HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 12 स्वतंत्रता के बाद भारत

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 12 स्वतंत्रता के बाद भारत Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Social Science Solutions History Chapter 12 स्वतंत्रता के बाद भारत

HBSE 8th Class History स्वतंत्रता के बाद भारत Textbook Questions and Answers

आइए कल्पना करें

आप एक आदिवासी तथा एक आरक्षण-विरोधी व्यक्ति की बहस सुन रहे हैं। कल्पना कीजिए कि दोनों व्यक्ति अपनी ओर से क्या दलील दे रहे होंगे? इस चर्चा को अभिनय करके दिखाइए।
उत्तर:
उस व्यक्ति के तर्क या बातचीत जो आरक्षण के विरोध में था :
1. आरक्षण समानता की भावना के विरुद्ध है।

2. यह शैक्षिक संस्थाओं में अधिक योग्य विद्यार्थियों के प्रवेश के मार्ग में अवरोधक खड़ा करता है।

3. साधारण श्रेणी की वर्तमान पीढ़ी के लिए आरक्षण एक सजा है, एक ऐसे अपराध के लिए जिससे उसका कुछ लेना-देना नहीं। इस पीढ़ी के लोग अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों या अन्य सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों की स्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

4. आरक्षण कम बौद्धिक स्तर के लोगों को अध्यापकों, चिकित्सकों, अभियंताओं, जजों आदि में शामिल करने के लिए विवश करता है। जब बौद्धिक सेवाओं के अधिकांश प्रशासनिक एवं उपयोगी लोगों का मानसिक या बौद्धिक स्तर कम योग्यता

आरक्षण के समर्थन अथवा पक्ष में दिए गये तर्क हैं. :
1. आदिवासी या जनजातियों के लोग ही इस देश के वास्तविक निवासी हैं।

2. हम लोगों को कई पीढ़ियों से मैदानी या बाहरी लोगों. विशेषकर सौदागरों, साहूकारों, भू-माफियाओं, विदेशी कंपनियों, शोषणकर्ताओं अथवा लालची मालिकों द्वारा शोषित किया गया है।

3. हमें शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा रखा गया है, स्वास्थ्य सेवाएँ एवं नवीनतम जानकारियाँ आदि भी हमें नहीं दी गयी हैं।

4. आरक्षण की मदद से हम शीघ्र ही उन्नति कर लेंगे। आरक्षण हमें शिक्षा संस्थाओं, प्रशिक्षण संस्थाओं, सरकारी नौकरियों, पंचायतों, राज्य विधायिकाओं तथा संसद में अधिक स्थान प्राप्ति में सक्षम बनायेगा। अधिक अवसर हमें अधिक कार्यक्षम बनाएँगे जिससे हम कुछ ही वर्षों में अन्य साधारण श्रेणी के लोगों के समक्ष प्रतियोगिता की स्थिति में आ जायेंगे।

फिर से याद करें

स्वतंत्रता के बाद भारत के प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 1.
नवस्वाधीन भारत के सामने कौन सी तीन समस्याएँ थीं?
उत्तर:
1. देश विभाजन के कारण लगभग 80 लाख लोग (8 मिलियन) उस देश से नये भारत में आये, जिसे 14 अगस्त 1947 से पाकिस्तान कहा जाता है। उन लोगों को अपने लिए घर तथा नौकरियाँ ढूँढ़नी पड़ी। नयी सरकार को इस भयंकर समस्या का समाधान करना ही था।

2. दूसरी समस्या देशी रियासतों की समस्या से नये भारत को जूझना था। इनकी कुल संख्या 556 थी। प्रत्येक देशी रियासत किसी राजा/नरेश या नवाब के अधीन थी। इनमें प्रायः सभी को भारत संघ में शामिल होने के लिए राजी कर लिया गया।

3. दीर्घ काल में, नये राष्ट्र को एक ऐसी राजनीतिक प्रणाली अपनानी थी जो संपूर्ण राष्ट्र की जनसंख्या के सभी वर्गों की आशाओं एवं उम्मीदों पर खरी उतरती।

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स्वतंत्रता के बाद भारत के प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class History प्रश्न 2.
योजना आयोग की क्या भूमिका थी?
उत्तर:
योजना आयोग की भूमिका (The Role of Planning Commission) : सन् 1950 में सरकार ने देश के लिए एक योजना आयोग गठित किया। इसका कार्य था सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक, निर्धारित समय-सीमा में ही लागू करने के लिए आय-व्यय की मदें, क्षेत्र के नमूने (design) तैयार करना तथा प्रशासन एवं विभिन्न सरकारी विभागों, अधिकारियों आदि के माध्यम से उनको क्रियान्वित करना ताकि राष्ट्र आर्थिक क्षेत्र में विकास कर सके तथा प्राथमिक क्षेत्र में निर्धारित प्रगति दर को भी पा सके।

प्रारंभ में चूँकि राष्ट्रीय सरकार ने मिश्रित अर्थव्यवस्था (mixed economy) को अपनाया था इसलिए सार्वजनिक क्षेत्र (Public Sector) (या राज्य) तथा निजी क्षेत्र (Private Sector) (या गैर-सार्वजनिक क्षेत्र) के उद्यमों एवं एजेंसियों आदि को साथ-साथ काम करना था। सभी का एक सामान्य उद्देश्य था कि वे महत्त्वपूर्ण एक-दूसरे की पूरक (supplementary) भूमिकाओं का. निर्वाह करें, देश का उत्पादन (कृषि, उद्योग, व्यापार आदि में) बढ़ायें तथा लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करें ताकि बेरोजगारी दूर हो तथा निर्धनता समाप्त हो।

इस आयोग के समक्ष एक. विशिष्ट उद्देश्य यह भी था कि देश के सभी क्षेत्रों का किसी सीमा तक एक समान औद्योगिक एवं कृषि विकास हो ताकि सभी में संतोष भाव बना रहे तथा कुछ क्षेत्रों में असंतोष एवं यह भावना न आ पाये कि उनकी अनदेखी की जा रही है। यह राष्ट्र की संतुलित आर्थिक प्रगति के लिए जरूरी था। इसी से देश की अखंडता, एकता, सद्भाव, परस्पर सहयोग, सद्भावना, प्रेम एवं शांति सौहार्द को बनाये रखा जा सकता था।

स्वतंत्रता के बाद भारत Notes HBSE 8th Class प्रश्न 3.
रिक्त स्थान भरें :
(क) केंद्रीय सूची में …………………… और …………………… रखे गए थे।
(ख) समवर्ती सूची में ………….. और विषय रखे गए थे।
(ग) वह आर्थिक योजना, जिसमें सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों को विकास में भूमिका दी गई थी, उसे …………………… मॉडल कहा जाता था।
(घ) …………………… की मृत्यु से इतना जर्बदस्त आंदोलन पैदा हुआ कि सरकार को आंध्र भाषी राज्य के गठन की माँग को मानना पड़ा।
उत्तर:
(क) कर लगाना, प्रतिरक्षा एवं विदेशी मामले। (taxes, defence and foreign affairs)
(ख) वन एवं कृषि (forest and agriculture)।
(ग) मिश्रित अर्थव्यवस्था (mixed economy)।
(घ) पोट्टि श्रीरामुलू (Potti Sriramulu)।

स्वतंत्रता के बाद भारत Question Answer HBSE 8th Class प्रश्न 4.
सही या गलत बताएँ:
(क) आजादी के समय ज्यादातर भारतीय गाँवों में रहते थे।
(ख) संविधान सभा कांग्रेस पार्टी के सदस्यों से मिलकर बनी
(ग) पहले राष्ट्रीय चुनावों में केवल पुरुषों को ही वोट डालने पर अधिकार दिया गया था।
(घ) दूसरी पंचवर्षीय योजना में भारी उद्योगों के विकास पर जोर दिया गया था।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) असत्य
(घ) सत्य।

आइए विचार करें

प्रश्न 5.
“राजनीति में हमारे पास समानता होगी और सामाजिक व आर्थिक जीवन में हम असमानता की राह पर चलेंगे” कहने के पीछे डॉ. अंबेडकर का क्या आशय था?
उत्तर:
1. संविधान निर्माण में अनेक भारतवासियों ने योगदान दिया था लेकिन संभवतः सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण योगदान डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने दिया, जो ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन थे और उन्हीं के निरीक्षण के अंतर्गत इस दस्तावेज ने अपना अंतिम रूप ग्रहण किया। –

2. संविधान सभा में दिये गये अपने अंतिम भाषण में डॉ. अंबेडकर ने स्पष्ट किया कि देश में राजनीतिक लोकतंत्र के साथ-साथ आर्थिक एवं सामाजिक लोकतंत्र को भी लाना ही होगा। मतदान का अधिकार देने मात्र से ही अन्य तरह की असमानताएँ नहीं हट जायेंगी जैसा कि धनी एवं निर्धन लोगों में अथवा उच्च जातियों एवं निम्न जातियों के मध्य में।।

3. नये संविधान के साथ, उन्होंने कहा, ‘भारत विभिन्नताओं के जीवन में प्रवेश करने जा रहा है। राजनीति में (अर्थात् प्रत्येक नागरिक के पास मत देने का अधिकार होगा अथवा चुनाव लड़ सकते हैं तथा वे एक राजनीतिक दल का गठन कर सकते हैं या किसी दल की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं।) तो हम समानता रखेंगे लेकिन आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में विषमता ही रहेगी।

राजनीतिक क्षेत्र में हम इस सिद्धांत को मान चुके हैं और लागू भी कर देंगे कि एक व्यक्ति, एक मत तथा सभी मतों का मूल्य बराबर होगा लेकिन सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में हम एक आदमी का एक मूल्य या समानता के सिद्धांत को नहीं मानेंगे।

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प्रश्न 6.
स्वतंत्रता के बाद देश को भाषा के आधार पर राज्यों में बाँटने के प्रति हिचकिचाहट क्यो थी?
उत्तर:
1. कांग्रेस ने अपने पुराने दिए गए वायदे को पूरा नहीं किया (Congress did not like to fulfil its old promise) : 1920 के दशक में इंडियन नेशनल कांग्रेस जो स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान प्रमुख पार्टी थी ने वायदा किया था कि यदि उसे एक बार भारत स्वतंत्रता के बाद सत्ता मिल जाती है तो वह भाषायी आधार पर राज्यों का गठन करेगी तथा हर भाषा से संबंधित लोगों, अपना अलग-अलग प्रांत मिलेगा। जो भी हो, देश 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ और सत्ता भी उसी के पास आ गयी लेकिन उसने इस दिशा में (भाषायी आधार पर राज्यों का गठन करना) एक भी कदम नहीं उठाया और अपने दिए गए वायदे का सम्मान नहीं किया। क्योंकि देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था, गाँधीजी के द्वारा कई बार देश विभाजन का विरोध करने के बावजूद देश स्वतंत्र तो हुआ लेकिन देश का विभाजन भी हुआ और भारत (हिंदुस्तान) के साथ-साथ पाकिस्तान भी अस्तित्व में आया।

2. सांप्रदायिक दंगों एवं भारी जन हानि के कारण (Due to communal riots and great human loss) : देश विभाजन के कारण लगभग 10 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा तथा लाखों लोग अपंग हो गये या भयंकर रूप से घायल एवं अपमानित हुए। कांग्रेस अब भाषा के आधार पर राज्यों के गठन को शुरू करके फिर हिंसा एवं दंगों का दौर शुरू नहीं करना चाहती थी।

3. तत्कालीन राजनीतिक क्षितिज के दो बड़े राजनीतिक सितारों ने भी इसको अपना समर्थन नहीं दिया (Two great leaders of their time did not favour) : उस समय के दो महान नेतागण–प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू तथा उप-प्रधानमंत्री वल्लभभाई पटेल भाषायी राज्यों के निर्माण के विरुद्ध थे। विभाजन के उपरांत, नेहरू ने कहा था, ‘विघटनकारी प्रवृत्तियाँ आगे बढ़ गयी हैं उन्हें रोकने के लिए, राष्ट्र को मजबूत एवं संगठित होना ही है।’ अथवा जैसा कि पटेल जी ने कहा था भारत की यह प्रथम एवं अंतिम आवश्यकता है कि इसमें इसे एक ही राष्ट्र बनाये रखा जाये। जो भी तत्व या कारक राष्ट्रीय एकता एवं सुदृढ़ता को बढ़ाने में सहायक हैं उन्हें प्रोत्साहित करना ही चाहिए और जो भी तत्व या कारक राष्ट्र की अखंडता, एकता के कार्य में खतरे पैदा करते हैं या अवरोधक खड़े करते हैं उन्हें हरसंभव तरीकों से तुरंत रोकना ही है। हमने इस बात पर भाषायी राज्य निर्माण को भी जाँचा-परखा है, यह परीक्षा में फेल रहा है, हम इन्हें किसी भी तरह से अपना समर्थन नहीं दे सकते।’

प्रश्न 7.
एक कारण बताइए कि आजादी के बाद भी भारत में अंग्रेजी क्यों जारी रही।
उत्तर:
1. स्वतंत्रता के उपरांत राष्ट्रीय भाषा या संपर्क भाषा का मामला भी संविधान सभा के सामने आया। इसके अनेक सदस्य कहने लगे कि देश की गुलामी के साथ ही विदेशी भाषा अंग्रेजी को भी अलविदा कह देना चाहिए और जो स्थान ब्रिटिश काल में अंग्रेजी को मिला हुआ था वह देश की सर्वाधिक जनसंख्या द्वारा बोली, समझी, लिखी तथा पढ़ी जाने वाली भाषा हिंदी को दे दिया जाना चाहिए। .

2. गैर-हिंदी भाषी लोगों की कुल अलग राय थी। संविधान सभा में बोलते हुए टी.टी. कृष्णामाचारी (T.T. Krishnamchari) ने कहा “मैं आपको दक्षिण के लोगों की तरफ से एक चेतावनी दे रहा हूँ, उनमें से कुछ ने तो यह धमकी तक दे डाली है कि वे भारत से अलग हो जायेंगे, यदि हिंदी उन पर थोपी गई तो।”

3. अंततः एक समझौता फार्मूला बनाने एवं फैसला लेने में प्रबुद्ध नेतागण सफल हो गये। ‘कार्यालय या सरकारी भाषा’ तो हिंदी बन जायेगी लेकिन न्यायालयों में, सरकारी सेनाओं में एवं संवादवहन के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य के मध्य अंग्रेजी भाषा आजादी के बाद भी जारी रहेगी।

प्रश्न 8.
आजादी के बाद प्रारंभिक दशकों में भारत के आर्थिक विकास की कल्पना किस तरह की गई थी?
उत्तर:
स्वतंत्रता के उपरांत के प्रारंभिक दशकों में भारत का आर्थिक विकास (The economic development of India visualised in the early decades after independence):
1. विकास के लिए नियोजन : भारत को ऊपर उठाना एवं भारतवासियों को निर्धनता से छुटकारा दिलाना एवं आधुनिक तकनीकी का निर्माण करना एवं औद्योगिक आधार बनाना आदि नये राष्ट्र के प्रमुख उद्देश्य थे। 1950 में सरकार ने योजना आयोग गठित किया ताकि वह सरकार को योजना तैयार करने (design करने) एवं उसे लागू करने में सहायता करे ताकि अनुकूल नीतियाँ एवं आर्थिक वृद्धि, विकास तेजी से संभव हो सके।

2. भारत की प्रथम पंचवर्षीय योजना 1 अप्रैल 1951 से 31 मार्च 1956 तक कार्य करती रही। इस योजना में देश के कृषि विकास पर अधिक जोर दिया गया, क्योंकि भारत आज की तरह ही उस समय भी कृषि प्रधान देश था।

3. 1950 से 1990-91 तक भारत ने ‘मिश्रित अर्थव्यवस्था’ की नीति (या नमूने model) का अनुसरणं किया। 1956 में दूसरी पंचवर्षीय योजना का निर्माण किया गया। इस योजना ने भारी उद्योगों तथा विशाल बहुउद्देशीय बाँधों के निर्माण पर जोर दिया। चूँकि इनमें भारी निवेश राशि की जरूरत थी अतः ये कार्य या परियोजनाएँ आदि राज्य के नियंत्रण में ही हो सकते थे। आगे आने वाले अनेक दशकों तक यही नीति जारी रखी गई। इस तरीके (approach) या ढंग को अनेक लोगों का जहाँ समर्थन प्राप्त हुआ, वहीं कुछ इसके आलोचक भी थे।

4. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से चूँकि हमारे देश ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में असाधारण प्रगति की है तथा देश के तीन आर्थिक क्षेत्रों-कृषि, उद्योगों एवं तकनीकी ने भी राष्ट्र को प्रगति के मार्ग पर खूब बढ़ाया है इसीलिए देश शीघ्र ही एक सुपर पावर (super power) बन जायेगा, ऐसा अनेक अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष मानने लग गये हैं। अनेक देशों ने भारत की प्रत्येक क्षेत्र में तीव्र प्रगति को मान लिया है।

5. स्वतंत्रता के उपरांत सरकार ने अनेक ऐसे कदम उठाये जिससे देश के सभी क्षेत्रों का संतुलित विकास हो सके। निःसंदेह हमारे राज्यों ने सामाजिक, आर्थिक क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है लेकिन यह भी सत्य है कि स्वतंत्रता के उपरांत ही अनेक क्षेत्रों में असंतुलित एवं कुछ क्षेत्रों में अपर्याप्त प्रगति के कारण ही असंतोष एवं विरोध की जोरदार आवाजें उठती रही हैं। लोगों ने इसके विरुद्ध आवाज उठायी। अन्याय की इस दुःखद भावनाओं एवं महसूस के कारण ही अनेक आंदोलन भी उठे हैं।

प्रश्न 9.
मीरा बहन कौन थीं? उनके जीवन और आदर्शों के बारे में पता लगाएँ।
उत्तर:
1. मीरा बेन राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की एक महत्त्वपूर्ण अनुयायी (साथी/शिष्या) थीं। गांधीजी उन्हें अपनी बहन की तरह बहत ही वात्सल्य दिया करते थे। मीरा बेन गाँधीजी के आदर्शों, दर्शन, जीवनशैली एवं कार्यशैली से बहुत प्रभावित थी। वे गाँधीजी की सादगी, सत्य, अहिंसा, सत्याग्रह, मानवतावाद, समानता, स्वतंत्रता आदि से इतनी प्रभावित थी कि उन्होंने गाँधीजी के संपर्क में आने के बाद साबरमती आश्रम में भारतीय हितों के लिए कार्य किया।

2. मीरा बेन ने जातिवाद के विरुद्ध कार्य किया। वे जाति के आधार पर देश में विद्यमान ऊँच-नीच, छुआछूत के विरुद्ध थीं। उन्होंने लिंग के आधार पर विषमता का विरोध करते हुए महिलाओं के अधिकारों तथा नारी-पुरुष में समानता का समर्थन किया। उन्होंने कृषि, उद्योगों, साधारण शिक्षा के साथ-साथ विश्वविद्यालयी शिक्षा दिए जाने का भी समर्थन किया।

3. मीरा बेन पर्यावरण संरक्षण के महत्त्व को समझती थी। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कार्य किया। वे आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण (अर्थात् वृक्षों की कटाई न हो, वन बने रहें, जल प्रदूषित न किया जाये, नदियों को प्रदूषण . से बचाया जाये) के प्रति भी समर्पित रहीं। साथ ही साथ मीरा बेन चाहती थी कि आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का अंधाधुंध इस्तेमाल न किया जाये।

4. 1949 में देश की स्वतंत्रता के उपरांत मीरा बेन ने लिखा था कि विज्ञान तथा बड़ी-बड़ी आधुनिक मशीनों से मानव को कुछ समय के लिए अल्पकालिक अनेक लाभ प्राप्त हो सकते हैं लेकिन इनसे दीर्घकाल में स्वयं मानव ही समाप्ति की ओर अग्रसर होता चला जाएगा। यदि हम चाहते हैं कि शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य रखने वाली हमारी भावी पीढ़ियाँ एवं मानव प्रजातियाँ विकसित होती रहें तो हमें प्रकृति या प्राकृतिक संतुलन का अध्ययन करना ही चाहिए तथा हमें अपने जीवन या जीवनशैली को प्राकृतिक नियमों के अंतर्गत विकसित करना चाहिए।

HBSE 8th Class Social Science Solutions History Chapter 12 स्वतंत्रता के बाद भारत

प्रश्न 10.
पाकिस्तान में भाषा के आथार पर हुए उन विवादों के बारे में और पता लगाएँ जिनकी वजह से बंगलादेश का जन्म हुआ। बंगलादेश को पाकिस्तान से आजादी कैसे मिली ?
उत्तर:
1. जिस समय भारत के विभाजन के उपरांत पाकिस्तान का निर्माण 14-15 अगस्त, 1947 को हुआ उस समय उन क्षेत्रों में (जो पाकिस्तान के क्षेत्र थे) उर्दू, फारसी, हिंदी, पंजाबी, बंगला, पश्तो, अंग्रेजी, सिंधी, मुल्तानी, बलूची भाषा आदि मुख्यतया बोली जाती थी। वस्तुतः मूलतः पाकिस्तान के दो भूखंड थे-पश्चिमी पाकिस्तान (जो आजकल पाकिस्तान है) तथा पूर्वी पाकिस्तान (जिसे आजकल बंग्लादेश कहते हैं।)

2. बंग्लादेश का निर्माण 1971 में हुआ। 1971 से पूर्व हुए आम चुनावों में अवामी पार्टी को भारी जनसमर्थन एवं स्थान मिले लेकिन देश के दो भू-भाग परस्पर बहुत दूर थे। पूर्वी पाकिस्तान की बंगाली भाषा और संस्कृति पश्चिमी पाकिस्तान से कई दृष्टियों से पूर्णतया भिन्न थीं। विकास की दृष्टि से इस भू-क्षेत्र की उपेक्षा होती रही। लोगों में उपेक्षा के कारण नाराजगी थी इसलिए 1971 में बंग्लादेश ने स्वयं को संप्रभुत्व राष्ट्र या पृथक पूर्ण स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया। एक युद्ध लड़ा गया जिसमें पूर्वी पाकिस्तान (बंग्लादेश) की विजय तथा पश्चिमी पाकिस्तान की पराजय हुई। भारत सहित अनेक देशों ने पूर्वी पाकिस्तान को बंग्लादेश के रूप में मान्यता दे दी। शेख मुजीबुर रहमान जो स्वतंत्रता संघर्ष के नेता थे स्वतंत्र देश के प्रथम राष्ट्राध्यक्ष बने।…

HBSE 8th Class History स्वतंत्रता के बाद भारत Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
15 अगस्त, 1947 को लाल किले पर क्या घटित हुआ था?
उत्तर:
15 अगस्त, 1947 को लाल किले से भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राष्ट्रीय ध्वज लहराया। वहाँ लाखों लोगों ने प्रथम स्वतंत्रता दिवस मनाया।

प्रश्न 2.
क्या देशी रियासतों ने भारतीय संविधान सभा में भागेदारी की थी?
उत्तर:
हाँ, संविधान सभा में देशी रियासतों ने भी भागेदारी की थी।

प्रश्न 3.
स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार के सामने दो तत्कालीन मामले (कार्य) क्या थे?
उत्तर:

  • पाकिस्तान से आये करोड़ों शरणार्थियों की समस्या का समाधान करना। उनका पुनर्वास एवं उन्हें रोजगार देना।
  • देश का एकीकरण एवं एकता बनाये रखना। विशेषकर 566 देशी रियासतों से भारत संघ में शामिल होने के लिए राजी कर लेना।

प्रश्न 4.
उन राज्यों (देशी रियासतों) के नाम लिखें जो 15 अगस्त, 1947 तक भारतीय संघ में शामिल नहीं हुए थे।
उत्तर:

  • जूनागढ़
  • हैदराबाद तथा
  • जम्मू और कश्मीर।

प्रश्न 5.
देशी रियासतों को सम्मिलित करने के कौन-से उपकरण थे?
उत्तर:

  • रियासतों की जनता ने भारत में शामिल होने का समर्थन किया तथा देशी राजाओं की स्वतंत्र रहने की स्थिति का विरोध किया।
  • तत्कालीन गृहमंत्री एवं देश के उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की योग्यता एवं कूटनीति ने बिना किसी विशेष कठिनाई के ही भारत संघ में शामिल होने के लिए विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए राजी कर लिया था।

प्रश्न 6.
फ्रांस के नियंत्रण के अधीन भारतीय भू-भागों (क्षेत्रों) के नाम लिखें।
उत्तर:

  • पांडिचेरी (अब पुदुचेरी)
  • कारिकल
  • माहे तथा
  • चंद्रनगर।

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प्रश्न 7.
जो क्षेत्र/भू-भाग पुर्तगालियों के अधीन थे उनके नाम लिखिए।
उत्तर:

  • दादरा एवं नगर हवेली
  • गोवा, दमन एवं दियू।

प्रश्न 8.
भारत में मिलने वाली (दिखाई देने वाली) पाँच विभिन्नताओं के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • सांस्कृतिक विभिन्नता।
  • जाति एवं उपजातियों की विभिन्नता।
  • धर्म तथा पंथों की विभिन्नता।
  • खान-पान तथा वेश-भूषा की विभिन्नता।
  • भाषा, बोलियों तथा साहित्यिक विभिन्नताएँ।

प्रश्न 9.
1956 में स्टेट रिऑर्गनाइजेशन एक्ट के द्वारा स्थापित राज्यों तथा संघ क्षेत्रों की संख्या बताइए।
उत्तर:
14 राज्य एवं 5 संघीय क्षेत्र।

प्रश्न 10.
वर्तमान भारत में कुल राज्यों एवं संघीय क्षेत्रों की संख्या क्या है?
उत्तर:
28 राज्य तथा 7 संघीय क्षेत्र।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 ने देशी रियासतों (Princely States) को क्या स्तर (या स्थिति)दिया था?
उत्तर:
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 में देशी रियासतों (जिनकी संख्या उस समय कुल 566 थी) के लिए प्रावधान था कि वे चाहें तो स्वतंत्र रूप से अपनी स्थिति (status) बनाये रख सकती थीं या चाहें तो वे पाकिस्तान में या भारत में शामिल हो सकते थीं।

प्रश्न 2.
स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत की जनसंख्या की रचना क्या थी? उस समय इसकी जो प्रमुख विभिन्नताएँ थीं, उनको लिखें।
उत्तर:
जिस समय भारत स्वतंत्र हुआ, उस समय देश की कुल जनसंख्या लगभग 347 करोड़ (यानी 345 मिलियन) थी। यह भी अनेक विभिन्नताओं में विभाजित दिखाई देती थी। देश में कई धर्मों तथा पंथों के लोग थे। देश में विभिन्न जातियों तथा उपजातियों के लोग रहते थे। बहुसंख्यक हिंदुओं के अतिरिक्त देश में मुसलमान, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी आदि भी थे। देश में लोग विभिन्न भाषाएँ एवं बोलियाँ बोलते थे। वे विभिन्न तरह की वेशभूषा पहना करते थे, उनका भोजन एवं पकवान भी विभिन्न तरह के होते थे। वे विभिन्न व्यवसायों में संलग्न थे।

प्रश्न 3.
भारत में जम्मू और कश्मीर किस तरह से मिला था?
उत्तर:
पाकिस्तान के उकसाने पर 1947 में कबालियों ने कश्मीर पर आक्रमण कर दिया। वहाँ के शासक महाराजा हरिसिंह के अनुरोध पर भारतीय सेना कश्मीर में भेजी गयी और सेना ने पाकिस्तानी सेना (कबायली) को खदेड़ दिया। कश्मीर का अधिकांश भाग अक्टूबर 1947 में भारत संघ का अभिन्न अंग बन गया। दुर्भाग्यवश कश्मीर में कुछ भाग पर पाकिस्तान ने अधिकार बनाये रखा। संयुक्त राष्ट्र संघ की मध्यस्थता के कारण युद्धविराम एवं शांति स्थापित हो गयी। जो भाग आज भी पाकिस्तान ने हथिया रखा है उसे POK (पीओके) अथवा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहा जाता है।

प्रश्न 4.
जूनागढ़ की जनता ने अपने नवाब के विरुद्ध विद्रोह क्यों कर दिया था?
अथवा
किस तरह से जूनागढ़ भारत का अभिन्न अंग बनाया गया था?
उत्तर:
जूनागढ़ की भौगोलिक स्थिति भारत के अनुकूल थी। वहाँ की अधिकांश जनसंख्या हिंदुओं की थी लेकिन नवाब इस्लाम का अनुयायी था। वह पाकिस्तान में मिलना चाहता था। उसके इस निर्णय के विरुद्ध जनता ने विद्रोह कर दिया। जब नवाब ने जनता को कुचलने की विफल कोशिश की तो सरदार पटेल ने नवाब को वास्तविक स्थिति पहचानने को कहा। नवाब ने जनमत संग्रह एवं निर्णय पर जोर दिया। जनता ने भारत के पक्ष में निर्णय दिया। इस प्रकार जूनागढ़ भारत का अभिन्न अंग बन गया। नवाब जान बचा कर पाकिस्तान भाग गया।

प्रश्न 5.
किस प्रकार से हैदराबाद भारत में शामिल हुआ था?
उत्तर:
हैदराबाद का नवाब स्वतंत्र रहने का दावा करने लगा। उसके विरुद्ध उसी के राज्य की जनता ने विद्रोह किये। पटेल ने समय पर सेना भेजकर हैदराबाद को भारत संघ में शामिल होने के लिए मजबूर किया। हैदराबाद भारत संघ का अंग बन गया।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय संविधान निर्माताओं के कार्य के स्वरूप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
1. भारतीय संविधान के निर्माताओं के काम का स्वरूप बहुत ही कठिन एवं चुनौतीपूर्ण था। पाकिस्तान के अलग होने के बाद संविधान सभा के सदस्यों का पुनर्गठन तथा सभी वर्गों, धर्मों, क्षेत्रों, प्रांतों तथा देशी रियासतों के लोगों को प्रतिनिधित्व देना तथा सभी देशी रियासतों को यथासंभव शांति से भारतीय संघ में शामिल कर लेना, देश की एकता तथा अखंडता को बनाये रखना आदि अनेक चुनौतियों को सुलझाना था।

2. 566 रियासतों के लोगों तथा शासकों को यह विश्वास दिलाना कि उनके साथ सदा बराबरी एवं न्यायपूर्ण व्यवहार होगा तथा वे स्वतंत्र न रहें तथा न ही पाकिस्तान की तरफ मुँह करें।

3. देश में कुछ जनजाति बहुल जनसंख्या वाले पहाड़ी एवं जंगली प्रदेश थे। उन्हें मुख्यधारा में लाना तथा उन्हें उनकी संस्कृति की स्वतंत्र पहचान बनाये रखने के साथ-साथ उनके हितों को उचित संरक्षण, समानता एवं स्वतंत्रता देना।

4. लेकिन अंतिम पर सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य संविधान निर्माताओं के समक्ष यह था कि देश को ऐसा लिखित संविधान दिया जाये जिसकी विशेषताएँ अद्भुत हों तथा उसमें सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक न्याय की व्यवस्थाएँ बनाना तथा देश का स्वरूप लोकतांत्रिक, गणराज्य, धर्मनिरपेक्षता, समाजवादी ढंग के समाज की रचना में सहायक होने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा की गारंटी देने वाला भी हो। देश के सभी लोगों की भुखमरी, बेरोजगारी दूर हो तथा सभी को सम्मानपूर्ण, गरिमा से जीने का अधिकार प्राप्त हो सके। सभी को अपने विकास के समान अवसर मिल सके।

स्वतंत्रता के बाद भारत Class 8 HBSE Notes

1. मताधिकार (Franchise): मत देने का अधिकार।

2. भाषायी (Linguistic) : भाषा से संबंधित।

3. राज्य (State) : सरकार से संबंधित, (नोट : ध्यान रहे कि सर्वे (survey) में इस शब्द का प्रयोग उनके लिए नहीं किया गया है जो किसी देश में पाये जाते हैं।)

4. विस्थापित लोग (Displaced persons) : जो लोग देश विभाजन के फलस्वरूप अपने घरों एवं संपदा आदि को छोड़कर भारत में 1947 में आये थे।

5. देशी रजवाड़े (Princely States) : अंग्रेजों के अप्रत्यक्ष नियंत्रण के अंतर्गत जिन राज्यों को भारतीय (देशी) नरेश शासित कर रहे थे। उस समय उनकी संख्या लगभग 564 थी।

6. संपर्क भाषा या सामान्य लोगों की भाषा (Lingua franca) : लोगों की सामान्य भाषा।

7. सार्क (SAARC) : दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन।

8. शीत युद्ध (Cold War) : दो विश्व शक्तियों-संयुक्त राज्य अमेरिका तथा सोवियत संघ के मध्य,1945 से 1991 की कालावधि में व्याप्त तनाव व युद्ध की आशंका से युक्त वातावरण।

9. कुपोषण (Malnutrition) : पोषणयुक्त भोजन का अभाव।

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10. संविधान (Constitution) : कानूनों का एक समुच्चय (A set of rules)।

11. मौलिक (Fundamental) : मूल, वास्तविक।

12. असहमत (Dissent) : असहमति (Disagreement)।

13. सत्याग्रह (Satyagraha) : सत्य के लिए निवेदन (प्रार्थना)।

14. द्विपक्षीय बातचीत (Bilateral Talks) : केवल दो देशों के बीच परस्पर बातचीत, व्यापार आदि।

15. मुक्ति आंदोलन (Liberation Movement): वह आंदोलन जो स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए चलाया जाये।

16. राजदूत (Ambassador) : एक महत्त्वपूर्ण अधिकारी जिसे किसी देश की सरकार द्वारा अन्य देश में अपने राष्ट्र एवं उसके पक्ष का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया गया हो या भेजा गया हो।

17. राजतंत्रशाही या राजतंत्र व्यवस्था (Monarchial system) : वह राजनीतिक या शासन संबंधी व्यवस्था जिसमें एक देश में राजा या महारानी अपने देश पर शासन करता/करती है। ब्रिटेन इसका एक उदाहरण है।

18. एकाधिकार (Monopoly): किसी एक ही व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के एक समूह के द्वारा किसी आधिपत्य स्थापित करना। यह आधिपत्य औद्योगिक, आर्थिक या राजनीतिक (सत्ता) किसी भी क्षेत्र में हो सकता है।

19. निषेध (Prohibition) : किसी कार्य विशेष को करने की मनाही (to forbid something)।

20. विश्व का सबसे लंबा (या बड़ा) संविधान (The Longest Constitution of the World): भारतीय संविधान विश्व का सबसे विशाल संविधान है।

21. विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र (The Largest Democracy of the World) : भारतीय लोकतंत्र, विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।

22. स्वतंत्रता के समय भारत की तीन अद्भुत विशेषताएँ (Three unique features of India at the time of Independence):

  • भारत एक विशाल देश था, यद्यपि उसका विभाजन पाकिस्तान के निर्माण के साथ हो गया था।
  • इस देश में अनेक प्रकार की विभिन्नताएँ विद्यमान थीं।
  • संपूर्ण देश दो विशाल समूहों में बुरी तरह विभाजित तथा परस्पर घृणा एवं फूट से ग्रसित था।

23. कराची शहर, पाकिस्तान ने जहाँ अपना प्रथम स्वतंत्रता दिवस मनाया था (Pakistan Independence celebrations were held in Karachi) : यह उत्सव 14 अगस्त, 1947 को मनाया गया था।

24. एक अर्धरात्रि जब भारत ने अपना स्वतंत्रता दिवस मनाया था (Amid-night India celebrated her Independence): 14-15 अगस्त, 1947 की अर्धरात्रि को।

25. भारत का संविधान जिस काल-अवधि के मध्य बनाया गया था (The Constitution of India was framed . between) : दिसंबर, 1946 से 26 दिसंबर, 1949 के मध्य भारतीय संविधान बनाया गया था।

26. भारतीय संविधान पर हस्ताक्षर किए गये थे (India’s Constitution was signed) : 26 दिसंबर, 1949 को।

27. भारतीय संविधान जब लागू किया गया था (The Indian Constitution came into effect on) : 26 जनवरी, 1950 को। इसी दिन भारत गणतंत्र बना।

28. प्रस्तावना (Preamble) : संविधान के शुरू में दिया गया प्राक्कथन (Preface) जिसमें वे उद्देश्य दिए होते हैं जिनको पाने के लिए किसी देश के लोग संविधान निर्माण करते हैं एवं स्वयं को समर्पित करते हैं।

29. धर्मनिरपेक्ष राज्य (Secular State): एक ऐसा राज्य (देश) जो किसी धर्म विशेष को वरीयता (preferance) नहीं देता तथा सभी धर्मों एवं धर्मावलंबियों को कानून के समक्ष समान रूप से व्यवहार करता है।

30. आर्थिक न्याय (Economic Justice) : प्रत्येक नागरिक को सम्मानपूर्वक जीवन बिताने का अवसर प्रदान करना।

31. सामाजिक न्याय (Social Justice) : राज्य के द्वारा अपने सभी नागरिकों को समान समझना, उनके साथ समान व्यवहार करना तथा उनके मध्य धनी या निर्धन होने, जातिगत आधार तथा लिंग आदि के आधार पर भेदभाव न करना।

32. संविधान की प्रस्तावना का महत्त्व (Importance of Preamble of Constitution) : प्रस्तावना संविधान की आत्मा है।

33. संविधान सभा (Constituent Assembly) : लोगों की सभा (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुनी गई) जो किसी देश के लिए संविधान का निर्माण करती है।

34. संविधान सभा के सदस्य (Members of Constituent Assembly) : भारत की संविधान सभा में 308 सदस्य थे जिनमें विभिन्न राजनीतिक पार्टियों, क्षेत्रों एवं समूहों के सदस्य शामिल थे।

35. भारतीय संविधान लेखन का कुल कालांश (Total Period of writing of Indian Constitution) : 2 वर्ष, 11 माह तथा 18 दिनों में अर्थात् लगभग 3 वर्षों में भारतीय संविधान लेखन का कार्य पूरा हुआ।

36. ड्राफ्टिंग कमेटी (प्रारूप तैयार करने वाली समिति) (Drafting Committee) : संविधान सभा ने अपने सदस्यों में से ही एक ड्राफ्टिंग कमेटी बनायी थी।

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37. ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष (Chairman of the Drafting Committee) : डॉ. भीमराव अंबेडकर।

38. संविधान सभा के अध्यक्ष (Chairman or the President of Constituent Assembly): डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे।

39. संविधान सभा की प्रथम सभा (First Meeting of the Constituent Assembly) : यह 9 दिसंबर, 1947 को हुई थी।

40. संविधान सभा में प्रतिनिधित्व (Representation of Constituent Assembly) : इसमें विभिन्न समुदायों, राजनीतिक दलों, बहुत कम धार्मिक समूहों वाले या अल्पसंख्यकों जैसे फ्रैंक एन्थोनी (Frank Anthony), एंग्लो-इंडियन तथा एच.पी. मोदी . (H.P. Modi) पारसियों का प्रतिनिधित्व करते थे।

41. संविधान सभा में महिला सदस्य (Women members of Constituent Assembly): सरोजिनी नायडू एवं विजयलक्ष्मी पंडित।

42. मौलिक अधिकार (Fundamental Rights): वे अधिकार जो संविधान द्वारा सभी नागरिकों को उनकी उन्नति एवं विकास के लिए दिये जाते हैं। इनके पीछे कानून की शक्ति होती है।

43. केंद्र तथा राज्यों के मध्य प्रशासन विभाजन (Division of Administration among Centre and States) : सभी विषयों को तीन मुख्य सूचियों में विभाजित किया गया है। वे हैं : संघ सूची (इसमें 97 विषय हैं), राज्य सूची (इसमें 66 विषय हैं) तथा समवर्ती सूची (इसमें 47 विषय हैं।)

44. संघ सूची (Union List) : वे विषय जिन पर केवल संघीय या केंद्रीय सरकार ही कानून बना सकती है।

45. राज्य सूची (State List) : इसमें दिये गये विषयों पर प्रायः केवल राज्य सरकार ही कानून बना सकती है।

46. समवर्ती सूची (Concurrent List) : इसमें दिए गए विषयों पर संघ तथा राज्य दोनों सरकारें ही कानून बना सकती हैं।

47. डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. B.R. Ambedkar): भारत के एक महान नेता, महान राष्ट्रभक्त, विद्वान तथा व्यक्तिगत तौर पर संविधान निर्माण का श्रेय उन्हें ही जाता है।

48. डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajender Prasad) : उन्हें संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया था। वे भी महान स्वतंत्रता सेनानी, देशभक्त तथा भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे।

49. जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) : वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी तथा स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। कई वर्षों तक (1947 से 1964 तक) वह इसी पद पर रहे थे।

50. सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) : वह भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री तथा प्रथम गृहमंत्री थे। उन्हें लौह पुरुष कहा जाता है। उन्होंने भारत की लगभग 560 से भी ज्यादा देशी रियासतें संघ में मिलायी थीं।

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