HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

HBSE 9th Class Geography भारत का भौतिक स्वरूप Textbook Questions and Answers

भारत का भौतिक स्वरूप HBSE 9th Class Geography प्रश्न 1.
निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए-

(i) एक स्थलीय भाग जो तीन ओर से समुद्र से घिरा हो
(क)तट
(ख) प्रायद्वीप
(ग) द्वीप
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) प्रायद्वीप

(ii) भारत मे पूर्वी भाग में म्यांमार सीमा का निर्धारण करने वाले पर्वतों का संयुक्त नाम
(क) हिमाचल
(ख) पूर्वांचल
(ग) उत्तरांचल
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) पूर्वांचल

(iii) गोवा के दक्षिण में स्थित पश्चिम तटीय पट्टी
(क)कोरोमंडल
(ख) कन्नड
(ग) कोंकण
(घ) उत्तरी सरकार
उत्तर-
(ग) कोंकण

(iv) पूर्वी घाट का सर्वोच्च शिखर
(क)अनाईमुड़ी ।
(ख) महेंद्रगिरि
(ग) कंचनजंगा ।
(घ) खासी
उत्तर-
(ख) महेंद्रगिरि

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

HBSE 9th Class Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप प्रश्न 2.
निम्न प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।

(i) भूगर्भीय प्लेंटे क्या हैं?
(ii) आज के कौन से महाद्वीप गोंडवाना लैंड के भाग थे?
(iii) ‘भाबर’ क्या है?
(iv) हिमालय के तीन प्रमुख विभागों के नाम उत्तर से दक्षिण के क्रम में बताइए?
(v) अरावली और विध्यांचल की पहाडियों में कौन-सा पठार स्थित है?
(vi) भारत के उन द्वीपों के नाम बताइए जो प्रवाल भित्ति के हैं।
उत्तर-
(i) भूगर्भीय प्लेंटे पर्पटी की गति की वैज्ञानिक संकल्पना हैं।
(ii) आज के एशिया (भारत) आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, (दक्षिणी अफ्रीका), तथा दक्षिण अमेरिका गोंडवानालैंड के भाग थे।
(ii) भाबर शिवालिक की ढाल पर 8 से 16 किमी के चौड़ी पट्टी में गुटिका का निक्षेपण भाबर के नाम से जाना जाता है।
(iv) हिमालय के तीन मुख्य विभाग है(अ) महान अथवा आंतरिक हिमालय या हिमाद्रि। (ब) हिमाचल या निम्न हिमालय, (स) शिवालिका,
(v) अरावली व विध्याचल की पहाड़ियों के बीच मध्य उच्च भूमि है। इसे मालवा का पठार भी कहा जाता है।
(vi) लक्षद्वीप।

Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप HBSE 9th Class Geography प्रश्न 3.
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए।

(i) अपसारी तथा अभिसारी भूगर्भीय प्लेंटे।
(ii) बांगर और खादर।।
(ii) पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट।
उत्तर- (i) अपसारी भूभीय प्लेटे

  1. ऐसी प्लेटें एक-दूसरे के विपरीत जाती है।
  2. ऐसी प्लेटें एक-दूसरे से दूर जाती है।
  3. ऐसी प्लेटों से अवसादी किनारों का निर्माण होता है जो महासागरीय मध्य घटकों के साथ-साथ है।
  4. ऐसी प्लेटों के अंतर्गत पृथ्वी में लावा उठता रहता
  5. अपसारी प्लेटों के कारण भूकम्प व ज्वालामुखी घटनाएं होती हैं। एक-दूसरे से दूर जाने से क्षैतिज रूप से चट्टानों संस्तरों में खिचाव होता है। इससे भ्रंश घाटी तथा खंड पर्वतों का निर्माण होता है।
  6. ऐसी प्लेटों से भूपृष्ठ से दरार पड़ती है।

अभिसारी भूगर्भीय प्लेटें

  1. ऐसी प्लेटों का स्वरूप क्षैतिज होता है।
  2. ऐसी प्लेटें एक-दूसरे के निकट आती है।
  3. जब महासागरीय व महाद्वीपीय प्लेटे टकराती हैं तो महासागरीय प्लेटें दूसरी प्लेट के नीचे धंस जाती हैं।
  4. इनसे ज्वालामुखी उद्भेदन होते हैं।
  5. जब दो महाद्वीपीय प्लेटे एक-दूसरे के निकट आती हैं तो उनके बीच अवसादी शैलों में भिंचाव के काण बल पड़ने लगते हैं और वलित पर्वतों का निर्माण होता है, जैसे हिमालय पर्वत।
  6. ऐसी प्लेटों से भू-पृष्ठ में मोड़ पड़ते हैं। .

(ii) बांगर तथा खादर में अंतर निम्नलिखित . बताया जा सकता है
बांगर

  1. यह पुराने जलोढ़ का प्रदेश है।
  2. यह कम उपजाऊ
  3. यह मैदान का वह भाग हे जहाँ बाढ का जल नहीं पहुंच पाता।

खादर

  1. यह नए जलोढ़ का क्षेत्र है।
  2. यह अधिक उपजाऊ क्षेत्र है।
  3. यहाँ बाढ़ का जल फैलता है। .

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(iii) पूर्वीघाट तथा पश्चिमी घाट में निम्नलिखित अंतर बताया जा सकता है-

  1. पश्चिमी घाट के मैदान अरब सागर तथा पश्चिमी घाट के बीच स्थित हैं। पूर्वी मैदान बंगाल की खाड़ी तथा पूर्वी घाट के बीच स्थित हैं।
  2. पश्चिमी घाटी के मैदानों की चौड़ाई 10 किमी. व 25 किमी तक है। पूर्वी घाट की चौड़ाई 100 से 130 किमी तक की भी है।
  3. पश्चिमी घाट के मैदान पूर्वी घाट के मैदानों की अपेक्षा कम उपजाऊ हैं
  4. पश्चिमी घाटों में एस्चुअरी व लैगून हैं जबकि पूर्वी घाटों में डेल्टा है।
  5. पश्चिमी घाटों में मानसूनी पवनों के कारण जलवायु सुहावनी व आर्द होती है। जलवायु सम है।
  6. पश्चिमी घाटों में नदियाँ छोटी व दुर्गामी हैं। पूर्वी घाटों में नदियाँ लम्बी हैं।
  7. पश्चिमी घाटों की नदियाँ अरब सागर में तथा पूर्वी घाटों की नदियाँ बंगाल की खाड़ी में जा मिलती हैं।

प्रश्न 4.
बताइए कि हिमालय का निर्माण कैसे हुआ था?
उत्तर-
आज से करोड़ों वर्ष पहले भारत में हिमालय पर्वत तथा उत्तरी मैदान के स्थान पर एक सागर था जिसे टेथिस सागर कहते हैं। इस सागर के दक्षिणी भाग में ‘गोंडवाना’ नाम का महाद्वीप था। पृथ्वी की भीतरी हलचलों के कारण दक्षिणी भाग अर्थात् गोंडवाना लैंड धीरे-धीरे उत्तर की ओर सकटने लगा। दबाव पड़ने के कारण टेथिस सागर पर संपीड़न होने लगा और तलछटी चट्टानें मुड़कर ऊपर उठने लगीं। इन्हीं पर उठे हुए भागों ने धीरे-धीरे एक पर्वत का रूप ले लिया। इसी पर्वत को ‘हिमालय पर्वत’ कहा जाता है।

प्रश्न 5.
भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग कौन-से हैं? हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीप व पठार के उच्चावच लक्षणों में क्या अंतर है?
उत्तर-
भारत एक विशाल देश है। इसके प्रमुख भू-आकृति खंड निम्नलिखित हैं-
(i) उत्तर में विशाल पर्वतों का प्राचीर।
(ii) उत्तर में विशाल मैदान।
(iii) विशाल प्रायद्वीपीय पठार।
(iv) तटीय मैदान।
भौतिक लक्षणों के आधार पर हिमालय पर्वत क्षेत्र एवं प्रायद्वीपीय पठार में अंतर-

हिमालय पर्वत क्षेत्र

  1. हिमालय विश्व के सर्वाच्च वलित पर्वत है।
  2. ये कश्मीर से अरूणाचल प्रदेश तक लगभग 2400 किलोमीटर की लम्बाई में फैले हैं।
  3. हिमालय की उत्पत्ति टेथिस सागर से भूहलचलों द्वारा मानी जाती है। हिमालय को प्रायः उत्तर से दक्षिण की ओर तीन समान्तर श्रेणियों में विभाजित किया जाता है-हिमाद्री, हिमाचल, शिवालिक।

प्रायद्वीपीय पठार

  1. भारतीय प्रायद्वीपीय पठार प्राचीन गोंडवाना लैंड के – ही भाग माने जाते हैं।
  2. यह प्रायद्वीप उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन भू-भाग है। यहां सबसे अधिक खनिज पाये जाते हैं।
  3. प्रायद्वीपय पठार को दो भागों में बांटा जाता है-(अ) मध्यवर्ती उच्च भूमियाँ, (ब) दक्कन का पठार। नर्मदा नदी घाटी इस पठार को दो भागों में विभाजित करती है।

प्रश्न 6.
भारत के उत्तरी मैदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
हिमालय पर्वत श्रेणी तथा दक्षिणी पठार के बीचों-बीच एक विशाल सपाट मैदान है जिसे भारत का उत्तरी-पूर्वी विशाल मैदान कहा जाता है। इसका निर्माण हिमालय से निकलने वाली नदियों द्वारा लायी गयी जलोढ़ गाद से हुआ है। यहां की उपजाऊ मृदा, जलवायु तथा पर्याप्त जल आपूर्ति आदि कृषि कार्य के लिए विशेष भूमिका निभाते हैं। यह मैदान सिंधु नदी के मुहाने से लेकर गंगा, ब्रह्मपुत्र के मुहाने तक लगभग 3200 किलोमीटर – दूरी में विस्तृत है। इसकी चौड़ाई 150 किलोमीटर से 300 किलोमीटर के बीच है। पूर्व की ओर यह मैदान संकरा होता जाता है। सिंधु नदी की सहायक नदियाँ हैं-झेलम, चेनाब, रावी, व्यास, तथा सतलुज। गंगा-बह्मपुत्र की सहायक नदियाँ बंगाल की खाड़ी में जा मिलती है जबकि सिंधु नदी अरबी सागर में।

उच्चावच के अंतर के आधार पर मैदानी भाग को भाबर, तराई, बांगर तथा खादर में विभाजित किया जाता है। लगभग 8 किमी से 16 किमी की कंकड व पत्थरों की एक पतली पैटी नदियों के समान्तर बहती है, और इसे ‘भाबर’ कहा जाता है और यह उपजाऊ नहीं होती। भाबर से लगा हुआ ‘तराई’ क्षेत्र है जो अधिक नम व दलदली है यहां घने वन व विविध वन्य जीव पाए जाते हैं। मैदानी भागों में पुरानी जलोढ़ को बांगर तथा नवीन जलोढ़ को खादर कहा जाता है। खादर बांगर की अपेक्षा अधिक उपजाऊ है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए
(i) मध्य हिमालय-सर्वोच्च हिमालय अर्थात् हिमाद्रि के दक्षिण में मध्य हिमालय स्थित है। इसे हिमालय श्रेणी भी कहा जाता है। इसकी औसत चौड़ाई 50 किलोमीटर है तथा इसकी ऊंचाई 3700 से 4500 मीटर है। पीर पंजाल, धोलाधर तथा महाभारत पर्वत श्रेणियाँ इसी में आती है। उत्तरी भारत के सभी प्रमुख पर्वतीय नगर जैसे-धर्मशाला, डलहौजी, शिमला, मसूरी, दार्जीलिंग इन्हीं श्रेणियों पर स्थिति हैं पीर पंजाल (जम्मू-कश्मीर), धोलाधर, (हिमाचल प्रदेश) तथा महाभारत (नेपाल) आदि यहां की पर्वत श्रेणियाँ है।

(ii) मध्यवर्ती उच्च भूमियाँ-प्रायद्वीपय पठार के उत्तरी भू-भाग को मध्यवर्ती उच्च भूमियाँ कहा जाता है। यह भाग अधिक ऊँचा नहीं है। उच्च भूमियों का धरातल मुख्यतः कठोर आग्नेय व कायान्तरित शैलों से निर्मित है। पश्चिम में अरावली पर्वत स्थित, उत्तर में गंगा के मैदान तथा दक्षिण में विन्धयाचल से यह घिरा हुआ है जो इसे दक्कन पठार से अलग करता है। पश्चिम से इस क्षेत्र को मालवा पठार और पूर्व में छोटा नागपुर पठार कहा जाता है। पठार के मध्यवर्ती उच्च भूमियों का विस्तार पूर्व में राजमहल की पहाड़ियों तथा गंगा ब्रह्मपुत्र डेल्टा के पार शिलांग के पठार तक है।

(iii) भारत के द्वीप समूह-भारतीय सागर में सैकड़ों द्वीप हैं। इस द्वीपों को निम्नलिखित द्वीप समूहों में बांटा गया है

(क) अंडमान-निकोबार द्वीप समूह-यह द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में स्थित है। ये द्वीप समूह 0 और 4 अक्षांशों के बीच लगभग 350 किलोमीटर तक फैली है। इस द्वीप समूह में करीब 219 द्वीप हैं। ये द्वीप सागर में डूबी पर्वत श्रृंखला के पानी के ऊपर उठे हुए भाग हैं। बैरन द्वीप एक सीय ज्वालामुखी है। भारत के लिए इस द्वीप समूह का सामरिक महत्व है।
(ख) लक्षद्वीप समूह-ये द्वीप समूह अरब सागर में केरल के तट के समीप स्थित है। ये आकार में काफी छोटे हैं तथा इनकी संख्या 40 के लगभग है। इनका निर्माण अति सूक्ष्म अल्प जीवी प्रवाल के ढांचों से हुआ है। ये जीव उथले वे गर्म सागर में बहुत तेजी से बढ़ते है। अनेक द्वीपों की आकृति घोड़े की नाल व अंगूठी के समान है। लक्षद्वीपों का अन्तिम द्वीप मालदीव के नजदीक हैं।

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मानचित्र कार्य

भारत के रेखा मानचित्र में निम्नलिखित दिखाइए-

(i) पर्वत शिखर-के2; कंजनजुंगा, नंगा पर्वत, अनाइमुदी।
(ii) पठार-शिलांग, छोटा नागपुर, मालवा, बुंदलेखंड।
(iii) थार भूमि पश्चिमी घाट, लक्षद्वीप समूह, गंगा-युमना दोआब तथा कोरामंडल तट।

क्रियालाप

दी गई वर्ग पहेली में कुछ शिखरों, दरों, श्रेणियों, पठारों, पहाड़ियों एवं घाटियों के नाम छुपे हैं। उन्हें ढूंढिए।
ज्ञात कीजिए कि ये आकृतियाँ कहां स्थित हैं? आप अपनी खोज क्षैतिज, उर्ध्वाधर या विकर्णीय दिशा में कर सकते हैं।
नोट-पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में है।

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वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. सही व गलत के चिह्न लगाइए-

(i) नामचा बरुआ शिखर भारत में स्थित है।
(ii) पीर पंजाल श्रृंखला सबसे छोटी श्रृंखला है।
(iii) भारत के तटीय मैदान देश में उत्तरी क्षेत्र में स्थित हैं।
(iv) थार मरुस्थल राजस्थान में है।
(v) गोंडवाना के उत्तर में अंगारा भूमि बतायी जाती हैं।
(vi) डून घाटियों में प्रसिद्ध के नाम हैं-देहरादून, कोटलीदून, व पाटलीदून।
(vii) मेघालय को बादलों व वर्षा का राज्य कहा जाता है।
(viii) मेघालय की पर्वत श्रृंखलाएं सिन्धु से ब्रह्मपुत्र तक फैली हैं।
उत्तर-
(i) (√),
(ii) (x),
(iii) (x),
(iv) (√),
(v) (√),
(vi) (√),
(vii) (√),
(viii) (√).

प्रश्न 2. निम्नलिखित में रिक्त स्थानों की उपयुक्त शब्दों से भरिए-

(i) भारत में एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी ……………. में स्थित है। (लक्षद्वीप, अंडमान)
(ii) 1973 में द्वीपों के इस छोटे प्रवाल समूह को ……………. कहा जाने लगा। (लक्षद्वीप, अंडमान)
(iii) चिल्का झील ……………. पानी की सबसे – बड़ी झील है। (खारे, मीठे)
(iv) बंगाल की खाड़ी प्रायद्वीपीय पठार के . …….. में स्थित है।
(v) बरकन के लंबवत् टीले समूह ………….. देखे जा सकते हैं। (बैंगलोर, जैसलमेर)
(vi) प्रायद्वीपीय पठार में पायी जाने वाली ……. मृदा को दक्कन ट्रैप के नाम से जाना जाता है। (भूरा, काला)
(vii) मजोली संसार का सबसे …………….नदीय द्वीप है। (छोटा, बड़ा)
(viii) माउंट एवरेस्ट ……………… का सबसे ऊंचा शिखर है। (भारत, नेपाल)
उत्तर-
(i) अण्डमान,
(ii) लक्षदीप,
(iii) खारे,
(iv) पूर्व,
(v) जैसलमेर,
(vi) काली,
(vii) बड़ा
(viii) नेपाल।

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प्रश्न 3. गलत जोड़ों को सही बनाइए-

(i) चिल्का । — (क) हिमालय की बाहरी श्रृंखला
(ii) कंजनजुंगा — (ख) भारत
(iii) मजोला — (ग) सिक्किम
(iv) शिवालिक — (घ) उड़ीसा
(v) नामचा — (ङ) ब्रह्मपुत्र
उत्तर-
(i) चिल्का — (घ) उड़ीसा
(ii) कंजनजुंगा — (ग) सिक्किम
(iii) मजोला — (ङ) ब्रह्मपुत्र
(iv) शिवालिक — (क) हिमालय की बाहरी श्रृंखल
(v) नामचा — (ख) भारत

प्रश्न 4. निम्नखित चार विकल्प उत्तरों में सही चयन कीजिए-

(i) उद्गमंडलम को निम्न नाम से जाना जाता है
(क) ऊटी
(ख) नामन्का
(ग) कोटईकनाव
(घ) कोंकण
उत्तर-
(क) ऊटी

(ii) बंगाल की खाड़ी के साथ के चौड़े मैदान के उत्तरी भाग को कहा जाता है
(क) उत्तरी सरकार
(ख) उत्तरी राज्य
(ग) उत्तरी समाज
(घ) उत्तरी लोग
उत्तर-
(क) उत्तरी सरकार

(iii) केरल के मालाबार तट के पास निम्न स्थित है
(क) लक्षद्वीप
(ख) मालदीव
(ग) अंडमान
(घ) निकोबार
उत्तर-
(क) लक्षद्वीप

(iv) नेपाल में स्थित संसार का सबसे बड़ा ऊंचा शिखर है
(क) एवरेस्ट
(ख) कंचनजुंगा
(ग) नंगा पर्वत
(घ) अन्नापूर्ण।
उत्तर-
(क) एवरेस्ट

(v) जहाँ कभी आज हिमालय है, वहाँ कभी लाखों वर्ष पहले एक सागर था जिसका नाम था
(क) टेथिस
(ख) शांत महासागर ।
(ग) हिंद महासागर
(घ) अंटलांटिक
उत्तर-
(क) टेथिस

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भारत-आकार वे स्थिति Class 9 HBSE Notes in Hindi

भौगोलिक तथ्य

1. उच्चावच : धरातल अथवा समुद्र की तलहटी पर प्राकृतिक रूप रेखा में पाए जाने वाली ऊँचाईयों का अंतर
2. जलोढ मैदान : नदियों द्वारा बहाकर लायी गयी महीन गाद अथवा – शिलाकणों वाली कांच के निक्षेपण से बना समतल भू भाग।
3. दुर्बलता मंडल : ऊपरी मैटिल की एक शैलीय परत जो भूपृष्ठ के ठीक नीचे अर्द्ध द्रवित अवस्था के रूप में होती है।
4. निमजज्जन : जलवायु विज्ञार में यह हवा के नीचे जाने वाली गति है। भूगर्भ विज्ञान में इसे धरातल की सतह के नीचे धसने की क्रिया कहा जाता है।
5. पठार : विस्तृत ऊपर उठा हुआ एक भू-भाग जिसके ऊपर के भाग अपेक्षाकृत समतल होते हैं। तथा किनारे तेज ढाल वाले होते हैं।
6. अवसादी शैलें : अवसादों से बनी शैलें जिनमें प्रायः परतदार संरचना होती है।
7. आग्नेय शैलें : वे शैलें जो मैग्मा या लावा के पृथ्वी की सतह पर या पृथ्वी भीतर जम जाने से बनती है।
8. उपमहाद्वीप : एक बहुत बड़ा भूखंड जो महाद्वीप के शेष भाग से एक पृथक भौगोलिक इकाई के रूप में रचवृत या अलग हो।
9. जलोढ़ मैदान : नदियों द्वारा बहाकर लाई गई महीन गाद या शिलाकणों वाली कांच अथवा जलोढ़ मिट्टी में निक्षेपण से बना समतल भू-भाग।
10. झील : एक जलराशि- जो पृथ्वी की सतह के गर्त/गड्ढ़े में हो और चारों ओर वे पूर्णतया स्थल से घिरी हो।
11. नवीन/युवा पर्वत : पृथ्वी के भूपटल के नवीनतम दौर में बने मोड़दार या वलित पर्वत जैसे-हिमालय, अल्पस, एडीज तथा राकी पर्वत।
12. पर्वत : पृथ्वी के धरातल का ऊपर की ओर उठा हुआ एक भाग जो काफी ऊंचा होता है और साधारणतयाः तीव्र ढालों वाला होता है।
13. भूगर्भीय : पृथ्वी के भीतर उत्पन्न होने वाली शक्तियां जो धरातल की भू-आकृतियों में विस्तृत परिवर्तन के लिए उत्तरदायी होती है।
14. भूगर्भीय प्लेट : भूपर्पटी में बृहत गर्त अथवा द्रोणी या सैंकड़ों किलोमीटर तक फैली एक गहरी खाई जिसका तल दोनों किनारों की भूआकृतियों से अपरदित मलबे के निक्षपेण के कारण ध रे-धीरे धंसता जाता है। फलस्वरूप अवसादी शैलों की मोटी परतों का निर्माण होता है।
15. मैदान : समतल अथवा बहुत कम ढालवाली भूमि का एक विस्तृत क्षेत्र।
16. वलय : पृथ्वी की पपड़ी पर दबाव पड़ने से किसी क्षेत्र की शैल पों में पड़ने वाले मोड़।
17. स्थलमंडलीय प्लेटें : दुर्बलता मंडल के ऊपर तैरने वाले महाद्वीपीय भू-पृष्ठ या महासागरीय अधस्तल के बड़े-बड़े भाग।
18. गोंडवाना भूमि : ये प्राचीन विशाल महाद्वीप पैंजिया का दक्षिणतम भाग, जिसके उत्तर में अंगारा भूमि बतायी जाती है।
19. माजोली : ब्रह्मपुत्र नदी में स्थित विश्व का सबसे बड़ा नदीय द्वीप, जहाँ लोगों का निवास है।
20. दोआब : दो नदियों के बीच का भाग
21. पंजाब : दो शब्दों का जोड़ पंज अर्थात पांच; आब अर्थात् पानी अर्थात् पांच नदियों वाला राज्य।
22. भाबर : चौड़ी पट्टी की गुटिका का निक्षेपण।
23. तराई : नम व दलदली क्षेत्र।
24. भांगर : पूराने जलोढ़ से बना विशालतम भू-भाग जो उतरी मैदानों में है।
25. खादर : बाढ़ वाले मैदानों के नये अथवा भू-भाग निक्षेप।
26. कंकड़ : भांगर क्षेत्र की मृदा में चूनेदार निक्षेप।
27. चिल्लका : भारत में खारे पानी की सबसे बड़ी झील जो उड़ीसा में स्थित है।
28. सक्रिया ज्वालामुखी : भारत का एक मात्र सक्रिय ज्वालामुखी जो अंडमान-निकोबार के बैरने के द्वीप पर स्थित है।
29. ‘ सन्दुबन : विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा।

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