Class 8

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 1 कैसे, कब और कहाँ

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 1 कैसे, कब और कहाँ Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Social Science Solutions History Chapter 1 कैसे, कब और कहाँ

HBSE 8th Class History कैसे, कब और कहाँ Textbook Questions and Answers

आइए कल्पना करें:

कल्पना कीजिए कि आप इतिहासकार हैं। आप यह पता लगाना चाहते हैं कि आजादी मिलने के बाद एक दुर्गम आदिवासी इलाके की खेती में क्या बदलाव आए हैं। इन जानकारियों को ढूँढ़ने के विभिन्न तरीकों की सूची बनाएँ।
उत्तर:
(i) मैं प्रशासनिक रिकार्डों को देखूगा, जो आदिवासी क्षेत्रों की कृषि से संबंधित होंगे तथा समय-समय पर विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए गए कृषि संबंधी सर्वेक्षणों का भी अवलोकन करूँगा।

(ii) अधिकारियों द्वारा लिखे गए नोट (Notings) एवं रिपोर्ट, जो आदिवासी क्षेत्रों में डाक द्वारा भेजी गयी।

(ii) विभिन्न विद्वानों द्वारा तैयार किए गए कागजात-इनमें भारतीय व यूरोपीय दोनों के ही विवरण शामिल होंगे जिनका संबंध आदिवासियों की अर्थव्यवस्था से होगा।

फिर से याद करें

कैसे, कब और कहाँ HBSE 8th Class History प्रश्न 1.
सही और गलत बताएँ:
(क) जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को हिंदू, मुसलिम, ईसाई, तीन काल खंडों में बाँट दिया था।
(ख) सरकारी दस्तावेजों से हमें ये समझने में मदद मिलती है कि आम लोग क्या सोचते हैं।
(ग) अंग्रेजों को लगता था कि सही तरह शासन चलाने के लिए सर्वेक्षण महत्वपूर्ण होते हैं।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 1 कैसे, कब और कहाँ

आइए विचार करें

HBSE 8th Class History कैसे, कब और कहाँ प्रश्न 2.
जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बाँटा है, उसमें क्या समस्याएँ हैं?
उत्तर:
जेम्स मिल ने भारत के इतिहास का युग विभाजन सांप्रदायिकता के आधार पर किया। वह प्राचीन एवं मध्यकालीन भारतीयों की उपलब्धियों के विषय में गलत धारणायें रखता था। वह सभी तरह के विषय एवं प्रगति होने का श्रेय केवल पश्चिमी लोगों को ही देना चाहता था जो कि केवल औपनिवेशिक शासन के दौरान भारत में हुई थी।

प्रश्न 3.
अंग्रेजों ने सरकारी दस्तावेजों को किस तरह सुरक्षित रखा?
उत्तर:
उन्होंने सरकारी कागजातों को संभाल कर इसलिए रखा क्योंकि वे एक स्थायी रिकार्ड रखना चाहते थे। उनकी आदत थी कि वे उन्हें सावधानीपूर्वक सुरक्षित रखा करते थे।

प्रश्न 4.
इतिहासकार पुराने अखबारों से जो जानकारी | जुटाते हैं वह पुलिस की रिपोर्टों में उपलब्ध जानकारी से किस तरह अलग होते हैं?
उत्तर:
जो समाचारपत्रों में रिपोर्ट छपती थीं वे उन रिकार्डों से अधिक सच्ची एवं ठीक होती थीं क्योंकि पुलिस तो केवल मात्र अंग्रेजी सरकार के हाथों में कठपुतली मात्र होती थी। उसकी रिपोर्ट | तो केवल झूठ का पुलिंदा मात्र ही होती थीं।

आइए करके देखें

प्रश्न 5.
क्या आप आज की दुनिया के कुछ सर्वेक्षणों का उदाहरण दे सकते हैं? सोचकर देखिए कि खिलौना बनाने वाली कंपनियों को यह पता कैसे चलता है कि बच्चे किन चीज़ों को ज्यादा पसंद करते हैं। या, सरकार को यह कैसे पता चलता है कि स्कूलों में बच्चों की संख्या कितनी है? इतिहासकार ऐसे सर्वेक्षणों से क्या हासिल कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, मैं वर्तमान दुनिया में सर्वेक्षणों के बारे में सोच सकता हूँ। हम आधुनिकतम तकनीक से सूचना प्राप्त कर सकते हैं। सरकार स्कूल प्रशासनिक अधिकारियों से रिकाडों या रिपोर्टों | को प्राप्त कर सकती है। उनसे वह विद्यार्थियों की संख्या जान सकती है, उनके जीवन के संक्षिप्त विवरण प्राप्त कर सकती है, एवं परिवारों के विषय में भी जान सकती है। इतिहासकार विभिन्न स्रोतों से उपयोगी सूचनाएँ इकट्ठी करके ठीक रिकार्डस तैयार कर सकते हैं एवं विभिन्न स्कूलों के छात्रों की उपलब्धियों का तुलनात्मक अध्ययन कर सकते हैं, उनकी जनसंख्या तथा स्तर आदि के बारे में जानकारी दे सकते हैं।

HBSE 8th Class History कैसे, कब और कहाँ Important Questions and Answers

उति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हम क्यों प्रयास करते हैं और इतिहास को विभिन्न युगों में क्यों बाँटते हैं?
उत्तर:

  1. हम इतिहास को युगों अथवा अध्यायों में इसलिए बाँटते हैं ताकि प्रत्येक विशेष कालांश (पीरियड = period) की चारित्रिक विशेषताओं को जान सकें (पकड़ सकें।) प्रत्येक कालांश की केंद्रीय विशेषताएँ जैसी कि वे हमें प्रतीत होती हैं, हमारे सामने आ जाती हैं।
  2. जैसे ही हम युगों को तय कर देते हैं वे खास बातें या विशेषताएँ हमें विवश कर देती हैं कि हम दो युगों के मध्य एक रेखा खींच दें।
  3. विभिन्न युग हमारे भूतकाल (गुजरे हुए समय के लिए) के लिए विचारों को पूर्ण कर देते हैं। वे हमें दिखाते हैं कि हम किस तरह से एक युग से दूसरे युग में परिवर्तनों को महत्त्व देते हैं।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 1 कैसे, कब और कहाँ

प्रश्न 2.
औपनिवेशिक क्या है? संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:

  1. अर्थ (Meaning) : इतिहास का वह युग या समय का भाग औपनिवेशिक कहलाता है जब कोई देश (या उसका पर्याप्त भाग) किसी औपनिवेशिक अथवा साम्राज्यवादी शक्ति के अधीन रहता है।
  2. उदाहरण (Example) : उदाहरणार्थ प्रायः 1757 (या 1765) से लेकर 14 अगस्त 1947 तक का समय भारतीय इतिहास में औपनिवेशिक युग कहलाता है।

प्रश्न 3.
भारत में प्रथम अंग्रेज गवर्नर-जनरल तथा अंतिम वायसराय का नाम लिखें।
उत्तर:

  1. भारत में प्रथम अंग्रेज गवर्नर-जनरल वारेन हेस्टिंग्ज था।
  2. भारत में अंतिम अंग्रेज वायसराय लार्ड माउंटबेटन था।

प्रश्न 4.
भारत में 1773 से 1857 के बीच आने वाले अंग्रेज गवर्नर-जनरलों में से किन्हीं पाँच की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:
पाँच महत्त्वपूर्ण अंग्रेज गवर्नर-जनरल थे:

  1. वारेन हेस्टिंग्स
  2. लार्ड वेलेजली
  3. विलियम बैंटिंक
  4. लार्ड डलहौजी
  5. लार्ड कैनिंग

प्रश्न 5.
भारत में आने वाले कुछ अंग्रेज वायसरायों की सूची तैयार करें, जो 1858 से 1947 के मध्य रहे हों।
उत्तर:

  1. लाई कैनिंग
  2. लार्ड लॉरेंस
  3. लार्ड लिटन
  4. लार्ड रिपन
  5. लार्ड कर्जन
  6. लार्ड हार्डिंग
  7. लार्ड इरविन तथा
  8. लार्ड माउंट बेटन

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास का कैसे काल विभाजन किया?
उत्तर:
अंग्रेज और भारतीय इतिहास का युग विभाजन (The British and periodisation of the Indian History) :
(क) सन् 1817 में जेम्स मिल (James Mil) नामक एक स्काटलैंड के अर्थशास्त्री एवं राजनीतिक दार्शनिक ने ‘ब्रिटिश भारत का इतिहास’ (A History of British India) नामक एक विशाल आकार की कृति को तीन खंडों में प्रकाशित किया।

(ख) जेम्स मिल ने इस विशाल ग्रंथ को तीन खंडों-हिंदू.. मुस्लिम तथा अंग्रेज में विभाजित किया था। यह काल विभाजन व्यापक रूप से स्वीकार कर लिया गया।

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प्रश्न 2.
भारतीय इतिहास के औपनिवेशिक युग की। कुछ सामान्य चारित्रिक विशेषताओं पर विचार विमर्श करें।
उत्तर:
(i) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में एक व्यापारिक कंपनी के रूप में आयी थी। सन् 1600 से लेकर लगभग 1755 तक कंपनी केवल मुख्यतया वाणिज्यिक गतिविधियों में ही व्यस्त रही लेकिन वह 1750 के बाद से लेकर 1856 तक भारत के विभिन्न हिस्सों को जीतने या उन्हें अपने पूर्ण प्रभाव में लाने में ही व्यस्त रही।

(ii) अंग्रेजों ने स्थानीय नवाबों एवं शासकों को अपने अधीन कर लिया। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था एवं समाज पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। राजस्व एकत्र किया ताकि वह अपने खचों को चला सके तथा भारत से विभिन्न वस्तुएँ खरीद कर बेचने के लिए इंग्लैंड एवं यूरोपीय बाजारों में बेचकर खूब मुनाफा कमा सके।

(iii) औपनिवेशिक शासन काल के दौरान अंग्रेजों ने भारतवासियों और भारत के सभी संसाधनों का खूब जी भर कर शोषण किया। उन्होंने विभिन्न वस्तुओं को मनमानी निम्न कीमतों पर खरीदा तथा उन विभिन्न वस्तुओं को इंग्लैंड निर्यात किया।

प्रश्न 3.
हम तिथियों के साथ इतिहास को संबंधित करना क्यों जारी रखते हैं? इसके लिए कारण दीजिए।
उत्तर:
(I) तिथियों का निर्धारण (Fixing of Dates) : अब यह महसूस किया जाता है, कि कोई भी घटना या परिवर्तन अगर उसे पूरा होने में पर्याप्त समय लगे तो उसके लिए केवल एक तिथि विशेष तय कर देना ठीक नहीं होगा। तो हम इतिहास को कुछ तिथियों की रस्सी से क्यों बाँध देते हैं? इसके निम्नलिखित कारण हैं।

(II) कारण (Reasons):
(i) कभी ऐसा समय था जब इतिहास का अर्थ एवं क्षेत्र बहुत सीमित अर्थ में ही लिया जाता था। इसे केवल लड़ाइयों तथा होने वाली घटनाओं के साथ जोड़कर ही पढ़ा, लिखा और पढ़ाया जाता था।

(ii) इतिहास का मुख्य विषय अथवा सामग्री राजा/नरेश/सम्राट तथा उनकी नीतियाँ ही हुआ करती थीं। इतिहासकार लिखा करते थे राजा कौन-सी तिथि को पैदा हुआ, वह कब गद्दी पर बैठा, उसने कौन-से वर्ष विवाह किया, कौन-से वर्ष उसके यहाँ संतान हुई. एक विशेष वर्ष जिसमें उसने युद्ध लड़ा, वह वर्ष जब उसका देहांत हुआ तथा वह वर्ष जब अगला राजा सिंहासन पर आकर बैठा, आदि।

कैसे, कब और कहाँ Class 8 HBSE Notes

1. इतिहासकार (Historians) : वे विद्वान जो मानव के बीते समय से संबंधित विभिन्न स्रोतों का अध्ययन और विश्लेषण करते हैं तथा विस्तृत जानकारी एकत्र करते हैं। वे मानव जीवन से संबंधित विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करते हैं तथा विभिन्न घटनाओं के होने के कारणों तथा प्रभावों का अध्ययन भी करते हैं, वे अतीत की क्रांतियों तथा आंदोलनों के भी कारणों एवं प्रभावों का अध्ययन कर हमें जानकारी देते हैं।

2. भारत में रेलवे का प्रारंभ : 1853 में मुंबई से थाणे तक।

3. विज्ञापन (Advertisement) : समाचारपत्रों में जनता की जानकारी के लिए की गई घोषणाएँ, कानूनी नोटिस तथा वस्तुओं की बिक्री बढ़ाने के लिए गुणों का बखान करने वाले वाक्य/कथन तथा चित्र आदि।

4. इतिहास का संकीर्ण अर्थ (Narrow Meaning of History) : केवल लड़ाइयों, युद्धों तथा कुछ घटनाओं का ही उल्लेख करने वाला विषय।

5. इतिहास का विस्तृत क्षेत्र या अर्थ (Broad Sphere or Meaning of History) : इसमें मानव जीवन से जुड़ी अनेकानेक .. सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक समस्याएँ एवं पहलू शामिल रहते हैं। समाज के सभी वर्गों के जीवन
का अध्ययन, व्यापार एवं बाजार का विकास, राज्यों का विकास एवं विचारों आदि का प्रसार।

6. वारेन हेस्टिंग्ज (Warren Hastings) : ब्रिटिश भारत का प्रथम गवर्नर-जनरल।

7. लार्ड माउंटबैटन (Lord Mountbatten) : भारत में अंतिम ब्रिटिश वाइसराय।

8. वारेन हेस्टिंग्ज तथा माउंटबेटन अर्थात् प्रारंभ से अंत तक के कुछ प्रमुख गवर्नर जनरल तथा वायसरायः

  • हेस्टिंग्ज,
  • वेलेजलीं
  • बैंटिंक
  • डलहौजी
  • कैनिंग
  • लारेंस
  • लिटन
  • रिपन
  • कर्जन
  • हार्डिंग तथा
  • इरविन।

9. क्रानोलॉजी या तिथि निर्धारण (Chronology) : तिथियों को तय या निर्धारण करने का विज्ञान अथवा विधि क्रानोलॉजी कहलाती है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 1 कैसे, कब और कहाँ

10. औपनिवेशिक शासन (Colonial Rule) : वह शासन जो किसी देश के एक भाग या पूरे भूभाग पर शोषण के लिए बलपूर्वक थोप दिया जाता है। इस शासन के द्वारा उपनिवेश का आर्थिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक शोषण होता है। उदाहरण के लिए 1757 (1765) से लेकर 14 अगस्त 1947 का अंग्रेजी राज भारत में औपनिवेशिक शासन था।

11. भौतिक लक्षण (Topography) : मानचित्र या नक्शे पर जो किसी भाग का विस्तृत भौगालिक विवरण।

12. पेड़-पौधे (The Flora) : क्षेत्र विशेष की संपूर्ण वनस्पति प्रजाति।

13. जीव-जन्तु (The Fauna) : क्षेत्र विशेष की संपूर्ण जंतु प्रजाति।

14. खशनवीसी (Calligraphist): वह व्यक्ति जो सुंदर लिखाई लिखने की कला में निपुण होता है।

15. अतीत (Past) : हमारा पिछला मा पूर्व समय जिसकी जानकारी हमें इतिहास द्वारा इतिहास द्वारा मिलती है।

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HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 2 व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 2 व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Social Science Solutions History Chapter 2 व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है

HBSE 8th Class History व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है Textbook Questions and Answers

फिर से याद करें

व्यापार से साम्राज्य तक HBSE 8th Class History प्रश्न 1.
निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ ___________.
(क) दीवानी – (i) टीपू सुल्तान
(ख) “शेरे-ए-मैसूर” – (ii) भू-राजस्व वसूल करने का अधिकार
(ग) फौजीदारी अदालत – (iii) सिपॉय
(घ) रानी चेन्नम्मा – (iv) भारत का पहला गर्वनर जनरल
(ङ) सिपाही – (v) फौजदारी अदालत
(च) वॉरेन हेस्टिंग – (vi) कित्तूर में अंग्रेज-विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया
उत्तर:
(क) दीवानी – (ii) भू-राजस्व वसूल करने का अधिकार
(ख) “शेरे-ए-मैसूर” – (i) टीपू सुल्तान
(ग) फौजदारी अदालत – (iv) फौजदारी न्यायालय
(घ) रानी चेन्नम्मा – (v) कित्तूर में अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन का नेतृत्व किया
(ङ) सिपाही – (iii) सिपॉय
(च) वॉरेन हेस्टिंग – (iv) भारत का पहला गर्वनर जनरल

Vyapar Se Samrajya Tak HBSE 8th Class History प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरें (Fill in the blanks):
(क) बंगाल पर अंग्रेजों की जीत …………………. की जंग से शुरू हुई थी।
(ख) हैदर अली और टीपू सुल्तान …………………… के शासक थे।
(ग) डलहौज़ी ने ………………….. का सिद्धांत लागू किया।
(घ) मराठा रियासतें मुख्य रूप से भारत के …………………. भाग में स्थित थीं।
उत्तर:
(क) प्लासी
(ख) मैसूर
(ग) गोद निषेध
(घ) दक्षिण।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 2 व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है

व्यापार से साम्राज्य तक Class 8 प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class History प्रश्न 3.
सही या गलत बताएँ:
(क) मुगल साम्राज्य अठारहवीं सदी में मजबूत होता गया।
(ख) इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत के साथ व्यापार करने वाली एकमात्र यूरोपीय कंपनी थी।
(ग) महाराजा रणजीत सिंह पंजाब के राजा थे।
(घ) अंग्रेजों ने अपने कब्जे वाले इलाकों में कोई शासकीय बदलाव नहीं किए।
उत्तर:
(क) असत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) असत्य।

आइए विचार करें

व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 4.
यूरोपीय व्यापारिक कंपनियाँ भारत की तरफ क्यों आकर्षित हो रही थीं?
उत्तर:
यूरोपीय देशों में भारत की अनेक वस्तुओं की बड़ी भारी माँग थी जैसे कि कपास, रेशम, काली मिर्च, लौंग, इलायची, दालचीनी आदि। ये चीजें भारत से कम कीमतों पर खरीदी जा सकती थीं तथा बहुत अधिक कीमतों में यूरोपीय बाजारों में बेची जा सकती थीं। कंपनियाँ भारी मुनाफे कमा सकती थीं। इसी ने उन्हें भारत के साथ व्यापार करने को लालायित किया।

व्यापार से साम्राज्य तक कंपनीकी सत्ता स्थापित होती है HBSE 8th Class प्रश्न 5.
बंगाल के नवाबों और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच किन बातों पर विवाद थे?
उत्तर:
(i) ईस्ट इंडिया कंपनी को जो भी विशेषाधिकार बंगाल के नवाबों ने दे रखे थे उनकी शर्तों को वे नहीं मानते थे तथा मनमाने ढंग से उनका अर्थ निकालते रहते थे। प्रायः वे और नई-नई सुविधाओं एवं विशेषाधिकारों की नवाबों से माँग करते रहते थे।

(ii) ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारीगण जो निजी व्यापार करते थे उनसे. आशा की जाती थी कि वे कर का भुगतान करें। उन्होंने ऐसा भुगतान करने से मना कर दिया जिसका अर्थ था बंगाल के लिए राजस्व का भारी नुकसान।

(iii) नवाबों ने कंपनी पर दोष आरोपित किये कि वह अपने अधिकारों का नाजायज प्रयोग कर रही है। उसके अधिकारीगण निजी व्यापार चोरी-छिपे करके बड़ी भारी चुंगी एवं कर की रकम न देकर बंगाल के खजाने को भारी आर्थिक हानि पहुंचा रहे हैं तथा वे नवाबों की शक्ति का गलत अंदाजा लगा करके उसे कम आंक रहे हैं।

यह करों का भुगतान करने से इन्कार करके, अपमानजनक पत्र लिखकर और वह अन्य तरह से भी नवाबों तथा उसके उच्च अधिकारियों का अपमान कर रही है, उनके साथ आपत्तिजनक दुर्व्यवहार कर रही है। अंत में हम यही कह सकते हैं कि अनेक कारणों से ईस्टं इंडिया कंपनी तथा बंगाल के नवाबों में टकराव हुए तथा अंततः इसकी परिणिति प्लासी की लड़ाई (1757)के रूप में देखी गई।

व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है HBSE 8th Class प्रश्न 6.
दीवानी मिलने से ईस्ट इंडिया कंपनी को किस तरह फायदा पहुँचा?
उत्तर:
(i) इलाहाबाद की संधि (1765) से ईस्ट इंडिया कंपनी को सर्वाधिक बड़ा लाभ यह हुआ कि इसे बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा के भू-भागों से भू-राजस्व एकत्र करने का अधिकार मिल गया।

(ii) दीवानी ने ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल के विशाल राजस्व संसाधनों का प्रयोग करने की अनुमति दे दी। इससे कंपनी की उस बड़ी समस्या का समाधान हो गया जो पहले उसे झेलनी पड़ती थी।

(iii) 18वीं शताब्दी के प्रारंभ से ही ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत के साथ व्यापार फैल चुका था। चूँकि उस समय तक ब्रिटेन में ऐसी कोई भी वस्तु उत्पादित नहीं होती थी जिसका वह भारत में इंग्लैंड से निर्यात करके धन कमाता इसलिए भारत से जितनी भी चीजें वह खरीदता था उसके लिए उसे इंग्लैंड से सोना तथा चाँदी लाकर ही भुगतान करना होता था।

(iv) प्लासी की लड़ाई में विजयी अंग्रेजों ने धीरे-धीरे इंग्लैंड से सोने-चाँदी का आयात कम कर दिया तथा बक्सर के युद्ध के बाद इलाहाबाद की संधि केवल जब उसे दीवानी प्राप्त हो गई तो उसने इसे पूरी तरह ही बंद कर दिया। अब जो भारत राजस्व इकट्ठा किया जाता था, वह रकम ही कंपनी को धन दे सकती थी तथा उसकी वित्तीय आवश्यकताएँ भारत में ही पूरी होने लगी।

(v) बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा के राजस्व का भारत में कपास तथा रेशम एवं ऊन के बने कपड़े खरीदने में प्रयोग हो सकता था। उससे कंपनी अपने सेनाएँ रख सकती थी तथा जो भी कंपनी के किले तथा कार्यालय बनाने में लागत आती थी, उसे भी भू-राजस्व की रकम से पूरा किया जा सकता था।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 2 व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है

व्यापार से साम्राज्य तक के प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class History प्रश्न 7.
ईस्ट इंडिया कंपनी टीपू सुल्तान को खतरा क्यों मानती थी?
उत्तर:
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी टीपू सुल्तान (मैसूर) को खतरा इसलिए मानती थी क्योंकि वह फ्रांसीसियों से सांठ-गाँठ कर रहा था। टीपू फ्रांस की क्रांति एवं नए विचारों से भी बहुत प्रभावित था। उन दिनों अंग्रेजों के सबसे बड़े यूरोपीय शत्रुओं में फ्रांसीसी ही नंबर वन थे। वे भारतीय उपनिवेशवाद में भी फ्रांसीसियों को अपने सबसे बड़े शत्रु मानते थे। टीपू वैसे भी आधुनिक विचारों तथा नव आविष्कारक था। वह तोपों तथा नौ-सेना के महत्त्व को भी खूब समझता था। व्यक्तिगत रूप से टीपू बहुत वीर था। एक कथा के अनुसार उसे टाइगर ऑफ मैसूर कहा जाता था।

व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता HBSE 8th Class History प्रश्न 8.
“सब्सिडियरी एलायंस” (सहायक संधि) व्यवस्था की व्याख्या करें।
उत्तर:
सहायक संधि (Subsidiary Alliance):
(i) यह वह प्रणाली (व्यवस्था) थी जिसे गवर्नर जनरल लार्ड वेलेजली ने ब्रिटिश भारत में शुरू किया ताकि देशी राज्यों के सभी महत्त्वपूर्ण कार्यकलापों तथा नीतियों आदि पर ब्रिटिश नियंत्रण को बढ़ाया जा सके। इस प्रणाली में अंग्रेजी सरकार भारतीय नरेशों से कुछ शर्तों को मनवाते हुए समझौता करती थी। वास्तव में उसके राज्य को कंपनी के भू-भाग (क्षेत्र) में विलय नहीं किया जाता था।

(ii) भारत में अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पाने के लिए लार्ड वेलेजली ने तीन विधियाँ अपनाई थीं-उनमें से ही एक था सहायक संधि का तरीका।

II सहायक संधि की शर्ते (Terms of Subsidiary Alliance):
(क) सहायक संधि के अंतर्गत एक शर्त के रूप में भारतीय राज्य के नरेश या शासक को अपने राज्य में ही एक कंपनी की सेना अपनी मदद के लिए रखनी होती थी तथा उसे बनाए रखने के लिए एक सहायता राशि उस राज्य को देनी पड़ती थी। यह सब कुछ संरक्षण के लिए किया जाता था लेकिन सच्चाई यह थी कि इस संधि के रूप में कंपनी को एक धनराशि कर के रूप में देनी पड़ती थी।

(ख) कभी-कभी भारतीय नरेश बजाय नगद राशि देने के वह अपने राज्य की कुछ भूमि या भू-भाग ही कंपनी को दे देता था।

(ग) देशी नरेश को अंग्रेजों की एक शर्त यह भी माननी पड़ती थी कि वह अपने दरबार में एक अंग्रेज अधिकारी रखेगा जो अंग्रेजी कंपनी का रेजिडेंट (British Resident) कहलाता था और इसे यह भी वायदा करना होता था कि वह किसी भी अन्य यूरोपीय को अपने राज्य में किसी भी पद पर नियुक्त नहीं करेगा। यदि उसे ऐसा करने के लिए विवश होना ही पड़े तो उसे अंग्रेजों से पूर्व अनुमति लेनी होगी।

(घ) उसे यह भी वायदा करना पड़ता था कि बिना अंग्रेजों की जानकारी के वह किसी भी भारतीय राजा/नवाब/ नरेश से किसी की तरह की कोई बातचीत नहीं करेगा। वह इसके लिए गवर्नर-जनरल से परामर्श करेगा।

(ङ) उपर्युक्त सभी शर्तों के बदले अंग्रेज उस राज्य की रक्षा करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले लेते थे। वे उसे वायदा करते थे कि वे उसे हर शत्रु (भारतीय या यूरोपीय) से उसकी प्रतिरक्षा करेंगे।

व्यापार से साम्राज्य तक Class 8 HBSE History प्रश्न 9.
कंपनी का शासन भारतीय राजाओं के शासन से किस तरह अलग था?
उत्तर:
(i) वारेन हेस्टिंग्ज (जो सन् 1773 से 1785 तक गवर्नर-जनरल के पद पर कार्यरत रहा) अनेक महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक था जिसने कंपनी की शक्ति विस्तार में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया था। उसके शासन काल में कंपनी ने न केवल (बंगाल जिसमें बिहार तथा उड़ीसा भी शामिल थे) अपनी शक्ति का प्रसार बंगाल प्रेसिडेंसी तक ही किया बल्कि बंबई तथा मद्रास तक भी कंपनी का प्रभाव तथा शक्ति को फैलाया। अंग्रेजों के अधीन जो भू-भाग या क्षेत्र थे वे मोटे तौर पर प्रशासनिक दृष्टि से तीन भागों में विभाजित था जो प्रेसिडेंसियों (Presidencies) कहलाती थीं-बंगाल, मद्रास तथा बंबई। प्रत्येक पर एक गवर्नर राज्य करता था। सन् 1773 के रेगुलेटिंग एक्ट ने बंगाल प्रेसीडेंसी के गवर्नर को गवर्नर-जनरल का पद दे दिया तथा वह भारत में सभी क्षेत्रों का सर्वोच्च अधिकारी बन गया। इस तरह वारेन हेस्टिंग्ज प्रथम अंग्रेज गवर्नर-जनरल बन गया। उसने प्रशासनिक क्षेत्र में अनेक सुधार किये जिनमें सबसे ध्यान देने योग्य न्याय के क्षेत्र में थे।

(ii) 1772 से एक नयी न्याय प्रणाली की स्थापना कर दी गई – थी। हर जिले में दो तरह के न्यायालय (या अदालतें) स्थापित कर दी गयी थीं-(i) दीवानी अदालतें तथा (ii) फौजदारी अदालतें। दीवानी न्यायालयों में जो अंग्रेज न्यायाधीश अध्यक्षता किया करते थे उनमें हिंदुओं से संबंधित दीवानी कानूनों की व्याख्या पंडित तथा मुसलमानों से संबंधित दीवानी मुकद्दमों में दीवानी मुस्लिम नियमों की व्याख्या मौलवी किया करते थे। फौजदारी अदालतें अभी भी काजी तथा मुफ्ती के अधीन थीं लेकिन उन पर भी नियंत्रण जिलाधीशों (कलैक्टरों) का ही होता था।

(iii) एक प्रमुख समस्या यह थी कि ब्राह्मण पंडित स्थानीय व्याख्या के आधार पर एक ही दीवानी कानून की अलग-अलग व्याख्या किया करते थे। उनमें एकरूपता लाने के सभी विचारधाराओं के धर्मशास्त्रों (समरूपता देने के लिए) को सांझी (Common) व्याख्या करने का कार्य ग्यारह पंडितों के एक समूह को 1775 में सौंपा गया। उन्होंने कानूनों की एक पुस्तक (Digest बनाई)। एन. बी. हालहेड (N.B. Halhad) ने इस पुस्तक का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया। 1778 तक मुसलमानों के कानूनों के एक संग्रह को भी संकलित कर दिया गया ताकि उससे अंग्रेज न्यायाधीशों को लाभ प्राप्त हो सके।

प्रश्न 10.
कंपनी की सेना की संरचना में आए बदलावों का वर्णन करें।
उत्तर:
1858 के उपरान्त ब्रिटिश सेना में निम्नलिखित परिवर्तन किये गये :

  • सेना में यूरोपीय सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गई।
  • कंपनी व सरकार की सेनाओं को मिलाकर एक शाही सेना बना दी गई।
  • यूरोपीय सेनाओं को सैनिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण स्थानों पर रखा गया।
  • भारतीयों को फौज में अफसर न बनने दिया गया। इस नीति का कठोरता से पालन किया जाने लगा।
  • सेना के महत्त्वपूर्ण अंग, जैसे-तोपखाना, टैंक व बख्तरबन्द टुकड़ियाँ केवल यूरोपीय सेना के हाथ में दे दिए गए।
  • सेना में भर्ती करते समय जाति, धर्म व क्षेत्र के नाम पर भेदभाव बढ़ता गया।
  • भारतीय सेना की विभिन्न रेजीमेंटों में विभिन्न जातियों का ऐसा मिश्रण बना दिया कि उनमें एकता न हो सके।
  • सेना में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के जाने पर रोक लगा दी गई ताकि उन तक राष्ट्रीय विचार न पहुँच सकें।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 2 व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है

आइए करके देखें

प्रश्न 11.
बंगाल में अंग्रेजों की जीत के बाद कलकत्ता एक छोटे से गाँव से बड़े शहर में तब्दील हो गया। औपनिवेशिक काल के दौरान शहर के यूरोपीय और भारतीय निवासियों की संस्कृति, शिल्प और जीवन के बारे में पता लगाएँ।
After the British conquest of Bengal, Calcutta grew from a small village to a big city. Find out about the culture, architecture and the life of Europeans and Indians of the city during the colonial period.
उत्तर:
(i) वर्तमान कलकत्ता (अब कोलकाता) शहर के विकास का संक्षिप्त विवरण (A brief description of Calcutta (now Kolkata) from some small villages to a big city) : कलकत्ता हमारे पश्चिम बंगाल राज्य की राजधानी है। यह शहर अंग्रेजों द्वारा तीन गाँवों सुतानारी, कालिकाता तथा गोविन्दपुर की जमीन पर सन् 1698 ई. में बसाया गया। प्रारंभ में अंग्रेज कलकत्ता में अपनी व्यापारिक बस्ती को ‘फोर्ट विलियम’ कहते थे। यहाँ पर गोदाम, दफ्तर तथा कर्मचारियों के घर (निवास स्थल) होते थे लेकिन यहाँ किसी वस्तु का उत्पादन नहीं होता था।

(ii) कलकत्ता में नगर नियोजन (Town Planning in Calcutta) : आधुनिक नगर नियोजन की शुरुआत औपनिवेशिक शहरों में हुई। इस प्रक्रिया में भूमि उपयोग और भवन निर्माण के नियमन के जरिए शहर के स्वरूप को परिभाषित किया गया। इसका एक मतलब यह था कि शहरों में लोगों के जीवन को सरकार ने नियंत्रित करना शुरू कर दिया था। इसके लिए एक योजना तैयार करना और पूरी शहरी परिधि का स्वरूप तैयार करना जरूरी था।

(iii) राजनीतिक संघर्ष का प्रारंभ (Beginning of Political Struggle) : इसकी वजह थी कि अंग्रेजों ने बंगाल में अपने शासन के शुरू से ही नगर नियोजन का. कार्यभार अपने हाथों में क्यों ले लिया था। एक फौरी वजह तो रक्षा उद्देश्यों से संबंधित थी। 1756 में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला ने कलकत्ता पर हमला किया और अंग्रेज व्यापारियों द्वारा गोदाम के तौर पर बनाए गए छोटे किले पर कब्जा कर लिया।

(iv) कंपनी द्वारा किलाबंदी (Fortification by Company) : कुछ समय बाद, 1757 में प्लासी के युद्ध में सिराजुद्दौला की हार हुई। इसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने एक ऐसा नया किला बनाने का फैसला लिया जिस पर आसानी से हमला न किया जा सके।

(v) नगर नियोजन (Town Planning) : कलकत्ता में नगर-नियोजन का इतिहास केवल फोर्ट विलियम और मैदान के निर्माण के साथ पूरा होने वाला नहीं था। 1789 में लार्ड वेलेजली गवर्नर-जनरल बने। उन्होंने कलकत्ता में अपने लिए गवर्नमेंट – हाउस के नाम से एक महल बनवाया।

(vi) स्वास्थ्यवर्धक बनाने के प्रयास (Efforts to make a healthier place) : ज्यादा स्वास्थ्यपरक बनाने का एक तरीका – यह ढूँढा गया कि शहर में खुले स्थान छोड़े जाएँ। वेलेजली ने 1803 में नगर-नियोजन की आवश्यकता पर एक प्रशासकीय आदेश जारी किया और इस विषय में कई कमेटियों का गठन किया।

(vii) लाटरी कमेटी (Lottery Committee) : वेलेजली की विदाई के बाद नगर-नियोजन का काम सरकार की मदद से लॉटरी कमेटी (1817) ने जारी रखा। लॉटरी कमेटी का यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि नगर सुधार के लिए पैसे की व्यवस्था जनता के बीच लॉटरी बेचकर ही की जाती थी।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित में से किसी के बारे में तसवीरें, कहानियाँ, कविताएँ और जानकारियाँ इकट्ठा करें – (i) झाँसी की रानी, (ii) महादजी सिंधिया,(iii) हैदर अली, (iv) महाराजा रणजीत सिंह, (v) लॉर्ड डलहौज़ी या आपके इलाके का कोई पुराना शासक।
उत्तरः
विद्यार्थी स्वयं करें।

HBSE 8th Class History व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
चौथ पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
चौथ-मराठों द्वारा लिया जाने वाला वह कर था जो वे अपने क्षेत्र के बाहर के क्षेत्रों से वसूल करते थे। यह मुगल साम्राज्य को दिये जाने वाले भूराजस्व के एक चौथाई (1/4) भाग के बराबर होता था।

प्रश्न 2.
सरदेशमुखी पद की संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सरदेशमुखी एक प्रकार का कर था जो मराठा राजा या पेशवा अपने सारे क्षेत्र से वसूल करते थे। यह चौथ देने वाले क्षेत्रों, स्वराज्य एवं उन मराठा देशमुखों से वसूल किया जाता था जो शिवाजी को अपना सरदेशमुख मानते थे।

प्रश्न 3.
‘स्वराज्य’ पद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
महाराष्ट्र का वह भाग, जहाँ स्वयं शिवाजी ने अपने राज्य की नींव रखी थी।

प्रश्न 4.
मिसल पर एक नोट लिखें।
उत्तर:
मिसल : मिसल शब्द का अर्थ है राजनीतिक इकाई। अठारहवीं शताब्दी में सिक्खों के बीच एकता हो गई थी। उस समय सिक्खों ने स्वयं को बारह मिसलों (राजनीतिक इकाइयों) में संगठित किया। प्रत्येक मिसल अपने नेता के प्रति निष्ठावान होती थी।

प्रश्न 5.
‘नवाब’ पद की संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यह नाम अंग्रेज (कंपनी के) अधिकारियों को दिया गया क्योंकि वे भारतीय कुलीनों की जीवनशैली का अनुसरण करते थे।

प्रश्न 6.
दीवानी पद की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
राज्य का राजस्व संग्रह करने वाला विभाग दीवानी कहलाता है।

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प्रश्न 7.
‘सहायक संधि’ पद का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सहायक संधि व्यवस्था वह व्यवस्था थी जिसे लार्ड वेलेजली ने भारतीय राज्यों में ब्रिटिश सत्ता का प्रभाव बढ़ाने के लिए लागू किया था। अनेक शर्ते उस देशी राजा को माननी होती थी जो अंग्रेजों से यह संधि करता था। वह अपनी विदेश नीति कंपनी के अधीन कर देता था। वह बिना अंग्रेजों की पूर्व अनुमति प्राप्त किये किसी भी दूसरे भारतीय नरेश/नवाब या अन्य यूरोपीय शक्ति से बातचीत नहीं कर सकता और न ही किसी विदेशी विशेषज्ञ को अपने यहाँ नौकर रख सकता था। उसे एक अंग्रेजी सेना अपने राज्य में रखने की अनुमति देनी होती थी, जिसका व्यय भी उसी को वहन करना पड़ता था। एक अंग्रेज रेजिडेंट भी उसके दरबार में स्थायी तौर पर रहता था। इन सबके बदले अंग्रेज उस राज्य की सुरक्षा करने में सहयोग देने का वचन देते थे।

प्रश्न 8.
‘गोद निषेध’ सिद्धांत से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
लार्ड डलहौजी ने अंग्रेजी साम्राज्य का विस्तार करने के लिए गोद निषेध का सिद्धांत आरंभ किया। इस सिद्धांत के अनुसार बिना किसी संतान के किसी देशी राजा की मृत्यु हो जाने पर उसके राज्य को अंग्रेजी राज्य में मिला लिया जाता था। देशी राजाओं को पुत्र गोद लेने व उसे अपना उत्तराधिकारी बनाने का अधिकार नहीं था। इस नीति के अनुसार डलहौजी ने निम्न राज्यों को अंग्रेजी राज्य में मिला लिया।

प्रश्न 9.
मराठों के द्वारा स्वराज्य के बाहर से कौन से दो कर वसूल किए जाते थे?
उत्तर:

  • चौथ तथा
  • सरदेशमुखी।

प्रश्न 10.
कौन से वर्ष में तीसरे पानीपत की लड़ाई लड़ी – गई थी?
उत्तर:
1761 में।

प्रश्न 11.
वाणिज्यवाद पद की व्याख्या करें।
उत्तर:
व्यापारिक उद्यम, जो मुख्यतया मुनाफे के लिए व्यापार अर्थात् सस्ती चीजें खरीदकर तथा उन्हें महंगे दामों पर बेचकर किया जाता है। .

प्रश्न 12.
कठपुतली शब्द/पद की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
कठपुतली का शाब्दिक अर्थ है वह खिलौना जिसे रस्सी बाँधकर हाथों या उंगलियों से नचाया जाता है। कभी-कभी यह पुतले जैसे चरित्र या स्वभाव के व्यक्ति के लिए भी प्रयोग किया जाता है। वह राजा या नेता जिसका नियंत्रण कोई और करे उसे भी राजनीति में कई बार कठपतली कह दिया जाता है।

प्रश्न 13.
नीचे दिए शब्दों की परिभाषा लिखें: (i) सवार, (ii) मसकेट, (iii) मैचलाक
उत्तर:
(i) सवार (Sawar) : घोड़े पर सवारी कर रहा सिपाही या व्यक्ति।

(ii) मसकेट (Musket) : पैदल सैनिक द्वारा प्रयोग की जाने वाली भारी बंदूक।

(iii) मैचलाक (Matchlock) : शुरू-शुरू में प्रयोग की जाने वाली बंदूक जिसे माचिस की दियासलाई दिखाकर, उसके बारुद का धमाका किया जाता था।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पानीपत की तीसरी लड़ाई के परिणाम मराठों के लिए कैसे विनाशकारी साबित हुए थे?
अथवा
1761 में हुई पानीपत की तीसरी लड़ाई के प्रमुख परिणाम क्या थे?
उत्तर:
पानीपत की तीसरी लड़ाई के प्रमुख परिणाम (Main Results or Consequences of the Third Battle of Panipat) : अहमदशाह अब्दाली पंजाब पर विजय करता हुआ यमुना के किनारे तक आ पहुँचा। पेशवा बालाजी बाजीराव ने एक विशाल सेना अपने चचेरे भाई सदाशिव भाऊ के अधीन अब्दाली के विरुद्ध भेजी। 14 जनवरी, 1761 ई. को पानीपत के तीसरे युद्ध में मराठे परास्त हुए। अनेक मराठा सरदार युद्धक्षेत्र में मारे गए। मराठों को अपार जन-धन की हानि उठानी पड़ी। सारे महाराष्ट्र में शोक छा गया। इसी शोक में 5 माह में ही पेशवा की मृत्यु हो गई। मराठा परिसंघ छिन्न-भिन्न हो गया। भारतीय राजनीति में जो उनका दबदबा था, वह समाप्त हो गया। मराठों की हार व पतन. के कारण अंग्रेज शीघ्र ही भारतीय राजनीति में छा गए।

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प्रश्न 2.
मुर्शिद कुली खाँ कौन था ? मुर्शिद कुली खाँ तथा उसके उत्तराधिकारियों के कालों में घटित कुछ घटनाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
I. परिचय (Introduction) : औरंगजेब के शासन काल में मुर्शिद कुली खाँ बंगाल का दीवान था। उसने तथा उसके कुछ उत्तराधिकारियों ने औरंगजेब की मृत्यु के बाद स्वतंत्र नवाब के रूप में बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा पर शासन किया लेकिन वे सभी नियमित रूप से मुगल सम्राटों को राजस्व भेजते रहे।

II. घटनायें/उपलब्धियाँ (Events/Achievements) :

  • उन्होंने प्रांत का प्रशासन पुनर्गठित किया।
  • उन्होंने व्यापार, कृषि तथा उद्योगों को प्रोत्साहन दिया।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी पर (सन् 1757 से पूर्व तक) पूर्ण नियंत्रण रखा।

प्रश्न 3.
चार्टर एक्ट 1833 की मुख्य चारित्रिक विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर:
चार्टर एक्ट 1833 की मुख्य चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित थीं :
(i) प्रेजिडेन्सियों तथा प्रांतों की वित्तीय शक्तियाँ एवं कानून बनाने की शक्ति गवर्नर जनरल इन-कौंसिल को हस्तांतरित कर दी गयीं।

(ii) इस एक्ट ने गवर्नर-जनरल इन-कौंसिल को ही भारत में कंपनी के संपूर्ण भू-भाग (क्षेत्रों) में सभी नागरिक (गैर-सैनिक जैसे दीवानी) एवं सैनिक मामलों पर पूर्णतया अंतिम आधिपत्य दे दिया।

(ii) 1833 के इस अधिनियम (एक्ट) ने ब्रिटिश भारत में प्रशासन को केन्द्रीयकृत (एक ही केंद्र में) करने की कोशिश की।

(iv) इस अधिनियम (एक्ट) ने भारत में कंपनी के अधीन क्षेत्रों में कानून का शासन’ (Rule of Law) स्थापित किया था तथा कंपनी के किसी भी पद पर भारतीयों की नियुक्ति से वंचित कर दिया।

प्रश्न 4.
अंग्रेजों द्वारा मराठों के अधीन क्षेत्रों को विजित करने की मुख्य अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
(i) लार्ड वेलेजली जब मैसूर तथा कर्नाटक में युद्धों | से मुक्त हो गया तो उसके बाद उसने मराठों से निपटने के बारे में निर्णय ले लिया।

(ii) उसने मराठों में आए र फूट का पूरा-पूरा लाभ उठाया। यद्यपि महादजी सिन्धिया एवं नाना फड़नवीस मराठों को संगठित रखने में सफल रहने वाले योग्य नेता थे, लेकिन उनके देहांत के बाद, मराठों की शक्ति घटने लगी।

(iii) होल्कर एवं सिंधिया के मध्य संघर्ष में, पेशवा होल्करों को पूना से बाहर निकालने में सफल रहे।

(iv) यहाँ तक कि सिंधियाँ एवं भोंसले की शक्ति के परस्पर नजदीक आने से भी मराठों की स्थिति नहीं सुधरी। अंत में उन्हें अंग्रेजों के साथ सहायक संधियों पर हस्ताक्षर करने पड़े तथा मराठा क्षेत्रों में उन्हें अंग्रेज रेजिडेन्ट को रखना पड़ा। इसके साथ | ही अंत में मराठों को अपनी स्वतंत्रता खोनी पड़ी।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सिराजुहद्दौला इतनी आसानी से अंग्रेजों द्वारा क्यों पराजित हो गया था?
उत्तर:
(i) सिराजुद्दौला इतनी आसानी से इसलिए अंग्रेजों द्वारा पराजित हो गया क्योंकि क्लाइव बहुत चालाक था। अंग्रेजों के पास सेना थोड़ी थी लेकिन वह उनके प्रति वफादार थी। सिराजुद्दौला से बंगाल के अनेक परिजन एवं सेठ नाराज थे। जगत सेठ ने अंग्रेजों की मदद के लिए आगे बढ़कर उनकी दोस्ती अंग्रेजी कंपनी से करा दी। अंग्रेजों को मद्रास से तुरंत सैनिक मदद भी प्राप्त हो गई थी।

(ii) मीर जाफर सिराजुद्दौला का सेनापति था। उसने नवाब के विरुद्ध गद्दारी की। उसे कंपनी ने नवाब बनाने का वायदा कर दिया था। वह युद्ध के मैदान में निष्क्रिय बना रहा। प्लासी के मैदान में जब सिराज घिर गया तो उसने उसे वहाँ से भागकर जान बचाने की गलत सलाह दे दी। नवाब की सेना में भगदड़ मच गई। वह हार गई। जाफर ने बाद में सिराजुद्दौला को पकड़ कर मार दिया।

प्रश्न 2.
“सहायक संधि व्यवस्था” को चालू करने के पीछे लार्ड वेलेजली के क्या उद्देश्य थे ? इस व्यवस्था के क्या सिद्धांत थे?
उत्तर:
I. लार्ड वेलेजली के सहायक संधि व्यवस्था प्रारंभ करने के पीछे उद्देश्य क्या थे :
(i) लार्ड वेलेजली जब भारत में आया तो उसके दिमाग में एक ही इरादा था कि भारत में ब्रिटिश साम्राज्य को एक विशाल ब्रिटिश भारत साम्राज्य में परिवर्तित कर दिया जाये। इसके लिए उसने जो सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तरीका अपनाया, उसे सहायक संधि की व्यवस्था के नाम से जाना गया।

(ii) उनका उद्देश्य यह भी था कि भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की शक्ति तथा प्रभाव क्षेत्र तो बढ़े लेकिन उसका खर्चा यथासंभव न बढ़े।

(iii) लार्ड वेलेजली यह भी जानता था कि अन्य यूरोपीय शक्तियाँ विशेषकर फ्रांस अंग्रेजी साम्राज्य के लिए भारत में खतरा बन सकती है। इसलिए यथासंभव सभी विदेशी शक्तियों को देशी राज्यों से दूर ही रखा जाये। उपर्युक्त उद्देश्यों के अनुरूप ही सहायक संधि थी (इसका उल्लेख नीचे दिए गये, सहायक संधि व्यवस्था से जुड़े सिद्धांत, पूर्णतया स्पष्ट कर देंगे।)

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II. सिद्धांत (Principles) :

  • भास्तीय शासक अंग्रेजी सेना की एक टुकड़ी अपने प्रदेश में रखेंगे जिसके खर्च के लिए वे धन या कुछ प्रदेश अंग्रेजों को देंगे।
  • सहायक संधि मानने वाले शासक अंग्रेजों की आज्ञा के बिना किसी और शक्ति के साथ न संधि करेंगे और न ही युद्ध की घोषणा करेंगे।
  • वे अन्य किसी यूरोपीय देश के लोगों को अपने यहाँ नौकर नहीं रखेंगे।
  • अपने दरबार में वे एक अंग्रेज रेजीडेंट रखेंगे।
  • यदि सहायक संधि मानने वाले दो शासकों में कोई मतभेद हो जाए तो अंग्रेजों को पंच मानकर वे उनका निर्णय स्वीकार करेंगे।
  • वे अंग्रेजों को भारत में सर्वोच्च शक्ति मानेंगे।
  • इन सब शर्तों को मानने वालों की आंतरिक व बाहरी सुरक्षा की जिम्मेदारी कंपनी की होगी।

प्रश्न 3.
भारतीय राज्यों को अंग्रेजों द्वारा अपने साम्राज्य में विलय करने से सर्वधारण लोगों के आर्थिक जीवन पर कैसे प्रभाव पड़े थे?
उत्तर:
(i) भारतीय राज्यों को अंग्रेजों द्वारा हड़प लेने से सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव बड़े-बड़े सैनिक एवं गैर-सैनिक कर्मचारियों पर पड़ा। अनेक सैनिकों तथा गैर-सैनिक कर्मचारियों तथा नौकरों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा। वे बेरोजगार हो गये।

(ii) अनेक राज्यों में कंपनी ने पुराने जमींदारों को बर्बाद कर दिया। उनकी जमींदारियाँ छीन ली गईं। इजारेदारी प्रथा के अंतर्गत कई व्यापारी, सूदखोर तथा सौदागर नये जमींदार बन गये। ये नये जमींदार शहरों में रहते थे। पुराने जमींदारों की तरह उनके खेत मजदूरों तथा छोटे किसानों से संबंध नहीं रहे। कंपनी की कठोर नीतियों, कर्मचारियों के स्वार्थों, वाणिज्य समर्थक नीतियों तथा फसलों ने किसानों के जीवन पर बुरा प्रभाव डाला। भारतीय खेती पिछड़ गयी। बार-बार अकाल पड़ने लगे। लोग समय से पहले ही मरने लगे।

(iii) जो शिल्पकार, कलाकार, इतिहासकार, संगीतकार, मूर्तिकार मुगल दरबार तथा प्रांतीय राज्यों की राजधानियों में शरण तथा राजा का समर्थन पाये थे वे सब दरबारों से निकाल दिए गये। उनकी आय तथा सम्मान को ठेस लगी।

व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है Class 8 HBSE Notes

1. अंतिम शक्तिशाली मुगल शासक : औरंगजेब।

2. औरंगजेब की मृत्यु हुई थी : 1707 में।

3. सूबेदार (Subedars) : प्रांतों में मुगल गवर्नर।

4. वह शक्ति जो भारत में 18वीं शताब्दी के दूसरे अर्ध भाग में उभरी थी : अंग्रेजों की शक्ति।

5. अंतिम मुगल शासक : बहादुरशाह जफर।

6. वाणिज्यवाद (Mercantile) : उद्यम एवं वाणिज्य जो मुख्यतया व्यापार के माध्यम से मुनाफ़ा अर्जित करता है। इसके अंतर्गत चीजें सस्ते दामों पर खरीदी जाती हैं तथा ऊँचा लाभ अर्जित करके उन्हें बेच दिया जाता है।

7. ईस्ट इंडिया कंपनी को स्थापित किया गया था : 1600 में।

8. चार्टर (Charter) या अनुमति पत्र : एक लाइसेंस अथवा लिखित आदेश या आधिपत्य जो महारानी एलिजाबेथ प्रथम (Queen Elizabeth I) के द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी को पूर्व (अर्थात् पूर्वी गोलार्द्ध) के देशों के साथ व्यापार करने के लिए दिया गया था।

9. केप ऑफ गुड होप (आशा अंतरीप) (Cape of Good Hope) : अफ्रीका (महाद्वीप) का पश्चिमी समुद्री किनारा, इस नाम से जाना जाता है।

10. भारत में पुर्तगाली बस्तियाँ : गोआ (याद रहे वर्तमान, दमन तथा दियू भी गोआ के हिस्से थे।)

11. वास्को-डि-गामा (Vasco Da-Gama) : पुर्तगाल का प्रथम सफल साहसी समुद्री यात्री जो सन् 1498 में भारत के लिए समुद्री मार्ग खोजने में सफल रहा था।

12. डच (Dutch) : हालैंड (अब नीदरलैंड) के निवासी डच कहलाते हैं।

13. 18वीं शताब्दी में भारत से निर्यात होने वाली मदें (Export Items of India in 18th Century):

  • कपास
  • रेशम
  • काली मिर्च
  • लौंग
  • इलायची
  • दालचीनी।

14. फैक्टरी (Factory) : कंपनी का वह आधार (शिविर) जहाँ से व्यापारीगण अपनी व्यापारिक गतिविधियाँ चलाया करते थे, उसे फैक्टरी कहा जाता था। वस्तुतः ‘फैक्टर’ शब्द से फैक्टरी बना है, जो कंपनी के कारिन्दों तथा कर्मचारियों आदि के लिए – प्रयोग होता था। यह कोई आधुनिक कारखाना नहीं था, अपितु इसमें गोदाम तथा कुछ लोगों के निवास स्थान आदि भी होते थे।

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15. फरमान (Farman) : शाही हुक्मनामा। मुगल सम्राट ईस्ट इंडिया कंपनी आदि को जो शाही चार्टर या अनुमति पत्र जारी करते थे वह फरमान कहलाता था।

16. मुर्शिद कुली खान : बंगाल का नवाब।

17. कठपुतली (Puppet) : शाब्दिक अर्थ एक ऐसा खिलौना जिसे रस्सी की मदद से उंगलियों पर नचाया जा सकता है। प्रायः राजनीतिक/प्रशासनिक क्षेत्र में यह शब्द उसके लिए प्रयोग किया जाता है जिसे कोई और व्यक्ति पीछे से वस्तुतः नियंत्रित करता है।

18. अलीवर्दी खाँ की मृत्यु : बंगाल का नवाब। सिराजुद्दौला से पूर्व बंगाल का नवाब तथा उसका नाना था। उसकी मृत्यु 1756 में हुई थी।

19. प्लासी की लड़ाई : 1757

20. रॉबर्ट क्लाइव (Robert Clive) : जिसने प्लासी की लड़ाई में सिराजुद्दौला के विरुद्ध कंपनी की सेनाओं का नेतत्व किया . था। प्रायः उसे ही भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव रखने का श्रेय दिया जाता है।

21. मीर जाफर (Mir Zafar) : उसे उसके विरोधी इतिहास में दूसरा जयचंद या राज्यद्रोही मानते हैं। प्लासी की लड़ाई में उसने सिराजुद्दौला को पराजित होने में भूमिका निभायी। उसने बाद में सिराजुद्दौला की हत्या की। कंपनी ने उसे बंगाल का नवाब बनाया।

22. मीर कासिम (Mir gasim) : मीर जाफर का रिश्तेदार। मीर जाफ़र को गद्दी से उतार कर मीर कासिम को ही ईस्ट इंडिया कम्पनी ने बंगाल का नवाब बनाया था।

23. बक्सर की लड़ाई (Battle of Buxar) : 1764

24. दीवानी (Diwani) : राज्य का राजस्व एकत्र करने वाला विभाग।

25. नवाब (Nabobs) : भारत से लौटने वाले ईस्ट इंडिया कम्पनी के वे अधिकारी जो यहाँ पर्याप्त धन अर्जित करके प्रायः भारतीय – नवाबों के ठाठ-बाट का जीवन निर्वाह करते थे। यह शब्द उन्हें चिढ़ाने के लिए या उन पर कटाक्ष करने के लिए, कहा जाता था।

26. राबर्ट क्लाइव (Robert Clive) मद्रास में आया : 1743

27. क्लाइव ने अंततः भारत छोड़ दिया : 1767

28. राबर्ट क्लाइव ने आत्महत्या की थी : 1774

29. वह कालांश या समय का विस्तार (Span of time) जो ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपने शासन विस्तार में लगाया : 1757 से 1857 तक।

30. शास्त्र की आज्ञा या कमाण्ड (Injunction) : निर्देश-आदेश (Instruction)।

31. समर्पण करना (Subservience) : हथियार डालना मा हार मानना (Submission)

32. मैसूर का शेर (The Tiger of Mysore) : टीपू सुल्तान को ‘मैसूर का शेर’ कहा गया है।

33. परिसंघ (Confederacy) : गठबंधन (Alliance)।

34. चौथ (Chauth) : यह वह अतिरिक्त कर था जो मराठा अपने भू-भाग से बाहर वाले क्षेत्रों से लेते थे। चूँकि यह मुगल साम्राज्य को दिये जाने वाले भू-राजस्व का एक चौथाई होता था इसलिए इसे चौथ (Chauth) कहा जाता था।

35. सरदेशमुखी (Sardeshmukhi) : मराठों द्वारा सभी से लिया जाने वाला अतिरिक्त कर (या दूसरा कर) जो भूराजस्व का 1/10 भाग होता था।

36. स्वराज्य (Swarajya) : महाराष्ट्र का वह क्षेत्र जहाँ शिवाजी ने अपना राज्य स्थापित किया था।

37. मिसल (Mist) : सिखों की राजनीतिक इकाई। इसके निवासी विशेष करके अपने ही नेता के प्रति वफादार होते थे।

38. तुरानी (Turanis) : वह अमीर लोग (nobles) या कुलीन लोग जिनकी मूलतः उत्पत्ति ट्रांस-ओसियाना नामक क्षेत्र में, मध्य एशिया में हुई थी।

39. इजारेदार (Ijaredars) : वे बड़े ठेकेदार या किसान जो छोटे खेतिहार किसानों से राजस्व इकट्ठा करने का अधिकार रखते थे।

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40. सहायक व्यवस्था (Subsidiary System) : गठबंधन या संगठन बनाने की वह विधि जो भारत में अंग्रेजों ने देशी राज्यों में अपने प्रभुत्व को फैलाने के लिए बनायी थी। यद्यपि खुले तौर पर उस राज्य को कंपनी के भू-क्षेत्र में मिलाया नहीं जाता था। लेकिन कुछ शर्तों पर उसे (भारतीय राज्य या नबाव को) हस्ताक्षर करने होते थे। वह अपनी बाह्य नीति एक तरह से कंपनी के पूर्ण प्रभाव में छोड़ देता था। बदले में कंपनी उसे रक्षा करने में सहायता देने का वचन देती थी।

41. गोद-निषेध का सिद्धांत (Doctrine of Lapse) : जब कोई भारतीय राज्य अपना स्वाभाविक उत्तराधिकारी छोड़े बिना ही मर जाता था तो इस सिद्धांत के अंतर्गत कंपनी उसके राज्य को हड़प कर अपने भू-भाग में मिला लेती थी।

42. सर्वोच्चता की नीति या सिद्धांत (Paramountcy) : भारतीय राज्यों पर अपने वर्चस्व या प्रभुसत्ता को मनवा लेने की प्रवृत्ति .. या नीति अथवा सिद्धांत।

43. खालसा (Khalsa) : वे लोग जो विचारों तथा कर्मों से शुद्ध हों। इसे सन् 1699 में दसवें गुरू गोविंद सिंह जी महाराज ने स्थापित किया था। उनके शिष्यों एवं सिक्ख धर्म के अनुयायियों के लिए इस संज्ञा का प्रयोग किया जाता है।

44. प्रायद्वीप (Peninsula) : भूमि का वह क्षेत्र जो तीन ओर से पानी से घिरा हुआ होता है। जैसे भारत एक प्रायद्वीप है।

45. काजी (pasi) : एक मुस्लिम न्यायाधीश। 46. मुफ्ती (Mufti) : जों कानून काजी निर्देशित करता है उसे लागू कराने की जिम्मेदारी मुफ्ती (Mufti) नामक न्याय संबंधी पदाधिकारी की होती है। उसे मुस्लिम समुदाय का ज्यूरिस्ट (Jurist) कह सकते हैं।

47. महाभियोग (Impeachment) : किसी संवैधानिक पद पर बैठे विशिष्ट व्यक्ति (जज, वायसराय, गवर्नर जनरल आदि) के विरुद्ध देश की संसद में अभियोग या आरोप लगाकर उस पर चर्चा करना।

48. धर्मशास्त्र (Dharmashastras) : संस्कृत भाषा के वे ग्रंथ (धार्मिक ग्रंथ) जो सामाजिक कानूनों एवं व्यवहार संबंधी नियमावली (Codes of behaviour) तय करते हैं तथा जिनकी रचनाएँ 5000 ई. पू.एवं उसके बाद की गयी थी।

49. सवार (Sawar) : घोड़े की पीठ पर लड़ने (या चढ़कर कार्यरत होने वाला) वाला व्यक्ति।

50. मस्केट (Musket) : पैदल सैनिकों द्वारा प्रयोग की जाने वाली बहुत भारी तोप।

51. मैचलॉक पुरानी प्रारंभिक तोप (Match lock) : प्रारंभिक समय की पुरानी किस्म की तोप जिसके मुँह में बारूद को माचिस (या मसाल) से आग लगा करके बारूद का प्रयोग किया जाता था।

52. मनसबदार (Mansabdar) : मुगल काल में प्रायः दोनों प्रकार के अधिकारियों दीवानी तथा फौजियों को पद या ओहदा दिया जाता था। जिसे पद या ओहदा प्राप्त होता था उसे मनसबदार कहते थे। यह 10 घुड़सवार की श्रेणी से लेकर 7000 और कभी-कभी राजकुमारों को 12000 घुड़सवारों पर नियंत्रण का भी दिया जाता था।

53. जजिया (Jariya) : एक प्रकार का कर जो कुछ धर्मान्ध शासकों द्वारा गैर-मुसलमानों पर थोपा गया।

54. निजाम (Nizam) : हैदराबाद के शासकों को दी गयी उपाधि।

55. पेशवा (Peshwa) : मराठा प्रशासन में एक अधिकारी को दिया गया पद (या सम्मान) जो प्रधान मंत्री के बराबर होता था।

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HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 3 ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 3 ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Social Science Solutions History Chapter 3 ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना

HBSE 8th Class History ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना Textbook Questions and Answers

फिर से याद करें

ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class History प्रश्न 1.
निम्नलिखित के जोड़ बनाएँ:
(i) रैयत – (क) ग्राम-समूह
(ii) महाल – (ख) किसान
(iii) निज – (ग) रैयतों की जमीन पर खेती।
(iv) रैयती – (घ) बागान मालिकों की अपनी जमीन पर खेती
उत्तर:
(i) रैयत – (ख) किसान
(ii) महाल – (क) ग्राम-समूह
(iii) निज – (घ) बागान मालिकों की अपनी जमीन पर खेती
(iv) रैयती – (म) रैयतों की जमीन पर खेती।

ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना HBSE 8th Class History प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए.:
(क) यूरोप में वोड उत्पादकों को …………… से अपनी आमदनी में गिरावट का ख़तरा दिखाई देता था।
(ख) अठारहवीं सदी के आखिर में ब्रिटेन में नील की माँग ………….. के कारण बढ़ने लगी।
(ग) …………… की खोज से नील की अंतर्राष्ट्रीय मांग पर बुरा असर पड़ा।
(घ) चंपारण आंदोलन …………. के ख़िलाफ़ था।
उत्तर:
(क) नील
(ख) औद्योगिक क्रांति
(ग) वोड (Woad)
(घ) नील-बागान मालिकों।

आइए विचार करें

ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना Class 8 HBSE History प्रश्न 3.
स्थायी बंदोबस्त के मुख्य पहलुओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्थायी बंदोबस्त को 22 मार्च, 1773 में लार्ड कार्नवालिस द्वारा बंगाल (बिहार तथा उड़ीसा सहित) में शुरू – किया गया। इसकी तीन प्रमुख विशेषताएँ या पहलू निम्नलिखित हैं –
(i) प्रथम, जमींदारों व लगान वसूल करने वालों को पहले की भाँति अब केवल मात्र मालगुजारी वसूल करने वाले कर्मचारी के स्थान पर उन्हें हमेशा के लिए जमीन का मालिक बना दिया गया तथा स्थायी तौर पर एक ऐसी राशि तय कर दी गई जो वे सरकार को दे सकें। जमींदारों के स्वामित्व के अधिकार को पैतृक व हस्तांतरणीय बना दिया गया।

(ii) दूसरी ओर किसानों को मात्र रैयतों का नीचा दर्जा दिया गया तथा उनसे भूमि संबंधी अन्य परंपरागत अधिकारों को छीन लिया गया।

(iii) तीसरा, अगर किसी जमींदार से प्राप्त लगान की रकम, कृषि-सुधार अथवा प्रसार या किसानों से अधिक रकम उगाहने के कारण राजस्व की रकम बढ़ जाती तो जमींदार को बढ़ी हुई रकम रखने का अधिकार दे दिया गया।

(iv) स्थायी बंदोबस्त से सबसे अधिक हानियाँ किसानों को हुईं। इस व्यवस्था ने उनसे परंपरागत भूमि संबंधी व अन्य अधिकार छीन लिए। इस व्यवस्था के कारण बंगाल, बिहार, उड़ीसा, मद्रास के उत्तरी जिलों, वाराणसी जिले इत्यादि के किसान पूर्णतया जमींदारों की दया पर निर्भर हो गए। वे अपनी जमीन पर ही मजदूरों के रूप में काम करने वालों की स्थिति में आ गए। उनका सरकार के साथ कोई सीधा संबंध नहीं रह गया। उन्हें जमींदारों के अनेक प्रकार के अत्याचार व शोषण सहना पड़ा।

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ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना के प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class History प्रश्न 4.
महालवारी व्यवस्था स्थायी बंदोबस्त के मुकाबले कैसे अलग थी?
उत्तर:
महालवारी व्यवस्था (Mahalwari System):
(i) गंगा के दोआब, पश्चिमोत्तर प्रान्त, मध्य भारत के कुछ भागों और पंजाब में जमींदारी प्रथा का संशोधित रूप लागू किया गया जिसे महालवारी व्यवस्था कहा जाता है।

(ii) इस व्यवस्था में मालगुजारी का बंदोबस्त महालों या अलग-अलग गाँवों के समूहों के आधार पर उन जमींदारों अथवा उन परिवारों के मुखियाओं के साथ किया गया, जो सामूहिक रूप से उन गाँवों अथवा महाल का भू-स्वामी होने का दावा करते थे।

(iii) पंजाब में ग्राम सभा के नाम से जानी जाने वाली एक संशोधित मालगुजारी का समय-समय पर पुनर्निर्धारण किया जाता था।

भिन्नता के बिंदु:
(i) स्थायी बन्दोबस्त में तीस वर्ष से पहले लगान नहीं बढ़ाया जा सकता था। इस प्रथा में किसानों तथा सरकार नहीं बल्कि स्थायी जमींदारों तथा कंपनी का संबंध था।

(ii) महालवारी बाद में शुरू किया गया था। यह 1822 से प्रभावी हुआ जबकि स्थायी बंदोबस्त सन् 1793 से ही शुरू हो गया था।

(iii) महालवारी में एक महाल या गाँव को महत्त्वपूर्ण इकाई | माना गया जबकि स्थायी बंदोबस्त में पूरी जमींदारी को। इससे एक ही गाँव या कभी-कभी कई गाँव भी हो सकते थे।

प्रश्न 5.
राजस्व निर्धारण की नयी मुनरो व्यवस्था के कारण पैदा हुई दो समस्याएँ बताइए।
उत्तर:
राजस्व निर्धारण की मुनरो व्यवस्था तथा उससे उत्पन्न समस्याएँ:
(i) मुनरो की नयी भू-राजस्व व्यवस्था रैयतवारी कहलाती थी। इस व्यवस्था का उद्देश्य स्थायी बंदोबस्त से होने वाली (सरकार को) हानियों को रोकना तथा भू-राजस्व वृद्धि के माध्यम से स्वयं ज्यादा-से-ज्यादा राशि वसूल करना था। यह व्यवस्था इसलिए भी शुरू की गई क्योंकि कंपनी के कुछ अधिकारियों का विचार था कि दक्षिण तथा दक्षिण पश्चिम भारत में इतने बड़े जमींदार नहीं हैं जिनके साथ स्थायी रूप से भू-राजस्व संबंधी अनुबंध किये जा सकते।

कहने को रैयतवारी व्यवस्था किसानों के लिए लाभकारी थी तथा यह भारत की परिस्थितियों एवं परंपराओं के अनुकूल थी लेकिन व्यावहारिक रूप में यह व्यवस्था भी किसानों के लिए जमींदारी प्रथा से कम हानिकारक नहीं थी। रैयतवारी व्यवस्था में वस्तुत: जमींदारों का स्थान स्वयं कंपनी ने ले लिया था। कई बार इस व्यवस्था के अंतर्गत भी किसानों से अलग-अलग समझौते कर लिये जाते थे। मालगुजारी का निर्धारण वास्तविक उपज की मत्रा को ध्यान में न रख करके भूमि के कुल क्षेत्रफल (Area) के आधार पर किया जाता था।

(ii) रैयतवारी व्यवस्था ने उन पुराने बंधनों को भी समाप्त कर दिया जिन्होंने हर गाँव की जनता को सूत्र में बाँध रखा था। ग्रामीण समाज के सामाजिक स्वामित्व को इस व्यवस्था ने समाप्त कर दिया। सरकार ने किसानों से मनमाना लगान वसूल किया। कई बार उन्हें भूमि जोतने तथा बोने के लिए विवश किया गया।

इस व्यवस्था में किसान तब तक ही भूमि का स्वामी बना रह सकता था जब तक वह सरकार को निश्चित समय तक लगान देता रहता था। चूँकि अधिकांश क्षेत्रों में लगान उपज का करीब पचास प्रतिशत होता था इसलिए प्राकृतिक विपत्तियों और भू-सुधारों के प्रति सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति के कारण किसान लगान नहीं दे पाते थे। इसलिए वे भूमि छोड़कर भाग जाते थे। सरकारी कर्मचारी भी कई किसानों को तंग करते थे।

प्रश्न 6.
रैयत नील की खेती से क्यों कतरा रहे थे?
उत्तर:
(i) नील की खेती से कृषि का वाणिज्यीकरण हुआ और अनेक किसानों को अपने तथा परिवारजनों के लिए आवश्यक खाद्यान्नों का अभाव महसूस होने लगा।

(ii) मार्च 1899 में बंगाल के हजारों किसानों ने नील उगाने से इंकार कर दिया क्योंकि नील बागानों की प्रणाली बहुत ही शोषणपूर्ण थी। लागत तथा परिश्रम बहुत था लेकिन नील की कीमत कंपनी के मुनाफा खोर अधिकारीगण ही तय किया करते थे।

(iii) नील उगाने वाले छोटे-छोटे किसानों को यह भरोसा था कि वे जो कंपनी तथा अंग्रेज सौदागरों के विरुद्ध विद्रोह कर रहे हैं उसमें उनका साथ देने के लिए बंगाल के स्थानीय जमींदार भी हैं। गाँव के मुखिया भी बागान मालिकों के विरुद्ध हैं।

(iv) अनेक गाँवों में चौधरी तथा गाँव के मुखिया जिन्हें कंपनी के अधिकारीगण नील लेन-देन के समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर कर रहे थे उन्होंने गाँव के नील कृषकों को इकट्ठा किया तथा लठैतों की मदद से अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाइयों के मोर्चे खोल दिए।

(v) अन्य अनेक स्थानों पर स्वयं जमींदार घूम-घूम कर गाँवों में गये तथा उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध नील की खेती करने वाले किसानों को विद्रोह करने के लिए उकसाया। ये जमींदार यूरोपीय बागान मालिकों की बढ़ती हुई शक्ति के अप्रसन्न थे। वे इस बात से भी क्रोधित थे क्योंकि विदेशी बागान मालिक उनसे लंबी-लंबी अवधि के लिए समझौते करने के लिए मजबूर कर रहे थे।

प्रश्न 7.
किन परिस्थितियों में बंगाल में नील का उत्पादन धराशायी हो गया?.
उत्तर:
वे परिस्थितियाँ जिन्होंने अंततः में बंगाल में नील के उत्पादन को धराशायी कर दियाः जे.पी.एच. ऑल-इन-वन सफलता का साधन-VIII (नया कोर्स)
(i) मार्च, 1859 में हजारों किसानों ने बंगाल में नील की खेती | करने से साफ इंकार कर दिया। जैसे-जैसे विप्लव फैलता गया, किसानों ने बागान मालिकों को राजस्व देने से भी मना कर दिया। उन्होंने तलवारें, ढालों, तीर और कमान उठा करके नील की फैक्ट्रियों पर धावे बोल दिए। औरतें भी रसोई के उपकरणों, घड़ों तथा कड़ाहियों आदि को लेकर लड़ने के लिए बाहर आ गयीं।

(ii) जो भी बागान मालिकों के लिए काम कर रहे थे उन्हें सामाजिक तौर पर बहिष्कार का सामना करना पड़ा। जो गुमाश्ता-एजेन्टस बागान मालिकों के लिए इकट्ठा करने आये थे उन्हें पीटा गया। रैयतों ने शपथ ली कि वे अब भविष्य में नील उगाने के लिए अग्रिम राशि (एडवांस) नहीं लेंगे तथा लोहारों व बढ़इयों ने कस्में खाई कि वे बागान मालिकों के लठैतों के लिए हथियार या लाठियों का निर्माण नहीं करेंगे। उन्हें ये हथियार बिल्कुल भी नहीं बेचेंगे।

(iii) विद्रोहियों की गतिविधियों से चिन्तित होकर, सरकार यूरोपीय बागान मालिकों को उनके क्रोध से बचाने के लिए, आगे आई। उसने एक नील आयोग (Indigo Commission) का गठन किया तथा उसे नील की व्यवस्था में जाँच-पड़ताल की जिम्मेदारी सौंपी गयी। इस आयोग ने नील बागानों को दोषी पाया तथा उनके द्वारा नील बोने वालों के विरुद्ध जो घटिया किस्म के तरीके अपनाये गए थे उनके लिए उन्हें बहुत ही डाँटा तथा लताड़ा। आयोग ने घोषित कर दिया कि रैयतों के लिए नील की खेती लाभकारी नहीं है। उसने (कमीशन ने) किसानों से कहा कि वे अपने पहले के समझौते (Contracts) के अनुसार करें तथा भविष्य में वे नील की खेती करने से इंकार करने की पूरी आजादी रखते हैं।

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आइए करके देखें

प्रश्न 8.
चंपारण आंदोलन और उसमें महात्मा गांधी की भूमिका के बारे में और जानकारियाँ इकट्ठा करें।
उत्तर:
चंपारण आंदोलन एवं महात्मा गाँधी : देश के अनेक भागों में किसानों ने नील की खेती न करने का आंदोलन जारी रखा था। यद्यपि नील आयोग ने किसानों की कठिनाइयों को मान लिया था लेकिन नील बागानों के यूरोपीय मालिक उनका शोषण करते रहे। नील के किसानों ने गाँधी जी को चंपारण बुलाया। महात्मा गाँधी ने चंपारण (बिहार) में सन् 1917 ई. में सत्याग्रह का प्रथम प्रयोग नील की खेती में लगे किसानों पर किये जा रहे अत्याचारों के विरुद्ध किया। चंपारण में अंग्रेज उद्योगपति नील के बागानों में खेती कराते थे।

अंग्रेज भू-स्वामी काश्तकारों एवं किसानों पर घोर अत्याचार किया करते थे। गाँधी जी ने स्थिति को देखकर सरकार पर दबाव डाला कि वे किसानों की मजदूरी – बढ़ायें तथा उनकी सभी उचित माँगों को तुरंत मान लें। सरकार को गाँधी जी की हठकर्मी के समक्ष झुकना पड़ा। उसने एक समिति गठित की। गाँधी जी भी इस समिति के एक सदस्य थे। गाँधी जी ने सरकार से सिफारिश की कि वह किसानों की कठिनाइयों को तुरंत दूर करे। भारत में उनका यह सत्याग्रह का सफल प्रयोग था। उनके इस प्रयास से राष्ट्रीय आंदोलन ग्रामीण क्षेत्र में फैलता चला गया।

प्रश्न 9.
भारत के शुरुआती चाय या कॉफी बागानों का इतिहास देखें। ध्यान दें कि इन बागानों में काम करने वाले मज़दूरों और नील के बागानों में काम करने वाले मजदूरों के जीवन में क्या समानताएँ या फर्क थे।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें। “आइए कल्पना करें।

प्रश्न 10.
एक किसान को नील की खेती के लिए मजबूर किया जा रहा है। बागान मालिक और उस किसान के बीच बातचीत की कल्पना कीजिए। किसान को राजी करने के लिए बग़ान मालिक क्या कारण बताएगा? किसान किन समस्याओं का ज़िक्र करेगा? इस बातचीत को अभिनय के ज़रिए दिखाएँ।
उत्तर:
(i) किसानों ने बागान मालिक से कहा आप हम लोगों को समझौते के कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर क्यों कर रहे हैं ? देखिए नील की खेती करना हमारे लिए बिल्कुल भी लाभदायक नहीं है। हम ऐसा करना नहीं चाहते।

(ii) दूसरी बात यह है कि कोई भी समझौता सदैव दोनों पार्टियों के आपसी रजामंदी तथा शर्तों एवं तर्कों पर होना चाहिए। यह किसानों के लिए उपयोगी होना चाहिए। यदि मुझे नील की खेती के लिए विवश करने में आप लोग सफल हो जायें तो मुझे भी पर्याप्त मुद्रा मेरे श्रम के बदले में मिले। वह राशि अन्य परिवारजनों के लिए भी पर्याप्त होनी चाहिए।

(iii) मुझे रहने के लिए पर्याप्त अच्छा घर मिलना ही चाहिए। श्रमिकों के लिए अस्पताल होना चाहिए। सभी श्रमिकों को चिकित्सा संबंधी सुविधाएँ मिलनी चाहिए। हमारी बस्ती के समीप ही एक स्कूल होना चाहिए, जहाँ पर बच्चे अपनी शिक्षा ले सकें। मेरे काम के घंटे निर्धारित (fixed) होने चाहिए। हर शनिवार को हमें हमारे श्रम का वेतन तथा हमारे परिवार के सभी सदस्यों को मजदूरी मिलनी चाहिए।

(iv) भू-राजस्व जमींदारों से सीधे प्रत्यक्ष रूप से ही लिया जाना चाहिए। यदि आप मेरी शर्तों को नहीं मानते तो मैं नील की खेती नहीं करूँगा। यदि आप या आपके एजेन्ट मेरी शर्तों से सहमत होंगे तो मैं केवल एक या दो फसलों के लिए ही काम करूँगा।

(v) इसके बाद के काल या फसलों के लिए आपको कुछ और ज्यादा अनुकूल मेरी शर्ते माननी होंगी। उत्पादन की लागत एवं बिक्री या मूल्य दोनों पक्षों की पारंपरिक सहमति से ही तय होने चाहिए।

नोट : विद्यार्थी इस वाद-विवाद पर कक्षा में अभिनय कर सकते हैं।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 3 ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना

HBSE 8th Class History ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘मुक्त व्यापार’ पद के अर्थ की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
मुक्त व्यापार (Free Trade) : सरकार को व्यापार या उद्योग में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यह ‘अहस्तक्षेप का सिद्धांत’ कहलाता है। इस सिद्धान्त का प्रतिपादन प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एडम स्मिथ (Adam Smith) ने 1776 ई. में किया था। उसका विचार था कि सरकार को न तो किसी प्रकार का आयात कर लगाना चाहिए और न ही व्यापार के संबंध में कोई कानून बनाने चाहिएँ।

प्रश्न 2.
पूँजीवाद पर एक संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर:
पूँजीवाद (Capitalism) : पूँजीवाद का जन्म औद्योगिक क्रांति के कारण हुआ। इस क्रांति से उत्पादन में वृद्धि हुई और बड़े-बड़े कारखानों के स्वामी पूँजीपति बन गये। कारखानों से होने वाला सारा लाभ उन्हीं की जेब में जाता था। मजदूरों को काम के बदले केवल थोड़ी-बहुत मजदूरी मिलती थी।

प्रश्न 3.
आर्थिक निष्कासन की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
आर्थिक निष्कासन का अर्थ धन-दोहन से ही लिया जाता है। संपत्ति दोहन का अर्थ है भारत का धन (नकदी, बहुमूल्य पदार्थ, खनिज संपदा, कच्चा माल आदि) किसी न किसी तरह इंग्लैंड पहुँचाना तथा उसे भारत में न आने देना।

प्रश्न 4.
नवाब की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
ईस्ट इंडिया कंपनी के जो ऑफिसर भारत में ठाठ-बाट से भारतीय नवाबों की जीवनशैली का अनुसरण करते हुए रहते थे उन्हें भारत तथा इंग्लैंड में नवाब कहा जाता था। यह इंग्लैंड के लोग उन्हें चिढ़ाने के लिए कहते थे।

प्रश्न 5.
‘महाल’ पद की व्याख्या करें।
उत्तर:
महाल (Mahal) : अंग्रेजों के राजस्व रिकार्डों में ‘महाल’ शब्द का प्रयोग राजस्व सम्पदा के लिए प्रयोग किया गया। यह एक गाँव या गाँवों का समूह भी हो सकता था।

प्रश्न 6.
‘बागान’ पद की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
बागान (Plantation) : विशाल आकार के खेतों में मालिक प्रायः अनुबंधित मजदूरों से काम कराते थे। चाय या कॉफी, नील, तंबाकू आदि के बागान होते थे।

प्रश्न 7.
‘दास’ शब्द की संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
दास (Slave) : कोई भी एक व्यक्ति जिसका स्वामी कोई अन्य व्यक्ति होता है तथा वह उससे (गुलाम से) अपनी मर्जी अनुसार काम लेता है। उसे प्रायः मालिक के लिए काम करने के लिए विवश किया जाता है।

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प्रश्न 8.
‘बीघा’ पद की व्याख्या करें।
उत्तर:
भूमि की माप की एक इकाई बीघा कहलाती है। अंग्रेजी शासन से पूर्व, बीघा का आकार जगह-जगह पर भिन्न-भिन्न होता था। सबसे पहले बंगाल में अंग्रेजों ने इसका मानक (Standard) तय किया। इसे एकड़ का तीसरा हिस्सा मान लिया।

प्रश्न 9.
चार्टर एक्ट क्या थे?
उत्तर:

  • आज्ञापत्र (या प्रपत्रों) को चार्टर एक्ट कहा जाता है। सन् 1600 ई. में इंग्लैंड की महारानी एलीजाबेथ प्रथम द्वारा इसे जारी करके ईस्ट इंडिया कंपनी को पूर्व के साथ व्यापार करने का एकाधिकार दिया गया।
  • 1813 के चार्टर एक्ट के अनुसार भारतीय व्यापार पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का एकाधिकार समाप्त हो गया और सभी ब्रिटिश नागरिकों को भारत के साथ व्यापार करने की छूट दे दी गई।
  • चाय और चीन के साथ व्यापार करने पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का एकाधिकार बना रहा।
  • भारत की सरकार तथा उसके राजस्व ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों में ही बने रहे।
  • भारत में अधिकारियों की नियुक्ति का अधिकार भी कंपनी के ही हाथों में बना रहेगा। हर बीस वर्षों के बाद सन् 1853 तक ये एक्ट जारी होते रहे।

प्रश्न 10.
‘स्थायी बंदोबस्त’ पद की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) : अंधाधुंध बोली देने वाले इजारेदारों के कारण इजारेदारी प्रथा (ठेकेदारी प्रथा) फेल हो गई। बंगाल, बिहार और उड़ीसा. की आर्थिक व्यवस्था बिगड़ गई थी। सर्वत्र दरिद्रता का राज्य था। अनेक स्थानों पर अकाल के कारण भुखमरी व्याप्त थी। 1779 जे.पी.एच. ऑल-इन-वन सफलता का साधन-VIII (नया कोर्स) ई. में गवर्नर-जनरल लार्ड कार्नवालिस ने कहा “कंपनी की एकतिहाई भूमि अब जंगल है तथा वहाँ पर जंगली जानवर ही बसते हैं।” एक लंबे विचार-विमर्श के बाद और बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल की स्वीकृति लेकर लार्ड कार्नवालिस ने 22 मार्च, 1793 ई. को बंगाल, बिहार और उड़ीसा और बाद में उत्तरी मद्रास के कुछ इलाकों के लिए इस्तमरी बंदोबस्त अथवा स्थायी भूमि बंदोबस्त लागू किया।

प्रश्न 11.
कार्नवालिस कौन था? उसका एक आर्थिक कार्य लिखिए।
उत्तर:
कार्नवालिस भारत में अंग्रेज गवर्नर-जनरल था। उसने 1793 में भारत में स्थायी बंदोबस्त बंगाल (बिहार तथा उड़ीसा सहित) में लागू किया था।

प्रश्न 12.
नील कहाँ पैदा किया जाता था ? भारत की इसके निर्यात की दृष्टि से क्या स्थिति थी?
उत्तर:

  • गहरा नीला रंग या नील को एक पौधे से पैदा किया जाता था। इसे विभिन्न तरह के सूती वस्त्रों को रंगने तथा वस्त्रों की छपाई के लिए प्रयोग किया जाता था। इसकी खेती बंगाल तथा बिहार में खूब होती थी।
  • 19वीं शताब्दी में भारत दुनिया भर में नील का निर्यात किया करता था। वस्तुत 13वीं शताब्दी से ही भारतीय नील इटली, फ्रांस एवं ब्रिटेन में कपड़े बनाने एवं रंगने में प्रयोग होता चला आ रहा था।

प्रश्न 13.
भारत में नील की खेती कैसे की जाती थी?
उत्तर:
भारत में नील की खेती की प्रमुख विधियाँ (Main Systems of Indigo cultivation in India) : भारत में नील की खेती करने की दो विधियाँ थीं जिन्हें निज (nij) तथा रैयती (Ryoti) कहते थे।
(क) निज प्रणाली में किसान उस भूमि में नील उगाते थे जिस पर उनका सीधा नियंत्रण होता था। यह भूमि या तो उसके द्वारा सीधे खरीदी जाती थी या वह उसे जमींदार से किराये पर लिया करता था। वह स्वयं ही किराये के मजदूर रखकर उस पर खेती कराता था।

(ख) रैयती प्रणाली के अंतर्गत, बागान मालिक किसानों को नील की खेती करने के लिए विवश करता था। वह उसे समझौतों पर (Contract) पर हस्ताक्षर करने के लिए समझौता पत्र (सट्टा-Satta agreement) पेश किया करता था।

प्रश्न 14.
वाट (VAT) पद की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
तरल (liquids) पदार्थों को रखने के लिए रोगन या रंग इसमें घोला जाता है।

प्रश्न 15.
निम्नलिखित पदों/शब्दों का अर्थ बताइए।
(i) अकाल, (i) नील, (iii) व्यावसायिक अथवा नकदी फसलें, (iv) गिरवी रखना।
उत्तर:
(i) अकाल (Famine) : वह भयंकर समय जब किसी क्षेत्र में बहुत ज्यादा खाद्यान्न तथा चारे आदि की कमी हो जाये तथा मनुष्य एवं पशु भूख से मरने लगें या अन्यत्र अनाज/चारे वाली जगहों पर जाने के लिए विवश हो जायें।

(ii) नील (Indigo) : गहरा नीला रंग जो रंगाई के काम आता है।

(iii) व्यावसायिक फसलें/नकदी फसलें (Commercial Crops/Cash Crops) : जो फसलें बाजार में बेचने के लिए उगायी जाती हैं। चाय, काफी, नील, तंबाकू, कपास, जूट आदि व्यावसायिक या नकदी फसलें कहलाती हैं।

(iv) गिरवी रखना (Mortgage) : यदि किसी सूदखोर या ब्याज पर उधार देने वाले साहूकार एवं किसान में समझौता हो तथा कुछ रकम साहूकार से ब्याज पर लेने तथा शर्तनामे से वह वायदा करे कि यदि वह समय पर मूलधन तथा ब्याज नहीं चुकाएगा तब तक भूमि साहूकार के पास गिरवी रहेगी।

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लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मुगल बादशाह द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल (बिहार तथा उड़ीसा सहित) की दीवानी दिए जाने (1765 में) का बंगाल के किसानों, शिल्पकारों एवं सामान्य लोगों पर अगले पाँच वर्षों तक क्या प्रभाव पड़े?
उत्तर:
मुगल सम्राट शाहआलम द्वितीय के द्वारा इलाहाबाद की संधि द्वारा 1765 में कंपनी को बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा की दीवानी (राजस्व वसूल का अधिकार) दे दी गई। इसके अगले पाँच वर्षों (अर्थात् 1765 से 1770 तक) में कई अर्थों में बहुत ही हानिकारक प्रभाव पड़े :
(i) कंपनी ने ज्यादा से ज्यादा राजस्व की रकम वसूल कर के लिए नीलामी की व्यवस्था को शुरू किया। इजारेदारों ने भू-राजस्व की अधिकतम रकम वसूल की। उन्हें कंपनी के कारिन्दे तथा गुमाश्ते मदद करते थे। किसान गरीब से और भी जयादा गरीब हो गया। जितनी भू-राजस्व की रकम की माँग उससे की जाती थी वे भुगतान नहीं कर सकते थे। कई बार उन्होंने भूमि गिरवी रखकर साहूकारों से ऊँची ब्याज पर कर्जे लिए।

(ii) शिल्पकारों को भी बर्बाद होना पड़ा। कंपनी के दलाल उन्हें अच्छी कपास खरीदने नहीं देते थे। वे उनसे कपास के ज्यादा मूल्य वसूल करते थे। बंगाल के नवाब शिल्पकारों को कई तरह से मदद तथा संरक्षण देते थे। कंपनी ने उनके प्रति भी शत्रुता की नीति अपनायी एवं व्यवहार किया। उन्हें कंपनी के द्वारा कम कीमतों पर उत्पाद बेचने के लिए कहा जाता था। कई शिल्पकार बंगाल से गाँव छोड़कर भाग गये।

प्रश्न 2.
रैयतवारी प्रणाली की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
रैयतवारी प्रणाली (Ryorwari System) : जिन प्रान्तों में कार्नवालिस द्वारा चालू की गयी स्थायी बंदोबस्त की व्यवस्था की गई थी वहाँ यह असफल रही थी इसलिए कंपनी ने बंबई और मद्रास प्रेसीडेंसियों में एक भिन्न प्रकार का भूराजस्व प्रबन्ध किया जिसको रैयतवारी व्यवस्था कहते थे। इसके अनुसार बंदोबस्त जमींदारों की अपेक्षा (ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा) सी किसानों के साथ किया गया। किसानों को भूमि का स्वामी स्वीक कर लिया गया जो सोधे सरकार को भूमि कर देने के लि उत्तरदायी थे। प्रत्येक गाँव की भूमि को माप कर भूमि मालिकों अधिकारों का पंजीकरण किया गया। भूमि कर की दर भूमि व उपजाऊ शक्ति के आधार पर निश्चित की गई जो साधारणतः 40 प्रतिशत से 55 प्रतिशत तक होती थी।

प्रश्न 3.
महालवारी व्यवस्था (या प्रणाली) की परिभार लिखिए।
उत्तर:
महालवारी व्यवस्था (या प्रणाली) (Mahalwa System) : आधुनिक उत्तर प्रदेश (उस समय यह यूनाइटे प्रोविन्स कहलाता था।) तथा मध्य भारत के कुछ भागों में ए अन्य भूमि कर प्रणाली की व्यवस्था की गई जिसे महालवा व्यवस्था कहा जाता था। शब्द ‘महाल’ का अर्थ है गाँव र प्रतिनिधि। इस प्रणाली के अनुसार बंदोबस्त गाँव के प्रतिनिधिर (जो कि छोटे-छोटे जमींदार होते थे और गाँव की अधिकतर भू के स्वामी होते थे) के साथ सामूहिक रूप से किया जाता था। सरकार को भूमि कर की निश्चित राशि देने के लिए जिम्मेदार हो थे। उनको गाँव से भूमि कर वसूल करने का अधिकार दिया जा था। लार्ड विलियम बैंटिक ने अपने शासनकाल में फिर से भू की माप करवाई और भूमि कर उपज का 1/3 से 1/2 भा निश्चित किया और यह बंदोबस्त 30 वर्ष के लिए कर दिया गय इससे कंपनी की आय में और अधिक वृद्धि हुई।

प्रश्न 4.
कंपनी ने यूरोप के लिए भारत में किन फसल की खेती करवाने की आवश्यकता महसूस की? इसके लि क्या किया गया?
उत्तर:
(i) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया का मूल उद्देश्य ज्यादा से ज्या मुनाफा कमाना था। इसके लिए उसने भारत में उन फसलों व खेती-बाड़ी किए जाने,पर जोर दिया जिनकी माँग यूरोपीय बाजा में थी। उदाहरण के लिए उसने अफीम एवं नील की अंतर्राष्ट्री माँग को देखकर 18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध से ही इनकी खेती पर जोर दिया। लगभग 100 वर्ष के व्यतीत होने पर इंग्लैंड सहित अनेक यूरोपीय देशों में औद्योगिक क्रांति हो गई थी। वहाँ पटसन की वस्तुओं, चाय, कॉफी, चीनी, गेहूँ, कपास, चावल आदि की भी मांग उठने लगी।

(ii) ईस्ट इंडिया कंपनी ने अफीम की खेती राजस्थान के अनेक भागों में शुरू की थी। नील, बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा से उगाया गया। जो लोग नील की खेती करने से इंकार करते थे उन्हें इसके लिए विवश किया गया। उनके साथ या उनके जमींदारों के साथ लिखित समझौते किए गये। उन्हें अग्रिम धनराशियाँ भी दी गईं।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
स्थायी बंदोबस्त के द्वारा विभिन्न लोगों के लिए उत्पन्न की गयी समस्याओं पर चर्चा कीजिए।
अथवा
निम्नलिखित पर स्थायी बन्दोबस्त के पड़े प्रभावों की चर्चा कीजिए:
(i) कंपनी पर
(ii) जमींदारों पर
(iii) भूमि या कृषि पर
(iv) किसानों (या काश्तकारों) पर।
उत्तर:
I. स्थायी बन्दोबस्त के दोष अथवा बुरे प्रभाव (Demerits of Permanent Settlement): कई लेखकों ने इस बंदोबस्त की बहुत आलोचना की है। होम्ज ने इसे ‘एक भयानक भूल’ बताया है।

(i) स्थायी बंदोबस्त से किसानों के हितों की रक्षा नहीं की गई। जमींदार भूमि से अधिक उपज लेने के लिए किसानों के साथ कठोर व्यवहार करने लगे। बब्रिज के अनुसार, “केवल जमींदारों के साथ बंदोबस्त करके सरकार ने एक भारी भूल एवं घोर अन्याय किया।”

(ii) सरकार को भूमिकर से होने वाली आय में वृद्धि की कोई आशा नहीं थी क्योंकि उसको मिलने वाली राशि तो पहले ही निश्चित हो चुकी थी।

(iii) धन की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने बंगाल और बिहार को छोड़कर अन्य प्रान्तों के लोगों पर कर लगाए जो सरासर एक अन्याय था।

(iv) स्थायी बंदोबस्त के कारण जमींदार आलसी हो गए और ऐश्वर्य का जीवन व्यतीत करने लगे।

(v) बंगाल में धनी जमींदार वर्ग और निर्धन वर्ग में आपसी विरोध बढ़ने लगा।

II. स्थायी बंदोबस्त के लाभ अथवा अच्छे प्रभाव (Merits of Permanent Settlement):
(i) इस बन्दोबस्त से कंपनी या सरकार की आय निश्चित हो गई। यदि जमींदार किसी कारणवश यह निश्चित राशि सरकार को न दे सके तो सरकार उनकी भूमि बेचकर यह राशि प्राप्त कर सकती थी।

(ii) सरकार को बार-बार बंदोबस्त करने की परेशानी से छुटकारा मिल गया।

(iii) क्योंकि स्थायी बंदोबस्त सरकार ने स्थापित किया था इसलिए जमींदार जिनको इससे लाभ पहुंचा था सरकार के स्वामिभक्त बन गए। उनमें अनेकों ने 1857 ई. के विद्रोह में सरकार का पूरा साथ दिया।

(iv) भूमि कर का स्थायी बंदोबस्त हो जाने से सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को लोक कल्याण के कामों के लिए अधिक समय मिलने लगा यद्यपि वे ऐसा करने में रुचि नहीं रखते थे।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 3 ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना

प्रश्न 2.
“रैयतों की जमीन पर नील की खेती” विषय पर एक लेख लिखिए।
अथवा
नील की खेती से जुड़ी रैयती व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं, समस्याओं आदि पर विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर:
I. रैयती व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ:
(i) रैयती व्यवस्था के तहत बागान मालिक रैयतों के साथ एक अनुबंध (सट्टा) करते थे। कई बार वे गाँव के मुखियाओं को भी रैयतों की तरफ से समझौता करने के लिए बाध्य कर देते थे।

(ii) जो अनुबंध पर दस्तखत कर देते थे उन्हें नील उगाने के लिए कम ब्याज दर पर बागान मालिकों से नकद कर्ज मिल जाता था।

(iii) कर्ज लेने वाले रैयत (कृषक) को अपनी कम से कम 25 प्रतिशत जमीन पर नील की खेती करनी होती थी।

II. नील की खेती से संबंधित रैयती व्यवस्था की समस्यायें :
(i) कों की समस्याएँ (Problems of loans) : जब कटाई के बाद फसल बागान मालिक को सौंप दी जाती थी तो रैयत को नया कर्ज मिल जाता था और वही चक्र दोबारा शुरू हो जाता था। जो किसान पहले इन कों से बहत आकर्षित थे उन्हें जल्दी ही समझ में आ गया कि यह व्यवस्था कितनी कठोर है। वह ऋण में जन्म लेता, ऋण में पलता तथा अपनी संतान के लिए ऋण छोड़ कर मर जाता था।

(ii) कम कीमत (Less Price) : उन्हें नील की जो कीमत मिलती थी वह बहुत कम थी और कों का सिलसिला कभी खत्म ही नहीं होता था।

ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना Class 8 HBSE Notes

1. महाल (Mahal) : ब्रिटिश राजस्व रिकार्डों के अनुसार महल एक गाँव या संपदा (Estate) होता था जहाँ से राजस्व वसूल किया जाता था।

2. स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) : सन् 1793 में लार्ड कार्नवालिस द्वारा बंगाल(बिहार और उड़ीसा सहित) जो नयी स्थायी राजस्व भू-प्रणाली चालू की गयी थी, वह स्थायी बंदोबस्त कहलाती थी।

3. रैयतवाड़ी प्रणाली (Ryotwari System) : जो भू-राजस्व प्रणाली मद्रास तथा बंबई प्रेसीडेन्सियों में अंग्रेजों द्वारा शुरू की गई थी, वह रैयत प्रणाली कहलाती थी। इस प्रणाली के अनुसार रैयत (अर्थात् किसान) सीधे सरकार को भू-राजस्व दिया करते थे।

4. चार्टर एक्ट (Charter Act) : इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने जो अनुमति पत्र देकर ईस्ट इंडिया कंपनी को पूर्व (पूर्वी गोलार्द्ध में बसे देशों) से व्यापार का एकाधिकार दिया था, वह चार्टर एक्ट कहलाया। यह एक्ट प्रत्येक 20 वर्षों के बाद दोहराया जाता था।

5. बागान (Plantation) : एक बहुत बड़ा खेत जिसमें बागान स्वामी विभिन्न प्रकार के अनुबंधित मजदूरों की कई तरह के काम करने के लिए विवश करता था।

6. दास (Slave) : वह व्यक्ति जिसका स्वामी कोई अन्य व्यक्ति (जिसे प्रायः दास का स्वामी कहा जाता है) हो, दास कहलाता

7. बीघा (Bigha) : यह भूमि की एक माप है।

8. औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) : उद्योग के क्षेत्र में उत्पादन के संगठन तथा तकनीक में बड़े पैमाने पर हुआ क्रांतिकारी परिवर्तन, जिसमें हर काम प्रायः मशीनों से होने लगा था।

9. नागरिक सेवाएँ (Civic Services) : भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन भू-भाग में प्रशासन चलाने वाले विभिन्न उच्च अधिकारी नागरिक सेवाओं की परीक्षाएँ पास किया करते थे। ये अधिकारी ही आई. सी. एस. (ICS) कहलाये।

10. वंशानुगत व्यवसाय (या धंधा) (Hereditary Profession) : वह व्यवसाय जो एक व्यक्ति अपने घर पर ही अपने अभिभावकों (Parents = माता-पिता) से सीखता है तथा वह उसे अपनी आजीविका अर्जन के लिए अपना लेता है।

11. तालुकदार (Taluqdar) : यहाँ तालुक एक भू-भाग की इकाई के लिए प्रयोग किया गया था। उस इकाई का स्वामी तालुकदार कहलाता था।

12. अमलाह (Amlah) : वह जमींदार का एक आफिसर होता था, जो राजस्व संकलन के वक्त गाँव में आता था।

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13. जोतदार (Jotedar) : कुछ क्षेत्रों में गाँव का मुखिया जोतदार कहलाता था। यह धनी किसान होते थे तथा जिनके पास काफी बड़े-बड़े भू-भाग हुआ करते थे। वे स्थानीय व्यापार तथा धन उगाही पर भी नियंत्रण रखते थे।

14. किस वर्ष अंग्रेजों ने बंगाल में अपनी सत्ता स्थापित की थी : 1757 से।

15. किस वर्ष मुगल सम्राट ने ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल का दीवान नियुक्त किया था : 1765

16. किस वर्ष रेगुलेटिंग एक्ट पास किया गया था : 1773

17. कलकत्ता में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना किस वर्ष की गई थी? : 1774

18. किस वर्ष पिट्स इंडिया एक्ट पास किया गया था : 1784

19. किस वर्ष बंगाल रेगुलेशन एक्ट पास किया गया था : 1793

20. किस वर्ष राजा राम मोहन राय का जन्म हुआ था : 1774

21. किस वर्ष कलकत्ता तथा मद्रास शहरों की स्थापना की गई थी : 1781

22. किस वर्ष कलकत्ता में एशियाटिक सोसाइटी (Asiatic Society) की नींव रखी गई थी : 1784

23. किस वर्ष वनारस संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की गई थी : 1791.

24. किस वर्ष कार्नवालिस ने बंगाल में स्थायी बंदोबस्त लागू किया था : 1793

25. किस कालांश के मध्य ईस्ट इंडिया कंपनी ने मैसूर तथा कर्नाटक को अपने अधीन ले लिया था : 1799 से 1801 के मध्या

26. किस वर्ष कलकत्ता के हिन्दू कालेज की नींव रखी गई थी : 1817

27. डिरोजियो ने हिन्दू कालेज में एक अध्यापक के रूप में सेवा शुरू की थी : 1826

28. किस वर्ष सती प्रथा को अवैध घोषित किया गया था : 1829

29. किस वर्ष भारत में कंपनी प्रशासन को और अधिक केन्द्रीयकृत करने के लिए चार्टर एक्ट पास किया गया था: 1833

30. किस वर्ष अंग्रेजों ने पंजाब का हथिया लिया था : 1849

31. किस वर्ष तक कंपनी ने बंगाल से चीजें खरीदीं और उनकी कीमतें चुकाने के लिए ब्रिटेन से सोना और चाँदी लाती रही थी : 1765

32. किस वर्ष में एक भयंकर अकाल ने बंगाल के 10 मिलियन लोगों को मार दिया था : 1770

33. भारतवासियों ने अपने देश की स्वतंत्रता के लिए बड़े पैमाने पर कब प्रथम स्वतंत्रता संग्राम शुरू किया था : 1857

34. किस वर्ष अंग्रेजी को उच्च शिक्षा का माध्यम बनाया गया था : 1885

35. यूरोप के लिए भारत में कौन-कौन सी फसलें तथा मुख्य रूप से कहाँ उगायी जाती थी:

  • जूट, बंगाल में।
  • चाय, असम में
  • गन्ना, संयुक्त प्रान्त में
  • गेहूँ, पंजाब में
  • कपास, महाराष्ट्र तथा पंजाब में
  • चावल, मद्रास में।

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HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 7 बुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 7 बुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Social Science Solutions History Chapter 7 बुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक

HBSE 8th Class History बुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक Textbook Questions and Answers

आइए कल्पना करें

कल्पना करें कि आप उन्नीसवीं सदी के आखिर के भारतीय बुनकर हैं। भारतीय फैक्ट्रियों में बने कपड़े बाजार में छाए हुए हैं। ऐसी स्थिति में आप अपनी जिंदगी में क्या बदलाव लाएंगे?
उत्तर:
मैंने विभिन्न यूरोपीय कंपनियों के एजेंटों (प्रतिनिधियों) से संपर्क किया होता तथा उनसे बड़ी कठोर शर्तों से सौदेबाजी की होती। मैंने बहुत ही बढ़िया किस्म का वस्त्र बनाया होता। मैं गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करता। मैं अपनी कार्यशाला में लगन के साथ कठोर परिश्रम करता। मैं अपने स्थानीय व्यापारियों (सौदागरों) से भी निवेदन करता कि वे विदेशी बाजारों एवं स्थानीय में भी मेरे हाथों यढ़िया किस्म के उत्पादन की आपूर्ति बढ़ाते।

फिर से याद करें

बुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक के प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 1.
यूरोप में किस तरह के कपड़ों की भारी माँग थी?
उत्तर:
यूरोप के बाजारों में निम्न प्रकार का कपड़ा आता था:

  • बढ़िया सूती वस्त्र (Fine cotton cloth) : यूरोप के व्यापारी बाजार में आने वाले सभी बढ़िया प्रकार के वस्त्रों को एक सामान्य नाम से पुकारते थे-‘मसलिन’ (Muslin)|
  • पुर्तगाली सौदागर अपने देश को भारत का कैलिको (Calico) नामक वस्त्र ले जाते। (कैलिको शब्द कालीकट से निकला या बना है।)
  • ऐतिहासिक स्रोत (जैसे कि आर्डर संबंधी पुस्तक आर्डर बुक्स) में हमें एक लंबी सूची मिलती है जो यूरोपीय बाजारों में भारत से आयात किए जाने वाले वस्त्रों की 98 किस्में सूचीबद्ध किए हुए है जिनमें सूती एवं रेशमी वस्त्र शामिल थे, जिनकी यूरोपीय बाजारों में भारी माँग थी। ये वस्त्रों के छोटे-बड़े टुकड़ों (pieces) के रूप में होते थे जिनका आकार 20 गज लंबा तथा 14 गज चौड़ा होता था।

बुनकर लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक के प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 2.
जामदानी क्या है?
उत्तर:
जामदानी (Jamdani):
(i) यह बढ़िया किस्म कीrage मलमल होती थी जिस पर खढ़ी, पर ही बहुत बढ़िया किस्म के डिजाइन (या शक्लें) बुनी जाती थीं, विशेषकर सलेटी (ग्रे) एवं सफेद रंगों में।
HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 7 बुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक 1
(ii) दिए गए चित्र में जैसा कि दिखाया गया है प्रायः सूती तथा सुनहरे धागों को मिलाकर उसी ढंग का वस्त्र बनाया जाता था। चित्र : जामदानी

(iii) जामदानी नामक इस वस्त्र की किस्म के कपड़े का सर्वाधिक प्रसिद्ध केंद्र बंगाल में ढाका तथा यूनाइटेड प्रोविंस (संयुक्त प्रांत) में लखनऊ था।

बुनकर लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक Notes HBSE 8th Class प्रश्न 3.
बंडाना क्या है?
उत्तर:
बंडाना शब्द का सामान्यतया उस रूमाल (Scarf) के लिए होता है जिसे गले या सिर पर बाँधा जाता है। मूलतः बंडाना शब्द हिंदी (भाषा) के शब्द बंधन (bandhan) से निकला है जिसका संदर्भ चमकीले-भड़कीले रंगों वाले उन वस्त्रों से होता था जिसे बाँधने एवं रंगाई विधि द्वारा पेदा किया जाता था। बंडाना का प्रयोग आमतौर पर (सर्वाधिक) राजस्थान तथा गुजरात में किया जाता था।

बुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक Question Answer HBSE 8th Class प्रश्न 4.
अगरिया कौन होते हैं?
उत्तर:
(i) यह उन लोगों का एक समुदाय होता था जो बिहार तथा मध्य भारत के गाँवों में रहते थे। अगारिया लोग लौह को पिघलाने की शिल्प कला में बहुत ही माहिर (निपुण) या कुशल होते थे।

(ii) 19वीं शताब्दी के अंत तक भारत में लोहा पिघलाना बहुत अधिक ही, सामान्य होता था। बिहार और मध्य भारत के प्राय: हर जिले में लौह को पिघलाने वाले अगरिया बड़ी संख्या में होते थे जो स्थानीय लौह अयस्क को कच्चे माल के रूप में प्राप्त करके लौह को पिघला कर दैनिक प्रयोग में आने वाली वस्तुएँ तथा उपकरण बनाया करते थे।

(iii) उनकी ज्यादातर भट्टियाँ चिकनी मिट्टी एवं धूप में सुखाई गई ईंटों से बनाई जाती थी। लौह को पिघलाने का काम तो आदमी करते थे जबकि घर की औरतें उनका हाथ धौंकनी (bellows) द्वारा हवा पम्प करके (चलाकर) करती थी। हवा को पम्प करने से भट्टियों में रखा कोयला जलता था, जो लोहे को पिघलाने में सहायता करता था।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 7 बुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक

प्रश्न 5.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
(क) अंग्रेजी का शिट्ज शब्द हिंदी के ………………….. शब्द से निकला है।
(ख) टीपू की तलवार ………………….. स्टील की बनी थी।
(ग) भारत का कपड़ा निर्यात ………………….. सदी में गिरने लगा।
उत्तर:
(क) छींट (ckhint)
(ख) वूटज (Woot:)
(ग) 19वीं (Nineteenth)

आइए विचार करें

प्रश्न 6.
विभिन्न कपड़ों के नामों से उनके इतिहासों के बारे में क्या पता चलता है?
उत्तर:
निम्न तरह से विभिन्न वस्त्रों के नाम हमें उनके इतिहास को बताते हैं: बड़ी भारी मात्रा में जिन कपड़ों की आपूर्ति का आर्डर प्राप्त होता था वे छपे हुए सूती वस्त्र होते थे जिन्हें चिन्टज (Chints), कोस्साएइस या खासा (Cossaes or Khessa) एवं बंदना (bandanna) कहलाते थे।
(i) अंग्रेजी भाषा का चिन्टज़ (Chintz) शब्द हिंदी (भाषा) के शब्द छींट (Chhint) से निकला है जिस पर छोटे-छोटे रंग-बिरंगे फूलों की आकृतियाँ (या डिजाइन) बनी हुई होती थीं। भारत के वस्त्र के बने कपड़े इंग्लैंड के धनी लोग पहना करते थे जिनमें स्वयं इंग्लैंड की महारानी भी शामिल थीं।

(ii) इसी तरह से शब्द बंदना (bandanna) जिसे अब गर्दन या सिर पर सुंदर रंगीन डिजाइनदार रूप से बाँधा जाता है। मूलत: यह शब्द बांध (हिंदी का शब्द जो बाँधने के लिए प्रयोग में लाया जाता हैं) से निकला है। यह उस वस्त्र के टुकड़ों के लिए प्रयोग होता था जो प्राय: बाँधने एवं रंगने की प्रक्रियाओं द्वारा बनाया जाता था।

(iii) अन्य किस्मों के भी कपड़े हुआ करते थे जैसे कि कासिम बाजार (Kasim bazaar), पटना, कलकत्ता, उड़ीसा एवं चतपुर नामक पाँच स्थानों के नाम से पाँच किस्मों से (नामों से) जाने जाते थे। इनके नामों की उत्पत्ति उन्हीं स्थानों के नामों से हुई थी जहाँ उन्हें बनाया जाता था। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि भारत के विभिन्न नामों के विख्यात कपड़े दुनिया भर में अपने विभिन्न नामों से भली-भाँति जाने जाते थे।

प्रश्न 7.
इंग्लैंड के ऊन और रेशम उत्पादकों ने अठारहवीं सदी की शुरुआत में भारत से आयात होने वाले कपड़े का विरोध क्यों किया था?
उत्तर:
(i) 18वीं शताब्दी के प्रारंभ में इंग्लैंड में ऊन एवं रेशम के वस्त्र उत्पादकों ने भारतीय वस्त्र के आयात का विरोध इसलिए किया क्योंकि वे भारतीय वस्त्रों की बढ़ती लोकप्रियता से बहुत ही चिंतित थे।

(ii) इसीलिए इंग्लैंड के बाजारों ने भी भारतीय वस्त्रों के आगमन (या आयात) का विरोध किया क्योंकि विक्रेताओं पर भी इंग्लैंड के वस्त्र निर्माताओं का दबाव था। स्वदेशी का जनून व्यापारियों के दिमाग पर भी घर करने लगा था।

(iii) इस समय (या हाल में) इंग्लैंड में वस्त्र उद्योगों का विकास होना शुरू हुआ ही था। अंग्रेज ऊन तथा रेशम के उत्पादक भी अपने ही देश (ब्रिटेन) में भारतीय वस्त्र से बाजारों को खाली – करके अपने हितों की रक्षा करना चाहते थे।

(iv) 1720 में, ब्रिटिश सरकार ने एक कानून बनाकर भारत से आने वाले छपे हुए सूती वस्त्रों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया जैसे कि चिन्टज़ (Chints) यह भी बडा रुचिकर प्रतीत होता है। इंग्लैंड में इस अधिनियम को कैलिको अधिनियम (Calico Act) के नाम से जाना गया। अब ब्रिटिश उद्योगपतियों ने अपने यहाँ बनाए जाने वाले वस्त्रों में भारतीय डिजाइनों की ब्रिटेन में नकल की और भारतीय सफेद मसलिन (Muslin) एवं बिना ब्लीच किए (unbleached) भारतीय वस्त्र की छपाई की ताकि भारतीय वस्त्र आयात को रोका जाए।

प्रश्न 8.
ब्रिटेन में कपास उद्योग के विकास से भारत के कपड़ा उत्पादकों पर किस तरह के प्रभाव पड़े?
उत्तर:
ब्रिटेन के वस्त्र उद्योग के विकास ने भारत के वस्त्र उत्पादकों को निम्न ढंग से प्रभावित किया :
(i) ब्रिटेन के वस्त्र उद्योगपतियों एवं निर्माताओं आदि द्वारा | बार-बार की जा रही माँग के दबाव में आकर ब्रिटेन की सरकार ने 1720 में एक अधिनियम (एक्ट) बनाकर भारत से आने वाले वस्त्रों पर पाबंदी लगा दी, विशेषकर छपा हुआ सूती वस्त्र जिन्हें चिन्टज (Chintz) के नाम से जाना जाता था।

(ii) सरकार ने अपनी संरक्षण नीति एवं निर्णय का विस्तार कैलिको छपे हुए भारतीय वस्त्रों तक बढ़ा दिया। भारतीय नमूनों (डिजाइनों) की इंग्लैंड में नकल हुई ताकि भारत से आने वाले सादे बिना ब्लीच किए कपड़ों को ब्रिटेन में ही छापा जा सके।

(iii) भारत के वस्त्रों से हो रही प्रतियोगिता ने इंग्लैंड में अनुसंधान व तकनीकी क्षेत्र में नयी-नयी खोजों को प्रोत्साहित किया। उदाहरणार्थ ऐसे ही प्रयासों के फलस्वरूप 1764 में स्पेनिंग जेनी (Spinning Jenny) का आविष्कार जोहन कोये (John Koye) द्वारा किया गया। इस खोज ने इंग्लैंड में परंपरागत तकुओं की उत्पादन क्षमता को बढ़ा दिया।

(iv) रिचर्ड आर्कराइट (Richard Arkright) द्वारा 1786 में भाप इंजन के अनुसंधान ने सूती वस्त्र बुनने के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया। अब वस्त्र बहुत बड़ी मात्रा में बुना जा सकता था। यह वस्त्र सस्ता भी था। नि:संदेह इन सबका भारतीय वस्त्र तथा वस्त्र उत्पादकों पर विपरीत प्रभाव पड़ा।

(v) जो भी हो, 18वीं शताब्दी के अंत तक भारतीय वस्त्रों ने विश्व में अपने वर्चस्व को बनाए रखा। जो यूरोपीय कंपनियाँ भारत में कार्यरत थीं, उन्होंने इस फलते-फूलते व्यापार से भारी मुनाफा कमाया। ये कंपनियाँ (डच कंपनी, फ्रांसीसी कंपनी एवं अंग्रेजी कंपनी) भारत में अपने-अपने देशों से चाँदी लाकर भारतीय वस्त्रों | को खरीदा करती थीं।

(vi) 1757 से 1765 के मध्य पहली बार ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में राजनीतिक सत्ता स्थापित कर ली। अतः उसे अब अपने देश से कीमती धातुओं का आयात नहीं करना पड़ता | था। उसे भारतीय वस्तुओं को यहाँ कंपनी को मिलने वाले भू-राजस्व तथा अन्य करो की रकमों के बदले खरीदने का मौका मिल गया। कंपनी किसानों तथा जमींदारों से भू-राजस्व इकट्टा किया करती थी तथा उस रकम को वह भारत में वस्त्रों की खरीदारी के लिए व्यय कर देती थी।

(vii) ब्रिटेन में वस्त्र उद्योग के विकास ने भारतीय वस्त्र उद्योग को कई तरह से प्रभावित किया :

प्रश्न 9.
उन्नीसवीं सदी में भारतीय लौह प्रगलन उद्योग का पतन क्यों हुआ?
उत्तर:
भारतीय प्रगलन उद्योगों के पतन के कारण : 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध तक, भारत के प्रत्येक गाँव में लगभग लौह पिघलाने के उद्योग का पतन हो रहा था, भट्टियों का इस्तेमाल बंद हो गया तथा जितना लोहा उत्पादन किया जाता था उसकी मात्रा भी कम हो गई। यह सब कुछ निम्न कारणों की वजह से हुआ:
(i) प्रथम, ब्रिटिश सरकार ने भारत में जो वन कानून बनाए थे इन कानूनों के द्वारा जब औद्योगिक सरकार ने रिजर्व वनों में प्रवेश करने से लोगों को रोक दिया, तो लौह पिघलाने के लिए सबसे बुरा असर लकड़ी की आपूर्ति पर पड़ा। कोयले के अभाव से भट्टियाँ कैसे गर्म की जा सकती थीं तथा लोहे को कैसे पिघलाया जा सकता था?

(ii) जन विरोधी कानूनों के कारण जो लोग लौह पिघलाने के काम में लगे हुए थे उन्हें लौह अयस्क भी नहीं मिल सकता था। जंगल संबंधी कानूनों को तोड़कर वे चोरी से जंगलों में घुसकर कोयला प्राप्त किया करते थे लेकिन वे लंबे समय तक इस पाबंदी के चलते कोयला पाने के लिए लकड़ियाँ नहीं प्राप्त कर सके। अनेकों ने लौह पिघालने की अपनी शिल्प कला (लोहे पिघलाना) को छोड़ दिया एवं उन्होंने अपनी जीविका के अन्य साधनों की तलाश शुरू कर दी।

(iii) देश के कुछ भागों में ब्रिटिश सरकार ने जंगलों में प्रवेश करने की अनुमति दे दी लेकिन लौह पिघलाने वाले (लोहारों) को अपनी प्रत्येक भट्टी के प्रयोग के लिए वन विभाग को बहुत ऊँचे दर पर कर चुकाने होते थे। इससे उनकी जो कमाई होती थी उसकी आमदनी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा।

(iv) 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध तक ब्रिटेन से लौह एवं इस्पात आयात किया जाने लगा था। लोहारों ने भारत में आयातित लोहे एवं पात का प्रयोग करना शुरू कर दिया तथा उपयोगी वस्तुओं का बड़ी मात्रा में निर्माण भी शुरू कर दिया। परिणामस्वरूप जो स्थानीय लोहा पिघलाने वाले लोहार थे, उनकी वस्तुओं तथा उत्पाद की मांग पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ने लगा।

(v) 19वीं शताब्दी से उत्तरार्ध के अंतिम वर्षों तथा 20वीं शताब्दी की प्रारंभिक दशाब्दियों में स्थानीय लौह उद्यमियों को आधुनिक ढंग की लगाई गई फैक्ट्रियों से प्रतियोगिता करनी पड़ी, स्वाभाविक तौर पर उसका उन पर बड़ा बुरा प्रभाव पड़ा।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 7 बुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक

प्रश्न 10.
भारतीय वस्त्रोद्योग को अपने शुरुआती सालों में किन समस्याओं से जूझना पड़ा?
उत्तर:
भारतीय वस्त्र उद्योग के द्वारा निम्न समस्याओं का सामना किया गया :
(i) ब्रिटिश सूती वस्व का आयात तथा भारतीय सूती वस्त्र में लगे हुए लोगों द्वारा बेरोजगारी की समस्या का सामना किया जाना : 1830 के दशक से ब्रिटिश सूती वस्त्र की जैसे भारतीय बाजारों में बाढ़ सी आ गयी। वस्तुतः भारत में 1860 के दशक के आते-आते दो-तिहाई, सूती वस्त्रों के कुल योग का, पहनावा ब्रिटेन के सूती वस्त्र, का ही बनाया हुआ होता था। इसने न केवल विशेषज्ञ (या निपुण) बुनकरों को ही प्रभावित किया बल्कि कताई करने वाले शिल्पकारों को भी प्रभावित किया। जो हजारों ग्रामीण जुलाहे सूत कात-कात करके अपनी एवं बुनकरों की जीविका अर्जित करने में मददगार थे वे बेचारे सभी बेरोजगार (बिना कामकाज के) हो गये।

(ii) मशीनों द्वारा निर्मित वस्त्रों से प्रतियोगिता : हथकरघा की बुनाई भारत में पूर्णतया खत्म नहीं हुई थी क्योंकि कुछ किस्म के कपड़े की आपूर्ति मशीनों के द्वारा नहीं की जा सकती थी। मशीनें किस प्रकार से बार्डरदार, गोटे या कशीदाकारी वस्त्र बना सकते थीं। ऐसे परंपराओं से जुड़े कपड़ों की बहुत बड़ी माँग न केवल देश के धनी लोगों द्वारा अपितु मध्य श्रेणी के लोगों द्वारा भी की जाती थी। ब्रिटिश के वस्त्र निर्माता भारत के बहुत ही गरीब लोगों द्वारा पहने जाने वाले खुरदरे वस्त्र (Coarse cloth) ही बनाकर आपूर्ति करने के लिए तैयार थे।

(iii) बुनकरों तथा कताई करने वालों द्वारा प्रवास : जुलाहों एवं कताई करने वाले कारीगरों का क्या हुआ या कशीदाकारी जिनका रोजगार चला गया था और जो पूरी तरह बेरोजगार हो गये थे? अनेक जुलाहे (या बुनकर) तो कृषि मजदूर बन गये। कुछ अपने गाँवों को छोड़कर काम की तलाश में शहरों में पलायन कर गये। और तो और कुछ बेचारे तो अफ्रीका तथा अमरीका में बागानों में काम करने के लिए प्रवास ही कर गये। इनमें से कुछ हथकरघों पर काम करने वाले बुनकरों ने नई सूती मिलों में नौकरियाँ भी प्राप्त कर ली जिनकी स्थापना बंबई (जो अब मुंबई कहलाती है), अहमदाबाद, शोलापुर, नागपुर एवं कानपुर में की गयी थी।

प्रश्न 11.
पहले महायुद्ध के दौरान अपना स्टील उत्पादन बढ़ाने में टिस्को को किस बात से मदद मिली?
उत्तर:
वे घटनाएँ (अथवा कारक) जिन्होंने टिस्को लौह इस्पात उत्पादन की वृद्धि में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सहायता की थी
(i) टाटा आइरन एवं स्टील कंपनी (या टिस्को = TISCO) जो जमशेदपुर में सुबर्णरेखा (Subarnrakha) नदी के किनारे स्थापित हुई थी, ने 1912 में स्टील उत्पादन शुरू कर दिया था।

(ii) प्रथम विश्व युद्ध 1914 में शुरू हुआ तथा 1918 में समाप्त हुआ। इस संदर्भ में हम कह सकते हैं कि टिस्को औद्योगिक इकाई का प्रारंभ उचित समय पर हुआ था। 19वीं शताब्दी के दूसरे अर्थ भाग में भारत में रेलवे का खूब विस्तार हो रहा था तथा उसके लिए पटरियों (रेलवे लाइनों) को बिछाने के लिए जिस स्टील की आवश्यकता महसूसं की गयी थी उसे पूरी तरह से ब्रिटेन से ही भारत में आयात किया जा रहा था। इस तरह ब्रिटेन में जो इस्पात उत्पन्न हो रहा था उसे भारत में एक विशाल बाजार प्राप्त हो रहा था। काफी लंबे समय तक तो जो लोग भारत में रेलवे तथा अन्य उद्देश्यों के लिए ब्रिटेन से बढ़िया किस्म का इस्पात आयात कर रहे थे, वे इस बात पर यकीन करने के लिए ही तैयार नहीं थे कि भारत भी बढ़िया किस्म का फौलाद (इस्पात = स्टील) पैदा कर सकता था।

(iii) जैसे ही देश में टिस्को (TISCO) की स्थापना हो गयी, वह पहले वाली स्थिति बदल गयी। 1914 में प्रथम विश्व युद्ध शा हो गया। जो स्टील ब्रिटेन में उत्पन्न किया जा रहा था वह युद्ध के कारण सभी यूरोपीय देशों में उठ रही माँग को ही पूरा कर सकता था। इसलिए भारत में ब्रिटिश स्टील का आयात नाटकीय ढंग से घट गया तथा भारतीय रेलवे को टिस्को की तरफ मुड़ना पड़ा ताकि वह (टिस्को) रेलवे को स्टील की आपूर्ति कर सके।

(iv) चूंकि युद्ध कई वर्षों तक चलता रहा इसलिए टिस्को को शैल्स (Shells) एवं डिब्बे, पहिए आदि के लिए बहुत बड़ी मात्रा में आपूर्ति करने के लिए इस्पात की सप्लाई (आपूर्ति) करनी पड़ी।

(v) 1919 तक औपनिवेशिक सरकार टिस्को द्वारा उत्पादित किये गये स्टील का लगभग 90 प्रतिशत भाग खरीदती रही। इतने समय के बीतते ही टिस्को ब्रिटिश साम्राज्य के अंतर्गत ही सबसे बड़ा स्टील उत्पादक उद्योग (या इकाई) बन गया था।

आइए करके देखें

प्रश्न 12.
जहाँ आप रहते हैं उसके आस-पास प्रचलित किसी हस्तकला का इतिहास पता लगाएं। इसके लिए आप दस्तकारों के समुदाय, उनकी तकनीक में आए बदलावों और उनके बाजारों के बारे में जानकारियाँ इकट्ठा कर सकते हैं। देखें की पिछले 50 सालों के दौरान इन चीजों में किस तरह बदलाव आए हैं?
उत्तर:
विद्यार्थियों के स्वयं अभ्यास करने के लिए।

प्रश्न 13.
भारत के नक्शे पर विभिन्न हस्तकलाओं के अलग-अलग केंद्रों को चिह्नित करें। पता लगाएँ कि ये केंद्र कब पैदा हुए?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

HBSE 8th Class History बुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
17वीं शताब्दी के सूरत के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
(i) सूरत भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर स्थित है। वह 17वीं शताब्दी में भारत के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भारतीय सामुद्रिक व्यापारिक बंदरगाहों में से एक था।

(ii) डच एवं अंग्रेज 17वीं शताब्दी के प्रारंभ में ही व्यापारिक जहाजी के केंद्र के रूप में इस बंदरगाह का प्रयोग करने लगे थे।

(iii) इस बंदरगाह शहर का महत्त्व 18वीं शताब्दी में गिर गया क्योंकि औपनिवेशिक शासनकाल में गोवा, कलकत्ता, बंबई एवं मद्रास का बड़ी तीव्रता के साथ व्यापारिक बंदरगाहों के रूप में विकास हो रहा था।

प्रश्न 2.
ब्रिटिश शासन के दौरान भारत के दो सर्वाधिक विकसित महत्त्वपूर्ण उद्योगों के नाम लिखिए। आधुनिक विश्व में उनका क्या महत्त्व है?
उत्तर:

  • वस्त्र उद्योग एवं
  • लौह एवं इस्पात उद्योग

उपर्युक्त दोनों ही उद्योग की आधुनिक विश्व में औद्योगिक क्रांति के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं।

प्रश्न 3.
किन दो आधुनिक उद्योगों ने ब्रिटेन को 19वीं सदी में औद्योगिक दृष्टि से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण बनाया था?
अथवा
किस प्रकार से ब्रिटेन को ‘विश्व की कार्यशाला’ के नाम से जाना गया था?
उत्तर:

  • 19वीं शताब्दी में सूती वस्त्र के यंत्रीकरण ने ब्रिटेन को सर्वाधिक सफल एवं प्रगति वाला प्रसिद्ध देश बनाया।
  • 1850 के दशक से जब ब्रिटेन का लौह-इस्पात उद्योग तीव्रता से प्रगति करने लगा तो ब्रिटेन को ‘विश्व की कार्यशाला’ के नाम से जाना जाने लगा।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 7 बुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक

प्रश्न 4.
ब्रिटिश शासन से पूर्व भारतीय वस्त्रों के लिए क्यों ख्याति प्राप्त हुई थी? इसके दो गुणों (विशेषताओं) का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
काफी लंबे समय से भारतीय वस्त्रों को उनकी (i) सुंदर गुणवत्ता तथा (ii) अद्वितीय-शिल्पकला कौशल के लिए ख्याति (प्रसिद्धि) प्राप्त थी।

प्रश्न 5.
स्पिनिंग जेनी (Spinning Jenny) क्या थी? इसे किसने तथा कौन-से वर्ष में खोजा था?
उत्तर:
(i) स्पिनिंग जेनी (Spinning Jemy) एक ऐसी मशीन थी जिस पर केवल एक ही श्रमिक अनेक तकल (spindles) चला सकता था जिन पर सूत काता जा सकता था। जब भी इस मशीन के पहिए को घुमाया जाता तो मशीन के सभी तकले साथ-साथ घूमकर कई सूत के धागे कात सकता था।

(ii) सन् 1764 में स्पिनिंग जेनी का आविष्कार जोहन काये (John kaye) ने किया था।

प्रश्न 6.
किसके द्वारा एवं किस वर्ष में भाप इंजिन का आविष्कार किया गया था?
उत्तर:
रिचर्ड आर्कराइट द्वारा भाप इंजिन को सन् 1786 में खोजा गया था।

प्रश्न 7.
सूती वस्त्र उद्योग में निम्न का प्रयोग किए जाने के बाद जो सकारात्मक प्रभाव पड़े, उनमें से एक-एक का उल्लेख कीजिए
(क) स्पिनिंग जेनी, तथा
(ख) भाप इंजिन।
उत्तर:
(क) स्पिनिंग जेनी ने पुराने परंपरागत तकले की उत्पादन क्षमता को बढ़ा दिया।

(ख) भाप इंजिन ने सूती वस्त्र की बुनाई में क्रांति ला दी। बहुत बड़ी मात्रा में शीघ्र ही सूती वस्त्र उत्पादित किया जा सकता था और यह कपड़ा कीमत के लिहाज से बहुत ही सस्ता होता था।

प्रश्न 8.
18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में भारत का सूती वस्व बुनाई का दूसरा प्रमुख केंद्र (या समूह केंद्र) कहाँ पर था?
अथवा
सूती वस्त्र के कारण कोरोमंडल की भौगोलिक स्थिति का क्या महत्त्व था? स्पष्ट करें।
उत्तर:
18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में भारत का दूसरा महत्त्वपूर्ण केंद्र (याद रहे बंगाल पहला प्रमुख केंद्र था।) कोरोमंडल समुद्र तट के समीप ही स्थित था जहाँ पर इस उद्योग से संबंधित गतिविधियों के लिए मद्रास से उत्तरी आंध्र प्रदेश तक जहाज आया-आया करते थे।

प्रश्न 9.
भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर बुनाई के महत्त्वपूर्ण केंद्र कहाँ पर थे?
उत्तर:
भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर बुनाई के महत्त्वपूर्ण केंद्र गुजरात में थे।

प्रश्न 10.
पिट लूम (Pit Loom)(अर्थात खड्डी) क्या
उत्तर:
खड्डी अथवा करघा एक ऐसा करपा (लूम) होता है जो किसी गड्ढे में लगाया गया होता है। (और भलीभांति समझने के लिए कृपया साथ संलग्न चित्र को देखिए।)

प्रश्न 11.
बुनाई के दो नये केंद्रों के नाम बताइए, जो 19वीं सदी के उत्तरार्थ में उभरकर आए थे। वे देश के किस हिस्से या क्षेत्र में स्थित थे?
उत्तर:

  • शोलापुर (पहाराष्ट्र, पश्चिमी भारत क्षेत्र में), तथा
  • मदुरै (दक्षिणी भारत में)।

प्रश्न 12.
19वीं शताब्दी में, भारत में सूती वस्त्र के दो नवीन स्थापित केंद्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
बंबई (अब मुंबई), शोलापुर. नागपुर (महाराष्ट्र). अहमदाबाद (गुजरात) तथा कानपुर (उत्तर प्रदेश)।

प्रश्न 13.
19वीं शताब्दी में भारत को किन दो देशों से कपास या सूती वस्त्र उद्योग का कच्चा माल (या रुई) निर्यात किया जाता था?
उत्तर:

  • इंग्लैंड या ब्रिटेन, अब यूनाइटेड किंग्डम) तथा
  • चीन।

प्रश्न 14.
उस मृदा (मिट्टी) की किस्म का नाम लिखिए, जिसे कपास की खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त समझा जाता है।
उत्तर:
काली मिट्टी।

प्रश्न 15.
सूती वस्त्र मिलों पर जो-जो काम पुरुष मजदूरों तथा महिला मजदूरों के द्वारा किए जाते थे उनमें एक अंतर (भेद) का उल्लेख करें।
उत्तर:
सूती वस्त्र मिलों के कताई विभाग में प्राय: अधिकांश महिला श्रमिक होते थे, जबकि मिल के बुनाई विभाग में प्रायः पुरुष मजदूरों से ही काम लिया जाता था।

प्रश्न 16.
भारत एवं जापान में जो औद्योगीकरण हुआ उनमें एक भिन्नता (contras) का उल्लेख करें।
उत्तर:
जापान में वों सताब्दी में हुए औद्योगीकरण का इतिहास भारत में हुए औद्योगीकरण से एक बिंदु (या दृष्टि से) भिन्नता बताता है। भारत में औपनिवेशिक सरकार (या शासन) ब्रिटेन में बनी वस्तुओं के लिए भारत में अपना बाजार फैलाना चाहता था और वह भारतीय उद्योगों की मदद करने के लिए इच्छुक नहीं था। जापान में अपनी ही सरकार थी इसलिए वह जापान में आधुनिक ढंग के उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए इच्छुक थी।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
1750 के आसपास भारतीय वस्त्र उद्योग एवं | विश्व बाजार विषय पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
(i) लगभग 1750 में जब तक अंग्रेजों ने बंगाल को विजय नहीं किया था, तब तक भारत विश्व में सूती वस्त्र उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा देश था। भारतीय वस्त्र दूर-दूर तक अपनी गुणवत्ता एवं असाधारण शिल्प कौशल के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध था। ।

(ii) भारतीय सूती वस्त्र का व्यापार दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों या भूभागों (जावा, सुमात्रा एवं पेनांग), पश्चिम एशिया के साथ-साथ मध्य एशियाई देशों में भी होता था।

(iii) 16वीं शताब्दी से युरोपीय व्यापारिक कंपनियों ने बड़े पैमाने पर भारतीय वस्त्रों को क्रय करना शुरू कर दिया था ताकि वे पूरे यूरोप में उनका विक्रय कर सके।

(iv) अंग्रेजी एवं विश्व की अन्य भाषाओं के विवरणों में भारतीय वस्तुओं की गुणवत्ता, शिल्प कौशल आदि के विवरणों का उल्लेख आज भी पढ़ने को मिलता है।

प्रश्न 2.
‘शब्द हमें भारतीय वस्त्रों की लोकप्रियता के इतिहास को बताते हैं।’ क्या आप इससे सहमत है? इसके संबंध में कुछ तथ्य बताइए।
उत्तर:
मैं इस कथन से सहमत हूँ कि शब्द अर्थात् विवरण हमें भारतीय वस्त्रों की लोकप्रियता के इतिहास को बताते हैं। मैं इस उत्तर के पक्ष में निम्नलिखित तथ्य देता हूँ :
(i) कई लाखों यूरोपियों ने अरब सौदागरों के माध्यम से आधुनिक इराक स्थित मोसूल नामक शहर में भारतीय वस्त्रों को क्रय करके यूरोप में उन्हें बहुत ख्याति दिलाई। इसीलिए उन्होंने इन सुंदर बुने हुए वस्त्रों को ‘मसलिन’ (maslin) नाम से संबोधित किया-एक वह शब्द जो बहुत ज्यादा मुद्रा प्रदान करने वाली चीज के लिए प्रयोग किया जाता है।

(ii) पुर्तगालियों ने जब भारत में अपने पाँव कालीकट तथा कोचीन में जमाये तथा वे भारत के मसालों के साथ-साथ (जो वे कालीकट एवं केरल से खरीदते थे।) और यूरोप वापिस जाते थे तो वे कालीकट से खरीदे भारतीय वस्त्रों को कैलिको (calico). शब्द से संबोधित करते थे। यह शब्द कालीकट संबंध से अपभ्रंश शब्द के रूप में प्रयोग किया गया (या उसी शब्द कालीकट से निकला था)। कालांतर में कैलिको भारत से निर्यात होने वाले सभी वस्त्रों के लिए एक सामान्य शब्द बन गया।

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प्रश्न 3.
आप कैसे यह दावा कर सकते हैं कि लंदन में रह रहे वस्व-व्यापारीगण भारतीय वस्त्रों के लिए दीवाने थे?
उत्तर:
(i) भारतीय वस्तुओं की प्रत्येक किस्म (या आइटम) की कीमतें आर्डर बुक्स (आज्ञा पुस्तिका) में बहुत ही सावधानीपूर्वक लिखी जाती थी।

(ii) प्रत्येक आर्डर को उन पुस्तकों में दो वर्ष अग्रिम आज्ञा के रूप में लिखा जाता था क्योंकि उस विशेष किस्म के वस्त्र को तैयार करने तथा भारत से जहाजों पर लाद करके भेजने में काफी समय लगा करता था।

(iii) एक बार जब वे कपड़ों के टुकड़े लंदन पहुँच जाते थे तो उन्हें नीलामी पर रखा जाता था तथा उसे बेच दिया जाता था।

प्रश्न 4.
महात्मा गाँधी ने राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान ब्रिटिश आयातों के पड़े बुरे परिणामों के मद्देनजर लोगों को क्या करने का आह्वान किया? उसका क्या असर हुआ?
उत्तर:
(i) महात्मा गाँधी ने लोगों का आह्वान किया कि वे विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार करें, स्वयं चरखे तथा तकली की मदद से सूत कातें तथा खड्डियों (करमों) से बुने गये वस्त्र या खादी को पहनें तथा उसी को अपनाए या सर्वत्र प्रयोग में लायें।

(ii) धीरे-धीरे खादी राष्ट्रवाद की पहचान बन गयी। चरखा भारत का प्रतिनिधित्व करने लगा तथा इसे सन् 1931 में कांग्रेस द्वारा अपनाये गये राष्ट्रीय तिरंगे ध्वज में भी अपना लिया गया। खादी का झंडा तीन रंगों में बना हुआ होता था तथा झंडे के मध्य चरखा राष्ट्रीय चिह्न के रूप में केंद्रित होता था।

प्रश्न 5.
जिन भारतीय बुनकरों एवं सूत कातने वालों ने अपनी रोजी-रोटी खो दी थी उनका क्या हुआ?
उत्तर:
(i) अनेक जुलाहे (बुनकर) कृषि-मजदूर बन गये।

(ii) कुछ बेरोजगार काम की तलाश में शहरों में चले गये।

(iii) कुछ बुनकर तथा कताई करने वाले शिल्पकार तथा कारीगर भारत को छोड़ करके विदेशों में जैसे अफ्रीका एवं दक्षिणी अमरीका में बागानों (चाय, कपास आदि) में काम करने के लिए प्रवासी बन गये।

(iv) हस्तकरपों पर काम करने वाले कुछ शिल्पकार देश के विभिन्न शहरों में स्थापित वस्त्र उद्योग संबंधी मिलों में कार्यरत हो गये। ये शहर बंबई (अब मुंबई), अहमदाबाद, शोलापुर, नागपुर एवं कानपुर आदि थे।

प्रश्न 6.
टीपू कौन था? उसकी तलवार ने उसके जीवन में कौन सी भूमिका का निर्वाह किया था?
उत्तर:
(i) टीपू सुलतान (शासक हैदर अली का पुत्र) एवं मैसूर राज्य का एक प्रसिद्ध शासक था। उसने 18वीं शताब्दी में मैसूर पर शासन किया था।

(ii) टीपू सुलतान ने अपनी तलवार का प्रयोग अंग्रेजों के विरुद्ध अनेक युद्ध लड़ने में किया था। वह चौथे आंग्ल-मैसूर युद्ध में एक वीर की भाँति लड़ते हुए इसी तलवार को लिए हुए शहीद हुआ था। अब उसकी वीरता तथा उपलब्धियों की प्रतीक विशेष रूप से उल्लेखनीय वही तलवार एक यादगार के रूप में इंग्लैंड के संग्रहालय में रखी हुई है। यहाँ तक कि आज भी यह तलवार हमें इस बात का स्मरण कराती है कि टीपू सुलतान भारत माँ का एक महान वीर पुत्र या मैसूर राज्य का नरेश था। उसे 18वीं शताब्दी के मैसूर का बाघ (टाइगर) या शेर कहा गया।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
“ब्रिटेन के औद्योगीकरण का भारत की विजय: एवं औपनिवेशीकरण के साथ गहरा संबंध था।” कैसे? संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
(i) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1600 ई. में की गयी थी। इसने बहुत शीघ्र ही व्यापार में रुचि लेनी शुरू : की तथा इसमें भागेदारी भी की।

(ii) कंपनी की व्यापार में गहरी रुचि ने ही इसे भू-भाग पर आधिपत्य स्थापित करने की ओर अग्रसर किया। भारत में इसका विजय कार्य लगभग 1856 ई. में पूरा हो गया था।

(iii) भारत के साथ इसके व्यापार का ढाँचा कुछ ही दशाब्दियों में बदल गया। उत्तर 18वीं शताब्दी तक वह भारत में मालों को खरीदती रही और उन्हें वह इंग्लैंड एवं यूरोप को निर्यात करती रही। इस क्रय एवं विक्रय में इसने भारी मुनाफा कमाना जारी रखा।

(iv) औद्योगीकरण के अभ्युदय एवं प्रसार के साथ ही ब्रिटेन में औद्योगिक उत्पादन बहुत ही बढ़ गया और वह अपने माल की बिक्री के लिए भारत को एक विशाल बाजार के रूप में देखने लगा और जैसे समय व्यतीत हुआ, देखते ही देखते भारतीय बाजारों में इंग्लैंड की मशीनों तथा कारखानों में निर्मित मालों की बाढ़ सी आ गयी। भारत की कीमत पर जहाँ ब्रिटेन के उद्योग पनपते चले गये, वहीं भारतीय उद्योग-धंधे बर्बाद होते चले गये।

प्रश्न 2.
भारत में लौह एवं इस्पात की आधुनिक ढंग की फैक्ट्रियों की स्थापना के संदर्भ में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(i)1904 में छत्तीसगढ़ में चार्ल्स वेल्ड तथा दोराबजी टाटा (Charles Weld and Dorabji) द्वारा क्या किया जा रहा था? वे क्या करना चाहते थे?

(ii) अगारियन (Agarians) समुदाय के लोगों ने चार्ल्स वेल्ड एवं दोराबजी टाटा के मिशन (महान उद्देश्य) में किस तरह से सहायता की थी?

(iii) भारत के लौह तथा इस्पात के नींव रखने वाले पितामहों के समक्ष राजहारा पहाड़ियों (Rajhara Hills) में समस्याएँ थीं? वे समस्याएँ क्या थीं? इसका समाधान किस तरह से किया गया?
उत्तर:
(i) अप्रैल 1904 में चार्ल्स वेल्ड (जो एक अमरीकी भू-विज्ञानवेत्ता थे।) एवं दोराबजी टाटा (जो जमशेद टाटा, विख्यात उद्योगपति, भारत के बहुत बड़े लोकप्रिय पूँजीपति के सबसे बड़े पुत्र थे।) छत्तीसगढ़ में सफर कर रहे थे (जो उस समय भारत के केंद्रीय प्रांत में पड़ता था)। वे लौह-अयस्क भंडारों की तलाश कर रहे थे। उन्होंने अनेक महीने बिता दिये और एक कीमती साहसी खोज की ताकि अच्छी गुणवत्ता वाला लौह अयस्क भंडार मिले ताकि वहीं आसपास ही भारत में आधुनिक बंग का लौह एवं स्टील प्लांट या संयंत्र (कारखाना) (औद्योगिक इकाई) लगाई जा सके।

(ii) (क) जमशेद जी टाटा ने निर्णय ले लिया था कि वे अपनी पूँजी का एक बहुत बड़ा अंश भारत में लौह-इस्पात उद्योग शुरू करने में निवेश करेंगे, लेकिन ऐसा तब तक वह नहीं कर सकते थे जब तक कि उन्हें भारत में बढ़िया किस्म के लौह-अयस्क भंडारों वाले भू-भाग (क्षेत्र) की पूर्ण जानकारी नहीं मिल जाती।

(ख) एक दिन, जब उन्होंने अनेक पंटों तक वनों में यात्रा कर ली तो वेल्ड (Weld) एवं दोराबजी (Dorabji) की नजर एक छोटे से गांव पर पड़ी। कुछ लोगों का समूह जिसमें आदमी भी थे तथा औरतें भी थी वे अपने-अपने सिरों पर भरी हुए टोकरियाँ ले जा रहे थे जिनमें लौह अयस्क था। वे लोग अगारिया थे। जब दोनों महान व्यक्तियों ने उनसे पूछा कि आप ये लौह अयस्क कहाँ से ‘लाये हो तो उन्होंने उंगलियों से एक पहाड़ी, जो थोड़ी दूर पर थी, ‘की ओर इशारा किया।

(ग) घने जंगलों में से लंबा थका देने वाला सफर तय करने के बाद वेल्ड एवं दोराबजी उस पहाड़ी पर पहुँचे भू-विज्ञान वेत्ता तथा विशेषज्ञ वेल्ड ने घोषित किया कि उन लोगों को अंततः वह चीज मिल गई है जिसकी उन्हें एक अरसे से तलाश थी। राजहरा पहाड़ियों (Rajhara Hills) में विश्व के सबसे बढ़िया किस्म के लौह-अयस्क के भंडार विद्यमान थे।

(iii) राजहरा पहाड़ियों के इस क्षेत्र में एक समस्या थी कि यह क्षेत्र शुष्क था तथा उद्योग या कारखाने को चलाने के लिए जिस जल की जरूरत थी, वह समीप नहीं था। टाटा परिवारजनों को और अधिक उपयुक्त स्थान की खोज करने में समय व्यतीत करना पड़ा ताकि कारखाना लगाया जा सके। जो भी हो, अगारियाओं (Agarias) ने बढ़िया किस्म के लौह-अयस्क भंडारों की खोज में टाटाजी की मदद की जिसकी वजह से ही टाटा आइरन एक स्टील कंपनी तथा भिलाई स्टील उद्योग की स्थापना हो सकी।

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बुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक Class 8 HBSE Notes

1. सूरत : यह गुजरात में बंदरगाह शहर है। यह बंदरगाह भारत के पश्चिमी तट पर है। यह भारतीय समुद्र व्यापार के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हिस्सों में केवलमात्र अकेला था।

2. डच : हॉलैंड के लोग (या निवासी)।

3. अंग्रेज : इंग्लैंड के लोग (निवासी) (यूनाइटेड किंग्डम ऑफ ब्रिटेन)।

4. भारत में ब्रिटिश (अंग्रेजी) शासन का कालांश (पीरियड) : 1757 ई. से 14 अगस्त, 1947 ई. तक।

5. ब्रिटिश शासन काल में भारत के दो महत्त्वपूर्ण उद्योग : (i) वस्त्र उद्योग एवं (ii) लौह तथा इस्पात उद्योग।

6. विश्व की कार्यशाला : जब ब्रिटेन में 1850 के दशक से लौह एवं इस्पात उद्योग का विकास होने लगा तो ब्रिटेन को “विश्व की कार्यशाला” (Workshop of the World) के नाम से जाना जाने लगा।

7. पटोला (Patola): एक प्रकार का वस्त्र, जो सूरत, अहमदाबाद तथा पटना में मध्य 19वीं सदी में बुना जाता था। इसे उद्योगों में उच्च स्तर का महत्त्व (मूल्य) प्राप्त था। यह स्थान बुनाई परंपरा का वहाँ एक हिस्सा बन गया।

8. उद्योगों के प्रमुख क्षेत्र :

  • जावा
  • सुमात्रा और
  • पेनांग (Penang)

9. मोसुल (Mosurl): इराक में स्थित एक व्यापारिक केंद्र जहाँ व्यापारियों द्वारा भारत से कपास्त्र आयात किया जाता था। लोकप्रिय (विख्यात) कस्बे के रूप में भारत में चलाया जाता था।

10. “मसलिन” (Muslin) : भारत में बहुत बढ़िया किस्म के सभी बुने गए वस्त्रों को ‘मसलिन’ कहा जाता था, जिनसे बहुत बड़ी मात्रा में मुद्रा अर्जित की जाती थी।

11. पुर्तगाली : पुर्तगाल के लोग।

12. कालीकट : भारत के दक्षिण-पश्चिम में स्थित केरल का एक बंदरगाह शहर (कस्बा) था।

13. कैलीको (Calico): वह सूती वस्त्र जो यूरोप के सौदागर वापस ले जाते थे, उसे कैलीको’ (जो शब्द कालीकट से लिया गया है) कहा जाता था। कालांतर में भारत के सभी सूती वस्त्रों के लिए सामान्यतया इसी नाम का प्रयोग हुआ।

14. चिन्टज (Chinte): यह एक अंग्रेजी (भाषा) का शब्द या पद है। इस पद (शब्द) को हिंदी (भाषा) शब्द छींट (Chint) से लिया गया है। यह वह वस्त्र है जो सुगंध एवं रंगीन पुष्टों के डिजाइनों (नमूनों) की भांति दिखाई देता है।

15. बंडन (Bandanna) (यानी बंधन) : अब इस शब्द का प्रयोग गले अथवा सिर पर रंगीन किसी भी स्कार्फ (Scarf) या रूमाल को बाँधे जाने वाले वस्त्र के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक हिंदी (भाषायो) शब्द है। इसे बाँधने (oving) के लिए
प्रयोग में लाया जाता है।

16. स्पिनिंग जेनी (Spinning.Jenny): एक वह मशीन है जिस पर केवल एक कर्मचारी (अमिक) अनेक तकला को घुमाकर (काम में लाते हुए) अनेक धागों को कात सकता था। जब पहिया घुमाया जाना तो इस गशीन पर लगे सभी तकवे एक साथ घूमा करते थे।

17. डेल्टा (Delta): एक नदी के बहाव से बना मुहाने पर त्रिभुजाकार का भू-क्षेत्र।

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18. ढाका (Dacaa): ब्रिटिश शासनकाल में पूर्वी बंगाल (जो अब बंग्लादेश है) 18वीं सदी में एक प्रसिद्ध वस्त्र केंद्र था। यह मलमल तथा जानदानी बुनाई के लिए प्रसिद्ध था।

19. कोरोमंडल (Coromandal): यह मद्रास (अब जिसे चेन्नई कहा जाता है।) के तट से लेकर उत्तरी आंध्र प्रदेश तक फैला

20. चरखा (Charkha or Spinning wheel and Takii): चरखा एवं तकली दोनों ही घरों में परिवार के सदस्यों द्वारा कताई . के उपकरणों के रूप में प्रयोग किए जाते थे।

21. रंगरेज (Rangrez): रंगाई करने वाला।

22. छिपाईगार्स (Chhipigars) : ब्लॉक की मदद से छपाई करने वालों को छिपाईगार्स के नाम से जाना जाता था।

23. औरंग (Aurang) : इसे कार्यशाला भी कहते हैं। यह एक फारसी शब्द है जिसे गोदाम के लिए प्रयोग किया जाता था, जहाँ विक्रय (बेचने) से पूर्व वस्तुओं को संग्रह करके रखा जाता था।

24. शोलापुर (Sholapur): 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में पश्चिमी भारत में एक नये महत्त्वपूर्ण केंद्र के रूप में (वस्त्र केंद्र के रूप) उभरा, उसे शोलापुर के नाम से जाना गया।

25. मदुरा (Madura): 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में जो व्यापारिक शहर (कस्बे) के रूप में दक्षिण भारत में उभरा था।

26. पिघलाने की प्रक्रिया : किसी चट्टान (Rock) (शैल) से धातु प्राप्ति की प्रक्रिया, जिसे बहुत ही ऊँचे तापमान पर पिघला करके प्राप्त किया जाता है। पिघले हुए पदार्थ जो धातु से प्राप्त किया गया हो तथा पिघला करके नई (मनचाही) चीजें बनाई जा सकें या
उन्हें मनचाहा आकार दिया जा सके।

27. बूटन (Woot:) : यह कन्नड़ भाषा के शब्द उक्कूर (UKkur) का बदला हुआ रूप है। तेलुगु का हुक्कू एवं तमिल तथा मलयालम (दोनों भाषाओं) के उपुक्कू (Urkku) शब्दों का अर्थ एक ही अर्थात फौलाद (स्टील) है।

28. धौंकनी (Bellows): वह औजार या उपकरण जिससे हवा को पम्प किया जा सकता है-दबाया जा सकता है।

29. स्लाग के ढेर (Slag heaps) : वह अपशिष्ट या व्यर्थ का पदार्थ जिसे किसी धातु के पिघलाने के बाद छोड़ दिया जाता है।

30. टिस्को (TISCO) : 1907 में स्थापित देश का पहला इस्पात केंद्र।

31. प्रथम विश्व युद्ध की अवधि (या कालांश) (Period of the First World War) : 1914 से 1918.

32. हस्तशिल्प (Handicraft or Craft) : हाथों द्वारा बनायी गई कलात्मक वस्तुएँ।

33. औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) : इंग्लैंड में बड़ी मात्रा में औद्योगिक वस्तुओं के उत्पादन के लिए बड़ी संख्या में (1750-60 के दशकों से लेकर 1850 तक की काल अवधि) विभिन्न प्रकार के उद्योगों की स्थापना। इस क्रांति ने सर्वप्रथम
इंग्लैंड में औद्योगिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तकनीकी तथा उत्पादन के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया।

34. कच्चे माल (Raw Material) : वस्तुओं के विनिर्माण अथवा बनाने के लिए जिन बिना निर्मित वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है, वे कच्चे माल कहलाते हैं।

35. वि-औद्योगीकरण (De-Industrialization) : किसी देश में विनिर्मित उद्योगों की महत्ता (या महत्त्व) में कमी आना।

36. एकाधिकार (Monopoly) : किसी बाजार में किसी उत्पादन या उससे जुड़ी सेवा पर अकेला नियंत्रण।

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HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 7 The Open Window

Haryana State Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 7 The Open Window Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 7 The Open Window

HBSE 8th Class English The Open Window Textbook Questions and Answers

Part – I

Comprehension Check

The Open Window Class 8 Solutions HBSE Question 1.
Why had Framton Nuttel come to the rural retreat’?
फ्रैमटन न्यूटैल, देहाती आश्रय/शरण में क्यों आया था?
Answer:
Framton Nuttel was suffering from nerve ailment. The people advised him to have rest in some rural retreat. His sister also decided to send him in rural surroundings. Therefore, he came to the rural retreat.

The Open Window Summary Class 8 HBSE Question 2.
Why had his sister given him letters of introduction to the people living there?
उसकी बहन ने वहाँ रहने वाले लोगों के लिए परिचय पत्र क्यों दिए थे?
Answer:
His (Nuttel’s) sister had stayed in a village four years ago. She knew many people there. Therefore, she had given him letters of introduction to people living there. They would help him in his need.

The Open Window Summary In Hindi HBSE Question 3.
What had happened in the Sappleton family as narrated by the girl?
सैप्पलटन परिवार में क्या घटना घटी थी जिसका लड़की द्वारा वर्णन किया गया?
Answer:
Framton reached the house of Mrs. Sappleton. In her absence, her niece talked to Nuttel. She narrated the tale of a tragedy. The husband of her aunt and her two young brothers had gone off for shooting snipes. They were caught in a bog there. Their bodies were never recovered. Their dog was also with them.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 7 The Open Window

Part – II

Comprehension Check

The Open Window Solutions HBSE Question 1.
What did Mrs. Sappleton say about the open window?
श्रीमती सैप्पलटन ने, खुली खिड़की के बारे में क्या कहा?
Answer:
Mrs. Sappleton said that her husband and two brothers had gone out shooting through the window. They would be home from shooting. They would come at anytime from the window. Therefore, she always kept the window open.

The Open Window Question Answers Class 8 HBSE Question 2.
The horror on the girl’s face made Framton swing around his seat. What did he see?
लड़की के चेहरे के भय ने क़मटन को कुर्सी पर चक्कर कटा दिया। उसने क्या देखा?
Answer:
Mrs. Sappleton’s husband and two brothers had returned with Spaniel, Veera was dazed (horror stricken) to see them. Framton saw three figures walking across the lawn as Veera had told him. It made Frampton swing around his seat.

Part – III

Comprehension Check

Class 8 English Chapter 7 The Open Window Question Answer HBSE Question 1.
Why did Framton rush out wildly? फ़ैमटन, बेतहाशा तेज गति से बाहर क्यों निकला? .
Answer:
Mrs. Sappleton looked out of the window. She saw her husband and two brothers coming. She declared that they had come at last just in time for tea. They were muddy. The spaniel followed them. Framton Nuttel was horrified. He thought them as ghosts. Therefore, he rushed out wildly.

The Open Window Story In Hindi HBSE Question 2.
What was the girl’s explanation for his lightning exit?
उसके बिजली की तरह बाहर निकलने के बारे में उस
Answer:
Framton Nuttel made his lightning exit. Mrs. Sappleton explained that Nuttel had dashed off as if he had seen a ghost. The girl Veera explained that he was afraid of spaniel. Once he had remained hiding in a grave for fear of a dog.

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Exercises

Discuss in small groups:

Open Window Summary HBSE 8th Class Question 1.
Is this a mystery story? Give a reason for your answer.
क्या यह कहानी रहस्य वाली है? अपने उत्तर के पक्ष में एक कारण बताओ।
Answer:
Yes, this is a mystery story. Mrs. Sappleton’s husband and brothers had gone out shooting. Vera turned the story that they were dead. Their bodies were never recovered. Her explanation terrified Nuttel. He saw them returning but they thought him as ghosts.

Question 2.
You are familiar with the ‘irony of the situation in a story. (Remember The Cop and the Anthem in class VII Supplementary Reader!) Which situations in The Open Window’ are good examples of the use of irony?
कहानी में स्थिति की ‘व्यंग्योक्ति’ के विषय में आप परिचित है। (सातवीं कक्षा की Supplementary Reader में दि हुई “The Cop and the Anthem’ को याद करें।)
“The Open Window’ में कौन-कौन सी स्थितियाँ व्यंग्योक्ति के प्रयोग के अच्छे उदाहरण हैं?
Answer:
Irony is an expression of one’s meaning by saying the direct opposite of what one is thinking. Most of the stories contain irony. To keep the window open for the arrival of the dead persons who were stuck in the mud is an example of irony in this story.

Question 3.
Which phrases/sentences in the text do you find difficult to understand? Select a few and guess the meaning of each. Rewrite a simple paraphrase of cach.
पाठ्य-पुस्तक में कौन-से वाक्यखंडों/वाक्यों को आप कठिन समझते हैं? कुछ को छाँटो और प्रत्येक के अर्थ का अनुमान लगाओ। प्रत्येक के लिए साधारण व्याख्या करो।
Answer:
The following phrases/sentences are difficult to understand:
(a) My aunt will be down presently. It means she will come downstairs.
(b) Without unduly discounting the aunt: It means to think the aunt unimportant.
(c) To suggest masculine habitation: It means that the room belonged to a man.
(d) Whirl of apologies: It means apologies in quick succession.
(c) Rattled on: It means continued.

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Think it Over

  • Chance usually plays a leading role in the drama of life.
  • It is always the best policy to speak the truth unless, of course, you are an exceptionally good liar.
  • All truths are easy to understand once they are discovered; the point is to discover them.
  • जीवन के नाटक में अवसर प्रायः अग्रिम भूमिका निभाता है।
  • जब तक आप अत्यधिक अच्छे झूठ बोलने वाले नहीं हैं, तो सच बोलना ही अच्छी नीति है।
  • एक बार पता लगने के बाद सभी सच्चाइयाँ समझने में आसान हो जाती हैं; शर्त यह है कि उन्हें खोजा जाए।

HBSE 8th Class English Solutions The Open Window Textbook Questions and Answers

Question 1.
What information did Nuttel have about Mrs. Sappleton?
श्रीमती सैप्पलटन के बारे में न्यूटेल के पास क्या सूचना थी?
Answer:
Mr. Framton Nuttel knew only her name and address that also through his sister. He was not sure if she was married or a widow. He had no knowledge about her nature.

Question 2.
How did Vera create an atmosphere of suspense?
वेरा ने संशय का वातावरण किस प्रकार पैदा किया?
Answer:
Vera told Nuttel that Mrs. Sappleton’s husband and brothers had gone out hunting three years back. They died there in the bog. Still Mrs. Sappleton is hopeful of their return through the window as usual.

Question 3.
What delusion did Framton labour under?
फ्रमटन किस कल्पना के तहत काम कर रहा था?
Answer:
Framton laboured under this delusion that total strangers and chance acquaintances were hungry for the last detail of one’s ailments and infirmities, their cause and cure. Secondly, Framton was of the view that the country people were all very nice people and the peaceful atmosphere would help him in his nerve cure but he found facts quite opposite in nature.

Question 4.
Why did Mr. Framton bolt out at the end of the story?
मि. फ्रेमटन ने कहानी के अंत में दरवाजा क्यों लगा दिया?
Answer:
Mr. Framton bolted out at the end of the story to block the entry of Mrs. Sappleton’s husband and her brothers as he was afraid of them. He was already suffering from nervous breakdown and Mrs. Sappleton and Vera had already twisted his nerves. He wanted to save himself from worsening conditions.

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Question 5.
What was Mr. Nuttel’s observation about Mrs. Sappleton as a lady?
एक महिला के रूप में श्रीमती सैप्पलटन के बारे में न्यूटेल
Answer:
Mr. Nuttel mud his any observation about Mrs. Sappleton whether she was a nice lady or not. In other words, he was not sure of good qualities of Mrs. Sappleton to whom he was presenting the letters of introduction.

Question 6.
“I expect it was the spaniel.” Why did Vera say so?
“मुझे आशा है कि वह स्पेनियल होगा।” वेरा ने वैसा क्यों कहा?
Answer:
Vera said so because Nuttel was scared of the dog. She wanted to highlight this idea that Nuttel could be more scared of a dog than a ghost or a thief.

Question 7.
Why did her aunt keep the window open every evening, according to Vera?
वेरा के अनुसार उसकी आंटी रोज शाम को खिड़की को क्यों खुला छोड़ देती है?
Answer:
Her aunt believed that her husband and her two brothers, who had left for shooting three years ago, would come back some day. So she kept the window open since they used to walk in through that window.

Question 8.
What gave authenticity to Vera’s story about the open window?
खुली खिड़की के बारे में वेरा की कहानी को कैसे यथार्थ समाज गया?
Answer:
As soon as Mrs. Sappleton stepped into the room she began to talk about the open window. She told Mr. Nuttel about her husband and her brothers who had gone out for shooting and would walk in through that window any time. This gave authenticity to Vera’s story about the open window.

Question 9.
Why did Framton shiver when Mrs. Sappleton announced, “Here they are at last”?
मटन उस समय क्यों काँपने लगा जेध श्रीमती सैप्पलटन ने घोषणा की “लो आखिर वे आ ही गए”?
Answer:
Framton shivered because he thought Mrs. Sappleton was possessed and she was seeing the ghosts of her husband and her brothers. He was told that they were engulfed in a bog three years ago..

Question 10.
What did Framton see as he stared out through the open window? What did he think?
मटन ने उस समय क्या देखा ज्यों ही उसने गौर से खुली खिड़की के बाहर देखा? उसने क्या सोचा?
Answer:
As he stared out through the open window, Framton saw three figures walking across the lawn towards the window and carrying guns under their arms. He thought these were the ghosts of Mr. Sappleton and his wife’s two brothers.

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Question 11.
How do you know that Framton left in a hurry?
आपको कैसे पता चला कि फ्रेमटन तेजी से भागा?
Answer:
He grabbed wildly at his stick and hat. He dashed off so madly that he hardly noticed the hall-door, the gravel-drive or the front gate. He narrowly escaped collision with a cyclist who was coming along the road.

Question 12.
What did Mrs. Sappleton tell her husband about Mr. Nuttel?
श्रीमती सैप्पलटन ने न्यूटेल के बारे में अपने पति को क्या agen?
Answer:
Mrs. Sappleton told her husband that Mr. Nuttel was the most extraordinary man she had ever seen. He only talked about his illness and then dashed off as if he had seen a ghost.

Question 13.
How did Vera try to explain the strange behaviour of Mr. Nuttel?
वेरा ने मि. न्यूटेल के विचित्र व्यवहार की व्याख्या करने का प्रयत्न क्यों किया?
Or
What explanation did Vera offer to the strange behaviour of Mr. Nuttel?
Answer:
Vera said that Mr. Nuttel had horror of dogs. Once he was hunted into a cemetery by a pack of dogs. He had to spend night in a newly dug grave while the dogs kept snarling and howling above him. Since then, he had developed a fear of dogs.

Question 14.
What was Vera’s speciality? Give instances from the story.
वेरा का विशेष गुण क्या था? कहानी से उदाहरण दो।
Answer:
Romance at short notice was Vera’s speciality. First, she spun a yarn around the open window to scare Mr. Nuttel. Then, she invented a story about Mr. Nuttel’s horror of dogs to explain away his strange behaviour.

The Open Window Summary in English

Framton Nuttel was suffering from nerve ailment. He was advised to have rest in some rural surroundings. His sister had stayed in a village some four years back. She knew many people there. So she gave Nuttel, letters of introduction to some of the people.

Framton reached the house of Mrs. Sappleton. The good lady was not at home. He was a stranger there. Vera, the niece of Mrs. Sappleton greeted him.. She asked him if he knew her aunt. He told her that he knew nothing of her except her name and address. His sister knew Mrs. Sappleton. Vera made up her mind to befool the ignorant boy.

There was a large French window which opened on to a town. Pointing to that, Vera said that three years ago the husband of her aunt and her two young brothers had gone off for shooting snipes. There, they were caught in a bog. Their bodies were never recovered. Mrs. Sappleton thinks they would return with the dog through the window. That’s why the window was kept open every evening. She began to shudder. Nuttel felt terrified.

Then Mrs. Sappleton came there. She apologised for being late. She also told him that they kept the window open as her husband and brothers would be home from shooting birds and ducks. Nuttel felt horrible because his host had been looking at the window. He tried to change the topic of his illness. However, she did not show any interest in his ailment.

Suddenly Mrs. Sappleton looked out of the window. Her face brightened when she saw. three figures coming. She cried, Here they are at last in time for tea and they were muddy up to the eyes. Vera was also dazed to see them. Framton saw three figures walking across the lawn. They had guns. One had a white coat over his shoulders. The spaniel followed them. Framton heard Mrs. Sappleton’s younger brother chanting in ‘I said, Bertie, why do you bound.’ He always teased her singing such words.

Framton Nuttel thought them-as ghosts and got horrified. He jgrabbed his stick and hat and lashed out of the hall door across the gravel drive. He reached the road outside running almost blindly. A cyclist had to run into the hedges to avoid collision.

Mr. Sappleton wanted to know who was that fellow who ran so fast by bolting the door. His wife told him that he was Mr. Nuttel who talked only of his ailment. Vera said that the fellow was not afraid of ghosts but of spaniel. He was much afraid of the dogs. Once he had to remain hiding in a grave with dogs grinning, snarling and foaming just above him. It was ehough to make one terribly afraid. Thus the romance ended.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 7 The Open Window

The Open Window Summary in Hindi

फ्रेमटन न्यूटेल, स्नायु रोग से पीड़ित था। उसे नसीहत दी गई कि किसी ग्रामीण वातावरण में आराम करे। लगभग चार वर्ष पहले, उसकी बहन एक गाँव में रही थी। वह वहाँ बहुत से लोगों को जानती थी। इसलिए उसने न्यूटेल के लिए, कई लोगों के नाम परिचय पत्र दिए थे।

फ्रेमयत, श्रीमती सैप्पलटन के घर पहुंचा। नेक महिला घर नहीं थी। वह वहाँ अजनबी था। श्रीमती सैप्पलटन की भतीजी वीरा ने उसका स्वागत किया। उस (वीरा) ने उस (न्यूटेल) से पूछा कि क्या वह उसकी आंटी को जानता है। उस (न्यूटेल) ने उस (वीरा) को बताया कि वह उसके बारे में कुछ नहीं जानता सिवाए उसके नाम और पते के। उसकी (न्यूटेल की) बहन श्रीमती सैप्पलटन को जानती थी। वीरा ने अज्ञानी लड़के को मूर्ख बनाने की मन में ठान ली।

वहाँ पर एक बड़ी फ्रेंच खिड़की थी जो एक कस्बे की तरफ खुलती थी। उसकी तरफ इशारा करते हुए वीरा ने बताया कि तीन वर्ष पहले उसकी आंटी के पति और उसके दो छोटे भाई चाहा पक्षियों का शिकार करने के लिए गए थे। वहाँ वे दलदल में फंस गए थे। उनकी लाशें कभी नहीं मिली। श्रीमती सैप्पलटन सोचती है कि कुत्तों के समेत वे खिड़की द्वारा लौटेंगे। इसलिए रोज शाम को खिड़की खुली रखी जाती थी। वह काँपने लगी। न्यूटेल भयभीत हो गया।

तब श्रीमती सैप्पलटन वहाँ आ गई। उसने देरी से आने के लिए क्षमायाचना की। उसने भी उसे बताया कि वे खिड़की को खुली रखते हैं क्योंकि उसका पति और भाई पक्षियों और बत्तखों का शिकार करके घर लौटेंगे। न्यूटेल भय से थर्राने लगा क्योंकि उसकी मेजबान खिड़की की तरफ घूर कर देख रही थी। उसने अपनी बीमारी का विषय बदलना चाहा। परन्तु, उसने (श्रीमती सैप्पलटन) उसकी (न्यूटेल) की बीमारी में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।

अचानक, श्रीमती सैप्पलटन की निगाह खिड़की से बाहर गई। उसका चेहरा दमक उठा जब उसने आती हुई तीन आकृतियाँ देखीं। वह चीख पड़ी। “आखिर वे चाय के समय पर आ ही गए।” और वे आँखों तक कीचड़ में सने हुए थे। उन्हें देखकर वीरा भी चकाचौंध हो गई। मटन ने घास के मैदान के पार आती हुई तीन आकृतियाँ देखीं।

उनके पास बंदूकें थीं। एक के कंधों पर सफेद कोट था। स्पेनियल उनके पीछे आ रहा था। फ्रमटन ने श्रीमती सैप्पलटन के भाई को गाते हुए सुना, “मैंने कहा बंटी, तुम क्यों उछल रही हो।” ऐसे शब्द गुनगुना कर वह हमेशा उसे छेड़ा करता था। .. फ्रेमटन न्यूटेल ने उन्हें भूत समझा और भयभीत हो गया। उसने अपनी छड़ी और हैट लिए और तीव्र गति से हॉल के दरवाजे से निकल कर कंकडीले रास्ते को पार कर गया। लगभग आँखें बन्द करके दौड़ता हुआ वह बाहर सड़क पर जा पहुँचा। भिड़न्त होने से बचने के लिए एक साइकिल सवार को दौड़कर बाड़ों के भीतर जाना पड़ा।

मि. सैप्पलटन जानना चाहता था कि वह कौन व्यक्ति था जो दरवाजे को चटखनी लगाकर इतना तेज दौड़ा था। उसकी पत्नी ने उसे बताया कि वह मि. न्यटेल था जो केवल अपनी बीमारी के बारे में बातें करता था। वीरा ने बताया कि वह व्यक्ति भतों से नहीं बल्कि स्पेनियल से डर गया था। वह कुत्तों से अत्यधिक डरता था। एक बार उसे एक कब्रिस्तान में छुपकर रहना पड़ा जबकि कुत्ते उसके ऊपर गुर्रा, भौंक और फेन डाल रहे थे। इससे कोई भी व्यक्ति भयभीत हो सकता था। इस प्रकार रोमांस समाप्त हुआ।

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HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 8 Jalebis

Haryana State Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 8 Jalebis Textbook Exercise Questions and Answers.

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HBSE 8th Class English Jalebis Textbook Questions and Answers

Comprehension Check – I

Jalebis Class 8 Question Answer HBSE Question 1.
Why didn’t he pay the school fees on the day he brought money to school?
उसने स्कूल की फीस उस दिन क्यों नहीं दी जिस दिन वह स्कूल में पैसे लाया था?
Answer:
Master Ghulam Mohammed, used to collect the fees. He was on leave that day. Hence the fees will be collected the next day. Therefore, he didn’t (couldn’t) pay the school fees on the day he brought money to school.

Jalebis Question Answer HBSE Class 8 Question 2.
(i) What were the coins ‘saying’ to him?
सिक्के उसे क्या कह रहे थे?
Answer:
The coins were inspiring him to spend them. One rupiya said, “Jalebis are meant to be eaten. Money is meant to be spent. Only they spend it, who like fresh, hot jalebis.

(ii) Do you think they were misguiding him?
क्या तुम्हारे विचार में वे उसे गुमराह कर रहे थे?
Answer:
Yes, they (the rupiya coins) were misguiding him.

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Jalebis Class 8 Summary HBSE Question 3.
Why didn’t he take the coins’ advice? Give two or three reasons.
उसने सिक्कों की हिदायत क्यों नहीं मानी? दो या तीन कारण बताओ।
Answer:
He did not take the coins’ advice due to the following reasons:
(a) How would he show his face to masterji.
(b) He got much to eat at home.
(c) It was a sin to spend the fees and funds money.

Question 4.
(i) What did the oldest coin tell him?
सबसे पुराने सिक्के ने उससे क्या कहा?
Answer:
The oldest coin told the following things to him
(a) We are trying to tell you something for your own good.
(b) Instead of listening to us, you try to strangle us.
(c) Spend us today over jalebis and pay the fees from scholarship money.

(ii) Did he follow his advice? If not, why not?
क्या उसने उसकी हिदायत मानी? यदि नहीं, क्यों नहीं?
Answer:
He did not follow his advice because what the old coin was saying was not right. It wasn’t right for a boy of status to stand there in the middle of the bazaar eating jalebis.

Question 5.
He reached home with the coins in his pocket. What happened then?
वह अपनी जेब में सिक्के रख कर घर पहुंचा। फिर क्या घटना घटी?
Answer:
He reached home with the coins in his pocket. He sat on the bed. They began to speak and shriek. He rushed out of the house and ran towards the bazaar to purchase jalebis.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 8 Jalebis

Comprehension Check – II

Question 1.
(i) Why didn’t he eat all the jalebis he had bought?
उसने खरीदी हुई सारी जलेबियाँ क्यों नहीं खायीं?
Answer:
He had eaten so many jalebis that if anyone pressed his stomach a little, jalebis would have gushed out of his ears and nostrils.

(ii) What did he do with the remaining lot?
उसने शेष जलेबियों का क्या किया?
Answer:
He handed out the remaining a lot to the children who had assembled in the street.

Question 2.
“The fear was killing me.” What was the fear?
“भर मुझे मार रहा था।” भर क्या था?
Answer:
He had eaten the jalebis to his fill. He had a burp with every breath. The fear was killing him that with his burp one or two jalebis would pour out.

Question 3.
Children’s stomachs are like digestion machines. What do you understand by that? Do you agree?
बच्चों के पेट हजम करने वाली मशीनों की तरह हैं। इससे क्या समझते हो? क्या तुम सहमत हो?
Answer:
Children’s stomachs are like digestive machines. It keeps working right through the night. He felt normal in the morning.
I fully agree with it.

Question 4.
How did he plan to pay the fees the next day?
उसने अगले दिन फीस देने की किस प्रकार योजना बनाई?
Answer:
He hoped to get the scholarship money, the next day. Thus he planned to pay the fees the next day with that money.

Question 5.
When it is time to pay the fees, what does he do? How is he disobeying the elders by doing it?
जब फीस देने का समय है तो वह क्या करता है? वैसा कर के वह किस प्रकार बुजुर्गों की आज्ञा नहीं मान रहा है?
Answer:
When it is time to pay the fees, he slips away from school. By doing it he disobeyed his elders (the teachers and his family elders).

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Comprehension Check – III

Question 1.
What was the consequence of buying jalebis with the fees money?
फीस के पैसों से जलेबियाँ खरीदने का क्या परिणाम हुआ?
Answer:
He had bought jalebis with the fees money. He was out of pocket then. He would be receiving his scholarship the next month, instead of the next day. All his hopes were belied. Its consequence was that he slipped from school on the fee day. He absented himself from the school even the next day. The matter had reached his home.

Question 2.
This prayer to God is like a lawyer’s defence of a bad case. Does he argue his case well? What are the points he makes?
भगवान के लिए यह प्रार्थना वकील द्वारा बुरे (झूठे) मुकद्दमें के बचाव की तरह है। क्या वह अपने केस की ठीक बहस?
Answer:
He argues his case well. He tells Allah Miyan that he is a good boy. He was deeply religious and his devoted servant. He had, however, made a mistake by eating jalebis himself and getting it eaten by many other children. He requested God to just put four rupees in his bag. He assured God that he would never spend his fees money on sweets in future. He would also accept just four rupees.
His points were quite right and logical

Question 3.
He offers to play a game with Allah Miyan. what is the game?
वह अल्लाह मियाँ को एक गेम खेलने के लिए पेश करता है। वह गेम क्या है?
Answer:
He offers to play a game with Allah Miyan. In the game he would go to and fro a signal, touch it and come back. God will secretly place four rupees underneath a big rock. He would pick up the rock and find four rupees there.

Question 4.
Did he get four rupees by playing the game? What did he get to see under the rock?
क्या गेम खेलने से उसे चार रुपये मिल गए? उसने चट्टान के नीचे क्या पाया?
Answer:
No, he did not get from rupees by playing the game. He got to see Mr. Worm coiled on the rock staring at him.

Question 5.
If God had granted his wish that day, what harm would it have caused him in later life?
यदि भगवान उस दिन उसकी इच्छा पूरी कर देता तो उसके आगामी जीवन में वह क्या नुकसान करता?
Answer:
If Allah Miyan were to provide all for the asking then man would not learn any skill. It would have caused him a great harm of God might have sent him four rupees.

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Exercise

Work in small groups:

Question 1.
Select and read sentences that show:

  • that the boy is tempted to eat jalebis.
  • that he is feeling guilty.
  • that he is justifying a wrong deed.

छोटे दल में काम करो उन वाक्यों को छाँटों और पढ़ो जो दर्शाते हैं:

  • कि लड़का, जलेबी खाने के लिए लालायित होता है।
  • कि वह अपराधी महसूस कर रहा है।
  • कि वह एक गलत कार्य की पुष्टि कर रहा है।

Question 2.
Discuss the following points:

  • Is the boy intelligent? If so, what is the evidence of it?
  • Does his outlook on the jalebis episode change after class VIII? Does he see that episode in a new light?
  • Why are coins made to talk’ in this story? What purpose does it serve?

अधोलिखित बिंदुओं की चर्चा करो:

  • क्या बालक बुद्धिमान है? यदि ऐसा है, तो इसका क्या सबूत है?
  • क्या आठवीं कक्षा के बाद जलेबी उपकथा का दृष्टिकोण उसे बदल देता है? क्या वह उस उपकथा को नए प्रकाश में देखता है?
  • इस कहानी में सिक्कों से बात क्यों कराई जाती है? इससे क्या उद्देश्य सिद्ध होता है?

Answer:
For self-attempt.

Think it Over

I do not feel obliged to believe that the same God who has endowed us with senses, reason and intellect has intended us to forgo their use and by some other means to give us knowledge which we can attain by them.

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HBSE 8th Class English Solutions Jalebis Important Questions and Answers

Question 1.
What happened one day when the boy was in fifth standard?
जब बालक पाँचवीं श्रेणी में था तो क्या घटना घटी?
Answer:
When the boy was in fifth standard, one day he went to school with four rupees. He had to pay his school fees and the fund. But the teacher who used to collect the fees was on leave that day.

Question 2.
How did the coins behave on the fee day?
फीस वाले दिन, सिक्कों ने कैसा आचरण किया?
Answer:
The fee was not collected that day. The teacher was on leave. The four rupiya coins simply sat in the boy’s pocket. They began to speak when the school was over and the boys was outside.

Question 3.
What would happen if the boy spent the fee money?
यदि बालक ने फीस की धनराशि खर्च कर दी तो क्या घटना घटेगी?
Answer:
The coins pressed upon the boy to spend them on buying Jalebis. The boy was afraid that he would be unable to face his teacher if he spent his fee and fund money. Allah Miyan at Qayamat would also be angry on him.

Question 4.
How did the boy snub the coins?
बालक ने किस प्रकार सिक्कों को लताड़ा?
Answer:
The boy apprised the coins that he would be punished in school on spending the fee money. Even God would treat him a sinner. Therefore, he snubbed the coins to stop chewing at his ears.

Question 5.
Why did the coins create a clamour?
सिक्कों ने कोलाहल क्यों किया?
Answer:
The boy snubbed the coins and asked them to let him go home straight. The coins disliked his decision. Therefore, they began to speak together at the same time. They also created a clamour.

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Question 6.
How did the passersby behave?
राहगीरों ने कैसा बर्ताव किया?
Answer:
There was a great clamour, created by the coins. The passersby stared at the boy and the comes with eyes wide open and with surprise. They behaved like ordinary spectators. They did neither intervene nor sided them.

Question 7.
What did the boy do in panic?
भयभीत होकर लड़के ने क्या किया?
Answer:
The coin of those days made great noise. The boy was in panic. Therefore, he grabbed all the four of the coins. He also held them tight in his fist. Then alone they became silent

Question 8.
What was the position of the boy in his class?
अपनी कक्षा में बालक की क्या स्थिति थी?
Answer:
The boy was among the most promissing students. He had won a scholarship of four rupees a month in the fourth standard examination. He had never been beaten in school

Question 9.
Why did the boy reach a safe corner?
बालक सुरक्षित कोने में क्यों पहुंचा?
Answer:
The boy was gathering jalebis. Just then he saw a tonga. His uncle was returning by from the court. So he hid from his sight and
ran into a street. There he reached a safe corner.

Question 10.
How did the boy distribute jalebis?
लड़के ने जलेबियाँ किस तरह बाँटी?
Answer:
The boy stood on the chabutra like the Governor Sahib as the Goveror used to distribute rice to the poor and needy persons on Independence Day. In the same manner the boy distributed jalebis liberally to a huge mob of children around him.

Question 11.
How did the boy return home after distributing the jalebis?
जलेबियाँ बाँटने के बाद लड़का घर कैसे लौटा?
Answer:
The boy finished distributing jalebis. He washed his hands and face at the public tap. He put on an innocent face as if he had never seen a hint of jalebis all his life. He returned home.

Question 12.
What had the elders advised him? How did he take it?
बुजुगों ने उसे क्या सलाह दी थी? उसने उसे कैसे लिया?
Answer:
The elders of the boy had warned him never to cross the railway tracks. They had also warned him never to eat sweets with one’s fees money. The instructions escaped his mind.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 8 Jalebis

Question 13.
Why did the boy feel like crying?
लड़के को रोने की इच्छा क्यों हुई?
Answer:
The boy did not know that he would get the scholarship the next month. Under false hope of paying fees with scholarship money, he spent his money on jalebis. He had also absented himself from school due to the same reason. Therefore, he felt like crying.

Question 14.
Give the character-sketch of the boy.
बालक का चरित्र-चित्रण करो।
Answer:
The narrator was an honest boy. He was in the fifth standard. He went to school with the fee-money. The teacher was on leave that day. His school was over, the coins in his pocket started speaking. They wished him to spend them on buying jalebis. Very strongly, he evaded their instruction. He reached home but the coins’s persuasion bade him purchase jalebis. He was not hopeful of getting scholarship money in vain. His failure to get the scholarship money made him a defaulter. He strayed outside the school. He prayed to God for financial help. He I was neither thoughtful nor practical.

Jalebis Summary in English

I

An honest boy is on his way to school. He was in fifth standard at the Government School, Kambelpur. He had four rupees in his pocket. He had to pay the school fees and fund (hat day. Master Ghulam Mohammad used to collect the fees. He was on leave that day. So, the fees would be collected on the next day. The four rupees kept sitting silently in his pocket during school hours. The coins started speaking when he came outside the school.

One rupiya told him to purchase fresh and hot jalebis. Money is meant to be spent. The boy asked him not to misguide him. Moreover, how he would show his face to the teacher on spending the fees and fund money. All the four rupiahs disliked his reply. They started speaking. The boy held them tight in his fist to make them silent. The oldest rupiya told him that he could pay his fees with the scholarship money. He was not swept away by their convincing words. He came home and sat on the bed. Again the coins began to speak. Eeing fed up he went to the bazaar. He bought jalebis for one rupee.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 8 Jalebis

II

He gathered up the heap of jalebis. Just then, he saw his uncle coming, lb avoid him he ran into a Street. There he ate jalebis to his fill. Very quickly, boyS from the neighbourhood assembled there. He distributed the remaining jalebis to them. Soon a whole lot of children appeared. He bought one more rupee’s worth of jalebis. Again he distributed them liberally. By then there was a huge mob of children around him. Beggars also assembled there. He had to buy jalebis with his remaining two rupees and distribute them. Then he reached home.

It became difficult for him to digest the jalebis. He started belching. He had to eat his dinner or explain the reason for not eating it. No pretence could prove effective. He would be doomed if his eating of jalebis came to light. He suffered a stomachache the whole night. He felt normal in the morning and headed for school. He knew that he would get the previous month’s scholarship hat day. He would be able to pay his fees. However, he was shocked to learn that he would receive the schoolarship money the next month. The fees would be taken during the recess.

The boy left the school. He reached the Kambelpur railway station. He had flouted the instructions of the elderly people never to eat sweets with the fees money.

III

He sat under a shade giving tree. He considered himself the most unfortunate child. He could not pay his fees. He had eaten jalebis with the money meant for paying fees. His hopes for getting the scholarship money were belied. He repented over his silly doings. He had absented himself from school for the crime of eating jalebis. He felt like crying. He started shedding tears in the form of jalebi syrup. All the scenes of eating jalebis, spending fees, and the teacher’s caning revived in his mind. In the end, he thought of God.

He closed his eyes and began to pray. He narrated that he was religious minded boy and his devoted servant. He accepted his crime of spending the fee-amount on purchasing jalebis. He had shared them among a whole lot of children. He had been put to trouble because he would get his scholarship amount the next month. He prayed to God to just put only four rupees in his bag. He promised that he would never repeat his mistake in life. There is no shortage in God’s treasury.

After the prayer, the boy offered namaaz and recited everything that he remembered. He blew over his bag saying choo. After saying bismillah, he realised that the lotted cannot be blotted. He failed even to find four paisas in his bag. He felt like crying loudly. He remembered that the school must have ended . He got up and walked to the bazaar. He mixed with other children and reached home as usual.

The next day also he turned off to the railway station. He sat under the same tree and began to say the same prayers. He asked Allah Miyan to give him four rupees but in vain. Then he asked God to play a game with him. He would go from there to a signal, touch it and return. God would place four rupees under a big rock nearly. He lifted the rock and found a big hairy worm there coiling and staring at him.

He thought that he would keep reading the namaaz, the next day, and see how God didn’t give him four rupees. He reached home but they had received the report of his absence. He kept wandering for many years. He came to the conclusion that men would become lazy if God provided all their needs.

Jalebis Summary in Hindi

I

एक ईमानदार लड़का, स्कूल के रास्ते में है। वह गवर्नमेंट स्कूल, कम्बेलपुर की पाँचवी श्रेणी में था। उसकी जेब में चार रुपये थे। उसे, उस दिन, स्कूल की फीस और फण्ड देने थे। मास्टर गुलाम मुहम्मद फीस इकट्ठी किया करते थे। वे उस दिन, छुट्टी पर थे, इसलिए, फीस अगले दिन ली जानी थी। स्कूली समय में चारों रुपये, उस की जेब में शांति से रखे रहे। जब वह स्कूल से बाहर आया तो सिक्कों ने बोलना प्रारंभ कर दिया।

एक रुपये ने उसे सुझाव दिया कि ताजा और गरम जलेबियाँ खरीद ले। पैसा, खर्च करने के लिए ही होता है। लड़के ने उसे कहा कि उसे गुमराह न करें। इसके अतिरिक्त फीस और फण्ड की धनराशि को खर्च कर के वह अध्यापक को अपना चेहरा कैसे दिखाएगा। चारों रुपयों ने उसके उत्तर से घृणा की। उन्होंने बोलना प्रारंभ कर दिया। उन्हें चुप करने के लिए लड़के ने उन्हें अपनी मुट्ठी में कस कर भींच लिया। सबसे बड़े रुपये ने उसे बताया कि वह छात्रवृत्ति की राशि द्वारा अपनी फीस चुका सकता था। वह उनके प्रभावित करने वाले शब्दों के बहाव में नहीं आया। वह घर आया और पलंग पर बैठ गया। सिक्कों ने फिर बोलना आरंभ किया। परेशान होकर वह बाजार गया। उसने एक रुपये की जलेबियाँ खरीद लीं।

II

उसने जलेबियों के ढेर को इकट्ठा किया। तभी उसने अपने चाचा को आते हुए देखा। उनसे बचने के लिए वह दौड़ कर एक गली में चला गया। वहाँ उसने भरपेट जलेबियाँ खाई। शीघ्र ही, पड़ोस के लड़के वहाँ इकट्ठे हो गए। उसने बची हुई जलेबियों को उनमें बाँट दिया। थोड़ी देर बाद बच्चों का वहाँ जमघट उपस्थित हो गया। उसने एक और रुपये की जलेबियाँ खरीद लीं। दोबारा, उसने बड़ी उदारता से उन (बालकों) के लिए उन्हें (जलेबियों को) बाँट दिया। तब तक उसके इर्द-गिर्द बच्चों को अथाह भीड़ इकट्ठी हो गई। भिखारी वहाँ इकट्ठे हो गए। उसे अपने शेष दो रुपयों की भी जलेबियाँ खरीदनी पड़ी और उन्हें बाँट दिया। तब वह घर पहुंच गया।

जलेबियों को हजम करना उसके लिए दूभर हो गया। उसने डकारें मारनी प्रारंभ कर दी। उसे अपना रात्रि भोजन खाना था या उसे नहीं खाने के कारण का स्पष्टीकरण देना था कोई भी बहाना प्रभावशाली सिद्ध नहीं होता। वह फंस जाता यदि उसके द्वारा खाई गई जलेबियाँ उजागर हो जाती। रातभर वह पेट के दर्द से परेशान रहा। वह प्रात:काल सामान्य हो गया और अपने स्कूल की तरफ चल दिया। वह जानता था कि उस दिन उसे पिछले महीने की छात्रवृत्ति मिलनी थी। वह अपनी फीस देने में समर्थ होगा। फिर भी उसे यह जान कर धक्का लगा कि छात्रवृत्ति की धनराशि उसे अगले महीने मिलेगी। अविकाश में फीस इकट्ठी की जाएगी।

लड़का, स्कूल से खिसक गया। वह कम्बेलपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। उसने बुजुर्गों के आदेश की अवहेलना की थी कि कभी भी फीस की धनराशि से मिठाइयाँ मत खाना।

III

वह एक छायादार पेड़ के नीचे जा बैठा। उसने स्वयं को सबसे अधिक भाग्यहीन लड़का समझा। वह अपनी फीस नहीं दे पाया, फीस देने की धनराशि से उसने जलेबियाँ खा ली थीं। छात्रवृत्ति प्राप्त करने की उसकी आशाएँ झूठी पड़ गई थीं। अपनी मूर्खतापूर्ण करतूत पर उसे पछतावा हुआ। जलेबियाँ खाने के अपराध के कारण वह दो दिन तक स्कूल से अनुपस्थित रहा। उसे रुलाहट की इच्छा हुई। जलेबी के रस के रूप में उसने आँसू बहाना प्रारंभ किया। जलेबी खाने, फीस को खर्चने और अध्यापक द्वारा बेंत से पिटाई के दृश्य उसकी नजरों के सामने आने लगे। अंत में उसने भगवान के बारे में सोचा।

उसने अपनी आँखें बंद की और प्रार्थना करनी शुरू कर दी। उसने वर्णन किया कि वह धार्मिक मन वाला लड़का है और उन (भगवान) का श्रद्धालु नौकर है। फीस की धनराशि को जलेबियों पर खर्चने के अपने अपराध को उसने स्वीकार किया। उसने उन्हें ढेर-सारे बच्चों के साथ बाँट कर खाया था। वह परेशानी में इसलिए फंस गया है क्योंकि उसे छात्रवृत्ति की धनराशि अगले महीने मिलेगी। उसने भगवान से प्रार्थना की कि केवल चार रुपये उसके थैले में डाल दें। उसने वचन दिया कि वह जीवन-भर दोबारा उस गलती को नहीं दोहराएगा। भगवान के भण्डार में कमी नहीं है।

प्रार्थना के बाद लड़के ने नमाज अदा की और जो कुछ उसने याद कर रखा था उसे गाया। उसने चू कह कर अपने बस्ते के ऊपर फूंक मारी। बिस्मिल्ला कहने के बाद उसे महसूस हुआ कि जो कुछ भाग्य में बदा है उसे कोई नहीं मिटा सकता है। वह अपने बस्ते में चार पैसे भी पाने में सफल नहीं हुआ। उसमें जोर से विलाप करने की इच्छा हुई। उसे याद आया कि स्कूल की छुट्टी हो गई होगी। वह उठा और चलता हुआ बाजार में पहुँच गया। वह अन्य बच्चों के समूह में जा मिला और हमेशा की तरह घर पहुँच गया।

अगले दिन भी वह रेलवे स्टेशन की तरफ मुड़ा। वह उसी वृक्ष के नीचे जा बैठा और वही प्रार्थना करने लगा। उसने अल्ला मियाँ से कहा कि उसे चार रुपये दे दे परंतु व्यर्थ रहा। फिर उसने भगवान से कहा कि उसके साथ एक गेम खेलें। वह वहाँ से एक संकेतक के पास पहुंचेगा, उसे छुएगा और लौट आएगा। भगवान, नजदीक वाली बड़ी चट्टान के नीचे चार रुपये रख देंगे। उसने चट्टान उठाई और उसके नीचे बालों वाला एक बड़ा कीड़ा मिला जो कुंडली लगाए हुए था और उसकी तरफ घूर रहा था।

उसने सोचा कि अगले दिन वह नमाज पढ़ता रहेगा और देखेगा कि भगवान उसे चार रुपये कैसे नहीं देते हैं। वह घर पहुँच गया परंतु घर वालों को उसकी अनुपस्थिति की रिपोर्ट मिल चुकी थी। वह कई वर्षों तक चकित रहा। वह इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि यदि भगवान सभी की सभी आवश्यकताएँ पूरी कर दे तो मनुष्य सुस्त हो जायेंगे।

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HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 9 The Comet 1

Haryana State Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 9 The Comet 1 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 9 The Comet 1

HBSE 8th Class English The Comet 1 Textbook Questions and Answers

Comprehension Check – I

The Comet 1 HBSE 8th Class Question 1.
Why does Indrani Debi dislike Duttada’s ‘hobnobbing’ with Dibya?
दत्तादा के दिव्या के साथ मेल-जोल करने से इन्द्राणी देवी क्यों घृणा करती थी?
Answer:
Indrani Debi had great love and concern for her husband Duttada. She remarked smilingly that her husband had again gone to hobnob with that wretched Dibya. She disliked it. The doctor had told him to take special precaution against the cold. Dibya had put her spell on him. Therefore, he had gone out on a cold night without a sweater.

The Comet 1 Question Answer HBSE 8th Class Question 2.
She is complaining and smiling. Why is she smiling?
वह शिकायत कर रही है और हंस रही है। वह क्यों हंस?
Answer:
She (Indrani Debi) is complaining that Dibya had put her spell on Duttada. No woman can easily tolerate her husband’s being entrapped by any other woman. Dibya was not a woman but a telescope. Her remark was not serious. Therefore, she was smiling while she was complaining

The Comet 1 Summary HBSE 8th Class Question 3.
(i) What was Duttada’s secret ambition?
(ii) What did he do to achieve it?

(i) दत्तादा की गुप्त अभिलाषा क्या थी?
(ii) उसने प्राप्त करने के लिए क्या किया?
Answer:
(i) Duttada’s secret ambition in life was to discover a new comet. He would name it “Comet Dutta
(ii) Duttada bought a telescope and spent night after night in looking at the sky through it. Finally, he succeeded in discovering the comet.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 9 The Comet 1

Comet 1 Class 8 HBSE Question 4.
What is the difference between a planet and a comet, as given in the story?
कहानी के अनुसार एक ग्रह और एक धूमकेतु में क्या?
Answer:
Planets orbit round the sun. They are the bodies in space that move round a star (such as the sun) and receive light from it. The orbits of the planets are highly eccentric. A comet is an object that moves round the sun. It looks like a bright star. Its long tail is brilliantly lit by the sunlight. Comets come from the remote corners of the solar system.

Question 5.
Why was Duttada hopeful that he would discover a new comet soon?
दत्तादा क्यों आशावान था कि शीघ्र ही वह नए धूमकेतु की खोज करेगा?
Answer:
Duttada had an eight-inch telescope. He knew that professionals keep themselves busy in looking at faint stars and nebulous galaxies. They miss comets. Duttada was an amateur like those who discovered new comets. He had detected a faint stranger. He was busy in his observations. He was hopeful that he would discover a new comet soon.

Question 6.
Why does Duttada say-“I almost wish I had not discovered this comet”?
दत्तादा क्यों कहता है-“मेरी इच्छा है कि मैंने इस धूमकेतु
Answer:
Many public functions were held after the discovery of the comet. Manoj Dutta hated undue praise and publicity. He got disgusted. So he wished he had not discovered the comet. All this shows that he was a shy and modest person.

Question 7.
Why is his wife also unhappy about the discovery?
खोज के प्रति उसकी पत्नी भी नाखुश क्यों है?
Answer:
Indrani Debi had a superstition that comets bring ill-luck and misfortunes on earth. The discovery of Comet Dutta was also an inauspicious event. Therefore, she is also unhappy about the discovery.

Comprehension Check – II

Question 1.
How did Sir John get hold of James’s original manuscript?
सर जॉन को जेम्स की मौलिक प्रतिलिपि कैसे मिली?
Answer:
Sir John (Macpherson) was the Defence Science Advisor in the Government of England. Doctor James (Forsyth) wrote an article for a science magazine ‘Nature’. It described how Comet Dutta would collide with the earth within ten months. The article could create panic among the people. The editor of ‘Nature’ sent the article to Sir John for seeking his advice in this matter.

Question 2.
What is the important point the paper makes?
उस लेख में कौन-सी महत्त्वपूर्ण बात थी?
Answer:
Dr. Forsyth’s paper on Comet Dutta had predicted that the comet would collide with the earth. It would cause panic and complete destruction. The collision was inevitable barring rare circumstances.

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Question 3.
Why does Sir John say that James’s paper should not be published?
सर जॉन क्यों कहते हैं कि जेम्स का लेख नहीं छापना चाहिए?
Answer:
Dr. James had written an article. It was genuine but very sensational. It predicted that Comet Dutta would collide with the earth. The report of complete destruction would cause panic among the people. Sir John opined that James’ paper must not be published. The article should be toned down by using manys “ifs” and ‘buts’.

Question 4.
What do the two men finally decide to do?
दोनों व्यक्ति अन्त में क्या करने का निर्णय लेते हैं?
Answer:
Dr. James had made a prediction that Comet Dutta would collide with the earth. Sir John showed real concern at the prediction. He needed more than two brains to handle the situation. The two men finally decide to call an urgent meeting of top scientists from all over the world. Only then the cometary collision can be averted.

HBSE 8th Class English Solutions The Comet 1 Important Questions and Answers

Question 1.
Who is Indrani Debi? What does the lesson tell us about her?
इन्द्राणी देवी कौन है? पाठ, उसके बारे में क्या बताता |
Answer:
Indrani Debi is Duttada’s wife. She looks upon her husband’s telescope as designing woman. She called it Dibya. She cared a lot for her husband’s health. She did not like her husband’s observing the same old stars every night.

Question 2.
How can you say that Duttada was a careless person?
आप कैसे कह सकते हैं कि दत्तादा एक लापरवाह व्यक्ति?
Answer:
It was the month of December. A cool breeze was blowing in the cold night. Duttada’s doctor has asked him to take special precaution against the cold. But he did not care to put on even a sweater. Moreover, he forgot even to close the door. This shows he was a careless person.

Question 3.
What is Duttada’s reaction to his wife’s anxiety?
दत्तादा की अपनी पत्नी की चिन्ता के बारे में कैसी प्रतिक्रिया
Answer:
Duttada’s wife thought that some bad luck would befall upon her husband for discovering a comet. Duttada thought it is based on superstition. He told her that there was no correlation between the arrival of a comet and the calamity on the earth.

Question 4.
What was the news in the Anand Bazar Patrika?
आनन्द बाजार पत्रिका में क्या समाचार छपा था?
Answer:
The following was the news in the Anand Bazar Patrika:
Shri Manoj Dutta, a resident of Calcutta had discovered a new comet. He had informed the IIA (Indian Institute of Astrophysics) at Bangalore about it. His findings would be verified soon.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 9 The Comet 1

Question 5.
How can you say that Duttada was oblivious of the practical problems of living?
आप कैसे कह सकते हैं कि दत्तादा जीवन को व्यावहारिक समस्याओं के बारे में भुलक्कड़ था?
Answer:
Duttada was a great scientist. He always remained lost in his work. He did not heed to the doctor’s precaution to avoid cold. He kept gazing at Dibya (his telescope) even on cold and chilly nights. He did not even close the door while going out. This shows he was oblivious of the practical problems of living,

Question 6.
What do you know about ‘Dibya’?
आप दिव्या के बारे में क्या जानते हैं?
Answer:
‘Dibya’ was Duttada’s favourite telescope. It was more powerful than human eyes. Duttada had named it ‘Dibya Chakshu’. He looked at the universe by looking into Dibya’s eyes. He was under the spell of Dibya. He forgot everything while he was looking into Dibya’s eyes.

Question 7.
Who was John Macpherson? Why did he summon James Forsyth?
जॉन मैक्फर्सन कौन था, उसने जेम्स फॉरसिथ को क्यों SER?
Answer:
Sir John Mackpherson was the Defence Science Advisor to the Government. James Forsyth had sent his paper for publication in ‘nature’ a journal. The paper was very important. The editor of ‘Nature’ told Sir John that there was no doubt about the accuracy of its findings. He gave the paper to sir John. It was likely to cause a panic. Therefore, he called James Forsyth urgently.

Question 8.
What was Sir John’s advice to James?
सर जॉन की जेम्स के लिए क्या नसीहत थी?
Answer:
Sir John knew that James’s paper was very important. His findings were quite accurate but its publication was likely to cause a panic. Therefore, it must not be published. Therefore, Sir John advised James to tone down the article by using many ifs and buts.

Question 9.
What was James’s reply to Sir John’s advice?
सर जॉन के उपदेश के प्रति जेम्स का क्या उत्तर था?
Answer:
James was not in favour of suppressing his paper. His suppression would not hide the truth. He told him that other scientists will arrive at the same conclusion sooner or later.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 9 The Comet 1

The Comet 1 Summary in English

I

A new comet was discovered by Duttada. Its discovery caused a panic in the whole world. It could collide with the earth and destroy everything. The scientists and the laymen reacted differently in their approach to avert the danger.

Duttada awoke one moonlit night in December. He was an amateur astronomer. He had a very small telescope to look through. He called it ‘Dibya-Chakshu’. He went to the roof. His wife Indrani Debi took it as another woman who had trapped her husband. She named the telescope ‘Dibya’.

On his retirement, Duttada received enough money to buy a telescope. He had ample time to spend in star-gazing. He hoped to discover one day a new comet. A comet comes from the remote corner of the solar system. It orbits round the sun and is lit by the sunlight. Then it is lost in darkness for a long period.

Halley had discovered a comet in 1910. It comes near the sun every 76 years. Duttada also wanted to discover ‘Comet Dutta’ with his eight-inch telescope. Only the amateurs discoverd the comets, not the professional.

Duttada noticed a faint stranger among the same old stars. It looked like a new comet. He watched the sky till late at night. The news of his discovery of a new comet appeared in the Manda Bazar Patrika two days later. Its information was sent to the Indian Institute of Astrophysics at Bangalore. His findings were verified. It was confirmed within a week. The new comet was named ‘Comet Dutta’.

Duttada attend functions held in his honour. Son speakers confused astronomy with astrology His wife had a fear that comets bring ill luck and disasters on earth. She remarked that she wished her husband had not discovered the comet.

II

Sir John Mcpherson was the Defence Science Advisor to the Government. He called James Fbrsyth urgently to London. James had sent his paper for publication in ‘Nature’ ajournai. James wondered how it fell into John’s hands. John thought that it must not be published. He had met the Editor of ‘Nature’. He had no doubt about the accuracy of his finding. To avoid panic he asked james Forsyth to tone down the article.

James had predicted that ‘Comet Dutta’ could collide with the earth. The collision was certain but for some rare circumstances. The destruction could be averted if the comet happened to collide with some other planet or disappear by splitting up near the sun. However, these were rare circumstances. Hence, the collision was certaifl in ten months.

Sir John inquired how this could be doile. It was decided to summon a meeting of experts from all over the world. They alone could suggest counter measure. Joith arranged a top secret international conference in a week’s time. He also begati to spell out details.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 9 The Comet 1

The Comet 1 Summary in Hindi

I

दत्तादा ने एक नए धूमकेतु की खोज की थी। इसकी खोज ने समूचे विश्व में आतंक फैला दिया था। यह पृथ्वी के साथ टकरा सकता था और सभी चीजों को नष्ट कर सकता था। खतरे को टालने के लिए वैज्ञानिकों और साधारण व्यक्तियों की भिन्न-भिन्न विचारधारा थी।

दिसम्बर की एक चाँदनी रात मे दत्तादा जाग गया। वह शौकिया खगोलशास्त्री था। उसके पास देखने के लिए बहुत छोटी सी दूरबीन थी। वह उसे ‘दिव्या-चक्षु’ कहा करता था। वह छत पर चला गया। उसकी पत्नी, इन्द्राणी देवी उसे (को) दूसरी महिला (सौतन) समझती थी जिसने उसके पति को जाल में फंसा लिया था। उसने दूरबीन का नाम ‘दिव्या’ रख दिया था। सेवामुक्त होने पर, दत्तादा को दूरबीन खरीदने के लिए काफी धनराशि मिली। सितारों को देखने के लिए उसके पास पर्याप्त समय था। उसे नया धूमकेतु, खोजने की आशा थी। धूमकेतु, सौर मंडल के सुदूर कोनों से आता है। यह सूर्य की परिक्रमा करता है और सूर्य के प्रकाश से चमकता है। फिर लम्बी अवधि तक यह अंधकार में विलुप्त हो जाता है।

हैली ने 1910 में एक धूमकेतु की खोज की थी। वह प्रत्येक 76 वर्ष के बाद सूर्य के समीप आ जाता है। अपनी आठ इंच की दूरबीन से दत्तादा भी ‘दत्ता धूमकेतु’ की खोज करना चाहता था। केवल शौकिया वैज्ञानिक ही धूमकेतुओं की खोज करते हैं, व्यावसायिक व्यक्ति नहीं।

उन्हीं पुराने सितारों के बीच दत्तादा ने एक धुंधला सा अजनबी देखा। वह नए धूमकेतु जैसा लगता था। उसने काफी देर रात तक आकाश को निहारा दो दिन बाद नए धूमकेतु की उसकी खोज की खबर आनन्द बाजार पत्रिका में छप गई। उसका समाचार भारतीय नक्षत्र-भौतिकी संस्थान, बंगलौर को भेज दिया गया। उसकी खोजों की सत्यता का पता लगाया गया। उसकी एक सप्ताह में पुष्टि हो गई।’ नए धूमकेतु का नाम ‘दत्ता धूमकेतु’ पड़ा।

अपने सम्मान में आयोजित उत्सवों मे दत्तादा उपस्थित हुआ। कुछ वक्ता खगोल विद्या को ज्योतिष विद्या समझ रहे थे। उसकी पत्नी को भय था कि धूमकेतु, दुर्भाग्य तथा पृथ्वी पर सर्वनाश लाते हैं। उसने टिप्पणी की कि उस की दिली इच्छा है कि उसके पति धूमकेतु की खोज नहीं करते।

सर जॉन मैक्फर्सन सरकार के सुरक्षा विज्ञान सलाहकार थे। उन्होंने जेम्स फॉरसिथ को तुरंत लन्दन बुलाया। जेम्स ने ‘नेचर’ नामक एक पत्रिका में छपने के लिए अपना पेपर भेज दिया था। जेम्स को आश्चर्य था कि वह जॉन के हाथों में कैसे पहुंच गया। जॉन ने सोचा कि उसे किसी भी हालत में नही छपना चाहिए। वह ‘नेचर’ के सम्पादक से मिला था। उसकी खोज की यथार्थता में उसे कोई संशय नहीं था। आतंक से बचने के लिए उसने लेख को हल्का करने के लिए कहा।

जेम्स ने भविष्यवाणी की थी कि दत्ता धूमकेतु पृथ्वी से टकरा सकता था। विरल परिस्थितियों को छोड़कर टकराव निश्चित था। विनाश को रोका जा सकता था यदि धूमकेतु किसी दूसरे ग्रह से टकरा जाए या सूर्य के पास आकर वह टूट जाए या गायब हो जाए। फिर भी, ये विरल परिस्थितियाँ थीं। इसलिए, दस महीनों के भीतर टकराव निश्चित था।

सर जॉन ने पूछा कि वह कैसे किया जा सकता है। यह निर्णय लिया गया कि विश्वभर से निपुण व्यक्तियों की बैठक बुलाई जाए। केवल वही किसी शमन उपाय का सुझाव दे सकते हैं। जॉन ने एक सप्ताह के समय के भीतर ही इस प्रकार के एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर दिया। उसने इसका ब्यौरा भी तैयार कर दिया।

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HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 6 The Fight

Haryana State Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 6 The Fight Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 6 The Fight

HBSE 8th Class English The Fight Textbook Questions and Answers

Comprehension Check – I

The Fight Question Answer HBSE 8th Class Question 1.
In what way is the forest pool different from the one which Ranji knew in the Rajputana desert?
जंगल का कुण्ड किस प्रकार उस कुण्ड से भिन्न है जिससे राजपूताना मरुस्थल में रनजी परिचित था?
Answer:
In the Rajputana desert, Ranji had known only sticky, muddy pools. Buffaloes wallowed in them and women washed clothes.
The forest pool was quite different. Its water had a gentle translucency. One could see the smooth round pebbles at its bottom. It was fed by a small stream.

Class 8 English Chapter 6 The Fight Question Answer HBSE Question 2.
The other boy asked Ranji to ‘explain’ himself.
दूसरे लड़के ने रनजी को अपना स्पष्टीकरण देने के लिए कहा।

(i) What did he expect Ranji to say?
उसे रनजी से क्या कहे जाने की आशा थी?
Answer:
He expected Ranji to explain what he was doing there.

(ii) Was he, in your opinion, right or wrong to ask this question?
क्या आपके विचार से उसे यह प्रश्न पूछना ठीक था या गलत?
Answer:
In my opinion, he was right in asking this question.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 6 The Fight

The Fight Class 8 HBSE Question 3.
Between Ranji and the other boy, who is trying to start a quarrel? Give a reason for your answer.
रनजी और दूसरे बालक के बीच कौन झगड़ा प्रारंभ करने का प्रयत्न कर रहा है? अपने उत्तर के लिए एक तर्क दो।
Answer:
Ranji tries to be friendly. The other boy is trying to start a quarrel. He became hostile and said, “This is my pool and I always swim alone. He also strode up to Ranji to settle the matter. When Ranji did not run away he said, “I will have to beat you.”

The Fight Summary HBSE 8th Class Question 4.
Then we will have to continue the fight, said the other.
‘फिर हमें लड़ाई जारी रखनी पड़ेगी,’ दूसरे ने कहा

(i) What made him say that?
ऐसा उसने किस कारण से कहा?
Answer:
He said this when Ranji told him that he would not leave the pool.

(ii) Did the fight continue? If not, why not?
क्या लड़ाई जारी रही? यदि नहीं, क्यों नहीं?
Answer:
No, the fight did not continue. The other boy made him his friend when he undertook to teach him to dive and swim “underwater.”

Comprehension Check – II

Question 1.
What is it that Ranji finds difficult to explain at home?
वह क्या चीज है जिसका घर पर स्पष्टीकरण करना रनर्जी के लिए कठिन है?
Answer:
Ranji finds it difficult to explain at home, the cuts and bruises that showed on his face, legs and arms. They were the outcome of a violent fight.

Question 2.
Ranji sees his adversary in the bazaar.
रनजी को बाजार में अपना प्रतिपक्षी मिलता है।

(i) What does he wish to do?
वह क्या करना चाहता है?
Answer:
He wished to turn away and look elsewhere. He also wished to throw the lemonade bottle at his enemy.

(ii) What does he actually do, and why?
वह वास्तव में क्या करता है और क्यों?
Answer:
He stood his ground and scowled at him because he was his adversary.

Question 3.
Ranji is not at all eager for a second fight. Why does he go back to the pool then?
रनजी दूसरी लड़ाई के लिए बिल्कुल उत्सुक नहीं है। फिर वह वापिस कुण्ड पर क्यों जाता है?
Answer:
Ranji felt weak and lazy and he was not eager for a second fight. His body was stiff and sore.
However, he goes back to the pool. It would be an acceptance of defeat if he did not turn up at the pool. If he surrendered he would be defeated for ever. Though he would be beaten many times yet it would secure his right to the pool for a long time.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 6 The Fight

Question 4.
Who was the better swimmer? How do you know it?
अच्छा तैराक कौन था? यह आपको कैसे पता?
Answer:
Ranji was the better swimmer. He could swim the length of the pool a dozen times without tiring. He could easily dive also which the Punjabi boy could not do.

Question 5.
What surprises the Punjabi boy?
पंजाबी लड़के को किस बात से हैरानी हुई?
Answer:
Ranji dives straight into the water, cuts through it and surfaces with hardly a splash. It surprises the Punjabi boy.

Question 6.
Now that they are at the pool, why don’t they continue the fight?
अब वे कुण्ड पर हैं, तो वे लड़ना क्यों जारी नहीं रखते?
Answer:
Ranji and the other boy are at the pool. Being surprised with Ranji’s swimming and diving, he befriends him. Therefore, they don’t continue the fight.

Question 7.
Ranji’s superiority over the other boy is obvious in the following: Physical strength, good diving, his being a Rajput, sense of humour, swimming under water, making a good point, willingness to help.
Underline the relevant phrases.
निम्नलिखित द्वारा दूसरे बालक के ऊपर रनजी की वरीयता दर्शाई गई है:
शारीरिक शक्ति, अच्छी डुलकी, उसका राजपूत होना, हास्य की भावना, पानी के नीचे तैरना, अच्छा अंक बनाना, सहायता करने की इच्या तर्कसंगत वाक्यखंडों को रेखांकित करो।
Answer:
Good diving, swimming under water and willingness to help are the relevant phrases which show Ranji’s superiority over the other boy.

Question 8.
What, according to you, makes the two adversaries turn into good friends in a matter of minutes? Explain it as you have understood it.
आपके अनुसार, मिनटों के भीतर, कौन-सी बात दो प्रतिपक्षियों को अच्छे मित्र बना देती है? जैसे आपने समझा है, उसके अनुसार इसका स्पष्टीकरण दो।
Answer:
Ranji dived straight into the water and showed his superiority to the other boy. It makes the two adversaries turn into good friends in a matter of minutes.

Exercise

Discuss the following topics in small groups:

1. Is fighting the only way of resolving differences of opinion? What else can be done to reach a mutually acceptable settlement?
2. Have you ever been in a serious fight only to realise later that it was unnecessary and futile? Share your experience/views with others frankly and honestly.
3. Why do some of us find it necessary to prove that we are better than others? Will you be amused or annoyed to read the following signs at the back of the car in front of you?
I may be going slow but I am ahead of you.
Answer:
For discussion at class level.

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Think it Over

  • Good friends are like stars. You don’t always see them, but you know they are there.
  • Success is the outline of a rest house on the horizon. Effort is the uneven path leading towards it. Destiny is the vehicle which one arrives.

HBSE 8th Class English Solutions The Fight Textbook Questions and Answers

Question 1.
Why did Ranji wander about a great deal and where?
रनजी क्यों बहुत ज्यादा घूमता था?
Answer:
Ranji had been less than a month in Rajpur. He had come from a village and had not fully seen the hilly area. His school had not yet opened. He had not yet made any friend. Therefore, he kept wandering about into the hills and forests.

Question 2.
How does Ranji describe the heat?
रनजी, गर्मी का किस प्रकार वर्णन करता है?
Answer:
It was the height of summer. It was very hot even on hills and in forests. The chalky dust flew from the ground. The earth was dried and parched, the grass was brown. The trees were listless. A cool wind and refreshing shower of rain were missing.

Question 3.
What was the speciality of the pool?
कुण्ड की विशेषता क्या थी?
Answer:
The pool’s water was translucent. It was fed by a small stream. It was located in a forest. It was betwen a cluster of rocks. The rocks held the water in the pool. This pool never dried up like the pools in the plains.

Question 4.
Why did Ranji leap in the water of the pool?
रनजी ने कुण्ड के पानी में क्यों छलांग लगाई?
Answer:
Ranji had only seen sticky and muddy pools in the village. He had never seen a pool like this. It is clean, cold and inviting. Therefore, he leapt in the water of the pool.

Question 5.
Describe Ranji.
सजी का विवरण दो।
Answer:
Ranji was a rural boy. He had come to stay in Rajpur about a month ago. He wore a vest and shorts. His feet were brown. His limbs were supple. He was free of any fat. He had a dark body.

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Question 6.
How did Ranji encounter the other boy?
रनजी की दूसरे लड़के के साथ कैसे मुठभेड़ हुई?
Answer:
The other boy asked Ranji to explain what he was doing there in his pool. He was staring at him in a hostile manner. Ranji replied that he was swimming. He asked the other boy why he did not join him. He was prepared to be friendly

Question 7.
How did the Punjabi boy behave with Ranji?
पंजाबी लड़के ने रनजी के साथ कैसा व्यवहार किया?
Answer:
The Punjabi boy asked Ranji to run away from his pool to avoid beating. He also assumed a violent attitude and showed him the palm of his hand. In the end, he slapped Ranji across the face. He made Ranji stagger and feel giddy. He scratched his cheeks with his claws.

Question 8.
How did Ranji face his assailant?
रनजी ने अपने आक्रामक का किस प्रकार मुकाबला किया?
Answer:
The assailant scratched Ranji’s cheeks with his fingers. Ranji gave a blow of fist in the other boy’s face. Then they caught each other’s throats. Then they swayed on the rocks and tumbled on to the sand. Last of all, both of them rolled into the shallows.

Question 9.
How did Ranji and the other boy behave in the bazaar?
रनजी और दूसरे लड़के ने बाजार में कैसा आचरण किया?
Answer:
Ranji went to the bazaar in the evening. He was drinking lemonade and eating jalebis. He saw his adversary coming down the road. He stood his ground and looked angrily at him. The Punjabi boy also looked angrily at him and went his way.

Question 10.
Give the character-sketch of Ranji.
रनजी का चरित्र-चित्रण करो।
Answer:
Ranji used io live in the desert of Rajputana. He migrated to Rajpur. He found a pool and took a bath in it. A Punjabi boy came there. He was the owner of the pool. Ranji did not get afraid of his warnings and threats. Like a true Rajput he fought hard with the Punjabi boy who was older and taller to him. He did not run away though he received slaps and blows. He fought like a hero and did not accept defeat. He reached the pool the next day. He showed his superiority in diving and swimming.

The Punjabi boy acknowledged his defeat from the inner most core of his heart. He realised his weakness and stretched his hand of friendship with Ranji. Ranji was a boy of ego. He was also an opportunist. He was a co-operative and friendly person.

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Question 11.
Give the character-sketch of the Punjabi boy.
पंजाबी लड़के का चरित्र-चित्रण करो।
Answer:
The Punjabi boy was of violent nature. He did not tolerate the bathing of Ranji in his tank. He was egoistic. He gave a heavy slap to Ranji. He was boastful. He was arrogant. He fought tooth and nail with Ranji and injured him on the face, legs and arms. He grappled with Ranji and fought on the rocks, sands and even the shallow waters. He is an opportunist but foolish. He was unable to take initiative in fighting again. Therefore, he postponed the fight to the next day. He found Ranji superior to him in diving and swimming. Therefore, he befriended Ranji to learn swimming skills from him.

The Fight Summary in English

I

Ranji had come to stay in Rajpur. He had come from a village in Rajputana desert. It was the height of summer. He wandered about into the hills and forests which surrounded the town. There was no rain and earth was parched. He discovered a pool in the forest. The pool was fed by a small stream. The surrounding rocks held the water in the pool. The pool never dried up.

Ranji went to the pool the next day to take a bath. He slid in and out of the water for almost an hour. Just then Ranji saw another boy who claimed to be the owner of the tank. He was a thickset boy and was older and taller than Ranji. He asked Ranji what he was doing there in his personal tank. Ranji told him that he was swimming. He asked the other boy to join him. The boy got furious and started beating him. Ranji felt giddy and had cuts on his face, legs and arihs. Ranji also gave him a blow with his fist. They grappled with each other and fought on the rocks, ground and in shallow water. Both of them got exhausted and decided to continue the fight the next day. Both agreed.

II

Ranji could not explain how he got cuts and bruises. His mother insisted on his staying at home. However, he slipped out of the house in the evening. He went to the bazaar. He saw his adversary coming down the road. Both saw at each other like enemies with angry looks.

Ranji was feeling weak and lazy the next day. He was not eager for a fight. But he was a true Rajput. He could not acknowledge defeat by not turning up at the pool. He would face defeat after defeat but he would not surrender before a Punjabi boy. He had no desire to lose his right to the pool at any cost.

Ranji reached the pool the next day. He saw his opponent sitting on the other side of the pool. He yvas rubbing oil on his body. He called Ranji to come across the waters of the pool if he has the strength to do so. Ranji got ready to show the Punjabi boy his superiority. He dived straight into the water and surfaced.

The Punjabi boy got amazed because he did not know diving. Ranji gave him certain guidelines about diving. He encouraged him to have a lot of practice. The Punjabi boy was shame¬faced. He accepted his defeat inwardly. He stretched the hand of friendship to Ranji. He offered to feed Ranji. Love and understanding were bom in both. Suraj and Ranji will not allow anybody else to share the pool.

The Fight Summary in Hindi

I

रनजी, राजपुर में ठहरने आ गया था। वह राजपूताना मरुस्थल के किसी गाँव से आया था। ग्रीष्म ऋतु अपनी पराकाष्ठा पर थी। वह उन पहाड़ियों और वनों में घूमता रहा जिनसे कस्बा घिरा हुआ था। वर्षा नहीं हुई थी और पृथ्वी सूख गई थी। उसने जंगल में एक कुण्ड ख”मा। कुण्ड, एक छोटी नदी द्वारा भरा जाता था। इर्द-गिर्द की चट्टानें पानी को कुण्ड के भीतर टिकाए रखती थीं। कुण्ड कभी नहीं सूखता था।

रनजी, अगले दिन, स्नान करने के लिए कुण्ड पर गया। लगभग एक घंटे तक वह पानी के अन्दर और बाहर जाता रहा। तभी रनजी ने एक दूसरा लड़का देखा जो कुण्ड का मालिक होने का दावा करता था। वह गठीले शरीर वाला लड़का था और रनजी से आयु में बड़ा और अधिक लम्बा था। उसने रनजी से पूछा कि वह उसके निजी कुण्ड में क्या कर रहा था। रनजी ने उसे बताया कि वह तैर रहा था। उसने दूसरे लड़के को अपने साथ शामिल होने के लिए कहा। लड़का आग-बबूला हो गया और उसे पीटने लगा। रनजी का सिर चकराने लगा और उसके चेहरे, टाँगों और बाजुओं पर कटाव आ गए थे। रनजी ने भी मुक्के से उसके ऊपर प्रहार किया। वे एक-दूसरे के साथ गुत्थमगुत्था हो गए और चट्टानों तथा पृथ्वी पर और छिछले पानी में लड़े। वे दोनों थक गए और उन्होंने निर्णय किया कि अगले दिन लड़ाई जारी रखेंगे। दोनों रजामन्द हो गए।

II

रनजी, यह स्पष्टीकरण नहीं दे सका कि उसके कटाव और खरोंच कैसे लगे। उसकी मम्मी ने जिद्द की कि वह आज घर पर ही ठहरा रहे। फिर भी वह, शाम को घर से बाहर निकल गया। वह बाजार में चला गया। उसने अपने शत्रु को सड़क पर आते देखा। दोनों ने एक-दूसरे की तरफ क्रोधी दृष्टि से शत्रुओं की तरह देखा।

अगले दिन, रनजी कमजोर और सुस्त महसूस कर रहा था। वह लड़ाई करने का इच्छुक नहीं था। परन्तु वह सच्चा राजपूत था। कुण्ड पर नहीं जाने के कारण वह पराजय स्वीकार नहीं कर सकता था। वह बार-बार हारता रहेगा परन्तु एक पंजाबी लड़के के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेगा। किसी भी कीमत पर वह कुण्ड के ऊपर अपना अधिकार खो देने के लिए इच्छुक नहीं था।

रनजी, अगले दिन कुण्ड पर पहुँच गया। उसने अपने प्रतिपक्षी को कुण्ड के दूसरी तरफ बैठे देखा। वह अपने शरीर पर तेल मल रहा था। उसने पुकार कर रनजी को कुण्ड के पानी के पार आने के लिए कहा यदि वैसा करने की उसके अन्दर ताकत हो। रनजी, पंजाबी लड़के को अपनी वरीयता दिखाने के लिए तैयार हो गया। उसने सीधे पानी में गोता लगाया और सतह पर आ गया।

पंजाबी लड़का चकित रह गया क्योंकि उसे गोता लगाना नहीं आता था। रनजी ने गोता लगाने में उसे कुछ मार्गदर्शन दिया। उसने उसे प्रोत्साहित किया कि काफी अभ्यास करे। पंजाबी लड़का शर्मिंदा हो गया। उसने अपने अन्दर अपनी पराजय को स्वीकार किया।

उसने रनजी के सामने मित्रता का हाथ बढ़ाया। उसने रनजी को भोजन खिलाने की पेशकश की। दोनों में प्यार और समझ पैदा हो गई। सूरज और रनजी किसी और को कुण्ड का प्रयोग नहीं करने देंगे।

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HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 3 Macavity: The Mystery Cat

Haryana State Board HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 3 Macavity: The Mystery Cat Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class English Solutions Honeydew Poem 3 Macavity: The Mystery Cat

HBSE 8th Class English Macavity: The Mystery Cat Textbook Questions and Answers

Working With The Poem

Macavity The Mystery Cat Poem Class 8 HBSE  Question 1.
Read the first stanza and think.
(i) Is Macavity a cat really?
(ii) If not, who can Macavity be? पहला पद्यांश पढ़ो और सोचो :
(i) क्या मैकेविटी वास्तव में एक मार्जार है?
(ii) यदि नही, तो मैकोविटी कौन हो सकता है?
Answer:
(i) It seems that Macavity is not really a cat.
(ii) Macavity can be a master criminal.

Macavity The Mystery Cat Class 8 HBSE Question 2.
Complete the following sentences:
(i) A master criminal is one who……
(ii) The Scotland Yard is baffled because
(iii) ………… because Macavity moves much faster than them.
निम्नलिखित वाक्यों को पूरा करो :
(i) एक मुख्य अपराधी वह है जो ……………
(ii) स्कॉटलंड यॉर्ड चितित है क्योंकि ……………
(ii) …………… क्योंकि मैकोविटी उनसे अधिक तेजी से चलता है।
Answer:
(i) can defy the law.
(i) they do not find Macavity at the scence of crime.
(iii) The Flying Squad cannot catch him.

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 3 Macavity: The Mystery Cat

English Class 8 Poem Macavity The Mystery Cat HBSE Question 3.
“A cat, I am sure, could walk on a cloud without coming through.” (Jules Verne).
Which law is Macavity breaking in the light of the comment above?
“एक मार्जार, मुझे विश्वास है, बादल में से बिना गुजरे उस पर चल सकता है।” (ज्यूल्स वर्ने)
उपरोक्त कथन की रोशनी में मैकेविटी कौन-सा नियम तोड़ रहा है।
Answer:
Here, Macavity is breaking the law of gravity.

Macavity The Mystery Cat Poem HBSE 8th Class Question 4.
Read Stanza-3 and then, describe Macavity in two or three sentences of your own.
तीसरा पद्यांश पढ़ो और तब, स्वयं के दो अथवा तीन वाक्यों में मैकेविटी का वर्णन करो।
Answer:
Macavity is a cautious cat who is very tall and thin. He is the master criminal who can defy the law. His eyes are sunken in. He wears dusty coat and his head is highly domed. In all, he is a mysterious cat.

Macavity The Mystery Cat Question Answer HBSE 8th Class Question 5.
Say ‘False’ or ‘True’ for each of the following statements:
(i) Macavity is not an ordinary cat. ( )
(ii) Macavity cannot do what a fakir can easily do ( )
(iii) Macavity has supernatural powers. ( )
(iv) Macavity is well dressed, smart and bright. ( )
(v) Macavity is a spy, a trickster and a criminal, all rolled in one. ( )
निम्नलिखित प्रत्येक कथन के आगे ‘असत्य’ अथवा ‘सत्य’ लिखिए:
(i) मैकेविटी एक साधारण मार्जार नही है।
(ii) मैकेविटी वह नही कर सकता जो कि एक फकीर आसानी से कर सकता है।
(iii) मैकेविटी के पास अलौकिक शक्तियाँ हैं।
(iv) मैकेविटी सुवस्त्रित, आकर्षक और सुन्दर है।
(v) मैकेविटी एक जासूस, चालबाज और अपराधी है सब कुछ एक में ही है।
Answer:
(i) True
(ii) False
(iii) True
(iv) False
(v) True

Macavity The Mystery Cat Poem Class 8 Question Answer HBSE Question 6.
Having read the poem, try to guess whether the poet is fond of cats. If so, why does he call Macavity a fiend and monster.
कविता पढ़ने के बाद, अनुमान लगाने की कोशिश कीजिए. क्या कवि बिल्लियों का शौकीन है। यदि ऐसा है तो वह मैकेविटी को एक राक्षस अथवा दैत्य क्यों कहता है?
Answer:
It seems that the poet is fond of cats, He is so crazy about them that he sees them as a mysterious creature. He also has a pet cat, Macavity, who is very Mischievious. Macavity does lawless things. So the poet calls him a fiend and Monster.

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 3 Macavity: The Mystery Cat

Macavity The Mystery Cat Class 8 Question Answer HBSE Question 7.
Has the poet used exaggeration for special effect? Find a few examples of it and read those lines aloud.
क्या कवि ने विशेष प्रभाव के लिए अतिशयोक्ति का उपयोग किया है ? इसके कुछ उदाहरण दूढो और उन पंक्तियों को जोर से पढ़ो।
Answer:
The poet has used exaggeration for special effect in the following lines :

  • His powers of levitation would make a fakir stare.
  • He sways his head from side to side, with movements like a snake.
  • For he’s a fiend in feline shape.
  • A monster of depravity.

Macavity: The Mystery Cat Poem Stanzas for Comprehension

Read the stanzas carefully and answer the questions that follow :

STANZA – 1

Macavity’s a Mystery Cat: he’s called the Hidden Paw
For he’s the master criminal who can defy the Law.
He’s the bafflement ofScotlandYard, the Flying Squad’s despair:
For when they reach the scene ofcrime- Macavity’s not there !
Questions:
(i) Name the poem and the poet.
(ii) Why is the Scotland Yard baffled?
(iii) What is the reason of Flying Squad’s despair?
(iv) Which word in the passage means ‘hopelessness’?
(v) Use ‘defy’ in your own sentence.
Answers:
(i) The name of the poem is ‘Macavity-The Mystery Cat’ and the name of the poet is ‘T.S. Eliot.’
(ii) The Scotland Yard is baffled because they are not able to catch the master criminal, Macavity.
(iii) When the Flying Squad reach at the scene of crime, Macavitjys not there. This is the reason of their despair.
(iv) Hopelessness – Despair.
(v) Defy (अवमाना करना) : One who defy the law is the master Criminal.

Macavity Meaning In Hindi HBSE 8th Class

STANZA – 2

Macavity, Macavity, there’s no one like Macavity,
He’s broken every human law, he breaks the law ofgravity.
His powers of levitation would make a fakir stare,
And when you reach the scene pf crime – Macavity’s not there !
You may seek him in the basement, you may look up in the air
But I tell you once and once again, Macavity’s not there !
Questions:
(i) Name the poem.
(ii) What is the altitude of Macavity?
(iii) Which powers does Macavity possess?
(iv) Where can Macavity be found?
(v) Which word in the stanza means the opposite of ‘ignore’?
Answers:
(i) The name of the poem is ‘Macavity-The Mystery Cat.’
(ii) Macavity behaveslike a mastercrimfiial. He breaks human law as well as the law ofgravity.
(iii) Macavity possesses the powers of, levitation.
(iv) Macavity can be found in the basement or in the air above.
(v) Ignore : Stare.

Macavity The Mystery Cat Questions And Answers HBSE 8th Class

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 3 Macavity: The Mystery Cat

STANZA – 3

Macavity’s a ginger cat, he’s very tall and thin;
You would know him if you saw him, for his eyes are sunken in.
His brow is deeply lined with thought, his head is highly domed;
His coat is dusty from neglect, his whiskers are uncombed.
He sways his head from side to side, with movements like a snake;
And when you think he’s half asleep, he’s always wide awake.

Questions:
(i) Who is the poet of these lines?
(ii) Describe Macavity in one or two lines.
(iii) Who has Macavity been compared with?
(iv) What is the rhyming scheme of these lines?
(v) Which word in the stanza means the opposite of: carefulness?
Answers :
(i) The poet of these lines is ‘T.S. Eliot’.
(ii) Macavity is a cautious cat who is tall and thin. He looks disturbed in appearance but he is smart at mind.
(iii) Macavity has been compared with a snake. ’
(iv) The rhyming scheme of these lines is ‘aabbce’.
(v) Carefulness – Negligence

STANZA – 4

Macavity, Macavity there’s no one like Macavity,
For he’s a fiend in feline shape, a monster of depravity.
You may meet him in a by-street, you may see him in the square-
But when a crime’s discovered, then Macavity’s not there!
Questions :
(i) What is the name of the poem?
(ii) What exaggeration has been used for Macavity in these lines?
(iii) Which lines show the smartness of Macavity?
(iv) Make sentence using the word ‘fiend’.
Answers:
(i) The name of the poem is ‘Macavity-The Mystery Cat’.
(ii) ‘He is a fiend in feline shape, a Monster of depravity’, is the exaggeration that has been used for Macavity in these’ lines.
(iii) The lines But when a crime’s discovered, then Macavity’s not there! show the smartness of Macavity.
(iv) Fiend [devil (TTC-RT)] : Bhasmasura was a terrible fiend.

Macavity: The Mystery Cat Poem Translation in Hindi

STANZA – 1

Macavity’s a Mystery Cat: he’s called the Hidden Paw
For he’s the master criminal who can defy the I am
He’s the bafflement of Scotland Yard, the Flying Squad’s despair:
For when they reach the scene of crime- Macavity’s not there !

Word Meaning: Paw = Padded foot to beast (पंजा/चंगुल), Defy = disobey or resist openly, (अवहेलना करना), Bafflement = Confoundment (परेशानी),Despair = Hopelessness (निराशा), Scene = sight (दृश्य/स्थल)।

मैकेविटी एक रहस्यमयी मार्जार है। उसे छिपा हुआ पंजा (चंगुल) कहा जाता है क्योंकि वह मुख्य अपराधी है जो कि खुलेआम कानून की अवहेलना कर सकता है। वह स्काटलैंड यार्ड की परेशानी है और फ्लाइंग स्कवायड की निराशा क्योंकि जब भी ये अपराध के स्थान पर पहुंचते हैं-मैकेविटी वहाँ पर नहीं होता।

STANZA – 2

Macavity, Macavity, there’s no one like Macavity,
He’s broken every human law, he breaks the law of gravity.
His powers of levitation would make a fakir stare,
And when you reach the scene of crime – Macavity’s not there!
You may seek him in the basement, you may look up in the air
But I tell you once and once again, Macavity’s not there!

Word Meaning : Stare = to gaze (घूरना), Seek = look for (ढूंढना),Levitation = floating in the air without support (बिना सहारे हवा में तैरने की शक्ति )।

मैकेविटी, मैकेविटी, मैकेविटी जैसा कोई भी नहीं है। उसने सभी मानव नियम तोड़ दिए है। वह गुरुत्वाकर्षण का नियम भी तोड़ता है। उसकी बिना सहारे हवा में बहने की शक्तियाँ एक फकीर तक को आश्चर्यचकित कर देती हैं। और जब आप अपराधस्थल पर पहुंचते हैं, मैकेविटी वहाँ पर नहीं होता। आप उसे तहखाने में ढूँढ सकते हैं। आप ऊपर हवा में देख सकते हैं। परंतु मैं आपको एक बार और दुबारा बताता हूँ, मैकेविटी वहाँ नहीं है।

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 3 Macavity: The Mystery Cat

STANZA – 3

Macavity’s a ginger cat, he’s very tall and thin;
You would know him if you saw him for his eyes are sunken in.
His brow is deeply lined with thought, his head is highly domed;
His coat is dusty from neglect, his whiskers are uncombed.
He sways his head from side to side, with movements like a snake;
And when you think he’s half asleep, he’s always wide awake.

Word Meaning : Sunken in = lying at the bottom of something, (अंदर की ओर धंसी हुई). Domed = rounded roof, (गोलाकार, गुम्बद), Whiskers = hair on man’s cheek (गलमुच्छा), Ginger – cautious (सावधान)।

मैकेविटी एक सतर्क मार्जार है। वह बहुत लम्बा और पतला है यदि तुमने उसे देखा तुमने उसे जान लिया। क्योंकि उसकी आँखें अंदर की ओर धंसी हुई है। उसकी भौंहे विचारों की गहराई से रेखांकित हैं उसका सिर ऊँचा गुम्बदाकार है। उसका कोट लापरवाही से धूलभरा है। उसके गलमुच्छे बिखरे हुए हैं। वह अपना सिर एक दिशा से दूसरी दिशा में घुमाता है। जिस प्रकार एक साँप की गतिविधियाँ होती है। और जब आप सोचते हैं कि वह झपकी ले रहा है, परन्तु वह हमेशा पूर्णतः जगा रहता है।

STANZA – 4

Macavity, Macavity there’s no one like Macavity,
For he’s a fiend in feline shape, a monster of depravity.
You may meet him in a by-street, you may see him in the square
But when a crime’s discovered, then Macavity’s not there!

Word Meaning: fiend = devil, (राक्षस), Feline = of, or relating to a cat, (विल्ली सदृश). Depravity = corruption (भ्रष्टाचार)।

मैकेविटी, मैकेविटी, मैकेविटी जैसा कोई नहीं है क्योंकि वह बिलौटे के भेष में एक राक्षस है। नैतिक भ्रष्टाचार का दैत्य है। आप उसे पास की ही किसी गली में मिल सकते हैं, आप उसे कहीं स्क जॉयर में देख सकते हैं लेकिन जब कहीं कोई अपराध का पता चलता है, तब मैकेविटी वड़ा नहीं होता।

Macavity: The Mystery Cat Poem Summary in English

This poem is about a mystery cat-Macavity. He is called the master criminal who can defy the law. Even the Scotland Yard and the Flying Squad are unable to catch it. Macavity breaks human law as well as the law of gravity. He makes a Fakir stare through his powers of levitation. He is very tall and thin having sunken eyes, highly domed head, dusty coat and uncombed whiskers. He is called a devil in the form of a cat. He is quite alert and smart in actions.

Macavity: The Mystery Cat Poem Summary in Hindi

यह कविता एक रहस्यमयी मार्जार मैकेविटी के विषय में है उसे मुख्य अपराधी कहा जाता है जो कि खुलेआम कानून की अवमानना कर सकता है। यहाँ तक कि लंदन पुलिस दल और फ्लाइंग स्कवॉड (उडनदस्ता) भी उसे पकड़ने में असमर्थ है। मैकेविटी मानव-नियम और गुरुत्वाकर्षण के नियम भी तोड़ता है। वह अपनी बिना सहारे वायु में उड़ने की शक्ति के द्वारा फकीर को भी स्वयं को घूरने पर मजबूर कर देता है। वह बहुत लम्बा और पतला है साथ ही उसकी धंसी हुई आँखें, ऊँचा गुम्बद जैसा सिर, धूल भरा कोट और बिखरा हुआ गलमुच्छा है। उसे बिलौटे के रूप में दैत्य कहा जाता है। वह कार्य करने में पूर्णत: सावधान और चतुर है।

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 3 Macavity: The Mystery Cat

Introduction:

Do you have a pet cat? Have you ever noticed anything mysterious about it? It is not easy to say whether every cat is a mystery, but Macavity is one, for sure. What is it that makes him a perfect mystery cat? Read the poem to know why.

प्रस्तावना:

क्या आपके पास पालतू बिल्ली है ? क्या आपने कभी भी उसके विषय में कुछ रहस्यमयी देखा है ? यह कहना आसान नहीं है कि क्या हर बिल्ली रहस्मयी है, परंतु मैकेविटी ऐसा ही एक मार्जार है। निश्चित रूप से वह क्या है जो उसे एक पूर्ण रहस्यमयी । मार्जार बनाता हैं ? कारण जानने के लिए कविता पढ़ें।

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HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 4 The Last Bargain

Haryana State Board HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 4 The Last Bargain Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class English Solutions Honeydew Poem 4 The Last Bargain

HBSE 8th Class English The Last Bargain Textbook Questions and Answers

Working With The Poem

The Last Bargain Question Answer HBSE 8th Class Question 1.
Who is the speaker in the poem?
कविता में वक्ता कौन है?
Answer:
The speaker in the poem is the poet himself.

Poem The Last Bargain HBSE 8th Class Question 2.
‘The King, sword in hand’ suggests
(i) Wealth
(ii) Power
(iii) More power than wealth.
Mark the appropriate item in the context of stanza-1.
‘राजा, हाथ में तलवार’ सुझाव देती है:
(i) धन
(ii) ताकत
(iii) धन से अधिक ताकत
पद्यांश 1 के संबंध में उचित उत्तर पर निशान लगाइए।
Answer:
“The King, sword in hand’ suggests more power than wealth.

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 4 The Last Bargain

The Last Bargain Summary HBSE 8th Class Question 3.
The old man offered the speaker a lot of money. Why did he turn down the offer?
बुजुर्ग व्यक्ति ने वक्ता को अत्यधिक धन का प्रस्ताव दिया। उसने प्रस्ताव क्यों ठुकरा दिया?
Answer:
The speaker turned down the offer of the old man because it did not seem attractive to him. Even he was not happy with it.

The Last Bargain HBSE 8th Class Question 4.
Find in the poem lines that match the following. Read both one after another.
(i) I have nothing to give you
except goodwill and cheer.

(ii) Her happiness was no more
than sorrow in disguise.

(iii) The king’s might was not worth much.
कविता में से उन पंक्तियाँ को दूढों जो निम्नलिखित के सदृश हो। दोनों को एक के बाद एक पढ़ो :
Answer:
(i) …. “I hire you with nothing”
(ii) …. “Her smile paled and melted into tears.”
(ii)…. But his power counted for naught.

The Last Bargain Summary Questions And Answers HBSE 8th Class  Question 5.
How did the speaker feel after talking to the child on the beach?
वक्ता को समुद्र किनारे बालक से बात करने के बाद कैसा महसूस हुआ?
Answer:
The speaker felt extremely happy after talking to the child on the beach.

The Last Bargain Poem Stanzas for Comprehension

Read the stanzas carefully and answer the questions that follow :

STANZA – 1

“Come and hire me”, I cried, while in the morning
I was walking on the stone-paved road.
Sword in hand the king came in his chariot.
He held my hand and said, “I will hire you with my power,”
But his power counted for naught, and he went away in his chariot.
Questions:
(i) Name the poem and the poet.
(ii) Why did the king come and How?
(iii) Explain : ‘But his power counted for naught.’
(iv) Who do ‘I’ and ‘He’ refer to in these lines?
(v) Give the adjective form of ‘Power.’
Answers :
(i) The name of the poet is Rabindranath Tagore and the poem is ‘The Last Bargain.’
(ii) The king come to hire the speaker with his power in his chariot having sword in his hand.
(iii) The King had extreme power and wealth yet he could not hire the speaker. So his power was worthless.
(iv) T refers to ‘the speaker’ and ‘He’ refers to ’the king.’
(v) Power – Powerful.

The Last Bargain Poem Summary HBSE 8th Class

STANZA – 2

In the heat of the mid-day the house stood with shut doors.
I wandered along the crooked lane.
An old man came out with his hag of gold.
He pondered and said, “I will hire you with my money.”
He weighted his coins one by one, but I turned away. .
Questions:
(i) Name the poem.
(ii) What time of the day is mentioned here?
(iii) Who came out and what he had?
(iv) What did he want?
(v) Was he successful in his bargain?
(vi) Which word in the stanza means deformed?
Answers:
(i) The name of the poem is “The Last Bargain.”
(ii) The afternoon time is mentioned here.
(iii) An old man came out and he had a bag filled with gold coins.
(iv) He wanted to hire the speaker with his money.
(v) No, he was not successful in his bargain.
(vi) Deformed – crooked.

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 4 The Last Bargain

STANZA – 3

The sun glistened on the sand, and the sea waves broke waywardly.
A child sat playing with shells.
He raised his head and seemed to know me and said,
“I hire you with nothing.”
From henceforward that bargain struck in child’s play made me a free man.
Questions:
(i) Name the poet.
(ii) Who did the speaker meet at last?
(iii) What was he doing and where was he?
(iv) Explain, “I hire you with nothing.”
(v) Make nouns from : Free, play.
Answers:
(i) The name of the poet is Rabindranath Tagore.
(ii) At last, the speaker met a child.
(iii) He was playing with shells on the beach.
(iv) It means that the child has nothing except goodwill and cheer to hire the speaker.
(v) Free-freedom Play-player.

The Last Bargain Poem Translation in Hindi

STANZA – 1

“Come and hire me”, I cried, while in the morning
I was walking on the stone-paved road.
Sword in hand the King came in his chariot.
He held my hand and said, “I will hire you with my power,”
But his power counted for naught, and he went away in his chariot.

Word Meaning : Naught = nothing (कुछ नहीं). Chariot = triumphal car (रथ). Held = caught (पकड़ा)।

“आओ और मुझे किराए पर लो”, मैनें चिल्लाया, जब मैं प्रात:काल में पत्थर-निर्मित सड़क पर चल रहा था। राजा अपने रथ पर सवार हाथ में तलवार लिए आया। उसने मेरा हाथ पकड़ा और कहा, “मैं तुम्हें अपनी ताकत से हासिल करूंगा।” परंतु उसकी ताकत का मूल्य कुछ नहीं था। और वह वापस अपने रथ में चला गया।

STANZA – 2

In the heat of the mid-day the houses stood with shut doors.
I wandered along the crooked lane.
An old man came out with his bag of gold.
He pondered and said, “I will hire you with my money.”
He weighted his coins one by one, but I turned away.

Word Meaning : Crooked – Deformed (विकृत),Pondered = thought (सोचा), Turned: changed (बदल लिया), Weighed = to ascertain how many thing is (वजन किया). Shut-closed (बन्द)।

दोपहर की गर्मी में, घर बन्द दरवाजों के साथ खड़े थे। मैं विकृत गली में घूमा। एक बूढ़ा व्यक्ति अपने सोने के थैले के साथ बाहर आया। उसने सोचा और कहा, “मैं तुम्हें अपने धन से किराए पर लूँगा।” उसने एक-एक करके अपने सिक्कों का वजन किया। परंतु मैं वापस मुड़ गया।

STANZA – 3

It was evening. The garden hedge was all a flower.
The fair maid came out and said, “I will hire you with a smile.”
Her smile paled and melted into tears, and she went back alone into the dark.

Word Meaning : Hedge = fence of bushes or shrubs (बाड़),Fair-beautiful (सुंदर), Maid-woman (महिला), Paled – of faint white colour (मंद पड़ना), Melted – to soften feelings (भावनाओं का बहना)।

संध्या-काल था। बगीचे का बाड़ा पूरा फूलों से भरा हुआ था। सुन्दर कन्या बाहर आयी और बोली, “मैं तुम्हें एक मुस्कराहट के साथ किराए पर लूंगी।” उसकी मुस्कान मंद पड़ गयी और भावनाएँ आसुओं में बह गई। और वह वापस अकेली अंधेरे में चली गई।

HBSE 8th Class English Solutions Honeydew Poem 4 The Last Bargain

STANZA – 4

The sun glistened on the sand, and the sea waves broke waywardly.
A child sat playing with shells.
He raised his head and seemed to know me and said,
“I hire you with nothing.”
From henceforward that bargain struck in child’s play made me a free man

Word Meaning : Glistened – shone, (चमका), Waywardly = wilfully (स्वेच्छा से), Raised -lifted (उठाया). Shell-Hard protective covering of certain eggs, fruits etc (छिलका/खोल). Henceforward = Henceforth (आगे से / आइन्दा)।

सूर्य रेत पर चमका। और समुद्र की लहरें स्वेच्छा से उमड़ पड़ी। एक बच्चा शेलों (छिलका, खोल) के साथ बैठकर खेल रहा था। उसने अपना सिर उठाया और मुझे जाना-पहचाना सा लगा और बोला,”मैं तुम्हें किराए के लिए कुछ नहीं दे सकता।”
बच्चे के खेल में तय हुए सौदे ने आइन्दा से मुझे एक स्वतंत्र इंसान – बना दिया।

The Last Bargain Poem Summary in English

Someone is looking for work. He is waiting to be hired. First he strikes a bargain with a king, but thinks it worthless. Then, an old man tries to hire him with his money but he turns away. In the evening, he comes across a fair maid. She wants to hire him with a smile. Her smile disappears and so does she. At last, the speaker sees a child playing with shells at the beach. He has nothing to hire him yet the speaker is happy to work for him. The poem shows the importance of selfless and innocent love. The poet wants to say that nothing is as beautiful and important as goodwill and cheer is.

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The Last Bargain Poem Summary in Hindi

कोई व्यक्ति कार्य ढूढ़ रहा है। वह पैसों के बदले कार्य करने का इंतजार कर रहा है। पहला सौदा वह एक राजा के साथ तय करता है। लेकिन उसे मूल्यहीन पाता है। तब एक बुजुर्ग व्यक्ति अपने धन से उसे किराये पर लेन चाहता है परंतु वह वापस मुड़ जाता है। शाम के समय, वह एक सुन्दर कन्या के सामने आता है। वह उसे एक मुस्कान के साथ, किराए पर लेना चाहती है। उसकी मुस्कान गायब हो जाती है और वह भी गायब हो जाती है। अंत में, वक्ता समुद्र किनारे एक बालक को छिलकों (खोल) के साथ खेलते हुए देखता है उसके पास उसे किराए पर लेने के लिए कुछ नहीं है परंतु फिर भी वक्ता उसके लिए कार्य करके खुश है कविता स्वार्थहीन एवं मासूम प्रेम का महत्त्व प्रदर्शित करती है। कवि कहना चाहता है कि ख्याति। और खुशी जितना सुन्दर और महत्त्वपूर्ण कुछ भी नहीं है।

Introduction:

A bargain is an agreement in which both parties promise to do something for each .other. Someone is looking for work, waiting to be hired. He strikes a bargain but thinks it worthless.. He tries twice again but doesn’t like either. Finally, in the last bargain, when he is hired for nothing whatever, he is happy as never before. What is the bargain, and why is it the best?

प्रस्तावना:

सौदा एक ऐसा समझौता होता है जिसमें दोनों पक्ष एक-दूसरे के लिए कुछ करने का वायदा करते हैं। कोई कार्य ढूँढ रहा है, किराए पर लिए जाने का इंतजार कर रहा है। वह एक सौदा तय करता है। परंतु उसे मूल्यहीन समझता है। वह दो बार पुनः कोशिश करता है परंतु दोनों में से कुछ भी उसे पसन्द नही आता। अन्ततः आखिरी सौदे में, जब उसे जो कुछ भी है – कुछ नहीं जैसा – के लिए किराए पर लिया जाता है, वह इतना खुश है जितना पहले कभी नहीं था। यह सौदा क्या है और यह सर्वोत्तम क्यों है?

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HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 1 How the Camel Got His Hump

Haryana State Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 1 How the Camel Got His Hump Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 1 How the Camel Got His Hump

HBSE 8th Class English How the Camel Got His Hump Textbook Questions and Answers

Comprehension Check – I

How The Camel Got His Hump Answers HBSE 8th Class Question 1.
What tasks, do you think, were assigned to the dog and the ox?
तुम्हारे विचार में कुत्ते तथा बैल को कौन-से काम दिए गए थे?
Answer:
The dog was assigned the work of carrying sticks. The ox ploughed the fields for man.

How The Camel Got His Hump Solutions HBSE 8th Class Question 2.
Why did the camel live in the middle of the desert?
ऊँट मरुस्थल के बीच में क्यों रहता था?
Answer:
The camel lived in the middle of the desert lest the man should find him and get work from him. He was too lazy to work.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 1 How the Camel Got His Hump

How The Camel Got His Hump Summary In Hindi HBSE 8th Class Question 3.
What made the dog, the horse and the ox very angry?
किस बात से कुत्ता, घोड़ा तथा बैल बहुत नाराज हो गए.?
Answer:
They felt angry because the man had ordered them to work double time to compensate for the loss suffered because of not working at all for three days.

How The Camel Got His Hump Question Answers HBSE 8th Class Question 4.
How did the Djinn know the horse was complaining against the camel?
जिन्न को कैसे पता चला कि घोड़ा ऊंट की शिकायत कर रहा है।
Answer:
By the horse’s referring to camel’s ‘long’ neck and long ‘legs, Djinn comes to know that the horse was complaining against the camel.

Comprehension Check – II

Class 8 English Chapter 1 How The Camel Got His Hump Question Answer HBSE
Question 1.

The camel was looking at his own reflection in the pool. What does it suggest to you about the camel?
ऊँट, सरोवर में अपना प्रतिबिंब देख रहा था। यह बात ऊँट के प्रति क्या दर्शाती है?
Answer:
It suggests that the camel felt proud of his beautiful back and large size. So, when he saw his reflection in the pool, he felt very sad. He began to take a heavy breath.

How The Camel Got His Hump Class 8 Summary In Hindi HBSE Question 2.
The camel said ‘Humph’ repeatedly. How did it affect him?
ऊँट बार-बार “हूँ” करता था। उसका उस पर क्या प्रभाव पड़ा?
Answer:
The camel used the word “Humph”, at every answer he gave to animals and the Djinn. It affected him badly though he felt proud and careless of his duty. It had a bad impression of camel in other’s mind.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 1 How the Camel Got His Hump

Chapter 1 How The Camel Got His Hump HBSE 8th Class Question 3.
What, according to the Djinn, was the use of the ‘hump’?
जिन्न के अनुसार ‘कूबड़’ से क्या लाभ था?
Answer:
According to the Djinn, the hump was useful for the camel. He could store his food and use it during continuous work for many days.

How Camel Got His Hump Question Answer HBSE 8th Class Question 4.
….. he has never yet learnt to behave’. In the light of this, what’s the writer’s opinion about the camel?
उसने फिर भी शिष्टाचार अपनाना नहीं सीखा है।’ इस संबंध में ऊँट ने लेखक के अनुसार अभी तक क्या नहीं सीखा है?
Answer:
According to the writer, the camel hasn’t learnt the lesson of good behaviour. He works, of course, but lazily and unwillingly. His hump has disappointed him.

Exercise

Discuss the following topics in groups:

How The Camel Got His Hump Questions And Answers HBSE 8th Class Question 1.
Can this story be factually true?
क्या यह कहानी तथ्यात्मक रूप से सच हो सकती है?
Answer:
No, this story cannot be factually true.

Question 2.
What, according to you, is the story about? Consider the following:
तुम्हारे अनुसार, यह कहानी किसके बारे में है? अधोलिखित पर विचार करें:
(i) How the world began.
संसार का आरंभ किस प्रकार हुआ।

(ii) Why everyone should do his/her share of work seriously.
प्रत्येक व्यक्ति को अपना कार्य गंभीर रूप से क्यों करना चाहिए।

(iii) How animals are important to humans.
मानवों के लिए पशु किस प्रकार महत्त्वपूर्ण हैं।

(iv) How the camel got his hump.
ऊँट को अपना कूबड़ किस प्रकार मिला।
Answer:
(iv) How the camel got his hump.
ऊँट को अपना कूबड़ किस प्रकार मिला।

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 1 How the Camel Got His Hump

Question 3.
What did you do over the weekend? Were you generally active or idle? Please check your back before starting to discuss or answer the question.
तुमने सप्ताहांत में क्या किया? क्या तुम प्रायः क्रियाशील रहते थे या आलसी? इस प्रश्न के बारे में उत्तर देते समय या चर्चा, करते समय कृपया अपनी पीठ चेक करें।’
Answer:
I put my heart and soul in studies in the beginning of the week. However, I took a lot of interest in sports in the other half of the week. So, as whole I remained active. Now, I look at my back. It has not grown any hump. I feel free.

Question 4.
There are broadly two categories of workers-those who prefer to do today what they can do tomorrow, and those who prefer to do tomorrow, what they can do today. Wheredoyou belong?
मोटे तौर पर कार्मिकों के दो वर्ग होते हैं-वे जो कल करने वाले कार्य को आज करना पसंद करते हैं और वे जो काम आज कर सकते हैं उसे कल करना पसंद करेंगे। तुम कौन-सी श्रेणी में आते हो?
Answer:
I belong to the first category of workers-those who prefer to do today what they can do tomorrow.

Think it Over

  • All work is dignified: there is no such thing as ‘menial work’.
  • He who struggles is better than he who never attempts.
  • ‘All work and no play…’ Is it a good idea? William Faulkner, American novelist and poet, didn’t think so. In his words, “One of the saddest things is that the only thing that a man can do for eight hours a day, day after day, is work, You can’t eat eight hours a day… All you can do for eight hours is work. Which is the reason why man makes himself and everybody else so miserable and unhappy”.
  • सभी काम सम्मानयोग्य हैं। ‘घटिया काम’ जैसी कोई चीज़ नहीं है।
  • वह जो संघर्ष करता है उससे अच्छा होता है जो कभी भी प्रयास नहीं करता है।
  • ‘काम ही काम, खेल नहीं…’ क्या यह एक अच्छा विचार है?अमेरिकन उपन्यासकार और कवि, विलियम फॉकनेर, वैसा नहीं मानता था। अपने (उसके) शब्दों में, “वह एक सबसे अधिक दुःखपूर्ण बात है कि एकमात्र चीज़ जो व्यक्ति प्रतिदिन आठ घंटा काम करके करता है, काम कहलाता है। तुम दिन में आठ घंटे नहीं खा सकोगे। तुम आठ घंटे केवल कार्य कर सकते हो। जो इस बात का मुख्य कारण है कि मनुष्य अपने आपको तथा दूसरों को क्यों दयनीय और दुःखी बनाता है।”

HBSE 8th Class English Solutions How the Camel Got His Hump Important Questions and Answers

Question 1.
What did the camel eat when he lived in the middle of the Howling Desert?
जब ऊंट कोलाहलपूर्ण मरुस्थल में रहता था, वह क्या खाता था?
Answer:
When the camel lived in the middle of the noisy deserts, he did not work, he ate sticks and thorns and prickles.

Question 2.
What will happen to us if we remain idle?
यदि हम सुस्त रहेंगे तो हमारी हालत क्या होगी?
Answer:
If we remain idle, we will grow a hump that will be worse than the camel’s. Our body will grow fat and be unable to be active. Laziness will enter our whole body and make us ill.

Question 3.
What is the cure for this state of affairs?
इस परिस्थिति का क्या उपचार है?
Answer:
The cure for our laziness is that we should be active. We should work and take up plough to work in the field or dig it until we perspire.

Question 4.
Why does the poet call the hump “The horrible hump”?
कवि कूबड़ को “भयानक कूबड़” क्यों कहता है?
Answer:
The poet calls the hump’a horrible hump’ because the camel’c hack swells up. It puffs up and up to a considerable height. It looks very ugly.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 1 How the Camel Got His Hump

Question 5.
How do we behave at night if we don’t work?
यदि हम कार्य न करें तो रात को हमारा क्या व्यवहार होता
Answer:
If we get lazy and avoid work, our night will be troublesome. We shall come out of bed with dirty head and angry mood, shivering uneasily. We shall run about hurriedly for bathroom and hunt for our shoes, grumbling and complaining against the mismanagement of the household.

Question 6.
Write a paragraph on “Disadvantages of Laziness.”
आलस्य से होने वाली हानियों पर नोट लिखें।
Answer:
Disadvantages of Laziness:
Laziness makes us dull. We are unwilling to work. We devote more time to sleep and less to work. We become drones, i.e. we live upon the earnings of others. We enjoy upon others’ bread. If we don’t do any work, even our own household members don’t like us. We will get up in a disgruntled mood in the morning. We shall come out of our bed with dirty heads. We shall not like to take bath, change, clothes. Last but not the lvast, we shall be liable to indulge in smoking, drinking and gambling.

The Best Christmas Present in the World Summary in English

I
When the world began, animals worked for human beings. However, the camel was too lazy to work for them. When other animals asked him to come out and join to work with them, he said “Humph”. It means, “Yes, I hear”, but actually he did not move at all. Once the dog, the horse and the ox-all went to the camel one by one and called on him to come out to work but to everyone he replied in the same tone “Humph”.

At last the Man called the three animals in the evening and inspected their work. They complained that the camel did not join them. They told him that the camel was very lazy. “Whenever, we go to call him out for work, he says “Humph”. The man then, ordered them to work double time to compensate for the loss. At this, they felt angry and called a Panchayat. The camel was also called. When he arrived he stood laughing. He then replied “Humph” and went away.

Now Djinn was the incharge of the forest. He also visited the camel and asked why he did not work. To Djinn also, the camel said, “Humph”. At this, Djinn punished the camel by placing a hump on his back. It was a store of food which he could keep on carrying and using for many days together. Djinn told him that from that day onwards, he would carry his food on his back and keep it in his hump. Then he ordered him to join the three animals in work and behave in a nice way. That is why the camel got the Hump.

II

After the story, the author also asks us to work and not to sit idle. It says if we remain idle, we shall also grow hump on our backs and this will be worse than that for the camel. If we work continuously and sufficiently, we shall become active. And as a result, we’ll not have any hump. A hump turns us ugly. Similarly, if we do not have enough work to do we shall rust our body and become dull. Let us take up plough and work in the fields to get fresh contact with Nature.

The Best Christmas Present in the World Summary in Hindi

I

यह कहानी तब की है जब इस संसार का निर्माण हुआ था। तब पशु, मनुष्य जाति के लिए काम करते थे। परंतु ऊँट बहुत आलसी था। वह इसके लिए काम नहीं करता था। जब भी अन्य पशु ऊँट को काम करने हेतु बुलाने के लिए जाते, वह “हूँ” कह देता। परंतु उनके साथ नहीं जाता। एक बार घोड़ा, कुत्ता तथा बैल उसके पास बारी-बारी गए और उसे काम करने के लिए आने को कहा परंतु ऊँट का उत्तर था “हूँ”।

शाम को मनुष्य ने तीनों को बुलाया और काम का निरीक्षण किया। उन्होंने अपना काम तो दिखा दिया परंतु ऊँट की शिकायत की कि वह आलसी है। हर बार बुलाने पर “हूँ” कर देता है। मनुष्य ने उनको दुगुना काम करने की आज्ञा दे दी ताकिं ऊँट के काम न करने की कमी को पूरी की जा सके। इस पर तीनों पशु क्रुद्ध हो गए और उन्होंने पंचायत बुलाई। ऊँट को भी बुलाया गया। वहाँ भी ऊँट हंसता हुआ आया और बोला “हूँ” और चला गया।

वन का प्रबंधक एक जिन्न था। वह भी ऊँट के पास गया और उससे उसने काम न करने का कारण पूछा। ऊँट हँसा और कहा “हूँ”। जिन्न ने अब उसे दंड दे दिया। उसने ऊँट की पीठ पर एक कूबड़ लगा दिया। यह कूबड़ उसकी खाद्य सामग्री के भंडार का काम करता था जो वह कई दिनों तक प्रयोग कर सकता था। जिन्न ने उससे कहा कि उस दिन से वह अपनी खुराक पीठ पर ढोएगा और उसे अपने कूबड़ में रखेगा। तब उसने उसे तीनों पशुओं-कुत्ता, घोड़ा और बैल के साथ जाकर काम करने को कहा और उसे विवेक से काम लेने का परामर्श दिया।

II

यहाँ एक विचार को कहानी द्वारा बताया गया है। वह यह है कि यदि हम आलस्य करेंगे तो हमें भी कूबड़ लग जाएगा। यह ऊँट के कूबड़ से भी बुरा होगा। हमारा बुरा व्यवहार और उकता जाने की प्रवृत्ति भी आलस्य का परिणाम है। यदि हम लगातार और पर्याप्त काम करते रहेंगे तो हम उद्यमी बन जाएँगे। यदि हम सक्रिय नहीं होंगे तो हम अपनी पीठ को कूबड़ा तब भी बना देंगे। यह कूबड़ हमें कुरूप बना देगा। जब हम बिस्तर से बाहर निकलेंगे, हम ढीले-ढाले और आलस्य से भरपूर लगेंगे। अतः हमें गतिहीन नहीं बनना चाहिए। अपितु खेतों में हल चलाना चाहिए और अन्य कार्य करने चाहिएँ।

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