Author name: Bhagya

HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

Haryana State Board HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

HBSE 6th Class Science पदार्थों का पृथक्करण InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
पहेली जानना चाहती है कि ऐसे पदार्थों को पृथक् करने की हमें आवश्यकता ही क्यों होती है?
उत्तर:
किसी पदार्थ का उपयोग करने से पहले हमें उसमें मिश्रित हानिकारक तथा अनुपयोगी पदार्थों को पृथक् करने की आवश्यकता होती है। कभी-कभी हम उपयोगी पदार्थों को भी पृथक् करते हैं जिनकी हमें अलग से उपयोग करने की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 2.
नमक कहाँ से आता है?
उत्तर:
समुद्र के जल में अत्यधिक मात्रा में लवण मिले होते हैं। इन्हीं लवणों में से एक लवण साधारण नमक है। जब समुद्र के जल को बड़े-बड़े उथले गड्ढों में भरकर छोड़ दिया जाता है तो सूर्य की गर्मी से जल गर्म होकर वाष्पन द्वारा धीरे-धीरे वाष्प में बदलने लगता है। कुछ समय बाद सारा जल वाष्पित हो जाता है तथा ठोस लवण नीचे बच जाता है।

प्रश्न 3.
यदि हम जल की मात्रा निश्चित रखकर किसी पदार्थ की मात्रा निरन्तर बढ़ाते जायें तो क्या होगा?
उत्तर:
एक निश्चित मात्रा के बाद पदार्थ घुलना बंद कर देगा। अब यह विलयन संतृप्त विलयन बन जाता है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

HBSE 6th Class Science पदार्थों का पृथक्करण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
हमें किसी मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक् करने की आवश्यकता क्यों होती है? दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
जब दो या दो से अधिक पदार्थ मिलाए जाते हैं तो वह मिश्रण कहलाता है। कभी-कभी किसी मिश्रण के विभिन्न अवयव उपयोगी नहीं होते बल्कि हानिकारक होते हैं, इसलिए मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक् करने की आवश्यकता होती है।
उदाहरण- अनाज, दाल आदि में उपस्थित कंकड़ तथाभूसे के कण हानिकारक होते हैं अतः हम इन्हें निकाल देते हैं।

प्रश्न 2.
निष्यावन से क्या अभिप्राय है? यह कहाँ उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
जब वायु के झोंकों द्वारा मिश्रण से भारी तथा हल्के अवयवों को पृथक् किया जाता है तो इसे निष्पावन कहते हैं।
प्रायः किसान इस विधि का उपयोग हल्के भूसे को भारी अन्न से पृथक् करने के लिए करते हैं।

प्रश्न 3.
पकाने से पहले दालों के किसी नमूने से आप भूसे एवं धूल के कण कैसे पृथक् करेंगे?
उत्तर:

  • हस्तचयन द्वारा ऐसा कर सकते हैं।
  • हस्तचयन द्वारा गेहूँ, चावल तथा दालों से कुछ बड़े मिट्टी के कों, पत्थर तथा भूसे को पृथक् किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
छालन से क्या अभिप्राय है? यह कहाँ उपयोग होता है?
उत्तर:
छालन द्वारा छोटे कण छलनी के छिद्रों द्वारा निकल जाते हैं, जबकि बड़ी अशुद्धियाँ छलनी में रह जाती हैं।
उपयोग-छालन द्वारा पत्थर के टुकड़े, भूसा तथा डंडियाँ जो निष्पावन तथा श्रेशिंग के बाद गेहूँ में रह जाते हैं, को दूर किया जाता है।

प्रश्न 5.
रेत और जल के मिश्रण से आप रेत तथा जल को कैसे पृथक् करेंगे?
उत्तर:

  • मिश्रण को एक गिलास में थोड़ी देर के लिए रख देते हैं।
  • मिश्रण के भारी अवयव गिलास की तल्ली में बैठ जायेंगे। इसे अवसादन कहते हैं।
  • साफ जल ऊपरी परत के रूप में आ जायेगा।
  • इस जल को धीरे-धीरे अन्य गिलास में ले लेते हैं। इसे निस्तारण कहते हैं।

प्रश्न 6.
आटे और चीनी के मिश्रण से क्या चीनी को पृथक् करना सम्भव है? अगर हाँ, तो आप इसे कैसे करेंगे?
उत्तर:
हाँ, यह निम्न प्रकार से किया जा सकता है

  1. चीनी और आटे के मिश्रण में पर्याप्त जल मिलाते हैं।
  2. अब इसे छान लेते हैं।
  3. फिल्टर पेपर पर आटा एकत्र हो जाता है।
  4. आटा प्राप्त करने के लिए इसे सुखा लेते हैं।
  5. छना भाग चीनी व पानी का मिश्रण है।
  6. चीनी प्राप्त करने के लिए जल का वाष्पन कर लेते हैं।
  7. बर्तन में चीनी प्राप्त हो जाती है।

प्रश्न 7.
पंकिल जल के किसी नमूने से आप स्वच्छ जल कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर:
पंकिल जल से हम स्वच्छ जल निम्न प्रकार प्राप्त कर सकते हैं

  1. पंकिल जल को किसी बर्तन में थोड़ी देर के लिए ऐसे ही रख देते हैं।
  2. कीचड़ नीचे तली में बैठ जायेगी। इसे अवसादन कहते हैं।
  3. ऊपरी परत स्वच्छ जल की होगी।
  4. इसे निस्तारण द्वारा अलग कर लेते हैं।
  5. कीचड़ के कणों को अलग करने के लिए इसे फिर छान लें। छानने को निस्पंदन कहते हैं।

प्रश्न 8.
रिक्त स्थानों को भरिए
(क) धान के दानों को डंडियों से पृथक् करने की विभि को ………………… कहते हैं।
(ख) किसी एक कपड़े पर दूध को उड़ेलते हैं तो मलाई उस पर रह जाती है। पृथक्करण की यह प्रक्रिया ………………… कहलाती है।
(ग) समुद्र के जल से नमक ………………… प्रक्रिया द्वारा पृथक किया जाता है।
(घ) जब पंकिल जल को पूरी रात एक बाल्टी में रखा जाता है तो अशुद्धियाँ तली में बैठ जाती हैं। इसके पश्चात् स्वच्छ जल को ऊपर से पृथक् कर लेते हैं। इसमें उपयोग होने वाली पृथक्करण की प्रक्रिया को ………………… कहते हैं।
उत्तर:
(क) श्रेसिंग
(ख) निस्यंदन
(ग) वाष्पन
(घ) निस्तारण।

प्रश्न 9.
सत्य अथवा असत्य ?
(क) दूध और जल के मिश्रण को निस्पंदन द्वारा पृथक किया जा सकता है।
(ख) नमक तथा चीनी के मिश्रण को निष्पावन द्वारा पृथक् किया जा सकता है।
(ग) चाय की पत्तियों का चाय से पृथक्करण निष्यंदन द्वारा किया जा सकता है।
(घ) अनाज और भूसे का पृथक्करण निस्तारण प्रक्रम द्वारा किया जा सकता है।
उत्तर:
(क) असत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) असत्य।

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प्रश्न 10.
जल में चीनी तथा नीबू का रस मिलाकर शिकंजी बनाई जाती है। आप बर्फ डालकर इसे ठंडा करना चाहते है। इसके लिए शिकंजी में बर्फ चीनी घोलने से पहले डालेंगे या बाद में? किस प्रकरण में अधिक चीनी घोलना सम्भव होगा?
उत्तर:
(1) हमें शिकंजी में चीनी घोलने के बाद बर्फ डालनी चाहिए।
(2) बर्फ डालने से पहले चीनी घोलना अधिक सम्भव होता है। ठंडे पानी में चीनी घोलना कठिन होता है।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पी प्रश्न : निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए

1. दही से मक्खन को निकाला जाता है-
(क) छानन द्वारा
(ख) मंथन द्वारा
(ग) वाष्पन द्वारा
(घ) निष्पावन द्वारा
उत्तर:
(ख) मंथन द्वारा

2. गेंहूँ, चावल आदि से कंकड़ निकालने की प्रचलित विधि है
(क)निस्पावन
(ख) ग्रेसिंग
(ग) हस्त चयन
(घ) फटकना
उत्तर:
(ग) हस्त चयन

3. किस प्रक्रिया में पवन की आवश्यकता होती है?
(क) निष्पावन में
(ख) हस्त चयन में
(ग) चालन में
(घ) निष्यंदन में
उत्तर:
(क) निष्पावन में

4. समुद्र जल से नमक पृथक् किया जाता है
(क) संघनन द्वारा
(ख) निष्यंदन द्वारा
(ग) निष्पावन द्वारा
(घ) वाष्पन द्वारा
उत्तर:
(घ) वाष्पन द्वारा

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II. रिक्त स्थान : निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए

1. मक्खन को पृथक करने के लिए दूध या दही का …………………. किया जाता है।
2. कभी-कभी …………………. का कार्य बैलों की सहायता से किया जाता है।
3. …………………. का उपयोग पवनों अथवा वायु के झोकों द्वारा मिश्रण से भारी तथा हल्के अवयवों को पृथक करने में किया जाता है।
4. जल को उसके वाष्प में बदलने की प्रक्रिया को …………………. कहते हैं।
उत्तर:
1. मंथन
2. बेंसिंग
3. निष्पावन
4. वाष्पन।

III. समेलन : कॉलम ‘A’ के शब्दों का मिलान कॉलम ‘B’ के शब्दों से कीजिए

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. छलनी(i) आटा छानना
2. निस्तारण(ii) चाय की पत्ती को द्रव से पृथक करना
3. चालन(ii) पानी से नमक पृथक करना
4. वाष्पन(iv) पानी को मिट्टी से पृथक करना

उत्तर:

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. छलनी(ii) चाय की पत्ती को द्रव से पृथक करना
2. निस्तारण(iv) पानी को मिट्टी से पृथक करना
3. चालन(i) आटा छानना
4. वाष्पन(ii) पानी से नमक पृथक करना

IV. सत्य/असत्य : निम्नलिखित वाक्यों में सत्य एवं असत्य कथन छोटिए

1. अशुद्धियों को दूर करने के लिए पृथक्कर प्रक्रिया आवश्यक होती है।
2. हस्त चयन द्वारा दाल एवं चावल से कंकड़ों को पृथक् किया जाता है।
3. वाष्पन द्वारा किसी भी प्रकार की अशुद्धि को दूर किया जा सकता है।
4. श्रेसिंग में मशीनों का उपयोग भी किया जाता है।
उत्तर:
1. सत्य,
2. सत्य
3. असत्य,
4. सत्य।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चाय बनाते समय चाय की पत्तियों को द्रव से कैसे पृथक् किया जाता है?
उत्तर:
चालनी (छलनी) द्वारा।

प्रश्न 2.
दूध से क्रीम पृथक करने की विधि का नाम बताइये।
उत्तर:
मंथन द्वारा दूध से क्रीम पृथक की जाती है।

प्रश्न 3.
क्या होता है जब रेत तथा बुरादे अथवा सूखी पत्तियों के मिश्रण को हवा में कुछ ऊँचाई से गिराया जाता (क्रियाकलाप)
उत्तर:
रेत जिस स्थान पर गिरता है, पत्तियाँ या बुरादी उससे कुछ दूर गिरता है। ऐसा करने से रेत एवं बुरादा या पत्तियाँ पृथक् हो जाते हैं।

प्रश्न 4.
बाजार से खरीदे गए दाल, चावल, गेहूँ आदि में किस प्रकार की अशुद्धियाँ हो सकती हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
कंकड़, तिनके आदि।

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प्रश्न 5.
नीचे दिये गये कथनों में गहरे काले शब्दों को शुद्ध करके लिखिए
(क) किसी पदार्थ के विलयन को ठण्डा करने पर उसमें और अधिक पदार्थ घोला जा सकता है।
(ख) घर में मक्खन बनाने के लिए श्रेसिंग विधि का प्रयोग किया जाता है।
(ग) जल से नमक प्राप्त करने के लिए छानन विधि का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर:
(क) गर्म
(ख) मंथन विधि
(ग) वाष्पन विधि।

प्रश्न 6.
एक शब्द में उत्तर दीजिए
(क) भूसा अनाज के भारी बीजों से कैसे पृथक् किया जाता है?
(ख) जल से कूड़े-करकट को कैसे पृथक् करोगे? (ग) दाल में से कंकड़ कैसे अलग करोगे?
(घ) जल में मिट्टी के कणों के तली में बैठ जाने की विधि क्या है?
उत्तर:
(क) निष्पावन
(ख) छानन विधि
(ग) हस्त चयन
(घ) अवसादन।

प्रश्न 7.
चालन विधि का प्रयोग कहाँ किया जाता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:

  1. चालन द्वारा चाक पाउडर तथा आटा छाना जा सकता है।
  2. चालन द्वारा रेत से कंकड़ पृथक् किए जा सकते हैं।

प्रश्न 8.
शस्य कर्तन के समय अनाज को कैसे पृथक् करते हैं?
उत्तर:
इंडियों से पीट-पीटकर पृथक् करते हैं।

प्रश्न 9.
दूध या दही का मंथन करने पर क्या होता है?
उत्तर:
दूध से क्रीम तथा दही से मक्खन पृथक हो

प्रश्न 10.
हस्तचयन का एक अनुप्रयोग बताइए।
उत्तर:
हस्तचयन द्वारा दाल में से कंकड़ों को पृथक किया जाता है।

प्रश्न 11.
अवसादन किसे कहते हैं?
उत्तर:
यह पृथक्करण की एक विधि है, जिसमें भारी कण नीचे बैठ जाते हैं।

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प्रश्न 12.
चालन किसे कहते हैं? एक अनुप्रयोग बताइए।
उत्तर:
छोटे कणों को हिला-हिलाकर बारीक छिद्रों से होकर पृथक् करना चालन कहलाता है।
अनुप्रयोग आटे को छानना।

प्रश्न 13.
वाष्पन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जल का वाष्प के रूप में परिवर्तित होना वाष्पन कहलाता है।

प्रश्न 14.
संघनन किसे कहते हैं? उत्तर-वाष्प का द्रव में परिवर्तित होना संघनन कहलाता लिखिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
श्रेसिंग किसे कहते हैं? इसका एक अनुप्रयोग
उत्तर:
इंडियों से अन्नकणों अथवा अनाज को पृथक् करने की क्रिया श्रेसिंग कहलाती है।
इस विधि द्वारा गेहूँ, चावल, जौ आदि के अन्न कण पृथक् किये जाते हैं।

प्रश्न 2.
निष्पावन क्या है? इस विधि के एक अनुप्रयोग का विवरण दीजिए।
उत्तर:
निष्पावन भारी तथा हल्के कणों को वायु या हवा द्वारा पृथक् करने की विधि को निष्पावन कहते हैं।
निष्पावन विधि द्वारा भुसे से अन्न कणों को पृथक किया जाता है। इस विधि में मिश्रण को ऊँचाई से गिराते हैं जिससे भूसे के कण हवा द्वारा उड़कर दूर चले जाते हैं।

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प्रश्न 3.
नमक, चीनी, सिरका, दूध की जल में कितनी मात्रा को आसानी से घोला जा सकता है? सूची बनाइए। (क्रिया कलाप)
उत्तर:

पदार्थजल में घुलने वाले पदार्थ की मात्रा (चम्मचों की संख्या)
1. नमकचार
2. चीनीपाँच
3. सिरकादस
4. दूधकाफी मात्रा

प्रश्न 4.
अवसादन और निस्तारण से आप क्या समझते
उत्तर:
अवसादन : किसी मिश्रण में जल मिलाने पर भारी अवयवों के नीचे तली में बैठ जाने के प्रक्रम को अवसादन कहते हैं।
निस्तारण : अवसादित मिश्रण को बिना हिलाए जल को मिट्टी सहित उड़ेलने की क्रिया को निस्तारण कहते हैं।

प्रश्न 5.
द्रवों के मिश्रण को पृथक करने में किस विधि का प्रयोग किया जाता है? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
द्रवों के मिश्रण को अवसादन एवं निस्तारण विधि द्वारा पृथक किया जाता है। उदाहरण के लिए तेल एवं जल के मिश्रण को कुछ समय के लिए रखा रहने देते हैं। तेल जल के ऊपर एक पृथक परत के रूप में एकत्र हो जाता है। तेल को निष्तारण विधि द्वारा पृथक कर लिया जाता है।

प्रश्न 6.
जल से नमक पृथक् करने की दो विधियाँ लिखिए।
उत्तर:

  1. नमक युक्त जल को किसी चौडे व उथले बर्तन में रखकर धूप में कुछ दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है, जिससे जल वाष्प बनकर उड़ जाता है तथा नमक शेष रह जाता है।
  2. नमक युक्त जल को किसी बर्तन में धीरे-धीरे गर्म करते हैं जिससे जल वाष्प बन जाता है तथा नमक बर्तन में बच जाता है।

प्रश्न 7.
समुद्र से नमक किस प्रकार प्राप्त किया जाता है?
उत्तर:
समुद्र के किनारे छोटे-छोटे आकार की अनेक क्यारियाँ बना ली जाती हैं। अब इन क्यारियों में समुद्र का जल भर दिया जाता है। सूर्य के प्रकाश की गर्मी से जल वाष्प बनकर उड़ता रहता है और नमक क्यारी में बच जाता है। बाद में इसे एकत्र कर लिया जाता है और यह क्रिया पुनः दोहराई जाती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हम पदार्थों को पृथक् क्यों करते हैं? पृथक्करण का प्रक्रम, उद्देश्य तथा पृथक्कृत अवयवों की तालिका बनाइए। (कोई तीन प्रक्रम) (क्रिया कलाप)
उत्तर:
सारणी- हम पदार्थों को पृथक् क्यों करते हैं?

पृथक्करण प्रफ्रमउद्देश्य जिसके लिए हम पृथक्करण करते हैंप्रथक्कृत अवयर्वों का हम क्या करते हैं
1. चावल से ककड़ पत्थरों को पृथक् करना(क) हानिकारक अवयवों अथवा अशुद्धियों को दूर करना(i) हम अशुद्धियों को फेंक देते हैं।
2. मक्खन निकालने के लिए दूध का मंथन(ख) दो भिन्न परन्तु उपयोगी पदार्थों को पृथक करना(ii) हम दोनों अवयवों का उपयोग करते हैं।
3. चाय की पत्तियाँ पृथक् करना(ग) अनुपयोगी अवयवों को दूर करना(iii) ठेस घटकों को फेंक दिया जाता है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

प्रश्न 2.
दूध से क्रीम तथा दही से मक्खन पृथक् करने की विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
दूध से क्रीम तथा दही से मक्खन मंथन विधि द्वारा पृथक् किए जाते हैं।
दूध से क्रीम पृथक् करना – दूध को लम्बे-लम्बे सिलिण्डरों में लेकर इन्हें मशीन में रखकर तेजी से घुमाया जाता है। क्रीम के कण हल्के होने के कारण दूध की सतह पर तैरने लगते हैं जिन्हें छानकर पृथक् कर लिया जाता है।

दही से मक्खन पृथक् करना – दही को मथनी में लेकर इसे हस्तचालित मथानी या विद्युत प्रचालित मथानी से तीव्रता घुमाया जाता है। इससे मक्खन दही की सतह पर तैरने लगता है। मक्खन पृथक् करने के बाद छाछ शेष बचती है।

प्रश्न 3.
निष्पावन विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
निष्पावन:
वायु के झोंकों द्वारा हल्की तथा भारी वस्तुओं को पृथक् करने की विधि निष्पावन कहलाती है। अनाज से तिनके, भूसे तथा रेत के कणों को निष्पावन विधि द्वारा पृथक् किया जाता है।
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण -1
चित्र : निष्यावन
इस विधि में अशुद्धि युक्त अनाज को किसी पात्र में कुछ ऊँचाई पर ले जाकर धीरे-धीरे गिराया जाता है। हल्के कण जैसे—धूल, भूसा तथा तिनके वायु के झोंके के साथ दूर उड़ जाते हैं जबकि अनाज भारी कण होने के कारण उसी स्थान पर गिरते हैं। इस प्रकार अनाज को प्राप्त कर लिया जाता है।

प्रश्न 4.
पंकिल जल को पृथक् करने की विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पंकिल जल को फिल्टर पत्र द्वारा निस्पंदन करके पृथक् किया जा सकता है। फिल्टर पत्र एक ऐसा निस्पंदक पत्र होता है जिसमें अत्यन्त सूक्ष्म छिद्र होते हैं। फिल्टर पत्र को विभिन्न कोणों पर मोड़कर एक कोन बना लिया जाता है। फिर इस कोन को कीप में रखकर बीकर के ऊपर स्टैण्ड पर कस दिया जाता है। अब कोन के अन्दर पंकिल जल को डालते हैं। शुद्ध जल फिल्टर से छनकर बीकर में एकत्र होता रहता है तथा पंक फिल्टर पत्र के कोन में रह जाती है।
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण -2

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

पदार्थों का पृथक्करण Class 6 HBSE Notes in Hindi

→ किसी पदार्थ का प्रयोग करने से पहले हमें उसमें से मिश्रित निरर्थक एवं हानिकारक पदार्थों को पृथक् करने की आवश्यकता होती है।
→ पदार्थों के पृथक्करण की अनेक विधियाँ हैं, जैसे हाथ से चुनना (हस्तचयन), थेसिंग, अवसादन, निस्तारण, नियंदन, वाष्पन, चालन आदि।
→ अनाज से भूसा और पत्थरों को हस्तचयन द्वारा पृथक् किया जाता है। भूसा और अनाज के भारी बीजों को निष्पावन विधि द्वारा पृथक् किया जाता है।
→ डंडियों से अन्न कणों अथवा अनाज को भूसे से अलग करने की विधि को श्रेसिंग कहते हैं।
→ निष्पावन विधि का उपयोग पवन अथवा वायु के झोंकों द्वारा मिश्रण से भारी तथा हल्के अवयवों को पृथक् करने में किया जाता है।
→ रेत और जल के मिश्रण में, रेत के भारी कण तली में बैठ जाते हैं और निस्तारण की विधि द्वारा जल को पृथक् किया जा सकता है।
→ द्रव तथा उसमें अविलेय पदार्थों के अवयवों को निस्यंदन के उपयोग से पृथक् किया जा सकता है।
→ किसी द्र को उसकी वाष्प में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को वाष्पन कहते हैं। वाष्पन की विधि का उपयोग द्रव में घुले ठोस को पृथक् करने में किया जाता है।
→ जिस विलयन में कोई पदार्थ और अधिक न घुल सके, वह उस पदार्थ का संतृप्त विलयन होता है।
→ किसी पदार्थ के विलयन को गर्म करने पर उसमें और अधिक पदार्थ घोला जा सकता है।
→ जल विलेय पदार्थों की विभिन्न मात्राएँ घोलता है।
→ मंथन – यह वह विधि है जिसमें दही को मथकर मक्खन पृथक् किया जाता है।
→ हस्तचयन – अनाज से कंकड़, मिट्टी के टुकड़े, अनुपयोगी कणों को हाथ से चुनकर अलग करना।
→ श्रेशिंग – इंडियों से अन्नकणों अथवा अनाज को पृथक् करने की विधि।
→ निष्यावन – किसी मिश्रण के अवयवों को हवा द्वारा पृथक् करने का प्रक्रम।
→ चालन – मिश्रण के दो ऐसे अवयवों जिनके आकारों में अन्तर हो, को पृथक् करने के लिए उपयोगी विधि।
→ अवसादन – मिश्रण में जल मिलाने पर भारी अवयवों के नीचे तली में बैठ जाने की प्रक्रिया।
→ निस्तारण – अवसादित मिश्रण को बिना हिलाए जल को मिट्टी सहित उड़ेलने की क्रिया निस्तारण कहलाती है।
→ निस्पंदन – द्रव में मिश्रित ठोस कणों को पृथक् करने की विधि।
→ बाष्पन – जल को उसके वाष्प में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है।
→ संघनन – जल वाष्प से उसकी द्रव अवस्था में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को संघनन कहते हैं।
→ विलयन – जल में अन्य पदार्थ घोलकर बना द्रव।
→ संतृप्त विलयन – किसी द्रव में कोई अन्य पदार्थ घोलने से विलयन बनता है। ऐसा विलयन जिसमें और अधिक पदार्थ न घोला जा सके संतृप्त विलयन कहलाता है।

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HBSE 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 भोजन-पौष्टिक तत्त्व, संवर्धन तथा संरक्षण

Haryana State Board HBSE 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 भोजन-पौष्टिक तत्त्व, संवर्धन तथा संरक्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 भोजन-पौष्टिक तत्त्व, संवर्धन तथा संरक्षण

अति लघु उत्तरीय प्रश्न –

प्रश्न 1.
भोजन हमारे शरीर में कौन-कौन से काम आता है ? सूची बनाओ।
उत्तर :
भोजन प्राणियों को जीवित रखने के अतिरिक्त शरीर में निम्नलिखित कार्य करता है
1. शरीर को शक्ति देता है-मशीनों की तरह मानवीय शरीर को भी शक्ति की आवश्यकता होती है जोकि भोजन से प्राप्त होती है।
2. शरीर की वृद्धि-जन्म से लेकर जवानी तक मानवीय शरीर में लगातार वृद्धि होती है। इस वृद्धि के पीछे भोजन की शक्ति ही कार्य करती है।
3. टूटे तन्तुओं की मुरम्मत- भोजन शरीर के नष्ट हुए तन्तुओं के स्थान पर नए तन्तु बनाता है।

प्रश्न 2.
भोजन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर :
वे सभी पदार्थ जो हम खाते हैं (दवाइयां और शराब को छोड़कर) जिनसे हमारा शरीर बनता और बढ़ता है, को भोजन कहा जाता है। भोजन से हमारे शरीर में गर्मी और ऊर्जा पैदा होती है। इससे शरीर अपनी क्रियाएं करने के योग्य हो जाता है और अपने टूटे हुए सैलों की मरम्मत भी कर सकता है।

HBSE 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 भोजन-पौष्टिक तत्त्व, संवर्धन तथा संरक्षण

प्रश्न 3.
भोजन के कौन-से पौष्टिक तत्त्वों से हमें ऊर्जा मिलती है ?
उत्तर :
भोजन के कार्बोज, चिकनाई और प्रोटीन से शरीर को ऊर्जा मिलती है।

प्रश्न 4.
भोजन जीवन का मूल आधार माना जाता है। क्यों ?
उत्तर :
भोजन शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर की अन्दरूनी तोड़-फोड़ की मरम्मत करता है। ऊर्जा से शरीर अपनी आवश्यक क्रियाएं करने योग्य होता है और साथ साथ शरीर की मरम्मत भी होती रहती है। ये दोनों क्रियाएं शरीर को जीवित रखती हैं। इसलिए भोजन को जीवन का मूल आधार कहा जाता है।

प्रश्न 5.
शक्ति या ऊर्जा देने वाले भोज्य पदार्थों के नाम लिखें।
अथवा
ऐसे पौष्टिक तत्त्व के नाम बताएं जिनसे हमें ऊर्जा प्राप्त होती है। हर एक तत्त्व की प्राप्ति का एक उत्तम साधन भी बताएं।
उत्तर :
शक्ति निम्नलिखित भोजन पदार्थों से मिलती है, जैसे –
1. कार्बोज़ युक्त पदार्थ-गुड़, शक्कर, चीनी और जड़ों वाली सब्जियां।
2. चिकनाई युक्त पदार्थ- भोजन पदार्थ जैसे मक्खन, घी, तेल और तले हुए भोजन पदार्थ।
3. प्रोटीन युक्त पदार्थ-भोजन पदार्थ जैसे दूध, दही, मक्खन, अण्डे, मीट आदि।

HBSE 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 भोजन-पौष्टिक तत्त्व, संवर्धन तथा संरक्षण

प्रश्न 6.
शरीर का निर्माण तथा टूटी-फूटी कोशिकाओं की मुरम्मत करने के लिए कौन-से पौष्टिक तत्त्वों की आवश्यकता होती है तथा कौन-से भोजन पदार्थो से प्राप्त किए जा सकते हैं ?
उत्तर :
भिन्न-भिन्न शारीरिक क्रियाएं करते समय शरीर के सैल टूटते, घिसते और नष्ट होते रहते हैं। इसलिए नये सैलों के निर्माण के लिए हमें प्रोटीन युक्त भोजन पदार्थ खाने चाहिएं जैसे अण्डा, दूध, मीट, मछली, अनाज। सोयाबीन प्रोटीन का एक मुख्य और सस्ता स्रोत है।

प्रश्न 7.
भोजन के पौष्टिक तत्त्व कौन-से हैं ? उनके नाम लिखो।
उत्तर :
पौष्टिक तत्त्व भोजन का महत्त्वपूर्ण अंग है ये भिन्न-भिन्न रासायनिक तत्त्वों का मिश्रण होते हैं। इनकी शरीर को काफ़ी मात्रा में आवश्यकता होती है। एक सन्तुलित भोजन में निम्नलिखित पौष्टिक तत्त्व होते हैं-प्रोटीन, कार्बोज, चिकनाई, विटामिन, लवण और पानी।

प्रश्न 8.
प्रोटीन कौन-से तत्त्वों का मिश्रण है ?
उत्तर :
प्रोटीन पौष्टिक तत्त्वों में एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। इसको मानवीय जीवन का आधार कहा जाता है। प्रोटीन कई प्रकार के अमीनो अम्लों के मिश्रण से बनता है। यह अमीनो अम्ल, कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और कई सल्फर के संयोग से बनते हैं।

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प्रश्न 9.
कौन-सा तत्त्व केवल प्रोटीन में ही मिलता है ?
उत्तर :
नाइट्रोजन तत्त्व केवल प्रोटीन में ही मिलता है।

प्रश्न 10.
कार्बोहाइड्रेट के मुख्य स्त्रोत कौन-से हैं ?
उत्तर :
यह हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और कार्बन का मिश्रण है। यह शरीर को गर्मी और शक्ति देने का सबसे सस्ता स्त्रोत है। कार्बोहाइड्रेट, गेहूँ, चावल, मक्की, जौ, फल, सूखे मेवे, गुड़, शक्कर, चीनी, शहद आदि से प्राप्त होता है।

प्रश्न 11.
विटामिन हमारे जीवन तत्त्व क्यों हैं ?
उत्तर :
विटामिन पौष्टिक तत्त्वों में एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व हैं। ये बढ़िया स्वास्थ्य, शारीरिक वृद्धि और बीमारियों का मुकाबला करने के लिए आवश्यक हैं। ये हमारे शरीर को थोड़ी मात्रा में चाहिए। परन्तु शरीर इनकी रचना नहीं कर सकता है। इसलिए इनको भोजन में शामिल करना आवश्यक है।

प्रश्न 12.
पानी में घुलनशील विटामिन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर :
घुलनशीलता के आधार पर विटामिनों को दो भागों में विभाजित किया जाता है-चर्बी में घुलनशील और पानी में घुलनशील विटामिन। पानी में घुलनशील विटामिनों का एक ग्रुप बी समूह होता है जो पानी में घुल जाता है। इसके अतिरिक्त विटामिन ‘सी’ तथा विटामिन ‘बी’ भी पानी में घुलनशील हैं।

प्रश्न 13.
पोषक तत्त्व क्या हैं ?
उत्तर :
पोषक तत्त्व भोजन में रहने वाले वह रासायनिक पदार्थ हैं जो शरीर को पोषण प्रदान करते हैं।

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प्रश्न 14.
पोषक तत्त्व कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर :
पोषक तत्त्व दो प्रकार के होते हैं –
1. सूक्ष्म पोषक तत्त्व।
2. वृहद पोषक तत्त्व।

प्रश्न 15.
सूक्ष्म एवं वृहद पोषक तत्त्वों में अन्तर उदाहरण सहित समझाएं।
उत्तर :
सूक्ष्म पोषक तत्त्व भोजन में अल्प मात्रा में रहते हैं, पर शरीर के लिए बहुत आवश्यक हैं। खनिज व विटामिन सूक्ष्म पोषक तत्त्व हैं। वृहद पोषक तत्त्व भोजन में बड़ी मात्रा में उपस्थित रहते हैं। यह तत्त्व शरीर के लिए बड़ी मात्रा में ही चाहिये होते हैं। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व वसा वृहद पोषक तत्त्व हैं।

प्रश्न 16.
प्राणिज प्रोटीन व वनस्पति प्रोटीन में क्या अन्तर है ?
अथवा
प्राणिज प्रोटीन और वनस्पतिक प्रोटीन के दो-दो उदाहरण दें।
उत्तर :
प्राणिज प्रोटीन-हमें दूध, मछली, मांस आदि से मिलते हैं। वनस्पति प्रोटीन हमें गेहूँ, सोयाबीन, मटर, दाल आदि से मिलते हैं।

प्रश्न 17.
वसा के दो स्रोत कौन-से हैं ?
उत्तर :
वसा के दो स्रोत हैं प्राणिज वसा- पशु जन्य पदार्थों आदि से मिलता है। वनस्पति वसा-मूंगफली, नारियल, सरसों आदि से मिलता है।

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प्रश्न 18.
आभाव जन्य रोग से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :
यह एक ऐसी स्थिति है जो शरीर में तब उत्पन्न होती है जब कोई पोषक तत्त्व हमारे दैनिक आहार में शामिल नहीं होता है। यदि हम उस पोषक तत्त्व का सेवन दुबारा करना शुरू कर देते हैं तो यह दूर हो जाते हैं।

प्रश्न 19.
भोजन पकाने का क्या महत्त्व है ?
उत्तर :
भोजन पकाने के अनेक फायदे हैं, जैसे –

  1. पकाने से भोजन आसानी से पचता है।
  2. पकाने से खाद्य पदार्थों की दिखावट, प्रकृति, रंग, गन्ध और स्वाद में सुधार होता है।
  3. पकाने से आप खाद्य पदार्थों से अनेक प्रकार के व्यंजन बना सकते हैं।
  4. पकाने से खाद्य पदार्थ अधिक देर तक रखने में सहायता मिलती है।
  5. पकाने से भोजन सुरक्षित और रोगाणुरहित बन जाता है।

प्रश्न 20.
संवर्धन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :
विशेष विधियों से खाद्य पदार्थों के पोषकों में सुधार लाने की प्रक्रिया संवर्धन (Enrichment) कहलाती है। इससे खाद्य पदार्थों के स्तर में सुधार आता है एवं उसकी पौष्टिकता बढ़ती है।

प्रश्न 21.
उस विटामिन का नाम लिखें जो प्रकाश और गर्मी से जल्दी नष्ट हो जाता है और उस विटामिन का एक मुख्य कार्य भी बताएं।
उत्तर :
राइबोफ्लेविन (विटामिन B2) गर्मी और रोशनी से शीघ्र नष्ट हो जाते हैं। यह हमारी त्वचा तथा मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है।

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प्रश्न 22.
कौन-कौन से खनिज पदार्थ हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं ? नाम बताओ।
उत्तर :
हमारे शरीर को दो प्रकार के खनिज पदार्थों की आवश्यकता होती है। एक मैक्रोमिनरल्ज़ जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस, सल्फर, सोडियम और क्लोरीन आदि। दूसरे माइक्रोमिनरल्ज़ हैं जैसे लोहा, आयोडीन, तांबा, जिंक, कोबाल्ट आदि।

प्रश्न 23.
निशास्ते में कौन-सा पौष्टिक तत्त्व होता है और यह तत्त्व और कौन से भोजन पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है ?
उत्तर :
निशास्ते में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं। यह अनाजों, जड़ों वाली सब्जियां और कंदमूल जैसे शकरकंदी और आलू में होता है।

प्रश्न 24.
कैल्शियम के कार्य बतायें।
उत्तर :
देखें प्रश्न 22 लघु उत्तरीय प्रश्न का उत्तर।

प्रश्न 25.
पोषक तत्त्वों के संवर्धन की किसी एक विधि के बारे में लिखें तथा यह बताएं कि इस विधि से कौन-कौन से पौष्टिक तत्त्वों की वृद्धि होती है ?
उत्तर :
दालों या अनाज को अंकुरित करना। इससे इनमें विटामिन और खनिज काफी बढ़ जाते हैं।

प्रश्न 26.
विटामिन ‘सी’ की कमी से बच्चों में कौन-सा रोग होता है ? उस रोग के मुख्य लक्षण लिखें।
उत्तर :
इसकी कमी से स्कर्वी नामक रोग हो जाता है।
1. जिससे मसूड़े सूज जाते हैं।
2. कोशिकाओं में से खून बहने लगता है।

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प्रश्न 27.
कार्बोज़ का संगठन क्या है ?
उत्तर :
कार्बोज़ एक कार्बनिक यौगिक है। यह कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन के रासायनिक संयोग से बना होता है। इसमें हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन का वही अनुपात होता है जो पानी में इन दोनों का होता है।

प्रश्न 28.
कार्बोज़ कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर :
कार्बोज़ तीन प्रकार के होते हैं।

  1. मोनोसेकेराइड – ग्लूकोज़, लेक्टोस
  2. डाइसेकेराइड – सुक्रोज, माल्टोज
  3. पॉलीसेकेराइड – स्टार्च, सैलुलोज़।

प्रश्न 29.
लोहे के उचित पोषण के लिए कौन-सा विटामिन आवश्यक है ?
उत्तर :
विटामिन सी लौह खनिज को फैरस अवस्था में बदल देता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न –

प्रश्न 1.
विटामिन ‘ए’ की कमी से शरीर को क्या हानि होती है ?
उत्तर :
विटामिन ‘ए’ की कमी से शरीर पर हानिकारक प्रभाव होता है जो इस प्रकार है –
1. अन्धराता (Night Blindness) – विटामिन ‘ए’ की कमी से मनुष्य की अन्धेरे में देखने की शक्ति कम हो जाती है। रोशनी वाले स्थान या बाहर तेज़ धूप से अन्धेरे या अन्दर कमरे में आने पर कुछ समय के लिए देखने में रुकावट आती है। इसकी कमी से रंगों को ठीक तरह पहचानने में भी रुकावट होती है।

2. जीरोसिस (Xerosis) – विटामिन ‘ए’ की कमी से आंसू ग्रन्थियां सूख जाती हैं। आँखों के सफेद भाग पर धुंधलापन और कार्निया (Cornea) पर छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं। इनमें सफेद चिपचिपा पदार्थ निकलता है और पलकें बन्द हो जाती हैं। अधिक समय तक विटामिन’ की कमी से मनुष्य अन्धा हो जाता है।

3. चमड़ी का खुरदरापन (Toad’s Skin)

4. प्रजनन क्रिया पर प्रभाव (Effect on Reproduction System)

5. गुर्दे में पत्थरी की सम्भावना (Chances of Stone Formation in Kidney)

6. वृद्धि में रुकावट (Effect on Growth)

7. दांतों और हड्डियों के विकार (Effects on Teeth and Bones) इसके अतिरिक्त गर्भ के समय और बच्चे को दूध देते समय विटामिन ‘ए’ की आवश्यकता अधिक होती है और ताजी सब्जियों में बासी सब्जियों से अधिक विटामिन ‘ए’ मिलता है। शरीर में इसका अधिक होना भी नुकसानदायक होता है।

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प्रश्न 2.
अन्धराता रोग किस पौष्टिक तत्त्व की कमी से होता है ? उसके लक्षण भी दें।
उत्तर :
देखें उपरोक्त प्रश्न नं० 1.

प्रश्न 3.
क्या विटामिन ‘के’ पानी में घुलनशील है ? इसका सबसे सस्ता स्त्रोत कौन-सा है ?
उत्तर :
नहीं, विटामिन ‘के’ पानी में घुलनशील नहीं बल्कि यह चर्बी में घुलनशील है। यह अधिकतर वनस्पति वर्ग में पाया जाता है। इस की कमी से बहते खून का बन्द होना कठिन हो जाता है, क्योंकि यह खून के जमने में सहायक है। यह हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है। इसका सबसे सस्ता स्रोत फूलगोभी, बन्द गोभी और गण्ढ गोभी है।

प्रश्न 4.
आयोडीन नमक लेने का क्या महत्त्व है ?
उत्तर :
जिन स्थानों पर ज़मीन में आयोडीन की कमी हो वहां सभी व्यक्तियों को आयोडाइज्ड नमक (Iodised Salt) ही प्रयोग करना चाहिए। भारत में पोटाशियम आयोडेट से नमक को आयोडाइज्ड किया जाता है। जिन स्थानों पर जमीन में आयोडीन की कमी है वहां केवल यही नमक बेचा जा सकता है। वयस्कों में 100-150 माइक्रो ग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है। विशेष हालतों जैसे कि गर्भ अवस्था में इसकी आवश्यकता बढ़ जाती है। गिल्लड़ होने की स्थिति में आयोडीन की गोलियां दी जाती हैं।

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प्रश्न 5.
पानी की कमी से हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर :
पानी की कमी का प्रभाव (Effects of Deficiency of Water)-जिस मात्रा में पानी शरीर में से निकलता है उतनी मात्रा में द्रव्य पदार्थों या भोज्य पदार्थों द्वारा यदि पूरा न किया जाए तो हानिकारक प्रभाव होता है। इससे शरीर के पानी की मात्रा कम हो जाती है और शरीर के द्रव्य पदार्थों में परिवर्तन आ जाते हैं। शरीर की क्रियाओं की गति कम हो जाती है और फोक पदार्थों का विकास नहीं हो सकता। यदि पानी की बहुत कमी हो जाए तो मृत्यु भी हो सकती है।

प्रश्न 6.
बढ़ने वाले बच्चों के भोजन में प्रोटीन का होना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर :
बढ़ रहे बच्चों को प्रोटीन की अधिक आवश्यकता होती है क्योंकि उनके शरीर में नए सैलों का निर्माण होता है और बच्चों के शरीर में सैलों की तोड़-फोड़ भी अधिक होती है। इसीलिए नए सैलों को बनाने और टूटे सैलों की मरम्मत के लिए बच्चों को प्रोटीन
की आवश्यकता अधिक होती है।

प्रश्न 7.
प्रोटीन के मुख्य कार्य क्या हैं तथा इसकी कमी का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर :
प्रोटीन के कार्य (Functions of Protein)-प्रोटीन एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है, यह हमारे शरीर में निम्नलिखित कार्य करती है

  1. शरीर की सुरक्षा और विकास का कार्य
  2. शरीर को ऊर्जा देने का कार्य
  3. रोगों से मुकाबला करने के लिए शक्ति को बढ़ाना
  4. खून बनाने में सहायक
  5. अम्ल और क्षार में सन्तुलन रखना
  6. हार्मोन्ज़ और एन्जाइमज़ (Enzymes) बनाने का कार्य
  7. मानसिक शक्ति प्रदान करना।

प्रोटीन की कमी से होने वाले नुकसान (Effect of Deficiency of Protein) (H.B. 2019) – प्रोटीन की कमी का प्रभाव बच्चों, गर्भवती औरतों और दूध पिलाने वाली माताओं पर अधिक पड़ता है। इसकी कमी से अग्रलिखित नुकसान होते हैं –

  1. शरीर की वृद्धि और विकास में रुकावट-प्रोटीन की कमी से शरीर की वृद्धि और बढ़ौत्तरी की रफ्तार कम हो जाती है। इससे शरीर कमजोर हो जाता है और बच्चों में शारीरिक वृद्धि रुक जाती है।
  2. खून की कमी – भोजन में प्रोटीन की कमी से खून की कमी के कारण अनीमिया (Anemia) हो जाता है।
  3. रोग प्रतिरोधक (Antibodies) पदार्थ की कमी-प्रोटीन शरीर में रोग प्रतिरोधक तत्त्वों का निर्माण करता है। प्रोटीन की कमी से शरीर से बीमारियों में मुकाबला करने की शक्ति कम हो जाती है जिससे कई रोग लग जाते हैं।
  4. हड्डियां कमज़ोर होना-इसकी कमी हड्डियों को भी कमजोर करती है। इसलिए इनके जल्दी टूटने का डर रहता है।
  5. चमड़ी का खुश्क होना-शरीर में प्रोटीन की कमी से चमड़ी खुश्क हो जाती है और इससे शरीर पर झुर्रियां पड़ जाती हैं।
  6. बच्चे का कमज़ोर पैदा होना-गर्भवती और दूध पिलाने वाली औरतों में इसकी कमी होने से बच्चा कमजोर होता है और उसकी वृद्धि ठीक नहीं होती।
  7. प्रोटीन की कमी से बच्चे क्वाशियोरकॉर और मरास्मस (सूखा) रोगों का शिकार हो जाते हैं।

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प्रश्न 8.
प्रोटीन की कमी से बच्चे किस रोग का शिकार होते हैं ? उसके लक्षण भी बताएं।
उत्तर :
क्वाशियोरकॉर तथा सूखा रोग।

प्रश्न 9.
प्रोटीन के स्त्रोत कौन-कौन से हैं ?
उत्तर :
प्रोटीन की प्राप्ति के स्त्रोत (Sources of Protein)
1. पशु जगत से प्राप्त होने वाले प्रोटीन (Animal Sources) – जैसे दूध और दूध से बने पदार्थ, पनीर, दही, खोया, मक्खन तथा अन्य पशु जन्य पदार्थ।
2. वनस्पति जगत से प्राप्त होने वाले प्रोटीन (Vegetable Sources) – जैसे दालें, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, बादाम, पिस्ता, नारियल, मटर और अनाज आदि।

प्रश्न 10.
कार्बोहाइड्रेट्स हमारे शरीर में क्या काम करते हैं ?
अथवा
कार्बोहाइड्रेट्स के हमारे शरीर में दो महत्त्वपूर्ण कार्य बताएं।
उत्तर :

  1. शक्ति प्रदान करना-कार्बोहाइड्रेट का मुख्य कार्य शारीरिक कार्यों के लिए गर्मी और शक्ति देना है। एक ग्राम कार्बोहाइडेट से 4 कैलोरी ऊर्जा मिलती है।
  2. शरीर को शक्ति प्रदान करने के लिए यह सबसे अच्छा स्रोत है। भोजन से प्राप्त होने वाली शक्ति का 50% से 60% भाग कार्बोहाइड्रेट द्वारा ही प्राप्त होता है।
  3. प्रोटीन एक महंगा स्रोत है और कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन की बचत करते हैं ताकि प्रोटीन शरीर के निर्माण का कार्य कर सकें।
  4. यह चिकनाई की कमी को भी पूरा करते हैं और चिकनाई के पाचन में भी सहायक हैं।
  5. ग्लूकोज़ आवश्यक अमीनो एसिड के निर्माण में भी सहायक होता है।
  6. कार्बोहाइड्रेट्स भोजन को स्वादिष्ट बनाते हैं।
  7. सैलुलोज फोक का कार्य करता है जिससे शरीर में से मल निकालने के लिए सहायता मिलती है और कब्ज दूर होती है।
  8. कार्बोहाइड्रेट चिकनाई से मिल कर भूख की तृप्ति (Satiety) महसूस करते हैं। इससे काफ़ी देर भूख महसूस नहीं होती।

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प्रश्न 11.
भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स की उचित मात्रा होना क्यों जरूरी है ?
उत्तर :
कार्बोहाइड्रेट्स का मुख्य कार्य शरीर को ऊर्जा प्रदान करना है। इसकी कमी के कारण शरीर में प्रोटीन और चर्बी इस कार्य के लिए प्रयोग की जाती है और शरीर कमजोर होना शुरू हो जाता है। भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स की लगातार कमी होने से शारीरिक वृद्धि रुक जाती है और मरास्मस नाम का रोग हो जाता है। इसलिए कार्बोज़ का भोजन में उचित मात्रा में होना बहुत आवश्यक है।

प्रश्न 12.
कार्बोहाइड्रेट्स की कमी का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर :
कार्बोहाइड्रेट्स की कमी का प्रभाव (Effect of Deficiency of Carbohydrates) – कार्बोहाइड्रेट्स की कमी प्रायः कम ही देखने को मिलती है परन्तु यदि इसकी कमी हो जाए तो शरीर पर कई तरह से प्रभाव होता है।

1. बच्चों पर कार्बोहाइड्रेट्स की कमी का प्रभाव (Effect of Deficiency of Carbohydrates on Children) – प्रायः पांच साल से कम आयु के बच्चों में इसकी कमी के लक्षण दिखाई देते हैं। जहां बच्चों से दूध छुड़वाया जाता है, तो उनके भोजन में पूर्ण पौष्टिक तत्त्व शामिल नहीं किए जाते या अधिक समय के लिए बच्चों को माँ के दूध पर ही रखे जाने से भी शरीर में इसकी कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में शरीर कार्बोहाइड्रेट के स्थान पर ऊर्जा के लिए प्रोटीन का प्रयोग करता है और इससे प्रोटीन की कमी भी आ जाती है। इस अवस्था को मरास्मस या सूखा (Marasmus) कहा जाता है।

2. भार की कमी (Loss of Weight) – भोजन में जब कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो जाए तो शरीर कमजोर हो जाता है। इससे काम करने को दिल नहीं करता। भार कम होने लग पड़ता है और थकावट महसूस होती है।

3. किटोसिस (Ketosis) – कार्बोहाइड्रेट्स की कमी से शरीर में प्रोटीन-बॉडीज़ (Ketone Bodies) बढ़ जाती है। खून में अम्ल की मात्रा बढ़ जाती है। इससे मनुष्य को बेहोशी होने लगती है और मृत्य भी हो सकती है।

4. मांसपेशियों का ढीला पड़ना (Loosening of Muscles) – कार्बोहाइड्रेट्स की कमी का प्रभाव मांसपेशियों पर भी दिखाई देता है। चमड़ी ढीली पड़ने के कारण झुर्रियां पड़ जाती हैं और चेहरे की चमक भी कम हो जाती है। कार्बोहाइड्रेट्स की उचित मात्रा ही लेनी चाहिए। आवश्यकता से अधिक कार्बोज़ खाने से यह शरीर में जाकर चर्बी का रूप धारण करके कोशिका में इकट्ठा हो जाता है और मोटापे का रोग हो जाता है। इससे आदमी आलसी हो जाता है और खून का दौरा तेज़ होने का डर रहता है।

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प्रश्न 13.
चर्बी हमारे शरीर में क्या काम करती है ?
उत्तर :
चर्बी के कार्य (Functions of Fat) – चर्बी हमारे शरीर में निम्नलिखित कार्य करती है –

  1. ऊर्जा का साधन (Source of Energy)
  2. आवश्यक वसा अम्लों का साधन (Sources of Essential Fatty Acids)
  3. चर्बी में घुलनशील विटामिनों का स्रोत (Source of Fat Soluble Vitamins)
  4. कोमल अंगों की सुरक्षा (Protection of Sensitive Body Organs)
  5. भोजन को स्वादिष्ट बनाती है (Help in Making Food Tasty)
  6. सन्तुष्टि देती है (Give satisfaction)
  7. शरीर का तापमान बनाए रखती है (Helps in Regulating Body Temperature)
  8. चमड़ी के स्वास्थ्य के लिए (For healthy skin)।

प्रश्न 14.
चर्बी की कमी तथा अधिक मात्रा का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर :
चर्बी की कमी से हानियां (Effects of Deficiency of Fats) – चर्बी की कमी से निम्नलिखित नुकसान होते हैं

  1. चर्बी की कमी से चिकनाई में घुलनशील विटामिन शरीर को नहीं मिलते और उनकी कमी से होने वाले रोग हो जाते हैं।
  2. आवश्यक वसा अम्लों (Fatty Acids) की कमी हो जाती है, जिसका असर आँखों और चमड़ी पर पड़ता है। इसलिए चमड़ी खुश्क हो जाती है। दाद और खुजली रोग होने का डर रहता है।
  3. चर्बी की कमी से शारीरिक ऊर्जा के लिए प्रोटीन का प्रयोग शुरू हो जाता है जिससे शारीरिक निर्माण का कार्य रुक जाता है।
  4. इसकी कमी से पाचन प्रणाली पर भी प्रभाव पड़ता है और कब्ज रहने लग जाती
  5. चर्बी की कमी से मनुष्य का शरीर हड्डियों का ढांचा बन जाता है।

एक बात ध्यान रखने योग्य यह है कि यदि चर्बी का अधिक प्रयोग किया जाए, तो मोटापा हो जाता है और हाजमा भी खराब हो जाता है। आज-कल की खोजों से यह सिद्ध हुआ है कि चिकनाई से प्राप्त की कोलेस्ट्रॉल स्वास्थ्य के लिए गम्भीर समस्या पैदा कर सकती है। जिससे खून का दबाव बढ़ जाता है और दिल का रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए हमें वनस्पति तेलों का प्रयोग अधिक करना चाहिए।

प्रश्न 15.
विटामिन ‘ए’ का मुख्य काम क्या है तथा भोजन स्त्रोत बताएं।
अथवा
विटामिन ‘ए’ के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर :
विटामिन ‘ए’ के कार्य (Functions of Vitamin ‘A’) शरीर में विटामिन ‘ए’ निम्नलिखित कार्यों के लिए आवश्यक है

  1. शारीरिक विकास के लिए (For Physical growth)
  2. स्वस्थ आँखों के लिए (For healthy eyes)
  3. स्वस्थ चमड़ी के लिए (For Healthy Skin)
  4. प्रजनन क्रिया के लिए (For Reproduction)
  5. छूत के रोगों की रक्षा के लिए (For Protection against Contagious Diseases)
  6. स्वस्थ हड्डियों और दाँतों के लिए (For Healthy Bones and Teeth)

विटामिन ‘ए’ के स्त्रोत (Sources of Vitamin ‘A’) –

  1. पशु जन्य साधन दूध, मक्खन और देसी घी।
  2. हरे पत्ते वाली सब्जियां।
  3. पीले, संतरी और लाल फल और सब्जियां जैसे आम, पपीता, अनानास, बेर, गाजर और टमाटर में यह विटामिन कैरोटीन के रूप में पाया जाता है।

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प्रश्न 16.
विटामिन ‘डी’ के कार्य तथा कमी के बारे में बताएं।
उत्तर :
विटामिन ‘डी’ शरीर के लिए निम्नलिखित कार्य करता है –

  1. कैल्शियम और फॉस्फोरस के अवशोषण में मदद करता है। (Helps in Absorption of Calcium and Phosphorus)
  2. हड्डियों के विकास के लिए (For Development of Bones)
  3. शरीर के पूर्ण विकास के लिए (For Development of Body)।

विटामिन ‘डी’ की कमी के प्रभाव (Effects of the Deficiency of Vitamin ‘D’)

विटामिन ‘डी’ की कमी से निम्नलिखित रोग हो जाते हैं –

  1. रिकेट्स रोग (Rickets)
  2. ओस्टोमलेशिया (Osteomalacia)
  3. ओस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)।

प्रश्न 17.
(क) विटामिन ‘ई’ का मुख्य कार्य क्या है ?
(ख) विटामिन ‘ई’ की कमी का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर :
(क) विटामिन ‘ई’ के कार्य-शरीर में विटामिन ‘ई’ निम्नलिखित कार्य करता है –

  1. प्रजनन क्रिया में सहायता करता है।
  2. मांसपेशियों के विकास के लिए आवश्यक है।
  3. विटामिन ‘ए’ के बनने में सहायता करता है।

(ख) विटामिन ‘ई’ की कमी के शरीर पर प्रभाव –

  1. प्रजनन सम्बन्धी विकार (Effect on Reproduction System)
  2. गर्भपात (Miscarriage)
  3. भ्रूण की हत्या (Death of the Foetus)
  4. दिल का रोग (Disease of Heart) ।

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प्रश्न 18.
विटामिन ‘के’ का मुख्य काम क्या है तथा इसकी कमी का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर :
विटामिन ‘के’ भी मनुष्य के पोषण के लिए भी बहुत ज़रूरी है क्योंकि यह खून को जमाने में सहायता करता है। विटामिन ‘के’ के कार्य (Functions of Vitamin ‘K’) – इसका मुख्य कार्य खून को जमाने में सहायता करना है। विटामिन ‘के’ की कमी के प्रभाव-प्रायः विटामिन ‘के’ की कमी कम ही होती है क्योंकि यह विटामिन छोटी आंत में बनता है। सल्फा दवाइयों का अधिक प्रयोग करने से शरीर में इसका निर्माण रुक जाता है और यदि खून बहने लगे तो रुकता नहीं।

प्रश्न 19.
विटामिन ‘बी’ समूह में कौन-कौन से विटामिन आते हैं ? नाम बताएं।
उत्तर :
ग्यारह विटामिन ‘बी’ समूह को बनाते हैं परन्तु इनमें सात बहुत महत्त्वपूर्ण हैं-थायामिन, राइबोफ्लेविन, निकोटिनिक एसिड, पैंटोथिनिक एसिड, पिरिडाक्सिन, फौलिक एसिड, विटामिन ‘बी’ 12, कोलीन, इनोसीटोल और बायोटिन आते हैं। ये सभी विटामिन पानी में घुलनशील होते हैं।

प्रश्न 20.
निम्नलिखित के काम और स्त्रोत लिखें (1) थायामिन (2) राइबोफ्लेविन।
उत्तर :
1. थायामिन (B1) यह विटामिन पनीर, साबुत दालें, अनाज, अंकुरित दालों और चावलों की ऊपरी सतह पर काफ़ी मात्रा में होता है। यह विटामिन तन्त्रिका प्रणाली (Nervous System) के लिए शरीर की वृद्धि और विकास के लिए और रोगों से मुकाबला करने की शक्ति के लिए चाहिए। इस की कमी से मनुष्य को बेरी-बेरी रोग हो जाता है। यह रोग दो प्रकार का होता है। सूखी बेरी-बेरी और गीली बेरी-बेरी। सूखी बेरी-बेरी में भूख कम लगती है, कब्ज हो जाती है, टांगें, बाहें ठण्डी पड़ जाती हैं और जोड़ों में दर्द होने लग जाता है।

गीली बेरी-बेरी में टांगों और पेट में पानी भर जाता है। सांस लेने में कठिनाई होती है और दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है और कई बार दिल की गति रुक जाने की सम्भावना होती है। अधिक सख्त कार्य करने वालों में, गर्भवती और बच्चे को दूध देने वाली माताओं को इस विटामिन की आवश्यकता अधिक होती है। चावल पालिश करने से थायामिन कम हो जाती है। साबुत दालों और अन-छने आटे का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि इसमें थायामिन होती है। खाना अधिक देर तक पकाने और उसमें सोडे का प्रयोग करने से भी थायामिन नष्ट हो जाता है।

2. राइबोफ्लेविन (B2) – यह विटामिन पानी में घुलनशील है और प्रकाश से जल्दी नष्ट हो जाता है। भोजन को उबालने और भूनने के दौरान यह विटामिन काफ़ी मात्रा में नष्ट हो जाता है। यह विशेषकर पट्ठों और नसों में काम करता है। इसकी कमी से आँखों और चमड़ी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। होठों के कोने फट जाते हैं, चमड़ी सूखी और खुश्क हो जाती है। यह विटामिन दूध या दूध से बने पदार्थ, मूंगफली, खमीर, दालों और हरे पत्ते वाली सब्जियों में होता है।

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प्रश्न 21.
(क) विटामिन ‘सी’ के कार्य, स्त्रोत तथा कमी का प्रभाव बताओ।
(ख) विटामिन ‘सी’ के कोई चार कार्य लिखें।
उत्तर :
यह पानी में घुलनशील है और इसको एस्कार्बिक एसिड भी कहा जाता है।
(क) 1. विटामिन ‘सी’ के कार्य
शरीर में विटामिन ‘सी’ निम्नलिखित कार्य करता है –

1. यह कोलेजन के निर्माण के लिए कार्य करता है। (It helps in the Formation and Maintenance of Collagen) कोलेजन एक प्रकार का सीमेंट जैसा पदार्थ है जो शरीर की कोशिकाओं को स्थिर रखता है। हड्डियों और दांतों के सख्त पदार्थ मैट्रिक और डैन्टाइन का निर्माण भी करता है। जख्मों के जल्दी भरने और टूटी हड्डियों को जोड़ने के लिए भी विटामिन ‘सी’ ही कार्य करता है।
2. फौलिक अम्ल के पाचन के लिए (For the Metabolism of Folic Acid)
3. कैल्शियम और लोहे के अवशोषण करने के लिए (For the Absorption of Calcium and Iron)
4. टाइरोसिन के ऑक्सीकरण के लिए (For the Oxidation of Tyrosine)
5. रोगों से लड़ने की शक्ति देता है (Give Resistance against Disease)।

2. विटामिन ‘सी’ के स्त्रोत –
1. सबसे अधिक विटामिन ‘सी’ आंवले में मिलता है। इसके अतिरिक्त खट्टे फल जैसे नींबू, संतरा, गलगल, चिकोतरा आदि।

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चित्र-विटामिन ‘सी’ के स्रोत –

2. हरे पत्ते वाली सब्जियां और टमाटर आदि।
3. अंकुरित दालें और अनाज।
4. माँ का दूध।

विटामिन ‘सी’ की कमी से होने वाले रोग –

  1. इसकी कमी से स्कर्वी नामक रोग हो जाता है जिससे मसूड़े सूज जाते हैं और कोशिकाओं में से खून बहने लग जाता है।
  2. दांतों में पाइयोरिया नामक रोग हो जाता है और दांत हिलने लग जाते हैं।
  3. जख्म जल्दी ठीक नहीं होते।
  4. खून कम और अशुद्ध हो जाता है।
  5. हड्डियां और शरीर कमजोर हो जाता है।
  6. थकावट महसूस होती है।

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(ख) – देखें भाग (क)।

प्रश्न 22.
कैल्शियम तथा फॉस्फोरस महत्त्वपूर्ण खनिज पदार्थ हैं। कैसे ?
उत्तर :
1. कैल्शियम – यह बहुत महत्त्वपूर्ण खनिज लवण हैं। शरीर में पाए जाने वाले कुल लवणों का 75% भाग कैल्शियम और फॉस्फोरस में होता है। शरीर के कुल कैल्शियम का 99% भाग हड़ियों और दांतों में पाया जाता है।
कैल्शियम के कार्य (Functions of Calcium) – कैल्शियम के दो महत्त्वपूर्ण कार्य हैं
(i) हड्डियों और दांतों का निर्माण (Building Bones and Teeth) कैल्शियम और फॉस्फोरस दोनों मिल कर हड्डियों और दांतों का निर्माण करते हैं। इससे हड्डियों और दांतों का ढांचा मज़बूत होता है। दांतों के डैनटिन (Dentin) में 27 प्रतिशत कैल्शियम और एनैमल (Enamel) में 36 प्रतिशत कैल्शियम होता है।

(ii) शारीरिक क्रियाओं को चलाना (Regulating body Process) शरीर में होने वाली क्रियाओं के लिए कैल्शियम फॉस्फोरस के साथ मिलकर सहायता करता है। ये क्रियाएं इस प्रकार हैं –
(क) कैल्शियम खून को जमाने में सहायता करता है।
(ख) पेशियों के सिकुड़ने पर दिल की गति को बनाए रखने के लिए भी कैल्शियम आवश्यक है।
कैल्शियम की प्राप्ति के साधन-भोजन में कैल्शियम निम्नलिखित साधनों से प्राप्त होता है

  • दूध और दूध से बने पदार्थ ।
  • हरे पत्ते वाली सब्जियां जैसे पालक, सरसों, पुदीना, मूली और गाजर आदि।
  • छोटी मछलियां जो हड्डियों समेत खाई जाती हैं।

कैल्शियम की कमी के प्रभाव (Effects of Deficiency of Calcium)

  • बच्चों के दांत देरी से निकलते हैं या ठीक नहीं निकलते।
  • हड्डियां कमजोर होकर टेढ़ी हो जाती हैं।
  • बच्चों में रिकेट्स (Rickets) और बड़ों में औस्टोमलेशिया (Osteomalacia) रोग हो जाता है।

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2. फॉस्फोरस (Phosphorus) – कैल्शियम के साथ-साथ फॉस्फोरस का भी बहुत महत्त्व है। फॉस्फोरस लगभग शरीर के भार का 1 प्रतिशत भाग होता है। यह कैल्शियम में मिल कर हड्डियों और दांतों का निर्माण करता है। फॉस्फोरस के कार्य (Functions of Phosphorus) शरीर की रचना के लिए फॉस्फोरस बहुत कार्य करता है, जैसे –

  • हड्डियों और दांतों का निर्माण (Building Bones and Teeth)
  • कोशिकाओं की बनावट (Formation of Cells)
  • एन्ज़ाइम बनाना (Formation of Enzymes)

फॉस्फोरस की कमी के प्रभाव (Effects of Deficiency of Phosphorus) फॉस्फोरस की कमी बहुत कम होती है क्योंकि यह अनाज में काफ़ी मात्रा में पाया जाता है। परन्तु यदि कहीं इसकी कमी हो जाए, तो हड्डियां और दांत कमजोर हो जाते हैं। इसकी कमी से कोशिकाओं के बनने की प्रक्रिया में खराबी आ जाती है।

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प्रश्न 23.
(A) कैल्शियम की कमी से होने वाले रोगों का वर्णन करें।
(B) कैल्शियम के कार्य और साधन बताएं।
उत्तर :
देखें प्रश्न 22 का उत्तर।

प्रश्न 24.
लोहे की दैनिक आवश्यकता बहुत कम होने के बावजूद यह बहुत महत्त्वपूर्ण खनिज पदार्थ है। कैसे ?
अथवा
लोहे के दो मुख्य कार्य तथा दो मुख्य साधन बताएं।
उत्तर :
लोहा (Iron) शरीर में लोहा बहुत कम पाया जाता है। परन्तु शरीर की वृद्धि और शारीरिक क्रियाओं को ठीक ढंग से चलाने के लिए इसका बहुत योगदान है।

लोहे के कार्य (Functions of Iron) – लोहा हमारे शरीर मे निम्नलिखित कार्य करता है –

  • हीमोग्लोबिन का निर्माण।
  • मांसपेशियों का आवश्यक तत्त्व।
  • ऑक्सीकरण की क्रियाओं के लिए यह फेफड़ों के लिए ऑक्सीजन कोशिकाओं तक और कोशिकाओं से फेफड़ों तक पहुंचाता है।

लोहे की प्राप्ति के स्त्रोत (Sources of Iron) – लोहे की प्राप्ति के स्रोत निम्नलिखित हैं –

1. गुड, शक्कर और सूखे मेवे।
2. हरे पत्ते वाली सब्जियां तथा पशु जन्य साधन।

प्रश्न 25.
आयोडीन की कमी से क्या होता है तथा प्राप्ति के साधनों के बारे में बताओ।
उत्तर :
आयोडीन की कमी से –
1. घेघा रोग हो जाता है।
2. थाइराइड ग्रन्थियों में थायराक्सिन कम निकलता है जिससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास पूरा नहीं होता। बालिग व्यक्तियों में भी मानसिक विकास कम हो जाता है। शरीर सूज जाता है और ढीला पड़ जाता है।
3. अधिक कमी होने से मिक्सोडीमा हो जाता है। आँखें बाहर को आ जाती हैं।
4. बच्चों में क्रेटीनिज़्म (Cretinism) अर्थात् बच्चे बौने और भद्दे लगते हैं। चमड़ी मोटी और खुरदरी हो जाती है। जीभ बढ़ जाने से मुंह बन्द नहीं होता। आयोडीन की प्राप्ति के स्त्रोत-आयोडीन की आवश्यक मात्रा का 75% भाग ज़मीन पर पैदा हुई सब्जियों, दालों और अनाज से पूरी हो जाती है और शेष पानी से। परन्तु कई पहाड़ी स्थानों पर ज़मीन और पानी में आयोडीन नहीं होती, वहां आवश्यक आयोडाइज्ड नमक खाना चाहिए। अधिक नमी की स्थिति में इसकी गोलियां दी जाती हैं।

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प्रश्न 26.
पानी मनुष्य के शरीर के लिए कैसे महत्त्वपूर्ण है ?
उत्तर :
पानी (Water) – पानी हमारे भोजन का एक बड़ा भाग है। यद्यपि पानी को हम भोजन नहीं कह सकते क्योंकि न तो यह शक्ति देता है और न ही शरीर में होने वाली क्रियाओं का निर्माण करता है। परन्तु फिर भी हर कोशिका (Cell) में पौष्टिक तत्त्व पहुंचाने
का कार्य पानी ही करता है। शरीर के भार का लगभग 61% भाग पानी ही है।
पानी के कार्य (Functions of Water) (H.B. 2009)

पानी हमारे शरीर में निम्नलिखित कार्य करता है –

  1. घोलक के रूप में (Water acts as a Solvent)
  2. पाचन क्रियाओं में सहायता (Helps in the Process of Digestion)
  3. फोक को बाहर निकालने में सहायता (Helps in the Removal of Waste Products)
  4. कोमल अंगों की सुरक्षा (Helps in the Protection of Sensitive Organs)
  5. तापमान को स्थिर रखने में सहायता करना (Helps in the Temperature Regulation)
  6. स्नेहक के रूप में कार्य करता है (Acts as a Lubricant)।

प्रश्न 27.
फोक का अपना महत्त्व कैसे है तथा प्राप्ति के क्या स्त्रोत हैं ?
अथवा
रुक्षांश (फोक) का क्या महत्त्व है ?
उत्तर :
फोक (Roughage) – फल और सब्जियों के रेशे और अनाजों के छिलके फोक बनाते हैं, यह स्टार्च के कणों को बाँध कर रखते हैं। ये पदार्थ आप नहीं पचते इनको चाहे जितना भी पचाया जाए फिर भी ये घुलते नहीं। फोक के कार्य (Functions of Roughage) – ये शरीर को कई पौष्टिक तत्त्व नहीं देते फिर भी इनका शरीर के लिए बहुत महत्त्व है।

  1. इनसे भोजन की मात्रा बढ़ जाती है।
  2. फोक से भोजन को पाचन प्रणाली को चलाने में सहायता मिलती है।
  3. आंतों और पट्ठों को क्रियाशील रखने में मदद करते हैं।
  4. पाचन के पश्चात् मल बाहर निकालने में सहायता करते हैं।
  5. कब्ज़ को दूर करते हैं।
  6. ये कुछ ऐसे जीवाणु के बनने में सहायता करते हैं जोकि पित एसिड को तोड़ते हैं।

फोक की प्राप्ति के स्रोत (Sources of Roughage) –

  1. हरी सब्जियाँ जैसे बन्द गोभी, गाजर के पत्ते, हरा धनिया, कढ़ी पत्ता, पुदीना आदि।
  2. फल जैसे-अंजीर, संतरा, टमाटर, अंगूर और अमरूद।
  3. सम्पूर्ण अनाज।

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प्रश्न 28.
लोहे की कमी से कौन-सा रोग हो जाता है ? लोहे के हमारे शरीर में क्या कार्य हैं ?
उत्तर :
लोहे की कमी से अनीमिया हो जाता है। खून में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। इससे भूख कम लगना, सांस फूलना, दिल की धड़कन का बढ़ना, नाखून सफेद होना और शारीरिक कमजोरी हो जाती है।
यह रोग विटामिन बी कम्पलैक्स की कमी से भी हो जाता है। लोहे के कार्य –

  1. हीमोग्लोबिन का निर्माण।
  2. मांसपेशियों की आवश्यकता।
  3. ऑक्सीकरण की क्रियाओं के लिए ये फेफड़े के लिए ऑक्सीजन और कोशिकाओं से ऑक्सीजन फेफड़ों तक पहुंचाता है।

प्रश्न 29.
वृहद पोषक तत्त्वों द्वारा हमारे शरीर में किए गए कार्य एवं उनके स्रोतों का वर्णन करें।
उत्तर :
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प्रश्न 30.
पानी में कोई पोषक तत्त्व नहीं है। फिर भी यह हमारे लिए क्यों आवश्यक है ?
उत्तर :
पानी निम्नलिखित कारणों से आवश्यक है –

  1. यह शरीर की कोशिकाओं को अपना कार्य करने में सहायता करता है।
  2. यह भोजन पचाने में सहायता करता है और खाद्य के पोषक तत्त्वों को शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाता है।
  3. यह हमारे शरीर के ताप को स्थिर रखता है। गर्मियों में पसीने द्वारा शरीर की गर्मी निकल जाती है।
  4. हमारे शरीर में उत्पन्न जलीय पदार्थों को मूत्र के रूप में निष्कासित करता है। हमें प्रतिदिन सात या आठ गिलास पानी पीना चाहिए।

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प्रश्न 31.
वसा के कोई चार कार्य लिखें।
उत्तर :

  1. ऊर्जा का स्रोत।
  2. चर्बी में घुलनशील विटामिनों का स्रोत ।
  3. शरीर का तापमान बनाए रखना।
  4. चमड़ी के स्वास्थ्य के लिए।
  5. आवश्यक वसा अम्लों का स्रोत।

प्रश्न 32.
खाद्य पदार्थों का अंकुरण करने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर :

  1. खाद्य पदार्थों को पचाने की क्षमता में वृद्धि होती है।
  2. दालें तथा चने नर्म हो जाते हैं तथा जल्दी पकते हैं।
  3. पौष्टिक मूल्य बढ़ता है।

प्रश्न 33.
कार्बोज के किन्हीं दो मुख्य कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर :
1. ऊर्जा प्रदान करना।
2. प्रोटीन को अपना सही काम करने में सहायता करता है। यदि कार्बोज़ की कमी हो तो शरीर प्रोटीन से ऊर्जा प्राप्त करने लगता है तथा प्रोटीन निर्माण कार्य नहीं कर पाता।

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प्रश्न 34.
विटामिन ‘सी’ की कमी से होने वाले रोग के लक्षण लिखें।
उत्तर :

  1. दाँत, मसूड़े तथा हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं।
  2. घाव जल्दी नहीं भरते।
  3. स्कर्वी रोग हो जाता है।

प्रश्न 35.
कैल्शियम की कमी के लक्षण बताएं।
उत्तर :

  1. बच्चों के दाँत देर से निकलते हैं।
  2. हड्डियां कमज़ोर होकर टेढ़ी हो जाती हैं।
  3. बच्चों में रिकेट्स तथा बड़ों में औस्टोमलेशिया रोग हो जाता है।

प्रश्न 36.
सोडियम की प्राप्ति, कार्य तथा महत्त्व के बारे में बताएं।
उत्तर :
सोडियम की प्राप्ति साधारण नमक जो हम प्रतिदिन, भोजन, दालों, सब्जियों में डालकर खाते हैं से हो जाती है।

कार्य तथा महत्त्व –

  1. सोडियम शरीर में क्षार तथा अम्ल का संतुलन बनाए रखता है। इससे शरीर में होने वाली विभिन्न रसायनिक क्रियाएं सुचारु ढंग से होती हैं।
  2. मांसपेशियों के संकुचन में सहायक है।
  3. शरीर में रसाकर्षण दबाव को ठीक रखने में सहायक है।
  4. शरीर में पानी की मात्रा के संतुलन में सहायक है।
  5. स्नायु द्वारा प्राप्त उत्तेजना को नियन्त्रित रखने में सहायक है।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न –

प्रश्न 1.
भोजन के पौष्टिक तत्त्व कौन-कौन से हैं ? प्रोटीन के कार्य, कमी के परिणाम और स्त्रोत लिखो।
उत्तर :
पौष्टिक तत्त्व, वे रासायनिक तत्त्व हैं जो हमें भोजन से प्राप्त होते हैं और ये शारीरिक क्रियाओं के लिए आवश्यक ऊर्जा और शरीर के प्रत्येक कोश की बनावट और देखभाल के लिए आवश्यक योगदान देते हैं।
पौष्टिक तत्त्व निम्नलिखित हैं –

  1. प्रोटीन (Protein)
  2. कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates)
  3. चर्बी (Fat)
  4. विटामिन (Vitamin)
  5. खनिज पदार्थ (Mineral)
  6. पानी (Water)
  7. फोक (Roughage)

लाभ – पौष्टिक तत्त्वों में से प्रोटीन एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। इसको मानवीय जीवन का आधार कहा जाता है जैसे मकान बनाने के लिए ईंटें, सीमेंट और मिट्टी की आवश्यकता होती है ठीक उसी तरह ही शरीर की रचना के लिए कोशों (Cells) की आवश्यकता होती है। इन कोशों के अन्दर प्रोटोप्लाज्म (Protoplasm) होता है जिस को जीवन का आधार माना जाता है। प्रोटोप्लाज्म प्रोटीन से ही बनता है।

प्रोटीन कई प्रकार के अमीनो अम्लों (Amino acids) के मिश्रण से बनता है। ये अमीनो अम्ल कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और कई सल्फर के संयोग से बनते हैं। अमीनो अम्ल दो प्रकार के होते हैं –
(क) आवश्यक (Essential)
(ख) अनावश्यक (Non-essential)

(क) आवश्यक (Essential) ये शरीर के निर्माण के लिए आवश्यक अमीनो अम्ल हैं जिनको भोजन में से लेना आवश्यक हो जाता है। बच्चों के लिए 10 और बड़ों के लिए अमीनो अम्ल आवश्यक हैं। बच्चों में इन 8 अमीनो अम्लों के अतिरिक्त हिस्टीडीन (Histidin) और आरजनीन (Argnine) भी आवश्यक हैं। यह अमीनो अम्ल शारीरिक और मानसिक विकास करते हैं।

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(ख) अनावश्यक (Non-Essential) – ये अम्ल शरीर में ही पैदा हो जाते हैं इसलिए खुराक में से लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती परन्तु शरीर के लिए यह भी बहुत आवश्यक हैं।

प्रोटीन के वर्गीकरण का आधार – प्रोटीन का वर्गीकरण तीन बातों के आधार पर किया जाता है –

  1. साधन के आधार पर।
  2. गुणों के आधार पर।
  3. भौतिक और रासायनिक विशेषताओं के आधार पर।

1. साधन के आधार पर (On the Basis of Source) –
(क) वनस्पति से प्राप्त होने वाले प्रोटीन (Vegetables Protein) – जैसे दालें, अनाज, मूंगफली, सोयाबीन, तिल और मटर आदि।
(ख) पशु-जगत् से प्राप्त होने वाले प्रोटीन (Animal Protein) – जैसे दूध और दूध से बने पदार्थ तथा अन्य पशु जन्य साधन ।

2. गुणों के आधार पर (On the Basis of Qualities) –
(क) पूर्ण प्रोटीन (Complete Protein) – यह दूध तथा अन्य पशु जन्य साधनों में पाई जाती है। इसको ‘ए’ श्रेणी की प्रोटीन कहा जाता है।
(ख) अपूर्ण प्रोटीन (Incomplete Protein) – यह अनाज, दालों और सूखे मेवों में होती है। इसको ‘बी’ श्रेणी का प्रोटीन कहा जाता है।
(ग) अर्द्ध-पूर्ण प्रोटीन (Partial Protein) – यह घटिया किस्म की प्रोटीन होती है। यह मक्की की जीन और जैलेटिन में पाई जाती है।

3. भौतिक और रासायनिक विशेषताओं के आधार पर (On the basis of Physical and Chemical Properties) –
(क) साधारण प्रोटीन (Simple Protein) – यह अण्डे के सफेद भाग (Albumin) में पाई जाती है।
(ख) मिश्रित प्रोटीन (Conjugated Protein) – इस तरह की प्रोटीन में प्रोटीन के साथ और प्रोटीन पदार्थ मिले होते हैं जैसे दूध की केसीनोजन (फॉस्फोरस + प्रोटीन) खन की हीमोग्लोबिन (लोहा + प्रोटीन)।
(ग) प्राप्त की गई प्रोटीन (Derivated Protein) – ये पैप्टोन, पैप्टाइड और अमीनो अम्लों जैसे पदार्थ हैं।

प्रोटीन के कार्य (Functions of Protein) – प्रोटीन एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है जो हमारे शरीर में अग्रलिखित कार्य करती है

  1. शरीर की सुरक्षा और विकास का कार्य
  2. शरीर को ऊर्जा देने का कार्य
  3. रोगों से लड़ने के लिए शक्ति बढ़ाना
  4. खून बनाने में सहायक
  5. अम्ल और क्षार में सन्तुलन रखना
  6. हार्मोन्ज़ और एन्ज़ाइम्ज़ (Enzymes) बनाने का कार्य
  7. मानसिक शक्ति प्रदान करना।

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प्रोटीन की प्राप्ति के साधन (Sources of Protein) –

1. पशु जगत् से प्राप्त होने वाले प्रोटीन (Animal Sources) – जैसे दूध और दूध से बने पदार्थ, पनीर, दही, खोया, मक्खन तथा अन्य पशु जन्य साधन।
2. वनस्पति जगत् से प्राप्त होने वाले प्राप्त प्रोटीन (Vegetable Sources) – जैसे दालें, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, बादाम, पिस्ता, नारियल, मटर और अनाज आदि।
प्रोटीन की कमी से होने वाले नुकसान (Effects of Deficiency of Protein) – प्रोटीन की कमी का प्रभाव बच्चों, गर्भवती औरतों और दूध पिलाने वाली माताओं पर अधिक पड़ता है। इसकी कमी से निम्नलिखित नुकसान होते हैं

  1. शरीर की वृद्धि और विकास में रुकावट – प्रोटीन की कमी से शरीर के विकास और वृद्धि की रफ्तार कम हो जाती है। इससे शरीर कमजोर हो जाता है और बच्चों में शारीरिक वृद्धि रुक जाती है।
  2. खून की कमी होना – भोजन में प्रोटीन की कमी से खून की कमी (Anaemia) हो जाती है।
  3. रोग प्रतिरोधक (Antibodies) पदार्थ की कमी – प्रोटीन शरीर में रोग प्रतिरोधक तत्त्वों का निर्माण करती है। प्रोटीन की कमी से शरीर में बीमारियों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है जिससे कई रोग लग जाते हैं।
  4. हड्डियां कमज़ोर होना – इसकी कमी हड्डियों को भी कमज़ोर करती है इसलिए इनके जल्दी टूटने का डर रहता है।
  5. चमड़ी का खुश्क होना – शरीर में प्रोटीन की कमी से चमड़ी खुश्क हो जाती है और इससे शरीर पर झुर्रियां पड़ जाती हैं।
  6. बच्चे का कमज़ोर पैदा होना – गर्भवती और दूध पिलाने वाली औरतों में इसकी कमी होने से बच्चा कमजोर होता है और उसकी वृद्धि ठीक नहीं होती।
  7. प्रोटीन की कमी से बच्चे क्वाशियोरकॉर और मरास्मस (सूखा) रोगों के शिकार हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
प्रोटीन के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर :
देखें प्रश्न 1 का उत्तर।

प्रश्न 3.
वसा का वर्गीकरण, कार्य, स्रोत आदि के बारे में बताएं।
उत्तर :
वसा (Fat) – वसा भी मनुष्य की खुराक का एक महत्त्वपूर्ण भाग है। यह हाइड्रोजन, कार्बन और ऑक्सीजन का मिश्रण है। यह शरीर को शक्ति प्रदान करती है और पानी में अघुलनशील है। इसमें कार्बोज़ प्रोटीन से दुगुनी शक्ति होती है। एक ग्राम वसा से 9 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। हमारे शरीर को 15 से 20 प्रतिशत ऊर्जा वसा से मिलनी चाहिए। मनुष्य को रोज़ाना 20 से 30 ग्राम वसा की आवश्यकता होती है। वसा में घुलनशील विटामिन ‘ए’, ‘डी’ और ‘के’ हैं।
वसा का वर्गीकरण-वसा को उसके स्रोत के आधार पर दो वर्गों में विभाजित किया जाता है –
1. पशु जन्य साधन या वसा (Animal Sources) – जैसे घी, मक्खन तथा अन्य पशु जन्य साधनों की वसा आदि।
2. वनस्पति साधन (Vegetable Sources) – जैसे मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, सरसों, तिल, नारियल, बिनोले आदि के तेल।
वसा के कार्य (Functions of Fat)

वसा हमारे शरीर में निम्नलिखित कार्य करती है –

  1. ऊर्जा का स्रोत (Source of Energy)
  2. आवश्यक वसा अम्लों का स्रोत (Source of Essential Fatty Acids)
  3. वसा में घुलनशील विटामिनों का स्रोत (Source of Fat Soluble Vitamins)
  4. कोमल अंगों की सुरक्षा – (Protection of Sensitive Body Organs)
  5. भोजन को स्वादिष्ट बनाती है – (Helps in Making Food Tasty)
  6. सन्तुष्टि देती है – (Gives Satisfaction)
  7. शरीर का तापमान बनाए रखती है (Helps in Regulating Body Temperature)
  8. चमड़ी के स्वास्थ्य के लिए (For Healthy Skin)

वसा की प्राप्ति के स्रोत (Sources of Fat) – वसा निम्नलिखित भोजन पदार्थ में अधिक पाई जाती है –

  1. घी, मक्खन, क्रीम और तेल।
  2. वनस्पति तेल पदार्थ जैसे – सरसों, तिल, मूंगफली, नारियल, बिनौलों का तेल और वनस्पति घी।
  3. सूखे फल और मेवे जैसे – बादाम, अखरोट, सूखी गिरी और काजू तथा पशु जन्य पदार्थ।
  4. दूध और दूध से बने पदार्थ जैसे-दूध का पाऊडर और खोया आदि।

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प्रश्न 4.
सूक्ष्म पोषक तत्त्व द्वारा शरीर में किए गए कार्य व उनके स्रोत बताओ।
उत्तर :
सूक्ष्म पोषक तत्त्व हैं – लवण (Minerals) एवम् विटामिन।

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विटामिन – विटामिन कई प्रकार के होते हैं जैसे ए, बी, सी, डी आदि। इनमें से विटामिन ‘ए’ और ‘डी’ वसा में घुलते हैं। और विटामिन ‘बी’ और ‘सी’ पानी में घुलते है।

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प्रश्न 5. (क)
विटामिन ‘बी’ समूह के कार्य तथा स्त्रोत लिखें।
उत्तर :
देखें उपरोक्त प्रश्न।

प्रश्न 5.
(ख) विटामिन ‘ए’ के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर :
देखें उपरोक्त प्रश्न।

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प्रश्न 6.
विभिन्न पोषक तत्त्वों के अभाव से होने वाले रोगों के नाम लिखो एवम् उनके लक्षण भी बताओ।
उत्तर :
1. कार्बोहाइड्रेट्स (शर्करा)-यदि यह हमारे आहार में नहीं होता तो –

  • वज़न में कमी आती है।
  • ऊर्जा की कमी के कारण थकान अनुभव होती है।
  • शर्करा में कमी के कारण प्रोटीन ऊर्जा की आवश्यकता पूरा करता है।

अत: यह शरीर की अभिवृद्धि में मदद नहीं कर पाता। इस प्रकार शर्करा की कमी से प्रोटीन की भी कमी हो जाती है। इस रोग को प्रोटीन-एनर्जी-मालन्यूट्रीशन कहते हैं। यह रोग बच्चों में ज्यादा होता है। भारत में इसको मैरसमस कहते हैं।

मरासमस के लक्षण –

  • बच्चा हड़ियों का ढांचा बन जाता है। वह ठीक से नहीं बढ़ता।
  • शरीर में पानी इकट्ठा होने के कारण पेट फूल जाता है।
  • जिगर की कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
  • बच्चा पीला पड़ जाता है और चेहरे पर दाग पड़ जाते हैं।
  • बच्चा सदा भूखा-सा लगता है।

2. प्रोटीन-जब प्रोटीन हमारे आहार में उचित मात्रा में नहीं होता तो –

  • शरीर धीमी गति से बढ़ता है।
  • घाव को ठीक होने में बहुत समय लगता है।
  • हम मानसिक व शारीरिक रूप से थक जाते हैं।
  • हमारी मांसपेशियाँ दुर्बल हो जाती हैं।

3. वसा (फैट्स)-जब वसा उचित मात्रा में हमारे आहार में नहीं होता तो –

  • शरीर वसा में घुलनशील विटामिन को उचित रूप में प्रयोग नहीं कर पाता है।
  • वजन कम हो जाता है।
  • थकान व बेचैनी महसूस होती है।
  • शरीर को ऊर्जा देने के लिए प्रोटीन का प्रयोग होने लगता है।

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4. कैल्शियम-इसकी कमी से –

  • हड्डियाँ दुर्बल और विकृत हो जाती हैं।
  • अभिवृद्धि ठीक से नहीं होती।
  • माँसपेशियों की गति पर कोई नियन्त्रण नहीं रहता।

5. लोहा-इसकी कमी से –

  • शरीर द्वारा उचित मात्रा में रक्त नहीं बनता।
  • त्वचा पीली पड़ जाती है क्योंकि लाल रंग देने वाले लोहे की कमी हो जाती है।
  • रोग के कीटाणुओं से लड़ने की क्षमता नहीं रहती। इस रोग को हम ‘एनीमिया’ कहते हैं।

6. आयोडीन-इसकी कमी द्वारा –

  • गले में थायराइड ग्लैंड सूज जाता है।
  • बच्चे में अभिवृद्धि ठीक नहीं होती।
  • इस रोग को हम ‘गौयटर’ कहते हैं।

7. विटामिन ए-इसकी कमी के कारण –

(i) अन्धेरे में हमें साफ दिखाई नहीं देता।
(ii) आँखों में सूखापन आने लगता है। यदि कमी ज्यादा दिन रहे तो व्यक्ति अन्धा हो सकता है। इस रोग को ‘रतौंधी’ (Night blindness) कहते हैं।

8. विटामिन ‘बी’-इसकी कमी से –

  • व्यक्ति को भूख नहीं लगती और खाना पचाने में भी कठिनाई होती है।
  • व्यक्ति को थकान महसूस होती है और सिर दर्द रहता है।
  • होठों के किनारे पर त्वचा में दरारें पड़ जाती हैं।
  • आँखों में जलन होती है।
  • जीभ खुरदरी और लाल हो जाती है। इस रोग को ‘बेरी-बेरी’ (Beri-Beri) कहते हैं।

9. विटामिन ‘सी’- इसकी कमी के कारण –

  • दाँत मसूड़े व हड्डियाँ कमज़ोर हो जाती हैं।
  • मसूड़े सूज जाते हैं। अतः उनमें पस पड़ जाती है, खून निकलता है और दर्द होता
  • घाव जल्दी नहीं भरते। इस रोग को ‘स्कर्वी’ (Scurvy) कहते हैं।

10. विटामिन ‘डी’-इसकी कमी से –

  • दाँत स्वस्थ व मज़बूत नहीं रहते।
  • पेट बड़ा हो जाता है।
  • हड्डियाँ मज़बूत नहीं रहती। वह मुड़ जाती हैं अथवा विकृत हो जाती हैं। इस रोग को ‘रिकेट्स’ (Rickets) कहते हैं।

HBSE 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 भोजन-पौष्टिक तत्त्व, संवर्धन तथा संरक्षण

प्रश्न 7.
पकाने से कौन-कौन से पोषक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं ?
अथवा
पकाने से विभिन्न पौष्टिक तत्त्वों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर :
पकाने के दौरान निम्नलिखित पोषक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं –
(i) विटामिन ‘ए’ – जब भी हम विटामिन ‘ए’ युक्त सब्जियों को तलते हैं जैसे पालक या मेथी की पूड़ी या पकौड़े बनाते हैं, तब विटामिन ‘ए’ नष्ट हो जाता है। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि विटामिन ‘ए’ तलने पर तेल में सरलता से घुल जाता है चूंकि यह तेल में घुलनशील है।

(ii) विटामिन ‘बी’ – यह पानी में घुलनशील है। अत: जब हम चावल भिगोते हैं तो सारा ‘विटामिन बी’ पानी में चला जाता है। यदि हम वो पानी फैंक देते हैं तो विटामिन ‘बी’ भी साथ ही निकल जाता है। आप जितना चावल को रगड़ कर साफ करते हैं उतना ही ‘विटामिन बी’ पानी में बहा देते हैं। इसके अलावा कभी-कभी राजमा और चने जैसे खाद्य पदार्थों को नर्म बनाने के लिए मीठा सोडा प्रयोग किया जाता है। मीठा सोडा भी ‘विटामिन बी’ को नष्ट करता है।

(iii) विटामिन ‘सी’ – यह पकाने के दौरान सरलता से नष्ट हो जाता है। जब विटामिन-‘सी’ युक्त फल एवम् सब्जियों को काटा जाता हैं, तो यह नष्ट हो जाता है। यदि ‘विटामिन सी’ युक्त सब्जियों को ज्यादा पकाया जाता है अथवा उन सब्जियों का पानी फेंका जाता है, तो ‘विटामिन सी’ नष्ट हो जाता है। इसके अलावा ‘मीठा सोडा’ इस्तेमाल करने से भी ‘विटामिन सी’ नष्ट हो जाता है।

(iv) प्रोटीन – यदि प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को बहुत उच्च तापमान पर पकाया जाता है, तो ये चमड़े जैसे और कठोर हो जाते हैं। इन्हें पचाना भी कठिन हो जाता है। अतः सभी प्रकार के प्रोटीन शरीर को नहीं मिल पाते।

(v) वसा – जब वसा अर्थात् घी एवम् तेल को पकौड़े या पूड़ियाँ आदि तलने में अधिक समय तक बार-बार गर्म किया जाता है तो इसकी पौष्टिकता में कमी आ जाती है। तब यह खाद्य पदार्थ में विद्यमान ‘विटामिन ए’ को नष्ट कर देता है।

(vi) खनिज – सोडियम, पोटाशियम आदि खनिज पानी में घुल जाते हैं। खाद्य पदार्थ को काटने, धोने तथा उबालने के बाद बचे अतिरिक्त पानी को फेंकने से नष्ट हो जाते हैं।

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प्रश्न 8.
पोषक तत्त्वों के संरक्षण से आप क्या समझते हैं ? पोषक तत्त्वों का संरक्षण किस प्रकार किया जा सकता है?
उत्तर :
पकाने की प्रक्रिया के दौरान पोषकों का बचाव रखना संरक्षण कहलाता है। संरक्षण निम्नलिखित प्रकार से हो सकता है –

  1. सब्जियों को पहले धोएँ, फिर काटें इससे उनके खनिज व विटामिन नष्ट नहीं होते। खाद्य पदार्थ को आवश्यकता से अधिक न धोएं।
  2. सब्जियों का पतला-पतला छिलका ही उतारें क्योंकि छिलके के नीचे ही विटामिन पाए जाते हैं।
  3. सब्जियों के बड़े-बड़े टुकड़े काटिए और वह भी पकाने से बिल्कुल पहले। छोटे टुकड़े काटने का अर्थ है पोषक तत्त्वों की अधिक हानि।
  4. यदि सब्जियाँ पानी में पकानी हैं तो उन्हें केवल उबलते पानी में डालें।
  5. सब्जियों का बहुत पतला छिलका उतारें।
  6. पकाने के लिए उतना ही पानी प्रयोग करें जितना आवश्यक हो। अतिरिक्त पानी को फेंकने की बजाए कोई अन्य खाद्य पदार्थ बनाने में प्रयोग करें।
  7. मीठे सोडे का प्रयोग न करें। इसके बदले इमली या नींबू का रस विटामिनों को संरक्षित करने में सहायक है।
  8. चावल पकाने में उतना ही पानी प्रयोग करें जितना पकाने के दौरान सोख लिया जाए।
  9.  ऐसे बर्तन (कड़ाही/पतीले) में पकाइए जिसका ढक्कन अच्छी तरह फिट हो सके। यदि आप बिना ढक्कन वाले बर्तन में खाद्य पदार्थ पकाएंगे तो पोषक तत्त्व अधिक मात्रा में नष्ट होंगे।
  10. खाद्य पदार्थ को आवश्यकता से अधिक मत पकाइए क्योंकि ऐसा करने से अनेक पोषक तत्त्व नष्ट हो जाएंगे।

प्रश्न 9.
पोषक तत्त्वों का संवर्धन किन विधियों द्वारा हो सकता है ? विस्तृत में समझाएँ।
अथवा
भोजन का पौष्टिक मान बढ़ाने की विधियों का महत्त्व लिखें।
उत्तर :
पोषक तत्त्वों का संवर्धन निम्नलिखित विधियों द्वारा होता है –
(i) मिश्रण
(ii) किण्वन
(iii) अंकुरण।

1. मिश्रण – यह पोषकों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विभिन्न खाद्य समूहों से सस्ते और सामान्य रूप से उपलब्ध खाद्य पदार्थों का मिश्रण करने की प्रक्रिया है। उदाहरण के लिए दाल चावल मिलाकर खाना चावल (अनाज) हमें ऊर्जा देते हैं और दाल प्रोटीन देती हैं।
इसके निम्नलिखित फायदे हैं –

  1. आप ऐसे आहार का सेवन कर सकते हैं जिसमें अच्छे स्तर के पोषक तत्त्व हों।
  2. आप सस्ते व सरलता से उपलब्ध होने वाले खाद्य पदार्थों का प्रयोग कर सकते हैं। इससे भोजन के पोषक तत्त्वों को पर्याप्त रूप से बढ़ावा मिलेगा।
  3. आप पूरे परिवार को संतुलित आहार दे सकते हैं।

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2. किण्वन-यह ऐसी प्रक्रिया है जिसमें खाद्य पदार्थों में कूछ सूक्ष्म जीवाणु प्रवेशित कराए जाते हैं। वह खाद्य पदार्थ में पहले से विद्यमान पौष्टिक तत्त्वों को सरल और अधिक उत्तम रूप में परिवर्तित कर देते हैं और अन्य तत्त्वों का निर्माण भी करते हैं। कुछ किण्वित खाद्य पदार्थों के उदाहरण हैं-दही, डबलरोटी, ढोकला, इडली आदि। इनके निम्नलिखित लाभ हैं –

  • सूक्ष्म जीवाणु जिनके कारण किण्वन होता है, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट को छोटे-छोटे कणों में विभाजित करते हैं जोकि सरलता से पच जाते हैं।
  • किण्वन के दौरान मटर, फलियों जैसे अनाज और खाद्य पदार्थ, कैल्शियम, फॉस्फोरस और लौह जैसे खनिजों का स्तर अधिक अच्छा होता है। उस रूप में वह शरीर द्वारा सरलता से अवशोषित कर लिए जाते हैं।
  • किण्वित खाद्य पदार्थ स्पंजी और नरम हो जाते हैं तथा छोटे बड़े सभी इन्हें पसन्द करते हैं।

3. अंकुरण-यह ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दाल या अनाज को थोड़े-से पानी में भिगो कर रखने से उसमें छोटे-छोटे अंकुर निकल आते हैं।
उदाहरण-गेहूँ, बाजरा, राजमां, मटर आदि को अंकुरित किया जा सकता है। इसके निम्नलिखित लाभ हैं –

  • इससे खाद्य पदार्थों को पचाने की क्षमता बढ़ती है।
  • कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन छोटे-छोटे कणों में टूट जाते हैं जिन्हें पचाना आसानहोता है ।
  • अंकुरण से चने और दालें नरम हो जाती हैं। अतः उन्हें पकाने में कम समयलगता है और आप उन्हें सरलता से पचा सकते हैं।
  • बिना अतिरिक्त लागत के खाद्य पदार्थ का पौष्टिक मूल्य बढ़ जाता है।
  • खाद्य पदार्थों को अंकुरित करने से उनमें कुछ विटामिन और खनिज काफ़ी बढ़ जाते हैं। ‘विटामिन बी’ की मात्रा दुगुनी हो जाती है और विटामिन ‘सी’ लगभग सौ गुणा बढ़ जाता है।

प्रश्न 10.
आहार का पौष्टिक मूल्य बढ़ाने का एक ढंग बताओ।
उत्तर :
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 11.
आहार की पौष्टिकता कैसे बढ़ाई जा सकती है ?
उत्तर :
देखें प्रश्न 9 का उत्तर।

प्रश्न 12.
जल में घुलनशील विटामिन कौन-कौन से हैं ? मुख्य कार्य बताएं।
उत्तर :
देखें उपरोक्त प्रश्न नं० 4 में।

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प्रश्न 13.
पौष्टिक मान बढ़ाने की विधियां बताएं।
या हम खाद्य पदार्थों का मूल्य कैसे बढ़ा सकते हैं ?
उत्तर :
देखें प्रश्न नं० 8 का उत्तर।

एक शब्द/एक वाक्य वाले प्रश्न –

(क) निम्न का उत्तर एक शब्द में दें –

प्रश्न 1.
गर्मी तथा प्रकाश में नष्ट होने वाला विटामिन बताएं।
उत्तर :
विटामिन B2.

प्रश्न 2.
आँखों से सम्बन्धित विटामिन का नाम बताओ।
उत्तर :
विटामिन A.

प्रश्न 3.
विटामिन सी की कमी से होने वाले रोग का नाम।
उत्तर :
स्कर्वी।

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प्रश्न 4.
पानी में घुलनशील विटामिनों के नाम लिखें।
उत्तर :
विटामिन सी, विटामिन बी।

प्रश्न 5.
पूर्ण आहार किसे कहते हैं ?
उत्तर :
दूध को।

प्रश्न 6.
विटामिन A का स्त्रोत बताएं।
उत्तर :
दूध।

प्रश्न 7.
प्रोटीन प्राप्ति का वनस्पतिक स्त्रोत बताएं।
उत्तर :
दालें।

प्रश्न 8.
लोहे की कमी से कौन-सा रोग हो जाता है ? लोहे की प्राप्ति के दो मुख्य साधन बताएं।
उत्तर :
लोहे की कमी से अनीमिया रोग हो जाता है। लोहे के स्त्रोत-पालक, पुदीना, गुड़।

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प्रश्न 9.
पानी में घुलनशील विटामिन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर :
विटामिन बी तथा सी।

प्रश्न 10.
प्रोटीन के दो मुख्य स्त्रोत लिखें।
उत्तर :
दूध तथा दूध से बने पदार्थ।

प्रश्न 11.
टूटे-फूटे तन्तुओं की मुरम्मत के लिए कौन-सा पौष्टिक तत्त्व आवश्यक
उत्तर :
प्रोटीन।

प्रश्न 12.
बेरी-बेरी रोग किस पौष्टिक तत्त्व की कमी से होता है ?
उत्तर :
विटामिन ‘बी’ की कमी से।

प्रश्न 13.
एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर का सामान्य तापमान कितना होता है?
उत्तर :
37° C अथवा 98.6° F।

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प्रश्न 14.
स्कर्वी रोग किस विटामिन की कमी से होता है ?
उत्तर :
विटामिन ‘सी’ की कमी से।

प्रश्न 15.
विटामिन ‘डी’ की कमी से कौन-सा रोग होता है ?
उत्तर :
रिकेट्स।

प्रश्न 16.
वसा में घुलनशील विटामिनों के नाम लिखें।
उत्तर :
विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘डी’, विटामिन ‘के’ तथा विटामिन ‘ई’।

प्रश्न 17.
विटामिन ‘सी’ के कोई दो स्त्रोत लिखें।
उत्तर :
नींबू, संगतरा, हरी मिर्च, मौसम्मी आदि।

प्रश्न 18.
विटामिन ‘ए’ के मुख्य दो स्त्रोत लिखें।
उत्तर :
दूध, अण्डा, गाजर, पालक।

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प्रश्न 19.
कार्बोज़ के दो मुख्य स्रोत लिखें।
उत्तर :
गेहूँ, शहद।

प्रश्न 20.
विटामिन ‘सी’ की कमी से बच्चों में कौन-सा रोग होता है ?
उत्तर :
स्कर्वी।

प्रश्न 21.
दालों में कौन-सा पौष्टिक तत्त्व पाया जाता है ?
उत्तर :
प्रोटीन।

प्रश्न 22.
विटामिन ‘के’ के मुख्य कार्य क्या हैं ?
उत्तर :
इसका मुख्या कार्य खून को जमाने में सहायता करना है।

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प्रश्न 23.
बच्चों में कैल्सियम की कमी से होने वाले रोग का नाम लिखें व उस रोग का कोई एक लक्षण लिखें।
उत्तर :
रिकेट्स रोग हो जाता है, हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

प्रश्न 24.
कार्बोज़ के कोई दो मुख्य स्रोत बताएं।
उत्तर :
शक्कर, आलू, गेहूँ, शहद आदि।

प्रश्न 25.
आहारीय लोहे की प्राप्ति के कोई दो मुख्य साधन लिखिए।
उत्तर :
पालक, गुड़।

प्रश्न 26.
विटामिन ‘ए’ के कोई दो मुख्य स्रोत लिखें।
उत्तर :
गाजर, दूध।

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प्रश्न 27.
वसा में घुलनशील विटामिनों के नाम लिखें।
उत्तर :
विटामिन A, विटामिन K.

प्रश्न 28.
जल में घुलनशील विटामिनों के नाम लिखें।
उत्तर :
विटामिन B, विटामिन C.

प्रश्न 29.
पोषक तत्त्वों के संवर्धन की विधियों के नाम लिखें। उत्तर–किण्वन, अंकुरण, मिश्रण।
(ख) रिक्त स्थान भरो –
1. प्रोटीन की कमी से ………… रोग हो जाता है।
2. वसा ………… का स्रोत है। ………..
3. संतरे में ……….. विटामिन होता है।
4. लोहे की कमी से ………… रोग हो जाता है।
5. विटामिन बी की कमी से ………… रोग हो जाता है।
6. दाँतों में पाइयोरिया ………. की कमी से होता है।
उत्तर :
1. क्वाशियोरकर
2. ऊर्जा
3. सी
4. अनीमिया
5. बेरो-बेरी
6. विटामिन सी।

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(ग) ठीक/गलत बताएं –
1. वसा, शक्कर से आधी ऊर्जा प्रदान करती है।
2. दाँतों के डैनटिन में 27% कैल्शियम होता है।
3. प्रजनन सम्बन्धी विकार विटामिन ई की कमी से हो सकते हैं।
4. वसा की कमी से आवश्यक वसा अम्लों की कमी हो जाती है।
उत्तर :
1. (✗) 2. (✓) 3. (✓) 4. (✓)।

बहु-विकल्पीय प्रश्न –

प्रश्न 1.
निम्न में कार्बोज के स्त्रोत हैं –
(A) गेहूँ
(B) गुड़
(C) शहद
(D) सभी।
उत्तर :
सभी।

प्रश्न 2.
विटामिन सी के स्त्रोत हैं –
(A) संतरा
(B) मालटा
(C) नींबू
(D) सभी।
उत्तर :
सभी।

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प्रश्न 3.
भोजन हमारे शरीर को …………….. देता है।
(A) शरीर को शक्ति देता है
(B) शरीर की वृद्धि
(C) टूटे तन्तुओं की मुरम्मत
(D) सभी ठीक।
उत्तर :
सभी ठीक।

प्रश्न 4.
निम्न में प्राणिज प्रोटीन है –
(A) गेहूँ
(B) मटर
(C) दूध
(D) दाल।
उत्तर :
दूध।

प्रश्न 5.
लोहे का स्त्रोत है –
(A) पालक
(B) गुड़
(C) अण्डे का पीला भाग
(D) सभी ठीक।
उत्तर :
सभी ठीक।

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प्रश्न 6.
विटामिन ए की कमी से हानि है –
(A) चमड़ी का खुरदरापन
(B) प्रजनन क्रिया पर प्रभाव
(C) दांतों तथा हड्डियों के विकार
(D) सभी ठीक।
उत्तर :
सभी ठीक।

प्रश्न 7.
राइबोफ्लेबिन है –
(A) विटामिन ए
(B) विटामिन B2
(C) विटामिन सी
(D) विटामिन डी।
उत्तर :
विटामिन B2

प्रश्न 8.
प्रोटीन के कार्य हैं –
(A) शरीर की सुरक्षा तथा विकास का कार्य
(B) मानसिक शक्ति प्रदान करना
(C) टूटे तन्तुओं की मुरम्मत
(D) सभी।
उत्तर :
सभी।

प्रश्न 9.
वसा के कार्य हैं –
(A) ऊर्जा का साधन
(B) सन्तुष्टि देती है
(C) चमड़ी के स्वास्थ्य के लिए
(D) सभी ठीक।
उत्तर :
सभी ठीक।

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प्रश्न 10.
विटामिन डी की कमी का प्रभाव है –
(A) रिकेटस रोग
(B) ओस्टोमलेशिया
(C) ओस्टयोपोरोसिस
(D) सभी ठीक।
उत्तर :
सभी ठीक।

प्रश्न 11.
विटामिन K के मुख्य कार्य है
(A) घाव से निकलते खून को जमाना
(B) आंखों की सुरक्षा
(C) तन्तुओं का निर्माण
(D) ऊर्जा प्रदान करना।
उत्तर :
घाव से निकलते खून को जमाना।

प्रश्न 12.
कैल्शियम की प्राप्ति के साधन हैं –
(A) दूध से बने पदार्थ
(B) पालक
(C) मूली
(D) सभी।
उत्तर :
सभी।

प्रश्न 13.
ए श्रेणी का प्रोटीन है –
(A) अनाज
(B) दूध
(C) मक्की की जीन
(D) सूखे मेवे।
उत्तर :
दूध।

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प्रश्न 14.
आयोडीन की कमी से होता है –
(A) थाइराइड गलैंड सूज जाता है
(B) बच्चों की अभिवृद्धि ठीक नहीं होती
(C) मिक्सोडीमा हो जाता है
(D) सभी ठीक।
उत्तर :
सभी ठीक।

प्रश्न 15.
निम्न में ठीक नहीं है –
(A) विटामिन डी की कमी से अन्धराता हो जाता है
(B) विटामिन E प्रजनन क्रिया में सहायक है
(C) लोहे का एक स्रोत पालक भी है
(D) आयोडीन की कमी से पेंघा रोग होता है।
उत्तर : विटामिन डी की कमी से अन्धराता हो जाता है।

प्रश्न 16.
विटामिन C की अधिक प्राप्ति होती है –
(A) मीठे पदार्थों से
(B) कड़वे पदार्थों से
(C) खट्टे पदार्थों से
(D) सभी ठीक है।
उत्तर :
खट्टे पदार्थों से।

भोजन-पौष्टिक तत्त्व, संवर्धन तथा संरक्षण HBSE 10th Class Home Science Notes

ध्यानार्थ तथ्य :

→ भोजन मानवीय जीवन का मूल आधार है।

→ भोजन शरीर को शक्ति प्रदान करता है।

→ भोजन शरीर की आन्तरिक मुरम्मत करता है।

→ सन्तुलित भोजन में शरीर के सभी आवश्यक पौष्टिक तत्त्व होते हैं।

→ प्रोटीन सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है।

→ विटामिन शरीर को बीमारियों से बचाते हैं।

→ विटामिन ए की कमी से अन्धराता हो सकता है।

→ प्रोटीन, कार्बोज, चिकनाई, विटामिन, लवण और पानी शरीर के लिए आवश्यक पौष्टिक तत्त्व हैं।

→ कार्बोहाइड्रेट्स, गेहूँ, चावल, मक्की, सूखे मेवे, गुड़, शक्कर, चीनी, शहद आदि से प्राप्त होते हैं।

→ विटामिन B2 गर्मी और प्रकाश से नष्ट हो जाते हैं।

HBSE 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 भोजन-पौष्टिक तत्त्व, संवर्धन तथा संरक्षण

→ प्रोटीन की कमी से शारीरिक विकास रुक जाता है।

→ विटामिन ‘ए’ आँखों और चमड़ी के लिए लाभदायक होता है।

→ विटामिन ‘सी’ शरीर को बीमारियों से बचाता है और यह खट्टे फलों जैसे नींबू, संतरा, मालटा आदि में मिलता है।

→ विशेष विधियों द्वारा खाद्य पदार्थों के पोषकों में सुधार लाने की प्रक्रिया को संवर्धन कहते हैं।

→ भोज्य पदार्थों को अधिक तलने से विटामिन A नष्ट हो जाता है।

→ विटामिन B, C पानी में घुलनशील है।

→ पोषक तत्त्वों का संवर्धन करने के लिए मिश्रण, किण्वन तथा अंकुरण विधियों का प्रयोग होता है।

→ अंकुरण करने से विटामिन B तथा C की मात्रा में वृद्धि हो जाती है।

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HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदाTextbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

HBSE 7th Class Science मृदा InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
मैं जानना चाहती हूँ कि सड़क के किनारे और बगीचेसे एकत्रित किये गयेनमूनों में मुझेप्लास्टिक की वस्तुओं और पॉलीथीन की थैलियों के कुछ टुकड़े क्यों मिले थे ?
उत्तर:
क्योंकि प्लास्टिक की वस्तुएँ तथा पॉलीथीन की थैलियाँ प्रयोग करने के बाद बगीचों और सड़कों के किनारे फेंक दी जाती हैं जो मिट्टी में दब जाती है।

प्रश्न 2.
मैं जानना चाहता हूँ कि क्या खेत की मिट्टी का उपयोग खिलौनों को बनाने में किया जा सकता है?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि इसमें सूक्ष्म जीव तथा तिनके होते हैं। इसके अतिरिक्त दोमट मृदा खिलौने बनाने के लिए उपयुक्त नहीं होती।

प्रश्न 3.
मैं जानना चाहता हूँमटका और सुराही बनाने के लिए किस प्रकार की मदा का उपयोग किया जाना चाहिए?
उत्तर:
मृण्मय मृदा का उपयोग किया जाना चाहिए।

प्रश्न 4.
बूझो को आश्चर्य है कि दोनों वर्गों में पानी के अवशोषण में अन्तर क्यों था?
उत्तर:
विभिन्न प्रकार की मृदा के उपयोग किये जाने के कारण। प्रथम वर्ग घर के फर्श पर बनाया गया था जो पानी का अवशोषण बहुत कम कर सका। दूसरा वर्ग कच्ची सड़क पर बनाया गया था, जहाँ की मिट्टी ने काफी पानी अवशोषित कर लिया।

प्रश्न 5.
अन्तःस्रवण दर और जल धारण करने की क्षमता में क्या अन्तर होता है?
उत्तर:

  1. प्रति इकाई समय में मृदा में जल के प्रवेश की क्षमता उसकी अन्तःस्रवण दर कहलाती है।
  2. जल धारण क्षमता अर्थात् मृदा द्वारा अवशोषित किये गये कुल जल की मात्रा है।
  3. अन्तःस्रवण दर और जल धारण क्षमता दोनों ही विपरीत लक्षण हैं।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

HBSE 7th Class Science मृदा Textbook Questions and Answers

सबसे उपयुक्त उत्तर को चिन्हित करें

प्रश्न 1.
शैल कणों के अतिरिक्त, मृदा में होते हैं
(क) वायु और जल
(ख) जल और पादप
(ग) खनिज, जैव पदार्थ, वायु और जल
(घ) जल, वायु और पादप।
उत्तर:
(ग) खनिज, जैव पदार्थ, वायु और जल।

प्रश्न 2.
जल धारण क्षमता सबसे अधिक होती है
(क) बलुई मृदा में
(ख) मृण्मय मृदा में
(ग) दुमटी मृदा में
(घ) बालू और दुमट के मिश्रण में
उत्तर:
(ख) मृण्मय मृदा में।

प्रश्न 3.
कॉलम A में दी गई वस्तुओं का कॉलम B में दिये गुणों से मिलान कीजिए

कॉलम Aकॉलम B
(क) जीवों को आवास देने वाली(i) बड़े कण
(ख) मृदा की ऊपरी परत(ii) सभी प्रकार की मृदा
(ग) बलुई मृदा(iii) गहरे रंग की
(घ) मृदा की मध्य परत(iv) सघन छोटे कण
(च) मृण्मय मृदा(v) ह्यूमस की कम मात्रा

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
(क) जीवों को आवास देने वाली(ii) सभी प्रकार की मृदा
(ख) मृदा की ऊपरी परत(iii) गहरे रंग की
(ग) बलुई मृदा(i) बड़े कण
(घ) मृदा की मध्य परत(v) ह्यूमस की कम मात्रा
(च) मृण्मय मृदा(iv) सघन छोटे कण

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

प्रश्न 4.
समझाइए कि मृदा कैसे बनती है ?
उत्तर:
पवन, जल और तापन की क्रियाओं द्वारा चट्टानें (शैल) टूटकर छोटे-छोटे खण्डों में बँट जाती हैं। जब ये खण्ड जल की धाराओं के साथ बहते हैं तो और अधिक बारीक कणों में टूट जाते हैं। यह प्रक्रम अपक्षय कहलाता है। अब इसमें विभिन्न सूक्ष्म जीवों की क्रियाओं द्वारा मृदा का निर्माण होता है।

प्रश्न 5.
मृण्मय मृदा किस प्रकार की फसलों के लिए उपयोगी है?
उत्तर:
मृण्मय मृदा में उन फसलों को उगाया जाता है जिनको जल की अधिक आवश्यकता होती है। क्योंकि इसमें जल धारण क्षमता अधिक होती है।

प्रश्न 6.
मृण्मय मृदा और बलुई मृदा के बीच अन्तर बताइए।
उत्तर:

बलुई मृदामृण्मय मृदा
(i) इसकी जलधारण क्षमता निम्न होती है।(i) इसकी जलधारण क्षमता उच्च होती है।
(ii) इसकी उच्च अन्तःस्रवण दर होती है।(ii) इसकी निम्न अन्तःस्रवण दर होती है।

प्रश्न 7.
मृदा की अनुप्रस्थ काट का चित्र बनाइए और विभिन्न परतों को नामांकित कीजिए।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा -1

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

प्रश्न 8.
रजिया ने खेत में अन्तःस्रवण की दर से सम्बन्धित एक प्रयोग किया। उसने देखा कि उसके द्वारा लिये गये मृदा के नमूने में से 200 mL जल को अन्तःस्रवण करने में 40 मिनट लगे। अन्तःस्रवण दर परिकलित कीजिए।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा -2

प्रश्न 9.
समझाइए कि मृदा प्रदूषण और मृदा अपरदन को किस प्रकार रोका जा सकता है?
उत्तर:
निम्न प्रकार से मृदा प्रदूषण और मृदा अपरदन को रोका जा सकता है-
(i) अधिकाधिक वृक्षारोपण द्वारा, क्योंकि पौधों की जड़ें मृदा कणों को बांधे रखती हैं तथा तेज पवन एवं वर्षा से मृदा की रक्षा करती हैं।
(ii) वृक्षों की कटाई एवं वनोन्मूलन को रोककर।
(iii) मृदा में पॉलीथीन तथा प्लास्टिक के टुकड़ों के फेंके जाने पर प्रतिबन्ध लगाकर।
(iv) खेतों के चारों ओर ऊँचे वृक्षों की बाड़ लगाकर।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित वर्ग पहेली को दिये गये संकेतों की सहायता से हल कीजिए
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा -3
सीधे-
(1) इसके बने थैलों के अपशिष्ट से मृदा का प्रदूषण होता है।
(2) इस प्रकार की मृदा में सूक्ष्म कणों का अनुपात अपेक्षाकृत अधिक होता है।
(4) इस प्रकार की मृदा में सूक्ष्म तथा बड़े कणों की मात्रा लगभग समान होती है।
(5) मृदा परिच्छेदिका की परत।
(8) वनस्पति न होने पर यह मृदा को उड़ा ले जाती है।
(9) इस प्रकार की मृदा सुवातित एवं शुष्क होती है।
(10) किसी मृदा द्वारा पानी को रोकने की क्षमता।

ऊपर से नीचे-
(2) भूमि की ऊपरी परत, जो पौधों को आधार प्रदान करती है।
(3) पवन तथा प्रवाही जल के कारण मृदा पर प्रभाव।
(6) मृदा में जल के अवशोषण की प्रक्रिया।
(7) किसी स्थान की मृदा की काट परिच्छेदिका।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा -4

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

HBSE 7th Class Science मृदा Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए
1. सर्वाधिक जीव-जन्तु एवं सूक्ष्म जीव पाए जाने की संभावना होती है
(क) बलुई मृदा में
(ख) चिकनी मृदा में
(ग) दुमटी मृदा में
(घ) बजरी में
उत्तर:
(ग) दुमटी मृदा में

2. मृदा प्रदूषक है
(क) प्लास्टिक-पॉलीथीन
(ख) कारखानों के रसायन
(ग) मल-जल
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी

3. पौधे की जड़ें मुख्यतः पायी जाती हैं
(क) A-संस्तर स्थिति में
(ख) B-संस्तर स्थिति में
(ग) C-संस्तर स्थिति में
(घ) इन सभी में।
उत्तर:
(क) A-संस्तर स्थिति में

4. दुमटी मृदा में होती है
(क) बालू अधिक व चिकनी कम
(ख) चिकनी मृदा अधिक बलुई मृदा कम
(ग) बड़े व छोटे कणों की समान मात्रा
(घ) गाद की मात्रा अधिक
उत्तर:
(ग) बड़े व छोटे कणों की समान मात्रा

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

5. जल धारण क्षमता सबसे कम किस मृदा की होती है?
(क) दोमट मृदा की
(ख) चिकनी मृदा की
(ग) मृण्यम मृदा की
(घ) बलुई मृदा की
उत्तर:
(घ) बलुई मृदा की

II. रिक्त स्थान

निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए
1. मृदा में उपस्थित सड़े-गले जैव पदार्थ ………… कहलाते
2. किसी मृदा में बालू और चिकनी मिट्टी का अनुपात उस ……….. पर निर्भर करता है, जिससे उसके कण बने हैं।
3. शीर्ष से नीचे की परत में ह्यूमस कम होती है, लेकिन ……………….. अधिक होते हैं।
4. बलुई मृदा हल्की ………… और ………… होती है।
उत्तर:
1. ह्यूमस
2. मूल शैल
3. खनिज
4. सुवातित, शुष्क।

III. सुमेलन

कॉलम ‘A’ के शब्दों का कॉलम ‘B’ के शब्दों का मिलान कीजिए

कॉलम ‘A’ फसलकॉलम ‘B’ मृदा का प्रकार
1. गेहूँ(a) बलुई-दुमट या दुमट
2. धान(b) दुमी मृदा
3. मसूर व दालें(c) मृत्तिका व जैव पदार्थ समृद्ध
4. कपास(d) मृण्यम और दुमटी

उत्तर:

कॉलम ‘A’ फसलकॉलम ‘B’ मृदा का प्रकार
1. गेहूँ(d) मृण्यम और दुमटी
2. धान(c) मृत्तिका व जैव पदार्थ समृद्ध
3. मसूर व दालें(b) दुमी मृदा
4. कपास(a) बलुई-दुमट या दुमट

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

IV. सत्य/असत्य

निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य छाँटिए
1. सभी प्रकार की मृदाओं का गठन समान होता है।
2. सभी मृदाओं में जल अन्त:स्रवण की दर भिन्न-भिन्न होती है।
3. दुमटी एवं बलुई मृदा का उपयोग खिलौने बनाने में नहीं किया जा सकता है।
4. मृदा अपरदन केवल जल द्वारा होता है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
3. सत्य
4, असत्य।

अतिलयु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गेहूँ तथा चने की फसल के लिए किस प्रकार की मृदा उपयुक्त है ?
उत्तर:
मृत्तिका तथा दुमट मृदा।

प्रश्न 2.
कपास के उत्पादन के लिए कौन-सी मृदा उपयुक्त है?
उत्तर:
बलुई दुमट या दुमट।

प्रश्न 3.
मृदा में रहने वाले दो जीवों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • केंचुआ
  • जीवाणु।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

प्रश्न 4.
मृदा के किस संस्तर में अधिकतम जीवित पदार्थ पाये जाते हैं ?
उत्तर:
मृदा के A-संस्तर में अधिकतम जीवित पदार्थ पाये जाते हैं।

प्रश्न 5.
मृदा की प्रकृति किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
मदा की प्रकृति उन शैलों पर निर्भर करती है. जिनसे इसका निर्माण हुआ है।

प्रश्न 6.
मृदा की किस परत में ह्यूमस होता है?
उत्तर:
मृदा की सबसे ऊपरी परत में ह्यूमस होता है।

प्रश्न 7.
मृदा के प्रकार लिखिए।
उत्तर:
मृदाएँ तीन प्रकार की होती हैं
(i) बलुई
(ii) दुमटी, तथा
(iii) मृण्मय।

प्रश्न 8.
पादप किस प्रकार की मृदा में सबसे अधिक वृद्धि करते हैं?
उत्तर:
दुमटी मृदा में।

प्रश्न 9.
क्या आप बता सकते हैं कि किस प्रकार की मृदा, बर्तन, खिलौने और मूर्तियाँ बनाने के लिए सबसे उपयुक्त होती है। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
बर्तन-मृण्यम मृदा, खिलौने व मूर्तियाँ-मृत्तिका।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

प्रश्न 10.
किस मृदा की अन्तःस्रवण दर सबसे कम और सबसे अधिक होती है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
सबसे कम-मृण्यम मृदा की सबसे अधिक – बलुई मृदा की।

प्रश्न 11.
किस प्रकार की मृदा सबसे अधिक मात्रा में जल धारण करती है और किस प्रकार की मृदा सबसे कम? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
मृण्मय मृदा सबसे अधिक तथा बलुई मृदा सबसे कम जल धारण करती है।

प्रश्न 12.
दुमटी मृदा किन प्रकार की मृदाओं से बनती
उत्तर:
दुमटी मृदा, बालू, चिकनी मिट्टी और गाद का मिश्रण है।

प्रश्न 13.
मृदा परिच्छेदिका को प्रभावित करने वाले जलवायवीय कारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
पवन, वर्षा, ताप, प्रकाश और आर्द्रता।

प्रश्न 14.
धान के लिए आदर्श मृदा क्या होती है?
उत्तर:
धान के लिए मृत्तिका एवं जैव पदार्थ से समृद्ध तथा अच्छी जलधारण क्षमता वाली मृदा आदर्श होती है।

प्रश्न 15.
गेहूँ जैसी फसलों के लिए महीन मृण्मय मृदा क्यों उपयुक्त है?
उत्तर:
क्योंकि यह ह्यूमस से समृद्ध और अत्यधिक उर्वर होती है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
घूमस का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर:
पेड़-पौधों के अवशेष तथा जन्तुओं के मृत शरीर तथा इनके अवशिष्ट पदार्थ भूमि में छोड़ दिये जाते हैं। उचित नमी की उपस्थिति में, सूक्ष्म जीवों द्वारा इनका अपघटन किया जाता है। इस प्रक्रम में इन अवशेषों के जटिल पदार्थ सरल पदार्थों में बदल जाते हैं। इस प्रकार मृदा के ऊपर एक गहरे रंग की परत बन जाती है जिसे ह्यूमस कहते हैं। ह्यूमस पादपों की वृद्धि के लिए अत्यधिक उपयोगी होता है।

प्रश्न 2.
विभिन्न स्थानों से मृदा के कुछ नमूने एकत्रित कीजिए और उनको हैण्ड लैंस की सहायता से ध्यानपूर्वक देखिये। प्रत्येक नमूने का ध्यानपूर्वक निरीक्षण कर अपने प्रेक्षणों को सारणी में लिखिए।
उत्तर:
सारणी : मृदा के विभिन्न नमूने एवं उसमें उपस्थित जीव-जन्तु एवं वस्तुएँ
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा -5

प्रश्न 3.
मृदा के उपयोगों की एक सूची बनाइए।
उत्तर:
(i) मृदा से भवनों के लिए ईंटें बनाई जाती हैं।
(ii) बर्तन बनाये जाते हैं।
(iii) खिलौने बनाये जाते हैं।
(iv) मृदा में खेती की जाती है।

प्रश्न 4.
मृदा के चार महत्त्व लिखिए।
उत्तर:
मृदा के महत्त्व:

  • मृदा अनेक जीवों का आवास होती है।
  • मृदा पौधों की जड़ों को जमाए रखती है।
  • मृदा से पौधे जल एवं खनिज पोषक ग्रहण करते
  • मृदा में कृषि की जाती है।

प्रश्न 5.
प्लास्टिक, पॉलीथीन तथा पीड़कनाशी मृदा के लिए किस प्रकार नुकसानदायक हैं?
उत्तर:
पॉलीथीन की थैलियाँ और प्लास्टिक मृदा को प्रदूषित करते हैं। ये मृदा में रहने वाले जीवों को भी हानि पहुँचाते हैं इसीलिए पॉलीथीन और प्लास्टिक की वस्तुओं के उपयोग पर प्रतिबन्ध की माँग की जा रही है। अनेक प्रकार के अपशिष्ट पदार्थ, रसायन तथा पीड़कनाशी मृदा को प्रदूषित करते हैं। ऐसे पदार्थ मृदा की उर्वर शक्ति को नष्ट करते हैं तथा लाभदायक सूक्ष्म जीवों की वृद्धि को रोकते हैं। ऐसे अपशिष्ट पदार्थों और रसायनों को मृदा में निर्मुक्त करने से पहले उन्हें उपचारित किया जाना चाहिए। पीड़कनाशियों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

प्रश्न 6.
तीनों प्रकार की मृदाओं के गुण लिखिए।
उत्तर:
(1) बलुई मृदा – इस प्रकार की मृदा में बड़े कणों का अनुपात अधिक होता है। इन मृदाओं में जल का अन्त:स्रावण भी अधिक होता है।
(2) मृण्मय मृदा – इस प्रकार की मृदा में बारीक (सूक्ष्म) कणों का अनुपात अधिक होता है। इन मृदाओं में जल का अन्त:स्रवण बहुत कम होता है।
(3) दुमट मृदा – इस प्रकार की मृदाओं में बड़े तथा छोटे कणों की मात्रा लगभग समान होती है। इन मृदाओं में जल का अन्त:स्रवण मध्यम होता है।

प्रश्न 7.
50 ग्राम मृदा नमूना लेकर उसमें अवशोषित जल का प्रतिशत किस प्रकार ज्ञात करेंगे। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
मृदा का द्रव्यमान = 50 ग्राम
मापन सिलिण्डर में जल का आरम्भिक आयतन = U mL
मापन सिलिण्डर में जल का अंतिम आयतन = V mL
मृदा द्वारा अवशोषित जल का आयतन = (U-V) mL
मृदा द्वारा अवशोषित जल का द्रव्यमान = (U-V)g
(1 mL जल का द्रव्यमान 1g के बराबर होता है।)
अवशोषित जल का प्रतिशत = \(\frac{(U-V) \times 100}{50}\)

प्रश्न 8.
मृदा परिच्छेदिका की विभिन्न परतों के नाम चित्र बनाकर लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा -6

प्रश्न 9.
मृत्तिका के गुण लिखिए।
उत्तर:
मृत्तिका (चिकनी मिट्टी) के कण सूक्ष्म (बहुत छोटे) होने के कारण परस्पर जुड़े रहते हैं और उनके बीच रिक्त स्थान बहुत कम होता है। बलुई मृदा के विपरीत इनके कणों के बीच के सूक्ष्म स्थानों में जल रुक जाता है। अतः चिकनी मिट्टी में वायु कम होती है, लेकिन यह भारी होती है, क्योंकि इसमें बलुई मृदा की अपेक्षा अधिक जल होता है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

प्रश्न 10.
विभिन्न प्रकार की मृदाओं में उगाई जाने वाली फसलों की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न प्रकार की मृदाएँ एवं उनमें उगाई जाने वाली फसलें

मृदा का प्रकारइस मृदा में उगाई जाने वाली फसलें
1. मृण्मयगेहूँ, जौ, गुलाब, आलू, चना, चुकन्दर, शकरकंद।
2. दुमटचावल, प्याज, गेहूँ, आलु, मक्का, मिर्च, भिण्डी।
3. बलुईखीरा, तरबूज, ककड़ी, मूंगफली, पत्ता गोभी।

प्रश्न 11.
मृदा से नमी को दूर करने के लिए एक क्रिया कलाप बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
एक क्वथन नली लीजिए। इसमें दो चम्मच मिट्टी मिलाइए। इसे कुछ समय तक किसी लौ पर गर्म कीजिए और क्वथन नली का प्रेक्षण कीजिए। गरम करने पर मृदा में से जल वाष्पित होकर ऊपर उठता है और क्वथन नली के ऊपरी भाग की अपेक्षाकृत ठण्डी भीतरी दीवार पर संघनित हो जाता है।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा -7

दीर्य उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मृदा अपरदन से आप क्या समझते हैं ? इसके कारण तथा रोकथाम के उपाय लिखिए।
उत्तर:
मृदा अपरदन मिट्टी की ऊपरी ह्यूमस युक्त परत मृदा कहलाती है। मृदा की इस परत का जलधारा, पवन अथवा बर्फ के द्वारा, बह जाना, उड़ जाना या खण्डित हो जाना मृदा अपरदन कहलाता है।
मृदा अपरदन निम्नलिखित कारणों से होता है

  1. अत्यधिक तीव्र वर्षा द्वारा मृदा पानी में घुल जाती है जिससे वह पानी के साथ बह जाती है।
  2. बाढ़ का तेज बहता पानी मृदा को अपने साथ बहा ले जाता है।
  3. अत्यधिक चराई तथा घास-पात एवं वृक्षों के अभाव में मृदा की उपजाऊ परत ढीली हो जाती हैं। जब तेज हवाएं चलती हैं तो ये मृदा को उड़ा ले जाती हैं।
  4. जब बर्फ पिघलती है तो इससे बहने वाला जल मृदा को भी बहा ले जाता है।

मृदा अपरदन की रोकथाम :
खुले स्थानों पर अधिक से अधिक घास, पेड़-पौधे तथा वनाच्छादन करना चाहिए। पौधों की जड़ें मिट्टी को बांधे रखता है तथा इनका पत्तियाँ पानी की तेज बूंदों को रोक लेती हैं जिससे मृदा अपरदन नहीं हो पाता। ऊँची मेढ़बन्दी तथा खेतों के चारों ओर वृक्षों की बाड़ लगाने से भी मृदा अपरदन को रोका जा सकता है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

प्रश्न 2.
अन्तः स्रवण दर मापने के लिए एक क्रियाकलाप बताइए।
उत्तर:
क्रियाकलाप-इस क्रियाकलाप के लिए कक्षा के सभी छात्र तीन समूह या दल बना लें। दलों के नाम A, B और C रख सकते हैं। आपको यह मालूम करना है कि किसी दिये गये स्थान पर पानी कितनी तेजी से मृदा में से नीचे चला जाता है। आपको एक खोखले बेलन अथवा पाइप की आवश्यकता होगी। यह सुनिश्चित कर लें कि प्रत्येक दल समान व्यास के पाइप का उपयोग करें। ऐसे पाइप प्राप्त करने के लिए दिये गये कुछ सुझावों पर विचार कर सकते है-

यदि सम्भव हो तो, एक आमाप के तीन छोटे टिन के डिब्बे लेकर उनकी तली को काट लें।
यदि पीवीसी पाइप (लगभग 5 सेमी व्यास का) उपलब्ध हो, तो इसके 20 सेमी लम्बे टुकड़े काट लें और उनका उपयोग करें।

जिस स्थान से आप मृदा एकत्रित करें, वहाँ पाइप को लगभग 2 सेमी की गहराई तक फँसा कर लगा दें। पाइप में धीमे-धीमे 200 mL जल डालिए। 200 mL जल को मापने के लिए आप किसी भी 200 mL की खाली बोतल का उपयोग कर सकते हैं। उस समय को नोट कर लें, जब आपने जल डालना आरंभ किया था। जब सारा जल भूमि द्वारा अवशोषित अर्थात् अंत:स्रावित हो जाये और पाइप खाली हो जाये, तो पुनः समय नोट कीजिए। यह ध्यान रखें कि पाइप में डालते समय पानी न तो छलके और न ही पाइप के बाहर गिरे। 200 mL जल के मृदा में अन्त:स्रावित होने में लगने वाले समय के आधार पर अन्त:स्रवण की दर की गणना निम्नलिखित सूत्र के द्वारा कीजिए-
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा -8
उदाहरण के लिए, मान लीजिए किसी नमूने में 200 मिली जल के अन्तःस्रवण में 20 min लगते हैं, तो
अतःस्रवण दर = \(\frac{200mL}{20(min)}\) = 10 mL/min
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा -9
अपने द्वारा लिये गये मृदा के नमूनों में अन्त:स्रवण दर की गणना कीजिए। अपने निष्कर्षों की तुलना अन्य दलों के मृदा के नमूनों की अन्त:स्रवण दर से कीजिए। मृदा के नमूनों को अन्त:स्रवण दर के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करिए।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा

मृदा Class 7  HBSE Notes in Hindi

→ मृदा (मिट्टी) सबसे महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक है। यह पौधों की जड़ों को दृढ़ता से थामे रखकर तथा उन्हें जल और पोषक तत्वों की आपूर्ति करके उनकी वृद्धि में सहायता करती है।
→ मृदा पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण है और अनेक जीवों का आवास है।
→ किसी स्थान की मृदा परिच्छेदिका वहाँ की विभिन्न परतों का परिच्छेद होती है। ये परतें संस्तर-स्थिति कहलाती हैं।
→ मृदा परिच्छेदिका में मुख्यतया चार परतें होती हैं

  • संस्तर स्थिति,
  • संस्तर स्थिति,
  • संस्तर स्थिति तथा आधार शैल।।

→ मृदा विभिन्न प्रकार की होती है- मृण्मय, दुमटी, बलुई।
→ विभिन्न प्रकार की मृदा में जल की अंतःस्रवण दर भिन्न-भिन्न होती है। यह दर बलुई मृदा में सबसे अधिक और मृण्मय मृदा में सबसे कम होती है।
→ विभिन्न प्रकार की फसलों को उगाने के लिए विभिन्न प्रकार की मृदा उपयुक्त होती हैं। मृत्तिका (चिकनी मिट्टी) और दुमट मृदा गेहूँ, चना और धान को उगाने के लिए उपयुक्त है। कपास को बलुई दुमट मृदा में उगाया जाता है।
→ मृदा अपने में जल को रोके रखती है, जिसे मृदा आर्द्रता या मृदा नमी कहते हैं। मृदा की जल को रोके रखने की | क्षमता या जलधारण क्षमता विभिन्न फसलों के लिए महत्वपूर्ण है।
→ मृत्तिका (चिकनी मिट्टी) का उपयोग बर्तनों, खिलौनों और मूर्तियों को बनाने के लिए किया जाता है।
→ मृदा – भूमि की ऊपरी उपजाऊ परत मृदा या मिट्टी कहलाती है।
→ मृदा परिच्छेदिका – मृदा की खड़ी काट, जिसमें विभिन्न परतें दिखाई देती हैं।
→ संस्तर स्थिति – मृदा की परतें।
→ ह्यूमस – मृदा में उपस्थित सड़े-गले जैव पदार्थ ह्यूमस कहलाते हैं।
→ अपक्षय – पवन, जल और जलवायु की क्रिया से चट्टानों के टूटने पर मृदा का निर्माण होता है, यह प्रक्रम अपक्षय कहलाता है।
→ मृतिका या क्ले – चिकनी मिट्टी को मृतिका कहते
→ बलुई मृदा – जिस मृदा में बड़े कणों की मात्रा अधिक होती है, बलुई मृदा कहलाती है।
→ मृण्मय मृदा – जिस मृदा में बारीक कणों की मात्रा अधिक होती है, मृण्मय मृदा कहलाती है।
→ दुमटी मृदा – मृदा जिसमें बड़े तथा छोटे आकार के कण लगभग समान अनुपात में होते हैं।
→ अन्तःस्रवण – मृदा में जल का प्रवेश होना अन्तःस्रवण कहलाता है।
→ आद्रता – मृदा में उपस्थित जल। जल धारण-मृदा द्वारा जल को रोकने रखना।
→ मृदा अपरदन-उपजाऊ मिट्टी का विनाश होना।

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HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 13 चुंबकों द्वारा मनोरंजन

Haryana State Board HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 13 चुंबकों द्वारा मनोरंजन Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Science Solutions Chapter 13 चुंबकों द्वारा मनोरंजन

HBSE 6th Class Science चुंबकों द्वारा मनोरंजन InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
बूझो आपसे यह प्रश्न पूछना चाहता है। एक दर्जी कमीज में बटन टाँक रहा था। उसके हाथ से सुई फिसल कर फर्श पर गिर गई। क्या आप सुई ढूँढने में दर्जी की सहायता कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम चुम्बक की सहायता से सुई को ढूंढ सकते हैं क्योंकि लोहे की बनी सुई चुम्बक पर चिपक जाएगी।

प्रश्न 2.
पहेली के पास आपके लिए एक समस्या है। आपको दो समान छड़ें दी गई हैं, जिन्हें देखने से प्रतीत होता है कि वे लोहे की बनी हुई हैं। उनमें से एक चुम्बक है जबकि दूसरी लोहे की साधारण छड़ है। आप कैसे ज्ञात करेंगे कि इनमें से कौन-सी छड़ चुम्बक है?
उत्तर:
लोहे की छड़ में धूव नहीं होते, अत: सभी जगह समान आकर्षण होगा। चुम्बक के दो ध्रुव होते हैं जहाँ सबसे अधिक आकर्षण होता है। इस प्रकार हम ज्ञात कर सकते है कि कौन-सी छड़ चुम्बक है।

प्रश्न 3.
आपके विद्यालय का मुख्य द्वार आपकी कक्षा से किस दिशा में स्थित है?
उत्तर:
विद्यार्थी अपने विद्यालय की स्थिति के अनुसार उत्तर लिखें।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 चुंबकों द्वारा मनोरंजन

HBSE 6th Class Science चुंबकों द्वारा मनोरंजन Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) कृत्रिम चुम्बक विभिन्न आकार के बनाए जाते हैं, जैसे …………………. तथा ………….।
(ख) जो पदार्थ चुम्बक की ओर आकर्षित होते हैं, वे ………… कहलाते हैं।
(ग) कागज एक …………… पदार्थ नहीं है।
(घ) प्राचीन काल में लोग दिशा ज्ञात करने के लिए …………… का टुकड़ा लटकाते थे।
(ङ) चुम्बक के सदैव ………….. ध्रुव होते हैं।
उत्तर:
(क) नाल चुम्बक, बेलनाकार चुम्बक,छड़चुम्बक।
(ख) चुम्बकीय
(ग) चुम्बकीय
(घ) चुम्बक
(ङ) दो।

प्रश्न 2.
बताइए निम्न कथन सही है अथवा गलत
(क) बेलनाकार चुम्बक में केवल एक ध्रुव होता है।
(ख) कृत्रिम चुम्बक का आविष्कार यूनान में हुआ था।
(ग) चुम्बक के समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।
(घ) लोहे का बुरादा छड़ चुम्बक के समीप लाने पर इसके मध्य में अधिक चिपकता है।
(ङ) छड़ चुम्बक सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा को दर्शाता है।
(च) किसी स्थान पर पूर्व-पश्चिम दिशा ज्ञात करने के लिए कम्पास का उपयोग किया जा सकता है।
(छ) रबड़ एक चुम्बकीय पदार्थ है।
उत्तर:
(क) गलत
(खा) गलत
(ग) सही
(घ) गलत
(ङ) सही
(च) सही
(छ) गलत।

प्रश्न 3.
यह देखा गया है कि पेंसिल छीलक (शार्पनर) यद्यपि प्लास्टिक का बना होता है, फिर भी यह चुम्बक के दोनों ध्रुवों से चिपकता है। उस पदार्थ का नाम बताइए जिसका उपयोग इसके किसी भाग के बनाने में किया गया है।
उत्तर:
पेंसिल छीलक में ब्लेड लोहे का बना होता है और जब वह चुम्बक के सम्पर्क में आता है तो लोहा चुम्बक से चिपक जाता है।

प्रश्न 4.
एक चुम्बक के एक ध्रुव को दूसरे चुम्बक के ध्रुव के समीप लाने की विभिन्न स्थितियाँ कॉलम 1 में दर्शाई गई हैं। कॉलम 2 में प्रत्येक स्थिति के परिणाम को दर्शाया गया है। रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

कॉलम – 1कॉलम – 2
N – N_
N – _आकर्षण
S – N_
_ – Sप्रतिकर्षण

उत्तर:

कॉलम-1कॉलम-2
N – Nप्रतिकर्षण
N – Sआकर्षण
S – Nआकर्षण
S – Sप्रतिकर्षण

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 चुंबकों द्वारा मनोरंजन

प्रश्न 5.
चुम्बक के कोई दो गुण लिखिए।
उत्तर:
चम्बक के गुण:
1. चुम्बक लोहा, निकिल, कोबाल्ट जैसे कुछ पदार्थों को आकर्षित करता है।
2. चुम्बक को स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने पर यह सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा में रुकता है।

प्रश्न 6.
छड़ चुम्बक के ध्रुव कहाँ स्थित होते हैं?
उत्तर:
छड़ चुम्बक के ध्रुव उसके दोनों सिरों के नजदीक

प्रश्न 7.
छड़ चुम्बक पर धुवों की पहचान का कोई चिह्न नहीं है। आप कैसे ज्ञात करोगे कि किस सिरे के समीप उत्तरी ध्रुव स्थित है?
उत्तर:
छड़ चुम्बक के बीचों-बीच एक धागा बांधकर इसे लटकाने पर यह उत्तर-दक्षिण दिशा में ठहरता है। जो सिरा उत्तर में ठहरता है वह उत्तरी ध्रुव तथा जो सिरा दक्षिण की ओर होता है वह दक्षिणी ध्रुव कहलाता है।

प्रश्न 8.
आपको एक लोहे की पत्ती दी गई है। आप इसे चुम्बक कैसे बनाएँगे?
उत्तर:
सबसे पहले लोहे की पत्ती को मेज पर रखते हैं। अब एक छड़ चुम्बक का कोई एक ध्रुव लोहे की पत्ती के एक सिरे पर रखिए। चुम्बक को बिना हटाए इसे पत्ती के दूसरे सिरे तक ले जाइए। इस प्रक्रिया को लगभग 30-40 बार दोहराइए। इस प्रकार लोहे की पत्ती को चुम्बक बनाया जा सकता है।
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 13 चुंबकों द्वारा मनोरंजन -1

प्रश्न 9.
दिशा निर्धारण में कम्पास का किस प्रकार प्रयोग होता है?
उत्तर:
कम्पास की सुई सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा में ठहरती है। सुई नोंक वाला सिरा उत्तर की ओर तथा इसके पीछे का सिरा दक्षिण दिशा बताता है। उत्तर-दक्षिण दिशाओं को जानकर पूर्व-पश्चिम दिशाओं का ज्ञान किया जा सकता है।

प्रश्न 10.
पानी के टब में तैरती एक खिलौना नाव के समीप विभिन्न दिशाओं से एक चुम्बक लाया गया। प्रत्येक स्थिति में प्रेक्षित प्रभाव कॉलम 1 में तथा सम्भावित कारण कॉलम 2 में दिये गये हैं। कॉलम 1 में दिये गये कथनों का मिलान कॉलम 2 में दिये गये कथनों से कीजिए।

कॉलम – 1कॉलम – 2
1. नाव चुम्बक की ओर आकर्षित हो जाती है।(क) नाव में चुम्बक लगा है जिसका उत्तरी धूव, नाव के अग्र भाग की ओर है।
2. नाव चुम्बक से प्रभावित नहीं होती।(ख) नाव में चुम्बक लगा है जिसका दक्षिणी ध्रुव, नाव के अग्र भाग की ओर है।
3. यदि चुम्बक का उत्तरी ध्रुव नाव के अग्र भाग के समीप लाया जाता है तो नाव चुम्बक के समीप आती है।(ग) नाव की लम्बाई के अनुदिश एक छोटा चुम्बक लगाया गया है।
4. जब उत्तरी ध्रुव नाव के अन भाग के समीप लाया जाता है तो नाव चुम्बक से दूर चली जाती है।(घ) नाव चुम्बकीय पदार्थ से निर्मित है।
5. नाव बिना दिशा बदले तैरती है।(ङ) नाव अचुम्बकीय पदार्थ से निर्मित है।

उत्तर:

कॉलम – 1कॉलम – 2
1. नाव चुम्बक की ओर आकर्षित हो जाती है।(घ) नाव चुम्बकीय पदार्थ से निर्मित है।
2. नाव चुम्बक से प्रभावित नहीं होती।(ङ) नाव अचुम्बकीय पदार्थ से निर्मित है।
3. यदि चुम्बक का उत्तरी ध्रुव नाव के अग्र भाग के समीप लाया जाता है तो नाव चुम्बक के समीप आती है।(ख) नाव में चुम्बक लगा है जिसका दक्षिणी ध्रुव, नाव के अग्र भाग की ओर है।
4. जब उत्तरी ध्रुव नाव के अन भाग के समीप लाया जाता है तो नाव चुम्बक से दूर चली जाती है।(क) नाव में चुम्बक लगा है जिसका उत्तरी धूव, नाव के अग्र भाग की ओर है।
5. नाव बिना दिशा बदले तैरती है।(ग) नाव की लम्बाई के अनुदिश एक छोटा चुम्बक लगाया गया है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 चुंबकों द्वारा मनोरंजन

HBSE 6th Class Science चुंबकों द्वारा मनोरंजन Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पी प्रश्न : निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए

1. लोहे की वस्तुओं को अपनी ओर खींचने वाले पत्थर को क्या नाम दिया गया?
(क) मेग्नस
(ख) मेग्नेटाइट
(ग) हेमेटाइट
(घ) पाइराइट
(घ) पादार
उत्तर:
(ख) मेग्नेटाइट

2. वे पदार्थ जो चुम्बक की ओर आकर्षित होते हैं, कहलाते हैं-
(क) चुम्बकीय पदार्थ
(ख) अचुम्बकीय पदार्थ
(ग) प्रतिकर्षी पदार्थ
(घ) आकर्षी पदार्थ
उत्तर:
(क) चुम्बकीय पदार्थ

3. चुम्बक के ध्रुव होते हैं-
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार
उत्तर:
(ख) दो

4. चुम्बक अपना गुण खो देता है-
(क) गर्म करने पर
(ख) पीटने पर
(ग) ऊँचाई से गिराने पर
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी

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II. रिक्त स्थान : निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए

1. लोहे के टुकड़े से चुम्बक बनाने की विधि का अविष्कार हुआ, इन्हें …………….. कहते हैं।
2. जो पदार्थ चुम्बक की ओर आकर्षित नहीं होते, वे …………….. कहलाते हैं।
3. चुम्बक के …………….. इसके सिरों के नजदीक होते हैं।
4. …………….. सामान्यतः काँच के ढक्कन वाली एक छोटी डिब्बी होती है।
उत्तर:
1. कृत्रिक चुम्बक
2. अचुम्बकीय
3. ध्रुव
4. कंपास।

III. सुमेलन : कॉलम ‘A’ के शब्दों का मिलान कॉलम ‘B’ के शब्दों से कीजिए

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. मैग्नस(i) पत्थर का नाम
2. मेग्नीशिया(ii) एक स्थान का नाम
3. मेग्नेटाइट(iii) गड़रिया का नाम
4. दिक्सूची(iv) कंपास का नाम

उत्तर:

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. मैग्नस(iii) गड़रिया का नाम
2. मेग्नीशिया(ii) एक स्थान का नाम
3. मेग्नेटाइट(i) पत्थर का नाम
4. दिक्सूची(iv) कंपास का नाम

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IV. सत्य/असत्य : निम्नलिखित वाक्यों में सत्य एवं असत्य कधन छोटिए

(i) निकिल, कोबाल्ट एवं लोहा चुम्बकीय पदार्थ हैं।
(ii) छड़ चुम्बक को बीच से धागे द्वारा स्वतंत्र लटकाने पर इसके सिरे पूर्व-परिचम की ओर ठहरते हैं।
(iii) चुम्बक के दो ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव होते हैं।
(iv) दो चुम्बकों के विपरीत ध्रुवों में आकर्षण होता है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
3, सत्य
4. सत्य।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कबाड़ के ढेर से लोहे के टुकड़ों का चयन किसके द्वारा किया जा सकता है।
उत्तर:
चुम्बक द्वारा।

प्रश्न 2.
चुम्बक किस प्रकार की वस्तुओं को अपनी ओर खीचती हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
लोहा, निकिल और कोबाल्ट से बनी वस्तुओं को।

प्रश्न 3.
चुम्बक के प्रभाव वाले किसी सेल का नाम बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
पेपर क्लिप को हवा में लटकाना।

प्रश्न 4.
एक प्राकृतिक चुम्बक का नाम लिखिए।
उत्तर:
मैग्नेटाइट एक प्राकृतिक चुम्बक है।

प्रश्न 5.
मेग्नस छड़ी के सिरे पर क्या लगा होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
चुम्बक।

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प्रश्न 6.
छड़ चुम्बक का वह सिरा जो लटकाने पर उत्तर की ओर ठहरता है, क्या कहलाता है?
उत्तर:
उत्तरी धूव।

प्रश्न 7.
ऐसे पदार्थ जो चुम्बक से आकर्षित नहीं होते हैं, क्या कहलाते हैं?
उत्तर:
अनुचुम्बकीय पदार्थ ।

प्रश्न 8.
ऐसे पदार्थ जो चुम्बक की ओर आकर्षित होते हैं, क्या कहलाते हैं?
उत्तर:
चुम्बकीय पदार्थ।

प्रश्न 9.
चुम्बक की खोज किसने की?
उत्तर:
मैग्नस ने।

प्रश्न 10.
क्या होता है जब छड़ चुम्बक को लोहे के बुरादे से होकर निकाला जाता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
छड़ चुम्बक के दोनों सिरों पर लोहे का बुरादा समान रूप से चिपक जाता है।

प्रश्न 11.
दो ऐसे उपकरणों का नाम लिखिए जिनमें ‘चुम्बक पाया जाता है?
उत्तर:
(i) विद्युत घंटी
(ii) क्रेन।

प्रश्न 12.
पिन धारक में चुम्बक का क्या कार्य है?
उत्तर:
पिने पिन धारक के मुंह पर आ जाती हैं जिससे इन्हें उठाने में सरलता होती है।

प्रश्न 13.
कृत्रिम चुम्बक किस पदार्थ से बनाए जाते हैं?
उत्तर:
लोहे से।

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प्रश्न 14.
मिट्टी चुम्बकीय पदार्थ है या अनुचुम्बकीय ?
उत्तर:
अनुचुम्बकीय।

प्रश्न 15.
क्या होता है यदि चुम्बक को गर्म किया जाए या हथौड़े से पीटा जाए?
उत्तर:
चुम्बक अपना गुण खो देता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रेखांकित शब्दों को वाक्य के अनुसार शुद्ध कीजिए
(क) कागज एक चुम्बकीय पदार्थ है।
(ख) एनास्टिक एक चुम्बकीय पदार्थ है।
(ग) कृत्रिम चुम्बक का आविष्कार इंग्लैण्ड में हुआ।
(घ) चुम्बक का एक धुव होता है।
उत्तर:
(क) अनुचुम्बकीय
(ख) लोहा
(ग) यूनान
(घ) दो।

प्रश्न 2.
एक सरल कम्पास बनाने के लिए एक क्रियाकलाप लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
क्रियाकलाप:
छड़ चुम्बक के उपयोग से लोहे की सुई को चुम्बकित कीजिए। अब इसे किसी छोटी कॉर्क अथवा फोम के टुकड़े में निविष्ट कीजिए। इसे पानी से भरे प्याले अथवा टब में तैराइए। यह सुनिश्चित कीजिए कि सुई पानी को न छुए। अब आपकी कम्पास कार्य करने के लिए तैयार है। तैरती कॉर्क पर लगी सुई की दिशा नोट कीजिए। सुई लगी कॉर्क को विभिन्न दिशाओं में घुमाइए। जब बिना घुमाए कॉर्क तैरने लगे तो सुई की दिशा पुनः नोट कीजिए। कॉर्क का घूमना बंद होने पर सुई सदैव एक ही दिशा दर्शाती
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प्रश्न 3.
(a) आप रेत से लोहे के बुरादे को किस प्रकार अलग करेंगे।
(b) कुछ स्थानों का भ्रमण कर चुम्बक की सहायता से विभिन्न स्थानों की मिट्टी में लोहे की वस्तुओं (पिन, नट-बोल्ट, कील, लोहे का बुरादा) की संख्या की तुलना कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
(a) मिश्रण से होकर बार-बार चुम्बक गुजार ने पर लोहे का बुरादा चुम्बक से चिपक जाता है।
(b)

स्थानलोहे की वस्तुओं की संख्या
1. अपने घर के सामने कीथोड़ी सी वस्तुएं, पिन, नट, कील
2. कार मैकेनिक की दुकान के सामने की मिट्टीबहुत सी वस्तुएं, लोहे का बुरादा, कील, नट, बोल्ट आदि।
3. खेत की मिट्टीबिल्कुल नहीं

प्रश्न 4.
एक कागज की शीट पर लोहे का बुरादा फैलाइए। इस शीट के ऊपर एक छड़ चुम्बक रखिए। आप क्या देखते है? क्या लोहे का बुरादा चुम्बक के सभी स्थानों पर एक समान रूप से चिपकता है? क्या आप चुम्बक के किसी भाग में किसी अन्य भाग से अधिक लोहे का बुरादा चिपका हुआ देखते हैं ?
उत्तर:
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1. चुम्बक लोहे के बुरादे को अपनी ओर खींचती है।
2. बुरादा चुम्बक पर समान रूप से नहीं चिपकता।
3. चुम्बक के सिरों पर बुरादा अधिक चिपकता है।

प्रश्न 5.
चुम्बकों का रख-रखाव कैसे किया जाता है?
उत्तर:
चुम्बकों को कभी भी पीटना या गर्म नहीं करना चाहिए। इससे चुम्बक अपना चुम्बकत्व खो देती है।
छड़ चुम्बकों को सुरक्षित रखने के लिए उनके जोड़ों के असमान ध्रुवों को पास-पास रखा जाना चाहिए। इन चुम्बकों को लकड़ी के टुकड़ों HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 13 चुंबकों द्वारा मनोरंजन -4

प्रश्न 6.
कम्पास क्या होता है? इसका चित्र बनाइए।
उत्तर:
कम्पास (दिक्सूचक) काँच के ढक्कन वाली एक छोटी डिब्बी होती है जिसमें एक चुम्बकीय सुई अपनी धुरी पर स्वतंत्रतापूर्वक घूमती है। यह सुई सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा में ठहरती है। इसकी नोंक उत्तर दिशा को तथा पीछे की ओर का भाग दक्षिण दिशा को दर्शाता है। इसका प्रयोग दिशा का ज्ञान करने के लिए किया जाता है।
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प्रश्न 7.
चुम्बक का प्रभाव दाने के लिए एक क्रियाकलाप कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
क्रियाकलाप:
प्लास्टिक अथवा कागज का एक प्याला लीजिए। इसे एक स्टैंड पर शिकंजे (क्लैम्प) की सहायता से कस दीजिए। जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। प्याले के अंदर एक चुम्बक रखिए तथा इसे कागज से ढंक दीजिए, जिससे कि चुम्बक दिखाई न दे। लोहे के बने एक क्लिप को एक धागे से बाँधिए। धागे के दूसरे सिरे को स्टैण्ड के आधार के साथ बाँध दीजिए। (ध्यान रखें, धागे की लम्बाई को पर्याप्त छोटा रखना यहाँ एक युक्ति है।) क्लिप को प्याले के आधार के समीप लाइए। क्लिप बिना किसी सहारे के एक पतंग की भाँति हवा में रुका रहता है।
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प्रश्न 8.
एक कम्पास का उपयोग करके, अपने कमरे की खिड़की तथा अपने घर या अपनी कक्षा के प्रवेश द्वार के खुलने की दिशा ज्ञात कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
कम्पास का उपयोग करके हमने ज्ञात किया कि हमारे कमरे की खिड़की और हमारे घर का प्रवेश द्वार उत्तर दिशा की ओर खुलते हैं जबकि हमारी कक्षा का प्रवेश द्वार दक्षिण दिशा में खलता है।

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प्रश्न 9.
समान माप के दो एक जैसे छड़ चुम्बकों को एक-दसरे के ऊपर इस प्रकार रखने का प्रयत्न कीजिए कि एक चुम्बक का उत्तरी ध्रुव दूसरे के उत्तरी ध्रुव पर हो। अवलोकन कीजिए क्या होता है और अपने प्रेक्षणों को अपनी नोटबुक में लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जब हम समान माप के दो एक जैसे छड़ चुम्बकों को एक-दूसरे के ऊपर इस प्रकार रखते हैं कि एक चुम्बक का उत्तरी ध्रुव दुसरे चुम्बक के उत्तरी ध्रुव पर हो तो दोनों चम्बक एक-दूसरे से प्रतिकर्षित होते हैं। दो असमान धूव प्रतिकर्षित होते हैं तथा दो समान ध्रुव आकर्षित होते हैं। यह चुम्बक का गुण है।

प्रश्न 10.
बढ़ई के काम करते समय फर्श पर बहुत-सा लकड़ी का छीलन फैल जाता है तथा कुछ लोहे की कीलें एवं पेंच भी इनके साथ मिल जाते हैं। हाथों से ढूंढने में उसका बहुमूल्य समय नष्ट किये बिना आप कीलों तथा पेंचों को बुरादे तथा छीलन से पृथक् करने में उसकी सहायता कैसे करेंगे? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
यदि बढ़ई चुम्बक का उपयोग करेगा तो लोहे के बने कील एवं पेंच चुम्बक से चिपक जायेंगे।

प्रश्न 11.
आप एक बुद्धिमान गुड़िया बना सकते हैं, जो अपनी पसंद का वस्तुएं चुनती है। एक गुड़िया लाजिए तथा इसके हाथ में एक छोटा चुम्बक बांध दीजिए। इस हाथ को दस्ताने से छुपा दीजिए, जिससे कि चुम्बक दिखाई न दे। अब आपकी बुद्धिमान गुड़िया तैयार है। अपने मित्रों से विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ गुड़िया के हाथ के पास लाने को कहिए। वस्तु के पदार्थ की जानकारी से आप पहले ही यह बता सकते हो कि गुड़िया इस वस्तु को पकड़ेगी या नहीं। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जब हम एक छोटा चुम्बक गुड़िया के दस्ताने में छिपा देते हैं तो वह स्वाभाविक रूप से लोहे, कोबाल्ट या निकिल से बनी वस्तुओं को अपनी ओर खींचती है। वास्तव में यह मजेदार खेल है।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मान लीजिए आप मेग्नस की भाँति मेग्नस छड़ी बनाकर भ्रमण पर निकले हैं। चुम्बक द्वारा आकर्षित होने वाली वस्तुओं की सूची बनाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
सारणी : चुम्बक द्वारा आकर्षित होने वाली वस्तुओं का पता लगाना

वस्तु का नामपदार्थ जिसकी वस्तु बनी है (कपड़ा/प्लास्टिक/एल्युमिनियम/ लकड़ी/काँच/लोहा/ अन्य कोई)मैग्नस छड़ी/चुम्बक द्वारा आकर्षित (हाँ/नही)
1. लोहे की गेंदलोहाहाँ
2. स्केलप्लास्टिकनहीं
3. जूताचमड़ानहीं
4. कीललोहाहाँ
5. चाकूलोहाहाँ
6. कुर्सीलकड़ीनहीं
7. चॉकचॉकनहीं
8. डस्टरलकड़ीनहीं
9. केंचीलोहाहाँ
10. मृर्तिनिकिलहाँ

प्रश्न 2.
“स्वतन्त्रतापूर्वक लटका चुम्बक सदैव एक ही दिशा में आकर रुकता है।” एक क्रियाकलाप द्वारा समझाइए।
उत्तर:
क्रियाकलाप:
एक छड़ चुम्बक लेते हैं। इसके एक सिरे पर पहचान के लिए एक चिन्ह बना देते हैं। अब एक धागे को चुम्बक के मध्य बिन्दु से बाँधते हैं जिससे कि इसे एक लकड़ी के स्टैण्ड पर चित्रानुसार लटकाया जा सके। यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि चुम्बक प्रत्येक दिशा में स्वतन्त्रतापूर्वक घूम सके। इसे विराम अवस्था में आने देते हैं।
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 13 चुंबकों द्वारा मनोरंजन -7
चुम्बक की विराम अवस्था में इसके दोनों सिरों की स्थिति दर्शाने के लिए धरती पर दो बिन्दु चिन्हित कीजिए। इन बिन्दुओं को एक रेखा से मिलाइए। यह रेखा उस दिशा को दर्शाती है, जिस दिशा में चुम्बक अपनी विरामावस्था की स्थिति में आकर रुकता है। अब चुम्बक के एक सिरे को आराम से धक्का देकर घुमाइए तथा इसे विरामावस्था में आने दीजिए। विरामावस्था में इसके सिरों की स्थिति को दोबारा चिन्हित कीजिए। हम देखते हैं कि चुम्बक पुन: अपनी पहली स्थिति में आकर ही रुकता है। चुम्बक को एक दूसरी दिशा में घुमाइए तथा इसके विराम में आने की दिशा नोट कीजिए।

चुम्बक पुनः अपनी पुरानी स्थिति में आकर रुकता है। इससे स्पष्ट है कि स्वतंत्रतापूर्वक लटका चुम्बक सदैव एक ही दिशा में आकर रुकता है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 चुंबकों द्वारा मनोरंजन

प्रश्न 3.
क्या चुम्बक के असमान धुव आकर्षित होते हैं और समान धुव प्रतिकर्षित होते हैं। इसे समझाने के लिए एक खेल-खेल में क्रियाकलाप कीजिए।
उत्तर:
क्रियाकलाप दो छोटी खिलौना कारें लीजिए तथा उन पर A एवं B अंकित कीजिए। प्रत्येक कार के ऊपर लम्बाई के अनुदिश रबड़ बैण्ड से एक चुम्बक लगाइए। कार A में चुम्बक का उत्तरी ध्रुव अग्रभाग की ओर रखिए। कार B में चुम्बक विपरीत दिशा में रखिए। अब दोनों कारों को एक-दूसरे के समीप रखिए। आकर्षण एवं प्रतिकर्षण के प्रेक्षण निम्न तालिका में प्रस्तुत हैं।
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 13 चुंबकों द्वारा मनोरंजन -8

तालिका

कारों की स्थितिकारें कैसे चलती हैं? एक-दूसरे की ओर/एक-दूसरे से दूर/बिल्कुल नहीं
1. कार A का अग्र भाग कार B के अग्र भाग की ओरएक-दूसरे से दूर
2. कार A क पश्च भाग कार B के अग्र भाग की ओरएक-दूसरे की ओर
3. कार A को कार B के पीछे रखने परएक-दूसरे की ओर
4 कार B का पश्च भाग कार A के पश्च भाग की ओरएक-दूसरे से दूर

चुंबकों द्वारा मनोरंजन Class 6 HBSE Notes in Hindi

→ प्राकृतिक चुम्बक प्राचीन यूनान में मेग्नस नामक एक गड़रिये द्वारा खोजा गया।
→ मैग्नेटाइट एक प्राकृतिक चुम्बक है।
→ ऐसे पदार्थ जो लोहे से बनी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, चुम्बक कहलाते हैं।
→ ऐसे पदार्थ जो चुम्बक की ओर आकर्षित होते हैं, चुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं। जैसे-लोहा, निकिल एवं कोबाल्ट।
→ ऐसे पदार्थ जो चुम्बक की ओर आकर्षित नहीं होते हैं, अनुचुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं।
→ चुम्बक के दो ध्रुव होते हैं-उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव। स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने पर चुम्बक सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा में आकर रुकता है।
→ चुम्बक का उपयोग दिशा-निर्धारण के लिए होता है। चुम्बक के उत्तर-दक्षिण में ठहरने के कारण एक युक्ति का विकास किया गया। यह युक्ति कम्पास कहलाती है।
→ कम्पास सामान्यतः कांच के ढक्कन वाली एक छोटी डिब्बी होती है जिसमें एक चुम्बकीय सुई डिब्बी के अन्दर लगी होती है। यह अपने अक्ष पर स्वतंत्रतापूर्वक घूम सकती है। विरामावस्था में सुई का तीर वाला सिरा उत्तर की ओर तथा पिछला भाग दक्षिण की ओर ठहरता है।
→ दो चुम्बकों के असमान ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं जबकि समान ध्रुवों में परस्पर प्रतिकर्षण होता है।
→ यदि चुम्बक को गर्म किया जाए व हथौड़े से पीटा जाए या ऊँचाई से गिराया जाए तो वह अपने गुण खो देता है।
→ चुम्बक – जिन पदार्थों में लोहे से बनी वस्तुओं को आकर्षित करने का गुण पाया जाता है, चुम्बक कहलाते हैं।
→ मैग्नेटाइट – एक प्राकृतिक चुम्बक जिसमें लोहा होता है।
→ उत्तरी ध्रुव – चुम्बक का उत्तर दिशा की ओर निर्देशित होने वाला सिरा उत्तरी ध्रुव कहलाता है।
→ दक्षिणी धूव – चुम्बक का दक्षिण दिशा की ओर निर्देशित होने वाला सिरा दक्षिणी ध्रुव कहलाता है।
→ कम्पास (द्विक्सूचक) – यह एक उपकरण है जो दिशा का निर्धारण करता है। इसमें लगी सुई सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा में ठहरती है।

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HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव

Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव

HBSE 7th Class Science विद्युत धारा और इसके प्रभाव InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
पहेली तथा बूझो यह जानना चाहते हैं कि क्या ट्रैक्टरों, टूकों तथा इनवर्टर में उपयोग होने वाली बैटरियाँ भी सेलों से बनी हैं। तब फिर इन्हें बैटरी क्यों कहते हैं ? क्या आप इस प्रश्न का उत्तर पता लगाने में उनकी सहायता कर सकते हैं ?
उत्तर:
ट्रकों तथा ट्रैक्टरों में लगने वाली बैटरियाँ अनेक सेलों से मिलकर बनी होती हैं। ये सेल, शुष्क सेल नहीं होते बल्कि ये प्लेटों के कई सेट होते हैं तथा प्रत्येक सेट एक सेल की तरह कार्य करता है।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -1
चित्र : ट्रकों की बैटरी तथा इसका काट-चित्र

प्रश्न 2.
पहेली तथा बूझो ने कुछ दिन पहले एक जादू का खेल देखा था। जादूगर ने स्टैण्ड पर लोहे का एक बॉक्स रखा। फिर उसने बूझो को बुलाकर उससे बॉक्स को उठाने के लिये कहा। बूझो ने बॉक्स को आसानी से उठा लिया। अब उस जादूगर ने कुछ बुदबुदाते हुए बॉक्स पर छड़ी घुमाकर अपना करतब दिखाना शुरू किया। उसने पुनः बूझो से बॉक्स को उठाने के लिये कहा। इस बार तो बूझो उसे हिला भी नहीं सका। जादूगर फिर कुछ बुदबुदाया और बूझो ने बॉक्स को आसानी से उठा लिया।

वूझो और पहेली सहित सभी दर्शक इस प्रदर्शन से अत्यधिक प्रभावित थे और यह समझ रहे थे कि जादूगर के पास कोई अलौकिक शक्ति है। परन्तु इस अध्याय को पढ़ने के पश्चात् पहेली यह सोच रही है कि क्या वास्तव में इस युक्ति में कोई जादू था अथवा इसमें कोई विज्ञान सम्मिलित था। क्या आप यह अनुमान लगा सकते हो कि इसमें विज्ञान से सम्बन्धित कौन-सी युक्ति सम्मिलित हो सकती है ?
उत्तर:
जादूगर ने बॉक्स के नीचे विद्युत चुम्बक लगा दिया जिसे, ‘ऑन’ तथा ‘ऑफ’ किया जा सकता था। वह अपने साथी को ‘ऑन’ करने के लिये कहता तो लोहे का बॉक्स विद्युत चुम्बक की तरफ खिंचता, इसलिए उसे उठाया नहीं जा सकता था।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव

HBSE 7th Class Science विद्युत धारा और इसके प्रभाव Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
विद्युत परिपथ के निम्नलिखित अवयवों को निरूपित करने वाले प्रतीक अपनी नोटबुक पर खींचिए : संयोजक तार, स्विच ‘ऑफ’ की स्थिति में, विद्युत बल्ब, विद्युत सेल, स्विच ‘ऑन’ की स्थिति में तथा बैटरी।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -2
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -3

प्रश्न 2.
चित्र में दर्शाये गये विद्युत परिपथ को निरूपित करने के लिए परिपथ आरेख खींचिए।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -4
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -5
चित्र : विद्युत परिपथ

प्रश्न 3.
चित्र में चार सेल दिखाये गये हैं। रेखाएँखींचकर यह निर्दिष्ट कीजिए कि चार सेलों के टर्मिनलों को तारों द्वारा संयोजित करके आप बैटरी कैसे बनायेंगे?
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -6
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -7

प्रश्न 4.
चित्र में दर्शाये गये परिपथ में बल्ब दीप्त नहीं हो पा रहा है। क्या आप इसका कारण पता लगा सकते हैं? परिपथ में आवश्यक परिवर्तन करके बल्ब को प्रदीप्त कीजिए।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -8
उत्तर:
दोनों ऋणात्मक टर्मिनलों को बल्ब से जोड़ देने के कारण बल्ब दीप्त नहीं हो पा रहा है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव

प्रश्न 5.
विद्युतधारा के किन्हीं दो प्रभावों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • विद्युतधारा का चुम्बकीय प्रभाव।
  • विद्युतधारा का तापन प्रभाव।

प्रश्न 6.
जब किसी तार से धारा प्रवाहित करने के लिए स्विच को ‘ऑन’ करते हैं, तो तार के निकट रखी चुम्बकीय सुई अपनी उत्तर-दक्षिण स्थिति से विश्लेपित हो जाती है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
तार से विद्युतधारा प्रवाहित होने के कारण वह चुम्बक की तरह व्यवहार करता है। विद्युतधारा का चुम्बकीय प्रभाव तार के आकर्षण के कारण होता है जिससे सुई जो चुम्बक होती है, विक्षेपित हो जाती है।

प्रश्न 7.
यदि चित्र में दर्शाये गये विद्युत परिपथ में स्विच को ‘ऑफ’ किया जाये, तो क्या चुम्बकीय सुई विक्षेप दर्शाएगी?
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -9
उत्तर:
नहीं, इसमें सेल न जुड़े होने के कारण धारा प्रवाहित नहीं होगी।

प्रश्न 8.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) विद्युत सेल के प्रतीक में लम्बी रेखा, उसके ………………… टर्मिनल को निरूपित करती है।
(ख) दो या अधिक विद्युत सेलों के संयोजन को ………………… कहते हैं।
(ग) जब किसी विद्युत हीटर के स्विच को ‘ऑन’ करते हैं, तो इसका ………………… रक्त तप्त (लाल) हो जाता है।
(घ) विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर आधारित सुरक्षा युक्ति को ………………… कहते हैं।
उत्तर:
(क) ऋणात्मक
(ख) बैटरी
(ग) तन्तु
(घ) फ्यू ज।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित कथनों पर सत्य अथवा असत्य अंकित कीजिए-
(क) दो सेलों की बैटरी बनाने के लिए एक सेल के ऋण टर्मिनल को दूसरे सेल के ऋण टर्मिनल से संयोजित करते हैं। (सत्य/असत्य)
(ख) जब किसी फ्यूज में से किसी निश्चित सीमा से अधिक विद्युतधारा प्रवाहित होती है, तो वह पिघलकर टूट जाता है। (सत्य/असत्य)
(ग) विद्युत चुम्बक, चुम्बकीय पदार्थों को आकर्षित नहीं करता। (सत्य/असत्य)
(घ) विद्युत घण्टी में विद्युत चुम्बक होता है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
(क) असत्य
(ख) सत्य
(ग) असत्य
(घ) सत्य।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव

प्रश्न 10.
क्या विद्युत चुम्बक का उपयोग किसी कचरे के ढेर से प्लास्टिक को पृथक् करने के लिए किया जा सकता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नहीं, क्योंकि कोई भी चुम्बक प्लास्टिक की बनी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित नहीं करता है।

प्रश्न 11.
मान लीजिए कि कोई विद्युत मिस्त्री आपके घर के विद्युत परिपथ में कोई मरम्मत कर रहा है। वह ताँबे के एक तार को फ्यूज के रूप में उपयोग करना चाहता है। क्या आप उससे सहमत होंगे? अपने उत्तर के लिए कारण दीजिए।
उत्तर:
नहीं, ताँबे का तार उच्च धारा से होने वाली हानि को रोकने में असमर्थ है। कारण, उच्च धारा प्रवाहित होने पर भी विद्युत फ्यूज इससे पिघलता नहीं है।

प्रश्न 12.
जुबैदा ने में दर्शाये अनुसार एक सेल होल्डर बनाया तथा इसे एक स्विच और एक बल्ब से जोड़कर कोई विद्युत परिपथ बनाया। जब उसने स्विच को ‘ऑन’ की स्थिति में किया, तो बल्ब दीप्त नहीं हुआ। परिपथ में सम्भावित दोष को पहचानने में जुबैदा की सहायता कीजिए।
उत्तर:
जुबैदा ने सेल के दोनों सिरे चालक तार से जोड़ दिए जिसे शार्ट सर्किट कहते हैं इसीलिये बल्ब दीप्त नहीं हुआ।

प्रश्न 13.
चित्र में दर्शाये गये विद्युत परिपथ में-
(क) जब स्विच ऑफ’ की स्थिति में है, तो क्या कोई भी बल्ब दीप्त होगा ?
(ख) जब स्विच को ‘ऑन’ की स्थिति में लाते हैं, तो बल्बों A, B तथा C के दीप्त होने का क्रम क्या होगा?
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -10
उत्तर:
(क) जब स्विच ऑफ की स्थिति में है तो कोई बल्ब दीप्त नहीं होगा।
(ख) ऑन की स्थिति में सभी बल्ब एक साथ दीप्त होंगे।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव

HBSE 7th Class Science विद्युत धारा और इसके प्रभाव Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए
1. स्विच द्वारा विद्युत परिपथ को
(क) ऑन किया जाता है
(ख) ऑफ किया जाता है
(ग) ये दोनों
(घ) इनमें से कुछ नहीं
उत्तर:
(ग) ये दोनों

2. विद्युत सेल में टर्मिनल की संख्या होती है
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) अनेक
उत्तर:
(ख) दो

3. बैटरी का प्रयोग किया जाता है-
(क) टॉर्च में
(ख) रेडियो में
(ग) रिमोट कंट्रोल में
(घ) इन सभी में
उत्तर:
(घ) इन सभी में

4. विद्युत बल्ब में पतले तार को क्या कहते हैं, जो प्रकाशित होता है?
(क) धागा
(ख) फिलामेन्ट
(ग) एलीमेन्ट
(घ) फ्यूज
उत्तर:
(ख) फिलामेन्ट

5. उत्सर्जक डायोड है
(क) LED
(ख) LCD
(ग) DVD
(घ) CTV
उत्तर:
(क) LED

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II. रिक्त स्थान

निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए
1. विद्युत फ्यूज में शीघ्र पिघलने वाले ………… का प्रयोग किया जाता है।
2. विद्युत हीटर विद्युत के ……….. पर आधारित होता है।
3. विद्युत घंटी विद्युत धारा के……..पर आधारित होती है।
4. तारों को लपेटकर बनायी गयी विद्युत संरचना को ………… कहते हैं।
उत्तर:
1. तार
2. तापन प्रभाव
3. चुम्बकीय प्रभाव
4. कुण्डली।

III. सुमेलन

कॉलम ‘A’ तथा कॉलम ‘B’ के शब्दों का मिलान कीजिए-

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. विद्युत बल्ब(a) विद्युत बल्ब
2. विद्युत चुम्बक(b) तापीय प्रभाव
3. प्रकाश और ऊष्मा(c) चुम्बकीय प्रभाव
4. एलीमेन्ट(d) तापन अवयव

उत्तर:

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. विद्युत बल्ब(b) तापीय प्रभाव
2. विद्युत चुम्बक(c) चुम्बकीय प्रभाव
3. प्रकाश और ऊष्मा(a) विद्युत बल्ब
4. एलीमेन्ट(d) तापन अवयव

IV. सत्य/असत्य

निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य कथन छाँटिए
1. आजकल प्रकाश उत्सर्जक डायोड बल्बों का उपयोग बढ़ रहा है।
2. विद्युत फ्यूज विद्युत परिपथ की सुरक्षा युक्ति है।
3. विद्युत फ्यूज के स्थान पर किसी भी तार या पट्टी का उपयोग किया जा सकता है।
4. सेलों के संयोजन में धन टर्मिनल को धन टर्मिनल से मिलाया जाता है।
उत्तर:
1. सत्य
2. सत्य
3. असत्य
4. असत्य।

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अतिलयु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विद्युत तापन के दो अवयव लिखिए।
उत्तर:
(i) हीटर का एलीमेंट
(ii) इस्त्री (प्रेस) का एलीमेंट।

प्रश्न 2.
यदि किसी बल्ब का तन्तु टूटा है, तो परिपथ पूर्ण है या अपूर्ण ?
उत्तर:
अपूर्ण।

प्रश्न 3.
जलता हुआ बल्ब छूने पर गर्म क्यों महसूस होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
बल्ब में आने वाली विद्युत प्रकाश एवं ताप में परिवर्तित होने के कारण।

प्रश्न 4.
विद्युत हीटर का एलीमेंट किस पदार्थ का बना होता है ?
उत्तर:
नाइक्रोम का।

प्रश्न 5.
विद्युत बल्ब का तन्तु किस पदार्थ का बना होता है?
उत्तर:
टंगस्टन का।

प्रश्न 6.
किसी विद्युत युक्ति के कितने टर्मिनल होते हैं?
उत्तर:
दो। एक धन तथा एक ऋण टर्मिनल।

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प्रश्न 7.
कुंजी अथवा स्विच को परिपथ में कहाँ लगाना चाहिये?
उत्तर:
कुंजी अथवा स्विच को परिपथ में कहीं भी लगाया जा सकता है।

प्रश्न 8.
विद्युतधारा का तापीय प्रभाव किसे कहते
उत्तर:
जब किसी तार से विद्युतधारा प्रवाहित की जाती है तो वह तप्त हो जाता है, इसे विद्युतधारा का तापीय प्रभाव कहते है।

प्रश्न 9.
विद्युत परिपथ की सुरक्षायुक्ति क्या होती
उत्तर:
विद्युत फ्यूज।

प्रश्न 10.
विद्युत के चुम्बकीय प्रभाव की खोज किसने की?
उत्तर:
हैंस क्रिश्चियन ऑस्टेंड ने।

प्रश्न 11.
एक माचिस की खाली डिब्बी पर तार लपेटकर विद्युत चुम्बक बनाया गया तथा इसे परिपथ में लगाकर कुंजी ऑन की गई। अब इसके पास दिकसूची लायी गई। दिकसूची में क्या होगा? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दिक्सूची विक्षेपित हो जाएगी।

प्रश्न 12.
विद्युत बल्ब का आविष्कार किसने किया ?
उत्तर:
थॉमस अल्वा एडीसन ने।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे प्रस्तुत विद्युत परिपथ की प्रतिलिपि अपनी नोट बुक में बनाइए। विविध विद्युत अवयवों के प्रतीकों का उपयोग करके इस विद्युत परिपथ का आरेख खींचिए। (क्रियाकलाप)
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -11
चित्र : एक विद्युत परिपथ
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -12
चित्र-दर्शाए गये विद्युत परिपथ का परिपथ आरेख

प्रश्न 2.
विद्युतधारा का चुम्बकीय प्रभाव क्या है ? इसके दो अनुप्रयोग लिखिए।
उत्तर:
जब किसी तार से विद्युतधारा प्रवाहित होती है, तो वह चुम्बक की भाँति व्यवहार करता है। इसे विद्युतधारा का चुम्बकीय प्रभाव कहते हैं। अनुप्रयोग (i) विद्युत घंटी बनाने में। (ii) विद्युत चुम्बक बनाने में।

प्रश्न 3.
लघु परिपथ विच्छेदक क्या होता है ?
उत्तर:
आजकल फ्यूज के स्थान पर लघु परिपथ विच्छेदकों (MCBs) का उपयोग निरन्तर बढ़ता जा रहा है। जब किसी परिपथ में विद्युतधारा सुरक्षा सीमा से अधिक हो जाती है तो ये ऐसे स्विच होते हैं जो स्वत: ही ‘ऑफ’ हो जाते हैं। आप इन्हें फिर से ऑन कर दें तो परिपथ पुनः पूरा हो जाता है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव

प्रश्न 4.
लघु पथन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
विद्युत परिपथों में अत्यधिक विद्युत धारा प्रवाहित होने का एक कारण विद्युत तारों में परस्पर सीधा सम्पर्क हो जाना होता है। ऐसा टूट-फूट अथवा तारों के विद्युत रोधन के हटने के कारण हो सकता है। इससे लघुपथन (शार्ट सर्किट) हो सकता है। अत्यधिक धारा प्रवाहित होने का कारण एक ही सॉकेट से कई युक्तियों को संयोजित करना भी हो सकता है। इससे परिपथ में अतिभारण हो सकता है।

प्रश्न 5.
विद्युत फ्यूज क्या होता है ? इसका क्या कार्य है ?
उत्तर:
विद्युत फ्यूज विद्युत परिपथ में अतिभारण से होने वाली हानि से बचाने के लिये लगायी जाने वाली युक्ति है। इसमें कम गलनांक वाला धातु का तार लगा होता है। अधिक विद्युतधारा प्रवाहित होने पर यह गर्म होकर पिघल जाता है जिससे परिपथ को कोई हानि नहीं होती है।

प्रश्न 6.
विद्युत धारा के तापीय प्रभाव वाले कुछ विद्युत साधित्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. निमज्जन तापक (इमर्शन हीटर)
  2. विद्युत इस्त्री
  3. गीजर
  4. हेयर ड्रायर
  5. विद्युत केतली।

प्रश्न 7.
किन्हीं दो तापन युक्तियों के चित्र बनाइए।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -13

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव

दीर्य उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव को दर्शाने के लिए एक क्रियाकलाप लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
लोहे की लगभग 6-10 सेमी लम्बी एक कील तथा लगभग 75 सेमी लम्बा विद्युतरोधी (प्लास्टिक अथवा कपड़े से ढका हुआ अथवा ऐनामिल लेपित) लचीला तार लीजिए। इस तार को कुण्डली के रूप में कील पर कसकर लपेटिए। तार के स्वतन्त्र सिरों को किसी स्विच से होते हुए चित्र में दर्शाये अनुसार एक विद्युत सेल से संयोजित कीजिए। अब कुंजी को ऑन कीजिए और लोहे का महीन बुरादा कील की नोक के पास लाइए। कोल चुम्बक की भाँति बुरादे को अपनी ओर खींचती है।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -14

प्रश्न 2.
विद्युत घण्टी की संरचना तथा कार्यविधि लिखिए।
उत्तर:
विद्युत घण्टी में लोहे के टुकड़े पर ताँबे के तार की कुण्डली लिपटी होती है। विद्युत चुम्बक के निकट लोहे की एक पत्ती लगी होती है जिसके एक सिरे से हथौड़ा जुड़ा होता है। लोहे की पत्ती के समीप एक सम्पर्क पेंच होता है। जब लोहे की पत्ती इस पेंच के सम्पर्क में आती है, तो विद्युत परिपथ पूरा हो जाता है तथा कुण्डली से विद्युतधारा प्रवाहित होती है, जिससे वह विद्युत चुम्बक बन जाती है। तब यह लोहे की पत्ती को अपनी ओर खींचती है। इस प्रक्रिया में पत्ती के सिरे से जुड़ा हथौड़ा घण्टी से टकराता है और ध्वनि उत्पन्न करता है। परन्तु जब विद्युत चुम्बक लोहे की पत्ती को अपनी ओर खींचता है तो यह परिपथ को भी तोड़ देता है। इससे कुण्डली से विद्युतधारा का प्रवाह समाप्त हो जाता है।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -15
चित्र : विद्युत घण्टी का मॉडल और उसका परिपथ

अब कुण्डली विद्युत चुम्बक नहीं होती। यह लोहे की पत्ती को भी अपनी ओर नहीं खींचती। लोहे की पत्ती अपनी मूल स्थिति में आकर पुन: सम्पर्क पेंच से स्पर्श करती है। इससे परिपथ फिर पूरा हो जाता है। कुण्डली से पुनः विद्युतधारा प्रवाहित होती है तथा हथौड़ा पुनः घण्टी से टक्कर मारता है। यह प्रक्रिया अतिशीघ्रता से दोहराई जाती है। हर बार परिपथ पूरा होने पर हथौड़ा घण्टी से टकराता है और इस प्रकार विद्युत घण्टी बजती है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव

प्रश्न 3.
विद्युत परिपथ के कुछ अवयवों के चित्र तथा प्रतीक बनाइए।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव -16

प्रश्न 4.
प्रदीप्ति नलिकाएँ तथा CFLs क्या होती हैं?
उत्तर:
विद्युत बल्बों का प्रयोग प्रकाश के लिए होता है। परन्तु बल्ब ऊष्मा भी उत्पन्न करते हैं जो वांछनीय नहीं होती है। इससे विद्युत की क्षति भी होती है। इस क्षति को बल्बों के स्थान पर प्रतिदीप्त नलिकाओं (फ्लोरसेंट ट्यूब लाइट) का उपयोग करके कम किया जा सकता है। संहत प्रतिदीप्त लैंप (CFLS) भी विद्युत की क्षति में कमी लाती हैं तथा इन्हें सामान्य बल्ब होल्डरों में लगाया जा सकता है।

तथापि बल्बों, प्रतिदीप्त नलिकाओं अथवा CFLs को क्रय करने से पहले इस पर भारतीय मानक ब्यूरो के ISI चिन्ह को देखना चाहिए। ISI चिन्ह यह सुनिश्चित करता है कि साधित्र के निर्माण में सुरक्षा सम्बन्धी सभी शर्तों का ध्यान रखा गया है तथा इसके उपयोग में ऊर्जा की क्षति न्यूनतम होगी।

विद्युत धारा और इसके प्रभाव Class 7  HBSE Notes in Hindi

→ विद्युत अवयवों को उनके प्रतीकों द्वारा निरूपित करना सुविधाजनक होता है। इनका उपयोग करके किसी विद्युत परिपथ को परिपथ आरेख द्वारा निरूपित किया जा सकता है।
→ विद्युत सेल के दो टर्मिनल होते हैं-एक धन टर्मिनल तथा दूसरा ऋण टर्मिनल।
→ जब किसी तार से कोई विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वह तार तप्त हो जाता है। यह विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहलाता है। इस प्रभाव के बहुत से अनुप्रयोग हैं।
→ विद्युत हीटर, विद्युत स्त्री एवं विद्युत बल्ब विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर कार्य करते हैं। विद्युत् फ्यूज का प्रयोग परिपथ को अतिभारण से बचाने के लिए किया जाता है।
→ जब किसी तार से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वह चुम्बक की भाँति व्यवहार करता है। इसे विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव कहते हैं।
→ लोहे के किसी टुकड़े पर विद्युतरोधी तार से लिपटी विद्युत धारावाही कुण्डली को विद्युत चुम्बक कहते हैं।
→ विद्युत चुम्बक बहुत-सी युक्तियों में उपयोग किये जाते हैं।
→ विद्युत अवयव – सेल, बल्ब, स्विच, बैटरी, तार आदि।
→ विद्युत परिपथ – विभिन्न विद्युत अवयवों को जोड़कर बनाया गया पथ।
→ बैटरी – दो या दो से अधिक सेलों के संयोजन को बैटरी कहते हैं।
→ सेल होल्डर – सेलों को लगाने का केस। विद्यत फ्यूज परिपथ में अतिभारण से होने वाले शार्ट सर्किट से बचाने के लिए लगायी गयी युक्ति।
→ विद्युत साधित्र – विद्युत परिपथ में प्रयुक्त उपकरण या युक्तियाँ।
→ विद्युत चुम्बक – तारों को लपेटकर बनाई गई कुण्डली में विद्युत प्रवाहित करने पर यह चुम्बक की तरह व्यवहार करती है जिसे विद्युत चुम्बक कहते हैं।
→ कुण्डली – तारों को लपेट कर बनायी गयी संरचना। विद्युत घण्टी-चुम्बक एवं कुण्डली से बनी बिजली से चलने वाली घण्टी।
→ लघुपथन – विद्युत परिपथ में होने वाला शार्ट सर्किट।

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HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 15 हमारे चारों ओर वायु

Haryana State Board HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 15 हमारे चारों ओर वायु Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Science Solutions Chapter 15 हमारे चारों ओर वायु

HBSE 6th Class Science हमारे चारों ओर वायु InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
बूझो आपसे यह पूछ रहा है कि चौराहे पर पलिसकर्मी अक्सर मुखौटा क्यों पहन लेते हैं?
उत्तर:
भीड़ भरे चौराहे पर पुलिसकर्मी मुखौटा पहनकर यातायात नियन्त्रित करता है, जिससे ईधन जलने के कारण उत्पन्न धुआँ और धूल के कण उसकी साँस में न जायें।।

प्रश्न 2.
पहेली जानना चाहती है कि अगर पारदर्शी शीशे की खिड़कियों को नियमित रूप से साफ न किया जाये तो वह धुंधली क्यों हो जाती हैं?
उत्तर:
वायु में जो धूल के कण उपस्थित होते हैं वे खिड़कियों के पारदर्शी शीशे पर जाकर चिपक जाते हैं और उन्हें धुंधला बना देते हैं।

प्रश्न 3.
बूझो जानना चाहता है कि आग लगने की घटना के समय जलती हुई वस्तु के ऊपर कम्बल लपेटने की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर:
जब जलती हुई वस्तु के ऊपर कम्बल लपेटा जाता है तो वायु में उपस्थित ऑक्सीजन वस्तु तक कम्बल की वजह से नहीं पहुँच पाती है क्योंकि ऑक्सीजन वायु जलने में सहायता करती है और वायु के अभाव में वस्तु में लगी आग बुझ जाती है।

प्रश्न 4.
पहेली जानना चाहती है कि क्या ये छोटे-छोटे वायु के बुलबुले तब भी दिखाई देंगे, यदि हम वायुरोधी बोतल में रखे ठंडे किये हुये उबले हुये पानी को पुनः गर्म करके इस क्रियाकलाप को करते हैं। अगर आप इसका उत्तर नहीं जानते तो ऐसा कीजिए और देखिए।
उत्तर:
ये बुलबुले पानी में घुली हुई वायु के कारण बनते हैं। जब आप पानी गर्म करते हैं तो घुली हुई वायु बुलबुलों के रूप में बदल जाती है और बाहर आती है। यदि आप पानी को गर्म करते हैं तो पानी वाष्प में परिवर्तित हो जाता है और अन्ततः उबलने लगता है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 15 हमारे चारों ओर वायु

HBSE 6th Class Science हमारे चारों ओर वायु Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
वायु के संघटक क्या हैं?
उत्तर:
वायु अनेक गैसों का मिश्रण है। वायु में मुख्यत: नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, जल वाष्प तथा कुछ अन्य गैसें होती हैं। वायु में नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है। ये गैसें वायु का 99 प्रतिशत भाग बनाती हैं। शेष 1 प्रतिशत में अन्य गैसें तथा धूलकण होते हैं।

प्रश्न 2.
वायुमण्डल की कौन-सी गैस श्वसन के लिए आवश्यक होती है?
उत्तर:
ऑक्सीजन श्वसन के लिए आवश्यक होती है।

प्रश्न 3.
आप यह कैसे सिद्ध करेंगे कि वायु ज्वलन में सहायक होती है?
उत्तर:
क्रियाकलाप यह सिद्ध करने के लिए कि वायु ज्वलन में सहायक है, दो मोमबत्ती लेते हैं। एक मोमबत्ती को एक उथले पात्र के बीच में लगाकर जला देते है और इस पात्र में थोड़ा पानी डालते हैं। अब जलती मोमबत्ती को कांच के ‘गिलास से ढंक देते हैं। हम देखते हैं कि कुछ देर बाद मोमबत्ती बुझ जाती है और कांच के गिलास के अन्दर पानी का तल बढ़ गया है। दूसरी मोमबत्ती को भी इसी प्रकार पात्र में रखकर जलाते हैं किन्तु उसे बैंकते नहीं हैं। हम देखते हैं कि मोमबत्ती लगातार जलती रहती है। इससे सिद्ध होता है कि गिलास के अन्दर वाली मोमबत्ती को कम वायु मिली और वह बुझ गई जबकि दूसरी मोमबत्ती को काफी वायु मिली और वह जलती रही।

प्रश्न 4.
आप कैसे दिखाएँगे कि वायु जल में घुली होती
उत्तर:
जब किसी बर्तन या काँच के बीकर में जल उबालने से पहले हम सावधानीपूर्वक इन पात्रों के अन्दर की तली को देखते हैं तो इस पर हमें कुछ बुलबुले दिखाई देते हैं। ये बुलबुले पानी में घुली वायु से उत्पन्न होते हैं।

प्रश्न 5.
रुई का ढेर जल में क्यों सिकुड़ जाता है?
उत्तर:
रुई का ढेर जल में सिकुड़ जाता है क्योंकि जल में इसकी सारी हवा निकल जाती है। इसकी परतें आपस में चिपक जाती हैं और ढेर सिकुड़ जाता है।

प्रश्न 6.
पृथ्वी के चारों ओर की वायु की परत ……………. कहलाती है।
उत्तर:
वायुमण्डल।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 15 हमारे चारों ओर वायु

प्रश्न 7.
हरे पौधों को भोजन बनाने के लिए वायु के अवयव ………… की आवश्यकता होती है।
उत्तर:
कार्बन डाईऑक्साइड।

प्रश्न 8.
पाँच क्रियाकलापों की सूची बनाइए जो वायु की उपस्थिति के कारण सम्भव हैं।
उत्तर;
वायु की उपस्थिति के कारण निम्नलिखित क्रियाकलाप सम्भव हैं-

  • पौधों में श्वसन व प्रकाश संश्लेषण।
  • पवनचक्की का चलना।
  • पतंग का उड़ना।
  • जल चक्र।
  • वाष्पोत्सर्जन।।

प्रश्न 9.
वायुमण्डल में गैसों के आदान-प्रदान में पौधे तथा जन्तु एक-दूसरे की किस प्रकार सहायता करते हैं?
उत्तर:
सभी हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में वायुमण्डल से कार्बन डाईऑक्साइड ग्रहण करते हैं तथा ऑक्सीजन वायुमण्डल में मुक्त करते रहते हैं। पौधे एवं सभी जीव-जन्तु श्वसन क्रिया में ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं तथा कार्बन डाईऑक्साइड निकालते हैं। ईंधन एवं अन्य पदार्थों के जलने पर भी कार्बन डाईऑक्साइड वायुमण्डल में मुक्त होती है।
इस प्रकार वायुमण्डल में गैसों का सन्तुलन बना रहता है। जन्तु व पौधे गैसों के आदान-प्रदान में एक-दूसरे की सहायता करते है।

HBSE 6th Class Science हमारे चारों ओर वायु Important Questions and Answers

I. बहुविकल्पी प्रश्न : निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए

1. वायु बहने की दिशा बताने वाली युक्ति है-
(क) वात सूचक
(ख) दिक्सू चक
(ग) फिरकी
(घ) वायुमापी
उत्तर:
(क) वात सूचक

2. वायु में उपस्थित होती है-
(क) ऑक्सीजन
(ख) कार्बन डाईऑक्साइड
(ग) नाइट्रोजन
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी

3. कौन-कौन सी गैस वायुमण्डल का 99% भाग बनाती-
(क) ऑक्सीजन एवं कार्बन डाईऑक्साइड
(ख) ऑक्सीजन एवं नाइट्रोजन
(ग) जलवाष्प एवं ऑक्सीजन
(घ) नाइट्रोजन एवं कार्बन डाईऑक्साइड
उत्तर:
(ख) ऑक्सीजन एवं नाइट्रोजन

4. वायु प्रदूषित होती है
(क) धूल से
(ख) धुएँ से
(ग) निलम्बित कों से
(घ) इन सभी से
उत्तर:
(घ) इन सभी से

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 15 हमारे चारों ओर वायु

II. रिक्त स्थान : निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए

1. हमारी पृथ्वी की सतह से कुछ किलोमीटर तक की वायु की परत ……….. कहलाती है।
2. प्रकृति में जलचक्र के लिए वायु में ………. का उपस्थित होना अनिवार्य है।
3. वायु का वह घटक जो जलने में सहायक है वह …….. कहलाता है।
4. वायु का एक बड़ा भाग ……… कहलाता है।
उत्तर:
1. वायुमण्डल
2. जलवाष्प
3. ऑक्सीजन
4. नाइट्रोजन।

III. सुमेलन : कॉलम ‘A’ के शब्दों का मिलान कॉलम ‘B’ के शब्दों से कीजिए-

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. जलने में सहायक(क) कार्बन डाई ऑक्साइड
2. ईंधन जलने पर उत्पन्न(ख) नाइट्रोजन
3. वायु में सर्वाधिक मात्रा(ग) जलवाष्प
4. उबलते पानी से उत्पन्न(घ) ऑक्सीजन

उत्तर:

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. जलने में सहायक(घ) ऑक्सीजन
2. ईंधन जलने पर उत्पन्न(क) कार्बन डाई ऑक्साइड
3. वायु में सर्वाधिक मात्रा(ख) नाइट्रोजन
4. उबलते पानी से उत्पन्न(ग) जलवाष्प

IV. सत्य/असत्य : निम्नलिखित वाक्यों में सत्य एवं असत्य कथन छाँटिए

(i) हमारे चारों ओर की वायु का एक छोटा अवयव कार्बन डाईऑक्साइड होता है।
(ii) धूल एवं धुआँ हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं।
(iii) जलीय जीव जल में घुली हुई ऑक्सीजन को साँस लेने में उपयोग करते हैं।
(iv) पवन चक्की वायु की तेज गति के कारण चलती है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. सत्य।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 15 हमारे चारों ओर वायु

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गतिशील वायु क्या कहलाती है?
उत्तर:
गतिशील वायु पवन कहलाती है।

प्रश्न 2.
फिरकी को वायु में आगे पीछे करने पर क्या होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
फिरकी घूमती है।

प्रश्न 3.
फिरकी को कौन घुमाता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
फिरकी को वायु घुमाती है।।

प्रश्न 4.
खाली बोतल को उल्टा करके पानी में डुबाने पर पानी इसके अन्दर क्यों नहीं जाता? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
क्योंकि बोतल के अन्दर हवा है जो पानी को अन्दर नहीं जाने देती।

प्रश्न 5.
बोतल को टेड़ा करके पानी में डुबाने पर क्या होता है?
उत्तर:
पानी बोतल के अन्दर जाने लगता है और वायु के बुलबुले बाहर निकलने लगते हैं।

प्रश्न 6.
वायुमण्डल क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी की सतह के ऊपर विभिन्न गैरों का घेरा जो कई किलोमीटर तक पाया जाता है, वायुमण्डल कहलाता है।

प्रश्न 7.
पर्वतारोही जब ऊँचे पहाड़ों पर चढ़ते हैं तो एक गैस सिलेण्डर साथ ले जाते हैं। इस सिलेण्डर में कौन-सी गैस होती है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
ऑक्सीजन गैस होती है।

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प्रश्न 8.
वायु के उस अवयव का नाम बताइए जो जलने में सहायता करता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
ऑक्सीजन।

प्रश्न 9.
पौधों के लिए वायु के दो उपयोग बताइए।
उत्तर:
(i) बीजों का अंकुरण
(ii) श्वसन।

प्रश्न 10.
वायु में सर्वाधिक गैस कौन-सी होती है ?
उत्तर:
नाइट्रोजन (78%)। वायु का लगभग 4/5वाँ भाग।

प्रश्न 11.
बंद कमरे में किसी छेद से आते हुए प्रकाश में आप क्या देखते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
धूल के कण तेजी से घूमते हुए चमकते दिखाई देते हैं।

प्रश्न 12.
पानी गर्म करने पर सबसे पहले बर्तन की तली से कुछ बुलबुले ऊपर की ओर उठते दिखाई देते हैं। ये क्या होते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जल में घुली हुई वायु के बुलबुले।

प्रश्न 13.
पानी को तेज गर्म किया जाए तो क्या होता है?
उत्तर:
पानी जलवाष्प में बदलने लगता है।

प्रश्न 14.
वायु के दो गुण लिखिए।
उत्तर:
(i) इसका कोई रंग नहीं होता है।
(ii) यह स्थान घेरती है।

प्रश्न 15.
कार्बन डाईऑक्साइड आग बुझाने का काम करती है, कैसे सिद्ध करेंगे?
उत्तर:
गिलास के अन्दर मोमबत्ती जलाकर।

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प्रश्न 16.
हमें मुँह से साँस क्यों नहीं लेनी चाहिए ?
उत्तर:
धूल युक्त वायु हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुँचा सकती है। नाक से साँस लेने पर धूल नासागुहा के श्लेष्म में चिपक जाती है तथा स्वच्छ वायु फेफड़ों में पहुँचती है।

प्रश्न 17.
जो जीव गहरी मिट्टी के अन्दर रहते हैं उन्हें साँस के लिए ऑक्सीजन कहाँ से प्राप्त होती है ?
उत्तर:
ऑक्सीजन मिट्टी के बीच के रन्धों से प्राप्त होती है।

प्रश्न 18.
एक साफ शीशे की खिड़की पर, जो एक खुले क्षेत्र की ओर खुलती हो, कागज की एक आयताकार पट्टी लगा दें। कुछ दिन बाद इस पट्टी को हटाएँ। क्या आप खिड़की के ढंके हुए आयताकार स्थान तथा बाकी खिड़की में कुछ अन्तर पाते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
हाँ, कागज की आयताकार पट्टी से ढके स्थान से पट्टी हटाने पर अन्य स्थान से साफ दिखाई देता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘वायु में ऑक्सीजन है’ सिद्ध करने के लिए एक क्रियाकलाप कीजिए।
उत्तर:
अपने शिक्षक की उपस्थिति में दो उथले पात्रों में दो समान आकार की मोमबत्तियों को बीचों-बीच लगाइये। अब पात्रों में कुछ पानी डाल दें। अब मोमबत्तियाँ जलायें तथा चित्र के अनुसार प्रत्येक मोमबत्ती के ऊपर एक-एक गिलास उलट कर रख दें (एक गिलास दूसरे से बड़ा हो)।
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 15 हमारे चारों ओर वायु -1
छोटे गिलास के नीचे रखी मोमबत्ती पहले बुझती है और इसके नीचे पानी का स्तर गिलास में बढ़ जाता है। दूसरे गिलास की मोमबत्ती थोड़ी देर में बुझती है और इसके गिलास में भी पानी का स्तर बढ़ जाता है। चूंकि मोमबत्ती जलने पर ऑक्सीजन की मात्रा में कमी आती है। इससे सिद्ध होता है कि वायु में ऑक्सीजन है जो कि मोमबत्ती को जलाने में सहायक है।

प्रश्न 2.
पर्वतारोही ऊँचे पहाड़ों पर चढ़ते समय ऑक्सीजन का सिलेण्डर साथ क्यों ले जाते हैं?
उत्तर:
अधिक ऊँचाई पर जाने पर वायुमण्डल में गैसों की कमी होने लगती है। अधिक ऊँचाई पर ऑक्सीजन की उपलब्धता कम होती जाती है। ऑक्सीजन की कमी होने पर पर्वतारोही को सौंस लेने में कठिनाई होगी और ऑक्सीजन के अभाव में उसकी मौत भी हो सकती है। इसीलिए वे ऑक्सीजन के सिलेण्डर साथ ले जाते हैं ताकि वह श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त कर सकें।

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प्रश्न 3.
वायु की संरचना बताइए।
उत्तर:
वायु गैसों का मिश्रण है। इसमें नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन की कुल मात्रा 99% होती है। शेष 1% में कार्बन डाईऑक्साइड, कुछ अन्य गैसें, जलवाष्प तथा धूल के कण होते हैं।
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प्रश्न 4.
वायु जल चक्र में किस प्रकार सहायता करती है?
उत्तर:
वायु के कारण ही जलवाष्प बनती है। वाष्पोत्सर्जन एवं वाष्पन के फलस्वरूप बनी जलवाष्प वायु में उड़कर ऊपर पहुँचती है जहाँ यह बादल बनाती है। बादल वायु द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाये जाते हैं और भिन्न-भिन्न स्थानों पर बरसते हैं। इससे जल चक्र चलता रहता है।

प्रश्न 5.
कारखानों में लम्बी चिमनियाँ क्यों लगायी जाती हैं?
उत्तर:
कारखानों में ऊर्जा प्राप्ति के लिए विभिन्न प्रकार के ईंधन जलाये जाते हैं। इन पदार्थों से तरह-तरह की हानिकारक गैसें उत्पन्न होती हैं। ये गैसें यदि हमारे शरीर में साँस के द्वारा प्रवेश कर जायेंगी तो शरीर को नुकसान हो सकता है। इसीलिए इन गैसों को अधिक ऊँचाई पर छोड़ने के लिए चिमनियाँ लम्बी बनाई जाती हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
यह सिद्ध करने के लिए कि मिट्टी में भी वायु होती है, एक क्रियाकलाप कीजिए। यह वायु क्यों उपयोगी है ? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
क्रियाकलाप : एक बीकर या काँच के गिलास में सूखी मिट्टी का एक ढेला लेते हैं। इसमें पानी डालते हैं और अवलोकन करते हैं कि जैसे-जैसे मिट्टी में पानी डाला जाता है इसमें से बुलबुले निकलने लगते हैं। ये बुलबुले वायु के होते
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जब मिट्टी के ढेले पर पानी डाला जाता है तो उसमें विद्यमान वायु विस्थापित हो जाती है जो बुलबुलों के रूप में दिखाई देती है। मिट्टी के अन्दर पाये जाने वाले जीव एवं पौध गों की जड़ें श्वसन के लिए इसी वायु का उपयोग करते हैं। मिट्टी के जीव गहरी मिट्टी में बहुत-सी माँद तथा छिद्र बना लेते हैं। इन छिद्रों के द्वारा वायु को अन्दर व बाहर जाने के लिए जगह उपलब्ध हो जाती है।

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प्रश्न 2.
पवनचक्की कैसे कार्य करती है ?
उत्तर:
पवनचक्की एक ऐसी युक्ति है जो वायु द्वारा चलती है तथा विभिन्न कार्यों को करने में सहायता करती है। पवनचक्की में बहुत ऊँचाई पर बड़े-बड़े पंखे लगाये जाते हैं। इसमें यह व्यवस्था की जाती है कि जिधर से हवा बहती है इसके पंखे उसी ओर घूम जाते हैं। जब वायु का दबाव पंखों पर पड़ता है तो ये घूमने लगते हैं। पंखों के घूमने के साथ ही इसकी पुलियाँ भी घूमती हैं। इन पुलियों के घूमने से आटा चक्की, ट्यूबवैल, बिजली बनाने का डायनमो आदि चलाये जा सकते हैं।
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हमारे चारों ओर वायु Class 6  HBSE Notes in Hindi

→ वायु प्रत्येक स्थान पर मिलती है। हम वायु को देख नहीं सकते, केवल अनुभव कर सकते हैं।
→ वायु स्थान घेरती है, इसका कोई रंग नहीं होता तथा यह पारदर्शी होती है।
→ वायु की वह परत जो पृथ्वी को घेरे हुए है, उसे वायुमण्डल कहते हैं।
→ गतिशील वायु पवन कहलाती है।
→ जल तथा मिट्टी में भी वायु उपस्थित होती है।
→ वायु नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाईऑक्साइड,
→ जलवाष्प तथा कुछ अन्य गैसों का मिश्रण है। इसमें कुछ धूल कण भी हो सकते हैं। प्रकृति में जल चक्र के लिए वायु में जलवाष्प का उपस्थित होना अनिवार्य है। ऑक्सीजन ज्वलन में सहायक तथा श्वसन के लिए आवश्यक गैस है।
→ जलीय प्राणी श्वसन के लिए जल में घुली वायु का उपयोग करते हैं। .वायु का लगभग 4/5वाँ भाग नाइटोजन घेरती है।
→ हमारे चारों ओर की वायु का एक छोटा अवयव कार्बन डाईऑक्साइड होती है। पादप एवं जन्तु श्वसन प्रक्रिया में ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं और कार्बन डाईऑक्साइड बनाते हैं।
→ जब हम नाक द्वारा साँस लेते हैं तो हम वायु अन्दर खींचते हैं। इस वायु में धूल के कण भी हो सकते हैं। धूल के कणों को श्वसन तन्त्र में जाने से रोकने के लिए हमारी नाक में छोटे-छोटे बाल तथा श्लेष्मा उपस्थित होते है।
→ ईधन तथा पदार्थों के जलने से धुऔं भी उत्पन्न होता है।
→ धुएँ में कुछ गैसें एवं सूक्ष्म धूल कण होते हैं जो प्रायः हानिकारक होते हैं।
→ वायु से ऑक्सीजन तथा कार्बन डाईऑक्साइड के आदान प्रदान के लिए पौधे तथा जन्तु एक-दूसरे पर निर्भर रहते हैं।
→ वायु पवनचक्की को घुमाती है। पवनचक्की का उपयोग ट्यूबवैल से पानी निकालने तथा आटा-चक्की को चलाने में होता है।
→ वायु बहुत – से पौधों के बीजों तथा फूलों के परागकणों को इधर-उधर फैलाने में सहायक होती है।
→ वायुमण्डल – वायु की वह परत जो पृथ्वी को घेरे हुए है, उसे वायुमण्डल कहते हैं।
→ वायु की संरचना – वायु अनेक गैसों का मिश्रण है जिसमें नाइट्रोजन, कार्बन डाईऑक्साइड, ऑक्सीजन, जलवाष्प तथा अल्प मात्रा में अन्य गैसें होती हैं।
→ ऑक्सीजन – यह वायु का एक अवयव है। पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में कार्बन डाईऑक्साइड ग्रहण करते हैं तथा ऑक्सीजन मुक्त करते हैं।
→ नाइट्रोजन – यह वायु का एक अवयव है। यह वायुमण्डल में सर्वाधिक मात्रा में पायी जाती है।
→ कार्बन डाईऑक्साइड – यह वायु का एक छोटा अवयव है। जन्तु श्वसन क्रिया में ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं तथा कार्बन डाईऑक्साइड निकालते हैं।
→ धुआँ – ईधन तथा अन्य पदार्थों के जलने से विभिन्न गैसों का मिश्रण उत्पन्न होता है, इसे धुआँ कहते हैं। यह विभिन्न रंगों का हो सकता है।
→ पवन चक्की – पवनचक्की एक युक्ति है जिसमें बड़े-बड़े पंखे लगे होते हैं। वायु के प्रवाह से पंखे घूमते हैं। पवनचक्की का उपयोग कुओं से पानी निकालने, आटा चक्की को चलाने, बिजली बनाने आदि कार्यों में किया जाता है।

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HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात

Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात

HBSE 7th Class Science पवन, तूफ़ान और चक्रवात InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
मैं यह नहीं समझ पा रही है कि पवन की दिशा ठीक उत्तर-दक्षिण दिशा क्यों नहीं है?
उत्तर:
क्योंकि पवन के प्रवाह की दिशा उत्तर से दक्षिण या दक्षिण से उत्तर होती है जो कि पृथ्वी के घूर्णन के कारण होती है।

प्रश्न 2.
मैं यह जानने के लिए उत्सुक हूँ कि ये पवन धाराएँ हमारे लिए क्या करती हैं ?
उत्तर:
ये पवन धाराएँ अपने साथ जलवाष्प लाती हैं जिनके कारण वर्षा होती है। यह प्रक्रिया जल-चक्र का चरण ही है।

प्रश्न 3.
कभी-कभी वर्षा अनेक समस्याओं को जन्म देती है। क्या आप ऐसी कुछ समस्याओं के नाम बता सकते हैं?
उत्तर:
बाढ़ के कारण चारों ओर जल ही जल भर जाता है, जिससे फसल, मकान तथा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो. जाता है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात

HBSE 7th Class Science पवन, तूफ़ान और चक्रवात Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वक्तव्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) पवन …………………….. वाय है।
(ख) पवन पृथ्वी के …………………….. तापन के कारण उत्पन्न होती है।
(ग) पृथ्वी की सतह के निकट …………………….. वायु ऊपर उठती है, जबकि …………………….. वायु नीचे आती है।
(घ) वायु …………………….. दाब के क्षेत्र से …………………….. दाब के क्षेत्र की ओर गति करती है।
उत्तर:
(क) गतिशील
(ख) असमान
(ग) गर्म, ठण्डी
(घ) उच्च, निम्न।

प्रश्न 2.
किसी दिये गये स्थान पर पवन की गति की दिशा पता लगाने के लिए दो विधियाँ बताइए।
उत्तर:
(1) पवन की गति की दिशा का पता हवा में छोड़ी गई सूखी पत्ती के उड़ने की दिशा देखकर लगाया जा सकता है।
(2) पवन की दिशा का दिशासूचक यंत्र द्वारा भी पता लगाया जा सकता है।

प्रश्न 3.
ऐसे कोई दो अनुभव बताइए, जिनसे आपको ऐसा अनुभव हुआ हो कि वायु दाब डालती है (अध्याय में दिये गये उदाहरणों के अतिरिक्त)।
उत्तर:
(i) जब हम गुब्बारे में हवा भरते हैं तो वह फूल जाता है।
(ii) जब हवा चलती है तो दरवाजों तथा खिड़कियों पर लगे परदे उड़ते हैं।

प्रश्न 4.
आप एक भवन खरीदना चाहते हैं। क्या आप ऐसा भवन खरीदना चाहेंगे, जिसमें खिड़कियाँ हों, लेकिन रोशनदान न हों ? अपने उत्तर का कारण समझाइए।
उत्तर:
नहीं, क्योंकि मकान में रोशनदान भी आवश्यक होता है। खिड़कियों से प्रवेश होने वाली हवा रोशनदान से निकल जाती है। बिना रोशनदान वाले मकान तेज पवनों से सुरक्षित नहीं रहते हैं। क्योंकि गर्म हवा ऊपर उठती है, यह केवल रोशनदान से ही बाहर निकल पाती है।

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प्रश्न 5.
समझाइए कि कपड़े के बैनरों और धातु की चादर से बने विज्ञापन-पट्टों में छिद्र क्यों किये जाते हैं ?
उत्तर:
बैनरों तथा धातु की चादरों पर हवा का दबाव पड़ता है जिससे ये क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। इन पर हवा के दबाव को कम करने के लिए इनमें छिद्र बनाये जाते हैं जिससे हवा कम दबाव डालते हुए बाहर निकल जाती है।

प्रश्न 6.
यदि आपके गाँव अथवा शहर में चक्रवात आ जाये, तो आप अपने पड़ोसियों की सहायता कैसे करेंगे?
उत्तर:
हमें अपने पड़ोसियों की सहायता निम्न प्रकार से करनी चाहिए
(i) आने वाले खतरे से सावधान करके।
(ii) किसी सुरक्षित आश्रय की खोज करके।
(iii) पानी और खाद्य पदार्थों का संग्रह करके।
(iv) प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराकर।

प्रश्न 7.
चक्रवात से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए पहले से किस प्रकार की योजना तैयार करने की आवश्यकता होती है ?
उत्तर:
चक्रवात से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए निम्न योजना की आवश्यकता होती है
(i) चक्रवात की पूर्व घोषणा के लिए चक्रवात चेतावनी केन्द्र की स्थापना।
(ii) जल एवं खाद्य सामग्रियों का संग्रहण ।
(iii) सुरक्षित स्थानों का चयन।
(iv) प्राथमिक चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से किस स्थान पर चक्रवात आने की सम्भावना नहीं होती।
(क) चेन्नई
(ख) मेंगलुरू (मंगलोर)
(ग) अमृतसर
(घ) पुरी।
उत्तर:
(ग) अमृतसर में चक्रवात आने की सम्भावना नहीं होती क्योंकि यह तटीय क्षेत्र से दूर है।

प्रश्न 9.
नीचे दिये गये वक्तव्यों में से कौन-सा सही है
(क) शीतकाल में पवन थल से सागर की ओर बहती
(ख) ग्रीष्मकाल में पवन थल से सागर की ओर बहती है।
(ग) चक्रवात का निर्माण अति उच्च दाब तंत्र और उसके इर्द-गिर्द अति उच्च वेग की पवन के घूमने से होता है।
(घ) भारत की तटरेखा पर चक्रवातों के आने की सम्भावना नहीं है।
उत्तर:
(क) शीतकाल में पवन थल से सागर की ओर बहती है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात

HBSE 7th Class Science पवन, तूफ़ान और चक्रवात Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए
1. पवन का वेग बढ़ने से वायु दाब
(क) समान रहता है
(ख) बढ़ जाता है
(ग) कम हो जाता है ।
(घ) कभी बढ़ता, कभी घटता है
उत्तर:
(ग) कम हो जाता है ।

2. पवन सदैव अधिक वायु दाब वाले क्षेत्र से
(क) और अधिक वायु दाब वाले क्षेत्र की ओर गति करता
(ख) कम वायु दाब वाले क्षेत्र की ओर गति करती है
(ग) वापस उसी क्षेत्र की ओर लौट जाती है
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) कम वायु दाब वाले क्षेत्र की ओर गति करती है

3. पवन धाराएँ उत्पन्न होने का कारण है
(क) पृथ्वी का सदैव ठंडा रहना
(ख) पृथ्वी का सदैव गर्म रहना
(ग) पृथ्वी का असमान रूप से गर्म होना
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) पृथ्वी का असमान रूप से गर्म होना

4. समुद्र से थल की ओर बहने वाली पवन कहलाती है
(क) मौसमी चक्रवात
(ख) टाइफून
(ग) मानसूनी पवन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) मानसूनी पवन

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II. रिक्त स्थान

निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए

1. गर्म मानसून हवाएँ अपने साथ जलवाष्प लाती हैं जिससे ………… होती है।
2. कुछ प्राकृतिक घटनाएँ ऐसी परिस्थितियों को जन्म देती हैं जिनसे कभी-कभी ………… आती हैं।
3. बिजली चमकने के साथ तीव्र वर्षा होना …………… कहलाता है।
4. ………… काफी विनाशकारी हो सकते हैं।
उत्तर:
1. वर्षा
2. आपदाएँ
3. तड़ित-झंझावात
4. चक्रवात ।

III. सुमेलन

कॉलम A का कॉलम B के शब्दों से मिलान कीजिए-

कॉलम Aकॉलम B
1. उड़ीसा(a) हरिकेन
2. अमेरिकी महाद्वीप(b) तटीय क्षेत्र
3. फिलीपीन्स, जापान(c) 18 अक्टूबर 1999 का चक्रवात
4. चक्रवात(d) टाइफून

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
1. उड़ीसा(c) 18 अक्टूबर 1999 का चक्रवात
2. अमेरिकी महाद्वीप(a) हरिकेन
3. फिलीपीन्स, जापान(d) टाइफून
4. चक्रवात(b) तटीय क्षेत्र

IV. सत्य/असत्य

निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य छाँटिए

1. आँधी, तूफान एवं चक्रवात प्राकृतिक घटनाएँ हैं।
2. गुब्बारे में हवा भरने पर उसकी रबर पर अन्दर की ओर से वायु दाब बढ़ जाता है।
3. गर्म वायु, ठंडी वायु की अपेक्षा भारी होती है।
4. पवन धाराएँ पृथ्वी के असमान रूप से गर्म होने के कारण उत्पन्न होती हैं।
उत्तर:
1. सत्य
2. सत्य
3. असत्य
4. सत्य।

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
तूफान से बचने के दो उपाय बताइए।
उत्तर:
(i) चेतावनी तंत्र द्वारा प्रेषित सूचना को मानना चाहिए।
(ii) तूफान के दौरान बाहर नहीं जाना चाहिए।

प्रश्न 2.
बताइए कि धुंआ ऊपर क्यों उठता है ? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
धुंआ गर्म होता है। गर्म हवा वायु से हल्की होती है अतः धुंआ ऊपर उठता है।

प्रश्न 3.
जब आप पतंग उड़ाते हैं तो क्या आपके पीछे से आती हवा सहायक होती है?
उत्तर:
हाँ, पीछे से आने वाली हवा पतंग पर दबाव डालती है।

प्रश्न 4.
क्या आपको पवन की दिशा के विपरीत साइकिल चलाने में कठिनाई होती है ?
उत्तर:
हाँ, क्योंकि पवन आगे की ओर से दबाव डालती है।

प्रश्न 5.
साइकिल के ट्यूब के अन्दर हवा क्यों भरते हैं ?
उत्तर:
ट्यूब के अन्दर हवा दाब डालती है जिससे टायर का आकार बना रहता है।

प्रश्न 6.
मानसूनी पवन क्या होती हैं?
उत्तर:
ऐसी पवन जो अपने साथ बादलों को उड़ाकर लाती हैं, मानसूनी पवन कहलाती हैं।

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प्रश्न 7.
गर्म जल से भरे कसकर बन्द किए हुए डिब्बे पर एकदम से ठंडा पानी डालने पर क्या होगा? और क्यों? (क्रियाकलाप)।
उत्तर:
डिब्बे के अन्दर के आयतन में कमी आने के कारण डिज्वा सिकुड़ जाएगा।

प्रश्न 8.
हरिकेन क्या होते हैं ?
उत्तर:
अमेरिकी महाद्वीप में चक्रवात को हरिकेन कहा जाता है।

प्रश्न 9.
मानसून का अर्थ बताइए।
उत्तर:
मानसून शब्द की उत्पत्ति अरबी शब्द मौसम से हुई है जिसका अर्थ है ऋतु।

प्रश्न 10.
पवन वेग बढ़ने से वायु दाब पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
पवन वेग बढ़ने से वायु दाब वास्तव में कम हो जाता है।

प्रश्न 11.
ताप का वायु दाब पर क्या प्रभाव होता है? (क्रियाकलाप)।
उत्तर:
ताप बढ़ने पर वायु दाब भी बढ़ जाता है।

प्रश्न 12.
गर्म मानसूनी हवाएँ क्यों लाभप्रद हैं ?
उत्तर:
गर्म मानसूनी हवाएँ अपने साथ जलवाष्प लाती हैं, जिससे वर्षा होती है।

प्रश्न 13.
टाइफून किसे कहते हैं ?
उत्तर:
हरिकेन को फिलीपीन्स और जापान में टाइफून कहते हैं।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
तड़ित झंझावात किसे कहते हैं ? समझाइए।
उत्तर:
तड़ित झंझावात भारत जैसे गर्म, आई और उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में अक्सर विकसित होते हैं। ताप में वृद्धि होने के कारण ऊपर की ओर उठती हुई पवन प्रबल हो जाती है। पवन वायु में पहले से विद्यमान जल बूंदों को अपने साथ ऊपर की ओर ले जाती है जहाँ ताप कम होने के कारण वे जम जाती हैं और पुनः नीचे की ओर गिरने लगती है। गिरती हुई जल की चर्दै और तीव्र वेग से ऊपर उठती हुई वायु की परस्पर क्रिया से बिजली (तड़ित) काँधती है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है। इसी घटना को हम तड़ित झंझावात कहते हैं।

प्रश्न 2.
क्या कारण है हमारे देश में ग्रीष्मकाल में अधिक और शीतकाल में कम वर्षा होती है?
उत्तर:
थल विशेष रूप से राजस्थान के मरुस्थलों के असमान तापमान से ग्रीष्मकाल में दक्षिण-पश्चिमी दिशा से मानसून निर्मित होता है। ये मानसूनी पवन अपने साथ हिन्द महासागर से काफी जलवाष्प लेकर आती है। शीतकाल में थल और जल के असमान तापमान के कारण पवन उत्तर-पश्चिम के अपेक्षाकृत ठण्डे स्थानों से आती हैं। ये शीत पवन अपने साथ कम जलवाष्प लाती हैं, इसलिए शीतकाल में वर्षा भी कम होती है।

प्रश्न 3.
चक्रवात किसे कहते हैं और यह कैसे बनता
उत्तर:
बादल के बनने से पहले जल वायुमण्डल से ऊष्मा लेकर वाष्प में परिवर्तित हो जाता है। जलवाष्प वर्षा की बूँदों के रूप में पुनः द्रव रूप में परिवर्तित होती है और यह ऊष्मा वायुमण्डल में निर्मुक्त हो जाती है। निर्मुक्त होने वाली ऊष्मा से आस-पास की वायु गर्म हो जाती है। इस प्रकार गर्म वायु ऊपर की ओर उठती है, जिससे वायु दाब कम हो जाता है। फलस्वरूप तड़ित झंझावात के केन्द्र की ओर उच्च वेग की अधिक वायु गति करने लगती है। इस चक्र की पुनरावृत्ति अनेक बार होती है। घटनाओं की इस श्रृंखला का अन्त बहुत ही निम्न दाब के एक ऐसे तन्त्र के निर्माण के साथ होता है जिसके चारों ओर उच्च वेग की वायु की अनेक परतें कुण्डली के रूप में घूमती रहती हैं। मौसम की इस स्थिति को चक्रवात कहते हैं।

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प्रश्न 4.
वायुमापी क्या है ? इसका चित्र बनाइए।
उत्तर:
आपने पढ़ा कि सभी झंझावात या तूफान निम्न दाब के तन्त्र होते हैं। झंझावात के निर्माण में पवन महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए पवन के वेग की माप करना महत्वपूर्ण है। वेग की माप करने वाले उपकरण को वायुमापी कहते हैं।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात -1
चित्र : पवन के वेग को मापने के लिए एक वायुमापी

प्रश्न 5.
चक्रवात के दुष्प्रभावों के सुरक्षा उपाय क्या
उत्तर:
चक्रवात के दुष्प्रभावों को कम करने में निम्नलिखित व्यवस्थाएँ सहायक हो सकती हैं। सरकारी/सामाजिक स्तर पर-

  1. चक्रवात पूर्वानुमान और चेतावनी सेवा ।
  2. सरकारी संस्थाओं, समुद्रतटों, मछुआरों, जलपोतों और आम जनता को शीघ्रातिशीघ्र चेतावनी देने के लिए तीव्रगामी संचार व्यवस्था।
  3. चक्रवात सम्भावित क्षेत्रों में चक्रवात आश्रयों का निर्माण और लोगों को तेजी से सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था।

प्रश्न 6.
यदि आप चक्रवात प्रभावित क्षेत्र में रहते हों तो वहाँ चक्रवात के बाद आप क्या सावधानी रखेंगे?
उत्तर:

  • चक्रवात से प्रभावित जल का पीने के लिए प्रयोग नहीं करेंगे क्योंकि यह सन्दूषित हो सकता है।
  • हमें गीले स्विच और बिजली के खम्भों को नहीं छूना चाहिये।
  • चक्रवात प्रभावित क्षेत्र और बाढ़ को मनोरंजन केन्द्र नहीं बनाना चाहिए।
  • बचाव दल के कार्यों में दखल नहीं देना चाहिए।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वायु को गर्म करने पर इसका प्रसार होता है।’ एक क्रियाकलाप द्वारा समझाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
एक क्वथन नली लीजिए। नली के मुख पर एक गुब्बारे को कसकर लगाइए। आप इसे कसने के लिए टेप का उपयोग भी कर सकते हैं। किसी बीकर में लगभग दो-तिहाई ऊँचाई तक गर्म जल डालिए। गुब्बारा लगी क्वथन नली को गर्म जल में इस प्रकार रखिए कि गुब्बारा जल से बाहर रहे (चित्र)। दो तीन मिनट तक यह देखिए कि क्या गुब्बारे के आकार में किसी प्रकार का परिवर्तन होता है। क्वथन नली को जल से बाहर निकाल लीजिए, इसे कमरे के ताप तक ठण्डा होने दीजिए। अब एक अन्य बीकर में थोड़ा बर्फ का ठण्डा जल लीजिए और क्वथन नली को पहले की भाँति 2-3 मिनट के लिए ठण्डे जल में रख दीजिए। गुब्बारे के आकार में होने वाले परिवर्तन को नोट कीजिए। अपने प्रेक्षणों के आधार पर आगे दिये गए प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास कीजिए-
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात -2
चित्र : गर्म और ठण्डे जल में गुब्बारे का आकार

प्रश्न 2.
तड़ित झंझावात किसे कहते हैं ? इसके लिए क्या सावधानी रखनी चाहिए?
उत्तर:
तड़ित झंझावात : यदि झंझा के साथ तड़ित (बिजली) भी गिरे तो, उसे तड़ित झंझावात कहते हैं।

पवन वायु में पहले से विद्यमान जल बूंदों को अपने साथ ऊपर की ओर ले जाती है, जहाँ ताप कम होने के कारण वे जम जाती हैं और पुनः नीचे की ओर गिरने लगती हैं। गिरती हुई जल की बूंदें और तीव्र वेग से ऊपर उठती हुई वायु की परस्पर क्रिया से बिजली (तड़ित) काँधती है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है। तड़ित झंझावात में हमें निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए-

  1. किसी ऐसे वृक्ष के नीचे आश्रय न लें, जो अलगथलग हो। यदि आप वन में हैं, तो किसी छोटे वृक्ष के नीचे आश्रय लें। खुली जमीन पर न लेटें।
  2. धातु की डण्डी वाले छाते का उपयोग न करें।
  3. खिड़की के निकट न बैठे। खुले गैरेज, भण्डारण शेड, धात्विक चादरों की छत वाले शेड आदि आश्रय लेने के लिए उपयुक्त स्थान नहीं होते।
  4. कार अथवा बस आश्रय लेने के लिए सुरक्षित स्थान हैं।
  5. यदि आप जल में हैं तो बाहर निकलकर किसी इमारत में चले जाएँ।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात

प्रश्न 3.
पवन धाराएँ किस प्रकार उत्पन्न होती हैं ? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
निम्नलिखित दो स्थितियाँ हैं जिनके कारण पवन धाराएँ उत्पन्न होती हैं-
(क) भूमध्यरेखीय और ध्रुवीय क्षेत्रों का असमान रूप से गर्म होना:
भूमध्य रेखा के आस-पास के क्षेत्रों को सर्य की अधिकतम ऊष्मा मिलती है, इससे इन क्षेत्रों में पृथ्वी की सतह के निकट की वायु गर्म हो जाती है। गर्म वायु ऊपर उठती है और ठण्डी वायु भूमध्य रेखा के दोनों ओर स्थित 0 से 30 डिग्री अक्षांश की पट्टी के क्षेत्रों से भूमध्य क्षेत्र की ओर गतिशील हो जाती है। इस प्रकार उत्पन्न पवन धाराएँ उत्तर और दक्षिण से भूमध्य रेखा की ओर बहती हैं। ध्रुवों पर वायु पृथ्वी के लगभग 60° अक्षांश तक के क्षेत्रों की वायु से अधिक ठण्डी होती है। इन क्षेत्रों में गर्म वायु ऊपर उठती है, जिसका स्थान लेने के लिए ध्रुवों से ठण्डी वायु उस ओर प्रवाहित होने लगती है। इस प्रकार वायु का प्रवाह ध्रुवों से अपेक्षाकृत अधिक गर्म क्षेत्रों की ओर होता रहता है।
इसी प्रकार हम समझ सकते हैं कि 30° तथा 60° अक्षांश के क्षेत्रों के असमान रूप से गर्म होने के कारण पवन का प्रवाह 30° अक्षांश से 60° अक्षांश की ओर होगा।

(ख) थल और जल का असमान रूप से गर्म होना:
ग्रीष्मकाल (गर्मियों) में, थलीय क्षेत्र अधिक तेजी से गर्म होता है और अधिकांश समय थल का ताप समुद्री जल की अपेक्षा अधिक रहता है। थल के ऊपर की वायु गर्म होकर ऊपर उठ जाती है। इससे पवन समुद्र से थल की ओर बहती है। यह मानसूनी पवन होती है।

प्रश्न 4.
चक्रवात का निर्माण कैसे होता है? चित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर:
किसी चक्रवात का केन्द्र एक शांत क्षेत्र होता है। इसे झंझा का नेत्र कहते हैं। कोई विशाल चक्रवात वायुमण्डल में वायु का तेजी से घूर्णन करता पिण्ड होता है, जो पृथ्वी तल से 10 से 15 km की ऊँचाई पर स्थित होता है। चक्रवात के नेत्र का व्यास 10 से 30 km तक होता है (संलग्न चित्र A)| यह बादलों से मुक्त क्षेत्र होता है और इसमें पवन का वेग न्यून होता है। इस शांत और स्पष्ट नेत्र के इर्दगिर्द लगभग 150 km आमाप का बादल का क्षेत्र होता है (संलग्न चित्र B)। इस क्षेत्र में उच्च वेग की पवन (150250 km/h) और सघन वर्षा वाले घने बादल होते हैं। इस क्षेत्र से परे पवन वेग क्रमशः कम होता जाता है। चक्रवातों की उत्पत्ति का प्रक्रम अत्यधिक जटिल होता है। चित्र A में इसे एक प्रतिरूप द्वारा दर्शाने का प्रयास किया गया है।
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प्रश्न 5.
चक्रवात बनने की घटना को समझाने के लिए एक प्रवाह चित्र बनाइए।
उत्तर:
निम्नलिखित प्रवाह चित्र द्वारा इस परिघटना को समझाया जा सकता है, जिसके कारण बादलों का निर्माण और वर्षा होती है तथा तूफान और चक्रवात बनते हैं।
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HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात

पवन, तूफ़ान और चक्रवात Class 7  HBSE Notes in Hindi

→ गतिशील वायु, पवन कहलाती है।
→ छ हमारे आस-पास की वायु दाब डालती है।
→ पवन का वेग बढ़ने पर वायु दाब घट जाता है।
→ पवन सदैव अधिक वायु दाब वाले क्षेत्र से कम वायु दाब वाले क्षेत्र की ओर गति करती है।
→ वायु गर्म करने पर प्रसारित होती है और ठण्डा करने पर संकुचित होती है।
→ गर्म वायु ऊपर उठती है, जबकि अपेक्षाकृत ठण्डी वायु की प्रवृत्ति पृथ्वी की सतह की ओर आने की होती है।
→ जब गर्म वायु ऊपर उठती है तो उस स्थान पर वायु दाब कम हो जाता है और आस-पास के क्षेत्र की उच्च दाब की ठण्डी वायु उस स्थान की ओर प्रवाहित होने लगती है।
→ गतिशील वायु पवन कहलाती है। ७ पृथ्वी पर असमान तापन पवनों के बनने का प्रमुख कारण है।
→ जलवाष्प वाली पवन वर्षा लाती है। 12 उच्च वेग की पवन और वायुदाब के अन्तर से चक्रवात बन सकते हैं।
→ उपग्रहों तथा राडार जैसी उन्नत प्रौद्योगिकी की सहायता से चक्रवातों की निगरानी करना आसान हो गया है।
→ स्व सहायता सबसे अच्छी सहायता है। अत: किसी भी चक्रवात के आने से पहले ही अपनी सुरक्षा की योजना बना लेना और सुरक्षा के उपायों को तैयार रखना अच्छा रहता है।
→ पवन – गतिशील वायु पवन कहलाती है।
→ दाब – वायु द्वारा किसी एकांक क्षेत्र पर पड़ने वाला बल दाब कहलाता है।
→ पवन वेग मापी – हवा की गति को मापने के यंत्र को पवन वेग मापी कहते हैं।
→ चक्रवात – चक्रवात वह तूफान है जो अधिकांश तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करता है।
→ तड़ित झंझावात – जल की गिरती हुई बूंदों तथा तीव्र गति से ऊपर उठती हुई वायु की परस्पर क्रिया से उत्पन्न ध्वनि को तड़ित झंझावात कहते हैं।
→ मानसूनी पवन – मानसूनी पवन अपने साथ पानी लाती हैं जिससे वर्षा होती है।
→ टॉरनेडो – टॉरनेडो गहरे रंग का कीपाकार बादल होता है। इनकी कीप जैसी संरचना आकाश से पृथ्वी तल की ओर आती हुई प्रतीत होती है।
→ टाइफून – चक्रवात को जापान में टाइफून कहा जाता है।
→ हरिकेन – अमेरिकी महाद्वीप में चक्रवात को हरिकेन कहा जाता है।

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HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 7 मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूल

Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 7 मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूल Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 7 मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूल

HBSE 7th Class Science मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूल InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
बूझो जानना चाहता है कि मौसम की रिपोर्ट कौन तैयार करता है?
उत्तर:
मौसम की रिपोर्ट मौसम विभाग तैयार करता

प्रश्न 2.
बूझो जानना चाहता है कि मौसम इतनी तेजी से क्यों बदलता है?
उत्तर:
पृथ्वी के सूर्य के परितः तथा अपनी अक्ष के परितः घूर्णन के कारण मौसम इतनी तेजी से बदलता है।

प्रश्न 3.
पहेली जानना चाहती है कि आखिर मौसम का स्रोत क्या है?
उत्तर:
मौसम के सभी परिवर्तनों का स्रोत सूर्य होता है।

प्रश्न 4.
पहेली जानना चाहती है कि क्या मछलियाँ और तितलियाँ भी पक्षियों की तरह प्रवास करती हैं?
उत्तर:
हाँ।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 7 मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूल

HBSE 7th Class Science मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूल Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
उन घटकों के नाम बताइए जो किसी स्थान के मौसम को निर्धारित करते हैं ?
उत्तर:
वर्षा, तापमान, आर्द्रता।

प्रश्न 2.
दिन में किस समय ताप के अधिकतम और न्यूनतम होने की सम्भावना होती है ?
उत्तर:
सामान्यतः दोपहर के समय दिन का तापमान अधिकतम होता है। दिन का न्यूनतम तापमान प्रात:काल होता है।

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) दीर्घ अवधि के मौसम का औसत ……………………. कहलाता है।
(ख) किसी स्थान पर बहुत कम वर्षा होती है और उस स्थान का तापमान वर्ष भर उच्च रहता है, उस स्थान की जलवायु ……………………. और ……………………. होगी।
(ग) चरम जलवायवीय परिस्थितियों वाले पृथ्वी के दो क्षेत्र ……………………. और ……………………. हैं।
उत्तर:
(क) जलवायु
(ख) उष्ण, शुष्क
(ग) ध्रुव, रेगिस्तान।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित क्षेत्रों की जलवायु का प्रकार बताइए
(क) जम्मू एवं कश्मीर
(ख) केरल
(ग) राजस्थान
(घ) उत्तर-पूर्व भारत।
उत्तर:
(क) जम्मू एवं कश्मीर – (क) ठंडी और आई।
(ख) केरल – (ख) गर्म और आर्द्र।
(ग) राजस्थान – (ग) गर्म और शुष्क।
(घ) उत्तर-पूर्व भारत – (घ) गर्म और आई।

प्रश्न 5.
मौसम और जलवायु में से किसमें तेजी से परिवर्तन होता है ?
उत्तर:
मौसम में जलवायु की अपेक्षा तेजी से परिवर्तन होता है। जलवायु किसी स्थान की दीर्घ अवधि 25 वर्ष के मौसम के प्राचलों द्वारा निर्धारित होती है।

प्रश्न 6.
जन्तुओं की कुछ विशेषताओं की सूची नीचे दी गई है
(क) आहार मुख्यतः फल हैं
(ख) सफेद बाल/फर
(ग) प्रवास की आवश्यकता
(घ) तीन स्वर-ध्वनि (तेज आवाज)
(च) पैरों के चिपचिपे तलवे
(छ) त्वचा के नीचे वसा की मोटी परत
(ज) चौड़े और बड़े नखर
(झ) चटख रंग
(ट) मजबूत पूँछ
(ठ) लम्बी और बड़ी चोंच
उपरोक्त प्रत्येक विशेषता के लिए यह बताइए कि वह उष्णकटिबन्धीय वर्षा वन अथवा ध्रुवीय क्षेत्र में से किसके लिए अनुकूलित हैं। क्या आप समझते हैं कि इनमें से कुछ विशेषताएँ दोनों क्षेत्रों के लिए अनुकूलित हो सकती हैं ?
उत्तर:
(क) उष्णकटिबन्धीय
(ख) ध्रुवीय
(ग) दोनों
(घ) दोनों
(च) ध्रुवीय
(छ) ध्रुवीय
(ज) ध्रुवीय
(झ) उष्ण कटिबन्धीय
(ट) उष्ण कटिबन्धीय
(ठ) उष्ण कटिबन्धीय।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 7 मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूल

प्रश्न 7.
उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन जन्तुओं की विशाल जनसंख्या को आवास प्रदान करते हैं। समझाइए कि ऐसा क्यों है?
उत्तर:
उष्णकटिबन्धीय वर्षा वन लगातार गर्मी तथा वर्षा के कारण जन्तुओं तथा वनस्पति की विशाल आबादी को आवास प्रदान करते हैं। वहाँ की परिस्थितियाँ जन्तुओं व वनस्पतियों के अनुकूल होती हैं।

प्रश्न 8.
उदाहरण सहित समझाइए कि किसी विशेष जलवायवीय परिस्थिति में कुछ विशिष्ट जन्तु ही जीवन-यापन करते क्यों पाये जाते हैं ?
उत्तर:
किसी विशेष जलवायवीय परिस्थिति में कुछ विशिष्ट जन्तु ही जीवनयापन करते पाये जाते हैं, क्योंकि वे जन्तु उन स्थितियों में जीने के लिए अनुकूलित होते हैं। जन्तुओं में जीने के लिए जलवायु के प्रति अनुकूलन होना अति आवश्यक है।

उदाहरण धुवीय भालू के सम्पूर्ण शरीर पर सफेद बाल (फर) होते हैं जिसके कारण वे बर्फ की सफेद पृष्ठभूमि में आसानी से दिखाई नहीं देते हैं। इस गुण के कारण उन्हें भोजन हेतु शिकार करने में सहायता मिलती है क्योंकि उनके शिकार जन्तु उन्हें आसानी से देख नहीं पाते। फरों की मोटी परत के कारण इन्हें सर्दी में भी अधिक कठिनाई नहीं होती। ये परतें भालू की अत्यधिक सर्दी से रक्षा करती हैं। इन भालुओं की त्वचा के नीचे चर्बी की मोटी परत होती है जो सर्दी को शरीर में प्रवेश नहीं करने देती तथा शरीर की गर्मी को निर्मुक्त नहीं होने देती। ध्रुवीय भालू का शरीर इतनी अच्छी तरह से शीतरोधी होता है कि वे धीमे-धीमे चलते हैं ताकि उनके शरीर का ताप आवश्यकता से अधिक न हो जाये। गर्म मौसम में भौतिक क्रियाकलापों के बाद इन्हें अपने शरीर को ठंडा रखना पड़ता है। अतः ये समुद्री जल में तैर सकते हैं। इनके पंजे चौड़े तथा बड़े होते हैं जिनमें नाखून उपस्थित होते हैं जिससे इनको बर्फ पर चलने में आसानी होती है। इनके सूंघने तथा देखने की क्षमता अच्छी होती है जिसके कारण ये अपना शिकार बर्फ में भी ढूँढ़ लेते हैं।

प्रश्न 9.
उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वनों में रहने वाला हाथी किस प्रकार अनुकूलित है?
उत्तर:
उष्णकटिबन्धीय वर्षा वनों में रहने वाले हाथियों ने स्वयं को निम्न प्रकार से अनुकूलित किया है

  1. यह अपनी लम्बी सैंड का प्रयोग एक हथियार के रूप में करते हैं, जो हाथी की नाक होती है।
  2. हाथी अपनी सँड़ का प्रयोग भोजन तोड़ने, पकड़ने एवं उठाने के लिए करता है।
  3. इनके बाहा दाँत रदनक कहलाते हैं जिनका उपयोग करके ये अपनी पसन्द के वृक्षों की छाल को आसानी से छील सकते हैं।
  4. हाथी स्पर्धा के बावजूद भी अपना भोजन आसानी – से जुटाने में समर्थ होते हैं।
  5. हाथी के बड़े कान बहुत हल्की ध्वनि को भी सुनने में सहायक होते हैं। ये कान वर्षा वनों की गर्म और आर्द्र जलवायु में हाथी को ठण्डा करने में भी मदद करते हैं।

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निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प चुनिए

प्रश्न 10.
कोई मांसाहारी जन्तु, जिनके शरीर पर धारियाँ होती हैं, अपने शिकार को पकड़ते समय बहुत तेजी से भागता है। इसके पाये जाने की सम्भावना है किसी
(क) ध्रुवीय क्षेत्र में
(ख) मरुस्थल में
(ग) महासागर में
(घ) उष्णकटिबन्धीय वर्षा वन में।
उत्तर:
(घ) उष्णकटिबन्धीय वर्षा वन में।

प्रश्न 11.
ध्रुवीय भालू को अत्यधिक ठण्डी जलवायु में रहने के लिए कौन-सी विशेषताएँ अनुकूलित करती
(क) श्वेत बाल/फर, त्वचा के नीचे बसा, तीव्र सूंघने की क्षमता।
(ख) पतली त्वचा, बड़े नेत्र, श्वेत फर या बाल।
(ग) लम्बी पूँछ, मजबूत नखर, सफेद बड़े पंजे।
(घ) श्वेत (सफेद) शरीर, तैरने के लिए पंजे, श्वसन के लिए क्लोम (गिल)।
उत्तर:
(क) श्वेत बाल/फर, त्वचा के नीचे वसा, तीव्र सँधने की क्षमता।

प्रश्न 12.
निम्न में से कौन-सा विकल्प उष्णकटिबन्धीय क्षेत्र का सर्वश्रेष्ठ (सबसे अच्छा) वर्णन करता है?
(क) गर्म और आई
(ख) मध्यम तापमान-अत्यधिक वर्षा
(ग) सर्द और आर्द्र
(घ) गर्म और शुष्क।
उत्तर:
(क) गर्म और आर्द्र।

HBSE 7th Class Science मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूल Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए

1. किसी स्थान का मौसम परिवर्तित होता है
(क) दिन-प्रतिदिन
(ख) सप्ताह दर सप्ताह
(ग) प्रत्येक ऋतु में
(घ) से सभी
उत्तर:
(घ) से सभी

2. उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन पाए जाते हैं
(क) भारत में
(ख) ब्राजील में
(ग) मलेशिया में
(घ) इन सभी में
उत्तर:
(घ) इन सभी में

3. ध्रुवीय पेंग्विन है, एक
(क) स्तनी
(ख) रेंगने वाला जन्तु
(ग) पक्षी
(घ) मछली
उत्तर:
(ग) पक्षी

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4. हाथी के लम्बे बाहर निकले दाँत होते हैं
(क) रद (रदनक)
(ख) छेदक
(ग) मोलर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) रद (रदनक)

5. निम्न में से कौन-सा वृक्षाश्रयी नहीं है
(क) लाल नेत्र वाला मेढ़क
(ख) पैंग्विन पक्षी
(ग) टूकन पक्षी
(घ) न्यूवर्ल्ड मंकी
उत्तर:
(ख) पैंग्विन पक्षी

II. रिक्त स्थान

निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए
1. वर्षा को ………… यंत्र द्वारा मापा जाता है।
2. ध्रुवों पर ………… महीने तक सूर्यास्त नहीं होता है।
3. ध्रुवीय भालू की तरह…………भी अच्छे तैराक होते है।
4. ………… क्षेत्रों की जलवायु सामान्यतः गर्म होती है।
उत्तर:
1. वर्षा मापी,
2. छ:,
3. पेंग्विन
4: उष्ण कटिबन्धीय।

III. सुमेलन

कॉलम A तथा कॉलम B के शब्दों का मिलान कीजिए-

कॉलम Aकॉलम B
1. त्वचा के भीतर वसा परत(a) बर्फ पर चलने हेतु
2. नखर युक्त पैर(b) शिकार को ढूँढ़ना
3. बालों का सफेद रंग(c) सदी से बचाव
4. तीव्र घ्राण शक्ति(d) शिकार की नजर से छिपना

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
1. त्वचा के भीतर वसा परत(a) बर्फ पर चलने हेतु
2. नखर युक्त पैर(b) शिकार को ढूँढ़ना
3. बालों का सफेद रंग(c) सदी से बचाव
4. तीव्र घ्राण शक्ति(d) शिकार की नजर से छिपना

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IV. सत्य/असत्य

निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य कथन छाँटिए
1. ध्रुवों पर किसी भी प्रकार का कोई जीव नहीं पाया जाता
2. ध्रुवीय क्षेत्रों में छः महीने का दिन एवं छ: महीने की रात होती है।
3. सारस एवं कोयल प्रवासी पक्षी हैं।
4. हाथी केवल मरुस्थली क्षेत्रों में पाया जाता है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
3. सत्य
4, असत्य।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वर्षामापी क्या है?
उत्तर:
वर्षा मापने का यन्त्र वर्षामापी कहलाता है।

प्रश्न 2.
लाल नेत्र वाला मेढ़क कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर:
वृक्षों पर।

प्रश्न 3.
वर्षा वन में पाये जाने वाले प्राणियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
कपि (बन्दर), गुरिल्ला, शेर, चीता, तेंदुआ, सर्प आदि।

प्रश्न 4.
प्रचुर वर्षा वाले क्षेत्र के वनों को क्या कहते है?
उत्तर:
उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन।

प्रश्न 5.
भारतीय उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन के एक सामान्य जन्तु का नाम लिखिए।
उत्तर:
हाथी।

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प्रश्न 6.
पेंग्विन कहाँ का प्रमुख पक्षी है ?
उत्तर:
पैग्विन ध्रुवीय क्षेत्र का प्रमुख पक्षी है।

प्रश्न 7.
किसी मरुस्थलीय जलवायु का प्रमुख लक्षण बताइए।
उत्तर:
यहाँ जलवायु गर्म और शुष्क होती है।

प्रश्न 8.
आपके क्षेत्र का कम से कम तथा अधिकतम तापमान कितना होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
सर्दियों में 5°C निम्नतम तथा गर्मियों में 45°C अधिकतम।

प्रश्न 9.
पेंग्विन का प्रमुख लक्षण जो इसे धुवीय प्रदेश में रहने के अनुकूल बनाता है, लिखिए।
उत्तर:
शरीर पर घने फरों का पाया जाना।

प्रश्न 10.
आर्द्र जलवायु क्या होती है ?
उत्तर:
वायु में अत्यधिक नमी का पाया जाना।

प्रश्न 11.
किसी प्रवासी पक्षी का नाम लिखिए।
उत्तर:
साइबेरियन क्रेन।

प्रश्न 12.
प्रवासी पक्षी प्रवास पर क्यों आते हैं ?
उत्तर:
प्रजनन के लिए तथा प्रतिकूल मौसम से बचने के लिए।

प्रश्न 13.
हाथी में वृक्षों की छाल छीलने के लिए क्या अनुकूलन होता है ?
उत्तर:
लम्बे व बाहर निकले रदनक दाँत।

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लयु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अखबारों में आने वाली दैनिक मौसम रिपोर्ट कहाँ से आती है?
उत्तर:
मौसम की रिपोर्ट भारत के मौसम विज्ञान विभाग द्वारा तैयार की जाती है। यह विभाग प्रतिदिन विभिन्न स्थानों से वहाँ के ताप, पवन वेग आदि पर आँकड़े एकत्रित करता है और मौसम के बारे में पूर्वानुमान लगाता है। यहाँ से ये रिपोर्ट अखबार में छापी जाती हैं।

प्रश्न 2.
“मौसम में होने वाले सभी परिवर्तन सूर्य के कारण होते हैं,” कैसे ? समझाइए।
उत्तर:
मौसम में सभी परिवर्तन सूर्य के कारण होते हैं। सूर्य अत्यधिक उच्च ताप पर गरम गैसों का गोला है। सूर्य की हमसे दूरी बहुत अधिक है परन्तु सूर्य से उत्सर्जित कर्जा इतनी अधिक है कि पृथ्वी से इतनी दूरी होने के बावजूद सूर्य हमारे लिए समस्त ऊष्मा और प्रकाश का स्रोत है। अत: सूर्य ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है जो मौसम में परिवर्तन लाता है। पृथ्वी के थल क्षेत्र, समुद्रों और वायुमण्डल द्वारा अवशोषित और परावर्तित की जाने वाली ऊर्जा भी किसी स्थान पर मौसम को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होती है।

प्रश्न 3.
पेंग्विन नामक पक्षी में ध्रुवीय क्षेत्रों में रहने के लिए क्या अनुकूलन पाये जाते हैं ?
उत्तर:
पैग्विन सफेद रंग के होते हैं और आसानी से बर्फ की सफेद पृष्ठभूमि में मिल जाते हैं जिससे ये शिकारियों से बचे रहते हैं। इनके शरीर में स्वयं को सर्दी से बचाने के लिए मोटी त्वचा और अत्यधिक वसा होती है। ये झुण्डों में रहते हैं जिससे भी ये गर्म बने रहते हैं। ये अच्छे तैराक होते हैं, इनके पैरों में तैरने के लिए जाल जैसी रचना पायी जाती है।

प्रश्न 4.
उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन किन देशों में पाये जाते हैं। उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वनों के कुछ वन्य जन्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन भारत, मलेशिया, इण्डोनेशिया, ब्राजील, कांगो गणतन्त्र, केन्या, युगान्डा और नाइजीरिया में पाये जाते हैं। उष्णकटिबन्धीय वर्षा वनों के वन्य जन्तुओं में-चीता, बारहसिंगा, शेर, हाथी, बन्दर, गिलहरी, सर्प, अजगर आदि सम्मिलित हैं।

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प्रश्न 5.
प्रवास से आप क्या समझते हैं ? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
जीवधारी अधिक प्रतिकूल मौसम में स्वयं को बचाने के लिए दूसरे स्थानों पर चले जाते हैं, इस परिघटना को प्रवास कहते हैं। अनेक मछलियाँ ठण्ड से बचने के लिए गर्म धाराओं में प्रवास करती हैं। उदाहरण के लिए, साइबेरियाई क्रेन जो साइबेरिया से राजस्थान में भरतपुर और हरियाणा में सुल्तानपुर जैसे स्थानों पर सर्दियों में प्रवास के लिए आते हैं।

प्रश्न 6.
वर्षा वनों में कुछ जीव वृक्षों पर रहते हैं। इनमें वृक्षों पर रहने के लिए क्या अनुकूलन पाये जाते हैं। दो उदाहरणों द्वारा समझाइए।।
उत्तर:
(1) लाल नेत्र वाले मेंढ़क के पैर के तलवे चिपचिपे होते हैं, जो उन्हें उन वृक्षों पर चढ़ने में सहायता करते हैं, जिन पर वे रहते हैं।
(2) वृक्षवासी बन्दरों की लम्बी पूँछ इन्हें वृक्षों पर रहने में सहायता करती है। यह शाखाओं को पकड़ने में सहायता करती है। इनके हाथ पैर ऐसे होते हैं जिससे ये आसानी से शाखाओं को थामे रहते हैं।

प्रश्न 7.
वर्षा वन में पाये जाने वाले किसी पक्षी में अनुकूलन बताइए।
उत्तर:
ट्रकन नामक पक्षी ऐसे वनों के लिए अनुकलित हैं। ये ऐसे स्थानों से भोजन प्राप्त कर सकते हैं जहाँ अन्य जन्तु नहीं पहुँचते। इनकी लम्बी चोंच ऐसी शाखाओं में लगे फलों तक पहुँचकर फल खा सकती है जो बहुत कमजोर होती हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अधिकतम तापमान में परिवर्तन के लिए एक ग्राफ बनाइए।
उत्तर:
नीचे दिये गये चित्र में 3 अगस्त, 2011 से 9 अगस्त, 2011 तक शिलांग, मेघालय में रिकॉर्ड किये गये अधिकतम तापमान को दिखाया गया है-
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HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 7 मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूल

प्रश्न 2.
श्रीनगर और तिरुअनंतपुरम भारतवर्ष के दो विपरीत छोरों के क्षेत्र हैं, इनकी जलवायु में अन्तर के लिए सारणी बनाइए।
उत्तर:
श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) तथा तिरुअनंतपुरम (केरल) की जलवायु में तुलना

प्रश्न 3.
प्रवासी पक्षी प्रवास क्यों और कैसे करते हैं ? समझाइए।
उत्तर:
कुछ प्रवासी पक्षी अपने आवास की चरम जलवायवीय परिस्थितियों से बचने के लिए 15000 किमी तक की यात्रा करते हैं। सामान्यतः ये अधिक ऊँचाई पर उड़ान भरते हैं, जहाँ वायु प्रवाह उड़ान में सहायक होता है। इस ऊँचाई की शीत स्थितियों उनकी उड़ानपेशियों द्वारा उत्पन्न ऊष्मा का विपरंण आसान कर देती हैं। लेकिन आश्चर्य की बात है कि प्रवासी पक्षी वर्ष दर वर्ष एक ही स्थान पर कैसे आते रहते हैं यह एक रहस्य है। ऐसा लगता है कि इन पक्षियों में दिशा का सहज बोध होता है और ये जानते हैं कि किस दिशा में उड़ना है। मार्गदर्शन के लिए सम्भवत: कुछ भूचिन्हों (लैंडमार्क) का उपयोग करते हैं। संभवतः अनेक पक्षियों को दिन में सूर्य और रात्रि में तारों से मार्गदर्शन मिलता है। इसके भी कुछ प्रमाण हैं कि पक्षी दिशा का पता लगाने के लिए पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का उपयोग करते हैं। केवल पक्षी ही ऐसे जन्तु नहीं, जो प्रवास करते हैं। अनेक स्तनधारी जीव, अनेक प्रकार की मछलियाँ और कीट भी अधिक अनुकूल जलवायु की तलाश के लिए मौसमी रूप से प्रवास करते हैं।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 7 मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूल

मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूल Class 7  HBSE Notes in Hindi

→ किसी स्थान पर तापमान, आर्द्रता, वर्षा, पवन वेग आदि के सम्बन्ध में वायुमण्डल की दिन-प्रतिदिन की स्थिति उस स्थान का मौसम कहलाती है।
→ दिन का अधिकतम तापमान सामान्यतः अपराह्न (दोपहर बाद) में जबकि न्यूनतम तापमान प्रातः (भोर) में होता है।
→ वर्ष भर सूर्योदय और सूर्यास्त का समय भी परिवर्तित होता रहता है। .मौसम के सभी परिवर्तन सूर्य से संचालित होते हैं।
→ दीर्घ अवधि, जैसे 25 वर्ष में लिये गये मौसम के प्राचलों के आधार पर तैयार किये गये प्रतिरूप (पैटर्न), उस स्थान की जलवायु निर्धारित करते हैं।
→ जलवायु का सभी जीवों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जन्तु उन परिस्थितियों के लिए अनुकूलित होते हैं जिनमें वह वास करते हैं।
→ ध्रुवीय क्षेत्रों में चरम जलवायु पायी जाती है। ये क्षेत्र सदैव बर्फ से ढके रहते हैं और यहाँ वर्ष के अधिकांश भाग में अत्यधिक सर्दी रहती है।
→ ध्रुवीय क्षेत्रों में वर्षभर बहुत सर्दी रहती है। ध्रुवों में वर्ष के छः महीने तक सूर्यास्त नहीं होता है और शेष छ: महीने सूर्योदय नहीं होता है।
→ ध्रुवीय भालू और पैंग्विन ध्रुवीय क्षेत्रों में रहने के लिए अनुकूलित होते हैं। इनकी त्वचा के नीचे स्थित वसा की परत तथा त्वचा के ऊपर बाल या फर सर्दी से इनकी सुरक्षा करते हैं।
→ अतिशीत मौसम से बचने के लिए प्रवास एक अन्य साधन है।
→ अनुकूल जलवायवी परिस्थितियों के कारण उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वनों में पादपों और जन्तुओं की विशाल जनसंख्या – पायी जाती है।
→ उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वनों में जन्तु इस प्रकार अनुकूलित होते हैं कि उन्हें अन्य प्रकार के जन्तुओं से भिन्न भोजन एवं आश्रय की आवश्यकता होती है। ताकि उनमें परस्पर स्पर्धा कम से कम हो।
→ मौसम – किसी स्थान पर, तापमान, आर्द्रता, बर्फ, वायु वेग आदि के सन्दर्भ में वायुमण्डल की प्रतिदिन की परिस्थिति उस स्थान का मौसम कहलाती है।
→ मौसम के घटक – तापमान, वर्षा, प्रकाश, आर्द्रता, वायु आदि।
→ आर्द्रता – वायु में जलवाष्प के रूप में उपस्थित नमी।
→ अधिकतम तापमान – दोपहर के बाद मापा गया तापमान।
→ न्यूनतम तापमान – प्रातः के समय मापा गया तापमान।
→ धुवीय क्षेत्र – पृथ्वी के ध्रुव/यहाँ जलवायु की चरम स्थितियाँ होती है।
→ जलवायु – दीर्घ अवधि में लिया गया मौसम का प्रारूप ही उस स्थान की जलवायु कहलाता है।
→ अनुकूलन – वे सभी गुण तथा लक्षण जो जन्तुओं को उनके आवास एवं परिवेश में सही ढंग से रहने योग्य बनाते हैं, अनुकूलन कहलाते हैं।
→ उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र – पृथ्वी के वह स्थान जहाँ गर्म एवं नम जलवायु होती हैं।
→ उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन – वर्षा की अधिकता वाले क्षेत्र में पाए जाने वाले वन।
→ प्रवास – किसी जीव का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाना।

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HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय

Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय

HBSE 7th Class Science गति एवं समय InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
बूझो यह जानने के लिए उत्सुक है कि एक दिन में कितने सेकण्ड तथा एक वर्ष में कितने घण्टे होते हैं? क्या आप उसकी सहायता कर सकते हैं ?
उत्तर:
एक दिन = 24 × 60 × 60s = 86,4005s
एक वर्ष = 365 दिन × 24 घण्टे = 8760 घण्टे ।

प्रश्न 2.
पहेली यह जानने के लिए उत्सुक है कि जब लोलक वाली घड़ियों नहीं थीं, तब समय कैसे मापा जाता था?
उत्तर:
तब समय मापने के लिए विभिन्न उपकरण, विश्व के विभिन्न भागों में प्रचलित थे। सूर्य घड़ी, जल घड़ी तथा रेत घड़ी ऐसे उपकरणों के उदाहरण हैं।

प्रश्न 3.
बूझो जानना चाहता है कि क्या कोई ऐसी युक्ति है जो चाल मापती है?
उत्तर:
हाँ, चालमापी।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय

HBSE 7th Class Science गति एवं समय Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गतियों का वर्गीकरण सरल रेखा के अनुदिश, वर्तुल तथा दोलन गति में कीजिए-
(क) दौड़ते समय आपके हाथों की गति।
(ख) सीधी सड़क पर गाड़ी को खींचते घोड़े की गति।
(ग) मैरी गो राउंड’ झूले में बच्चे की गति।
(घ) ‘सी-सॉ’ झूले पर बच्चे की गति।
(च) विद्युत घंटी के हथौड़े की गति।
(छ) सीधे पुल पर रेलगाड़ी की गति।।
उत्तर:
(क) दोलन
(ख) सरल रेखा के अनुदिश
(ग) वर्तुल
(घ) दोलन
(च) दोलन
(छ) सरल रेखा के अनुदिश।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही नहीं
(क) समय का मूल मात्रक सेकण्ड है।
(ख) प्रत्येक वस्तु नियत चाल से गति करती है।
(ग) दो शहरों के बीच की दूरियाँ किलोमीटर में मापी जाती हैं।
(घ) किसी दिये गये लोलक का आवर्तकाल नियत नहीं होता।
(च) रेलगाड़ी की चाल m/h में व्यक्त की जाती है।
उत्तर:
कथन ख तथा च सही नहीं है।

प्रश्न 3.
कोई सरल लोलक 20 दोलन पूरे करने में 32 सेकण्ड लेता है। लोलक का आवर्तकाल क्या है ?
उत्तर:
20 दोलन में लगा समय = 32s
∴ एक दोलन में लगा समय = \(\frac{32s}{20}\)
∴ आवर्तकाल = 1.5s

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प्रश्न 4.
दो स्टेशनों के बीच की दूरी 240 km है। कोई रेलगाड़ी इस दूरी को तय करने में 4 घण्टे लेती है। रेलगाड़ी की चाल परिकलित कीजिए।
उत्तर:
दूरी = 240 km
समय = 4 घण्टे
दुरी 240 किमी :
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -1
= 60 किमी/घण्टा

प्रश्न 5.
किसी कार के पथमापी का 08 : 30 AM पर पाठ्यांक 57321.0 km है। यदि 08:50 AM पर पथमापी का पाठ्यांक परिवर्तित होकर 57336.0 km हो जाता है, तो कार द्वारा चली गयी दूरी कितनी है ? कार की चाल km/min में परिकलित कीजिए। इस चाल को km/h में भी व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
पथमापी का 08 : 30 AM पर पाठ्यांक = 57321.0 km
पथमापी का 08 : 50 AM पर पाठ्यांक = 57336.0 km
तय की गई दूरी = (57336.0 – 57321.0) km
= 15.0 km
लिया गया समय = 8 : 50 AM – 8: 30 AM
= 20 min
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -2
= 0.75 × 60 km/h = 45 km/h

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प्रश्न 6.
सलमा अपने घर से साइकिल पर विद्यालय पहुंचने में 15 मिनट लेती है। यदि साइकिल की चाल 2 m/s – है, तो घर से विद्यालय की दूरी परिकलित कीजिए।
उत्तर:
चाल = 2 m/s
समय = 15 मिनट = 15 × 60s = 900s
दूरी = चाल × समय
= 2 m/s × 900s = 1800 m
= \(\frac{1800}{100}\) km = 1.8 km

प्रश्न 7.
निम्नलिखित स्थितियों में गति के दूरी-समय ग्राफ की आकृति दर्शाइए
(क) नियत चाल से गति करती कार।
(ख) सड़क के किनारे खड़ी कोई कार।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -3

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में कौन-सा सम्बन्ध सही है ?
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -4
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -5

प्रश्न 9.
चाल का मूल मात्रक है
(क) km/min
(ख) m/min
(ग) km/h
(घ) m/s
उत्तर:
(घ) m/s.

प्रश्न 10.
कोई कार 40 km/h की चाल से 15 मिनट चलती है, इसके पश्चात् वह 60 km/h की चाल से 15 मिनट चलती है। कार द्वारा तय की गई कुल दूरी होगी-
(क) 100 km
(ख) 25 km
(ग) 15 km
(घ) 10 km
उत्तर:
दूरी = चाल × समय।
पहले 15 मिनट में तय की गई दूरी = 40 km/m × 15 m
= \(\frac{40 km}{h}\) × \(\frac{15 km}{60}\) = 10 km
अगले 15 मिनट में तय की गई दूरी = चाल × समय
= 60 km/h × 15 m
= 60 km/h × \(\frac{15}{60}\) h = 15 km
कुल दूरी = (10 + 15) km = 25 km

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय

प्रश्न 11.
मान लीजिए चित्र (a) तथा मित्र (b) में दर्शाए गये फोटोग्राफ 10 सेकण्ड के अन्तराल पर खींचे गये। यदि इन फोटोग्राफों। 10 मीटर की दूरी को 1 cm द्वारा दर्शाया गया है, तो नीलो कार की चाल परिकलित कीजिए।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -6
चाल = 100 m/10s = 10 m/s

प्रश्न 12.
चित्र (जश्न 11 में दिए गए) में दो वाहनों,A तथा B की गति के दूरी-समय ग़ाफ दर्शाए गए हैं। इनमें से कौन-सा वाहन अपेक्षाकृत तीव्र गति से चल रहा है?
उत्तर:
A की
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -7
चित्र : दो वाहनों की गति के दूरी-समय ग्राफ

प्रश्न 13.
निम्नलिखित दूर्ग-समय ग्राफों में से कौन उस टूक की गति को दर्शाता है, जिसमें उसकी चाल नियत नहीं है?
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -8
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -9
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -10

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय

HBSE 7th Class Science गति एवं समय Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए
1. एकांक समय में तय की गई दूरी को कहते हैं
(क) चाल
(ख) विस्थापन
(ग) दोलन
(घ) वेग
उत्तर:
(क) चाल

2. चाल का मात्रक है
(क) मीटर-सेकण्ड
(ख) मीटर/सेकण्ड
(ग) सैकण्ड-मीटर
(घ) मी/सै.
उत्तर:
(ख) मीटर/सेकण्ड

3. घड़ी का पेण्डुलम की गति उदाहरण है
(क) सरल गति
(ख) आवर्ती गति
(ग) अनियमित गति
(घ) असमान गति
उत्तर:
(ख) आवर्ती गति

4. समय का मूल मात्रक है
(क) मीटर
(ख) सेकण्ड
(ग) दिन
(घ) वर्ष
उत्तर:
(ख) सेकण्ड

5. वाहन की दूरी मापता है
(क) चालमापी
(ख) तापमापी
(ग) पथमापी
(घ) दाबमापी
उत्तर:
(ग) पथमापी

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय

II. रिक्त स्थान

निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए
1. आवर्ती गति का एक चिरपरिचित उदाहरण …………….. है।
2. मिनट, घंटा, …………….., सप्ताह, …………….. वर्ष आदि समय के ही अन्य मात्रक हैं।
3. चालमापी को …………….. भी कहते हैं।
4. सेमी, मीटर ………… दूरी के मात्रक हैं।
उत्तर:
1. सरल लोलक
2. दिन, माह
3. स्पीडोमीटर
4. किलोमीटर।

III. सुमेलन

कॉलम ‘A’ के शब्दों का कॉलम ‘B’ के शब्दों से मिलान कीजिए-

कॉलम Aकॉलम B
1. चाल(a) लिया गया समय
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -11HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -12
3. चाल × समय(c) 8 km/s
4. रॉकेट की चाल(d) चली गई दूरी

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
1. चालHBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -12
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -11(a) लिया गया समय
3. चाल × समय(d) चली गई दूरी
4. रॉकेट की चाल(c) 8 km/s

IV. सत्य/असत्य

निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य छाँटिए
1. ओडोमीटर द्वारा किसी वस्तु की चाल मापते हैं।
2. दूरी को मीटर द्वारा नहीं मापा जा सकता है।
3. पखवारा (पंद्रह दिन का समय) भी समय का मात्रक
4. चाल का प्रतीक मात्रक m/s होता है।
उत्तर:
1. असत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. सत्य।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या आपने कभी जानने की कोशिश की कि घड़ियाँ कैसे समय मापती हैं?
उत्तर:
हाँ, वे सभी आवर्ती गति से समय मापती हैं।

प्रश्न 2.
किसी वस्तु की गति से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी वस्तु द्वारा तय की गई कुल दूरी को तय करने में लिये गये समय से विभाजित करने पर उसकी गति प्राप्त हो जाती है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय

प्रश्न 3.
आवर्तकाल किसे कहते हैं?
उत्तर:
सरल लोलक एक दोलन पूरा करने में जितना समय लगाता है उसे लोलक का आवर्तकाल कहते हैं।

प्रश्न 4.
दो धावक एक साथ दौड़ना प्रारम्भ करते हैं, पहला धावक 100 मीटर दौड़ने में 40 सेकण्ड लेता है तथा दूसरा धावक 20 सेकण्ड समय लेता है ? किस धावक की चाल अधिक है?
उत्तर:
दूसरे धावक की चाल अधिक है क्योंकि वह कम समय में 100 मी दूरी तय कर लेता है।

प्रश्न 5.
चाल एवं समय में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
चाल बढ़ने पर समय का मान घटता है।

प्रश्न 6.
चाल का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -13

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय

प्रश्न 7.
दोलन गति क्या है ?
उत्तर:
जब कोई वस्तु अपनी मध्यमान स्थिति के इधरउधर गति करती है तो उसकी इस गति को दोलन गति कहते

प्रश्न 8.
दोलन गति के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:

  1. घड़ी का पेण्डुलम
  2. झूला।

प्रश्न 9.
वाहनों में चाल मापने वाले यंत्र का नाम बताइए।
उत्तर:
चालमापी (स्पीडोमीटर)।

प्रश्न 10.
वाहन द्वारा तय की गई दूरी को किसके द्वारा मापा जाता है?
उत्तर:
पथमापी (ओडोमीटर) द्वारा।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे गति के कुछ उदाहरण दिए गए हैं। प्रत्येक प्रकरण में गति का प्रकार बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:

गति का उदाहरणगति का प्रकार (सरल रेखा के अनुदिश/वर्तुल/आवर्ती)
1. मार्च पास्ट करते सैनिकसरल रेखा
2. सीधी सड़क पर चलती बैलगाड़ीसरल रेखा
3. दौड़ते धावक के हाथों की गतिआवर्ती
4. चलती साइकिल के पेडल की गतिवृत्तीय
5. सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की गतिवर्तुल/आवर्ती
6. झूले की गतिआवर्ती
7. लोलक की गतिआवर्ती

प्रश्न 2.
उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में प्रक्षेपित करने वाले (छोड़ने वाले) राकेट प्रायः 8 km/s की चाल प्राप्त कर लेते हैं। इसके विपरीत कछुआ केवल 8 cm/s (लगभग) की चाल से चलता है। क्या आप यह परिकलित कर सकते हैं कि कछुए की तुलना में रॉकेट की चाल कितनी गुनी है?
उत्तर:
रॉकेट की चाल = 8 km/s = 8000 m/s
कछुए की चाल = 8 cm/s = \(\frac{8}{100}\) m/s
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -14

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय

प्रश्न 3.
वस्तु A, 5 मिनट में 50 मीटर तथा वस्तु B, 7 मिनट में 70 मीटर चलती हैं। दोनों की चाल ज्ञात कीजिए तथा बताइए कि दोनों की चालों में क्या अन्तर है। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -15
वस्तु A की चाल = 50/5 = 10 m/min
वस्तु B की चाल = 70/7 = 10 m/min
अत: दोनों वस्तुओं की चाल समान है।

प्रश्न 4.
किसी टीम द्वारा प्रत्येक ओवर में बनाये गये रनों को स्तम्भ ग्राफ द्वारा दर्शाइए।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -16

प्रश्न 5.
वायुमण्डल में 78% नाइट्रोजन,21% ऑक्सीजन तथा शेष 1% अन्य गैस हैं। वायु के संघटन को दर्शाने के लिए वृत्तारेख बनाइए।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -17

प्रश्न 6.
किसी बच्चे की आयु व भार को रेखा ग्राफ द्वारा दर्शाइए।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -18

दीर्य उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी कार की गति को निम्न सारणी में दर्शाया गया है
सारणी : किसी कार की गति
Table 4
इस सारणी के आधार पर कार की गति के लिए दूरी-समय ग्राफ तैयार कीजिए।
उत्तर:
(1) दो अक्षों को निरूपित करने के लिए पहले दो लम्बवत् रेखाएँ खींचिए तथा इन पर Ox तथा OY अंकित कीजिए।

(2) यह निश्चित कीजिए कि x-अक्ष के अनुदिश किस राशि को दर्शाना है तथा y-अक्ष के अनुदिश किस राशि को दर्शाना है। -अक्ष के अनुदिश समय तथा y-अक्ष के अनुदिश दूरी को दर्शाइए।

(3) ग्राफ पर दूरी को निरूपित करने के लिए कोई पैमाना चनिये तथा समय के निरूपण के लिए कोई अन्य पैमाना चुनिये। कार की गति के लिए ये पैमाने निम्न हो सकते हैं-
समय 1 मिनट = 1 सेमी
दूरी 1 किमी = 1 सेमी

(4) चुने गये पैमाने के अनुसार समय तथा दूरी के मानों को अपने-अपने पर अंकित कीजिए। कार की गति के लिए, समय को x-अक्ष पर मूल बिन्दु से 1 min, 2 min …… द्वारा अंकित कीजिये। इसी प्रकार दूरी 1 km, 2 km ………. y-x पर अंकित कीजिये।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति एवं समय -19
(5) अब आपको दूरी तथा समय के मानों के प्रत्येक समुच्चय को ग्राफ पेपर पर बिन्दु रूप में अंकित करने हैं। सारणी में दर्शाया गया है कि समय 0 min पर चली गई दूरी भी शून्य हैं। मानों के इस समुच्चय की ग्राफ पेपर पर स्थिति मूल बिन्दु पर है। एक मिनट के पश्चात् कार ने 1 किमी की दूरी तय की। इसी प्रकार दो मिनट पश्चात् कार ने 2 किमी दूरी तय की।

(6) उपर्युक्त चित्र में विभिन्न समयों पर कार की स्थितियों के सभी बिन्दुओं के समुच्चयों को दर्शाया गया है। अब इन बिन्दुओं को मिलाइए। बिन्दुओं को मिलाने से एक सरल रेखा प्राप्त होती है। यह कार का दूरी-समय ग्राफ है।

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गति एवं समय Class 7  HBSE Notes in Hindi

→ एकांक समय में किसी वस्तु द्वारा चली गई दूरी को उसकी चाल कहते हैं।
→ वस्तुओं की चाल यह निर्णय लेने में हमारी सहायता करती है कि कौन दूसरों से तेज चल रहा है।
→ किसी वस्तु की चाल उसके द्वारा तय की गई कुल दूरी को चलने में लिये गये कुल समय से विभाजित करने प प्राप्त होती है। इसका मूल मात्रक मीटर प्रति सेकण्ड (m/s) है।
→ यदि किसी सरल रेखा के अनुदिश गति करने वाली वस्तु की चाल परिवर्तित होती रहती है तो उस वस्तु की चाल असमान कहलाती है।
→ किसी सरल रेखा के अनुदिश वस्तु की नियत चाल से गति एक समान गति कहलाती है।
→ आवर्ती घटनाओं का उपयोग समय मापन में किया जाता है। लोलक की आवर्ती गति का उपयोग घड़ियों के बनाने में होता है।
→ सरल लोलक धातु के एक छोटे गोले को किसी दृढ़ स्टैण्ड से धागे द्वारा निलंबित करके बनाया जा सकता है।
→ वस्तुओं की गति को उनके दूरी-समय ग्राफ द्वारा चित्रात्मक रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।
→ नियत चाल से गति करने वाली वस्तु का दूरी-समय ग्राफ एक सरल रेखा होता है।
→ चाल – किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में तय की गई दूरी उसकी चाल कहलाती है।
→ असमान गति – किसी सरल रेखा के अनुदिश गति करने वाली वस्तु की चाल यदि परिवर्तित होती रहती है तो इसे असमान गति कहते हैं।
→ एकसमान गति – किसी सरल रेखा में नियत चाल से चलती वस्तु की गति एक समान गति कहलाती है।
→ समय का मात्रक – समय को सेकण्ड में मापा जाता
→ दोलन – किसी वस्तु द्वारा अपनी वास्तविक स्थिति के इधर-उधर क्रमिक गति करना दोलन कहलाता है।
→ सरल लोलक – धातु की एक गोली जिसमें धागा बाँधकर लटकाया जा सकता है।
→ आवर्तकाल – सरल लोलक द्वारा अपना एक दोलन पूर्ण करने में लिया गया समय।
→ ग्राफ – अनुदैर्ध्य तथा क्षैतिज रेखाओं से बनी एक;संरचना।
→ रेखाग्राफ – ग्राफ पेपर पर रेखाओं द्वारा किसी स्थिति का निरूपण।

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HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन

Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन Textbook Exercise Questions and Answers.

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HBSE 7th Class Science पादप में जनन InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
पहेली यह समझती थी कि नये पादप सदैव बीजों से ही उगते हैं, लेकिन उसने कभी गन्ना, आलू और गुलाब के बीज नहीं देखे थे। वह जानना चाहती है कि ये पादप जनन कैसे करते हैं?
उत्तर:
ऐसे पौधों में कायिक प्रवर्धन होता है। गन्ने एवं गुलाब के टुकड़ों के जमीन में दबाने पर इनसे नये पौधे बन जाते हैं।

प्रश्न 2.
बूझो जानना चाहता है कि क्या कायिक प्रवर्धन का कोई लाभ है?
उत्तर:
हाँ, इससे कम समय में अधिक पौधे तैयार होते

प्रश्न 3.
बूझो जानना चाहता है कि परागकण में उपस्थित नर युग्मक किस प्रकार बीजाण्ड में उपस्थित मादा युग्मक तक पहुंचता है?
उत्तर:
परागकण जब वर्तिकान पर पहुँचता है तो इससे एक पराग नलिका बनती है। यह पराग नलिका नर युग्मक को बीजाण्ड तक पहुँचाती है।

प्रश्न 4.
बूझो जानना चाहता है कि पुष्प सामान्यतः इतने रंग-बिरंगे और सुगन्धयुक्त क्यों होते हैं ? क्या ऐसा कीटों को आकर्षित करने के लिए होता है?
उत्तर:
हाँ, पुष्पों के विभिन्न रंग तथा सुगन्ध कीटों को आकर्षित करने के लिए होते हैं जो परागण कराने का कार्य करते हैं।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन

HBSE 7th Class Science पादप में जनन Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) जनक पादप के कायिक भागों से नये पादप के उत्पादन का प्रक्रम ………………….. कहलाता है।
(ख) ऐसे पुष्पों को, जिनमें केवल नर अथवा मादा जनन अंग होता है ………………….. पुष्प कहते हैं।
(ग) परागकणों का उसी अथवा उसी प्रकार के अन्य पुष्प के परागकोश से वर्तिकान पर स्थानान्तरण का प्रक्रम ………………….. कहलाता है।
(घ) नर और मादा युग्मकों का युग्मन ………………….. कहलाता है।
(च) बीज प्रकीर्णन ………………….. और ………………….. के द्वारा होता है।
उत्तर:
(क) कायिक प्रवर्धन
(ख) एकलिंगी
(ग) परागण
(घ) निषेचन
(च) पवन, कीट, जल।

प्रश्न 2.
अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। प्रत्येक का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
कायिक प्रवर्धन, मुकुलन, खण्डन, बीजाणु निर्माण आदि अलैंगिक जनन की विधियाँ हैं।
(1) कायिक प्रवर्धन – इस विधि में पादपों का कोई कायिक भाग, जैसे- जड़, तना, पत्ती या कली, वृद्धि करके नये पौधे का निर्माण करता है। क्योंकि इस विधि में नये पौधे का निर्माण पौधे के शरीर से होता है बीजों से नहीं, इसीलिए यह कायिक प्रवर्धन कहलाता है।

(2) मुकुलन – यीस्ट में मुकुलन द्वारा प्रजनन सामान्य रूप से पाया जाता है। यह एक कोशिकीय कवक होता है। इसकी कोशिका से एक बटन जैसी संरचना विकसित होती है जिसे मुकुल कहते हैं। मुकुल मातृ कोशिका से अलग होकर नई कोशिका बनाता है।

(3) खण्डन – यह प्रायः तन्तुवत शैवालों में पाया जाता है। इस विधि में तन्तु दो या अधिक टुकड़ों में टूट जाता है। प्रत्येक टुकड़ा वृद्धि करके नया शैवाल बनाता है, इसे खण्डन कहते हैं।

(4) बीजाणु निर्माण – कुछ जीवाणु, कवकों एवं शैवालों में कुछ कोशिकाएँ बड़ी होकर बीजाणुधानी बनाती हैं। इनके अन्दर चल या अचल बीजाणुओं का निर्माण होता है। ये बीजाणु प्रकीर्णित होकर अंकुरण करके नये पादपों का निर्माण करते हैं।

प्रश्न 3.
पादपों में लैंगिक जनन के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर:
पादपों में लैंगिक जनन:
पादपों में जनन अंग पुष्प के अन्दर होते हैं। नर जननांग पुंकेसर तथा मादा जननांग स्त्रीकेसर कहलाते हैं। पुंकेसर के परागकोष के अन्दर असंख्य परागकणों का निर्माण होता है। परागकणों के अन्दर नर युग्मक बनते हैं। स्त्रीकेसर के अन्दर अण्डाशय बनते हैं। अण्डाशय का सबसे ऊपरी भाग वर्तिकान कहलाता है। अण्डाशय के अन्दर अण्डप उपस्थित होता है और अण्डप के अन्दर मादा युग्मक का विकास होता है।

परागकोश के अन्दर निर्मित परागकण अण्डाशय के वर्तिकान पर पहुंचता है। वर्तिकान पर परागकण अंकुरण करके एक पराग नलिका बनाता है। पराग नलिका नर युग्मक को अण्डाशय के भीतर छोड़ देती है। अण्डाशय के अन्दर नर तथा मादा युग्मकों के बीच संयुजन होता है जिससे युग्मनज बनता है। युग्मनज वृद्धि करके भ्रूण बनाता है। भ्रूण बीज में सुरक्षित रहता है। जब बीज को बोया जाता है तो यह अंकुरण करके नये पौधे को जन्म देता है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन

प्रश्न 4.
अलैंगिक तथा लैंगिक जनन के बीच प्रमुख अन्तर बताइए।
उत्तर:
अलैंगिक जनन में युग्मकों का निर्माण नहीं होता, जबकि लैंगिक जनन में युग्मकों का निर्माण एवं संयुजन होता है।

प्रश्न 5.
किसी पुष्प का चित्र खींचकर उसमें जनन अंगों को नामांकित कीजिए।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन -1

प्रश्न 6.
स्व-परागण तथा पर-परागण के बीच अन्तर बताइए।
उत्तर:
यदि परागकोश से मुक्त परागकण उसी पुष्प या उसी पौधे के किसी अन्य पुष्प के वर्तिकान पर पहुँच कर निषेचन क्रिया सम्पन्न करते हैं तो इसे स्वपरागण कहते हैं। यदि परागकोश से मुक्त परागकण उसी जाति के किसी अन्य पौधे के पुष्प के वर्तिकान पर पहुँचकर उसे निषेचित करते हैं तो इसे पर-परागण कहते हैं।

प्रश्न 7.
पुष्यों में निषेचन का प्रक्रम किस प्रकार सम्पन्न होता है ?
उत्तर:
परागकण वर्तिकान पर अंकुरित होकर पराग नलिका बनाते हैं। यह पराग नलिका नर युग्मक को अण्डाशय के भीतर पहुँचाती है। अण्डाशय के अन्दर उपस्थित मादा युग्मक तथा नर युग्मक आपस में युग्मन करते हैं, इसी प्रक्रम को निषेचन कहते हैं। इस प्रक्रिया के फलस्वरूप युग्मनज का निर्माण होता है।

प्रश्न 8.
बीजों के प्रकीर्णन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बीजों के प्रकीर्णन की विभिन्न विधियाँ निम्न प्रकार हैं
(1) पवन द्वारा बहुत से पौधों के बीज बहुत हल्के होते हैं जो पवन के साथ आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थानों पर उड़कर पहुँच जाते हैं। कुछ पादपों, जैसे- सहजन तथा द्विफल (मैपिल) के बीज पंखयुक्त होते हैं जो आसानी से वायु में एक स्थान से दूसरे स्थान पर उड़कर पहुंचते हैं। सूरजमुखी एवं आक में रोमयुक्त बीज होते हैं जो पवन (वायु) के साथ उड़कर एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँच जाते हैं।

(2) जल द्वारा नारियल तथा कमल में बीजों का प्रकीर्णन जल द्वारा होता है। ये बीज पानी की धाराओं द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाये जाते हैं।

(3) जानवरों द्वारा – काँटेदार बीज; जैसे-जैन्थियम, चिरचिटा आदि जन्तुओं के बालों में उलझकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच जाते हैं।

(4) फैलकर-कुछ पौधों में फल झटके के साथ फटते हैं जिससे अनेक बीज छिटककर दूर-दूर बिखर जाते हैं।

प्रश्न 9.
कॉलम A में दिये गये शब्दों का कॉलम B में दिये गये शब्दों से मिलान कीजिए-

कॉलम Aकॉलम B
(क) कली/मुकुल(i) मैपिल
(ख) आँख(ii) स्पाइरोगाइरा
(ग) खण्डन(iii) यीस्ट
(घ) पंख(iv) डबलरोटी का फदै
(च) बीजाणु(v) आलू
(vi) गुलाब

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
(क) कली/मुकुल(iii) यीस्ट
(ख) आँख(v) आलू
(ग) खण्डन(ii) स्पाइरोगाइरा
(घ) पंख(i) मैपिल
(च) बीजाणु(iv) डबलरोटी का फदै

प्रश्न 10.
सही विकल्प पर (✓) निशान लगाइए
(क) पादप का जनन भाग होता है, उसका
(i) पत्ती/पर्ण
(ii) तना
(iii) मूल
(iv) पुष्प।
उत्तर:
(iv) पुष्प। ✓

(ख) नर और मादा युग्मक के युग्मन का प्रक्रम कहलाता
(i) निषेचन
(ii) परागण
(iii) जनन
(iv) बीज निर्माण।
उत्तर:
(i) निषेचन ✓

(ग) परिपक्व होने पर अण्डाशय विकसित हो जाता है
(i) बीज में
(ii) पुंकेसर में
(iii) स्त्रीकेसर में
(iv) फल में।
उत्तर:
(iv) फल में। ✓

(घ) बीजाणु उत्पन्न करने वाला एक पादप जीव है।
(i) गुलाब
(ii) डबलरोटी का फफूंद
(iii) आलू
(iv) अदरक।
उत्तर:
(ii) डबलरोटी का फफूंद ✓

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन

(च) ब्रायोफिलम अपने जिस भाग द्वारा जनन करता है, वह है
(i) तना
(ii) पत्ती
(iii) मूल
(iv) पुष्प।
उत्तर:
(ii) पत्ती ✓

HBSE 7th Class Science पादप में जनन Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए
1. आलू में कायिक प्रजनन संरचना है-
(क) भूमिगत प्रकन्द
(ख) वायवीय तना
(ग) पत्ती
(घ) पुष्प
उत्तर:
(क) भूमिगत प्रकन्द

2. किस्में जड़ों द्वारा कायिक जन्न होता है?
(क) आलू
(ख) शकरकंद
(ग) ब्रायोफिल्लम
(घ) गुलाब
उत्तर:
(ख) शकरकंद

3. बीजाणुधानी पायी जाती है-
(क) सरसों में
(ख) यीष्ट में
(ग) राइजोपस (कवक) में
(घ) स्पाइरोगाइरा में
उत्तर:
(ग) राइजोपस (कवक) में

4. मादा जनमांग कवक) में-
(क) पुभंग
(ख) परागकोष
(ग) परागकण
(घ) जायांग
उत्तर:
(घ) जायांग

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5. जैन्धियम में बीजों का प्रकीर्णन होता है-
(क) वायु द्वारा
(ख) जन्तुओं द्वारा
(ग) जल द्वारा
(घ) तितली द्वारा
उत्तर:
(ख) जन्तुओं द्वारा

II. रिक्त स्थान

निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए
1. यीस्ट कोशिका से बाहर निकलने वाला छोटा बल्ब जैसा प्रवर्ध ………… कहलाता है।
2. ………… पुष्प के नर जनन अंग तथा ………… पुष्प के मादा जनन अंग होते हैं।
3. परागकोष में ………… का निर्माण होता है।
4. ………… भ्रूण में विकसित होता है।
उत्तर:
1. मुकुल
2. पुंकेसर, स्त्रीकेसर
3, परागकणों
4. युग्मनज।

III. सुमेलन

कॉलम A के शब्दों का कॉलम B के शब्दों से मिलान कीजिए-

कॉलम Aकॉलम B
1. स्त्रीकेसर(a) परागकण
2. पुंकेसर(b) बीजाणु
3. फल(c) भ्रूण
4. बीज(d) बीज

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
1. स्त्रीकेसर(b) बीजाणु
2. पुंकेसर(a) परागकण
3. फल(d) बीज
4. बीज(c) भ्रूण

IV. सत्य/असत्य

निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य कथन छाँटिए
1. आम, सेब और सन्तरा रसीले फल होते हैं।
2. भ्रूण से बीजाण्ड विकसित होता है।
3. मैपिल में पंख युक्त बीज पाए जाते हैं।
4. आक में बीजों का प्रकीर्णन वायु द्वारा होता है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. सत्य।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रजनन क्या होता है?
उत्तर:
किसी जीवधारी द्वारा अपने जैसे प्रतिरूप उत्पन्न करना प्रजनन कहलाता है।

प्रश्न 2.
पादपों के कायिक जनन अंग कौन-कौन से होते हैं ?
उत्तर:
जड़, तना, पत्तियाँ, पादपों के कायिक जनन अंग होते हैं।

प्रश्न 3.
पौधों के जननांग कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर:
पुष्प के अन्दर।

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प्रश्न 4.
चम्पा में अलैंगिक प्रजनन की विधि क्या है?
उत्तर:
कलम लगाना।

प्रश्न 5.
अदरक एवं हल्दी में उन अंगों के नाम लिखिए जिनसे कायिक प्रजनन होता है ?
उत्तर:
अदरक एवं हल्दी में प्रकन्द द्वारा कायिक प्रजनन होता है।

प्रश्न 6.
गुलाब अथवा चम्पा के पौधे की कलम से नए पत्ते बनने में कितना समय लगता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
लगभग दो सप्ताह।

प्रश्न 7.
आलू के आँख युक्त टुकड़े को मिट्टी में दबाने पर कुछ दिनों बाद आप क्या देखेंगे? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
आलू की आँख से कलिका प्रस्फुटित होकर नया पौधा बना देगी।

प्रश्न 8.
फर्न में बीजाणु कहाँ उत्पन्न होते हैं?
उत्तर:
फर्न में बीजाणु पत्तियों पर उपस्थित बीजाणुधानियों में बनते हैं।

प्रश्न 9.
सरसों में प्रजनन विधि क्या होती है?
उत्तर:
लैंगिक प्रजनन।

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प्रश्न 10.
युग्मन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
नर एवं मादा युग्मकों के आपस में मिलने को युग्मन कहते हैं।

प्रश्न 11.
एकलिंगी पुष्य तथा द्विलिंगी पुष्प का उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
कदू, ककड़ी, लौकी आदि में एकलिंगी पुष्प पाये जाते हैं। सरसों, मटर आदि में द्विलिंगी पुष्प पाये जाते हैं।

प्रश्न 12.
एक रसीले तथा एक कठोर फल का नाम बताइए।
उत्तर:
रसीला फल-आम, कठोर फल-बादाम।

लयु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आलू एवं अदरक में कायिक प्रजनन किस प्रकार होता है ? नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
आलू में कायिक प्रजनन कन्द पर उपस्थित आँखों से तथा अदरक में प्रकन्द पर उपस्थित अपस्थानिक कलिकाओं से होता है।
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प्रश्न 2.
बायोफिलम में प्रजनन किस प्रकार होता
उत्तर:
बायोफिलम (पत्थरचटा) में कायिक प्रजनन पत्तियों द्वारा होता है। इसमें पत्तियों के किनारे की खाँचों से कलिकाएँ उत्पन्न होकर नये पादप का निर्माण करती हैं।
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प्रश्न 3.
यीस्ट में मुकुलन विधि को चित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर:
यीस्ट एक एककोशिकीय कवक है। इसमें मुकुलन द्वारा प्रजनन सामान्य रूप से पाया जाता है। इसकी कोशिका से एक बल्ब जैसा प्रवर्ध उत्पन्न होता है। इसे मुकुल या कली कहते हैं। मुकुल क्रमशः वृद्धि करता है और जनक कोशिका से अलग होकर नयी यीस्ट कोशिका बनाता है। कभी-कभी ये मुकुल मातृकोशिका से अलग नहीं होते जिससे कोशिकाओं की एक छोटी श्रृंखला बन जाती है।
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प्रश्न 4.
स्पाइरोगाइरा में खण्डन प्रक्रिया को चित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर:
स्पाइरोगाइरा एक तन्तुवत शैवाल होता है। जब तालाब में पोषक तत्व भरपूर होते हैं तो ये शैवाल खुब वृद्धि करते हैं। शैवाल तन्तु अनेक भागों में विखण्डित हो जाता है। ये खण्ड अथवा टुकड़े नये शैवालों का निर्माण करते हैं।
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प्रश्न 5.
किसी कवक में बीजाणु निर्माण को चित्र द्वारा बनाइए।
उत्तर:
डबलरोटी के फफूंद (कवक) में बीजाणु द्वारा प्रजनन होता है। डबलरोटी पर रुई जैसे बाल उत्पन्न हो जाते हैं जिसे कवक जाल कहते हैं। इससे ऊपर की ओर कुछ धागे जैसी संरचनाएँ बनती हैं। इन धागों के शीर्ष पर एक गोलाकार संरचना बनती हैं जिसे बीजाणुधानी कहते हैं। बीजाणुधानी में असंख्य बीजाणुओं का निर्माण होता है। ये बीजाणु हवा द्वारा उड़-उड़कर बहुत दूर-दूर तक पहुँच जाते हैं। उपयुक्त माध्यम पर गिरकर वहाँ नये कवक जाल का निर्माण करते हैं।
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दीर्य उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लैंगिक जनन क्या होता है? पौधे के नर तथा मादा जननांगों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
लैंगिक जनन: यह प्रजनन की एक विधि है जिसमें नर एवं मादा – युग्मकों का संयुजन होता है। नर युग्मकों का निर्माण नर जननांग (पुंकेसर) में होता है तथा मादा युग्मकों का निर्माण मादा जननांग (स्त्रीकेसर) में होता है।

नर जननांग-पौधे के नर जननांग पुंकेसर कहलाते हैं। प्रत्येक पुंकेसर के दो भाग होते हैं-

  • पुतंतु,
  • परागकोष। परागकोष के अन्दर परागकणों का निर्माण होता है।

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मादा जननांग: पौधे के मादा जननांग स्त्रीकेसर कहलाते हैं। प्रत्येक मा स्त्रीकेसर के तीन भाग होते हैं

  • अण्डाशय
  • वर्तिका
  • वर्तिकान।

अण्डाशय स्त्रीकेसर का नीचे का फूला हुआ भाग होता हैजिसमें बीजाण्ड पाये जाते हैं। अण्डाशय के ऊपर का संकरा भाग वर्तिका कहलाता है। वर्तिका के ऊपर एक गोलाकार संरचन वर्तिकान कहलाती है। वर्तिकान पर ही परागकण स्थानान्तरित होते हैं।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन -8

प्रश्न 2.
पौधों में परागण की क्रिया का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
परागण : परागकोष से परागकणों का वर्तिकान पर स्थानान्तरण परागण कहलाता है। परागण दो प्रकार का होता है-
(1) स्व-परागण : जब किसी पुष्प के परागकोश से निकले परागकण उसी पुष्प या उसी पौधे के किसी दूसरे पुष्प के वर्तिकान पर पहुँचते हैं तो इसे स्व-परागण कहते हैं।

(2) पर-परागण : जब किसी पुष्प के परागकोश से निकले परागकण किसी दूसरे पौधे के किसी पुष्प के वर्तिकान पर स्थानान्तरित होते हैं तो इसे पर-परागण कहते हैं।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन -9
परागण की क्रिया पवन, जल, कीट या पक्षियों द्वारा सम्पन्न होती है। पौधों में मुख्यत: कीट परागण पाया जाता है। जब कोई कीट पुष्प पर मकरन्द चूसने के लिए पहुँचता है तो उस पुष्य के परागकण कीट से चिपक जाते हैं। जब यही कीट किसी दूसरे पुष्प पर पहुँचता है तो परागकण वर्तिकान पर गिर जाते हैं। इस प्रकार परागण क्रिया सम्पन्न होती है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन

प्रश्न 3.
निषेचन क्रिया का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
निषेचन:
नर तथा मादा युग्मकों के युग्मन की क्रिया निषेचन कहलाती है। परागण की क्रिया में वर्तिकान पर छोड़ा गया परागकण अंकुरित होकर पराग नलिका बनाता है। इस पराग नलिका में नर युग्मक उपस्थित होता है। पराग नलिका नर युग्मक को बीजाण्ड में स्थित अण्ड कोशिका तक पहुँचा देती है। अण्ड कोशिका में मादा युग्मक होता है। नर एवं मादा युग्मकों का संयुजन होकर युग्मनज बनता है। इस सम्पूर्ण प्रक्रम को निषेचन कहते हैं।
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प्रश्न 4.
फल एवं बीजों का विकास किस प्रकार होता है? बीजों के प्रकीर्णन में सहयक कुछ रचनाओं का चित्र सहित वर्णन कीजिए।
उत्तर:
फल एवं बीज का विकास : निषेचन के पश्चात् अण्डाशय फल में विकसित होता है, जबकि पुष्प के अन्य भाग मुरझाकर गिर जाते हैं। बीजाण्ड से बीज का निर्माण होता है। बीज में युग्मनज से बना एक भ्रूण होता है। जो सुरक्षात्मक बीजावरण के अन्दर होता है।
बीज प्रकीर्णन : बीजों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर बिखरना प्रकीर्णन कहलाता है। प्रकीर्णन वायु, जल या जानवरों द्वारा होता है।
(i) वायु द्वारा प्रकीर्णित होने वाले बीज प्रायः हल्के अथवा पंख या रोम युक्त होते हैं जो आसानी से वायु में उड़ जाते हैं।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन -11
(ii) जल द्वारा प्रकीर्णित होने वाले बीज प्रायः हल्के, तरणशील (तैरने वाले) तथा न गलने वाले होते हैं।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन -12
(iii) जन्तुओं द्वारा प्रकीर्णित होने वाले बीज काँटे युक्त होते हैं। कुछ बीज जन्तुओं द्वारा खा लिये जाते हैं और उनके – मल के साथ दूर-दूर पहुँचाये जाते हैं।

जंतुओं और पादप में परिवहन Class 7  HBSE Notes in Hindi

→ सभी जीवधारी अपने वंश या प्रजाति को बनाये रखने के लिए जनन या गुणन करते हैं।
→ माता-पिता से संतति का जन्म होना, जनन कहलाता है।
→ पादप में जनन दो प्रकार से होता है- अलैंगिक तथा लैंगिक।
→ अलैंगिक जनन की कुछ विधियाँ खण्डन, मुकुलन, बीजाणु निर्माण और कायिक प्रवर्धन हैं।
→ लैंगिक जनन में नर और मादा युग्मकों का युग्मन होता है।
→ कायिक प्रवर्धन में पत्तियाँ, तना और मूल जैसे कायिक भागों से नये पादप उगाये जाते हैं। पुष्प पादप का जनन अंग है।
→ एकलिंगी पुष्प में या तो नर अथवा मादा जनन अंग होते हैं।
→ द्विलिंगी पुष्प में नर और मादा जनन अंग दोनों ही होते हैं।
→ नर युग्मक परागकणों के अन्दर और मादा युग्मक बीजाण्ड में पाये जाते हैं।
→ किसी पुष्प के परागकोश से उसी पुष्प अथवा किसी अन्य पुष्प के वर्तिकान तक परागकणों के स्थानान्तरण की प्रक्रिया परागण कहलाती है। परागण दो प्रकार का होता है, स्वपरागण और परपरागण।
→ परागण पवन, जल और कीटों के द्वारा हो सकता है।
→ नर और मादा युग्मकों का युग्मन निषेचन कहलाता है।
→ निषेचित अण्ड युग्मनज कहलाता है। युग्मनज का विकास भ्रूण में होता है।
→ फल एक परिपक्व अण्डाशय है, जबकि बीजाण्ड बीज में विकसित होता है। बीज में विकासशील भ्रूण होता है।
→ बीजों का प्रकीर्णन पवन, जल अथवा जन्तुओं के द्वारा होता है।
→ जनन – जीव द्वारा अपने जैसे प्रतिरूप उत्पन्न करना।
→ कायिक अंग – पौधों में मूल, तना एवं पत्तियाँ कायिक अंग कहलाती हैं।
→ जनन अंग – वे अंग जो संतति उत्पन्न करने में भाग लेते हैं।
→ अलैंगिक जनन – बिना बीज के ही नये पौधे के निर्माण की विधि।
→ लैंगिक जनन – नर तथा मादा युग्मकों के संयुजन से युग्मनज बनाना तथा युग्मनज से नये पौधे का विकास होना।
→ कायिक प्रवर्धन – पौधे के किसी कायिक भाग से नये पौधे का निर्माण।
→ कलमकिसी – पौधे की शाखा का पर्वसन्धि युक्त टुकड़ा जो नए पौधे को जन्म दे सकता है।
→ मुकुलन – अलैंगिक प्रजनन की एक विधि जिसमें कोशिका से एक बल्ब जैसा प्रवर्ध मुकुल बनता है। यह नयी कोशिका का निर्माण करता है। यह प्रक्रिया मुकुलन कहलाती है।
→ खण्डन – किसी एक पौधे या कोशिका का दो या दो से अधिक टुकड़ों में टूटना तथा प्रत्येक खण्ड से एक नये पौधे का बनना।
→ बीजाणु – अलैंगिक जनन में एक पौधे द्वारा उत्पन्न बीज जैसी संरचना जो अंकुरण करके नये पौधे का निर्माण करती है।
→ बीजाणुधानी – बीजाणुओं को उत्पन्न करने वाली थैली जैसी रचना।
→ पुंकेसर – पुष्प के नर जननांग। स्त्रीकेसर-पुष्प के मादा जननांग।
→ एक लिंगी पुष्प – पुष्प जिसमें केवल एक प्रकार का जननांग पाया जाए।
→ द्विलिंगी पुष्प – पुष्प जिसमें दोनों प्रकार के जननांग पाए जाएँ।
→ युग्मक – जनन संरचनाएँ जो युग्मन करके युग्मनज बनाती हैं।
→ परागकोश – नर जननांग पुंकेसर का वह भाग जिसमें परागकण बनते हैं।
→ बीजाण्ड – पुष्प में मादा युग्मक धारण करने वाली संरचना।
→ परागकण – नर युग्मकों का निर्माण करने वाली संरचना।
→ परागण – परागकोष से परागकणों का वर्तिकान पर स्थानान्तरण।

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HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 16 कचरा: संग्रहण एवं निपटान

Haryana State Board HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 16 कचरा: संग्रहण एवं निपटान Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Science Solutions Chapter 16 कचरा: संग्रहण एवं निपटान

HBSE 6th Class Science कचरा: संग्रहण एवं निपटान InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
पहेली यह जानने को उत्सुक है कि कचरा उपयोगी कैसे हो सकता है? फिर इसे फेंका ही क्यों गया? क्या इस कूड़े-कचरे में कुछ ऐसा भी है जो वास्तव में कचरा है ही नहीं?
उत्तर:
कचरे में अनेक उपयोगी चीजें भी हो सकती हैं। उपयोगी कचरे को फेंकना नहीं चाहिए। कचरे से प्लास्टिक, लोहे, कागज आदि की वस्तुओं को निकाल लेना चाहिए। इनका पुनः चक्रण करके प्रयोग में लाया जा सकता है। फलों के छिलके, सब्जियाँ आदि से कम्पोस्ट बनाया जा सकता है। अनुपयोगी कचरे का प्रयोग भराव क्षेत्र में किया जा सकता है।

प्रश्न 2.
पहेली ने अपनी नोटबुक में लिखा-सरकार ने पत्तियों को जलाना चोरी क्यों नहीं माना?
उत्तर:
पहेली ने सुझाव दिया है कि सरकार को पत्तियों को जलाना एक जुर्म मानना चाहिए और इसके खिलाफ कानून बनाना चाहिए।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

HBSE 6th Class Science कचरा: संग्रहण एवं निपटान Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित के उत्तर दीजिए-
(क) लाल केंचुए किस प्रकार के कचरे को कम्पोस्ट में परिवर्तित नहीं करते?
(ख) क्या आपने अपने कम्पोस्ट-गड्ढे में लाल केंचुओं के अतिरिक्त किसी अन्य जीव को भी देखा है? यदि हाँ, तो उनका नाम जानने का प्रयास कीजिए।
उत्तर:
(क) काँच, प्लास्टिक की थैली, चूड़ियाँ, काँच के गिलास।
(ख) कभी-कभी हमें कीट, कीटाणु, मकड़ी आदि दिखाई पड़ते हैं। यहाँ अन्य सूक्ष्म जीव भी होते हैं।

प्रश्न 2.
चर्चा कीजिए-
(क) क्या कचरे का निपटान केवल सरकार का ही उत्तरदायित्व है?
(ख) क्या कचरे के निपटान से सम्बन्धित समस्याओं को कम करना सम्भव है?
उत्तर:
(क) नहीं, यह हमारा भी उत्तरदायित्व है कि हमें कचरा कम-से-कम उत्पन्न करना चाहिए। फेंकने से पहले हमें चीजों का उपयोग और पुन: उपयोग करना चाहिए।
(ख) हाँ, कचरे के निपटान से सम्बन्धित समस्याओं को कम करना सम्भव है। पुनः चक्रण योग्य सामग्री का उपयोग करके हम ऐसा कर सकते है।

प्रश्न 3.
(क) घर में बचे हुए भोजन का आप क्या करते है?
(ख) यदि आपको एवं आपके मित्रों को किसी पार्टी में प्लास्टिक की प्लेट अथवा केले के पत्ते में खाने का विकल्प दिया जाए, तो आप किसे चुनेंगे और क्यों ?
उत्तर:
(क) घर में बचे हुए भोजन को अन्य खाद्य के साथ तैयार करके इसका उपयोग करते हैं।
(ख) हम केले के पत्ते का चुनाव करेंगे क्योंकि इसमें कचरे के निपटान की कोई समस्या नहीं है।

प्रश्न 4.
(क) विभिन्न प्रकार के कागज के टुकड़े एकत्र कीजिए। पता कीजिए कि इनमें से किसका पुनःचक्रण किया जा सकता है?
(ख) लेंस की सहायता से कागजों के उन सभी टुकड़ों का प्रेक्षण कीजिए जिन्हें आपने उपरोक्त प्रश्न के लिए एकत्र किया था। क्या आप कागज की नई शीट एवं पुनः चक्रित कागज की सामग्री में कोई अन्तर देखते हैं ?
उत्तर:
(क) प्लास्टिक के कागज के अतिरिक्त अन्य सभी कागजों का पुनः चक्रण किया जा सकता है।
(ख) पुनः चक्रित कागज, कागज की नई शीट की तुलना में अधिक मोटा और भद्दा होता है।

प्रश्न 5.
(क) पैकिंग में उपयोग होने वाली विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ एकत्र कीजिए। इनमें से प्रत्येक का किस उद्देश्य के लिए उपयोग किया था ? समूहों में चर्चा कीजिए।
(ख) एक ऐसा उदाहरण दीजिए जिसमें पैकेजिंग की मात्रा कम की जा सकती थी।
(ग) पैकेजिंग से कचरे की मात्रा किस प्रकार बढ़ जाती है, इस विषय पर एक कहानी लिखिए।
उत्तर:
(क)

  • गत्ते का बोर्ड क्रॉकरी, मिठाइयाँ।
  • काँच का कवर सजावटी सामान।
  • लकड़ी की पट्टियाँ मशीनी उपकरण।
  • धर्मोकोल शीटें-काँच का सामान।
  • प्लास्टिक बैग वस्त्र, बिस्किट, नमकीन।

(ख) वस्त्र और पोशाकें।

(ग) एक दिन गौरव को अपने मित्र अभिषेक को उसके जन्मदिन पर उपहार देना था। गौरव ने एक कमीज खरीदी जो पहले प्लास्टिक और फिर गत्ते के डिब्बे में बन्द थी। गौरव ने दुकानदार से कहकर उसे एक चमकदार कागज में लिपटवाया। वह इस पैकेट को लेकर अभिषेक के पास पहुंचा और उसे कमीज गिफ्ट की। अभिषेक ने गौरव द्वारा लाये गये पैकेट को खोला और गौरव को धन्यवाद दिया। अभिषेक ने गौरव को समझाया कि वह कमीज को बिना पैक किये भी ला सकता था क्योंकि पॉलीथिन, गत्ता एवं रंगीन कागज व्यर्थ है। यदि गौरव चाहता तो इन व्यर्थ की चीजों से बच सकता था। इससे कचरे की मात्रा में कमी आती। अभिषेक की बातों से गौरव बहुत प्रभावित हुआ।

प्रश्न 6.
क्या आपके विचार में रासायनिक उर्वरक के स्थान पर अपेक्षाकृत कम्पोस्ट का उपयोग उत्तम होता है ?
उत्तर:

  • हाँ, रासायनिक उर्वरक के स्थान पर कम्पोस्ट का प्रयोग अपेक्षाकृत उत्तम होता है।
  • कम्पोस्ट बनाने में घरेलू अपशिष्ट का भी प्रयोग हो जाता है।
  • कम्पोस्ट के उपयोग से हम धन की बचत कर सकते हैं।

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HBSE 6th Class Science कचरा: संग्रहण एवं निपटान Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पी प्रश्न : निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए

1. वह स्थान जहाँ व्यर्थ जमीन के गड्ढ़ों में कचरा फेंका जाता है, कहलाता है-
(क) भराव क्षेत्र
(ख) उर्वर क्षेत्र
(ग) बंजर क्षेत्र
(घ) कूड़ा घर
उत्तर:
(क) भराव क्षेत्र

2. कुछ पदार्थों के विगलित और खाद में परिवर्तित होने की प्रक्रिया कहलाती है-
(क) सड़ांध
(ख) कम्पोस्टिंग
(ग) निक्षालन
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) कम्पोस्टिंग

3. वर्मी कम्पोस्टिंग में प्रयुक्त होते हैं-
(क) कॉकरोच
(ख) चूहे
(ग) केचुआ
(घ) परजीवी
उत्तर:
(ग) केचुआ

4. पुनः चक्रण योग्य है-
(क) कागज
(ख) काँच की बोतल
(ग) प्लास्टिक के खिलौने
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी

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II. रिक्त स्थान : निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए

1. ……………….. रंग के कूड़ेदान में पुन: उपयोग किए जा सकने वाले पदार्थ डालने चाहिए।
2. ……………….. रंग के कूड़ेदान में रसोई तथा अन्य पादप तथा जन्तु अपशिष्टों को डालना चाहिए।
3. लाल केंचुओं के दांत नहीं होते। इनमें एक विशेष प्रकार की संरचना ……………….. होती है।
4. कुछ प्रकार के ……………….. का पुनः चक्रण किया जा सकता है।
उत्तर:
1. नीले
2. हरे
3. गिजर्ड
4. प्लास्टिकों।

III. सुमेलन : कॉलम ‘A’ के शब्दों का मिलान कॉलम ‘B’ के शब्दों से कीजिए-

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. कागज, प्लास्टिक(i) विगलन योग्य
2. फलों के छिलके(ii) पुन: चक्रण योग्य
3. वर्मी कम्पोस्ट(iii) भराव योग्य
4. कचरा(iv) केचुआ

उत्तर:

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. कागज, प्लास्टिक(ii) पुन: चक्रण योग्य
2. फलों के छिलके(i) विगलन योग्य
3. वर्मी कम्पोस्ट(iv) केचुआ
4. कचरा(iii) भराव योग्य

IV. सत्य/असत्य : निम्नलिखित वाक्यों में सत्य एवं असत्य कथन छाँटिए

(i) वर्मी कम्पोस्ट बनाने में लाल केंचुओं का उपयोग किया जाता है।
(ii) केचुआ सड़ी-गली पत्तियाँ मिट्टी सहित खाते हैं।
(iii) नीले कूड़ेदान में सूखा कचरा तथा हरे कूड़ेदान में गीला कचरा डाला जाता है।
(iv) प्लास्टिक जलाने पर लाभदायक गैसें उत्पन्न करती हैं।
उत्तर:
1. सत्य
2. सत्य
3. सत्य
4. असत्य।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कूड़ा जिसे हम फेंक देते हैं, क्या कहलाता है?
उत्तर:
कचरा।

प्रश्न 2.
भराव क्षेत्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
भूमि के व्यर्थ तथा निचले क्षेत्र जहाँ कूड़ा डाला जाता है, भराव क्षेत्र कहलाते हैं।

प्रश्न 3.
यदि हमारे घरों के आस-पास से कूड़ा न उठाया जाये तो क्या होगा?
उत्तर:
घर के आस-पास कूड़े के ढेर लग जायेंगे तथा वातावरण दुर्गन्धयुक्त हो जायेगा।

प्रश्न 4.
दो पुनः चक्रण योग्य व्यर्थ वस्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. गत्ते के बड़े डिब्बे
  2. प्लास्टिक की बोतलें।

प्रश्न 5.
कम्पोस्टिंग किसे कहते हैं ?
उत्तर:
कुछ पदार्थों के विगलित और खाद में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को कम्पोस्टिंग कहते हैं।

प्रश्न 6.
कूड़े एवं पत्तियों को जलाना क्यों हानिकारक होता है ?
उत्तर:
इनके जलने से हानिकारक गैसें उत्पन्न होती हैं।

प्रश्न 7.
केंचुआ भोजन को कैसे पीसता है ?
उत्तर:
केंचुआ में गिजर्ड नामक संरचना होती है जिससे यह भोजन पीसता है।

प्रश्न 8.
वर्मी कम्पोस्ट का क्या प्रयोग है ?
उत्तर;
वर्मी कम्पोस्ट को पौधों के लिए खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 9.
पॉलीथिन से दो हानियाँ बताइए।
उत्तर:

  1. ये नालों को रोक देती हैं।
  2. पशुओं द्वारा निगलने पर उन्हें हानि पहुँचाती हैं।

प्रश्न 10.
हमें प्लास्टिक की थैली के विकल्प के रूप में क्या चुनना चाहिए?
उत्तर:
जूट या कपड़े के बने थैले या कागज/अखबार के थैले।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पुरानी तथा फेंकी जाने वाली काँच की बोतलें, प्लास्टिक की बोतलें, नारियल की भूसी, ऊन, चादरें, बधाई कार्ड तथा अन्य अनुपयोगी वस्तुएँ एकत्र कीजिए। क्या आप फेंकने के स्थान पर इनसे कुछ उपयोगी चीजें बना सकते हैं? प्रयास कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:

  • प्लास्टिक के बड़े डिब्बे या बोतलें काटकर पौधे उगाने के लिए।
  • प्लास्टिक एवं काँच की बोतलें पेन स्टैण्ड बनाने के लिए।
  • ऊन का प्रयोग गुड़िया बनाने के लिए।
  • रंगीन कागज का प्रयोग गुलदस्ते बनाने के लिए।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
(क) ………….. कड़ा एकत्र करके ट्रकों द्वारा निचले खुले क्षेत्रों में जहाँ गहरे गड्ढे होते हैं, ले जाते हैं।
(ख) ………….. बहुत गर्म अथवा ठण्डे वातावरण में जीवित नहीं रह पाते हैं।
(ग) कचरे में ………….. और ………….. दोनों अवयव होते हैं।
(घ) व्यर्थ प्लास्टिक का ………….. किया जा सकता है।
उत्तर:
(क) सफाई कर्मचारी
(ख) लाल केंचुए
(ग) उपयोगी, अनुपयोगी
(घ) पुनः चक्रण।

प्रश्न 3.
सत्य तथा असत्य कथन छाँटिए
(क) हमें कम से कम कचरा निष्कासित करना चाहिए।
(ख) काँच की वस्तुओं का पुनः चक्रण नहीं किया जा सकता।
(ग) लाल केंचुए गिजर्ड द्वारा भोजन पीसते हैं।
(घ) कागज का पुनः और पुनः प्रयोग किया जा सकता है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य।

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प्रश्न 4.
कम्पोस्ट क्या है ? यह कैसे तैयार किया जाता है? इसका एक उपयोग लिखिए।
उत्तर:
कम्पोस्ट:
रसोईघर से निकला अपशिष्ट पदार्थ, छिलके, सब्जियों, पशुओं के अपशिष्ट आदि पदार्थों को सड़ाकर तैयार किया गया पदार्थ कम्पोस्ट कहलाता है। उपरोक्त पदार्थों को जमीन में कुछ बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर उसमें कूड़े को डालकर मिट्टी से दबा दिया जाता है। कुछ दिनों बाद कम्पोस्ट तैयार हो जाता है। कम्पोस्ट का प्रयोग खाद के रूप में पौधों के पोषण के लिए किया जाता है।

प्रश्न 5.
प्लास्टिक का प्रयोग हमारे लिए क्या समस्याएँ उत्पन्न कर रहा है ?
उत्तर:
हम अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक का अत्यधिक प्रयोग करते हैं। अनेक खाद्य सामग्रियाँ प्लास्टिक के बैगों में आती हैं। इसके अतिरिक्त वस्त्र, इलैक्ट्रॉनिक्स आदि सामग्री की पैकिंग, बाल्टी, बोतल, ब्रश, कंधे आदि अनेक वस्तुओं का प्रयोग करने के पश्चात् हम कचरे के रूप में फेंक देते हैं। यह कचरा नालों को बन्द कर देता है, पशु इनको खा जाते हैं। जब इन्हें खेतों में डाल दिया जाता है तो ये मृदा प्रदूषण करते हैं। इनके जलने से जहरीली गैस निकलती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विभिन्न प्रकार की अपशिष्ट वस्तुओं/कचरे को A, B, C तथा D चार ढेरियों में बाँटकर इन्हें भूमि में दबा दिया गया। 4 दिन से 4 सप्ताह के पश्चात् इनमें क्रमिक परिवर्तनों को बताइए।
ढेरी A – फल एवं सब्जी के छिलके, चाय की पत्तियाँ, अपशिष्ट भोजन
ढेरी B – समाचार पत्र, सूखी पत्तियाँ, कागज की थैलियाँ
ढेरी C – काँच की बोतल, प्लास्टिक की बोतल, चमड़े का सामान
ढेरी D – पुराने खिलौने, एल्युमिनियम रेपर, गुटखा पाउच, शैम्पू पाउच (क्रियाकलाप)
उत्तर:
सारणी कचरे की वेरियों में क्या परिवर्तन आये।

कचरे की ढेरा4 दिन बाद6 दिन बाद2 सप्ताह बाद4 सप्ताह बाद
Aकाला रंग, दुर्गन्ध नहीं, पूर्णतः विगलितथोड़ा बाकीथोड़ा बाकीपूरी तरह समाप्त
Bलगभग पूर्णतः विगलित, अभी भी दुर्गन्धयुक्तकाला रंग, कोई दुर्गन्ध नहीं, पूर्णतः विगलितपूर्णतः विगलितपूर्णतः विगलित
Cकोई परिवर्तन नहींकोई परिर्वतन नहींकोई परिवर्तन नहींकोई परिवर्तन नहीं
Dकोई परिवर्तन नहींकोई परिवर्तन नहींकोई परिवर्तन नहींकोई परिवर्तन नहीं

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प्रश्न 2.
केंचुओं से वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए एक क्रियाकलाप कीजिए।
उत्तर:
क्रियाकलाप मैदान में एक गड्ढा (लगभग 30 सेमी गहरा) खोदें अथवा कोई लकड़ी का बॉक्स किसी ऐसे स्थान पर रखें जो न तो बहुत गर्म हो और न बहुत ठण्डा ।
गहरे गड्ढे अथवा बॉक्स की तली में एक जाल अथवा मुर्गा जाली बिछा दीजिए। इसकी जगह आप रेत की 1-2 सेमी मोटी परत भी बिछा सकते हैं। अब रेत के ऊपर सब्जियों अथवा फलों के अपशिष्ट बिछा दीजिए।
आप हरी पत्तियाँ, पौधों की सूखी डंडियों के टुकड़े, भूसा अथवा समाचार पत्र की 1 इंच चौड़ी पट्टियाँ काटकर उन्हें रेत अथवा जाली के ऊपर बिछा सकते हैं। कुछ जल छिड़ककर इस परत को नम बनाइए। अब इस परत पर कुछ लाल केंचुए छोड़ दीजिए। अब इन्हें जूट की बोरी, पुरानी चादर अथवा घास से हल्के से टैंक दीजिए।
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 16 कचरा संग्रहण एवं निपटान -1
केंचुए उपरोक्त अपशिष्ट पदार्थों को खाते हैं तथा मल उत्पन्न करते हैं। इनके मल में लाभदायक कार्बनिक पदार्थ होते हैं। 3-4 सप्ताह बाद गड्ढों का निरीक्षण करते हैं। इसमें हमें गहरे रंग की मिट्टी मिलती है। यही वर्मी कम्पोस्ट है।

प्रश्न 3.
कागज का पुन: चक्रण कैसे किया जाता है ?
उत्तर:
इसके लिए हमें पुराने समाचार-पत्रों, लिफाफे, मैगजीन, रद्दी कॉपी व किताबें एवं अन्य बेकार कागजों की आवश्यकता होती है। कागजों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लिया जाता है। इन्हें एक बाल्टी या टब में रखकर जल डालिए। कागज के टुकड़ों को जल में एक दिन के लिए डूबा रहने दीजिए। अब इस भीगे कागज को काटकर गाढ़ी लुग्दी बनाइये।

अब फ्रेम पर जड़ी जाली पर गीली लुग्दी को फैलाइये। लुग्दी की परत को यथासम्भव एकसमान बनाने के लिए फ्रेम को धीरे ठोकिए। जल के बहकर निकल जाने तक प्रतीक्षा कीजिए। यदि आवश्यक हो तो फ्रेम पर पुराना कपड़ा अथवा समाचार-पत्र फैला दीजिए जिससे लुग्दी का अधिक से अधिक जल सोख लिया जाय। अब लुग्दी की इस परत को सावधानी से फ्रेम से अलग कर किसी पुराने समाचार-पत्र पर रखें समाचार-पत्र के किनारों पर कुछ भारी वस्तु रखें जिससे वे मुड़ न सकें। इसके सूखने पर हमें कागज का गत्ता प्राप्त होगा।

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प्रश्न 4.
प्लास्टिक के अति उपयोग को निम्नतम करने के लिए हम क्या कर सकते हैं तथा इसके कचरे के निपटान के लिए हमें क्या करना चाहिए ?
उत्तर;

  1. हम प्लास्टिक की थैलियों का कम से कम उपयोग करें। जहाँ तक सम्भव हो हम इनके उपयोग से बचें।
  2. दुकानदारों से कागज के थैले उपयोग करने का आग्रह करें। खरीददारी के लिए बाजार जाते समय हम घर से कपड़े अथवा जूट का थैला लेकर जायें।
  3. हम खाद्य पदार्थों के संग्रहण के लिए प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग न करें।
  4. हम उपयोग के पश्चात् प्लास्टिक की थैलियों को इधर-उधर न फेंकें।
  5. हम प्लास्टिक की थैलियों और अन्य प्लास्टिक की वस्तुओं को कभी न जलायें।
  6. हम प्लास्टिक एवं कागज को पुनः चक्रण के लिए भेजें।
  7. घरेलू कूड़े-करकट को प्लास्टिक बैगों में भरकर न फेंकें।
  8. अपने मित्रों एवं अन्य लोगों को प्लास्टिक सम्बन्धी हानियों से अवगत करायें।

कचरा: संग्रहण एवं निपटान Class 6  HBSE Notes in Hindi

→ हम अपने घरों, विद्यालयों, दुकानों एवं कार्यालयों से प्रतिदिन अत्यधिक मात्रा में कूड़ा-कचरा बाहर फेंकते हैं।
→ हम अपने दैनिक जीवन के क्रियाकलापों में अत्यधिक कचरा उत्पन्न करते रहते हैं।
→ सफाई कर्मचारी कूड़ा एकत्र करके ट्रकों द्वारा निचले खुले क्षेत्रों में, जहाँ गहरे गड्ढे होते हैं, ले जाकर फेंकते हैं। इन निचले खुले क्षेत्रों को भराव क्षेत्र कहते हैं।
→ कचरे में उपयोगी तथा अनुपयोगी दोनों प्रकार के अवयव होते हैं। अनुपयोगी अवयव को पृथक् कर लेते हैं और फिर इसे भराव क्षेत्र में फैलाकर मिट्टी की परत से टैंक देते हैं।
→ जब यह भराव क्षेत्र पूरी तरह से भर जाता है तब प्रायः इस पर पार्क अथवा खेल का मैदान बना देते हैं। लगभग अगले 20 वर्षों तक इस पर कोई भवन निर्माण नहीं किया जाता है।
→ रसोई घर के अपशिष्ट सहित पौधों एवं जन्तु अपशिष्टों को खाद में परिवर्तित करना कम्पोस्टिंग कहलाता है।
→ रसोईघर के कचरे को कृमि अथवा लाल केंचुओं द्वारा कंपोस्ट में परिवर्तित करना वर्मी कम्पोस्टिंग कहलाता है।
→ कागज का पुनः चक्रण किया जा सकता है तथा पुनः चक्रण द्वारा बने कागज से उपयोगी वस्तुएँ बनायी जा सकती हैं। कुछ प्रकार के प्लास्टिकों का पुनः चक्रण किया जा सकता है परन्तु सभी प्रकार के प्लास्टिकों का पुनः चक्रण नहीं किया जा सकता है।
→ सभी प्रकार के प्लास्टिक गर्म करने या जलाने पर हानिकारक गैसें मुक्त करते हैं। ये गैसें अनेक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं उत्पन्न करती हैं जिनमें फेफड़े की बीमारियाँ एवं कैंसर भी सम्मिलित हैं।
→ जब प्लास्टिक की थैलियों को पशु निगल जाते हैं तो उनकी मृत्यु भी हो सकती है। प्लास्टिक की थैलियाँ बहुधा बहकर नालों अथवा सीवर प्रणाली में पहुँच जाती हैं जिससे नाले अवरुद्ध हो जाते हैं और गन्दा पानी सड़कों पर फैलने लगता है।
→ हमें कम से कम अपशिष्ट उत्पन्न करने की आवश्यकता है। हमें अपने चारों ओर बढ़ते कचरे से निपटने के उपाय खोजने चाहिए।
→ कचरा – कुछ अपशिष्ट वस्तुएँ जिनकी हमें आवश्यकता नहीं होती और हम उन्हें फेंक देते हैं; जैसे-खाली थैली, छिलके, गत्ते, पुराने खिलौने आदि।
→ भराव क्षेत्र – जमीन का निचला क्षेत्र जिसमें कूड़े-कचरे को फेंका जाता है।
→ अपशिष्ट – ये वे वस्तुएँ है, जिन्हें हम उपयोग के बाद फेंक देते हैं।
→ कम्पोस्ट – कचरे से बनायी गई खाद जिसका उपयोग पौधों के पोषण के लिए किया जाता है।
→ वर्मी कम्पोस्टिंग – रसोईघर के कचरे से लाल केंचुओं द्वारा खाद बनाने की प्रक्रिया।
→ पुनः चक्रण – वह प्रक्रम जिसके द्वारा उपयोग की गई वस्तुओं या चीजों का पुनर्प्रयोग हेतु परिवर्तन किया जाता है।

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