Class 8

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

HBSE 8th Class Science ध्वनि InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 160)

प्रश्न 1.
जब हम बोलते हैं तो क्या हमारे शरीर का कोई भाग कंपित होता है ?
उत्तर:
हाँ। बोलने पर हमारा वाक्यंत्र ध्वनि उत्पन्न करने के लिए कषित होता है।

(पृष्ठ संख्या – 165)

प्रश्न 2.
मैं चकित हूँ कि मेरी आवाज मेरे अध्यापक से भिन्न क्यों है ?
उत्तर:
आवृत्ति ध्वनि की तीक्ष्णता या तारत्व को निर्धारित करती है। यदि कम्पन की आवत्ति अधिक है तो हम कहते हैं कि ध्वनि तीखी है। यदि कम्पन की आवृत्ति कम है तो हम कहते हैं कि ध्वनि का तारत्व कम है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

HBSE 8th Class Science ध्वनि Textbook Questions and Answers

सही उत्तर चुनिए

प्रश्न 1.
ध्वनि संचरित हो सकती है।
(क) केवल वायु या गैसों में
(ख) केवल ठोसों में
(ग) केवल द्रवों में
(घ) ठोसों, द्रवों तथा गैसों में।
उत्तर:
(घ) ठोसों, द्रवों तथा गैसों में।

प्रश्न 2.
निम्न में से किस वाक् ध्वनि की आवृत्ति न्यूनतम होने की सम्भावना है
(क) छोटी लड़की की
(ख) छोटे लड़के की
(ग) पुरुष की
(घ) महिला की।
उत्तर:
(ख) छोटे लड़के की।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही कथन के सामने ‘T’ तथा गलत कथन के सामने ‘F लिखिए –
(क) ध्वनि निर्वात में संचरित नहीं हो सकती।
(ख) किसी कपित वस्तु के प्रति सेकंड होने वाले दोलनों की संख्या को इसका आवर्तकाल कहते हैं।
(ग) यदि कंपन का आयाम अधिक है तो ध्वनि मंद होती है।
(घ) मानव कानों के लिए श्रव्यता का परास 20 Hz से 20,000 Hz है।
(ङ) कंपन की आवृत्ति जितनी कम होगी, तारत्व उतना ही अधिक होगा।
(च) अवांछित या अप्रिय ध्वनि को संगीत कहते हैं।
(छ) ध्वनि प्रदूषण आशिक श्रवण अशक्तता उत्पन्न कर सकता है।
उत्तर:
(क) T, (ख) F (ग) E (घ) T. (ङ) E (च) F (छ) T.

प्रश्न 4.
उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए(क) किसी वस्तु द्वारा एक दोलन को पूरा करने में लिए गए समय को …………………. कहते हैं।
(ख) प्रबलता कंपन के ………………. से निर्धारित की जाती है।
(ग) आवृत्ति का मात्रक ……………………. है।
(घ) अवांछित ध्वनि को …………….. कहते हैं।
(ङ) ध्वनि की तीक्ष्णता कंपनों की ………………. से निर्धारित की जाती है।
उत्तर:
(क) आवर्तकाल,
(ख) आयाम
(ग) हर्ट्स,
(घ) शोर,
(ङ) आवृत्ति।।

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प्रश्न 5.
एक दोलक 4 सेकंड में 40 बार दोलन करता है। इसका आवर्तकाल और आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हलः
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि -1

प्रश्न 6.
एक मच्छर अपने पंखों को 500 कंपन प्रति सेकंड की औसत दर से कंपित करके ध्वनि उत्पन्न करता है। कंपन का आवर्तकाल कितना है ?
हल:
आवृत्ति = 500
कंपन = 500 Hz,
आवर्तकाल = ?
हम जानते हैं, आवर्तकाल = \(\frac{1}{500}\)
= 2 ×10-3 सेकण्ड

प्रश्न 7.
निम्न वाद्ययंत्रों में उस भाग को पहचानिए जो ध्वनि उत्पन्न करने के लिए कंपित होता है –
(क) ढोलक (ख) सितार (ग) बाँसुरी
उत्तर:

वाद्य यंत्रकंपित भाग
ढोलकतानित झिल्ली
सितारतानित तार
बाँसुरीवायु स्तम्भ

प्रश्न 8.
शोर तथा संगीत में क्या अन्तर है ? क्या कभी संगीत शोर बन सकता है ?
उत्तर:
संगीत –
(क) यह प्रिय ध्वनि है।
(ख) स्वास्थ्य समस्याओं से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है।
(ग) यह सुखद है।

शोर –
(क) यह अप्रिय ध्वनि है।
(ख) स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का कारण बन सकता है।
(ग) यह कष्टप्रद है। यदि संगीत अत्यंत प्रबल हो जाए तो यह शोर बन जाता है।

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प्रश्न 9.
अपने वातावरण में ध्वनि प्रदूषण के स्रोतों की सूची बनाइए।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण के स्रोत –
(1) वाहनों का शोर।
(2) लाउडस्पीकर, विवाह जैसे सामाजिक कार्यक्रम, धार्मिक कार्यक्रम।
(3) फेरी वाले, जुलूस।
(4) रेडियो, टेलीविजन, टेलीफोन।
(5) रसोई के कुछ उपकरण, कूलर, वैक्यूम क्लीनर, वाशिग मशीन इत्यादि।

प्रश्न 10.
वर्णन कीजिए कि ध्वनि प्रदूषण मानव के लिए किस प्रकार से हानिकारक है?
उत्तर:
शोर प्रदूषण के मानव पर दुष्प्रभाव –
(1) नींद कम आना।
(2) चिंता जैसे विकार उत्पन्न होना।
(3) उच्च रक्तचाप होना।
(4) आंशिक श्रवण अशक्तता इत्यादि।

प्रश्न 11.
आपके माता-पिता एक मकान खरीदना चाहते हैं। उन्हें एक मकान सड़क के किनारे पर तथा दूसरा सड़क से तीन गली छोड़कर देने का प्रस्ताव किया गया है। आप अपने माता-पिता को कौन-सा मकान खरीदने का सुझाव देंगे ? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
हम माता-पिता को सड़क से तीन गली दूर वाला मकान खरीदने का सुझाव देंगे। क्योंकि सड़क के पास वाले मकान में कई हानियाँ हैं;
जैसे –
(1) वाहनों से निकला धुआँ वायु प्रदूषण उत्पन्न करता है।
(2) सड़क पर चलते हुए वाहनों से अत्यधिक शोर होता है।
(3) ट्रैफिक बाधा के समय हॉों से ध्वनि प्रदूषण होता है।

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प्रश्न 12.
मानव वाक्यंत्र का चित्र बनाइए तथा इसके कार्य की अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि -2
जब फेफडे वाय को बलपर्वक झिरी से बाहर निकालते हैं, तो वाक्-तन्तु कपित होते हैं, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है। वाक्-तन्तुओं से जुड़ी माँसपेशियाँ तन्तुओं को – तना हुआ या ढीला कर सकती हैं। जब वाक् तंतु तने हुए और पतले होते हैं तब वाक् ध्वनि का प्रकार उस वाक ध्वनि से भिन्न होता है, जब वाक् तन्तु मोटे और ढीले होते हैं।

प्रश्न 13.
आकाश में तड़ित तथा मेघगर्जन की घटना एक समय पर तथा हमसे समान दूरी पर घटित होती है। हमें तड़ित पहले दिखाई देती है तथा मेघगर्जन बाद में सुनाई देता है। क्या आप इसकी व्याख्या कर सकते हैं।
उत्तर:
प्रकाश की चाल, ध्वनि की अपेक्षा काफी अधिक होती है। ध्वनि की चाल 332 मी/से होती है तथा प्रकाश की चाल 3 × 108 मी/से होती है। इसलिए प्रकाश ध्वनि से तेज चलता है। इस कारण एक साथ उत्पन्न होने के बावजूद आकाश में तड़ित, मेघगर्जन की अपेक्षा पहले दिखाई देती है।

HBSE 8th Class Science ध्वनि Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. आवृत्ति को व्यक्त करते हैं –
(अ) प्रति सेकंड में
(ब) हर्टज में
(स) डेसीबल में
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) प्रति सेकंड में

2. अप्रिय ध्वनि को कहते हैं –
(अ) सुस्वर ध्वनि
(ब) संगीत
(स) शोर
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(स) शोर

3. निम्न में से किसमें ध्वनि संचरित नहीं हो सकती है
(अ) वायु में
(ब) निर्वात् में
(स) जल में
(द) ठोस में।
उत्तर:
(ब) निर्वात् में

4. सामान्य वार्तालाप में ध्वनि की प्रबलता होती है
(अ) 10 db
(ब) 30 db
(स) 80 db
(द) 60 db.
उत्तर:
(ब) 30 db

5. मानव में ध्वनि उत्पन्न होती है
(अ) आहार नाल द्वारा
(ब) जीभ द्वारा
(स) कंठ द्वारा
(द) उपरोक्त सभी द्वारा।
उत्तर:
(स) कंठ द्वारा

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रिक्त स्थान पूर्ति

(क) किसी वस्तु को अपनी माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे होने वाली गति को ……….. कहते हैं।
(ख) मंजीरा एक ……………….. है।
(ग) मानवों में ध्वनि ………….. द्वारा उत्पन्न होती है।
(घ) ध्वनि को संचरण के लिए कोई ………….. की आवश्यकता होती है।
(ङ) ………… आवृत्ति एक दोलन प्रति सेकंड के बराबर होती है।
उत्तर:
(क) कंपन
(ख) वाद्ययंत्र
(ग) वाक्यंत्र अथवा कंठ
(घ) माध्यम
(ङ) Hz

सुमेलन

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(i) तबला(क) वाक्यंत्र
(ii) कंठ(ख) Hz
(iii) आवृत्ति(ग) अप्रिय ध्वनि
(iv) ध्वनि की प्रबलता(घ) वाद्य यंत्र
(v) शोर(ङ) डेसिबल

उत्तर:

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(i) तबला(घ) वाद्य यंत्र
(ii) कंठ(क) वाक्यंत्र
(iii) आवृत्ति(ख) Hz
(iv) ध्वनि की प्रबलता(ङ) डेसिबल
(v) शोर(ग) अप्रिय ध्वनि

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सत्य / असत्य कथन

(क) बाक्यंत्र श्वासनली के ऊपरी सिरे पर होता है।
(ख) पुरुषों में वाक्-तंतुओं की लम्बाई लगभग 15 mm होती है।
(ग) ध्वनि निर्वात में संचरित हो सकती है।
(घ) आवृत्ति को सेमी. में मापा जाता है।
(ङ) 80 dB से अधिक प्रबल शोर शरीर के लिए कष्टदायक होता है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) असत्य
(घ) असत्य
(ङ) सत्य

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कंपन किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी वस्तु की अपनी माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे होने वाली गति को कंपन कहते हैं।

प्रश्न 2.
आयाम को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
कपित वस्तु द्वारा मध्य स्थिति से अधिकतम तय की गई दूरी आयाम कहलाती है।

प्रश्न 3.
कंपन के आयाम तथा प्रबलता में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
कंपन का आयाम अधिक होने पर ध्वनि की प्रबलता अधिक होती है।

प्रश्न 4.
मानवों में ध्वनि किसके द्वारा उत्पन्न होती है?
उत्तर:
वाकयंत्र या कंठ (Larynx) द्वारा।

प्रश्न 5.
पुरुषों के वाक्-तंतुओं की लंबाई बताइए।
उत्तर:
लगभग 20 mm

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प्रश्न 6.
महिलाओं के वाक्-तंतुओं की लंबाई बताइए।
उत्तर:
लगभग 15 mm

प्रश्न 7.
ध्वनि को संरचण के लिए किसकी आवश्यकता होती है?
उत्तर:
कोई माध्यम की।

प्रश्न 8.
क्या ध्वनि निर्वात में संचरित हो सकती है?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 9.
ध्वनि कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर:
कंपित वस्तुओं के द्वारा।

प्रश्न 10.
आवृत्ति क्या है?
उत्तर:
प्रति सेकंड होने वाले दोलनों की संख्या को दोलन की आवृत्ति कहते हैं।

प्रश्न 11.
आवृत्ति की इकाई क्या है?
उत्तर:
हर्ट्स (Hz)

प्रश्न 12.
आवर्तकाल किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक दोलन को पूरा करने में लगा समय वस्तु का आवर्तकाल कहलाता है।

प्रश्न 13.
ध्वनि के तारत्व से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
तारत्व ध्वनि का वह गुण है जिसके कारण ध्वनि बारीक या मोटी सुनाई देती है।

प्रश्न 14.
उन दो जानवरों के नाम लिखिए जो 20,000 हर्ट्ज़ से अधिक आवृत्ति की तरंगों के लिए संवेदनशील
उत्तर:
कुत्ता एवं चमगादड़।

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प्रश्न 15.
मानव कानों के लिए श्रवण की आवृत्ति का परास क्या है?
उत्तर:
20 Hz से 20,000 Hz तक।

प्रश्न 16.
ध्वनि की प्रबलता का मात्रक क्या है ?
उत्तर:
डेसीबल (dB).

प्रश्न 17.
ध्वनि किस मात्रा पर हानिकारक हो सकती है?
उत्तर:
80 डेसीबल से अधिक होने पर।

प्रश्न 18.
पूर्ण बढ़ छड़ में ध्वनि की चाल क्या होगी?
उत्तर:
पूर्ण दृढ छड़ में ध्वनि की चाल अनन्त होती है।

प्रश्न 19.
भिनभिनाते मच्छर अथवा गरजते शेर में से किसकी आवृत्ति अधिक होगी?
उत्तर:
भिनभिनाते मच्छर की ध्वनि की आवृत्ति अधिक होगी।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
धातु की एक प्लेट को दीवार से बिना छुए एक स्थान पर लटकाते हैं। इस पर आधारित निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए (क्रियाकलाप)
(क) प्लेट पर किसी छड़ी से चोट मारने पर क्या ध्वनि सुनाई पड़ती है।
(ख) चोट मारने के तुरंत बाद इसे हाथों से कसकर पकड़ने पर क्या होता है?
(ग) प्लेट के ध्वनि उत्पन्न करना बंद करने पर क्या इसमें कंपन अनुभव होता है?
उत्तर:
(क) हाँ। प्लेट के कंपन्न अनुभव किये जा सकते है। कपन के कारण ध्वनि उत्पन्न होती है।
(ख) प्लेट को हाथों से कसकर पकड़ा जाए तो कोई ध्वनि सुनाई नहीं देती क्योंकि कंपन बंद होने के कारण ध्वनि उत्पन्न नहीं होती है।
(ग) ध्वनि उत्पन्न करना बंद होने पर कोई भी कंपन्न अनुभव नहीं होता है।

प्रश्न 2.
एक पेंसिल बॉक्स पर रबड़ का एक छल्ला चढ़ाकर बॉक्स तथा तानित रबड़ के बीच दो पेंसिल लगाते हैं। इसके बाद रबड़ के छल्ले को बीच में से खींचकर छोड़ने पर क्या होता है? स्पष्ट कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
किसी वस्तु की अपनी माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे होने वाली गति को कंपन कहते हैं। जब कस कर तानित एक रबड़ के छल्ले को कर्षित करते हैं या बीच से खींचकर छोड़ते हैं तो यह कंपन करता है और ध्वनि उत्पन्न करता है। जब यह कंपन बंद कर देता है तो ध्वनि बंद हो जाती है।

प्रश्न 3.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि कंपायमान वस्तुएँ ध्वनि उत्पन्न करती हैं। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
धातु की एक थाली लेकर इसमें कुछ जल डालते हैं। एक चम्मच से इसके किनारे पर आघात करने पर ध्वनि सुनाई देती है। थाली पर पुनः आघात करने पर थाली में कंपन होता है। फिर से आघात करने पर कंपित थाली जल में तरंगें।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि -3
अतः हम कह सकते हैं कि कंपायमान वस्तुएँ ध्वनि उत्पन्न करती है।

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प्रश्न 4.
कंपन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
किसी वस्तु की अपनी माध्य स्थिति के इधरउधर या आगे-पीछे होने वाली गति को कंपन कहते हैं। जब कसकर तने हुए एक रबड़ के छल्ले को कर्षित (Pluck) करते हैं या बीच में से खींचकर छोड़ते हैं तो यह कंपन करता है और ध्वनि उत्पन्न करता है तथा कंपन के बंद होने पर ध्वनि बंद हो जाती है।

प्रश्न 5.
ध्वनि की प्रबलता से आप क्या समझते हैं ? यह किन कारकों पर निर्भर करती है ?
उत्तर:
ध्वनि की प्रबलता हमारे कानों की आपेक्षिक संवेदनशीलता की माप होती है। ध्वनि की प्रबलता ध्वनि उत्पन्न करने वाले कंपनों के आयाम के वर्ग के समानुपातिक है। उदाहरण के लिए, यदि आयाम दुगुना हो जाए तो प्रबलता 4 के गुणक में बढ़ जाती है। प्रबलता को डेसिबल (db) मात्रक में व्यक्त करते हैं।

प्रश्न 6.
ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानों तक कैसे पहुँचता है?
उत्तर:
जब ध्वनि के कारण किसी माध्यम में कोई विक्षोभ उत्पन्न होता है तो यह विक्षोभ माध्यम के कणों में गति उत्पन्न कर देता है, ये कण अपने समीपवर्ती माध्यम के अन्य कणों में उसी प्रकार गति उत्पन्न कर देते हैं। यह प्रक्रिया इसी प्रकार माध्यम के अन्य कणों में फैलती जाती है तथा विक्षोभ हमारे कानों तक पहुँच जाता

प्रश्न 7,
व्याख्या कीजिए कि आवृत्ति ध्वनि का तारत्व निर्धारित करती है।
उत्तर:
आवृत्ति ध्वनि की तीक्ष्णता या तारत्व को निर्धारित करती है। यदि कंपन की आवृत्ति अधिक है तो हम कहते हैं कि ध्वनि तीखी है। यदि कंपन की आवृत्ति कम है तो हम कहते हैं कि ध्वनि का तारत्व कम है। उदाहरण के लिए ढोल मंद आवृत्ति से कंपित होता है इसलिए यह कम तारत्व की ध्वनि उत्पन्न करता है। दूसरी ओर, सीटी की आवृत्ति अधिक होती है और इसलिए अधिक तारत्व की ध्वनि उत्पन्न करती है। पक्षी उच्च तारत्व की ध्वनि उत्पन्न करता है।

प्रश्न 8.
सिद्ध कीजिए कि किसी दोलन करने वाली वस्तु के लिए आवृत्ति x आवर्तकाल – 1
उत्तर:
यदि दालन करने वाली वस्तु की आवृत्ति = n
1 सेकण्ड में किया गया कम्पन = n
n कम्पन में वस्तु द्वारा लिया गया समय = 1 सेकण्ड
1 कम्पन करने में वस्तु द्वारा लगा समय = \(\frac{1}{n}\) सेकण्ड
क्योंकि कम्पन में लगा समय ‘T’ आवर्तकाल कहलाता है।
अतः \(\frac{1}{n}\) = T अर्थात् n = \(\frac{1}{T}\)
इसलिए n × T = 1
अर्थात् आवृत्ति × आवर्तकाल = 1

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प्रश्न 9.
एक स्वरित्र की आवृत्ति 200 हर्ट्ज़ है। इसका आवर्तकाल कितना होगा?
उत्तर:
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प्रश्न 10.
मानव का हृदय औसत रूप में एक मिनट में 75 बार धड़कता है, उसकी आवृत्ति परिकलित कीजिए।
उत्तर:
1 मिनट में धड़कनों की संख्या = 75
मानव हृदय की आवृत्ति = 75 बार / मिनट
= \(\frac{75}{60}\) / सेकंड = 1.25 सेकंड-1

प्रश्न 11.
अपश्रव्य तरंगें, श्रव्य तरंगें तथा पराश्रव्य तरंगों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
अपश्रव्य तरंगें : जिन तरंगों की आवृत्ति 20 हर्ट्स से कम होती है उन्हें अपश्रव्य तरंगें कहते हैं।
श्रव्य तरंगें : जिन तरंगों से उत्पन्न ध्वनि को मनुष्य द्वारा सुना जा सकता है, श्रव्य तरंगें कहलाती हैं। इनकी आवृत्ति 20 हर्ट्स से 20,000 हर्ट्स तक होती है।
पराश्रव्य तरंगें : इन तरंगों की आवृत्ति 20,000 हर्ट्स से अधिक होती है। मनुष्य द्वारा पराश्रव्य तरंगें नहीं सुनी जा सकतीं। कुत्ता एवं चमगादड़ पराश्रव्य तरंगों के प्रति संवेदनशील हैं।

प्रश्न 12.
मच्छरों द्वारा उत्पन्न ध्वनि शेर की दहाड़ से भिन्न क्यों होती है ?
उत्तर:
ध्वनि की प्रबलता वस्तु के आयाम पर निर्भर करती है। मच्छरों में ध्वनि पंखों की फरफराहट द्वारा उत्पन्न होती है जबकि शेर की दहाड़ गले में उपस्थित वाक्-तंतुओं से उत्पन्न होती है। मच्छरों में ध्वनि का आयाम कम होता है। इसलिए दोनों ध्वनियाँ अलग-अलग तथा पहचानने योग्य होती हैं।

प्रश्न 13.
ध्वनि प्रदूषण कम करने के उपाय लिखिए।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण को कम करने के निम्नलिखित उपाय हैं-
(1) वायुयान के इंजनों, यातायात के वाहनों, औद्योगिक मशीनों एवं घरेलू उपकरणों में रवशामक युक्तियाँ (silencer) लगानी चाहिए।
(2) स्वचालित वाहनों के हार्न का उपयोग कम से कम करना चाहिए।
(3) ध्वनि प्रदूषण से होने वाले प्रभावों से अवगत कराना चाहिये।
(4) सड़कों तथा घरों के आस-पास पेड़ लगाने चाहिए।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
काँच का एक खाली गिलास लीजिए। इसमें एक ‘सेल फोन’ रखिए। अपने किसी मित्र से इस सेल फोन’ पर किसी दूसरे ‘सेल फोन’ से टेलीफोन करने के लिए कहिए। घंटी की ध्वनि ध्यानपूर्वक सुनिए। अब गिलास के किनारों को अपने हाथों से सटा कर पकड़िए। अब अपने मुँह को हाथों के बीच की खाली जगह पर सटा कर रखिए।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि -5
ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।

अपने मित्र को फिर टेलीफोन करने के लिए संकेत दीजिए। गिलास में से वायु को मुँह द्वारा खींचते हुए घंटी की आवाज को सुनिए।
गिलास में से वायु बाहर खींचने पर घंटी की ध्वनि धीमी हो जाती है?
गिलास को अपने मुँह से हटाइए। ध्वनि फिर से प्रबल हो जाती है।
गिलास में वायु की मात्रा कम होने पर घंटी की प्रबलता में कमी आ जाती है।
यदि गिलास में से सारी वायु बाहर खींच पाते तो ध्वनि पूरी तरह सुनाई देना बंद हो जाती है। इसका कारण यह है कि ध्वनि को संचरण (एक जगह से दूसरी जगह जाने) के लिए कोई माध्यम चाहिए। जब किसी बर्तन में से वायु पूरी तरह निकाल दी जाती है तो कहा जाता है कि वर्तन में निर्वात है। ध्वनि निर्वात में संचरित नहीं हो सकती।

प्रश्न 2.
मानव कान (कण) संरचना तथा ध्वनि के सुनने की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
कान (कर्ण) के बाहरी भाग की आकृति कीप (फनल) जैसी होती है। जब ध्वनि इसमें प्रवेश करती है तो यह एक नलिका से गुजरती है जिसके सिरे पर एक पतली तानित झिल्ली होती है। इसे कण पटह (eardrum) कहत कर्ण पटह एक तानित रबड़ की शीट के समान होता है। ध्वनि के कम्पन कर्ण पटह को कंपित करते हैं (चित्र)। कर्ण पटह कंपनों को आंतर कर्ण (inner ear) तक भेज देता है। वहाँ से संकेतों को मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है। इस प्रकार हम ध्वनि को सुनते हैं।
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प्रश्न 3.
ध्वनि की प्रबलता उसके आयाम पर निर्भर करती है। इस कथन को एक प्रयोग द्वारा स्पष्ट कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
एक धातु का गिलास और एक चाय का चम्मच लीजिए। चम्मच को धीमे से गिलास के किनारे से टकराइए। उत्पन्न हुई ध्वनि को सुनिए। अब गिलास पर चम्मच से जोर से आघात कीजिए तथा फिर से उत्पन्न ध्वनि को सुनिए। गिलास पर जोर से आघात करने पर ध्वनि अधिक प्रबल हो जाती है। अब गिलास के किनारे को छूते हुए थर्मोकोल की एक छोटी सी गेंद लटकाइए (चित्र)। गिलास को कंपित कराइए। देखिए कि गेंद कितनी दूर विस्थापित होती है। गेंद का विस्थापन गिलास के कंपन के आयाम की माप है। ध्वनि की प्रबलता इसके आयाम पर निर्भर करती है। जब किसी कंपित वस्तु का आयाम अधिक होता है तो इसके द्वारा उत्पन्न ध्वनि प्रबल होती है। जब आयाम कम होता है तो उत्पन्न ध्वनि मंद होती है। अब गिलास को पहले धीमे तथा बाद में अधिक बल से आघात कीजिए। दोनों स्थितियों में गिलास के HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि -7

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

प्रश्न 4.
श्रव्य तथा अश्रव्य ध्वनियों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
उत्तर:
ऐसी ध्वनि जो मानव कान द्वारा संसूचित की जा सकती है, श्रव्य ध्वनि कहलाती है एवं ऐसी ध्वनि जो मानव कान द्वारा संसूचित नहीं की जा सकती है, अश्रव्य ध्वनि कहलाती है।
लगभग 20 कंपन प्रति सेकंड (20 Hz) से कम आवृत्ति की ध्वनियाँ मानव कान सुन नहीं सकता अर्थात् 20 Hz से कम आवृत्ति की ध्वनियाँ मानव कान द्वारा संसूचित नहीं की जा सकी। ऐसी ध्वनियों को अश्रव्य कहते हैं। उधर लगभग 20,000 कंपन प्रति सेकंड (20 kHz) से अधिक आवृत्ति की ध्वनियाँ भी मानव कान द्वारा संसूचित नहीं होती। अत: मानव कानों के लिए श्रव्य की आवृत्ति का परास (Range) लगभग 20 Hz से 20,000 Hz तक है। इसका अर्थ यह है कि हम केवल 20 Hz – 20 kHz के बीच की आवृत्ति वाली ध्वनियाँ ही सुन सकते हैं।

प्रश्न 5.
ध्वनि प्रदूषण क्या है? इसके प्रमुख कारण बताइए एवं इससे क्या हानियाँ हैं? इसको सीमित करने के उपाय लिखिए।
उत्तरः
ध्वनि प्रदूषण : वातावरण में अत्यधिक या अवांछित ध्वनियों को ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।
ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख कारण : वाहनों की ध्वनियाँ, विस्फोट जिसमें पटाखों का फटना भी सम्मिलित है, मशीनें, लाउडस्पीकर आदि। ऊँची आवाज में चलाए गए टेलिविजन तथा ट्रांजिस्टर (रेडियों), रसोईघर के कुछ उपकरण (appliances), कूलर (Coolers), वातानुकूलक (AC) आदि, सभी ध्वनि प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हैं।

ध्वनि प्रदूषण से हानियाँ : ध्वनि प्रदूषण अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्थाओं का कारण बन सकता है। इससे निम्नलिखित समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं

  • अनिद्रा
  • अति तनाव (उच्च रक्त-चाप)
  • चिन्ता
  • श्रवण क्षमता में कमी (अस्थायी अथवा स्थायी)

ध्वनि प्रदूषण को सीमित रखने के उपाय :

  • ध्वनि को नियंत्रित करने के लिए हमें ध्वनि के स्रोतों पर नियंत्रण करना चाहिए। इसके लिए वायुयानों के इंजनों, यातायात के वाहनों, औद्योगिक मशीनों तथा घरेलू उपकरणों में रवशामक युक्तियाँ (silencer) लगानी चाहिए।
  • ध्वनि उत्पन्न करने वाले क्रियाकलापों को आवासीय क्षेत्रों से दूर संचालित करना चाहिए।
  • ध्वनि उत्पन्न करने वाले उद्योगों को आवासीय क्षेत्रों से दूर स्थापित करना चाहिए।
  • स्वचालित वाहनों के हॉर्न का उपयोग कम से कम करना चाहिए।
  • टेलिविजन तथा संगीत निकायों की ध्वनि प्रबलता कम रखनी चाहिए।
  • ध्वनि प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए सड़कों तथा भवनों के आस-पास पेड़ लगाने चाहिए, जिससे कि ध्वनि आवासों तक न पहुँच पाए।

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ध्वनि Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ कम्पन (Vibration) : किसी वस्तु की माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे की गति।

→ आयाम (Amplitude) : कम्पन के दौरान माध्य स्थिति के एक ओर अधिकतम विस्थापन।

→ स्वर यंत्र (Larynx) : मानव में ध्वनि का अंग।

→ बाक् तंतु (Vocal cords) : स्वर यंत्र में दो युग्म पेशीय तंत।

→ संगीत (Musical sound) : वह ध्वनि जो कानों पर मधुर प्रभाव डालती है।

→ कर्ण पटह (Eardnim) : कान के बाहरी भाग में उपस्थित नलिका के सिरे पर एक पतली तनित झिल्ली।

→ दोलन (Vibrating body) : वह वस्तु जो माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे गति करती है।

→ आवृत्ति (Frequency) : प्रति सेकेण्ड होने वाले दोलनों की संख्या।

→ हर्ट्स (Hertz) : आवृत्ति का मात्रक।

→ शोर (Noise) : अप्रिय ध्वनि।

→ तीक्ष्णता (Loudness) : ध्वनि का गुण जो दोलन/कम्पन के आयाम और आवृत्ति पर निर्भर करता है।

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HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

HBSE 8th Class Science कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 184)

प्रश्न 1.
मुझे आश्चर्य है कि उन्हें इस समानता को ज्ञात करने में इतने वर्ष क्यों लगे?
उत्तर:
वैज्ञानिक खोजें अनेक व्यक्तियों के अथक परिश्रम का फल ही तो हैं, जो कि काफी समय ले सकती हैं।

(पृष्ठ संख्या – 192)

प्रश्न 2.
मेरी दादी ने मुझे बताया था कि पृथ्वी किसी सांड के एक सींग पर टिकी है तथा जब सांड़ इसे दूसरे सींग पर ले जाता है, तो भूकम्प आता है। यह कैसे सत्य हो सकता है?
उत्तर:
नहीं । पृथ्वी की भूपर्पटी के भीतर गहराई में होने वाली हलचल के कारण भूकंप उत्पन्न होते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 192)

प्रश्न 3.
पृथ्वी के अन्दर भूकम्पन के क्या कारण हो सकते हैं ?
उत्तर:
पृथ्वी की परत एक खण्ड में नहीं है । यह टुकड़ों में विभाजित है । प्रत्येक टुकड़े को प्लेट कहते हैं । यह प्लेटे निरन्तर गति करती रहती है । जब ये प्लेटें एक-दूसरे से रगड खाती हैं अथवा टक्कर के कारण एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे चली जाती है, तो इसके कारण भूपर्पटी में विक्षोभ उत्पन्न होता है । यह विक्षोभ पृथ्वी की सतह पर भूकम्प के रूप में दिखाई देता है।

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(पष्ठ संख्या – 193)

प्रश्न 4.
यदि वैज्ञानिक भूकम्प के बारे में इतना अधिक जानते हैं तो क्या वे आने वाले भूकम्प के समय तथा स्थान की भविष्यवाणी कर सकते हैं?
उत्तर:
नहीं । यह संभव नहीं है कि वैज्ञानिक भूकम्प के समय तथा स्थान की भविष्यवाणी कर सकें।

(पृष्ठ संख्या – 193)

प्रश्न 5.
मैंने कहीं पढ़ा था कि भूमिगत विस्फोटों से भी भूस्पन्द उत्पन्न हो सकते हैं।
उत्तर:
अधिकांश भूकंपन पृथ्वी की प्लेटों की गतियों के कारण आते हैं किन्तु पृथ्वी पर भूस्पन्दन ज्वालामुखी के फटने अथवा किसी उल्का पिण्ड के पृथ्वी से टकराने अथवा किसी भूमिगत नाभिकीय विस्फोट के कारण उत्पन्न हो सकते हैं।

HBSE 8th Class Science कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1 तथा 2 में सही विकल्प चुनिए

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किसे घर्षण द्वारा आसानी से आवेशित नहीं किया जा सकता है?
(क) प्लास्टिक का पैमाना
(ख) ताँबे की छड़
(ग) फूला हुआ गुब्बारा
(घ) ऊनी वस्त्र ।
उत्तर:
(ख) ताँबे की छड़

प्रश्न 2.
जब काँच की छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ते हैं तो छड़
(क) तथा कपड़ा दोनों धनावेश अर्जित कर लेते हैं।
(ख) धनावेशित हो जाती है तथा कपड़ा ऋणावेशित हो जाता है।
(ग) तथा कपड़ा दोनों ऋणावेश अर्जित कर लेते हैं।
(घ) ऋणावेशित हो जाती है तथा कपड़ा ऋणावेशित हो जाता है ।
उत्तर:
(ख) धनावेशित हो जाती है तथा कपड़ा ऋणावेशित हो जाता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों के सामने सही के सामने ‘T’ तथा गलत के सामने ‘F’ लिखिए-
(क) सजातीय आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
(ख) आवेशित काँच की छड़ आवेशित प्लास्टिक स्ट्रा को आकर्षित करती है।
(ग) तड़ित चालक किसी भवन की तड़ित से सुरक्षा नहीं कर सकता।
(घ) भूकम्प की भविष्यवाणी की जा सकती है।
उत्तर:
(क) सजातीय आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। (F)
(ख) आवेशित काँच की छड़ आवेशित प्लास्टिक स्ट्रा को आकर्षित करती है। (T)
(ग) तड़ित चालक किसी भवन की तड़ित से सुरक्षा नहीं कर सकता। (F)
(घ) भूकम्प की भविष्यवाणी की जा सकती है। (F)

प्रश्न 4.
सर्दियों में स्वेटर उतारते समय चट-चट की ध्वनि सुनाई देती है । व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
घर्षण के कारण स्वेटर उतारते समय आवेशित हो जाता है । इन आवेशों के एक-दूसरे के सम्पर्क में आने से आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण के कारण चट-चट की ध्वनि सुनाई देती है साथ ही चिंगारी भी दिखाई देती है।

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प्रश्न 5.
जब हम किसी आवेशित वस्तु को हाथ से छुते हैं तो वह अपना आवेश खो देती है । व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जब हम किसी आवेशित वस्तु को छूते हैं तो आवेश शरीर से होकर पृथ्वी में चला जाता है, क्योंकि मानव शरीर विद्युत का चालक है । इस कारण वस्तु अपना आवेश खो देती है । इसे भूसम्पर्कण भी कहते हैं।

प्रश्न 6.
उस पैमाने का नाम लिखिए जिस पर भूकम्पों की विनाशी ऊर्जा मापी जाती है । इस पैमाने पर किसी भूकम्प की माप 3 है, क्या इसे भूकम्पलेखी (सीसमोग्राफ्री) से रिकार्ड किया जा सकेगा? क्या इससे अधिक हानि होगी?
उत्तर:
भूकम्पों की विनाशी ऊर्जा को मापने वाला पैमाना ‘रिक्टर पैमाना’ है । 3 रिक्टर तीव्रता वाले भूकम्प को सीसमोग्राफ्री द्वारा रिकार्ड किया जा सकेगा । 3 रिक्टर तीव्रता का भूकम्प महसूस किया जा सकता है, यह अत्यन्त दुर्बल होता है, इससे बहुत कम हानि होती है ।

प्रश्न 7.
तड़ित से अपनी सुरक्षा के तीन उपाय सुझाइए।
उत्तर:
तड़ित से सुरक्षा के तीन उपाय निम्न हैं –
(1) यदि आप वन में हैं तो छोटे वृक्ष के नीचे शरण लें।
(2) यदि आप किसी ऐसे खुले क्षेत्र में हैं, जहाँ कोई शरणस्थल नहीं है तो सभी वृक्षों से काफी दूर पर खड़े रहें। जमीन पर न लेटें, बल्कि जमीन पर सिमटकर नीचे बैठे । अपने हाथों को घुटनों पर तथा सिर को हाथों के बीच रखें।
(3) तड़ित झंझावात के समय छाता लेकर न चलें ।

प्रश्न 8.
आवेशित गुब्बारा दूसरे आवेशित गुब्बारे को प्रतिकर्षित करता है, जबकि अनावेशित गुब्बारा आवेशित गुब्बारे द्वारा आकर्षित किया जाता है । व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
समान आवेश वाली वस्तुएँ (सजातीय वस्तुएँ) एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं, इसलिए दोनों आवेशित गुब्बारे एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। अलग आवेश वाली (विजातीय) वस्तुएँ एक-दूसरे को आकर्षित करती हैं, इस कारण अनावेशित गुब्बारा आवेशित गुब्बारे को अपनी ओर आकर्षित करता है।

प्रश्न 9.
चिन की सहायता से किसी ऐसे उपकरण का वर्णन कीजिए जिसका उपयोग किसी आवेशित वस्तु की पहचान में होता है।
उत्तर:
विद्युतदर्शी नामक उपकरण का उपयोग किसी आवेशित वस्तु की पहचान में किया जाता है। यह इस सिद्धान्त पर कार्य करता है कि सजातीय आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं तथा विजातीय आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। एक सरल विद्युतदर्शी को निम्न प्रकार बनाया जा सकता है

  • मुरब्बे की एक खाली बोतल तथा बोतल के मुँह के आकार से कुछ बड़ा गत्ते का टुकड़ा लेते हैं।
  • गत्ते में एक छेद बनाते हैं जिसमें होकर धातु की पेपर क्लिप घुसाई जा सके।
  • चित्रानुसार पेपर क्लिप को खोल लेते हैं।
  • एल्युमिनियम की पन्नी की लगभग 4 सेमी x 1 सेमी आकार की दो पटिटयाँ काटते हैं।
  • चित्रानुसार इन्हें पेपर क्लिप पर लटकाते हैं।
  • ढक्कन में पेपर क्लिप को इस प्रकार घुसाते हैं कि यह गत्ते के लम्बवत रहे।
  • अब किसी रिफिल को आवेशित करके इसे पेपर क्लिप के सिरे पर स्पर्श कराते हैं।

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प्रेक्षण व निष्कर्ष :
धातुएँ विद्युत की अच्छी चालक होती हैं। एल्युमिनियम की पन्नी की पटिटयाँ पेपर क्लिप से होते हुए आवेशित रिफिल से आवेश प्राप्त करती हैं। समान आवेश वाली पटिटयाँ एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं। इससे रिफिल पर आवेश की पुष्टि होती है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ -1

प्रश्न 10.
भारत के उन तीन राज्यों (प्रदेशों) की सूची बनाइए जहाँ भूकम्पों के झटके अधिक सम्भावित हैं ?
उत्तर:
अधिक भूकम्प आशंकित क्षेत्र –
(1) कश्मीर घाटी
(2) कच्छ का रन
(3) राजस्थान तथा सिंधु गंगा के मैदान ।

प्रश्न 11.
मान लीजिए आप घर से बाहर है तथा भूकम्प के झटके लगते हैं । आप अपने बचाव के लिए क्या सावधानियाँ बरतेंगे?
उत्तर:
भूकम्प के झटकों से सुरक्षा के उपाय:
यदि आप कार, बस या वाहन में हैं तो उससे बाहर न निकलें तथा तुरन्त वाहन को खुले स्थान पर ले जाएँ । भवनों, वृक्षों तथा ऊपर जाती विद्युत लाइनों से दूर किसी खुले स्थान पर जायें और जमीन पर लेट जाये । भू-स्पदन के समाप्त होने से पहले बाहर न निकलें।

प्रश्न 12.
मौसम विभाग यह भविष्यवाणी करता है कि किसी निश्चित दिन तड़ित झंझा की संभावना है और मान लीजिए उस दिन आपको बाहर जाना है । क्या आप छतरी लेकर जाएँगे? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
नहीं । तड़ित झंझा के समय छतरी लेकर जाना उचित नहीं है । छतरी को लेकर जाना अधिक घातक है, क्योंकि ऊँचे भवन, विद्युत तार, काले रंग की वस्तुएँ तड़ित झंझा को आकर्षित करती हैं।

HBSE 8th Class Science कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. रेशम से काँच की छड़ रगड़ने पर छड़ पर अर्जित आवेश है –
(अ) धनावेश
(ब) ऋणावेश
(स) दोनों
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) धनावेश

2. कोई वस्तु आवेशित है या नहीं इसे पता लगाने के लिये उपयोग में आने वाले यन्त्र का नाम है
(अ) भूसम्पर्कण
(ब) विद्युत विसर्जन
(स) विद्युत दर्शी
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(स) विद्युत दर्शी

3. पृथ्वी के केन्द्रीय भाग को कहते हैं –
(अ) भूपर्पटी
(ब) आन्तरिक क्रोड
(स) प्रावार
(द) बाह्य क्रोड ।
उत्तर:
(ब) आन्तरिक क्रोड

4. पृथ्वी की प्लेटों की सीमाओं पर भूकम्प आने की प्रवृत्ति होती है । इन क्षेत्रों को कहते हैं –
(अ) भ्रंश क्षेत्र
(ब) भूकम्पलेखी
(स) भूस्पन्दन क्षेत्र
(द) तड़ित झंझा क्षेत्र ।
उत्तर:
(अ) भ्रंश क्षेत्र

5. भारत के अतिभूकम्प – आशंकित क्षेत्र हैं-
(अ) कश्मीर घाटी
(ब) पश्चिमी तथा कन्द्रीय हिमालय
(स) समस्त उत्तर पूर्व
(द) उपरोक्त सभी ।
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) समान आवेश एक-दूसरे को ………….. करते हैं।
(ख) विद्युत आवेश दो प्रकार के होते हैं;…………. तथा ……………….।
(ग) किसी आवेशित वस्तु से आवेश को पृथ्वी में भेजने की प्रक्रिया को ……………… कहते हैं।
(घ) आवेशों के संचयन से ……………. उत्पन्न होती है।
(ङ) यदि तड़ित झंझा होती है तो इसके साथ सदैव …………. तथा …………… की संभावना रहती है।
उत्तर:
(क) प्रतिकर्षित
(ख) धनावेश, ऋणावेश
(ग) भूसम्पर्कण
(घ) तड़ित
(ङ) तड़ित, चक्रवात।

सुमेलन

कॉलम – Iकॉलम – II
1. तड़ित(क) सुरक्षा युक्ति
2. विद्युत धारा(ख) आवेश को पृथ्वी में भेजना
3. भूसम्पर्कण(ग) बादलों में आवेश का एकत्र होना
4. तड़ित चालक(घ) पृथ्वी की प्लेटें
5. भूकम्प(ङ) आवेशों का संचरण

उत्तर:

कॉलम – Iकॉलम – II
1. तड़ित(ग) बादलों में आवेश का एकत्र होना
2. विद्युत धारा(ङ) आवेशों का संचरण
3. भूसम्पर्कण(ख) आवेश को पृथ्वी में भेजना
4. तड़ित चालक(क) सुरक्षा युक्ति
5. भूकम्प(घ) पृथ्वी की प्लेटें

सत्य / असत्य कथन
(क) तड़ित एक विशाल स्तर की चिंगारी है जिसके साथ, ध्वनि भी उत्पन्न होती है।
(ख) जब प्लास्टिक की रिफिल को पॉलिथीन के साथ रगड़ते हैं तो दोनों वस्तुएँ आवेशित हो जाती हैं।
(ग) समान प्रकार के आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
(घ) ऊँचे टावरों पर विद्युत बल्ब जलाकर इन्हें तड़ित से बचाया जा सकता है।
(ङ) तड़ित झंझा के समय हमें विद्युत उपकरणों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) सत्य
(ग) असत्य
(घ) असत्य
(ङ) सत्य

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या मानव शरीर विद्युत का चालक है ?
उत्तर:
हाँ । मानव शरीर विद्युत का चालक है ।

प्रश्न 2.
भूकम्प की शक्ति का मापन किस पैमाने के द्वारा किया जाता है ?
उत्तर:
रिक्टर पैमाना ।

प्रश्न 3.
तड़ित चालक क्या है?
उत्तर:
यह एक ऐसी युक्ति है जिसका उपयोग भवनों को तड़ित के प्रभाव से बचाने के लिए किया जाता है ।

प्रश्न 4.
भूकम्प का कारण क्या है?
उत्तर:
भूपर्पटी के भीतर गहराई में विक्षोभ के कारण भूकम्प आते हैं।

प्रश्न 5.
अंश क्षेत्र किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी की प्लेटों की सीमाओं पर भूकम्प आने की प्रवृत्ति होती है । ये क्षेत्र भ्रंश क्षेत्र कहलाते हैं ।

प्रश्न 6.
यदि एक काँच की छड़ को सिल्क से रगड़ा जाता है तो वह किस प्रकार का आवेश प्राप्त करेंगे?
उत्तर:
काँच धनात्मक आवेश, सिल्क ऋणात्मक आवेश प्राप्त करता है।

प्रश्न 7.
भू-सम्पर्कण से क्या समझते हो?
उत्तर:
किसी आवेशित वस्तु के आवेश को पृथ्वी में स्थानान्तरित करने को भू-सम्पर्कण कहते हैं।

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प्रश्न 8.
विद्युत चालक किन्हें कहते हैं ?
उत्तर:
वे पदार्थ जिनमें से होकर विद्युत सुगमतापूर्वक एक भाग से दूसरे भाग तक चली जाती है, ऐसे पदार्थों को विद्युत चालक कहते हैं।

प्रश्न 9.
अंश क्षेत्र से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
पथ्वी की प्लेटों की सीमाओं पर भकम्प आने की सम्भावना अधिक होती है । इन क्षेत्रों को भ्रंश क्षेत्र कहते

प्रश्न 10.
आवेशन की प्रक्रिया से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
धातुओं को आपस में रगड़ने अथवा एक दूसरे के निकट या सम्पर्क में लाने पर उनमें दूसरी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करने का जो गुण उत्पन्न हो जाता है, उसे वस्तुओं का आवेशन कहते हैं।

प्रश्न 11.
जब ऊनी कपड़े से रगड़े हुये दो गुब्बारे एक दूसरे को पास लाए जाते हैं तो क्या होता है ?
उत्तर:
वे एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं ।

प्रश्न 12.
क्या होता है जब प्लास्टिक की कंघी को सूखे बालों में रगड़ा जाता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
प्लास्टिक की कंघी एवं बालों पर आवेश उत्पन्न हो जाता है।

प्रश्न 13.
प्लास्टिक के स्केल को बालों पर रगड़ने के तुरन्त पश्चात् इसे कागज की कतरन के ऊपर लाने पर क्या होता है ? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
कागज की कतरन स्केल की ओर आकर्षित होती है।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
घर के भीतर तड़ित से किस प्रकार बचा जा सकता है ?
उत्तर:
तड़ित से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय हैं –
(1) कम्प्यूटर, टी.वी. जैसे विद्युत उपकरणों के प्लगों को साकेट से निकाल देना चाहिए ।
(2) बहते जल के सम्पर्क से बचने के लिए तड़ित झंझा के समय स्नान से बचना चाहिए ।
(3) तड़ित झंझा के समय टेलीफोन के तारों, विद्युत तारों तथा धातु के पाइपों को छूना नहीं चाहिए।

प्रश्न 2.
तड़ित झंझा किस प्रकार उत्पन्न होती है?
उत्तर:
बादलों में एकत्रित आवेश जब एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है, तब उसका विसर्जन होता है । इन परिस्थितियों में बादलों के नीचे के भाग में धन आवेश का एक छोटा क्षेत्र अपने नीचे स्थित पृथ्वी की सतह पर प्रेरण द्वारा ऋण आवेश उत्पन्न करता है । विपरीत आवेशा के बीच अत्यधिक आकर्षण बल, वायु के विद्युतरोधन को तोड़ने के लिए पर्याप्त होता है । एक बार विद्युतरोधन टूटने पर, बादल के नीचे के भाग का समस्त धन आवेश वायु के एक संकरे अंतराल (गैप) से पृथ्वी की ओर तीव्र गति से प्रवाह करता है । यह अन्तराल एक चालक पथ उत्पन्न कर देता है, जिससे और अधिक आवेश को प्रवाहित होने के लिए मार्ग मिल जाता है । बादल के निचले भाग में एकत्रित ऋण आवेश की विशाल मात्रा बहुत ही कम समय में इस चालक पथ से होकर गुजरती है । वायु के इस अन्तराल में विद्युत ऊर्जा के कारण वायु इतने उच्च ताप तक गर्म हो जाती है कि यह प्रकाश की तरह दमक उठती है । यह दमक तड़ित है ।

प्रश्न 3.
किसी भूकम्प की तीव्रता को किस प्रकार मापा जाता है।
उत्तर:
किसी भी भूकम्प की तीव्रता की माप रिक्टर पैमाने द्वारा की जाती है । जिन भूकम्पों का मान रिक्टर पैमाने पर 3 तक होता है, वे बहुत हल्के भूकम्प होते हैं तथा कोई क्षति नहीं पहुंचाते । कभी-कभी तो ऐसे भूकम्पों का पता ही नहीं चलता है । परन्तु रिक्टर पैमाने पर 7 या इससे अधिक मान वाले भूकम्प अत्यन्त भीषण होते हैं जो पूरे के पूरे गाँवों या नगरों को गिराकर तबाह कर सकते है।

प्रश्न 4.
भूकम्प आने के कारण लिखिए ।
उत्तर:
भूकम्प आने के कारण-
(1) अधिकांश भूकम्प पृथ्वी की प्लेटों की गतियों के कारण आते हैं ।
(2) ज्वालामुखी के फटने से भी भूकम्प आते हैं ।
(3) किसी उल्का पिण्ड के पृथ्वी से टकराने से भी भूकम्प आ सकता है ।
(4) भूमिगत नाभिकीय विस्फोट भी भूकम्प को जन्म दे सकता है।

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प्रश्न 5.
भूकम्प क्या होता है ? लिखिए।
उत्तर:
भूकम्प जो बहुत कम समय तक रहता है, पृथ्वी का कम्पन अथवा कोई झटका होता है । यह पृथ्वी की भूपर्पटी के भीतर गहराई में गड़बड़ी के कारण उत्पन्न होता है । भूकम्प हर समय लगभग सभी जगह आते रहते हैं । प्राय इन्हें महसूस नहीं किया जाता है । विशाल भूकम्प अत्यन्त कम होते हैं । ये पुलों, बांधों तथा लोगों को अपार क्षति पहुंचा सकते हैं । इनसे जीवन तथा सम्पत्ति की विशाल हानि हो सकती हैं । भूकम्पों से बाढ़, भूस्खलन तथा सुनामी भी आ सकते हैं।

प्रश्न 6.
भूकम्प से बचाव हेतु घरों का डिजाइन किस प्रकार का होता है?
उत्तर:
भूकम्प से बचाव के लिए भवनों के ढाँचे सरल हों इसके लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए-
(1) किसी योग्य आर्किटेक्ट एवं संरचना इंजीनियर से परामर्श करना ।
(2) अत्यधिक भूकम्पी क्षेत्रों में भवन निर्माण में भारी पदार्थों की अपेक्षा मिट्टी अथवा इमारती लकड़ी का उपयोग अधिक अच्छा रहता है।
(3) अलमारियों आदि को दीवारों के साथ कसना।
(4) दीवार घड़ी, फोटो फ्रेम आदि को दीवार पर लटकाते समय सावधानी पूर्वक लटकाना जिससे भूकम्प के आने पर ये लोगों के ऊपर न गिरें ।
(5) ऊँची इमारतों में अग्निशमन के सभी उपकरण कार्यकारी स्थिति में होने चाहिए ।

प्रश्न 7.
बताइए क्या होगा यदि
(क) दो गुब्बारों को ऊनी वस्त्र से रगड़ कर एक-दूसरे के समीप स्वतंत्र लटकाया गया।
(ख) उपरोक्त प्रक्रिया दो खाली रिफिलों के साथ की गयी।
(ग) आवेशित रिफिल को स्वतंत्र लटके आवेशित गुब्बारे के समीप लाया गया।
(घ) पॉलिथीन के साथ प्लास्टिक की रिफिल के साथ रगड़ा जाता है। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
(क) गुब्बारे समान आवेश के कारण एक-दूसरे से प्रतिकर्षित होते हैं।
(ख) दोनों रिफिल आवेशित हो जाती हैं।
(ग) गुब्बारा रिफिल की ओर विपरीत आवेश के कारण अकर्षित होता है।
(घ) पॉलिथीन व प्लास्टिक की – रिफिल दोनों आवेशित हो जाते हैं।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भवनों को तड़ित के प्रभाव से किस प्रकार बचाया जा सकता है ? समझाइए ।
उत्तर:
तड़ित चालक एक ऐसी युक्ति है, जिसका उपयोग करने से भवनों को तड़ित के प्रभाव से बचाया जा सकता किसी भवन के निर्माण के समय उसकी दीवारों में, उस भवन की ऊंचाई से अधिक लम्बाई की धातु की एक छड़ स्थापित कर दी जाती है । इस छड़ का एक सिरा वायु में खुला रखा जाता है तथा दूसरे सिरे को जमीन में काफी गहराई तक दबा देते हैं । धातु की छड़ विद्युत आवेश को भूमि तक पहुँचने के लिए एक सरल पथ प्रदान करती है, जिससे भवन को कोई क्षति नहीं होती।
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प्रश्न 2.
भूकम्पलेखी की संरचना तथा प्रयोग लिखिए ।
उत्तर:
पृथ्वी की सतह पर भूस्पन्द तरंगें उत्पन्न करते हैं।
ये तरंगें भूकम्पी तरंगें कहलाती हैं । भूकम्पलेखी नामक उपकरण द्वारा इन तरंगों को रिकॉर्ड किया जाता है। यह उपकरण मात्र एक कंपायमान छड़ अथवा लोलक होता है जो भूस्पन्द आने पर कम्पन (दोलन) करने लगता है। इसके कम्पायमान तंत्र के साथ एक पेन जुड़ा रहता है। ये पेन इसके नीचे गति करने वाले कागज की पट्टी पर भूकम्पी तरंगों को रिकॉर्ड करता रहता है । इन तरंगों का अध्ययन करके वैज्ञानिक भूकम्प का सम्पूर्ण मानचित्र बना सकते हैं। वे भूकम्प की क्षति पहुँचा सकने की क्षमता का अनुमान भी लगा सकते हैं।

कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ तड़ित (Lighting) : दो बादलों अथवा बादलों और पृथ्वी के बीच घर्षण के कारण ऋणात्मक और धनात्मक आवेशों के आपस में मिलने पर उत्पन्न उज्ज्वल चमकीली धारियाँ जो आकाश में फैलती हैं, तड़ित कहलाती हैं।

→ आवेश (Charge) : किसी वस्तु पर असंतुलित विद्युत की मात्रा आवेश कहलाती है।

→ विद्युतदर्शी (Electroscope) : वह युक्ति जिसके द्वारा किसी वस्तु के आवेशित या अनावेशित होने का पता लगाया जाता है।

→ अनावेशित (Discharged) : जब कोई वस्तु अपना आवेश खो देती है तो वह अनावेशित कहलाती है।

→ भूसम्पर्कण (Earthing) : आवेशित वस्तु से पृथ्वी की ओर आवेश संचरण की प्रक्रिया।

→ विद्युत विसर्जन (ElectricDischarge) : धनात्मक एवं ऋणात्मक आवेशों के मिलने पर उत्पन्न चिनगारी एवं ध्वनि।

→ तड़ित चालक (Lightning Conductor) : युक्ति जिसका उपयोग भवनों को तड़ित के प्रभाव से बचाने के लिए किया जाता है।

→ भूकम्प (Earthquake) : पृथ्वी में यकायक कंपन या झटका उत्पन्न होना।

→ भूकम्पमापी (richter Scale) : भूकम्प की तीव्रता मापने वाला पैमाना।

→ भूकम्प लेखी (Seismography) : भूकम्प का आंकलन करने वाला उपकरण।

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HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर Textbook Exercise Questions and Answers.

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पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 113)

प्रश्न 1.
शरीर में होने वाले ऐसे परिवर्तन जिनसे जनन परिपक्वता आती है, की अवधि कब तक रहती है?
उत्तर:
किशोरावस्था की अवधि लगभग 11 वर्ष से शुरू होकर 18 या 19 वर्ष की आयु तक रहती है।

प्रश्न 2.
क्या बाल्यकाल एवं युवावस्था के मध्य की अवधि का कोई विशेष नाम है?
उत्तर:
इस अवधि का विशेष नाम किशोरावस्था है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

(पृष्ठ संख्या – 114)

प्रश्न 3.
यौवनारम्भ में होने वाले परिवर्तनों का प्रारम्भ कौन करता है?
उत्तर:
यौवनारम्भ में होने वाले अन्य परिवर्तन-
(1) लम्बाई में वृद्धि होना ।
(2) शरीर के आकार का बदलना ।
(3) आवाज का बदलना ।
(4) तैलग्रन्थियों की क्रियाशीलता में वृद्धि ।
(5) जनन अंगों का विकास ।
(6) मानसिक, बौद्धिक एवं संवेदनात्मक परिपक्वता प्राप्त करना ।

(पृष्ठ संख्या – 115)

प्रश्न 4.
क्या जननकाल एक बार प्रारम्भ होने के बाद जीवन पर्यन्त तक चलता रहता है या कभी समाप्त होता है?
उत्तर:
पहेली को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। शरीर के सभी अंग समान दर से वृद्धि नहीं करते। कभी-कभी किशोर के हाथ अथवा पैर शरीर के अन्य अंगों की अपेक्षा बड़े दिखाई देते हैं। परन्तु शीघ्र ही दूसरे भाग भी वृद्धि कर शारीरिक अनुपात को संतुलित कर देते हैं फलतः शरीर सुडौल हो जाता है।

(पृष्ठ संख्या – 116)

प्रश्न 5.
मेरे अनेक सहपाठियों की फटी आवाज है । अब मैं जान गया हूँ ऐसा क्यों हैं ?
उत्तर:
किशोरावस्था में लड़कों की स्वरयंत्र की पेशियों में कभी-कभी अनियंत्रित वृद्धि हो जाती है, जिस कारण आवाज फटने या भर्राने लगती है।

(पृष्ठ संख्या – 117)

प्रश्न 6.
बूझो और पहेली दोनों ही जानना चाहते हैं कि यौवनारम्भ में होने वाले इन परिवर्तनों का प्रारंभ कौन करता है?
उत्तर:
यौवनारम्भ में होने वाले इन परिवर्तनों का प्रारम्भ हार्मोन के द्वारा होता है।

(पृष्ठ संख्या – 117)

प्रश्न 7.
पहेली और बूझो अब समझ गए हैं कि यौवनारम्भ व्यक्ति में जनन अवधि का प्रारम्भ है जब व्यक्ति जनन की क्षमता प्राप्त करता है । परन्तु, वे जानना चाहते हैं कि क्या जनन-काल एक बार प्रारंभ होने के बाद जीवन पर्यन्त चलता रहता है या कभी समाप्त होता है ?
उत्तर:
स्त्रियों में जननावस्था का प्रारम्भ 10 से 12 वर्ष की आयु से हो जाता है तथा यह अधिकांशत: 40 से 50 वर्ष तक की आयु तक चलता रहता है।

(पृष्ठ संख्या – 118)

प्रश्न 8.
पहेली कहती है कि स्त्रियों में जनन काल की अवधि रजोदर्शन से रजोनिवृत्ति तक होती है । क्या वह सही है ?
उत्तर:
हाँ, वह बिल्कुल सही है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

(पृष्ठ संख्या – 118)

प्रश्न 9.
मैंने अपनी माँ और चाची को बातें करते सुना कि मेरी चचेरी बहन का होने वाला बच्चा लड़का होगा या लड़की। मुझे यह जानने की उत्सुकता है कि इस बात का निर्धारण कैसे होता है कि निषेचित अंडाणु लड़के में अथवा लड़की में विकसित होगा ?
उत्तर:
निषेचित अंडाणु, जन्म लेने वाले शिशु के लिंग निर्धारण का संदेश होता है । यह गुणसूत्रों के द्वारा ज्ञात होता है । सभी मनुष्यों की कोशिकाओं के केन्द्रक में 23 जोड़े गुणसूत्र पाए जाते हैं. इनमें से 2 गुणसूत्र (1 जोड़ी) लिंग गुण -सूत्र हैं जिन्हें x एवं Y कहते हैं । स्त्री में दो X गुणसूत्र होते हैं जबकि पुरुष में एक x तथा एक Y गुणसूत्र होता है। जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो युग्मनज में दो x गुणसूत्र होंगे तथा वह मादा शिशु में विकसित होगा । यदि अंडाणु को निषेचित करने वाले शुक्राणु में Y गुणसूत्र है तो युग्मनज नर शिशु में विकसित होगा।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर -1

(पृष्ठ संख्या – 120)

प्रश्न 10.
क्या अन्य जन्तुओं में भी हार्मोन स्रावित होते हैं? क्या जनन प्रक्रिया में उनका कोई योगदान है ?
उत्तर:
हाँ, जन्तुओं में भी हार्मोन स्रावित होते हैं । उदाहरण के लिए मेंढक में थाइराइड द्वारा स्रावित हार्मोन थायरॉक्सिन कायांतरण का नियमन करता है।

(पृष्ठ संख्या – 120)

प्रश्न 11.
यदि व्यक्ति के आहार में पर्याप्त आयोडीन’ न हो तो क्या उन्हें थायरॉक्सिन की कमी के कारण ‘गॉयटर’ हो जाएगा?
उत्तर:
हाँ, थायरॉक्सिन की कमी के कारण घेघा (गॉयटर) हो जायेगा।

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HBSE 8th Class Science किशोरावस्था की ओर Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ का क्या नाम है ?
उत्तर:
हार्मोन ।

प्रश्न 2.
किशोरावस्था को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर:
किशोरावस्था जीवनकाल की वह अवधि है, जब शरीर में ऐसे परिवर्तन होते हैं जिनके परिणामस्वरूप जनन परिपक्वता आती है । यह अवस्था 11 वर्ष की आयु से 18 अथवा 19 वर्ष की आयु तक रहती है । किशोरों को “टीनेजर्स’ (Teenagers) भी कहा जाता है ।

प्रश्न 3.
ऋतुस्राव क्या है ? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्त्री में ऋतुस्राव किशोरावस्था से प्रारंभ हो जाता है। यह सामान्य रूप से प्रत्येक 28 से 30 दिनों के बाद 40-45 वर्ष की आयु तक चलता रहता है । यह गर्भधारण की अवस्था में नहीं होता है। इस चक्र की एक अवस्था में गर्भाशय से रुधिर प्रवाह होता है । यह मासिक धर्म अथवा ऋतुस्राव कहलाता है।

प्रश्न 4.
यौवनारम्भ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की सूची बनाइए।
उत्तर:
यौवनारम्भ के समय लड़कों में होने वाले परिवर्तन-
(1) हाथ और पैर पर रोम आ जाते हैं।
(2) जांघों के मध्य जननांगी क्षेत्र का रंग गहरा हो जाता है ।
(3) त्वचा तैलीय हो जाती है और चेहरे पर मुहाँसे निकल आते हैं।
(4) आवाज फटने लगती है ।
(5) काँख एवं जाँघों के मध्य जननागी क्षेत्र में बाल निकल आते हैं।
(6) चेहरे पर दाढ़ी-मूंछ निकल आती हैं।

यौवनारम्भ के समय लड़कियों में होने वाले परिवर्तन:
(1) काँख एवं जांघों के मध्य जननांगी क्षेत्र में बाल निकल आते हैं।
(2) हाथ एवं चेहरे पर महीन रोम आने लगते हैं ।
(3) त्वचा तैलीय होने लगती है तथा चेहरे पर मुहाँसे निकलने लगते हैं।
(4) स्तनों के आकार में वृद्धि होने लगती है ।
(5) स्तनाग्र की त्वचा का रंग भी गहरा होने लगता है ।
(6) रजोधर्म होने लगता है।

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प्रश्न 5.
दो कॉलम वाली एक सारणी बनाइए जिसमें अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम तथा उनके द्वारा स्रावित हार्मोन के नाम वर्शाए गए हों।
उत्तर:

अंतःस्रावी ग्रंथिहार्मोन
1. पीयूष ग्रंथिवृद्धि हार्मोन, थाइरोट्रोपिक हार्मोन
2. थायरॉइड ग्रंथिथायरोक्सिन हार्मोन
3. वृषणटेस्टोस्टेरान
4. अंडाशयऐस्ट्रोजन
5. अग्न्याशयइंसुलिन
6. अधिवृक्कऐडिनेलिन

प्रश्न 6.
लिंग हार्मोन क्या हैं ? उनका नामकरण इस प्रकार क्यों किया गया ? उनके प्रकार्य बताइए।
उत्तर:
लिंग हार्मोन:
नर में वृषण द्वारा तथा मादा में अंडाशय के द्वारा सावित, हार्मोन, लिंग हार्मोन कहलाते हैं । यह मादा और नर लिंग में भिन्न होते हैं, इसलिए इन्हें यह नाम दिया गया है ।
(1) नर लिंग हार्मोन : यह वृषण द्वारा स्रावित होता है । इस हार्मोन से लड़के के चेहरे के बालों की वृद्धि होती है तथा यह शुक्राणु उत्पन्न करने की क्षमता पैदा करता है। टेस्टोस्टेरॉन नर लिंग हार्मोन है।।
(2) मावा लिंग हार्मोन : यह अंडाशय द्वारा सावित होते हैं। यह गर्भधारण में सहायक है तथा यह गौण जनन लक्षण जैसे स्तनों की वृद्धि आदि पर नियंत्रण रखते हैं। ऐस्ट्रोजन मादा लिंग हार्मोन है।

प्रश्न 7.
सही विकल्प चुनिए
(क) किशोरों को सचेत रहना चाहिए कि वह क्या खा रहे हैं, क्योंकि
(i) उचित भोजन से उनके मस्तिष्क का विकास होता है।
(ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि में उचित आहार की आवश्यकता होती है।
(iii) किशोर को हर समय भूख लगती रहती है ।
(iv) किशोर में स्वाद कलिकाएँ (ग्रंथियाँ) भलीभाँति विकसित होती है ।
उत्तर:
(ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि में उचित आहार की आवश्यकता होती है।

(ख) स्त्रियों में जनन आयु (काल) का प्रारम्भ उस समय होता है जब उनके
(i) ऋतुस्राव प्रारम्भ होता है।
(ii) स्तन विकसित होना प्रारम्भ करते हैं।
(iii) शारीरिक भार में वृद्धि होने लगती है।
(iv) शरीर की लम्बाई बढ़ती है ।
उत्तर:
(i) ऋतुस्राव प्रारम्भ होता है।

(ग) निम्न में से कौन-सा आहार किशोर के लिए सर्वोचिंत
(i) चिप्स, नूडल्स, कोक
(ii) रोटी, दाल, सब्जियाँ
(iii) चावल, नूडल्स, बर्गर
(iv) शाकाहारी टिक्की, चिप्स तथा लेमन पेय
उत्तर:
(ii) रोटी, दाल, सब्जियाँ

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प्रश्न 8.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए –
(क) ऐडम्स ऐपल
(ख) गौण लैंगिक लक्षण
(ग) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण
उत्तर:
(क) ऐडॅम्स ऐपल : यौवनारम्भ में लड़कों के स्वरयंत्र अथवा लैरिन्कस के बढ़ने के कारण जो अंग गले में सुस्पष्ट उभरा हुआ नजर आता है, उसे ऐडम्स ऐपल (कंठमणि) कहते हैं ।
(ख) गौण लैंगिक लक्षण : कुछ लक्षण लड़के और लड़की को भिन्न करने में मदद करते हैं ऐसे लक्षणों को गौण लैंगिक लक्षण कहते हैं । जैसे – युवावस्था में लड़कियों के स्तनों का विकास होने लगता है तथा लड़कों के चेहरे पर बाल आने लगते हैं, लड़कों के सीने पर भी बाल आ जाते हैं । लड़कों और लड़कियों के बगल और जांघों के ऊपरी भाग अथवा प्यूबिक क्षेत्र में बाल आ जाते

(ग) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण : सभी मनुष्यों की कोशिकाओं के केन्द्रक में 23 जोड़े गुणसूत्र पाए जाते हैं। इनमें से 2 गुणसूत्र लिंग गुणसूत्र हैं, जिन्हें x तथा Y कहते हैं । स्त्री में दो x गुणसूत्र होते हैं जबकि पुरुष में एक x तथा एक Y गुणसूत्र होता है । अंडाणु तथा शुक्राणु में गुणसूत्रों का एक जोड़ा होता है।

जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो युग्मनज में दो x गुणसूत्र होंगे तथा वह मादा शिशु में विकसित होगा । यदि अंडाणु को निषेचित करने वाले शुक्राणु में Y गुणसूत्र है तो युग्मनज नर शिशु में विकसित होगा।

प्रश्न 9.
शब्द पहेली: शब्द बनाने के लिए संकेत संदेश का प्रयोग कीजिए-
ऊपर से नीचे की ओर –
1. अंतःस्रावी ग्रन्थियों का दूसरा नाम ।
2. स्वर पैदा करने वाला अंग ।
3. स्त्री हार्मोन ।

बाई से दाईं ओर –
4. एड्रिनल ग्रंथि से स्रावित हार्मोन ।
5. मेंढक में लार्वा से वयस्क तक होने वाला परिवर्तन ।
6. अंतःस्रावी ग्रन्थियों द्वारा सावित पदार्थ ।
7. किशोरावस्था को कहा जाता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर -2
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर -3

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 10.
नीचे दी गई सारणी में आयु वृद्धि के अनुपात में लड़कों एवं लड़कियों की अनुमानित लम्बाई के आँकड़े दर्शाए गए हैं। लड़के एवं लड़कियाँ दोनों की लम्बाई एवं आयु को प्रदर्शित करते हुए एक ही ग्राफ कागज पर खींचिए । इस ग्राफ से आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते है ?

आयु (वर्षो में)लम्बाई (सेमी. में)
लड़केलड़कियाँ
05353
49692
8114110
12129133
16150150
20173165

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर -4
उत्तर:
उपर्युक्त ग्राफ से पता चलता है कि लड़कों और लड़कियों दोनों में लम्बाई में वृद्धि लगभग समान होती है। यह वृद्धि पहले 8 वर्षों तक लड़कियों में कम और फिर 20 वर्ष तक समान होती है ।

HBSE 8th Class Science किशोरावस्था की ओर Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. स्त्रियों में जननावस्था का प्रारम्भ सामान्यतः होता है –
(अ) 10 से 12 वर्ष के बीच
(ब) 18 से 20 वर्ष के बीच
(स) 45 से 50 वर्ष के बीच
(द) 28 से 30 वर्ष के बीच ।
उत्तर:
(अ) 10 से 12 वर्ष के बीच

2. अग्नाशय द्वारा नावित होने वाला हार्मोन है –
(अ) टेस्टोस्टेरॉन
(ब) ऐस्ट्रोजन
(स) इन्सुलिन
(द) थायरॉक्सिन ।
उत्तर:
(स) इन्सुलिन

3. यदि युग्मनज में दो गुणसूत्र हों तो वह होगा
(अ) नर
(ब) मादा
(स) न नर न मादा
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ब) मादा

4. पीयूष ग्रन्थि होती है –
(अ) मस्तिष्क में
(ब) गले में
(स) हृदय में
(द) वृषण में ।
उत्तर:
(अ) मस्तिष्क में

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5. निम्न में स्वी हार्मोन है –
(अ) टेस्टोस्टेरॉन
(ब) थायरॉक्सिन
(स) इन्सुलिन
(द) ऐस्ट्रोजन ।
उत्तर:
(द) ऐस्ट्रोजन ।

6. लारवा से वयस्क बनने के परिवर्तन को कहते हैं –
(अ) जीवाणु संक्रमण
(ब) कायांतरण
(स) रजोदर्शन
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ब) कायांतरण

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) किशोरावस्था लगभग ……………. वर्ष की आयु से प्रारम्भ होकर 18 अथवा 19 वर्ष की आयु तक रहती है।
(ख) …………… में स्वरयंत्र में वृद्धि का प्रारंभ होता है।
(ग) यौवनारम्भ के साथ ही वृषण ………….. का स्रावण प्रारंभ कर देता है।
(घ) वृषण एवं अंडाशय ……… हार्मोन स्रावित करते हैं।
(ङ) ऋतुस्राव के रुक जाने को …………….. कहते हैं।
उत्तर:
(क) 11
(ख) यौवनारम्भ
(ग) टेस्टोस्टरॉन
(घ) लैंगिक
(ङ) रजोनिवृत्ति

सुमेलन

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(i) स्वरयंत्र(क) वृषण से स्रावित लैंगिक हार्मोन
(ii) टेस्टोस्टेरॉन(ख) थायरॉइड ग्रंथि का रोग ।
(iii) एस्ट्रोजन(ग) गले के सामने की ओर सुस्पष्ट उभरा भाग
(iv) रजोनिवृत्ति(घ) अंडाशय से स्रावित लैंगिक हार्मोन
(v) गॉयटर(ङ) ऋतुस्राव के रुक जाने की स्थिति

उत्तर:

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(i) स्वरयंत्र(ग) गले के सामने की ओर सुस्पष्ट उभरा भाग
(ii) टेस्टोस्टेरॉन(क) वृषण से स्रावित लैंगिक हार्मोन
(iii) एस्ट्रोजन(घ) अंडाशय से स्रावित लैंगिक हार्मोन
(iv) रजोनिवृत्ति(ङ) ऋतुस्राव के रुक जाने की स्थिति
(v) गॉयटर(ख) थायरॉइड ग्रंथि का रोग ।

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सत्य / असत्य कथन

(क) यौवनारम्भ में स्वरयंत्र में वृद्धि का प्रारंभ होता है।
(ख) किशोरावस्था में स्वेद एवं तैलग्रंथियों का स्राव बढ़ जाता है।
(ग) ऋतुस्राव लगभग 21 से 24 दिन में एक बार होता है।
(घ) ऋतुस्राव के रुक जाने को रजोदर्शन कहते हैं।
(ङ) पुरुष में एक x तथा एक Y लिंग गुण सूत्र होता है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) सत्य
(ग) असत्य
(घ) असत्य
(ङ) सत्य

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किशोरावस्था से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जीवन काल की वह अवधि जब शरीर में ऐसे परिवर्तन होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप जनन परिक्वता आती है, किशोरावस्था कहलाती है।

प्रश्न 2.
किशोरों को ‘टीनेजर्स’ भी क्यों कह जाता है?
उत्तर:
चूंकि विशोरावस्था की अवधि अंग्रेजी के “teens” (Thirteen से Eighteen या Nineteen वर्ष की आयु) तक होती है, अत: किशोरों को ‘टीनेजर्स’ (Teenagers) भी कहा जाता है।

प्रश्न 3.
स्वरयंत्र या लैरिन्कस क्या है? इसे क्या कहते हैं?
उत्तर:
स्वरयंत्र या लैरिन्क्स लड़कों में गले के सामने की ओर सुस्पष्ट उभरे भाग के रूप में दिखाई देने वाला भाग है जिसे ऐडम्स ऐपल (कंठमणि) कहते हैं।

प्रश्न 4.
किशोरावस्था में किन ग्रंथियों का स्राव बढ़ जाता
उत्तर:
स्वेद एवं तैलग्रंथियों का।

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प्रश्न 5.
किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन किनके द्वारा नियंत्रित होते हैं?
उत्तर:
हार्मोन द्वारा।

प्रश्न 6.
हार्मोन किन ग्रंथियों द्वारा स्रावित होते हैं?
उत्तर:
अंत स्रावी ग्रंथियों द्वारा।

प्रश्न 7.
वृषण एवं अंडाशय कौन-से हार्मोन स्रावित करते हैं?
उत्तर:
लैंगिक हार्मोन।

प्रश्न 8.
रजो दर्शन क्या है?
उत्तर:
पहला ऋतुस्राव यौवनारम्भ में होता है जिसे रजोदर्शन कहते हैं।

प्रश्न 9.
रजोनिवृत्ति किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऋतुसाव के रुक जाने को रजोनिवृत्ति कहते हैं।

प्रश्न 10.
ऋतुस्राव चक्र का नियंत्रण किसके द्वारा होता है?
उत्तर:
हार्मोन द्वारा।

प्रश्न 11.
मनुष्य की कोशिकाओं के केन्द्र में कितने गुण सूत्र पाये जाते हैं?
उत्तर:
23 जोड़े गुणसूत्र।

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प्रश्न 12.
पुरुष में पाये जाने वाले लिंग गुणसूत्रों के नाम लिखिए?
उत्तर:
एक x तथा एक Y गुणसूत्र।

प्रश्न 13.
स्त्री में पाये जाने वाले लिंग गुण सूत्रों के नाम लिखिए?
उत्तर:
दो x गुण सूत्र।

प्रश्न 14.
कौन-सी ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोन जननांगों को उनके हर्मोन उत्पन्न करने के लिए उद्दीपित करते हैं?
उत्तर:
पीयूष ग्रंथि।

प्रश्न 15.
थायरॉइड ग्रंथि के रोग का नाम लिखिए?
उत्तर:
गॉयटर (घंधा)।

प्रश्न 16.
थायरॉक्सिन हार्मोन का उपादन कौन सी ग्रंथि करती है?
उत्तर:
थायरॉइड ग्रंथि।

प्रश्न 17.
अग्नाशय कौन-सा हर्मोन स्रावित करता है जो मः गुमेह रोग को नियंत्रित करता है?
उत्तर:
इन्सुलिन हार्मोन।

प्रश्न 18.
वृद्धि हार्मोन को नावित करने वाली ग्रंथि का नाम बताइए?
उत्तर:
पीयूष ग्रंथि।

प्रश्न 19.
कायांतरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
लारवा से वयस्क बनने के इस परिवर्तन को कायांतरण कहते हैं।

प्रश्न 20.
कीटों में कायांतरण का नियंत्रण कौन-सा हार्मोन करता है?
उत्तर:
कीट हार्मोन।

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प्रश्न 21.
संतुलित आहर का क्या अर्थ है?
उत्तर:
भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, वसा, विटामिन एवं खनिज का पर्याप्त मात्रा में समावेश।

प्रश्न 22.
AIDS किस विषाणु द्वारा होता है?
उत्तर:
HIV.

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
यौवनारम्भ के समय हमारी लम्बाई में वृद्धि किस प्रकार होती है ? समझाइए ।
उत्तर:
यौवनारम्भ के समय लड़के-लड़कियों में अनेक परिवर्तन होते हैं उनमें से लम्बाई में वृद्धि भी एक परिवर्तन है । इस समय में लम्बाई में अचानक वृद्धि होती है जिसे हम आसानी से देख सकते हैं । इस समय शरीर की लम्बी अस्थियों की अर्थात् हाथ व पैरों की अस्थियों की लम्बाई में वृद्धि हो जाती है, इससे व्यक्ति लम्बा हो जाता है । प्रारम्भ में लड़कियाँ, लड़कों की अपेक्षा अधिक तीव्रता से बढ़ती हैं, परन्तु 18 वर्ष तक अपनी अधिकतम लम्बाई तक पहुँच जाती हैं । अलग-अलग व्यक्तियों की लम्बाई में वृद्धि की दर भी अलग-अलग होती है । कुछ यौवनारम्भ में तीव्र गति से बढ़ते हैं तथा बाद में यह गति धीमी हो जाती है, जबकि कुछ धीरे-धीरे वृद्धि करते हैं।

प्रश्न 2.
एक लड़का जिसकी आयु वर्ष हैतथा लंबाई 120 cm है। वृद्धि काल की समाप्ति पर उसकी अनुमानित लंबाई क्या होगी? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
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प्रश्न 3.
टीनेजर्स में चेहरे पर मुहाँसे और फुन्सियाँ क्यों हो जाती हैं ?
उत्तर:
किशोरावस्था में स्वेद एवं तैलग्रंथियों का स्राव बढ़ने लगता है । इन ग्रंथियों की क्रियाशीलता के कारण कुछ व्यक्तियों के चेहरे पर मुहाँसे तथा फुन्सियाँ होने लगती हैं।

प्रश्न 4.
नलिका-विहीन ग्रंथियाँ क्या हैं ?
उत्तर:
कुछ ग्रंथियाँ जैसे स्वेदग्रंथि, तैलग्रंथि तथा लारग्रंथि अपना स्राव वाहियों द्वारा स्रावित करती हैं । अंत:स्रावी ग्रंथियाँ हार्मोनों को सीधे रुधिर प्रवाह में निर्मोचित करती हैं । इन्हें नलिका विहीन ग्रंथियाँ कहते हैं।

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प्रश्न 5.
यौवनारम्भ के समय जननांगों में किस प्रकार से विकास होता है ?
उत्तर:
यौवनारम्भ के समय नर जननांग जैसे कि वृषण एवं शिश्न पूर्णतया विकसित हो जाते हैं। वृषण से शुक्राणुओं का उत्पादन प्रारम्भ हो जाता है । लड़कियों के अंडाशय के आकार में वृद्धि हो जाती है। अंडाशय से अण्डाणुओं का निर्मोचन शुरू हो जाता है।

प्रश्न 6.
टेस्टोस्टेरॉन क्या है तथा इसके प्रमुख कार्य क्या
उत्तर:
‘टेस्टोस्टेरॉन’ नर लैंगिक हार्मोन है । यह वृषण द्वारा स्रावित होता है । इसके मुख्य कार्य –
(1) नर युग्मक ‘शुक्राणुओं’ का उत्पादन ।
(2) पुरुषों में सहायक लैंगिक अंगों तथा द्वितीयक लैंगिक लक्षणों; जैसे – दाढ़ी-मूंछ तथा आवाज को नियंत्रित करना ।

प्रश्न 7.
ऐस्ट्रोजन तथा टेस्टोस्टेरॉन में अन्तर बताइए।
उत्तर:
ऐस्ट्रोजन तथा टेस्टोस्टेरॉन में निम्न अंतर हैऐस्ट्रोजन –
(1) यह मादा हार्मोन है, जो अंडाशय द्वारा स्रावित होता है ।
(2) यह हार्मोन द्वितीयक मादा लक्षणों का विकास करता है।
जैसे- स्तनों का विकास।

टेस्टेस्टेरॉन –
(1) यह नर हार्मोन है जो वृषण द्वारा स्रावित होता है ।
(2) यह हार्मोन द्वितीयक नर लक्षणों का विकास करता है ।
जैसे – दाढ़ी-मूंछ का उगना ।

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प्रश्न 8.
स्त्री लैंगिक हार्मोन का नाम एवं कार्य लिखिए।
उत्तर:
स्वी लैंगिक हार्मोन एस्ट्रोजन होता है –
एस्ट्रोजन के कार्य –
(1) सहायक लैंगिक अंगों तथा द्वितीयक लैंगिक लक्षणों जैसे – स्तनग्रंथियों तथा आवाज आदि का नियंत्रण करना।
(2) मादा युग्मक (अर्थात् अंडाणु) के उत्पादन पर नियंत्रण करना ।

प्रश्न 9.
मानव में जननकाल का निर्धारण कब एवं कैसे होता है।
उत्तर:
मानव में किशोरावस्था में जब वृषण तथा अंडाशय युग्मक उत्पादित करने लगते हैं तब वे जनन के योग्य हो जाते हैं। स्त्रियों में जननावस्था का प्रारम्भ यौवनारम्भ (10 से 12 वर्ष की आयु) से हो जाता है तथा सामान्यतः 45 से 50 वर्ष की आयु तक चलता है । यौवनारम्भ पर अण्डाणु परिपक्व होने लगते हैं । अण्डाशयों में एक अण्डाणु परिपक्व होता हैं तथा लगभग 28 से 30 दिनों के अन्तराल पर किसी एक अंडाशय द्वारा निर्माचित होता है । इस अवधि में गभाशय की दीवार मोटी हो जाती है जिससे वह अडाशय के निषेचन के पश्चात् युग्मनज को ग्रहण कर सके जिसके बाद गर्भ धारण हो सके । पुरुषों में जननकाल स्त्रियों की अपेक्षा अत्यधिक समय तक रहता है।

प्रश्न 10.
रजोधर्म या ऋतुस्राव तथा आवर्तचक्र से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
निषेचन न होने की अवस्था में गर्भाशय की आंतरिक मोटी भित्ति रक्तवाहिनियों के साथ टूटकर रक्तस्राव के रूप में योनि मार्ग से बाहर आती है । यह रजोधर्म कहलाता है। अंडाशय तथा गर्भाशय में होने वाली चक्रीय प्रक्रियाएँ जो हर 28 वें दिन के रजोधर्म के बाद आवर्त होती हैं, उन्हें आवर्त चक्र या रजोधर्म कहते हैं ।

प्रश्न 11.
रजोदर्शन और रजोनिवृत्ति में अंतर लिखिए।
उत्तर:
रजोदर्शन –
(1) यौवनावस्था में पहला ऋतुस्राव।
(2) 10 – 12 वर्ष की आयु में प्रारम्भ होता है ।
(3) जनन काल का आरम्भ ।

रजोनिवृत्ति –
(1) ऋतुस्राव की समाप्ति ।
(2) 45-50 वर्ष की आयु में होता है ।
(3) जनन काल की समाप्ति।

प्रश्न 12.
आयोडीन युक्त नमक के उपयोग लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
थायरॉक्सिन हार्मोन के उत्पादन के लिए आयोडीन की उपस्थिति आवश्यक है। भोजन में आयोडीन की कमी होने से मनुष्य को गॉयटर नामक रोग हो जाता है।

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प्रश्न 13,
ऐसे खाद्य पदार्थों के नाम लिखिए जो समुचित वृद्धि के लिए उत्तरदायी हैं। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
भोजन में प्रोटीन, कार्बोडाइड्रेट्स, वसा, विटामिन एवं खनिज का पर्याप्त मात्रा में समावेश होना चाहिए जो समुचित वृद्धि के लिए उत्तरदायी हैं। रोटी, चावल, दाल, सब्जियाँ, दूध एवं फल एक संतुलित आहार है।

प्रश्न 14.
नियमित व्यायाम करने के क्या लाभ हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
ताजी हवा में टहलना एवं खेलना शरीर को चुस्त एवं स्वस्थ रखता है। नियमित व्यायाम करने से हमारा शरीर रोग प्रतिरोधी हो जाता है।

प्रश्न 15.
किशोरों को नशीले पदार्थों का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए?
उत्तर:
नशीले पदार्थ शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। यह स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। किशोर अवस्था में मन और शरीर अधिक क्रियाशील होता है। किसी के बहकावे में आकर कभी भी नशा नहीं करना चाहिए। जब एक बार नशा करने की लत लग जाती है तब बार-बार नशा करने को मन करता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किशोरावस्था व्यक्ति की मानसिक, बौद्धिक एवं संवेदनात्मक परिपक्वता से किस प्रकार संबधित है?
उत्तर:
किशोरावस्था व्यक्ति के सोचने के ढंग से परिवर्तन की अवधि भी है। पहले की अपेक्षा किशोर अधिक स्वतंत्र एवं अपने प्रति अधिक सचेत होता है। उनमें बौद्धिक विकास भी होता है तथा वे सोचने-विचारने में काफी समय लेते हैं। वास्तव में किसी व्यक्ति के जीवन में यह वह समय है जब उसके मस्तिष्क की सीखने की क्षमता सर्वाधिक होती है। कभी-कभी, यद्यपि, किशोर शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तनों के प्रति अपने आपको ढालने हेतु प्रयास करता हुआ स्वयं को असुरक्षित महसूस करता है। परन्तु किशोर होने के नाते आपको समझना चाहिए कि असुरक्षित महसूस करने का कोई कारण नहीं है। ये परिवर्तन प्राकृतिक हैं जो शारीरिक वृद्धि के कारण उत्पन्न हो रहे हैं।

प्रश्न 2.
किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन हार्मोन द्वारा नियंत्रित होते हैं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन हार्मोन द्वारा नियंत्रित होते हैं। हार्मोन रासायनिक पदार्थ हैं। यह अंतःस्रावी ग्रंथियों अथवा अंतःस्रावी तंत्र द्वारा स्रावित किए जाते हैं। यौवनारम्भ के साथ ही वृषण पौरुष हर्मोन अथवा टेस्टोस्टेरॉन का स्रवण प्रारम्भ कर देता है। यह लड़कों में परिवर्तनों का कारक है। उदाहरण के लिए चेहरे पर बालों का आना। लड़कियों में यौवनारम्भ के साथ ही अंडाशय स्त्री हर्मोन अथवा एस्ट्रोजन उत्पादित करना प्रारम्भ कर देता है जिससे स्तन विकसित हो जाते हैं। दुग्धस्रावी ग्रंथियाँ अथवा दुग्ध ग्रंथियाँ स्तन के अंदर विकसित होती हैं। इन हार्मोनों के उत्पादन का नियंत्रण एक अन्य हार्मोन द्वारा किया जाता है जो पीयूष ग्रंथि अथवा पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा स्रावित किया जाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 3.
संतति का लिंग-निर्धारण किस प्रकार होता है। विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर:
निषेचित अंडाणु अथवा युग्मनज में, जन्म लेने वाले शिशु के लिंग निर्धारण का संदेश होता है। यह संदेश निषेचित अंडाणु में धागे-सी संरचना अर्थात गुणसूत्रों में निहित होता है। गुणसूत्र प्रत्येक कोशिका के केंद्रक में उपस्थित होते हैं। सभी मनुष्यों की कोशिकाओं के केन्द्रक में 23-जोड़े गुणसूत्र पाए जाते हैं। इनमें से 2 गुणसूत्र (1 जोड़ी) लिंग-सूत्र हैं जिन्हें x एवं Y कहते हैं। स्त्री में दो गुणसूत्र होते हैं जबकि पुरुष में एक x तथा एक Y गुणसूत्र होता है। युग्मक (अंडाणु तथा शुक्राणु) में गुणसूत्रों का एक जोड़ा होता है। अनिषेचित अंडाणु में सदा एक x गुणसूत्र होता है। परन्तु शुक्राणु दो प्रकार के होते हैं जिनमें एक प्रकार में x गुणसूत्र एवं दूसरे प्रकार में Y गुणसूत्र होता है।
जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो युग्मनज में दो x गुणसूत्र होंगे तथा वह मादा शिशु में विकसित होगा। यदि अंडाणु को निषेचित करने वाले शुक्राणु में Y गुणसूत्र है तो युग्मनज नर शिशु में विकसित होगा।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर -6

प्रश्न 4.
एक चित्र द्वारा मनुष्य के शरीर में अंत: स्रावी ग्रंथियों की स्थिति प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 5.
निम्नलिखित हार्मोन के कार्य लिखिए
(क) टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन
(ख) ऐस्ट्रोजन हार्मोन
(ग) थायरॉक्सिन हार्मोन
(घ) एड्रिनेलिव हार्मोन
(ङ) वृद्धि हार्मोन
(च) कीट हार्मोन
उत्तर:
(i) टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन के कार्य:

  • लड़कों के चेहरे पर बाल आना
  • शुक्राणुओं का उत्पादन
  • द्वितीयक लैंगिक लक्षणों जैसे- दाड़ी-मूंछ एवं आवाज का नियंत्रित होना।

(ii) ऐस्ट्रोजन हार्मोन के कार्य:

  • लड़कियों में स्तन का विकास
  • दुग्धस्रावी ग्रंथियों का स्तन के अंदर विकास
  • अंडाणु के उत्पादन पर नियंत्रण।

(iii) थायराक्सिन हार्मोन के कार्य:

  • पाचन में सहायक
  • मांसपेशियों के कार्य में सहायक
  • मस्तिष्क के विकास में सहायक।

(iv) एड्रिनेलिन हार्मोन के कार्य:

  • क्रोध, चिंता एवं उत्तेजना की अवस्था में तनाव के संयोजन का कार्य।

(v) वृद्धि हार्मोन के कार्य:

  • व्यक्ति की सामान्य वृद्धि के लिए आवश्यक।

(vi) कीट हार्मोन के कार्य:

  • कीटों में कायांतरण का नियंत्रण।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 6.
कीट एवं मेंढक में जीवन-चक्र पूर्ण करने में हार्मोन के योगदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रेशम के कीट के जीवन-चक्र में इल्ली को वयस्क शलभ बनने तक अनेक चरणों से गुजरना पड़ता है। इसी प्रकार मेंढक के जीवन-चक्र में टैडपोल को भी वयस्क मेंढक बनने के लिए अनेक चरणों से गुजरना पड़ता है। लारवा से वयस्क बनने के इस परिवर्तन को कार्यातरण कहते है। कीटों में कायांतरण का नियंत्रण कीट हार्मोन द्वारा होता है। मेंढक में थायरॉइड द्वारा स्रावित हार्मोन थायरॉक्सिन इसका नियमन करता है। थायरॉक्सिन के उत्पादन के लिए जल में आयोडीन की उपस्थिति आवश्यक है। यदि जल में जिसमें टैडपोल वृद्धि कर रहे हैं, पर्याप्त मात्रा में आयोडीन नहीं है तो टैडपोल वयस्क मेंढक में परिवर्धित नहीं हो सकते।

किशोरावस्था की ओर Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ किशोरावस्था (Adolescence) : जीवनकाल की वह अवधि है जब जनन परिपक्वता आती है।

→ यौवनारम्भ (Puberty) : 11 से 18 या 19 वर्ष की वह अवस्था जिसमें जनन चक्र का आरंभ होता है ।

→ स्वरयंत्र (Voice box) : मनुष्य के गले में उपास्थि से बना भाग, जो आवाज पैदा करता है ।

→ हार्मोन (Hormones) : रासायनिक पदार्थ जो शरीर की क्रियात्मक क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।

→ पीयूष ग्रन्थि (Pituitary gland) : मास्टर ग्रन्थि जो मस्तिष्क में उपस्थित होती है ।

→ इंसुलिन (Insulin) : रक्त में शक्कर के स्तर को नियंत्रित रखने वाला हार्मोन ।

→ टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) : यौवनारम्भ में वृषण द्वारा स्रावित नर हार्मोन ।

→ ऐस्ट्रोजन (Estrogen) : यौवनारम्भ में अंडाशय द्वारा स्रावित मादा हार्मोन, जो स्तनों का विकास करता है ।

→ थायरॉक्सिन (Thyroxin) : थाइरॉइड ग्रन्थि द्वारा स्रावित हार्मोन जो गले में स्थित होता है।

→ एड्रिनेलिन (Adrenalin) : रक्त में लवण की मात्रा के संतुलन के लिए एड्रीनल ग्रन्थि का स्राव ।

→ संतुलित आहार (Balanced diet) : वह आहार जिसमें सभी संतुलित आहार उचित अनुपात में हों।

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HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

HBSE 8th Class Science प्रकाश InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 200)

प्रश्न 1.
यदि मैं वर्पण पर प्रकाश अभिलम्ब के अनुविश डालूँ तो क्या होगा?
उत्तर:
इस स्थिति में, आपतन कोण शून्य अंश होगा, इसलिए परावर्तन के पश्चात् किरण समान पथ के अनुदिश अर्थात् अभिलम्ब की दिशा में लौट जायेगी ।

(पृष्ठ संख्या – 203)

प्रश्न 2.
मेरे मन में एक प्रश्न है । यदि परावर्तित किरणें किसी अन्य वर्पण पर आपतित हों, तो क्या वे फिर परावर्तित हो सकती हैं ?
उत्तर:
हाँ।

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HBSE 8th Class Science प्रकाश Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
मान लीजिए आप एक अंधेरे कमरे में हैं । क्या आप कमरे में वस्तुओं को देख सकते हैं? क्या आप कमरे के बाहर वस्तुओं को देख सकते हैं ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
नहीं, हम अंधेरे कमरे में रखी वस्तुओं को नहीं देख सकते क्योंकि कमरे में पड़ी वस्तुओं पर कोई प्रकाश नहीं पड़ रहा है और न ही वे स्वयं प्रकाश उत्सर्जित कर रही हैं । कमरे के बाहर की वस्तुएँ दिखाई दे सकती हैं, यदि उन पर प्रकाश की किरणें आपतित हों या वे अपना प्रकाश उत्सर्जित करें।

प्रश्न 2.
नियमित तथा विसरित परावर्तन में अंतर बताइए। क्या विसरित परावर्तन का अर्थ है कि परावर्तन के नियम विफल हो गए हैं ?
उत्तर:
नियमित तथा विसरित परावर्तन में अन्तरनियमित परावर्तन –
(1) परावर्तित किरणें समान्तर होती हैं।
(2) यह परावर्तन समतल और चिकने पृष्ठ पर होता हैं।

विसरित परावर्तन –
(1) परावर्तित किरणें असमान्तर होती हैं ।
(2) यह परावर्तन विषम एवं अनियमित पृष्ठ पर होता है।

प्रश्न 3.
निम्न में से प्रत्येक के स्थान के सामने लिखिए, यदि प्रकाश की एक समान्तर किरण पुंज इनसे टकराए तो नियमित परावर्तन होगा या विसरित परावर्तन होगा? प्रत्येक स्थिति में अपने उत्तर का औचित्य बताइए।
(क) पॉलिश युक्त लकड़ी की मेज ।
(ख) चाँक पाउडर ।
(ग) गत्ते का पृष्ठ ।
(घ) संगमरमर के फर्श पर फैला जल ।
(ङ) दर्पण ।
(च) कागज का टुकड़ा।
उत्तर:
(क) पॉलिशयुक्त लकड़ी की मेज : नियमित परावर्तन । कारण – लकड़ी की मेज पर पृष्ठ पॉलिश होने की वजह से समतल व चिकनी सतह है।
(ख) चॉक पाउडर : विसरित परावर्तन । कारण – चॉक पाउडर रूक्ष पृष्ठ प्रदान करता है ।
(ग) गत्ते का पृष्ठ : विसरित परावर्तन । कारण – यह अनियमित सतह है।
(घ) संगमरमर के फर्श पर फैला जल : नियमित परावर्तन। कारण – जल से तल समतल बन जाता है।
(ङ) दर्पण : नियमित परावर्तन । कारण – दर्पण का पृष्ठ समतल होता है।
(च) कागज का टुकड़ा : नियमित परावर्तन/विसरित परावर्तन । कारण – क्रमशः यदि कागज समतल है । यदि कागज रूक्ष है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

प्रश्न 4.
परावर्तन के नियम बताइए।
उत्तर:
परावर्तन के नियम –
(1) आपतन कोण = परावर्तन कोण ।
(2) आपतित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण सभी एक तल में होते हैं ।।

प्रश्न 5.
यह वशनि के लिए कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एक ही तल में होते हैं । एक क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एक मेज पर एक सफेद शीट फैलाइए । इस पर MM’ एक सीधी रेखा खींचिए । इस रेखा के अनुदिश समतल दर्पण की एक पट्टी ऊध्वाधर स्थिति में रखें। अब टॉर्च की सहायता से प्रकाश किरण इस तरह डालें कि इससे निकलने वाला पुंज मेज के समान्तर हो।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -1
आपतित और परावर्तित किरणों का एक सुन्दर पैटा प्राप्त होता है । एक पेंसिल से किसी भी पतित किरण पर तीन बिंदु A,B,C अंकित करें और इसकी संगत परावर्तित किरण पर बिन्दु D, E, F अंकित करें । टॉर्च बन्द कर दें । दर्पण हटा लें । अब बिन्दुओं को मिलाकर दर्पण तक बढ़ाएँ | ABC रेखा MM’ को O पर मिलाती है । इसी तरह DEF रेखा भी MM’ को O पर मिलाती है | OA आपतित किरण है जबकि OF परावर्तित किरण है । O पर अभिलम्ब ON खींचकर यह सिद्ध होता है कि आपतित किरण, परावर्तित किरण और आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एक ही तल में हैं।

प्रश्न 6.
नीचे दिए गए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) एक समतल दर्पण के सामने 1 मीटर दूर खड़ा व्यक्ति अपने प्रतिबिम्ब से …………………. मीटर दूरी पर दिखाई देता है।
(ख) यदि किसी समतल दर्पण के सामने खड़े होकर आप अपने दाए हाथ से अपने …………………. कान को छुएँ तो दर्पण में ऐसा लगेगा कि आपका दायाँ कान ……………. हाथ से छुआ गया है।
(ग) जब आप मंद प्रकाश में देखते हैं तो आपकी पुतली का साइज ………………. हो जाता है।
(घ) रात्रि पक्षियों के नेत्रों में शलाकाओं की संख्या की अपेक्षा शंकओं की संख्या ………………… होती है।
उत्तर:
(क) 2
(ख) बायें, बायें
(ग) बड़ा
(घ) अधिक।

सही विकल्प छाँटिए

प्रश्न 7.
आफ्तन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता
(क) सदैव
(ख) कभी-कभी
(ग) विशेष दशाओं में
(घ) कभी नहीं।
उत्तर:
(क) सदैव

प्रश्न 8.
समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब होता है:
(क) आभासी, दर्पण के पीछे तथा आवर्धित ।
(ख) आभासी, दर्पण के पीछे तथा वस्तु के साइज के बराबर ।
(ग) वास्तविक, दर्पण के पृष्ठ पर तथा आवर्धित ।
(घ) वास्तविक, दर्पण के पीछे तथा वस्तु के साइज के बराबर ।
उत्तर:
(ख) आभासी, दर्पण के पीछे तथा वस्तु के साइज के बराबर ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

प्रश्न 9.
कैलाइडोस्कोप की रचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कैलाइडोस्कोप- यह एक खिलौना है जिससे अनेक प्रतिबिम्ब बनाये जा सकते हैं। बहुमूर्तिदर्शी (कैलाइडोस्कोप) दर्पण में तीन आयताकार पट्टियों को प्रिज्म की आकृति में जोड़ा जाता है और एक मोटे चार्ट पेपर से बने बेलनाकार ट्यूब में लगा दिया जाता है । ट्यूब के एक सिरे के केन्द्र पर छिद्रयुक्त एक गत्ते की डिस्क लगाते हैं और दूसरे सिरे पर समतल काँच की वृत्ताकार प्लेट, दर्पण को छूते हुए दृढ़तापूर्वक चिपका देते हैं । इसके ऊपर कुछ रंगीन कांच के टुकड़े रखकर घिसे हुए काँच की प्लेट से बन्द कर देते हैं । अब बहुमूर्तिदर्शी तैयार हो जाता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -2

प्रश्न 10.
मानव नेत्र का एक नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
मानव नेत्र का नामांकित चित्र –
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -3

प्रश्न 11.
गुरमीत लेजर टॉर्च के द्वारा पाठ्य-पुस्तक क्रियाकलाप 16.8 को करना चाहता था। उसके अध्यापक ने ऐसा करने से मना किया । क्या आप अध्यापक की सलाह के आधार की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
लेजर टॉर्च की किरण आँख के रेटिना को क्षति पहुँचा सकती है । अतः अध्यापक ने लेजर टॉर्च का उपयोग करने से मना किया ।

प्रश्न 12.
वर्णन कीजिए कि आप अपने नेत्रों की देखभाल कैसे करेंगे?
उत्तर:
नेत्र प्रकृति की बहुमूल्य देन हैं । नेत्रों की उचित देखभाल अत्यन्त आवश्यक है, हम अपने नेत्रों की देखभाल निम्न तरीकों से कर सकते हैं
(1) स्वस्थ और साफ आँखों के लिए विटामिनयुक्त भोजन लेना चाहिए ।
(2) सूर्य या किसी शक्तिशाली प्रकाश स्रोत को सीधा नहीं देखना चाहिए । सूर्य ग्रहण को नग्न आँखों से नहीं देखना चाहिए।
(3) बहुत तेज अथवा मंद प्रकाश में नहीं पढ़ना चाहिए।
(4) चलते हुए वाहन में किताब या अखबार नहीं पढ़ना चाहिए ।
(5) साफ जल से प्रतिदिन नेत्रों की सफाई करनी चाहिए ।
(6) बहुत गर्मी वाले दिनों में धूप के चश्मे का उपयोग करना चाहिए।

प्रश्न 13.
यदि परावर्तित किरण, आपतित किरण से 90 डिग्री का कोण बनाए तो आपतन कोण का मान कितना होगा?
उत्तर:
यदि ∠i = आपतन कोण
∠r = परावर्तन कोण
तो ∠i + ∠r = 90° (प्रश्नानुसार)
पर ∠i = ∠r = (परावर्तन के नियमानुसार)
या 2∠i = 90°
∠i = \(\frac{90°}{2}\) = 45°

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

प्रश्न 14.
यदि दो समान्तर समतल दर्पण एक-दूसरे से 40 सेमी. के अंतराल पर रखे हों तो इनके बीच रखी एक मोमबत्ती के कितने प्रतिबिम्ब बनेंगे?
उत्तर:
यदि दो समतल दर्पण 40 सेमी. की दूरी पर समान्तर रखे हों तो –
n = \(\frac{360°}{θ}\) = -1 समान्तर दर्पणों के लिए, θ = 0°
इस कारण n = \(\frac{360°}{θ}\) = -1 = ∞ – 1 = ∞ (अनन्त)
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -4

प्रश्न 15.
दो दर्पण एक-दूसरे के लम्बवत् रखे हैं । प्रकाश की एक किरण एक दर्पण पर 30 डिग्री के कोण पर आपतित होती है जैसाकि चित्र में दर्शाया गया है । दूसरे दर्पण से परावर्तित होने वाली परावर्तित किरण बनाइए ।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -5
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -6

प्रश्न 16.
चित्र में वर्शाए अनुसार बूझो एक समतल वर्पण के ठीक सामने पार्श्व से कुछ हटकर एक किनारे आकर खड़ा होता है । क्या यह स्वयं को वर्पण में देख सकता है? क्या वह PQ तथा R पर स्थित वस्तुओं के प्रतिबिम्ब भी देख सकता है?
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -7
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -8

बूझो स्वयं को नहीं देख सकता क्योंकि वह दर्पण की सीमा के बाहर है । उसे P और Q के प्रतिबिम्ब सरलता से दिखाई देंगे।

प्रश्न 17.
(a) A बिन्दु पर स्थित किसी वस्तु के समतल दर्पण में बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति ज्ञात कीजिए।
(b) क्या स्थिति B से पहेली प्रतिबिम्ब को देख सकती है?
(c) क्या स्थिति C से बूझो इस प्रतिबिम्ब को देख सकता है ?
(d) जब पहेली B से C पर चली जाती है तो A का प्रतिबिम्ब किस ओर खिसक जाता है ?
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -9
उत्तर:
(a)A का प्रतिबिम्ब । पर दर्पण के पीछे समान दूरी पर बनता है, यह आभासी व A के बराबर आकार का है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -10
(b) स्थिति B से पहेली C का प्रतिबिम्ब देख सकती है।
(c) स्थिति C से बूझो A का प्रतिबिम्ब देख सकता है।
(d) जब स्थिति B से पहेली स्थिति C पर जाती है तो प्रतिबिम्ब आगे की ओर खिसकता है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

HBSE 8th Class Science कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. आपतन कोण एवं परावर्तन कोण में परावर्तन के समय सम्बन्ध होता है
(अ) आपतन कोण > परावर्तन कोण
(ब) आपतन कोण < परावर्तन कोण
(स) आपतन कोण = परावर्तन कोण
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(स) आपतन कोण = परावर्तन कोण

2. अभिलम्ब पर आपतित किरण के लिए परावर्तन कोण का मान होगा –
(अ) 90°
(ब) 0°
(स) 45°
(द) 180°
उत्तर:
(ब) 0°

3. वृक तंत्रिकाओं तथा रेटिना की संधि पर कोई तंत्रिका कोशिका नहीं होती, इस बिन्दु को कहते हैं
(अ) अंध बिन्दु
(ब) स्वच्छ मण्डल
(स) दृष्टि पटल
(द) परितारिका ।
उत्तर:
(अ) अंध बिन्दु

4. विटामिन A की कमी से होने वाला रोग है
(अ) रतौंधी
(ब) बेरी-बेरी
(स) स्क र्वी
(द) रिकेट्स।
उत्तर:
(अ) रतौंधी

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रिक्त स्थान पूर्ति

(क) किसी पृष्ठ पर पड़ने वाली प्रकाश-किरण को ……………… कहते हैं।
(ख) पृष्ठ से परावर्तन के पश्चात् वापस आने वाली प्रकाश-किरण को …………….. कहते हैं।
(ग) आपतित किरण तथा अभिलम्ब के बीच के कोण को …………… कहते हैं।
(घ) चिकने पृष्ठ से होने वाले परावर्तन को …………………. कहते हैं।
उत्तर-(क) आपतित किरण (ख) मरावर्तित किरण (ग) आपतन कोण (घ) नियमित परावर्तन।

सुमेलन

कॉलम – Iकॉलम – II
1. शंकु(क) प्रतिबिम्ब बनता है
2. शलाका(ख) आइरिस
3. रेटिना(ग) तीव्र प्रकाश के लिए सुग्राही
4. अंध बिन्दु(घ) प्रतिबिम्ब नहीं बनता
5. परितारिका(ङ) मंद प्रकाश के लिए सुग्राही

उत्तर:

कॉलम – Iकॉलम – II
1. शंकु(ग) तीव्र प्रकाश के लिए सुग्राही
2. शलाका(ङ) मंद प्रकाश के लिए सुग्राही
3. रेटिना(क) प्रतिबिम्ब बनता है
4. अंध बिन्दु(घ) प्रतिबिम्ब नहीं बनता
5. परितारिका(ख) आइरिस

सत्य / असत्य कथन

(क) आँख के पारदर्शी अग्रभाग को कार्निया या स्वच्छ मण्डल कहते हैं।
(ख) पुतली के साइज को परितारिका से नियंत्रित किया जाता है।
(ग) अंध बिन्दु पर सबसे अच्छा प्रतिबिम्ब बनता है।
(घ) रेटिना में शंकु एवं शलाकाएँ पायी जाती हैं।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) सत्य
(ग) असत्य
(घ) सत्य।

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किस उपकरण का प्रयोग परावर्तन के नियम को सिद्ध करने के लिए किया जाता है ?
उत्तर:
किरण स्ट्रीक उपकरण का ।

प्रश्न 2.
किस यंत्र का उपयोग करके एक बौना व्यक्ति भीड़ में से ऊपर देख सकता है ?
उत्तर:
पेरिस्कोप द्वारा।

प्रश्न 3.
पार्श्व परिवर्तन क्या है?
उत्तर:
समतल दर्पण में बने प्रतिबिम्ब के दाई ओर का भाग बाई ओर तथा बाईं ओर का भाग दाईं ओर बनता है।

प्रश्न 4.
अंब बिन्दु क्या है ?
उत्तर:
दृक् तंत्रिकाओं तथा रेटिना की संधि पर कोई तंत्रिका कोशिका नहीं होती । यह बिन्दु अंध बिन्दु कहलाता

प्रश्न 5.
मंद प्रकाश के लिए कौन-सी संवेदन कोशिकाएँ है।
उत्तर:
शलाकाएँ।

प्रश्न 6.
वास्तविक प्रतिबिम्ब क्या है?
उत्तर:
वास्तविक प्रतिबिम्ब वह बिन्दु है जहाँ पर परावर्तन या अपवर्तन के बाद प्रकाश किरण वास्तव में मिलती है। यह सदैव उल्टा होता है ।

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प्रश्न 7.
आभासी प्रतिबिम्ब क्या है?
उत्तर:
आभासी प्रतिबिम्ब वह बिन्दु है जहाँ पर परावर्तन या अपवर्तन के पश्चात् प्रकाश किरण मिलती प्रतीत होती है, यह बिन्दु आभासी प्रतिबिम्ब है । यह हमेशा सीधा होता है।

प्रश्न 8.
हमें किस प्रकार का दर्पण चाहिए, यदि प्रतिबिम्ब समान आकार का प्राप्त करना है ?
उत्तर:
समतल दर्पण ।

प्रश्न 9.
हमें वस्तुओं के दिखाई देने का क्या कारण है?
उत्तर:
वस्तु से आने वाला प्रकाश जब हमारे नेत्रों में प्रवेश करता है, तब वस्तुएँ दिखाई देती हैं।

प्रश्न 10.
प्रकाश का सात रंगों में विभाजन होने की क्रिया को क्या कहते हैं?
उत्तर:
प्रकाश का विक्षेपण ।

प्रश्न 11,
जब प्रकाश किरण किसी दर्पण से टकराती है तो वह किस प्रकार का व्यवहार करती है?
उत्तर:
प्रकाश किरण दर्पण से टकराने के पश्चात् दूसरी दिशा में परावर्तित हो जाती है।

प्रश्न 12.
किसी पृष्ठ पर पड़ने वाली प्रकाश किरण क्या कहलाती है?
उत्तर:
आपतित किरण।

प्रश्न 13.
जब किसी अनियमित पृष्ठ पर प्रकाश किरणें आपतित होती हैं तो परावर्तन किस प्रकार का होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
अनियमित परावर्तन।

प्रश्न 14.
जब किसी चिकने पृष्ठ पर प्रकाश किरणें आपतित होती हैं तो परावर्तन किस प्रकार का होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
नियमित परावर्तन।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आभासी प्रतिबिम्ब तथा वास्तविक प्रतिबिम्ब में क्या अन्तर है?
उत्तर:
आभासी प्रतिबिम्ब –
(1) ये सदा सीधे बनते हैं।
(2) इन्हें पर्दे पर नहीं लिया जा सकता ।
(3) प्रकाश की किरणें परावर्तन या अपवर्तन के बाद एक बिन्दु पर मिलती प्रतीत होती हैं।

वास्तविक प्रतिबिम्ब –
(1) ये सदैव उल्टे बनते हैं ।
(2) इन्हें पर्दे पर लिया जा सकता है ।
(3) प्रकाश की किरणें परावर्तन या अपवर्तन के बाद वास्तव में एक बिन्दु पर मिलती हैं।

प्रश्न 2.
परावर्तन क्या है ? परावर्तन के नियम लिखिए।
उत्तर:
परावर्तन : दो माध्यमों को अलग-अलग करने वाली सतह से प्रकाश किरण टकराकर वापस उसी माध्यम में लौट जाती है । यह परिघटना ही परावर्तन है । इसमें प्रकाश माध्यम को न बदलकर मार्ग को बदल देता है।

प्रश्न 3.
एक काँच पट्टिका में प्रकाश विक्षेपण क्यों नहीं होता।
उत्तर:
एक काँच पट्टिका से निकलने वाली निर्गत किरणें एक-दूसरे के समान्तर हो जाती हैं । इस कारण प्रकाश विक्षेपण नहीं होता ।

प्रश्न 4.
समतल दर्पण पर से लम्बवत् प्रकाश किरण उसी मार्ग से क्यों वापस जाती है?
उत्तर:
परावर्तन के नियम के अनुसार आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है । जब किरण लम्बवत् आपतित है, आपतन कोण शून्य है इसलिए परावर्तन कोण भी शून्य होगा । इस कारण किरण जो लम्बवत आपतित है, उसी मार्ग से वापस लौटती है ।

प्रश्न 5.
प्रकाश का परावर्तन कितने प्रकार का होता है? समझाइए ।
उत्तर:
प्रकाश का परावर्तन निम्नलिखित दो प्रकार का होता है
(1) नियमित परावर्तन – जब प्रकाश किसी समतल चिकने पृष्ठ जैसे समतल दर्पण पर आपतित होता है तो प्रकाश की प्रत्येक किरण एक निश्चित दिशा में परावर्तित होती है, इसे नियमित परावर्तन कहते हैं।
(2) विसरित परावर्तन – जब प्रकाश किरण किसी खुरदरे सतह पर आपतित होती है तो ये किरणें भिन्न-भिन्न दिशाओं में परावर्तित होती है, इसे विसरित या अनियमित परावर्तन कहते हैं।

प्रश्न 6.
कम प्रकाश के होने पर हम किसी वस्तु के सही रंगों का पता क्यों नहीं लगा पाते?
उत्तर:
कम प्रकाश होने पर शलाकाएँ तो सुग्राही होती हैं परन्तु शंकु कोशिकाएँ उतनी नहीं । शंकु कोशिकाओं के द्वारा ही रंगों की उचित अनुक्रिया होती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

प्रश्न 7.
क्या प्राथमिक प्रकाश के सभी वर्गों हेतु दृष्टिपटल की शंकु कोशिकाओं की सुग्राहिता बराबर होती है ?
उत्तर:
नहीं, शंकु कोशिकाएँ प्राथमिक रंग लाल, हरा तथा नीले प्रकाश के लिए अलग-अलग संवेदी होती हैं। जब लाल प्रकाश दृष्टि पटल पर आपतित होता है तो केवल वही कोशिकाएँ संवेदी हो जाती हैं जो लाल रंग के लिए उत्तरदायी है, शेष कोशिकाएं सर्वदा नहीं होता है।

प्रश्न 8.
प्रदीप्त पिण्ड से क्या तात्पर्य है ? समझाइए।
उत्तर:
जो पिण्ड दूसरी वस्तुओं के प्रकाश में चमकते हैं उन्हें प्रदीप्त पिण्ड कहते हैं । जैसे- चन्द्रमा सूर्य के प्रकाश में परावर्तन के कारण चमकता है अत: यह एक प्रदीप्त पिण्ड है। स्वयं चमकने वाले पिण्ड दीप्त पिण्ड कहलाते हैं।

प्रश्न 9.
समतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब बनना केवल आरेख द्वारा दर्शाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -11

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सिद्ध कीजिए आपतन कोण तथा परावर्तन कोण बराबर होते हैं
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -12
(i) आपतन कोण – आपतन कोण i आपतित किरण व अभिलम्ब के बीच बनता है ।
∠AON = ∠i
(ii) परावर्तन कोण – परावर्तन कोण r परावर्तित किरण व अभिलम्ब के बीच बनता है ।
∠BON = ∠r
सम्बन्ध ∠AON = ∠BON
∠i = ∠r

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

प्रश्न 2.
मानव नेत्र का वर्णन कीजिए । नेत्र का कार्य क्या
उत्तर:
मानव नेत्र (Human Eye):
नेत्र मनुष्य के शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है । इसके द्वारा मानव सभी वस्तुओं को देख सकता है। मानव की आँख एक कैमरे की भांति कार्य करती है। नेत्र के निम्नलिखित भाग होते हैं
(1) तृढ़ पटल (Sclerotic) : मानव नेत्र एक खोखले गोले के समान होता है, यह बाहर से एक दृढ़ व अपारदर्शी श्वेत परत से ढका रहता है। इस परत को दृढ़ पटल कहते हैं। इसके द्वारा नेत्र के भीतरी भागों की सुरक्षा होती है ।
(2) रक्त पटल (Choroid) : दृढ़ पटल के भीतरी पृष्ठ पर एक काले रंग की झिल्ली लगी रहती है इसे रक्तक पटल कहते हैं । यह आपतित प्रकाश का अवशोषण करता है, इसे कोराइड भी कहते हैं।
(3) कॉर्निया – नेत्र गोलक के पृष्ठ का पारदर्शी उभार एक पतली पारदर्शी झिल्ली से ढका रहता है जिसे स्वच्छ पटल अथवा कॉर्निया कहते हैं । आँख में प्रविष्ट होने वाला प्रकाश सर्वप्रथम कॉर्निया से ही गुजरता है।
(4) आइरिस – कॉर्निया के पीछे एक रंगीन एवं अपारदर्शी झिल्ली का पर्दा होता है जिसे आइरिस कहते हैं।
(5) पुतली अथवा तारा (Pupil) – आइरिस के बीच में एक छोटा-सा छिद्र होता है जिसे पुतली अथवा नेत्र तारा कहते हैं । कॉर्निया से आया प्रकाश पुतली से होकर लेन्स पर आपतित होता है । पुतली की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि अन्धकार में यह अपने आप बड़ी व अधिक प्रकाश में अपने आप छोटी हो जाती है, इस प्रकार यह नेत्र में जाने वाले प्रकाश को नियन्त्रित करती है ।
(6) नेत्र-लेन्स (Eye-lens)- पुतली के ठीक पीछे पारदर्शी ऊतक का बना उत्तल लेन्स होता है, जिसे नेत्र लेन्स कहते हैं । इसके माय क पिछले भाग की त्रिज्या अगले भाग को अपेक्षा अधिक होती है। नेत्र लेन्स मांसपेशियों के तोर बीच टिका रहता है जिन्हें एमाल्यूमा सिलियरी माँसपेशियाँ कहा जाता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -13
(7) जलीय द्रव (Aqueous humour)- कॉर्निया व नेत्र-लेन्स के बीच जल के समान एक नमकीन पारदर्शी द्रव भरा रहता है, जिसे जलीय द्रव कहते हैं।
(8) काचाभ वब (Vitreous humour)-लेन्स के पीछे दृश्य पटल तक का स्थान एक गाढ़े पारदर्शी द्रव से भरा रहता है जिसे काचाभ द्रव कहते हैं। इसका अपवर्तनांक उच्च होता है।
(9) दृष्टि पटल (Retina)- रक्तक पटल के नीचे की ओर स्थित पारदर्शी झिल्ली को रेटिना कहते हैं, इसे दृष्टि पटल भी कहा जाता है । यह बहुत सारी प्रकाश शिराओं की एक फिल्म होती है । रेटिना पर बने प्रतिबिम्ब के रूप, रंग एवं आकार आदि का मस्तिष्क को ज्ञान इन्हीं शिराओं द्वारा होता है।
(10) पीत बिन्दु तथा अन्ध बिन्तु (Yellow spot and Dark spot)- रेटिना के मध्य में एक पीला भाग होता है. इसकी सुग्राहिता सबसे अधिक होती है । इस भाग को पीत बिन्दु कहते हैं। जिस स्थान पर प्रकाश की सुनाहिता शून्य होती है, उसे अन्ध बिन्दु कहते हैं।

नेत्र का कार्य (Working of eye):
जब हमारी पलकें खुली होती हैं तब हमारे सामने रखी वस्तु से चली किरणें कॉर्निया पर आपतित होती हैं । यहाँ से किरणें अपवर्तित होकर रेटिना पर आपतित होती हैं तथा रेटिना पर वस्तु का उल्टा प्रतिबिम्ब बनता है । प्रतिबिम्ब की सूचना प्रकाश शिराओं द्वारा रेटिना की संवेदी कोशिकाओं से होकर मस्तिष्क में पहुँचती है । मस्तिष्क उसका ज्ञान अनुभव द्वारा प्राप्त कर लेता है।

प्रश्न 3.
नेत्र में किस प्रकार के दोष उत्पन्न होते हैं?
उत्तर:
1. निकट दृष्टि दोष :- कुछ मनुष्य पास रखी वस्तु को स्पष्ट रूप से देख पाते हैं परन्तु दूर की वस्तुओं को नहीं देख पाते हैं।
2. दूर दृष्टि दोष :- कुछ मनुष्य निकट रखी वस्तुओं को स्पष्ट से नहीं देख पाते हैं जबकि दूर स्थित वस्तु को आसानी से देख पाते हैं।

मोतियाबिन्द – कभी-कभी (विशेष रूप से वृद्धावस्था में) नेत्रदृष्टि धुंधली हो जाती है, इसका कारण नेत्र लैंस के धुंधला होने के कारण होता है तथा दृष्टि कमजोर हो जाती है । इस दोष को मोतियाबिन्द कहते हैं । इस दोष के निवारण के लिए अपारदर्शी लेंस को हटाकर नया कृत्रिम लेंस लगा दिया जाता है ।

प्रश्न 4.
प्रकाश के परावर्तन को किसी क्रियाकलाप द्वारा समझाइए।
उत्तर:
क्रियाकलाप:- किसी मेज या ड्राइंग बोर्ड पर सफेद कागज की शीट लगाइए। एक कंघा लीजिए और इसके बीच के एक दांत को छोड़कर सभी खुले स्थानों को बन्द कर दीजिए। इस कार्य के लिए आप काले कागज की एक पट्टी प्रयोग कर सकते है। कंधे को कागज की शीट के लम्बवत् पकड़िए। एक टॉर्च की सहायता से कंधे के खुले स्थान पर एक ओर प्रकाश डालिए। टॉर्च तथा कंधे के थोड़े से समायोजन के पश्चात् आप कंधे के दूसरी ओर कागज की शीट के अनुदिश प्रकाश की एक किरण देखेंगे।

कंघे तथा टॉर्च को इस स्थिति में स्थिर रखिए। प्रकाश किरण गमन पथ के सामने समतल दर्पण की एक पट्टी रखिए। जब कागज की पूरी शीट को मेज के ऊपर फैलाते हैं, तो यह एक तल को निरूपित करती है। आपतित किरण, आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण ये सभी इस तल में होते है। जब कागज को मोड़ा जाता है तो इसमें एक नया तल बनता है जो उस तल से भिन्न होता है। जिसमें आपतित किरण तथा अभिलम्ब स्थित है। तब हम परावर्तित किरण नहीं देख पाते। यह दर्शाती है कि आपतित किरण, आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण ये सभी एक तल में होते हैं। यह परावर्तन का एक अन्य नियम है।

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प्रकाश Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ अभिलम्ब (Normal)- आपतन बिन्दु पर लम्बवत् रूप से खींची गई रेखा ।

→ प्रकाश का स्रोत (Source of light)- एक ऐसा पिंड, जो प्रकाश उत्सर्जित करता है।

→ आपतन कोण (Angle of incidence) – आपतित किरण और अभिलम्ब के बीच का कोण जो आपतन बिन्दु पर बनता है, आपतन कोण कहलाता है।

→ परावर्तन कोण (Angle of reflection)- परावर्तित किरण और अभिलम्ब के बीच का वह कोण जो परावर्तन बिन्दु पर मिलता है. परावर्तन कोण कहलाता है।

→ वर्पण (Mirror)- समतल और पॉलिश की गई पृष्ठ जो प्रकाश का परावर्तन करती है।

→ पर्दा (Screen)- श्वेत शीट अथवा पृष्ठ जिस पर प्रतिबिंब बनता है ।

→ आपतित किरण (Incident ray) – प्रकाश के स्रोत से पृष्ठ पर पड़ती किरण ।

→ कैलाइडोस्कोप (Keleiodeoscope) – यंत्र जो बहुमुखी परावर्तन पर आधारित होता है तथा जिससे विभिन्न डिजाइन बनाए जाते हैं।

→ प्रकाश का विक्षेपण (Dispersion of light)- प्रकाश किरण का सात रंगों में विभाजित होना ।

→ रंगों की पहचान (Perception of colour)- मानव नेत्र में शंकु और शल्काएँ हैं, जो प्रकाश संवेदी हैं । रंगों के प्रति शंकु संवेदक होते हैं ।

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HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव

HBSE 8th Class Science विधुत धारा के रासानिक प्रभाव InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 178)

प्रश्न 1.
विद्युत लेपन के क्रियाकलाप को करने के पश्चात् पहेली ने इलेक्ट्रोडों को आपस में बदलकर क्रियाकलाप को दोहराया । आपके विचार से इस बार वह क्या प्रेक्षण करेगी?
उत्तर:
पहेली को गैस के बुलबुले प्राप्त होंगे।

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HBSE 8th Class Science विधुत धारा के रासानिक प्रभाव Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) विद्युत चालन करने वाले अधिकांश द्रव ………….., ………….. तथा ………….. के विलयन होते हैं।
(ख) किसी विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर ………….. प्रभाव उत्पन्न होता है।
(ग) यदि कॉपर सल्फेट विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित की जाए तो कॉपर बैटरी के ………….. टर्मिनल से संयोजित प्लेट पर निक्षेपित होता है।
(घ) विद्युत धारा द्वारा किसी पदार्थ पर वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को ………….. कहते हैं।
उत्तर:
(क) अम्ल, क्षार, लवण
(ख) रासायनिक
(ग) ऋण
(घ) विधुतलेपन ।

प्रश्न 2.
जब किसी संपरीक्षित्र के स्वतंत्र सिरों को किसी विलयन में डुबोते हैं तो चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। क्या आप ऐसा होने के कारण की व्याख्या कर सकते
उत्तर:
हाँ । संपरीक्षित्र के स्वतंत्र सिरों को विलयन में डुबोते हैं, तो विद्युत धारा के प्रवाहित होने के कारण चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। क्योंकि चुम्बकीय सुई का विक्षेपन विद्युत धारा पर निर्भर करता है। विद्युत धारा का प्रभाव जितना अधिक होगा, चुम्बकीय सुई का विक्षेपण भी उतना ही अधिक होगा।

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प्रश्न 3.
ऐसे तीन द्रवों के नाम लिखिए जिनका परीक्षण चित्र में वर्शाए अनुसार करने पर चुंबकीय सुई विक्षेपित हो सके।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव -1
उत्तर:
1. टोंटी का पानी, 2. नींबू का पानी, 3. कॉपर सल्फेट का जलीय विलयन।

प्रश्न 4.
चित्र में दर्शायी गई व्यवस्था में बल्ब नहीं जलता। क्या आप सम्भावित कारणों की सूची बना सकते हैं? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव -2
उत्तर:
चित्र में दर्शायी गई व्यवस्था से बल्ब न जलने के निम्न संभावित कारण हो सकते हैं- हो सकता है कि विद्युत धारा दुर्बल हो । इसके लिए एल. ई. डी. का उपयोग किया जा सकता है जो दुर्बल विद्युत धारा प्रवाहित होने पर भी दीप्त होता है । इसका कारण यह भी हो सकता है कि बीकर में विद्युत अपघट्य न हों । ग्लूकोज विलयन, ऐल्कोहल अथवा आसुत जल न होने पर भी बल्ब नहीं जलेगा।

प्रश्न 5.
दो द्रवों ‘A’ तथा ‘B’ के विद्युत चालन की जाँच करने के लिए एक संपरीक्षित्र का प्रयोग किया गया । यह देखा गया कि संपरीक्षित्र का बल्ब द्रव ‘A’ के लिए चमकीला दीप्त हुआ जबकि द्रव ‘B’ के लिए अत्यन्त धीमा दीप्त हुआ । आप निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि
(1) द्रव ‘A’, द्रव ‘B’से अच्छा चालक है।
(2) द्रव ‘B’, द्रव ‘A’ से अच्छा चालक है।
(3) दोनों द्रवों की चालकता समान है।
(4) द्रवों की चालकता के गुणों की तुलना इस प्रकार नहीं की जा सकती।
उत्तर:
(1) द्रव ‘A’, द्रव ‘B’ से अच्छा चालक है।

प्रश्न 6.
क्या शुद्ध जल विद्युत का चालन करता है ? यदि नहीं तो इसे चालक बनाने के लिए हम क्या कर सकते
उत्तर:
शुद्ध जल विद्युत का चालन नहीं करता । शुद्ध जल को चालक बनाने के लिए अम्ल, क्षार या लवण को जल में मिलाकर उसका विलयन प्राप्त किया जाता है। यदि हम उसमें नमक, चीनी या कुछ बूंदें सल्फ्यूरिक अम्ल की मिला दें तो जल विद्युत का चालन करेगा ।

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प्रश्न 7.
आग लगने के समय, फायरमैन पानी के हौज (पाइपों) का उपयोग करने से पहले उस क्षेत्र की मुख्य विद्युत आपूर्ति को बंद कर देते हैं । व्याख्या कीजिए कि वे ऐसा क्यों करते हैं?
उत्तर:
नल का जल विद्युत का सुचालक है । विद्युत के झटके से बचने के लिए फायरमैन पानी के हौज (पाइपों) का उपयोग करने से पहले मुख्य विद्युत आपूर्ति को बंद कर देते हैं।

प्रश्न 8.
तटीय क्षेत्र में रहने वाला एक बालक अपने संपरीक्षित्र से पीने के पानी तथा समुद्र के पानी का परीक्षण करता है । वह देखता है कि समुद्र के पानी के लिए चुम्बकीय सुई अधिक विक्षेप वर्शाती है। क्या आप कारण की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
साधारण पानी की अपेक्षा समुद्र के पानी में लवणों की मात्रा अधिक होती है । साधारण पानी में विद्युत का चालन नहीं होता किन्तु समुद्र का पानी विद्युत का चालन आसानी से कर सकता है । इस कारण चुम्बकीय सुई समुद्र के पानी में अधिक विक्षेप दर्शाती है।

प्रश्न 9.
क्या तेज वर्षा के समय किसी लाइनमैन के लिए बाहरी मुख्य लाइन के लिए विद्युत तारों की मरम्मत करना सुरक्षित होता है ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
तेज वर्षा के समय बाहरी मुख्य लाइन के विद्युत तारों की मरम्मत करने पर करंट लगने की सम्भावना बढ़ जाती है, क्योंकि बारिश का जल लवणों का विलयन है, इसलिए विद्युत का सुचालक है।

प्रश्न 10.
पहेली ने सुना था कि वर्षा का जल उतना ही शुद्ध है जितना कि आसुत जल । इसलिए उसने एक स्वच्छ काँच के बर्तन में कुछ वर्षा का जल एकत्रित करके संपरीक्षित्र से उसका परीक्षण किया । उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि चुंबकीय सुई विक्षेप वर्शाती है । इसका क्या कारण हो सकता है ?
उत्तर:
यह नि:संदेह सत्य है कि आसुत जल की भांति वर्षा का जल भी शुद्ध है । किन्तु वातावरण में बहुत सी अशुद्धियाँ हैं; जैसे- कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड । ये अशुद्धियाँ वर्षा के जल को चालक बना देती है। जिस कारण सपराक्षित्र से परीक्षण करने पर चुम्बकीय सुई विक्षेप दर्शाती है।

प्रश्न 11.
अपने आस-पास उपलब्ध विद्युतलेपित वस्तुओं की सूची बनाइए।
उत्तर:
विद्युतलेपित वस्तुएँ निम्नलिखित हैं
(1) लोहे के ऊपर टिन का विद्युत लेपन किया जाता है।
(2) कृत्रिम गहने वाली सस्ती धातुओं पर चाँदी तथा सोने का विद्युत लेपन किया जाता है ।
(3) गैस के बर्नर, साइकिल के रिम तथा स्नानगृह के नल पर विद्युत लंपन किया जाता है।

प्रश्न 12.
जो प्रक्रिया आपने क्रियाकलाप 14.7 में देखी वह कॉपर के शोधन में उपयोग होती है । एक पतली शुद्ध कॉपर छड़ एवं एक अशुद्ध कॉपर छड़ इलेक्ट्रोड के रूप में उपयोग की जाती है । कौन-सा इलेक्ट्रोड बैटरी के धन टर्मिनल से संयोजित किया जाए ? कारण भी लिखिए।
उत्तर:
अशुद्ध कॉपर की छड़ एनोड का कार्य करती है, इसलिए उसे बैटरी के धन टर्मिनल से जोड़ना चाहिए। जब कॉपर सल्फेट में विद्युत प्रवाह किया जाता है, धनायन कैथोड की ओर गति करते हैं और शुद्ध धातु कैथोड़ पर जमा हो जाती है, अशुद्धियाँ एनोड तल के नीचे बैठ जाती हैं।

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HBSE 8th Class Science विधुत धारा के रासानिक प्रभाव Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. विद्युत द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु की –परत निक्षेपित करना कहलाता है-
(अ) विद्युतलेपन
(ब) इलेक्ट्रोड
(स) हीनचालक
(द) सुचालकता ।
उत्तर:
(अ) विद्युतलेपन

2. पहियों के रिम पर लेपन होता है…
(अ) लोहे का
(ब) सिल्वर का
(स) क्रोमियम का
(द) कॉपर का ।
उत्तर:
(स) क्रोमियम का

3. जल के विद्युत अपघटन द्वारा बन टर्मिनल पर प्राप्त होने वाली गैस है –
(अ) ऑक्सीजन व हाइड्रोजन दोनों
(ब) हाइड्रोजन
(स) ऑर्गन
(द) ऑक्सीजन।
उत्तर:
(द) ऑक्सीजन।

4. साधारण लवण को आसुत जल में घोलने पर आसुत जल बन जाता है
(अ) चालक
(ब) अचालक
(स) न चालक न ही अचालक
(द) कोई नहीं ।
उत्तर:
(अ) चालक

5. निम्न में से विद्युत धारा का चालन नहीं होता है –
(अ) आलू
(ब) आसुत जल
(स) समुद्री जल
(द) कुओं का जल ।
उत्तर:
(ब) आसुत जल

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रिक्त स्थान पूर्ति

(क) …………… के ऊष्मीय प्रभाव के कारण बल्ब का तंतु उच्च ताप तक गर्म होकर दीप्त हो जाता है।
(ख) नमक का घोल विद्युत का …………….. है।
(ग) आसुत जल लवणों से मुक्त होने के कारण ………………. होता है।
(घ) उद्योगों में धातु की वस्तुओं पर किसी दूसरी धातु की पतली परत विलपित करने के लिए ……………. का व्यापक रूप में उपयोग किया जाता है।
(ङ) जंग लगने से बचाने के लिए लोहे पर ……………… की परत निक्षेपित कर दी जाती है।
उत्तर:
(क) विद्युत धारा
(ख) चालक
(ग) हान चालक
(घ) विद्युत लेपन
(ङ) जिंक

सुमेलन

कॉलम ‘अ’कॉलम’ब’
(i) तौबा(क) अचालक
(ii) रबड़(ख) हीन चालक
(iii) आसुत जल(ग) एनोड
(iv) ऋण टर्मिनल से संयोजित इलेक्ट्रोड(घ) सुचालक
(v) धन टर्मिनल से(ङ) कैथोड संयोजित इलेक्ट्रोड

उत्तर:

कॉलम ‘अ’कॉलम’ब’
(i) तौबा(घ) सुचालक
(ii) रबड़(क) अचालक
(iii) आसुत जल(ख) हीन चालक
(iv) ऋण टर्मिनल से संयोजित इलेक्ट्रोड(ङ) कैथोड संयोजित इलेक्ट्रोड
(v) धन टर्मिनल से(ग) एनोड

सत्य / असत्य कथन

(क) ऐलुमिनियम विद्युत का चालन करता है।
(ख) प्लास्टिक विद्युत का सुचालक है।
(ग) बल्ब से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर दीप्त हो जाता है।
(घ) आसुत जल लवणों से मुक्त होने के कारण हीन चालक है।
(ङ) टिन लोहे से अधिक क्रियाशील होता है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य
(छ) असत्य।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सुचालक से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जो पदार्थ अपने से होकर विद्युत धारा को प्रवाहित होने देते हैं, वे विद्युत के सुचालक कहलाते हैं।

प्रश्न 2.
हीन चालक से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जो पदार्थ अपने से होकर विद्युत धारा को आसानी से प्रवाहित नहीं होने देते, वे विद्युत के हीन चालक कहलाते हैं।

प्रश्न 3.
किन्हीं दो सुचालक के नाम लिखिए।
उत्तर:
ताँबा तथा ऐलुमिनियम

प्रश्न 4.
किन्हीं दो अचालक के नाम लिखिए।
उत्तर:
रबड़ तथा प्लास्टिक

प्रश्न 5.
बल्ब से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर वह दीप्त क्यों होता है?
उत्तर:
विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव के कारण बल्ब का तंतु उच्च ताप तक गर्म होकर दीप्त हो जाता है।

प्रश्न 6.
किन द्रवों के द्वारा विद्युत का चालन किया जा सकता है?
उत्तर:
अम्ल, क्षार एवं लवण द्वारा।

प्रश्न 7.
विद्युत लेपन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
विद्युत धारा द्वारा किसी पदार्थ पर वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को विद्युत लेपन कहते हैं।

प्रश्न 8.
कॉपर लेपन के लिए लगभग कितने वोल्ट की बैटरी की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
10 वोल्ट की बैटरी।

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प्रश्न 9.
इलेक्ट्रोड्स क्या होते हैं?
उत्तर:
चालक छड़, प्लेटें आदि जिनमें से धारा विद्युत अपघट्य में प्रवेश करती है या बाहर निकलती है, इलेक्ट्रोड्स कहलाते हैं।

प्रश्न 10.
आभूषण बनाने वाली सस्ती धातुओं पर किसका विद्युत लेपन करते हैं?
उत्तर:
चाँदी तथा सोने का।

प्रश्न 11.
खाद्य पदार्थों के भंडारण के लिए उपयोग किए जाने वाले डिब्बों में लोहे के ऊपर किसका विद्युत लेपन किया जाता है?
उत्तर:
टिन का।

प्रश्न 12.
लोहे को जंग से बचाने के लिए इस पर किस धातु की परत निक्षेपित कर दी जाती है?
उत्तर:
जिंक की।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एल. ई. डी. क्या है ? इसे परिपथ से कैसे जोड़ा जाता है?
उत्तर:
एल.ई.डी. (LED) :
यह (प्रकाश उत्सर्जक डायोड) एक संपरीक्षित्र है । यह दुर्बल विद्युत धारा होने पर भी दीप्त होता है । एल.ई.डी. के साथ दो तार जुड़े होते हैं, इन्हें लीड्स कहते हैं। दोनों तारों में से एक तार दूसरे तार की अपेक्षा थोड़ा लम्बा होता है । परिपथ में जोड़ते समय एल.ई.डी. के लम्बे तार को सदैव बैटरी के धन टर्मिनल से तथा छोटे तार को बैटरी के ऋण टर्मिनल से जोड़ा जाता

प्रश्न 2.
विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव का उपयोग करके कोई संपरीक्षित्र किस प्रकार बनाया जा सकता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
माचिस की खाली डिबिया से ट्रे निकालिए। ट्रे पर चित्र में दर्शाए अनुसार एक विद्युत तार के कुछ फेरे लपेटिए। ट्रे के भीतर एक छोटी चुंबकीय सुई रखिए। अब तार के एक स्वतंत्र सिरे को बैटरी के एक टर्मिनल से जोड़िए। तार के दूसरे सिरे को स्वतंत्र छोड़ दीजिए। तार का एक दूसरा टुकड़ा भोकर गैटरी के दूसरे टर्मिनल से जोड़िए (चित्र)
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव -3
दोनों तारों के स्वतंत्र सिरों को क्षणमात्र के लिए एक दूसरे से स्पर्श कराइए। चुंबकीय सुई को तुरंत विक्षेप दिखाना चाहिए। आपका तार के दो स्वतंत्र सिरों वाला संपरीक्षित्र तैयार है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव

प्रश्न 3.
विद्युत के सुचालक तथा विद्युत के हीन चालक से क्या समझते हो?
उत्तर:
वे पदार्थ जो अपने से होकर विद्युत धारा का प्रवाह आसानी से होने देते हैं, सुचालक कहलाते हैं; जैसे-लोहा, ताँबा आदि । वे पदार्थ जो अपने में से होकर विद्युतधारा को आसानी से प्रवाहित होने नहीं देते । वे विद्युत के हीन चालक कहलाते हैं जैसे – आसुत जल, शहद आदि।

प्रश्न 4.
आसुत जल को किस प्रकार विद्युत का चालक बनाया जा सकता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
एक साफ व सूखे प्लास्टिक के बीकर में थोड़ा आसुत जल लेकर यह प्रेक्षित करते हैं कि आसुत जल विद्युत चालन नहीं करता है । अब एक चम्मच साधारण नमक (NaCl) लेकर इसे आसुत जल में घोलते हैं । इसके पश्चात् इसका पुनः परीक्षण करते हैं तो यह पाते हैं कि आसुत जल में साधारण नमक मिश्रित करने पर यह विद्युत का चालन आसानी से करने लगता है ।

प्रश्न 5.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि अम्ल, क्षार तथा लवण के विलयन विद्युत का चालन करते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
बोतलों के प्लास्टिक या रबड़ के तीन स्वच्छ हक्कन लीजिए। प्रत्येक में लगभग दो चाय के चम्मच के बराबर आसुत जल भरिए। एक ढक्कन के आसुत जल में कुछ बूंदें नींबू के रस या तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की मिलाइए। अब दूसरे ढक्कन के आसुत जल में कास्टिक सोडा या पोटेशियम आयोडाइड जैसे क्षारक की कुछ बूदें मिलाइए। तीसरे ढक्कन के आसुत जल में थोड़ी सी चीनी डालकर घोलिए। परीक्षण कीजिए, इन विलयनों में से सभी विलयन क्रमशः (अम्ल, क्षार एवं लवण) विद्युत का चालन करते हैं।

प्रश्न 6.
विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव बताइए।
उत्तर:
विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
(i) इलेक्ट्रोडों पर धातु का निक्षेपण हो सकता है।
(ii) रासायनिक प्रभाव के फलस्वरूप इलेक्ट्रोडों पर गैस के बुलबुले बन सकते हैं।
(iii) किसी चालक विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं।
(iv) विलयनों के रंग में परिवर्तन हो सकते हैं।

प्रश्न 7.
विद्युत लेपन के उपयोग लिखिए।
उत्तर:
विद्युत लेपन के उपयोग-
(i) लोहे को संक्षारण से बचाने के लिए क्रोमियम अथवा निकिल से विलेपित किया जाता है ।
(ii) साइकिल के हैंडल, पहिए के रिम, कारों के तमाम भाग क्रोमियम से विलेपित होते हैं ताकि वे चमकदार व आकर्षक बन सके ।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव -4
(iii) लोहे पर टीन की पतली परत विलेपित करने से टीन के डिब्बे तैयार किए जाते हैं ।
(iv) कृत्रिम आभूषण, जो सस्ती धातुओं से बनते हैं, उन्हें आकर्षक बनाने के लिए सोने अथवा चाँदी से विलेपित करते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक प्रयोग द्वारा बताइए कि नींबू का रस या सिरका विद्युत का सुचालक है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
बेकार फेंकी गई बोतलों के प्लास्टिक या रबड़ के कुछ ढक्कन एकत्र करके उन्हें साफ करिए। एक ढक्कन में एक चाय के चम्मच के बराबर नींबू का रस या सिरका उड़ेलिए। अपने संपरीक्षित्र को इस ढक्कन के समीप लाकर उसके सिरों को नींबू के रस या सिरके में डुबोइए। ध्यान रखिए कि दोनों सिरे परस्पर 1 cm के अधिक दूरी पर न हों लेकिन इसी के साथ-साथ वे एक दूसरे को स्पर्श भी न करें। ऐसा करने से संपरीक्षित्र का बल्ब दीप्त होता है। अर्थात् नींबू का रस या सिरका विद्युत का चालन करता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव -5

प्रश्न 2.
कुछ पदार्थों के उदाहरण दीजिए एवं बताइए कि उनमें संपरीक्षित्र के स्वतंत्र सिरों को डुबोने से चुंबकीय सुई विक्षेप दर्शाती है अथवा नहीं एवं यह भी बताइए कि ये सुचालक है अथवा हीनचालक। (क्रियाकलाप)
उत्तर:

पदार्थचुम्बकीय सुई विक्षेप वर्शाती है, हाँ / नहींसुचालक / हीनचालक
1. नींबू का रसहाँसुचालक
2. सिरकाहाँसुचालक
3. टोंटी का पानीहाँसुचालक
4. वनस्पति तेलनहींहीनचालक
5. दूधनहींहीनचालक
6.शहदनहींहीनचालक
7. इंधननहींहीनचालक
8. अम्ल विलयनहाँसुचालक
9. क्षार विलयनहाँसुचालक
10. लवण विलयनहाँसुचालक

प्रश्न 3.
जल से विद्युत धारा प्रवाहित करने पर होने वाली अभिक्रिया एक प्रयोग द्वारा दर्शाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दो बेकार सेलों से सावधानीपूर्वक कार्बन की छड़ें निकालिए। उनकी धातु की टोपियों को रेगमाल से साफ करके इन पर ताँबे के तार लपेटिए और उन्हें एक बैटरी से जोडिए। इन दो छड़ों को इलेक्ट्रोड कहते हैं। (कार्बन की छड़ों के स्थान पर आप लगभग 6cm लम्बी लोहे की कीलें भी ले सकते हैं)। किसी काँच के गिलास या प्लास्टिक के कटोरे में एक प्याला जल भरिए। जल को और अधिक चालक बनाने के लिए, इसमें एक छोटा चम्मच भरकर साधारण नमक या नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाइए। अब इस विलयन में इलेक्ट्रोडों को डुबोइए। यह सुनिश्चित कीजिए कि कार्बन की छड़ों की धातु की टोपियाँ जल से बाहर रहें। 3-4 मिनट तक प्रतीक्षा कीजिए। गैस के बुलबुले इलेक्ट्रोड पर निकलते हैं। जब जल से विद्युत धारा गुजरती है तो ऑक्सीजन
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव -6
एवं हाइड्रोजन गैसों के बुलबुले दिखाई देते हैं। ऑक्सीजन गैस बैटरी के धनात्मक सिरे से जुड़े हुए इलेक्ट्रोड पर जाती है एवं हाइड्रोजन गैस दूसरे इलेक्ट्रोड पर जाती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव

प्रश्न 4.
एक धातु की सतह के ऊपर दूसरी धातु की परत किस प्रकार निक्षेपित कर दी जाती है? एक प्रयोग द्वारा प्रदर्शित कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
कॉपर सल्फेट तथा लगभग 10 cm × 4cm साइज की ताँबे की दो प्लेट लीजिए। किसी स्वच्छ तथा सूखे बीकर में 250 mL आसुत जल लीजिए। इसमें चाय की दो चम्मच भरकर कॉपर सल्फेट घोलिए। अधिक चालक बनाने के लिए कॉपर सल्फेट विलयन में कुछ बूंदें तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की डालिए। ताँबे की प्लेटों को रेगमाल से साफ कीजिए। इन्हें पानी में धोकर सुखाइए। ताँबे की प्लेटों को एक बैटरी के टर्मिनलों से संयोजित कीजिए और उन्हें कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोइए (चित्र)
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव -7
परिपथ में लगभग 15 मिनट तक विद्युत धारा प्रवाहित होने दीजिए। अब विलयन में से इलेक्ट्रोडों को हटाइए, एक इलेक्ट्रोड पर नीले रंग की परत जमा हो जाती है। जब कॉपर सल्फेट विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो कॉपर सल्फेट, कॉपर तथा सल्फेट में वियोजित हो जाता है। स्वतंत्र कॉपर (ताँबा) बैटरी के ऋण टर्मिनल से संयोजित इलेक्ट्राड की ओर आकर्षित होता है तथा उस पर निक्षेपित हो जाता है। लेकिन विलयन से कॉपर के क्षय की पूर्ति कैसे होती है?

दूसरे इलेक्ट्रोड से जो ताँबे की प्लेट से बना है, समान मात्रा का कॉपर विलयन में घुल जाता है। इस प्रकार विलयन से जो कॉपर कम हुआ, वह विलयन में पुन: स्थापित हो जाता है और यह प्रक्रिया चलती रहती है। इसका अर्थ हुआ कि इस विद्युतलेपन प्रक्रिया में एक इलेक्ट्रोड से कॉपर दूसरे इलेक्ट्रोड को स्थानांतरित होता जाता है।

विधुत धारा के रासानिक प्रभाव Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ विद्युत अपघटन (Electrolysis) : वह प्रक्रिया जिसमें विद्युत चालक द्रव में से विद्युत धारा प्रवाहित करने पर द्रव संघटकों में अपघटित होता है।

→ विद्युत चालक (Conductor) : वे तत्व जो विद्युत धारा का चालन आसानी से कर देते हैं।

→ विद्युत कुचालक (Insulator) : वे तत्व जिनमें विद्युत धारा का चालन न हो सके।

→ विद्युत लेपन (Electroplating) : विद्युत धारा द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को विद्युत लेपन कहते हैं।

→ कैथोड (Cathode) : इलेक्ट्रोड, जो बैटरी के -ve सिरे से जुड़ा हो।

→ एनोड (Anode) : इलेक्ट्रोड, जो बैटरी के +ve सिरे से जुड़ा हो।

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HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

HBSE 8th Class Science बल तथा दाब InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 128)

प्रश्न 1.
मैंने कक्षा VIमें पढ़ा है कि चुंबक एक लोहे के टुकड़े को अपनी ओर आकर्षित करता है । क्या आकर्षण भी एक खिंचाव (अभिकर्षण ) है? किसी चुंबक के दो समान धुवों के बीच प्रतिकर्षण के बारे में आप क्या सोचते हैं ? यह खिंचाव (अभिकर्षण) है या धक्का (अपकर्षण)?
उत्तर:
आकर्षण व प्रतिकर्षण क्रमशः खिंचाव व अपकर्षण दोनों के ही रूप हैं।

(पृष्ठ संख्या – 130)

प्रश्न 2.
क्या इसका अर्थ यह है कि यदि किसी वस्तु पर विपरीत दिशाओं में लगने वाले बल बराबर हैं तो उस पर लगने वाला नेट बल शून्य होगा ?
उत्तर:
हाँ । दोनों विपरीत बल समान हों तो एक-दूसरे के प्रभाव को नष्ट करते हैं ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

(पृष्ठ संख्या – 131)

प्रश्न 3.
मैंने बच्चों को एक-दूसरे से, रबड़ के टायर या किसी घेरे को धकेल कर तेज चलाने की होड़ लगाते देखा है । अब मैं समझ गया हूँ कि धक्का देने पर टायर की चाल क्यों बढ़ जाती है।
उत्तर:
धक्का लगाने का अर्थ है बल आरोपित करना । हम जान चुके हैं कि बल द्वारा गति में परिवर्तन होता है। अत: लगातार धक्का देने से टायर की चाल बढ़ जाती है।

(पृष्ठ संख्या – 139)

प्रश्न 4.
जल-संभरण के लिए प्रयोग किए जाने वाले पाइपों के लीक करते हुए जोड़ों या सूराखों से मैंने पानी के फुव्वारों को बाहर आते देखा है । क्या यह पानी द्वारा पाइप की दीवारों पर लगाए जाने वाले वाब के कारण नहीं है?
उत्तर:
हाँ । जल का दाब पाइप के अन्दर पाइप की दीवारों पर पड़ता है, जिससे जल सूराख आदि से स्थान मिलने पर बाहर निकलने लगता है।

(पृष्ठ संख्या – 141)

प्रश्न 5.
यदि मेरे सिर का क्षेत्रफल 15cm × 15 cm हो तो मेरे सिर पर वायु कितना बल लगा रह है ?
उत्तर:
एक 15 cm × 15 cm क्षेत्रफल तथा वायुमण्डल की ऊँचाई के बराबर ऊँचाई के स्तम्भ में वायु के कारण लगने वाला बल लगभग 225 kg द्रव्यमान के किसी पिंड पर लगने वाले गुरुत्व बल (2250N) के बराबर होता है।

(पृष्ठ संख्या – 141)

प्रश्न 6.
इस गुरुत्व बल के नीचे हम दबकर पिचक क्यों नहीं जाते?
उत्तर:
इसका कारण है कि हमारे शरीर के अन्दर का दाब भी वायुमण्डलीय दाब के बराबर है और यह बाहर के दाब को संतुलित कर देता है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

HBSE 8th Class Science बल तथा दाब Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
धक्के या खिंचाव के द्वारा वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
धक्के के द्वारा वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन के दो उदाहरण –
1. क्रिकेट मैच में क्षेत्ररक्षक गेंद को धक्का मारकर रोकता है ।
2. दरवाजे को खोलना या बंद करना ।

खिंचाव के द्वारा वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन के दो उदाहरण –
1. कुएँ से पानी की बाल्टी को खींचना।
2. ब्रेक (खींचकर) लगाकर चलती हुई गाड़ी को रोकना।

प्रश्न 2.
ऐसे दो उदाहरण दीजिए जिनमें लगाए गए बल द्वारा वस्तु की आकृति में परिवर्तन हो जाए।
उत्तर:
(1) फूले हुए गुब्बारे को हथेलियों के बीच दबाने से उसकी आकृति में परिवर्तन आ जाता है ।
(2) फोम की गद्दी वाले सोफों पर बैठने से, गद्दी की आकृति बदल जाती है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कश्चनों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) कुएँ से पानी निकालते समय हमें रस्सी को ……………… पड़ता है।
(ख) एक आवेशित वस्तु अनावेशित वस्तु को ……………….. करती है।
(ग) सामान से लदी ट्रॉली को चलाने के लिए हमें उसको ………………. पड़ता है।
(घ) किसी चुंबक का उत्तरी ध्रुव दूसरे चुंबक के उत्तरी ध्रुव को ………………. करता है ।
उत्तर:
(क) खींचना
(ख) आकर्षित
(ग) धकेलना
(घ) प्रतिकर्षित ।

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प्रश्न 4.
एक धनुर्धर लक्ष्य पर निशाना साधते हुए अपने धनुष को खींचती है । तब वह तीर को छोड़ती है जो लक्ष्य की ओर बढ़ने लगता है । इस सूचना के आधार पर निम्नलिखित प्रकथनों में दिए गए शब्दों का उपयोग करके रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
पेशीय / सम्पर्क / असम्पर्क / गुरुत्व / घर्षण / आकृति / आकर्षण ।
(क) धनुष को खींचने के लिए धनुर्धर एक बल लगाती है, जिसके कारण, इसकी ……………. में परिवर्तन होता है।
(ख) धनुष को खींचने के लिए धनुर्धर द्वारा लगाया गया बल ……………. बल का उदाहरण है।
(ग) तीर की गति की अवस्था में परिवर्तन के लिए उत्तरदायी बल का प्रकार ……………. बल का उदाहरण है।
(घ) जब तीर लक्ष्य की ओर गति करता है तो इस पर लगने वाले बल ……………. तथा वायु के ……………. के कारण होते हैं।
उत्तर:
(क) आकृति
(ख) पेशीय
(ग) संपर्क
(घ) गुरुत्व, घर्षण ।

प्रश्न 5.
निम्न स्थितियों में बल लगाने वाले कारक तथा जिस वस्तु पर बल लग रहा है, उनको पहचानिए । प्रत्येक स्थिति में जिस रूप में बल का प्रभाव दिखाई दे रहा है, उसे भी बताइए।
(क) रस निकालने के लिए नींबू के टुकड़ों को अँगुलियों से दबाना ।
(ख) दंत मंजन की ट्यूब से पेस्ट बाहर निकालना।
(ग) दीवार में लगे हुए हुक से लटकी कमानी के दूसरे सिरे पर लटका एक भार ।
(घ) ऊँची कूद करते समय एक खिलाड़ी द्वारा एक निश्चित ऊँचाई की छड़ (बाधा) को पार करना ।
उत्तर:

स्थितिबल का कारकबल प्रभावित वस्तुपरिणाम
(क)अंगुलियाँनींबूरस का स्राव
(ख)अंगुलियाँदंत मंजन की ट्यूबपेस्ट का बाहर निकलना
(ग)लटकता भारकमानीकमानी का लंबा होना
(घ)टाँग का पेशीय बलखिलाड़ी का शरीरऊँची कूद

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प्रश्न 6.
एक औजार बनाते समय कोई लोहार लोहे के गर्म टुकड़े को हथौड़े से पीटता है । पीटने के कारण लगने वाला बल लोहे के टुकड़े को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
उत्तर:
पीटने के बल के कारण लोहे के टुकड़े की आकृति बदल जाती है पीटने के कारण लगने वाला पेशीय बल, जो संपर्क बल का एक उदाहरण है, जिससे लोहे का टुकड़ा चपटा हो जाता है।

प्रश्न 7.
एक फुलाए हुए गुब्बारे को संश्लिष्ट कपड़े के टुकड़े से रगड़कर एक दीवार पर दबाया गया । यह देखा गया कि गुब्बारा दीवार से चिपक जाता है । दीवार तथा गुब्बारे के बीच आकर्षण के लिए उत्तरदायी बल का नाम बताइए।
उत्तर:
दीवार तथा गुब्बारे के बीच आकर्षण के लिए उत्तरदायी स्थिरवैद्युत बल है ।

प्रश्न 8.
आप अपने हाथ में पानी से भरी एक प्लास्टिक की बाल्टी लटकाए हुए हैं । बाल्टी पर लगने वाले बलों के नाम बताइए । विचार-विमर्श कीजिए कि बाल्टी पर लगने वाले बलों द्वारा इसकी गति की अवस्था में परिवर्तन क्यों नहीं होता?
उत्तर:
प्लास्टिक की बाल्टी पर लगने वाले बल
(1) धरती का गुरुत्वाकर्षण बल (नीचे की ओर)
(2) बाजूओं का पेशीय बल तनाव बल (ऊपर की और) दोनों बलों के लगने से बाल्टी की गति की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आता । इसका कारण है कि दोनों बल समान हैं और एक-दूसरे से विपरीत दिशा में कार्य करते हैं । इसलिए यह एक-दूसरे के प्रभाव को समाप्त कर देते हैं । बाल्टी के भार के कारण मांसपेशियाँ खिंच जाती

प्रश्न 9.
किसी उपग्रह को इसकी कक्षा में प्रमोचित करने के लिए किसी रॉकेट को ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया गया । प्रमोचन मंच को छोड़ने के तुरंत बाद रॉकेट पर लगने वाले दो बलों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रमोचन मंच को छोड़ने के तुरंत बाद रॉकेट पर निम्नलिखित बल कार्य करते हैं
(क) ईंधन के जलने से उत्सर्जित गैसों का निर्मोचित बल (ऊपर की ओर) ।
(ख) धरती का गुरुत्वाकर्षण बल (नीचे की ओर) ।

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प्रश्न 10.
जब किसी ड्रॉपर के चंचु (नोजल) को पानी में रखकर इसके बल्ब को दबाते हैं तो ड्रॉपर की वायु बुलबुलों के रूप में बाहर निकलती हुई दिखाई देती है। बल्ब पर से दाब हटा लेने पर ड्रॉपर में पानी भर जाता है। ड्रापर में पानी के चढ़ने का कारण है
(क) पानी का दाब
(ख) पृथ्वी का गुरुत्व
(ग) रबड़ के बल्ब की आकृति
(घ) वायुमंडलीय दाब ।
उत्तर:
(घ) वायुमंडलीय दाब ।

HBSE 8th Class Science बल तथा दाब Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में से सम्पर्क बल है –
(अ) स्थिरवैद्युत बल
(ब) गुरुत्वाकर्षण बल
(स) चुम्बकीय बल
(द) घर्षण बल ।
उत्तर:
(द) घर्षण बल ।

2. निम्नलिखित में सही सूत्र है –
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -1
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -2

3. पेशीय बल है
(अ) सम्पर्क बल
(ब) घर्षण बल
(स) असम्पर्क बल
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(अ) सम्पर्क बल

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

4. दो आवेशित वस्तुओं के बीच लगने वाले आकर्षण या प्रतिकर्षण बल को कहते हैं।
(अ) गुरुत्व बल
(ब) घर्षण बल
(स) स्थिरवैद्युत बल
(द) अ.और ब दोनों ।
उत्तर:
(अ) गुरुत्व बल

5. 100 kg द्रव्यमान के किसी पिंड का भार होगा –
(अ) 10 न्यूटन
(ब) 1000 न्यूटन
(स) 100 न्यूटन
(द) 10000 न्यूटन ।
उत्तर:
(ब) 1000 न्यूटन

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) किसी वस्तु पर लगने वाले अभिकर्षण या अपकर्षण को …………….. कहते हैं।
(ख) किसी वस्तु पर एक ही दिशा में लगाए गए बल्ल ………………… जाते हैं।
(ग) मांसपेशियों के क्रियास्वरूप लगने वाले बल को ………….. बल कहते हैं।
(घ) स्थिरवैद्युत बल ……………. बल का उदाहरण है।
(ङ) किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को………………, कहते हैं।
उत्तर:
(क) बल
(ख) जुड़
(ग) पेशीय
(घ) असम्पर्क
(ङ) दाब

सुमेलन

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(i) वस्तु पर लगने वाला धक्का(क) किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाला बल
(ii) वस्तु पर लगने वाला खिंचाव(ख) वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन का कारण
(iii) पेशीय बल(ग) अपकर्षण
(iv) घर्षण बल(घ) अभिकर्षण
(v) दाब(ङ) मांसपेशियों के क्रियास्वरूप लगने वाला बल

उत्तर:

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(i) वस्तु पर लगने वाला धक्का(घ) अभिकर्षण
(ii) वस्तु पर लगने वाला खिंचाव(ग) अपकर्षण
(iii) पेशीय बल(ङ) मांसपेशियों के क्रियास्वरूप लगने वाला बल
(iv) घर्षण बल(ख) वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन का कारण
(v) दाब(क) किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाला बल

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सत्य / असत्य कथन

(क) किसी वस्तु पर एक ही दिशा में लगाए गए बल जुड़ जाते हैं।
(ख) बल द्वारा किसी वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है।
(ग) घर्षण बल की दिशा सदैव गति की दिशा के ओर होती है।
(घ) चुंबक द्वारा किसी लोहे के टुकड़े पर लगाया गया बल सम्पर्क बल है।
(ङ) गुरुत्व बल एक आकर्षण बल है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) असत्य
(घ) असत्य
(ङ) सत्य

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बल से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी वस्तु पर लगने वाले धक्के (अभिकर्षण) या खिचाव (अपकर्षण) को बल कहते हैं।

प्रश्न 2.
बल लगने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर:
बल लगने के लिए कम से कम दो वस्तुओं में अन्योन्य क्रिया होनी आवश्यक है।

प्रश्न 3.
यदि किसी वस्तु पर एक ही दिशा में बल लगाए जाएँ तो इस पर लगने वाला बल किसके बराबर होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
उन बलों के जोड़ के बराबर।

प्रश्न 4.
यदि किसी वस्तु पर दो बल विपरीत दिशा में कार्य करते हैं, तो इस पर लगने वाला कुल बल किसके बराबर होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दोनों बलों के अंतर के बराबर।

प्रश्न 5.
किसी वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन किसके द्वारा लाया जा सकता है?
उत्तर:
बल द्वारा।

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प्रश्न 6.
एक उदाहरण दीजिए जिसमें बल लगाने पर भी वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन नहीं होता।
उत्तर:
किसी दीवार को धकेलना।

प्रश्न 7.
पेशीय बल किसे कहते हैं?
उत्तर:
मांसपेशियों के क्रियास्वरूप लगने वाले बल को पेशीय बल कहते हैं।

प्रश्न 8.
वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन का कारण कौन-सा बल है?
उत्तर:
घर्षण बल।

प्रश्न 9.
चुंबक द्वारा किसी लोहे के टुकड़े पर लगाया गया बल किस प्रकार का है?
उत्तर:
असम्पर्क बल।

प्रश्न 10.
स्थिरवैद्युत बल किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक आवेशित वस्तु द्वारा किसी दसरी आवेशित अथवा अनावेशित वस्तु पर लगाया गया बल स्थिरवैद्युत बल कहलाता है।

प्रश्न 11.
गुरुत्व बल क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी द्वारा किसी वस्तु पर लगाया गया बल गुरुत्व बल कहलाता है।

प्रश्न 12.
दाब क्या है?
उत्तर:
किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं।

प्रश्न 13.
दाब, बल एवं क्षेत्रफल में क्या संबंध हैं?
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -3

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 14.
एक उदाहरण दीजिए जो स्पष्ट करता है कि वायु प्रत्येक दिशा में दाब लगाती है।
उत्तर:
एक सूराख हुए गुब्बारे को फुलाने की कोशिश करना।

प्रश्न 15.
एक उदाहरण दीजिए जिससे स्पष्ट होता है कि गैसें जिस बर्तन में रखी जाती हैं उसकी दीवारों पर दाब डालती
उत्तर:
साइकिल की ट्यूब में पंक्चर होना।

प्रश्न 16.
वायुमंडल किसे कहते हैं?
उत्तर:
वायु के आवरण को वायुमंडल कहते हैं।

प्रश्न 17.
वायुमंडलीय दाब किसे कहते हैं?
उत्तर:
पथ्वी तल पर वायु द्वारा लगाए गये दाब को वायुमंडलीय दाब कहते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी वस्तु पर बल के प्रभाव लिखिए ।
उत्तर:
बल के वस्तु पर निम्नलिखित प्रभाव हैं –
(1) किसी रुकी हुई वस्तु को गतिशील बनाया जा सकता है।
(2) गतिशील वस्तु की चाल को परिवर्तित किया जा सकता है।
(3) गतिशील वस्तु की दिशा को बदला जा सकता है।
(4) किसी वस्तु की आकृति को बदला जा सकता है।
(5) इनमें से कुछ प्रभावों को अथवा सभी को उत्पन्न कर सकता है।

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प्रश्न 2.
किसी वस्तु की स्थिरावस्था को बल (धक्का या खिंचाव) द्वारा परिवर्तित किया जा सकता है। उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
एक मेज किसी कमरे में स्थिर अवस्था में रखी हुई है । इसे खींचकर अथवा धक्का देकर उसकी स्थिति में परिवर्तन किया जा सकता है, परन्तु दूसरी ओर समान बल लगाकर एक स्थिर दीवार की स्थिति में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है । इस प्रकार बल लगाकर किसी वस्तु की विरामावस्था में परिवर्तन किया जा सकता है ।

प्रश्न 3.
यदि किसी गतिशील वस्तु पर बल लगाया जाए तो उसकी चाल में क्या परिवर्तन होगा ? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
बल के कारण किसी वस्तु की चाल में परिवर्तन हो जाता है । यदि लगाया गया बल गति की दिशा में हो तो वस्तु की चाल बढ़ जाती है, किन्तु यदि लगाया गया बल गति की दिशा के विपरीत हो तो वस्तु की चाल कम हो जायेगी अथवा वह रुक जायेगी ।

प्रश्न 4.
यदि किसी गतिशील वस्तु को अपनी हथेली से रोक लें तो क्या होगा? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
गतिशील वस्तु के सामने हथेली रखने पर वस्तु की चाल घट जाती है। हथेली वस्तु पर बल लगाती है। हथेली को रखे रहने पर वह गतिशील वस्तु विराम की अवस्था में आ जाती है। प्रश्न 5. यदि किसी गेंद को धक्का देकर चलाएँ एवं उसके सामने एक पैमाना रख दें तो क्या होगा? (क्रियाकलाप) उत्तर, पैमाने से टकराकर गेंद की दिशा बदल जाती है। यह स्पष्ट करती है कि गतिशील वस्तु पर बल आरोपित करने पर उसकी दिशा बदल जाती है।

प्रश्न 6.
क्या बल किसी वस्तु की आकृति में परिवर्तन कर सकता है, उदाहरण सहित समझाइए ।
उत्तर:
हाँ, बल लगाने से किसी वस्तु की आकृति परिवर्तित हो सकती है, जैसे – यदि हम एक फूले हुए गुब्बारे को हथेलियों के बीच दबाएँ तो उसकी आकृति बदल जाती है । रबड़ की गेंद को दबाने पर भी उसकी आकृति बदल जाती है।

प्रश्न 7.
प्रकृति में विद्यमान कुछ मूल बलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रकृति में विद्यमान कुछ मूल बल –
(1) घर्षण बल : जो दो सतहों के बीच लगता है।
(2) चुम्बकीय बल : दो चुम्बकीय क्षेत्रों के बीच या चुम्बकीय ध्रुव तथा किसी चुम्बकीय पदार्थ के बीच लगने वाला बल ।
(3) स्थिरवैद्युत बल : दो आवेशित वस्तुओं के बीच लगने वाला बल ।
(4) गुरुत्वाकर्षण बल : द्रव्यमान रखने वाली किन्हीं दो वस्तुओं के बीच बल ।

प्रश्न 8.
घर्षण बल क्या है ? यह कैसे कार्य करता है?
उत्तर:
घर्षण बल – दो वस्तुओं की सतह के बीच कार्य करने वाला बल घर्षण बल होता है। यह बल गति की अवस्था में परिवर्तन कर देता है । इसकी दिशा सदैव गति की दिशा के विपरीत होती है। यह एक सम्पर्क बल है।

प्रश्न 9.
दो चुम्बकों के बीच किस प्रकार बल कार्य करता है ? समझाइए । (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दो चुम्बकों के समान धुवों में आपस में प्रतिकर्षण होता है जबकि असमान ध्रुव एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। यह बल बिना सम्पर्क में आए कार्य कर सकता है, यह एक प्रकार का असम्पर्क बल है । इसी प्रकार लोहे व चुम्बक के मध्य कार्य करने वाला बल भी असम्पर्क बल होगा।

प्रश्न 10.
यदि एक प्लास्टिक की स्ट्रॉ को काटकर उसके एक भाग को कागज की शीट से रगड़ते हैं एवं इसके बाद इसे स्ट्रॉ के दूसरे भाग के समीप लाने पर क्या होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
स्ट्रा का प्रथम भाग (जो कागज की शीट से रगड़ा जाता है) स्ट्रॉ के दूसरे भाग को आकर्षित करने लगता है। क्योंकि कागज की शीट से रगड़ा जाने पर स्ट्रा स्थिरर्वद्युत आवेश उपार्जित कर लेता है।

प्रश्न 11.
गुरुत्व बल को असंपर्क बल क्यों कहा जाता
उत्तर:
गुरुत्व बल में वस्तु धरती के संपर्क में नहीं होती है किन्तु पृथ्वी का गुरुत्व बल लगता है । इस कारण गुरुत्व बल को असंपर्क बल कहा जाता है। जैसे – पेड़ों से. पत्ते गिरते हैं, नदियों से पानी नीचे की ओर बहता है, चंद्रमा धरती के चारों तरफ घूमता है । इन उदाहरणों में वस्तु धरती के संपर्क में नहीं है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 12.
दाब किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं । अर्थात्
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -4
क्षेत्रफल अतः क्षेत्रफल का मान जितना कम होगा उतना ही अधिक दाब लगता है । उदाहरण के लिए -कील के नुकीले सिरे का क्षेत्रफल बहुत कम होता है, इस कारण से कम बल द्वारा ही यह आसानी से किसी दीवार या लकड़ी में ठुक जाती है ।

प्रश्न 13.
कंधे पर लटकाने वाले थैलों में चौड़ी पट्टियाँ क्यों लगाई जाती हैं ?
उत्तर- कंधे पर लटकाने वाले थैलों की बनी चौड़ी पट्टियों के कारण कंधे पर पट्टियों का क्षेत्रफल अधिक हो जाता है जिससे कि कंधे पर कम दाब आरोपित होता उदाहरण के लिए बच्चों के स्कूल बैग की पट्टियाँ चौड़ी बनाई जाती हैं जिससे कि उनके कंधों पर दाब कम आरोपित होता है तथा बच्चे आसानी से बैग उठा सकते हैं।

प्रश्न 14.
वायुमंडलीय दाब से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
हमारे चारों ओर वायु का जो आवरण है उसे वायुमंडल कहते हैं । वायुमंडलीय वायु पृथ्वी के तल से कई किलोमीटर ऊपर तक फैली हुई है । इस वायु द्वारा लगाए गए दाब को वायुमंडलीय दाब कहते हैं। यदि हम एक इकाई क्षेत्रफल की कल्पना करें और इसके ऊपर वायु से भरा एक लम्बा बेलन खड़ा हुआ मानें तब इस बेलन में वायु का भार वायुमण्डलीय दाब के बराबर होगा।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित सारणी में दिये गए कार्यों को अपकर्षण तथा अभिकर्षण के रूप में पहचानिए एवं प्रत्येक दशा में कार्य को धक्का देना / चयन करना / खींचना / ठोकर मारना / उठाना / झुकाना / उड़ाना / फेंकना / बंद करना / प्रहार करना / ऊपर उठाना के रूप में पहचानिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -5

प्रश्न 2.
निम्नलिखित सारणी में दी गयी वस्तुओं पर बल के प्रभाव का गति की अवस्था में परिवर्तन एवं आकृति में परिवर्तन दर्शाइए- (क्रियाकलाप)
उत्तर-
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -6

प्रश्न 3.
किसी वस्तु पर बल लगाने से होने वाले लाभ तथा हानियाँ उदाहरण देकर लिखिए ।
उत्तर:
बल लगाने के लाभ –
(1) स्थिर वस्तु को गतिमान बनाया जा सकता है ।
उदाहरण : खिलौने को बल लगाकर हिलाया जा सकता है ।

(2) गतिमान वस्तु की चाल को कम किया जा सकता है ।
उदाहरण : बल लगाकर साइकिल की गति कम की जा सकती है।

(3) गतिमान वस्तु की दिशा में परिवर्तन किया जा सकता है ।
उदाहरण : बल्लेबाज गेंद को हिट करके उसकी दिशा तथा चाल दोनों को बदल देता है।

(4) किसी वस्तु की आकृति को बदला जा सकता है।
उदाहरण : फूले हुए गुब्बारे को दबाने पर उसकी आकृति में परिवर्तन लाया जा सकता है।

बल लगाने से हानियाँ –
(1) घर्षण बल के कारण वाहनों के पहिए घिस जाते हैं अथवा टूट-फूट जाते हैं।
(2) घर्षण बल से ऊष्मा उत्पन्न होती है जो हानिकारक होती है । तेज गति से चलती मशीनों में यह ऊष्मा उनकी कार्य क्षमता को कम करती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 4,
किसी बर्तन की तली पर पानी द्वारा लगाया जाने वाला दाब पानी के स्तम्भ की ऊँचाई पर निर्भर करता है। इस कथन को एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
पारदर्शी काँच की एक नली लीजिए। नली की लम्बाई लगभग 25 सेंटीमीटर तथा इसका व्यास लगभग 5-7.5 सेंटीमीटर होना चाहिए। एक अच्छी, पतली रबड़ की शीट भी लीजिए। नली के एक सिरे पर रबड़ की शीट को तान कर बाँध दीजिए। नली को ऊर्ध्वाधर स्थिति में रखते हुए बीच में से पकड़िए एवं इसमें कुछ मात्रा में पानी भरिए। ऐसा करने से रबड़ शीट बाहर की ओर फूल जाती है। नली में पानी के स्तम्भ की ऊँचाई नोट करके नली में कुछ पानी और भरिए, जिससे रबड़ शीट का फुलाब बढ़ जाता है। इससे सिद्ध होता है कि किसी बर्तन की तली पर पानी द्वारा लगाया जाने वाला दाब पानी के स्तम्भ की ऊँचाई पर निर्भर करता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -7

प्रश्न 5.
एक प्रयोग द्वारा स्पष्ट कीजिए कि द्रव बर्तन की दीवारों पर दाब डालता है।
(क्रियाकलाप) उत्तर- प्लास्टिक की एक बोतल लीजिए। चित्र में दर्शाए अनुसार बोतल के पेंदे के पास कुछ सेंटीमीटर लम्बी काँच की एक बेलनाकार नली लगाइए। ऐसा करने के लिए काँच की नली के एक सिरे को थोड़ा सा गर्म कीजिए और फिर जल्दी से बोतल के पेंदे के समीप घुसा दीजिए। सुनिश्चित कीजिए कि जोड़ के पास से पानी न रिसे। यदि पानी रिसता है तो इसको पिघले मोम से अच्छी प्रकार बद कीजिए। काँच की नली के मुँह को एक पतली रबड़ की शीट से बंद कीजिए। अब बोतल को पानी से आधा भरिए। कुछ समय पश्चात् काँच की नली के मुंह पर लगाई गई रबड़ की शीट फूल जाती है। बोतल में कुछ पानी और डालिए। रबड़ की शीट का फुलाव बढ़ जाता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -8

प्रश्न 6.
एक प्रयोग द्वारा प्रदर्शित कीजिए कि द्रव बर्तन की दीवारों पर समान गहराई पर समान दाब डालते हैं। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
प्लास्टिक की एक खाली बोतल लीजिए। बोतल के पेंदे के पास चारों दिशाओं में चार सूराख कीजिए। ध्यान दीजिए कि सूराख पेंदे से समान ऊँचाई पर हों। अब बोतल को पानी से भरिए। हम देखते हैं कि सूराखों से निकलता पानी बोतल से बराबर की दूरी पर गिरता है। यह दर्शाता है कि द्रव बर्तन की दीवारों पर समान गहराई पर समान दाब डालते हैं।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -9

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 7.
वायुमंडलीय दाब की अधिकता को सिद्ध करने के लिए एक प्रयोग कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
एक अच्छी रबड़ का एक चूषक (sucker) लीजिए। यह रबड़ के एक छोटे प्याले की भाँति दिखाई देता है। इसको किसी समतल चिकने पृष्ठ पर जोर से दबाइए।

जब हम चूषक को दबाते हैं तो कप तथा पृष्ठ के बीच की अधिकांश वायु बाहर निकल जाती है। चूषक पर वायुमंडलीय दाब लगता है इसलिए यह पृष्ठ के साथ चिपक जाता है। चूषक को पृष्ठ से खींचकर अलग करने के लिए लगाया गया बल इतना अधिक होना चाहिए कि यह वायुमंडलीय दाब पर पार पा सके। वास्तव में, यदि चूषक तथा पृष्ठ के बीच में से समस्त वायु को निकाल दिया जाए तो किसी भी मनुष्य के लिए चूषक पृष्ठ से खींच कर अलग करना संभव नहीं होगा। इससे हम अनुमान लगा सकते हैं कि वायुमंडलीय दाब कितना अधिक होता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -10

बल तथा दाब Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ बल (Force) : किसी वस्तु पर लगने वाला धक्का या खिंचाव ।

→ पेशीय बल (Muscular Force) : मांसपेशियों के क्रियास्वरूप लगने वाला बल

→ सम्पर्क बल (Contact Force) : वस्तु पर लगने वाला बल जब वह सम्पर्क में हो।

→ घर्षण बल (Friction Force) : वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन का कारण।

→ चुंबकीय बल (Magnetic Force) : एक चुंबक का दूसरी चुंबक पर बगैर सम्पर्क में आए लगाया गया बल।

→ स्थिर वैद्युत बल (Electrostatic Force) : एक आवेशित वस्तु द्वारा किसी दूसरी आवेशित अथवा अनावेशित वस्तु पर लगाया गया बल।

→ गुरुत्व बल (Force of Gravity) : पृथ्वी-द्वारा किसी वस्तु पर लगाए बल को गुरुत्वीय बल कहते हैं ।

→ दाब (Pressure) : किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाला बल।

→ वायुमंडल (Atmosphere) : पृथ्वी पर वायु का आवरण।

→ वायुमंडलीय दाब (Atmospheric Pressure) : वायु द्वारा आरोपित दाब।

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HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षणF

HBSE 8th Class Science पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 77)

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजंतु अभयारण्यों एवं जैवमण्डल संरक्षित क्षेत्रों को बनाने का क्या उद्देश्य है?
उत्तर:
राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजंतु अभयारण्यों एवं जैवमण्डल संरक्षित क्षेत्रों को बनाने का उद्देश्य उन जन्तुओं को संरक्षित करना है जिनकी संख्या कम है तथा वे विलुप्त हो सकते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 77)

प्रश्न 2.
वनोन्मूलन से एक ओर जहाँ वर्षा में कमी आती है तो दूसरी ओर बाढ़ आना कैसे संभव हो सकता है?
उत्तर:
वनोन्मूलन के कारण पृथ्वी पर ताप एवं प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है, जिसकी वजह से जलचक्र में परिवर्तन होने से वर्षा में कमी आती है। दूसरी ओर वनोन्मूलन के कारण मिट्टी की जल को रोकने की क्षमता भी अपेक्षाकृत कम हो जाती है, जिससे जलप्रवाह के कारण बाढ़ आती है।

(पृष्ठ संख्या – 81)

प्रश्न 3.
मैंने सुना है कि कुछ विशेष क्षेत्री स्पीशीज विलुप्त हो सकती हैं। क्या यह सच है ?
उत्तर;
हाँ। बढ़ती हुई जनसंख्या तथा इनके आवास (जंगलों के) नष्ट होने से नयी स्पीशीज के प्रवेश से विशेष क्षेत्री स्पीशीज के प्राकृतिक आवास पर प्रभाव पड़ सकता है तथा इनके अस्तित्व को भी खतरा हो सकता है।

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(पृष्ठ संख्या – 82)

प्रश्न 4.
चिड़ियाघर और वन्यप्राणी अभयारण्य में क्या अन्तर है?
उत्तर:
चिड़ियाघर में कृत्रिम वातावरण होता है तथा यहाँ जंतुओं का प्रदर्शन मनोरंजन के लिए होता है। किन्तु वन्य प्राणी अभयारण्य का वातावरण प्राकृतिक होता है तथा यह विस्तृत जंगली भू-भाग पर फैला होता है।

(पृष्ठ संख्या – 83)

प्रश्न 5.
क्या इस वन में बाघ अभी भी पाए जाते हैं ? मुझे उम्मीद है कि मैं बाघ देख सकता हूँ।
उत्तर:
बाघ उन स्पीशीज में से एक हैं, जो धीरे-धीरे हमारे वनों से विलुप्त होते जा रहे हैं परन्तु सतपुड़ा आरक्षित क्षेत्र में बाघों की संख्या में वृद्धि हो रही है, अत: यह संरक्षण का अनूठा उदाहरण है।

(पृष्ठ संख्या – 83)

प्रश्न 6.
क्या केवल बड़े जन्तुओं को ही विलुप्त होने का खतरा है ?
उत्तर:
केवल बड़े जन्तुओं को ही विलुप्त होने का खतरा नहीं है, बल्कि छोटे प्राणियों के विलुप्त होने की संभावना अधिक है। अक्सर हम साँप, मेंढक, छिपकली, चमगादड़ तथा उल्लू इत्यादि को निर्दयता से मार डालते हैं और पारितंत्र में उनके महत्व के विषय में सोचते भी नहीं हैं। उनको मारकर हम स्वयं को हानि पहुंचा रहे हैं। यद्यपि ये आकार में छोटे हैं परन्तु पारितंत्र में उनके योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता। वे आहार जाल एवं आहार श्रृंखला के भाग हैं।

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(पृष्ठ संख्या – 83)

प्रश्न 7.
क्या ‘संकटापन्न’ स्पीशीज का भी कोई रिकार्ड
उत्तर:
हाँ। रेड डाटा बुक ऐसी पुस्तक है जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकार्ड रखा जाता है। पौधे, जन्तुओं और अन्य स्पीशीज के लिए विभिन्न रेड डाटा पुस्तकें हैं।

प्रश्न 8.
क्या होगा जब हमारे पास लकड़ी ही नहीं बचेगी ? क्या लकड़ी का कोई विकल्प उपलब्ध है ? मैं जानता हूँ कि कागज एक महत्त्वपूर्ण उत्पाद है जो हमें वनों से प्राप्त होता है। मुझे आश्चर्य है यदि कागज का कोई और विकल्प उपलब्ध हो। (पृष्ठ संख्या-84)
उत्तर:
लकड़ी के न होने से हमें ईंधन, भोजन और आवास की समस्या होगी। कागज व लकड़ी का कोई विकल्प नहीं है। हाँ, हम कागज को पुननिर्माण प्रक्रिया से दोबारा प्राप्त कर सकते हैं। यदि प्रत्येक छात्र प्रतिदिन एक कागज बचाये तो वर्ष में हजारों पेड़ बचाये जा सकते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 84)

प्रश्न 9.
क्या वनोन्मूलन का कोई स्थायी हल है ?
उत्तर:
पुनर्वनारोपण। इसका तात्पर्य काटे गये वृक्षों की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से नये वृक्षों का रोपण करना है।

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HBSE 8th Class Science पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की उचित शब्दों द्वारा पूर्ति कीजिए
(क) वह क्षेत्र जिसमें जंतु अपने प्राकृतिक आवास में संरक्षित होते हैं ………….. कहलाता है।
(ख) किसी क्षेत्र विशेष में पाई जाने वाली स्पीशीज ……………… कहलाती है।
(ग) प्रवासी पक्षी सुदूर क्षेत्रों से ………………. परिवर्तन के कारण पलायन करते हैं।
उत्तर:
(क) वन्यजीव अभयारण्य
(ख) विशेष क्षेत्री स्पीशीज
(ग) जलवायु।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए
(क) वन्यप्राणी उद्यान एवं जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र।
(ख) चिड़ियाघर एवं अभयारण्य
(ग) संकटापन्न एवं विलुप्त स्पीशीज
(घ) वनस्पतिजात एवं प्राणिजात।
उत्तर:
(क) वन्यप्राणी उद्यान : एक ऐसा स्थान जहाँ जंगली जानवरों की सुरक्षा और संरक्षण किया जाता है। जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र : वन्य जीवन, पौधे और जन्तु संसाधनों तथा उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारम्परिक ढंग से जीवनयापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र।

(ख) चिड़ियाघर : मानव निर्मित ऐसा स्थान जहाँ जन्तुओं का संरक्षण किया जाता है। चिड़ियाघर में वन्य प्राणी अपनी इच्छा से भ्रमण नहीं कर सकते। इसमें अधि कतर जीव कैद में रहते हैं। अभयारण्य : वह क्षेत्र जहाँ जंतु और उनके आवास को संरक्षण में रखा जाता है। अभयारण्य जन्तुओं को एक प्राकृतिक आवास प्रदान कराते हैं, जिसमें जीव किसी भी प्रकार की कैद में नहीं होता है।

(ग) संकटापन्न स्पीशीज : वे जन्तु जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है तथा वे विलुप्त हो सकते हैं। जैसे- सफेद चीता, शेर हाथी आदि। विलुप्त स्पीशीज : वे जन्तु जो पृथ्वी से विलुप्त हो चुके हैं। जैसे-डायनासोर।

(घ) वनस्पतिजात : किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधों का समूह।
प्राणिजात : किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं का समूह।

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प्रश्न 3.
वनोन्मूलन का निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए –
(क) वन्यप्राणी
(ख) पर्यावरण
(ग) गाँव- (ग्रामीण क्षेत्र)
(घ) शहर (शहरी क्षेत्र)
(ङ) पृथ्वी (च)अगली पीढ़ी
उत्तर :
वनोन्मलन का प्रभाव –
(क) वन्यप्राणी : जंगली जानवर भोजन और आवास के लिए जंगलों पर पूर्णतया निर्भर हैं। वनोन्मूलन से उनके प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाते हैं, भोजन के लिए भी परेशान हो जाते हैं। इस कारण उनके अस्तित्व पर खतरा बन सकता है तथा वे विलुप्त हो सकते हैं।

(ख) पर्यावरण : वनोन्मूलन से वातावरण में ऑक्सीजन की कमी आ जाती है जिससे प्रकृति में असंतुलन आ गया है। इस कारण प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़ और सूखा) की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

(ग) गाँव (ग्रामीण क्षेत्र) : अधिकतर कृषि गाँव में होती है। वनोन्मूलन के कारण वर्षा तथा मिट्टी की उत्पादन क्षमता में कमी आ जायेगा तथा प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ेंगी, जिससे ग्रामीण जीवन काफी हद तक प्रभावित होगा।

(घ) शहर (शहरी क्षेत्र): शहरों में उद्योगों की संख्या अधिक है और वाहन भी बहुत मात्रा में चलते हैं, यदि वनोन्मूलन होगा तो कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा वातावरण में बढ़ जाएमी तथा वायु प्रदूषण होगा ऐसे में शहरी जिंदगी स्वस्थ नहीं रहेगी।

(छ) पृथ्वी : वनोन्मूलन से विश्व ऊष्णन का खतरा बढ़ जायेगा अर्थात् पृथ्वी का तापमान व प्रदुषण बढ़ जाएगा। वृक्षों की कमी होने से मृदा अपरदन होता है। इससे मृदा में ह्यूमस की कमी होती है। धीरे-धीरे भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाती है।

(च) अगली पीढ़ी : वनोन्मूलन के कारण दुर्लभ जंतु प्रजातियाँ एवं वनस्पति नष्ट हो जाती हैं, जिन्हें अगली पीढ़ी केवल चित्रों में ही देख सकती है। अगली पीढ़ी को अनेक संसाधनों की कमी से भी जूझना पड़ेगा।

प्रश्न 4.
क्या होगा यदि –
(क) हम वृक्षों की कटाई करते रहे ?
(ख) किसी जंतु का आवास बाधित हो?
(ग) मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित हो जाए?
उत्तर :
(क) यदि हम वृक्षों की कटाई करते रहे तो उस क्षेत्र में वर्षा कम होगी, बाढ़ अधिक आएगी तथा आर्द्रता घटेगी। इससे उस क्षेत्र का भूमिगत जल स्तर नीचे जाएगा।

(ख) किसी जंतु का आवास बाधित होने पर उनके अस्तित्व पर खतरा बढ़ेगा तथा वे संकटापन्न स्पीशीज में आ सकते हैं। आवास न होने से वे शहरों व गाँवों की ओर आयेंगे जिससे मानव-जीवन भी प्रभावित होगा।

(ग) मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित होने पर नीचे की कठोर चट्टानें दिखाई देंगी तथा मृदा में ह्यूमस की कमी होगी। इस भूमि की उर्वरता अपेक्षाकृत कम हो जाएगी। धीरे-धीरे यह उर्वरा भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाती है। यह प्रक्रिया मरुस्थलीकरण कहलाती है।

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प्रश्न 5.
संक्षेप में उत्तर दीजिए –
(क)हमें जैव विविधता का संरक्षण क्यों करना चाहिए?
(ख) संरक्षित वन भी वन्य जंतुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हैं, क्यों?
(ग) कुछ आदिवासी वन (जंगल) पर निर्भर होते हैं। कैसे?
(घ) वनोन्मूलन के कारक और उनके प्रभाव क्या हैं ?
(ङ) रेड डाटा पुस्तक क्या है ?
(च) प्रवास से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
(क) जीवन के निर्वाह के लिए जैव विविधता आवश्यक है। यदि जैव विविधता संरक्षित नहीं होगी तो पृथ्वी पर जीवन चक्र प्रभावित हो जाएगा। सम्पूर्ण विश्व को खाद्य पदार्थ प्रदान करने के लिए जैव विविधता का संरक्षण करना चाहिए।

(ख) वनों के आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग वनों का अतिक्रमण करके उन्हें नष्ट कर देते हैं, इस कारण संरक्षित वन भी वन्य-जंतुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हैं।

(ग) कुछ आदिवासियों का जीवन-निर्वाह वनों पर ही निर्भर होता है। जंगलों में कुछ आदिवासी जनजातियाँ निवास करती हैं, जो कि भोजन व आवास के लिए वनों पर निर्भर हैं। वनों के उत्पाद व लकड़ी बेचकर वे अपना जीवन-यापन करते हैं।

(घ) वनोन्मूलन के कारक –
(1) कृषि भूमि के लिए
(2) पशुओं के अतिचारण के लिए
(3) घरों एवं कारखानों के निर्माण के लिए।
(4) सड़कों और बांधों के निर्माण के लिए।

वनोन्मूलन के प्रभाव : वनोन्मूलन के मुख्य दुष्प्रभाव निम्न हैं –
(1) अधिक बाढ़ आने का खतरा
(2) ऑक्सीजन/ कार्बन डाइऑक्साइड के अनुपात का असंतुलन
(3) भूस्खलन
(4) जलवायु परिवर्तन
(5) वन में रहने वाले पशु-पक्षियों का नष्ट होना या प्रवास करना
(6) स्थलीय जल में कमी
(7) भूमि की उर्वरता में कमी।

(ङ) रेड डाटा पुस्तक-इस पुस्तक में सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकार्ड रखा जाता है। पौधे, जंतुओं और अन्य स्पीशीज के लिए अलग-अलग रेड डाटा पुस्तकें हैं।

(च) प्रवास-कुछ स्पीशीजों द्वारा अपने आवास से किसी निश्चित समय में बहुत दूर जाना प्रवास कहलाता है। प्रवास ज्यादातर पक्षियों में पाया जाता है। जलवायु में परिवर्तन के कारण प्रवासी पक्षी प्रत्येक वर्ष एक निश्चित समय में जलवायु परिवर्तन के कारण उड़कर जाते हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण उनका आवास उनके जीवन-यापन के लिए अनुकूल नहीं होता।

प्रश्न 6.
फैक्ट्रियों एवं आवास की मांग की आपूर्ति हेतु वनों की अनवरत कटाई हो रही है। क्या इन परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत है ? इस पर चर्चा कीजिए तथा एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर:
नहीं। इन परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत नहीं है। वृक्षों का संरक्षण आवश्यक है क्योंकि-

  • वृक्ष पर्याप्त मात्रा में वर्षा लाने तथा प्रकृति में जलचक्र बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।
  • वृक्ष बाढ़ को रोकने के लिए आवश्यक हैं।
  • वृक्ष अत्यधिक उपजाऊ ऊपरी मृदा की अपरदन द्वारा हानि से बचाने के लिए आवश्यक हैं।
  • वृक्ष वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए आवश्यक हैं, क्योंकि वन उनके प्राकृतिक आवास को बनाये रखते हैं।

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प्रश्न 7.
अपने स्थानीय क्षेत्र में हरियाली बनाए रखने में आप किस प्रकार योगदान दे सकते हैं ? अपने द्वारा की जाने वाली क्रियाओं की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:
अपने क्षेत्र में हरियाली बनाये रखने के लिए उपाय –

  • वृक्षों को काटने पर अपने प्रयासों तथा सरकारी कानून की सहायता से रोकथाम
  • सड़क के दोनों ओर वृक्ष लगाना।
  • घरों के बाहर पौधे लगाना।
  • विशेष क्षेत्रों में उद्यान बनाना।

प्रश्न 8.
वनोन्मूलन से वर्षा दर किस प्रकार कम हुई ? समझाइए।
उत्तर :
पेड़-पौधे पर्यावरण में जलचक्र बनाये रखने के लिए मुख्य कारक हैं। यदि पोधे, मृदा से जल का शोषण नहीं करेंगे और बादल बनाने के लिए अपनी पत्तियों से जल का वाष्पन भी नहीं करेंगे तो बादल नहीं बनेंगे एवं वर्षा भी नहीं होगी।

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प्रश्न 9.
अपने राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों के विषय में सूचना एकत्र कीजिए। भारत के रेखा मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाइए।
उत्तर :
छात्र अपने राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों के विषय में जानकारी प्राप्त कर भारत के रेखा मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाएँ। राजस्थान के दो प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान के विषय में जानकारी छात्रों की सुविधा हेतु दी जा रही है-
(1) घाना पक्षी अभयारण्य : इसे केवला देव राष्ट्रीय उद्यान भी कहते हैं। यह भरतपुर के दक्षिण पूर्व में स्थित है। यहाँ विदेशी प्रवासी पक्षी एवं 300 से अधिक जातियों के भारतीय पक्षी पाये जाते हैं। सफेद सारस ठंड के मौसम में यहाँ आते हैं। स्थानीय पक्षी हंस, शुक-कोयल आदि भी यहाँ पाये जाते हैं।

(2) रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान : यह पार्क अरावली एवं विन्ध्य पर्वत श्रृंखला के मिलने के स्थान पर स्थित है। यह सवाई माधोपुर के पास ऐतिहासिक दुर्ग रणथम्भौर के पास अत्यन्त विशाल क्षेत्र में फैला है। 1974 में यहाँ बाघों की गिरती संख्या को देखते हुए उसकी रोकथाम हेतु बाघ परियोजना प्रारम्भ की गई। यहाँ चीतल, सांभर, नील गाय, जल पक्षी, चिन्कारा आदि पाए जाते हैं।

प्रश्न 10.
हमें कागज की बचत क्यों करनी चाहिए ? उन कार्यों की सूची बनाइए जिनके द्वारा आप कागज की बचत कर सकते हैं ?
उत्तर:
एक टन कागज प्राप्त करने के लिए पूर्ण रूप से विकसित 17 वृक्षों को काटा जाता है। वृक्षों की बचत – के लिए कागज की बचत अत्यन्त आवश्यक है। कागज की बचत हम निम्न प्रकार से कर सकते हैं – हम कागज का पुन: उपयोग कर सकते हैं तथा कागज का पुनः चक्रण 5-7 बार उपयोग हेतु किया जा सकता है। यदि कोई छात्र दिन में मात्र 1 कागज की बचत करता है तो हम एक वर्ष में अनेक वृक्ष बचा सकते हैं। इसके द्वारा हम न केवल वृक्षों को बचाएंगे अपितु कागज उत्पादन के उपयोग में आने वाले जल एवं ऊर्जा की बचत भी कर सकते हैं। इसी के साथ-साथ कागज उत्पादन के उपयोग में आने वाले हानिकारक रसायनों में कमी आएगी।

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प्रश्न 11.
दी गई शब्द पहेली को पूरा कीजिए –
ऊपर से नीचे की ओर –
1. विलुप्त स्पीशीज की सूचना वाली पुस्तक
2 पौधों, जंतुओं एवं सूक्ष्मजीवों की किस्में एवं विभिन्नताएँ

बाई से दाई ओर –
2. पृथ्वी का वह भाग जिसमें सजीव पाए जाते हैं।
3. विलुप्त हुई स्पीशीज
4. एक विशिष्ट आवास में पाई जाने वाली स्पीशीज
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण -1
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण -2

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HBSE 8th Class Science दहन और ज्वाला Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. हमारी सरकार ने बाघों के संरक्षण के लिए कौन-सी परियोजना प्रारम्भ की –
(अ) बाघ परियोजना
(ब) उद्यान परियोजना
(स) संकटापन्न परियोजना
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) बाघ परियोजना

2. भारतीय विशाल गिलहरी का नाम है
(अ) सिसोन
(ब) विसन
(स) किसोन
(द) किसन।
उत्तर:
(ब) विसन

3. वह पुस्तक जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज़ का रिकार्ड रखा जाता है –
(अ) यलो डाटा बुक
(ब) व्हाइट डाटा बुक
(स) ब्लैक डाटा बुक.
(द) रेड डाटा बुक।
उत्तर:
(द) रेड डाटा बुक।

4. भारत का प्रथम आरक्षित वन है –
(अ) सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
(ब) काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
(स) घाना पक्षी अभयारण्य
(द) पंचमढ़ी उद्यान
उत्तर:
(अ) सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान

5. वनों को काटने से किस गैस की वायुमंडल में वृद्धि हो जाती है-
(अ) ऑक्सीजन
(ब) नाइट्रोजन
(स) कार्बन डाइऑक्साइड
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(स) कार्बन डाइऑक्साइड

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रिक्त स्थान पूर्ति

(i) प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में पौधों को भोजन बनाने के लिए ……………. की आवश्यकता होती है।
(ii) ……………. के संरक्षण के उद्देश्य से जैव मण्डल आरक्षित क्षेत्र बनाए गए हैं।
(iii) किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे उस क्षेत्र के …………… एवं जीव-जंतु …………. कहलाते हैं।
(iv) ………….. में सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकार्ड रखा जाता है।
उत्तर:
(i) कार्बन डाइऑक्साइड
(ii) जैव विविधता
(iii) वनस्पतिजात, प्राणिजात
(iv) रेड डाटा पुस्तक।

सुमेलन

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ख’
(i) वह क्षेत्र जहाँ जंतु एवं उनके आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं।(क) जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र
(ii) वह क्षेत्र जहाँ वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवनयापन किया जाता है।(ख) राष्ट्रीय उद्यान
(iii) वह क्षेत्र जहाँ वन्य जंतु स्वतंत्र रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।(घ) वन्यजीव अभ्यारण्य

उत्तर:

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ख’
(i) वह क्षेत्र जहाँ जंतु एवं उनके आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं।(घ) वन्यजीव अभ्यारण्य
(ii) वह क्षेत्र जहाँ वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवनयापन किया जाता है।(क) जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र
(iii) वह क्षेत्र जहाँ वन्य जंतु स्वतंत्र रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।(ख) राष्ट्रीय उद्यान

सत्य / असत्य कथन

(क) वनोन्मूलन से पृथ्वी पर ताप एवं प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है।
(ख) भूमि पर वृक्षों की कमी से मृदा अपरदन नहीं होता।
(ग) जैव विविधता के संरक्षण के उद्देश्य से जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र बनाए गए हैं।
(घ) एक जाति के सदस्यों में विभिन्न लक्षण पाये जाते हैं।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) असत्य।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वनोन्मूलन के दो प्राकृतिक कारक बताइये।
उत्तर:
(1) दावानल
(2) भीषण सूखा।

प्रश्न 2.
ह्यूमस क्या है ?
उत्तर:
मृदा में सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों से बना भुर-भुरे काले रंग का पदार्थ घूमस कहलाता है।

प्रश्न 3.
राष्ट्रीय उद्यान से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
वन्य जन्तुओं के लिए आरक्षित क्षेत्र जहाँ वे स्वतंत्र रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं, राष्ट्रीय उद्यान कहलाते हैं।

प्रश्न 4.
भारत का पहला आरक्षित क्षेत्र कौन-सा है ?
उत्तर:
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान।

प्रश्न 5.
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में किस पेड़ की सर्वोत्तम किस्म मिलती है?
उत्तर:
टीक (सागौन)।

प्रश्न 6.
वनस्पतिजात की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे उस क्षेत्र के वनस्पतिजात कहलाते हैं।

प्रश्न 7.
प्राणिजात की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतु उस क्षेत्र के प्राणिजात कहलाते हैं।

प्रश्न 8.
स्पीशीज की परिभाषा लिखो।
उत्तर:
सजीवों की समष्टि का वह समूह है जो एक दूसरे से अंतर्जनन करने में सक्षम होते हैं, स्पीशीज कहलाती हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 9.
अभयारण्य से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
वह क्षेत्र जहाँ जंतु और उनके आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं, अभयारण्य कहलाते

प्रश्न 10.
संकटापन्न जंतु किसे कहते हैं।
उत्तर:
वे जंतु जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है तथा वे विलुप्त हो सकते हैं, संकटापन्न जन्तु कहलाते हैं।

प्रश्न 11.
संकटापन्न जंतुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
(1) सुनहरी बिल्ली
(2) काली बतख
(3) सफेद आँख वाली बतख
(4) गुलाबी सिर वाली बतखा

प्रश्न 12.
किसी एक विलुप्त जानवर का नाम लिखिए।
उत्तर:
डाइनासॉर।

प्रश्न 13.
पारितंत्र की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
किसी क्षेत्र के सभी पेड़-पौधे, जीव-जंत, सूक्ष्मजीव और अजैव घटक जैसे- जलवायु, मिट्टी, नदियों के डेल्टा आदि से मिलकर बना तंत्र पारितंत्र (Ecosystem) कहलाता है।

प्रश्न 14.
प्रवासी पक्षी से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
ऐसे पक्षी जो उड़कर सुदूर क्षेत्रों तक लम्बी यात्रा करते हैं, प्रवासी पक्षी कहलाते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वनोन्मूलन के प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित कारक बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
प्राकृतिक कारक
(i) दावानल
(ii) भीषण सूखा।

मानव-निर्मित कारक-
(i) कृषि के लिए भूमि प्राप्त करना
(ii) घरों एवं कारखानों का निर्माण
(iii) फर्नीचर बनाने में
(iv) लकड़ी का ईंधन के रूप में उपयोग।

प्रश्न 2.
मरुस्थलीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
भूमि पर वृक्षों की कमी होने से मृदा अपरदन अधिक होता है। मृदा की ऊपरी परत हटाने से नीचे की कठोर चट्टानें दिखाई देने लगती हैं। इससे मृदा में ह्यूमस की कमी होती है तथा इसकी उर्वरता भी अपेक्षाकृत कम होती है। धीरे-धीरे उर्वर-भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाती है। इसे मरुस्थलीकरण कहते हैं।

प्रश्न 3.
वनोन्मूलन से वन्य प्राणी-जीवन भी प्रभावित होता है। कैसे? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
वनोन्मूलन के कारण वन्य प्राणियों को उचित भोजन व आवास से सम्बन्धित समस्याओं से जूझना पड़ेगा। जिससे उनके अस्तित्व पर संकट खड़ा हो सकता है तथा वे मानव निर्मित क्षेत्रों की ओर आयेंगे जिससे सम्पूर्ण जीवन-चक्र प्रभावित हो सकता है।

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प्रश्न 4.
जैव विविधता को प्रभावित करने वाले कारक बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जैव विविधता को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं
(1) विभिन्न कारणों से जीवों को मारना या शिकार करना।
(2) चिकित्सकीय उपयोग के पेड़ों व घासको काटना।
(3) भूमि के प्रयोग के लिए वनों को जलाना।
(4) आवास के लिए वनों को काटना।
(5) सड़क मार्ग बनाने के लिए वनों को काटना।

प्रश्न 5.
विशेष क्षेत्री प्रजाति से क्या तात्पर्य है ? समझाइए।
उत्तर:
पौधे एवं जन्तुओं की वह स्पीशीज जो किसी विशेष क्षेत्र में विशिष्ट रूप से पाई जाती है, उसे विशेष क्षेत्री प्रजाति कहते हैं। जैसे पंचमढ़ी जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र में साल और जंगली आम के पेड़ विशेष क्षेत्री वनस्पति प्रजाति हैं। विशालकाय गिलहरी यहाँ की विशेष क्षेत्री जंतु प्रजाति है।

प्रश्न 6.
देश में बहुत से राष्ट्रीय उद्यान तथा संरक्षित क्षेत्र बनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
भारत में बहुत से राष्ट्रीय उद्यान तथा संरक्षित क्षेत्र बनाने का उद्देश्य दुर्लभ प्रजातियों के वन्य प्राणियों के जीवन भंडार को सुरक्षित रखना है, ताकि ये दुर्लभ प्राणी पृथ्वी से पूरी तरह विलुप्त न हो जायें। इनका मुख्य उद्देश्य वन्य प्राणियों तथा उनके प्राकृतिक वातावरण का संरक्षण करना है।

प्रश्न 7.
जैव विविधता को कैसे संरक्षित किया जा सकता
उत्तर:
(1) लोगों को शिक्षित करके।
(2) शिकार करने पर रोक लगाकर।
(3) राष्ट्रीय पार्क तथा अभयारण्य की स्थापना करके।
(4) वन्य जीवन अधिनियम, 1972 के प्रावधानों को लागू करके।
(5) आधुनिक जैव तकनीकी अपनाकर, जिससे दुर्लभ और संकटापन्न जातियों को बचाया जा सके।

प्रश्न 8.
वन्यप्राणी अभयारण्य से क्या तात्पर्य है ? समझाइए।
उत्तर:
ये कुछ ऐसे क्षेत्र होते हैं जहाँ वन्यप्राणी सुरक्षित रहते हैं। इन स्थानों पर जन्तुओं अथवा प्राणियों को मारना या शिकार करना अथवा पकड़ना पूर्णत: निषिद्ध होता है तथा यहाँ पर संकटापन्न जन्तुओं को सुरक्षित एवं संरक्षित रखा जाता है। जैसे-पंचमढ़ी वन्यप्राणी अभयारण्य में काले हिरण, हाथी, सुनहरी बिल्ली, घड़ियाल, कच्छ मगरमच्छ, अजगर, गैंडा आदि संकटापन्न वन्यप्राणियों को सुरक्षित एवं संरक्षित किया जाता है।

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प्रश्न 9.
पाँच राष्ट्रीय उद्यानों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(1) कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान – उत्तराखण्ड।
(2) संजय राष्ट्रीय उद्यान – महाराष्ट्र।
(3) पेरियार राष्ट्रीय उद्यान – केरल।
(4) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान – मध्य प्रदेश।
(5) वमुघाटा राष्ट्रीय उद्यान – कर्नाटक।

प्रश्न 10.
जंतु चिड़ियाघर में अधिक आराम से हैं अथवा प्राकृतिक आवास में। व्याख्या कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
चिड़ियाघर में लम्बे वृक्ष तथा झाड़ियाँ अधिक उगायी जाती हैं, तालाबों एवं कृत्रिम झीलों की संख्या भी अधिक होती है। फिर भी ये सुविधाएँ पूर्ण नहीं हैं। गर्मियों में जंतुओं को ठंडक में रखने तथा ठंड में गर्म रखने का प्रबंध भी चिड़ियाघरों में किया जाता है। परन्तु जंतु अपने प्राकृतिक आवासों में स्वच्छंद व खुश रह सकते हैं। प्रश्न 11. बाघ परियोजना क्या है ? समझाइए। . उत्तर-हमारी सरकार द्वारा बाघों के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट-टाइगर अथवा बाघ परियोजना प्रारम्भ की गयी है। इसका उद्देश्य अपने देश में बाघों की उत्तरजीविता एवं संवर्धन करना है। बाघ उन स्पीशीज में से एक है जो धीरे-धीरे वनों से विलुप्त होते जा रहे हैं। इस परियोजना के तहत बाघों को संरक्षित किया गया है। सतपुड़ा – आरक्षित क्षेत्र में इनकी वृद्धि भी हुई है।

प्रश्न 12.
पारितंत्र के निर्माण में कौन-कौन से घटक होते हैं? क्या छोटे प्राणी भी पारितंत्र को प्रभावित कर सकते है।
उत्तर:
पारितंत्र के निर्माण में प्राणी, पौधे एवं सूक्ष्म जीव जैविक घटक के रूप में तथा अजैव घटक के रूप में जलवायु, भूमि , डेल्टा आदि सहयोग देते हैं। पारितंत्र को छोटे-छोटे प्राणी भी प्रभावित करते हैं। जैसे – यदि हम मेंढक, छिपकली आदि को समाप्त कर दें, तो ये हमारे आहार जाल व आहार श्रृंखला को प्रभावित करेंगे क्योंकि इन जीवों पर आश्रित रहने वाले अन्य सजीव भी नष्ट हो जाएँगे जिससे पारितंत्र असंतुलित हो जाएगा।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वन्य जीवन का संरक्षण बहुत आवश्यक है। क्यों ?
उत्तर:
वन्य जीवन का संरक्षण प्रकृति में जीन भंडार को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है। अर्थात् इस पृथ्वी से जानवरों तथा पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों को विलुप्त होने से रोकने के लिए आवश्यक है। प्रकृति में पारिस्थितिक संतुलन बनाये रखने के लिए भी वन्य जीवन का संरक्षण आवश्यक है, उदाहरण के लिए यदि हम वन में शेरों तथा बाघों जैसे माँसाहारी जानवरों के शिकार पर प्रतिबंध लगाकर उन्हें संरक्षित करते हैं तो वे हिरणों जैसे शाकाहारी जानवरों की संख्या पर नियंत्रण रखेंगे जो वन के हरे पौधों को खाते हैं। इससे वन के पौधे अधिक हानि से बचेंगे तथा पारिस्थितिक संतुलन बना रहेगा। आर्थिक दृष्टि से भी वन्य जीवन हमारे लिए उपयोगी है। देशी-विदेशी पर्यटक हमारे देश में उन्हें देखने आते हैं. जिससे बहुमूल्य विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। कुछ जंतु जैसे – पश्चिम बंगाल का एक सींग वाला गैंडा, शाही बंगाली शेर आदि केवल भारत में ही पाए जाते हैं।

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प्रश्न 2.
भारत में वन्य जीवों की सुरक्षा व बचाव की कौन-कौन-सी परियोजनाएँ हैं ?
उत्तर:
भारत में कछ वन्य जीव परियोजनाएँ –
(1) बाघ परियोजना : यह परियोजना केन्द्रीय सरकार द्वारा देश में आरक्षित बाघों को सुरक्षा देने के लिए प्रारम्भ की गई। इसके अंतर्गत बाघ आश्रय स्थल बनाए गए हैं।
(2) हिमालय कस्तूरी मृग परियोजना : यह परियोजना कस्तूरी मृग को बचाने के लिए चलाई गई।
(3) घड़ियाल प्रजनन परियोजना : यह परियोजना घड़ियाल की प्रजातियों को बचाने के लिए चलाई गई।
(4) मणिपुर मग शृंगहिरन परियोजनाः यह परियोजना मणिपुर के मृग शृंगहिरनों के संरक्षण हेतु चलाई गई।
(5) हाथी परियोजना : भारत में हाथियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए यह परियोजना चलाई गई।
(6) गैंडा परियोजना : पश्चिम बंगाल के सुंदरवन में गैंडों के संरक्षण के लिए यह परियोजना शुरू की गई।

प्रश्न 3.
कागज का पुनः चक्रण क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
कागज को वनों द्वारा प्राप्त किया जाता है 1 टन कागज को प्राप्त करने के लिए पूर्णरूप से विकसित 17 वृक्षों को काटा जाता है। इस कारण से हमें कागज की बचत करनी चाहिए। उपयोग के लिए कागज का 5 से 7 बार तक पुनः चक्रण किया जा सकता है। हमें कागज की बचत करनी चाहिए तथा इसका पुन: उपयोग एवं पुनः चक्रण करना चाहिए। इसके द्वारा हम न केवल वृक्षा को बचाएँगे बल्कि कागज़ उत्पादन के प्रयोग में आने वाले जल एवं ऊर्जा की बचत भी कर सकते हैं तथा कागज उत्पादन के लिये प्रयोग किये जाने वाले हानिकारक रसायनों में भी कमी आएगी। कागज का पुनः चक्रण करने से वनोन्मूलन में कमी आती है। कागज का प्रयोग दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है इसके लिए पुनर्वनरोपण आवश्यक है। पुनर्वनरोपण में काटे गए वक्षों की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से नए वृक्षों का रोपण किया जाता है। रोपण वाले वृक्ष सामान्यतः उसी – स्पीशीज के होते हैं जो उस वन में पाए जाते हैं। हमें कम से कम उतने वृक्ष तो अवश्य लगाने चाहिए जितने हम काटते हैं।

पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ वनोन्मूलन (Deforestation) : वनों को काटना।

→ मरुस्थलीकरण (Desertification) : मृदा अपरदन के कारण उर्वर भूमि का अनुउपजाऊ होना।

→ जैव विविधता (Biodiversity) : पृथ्वी पर पाये जाने वाले विभिन्न जीवों की प्रजातियाँ, उनके पारस्परिक संबंध एवं पर्यावरण से संबंध।

→ प्राणिजात (Fauna) : किसी विशेष क्षेत्र में पाये जाने वाले जीव-जन्त।

→ वनस्पतिजात (Flora) : किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौध।

→ अभयारण्य (Sanctuary) : वे क्षेत्र जहाँ वन्य जीव-जन्तुं सुरक्षित एवं संरक्षित रहते हैं।

→ राष्ट्रीय उद्यान (National Park) : वन्य जंतुओं के लिए आरक्षित क्षेत्र जहाँ वह स्वतंत्र रूप से आवास एवं। प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।

→ जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र (Biospherereservearea) : वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र। के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवन यापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र।

→ संकटापन्न स्पीशीज (Endangered Species) : वे जंतु, जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है तथा जो विलुप्त हो सकते हैं।

→ विलुप्त (Extinct) : वे जीव जिनका पृथ्वी से अस्तित्व समाप्त हो चका है।

→ पारितंत्र (Ecosystem) : इसमें सभी पौधे. जीव. सक्ष्मजीव तथा अजैव घटक आते हैं।

→ रेड डाटा पुस्तक (Red Data Book) : वह पुस्तक जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकॉर्ड रखा जाता है।

→ स्पीशीज (Species) : सजीवों की समष्टि का वह समूह जो एक-दूसरे से अंतर्जनन करने में सक्षम हो।

→ प्रवास (Migration) : जीवन-यापन करने के लिए स्पीशीज द्वारा अपने आवास से किसी निश्चित समय में बहुत दूर जाना।

→ पुनर्वनरोपण (Reforestation) : नष्ट किए गए वनों को पुनः स्थापित करने के लिए रोपण।

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HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

HBSE 8th Class Science कोयला और पेट्रोलियम InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 56)

प्रश्न 1.
क्या हम अपने सभी प्राकृतिक संसाधनों का निरन्तर उपयोग कर सकते हैं ?
उत्तर:
नहीं । हम अपने सभी प्राकतिक संसाधनों का निरन्तर उपयोग नहीं कर सकते, क्योंकि प्रकृति में कुछ स्रोत असीमित मात्रा में हैं; जैसे- सूर्य का प्रकाश, वायु आदि जबकि कुछ स्रोत सीमित मात्रा में हैं; जैसे- वन, वन्यजीव, खनिज आदि ।

(पृष्ठ संख्या – 57)

प्रश्न 2.
कोयला हमें कहाँ से प्राप्त होता है और यह कैसे बनता है ?
उत्तर:
कोयला हमें पृथ्वी की अंदरूनी सतह अर्थात् खानों से प्राप्त होता है । प्राकृतिक आपदाओं के कारण, वन पृथ्वी के अन्दर समा जाते हैं तथा मिट्टी उनके ऊपर जमा हो जाती है। पृथ्वी के भीतर उच्च ताप तथा दाब के कारण ये मृत पेड़-पौधे धीरे-धीरे कार्बनीकरण की प्रक्रिया द्वारा कोयले के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 61)

प्रश्न 3.
क्या प्रयोगशाला में मृत जीवों से कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस बनाई जा सकती है?
उत्तर:
नहीं । प्रयोगशाला में मृत जीवों से कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस का निर्माण नहीं किया जा सकता, क्योकि इनका बनना बहुत धीमी प्रक्रिया है तथा इनके बनने के लिए आवश्यक दशाएँ प्रयोगशाला में उत्पन्न नहीं की जा सकती।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

HBSE 8th Class Science कोयला और पेट्रोलियम Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
सीएनजी और एलपीजी का ईंधन के रूप में उपयोग करने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर:
सीएनजी और एलपीजी का ईंधन के रूप में उपयोग बहुत लाभदायक है क्योंकि इनका वितरण हर जगह आसानी से पाइप लाइन द्वारा किया जा सकता है । इन दोनों का मुख्य गुण है, जलने पर वायु प्रदूषण नहीं फैलाते । इनकी ऊष्मा की उत्पादन क्षमता भी अधिक होती है । इन्हें घरों तथा फैक्टरियों में सीधे ही प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 2.
पेट्रोलियम का कौन-सा उत्पाद सड़क निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर:
बिटुमेन, पेट्रोलियम का उत्पाद है जो सड़क के निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है ।

प्रश्न 3.
वर्णन कीजिए, मृत वनस्पति से कोयला किस प्रकार बनता है ? यह प्रक्रम क्या कहलाता है?
उत्तर:
कोयले का निर्माण : लगभग 300 मिलियन वर्ष पूर्व जब मृत वनस्पति मिट्टी की सतह के नीचे फँसकर इकट्ठी हो गई, तो निचले स्तर के उच्च ताप व दाब के कारण ये धीरे-धीरे कोयले के रूप में परिवर्तित हो गए है। कोयले के निर्माण की यह धीमी प्रक्रिया ‘कार्बनीकरण’ कहलाती है।

प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) ………………….. तथा ………………….. जीवाश्म ईंधन हैं।
(ख) पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को पृथक् करने का प्रक्रम ………………….. कहलाता है।
(ग) वाहनों के लिए सबसे कम प्रदूषक ईंधन ………………….. है ।
उत्तर:
(क) कोयला, पेट्रोलियम,
(ख) परिष्करण
(ग) सीएनजी।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित कथनों के सामने सत्य/असत्य लिखिए
(क) जीवाश्म ईंधन प्रयोगशाला में बनाए जा सकते हैं।
(ख) पेट्रोल की अपेक्षा सीएनजी अधिक प्रदूषक ईंधन
(ग) कोक, कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है ।
(घ) कोलतार विभिन्न पदार्थों का मिश्रण है।
(ङ) मिट्टी का तेल एक जीवाश्म ईंधन नहीं है।
उत्तर:
(क) असत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य
(ङ) असत्य ।

प्रश्न 6.
समझाइए, जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों हैं ?
उत्तर:
जीवाश्म ईंधन मृत जीवों के अवशेषों से प्राप्त होते हैं । इनको बनने की प्रक्रिया में लाखों वर्ष व्यतीत हो जाते हैं। इस कारण जीवाश्म ईंधन काफी सीमित मात्रा में ही उपलब्ध होते हैं तथा मानव के द्वारा यह अत्यधिक मात्रा में प्रयोग में लाए जाते हैं और समाप्त हो सकते हैं । इसी कारण जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन हैं।

प्रश्न 7.
कोक के अभिलक्षणों और उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कोक के अभिलक्षण : यह कठोर, सरंध्रयुक्त और काले रंग का होता है। यह विद्युत तथा ऊष्मा दोनों का कुचालक है। कोक के उपयोग : यह एक अच्छा घरेलू ईंधन है, जो जलने पर धुंआ नहीं छोड़ता है । यह कृत्रिम ग्रेफाइट बनाने तथा धातुओं जैसे- कॉपर, लोहा, जिंक, लैड, टिन आदि के निष्कर्षण के काम आता है ।

प्रश्न 8.
पेट्रोलियम-निर्माण के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर:
पेट्रोलियम का निर्माण :
पेट्रोलियम का निर्माण समुद्र में रहने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं की सहायता से होता है । मृत्यु के पश्चात् ये सागर की गहराई में जाकर तली तक पहुंच जाते हैं तथा धीरे-धीरे ये रेत और मिट्टी से ढंकने लगते हैं । करोड़ों वर्षों के बाद उत्प्रेरक क्रिया तथा गर्मी के कारण यह हाइड्रोकार्बन में बदल जाते हैं । ये हाइड्रोकार्बन हल्के होने के कारण छिद्रयुक्त चट्टानों से रिसकर पृथ्वी की सतह की ओर तब तक आते रहते हैं, जब तक अपारगम्य चट्टानें उन्हें रोक नहीं लेतीं । इस प्रकार इन अपारगम्य चट्टानों के बीच तेल कूप बन जाते हैं, चूंकि तेल व गैस जल से हल्के होते हैं, अत: यह जल के साथ मिश्रित नहीं होते तथा ऊपर तैरने लगते है ।

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प्रश्न 9.
निम्नलिखित सारणी में 2004 से 2010 तक भारत में विद्युत की कुल कमी को दिखाया गया है । इन आंकड़ों को ग्राफ द्वारा आलेखित करिए । वर्ष में कमी प्रतिशतता को.Y- अक्ष पर तथा वर्ष को x- अक्ष, पर आलेखित करिए।

वर्षकमी %
20047.8
20058.6
20069.0
20079.5
20089.9
200911.2

उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम -1

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

HBSE 8th Class Science कोयला और पेट्रोलियम Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में से समाप्त होने वाला प्राकृतिक संसाध न है
(अ) सूर्य का प्रकाश
(ब) वायु
(स) पेट्रोलियम
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(स) पेट्रोलियम

2. मृत पेड़-पौधों के धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तित होने को कहते हैं –
(अ) हाइड्रोजनीकरण
(ब) कार्बनीकरण
(स) ऑक्सीकरण
(द) अपचयन ।
उत्तर:
(ब) कार्बनीकरण

3. सीएनजी का पूरा नाम है –
(अ) संपीडित प्राकृतिक गैस
(ब) कोयला प्राकृतिक गैस
(स) कोलतार प्राकृतिक गैस
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।

4. पेन्ट एवं सड़क निर्माण में पेट्रोलियम का निम्न में से कौन-सा घटक प्रयुक्त होता है ।
(अ) एलपीजी
(ब) डीजल
(स) पैराफिन मोम
(द) बिटुमेन
उत्तर:
(द) बिटुमेन

5. PCRA द्वारा सलाह दी जाती है –
(अ) वाहन चलाने के सम्बन्ध में
(ब) वाहन चलाते समय पेट्रोल/डीजल बचाने के सम्बन्ध में
(स) अधिक पेट्रोल डीजल उपयोग करने के सम्बन्ध में
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ब) वाहन चलाते समय पेट्रोल/डीजल बचाने के सम्बन्ध में

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) संसाधन जो प्रकृति द्वारा उपलब्ध कराये जाते हैं, ……………. संसाधन कहलाते हैं।
(ख), मृत वनस्पति के धीमे प्रकम द्वारा कोयले में परिवर्तन को ……………. कहते हैं।
(ग) कोयले के प्रक्रमण द्वारा कोक बनाते समय ………………. प्राप्त होती है।
(घ) प्राकृतिक गैस को …………… दाब पर संपीडित प्राकृतिक गैस के रूप में भंडारित किया जाता है।
उत्तर:
(क) प्राकृतिक
(ख) कार्बनीकरण
(ग) कोयला गैस
(घ) उच्च।

सुमेलन

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(i) सूर्य का प्रकाश(क) पेट्रोलियम
(ii) कोयला(ख) अक्षय प्राकृतिक संसाधन
(iii) काला सोना(ग) कोलतार
(iv) अप्रिय गंध वाला काला गाढ़ा द्रव(घ) समाप्त होने वाला प्राकृतिक संसाधन

उत्तर:

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(i) सूर्य का प्रकाश(ख) अक्षय प्राकृतिक संसाधन
(ii) कोयला(घ) समाप्त होने वाला प्राकृतिक संसाधन
(iii) काला सोना(क) पेट्रोलियम
(iv) अप्रिय गंध वाला काला गाढ़ा द्रव(ग) कोलतार

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

सत्य / असत्य कथन

(क) कोक एक कठोर, सरंध्र और काला पदार्थ है।
(ख) प्राकृतिक गैस को निम्न दाब पर सीएनजी के रूप में भंडारित किया जाता है।
(ग) बिटुमेन का उपयोग स्नेहन के रूप में किया जाता है।
(घ) कोयला और पेट्रोलियम जीवाश्म ईधन हैं।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) असत्य
(घ) सत्य।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अक्षय प्राकृतिक संसाधन क्या हैं ?
उत्तर:
वे संसाधन जो प्रकृति में असीमित मात्रा में उपस्थित हैं और मानवीय क्रियाकलापों से समाप्त नहीं होते, अक्षय प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं।
उदाहरण : सूर्य का प्रकाश, वायु आदि ।

प्रश्न 2.
समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधनों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
वे संसाधन जो प्रकृति में सीमित मात्रा में उपस्थित हैं एवं जो मानवीय क्रियाकलापों द्वारा समाप्त हो सकते हैं, समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं।
उदाहरण : कोयला, पेट्रोलियम आदि।

प्रश्न 3.
दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले कुछ प्राकृतिक पदार्थों के नाम लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
खनिज, जल, सूर्य का प्रकाश, पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल आदि।

प्रश्न 4.
दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले कुछ मानव-निर्मित पदार्थों के नाम लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
प्लास्टिक, रेशा, संश्लेषित रबर, मोटर टायर, बैटरी आदि।

प्रश्न 5.
जीवाश्म ईंधन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जीवाश्म ईंधन : ऐसे ईंधन जो सजीवों के मृत अवशेषों से मृदा में दबने के कारण कई करोड़ वर्षों बाद प्रकृति में परिवर्तित हुए, जीवाश्म ईंधन कहलाते हैं ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 6.
यदि कोयले को वायु में जलाया जाए तो क्या होगा?
उत्तर:
कार्बन-डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न होगी ।

प्रश्न 7.
कार्बनीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
मृत वनस्पति के धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तन को कार्बनीकरण कहते हैं।

प्रश्न 8.
कोक कैसा पदार्थ है?
उत्तर:
कोक एक कठोर, सरंध्र और काला पदार्थ है। यह कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है।

प्रश्न 9.
कोक के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर:
कोक का उपयोग निम्नलिखित है-
(i) इस्पात के औद्योगिक निर्माण में।
(ii) धातुओं के निष्कर्षण में।

प्रश्न 10.
बिटुमेन किस काम आता है?
उत्तर:
इसका उपयोग सड़क के निर्माण में किया जाता

प्रश्न 11.
कोयला गैस कैसे प्राप्त होती है?
उत्तर:
कोयले के प्रक्रमण द्वारा कोक बनाते समय कोयला गैस प्राप्त होती है।

प्रश्न 12.
परिष्करण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
पेट्रोलियम के प्रभाजों को पृथक् करने का प्रक्रम परिष्करण कहलाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 13.
सीएनजी का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर:
संपीडित प्राकृतिक गैस (Compressed Natural Gas)

प्रश्न 14.
घरों में उपयोग की जाने वाली पेट्रोलियम गैस का नाम लिखिए।
उत्तर:
एलपीजी (द्रवित पेट्रोलियम गैस) ।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रकृति में पाए जाने वाले प्राकृतिक संसाधनों के प्रकार लिखिए ।
उत्तर:
प्रकृति में पाये जाने वाले प्राकृतिक संसाधनों को दो वर्गों में बाँटा गया है
(1) अक्षय प्राकृतिक संसाधन – ये संसाधन प्रकृति में असीमित मात्रा में उपस्थित हैं तथा मानव क्रियाकलापों द्वारा समाप्त नहीं हो सकते है। उदाहरण- सूर्य का प्रकाश, वायु आदि ।
(2) समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन – प्रकृति में इन स्रोतों की मात्रा सीमित है तथा मानव क्रियाकलापों द्वारा ये समाप्त हो सकते हैं । उदाहरण- वन, खनिज, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि ।

प्रश्न 2.
कोलतार क्या है ? इसका क्या उपयोग है?
उत्तर:
यह काले रंग वाला गाढ़ा द्रव है । यह लगभग 200 । पदार्थों का मिश्रण है। कोलतार से प्राप्त उत्पादों का उपयोग प्रारम्भिक पदार्थों के रूप में होता है। दैनिक जीवन में काम आने वाले विभिन्न पदार्थों के औद्योगिक निर्माण में तथा उद्योगों, जैसे – संश्लेषित रंग, औषधि, पेन्ट, प्लास्टिक, छत. के निर्माण के लिए सामग्री इत्यादि में इसका उपयोग होता है। नैफ्थलीन की गोलियाँ भी कोलतार से प्राप्त की जाती हैं।

प्रश्न 3.
पेट्रोलियम क्या है ? इसके परिष्करण से कौन-कौन से पदार्थ प्राप्त होते हैं ?
उत्तर:
पेट्रोलियम गहरे रंग का तेलीय द्रव है, इसकी गंध अप्रिय होती है। पेट्रोलियम को जीवाश्मी ईंधन भी कहते हैं । पेट्रोलियम के परिष्करण से पेट्रोलियम गैस, पेट्रोल, डीजल, स्नेहक तेल, पैराफिन मोम आदि प्राप्त होते हैं ।

प्रश्न 4.
प्राकृतिक गैस महत्वपूर्ण क्यों है तथा इसका क्या उपयोग है ?
उत्तर:
यह एक बहुत महत्वपूर्ण जीवाश्म ईंधन है, क्योंकि इसे पाइप द्वारा कहीं भी पहुंचाया जा सकता है। प्राकृतिक गैस को उच्च दाब पर संपीडित प्राकृतिक गैस के रूप में स्टोर किया जाता है।.CNG का प्रयोग कुछ समय से परिवहन वाहनों में ईंधन के रूप में किया जा रहा है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 5.
पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (PCRA) द्वारा पेट्रोल – डीजल बचत के लिए दिए गए सुझावों को लिखिए।
उत्तर:
पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ ने निम्नलिखित सुझाव दिए हैं –
(1) जहाँ तक सम्भव हो गाड़ी एक समान एवं मध्यम गति से चलानी चाहिए ।
(2) यातायात लाइटों पर अथवा जहाँ प्रतीक्षा करनी हो, गाड़ी का इंजन बंद कर देना चाहिए ।
(3) गाड़ी का नियमित रख-रखाव सुनिश्चित करना चाहिए।
(4) टायरों में हवा का दबाव उचित रखना चाहिए।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस के भण्डार का चित्र बनाइये।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम -2

प्रश्न 2.
पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को उपयोग सहित लिखिए।
उत्तर:
पेट्रोलियम के विभिन्न संघटक –
1. द्रवित पेट्रोलियम गैस : इसका उपयोग घरों और उद्योगों में ईंधन के रूप में किया जाता है।
2. मिट्टी का तेल : इसका प्रयोग स्टोव, लैम्प और जेट वायुयान के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है।
3. पेट्रोल : इसका प्रयोग मोटरकारों में, वैमानिक ईंधन के रूप में तथा शुष्क धुलाई के लिए विलायक के रूप में होता है।
4. डीजल : विद्युत जनित्रों तथा भारी मोटर वाहनों के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है ।
5. स्नेहक तेल : वाहनों के इंजन में स्नेहन के लिए प्रयुक्त होता है।
6. पैराफिन मोम : मरहम, मोमबत्ती, वैसलीन इत्यादि में।
7. बिटुमेन : पेन्ट तथा सड़क निर्माण में ।

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कोयला और पेट्रोलियम Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ ईंधन (Fuel) : ऐसे पदार्थ जो पूर्ण दहन करने पर ऊष्मा देते हैं, ईंधान कहलाते हैं।

→ अक्षय प्राकृतिक संसाधन (Inexhaustible Resources) : ऐसे संसाधन जो प्रकृति में असीमित मात्रा में उपस्थित हैं, अक्षय प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं।

→ समाप्त होने वाले संसाधन (Exhaustible Resources) : ऐसे संसाधन जो प्रकृति में सीमित मात्रा में उपस्थित हैं एवं जो मानवीय क्रियाकलापों द्वारा समाप्त हो सकते हैं, समाप्त होने वाले संसाधन कहलाते हैं।

→ जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) : ईंधन जिनका निर्माण सजीव प्राणियों के मृत अवशेषों (जीवाश्मों) से होता है, जीवाश्म ईंधन कहलाते हैं।

→ कोयला (Coal) : एक जीवाश्म ईंधन जो कार्बनीकरण का उत्पाद है ।

→ कार्बनीकरण (Carbonisation) : मृदा के नीचे दबी हुई मृत वनस्पति’ के उच्च ताप और दाब के कारण, धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तित होने के क्रम को ‘कार्बनीकरण’ कहते हैं।

→ कोयले का प्रक्रमण (Destructive distillation of Coal) : कोयले को 1000 °C ताप से अधिक पर गर्म करने का प्रक्रम ‘प्रक्रमण’ कहलाता है।

→ परिष्करण (Refining) : पेट्रोलियम से अशुद्धियों को दूर करने तथा प्रभाजों को पृथक् करने का प्रक्रम ? ‘परिष्करण’ कहलाता है।

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HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

HBSE 8th Class Science पदार्थ: धातु और अधातु InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 47)

प्रश्न 1.
क्या कॉपर में भी जंग लगता है? मैंने कॉपर के बर्तनों की सतह पर हरा पदार्थ जमा हुआ देखा है ?
उत्तर:
जब कॉपर के बर्तन को लम्बे समय तक नम वायु में खुला रखा जाता है तो उस पर एक हल्की हरी परत जम जाती है। यह हरा पदार्थ कॉपर हाइड्रॉक्साइड [Cu(OH)2] और कॉपर कार्बोनेट [CuCO3] का मिश्रण होता है। अभिक्रिया निम्नलिखित है –
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु -1

(पृष्ठ संख्या – 52)

प्रश्न 2.
मैंने सुना है पौधों में मैग्नीशियम पाया जाता है। यह उनमें किस रूप में पाया जाता है?
उत्तर :
पौधों में मैग्नीशियम, मैग्नीशियम ऑक्साइड के रूप में पाया जाता है। प्रश्न 3. डॉक्टर ने मेरे शरीर में आयरन की कमी बताई है। मेरे शरीर में आयरन कहाँ है ? (पृष्ठ संख्या-52) उत्तर : आयरन, शरीर के रक्त में पाया जाता है । मानव शरीर का अधिकांश आयरन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

HBSE 8th Class Science संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किसको पीटकर पतली चादरों में परिवर्तित किया जा सकता है ?
(क) जिंक
(ख) फॉस्फोरस
(ग) सल्फर
(घ) ऑक्सीजन।
उत्तरः
(क) जिंक ।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है ?
(क) सभी धातुएँ तन्य होती हैं।
(ख) सभी अधातुएँ तन्य होती हैं।
(ग) सामान्यतः धातुएँ तन्य होती हैं।
(घ) कुछ अधातुएँ तन्य होती हैं।
उत्तर :
(ग) सामान्यतः धातुएँ तन्य होती हैं।

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) फॉस्फोरस बहुत …………………… अधातु है।
(ख) धातुएँ ऊष्मा और …………………… की …………………… होती हैं।
(ग) आयरन, कॉपर की अपेक्षा …………………… अभिक्रियाशील है।
(घ) धातुएँ, अम्लों से अभिक्रिया कर …………………… गैस बनाती हैं।
उत्तर:
(क) अभिक्रियाशील
(ख) विद्युत, सुचालक
(ग) अधिक
(घ) हाइड्रोजन ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 4.
यदि कथन सही है तो ‘T’ और यदि गलत है तो कोष्ठक में ‘F’ लिखिए-
(क) सामान्यतः अधातु अम्लों से अभिक्रिया करते हैं।
(ख) सोडियम बहुत अभिक्रियाशील धातु है।
(ग) कॉपर, जिंक सल्फेट के विलयन से जिंक विस्थापित करता है।
(घ) कोयले को खींचकर तारें प्राप्त की जा सकती हैं।
उत्तर:
(क) सामान्यतः अधातु अम्लों से अभिक्रिया करते हैं। (F)
(ख) सोडियम बहुत अभिक्रियाशील धातु है। (T)
(ग) कॉपर, जिंक सल्फेट के विलयन से जिंक विस्थापित करता है। (F)
(घ) कोयले को खींचकर तारें प्राप्त की जा सकती हैं। (F)

प्रश्न 5.
नीचे दी गई सारणी में गुणों की सूची दी गई है । इन गुणों के आधार पर धातुओं और अधातुओं में अन्तर कीजिए
उत्तर:

क्र. गुणधातुअधातु
1. दिखावटचमकीलीविभिन्न रंगों में
2. कठोरताकक्ष ताप पर ठोस और कठोरकक्ष ताप पर ठोस, तरल और गैस तथा भुरभुरी
3. आघातवर्धनीयताआघातवर्धनीय होती हैं। पीटकर शीटें बनाई जा सकती हैंभगुर होती है, चोट मारने पर टूट जाती है
4. तन्यताखींचकर तार बनाया जा सकता है।यह अतन्य होती हैं।
5. ऊष्माचालनउपस्थितिअनुपस्थित
6. विद्युतचालनविद्युत चालक होती हैं।ग्रेफाइट को छोड़कर सभी कुचालक होती हैं।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित के लिए कारण दीजिए –
(क) ऐलुमिनियम की पन्नी का उपयोग खाद्य सामग्री को लपेटने में किया जाता है।
(ख) निमज्जन छड़ें (इमरशन रॉड) धात्विक पदार्थों से निर्मित होती हैं।
(ग) कॉपर, जिंक को उसके लवण के विलयन से = विस्थापित नहीं कर सकता ।
(घ) सोडियम और पोटैशियम को मिट्टी के तेल में रखा जाता है।
उत्तर:
(क) अन्य धातुओं की अपेक्षा धातुएँ अधिक आघातवर्धनीय होती हैं । इसलिए ऐलुमिनियम की पतली चादरें (शीट) बनाई जा सकती हैं । साथ ही एल्युमिनियम संक्षारण विरोधी धातु भी है। इस कारण ऐलुमिनियम की पन्नी का प्रयोग खाद्य सामग्री लपेटने में किया जाता है।

(ख) धातुएँ ऊष्मा और विद्युत दोनों की सुचालक होती हैं। इसलिए निमन्जन छड़ें धातुओं की बनाई जाती हैं।

(ग) कॉपर, जिंक से कम सक्रिय होता है और सिर्फ अधिक अभिक्रियाशील ही कम अभिक्रियाशील को विस्थापित कर सकता है। इसलिए उसे विस्थापित नहीं कर सकता ।

(घ) सोडियम और पोटैशियम दोनों अधिक क्रियाशील धातुएँ हैं । ये वातावरण और जल के साथ काफी तीव्रता से क्रिया करती हैं और जल उठती हैं । इसलिए वायु तथा नमी से अलग रखने के लिए इन्हें मिट्टी के तेल में रखा जाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 7.
क्या आप नींबू के अचार को ऐलुमिनियम के पात्र में रख सकते हैं । स्पष्ट करिए ।
उत्तर:
नहीं । नींबू के अचार में सिट्रिक अम्ल होता है, जिससे इसकी प्रकृति अम्लीय होती है । अम्लीय पदार्थ ऐलुमिनियम पात्रों में संचित नहीं किए जाते, क्योंकि अम्ल और ऐलुमिनियम अभिक्रिया करके विषैला पदार्थ बनाते हैं, जो स्वास्थ्य विरोधी होते हैं।

प्रश्न 8.
नीचे दी गई सारणी के कॉलम ‘I’ में कुछ पदार्थ दिये गये हैं । कॉलम II’ में उनके कुछ उपयोग दिये गये हैं। कॉलम ‘I’ के पदार्थ का कॉलम ‘II’ से सही मिलान करिए –

कॉलम – Iकॉलम – II
1. गोल्ड1. थर्मामीटर
2. आयरन2. बिजली के तार
3. ऐलुमिनियम3. खाद्य सामग्री लपेटना
4. कार्बन4. आभूषण
5.कॉपर5. मशीनें
6. मर्करी6. ईधन

उत्तर:

कॉलम – Iकॉलम – II
1. गोल्ड4. आभूषण
2. आयरन5. मशीनें
3. ऐलुमिनियम3. खाद्य सामग्री लपेटना
4. कार्बन6. ईधन
5.कॉपर2. बिजली के तार
6. मर्करी1. थर्मामीटर

प्रश्न 9.
क्या होता है जब –
(क) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल कॉपर प्लेट पर डाला जाता है?
(ख) लोहे की कील, कॉपर सल्फेट के विलयन में रखी जाती है? संबंधित अभिक्रियाओं के शब्द समीकरण लिखिए।
उत्तर:
(क) जब तनु सल्फ्यूरिक अम्ल कॉपर प्लेट पर डाला जाता है तो कॉपर सल्फेट जल तथा सल्फर डाइ ऑक्साइड उत्पन्न होती है ।
Cu + 2H2SO4 → CusO4+ 2H2O↑+SO2

(ख) आयरन, कॉपर सल्फेट विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देता है. यह आयरन सल्फेट तथा कॉपर बनाता है।
CuSO4 + Fe → FeSO4+Cu

प्रश्न 10.
सलोनी ने लकड़ी के कोयले का जलता हुआ टुकड़ा लिया और उससे उत्सर्जित होने वाली गैस को एक परखनली में इकट्ठा किया –
(क) वह गैस की प्रकृति कैसे ज्ञात करेगी ?
(ख) इस प्रक्रम में होने वाली सभी अभिक्रियाओं के शब्द समीकरण लिखिए।
उत्तर:
(क) गैस की प्रकृति लाइम जल (चूने का पानी) या जलती हुई माचिस की तीली से ज्ञात की जा सकती है । चूने का पानी दूधिया हो जायेगा या माचिस की तीली बुझ जाएगी।
(ख) C + O2(g) → CO2(g)
कार्बन ऑक्सीजन कार्बन डाई ऑक्साइड

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 11.
एक दिन रीता अपनी माँ के साथ आभूषण विक्रेता की दुकान पर गई । उसकी माँ ने सुनार को पॉलिश करने हेतु सोने के पुराने आभूषण दिए । अगले दिन जब वे आभूषण वापस लाईं तो उन्होंने पाया कि उनका भार कुछ कम हो गया है । क्या आप भार में कमी का कारण बता सकते हैं ?
उत्तर:
सुनार आभूषण साफ करने के लिए एक्वारीजिया (Aquaregia) नामक’ विलयन का उपयोग करते हैं क्योंकि सोना इस विलयन में घुल जाता है, इसलिए सोने के भार में कमी आ जाती है । एक्वारीजिया हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) के तीन भाग तथा नाइट्रिक अम्ल (HNO3) के एक भाग को मिलाकर बनाया जाता है ।

HBSE 8th Class Science संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. कॉपर के बर्तन पर जमने वाली हरी पर्त होती है?
(अ) कॉपर हाइड्रॉक्साइड
(ब) कॉपर कार्बोनेट
(स) कॉपर हाइड्रॉक्साइड एवं कॉपर कार्बोनेट का मिश्रण
(द) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(स) कॉपर हाइड्रॉक्साइड एवं कॉपर कार्बोनेट का मिश्रण

2. जो धातु ध्वनियाँ उत्पन्न करते हैं, उन्हें कहते हैं
(अ) गाने वाली धातु
(ब) ध्वनि स्रोत
(स) ध्वानिक
(द) इनमे से कोई नहीं ।
उत्तर:
(स) ध्वानिक

3. ऐसी धातु जो कमरे के तापमान पर द्रव है-
(अ) पोटैशियम
(ब) लोहा
(से) सोडियम
(द) पारा (मर्करी) ।
उत्तर:
(द) पारा (मर्करी) ।

4. निम्न में आघातवर्धनीय नहीं है
(अ) लोहा
(ब) ताँबा
(स) सोना
(द) कोयला।
उत्तर:
(द) कोयला।

5. वह अधातु जो वायु में खुला रखने पर आग पकड़ लेती है, वह है –
(अ) सोडियम
(ब) पोटैशियम
(स) जिंक
(द) फॉस्फोरस।
उत्तर:
(द) फॉस्फोरस।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) धातुओं का गुण जिसके कारण उन्हें पीटकर शीट में …………………. परिवर्तित किया जा सकता है, …………………. कहलाता है।
(ख) अधातु ऊष्मा तथा विद्युत के …………………. हैं।
(ग) सल्फ्यूरस अम्ल नीले लिटमस पत्र को …………………. कर देता है।
(घ) जिंक, कॉपर और आयरन से …………………. अभिक्रियाशील है।
उत्तर:
(क) आघातवर्धनीयता
(ख) कुचालक
(ग) लाल
(घ) अधिक।

सुमेलन

कॉलम – Iकॉलम – II
(i) जिंक सल्फेट(क) Cu(OH)2
(ii) कॉपर सल्फेट(ख) FeSO4
(iii) आयरन सल्फेट(ग) ZnSO4
(iv) कॉपर हाइड्राक्साइड(घ) CuSO4

उत्तर:

कॉलम – Iकॉलम – II
(i) जिंक सल्फेट(ग) ZnSO4
(ii) कॉपर सल्फेट(घ) CuSO4
(iii) आयरन सल्फेट(ख) FeSO4
(iv) कॉपर हाइड्राक्साइड(क) Cu(OH)2

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

सत्य / असत्य कथन

(क) धातुओं का वह गुण जिससे उन्हें खींचकर तारों में परिवर्तित किया जा सकता है, तन्यता कहलाता है।
(ख) ऐलुमिनियम एक अधातु है।
(ग) फॉस्फोरस एक अधातु है।
(घ) अधातुओं के ऑक्साइड अम्लीय प्रकृति के होते
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आघातवर्धनीयता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
धातुओं का वह गुण जिसके कारण उन्हें पीटकर चादरें (शीटें) बनाई जाती हैं, आघातवर्धनीयता कहलाती है।

प्रश्न 2.
तन्यता की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
धातुओं का वह गुण जिसके कारण उनके तार खींचे जा सकते हैं, तन्यता कहलाती है।

प्रश्न 3.
किन धातुओं से विद्युत तार बनाये जाते हैं?
उत्तर:
कॉपर (तांबा), ऐलुमिनियम ।

प्रश्न 4.
आभूषण बनाने में स्वर्ण (गोल्ड) को वरीयता क्यों दी जाती है ?
उत्तर:
स्वर्ण (गोल्ड) मुलायम होने के कारण आसानी से सांचे में ढाला जा सकता है ।

प्रश्न 5.
धातुओं का प्रयोग मशीनें बनाने में क्यों होता है?
उत्तर:
धातुएँ कठोर होती हैं और अधिक तापमान पर अपना अस्तित्व बनाये रखती हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 6.
धातुओं को लोहार किस प्रकार ढालता है?
उत्तर
लोहार धातुओं को अपनी भट्टी में रक्ततप्त गर्म करके हथौड़े से प्रहार कर ढालता है।

प्रश्न 7.
वो ऐसी धातुएँ जिन्हें चाकू से सरलतापूर्वक काटा जा सकता है, उन्हें लिखिए
उत्तर;
(i) पोटैशियम
(ii) सोडियम

प्रश्न 8.
धातुएँ आभूषणों में क्यों उपयोगी होती हैं?
उत्तर:
धात्विक चमक के गुण के कारण ।

प्रश्न 9.
थर्मामीटर में कौन-सी धातु का प्रयोग होता है?
उत्तर:
मरकरी (पारा) ।

प्रश्न 10.
सल्फ्यूरस अम्ल का लिटमस पत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
सल्फ्यूरस अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है।

प्रश्न 11.
फॉस्फोरस को वायु में खुला रखने पर इस पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर;
फॉस्फोरस को वायु में खुला रखने पर यह आग पकड़ लेता है।

प्रश्न 12.
धातु की सोडियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया करने पर कौन सी गैस उत्पन्न होती है?
उत्तर:
हाइड्रोजन गैस।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 13.
ताँबे की छीलन को आयरन सल्फेट विलयन में डालने पर क्या होता है?
उत्तर:
कोई अभिक्रिया नहीं होती क्योंकि ताँबा आयरन की अपेक्षा कम अभिक्रियाशील होता है।

प्रश्न 14.
एक लोहे की कील को जिंक सल्फेट के विलयन में डालने पर क्या होता है? ।
उत्तर:
कोई क्रिया नहीं होती।।

प्रश्न 15.
आयरन की जंग के विलयन का लिटमस पत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है? इस विलयन की प्रकृति बताइए।
उत्तर:
आयरन की जंग की विलयन लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है अर्थात आयरन की जंग (जलीय आयरन आक्साइड) का विलयन क्षारीय प्रकृति का है।

प्रश्न 16.
जल को शुद्ध करने में किस अधातु का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
अजान ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
धातु एवं अधातु शब्दों को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
धातु : वे पदार्थ जो कठोर, आघातवर्ध्य, तन्य, व विद्युत के सुचालक होते हैं. धात कहलाते हैं। जैसे – आयरन, कॉपर, ताँबा आदि ।
अधातु : वे पदार्थ जो दिखने में मलिन एवं नरम होते हैं तथा हथौड़े के प्रहार से टूटकर चूरा हो जाते हैं तथा ऊष्मा व विद्युत के कुचालक होते हैं, अधातु कहलाते हैं। जैसे – कोयला, सल्फर, ऑक्सीजन, फॉस्फोरस आदि ।

प्रश्न 2.
विभिन्न पदार्थों की आधातवर्धनीयता निर्धारित कीजिए- लोहे की कील, कोयले का टुकड़ा, ऐलुमिनियम की तार एवं पेंसिल लेड। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
(i) लोहे की कील को हथौड़े से पीटने पर वह चपटी हो गयी, अर्थात् यह आघातवर्धनीयता है।
(ii) कोयले के टुकड़े को हथौड़े से पीटने पर इसके टुकड़े – हो गये अर्थात् यह आघातवर्धनीयता नहीं है।
(iii) ऐलुमिनियम के तार को हथौड़े से पीटने पर यह चपटा . हो गया अर्थात् यह आघातवर्धनीयता है।
(iv) पेंसिल लेड को हथौड़े से पीटने पर इसके टुकड़े हो गये अर्थात् यह आघातवर्धनीयता नहीं हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित पदार्थों की विद्युत चालकता बताइएलोहे की छड़/कील, गंधक, कोयला एवं ताँबे के तार (क्रियाकलाप)
उत्तर:

पदार्थसुचालक/कुचालक
लोहे की छड़/कीलसुचालक
गंधककुचालक
कोयलाकुचालक
ताँबे की तारकुचालक

प्रश्न 4.
धातुएँ ध्वानिक होती हैं। इसे स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
धातुओं को जब कठोर सतह से टकराया जाता है तो एक निनाद ध्वनि उत्पन्न होती है, जैसे दो बर्तनों को बजाने पर ध्वनि उत्पन्न होती है । अतः धातु गायन ध्वानियाँ उत्पन्न करते हैं । इसी कारण से धातुओं को ध्वानिक कहते हैं।

प्रश्न 5.
चांदी के आभूषण कुछ समय बाद काले क्यों हो जाते हैं ? जबकि चाँदी ऑक्सीजन के साथ आसानी से अभिक्रिया नहीं करती।।
उत्तर:
चाँदी ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया नहीं करती, परन्तु यह वायु में उपस्थित सल्फर यौगिकों से अभिक्रिया करके सिल्वर सल्फाइड की काली परत बनाती है । इसी कारण चांदी से निर्मित आभूषण कुछ समय बाद काले पड़ने लगते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 6.
सल्फर व ऑक्सीजन की अभिक्रिया के बारे में बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
सल्फर एवं ऑक्सीजन की अभिक्रिया होने पर सल्फर डाईऑक्साइड गैस बनती है । जब सल्फर डाई ऑक्साइड को जल में विलेय करते हैं तो सल्फ्यूरस अम्ल प्राप्त होता है, अभिक्रिया निम्नवत् है –
सल्फर डाईऑक्साइड (SO2) + जल (H2O) → सल्फ्यूरस अम्ल (H2SO3)
सल्फ्यूरस अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है । सामान्यत: अधातुओं के ऑक्साइड अम्लीय प्रकृति के होते हैं।

प्रश्न 7.
क्या धातु एवं अधातु जल के साथ क्रिया करते हैं ? स्पष्ट कीजिए। उत्तर-धातुओं की जल के साथ क्रिया-कुछ धातु जैसे-सोडियम जल के साथ तीव्र अभिक्रिया करते हैं जिससे सोडियम ऑक्साइड बनता है, किन्तु अधिकतर धातुओं की जल के साथ क्रिया नहीं होती है । आयरन जल के साथ बहुत धीमी क्रिया करता है । अधातुओं की जल से क्रिया- सामान्य रूप से जल व अधातु की अभिक्रिया नहीं होती है इसीलिए कुछ अधातु जो वायु में सक्रिय हो जाती हैं, उन्हें जल में रखा जाता है। जैसे – फॉस्फोरस एक अत्यन्त सक्रिय अधातु है जिसे जल में रखा जाता है।

प्रश्न 8.
धातुओं व अम्लों की अभिक्रिया किस प्रकार होती है ?
उत्तर:
धातुएँ सामान्यतया अम्लों के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करती हैं । इसके परीक्षण के लिए यदि इस गैस को जलाया जाता है तो यह पॉप ध्वनि के साथ जलती है। सामान्यतया अधातुओं की अम्लों के साथ अभिक्रिया नहीं होती है । धातुओं के साथ अम्ल निम्न प्रकार अभिक्रिया करते हैं –
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु -2

प्रश्न 9.
सोडियम धातु जल से किस प्रकार अभिक्रिया करता है? इसके विलयन का लिटमस पत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है। इस विलयन की प्रकृति बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर- सोडियम अत्यधिक क्रियाशील धातु है, यह जल के साथ क्रिया करके ऊष्मा उत्पन्न करता है एवं सोडियम ऑक्साइड बनाता है। इसका विलयन लाल लिटमस पत्र को नौला कर देता है। यह विलयन क्षारीय होता है।

प्रश्न 10.
किसी धातु जैसे ऐलुमिनियम के टुकड़े को सोडियम हाइड्रॉक्साइड के विलयन में डालने पर कौन-सी गैस उत्पन्न होती है? इसका निर्धारण हम किस प्रकार कर सकते है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है। इसका निर्धारण हम परखनली के मुँह के निकट एक जलती हुई माचिस की तीली ले जाकर करते है, जिसकी पॉप ध्वनि उत्पन्न होती है। यह ध्वनि हाइड्रोजन गैस की उपस्थिति दर्शाती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 11.
यदि कॉपर सल्फेट के विलयन में जिंक का टुकड़ा छड़ डाला जाए, तो क्या होगा?
उत्तर:
जिंक कॉपर की अपेक्षा अधिक अभिक्रियाशील होने के कारण कॉपर को उसके लवणीय विलयन में से विस्थापित कर देता है।
Zn + CuSO4 → ZnSO4 + Cu

प्रश्न 12.
अधातुएँ किस उपयोग में आती हैं ?
उत्तर:
अधातुओं के कुछ उपयोग-
1. अधातुएँ जल शुद्धिकरण में प्रयोग होती हैं ।
2. अधातुएँ औषधि निर्माण में प्रयुक्त होती हैं ।
3. अधातुएँ पटाखे आदि बनाने में प्रयुक्त होती हैं ।
4. अधातुओं का प्रयोग उर्वरकों में भी होता है, जो पौधों की वृद्धि में सहायक हैं।

प्रश्न 13.
धातुओं के प्रमुख उपयोग लिखिए ।
उत्तर:
धातुओं के प्रमुख उपयोग निम्नवत् हैं –
1. धातुओं का उपयोग मशीनों, कारों, रेलगाड़ियों आदि में किया जाता है ।
2. इनका उपयोग बॉयलर में किया जाता है।
3. उपग्रह निर्माण में इनका उपयोग होता है ।
4. औद्योगिक साजो सामान, खाना बनाने के पात्रों में इनका उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 14.
यदि कॉपर सल्फेट के विलयन में एक लोहे की कील डाली जाए तो क्या होगा?
उत्तर:
लोहा (Fe) कॉपर की अपेक्षा अधिक अभिक्रिया होने के कारण कॉपर को उसके लवणीय विलयन से विस्थापित कर देता है एवं विलयन का रंग लाल हो जाता है।
Fe + CuSO → FeSO4 + Cu

प्रश्न 15.
यदि जिंक सल्फेट के विलयन में ताँबे की कील डाली जाए, तो क्या होगा?
उत्तर:
ताँबा (Cu) जिंक की अपेक्षा कम अभिक्रियाशील होता है अत: इसमें कोई क्रिया नहीं होती।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
धातुओं एवं अधातुओं में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
धातु एवं अधातु में अन्तर-

धातुएँअधातुएँ
1. धातुएँ ऊष्मा एवं विद्युत की सुचालक होती हैं।1. अधातुएँ ऊष्मा एवं विद्युत की कुचालक होती हैं (ग्रेफाइट को छोड़कर)
2. धातुएँ चमकदार होती हैं एवं उन पर पॉलिश की जा सकती है।2. अधातुएँ सामान्यत: चमकदार नहीं होतीं एवं उन पर पॉलिश नहीं की जा सकती ।
3. धातुओं के गलनांक एवं क्वथनांक सामान्यत: निम्न होते हैं।3. अधातुओं के गलनांक एवं क्वथनांक अपेक्षाकृत उच्च होते हैं।
4. धातुएँ आघातवर्धनीय तथा तन्य होती हैं।4. अधातुएँ आघातवर्धनीय एवं तन्य नहीं होती हैं।
5. धातुएँ क्षारीय ऑक्साइड बनाती हैं।5. अधातुएँ अम्लीय या उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं।
6. धातुएँ ठोस होती है। (मर्करी को छोड़कर, मर्करी एक द्रव धातु है)6. अधातुएँ ठोस, द्रव एवं गैस हो सकती हैं।

प्रश्न 2.
धातुओं एवं अम्लों की अभिक्रियाएँ कैसे होती हैं, समझाइए।
उत्तर:
सक्रिय धातुएँ जैसे जिक, मैग्नीशियम, लोहा आदि अभिक्रियाशील श्रृंखला में हाइड्रोजन से ऊपर स्थित हैं, तनु हाइड्रोक्लोरिक और सल्फ्यूरिक अम्ल जैसे खनिज अम्लों से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन का विस्थापन करती हैं –
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु -3
ऐसी धातुएँ जो हाइड्रोजन के नीचे स्थित हैं, तनु खनिज अम्लों के साथ हाइड्रोजन का विस्थापन नहीं करतीं । उदाहरणार्थ : कॉपर तनु HCl के साथ कोई भी अभिक्रिया नहीं करता ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 3.
निम्नलिखित थातु एवं अधातु तनु Hcl एवं तनु H2SO, से सामान्य ताप पर एवं गर्म करने पर अभिक्रिया करते हैं अथवा नहीं, बताइए।
उत्तर:
धातु और अधातुओं की अम्लों से अभिक्रिया निम्न प्रकार होती है-
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु -4
अधातु सामान्यत: अम्लों से अभिक्रिया नहीं करते, परन्तु धातु अम्लों से अभिक्रिया करते हैं, और हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं, जो ‘पॉप’ ध्वनि के साथ जलती है । कॉपर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से गर्म करने पर भी अभिक्रिया नहीं करता । परन्तु यह सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया कर लेता है।

पदार्थ: धातु और अधातु Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ आघातवर्धनीयता (Malleability) :- धातुओं का वह गुण जिसके कारण उन्हें पीटकर शीट (चादर) में परिवर्तित किया जा सके ।

→ चालकता (Cunductance) :- धातुओं का वह गुण जिसके द्वारा ऊष्मा या विद्युत का चालन हो सके ।

→ तन्यता (Ductility) :- धातुओं का वह गुण जिससे उन्हें खींचकर तारों में परिवर्तित किया जा सके ।

→ ध्वानिक (Sonorus) :- धातुओं का वह गुण जिससे वे टकराने पर ध्वनि उत्पन्न करते हैं ।

→ चमकीलापन (Lustre) :- पदार्थों में चमकती सतह का गुण ।

→ धातु (Metal) :- वे पदार्थ जो ऊष्मां और विद्युत के सुचालक हैं, धातु कहलाते हैं।

→ अधातु (Non-metal) :- वे पदार्थ जो ऊष्मा और विद्युत के कुचालक हैं, अधातु कहलाते हैं।

→ अम्लीय ऑक्साइड (Acidic oxide) :- अधातुओं के ऑक्साइड, जिन्हें जल में घोलकर अम्ल बनाते हैं।

→ क्षारीय ऑक्साइड (Basic oxide) :- धातुओं के ऑक्साइड, जिन्हें जल में घोलकर क्षार बनाते हैं।

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HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

HBSE 8th Class Science संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या -33)

प्रश्न 1.
क्या नाइलॉन के रेशे सचमुच इतने मजबूत होते हैं कि हम उससे पैराशूट और चट्टानों पर चढ़ने की रस्सी का निर्माण कर सकते हैं ?
उत्तर:
हाँ, नाइलॉन के रेशे इतने मजबूत होते हैं । एक नाइलॉन का तार, इस्पात के तार से भी अधिक प्रबल होता है। इस कारण से उससे पैराशूट तथा चट्टानों पर चढ़ने वाली रस्सी का निर्माण किया जा सकता है।

(पृष्ठ संख्या -35)

प्रश्न 2.
मेरी माँ जल के लिए सदैव पेट (PET) बोतलें और चावल तथा चीनी संचयन के लिए पेट जार खरीदती हैं । मैं जानने के लिए उत्सुक हूँ कि आखिर यह पेट है. क्या ?
उत्तर:
पेट एक प्रकार का पॉलिएस्टर है, जो कि वजन में, हल्का, मजबूत, सस्ता तथा विद्युत का कुचालक है । इसलिए इससे निर्मित जारों, बोतलों आदि का प्रयोग चावल तथा चीनी संचयन के लिए किया जाता है । यह आसानी से मुड़ता नहीं है, किन्तु आसानी से साफ हो जाता है।

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(पृष्ठ संख्या -35)

प्रश्न 3.
ओह ! अब मैं समझी कि मेरी माँ रसोईघर में काम करते समय पॉलिएस्टर से बने वस्त्र क्यों नहीं पहनती?
उत्तर:
पॉलिएस्टर से बने वस्त्र गर्म करने पर पिघल जाते हैं एवं पहनने वाले व्यक्ति के शरीर से चिपक जाता है।

HBSE 8th Class Science संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कुछ रेशे संश्लेषित क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर:
ऐसे रेशे जो मानव के द्वारा रासायनिक प्रक्रमों द्वारा बनाए जाते हैं, संश्लेषित रेशे कहलाते हैं । संश्लेषित रेशों की कच्ची सामग्री पेट्रोरसायनों से मिलती है। जो जीवाश्म ईंधन पेट्रोलियम आदि से बनते हैं, अत: ये कृत्रिम रेशे भी कहलाते हैं । ऐक्रिलिक और पॉलिएस्टर रेयान तथा नाइलॉन प्रमुख संश्लेषित रेशे हैं।

प्रश्न 2.
सही उत्तर को चिह्नित (✓) कीजिए-
रेयॉन एक संश्लेषित रेशा नहीं है, क्योकि –
(क) इसका रूप रेशम समान होता है।
(ख) इसे काष्ठ लुगदी से प्राप्त किया जाता है।
(ग) इसके रेशों को प्राकृतिक रेशों के समान बुना जा सकता है।
उत्तर:
(ख) इसे काष्ठ लुगदी से प्राप्त किया जाता है। ✓

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

प्रश्न 3.
उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) संश्लेषित रेशे …………………….. अथवा …………………….. रेशे भी कहलाते हैं।
(ख) संश्लेषित रेशे कच्चे माल से संश्लेषित किये जाते हैं, जो …………………….. कहलाता है।
(ग) संश्लेषित रेशे की भाँति प्लास्टिक भी एक ……………………. .है।
उत्तर:
(क) कृत्रिम, मानव निर्मित
(ख) पेट्रोरसायन
(ग) बहुलक ।

प्रश्न 4.
नाइलॉन रेशों से निर्मित दो वस्तुओं के नाम बताइए जो नाइलॉन रेशे की प्रबलता दर्शाती हों।
उत्तर:
(1) पैराशूट
(2) पहाड़ों पर चढ़ाई में प्रयुक्त रस्सी । ये नाइलॉन की प्रबलता को दर्शात हैं ।

प्रश्न 5.
खाद्य पदार्थों का संचयन करने हेतु प्लास्टिक पात्रों के उपयोग के तीन प्रमुख लाभ बताइए ।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक -1
प्लास्टिक पात्रों के उपयोग के प्रमुख लाभ :
(1) प्लास्टिक पात्र हल्के, मजबूत तथा लम्बे समय तक चलने वाले होते है ।
(2) प्लास्टिक पात्र सभी सम्भव । आकारों व रंग-रूप में उपलब्ध होते हैं ।
(3) प्लास्टिक पात्र ऊष्मा व विद्युत के कुचालक होते हैं, यह भोजन, पानी और वायु से क्रिया नहीं करते।

प्रश्न 6.
थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग प्लास्टिक के मध्य अन्तर को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:

थर्मोप्लास्टिकथर्मोसेटिंग प्लास्टिक
1. गर्म करने पर आसानी से विकृत हो जाते हैं।1. गर्म करने पर विकृत नहीं होते हैं।
2. इन्हें आसानी से मोड़ा जा सकता है।2. इन्हें आसानी से मोड़ा नहीं जा सकता है।
3. ये ऊष्मा के सुचालक होते हैं।3. ये ऊष्मा के कुचालक होते हैं।
4. इनका उपयोग कषियाँ, खिलौने और विभिन्न प्रकार के पात्रों को बनाने में किया जाता है।4. इसका उपयोग बिजली के स्विच, विभिन्न बर्तनों के हत्थे, रसोई के बर्तन बनाने में किया जाता है।
5. इनका पुन: उपयोग किया जा सकता है।5. इनका पुन: उपयोग संभव नहीं है।
6. उदाहरण- पी.वी.सी., पॉलिथीन।6. उदाहरण-बैकलाइट, मेलामाइन।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

प्रश्न 7.
समझाइए, थमोंसेटिंग प्लास्टिक से निम्नलिखित क्यों बनाए जाते हैं-
(क) डेगची के हत्थे
(ख) विद्युत प्लग/स्विच/ प्लग बोर्ड ।
उत्तर:
(क) डेगची के हत्थे : यह थर्मोसेटिंग प्लास्टिक के बनाए जाते हैं क्योंकि यह ऊष्मारोधी होते हैं तथा ऊष्मा और अग्नि को आसानी से सह लेते हैं ।
(ख) विद्युत प्लग/स्विच/प्लग बोर्ड : थर्मोसेटिंग प्लास्टिक (जैसे-बैकेलाइट) विद्युत के कुचालक होते हैं, इसलिए विद्युत प्लग, स्विच, प्लग बोर्ड आदि बनाने में इनका प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित पदार्थों को “पुनः चक्रित किये जा सकते हैं” और “पुनः चक्रित नहीं किये जा सकते हैं” में वर्गीकृत कीजिए – टेलीफोन यंत्र, प्लास्टिक खिलौने, कुकर के हत्थे, सामग्री लाने वाले थैले, बॉल प्वाइंट पेन, प्लास्टिक के कटोरे, विद्युत तारों के प्लास्टिक आवरण, प्लास्टिक की कुर्सियाँ, विद्युत स्विच।
उत्तर:
पुनः चक्रित किए जा सकते हैं: प्लास्टिक खिलौने, सामग्री लाने वाले थैले, बाल प्वाइंट पैन, प्लास्टिक के कटोरे, प्लास्टिक की कुर्सियों, विद्युत तारों के प्लास्टिक आवरण आदि ।
पुनः चक्रित नहीं किए जा सकते हैं : टेलीफोन यंत्र, कुकर के हत्थे, विद्युत स्विच आदि ।

प्रश्न 9.
राणा गर्मियों के लिए कमीजें खरीदना चाहता है । उसे सूती कमीजें खरीदनी चाहिए या संश्लेषित ? कारण सहित राणा को सलाह दीजिए।
उत्तर:
राणा को गर्मियों के लिए सूती कमीज खरीदनी चाहिए । क्योंकि सूती कमीजें छिद्रयुक्त होती हैं तथा सूती कमीजें पसीना सोखकर शरीर को सूखा रखती हैं। किन्तु संश्लेषित कमीजे न तो पसीना सोखती हैं और न ही छिद्रयुक्त होती हैं । अत: यह गर्मियों में पहनने के लिए उपयुक्त नहीं होती।

प्रश्न 10.
उदाहरण देकर प्रदर्शित कीजिए कि प्लास्टिक की प्रकृति असंक्षारक होती है।
उत्तर:
प्लास्टिक की प्रकृति असंक्षारक होती है क्योंकि यह वस्तु जल या नमी के साथ क्रिया नहीं करती है ।
उदाहरण :
(1) पानी प्लास्टिक की बोतलों में रखा जाता है ।
(2) अचार तथा अन्य खाने योग्य पदार्थ प्लास्टिक से निर्मित पात्रों में रखे जाते हैं ।
(3) अनेक औषधियों तथा रसायनों को भी प्लास्टिक में संचित किया जाता है।

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प्रश्न 11.
क्या दाँत साफ़ करने के ब्रुश का हैण्डल और शूक (ब्रिस्टल) एक ही पदार्थ के बनाने चाहिए ? अपना उत्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नहीं, दाँत साफ करने के बुश के हैण्डल व शूक अलग पदार्थों के बने होने चाहिए । इसका कारण है कि हैंण्डल सहारे (पकड़ने) के लिए होता है, इसे सख्त और मजबूत होना चाहिए । शूक दाँतों की सफाई के लिए है, इन्हें नरम, लचकीले व मजबूत होने चाहिए।

प्रश्न 12.
“जहाँ तक संभव हो प्लास्टिक के उपयोग से बचिए”, इस कथन पर सलाह दीजिए।
उत्तर:
प्लास्टिक बहुत उपयोगी पदार्थ होते हुए भी पर्यावरण हितैषी नहीं है । यह न जल्दी जलकर नष्ट होता है और न ही प्राकृतिक जीवाणुओं द्वारा आसानी से अपघटित होता है । लापरवाही के कारण इधर-उधर फेंकी गई पॉलिथीन की थैलियाँ नालियों को रोक देती हैं, उदाहरण के लिए लोग चिप्स, बिस्कुट और अन्य रैपरों में आने वाले खाद्य सामानों के उपयोग के बाद प्लास्टिक को सड़क, उद्यान या पिकनिक स्थान पर फेंक देते हैं । खाद्य अपशिष्ट खाने के प्रक्रम में पश पॉलिथीनकी थैलियाँ और रैपर निगल जाते हैं यह प्लास्टिक पदार्थ इन पशुओं के श्वसन तंत्र में बाधा उत्पन्न करते हैं अथवा आमाशय में जमकर एक अस्तर बनाते हैं, जिससे यह उनकी मृत्यु का कारण भी बन सकता है । इसलिए हमें इसका उपयोग करते समय 5R सिद्धांतों को याद रखना चाहिए-पुन: उपयोग कीजिए (Reuse), पुनः प्राप्त कीजिए (Recover), पुनः चक्रित काजिए (Recycle), उपयोग कम कीजिए (Reduce), उपयोग ना करना (Refuse)।

प्रश्न 13.
कॉलम ‘अ’ के पदों का कॉलम ‘ब’ में दिए गए वाक्य खण्डों से सही मिलान कीजिए-

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(a) पॉलिएस्टर(i) काष्ठ लुगदी का उपयोग कर तैयार किया जाता है।
(b) टेपलॉन(ii) पैराशूट और मोजा बनाने में उपयोग किया जाता है।
(c) रेयॉन(iii) न चिपकने वाले भोजन बनाने के पात्रों के निर्माण में उपयोग किया जाता है।
(d) नाइलॉन(iv) कपड़े में आसानी से बल नहीं पड़ते।

उत्तर:

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(a) पॉलिएस्टर(iv) कपड़े में आसानी से बल नहीं पड़ते।
(b) टेपलॉन(iii) न चिपकने वाले भोजन बनाने के पात्रों के निर्माण में उपयोग किया जाता है।
(c) रेयॉन(i) काष्ठ लुगदी का उपयोग कर तैयार किया जाता है।
(d) नाइलॉन(ii) पैराशूट और मोजा बनाने में उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 14.
“संश्लेषित रेशों का औद्योगिक निर्माण वास्तव में वनों के संरक्षण में सहायक हो रहा है ।” टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक रेशे प्राकृतिक स्रोतों से मिलते हैं, किन्तु संश्लेषित रेशों का निर्माण पेट्रोरसायन से प्राप्त कच्चे माल से होता है । इससे स्पष्ट होता है कि संश्लेषित रेशों के निर्माण में वनों से प्राप्त कच्चा माल प्रयुक्त नहीं होता है। अतः य वनो क सरक्षण में सहायक है । इसके लिए जानवरों का शिकार भी नहीं करना पड़ता है।

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प्रश्न 15.
यह प्रदर्शित करने हेतु एक क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए कि थर्मोप्लास्टिक विद्युत का कुचालक है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक -2
चित्र के अनुसार एक बल्ब, बैटरी तथा थर्मोप्लास्टिक वस्तु को तांबे के तार द्वारा आपस में जोड़कर परिपथ तैयार कर लीजिए । इस दशा में बल्ब प्रकाशित नहीं होता है, इससे सिद्ध होता है कि थोप्लास्टिक विद्युत का कुचालक है।

HBSE 8th Class Science सूक्ष्मजीव: मित्र एवं शत्रु Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. कृत्रिम रेशम है –
(अ) नाइलॉन
(ब) रेयॉन
(स) ऐक्रिलिक
(द) पॉलिएस्टर ।
उत्तर:
(ब) रेयॉन

2. प्लास्टिक जो गर्म करने पर आसानी से विकृत हो जाता है और सरलतापूर्वक मुड़ जाता है, कहलाता है
(अ) थोप्लास्टिक
(ब) बैकलाइट
(स) नाइलॉन
(द) रेयॉन ।
उत्तर:
(अ) थोप्लास्टिक

3. निम्नलिखित में से जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ है –
(अ) कपड़ा (सूती)
(ब) कागज
(स) लकड़ी
(द) प्लास्टिक का बैग ।
उत्तर:
(द) प्लास्टिक का बैग ।

4. अग्निरोधक प्लास्टिक का उदाहरण है –
(अ) पी. वी. सी.
(ब) पॉलिथीन
(स) मेलामाइन
(द) नाइक्रोम ।
उत्तर:
(स) मेलामाइन

5. ऊनी वस्त्र के अपह्रासित होने का समय (लगभग) है
(अ) 10 से 30 दिन
(ब) 1 से 2 सप्ताह,
(स) 100 से 500 वर्ष
(द) लगभग एक वर्ष ।
उत्तर:
(द) लगभग एक वर्ष ।

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रिक्त स्थान पूर्ति ।

(क) अनेक छोटी इकाइयाँ मिलकर एक बड़ी एकल इकाई बनाते हैं जो …………… कहलाती है।
(ख) टेरौलीन एक …………… है।
(ग) प्लास्टिक ऊष्मा और विद्युत के …………… हैं।
(घ) पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा सरलता से विघटित नहीं होता, …………… कहलाता है।
उत्तर:
(क) बहुलक
(ख) पॉलिएस्टर
(ग) कुचालक
(घ) जैव अनिम्नीकरणीय।

सुमेलन

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(क) कागज़(i) जैव अनिम्नीकरणीय
(ख) प्लास्टिक(ii) मानव-निर्मित रेशा
(ग) पेट (PET)(iii) पॉलिएस्टर
(घ) नाइलॉन(iv) जैव निम्नीकरणीय

उत्तर:

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(क) कागज़(iv) जैव निम्नीकरणीय
(ख) प्लास्टिक(i) जैव अनिम्नीकरणीय
(ग) पेट (PET)(iii) पॉलिएस्टर
(घ) नाइलॉन(ii) मानव-निर्मित रेशा

सत्य – असत्य

(क) रेयॉन प्राकृतिक स्रोत काष्ठ लुग्दी से प्राप्त किया जाता है।
(ख) रेयॉन एक मानव निर्मित रेशा है।
(ग) पॉलिएस्टर एक प्राकृतिक रेशा है।
(घ) प्लास्टिक का पनः चक्रण नहीं हो सकता।
उत्तर:
(क) सत्यं
(ख) सत्य
(ग) असत्य
(घ) असत्य।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रेशे कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
रेशे दो प्रकार के होते हैं-प्राकृतिक एवं कृत्रिम रेशे।

प्रश्न 2.
बहूलक किसे कहते है?
उत्तर:
अनेक छोटी इकाइयाँ मिलकर एक बड़ी एकल इकाई बनाती हैं, जिसे बहुलक कहते हैं।

प्रश्न 3.
बहुलक (पॉलीमर) शब्द किस ‘भाषा से लिया गया है?
उत्तर:
बहुलक यानि पॉलीमर शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों ‘पॉली’ एवं ‘मर’ से मिलकर बना है। ‘पॉली’ का अर्थ अनेक तथा ‘मर’ का अर्थ भाग अथवा इकाई है।

प्रश्न 4.
क्या सेलुलोज एक प्राकृतिक बहुलक है ?
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न 5.
रेयॉन क्या है ?
उत्तर:
रेयॉन प्राकृतिक स्रोत काष्ठ लुगदी से तैयार किया जाता है, इसे मानव द्वारा निर्मित किया जाता है ।

प्रश्न 6.
रेयॉन के उपयोग बताइये?
उत्तर:
रेयॉन से वस्त्र, बिस्तर की चादरें और गलीचे बनाये जाते हैं।

प्रश्न 7.
नाइलॉन का प्रयोग कपड़ों के बनाने में बहुत अधिक क्यों प्रचलित हुआ?
उत्तर:
नाइलॉन रेशा, प्रबल, प्रत्यास्थ तथा हल्का होता है। यह चमकीला व धुलने में सुगम है, अत: इसका प्रयोग कपड़ों को बनाने में ज्यादा प्रचलित हुआ ।

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प्रश्न 8.
थर्मोप्लास्टिक के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
(i) पी. वी. सी. (PVC) (ii) पॉलिथीन।

प्रश्न 9.
प्लास्टिक पर्यावरण के लिए लाभदायक है या हानिकारक ?
उत्तर:
हानिकारक ।

प्रश्न 10.
टेफ्लॉन क्या है?
उत्तर:
यह एक विशिष्ट प्लास्टिक है, जिस पर तेल और जल चिपकता नहीं है, यह भोजन पकाने के पात्रों पर न चिपकने वाली परत लगाने के काम आता है।।

प्रश्न 11.
प्लास्टिक ऊष्मा और विद्युत की सुचालक है या कुचालक?
उत्तर:
प्लास्टिक ऊष्मा तथा विद्युत दोनों की कुचालक है।

प्रश्न 12.
“जैव निम्नीकरणीय” क्या है ?
उत्तर:
पदार्थ जो प्राकृतिक क्रिया जैसे जीवाणु की क्रिया द्वारा अपघटित हो जाता है । जैव निम्नीकरणीय कहलाता है।

प्रश्न 13.
जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थों के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
(i) एल्यूमिनियम के डिब्बे
(ii) प्लास्टिक।

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प्रश्न 14.
ऊनी वस्त्र के अपह्रासित होने में लगने वाला लगभग समय बताइए।
उत्तर:
लगभग एक वर्ष।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1,
रेयॉन क्या है? इसके उपयोग पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
रेयॉन रेशम के गुणों वाला एक रेशा है जो मानव द्वारा निर्मित है । इसे काष्ठ लुगदी के रासायनिक उपचार से प्राप्त किया जाता है । इसे रेयॉन अथवा कृत्रिम रेशम भी कहते हैं।
उपयोग-
(1) रेयॉन को कपास के साथ मिलाकर रेशम की चादर बना सकते हैं।
(2) ऊन के साथ रेयॉन को मिलाकर कालीन या गलीचा तैयार किया जाता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित रेशों को उनकी सामर्थ्य के बढ़ते क्रम में लिखिए-
कपास का धागा, रेशम का धागा, ऊन का धागा एवं नाइलॉन का धागा
उत्तर:
उपर्युक्त रेशों में नाइलॉन के धागे की सामर्थ्य अधिकतम होती है। इनकी सामर्थ्य का बढ़ता क्रम निम्नलिखित है-
कपास का धागा < ऊन का धागा < रेशम का धागा < नाइलॉन का धागा।

प्रश्न 3.
नाइलॉन के प्रमुख गुण एवं उपयोग लिखिए। उत्तर-नाइलॉन के गुण –
1. नाइलॉन के रेशे बहुत अधिक हल्के तथा मजबूत होते हैं ।
2. इससे बने कपड़े में सिलवटें नहीं पड़ती हैं तथा अधिक समय तक स्थायी रहते हैं ।
3. ये कम पानी सोखते हैं तथा जल्दी सूख जाते हैं ।

नाइलॉन के उपयोग-
1. नाइलॉन रेशों का उपयोग मछली पकड़ने के जाल, पैराशूट का कपड़ा तथा वस्त्र आदि बनाने में किया जाता है ।
2. नाइलॉन के रस्से इस्पात से बने तारों से मजबूत होते हैं अत: इनका उपयोग चट्टानों पर चढ़ने के लिए रस्सियों के निर्माण में किया जाता है ।
3. नाइलॉन रेशों का उपयोग दाँत साफ करने के बुश, कारों की सीट के पट्टे आदि बनाने में किया जाता है।

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प्रश्न 4.
संक्षिप्त वर्णन कीजिए-
(1) पॉलिएस्टर
(2) ऐक्रिलिक।
उत्तर:
(1) पॉलिएस्टर : पॉलिएस्टर एक संश्लेषित रेशा है। इस रेशे से बने कपड़ों में सिलवटें आसानी से नहीं पड़ती । यह आसानी से धुल जाता है । अतः यह एक बहुत उपयोगी पदार्थ है ।
(2) ऐक्रिलिक : ये अन्य प्रकार के संश्लेषित रेशे होते हैं। ये ऊन के सदृश दिखाई देते हैं। प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त ऊन काफी महंगी होती है, किन्तु ऐक्रिलिक से बनी वस्तुएँ कपड़े से अपेक्षाकृत सस्ती होती हैं । ये अधिक टिकाऊ होते हैं।

प्रश्न 5.
पॉलिएस्टर के महत्वपूर्ण उपयोग लिखिए ।
उत्तर:
पॉलिएस्टर के उपयोग-
(1) फॉलिएस्टर एक संश्लेषित रेशा है । इस रेशे से बने कपड़े में आसानी से सलवटें नहीं पड़ती हैं ।
(2) इसका उपयोग बोतलों, बर्तन आदि उत्पादों के निर्माण में किया जाता है।
(3) पॉलिकॉट, पॉलिएस्टर तथ कपास का मिश्रण है जिससे कपड़े निर्मित किए जाते हैं।

प्रश्न 6.
संश्लेषित रेशों के गुणधर्म लिखिए।
उत्तर:
संश्लेषित रेशे अद्वितीय गुणधर्मों वाले होते हैं। इनके गुणधर्म निम्नलिखित हैं-
(i) ये शीघ्र सूखते हैं।
(ii) ये अधिक चलाऊ होते हैं।
(iii) ये कम महंगे होते हैं।
(iv) ये रेशे आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
(v) ये रख-रखाव में सुविधाजनक होते हैं।

प्रश्न 7.
प्राकृतिक रेशे एवं संश्लेषित रेशे में उनके जल सोखने के गुण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक रेशे जैसे-सूत, ऊन, रेशम आदि अधिक मात्रा में जल सोखते हैं एवं देर से सूखते हैं जबकि संश्लेषित रेशे जैसे-नाइलॉन, पॉलिएस्टर आदि कम मात्रा में जल सोखते हैं एवं जल्दी सूख जाते हैं।

प्रश्न 8.
प्लास्टिक के प्रकार बताते हुए प्रत्येक के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्लास्टिक दो प्रकार के होते हैं
(1) थर्मोप्लास्टिक
(2) धर्मोसेटिंग प्लास्टिक

थर्मोप्लास्टिक के उदाहरण-
(i) पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC)
(ii) पॉलीथीन

थर्मासेटिंग प्लास्टिक के उदाहरण-
(i) मैलामाइन
(ii) बैकेलाइट

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

प्रश्न 9.
प्लास्टिक पर्यावरण के लिए क्यों हानिकारक है ?
उत्तर:
प्लास्टिक द्वारा निर्मित वस्तुएँ व सामान बहुत उपयोगी होते हैं, किन्तु प्लास्टिक द्वारा उत्पन्न अपशिष्ट पर्यावरण हितैषी नहीं होते हैं, जलाने पर यह विषैली गैसें उत्पन्न करते हैं । भूमि पर डाल देने से यह जानवरों द्वारा खा लिए जाते हैं जो कि उनकी मृत्यु का कारण बन जाते हैं अथवा इन्हें अपघटित होने में कई वर्ष लग सकते हैं। ऐसा इनकी जैव अनिम्नीकरणीय प्रकृति के कारण होता है।

प्रश्न 10.
जैव निम्नीकरणीय एवं जैव अनिम्नीकरणीय से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
जैव निम्नीकरणीय : पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रिया जैसे जीवाणु की क्रिया द्वारा अपघटित हो जाते हैं; जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं जैसे – सब्जी एवं फलों के छिलके, बचा हुआ भोजन, कागज, सूती कपड़ा, लकड़ी आदि ।
जैव अनिम्नीकरणीय : वे पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा सरलता से विघटित नहीं होते है, जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं, जैसे – टिन, ऐल्यूमिनियम एवं अन्य धातुओं के डिब्बे, प्लास्टिक थैलियाँ आदि ।

प्रश्न 11.
‘4R सिद्धान्त’ क्या है ?
उत्तर:
4R सिद्धान्त से निम्न आशय है –
R- (Reduce) उपयोग कम करिए ।
R – (Reuse) पुनः उपयोग करिए ।
R – (Recycle) पुनः चक्रित करिए।
R- (Recover) पुनः प्राप्त करिए ।
ये आदतें प्रत्येक उत्तरदायी नागरिक को विकसित करनी चाहिए जो पर्यावरण के लिए लाभदायक व हितैषी हैं।

प्रश्न 12.
पर्यावरण की सुरक्षा हेतु प्लास्टिक पदार्थों का उपयोग कैसे कम किया जा सकता है?
उत्तर:
पर्यावरण की सुरक्षा हेतु प्लास्टिक पदार्थों का उपयोग निम्न प्रकार से किया जा सकता है-
(i) प्लास्टिक की थैलियाँ जलाशयों में अथवा सड़क पर नहीं फेंकिए।
(ii) खरीददारी के लिए जाते समय एक सूती कपड़े का थैला या जूट का थैला लेकर जाना चाहिए।
(iii) प्लास्टिक के स्थान पर स्टील से बने डिब्बे को भोजन रखने के लिए प्रयोग में लाना चाहिए।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या होगा जब निम्न को वायु में जलाया जाए –
नाइलॉन, पॉलिएस्टर, ऐक्रिलिक रेशे ।
उत्तर:
उपर्युक्त रेशों को जलाने पर निम्न परिणाम प्राप्त होते हैं –
1. नाइलॉन : यह मुश्किल से जलता है । ज्वाला से रेशा सिकुड़ता है । यह गाँठ बनाता है । इसमें बाल जलने जैसी गंध आती है।
2. पॉलिएस्टर : यह नाइलॉन के समान गुण वाला है, किन्तु जलने पर काला धुआँ देता है ।
3. ऐक्रिलिक : यह ज्वाला से सिकुड़ता हुआ गाँठ बनाता है, इसकी गांठ का रंग काला होता है । यह काली धुएँ जैसी ज्वाला देता है ।

प्रश्न 2.
प्लास्टिक क्या है ? इनकी संरचना एवं गुण लिखिए ।
उत्तर:
प्लास्टिक संश्लेषित रेशों की भांति ही एक बहुलक संरचना है- प्लास्टिक में इकाइयों की व्यवस्था रेखीय व तिर्यक बद्ध (क्रास बद्ध) होती हैं ।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक -3
गुण –
(1) प्लास्टिक का पुनः चक्रण सम्भव है अर्थात् इसे पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है ।
(2) इसे आसानी से साँचे में ढालकर किसी भी आकार में निर्मित किया जा सकता है।
(3) यह विद्युत का कुचालक है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

प्रश्न 3.
प्लास्टिक के अभिलाक्षणिक गुणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
प्लास्टिक के अभिलाक्षणिक गुण निम्नवत् हैं-
(i) प्लास्टिक अनभिक्रियाशील है : प्लास्टिक जल और वायु से अभिक्रिया नहीं करते। उनका संक्षारण आसानी से नहीं होता है, इनका उपयोग बहुत से रसायनों सहित, विभिन्न प्रकार के संचयन हेतु किया जाता है।
(ii) प्लास्टिक हल्का, प्रबल तथा चिरस्थायी है : प्लास्टिक अत्यन्त हल्का, प्रबल, चिरस्थायी है तथा इसे विभिन्न आकारों में ढाला जा सकता है । ये धातुओं की अपेक्षा अधिक सस्ते होते हैं, इस कारण से उद्योगों और घरेलू कार्यों में इनका उपयोग विस्तृत पैमाने पर किया जाता है।

(iii) प्लास्टिक कुचालक है : प्लास्टिक ऊष्मा एवं विद्युत के कुचालक हैं इसलिए बिजली के तार प्लास्टिक से ढके रहते हैं तथा खाना बनाने वाले पात्रों के हत्थे प्लास्टिक के बने होते हैं ।

प्रश्न 4.
जैव निम्नीकरणीय तथा जैव अनिम्नीकरणीय की व्याख्या उदाहरण सहित कीजिए।
उत्तर:
जैव निम्नीकरणीय : पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रिया जैसे जीवाणु की क्रिया द्वारा अपघटित हो जाते हैं, जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं ।
जैव अनिम्नीकरणीय : वे पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रिया द्वारा आसानी से विघटित नहीं होते, जैव अनिम्नीकरणीय प्रकृति वाले पदार्थ कहलाते हैं ।
उदाहरण-

अपशिष्ट के प्रकारअपघटित होने में लगने वाला लगभग समयपदार्थ की प्रकृति
सब्जी, फलों के छिलके, बचा हुआ भोजन आदि ।1 से 2 सप्ताहजैव निम्नीकरणीय
कागज10 से 30 दिनजैव निम्नीकरणीय
सूती कपड़ा2 से 5 माहजैव निम्नीकरणीय
लकड़ी10 से 15 वर्षजैव निम्नीकरणीय
ऊनी वस्त्रलगभग 1 वर्षजैव निम्नीकरणीय
टिन, ऐलुमिनियम और अन्य धातुओं के डिब्बे ।100 से 500 वर्षजैव अनिम्नीकरणीय
प्लास्टिक थैलियाँकई वर्षजैव अनिम्नीकरणीय

संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ पेट (PET) : पॉलिएस्टर का खास रूप, जिससे बोतलें, जार, फिल्में और बर्तन आदि बनाए जाते हैं।

→ थर्मोप्लास्टिक (Thermoplastic) : प्लास्टिक की एक ऐसी किस्म जो गर्म होने पर आसानी से विकृत हो जाती हैं तथा बदलकर नया आकार ले लेती है ।

→ बहुलक (Polymer) : रासायनिक पदार्थों की छोटी इकाइयों से बनी बड़ी श्रृंखला ।

→ थर्मोसेटिंग प्लास्टिक (Thermosetting Plastic) : प्लास्टिक की ऐसी किस्म जो ऊष्मा देने पर नरम नहीं होती । इसे एक ही बार साँचे में ढाला जा सकता है।

→ नाइलॉन (Nylon) : मानव-निर्मित रेशे जिनका निर्माण कोयले, जल और वायु के संश्लेषण द्वारा किया जाता है।

→ जैव निम्नीकरणीय पदार्थ (Biodegradable Substance) : पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रिया, जैसे जीवाणु की क्रिया द्वारा अपघटित हो जाता है।

→ जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ (Non-biodegradable substance) : पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा सरलता से विघटित नहीं होता।

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HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन

HBSE 8th Class Science जंतुओं में जनन InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 101)

प्रश्न 1.
शुक्राणु में पूँछ किस काम आती है ?
उत्तर:
पूँछ की सहायता से शुक्राणु अंडवाहिनी में तैरकर अंडाणुओं तक पहुँचता है।

(पृष्ठ संख्या – 103)

प्रश्न 2.
मछली और मेंढक एक साथ सैकड़ों अंडे क्यों देते हैं जबकि मुर्गी एक समय में केवल एक अंडा ही देती है।
उत्तर:
यद्यपि यह जन्तु सैकड़ों अंडे देते हैं तथा लाखों शक्राण निर्मोचित करते हैं. सारे अंडों का निषेचन नहीं होता और वह नये जीव नहीं बन पाते । इसका कारण यह है कि अंडे एवं शुक्राणु निरन्तर जल की गति, वायु एवं वर्षा से प्रभावित होते रहते हैं, तालाब में कुछ जंतु ऐसे भी होते हैं- जो इन अंडों को खाते हैं । अतः अंडकोशिकाओं एवं शुक्राणुओं का बड़ी संख्या में उत्पन्न होना आवश्यक है ताकि उनमें से कुछ में निषेचन सुनिश्चित किया जा सके।

(पृष्ठ संख्या – 104)

प्रश्न 3.
एक एकल कोशिका किस प्रकार एक बड़ा जीव बन सकता है?
उत्तर:
निषेचन के द्वारा युग्मनज बनता है जो कि भ्रूण में परिवर्तित होना प्रारम्भ कर देता है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

HBSE 8th Class Science जंतुओं में जनन Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
सजीवों के लिए जनन क्यों महत्त्वपूर्ण है ? समझाइए।
उत्तर:
यह जीवों में योग्यता है कि वे अपने जैसे जीव पैदा कर सकते हैं । प्रजाति की वृद्धि के लिए जनन अत्यन्त आवश्यक है। यह जैविक प्रक्रम पृथ्वी पर निरन्तरता को सुनिश्चित करता है, इससे गुण और आनुवंशिकता एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी में स्थानान्तरित होती है।

प्रश्न 2.
मनुष्य में निषेचन प्रक्रम को समझाइए ।
उत्तर:
निषेचन (Fertilization):
वृषण के द्वारा नर युग्मक उत्पन्न होते हैं, जो शुक्राणु कहलाते हैं । जब शुक्राणु, फैलोपियन ट्यूब में से होते हुए अंडाणु के संपर्क में आते हैं तो इनमें से एक शुक्राणु अंडाणु के साथ संलयित हो जाता है । शुक्राणु और अंडाणु का यह संलयन निषेचन कहलाता है । निषेचन के समय शुक्राणु तथा अंडाणु संलयित होकर एक हो जाते हैं । निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज का निर्माण होता है ।

प्रश्न 3.
सर्वोचित उत्तर चुनिए –
(क) आंतरिक निषेचन होता है
(i) मादा के शरीर में ।
(ii) मादा के शरीर से बाहर
(iii) नर के शरीर में
(iv) नर के शरीर से बाहर।
उत्तर:
(i) मादा के शरीर में

(ख) एक टैडपोल जिस प्रक्रम द्वारा वयस्क में विकसित होता है, वह है –
(i) निषेचन
(ii) कायांतरण
(iii) रोपण
(iv) मुकुलन।
उत्तर:
(ii) कायांतरण

(ग) एक युग्मनज में पाए जाने वाले केन्द्रकों की संख्या होती है –
(i) कोई नहीं
(ii) एक
(iii) दो
(iv) चार ।
उत्तर:
(iii) एक ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 4.
निम्न कथन सत्य (T) हैं अथवा असत्य (F). संकेतिक कीजिए –
(क) अंडप्रजक जंतु विकसित शिशु को जन्म देते हैं।
(ख) प्रत्येक शुक्राणु एक एकल कोशिका है ।
(ग) मेंढक में बाह्य निषेचन होता है।
(घ) वह कोशिका जो मनुष्य में नए जीवन का प्रारंभ है, युग्मक कहलाती है।
(ङ) निषेचन के पश्चात् दिया गया अंडा एक एकल कोशिका है।
(च) अमीबा मुकुलन द्वारा जनन करता है।
(छ) अलैंगिक जनन में भी निषेचन आवश्यक है।
(ज) द्विखंडन अलैंगिक जनन की एक विधि है ।
(झ) निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज बनता है।
(ज) भ्रूण एक एकल कोशिका का बना होता है।
उत्तर:
(क) असत्य
(ख) सत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य
(ङ) सत्य
(च) असत्य
(छ) असत्य
(ज) सत्य
(झ) सत्य
(ज) असत्य ।

प्रश्न 5.
युग्मनज और गर्भ में दो भिन्नताएँ दीजिए।
उत्तर:

युग्मनज (Zygote)गर्भ (Foetus)
1. यह एक निषेचित अण्डाशय कोशिका है।1. यह भ्रूण का एक बहुकोशिकीय चरण है।
2. अंडाणु तथा शुक्राणु का संलयन युग्मनज कहलाता है।2. यह भ्रूण की वह अवस्था जिसमें विभिन्न अंग पहचानने योग्य होते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 6.
अलैंगिक जनन की परिभाषा लिखिए । जंतुओं में अलैंगिक जनन की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अलैंगिक जनन : जनन की वह किस्म जिसमें केवल एक ही जीव भाग लेता है। अलैंगिक जनन कहलाता है।

अलैंगिक जनन की विधियाँ-
1. मुकुलन (Budding) : इस क्रिया में नया जीव जो अपेक्षाकृत छोटे पुंज की कोशिकाओं से निकलता है, आरंभ में जनक जीव में मुकुल बनाता है । शरीर का केन्द्रक दो भागों में विभाजित हो जाता है तथा उनमें से एक केन्द्रक मुकुल में आ जाता है । मुकुल पैतृक जीव से अलग होकर वृद्धि करता है तथा पूर्ण विकसित जीव बन जाता है। हाइड्रा तथा यीस्ट में अलैंगिक जनन की यह सामान्य प्रक्रिया है ।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन -1

2. द्विखण्डन (Binary fission) : जनन की यह विधि प्रोटोजोआ (अमीबा, पैरामीशियम आदि) में होती है । जनक जीव खंडित होकर नये दो जीवों को जन्म देता है। अमीबा में कोशिका अपनी वृद्धि के अधिकतम आकार में पहुँचती है तो पहले अमीबा का केन्द्रक लम्बा हो जाता है और दो भागों में विभाजित हो जाता – है। इसके पश्चात् अमीबा का कोशिका द्रव्य दो भागों में विभाजित हो जाता है। एक भाग केन्द्रक के चारों ओर रहता है, इस प्रकार दो संतति अमीबा बनते हैं ।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन -2

प्रश्न 7.
मादा के किस जनन अंग में भ्रूण का रोषण होता है ?
उत्तर:
भ्रूण का रोपण गर्भाशय में होता है।

प्रश्न 8.
कायांतरण किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
कायांतरण – कायांतरण एक जीव वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें किसी जीव के पैदा होने के या अंडे से निकलने के बाद कोशिकाओं की बढ़ोत्तरी से उसके शारीरिक ढाँचे में कम समय में बड़े परिवर्तन आ जाते हैं।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन -3
चित्र से स्पष्ट है कि मेंढक के विकास के विभिन्न चरण हैं, जिनमें से तीन चरण स्पष्ट हैं- (1) अंडा (2) टैडपोल लारवा (3) वयस्क । मेंढक में एक विशेष परिवर्तन है- गलफड़ों का फेफड़ों में परिवर्तित होना। मेंढक तथा रेशमकीट में कायांतरण होता है।

प्रश्न 9.
आंतरिक निषेचन एवं बाह्य निषेचन में भेद कीजिए।
उत्तर:

आंतरिक निषेचनबाहा निषेचन
1. नर युग्मक और मादा युग्मक का संलयन शरीर के अंदर होता है।1. नर युग्मक और मादा युग्मक का संलयन शरीर के बाहर होता है।
2. नर मादा शरीर में शुक्राणुओं का उत्सर्जन करता है।2. दोनों व्यष्टि युग्मकों को शरीर के बाहर फेंकते हैं।
3. इनका विकास शरीर के अंदर होता है जैसे – मनुष्य, पशु, शार्क, पक्षी।3. विकास शरीर के बाहर होता है। जैसे – मेंढक, मछली ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 10.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से क्रॉस शब्द पहेली को पूरा कीजिए –
बाई से दाई ओर –
1. यहाँ अंडाणु उत्पादित होते हैं ।
3. वृषण में उत्पादित होते हैं।
4. हाइड्रा का अलैंगिक जनन

ऊपर से नीचे की ओर –
1. यह मादा युग्मक है ।
2. नर और मादा युग्मक का मिलना ।
4. एक अंडप्रजक जन्तु।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन -4
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन -5

HBSE 8th Class Science जंतुओं में जनन Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. शुक्राणु व अंडाणु के संलयन को कहते हैं
(अ) जनन
(ब) निषेचन
(स) जरायुज
(द) मुकुलन।
उत्तर:
(ब) निषेचन

2. निम्नलिखित में नर जननांग का भाग नहीं है –
(अ) वृषण
(ब) शिश्न
(स) शुक्रवाहिनी
(द) अण्डवाहिनी ।
उत्तर:
(द) अण्डवाहिनी ।

3. बाह्य निषेचन निम्नवत् में से किसमें होता है
(अ) मेंढक
(ब) मुर्गी
(स) गाय
(द) कुत्ता ।
उत्तर:
(अ) मेंढक

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

4. निम्नलिखित में अंडप्रजक जंतु है –
(अ) मनुष्य
(ब) कुत्ता
(स) गाय
(द) तितली ।
उत्तर:
(द) तितली ।

5. अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है –
(अ) पैरामीशियम में
(ब) अमीबा में
(स) यीस्ट में
(द) अ और ब दोनों में ।
उत्तर:
(स) यीस्ट में

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) इस प्रकार का जनन जिसमें नर तथा मादा युग्मक …………… का संलयन होता है …………… कहलाता है।
(ख) अंडाशय मादा युग्मक उत्पन्न करते हैं जिसे …………… कहते हैं।
(ग) वह निषेचन जो मादा के शरीर के अंदर होता है …………… कहलाता है।
(घ) वे जंतु जो अंडे देते हैं …………… जंतु कहलाते हैं।
(ङ) कुछ विशेष परिवर्तनों के साथ टैडपोल का वयस्क …………… में रूपांतरण कहलाता है।
उत्तर:
(क) लैंगिक जनन
(ख) अंडाणु
(ग) आंतरिक निषेचन
(घ) अंडप्रजक
(ङ) कायांतरण।

सुमेलन

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(i) वृषण(क) शिशु को जन्म देने वाले जंतु
(ii) अंडाशय(ख) नर जनन अंग
(iii) निषेचन(ग) अंडे देने वाले जंतु
(iv) जरायुज जंतु(घ) मादा जनन अंग
(v) अंडप्रजक जंतु(ङ) शुक्राणु और अंडाणु का संलयन

उत्तर:

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(i) वृषण(ख) नर जनन अंग
(ii) अंडाशय(घ) मादा जनन अंग
(iii) निषेचन(ङ) शुक्राणु और अंडाणु का संलयन
(iv) जरायुज जंतु(क) शिशु को जन्म देने वाले जंतु
(v) अंडप्रजक जंतु(ग) अंडे देने वाले जंतु

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

सत्य/असत्य कथन

(क) वृषण नर युग्मक उत्पन्न करते हैं जिन्हें शुक्राणु कहते हैं।
(ख) जनन प्रक्रम का पहला चरण शुक्राणु और अंडाणु का संलयन है।
(ग) वे जंतु जो अंडे देते हैं, जरायुज जंतु कहलाते हैं।
(घ) हाइड्रा में मुकुलन पाया जाता है।
(ङ) बाह्य निषेचन वाले जंतुओं में भ्रूण का विकास मादा के शरीर के अंदर होता है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) सत्य
(ग) असत्य
(घ) सत्य।
(ङ) असत्य।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जाति की निरंतरता बनाने के लिए कौन सा प्रक्रम आवश्यक है?
उत्तर:
जनन।

प्रश्न 2.
जनन की विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) लैंगिक जनन
(ii) अलैंगिक जनन।

प्रश्न 3.
लैंगिक जनन की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
वह जनन जिसमें नर तथा मादा युग्मक का संलयन होता है, लैंगिक जनन कहलाता है।

प्रश्न 4.
शुक्राणु किसे कहते हैं?
उत्तर:
वृषण नर युग्मक उत्पन्न करते हैं जिन्हें शुक्राणु कहते हैं।

प्रश्न 5.
नर जनन अंग क्या हैं?
उत्तर:
वृषण, शुक्राणु नलिका एवं शिश्न।

प्रश्न 6.
मादा जनन अंग क्या हैं?
उत्तर:
अंडाशय, अंडवाहिनी एवं गर्भाशय।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 7.
अंडाणु किसे कहते हैं?
उत्तर:
अंडाशय मादा युग्मक उत्पन्न करते हैं जिन्हें अंडाणु कहते हैं।

प्रश्न 8.
जनन प्रक्रम का पहला चरण बताइए।
उत्तर:
शुक्राणु और अंडाणु का संलयन।

प्रश्न 9.
निषेचन की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
शुक्राणु और अंडाणु का संलयन निषेचन कहलाता

प्रश्न 10.
आंतरिक निषेचन किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह निषेचन जो मादा के शरीर के अंदर होता है, आंतरिक निषेचन कहलाता है।

प्रश्न 11.
बाह्य निषेचन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
वह निषेचन जिसमें नर एवं मादा युग्मक का संलयन मादा के शरीर के बाहर होता है, बाह्य निषेचन कहलाता है।

प्रश्न 12.
ऐसे प्राणियों के नाम लिखिए जिनमें बाह्य निषेचन होता है।
उत्तर:
मछली एवं स्टारफिश।

प्रश्न 13.
रेशम कीट के जीवन चक्र की विभिन्न अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
अंडा → लारवा → प्यूपा → वयस्क।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 14.
मेंढक के जीवन चक्र की विभिन्न अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
अंडा-टैडपोल (लारवा) → वयस्क।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लैंगिक जनन तथा अलैंगिक जनन में क्या अन्तर है?
उत्तर:
लैंगिक जनन-इस जनन में नर तथा मादा युग्मक का संलयन होता है। अलैंगिक जनन-इस जनन में केवल एक ही जनक नए जीव को जन्म देता है।

प्रश्न 2.
नर शुक्राणु तथा मादा अंडाणु में चार अंतर बताइए।
उत्तर:

नर शुक्राणुमादा अंडाणु
1. यह एक नर युग्मक है ।यह एक मादा युग्मक है ।
2. पूर्ण विकसित शुक्राणु अंडा निषेचन करता है ।निषेचन के बाद दूसरा विकास विभाजन होता है ।
3. ये अधिक मात्रा में उत्पन्न होते हैं ।यह केवल एक ही बनता है ।
4. यह गतिमान होता है तथा सिर और पूँछ में बँटा होता है ।यह गतिमान नहीं होता गोल होता है ।

प्रश्न 3.
मानव के मादा जनन तंत्र तथा नर जनन तंत्र के नामांकित चित्र बनाइए ।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन -6

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 4.
नर जनन-तंत्र तथा मादा जनन-तंत्र में क्या अन्तर
उत्तर:
नर जनन-तंत्र :
(1) वृषण शुक्राणु उत्पन्न करता है।
(2) मादा जनन तंत्र से कम जटिल है ।
(3) वृषण, वृषणकोश में शरीर के बाहर पाया जाता है।
(4) मूत्र तथा शुक्राणु के लिए एक ही रन्ध्र पाया जाता है। ।

मावा जनन-तंत्र:
(1) अंडाशय अंडा उत्पन्न करता है।
(2) नर जनन तत्र से अधिक जटिल है ।
(3) अडाशय जोड़े के रूप में पेट में पाए जाते हैं ।
(4) मूत्राशय तथा योनि के लिए अलग-अलग निष्कासन छिद्र होता है।

प्रश्न 5.
मानव नर जननांग के विभिन्न भागों के नाम लिखिए । शुक्राणु की संरचना को समझाइए।
उत्तर:
मानव नर जननांग के मुख्य अंगों में एक जोड़ा वृषण, दो शुक्राणु नलिकाएँ तथा एक शिश्न (लिंग) होता है। शुक्राणु की संरचना-मानव में वृषण नर युग्मक उत्पन्न करता है, जिन्हें शक्राण कहते हैं । इसकी संख्या लाखों में होती है। ये बहुत सूक्ष्म होते हैं । इनमें एक सिर, एक मध्य भाग व एक पूँछ पाई जाती है।

प्रश्न 6.
मुर्गी में आन्तरिक निषेचन के बावजूद यह अण्डे देती है। क्यों?
उत्तर:
मुर्गी में निषेचन होने उपरान्त युग्मनज बनता है, यह लगातार विभाजित होता रहता है एवं अण्डवाहिनी के नीचे की ओर बढ़ता रहता है तथा इस पर नीचे बढ़ने के साथ-साथ एक सुरक्षित पर्त बनती जाती है । कठोर कवच (परत) के पूर्ण रुप से बनने के बाद मुर्गी अण्डे का निर्मोचन करती है । मुर्गी के अण्डे को चूजा बनने में लगभग तीन सप्ताह का समय लगता है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 7.
जरायुज एवं अण्डप्रजक जंतु से क्या तात्पर्य है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जरायुज जंतु :
वे जंतु जो सीधे ही शिशु को जन्म देते हैं, जरायुज जंतु कहलाते हैं। जैसे- गाय, बिल्ली , कुत्ता आदि अण्डे उत्पन्न नहीं करते; इनकी मादा विकसित शिशु को जन्म देती हैं । इन्हें जरायुज जंतु कहते हैं। अण्डप्रजक जंतुः – वे जंतु जो अण्डे देते हैं, अण्डप्रजक जंतु कहलाते हैं। जैसे -मेंढक, तितली आदि।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लैंगिक जनन क्या है तथा यह कैसे होता -है? इसके महत्व सहित लिखिए।
उत्तर:
लैंगिक जनन : जीव उत्पत्ति की वह प्रक्रिया, जिसमें नर तथा मादा का होना आवश्यक होता है।
लैंगिक जनन की प्रक्रिया : इस प्रक्रिया में नर एवं मादा युग्मक बनाते हैं जो संलयित होकर युग्मनज बनाते हैं। यह युग्मनज विकसित होकर एक नया. जीव बनाता है।
लैंगिक जनन का महत्व :
(1) जीन के नये युग्मक बनते हैं जिसके कारण आनुवंशिक विविधता का विकास होता है।
(2) लैंगिक जनन से जनन संतति में विविधता का विकास होता है ।
(3) नये जीवों में इसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है।

प्रश्न 2.
मेंढक में कायांतरण की क्रिया को चित्र सहित समझाइए।
उत्तर:
कायांतरण-टैडपोल लारवा जिसमें मछली के गुण पाए जाते हैं। उससे वयस्क मेंढक में परिवर्तन कायांतरण कहलाता है । मेंढक में अण्डे से प्रारम्भ करके वयस्क बनने तक की क्रिया में तीन अवस्थाएँ स्पष्ट दिखाई देती हैं- (i) अण्डा (ii) टैडपोल (लारवा) (iii) वयस्क मेंढक में मादा अण्डे पानी में देती है जहाँ शुक्राणुओं द्वारा इनका बाह्य निषेचन होता है । निषेचन के बाद अण्डों से टैडपोल (लारवा) निकलते हैं । इनकी प्रकृति जलीय जीव मछली जैसी होती है । इसमें मेंढक के गुण नहीं होते हैं। टैडपोल में परिवर्तन कई प्रकार से होते हैं, जो वयस्क मेंढक का निर्माण करते हैं ।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन -7

प्रश्न 3.
मानव में भ्रूण परिवर्धन की क्रिया को समझाइए।
उत्तर:
मानव में निषेचन मादा के भीतर होता है जिससे युग्मनज बनता है जिसके विकसित होने पर भ्रूण बनता है। युग्मनज लगातार विभाजित होकर कोशिकाओं के गोले में बदल जाता है जिसके पश्चात् कोशिकाएँ समूहों में आती हैं तथा विभिन्न ऊतकों एवं अंगों में परिवर्धित हो जाती हैं । इस विकसित हुई संरचना को भ्रूण कहते हैं । भ्रूण गर्भाशय की दीवार में रोपित होकर विकसित होता रहता है । गर्भाशय में भ्रूण का लगातार विकास होता जाता है। धीरे-धीरे विभिन्न शारीरिक अंग जैसे कि हाथ, पैर, सिर, आँखें आदि विकसित हो जाते हैं । भ्रूण की वह अवस्था जिसमें सभी शारीरिक भागों की पहचान हो सके, गर्भ कहलाता है । जब गर्भ का विकास पूर्ण हो जाता है तब माँ नवजात शिशु को जन्म देती है।

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जंतुओं में जनन Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) : वह प्रक्रिया जिसमें नर और मादा युग्मक का संलयन होता है।

→ अंडाणु (Ovum) : अंडाशय में उत्पन्न मादा युग्मक।

→ गर्भाशय (Utenus) : वह भाग जहाँ शिश का विकास होता है।

→ निषेचन (Frization) : शक्राण और अंडाण का संलयन।

→ आंतरिक निषेचन (Internairertilization) : वह निषेचन जो मादा के शरीर के अंदर होता है।

→ बाह्य निषेचन (External Fertilization) : वह निषेचन जिसमें नर एवं मादा युग्मक का संलयन मादा के शरीर के बाहर होता है।

→ भ्रूण (Embryo) : ऊतकों व अंगों की विकसित रचना ।

→ गर्भ (Foetus) : भ्रूण की वह अवस्था जिसमें सभी शारीरिक भागों की पहचान हो सके।

→ जरायुज जंतु (Viviparous Animals) : वे जंतु जो सीधे ही शिशु को जन्म देते हैं।

→ अंडप्रजक जंतु (Oviparous Animals) : वे जंतु जो अंडे देते हैं।

→ कायांतरण (Metamorphosis) : टैडपोल लारवा के कुछ उग्र परिवर्तनों द्वारा वयस्क जंतु में बदलने की प्रक्रिया।

→ अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction) : जनन का वह प्रकार जिसमें केवल एक जीव भाग लेता है ।

→ मुकुलन (Budding) : अलैंगिक जनन का प्रकार, जिसमें मुकुल द्वारा नये जीव का विकास होता है।

→ द्विखंडन (Binary Fission) : वह अलैंगिक जनन जिसमें जीव विभाजित होकर दो संतति उत्पन्न करता है।

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