9 HBSE Notes in Hindi

अध्याय का सार

भारत का संविधान भाग तीन में कुछ मूल अधिकारों (जिन्हें मौलिक अधिकार भी कहा जाता है) की व्यवस्था करता है। यह मौलिक अधिकार इसलिए है कि इन अधिकारों की प्राप्ति के फलस्वरूप ही व्यक्ति अपना विकास कर सकता है। इन मौलिक अधिकारों में (1) समानता का अधिकार, (2) स्वतंत्रता का अधिकार, (3) शोषणा के विरुद्ध अधिकार, (4) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, (5) सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बन्धी अधिकार, (6) सवैधानिक उपचारों का अधिकार उल्लेखनीय हैं। 44वें संशोधन से पूर्व भारतीयों को सम्पत्ति का अधिकार प्राप्त था, परन्तु आज यह अधिकार मौलिक अधिकार न होकर ‘साधारण कानून के अंतर्गत एक अधिकार है।

– भारतीय संविधान में दिए गए मौलिक अधिकार निरंकुश नहीं है। इन मौलिक अधिकारों का प्रयोग कुछ एक प्रतिबन्धों (जैसे देश की सुरक्षा, शिष्टाचार, सार्वजनिक काननू व्यवस्था आदि) के दायरे में ही किया जा सकता है भारतीय संसद् को यह अधिकार है कि वह इन मौलिक अधिकारों में संशोधन कर सकती है, परन्तु उच्च न्यायालयों तथा सर्वोच्च न्यायालय की भी यह शक्ति है कि वे ससंद के ऐसे कानूनों को असंवैधानिक घोषित कर दें जो संविधान के प्रतिकूल हों। आपात्काल स्थिति में मौलिक अधिकार निलम्बित किए जा सकते हैं।

संविधान के 42वें संशोधन द्वारा संविधान में भाग चौथा-अ (धारा 51-अ) जोड़ा गया था। इस धारा में उन मौलिक कर्त्तव्यों का वर्णन किया गया है जिनकी पालन की आशा भारतीय नागरिकों से की जाती है। इन मौलिक कर्तव्यों में संविधान, राष्ट्रीय ध्वज, तथा राष्ट्रीय गान का सम्मान, देश की प्रभुसत्ता एकता तथा अखण्डता की रक्षा, देशवासियों में बन्धुत्व की भावना बढ़ाने पर जोर, प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा, सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा आदि उल्लेखनीय है।
संविधान-निर्माताओं ने संविधान की प्रस्तावना द्वारा भारती में एक ऐसे समाज की कल्पना की थी जिसमें सभी नागरिको को न्याय, स्वतंत्रता, समानता, प्राप्त हो सके तथा उनमें बन्धुत्व की भावना बढ़ सके। इस उद्देश्य के लिए संविधान के चौथे भाग में धारा 36 में 51 तक की धाराओं में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का वर्णन किया गया है।

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HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

HBSE 9th Class Economics पालमपुर गाँव की कहानी Textbook Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक प्रश्न-पृष्ठ 3

(i) निम्न सारणी 10 लाख हेक्टेयर की इकाइयों में भारत में कृषि क्षेत्र को दिखाया गया है। सारणी के नीचे दिए गए आरेख में इसे चित्रित करें। आरेख क्या दिखाता है? कक्षा में चर्चा करें।
(ii) क्या सिंचाई के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र को बढ़ाना . आवश्यक है? क्यों?
(iii) आप पालमपुर में पैदा की जाने वाली फसलों के बारे में पढ़ चुके हैं। अपने क्षेत्र में पैदा की जाने वाली फसलों की सूचना के आधार पर निम्न सारणी को भरिए
सारणी: पिछले वर्षों में जुलाई क्षेत्र
HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी 1
HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी 2
उत्तर-
(ii) ज्यों भूमि स्थिर होती है, इसलिए उपलब्ध भूमि से उत्पादन बढ़ाना ज़रूरी हो जाता है। उपज बढ़ाने के लिए जो उपाय अपनाए जा सकते हैं, उनमें सिंचाई को विकसित करना, खाद्य का प्रयोग तथा, बीजों का प्रयोग ज़रूरी है।
(iii) विद्यार्थी स्वयं करें।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

पाठ्य-पुस्तक प्रश्न-पृष्ठ 5

पालमपुर गांव की कहानी पाठ के प्रश्न उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 1.
बहुविधि फसल प्रणाली और खेती की आधुनिक विधियों में क्या अंतर है?
उत्तर-
बहुविधि फसल प्रणाली एवं खेती की आधुनिक विधियों में अंतर निम्नलिखित बताया जा सकता है

बहुविधि फसल प्रणाली

  1. इस प्रणाली में भूमि पर एक वर्ष में एक से अधिक फसल पैदा की जाती है।
  2. एक से अधिक फसले, भले ही उपज कम हो।
  3. उपलब्ध बीज तथ गोबर-खाद्य प्रयोग।

आधुनिक विधियाँ

  1. फसल की संख्या एक भी हो सकती है।
  2. उपज की अधिकता।
  3. सिंचाई, नलकूपों द्वारा, अधिक उपज वाले बीज रसायन उर्वरकों तथा कीटनाशकों का प्रयोग। ।

पालमपुर गाँव की कहानी HBSE 9th Class प्रश्न 2.
सारणी में भारत में हरित क्रांति के बाद गेहूँ और दालों के उत्पादन को करोड़ टन इकाइयों में दिखाया गया है। इसे एक आरेख बनाकर दिखाइए। क्या हरित क्रांति दोनों ही फसलों के लिए समान रूप से सफल सिद्ध हुई?
HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी 3
उत्तर-
हरित क्रांति दोनों प्रकार की फसलों में एक समान सफल नहीं हुई है। गत वर्षों में गेहूँ के उत्पादन में वृद्धि हुई है परंतु दालों के उत्पादन में एक दृष्टि से स्थिरता दिखायी देती है। 1965 से 2001 तक दाल के उपज में
वृद्धि 10 से 11 हुई है जबकि इसी काल में गेहूँ के . उत्पादन में 10 से 70 की वृद्धि हुई है।

पालमपुर गाँव की कहानी के प्रश्न उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 3.
आधुनिक कृषि विधियों को अपनाने के लिए किसान के लिए आवश्यक कार्यशील पूँजी क्या
उत्तर-
आधुनिक कृषि विधियों को अपनाने के लिए किसान के लिए आवश्यक कार्यशील पूँजी इस प्रकार की होती है-अधिक उपज वाले बीज, रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक, नलकूप की सुविधाएँ।

प्रश्न 4.
पहले की तुलना में कृषि की आधुनिक विधियों के लिए किसान को अधिक नकदी की ज़रूरत पड़ती है? क्यों? .
उत्तर-
पहले की अपेक्षा कृषि की आधुनिक विधियों के लिए किसानों को अधिक नकदी की आवश्यकता पड़ती है। इस संदर्भ में मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-

1. रासायनिक उर्वरक, तथ कीटनाशकों का उत्पादन कारखानों में होता है। इनकी खरीद के लिए नकदी की आवश्यकता ओती है।
2. नलकूप आदि के प्रयोजन के लिए धन-पैसे की ज़रूरत पड़ती है।
3. बिजली आदि सुविधाओं की उपलब्धि भी बिना पैसे की नहीं की जा सकती।

पहले इन सभी कारकों का प्रयोग नहीं होता था। किसाना सिंचाई के लिए वर्षा पर तथा खाद्य अदि के लिए
प्राकृतिक खाद्य अर्थात् गोबर आदि पर निर्भर हुआ करते थे जो उन्हें अपने प्रयासों के फलस्वरूप प्राप्त हो पाते थे।

सुझाई गई क्रियाएँ

खेत पर जाने के पश्चात् अपने क्षेत्र के कुछ किसानों से बातें कर यह मालूम कीजिए
1. आधुनिक या परंपरागत या मिश्रित-खेती की इन विधियों में से किसान किसका प्रयोग करते हैं? एक टिप्पणी लिखिए।
2. सिंचाई के क्या स्त्रोत हैं?
3. कृषि भूमि के कितने भाग में सिंचाई होती है? (बहुत कम/लगभग/अधिकांश/समस्त)।
4. किसान अपने लिए आवश्यक आगत कहाँ से प्राप्त करते हैं?
उत्तर-
विद्यार्थी स्वयं करें।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

सुझाई गई क्रिया
अखबारों/पत्रिकाओं से पाठ में दी गई रिपोर्ट पढ़ने के बाद, कृषि मंत्री को यह बताते हुए अपने शब्दों में एक पत्र लिखिए कि कैसे रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग हानिकारक हो सकता है।

….रसायनिक उर्वरक ऐसे खनिज देते हैं, जो पानी में घुल जाते हैं और पौधों की तुरंत उपलब्ध हो जाते हैं। लेकिन, मिट्टी इन्हें लंबे समय तक धारण नहीं कर सकती। वे मिट्टी से निकलकर भौम जल, नदियों और तालाबों को प्रदूषित करते हैं। रासायनिक उर्वरक मिट्टी में उपस्थित जीवाणुओं और सूक्ष्म-अवयवों को नष्ट कर सकते हैं। इसका अर्थ है कि उनके प्रयोग के कुछ समय पश्चात्, मिट्टी वाले की तुलना में कम उपजाऊ रह जाएगी….

(स्रोत : डाउन टू अर्थ, नयी दिल्ली)
देश में रासायनिक खाद्य का सबसे अधिक प्रयोग पंजाब में है। रासायनिक खाद्य के निरंतर प्रयोग ने मिट्टी की गुणवत्ता को कम कर दिया है। पंजाब के किसानों को पहले का उत्पादन स्तर पाने के लिए अब अधिक से अधि क रासायनिक उर्वरकों और अन्य आगतों का प्रयोग करना पड़ता हैं। इसका मतलब है कि वहाँ खेती की लागत बहुत तेज़ी से बढ़ रही है।

(स्रोत : ट ट्रिब्यून, चंडीगढ़)
माननीय कृषि मंत्री
कृषि विभग
नई दिल्ली।

विषय : रासायनिक उर्वरकों के कुप्रभाव
श्रीमान जी,
इस पत्र द्वारा हम आपका ध्यान रासायनिक उर्वरकों के स्वास्थ्य तथा भूमि की गुणवता में कमी पर आकर्षित करना चाहते हैं। किसानों को अपनी प्राप्त भूमि की उपज बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करके फसल में वृद्धि अवश्य हो जाती है। परंतु उससे भूमि, जल तथा लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़त है। इन उर्वरकों के कारण जलका प्रदूषण बढ़ जाता है; भूमि में उपज शक्ति कम हो जाती है। इसके फलस्वरूप समाज के सदस्यों के स्वास्थ्य पर कुप्रभाव तो पड़ता ही है, साथ ही भूमि की उपज पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

आपसे अनुरोध है कि कृषि में इन रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग पर रुकावट लगायी जाए तथा किसानों को उपज बढ़ाने के लिए नए-नए तरीके सुझाए जाएँ।

आशा है कि आपका मंत्रालय शीघ्र ही अनुकूल कदम उठाएगा।

धन्यवाद के साथ,

आपका शुभचिंतक
अ. ब. स.

पाठ्य पुस्तक प्रश्न-पृष्ठ 7

(i) किसानों के इतने अधिक परिवार भूमि के इतने छोटे प्लॉटों क्यों खेतीकरते हैं?
उत्तर-
जनसंख्या में वृद्धि के कारण, भूमि का बराबर वितरण होता रहा है तथा जोतें छोटी होती रही हैं।

(ii) आरेख में भारत में किसानों और उनके द्वारा खेती में प्रयुक्त भूमिका वितरण दिया गया है। इसकी कक्षा में चर्चा करें।
उत्तर-
विद्यार्थी स्वयं करें।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

प्रश्न (iii) चित्र में क्या तुम छोटे किसानों द्वार खेती में प्रयुक्त भूमि को छायांकित कर सकते हो?
उत्तर-
HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी 4

(iv) क्या आप इस बात से सहमत हैं कि पालमपुर में भी ऐसी ही स्थिति है?
उत्तर-
पालमपुर में भूमि की स्थिति कुछ ऐसी है कि इस ग्राम में भूमि का वितरण बराबर नहीं हुआ है। वास्तव में, पूरे भारत में असमान वितरण की स्थिति है। किसानों ” का अधिकांश भाग छोटे-छोटे प्लाटों पर कृषि करते हैं
जबकि किसानों का एक छोटा सा भाग बड़े-बड़े प्लॉटों पर कृषि करता हैं।

पाठ्य पुस्तक प्रश्न-पृष्ठ 9

(i) डाला तथ रामकली जैसे खेतिहर श्रमिक गरीब क्यों हैं? . .
उत्तर-
डाला तथा रामकली जैसे लोग भूमिहीन मज़बूर हैं। यह दूसरे लोगों के खेतों पर मजदूरी करते हैं। कई बार तो ऐसे लोग मज़दूरी के लिए पास-पड़ोस के ग्रामों में भी जाते हैं। परंतु इन्हें सरकार द्वारा निर्धारित मज़दूरी से भी कम मज़दूरी मिलती हैं। यही कारण है कि वे गरीब हैं।

(ii) गोसाईपुर और मझौली उत्तर बिहार के दो गाँव हैं। दोनो गाँवों के कुल 850 परिवारों में 250 से अधिक पुरुष ऐसे हैं, जो पंजाब और हरियाणा के ग्रामीण इलाकों या दिल्ली, मुंबई, सूरत, हैदराबाद या नागपुर में काम कर रहे हैं। इस प्रकार का प्रवास अधि संख्य भारतीय गाँवों में होता है। लोग प्रवास क्यों करते हैं? क्या आप इस बात की व्याख्या (अपनी कल्पना के आधार पर) कर सकते हैं कि गोसाईंपुर और मंझोली के प्रवासी अपने गंतव्यों पर किस तरह का काम करते होंगे?
उत्तर-
गोसाई और मझौली के प्रवासी अपने गंतव्यों पर नौकरी की तलाश में जाते हैं। ऐसे प्रवासी अपना गाँव छोड़ शहरों में आ जाते हैं। ऐसे अनेक उदाहरण मिलते हैं जबकि गरीब राज्यों से लोग मजदूरी की तलाश में अन्य राज्यों में काम के लिए (जैसे-पंजाब, हरियाणा व महाराष्ट्र आदि में) अपने घर छोड़ देते हैं। यह खेतों पर काम करते हैं, घर बनाने के लिए ईंट-रोड़े ढोने के काम करते हैं; दुकानों पर सहायकों के रूप में काम करते हैं।

अब तक की कहानी

हमने उत्पादन के तीन कारकों-भूमि, श्रम और पूँजी तथा खेती में उनके प्रयोग के बारे में पढ़ा अइए अब दिए गए रिक्त स्थानों को भरें-

उत्पादन के तीन कारकों में श्रम उत्पादन का सर्वाधिक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कारक है। ऐसे अनेक लोग हैं, जो गाँवों में खेतिहर मज़दूरों के रूप में काम करने को तैयार हैं, जबकि काम के अवसर सीमित हैं। वे या तो भूमिहीन परिवारों से हैं या……। उन्हें बहुत कम मजूदरी मिलती है और वे एक कठिन जीवन जीते है।

श्रम के विपरीत ……., उत्पादन का एक दुर्लभ कारक है। कृषि भूमि का क्षेत्र …. है। इसके अतिरिक्त उपलब्ध भूमि भी …..(समान/असमान) रूपसे खेती में लगे लोगों में वितरीत है। ऐसे कई छोटे किसान हैं जो भूमि के छोटे टुकड़ों पर खेती करते हैं और जिनकी स्थिति भूमिहीन खेतिहर मज़दरों से बेहतर नहीं है। उपलब्ध भूमि का अधिकतम प्रयोग करने के लिए किसान… और ….. का उपयोग करते हैं। इन दोनों से फसलों के उत्पादन में वृद्धि हुई है।

खेती की आधुनिक विधियों में……की अत्यधिक आवश्यकता होती है। छोटे किसानों को सामान्यतः पूँजी की व्यवस्थ करने के लिए पैसा उधार लेना पड़ता है और कर्ज चुकाने के लिए उन्हें बहुत कष्ट सहने पड़ते हैं इसलिए, विशेष रूप से छोटे किसानों के लिए पूँजी भी उत्पादन का एक दुर्लभ कारक है।

यद्यपि भूमि और पूँजी दोनों दुर्लभ हैं, उत्पादन के इन दोनों कारकों में एक मूल अंतर है।…….प्राकृतिक संसाधन है, जबकि भूमि स्थिर है। इसलिए, यह बहुत आवश्यक है कि हम भूमि और खेती में प्रयुक्त अन्य प्राकृतिक संसाधनों की अच्छी तरह देखभाल करें।
उत्तर-
1. निर्धन,
2. पूँजी,
3. स्थिर,
4. असमान,
5. एच. वाई. वी. बीज,
6. उर्वरकों,
7. पूँजी,
8. भूमि,
9. पूँजी।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

पाठ्य पुस्तक प्रश्न-पृष्ठ 11

वैकल्पिक अभ्यास

हम तीनों किसानों के उदाहरण लेते हैं। प्रत्येक ने अपने खेतों में गेहूँ बोया है, यद्यपि उत्पादन भिन्न-भिन्न है (देखिए स्तंभ 2 ‘दूसरा किसान’)। प्रत्येक किसान के परिवार द्वारा गेहूँ का उपयोग समान है (देखिए स्तंभ 3, ‘तीसरा किसान’)। इस वर्ष के समस्त अधिशेष गेहूँ का उपयोग अगले वर्ष के उत्पादन के लिए पूँजी. के रूप में किय जाता है। यह भी मान लीजिए कि उत्पादन, इसमें प्रयुक्त होने वाली पूँजी का दोगुना होता है।
सारणियों को पूरा करें-

HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी 5

आइए चर्चा करें

(i) तीनों किसानों के गेहूँ के तीनों वर्षों के उत्पादन की तुलना कीजिए।
(ii) तीसरे वर्ष, तीसरे किसान के साथ क्या हुआ? क्या वह उत्पादन जारी रख सकता है? उत्पादन जारी रखने के लिए उसे क्या करना होगा?
उत्तर-
(i) तीनों किसानों के गेहूँ का उत्पादन तीनों वर्षों में भिन्न-भिन्न है। पहले किसानका गेहूँ का उत्पादन प्रतिवर्ष बढ़ा है। दूसरी आरे, दूसरे व तीसरे किसान का गेहूँ का उत्पादन स्थिर रहा है, यद्यपि तीसरे किसान का गेहूँ का उत्पादन दूसरे किसान के उत्पादन की अपेक्षा कम हुआ है। दूसरे व तीसरे किसानों का गेहूँ का उत्पादन दूसरे व तीसर वर्ष हुआ ही नहीं है।
(ii) तीसरे किसान का गेहूँ का उत्पादन हुआ ही नहीं है। ऐसी स्थिति दूसरे किसान की भी है। इन किसानों को कृषि के लिए पूँजी लगानी आवश्यक है, कृषि आधुनिक उपकरणों का प्रयोग ज़रूरी है, तथा उपज बढ़ाने के वाले बीजों के प्रयोग की आवश्यकता है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

पाठ्य पुस्त प्रश्न-पृष्ठ 12

(i) मिश्रीलाल को गुड़ बनाने की उत्पादन इकाई लगाने में कितनी पूँजी की ज़रूरत पड़ी?
(ii) इस कार्य में श्रम कौन उपलब्ध कराता है?
(ii) क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि मिश्रीलाल क्यों अपना लाभ नहीं बढ़ा पा रहा है?
(iv) क्या आप ऐसे करणों के बारे में सोच सकते हैं जिनसे उसे हानि भी हो सकती है। .
(v) क्या मिश्रीलाल अपना गुड़ गाँव में न बेचकर शाहपुर के व्यापारियों को क्यों बेचता है?
(vi) करीम की पूँजी और श्रम किस रूप से मिश्रीलाल की पूँजी और श्रम से भिन्न है?
(vii) इससे पहले किसी और ने कंप्यूटर केंद्र क्यों नहीं शुरू किया? संभवित कारणों की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
(i) उसे गन्ने को पेरने वाली मशीन हेतु पूँजी की ज़रूरत है।
(ii) मिश्रीलाल ने स्वयं तथा उसके परिवार-सदस्यों ने श्रम प्रदन किया।
(iii) मिश्रीलाल इसलिए अपना लाभ नहीं बढ़ा पा रहा था क्योंकि वह छोटे स्तर पर गुड़ बनाता था। साथ ही उसे बाज़ार में गुड़ बिचौलियों के माध्यम से बेचना पड़ता था।
(iv) उसे उस स्थिति में हानि हो सकती थी जबकि दूसरे किसान उसे गन्ना न बेचें अथवा जब गन्ने की फसल फेल हो जाए।
(v) मिश्रीलाल अपना गन्ना निकट गुड़ की मंडी में (शाहपुर में) अपना गुड़ बेचता था।
(vi) करीम की पूँजी और श्रम मिश्रीलाल की पूँजी व श्रम से भिन्न है। मिश्रीलाल की पूँजी उत्पादन करने से संबंधित थी तथा उसका श्रम गन्ने के उत्पादन से जुड़ा था। दूसरी ओर करीम की पूँजी तृतीय प्रकार के व्यवसायों पर लगी है। उसका श्रम भी गाँव के विद्यार्थियों को कंप्यूटर सिखाने से जुड़ा है।
(vii) करीम से पहले गाँव में कंप्यूटर शिक्षा कार्य आरंभ नहीं किया गया। इससे संबंधित कराण निम्नलिखित बताए जा सकते हैं-

(क) लोगों को कंप्यूटर की जानकारी नहीं थी।
(ख) लोग शिक्षित नहीं थे।
(ग) कंप्यूटर सिखाने के लिए अध्यापक पहले गाँव में नहीं थे तथा बाहर से कोई कंप्यूटर सिखाने के लिए गाँव में नहीं आता था।

पाठ्य पुस्तर प्रश्न-पृष्ठ 13

(i) किशोर की स्थायी पूँजी क्या हैं?
(ii) क्या आप सोच सकते हैं कि उसकी कार्यशील पूँजी कितनी होगी?
(iii) किशोर कितनी उत्पादन क्रियाओं में लगा हुआ है?
(iv) क्या आप कह सकते हैं कि किशोर को . पालमपुर की अच्छी सड़कों से लाभ हुआ है?
उत्तर-
(i) किशोर की स्थायी पूँजी उसकी अपनी मेहनत मजदूरी है।
(ii) बैंक से कर्ज पर ली गयी पूँजी, किशोर की कार्यशील पूँजी हैं।
(iii) भैंस का दूध बेचना, भैंसे की गाड़ी बनाकर सामान ढोना, गंगा किनारे से मिट्टी लाकर कुम्हार को देना, गुड़ व अन्य वस्तुओं को शाहपुर मंडी में लाना आदि उसके उत्पादन व अन्य कार्य हैं।
(iv) अच्छी सड़कों के प्रयोजन द्वारा किशोर को समान ढोकर पैसे कमाने हेतु काफ़ी लाभ हुआ है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

पाठ्य पुस्तक प्रश्न-पृष्ठ 14

प्रश्न 1.
भारत में जनगणना के दौरान दस वर्ष में एक बार प्रत्येक गाँव का सर्वेक्षण किया जाता है।
पालमपुर में संबंधित सूचनाओं के आधार पर निम्नतालिका को भरिए
(क) अवस्थिति क्षेत्र
(ख) गाँव का कुल क्षेत्र
(ग) भूमि का उपयेग (हैक्टेयर में)।
HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी 6
(घ) सुविधाएँ
HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी 7

उत्तर-
(क) उत्तर प्रदेश का पश्चिमी भाग।
(ख) 226 हेक्टेयर।
(ग) सिंचाई वाला : 200 हेक्टेयर, बिना-सिंचाई :कोई नहीं।
(ii) पाभिक स्वास्थ्य केंद्र जो सरकार द्वारा चलाया जाता है; एक गैर-सरकारी डिसपैंसरी।
(iii) रायगंज में एक निकट मार्केट।
(iv) अधिकांश घरों में बिजली की व्यवस्था है।
(v) दूरभाष का प्रयोजन है।
(vi) निकट का एक शहर-शाहपुर।

प्रश्न. 2.
खेती की आधुनिक विधियों के लिए ऐसे अधिक आगतों की आवश्यकता होती है, जिन्हें उद्योगों में विनिर्मित किया जाता है, क्य आप सहमत हैं? .
उत्तर-
यह सही है कि कृषि की आधुनिक विधियों के लिए अधिक आगतों की ज़रूरत पड़ती है। उपज बढ़ाने के लिए उपलब्ध नहीं है (निवास स्थानों, सड़को, तालाबों, चरागाहों आदि के क्षेत्र) 26 हेक्टेयर के लिए एच. वाई. वी. बीज कारखानों में तैयार होते हैं। रासायनिक उर्वरक भी कारखानों में उत्पादित किए जाते हैं। सिंचाई के लिए नलकूप का प्रयोजन भे उद्योग द्वारा होता है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

प्रश्न 3.
पालमपुर में बिजली के प्रसार ने किसानों . की किस तरह मदद की?
उत्तर-
पालमपुर में बिजली की व्यवस्थ शीघ्र कर दी गयी थी। इससे किसानों को निम्नलिखित कार्यों में सहायता मिली.

(i) सिंचाई की व्यवस्था में।
(ii) नलकूप का प्रयोजन व प्रचलन किया जाने लगा।
(iii) गाँव के समस्त कृषि-योग्य भूमि के लिए सिंचाई का प्रयोजन होने लगा।

प्रश्न 4.
क्या सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्त्वपूर्ण है? क्यों?
उत्तर-
कृषि के लिए उपलब्ध भूमि तो स्थिर है। अधि क उपज के लिए अन्य तरीकों का प्रयोग अनिवार्य हो जाता है। सिंचाई ऐसा ही एक प्रयोग है। भूमि से अधिक उपज के लिए विकसित सिंचाई ज़रूरी है।

प्रश्न 5.
पालमपुर के 450 परिवारों में भूमि के वितरण की एक सरणी बनाइए।
उत्तर
im

प्रश्न 6.
पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी से कम क्यों है?
उत्तर-
सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी साठ रुपये प्रतिदिन निश्चित की गयी है। पालमपुर एक मजदूर को दिनभर के लिए 35-40 रुपये मिलते हैं। इसका मुख्य करण यह है कि मज़दूरी प्राप्त करने के लिए खेतिहर मजदूरों में परस्पर प्रतियोगिता रहती है।

प्रश्न 7.
अपने क्षेत्र में दे श्रमिकों से बात कीजिए। खेतों में काम करने वले या विनिर्माण कार्य में लगे मज़दरों में से किसी को चुनें। उन्हें कितनी मजदूरी मिलती है? क्या उन्हें नकद पैसा मिलता है या वस्तु-रूप में? क्या उन्हें नियमित रूप से काम मिलता है? क्या वे कर्ज़ में हैं?
उत्तर-
विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 8.
एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाने के लिए अलग-अलग कौन-से तरीके हैं? समझाने वे लिए उदाहरणों का प्रयोग कीजिए।
उत्तर-
खेती करने के प्रायः दो तरीके हैं
एक-इसे बहुविध फसल बनायी जाती है। पालमपुर में, वर्षा ऋतु में, किसान खरीफ का फलवा (जैसे ज्वर
बाज़रा आदि) की उपज करते हैं तथा सर्दी ऋतु (रबी) में गेहूँ की पैदावार करते हैं।
दूसरा-एक अन्य प्रकार की फसल प्रणाली में खेती के लिए नयी विधियाँ अपनायी जाती हैं। इनमें अधिक उपज वाले उपज कले बीजों का प्रयोग, रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों का प्रयोग सम्मिलित हैं। 1960 के दशक में पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऐसी विधियों का प्रयोग करके अधिक फसल का उत्पादन संभव हो पाया
था।

प्रश्न 9.
एक हैक्टेयर भूमि के मालिक किसान के काम का ब्यौरा दीजिए।
उत्तर-
क्योंकि एक हैक्टेयर भूमि के मालिक किसान के पास भूमि का एक छोटा-सा टुकड़ा होता है, उसके लिए उसे अपने खेत से बहुत प्राप्त होने की संभावना नहीं होती। अपनी गुजर-बसर के लिए ऐसा किसान मेहनत-मजदूरी करता है तथ उससे अपना पेट पालता है।

प्रश्न 10.
मझौले और बड़े किसान कृषि से कैसे पूँजी प्राप्त करते हैं? वे छोटे किसानों से कैसे भिन्न हैं?
उत्तर-
मझौले और बड़े किसान कृषि से सारा लाभ उठाते हैं। उनके पास कृषि योग्य भूमि इतनी अधिक होती है कि वे अच्छी फसल पैदा करने में सफल होते हैं। फलस्वरूप वह अपने खर्च निकाल करके भी बचत-पूँजी जमाकर लेते है तथा पूँजी भी अधिक होती है। वह आध निक तरीकों के माध्यम से काफी लाभ उठा पाते है जो छोटे किसानों के लिए संभव नहीं होता।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

प्रश्न 11.
सविता को किन शर्तों पर तेजपाल सिंह से ऋण मिला है? क्या ब्याज की कम दर पर बैंक से कर्ज़ मिलने पर सविता की स्थिति अलग होती? .
उत्तर-
सविता एक छोटे प्रकर की सिान है। उसके पास कृषि के लिए भूमि भी बहुत थोड़ी हैं। उसके पास कार्यशील पूँजी की कमी है। अपना काम चलाने के लिए उसे एक बड़े किसान तेजपाल से ऋण लेना पड़ा। इस संदर्भ में उसे निम्नलिखित शर्ते माननी पड़ी__ (1) ऋण पर ब्याज की दर 24 प्रतिशत थी।
(2) उसे यह ऋण चार महीने के लिए लेना पड़ा था।
(3) फसल कटाई के दिनों उसने तेजपाल के खेत पर 32 रुपये प्रतिदिन मजदूरी करने के लिए भी सहमत होना पड़ता था।
यदि सविता तेजपाल से कर्ज लेने की बजाए बैंक से कर्ज लेती तो उसे न तो इतना अधिक ब्याज देना पड़ता और न ही मज़दूरी करनी पड़ती।

प्रश्न 12.
अपने क्षेत्र के कुद पुराने निवासियों से बात कीजिए और पिछले 30 वर्षों में सिंचाई और उत्पादन के तरीकों में हुए परिवर्तनों पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट लिखिए। (वैकल्पिक)।
उत्तर-
गत 30 वर्षों में सिंचाई व उत्पादन के तरीकों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आए हैं। आज किसान सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर नहीं हैं। आज उसे बिजली की सहायता से सिंचाई हेतु नलकूल लगाने की सुविधा है। इसके अतिरिक्त वह प्राकृतिक खाद्य अर्थात् गाय-गोबर आदि द्वारा कार्य नहीं करता, वह रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कर अधिक उपज कर पाता है; अपनी पादपों के कीटनाशकों से सुरक्षित भी रखता है। अधिक उपज बढ़ाने के लिए आज किसान हाई. वाई. पी. बीजों का प्रयोग भी करता है।

प्रश्न 13.
आपके क्षेत्र में कौन से गैर-कृषि उत्पादन कार्य हो रहे है? इसकी एक संक्षिप्त सूची बनाइए।
उत्तर-
हमारे क्षेत्र में होने वाले गैर-कृषि उत्पादन वर्षों में निम्नलिखित कार्य हो रहे हैं-

  1. छोटी-मोटी दुकानदारी;
  2. लघु स्तर पर उत्पादन;
  3. यातायात, रिक्शा, ऑटो-रिक्शा आदि;
  4. मनोरंजन कार्य।

प्रश्न 14.
गाँवों में और अधिक गैर-कृषि कार्य प्रारंभ करने के लिए क्या किया जा सकता है?
उत्तर-
गाँवों में गैर-कृषि कार्य छोटे-छोटे किसानों के लिए गुजर-बसर हेतु आवश्यक बन गए हैं। ऐसे कार्यों के लिए ऐसे किसानों को ऋण आदि की सुविधाएँ मिलनी चाहिए ताकि वह गैर-कृषि कार्य करके कुछ पूँजी कमा सके। कम ब्याज पर प्राप्त ऋण लेकर ऐसे किसान अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं।

पालमपुर गाँव की कहानी Class 9 HBSE Notes in Hindi

अध्याय का साराश

ग्रामों में प्रायः दो प्रकार के उत्पादकीय कार्य किये जाते हैं-(i) कृषि से संबंधित अर्थात् कृषि-कार्य तथा, गैर-कृषि कार्य। कृषि कार्य में खेती, उपज आदि कार्य सम्मिलित होते हैं जबकि गैर-कृषि कार्यों में जुलाहे, दूध बेचने आदि जैसे कार्य बताए जा सकते हैं। दोनों प्रकार के कार्यों में चार कारकों की आवश्यकता पड़ती है।-भूमि, श्रम, भौतिक पूँजी, मानव-पूँजी। इन्हें उत्पादन के कारक कहा जात है। इन कारकों से वस्तुओं व सेवओं की व्यवस्था की जाती है।

कृषि ग्रामों का एक मुख्य कार्य है। प्रायः किसान जो ग्रामों में रहते हैं, अधिकतम कृषि-कार्य करते हैं। बड़े-बड़े किसानों के पास तो बिजली, पानी, खाद्य आदि की सुविधाएँ होती हैं। वह उनकी सहायता से कृषि कार्य सरलता व सुगमत से कर पाते हैं। मझौले किसान भी ऐसी सुविधाओं के फलस्वरूप कृषि-कार्य कर लेते हैं, परंतु छोटे किसान जिनकी संख्या कुल किसानों का लगभग 80 प्रतिशत है, उनके लिए कृषि-कर्य में काफी बाधाएँ आती हैं। उनके पास भूमि के छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं; उनके पास सिंचाई-सुविधाएँ भी कम होती हैं और बिजली की सुविधाएँ भी न के बराबर होती हैं।

कृषि कार्यों की अपेक्षा गैर-कृषि कार्य कम होते हैं तथा उनमें लगे लोगों की संख्या भी अपेक्षाकृत कम होती है। प्रायः ऐसे लोग निर्धन का जीवन गुजारते हैं। अतः ग्रामों में गैर-कृषि कार्यों की संख्या में वृद्धि की संभावनाएँ बढ़ायी जा रही हैं।

कृषि कार्यों में छोटे किसानों के समक्ष अनेक बाधाएँ हैं। कई बार उन्हें अपने प्रतिफल के बदलें फल नहीं मिलता; अनेकों को ऋण आदि लेकर अपनी गुजर-बसर – करनी पड़ती है। प्रायः ग्रामों में किसानों की स्थिति सुधारने ‘की योजनाओं को कार्यरूप दिया जाने लगा है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

जानने योग्य तथ्य

1. उत्पादन : प्रारंभिक वस्तुओं में मनुष्य के परिश्रम से जो दूसरी वस्तुएँ बनायी जाती हैं, उन्हें उत्पादन कहा जाता है। जैसे-गन्ने से गुड़ बनाना।
2. उत्पादन के कारक : भूमि, श्रम, भौतिक पूँजी, मानव पूँजी।
3. स्थायी पूँजी : औज़ार, मशीनें आदि को स्थायी पूँजी कहा जाता है।
4. कार्यशील पूँजी : कच्चा माल, नकदी, धन आदि को कार्यशील पूँजी कहा जाता है।
5. हेक्टेयर : भूमि मापने की मानक इकाई।
7. रवी : सर्दी में बोई जाने वाली फसल जैसे-गेहूँ।
8. बहुविध फसल प्रणाली : एक वर्ष में जब किसी भूमि पर एक से अधिक फसल पैदा होती है, उसे बहुविधफसल कहते हैं। पालमपुर गाँव में इस प्रणाली को अपनाया जाता है।
9. उपज : भूमि के किसी टुकड़े में एक ही मौसम में पैदा की गयी फसल को उपज कहा जाता है।
10. हरित क्रांति : खाद्यान्नों को बड़ी मात्रा में उपज किया जाना; 1960 के दशक में पंजाब, हरियाणा व भारत के कुछ अन्य राज्यों में हरित क्रांति आयी थी।

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HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

Haryana State Board HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों? Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

HBSE 9th Class Civics लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों? Textbook Questions and Answers

निम्नलिखित विकल्पों में सही विकल्प को तलाशें।

लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों? Class 9 HBSE Civics प्रश्न 1.
यहां चार देशों के बारे में कुछ सूचनाएँ हैं। इन सूचनाओं के आधार पर आप इन देशों का वर्गीकरण किस तरह करेंगे? इनके सामने ‘लोकतांत्रिक’, ‘अलोकतांत्रिक’ और ‘पक्का नहीं’ लिखें।
(क) देश क : जो लोग देश के आधिकारिक धर्म को नहीं मानते उन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं है।
(ख) देश ख : एक ही पार्टी बीत बीस वर्षों से चुनाव जीतती आ रही है।
(ग) देश गः पिछले तीन चुनावों में शासक दल को पराजय का मुहँ देखना पड़ा।
(घ) देश घः यहाँ स्वतंत्र चुनाव आयोग नहीं हैं।
उत्तर-
(क) अलोकतांत्रिक
(ख) लोकतांत्रिक
(ग) लोकतांत्रिक
(घ) अलोकतांत्रिक।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

लोकतंत्र क्या और क्यों Class 9 Question Answer HBSE Civics प्रश्न 2.
यहाँ चार अन्य देशों के बारे में कुछ सूचनाएँ दी गई हैं, इन सूचनाओं के आधार पर इन देशो का वर्गीकरण आप किस तरह करेंगे। इनके आगे ‘लोकतांत्रि’, ‘अलोकतांत्रिक’ और ‘पक्का नहीं लिखे।
(क) देश च : संसद सेना प्रमुख की मंजूरी के बिना सेना के बारे में कोई कानून नहीं बना सकती।
(ख) देश छ : संसद न्यायपालिका के अधिकारों में कटौती का कानून नहीं बना सकती।
(ग) देश ज : देश के नेता बिना पड़ोसी देश की अनुमति के किसी और देश से संधि नहीं कर सकते।
(घ) देश झ : देश के सारे आर्थिक फैसले केंद्रीय बैंक के अधिकारी करते हैं जिसे मंत्री भी नहीं बदल सकते।
उत्तर-
(क) अलोकतांत्रिक
(ख) लोकतांत्रिक
(ग) अलोकतांत्रिक
(घ) लोकतांत्रिक।

लोकतंत्र क्या लोकतंत्र क्यों प्रश्न उत्तर HBSE Civics Class 9 प्रश्न 3.
इनमें से कौन-सा तर्क लोकतंत्र के पक्ष में अच्छा नहीं है और क्यों?
(क) लोकतंत्र में लोग खुद को स्वतंत्र और समान मानते हैं।
(ख) लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ दूसरों की तुलना में टकरावों को ज्यादा अच्छी तरह सुलझाती हैं।
(ग) लोकतांत्रिक सरकारें लोगों के प्रति ज्यादा उत्तरदायी होती हैं।
(घ) लोकतांत्रिक देश दूसरों की तुलना में ज्यादा समृद्ध होते हैं।
उत्तर-
(क) यह लोकतंत्र के पक्ष का तर्क है क्योंकि लोकतंत्र में लोग स्वतंत्र व समान होते हैं।
(ख) यह लोकतंत्र के पक्ष का तर्क है क्योंकि लाकतंत्र बातचीत, वार्ता तथा मत पत्र पर पनपता है जहाँ तनावों को सुलझाया जाता है।
(ग) लोकतांत्रिक सरकार एक उत्तदायी सरकार होती है, यह लोकमत अनुकूल सरकार भी होती है।
(घ) लोकतंत्र में व्यवस्थाएँ सम्पन्न होती हैं। गरीब देशों में लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ कमजोर हाती है। यह तर्क __ भी लोकतंत्र के पक्ष का तर्क हैं।

प्रश्न 4.
इन सभी कथनों में कुछ चीजें, लोकतांत्रिक हैं तो कुछ अलोकतांत्रिक। हर कथन में इन चीजों को अलग-अलग करके लिखें।
(क) एक मंत्री ने कहा कि संसद को कुछ कानून पास करने होंगे जिससे विश्व व्यापार संगठन द्वारा तय नियमों की पुष्टि हो सके।.
(ख) चुनाव आयोग ने एक चुनाव क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान का आदेश दिया जहाँ बड़े पैमाने पर मतदान में गड़बड़ की गई थी।
(ग) संसद में औरतों का प्रतिनिधित्व कभी भी 10 प्रतिशत तक नहीं पहुँचा है। इसी के कारण महिला संगठनों ने संसद में एक-तिहाई आरक्षण की माँग की
उत्तर-
(क) विश्व व्यापार संगठन द्वारा तय नियमों की पुष्टि के लिए संसद को प्रस्ताव पास करना पड़ता है यह लोकतंत्र का एक तत्त्व है ऐसा इसलिए कि भारत विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है।
(ख) यह भी एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है क्योंकि स्वतंत्र चुनाव लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं। यह दायित्व चुनाव आयोग है कि चुनाव स्वतंत्र, निरपेक्ष तथा ईमानदारी से हो।
(ग) यह लोकतांत्रिक तथ्य है। यदि देश की लगभग आधी जनसंख्या 1/3 प्रतिनिधित्व की मांग कर रही हैं तो ऐसी माँग लोकतंत्र के विरुद्ध कैसे हो सकती है।

प्रश्न 5.
लोकतंत्र में अकाल और भुखमरी की संभावना कम होती है। यह तर्क देने का इनमें से कौन-सा कारण सही नहीं है?
(क) विपक्षी दल भूख और भुखमरी की ओर सरकार का ध्यान दिला सकते हैं।
(ख) स्वतंत्र अखबार देश के विभिन्न हिस्सों में अकाल की स्थिति के बारे में खबरें दे सकते हैं।
(ग) सरकार को अगले चुनाव में अपनी पराजय का डर होता है।
(घ) लोगों को कोई भी धर्म मानने और उस पर आचरण करने की स्वतंत्रता है।
उत्तर-
(घ) सही उत्तर-नहीं है। धर्म के अनुसरण की स्वतंत्रता का अधिकार लोकतांत्रिक है, परन्तु इसका अकाल के साथ कोई संबंध नहीं होता।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

प्रश्न 6.
किसी जिले में 40 ऐसे गांव हैं जहाँ सरकार ने पेयजल उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम नहीं किया है। इन गाँवों के लोगों ने एक बैठक की
और अपनी जरूरतों की ओर सरकार का ध्यान दिलाने के लिए कई तरीकों पर विचार किया। इनमें __ से कौन-सा तरीका लोकतांत्रिक नहीं हैं?
(क) अदालत में पानी को अपने जीवन के अधिकार का हिस्सा बताते हुए मुकदमा दायर करना। __ (ख) अलगे चुनाव का बहिष्कार करके सभी पार्टियों को संदेश देना।
(ग) सरकारी नीतियों के खिलाफ जन सभाएँ करना।
(घ) सरकारी अधिकारियों को पानी के लिए रिश्वत देना।
उत्तर-
(क) तरीका लोकतांत्रिक नहीं है। वस्तुतः लोगों को पेयजल उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है। परन्तु इस आपूर्ति के लिए सरकार का अथवा सरकारी अधिकारियों का रिश्वत लेना कदापि लोकतांत्रिक नहीं हैं।

प्रश्न 7.
लोकतंत्र के खिलाफ दिए जाने वाले इन तों का जवाब दीजिए।
(क) सेना देश का सबसे अनशासित और भ्रष्टाचार मुक्त संगठन है। इसलिए सेना को देश का शासन करना चाहिए।
(ख.) बहुमत के शासन का मतलब है मूों और. अशिक्षितों का राज। हमें तो होशियारों के शासन की ज़रूरत है, भले ही उनकी संख्या कम क्यों न हो।
(ग) अगर आध्यात्मिक मामलों में मार्गदर्शन के लिए हमें धर्म-गुरुओं की जरूरत होती है तो उन्हीं को राजनैतिक मामलों में मार्गदशन का काम क्यों नहीं सौंपा जाए। देश पर धर्म-गुरुओं का शासन होना चाहिए।
उत्तर-
(क) सैनिक शासन एक लोकतांत्रिक नियम नहीं है।
(ख) यह सही है कि लोगों का एक बड़ा हिस्सा साक्षर नहीं होता। परन्तु इसका यह अर्थ नहीं है कि बहुमत का शासन लोकतांत्रिक नहीं होता। संसार में बहुमत का शासन एक लोकतांत्रिक प्रयोजन माना गया है।
(ग) देश का शासन धार्मिक नेताओं द्वारा नहीं चलाया जाना चाहिए। धर्म व राजनीति दो अलग तथ्य हैं, उनका क्षेत्र भी अलग-अलग होता है। धर्म व्यक्ति का आन्तरिक मामला होता है तथा राजनीति, बाहरी।

प्रश्न 8.
इनमें से किन कथनों को आप लोकतांत्रिक समझते हैं? क्यों?
(क) बेटी से बाप : मैं शादी के बारे में तुम्हारी राय सुनना नहीं चाहता। हमारे परिवार में बच्चे वहीं शादी करते है। जहाँ माँ-बाप तय कर देते हैं।
(ख) छात्र से शिक्षक : कक्षा में सवाल पूछकर मेरा ध्यान मत बँटाओं।
(ग) अधिकारियों से कर्मचारी : हमारे काम करने के घंटे कानून के अनुसार कम किए जाने चाहिए।
उत्तर-
(क) यह कथन लोकतंत्र के अनुकूल नहीं है। लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के विषय में निर्णय करने का अधिकार होना चाहिए।
(ख)-यह कथन भी लोकतंत्र के अनुरूप नहीं है। विद्यार्थियों को कक्षा के बाहर प्रश्न पूछने की छूट होनी चाहिए।
(ग) यह लोकतंत्र के अनुरूप है। मजदूरों को कानूनों – के अनुसार काम करने का अधिकार हो; उनके काम करने
के घन्टे निश्चित होने चाहिएँ।

प्रश्न 9.
एक देश के बारे में निम्नलिखित तथ्यों पर गौर करें और फैसला करें कि आप इसे लोकतंत्र कहेंगे या नहीं। अपने फैसले के पीछे के तर्क भी बताएँ।
(क) देश के सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार है और चुनाव नियमित रूप से होते हैं।
(ख) देश ने अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से ऋण लिया। ऋण के साथ यह एक शर्त जुड़ी थी कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर अपने खर्चों में कमी करेगी।
(ग) लोग सात से ज्यादा भाषाएँ बोलते हैं, पर शिक्षा का माध्यम सिर्फ एक भाषा है, जिसे देश के 52 फीसदी लोग बोलते हैं। . (घ) सरकारी नीतियों का विरोध करने के लिए अनेक संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन करने और देश भर में हड़ताल करने का आह्वान किया है। सरकार ने उनके नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
(ङ) देश के रेडियो और टेलीविजन चैनल सरकारी हैं। सरकारी नीतियों और विरोध के बारे में खबर छापने के लिए अखबारों को सरकार से अनुमति लेनी होती है।
उत्तर-
(क) यह लोकतांत्रिक है। लोकतंत्र में नागरिकों को सरकार बनाने का अधिकार होता है। इस कारण उनके पास मत का अधिकार भी होता है। जिसका वे चुनावों के दौरान प्रयोग भी करते हैं ।
(ख)-यह लोकतांत्रिक नहीं है। विदेशी ताकत द्वारा नियंत्रण अपने आप में लोकतंत्र के विरुद्ध तत्त्व होता है।
(ग)-यह लोकतांत्रिक नहीं है। जो जिस भाषा को जानते नहीं हैं, उन पर वह भाषा थोपी नहीं जानी चाहिए। शिक्षा प्रचार उस भाषा में हो जिसे लोग स्वयं जानते हों।
(घ) हड़तालें तथा शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकारों का हिस्सा होते हैं। सरकार की आलोचना लोकतंत्र के विरुद्ध नहीं होता।
(ङ)-यह लोकतांत्रिक. नहीं है। लोकतंत्र में प्रेस स्वतंत्र होती है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

प्रश्न 10.
अमेरिका के बारे में 2004 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार वहाँ के समाज में असमानता बढ़ती जा रही है। आमदनी की असमानता लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विभिन्न वर्गों की भागीदारी घटने-बढ़ने के रूप में भी सामने आई। इन समूहों की सरकार के फैसलों पर असर डालने की क्षमता भी इससे प्रभावित हुई है। इन रिपोर्ट की मुख्य बातें थीं
सन् 2004 में एक औसत अश्वेत परिवार की आमदनी 100 डालर थी जबकि गोरे परिवार की आमदनी 162 डालर। औसत गोरे परिवार के पास अश्वेत परिवार से 12 गुना ज्यादा संपत्ति थी।
राष्ट्रपति चुनाव में 75,000 डालर से ज्यादा आमदनी वाले परिवारों के प्रत्येक 10 में से 9 लोगों ने वोट डाले थे। यही लोग आमदनी के हिसाब से सामज के ऊपरी 20 फीसदी में आते हैं। दूसरी ओर 15,000 डालर से कम आमदनी वाले परिवारों के प्रत्येक 10 में से सिर्फ 5 लोगों ने ही वोट डाले। आमदनी के हिसाब से ये लोग सबसे निचले 20 फीसदी हिस्से में आते है। जब गरीब लोग राजनीति में कम भागीदारी करते हैं तो सरकार भी उनकी चिंताओं पर कम ध्यान देती है गरीबी दूर करना, रोजगार देना, उनके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास की व्यवस्था करने पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना दिया जाना चाहिए। राजनेता अकसर अमीरों और व्यापारियों की चिंताओं पर ही नियमित रूप से गौर करते हैं।
इस रिपोर्ट की सूचनाओं को आधार बनाकर और भारत के उदाहरण देते हुए ‘लोकतंत्र और गरीबी’ पर एक लेख लिखें।
उत्तर-
लोकतंत्र तथा गरीबी साथ-साथ नहीं चलते। जहाँ गरीबी होती है, वहाँ कुछ अमीरों के बीच कुछ अधिक गरीब होते हैं। ऐसी स्थिति लोकतंत्र को क्षति पहुँचाती है। क्योंकि अमीरों का अर्थव्यवस्था में कुछ-न-कुछ दाँव पर होता है, इसलिए वे राजनीति पर नियंत्रण रखते हैं। अमीर राजनीतिक दलों की सहायता करते हैं, उन्हें धन देते हैं, चुनावों में कुछ उम्मीदवारों की वित्तीय सहायता करते हैं ताकि वे चुनाव जीत जाएँ और वे उनके माध्यम से अपना कुछ फायदा उठा सकें। ऐसी गतिविधियों से असमानता बढ़ती है। सभी चुनाव-व्यवस्थाओं में ऐसी ही स्थिति पैदा हो जाती है तथा ऐसी ही गतिविधियाँ होती हैं। भारत में भी ऐसा ही कुछ होता है।

HBSE 9th Class Civics लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों? Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
आयेंदे की सरकार किन गतिविधियों के प्रति प्रतिबद्ध थी?
उत्तर-
लोगों के हितों की पूर्ति जैसी गतिविधियों के प्रति प्रतिबद्ध थी।

प्रश्न 2.
पोलैण्ड में वालेशा सरकार किन गतिविधियों के लिए प्रतिबद्ध थी?
उत्तर-
ऐसी गतिविधियों के लिए प्रतिबद्ध थी कि सरकार को कम-से-कम हस्तक्षेप करना पड़े।

प्रश्न 3.
हमें परिभाषा की जरूरत क्यों पड़ती है?
उत्तर-
परिभाषा हमें किसी अमुक तथ्य को समझने व समझाने की सहायता करती है।

प्रश्न 4.
लोकतंत्र किस प्रकार की सरकार होती
उत्तर-
ऐसी सरकार जहाँ शासित अपने शासकों का चुनाव करते हैं।

प्रश्न 5.
लोकतंत्र की किसी एक शर्त का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
चुनाव लोकतंत्र की एक शर्त है। बिना चुनावों के लोकतंत्र का संचालन नहीं हो सकता।

प्रश्न 6.
क्या राजतंत्र में, जहाँ सम्राट, सर्वशक्तिमान होता है, चुनाव होते हैं?
उत्तर-
निरंकुश राजतंत्र में चुनाव नहीं होते।

प्रश्न 7.
जहाँ बन्दूक द्वारा शासन होता है, क्या वहां सेना चुनाव की अनुमति देती है?
उत्तर-
सेना के शासन में चुनाव नहीं होते। जनरल अपने शासन को वैध बनाने हेतु चुनावों का दिखावा कर सकता है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

प्रश्न 8.
लोकतंत्र का डेमोक्रेसी शब्द किस भाषा से निकला है?
उत्तर-
यूनानी भाषा : डेमोस अर्थात् लोग, क्रेशिया अर्थात् शासन, डेमोक्रेसी अर्थात् लोगों का शासन। .

प्रश्न 9.
अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र की परिभाषा कैसे की थी?
उत्तर-
लोगों का शासन, लोगों द्वारा तथा लोगों के लिए।

प्रश्न 10.
क्या मात्र चुनाव कराना लोकतंत्र होने का आश्वासन होता है?
उत्तर-
नहीं। पुर्तगाल के तानाशाह चुनाव आदि कराया करते थे तथा उससे कुछ पहले लोकतांत्रिक छूट भी दे देते थे। परन्तु उसके बाद सभी स्वतंत्रताएँ व अधिकार छीन लेते थे। यह कैसा लोकतंत्र था? .

प्रश्न 11.
चुनाव को चुनाव कहा जाए, इसके लिए क्या-क्या आवश्यक होता है? .
उत्तर-
स्वतंत्र व स्वस्थ चुनाव।

प्रश्न 12.
राजनीतिक स्वतंत्रता क्या होती है?
उत्तर-
लोगों को अपने विचार व्यक्त करने की छूट।

प्रश्न 13.
वहाँ लोकतंत्र कैसे हो सकता है जहाँ राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं होती। समझाइए।
उत्तर-
जहाँ राजनीतिक रूप से लागों को अपने विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता नहीं होती, जहाँ राजनीतिक नेताओं को बंदी बनाकर घर में नज़र बंद रखा जाता है, वहाँ लोकतंत्र कैसे पनप सकता हैं।

प्रश्न 14.
लोकतंत्र के कुछेक आयामों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
विधि का शासन, नागरिक स्वतंत्रताएँ, अल्पमतों के हितों की सुरक्षा, बहुमत के अत्याचार से बचाव आदि-आदि।

प्रश्न 15.
निर्वाचित प्रतिनिधियों के कोई दो कार्य बताइए।
उत्तर-

  1. कानून बनाना,
  2. सरकार की नीतियों का निर्माण करना।

प्रश्न 16.
सार्वजनिक मताधिकार से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
सभी वयस्कों को, बिना किसी प्रकार के भेदभाव के, मताधिकार की प्राप्ति को सार्वजनिक मताधिकार कहा जाता है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

प्रश्न 17.
किसी देश को लोकतंत्र कहने के लिए किसी एक विशेषता का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
ऐसे देश में सार्वजनिक मताधिकार का प्रयोजन होना चाहिए।

प्रश्न 18.
प्रत्यक्ष लोकतंत्र किसे कहते हैं?
उत्तर-
जहाँ मतदाता स्वयं अपना शासन करते हों, उसे प्रत्यक्ष लोकतंत्र कहा जाता है।

प्रश्न 19.
आजकल प्रत्यक्ष लोकतंत्र व्यवहारिक क्यों नहीं है? कोई दो कारण बताइए।
उत्तर-

  1. आज देशों की जनसंख्या लाखों, करोड़ों में हैं।
  2. आज देशों का आकार लाखों वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है। प्रत्यक्ष लोकतंत्र तो छोटे-छोटे आकार व कम जनसंख्या वाले देशों में लागू हो सकता है।

प्रश्न 20.
प्रतिनिध्यात्मक लोकतंत्र किसे कहते हैं?
उत्तर-
जहाँ प्रतिनिधियों द्वारा शासन करने का प्रयोजन हो। आज प्रायः सभी लोकतांत्रिक देशों में प्रतिनिध्यात्मक शासन प्रणाली है।

प्रश्न 21.
जनमत संग्रह का अर्थ बताइए।
उत्तर-
जनता की राय लेना जनमत संग्रह होता है। किसी पास किए प्रस्ताव पर लोगों की राय को जनमत कहते हैं।

प्रश्न 22.
उन कुछ देशों का नाम दीजिए। जहाँ जनमत लागू हैं? ..
उत्तर-
स्विटजरलैंड, फ्रांस, डेनमार्क, न्यूजीलैण्ड।।

प्रश्न 23.
ऐसा क्यों होता है कि तानाशाही में लोकतंत्र की अपेक्षा गलत निर्णय लिये जाते हैं?
उत्तर-
तानाशाही में निर्णय-निर्माण में लोगों को शमिल नहीं किया जाता। यही कारण है कि ऐसी परिस्थिति में निर्णय, गलत लिए जा सकते हैं।

प्रश्न 24.
लोकतंत्र में सरकारें लोकमत अनुकूल क्यों होती हैं?
उत्तर-
लोकतंत्र में लोकमत के आधार पर सरकारें काम करती हैं। जो सरकार लोकमत को अनदेखा करती है, वह बहुत दिन तक टिक नहीं पातीं।

प्रश्न 25:
क्या लोकतंत्रीय सरकार को लोगों में विचारों के भेदों को दबा देना चाहिए?
उत्तर-
लोकतंत्रीय सरकार वार्ता, विचार-विमर्श तथा बातचीत पर आधारित सरकार होती है। ऐसी सरकार भिन्न-भिन्न विचारों को दबाती नहीं हैं, अपितु उनमें सामंजस्य पैदा करती है।

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प्रश्न 26.
लोकतांत्रिक सरकारों की मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-

  • स्वतंत्र व सामयिक चुनावों का प्रयोजन।
  • शासकों का मतदाताओं द्वारा चुना जाना।
  • लोगों के पास नागरिक व राजनीतिक स्वतंत्रताओं का होना।
  • विधि का शासन, विकेंद्रीकरण, स्वतंत्र प्रेस, सार्वजनिक वयस्क मताधिकार।
  • लोकमत अनुकूल सरकार।
  • उत्तरदायी सरकार जो संसद के प्रति तथा संसद मतदाताओं के प्रति उत्तरदायी हो। .

प्रश्न 27.
गैर-लोकतांत्रिक सरकारों की मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-

  • चुनावों का प्रयोजन नहीं होता अथवा मात्र दिखावे के चुनाव होते हैं।
  • लोगों के पास अधिकार व स्वतंत्रताएँ नहीं होती अथवा उनका उन्हें आश्वासन प्राप्त नहीं होता।
  • शासन शक्ति एक नेता, एक दल आदि के पास होती है।
  • सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी नहीं होती।
  • शासक शासितों द्वारा नहीं चुने जाते, चुनावे स्वतंत्र होते ही नहीं हैं।
  • सरकार लोगों के लोकमत अनुकूल नहीं होती।
  • शासन शक्तियाँ केंद्रित रहती हैं।

प्रश्न 28.
लोकतंत्र का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
लोकतंत्र शासन का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों को चुनाव लोगों द्वारा होता है। इसी कसौटी पर लोकतंत्र व गैर-लोकतंत्र में भेद किया जा सकता है। चिले की आयेंदे की सरकार चुनावों के आधार पर गठित हुई थी। जनरल पिनोशे कोई निर्वाचित चिले का राष्ट्रपति नहीं था। पोलैण्ड में साम्यवादी-एकदलीय सरकार में चुनाव दिखावे मात्र होते थे। बाद में वालेशा की सरकार लोगों के मतों के आधार पर बनायी गयी थी।

प्रश्न 29.
लोकतांत्रिक सरकार की किन्हीं चार अनिवार्यताओं का वर्णन करें।
उत्तर-

  • जनता शासकों का चुनाव करे।
  • शासकों को कानून बनाने व निर्णय लेने के . अधिकार हों।
  • चुनाव स्वतंत्र व सामयिक हों।
  • लोकतंत्र की सरकार किन्हीं नियमों में रहकर ही शासन करती हैं, संवैधानिक रूप से बनती है तथा संवैधानिक दायित्व निभाती हैं।

प्रश्न 30.
रिबियांग स्कूल से घर गई और उसने लोकतंत्र के बारे में कुछ अन्य प्रसिद्ध व्यक्तियों के कथनों को जमा किया। इस बार उसने इस उक्तियों को कहने या लिखने वाले के नाम का उपयोग नहीं किया। वह चाहती है कि आप भी इन्हें पढ़ें और बताएं कि ये उक्तियाँ कितनी अच्छी या उपयोगी हैं?
(क) लोकतंत्र हर व्यक्ति को अपना शोषक आप बन जाने का अधिकार देता है।
(ख) लोकतंत्र का मतलब है अपने तानाशाहों का चुनाव.करना पर उनके मुँह से अपनी इच्छा की बातें सुनने के बाद।
(ग) व्यक्ति की न्यायप्रियता लोकतंत्र को संभव – बनाती है लेकिन अन्याय के प्रति व्यक्ति का रुझान लोकतंत्र को जरूरी बनाता है।
(घ) लोकतंत्र शासन का ऐसा तरीका है जो सुनिश्चित करता है कि हम जैसी सरकार के लायक हैं वैसी सरकार ही हम पर शासन करे।
(ङ) लोकतंत्र की सारी बुराइयों को और अधिक लोकतंत्र से ही दूर किया जा सकता है।
उत्तर-
(क) यह कोई लाभ युक्त विचार नहीं हैं।
(ख) यह सही विचार नहीं है।
(ग) यह सही विचार है।
(घ) यह सही विचार है जहाँ तक यह तथ्य हो कि सरकार वह अच्छी होती है जो हमारे लिए काम करती है।
(ङ) यह सही विचार है।

प्रश्न 31.
विधि के शासन का अर्थ बताइए।
उत्तर-
विधि के शासन का अर्थ यह है कि देश में कानूनों का शासन होना चाहिए, न कि व्यक्तियों की मनमर्जी का। जहाँ व्यक्तियों की अपनी इच्छाओं का शासन होता है, वहाँ मनमानेपन के संकेत मिलते हैं, तानाशाही पनपती है और यह सब लोकतंत्र नहीं होता। विधि का शासन ही लोकतांत्रिक होता है। कानून सबके लिए समान होते हैं तथा कानून भेदभाव नहीं करता।

प्रश्न 32.
राजनीति पर आर्थिक विषमताओं का क्या बुरा प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-

  • आर्थिक विषमताओं से गरीब-अमीर में भेद बढ़ता है तथा राजनीति अमीरों के पक्ष में काम करती हैं।
  • आर्थिक विषमताएँ राजनीतिक लोकतंत्र की स्थापना करके धन तंत्र को प्रोत्साहन देती हैं।
  • आर्थिक विषमताओं के दायरे में सरकार, नेता, कर्मचारी अमीरों की ओर अधिक ध्यान देते हैं। ये राजनीतिक भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देती हैं।
  • आर्थिक विषमताएँ लोकतंत्र व राजनीति दोनों को भ्रष्ट कर देती हैं। .

प्रश्न 33.
प्रतिनिध्यात्मक सरकार की कोई चार विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-

  • प्रतिनित्यात्मक सरकार में जनता अपना शासन अपने द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा करती हैं।
  • ऐसी सरकार चुनावों द्वारा बनती है। चुनाव प्रणालर की स्वतंत्रता प्रतिनिध्यात्मक सरकार को बल प्रदान करती है।
  • प्रतिनिधित्मक सरकार लोगों द्वारा नती है तथा लोगों के प्रति उत्तरदायी रहती है।
  • प्रतिनिधित्मक सरकार लोकमत का मान-सम्मान करती है तथा जनता के लिए काम करती है।

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प्रश्न 34.
लोकतांत्रिक सरकार में नागरिकों को प्राप्त किन्हीं चार अधिकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-

  • लोगों को मताधिकार प्राप्त होते हैं: मतदाता अपनी इच्छा से अपने मताधिकार का प्रयोग करते
  • लोगों को मत प्रयोग के लिए विचार रखने व विचारों की अभिन्यक्ति का अधिकार होता है।
  • लोग राजनीतिक संस्थाओं के लिए होने वाले चुनावों में भाग ले सकते हैं तथा स्वयं चुनाव लड़ने का अधिकार भी रखते हैं। वह अपने शासकों को पद मुक्त भी कर सकते हैं।
  • लोगों के पास किसी भी सार्वजनिक पद को प्राप्त करने का अधिकार होता है।

प्रश्न 35.
निम्नलिखित अधिकारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
(i) सचना प्राप्ति का अधिकार (ii) संघ-समुदाय बनाने का अधिकार।
उत्तर-
(i) नागरिकों को राजनीतिक मामलों में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार होता है। वे सार्वजनिक नीतियों की कोई सूचना प्राप्त कर सकते हैं।
(ii) संघ-समुदाय बनाने के अधिकार का अर्थ है कि लोग अपने हितों को बनाने, व्यवस्थित करने तथा अभिव्यक्ति करने हेतु संघ-समुदाय बना सकते हैं।
भारत में लोगों को सूचना प्राप्ति तथा संघ-समुदायों के अधिकार प्राप्त हैं।

प्रश्न 36.
राजनीतिक स्वतंत्रता का क्या अर्थ है? लोकतंत्र के संचालन में यह स्वतंत्रता कैसे सहायता करती है?
उत्तर-
राजनीतिक स्वतंत्रता का अर्थ है वह स्वतंत्रता जिसके माध्यम से लोग लोकतांत्रिक व्यवस्था के संचालन में अपने विचारों को बना सकते हों तथा उनकी अभिव्यक्ति कर सकते हों। इस स्वतंत्रता के अंतर्गत विचार रखने, बनाने व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रताएँ सम्मिलित की जा सकती हैं। जहाँ राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं होती, वहाँ लोकतंत्र की सफलता की सम्भावनाएँ कम हो जाती हैं।

प्रश्न 37.
जनरल परवेज मुशर्रफ के पाकिस्तान में सत्ता सम्भालने के बाद उस देश में हुई राजनीतिक गतिविधियों का ब्यौरा दीजिए।
उत्तर-
1999 में पाकिस्तान के जनरल मुशर्रफ ने लोकतांत्रिक ढ़ग से चुनी सरकार को उखाड़ फेंका और खुद को देश का ‘मुख्य कार्यकारी’ घोषित किया। बाद में उन्होंने खुद को राष्ट्रपति घोषित किया और 2002 में एक जनमत संग्रह कराके अपना कार्यकाल पाँच साल के लिए बढ़वा लिया। पाकिस्तानी मीडिया, मानवाधिकार संगठनों और लोकतंत्र के लिए काम करने वालों ने आरोप लगाया कि जनमत संग्रह एक धोखाधड़ी है और इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियाँ की गई हैं। अगस्त 2002 में उन्होंने ‘लीगल फ्रेमवर्क आर्डर’ के जरिए पाकिस्तान के संविधान को बदल डाला। इस आर्डर के अनुसार राष्ट्रपति, राष्ट्रीय और प्रांतीय असेंबलियों को भंग कर सकता है। मंत्रिपरिषद् के कामकाज पर एक राष्ट्रीय और प्रांतीय असेंबलियों को भंग कर सकता है। मंत्रिपरिषद् के कामकाज पर एक राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् की निगरानी रहती है जिसके ज्यादतर सदस्य फौजी अधिकारी हैं। इस कानून के पास हो जाने के बाद राष्ट्रीय और प्रांतीय असेंबलियों के लिए चुनाव कराए गए। इस प्रकार पाकिस्तान में चुनाव भी हुए, चुने हुए प्रतिनिधियों को कुछ अधिकार भी मिले लेकिन सर्वोच्च सत्ता सेना के अधिकारियों और जनरल मुशर्रफ के पास है।

स्पष्ट है कि जनरल मुशर्रफ के शासन वाले पाकिस्तान को लोकतंत्र न कहने के अनेक ठोस कारण हैं। एक मुख्य कारण यह है सत्ता फौजी लोगों के हाथ में है। जो चुने हुए लोग हैं, वह निर्णय नहीं कर सकते। ऐसा अनेक तानाशाही व राजशाही व्यवस्थाओं में होता है। औपचारिक रूप से चुनाव होते हैं परन्तु सत्ता चुने हुए लोगों के हाथों में नहीं होती और न ही उन्हें शासकीय निर्णय लने के अधिकार होते हैं।

प्रश्न 38.
उदाहरण देकर बताइए कि एक-दलीय व्यवस्था में लोकतंत्र कैसे स्थापित हो सकता है। चीन के संदर्भ में इस तथ्य की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
चीन की संसद के कवांगुओं रेममिन दाइवियाओ दाहुई (राष्ट्रीय जन संसद) कहते हैं। चीन की संसद के लिए प्रति पाँच वर्ष बाद नियमित रूप से चुनाव होते हैं। इस संसद को देश का राष्ट्रपति नियुक्त करने का अधिकार है।
इसमें पूरे चीन से करीब 3000 सदस्य आते हैं। कुछ सदस्यों का चुनाव सेना भी करती है। चुनाव लड़ने से पहले सभी उम्मीदवारों को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से मंजूरी लेनी होती है। 2002-03 में हुए चुनावों में सिर्फ कम्युनिस्ट पार्टी और उससे संबद्ध कुछ छोटी पार्टियों के सदस्यों को ही चुनाव लड़ने की अनुमति मिली। सरकार सदा कम्युनिस्ट पार्टी की ही बनती है।

चीन के संदर्भ में यह कहा जा सकता है कि वहाँ एक दल का शासन है जो लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध होता है। चुनावों में दूसरे दल के लोगों को चुनाव लड़ने के लिए वहाँ के साम्यवादी दल से अनुमति लेनी पड़ती है। चीन की संसद के 3000 के करीब सदस्य हैं, परन्तु उसकी बैठकें बहुत कम होती हैं। प्रशासन का समस्त काम स्थायी समिति द्वारा होता है जिसके पास शक्तियाँ केंद्रित होती हैं।

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प्रश्न 39.
मैक्सिको की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए वहाँ के लोकतांत्रिक अनुभव का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
1930 में आजाद होने के बाद में मैक्सिको में हर छः वर्ष बाद राष्ट्रपति चुनने के लिए चुनाव कराए जाते हैं। देश में कभी भी फौजी शासन या तानाशाही नहीं आई। लेकिन सन् 2000 तक हर चुनाव में पीआरआई (इंस्टीट्यूशनल रिवोल्यूशनरी पार्टी) नाम की एक पार्टी को ही जीत मिलती थी। विपक्षी दल चुनाव में हिस्सा ले लेते थे पर कभी भी उन्हें जीत हासिल नहीं होती थी। विपक्षी दल चुनाव में हिस्सा ले लेते थे पर कभी भी उन्हें जीत हासिल नहीं होती थी। चुनाव में तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर हर हाल में जीत हासिल करने के लिए पीआरआई कुख्यात थी। सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले सभी लोगों के लिए पार्टी की बैठकों में जाना अनिवार्य था। सरकारी स्कूलों के अध्यापक अपने छात्र-छात्राओं के माँ-बाप से पीआरआई के लिए वोट देने को कहते थे। मीडिया भी जब-तब विपक्षी दलों की आलोचना करने के अलावा उनकी गतिविधियों को नजरअंदाज ही करती थी। कई बार एकदम अंतिम क्षणों में मतदान केंद्रों को एक जगह से हटाकर दूसरी जगह कर दिया जाता था जिससे अनेक लोग वोट ही नहीं डाल पाते थे। पीआरआई अपने उम्मीदवारों के चुनाव अभियान पर काफी पैसे खर्च करती थी।

मैक्सिको में स्वतंत्र व निरपेक्ष चुनाव नहीं होते, स्वतंत्र चुनावों का वातावरण भी नहीं होता। वहाँ का सत्ता रूढ़ दल, इंटरनेशनल रैवुल्युशनटी पार्टी, सरकार व समाज के सभी संस्थाओं पर नियंत्रण करता है। ये तथ्य स्पष्ट करते हैं कि मैक्सिको में लोकतंत्र सही रूप का नहीं है। लोकतंत्र निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों पर आधारित होना चाहिए ताकि सत्ता में बैठे लोगों के लिए जीत-हार के समान अवसर हों।

प्रश्न 40.
जिंबाब्वे के उदाहरण से लोकतंत्र से सम्बन्धित क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर-
जिंबाब्वे को 1980 में अल्पसंख्यक गोरों के शासन से मुक्ति मिली। उसके बाद देश पर जानु-पीएफ दल का राज है जिसने देश के स्वतंत्रता-संघर्ष की अगुवाई की थी। इसके नेता राबर्ट मुगाबे आजादी के बाद से ही शासन कर रहे हैं। चुनाव नियमित रूप से होते हैं और सदा जानु-पीएफ दल ही जीतता है। राष्ट्रपति मुगाबे कम. लोकप्रिय नहीं हैं पर वे चुनाव में गलत तरीके भी अपनाते हैं। आजादी के बाद से उनकी सरकार ने कई बार संविधान में बदलाव करके राष्ट्रपति के अधिकारों में वृद्धि की है और उसकी जवाबदेही को कम किया है। विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को परेशान किया जाता है और उनकी सभाओं में गड़बड़ कराई जाती है। सरकार ने विरोधी प्रदर्शनों और आंदोलनों को गैर-कानूनी घोषित कर दिया गया है। एक ऐसा कानून भी है जो राष्ट्रपति की आलोचना के अधिकार को सीमित करता है। टेलीविजन और रेडियो पर सरकारी नियंत्रण है और उन पर सिर्फ शासक दल के विचार ही आते हैं। अखबार स्वतंत्र हैं पर सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों को परेशान किया जाता है। सरकार ने कुछ ऐसे अदालती फैसलों की परवाह नहीं की जो उसके खिलाफ जाते थे और उसने जजों पर दबाव भी डाला। .. जिंबाब्वे के उदाहरण से निम्नलिखित स्पष्ट हो जाता

  • शासकों के लिए बार-बार जनादेश पाना एक आवश्यकता है, परन्तु यही मात्र पर्याप्त नहीं है।
  • लोकप्रिय नेता भी अलोकतांत्रिक हो सकते हैं। (3) लोकप्रिय नेता भी तानाशाह हो सकते है।
  • चुनावों से पहले सभी दलों द्वारा लोकमत बनाने के लिए गतिविधियाँ होनी चाहिएँ।
  • चुनावों से पहले नागरिक स्वतंत्रताओं व अधिकारों का वातावरण बनाया जाना चाहिए।

प्रश्न 41.
“चुनावों से पहले तथा चुनावों के बाद भी कुछेक लोकतांत्रिक मूल्यों का ध्यान में रखा जाना चाहिए।” इस तथ्य पर चर्चा कीजिए।
उत्तर-
लोकतंत्र का सम्बन्ध मात्र चुनावों से नहीं है। सरकार को चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष कराने चाहिए। साथ ही, सरकार नागरिकों के कुछ बुनियादी अधिकारों का आदर करें। उनको सोचने की, अपनी राय बनाने की, सार्वजनिक रूप से अपने विचार व्यक्त करने की, संगठन बनाने की, विरोध करने और अन्य राजनैतिक गतिविधियाँ करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। कानून की नजर में सभी लोगों की समानता होनी चाहिए। इन अधिकारों की रक्षा स्वतंत्र न्यायपालिका को करनी चाहिए जिसके आदेशों का पालन सब लोग करते हों। . इसी प्रकार कुछ दूसरी शर्ते हैं जो चुनाव के बाद सरकार चलाने के तौर-तरीकों पर लागू होती हैं। एक लोकतांत्रिक सरकार सिर्फ इस कारण से मनमानी नहीं कर सकती कि उसने चुनाव जीतना है। उसे भी कुछ बुनियादी तौर-तरीकों का पालन करना होता है। खास तौर से उसे अल्पमत वाले समूहों को दी गई कुछ गारंटियों का आदर करना होता है। हर प्रमुख फैसला लंबे विचार-विमर्श के बाद लेना होता है। हर पदाधिकारी को उस पद के साथ जुड़े अधिकार और जिम्मेदारियाँ संविधान द्वारा दी जाती हैं। ये सभी न सिर्फ जनता के प्रति उत्तरदायी हैं बल्कि अन्य स्वतंत्र अधिकारियों के प्रति भी उनकी जवाबदेही होती है।

प्रश्न 42.
लोकतंत्र के किन्हीं पाँच लक्षणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-

  • लोकतंत्र सरकार का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते हैं।
  • लोगों द्वारा चुने गए शासक ही सारे प्रमुख फैसले करते हैं;
  • चुनाव लोगों के लिए निष्पक्ष अवसर और इतने विकल्प उपलब्ध कराता है कि वे चाहें तो मौजूदा शासकों को बदल सकते हैं;
  • ये विकल्प और अवसर सभी लोगों को समान . रूप से उपलब्ध हों; और .
  • इस चुनाव से बनी सरकार संविधान द्वारा तय बुनियादी कानूनों और नागरिक अधिकारों के दायरे को मानते हुए काम करती है।

प्रश्न 43.
लोकतंत्र के पक्ष व विपक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर-
लोकतंत्र के पक्ष में मुख्य तर्क निम्नलिखित है-

  • लोकतंत्र अकाल का मुकाबला भली प्रकार से कर सकता है। चीन में पड़ा 1985-61 अकाल जिसमें तीन करोड़ लोग मारे गए थे, इस तथ्य की पुष्टि करता है। भारत अकाल तथा अन्य विपत्तियों की स्थितियों का मुकाबला कर पाने में सफल रहा है।
  • यह उदाहरण लोकतंत्र को सर्वश्रेष्ठ शासन पद्धति बताने वाली विशेषताओं में से एक को बहुत स्पष्ट ढंग से सामने लगाता है। लोगों की जरूरत के अनुरूप आचरण करने के मामले में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली किसी भी अन्य प्रणाली से बेहतर है। गैर-लोकतांत्रिक सरकार लोगों की जरूरतों पर ध्यान दे भी सकती है और नहीं भी।
  • लोकतंत्र शासकीय व्यवस्था दूसरी पद्धतियों से बेहतर है क्योंकि यह शासन का अधिक जवाबदेही वाला स्वरूप है। लोकतांत्रिक सरकारें अपेक्षाकृत अधिक उत्तरदायी होती हैं।
  • लोकतंत्र में बेहतर निर्णय लिए जाने की सम्भावना होती है। अन्य पद्धतियों में कुछ लोग ही निर्णय लेते हैं जो कई बार जनहित के विरुद्ध भी होते हैं।
  • लोकतंत्र में मतभेद व टकराव सुलझाए जा सकते हैं, क्योंकि ऐसी पद्धति में वार्ता व बातचीत के तरीके को अपनाया जाता है। अन्य प्रणालियों में मतभेद व टकराव दबा दिए जाते हैं, वह भी हिंसक ढंग से।
  • लोकतंत्र नागरिकों का सम्मान बढ़ाता है, उन्हें आदर देता है तथा शासन-कार्यों में उनकी अनदेखी तो नहीं करता, अपति उनके हितों को बढ़ावा देता है। अन्य शासन पद्धतियाँ नागरिकों का तिरस्कार करती हैं।
  • लोकतंत्र में लोग व सरकारें अपनी गलतियाँ सुधार सकते हैं अथवा गलितयों को सुधारने के अवसर मिलते हैं। ऐसी प्रणाली में लोग शासकीय निर्णय ले सकते हैं। अन्य शासन प्रणालियों में गलतियों पर गलतियाँ की जाती है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

लोकतंत्र के विपक्ष में मुख्य तर्क निम्नलिखित हैं.

  • लोकतंत्र में नेता बदलते रहते हैं। इससे अस्थिरता पैदा होती है।
  • लोकतंत्र का मतलब सिर्फ राजनैतिक लड़ाई और सत्ता का खेल है। यहाँ नैतिकता की कोई जगह नहीं होती।
  • लोकतांत्रिक व्यवस्था में इतने सारे लोगों से बहस और चर्चा करनी पड़ती है कि हर फैसले में देरी होती है।
  • चुने हुए नेताओं को लोगों के हितों का पता ही नहीं होता। इसके चलते खराब फैसले होते हैं।
  • लोकतंत्र में चुनावी लड़ाई महत्त्वपूर्ण और खर्चीली __होती है, इसीलिए इसमें भष्टाचार होता है।
  • सामान्य लोगों को पता नहीं होता कि उनके लिए क्या चीज अच्छी है और क्या चीज बुरी; इसलिए उन्हें किसी चीज का फैसला नहीं करना चाहिए।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों को उपयुक्त शब्दों से भरें
(i) लोकतंत्र लोगों……..लोगों………तथा लोगों………सरकार है। (की, द्वारा, के लिए, पर, जैसी)
(ii) लोकतंत्र में चुनाव……होने चाहिएँ। (स्वतंत्र, परतंत्र)
(iii) नाईजेरिया में अबाया ने………में सत्ता प्राप्त की थी। (1992, 1993)
(iv) रूसो…….शताब्दी में फ्रांस का विद्वान था। (17वीं, 18वीं, 19वीं)
(v) अमर्त्य सेन की ………..में नोबेल पुरस्कार मिला (शान्ति, अर्थशास्त्र)
उत्तर-
(i) की, द्वारा के लिए,
(ii) स्वतंत्र,
(iii) 1993,
(iv) 18वीं,
(v) अर्थशास्त्र।

प्रश्न 2. निम्नलिखित वाक्यों में सही (√) व गलत (x) का चयन कीजिए। था।

(i) आंग सान सू की म्यांमार से सम्बन्धित थीं।
(ii) सालाजार स्वीडन का एक तानाशाह था।
(iii) लोकतंत्र में चुनाव अनिवार्य शर्त होते हैं।
(iv) रघुवीर सहाय ने एक कविता लिखी थी : मोटरवाला।
(v) अबाया का सम्बन्ध नाइजर से था।
उत्तर-
(i) √,
(ii) x,
(iii) √,
(iv) x,
(v) x,

प्रश्न 3. निम्नलिखित विकल्पों में सही विकल्प का चयन कीजिए।

(i) लोकतंत्र शासन है
(a) लोगों का
(b) राजनीतिक दलों का
(c) अमीरों का
(d) गरीबों का
उत्तर-
(a) लोगों का

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

(ii) डेमोक्रेसी शब्द निम्न भाषा से लिया गया है
(a) यूनानी
(b) रोमन
(c) अंग्रेजी
(d) संस्कृत।
उत्तर-
(a) यूनानी

(iii) सालाजार का सम्बन्ध निम्नलिखित देश से था
(a) चिले
(b) पोलैण्ड
(c) पुर्तगाल
(d) अमेरिका
उत्तर-
(c) पुर्तगाल

(iv) किसके शासन काल में यहूदियों पर अत्याचार किए गए थे
(a) मुसोलिनी
(b) स्टालिन
(c) मारकोस
(d) हिटलर
उत्तर-
(d) हिटलर

(v) सानी अबाचा का सम्बन्ध निम्नलिखित देश से था
(a) नाइजर
(b) नाइजेरिया
(c) चाड
(d) चिले
उत्तर-
(b) नाइजेरिया8

लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों? Class 9 HBSE Notes in Hindi

अध्याय का सार

हमें परिभाषा की आवश्यकता तब पड़ती है जब हम किसी तथ्य को समझना चाहते हैं। हमें लोकतंत्र की परिभाषा की आवश्यकता तब पड़ती है जब हम लोकतंत्र को समझना चाहते है। साधारतयाः लोकतंत्र सरकार का एक रूप है जहाँ शासक लोगों द्वारा चुने जाते हैं यही कारण है कि लोकतंत्र में चुनाव कराए जाते हैं। लोकतंत्र व अलोक तंत्र में मुख्य अंतर यह है कि लोकततंत्र में चुनाव होते हैं, सामयिक चुनाव होते हैं। दूसरी ओर राजतंत्र व अधिनायकवादी में चुनाव नहीं होते, सैनिक तंत्रीय व्यवस्था में चुनाव नहीं होते। फासीवादी व साम्यवादी देशों में चुनाव मात्र एक दिखावा होते हैं क्योंकि ऐसी व्यवस्थाओं में एक दलीय प्रणाली होती है।

लोकतंत्र के कई अनेक आयास होते हैं: विधि का शासन, नागरिक स्वतंत्रताएँ, अल्प वर्गों की सुरक्षा, अधिनायकवाद के विरुद्ध विरोध, विकेन्द्रकरण, स्वतंत्र न्यायालय आदि। ऐसे आयाम न्यूनतम लोकतंत्र लाने के लिए अनिवार्य समझे जाते हैं। लोकतंत्र लोगों की मात्र सरकार (सहभागिता आदि) होती है यह वास्तव में लोगों द्वारा (चुनाव आदि) सरकार होती है तथा लोगों के लिए (कल्याणकारी) सरकार भी होती हैं। .
एक देश लोकतंत्र तंब होता है जब लोगों के पास अधिकार व स्वतंत्रताएँ होती हैं, एक से अधिक राजनीतिक दल होते है; सैनिक तंत्र बहुत दूर होता है, जहाँ आवासीय गिरफ्तारी नहीं होती, लोकप्रिय नेता लोगों की अगुवाई करते हों।

सब स्थानों पर लोकतंत्र एक समान नहीं होता। कहीं लोकतंत्र अधिक होता है तथा कहीं कम होता हैं लोकतंत्र के अनेक मुल्यों में स्वतंत्रता, समानता, लोक-हितकारिता, न्याय आदि का उल्लेख किया जा सकता है। लोकतंत्र राजनीति तक सीमित नहीं होता, इसकी सीमाएँ समाज की सीमाओं को छूती हैं, वह मजदूरों के कारखानो तक फैला होता हैं, यह जीवन की एक शैली है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

प्रत्यक्ष लोकतंत्र में लोग अपना शासन स्वयं करते हैं जबकि अप्रत्यक्ष लोकतंत्र में प्रतिनिधियों द्वारा शासन होता है। चुनाव व्यवस्था अप्रत्यक्ष लोकतंत्र में होती है। अप्रत्यक्ष लोकतंत्र प्रतिनिधित्व लोकतंत्र होता है। प्रतिनित्वि लोकतंत्र में लोग अपने प्रतिनिधियों का चयन करते हैं, प्रतिनिधियों को लोगों के प्रति दायित्व बना रहता है। लोकतंत्र में सक्रिय सहभागिता, विचार-विमर्श, बहुदलीय शासन आदि तत्त्व होते हैं। इस व्यवस्था के गुण भी हैं तथा अवगुण भी। इसके समक्ष अनेक चुनौतियाँ हैं : असमानताएँ, धन की भूमिका, भ्रष्टाचार, नेतृत्व का अभाव आदि।

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HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 3 संविधान निर्माण

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 3 संविधान निर्माण

HBSE 9th Class Civics संविधान निर्माण Textbook Questions and Answers

संविधान निर्माण Class 9 HBSE Civics प्रश्न 1.
नीचे कुछ गलत वाक्य हैं। हर एक में की गई गलती पहचानें और इस अध्याय के आधार पर उसको ठीक करके लिखें।
(क) स्वतंत्रता के बाद देश लोकतांत्रिक हो या नहीं, इस विषय पर स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं ने अपना दिमाग खुला रखा था।
(ख) भारतीय संविधान सभा के सभी सदस्य संविधान मे कही गई हरेक बात पर सहमत थे।
(ग) जिन देशों में सविधान है वहाँ लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था ही होगी।
(घ) संविधान देश का सर्वोच्च कानून होता है। इसलिए इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता।
उत्तर-
(क) स्वतंत्रता संग्राम के नेताओं के मन में यह स्पष्ट था कि स्वतंत्रता के पश्चात् वह देश में लोकतंत्र की स्थापना करेंगे।
(ख) नहीं, संविधान सभा में सभी सदस्यों की सभी बातें व विचार एक समान नहीं थे।
(ग) जिस देश में संविधान होता है, प्रायः वह लोकतांत्रिक ही होता है। इस कारण लोकतंत्र होना चाहिए और उसके लिए संविधान भी।
(घ) बदलते समय के अनुसार संविधान में संशोधन/बदलाव होने चाहिएँ।

संविधान निर्माण Class 9 Question Answer HBSE Civics प्रश्न 2.
दक्षिण अफ्रीका का लोकतांत्रिक संविधान बनाने में इनमें से कौन-सा टकराव सबसे महत्त्वपूर्ण था
(क) दक्षिण अफ्रीका और उसके पड़ोसी देशों का.
(ख) स्त्रियों और पुरुषों का
(ग) गोरे अल्पसंख्यक और अश्वेत बहुसंख्यकों का
(घ) रंगीन चमड़ी वाले बहुसंख्यकों और अश्वेत अल्पसंख्यकों का।
उत्तर-
(घ) जब दक्षिण अफ्रीका में लोकतांत्रिक संविधान बनाया गया था तब वह सभी नस्लों में समानता व सबके साथ न्याय पर ही बनाया गया था।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 3 संविधान निर्माण

संविधान निर्माण प्रश्न उत्तर HBSE Civics Class 9 प्रश्न 3.
लोकतांत्रिक संविधान में इनमें से कौन-सा प्रावधान नहीं रहता? ..
(क) शासन प्रमुख के अधिकार (ख) शासन प्रमुख का नाम (ग) विधायिका के अधिकार (घ) देश का नाम।
उत्तर-
(ख) शासन प्रमुख का नाम लोकतांत्रिक संविधान में नहीं लिखा जाता।

प्रश्न 4.
संविधान निर्माण में इन नेताओं और उनकी भूमिका में मेल बैठाएँ
(क) मोतीलाल नेहरू — 1. संविधान सभा के अध्यक्ष
(ख) बी.आर. अम्बेडकर — 2. संविधान सभा की सदस्य
(ग) राजेंद्र प्रसाद — 3. प्रारूप कमेटी के अध्यक्ष
(घ) सरोजिनी नायडू — 4. 1928 में भारत का संविधान बनाया
उत्तर-
(क) 4,
(ख) 3,
(ग) 1,
(घ) 2।

प्रश्न 5. जवाहर लाल नेहरू के नियति के साथ साक्षात्मकार वाले भाषण के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों का जवाब दें
(क) नेहरू ने क्यों कहा कि भारत का भविष्य सुस्ताने और आराम करने का नहीं है?
(ख) नए भारत के सपने किस तरह विश्व से जुड़े हैं?
(ग) वे संविधान निर्माताओं से क्या शपथ चाहते थे?
(घ) “हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की कामना हर आँख के आँसू पोंछने की है।” वे इस .कथन में किसका जिक्र कर रहे थे?
उत्तर-
(क) संकल्प को पूरा अथवा आधा नहीं, उसे उसके सार में लागू किया जाना चाहिए।
(ख) पूरी मानव जाति से।
(ग) जिस संकल्प की बात नेहरू ने की थी वह देश, उसके लोगों तथा पूरी मानव जाति की सेवा करने से सम्बन्धित थी।
(घ) वह भारत के लोगों की बात कर रहे थे जिन्होंने काफी दुःख व तकलीफे सही थीं।

प्रश्न 6.
हमारे संविधान को दिशा देने वाले ये कुछ मूल्य और उनके अर्थ हैं। इन्हें आपस में मिलाकर दोबारा लिखिए।
(क) संप्रभु – 1. सरकार किसी धर्म के
निर्देशों के अनुसार काम नहीं करेगी।
(ख) गणतंत्र – 2. फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों के पास है।
(ग) बंधुत्व – 3. शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।
(घ) धर्मनिरपेक्ष – 4. लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए।
उत्तर-
(क) 2,
(ख) 3,
(ग) 4,
(घ) 1

प्रश्न 7.
कुछ दिन पहले नेपाल से आपके एक मित्र ने वहाँ की राजनैतिक स्थिति के बारे में आपको पत्र लिखा था। वहाँ अनेक राजनैतिक पार्टियाँ राजा के शासन का विरोध कर रही थीं। उनमें से कुछ का कहना था कि राजा द्वारा दिए गए मौजूदा संविधान में ही संशोधन करके चुने गए प्रतिनिधियों को ज्यादा धिक्कार दिए जा सकते हैं। अन्य पार्टियाँ नया गणतांत्रिक संविधान बनाने के लिए नई संविधान सभा गठित करने की माँग कर रही थीं। इस विषय में अपनी राय बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखें।.
उत्तर-
हमारे विचार में नया संविधान देश के लिए बनाया जाना चाहिए। नया संविधान गणतांत्रिक हो जहाँ राज्य अध्यक्ष लोगों द्वारा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाए। यदि नेपाल के लोग पारम्परिक रूप से राजतंत्र से जुड़े हैं तो संविधान द्वारा सम्राट की शक्तियाँ ब्रिटेन व जापान के राज्य अध्यक्षों की भाँति कम कर देनी चाहिए। इन दोनों देशों में राजतंत्र है।

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प्रश्न 8.
भारत के लोकतंत्र के स्वरूप में विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग-अलग विचार इस प्रकार हैं। आप इनमें से हर कथन को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्त्वपूर्ण कारण मानते हैं?
(क) अंग्रेज शासकों ने भारत को उपहार के रूप में लोकतांत्रिक व्यवस्था दी। हमने ब्रिटिश हुकूमत के
समय बनी प्रांतीय असेंबलियों के जरिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम करने का प्रशिक्षण पाया।
(ख) हमारे स्वतंत्रता संग्राम ने औपनिवेशिक शोषण और भारतीय लोगों को तरह-तरह की आजादी न दिए जाने का विरोध किया। ऐसे में स्वतंत्र भारत को लोकतांत्रिक होना ही था।
(ग) हमारे राष्ट्रवादी नेताओं की आस्था लोकतंत्र में थी। अनेक नव स्वतंत्र राष्ट्रों में लोकतंत्र का न आना हमारे नेताओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
उत्तर-
यह सही है कि भारत ने लोकतंत्र की शिक्षा अंग्रेजों से प्राप्त की थी। परंतु भारतवासियों को जो दुःख हुआ वह था अंग्रेजों द्वारा उनके साम्राज्यवादी स्वार्थों के लिए भारत के संसाधनों का शोषण। यह भी सही है कि जब भारत की आजादी के लिए हमारे नेता मुक्ति आंदोलन चला रहे थे, वे स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत को लोकतांत्रिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध थे। वास्तव में, गुलाम संसद मात्र स्वतंत्रता की माँग नहीं करती, वह लोकतंत्र की – स्थापना भी चाहती है। भला भारतीय कोई अपवाद कैसे हो. सकते थे?

प्रश्न 9.
1912 में प्रकाशित “विवाहित महिलाओं के लिए आचरण पुस्तक के निम्नलिखित अंश को पढ़ें “ईश्वर ने औरत जाति को शारीरिक और भावनात्मक, दोनों ही तरह से ज्यादा नाजुक बनाया है, उन्हें आत्म रक्षा के भी योग्य नहीं बनाया है। इसलिए ईश्वर ने ही उन्हें जीवन भर पुरुषों के संरक्षण में रहने का भाग्य दिया है-कभी पिता के, कभी पति के और कभी पुत्र के। इसलिए महिलाओं को निराश होने की जगह इस बात से अनुगृहीत होना चाहिए कि वे अपने आपको पुरुषों की सेवा में समर्पित कर सकती हैं।” क्या इस अनुच्छेद में व्यक्त मूल्य संविधान के दर्शन से मेल खाते हैं या वे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं?
उत्तर-
इस अनुच्छेद में व्यक्त मूल्यों से हमारा संविधान मेल नहीं खाता। हमारा संविधान लिंग समानता के मूल्य को स्वीकारता है-महिलाएँ व पुरुष पत्येक दृष्टि से बराबर हैं। वस्तुत, भारत का संविधान महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा प्राथमिकता दे रहा है। ऐसी सुविधा समाज के कमजोर वर्गों को भी प्राप्त हैं।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं? अपने कारण भी बताइए।
(क) संविधान के नियमों की हैसियत किसी भी अन्य कानून के बराबर है।
(ख) संविधान बताता है कि शासन व्यवस्था के विविध अंगों का गठन किस तरह होगा।
(ग) नागरिकों के अधिकार और सरकार की सत्ता की सीमाओं का उल्लेख भी संविधान में स्पष्ट रूप में है।
(घ) संविधान संस्थाओं की चर्चा करता है, उसका मूल्यों से कुछ लेना-देना नहीं है।
उत्तर-
(क) नहीं, संविधान देश का सर्वोच्च कानून है। सभी अन्य कानूनों को संविधान के अनुरूप होना होता
(ख) यह कथन सही है। संविधान बताता है कि शासन व्यवस्था के विविध अंगों का गठन किस प्रकार होगा। . .
(ग) यह सही है कि संविधान नागरिकों के लिए मूल अधिकारों की व्यवस्था करता है। यह तो सरकार पर लगने वाली सीमाओं का भी प्रयोजन करता है।
(घ) यह सही नहीं है। हमारा संविधान सरकार रूपी संस्थाओं के विषय में भी बताता है तथा स्वतंत्रता, न्याय, समानता व बन्धुत्व जैसे मूल्यों के विषय में भी।

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HBSE 9th Class Civics संविधान निर्माण Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
2001 में तीन राज्य भारतीय संघ के सदस्य बने। उनके नाम लिखिए।
उत्तर-
छत्तीसगढ़, उत्तरांचल, झारखण्ड।

प्रश्न 2.
केन्द्र शासित प्रदेश किसे कहते हैं?
उत्तर-
भारतीय संघ में राज्यों के अतिरिक्त केन्द्रशासित प्रदेशों का वर्णन भी मिलता है। ये वे क्षेत्र/प्रदेश हैं जिनके शासन पर संघीय सरकार का प्रभावपूर्ण नियंत्रण रहता है। 2003 में ऐसे केन्द्रशासित प्रदेशों की संख्या सात थी। .

प्रश्न 3.
संविधान मुख्य रूप से किन-किन तथ्यों का वर्णन करता है?
उत्तर-
संविधान सरकार के मूल ढाँचे को सुनिश्चित करता है। यह सरकार के मुख्य अंगों की व्यवस्था करता है, प्रत्येक अंग को शक्तियों को परिभाषित करता है, जनता व सरकार के सम्बन्धों को स्पष्ट करता है।

प्रश्न 4.
संविधान से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
संविधान वह लिखित कानून है जिसे आधारभूत कानून भी कहा जाता है और जो स्रोत के रूप में यह बताता है कि किन नियमों/सिद्धांतों के अनुरूप सरकार को कानून बनाने चाहिएँ।

प्रश्न 5.
संविधान निर्माण सभा को भारत का लघु रूप क्यों कहते हैं?
उत्तर-
संविधान निर्माण सभा को भारत का लघु रूप इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसमें देश के सभी भागों से लोगों द्वारा प्रतिनिधियों को सम्मिलित किया गया था। –

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प्रश्न 6.
संविधान निर्माण सभा के प्रमुख सदस्यों की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर-
जवाहर लाल नेहरू, राजेन्द्र प्रसाद, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सरदार बलदेव सिंह, फ्रैंक एन्थनी, एच.पी. मोदी, अलवादी कृष्णास्वायी अय्यर, बी.आर. अम्बेडकर, के.एम. मुंशी आदि।

प्रश्न 7.
संविधान निर्माण सभा द्वारा उद्देश्य प्रस्ताव कब पास किया गया था तथा इस प्रस्ताव को किसने प्रस्तुत किया था?
उत्तर-
संविधान निर्माण सभा द्वारा उद्देश्य प्रस्ताव 20 जनवरी, 1947 को पास किया गया था। इस प्रस्ताव को पंडित जवाहर लाल नेहरू ने प्रस्तुत किया था।

प्रश्न 8.
भारत कब प्रभुसत्तासम्पन्न घोषित हुआ?
उत्तर-
भारत विधिवत तरीके से 26 जनवरी, 1950 को प्रभुसत्तासम्पन्न राज्य घोषित हुआ था परन्तु व्यावहारिक दृष्टि से उसे प्रभुसत्ता सम्पन्नता तो 15 अगस्त, 1947 को ही प्राप्त हो गई थी।

प्रश्न 9.
भारत में मतदान करने के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष से 18 वर्ष कम की गई थी?
उत्तर-
भारत में मतदान के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष इक्कीसवें संविधान संशोधन द्वारा 1989 में निश्चित की गई थी।

प्रश्न 10.
उन राज्यों का नाम ज्ञात कीजिए जहाँ द्विसदनीय विधायिका है?
उत्तर-
प्रदेश, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, बिहार, महाराष्ट्र।

प्रश्न 11.
संविधान निर्माण सभा को संविधान बनाने में कितना समय लगा था?
उत्तर-
संविधान निर्माण सभा को संविधान बनाने में 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिन लगे थे। इस सभा की कुल 166 बैठकें हुई थीं।

प्रश्न 12.
संविधान की प्रस्तावना द्वारा शासन -के स्वरूप में किन मुख्य बातों का वर्ण मिलता है?
उत्तर-
संविधान को प्रस्तावना में शासन के स्वरूप में भारत को प्रभुसत्ता सम्पन्न, समाजवादी, धर्म-निरपेक्ष, लोकतंत्रीय गणराज्य बताया गया है।

प्रश्न 13.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में किस प्रकार के न्याय, स्वतंत्रता, समता तथा बन्धुत्व का वर्णन मिलता है।
उत्तर-
भारतीय संविधान में निम्न प्रकार के न्याय, स्वतंत्रता, समता तथा बन्धुत्व का वर्णन मिलता है

  1. न्याय-सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक
  2. स्वतंत्रता-विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म तथा उपासना की;
  3. समता-प्रतिष्ठा तथा अवसर की; तथा
  4. बन्धुत्व-व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता तथा अखण्डता की।

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प्रश्न 14.
परिवर्तनतशील संविधान का अर्थ बताइए।
उत्तर-
परिवर्तनशील संविधान उस संविधान को कहते हैं जहाँ संशोधन साधारण बहुमत द्वारा किया जाता हो।

प्रश्न 15.
सार्वजनिक वयस्क मताधिकार का अर्थ बताइए।
उत्तर-
सार्वजनिक वयस्क मताधिकार से अभिप्राय यह है कि एक निश्चित आयु प्राप्त करने पर सभी को, बिना किसी भेदभाव के मताधिकार प्राप्त हो।

प्रश्न 16.
1950 में बने भारत के संविधान में कितनी धाराएँ थीं, उसके कितने भाग थे तथा उसमें कितनी अनुसूचियाँ थीं?
उत्तर-
1950 में बने भारत के संविधान में 395 धाराएँ थीं जो 22 भागों में विभाजित थीं। तब इसमें सम्मिलित 8 अनुसूचियाँ थीं। बाद में चार अनुसूचियाँ और बढ़ा दी गई थीं।

प्रश्न 17.
भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ व पंथनिरपेक्ष शब्द कब जोड़े गए थे?
उत्तर-
भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ . व ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द 42वें संशोधन द्वारा 1976 में जोड़े गए

प्रश्न 18.
भारत में कितने राज्य व कितने संघीय क्षेत्र हैं?
उत्तर-
(क) राज्यः 28; (ख) संघीय क्षेत्र: 7

प्रश्न 19.
भारत की संविधान सभा के सभापति का नाम बताइए।
उत्तर-
डॉ. राजेंद्र प्रसाद।

प्रश्न 20.
संविधान ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष नाम क्या था?
उत्तर-
डॉ. बी.आर. अम्बेडकर।

प्रश्न 21.
किन्हीं पाँच देशों का नाम बताइए जिसके संविधानों से भारत ने प्रेरणा ली।
उत्तर-
ब्रिटेन, आयरलैण्ड, फ्रांस, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया।

प्रश्न 22.
संघ सूची, राज्य सूची व समवर्ती सूची के विषयों की जानकारी दीजिए।
उत्तर-
1. संघ सूची : 97 विषय; 2. राज्य सूची : 66 विषय; 3. समवर्ती सूची : 47 विषय।

प्रश्न 23.
भारत में अवशेष शक्तियों पर कानून बनाने का अधिकार किसको है?
उत्तर-
संसद।

प्रश्न 24.
कराची कांग्रेस अधिवेशन कब हुआ था?
उत्तर-
मार्च, 1931 में।

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प्रश्न 25.
फैजपुर कांग्रेस अधिवेशन के सभापति का नाम बताइए।
उत्तर-
जवाहरलाल नेहरू।

प्रश्न 26.
भारत के संविधान को कब तथा उस दिन ही क्यों लागू किया गया था?
उत्तर-
भारत के संविधान को संविधान निर्माण सभा ने 26 नवम्बर, 1949 को पारित किया था। परन्तु इसे 26 जनवरी, 1950 को ही लागू किया गया था जिसे हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन संविधान लागू करने के पीछे कारण इस प्रकार था। 1929 के दिसम्बर महीने में कांग्रेस ने लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वतंत्रता प्रस्ताव पास किया था तथा यह घोषणा की थी कि 1930 के जनवरी महीने की 26 तारीख को पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। 26 जनवरी 1930 को तथा उसके बाद प्रत्येक वर्ष की 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाया जताया था। परन्तु जब भारत को स्वतंत्रता 15 अगस्त, 1947 को मिल गई तब 26 जनवरी के महत्त्व को बनाए रखने के लिए उस दिन संविधान लागू किया गया।

प्रश्न 27.
संविधान निर्माण सभा में उद्देश्य प्रस्ताव की मुख्य विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर-
(1) भारत एक स्वतंत्र व प्रभुसत्ता सम्पन्न गणराज्य होगा।
(2) भारत में संघीय व्यवस्था की स्थापना की जाएगी।
(3) भारतीय संघ में शक्ति का स्रोत स्वयं जनता होगी।
(4) सभी लोगों को सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक न्याय प्राप्त होगा तथा उन्हें स्वतंत्रताएँ व अधिकार प्राप्त होंगे।

प्रश्न 28.
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में बने अनेक प्रकार के राज्यों को तालिका में दशाईए
उत्तर-
im

प्रश्न 29.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में गणतंत्र का अर्थ संक्षिप्त में समझाइए।
उत्तर-
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में शासकीय व्यवस्था के रूप में गणतंत्र (Republic) शब्द का प्रयोग किया गया है। गणतंत्र से अर्थ एक ऐसी शासकीय व्यवस्था से है जहाँ राज्य अध्यक्ष जनता द्वारा अथवा जनता के प्रतिनिधियों द्वारा चुना जाए। भारत में गणतंत्रीय व्यवस्था है। भारत के राष्ट्रपति (जो कि राज्य अध्यक्ष हैं) का चुनाव एक निर्वाचन मण्डल द्वारा होता है जिसमें (1) संसद के दोनों सदनों के चुने हुए सदस्य तथा (2) राज्यों की विधान सभाओं के चुने हुए सदस्य भाग लेते हैं।

प्रश्न 30.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में सामाजिक और आर्थिक न्याय के अर्थ को संक्षिप्त में समझाइए।
उत्तर-
भारतीय संविधान ने न्याय पर जोर दिया है। सामाजिक तथा आर्थिक न्याय से अभिप्राय न्याय के उन पहलुओं से है जो राजनीतिक लोकतंत्रीय व्यवस्था के उस विकसित चरण की ओर संकेत देते हैं जहाँ प्रत्येक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति के समान समझा जाए तथा जहाँ किसी व्यक्ति का सामाजिक व आर्थिक शोषण न हो। नागरिकों के बीच किसी प्रकार के भेदभाव का न होना ही सामाजिक व आर्थिक न्याय का दूसरा नाम है, सामाजिक व आर्थिक न्याय एक स्वस्थ तथा न्यायसंगत समाज का नाम है जहाँ समाज के प्रत्येक व्यक्ति को विकास हेतु समान अवसर प्राप्त होते हैं। भारतीय संविधान ऐसे ही सामाजिक व आर्थिक न्याय की कामना करता है।

प्रश्न 31.
क्या आप इस तथ्य से सहमत हैं कि भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना करता है?
उत्तर-
भारतीय संविधान भारत में धर्म निरपेक्ष राज्य की व्यवस्था करता है। पंथ निरपेक्ष राज्य का उल्लेख 42वें संशोधन द्वारा प्रस्तावना में किया गया है। इसका अर्थ है कि सरकार देश में माने जाने वाले सभी धर्मों के प्रति समानता की दृष्टि से देखेगा। धारा 25 के प्रथम भाग के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति किसी भी धर्म तथा विश्वास के प्रति निष्ठा रख सकता है, परन्तु राज्य (धारा 27 के अंतर्गत) कोई भी ऐसा कर नहीं लगाएगा जिससे प्राप्त धन किसी विशेष धर्म पर खर्च किया जा सके। दूसरे शब्दों में, राज्य के समक्ष सब धर्म समान हैं जबकि नागरिकों को यह स्वतंत्रता है कि वे कोई भी धर्म मान सकते हैं।

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प्रश्न 32.
संविधान किसे कहते हैं।
उत्तर-
संविधान किसी भी देश के उन आधारभूत सिद्धांतों का समूह होता है जो वहाँ की सरकार के निर्माण, संचालन व कार्यपद्धति का ब्यौरा देता है। संविधान लिखित भी हो सकता है, अलिखित भी यह बताता है कि एक अमुक देश में शासन किस प्रकार चलेगा सरकार के कौन-कौन से अंग होंगे उन अंगों का परस्पर सम्बन्ध कैसे होगा नागरिकों व सरकार का क्या सम्बन्ध होगा, लोगों को क्या-क्या अधिकार प्राप्त होंगे। सरकार किन आधारभूत राष्ट्रीय लक्ष्यों की पूर्ति के लिए कार्य करेगी, सरकार का क्या रूप होगा आदि।

प्रश्न 33.
आपके विचार में लोकतांत्रिक देशों में संविधान का महत्त्व अपेक्षाकृत क्यों अधिक होता है?
उत्तर-
किसी भी देश में संविधान का अपना ही विशेष महत्त्व होता है। लोकतांत्रिक देशों में तो संविधान का महत्त्व अपेक्षाकृत अधिक होता है। लोकतंत्र में सरकार के क्रियाकलापों में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से नागरिक अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। यह ऐसी सरकार होती है जिसमें सरकार की शक्तियाँ स्पष्ट रूप से परिभाषित रहती हैं। इस सरकार में नागरिक के अधिकारों का भी स्पष्ट विवरण दिया होता है। सरकार तथा नागरिकों की गतिविधियों की सीमाएँ किस प्रकार निर्धारित की जाएँ, यह संविधान द्वारा निश्चित किया जाता है।

प्रश्न 34.
संविधान की प्रस्तावना अत्यंत महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर-
संविधान की प्रस्तावना संविधान की आत्मा कही जा सकती है। भारतीय संविधान में भी प्रस्तावना का वर्णन किया गया है। प्रस्तावना संविधान का भाग नहीं है, परन्तु यह संविधान का प्रकाश-स्तम्भ अवश्य है। संविधान में प्रस्तावना का महत्त्वपूर्ण स्थान है। प्रस्तावना संविधान के आदर्शो तथा उसमें निहित सिद्धांतों का विवरण देती है। यह बताती है कि भारत में शासन का क्या स्वरूप होगा। इसके अनुसार भारत में, प्रभुत्वसम्पन्न समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना का प्रयोजन है। प्रस्तावना बताती है कि भारत में किन लक्ष्यों की प्राप्ति की कामना की जाएगी-ये लक्ष्य हैं- न्याय, सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक स्वतंत्रता, विश्वास व विचारों की समता, प्रतिष्ठा तथा अवसर की एकता, बन्धुत्व व अखण्डता, राष्ट्र की। प्रस्तावना में इस तथ्य का भी जिक्र है कि भारत के संविधान को भारत के लोगों ने बनाया तथा इसे 26 नवम्बर 1949 को अंगीकृत किया है।

प्रश्न 35.
संसदात्मक शासन प्रणाली क्या है?
उत्तर-
संसदात्मक शासन प्रणाली वह शासन प्रणाली होती है जहाँ कार्यपालिका व विधानपालिका के बीच अटूट सम्बन्ध होता है। कार्यपालिका विधानपालिका से ली जाती है तथा विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होती है। कार्यपालिका अर्थात् मन्त्रिपरिषद के सदस्य संसद के सदस्य होते हैं तथा अपनी नीतियों व शक्तियों/ के प्रयोग के लिए संसद (विशेषतया उसके निम्न सदन) के प्रति उत्तरदायी होते हैं। सभी मन्त्री प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कार्य करते हैं तथा उनका प्रधानमंत्री की ओर निजी दायित्व होता है। भारत में संसदात्मक प्रणाली अपनायी गई है। वास्तविक कार्यपालिका अर्थात मंत्रि परिषद् संसद से की जाती है तथा सभी मंत्रियों का लोक सभा के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व होता है।

प्रश्न 36.
प्रभुसत्ता सम्पन्न लोकतांत्रिक गणराज्य पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
प्रभुसत्ता सम्पन्न लोकतांत्रिक गणराज्य-प्रभुसत्ता सम्पन्नता का अर्थ है-राज्य का बाहरी रूप से किसी भी अन्य राज्य के अधीन न होना तथा आन्तरिक रूप ये सर्वोच्च होना। भारत में सरकार का स्वरूप लोकतंत्रात्मक इस दृष्टि से है कि हमारे देश में सभी स्तरों पर सरकार लोगों द्वारा एक निश्चित समय के लिए चुनी जाती है तथा लोगों के प्रति उस सरकार का दायित्व होता है। गणराज्य से यह बोध मिलता है कि राज्य अध्यक्ष जनता द्वारा प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से चुना जाता है।

प्रश्न 37.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए-
(क) समाजवादी पंथनिरपेक्ष राज्य।
(ख) कल्याणकारी राज्य।
उत्तर-
(क) समाजवादी पंथनिरपेक्ष राज्यसमाजवादी राज्य शब्द का प्रयोग भारतीय संदर्भ में इस रूप में किया गया है कि देश में ऐसी सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था बनाई जाएगी जहाँ मजदूरों के हितों को प्रोत्साहन मिल सके तथा सरकार शोषण रहित समतावादी समाज का रूप ग्रहण कर सके। पंथ निरपेक्ष राज्य का अभिप्राय ऐसे राज्य से है जो किसी धर्म विशेष का पक्ष न लेते हुए सभी धर्मों को समान सम्मान दे तथा नागरिकों को धार्मिक स्वतन्त्रता की गारंटी दे।
(ख) कल्याणकारी राज्य-भारत के संविधान में कल्याणकारी राज्य की स्थापना की बात कही गई है? कल्याणकारी राज्य उस राज्य को कहा जाता है जिसमें राज्य के सारे कार्य जनता के कल्याण की दृष्टि से किए जाते हैं। ऐसे राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य अथवा कृषि जैसे विषयों को उतना ही महत्त्व दिया जाता है जितना सुरक्षा व विदेश सम्बन्धों को। संविधान के चौथे भाग में राज्य नीति के निदेशक तत्त्वों का उल्लेख मिलता है। इन तत्त्वों का लक्ष्य भारत में कल्याणकारी राज्य की स्थापना है।

प्रश्न 38.
हमें संविधान की जरूरत क्यों होती है?
उत्तर-
संविधान अनेक काम करता है। हमारे लिए संविधान निम्नलिखित कारणों वश जरूरी है-

  1. ‘पहला’ यह साथ रह रहे विभिन्न तरह के लोगों के बीच जरूरी भरोसा और सहयोग विकसित करता है।
  2. ‘दूसरा’ यह स्पष्ट करता है कि सरकार का गठन कैसे होगा और किसे फैसले लेने का अधिकार होगा।
  3. ‘तीसरा’ यह सरकार के अधिकारों की सीमा तय करता है और हमें बताता है कि नागरिकों के क्या अधिकार हैं, और .
  4. चौथा, यह अच्छे समाज के गठन के लिए लोगों की आकांक्षाओं को व्यक्त करता है।

प्रश्न 39.
भारत व दक्षिणी अफ्रीका में निम्नलिखित बातों में समानताएँ तलाशें.
(1) उपनिवेशवाद का स्वरूप
(2) विभिन्न समुदायों में परस्पर सम्बन्ध
(3) नेतृत्व
(4) राजनीतिक दल जिसने स्वतंत्रता संग्राम लड़ा,
(5) संघर्ष का तरीका।
उत्तर-
(1) दोनों (भारत व अफ्रीका) देशों में अंग्रेजी उपनिवेशवाद था। अंग्रेजों ने भारत तथा दक्षिणी अफ्रीका के संसाधनों का खूब शोषण किया। .
(2) दोनों देशों में धर्म, रंग व जातियों के आधार पर भिन्न-भिन्न समुदाय थे। स्वतंत्रता के पश्चात् दोनों देशों में इन समुदायों में शांति बनाए रखने के प्रयास किये जाते रहे।
(3) गाँधी जी ने भारत में तथा नेल्सन मण्डेला ने दक्षिणी अफ्रीका में मुक्ति आंदोलन के लिए नेतृत्व प्रदान किया।
(4) भारत में कांग्रेस पार्टी तथा दक्षिणी अफ्रीका में अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम की अगुवाई की।
(5) दोनों देशों में स्वतंत्रता संग्राम में सामान्यतया अहिंसात्मक तरीका अपनाया गया था।

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प्रश्न 40.
1947 तथा 2002 के भारत के राजनीतिक मानचित्रों का अंतर अपने शब्दों में समझाइए।
उत्तर-
भारत को 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी। स्वतंत्रता के साथ भारत का विभाजन भी हुआ था। भारत के उत्तर-पश्चिम के क्षेत्र से पाकिस्तान का एक भाग बना जिसे पश्चिमी पाकिस्तान कहा जाता था तथा दूसरा भाग पूर्वी पाकिस्तान कहलाता था। पश्चिमी पाकिस्तान में पश्चिमी पंजाब, उत्तर-पश्चिम सीमांद प्राग, बलूचिस्तान आदि क्षेत्र थे तथा पूर्वी पाकिस्तान में पूर्वी बंगाल व असम के कुछ क्षेत्र थे। पूर्वी पाकिस्तान 1971 में पाकिस्तान से अलग बंग्लादेश बन गया था। पाकिस्तान के अतिरिक्त ब्रिटिश भारत के साथ भारत में पाँच सौ से भी अधिक रियासतें थीं। इनमें जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद व जूनागढ़ को छोड़ अन्य लगभग सभी रियासतें 15 अगस्त, 1947 तक भारत में आ मिलीं। हैदराबाद व जूनागढ़ कुछेक कठिनाइयों के बाद भारत के अंग बना लिये गए। 26 अक्टूबर, 1947 को जम्मू-कश्मीर ने भी भारत के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर लिया था।

अंग्रेजों से मुक्ति प्राप्त करने के बावजूद भी भारत के कुछेक क्षेत्र अन्य विदेशी देशों के नियंत्रण में थे। इनमें फ्रांस के आधिपत्य में पांडिचेरी, कराइकल (तमिलनाडु), माहे (केरल), यनाम (आमन्ध्र प्रदेश) चन्द्र नगर (पश्चिमी बंगला) क्षेत्र थे। अंततः ये क्षेत्र भी भारत में आ मिले। ____1956 में भारत के विभिन्न राज्यों के गठन से 14 राज्य बनाए गए। 2002 में इन राज्यों की संख्या 28 हो गई। इसके अतिरिक्त सात संघीय प्रदेश भी भारत का हिस्सा हैं।

प्रश्न 41.
भारत के संविधान में दी गई प्रस्तावना में जिन प्रमुख लक्ष्यों का उल्लेख किया गया है, उनकी विवेचना कीजिए।
उत्तर-
भारत के संविधान में दी गई प्रस्तावना में निम्नलिखित लक्ष्यों का उल्लेख मिलता है-

1. न्याय-संविधान की प्रस्तावना में सामाजिक, आर्थिक तथा राजनैतिक न्याय का उल्लेख मिलता है। सामाजिक न्याय से अभिप्राय सब प्रकार के भेद-विभेद की समाप्ति है। एक भारतीय का कोई-सा धर्म हो, वह कोई-सी भी भाषा बोलता हो, उसका सम्बन्ध किसी भी जाति से हो? यह सब बातें बाद की हैं, सर्व-प्रथम प्रत्येक व्यक्ति भारतीय समाज का एक सदस्य है। आर्थिक न्याय से अभिप्राय ऐसे आर्थिक ढाँचे से है जहाँ प्रत्येक भारतीय को आजीविका के साधन उपलब्ध हो सकें, किसी का आर्थिक शोषण न हो – आर्थिक तथा भौतिक साधनों का केन्द्रीकरण कुछ एक हाथों में न हो तथा समाजवादी ढंग के समाज की स्थापना संभव हो पाएं। राजनैतिक न्याय से अभिप्राय है कि प्रत्येक भारतीय को शासन सम्बन्धी मामलों में समान रूप से भाग लेने का अधिकार प्राप्त हो। कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक पद प्राप्त करने के लिए चुनाव लड़ सकता हो।

2. स्वतंत्रता-संविधान की प्रस्तावना में विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म तथा उपासना की स्वतंत्रता का वर्णन मिलता है। विचार तथा अभिव्यक्ति सम्बन्धी स्वतंत्रता का अर्थ न केवल विचार रखने की स्वतंत्रता है, परन्तु इन विचारों को प्रकट करने का भी पूर्ण अधिकार है। विश्वास, धर्म तथा उपासना सम्बन्धी स्वतंत्रता से यह संकेत मिलता है कि धर्म तथा राजनीति को अलग-अलग रखने का प्रयास किया गया है तथा प्रत्येक भारतीय धर्म, विश्वास तथा उपासना सम्बन्धी विषयों में पूर्ण स्वतंत्र होगा।

3. समता-संविधान की प्रस्तावना में खोखली समता के स्थान पर व्यावहारिक समता का ज्ञान मिलता है। समता से अभिप्राय राज्य द्वारा दिये गए अवसरों की समानता है तथा प्रत्ऐक व्यक्ति की प्रतिष्ठा दूसरे व्यक्ति के समान समझी जाएगी।

4. बन्धुवा-न्याय, स्वतंत्रता तथा समता की कामना का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को गरिमा प्राप्त करना है। व्यक्तिगत गरिमा का उद्देश्य विषमताओं में एकता बनाए रखना तथा राष्ट्र की एकता बनाए रखना है। 42वें संशोधन के अनुसार प्रस्तावना में एकता के साथ अखण्ड-1 शब्द भी जोड़ा गया है। इससे एकता को धारणा को निश्चित किया गया है।

संविधान में दिये गए इन उद्देश्यों के फलस्वरूप व्यक्ति के व्यक्तित्व को विकास की ओर प्रेरित करना है तथा ऐसे समाज की स्थापना करना है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति स्वतंत्रता का आनन्द लेते हुए राष्ट्र की एकता बनाए रखने में अपनी भूमिका निभा सके।

प्रश्न 42.
भारत में ढाँचा संघात्मक है परन्तु स्वरूप एकात्मक है।
उत्तर-
भारत में शासन का ढाँचा संघात्मक है, परन्तु राज्य तंत्र का सार एकात्मक है। किसी भी संघीय व्यवस्था के लिए जिन विशेषताओं की आवश्यकत होती है वे भारतीय संविधान के अंतर्गत विद्यमान हैं। लिखित संविधान, जटिल संविधान, शासकी शक्तियों की बाँट, संघीय विधानपालिका के ऊपरीय सदन में राज्य सरकारों का प्रतिनिधित्व, सर्वोच्च न्यायालय का विशेष स्थान आदि ऐसी विशेषताएं हैं जो भारतीय व्यवस्था में मिल पाती हैं।

संघीय व्यवस्था की सभी विशेषताओं के होने पर भारतीय संघ को स्वस्थ तथा वास्तविक संघ कहना कठिन है। इसका मुख्य कारण यह है कि संघीय सरकार राज्य सरकारों की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली है। वैधानिक मामलों में संघीय सरकार के पास न केवल कानून-निर्माण के अधिक विषय हैं परन्तु विशेष परिस्थितियों में वह राज्य सरकारों को दिए गए विषयों पर भी कानून बना सकती है। प्रशासनीय क्षेत्र में संघीय सरकार का राज्य सरकारों पर पूर्ण नियंत्रण होता है। वित्तीय क्षेत्र में संघीय सरकार राज्य सरकारों को अनुदान के रूप में सहायता करके उन पर नियंत्रण करती है। फलस्वरूप भारतीय संघ की व्यवस्था को अर्ध-संघ तो कहा जा सकता है, पूर्ण संघ नहीं।

प्रश्न 43.
भारत के संविधान में ‘मूल ढाँचे’ से जुड़े तत्त्वों का वर्णन करें-
उत्तर-
भारत के संविधान में ‘मूल ढाँचे’ से जुड़े तत्त्वों का वर्णन निम्नलिखित किया जा सकता है

  • संविधान सर्वोच्च है। इसके मूल्यों के अनुरूप ही शासन व्यवस्था होगी।
  • शासन का स्वरूप लोकतंत्रात्मक व गणतंत्रात्मक ही रहेगा।
  • राज्यतंत्र का पंथनिरपेक्ष रूप।
  • शक्तियों का विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका में बाँट व पृथक्करण।
  • राज्यतंत्र का संघीय स्वरूप।
  • समाज के कमजोर वर्गों के हितों का संरक्षण।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 3 संविधान निर्माण

प्रश्न 44.
भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताओं का वर्णन निम्नलिखित किया जा सकता है

  • भारतीय संविधान संसार में सबसे बड़ा संविधान है। 1950 के संविधान में 395 धाराएँ थीं। इसमें लगभग 90 हजार शब्द थे।
  • यह संघीय व्यवस्था का प्रतिपादन करता है परन्तु परिस्थितियों के अनुसार यह एकात्मक भी बन सकता हैं।
  • इस संविधान ने भारत में संसदीय व्यवस्था का प्रयोजन किया है।
  • यह संविधान सार्वजनिक वयस्क मताधिकार की चर्चा करता है। प्रत्येक व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष अथवा उससे अधिक है, रो पर देने का अधिकार दिया गया है।संविधान भारत के नागरिकों को मूल अधिकारों का आश्वास देता है।
  • संविधान सर्वोच्च कानून है। इसकी रक्षा का दायित्व सर्वोच्च न्यायालय के पास है।
  • भारत में प्रभुसत्ता सम्पन्न लोकतांत्रिक, पंथनिरपेक्ष व समाजवादी गणराज्य की व्यवस्था की गई हैं।
  • संविधान समाज के कमजोर वर्गों को उनके हितों की संरक्षण का आश्वासन देता है। वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों को उपयुक्त शब्दों से भरें

(i) हमारे देश के संविधान को……..वर्ष……….महीनों तथा………….दिनों में बनाया गया था।
(ii) संविधान सभा में पारसी समुदाय का प्रतिनिधित्व …………… ने किया था।
(iii) संविधान सभा में ब्रिटिश प्रान्तों से ………… सदस्यों की व्यवस्था की गई थी।
(iv) उद्देश्य प्रस्ताव को ……….. ने सुझाया था।
उत्तर-
(i) 2, 11, 18,
(ii) एच.पी. मोदी,
(iii) 296,
(iv) जवाहरलाल नेहरू।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में सही (√) व गलत (x) का चयन कीजिए।

(i) संविधान सभा जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से नहीं चुनी गई थी।
(ii) श्याम प्रसाद मुखर्जी उन नेताओं में से नहीं थे जिन्होंने संविधान सभा में वार्ताओं का संचालन किया था।
(iii) संविधान एक प्रमुख कानूनी लेख होता है।
(iv) ब्रिटिश भारत प्रभुसत्ता सम्पन्न लोकतांत्रिक गणराज्य था।
(v) संविधान के उद्देश्य प्रस्ताव को नेहरू जी ने प्रस्तुत किया था।
(vi) यानाम क्षेत्र फ्रांस के पास था।
(vii) ड्राफ्टिंग समिति को लघु भारत कहा जाता था।
उत्तर-
(i) √,
(ii) x,
(iii) √,
(iv) x,
(v) √,
(vi) √,
(vii). x,

प्रश्न 3. निम्नलिखित विकल्पों में सही विकल्प का चयन कीजिए।

(i) संविधान निर्माण सभा के निम्न सभापति थे.
(a) डॉ. अम्बेडकर
(b) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
(c) गाँधी जी
(d) नेहरू
उत्तर-
(b) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

(ii) निम्नलिखित संविधान प्रारूप समिति के सभापति थे
(a) डॉ. अम्बेडकर
(b) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
(c) गाँधीजी
(d) नेहरू
उत्तर-
(a) डॉ. अम्बेडकर

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 3 संविधान निर्माण

(iii) भारत ने अपना संविधान निम्नलिखित को लागू किया था
(a) 26 जनवरी, 1930
(b) 26 नवम्बर, 1949 .
(c) 15 अगस्त, 1947
(d) 26 जनवरी, 1950
उत्तर-
(d) 26 जनवरी, 1950

(iv) भारत का संविधान है
(a) लचीला
(b) जटिल
(c) आंशिक लचीला व आंशिक जटिल
(d) इनमें कोई नहीं।
उत्तर-
(c) आंशिक लचीला व आंशिक जटिल

(v) भारत की संघीय इकाइयों में निम्न राज्य संख्या
(a) 25
(b) 26
(c) 27
(d) 28
उत्तर-
(d) 28

संविधान निर्माण Class 9 HBSE Notes in Hindi

अध्याय का सार

संविधान उन मूल नियमों का संग्रह होता है जो किसी राज्य में शासन संचालन से सम्बन्धित होते हैं। यह राज्य का मूल व सर्वो च्चा काननू होता है। सभी लोकतांत्रिक देशों के अपने-अपने संविधान होते हैं। ऐसा ही एक संविधान दक्षिणी अफ्रीका का संविधान है।स्वतंत्रता के पश्चात् इस संविधान को समानता व न्याय के आधार पर बनाया गया था। भारत का संविधान एक अन्य प्रकार का उदाहरण हैं

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत की सरकार के समक्ष अनेक प्रकार की समस्याएं थीं। पाँच सौ से भी अधिक रियासतों का एकीकरण ऐसी समस्या थी जिसका समाधान भली-भांति कर लिया गया, यद्यपि कुदेक रजवाड़ों व विदेशियों के अधीन क्षेत्रों को भारत के साथ विलय कराने में मुश्किलें अवश्य आयी थीं।
स्वतंत्रया के पश्चात् अनेक राज्यों को भाषायी आधार पर गठित किया गया। 1956 ई. में राज्यों के पुनर्गठन का काम सम्पन्न हुआ। सरकार विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की – आकांक्षाओं को यथासम्भव पूरा करने का प्रयास करना चाहती थी। उसके बाद समय-समय पर, नए राज्यों का निर्माण भी हुआ। ऐसे राज्यों में गुजरात, नागालैंड, हरियाणा, मिजोरम, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, गोवा और हाल के तीन राज्य छत्तीसगढ़, झारखण्ड, उत्तरांचल आदि उल्लेखनीय हैं। आरंभ में संविधान ने 15 भाषाओं को मान्यता दी गयी थी। बाद में तीन और भाषाएँ जोड़ दी गई। अब इनकी कुल संख्या 22 हो गई है।

भारत का संविधान कैबिनेट मिशन के अंतर्गत बनी संविधान निर्माण सभा ने बनाया था। इस संविधान निर्माण सभा में भारत के सभी भाषायी, जातीय क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित किया गया था। इसमें मजदूरों, वकीलों, डॉक्टर, महिलाओं, अध्यापकों, पूंजीपतियों आदि सभी को प्रतिनिधित्व प्राप्त था। शायद ही कोई वर्ग हो जिसका प्रतिनिधित्व इस सभा में न किया गया हो। संविधान 26 नवम्बर, 1949 को संविधान सभा ने पारित किया, परन्तु इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। इस संविधान निर्माण सभा ने 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिन लगाकर संविधान बनाया था। इस सभा की 166 बैठकें भारत के संविधान निर्माण में 1925 के भारतीय सरकार अधिनियम कीछाप स्पष्ट दिखायी देती है। इसके अतिरिक्त ब्रिटेन, आयरलैंड, फ्रांस तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधानों की कुछ विशिष्टताओं का भी समावेश संविधान में मिलता है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 3 संविधान निर्माण

भारत का संविधान भारत का लिखित आधारभूत कानून है जिसमें लोकतंत्र की नींव पर सरकार का गठन किया गया है। यह केंद्रीकृत संघात्मक व्यवस्था के दायरे में संसदीय प्रणाली की रचना करता है। इस संविधान के आधार स्तम्भों में लोकतंत्र, समाजवाद, पंथनिरपेक्षता, राष्ट्रीय अखंडता का उल्लेख किया जा सकता है।

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HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 6 जनसंख्या

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 6 जनसंख्या

HBSE 9th Class Geography जनसंख्या Textbook Questions and Answers

HBSE 9th Class Geography Chapter 6 जनसंख्या प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में सही विकल्प चुनिए

(i) निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में प्रवास, अबादी की संख्या, वितरण एवं संरचना में परिवर्तनन लाता है।
(क) प्रस्थान करने वाले क्षेत्र में
(ख)आगमन वाले क्षेत्र में
(ग) प्रस्थान एवं आगमन दोनों क्षेत्र में
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) प्रस्थान एवं आगमन दोनों क्षेत्र में

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 6 जनसंख्या

(ii) जनसंख्या में बच्चों का एक बहुत बड़ा अनुपात निम्नलिखित में से किसका परिणाम है।
(क) उच्च जन्म दर
(ख) उच्च मृत्य दर
(ग) उच्च जीवन दर
(घ) अधिक विवाहित जोडे।
उत्तर-
(घ) अधिक विवाहित जोडे।

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक जनसंख्या वृद्धि का परिणाम दर्शाता है।
(क) एक क्षेत्र की कुल जनसंख्या
(ख) प्रत्येक वर्ष लोगों की संख्या में होने वाली वृद्धि
(ग) जनसंख्या वृद्धि की दर
(घ) प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या।
उत्तर-
(ख) प्रत्येक वर्ष लोगों की संख्या में होने वाली वृद्धि

(iv) 2001 की जनगणना के अनुसार एक ‘साक्षर’ व्यक्ति वह है
(क)जो अपने नाम को पढ़ एवं लिख सकता है।
(ख) जो किसी सभी भाषा में पढ़ एवं लिख सकता है।
(ग) जिसकी उम्र 7 वर्ष है तथा वह किसी भी भाषा को समझ के साथ पढ़ एवं लिख सकता है।
(घ) जो पढ़ना-लिखना एवं अंकगणित, तीनों जानता है।
उत्तर-
(ग) जिसकी उम्र 7 वर्ष है तथा वह किसी भी भाषा को समझ के साथ पढ़ एवं लिख सकता है।

जनसंख्या HBSE 9th Class Geography प्रश्न 2.
निम्नलिखित के उत्तर संक्षेप में दें।

(i) जनसंख्या वृद्धि के महत्त्वपूर्ण घटकों की व्याख्या करें।
(ii) 1981 से भारत में जनसंख्या की वृद्धि दर क्यों घट रही है?
(iii) आयु संरचना, जन्म दर एवं मृत्यु दर को परिभाषित करें।
(iv) प्रवास, जनसंख्या परिवर्तन का एक कारक।
उत्तर-
(i) जनसंख्या वृद्धि के महत्त्वपूर्ण घटकों में निम्नलिखित का वर्णन किया जा सकता है।
(क) जन्म दर जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख घटक है। जब जन्म दर मृत्यु दर से अधिक होती है तो यह जनसंख्या वृद्धि का एक महत्त्वपूर्ण कारण होता है।
(ख) मृत्यु दर भी जनसंख्या का एक अन्य घटक है। जब मृत्यु दर में तेज गिरावट आती है तो इससे जनसंख्या में वृद्धि होती है।
(ग) प्रवास जनसंख्या वृद्धि का एक अन्य घटक है। लोगों का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में आना व जाना प्रवास सकता है। ग्रामीण क्षेत्र से शहरों की ओर आने से भी शहरी जनसंख्या में वृद्धि का एक कारण होता है।
(ii) 1981 ई. में जन्मदर में गिरावट के आने से वृद्धि-दर में गिरावट स्वाभाविक था। इस कारण 1981 में भारत में जनसंख्या की वृद्धि दर घटी थी।
(iii) (क) आयु संरचना किसी देश में वहाँ के विभिन्न आयु समूहों की लोगों की संख्या का संकेत है। जन्म लेते हैं, उसे जन्मदर कहते हैं।
(ग) प्रति हजार व्यक्तियों के पीछे जितने व्यक्तियों की मृत्यु होती है, उसे मृत्यु दर कहा जाता है।
(iv) प्रवास जनसंख्या परिवर्तन का एक महत्त्वपूर्ण कारक होता है। इससे जनसंख्या के आकार में परिवर्तन तो आता ही है, साथ ही यह आयु तथा लिंग के दृष्टिकोण से नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों से लोग का शहरी क्षेत्रों में प्रवास जनसंख्या में परिवर्तन लाने में सहायक है-ग्रामीण जनसंख्या कम होती है तथा शहरी जनसंख्या बढ़ती जाती है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 6 जनसंख्या

प्रश्न 3.
जनसंख्या वृद्धि एवं जनसंख्या परिवर्तन के बीच अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
जनसंख्या वृद्धि का अर्थ है जनसंख्या में वृद्धि-जितनी जनसंख्या है उसमें बढ़ोतरी का होना; जनसंख्या परिवर्तन में लोग अपना स्थान। क्षेत्र बदलते हैं। यह किसी देश व नगर की संख्या में वृद्धि व कमी नहीं होती।।

प्रश्न 4.
व्यावसायिक संरचना एवं विकास के बीच क्या संबंध है?
उत्तर-
किसी देश की व्यावसायिक संरचना विभिन्न पेशों के अनुसार यहां के लोगों का वितरण दर्शाता है। पेशों को मुख्यतः तीन वर्गों में बांटा गया है-प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीयक क्षेत्र, और तृतीयक क्षेत्र। प्राथमिक क्षेत्र में कृषि में वानिकी, मत्स्य और पशुपालन आता है। द्वितीयक क्षेत्र
में निर्माण उद्योग आता है और तृतीयक क्षेत्र में संचार सेवाएं आती है। प्राथमिक क्षेत्र में लगे अधिकतर लोग अविकसित देशों के होते हैं। विकासशील देश में अधिक लोग प्राथमिक उसके बाद निर्माण उद्योग और तु तीयक क्षेत्र में कम लोग लगे होते हैं। व्यावसायिक ढांचे से पता चलता है कि देश विकसित है या विकासशील।

प्रश्न 5.
स्वस्थ जनसंख्या कैसे लाभकारी है?
उत्तर-
स्वस्थ जनसंख्या के अपने ही विशेष लाभ होते हैं। स्वस्थ जनसंख्या स्वस्थ राष्ट्र को जन्म देती है। इससे कार्य करने वालों की संख्या में वृद्धि होती है। स्वस्थ जनसंख्या में लोग कम बीमार पड़ते हैं, कम मृत्यु होती है, कम स्वास्थ्य समस्याएं होती है।

प्रश्न 6.
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
उत्तर-
भारत सरकार जनसंख्या पर नियंत्रण पाने के लिए 1952 में ही जनसंख्या नियंत्रण नीति लागू करती आरही है। 2000 में सरकार ने जनसंख्या योजना (National Population Policy) को अपनाया है। इसके उद्देश्य हैं
(क) 2045 तक जनसंख्या को स्थिर करना।
(ख) आर्थिक विकास करना।
(ग) सामाजिक विकास और पर्यावरण नीति संरक्षण करना। इस नीति के अनुसार ये अपने उद्देश्य की पूर्ति विवाह की आयु बढ़ाकर और 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करके कर सकती है।
(घ) शिशु मृत्यु दर को जीवित बच्चों की 1000 संख्या में तीस से भी कम करने के प्रयास करना।।
(ङ) लड़कियों की देर से विवाह कार्यक्रमों को प्रोत्साहन करना।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 6 जनसंख्या

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नलिखित में से सही (√) व गलत (x) का चयन कीजिए-

(i) 2001 ई. में भारत में नगरीय जनसंख्या कुल जनसंख्या का 27.78 प्रतिशत थी।
(ii) जनसंख्या की वृद्धि का एक घटक मृत्यु दर में वृद्धि होना है।
(iii) प्रवास जनसंख्या परिवर्तन का एक महत्त्वपूर्ण घटक है।
(iv) 2045 ई. तक भारत चीन को जनसंख्या में पीछे छोड़ देगा।
उत्तर-
(i) (√),
(ii) (x),
(iii) (√),
(iv) (√)

प्रश्न 2. रिक्त स्थानों को उचित शब्दों से भरें।

(i) भारत की वर्तमान जनसंख्या में वार्षिक वृद्धि ………….लाख है। (155, 135)
(ii) ………………..प्रवास में लोग अपना देश छोड़ दूसरे देश में आ बसते हैं। (आन्तरिक, अन्तर्राष्ट्रीय)
(iii) …………….में जन्मदर के गिरने से वृद्धि दर में भी गिरावट आ गई। (1981, 1971)
(iv) 1991 से 2001 के भीतर दस लाख से अधि क जनसंख्या वाले नगरों की संख्या 23 से … ………………होगी। (35, 45)
उत्तर-
(i) 155,
(ii) अन्तर्राष्ट्रीय,
(iii) 1981,
(iv) 35

प्रश्न 3. निम्नलिखित विकल्पों में से सही का चयन कीजिए-

(i) 2001 ई. में भारत में लिंग अनुपात था- …
(क) 946
(ख) 941
(ग) 933
(घ) 950
उत्तर-
(ग) 933

(ii) 2001 ई. में भारत की साक्षरता दर निम्नलिखित थी
(क) 64.81
(ख) 64.90
(ग) 64.84
(घ) 65.84
उत्तर-
(ग) 64.84

(iii) 2045 ई. में भारत जनंसख्या में निम्न देश को पीछे छोड़ देगा
(क) रूस
(ख) चीन
(ग) अमेरिका
(घ) बंग्लादेश
उत्तर-
(ख) चीन

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 6 जनसंख्या

(iv) राष्ट्रीय जनसंख्या नीति कब निर्धारित की गई थी
(क)2000
(ख) 2001
(ग) 2002
(घ) 2003
उत्तर-
(क)2000

जनसंख्या Class 9 HBSE Notes in Hindi

भौगोलिक तथ्य

1. आधार जनसंख्या : दिए गए निश्चित समय में किसी क्षेत्र की कुल जनसंख्या।
2. आश्रित अनुपात : आश्रित आयु (15 वर्ष से कम तथा 60 वर्ष से अधिक) एवं आर्थिक रूप से सक्रिय आयु (15 से 59 वर्ष) के लोगों के बीच का अनुपात।
3. किशोरावस्था : वह आयु जब कोई व्यक्ति बाल्यावस्था से आधिक आयु का होता है किन्तु उसकी आयु प्रौढ़ से कम होती है। ऐसा व्यक्ति प्रायः 10 से 19 वर्ष के आयु-वर्ग में होता है।
4. जनसंख्या का घनत्व : प्रति इकाई क्षेत्रफल में जैसे एक वर्ग किलोमीटर में रहनेवाले लोगों की संख्या।
5. जनसंख्या की वृद्धि दर : जनसंख्या की वृद्धि दर जनसंख्या के बढ़ने की गतित बताता है। वृद्धि दर में बढ़ी हुई जनसंख्या की आधार वर्ष की जनसंख्या से तुलना की जाती है। इसे वार्षिक या दशकीय गति से ज्ञात किया जाता है।
6. जन्म दर : प्रति, 1,000 व्यक्तियों में जन्म लेने वाले जीवित शिशुओं की संख्या।
7. प्रवसन : लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा कर बसना प्रवसन कहलाता है।
8. आन्तरिक प्रवसन : देश में रहने वाले लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना-जाना।
9. अप्रवासन : जब लोग एक देश से दूसरे देश में आते-जाते हैं, उसे – अप्रवास कहा जाता है।
10. उत्प्रवास : जब लोग दूसरे देश को छोड़ते हैं, उसे उत्प्रवास कहा जाता है।
11. मृत्यु दर : प्रति 1,000 जनसंख्या पर एक वर्ष में मरने वाले लोगों की संख्या।
12. मिलियन प्लस सिटी : दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर।
13. लिंग-अनुपात : प्रति हजार पुरूषों पर महिलाओं की संख्या।
14. जनगणना : सरकार द्वारा प्रति दस वर्ष बाद देश की जनसंख्या की गणना।
15. जनसांख्यिकी : जनसंख्या संबंधी आंकड़े जिनमें जनगणना मृत्युदर, जन्मदर, व्यावसायिक संरचना आदि का ब्यौरा हो।
16. जन्मदर-मृत्युदर आंकड़ें : 1901 में भारत में जन्मदर 49.2 प्रति हजार।
2001 में भारत में जन्मदर 26.1 प्रति हजार। 1901 में भारत में मृत्युदर 42.6 प्रति हजार।
2001 में भारत में मृत्युदर 8.7 प्रति हजार।
17. वृद्धि दर : जन्म तथा मृत्यु के बीच अंतर।
18. अर्जक जनसंख्या : आर्थिक कार्यों में लोगों की संख्या। भारत में यह जनसख्या 58.7 प्रतिशत है।
19. जनसंख्या विस्फोट : साधनों की अपेक्षा जनसंख्या में अपार वृद्धि।
20. नगर समूह : नगर/शहर के आप-पास शहर की अर्थव्यवस्था से जुड़े अधिवासों को नगर समूह कहते हैं।
21. संसाधन : साधन जिनके माध्यम से विकास संभव होता है।
22. जनसंख्या परिवर्तन : जन्म दर, मृत्यु द और प्रवास के कारण जनसंख्या में होने वाली वृद्धि अथवा कमी।
23. व्यवसायिक संरचना : विभिन्न व्यवसायों के अनुसार जनसंख्या का वितरण।
24. मिलावट : उचित व पौष्टिक आहार में विकार।
25. साक्षर : वह जो सात व उससे आयु में बड़ा है तथा पढ़ लिख सकने की योग्यता रखता है।
26. विपत्तियाँ : प्राकृतिक दुर्घटनाएं जो संकट पैदा करते हैं।
27. भारत की जनसंख्या : 102.80 करोड़, 2001; संसार का 16.70 प्रतिशत
28. भारत का आकार : 32.8 लाख वर्ग किमी, संसार का 2.4 प्रतिशत।
29. प्राथमिक कार्य : कृषि, मत्स्य, प्रकृति पर सीधे काम करने वाले कृतियाँ।
30. द्वितीय कार्य : वह कार्य जो प्राथमिक कृतियों पर किये जाएँ-गन्ने से चीनी बनाना आदि।
31. तृतीय कार्य : व्यवसायिक सेवाएँ
32. चतुर्थ कार्य : मानसिक व बौद्धिक कार्य। .

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HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 चुनावी राजनीति

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 चुनावी राजनीति

HBSE 9th Class Civics चुनावी राजनीति Textbook Questions and Answers

चुनावी राजनीति कक्षा 9 प्रश्न-उत्तर HBSE  प्रश्न 1.
चुनाव क्यों होते हैं, इस बारे में इनमें से कौन-सा वाक्य ठीक नहीं है?
(क).चुनाव लोगों को सरकार के कामकाज का फैसला करने का अवसर देते हैं।
(ख) लोग चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं।
(ग) चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते हैं।
(घ) लोग चुनाव से अपनी पसंद को नीतियाँ बना सकते हैं।
उत्तर-
(क), (ख) सही हैं तथा (ग) एवं (घ) ठीक नहीं हैं।

चुनावी राजनीति Class 9 Questions And Answers HBSE प्रश्न 2.
भारत के चुनाव लोकतांत्रिक हैं, यह बताने के लिए इनमें कौन-सा वाक्य सही कारण नहीं देता?
(क) भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता हैं।
(ख) भारत में चुनाव आयोग काफी शक्तिशाली है।
(ग) भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र का हर व्यक्ति मतदाता है।
(घ) भारत में चुनाव हारने वाली पार्टियाँ जनादेश स्वीकार कर लेती हैं।
उत्तर-
(क) सही कारण नहीं देता। दुनिया के सबसे अधिक मतदाता चीन में हैं। परंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि भारत लोकतांत्रिक नहीं है।
(ख) यह भी सही कारण नहीं है। ‘चुनाव आयोग शक्तिशाली हो’ का यह अर्थ नहीं कि चुनाव लोकतंत्रिक
(ग) तथा,
(घ) दोनों ठीक हैं।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 चुनावी राजनीति

अध्याय 3 चुनावी राजनीति के प्रश्न-उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 3.
निम्नलिखित में मेल ढूँढ़ें:
(क) समय-समय पर मतदाता सूची का नवीनीकरण आवश्यक है ताकि
(ख) कुछ निर्वाचन-छेत्र अनु. जाति और अनु, जनजाति के लिए आरक्षित हैं ताकि
(ग) प्रत्येक के सिर्फ एक वोट डालने का हक है ताकि
(घ) सत्ताधारी दल को सरकारी वाहन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं क्योंकि .
1. समाज के हर तबके का समुचित प्रतिनिधित्व हो सके।
2. हर एक को अपना प्रतिनिधि चुनने का समान अवसर मिले।
3. हर उम्मीदवार को चुनावों में लड़ने का समान अवसर मिले।
4. संभव है कुछ लोग उस जगह से अलग चले गए हों जहाँ उन्होंने पिछले चुनाव में मतदान किया था।
उत्तर-
(क) 4;
(ख) 1.
(ग) 2;
(घ) 3।

चुनावी राजनीति Class 9 Notes HBSE प्रश्न 4.
इस अध्याय में वर्णित चुनाव संबंधी सभी गतिविधियों की सूची बनाएँ और इन्हें चुनाव में सबसे पहले किए जाने वाले काम से लेकर आखिर तक के क्रम में सजाएँ। इनमें से कुछ मामले हैं: चुनाव घोषण-पत्र जारी करना, वोटों की गिनती, मतदाता सूची बनाना, चुनाव अभियान, चुनाव नतीजों की घोषणा, मतदान, पुनर्मतदान के आदेश, चुनाव प्रक्रिया की घोषणा, नामांकन दाखिल करना।
उत्तर-
मतदाता सूची बनाना, चुनाव घोषणा-पत्र जारी करना, नामांकन दाखिल करना, चुनाव अभियान, मतदान, पुनर्मतदान के आदेश, वोटों की गिनती, चुनाव नतीजों की घोषणा करना।

Summary Of Electoral Politics HBSE 9th Class प्रश्न 5.
सुरेखा एक राज्य विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने वाली अधिकारी है। चुनाव के इन कारणों में उसे किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए? (क) चुनाव प्रचार, (ख) मतदान के दिन, (ग) मतगणना के दिन।
उत्तर-
(क) सुरेखा को चुनाव अभियान के नियमों पर नजर रखनी चाहिए।
(ख) उसे देखना चाहिए कि मतदान के दिन मतदान के सभी प्रबंध हो गए हैं।
(ग) उसे ध्यान में रखना होगा कि मतगणना के दिन से जुड़े सभी प्रबंध सही हो गए।

चुनावी राजनीति के प्रश्न-उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 6.
नीचे दी गई तालिका बताती है कि अमेरिकी कांग्रेस के चुनावों के विजयी उम्मीदवारों में अमेरिकी समाज के विभिन्न समुदाय के सदस्यों का क्या अनुपात था। ये किस अनुपात में जीते इसकी तुलना अमेरिकी समाज में इन समुदायों की आबादी के अनुपात से कीजिए। इसके आधार पर क्या आप ‘अमेरिकी संसद के चुनाव में भी आरक्षण का सुझाव देंगे? अगर हाँ तो क्यों और किस समुदाय के लिए? अगर नहीं, तो क्यों?
HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 चुनावी राजनीति 1
उत्तर-
अमरीकी कांग्रेस में एक प्रतिनिधित्व की सही व्यवस्था की जरूरत है। श्वेतों की कुल जनसंख्या 70% है, परंतु उन्हें 86% प्रतिनिधित्व प्राप्त है। दूसरी ओर हिस्पैनिक की जनसंख्या 13% है, परंतु उन्हें केवल 5% प्रतिनिधित्व प्राप्त है। इसी प्रकार, अश्वेत अमेरिका में 13% हैं, परंतु उनका प्रतिनिधित्व केवल 8% है।

चुनाव क्यों होते हैं Class 9 HBSE प्रश्न 7.
क्या हम इस अध्याय में दी गई सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते हैं? इनमें से सभी पर अपनी राय के पक्ष में दो तथ्य प्रस्तुत कीजिए।
(क) भारत के चुनाव आयोग को देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करा सकने लायक पर्याप्त अधिकार नहीं हैं।
(ख) हमारे देश के चुनाव में लोगों की जबर्दस्त भागीदारी होती है।
(ग) सत्ताधारी पार्टी के चुनाव जीतना बहुत आसान होता है।
(घ) अपने चुनावों को पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र बनाने के लिए कई कदम उठाने जरूरी हैं।
उत्तर-
(क) चुनाव आयोग को पर्याप्त शक्तियाँ मिलनी चाहिए ताकि
(1) वह स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव करा सके;
(2) राजनीतिक दल चुनावों के दिनों सही आचरण की अभिव्यक्ति करें।
(ख) (1) चुनावों में भागीदारी लोकतंत्र को मजबूत करती है;
(2) इससे लोगों का राजनीतिक शिक्षण भी ‘बढ़ता है।
(ग) (1) राजनीतिक दल चुनाव अभियान में भाग लेते हैं;
(2) चुनावों से पहले वे चुनाव घोषण-पत्र भी जारी करते हैं।
(घ) (1) फर्जी मतदान को रोकने के लिए चुनाव पहचान-पत्र जारी किए जाने चाहिएँ;
(2) चुनावों में धन व धींगा मस्ती पर रोक लानी चाहिए।

चुनाव अभियान क्या है Class 9 HBSE प्रश्न 8.
चिनप्पा को दहेज के लिए अपनी पत्नी को परेशान करने के जुर्म में सजा मिली थी। सतबीर को छुआछूत मानने का दोषी माना गया था। दोनों को अदालत ने चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी। क्या यह फैसला लोकतांत्रिक चुनावों के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ जाता है? अपने उत्तर-के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर-
चिनप्पा व सतबीर द्वारा चुनावों में चुनाव न लड़ने का आदेश लोकतांत्रिक चुनावों का विरोध नहीं है। न्यायालय को ऐसा आदेश जारी करने का पूरा अधिकार है।

Chunavi Rajniti Class 9 In Hindi Question Answer HBSE प्रश्न 9.
यहाँ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चुनावी गड़बड़ियों की कुछ रिपोर्ट दी गई हैं । क्ध्या ये देश अपने यहाँ चुनावों में सुधार के लिए भारत से कुछ बातें सीख सकते हैं? प्रत्येक मामले में आप क्या सुझाव देंगे?
(क) नाइजीरिया के एक चुनाव में मतगणना अधिकारी ने जान-बूझकर एक उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या बढ़ा दी और उसे जीता हुआ घोषित कर दिया। बाद में अदालत ने पाया कि दूसरे उम्मीदवार को मिले पाँच लाख वोटों को उस उम्मीदवार के पक्ष में दर्ज कर लिया गया था।
(ख) फिजी में चुनाव से ठीक पहले एक परचा बाँटा गया जिसमें धमकी दी गई थी अगर पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी के पक्ष में वोट दिया गया तो खून-खराबा हो जाएगा। यह धमकी भारतीय मूल के मतदाताओं को दी गई थी।
(ग) अमेरिका के हर प्रांत में मतदान, मतगणना और चुनाव संचालन की अपनी-अपनी प्रणालियाँ हैं। सन् 2000 के चुनाव में फ्लोरिडा प्रांत के अधिकारियों ‘ ने जॉर्ज बुश के पक्ष में अनेक विवादास्पद फैसले लिए पर उनके फैसले को कोई भी नहीं बदल सका।
उत्तर-
(क) नाइजीरिया के चुनाव अधिकारी को भारतीय चुनावों से यह सीखना चाहिए कि उसके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं होता है कि वह किसी उम्मीदवार को ‘मिले वोटों की संख्या बढ़ा दे। उसने तो यह देखना होता है कि मतगणना ईमानदारी से की जानी चाहिए।
(ख) फिजी में ऐसा परचा बाँटना कि पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी के पक्ष में वोट देने पर खून-खराबा हो गया लोकतांत्रिक नहीं है। चुनावों में धमकाना व डराना लोकतांत्रिक नहीं होता।
(ग) चुनाव से जुड़े सभी नियम एक समान व एक जैसे होने चाहिए तथा उन्हें एक प्रकार से लागू किया जाना चाहिए। लोकतंत्र का यह ही तो सार है।.

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 चुनावी राजनीति

 

प्रश्न 10.
भारत में चुनावी गड़बड़ियों से संबंधित कुछ रिपोर्ट यहाँ दी गई हैं। प्रत्येक मामले में समस्या की पहचान कीजिए इन्हें दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है?
(क) चुनाव की घोषणा होते ही मंत्री महोदय ने बंद पड़ी चीनी मिल को दोबारा खोलने के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
(ख) विपक्षी दलों का आरोप था कि दूरदर्शन और आकाशवाणी पर उनके बयानों और चुनाव अभियान को उचित जगह नहीं मिली। – (ग) चुनाव आयोग की जाँच से एक राज्य की मतदाता सूची में 20 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम मिले। .. (घ) एक राजनैतिक दल के गुंडे बंदूकों के साथ घूम रहे थे, दूसरी पार्टियों के लोगों को मतदान में भाग लेने से रोक रहे थे और दूसरी पार्टी की चुनावी सभाओं पर हमले कर रहे थे।
उत्तर-
(क) चुनावों की घोषणा होते ही मंत्री द्वारा बंद पड़ी चीनी मिल को दोबारा खोलने के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा लोकतंत्र व चुनाव नियमों के विरुद्ध है।
(ख) राजनीतिक दलों में विपक्ष के दलों की यह शिकायत कि चुनाव अभियान में उनके दलों को दूरदर्शन व आकाशवाणी पर उनके बयानों को उचित जगह नहीं दी गयीए लोकतांत्रिक शिकायत है।
(ग) चुनावों में मतदाता सूची सही तैयार करनी चाहिए। 20 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम सूची में आना एक गंभीर मामला है। .
(घ) किसी राजनीतिक दल द्वारा चुनावों में गुंडों की सहायता लेना, उनके द्वारा मतदाताओं को डराना-धमकाना चुनावी नियमों के विरुद्ध तो है ही यह लोकतंत्र के नियमों को भी अवहेलना है। ऐसे राजनीतिक दलों की गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए तथा उन दलों को दंड दिया जाना चाहिए।

प्रश्न 11.
जब यह अध्याय पढ़ाया जा रहा था तो रमेश कक्षा में नहीं आ पाया था। अगले दिन कक्षा में आने के बाद उसने अपने पिताजी से सुनी बातों को दोहराया। क्या आप रमेश को बता सकते हैं कि । उसके इन बयानों में क्या गड़बड़ी है?
(क) औरतें उसी तरह वोट देती हैं जैसा पुरुष उनसे कहते हैं इसलिए उनको देने का कोई मतलब नहीं है।
(ख) पार्टी-पॉलिटिक्स से समाज में तनाव पैदा होता है। चुनाव में सबकी सहमति वाला फैसला होना चाहिए, प्रतिद्वंद्विता नहीं होनी चाहिए।
(ग) सिर्फ स्नातकों को ही चुनाव लड़ने की इजाजत होनी चाहिए।
उत्तर-
(क) यह कथन गलत है कि महिलाएं पुरुषों के कहने पर ही मत देती हैं क्या हमें महिलाओं को मताधिकार से वंचित करना चाहिएं। कदापि नहीं।
(ख) लोकतंत्र में भिन्न-भिन्न विचारों का होना लोकतांत्रिक है। भिन्न विचारों से तनाव पैदा होते हैं, इसलिए जन-सहमति को अपनाना चाहिए, कुछ सही युक्ति नहीं है। प्रतिद्वंद्विता नहीं होनी चाहिए. यह युक्ति ठीक है। अलग विचारों की बहस होनी चाहिए, उन्हें दबाना सही नहीं है।
(ग) यह कथन सही नहीं है। उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यताएँ आवश्यक नहीं होनी चाहिए। शिक्षा आवश्यक है, परंतु निरक्षर को भी चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।

HBSE 9th Class Civics चुनावी राजनीति Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
पता करो कि तेरहवें आम चुनाव में मतदान करने वाले मतदाओं का प्रतिशत कितना था?
उत्तर-
तेहरवें आम चुनाव में मतदान करने वाले मतदाताओं का प्रतिशत लगभग 65% था।

प्रश्न 2.
किसी गलत प्रकाशित समाचार का उदाहरण दीजिए और उसके प्रभावों पर विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर-
समाचार-पत्रों का लोगों के जीवन व उनके विचारों पर खासा प्रभाव होता है। कोई भी गलत प्रकाशित समाचार किसी भी प्रतिकूल वातावरण को बनाने में सहायक हो सकता है।

प्रश्न 3.
चुनाव में प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर-
चुनाव में प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न की आवश्यकता इसलिए पड़ती है कि निरक्षर व्यक्ति भी चिह्न देखकर अपना वोट अपनी पसंद के उम्मीदवार को दे सकते हैं।

प्रश्न 4.
आजकल मतदान के लिए इलैक्ट्रानिक _मशीनों का प्रयोग किया जाता है। पता लगाइए वे क्या
उत्तर-
आजकल मतदान के लिए इलैक्ट्रॉनिक मशीनों का प्रयोग किया जाता है। 2001 में लगभग 1,55,000 ऐसी मशीनों का प्रयोग 2.45 लाख निर्वाचन क्षेत्रों में किया गया था। इसके अंतर्गत एक मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार को (मशीन पर अंकित उम्मीदवारों) उसके नाम के सामने बटन दबाकर वोट दे सकता है। .

प्रश्न 5.
पता करिए कि लेफ्ट फ्रंट (वामपंथी दलों) में कौन-कौन से दल सम्मिलित थे?
उत्तर-
लेफ्ट फ्रंट में सम्मिलित दलों में मार्क्सवादी साम्यवादी दल, साम्यवादी दल, फार्वर्ड ब्लाक, रेबोलुशनरी सोशलिस्ट पार्टी आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।

प्रश्न 6.
शिक्षक की सहायता से पता लगाइए कि भारतीय जनता पार्टी में सहयोगी.दल. कौन-सी हैं?
उत्तर-
भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दलों में समता पार्टी, जनता पार्टी (शरद यादव), नेशनल कांफ्रेस,अकाली दल, लोकदल, तेलुगू देशम, असम गण परिषद्, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम आदि उल्लेखनीय हैं।

प्रश्न 7.
चार क्षेत्रीय दलों के नाम लिखिए।
उत्तर-
तेलुगू देशम, अकाली दल, इंडियन नेशनल लोकदल, हिमाचल विकास कांग्रेस।

प्रश्न 8.
भारत में कौन मतदाता हो सकता है?
उत्तर-
भारत में वह मतदाता हो सकता/सकती है जिसने कम से कम 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली हो तथा जो भारत का नागरिक हो और जिसे न्यायालय द्वारा मतदाता के लिए अघोषित न ठहराया गया हो।

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प्रश्न 9.
स्वस्थ जनमत के लिए दो शर्तों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
एक स्वस्थ जनमत के लिए दो शर्तों का उल्लेख निम्नलिखित किया जा सकता है

(1) जनमत की अभिव्यक्ति व निर्माण के साधन निरपेक्ष होने चाहिएँ:
(2) जनमत की स्वच्छता लोगों के शिक्षण से संबंधित होती है।

प्रश्न 10.
लोकतंत्र में जनमत का महत्त्व बताइए।
उत्तर-
लोकतंत्र में जनमत का विशेष महत्त्व होता है। वास्तव में, जनमत लोकतंत्र के लिए एक आधार का कार्य करता है। स्वस्थ जनमत स्वस्थ लोकतंत्र को जन्म देता है। जहाँ जनमत की अवहेलना की जाती है, वहाँ लोकतंत्र का संचालन असंभव हो जाता है।

प्रश्न 11.
किन लोगों को मताधिकार नहीं दिया जाता?
उत्तर-
जो लोग दिवालिया या मानसिक रूप से विक्षिप्त होते हैं, उन्हें वोट देने के अधिकार से वंचित किया जाता है। ___ गंभीर प्रकार के अपराधी भी मताधिकार से वंचित किए जाते हैं।

प्रश्न, 12.
लोकतांत्रिक व्यवस्था में नागरिकों के सरकार के संदर्भ में जैसी जागरूकता होनी चाहिए।
उत्तर-
सरकार के संदर्भ में नागरिकों की जागरुकता सदैव बनी रहनी चाहिए। सरकार की नीतियों व कानूनों के विषय में नागरिकों की आँखें व कान खुले रहने चाहिएँ।

प्रश्न 13.
कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिह्न बताइए।
उत्तर-
कांग्रेस का चुनाव चिह्न ‘हाथ’ है। भारतीय __ जनता पार्टी का चुनाव चिहन ‘कमल’ का फूल है।

प्रश्न 14.
किसी सार्वजनिक मामले पर किसी एक वर्ग अथवा जनता के सुनिश्चित विचार जो लोकहित के सार्थक हो, उसे लोकमत/जनमत कहा जाता है।
उत्तर-
किसी सार्वजनिक मामले पर किसी एक वर्ग अथवा जनता के सुनिश्चित विचार जो लोकहित के सार्थक हों, उसे लोकमत/जनमत कहा जाता है।।

प्रश्न 15.
भारतीय साम्यवादी दल तथा भारतीय साम्यवादी (मार्क्सवादी) दल के चुनाव चिहन बताइए।
उत्तर-
भारतीय साम्यवादी दल का चुनाव चिह्न हँसिया एवं धान की बालियाँ तथा मार्क्सवाद साम्यवादी दल का चुनाव चिह्न हँसिया, हथौड़ा तथा सितारा है।

प्रश्न 16.
लोकतंत्र में सरकार व जनता. के बीच सामान्यतया कैसे संबंध होने चाहिएँ।
उत्तर-
लोकतंत्र में सरकार व जनता के बीच सामान्यतया सम्बन्ध सहिष्णु व धैर्यवान होने चाहिएँ। सरकार को चाहिए कि वह जनमत का आदर भी करे तथा उसे महत्त्व भी दे। जनमत को चाहिए कि वह कानूनों को पालन करे तथा विभिन्न मतों को सहन करें।

प्रश्न 17.
क्षेत्रीय दल कयों आवश्यक होते हैं? दो कारण बताइए।
उत्तर-
(1) क्षेत्रीय आकांक्षाओं के प्रतिनिधित्व के लिए क्षेत्रीय दल आवश्यक होते हैं। (2) ऐसे क्षेत्रीय दल क्षेत्रीय उम्मीदवारों को सामने लाने में सहायक होते हैं।

प्रश्न 18.
किन्हें लोकतंत्र का वायुदाब मापी कहा जाता है।
उत्तर-
चुनावों को।

प्रश्न 19.
“एक व्यक्ति, एक मत’ किस नियम पर आधारित है?
उत्तर-
सार्वजनिक व्यस्क माताधिकार।

प्रश्न 20.
राजनीतिक समानता का अर्थ बताइए।
उत्तर-
सब नागरिक एक सामन हैं।

प्रश्न 21.
गुलबर्गा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेसी उम्मीदवार कितने प्रतिशत से चुनाव जीता था।
उत्तर-
38 प्रतिशत, 3.12 लाख मत प्राप्त किए थे।

प्रश्न 22.
गुलबर्गा चुनाव क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की क्या संख्या थी?
उत्तर-
ग्यारह। .

प्रश्न 23.
1997 के चुनाव में वामपंथी मोर्चा ने किस नारे से चुनाव लड़ा था? ।
उत्तर-
‘जमीन जोतने वाले को जमीन दो’।

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प्रश्न 24.
1983 में आंध्र प्रदेश में टी. एन. रामाराव ने किस नारे का प्रयोग किया था? .
उत्तर-
तेलुगू जनता के आत्म-सम्मान की रक्षा करो।

प्रश्न 25.
1977 के चुनावों में जनता पार्टी का क्या नारा था?
उत्तर-
लोकतंत्र बचाओं।’

प्रश्न 26.
1971 के आम चुनावों में कांग्रेस का क्या नारा था?
उत्तर-
गरीबी हटाओं।

प्रश्न 27.
भारत में सबसे बड़ा चुनाव क्षेत्र कौन-सा हैं?
उत्तर-
लद्दाख (जम्मू-काश्मीर), 1,73,266.37 वर्ग किमी.।

प्रश्न 28.
भारत में सबसे छोटा चनाव क्षेत्र कौन-सा है?
उत्तर-
चाँदनी चौक (दिल्ली), 10.59 वर्ग किलोमीटर।

प्रश्न 29.
भारत में कौन-से राज्य ऐसे हैं जिनमें लोकसभा सदस्यों की संख्या 35 से भी अधिक है?
उत्तर-
आंध्र प्रदेश (42), बिहार (40), महाराष्ट्र (48), तमिलनाडु (39), उत्तर-प्रदेश (80), पश्चिमी बंगाल (92)।

प्रश्न 30.
अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए लोकसभा में कितनी सीटें आरक्षित की गयी
उत्तर-
अनुसूचित जाति : 79; अनुसूचित जनजाति, ___41 सीटें।

प्रश्न 31.
जगदीप और नवप्रीत ने इस कथा को पढ़ा और निम्नलिखित निष्कर्ष निकाले। क्या आप बात सकते हैं कि इनमें कौन-से निष्कर्ष सही हैं और कौन-से गलत। (या फिर इस कथा में दी गई सूचनाओं के आधार पर सही -गलत का फैसला नहीं हो सकता)
(क) चुनाव से सरकारी नीतियों में बदलाव हो सकता है।
(ख) राज्यपाल ने देवी लाल के भाषणों से प्रभावित होकर उन्हें मुख्यमंत्री बनने का न्यौता दिया।
(ग) लोग हर शासक दल से नाराज रहते हैं और हर अगले चुनाव में उसके खिलाफ वोट देते हैं।
(घ) चुनाव जीतने वाली पार्टी सरकार बनाती
(ङ) इस चुनाव से हरियाणा के आर्थिक विकास में काफी मदद मिली।
(च) अपनी पार्टी के चुनाव हारने के बाद कांग्रेसी मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं थी।
उत्तर-
(क) सही, (ख) गलत, (ग). सामान्यतः, (घ) सही, (ङ) सही, (च) गलत।

प्रश्न 32.
हमें चुनावों की जरूरत क्यों होती है?
उत्तर-
(क)-चुनाव लोकतंत्र को मजबूत करते हैं।
(ख) ये लोगों को उनके प्रतिनिधियों के कार्यो पर निर्णय देने में सहयोग देते हैं। ‘
(ग) ये लोगों को शासकों द्वारा अपनायी गयी नीतियों का स्पष्टीकारण देते हैं।
(घ) ये विपक्ष को यह अवसर प्रदान करते हैं कि वे सरकार की नीतियों की अलोचना कर सकते हैं।

प्रश्न 33.
चुनावों में मतदाताओं की क्या भूमिका होती है?
उत्तर-
चुनावों में मतदाताओं की भूमिका को संक्षेप में निम्नलिखित. बताया जा सकता है। ___(क) वे अपने लिए कानून बनाने वाले का चुनाव कर सकते हैं।
(ख) वे सरकार बनाने और बड़े फैसले करने वाले का चुनाव कर सकते हैं।
(ग) वे सरकार और उसके द्वारा बनने वाले कानूनों का दिशा-निर्देश करने वाली पार्टी का चुनाव कर सकते

प्रश्न 34.
क्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का होना अच्छा है?
उत्तर-
चुनाव होते हैं तो चुनावी प्रतिद्वंद्विता होती है। इसके कुछ नुकसान भी हैं। इससे हर बस्ती, हर गली व हर घर में बंटवारे जैसी स्थिति हो जाती है। लोग पार्टी , पालिटिक्स के फैलने की शिकायत करते हैं। विभिन्न दलों के लोग और नेता अकसर एक-दूसरे के खिलाफ आरोप लगाते हैं। पार्टियाँ और उम्मीदवार चुनाव जीतने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं।

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प्रश्न 35.
हमारे संविधान में समाज के कमजोर वर्गों के लिए क्या व्यवस्था की है? उदाहरण सहित • समझाइए।
उत्तर-
हमारे संविधान निर्माताओं ने कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र की विशेष व्यवस्था की है इसी कारण कुछ चुनाव क्षेत्र अनुसूचित जातियों के लोगों के लिए आरक्षित हैं तो कुछ क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर केवल अनुसूचित जाति का ही व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है। इसी तरह सिर्फ अनुसूचित जनजाति के ही व्यक्ति अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। लोकसभा की 79 सीटें अनुसूचित जातियों के लिए और 41 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित है। ये सीटें पूरी आबादी में इन समूहों के हिस्से के अनुपात में हैं।

प्रश्न 36.
भारत की चुनाव प्रणाली की कुछ विशेषताएँ और कुछ सिद्धांत दिए गए हैं। इसके सही जोड़े बनाएँ। सिद्धांत चुनाव प्रणाली की विशेषता
(क) सार्वभौम वयस्क मताधिकार 1. हर चुनाव क्षेत्र में लगभग बराबर मतदाता
(ख) कमजोर वर्गों को प्रतिनिधित्व 2. 18 वर्ष और उससे ऊपर के सभी को मताधिकार
(ग) खुली राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता 3. सभी को पार्टी बनाने या चुनाव लड़ने की आजादी
(घ) एक मत, एक मोल 4. अनुसूचित जातियों जनजातियों के लिए सीटों का आरक्षण।
उत्तर-
(क) (2), (ख) (4), (ग) (3), (घ) ।।

प्रश्न 37.
चुनावों में उम्मीदवार या राजनीतिक दल कुछेक काम नहीं कर सकते? कौन से काम? वर्णन करें।
उत्तर-
उम्मीदवार या दल ये सब काम नहीं कर सकते:
(क) मतदाता को प्रलोभन देना, घूस देना या धमकी देना।
(ख) उनसे जाति या धर्म के नाम पर बोट माँगना।
(ग) चुनाव अभियान में सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल करना।
(घ) लोकसभा चुनाव में एक निर्वाचन क्षेत्र में 25 लाख या विधानसभा चुनाव में 10 लाख रुपए से ज्यादा खर्च करना।

प्रश्न 36.
चुनावों में उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों को कुछेक काम करने की मनाही होती हैं? किन कामों की, बताइए?
उत्तर-
उम्मीदवारों और पार्टियों को करने की मनाही चुनाव प्रचान के लिए किसी धर्मस्थल का उपयोग।
सरकारी वाहन, विमान और अधिकारियों का चुनाव में उपयोगा
चुनाव की अधिघोषणा हो जाने के बाद मंत्री किसी बड़ी योजना का शिलान्यास, बड़े नीतिगत फैसले या लोगों को सुविधाएँ देने वाले वायदे नहीं कर सकते।

प्रश्न 39.
इनमें कौन-सा काम आदर्श चुनाव संहिता का उल्लघंन है, कौन-सा नहीं?
(क) मतदान की तारीख से पहले मंत्री द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए नई रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना करना।
(ख) एक उम्मीदवार ने वायदा किया कि चुने जाने पर वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में नई रेलगाड़ी चलवाएगा।
(ग) एक उम्मीदवार के समर्थकों द्वारा मतदाताओं को एक मंदिर में ले जाकर उनसे उसी उम्मीदवार को वोट देने की शपथ दिलाना।
(घ) किसी उम्मीदवार के समर्थकों द्वारा झुग्गी बस्ती में वोट के वायदे लेकर कंबल बाँटना।
उत्तर-
(क) चुनाव सहिंता का उल्लंघन हैं।
(ख) चुनाव संहिता का उल्लघंन नहीं है।
(ग) चुनाव संहिता का उल्लंघन है।
(घ) चुनाव संहिता का उल्लंघन है।

प्रश्न 40.
उदाहरण सहित बताइए कि चुनावों में किस-किस प्रकार की गड़बड़ियाँ की जाती हैं?
उत्तर-
निम्नलिखित कुछ उदाहरण दिए गए हैं जो चुनावों में हुई गड़बड़ियों का संकेत देते है-

(1) मतदाता सूची में फर्जी नाम डालने और असली नामों को गायब करने की।
(2) शासक दल द्वारा सरकारी सुविधाओं और अधिकारों के दुरुपयोंग की।
(3) अमीर उम्मीदवारों और बड़ी पार्टियों द्वारा बड़े पैमान पर धन खर्च करने की।
(4) मतदान के दिन चुनावी धाधली; मतदाताओं को डराना और फर्जी मतदान करना।

प्रश्न 41.
निम्नलिखित सुर्खियों को ध्यान से पढ़िए और पहचानिए कि स्वतंत्र और पिष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग किन शक्तियों का प्रयोग कर रहा है .
(1) चुनाव आयोग ने 14वीं लोकसभा के गठन की अधिसूचना जारी की।
(2) बिहार के चुनाव में मतदान के लिए फोटो पहचान पत्र अनिवार्य।
(3) चुनाव आयोग ने चुनाव खर्च पर नकेल कसी।
(4) चुनाव आयोग का एक और गुजरात दौरा, चुनावी तैयारियों का जायजा लिया।
(5) चुनाव आयोग ने गृह मंत्रालय के चुनाव सुधार संबंधी सुझाव नकारे।
(6) चुनाव के गुप्त खर्च पर चुनाव आयोज की नजर।
(7) उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग से अपराधी नेताओं पर रोक लगाने को कहा।
(8) चुनाव आयोग को हरियाणा के लिए पुलिस प्रमुख की नियुक्ति स्वीकार।
(9) चुनाव आयोग ने 398 मतदान केंद्रों पर फिर से वोट डालने के आदेश दिए।
(10) राजनैतिक विज्ञापनों पर सेंसर का अधिकार हो : चुनाव आयोग।
(11) ‘एक्जिट पोल’ पर प्रतिबंध लगाने की फिलहाल कोई योजना नहीं चुनाव आयोग है।
उत्तर-
(1), (2), (3), (4), (6), (8), (9), (10), (11) यह सब चुनाव आयोग के अधिकार में आते है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 चुनावी राजनीति

प्रश्न 42.
ये भारतीय चुनावों के बारे में कुछ तथ्य हैं। इनमें से प्रत्येक पर टिप्पणी करके यह बताइए कि ये चीजें हमारी चुनाव प्रणाली की शक्ति को बढ़ाती हैं या कमजोरी को।
(1) लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या 10 फीसदी से कम ही रही है।
(2) चुनाव कब हों इस बारे में अकसर चुनाव आयोग सरकार की नहीं सुनता।
(3) वर्तमान लोकसभा के 145 से अधिक सदस्यों की संपत्ति एक करोड़ से भी अधिक है।
(4) चुनाव हारने के बाद एक मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे जनादेश मंजूद हैं।’ .
उत्तर-
1. हमारी चुनाव प्रणाली को कमजोर करती है। महिलाओं की लोकसभा में सदस्य संख्या बढ़नी चाहिए।
2. यह चुनाव प्रणाली को शक्ति प्रदान करता है। चुनाव कराना चुनाव आयोग का काम है वह ही चुनाव समय निश्चित करे।
3. यह चुनाव प्रणाली को कमजोर करता हैं। चुनावों में संपत्ति व धन का महत्त्व कम होना चाहिए।
4. यह तथ्य चुनाव प्रणाली को शक्ति देता हैं। .

प्रश्न 43.
चुनाव घोषण-पत्र क्या है?
उत्तर-
चुनाव घोषणा-पत्र वह दस्तावेज/लेख होता है जो राजनीतिक दल अथवा किसी निर्दलीय प्रत्याशी द्वारा चुनाव से पूर्व मतदाताओं के लिए तैयार किया जाता है। चुनाव घोषणा-पत्र में चुनावी संकप्न वचन कार्यक्रम का विवरण होता है जिसके माध्यम से दल अथवा प्रत्याशी अपने मतदाताओं को लुभाते हैं तथा उसके माध्यम से उनका समर्थन प्राप्त करते हैं। . ..

प्रश्न 44.
“चुनाव लोकतंत्र का मापन-यंत्र है।” इस वाक्य से आप क्या समझ हैं?
उत्तर-
यह सही है कि चुनाव लोकतंत्र का मापन-यंत्र होते हैं। चुनाव में सभी नागरिकों को भाग लेने का अवसर मिलता है। चुनावी दिनों में नागरिक देश की सामाजिक आर्थिक राजनीतिक समस्याओं को समझने का प्रयास करते हैं तथा उनके समाधान हेतु अपने विचारों को दिशा प्रदान करते हैं। इस प्रकार चुनाव एक ऐसा परिदृश्य प्रस्तुत करते हैं जहाँ मतदाता, स्वतंत्र, निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से मतदान द्वारा अपने विचार व्यक्त करते हैं।

प्रश्न 45.
आपके मत में भारतीय निर्वाचन व्यवस्था में कौन-से चार सुधार लाने आवश्यक हैं?
उत्तर-
भारतीय निर्वाचन व्यवस्था में लाए जाने वाले सुधारों में निम्नलिखित का उल्लेख किया जा सकता है।
(1) फर्जी मतदान को रोकने के लिए पहचान-पत्र जारी किया जाना चाहिए।
(2) चुनावों के दौरान सरकारी तंत्र का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
(3) ऐसे प्रयास किये जाने चाहिए कि मतदाताओं को दबाया न जा सके।
(4) चुनावों की घोषणा के बाद सरकार की ओर से सुविधाएँ देने की मनाही की जाए।

प्रश्न 46.
“मताधिकार एक अधिकार ही नहीं होता, अपितु एक कर्त्तव्य भी हैं।’ टिप्पणी कीजिए।
उत्तर-
मताधिकार से हमारा अभिप्राय मत का प्रयोग होता है। मताधिकार की प्राप्ति व उसे सार्वजनिक रूप से सभी को दिलाने के लिए बड़े-बड़े त्याग किये गए। मताधिकार मात्र एक अधिकार ही नहीं है, अपितु यह एक कर्त्तव्य भी है। हमें अपने मताधिकार के प्रयोग को ईमानदारी व समझदारी से करना चाहिए। मताधिकार के सही प्रयोग से सही प्रतिनिधि चुने जाते हैं तथा सरकार का सही गठन भी ठीक होता है जब हम मताधिकार का ठीक प्रयोग नहीं करते, तो हम गलत सरकार का चयन करते हैं।

प्रश्न 47.
भारत में मतदान की न्यूनमत आयु 21 वर्ष के स्थान पर 18 वर्ष निर्धारित करने के क्या कारण थे? . . . –
उत्तर-
भारत में मतदान का न्यूनमत आयु को 21 वर्ष से 18 वर्ष तक निर्धारित करने के कारणों में निम्नलिखित का उल्लेख किया जा सकता है।’
(1) लगभग संसार के सभी बड़े-बड़े देशों में मतदान की आयु 18 वर्ष है जैसे ब्रिटेन अमेरिका, चीन आदि।
(2) भारतीय युवकों को राजनीतिक मामलों में भागीदारी देने के लिए मतदान के लिए न्यूनतम आयु को कम करना आवश्यक था।
(3) राजनीतिक दल बहुत समय से मतदान की आयु कम दिए जाने की योग्यता पर जोर दे रहे थे।

प्रश्न 48.
चुनाव अधिकारी तथा मतदान केंद्र के प्रधान अधिकारी के कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
चुनाव अधिकारी को चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त किया जाता है। जो भी व्यक्ति चुनाव में भाग लेना चाहता है वह चुनाव अधिकारी के पास नामांकन पत्र देता है। नामांकन-पत्र के साथ वह कुछ धन जमा करता है। यदि वह कुल मत का 1/6 भाग नहीं पाता तो उसका जमा धन जब्त कर लिया जाता है। । ।
मतदान केंद्र का प्रधान अधिकारी इसे भी चुनाव आयोग द्वारा चुना जाता है। यह मतदान केंद्र पर हो रही कार्यवाही को देखता है। उसे देखना होता है कि चुनाव ठीक तरह से हो। इसमें किसी प्रकार की बेईमानी न हो। उसका कर्तव्य है कि वह मत पेटियों को चुनाव केंद्र तक ठीक स्थिति में पहुँचाए। … प्रश्न 49. (क) आम चुनाव,
(ख) मध्यावधि चुनाव;
(ग) उप-चुनाव को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
(क) आम चुनाव-(लोक सभा व विधान सभा) चुनाव प्रत्येक पाँच वर्ष के पश्चात् होते हैं। लोकसभा व विधान सभा के चुनाव को आम चुनाव कहते हैं।
(ख) मध्यावधि चुनाव-यदि लाक सभा अथवा विधान सभा के चुनाव पांच वर्ष से पूर्व होते हैं, उसे मध्यावधि चुनाव कहते हैं।
(ग) उप-चुनाव-यदि किसी सदस्या की मृत्यु हो जाती है या वह इस्तीफा दे देता है और उसका स्थान खाली हो जाता है तो चुनाव आयोग उस स्थान की पूर्ति के लिए चुनाव करवाता है। इसे उप-चुनाव कहते हैं।

प्रश्न 50.
मिली-जुली सरकार कब अस्तित्व में -आती है?
उत्तर-
जब आम चुनावों के पश्चात् विधानपालिका में कोई भी राजनीतिक दल स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं करता अथवा कोई एक दल सरकार बनाने में असमर्थ रहता है तो मिली-जुली सरकार अस्तित्व में आती है। ऐसी मिली-जुली सरकारें केंद्र में भी बन सकती है तथा राज्यों में भी। भारत में 1996 के पश्चात् केंद्र में मिली-जुली सरकारें ही गठित होती रही हैं। 1998 से भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा की सरकार केंद्र में सत्ता में हैं।

प्रश्न 51.
निर्वाचन आयोग के कार्यों का विवेचन कीजिए।
उत्तर-
निर्वाचन आयोग में एक मुख्य आयुक्त व दो अन्य आयुक्त होते हैं। निर्वाचन आयोग के मुख्य कार्यो का वर्णन निम्नलिखित किया जा सकता है
(1) यह आयोग मतदाताओं की सूची तैयार करता है।
(2) देश में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराना आयोग का एक अन्य कार्य है।
(3) राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों तथा मतदाताओं के लिए चुनावी आचार संहिता का दिशा निर्देश करता है।
(4) चुनावी कार्यक्रम का निर्धारण करता है तथा चुनावों की देख-रेख करता है।
(5) राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करता है। (6) चुनाव चिह्न प्रदान करता है।

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प्रश्न 52.
उपचुनाव व मध्यावधि चुनाव में क्या अंतर हैं?
उत्तर-
उपचुनाव उस प्रकार के चुनाव को कहा जाता है जब किसी निर्वाचन क्षेत्र के निवाचित सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो उस स्थान के लिए चुनाव कराया जाता है। मध्यावधि चुनाव विधानपालिका की अवधि से पूर्व उसके भंग होन की स्थिति में कराया जाता है। दोनों प्रकार के चुनावों में अंतर निम्नलिखित होता है
(1) उपचुनाव में निर्वाचन क्षेत्र के रिक्त होने पर चुनाव होता है चाहे प्रतिनिधि की मृत्यु हो, वह त्याग-पत्र दे दे अथवा किसी अन्य कारण उसका स्थान रिक्त हो, मध्यावधि चुनाव विधानपालिका के लिए उनकी अवधि की समाप्ति के पहले के लिए हुए चुनावों की कहते हैं।
(2) उपचुनाव की स्थिति में उम्मीदवार को उतनी शेष अवधि के लिए चुना जाता है। जितनी अवधि रिक्त स्थान. वाले प्रतिनिधि की रहती है। मध्यावधिक चुनाव अगली उस अवधि के लिए होता है। जितनी अवधि विधानपालिका की सामान्तया होती है।
(3) उपचुनाव केवल उस निर्वाचन क्षेत्र के लिए होता है, अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के लिए नहीं; मध्यावधि विधानपालिका के सभी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए होता है।

प्रश्न 53.
निर्वाचन की सम्पर्ण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में निर्वाचन प्रक्रिया (यह किसी अन्य देश के लिए भी वर्णित की जा सकती __ है) का संचालन, नियंत्रण तथा पर्यवेक्षण एक स्वंतत्र व निष्पक्ष चुनाव आयोग द्वारा किया जाता है। चुनाव प्रक्रिया में निम्नलिखित कार्यों को सम्पन्न किया जा सकता है।
(1) चुनाव तिथि की घोषणा की जाती है। इस घोषणा के पश्चात् शेष सभी कार्य चुनाव आयोग की देख-देख में होते हैं।
(2) निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण तथा मतदाताओं की सूचियाँ तैयार की जाती है।
(3) नामांकन पत्रों को एक निश्चित तिथि तक भरने की घोषणा की जाती है।
(4) एक अगली तिथि तक चुनाव नामांकन पत्रों की जांच की जाती है और फिर चुनावों से अपना नाम वापस लेने का प्रावधान भी किया जाता है।
(5) तत्पश्चात् चुनाव अभियान चलाए जाते हैं। राजनीतिक दल व निर्दलीय उम्मीदवार अपने-अपने चुनाव घोषणा पत्रों व अन्य तरीकों से चुनाव प्रचार करते हैं।
(6) एक निश्चित तिथि पर मतदान किया जाता है। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र तथा प्रत्येक मतदान केंद्र पर सरकारी अधिकारियों की देख-रेख में मतदान होता है।
(7) मतदान गुपत रूप से मत-पत्रों अथवा इलैक्ट्रॉनिक मशीनों द्वारा किया जाता है।
(8) मत पेटियाँ अथवा इलैक्ट्रॉनिक मशीन से प्राप्त परिणामों के बाद मतों की गिनती होती है तथा जो प्रत्याशी एक निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक मत प्राप्त करता है, उसे उस निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित प्रतिनिधि घोषित किया जाता है।
(9) चुनावों से संबंधित किसी शिकायत की सुनवाई निर्वाचन आयोग द्वारा होती है। तथा इस संदर्भ में निर्णय भी आयोग लेता है।

प्रश्न 54.
लोकतंत्र में राजनीतिक दलों का क्या महत्त्व हैं?
उत्तर-
लोकतंत्र में राजनीतिक दलों के महत्व को निम्नलिखित बताया जा सकता है.
(1) राजनीतिक दल चुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन करते हैं, चुनाव घोषणा पत्र तैयार करते हैं, अपने प्रत्याशियों को सफल बनाने के लिए चुनावी जोड़-तोड़ करते हैं, चुनाव अभियान चलाते हैं।
(2) चुनावों के पश्चात् विधानपालिकाओं में जाकर वह सरकार बनाते हैं अथवा विपक्ष। यदि कोई राजनीतक दल बहुमत सीटें प्राप्त कर लेता है तो वह सरकार बनाता है और शेष दल विपक्ष चलाते हैं।
(3) सत्तारूढ़ दल के रूप में राजनीतिक दल सरकार/प्रशासन का संचालन करते हैं। जो विपक्ष बनाते हैं, वह सरकार की नीतियों पर नजर रखते हुए उसे मनमानी करने से रोकते हैं।
(4) राजनीतिक दल सत्ता हस्तांतरण शान्तिपूर्वक ढंग से करा देते हैं। दलों के बिना सत्ता परिवर्तन का एकमात्र तरीका हिंसा का प्रयोग होता है। . .
(5) राजनीतिक दल लोकतंत्र हेतु जनमत तैयार करने व उसकी अभिव्यक्ति में सहायक होते हैं।
(6) राजनीतिक दल जनता व सरकार के बीच कड़ी , का कार्य करते हैं। ऐसी व्यवस्था लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाती हैं।

प्रश्न 55.
लोकतांत्रिक चुनावों के लिए जरूरी न्यूनतम शर्तों का वर्णन करें।
उत्तर-
लोकतांत्रिक चुनावों के लिए जरूरी न्यूनतम शर्ते मुख्यतः निम्नलिखित बतायी जा सकती हैं- पहली, हर किसी को चुनाव करने की सुविधा हो। यानि हर किसी को मताधिकार हो और हर किसी के मत का समान मोल हो। दूसरी, चुनाव में विकल्प उपलब्ध हों। पार्टियों और उम्मीदवारों को चुनाव में उतरने की आजादी हो और वे मतदाताओं के लिए विकल्प पेश करें। तीसरी, चुनाव का अवसर नियमित अंतराल पर मिलता रहे। नए चुनाव कुछ वर्षों में जरूर कराए जाने चाहिए।
चौथी, लोग जिसे चाहें वास्तव में चुनाव उसी का होना चाहिए।
पाँचवीं, चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से कराए जाने चाहिए। जिससे लोग सचमुच अपनी इच्छा से व्यक्ति का चुनाव कर सकें।

प्रश्न 56.
भारतीय चुनाव व्यवस्था की सीमाओं व चुनौतियों से जुड़े मनुष्य मुद्दों की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
भारतीय चुनाव व्यवस्था की सीमाओं व चुनौतियों से जुड़े मुख्य मुद्दे निम्नलिखित बताए जा सकते हैं
(1) ज्यादा रुपये-पैसे वाले-उम्मीदवार और पार्टियां गलत तरीके से चुनाव जीत ही जाएँगे। यह कहना मुश्किल है, पर उनकी स्थिति दूसरों से ज्यादा मज़बूत रहती है।
(2) देश के कुछ इलाकों में आपराधिक पृष्ठभूमि और संबंधों वाले उम्मीदवार दूसरों को चुनाव मैदान से बाहर करने और बड़ी पार्टियों के टिकट पाने में सफल होने लगे हैं।
(3) अलग-अगल पार्टियों में कुछेक परिवारों का जोर है और उनके रिश्तेदार आसानी से टिकट पा जाते हैं।
(4) अकसर आम आदमी के लिए चुनाव में कोई ‘ढंग का विकल्प नहीं होता क्योंकि दोनों प्रमुख पार्टियों की नीतियाँ और व्यवहार कमोबेश एक-से होते हैं।
(5) बड़ी पार्टियों के तुलना में छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को कई तरह की परेशानियाँ पड़ती हैं।

प्रश्न 57.
उदाहरण देकर बताइए कि भारत के चुनाव आयोग के विश्वभर के चुनाव आयोगों से अधिक शक्तियाँ प्राप्त हैं?
उत्तर-
दुनिया के शायद ही किसी चुनाव आयोग को भारत के चुनाव आयोग जितने अधिकार प्राप्त होंगे।
(1) चुनाव आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करने से लेकर चुनावी नतीयों की घोषणा तक, पूरी चुनाव प्रक्रिया के संचालन के हर पहलू पर निर्णय लेता है।
(2) यह आदर्श चुनाव संहिता लागू कराता है और इसका उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और पार्टियों को सजा देता है।
(3) चुनाव के दौरान चुनाव आयोग सरकार को दिशा-निर्देश मानने का आदेश दे सकता है। इसमें सरकार द्वारा चुनाव जीतने के लिए चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग रोकना या अधिकारियों का तबादला करना भी शामिल है। …
(4) चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारी सरकार के नियंत्रण में न होकर आयोग के अधीन काम करते हैं।

प्रश्न 58.
चुनावों में दल किन्हीं नारों का प्रयोग करते हैं। उदाहरण देकर बताइए कि भारत में ऐसे नारों का प्रयोग होता है।
उत्तर-
चुनाव अभियान के दौरान राजनैतिक पार्टियाँ लोगों का ध्यान कुछ बड़े मुद्दों पर केंद्रित करवाना चाहती हैं। वे लोगों को इन मुद्दों पर आकर्षित करती हैं और अपनी पार्टी के पक्ष में वोट देने की कहती है। विभिन्न चुनावों में विभिन्न दलों द्वारा उठाए गए कुछ सफल नारे निम्नलिखित हैं

(1) इंदिरा गाँधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी ने 1971 के लोकसभा चुनरवों में ‘गरीबी हटाओं’ का नारा दिया था। पार्टी ने वायदा किया कि वह सरकार की सारी नीतियों में बदलाव करके सबसे पहले देश से गरीबी हटाएगी।
(2) 1977 में हुए अगले लोकसभा चुनावों में जनता पार्टी ने नारा दिया ‘लोकतंत्र बचाओ।’ पार्टी ने आपातकाल के दौरान हुई ज्यादतियों को समाप्त करने और नागरिक आजादी को बहाल करने का वायदा किया।
(3) वामपंथी दलों ने 1977 में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ‘जमीन-जोतने वाले को’ का नारा दिया था।
(4) 1983 के आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनावों में तेलुगु देशम पार्टी के नेता एन.टी. रामाराव ने ‘तेलुगु स्वाभिमना’ का नारा दिया था।

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प्रश्न 59.
चुनाव नतीजों से किन तथ्यों की जानकारी मिलती है? बताइए।
उत्तर-
भारत में चुनावी नतीजें खुद ही काफी कुछ कह देते हैं। उदहारण या
(1) भारत में शासक दल राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर अकसर चुनाव हारते रहे हैं। बल्कि पिछले पंद्रह वर्षों में भारत में जितने चुनाव हुए हैं उनमें से प्रत्येक तीन में से दो में शासक पार्टियाँ हारी ही हैं।
(2) अमेरिका में मौजूदा चुना हुआ प्रतिनिधि शायद ही कभी चुनाव हारता है। भारत में निवर्तमान सांसदों और विधायकों में से आधे चुनाव हार जाते हैं।
(3) ‘वोट खरीदने’ में सक्षम पैसे वाले उम्मीदवार हो या आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार, उनका भी चुनाव हारना बहुत आम हैं। . (4) कुछेक अपवादों को छोड़ दें तो अकसर हारी हुई पार्टी भी चुनाव नतीजों को जनादेश मानकर स्वीकार कर लेती हैं।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नलिखित वाक्यों में सही (√) व गलत (x) की पहचान करें।

(i) हमारे देश में चुनाव गुप्त मतदान द्वारा किया जाता है
(ii) चुनावी उम्मीदवारों को अपना नाम वापस लेने के लिए एक निश्चित तिथि दी जाती है।
(iii) चुनाव लोकतंत्र के लिए मापन यंत्र का काम करते हैं।
(iv) चुनावों में जीत-हार की भविष्यवाणी निश्चित नहीं बतायी जा सकती हैं।
(v) विपक्ष द्वार पूरे देश में सत्ता का प्रयोग होता है।
उत्तर-
(i) √,
(ii) √,
(iii) √,
(iv) √,
(v) x,

प्रश्न 2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(i) 1998 तक भारत में ………आम चुनाव हो चुके थे। (12, 13)
(ii) मतदाताओं द्वारा मतदान में उचित भाग न लेने से नागरिक ………….हो जाते हैं।( उदासीन, प्रसन्न)
(iii) नवभारत टाइम्स………..का एक दैनिक समाचार पत्र है। (हिंदी, अंग्रेजी)
(iv) बहुजन समाज पार्टी एक……….दल हैं। (क्षेत्रीय, राष्ट्रीय)
(v) नेशनल कांफ्रेंस………..का तक राजनीतिक दल है। (पंजाब, जम्मू-कश्मीर)
उत्तर-
(i) 13,
(ii) उदासीन,
(iii) हिंदी,
(iv) राष्ट्रीय,
(v) जम्मु-कश्मीर।

प्रश्न 3. निम्नलिखित विकल्पों में सही विकल्प का चयन करें।

(i) 1987 में चौधरी देवी लाल ने निम्न समिति बनायी थी।
(a) न्याय
(b) संघर्ष
(c) विधान
(d) सेवा
उत्तर-
(b) संघर्ष

(ii) आज लोकसभा की सदस्य संख्या निम्नलिखित
(a) 540
(b) 541
(c) 542
(d) 543
उत्तर-
(d) 543

(iii) लोकसभा में अनुसूचित जाति के सदस्यों की निम्नलिखित संख्या है
(a) 76
(b) 77
(c) 78
(d) 79
उत्तर-
(d) 79

(iv) लोकसभा में अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की निम्नलिखित संख्या हैं।
(a) 41.
(b) 42
(c) 43
(d) 44
उत्तर-
(a) 41.

चुनावी राजनीति Class 9 HBSE Notes in Hindi

अध्याय का सार

भारत एक लोकतांत्रिक राज्य है। इसे विशालतम लोकतंत्र इस कारण कहा जाता है कि इस देश की सरकार के चयन में विश्वभर में सबसे अधिक लोग भाग लेते हैं। जनवादी चीन में साम्यवादी एक दलीय सरकार का गठन होता है। भारत में मतदाता न केवल केंद्र की सरकार के चयन में भाग लेते हैं अपितु वे राज्य व स्थानीय सरकारों के चुनाव में भी भाग लेते हैं। अतः स्पष्ट है कि भारत में सार्वभौम वयस्क मताधिकार लागू किया है।

सार्वभौम वयस्क मताधिकार उस.मताधिकार को कहा जाता है जहाँ एक निश्चित न्यूनतम आयु प्राप्त कर सबको, बिना किसी भेदभाव के, मताधिकार प्राप्त होता है। इसके अंतर्गत “एक व्यक्ति एक मत” के सिद्धांत को स्वीकार जाता है। भारतीय व्यवस्था में प्रत्येक ऐसे व्यक्ति को जिसकी आयु 18 वर्ष हो, मत देने का अधिकार दिया गया है। यह और बात है कि मतदान करने सभी मतदाता नहीं आते। यह भी और बात है कि न्यायालय कुछेक गंभीर अपराधियों को मतदान से वंचित कर देते हैं।

लोकतंत्र लोगों द्वारा बनायी गयी व्यवस्था है। अतः लोकतांत्रिक सरकार लोकमत पर आधारित सरकार होती है। सार्वजनिक मामलों पर बना मत जो लोकहित की साधना करता हो, उसे लोकमत कहा जाता है। जागरुक लोकमत शासन को कुशासन नहीं बनने देता; जागरुक जनमत प्रत्येक प्रकार की सरकार का सम्मान करता है तथा शासन संचालन में उससे प्रेरित रहता है। जो सरकार लोकमत के अनुरूप नहीं चलती, वह अलोकप्रिय तो हो ही जाती है, वह सरकार अधिक समय तक टिकती भी नहीं। लोकमत/जनमत के निर्माण में अनेक साधन कार्य करते हैं-प्रिंट मिडिया के अंतर्गत समाचार-पत्र, पत्र व पत्रिकाएँ आदि को सम्मिलित किया जाता है। यह जनमत बनाते भी हैं तथा जनमत की अभिव्यक्ति में भी सहायक भूमिका निभाते हैं। इलैक्ट्रानिक मीडिया के अंतर्गत रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा आदि को सम्मिलित किया जा सकता है। जनमत के निर्माण व अभिव्यक्ति में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होता है। राजनीतिक दल, सार्वजनिक सभाएँ, शिक्षा सम्बन्धी समस्याएँ भी जनमत के साधन कहे जा सकते हैं।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 चुनावी राजनीति

लोकतांत्रिक सरकारें प्रतनिधिमूलक सरकारें होती हैं। अतः ऐसी व्यवस्थाओं में निर्वाचन व्यवस्था का होना अनिवार्य होता है। स्वतंत्र व निरपेक्ष चुनावों के लिए स्वच्छ निर्वाचन प्रणाली का होना नितांत आवश्यक है। इस संदर्भ में चुनाव आयोग की विशेष भूमिका होती है। चुनाव आयोग स्वतंत्र व पक्षपात चुनाव करने में सहयोग दे सकता है। मतदाता सूची, निर्वाचन क्षेत्र का निर्धारण, उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न प्रदान करना, राजनीतिक दलों को चुनावी मान्यता देना, चुनाव अभियानों का निरीक्षण करना, चुनावी समस्याओं का समाधान करना, चुनाव सम्बन्धी घोषणाएँ करना आदि ऐसे कार्य हैं जो चुनाव आयोग करता है। चुनाव प्रायः एक निश्चित अवधि के बाद होते हैं। सरकार के पतन पर मध्यावधि चुनावों की व्यवस्था की जाती है। किसी प्रतिनिधि की मृत्यु के कारण उपचुनावों का प्रयोजन भी किया जाता है चुनाव प्रक्रिया स्वंय में एक जटिल प्रक्रिया प्रतिनिधिमूलक सरकार के निर्माण में चुनाव तथा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों का होना अनिवार्य होता है। राजनीतिक दल सार्वजनिक मामलों पर एक जैसे विचार रखने वाले लोगों का वह संगठन होता है जो संयुक्त व साँझे प्रयासों व चुनावी तरीकों से सत्ता प्राप्त करे के पश्चात् अपनी नीतियों को कार्यरूप देते हैं। राजनीतिक दल प्रणाली एकदलीय, द्विदलीय, बहुदलीय, एकदलीय प्रधान अथवा राज्य-क्षेत्रीय संयुक्त प्रणाली भी हो सकती है।

भारत में अब तक तेरह आम चुनाव हो चुके हैं। 1967 तक केंद्र व राज्यों में अधिकांशतः कांग्रेस सरकार ही कार्य करती है। उसके पश्चात् राज्यों में क्षेत्रीय दलों को तेजी से उदय हुआ जिसका प्रभाव केंद्र की कांग्रेस सरकार पर भी पड़ा। राज्यों में मिली-जुली सरकारें बननी आरंभ हो गई और केंद्र में भी संयुक्त मोर्चे की सरकार-कभी कांग्रेस के समर्थन पर और कभी गैर-कांग्रेसी दलों के समर्थन पर। 1998 में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चे की सरंकार का गठन हुआ। बाद में 2003 में कांग्रेस के नेतृत्व में यू.पी.ए. की सरकार बनी। राज्यों में समय-समय पर क्षेत्रीय दलों की सरकारें बनती रही हैं।
राजनीतिक दलों की सहायता हेतु तथा अपने-अपने विशेष हितों की पूर्ति के लिए हित समूहों पर दबाव समूहों की भूमिकाएँ लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में नकारी नहीं जा सकतीं। भारत में भी दबाव समूह व हित समूह सक्रिय रहे हैं।

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HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

HBSE 9th Class Geography भारत का भौतिक स्वरूप Textbook Questions and Answers

भारत का भौतिक स्वरूप HBSE 9th Class Geography प्रश्न 1.
निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए-

(i) एक स्थलीय भाग जो तीन ओर से समुद्र से घिरा हो
(क)तट
(ख) प्रायद्वीप
(ग) द्वीप
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) प्रायद्वीप

(ii) भारत मे पूर्वी भाग में म्यांमार सीमा का निर्धारण करने वाले पर्वतों का संयुक्त नाम
(क) हिमाचल
(ख) पूर्वांचल
(ग) उत्तरांचल
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) पूर्वांचल

(iii) गोवा के दक्षिण में स्थित पश्चिम तटीय पट्टी
(क)कोरोमंडल
(ख) कन्नड
(ग) कोंकण
(घ) उत्तरी सरकार
उत्तर-
(ग) कोंकण

(iv) पूर्वी घाट का सर्वोच्च शिखर
(क)अनाईमुड़ी ।
(ख) महेंद्रगिरि
(ग) कंचनजंगा ।
(घ) खासी
उत्तर-
(ख) महेंद्रगिरि

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

HBSE 9th Class Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप प्रश्न 2.
निम्न प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।

(i) भूगर्भीय प्लेंटे क्या हैं?
(ii) आज के कौन से महाद्वीप गोंडवाना लैंड के भाग थे?
(iii) ‘भाबर’ क्या है?
(iv) हिमालय के तीन प्रमुख विभागों के नाम उत्तर से दक्षिण के क्रम में बताइए?
(v) अरावली और विध्यांचल की पहाडियों में कौन-सा पठार स्थित है?
(vi) भारत के उन द्वीपों के नाम बताइए जो प्रवाल भित्ति के हैं।
उत्तर-
(i) भूगर्भीय प्लेंटे पर्पटी की गति की वैज्ञानिक संकल्पना हैं।
(ii) आज के एशिया (भारत) आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, (दक्षिणी अफ्रीका), तथा दक्षिण अमेरिका गोंडवानालैंड के भाग थे।
(ii) भाबर शिवालिक की ढाल पर 8 से 16 किमी के चौड़ी पट्टी में गुटिका का निक्षेपण भाबर के नाम से जाना जाता है।
(iv) हिमालय के तीन मुख्य विभाग है(अ) महान अथवा आंतरिक हिमालय या हिमाद्रि। (ब) हिमाचल या निम्न हिमालय, (स) शिवालिका,
(v) अरावली व विध्याचल की पहाड़ियों के बीच मध्य उच्च भूमि है। इसे मालवा का पठार भी कहा जाता है।
(vi) लक्षद्वीप।

Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप HBSE 9th Class Geography प्रश्न 3.
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए।

(i) अपसारी तथा अभिसारी भूगर्भीय प्लेंटे।
(ii) बांगर और खादर।।
(ii) पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट।
उत्तर- (i) अपसारी भूभीय प्लेटे

  1. ऐसी प्लेटें एक-दूसरे के विपरीत जाती है।
  2. ऐसी प्लेटें एक-दूसरे से दूर जाती है।
  3. ऐसी प्लेटों से अवसादी किनारों का निर्माण होता है जो महासागरीय मध्य घटकों के साथ-साथ है।
  4. ऐसी प्लेटों के अंतर्गत पृथ्वी में लावा उठता रहता
  5. अपसारी प्लेटों के कारण भूकम्प व ज्वालामुखी घटनाएं होती हैं। एक-दूसरे से दूर जाने से क्षैतिज रूप से चट्टानों संस्तरों में खिचाव होता है। इससे भ्रंश घाटी तथा खंड पर्वतों का निर्माण होता है।
  6. ऐसी प्लेटों से भूपृष्ठ से दरार पड़ती है।

अभिसारी भूगर्भीय प्लेटें

  1. ऐसी प्लेटों का स्वरूप क्षैतिज होता है।
  2. ऐसी प्लेटें एक-दूसरे के निकट आती है।
  3. जब महासागरीय व महाद्वीपीय प्लेटे टकराती हैं तो महासागरीय प्लेटें दूसरी प्लेट के नीचे धंस जाती हैं।
  4. इनसे ज्वालामुखी उद्भेदन होते हैं।
  5. जब दो महाद्वीपीय प्लेटे एक-दूसरे के निकट आती हैं तो उनके बीच अवसादी शैलों में भिंचाव के काण बल पड़ने लगते हैं और वलित पर्वतों का निर्माण होता है, जैसे हिमालय पर्वत।
  6. ऐसी प्लेटों से भू-पृष्ठ में मोड़ पड़ते हैं। .

(ii) बांगर तथा खादर में अंतर निम्नलिखित . बताया जा सकता है
बांगर

  1. यह पुराने जलोढ़ का प्रदेश है।
  2. यह कम उपजाऊ
  3. यह मैदान का वह भाग हे जहाँ बाढ का जल नहीं पहुंच पाता।

खादर

  1. यह नए जलोढ़ का क्षेत्र है।
  2. यह अधिक उपजाऊ क्षेत्र है।
  3. यहाँ बाढ़ का जल फैलता है। .

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

(iii) पूर्वीघाट तथा पश्चिमी घाट में निम्नलिखित अंतर बताया जा सकता है-

  1. पश्चिमी घाट के मैदान अरब सागर तथा पश्चिमी घाट के बीच स्थित हैं। पूर्वी मैदान बंगाल की खाड़ी तथा पूर्वी घाट के बीच स्थित हैं।
  2. पश्चिमी घाटी के मैदानों की चौड़ाई 10 किमी. व 25 किमी तक है। पूर्वी घाट की चौड़ाई 100 से 130 किमी तक की भी है।
  3. पश्चिमी घाट के मैदान पूर्वी घाट के मैदानों की अपेक्षा कम उपजाऊ हैं
  4. पश्चिमी घाटों में एस्चुअरी व लैगून हैं जबकि पूर्वी घाटों में डेल्टा है।
  5. पश्चिमी घाटों में मानसूनी पवनों के कारण जलवायु सुहावनी व आर्द होती है। जलवायु सम है।
  6. पश्चिमी घाटों में नदियाँ छोटी व दुर्गामी हैं। पूर्वी घाटों में नदियाँ लम्बी हैं।
  7. पश्चिमी घाटों की नदियाँ अरब सागर में तथा पूर्वी घाटों की नदियाँ बंगाल की खाड़ी में जा मिलती हैं।

प्रश्न 4.
बताइए कि हिमालय का निर्माण कैसे हुआ था?
उत्तर-
आज से करोड़ों वर्ष पहले भारत में हिमालय पर्वत तथा उत्तरी मैदान के स्थान पर एक सागर था जिसे टेथिस सागर कहते हैं। इस सागर के दक्षिणी भाग में ‘गोंडवाना’ नाम का महाद्वीप था। पृथ्वी की भीतरी हलचलों के कारण दक्षिणी भाग अर्थात् गोंडवाना लैंड धीरे-धीरे उत्तर की ओर सकटने लगा। दबाव पड़ने के कारण टेथिस सागर पर संपीड़न होने लगा और तलछटी चट्टानें मुड़कर ऊपर उठने लगीं। इन्हीं पर उठे हुए भागों ने धीरे-धीरे एक पर्वत का रूप ले लिया। इसी पर्वत को ‘हिमालय पर्वत’ कहा जाता है।

प्रश्न 5.
भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग कौन-से हैं? हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीप व पठार के उच्चावच लक्षणों में क्या अंतर है?
उत्तर-
भारत एक विशाल देश है। इसके प्रमुख भू-आकृति खंड निम्नलिखित हैं-
(i) उत्तर में विशाल पर्वतों का प्राचीर।
(ii) उत्तर में विशाल मैदान।
(iii) विशाल प्रायद्वीपीय पठार।
(iv) तटीय मैदान।
भौतिक लक्षणों के आधार पर हिमालय पर्वत क्षेत्र एवं प्रायद्वीपीय पठार में अंतर-

हिमालय पर्वत क्षेत्र

  1. हिमालय विश्व के सर्वाच्च वलित पर्वत है।
  2. ये कश्मीर से अरूणाचल प्रदेश तक लगभग 2400 किलोमीटर की लम्बाई में फैले हैं।
  3. हिमालय की उत्पत्ति टेथिस सागर से भूहलचलों द्वारा मानी जाती है। हिमालय को प्रायः उत्तर से दक्षिण की ओर तीन समान्तर श्रेणियों में विभाजित किया जाता है-हिमाद्री, हिमाचल, शिवालिक।

प्रायद्वीपीय पठार

  1. भारतीय प्रायद्वीपीय पठार प्राचीन गोंडवाना लैंड के – ही भाग माने जाते हैं।
  2. यह प्रायद्वीप उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन भू-भाग है। यहां सबसे अधिक खनिज पाये जाते हैं।
  3. प्रायद्वीपय पठार को दो भागों में बांटा जाता है-(अ) मध्यवर्ती उच्च भूमियाँ, (ब) दक्कन का पठार। नर्मदा नदी घाटी इस पठार को दो भागों में विभाजित करती है।

प्रश्न 6.
भारत के उत्तरी मैदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
हिमालय पर्वत श्रेणी तथा दक्षिणी पठार के बीचों-बीच एक विशाल सपाट मैदान है जिसे भारत का उत्तरी-पूर्वी विशाल मैदान कहा जाता है। इसका निर्माण हिमालय से निकलने वाली नदियों द्वारा लायी गयी जलोढ़ गाद से हुआ है। यहां की उपजाऊ मृदा, जलवायु तथा पर्याप्त जल आपूर्ति आदि कृषि कार्य के लिए विशेष भूमिका निभाते हैं। यह मैदान सिंधु नदी के मुहाने से लेकर गंगा, ब्रह्मपुत्र के मुहाने तक लगभग 3200 किलोमीटर – दूरी में विस्तृत है। इसकी चौड़ाई 150 किलोमीटर से 300 किलोमीटर के बीच है। पूर्व की ओर यह मैदान संकरा होता जाता है। सिंधु नदी की सहायक नदियाँ हैं-झेलम, चेनाब, रावी, व्यास, तथा सतलुज। गंगा-बह्मपुत्र की सहायक नदियाँ बंगाल की खाड़ी में जा मिलती है जबकि सिंधु नदी अरबी सागर में।

उच्चावच के अंतर के आधार पर मैदानी भाग को भाबर, तराई, बांगर तथा खादर में विभाजित किया जाता है। लगभग 8 किमी से 16 किमी की कंकड व पत्थरों की एक पतली पैटी नदियों के समान्तर बहती है, और इसे ‘भाबर’ कहा जाता है और यह उपजाऊ नहीं होती। भाबर से लगा हुआ ‘तराई’ क्षेत्र है जो अधिक नम व दलदली है यहां घने वन व विविध वन्य जीव पाए जाते हैं। मैदानी भागों में पुरानी जलोढ़ को बांगर तथा नवीन जलोढ़ को खादर कहा जाता है। खादर बांगर की अपेक्षा अधिक उपजाऊ है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए
(i) मध्य हिमालय-सर्वोच्च हिमालय अर्थात् हिमाद्रि के दक्षिण में मध्य हिमालय स्थित है। इसे हिमालय श्रेणी भी कहा जाता है। इसकी औसत चौड़ाई 50 किलोमीटर है तथा इसकी ऊंचाई 3700 से 4500 मीटर है। पीर पंजाल, धोलाधर तथा महाभारत पर्वत श्रेणियाँ इसी में आती है। उत्तरी भारत के सभी प्रमुख पर्वतीय नगर जैसे-धर्मशाला, डलहौजी, शिमला, मसूरी, दार्जीलिंग इन्हीं श्रेणियों पर स्थिति हैं पीर पंजाल (जम्मू-कश्मीर), धोलाधर, (हिमाचल प्रदेश) तथा महाभारत (नेपाल) आदि यहां की पर्वत श्रेणियाँ है।

(ii) मध्यवर्ती उच्च भूमियाँ-प्रायद्वीपय पठार के उत्तरी भू-भाग को मध्यवर्ती उच्च भूमियाँ कहा जाता है। यह भाग अधिक ऊँचा नहीं है। उच्च भूमियों का धरातल मुख्यतः कठोर आग्नेय व कायान्तरित शैलों से निर्मित है। पश्चिम में अरावली पर्वत स्थित, उत्तर में गंगा के मैदान तथा दक्षिण में विन्धयाचल से यह घिरा हुआ है जो इसे दक्कन पठार से अलग करता है। पश्चिम से इस क्षेत्र को मालवा पठार और पूर्व में छोटा नागपुर पठार कहा जाता है। पठार के मध्यवर्ती उच्च भूमियों का विस्तार पूर्व में राजमहल की पहाड़ियों तथा गंगा ब्रह्मपुत्र डेल्टा के पार शिलांग के पठार तक है।

(iii) भारत के द्वीप समूह-भारतीय सागर में सैकड़ों द्वीप हैं। इस द्वीपों को निम्नलिखित द्वीप समूहों में बांटा गया है

(क) अंडमान-निकोबार द्वीप समूह-यह द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में स्थित है। ये द्वीप समूह 0 और 4 अक्षांशों के बीच लगभग 350 किलोमीटर तक फैली है। इस द्वीप समूह में करीब 219 द्वीप हैं। ये द्वीप सागर में डूबी पर्वत श्रृंखला के पानी के ऊपर उठे हुए भाग हैं। बैरन द्वीप एक सीय ज्वालामुखी है। भारत के लिए इस द्वीप समूह का सामरिक महत्व है।
(ख) लक्षद्वीप समूह-ये द्वीप समूह अरब सागर में केरल के तट के समीप स्थित है। ये आकार में काफी छोटे हैं तथा इनकी संख्या 40 के लगभग है। इनका निर्माण अति सूक्ष्म अल्प जीवी प्रवाल के ढांचों से हुआ है। ये जीव उथले वे गर्म सागर में बहुत तेजी से बढ़ते है। अनेक द्वीपों की आकृति घोड़े की नाल व अंगूठी के समान है। लक्षद्वीपों का अन्तिम द्वीप मालदीव के नजदीक हैं।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

मानचित्र कार्य

भारत के रेखा मानचित्र में निम्नलिखित दिखाइए-

(i) पर्वत शिखर-के2; कंजनजुंगा, नंगा पर्वत, अनाइमुदी।
(ii) पठार-शिलांग, छोटा नागपुर, मालवा, बुंदलेखंड।
(iii) थार भूमि पश्चिमी घाट, लक्षद्वीप समूह, गंगा-युमना दोआब तथा कोरामंडल तट।

क्रियालाप

दी गई वर्ग पहेली में कुछ शिखरों, दरों, श्रेणियों, पठारों, पहाड़ियों एवं घाटियों के नाम छुपे हैं। उन्हें ढूंढिए।
ज्ञात कीजिए कि ये आकृतियाँ कहां स्थित हैं? आप अपनी खोज क्षैतिज, उर्ध्वाधर या विकर्णीय दिशा में कर सकते हैं।
नोट-पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप 1

HBSE 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 जाति, धर्म और लैंगिक मसले 1

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. सही व गलत के चिह्न लगाइए-

(i) नामचा बरुआ शिखर भारत में स्थित है।
(ii) पीर पंजाल श्रृंखला सबसे छोटी श्रृंखला है।
(iii) भारत के तटीय मैदान देश में उत्तरी क्षेत्र में स्थित हैं।
(iv) थार मरुस्थल राजस्थान में है।
(v) गोंडवाना के उत्तर में अंगारा भूमि बतायी जाती हैं।
(vi) डून घाटियों में प्रसिद्ध के नाम हैं-देहरादून, कोटलीदून, व पाटलीदून।
(vii) मेघालय को बादलों व वर्षा का राज्य कहा जाता है।
(viii) मेघालय की पर्वत श्रृंखलाएं सिन्धु से ब्रह्मपुत्र तक फैली हैं।
उत्तर-
(i) (√),
(ii) (x),
(iii) (x),
(iv) (√),
(v) (√),
(vi) (√),
(vii) (√),
(viii) (√).

प्रश्न 2. निम्नलिखित में रिक्त स्थानों की उपयुक्त शब्दों से भरिए-

(i) भारत में एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी ……………. में स्थित है। (लक्षद्वीप, अंडमान)
(ii) 1973 में द्वीपों के इस छोटे प्रवाल समूह को ……………. कहा जाने लगा। (लक्षद्वीप, अंडमान)
(iii) चिल्का झील ……………. पानी की सबसे – बड़ी झील है। (खारे, मीठे)
(iv) बंगाल की खाड़ी प्रायद्वीपीय पठार के . …….. में स्थित है।
(v) बरकन के लंबवत् टीले समूह ………….. देखे जा सकते हैं। (बैंगलोर, जैसलमेर)
(vi) प्रायद्वीपीय पठार में पायी जाने वाली ……. मृदा को दक्कन ट्रैप के नाम से जाना जाता है। (भूरा, काला)
(vii) मजोली संसार का सबसे …………….नदीय द्वीप है। (छोटा, बड़ा)
(viii) माउंट एवरेस्ट ……………… का सबसे ऊंचा शिखर है। (भारत, नेपाल)
उत्तर-
(i) अण्डमान,
(ii) लक्षदीप,
(iii) खारे,
(iv) पूर्व,
(v) जैसलमेर,
(vi) काली,
(vii) बड़ा
(viii) नेपाल।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

प्रश्न 3. गलत जोड़ों को सही बनाइए-

(i) चिल्का । — (क) हिमालय की बाहरी श्रृंखला
(ii) कंजनजुंगा — (ख) भारत
(iii) मजोला — (ग) सिक्किम
(iv) शिवालिक — (घ) उड़ीसा
(v) नामचा — (ङ) ब्रह्मपुत्र
उत्तर-
(i) चिल्का — (घ) उड़ीसा
(ii) कंजनजुंगा — (ग) सिक्किम
(iii) मजोला — (ङ) ब्रह्मपुत्र
(iv) शिवालिक — (क) हिमालय की बाहरी श्रृंखल
(v) नामचा — (ख) भारत

प्रश्न 4. निम्नखित चार विकल्प उत्तरों में सही चयन कीजिए-

(i) उद्गमंडलम को निम्न नाम से जाना जाता है
(क) ऊटी
(ख) नामन्का
(ग) कोटईकनाव
(घ) कोंकण
उत्तर-
(क) ऊटी

(ii) बंगाल की खाड़ी के साथ के चौड़े मैदान के उत्तरी भाग को कहा जाता है
(क) उत्तरी सरकार
(ख) उत्तरी राज्य
(ग) उत्तरी समाज
(घ) उत्तरी लोग
उत्तर-
(क) उत्तरी सरकार

(iii) केरल के मालाबार तट के पास निम्न स्थित है
(क) लक्षद्वीप
(ख) मालदीव
(ग) अंडमान
(घ) निकोबार
उत्तर-
(क) लक्षद्वीप

(iv) नेपाल में स्थित संसार का सबसे बड़ा ऊंचा शिखर है
(क) एवरेस्ट
(ख) कंचनजुंगा
(ग) नंगा पर्वत
(घ) अन्नापूर्ण।
उत्तर-
(क) एवरेस्ट

(v) जहाँ कभी आज हिमालय है, वहाँ कभी लाखों वर्ष पहले एक सागर था जिसका नाम था
(क) टेथिस
(ख) शांत महासागर ।
(ग) हिंद महासागर
(घ) अंटलांटिक
उत्तर-
(क) टेथिस

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

भारत-आकार वे स्थिति Class 9 HBSE Notes in Hindi

भौगोलिक तथ्य

1. उच्चावच : धरातल अथवा समुद्र की तलहटी पर प्राकृतिक रूप रेखा में पाए जाने वाली ऊँचाईयों का अंतर
2. जलोढ मैदान : नदियों द्वारा बहाकर लायी गयी महीन गाद अथवा – शिलाकणों वाली कांच के निक्षेपण से बना समतल भू भाग।
3. दुर्बलता मंडल : ऊपरी मैटिल की एक शैलीय परत जो भूपृष्ठ के ठीक नीचे अर्द्ध द्रवित अवस्था के रूप में होती है।
4. निमजज्जन : जलवायु विज्ञार में यह हवा के नीचे जाने वाली गति है। भूगर्भ विज्ञान में इसे धरातल की सतह के नीचे धसने की क्रिया कहा जाता है।
5. पठार : विस्तृत ऊपर उठा हुआ एक भू-भाग जिसके ऊपर के भाग अपेक्षाकृत समतल होते हैं। तथा किनारे तेज ढाल वाले होते हैं।
6. अवसादी शैलें : अवसादों से बनी शैलें जिनमें प्रायः परतदार संरचना होती है।
7. आग्नेय शैलें : वे शैलें जो मैग्मा या लावा के पृथ्वी की सतह पर या पृथ्वी भीतर जम जाने से बनती है।
8. उपमहाद्वीप : एक बहुत बड़ा भूखंड जो महाद्वीप के शेष भाग से एक पृथक भौगोलिक इकाई के रूप में रचवृत या अलग हो।
9. जलोढ़ मैदान : नदियों द्वारा बहाकर लाई गई महीन गाद या शिलाकणों वाली कांच अथवा जलोढ़ मिट्टी में निक्षेपण से बना समतल भू-भाग।
10. झील : एक जलराशि- जो पृथ्वी की सतह के गर्त/गड्ढ़े में हो और चारों ओर वे पूर्णतया स्थल से घिरी हो।
11. नवीन/युवा पर्वत : पृथ्वी के भूपटल के नवीनतम दौर में बने मोड़दार या वलित पर्वत जैसे-हिमालय, अल्पस, एडीज तथा राकी पर्वत।
12. पर्वत : पृथ्वी के धरातल का ऊपर की ओर उठा हुआ एक भाग जो काफी ऊंचा होता है और साधारणतयाः तीव्र ढालों वाला होता है।
13. भूगर्भीय : पृथ्वी के भीतर उत्पन्न होने वाली शक्तियां जो धरातल की भू-आकृतियों में विस्तृत परिवर्तन के लिए उत्तरदायी होती है।
14. भूगर्भीय प्लेट : भूपर्पटी में बृहत गर्त अथवा द्रोणी या सैंकड़ों किलोमीटर तक फैली एक गहरी खाई जिसका तल दोनों किनारों की भूआकृतियों से अपरदित मलबे के निक्षपेण के कारण ध रे-धीरे धंसता जाता है। फलस्वरूप अवसादी शैलों की मोटी परतों का निर्माण होता है।
15. मैदान : समतल अथवा बहुत कम ढालवाली भूमि का एक विस्तृत क्षेत्र।
16. वलय : पृथ्वी की पपड़ी पर दबाव पड़ने से किसी क्षेत्र की शैल पों में पड़ने वाले मोड़।
17. स्थलमंडलीय प्लेटें : दुर्बलता मंडल के ऊपर तैरने वाले महाद्वीपीय भू-पृष्ठ या महासागरीय अधस्तल के बड़े-बड़े भाग।
18. गोंडवाना भूमि : ये प्राचीन विशाल महाद्वीप पैंजिया का दक्षिणतम भाग, जिसके उत्तर में अंगारा भूमि बतायी जाती है।
19. माजोली : ब्रह्मपुत्र नदी में स्थित विश्व का सबसे बड़ा नदीय द्वीप, जहाँ लोगों का निवास है।
20. दोआब : दो नदियों के बीच का भाग
21. पंजाब : दो शब्दों का जोड़ पंज अर्थात पांच; आब अर्थात् पानी अर्थात् पांच नदियों वाला राज्य।
22. भाबर : चौड़ी पट्टी की गुटिका का निक्षेपण।
23. तराई : नम व दलदली क्षेत्र।
24. भांगर : पूराने जलोढ़ से बना विशालतम भू-भाग जो उतरी मैदानों में है।
25. खादर : बाढ़ वाले मैदानों के नये अथवा भू-भाग निक्षेप।
26. कंकड़ : भांगर क्षेत्र की मृदा में चूनेदार निक्षेप।
27. चिल्लका : भारत में खारे पानी की सबसे बड़ी झील जो उड़ीसा में स्थित है।
28. सक्रिया ज्वालामुखी : भारत का एक मात्र सक्रिय ज्वालामुखी जो अंडमान-निकोबार के बैरने के द्वीप पर स्थित है।
29. ‘ सन्दुबन : विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा।

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HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 अपवाह

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 अपवाह

HBSE 9th Class Geography अपवाह Textbook Questions and Answers

अपवाह HBSE 9th Class Geography प्रश्न 1.
दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए

(i) निम्नलिखित में से कौन-सा वृक्ष की शाखाओं के समान अपवाह प्रतिरूप प्रणाली को दर्शाता
(क)अरीय
(ख) केंद्राभिमुख
(ग) द्रुम्राकृतिक
(घ) जालीनुमा
उत्तर-
(ग) द्रुम्राकृतिक

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 अपवाह

(ii) वूलर झील निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है?
(क) राजस्थान
(ख) पंजाब
(ग) उत्तरप्रदेश
(घ) जम्मू-कश्मीर
उत्तर-
(घ) जम्मू-कश्मीर

(iii) नर्मदा नदी का उदगम कहां से है?
(क) सतपुड़ा
(ख) अमरकंटक
(ग) ब्रह्मगिरी
(घ) पश्चिमी घाट के ढाल
उत्तर-
(ख) अमरकंटक

(iv) निम्नलिखित में से कौन-सी लवणीय जलवाली झील है?
(क) सांभर
(ख) वूलर
(ग) डल
(घ) गोबिंद सागर
उत्तर-
(क) सांभर

(v) निम्नलिखित में से कौन-सी नदी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी है?
(क) नर्मदा
(ख) गोदावरी
(ग) कृष्णा
(घ) महानदी
उत्तर-
(ख) गोदावरी

(vi) निम्नलिखित नदियों में से कौन-सी नदी भ्रंश घाटी से होकर बहती है?
(क) दामोदर
(ख) कृष्णा
(ग) तुंगभद्रा
(घ) तापी
उत्तर-
(घ) तापी

HBSE 9th Class Geography Chapter 3 अपवाह प्रश्न 2.
निम्न प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।

(i) जल विभाजक का क्या कार्य है? एक उदाहरण दीजिए।
(ii) भारत में सबसे विशाल नदी द्रोणी कौन-सी है?
(iii) सिंधु एवं गंगा नदियाँ कहां से निकलती हैं?
(iv) गंगा की दो मुख्य धाराओं के नाम लिखिए? ये कहां पर एक-दूसरे से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती है?
(v) लंबी धारा होने बावजूद तिब्बत के क्षेत्रों में बह्मपुत्र में कम गाद (सिल्ट) क्यों हैं?
(vi) कौन-सी नदी दो प्रायद्वीप नदियाँ गर्त से होकर बहती है? समुद्र में प्रवेश करने के पहले वे किस प्रकार की आकृतियों का निर्माण करती है?
(vii) नदियों तथा झीलों के कुछ आर्थिक महत्व को बताएँ।
उत्तर-
(i) जल विभाजक का मुख्य कर्य दो पड़ोसी प्रवाह द्रोणीयों को अलग करना होता है। उदाहरण पर्वत अथवा ऊंचे भूमि।
(ii) भारत में सबसे बड़ी द्रोणी गंगा द्राणी है। इसकी लम्बाई 2500 किमी. है।
(iii) सिंधु नदी तिब्ब्त में मानसरोवर झील के पास से निकलती है। गंगा गंगोत्री हिमानी से निकलती है।
(iv) गंगा की दो शीर्ष नदियां अलकनंदा और भागीरथी है। ये दोनों देवप्रयाग में मिल जाती है और फिर गंगा के रूप में बहती है।
(v) तिब्बत में नदी में जल की मात्रा कम होती है तथा यहां यह नदी ऐसे तट पर बहती है जो अधिकांश कठोर शैलों से बना है। इसलिए इस क्षेत्र के नदी का अपरदन कार्य बहुत सीमित है और गाद मात्रा अल्प होती है।
(vi) नर्मदा बेसिन, तापी बेसिन, समुद्र में प्रवेश होने से पहले महाखड्ड प्रतात, भ्रंश घाटी और ज्वारनदमुख का निर्माण करती है।
(vii) (क) कृषि-भूमि की सिंचाई करके फसलों के उत्पादन में सहायक होती है।
(ख) नदियों व झीलों से बने बांध अनेक प्रकार की परियोजनाओं को कार्यरूप देने में सहायता करते हैं।
(ग) पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। ।
(घ) उद्योग निर्माण में सहायता संभव होता हैं।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 अपवाह

Chapter 3 अपवाह HBSE 9th Class Geography प्रश्न 3.
(i) नीचे भारत की कुछ झीलों के नाम दिए गए हैं। इन्हें प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वर्गों में बांटिए-
(क) वूलर
(ख) डल
(ग) नैनीताल
(ग) भीमताल
(ङ) गोबिंद सागर
(च) लोकताल
(छ) बारापानी
(ज) चिल्का
(झ) सांभर
(य) राणा प्रताप सागर
(ट) निजाम सागर
(ठ) पुलिकट
(ड) नागार्जुन
(ढ) हीराकुंड।
उत्तर-
प्राकृतिक झीलें-वलूर, डल, नैनीताल, भीमताल, लोकताल, बारापानी, चिल्का, सांभर, पुलिकट।
कृत्रिम झीलें-गोबिंद सागर, राणा प्रताप सागर, निजाम सागर, नागार्जुन सागर, हीराकुंड।

प्रश्न 4.
हिमालय तथा प्रायद्वीपीय नदियों के मुख्य अंतरों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
हिमालय तथा प्रायद्वीपीय नदियों के मुख्य अंतरों को निम्नलिखित बताया जा सकता है
(i) हिमालय की नदियों की द्रोणियों अधिक विस्तृत है जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ अपेक्षाकृत कम विस्तृत हैं।
(ii) हिमालय की नदियों की (हिमालय पर्वत श्रेणियों से निकलने के कारण) ढाल तेज है। इसमें गहरे महाखण्ड है तथा सुंदर घाटियां (जिनकी काट भी गहरी है) हैं। प्रायद्वीपीय नदियों की ढाल मंद है तथा उसके तल कठोर शैलों के हैं।
(iii) हिमालय की नदियां बारहमासी हैं। प्रायद्वीपीय नदियां मौसमी हैं।
(iv) हिमालय की नदियों हिमानियों से निकलती है। इसमें बर्फ से पिघलने वाला जल भी है और वर्षा का भी जल होता है। प्रायद्वीपीय नदियां में वर्षा का ही जल होता है।
(v) हिमालय की नदियां पर्वतीय क्षेत्र में गहन अपरदन करती है तथा अधिक मात्रा में अवसाद ढोती हैं। प्रायद्वीपीय नदियां अवसाद नहीं लाती।
(vi) हिमालय की नदियां निक्षेपित स्थल आकृतियां बनती है जबकि प्रायद्वीपीय नदियां स्थालाकृतियां नहीं बनाती।
(vii) हिमालय की नदियों मैदानों में विसर्प बनाती है तथा निचली घाटियों में डेल्टा बनाती हैं। प्रायद्वीपीय नदियों में विसर्पण नहीं होता पाता।

प्रश्न 5.
प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व एवं पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों की तुलना कीजिए।
उत्तर-
प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व तथा पश्चिमी की ओर बहने वाली नदियों की तुलना निम्नलिखित की जा सकती हो- .

पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ

  1. प्रायद्वीप पठार की पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ अपने ढाल के अनुरूप पूर्व की ओर बहती हैं।
  2. ये नदियाँ अधिक लम्बी दूरी को पार करती हैं और अपना घाटी का स्वयं निर्माण करती हैं।
  3. पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ बंगाल की खाड़ी में गिरने से पूर्व डेल्टा बनाती हैं
  4. पूर्व की ओर बहने वाली नदियों में महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी मुख्य हैं।

पश्चिमी की ओर बहने वाली नदियाँ

  1. प्रायद्वीप पठार की पश्चिम की ओर बहने वाली दो नदियाँ ढाली के विपरीत पूर्व निर्मित भू-भ्रंश घाटियों में बहती है। तथा अन्य नदियां तेज ढाल पर तीव्र गति से सागर में गिरती हैं।
  2. नर्मदा और तापी को छोड़कर सभी नदियां अत्यन्त छोटी हैं और तेजी से तीव्र ढाल पर बहती हैं और सागर में गिरती हैं।
  3. पश्चिम की ओर बहने वाली नदियां ज्वारनदमुख बनाती हैं। जिससे इनके द्वारा सारा अवसाद समुद्र में डाल देती हैं।
  4. पश्चिमी की ओर बहने वाली नदियों में नर्मदा, तापी तथा पश्चिमी घाट के पश्चिमी ढाल से बहने वाली छोटी नदियाँ हैं।

प्रश्न 6.
किसी देश की अर्थव्यवस्था में नदियाँ महत्त्वपूर्ण क्यों हैं?
उत्तर-
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में नदियों का महत्व नकारा नहीं जा सकता। वस्तुतः नदियों को अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएं कहना गलत नहीं होगा। इस संबंध में निम्नलिखित बताया जा सकता है-

  • नदियाँ पानी के साथ-साथ सेडिमेन्टस तथा खनिज भी लाती हैं जो अर्थव्यवस्था के लिए अनिवार्य होते हैं।
  • नदियों के ज्वारमुख जहाँ ताजा और खारा पानी मिलता है, यह जैविविधता के उत्पादन के बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं।
  • नदियों के कारण ही अनेक संभ्यताओं का विकास हुआ।
  • नदियाँ किसानों को उनके कृषि के अतिरिक्त अनेक कार्यों के लिये पानी देता है।
  • नदियाँ प्राचीन काल से ही यातायात के सस्ते साध न के रूप में उपयोगी है। इनसे वाणिज्य व व्यापार में वृद्धि हुई है।
  • नदियाँ जल विद्युत निर्माण में अत्यंत उपयोगी हैं।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 अपवाह

मानचित्र कौशल

(i) भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित नदियों को चिंहित किजिए तथा उनके नाम लिखिए-गंगा, सतलुज, दामोदर, कृष्णा, नर्मदा, तापी, महानदी, दिहांग।
(ii) भारत के रेखा मानिचित्र पर निम्नलिखित झीलों को चिंहित किजिए तथा उनके नाम लिखिए-चिल्का, सांभर, वूलर, पुलीकट, तथा कोलेरू।
HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 अपवाह 1

क्रियाकलाप

नीचे दी गई वर्ग पहले को हल करेंनोट-पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं। बाएँ से दाएँ.

  1. नागार्जुन सागर नदी परियोजना किस नदी पर है?
  2. भारत की सबसे लंबी नदी।
  3. व्यास कुंड से उत्पन्न होने वाली नदी।
  4. मध्यप्रदेश के बेतुल जिले से उत्पन्न होकर पश्चिम की ओर बहने वाली नदी।
  5. बिहार को ‘शोक’ के नाम से जानी जाने वाली नदी।
  6. किस नदी से इंदिरा गांधी नहर निकाली गयी हैं?
  7. रोहतांग दर्रा से पास किस नदी का स्त्रोत हैं?
  8. प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी। ऊपर नीचे
  9. सिंधु नदी की सहायक नदी जिसका उदगम हिमाचल प्रदेश में है।
  10. भ्रंश अपवाह होकर अरब सागर में मिलने वाली नदी।
  11. दक्षिण भारतीय नदी, जो ग्रीष्म तथा शीत ऋतु दोनों में वर्षा का जल प्राप्त करती हैं।
  12. लद्दाख गिलगित तथा पाकिस्तान से बहने वाली नदी।
  13. भारतीय मरूस्थल की एक महत्वपूर्ण नदी।
  14. पाकिस्तान में चेनाब से मिलने वाली नदी।
  15. यमुनोत्री हिमाने से निकलने वाली नदी।।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 अपवाह 2

संकेत-(1) कृष्णा नदी, (2) गंगा, (3) व्यास, (4) तापी, (5) कोसी, (6) व्यास, सतलुज, रावी, (7) व्यास, (8) गोदावरी।
संकेत-(1) व्यास, (2) तापी, (3) कोवरी, (4) सिंधु, (5) लोनी, (6) झेलम।

गंगा कार्य योजना

प्रदुषण के कारण

  1. गंगा से नहरों द्वारा सिंचाई के लिए निरंतर अधि काधिक जल निकालने के कारण जल के प्रवाह में कमी।
  2. गंगा नदी के किनारे से 100 नगरों तथा शहरों से सीधे बहने वाले गंदे नालों तथा औद्योगिक कूड़े-कचरे के कच्चे रूप में गंगा में मिलने के कारण जल का .गंदा या प्रदुषित होना।

नियोजित कार्य

  1. गंदे पानी (सीवेज) को रोकना, उसे साफ करना तथा सीधे नदी में बहाकर न जाने देना। औद्योगिक कूड़े-कचरे की ठीक से सफाई सुनिचिश्त करना। ।
  2. सुरक्षित पेयजल, विद्युत शव-दाह गृहों का निर्माण नहाने के घाटों का विकास, प्रकाश एवं जल व्यवस्था आदि कार्यों को प्रोत्साहित करना तथा उन कार्यों में सहयोग देना।
    नदी जल की गुणवता की नियमित देखरेख।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नलिखित में से सही व गलत का चयन कीजिए-

(i) समुद्र नदी में जा गिरता है।
(ii) जल विभाजक दो नदियों का विभाजन करता
(iii) प्रायद्वीपीय नदियाँ हिमालय पर्वत से निकलती
(iv) सिंधु, गंगा व ब्रह्मपुत्र नवियाँ हिमालय पर्वत से निकली हैं।
(v) तापी बंगाल की खाड़ी में जा गिरती है।
(vi) चिल्का झील उड़ीसा में स्थित है।
(vii) सिंधु जल समझौता भारत व पाकिस्तान में 1960 में हुआ था।
(viii) गंगा यमुनोत्री व युमना गंगोत्री से निकली है।
उत्तर-
(i) (x),
(ii) (√),
(iii) (x),
(iv) (√),
(v) (x),
(vi) (√),
(vii) (√),
(viii) (x)

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 अपवाह

प्रश्न 2. निम्नलिखित को सही शब्दों से पूरा कीजिए-

(i) सतलुज, रावी, व्यास, चेनाब, तथा झेलम आपस में …………… में मिलकर पठानकोट के पास सिंधु नदी में जा मिलती है। (भारत, पाकिस्तान)
(i) गंगा …………… से निकलती है। (गंगोत्री, यमुनोत्री)
(iii) सुन्दरवन डेल्टा संसार का सबसे …………डेल्टा है। (बड़ा, छोटा)
(iv) नर्मदा नदी ……………. पहाड़ी के निकट से निकली। (अमरनदी, अमरकंटक)
(v) तापी ………….. में जा गिरती है। (बंगाल की खाड़ी, अरबसागर)
(vi) कावेरी नदी की लम्बाई ……………. किमी है। (860, 760)
उत्तर-
(i) पाकिस्तान
(ii) गंगोत्री,
(iii) बड़ा,
(iv) अमरकंटक,
(v) अरबसागर,
(vi)760

प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए-

(i) निम्न में से एक सागर नहीं है
(क) केस्पियन
(ख) मृत
(ग) अरल
(घ) सिंधु
उत्तर-
(घ) सिंधु

(ii) निम्न में से एक कृष्णा द्रोणी की सहायक नदी नहीं है
(क) अमरावती
(ख) घाटप्रभा
(ग) कोयना
(घ) भीमा
उत्तर-
(क) अमरावती

(iii) गोदावरी नदी निम्न जिले में पश्चिमी घाट के ढालों से निकली हैं
(क) नासिक
(ख) गोरखपुर
(ग) पूणे
(घ) नागपुर
उत्तर-
(क) नासिक

(iv) ब्रह्मपुत्र निम्न शिखर के पास ‘यू’ का आकार बनाती है।
(क) धौलागिरि
(ख) नामचा बारवा
(ग) अन्नापूर्णा
(घ) मकालू
उत्तर-
(ख) नामचा बारवा

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 अपवाह

अपवाह Class 9 HBSE Notes in Hindi

भौगोलिक तथ्य

1. संसार की सबसे बड़ी अपवाह द्रोणी : नील नदी, मिस्त्र में।
2. सुदंरवन : संसार का सबसे बड़ा एवं तेजी से वृद्धि करने वाला डेल्टा।
3. संगपों : तिब्बत में ब्रह्मपुत्र को जमुना कहा जाता है।
4. जमुना : बंग्लादेश में ब्रह्मपुत्र को जमुना कहा जाता है।
5. भारत में दूसरा बड़ा जल प्रपात : कावेरी नदी जलप्रपात बनाती है।
6. शिवसुन्दरम : जल प्रपात जो मैसूर, बंगलौर तथा कोलार को विद्युत प्रदान करता है।
7. पृथ्वी में जल का भाग : 71% जल से ढका है।
8. लवणीय जल : पृथ्वी के जल का 97% भाग लवणीय है।
9. आंतरिक अपवाह एक ऐसा अपवाह तंत्र जिसमें नदियों का जल महासागरों में नहीं पहुंचता वरन् आंतरिक समुद्रों व झीलों में गिरता है।
10. झील : एक जलराशि जो पृथ्वी की सतह के गर्त/गड़ढ़े में हो और चारों ओर वे पूर्णतया स्थल से घिरी हो।
11. लैगून : खारे पानी की झील जो समुद्र से बालू अवरोधों तथा समुद्री जीवाओं के कारण बनती हो।
12. नदी घाटी : नदी के प्रवाह मार्ग का एक क्षेत्र।
13. महाद्वीपीय कगार : समुद्र के अन्दर अर्द्ध जलमग्न का वह भाग जिसकी गहराई 600 से अधिक हो।
14. अपवाह : उच्चतर से निम्नतर की ओर जल के प्रवाह की एक व्यवस्था।
15. विभाजिका : एक ऐसा मार्ग जो मुख्य नदी द्वारा अवसादों के भारी निक्षेप के कारण बनता है।
16. जल विभाजिका : ऐसा पर्वत से अलग की नयी नदियों की दो साथ जुड़ी हुई घाटियां बनता है।
17. सागर-टाड : समुद्रों के दोनों तटों की ओरं बना हुई खंभेनुमा आकृति।
18. वृक्षाकार नदी प्रारूप : मुख्य नदी की सहायक धाराएं जो एक वृक्ष की शाखाओं की भांति दिखायी दे।
19. अपकेंद्री नदी प्रारूप: मुख्य नदी का एक शिखर/गुंबदाकार की भांति तथा उसकी धाराओं का रूप चारों ओर फैलता हुआ।
20. जालीनुमा नदी प्रारूप : जब एक बड़ी नदी की अनेक छोटी धाराएं समकोण बनाती हुई मिलती हों।
21. बारमासी नदियाँ : जिन नदियों में पूरे वर्ष जल प्रवाह रहता हो।
22. मौसमी नदियाँ : जिन नदियों में केवल वर्षा से जल आता हो।
23. गुंफित नदी : अत्यधिक मंद ढाल से बहने वाली नदी जो अपने तल पर अधिक अवसाद जमा करके अनेक धाराओं में विभक्त होकर जाल से बना ले।
24. प्राकृतिक झील : प्राकृतिक प्रक्रिया से बनी झीलें-उदाहरण वूलर, डल तथा चिल्का झीलें।
25: कृत्रिम झील: झीलें जिनका निर्माण किया गया हो- उदाहरण राणा प्रताप सागर, नागार्जुन सागर।
26. बाँध : कृत्रिम जलाशय के साथ नदी के किनारे पर ऊंचाई पर बनी कोई परियोजना।
27. नदी प्रदुषण: नदी में शहर का गंदा पानी, फैक्ट्रियों का कचरा जब जल को गंदा बना दे तथा उससे वह पीने योग्य न रहे।
28. अंतस्थलीय अपवाह : जब किसी नदी का पानी समुद्र या झील में पहुंचन से पहले

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HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 जलवायु

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 जलवायु

HBSE 9th Class Geography जलवायु Textbook Questions and Answers

जलवायु HBSE 9th Class Geography प्रश्न 1.
दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए

(i) नीचे दिए गए स्थानों में किस स्थान पर विश्व में सबसे अधिक वर्षा होती है।
(क) सिलचर
(ख) चेरापूंजी
(ग) मासिनराम,
(घ) गुवाहटी
उत्तर-
(ग) मासिनराम,

(ii) ग्रीष्म ऋतु में उत्तरी में मैदानों में बहने वाली पवन को निम्नलिखित में से क्या कहा जाता
(क) काल वैशाखी
(ख) व्यापारिक पवनें
(ग) लू
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ग) लू

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा कारण भारत के । उत्तर-पश्चिम भाग में शीत ऋतु में होने वाली – वर्षा के लिए उत्तरदायी है
(क) चक्रवातीय अवदाब
(ख) पश्चिमी विक्षोभ
(ग) मानसून की वापसी
(घ) दक्षिण-पश्चिम मानसून
उत्तर-
(ख) पश्चिमी विक्षोभ

(iv) भारत में मानसून का आगमन निम्नलिखित में से कब होता है
(क) मई के प्रारंभ में
(ख) जून के प्रारंभ में
(ग) जुलाई के प्रारंभ में
(घ) अगस्त के प्रारंभ में
उत्तर-
(ग) जुलाई के प्रारंभ में

(v) निम्नलिखित में से कौन सी भारत में शीत ऋतु की विशेषता है?
(क) गर्म दिन एवं गर्म रातें
(ख) गर्म दिन एवं ठंडी रातें
(ग) ठंडा दिन एवं ठंडी रातें
(घ) ठंडा दिन एवं गर्म रातें
उत्तर-
(ग) ठंडा दिन एवं ठंडी रातें

HBSE 9th Class Geography Chapter 4 जलवायु प्रश्न 2.
निम्न प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।
(i) भरत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं?
(ii) भारत में मानसून प्रकार की जलवायु क्यों हैं?
(iii) भारत के किस भाग में दैनिक तापमान अधिक होता है एवं क्यों?
(iv) किन पवनों के कारण मालाबाद तट पर वर्षा होती हैं?
(v) जेट धाराएं क्या हैं तथा वे किस प्रकार भारत . की जलवायु को प्रभावित करती हैं?
(vi) मानसून को परिभाषित करें। मानसून में विराम से आप क्या समझते हैं?
(vii) मानसून को एक सूत्र में बांधने वाला क्यों समझा
जाता है?
उत्तर-
(i) भारत में जलवायु को प्रभावित करने के मुख्य कारक हैं स्थिति, उच्चावच, पवनें, वायुदाब, वायुधाराएं, आदि-आदि।
(ii) भारत में मानूसनी प्रकार की जलवायु इस कारण है कि यहां मानसूनी हवाएं चलती हैं।
(iii) भारत में राजस्थान में मरूस्थल में दैनिक तापमान तापांतर सर्वाधिक होता है। राजस्थान मरूस्थल की स्थिति ऐसी है कि वहाँ सूर्य दिन में सूर्य पूरी ऊर्जा देता है।
(iv) दक्षिणी-पश्चिमी मानसून पवनें मालाबार व कोरोमण्डल तटीय क्षेत्रों में वर्षा नहीं करती है।
(v) ऊपरी वायुमण्डल में तीव्रगति से चलने वाली पवनों को जैट पवनें कहा जाता है। ऐसी पवनें भूपृष्ठ से बहुत ऊंचाई पर चलती है। भारत की जलवायु जैट वायु ध राओं से प्रभावित होती हैं।
(vi) मानसून अरबी शब्द है। इसका अर्थ है मौसिम। मौसिम से मौसम बना मानसन का अर्थ है-वर्ष में पवनों का ऋतुवत विपरीत दिशा में चलना। गरमी में पवनें समुद्र से स्थल की ओर तथा शीत ऋतु में यह स्थल से समुद्र की ओर चलती हैं। मानसून के फूटने का अर्थ है-वर्षा का तेजी से होना।
(vii) मानसून को एक सूत्र में बांधने वाला इसलिए समझा जाता है क्योंकि विभिन्न समय की विभिन्न जलवायु के होते हुए भी मानसून पूरे देश को एक समग्र मौसम व्यवस्था प्रदान करती है। यही कारण है कि पूरा देश मानसून के आगमन का बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा करता है। यह और बात ही है कि भारत में मानसून वर्षा बेसमय व अधिक-थोड़ी मात्रा में होती है।

Chapter 4 जलवायु HBSE 9th Class Geography प्रश्न 3.
उत्तर-भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा क्यों घटती जाती हैं?
उत्तर-
देश के अन्दरूनी क्षेत्रों में मौसमी अंतरों के कारण उत्तरी भारत में वर्षा पूर्व से पश्चिम की ओर कम होती जाती है।

प्रश्न 4.
कारण बताएँ।
(i) भारतीय उपमहाद्वीप में वायु की दिशा में मौसमी परिवर्तन क्यों होता है?
(ii) भारत में अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में होती
(iii) तमिलनाडू तट पर शीत ऋतु में वर्षा होती है।
(iv) पूर्वी तट के डेल्टा वाले क्षेत्र में प्रायः चक्रवात आते हैं।
(v) राजस्थान, गुजरात के कुछ भाग तथा पश्चिमी घाट का वृष्टि छाया क्षेत्र सूखा प्रभावित क्षेत्र
उत्तर-
(i) भारतीय उपमहाद्वीप मानसूनी पवनों के प्रभाव क्षेत्र में आता है। ये पवनें एक प्रकार की मौसमी पवनें हैं। मौसम परिवर्तन के साथ-साथ इनकी दिशा में भी परिवर्तन हो जाता है। ये अप्रैल से अक्टूबर तक समुद्र से स्थल की ओर तथा दिसम्बर से मार्च तक स्थल से समुद्र की ओर चलती है।
(ii) भारत में अधिक वर्षा जून, जुलाई, अगस्त और सितम्बर के महीनों में होती है। इस समय को वर्षा ऋतु कहा जाता है।
कारण-जून से सितम्बर तक की अवधि में भारत दक्षिण-पश्चिम मानसून क्षेत्र में आता है। इन महीनों में उत्तर भारत में निम्न दाब क्षेत्र बन जाता है। इस समय पूरे भारत में मानसून की पवनें फैल जाती हैं। अतः इन्हीं चार महीनों में अधिकतर वर्षा होती है।
(iii) तमिलनाडु पूर्वी तटीय मैदान के कोरोमण्डल तट पर स्थित है। यहां गर्मी और जाड़ा दोनों में वर्षा होती है। लेकिन अधिक वर्षा जाडे में होती है।
कारण-दक्षिण-पश्चिम मानसून पवनें पश्चिमी तट पर भरपूर वर्षा करती हैं। परंतु जब पूर्वी तट या तमिलनाडु तक पहुंचती है तो इनमें आर्द्रता नहीं रहती। इस कारण वर्षा नहीं होती है। जाडें में उत्तरी मानसून जब बंगाल की खाडी से गुजरती है तो काफी मात्रा में आर्द्रता ग्रहण कर लेती है। इस समय तमिलनाडु के तट से टकराकर खूब वर्षा होती है। यही कारण है कि तमिलनाडु के तटीय प्रदेश में अधिकतर वर्षा शीत ऋतु में होती है।
(iv) नवम्बर शुरू में उत्तर-पश्चिमी भारत का निम्न वायुदाब का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में स्थानान्तरण हो जाता है। यह स्थानांतरण शान्तिपूर्ण नहीं होता, इस समय चक्रवात उत्पन्न होते हैं। ये चक्रवात अधिकतर गोदावरी, कृष्णा और कावेरी के सघन बसे डेल्टा प्रदेशों में आते हैं। कोई भी वर्ष इनकी विनाश लीला से खाली नहीं जाता।
(v) राजस्थान, गुजरात और पश्चिमी घाट की पवनाविमुख ढाल पर 50 सेंटीमीटर से भी कम वर्षा होती है। इस कारण इन क्षेत्रों में अधिकतर सूखा पड़ता है।

प्रश्न 5.
भारत की जलवायु दशाओं की क्षेत्रीय विषमताओं को उदाहरण सहित समझाए।
उत्तर-
भारत की जलवायु में अत्यधिक विषमताएं हैं। गर्मी में मरूस्थल में तापमान 50° से अधिक चला जाता है जबकि इसी ऋतु में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में तापमान 20° से. के आसपास होता है। दिसम्बर में जम्मू-कश्मीर के ड्रास क्षेत्र में तापमान -45° से. तक चला जाता है। जबकि तिरूवनंतपुरम में इसी समय तापमान 20° से. होता है।

इसी प्रकार जुलाई-अगस्त में लगभग पूरे उत्तरी व मध्य भारत में वर्षा होती है। परंतु दक्षिण में कोरोमण्डल तट सूखे ही रहते हैं। एक ओर चेरापूंजी में 1080 सें.मी. वार्षिक वर्षा होती है और दूसरी ओर जोधपुर में वर्षा 20 से. मी. ही होती गर्मियों में पवनें समुद्र से स्थल की ओर चलती हैं जबकि सर्दियों में पवनें स्थल से समुद्र की ओर चलती है। हिमपात केवल हिमालय में ही होता है। बाकी पूरे देश में भारी वर्षा होती है।

प्रश्न 6.
मानसून अभिक्रिया की व्याख्या करें।
उत्तर-
मानसून का समय जून के आरंभ से लेकर मध्य सितंबर तक, 100 से 120 दिनों के बीच होता है, इसके आगमन के समय सामान्य वर्षा में अचानक वृद्धि हो जाती है तथा लगातार कई दिनों तक यह जारी रहती है इसी मानसून प्रस्फोट (फटना) कहते हैं तथा इसे मानसून-पूर्व बौछारों से पृथक किया जा सकता है। सामान्यतः जून कहते हैं तथा इसे मानसून-पूर्व बौछारों से पृथक किया जा सकता है। सामान्यतः जून के प्रथम सप्ताह में मानसून भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिणी छोर से प्रवेश करता है। इसके बाद यह दो भागों में बंट जाता है-अरब सागर शाखा एवं बंगाल की खाड़ी शाखा। अरब सागर शाखा लगभग दस दिन बाद 10 जून के आस-पास मुंबई पहुंचती है। यह एक तीव्र प्रगति हैं बंगाल की खाड़ी शाखा भी तीव्रता से आगे की ओर बढ़ती है तथा जून के प्रथम सप्ताह के असम पहुंच जाती है। ऊंचे पर्वतों के कारण मानसून पवनें पश्चिम में गंगा के मैदान की ओर मुड़ जाती है। मध्य जून तक अरब सागर शाखा सौराष्ट्र, कच्छ एवं देश के मध्य भागों में पहुंच जाती है। अरब सागर शाखा एवं बंगाल की खाड़ी शाखा दोनों गंगा के मैदान के उत्तर-पश्चिम भाग में आपस में मिल जाती है। दिल्ली में सामान्यतः मानसूनी वर्षा बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। दिल्ली में सामान्यतः मानसूनी वर्षा बंगाल की खाड़ी शाखा से जून के अंतिम सप्ताह में (लगभग 29. जून तक) होती है। जुलाई के प्रथम सप्ताह तक मानसून पश्चिमी उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा तथा पूर्वी राजस्थान में पहुंच जाता है। मध्य जुलाई तक मानसून हिमाचल प्रदेश एवं देश के शेष हिस्सों में पहुंच जाता है।

प्रश्न 7.
शीत ऋतु की अवस्था एवं उसकी विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
उत्तरी भारत में शीत ऋतु नवम्बर मध्य से आरंभ होकर लगभग फरवरी के महीने तक रहती है। इस क्षेत्र में दिसम्बर व जनवरी सबसे ठंडे महीने होते हैं। तापमान दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने पर घटता चला जाता है। दूसरी ओर चैन्नई में औसत तापमान 24° सेल्सियस से 25° सेल्सियस के बीच होता हैं जबकि उत्तरी मैदान में यह 10° सेल्सिय से 15° सेल्सियस की बीच होता है। दिन गर्म तथा रातें ठण्डी होती हैं हिमालय की ऊपरी ढालों पर हिमपात होता है।
शीत ऋतु की कुछेक विशेषताओं को निम्नलिखित बताया जा सकता है-

  • प्रायः देश में इस ऋतु में उत्तर-पूर्वी पवनें चलती
  • यह पवनें स्थल से समुद्र की ओर बहती हैं।
  • इस कारण प्रायः देश के अधिकतर भाग में शुष्क मौसम होता है।
  • तमिलनाडु में इन पवनों के कारण कुछ मात्रा में वर्षा भी होती है, क्योंकि वहाँ ये पवनें समुद्र से स्थल की ओर बहीत है।
  • कमजोर उच्च दाब के क्षेत्र से हल्की पवनें बाहर की ओर प्रवाहित होती है।
  • गंगाघाटी के क्षेत्र में सामान्यतया मौसम में आसमान, साफ, तापमान और आर्द्रता कम एवं पवनें शिथिल तथा • परिवर्तित होती रहती है।
  • उत्तरी क्षेत्र में कहीं-कहीं चक्रवाती क्षोभ का अंतर्वाह विशेष लक्षण है।

प्रश्न 8.
भारत में होने वाली मानसून वर्षा एवं उसकी विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
जून के प्रारंभ में ऊपरी मैदानों में निम्न दाब की अवस्था के कारण यह दक्षिणी गोलार्द्ध की व्यापारिक पवनों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। यह पवनें गर्म महासागरों के ऊपर से गुजरती है। इस कारण वह एशिया के महाद्वीप में बहुत अधिक मात्रा में नमी लेकर आती है। क्योंकि यह पवनें तीव्र होती हैं, इसलिए 30 किमी. प्रति घंटा की गति से शीघ्र ही देश में प्रवेश करती है। – दक्षिण-पश्चिम मानसून का भारत में अंतर्वाह यहां के मौसम को पूरी तरह परिवर्तित कर देता है। मौसम के प्रारंभ में पश्चिम घाट के पवनमुखी भागों में भारी वर्षा परिवर्तित कर देता है। मौसम के प्रारंभ में पश्चिम घाट के पवनमुखी भागों में भारी वर्षा (लगभग 250 से.मी. से अधिक) होती है। दक्कन का पठार एवं मध्य प्रदेश के कुछ भाग में भी वर्षा होती है, यद्यपि से क्षेत्र वृष्टि छाया क्षेत्र में आते हैं। इस मौसम की अधिकतर वर्षा देश के उत्तर-पूर्वी भागों में होती है। खासी पहाड़ी के दक्षिणी श्रृंखलाओं में स्थित मासिनराम विश्व में सबसे अधिक औसत वर्षा प्राप्त करता है। गंगा की घाटी में पूर्व पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा घटती जाती है। राजस्थान एवं गुजरात के कुछ भागों में बहुत कम वर्षा होती मानसून से सबंधित एक अन्य परिघटना है, वर्षा में विराम। इस प्रकार इसमें आई एवं शुष्क दोनों तरह के अंतराल होते हैं। दूसरे शब्दों में मानसूनी वर्षा एक समय में कुछ दिनों तक ही होती है। इनमें वर्षारहित अंतराल भी होते हैं। मानसून में आने वाले ये विराम मानसूनी गर्त की गति से संबंधित होते हैं। विभिन्न कारणों से गर्त एवं इसका अक्ष उत्तर या दक्षिण की ओर खिसकता रहता है। जिसके कारण वर्षा का स्थानिक वितरण सुनिश्चित होता है। जब मानसून के गर्त का अक्ष मैदान के ऊपर होता है तब इन भागों में वर्षा अच्छी होती है। दूसरी ओ जब अक्ष हिमालय के – समीप चला जाता है तब मैदानों में लंबे समय तक शुष्क अवस्था रहती हैं तथा हिमालय की नदियों के पर्वतीय जलग्रहण क्षेत्रों में विस्तृत वर्षा होती है। इस भारी वर्षा के कारण मैदानी क्षेत्रों में विनाशकारी बाढ़ें आती हैं एवं जान एवं माल की भारी क्षति होती है।

मानचित्र कौशल

भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाएँ
(i) 400 से.मी. से अधिक वर्षा वाले क्षेत्र
(ii) 20 से.मी. से कम वर्षा वाले क्षेत्र
(iii) भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की दिशा।
उत्तर-
मानचित्र (i) तथा (ii) देखें।
HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 जलवायु 1
HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 जलवायु 2

वस्तुनिष्ठ प्रश्न –

प्रश्न 1. निम्नलिखित में से सही ( व गलत (x) का चयन कीजिए

(i) मौसम के तत्वों में एक तत्व तापमान है।
(ii) थार मरूस्थल में दिन तथा रात का तापमान लगभग एक समान होता है।
(iii) कश्मीर में सबसे अधिक वर्षा लेह में होती है।
(iv) जोधपुर व चैन्नई की जलवायु एक समान हैं।
(v) हिमालय की औसत ऊंचाई लगभग 6000 मीटर
उत्तर-(i) (1), (ii) (x), (iii) (x), (iv) (x), (v) (v), .

प्रश्न 2. रिक्त स्थानों को उचित शब्दों से भरें।

(i) जेट धाराएँ क्षोभमण्डल में अधिक ऊंचाई वाली …………….. हवाएँ हैं।
(ii) भारत की जलवायु. ………….है। (मानसूनी, अधिक वर्षा वाली)
(iii) भारत में शीत ऋतु का समय…………….से फरवरी तक रहता है। (जुलाई, नवम्बर)
(iv) दिल्ली में मानसून प्रायः …………. के अन्तिम दिनों में आता है। (मई, जून)
(v)…………संसार में सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र है।
उत्तर-
(i) पश्चिमी
(ii) मानसूनी,
(iii) नवम्बर,
(iv) . जून,
(v) मासिनराम

प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए-

(i) तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में वर्षा होती है
(क)अक्तुबर-नवम्बर में
(ख) जून-जुलाई में
(ग) फरवरी-मार्च में
(घ) इनमें कभी भी नहीं।
उत्तर-
(क)अक्तुबर-नवम्बर में

(ii) राजस्थान में घरों की दीवारें होती हैं- .
(क) छोटी
(ख) मोटी
(ग) पतली
(घ) लम्बी
उत्तर-
(ख) मोटी

(iii) निम्न जलवायु नियंत्रित करने वाला कारक नहीं .
(क)अक्षांश
(ख) पवन तंत्र
(ग) मौसम
(घ) वायुदाब
उत्तर-
(ग) मौसम

(iv) मानसून शब्द मौसिम से बना है। मौसिम शब्द संबंध निम्नलिखित भाषा से है
(क)अरबी
(ख) फारसी
(ग) संस्कृत
(घ) स्पैनिश
उत्तर-
(क)अरबी

(v) निम्नलिखित मानसून की एक शाखा है
(क)अरब सागर शाखा
(ख) दक्कन शाखा
(ग) हिमालय शाखा
(घ) गंगा-युमना शाखा।
उत्तर-
(क)अरब सागर शाखा

जलवायु Class 9 HBSE Notes in Hindi

भौगोलिक तथ्य

1. अवदाब : ऋतु विज्ञान या जलवायु विज्ञान में इसका अभिप्राय अपेक्षाकृत निम्न वायुदाब वाले क्षेत्रों से होता है।
2. जलवायु : पृथ्वी के एक बड़े क्षेत्र की लंबी अवधि (प्रायः) कम से कम 30 वर्ष) ऋतुओं का दशाओं का औसत।
3. जीवोम : एक-सी जलवायु दशओं वाले क्षेत्रों में विभिन्न वर्गों में पाए जाने वाले पादप-समूह।
4. निमज्जन : जलवायु विज्ञान में यह हवा की नीचे जाने वाली गति है। भूगर्भ विज्ञान में इसका अभिप्राय धरातल की सतह के नीचे धसने की क्रिया से है।
5. मानसून : एक बड़े क्षेत्र में पवनों का बिल्कुल उल्टी दिशा में बहना, जिससे ऋतु या मौसम में अंतर उत्पन्न हो जाता है। इस शब्द की उत्पति अरबी शब्द मौसिम से हुई जिसका अर्थ है-मौसम।
6. कोरिआलिस बल : : पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्पन्न आभासी बल।
7. एलनीनो : ठंडी पेरू जलधारा के स्थान पर अस्थायी तौर है जिसका अर्थ है बच्चा जो बेबी क्राइस्ट को व्यक्त करता है।
8. मासिनराम : संसार में सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र। यह स्टैलैग्माइट तथा स्टैलैक्टाइट गुफाओं के लिए प्रसिद्ध।
9. हिमानी : बर्फ या हिम का ढेर जो गुरूत्वाकर्षण के कारण मूल स्थान से एक निश्चित मार्ग के सहारे धीरे-धीरे गतिशील होता है।
10. भ्रंश : आंतरिक हलचलों के कारण भू-पृष्ठ पर पड़ी दारारें जिनके सहारे चट्टानें खिसक जाती है।
11. जलोढ़ मैदान : नदियों द्वारा बहाकर लायी गयी महीन गाद या शिला कणों वाली काप अथवा जलोढ़ मिट्टी के निक्षेपण से बना सतमल भू-भाग।
12. कगार : किसी पर्वत श्रेण का तीव्र ढाल।
13. मौसम : एक विशेष समय में एक क्षेत्र के वायुमण्डल की अवस्था।
14. तापमान : एक स्थान की ऊष्मा अथवा शीतलता का सेल्सियस व सेंटीग्रेड में मापन।
15. आम्र वर्षा : केरल व कर्नाटक में मानसून से पमर्व गर्मी की वर्षा।
16. लू : उत्तर-पश्चिमी भारत भारत की धूल भरी गर्म तूफान एवं तीव्र हवाएं।
17. दक्षिणी दोलन : दक्षिणी प्रशान्त और उत्तर-दक्षिण हिन्द महासागर में विपर्यय वायुदाब बनाने वाला पवन व्युत्क्रम।
18. जेट धारा : उपरितन क्षोभमण्डल के संकीर्ण क्षेत्र में तीव्र से बहने वाली हवाएं।
19. वायुमण्डलीय दाब : यह हवाओं की दाब का संकेत है।
20. वृष्टि : क्षोभमण्डल में जल के संघन्न होने और बादलों के माध्यमों से पृथ्वी पर गिरने की प्रक्रिया।
21. उन्नतांश : समुद्र तल की ऊंचाई। इसे तुंगता भी कहा जाता है।
22. फेरेल का नियम : पृथ्वी की घूर्णन से पवन दिशा या दाएं तथा बाएं मुड़ जाना।
23. पश्चिम विक्षोभ : पश्चिम तथा उत्तर-पश्चिम से पवन दाब में कमी का आना अथवा घटना।
24. काल-वैशाखी : पश्चिमी बंगाल को क्षति पहुचाने वाली धूल भरी आंधी।
25. आर्द्रता : वह दशा जिसमें वायु बहुत गर्म तथा वाष्प युक्त हो जाती है।

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HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन

HBSE 9th Class Geography प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन Textbook Questions and Answers

Natural Vegetation And Wildlife Of Haryana HBSE 9th Class प्रश्न 1.
वैकल्पिक प्रश्न
(i) रबड़ का संबंध किस प्रकार की वनस्पति से हैं?
(क)टुंड्रा
(ख) हिमालय
(ग) मैंग्रोव
(घ) उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन।
उत्तर-
(घ) उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन।

(ii) सिनकोना के वृक्ष कितनी वर्षा वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं?
(क)100 से.मी.
(ख) 70 सें.मी.
(ग) 50 से.मी.
(घ) 50 से.मी. से कम वर्षा
उत्तर-
(क)100 से.मी.

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(iii) सिमलीपाल जीवमण्डल निचय कौन-से राज्य में स्थित हैं
(क) पंजाब
(ख) दिल्ली
(ग) उड़ीसा
(घ) पश्चिम बंगाल
उत्तर-
(ग) उड़ीसा

(iv), भारत में कौन-से जीव मंडल निचय विश्व के जीवं मंडल निचयों में लिए गए हैं
(क) मानस
(ख) मन्नार की खाड़ी
(ग) दिहांग-दिबांग
(घ) नंदादेवी
उत्तर-
(घ) नंदादेवी

HBSE 9th Class Geography Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन प्रश्न 2.
संक्षिप उत्तर वाले प्रश्न

(i) पारिस्थतिक तंत्र किसे कहते हैं?
(i) भारत में पादपों तथा जीवों का वितरण किन तत्वों द्वारों निर्धारित होता है?
(iii) जीव मंडल निचय से क्या अभिप्राय है। कोई दो उदाहरण दो।
(iv) कोई दो वन्य प्राणियों के नाम बताइए जो कि उष्ण कटिबंधीय वर्षा और पर्वतीय वनस्पति में मिलते हैं? .
उत्तर-
(i) जीवों व पर्यावरण का गहरा संबंध है। वे एक-दूसरे के पूरक होते हैं। जीवों का जिन्दा रहना पर्यावरण पर निर्भर होता है। यह सब एक-दूसरे के अनुपात में रहते हैं। पारिस्थितिकी तंत्र उस व्यवस्था का नाम जो प्राकृतिक वातावरण एवं उसमें रहने वाले जीवों से निर्मित है। इसमें वनस्पति, पशु-पक्षी व जीव जन्तु एक-दूसरे पर आश्रित होते हैं तथा दूसरे के सहयोग से विकसित होते हैं।
(ii) पादपों तथा जीवों का वितरण जलवायु, मृदा, उच्चावच तथा अपवाह पर निर्धारित होता है।
(iii) जैविक विविधता के संरक्षण व परिक्षण हेतु किसी कार्यक्रम व योजना को जीवमण्डल निचय कहा जाता है। उदाहरण-नंदादेवी जैव मण्डल तथा मेघालय जैव मण्डल आरक्षित क्षेत्र।
(iv) (क) उष्णकटिबन्धीय वर्षा वाले वनः वन्य प्रणाली हाथी व बंदर
(ख) पर्वतीय या ध्रुव प्रदेश वनस्पतिः बारहसिंहा तथा याक।

प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन HBSE 9th Class Geography प्रश्न 3.
निम्नलिखित में अंतर कीजिए।

(i) वनस्पति जगत तथा प्राणी जगत।
(ii) सदाबहार और पर्णपाती वन।
उत्तर-(i) वनस्पति जगत-

1. किसी विशिष्ट प्रदेश या क्षेत्र के पौधों की विभिन्न प्रजातियां वनस्पति कहलाती है।
2. प्राकृतिक वनस्पति के आवरण में वन, घास तथा
झाड़ियाँ सम्मिलित है। 3. वनस्पति जात में फुल देने वाले पोधे तथा फूल नहीं
देने वाले पौधे दो मुख्य प्रकार हैं।
4. एक क्षेत्र में पौधों की प्रजातियों का एक वर्ग निर्धारित होता है। उदाहरण-इंडो-तिब्बत वनस्पति जात जिसे बोरियल कहा जाता है।

प्राणी जगत-

1. किसी विशिष्ट प्रदेश या क्षेत्र के जीव-जन्तुओं की प्रजातियों प्राणी जात कहलाती है।
2. इसमें भी सभी प्रकार के जीव-जन्तुं बैक्ट्रियों से लेकर बड़े-बड़े जीव सम्मिलित हैं।
3. प्राणी जात को उनके भोजन के आधार पर दो भागों
में बांटा गया है-सिर्फ वनस्पति खाने वाले तथा – वनस्पति और मांस दोनों खाने वाले।
4. वनस्पति जात और जीव जन्तु वर्ग का आपस में घनिष्ठ संबंध है। इसमें अंत संबंध तथा अन्त क्रिया होती है।

(ii) सदाहरित वन एवं पर्णपाती वन में अंतर-
सदाहरित वन

1. यह वन भारत के पश्चिमी घाटों के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
2. इन वनों में एबोनी, महांगनी तथा रोजवुड़ के वृक्ष
3. इन वनों में पतझड का कोई निश्चित समय नहीं होता। यह सदाबहार दिखाई देते हैं।

पर्णपाती वन

1. यह देश के पूर्वी भागों में हिमालय की गिरीपात प्रदेशों आदि में पाए जाते हैं।
2. इनमें बांस साल, शिशम आदि के वृक्ष देखने को मिलते हैं।
3. यह गर्मियों में छः से आठ सप्ताह में अपनी पत्तियों गिरा देते हैं।

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प्रश्न 4. भारत में विभिन्न प्रकार की पाई जाने वाली वनस्पति के नाम बताओ और अधिक ऊंचाई पर पाई जाने वाली वनस्पति का ब्यौरा दीजिए।
उत्तर-
भारत में पाई जाने वाली वनस्पति के नाम निम्नलिखित हैं
(i) उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन।
(ii) उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन।
(iii) उष्ण कटिबंधीय कंटीले वन तथा झाडियाँ
(iv) पर्वतीय वन
(v) मैंग्रोव वन। इनका विवरण चित्र में दर्शाया गया है-
im

अधिक ऊंचाई वाले वनस्पति में उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन उल्लेखनीय है। इनकी ऊंचाई 60 मीटर अथवा इससे अधिक होती है। चूंकि यह क्षेत्र वर्ष भर गर्म तथा आर्द्र रहते हैं अतः यहां हर प्रकार की वनस्पति-वृक्ष झाडियां व लताएं उगती हैं और वनों में इनकी विभिन्न ऊंचाईयों से कई स्तर देखने को मिलते हैं। वृक्षों में पतझड़ होने का कोई निश्चित समय नहीं होता। अतः यह वन साल भर हरे-भरे लगते हैं।

इन वनों में पाए जाने वाले व्यापारिक महत्त्व के कुछ वृक्ष आबनूस (एबोनी) महोगनी, रोजवुड़, रबड़ और सिनकोना है। इन वनों में सामान्य रूप से पाए जाने वाले जानवर हाथी, बंदर, लैमुर और हिरण है। एक सींग वाले गैंडे असम और पश्चिमी बंगाल के दलदली क्षेत्र में मिलते हैं इसके अतिरिक्त इन जंगलों में कई प्रकार के पक्षी, चमगादड़ तथा कई रेंगने वाले जीव भी पाए जाते हैं।

प्रश्न 5.
भारत में बहुत संख्या में जीव और पादप प्रजातियाँ संकटग्रस्त हैं। उदाहरण सहित कारण दीजिए।
उत्तर-
मनुष्य द्वारा जीवों व पादपों के अत्यधिक उपयोग के कारण पारिस्थितिी तंत्र असंतुलन हो गया है। लगभग 1300 प्रजातियाँ संकट में है तथा 20 के करीब विनष्ठ हो चुकी है। काफी वन्य प्रजातियाँ भी संकट में हैं और कुछेक विनष्ठ हो चुकी है।

पारिस्थितिक तंत्र के असतुलन का मुख्य कारण लालची व्यापारियों का अपने व्यवसाय के लिए अत्यधिक शिकार करना है। रासायनिक और औद्योगिक अवशिष्ट तेजाबी जमाव के कारण प्रदूषण, विदेशी प्रजातियों का प्रवेश, कृषि तथा निवास के लिए वनों की अंधाधुन कटाई पारिस्थितिकी तंत्र के असंतुलन का कारण हैं।

प्रश्न 6.
भारत वनस्पति जगत तथा प्राणी जगत की धरोहर में धनी क्यों है?
उत्तर-
भारत वनस्पति जगत तथा प्राणी जगत की ध रोहर में धनी कहा जाता है। हमारे देश में इनकी विविधता पाई जाती है। इस धरोहर के धनी होने के कारणों में भूभाग में विविधता, मृदा का रूप तापमान में भिन्नताएं एवं सूर्य की रोशनी का स्वरूप आदि का उल्लेख किया जा सकता है।

औषधीय पादप

भारत प्राचीन समय से अपने मसलों तथा जड़ी-बूटियों के लिए विख्यात रहा है। आयुर्वेद में लगभग 2000 पादपों का वर्णन है और कम-से-कम 500 तो निरंतर प्रयोग में आते रहे हैं। ‘विश्व संरक्षण संघ’ ने लाल सूची के अंतर्गत 352 पादपों की गणना की है जिसमें से 52 पादप अति संकटग्रस्त हैं और 49 पादपों.का विनष्ट होने का खतरा है। भारत में प्रायः औषधि के लिए प्रयोग होने वाले कुछ निम्नलिखित पादप हैं-

सर्पगंधा : यह रक्तचाप के निदान के लिए प्रयोग होता है और लेवल भारत में पायी जाता है।

जामुन :
पके हुए फल से सिरका बनाया जाता है जो कि वायुसारी और मूत्रवर्धक है और इसमें पाचन शक्ति के भी गुण हैं। बीज का बनाया हुआ पाउडर मधुमेह (Diabetes) रोग में सहायता करता है।

अर्जुन : ताजे पत्तों का निकाला हुआ रस काल के दर्द के इलाज में सहायता करता है। यह रक्तचाप की नियमिता के लिए भी लाभदायक है।

बबूल : इसके पत्ते आँख की फुसी के लिए लाभदायक है। इससे प्राप्त गोद का प्रयोग शारीरिक शक्ति वृद्धि के लिए होता है।

नीम : जैव और जीवाणु प्रतिरोधक है।

तुलसी पादप : जुकाम और खाँसी की दवा में इसका प्रयोग होता है।

कचनार : फोड़ा (अल्सर) व दमा रोगों के लिए प्रयोग होता है। इस पौध की जड़ और कली पाचन शक्ति में सहायता करती है।

अपने क्षेत्र के औषधीय पादपों की पहचान करो। कौन-से पौधे औषधि के लिए प्रयोग होते हैं और उस स्थान के लोग उनका कौन-सी बीमारियों के लिए प्रयोग करते हैं। प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र मनुष्य के जीवन के लिए अनिवार्य है। क्या यह संभव है कि प्राकृतिक पर्यावरण का निरंतर होता जा रहा विनाश रोका जा सके।

मानचित्र कौशल

प्रश्न-भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित दिखाएँ और अंकित करें।
(i) उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन
(ii) उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन
(ii) दो जीव मंडल निचय भारत के उतरीए दक्षिणीए पूर्वी और पश्चिमी भागों में।
उत्तर-
प्रश्न (i) तथा (ii) के लिए निम्न मानचित्र (क) देखें तथा प्रश्न (iii) के लिए मानचित्र (ख) देखें।
im

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नलिखित में से सही (√) व गलत (x) का चयन कीजिए

(i) भारत में जीव सुरक्षा अधिनियम सन् 1975 में लागू हुआ था।
(ii) सुन्दरवन क्षेत्र में से बाघ पाए जाते हैं।
(iii) नेपाल एक ऐसा देश है जहाँ शेर व बाघ दोनों एक साथ पाए जाते हैं।
(iv) कंटीले वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ 70 सेमी. से कम वर्षा होती है।
(v) रोजवुड़ वृक्ष उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वनों में पाए जाते हैं।
उत्तर-
(i) (x),
(ii) (√),
(iii) (x),
(iv) (√),
(v) (√),

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प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए-

(i) उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन निम्न में पाए जाते
(क) असम के ऊपरी भागों में
(ख)असम के निचले भागों में
(ग) पंजाब
(घ) हरियाणा
उत्तर-
(क) असम के ऊपरी भागों में

(ii) कंटीले वन निम्नलिखित में नहीं पाए जाते हैं
(क) दिल्ली
(ख) छतीसगढ़
(ग) गुजरात
(घ) मध्यप्रदेश ।
उत्तर-
(क) दिल्ली

(iii) सुन्दरवन निम्न राज्य में स्थित हैं
(क) तमिलनाडु
(ख) महाराष्ट्र
(ग) पश्चिमी बंगाल
(घ) जम्मू-कश्मीर
उत्तर-
(ग) पश्चिमी बंगाल

(iv) पादप उद्यानों को सरकार के निम्न वर्ष वित्तीय सहायता की योजना बनाई थी।
(क)1990
(ख) 1991
(ग) 1992
(घ) 1993
उत्तर-
(ग) 1992

(v) निम्नलिखित मानसून की एक शाखा है
(क)अरब सागर शाखा
(ख) दक्कन शाखा
(ग) हिमालय शाखा
(घ) गंगा-युमना शाखा।
उत्तर-
(क)अरब सागर शाखा

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प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन Class 9 HBSE Notes in Hindi

भौगोलिक तथ्य

1. देशज : वह वनस्पति जो मूल रूप से भारतीय होते हैं।
2. विदेशज : वह पौधे जो भारत के बाहर से लाए गए हैं, उन्हें विदेशज कहा जाता है।
3. पौधों की संख्या : भारत में यह संख्या 47,000 जातियों से संबंधित है।
4. बिना फूलों वाले पौधे : फर्न, शैवाल, कवक।
5. देश में जानवरों की जातियों की संख्या : 89,000
6. भारत में वनों का क्षेत्रफल सख्या : कुल क्षेत्रफल का 20.55 प्रतिशत (2001) 2003 में 68 लाख वर्ग किमी
7. जीव सुरक्षा अधिनियम : वन्य जीवों की सुरक्षा से जुड़ा कानून 1972 में पास हुआ था।
8. भारत में नेशनल पार्क : 89 .
9. भारत में वन्य प्राणी अभ्यारण : 49
10. जीव मण्डल आरक्षित क्षेत्र : 14
11. नेशनल पार्क का अर्थ : एक आरक्षित क्षेत्र जहाँ प्राकृतिक वनस्पति, वन्य जीव-जन्तुओं तथा प्राकृतिक पर्यावरण को सुरक्षित रखा जाता है।
12. पर्यावरण : वह परिवेश अथवा परिस्थितियाँ जिसमें एक व्यक्ति अथवा वस्तु रहती है और अपना विशेष आचारण-स्वभाव विकसित करती है। इसके अंतर्गत भौतिक व सांस्कृतिक दोनों तत्व आते हैं।
13. पशु-पक्षी : किसी अमुक क्षेत्र की जैव संख्या।
14. पारिस्थितिकी तंत्र : एक तंत्र जो भौतिक पर्यावरण तथा उसमें रहने वाले जीवों से मिलकर बना है।
15. वनस्पति : किसी क्षेत्र के प्राकृतिक पेड़-पौधों का आवरण।
16. प्राकृतिक वनस्पति : पेड़-पौधों का वह समूह/वर्ग जो लम्बी अवधि तक बिना किसी छेड़छाड़ के अक्षुण हो।
17.. संकटापन्न प्राजातियाँ : पेड़-पौधों व वन्य प्राणियों की वह प्रजातियां जिनके लुप्त होने की आशंका है।
18. अक्षत वनस्पति : बिना मनुष्य की सहायता से तथा प्राकृतिक ढंग से उत्पन्न पादप वनस्पति।
19. नवीनकरणीय संसाधन : जो संसाधन पुनः विकसित हों।
20. पादप जगत : वनस्पति जगत।
21. स्तनधारी : स्तनपान कराने वाले जीव-जन्तु
22. अभयचर : स्थल एवं जल दोनों क्षेत्रों पर रहने में सक्षम जीव-जन्तु : जैसे मेंढक मगरमच्छ।
23. स्वपोषी जीव. : पर्यावरण से अपना भोजन स्वयं बनाने में समर्थ जीव।
24. शाकभक्षी : पेड़-पौधों/वनस्पति को अपना आहार बनाने वाले जीव।
25. परजीवी जीव : अपने आहार के लिए अन्य जीवों पर निर्भर प्राणी।
26. मांसभक्षी : दूसरे जीवों की हत्या करके उसका मांस खाने वाले जीव; जैसे शेर आदि।
27. सर्वभक्षी : पौधों तथा पशुओं के मांस दोनों का भोजन बनाने वाले जीव; जैसे मनुष्य आदि।
28. वनीकरण : वन विहीन क्षेत्र को वनों में बदलने की प्रक्रिया।
29. वननाशन : किसी क्षेत्र के वृक्षों को निष्ठुरता से कहा देना।
30. ज्वारीय वन के उदाहरण : पश्चिमी बंगाल, उड़ीसा आदि के तटीय क्षेत्रों में स्थित।

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HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 6 किसान और काश्तकार

Haryana State Board HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 6 किसान और काश्तकार Textbook Exercise Questions and Answers.

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HBSE 9th Class History किसान और काश्तकार Textbook Questions and Answers

किसान और काश्तकार के प्रश्न उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 1.
अठारहवीं शताब्दी में इंग्लैंड की ग्रामीण जनता खुले खेत को किस दृष्टि से देखती थी। संक्षेप में व्याख्या करें। इस व्यवस्था को
(i) एक संपन्न किसान
(ii) एक मजदूर और
(ii) एक खेतिहर स्त्री की दृष्टि से देखने का प्रयास करें।
उत्तर-
(i) एक सम्पन्न किसान अपने हिस्से के खेत पर कृषि करता था। यह कृषि की टुकड़ा अच्छी व बुरी भूमि का मिला-जुला क्षेत्र होता था।
(ii) एक मजदूर खुले तथा मुक्त भूमि की अर्थव्यवस्था में मात्र मजदूरी करता था। वह बिना शोषण के अपनी मजदूरी प्राप्त करता था।
(iii) एक खेतिहर स्त्री की दृष्टि से : खुले व मुक्त खेती व्यवस्था में वह अपने घर-बाहर को संभालती थी। जलावन की लकड़ी एकत्रित करती थी तथा अपने पति की कृषि-कार्य में सहायता करती थी।

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किसान और काश्तकार Class 9 Question Answer HBSE प्रश्न 2.
इंग्लैंड में हुए बाड़ाबंदी आन्दोलन के कारणों की, संक्षेप में व्याख्या करें।
उत्तर-
इंग्लैंड में हुए बाड़ाबंदी आन्दोलन के निम्नलिखित कारण बताए जा सकते हैं .-

  • जब विश्व बाज़ार में उनके दाम बढ़ने लगे तो सम्पन्न किसानों ने 16वीं शताब्दी में अधिक लाभ कमाने हेतु उनके उत्पादन में वृद्धि आरंभ कर दी।
  • सम्पन्न किसानों ने भेड़ों की नस्ल बढ़ाने हेतु प्रयास किए। इस कारण उन्होंने ज़मीन को घेरने के प्रयास किए।
  • साझी भूमि के विभाजन तथा उसकी बाड़ाबंदी से बाड़ों को बनाना आवश्यकता हो गया।
  • सम्पन्न किसानों ने गरीब ग्रामीणों को साझी ज़मीन से अलग कर दिया जहाँ वह छोटी-छोटी झोंपड़ियों में रहते थे। इससे बाड़ाबंदी का वातावरण बनने लगा।

किसान और काश्तकार HBSE 9th Class प्रश्न 3.
इंग्लैंड के गरीब किसान श्रेशिंग मशीनों का विरोध क्यों कर रहे थे?
उत्तर-
इंग्लैंड के गरीब किसानों ने थ्रेशिंग मशीनों का विरोध इस कारण किया था कि इनसे उनके लिए रहती-सहती मजदूरी करने की सभी सम्भावनाएँ समाप्त हो गई थीं।
श्रेशिंग मशीनों से बेराजगारी बढ़ने लगी।

किसान और काश्तकार Class 9 HBSE प्रश्न 4.
कैप्टन स्विंग कौन था? यह नाम किस बात का प्रतीक था और किन वर्गों का प्रतिनिधितव करता था?
उत्तर-
कैप्टन स्विंग एक काल्पनिक नाम था एक मिथकीय नाम। यह उन लोगों का नेता था जो श्रेशिंग मशीनों के प्रयोग का विरोध कर रहे थे। गेहूँ के उत्पादन में थेशिंग मशीनों के प्रयोग से हज़ारों की संख्या में खेतिहर मज़दूर बेरोज़गार हो गए थे, कैप्टन स्विंग तथा उसके अनुयायियों ने हिंसा का प्रयोग कर थ्रेशिंग मशीनों को नष्ट कर दिया। ऐसा करके वह इन मशीनों के विरुद्ध अपना रोष व्यक्त करते थे।

Class 9th History Chapter 5 Question Answer In Hindi HBSE प्रश्न 5.
अमेरिका पर नए आप्रवासियों के पश्चिमी प्रसार का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
अमेरिका पर पश्चिम की ओर बसने वाले आप्रवासियों का प्रभाव महत्त्वपूर्ण था जैस-जैसे वह पश्चिम की ओर बढ़ते चले गए, उन्होंने स्थानीय कबीलों को बेघर कर दिया तथा पूरी भूमि को कृषि उत्पादन के घेरे में ले लिया। इसका परिणाम यह हुआ कि अमेरिका की कृषि भूमि का विस्तार हो गया तथा वह कृषि उत्पादों में विश्व बाज़ार पर प्रभुत्व स्थापित करने लगा।

प्रश्न 6.
अमेरिका में फसल काटने वाली मशीन के फायदे-नुकसान क्या-क्या थे?
उत्तर-
फायदे

  • 500 हेक्टेयर भूमि की फसल काटने में केवल दो सप्ताह का समय लगता था,
  • इन मशीनों से भूमि के बड़े-बड़े टुकड़ों का शीघ्र ही साफ कर लिया जाता था,
  • इनसे मृदा का विभाजन भी हो सकता था,
  • इनसे जमीन से घास हटायी जा सकती थी तथा नयी खेती के लिए जमीन तैयार की जा सकती थी,
  • एक साथ चार लोग हल चला सकते थे तथा एक ऋतु में 2,000 से 4,000 हेक्टेयर भूमि पर फसल की जा सकती थी।

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प्रश्न 7.
अमेरिका में गेहूँ की खेती में आए उछाल और बाद में पैदा हुए पर्यावरण संकट से हम क्या सबक ले सकते हैं?
उत्तर-

  • पूरे-के-पूरे क्षेत्र में हल नहीं चलाया जाना चाहिए था। वन काटने से जो काले तूफान आए थे, वह इसी तथ्य की दुहाई दे रहे थे।
  • सभी प्रकार के पौधों को नष्ट करके केवल गेहूँ की फसल नहीं पैदा की जानी चाहिए थी। यह इसी तथ्य का उदाहरण था कि साड धूल-मिट्टी में बदल गया।
  • पर्यावरणीय परिस्थितियों का मान-सम्मान करना चाहिए। था। ऐसा न करके प्रकृति को अपना उत्तर-तो देना ही था। प्रकृति ने अपना उत्तर-दिया भी एक समूह भूमि को अधंकार के घेरे में ले लिया।

प्रश्न 8.
अंग्रेज अफीम की खेती करने के लिए भारतीय किसानों पर क्यों दबाव डाल रहे थे?
उत्तर-
अंग्रेजों द्वारा भारतीय किसानों पर अफीम की । खेती करने के दबाव डालने के अनेक कारण बताए जा सकते हैं। इनमें कुछेक का वर्णन निम्नलिखित है

  • अंग्रेज चीन से खरीदी गयी चाय के बदले में अफीम के द्वारा राशि का भुगतान करना चाहते थे।
  • अफीम व्यापार से कुछेक लोभ-प्रलोभन के फलस्वरूप अफीम की खेती करायी जा सकती थी।

प्रश्न: 9.
भारतीय किसान अफीम की खेती के प्रति क्यों उदासीन थे?
उत्तर-
भारतीय किसान अफीम की खेती के प्रति काफी उदासीन थे। अफीम की खेती अन्य प्रकार की खेती से भिन्न भी थी तथा कठिन भी। इस प्रकार की खेती से जमीन की उत्पादकता में कमी होना लाजमी था। अफीम की खेती से मिलने वाला लाभ बहुत कम था। अफीम की खेती से भारतीय किसानों को न्यूनतम प्राप्ति होती थी जबकि अंग्रेज औपनिवेशिक शासकों को अधिकतम लाभ होता था।

HBSE 9th Class History किसान और काश्तकार Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
इंग्लैंड के छोटे किसाना (काटेजर) . कौन थे?
उत्तर-
वह ग्रामीण जो साझी भूमि पर झोपड़ियों में रहते तथा उस जमीन से अपनी गुजर-बसर चलाते थे, उन्हें काटेजर कहा जाता था।

प्रश्न 2.
कैप्टन स्विंग कौन था? .
उत्तर-
एक काल्पनिक मिथकीय पात्र जो गेहूँ उत्पादन में शुरू की गयी थ्रेशिंग मशीन के प्रयोग का विरोध करता था।

प्रश्न 3.
खुली व मुक्त प्रणाली में खेती कैसे की जाती थी?
उत्तर-
वर्ष के आरम्भ में एक सभा में ग्रामीणवासियों को कृषि हेतु ज़मीन के टुकड़ें बांट दिए जाते थे जिन पर ग्रामीणवासी खेती किया करते थे।

प्रश्न 4.
साझी जमीन पर किसकी पहुँच होती थी?
उत्तर-
साझी ज़मीन पर गाँव के सभीवासियों का नियन्त्रण होता था।

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प्रश्न 5.
साझी ज़मीन से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
खुले व मुक्त व्यवस्था में बाँटे गए टुकड़ों से परे की जमीन का साझी जमीन कहा जाता है।

प्रश्न 6.
सम्पन्न किसान ऊन उत्पादन में वृद्धि क्यों करना चाहते थे?
उत्तर-
विश्व बाज़ार में ऊन के दाम बढ़ गए। इससे सम्पन्न किसानों ने उनके उत्पादन में वृद्धि करना लाभकारी समझा।

प्रश्न 7.
बाड़ाबंदी को कानूनी रूप देने के लिए अंग्रेज संसद ने का किया?
उत्तर-
अंग्रेज संसद ने लगभग 4,000 बाड़ाबंदी कानून बनाए।

प्रश्न 8.
“शिलिंग’ मुद्रा का सम्बन्ध किस देश से है?
उत्तर-
इंग्लैंड से। 20 शिलिंग का एक पौंड होते है।

प्रश्न 9.
1868 में इंग्लैंड कितना खाद्यान्न आयात करता था?
उत्तर-
लगभग 20%1 80% खाद्यान्न इंग्लैंड स्वयं पैदा करता था।

प्रश्न 10.
बाड़ाबंदी इंग्लैंड के किस भाग से सम्बन्धित थी?
उत्तर-
काउंटियों तथा मिडलैंड के आस-पास।

प्रश्न 11.
बाड़ाबंदी से गरीबों की कौन-सी मुश्किलें बढ़ी? किन्ही दो का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
(क) अब गरीब जलावन की लकड़ी वहाँ से नहीं ले सकते थे।
(ख) वह साझी ज़मीन पर अपने पशु नहीं चरा सकते थे।

प्रश्न 12.
अमरीकी सरकार अमेरिकन इण्डियनज को पश्चिम प्रसार की ओर बढ़ाने की नीति के लिए कब प्रतिबद्ध थी?
उत्तर-
अमरीकी सरकार की अमेरिकन इण्डियंस को पश्चिम प्रसार की ओर बढ़ाने की नीति 1800 के बाद के दशकों में प्रतिबद्ध हुई थी।

प्रश्न 13.
अमेरिका में विशाल मैदान कहाँस्थित हैं?
उत्तर-
मिसिसिप्पी नदी के आर-पास।

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प्रश्न 14.
किसने तथा कब यांत्रिक टीपर का आविष्कार किया था?
उत्तर-
साइरस मैक्करमाक, 1831 में।

प्रश्न 15.
अमेरिका में महान आर्थिक महामंदी का दशक कौन सा था?
उत्तर-
1930 का दशक।

प्रश्न 16.
पश्चिमी कंपास में काला तूफान कब आया था?
उत्तर-
14 अप्रैल, 19351

प्रश्न 17.
प्लासी का युद्द कब हुआ था?
उत्तर-
1757 में।

प्रश्न. 18.
19वीं शताब्दी के आरम्भिक वर्षों में भारत द्वारा दो मुख्य व्यावसायिक फसलों के नाम बताइए।
उत्तर-
लीन तथा अफीम।

प्रश्न 19.
किस वर्ष में अंग्रेज सरकार ने बंगाल में अफीम व्यापार का एकाधिकार स्थापित किया था?
उत्तर-
1773 में।

प्रश्न 20.
क्या आप इस तथ्य से सहमत हैं कि आधुनिकीरण की कहानी विकास व प्रगति की कहानी
उत्तर-
आधुनिकीकरण की कहानी मात्र विकास व प्रगति की कहानी नहीं है, यह एक निर्धनता व बेघर होने की कहानी भी है।

प्रश्न 21.
बाड़ाबंदी की शरूआत कैसे हुई?
उत्तर-
सोलहवीं सदी में जब ऊन के दाम विश्व बाज़ार में चढ़ने लगे तो संपन्न किसान लाभ कमाने के लिए ऊन का उत्पादन बढ़ाने की कोशिश करने लगे। इसके लिए उन्हें भेड़ों की नस्ल सुधारने और बेहतर चरागाहों की आवश्यकता हुई। नतीजा यह हुआ कि साझा ज़मीन को काट-छाँट कर घेरना शुरू कर दिया गया ताकि एक की संपत्ति दूसरे से या साझा ज़मीन से अलग हो जाए। साझा ज़मीन पर झोपड़ियाँ डाल कर रहने वाले ग्रामीणों को उन्होंने निकाल बाहर किया औश्र बाड़ाबंद खेतों में उनका प्रवेश निषिद्ध कर दिया गया। यह बाड़ाबंदी की शुरूआत थी।

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प्रश्न 22.
18वीं शताब्दी में बाड़ाबंदी आन्दोलन की गति कैसी थी? इस गति में तेजी क्यों आयी? .
उत्तर-
अठारहवीं शताब्दी के मध्य तक बाड़ाबंदी आंदोलन की रफ्तार काफी धीमी रही। शुरू में गिने-चुने भस्वामियों ने अपनी पहल पर ही बाड़ाबंदी की थी। इसके पीछे राज्य या चर्चा का हाथ नहीं था लेकिन अठारहवीं सदी के दूसरे हिस्से में बाड़ाबंदी आंदोलन इंग्लैंड के पूरे देहाते में फैल गया और इसने इंग्लैंड के भूदृश्य को आमूल – बदलकर रख दिया। 1750 से 1850 के बीच 60 लाख एकड़ जमीन पर बाड़ें लगाई गई ब्रिटेन की संसद ने सक्रिय भूमिका निभाते हुए इन बाड़ों को वैधता प्रदान करने के लिए 4,000 कानून पारित किए।

प्रश्न 23.
इंग्लैंड में आनज की मांग के बढ़ने के कारण बताइए।
उत्तर-
18वीं शताब्दी के मध्य में इंग्लैंड की जनसंख्या तेजी से बढ़ी। 1750 से 1900 के बीच इंग्लैंड की आबादी चार गुना बढ़ गई। 1750 में कुल आबादी 70 लाख थी जो 1850 में 2.1 करोड़ और 1900 में 3 करोड़ तक जा पहुंची।ज़ाहिर है कि अब ज्यादा बनाज की ज़रूरत थी। इसी दौर में इंग्लैंड का औद्योगिकीकरण भी होने लगा था। बहुत सारे लोग रहने और काम करने के लिए गांव से शहरों का रुख करने लगे थे। खाद्यान्नों के लिए वह बाज़ार पर निर्भर होते गए। इस तरह जैसे-जैसे शहरी आबादी बढ़ी वैसे-वैसे खाद्यान्नों का बाजार भी फैलता गया और खाद्यान्नों की माँग के साथ उनके दाम भी बढ़ने लगे।

प्रश्न 24.
बाड़ाबंदी के युग में इसे निवेश क्यों कहा जाने लगा?
उत्तर-
बाड़ाबंदी को एक दीर्घकालिक निवेश के रूपं में देखा जाने लगा था और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए लोग बदल-बदल कर फसलें बोने लगे थे। बाड़ाबंदी से अमीर भूस्वामियों को अपनी जोत बढ़ाने और बाज़ार के लिए पहले से ज्यादा उत्पादन करने की सहूलियत मिली।

प्रश्न 25.
इंग्लैंड में आधुनिक खेती के आगमन से किस प्रकार के बदलाव आए?
उत्तर-
इंग्लैंड में आधुनिक खेती के आगमन से कई तरह के बदलाव आए। मुक्त खेत समाप्त हो गए और किसानों के पारंपरिक अधिकार भी जाते रहे। अमीर किसानों ने पैदावार में वृद्धि और अनाज को बाजार में बेच कर मोटा मुनाफा कमाया और ताकतवर हो गए। गाँव के गरीब बड़ी संख्या में शहरों की ओर पलायन करने लगे। कुछ लोग मध्यवर्ती क्षेत्रों को अन्य शहरों की ओर चल पड़े। मजदूरों की आय का ठिकाना न रहा, रोजगार असुरक्षित और आजीविका के स्रोत अस्थिर हो गए।

प्रश्न 26.
18वी शताब्दी में अमेरिका के मूल निवासियों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
18वीं शताब्दी के दौरान अमेरिका में जगह-जगह मूल निवासियों के समूह देखे जा सकते थे। इन समूहों में कुछ घुमंतु समूह थे अन्यथा कुछ अन्य स्थायी रूप से यहाँ .. वहाँ रहते थे। बहुत सारे समूह केवल शिकार करके, खाद्य पदार्थ बीन कर और मछीलयाँ पकड़ कर गुजारा करते थे जबकि कुछ मक्का, फलियों, तंबाकू और कुम्हड़े की खेती करते थे। अन्य समूह जगली पशुओं को पकड़ने में माहिर थे।

प्रश्न 27.
“खूब गेहूँ उपजाओं। गेहूँ ही हमें जंग जिताएगा।” (विल्सन) विवेचन कीजिए।
उत्तर-
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान गेहूँ की माँग बढ़ने लगी। अमेरिका यूरोप के देशों को गेहूँ देने लिए प्रतिबद्ध था। इसलिए अमेरिका में गेहूँ की पैदावार बढ़ने लगी। राष्ट्रपति विल्सन ने कहा था “खूब गेहूँ उपजाओ, गेहूँ ही हमें जंग जिताएगा।”1910 में अमेरिका की 4.5 करोड़ एकड़ जमीन पर गेहूँ की खेती की जा रही थी। नौसाल बाद गेहूँ उत्पादन का क्षेत्र फल बढ़कर 7.4 करोड़ एकड़ यानी लगभग 65 प्रतिशत ज्यादा हो गया था। इसमें से ज्यादातर वृद्धि विशाल मैदानों (ग्रेट प्लेन्स) में हुई थी जहाँ नित नए क्षत्रों को जोता जा रहा था। गेहूँ उत्पादन बहुधा बड़े किसानों के कब्जे में था। कई बड़े किसानों के पास तो दो-तीन हजार एकड़ तक जमीन होती थी।

प्रश्न 28.
विश्व बाजार की माँग के अनुसार औपनिवेशिक काल में भारत में किन-किन फसलों को बोया जाता था।
उत्तर-
औपनिवेशिक काल के दौरान भारत के ग्रामीण क्षेत्र ने विश्व बाजार की मांग के अनुसार कई नई फसलों को उगाना शुरू किया गया। उन्नीसवीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में नील जैसी व्यावसायिक फसलों की खेती इसी अंतर्राष्ट्रीय बाजार की मांग के फलस्वरूप शुरू की गई थी। शताब्दी का अंत होते-होते यहाँ के किसान गन्ना, कपास, जूट (पटसन), गेहूँ और अन्य ऐसी ही निर्यात आधारित ‘फसलें पैदा करने लगे थे। ये फसले यूरोप की शहरी आबादी और इंग्लैंड स्थित लंकाशायर और मैनचेस्टर की
कपड़ा मिलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पैदा की जा रही थी।

प्रश्न 29.
अंग्रेजों द्वारा चीन के द्वारा अफीम का व्यापार कैसे गैर-कानूनी थी?
उत्तर-
चीन में अफीम मुख्यतः एक दवाई के रूप में प्रयोग की जाती थी। परन्तु धीरे-धीरे यह चीनवासियों के लिए एक आदत बन गयी। चीनी के शासकों ने औषधि के अलावा अफीम के उत्पादन और विक्रय पर रोक लगा रखी थी। लेकिन राजकीय पाबंदी के बावजूद अठारहवीं शताब्दी के मध्य में पश्चिम के व्यापारियों ने चीन में अफीम का अवैध व्यापार करना शुरू कर दिया। पश्चिम के व्यापारी चीन के दक्षिण-पूर्ण बंदरणाहों पर अफीम लाते थे टौर वहां से स्थानीय एजेंटों के जरिए देश के आंतारिक हिस्सों में भेज देते थे। 1820 के आसपास अफीम के लगभग 10,000 क्रेट बवैध रूप से चीन में लगाए जा रहे थे। 15 साल बाद गैरकानूनी ढंग से लाए जाने वाली इस अफीम की मात्रा 35,000 क्रेट का आंकड़ा पार कर चुकी थी चीन में अफीम का प्रयोग समाज का प्रत्येक वर्ग शौक से करता था। 1870 के आते-आते भारत की अंग्रेज सरकार प्रतिवर्ष 50,000 पेटी अफीम का निर्याता. करती थी।

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प्रश्न 30.
भारत में किसानों को अफीम की खेती के लिए कैसे मनाया गया? ।
उत्तर-
भारत में किसानों को अफीम की खेती के लिए ऋण दिया जाता था। इस ऋण से किसान महाजनों से लिये गए न केवल कर्ज को चुका पाता था, अपितु वह अपनी वर्तमान स्थिति को भी सुधार पाने में सफल हो जाता था।
ऋण लेने के बाद किसान अफीम बोने से इन्कार नहीं कर सकते थे। फसल अफीम के एजेंटों द्वारा काटी जाती थी।
एक बार फसल बोने के बाद उस पर किसान का कोई अधिकार नहीं रह जाता था। वह इस ज़मीन पर कोई दूसरी फसल नहीं उगा सकता था। उसे इस फसल को कहीं और बेचने की भी आजादी नहीं थी। साथ ही फसल के दाम एजेंट द्वारा किए जाते थे और ये दाम हमेशा ही बहुत कम होते थे।

प्रश्न 31.
कैप्टन स्विंग कौन थे? यह अथवा उसके अनुयायियों द्वारा थैशिंग मशीनों के प्रयोग का विरोध क्यों किया जाता था?
उत्तर-
कैप्टन स्विंग एक मिकीय नाम था। वह तथा उसके अनुयायी इंग्लैंड में थैशिंग मशीनों के प्रयोग का विरोध इस कारण करते थे कि इन मशीनों ने हजारों लोगों को बेरोजगार बना दिया था। इस कारण स्विंग तथा उसके साथ हिंसा व आतंक फैलाया करते थे। 28 अगस्त 1880 के दिन इंग्लैंड के ईस्ट केंट में मजदूरों ने एक थ्रेशिंग मशीन को तोड़ कर नष्ट कर दिया। इसके बाद दो साल तक दंगों का दौर चुना जिसमें तोड़-फोड़ की ये घटनाएँ पूरे दक्षिणी इंग्लैंड में फैल गई। इस दौरान लगभग 387 थ्रेशिंग मशीनें तोड़ी गई। किसानों को धमकी भरे पत्र मिलने लगे कि वे इन मशीनों का इस्तेमाल करना बंद कर दें। क्योंकि इनके कारण मेहनतकशों की रोजी छिन गई है। ज्यादातर खतों पर ‘कैप्टेन स्विंग’ नाम के किसी आदमी के दस्तखत होते थे। जमींदारों को यह खतरा समाने लगा कि कहीं हथियारबंद गिरोह रात में उन पर भी हमला न बोल दें। इस चक्कर में बहुत सारे जमींदारों ने तो अपनी मशीनें खुद ही तोड़ डाली। जवाब में सरकार ने सख्त कार्रवाई की। जिन लोगों पर शक था कि वे दंगे में लिप्त हैं उन्हें फौरन गिरफ्तार कर लिया गया। 1976 लोगों पर मुकदमा चला, 9 को फाँसी दी गई और 505 को देश लिकाला दिया गया, जिनमें से 450 को ऑस्ट्रेलिया भेज दिया गया। लगभग 644 लोगों को बंदी बनाया गया।

प्रश्न 32.
इंग्लैंड में 18वीं सदी के अंतिम वर्षों व 19वीं सदी के आरम्भिक दौर में देहाती इलाकों में क्या बदलाव आए?
उत्तर-
अठारहवीं सदी के अंतिम वर्षों और उन्नीसवीं सदी के शुरुआती दौर में इंग्लैंड के देहाती इलाकों में नाटकीय बदलाव हुए। पहले इंग्लैंड का ग्रामीण क्षेत्र काफी खुला-खुला हुआ करता था। न तो जमीन भूस्वामियों की निजी संपत्ति थी और न ही उसकी बाड़ाबंदी की गई थी। किसान अपने गाँव के आसपास की जमीन पर फसल उगाते थे। साल की शुरूआत मे एक सभा बुलाई जाती थी। जिसमें गाँव के हर व्यक्ति को जमीन के टुकड़े आबंटित कर दिए जाते थे। जमीन के ये टुकड़े समान रूप से उपजाऊ नहीं होते थे और खराब, दोनों तरह की जमीन मिले। खेती की इस जमीन के परे साझा जमीन होती थी। इस साझा जमीन पर सारे ग्रामीणों का हक होता था। यहाँ वे अपने मवेशी और भेड़-बकरियाँ चराते थे, जलावन की लकड़ियाँ बीनते थे और खाने के लिए कंद-मूल-फल कहट्टा करते थे। जंगल में वे शिकार करते और नदियों, ताल-तलैयों में मछली पकड़ते। गरीबों के लिए तो यह साझा जमीन जिंदा रहने का बुनियादी साधन थी। इसी जमीन के बल पर वे लोग अपनी आय में कमी को पूरा करते, अपने जानवरों को पालते। जब किसी साल फसल चौपट हो जाती तो यह जमीन उन्हें संकट से उबारती थी।

प्रश्न 33.
इंग्लैंड में बाड़ाबंदी के फलस्वरूप गरीबों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
बाड़ाबंदी ने भूस्वामियों की तिजोरियाँ भर दी। पर उन लोगों की स्थिति जिनकी रोजी-रोटी कॉमन्स पर आश्रित थी, बहुत खराब थी। बाड़ लगने से बाड़े के भीतर की जमीन भूस्वामी की निजी संपत्ति बन जाती थी। गरीब अब न तो जंगल से जलावन की लकड़ी बटोर सकते थे और न ही साझा जमीन पर अपने पशु चरा सकते थे। वे न तो सेब या कंद-मूल बीन सकते थे और न ही गोश्त के लिए शिकार कर सकते थे। अब उनके पास फसल कटाई के बाद बची लूंठो को बटोरने का विकल्प भी नहीं रह गया था। हर चीज पर जमींदारों को कब्जा हो गया, हर चीज बिकने लगी और वह भी ऐसी कीमतों पर जिन्हें अदा करने की सामर्थ्य गरीबों के पास नहीं थी। – जहाँ कहीं बड़े पैमाने पर बाड़ाबंदी हुई, खासतौर पर इंग्लैंड के मध्यवर्ती क्षेत्रों और आसपास के प्रांतों (काउंटियों) में, वहाँ गरीबों को जमीन से बेदखल कर दिया गया। उनके पारंपरिक अधिकार धीरे-धीरे खत्म होते गए। अपने अधिकारों
से वंचित और जमीन से बेदखल होकर वे नए रोजगार की तलाश मे दर-दर भटकने लगे। मध्यवर्ती क्षेत्रों से वे दक्षिणी प्रांतों की ओर जाने लगे। मध्य क्षेत्र में सबसे सघन खेती होती थी और वहाँ खेतिहर मजदूरों की भारी माँग थी। लेकिन अब कहीं भी गरीबों को एक सुरक्षित और नियमित रोजगार नहीं मिल पा रहा था।
पुराने जमाने में आमतौर पर मजदूर भूस्वामियों के साथ ही रहा करते थे। वे मालिकों के साथ खाना खाते और साल भर उनकी सेवा-टहल करते थे। यह रिवाज 1800 तक आते-आतें समाप्त होने लगा था। अब मजदूरों को काम के बदले दिहाड़ी दी जाती थी और काम भी केवल कटाई के दौरान ही होता था। जमींदार अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए मजदूरों की दिहाड़ी की मद में कटौती करने लगे। काम अनिश्चित, रोजगार असुरक्षित और आय अस्थिर हो गई। वर्ष के बड़े हिस्से में गरीब बेरोजगार रहने लगे।

प्रश्न 34.
अमेरिका में घास के मैदान किस प्रकार विश्व के रोटी की टोकरी में बदले? विवेचना कीजिए।
उत्तर-
पूर्वी तट से देखने पर अमेरिका संभावनाओं से भरा दिखता था। वहाँ के बियाबानों को कृषि योग्य भूमि में बदला जा सकता था, जंगल से इमारती लकड़ी का निर्यात किया जा सकता था, खाल के लिए पशुओं का शिकार किया जा सकता था और पहाड़ियों से सोने जैसे खनिज पदार्थों का दाहन किया जा सकता था। लेकिन इसका मतलब था कि पहले यहाँ के अश्वेत निवासियों को निकाल बाहर किया जाए। संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार ने 1800 के बाद के दशकों में औपचारिक नीति बना कर अमेरिकी इंडियनों को पहले मिसीसिपी नदी’ पार और बाद में और भी पश्चिम की तरफ खदेड़ना शुरू किया। इस प्रक्रिया में कई लड़ाइयाँ लड़ी गई, मूल निवासियों का जनसंहार किया गया और उनके गाँव जला दिए गए। इंडियनों ने प्रतिरोध किया, कई लड़ाइयों में जीते भी लेकिन अंततः उन्हें समझौता-संधियाँ करनी पड़ीं और अपना घर-बार छोड़कर पश्चिम की ओर कूच करना पड़ा।

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मूल निवासियों की जगहों पर नए प्रवासी बसने लगे। प्रवासियों की लहर पर लहर आती गई। अठारहवीं शताब्दी के पहले दशक तक ये प्रवासी एपलाचियन पठार में बस चुके थे और 1820-1850 के बीच उन्होंने मिसिसिपी की घाटी में पैर जमा लिए। उन्होंने जंगल को काट-जलाकर, तने उखाड़कर, खेत और घर बना लिए। फिर उन्होंने बाकी जंगलों का सफाया करके बाड़ें लगा दीं। इस जमीन पर वह मक्का और गेहूँ की खेती करने लगे।

प्रश्न 35.
गेहूँ उत्पादन में नई तकनीक के शुरू किए जाने के क्या परिणाम हुए?
उत्तर-
गेहूँ उत्पादन में हुई यह विलक्षण वृद्धि नई तकनीक का परिणाम थी। उन्नीसवीं शताब्दी में नए प्रवासी । जैसे-जैसे नई जमीन को अपने कब्जे में लेते गए वैसे-वैसे उन्होंने नई जरूरतों के मुताबिक अपनी तकनीक में भी बदलाव किए। जब वे लोग मध्य पश्चिम के घास के मैदानों में पहुंचे तो उनके वे साधारण हल बेकार साबित हुए जिनका वे पूर्वी तट पर इस्तेमाल करते आए थे। यहाँ के मैदान घनी घास से ढके थे जिसकी जड़ें बहुत गहरी होती थीं। इस सख्त जमीन को तोड़ने के लिए कई तरह के हल विकसित किए गए। स्थानीय स्तर पर विकसित इन हलों में कुछ हल 12 फुट लंबे होते थे। इन हलों का अगला हिस्सा छोटे-छोटे पहियों पर टिका होता था और उन्हें 6 बैल या घोड़े खींचते थे। बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में विशाल मैदानी क्षेत्र के किसान इस सख्त जमीन को ट्रेक्टर और डिस्क हलों की मद्द से गेहूँ की खेती करने के लिए तैयार करने में जुटे थे।

लेकिन 1831 में सामान्य मैक्कॉर्मिक ने एक ऐसे औजार का आविष्कार किया जो एक ही दिन में इतना काम कर देता था जितना कि 16 आदमी हंसियों के साथ कर सकते थे। इस तरह बीसवीं शताब्दी के शुरू होते-होते अमेरिका के ज्यादातर किसान फसल काटने के लिए कम्बाइन्ड हार्वेस्टर्स का इस्तेमाल करने लगे थे। इन मशीनों की सहायता से 500 एकड़ के खेत की कटाई का काम सिर्फ दो सप्ताह में ही निपटाया जा सकता था। मशीनों से जमीन के बड़े टुकड़ों पर फसल काटने, ढूँठ निकालने, घास हटाने और जमीन को दाबारा खेती के लिए तैयार करने का काम बहुत आसान हो गया था। यह सारा काम मशीनें बहुत जल्दी कर डालती थीं। इसके लिए मानव श्रम की भी बहुत आवश्यकता नहीं पड़ती थी। विद्युत से चलने वाली ये मशीनें इतनी उपयोगी थीं कि उनकी सहायता से सिर्फ चार व्यक्ति मिलकर एक सीजन में 2,000 से 4,000 एकड़ भूमि पर फसल पैदा कर सकते थे।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नलिखित में सही (√) व गलत (x) का चयन कीजिए।

(i) पहले की हुई बाड़ाबंदी ने गेहूँ के उत्पादन की . वृद्धि में सहायता की।
(ii) बाड़ों को कानूनी घोषित करने के लिए ब्रिटिश संसद न बाड़ाबंदी कानून बनाए।
(iii) कैप्टन स्विंग एक वास्तविक पात्र था जो थेशिंग मशीनों के प्रयोग का समर्थन करता था।
(iv) श्वेत आवासियों ने अमेरिका में स्थानीय अमेरिका को बेदखल कर दिया।
(v) अफीम ने अंग्रेजों के लिए भारी लाभ उपलब्ध कराया।
उत्तर-
(i) x,
(ii) √,
(iii) x,
(iv) √,
(v) √,

प्रश्न 2. निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों को उपयुक्त शब्दों से भरें

(i) बाड़ाबंदी से……………किसानों को लाभ पहुंचा। (गरीब, अमीर)
(ii) ……… मशीनों ने इंग्लैंड में बेरोजगारी लाने में एक विशेष भूमिका निभायी। (थ्रेशिंग, सिलाई)
(iii) “गेहूँ हमारे लिए युद्ध जीताने में सहायता करेगा।” (विल्सन, वाशगिटन)
(iv) इंग्लैंड ने ……..के साथ अफीम युद्ध लड़ा था। (भारत, चीन)
(v) भारतीय किसान अफीम बोने के लिए ……थे। (तैयार, तैयार नहीं)
उत्तर-
(i) अमीर,
(ii) थ्रेशिंग,
(iii) विल्सन,
(iv) चीन,
(v) तैयार नहीं।

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प्रश्न 3. निम्नलिखित विकल्पों में सही विकल्प का चयन कीजिए।

(i) थ्रेशिंग मशीनों का विरोध करने वालों का निम्नलिखित नेता था
(a) कैप्टन
(b) मेजर स्विंग
(c) कर्नल स्विंग
(d) लैफ्टिनेंट स्विलंग
उत्तर-
(a) कैप्टन

(ii) श्वेत अमेरिकनों ने निम्न को उजाड़ा था
(a) रेड इण्डियनों को
(b) श्वेत इण्डियनों को
(c) नीले इण्डियनों को
(d) अश्वेत इण्डियनों को।
उत्तर-
(a) रेड इण्डियनों को

(iii) महान् कृषि मंदी अमेरिका में निम्न वर्ष घटी थी
(a) 1920
(b) 1930
(c) 1940
(d) 1950
उत्तर-
(b) 1930

(iv) अफीम युद्ध से निम्न को लाभ हुआ था
(a) चीनीवासियों को
(b) भारतीयों को
(c) अंग्रेजों को
(d) इनमें किसी को नहीं।
उत्तर-
(c) अंग्रेजों को

किसान और काश्तकार Class 9 HBSE Notes in Hindi

अध्याय का सार

किसान व काश्तकार समाज के वह वर्ग हैं जो कृषि से जुड़े होते हैं तथा जिनकी जीविका कृषि-कायो से सम्बन्धित होती है। यह भी शोषणा का शिकार होते रहेते _हैं, कभी बड़े-बड़े जमींदारों द्वारा, कभी प्रकृति द्वारा तथा कभी औपनिवेशिक शासकों द्वारा। पहली स्थिति इंग्लैंड से, दूसरी’ अमेरिका से तथा तीसरी भारत से सम्बन्धित है।

18वीं व 19वीं शताब्दियों से पूर्व, इंग्लैंड का बहुत बड़ा भाग, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र खुला क्षेत्र था। इसका विभाजन किन्हीं बाड़े-खेतों में नहीं हुआ था। तथा न ही यह क्षेत्र किन्ही जमीदारों के स्वामित्व में थे। किसान अपने गाँव के आस-पास की जमीर पर फसल उगाते थे वर्ष के शुरू मे एक सभा बुलाई जाती थी जिसमें गाँव के हर व्यक्ति को जमीन के टुकड़े विभाजित कर दिए जाते थे। यह टुकड़े समान रूप से उपजाऊ नहीं होते थे। और कई जगह पर बिखरे होते थे। खेती की इस ज़मीन के परे सामना _ज़मीन होती थी जिस पर सभी गांव वालों का एक समान अधिकार होता था। ऐसी ज़मीन पर ग्रामीण लोग अपने मवेशी तथा भेड़-बकरी चलाते थे, जलावन की लकड़ियां बीनते थे तथा खाने के लिए कंद-मूल-फल एकत्रित करते थे।

इंग्लैंड में खुले खेतों व मुक्त और साझाी ज़मीन की यह व्यवस्था 16वीं शताब्दी से ही बदलने लगी। थी। 16वीं शताब्दी में जब उनके दाम विश्व जाज़ार में बढ़ने लगे तो सम्पन्न किसानों ले लाभ कमाने के लिए उनके उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश ही, व भेड़ों की नस्ल सुधारने के लिए बेहतर चरागाहों की आवश्यकता हुई। इसके चलते सामना ज़मीन को काट-छाँट कर घेरना शुरू कर दिया, ताकि एक की सम्पत्ति दूसरे से तथा साझाी ज़मीन से अलग हो जाए। साझी ज़मीन पर झोपड़ियों में रहने वाले ग्रामीणों को निकाल हर कर दिया तथा बाड़ा-बंद खेतों में उनका प्रवेश निषिद्ध कर दिया। यहाँ से बाड़ा बंद आरम्भ हो गई। 1750 से 1850 तक ज़मीन का 60 लाख क्षेत्र बाड़ाबंदी की लपेट में आ गया। संसद ने बाड़ाबंदी से जुड़े ताप भाग 4 हजार कानून पास कर दिए। बाड़ाबंदी से बाद अमीर किसानों को गेहूँ व खाद्यान्न की पैदावार में सहायता मिलीं। इस सारी प्रक्रिय में रीबों की स्थिति बिगड़ती चली गई, उन्हें पारम्परिक ज़मीन से अलग कर दिया गया तथा इंग्लैंड के दक्षिणी क्षेत्रों की ओर धकेल दिए गए, कुछ अन्य खेतिहर मजदूरों के रूप काम करने लगे। कृषि पर आधारित इंग्लैंड में थैशिंग मशीनों ने छोटे किसानों व मज़दूरों रोज़गार से अलग कर दिया। बेरोगाजरी के आलम में स्विंग के अनुयायियों ने देहातीत्रों में आतंक फैलता आरम्भ कर दिया।

अमेरिका में आधुनिक कृषि का विकास इतना तीव्रता से हुआ कि अमेरिका को संसार “रोटी की टोकरी” कहा जाने लगा। 20वीं शताब्दी के आते श्वेत अमेरिकन पश्चिम
ओर बढ़ने लगे तथा पश्चिम तटीय क्षेत्रों के विशाल मैदानों में गेंहूँ व खाद्यान्नों का उत्पादन रहने लग। जैसे-जैसे विश्व बाज़ार में गेंहूँ की माँग बढ़ने लगा गई, गेहूँ के दाम बढ़ने लग इससे उत्पादकों ने गेहूँ के उत्पादन के प्रयास बढ़ा दिये। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने यूरोप को खाद्यान्न उपलब्ध कराए। विल्सन कहा करते थे ‘गेहूँ का उत्पादन करो तथा युद्ध जीतो।’ 1910 में अमेरिका में 450 लाख हेक्टेयर क्षेत्र गेहूँ के उत्पादन के साथ जुड़ा हुआ था। 9वर्ष बाद यह क्षेत्र 740 लाख हेक्टेयर हो गया। बड़े-बड़े गेहूँ सामन्तों ने व्यक्तिगत रूप में 2 हजार से तीन हजार हेक्टेयर भूमि पर नियन्त्रण किया हुआ था।

गेहूँ के उत्पादन में वृद्धि नयी प्रौद्योगिकी के साथ जुड़ी हुई थी। कृषि के आधुनिकीकारण ने चकित करने वाला काम किया। नया चलने वाला हल इसी प्रकार का एक उदाहरण है। गरीब किसानों के लिए यह सभी यंत्र दुःख एवं कष्ट लेकर आए थे। फलस्वरूप कुछ ने तो अपने पुराने काम को छोड़ दिया। गेहूँ के उत्पादन की वृद्धि को एक दिन कम होना था। 1920 के दशके आते-आते गेहूँ का उत्पादन इतना बढ़ गया कि बहुत कुछ अतिरिक्त जा लगने लगा। न बिकने वाला स्टोर में पड़ा स्टॉक बढ़ने लगा तथा बहुत-सा अनाज मवेशियों के खाने में बदल गया। जैसे यह सब कुछ काफी नहीं था। प्रकृति से गेहूँ के विशाल मैदानों में धूल-मिट्टी व तूफान आने लगे जिनकी ऊँचाई. 7,000से 8,000 फीट होती थी। 1930 के दशक में तो तूफानों की गति तीव्र होती थी। सारा आकाश काले अंधरे में बदल जाता था। लोंगों की तकलीफें बढ़ने लगी, जानवर निढाल होने गले तथा मृत्यु की कगार पर आ गए। . भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत कुछ नया से घर रहा था। 18वीं व 19वीं शताब्दी के दौरान भारत से विश्व बाज़ार के लिए अनेक वस्तुएं बनाई जाती थी। तब अफीम व नील दो व्यवसायिक फसलें प्रसिद्ध थीं। 19वीं शताब्दी के अन्तिम दिनों में भारत के किसान गन्ना, पटसन, सूत, गेहूँ आदि का निर्यात कर रहे थे।

18वीं शताब्दी तक अंग्रेज़ ईस्ट इण्डिया कम्पनी चीन से चाय खरीद रही थी। परन्तु इंग्लैंड चीन को कुछ नहीं बेच रहा था। इस प्रक्रिया में इंग्लैंड चीन को सोने व चांदी के रूप में धन ले रहा था जो स्थिति को मंजूर नहीं था। नतीज यह हुआ कि अंग्रेज कम्पनी ने भारत के किसानों को अफीम की खेती करने पर मज़दूर किया तथा भारतीय किसानों को खासा लोभ-लालच भी दिया। अंग्रेज चीन को अफीम बेचने लगे तथा चीनियों को अफीम पीने की आदत में लत कर दिया। जहाँ एक ओर अंग्रेज चीनियों को अफीम प्रयोग की आदत डाल रहा था; वहाँ दूसरी ओर वह भारतीय किसानों को अफीम के उत्पादन पर जोर डाल रहा था। यह एक ओर चीनियों से अफीम के व्यापार में लाभ कमाने का अवसर था तथा दूसरी ओर भारतीय किसानों का शोषण।

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