Author name: Bhagya

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 10 कानून और सामाजिक न्याय

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 10 कानून और सामाजिक न्याय Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 10 कानून और सामाजिक न्याय

HBSE 8th Class Civics कानून और सामाजिक न्याय Textbook Questions and Answers

कानून और सामाजिक न्याय HBSE 8th Class Civics प्रश्न 1.
दो मजदूरों से बात करके पता लगाएँ कि उन्हें कानून द्वारा तय किया गया न्यूनतम मेहनतान मिल रहा है या नहीं। इसके लिए आप निर्माण मजदूरों, खेत मजदूरों, फैक्ट्री मजदूरों या किसी दुकान पर काम करने वाले मजदूरों से बात कर सकते हैं।
उत्तर:
मैं निम्नलिखित मजदूरों से बातचीत करके यह जानने की कोशिश करूँगा कि क्या उन्हें कानून के द्वारा निधारित न्यूनतम मजदूरी या मेहनताना मिल रहा है अथवा नहीं:
1. भवन निर्माण मजदूर (Construction workers):
(अ) रामदीन नामक एक पुरुष मजदूर को प्रतिदिन 90 रुपये मिलते हैं। उसे कानून के द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से भी कम मजदूरी मिल रही है।
(ब) श्रीमती वीना पत्नी श्री रामदीन को एक दिन का मेहनताना मात्र 80 रुपये ही मिल रहा है। इमारत को बनवाने वाला ठेकेदार महिला मजदूर को उतनी मजदूरी नहीं दे रहा जितनी कि वह पुरुष मजदूर को दे रहा है। यह भी नियमानुसार गलत है। समानता का अधिकार हमें बताता है कि दोनों मजदूरों (पुरुष तथा ‘स्त्री) को एक जैसे काम के लिए समान मजदूरी या वेतन मिलना चाहिए।

2. भूमिहीन कृषक मजदूर (Landless Farm Labourers):
एक खेत पर फसलों की कटाई के लिए प्रत्येक मजदूर को मात्र 80 रुपये मिल रहे थे। राज्य सरकार ने न्यूनतम मजदूरी 110 रुपये तय की हुई थी। यह भी भूमिहीन मजदूरों के साथ नाइंसाफी थी।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 10 कानून और सामाजिक न्याय

कानून और सामाजिक न्याय प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class Civics प्रश्न 2.
भारत में अपने कारखाने खोलने से विदेशी कंपनियों को क्या फायदा मिलता है?
उत्तर:
विदेशी कंपनियों को भारत में अपना कारखाना खोलने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त हो जायेंगे:
1. श्रम की आसान उपलब्धता (Easy availibility of Labour):
उन्हें पर्याप्त संख्या में पुरुष/स्त्री मजदूर कुशल तथा अकुशल मजदूर सस्ते यानी कम मजदूरी या वेतन पर सहर्ष काम करने के लिए उपलब्ध हो जायेंगे क्योंकि 60 वर्षों की आजादी के बाद भी भारत में करोड़ों लोग बेरोजगार हैं।

2. कार्य की अनुकूल परिस्थितियाँ (Favourable working conditions):
भारत एक शांतिप्रिय देश है। सन् 1991 की नई आर्थिक नीति अपनाने के उपरांत प्रायः मजदूर संघ शांत ही हो गये हैं। कभी प्रदर्शन होते भी हैं तो भी वे महात्मा गाँधी जी के मार्ग पर चलते हुए (शांत/अहिंसावादी/सत्याग्रही)। अधिकांश राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार कुल मिलाकर शांति तथा व्यवस्था बनाये हुए हैं। संक्षेप में कारखाने लगाने तथा उतपादन करने का अनुकूल माहौल है।

3. विशाल आंतरिक बाजार (A Large Internal Market):
भारत आज लगभग 110 करोड़ लोगों का देश है। चीन के बाद विश्व में जनसंख्या की दृष्टि से भारत को दूसरा स्थान प्राप्त है।। भारी जनसंख्या के कारण भारत के विशाल में आन्तरिक बाजार में लगभग हर उत्पादन की भारी माँग है।

4. अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियाँ (Favourable Geographical Conditions):
भारत की भौगोलिक परिस्थितियाँ – बहुत ही अनुकूल हैं। भारत की उत्तरी सीमा को छोड़ तीनों दिशाएँ (पूर्वी, पश्चिमी तथा दक्षिणी) समुद्र से घिरी हुई हैं अर्थात् यहाँ विदेशी कंपनियाँ समुद्री मार्ग (जल-यातायात) का प्रयोग कर सकती हैं। यह यातायात आज भी प्रायः सस्ता माना जाता है। विदेशी कंपनियाँ विश्व के किसी भी कोने को अपना उत्पाद भारत से निर्यात कर सकती हैं।

5. आधारभूत सुविधाएँ (Infrastructural facilities are available):
भारत एक विकासशील देश है। प्रायः विशेषज्ञ मानते हैं कि 2020 तक भारत विश्व की महानतम शक्तियों में से एक होगा। हो सकता है, कि उसे विश्व में तीसरा या चौथा स्थान प्राप्त हो जाये। यहाँ पर्याप्त सड़कें, रेलवे लाइन्स, विद्युत, यातायात एवं संवादवहन सुविधाएँ, तकनीकी संस्थान, शैक्षिक संस्थाएँ, प्रशिक्षण केन्द्र आदि उपलब्ध हैं। इस देश में व्यापारियों, पर्यटकों, सौदागरों के ठहरने एवं निवास के लिए स्थान, वायु सेवाएँ तथा होटल-रेस्टोरेंट आदि की सुविधाएँ कम दाम पर ही उपलब्ध हैं।

कानून और सामाजिक न्याय Notes HBSE 8th Class Civics प्रश्न 3.
क्या आपको लगता है कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को सामाजिक न्याय मिला है? चर्चा करें।
उत्तर:
(i) मेरे विचारानुसार लगभग 24 वर्षों का इतना ज्यादा लंबा समय बीत जाने के बाद भी गैस रिसाव के कारण पीड़ित लोगों एवं उनके बाद बचे उनके रिश्तेदारों एवं आश्रितों को आज तक सामाजिक न्याय नहीं मिला है।

(ii) भोपाल (मध्य प्रदेश की राजधानी) में अमेरिकी कम्पनी यूनियन कार्बाइड (Union Carbide) कीटनाशकों का निर्माण करती थी। 2 दिसंबर, 1984 को आधी रात के वक्त मिथाइल आइसोसाइनाइड रिसने (Leaking) लगी। यह बेहद जहरीली गैस होती है। केवल तीन दिनों में ही 8000 लोगों की मृत्यु हो गई। सैंकड़ों की संख्या में अंगहीन (पंगु) या विकलांग हो गये। .

(iii) अधिकांश लोग जो गैस दुर्घटना से पीड़ित हुए थे उनका संबंध गरीब मजदूर-परिवारों से था। उनमें से लगभग 50,000 व्यक्ति कार्य करने की क्षमता खो बैठे हैं। जो इस दुर्घटना के प्रभाव में आकर बच गए उन्हें साँस तथा आँख की बीमारियाँ लग गई है।

(iv) जो पीड़ित लोगों के कानूनी उत्तराधिकारी थे तथा उन पर आश्रित थे उन्हें अभी तक पर्याप्त सहायता राशि या क्षतिपूर्ति प्राप्त नहीं हुई है।

कानून और सामाजिक न्याय कक्षा 8 HBSE Civics प्रश्न 4.
जब हम कानूनों को लागू करने की बात करते है तो इसका क्या मतलब होता है? कानूनों को लागू करने की जिम्मेदारी किसकी है.? कानूनों को लागू करना इतना महत्त्वपूर्ण क्यों हैं?
उत्तर:
I. अर्थ (Meaning):
जब हम कहते हैं कि कानून लागू हों तो इसका तात्पर्य है कानून अपना काम करे। (Law should take its own course)कानून बनाने का काम विधायिकाओं (संसद तथा विधान मंडलों/विधानसभाओं) आदि का है। उसे लागू करने का कार्य कार्यपालिका (कार्यकारिणी) का है। कानून को सर्वोच्च स्थिति दी जाये। देश का कानून सर्वोच्च है। उसे तुरंत और शक्तिशाली ढंग से लागू किया जाये ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे। लोगों की जान-माल तथा मान की रक्षा की जा सके।

II. जिम्मेदारी (Responsibility):
केंद्र तथा राज्यों की सरकारें कानून को लागू करने के लिए उत्तरदायी हैं। केन्द्र में गृहमंत्री तथा उसके मंत्रालय से जुड़े अन्य मंत्री तथा अधिकारी गण आंतरिक कानून एवं व्यवस्था को बनाये रखने के लिए जिम्मेदार हैं। पुलिस उन्हें मदद देती है। देश के सभी राज्यों में राज्य सरकारें कानून को लागू करने के लिए उत्तरदायी हैं। केन्द्र तथा राज्य सरकारों का दूसरा अंग अर्थात् कार्यपालिका कानून लागू करने के लिए उत्तरदायी है। उन्हीं के अधीन पुलिस, रक्षा बल या होमगार्ड आदि उन्हें मदद करते हैं। कभी-कभी देश की सेना भी बिगड़ती कानून और व्यवस्था को संभालने के लिए बुलाई जाती है।

III. महत्ता (Importance):
कानून को तुरंत तथा प्रभावी तरीके से लागू करना अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। हमारे देश के संविधान के अनुच्छेद 21 का हनन नहीं होना चाहिए जो देश के नागरिकों को जीवन के अधिकार की गारंटी देता है। सरकार का संवैधानिक दायित्व होता है कि वह कानून और व्यवथा बनाये रखे तथा लोगों के जान-माल तथा मान की रक्षा करे।

कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने में कई बार मजदूरों तथा गरीब निर्दोष जनता को बहुत हानि हो सकती है। यदि हम भोपाल गैस दुर्घटना को ही लें तो जानकारी मिली है कि फैक्टरी चलाने वाली कंपनी ने सुरक्षा नियमों को ताक पर रखा हुआ था। लाइसेस देने वाले लोग उसके लिए जिम्मेदार थे। दुर्घटना के प्रभावित लोगों को तुरंत मदद नहीं मिली। 24 वर्ष बीत गये पर पीड़ितों तथा उनके परिजनों को इंसाफ नहीं मिला। कानूनों को लागू करना बहुत ही महत्त्वपूर्ण है।

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प्रश्न 5.
कानूनों के जरिए बाजारों को सही ढंग से काम करने के लिए किस तरह प्रेरित किया जा सकता है? अपने जवाब के साथ दो उदाहरण दें।
उत्तर:
1. हर दुकानदार या व्यापारी को अपना व्यापारिक प्रतिष्ठान/दुकान ठीक वक्त पर ही खोलना चाहिए। (याद रहे बाजारों में निर्धारित समय तक पुलिस व्यवस्था उन्हीं की सुरक्षा के लिए की जाती है।) दूसरे दुकानदारों/ व्यापारियों को आई. एस आई (ISI) भारतीय मानक ब्यूरो के द्वारा जारी किये गये प्रमाणित तराजूबाट (Weights) तथा माप (Measures) का ही प्रयोग करना चाहिए। उन्हें उत्पादक द्वारा छपी अधिकतम फुटकर कीमत (MRP) से कम ही दाम लेने चाहिए। दुकानदार को उपभोक्ता को माल देने से पहले उसकी निर्माण तिथि तथा इस्तेमाल करने की अधिकतम निर्धारित तिथि (Expiry Date) को भी ध्यान में रखना चाहिए।

2. दुकानदारों तथा व्यापारियों को मिलावटी या गलत सामान/वस्तुएं नहीं बेचनी चाहिए। नकली तथा घटिया मालों/वस्तुओं की बिक्री के लिए उसे कानून दंड दे सकता है। उन्हें अशिक्षित लोगों को भी माल पूरी तसल्ली कराकर बेचना चाहिए।

प्रश्न 6.
मान लीजिए कि आप एक रासायनिक फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर हैं। सरकार ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह वर्तमान जगह से 100 किलोमीटर दूर किसी दूसरे स्थान पर अपना कारखाना चलाए। इससे आपकी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा? अपनी राय पूरी कक्षा के सामने पढ़कर सुनाएँ।
उत्तर:
1. प्रश्न के अनुसार मैं एक रसायन फैक्टरी (कारखाने) में मजदूरी करने वाला (या वाली) मजदूर हूँ। जहाँ पर अब फैक्टरी है वहाँ पर मैंने घर बना रखा है। मेरा पूरा परिवार, मेरी पत्नी, बच्चे तथा वृद्ध माँ-बाप.एक साथ रहते हैं। एक संयुक्त परिवार को नयी जगह पर ले जाने पर मुझे सबसे पहले एक नये मकान की तलाश करनी होगी। नये मालिक मकान को दो महीने का भाड़ा नकद देना होगा। समझौते की शर्तों पर हस्ताक्षर करने होंगे।

2. मेरे बच्चों के लिए नये स्कूल खोजने होंगे। अगर स्कूल हैं तथा उन्हें प्रवेश मिल जाता है तो सब ठीक-ठाक हो जाएगा नहीं तो निःसंदेह उनकी पढ़ाई-लिखाई में अव्यवस्था (बाधा) उत्पन्न हो जायेगी। मेरी तथा मेरे वयस्क परिवारजनों की मानसिक शांति भंग हो जायेगी।

3. नये स्थानों पर अपने राशन-कार्ड, कुकिंग गैस तथा दूरभाष नंबर भी बदलवाना पड़ेगा। नये अखबार डालने वाले ढूंढने होंगे। बाजार में जाकर अपने स्वभाव के अनुकूल विभिन्न किस्मों के सामान बेचने वाले स्टोर या दुकानें ढूँढनी होंगी। कुल मिलाकर देखा जाए तो कुछ दिन के लिए ही सही जीवन अव्यवस्थित हो जाएगा।

प्रश्न 7.
इस ईकाई में आपने सरकार की विभिनन भूमिकाओं के बारे में पढ़ा है। इनके बारे में एक अनुच्छेद लिखें।
उत्तर:
1. सरकार का एक अंग अर्थात् विधायिका से यह आशा की जाती है कि वह लोगों को विभिन्न तरह के शोषण से बचाने के लिए कानून बनाये।

2. कार्यपालिका अथवा सरकार विभिन्न तरह के विभाग, विभिन्न तरह के अधिकारीगण तथा विभिन्न तरह के कर्मचारीगण नियुक्त करती है ताकि वे उसके द्वारा बनाये गये कानूनों तथा अधिनियमों को लागू करा सकें।

3. आरोपी या दोषी पुलिस के द्वारा कैद किये जाते हैं, पकड़े जाते हैं। उन्हें न्यायालयों में पेश किया जाता है। (ये कानूनी न्यायालय हो सकते हैं अथवा उपभोक्ता न्यायालय आदि भी हो सकते हैं।)

4. न्यायपालिका द्वारा कानून को तोड़ने वालों को सजाएँ सुनाई जाती हैं।

5. सरकार नौकरी देने वाले संस्थानों/कंपनियों प्रतिष्ठानों पर भी नजर रखती है कि क्या वे उसके द्वारा (सरकार द्वारा) तय किये गये कानून के अनुसार भुगतान करते हैं अथवा नहीं।

6. सरकार यह भी देखती है। कि किसी का बंधुआ मजदूर के रूप में शोषण तो नहीं किया जा रहा। वह यह भी देखती है कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को रोजगार देकर बाल श्रमिकों के रूप में उनका शोषण तो नहीं किया जा रहा।

7. सरकार को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी या मेहनताना दिया जा रहा है या नहीं। साथ ही साथ सरकार यह भी देखती है कि महिला मजदूरों तथा पुरुष मजदूरों को समान वेतन या मजदूरी दी जा रही है या नहीं। (याद रहे समय-समय पर सरकार द्वारा मजदूरी व वेतन की दरें तय की जाती है।)

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प्रश्न 8.
आपके इलाके में पर्यावरण को दूषित करने बाले स्रोत कौन से हैं? (क) हवा; (ख) पानी और (ग) मिट्टी में प्रदूषण के संबंध में चर्चा करें। प्रदूषण को रोकने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं? क्या आप कोई और उपाय सुझा सकते हैं?
उत्तर:
I. स्रोत (Source):
हमारे क्षेत्र में निम्नलिखित स्रोतों (Sources) या साधनों से पर्यावरण (वायु जल/ मृदा/ध्वनि आदि) प्रदूषित हो रहा है:
(i) घुओं:
हलवाइयों की भट्टियों, कंकर-पत्थर पीसने वाले क्रेसरों, फैक्ट्रियों की चिमनियों, यातायात के साधनों से धुआँ निकलता रहता है तथा वह वायु को दूषित करता रहता है। यही नहीं, पुराने जमाने के कोयले से चलने वाले रेलवे इंजन तथा खुली नालियों-नालों से बदबू भी पर्यावरण विशेषतः हवा व पानी को दूषित करती है।

वे लोग जो बेघरबार हैं पटरियों पर सोकर खाली सड़कों के किनारे रखे पाइपों में रात गुजरते हैं, वे समय समय पर खुले में किसी पेड़ या झाड़ी की आड़ लेकर भी गंदगी फैलाते रहते हैं। आवारा कुत्ते, पशु आदि भी जगह-जगह पर त्यागकर स्वच्छ वायु को प्रदूषित करते हैं। डीजल से चलने वाले यंत्र, ट्रैक्टर, वाहन तथा मल-मूत्र वर्कशाप भी धुआँ छोड़कर रही-सही कसर पूरी कर देते हैं। जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर, खुले हुए कूड़ेदान भी बदबू से लोगों के जीवन को प्राय: नरक बनाते रहते हैं।

(ii) उर्वरता कीटनाशक:
किसानों द्वारा खेतों में प्रयोग की जाने वाले उर्वरक तथा कीटनाशक भी जल को प्रदूषित करते हैं। वर्षा द्वारा ये नदियों में मिल जाते हैं तथा उसके पानी को भी दूषित कर देते हैं।

(iii) ठोस अपशिष्ट (Solid waste):
शहरों का ठोस कचरा भूमि को प्रदूषित कर देता है। कचरे का ढेर मक्खी -मच्छरों का प्रजनन स्थल बन जाता है जो अंततः निवासियों के जीवन को खतरा बन जाते है; ठोस कचरा शहरी निकायों के लिए आज गंभीर चिंता का विषय है।

II. कदम अथवा उपाय (Steps): प्रदूषण को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाये जा रहे हैं:
(i) कानून बनाना: केन्द्र तथा राज्य सरकारों द्वारा समय-समय पर जंगलों, वायु, जल, वन्य प्राणियों, नदियों, समुद्रों आदि के संरक्षण के लिए कानून बनाये जाते हैं।

(ii) बंड (Punishment):
जो लोग अनावश्यक तथा असमय ध्वनि प्रदूषण फैलात है या वाहनों तथा अन्य स्रोतों से धुआँ छोड़ते हैं उनके विरुद्ध सरकार तथा सरकारी एजेंसियों कदम उठाती हैं, कानून का भय दिखाती हैं, उन्हें आर्थिक रूप से दंडित करती हैं अर्थात् सजा के द्वारा प्रदूषण रोकने का प्रयास किया जाता

(iii) जनहित याचिकाएँ (PILs):
अनेक व्यक्ति, कानूनी विशेषज्ञ तथा गैर-सरकारी संगठन न्यायालयों में जनहित याचिकाएँ डालकर न्यायालय के माध्यम से सरकार, विधायिका, कार्यपालिका आदि का ध्यान खींच कर प्रदूषण के विरुद्ध जनमत तैयार करते हैं तथा जनसंचार माध्यमों का प्रयोग कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए तैयार करती हैं। कई बार न्यायालय ने अपने निर्णय में सरकार तथा अधिकारियों को शुद्ध तथा स्वच्छ पीने योग्य जल प्रदान करना उनका अनिवार्य कर्तव्य तथा नागरिकों का मूलभूत अधिकार बताया है। आन्ध्र प्रदेश के माननीय उच्च न्यायालय का निर्णय इस संदर्भ में एक उदाहरण है।

III. अन्य सुझाव (Other Suggestions):
(i) भारत के हर नागरिक के कुछ मूलभूत अधिकार हैं तो कुछ मूलभूत सामाजिक, नैतिक तथा राष्ट्रीय कर्तव्य भी हैं। यह 110 करोड लोगों का देश हो गया है या शीघ्र ही हो जायेगा। इतनी विशाल जनसंख्या के लिए मकानों, लकड़ी. भूमि, जल, वायु आदि की जरूरतें पूरी करना एक अत्यधिक कठिन कार्य है। हम सभी को संकीर्ण धार्मिक बंधनों से ऊपर उठकर परिवार नियोजन अपनाना चाहिए। कम जनसंख्या, कम खपत तथा कम प्रदूषण।

प्रश्न 9.
पहले पर्यावरण को किस तरह देखा जाता था? क्या अब सोच में कोई बदलाव आया है? चर्चा करें।
उत्तर:
(अ) पहले पर्यावरण के साथ पूर्णतया स्वच्छंदता से दुर्व्यवहार किया जाता था। कोई भी कहीं भी कोई सा भी उद्योग लगा सकता था। जब चाहे कोई भी हरे पेड़-पौधों को बिना इजाजत के ही काट लेता था। कोई किसी भी तरह से वायु, पानी या मिट्टी को बिना किसी भी तरह की पाबंदी के बर्बाद कर सकता था, उन्हें प्रदूषित कर सकता था। चाहे हमारी नदियाँ हों, हमारा वायुमंडल हो या भूमिगत जल हो। पर्यावरण प्रदूषित किया जाता था तथा लोगों के जीवन तथा स्वास्थ्य से खिलवाड़ होता रहता था।

(ब) सन् 1984 में कुछ जागृति आनी शुरू हुई। भारत में पर्यावरण के लिए जो पहले नियम बने या अब बनाये गये उन्हें लागू करने की दिशा में प्रयास शुरू किए गए।

अवधारणा (मानसिकता या सोच-समझ) में परिवर्तन (Change in perception):
1. 1984 के अंतिम महीने में दुखात भोपाल गैस दुर्घटना हुई। देश के पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विभिन्न संगठन हरकत में आये। उन्होंने इस ओर सरकार का ध्यान खींचने में अहम भूमिका निभानी शुरू की। एक ही वर्ष (1984-1985) में केन्द्रीय सरकार ने नये कानून लागू करके पर्यावरण संरक्षण में अपनी रुचि प्रकट की। इसके बाद जो भी व्यक्ति/संगठन या संस्था पर्यावरण को हानि पहुंचायेगी उसे ही उसके लिए उत्तरदायी ठहराया गया।

2. जो लोग पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुक थे उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी कीमत पर पर्यावरण संरक्षण होना ही चाहिए। यह एक ऐसी आवश्यकता है जो आने वाली पीढ़ियों के पनपने तथा सुरक्षा के लिए परमावश्यक होगी। केवल औद्योगिक विकास के नाम पर इसे बर्बाद करना या प्रदूषित करना ठीक नहीं।

3. लोगों ने न्यायपालिका के दरवाजे खटखटाए। न्यायपालिका ने भारत के संविधान की धारा 21 के अंतर्गत जीवन के अधिकार को एक मूलभूत अधिकार माना तथा कहा कि इस अधिकार के अंतर्गत सभी को स्वच्छ वायु तथा स्वच्छ एवं शुद्ध पेय जल पाने का अधिकार भी शामिल है। सरकार का कर्तव्य है कि वह ऐसा कानून बनाये जो पर्यावरण का संरक्षण कर सके। देश के जंगल, नदियाँ, अन्य जल स्रोतों को संरक्षण मिलना चाहिए। जो भी वायु, पानी तथा मृदा को प्रदूषित करते हैं उन्हें दोषी साबित होने पर भारी जुर्माना लगाए तथा सजा देने की व्यवस्थाएँ करे। सरकार को देश की नदियों, सागर तटों, वनों, वन्य प्राणियों आदि के संरक्षण के लिए आवश्यक कानून बनाने, कानूनों को लागू करने तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 10 कानून और सामाजिक न्याय

प्रश्न 10.
प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर, के, लक्ष्मण इस कार्टून के जरिए क्या कहना चाह रहे हैं? इसका 2006 में बनाए गए उस कानून से क्या संबंध है जिसको पृष्ठ 125/123 (चेक करें) पर अपने पढ़ा था।
उत्तर:
मैं सोचता हूँ कि उपर्युक्त कार्टून में प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर.के.लक्ष्मण यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि लोग इस बात की तरफ ध्यान दे कि किस तरह से बच्चों का शोषण किया जा रहा है या उनसे उनका बचपन छीना जा रहा तथा उनका संरक्षण कैसे हो सकता है।
HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 10 कानून और सामाजिक न्याय-1
अक्टूबर 2006 में सरकार ने बाल संरक्षण अधिनियम (कानून/एक्ट) में संशोधन करते हुए कानून बनाया तथा 12 वषा से कम आयु वाले बच्चों को घरेलू नौकर तथा रैस्टोरेन्ट, ढाबों, दुकानों में नौकरियाँ देने पर पाबंदी लगा दी।

प्रत्येक बालक/बालिका को 6 वर्ष से 14 वर्षों तक की आयु के मध्य शिक्षा पाने का अधिकार है। सरकार इस आयु वाले बच्चों के लिए निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था करती है।

प्रश्न 11.
आपने भोपाल गैस त्रासदी और उसके बारे में चल रहे संघर्ष को पढ़ा है। दुनिया भर के विद्यार्थी न्याय के इस संघर्ष में अपना योगदान दे रहे हैं। वे जुलूस-प्रदर्शनों से लेकर जागरूकता अभियान तक चला रहे हैं। उनकी गतिविधियों के बारे में आप www.studentsforbhopal.com पर पढ़ सकते हैं। इस वेबसाइड पर बहुत सारे चित्र, पोस्टर, वृत्तचित्र और पीड़ितों के बयान आदि उपलब्ध है।

इस वेबसाइट तथा अन्य संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए अपनी कक्षा में दिखाने के लिए भोपाल गैस त्रासदी पर एक वॉलपेपर/प्रर्दशनी तैयार करें। पूरे स्कूल को अपनी रचनाएँ देखने और उन पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित करें।
उत्तर:
यह विद्यार्थी की जाने वाली गतिविधि है। आज का विद्यार्थी काफी जागरूक हैं वह इसे आसानी से कार्यान्वित कर सकता है।

HBSE 8th Class Civics कानून और सामाजिक न्याय Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कौन से संगठन, व्यक्ति, व्यवसायी एवं लोग प्रायः मुनाफा कमाने के लिए कानून का उल्लंघन करते हैं?
उत्तर:
1. निजी कंपनियाँ, 2. ठेकेदार, 3. व्यापारी लोग, 4. सौदागार, 5. सूदखोर, 6. गोदामों में माल भरकर रखने वाले, 7. तस्कर आदि प्रायः मुनाफा कमाने के लिए गैरकानूनी कार्य करते हैं।

प्रश्न 2.
किस तरह से कामगारों या मजदूरों का आर्थिक शोषण किया जाता है?
उत्तर:
बड़े-बड़े उद्योगपति, ठेकेदार, मुनाफाखोर कुछ मजदूरों को भर्ती करके उन्हें पूरा वेतन न देकर, महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम वेतन देकर, बार-बार छंटनी करके, सवैतनिक छुट्टियाँ न देकर, पूरा बोनस भुगतान करने से इंकार करके उनका आर्थिक शोषण कर सकते हैं। कई ठेकेदार तथा कंपनियों के मालिक उनकी मजदूरी या जमा धनराशि लेकर भाग जाते हैं।

प्रश्न 3.
न्यूनतम मजदूरी का कानून क्या है?
अथवा
न्यूनतम वेतन के लिए कानून की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:

  • मजदूरों या श्रमिकों के शोषण को कम करने या रोकने के लिए न्यूनतम मजदूरी (वेतन) निर्धारित करने के लिए एक कानून बनाने की आवश्यकता महसूस की गयी।
  • कानून की नजर में मजदूरों या श्रमिकों को वेतन देने से मना करना गलत एवं गैर-कानूनी है।
  • इसी तरह यह सुनिश्चित करने के लिए कि मजदूरों एवं श्रमिकों को पर्याप्त तथा कानून के अनुसार न्यूनतम मजदूरी दी गई है या नहीं।
  • कोई भी मालिक अपने यहाँ काम कर रहे श्रमिक या मजदूर को यदि न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी दे रहा है तो न्यूनतम मजदूरी कानून के अंतर्गत वह दंड का भागी है।

प्रश्न 4.
आपके राज्य में भवन निर्माण करने वाले मजदूर के लिए निर्धारित न्यूनतम मजदूरी क्या है?
उत्तर:
आजकल हमारे देश में इमारतें आदि बनाने वाले मजदूर या श्रमिक के लिए प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी/ वेतन सौ रुपए तय किया गया है।

प्रश्न 5.
आपके अनुसार निर्माण कार्य करने वाले मजदूर के लिए न्यूनतम मजदूरी पर्याप्त है या कम है या ऊँची
उत्तर:
मेरे विचारानुसार निर्माण कार्य करने वाले मजदूरों को जो न्यूनतम मजदूरी दी जा रही है, वह बहुत कम है। इसके कई कारण हैं:

  • हर वस्तु की कीमतें बढ़ रही हैं।
  • मजदूरों के परिवार प्रायः बड़े होते हैं
  • मजदूर जब अपनी मौलिक आवश्यकताएँ (रोटी, कपड़ा और मकान) ही पूरी नहीं कर सकता तो वह अपने बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधायें, यातायात सुविधाएँ, मनोरंजन सुविधायें आदि के बारे में कहाँ सोच सकता है।

प्रश्न 6.
न्यूनतम मजदूरियाँ कौन तय करता है?
उत्तर:
भारत सरकार (कैबिनेट) तथा राज्य सरकारें (कैबिनेट) न्यूनतम मजदूरियाँ तय करती है।

प्रश्न 7.
विश्व की सर्वाधिक बुरी औद्योगिक त्रासदी कहाँ और कब हुई थी? इस दुखांत दुर्घटना के लिए कौन-सी कंपनी उत्तरदायी थी?
उत्तर:
1. विश्व की सबसे दुखांत औद्योगिक दुर्घटना मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई थी।
2. भोपाल की दु:खदायी औद्योगिक दुर्घटना 2 दिसम्बर, 1984 को मध्यरात्रि में आज से लगभग 24 वर्षों पूर्व घटित हुई थी।
3. प्रत्यक्ष रूप से अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड (Union Carbide) इसके लिए उत्तरदायी थी।

प्रश्न 8.
निर्माण स्थलों पर प्रायः दुर्घटनाएँ क्यों होती रहती हैं? दो कारण दीजिए।
उत्तर:
निर्माण स्थलों पर प्रायः निम्नलिखित दो कारणों से दुर्घटनायें होती रहती हैं:
(i) सुरक्षा उपकरणों तथा अन्य आवश्यक सावधानियों की अनदेखी की जाती है।

(ii) नवीनतम मशीनें जो इमारत बनाने में उपयोग की जाने वाली सामग्री को ऊपर तक ले जाती हैं मुनाफाखोर ठेकेदारों द्वारा प्रयोग में नहीं लाई जाती हैं। ठेकेदार मजदूरों को कम मजदूरी देते हैं तथा महिला श्रमिकों को तो उनसे भी कम वेतन या मजदूरी देते हैं। कई बार गर्भवती महिलाओं से भी भारी काम करा लिए जाते हैं।

उन्हें नियमानुसार आराम भी नहीं दिया जाता। मजदूरों को साधारण दवाइयाँ आदि भी नहीं दी जातीं। उनके बच्चे वहीं पर खेलते-खेलते गड्ढों में गिर जाते हैं। मजदूरों को निवास तथा यातायात व स्वच्छ जल की आपूर्ति भी नहीं की जाती।

प्रश्न 9.
एक कारण बताइए कि विदेशी कंपनियाँ भारत क्यों आती हैं?
उत्तर:
विदेशी कंपनियों को मालूम है कि चीन के बाद भारत की जनसंख्या सर्वाधिक है। यहाँ कुशल या अकुशल श्रम बहुत ही कम मजदूरी पर मिल सकता है। ये मजदूर कम मजदूरी पर लंबे घंटों तक काम कर सकते हैं। वे शांतिप्रिय हैं। वे ज्यादा सुविधाओं की मांग भी नहीं करते। उनकी तुलना में संयुक्त राज्य अमेरिका के श्रमिक कई तरह के भत्ते, सुविधाएँ आदि मांगते हैं। इस तरह से विदेशी कंपनियाँ अपने उत्पादों की उत्पादन लागत नीची रख करके अपने लाभांश को बहुत ऊँचा कर सकती हैं और वे ऊँचे स्तर पर लाभ कमा सकती हैं।

प्रश्न 10.
जब भोपाल के यूनियन कार्बाइड संयंत्र पर सुरक्षा संबंधी नियमों की इतनी भारी अनदेखी की जा रही थी तो सरकार क्या कर रही थी? दो कारण लिखिए।
उत्तर:
1. भारत में प्रायः सर्वत्र उद्योगों तथा इमारतों में सुरक्षा नियमों की ओर उदासीनता से ही देखा जाता है। भाग्यवादी लोगों के देश में ऐसा होता ही रहता है।
2. हमारे देश में पर्याप्त कानून नहीं बने हैं। जो बने भी हैं उन्हें प्रायः रिश्वतखोर आफिसरों द्वारा ही बलपूर्वक लागू कराने पर जोर नहीं दिया जाता।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 10 कानून और सामाजिक न्याय

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कानूनों को लागू करने का क्या अभिप्राय है? इसका क्या महत्त्व है? संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
I अर्थ (Meaning):
कानूनों के लागू करने से अभिप्राय है जो भी कानून तथा नियम, अधिनियम विधायिकाओं या अन्य अधिकारियों, विभागों ने बनाये हैं उन्हें कार्यकारिणी तथा अन्य अधिकारियों द्वारा जिम्मेदारी से लागू कराना। जो भी कानूनों को अपने हाथ में लेते हैं या उनकी अनदेखी करते हैं उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। कानून के शासन और व्यवस्था को बनाये रखना तथा सभी को व्यावहारिक रूप से याद कराये रखना कि कानून से बड़ा कोई नहीं है, ही कानून को लागू कराना है।

II. महत्त्व (Importance):
(i) कानून बना देना ही पर्याप्त नहीं है। जो भी कानून विधायिका अथवा विभागों के अधिकारियों के द्वारा बनाये जायें यदि वे लागू ही नहीं होते तो उनका होना न होना समान है। सरकार विशेषकर कार्यकारिणी को यह पक्का विश्वास करना होगा कि कानून लागू हो रहे हैं।

(ii) कानूनों का लागू होना और भी अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाता है जब यह परिस्थिति हो कि कानून की व्यवस्था शक्तिशाली लोगों से कमजोरों की रक्षा के लिए बनाये गये हैं। उदाहरणार्थ जब सरकार कानून बनाये कि मजदूरों को कम से कम न्यूनतम मजदूरी मिलनी ही चाहिए। स्त्री-पुरुष दोनों तरह के मजदूरों को समान वेतन या मजदूरी मिलनी ही चाहिए तो समय-समय पर अधिकारियों को भेजकर औद्योगिक इकाइयों की जाँच होती रहनी चाहिए कि क्या मालिक कानूनों के अनुसार भुगतान कर रहे हैं या नहीं।

(iii) जब मजदूर ज्यादा हों तथा काम के अवसर या रोजगार कम हों तथा छंटनी की तलवार लटक रही हो तो मजदूरों के मस्तिष्क में यह भारी तनाव होगा कि भविष्य में उनको नौकरियों से अलग न कर दिया जाये। ऐसी परिस्थिति में जो भी कानून मजदूरों की रक्षा या रोजगार की गारंटी देते हैं, उन्हें तुरंत और पूर्णतया लागू कराना चाहिए। श्रमिकों को उद्योगपतियों या मालिकों की मर्जी पर नहीं छोड़ा जा सकता।

प्रश्न 2.
2001 की जनगणना के अनुसार बाल-श्रम की क्या स्थिति थी? 2006 के बाल श्रम निषेध अधिनियम के अन्तर्गत बाल-श्रम को रोकने के लिए क्या-क्या व्यवस्थाएँ की गई थीं? इस संदर्भ में सरकार के दृष्टिकोण पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
1. 2001 की जनगणना एवं बाल श्रमिकों की frerfet (Census of 2001 and position of child labourers): 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में 5 से 14 वर्षों की आयु के मध्य के 120 लाख से अधिक (या 12 मिलियन से ज्यादा) बच्चे विभिन्न व्यवसायों, जिनमें खतरनाक कार्य भी शामिल हैं, में कार्यरत थे।

2. 2006 में संशोधन (Amendment in 2006): अक्टूबर 2006 में सरकार ने बाल श्रम निषेध अधिनियम (The Child Labour Prevention Act) में संशोधन करते हुए 14 वर्ष की आयु से कम के बच्चों को घरेलू नौकरों या ढाबों, चाय की दुकानों आदि पर नौकरी देने पर पाबंदी लगा दी। इस संशोधन के बाद बच्चों को नौकर रखना एक दंडनीय अपराध घोषित कर दिया गया। इस सजा में तीन महीने के कारावास से लेकर दो वर्ष तक का कारावास या 10000 रुपये से लेकर 20 000 रुपये तक जुर्माना हो सकता है।

3. सरकार का दृष्टिकोण (Attitude of the Government): केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा कि वे बच्चों के लिए बचाव एवं उनके पुनर्वास संबंधी योजनाएं बनायें जो कि घरेलू नौकरों के रूप में काम करते हैं। आज तक केवल तीन राज्यों की ही सरकारों ने इस योजना को कार्यान्वित किया है। ये हैं-महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तमिलनाडु। जो भी बच्चे घरेलू नौकरों के रूप में काम करते हैं उनमें से 74 प्रतिशत बच्चों की उम्र 16 वर्ष से कम की है।

प्रश्न 3.
क्या कदम या उपाय विदेशी कंपनियों द्वारा भारत में उठाये गये हैं ताकि वे अपना मुनाफा बढ़ा सकें तथा उत्पादन लागत कम कर सकें? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
I. विदेशी कंपनियाँ भारत में ज्यादा से भारतीयश्रमिकों को ही अपने यहाँ रोजगार देती हैं जो कम मजदूरी पर लंबे-लंबे घंटों तक काम करने के लिए तैयार हो जाते हैं। यह मजदूरियाँ संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में बहुत ही कम होती हैं। भारत में उन्हें मजदूरों को मकान आदि की सुविधाएँ भी नहीं देनी पड़ती। इस तरह कंपनियाँ उत्पादन लागत घटा करके अपने मुनाफे की रकम बढ़ा सकती हैं।

2. अनेक विदेशी कंपनियाँ कुछ अन्य उपाय अपनाकर भी अपनी उत्पादन लागत कम करती हैं जैसे कि घटिया स्तर के सुरक्षा उपाय या पूर्णतया उनकी अनदेखी करके भी उत्पादन लागत घटाई जाती है।

उदाहरण (Example):
(अ) यूनियन कार्बाइड के कारखाने या कंपनी में सुरक्षा से जुड़ा हर उपकरण या तो काम कर ही नहीं रहा था या उनकी संख्या ही अपर्याप्त थी।
(ब) 1980 से 1984 के मध्य जितने भी श्रमिक काम करते थे उनकी संख्या लगभग आधी कर दी गयी थी। यह संख्या अनुमानतः 12 से 6 हजार थी। . (स) सुरक्षा प्रशिक्षण का कालांश भी घटाकर कम कर दिया गया था। छ: महीने से घटाकर मात्र 15 दिनों का ही कर दिया गया। इस कंपनी में रात्रि में काम करने वाले मजदूरों की शिफ्ट ही हटा दी गयी थी।

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दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
1984 की भोपाल गैस त्रासदी पर एक लेख लिखिए।
उत्तर:
1. अर्थ तथा समय (Meaning and Time):
(क) भोपाल गैस त्रासदी से हमारा अभिप्राय उस गैस रिसाव को दुर्घटना से है जो आज से लगभग 24 वर्ष पहले 2 दिसंबर 1984 को मध्यरात्रि के बाद हुई थी जिसमें अनेक लोग मारे गये थे तथा अनेक जीवनभर के लिए विकलांग हो गये थे।
(ख) इस विश्व की सबसे बड़ी दुखदायी औद्योगिक दुर्घटना का स्रोत यूनियन कार्बाइड (Union Carbade = UC) नामक एक अमेरिकी कंपनी को भोपाल में स्थित फैक्टरी थी।
(ग) 2 दिसम्बर 1984 को आधी रात को मिथरइलआइसोसाइनाइड, बहुत ही ज्यादा जहरीली गैस का रिसाव हुआ।

II. दुर्घटना से होने वाली हानियाँ (Lasses due to this worst tragedy):
(क) तीन दिनों के भीतर 8000 से भी ज्यादा लोग मृत्यु को प्राप्त हो गये। हजारों लोग जीवन भर के लिए लाचार या विकलांग हो गये। उपर्युक्त चित्र पीड़ित लोगों की संयुक्त रूप से शवदाह की दुखांत घटना को अभिव्यक्त कर रहा है।

(ख) इस दु:खांत दुर्घटना में मरे लोगों में ज्यादातर लोग गरीब एवं मजदूर वर्ग से ही संबंधित थे। जो बचे उनमें से लगभग 50,000 आज भी काम करने की हालत में नहीं हैं और वे बीमार हैं। जो बचे उनमें से कई लोगों को सांस की भयंकर बीमारी हो गई। अनेकों को आँखों की बड़ी समस्यायें हो गई हैं। जो माताएँ गर्भवती थीं उनके कोख के बच्चों पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ा। वे असाधारण ढंग के असामान्य बच्चे थे जैसे कि आप दिए चित्र में एक लड़की को देख रहे हैं।

III. यू. सी. की जिम्मेदारी EResponsiblity of the UC):
(क) दिसम्बर 2, 1984 को विश्व की सर्वाधिक कष्टकारी औद्योगिक दुर्घटना अचानक होने वाली कोई दुर्घटना नहीं थी बल्कि इसके लिए यूनियन कार्बाइड पूर्णतया जिम्मेदार थी। इसने उत्पादन लागत को घटाये रखने तथा मुनाफे की रकम को बढ़ाने के लिए प्रारंभ से ही न्यूनतम सुरक्षा नियमों व सावधानियों को ताक पर रखा। कई बार गैस के छोटे-बड़े रिसाव हुए। कई मजदूरों की जानें गईं। कई दुर्घटनाएं हुई लेकिन कंपनी के मालिकों तथा प्रबंधकों ने इसकी कोई चिन्ता नहीं की।

(ख) जब भारी दुर्घटना हुई तथा कंपनी के लोगों को उनकी असावधानियाँ दिखाई गयीं तो भी उन्होंने जिम्मेदारी लेने से साफ मना कर दिया। सरकार ने पीड़ितों की ओर से एक दीवानी मुकदमा दायर किया। उसने 3 अरब डॉलर की क्षतिपूर्ति की मांग की। । लेकिन 1989 में जब फैसला हुआ तो इसने 47 करोड की बहुत
कम राशि ही स्वीकार कर ली। जो लोग बचे थे उन्होंने निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की लेकिन उच्चतम न्यायालय ने कहा कि क्षतिपूर्ति की राशि उतनी ही रहेगी वह बढ़ाई नहीं जायेगी।

IV. यू सी पर प्रभाव तथा प्रभावित लोग (Effects on UC and on effected people):
(i) यू. सी. ने अपना उत्पादन कार्य बंद कर दिया, लेकिन टनों जहरीले रसायन (toxic chemicals) वहीं छोड़ दिए। वे जमीन में धंस गये हैं या भूमिगत जल में मिल गये हैं। इन खतरनाक रसायनों को उठाने एवं उन्हें नष्ट करने की जिम्मेदारी से भी कंपनी ने साफ मना कर दिया।

(ii) 24 वर्षों के बाद अब भी लोग न्याय के लिए लड़ रहे हैं.वे सुरक्षित पेय जल की समस्या, स्वास्थ्य-रक्षक सुविधाओं एवं जिन पर यू.सी. फैक्टरी के जहर का असर हुआ था वे नौकरियाँ पाने के लिए अभी भी समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्होंने मांग को कि एन्डरसन (Anderson) नामक व्यक्ति जो यू.सी. का अध्यक्ष (चेयरमैन) है तथा जिस पर फौजदारी मुकदमे चल रहे हैं उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाये तथा उसे कठोर से कठोर सजा दी आये

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 10 कानून और सामाजिक न्याय

कानून और सामाजिक न्याय Class 8 HBSE Notes in Hindi

1. उपभोक्ता (Consumer): वह व्यक्ति जो बिक्री के लिए नहीं अपितु निजी प्रयोग के लिए कोई वस्तु या सेवा खरीदता है, एक उपभोक्ता कहलाता है।

2. उत्पादक (Producer): एक व्यक्ति या संगठन, जो बाजार में अपितु बिक्री के लिए चीजें उत्पन्न करता है, उत्पादक कहलाता है। कभी-कभी उत्पादक अपने ही द्वारा उत्पादित वस्तु में से कुछ उत्पादन का भाग अपने या अपने परिजनों के लिए रख लेता है। उदाहरणार्थ कृषक अनाज उत्पादक होता है लेकिन वह थोड़ा-बहुत गेहूँ या चावल या अन्य उत्पाद अपने उपयोग के लिए भी रख लेता हैं। शेष बाजार में बिक्री के लिए जारी कर देता है।

3. निवेश (Imrestment): वह मुद्रा अथवा पूँजी जो मशीनों/उपकरणों/इमारतों/ कच्चा माल आदि को खरीदने या स्थापित करने के लिए व्यय की जाए, निवेश कहलाती है। यह उत्पादन का महत्त्वपूर्ण घटक है।

4. श्रमिकों के संघ या मजदूर यूनियन (Workers’ Union): कामगारों का एक संगठन श्रम संघ कहलाता है। प्रायः जिन क्षेत्रों में कारखाने तथा दफ्तर होते हैं वहाँ श्रमिकों या कर्मचारियों की यूनियनें हो सकती हैं लेकिन अन्य अनेक तरह के भी संगठन हो सकते हैं। किसानों के भी संगठन हो सकते हैं। व्यापारियों के भी संगठन हो सकते हैं। घरेलू काम-काज करने वाले भी अपनी यूनियन बना सकते हैं। प्रायः मजदूरों के हितों के लिए मजदूर नेता मालिकों से बातचीत करते हैं। यदि वे मालिक मजदूरों की माँगें नहीं मानते तो वे संघर्ष या हड़ताल का रास्ता भी चुन लेते हैं।

5. मार्केट या बाजार (Market or Bazaar): मार्केट या बाजार वाणिज्य का वह केन्द्र होता है जहाँ लोग चीजों का क्रय तथा विक्रय करते हैं।

6. बचाव या सुरक्षा प्रदान करने वाले कानून (Protective Laws): वे कानून जो विधायिका द्वारा लोगों को विभिन्न तरह के शोषण से सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं। ये कानून ऐसा प्रयास करते हैं कि मजदूरों/कर्मचारियों, उपभोक्ताओं या उत्पादकों आदि का शोषण बिल्कुल भी न हो या उसे न्यूनतम स्तर पर लाया जा सके तथा शोषण करने वाले के विरुद्ध कानून के अनुसार उचित कार्यवाही की जा सके।

7. मेहनताना/पारिश्रमिक (Wages): मजदूरों आदि के काम की वास्तविक मजदूरी।

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HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 7 हाशियाकरण की समझ

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 7 हाशियाकरण की समझ Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 7 हाशियाकरण की समझ

HBSE 8th Class Civics हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली Textbook Questions and Answers

हाशियाकरण की समस्या HBSE 8th Class Civics प्रश्न 1.
‘हाशियाकरण’ शब्द से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में दो या अधिक वाक्य लिखिए।
उत्तर:
किसी व्यक्ति या समुदाय को समाज के मुख्य धारा से अलग करना या हो जाना या उस स्थिति तक पहुँच जाना ही हाशियाकरण है। इसका संबंध न्यूनतम सामाजिक स्थिति, स्तर, हानियों को अनुभव करते रहने, पूर्वाग्रहों या अविचारपूर्वक निर्णयों/पक्षपातों/ हानिदायक फैसलों/अन्यायपूर्ण धारणाओं एवं शक्तिहीनता से होता है।

इसी के परिणामस्वरूप कुछ समुदाय या एक ही समुदाय के कुछ समूह जैसे मुस्लिम या दलित (विशेषकर हिन्दू दलित) को निम्नतम सामाजिक स्तर प्राप्त है। वे शैक्षिक एवं अन्य संसाधनों के प्रति समान पहुँच नहीं रखते।

हाशियाकरण की समझ प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class Civics प्रश्न 2.
आदिवासी लगातार हाशिये पर क्यों खिसकते जा रहे हैं ? दो कारण बताइए।
उत्तर:
कारण (Reasons):
1. आदिवासी लोग इसलिए सामाजिक-आर्थिक तथा अन्य दृष्टियों से हाशिये पर निरंतर खिसकते जा रहे हैं क्योंकि वे अपनी भूमियाँ (भू-खंडों) एवं वनों (जंगलों) को खोते जा रहे हैं। इन दोनों चीजों (भूमि तथा वन) के खोने के कारण उनकी रोजी-रोटी तथा भोजन प्राप्ति के साधन (या संसाधन) उनके हाथों से निकलते जा रहे हैं।

2. वर्षों से (या दशाब्दियों से) वे अपने पारंपरिक आवासों को खोते जा रहे हैं। आदिवासियों को अपनी रोजी-रोटी तथा आजीविका दूढंने एवं प्राप्ति के लिए शहरों तथा कस्बों की ओर पलायन करना पड़ रहा है। वहाँ उनकी हाशिये या किनारे पर लाने वाली स्थिति का शोषण करने वाले शहरी मालिक या कंपनियाँ उन्हें बहुत निम्न मजदूरी पर काम पर रखते हैं। उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, उचित दर की दुकानों के राशन आदि की सुविधाएँ नहीं मिलतीं। कई बार इन आदिवासियों (पुरुषों तथा महिलाओं एवं उनके किशोर बच्चों को भी) भवन निर्माण संबंधी स्थानों पर मजदूरी करनी पड़ती है। उन स्थानों पर इन्हें रेत, मिट्टी मिश्रित वायु में सांस लेना पड़ता है, दूषित जल पीना पड़ता है तथा अस्थायी रूप से बनायी गई छोटी-छोटी झुग्गियों में रातें गुजारनी पड़ती हैं। इस तरह वे निरंतर निर्धनता तथा वंचितता (Deprivation) के कुचक्र में फंसते चले जाते हैं।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 7 हाशियाकरण की समझ

हाशियाकरण की समझ Notes HBSE 8th Class Civics प्रश्न 3.
आप अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए संवैधानिक सुरक्षाओं को क्यों महत्त्वपूर्ण मानते हैं ? इसका एक कारण बताइए।
उत्तर:
अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा या हिफाजत के लिए संवैधानिक सुरक्षाएँ इसलिए आवश्यक एवं महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि हमारे राष्ट्र में संविधान कानून एवं प्रशासनिक व्यवस्था करने वाली सर्वोच्च वैधानिक पुस्तक है। यह हमारे देश के धार्मिक एवं भाषायी, जातीय अल्पसंख्यकों को मौलिक अधिकारों के हिस्से के रूप में भी संरक्षण प्रदान करती है। कोई भी सरकार (राज्य) या राजनीतिक दल किसी भी नागरिक से मौलिक अधिकार नहीं छीन सकती।

प्रत्येक नागरिक को देश के सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच का अधिकार प्राप्त है। देश में सर्वोच्च न्यायालय के साथ-साथ सभी उच्च न्यायालय मौलिक अधिकारों को संरक्षण प्रदान करते हैं। संवैधानिक सुरक्षाओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

Hasiyakaran Ki Samajh Notes HBSE 8th Class Civics प्रश्न 4.
अल्पसंख्यक और हाशियाकरण वाले हिस्से को दोबारा पढ़ें। अल्पसंख्यक शब्द से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
अल्पसंख्यक शब्द (या पद) का सर्वाधिक प्रयोग उन समुदायों के लिए किया जाता है जिनकी संख्या प्रायः (बहुसंख्यक समुदाय से) गिनती में कम होती है। वैसे हमारे देश के संविधान में भाषायी दृष्टि से कम लोगों के समूहों को भी विभिन्न राज्यों या क्षेत्रों में अल्पसंख्यक माना जाता है। यह पद (कम संख्या) शक्ति की समस्या, संसाधनों तक पहुँच एवं सामाजिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्रों (dimentions) से भी जुड़ी हुई। कश्मीर में हिंदू अल्पसंख्यक है।

हाशियाकरण की समझ कक्षा 8 HBSE Civics प्रश्न 5.
आप एक बहस में हिस्सा ले रहे हैं जहाँ आपको इस बयान के समर्थक में तर्क देने हैं: ‘मुसलमान एक हाशियाई समुदाय है।’ इस अध्याय में दी गई जानकारियों के आधार पर दो तर्क पेश कीजिए।
उत्तर:
‘मुसलमान एक हाशियाई समुदाय है।’ इस कथन के समर्थन में मैं निम्नलिखित कारणों का प्रयोग करूँगाः
1. 63.6 प्रतिशत मुसलमान कच्चे घरों में रहते हैं। दूसरी ओर बहुसंख्यक अर्थात् हिन्दू लोगों में केवल 55.2 प्रतिशत लोग ही कच्चे घरों में रहते हैं।
2. केवल 30 प्रतिशत मुसलमानों को ही बिजली की सुविधा तक पहुँच है जबकि 43.2 प्रतिशत हिन्दू विद्युत का प्रयोग करते
3. शुद्ध वायु के उपरांत शुद्ध पेय जल दूसरी मूलभूत आवश्यकता है। मुस्लिम आबादी में से केवल 19.4 प्रतिशत ही पाइप का पानी उपयोग कर पाते हैं. दूसरी ओर 25.3 प्रतिशत हिन्दू इसका उपयोग करने की स्थिति में हैं।
4. यदि हम देश के सभी समुदायों के शिक्षित होने के प्रतिशत का अध्ययन करें तो हमें यह स्वीकार करना पड़ेगा कि सबसे निम्नतम शिक्षित दर मुसलमानों में (केवल दो) ही है।

हाशियाकरण की समझ HBSE 8th Class Civics प्रश्न 6.
कल्पना कीजिए कि आप टेलीविजन पर 26 जनवरी की परेड देख रहे हैं। आपकी एक दोस्त आपके नजदीक बैठी है। वह अचानक कहती है, “इन आदिवासियों को तो देखो, कितने रंग-बिरंगे हैं। लगता है सदा नाचते ही रहते हैं।” उसकी बात सुनकर आप भारत में आदिवासियों के जीवन से संबंधित क्या बातें उसको बताएंगे? उनमें से तीन बातें लिखें।
उत्तर:
1. हमेशा अपने मस्तिष्क में याद रखें कि ये आदिवासी परदेशी या अलग-अलग बिल्कुल भी नहीं हैं। वास्तव में, वे हमारे देश के मूल (Original) निवासी हैं।

2. आदिवासी सदियो से जंगलों में रहे थे और प्रायः अब भी उन्हीं (जंगलों में) से गहरे संबंध रखते हुए हैं।

3. आदिवासी एक जैसी (एकरूपता) प्रतिभा या एक जैसे स्तर या रूप वाली जनसंख्या नहीं है। हमारे देश में 500 से भी ज्यादा आदिवासी समूह हैं। वे जिन राज्यों में बहुसंख्यक या बड़ी संख्या में रहते हैं, वे हैं-छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश तथा पश्चिमी बंगाल। उत्तरी-पूर्वी भारत के अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड एवं त्रिपुरा में भी ये बड़ी संख्या में पाये जाते।

4. आदिवासी समाज सर्वाधिक भिन्न इसलिए भी दिखाई देते हैं क्योंकि उनमें कुल परंपरा की मान्यता अधिक है। यह उन्हें उन लोगों से पृथक करती है जिनके जाति या वर्ग के सिद्धांतों पर संगठन पाये जाते हैं या जो राजाओं द्वारा शासित किए गये थे।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 7 हाशियाकरण की समझ

प्रश्न 7.
चित्रकथा-पट्ट में आपने देखा कि हेलेन होप आदिवासियों की कहानी पर एक फिल्म बनाना चाहती है। क्या आप आदिवासियों के बारे में एक कहानी बना कर उसकी मदद कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, मैं आदिवासियों पर एक लघु-कथा लिखकर उसे मदद कर सकता हूँ।
1. मैं उसे बताऊँगा कि एक विदेशी कंपनी ने आदिवासियों के क्षेत्र में एक धातु संबंधी फैक्ट्री लगाने की योजना बनाई थी।

2. उन्हें उनके मूल-निवास स्थान से, जहाँ पर वे अनेक पीढ़ियों से रह रहे थे, भारत के विभिन्न भागों में जाने के लिए विवश किया गया। उन आदिवासियों ने जिला प्राधिकरण तक पहुँच की। एक आदमी तथा उसकी एक महिला मित्र ने एक संगठन बनाने का निर्णय किया। वे लोग न केवल जिला प्रशासन बल्कि राज्य सरकार तथा अंततः केन्द्रीय सरकार तक भी पहुंचे।

3. उनके नेतृत्व में आदिवासियों ने तीन चीजों की माँग की-जंगल, जल एवं जीविका। उनके एक लंबे संघर्ष के बाद मानव अधिकार आयोग आगे आता है एवं उनकी मांगें मान ली जाती हैं। उन्हें जंगल भूमि का एक बड़ा भाग सौंप दिया जाता है।

उन्हें भूमियों के साथ-साथ जल आपूर्ति एवं कंपनी में रोजगार देने के साथ-साथ अनेक छोटे-छोटे उद्योग आदि शुरू करने के लिए नाममात्र के व्याज पर सरकार द्वारा ऋण प्रदान किए जाते हैं ताकि उन्हें रोजी-रोटी मिल सके।

प्रश्न 8.
क्या आप इस बात पर सहमत हैं कि आर्थिक और सामाजिक हाशियाकरण आपस में जुड़े हुए हैं ? क्यों ?
उत्तर:
हाँ, मैं इस बात से पूर्णतया सहमत हूँ कि आर्थिक एवं सामाजिक हाशियाकरण परस्पर जुड़े हैं। मैं निम्न तर्क या कारण प्रस्तुत कर रहा हूँ
(i) उचित आर्थिक स्थिति तक पहुंचे बिना कोई भी व्यक्ति अपने तथा अपने परिजनों के लिए एक घर नहीं बनवा सकता।

(ii) बिना धनराशि के यह संभव नहीं कि कोई व्यक्ति अपने निवास स्थान पर बिजली लगवा सके तथा समय-समय पर हर महीने आने वाले बिजली के बिल का भुगतान कर सके। उसके लिए यह भी संभव नहीं कि वह अपने घर के लिए विद्युत से चलने वाले उपकरण जैसे रेडियो, टी.वी., फ्रिज, इलैक्ट्रिक प्रेस, वाशिंग मशीन, पंखे, ए.सी., गीजर आदि लगवा सके।

(iii) बिना धन के कोई भी व्यक्ति अपने यहाँ जलापूर्ति कनेक्शन नहीं ले सकता। घर के अंदर जल संबंधी विभिन्न सुविधाएँ नहीं प्रदान कर सकता। प्रत्येक महीने या बीच-बीच में जल आपूर्ति बिल के भुगतान के लिए भी धनराशि की आवश्यकता पड़ती है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 7 हाशियाकरण की समझ

HBSE 8th Class Civics हाशियाकरण की समझ Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या आप अपने राज्य में रहने वाली कुछ जनजाति समुदायों के नाम बता सकते हैं ?
उत्तर:

  1. मीणा
  2. मुंडा
  3. संथाल
  4. गोंड आदि।

प्रश्न 2.
वे कौन-कौन सी भाषाएँ बोलते हैं ?
उत्तर:
वे हिन्दी भाषा, राजस्थानी बोली, मुंडा तथा संथाली भाषा बोलते हैं।

प्रश्न 3.
क्या वे वनों के समीप रहते हैं?
उत्तर:
हाँ, उनमें से अधिकांश जंगलों के समीप ही रहते हैं लेकिन कुछ जनजाति समुदायों ने नई बस्तियों, समीप के छोटे-छोटे गाँवों, कस्बों तथा बड़े शहरों में भी बसा लिया है।

प्रश्न 4.
क्या वे काम की तलाश में अन्य स्थानों में जाते है?
उत्तर:
में प्रवास करने के लिए विवश होना पड़ता है। जंगल तथा भूमियों के छिनने के बाद वे प्राय: बेरोजगार होते चले जाते हैं।

प्रश्न 5.
दड़बाकरण क्या है ? इस प्रक्रिया के लिए जिम्मेवार कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
दड़बाकरण (Ghettoisation) का अर्थ होता है किसी स्थान विशेष पर ही किसी समुदाय का बड़ी संख्या में जमावड़ा होना। किसी समुदाय के दबाकरण अथवा विशेष स्थल पर जमावड़े के लिए अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक कारक उत्तरदायी होते हैं। भय या प्रभुत्वशाली लोगों के अत्याचार भी उन्हें किसी स्थल या क्षेत्र विशेष पर ही बड़ी भारी संख्या में साथ-साथ निवास करने के लिए विवश कर सकते हैं क्योंकि वे बड़ी संख्या में साथ-साथ रहकर स्वयं को अधिक सुरक्षित अनुभव करते हैं।

वस्तुत:
घेट्टो (घेरेबंद बस्तियों) से किसी भी समुदाय के लोगों के बाहर निकलने के बहुत कम विकल्प रह जाते हैं क्योंकि वे यदि ऐसा करते हैं तो वे स्वयं को नये स्थान पर शेष लोगों में अजनबी जैसा महसूस करते हैं। इस स्थिति में वे कुंठित हो जाते हैं और इससे घृणा तथा हिंसा का जन्म होता है।

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प्रश्न 6.
सामाजिक रूप से हाशिये पर होने का क्या अर्थ है ? उन विभिन्न कारकों को बताइए जिनकी वजह से इसका अनुभव किया गया है।
उत्तरः
सामाजिक दृष्टि से हाशिये पर पहुंचना या आ जाने का तात्पर्य है कि समाज में की मुख्यधारा या केन्द्र में स्थित न होकर सामाजिक ढाँचे या स्थिति पर एक तरफ या किनारे या सीमा के पास आ जाना।

उदाहरणार्थ:
यदि आप अपनी कक्षण के अन्य विद्यार्थियों की तरह नहीं हैं, आप सबसे अलग-थलग दिखाई देते हैं या आपकी रुचियाँ एवं उपलब्धियाँ या असफलताएँ ही आपको शेष विद्यार्थियों से बिल्कुल एक किनारे पर खड़ा कर देती हैं तो हम कहेंगे कि आपकी स्थिति हाशिये पर आ गयी है। मान लीजिए कि आपकी पढ़ने में रुचि नहीं है। आप संगीत या फिल्मों में ही रुचि रखते हैं। आपके अंक (परीक्षा में) बहुत ही कम आते हैं या आप बहुत ज्यादा अंक सभी विषयों में ले लेते हैं या खेल के मैदान पर आपकी उपलब्धि बहुत ही हटकर है तो आपकी स्थिति कक्षा के शेष विद्यार्थियों से अलग-थलग होगी वे आपको ‘अपने बीच का’ नहीं मानेंगे। आप भी महसूस करेंगे कि आप दूसरों से अलग हैं।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आज के भारत में कौन-कौन सी धातुएँ महत्त्वपूर्ण हैं ? क्यों ? वे कहाँ से आती हैं ? क्या वहाँ पर आदिवासी जनसंख्या है ?
उत्तर:
(क) आज के भारत के लिए लोहा-इस्पात, टिन, ताँबा, सोना, चाँदी, मैगनीज आदि धातुएँ बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं।
(ख) विभिन्न प्रकार की धातुएँ देश के बहुमुखी विकास के लिए, इमारतों के निर्माणों से जुड़ी योजनाओं, सड़कों, पुलों, रेलवे विस्तार एवं निर्माण, जहाजरानी निर्माण, वायुयान निर्माण, बाँधों के निर्माण आदि के लिए महत्त्वपूर्ण एवं आवश्यक हैं।
(ग) हमारे देश में अधिकांश धातुएँ खानों से खोदकर तथा विभिन्न क्षेत्रों से आती हैं। कुछ धातुएँ विदेशों से भी हम आयात करते हैं।
(घ) हमारे ज्यादातर खनन क्षेत्र व औद्योगिक क्षेत्र छोटा नागपुर पठार में स्थित हैं। यह प्रदेश सदियों से आदिवासियों का गढ़ रहा है। इसके अंतर्गत आने वाले राज्यों यथा झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ आदि में अभी भी बड़ी संख्या में आदिवासी लोग रहते हैं।

प्रश्न 2.
“आदिवासी एवं अपरिवर्तनशीलता” नामक विषय के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
(i) प्रस्तावना (Introduction):
नि:संदेह अनुसूचित जनजातियाँ एवं आदिवासी प्रायः बिना परिवर्तन या प्रचलित छवियों एवं परंपरागत जीवन शैली में ही रहना पसंद करते हैं। हमने अपने विद्यालयों में होने वाली विभिन्न उत्सवों या घटनाओं के समय रंगमंच पर, दूरदर्शन के पर्दे पर, पुस्तकों के पृष्ठों पर और यहाँ तक कि विभिन्न फिल्मों के माध्यम से उन्हें नाचते-गाते, रंग-बिरंगी पोशाके पहने हुए, लोक संगीत एवं नाच-गाने व अन्य गतिविधियों के बारे में देखा, सुना और पढ़ा होगा।

(ii) उनके रहने-सहने का ढंग (They way of living):
उनकी जीवनशैली, संस्कृति, सभ्यता आदि के बारे में पूरा ज्ञान एवं जानकारी प्राप्त किये बिना ही हम कह देते * कि वे हमारे लिए विदेशी/परदेशी या अजनबी हैं। वे आदि मान की तरह जंगली शैली में रहते हैं एवं वे पिछड़े हुए है। आदिवासियों पर प्रायः यह दोषारोपण लगा दिया जाता है कि वे परिवर्तन के विरुद्ध हैं और वे शीघ्रता से नये ज्ञान, विचारों एवं विज्ञान-तकनीकी को मंजूर नहीं करते। इसीलिए वे हमें पुरातनवादी लकीर के फकीर, पिछड़े दिखाई देते हैं जो वस्तुतः गलत है। वे प्रकृति को प्यार करते हैं।

वे पर्यावरण संरक्षण, वन एवं वन्य प्राणियों तथा पेड़-पौधों की रक्षा करने एवं उनकी प्रजातियों एवं अस्तित्व को बनाये रखने के पक्षधर हैं। हर समुदाय या मानव प्रजाति या समूह की अपनी-अपनी भाषा, जीवन-शैली, संस्कृति, सामाजिक व्यवस्था, अर्थव्यवस्था तथा राजनीति होती है। वे परिवर्तन चाहते हैं लेकिन केवल मात्र परिवर्तन के लिए ही बदलाव नहीं चाहते। उनके जीवन व अस्तित्व के लिए जंगल, जीविका एवं जल अत्यंत आवश्यक है।

प्रश्न 3.
आदिवासियों के जीवन पर जंगलों तथा भूमि के खोने से उत्पन्न विपरीत प्रभावों का उल्लेख करें।
उत्तर:
जंगलों तथा भूमि के खोने (या बर्बादी) के विपरीत प्रभावः
(i) अपनी भूमियों से बेदखल होने तथा जंगलों में घूमने के अधिकार खो देने का अर्थ है कि आदिवासियों ने अपनी रोजी-रोटी एवं भोजन प्राप्ति के मुख्य स्रोत ही खो दिए हैं।

(ii) अपने मूल निवास स्थानों, घरों आदि को खो देने तथा रोजी-रोटी के स्रोतों से बेदखल आदिवासियों को विवश होकर बड़े-बड़े शहरों में काम की तलाश में निकलना पड़ा। वहाँ स्थित बड़े-बड़े कारखानों में उन्हें गंदी परिस्थितियों में बहुत कम मजदूरी पर लम्बे घंटों तक काम करना पड़ता है।

(iii) वन नहीं रहे, जमीन छिन गई। वनों से उत्पाद इकडे करने के पारंपरिक अधिकार भी नहीं रहे। फलस्वरूप आदिवासी निर्धनता, बेरोजगारी तथा खानाबदोशी के कुचक्र में घिर गये।

(iv) आज हाल यह है कि लगभग 45 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी तथा 35 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी निर्धनता की रेखा से नीचे का जीवन यापन कर रहे हैं। इसके कारण ही उनके जीवन में दुःख तथा निराशा एवं अन्य बुराइयों ने घर कर लिया।
(v) अनेक आदिवासी बच्चे (जो राष्ट्र की बहुमूल्य संपदा हैं) कुपोषण के शिकार हो गये हैं। शिक्षा का अनुपात भी आदिवासियों में बहुत ही निम्न है।
(vi) आदिवासी धीरे-धीरे अपनी परंपराएँ एवं रीति-रिवाज भी खोते जा रहे हैं। उन्हें उनके गाँवों, घरों, श्मशान भूमियों, मंदिरों, तालाबों आदि से दूर कर दिया गया है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 7 हाशियाकरण की समझ

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वनों (जंगलों) का आदिवासियों के जीवन एवं विकास में क्या महत्त्व है ? विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर:
आदिवासियों के जीवन तथा विकास में जंगलों की महत्ता (Importance of Forest in Life and Development of Adivasis):

1. जब से मानव जाति का हमारे ग्रह पृथ्वी पर अस्तित्व सामने आया, लगभग तभी से जंगलों ने मानव जीवन एवं विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है। इनकी भूमिकाओं को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक जीवन-आयामों के साथ-साथ राज्यों, साम्राज्यों एवं स्थायी निवास बनने एवं सभ्यताओं के विकास में देखा गया है। नि:संदेह आदिवासी भी इस विश्वव्यापी सत्य एवं यथार्थ का अपवाद नहीं हो सकते।

2. धातु अयस्क जैसे कि लोहा एवं तांबा, टिन एवं कांस्य, सोना तथा चाँदी खनिज संपदायें जैसे कि कोयला, हीरे, बहुमूल्य जंगली लकड़ियाँ, अनेकानेक औषधियाँ एवं जड़ी-बूटियाँ एवं जानवरों के द्वारा प्रदान किये जाने वाले उत्पाद (जैसे कि चर्बी, मोम, हड्डियाँ, हाथी दाँत, सींग, चमड़ा, लाख, शहद आदि) और यहाँ तक कि अनेक तरह के पशु-पक्षी आदि जंगलों से आते थे।

3. आदिवासियों का जीवन तो बहुत ही व्यापक ढंग से जंगलों पर अवलंबित रहा है। वनों से हमें हरियाली. शुद्ध एवं ताजी हवा तथा ये ही हमारी नदियों को समय-समय पर लबालब भरी रहने एवं पुनः उन्हें जीवन देने में अहम भूमिका का निर्वाह करते हैं। ये नदियाँ भारत के विभिन्न राज्यों, क्षेत्रों एवं अन्य स्थानों पर फैली हुई हैं। यद्यपि नासमझ भारतीयों ने बिना सोचे-समझे अनेक जंगलों को काट डाला है और इसी कारण हमें अच्छी स्वच्छ हवा एवं शुद्ध पेयजल का अभाव महसूस होता जा रहा है।

4. 19वीं शताब्दी तक हमारे देश का मुख्य भू-भाग अधिकतर जंगलों से ही ढका हुआ था। आदिवासियों का जंगलों पर पूर्ण नियंत्रण था। वे जहाँ चाहते थे वन-स्थलों में विचरण किया करते थे। उन्हें विभिन्न वनस्पतियों तथा वन्य प्राणियों की पूर्ण जानकारी थी। वे वनों से ही अपनी जीविका अर्जित करते थे।

उनकी अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन, छोटे-छोटे धन्धे, लघु पैमाने पर चलने वाला व्यापार सभी पूर्णतया जंगलों पर ही निर्भर था। उन्हें बड़े-बड़े राज्यों या साम्राज्यों पर आश्रित नहीं रहना पड़ता था। वे -नरेशों तथा सम्राटों के मोहताज नहीं थे अपितु यह कहना अतिश्योक्तिपूर्ण नहीं होगा कि जंगली लकड़ी (टिम्बर), हाथियों, जड़ी-बूटियों तथा वनों से अनेक तरह के उत्पादों को पाने के लिए नरेश तथा सम्राट उन्हीं पर आश्रित हुआ करते थे।

प्रश्न 2.
‘अल्पसंख्यक’ पद (शब्द) के अर्थ की व्याख्या कीजिए। आप क्यों सोचते हैं कि अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षात्मक प्रावधानों की जरूरत है?
उत्तर:
I. अल्पसंख्यक (Minorities):
प्रायः अल्पसंख्यक संज्ञा का प्रयोग उस समुदाय/संप्रदाय/भाषायी समूह आदि के लिए किया जाता है जो देश की कुल जनसंख्या में अपनी संख्या के कारण बहुत कम गिनती वाले हैं। जो भी हो, यह अवधारणा केवल संख्या तक ही सीमित नहीं है, यह उससे भी आगे निकल जाती है। यह शक्ति के मामलों से भी संबंधित है। संसाधनों तक उनकी पहुँच से भी जुड़ी हुई है और अल्पसंख्यक का दायरा (या क्षेत्र/फैलाव) सामाजिक एवं सांस्कृतिक पहलुओं तक भी है।

अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षात्मक प्रावधानों की आवश्यकता के उत्तरदायी कारण:
(i) भारत का संविधान मौलिक अधिकारों के जरिए ही धार्मिक, |जातीय एवं भाषायी अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करता है।

(ii) भारतीय संविधान यह मानता है कि बहुसंख्यक समुदाय की संस्कृति, समाज एवं सरकार को प्रभावित कर सकती है। ऐसे मामलों में छोटा आकार हानिकारक हो सकता है और अल्पसंख्यक या छोटे समुदाय हाशिये पर जा सकते हैं। इसलिए संरक्षण व्यवस्थाओं की आवश्यकता अल्प संख्यकों को बचाने के लिए होती है ताकि वह संभावना खत्म हो सके जिसके अन्तर्गत बहुसंख्यक सांस्कृतिक रूप से वर्चस्व स्थापित न कर सकें।

(ii) भारत का संविधान सभी नागरिकों की समानता में यकीन करता है। यह सभी तरह के अल्पसंख्यकों को किसी भी तरह के भेदभाव से संरक्षण देता है और उन हानियों से जिन्हें उनका सामना करना पड़ता है, बचाता है। अल्पसंख्यक समुदाय जिनकी संख्या शेष समाज के लोगों से कम होती है, वे स्वयं को असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। यह असुरक्षा उन्हें अपने जीवन, संपत्ति एवं कल्याण के क्षेत्र में भी महसूस हो सकती है। यही असुरक्षा की भावना अल्पसंख्यकों एवं बहुसंख्यक समुदाय के लोगों में परस्पर अविश्वास एवं फूट को बढ़ावा देती है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 7 हाशियाकरण की समझ

प्रश्न 3.
आदिवासी कौन हैं ? उनकी जनसंख्या के आकार, निवास स्थान तथा अन्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
1. आदिवासियों का अर्थ (Meaning of the Adivasis):
इस शब्द या पद का शाब्दिक अर्थ है “मूल निवासी”। ये वे समुदाय हैं जो सदियों से जंगलों के समीप रहते आ रहे हैं तथा आज भी उनके समीप ही रह रहे हैं। उनका जंगलों से सर्वाधिक गहरा लगाव होता है।

2. आदिवासी समरूप जनसंख्या नहीं है (Adivasis are not a homogeneous population):
आदिवासी लोग सभी जगह एक स्वरूप नहीं रखते तथा न ही वह एक समान बसे हैं। उनकी जनसंख्या जिन राज्यों में बड़ी संख्या में पायी जाती है, वे हैं छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल। इनके साथ-साथ उत्तर-पूर्वी राज्यों में मुख्यतया अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड एवं त्रिपुरा में भी मिलते हैं।

3. भारत की जनसंख्या का प्रतिशत (Percentage of India’s Population):
आंकड़ों पर दृष्टि डालने से स्पष्ट हो जाता है कि भारत की जनसंख्या में 8 प्रतिशत आदिवासी हैं। प्रायः वे अपने पूर्वजों की अर्चना-पूजा करने में व्यस्त रहते हैं। वे गाँवों तथा प्राकृतिक आत्माओं की भी पूजा करते हैं। वे विभिन्न धर्मो तथा उनके सिद्धान्तों से प्रभावित हुए हैं जैसे कि शाक्त, बौद्ध, वैष्णव, भक्ति एवं ईसाई धर्म।

4. भाषाएँ (Languages):
आदिवासियों की कई भाषाएँ एवं बोलियाँ हैं जो उनके द्वारा बोली जाती हैं या प्रयोग में लायी जाती हैं। संथाली उनकी एक मुख्य भाषा है। उनमें कुछ बंगाली भी बोलते हैं। कुछ आदिवासी राजस्थानी, हिन्दी, गुजराती, मराठी. असमिया तथा उड़िया बोलते हैं।

हाशियाकरण की समझ Class 8 HBSE Notes in Hindi

1. ऊँच-नीच अथवा पदक्रम (Hierarchy): व्यक्तियों या चीजों की एक क्रमिक व्यवस्था। आमतौर पर ऊँच-नीच की सीढ़ी के सबसे निचले पायदान पर वे लोग होते हैं जिनके पास सबसे कम ताकत है। जाति व्यवस्था ऊँच-नीच की व्यवस्था है जिसमें दलितों को सबसे नीचे माना जाता है।

2. दड़बाकरण (Ghettoisation): यह शब्द आमतौर पर ऐसे इलाके या बस्ती के लिए इस्तेमाल होता है जिसमें मुख्य रूप से एक ही समुदाय के लोग रहते हैं। दड़बाकरण इस स्थिति तक पहुंचने वाली प्रक्रिया को कहा जाता है। यह प्रक्रिया विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कारणों पर आधारित हो सकती है। ‘दड़बे में घिरे’ समुदाय के पास आमतौर पर वहाँ से निकल पाने के ज्यादा विकल्प नहीं होते हैं जिसके कारण वे शेष समाज से कटते चले जाते हैं।

3. मुख्य धारा (Mainstream): इसका सामान्य अर्थ किसी नदी या जलधारा के मुख्य बहाव को कहा जाता है। इस अध्याय में यह शब्द एक ऐसे सांस्कृतिक संदर्भ के लिए इस्तेमाल हुआ है जिसमें वर्चस्वशाली समुदाय के रीति-रिवाजों और प्रचलनों को ही सही माना जाता है। इसी क्रम में उन लोगों या समुदायों को भी मुख्यधारा कहा जाता है जिन्हें समाज का केंद्र माना जा रहा है, जैसे प्राय: सर्वसंज्ञासंपन्न या वर्चस्वशाली समूह।

4. विस्थापित (Displaced): इस अध्याय के संदर्भ में यह उन लोगों की ओर इशारा करता है जिन्हें किसी विकास की योजना जिसमें बाँधो का निर्माण, खनन आदि शामिल है आदि के कारण अपने स्थान छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है या उन्हें विवश होना पड़ता है। इन विस्थापितों के अन्यत्र जाकर बसना पड़ता है।

5. कुपोषित या अपर्याप्त खाद्यान्न प्राप्त करने वाले (Malnourished): एक वह व्यक्ति या जनसंख्या अथवा जनसंख्या का वह विभाग (Section) जिसे या तो पेट भर पूरा खाद्यान्न या भोजन न मिले अथवा वह भोजन स्वास्थ्य की दृष्टि से पर्याप्त पौष्टिक न हो।

6. आदिवासी (Adivasis): साहित्यिक या शाब्दिक दृष्टि से किसी स्थान के मूल निवासियों को आदिवासी कहा जाता है। हमारे, देश के संदर्भ में देश के अनेक क्षेत्रों एवं राज्यों में रहने वाले वे लोग जो प्रायः आदिकाल से जंगलों में रहते आ रहे हैं, जो अपने ढंग से पहले स्थानांतरण कृषि करने, पशुओं को पालने, घुमाने, वनों के उत्पादनों का प्रयोग करने वाले, अपनी विभिन्न परम्पराओं, सांस्कृतिक, रीति-रिवाजों तथा जीवन-निर्वाह के ढंगों का स्वतंत्र रूप से पालन करते आ रहे हैं। कई बार इन समुदायों या जातियों के लोगों को अपनी पंचायतों के निर्णयों तथा निर्देशों का भी पालन करना पड़ता है। अनुसूचित जातियों के समान ही आदिवासियों को तीव्र विकास के लिए अनेक तरह की सुविधाएँ दी जा रही हैं।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 7 हाशियाकरण की समझ

7. सामाजिक रूप से हाशिये पर होना (Socially Marginalised): किसी ढाँचे या व्यवस्था या चीज का केन्द्र न होकर उसके किनारे या एक छोर पर पहुंच जाना। हाशिये पर होना से तात्पर्य है किसी को हाशिये पर ढकेल देना जहाँ उसके लिए कोई संभावना नहीं करती।

8. संथाली (Santhali): मुख्य रूप से संथाल आदिवासियों द्वारा बोली जाने वाली भाषा।

9. जनजातियाँ (Tribals): सामान्य तौर पर सुदूर जंगलों में रहने वाली जातियों को जनजातियाँ आदिवासी शब्द से भी संबोधित किया जाता है।

10. अनुसूचित जनजातियाँ (Scheduled Tribes): हमारे देश के वे सम्माननीय, प्रिय आदिकाल से रह रही जनजातियों के लोग जिन्हें स्वतंत्रता के उपरांत शीघ्र विकास एवं मुख्यधारा से स्वैच्छिक रूप से जोड़ने के लिए विभिन्न जनजातियों को सूचीबद्ध किया गया है। अनेक विभागों तथा राज्यों में उनके तीव्र विकास के लिए उन्हें सूचीबद्ध किया गया है।

11. अनुसूचित जातियाँ (Scheduled Castes): वे दलित जिन्हें स्वराज्य के लिए चल रहे संघर्ष के दौरान मोहनदास करमचन्द गाँधी ने हरिजन की संज्ञा प्रदान की थी अथवा एन.सी.ई.आर.टी. की हाल की कुछ पाठ्यपुस्तकों में उनके लिए ‘दमित’ शब्द का भी प्रयोग किया गया है। भारतीय संविधान में अनुसूचित जातियों की संज्ञा दी गयी है।

12. पशु उत्पाद (Animal Products): मोम, लाख, शहद, चमड़ा, अस्थियाँ (या हड़ियाँ), माँस, दूध, अंडे, सींग आदि पशु उत्पाद कहलाते हैं।

13. भारत के प्रमुख धार्मिक समूह (Main Religious Groups of India):

  • हिन्दू
  • मुस्लिम
  • ईसाई
  • सिक्ख
  • जैन
  • बौद्ध
  • पारसी तथा
  • यहूदी।

14. कुछ मौलिक अथवा आधारभूत आवश्यकताएँ (Basic Amenities):

  • भोजन
  • वस्त्र
  • मकान
  • स्वच्छ पेय, जल
  • विद्युत
  • सड़कें
  • यातायात के साधन
  • संवादवहन के साधन
  • मनोरंजन के साधन
  • शिक्षा सुविधाएँ
  • स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएँ।

15. भारतीय जनसंख्या में मुस्लिम प्रतिशत (Muslim’s percentage in India’s population): 13.4

16. सच्चर समिति (Sachar Committee): सरकार ने सन् 2005 में मुसलमानों की आर्थिक, सामाजिक स्थिति का आंकलन करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। इसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति राजिन्दर सच्चर ने की थी।

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HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 9 जन सुविधाएँ

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 9 जन सुविधाएँ Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 9 जन सुविधाएँ

HBSE 8th Class Civics जन सुविधाएँ Textbook Questions and Answers

जन सुविधाएँ HBSE 8th Class Civics प्रश्न 1.
आपको ऐसा क्यों लगता है कि दुनिया में निजी जलापूर्ति के उदाहरण कम हैं?
उत्तर:
1.निजी कंपनियाँ प्रायः विश्व भर के बाजारों में केवल लाभ प्राप्ति के लिए ही कार्यरत रहती हैं। नल के द्वारा शुद्ध, स्वच्छ जल बहुत कम दर या मुफ्त में ही देना नाममात्र के लिए लाभकारी होगा या बिल्कुल भी नहीं होगा।

2.यदि निजी कंपनियाँ पूर्णतया जल आपूर्ति का उत्तरदायित्व अपने ऊपर ले लेती हैं तो उन्हें स्थान- स्थान पर जल-पाइप बिछाने होंगे तथा वाटर-टैंक बनवाने होंगे, उन्हें समय-समय पर साफ करना होगा। इन सब पर तथा पाइपों एवं सार्वजनिक स्थानों …पर नल आदि बनाये रखने के लिए पर्याप्त व्यय वहन करना पड़ेगा। यही नहीं पानी को मलेरिया या डेंगू के मच्छरों से मुक्त – रखना होगा।

3.उपभोक्ता, सरकारी विभाग या उनकी एजेंसियाँ आदि छोटी-छोटी गलती पर भी निजी जल आपूर्ति करने वाली कंपनियों के खिलाफ न्यायालयों में मुकदमे डाल सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में न्यायालय निजी कंपनियों तथा उनके प्रबंध-निर्देशकों पर भारी जुर्माने या कैद की सजा या दोनों तरह के दंड दे सकते हैं। ऐसी मुसीबत में भला निजी कंपनियाँ क्या हाथ डालना चाहेंगी?

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 9 जन सुविधाएँ

जन सुविधाएँ प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class Civics प्रश्न 2.
क्या आपको लगता है कि चेन्नई में सबको पानी की सुविधा उपलब्ध है और वे इसे खरीद सकते हैं? चर्चा करें।
उत्तर:
नहीं, चेन्नई में रहने वाले सभी लोगों को न तो पानी की सुविधा उपलब्ध है तथा न ही वह इसे खरीदने की क्षमता ही रखते हैं।
(i) चेन्नई में, अन्नानगर जैसा पॉश इलाका है जहाँ 24 घंटे पानी उपलब्ध रहता है जब पानी की आपूर्ति का अभाव होता है तो इस कॉलोनी के सरकारी अफसर जल निगम के उच्च अधिकारी से टेलीफोन (दूरभाष) पर बातचीत करते हैं तथा उनके पास जल आपूर्ति वाले टैंकर तुरंत ही उपलब्ध हो जाते हैं।

(ii) शहर के अधिकांश क्षेत्रों की भाँति ही सुब्रमण्यन अपार्टमेन्ट जो मैलापुर में है जल के अभाव से पीड़ित रहता है। इस क्षेत्र में दो दिन में केवल एक बार ही जल प्राप्त होता है। अपार्टमेन्ट को निजी बोरवैल द्वारा जल की आपूर्ति कर दी जाती है। बोरवैल का पानी खारा होता है। यह पीने योग्य नहीं है। इसलिए इस क्षेत्र के निवासी इस पानी को शौचालयों एवं धोने के काम में प्रयोग में लाते हैं। अन्य उपयोगों के लिए पानी टैंकर्स से खरीदा जाता है। इन टैंकरों से पानी खरीदने पर ही लोगों को 500 से 600 रुपये प्रति माह खर्च करने पड़ते हैं। कस्बे में सभी लोग इतने खर्च को सहन नहीं कर सकते।

(iii) मडीपाक्कम में जल आपूर्ति की दशा इससे भी ज्यादा बुरी है। यह चार दिनों में एक बार पानी प्राप्त करता है।

(iv) सैदापेट के पास गंदी बस्ती (या झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्र) में 30 झुग्गियों में रहने वाले परिवारों के लिए एक सांझा नल है जो बस्ती के एक कोने पर लगा हुआ है जिसमें दिन में दो बार बोरवैल का पानी 20-20 मिनट के लिए आता है। इस समय (अवधि)के अंदर एक परिवार को ज्यादा से ज्यादा तीन बाल्टियाँ भरने का मौका मिलता हैं।

जन सुविधाएँ Notes HBSE 8th Class Civics प्रश्न 3.
किसानों द्वारा चेन्नई के जल व्यापारियों को पानी की बिक्री से स्थानीय लोगों पर क्या असर पड़ रहा है? क्या आपको लगता है कि स्थानीय लोग भूमिगत पानी के -इस दोहन का विरोध कर सकते हैं? क्या सरकार इस बारे में कुछ कर सकती है?
उत्तर:
(i) निजी कंपनियाँ अथवा जल आपूर्ति करने वाले टैंकरों के मालिक चेन्नई के आस-पास के क्षेत्रों जैसे पालूर, कारूनगिझी एवं अन्य गाँवों के किसानों को अग्रिम धनराशि (Advance money or amount) दे देते हैं ताकि वे अपने व्यापार के अनुसार उनके खेतों में स्थित जल-स्रोतों का शोषण कर सकें। ये कंपनियाँ शहरों को पानी की आपूर्ति करती हैं। 13000 से अधिक टैंकर इस काम में लगे हैं।

(ii) पानी के व्यापारियों को किसानों के द्वारा पानी की बिक्री कर देना स्थानीय लोगों पर बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव डालता है। उन्हें पानी आपूर्ति करने वाली कंपनियों को पर्याप्त धनराशि का भुगतान करना पड़ता है। हर रोज भूमिगत जल का स्तर नीचे और नीचे चला जा रहा है।

(iii) इस तरह की जल आपूर्ति से स्थानीय कृषि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा जो ग्रामीण उसी आस-पास के पानी पर निर्भर हैं उन्हें जल उपभोक्ता के रूप में भी पर्याप्त कष्ट उठाने पड़ते हैं। भूमिगत जल का स्तर और अधिक नीचे चले जाने पर पानी की आपूर्ति भी कम हो जाती है।

(iv) हमारे विचार से स्थानीय लोग भूमिगत पानी के इस व्यावसयीकरण का विरोध कर सकते हैं। भूमिगत पानी एक सांझा संसाधन है। किसानों द्वारा अपने पानी को व्यापारियों के हाथों बेच देना गैरकानूनी है।

(v) सरकार इस बारे में बहुत कुछ कर सकती है। कई क्षेत्रों, राज्यों में सरकारों ने ऐसा किया भी है। भूमिगत जल के दोहन से संबंधित पंजीकरण व्यवस्था भी लागू की गई है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 9 जन सुविधाएँ

जन सुविधाएँ कक्षा 8 HBSE Civics प्रश्न 4.
ऐसा क्यों है कि ज्यादातर निजी अस्पताल और निजी स्कल कस्बों या ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में ही है?
उत्तर:
I.निजी अस्पताल तथा बड़े शहर:
हमारे देश में आज आजादी के करीब 61 वर्षों के बाद भी अधिकांश निजी अस्पताल बड़े-बड़े शहरों में ही हैं तथा कस्बों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी संख्या कम है। इसके कारण निम्नलिखित हैं:
1.अस्पतालों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों के लिए विभिन्न प्रकार के विशेषज्ञ चिकित्सक (specialised doctors) या सर्जन चाहिए। यदि गाँव में एक अस्पताल होगा तो हर बीमारी का डॉक्टर छोटी आबादी के क्षेत्र में हर समय रोगियों के पास पहुँचने के संदेश नहीं प्राप्त करेगा जबकि बड़े शहरों में इतने ज्यादा अस्पताल होते हैं कि एक बीमारी से संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टर या सर्जन को सुबह से शाम तक फुर्सत नहीं होती। इसलिए आज के भौतिक युग में डॉक्टर गाँव या छोटे शहरों में जाना या रहना पसंद नहीं करते।

2.हमारे देश में अधिकतर चिकित्सा क्षेत्र में लगे लोग धन कमाकर अपना क्लिनिक खोलना चाहते हैं। वे दिन-रात पैसा कमाने की धुन में पागल रहते हैं। सेवा भाव तो प्राचीन काल में ही खत्म हो गया था।

3.डॉक्टरों के परिवारजन, बच्चे भी अच्छे से अच्छे स्कूलों तथा कॉलेजों में शिक्षा पाना चाहते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों तथा छोटे कस्बों में जीवन की सभी आवश्यक सुविधाएँ तथा शहरी चहल-पहल नहीं होती।

4.निजी अस्पतालों के मालिक भी धन कमाने के लिए इसे एक व्यवसाय समझते हैं। आज के युग में चिकित्सा के काम आने वाली मशीनें, उपकरण तथा दवाइयाँ इतनी महंगी हैं कि उनका पर्याप्त स्टॉक हर वक्त रखना संभव नहीं होता।

5.अस्पतालों में नर्सिग स्टॉफ, कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था का अर्थ है भारी धनराशि निवेश करना। अस्पतालों में 24 घंटे बिजली, जल आपूर्ति, नियमित रूप से कई बार सफाई कराना तथा महिला कर्मचारियों की सुरक्षा बहुत बड़ी समस्यायें बन जाती हैं। ये समस्याएँ बड़े शहरों में आसानी से सुलझा ली जाती है।

II.बड़े शहरों में स्कूलों का केन्द्रीयकरण होना तथा कस्बों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कम संख्या में स्कूलों का होना:
1.अधिकांश बड़े-बड़े निजी क्षेत्र के स्कूल बड़े शहरों में ही होते हैं। वे छोटे कस्बों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं होते क्योंकि स्कूलों को कई तरह की मूलभूत आवश्यकताएँ चाहिएं जो गाँव में या तो होती ही नहीं या कम होती हैं। जैसे बसें, कारें या निजी वाहन, उनके लिए पर्याप्त सी.एन.जी.या पेट्रोल या डीजल की आपूर्ति, पर्याप्त संख्या में वर्कशाप, टेलीफोन सुविधा, छपी हुई सामग्री, कंप्यूटर एवं उन्हें ठीक करने वाली कंपनियों की सेवाएँ आदि ये सेवाएँ कस्बों अथवा ग्रामीण क्षेत्रों में।

2.स्कूलों को अच्छे निपुण, सुरक्षित तथा कुशल प्रशिक्षित अध्यापक, कोच, विषय विशेषज्ञ, अच्छे प्रधानाचार्य चाहिए। सभी लोग गाँव से दूर रहना पसंद करते है।

3.विद्यार्थियों के लिए होस्टल-लड़कियों के लिए अलग, बालकों के लिए अलग, निजी ट्यूशन, 11वों तथा 12वीं वाले बच्चे से+/-साथ मेडिकल तथा इंजीनियरिंग की तैयारी करना चाहते हैं। ये सभी सुविधाएँ छोटे क्षेत्रों या ग्रामीण क्षेत्रों में प्राप्त नहीं होती।

4.स्कूलों की फीस निरंतर बढ़ रही है। स्कूल के स्टाफ की तनख्वाहें बढ़ रही हैं। स्कूलों को बनाये रखने के व्यय (Maintenance) बढ़ रहे हैं। गाँव में महँगी फीस अदा करने वाले बच्चे ज्यादा न हों तो निजी मालिक स्कूल बंद कर के चले जायेंगे।

प्रश्न 5.
क्या आपको लगता है कि हमारे देश में जनसुविधाओं का वितरण पर्याप्त और निष्पक्ष है? अपनी बात के समर्थन में एक उदाहरण दें।
उत्तर:
नहीं, मेरे विचारानुसार हमारे देश में जनसुविधाएँ न तो पर्याप्त हैं तथा न ही निष्पक्ष हैं।
उदाहरणार्थ:
(अ) शहरों में अधिकांश घर पक्के हैं लेकिन देश की अधिकांश जनसंख्या अब भी ग्रामीण क्षेत्रों तथा -छोटे-छोटे कस्बों में रहती है जहाँ कुछ ही लोग पक्के घरों में रहते हैं। वहाँ आज भी अधिकांश लोग कच्चे घरों में ही रहते हैं। यह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र द्वारा लोक-कल्याण की स्थापना करने का दावा करने वाले देश के लिए अच्छी बात नहीं है।

(ब) हमारे देश में अनेकानेक ऐसे ग्रामीण एवं शहरों के साथ सटे हुए क्षेत्र हैं जहाँ न तो पक्की सड़कें एवं मार्ग हैं, न ही सुव्यवस्थित विद्यालय हैं, न ही अस्पताल, आज भी देश के ग्रामीण
क्षेत्री तथा नगरों में भी मूलभूत सुविधाओं का घोर अकाल है। जहाँ ये सेवाएँ उपलब्ध हैं वहाँ भी इनका निष्पक्ष वितरण नहीं है। राज्य के राजधानी शहर में बिजली की आपूर्ति यदि 24 घंटे है तो उससे सारे जिले में मात्र 18 घंटे विद्युत आपूर्ति की जाती है।

(स) लोगों को आज भी 61 वर्षों की आजादी के बाद भी अपनी पुत्रियों, पुत्रों तथा वरिष्ठ परिवारजनों को इलाज के लिए या कुछ परिवारजनों को पढ़ाई व व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए बड़े-बड़े शहरों में भेजना पड़ता है। वहाँ बहुत ज्यादा खर्च भी उन्हें ‘उठाना पड़ता है। उन्हें वहाँ अन्य कई समस्यायें भी झेलनी पड़ती हैं।

(द) देश की जीवन रेखा कही जाने वाली परिवहन प्रणाली शहरों में तो ठीक-ठाक है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों तथा कस्बों में साधन के इंतजार में घंटों बैठना पड़ता है। देश के एक बड़े भू-भाग में बिजली की व्यवस्था खराब है। खंभे लगे हैं, तार भी खिंचे हैं लेकिन बिजली आपूर्ति कुछ ही घंटों के लिए होती है। सारा क्षेत्र अंधेरे के साम्राज्य में डूबा रहता है।

उदाहरण (Example):
पाठ में इसका एक सटीक उदाहरण दिया गया है कि चेन्नई में पानी की आपूर्ति अन्नानगर जैसे पॉश इलाकों में तो 24 घंटे के लिए होती है जबकि दूसरे इलाकों में दो दिन में एक बार पानी दिया जाता है। जन सुविधाएँ की निष्पक्षता की मांग यही छूट जाता है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 9 जन सुविधाएँ

प्रश्न 6.
अपने इलाके की पानी, बिजली आदि कुछ जनसुविधाओं को देखें। क्या उनमें सुधार की कोई गुंजाइश है? ‘आपकी राय में क्या किया जाना चाहिए? इस तालिका को भरें।

सुविधाक्या यह उपलब्ध है?उसमें कैसे सुधार लाया जाए?
पानी
बिजली
सड़क
सार्वजनिक परिवहन

उत्तर:

सुविधाक्या यह उपलब्ध है?उसमें कैसे सुधार लाया जाए?
पानीकेवल सीमित अवधि के लिएजल के उपयोग में कटौती तथा उसका संरक्षण करके सुधार किया जा सकता है। पेय जल का उपयोग दूसरे कामों जैसे शौचालय, साफ-सफाई आदि में नहीं किया जाना चाहिए
बिजलीकुछ घंटों की कटौती के साथबिजली की बचत बिजली का उत्पादन है। हमें यथानुसार इसकी बचत करनी ही चाहिए। जहाँ तक हो सके खुले में बैठकर कार्य करना चाहिए।
सड़कहाँसड़क का विकास काफी हद तक संतोषजनक हैं। इस जनसुविधा की व्यवस्था करते समय इसका ठेका लेने वालों पर सरकार को कड़ी नजर रखनी चाहिए ताकि यथोचित पर्याप्त सामग्री से सड़कें बनाई जाएँ तो ज्यादा शित तक चलें।
सार्वजनिक परिवहनहाँसार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था शहरों में तो ठीक-ठाक है अर्थात् हर समय उपलब्ध हैं लेकिन दूरदराज के कस्बों तथा गाँवों में निजी वाहन के भरोसे है। सरकार द्वारा जनकल्याण को ध्यान में रखकर No Profit No Loss के आधार पर गाँवों के लिए अधिक साधन जैसे बसें आदि उपलब्ध करानी चाहिए।

प्रश्न 7.
क्या आपके इलाके के सभी लोग उपरोक्त जनसुविधाओं का समान रूप से इस्तेमाल करते हैं? विस्तार से बताएं।
उत्तर:
(क) नहीं, ऊपर उल्लेखित सभी जन-सुविधाओं का सभी लोग समान रूप से उपभोग नहीं कर रहे हैं। हमारे क्षेत्र में लगभग 20 प्रतिशत लोग निर्धनता रेखा से नीचे रहते हैं। वे अपने लिए शुद्ध पेयजल अथवा बिजली के बारे में सोच भी नहीं सकते।

(ख) क्षेत्र में 20 प्रतिशत लोग बहुत ही धनी तथा अच्छी आर्थिक स्थिति वाले हैं। वे घरों में नल-जल आपूर्ति की व्यवस्था रखते हैं। पानी साफ करने के लिए जल परिष्कृत यंत्र या छोटी सी मशीन है। कई परिवार तो पीने के लिए प्रसिद्ध कंपनी की सील लगी बोतलें भी खरीदते हैं।

(ग) हमारे क्षेत्र में लगभग 40 प्रतिशत लोग मध्यमवर्गीय है। वे जल निगम की जल आपूर्ति पर निर्भर करते हैं। कभी-कभी जब पानी नहीं आता तो वे निजी टैंकरों की सेवाएँ भी लेते हैं।

(घ) लगभग 20 प्रतिशत लोग निम्न वर्ग के हैं। उन्हें पानी या तो वोरवैल (Borenvel का मिलता है या पेयजल के लिए प्रतिदिन एक या दो घंटे के लिए कॉलोनी के कोने में लगे सार्वजनिक नल पर लाइन लगाना पड़ता है। यही स्थिति अन्य सुविधाओं के मामले में भी है। हाँ, सड़कों का उपयोग सभी लोग समान रूप से करते है। मुख्य शहरी क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति ठीक-ठाक है लेकिन शहर की सीमा वाले क्षेत्रों के कटौती की मार झेलनी पड़ती है।

प्रश्न 8.
जनगणना के साथ-साथ कुछ जनसुविधाओं के बारे में भी आँकड़े इकट्ठा किए जाते हैं। अपने शिक्षक के साथ चर्चा करें कि जनगणना का काम कब और किस तरह किया जाता है।
उत्तर:
(i) हमारे देश में प्रत्येक दस वर्षों के बाद जनगणना की जाती है। अंतिम जनगणना 2001 में की गयी थी। संभवतः अगली जनगणना 2011 में होगी।

(ii) अनेक दृष्टियों से जनगणना का कार्य देश के लिए बहुत ही उपयोगी है। इससे हमें हमारे देश की कुल जनसंख्या, राज्यों के अनुसार जनसंख्या, महिलाओं तथा पुरुषों की जनसंख्या तथा उनमें लिंग अनुपात, देश में उपलब्ध जन सुविधाओं की स्थिति, उनमें हुए सुधार, तथा कमियों के आंकड़ों पर दृष्टिपात करके हमें समाज के विभिन्न वर्गों तथा श्रेणी के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में भी जानकारी मिलती है।

(iii) जनगणना के द्वारा ही हमें हमारे देश के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों की स्पष्ट तस्वीर मिल जाती है। हम दोनों क्षेत्रों का विभिन्न मामलों में तुलनात्मक अध्ययन भी कर सकते हैं।

(iv) जनगणना के आंकड़ों के आधार पर देश में तीनों स्तरों की सरकारें-स्थानीय, राज्य तथा केन्द्र सरकारें भविष्य के लिए विकास कार्यक्रम, नीतियाँ तथा योजनाएं बना सकते हैं।

(v) अपने देश की जनगणना के आँकड़ों के आधार पर हमको अन्य देशों की सरकारों से उनके आँकड़े पाकर एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की तुलना तथा विभिन्न क्षेत्रों में भारत की स्थिति स्थान भी जान सकते हैं।

(vi) जनगणना का कार्य अत्यंत व्यापक है। इसके अंतर्गत – सभी राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों (अध्यापक आदि) द्वारा घर-घर जाकर संबंधित आंकड़े एकत्र करती है। उन्हें संबंधित विभाग की सूची के अंतर्गत दर्ज कर संबंधित राज्य सरकार, केंद्र सरकार के जनगणना विभाग को भेजती है जिसका समुचित विश्लेषण करके केंद्र सरकार आंकड़े प्रकाशित करती है।

प्रश्न 9.
हमारे देश में निजी शैक्षणिक संस्थान-स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान-बड़े पैमाने पर खुलते जा रहे हैं। दूसरी तरफ सरकारी शिक्षा संस्थानों का महत्त्व कम होता जा रहा है। आपकी राय में इसका क्या असर हो सकता है? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
1.मैं सोचता हूँ कि आने वाले समय में हमारे देश में शिक्षा पूर्णतया निजी क्षेत्र को दे दी जायेगी। सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, प्रशिक्षण संस्थाओं से अध्यापक, प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, प्रोफेसर आदि को या तो बलपूर्वक विवश किया जायेगा कि वे सेवानिवृत्त हो जायें या उन्हें VRS (Voluntary Retirement Scheme) की आकर्षित शतें देकर घर भेज दिया जायेगा।

2.निजी क्षेत्र के हाथों में शिक्षा आ जाने से शिक्षा और भी महंगी हो जायेगी। गरीब लोगों को उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए बहुत ज्यादा शुल्क, बहुत कीमती पुस्तकें तथा स्टेशनरी – खरीदने में बहुत ही कठिनाई होगी।

3.हमारे देश के संविधान में जो सामाजिक-आर्थिक न्याय देने का आदर्श रखा गया है उसे भी सदमा लगेगा। देश में शिक्षा तथा आर्थिक स्थिति में असमानता बढ़ेगी।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 9 जन सुविधाएँ

HBSE 8th Class Civics जन सुविधाएँ Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
तमिलनाडु के राजधानी शहर का नाम लिखिए। चेन्नई में स्थित कॉलोनियों अथवा इसके आस-पास के क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
चेनई (जिसे पहले हम मद्रास कहते थे) तमिलनाडु का राजधानी शहर है। – शहरों/कस्बों के नाम: () अन्नानगर, (10) सैदापेट, (111) मडीपाक्कम, (iv) मैलापुर, (४) मामूंदर.(vi) पालूर, (vi) कारुनगिझी चेन्नई के अंदर या उसके आस-पड़ोस के प्रसिद्ध क्षेत्र या कस्बे या छोटे नगर हैं।

प्रश्न 2.
चेन्नई में जल स्थिति के बारे में कुछ वाक्य लिखिए।
उत्तर:

  1. चेन्नई के कुछ धनिक आबादी वाले क्षेत्रों में किसी सीमा तक जल आपूर्ति की स्थिति को ठीक-ठाक माना जा सकता है लेकिन कभी-कभी इन अच्छे क्षेत्रों की जल आपूर्ति के अभाव की समस्या उठ खड़ी हो जाती है।
  2. कुछ इलाकों में तो अधिकतर जल आपूर्ति बोरवैल (Borewel) द्वारा शौचालय तथा धोने के लिए आपूर्ति की जाती है।
  3. कुछ बहुत धनी लोग या तो निजी कंपनियों के द्वारा जल-टैंकरों से पानी खरीदते हैं, कुछ सीलबंद बोतलें भी खरीदते हैं या जल शुद्धीकरण व्यवस्था घरों पर लगवाते हैं।
  4. कुछ गंदी बस्तियों, झुग्गी-झोपड़ियों या निर्धन लोगों की बस्तियों में जल आपूर्ति की व्यवस्था बहुत ही खराब एवं नाममात्र की ही है। गर्मी के दिनों में यह कठिनाई और भी बढ़ जाती है।

प्रश्न 3.
अध्याय में दिए गए विवरण में जल आपूर्ति के विभिन्न स्रोतों को चुनिए।
उत्तर:

  1. तालाब
  2. चलते-फिरते जल-तालाब
  3. बोरवैल
  4. नल
  5. टैंकरों से
  6. सीलबंद बोतलों या बड़े जारों का जल.
  7. नदियों, झीलों झरनों से पानी लेकर बड़े-बड़े जलाशयों या बनावटी कुओं में जल संग्रह करके उसे साफ करके आपूर्ति करना।

प्रश्न 4.
भारत के अधिकांश क्षेत्रों में गर्मी की ऋतु में जल का अभाव हो जाता है। जानकारी प्राप्त करें ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
भारत के अधिकतर भागों में ग्रीष्म ऋतु में कोई वर्षा नहीं होती। अधिकांश नदियाँ, झरने तथा झीलें व कुएँ आदि सूख जाते हैं। बाँध के लिए निर्मित जलाशयों में भी जल स्तर घट जाता है।

भूमिगत जल का स्तर भी नीचे चला जाता है। ग्रीष्म ऋतु में जल का उपभोग भी बड़ जाता है। इसलिए नलों में कम दबाव पर पानी आता है या बूंद-बूंद कर निकलता है। यही स्थिति प्राकृतिक जल-स्रोत या संसाधनों की भी हो जाती है।

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प्रश्न 5.
जल से संबंधित तीन बीमारियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) डायरिया (Diarrhea)
(ii) दस्त लगना (Dysentery) एवं
(iii) हैजा (Cholera) ।

प्रश्न 6.
संविधान की किस धारा के अंतर्गत जल तक सर्वव्यापी पहुँच को मान्यता दी गयी है? इसकी संवैधानिक स्थिति को बहुत संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
भारत के संविधान की धारा 21 के अंतर्गत जीवन के अधिकार (Right to Life) के अंग के रूप में जलप्राप्ति का सर्वव्यापी अधिकार (Universal Access to the Water) को मान्यता दी गयी है। इसका तात्पर्य यह है कि प्रत्येक व्यक्ति को चाहे वह अमीर हो या गरीब, प्रत्येक दिन इतना पानी अवश्य ही मिलना चाहिए जो उसकी मूलभूत जरूरतों को (जल संबंधी) पूरी कर सके। साथ ही जल उसे इतनी कीमत पर मिले जिसे स्त्री या पुरुष वहन कर सकें। अन्य शब्दों में पानी तक हर व्यक्ति की आसानी से पहुंच हो। बोलीबिया जैसे राष्ट्रों में जल कानून बने हैं।

प्रश्न 7.
संयुक्त राष्ट्र का जल के अधिकार के संबंध में क्या कहना है?
उत्तर:
सन् 2002 में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने जलअधिकार के विषय में जो कथन जारी किया उसका आशय है कि प्रत्येक व्यक्ति को साफ-सुथरा, सुरक्षित, पर्याप्त मात्रा में, भौतिक रूप में पहुँच के भीतर तथा सस्ती कीमत पर उसकी निजी तथा घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जल मिलना ही चाहिए।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आपके दृष्टिकोण या विचार में चेनई के दो निवासियों सुब्रमण्यम एवं पद्मा के अनुभवों में क्या समानता तथा भिन्नता है?
उत्तर:
I.एक जैसा अनुभव (Similar Experience):
(i) अपने-अपने क्षेत्रों में तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में रहने वाले ये दोनों व्यक्ति (सुब्रमण्यम तथा पद्मा) के सामने जल के अभाव (Shortage of Water) की समस्या है।
(ii) दोनों को ही लंबे समय तक जल टैंकर्स के लिए प्रतीक्षा करनी होती है।

II.भिन्न अनुभव (Different Experience):
1.सुब्रमण्यम (की) फ्लेटों वाली बस्ती में नगरपालिका द्वारा – दो दिनों में केवल एक बार पानी की आपूर्ति की जाती है।
दूसरी ओर पद्मा के क्षेत्र में कोई जल-नल की व्यवस्था (कनेक्शन) नहीं है। एक कोने पर एक सार्वजनिक नल लगाया गया है जहाँ से 30 झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वोले लोग पानी भरते हैं। वहाँ दिन में दो बार केवल 20-20 मिनटों के लिए ही जल आपूर्ति होती है। इस समय में एक परिवार को अधिक से अधिक केवल तीन बाल्टियाँ ही पानी भरने की अनुमति है।

2.सुब्रमण्यम अपार्टमेंट में कुछ जल आपूर्ति निजी बोरवैल (borewell) या कुएँ की जल आपूर्ति द्वारा भी होती है। यह पानी खारा है इसलिए इसे केवल शौचालय तथा धोने आदि के काम में ही उपयोग किया जाता है। .सुब्रमण्यम प्रत्येक माह 500-600 रुपये टैंकरों से पानी खरीदने पर व्यय करते हैं। कुछ लोगों ने अपने घर पर जलशोधन उपकरण की भी व्यवस्था कर रखी है।

3.दूसरी तरफ पद्मा एक साधनहीन महिला है। वह अपनी निर्धनता के कारण बोरवैल (कुएँ) का पानी धोने के साथ-साथ पीने के लिए भी उपयोग करती है। गर्मी के मौसम में तो बूंद-बूंद कर पानी टपकता है। इसलिए उसके परिवार को भी पैसा देकर ही पानी प्राप्त होता है। उसे जल टैंकरों के लिए काफी देर तक प्रतीक्षा (इंतजार) करनी पड़ती है।

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प्रश्न 2.
आप क्यों सोचते हैं कि जल प्रत्येक के लिए परमावश्यक है?
उत्तर:
1.यह एक लोकप्रिय कथन है कि “जल ही जीवन है। वस्तुतः शुद्ध वायु या ऑक्सीजन के बाद यदि मानव के लिए दूसरी परमावश्यक उपयोगी वस्तु है तो वह जल ही है। वस्तुतः जल पीने के लिए, भोजन के लिए, स्नान के लिए, कपड़े धोने के लिए तथा न जाने कितने दैनिक कार्यों को करने के लिए परमावश्यक है। वस्तुतः बिना जल के न तो मानव जीवन तथा न ही पशुपक्षियों के जीवन की कल्पना की जा सकती है। यही नहीं कि हमें पीने तथा अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बल्कि इसके शुद्ध रूप में पर्याप्त जल मिलना हमारे स्वास्थ्य के लिए भी परमावश्यक है। साफ-शुद्ध तथा ताजा जल ही हमारे लिए अपेक्षित है। यदि अशुद्ध जल पीयेंगे तो हम बीमारियों को न्यौता देना होगा।

2.जीवन की सुरक्षा तथा अच्छे स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए शुद्ध, मीठा पानी आवश्यक है। साफ तथा सुरक्षित जल अनेक बीमारियों को रोकता है इसके विपरीत गंदा पानी पीने मात्र से ही डायरिया, हैजा तथा मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियाँ हो सकती हैं। हमारे देश भारत में दुनिया में शायद जल से होने वाली बीमारियाँ सबसे ज्यादा लोगों को हर वर्ष अपना शिकार बनाती हैं।

3.एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में शुद्ध जल के प्रति लोग जागरुक नहीं हैं। देश में 16000 भारतीय प्रतिदिन जल से होने वाली बीमारियों से ही मर जाते हैं जिनमें ज्यादातर 5 वर्ष से भी कम आयु के बच्चे होते हैं। यदि हम सभी शुद्ध एवं साफ पानी पीने की स्थिति में आ जायें तो ये सारी अकाल मौतें रोकी जा सकती हैं।

प्रश्न 3.
जन सुविधाओं की महत्त्वपूर्ण चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर:
1.कोई भी जनसुविधा उपलब्ध होने पर प्रायः समाज के सभी लोग तुरंत उससे लाभ उठा सकते हैं। यह सुविधा किसी भी नागरिक में धर्म, जाति, क्षेत्र आदि के आधार पर भेदभाव नहीं करती। उदाहरण के लिए पक्की सड़क, सरकारी स्कूल, कॉलेज, पार्क, बिजली की सड़कों पर रोशनी की सुविधा आदि। हर व्यक्ति स्कूल जा सकता है, सड़क का प्रयोग कर सकता है तथा पार्क में सैर कर सकता है।

2.अनेक जनसुविधाएँ ऐसी होती हैं जिनके अभाव में अनेक सुविधाएँ कुप्रभावित होती हैं। उदाहरणार्थ बिजली की आपूर्ति के बिना सार्वजनिक स्थानों पर अंधेरा होगा। घरों में प्रकाश नहीं होगा। घर पर पंखे, टी.वी., वाशिंग मशीनें, गीजर, मिक्सी, रेडियो, फ्रिज आदि नही चलेंगे। दुकानों, मिलों, फैक्ट्रियों, उद्योगों आदि में हो रहे कार्यों तथा उत्पादन पर भी बिजली की अपर्याप्त आपूर्ति का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

बिजली के बिना किसान अपने ट्यूबवैल नहीं चला सकते। गाँव में सारे काम ठप्प हो जाते हैं। यदि बिजली होगी तो गाँव में भी मनोरंजन के साधन तथा छोटे-बड़े उद्योग आदि लगाये जा सकते है। बिजली का कुव्यवस्था से ग्रामीण समाज क श्रम तथा कौशल का उचित उपयोग नहीं हो पाता।

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दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जनसुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार क्यों उत्तरदायी होनी चाहिए?
अथवा
जन-सुविधाएँ प्रदान करने में सरकार की क्या भूमिका होनी चाहिए? इस उत्तरदायित्व को सरकार को क्यों लेना चाहिए? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
I.जन-सुविधाओं को प्रदान कराने में सरकार (The Government’s role in providing public facilities):
iनिःसंदेह हर स्थान तथा हर व्यक्ति के लिए जन-सुविधाएँ बहुत ही उपयोगी तथा परमावश्यक हैं। लोकतंत्र और वह भी उदारवादी लोकतंत्र, जैसा कि भारत में है इनका महत्त्व एवं आवश्यकता और भी ज्यादा है क्योंकि यह गरीबों का देश है, ग्रामीणों का देश है और यह देश अभी भी विकासशील देशों की श्रेणी में ही आता है।

2.निःसंदेह यह कार्य केवल सरकार ही कर सकती है। पूंजीवादी व्यवस्था हो या पूर्ण स्वतंत्र अर्थव्यवस्था हो, सभी व्यक्तियों, कंपनियों तथा संयुक्त उद्यमों का पहला तथा अंतिम उद्देश्य धन कमाना ही है। वे उपकार या कल्याण में विश्वास नहीं रखतीं। अपवाद हो सकता है। सरकार का यह उत्तरदायित्व कि वह सुनिश्चित करें कि जीवन की परमावश्यक जन-सुविधाएँ पर्याप्त संख्या/मात्रा में तथा प्रत्येक व्यक्ति तथा नागरिक को उपलब्ध हों।

II.सरकार के द्वारा इस उत्तरदायित्व को निर्वाह करने के कारण:
1.निजी क्षेत्र के लोग, समूह या कंपनियाँ जनसुविधाओं की व्यवस्था करने या उन्हें बनाये रखने तथा विस्तार में रुचि नहीं रखते। वे ठेके तो ले सकते हैं लेकिन गुणवत्ता पर जोर देना उन्हें पसंद नहीं। बात स्पष्ट है वे कम से कम सिरदर्दी तथा ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, वह भी कम से कम समय में।

शौचालय, मूत्रालय, सड़कें, छायादार मार्ग, सभी स्थानों तथा सभी स्तर के लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएँ प्रदान करना, विद्युत की आपूर्ति को उचित दरों पर उपलब्ध कराना, स्वच्छ एवं शुद्ध जल की आपूर्ति आदि को सभी के द्वारा सहनीय कीमत पर प्रदान करना निजी क्षेत्र के साहसी उद्यमी पसंद नहीं करेंगे। यह उत्तरदायित्व तो केवल सरकार ही वहन कर सकती है। उदाहरण के लिए एक निजी कंपनी को शहर की नालियाँ बनाने, उन्हें साफ रखने, कूड़े को प्रतिदिन कूड़ेदानों तक शहर के बाहर पहुंचाने में क्या भारी मुनाफा होने जा रहा है? नि:संदेह नहीं। निजी कंपनियाँ मलेरिया उन्मूलन, प्लेग उन्मूलन, आदि कार्यों को अपने अधीन लेने में रुचि नहीं लेंगी।

2.निजी कंपनियाँ यदि शिक्षा तथा स्वास्थ्य क्षेत्र की जन सुविधाएं देने के लिए राजी भी हो जायेंगी तो वे चाहेंगी कि ये जनसेवाएँ केवल बड़े-बड़े शहरों में ही वे प्रदान करें ताकि उन्हें भारी मुनाफे की रकमें मिलती रहे। उन्हें इन क्षेत्रों के विद्यालयों में बड़ी संख्या में विद्यार्थीगण, होस्टल में रहने वाले छात्र तथा अच्छे अध्यापक / अध्यापिकाएँ भी उचित वेतनों पर काम करने के लिए प्राप्त हो जायेंगे।
इसी तरह शहरी क्षेत्रों के अस्पतालों में भी उन्हें हर वक्त पर्याप्त संख्या में रोगी मिल जाएंगें।

निजी क्षेत्र के लोग या कंपनियाँ शिक्षा, स्वास्थ्य या शुद्ध पीने योग्य पानी धनी तथा निर्धन लोगों को समान दर पर ही प्रदान करना चाहेंगे। वे प्रायः पैसे के आधार पर लोगों या वर्गों में अंतर करना अनुचित मानते हैं जबकि सरकारें तो जनमत अपने पक्ष में बनाने या बनाये रखने के लिए वोटों की राजनीति करने के लिए स्वेच्छा से करेंगे।

3.आधुनिक लोकतंत्रीय युग में प्रायः हर देश का संविधान मानव अधिकारों तथा मूलभूत अधिकारों की गारंटी देता है। संयुक्त राष्ट्र तथा समय-समय पर बैठायी गयी कमेटियाँ तथा आयोग जीवन के अधिकार को एक महत्त्वपूर्ण अधिकार मानते हैं। कम से कम कीमत पर शुद्ध पीने योग्य पर्याप्त मात्रा में जल प्रदान करना सरकार का कर्तव्य माना जाता है। हर देशवासी को शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करना व सभ्य तथा स्वस्थ जीवन निर्वाह की सुविधा उपलब्ध कराना आधुनिक सरकारों के लिए अनिवार्य बन गया है।

प्रश्न 2.
जन सुविधाओं के लिए सरकार धन-राशि कहाँ से प्राप्त करती है?
उत्तर:
1.बजट (Budget):
प्रत्येक वर्ष केन्द्रीय सरकार संसद (लोकसभा) या राज्य सरकारें विधानमंडलों (विधानसभाओं) में बजट प्रस्तुत करती हैं। इसमें आय तथा अनुमानित व्यय का ब्यौरा होता है। सरकार को इसमें यह भी बताना पड़ता है कि वह अनुमानित व्यय की मदों तथा विभागों पर किए जाने वाले, व्यय की राशि कहाँ से लायेगी। उसके स्रोत क्या-क्या होंगे।

  • बजट में सरकार बताती है कि वह अपने विभिन्न क्षेत्रों और मदों पर होने वाले खर्च को किन-किन स्रोतों से वसूल करेगी।
  • सरकार की आय का प्रमुख स्रोत राजस्व है जो वह विभिन्न तरह के करों के माध्यम से इकट्टा करती है। तीनों स्तरों की सरकारों (केन्द्र, राज्य तथा स्थानीय) को कर लगाने तथा उन्हें इकट्ठा करके व्यय का अधिकार हैं।

उदाहरण (Example):
सरकार किसी क्षेत्र/गाँव या शहर या जिले के लिए पेय जल आपूर्ति की योजना बनाती है। वह यह तय करती है कि जल संग्रह करने के लिए कहाँ-कहाँ जलाशय या टैंक बनाये जायेंगे। कितनी लंबी पाइपलाइनें बिछायी जायेंगी, कहाँ-कहाँ पानी की टकियाँ होंगी। गंदे पानी की निकासी कैसे होगी तथा अशुद्ध जल को किस प्रक्रिया द्वारा पीने योग्य शुद्ध तथा स्वच्छ बनाया जायेगा।

सरकार इस सेवा के लिए स्थानीय लोगों से कुछ भुगतान ले लेती है। कुछ धन वह अनुदानों में पंचायतों या जिला बोर्ड को दे देती है। जल आपूर्ति शुरू होने के बाद हर उपभोक्ता से प्रति माह जल बिल राशि ली जाती है। प्रायः कोशिश की जाती है कि जल की कीमत इतनी हो जिसका भुगतान गरीब से गरीब व्यक्ति भी सरलता से कर सके।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 9 जन सुविधाएँ

जन सुविधाएँ Class 8 HBSE Notes in Hindi

1.स्वच्छता (Sanitation): मानव मूल-मूत्र को सुरक्षित ढंग से नष्ट करने की सुविधा। इसके लिए शौचालयों का निर्माण किया जाता है और गंदे पानी की सफाई के लिए पाइप लगाए जाते हैं। खाद्य सामग्री को संक्रमण से बचाने के लिए ऐसा करना जरूरी होता है। ऐसा करना पर्यावरण या वातावरण को साफ-सुथरा बनाये रखने तथा मानव एवं अन्य प्राणियों को बीमारियों से बचाने के लिए परमावश्यक एवं अत्यंत उपयोगी है।

2.कंपनी (Company): कंपनी एक तरह की व्यावसायिक संस्था होती है जिसकी स्थापना कुछ लोग या सरकार करती है। जिन कंपनियों का संचालन और स्वामित्व निजी समूहों या व्यक्तियों के हाथ में होता है उन्हें निजी कंपनी कहा जाता है। उदाहरण के लिए टाटा स्टील एक निजी कंपनी है जबकि इंडियन ऑयल सरकार द्वारा संचालित कंपनी है।

3.सार्वभौमिक पहुँच (Universal Access): विश्वव्यापी या सार्वजनिक पहुँच में वे वस्तुएँ होती हैं जिन तक हर व्यक्ति पहुँच सकता है और उन्हें वह कीमतों की दृष्टि से खरीद भी सकता है। उदाहरण के लिए घर में नल में पानी आ रहा हो तो परिवार को पानी तक पहुँच मिल जाती है और अगर उसकी कीमत कम हो या वह मुफ्त उपलब्ध हो तो हर कोई उसका इस्तेमाल कर सकता है।

4.मौलिक आवश्यकताएँ अथवा मूलभूत सुविधाएँ (Basic Needs): वे सभी प्राथमिक आवश्यकताएँ या सुविधाएँ जो मानव के जीवित रहने के लिए बहुत ही जरूरी मानी जाती है, मौलिक आवश्यकताएँ कहलाती हैं। जैसे शुद्ध वायु, शुद्ध पेय जल, पौष्टिक भोजन, वस्त्र, रहने के लिए मकान, शिक्षा सुविधाएँ, सफाई, स्वास्थ्य सुविधाएँ आदि।

5. जन सुविधाएँ या परमावश्यक सुविधाएँ (Public Facilities or Essential Facilities): इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • शुद्ध जल आपूर्ति,
  • स्वास्थ्य सुविधाएँ,
  • सफाई सुविधाएँ,
  • विद्युत आपूर्ति,
  • सार्वजनिक यातायात,
  • सार्वजनिक शौचालय आदि,
  • शैक्षिक सुविधाएँ जैसे स्कूल तथा कॉलेज,
  • पार्क, बाग, पुस्तकालय आदि।

6. चेन्नई (Chennai): पहले इसका नाम मद्रास था। आज यह प्रान्त तमिलनाडु की राजधानी (शहर) तथा देश का चौथा बड़ा महानगर है।

7. जीवन का अधिकार (Right to Life): भारत का संविधान देश में रह रहे सभी नागरिकों को जीवन का अधिकार एक मौलिक अधिकार के रूप में प्रदान करता है।

8. संसद (Parliament): लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों मिलकर हमारे देश की संसद को बनाते हैं। देश का राष्ट्रपति इसका अभिन्न अंग माना जाता/जाती है।

9. बजट (Budget): सरकार प्रत्येक वर्ष विभिन्न वस्तुओं तथा विभागों से होने वाली आय तथा व्यय का जो लेखा-जोखा तैयार करती है, उसे बजट कहते हैं। हमारे देश का बजट लोकसभा में रखा जाता है तथा उसके द्वारा पास हो जाने के बाद उसे राज्य सभा पास करती है। ब्रजट पर अंतिम रूप से राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते हैं। (याद रहे प्रायः कई परिवार भी आय-व्यय का मासिक बजट बनाते हैं।)

10.पोतों एलेने (Porto Alegre): यह ब्राजील का एक शहर है। ब्राजील लैटिन अमारका का क्षेत्र की दृष्टि में सबसे बड़ा देश है।

11.सार्वजनिक परिवहन प्रणाली (Public Transport System): शहर या क्षेत्र विशेष में चलने वाली स्थानीय बसें, अंतर्राज्यीय बसें, स्थानीय ट्रेनें, ट्रामे, मेट्रो आदि प्रायः सार्वजनिक यातायात व्यवस्था कहलाती है। इसमें टैक्सी तथा त्रिपहिए वाहन भी शामिल होते हैं जो लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाते एवं ले जाते हैं।

12.सुलभ इंटरनेशनल (Sulabh International): यह एक गैर-सरकारी संगठन है जो भारत के पिछले तीन दशकों से सार्वजनिक शौचालय इकाइयाँ स्थापित कर गरीब व मेहनतकश वर्ग को उच्च कोटि की सफाई व्यवस्था उपलब्ध करा रहा है।

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HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 8 हाशियाकरण से निपटना

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 8 हाशियाकरण से निपटना Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 8 हाशियाकरण से निपटना

HBSE 8th Class Civics हाशियाकरण से निपटना Textbook Questions and Answers

हाशियाकरण से निपटना HBSE 8th Class Civics प्रश्न 1.
वो ऐसे मौलिक अधिकार बताइए जिनका दलित समुदाय प्रतिष्ठापूर्ण और समतापरक व्यवहार पर जोर देने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इस सवाल का जवाब देने के लिए पृष्ठ 14वें पर विए गए मौलिक अधिकारों को दोबारा पढ़िए।
उत्तर:
1. समानता का अधिकार एवं
2. स्वतंत्रता का अधिकार।

हाशियाकरण से निपटना प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class Civics प्रश्न 2.
रलम की कहानी और 1989 के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम के प्रावधानों को दोबारा पढ़े। अब एक कारण

बताएँ कि रलम ने इसी कानून के तहत शिकायत क्यों बर्ज कराई?
उत्तर:
मैं सोचता हूँ रत्नम एक सुशिक्षित था। वह अपने मूलभूत अधिकारों को जानता था। उसने सभी तरह के सामाजिक, धार्मिक अन्यायों एवं समानता के अपने अधिकार के लिए आवाज उठाई। भारत में किसी भी संगठन या समूह का शोषण नहीं किया जा सकता था। किसी की इच्छा के विरुद्ध परंपरा के नाम पर उसे काम करने के लिए विवश नहीं किया जा सकता है।

एक उदाहरण:
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम, 1989 के अंतर्गत गाँव की उच्च जातियों अथवा वर्चस्व समूह के अन्यायपूर्ण व्यवहार के विरुद्ध मुकद्दमा दर्ज किया जा सकता है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 8 हाशियाकरण से निपटना

हाशियाकरण से निपटना Notes HBSE 8th Class Civics प्रश्न 3.
सी.के.जानू और अन्य आदिवासी कार्यकर्ताओं को ऐसा क्यों लगता है कि आदिवासी भी अपने परंपरागत – संसाधनों के छीने जाने के खिलाफ 1989 के इस कानून का इस्तेमाल कर सकते है? इस कानून के प्रावधानों में ऐसा क्या खास है जो उनकी मान्यता को पुष्ट करता है?
उत्तर:
1989 का एक्ट (अधिनियम) आदिवासियों के लिए भी महत्त्वपूर्ण है। वे उस भूमि पर अपने अधिकार को बनाये रखने के लिए इस अधिनियम का प्रयोग कर सकते हैं जो कभी उनके आधिपत्य में थी।
आदिवासी प्रायः अपनी भूमि से बेदखल होने के लिए तैयार नहीं होते जिससे उन्हें हटाने के लिए उनके विरुद्ध बल का प्रयोग किया जाता है। वे (देश के कानून के अधीन) उन लोगों के खिलाफ सजा की मांग कर सकते हैं जिन्होंने बलपूर्वक आदिवासियों के भू-भागों पर घेराबंदी कर ली है। भारत के संविधान ने आदिवासियों को पहले ही आश्वस्त किया है कि जो भूमि अनुसूचित जनजातियों की है, वह गैर-जनजाति लोगों को न तो बेची जा सकती है तथा न ही उनके द्वारा खरीदी ही जा सकती है।

सी.के.जानू, जो एक आदिवासी कार्यकर्ता है, ने स्पष्ट रूप से दावा किया है कि विभिन्न राज्यों की सरकारों ने ही इस अधिनियम की धज्जियाँ उड़ाई हैं क्योंकि उन्होंने ही आदिवासियों का शोषण करते हुए उनकी भूमियों को टिम्बर सौदागरों (timber merchants) तथा कागज मिलों आदि को दी है। इसी तरह से केन्द्रीय सरकार ने भी उनकी भूमि को आरक्षित वन अथवा अभयारण्य घोषित करके उन्हें वहाँ से बेदखल किया है।

हाशियाकरण से निपटना कक्षा 8 HBSE Civics प्रश्न 4.
इस इकाई में दी गई कविताएं और गीत इस बात का उदाहरण हैं कि विभिन्न व्यक्ति और समुदाय अपनी सोच, अपने गुस्से और अपने दुखों को किस-किस तरह से अभिव्यक्त करते हैं। अपनी कक्षा में ये दो कार्य करें:
(क) एक ऐसी कविता खोजें जिसमें किसी सामाजिक मुद्दे की चर्चा की गई है। उसे अपने सहपाठियों के सामने पेश करें। दो या अधिक कविताएँ लेकर छोटे-छोटे समूहों में बँट जाएँ और उन कविताओं पर चर्चा करें। देखें कि कवि ने क्या कहने का प्रयास किया है।
(ख) अपने इलाके में किसी एक हाशियाई समुदाय का पता लगाएँ। मान लीजिए कि आप उस समुदाय के सदस्य हैं। अब इस समुदाय के सदस्य की हैसियत से अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए कोई कविता या गीत लिखें या पोस्टर आदि बनाएँ।
उत्तर:
(क) पाठ्यपुस्तक में दी गई दोनों कविताओं का सार तत्व छुआछूत तथा भेदभावपूर्ण सामाजिक व्यवस्था है। दोनों रचनाकारों ने अपने-अपने स्तर पर इस घिनौनी व्यवस्था की निंदा की है। किसी का काम उसकी जाति का आधार नहीं बन सकता। विद्यार्थी कोई कविता खोजकर संबंधित सामाजिक मुद्दे पर चर्चा करें।

(ख)
(i) हमारी बस्ती में कुछ मुसलमान परिवार रहते हैं। उनमें से अधिकांश बहुत ही निर्धन हैं। वे शैक्षणिक दृष्टि से बहुत ही पिछड़े हुए हैं तथा कच्चे घरों में रहते हैं। उनके निवास स्थानों पर बिजली नहीं है। वे नल के जल से दूर हैं। उन्हें हम हाशियाई समुदाय कह सकते हैं।

(ii) यहाँ पर अनेक दलित परिवार भी रहते हैं। वे भी कच्चे घरों में रहते हैं। शैक्षिक दृष्टि से वे बहुत पिछड़े हुए हैं। उन्हें बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं हैं।
हाशियाई समुदाय को समर्पित कुछ पंक्तियाँ
ओ ! मुस्लिम भाइयों, अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए बाहर निकल आओ।
अपने पुत्र एवं पुत्रियों को आधुनिक नई शिक्षा पढ़ने के लिए बाहर भेजो।
आओ आपका परिवार भी काम पर निकले।
जब आपकी कमाई बढ़ जायेगी तो आपकी निर्धनता गायब हो जायेगी।
आपके रहने-सहने के हालत बदल जायेंगे।
आप वह गाना याद रखें-“एक दिन तो सुबह जरूर आएगी।”
अथवा
“हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब, एक दिन।”

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 8 हाशियाकरण से निपटना

HBSE 8th Class Civics हाशियाकरण की समझ Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
“दलित” पद या शब्द के अर्थ की व्याख्या करें।
उत्तर:
“दलित” शब्द या पद का शाब्दिक अर्थ है दबा-कुचला। इसका प्रयोग उन लोगों के लिए किया जाता है जिनका एक ही धर्मावलंबी होते हुए भी जाति प्रथा के कारण उन जातियों के लोगों को शताब्दियों तक भेदभाव को सहना पड़ा।

प्रश्न 2.
आग्रही शब्द से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
इद निश्चयी अथवा आग्रही व्यक्ति अथवा समूह वह होता है जो अपने विचारों को जोरदार ढंग से दृढ़तापूर्वक अभिव्यक्त कर सके।

प्रश्न 3.
मुकाबला करना पद की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
आमने-सामने आना या किसी व्यक्ति अथवा स्थिति को चुनौती देना। उदाहरणार्थ कुछ समूहों ने अपने हाशिए पर पहुँचने को चुनौती दी है।

प्रश्न 4.
बहिष्कृत या बहिष्कार से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
इसका अर्थ है किसी व्यक्ति विशेष या किसी समूह बाहर करना या समाप्त करना। उदाहरणार्थ, एक व्यक्ति एवं परिवार का सामाजिक बहिष्कार करना।

प्रश्न 5.
नीति शब्द का अर्थ बताइए।
उत्तर:
एक घोषित कार्यदिशा जो भविष्य का रास्ता बताती है, लक्ष्य तय करती है या अपनाए जाने वाले सिद्धांतों व दिशानिर्देशों की व्याख्या करती है। इस अध्याय में सरकारी नीतियों का उल्लेख किया है, लेकिन स्कूल, कंपनी आदि अन्य संस्थाओं की भी अपनी नीतियाँ होती हैं।

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प्रश्न 6.
‘नैतिक रूप से निवनीय’ पद से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
ये ऐसे कृत्य होते हैं जो सभ्यता और प्रतिष्ठा के सारे कायदे-कानूनों के खिलाफ होते हैं। इस शब्द का इस्तेमाल सामान्यतः ऐसे घृणित और अपमानजनक कृत्यों के लिए किया जाता है जो समाज द्वारा स्वीकृत मूल्यों के खिलाफ होते हैं।

प्रश्न 7.
कुछ हाशियाई समूहों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
हमारे देश के आदिवासी, दलित, मुसलमान, औरतें एवं अन्य पिछड़े लोग प्रमुख हाशियाई समूह हैं। वे अपने अधिकारों की मांग कर रहे है।

प्रश्न 8.
संविधान के अनुच्छेद 17 व 15 में क्या उल्लेखित है?
उत्तर:
अनुच्छेद 17 में कहा गया है कि अस्पृश्यता या छुआछूत समाप्त हो चुकी है। यह एक दंडनीय अपराध है। अनुच्छेद 15 में कहा गया है कि भारत के किसी भी नागरिक के साथ किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हाशिए पर पहुँच गये समूहों अथवा सीमा के किनारे पर पहुंचे लोगों के लिए मौलिक अधिकार किस तरह से महत्वपूर्ण हैं? हमारे देश के संविधान ने जो मूलभूत अधिकार अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों अथवा महिलाओं आदि को दिए गए हैं वे किस तरह से उनके लिए महत्त्वपूर्ण हैं?
उत्तर:
भारत का संविधान एवं मूलभूत अधिकार (The Constitution of India and the Fundamental Rights):
हमारे संविधान ने कुछ आदर्श अपने सामने रखे हैं जो देश को एक उदारवादी लोकतंत्रीय देश बनाते हैं। मौलिक अधिकार हमारे संविधान के महत्त्वपूर्ण अंग हैं। ये अधिकार समान रूप से सभी भारतीय नागरिकों को उपलब्ध हैं। जो लोग निम्नतम सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर पहुंचे हुए हैं या रह रहे हैं या जिन्हें हम हाशिए पर आ गये लोग/समूह या समुदाय मानते हैं उनके लिए ये मौलिक अधिकार दो रूपों में और भी अधिक महत्त्वपूर्ण है।
1. प्रथम, उन लोगों ने अपने मौलिक अधिकारों को लागू करने पर जोर दिया। उनके साथ बहुत ही अन्याय हुआ है।
2. दूसरे, उन्होंने अपने मौलिक अधिकारों के संरक्षण की मसँग की। उन्होंने सरकार पर दबाव डाला कि वह नये कानून बनाये। इस बात के लिए उन्होंने संघर्ष भी किये जो मूलभूत अधिकारों की भावना के अनुरूप ही थे।

प्रश्न 2.
संविधान की कौन सी धाराओं के अंतर्गत छुआछूत या भेदभाव के गलत व्यवहार का उन्मूलन किया गया।
उत्तर:
1. भारत के संविधान की धारा 17 कहती है कि भारत से अस्पृश्यता (हुआछूत) का उन्मूलन कर दिया गया है। इसका अर्थ है कि कोई भी आज के बाद दलितों को शिक्षा ग्रहण करने से रोक नहीं सकेगा, कोई भी उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोकेगा नहीं तथा न ही कोई उन्हें सार्वजनिक सुविधाओं एवं स्थानों के प्रयोग से ही रोक पायेगा। इसका अभिप्राय यह भी है कि किसी भी रूप में छुआछूत को व्यवहार में लाना गलत होगा। इसे किसी भी रूप में लोकतांत्रिक सरकार द्वारा सहा नहीं कहा जायेगा। वस्तुतः अब छुआछूत एक दंडनीय अपराध हो गया है।

2. हमारे संविधान में कई अन्य भाग तथा उनके उपभाग भी हैं जो छूआछूत के खिलाफ तर्क को सुदृढ़ करते हैं। उदाहरणार्थ: भारतीय संविधान की धारा 15 कहती है कि देश में समानता का अधिकार सभी को प्राप्त है तथा देश के किसी भी नागरिक के साथ लिंग, जन्मस्थान, क्षेत्र, जाति, धर्म, रंग आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 3.
सांस्कृतिक एवं शैक्षिक अधिकार अल्पसंख्यकों के लिए किस तरह से महत्त्वपूर्ण हैं? संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
1. अन्य समूहों की भाँति ही हमारे देश में संविधान ने अल्पसंख्यकों को भी छः मौलिक अधिकार दिए हैं। इनमें से दो मौलिक अधिकार (क) धार्मिक स्वतत्रंता और (ख) सांस्कृति एवं शैक्षणिक अधिकार उनके लिए विशेष महत्त्वपूर्ण हैं।
अल्पसंख्यक तथा सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक अधिकार (Minorities and Education and Cultural Right):

2 शिक्षा तथा संस्कृति संबंधी मूल अधिकार के अंतर्गत नागरिकों के प्रत्येक समूह को जो भारत की भूमि पर रहता है तथा जिसकी अपनी निश्चित भाषा, लिपि तथा संस्कृति है, अपनी भाषा, लिपि तथा संस्कृति को सुरक्षित रखने का पूर्ण अधिकार है। उदाहरणार्थ: देश के मुसलमानों तथा पारसियों को पूर्ण स्वतंत्रता है कि वे जिस रूप में चाहें अपनी शिक्षा संस्था स्थापित कर अपनी भाषाएँ, बोलियाँ, लिपियों के साथ-साथ अपने गीत-संगीत, साहित्य, परंपराओं, आस्थाओं, संस्कारों का प्रचार-प्रसार तथा संरक्षण भी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह भी कहा गया है कि किसी भी राजकीय अथवा राज्य से आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाली शिक्षा-संस्था में किसी भी विद्यार्थी को केवल उसके धर्म, जाति तथा भाषा आदि के आधार पर प्रवेश पाने से नहीं रोका जाएगा।

3. संविधान के अनुच्छेद-30 के अनुसार धर्म अथवा भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वगों को अपनी इच्छा के अनुसार शिक्षा-संस्थाएं स्थापित करने तथा उन्हें चलाने का अधिकार होगा। इस अनुच्छेद में यह भी कहा गया है कि राज्य द्वारा शिक्षा संस्थाओं को आर्थिक सहायता देते समय उनके साथ इस आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा कि वह अल्पसंख्यकों के प्रबंध के अधीन है।

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प्रश्न 4.
आप क्यों सोचते हैं कि दलित परिवार शक्तिशाली जातियों के गुस्से व भय से ग्रसित रहते हैं?
उत्तर:
1. मैं सोचता हूँ कि दलित परिवार के लोग उच्च वर्गों के लोगों के क्रोधित होने से भयभीत रहते हैं क्योंकि उच्च जाति के लोग गाँव तथा कस्बों में प्राय: अधिक साधन-संपन्न होते हैं तथा वे कभी भी गाँव की पंचायत के माध्यम से दलितों का सामाजिक बहिष्कार कर सकते हैं।

2. गाँवों के उच्च वर्ण या जातियों के लोग अपने बाहुबल तथा पैसे की शक्ति के बल पर अपनी शक्ति का प्रयोग करके उन्हें ग्रामीण बिरादरी या किसी जाति विशेष से बहिष्कृत कराने का दबाव डालकर उन्हें निकलवा सकते हैं। उच्च वर्गों का जिनकी पंचायतों में बड़ी संख्या होगी वे प्रस्ताव पास करके कह देगें कि कोई भी न तो उनसे बातचीत करेगा तथा न ही उन्हें अपने यहाँ नौकरियाँ देगा। भूखा क्या नहीं करता?

3. शक्तिशाली जातियों के लोग दबाव समूह या हित समूह बना सकते हैं। वे मंहगे अत्याधुनिक हथियार खरीद सकते हैं। समय-समय पर दलितों के मोहल्लों, घनी आबादी की बस्तियों में हवाई फायर कराकर उनकी झोंपड़ियों में आग लगवाकर या कानून को अपने हाथों में लेकर उन्हें आतंकित कर सकते हैं। दलित जानते हैं कि 24 घंटे न तो राज्य सरकार न ही उसकी पुलिस उनके माल, जान तथा आन की रक्षा कर सकती है। आड़े वक्त में गाँव का सूदखोर ही उन्हें ब्याज पर धन देगा। उत्सवों में बड़ी जातियां के लोग ही उन्हें उपहार या धन या फसलें दान दे देंगे या उन्हें भूख से तंग आकर आत्महत्या से बचा लेंगे। केन्द्र में बैठी सरकार जब तक जायेगी तब तक तो बहुत देर हो जायेगी।

4. यही नहीं अनेक राज्यों में दलितों की बेटियों तथा उनकी महिला सदस्यों को अपहरण, दुर्व्यवहार एवं बलात्कार का शिकार बनना पड़ता है। भ्रष्ट पुलिस अधिकारी उनकी एफ.आई.आर. (FIR) तक नहीं लिखते। ऐसी असुरक्षा की स्थिति एवं भय से पूर्वजों के गाँवों से पलायन करने के लिए विवश हो जाते हैं। उन्हें अपने परिजनों के साथ ही भागना पड़ता है।

5. दलितों में हर व्यक्ति रत्नम की भाँति सुशिक्षित ही नहीं है और यदि है तो भी हर आदमी उसकी तरह निर्भय नहीं होता। यहाँ तक कि अन्य दलित भी अधिक गरीब दलित को ही अपना समर्थन नहीं देते। वे पुलिस, गाँव के बाहुबलियों, धनाड्य व्यक्तियों, जमींदारों आदि से भयभीत होते हैं।

प्रश्न 5.
हाथ से मैला उठाने की प्रथा से आप क्या समझते हैं? इस कार्य से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर संक्षिप्त चर्चा कीजिए।
उत्तर:
हाथ से मैला उठाने की प्रथा (Practice of Manual Scarvengering):
बहुत सारे लोग झाडू, टिन और टोकरियों के सहारे पशुओं इन्सानों के मल-मूत्र को ठिकाने लगाते हैं। वे बिना पानी वाले (सूखे) शौचालयों से गंदगी उठाकर दूर के स्थानों पर फेंककर आते हैं। हाथ से मैला उठाने वाले पौढ़ी दर पीड़ी यही काम करते हैं। यह काम आमतौर दलित औरतों और लड़कियों के हिस्से में आता है।
(i) सिर पर मैला ढोने वाले बेहद अमानवीय स्थितियों में काम करते हैं। इस काम के कारण उनके स्वास्थ्य को गंभीर खतरा बना रहता है। वे लगातार ऐसे संक्रमण के खतरे में रहते हैं जिससे उनकी आँखों, त्वचा, श्वसन तंत्र और पाचन तंत्र पर असर पड़ सकता है। इस काम के लिए उन्हें बहुत मामूली वेतन मिलता है। नगरपालिकाओं में काम करने वालों को रोजाना 30-40 रुपए मिलते हैं जबकि निजी घरों में काम करने वालों को इससे भी कम पैसा मिलता है।

(ii) जैसा यही नहीं हाथ से मैला उठाने वालों को कई जगह अछूत माना जाता है। गुजरात के भंगी, आंध्र प्रदेश के पाखी और तमिलनाडु के सिक्कलयार इसी श्रेणी में आते हैं। आमतौर पर उन्हें गाँव के किनारे अलग टोलों में रहना पड़ता है। उन्हें मंदिर, सार्वजनिक जल सुविधाओं आदि के पास फटकने भी नहीं दिया जाता है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 8 हाशियाकरण से निपटना

प्रश्न 1.
स्वतंत्रता के उपरान्त सरकार ने सामाजिक न्याय को प्रोत्साहित करने हेतु क्या किया है?
उत्तर:
स्वतंत्रता के उपरांत सामाजिक न्याय को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास (Efforts by the Government for promoting social justice after the country’s independence):

1. संविधान को लागू करने के अपने प्रयास के रूप में दोनों स्तरों की सरकारों (राज्य तथा केन्द्र) ने उन क्षेत्रों में विशिष्ट योजनाओं को लागू करने के प्रयास किए जिनमें दलित जातियों के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। उदाहरण के लिए सरकार ने ऐसे छात्रावास स्थापित किए जहाँ पर दलित जातियों या समूहों तथा आदिवासियों के छात्रों को निशुल्क या नाममात्र की फीस तथा खर्चा आदि उनसे लेकर उन्हें सुविधाएँ प्रदान की जा सकें ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त करते रहें क्योंकि कई बार उच्च शिक्षा तथा प्रशिक्षण की पर्याप्त सुविधाएँ उनके क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं होती हैं।

2. विशेष तरह की उपयोगी सुविधाएँ प्रदान करने के साथ-साथ सरकार या तो ऐसे नये कानून बनाती है या पुराने कानूनों में संशोधन करती है ताकि आरक्षण संबंधी नीति या अन्य क्षेत्रों में उन्हें समानता नहीं मिल पाती तो वह उन्हें मिलती रहे। ऐसे ही कानूनों/नीतियों की बहुत जरूरत है क्योंकि इनकी आज उन्हें इसकी बहुत आवश्यकता है।

3. वे कानून जो दलितों तथा आदिवासियों के लिए शिक्षा संस्थाओं एवं सरकारी नौकरियों में उनके लिए आरक्षण या स्थान सुरक्षित करने में सहायक है क्योंकि हमारे जैसे समाज में इन दोनों समूहों से अनेक सदियों से भेदभाव तथा उत्पीड़न होता चला आया है। लोकतांत्रिक उदार सरकार को ऐसे कदम उठाने ही चाहिए ताकि उनका शैक्षिक तथा व्यावसागिक तत्थान हो सके तथा दे प्रतियोगिता के इस युग में ज्यादा से ज्यादा अच्छे वेतन के पद एवं स्थान प्राप्त कर सके।

प्रश्न 2.
अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 की प्रमुख व्यवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रत्नम ने अपने गाँव में ऊंची जातियों द्वारा किए जा रहे भेदभाव और हिंसा का विरोध करने के लिए अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई और कानून का सहारा लिया।
(i) यह कानून 1989 में दलितों तथा अन्य समुदायों की मांगों के जवाब में बनाया गया था उस समय सरकार पर इस बात के लिए भरी दबाव पड़ रहा था कि वह दलितों और आदिवासियों के साथ रोजमर्रा में होने वाले दुर्व्यवहार और अपमान पर रोक लगाने के लिए ठोस कार्रवाई करे। यों तो इस तरह का व्यवहार लबे समय से चला आ रहा थ लेकिन सत्तर-अस्सी के दशक में यह समस्या हिंसक रूप लेने लगी थी।

(ii) इस दौरान दक्षिण भरत के कई हिस्सों में अपने हकों का दावा करने वाले बहुत सारे आग्रही दलित संगठन सामने आए और उन्होंने अपने हकों के लिए पुरजोर आवाज उठाई। वे तथाकथित जातीय दायित्वों का निर्वाह करने को तैयार नहीं थे और समानता का अधिकार चाहते थे। उन्होंने दलितों का अपमान व शोषण करने वाली परपंराओं को मानने से इनकार कर दिया था। इसकी वजह से ऊँची जातियों के लोग उनके साथ खुलेआम हिंसा पर उतारू हो गए थे।

(iii) सरकार को इस बात का अहसास कराने के लिए दलित संगठनों ने व्यापक अभियान चलाए कि छुआछूत अभी भी जारी है। उन्होंने इस बात के लिए दबाव बनाया कि नए कानूनों में दलितों के साथ होने वाली विभिन्न प्रकार की हिंसा की सूची बनाई जाए और इस तरह के अपराध करने वालों के लिए सख्त सणा का प्रावधान किया जाए।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 8 हाशियाकरण से निपटना

हाशियाकरण से निपटना Class 8 HBSE Notes in Hindi

1. अग्रही अथवा दृढ़ (Assertive): दृढ़ निश्चयी अथवा आग्रही व्यक्ति अथवा समूह वह होता है जो अपने विचारों को जोरदार ढंग से दृढ़तापूर्वक अभिव्यक्त कर सके।
2. मुकाबला करना (Confront): आमने-सामने आना या किसी व्यक्ति अथवा स्थिति को चुनौती देना। उदाहरणार्थ कुछ समूहों ने अपने हाशिए पर पहुंचने को चुनौती दी है।
3. वंचित (Dispossessed): किसी की संपत्ति अथवा स्वामित्व छीन लेना।
4. जाति बहिष्कृत (Ostracise): इसका अर्थ है किसी व्यक्ति विशेष या किसी समूह को बाहर करना या समाप्त करना। उदाहरणार्थ, एक व्यक्ति एवं परिवार का सामाजिक बहिष्कार करना।
5. नैतिक रूप से निंदनीय (Morally reprehensible): ये ऐसे कृत्य होते हैं जो सभ्यता और प्रतिष्ठा के सारे कायदे-कानूनों के खिलाफ होते हैं। इस शब्द का इस्तेमाल सामान्यतः ऐसे घृणित और अपमानजनक कृत्यों के लिए किया जाता है जो समाज द्वारा स्वीकृत मूल्यों के खिलाफ होते हैं।
6. नीति (Policy): एक घोषित कार्यदिशा जो भविष्य का रास्ता बताती है, लक्ष्य तय करती है या अपनाए जाने वाले सिद्धांतों व दिशानिर्देशों की व्याख्या करती है। इस अध्याय में सरकारी नीतियों का उल्लेख किया है, लेकिन स्कूल, कंपनी आदि अन्य संस्थाओं की भी अपनी नीतियाँ होती हैं।
7. भारत के कुछ हाशियाई समूह (Some Marginal Groups of India):

  • आदिवासी
  • दलित (अनुसूचित जाति)
  • मुसलमान
  • महिलाएँ तथा अन्य समूह जिनका सामाजिक-आर्थिक शोषण होता है।

8. दिहाड़ी मजदूर (Daily Wagers): अस्थायी मजदूर जो प्रायः एक दिन की मजदूरी के आधार पर कार्य करते हैं।
9. सोयराबाई (Soyrabat): वह महाराष्ट्र के चौदहवीं शताब्दी के प्रसिद्ध भक्त कवि चोखा मेला की पत्नी थी।
10. कबीर (Kabir): वह 15वीं शताब्दी के एक महान भक्त कवि, समाज-सुधारक, पंथनिरपेक्षता और मानवतावादी थे।
11. दलित (Depressed): इस शब्द का अर्थ है दबा-कुचला। दलित समूहों ने उनके साथ हो रहे भेदभाव के कारण यह शब्द स्वयं चुना है।

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HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 5 न्यायपालिका

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 5 न्यायपालिका Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 5 न्यायपालिका

HBSE 8th Class Civics न्यायपालिका Textbook Questions and Answers

अध्याय 5 न्यायपालिका HBSE 8th Class Civics प्रश्न 1.
आप पढ़ चुके हैं कि ‘कानून को कायम रखना और मौलिक अधिकारों को लागू करना’ न्यायपालिका का एक मुख्य काम होता है। आपकी राय में इस महत्त्वपूर्ण काम को करने के लिए न्यायापालिका का स्वतंत्र होना क्यों जरूरी है?
उत्तर:
निःसन्देह हमारे देश में न्यायपालिका अनेक महत्त्वपूर्ण कार्य करती है।
प्रथम: यह देश के कानून की सर्वोच्चता को बनाये रखती है।
द्वितीय: यह देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों को लागू करती है तथा उन्हें संरक्षण प्रदान करती है। इसने समय-समय पर अनेक राज्य सरकारों तथा केन्द्रीय सरकार को निर्देश एवं आदेश दिए हैं कि वे नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करें।

लेकिन मेरे विचारानुसार न केवल उपर्युक्त उल्लेखित दो कार्य अपितु अपने सभी कार्य दक्षता के साथ न्याय पालिका तभी कर सकती है जबकि वह स्वतंत्र हो। न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अर्थ मुख्यतः इस बात से लिया जाता है कि न्यायपालिका कार्यपालिका व विधायिका के प्रभाव से बाहर रहकर स्वतंत्रता और निष्पक्षता से अपने कार्य कर सके। भारत में न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए अनेक उपाय किए गए हैं जैसे कि न्यायाधीशों की नियुक्ति निश्चित की गई योग्यताओं के आधार पर राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है परंतु राष्ट्रपति के पास इनको अपने पद से हटाने की शक्ति नहीं है। न्यायाधीशों को उनके पदों से हटाने की विधि अत्यंत कठिन है। इसके अतिरिक्त न्यायाधीशों को काफी अधिक वेतन व भत्ते दिए जाते हैं और उनके निर्णयों व कार्यों पर विवाद नहीं हो सकता।

‘कानून को कायम करना’ और ‘मौलिक अधिकारों को लागू करना’ ये दोनों कार्य एक सच्चे लोकतंत्र की आवश्यक शर्ते हैं। अत: लोकतंत्र में इनके निर्वहन के लिए एक स्वतंत्र तथा निष्पक्ष न्यायपालिका अत्यंत आवश्यक है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 5 न्यायपालिका

nyaypalika class 8 HBSE Civics प्रश्न 2.
अध्याय 1 में मौलिक अधिकारों की सूची दी गई है। उसे फिर पढ़ें। आपके ऐसा क्यों लगता है कि संवैधानिक सुधार का अधिकार न्यायिक समीक्षा के विचार से जुड़ा हुआ है?
उत्तर:
I. संविधान द्वारा प्रदान किए गये मौलिक अधिकार (Fundamental Rights given in Indian Constitution):
हमारे संविधान में नागरिकों को निम्नलिखित मौलिक अधिकार प्रदान किए हैं:
1. समानता का अधिकार।
2. स्वतंत्रता का अधिकार।
3. शोषण के विरुद्ध अधिकार।
4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार।
5. सांस्कृतिक तथा शैक्षणिक अधिकार।
6. संवैधानिक सुधारों का अधिकार।।

II. संवैधानिक सुधारों (संरक्षण) का अधिकार (Right to Constitutonal Remedies or Right to Protection of the Fundamental Rights):
संवैधानिक सुधारों का अधिकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों की प्राप्ति की रक्षा का अधिकार है। इस अधिकार के अंतर्गत प्रत्येक नागरिक अपने मौलिक अधिकारों की प्राप्ति तथा रक्षा के लिए उच्च न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय के पास आ सकता है। यदि सरकार किसी मौलिक अधिकार को लागू न करे अथवा कोई व्यक्ति या सरकार इन अधिकारों का उल्लंघन करे तो नागरिक न्यायालय में जाकर न्याय की मांग कर सकता है। विधानमंडल द्वारा पास किए गए कानून अथवा सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश मौलिक अधिकारों पर रोक लगाते हैं अथवा उन्हें समाप्त करते हैं, उन्हें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अवैध घोषित किया जा सकता है।

वास्तव में यह अधिकार न्यायिक समीक्षा से जुड़ा है। जबकि एक नागरिक के किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है (यह अधिकांश मामलों में सरकार के द्वारा किया जाता है) तो न्यायालय में आने के बाद न्यायालय को कई जटिल मामलों में न्यायिक समीक्षा करनी पड़ती है क्योंकि सरकार के पास भी अपने दावे होते हैं। वह भी अपना पक्ष रखती है कि इस मामले में उसने अपने अधिकारों को ही सुपयोग किया है। सर्वोच्च न्यायालय को इस अधिकार का प्रयोग करने से पूर्व संविधान की धाराओं का सूक्षम विश्लेषण करना पड़ता है।

न्यायपालिका Chapter 5 HBSE 8th Class Civics प्रश्न 3.
नीचे तीनों स्तर के न्यायालय को दर्शाया गया है। प्रत्येक के सामने लिखिए कि उस न्यायालय ने सुधा गोयल के मामले में क्या फैसला दिया था? अपने जवाब को कक्षा के अन्य विद्यार्थियों द्वारा दिए गए जवाबों के साथ मिलाकर देखें।
HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 5 न्यायपालिका-1
उत्तर:
सुधा गोयल के मामले में विभिन्न न्यायालयों ने जो फैसले दिए हैं, वे निम्न प्रकार से हैं:
1. निचली अदालत ने लक्ष्मण, उसकी माता शकुंतला एवं उसके जीजा सभाष चन्द्र को दोषी (या अपराधी) करार देते हुए उन तीनों को सजा-ए-मौत की सजा दी गई।

2. उच्च न्यायालय ने सभी तों को सुनने के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि सुधा गोयल की मृत्यु एक हादसा थी और स्टोव के मिट्टी के तेल के आग पकड़ने से ही उसकी मृत्यु हुई थी। लक्ष्मण, शकुंतला एवं सुभाष चंद्र को बरी कर दिया गया।

3. सर्वोच्च न्यायालय ने वकीलों के तर्क एवं बहस सुनी और उसने उच्च न्यायालय से भिन्न निर्णय सुनाया। उसने लक्ष्मण और उसकी माँ को तो दोषी पाया लेकिन उसके देवर सुभाषचंद्र को आरोपों से बरी कर दिया क्योंकि उसके विरुद्ध पर्याप्त सबूत नहीं थे। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाकर जेल भेज दिया। विद्यार्थी अपने जवाब भी बताएँ व चर्चा करों

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 5 न्यायपालिका

प्रश्न 4.
सधा गोयल मामले को ध्यान में रखते हुए नीचे दिए गए बयानों को पढ़िए। जो वक्तव्य सही हैं उन पर सही का निशान लगाइए और जो गलत हैं उनको ठीक कीजिए।
(क) आरोपी इस मामले को उच्च न्यायालय लेकर गए – क्योंकि वे निचली अदालत के फैसले से सहमत नहीं थे।
(ख) वे सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में चले गए।
(ग) अगर अरोपी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं तो दोबारा निचली अदालत में जा सकती है।
उत्तर:
बयान (क) सही है।
बयान (ख) गलत है। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला पूर्ण व अंतिम होता है फिर अन्य जगह जाने का कोई अर्थ ही नहीं है। – बयान (ग) गलत है। चूंकि सर्वोच्च न्यायालय देश का सबसे बड़ा न्यायालय है अत: उसके फैसले के खिलाफ कहीं भी कोई भी अपील नहीं की जा सकती है।

प्रश्न 5.
आपको ऐसा क्यों लगता है कि 1980 के दशक में शुरू की गई जनहित याचिका की व्यवस्था सबको इंसाफ दिलाने के लिहाज से एक महत्त्वपूर्ण कदम थी?
उत्तर:
हम सोचते हैं कि 1980 के दशक में जनहित याचिका की व्यवस्था एक महत्त्वपूर्ण कदम था क्योंकि इसने न्याय तक सभी लोगों की पहुँच का रास्ता खोल दिया था। इस व्यवस्था ने व्यक्ति विशेष एवं संगठनों को यह अनुमति दे दी थी कि वे उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में किसी व्यक्तिगत या सार्वजनिक मामले से जुड़े विषय को फाइल कर सकते हैं। वे ऐसा उनकी ओर से कर सकते हैं जिनके अधिकारों का हनन हुआ हो।

जनहित याचिका के अधीन कानूनी प्रक्रिया को बहुत ही सरल कर दिया गया था। यहाँ तक कि केवल मात्र एक पत्र या तार (टेलीग्राम) जो अदालत को संबोधित करके लिखा गया हो या जारी किया गया हो, पर्याप्त माना जाने लगा।

प्रश्न 6.
ओल्गा टेलिस बनाम बम्बई नगर निगम मुकदमे में दिए गए फैसले के अंशों को दोबारा पढ़िएं इस फैसले में कहा गया है कि आजीविका का अधिकार जीवन के अधिकार का हिस्सा है। अपने शब्दों में लिखिए कि इस बयान से जजों का क्या मतलब था?
उत्तर:
ओल्गा टेलिस बनाम बंबई नगर निगम नामक मुकदमे के फैसले ने स्थापित कर दिया कि जीविका या आजीविका का अधिकार जीवन के अधिकार (Right to Life) का ही अभिन्न अंग समझा जाना चाहिए। फैसले के उद्धरणों को पढ़ने से पता चलता है कि जजों ने जीवन के अधिकार को आजीविका के अधिकार से किस तरह जोड़कर देखा।

(क) यदि हम संविधान की धारा 21 में दिए गए जीवन के अधिकार को ध्यानपूर्वक पढ़ें तो कुल मिलाकर जीवन का अधिकार केवल जानवरों की तरह अपना अस्तित्व बनाये रखना मात्र नहीं है। इसका अर्थ केवल यह नहीं कि जीवन को समाप्त नहीं किया जा सकता या उसे लिया नहीं जा सकता। उदाहरणार्थ, किसी पर मृत्युदंड को लाद देना या मृत्युदंड की सजा सुना देना सिवाय इसके कि हम उस निर्धारित प्रक्रिया का अनुसरण करें जो कानून ने स्थापित की है।

बल्कि यह जीवन के अधिकार का एक पहलू मात्र है। इस अधिकार का समान रूप से यह पहलू भी महत्त्वपूर्ण है कि उसे (व्यक्ति को) रोजी-रोटी कमाने (आजीविका अर्जित) का भी अधिकार हो क्योंकि कोई भी व्यक्ति क्या जीविका के साधनों के बिना जीवित रह सकता है। इसका अर्थ है रोजी-रोटी या आजीविका को अर्जित करने का हक।

(ख) न्याय में आगे कहा गया कि यदि किसी व्यक्ति को किसी फुटपाथ या गंदी बस्ती से हटाकर उसे उसके जीविका अर्जित करने के स्थल से अलग कर दिया जाता है तो ऐसी स्थिति से जीविका अर्जन की संभावना समाप्त हो सकती है। इस मुकदमे से स्पष्ट है कि एक गरीब व्यक्ति गंदी बस्ती (Slum) में रहता है तथा छोटे से फुटपाथ पर अपनी रोजी-रोटी कमाने का जुगाड़ बनाये हुए है। यदि उसे गंदी बस्ती (Slum) से बाहर कर दिया जायेगा तथा उसे प्लेटफार्म (फुटपाथ) के उस अड्डे से भी अलग कर दिया जायेगा और यदि उसके पास रहने के लिए और कोई भी जगह नहीं है तो नि:संदेह यह उसके जीने के अधिकार को छीनने के बराबर ही होगा।

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प्रश्न 7.
‘न्याय में विलंब यानी न्याय का निषेध’ विषय पर एक कहानी बनाइए।
उत्तर:
हमारे देश का प्रत्येक नागरिक राष्ट्र की न्यायपालिका में पूर्ण विश्वास रखता है तथा न्यायपालिका का सभी भारतीय नागरिक सम्मान करते हैं लेकिन यह भी एक कठोर सत्य एवं तथ्य है तथा जिसे भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा भी स्वीकार किया गया है कि देश में न्यायाधीशों की अपर्याप्त संख्या तथा न्यायालयों की कमी सामान्य नागरिक की न्याय तक पहुँच को प्रभावित करती है। यह सत्य है जिसकी जानकारी हमें जन संचार माध्यमों के द्वारा मिलती है कि अमुक दंगों से संबंधित मामले को आज करीब 24 वर्ष (1984 से 2008) हो गये हैं। अमुक दोषी को हत्या के मामले में लगभग 15-16 वर्षों बाद (1993-2007-08) सजा मिली।

यह कथन कि ‘न्याय में विलंब यानी न्याय का निषेध’ बहुत ही सटीक है।

इसका एक उदाहरण पिछले दिनों पढ़ने को मिला। आज से करीब 30-35 वर्ष पूर्व इंदिरा गाँधी के शासन काल में रेलमंत्री ललित नारायण मिश्रा की हत्या हुई थी। यह मामला जहाँ से चला था वहीं है, इसका अभी तक कोई भी फैसला नहीं हो सका है। जब एक पूर्व राजनीतिक के मामले का यह हाल है तो आम नागरिक को न्याय उसके जीवन में मिलना मुश्किल है। अतः न्याय में देरी का अर्थ है न्याय न मिलना।

प्रश्न 8.
नीचे दिए शब्द सारणी में दिए गए प्रत्येक शब्द से वाक्य बनाइए।
1. बरी करना.
2. अपील करना.
3. मुआवजा.
4. बेदखली.
5. उल्लंघना
1. बरी करना: सुधा गोयल मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सुभाषचंद्र को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
2. अपील करना: मौलिक अधिकारों के उल्लंघन से जुड़े मामलों में सीधे ही सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती
3. मुआवजा: अदालत दोषी पाए गए व्यक्तियों या संस्थाओं पर पीड़ित के लिए मुआवजा देने का आदेश भी दे सकती है।
4. बेदखली: जीने के अधिकार के अंतर्गत फुटपाथ पर सामान बेचकर अपनी आजीविका चलाने वालों की बेदखली गैर कानूनी है।
5. उल्लंघन: मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले में न्यायालय तत्काल कार्रवाई करता है।

प्रश्न 9.
यह पोस्टर भोजन का अधिकार अभियान द्वारा बनाया गया है। यह पोस्टर क्या कहना चाहता है?
उत्तर:
भारत एक उदार लोकतांत्रिक देश है। यह लोगों के कल्याण में विश्वास करता है। मानव अधिकारों के साथ-साथ देश का संविधान लोगों को जीवन का अधिकार भी देता है लेकिन कोई भी व्यक्ति बिना पर्याप्त भोजन के लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकता। यह सरकार का कर्तव्य है कि वह सभी को या तो नाममात्र की धनराशि लेकर या पूर्णतया मुक्त ही सभी को जीवित रहने के लिए आवश्यक भोजन या खाद्य सामग्री प्रदान करे।
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दोपहर का भोजन (Mid-day meal) योजना एक बहुत ही अच्छा उदाहरण है। देश की सरकारें प्राथमिक स्तर तक या माध्यमिक स्तर तक के स्कूली मात्रा में व गुणवत्ता की दृष्टि से ठीक-ठाक भोजन दे रही हैं। इसने बच्चों को भोजन प्राप्ति का अधिकार दिया है एवं उसे लागू कर व्यावहारिक रूप भी दे दिया है।

आज का एक बालक कल का पिता है और आज की एक बालिका कल की माता है। हमारे राष्ट्र की सर्वाधिक मूल्यवान धरोहर हमारे नौनिहाल ही हैं। हिन्दी भाषा के एक कवि ने लिखा है “भूखे भजन न होए गोपाला” अर्थात् अगर पेट में चूहे कूद रहे हैं तो विश्व निर्माता (ईश्वर/गाड/अल्लाह/ वाहेगुरु) भी याद नहीं आता। उसका स्मरण भी नहीं होगा। यदि मजदूरों से काम लेना है तो उन्हें पेट भर अनाज या भोजन दें।

ऊपर दिए पोस्टर में जो वाक्यांश दिया गया है कि “भूखे पेट तथा गोदामों में अनाज भरा पड़ा है।” यह अन्यायपूर्ण स्थिति हम नहीं सहेंगे। विरोधी दल केन्द्र सरकार को चुनौती दे रहे हैं। भाव यही है कि हम उदार लोकतांत्रिक लोकतंत्र में रह रहे हैं तो ऐसे सभ्य समाज में अन्यायपूर्ण स्थिति को कौन सहेगा, कोई भी नहीं। हमें सिख धर्म के प्रवर्तक भारत के मध्यकालीन संत तथा समाज सुधारक गुरु नानक देव जी की यह बात याद रखनी चाहिए ‘वंड खा, ते खंड खा’ (Divide your own food items among others, share with the needies, God (या वाहेगुरु) will grand you sweet.)

भूखा क्या नहीं करता? यदि जमाखोर तथा मुनाफाखोर भरे अनाजों के गोदामों के मुँह नहीं खोलेंगे, सरकार सोई रहेगी तो भूखे लोग कानून को अपने हाथ में लेंगे ही। न्यायालयों में ऐसी जनहित याचिकाएं लगातार आ रही हैं कि जब गोदाम भरे पड़े हैं, उनमें अनाज सड़ रहा है फिर दुर्भिक्ष के कारण मौतें क्यों नहीं रोका जा सकती।

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HBSE 8th Class Civics न्यायपालिका Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
न्यायिक प्रणाली क्या है?
उत्तर:
एक न्यायिक प्रणाली में न्यायालयों की कार्यप्रणाली शामिल होती है जिनके पास किसी कानूनी व्यवस्था भंग होने या तोड़ने पर नागरिक जाते हैं।

प्रश्न 2.
राज्य के एक अंग के रूप में न्यायपालिका का क्या महत्त्व है? किस कारण से यह अपनी भूमिका निष्पक्षता से निर्वाह कर सकती है?
उत्तर:
लोकतंत्र में एक राज्य के अंग के रूप में न्यायपालिका बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करती है। यह ऐसा इसलिए कर सकती है क्योंकि यह पूर्णतया स्वतंत्र होती है (अर्थात् कार्यपालिका या विधायिका पर अवलोबत नहीं होती है). इसे संविधान द्वारा व्यापक अधिकार दिए गए हैं।

प्रश्न 3.
भारत के सर्वोच्च न्यायालय से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
भारत में सर्वोच्च न्यायालय ही सबसे बड़ा न्यायालय है। देश के अन्य सभी न्यायालय उसके अधीन काम करते हैं जिनमें उच्च न्यायालय, राज्य स्तर पर तथा अधीनस्थ न्यायालय जिला व अन्य स्तरों पर कार्यरत हैं।

प्रश्न 4.
एकीकृत न्यायपालिका से आप क्या समझते
उत्तर:
हमारे राष्ट्र में संपूर्ण देश भर के लिए इकहरी न्याय-व्यवस्था है। न्यायालयों में शक्ति-विभाजन नहीं किया गया है। एक पिरामिड (Pyramid) की भाँति छोटे न्यायालयों के ऊपर प्रत्येक जिले का जिला न्यायालय, उनके ऊपर राज्यों के उच्च न्यायालय और सबसे ऊपर एक सर्वोच्च न्यायालय है। ऊपर का न्यायालय अपने से नीचे के न्यायालयों पर नियंत्रण रखता है।

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प्रश्न 5.
न्यायपालिका की स्वतंत्रता की परिभाषा वीजिए।
उत्तर:
न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अर्थ है कि न्यायपालिका किसी व्यक्ति अथवा व्यक्ति-समूह के दबाव अथवा प्रभाव में न हो। वदि विधानमंडल व कार्यपालिका, किसी व्यक्ति अथवा संस्था को न्यायाधीशों पर दबाव डालने का अधिकार दे दिया जाता है, तो न्यायाधीशों के लिए निष्पक्ष न्याय करना कठिन हो जाता है।

भारतीय संविधान में ऐसी व्यवस्था की गई है कि सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय अपने कार्य को ठीक प्रकार से अर्थात् निष्पक्ष रूप से और स्वतंत्रता से कर सकें। न्यायालयों की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए जो व्यवस्थाएं की गई हैं, उनमें से मुख्य निम्नलिखित हैं:

न्यायाधीशों की नियुक्ति का एक निर्धारित संवैधानिक तरीका है। उनका कार्यकाल 62 या 65 वर्ष तय किया गया है। इससे पहले सामान्य परिस्थितियों में उन्हें हटाया नहीं जा सकता। उनके पद की सुरक्षा, बहुत ही अच्छे वेतन, भत्ते व अन्य सुविधाएँ भी दी गयी है।

प्रश्न 6.
सर्वोच्च (या उच्चतम न्यायालय को संविधान का संरक्षक क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
सर्वोच्च न्यायालय संविधान के अंतिम व्याख्याता (Final Interpreter) तथा संरक्षक के रूप में कार्य करता है। यदि संसद अथवा कोई राज्य विधान मंडल कोई ऐसा कानून पास करता है अथवा केन्द्रीय अथवा राज्य सरकार कोई ऐसा आदेश जारी करती है जो संविधान का उल्लंघन करता है, तो सर्वोच्च न्यायालय उसे असंवैधानिक घोषित करके रह कर सकता है।

प्रश्न 7.
“विवादों का निपटारा’ पद की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
हमारी न्याय प्रणाली एक ऐसी व्यवस्था प्रदान करती है जिसके अंतर्गत नागरिकों एवं नागरिकों के मध्य, नागरिकों तथा सरकारों के मध्य, राज्य सरकार तथा केन्द्रीय सरकार के मध्य तथा दो या दो से ज्यादा राज्य सरकारों के मध्य झगड़े सुलझाने के लिए प्रस्ताव पारित होते हैं या निर्णय लिए जाते हैं या आदेश जारी होते

प्रश्न 8.
न्यायिक पुनरावलोकन अथवा न्यायिक समीक्षा को आप कैसे परिभाषित करेंगे?
उत्तर:
न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review): सर्वोच्च न्यायालय के पास यह बहुत बड़ी शक्ति हैं इसके अंतर्गत देश की कानून बनाने वाली सर्वोच्च संस्था संसद यदि कोई कानून पास करती है किंतु सर्वोच्च न्यायालय की दृष्टि से यह संविधान के मूल ढाँचे के साथ खिलवाड़ है तो वह इसे रद्द कर सकता है।

प्रश्न 9.
अपीलीय क्षेत्राधिकार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों को अपीलीय क्षेत्राधिकार प्राप्त है:
1. उच्च न्यायालयों के अपीलीय क्षेत्राधिकार (Appellate Jurisdietion of the High Courts):
इसे अपीलीय क्षेत्राधिकार भी प्राप्त है जिनके अंतर्गत यह दीवानी और फौजदारी मामलों में अपने अधीनस्थ न्यायालय के विरुद्ध अपील सुन सकता है। फौजदारी मामलों के अपीलीय क्षेत्राधिकार में
(i) सत्र और अपर सत्र जजों के निर्णयों और
(ii) मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के निर्णयों के विरुद्ध अपीलें शामिल हैं। उच्च न्यायालय भू-राजस्व या उसकी वसूली से संबंधित मामलों में भी अपीलें सुन सकता है।

2. सर्वोच्च या उच्चतम न्यायालय का अपीलीय क्षेत्राधिकार (Appellate Jurisdiction of the Supreme Court):
सर्वोच्च न्यायालय को राज्यों के उच्च न्यायालयों के निर्णयों के विरुद्ध अपील सुनने का अधिकार है। सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय क्षेत्राधिकार को तीन भागों में बाँटा जा सकता है- (क) दीवानी मामले, (ख) फौजदारी मामले, (ग) संवैधानिक मामले।

(क) दीवानी मामले: सर्वोच्च न्यायालय में उस दीवानी मुकदमे की अपील की जा सकती है जब संबंधित उच्च न्यायालय यह प्रमाणित कर दे कि यह मुकदमा सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने योग्य है।

(ख) फौजदारी:
फौजदारी मुकदमे में सर्वोच्च न्यायालय में तभी अपील की जा सकती है जब:
(i) किसी निम्न न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील करने पर उच्च न्यायालय ने अपराधी को मृत्युदंड दे दिया हो।
(ii) यदि उच्च न्यायालय ने स्वयं किसी छोटे न्यायालय से मुकदमा अपने पास मंगवा लिया हो और अपराधी को मृत्युदंड दे दिया हो।
(iii) यदि उच्च न्यायालय यह प्रमाणित कर दे कि मुकदमा सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने योग्य है।
(iv) इसके अतिरिक्त उच्चतम न्यायालय स्वयं निचले न्यायालय के किसी निर्णय के विरुद्ध अपील प्रस्तुत किए जाने की अनुमति दे सकता है।

(ग) संवैधानिक मामले:
इसके अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय में उन मामलों की अपील की जा सकती है जिनमें कोई उच्च न्यायालय किसी मामले को संविधान से जुड़ा पाए और उसे सर्वोच्च न्यायालयों में ले जाने की संस्तुति कर दे।

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प्रश्न 10.
अधीनस्थ न्यायालय से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
अधीनस्थ न्यायालय (Subordinate Courts): अधीनस्थ न्यायालयों का संगठन देश भर में लगभग एक जैसा है। प्रत्येक जिले में प्रायः तीन प्रकार के न्यायालय होते हैं:
(क) दीवानी न्यायालय (Civil Courts)
(ख) फौजदारी न्यायालय (Criminal Courts) तथा
(ग) राजस्व न्यायालय (Reveme Courts) ये सभी न्यायालय राज्य के उच्च न्यायालय की देख-रेख में कार्य करते हैं।

(क) जिले के सबसे बड़े न्यायालय को जिला न्यायाधीश (DistrictJudge) का न्यायालय कहा जाता है। जिला न्यायाधीश दीवानी तथा फौजदारी दोनों प्रकार के मुकदमों पर अपने निर्णय देता है। दीवानी मामलों पर निर्णय देते समय उसे जिला न्यायाधीश तथा फौजदारी मुकदमों पर न्याय करते समय उसे सत्र न्यायाधीश (Session Judge) कहा जाता है। जिला न्यायालय में उप-न्यायाधीशों (Sub-judges) के निर्णयों के विरुद्ध अपील सुनी जाती है। दीवानी मुकदमों की सुनवाई करने के लिए जिला न्यायालय के अतिरिक्त उप न्यायाधीशों के न्यायालय, मुंसिफ न्यायालय तथा पंचायतें भी होती हैं।

(ख) फौजदारी मुकदमों (Criminal Cases) को सुनने के लिए सबसे छोटा न्यायालय ग्राम पंचायत है। पंचायत के पश्चात् प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय श्रेणी के मजिस्ट्रेट (Magistrates) के न्यायालय होते हैं। द्वितीय तथा तृतीय श्रेणी के मजिस्ट्रेटों के निर्णयों के विरुद्ध अपीलें सुनने के लिए एक मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (Chief Judicial Magistrate) होता है। इन सबसे ऊपर सत्र न्यायाधीश (Session Judge) होता है।

(ग) राजस्व न्यायालयों (Revenue Courts) में सबसे छोटा न्यायालय नायब तहसीदार का न्यायालय होता है। उससे ऊपर तहसील का न्यायालय होता है। जिले में सबसे बड़ा राजस्व न्यायालय कलेक्टर या जिलाधीश (Collector) का न्यायालय होता है, जिसे कुछ राज्यों में डिप्टी कशिनर (Deputy Commissioner) भी कहा जाता है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सर्वोच्च न्यायालय (उच्चतम न्यायालय) के मुख्य न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीशों को कैसे नियुक्त किया जाता है? उनकी योग्यताएँ भी लिखें।
उत्तर:
I. सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court): उच्चतम न्यायालय भारत का सबसे बड़ा न्यायालय है। सर्वोच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश तथा 25 अन्य न्यायाधीश होते हैं। (कुल 26 न्यायाधीश हैं।) इनकी संख्या घटाने बढ़ाने का अधिकार संसद के पास है।

II. न्यायाधीशों की नियुक्ति (Appointment of Judges): सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करते समय राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश से परामर्श भी लेता है।

III. न्यायाधीशों की योग्यताएँ (Qualifications of Judges): सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) तथा अन्य न्यायाधीशों की योग्यताएँ निम्न प्रकार हैं:
1. भारत का नागरिक हो।
2. वह भारत के किसी उच्च न्यायालय में कम से कम पाँच वर्ष तक न्यायाधीश रह चुका हो।
अथवा
किसी उच्च न्यायालय में कम से कम 10 वर्ष तक वकील रह चुका हो।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य वायाधीशों की योग्यताएँ निम्न प्रकार हैं:
1. वह भारत का नागरिक हो।
2. वह कम से कम दस वर्ष तक जिला न्यायाधीश अथवा सेशन जज के पद पर कार्य कर चुका हो। अथवा वह दस वर्ष तक किसी राज्य के उच्च न्यायालय में वकील रह चुका हो।
3. राष्ट्रपति की दृष्टि में वह कानून का विद्वान हो।

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प्रश्न 2.
भारत में न्यायालयों का डाँचा या संरचना कैसी
उत्तर:
भारत में न्यायालयों का ढाँचा (Structure of the Courts in India): भारत में मुख्यतया तीन स्तरों पर विभिन्न न्यायालय कार्यरत हैं:
1. निचले स्तर की अदालतें या अधीनस्थ न्यायालय
2. उच्च न्यायालय
3. उच्चतम या सर्वोच्च न्यायालय

निचले स्तर पर बहुत सारी अदालते होती हैं। सबसे ऊपरी स्तर पर केवल एक अदालत है। जिन अदालतोंसे लोगों का सबसे ज्यादा ताल्लुक होता है उन्हें अधीनस्थ न्यायालय या जिला अदालत कहा जाता है। ये अदालतें आमतौर पर जिले या तहसील के स्तर पर या किसी शहर में होती है। ये अदालतें बहुत तरह के मामलों की सुनवाई करती है। प्रत्येक राज्य जिलों में बँटा होता है और हर जिले में एक एक जिला न्यायधीश होता है। प्रत्येक राज्य का एक उच्च न्यायालय होता है। यह अपने राज्य का सबसे ऊँचा न्यायालय होता है। उच्च न्यायालय से ऊपर सर्वोच्च न्यायालय होता है। यह देश का सबसे बड़ा न्यायालय है जो नई दिल्ली में स्थित हैं।

दीर्घ उनरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अपीलीय क्षेत्राधिकार क्या है? उन तीन प्रकार की अपीलों की व्याख्या कीजिए जो उच्चतम न्यायालय (सर्वोच्च न्यायालय – सुप्रीम कोर्ट) में लाई जा सकती हैं।
उत्तर:
सर्वोच्च न्यायालय का अपीलीय क्षेत्राधिकार (The Appealla7te Jurisdiction of the Supreme Court): संविधान ने सर्वोच्च न्यायालय को अपीलीय अधिकार भी दिये हैं:
(i) संवैधानिक (Constitutional):
जिन विवादों में संविधान की व्याख्या से संबंधित कानून का प्रश्न निहित हो सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है।

(ii) दीवानी (Civil): सर्वोच्च न्यायालय में ऐसे सभी दीवानी विवादों की अपील की जा सकती है जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा यह प्रमाणित कर दिया जाए कि इस विवाद में कानून की व्याख्या से संबंधित प्रश्न निहित है।

(iii) फौजदारी (Criminal):
जिन विवादों में उच्च न्यायालय ने नीचे के न्यायालयों के निर्णयों के विपरीत मृत्युदंड दिया हो अथवा उच्च न्यायालय यह प्रमाणित कर दे कि मामला सर्वोच्च न्यायालय में अपील के योग्य है उनकी सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है।

(iv) विशिष्ट (Special):
कुछ ऐसे मामले हो सकते हैं कि जो उपर्युक्त श्रेणी में नहीं आते लेकिन जिनमें सर्वोच्च न्यायालय का हस्तक्षेप आवश्यक हो सकता है। जैसे कि सर्वोच्च न्यायालय किसी भी न्यायालय या ट्रिब्यूनल के निर्णय के विरुद्ध अपने यहाँ अपील की अनुमति दे सकता है।

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प्रश्न 2.
हमारे देश में न्यायपालिका की क्या भूमिका?
उत्तर:
भारत में न्यायपालिका की भूमिका (The Role of the Judiciary in India):
भारत में न्यायपालिका की भूमिका को हम निम्नलिखित बिंदुओं में विभाजित कर सकते हैं:
1. विवादों का निपटारा (Dispute Resolution):
हमारे देश की न्यायपालिका नागरिक-नागरिकों के मध्य नागरिकों तथा सरकार के मध्य, दो राज्य सरकारों तथा केन्द्र या राज्य सरकार तथा केन्द्र के मध्य उठने वाले सभी विवादों का निपटारा करती है।

2. कानून की रक्षा तथा मौलिक अधिकारों की क्रियान्वयन (Upholding the Law and Enforcing Fundamental Rights):
देश का प्रत्येक नागरिक कानून की सर्वोच्चता बनाये रखने, उसकी सुरक्षा तथा उसके अनुसार मदद एवं अपने मौलिक अधिकारों के हनन होने पर सर्वोच्च न्यायालय तक जा सकता है। उदाहरण के लिए हाकिम शेख एक कृषि अमिक था। वह चलती रेलगाड़ी से गिर कर घायल हो गया था। अस्पतालों ने उसका इलाज करने से इंकार कर दिया था।

जब मामला देश के सर्वोच्च न्यायालय के सामने आया तो माननीय न्यायालय ने संविधान की धारा 21 के अनुसार आदेश दिया कि जीवन का मौलिक अधिकार हर नागरिक को दिया गया है। इसी के अंतर्गत हर नागरिक को स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त करने का भी अधिकार है। न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की सरकार को शेख साहिब को उचित क्षतिपूर्ति करने का ही आदेश नहीं दिया बल्कि यह भी हुक्म दिया कि वह प्राथमिक स्वास्थ्य व्यवस्था की रूपरेखा तैयार करे ताकि संकट की घड़ी में किसी को भी तुरंत चिकित्सा सहायता मिलनी ही चाहिए। जीवन के मौलिक अधिकार में स्वास्थ्य का अधिकार शामिल है।

3. न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review):
यदि केन्द्र या राज्य स्तर पर कोई भी विधायिका कोई ऐसा कानून बना दे जिसे उच्चतम न्यायालय यह मानता है कि वह कानून संविधान के मूलभूत ढाँचे की अवहेलना करता है या उनका हनन करता है तो वह उसे अवैध घोषित कर सकता है। इसे न्यायिक पुनरावलोकन कहते हैं।

प्रश्न 3.
सर्वोच्च न्यायालय ने हमारे देश में न्यायालयों को सभी की पहुँच तक लाने योग्य बनाने हेतु क्या-क्या कदम उठाये हैं?
अथवा
जनहित याचिका (PIL) पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
हमारे देश में सर्वोच्च न्यायालय ने देश के न्यायालयों को सभी की पहुँच तक लाने योग्य बनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाये हैं:
1. 1980 के दशक में इस सबसे बड़े न्यायालय ने जनहित याचिका दाखिल करने की प्रक्रिया को शुरू किया। इस कानूनी प्रक्रिया से न्यायालयों तक पहुँचना सभी के लिए बहुत ही सरल हो गया। इस व्यवस्था के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति निजी तौर पर या कोई भी संगठन (या समूह) किसी अन्य व्यक्ति/समुदाय या समूह की ओर से उच्च न्यायालयों या उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका डालकर उसके मौलिक अधिकारों की रक्षा करने की मांग कर सकता है।

2. उच्चतम न्यायालय ने कानूनी प्रक्रिया को बहुत ही सरल बना दिया। यहाँ तक कि कोई भी पत्र या तार (टेलीग्राम) उच्च न्यायालयों या उच्चतम न्यायालय को संबोधित करके मामले की सुनवाई की मांग कर सकता है।

3. प्रारंभिक वर्षों में बड़ी संख्या में जनहित याचिकाएँ डाली गयीं ताकि बंधुआ मजदूरों को अमानवीय परिस्थितियों से छुड़ाया जा सके तथा उनके लिए न्याय प्राप्त किया जा सके। उन कैदियों या सजा भुगत रहे अपराधियों को भी खुली उवा पें माँस लेने के लिए जनहित यादिका डाली गई जो सजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी सलाखों के पीछे रह रहे थे।

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न्यायपालिका Class 8 HBSE Notes in Hindi

1. बरी करना (Acquit): इस शब्द का अर्थ है कि न्यायालय द्वारा किसी व्यक्ति को किसी आरोप से मुक्त करना जिस पर न्यायालय में मुकदमा चलाया गया हो।
2. अपील करना (To Appeal): इसका अर्थ है कि किसी उच्चतर न्यायालय में निम्नस्तरीय न्यायालय निर्णय के विरुद्ध अपील करना या प्रार्थना पत्र देना। ऐसी अपील प्रायः पूर्व सुने गये मुकदमे के विषय में दिए गए निर्णय के विरुद्ध की जाती है।
3. मुआवजा या क्षतिपूर्ति (Compensation): इस अध्याय में इस शब्द का प्रयोग उस धनराशि के लिए किया गया है जो किसी क्षति या नुकसान की भरपाई के लिए दी जाती है।
4. खाली कराना या बेदखली (Eviction): अध्याय के संदर्भ में इसका अर्थ है किसी व्यक्ति विशेष को उस भूमि या मकान हटा देना, जहाँ वह रह रहा हो।
5. हनन या उल्लंघन (Violation): इस अध्याय के संदर्भ में यह दोनों तरह के हनन की ओर संकेत करता है। यह हनन किसी कानून या कानूनी व्यवस्था का भी हो सकता है तथा मौलिक अधिकारों के विरुद्ध या उनके उल्लंघन से संबंधित हो सकता
6. न्यायाधीशों की संख्या (Number ofJulyws): आजकल सुप्रीम कोर्ट (सर्वोच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय) में एक मुख्य न्यायाधीश या अन्य 25 न्यायाधीश है।
7. जज (न्यायाधीश) की नियुक्ति (Appointment of Judge): भारत के मुख्य न्यायाधीश तथा उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों को भारत का राष्ट्रपति नियुक्त करता है।
8. कार्यकाल (Tenure): एक सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश 65 वर्ष तक अपने पद पर बना रह सकता है।
9. सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियाँ (Powers of the Supreme Court): हमारे देश में यह न्यायिक व्यवस्था के शिखर पर है। इसे संविधान द्वारा अनेक शक्तियों देकर बहुत ही शक्तिशाली बनाया गया है। (i) प्रारंभिक क्षेत्राधिकार, (ii) अपीलीय क्षेत्राधिकार, (ii) परामर्शदात्री शक्तियाँ (Acivisory Powers) तथा (iv) न्यायिक समीक्षा आदि के अंतर्गत इसकी शक्तियाँ निहित हैं।
10. सिविल केस या दीवानी मुकदमें CHA Cases): जिन मुकदमों का संबंध संपत्ति, करों, समझौतों आदि से होता है।
11. फौजदारी मुकदमें (Criminal Ca): हिंसात्मक गतिविधियों वाले मुकदमें जैसे कि हत्या करना, चोरी करना, डाके डालना, बलात्कार आदि।
12. न्यायिक परिसीमा (Jurisdiction): इसका अर्थ है न्याय की वह सीमाएँ जिनके अंदर कोई अदालत अपने अधिकार का प्रयोग कर सकती है। अधिकार क्षेत्र भी कहते हैं।
13. अपीलीय क्षेत्राधिकार (Appellate Jurisdiction): निम्न न्यायालयों द्वारा किसी मुकदमें के निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय जो अपीलें सुन सकते हैं, वह उसके अपीलीय क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आता है।
14. प्रारंभिक क्षेत्राधिकार (Original Jurisdiction): उस तरह के मुकदमें जो सीधे ही उच्चतम न्यायालय में दाखिल किये जा सकते हैं। इनके बारे में प्रत्यक्ष और अंतिम तौर पर सर्वोच्च न्यायालय को ही निर्णय देने का अधिकार होता है। इसे उच्चतम न्यायालय का प्रारंभिक क्षेत्राधिकार कहा जाता है।
15. रिकार्ड का न्यायालय (Court of Record): सर्वोच्च न्यायालय तथा सभी उच्च न्यायालयों को रिकार्ड या लेखा न्यायालय भी कहा जाता है क्योंकि इनमें जो भी मुकदमें सुने जाते हैं, उनसे संबंधित न्याय प्रक्रिया के दौरान हुई कार्यवाही संबंधी दस्तावेज तथा मुकदमों के बारे में दिए गये निर्णयों को रिकार्ड के रूप में रखा जाता है। कालांतर में जब उसी तरह का मुकदमा न्यायालय के सामने आये तो उन दस्तावेज संबंधी रिकार्डी तथा फैसले संबंधी प्रतिलिपियों का साक्ष्य या प्रकरण के रूप में प्रत्यक्ष प्रयोग होता है या उन्हें प्रमाणों के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
16. लोक अदालत (Lok Adalat): लोक अदालत का अर्थ है लोगों का न्यायालय। इनकी स्थापना का उद्देश्य गरीबों को कम खर्च में न्याय देना, पिछड़े तथा दलितों को शीघ्र न्याय प्रदान करना तथा न्याय में हो रही देरी को रोकना है। इन न्यायालयों का प्रयोग उन लोगों या समूहों द्वारा किया जा सकता है जो तुरंत क्षतिपूर्ति एवं अपने हितों की रक्षा के लिए तैयार में रहते हैं या दोनों पक्ष पारस्परिक सहमति से अपने मुकदमों को शीघ्र निपटाना चाहते हैं।
17. भारत में उच्च न्यायालयों की संख्या: 21
18. जनहित याचिका अथवा पी.आई.एल. (PIL): एक जनहित याचिका अदालत से शीघ्र व सस्ता न्याय पाने के लिए एक तार या पत्र द्वारा भी दी जा सकती है।

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HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3

Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Exercise 9.3

Question 1.
In figure 9.23, E is any point on median AD of a ΔABC. Show that ar (ABE) = ar (ACE).
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 1
Solution:
In ΔABC, AD is a median and median divides a triangle into two triangles of equal areas.
∴ ar (ΔABD) = ar (ΔACD) …(i)
Again, in ΔEBC, ED is a median.
∴ ar (ΔEBD) = ar (ΔECD) …(ii)
Subtracting (ii) from (i), we get
ar (ΔABD) – ar (ΔEBD) = ar (ΔACD) – ar (ΔECD)
⇒ ar (ΔABE) = ar (ΔACE).
Hence proved

Question 2.
In a triangle ABC, E is the mid point of median AD. Show that ar (BED) = \(\frac{1}{4}\)ar (ABC).
Solution:
Since AD is a median of AABC and median divides a triangle into two triangles of equal areas.
∴ ar (ΔABD) = ar (ΔACD)
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 2
⇒ ar (ΔABD) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔABC) …(i)
In ΔABD, BE is the median.
ar (ΔBED) = ar (ΔBAE)
ar (ΔBED) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔABD)
ar (ΔBED) = \(\frac{1}{2} \times \frac{1}{2}\)ar (ΔABC) [using (i)]
ar (ΔBED) = \(\frac{1}{4}\)ar (ΔABC).
Hence proved

HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3

Question 3.
Show that the diagonals of a parallelogram divide it into four triangles of equal area.
Solution:
Given: A parallelogram ABCD in which diagonals AC and BD intersect at O.
Prove : ar (ΔAOB) = ar (ΔBOC) = ar (ΔCOD) = ar (ΔDOA).
Proof : Since, diagonals of a parallelogram bisect each other.
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 3
OA = OC and OB = OD and a median divides the triangle into two triangles of equal areas.
Now in ΔABC, BO is the median.
ar (ΔAOB) = ar (ΔBOC) …..(i)
In ΔBCD, CO is the median.
ar (ΔCOD) = ar (ΔBOC) ……(ii)
In ΔCDA, DO is the median.
ar (ΔCOD) = ar (ΔAOD) …..(iii)
From (i), (ii) and (iii),
we get ar (ΔAOB) = ar (ΔBOC)
= ar (ΔCOD) = ar(ΔAOD)
Hence proved

Question 4.
In figure 9.24, ABC and ABD are two triangles on the same base AB. If line segment CD is bisected by AB at 0, show that ar (ABC) = ar (ABD).
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 4
Solution:
In ΔACD, we have
OC = OD [∵ given line CD is bisected by AB]
∴ AO is the median.
⇒ ar (AOC) = ar (AOD) …(i)
[median divides a A in two As of equal areas]
Similarly, in ΔBCD, BO is the median.
⇒ ar(BOC) = ar (BOD) ….(ii)
Adding (i) and (ii), we get
ar (AOC) + ar (BOC) = ar (AOD) + ar (BOD)
⇒ ar (ABC) = ar (ABD).
Hence proved

HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3

Question 5.
D, E and F are respectively the mid points of the sides BC, CA and AB of a ΔABC. Show that
(i) BDEF is a parallelogram
(ii) ar (DEF) = \(\frac{1}{4}\)ar (ABC)
(iii) ar (BDEF) = \(\frac{1}{2}\)ar (ABC).
Solution:
Given : A triangle ABC in which D, E and Fare the mid points of the sides BC, CA and AB respectively.
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 5
To prove : (i) BDEF is a parallelogram.
(ii) ar (DEF) = \(\frac{1}{4}\)ar (ABC)
(iii) ar (BDEF) = \(\frac{1}{2}\)ar (ABC).
Proof : (i) In ΔABC, F and E are the mid points of the sides AB and AC respectively.
∴ FE || BC and FE = \(\frac{1}{2}\)BC
⇒ FE || BD and FE = BD [∵ D is the mid point of BC, ∴ BD = CD]
∴ BDEF is a parallelogram.
(ii) Similarly, F and D are the mid points of the sides AB and BC respectively.
∴ FD || AC and FD = \(\frac{1}{2}\)AC
∴ FD || EC and FD = \(\frac{1}{2}\)AC
⇒ FD || EC and FD = EC
∴ FDCE is a parallelogram.
Similarly, we can prove that AFDE is a parallelogram.
Since, FD is a diagonal of parallelogram BDEF
∴ ar(FBD) = ar (DEF) …(i)
[∵ a diagonal divides a || gm into two Δs of equal areas]
Similarly, DE is a diagonal of parallelogram FDCE.
∴ ar(ECD) = ar (DEF) …(ii)
and FE is a diagonal of parallelogram AFDE.
∴ ar (AFE) = ar (DEF) …(iii)
From (i), (ii) and (iii), we have
ar (FBD) = ar (DEF) = ar (ECD)
= ar (AFE) …..(iv)
Now, ar (FBD) + ar (DEF)+ ar (ECD) + ar (AFE) = ar (ABC)
⇒ ar (DEF) + ar (DEF)+ ar (DEF) + ar (DEF)
= ar (ABC) [using (iv)]
⇒ 4 ar (DEF) = ar (ABC)
⇒ ar (DEF) = \(\frac{1}{4}\)ar (ABC)
(iii) ar (DEF) = \(\frac{1}{4}\) a ar (ABC)
(as proved above)
2 ar (DEF) = \(\frac{2}{4}\)ar (ABC)
⇒ ar (DEF) + ar (DEF) = \(\frac{1}{2}\)ar (ABC)
⇒ ar (DEF) + ar (FBD) = \(\frac{1}{2}\)ar (ABC) [using (i)]
⇒ ar (BDEF) = \(\frac{1}{2}\)ar (ABC).
Hence proved.

Question 6.
In figure 9.25, diagonals AC and BD of quadrilateral ABCD intersect at O such that OB = OD. If AB = CD, then show that:
(i) ar (DOC) = ar (AOB)
(ii) ar (DCB) = ar (ACB)
(iii) DA || CB or ABCD is a parallelogram
[Hint : From Dand B, draw perpendiculars to AC]
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 6
Solution:
(i) Draw BM ⊥ AC and DN ⊥ AC.
In ΔDON and ΔBOM, we have
∠DNO = ∠BMO (Each = 90°)
∠DON = ∠BOM
(vertically opposite angles)
and DO = OB (given)
∴ ΔDON ≅ ΔBOM
(By AAS congruecne rule)
⇒ ar (DON) = ar (BOM) ……(i)
⇒ DN = BM (CPCT)
In ΔDCN and ΔBAM, we have
∠DNC = ∠BMA (Each = 90°)
Hyp. DC = Hyp. AB (given)
and DN = BM (as proved above)
∴ ΔDCN ≅ ΔBAM (By RHS congruence rule)
⇒ ar (DCN) = ar (BAM) …(ii)
Adding (i) and (ii), we get
ar (DON) + ar (DCN) = ar (BOM) + ar (BAM)
⇒ ar (DOC) = ar (AOB).
(ii) ar (DOC) = ar (AOB)
⇒ ar (DOC) + ar(COB) = ar (AOB) + ar (COB)
(Adding ar (COB) on both sides)
⇒ ar (DCB) = ar (ACB).
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 7
(ii) Since ΔDCB and ΔACB are on the same base BC and have equal areas.
∴ DA || CB
Now, ΔDON ≅ ΔBOM (as proved above)
∠ODN = ∠OBM(CPCT) … (iii)
ΔDCN ≅ ΔBAM (as proved above)
⇒ ∠CDN = ∠ABM (CPCT) …(iv)
Adding (iii) and (iv), we get
∠ODN + ∠CDN = ∠OBM + ∠ABM
⇒ ∠ODC = ∠OBA
But these are alternate interior angles.
∴ CD || AB
∴ ABCD is a parallelogram. Hence proved

HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3

Question 7.
D and E are points on sides AB and AC respectively of SABC such that ar (DBC) = ar (EBC). Prove that DE || BC.
Solution:
Since ΔDBC and ΔEBC are on the same base BC and have equal areas.
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 8
Therefore ΔDBC and ΔEBC lie between the same parallels.
∴ DE || BC. Hence proved

Question 8.
XY is a line parallel to side BC of a triangle ABC. If BE || AC and CF || AB meet XY at E and F respectively, show that:
ar (ABE) = ar (ACF).
Solution:
XY || BC and EB || YC [∵ BE || AC]
∴ BCYE is a parallelogram.
Again, XY || BC and BX || CF. [∵ AB || CF]
BCFX is a parallelogram.
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 9
Since ΔABE and parallelogram BCYE are on the same base EB and between the same parallels EB and AC.
∴ ar (ABE) = \(\frac{1}{2}\)ar (BCYE) …(i)
Similarly, ΔACF and parallelogram BCFX are on the same base CF and between the same parallels CF and AB.
∴ ar (ACF) = ar (BCFX) ……(ii)
and parallelograms BCYE and BCFX are on the same base BC and between the same parallels BC and EF.
∴ ar(BCYE) = ar (BCFX) …(iii)
From (i), (ii) and (iii), we have
ar (ABE) = ar (ACF).
Hence proved.

Question 9.
The side AB of a parallelogram ABCD is produced to any point P. A line through A and parallel to CP meets CB produced at Q and then parallelogram PBQR is completed (see figure 9.26). Show that ar (ABCD) = ar (PBQR).
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 10
Solution:
Join AC and PQ.
Since ΔAQC and ΔAQP are on the same base AQ and between the same parallels AQ and CP.
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 11
ar (ΔAQC) = ar (ΔAQP)
⇒ ar (ΔAQC) – ar (ΔABQ) = ar (ΔAQP) – ar (ΔABQ)
⇒ ar (ΔABC) = ar (ΔPBQ)
⇒ \(\frac{1}{2}\)ar (||gm ABCD) = \(\frac{1}{2}\)ar (||gm PBQR) [∵ a diagonal divides the ||gm into two Δs of equal areas)
⇒ ar (||gm ABCD) = ar (||gm PBQR).
Hence proved

HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3

Question 10.
Diagonals AC and BD of a trapezium ABCD with AB || DC intersect each other at O. Prove that ar (AOD) = ar (BOC).
Solution:
In a trapezium ABCD,
we have AB || CD
So, ΔABC and ΔABD are on the same base AB and between the same parallels AB and CD.
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 12
∴ ar (ΔABC) = ar (ΔBAD) (by theorem 9.2)
⇒ ar (ΔABC) – ar (ΔAOB) = ar (ΔBAD) – ar (ΔAOB)
⇒ ar (ΔBOC) = ar (ΔAOD).
Hence proved.

Question 11.
In figure 9.27, ABCDE is a pentagon. A line through B parallel to AC meets DC produced at F. Show that:
(i) ar (ACB) = (ar ACF)
(ii) ar (AEDF) = ar (ABCDE).
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 13
Solution:
(i) Since ΔACB and ΔACF are on the same base AC and between the same parallels AC and BF.
∴ ar(ACB) = ar (ACF)
(ii) ar (ACB) = ar (ACF) (as proved above)
⇒ ar (ACB) + ar (ACDE) = ar (ACF) + ar (ACDE)
[Adding ar (ACDE) on both sides]
⇒ ar (ABCDE) = ar (AEDF)
⇒ ar (AEDF) = ar (ABCDE). Hence proved

Question 12.
A villager Itwaari has a plot of land of the shape of a quadrilateral. The Gram Panchayat of the village decided to take over some portion of his plot from one of the corners to construct a Health Centre. Itwaari agrees to the above proposal with the condition that he should be given equal amount of land in lieu of his land adjoining his plot so as to form a triangular plot. Explain how this proposal will be implemented.
Solution:
Let ABCD be the plot of land of villager Itwaari and the Gram Panchayat decided to take some portion of land from corner D (say) of the plot ABCD. Since Itwaari wants to have equal amount of land in the lie of land COD we may proceed it as follows:
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 14
Join AC and draw a line through D parallel to AC to meet BA produced at E. Join EC intersects AD at O.
Now, ΔACD and ΔEAC are on the same base AC and between the same parallels AC and DE.
∴ ar (ΔACD) = ar (ΔEAC)
⇒ ar (ΔACD) – ar (ΔAOC) = ar (EAC) – ar (ΔAOC)
⇒ ar (COD) = ar (ΔAOE) ……(i)
Now, ar (quad. ABCD) = ar (quad. OABC) + ar (ΔCOD)
⇒ ar (quad. ABCD)= ar (quad. OABC) + ar (ΔAOE) [using (i)]
⇒ ar(quad. ABCD) = ar (ACEB)
So, the Gram Panchayat take area (ΔCOD) and provided ar (ΔAOE) to the Itwaari.

HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3

Question 13.
ABCD is a trapezium with AB || CD. A line parallel to AC intersects AB at X and BC at Y. Prove that ar (ADX) = ar (ACY).
Solution:
ABCD is a trapezium in which AB || CD and XY || AC. Join XC and XD. Since, ΔACX and ΔACY are on the same base AC and between the same parallels AC and XY.
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 15
∴ ar (ΔACX) = ar (ΔACY) …(i)
Again, ΔACX and ΔADX are on the same base AX and between the same parallels AX and CD.
∴ ar (ΔACX) = ar (ΔADX) …(i)
From (1) and (2), we get
ar (ADX) = ar (ACY).
Hence proved

Question 14.
In figure 9.28, AP || BQ || CR. Prove that ar (AQC) = ar (PBR).
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 16
Solution:
Since ΔABQ and ΔPQB are on the same base BQ and between the same parallels AP and BQ.
∴ ar (ΔABQ) = ar (ΔPQB) …(i)
Again ΔBCQ and ΔQRB are on the same base BQ and between the same parallels BQ and CR.
∴ ar (ΔBCQ) = ar (ΔQRB) …(ii)
Adding (i) and (ii), we get
ar (ΔABQ) + ar (ΔBCQ) = ar (ΔPQB) + ar (ΔQRB)
⇒ ar (ΔAQC) = ar (ΔPBR).
Hence proved

Question 15.
Diagonals AC and BD of a quadrilateral ABCD intersect at O in such a way that ar (AOD) = ar (BOC). Prove that ABCD is a trapezium.
Solution:
In a quadrilateral ABCD, diagonals AC and BD intersect at O in such a way that
ar (ΔAOD) = ar (ΔBOC)
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 17
⇒ ar (ΔAOD) + ar (ΔAOB) = ar (ΔBOC) + ar (ΔAOB)
[adding ar (ΔAOB) on both sides]
⇒ ar (ΔABD) = ar (ΔABC)
Thus, ΔABD and ΔABC are on the same base AB and having equal area.
∴ AB || CD
Hence ABCD is a trapezium. Proved

HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3

Question 16.
In figure 9.29, ar (DRC) = ar (DPC) and ar (BDP) = ar (ARC). Show that both the quadrilaterals ABCD and DCPR are trapeziums.
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.3 18
Solution:
аr (ΔDRC) = ar (ΔDPC) …(1) (given)
So, ΔDRC and ΔDPC are on the same base DC and having equal area.
∴ RP || DC
⇒ DCPR is a trapezium.
and ar(ΔBDP) = ar (ΔARC) (given)
ar (ΔARC) = ar (ΔBDP) …….(2)
Subtracting (1) from (2), we get
ar (ΔARC) – ar (DRC) = ar (ΔBDP) – ar (ΔDPC)
⇒ ar (ΔACD) = ar (ΔBDC)
So, ΔACD and ΔBDC are on the same base DC and having equal area.
∴ DC || AB
⇒ ABCD is a trapezium.
Hence, DCPR and ABCD are trapeziums.
Hence proved

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HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2

Haryana State Board HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2

Unless stated otherwise, take π = \(\frac{22}{7}\).

Question 1.
A solid is in the shape of a cone standing on a hemisphere with both their radii being equal to 1 cm and height of the cone is euqal to its radius. Find the volume of the solid in terms of it.
Solution.
We have,
Radius of the hemisphere (r) = 1 cm
Radius of the cone (r) = 1 cm
Height of the cone (h)=1 cm
Volume of the solid = Volume of the hemisphere + Volume of the cone
= \(\frac{2}{3}\) πr3 + \(\frac{1}{3}\) πr2h
= \(\frac{1}{3}\) π2 (2r + h)

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 1

= \(\frac{1}{3}\) π × 12 (2 × 1 + 1)
= \(\frac{1}{3}\) π × 1 × 3
Hence, volume of the solid = π cm3

Haryana Board Solutions for 10th Class Maths Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2

Question 2.
Rachel, an engineering student, was asked to make a model shaped like a cylinder with two cones attached at its two ends by using a thin aluminium sheet. The diameter of the model is 3 cm and its length is 12 cm. If each cone has a height of 2 cm, find the volume of air contained in the model that Rachel made. (Assume the outer and inner dimensions of the model to be nearly the same)
Solution:
We have,
Radius of two conical parts (r) = \(\frac{3}{2}\) = 15 cm
Radius of the cylindrical part (r) = 15 cm
Height of the conical part (h) = 2 cm
Height of the cylindrical part (H) = 12 – (2 + 2) = 8 cm.
Volume of the air contained in the model = Volume of the cylindrical part + Volume of two conical parts
= πr2H + \(\frac{2 \times \pi r^2 h}{3}\)
= πr2 [H + \(\frac{2 \times h}{3}\)]

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 2

= π × 1.52 [8 + \(\frac{2 \times 2}{3}\)]
= π × 2.25 × \(\frac{28}{3}\)
= \(\frac{22}{7}\) × 2.25 × \(\frac{28}{3}\)
Hence, volume of the air contained in the model = 66 cm3

Haryana Board Solutions for 10th Class Maths Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2

Question 3.
A gulab jamun, contains sugar syrup up to about 30% of its volume. Find approximately how much syrup would be found in 45 gulab jamuns, each shaped like a cylinder with two hemispherical ends with length 5 cm and diameter 2.8 cm. (see in figure.)

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 3

Solution.
We have,
Radius of a cylindrical part (r) = 1.4 cm
Radius of hemispherical part (r) = 1.4 cm
Length of the cylindrical part of a gulab jamun (h) = [5 – (1.4 + 1.4)]
= 5 – 2.8 = 2.2 cm
Volume of gulab jamun = Volume of the cylindrical part + Volume oftwo hemispherical part
= πr2h + 2 × \(\frac{2}{3}\)πr3
= πr2 (h + \(\frac{4}{3}\)r)
= \(\frac{22}{7}\) × (1.4)2 (2.2 + \(\frac{4}{3}\) × 1.4)
= 6.16 × 4.0666 = 25.05 cm3
Volume of 45 gulab jamuns = 25.05 × 45 = 1127.25 cm3

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Volume of the syrup = 30% of 1127.25
= \(\frac{30}{100}\) × 1127.25 = 338.18 cm3
Hence, volume of the syrup = 338 cm3 (approx).

Haryana Board Solutions for 10th Class Maths Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2

Question 4.
A pen stand made of wood is in the shape of a cuboid with four conical depressions to hold pens. The dimensions of the cuboid are 15 cm by 10 cm by 3.5 cm. The radius of each of the depressions is 0.5 cm and the depth is 1.4 cm. Find the volume of wood in the entire stand, (see in figure.)

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Solution.
We have,
Dimensions of the cuboidal part are 15 cm × 10 cm × 3.5 cm
Volume of the cuboid = 15 × 10 × 3.5 = 525 cm3
Radius of each conical depression (r) = 0.5 cm
Depth (height) of each conical depression (h) = 1.4 cm
Volume of wood taken out to make four cavities = 4 × volume of conical depression
= 4 × \(\frac{1}{3}\) πr2h
= 4 × \(\frac{1}{3} \times \frac{22}{7}\) × 0.52 × 1.4
= \(\frac{88 \times 0.25 \times 0.2}{3}\)
= 1.47 cm3 (approx)
Volume of the wood in the entire stand = 525 – 1.47 = 523.53 cm3
Hence, volume of the wood in the entire stand = 523.53 cm3

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Question 5.
A vessel is in the form of an inverted cone. Its height is 8 cm and the radius of its top, which is open, is 5 cm. It is filled with water up to brim. When lead shots, each of which is a sphere of radius 0-5 cm are dropped into the vessel, one fourth of the water flows out. Find the member of lead shots dropped in the vessel.
Solution.
We have,
Radius of the base of the cone (r) = 5 cm
Height of the cone (h) = 8 cm
Volume of water of cone = \(\frac{1}{3}\) πr2h
= \(\frac{1}{3}\) × π × 52 × 8
⇒ \(\frac{200 \pi}{3}\) cm3
Volume of the water that flows out of the cone = \(\frac{1}{4} \times \frac{200 \pi}{3}\)
= \(\frac{50 \pi}{3}\) cm3

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Radius of spherical lead (r1) = 0.5 cm
Volume of spherical lead = \(\frac{4}{3} \pi r_1^3=\frac{4}{3} \pi \times(0.5)^3\)
= \(\frac{\pi \times 0.5}{3}=\frac{\pi}{6}\) cm3
Let n spherical lead shots are dropped into the vessel.
So that \(\frac{1}{4}\) th of the water contianed in the vessel flows out.
∴ Volume of n spherical lead shots = Volume of water that flows out
⇒ n \(\frac{\pi}{6}=\frac{50}{3} \pi\)
⇒ n = \(\frac{50 \pi}{3} \times \frac{6}{\pi}\)
⇒ n = 100
Hence, number of lead shots dropped in the vessel = 100.

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Question 6.
A solid iron pole consists of a cylinder of height 220 cm and base diameter 24 cm, which is surmounted by another cylinder of height 60 cm and radius 8 cm. Find the mass of the pole, given that 1 cm3 of iron has approximately 8 g mass. (Use π = 3.14)
Solution.
We have,
First cylindrical part has radius 12 cm and height 220 cm
Its volume = π × 122 × 220 = 31680π cm3
Ilnd cylindrical part has radius 8 cm and height 60 cm
Its volume = π × 82 × 60 = 3840π cm3
Total volume of iron pole = 31680π + 3840π = 35520π
= 35520 × 3.14 = 111532.8 cm3

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 7

Total mass of the iron pole = 111532.8 × 8 gm
= \(\frac{111532 \cdot 8 \times 8}{1000}\) kg
= 892.2624 kg = 892.26 kg
Hence, weight of iron pole = 892.26 kg.

Haryana Board Solutions for 10th Class Maths Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2

Question 7.
A solid consisting of a right circular cone of height 120 cm and radius 60 cm standing on a hemisphere of radius 60 cm is placed upright in a right circular cylinder full of water such that it touches the bottom. Find the volume of water left in the cylinder, if the radius of the cylinder is 60 cm and its height is 180 cm.

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 8

Solution:
We have,
Radius of the cylinder (r) = 60 cm
Height of the cylinder (H) = 180 cm
Volume of water that the cylinder contain = πr2h
= π × 602 × 180
= 648000π cm3
Radius of the conical part (r) = 60 cm
Radius of the hemispherical part (r) = 60 cm
Height of the conical part (h) = 120 cm
Volume of the solid = Volume of conical part + Volume of hemispherical part
= \(\frac{1}{3}\) πr2h + \(\frac{2}{3}\) πr3
= \(\frac{1}{3}\) πr2 (h + 2r)
= \(\frac{1}{3}\) π × 602 (120 + 2 × 60)
= \(\frac{1}{3}\) π × 3600 × 240
= 288000π cm3
Volume of water left in the cylinder = Volume of water that cylinder contains – Volume of solid
= 648000 π – 288000 π
= 360000π
= 360000 × \(\frac{22}{7}\) cm3
= \(\frac{360000 \times 22}{7 \times 100 \times 100 \times 100}\) m3
[∵ 1 cm3 = \(\frac{1}{100} \times \frac{1}{100} \times \frac{1}{100}\) m3]
= \(\frac{22 \times 36}{700}\) m3
= 1.1314 m3
= 1.131 m3 (approx)
Hence, Volume of water out in the cylinder = 1.131 m3 (approx).

Haryana Board Solutions for 10th Class Maths Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2

Question 8.
A spherical glass vessel has a cylindrical neck 8 cm long, 2 cm in diameter ; the diameter of the spherical part is 8.5 cm. By measuring the amount of water it holds, a child finds its volume to be 345 cm3. Check whether she is correct, taking the above as the inside measurements and π = 3.14.

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 9

Solution.
We have,
Radius of cylindrical neck (r) = \(\frac{2}{2}\) = 1 cm
Height of cylindrical neck (A) = 8 cm
Radius of the spherical part (R) = \(\frac{8.5}{2}\) cm
Amount of water in the vessel = Volume of the cylindrical neck + Volume of the spherical part
= πr2h + \(\frac{4}{3}\) πR3
= π(r2h + \(\frac{4}{3}\) R3)
= 3.14 [12 × 8 + \(\frac{4}{3} \times\left(\frac{8 \cdot 5}{2}\right)^3\)]
= 3.14 (8 + 102.354)
= 3.14 × 110.354
= 346.51 cm3
Hence, volume find by the child is not correct.
Correct answer is 346.51 cm3.

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HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन

HBSE 8th Class Geography भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन Textbook Questions and Answers

आओ कुछ करके सीखें

भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन के प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 1.
जिस प्रदेश में आप रहते हैं उस प्रदेश में भूमि, मदा के प्रकार तथा जल उपलब्धता का प्रेक्षण करें। अपनी कक्षा में परिचर्चा करें कि किस प्रकार लोगों की जीवन शैली इन के द्वारा प्रभावित हुई है।
उत्तर:
भूमि तथा मृदा के प्रकार और जल की उपलब्धता मनुष्य की जीवन शैली को प्रभावित करती है। मनुष्य का पर्यावरण जिस प्रकार का होता है मानव जीवन भी उसी प्रकार ढल जाता है। उदाहरण के लिये माम्बा का परिवार पर्यावरण के अनुकूल ही जीवन निर्वाह करता है। माम्बा का पिता चट्टानी भूमि पर कठिन परिश्रम करके मक्का उत्पन्न करता है। इसी प्रकार पीटर का परिवार भेड़ पालन करके ऊन प्रक्रमण करने का कारखाना चलाता है।

भूमि, मृदा एवं जल संसाधन HBSE 8th Class प्रश्न 2.
पिछले कुछ वर्षों की भूमि उपयोग परिवर्तन के विषय में सूचना एकत्र करिये। प्राप्त जानकारी को सूचनापट्ट पर प्रदर्शित करें।
उत्तर:
पिछले कुछ वर्षों से भूमि उपयोग में परिवर्तन आया है। वनों की भूमि कृषि के लिये उपयोग में आ रही है। इस प्रकार वनों का क्षेत्रफल कम होता जा रहा है कृषि भूमि का भी उपयोग घर आदि बनाने में किया जा रहा है अत: उसका क्षेत्रफल भी घट रहा है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन

भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन HBSE 8th Class प्रश्न 3.
एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक (पेज नं. 10) की सारिणी 2.1 का अध्ययन करें और दिये गये प्रश्नों का उत्तर दें:
(i) उन देशों के नाम बतायें जिनमें फसल भूमि, वन, चरागाह और अन्य उपयोगों के लिये भूमि का प्रतिशत सबसे अधिक है।
उत्तर:
चीन, फ्रांस, भारत, यू. के., सं. रा. अमेरिका तथा जापान।

(ii) इन देशों के भूमि उपयोग प्रतिरूपों और संभावित आर्थिक क्रियाओं में आप किस प्रकार संबंध स्थापित करेंगे।
उत्तर:
इन देशों में फसल भूमि का प्रतिशत चरागाह, वन आदि के प्रतिशत से अधिक है क्योंकि जनसंख्या के पालन के लिये कृषि भूमि अधिक चाहिये।

क्रियाकलाप

भूमि मृदा जल प्राकृतिक वनस्पति HBSE 8th Class प्रश्न 4.
भारत में पाई जाने वाली जलोढ़, काली, लाल, लैटराइट, मरुस्थलीय और पर्वतीय मृदाएँ हो सकती हैं। विभिन्न प्रकार की मृदाओं की एक-एक मुट्ठी एकत्रित कीजिए और निरीक्षण कीजिए कि वे किस प्रकार एक-दूसरे से भिन्न है। ।
उत्तर:
जलोढ़ मृदा: यह नदियों द्वारा लाई गई है। यह बहुत उपजाऊ होती है।
काली मृदा: इसका निर्माण लावा से हुआ है यह रंग में काली होती है। यह भी उपजाऊ होती है।
लैटराइट मृदा: इसका निर्माण अधिक वर्षा वाले प्रदेशों में होता है। यह अपेक्षाकृत कम उपजाऊ होती है। इसमें आयरन आक्साइड और लवण अधिक होता है।
मरुस्थलीय मृदा: यह शुष्क क्षेत्रों में पाई जाती है। इसमें नमी नहीं होती तथा ह्यूमस साधारण रूप में पाया जाता है।
लाल मृदा: इसका निर्माण आग्नेय चट्टानों के टूटने से हुआ है। अनुपजाऊ लौह अंश की अधिक मात्रा से इसका रंग लाल होता है। यह कम उपजाऊ होती है।
पर्वतीय मृदा: यह मृदा पतली और अनुपजाऊ होती है। यह पर्वतीय ढालों पर पाई जाती हैं।

अभ्यास

भूमि, मृदा एवं जल संसाधन Class 8 Question Answer HBSE प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(i) मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी दो मुख्य जलवायु कारक कौन-से हैं?
उत्तर:
मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी जलवायु के दो महत्त्वपूर्ण कारक हैं-तापमान तथा वर्षा।

(ii) भूमि निम्नीकरण के कोई दो कारण लिखिए।
उत्तर:
भूमि क्षरण के दो कारण हैं-भवन-निर्माण तथा सड़क-निर्माण आदि।

(iii) भूमि को महत्त्वपूर्ण संसाधन क्यों माना जाता है?
उत्तर:
मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये अधिकतर उत्पाद भूमि से प्राप्त करता है। उदाहरण के लिये मनुष्य के लिये भोजन की 95% से भी अधिक की आवश्यकता भूमि से पूरी की जाती है। इसके अतिरिक्त वस्त्र, मकान और इमारती लकड़ी की आवश्यकतायें भी भूमि से ही पूरी होती हैं।

(iv) किन्हीं दो सोपानों के नाम बताइए जिन्हें सरकार ने पौधों और प्राणियों के संरक्षण के लिए आरंभ किया है।
उत्तर:
पौधों और प्राणियों के संरक्षण के लिए उठाये गये दो कदम निम्नलिखित हैं:
1. जैव मंडल तथा राष्ट्रीय उद्यानों की स्थापना
2. अवैध कटाई तथा शिकार आदि पर रोक।

(v) जल संरक्षण के तीन तरीके बताइए।
उत्तर:
जल संरक्षण के तरीके निम्नलिखित हैं:
1. वृक्षारोपणः वन या वनस्पति आवरण धरातलीय जल प्रवाह को मंद करता है जिससे जल को पुनः पूरित या रिसने का समय मिल जाता है।
2. वर्षा जल संग्रहण: इसके अंतर्गत वर्षा के जल का संग्रह किया जाता है तथा आवश्यकता पड़ने पर कभी भी प्रयोग किया जा सकता है।
3. जल के रिसाव को कम किया जाए। इसके लिये नहरों को पक्का करना चाहिये। रिसाव और वाष्पीकरण से होने वाली क्षति को रोकने के लिए स्प्रिंकलरों से सिचाई करना अधिक उपयोगी है।

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Land Soil Water Natural Vegetation And Wildlife Extra Questions HBSE प्रश्न 2.
सही उत्तर को चिह्नित कीजिए:
(i) निम्नलिखित में कौन-सा कारक मृदा निर्माण का नहीं है?
(क) समय
(ख) मृदा का गठन
(ग) जैव पदार्थ
उत्तर:
(ख) मृदा का गठन।

(ii) निम्नलिखित में से कौन-सी विधि तीन ढालों पर मृदा अपरदन को रोकने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है?
(क) रक्षक मेखला
(ख) मलचिंग
(ग) वेदिका कृषि
उत्तर:
(ग) वेदिका कृषि।

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा प्रकृति के संरक्षण के अनुकूल नहीं है?
(क) बल्ब को बंद कर देना चाहिए जब आवश्यकता न
(ख) नल को उपयोग के बाद तुरंत बंद कर देना चाहिए।
(ग) खरीददारी के बाद पॉली पैक को नष्ट कर देना चाहिए।
उत्तर:
(ग) खरीददारी के बाद पॉली पैक को नष्ट कर देना चाहिए।

Land Soil And Water Resources Class 8 Extra Questions HBSE प्रश्न 3.
निम्नलिखित का मिलान कीजिए

(क) भूमि उपयोग(i) मृदा अपरदन को रोकना
(ख) ह्यूमस(ii) कृषि के लिये उपयुक्त भूमि
(ग) चट्टान बाँध(ii) भूमि का उत्पादनकारी उपयोग
(घ) कृषि योग्य भूमि(iv) ऊपरी मृदा पर निक्षेपित जैव पदार्थ

उत्तर:
(क)-(i), (ख)-(iv), (ग)-(iii), (घ)-(ii)

भूमि मृदा जल प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन के प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 4.
निम्नलिखित कथनों में से सत्य अथवा असत्य बताइए। यदि सत्य है तो उसके कारण लिखिए
(i) भारत का गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान अत्यधिक आबाद प्रदेश है।
(ii) भारत में प्रतिव्यक्ति जल की उपलब्धता कम हो रही है।
(iii) तटीय क्षेत्रों में पवन गति रोकने के लिए वृक्ष कतार में लगाए जाते हैं, जिसे बीच की फसल उगाना कहते हैं।
(iv) मानवीय हस्तक्षेप और जलवायु परिवर्तन पारितंत्र को व्यवस्थित रख सकते हैं।
उत्तर:
(i) और
(ii) सत्य हैं क्योंकि
(iii) गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान अत्यधिक उपजाऊ है इसलिये जनसंख्या अधिक है। यहाँ जलोढ़ मृदा पाई जाती है अत: भूमिगत जल से सिंचाई तथा पेय जल की आवश्यकता पूरी हो जाती है।
(iv) भारत में प्रतिव्यक्ति जल की कमी होती जा रही है क्योंकि भारत में वर्षा असमान और अपर्याप्त है। प्रदूषण के कारण जल स्रोत दूषित हो रहे हैं अत: पेय जल की भारी कमी है।

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क्रियाकलाप

Land, Soil, Water, Natural Vegetation And Wildlife Resources Notes HBSE प्रश्न 5.
भूमि उपयोग प्रतिरूप के परिवर्तन के लिए उत्तरदायी कुछ और कारणों की चर्चा कीजिए। क्या आपके स्थान पर भूमि उपयोग प्रतिरूप में कोई परिवर्तन हुआ है? अपने माता-पिता और बड़े लोगों से पता कीजिए। आप निम्नलिखित प्रश्नों को पूछकर एक साक्षात्कार ले सकते हैं-

स्थानजब आपके दादा-दादी 30 वर्ष की आयु में थे।जब आपके माता-पिता 30 वर्ष की आयु में थे।आप क्या कि ऐसा हो रहा है?क्या सामान्य क्षेत्र और खुले क्षेत्र विस्तृत हो रहे हैं?
ग्रामीण
पशु और मुर्गी पालन उद्योग की संख्या
गाँव में पेड़ों और तालाबों की संख्या
परिवार के मुखिया का व्यवसाय
नगरीय
कारों की संख्या
घर में कमरों की संख्या
पक्की सड़कों की संख्या
पाक और खेल के मैदानों की संख्या

आपने जो तालिका पूरी की है उसके आधार पर भूमि प्रतिरूपों का एक चित्र बनाइए जिन्हें आप 20 वर्ष बाद अपने पड़ोस में देखने की कल्पना करते हैं। आप क्या सोचते हैं कि वर्षों बाद भूमि उपयोग प्रतिरूप बदल जाता है।
उत्तर:
यह कार्य विद्यार्थी स्वयं करें।
संकेतः
सर्वेक्षण से यह ज्ञात हुआ कि भूमि उपयोग सदैव बदलता रहा है। आज जहाँ नगर अथवा गाँव हैं वहाँ कभी वन होते थे। कृषि योग्य भूमि की मात्रा भी कभी बढ़ी है तो कभी घटी है। हमारे स्थान पर कोई परिवर्तन नहीं हुआ। भूमि उपयोग में परिवर्तन का प्रमुख कारक बढ़ती जनसंख्या तथा उसकी बढ़ती मांग रही है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन

HBSE 8th Class Geography भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

भूमि मृदा जल प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन HBSE 8th Class प्रश्न 1.
मृदा निर्माण को नियमित करने वाले पाँच
उत्तर:
मृदा निर्माण को नियंत्रित करने वाले पाँच कारक हैं:
1 जनक शैल
2. जलवायु
3. जैविक पदार्थ
4. समय
5. स्थलाकृति।

प्रश्न 2.
भू-क्षरण क्या है? – कारकों के नाम बतायें।
उत्तर:
भूमि निम्नीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें प्राकृतिक कारणों के अतिरिक्त वनों की कटाई, पशुओं द्वारा अति चराई आदि कारणों से भूमि का क्षरण हो जाता है।

प्रश्न 3.
भूमि उपयोग प्रारूप को प्रभावित करने वाले मानव कारकों अथवा कार्यकलापों का नाम बतायें।
उत्तर:
भूमि उपयोग प्रारूप को प्रभावित करने वाले मानव कारकों में भवन, सड़क, रेल आदि के निर्माण के लिये भूमि का अधिग्रहण शामिल है।

प्रश्न 4.
पौधों की वृद्धि को प्रभावित करने वाले दो कारकों के नाम बतायें।
उत्तर:
आर्द्रता और तापमान।

प्रश्न 5.
उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों के दो प्रकार बतायें।
उत्तर:
1. सदाहरित वन
2. अर्ध-सदाहरित वन

प्रश्न 6.
पर्णपाती वनों के मुख्य वृक्ष कौन से हैं?
उत्तर:
साल, सागौन, चंदन, रोजवुड, एबोनी, शीशम, महुआ आदि।

प्रश्न 7.
कोणधारी वनों के प्रमुख वृक्षों के नाम बतायें।
उत्तर:
पाइन, सिडर, सिल्वरफ तथा देवदार।

प्रश्न 8.
वर्षा जल संग्रहण किसे कहते हैं?
उत्तर:
वर्षा जल संग्रहण जल के संरक्षण की एक विधि है जिसके अंतर्गत वर्षा का जल मकानों की छतों पर इकट्ठा करके एक गड़े में एकत्र किया जाता है तथा बाद में आवश्यकता के समय इसका उपयोग किया जाता है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वन संसाधनों के कुछ प्रत्यक्ष लाभों का स्पष्टीकरण दीजिये।
उत्तर:
वन संसाधनों के प्रत्यक्ष लाभ हैं:
1. वनों से इमारती लकड़ी, कागज, लुग्दी, गोंद तथा रबर प्राप्त होती है।
2. वनों से उद्योगों को कच्चा माल मिलता है।
3. वन मृदा अपरदन रोकने में सहायक हैं।
4. वन पारिस्थितिक संतुलन को बनाते हैं।
5. वनों से जानवरों को आश्रय तथा भोजन (चारा) मिलता है।
6. अभयारण्य तथा पक्षी विहार पर्यटन को बढ़ावा देते हैं।
7. वनों से जड़ी-बूटियाँ मिलती हैं।

प्रश्न 2.
हमारे देश में बहुत से जीवों की प्रजातियाँ नष्ट क्यों हो रही हैं? बन्य प्राणियों के संरक्षण के लिये क्या किया जा रहा है?
उत्तर:
भारत के वनों में अनेक प्रकार के जीव-जंतु पाये जाते हैं। परंतु देश में वन्य प्राणियों की अनेक प्रजातियाँ अंधाधुंध शिकार के कारण विलुप्त हो गई है। गैंडा, चीता, शेर, कस्तूरी मृग आदि बहुत ही कम संख्या में पाये जाते हैं। इनकी सुरक्षा के लिये भारत सरकार ने राष्ट्रीय पार्क और अभयारण्य स्थापित किये हैं जहाँ उन्हें अपने प्राकृतिक वातावरण में सुरक्षित रखा जाता है। राष्ट्रीय पार्क प्राकृतिक सुन्दरता को सुरक्षित रखने के लिये आरक्षित क्षेत्र हैं। अभयारण्य वे आरक्षित क्षेत्र हैं जहाँ वन्य प्राणियों की विलुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण और विकास किया जाता है। वर्तमान में भारत 83 में राष्ट्रीय पार्क तथा 447 अभयारण्य हैं जो देश के 4.5 प्रतिशत भाग में फैले हैं। प्रत्येक वर्ष अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाता है।

प्रश्न 3.
मृदा का संरक्षण किस प्रकार हो सकता है?
उत्तर:
मृदा संरक्षण निम्न प्रकार से किया जाता है:
1. पर्वतीय क्षेत्रों में सीढ़ीदार खेत बनाकर।
2. समोच्चरेखीय जुताई करके।
3. निवनीकरण तथा स्थानांतरी कृषि पर रोक लगाकर।
4. अधिक वन लगाकर।
5. चट्टान बाँध बनाकर।।

प्रश्न 4.
संसाधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
संरक्षण से तात्पर्य है कि प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग किया जाए जिससे मानव जाति के आर्थिक व सामाजिक कल्याण से उनका जीवन स्तर ऊँचा उठ जाये। वर्तमान युग में संसाधनों का उचित उपयोग हो तथा भविष्य के लिये भी सुरक्षित रह सके। संसाधनों का संरक्षण मानव जीवन का संरक्षण है। अत: मानव का परम कर्तव्य है कि वह इन संसाधनों को विनाश से सुरक्षित करें।

संरक्षण की आवश्यकता (Need of Conservation):
1. संसाधनों की उपलब्धता मानव के लिये बहुत उपयोगी है।
2. प्राकृतिक संसाधन भूमि की सुंदरता तथा उपजाऊपन बढ़ाते हैं जैसे वन।
3. ये वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहन देते हैं।
4. मानव जीवन, वायु, जल, मृदा आदि के उपयोग पर निर्भर करता है। अत: इनका संरक्षण आवश्यक है।

प्रश्न 5.
मानव के लिये वन किस प्रकार उपयोगी हैं?
उत्तर:
वन मनुष्य के लिये अनेक प्रकार से लायक हैं जिनका आर्थिक रूप से उपयोग होता है। वनों से हमें फथर के लिये लकड़ी प्राप्त होती है। जलाने के लकड़ी प्राप्त होती है। अनेक तरह के बहुमूल्य उत्पाद, जड़ी बूटियाँ आदि वनों से ही प्राप्त होती हैं। पर्यावरण स्थिरता तथा परिस्थितिक संतुलन बनाये रखना भी वनों से होता है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जल संसाधनों का महत्त्व तथा संरक्षण का वर्णन करो।
उत्तर:
जल संसाधन का महत्त्व-संसार के लगभग तीन-चौथाई भाग में महासागरों, नदियों और झीलों के कारण जल के विशाल भंडार मिलते हैं। मानवीय क्रियाओं के लिए जल एक आर्थिक संपत्ति है।
(i) मानव, जीव-जंतुओं, वनस्पति को जीवित रखने हेतु जल आवश्यक है।
(ii) कृषि के लिए सिंचाई के साधनों के लिए जल की आवश्यकता होती है।
(iii) जल-विद्युत उत्पन्न करने के लिए अधिक मात्रा में जल प्राप्त होना चाहिए।
(iv) यातायात के साधनों में जल यातायात सबसे सस्ता व महत्त्वपूर्ण साधन है।
(v) नदियों के निक्षेप से संसार के उपजाऊ मैदानों तथा डेल्टाओं का निर्माण होता है।

जल का संरक्षण:
मानव जीवन में जल के महत्त्व तथा बढ़ते हुए प्रयोग के कारण जल-साधनों का संरक्षण अति आवश्यक है। शुद्ध जल ही किसी राष्ट्र के लोगों के स्वास्थ्य को ठीक रख सकता है। इसलिए सागरों, नदियों और झीलों आदि के जल को दुषित होने से बचाया जाना चाहिए। इन्हें कूड़ा-करकट, रासायनिक अशुद्धियों और गंदगी से साफ रखा जाए। पानी को शुद्ध करके दोबारा प्रयोग किया जाए। भूमिगत जल की खोज करके उसे अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए। नदियों पर बाँध बनाकर झीलों में पानी के भंडार जमा किए जाएँ।

प्रश्न 2.
वर्षा जल संग्रहण क्या है तथा इसके क्या लाभ
उत्तर:
वर्षा जल संग्रहण एक विधि है जिसके द्वारा मकानों की छतों पर वर्षा जल को एकत्र किया जाता है। फिर इसे पाइप द्वारा गड्ढे में एकत्र कर लिया जाता है। यह जल आवश्यकता के समय बाद में उपयोग किया जाता है।
1. यह एक पारिस्थितिक और वित्तीय ज्ञान कराता है जिससे शुद्ध प्राकृतिक जल को व्यर्थ न जाने दिया जाए।
2. यह जल संरक्षण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है।
3. यह एक सामान्य बात है कि जल की गुणवत्ता नष्ट नहीं होती यदि इसे लंबे समय के लिये सुरक्षित रखा जाए। यदि जल में कोई जैविक पदार्थ न हो तो यह लंबे समय तक प्रदूषित नहीं होगा।
4. यह भूमिगत जल को प्रदूषित नही होने देता तथा उसकी माता में बढ़ोत्तरी करता है।

प्रश्न 3.
वन्य प्राणी हमारे लिए क्यों महत्त्वपूर्ण हैं? अपने देश के वन्य प्राणियों की सुरक्षा में हम किस प्रकार सहायता दे सकते हैं?
उत्तर:
वन्य प्राणी हमारी राष्ट्रीय संपत्ति हैं। अत: इस संपत्ति को सुरक्षित रखना आवश्यक है। देश-विदेश के लोग वन्य प्राणियों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने के लिए पर्यटन (यात्रा) करते हैं। वन्य प्राणियों से अनेक लाभ हैं। इनके चमड़े, सींग, फर, बाल आदि की विश्व बाजार में भारी माँग है। इनकी देश के लिए भारी उपयोगिता है। वन्य प्राणी संतुलन में सहायक हैं। अत: आने वाली पीढ़ियों के लिए इन्हें सुरक्षित रखना चाहिए।

वन्य प्राणियों की सुरक्षा के उपाय:
(i) वनों की अंधाधुंध कटाई वन्य प्राणियों के लिए हानिकारक है। अत: वन काटने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
(ii) बाघ, गैंडा, चीता, आदि कम होते जा रहे हैं। इनके मारने पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
(iii) वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए जनता को सरकार का भरपूर सहयोग करना चाहिए।
(iv) भारत में अक्टूबर मास के प्रथम सप्ताह में वन्य प्राणी सप्ताह मनाते हैं और वन्य प्राणियों को सुरक्षित रखने का प्रण करते हैं।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन

भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन Class 8 HBSE Definitions in Hindi

1. भूमि (Land): पृथ्वी का वह भाग जिस पर मनुष्य रहते हैं तथा विभिन्न आर्थिक क्रियाएँ की जाती हैं, भूमि कहलाती है।
2. भूमि उपयोग (Land Use): कृषि, वन, खनन, भवन, सड़क आदि के लिए भूमि का प्रयोग करना।
3. मृदा संसाधन (Soil Resources): ऐसा प्राकृतिक संसाधन जिसमें सभी वनस्पति उगती है जिससे मनुष्य तथा जीवों को भोजन मिलता है।
4. साझा संपत्ति संसाधन (Common Property Resources): जो भूमि एक समुदाय के अंतर्गत हो उसे सामुदायिक भूमि या साझा संपत्ति संसाधन कहते हैं।
5. मृदा अपरदन (Soil Erosion): वायु और जल (वर्षा) द्वारा ऊपरी मृदा का क्षरण होना मृदा अपरदन कहलाता है।
6. मस (Humus): एक गहरा भूरा पदार्थ जो सड़े-गले पदार्थों तथा मरे हुए जीवों से बनता है। यह एक जैविक पदार्थ है जो मृदा की उर्वरता बढ़ाता है।
7. संसाधन (Resources): संसाधन मनुष्य की आवश्यकताओं को पूरा कने वाले उपाय हैं। ये प्राकृतिक संसाधन हवा, पानी, भूमि, खनिज, कृषि और ऊर्जा आदि हैं।
8. जैवमंडल निचय (Biosphere Reserves): संरक्षित क्षेत्रों की एक श्रृंखला जो वैश्विक नेटवर्क से जुड़ी है और प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीवन संरक्षण व विकास में संलग्न है।

भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन Class 8 HBSE Notes in Hindi

1. भूमि (Land):
भूमि सबसे महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। यह पृथ्वी के धरातल का 30 प्रतिशत भाग घेरे हुये है। विश्व की 90% जनसंख्या केवल 30% भूमि पर निवास करती है। विश्व में जनसंख्या का असमान वितरण भूमि और जलवायु के कारण

2. भूमि उपयोग (Land Use):
भूमि का उपयोग भिन्न कार्यो के लिये जैसे कृषि, उद्योग, खनन, मकान, सड़क आदि के लिये किया जाता है। भूमि का उपयोग भौतिक कारकों जैसे धरातल की बनावट, मृदा, जलवायु, खनिज और जल की उपलब्धता पर निर्भर करता है। कुछ देशों में भूमि का उपयोग निम्न प्रकार से है:

देशभूमि उपयोगों के अनुसार क्षेत्रफल का प्रतिशत
फसल भूमिचरागाहवनअन्य उपयोग
आस्ट्रेलिया4561424
ब्राजील920665
कनाडा543952
चीन10341442
फ्रांस35212717
भारत5742217
जापान1226719
रूस851444
यू. के.29461016
स. रा. अमेरिका21263221
विश्व11263132

भूमि को निजी भूमि और सामुदायिक भूमि के आधार पर विभाजित किया जा सकता है। व्यक्तिगत भूमि निजी भूमि कहलाती है जबकि समुदाय के अधीन भूमि को सामुदायिक भूमि कहते हैं।

3. भूमि संसाधन का संरक्षण (Conservation of Land Resource):
बढ़ती हुई जनसंख्या तथा उसकी बढ़ती मांग के कारण कृषि भूमि का क्षरण बड़े पैमाने पर हो रहा है। इस प्राकृतिक संसाधन के समाप्त होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। विनाश की गति को रोकना आवश्यक है। वृक्षारोपण, भूमि सुधार, रासायनिक कीटनाशकों पर नियंत्रण तथा अति चराई पर नियंत्रण आदि भूमि संरक्षण के उपाय हैं।

4. मृदा (Soil):
पृथ्वी के भूपृष्ठ पर मिट्टी की ऊपरी परत को मृदा कहते हैं। मृदा का निर्माण खनिज और चट्टानों के जैविक पदार्थों के मिश्रण से होता है। यह चट्टानों के अपक्षरण से होता है। ये पदार्थ मृदा की उर्वरा शक्ति को बनाते हैं। मृदा अपरदन से फसल भूमि का विनाश होता है। मृदा अपरदन और क्षरण मृदा के लिये एक समस्या है। मृदा क्षरण के कारण हैं: निर्वनीकरण, अति चराई, रासायनिक खाद और कीटनाशकों का अति उपयोग, भूस्खलन तथा बाढ़ आदि।

5. मृदा संरक्षण के उपाय: समोच्चरोधक (Contour barriers):
कृषि वानिकी (Agroforestry), चट्टान बाँध (Rock dam), सीढ़ीदार (Terraces), मिश्रित फसली (Inter-cropping), समोच्च रेखीय जुताई, रक्षक मेखलाएँ (Shelter belts) आदि।

6. जल (Water):
जल विशाल नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन है। पृथ्वी के तीन-चौथाई भाग पर जल पाया जाता है इसलिये पृथ्वी को नीला ग्रह कहते हैं। महासागरों में ही 3.5 अरब वर्ष पहले जीवन आरंभ हुआ था। महासागरों का जल खारा होता है। जल को न तो बढ़ाया जा सकता है और न ही घटाया जा सकता है। इसका आयतन समान रहता है। जल का उपयोग पीने के लिये, सिचाई, उद्योग, विद्युत निर्माण आदि में किया जाता है। बढ़ती जनसंख्या की बढ़ती भोजन की मांग, फसलों के लिये बढ़ती मांग तथा बढ़ता नगरीकरण आदि कारक जल की अल्पता के कारण हैं।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन

7. जल उपलब्धता की समस्यायें (Problems of water availability):
विश्व में जल की अल्पता कई देशों में पाई जाती है। जैसे अफ्रीका, पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया, पश्चिमी संयुक्त अमेरिका, उत्तर-पश्चिमी मैक्सिको, दक्षिण अमेरिका के कुछ भाग तथा संपूर्ण आस्ट्रेलिया।

8. जल संसाधनों का संरक्षण (Conservation of Water Resources):
विश्व स्वच्छ और पर्याप्त जल की कमी का सामना कर रहा है। इस संसाधन को बचाने के उपाय करने चाहिये। यद्यपि जल एक नवीकरणीय संसाधन है और प्रदूषण ने इसे उपयोग के लिये अयोग्य कर दिया है। अनुपचारित अथवा अर्ध-उपचारित जल का नदियों में जाना, कृषि रसायनों का विसर्जन और औद्योगिक गंदे जल की निकासी जल के प्रमुख प्रदूषित कारक हैं। इस जल में नाइट्रेट धातु और कीटनाशक आदि मिले होते हैं। इनमें से कुछ रसायन नष्ट नहीं होने वाले होते हैं। जल प्रदूषण पर नियंत्रण इसे उपचारित करके जल को नदी में जाने देने से किया जा सकता है।

9. प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन (Natural Vegetation and Wildlife):
प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीव जैवमंडल में पाये जाते हैं जो स्थलमंडल, जलमंडल और वायुमंडल के मध्य पाया जाता है। जैवमंडल में प्राणी एक दूसरे से संबंधित हैं और एक दूसरे पर निर्भर हैं। इस जीवन प्रणाली को पारिस्थितिकी कहते हैं। वनस्पति और वन्य जीव बहुमूल्य संसाधन हैं। पौधों – से हमें लकड़ी प्राप्त होती है। जानवरों को आश्रय मिलता है तथा सांस लेने के लिये ऑक्सीजन मिलती है। वन्य प्राणियों में जानवर, पक्षी, कीड़े-मकोड़े आदि सम्मिलित हैं। जानवरों से दूध, ऊन, मांस, खाल आदि प्राप्त होते हैं।

10. प्राकृतिक वनस्पति का वितरण (Distribution of Natural Vegetation):
वनस्पति तापमान और आर्द्रता पर निर्भर करती है। भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में अधिक वनस्पति पाई जाती है। वर्षा की मात्रा घटने पर वृक्षों की संख्या तथा आकार भी घटता जाता है। मध्यम वर्षा वाले क्षेत्रों में छोटे आकार के वृक्ष तथा घास पाई जाती है। विश्व के अधिकांश कम वर्षा वाले क्षेत्रों में झाड़ियाँ उगती हैं। शीत क्षेत्रों में टुंड्रा प्रकार की वनस्पति पाई जाती है। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में सदाहरित वन तथा मानसून जलवायु वाले क्षेत्रों में पर्णपाती वन पाये जाते हैं। पर्णपाती वन विशेष समय पर अपनी पत्तियाँ गिराते हैं परंतु सदाहरित वन सदैव हरे-भरे बने रहते हैं।

11. प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीवन का संरक्षण (conservation of Natural Viegetation and Wildlife):
वन हमारी अमूल्य सम्पदा हैं। वन जानवरों के निवास स्थान हैं। दोनों मिलकर पारिस्थितिक संतुलन बनाये रखते हैं। जलवायु में परिवर्तन और मानव का हस्तक्षेप इनके विनाश का कारण बन जाता है। बहुत से जानवरं लुप्त होने के कगार पर हैं। निर्वनीकरण, मृदा अपरदन, निर्माण कार्य, वन में लगी आग तथा भूस्खलन आदि वन संसाधन की समाप्ति के कारक हैं।

राष्ट्रीय उद्यान, वन्य जीव अभयारण्य तथा जैव आरक्षित क्षेत्र प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीव के संरक्षण के लिये बनाये गये हैं। झील और आई भूमि का संरक्षण इस मूल्यवान प्राकृतिक संसाधन को बचाने के लिये आवश्यक है। लोगों में जागरुकता जैसे सामाजिक वानिकी और वन महोत्सव को प्रादेशिक स्तर पर प्रोत्साहित करना चाहिये। छात्रों को भी प्रोत्साहित करना चाहिये।

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HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन

HBSE 8th Class Geography खनिज और शक्ति संसाधन Textbook Questions and Answers

आओ कुछ करके सीखें

खनिज और शक्ति संसाधन कक्षा 8 HBSE  प्रश्न 1.
विश्व के रूपरेखा मानचित्र में कनाडियन शील्ड, अप्लेशियन पर्वत, ग्रेट लेक तथा पश्चिमी कार्डीलेरा पर्वत श्रृंखला को मानचित्रावली की सहायता से चिह्नित कीजिए।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन-1

खनिज और शक्ति संसाधन प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 2.
किन्हीं पाँच खनिजों के उपयोग की सूची बनाइए।
उत्तर:
(i) लौह अयस्क: इसका उपयोग इस्पात तथा उपकरण बनाने में किया जाता है।
(ii) ताँबा: इसका उपयोग बर्तन, बिजली के उपकरण आदि में किया जाता है।
(ii) बॉक्साइड: इसका उपयोग एलुमिनियम बनाने में किया जाता है।
(iv) सोना: इससे आभूषण तैयार किये जाते है।
(v) अभ्रक: विद्युत उपकरणों में उपयोग किया जाता है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन

अभ्यास

खनिज और शक्ति संसाधन HBSE 8th Class प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(i) प्रतिदिन आपके उपयोग में आने वाले तीन सामान्य खनिजों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रतिदिन उपयोग में आने वाले तीन सामान्य खनिज
1. लोहा
2. ताँबा
3. बॉक्साइट।

(ii) अयस्क क्या है ? धात्विक खनिजों के अयस्क सामान्यतः कहाँ पाए जाते हैं ?
उत्तर:
शैल जिनसे खनिजों का खनन किया जाता है अयस्क कहे जाते हैं। धात्विक खनिज अयस्क आग्नेय और कार्यांतरित शैल समूह जिनसे पठारों का निर्माण होता में पाये जाते हैं।

(iii) प्राकृतिक गैस संसाधनों में संपन्न दो प्रदेशों के नाम बताइए।
उत्तर:
(क) उत्तरी यूरोप तथा
(ख) एशिया के अपतटीय प्रदेश।

(iv) निम्न के लिए आप ऊर्जा के किन स्रोतों का सुझाव देंगे –
(क) ग्रामीण क्षेत्रों (Rural areas),
(ख) तटीय क्षेत्रों (Coastal areas),
(ग) शुष्क प्रदेशों (Ardi regions)।
उत्तर:
(क) ग्रामीण क्षेत्रों के लिये जैव ऊर्जा
(ख) तटीय क्षेत्रों के लिये पवन ऊर्जा
(ग) शुष्क क्षेत्रों के लिये सौर ऊर्जा उपयुक्तं होगी

(v) पाँच तरीके दीजिये जिनसे कि आप घर पर ऊर्जा बचा सकते हैं।
उत्तर:
घर पर ऊर्जा की बचत करने के पाँच तरीके निम्नलिखित हैं:
1. आवश्यकता न होने पर उपकरणों को बंद रखना।
2. आवश्यकतानुसार कम से कम ऊर्जा का उपभोग करना।
3. खिड़कियों को खुला रखकर प्राकृतिक समीर का अधिकतम उपयोग जिसमें विद्युत पंखों का उपयोग न करके ऊर्जा बचाई जा सकती है।
4. सी. एफ. एस. बल्ब का उपयोग करके तथा उन्हें धूलरहित रख कर।
5. सभी विद्युत उपकरणों की समय पर देखभाल रखना और उचित उपयोग करना।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन

Mineral And Power Resources Map Work Class 8 HBSE प्रश्न 2.
सही उत्तर को चिह्नित कीजिए:
(i) निम्नलिखित में से कौन-सी एक खनिजों की विशेषता नहीं है?
(क) वे प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित होते हैं।
(ख) उनका एक निश्चित रासायनिक संघटन होता है।
(ग) वे असमाप्य होते हैं ।
(घ) उनका वितरण असमान होता है।
उत्तर:
(ग) वे असमाप्य होते हैं

(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा अभ्रक का उत्पादक नहीं है ?
(क) झारखंड
(ख) राजस्थान
(ग) कर्नाटक
(घ) आंध्र प्रदेश
उत्तर:
(ग) कर्नाटक।

(iii) निम्नलिखित में से कौन विश्व में ताँबे का अग्रणी उत्पादक है?
(क) वोलीविया
(ख) चिली
(ग) घाना
(घ) जिम्बाब्वे
उत्तर:
(ख) चिली।

(iv) निम्नलिखित प्रक्रियाओं में से कौन-सी आपके रसोईघर में द्रवित पेट्रोलियम गैस (एल.पी.जी.) को संरक्षित नहीं करेगी
(क) पकाने से पहले दाल को कुछ समय के लिये भिगोना।
(ख) प्रेशर कुकर में खाना पकाना।
(ग) पकाने के लिये गैस जलाने से पूर्व सब्जी को काट लेना!
(घ) खुली कढ़ाई में कम ज्वाला पर भोजन पकाना।
उत्तर:
(घ) खुली कढ़ाई में कम ज्वाला पर भोजन पकाना।

खनिज और शक्ति संसाधन के प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 3.
कारण बताइए
Give reasons:

(i) बड़े बाँधों के निर्माण के पूर्व पर्यावरणीय पहलुओं को ध्यानपूर्वक देखना चाहिए।
उत्तर:
बड़े बाँधों के निर्माण से पहले पर्यावरणीय पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिये क्योंकि पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। बाँधों के निर्माण से प्रायः स्थानीय भूकंप, भू-स्खलन, निर्वनीकरण आदि होता है इसलिये पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ जाता है।

(ii) अधिकांश उद्योग कोयला खानों के पास केंद्रित होते
उत्तर: अधिकांश उद्योगों को चलाने के लिये शक्ति के खनिज ईंधन है जिसके परिवहन में अधिक समय तथा अधिक खर्च लगता है। इसलिए इस प्रकार के उद्योग कोयला खानों के समीप ही स्थापित होते हैं।

(iii) पेट्रोलियम को ‘काला सोना’ कहा जाता है।
उत्तर:
पेट्रोलियम को काला सोना कहा जाता है क्योंकि पेट्रोलियम और इससे बने उत्पादों जैसे डीजल, पैट्रोल मिट्टी का तेल, मोम, प्लास्टिक और स्नेरक आदि की भारी मांग है तथा ये बहुत मूल्यवान हैं।

(iv) आखनन पर्यावरणीय चिंता का विषय हो सकता
उत्तर:
आखनन पर्यावरणीय चिंता का विषय हो सकता है । क्योंकि आखनन खुले गर्त वाली खानों में किया जाता है। इससे भूमि प्रदूषण होता है। धूल पर्यावरण को प्रदूषित करती है तथा वनस्पति आवरण को क्षति पहुंचती है। इसके परिणामस्वरूप पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ जाता है।

Minerals And Power Resources Class 8 Extra Questions And Answers HBSE प्रश्न 4.
निम्नलिखित अंतर स्पष्ट कीजिए:
(i) परंपरागत और गैर-परंपरागत ऊर्जा के स्रोत
उत्तर:

ऊर्जा के परंपरागत साधन (Conventional sources of energy)ऊर्जा के गैर-परंपरागत साधन (Non-conventional sources of energy)
1. कर्जा के परंपरागत साधन हैं: कोयला, खनिज तेल प्राकृतिक गैस, जल शक्ति और अणु शक्ति।1. पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा आदि।
2. ये साधन समाप्य साधन हैं। इनका प्रयोग केवल एक बार ही किया जा सकता है।2. ये असमाप्य साधन हैं। इनका प्रयोग बार-बार किया जा सकता है।
3 इनका प्रयोग आदिकाल से हो रहा है।3. इनका प्रयोग हाल के समय में ही शुरू हुआ है।
4. इनसे प्रदूषण होता है।4. ये प्रदूषणमुक्त साधन हैं।

(ii) बायो गैस और प्राकृतिक गैस
उत्तर:

बायो गैस (Bio gas)प्राकृतिक गैस (Natural Gas)
1. यह कार्यनिक अपशिष्ट जैसे मृत पौधे और जंतुओं के अवशेष, पशुओं का गोबर आदि से तैयार की जाती है।1. प्राकृतिक गैस पेट्रोलियम के साथ पाई जाती है। तेल निकालने पर यह उससे अलग होती है।
2. यह खाना पकाने तथा विद्युत उत्पादन का घरेलू ऊर्जा सोत2 इसका प्रयोग घरेलू और वाणिज्यिक ईधनों के रूप में किया जाता है।
3. इससे प्रतिवर्ष बड़ी मात्रा में जैव खाद का उत्पादन होता है।3. यह समाप्य संसाधन है।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन

(iii) लौह और अलौह खनिज
उत्तर:

लौह खनिज (Ferrous Minerals)अलौह खनिज (Non- Ferrous Minerals)
1. जिन धात्विक खनिज पदार्थों में लौह अंश पाया जाता है उन्हें लौह खनिज के नाम से जाना जाता है। जैसे-लौह अयस्क।1. जिन धात्विक खनिजों में लौह अंश नहीं होता उन्हें अलौह खनिज के नाम से जाना जाता है। जैसे सोना, चाँदी आदि।
2. भारत में लौह खनिजों के विशाल भंडार हैं।2 भारत में अलौह खनिज के भंडार सीमित हैं।
3. ये भूरे रंग के होते हैं।3. ये भिन्न रंग के होते हैं।
4. रवेदार चट्टानों में पाये जाते हैं।4. ये प्रत्येक प्रकार की चट्टानों में पाये जाते हैं।
5. इनका उपयोग इस्पात उद्योग में होता है।5. इनका प्रयोग विभिन्न कामों में होता है।

(iv) धात्विक और अधात्विक खनिज
उत्तर:

धात्विक खनिज (Metalled Minerals)अधात्विक खनिज (Non-Metalled Minerals)
1. ये वे खनिज हैं जिनसे हमें धातुएँ प्राप्त होती हैं। जैसे लोह अयस्क, बाक्साइट आदि।1. इन खनिजों से धातुएँ से नहीं प्राप्त होतीं। जैसे चूना पत्थर, अभ्रक आदि।
2. इनमें चमक होती है।2. इनमें चमक नहीं होती।
3. इनको पीट पर पतली चादरों का रूप दिया जा सकता है।3. ये पीटने से टूट जाते हैं और इनके तार नहीं खीचे जा सकते।
4. सोना, लोहा, चाँदी इसके उदाहरण हैं।4. संगमरमर, कोयला, पेट्रोलियम, अभ्रक इसके उदाहरण हैं।
5. ये खनिज आग्नेय और कार्यांतरित शैलों से प्राप्त होते हैं।5. ये खनिज हमें अवसादी शैलों से प्राप्त होते है।

प्रश्न 5.
क्रियाकलाप
(i) हमारे जीवन में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के ईंधनों को प्रदर्शित करने के लिए पुरानी पत्रिकाओं से चित्रों का प्रयोग करें और उन्हें अपने सूचनापट्ट पर प्रदर्शित करें।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

(ii) ऊर्जा संरक्षण की युक्तियाँ जिन्हें आप अपने विद्यालय में अपनाएंगे पर प्रकाश डालते हुए एक चार्ट बनाइए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

(iii) सलमा की कक्षा ने विद्युत उपभोग सर्वेक्षण के द्वारा अपने विद्यालय का ऊर्जा लेखा परीक्षण करने के लिए एक कार्य अभियान चलाया। उन्होंने विद्यालय के छात्रों के लिए सर्वेक्षण पत्रक तैयार किए।
विद्युत लेखा

उपकरण (यदि है)मात्रा (प्रयुक्त हो रही संख्या)उपयोग समय (कार्य घंटों की  अनुमानित संख्या)मात्रा (वास्तविक आवश्यक संख्या)क्या उपयोग न किए जाने पर भी रहते हैं (हाँ या नहीं)
1. प्रतिदीप्ति नलिका 40 वॉट
2. तापदीप्त बल्ब 40 वॉट/60 वॉट
3. सह-प्रभाव प्रतिदीप्ति लैंप (सी.एफ.एल.)
4. पंखें
5. निर्वात पंखे
6. विद्युत घंटी/गुंजक
7. दूरदर्शन
8. कम्प्यूटर
9. वातानुकूलक
10. रेफ्रिजरेटर
11. बंदचूल्हा/गरम रखने का डिब्बा
12. ध्वनि प्रवर्धक यंत्रावली
13. जल पंप/ जलीय शीतल यंत्र
14. अधि-ऊर्धव प्रक्षेपित्र
15. फोटोस्टेट मशीन
16. अन्य

सर्वेक्षण के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों का प्रयोग करते हुए विद्यार्थियों ने एक माह में उपभोग की गई इकाइयों एवं अनुमानित व्यय की गणना की और पिछले माह के विद्युत बिल से इसकी तुलना की। उन्होंने पंखों, बत्तियों और बंद न किए गए अन्य उपकरणों द्वारा उपभोग की गई विद्युत के अनुमानित मूल्य की भी गणना की। इस प्रकार, उन्होंने उस यात्रा पर प्रकाश डाला जो बचाई जा सकती थी औश्र ऊर्जा संरक्षण के लिए सामान्य आवतों के सुझाव दिए, जैसे –

  • आवश्यकता न होने पर उपकरणों को बंद कर देना।
  • आवश्यकतानुसार न्यूनतम उपयोग।
  • खिड़कियों को खुली रखकर प्राकृतिक हवा और प्रकाश का अधिकतम उपयोग करना।
  • बत्तियों को धूलरहित रखना। दिए गए निर्देशों के अनुसार उपकरणों की उचित देखभाल और उपयोग करना। क्या आप इस सूची में कुछ और युक्तियाँ जोड़ सकते हैं?

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन

आप घर पर इसी प्रकार का सर्वेक्षण कर सकते हैं और तब इसका विस्तार अपने पड़ोस तक कर सकते हैं और अपने पड़ोसियों को भी ऊर्जा के प्रति जागरूक कर सकते हैं।
उत्तरी:
विद्यार्थी स्वयं करें।

विद्युत लेखा

उपकरण (यदि है)मात्रा (प्रयुक्त हो रही संख्या)उपयोग समय (कार्य घंटों की  अनुमानित संख्या)मात्रा (वास्तविक आवश्यक संख्या)क्या उपयोग न किए जाने पर भी रहते हैं (हाँ या नहीं)
1. प्रतिदीप्ति नलिका 40 वॉट585नहीं
2. तापदीप्त बल्ब 40 वॉट/60 वॉट545नहीं
3. सह-प्रभाव प्रतिदीप्ति लैंप (सी.एफ.एल.)नहीं
4. पंखें444नहीं
5. निर्वात पंखे111नहीं
6. विद्युत घंटी/गुंजक111नहीं
7. दूरदर्शन121नहीं
8. कम्प्यूटर111नहीं
9. वातानुकूलक111नहीं
10. रेफ्रिजरेटर181नहीं
11. बंदचूल्हा/गरम रखने का डिब्बानहीं
12. ध्वनि प्रवर्धक यंत्रावलीनहीं
13. जल पंप/ जलीय शीतल यंत्र121नहीं
14. अधि-ऊर्धव प्रक्षेपित्र
15. फोटोस्टेट मशीन
16. अन्य

HBSE 8th Class Geography खनिज और शक्ति संसाधन Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
खनिज किसे कहते हैं ?
उत्तर:
एक या एक से अधिक तत्वों वाले अजैव प्राकृतिक पदार्थ को खनिज कहते हैं। इनका निश्चित रासायनिक संगठन होता है।

प्रश्न 2.
भारत के तीन प्रसिद्ध अभ्रक उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर:
अभ्रक उत्पादक राज्य हैं:
1. झारखंड
2. बिहार
3. आंध्र प्रदेश

प्रश्न 3.
वाणिज्यिक ऊर्जा के स्रोत क्या हैं?
उत्तर:
ऊर्जा के वाणिज्यिक स्रोत हैं- कोयला, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस, जल, विद्युत और परमाणु ऊर्जा।

प्रश्न 4.
परंपरागत ऊर्जा के स्रोत क्या हैं?
उत्तर:
ऊर्जा के परंपरागत स्रोत हैं: कोयला, खनिज, तेल. प्राकृतिक गैस तथा जल विद्युत।

प्रश्न 5.
कोयला, खनिज, तेल तथा प्राकृतिक गैस को जीवाश्म ईंधन क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
कोयला. खनिज, तेल और प्राकृतिक गैस का निर्माण महीन कणों वाली अवसादी चट्टानों से हुआ है। लाखों वर्षों तक जमीन में दबे पत्थर जैसे बने अपघटित समुद्री जीव, सूक्ष्म पौधे और जीव-जंतुओं को जीवाश्म कहते हैं। ऊपर बिछी हुई चट्टानों के दबाव से तेल और प्राकृतिक गैस स्रोत चट्टानों से रिसकर एकत्र हो गये थे। इसलिये इनको जीवाश्म ईधन कहा जाता है।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
धात्विक और अधात्विक खनिजों में अंतर पर पष्ट करो।
उत्तर:

धात्विक खनिज (Metalled Minerals)अधात्विक खनिज (Non-Metalled Minerals)
1. ये वे खनिज हैं जिनसे हमें धातुएँ प्राप्त होती हैं।1. इन खनिजों से धातुएँ से नहीं प्राप्त होती।
2 इनमें चमक होती है।2. इनमें चमक नहीं होती।
3. इनको पीट कर पतली चादरों का रूप दिया जा सकता है।3. ये पीटने से टूट जाते हैं और इनके तार नहीं खीचे जा सकते।
4. सोना, लोहा, चाँदी इसके उदाहरण हैं।4. संगमरमर, कोयला, पेट्रोलियम, अभ्रक इसके उदाहरण हैं।
5. ये खनिज आग्नेय और कार्यातरित शैलों से प्राप्त होते हैं।5. ये खनिज हमें अवसादी शैलों से प्राप्त होते है।

प्रश्न 2.
शैल और अयस्क में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:

शैल (Rocks)अयस्क (Ores)
1. वे ठोस पदार्थ जिनसे भूपपर्टी का निर्माण हुआ है, उन्हें शैल कहते हैं।  शैल तीन प्रकार के होते हैं-आग्नेय, कार्यातरित तथा अवसादी।1. जब किसी चट्टान के अंदर किसी खनिज विशेष का उच्च अनपात पाया जाता है तो उसे उस खनिज का अयस्क कहते
2 चट्टान एक या अनेक खनिजों का मिश्रण है।2. प्रत्येक खनिज अयस्क अशुद्ध धातुओं तथा अन्य खनिजों से मिश्रित रहता है, अतः शुद्ध करना पड़ता है।

प्रश्न 3.
ऊर्जा के परंपरागत तथा गैर-परंपरागत साधनों में अंतर बताओ।
उत्तर:

ऊर्जा के परंपरागत साधन (Conventional sources of energy)ऊर्जा के गैर-परंपरागत साधन (Non-conventional sources of energy)
1. ऊर्जा के परंपरागत साधन है: कोयला,खनिज, तेल प्राकृतिक गैस, जल शक्ति और अणु शक्ति।1. पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा आदि।
2. ये साधन समाप्य साधन हैं। इनका प्रयोग केवल एक बार ही किया जा सकता है।2. ये असमाप्य साधन हैं। इनका प्रयोग बार-बार किया जा सकता है।
3. इनका प्रयोग आदिकाल से हो रहा है।3. इनका प्रयोग हाल के समय में ही शुरू हुआ है।
4. इनसे प्रदूषण होता है।4. ये प्रदूषणमुक्त साधन हैं।

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प्रश्न 4.
लौह खनिज और अलौह खनिज में अंतर स्पष्ट करो।
उत्तर:

लौह खनिज (Ferrous Minerals)अलौह खनिज (Non- Ferrous Minerals)
1. जिन धात्विक खनिज पदार्थों में लौह अंश पाया जाता है उन्हें लौह खनिज के नाम से जाना जाता है। जैसे-लौह अयस्क।1. जिन धात्विक खनिजों में लौह अंश नहीं होता उन्हें अलौह खनिज के नाम से जाना जाता है।
2 भारत में लौह खनिजों के विशाल भंडार हैं।2 भारत में अलौह खनिज के भंडार सीमित हैं।
3. ये भूरे रंग के होते हैं।3. ये भिन्न रंग के होते हैं।
4. रवेदार चट्टानों में पाये जाते हैं।4. ये प्रत्येक प्रकार की चट्टानों में पाये जाते हैं।
5. इनका उपयोग इस्पात उद्योग में होता है।5. इनका प्रयोग विभिन्न कामों में होता है।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कोयले और खनिज तेल के वितरण का वर्णन करें।
उत्तर:
कोयले के कुल भंडारों का एक-तिहाई भाग रूस में और लगभग चौथाई भाग संयुक्त राज्य अमेरिका में पाया जाता है। विश्व में कोयले के अग्रणी उत्पादक चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, रूस, दक्षिण अफ्रीका और फ्रांस हैं। इसके अतिरिक्त कोयले का उत्पादन भारत में रानीगंज (पश्चिम बंगाल), झरिया, धनबाद और बोकारो (झारखंड) में होता है।

खनिज तेल (Mineral oil):
खनिज तेल के दो तिहाई मंडार फारस की खाड़ी और उसके आस-पास के क्षेत्र में हैं। इनमें इराक, ईरान, सउदी अरब और कतर प्रमुख हैं। अन्य प्रमुख उत्पादक है-रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, वेनेजुएला और अल्जीरिया। भारत में डिगबोई (असम), बंबई हाई तथा कृष्णा और गोदावरी डेल्टा प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्र हैं।

प्रश्न 2.
आप क्यों सोचते हैं कि भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल है ?
उत्तर:
यह सत्य है कि भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल हैं क्योंकिः
1. भारत उष्णकटिबंध में आता है इसलिए इन क्षेत्रों में धूप पर्याप्त मात्रा में प्राप्त होती है जो सौर ऊर्जा का आवश्यक तत्व है।
2. भारत ने सौर ऊर्जा की तकनीक का विकास कर लिया है। सौर ऊर्जा खाना पकाने, पानी गर्म करने तथा अन्य कार्यों में प्रयोग की जाने लगी है।
3. सौर ऊर्जा एक सार्वभौमिक तथा आपूर्ति संसाधन है।

प्रश्न 3.
लोहा, ताँबा और बॉक्साइट के विश्व वितरण का वर्णन करो।
उत्तर:
लोहा (Iron):
लोहा अपने महत्त्व के कारण आधुनिक सभ्यता का प्रतीक बन गया है। संसार में लोहा मुख्य रूप से यूक्रेन, कजाकिस्तान, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, ब्राजील, आस्ट्रेलिया और भारत में पाया जाता है। यूरोप में सर्वोत्तम कोटि का लोहा स्वीडन में पाया जाता है। फ्रांस तथा जर्मनी में भी लौह अयस्क पाया जाता है। अफ्रीका में लाइबेरिया और दक्षिण अफ्रीका में भी लौह निक्षेप हैं। भारत में झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, कर्नाटक प्रमुख राज्य हैं।
ताँबा (Copper): चिली, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, पोलैंड, रूस, जार्जिया, कांगो और जाबिया में ताँबा पाया जाता है। भारत में थोड़ी मात्रा में ताँबा राजस्थान की खेतड़ी खानों में पाया जाता है।
बॉक्साइट (Bauxite): आस्ट्रेलिया, गिनी, जमैका और ब्राजील संसार के प्रमुख बॉक्साइट उत्पादक क्षेत्र हैं।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन

खनिज और शक्ति संसाधन Class 8 HBSE Definitions in Hindi

1. अलौह धातुयें (Non-Ferrous Metals): जिनमें लोहे का अंश नहीं होता। सोना, चाँदी, सीसा, जस्ता आदि अलौह धातुएँ कही जाती हैं।
2. धात्विक खनिज (Metallic Minerals): जिन खनिजों में धातु पाई जाती है उन्हें धात्विक खनिज कहते हैं। जैसे लौह अयस्क, निकेल, तांबा आदि।
3. अयस्क (Ore): शैल जिनसे खजिनों का खनन किया जाता है।
4. खनिकूप अथवा शैफ्ट माइन (Shah Mines): भूपर्पटी में गहरा छेद करके खनिज निकाला जाता है जिसे खनि कूष कहते हैं।
5. शैल (Rock): एक या एक से अधिक अवस्क जो अनिश्चित यौगिक के होते हैं शैल कहलाते हैं।
6. काला सोना (Black Gold): पेट्रोलियम की बड़ती उपयोगिता तथा महत्त्व के कारण इसे काला सोना कहा जाता है।

खनिज और शक्ति संसाधन Class 8 HBSE Notes in Hindi

1. खनिज (Minerals): प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले पदार्थ जिसका निश्चित रासायनिक संघटन को खनिज कहते हैं। खनिजों का निर्माण विभिन्न दशाओं में विभिन्न भू-गर्भीय पर्यावरण में होता है। खनिजों की पहचान उनके भौतिक गुण जैसे रंग, घनत्व, कठोरता और रासायनिक गुणों के आधार पर की जाती है।

2. खनिजों के प्रकार (Types of Minerals): संरचना के आधार, पर खनिज दो प्रकार के वर्गीकृत किये जाते हैं-धात्विक खनिज तथा अधात्विक खनिज। धात्विक खनिज को भी दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-लौह खनिज और अलौह खनिज। लौह खनिज हैं-लोहा, कोबाल्ट और मैंगनीज आदि। अलौह खनिज हैं-ताँबा, सोना, चाँदी, टिन, सीसा तथा बॉक्साइट।
HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन-2
अधात्विक खनिजों में धातु नहीं होती। चूना पत्थर, सल्फर, पोटाश, अभ्रक और जिप्सम अधात्विक खनिज हैं। जैविक ईंधन जैसे कोयला तथा पेट्रोलियम भी अधात्विक खनिज हैं।

खनिजों को खनन, बेधन और आखनन द्वारा निकाला जाता है। खनन तीन प्रकार के होते हैं। जब खनिजों को कम गहराई से निकाला जाता है तो इसे खुली गर्त वाली खान या विवृत खनन कहते हैं। यदि खनिजों को गहरी खानों से निकाला जाता है तो उन्हें खनिकूप खान कहते हैं। यदि खनिजों को अधिक गहराई से निकाला जाता है तो उसे प्रवेधन कहते हैं।

3. खनिजों का वितरण (Distribution of Minerals):
खनिज अधिकतर आग्नेय तथा कायांतरित शैलों में पाये जाते हैं। कुछ ही खनिज अवसादी चट्टानों में पाये जाते हैं। लौह अयस्क उत्तरी स्वीडन, ताँबा तथा निकेल ओन्टौरियो, लौह, निकेल, क्रोमाइट, प्लेटिनम दक्षिण अफ्रीका में आग्नेय और कायांतरित चट्टानों में पाये जाते हैं। अवसादी चट्टानों में अधात्विक खनिज जैसे चूना पत्थर पाया जाता है। यह फ्रांस के काकेशस प्रदेश में मैगनीज, जार्जिया और यूक्रेन में मैंगनीज तथा फासफेट नाइजीरिया में पाया जाता हैं। खनिज ईंधन जैसे कोयला और पेट्रोलियम भी अवसादी शैलों में पाये जाते हैं।

(i) एशिया (Asia): एशिया में चीन और भारत में सबसे अधिक लौह अयस्क के भंडार हैं। चीन, मलेशिया और इंडोनेशिया, में टिन के सबसे अधिक भंडार हैं। चीन में सीसा, एन्टीमनी और टंगस्टन भी पाया जाता है। एशिया में मैंगनीज, बॉक्साइट निकेल, जिंक तथा ताँबे के भंडार हैं।

(ii) यूरोप (Europe) यूरोप लौह अयस्क के उत्पादन में सबसे अग्रणी है। लौह खनिज रूस, यूक्रेन, स्वीडन और फ्रांस में पाया जाता है। ताँबा, सीसा, जिंक, मैंगनीज और निकेल पूर्वी यूरोप और यूरोपीय रूस में पाये जाते हैं।

(iii) उत्तर अमेरिका (North America): उत्तर अमेरिका में खनिज तीन क्षेत्रों में पाये जाते हैं- कनाडियन शील्ड प्रदेश, अप्लेशियन प्रदेश तथा पश्चिम के पर्वतीय प्रदेश। कनाडियन शील्ड में लौह अयस्क, निकेल, सोना, यूरेनियम और तांबा पाये जाते हैं। कोयला अप्लेशियन प्रदेश में पाया जाता है। पश्चिमी कार्डीलेरा में ताँबा, सीसा, जिंक, सोना और चाँदी के विशाल निक्षेप हैं।

(iv) दक्षिण अमेरिका (South America): ब्राजील विश्व में उच्च श्रेणी के लोहे का सबसे बड़ा उत्पादक है। चिली और पेरू ताँबे में अग्रणी हैं। ब्राजील और बोलीविया टिन के सबसे बड़े उत्पादक हैं। दक्षिण अमेरिका में सोना, चाँदी, जिंक, क्रोमियम, मैंगनीज, बॉक्साइट, अभ्रक, प्लेटिनम, एसबेस्टस और हीरे के विशाल भंडार हैं। खनिज तेल, वनेजुएला, अजेटीना, चिली, पिरू और कोलम्बिया में पाया जाता है।

(v) अफ्रीका (Africa): अफ्रीका भी खनिज संसाधनों में धनी है। यह विश्व का सबसे बड़ा हीरा, सोना और प्लेटिनम का उत्पादक है। दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाम्बे और जायरे विश्व के सोने का एक बड़ा उत्पादित करते हैं। अन्य खनिज जो अफ्रीका में पाये जाते हैं वे हैं-ताँबा, लौह अयस्क, क्रोमियम. यूरेनियम, कोबाल्ट और बॉक्साइट तेल नाइजीरिया, लीबिया और अंगोला में पाया जाता है।

(vi) आस्ट्रेलिया (Australia): आस्ट्रेलिया विश्व में बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह सोना, हीरा, लौह अयस्क और निकेल का अग्रणी उत्पादक है। यह ताँबा, सौसा, जिंक और मैंगनौज में भी धनी है। कालगूी और कूलगार्डी में सोने के सबसे बड़े भंडार हैं।

(vii) अंटार्कटिका (Antarctica): अंटार्कटिका में कोयले के बड़े भंडारों का अनुमान किया गया है। प्रिंस चार्ल्स पर्वत के समीप लौह अयस्क भंडार का अनुमान है। यहाँ लौह अयस्क, सोना, चाँदी तथा तेल भी विद्यमान है।

4. भारत में खनिजों का वितरण (Distribution of Minerals in India):
(i) लोहा (Iron): भारत में उच्च श्रेणी का लोहा पाया जाता है। यह झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गोआ, महाराष्ट्र और कर्नाटक में प्रमुख रूप से पाया जाता है।
(ii) बॉक्साइट (Bauxite): प्रमुख बॉक्साइट उत्पादक झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु है।
(iii) अभ्रक (Mica): अभ्रक के भंडार प्रमुख रूप से झारखंड, बिहार, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में हैं। भारत विश्व में अप्रक का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है।
(iv) ताँबा (Copper): यह राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पाया जाता है।
(v) मैंगनीज (Manganese): भारत के मैंगनीज भंडार महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में हैं।
(vi) सोना (Gold): भारत में सोना कर्नाटक में कोलार की खानों में पाया जाता है।
(vii) चूना पत्थर (Limestone): प्रमुख उत्पादक राज्य है-बिहार, झारखंड, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु।
(viii) नमक (Salt): यह झील और समुद्र तथा चट्टानों से भी प्राप्त किया जाता है। भारत नमक का सबसे बड़ा उत्पादक तथा निर्यातक है।

5. खनिजों का उपयोग (Uses of Minerals): खनिजों का उपयोग बहुत से उद्योगों में किया जाता है। इनका उपयोग ज्वैलरी और आभूषण में किया जाता है। धातुओं जैसे ताँबे के सिक्के बनाये जाते हैं। बॉक्साइट से एलुमिनियम बनाया जाता है।

6. खनिजों का संरक्षण (Conservation of Minerals): खनिज अनवीकरणीय संसाधन हैं इसलिए इनका संरक्षण करना आवश्यक है। इनका दुरुपयोग रोकना चाहिये। पुनश्चक्रण एक विधि है जिससे खनिजों का संरक्षण किया जा सकता है।

7. शक्ति संसाधन (Power Resources): जीवन में ऊर्जा का बड़ा महत्त्व है। ऊर्जा की आवश्यकता उद्योग, कृषि, परिवहन, संचार और रक्षा आदि में होती है। ऊर्जा अथवा शक्ति संसाधनों को दो श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है-परंपरागत और गैर-परंपरागत ऊर्जा संसाधन।

(i) परंपरागत साधन (Comentional Sources): लकड़ी और जीवाश्म ईधन दो परंपरागत साधन हैं।
→ कोयला (Coal): कोयला सबसे अधिक पाया जाने वाला जीवाश्म ईंधन है। यह घरेलू ईंधन के रूप में भी प्रयोग किया
→ जाता है। यह उद्योग जैसे लोहा-इस्पात उद्योग तथा विद्युत उत्पादन में प्रयोग किया जाता है।
→ कोयले के प्रमुख उत्पादक चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, रूस, दक्षिण अफ्रीका और फ्रांस हैं। भारत में कोयला उत्पादक प्रमुख क्षेत्र रानीगंज, झरिया, धनबाद और बोकारो (झारखंड) हैं।
→ पेट्रोलियम (Petroleum): प्रमुख तेल उत्पादक देश हैं-ईरान, इराक, सउदी अरब और कतार। अन्य देश हैं संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, वेनेजुएला और अल्जीरिया। भारत में डिगबोई (असम), बोम्बे हाई (मुंबई) तथा कृष्णा और गोदावरी नदियों के डेल्टाई भाग प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्र हैं।
→ प्राकृतिक गैस (Natural Gas): रूस, नावे, यू. के. तथा नीदरलैंड प्रमुख उत्पादक हैं।
→ भारत में जैसलमेर, कृष्णा-गोदावरी, डेल्टा, त्रिपुरा तथा कुछ अपतट भाग मुंबई में हैं।

(ii) गैर-परंपरागत ऊर्जा संसाधन (Non-Conventional Sources of Energy):
गैर-परंपरागत संसाधनों में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा आदि सम्मिलित हैं।
→ सौर ऊर्जा (Solar Energer): इस तकनीक के अंतर्गत सूर्य से ऊर्जा प्राप्त की जाती है। यह उष्ण कटिबन्धीय देशों में अधिक प्रयोग में आती है। इसका उपयोग सौर तापक. सौर कुकर, सोलर ड्रायर आदि में किया जाता है।

→ पवन ऊर्जा (Wind Energy): पवन ऊर्जा भी एक असमाप्य संसाधन है। पवन चक्कियों में इस ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है। पवन फार्म नीदरलैंड, जर्मनी, डेनमार्क, यू. के. स. रा. अमेरिका में पाये जाते हैं।

→ ज्वारीय ऊर्जा (Tidal Energy): ज्वारभाटे से जो ऊर्जा प्राप्त की जाती है, उसे ज्वारीय ऊर्जा कहते हैं। रूस, फ्रांस तथा भारत में कच्छ की खाड़ी से इस प्रकार की ऊर्जा प्राप्त की जाती है।

→ जल विद्युत (THydel Power): जल शक्ति नदी पर बाँध बना कर तथा ऊँचाई से पानी गिराकर उत्पन्न की जाती है। विश्व की एक-चौथाई विद्युत जल से ही तैयार की जाती है। विश्व में प्रमुख उत्पादक देश हैं-पराग्वे, नावे. बाजील और चीन। भारत में कुछ महत्त्वपूर्ण स्टेशन हैं-भाखड़ा नांगल, गाँधीसागर, नार्गाजुन सागर और दामोदर घाटी परियोजना।

→ परमाणु ऊर्जा (Atomic Power): यह ऊर्जा अणु के विस्फोट से प्राप्त की जाती है। इसके लिये खनिज यूरेनियम और थोरियम उपयोग में आते हैं। परमाणु ऊर्जा के सबसे बड़े उत्पादक संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप हैं। भारत में राजस्थान तथा झारखंड में यूरेनियम के सबसे अधिक भंडार हैं। भारत में परमाणु ऊर्जा केन्द्र तमिलनाडु में कल्पक्कम, महाराष्ट्र में तारापुर, राजस्थान में कोटा के समीप, उत्तर प्रदेश राणा प्रताप सागर और कर्नाटक में कैगा में हैं।

→ भूतापीय ऊर्जा (Geothermal Energy): यह ऊर्जा भूमि से प्राप्त की जाती है जिसे भूतापीय ऊर्जा कहते हैं। संयक्त राज्य अमेरिका सबसे अधिक भू-तापीय ऊर्जा उत्पादक देश है। इसके बाद न्यूजीलैंड, आइसलैंड, फिलीपाइन तथा मध्य अमेरिका हैं। भारत में यह मनीकरन तथा लद्दाख में पूंगा घाटी है।

→ बायोगैस (Biogas): यह जैविक पदार्थों और कचरा से प्राप्त की जाती है। इसमें जानवरों का गोबर तथा कूड़ा-कचरा . प्रयुक्त होता है। यह एक प्रदूषण मुक्त घरेलू ईधन है।

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HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 7 The Open Window

Haryana State Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 7 The Open Window Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 7 The Open Window

HBSE 8th Class English The Open Window Textbook Questions and Answers

Part – I

Comprehension Check

The Open Window Class 8 Solutions HBSE Question 1.
Why had Framton Nuttel come to the rural retreat’?
फ्रैमटन न्यूटैल, देहाती आश्रय/शरण में क्यों आया था?
Answer:
Framton Nuttel was suffering from nerve ailment. The people advised him to have rest in some rural retreat. His sister also decided to send him in rural surroundings. Therefore, he came to the rural retreat.

The Open Window Summary Class 8 HBSE Question 2.
Why had his sister given him letters of introduction to the people living there?
उसकी बहन ने वहाँ रहने वाले लोगों के लिए परिचय पत्र क्यों दिए थे?
Answer:
His (Nuttel’s) sister had stayed in a village four years ago. She knew many people there. Therefore, she had given him letters of introduction to people living there. They would help him in his need.

The Open Window Summary In Hindi HBSE Question 3.
What had happened in the Sappleton family as narrated by the girl?
सैप्पलटन परिवार में क्या घटना घटी थी जिसका लड़की द्वारा वर्णन किया गया?
Answer:
Framton reached the house of Mrs. Sappleton. In her absence, her niece talked to Nuttel. She narrated the tale of a tragedy. The husband of her aunt and her two young brothers had gone off for shooting snipes. They were caught in a bog there. Their bodies were never recovered. Their dog was also with them.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 7 The Open Window

Part – II

Comprehension Check

The Open Window Solutions HBSE Question 1.
What did Mrs. Sappleton say about the open window?
श्रीमती सैप्पलटन ने, खुली खिड़की के बारे में क्या कहा?
Answer:
Mrs. Sappleton said that her husband and two brothers had gone out shooting through the window. They would be home from shooting. They would come at anytime from the window. Therefore, she always kept the window open.

The Open Window Question Answers Class 8 HBSE Question 2.
The horror on the girl’s face made Framton swing around his seat. What did he see?
लड़की के चेहरे के भय ने क़मटन को कुर्सी पर चक्कर कटा दिया। उसने क्या देखा?
Answer:
Mrs. Sappleton’s husband and two brothers had returned with Spaniel, Veera was dazed (horror stricken) to see them. Framton saw three figures walking across the lawn as Veera had told him. It made Frampton swing around his seat.

Part – III

Comprehension Check

Class 8 English Chapter 7 The Open Window Question Answer HBSE Question 1.
Why did Framton rush out wildly? फ़ैमटन, बेतहाशा तेज गति से बाहर क्यों निकला? .
Answer:
Mrs. Sappleton looked out of the window. She saw her husband and two brothers coming. She declared that they had come at last just in time for tea. They were muddy. The spaniel followed them. Framton Nuttel was horrified. He thought them as ghosts. Therefore, he rushed out wildly.

The Open Window Story In Hindi HBSE Question 2.
What was the girl’s explanation for his lightning exit?
उसके बिजली की तरह बाहर निकलने के बारे में उस
Answer:
Framton Nuttel made his lightning exit. Mrs. Sappleton explained that Nuttel had dashed off as if he had seen a ghost. The girl Veera explained that he was afraid of spaniel. Once he had remained hiding in a grave for fear of a dog.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 7 The Open Window

Exercises

Discuss in small groups:

Open Window Summary HBSE 8th Class Question 1.
Is this a mystery story? Give a reason for your answer.
क्या यह कहानी रहस्य वाली है? अपने उत्तर के पक्ष में एक कारण बताओ।
Answer:
Yes, this is a mystery story. Mrs. Sappleton’s husband and brothers had gone out shooting. Vera turned the story that they were dead. Their bodies were never recovered. Her explanation terrified Nuttel. He saw them returning but they thought him as ghosts.

Question 2.
You are familiar with the ‘irony of the situation in a story. (Remember The Cop and the Anthem in class VII Supplementary Reader!) Which situations in The Open Window’ are good examples of the use of irony?
कहानी में स्थिति की ‘व्यंग्योक्ति’ के विषय में आप परिचित है। (सातवीं कक्षा की Supplementary Reader में दि हुई “The Cop and the Anthem’ को याद करें।)
“The Open Window’ में कौन-कौन सी स्थितियाँ व्यंग्योक्ति के प्रयोग के अच्छे उदाहरण हैं?
Answer:
Irony is an expression of one’s meaning by saying the direct opposite of what one is thinking. Most of the stories contain irony. To keep the window open for the arrival of the dead persons who were stuck in the mud is an example of irony in this story.

Question 3.
Which phrases/sentences in the text do you find difficult to understand? Select a few and guess the meaning of each. Rewrite a simple paraphrase of cach.
पाठ्य-पुस्तक में कौन-से वाक्यखंडों/वाक्यों को आप कठिन समझते हैं? कुछ को छाँटो और प्रत्येक के अर्थ का अनुमान लगाओ। प्रत्येक के लिए साधारण व्याख्या करो।
Answer:
The following phrases/sentences are difficult to understand:
(a) My aunt will be down presently. It means she will come downstairs.
(b) Without unduly discounting the aunt: It means to think the aunt unimportant.
(c) To suggest masculine habitation: It means that the room belonged to a man.
(d) Whirl of apologies: It means apologies in quick succession.
(c) Rattled on: It means continued.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 7 The Open Window

Think it Over

  • Chance usually plays a leading role in the drama of life.
  • It is always the best policy to speak the truth unless, of course, you are an exceptionally good liar.
  • All truths are easy to understand once they are discovered; the point is to discover them.
  • जीवन के नाटक में अवसर प्रायः अग्रिम भूमिका निभाता है।
  • जब तक आप अत्यधिक अच्छे झूठ बोलने वाले नहीं हैं, तो सच बोलना ही अच्छी नीति है।
  • एक बार पता लगने के बाद सभी सच्चाइयाँ समझने में आसान हो जाती हैं; शर्त यह है कि उन्हें खोजा जाए।

HBSE 8th Class English Solutions The Open Window Textbook Questions and Answers

Question 1.
What information did Nuttel have about Mrs. Sappleton?
श्रीमती सैप्पलटन के बारे में न्यूटेल के पास क्या सूचना थी?
Answer:
Mr. Framton Nuttel knew only her name and address that also through his sister. He was not sure if she was married or a widow. He had no knowledge about her nature.

Question 2.
How did Vera create an atmosphere of suspense?
वेरा ने संशय का वातावरण किस प्रकार पैदा किया?
Answer:
Vera told Nuttel that Mrs. Sappleton’s husband and brothers had gone out hunting three years back. They died there in the bog. Still Mrs. Sappleton is hopeful of their return through the window as usual.

Question 3.
What delusion did Framton labour under?
फ्रमटन किस कल्पना के तहत काम कर रहा था?
Answer:
Framton laboured under this delusion that total strangers and chance acquaintances were hungry for the last detail of one’s ailments and infirmities, their cause and cure. Secondly, Framton was of the view that the country people were all very nice people and the peaceful atmosphere would help him in his nerve cure but he found facts quite opposite in nature.

Question 4.
Why did Mr. Framton bolt out at the end of the story?
मि. फ्रेमटन ने कहानी के अंत में दरवाजा क्यों लगा दिया?
Answer:
Mr. Framton bolted out at the end of the story to block the entry of Mrs. Sappleton’s husband and her brothers as he was afraid of them. He was already suffering from nervous breakdown and Mrs. Sappleton and Vera had already twisted his nerves. He wanted to save himself from worsening conditions.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 7 The Open Window

Question 5.
What was Mr. Nuttel’s observation about Mrs. Sappleton as a lady?
एक महिला के रूप में श्रीमती सैप्पलटन के बारे में न्यूटेल
Answer:
Mr. Nuttel mud his any observation about Mrs. Sappleton whether she was a nice lady or not. In other words, he was not sure of good qualities of Mrs. Sappleton to whom he was presenting the letters of introduction.

Question 6.
“I expect it was the spaniel.” Why did Vera say so?
“मुझे आशा है कि वह स्पेनियल होगा।” वेरा ने वैसा क्यों कहा?
Answer:
Vera said so because Nuttel was scared of the dog. She wanted to highlight this idea that Nuttel could be more scared of a dog than a ghost or a thief.

Question 7.
Why did her aunt keep the window open every evening, according to Vera?
वेरा के अनुसार उसकी आंटी रोज शाम को खिड़की को क्यों खुला छोड़ देती है?
Answer:
Her aunt believed that her husband and her two brothers, who had left for shooting three years ago, would come back some day. So she kept the window open since they used to walk in through that window.

Question 8.
What gave authenticity to Vera’s story about the open window?
खुली खिड़की के बारे में वेरा की कहानी को कैसे यथार्थ समाज गया?
Answer:
As soon as Mrs. Sappleton stepped into the room she began to talk about the open window. She told Mr. Nuttel about her husband and her brothers who had gone out for shooting and would walk in through that window any time. This gave authenticity to Vera’s story about the open window.

Question 9.
Why did Framton shiver when Mrs. Sappleton announced, “Here they are at last”?
मटन उस समय क्यों काँपने लगा जेध श्रीमती सैप्पलटन ने घोषणा की “लो आखिर वे आ ही गए”?
Answer:
Framton shivered because he thought Mrs. Sappleton was possessed and she was seeing the ghosts of her husband and her brothers. He was told that they were engulfed in a bog three years ago..

Question 10.
What did Framton see as he stared out through the open window? What did he think?
मटन ने उस समय क्या देखा ज्यों ही उसने गौर से खुली खिड़की के बाहर देखा? उसने क्या सोचा?
Answer:
As he stared out through the open window, Framton saw three figures walking across the lawn towards the window and carrying guns under their arms. He thought these were the ghosts of Mr. Sappleton and his wife’s two brothers.

HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 7 The Open Window

Question 11.
How do you know that Framton left in a hurry?
आपको कैसे पता चला कि फ्रेमटन तेजी से भागा?
Answer:
He grabbed wildly at his stick and hat. He dashed off so madly that he hardly noticed the hall-door, the gravel-drive or the front gate. He narrowly escaped collision with a cyclist who was coming along the road.

Question 12.
What did Mrs. Sappleton tell her husband about Mr. Nuttel?
श्रीमती सैप्पलटन ने न्यूटेल के बारे में अपने पति को क्या agen?
Answer:
Mrs. Sappleton told her husband that Mr. Nuttel was the most extraordinary man she had ever seen. He only talked about his illness and then dashed off as if he had seen a ghost.

Question 13.
How did Vera try to explain the strange behaviour of Mr. Nuttel?
वेरा ने मि. न्यूटेल के विचित्र व्यवहार की व्याख्या करने का प्रयत्न क्यों किया?
Or
What explanation did Vera offer to the strange behaviour of Mr. Nuttel?
Answer:
Vera said that Mr. Nuttel had horror of dogs. Once he was hunted into a cemetery by a pack of dogs. He had to spend night in a newly dug grave while the dogs kept snarling and howling above him. Since then, he had developed a fear of dogs.

Question 14.
What was Vera’s speciality? Give instances from the story.
वेरा का विशेष गुण क्या था? कहानी से उदाहरण दो।
Answer:
Romance at short notice was Vera’s speciality. First, she spun a yarn around the open window to scare Mr. Nuttel. Then, she invented a story about Mr. Nuttel’s horror of dogs to explain away his strange behaviour.

The Open Window Summary in English

Framton Nuttel was suffering from nerve ailment. He was advised to have rest in some rural surroundings. His sister had stayed in a village some four years back. She knew many people there. So she gave Nuttel, letters of introduction to some of the people.

Framton reached the house of Mrs. Sappleton. The good lady was not at home. He was a stranger there. Vera, the niece of Mrs. Sappleton greeted him.. She asked him if he knew her aunt. He told her that he knew nothing of her except her name and address. His sister knew Mrs. Sappleton. Vera made up her mind to befool the ignorant boy.

There was a large French window which opened on to a town. Pointing to that, Vera said that three years ago the husband of her aunt and her two young brothers had gone off for shooting snipes. There, they were caught in a bog. Their bodies were never recovered. Mrs. Sappleton thinks they would return with the dog through the window. That’s why the window was kept open every evening. She began to shudder. Nuttel felt terrified.

Then Mrs. Sappleton came there. She apologised for being late. She also told him that they kept the window open as her husband and brothers would be home from shooting birds and ducks. Nuttel felt horrible because his host had been looking at the window. He tried to change the topic of his illness. However, she did not show any interest in his ailment.

Suddenly Mrs. Sappleton looked out of the window. Her face brightened when she saw. three figures coming. She cried, Here they are at last in time for tea and they were muddy up to the eyes. Vera was also dazed to see them. Framton saw three figures walking across the lawn. They had guns. One had a white coat over his shoulders. The spaniel followed them. Framton heard Mrs. Sappleton’s younger brother chanting in ‘I said, Bertie, why do you bound.’ He always teased her singing such words.

Framton Nuttel thought them-as ghosts and got horrified. He jgrabbed his stick and hat and lashed out of the hall door across the gravel drive. He reached the road outside running almost blindly. A cyclist had to run into the hedges to avoid collision.

Mr. Sappleton wanted to know who was that fellow who ran so fast by bolting the door. His wife told him that he was Mr. Nuttel who talked only of his ailment. Vera said that the fellow was not afraid of ghosts but of spaniel. He was much afraid of the dogs. Once he had to remain hiding in a grave with dogs grinning, snarling and foaming just above him. It was ehough to make one terribly afraid. Thus the romance ended.

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The Open Window Summary in Hindi

फ्रेमटन न्यूटेल, स्नायु रोग से पीड़ित था। उसे नसीहत दी गई कि किसी ग्रामीण वातावरण में आराम करे। लगभग चार वर्ष पहले, उसकी बहन एक गाँव में रही थी। वह वहाँ बहुत से लोगों को जानती थी। इसलिए उसने न्यूटेल के लिए, कई लोगों के नाम परिचय पत्र दिए थे।

फ्रेमयत, श्रीमती सैप्पलटन के घर पहुंचा। नेक महिला घर नहीं थी। वह वहाँ अजनबी था। श्रीमती सैप्पलटन की भतीजी वीरा ने उसका स्वागत किया। उस (वीरा) ने उस (न्यूटेल) से पूछा कि क्या वह उसकी आंटी को जानता है। उस (न्यूटेल) ने उस (वीरा) को बताया कि वह उसके बारे में कुछ नहीं जानता सिवाए उसके नाम और पते के। उसकी (न्यूटेल की) बहन श्रीमती सैप्पलटन को जानती थी। वीरा ने अज्ञानी लड़के को मूर्ख बनाने की मन में ठान ली।

वहाँ पर एक बड़ी फ्रेंच खिड़की थी जो एक कस्बे की तरफ खुलती थी। उसकी तरफ इशारा करते हुए वीरा ने बताया कि तीन वर्ष पहले उसकी आंटी के पति और उसके दो छोटे भाई चाहा पक्षियों का शिकार करने के लिए गए थे। वहाँ वे दलदल में फंस गए थे। उनकी लाशें कभी नहीं मिली। श्रीमती सैप्पलटन सोचती है कि कुत्तों के समेत वे खिड़की द्वारा लौटेंगे। इसलिए रोज शाम को खिड़की खुली रखी जाती थी। वह काँपने लगी। न्यूटेल भयभीत हो गया।

तब श्रीमती सैप्पलटन वहाँ आ गई। उसने देरी से आने के लिए क्षमायाचना की। उसने भी उसे बताया कि वे खिड़की को खुली रखते हैं क्योंकि उसका पति और भाई पक्षियों और बत्तखों का शिकार करके घर लौटेंगे। न्यूटेल भय से थर्राने लगा क्योंकि उसकी मेजबान खिड़की की तरफ घूर कर देख रही थी। उसने अपनी बीमारी का विषय बदलना चाहा। परन्तु, उसने (श्रीमती सैप्पलटन) उसकी (न्यूटेल) की बीमारी में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।

अचानक, श्रीमती सैप्पलटन की निगाह खिड़की से बाहर गई। उसका चेहरा दमक उठा जब उसने आती हुई तीन आकृतियाँ देखीं। वह चीख पड़ी। “आखिर वे चाय के समय पर आ ही गए।” और वे आँखों तक कीचड़ में सने हुए थे। उन्हें देखकर वीरा भी चकाचौंध हो गई। मटन ने घास के मैदान के पार आती हुई तीन आकृतियाँ देखीं।

उनके पास बंदूकें थीं। एक के कंधों पर सफेद कोट था। स्पेनियल उनके पीछे आ रहा था। फ्रमटन ने श्रीमती सैप्पलटन के भाई को गाते हुए सुना, “मैंने कहा बंटी, तुम क्यों उछल रही हो।” ऐसे शब्द गुनगुना कर वह हमेशा उसे छेड़ा करता था। .. फ्रेमटन न्यूटेल ने उन्हें भूत समझा और भयभीत हो गया। उसने अपनी छड़ी और हैट लिए और तीव्र गति से हॉल के दरवाजे से निकल कर कंकडीले रास्ते को पार कर गया। लगभग आँखें बन्द करके दौड़ता हुआ वह बाहर सड़क पर जा पहुँचा। भिड़न्त होने से बचने के लिए एक साइकिल सवार को दौड़कर बाड़ों के भीतर जाना पड़ा।

मि. सैप्पलटन जानना चाहता था कि वह कौन व्यक्ति था जो दरवाजे को चटखनी लगाकर इतना तेज दौड़ा था। उसकी पत्नी ने उसे बताया कि वह मि. न्यटेल था जो केवल अपनी बीमारी के बारे में बातें करता था। वीरा ने बताया कि वह व्यक्ति भतों से नहीं बल्कि स्पेनियल से डर गया था। वह कुत्तों से अत्यधिक डरता था। एक बार उसे एक कब्रिस्तान में छुपकर रहना पड़ा जबकि कुत्ते उसके ऊपर गुर्रा, भौंक और फेन डाल रहे थे। इससे कोई भी व्यक्ति भयभीत हो सकता था। इस प्रकार रोमांस समाप्त हुआ।

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HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 8 Jalebis

Haryana State Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 8 Jalebis Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board HBSE 8th Class English Solutions It So Happened Chapter 8 Jalebis

HBSE 8th Class English Jalebis Textbook Questions and Answers

Comprehension Check – I

Jalebis Class 8 Question Answer HBSE Question 1.
Why didn’t he pay the school fees on the day he brought money to school?
उसने स्कूल की फीस उस दिन क्यों नहीं दी जिस दिन वह स्कूल में पैसे लाया था?
Answer:
Master Ghulam Mohammed, used to collect the fees. He was on leave that day. Hence the fees will be collected the next day. Therefore, he didn’t (couldn’t) pay the school fees on the day he brought money to school.

Jalebis Question Answer HBSE Class 8 Question 2.
(i) What were the coins ‘saying’ to him?
सिक्के उसे क्या कह रहे थे?
Answer:
The coins were inspiring him to spend them. One rupiya said, “Jalebis are meant to be eaten. Money is meant to be spent. Only they spend it, who like fresh, hot jalebis.

(ii) Do you think they were misguiding him?
क्या तुम्हारे विचार में वे उसे गुमराह कर रहे थे?
Answer:
Yes, they (the rupiya coins) were misguiding him.

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Jalebis Class 8 Summary HBSE Question 3.
Why didn’t he take the coins’ advice? Give two or three reasons.
उसने सिक्कों की हिदायत क्यों नहीं मानी? दो या तीन कारण बताओ।
Answer:
He did not take the coins’ advice due to the following reasons:
(a) How would he show his face to masterji.
(b) He got much to eat at home.
(c) It was a sin to spend the fees and funds money.

Question 4.
(i) What did the oldest coin tell him?
सबसे पुराने सिक्के ने उससे क्या कहा?
Answer:
The oldest coin told the following things to him
(a) We are trying to tell you something for your own good.
(b) Instead of listening to us, you try to strangle us.
(c) Spend us today over jalebis and pay the fees from scholarship money.

(ii) Did he follow his advice? If not, why not?
क्या उसने उसकी हिदायत मानी? यदि नहीं, क्यों नहीं?
Answer:
He did not follow his advice because what the old coin was saying was not right. It wasn’t right for a boy of status to stand there in the middle of the bazaar eating jalebis.

Question 5.
He reached home with the coins in his pocket. What happened then?
वह अपनी जेब में सिक्के रख कर घर पहुंचा। फिर क्या घटना घटी?
Answer:
He reached home with the coins in his pocket. He sat on the bed. They began to speak and shriek. He rushed out of the house and ran towards the bazaar to purchase jalebis.

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Comprehension Check – II

Question 1.
(i) Why didn’t he eat all the jalebis he had bought?
उसने खरीदी हुई सारी जलेबियाँ क्यों नहीं खायीं?
Answer:
He had eaten so many jalebis that if anyone pressed his stomach a little, jalebis would have gushed out of his ears and nostrils.

(ii) What did he do with the remaining lot?
उसने शेष जलेबियों का क्या किया?
Answer:
He handed out the remaining a lot to the children who had assembled in the street.

Question 2.
“The fear was killing me.” What was the fear?
“भर मुझे मार रहा था।” भर क्या था?
Answer:
He had eaten the jalebis to his fill. He had a burp with every breath. The fear was killing him that with his burp one or two jalebis would pour out.

Question 3.
Children’s stomachs are like digestion machines. What do you understand by that? Do you agree?
बच्चों के पेट हजम करने वाली मशीनों की तरह हैं। इससे क्या समझते हो? क्या तुम सहमत हो?
Answer:
Children’s stomachs are like digestive machines. It keeps working right through the night. He felt normal in the morning.
I fully agree with it.

Question 4.
How did he plan to pay the fees the next day?
उसने अगले दिन फीस देने की किस प्रकार योजना बनाई?
Answer:
He hoped to get the scholarship money, the next day. Thus he planned to pay the fees the next day with that money.

Question 5.
When it is time to pay the fees, what does he do? How is he disobeying the elders by doing it?
जब फीस देने का समय है तो वह क्या करता है? वैसा कर के वह किस प्रकार बुजुर्गों की आज्ञा नहीं मान रहा है?
Answer:
When it is time to pay the fees, he slips away from school. By doing it he disobeyed his elders (the teachers and his family elders).

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Comprehension Check – III

Question 1.
What was the consequence of buying jalebis with the fees money?
फीस के पैसों से जलेबियाँ खरीदने का क्या परिणाम हुआ?
Answer:
He had bought jalebis with the fees money. He was out of pocket then. He would be receiving his scholarship the next month, instead of the next day. All his hopes were belied. Its consequence was that he slipped from school on the fee day. He absented himself from the school even the next day. The matter had reached his home.

Question 2.
This prayer to God is like a lawyer’s defence of a bad case. Does he argue his case well? What are the points he makes?
भगवान के लिए यह प्रार्थना वकील द्वारा बुरे (झूठे) मुकद्दमें के बचाव की तरह है। क्या वह अपने केस की ठीक बहस?
Answer:
He argues his case well. He tells Allah Miyan that he is a good boy. He was deeply religious and his devoted servant. He had, however, made a mistake by eating jalebis himself and getting it eaten by many other children. He requested God to just put four rupees in his bag. He assured God that he would never spend his fees money on sweets in future. He would also accept just four rupees.
His points were quite right and logical

Question 3.
He offers to play a game with Allah Miyan. what is the game?
वह अल्लाह मियाँ को एक गेम खेलने के लिए पेश करता है। वह गेम क्या है?
Answer:
He offers to play a game with Allah Miyan. In the game he would go to and fro a signal, touch it and come back. God will secretly place four rupees underneath a big rock. He would pick up the rock and find four rupees there.

Question 4.
Did he get four rupees by playing the game? What did he get to see under the rock?
क्या गेम खेलने से उसे चार रुपये मिल गए? उसने चट्टान के नीचे क्या पाया?
Answer:
No, he did not get from rupees by playing the game. He got to see Mr. Worm coiled on the rock staring at him.

Question 5.
If God had granted his wish that day, what harm would it have caused him in later life?
यदि भगवान उस दिन उसकी इच्छा पूरी कर देता तो उसके आगामी जीवन में वह क्या नुकसान करता?
Answer:
If Allah Miyan were to provide all for the asking then man would not learn any skill. It would have caused him a great harm of God might have sent him four rupees.

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Exercise

Work in small groups:

Question 1.
Select and read sentences that show:

  • that the boy is tempted to eat jalebis.
  • that he is feeling guilty.
  • that he is justifying a wrong deed.

छोटे दल में काम करो उन वाक्यों को छाँटों और पढ़ो जो दर्शाते हैं:

  • कि लड़का, जलेबी खाने के लिए लालायित होता है।
  • कि वह अपराधी महसूस कर रहा है।
  • कि वह एक गलत कार्य की पुष्टि कर रहा है।

Question 2.
Discuss the following points:

  • Is the boy intelligent? If so, what is the evidence of it?
  • Does his outlook on the jalebis episode change after class VIII? Does he see that episode in a new light?
  • Why are coins made to talk’ in this story? What purpose does it serve?

अधोलिखित बिंदुओं की चर्चा करो:

  • क्या बालक बुद्धिमान है? यदि ऐसा है, तो इसका क्या सबूत है?
  • क्या आठवीं कक्षा के बाद जलेबी उपकथा का दृष्टिकोण उसे बदल देता है? क्या वह उस उपकथा को नए प्रकाश में देखता है?
  • इस कहानी में सिक्कों से बात क्यों कराई जाती है? इससे क्या उद्देश्य सिद्ध होता है?

Answer:
For self-attempt.

Think it Over

I do not feel obliged to believe that the same God who has endowed us with senses, reason and intellect has intended us to forgo their use and by some other means to give us knowledge which we can attain by them.

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HBSE 8th Class English Solutions Jalebis Important Questions and Answers

Question 1.
What happened one day when the boy was in fifth standard?
जब बालक पाँचवीं श्रेणी में था तो क्या घटना घटी?
Answer:
When the boy was in fifth standard, one day he went to school with four rupees. He had to pay his school fees and the fund. But the teacher who used to collect the fees was on leave that day.

Question 2.
How did the coins behave on the fee day?
फीस वाले दिन, सिक्कों ने कैसा आचरण किया?
Answer:
The fee was not collected that day. The teacher was on leave. The four rupiya coins simply sat in the boy’s pocket. They began to speak when the school was over and the boys was outside.

Question 3.
What would happen if the boy spent the fee money?
यदि बालक ने फीस की धनराशि खर्च कर दी तो क्या घटना घटेगी?
Answer:
The coins pressed upon the boy to spend them on buying Jalebis. The boy was afraid that he would be unable to face his teacher if he spent his fee and fund money. Allah Miyan at Qayamat would also be angry on him.

Question 4.
How did the boy snub the coins?
बालक ने किस प्रकार सिक्कों को लताड़ा?
Answer:
The boy apprised the coins that he would be punished in school on spending the fee money. Even God would treat him a sinner. Therefore, he snubbed the coins to stop chewing at his ears.

Question 5.
Why did the coins create a clamour?
सिक्कों ने कोलाहल क्यों किया?
Answer:
The boy snubbed the coins and asked them to let him go home straight. The coins disliked his decision. Therefore, they began to speak together at the same time. They also created a clamour.

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Question 6.
How did the passersby behave?
राहगीरों ने कैसा बर्ताव किया?
Answer:
There was a great clamour, created by the coins. The passersby stared at the boy and the comes with eyes wide open and with surprise. They behaved like ordinary spectators. They did neither intervene nor sided them.

Question 7.
What did the boy do in panic?
भयभीत होकर लड़के ने क्या किया?
Answer:
The coin of those days made great noise. The boy was in panic. Therefore, he grabbed all the four of the coins. He also held them tight in his fist. Then alone they became silent

Question 8.
What was the position of the boy in his class?
अपनी कक्षा में बालक की क्या स्थिति थी?
Answer:
The boy was among the most promissing students. He had won a scholarship of four rupees a month in the fourth standard examination. He had never been beaten in school

Question 9.
Why did the boy reach a safe corner?
बालक सुरक्षित कोने में क्यों पहुंचा?
Answer:
The boy was gathering jalebis. Just then he saw a tonga. His uncle was returning by from the court. So he hid from his sight and
ran into a street. There he reached a safe corner.

Question 10.
How did the boy distribute jalebis?
लड़के ने जलेबियाँ किस तरह बाँटी?
Answer:
The boy stood on the chabutra like the Governor Sahib as the Goveror used to distribute rice to the poor and needy persons on Independence Day. In the same manner the boy distributed jalebis liberally to a huge mob of children around him.

Question 11.
How did the boy return home after distributing the jalebis?
जलेबियाँ बाँटने के बाद लड़का घर कैसे लौटा?
Answer:
The boy finished distributing jalebis. He washed his hands and face at the public tap. He put on an innocent face as if he had never seen a hint of jalebis all his life. He returned home.

Question 12.
What had the elders advised him? How did he take it?
बुजुगों ने उसे क्या सलाह दी थी? उसने उसे कैसे लिया?
Answer:
The elders of the boy had warned him never to cross the railway tracks. They had also warned him never to eat sweets with one’s fees money. The instructions escaped his mind.

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Question 13.
Why did the boy feel like crying?
लड़के को रोने की इच्छा क्यों हुई?
Answer:
The boy did not know that he would get the scholarship the next month. Under false hope of paying fees with scholarship money, he spent his money on jalebis. He had also absented himself from school due to the same reason. Therefore, he felt like crying.

Question 14.
Give the character-sketch of the boy.
बालक का चरित्र-चित्रण करो।
Answer:
The narrator was an honest boy. He was in the fifth standard. He went to school with the fee-money. The teacher was on leave that day. His school was over, the coins in his pocket started speaking. They wished him to spend them on buying jalebis. Very strongly, he evaded their instruction. He reached home but the coins’s persuasion bade him purchase jalebis. He was not hopeful of getting scholarship money in vain. His failure to get the scholarship money made him a defaulter. He strayed outside the school. He prayed to God for financial help. He I was neither thoughtful nor practical.

Jalebis Summary in English

I

An honest boy is on his way to school. He was in fifth standard at the Government School, Kambelpur. He had four rupees in his pocket. He had to pay the school fees and fund (hat day. Master Ghulam Mohammad used to collect the fees. He was on leave that day. So, the fees would be collected on the next day. The four rupees kept sitting silently in his pocket during school hours. The coins started speaking when he came outside the school.

One rupiya told him to purchase fresh and hot jalebis. Money is meant to be spent. The boy asked him not to misguide him. Moreover, how he would show his face to the teacher on spending the fees and fund money. All the four rupiahs disliked his reply. They started speaking. The boy held them tight in his fist to make them silent. The oldest rupiya told him that he could pay his fees with the scholarship money. He was not swept away by their convincing words. He came home and sat on the bed. Again the coins began to speak. Eeing fed up he went to the bazaar. He bought jalebis for one rupee.

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II

He gathered up the heap of jalebis. Just then, he saw his uncle coming, lb avoid him he ran into a Street. There he ate jalebis to his fill. Very quickly, boyS from the neighbourhood assembled there. He distributed the remaining jalebis to them. Soon a whole lot of children appeared. He bought one more rupee’s worth of jalebis. Again he distributed them liberally. By then there was a huge mob of children around him. Beggars also assembled there. He had to buy jalebis with his remaining two rupees and distribute them. Then he reached home.

It became difficult for him to digest the jalebis. He started belching. He had to eat his dinner or explain the reason for not eating it. No pretence could prove effective. He would be doomed if his eating of jalebis came to light. He suffered a stomachache the whole night. He felt normal in the morning and headed for school. He knew that he would get the previous month’s scholarship hat day. He would be able to pay his fees. However, he was shocked to learn that he would receive the schoolarship money the next month. The fees would be taken during the recess.

The boy left the school. He reached the Kambelpur railway station. He had flouted the instructions of the elderly people never to eat sweets with the fees money.

III

He sat under a shade giving tree. He considered himself the most unfortunate child. He could not pay his fees. He had eaten jalebis with the money meant for paying fees. His hopes for getting the scholarship money were belied. He repented over his silly doings. He had absented himself from school for the crime of eating jalebis. He felt like crying. He started shedding tears in the form of jalebi syrup. All the scenes of eating jalebis, spending fees, and the teacher’s caning revived in his mind. In the end, he thought of God.

He closed his eyes and began to pray. He narrated that he was religious minded boy and his devoted servant. He accepted his crime of spending the fee-amount on purchasing jalebis. He had shared them among a whole lot of children. He had been put to trouble because he would get his scholarship amount the next month. He prayed to God to just put only four rupees in his bag. He promised that he would never repeat his mistake in life. There is no shortage in God’s treasury.

After the prayer, the boy offered namaaz and recited everything that he remembered. He blew over his bag saying choo. After saying bismillah, he realised that the lotted cannot be blotted. He failed even to find four paisas in his bag. He felt like crying loudly. He remembered that the school must have ended . He got up and walked to the bazaar. He mixed with other children and reached home as usual.

The next day also he turned off to the railway station. He sat under the same tree and began to say the same prayers. He asked Allah Miyan to give him four rupees but in vain. Then he asked God to play a game with him. He would go from there to a signal, touch it and return. God would place four rupees under a big rock nearly. He lifted the rock and found a big hairy worm there coiling and staring at him.

He thought that he would keep reading the namaaz, the next day, and see how God didn’t give him four rupees. He reached home but they had received the report of his absence. He kept wandering for many years. He came to the conclusion that men would become lazy if God provided all their needs.

Jalebis Summary in Hindi

I

एक ईमानदार लड़का, स्कूल के रास्ते में है। वह गवर्नमेंट स्कूल, कम्बेलपुर की पाँचवी श्रेणी में था। उसकी जेब में चार रुपये थे। उसे, उस दिन, स्कूल की फीस और फण्ड देने थे। मास्टर गुलाम मुहम्मद फीस इकट्ठी किया करते थे। वे उस दिन, छुट्टी पर थे, इसलिए, फीस अगले दिन ली जानी थी। स्कूली समय में चारों रुपये, उस की जेब में शांति से रखे रहे। जब वह स्कूल से बाहर आया तो सिक्कों ने बोलना प्रारंभ कर दिया।

एक रुपये ने उसे सुझाव दिया कि ताजा और गरम जलेबियाँ खरीद ले। पैसा, खर्च करने के लिए ही होता है। लड़के ने उसे कहा कि उसे गुमराह न करें। इसके अतिरिक्त फीस और फण्ड की धनराशि को खर्च कर के वह अध्यापक को अपना चेहरा कैसे दिखाएगा। चारों रुपयों ने उसके उत्तर से घृणा की। उन्होंने बोलना प्रारंभ कर दिया। उन्हें चुप करने के लिए लड़के ने उन्हें अपनी मुट्ठी में कस कर भींच लिया। सबसे बड़े रुपये ने उसे बताया कि वह छात्रवृत्ति की राशि द्वारा अपनी फीस चुका सकता था। वह उनके प्रभावित करने वाले शब्दों के बहाव में नहीं आया। वह घर आया और पलंग पर बैठ गया। सिक्कों ने फिर बोलना आरंभ किया। परेशान होकर वह बाजार गया। उसने एक रुपये की जलेबियाँ खरीद लीं।

II

उसने जलेबियों के ढेर को इकट्ठा किया। तभी उसने अपने चाचा को आते हुए देखा। उनसे बचने के लिए वह दौड़ कर एक गली में चला गया। वहाँ उसने भरपेट जलेबियाँ खाई। शीघ्र ही, पड़ोस के लड़के वहाँ इकट्ठे हो गए। उसने बची हुई जलेबियों को उनमें बाँट दिया। थोड़ी देर बाद बच्चों का वहाँ जमघट उपस्थित हो गया। उसने एक और रुपये की जलेबियाँ खरीद लीं। दोबारा, उसने बड़ी उदारता से उन (बालकों) के लिए उन्हें (जलेबियों को) बाँट दिया। तब तक उसके इर्द-गिर्द बच्चों को अथाह भीड़ इकट्ठी हो गई। भिखारी वहाँ इकट्ठे हो गए। उसे अपने शेष दो रुपयों की भी जलेबियाँ खरीदनी पड़ी और उन्हें बाँट दिया। तब वह घर पहुंच गया।

जलेबियों को हजम करना उसके लिए दूभर हो गया। उसने डकारें मारनी प्रारंभ कर दी। उसे अपना रात्रि भोजन खाना था या उसे नहीं खाने के कारण का स्पष्टीकरण देना था कोई भी बहाना प्रभावशाली सिद्ध नहीं होता। वह फंस जाता यदि उसके द्वारा खाई गई जलेबियाँ उजागर हो जाती। रातभर वह पेट के दर्द से परेशान रहा। वह प्रात:काल सामान्य हो गया और अपने स्कूल की तरफ चल दिया। वह जानता था कि उस दिन उसे पिछले महीने की छात्रवृत्ति मिलनी थी। वह अपनी फीस देने में समर्थ होगा। फिर भी उसे यह जान कर धक्का लगा कि छात्रवृत्ति की धनराशि उसे अगले महीने मिलेगी। अविकाश में फीस इकट्ठी की जाएगी।

लड़का, स्कूल से खिसक गया। वह कम्बेलपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। उसने बुजुर्गों के आदेश की अवहेलना की थी कि कभी भी फीस की धनराशि से मिठाइयाँ मत खाना।

III

वह एक छायादार पेड़ के नीचे जा बैठा। उसने स्वयं को सबसे अधिक भाग्यहीन लड़का समझा। वह अपनी फीस नहीं दे पाया, फीस देने की धनराशि से उसने जलेबियाँ खा ली थीं। छात्रवृत्ति प्राप्त करने की उसकी आशाएँ झूठी पड़ गई थीं। अपनी मूर्खतापूर्ण करतूत पर उसे पछतावा हुआ। जलेबियाँ खाने के अपराध के कारण वह दो दिन तक स्कूल से अनुपस्थित रहा। उसे रुलाहट की इच्छा हुई। जलेबी के रस के रूप में उसने आँसू बहाना प्रारंभ किया। जलेबी खाने, फीस को खर्चने और अध्यापक द्वारा बेंत से पिटाई के दृश्य उसकी नजरों के सामने आने लगे। अंत में उसने भगवान के बारे में सोचा।

उसने अपनी आँखें बंद की और प्रार्थना करनी शुरू कर दी। उसने वर्णन किया कि वह धार्मिक मन वाला लड़का है और उन (भगवान) का श्रद्धालु नौकर है। फीस की धनराशि को जलेबियों पर खर्चने के अपने अपराध को उसने स्वीकार किया। उसने उन्हें ढेर-सारे बच्चों के साथ बाँट कर खाया था। वह परेशानी में इसलिए फंस गया है क्योंकि उसे छात्रवृत्ति की धनराशि अगले महीने मिलेगी। उसने भगवान से प्रार्थना की कि केवल चार रुपये उसके थैले में डाल दें। उसने वचन दिया कि वह जीवन-भर दोबारा उस गलती को नहीं दोहराएगा। भगवान के भण्डार में कमी नहीं है।

प्रार्थना के बाद लड़के ने नमाज अदा की और जो कुछ उसने याद कर रखा था उसे गाया। उसने चू कह कर अपने बस्ते के ऊपर फूंक मारी। बिस्मिल्ला कहने के बाद उसे महसूस हुआ कि जो कुछ भाग्य में बदा है उसे कोई नहीं मिटा सकता है। वह अपने बस्ते में चार पैसे भी पाने में सफल नहीं हुआ। उसमें जोर से विलाप करने की इच्छा हुई। उसे याद आया कि स्कूल की छुट्टी हो गई होगी। वह उठा और चलता हुआ बाजार में पहुँच गया। वह अन्य बच्चों के समूह में जा मिला और हमेशा की तरह घर पहुँच गया।

अगले दिन भी वह रेलवे स्टेशन की तरफ मुड़ा। वह उसी वृक्ष के नीचे जा बैठा और वही प्रार्थना करने लगा। उसने अल्ला मियाँ से कहा कि उसे चार रुपये दे दे परंतु व्यर्थ रहा। फिर उसने भगवान से कहा कि उसके साथ एक गेम खेलें। वह वहाँ से एक संकेतक के पास पहुंचेगा, उसे छुएगा और लौट आएगा। भगवान, नजदीक वाली बड़ी चट्टान के नीचे चार रुपये रख देंगे। उसने चट्टान उठाई और उसके नीचे बालों वाला एक बड़ा कीड़ा मिला जो कुंडली लगाए हुए था और उसकी तरफ घूर रहा था।

उसने सोचा कि अगले दिन वह नमाज पढ़ता रहेगा और देखेगा कि भगवान उसे चार रुपये कैसे नहीं देते हैं। वह घर पहुँच गया परंतु घर वालों को उसकी अनुपस्थिति की रिपोर्ट मिल चुकी थी। वह कई वर्षों तक चकित रहा। वह इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि यदि भगवान सभी की सभी आवश्यकताएँ पूरी कर दे तो मनुष्य सुस्त हो जायेंगे।

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