Author name: Prasanna

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 4 कृषि

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 4 कृषि Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 4 कृषि

कृषि Important Questions Geography HBSE 10th Class प्रश्न 1.
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि संपूर्ण भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है। भारत के कुल श्रम का लगभग 2/3 हिस्सा कृषि में लगा हुआ है। भारत के सकल घरेलु उत्पाद में कृषि का 26% का योगदान है। इन सब कारणों से ही कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार स्तंभ कहा जाता है।

HBSE 10th Class Important Questions Geography Chapter 4 कृषि प्रश्न 2.
भारतीय कृषि के तीन लक्षणों के नाम लिखिए।
उत्तर-
भारतीय कृषि के तीन प्रमुख लक्षण हैं-

  1. मानसून आधारित
  2. कृषि कार्यों में मानसून की महत्वपूर्ण भूमिका।
  3. लगभग 1/3 भाग पर छोटे आकार की जातें।

Chapter 4 कृषि Important Questions HBSE 10th Class प्रश्न 3.
रोपण कृषि क्या है?
उत्तर-
यह झाड़ी कृषि या वृक्ष कृषि हैं इस फसल कृषि भी कहा जाता है। इसकां आरंभ 19 वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने किया था। इस प्रकार की कृषि में अधिक पूंजी और श्रमिकों की सहायता से की जाती है। इससे प्राप्त सारा उत्पादन उद्योग में कच्चे माल के रूप में प्रयोग होता है।
रोपड़ कृषि में चाय, कॉफी, रबड़, गन्ना, केला इत्यादि महत्त्वपूर्ण रोपण फसले हैं।

प्रश्न 4.
भारत के तीन महत्त्वपूर्ण गेंहूँ उत्पादक राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर-
भारत के तीन महत्त्वपूर्ण गेहूँ उत्पादक राज्य हैं-

  1. उत्तर प्रदेश
  2. पंजाब
  3. हरियाणा।

प्रश्न 5.
देश के गन्ना-उत्पादक तीन राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. उत्तर प्रदेश
  2. महाराष्ट्र
  3. कर्नाटक।

प्रश्न 6.
भारत के मसाले उत्पादक तीन राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. केरल.
  2. कर्नाटक,
  3. तमिलनाडु।

प्रश्न 7.
भारत में तंबाकू-उत्पादक तीन राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. गुजरात,
  2. उत्तरप्रदेश,
  3. आंध्र प्रदेश।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 4 कृषि

प्रश्न 8.
विश्व में सर्वप्रमुख चावल उत्पादक देश कौन-सा है।
उत्तर-
चीन।

प्रश्न 9.
चावल की कृषि के लिए कितनी वर्षा आवश्यक मानी जाती है?
उत्तर-
100 सेमी.

प्रश्न 10.
भारत से चावल निर्यात होने वाले देश कौन-कौनसे हैं?
उत्तर-

  1. दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश,
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका,
  3. संयुक्त अबर गणतंत्र।

प्रश्न 11.
तरबूज, ककड़ी, खीरा आदि किस फसल ऋतु की उपज है।
उत्तर-
जायद ऋतु।

प्रश्न 12.
शुष्क कृषि में कितनी फसलें उगाई जाती हैं?
उत्तर-
एक वर्ष में एक।

प्रश्न 13.
भारतीय कृषि मुख्यतः किस पर निर्भर है?
उत्तर-
मानसून पर।

प्रश्न 14.
गेहूँ उत्पादन में संसार में सबसे प्रमुख स्थान किसका है?
उत्तर-
चीन का।

प्रश्न 15.
गेहूँ किस फसल ऋतु से संबंधित हैं?
उत्तर-
रबी।

प्रश्न 16.
गेहूँ उत्पादन में भारत का विश्व में स्थान क्या
उत्तर-
दूसरा।

प्रश्न 17.
देश के कुल कितने भाग में गेहूँ की खेती होती
उत्तर-
कुल बोये गये क्षेत्र के छठे भाग पर।

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प्रश्न 18.
भारत में उगने वाले प्रमुख फलों एवं उनके उत्पादक राज्यों के नामों की सूची बनाइए।
उत्तर-
फल – राज्य
संतरा – महाराष्ट्र, मेघालय
आम – बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र
लीची – बिहार, उत्तर प्रदेश
अमरूद – बिहार, उत्तर प्रदेश
केला – महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, मिजोरम
अन्नानास – मेघालय
अंगूर – महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश
सेब, नाशपती अखरोट – हिमाचल प्रदेश, जम्मू और
तथा खूबानी – कश्मीर

प्रश्न 19.
भारत में उगाए जाने वाले मुख्य रेशेदार फसलों के नाम बताइए।
उत्तर-
कपास, जूट, सन और प्राकृतिक रेशम भारत में उगाई जाने वाली चार मुख्य रेशेदार फसलें हैं।

प्रश्न 20.
प्राकृतिक रेशम का उत्पादन कैस किया जाता है?
उत्तर-
प्राकृतिक रेशम, रेशम के कीड़े के कोकून से प्राप्त हो जो मलबरी पेड़ की हरी पत्तियों पर पलता है। रेशम उत्पादन के लिए रेशम के कीड़ों का पालन रेशम उत्पादन कहलाता है।

प्रश्न 21.
रबड़ उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
रबड़ भूमध्यरेखीय क्षेत्र की फसल है परंतु विशेष परिस्थितियों में उष्ण और उपोष्ण क्षेत्रों में भी उगाई जाती है। इसको 200 सेमी. से अधिक वर्षा और 25 सेल्सियस से अधिक तापमान वाली नम और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 22.
रबड़ उत्पादक राज्यों की जानकारी दीजिए। रबड़ उत्पादन में भारत का क्या स्थान हैं?
उत्तर-
रबड़ मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और मेघालय में गारो पहाड़ियों में उगाया जाता है। प्राकृतिक रबड़ के उत्पादन में भारत विश्व में पाँचवा स्थान रखता है।

प्रश्न 23.
सरकार ने कृषि के आधुनिकरण के लिए क्या कदम उठाए हैं?
उत्तर-
कृषि के महत्त्व को समझते हुए भारत सरकार ने इसके आधुनिकीकरण के लिए भरसक प्रयास किए हैं। भारतीय कृषि में सुधार हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद व कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना, पशु चिकित्सा सेवाएँ और पशु प्रजनन केंद्र की स्थापना, बागवानी विकास, मौसम विज्ञान और मौसम के पूर्वानुमान के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को वरीयता दी गई।

प्रश्न 24.
खाद्य सुरक्षा से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
भोजन एक मूलभूत आवश्यकता है और देश के प्रत्येक नागरिक को ऐसा भोजन मिलना चाहिए जो न्यूनतम पोषण स्तर प्रदान करे। अगर हमारी जनसंख्या के किसी भाग को यह उपलब्ध नहीं होता तो वह खंड खाद्य सुरक्षा से वंचित है।

प्रश्न 25.
सरकार द्वारा कृषि निवेशों पर उपलब्ध सहायिकी ने समग्र कृषि उत्पादन पर विपरीत प्रभाव डाला है। कैसे?
उत्तर-
1. जल और उर्वरकों के अधिक और अविवेकपूर्ण प्रयोग से जलाक्रांतता, लवणता और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी की समस्याएं पैदा हो गई हैं।
2. ऊँचा न्यूनतम समर्थन मूल्य, निवेशों में साहायिकी और एक एफ सी आई द्वारा शर्तिया खरीद ने शस्य प्रारूप को बिगाड़ दिया है। जो न्यूनतम समर्थन मूल्य उन्हें मिलता है उसके लिए गेहूँ और चावल की अधिक फसलें उगाई जा रही हैं। पंजाब ओर हरियाणा इसक अग्रणी उदाहरण हैं। .

प्रश्न 26.
सरकार द्वारा उपभोक्ताओं का दो भागों में विभिक्ति अपूर्ण क्यों हैं?
उत्तर-
उपभोक्ताओं को दो वर्गों में विभाजित किया गया है –
1. गरीबी रेखा से नीचे (Below Poverty Line – BPL) और गरीबी रेखा से ऊपर (Above Poverty Line – APL) – और प्रत्येक वर्ग के लिए मूल्य पृथक-पृथक हैं। परंतु यह वर्गीकरण पूर्ण नहीं है क्योंकि इससे अनेक हकदार गरीब लोग बी पी एल वर्ग से वंचित हो गए हैं।
2. कई ए पी एल श्रेणी के लोग एक फसल खराब होने से ही बी पी एल श्रेणी के अन्तर्गत आ जाते हैं और प्रशासकीय दृष्टिकोण से ऐसे परिवर्तनों को समायोजित करना मुश्किल हो जाता है।

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प्रश्न 27.
वैश्वीकरण के तहत् भारतीय किसानों को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?
उत्तर-
1990 के पश्चात्, वैश्वीकरण के दौरान भारतीय । कृषकों को कई नई समस्याओं का सामना करने के लिए विवश होना पड़ा है। चावल, कपास, रबड़, चाय, कॉफी, जूट और मसालों का मुख्य उत्पादक होने के बावजूद भारतीय कृषि विश्व के विकसित देशों से स्पर्धा करने में असमर्थ है क्योंकि उन देशों में कृषि को अत्यधिक सहायिकी दी जाती है।

प्रश्न 28.
हरित क्रांति विवादों से क्यों घिरी हैं?
उत्तर-
हरित क्रांति ने लंबा-चौड़ा वायदा किया परंतु आज यह कई विवादों से घिरी है। हरितक्रान्ति पर आरोप है कि इसके दौरान रसायनों के अधिक प्रयोग, जलभृतों के सूखने और जैव विविधता विलुप्त होने के कारण भूमि का निम्नीकरण हुआ है।

प्रश्न 29.
खाद्यान्न फसलों की अपेक्षा कीमती फसलों का उत्पादन लाभदायक क्यों हैं?
उत्तर-

  • भारतीय किसानों को शस्यावर्तन करना चाहिए और खाद्यान्नों के स्थान पर बहुमूल्य फसलें उगानी चाहिए। इससे आमदनी अधिक होगी और इसके साथ पर्यावरण निम्नीकरण में कमी आएगी।
  • फलों, औषधीय पौधों, बायो-डीजल फसलों (जटरोफा और जोजोबा), पुष्पों और सब्जियों को उगाने हेतु चावल या गन्ने से बहुत कम सिंचाई की आवश्यकता है।
  • भारत में जलवायु विविधता का विभिन्न प्रकार की बहुमूल्य फसलें उगाकर उपयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 30.
आजकल कार्बनिक कृषि का ज्यादा प्रचलन क्यों हैं?
उत्तर-
कार्बनिक (organic) कृषि का आज अधिक प्रचलन है क्योंकि यह उर्वरकों तथा कीटनाशकों जैसे – कारखानों में निर्मित रसायनों के बिना की जाती है। इसलिए पर्यावरण पर इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।

प्रश्न 31.
अंतर स्पष्ट कीजिए-
(अ) रबी और खरीफ फसलें
उत्तर-
रबी

  1. इसका समय अक्टूबर-नवम्बर से मार्च अपैल तक है।
  2. इसकी प्रमुख फसलें हैं- गेहूँ, जौ, चना तिलहन आदि।

खरीफ

  1. इसका समय जून-जलाई से अक्टूबर-नवम्बर तक है।
  2. चावल, मक्का, ज्वार, मूंगफली आदि इसकी प्रमुख फसलें हैं।

(ब) चाय और कहवा खेती।
उत्तर-
चाय

  1. इसके लिए 20 डिग्री से 30 डिग्री सेमी. तापमान की आवश्यकता होती है।
  2. इसे असम, पश्चिम बंगाल तमिलनाडु और केरल में उगाया जाता है।

कहावा

  1. इसके लिए 15 डिग्री से 28 डिग्री सेमी. तापमान की आवश्यकता होती है।
  2. इसकी खेती नीलगिरि के चारों ओर पाहाड़ियों में केन्द्रित हैं। कर्नाटक, केरल तमिलानाडु इसके मुख्य उत्पादक हैं।

प्रश्न 32.
भारत में गेहूँ उत्पादन पर टिप्पणी लिखिए।
अथवा
चावल के बाद भारत का सर्वाधिक प्रमुख खाद्यान्न कौन-सा है? परिचय दें।
उत्तर-
भारत में चावल के बाद गेहूँ दूसरी सबसे महत्त्वपूर्ण फसल है।

  • भारत में गेहूँ की खेती कुल कृषि भूमि के छठे हिस्से पर की जाती है।
  • गेहूँ भारत के उत्तर-पश्चिमी भागों में उगाया जाता हैं
  • गेहूँ के लिए सामान्यतः 75 सेमी की वर्षा उपयुक्त माना जाती है।
  • गेहूँ की रोपाई के वक्त 10-15 सेमी, तापमान उपर्युक्त रहता है।

प्रश्न 33.
भारत की प्रमुख फलस चक्रों का वर्णन कीजिए।
अथवा
भिन्न-भिन्न प्रमुख फसलों को उनके उपज काल के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
भारत में मुख्य फसलें कौन-सी हैं? ये कब-कब उगाई जाती है।
उत्तर-
रबी-रबी फसलों को शीत ऋतु में अक्तूबर से दिसंबर के मध्य बोया जाता है और ग्रीष्म ऋतु में अप्रैल से जून के मध्य काटा जाता है। गेहूँ, जौ, मटर, चना और सरसों कुछ मुख्य रबी फसलें हैं।

खरीफ-खरीफ फसलें देश के विभिन्न क्षेत्रों में मानसून के आगमन के साथ बोई जाती हैं और सितंबर-अक्तूबर में — कटाई की जाती हैं। इस ऋतु में बोई जाने वाली मुख्य फसलों में चावल, मक्का , ज्वार, बाजरा, तुर (अरहर), मूंग, उड़द, कपास, जूट, मूंगफली और सोयाबीन सम्मिलित हैं।

जायद-यह ग्रीष्म कालीन छोटी फसल ऋतु है।
इसमें इन चीजों को उगाया जाता है-चावल, मक्का, सब्जियाँ, तरबूज, ककड़ी-खीरा आदि।

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प्रश्न 34.
रेशम उत्पादन से क्या तात्पर्य है? भारत के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र कौन-से हैं?
उत्तर-
रेशम के कीड़ों का पालन और उनके माध्यम से धागा तैयार करना रेशम उत्पादन कहलाता है। रेशम उत्पादन के लिए भारत के अग्रलिखित क्षेत्र प्रसिद्ध हैं-

  1. कर्नाटक,
  2. जम्मू और कश्मीर
  3. मध्य प्रदेश
  4. असम
  5. पश्चिम बंगाल।

प्रश्न 35.
रबड़ उत्पादन के क्षेत्र में केरल के अग्रणी होने के दो कारण बतायें।
उत्तर-
केरल के रबड़ उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी होने के प्रमुख कारण निम्नवत् हैं-

  1. रबड के पेड़ों को उच्च तापमान के साथ-साथ वर्ष भर पर्याप्त वर्षा चाहिए केरल में वातावरण इन दोनों को ही उपलब्ध कराता है।
  2. रबड़ इकट्ठा करने के लिए सस्ते मजूदरों की आवश्यकता होती है। केरल में सस्ते मजदूर आसानी से मिल जाते हैं।

प्रश्न 36.
मैक्सिको तथा मध्य अमेरिका, वेनेजुएला, ब्राजील मध्य अफ्रीका, इंडोनेशिया और वियतनाम में, कर्तन दहन प्रणाली’ कृषि को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर-
देश का नाम — ‘कर्तन दहन प्रणाली’ का नाम

मैक्सिको तथा मध्य अमेरिका — मिलपा
वेनेजुएला — कोनको
ब्राजील मध्य — रोका
अफ्रीका — मसोले
इंडोनेशिया — लदांग
वियतनाम — रे

प्रश्न 37.
भारत में कपास उत्पादन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
HBSE 10th Class Social Science Solutions Chapter 4 कृषि 2
उत्तर-
भारत को कपास के पौधो का मूल स्थान माना जाता है। सूती कपड़ा उद्योग में कपास एक मुख्य कच्चा माल है। कपास उत्पादन में भारत का विश्व में तृतीय स्थान है। दक्कन पठार के शुष्कतर भागों में काली मिट्टी कपास उत्पादन के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इस फसल को उगाने हेतु उच्च तापमान, हल्की वर्षा या सिंचाई, 210 पाला रहित दिन और खिली धूप की आवश्यकता होती है। यह खरीफ की फसल है और इसे पककर तैयार होने में 6 से 8 माह लगते हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश कपास के मुख्य उत्पादक राज्य हैं।

प्रश्न 38.
भारत में जूट की पैदावार पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
जूट को सुनहरा रेशा कहा जाता है। जूट की फसल बाढ़ के मैदानों में जलनिकास वाली उर्वरक मिमकी में उगाई जाती है जहाँ प्रत्येक वर्ष बाढ़ से आई नई मिट्टी जमा होती रहती है। इसके बढ़ने के समय उच्च तापमान की आवश्यकता होती है। पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और उड़ीसा तथा मेघालय जूट के मुख्य उत्पादक राज्य हैं। इसका प्रयोग बोरियाँ, चटाई, रस्सी, तंतु व धागे, गलीचे और दूसरी दस्तकारी की वस्तुएँ बनाने में किया जाता है। इसकी उच्च लागत के कारण और कृत्रिम रेशों और पैकिंग सामग्री, विशेषकर नाइलोन का मूल्य कम होने के कारण, बाज़ार में रेशम की माँग घट रही है।

प्रश्न 39.
1980-90 के दशकों में भूमि विकास कार्यक्रम के तहत क्या तकनीकी और संस्थागत सुधार लाने की कोशिश हुई?
उत्तर-

  • 1980 तथा 1990 के दशकों में विस्तृत भूमि विकास कार्यक्रम शुरू किया गया जो संस्थागत और तकनीकी सुधारों पर आधारित था।
  • इस दिशा में उठाए गए कुछ महत्त्वपूर्ण कदमों में सूखा, बाढ़, चक्रवात, अग्नि तथा बीमारी के लिए फसल बीमा के प्रावधान और कृषकों को कम दर पर ऋण सुविधाएँ प्रदान करने के लिए ग्रामीण बैंकों, सहकारी समितियों और बैंकों की स्थापना सम्मिलित थे।
  • किसानों के लाभ हेतु भारत सरकार ने ‘कृषक क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना (पीएआईएस) भी आरम्भ की है।
  • इसके अतिरिक्त आकाशवाणी और दूरदर्शन पर कृषकों के लिए मौसम-विज्ञान के बुलेटिन और कृषि कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं। कृषकों को मध्यस्थों और दलालों के शोषण से बचाव हेतु न्यूनतम सहायता मूल्य और कुछ महत्त्वपूर्ण फसलों के लाभदायक खरीद मूल्यों की सरकार घोषणा करती है।

प्रश्न 40.
कृषि में विकास दर की कमी होने के क्या कारण हैं?
अथवा
भारतीय किसानों की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कृषि में विकास दर कम हो रही है जो कि एक चिंताजनक स्थिति है। वर्तमान में भारतीय कृषक को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा से एक बड़ी चुनौती का सामना कृषि सेक्टर में विशेष रूप से करना पड़ रहा है तथा हमारी सरकार कृषि सेक्टर में विशेष रूप से सिंचाई, ऊर्जा, ग्रामीण सड़कों, मंडियों और यंत्रीकरण में सार्वजनिक पूँजी के निवेश को कम करती जा रही है। रासायनिक उर्वरकों पर सहायिकी कम करने से उत्पादन लागत बढ़ रही है। इसके अतिरिक्त कृषि उत्पादों पर आयात कर घटाने से भी देश में कृषि पर हानिकारक असर पड़ा है। कृषक कृषि में पूँजी निवेश कम कर रहे हैं जिसके कारण कृषि में रोज़गार घट रहे हैं।

प्रश्न 41.
भारत की खाद्य सुरक्षा नीति का प्राथमिक उद्देश्य सामान्य लोगों को खरीद सकने योग्य कीमतों पर खाद्यान्नों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है। समीक्षा कीजिए।
उत्तर-
भारत की खाद्य सुरक्षा नीति का प्राथमिक उद्देश्य सामान्य लोगों को खरीद सकने योग्य मूल्यों पर खाद्यान्नों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है। इससे निर्मान भोजन प्राप्त करने में समर्थ हुए हैं। इस नीति का केन्द्र छषि उत्पादन में वृद्धि और भंडारों को बनाए रखने हेतु चावल और गेहूँ की अधिक प्राप्ति के लिए समर्थन मूल्य को निश्चित करना है। खाद्यान्नों की अधिक प्राप्ति और भंडारण की व्यवस्था फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफ सी आई) करती है यद्यपि इसके वितरण को सार्वजनिक वितरण प्रणाली सुनिश्चित करती भारतीय खाद्य निगम (एफ सी आई) सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्यों पर कृषकों से खाद्यान्न प्राप्त करती है।

प्रश्न 42.
भारत में प्रत्येक जिला और ब्लॉक को खाद्यान्नों के पैदावार में किस प्रकार आत्मनिर्भर बनाया जा सकता
उत्तर-

  1. यदि सरकार उपयुक्त कृषि अवसंरचना ऋणों की सुविधा उपलब्ध कराती है और नई प्रौद्योगिकी के प्रयोग को बढ़ावा देती है तो प्रत्येक जिला और ब्लॉक को खाद्यान्नों के पैदावार में आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
  2. केवल गेहूँ और चावल पर ध्यान देने की अपेक्षा उस क्षेत्र में उगने वाली सभी खाद्य फसलों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए जिसमें वृद्धि की बेहतर संभावनाएँ हों।
  3. सिंचाई सुविधाओं और विद्युत उपलब्ध करवाने जैसे आवश्यक अवसंरचना को बढ़ावा देने से कृषि में निजी पूँजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
  4. सतत् पोषणीय आधार पर खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि, और अनाजों के व्यापार को बंधन से मुक्ति से भारी मात्रा में रोजगार पैदा होंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धनता भी घटेगी।

प्रश्न 43.
भारत में कॉफी उत्पादन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
भारत विश्व की लगभग 4% कॉफी का उत्पादन करता है। भारतीय कॉफी अपनी गुणवत्ता के लिए विश्वविख्यात है। हमारे देश में अरेबिका किस्म की कॉफी का उत्पादन होता है जो आरम्भ में यमन से लाई गई थी। इस किस्म की कॉफी की विश्व भर में अधिक माँग है। इसकी छषि का आरम्भ बाबा बूदन पहाड़ियों से हुई और आज भी इसकी खेती नीलगिरि की पहाड़ियों के आस पास कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में की जाती है।

प्रश्न 44.
प्रारंभिक जीविका निर्वाह कृषि पर एक निबंध लिखिए।
अथवा
‘कर्तन दहन प्रणाली’ कृषि पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-

  1. प्रारंभिक जीवन निर्वाह कृषि भूमि के छोटे टुकड़ों पर आदिम कृषि औजारों जैसे लकड़ी के हल, डाओ (कंव) और खुदाई करने वाली छड़ी तथा परिवार अथवा समुदाय श्रम की सहायता से की जाती है।
  2. इस प्रकार की कृषि प्रायः मानसून, मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरता और फसल उगाने के लिए अन्य पर्यावरणीय परिस्थितियों की उपुयक्तता पर निर्भर करती है।
  3. यह ‘कर्तन दहन प्रणाली’ (slash and burn) कृषि है। कृषक जमीन के टुकड़े साफ करके उन पर अपने परिवार के पालन-पोषण हेतु अनाज व अन्य खाद्य फसलें उगाते हैं।
  4. जब मृदा की उर्वरता कम हो जाती है तो कृषक उस भूमि के टुकड़े से स्थानांतरित हो जाते हैं और कृषि के लिए भूमि का दूसरा टुकड़ा साफ करते हैं।
  5. कृषि के इस प्रकार के स्थानांतरण से प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा मिमीक की उर्वरता क्षमता में वृद्धि होती है। चूँकि कृषक उर्वरक अथवा अन्य आधुनिक तकनीकों का प्रयोग नहीं करते, अत: इस प्रकार की कृषि में उत्पादकता कम होती है।
  6. देश के विभिन्न भागों में इस प्रकार की कृषि को विभिन्न नामों से जाना जाता है।
    उत्तर-पूर्वी राज्यों असम, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में इसे ‘झूम’ कहा जाता है मणिपुर में पामलू (pamlou) और छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में इसे ‘दीपा’ कहा जाता है।

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प्रश्न 45.
‘भुदान-आंदोलन’ पर एक निबंध लिखिए।
उत्तर-
भूदान-आंदोलन-महात्मा गांधी ने विनोबा भावे, जिन्होंने उनके सत्याग्रह में सबसे निष्ठावान सत्याग्रही के समान भागीदारी की थी, को अपना अध्यात्मिक उत्तराधिकारी घोषित किया था। उनकी गांधी जी के ग्राम स्वराज अवधारणा में भी गहन आस्था थी। गांधी जी की शहादत के बाद उनके संदेश को लोगों तक पहुँचाने के लिए विनोबा भावे ने लगभग पूरे देश की पदयात्रा की। एक बार जब वे आंध्र प्रदेश के एक गाँव पोचमपल्ली में बोल रहे थे तो कुछ भूमिहीन गरीब ग्रामीणों ने उनसे अपने आर्थिक भरण-पोषण के लिए कुछ भूमि माँगी। विनोबा भावे ने उनसे तुरंत कोई वायदा तो नहीं किया परंतु उनको आश्वासन दिया कि यदि वे सहकारी खेती करें तो वे भारत सरकार से बात करके उनके लिए जमीन मुहैया करवाएँगे।

अकस्मात् श्री राम चन्द्र रेड्डी उठ खड़े हुए और उन्होंने 80 भूमिहीन ग्रामीणों को 80 एकड़ भूमि बाँटने की पेशकश की। इसे ‘भूदान’ के नाम से अभिहित किया। बाद में विनोबा भावे ने यात्राएँ की और अपना यह विचार सम्पूर्ण भारत में फैलाया। कुछ जमींदारों ने, जो अनेक गाँवों के मालिक थे, भूमिहीनों को पूरा गाँव देने की पेशकश भी की। इसे ‘ग्रामदान’ कहा गया। परंतु कुछ जमींदारों ने तो भूमि सीमा कानून से बचने के लिए अपनी भूमि का एक भाग दान किया था। विनोबा भावे द्वारा शुरू किए गए इस भूदान-ग्रामदान आंदोलन को ‘रक्तहीन क्रांति’ का नाम दिया गया।

प्रश्न 46.
छोटे किसानों की सुरक्षा बिना खाद्य सुरक्षा संभव नहीं है। विवेचना कीजिए।
उत्तर-

  1. कृषकों को मुफ्त बिजली उपलब्ध करवाने के कारण जल-सघन फसलें उगाने हेतु कुछ क्षेत्र के कृषकों को सिंचाई हेतु अधिकाधिक भूमिगत जल को पंपों के द्वारा निकालने का प्रोत्साहन मिला। न्यूनतम वर्षा वाले क्षेत्रों जैसे पंजाब में चावल तथा महाराष्ट्र में गन्ने की खेती इसके उदाहरण हैं। इससे भूमिगत जलभृत् (Aquifer) में जल का भंडारण कम होता जा रहा है।
  2. परिणामस्वरूप कई कुएँ और नलकूप सूख गए हैं। इससे सीमांत और छोटे कृषक कृषि छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं।
  3. बड़े कृषकों को उनके गहन विवश हो नलकूपों से अभी भी पानी उपलब्ध है परंतु बहुत से दूसरे किसान जल के अभाव की समस्या का सामना कर रहे हैं।
  4. अपर्याप्त भंडारण सुविधाएँ और बाज़ार के आभाव में भी किसान हतोत्साहित होते हैं। इस प्रकार किसान उत्पादन और बाज़ार की अनियमितता से बुरी तरह प्रभावित होते हैं।
  5. उनको दोहरा नुकसान उठाना पड़ता है।, एक तो उन्हें कृषि लागतों जैसे उच्च पैदावार वाले बीजों, उर्वरकों इत्यादि के लिए अधिक मूल्य देना पड़ता हैं।
  6. दूसरी ओर खरीद मूल्य बढ़ाने के लिए संघर्षरत है। कृषकों की पैदावार एक साथ मंडी में पहुँचती है जिसके कारण खरीद मूल्य कम मिलता है परंतु उन्हें विवशतापूर्वक में अपने उत्पाद बेचने पड़ते हैं। अतः, छोटे किसानों की सुरक्षा बिना खाद्य सुरक्षा संभव नहीं है।

प्रश्न 47.
भारत की किन्हीं 5 नगदी फसलों का परिचय दीजिए।
उत्तर-
गन्ना – गन्ना एक उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय फसल है। यह फसल 21° सेल्सियस से 27° सेल्सियस तापमान और 75 सेमी. से 100 सेमी. वार्षिक वर्षा वाली उष्ण और 6 जलवायु में बोई जाती है। ब्राजील के पश्चात् भारत गन्ने का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और हरियाणा गन्ना के मुख्य उत्पादक राज्य हैं।

रबड़ – रबड़ के उत्पादन में भारत विश्व में पाँचवा स्थान रखता है।रबड़ भूमध्यरेखीय क्षेत्र की फसल है। इसे मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और मेघालय में गारो पहाड़ियों में उगाया जाता है।

तम्बाकू-यह उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय पौधों है। इसे 16 डिग्री से 35 डिग्री के विभिन्न तापमानों पर उगाया जाता है। इसके प्रमुख उत्पादक राज्य हैं-गुजरात, उत्तरप्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक।

मसाले-मसाले के उत्पादन में भारत का प्राचीन काल से ही प्रमुख स्थान रहा है। मसाला उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरे स्थान पर है। केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु मसाला उत्पादन के प्रमुख क्षेत्र हैं।

फल-फल और शाक-सब्जियों के उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है।

भारत काजू का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। आम और केले उत्पादन में भारत का सबसे पहला स्थान है। केले के कुल उत्पादन का 50% तमिलनाडु और महाराष्ट्र से आता है।

प्रश्न 48.
रागी और बाजरा के उत्पादन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त मिट्टी का नाम बताइए। ये फसलें किन क्षेत्रों में उपजाई जाती है?
उत्तर-
रागी-रागी शुष्क प्रदेशों की फसल है। और यह लाल, काली बलुआ, दोमट और उथली काली मिट्टी पर अच्छी तरह उगायी जाती है।

कर्नाटक रागी का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है और इसके बाद तमिलनाडु दूसरा प्रमुख राज्य है। इन दोनो राज्यों के अलावा हिमाचल प्रदेश, उतरांचल, सिक्किम, झारखंड और अरूणाचल प्रदेश में भी यह फसल उपजाई जाती है।

बाजरा-यह बलुआ और उथली काली मिट्टी पर उगाया जाता है। राजस्थान बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है और उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा इसके अन्य मुख्य उत्पादक राज्य हैं।

मानचित्र प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के मानचित्र पर प्रमुख चावल उत्पादक क्षेत्रों को दर्शाइए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Social Science Solutions Chapter 4 कृषि 3

प्रश्न 2.
भारत के मानचित्र पर प्रमुख गेहूँ उत्पादक क्षेत्रों को दर्शाइए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Social Science Solutions Chapter 4 कृषि 4

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 4 कृषि

प्रश्न 3.
मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाइए।
(क) प्रमुख गन्ना उत्पादक क्षेत्र।
(ख) चाय के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र।
उत्तर-
HBSE 10th Class Social Science Solutions Chapter 4 कृषि 5

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. सही उत्तर का चयन कीजिए

प्रश्न 1.
रोपण फसल का एक उदाहरण है:
(क) केला
(ख) चावल
(ग) गेहूँ
(घ) जूट
उत्तर-
(घ) जूट

प्रश्न 2.
रबी फसलें कब काटी जाती हैं?
(क) दिसंबर-जनवरी
(ख) अक्टूबर-नवंबर
(ग) जनवरी-मार्च
(घ) अप्रैल-जून
उत्तर-
(क) दिसंबर-जनवरी

प्रश्न 3.
रबी फसल का एक उदाहरण है:
(क) चना
(ख) जूट
(ग) कपास
(घ) मँग
उत्तर-
(क) चना

प्रश्न 4.
इनमें एक खरीफ फसल हैः
(क) ज्वार
(ख) गेहूँ
(ग) जौ
(घ) मटर
उत्तर-
(ग) जौ

प्रश्न 5.
जायद ऋतु का एक फसल है:
(क) धान
(ख) गेहूँ
(ग) खीरे
(घ) जूट
उत्तर-
(घ) जूट

प्रश्न 6.
चावल की खेती के लिए कितनी वर्षा चाहिए।
(क) 10 सेमी
(ख) 25 सेमी.
(ग) 55 सेमी.
(घ) 100 सेमी.
उत्तर-
(क) 10 सेमी

प्रश्न 7.
मोटे अनाज का एक उदाहरण है-
(क) बाजरा
(ख) गेहूँ
(ग) चावल
(घ) मूंग
उत्तर-
(घ) मूंग

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 4 कृषि

प्रश्न 8.
रागी का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन हैं?
(क) बिहार
(ख) आसाम
(ग) उड़ीसा
(घ) कर्नाटक
उत्तर-
(ख) आसाम

प्रश्न 9.
मक्के के उत्पादन के लिए औसत तापमान कितनी होनी चाहिए?
(क) 10°-15°C
(ख) 21°- 27°C
(ग) 40°- 45°C
(घ) 30°- 35°C
उत्तर-
(ग) 40°- 45°C

प्रश्न 10.
विश्व में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक तथा उपभोक्ता देश कौन हैं?
(क) श्रीलंका
(ख) ब्रिटेन
(ग) भारत
(ग) रूस
उत्तर-
(ख) ब्रिटेन

प्रश्न 11.
विश्व में तिलहन का सबसे बड़ा उत्पादक देशकौन हैं?
(क) जर्मनी
(ख) भारत
(ग) पाकिस्तान
(घ) भूटान
उत्तर-
(ख) भारत

प्रश्न 12.
गन्ना उत्पादन में भारत का विश्व में कौन-सास्थान है?
(क) पहला
(ख) दूसरा
(ग) तीसरा
(घ) चौथा
उत्तर-
(ग) तीसरा

प्रश्न 13.
भारत में कितने प्रतिशत क्षेत्र में तिलहन की फसलें उगाई जाती है?
(क) 12
(ख) 15
(ग) 20
(घ) 23
उत्तर-
(घ) 23

प्रश्न 14.
भारत में सर्वप्रथम चाय कौन लेकर आये थे?
(क) फ्रांसीसी
(ख) डच
(ग) अंग्रेज
(घ) डेनिस
उत्तर-
(क) फ्रांसीसी

प्रश्न 15.
विश्व में कॉफी के कुल उत्पादन का कितना भाग भारत में पैदा होता है?
(क) 2%
(ख) 3%
(ग) 5%
(घ) 4%
उत्तर-
(घ) 4%

प्रश्न 16.
विश्व में फलों और सब्जियों का सबसे अधिक उत्पाद कहां होता है?
(क) अमेरिका
(ख) फ्रांस
(ग) ब्राजील
(घ) भारत
उत्तर-
(क) अमेरिका

प्रश्न 17.
‘सुनहरा रेशा’ किसे कहते हैं?
(क) जूट
(ख) कपास
(ग) रबड़
(घ) चाय
उत्तर-
(घ) चाय

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 4 कृषि

प्रश्न 18.
भारत में कृषि में कितने प्रतिशत लोग लगे हुए है?
(क) 35%
(ख) 40%
(ग) 50%
(घ) 60%
उत्तर-
(ग) 50%

प्रश्न 19.
‘भुदान आंदोलन’ किसने चलाया था?
(क) गांधीजी
(ख) नेहरू
(ग) विनोबा भावे
(घ) सरदार पटेल
उत्तर-
(ग) विनोबा भावे

प्रश्न 20.
चंपारन आंदोलन कब हुआ था?
(क) 1917
(ख) 1920
(ग) 1923
(घ) 1928
उत्तर-
(क) 1917

प्रश्न 21.
गन्ना उत्पादन के लिए कितनी वर्षा होनी चाहिए?
(क) 75-100 सेमी.
(ख) 25-50 सेमी.
(ग) 30-40 सेमी.
(घ) 10-20 सेमी.
उत्तर-
(ग) 30-40 सेमी.

2. निम्नलिखित तीन कथनों में से कौन से सत्य हैं और कौन से असत्य?

  1. वर्ष 2001 में भारत में 4 करोड़ 47 लाख टन खाद्यान्न का भंडार किया गया।
  2. वर्ष 2000 तक भारत की अनुमानित जनसंख्या लगभग 1 अरब 30 करोड़ हो जायेगी।
  3. वर्ष 2000 में भारत में 20% लोग गरीबी रेखा से नीचे थे।

उत्तर-

  1. सत्य
  2. सत्य
  3. असत्य।

3. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में ……… स्थान है।
  2. शुद्ध बोये गये क्षेत्र की दृष्टि से भारत का विश्व में …………. स्थान है।
  3. भारत में विश्व की …………% भैंसे पायी जाती हैं।
  4. दुग्ध उत्पादन में भारत विश्व में ………..स्थान पर है।
  5. चावल का सर्वाधिक उत्पादन करने वाले देश ..

उत्तर-

  1. सातवाँ,
  2. पहला,
  3. 57,
  4. पहले,
  5. चीन।

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HBSE 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 4 भूमंडलीकृत विश्व का बनना

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 4 भूमंडलीकृत विश्व का बनना Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 4 भूमंडलीकृत विश्व का बनना

HBSE 10th Class History भूमंडलीकृत विश्व का बनना Important Questions and Answers

भूमंडलीकृत विश्व का बनना प्रश्न उत्तर HBSE 10th Class प्रश्न 1.
उन चीजों के नाम लिखिए जो प्राचीन काल से ही यात्री एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते रहे हैं।
उत्तर-
वे चीजें जो यात्री प्राचीन काल से ही ले जाते रहे हैं, वे थे-पैसा, हुनर-विचार, आविष्कार तथा कीटाणु एवं बीमारियाँ।

भूमंडलीकृत विश्व का बनना प्रश्न उत्तर Class 10 HBSE  प्रश्न 2.
सिल्क रूट क्या था?
उत्तर-
वह मार्ग जिसके द्वारा एक स्थान से दूसरा स्थान व्यापार के लिए आपस में जुड़ता था, वह सिल्क रूट या रेशम मार्ग कहलाया।

Bhumandlikrit Vishva Ka Banna Question Answer HBSE 10th Class प्रश्न 3.
इतिहास से सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक उदाहरण दें।
उत्तर-
नूडल्स चीन से पश्चिम पहुँचा जहाँ स्पंघेत्ती का जन्म हुआ। पास्ता अरब यात्रियों द्वारा पहुँचाया गया।

भूमंडलीकृत विश्व का बनना Question Answer HBSE 10th Class  प्रश्न 4.
किस खाद्य-पदार्थ के कारण यूरोप के जीवन में परिवर्तन हुआ।
उत्तर-
आलू के प्रयोग के कारण यूरोप के जीवन में परिवर्तन हुआ।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Chapter 4 भूमंडलीकृत विश्व का बनना

Bhumandlikrit Vishva Ka Banna HBSE 10th Class प्रश्न 5.
16वीं शताब्दी से अमेरिका का रंग-रूप किस प्रकार बदला?
उत्तर-
अमेरिका को जन तक खोजा नहीं गया था, यह किसी के भी सम्पर्क में नहीं था। परन्तु यूरोपियों के आने-जाने के बाद वहाँ फसलें, खनिज पदार्थ आदि पहुँचने लगे।

प्रश्न 6.
किन-किन राष्ट्रों ने अमेरिका में अपने उपनिवेश बनाए?
उत्तर-
पुर्तगाल तथा स्पेनिश सेनाओं ने अमेरिका में अपने उपनिवेशों का निर्माण किया।

प्रश्न 7.
स्पेनिश उपनिवेशियों ने किसको अपना हथियार अमेरिका के विरुद्ध बनाया?
उत्तर-
स्पेनिश उपनिवेशी मुख्यतः चेचक की बीमारी तथा उसके कीटाणुओं का प्रयोग अमेरिका के विरुद्ध कर रहे थे।

प्रश्न 8.
19वीं सदी तक यूरोप की स्थिति कैसी थी?
उत्तर-
19वीं सदी तक यूरोपं अत्यन्त गरीब था। शहरों की जनसख्या बहुत थी तथा बहुत-सी बीमारियाँ फैल चुकी थीं। ध म का चारों ओर बोलबाला था। जो व्यक्ति धर्म के नियमों को तोड़ता, उसे कड़ा दण्ड दिया जाता था। 18वीं सदी तक अफ्रीका के गुलामों को यूरोप के बाजारों के लिए कपास तथा चीनी के उत्पादन के लिए प्रयोग किया जाता था।

प्रश्न 9.
19वीं शताब्दी से विश्व में किन क्षेत्रों में परिवर्तन आरम्भ हुआ?
उत्तर-
आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और तकनीकी क्षेत्रों में परिवर्तन आरम्भ हुआ।

प्रश्न 10.
अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमयों में तीन तरह की गतियों या प्रवाहों की व्याख्या करें। तीनों प्रकार की गतियों के भारत और भारतीयों से संबंधित एक-एक उदाहरण दें और उनके बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर-
अन्तर्राष्ट्रीय आधार पर अर्थशास्त्रियों ने अर्थव्यवस्था में तीन प्रकार के प्रवाहों का उल्लेख किया जिस पर विनिमय आधारित था।

  • पहला प्रवाह व्यापार था जिसमें कपड़ा या गोहूँ आदि का समावेश किया गया। भारत 19वीं शताब्दी में व्यापार का एक मुख्य केन्द्र बन गया। खाद्य पदार्थो, कपास आदि को आयात-निर्यात किया जाता था।
  • दूसरा प्रवाह था-श्रम। इस प्रवाह के अन्तर्गत लोग श्रम या रोजगार की तलाश में दूसरे क्षेत्रों में जाते हैं। 19वीं शताब्दी में भारत से दूसरे क्षेत्रों में कामगारों का प्रवाह बढ़ा। वे एक अनुबंध के तहत् बागानों, खदानों आदि में काम करने के लिए जाने लगे।
  • तीसरी गति थी-पूँजी प्रवाह। इस गति में निवेशक दूर-दूर के क्षेत्रों में निवेश करते हैं। भारत देश के बहुत से महाजनों तथा साहुकारों, जैसे-शिकारीपूरी श्रॉफ आदि दूसरे देशों में खेती के लिए कर्जा दिया।

प्रश्न 11.
कॉर्न लॉ क्या था?
उत्तर-
कॉर्न लॉ ब्रिटिश सरकार ने अपने देश में लागू किया। इस कानून के तहत सरकार ने मक्का के आयात पर पाबन्दी लगा दी। इस कारण खाद्य-पदार्थों की कीमतें अत्यन्त बढ़ गई।

प्रश्न 12.
19वीं शताब्दी में ब्रिटेन ने खाद्य-पदार्थों की आत्मनिर्भरता के रास्ते को क्यों नहीं अपनाया।
उत्तर-
19वीं शताब्दी में ब्रिटेन ने यह कदापि नहीं सोचा कि उसे खाद्य-पदार्थों के लिए आत्मनिर्भर बनना चाहिए। इसका मुख्य कारण था कि यदि वह खाद्य-पदार्थों के लिए आत्मनिर्भरता को चुनता तो वहाँ के लोगों का जीवन स्तर गिर जाता तथा सामाजिक तनाव में वृद्धि हो जाती।

प्रश्न 13.
खाद्य-पदार्थों की कीमतों में कमी के कारण ब्रिटेन पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
खाद्य-पदार्थों में कीमतों की कमी के कारण ब्रिटेन का उपभोग स्तर बढ़ गया। इनका आयात भी बढ़ गया। औद्योगिक वृद्धि के कारण लोगों की आय में वृद्धि हुई जो उपभोग की बढ़ोतरी का कारण था।

प्रश्न 14.
1890 की वैश्विक कृषि अर्थव्यवस्था कैसी थी?
उत्तर-
1890 तक सभी प्रवाह काफी हद तक परिवर्तित हो चुके थे। खाद्य, पदार्थ अब दूर-दूर के क्षेत्रों से आने लगे। खेतों में किसानों के साथ-साथ औद्योगिक मजदूर भी काम करने लगे। रेल का प्रयोग खाद्य, पदार्थों को एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाने के लिए किया जा रहा था।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Chapter 4 भूमंडलीकृत विश्व का बनना

प्रश्न 15.
विश्व की स्थिति में परिवर्तन में तकनीक की क्या भूमिका थी?
उत्तर-
विश्व में तकनीकी क्षेत्र में काफी परिवर्तन आए। रेलवे इंजन, भाप के जहाज, टेलिग्राफ आदि महत्त्वपूर्ण थे। इस कारण यातायात सुलभ हो गया। सामान एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता था।

प्रश्न 16.
मांस उत्पादों के व्यापार में परिवर्तन किस प्रकार हुआ?
उत्तर-
पहले रेल, जहाज आदि होने पर भी मांस उत्पादों का व्यापार सम्भव नहीं था। अमेरिका से यूरोप जीवित जानवरों को ही भेजा जाता था। परन्तु गरीब इसे नहीं खरीद पाता था, क्योंकि उनकी कीमत बहुत ऊँची थी। जहाजों में फिर रेफ्रिजरेशन अर्थात् ठण्डा रखने की सुविधा आरम्भ हो गई। इससे मांस को संग्रहित किया जा सकता था। इस कारण समुद्री यात्रा सस्ती हुई एवं मांस उत्पाद की कीमतों में कमी आई। यह खाद्य पदार्थ अब यूरोप में अधिकार लोगों की पहुँच में था। इसने लागों की जीवन स्थिति को सुधारा।

प्रश्न 17.
19वीं शताब्दी के आखिर में उपनिवेशवाद किस प्रकार पनपा?
उत्तर-
19वीं शताब्दी के अंत तक व्यापार में अत्यन्त वृद्धि हुई। परन्तु इस कारण केवल उन्नति ही नहीं हुई परन्तु विश्व के कई भागों में लोगों की आय तथा स्वतन्त्रता का अंत हो गया। यूरोप ने बहुत से राष्ट्रों पर विजय प्राप्त की। अफ्रीका के बहुत से क्षेत्रों में ब्रिटेन, फ्रांस आदि राष्ट्रों ने कब्जा कर लिया। ये राष्ट्र औपनिवेशिक शक्तियों के रूप में उभर कर सामने आए।

प्रश्न 18.
प्राचीन काल में अफ्रीका की स्थिति कैसी थी?
उत्तर-
अफ्रीका में जमीन बहुत अधिक थी, परन्तु वहाँ की जनसंख्या बहुत ही कम थी। अफ्रीका निवासी के आय का साधन जमीन एवं पालतू पशु थे। इस क्षेत्र में पैसे या वेतन का चलन नहीं था।

प्रश्न 19.
यूरोपीय शक्तियों ने अफ्रीका के क्षेत्रों में उपनिवेश स्थापित करने से पूर्व किन समस्याओं का सामना किया?
उत्तर-
अफ्रीका में भू-क्षेत्र तथा खनिज भण्डारों की कोई कमी नहीं थी। यही देख यूरोपीय क्षेत्र अति आकर्षित हुए। वे इन क्षेत्रों में कृषि करना तथा खनिज भण्डार प्राप्त करना चाहते थे। वहाँ के लोग कम वेतन पर काम नहीं करना चाहते थे। मजदूरों से काम करवाने, उन्हें रोकने आदि के लिए मालिकों ने कई प्रकार की चालें चली जैसे-ज्यादा लगान तय करना, जमीन से हटाने के लिए कानून बदले, खुले-आम श्रमिकों के घूमने पर पाबंदी लग गई, परन्तु यह समस्या समाप्त नहीं हुई।

प्रश्न 20.
अफ्रीका की स्थिति में अन्ततः परिवव्रन कैसे हुआ?
उत्तर-
1880 के दशक के अंतिम वर्षों में रिंडरपेस्ट नामक बीमारी जानवरों में फैलनी आरम्भ हो गई। इतालवी सैनिकों के लिए एशियाई जानवरों को लाया जाता था। इन्हीं जानवरों के द्वारा यह बीमारी अफ्रीका पहुँच गई। 1892 तक अटलांटिक तट तक मवेशियों का प्लेग फैल गया जिसके कारण 90% जानवरों की मृत्यु हो गई। जो जानवर बचे, उन पर सरकारों, खान मालिकों आदि ने कब्जा कर लिया। इसके कारण बड़ी संख्या में लोग बेराजगार हो गए।

प्रश्न 21.
19वीं शताब्दी में गिरमिटिया मजदूर किस प्रकार विविधता को प्रतिबिंबित करता है?
उत्तर-
19वीं शताब्दी में भारत और चीन से अनुबंधित श्रमिक ले जाने का चलन आरम्भ हुआ। इन्हें गिरिमिटिया मजदूर कहा गया। यह शोषण और उत्पीड़न का नया रूप था। इस कारण शोषण में वृद्धि, मालिकों की आय में वृद्धि, श्रमिकों की गरीबी में बढ़ोतरी थी।

प्रश्न 22.
भारत के गिरमिटिया मजदूरों पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
गिरमिटिया पद्धति में एक अनुबंध के तहत् भारत के क्षेत्रों से बाहर के देशों में काम करने के लिए मजदूरों को ले जाया जाता था। इस अनुबंध की शर्त होती थी कि यदि मजदूर पाँच वर्ष तक बागानों में वहाँ काम कर लेता है तो वह स्वदेश लौट सकता है। ये मजदूर विदेश की विभिन्न परियोजनाओं में काम करते थे। बिहार, उत्तर प्रदेश आदि के सूखे क्षेत्रों के लोग गिरमिटिया मजदूर के रूप में काम करने लगे। इन क्षेत्रों में कुटीर उद्योग भी समाप्त हो गए। जमीनों को साफ किया जा रहा था, उनके किराए में बढ़ोत्तरी की गई इस कारण इन्हें गिरमिटिया मजदूरी के अनुबंध को स्वीकार करना पड़ा।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Chapter 4 भूमंडलीकृत विश्व का बनना

प्रश्न. 23.
गिरमिटिया मजदूरों की भर्ती किस प्रकार होती थी?
उत्तर-
भारत के अनुबंधित श्रमिक अधिकतर कैरिबीयाई क्षेत्रों में जोर काम करते थे। इन्हें भर्ती एजेन्ट के द्वारा नियुक्त किया जाता था। यह एजेन्ट कमीशन भी प्राप्त करते थे। मजदूरों को फँसाने के लिए ये एजेन्ट पूरी जानकारी मजदूरों को झूठी देते थे। कई श्रमिकों को यह भी नहीं बताया जाता था कि यात्रा समुद्री तथा लम्बी है। न मानने पर कई बार मजदूरों को अपहरण भी कर लिया जाता भी कर लिया जाता था।

प्रश्न 24.
अनुबंधित मजदूरों की स्थिति का वर्णन करें।
उत्तर-
अनुबंध व्यवस्था ने नई दास व्यवस्था को जन्म दिया। कार्यक्षेत्रों में पहुँचने के बाद मजदूरों को वहाँ की स्थिति के विषय में पता चलता था। वहाँ का जीवन तथा कार्य स्थितियाँ बहुत ही कठोर थीं। मजदूरों के पास कोई अधिकार नहीं थे।

प्रश्न 25.
अनुबंधित मजदूरों ने जीवन के रास्ते किस प्रकार खोजे?
उत्तर-
गिरमिटिया श्रमिकों को अत्यन्त कठिन जीवन व्यतीत करना पड़ा था। कई मजदूर भाग कर जंगलों में चले जाते थे। नई तथा पुरानी संस्कृतियों द्वारा वे स्वयं को अभिव्यक्त करते। मुहर्रम पर निकाले जाने वाले जुलूस का त्रिनिदाद में जलसे का रूप दिया गया। इस जलसे में सभी धर्मों के श्रमिक भाग लेते थे। एक विद्रोही धर्म ने भी जन्म लिया जिसे रास्ता फारियानवाद कहा गया। एक ‘चटनी मजिक’ का भी जन्म हुआ।

प्रश्न 26.
विदेश में भारतीय उद्यमी किस प्रकार आकर्षित हुए?
उत्तर-
विश्व बाजार में वृद्धि हो रही थी। खाद्य-पदार्थ तथा फसलों के लिए पूँजी की आवश्यकता पड़ी। बहुत से देशी साहूकार तथा महाजन इस क्षेत्र में आए। ये वे व्यापारी या बैंकर थे जो निर्यात किए जाने वाले खाद्य पदार्थों के उत्पादन के लिए ऋण देते थे। उन्होंने व्यावसायिक संगठनों का निर्माण आरम्भ किया। 1860 में भारत के उद्यमियों ने अफ्रीका आदि के बंदरगाहों पर एम्पोरियम खोले जहाँ स्थानीय तथा विदेशी वस्तुएँ मिलती थीं जो एक समृद्ध कारोबार बना।

प्रश्न. 27.
उपनिवेशवाद में भारतीय व्यापार की स्थिति कैसी थी?
उत्तर-
यूरोपीय क्षेत्रों में भारत का कपास निर्यात होता था। सरकार ने कपास के आयात पर रोक लगा दी। ब्रिटेन में आयातित कपड़ों पर सीमा शुल्क लगाया गया। 19वीं सदी में भारतीय कपड़ों का मुकाबला ब्रिटेन को करना पड़ा, परन्तु किफर सूती कपड़ों के निर्यात में भारी कमी आई। परन्तु कच्चे माल के निर्यात में वृद्धि हुई। ब्रिटिश सरकार अफीम के उत्पादन को चीन निर्यात करती तथा उस धन से चाय तथा दूसरी चीजों को आयात किया जाता।

प्रश्न 28.
भारत में ‘व्यापार अधिशेष’ की अवस्था क्या थी?
उत्तर-
भारत के साथ ब्रिटेन का व्यापार हमेशा ब्रिटेन के फायदे में ही गया। इस लाभ के द्वारा ब्रिटेन अन्य राष्ट्रों के साथ व्यापारिक घाटे को पूरा कर लेता। इसके विपरीत, भारत के अधिशेष का प्रयोग होम चार्जेज को पूरा करने के लिए किया जाता। इसके द्वारा अफसरों का वेतन दिया जाता, पेंशन का भुगतान होता और कर्जे आदि का ब्याज दिया जाता।

प्रश्न 29.
पहला विश्वयुद्ध किन खेमों के मध्य हुआ?
उत्तर-
प्रथम विश्वयुद्ध 1914-18 तक चला। यह युद्ध दो समहों के बीच था। पहले समूह में ब्रिटेन, फ्रांस तथा रूस थे। परन्तु दूसरे समूह में ऑटोमन तुर्की, जर्मनी, आस्ट्रिया हंगरी थे। इतिहास में यह सबसे भीषण युद्ध था।

प्रश्न 30.
प्रथम विश्वयुद्ध का विश्व पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
प्रथम विश्वयुद्ध के कारण विश्व की आर्थिक स्थिति अत्यन्त खराब हो गई। इस युद्ध के कारण काम करने वाले लोगों की संख्या बहुत कम हो गई। परिवारों की आय में भी कमी आ गई। इस कारण औरतों को कार्यक्षेत्र में आना पड़ा। इस युद्ध से राष्ट्रों के संबंध आपस में टूट गए। वे आपस में बदला लेना चाहते थे। अमेरिका एक कर्ज देने वाले राष्ट्र के रूप में उभर कर आया।

प्रश्न. 31.
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए क्या कदम उठाए गए?
उत्तर-
युद्ध से पूर्व ब्रिटेन विश्व का शक्तिशाली राष्ट्र था। युद्ध के समय भारत और जापान में उद्योगों की वृद्धि हुई ब्रिटेन को भारत तथा जापान की वस्तुओं से मुकाबला करना था। उसको अमेरिका से ऋण बहुत लेना पड़ा। युद्ध के कारण उत्पादन तथा रोजगारों में वृद्धि। सरकार ने युद्ध के व्यय में कटौती आरम्भ कर दी। इस कारण रोजगार में समाप्ति हुई। सबसे अधिक आर्थिक नुकसान ब्रिटेन को ही हुआ। कृषि अर्थव्यवस्था पर भरी संकट था।

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प्रश्न 32.
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में युद्धोत्तर क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर-
युद्ध के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो गई। सबसे बड़ा परिवर्तन था-वृहत् उत्पादन जिसे अंग्रेजी में Mass Production कहा जाता है। अमेरिका अब एक कर्जदाता बन गया।

प्रश्न 33.
अमेरिका के हेनरी फोर्ड की कार्य-प्रणालियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
हेनरी फोर्ड अमेरिका की कार निर्माता कम्पनी थी। उन्होंने अपने कारखानों में एसेम्बली लाइन का आरम्भ किया। इसमें कन्वेयर बेल्ट का प्रयोग होता था। इसके द्वारा तीन मिनट में एक कार तैयार की जाती थी। मजदूरों को एक क्षण भी बात करने का समय नहीं मिलता था। आरम्भ में मजदूर का छोड़कर चले गए। इस कारण फोर्ड को वेतन 5 डॉलर प्रतिदिन करना पड़ा। परन्तु इस हानि को पूरा करने के लिए असेम्बली लाइन की रफ्तार को बढ़ा दिया गया जिससे मजदूरों पर काम का बोझ बढ़ गया। इस निर्णय को फोर्ड ने बेहतरीन माना।

प्रश्न 34.
फोर्ड की तकनीकी का पूरे विश्व पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
फोर्ड की असेम्बली लाइन की तकनीक जल्दी ही पूरे अमेरिका में प्रचलित हो गई। यूरोप में भी जल्दी ही इसे अपना लिया गया। इससे उत्पादन की लागत कम हुई जिससे कीमत में भी कमी आई। बृहत् उत्पादन पद्धति जल्दी ही फ्रिज, वाशिंग मशीन, रेडियो आदि के निर्माण में प्रयुक्त होने लगी। इन वस्तुओं से उपभोक्ता बाजार में वृद्धि हुई। लोग किस्तों पर वस्तुएँ खरीदने लगे। अमेरिका में आर्थिक सम्पन्नता हो गई।

प्रश्न 35.
महामंदी के कारणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
1929 ई. में आई आर्थिक महांमदी अमेरिका के लिये बड़ी विनाशकारी सिद्ध हुई, जिसके मुख्य कारण निम्नलिखित-

  • यह संकट औद्योगिक क्रान्ति के कारण चीजों की आवश्यकता से अधिक उत्पादन के कारण पैदा हुआ। 1930 ई. में अमेरिका में तैयार माल के इतने भण्डार हो गए कि उनका कोई खरीददार न रहा।
  • प्रथम विश्व यु के कारण यूरोप के देश बर्बाद हो गए थे कि वे अमेरिका से माल आयात करने की अवस्था में न थे।
  • जब तैयार माल का कोई खरीदार न रहा तो वहां कारखाने बन्द हो गए और हज़ारो मज़दूर बेरोजगार हो गए।
  • जब कारखाने बन्द हो गए तो किसानो की पैदावार का भी कोई खरीदार न रहा। इस तरह किसानों के लाभ में भी कमी आ गई और छषि मजदूरी कम हो गई।
  • अमेरिका की (‘Share Exchange Market’) में शेयरों की कीमत में गिरावट आ गई जिससे वहां कोई 1,00,000 व्यापारियों का दीवाला निकल गया।

प्रश्न 36.
महामंदी का विश्व पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
महामंदी के कारण अमेरिकी पूँजी बाजार से समाप्त होने लगी। यूरोप के बैंक समाप्त हो गए। विदेशी मुद्राओं की कीमतों में कमी आई। कृषि उत्पाद और कच्चे माल की कीमतों में भारी कमी आई। अमेरिकी बैंकों ने घरेलू कर्जे भी देने बंद कर दिए। दिए गए कों की वसूली होन लगी। आमदनी समाप्त हो गई तथा लोग ऋण चुकता करने में असमर्थ रहे। बेरोजगारी के कारण अमेरिकी लोग दूसरे स्थानों पर काम की तलाश में चले गए। हजारों बैंकों को बंद करना पड़ा।

प्रश्न 37.
दूसरा विश्वयुद्ध किन समूहों के बीच हुआ?
उत्तर-
प्रथम विश्वयुद्ध की भाँति दूसरा विश्वयुद्ध भी दो समूहों के बीच में हुआ। पहला समूह जर्मनी, जापान और इटली था। दूसरा समूह ब्रिटेन, सोवियत संघ, फ्रांस और अमेरिका का था।

प्रश्न 38.
युद्धोतत्तर काल के मुख्य दो प्रभाव कौन से थे?
उत्तर-
युद्धोतर काल के मुख्यतः दो प्रभाव थे

  • सोवियत संघ एक शक्तिशाली वर्चस्व के रूप में उभर कर आया। वह एक विश्व शक्ति के रूप में परिवर्तित हो गया।
  • अमेरिका एक शक्तिशाली राष्ट्र राजनीतिक, आर्थिक तथा सैनिक दृष्टि से बन गया।

प्रश्न 39.
वीटो अधिकार क्या है?
उत्तर-
वह अधिकार जिसके द्वारा एक ही सदस्य को अपने वोट द्वारा किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने का अधिकार होता है, उसे वीटो अधिकार (Veto Power) कहा जाता है।

प्रश्न 40.
ब्रेटन वुड्स का प्रभाव राष्ट्रों पर कैसा रहा?
उत्तर-
ब्रेटन वुड्स व्यवस्था ने अर्थव्यवस्था में काफी परिवर्तन किए। उन्होंने विनिमय दर की व्यवस्था को निश्चित किया। विश्व व्यापार की दर 8% से अधिक, तथा आय में 5% तक वृद्धि हुई। तकनीक तथा उद्यम का प्रसार किया जा रहा था। आधुनिक यंत्रों में निवेश भी किया गया। इसके बाद ब्रेटन वुड्स ने विकासशील राष्ट्रों के विकास पर भी ध्यान देना आरम्भ किया।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Chapter 4 भूमंडलीकृत विश्व का बनना

प्रश्न 41.
निम्नलिखित की व्याख्या करें-

  1. विनिमय दर
  2. स्थिर विनिमय दर
  3. परिवर्तनशील विनिमय दर

उत्तर-

  1. एक राष्ट्र को दूसरे राष्ट्र की मुद्रा से जोड़ना जिससे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार सम्भव हो पाता है, उसे विनिमय दर कहा जाता है।
  2. स्थिर विनिमय दर वह दर होती है जिसे बाजार में परिवर्तन के आधार पर परिवर्तित नहीं किया जा सकता। इसे सरकारों द्वारा ही नियंत्रित किया जाता है तथा परिवर्तन उन्हीं के हस्तक्षेप के बाद ही किया जाता है।
  3. जब विनिमय दर बाजार में परिवर्तन के साथ घटती-बढ़ती है, उसे परिवर्तनशील विनिमय दर कहा जाता है। इस दर पर माँग तथा पूर्ति का प्रभाव पड़ता है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित रिक्त स्थानों को दिए गए उपयुक्त शब्दों से पूरा करें।
(i) ……में समुद्री तटों पर होने वाले व्यापार के द्वारा सिन्धु घाटी सभ्यता जुड़ी हुई थी। (4000 ई. पूर्व, 3000 ई. पूर्व)
(ii) 16वीं शताब्दी में……..जहाज एशिया तक पहुँच गएं (यूरोपीय, फ्रांसीसी) ।
(iii) अपनी खोज से लाखों वर्ष पूर्व………का दुनिया से सम्पर्क नहीं था। (अमेरिका, फ्रांस)
(iv) ………..की बीमारी को अमेरिका में प्रयोग किया गया। (चेतक, रिंडरपेस्ट)
(v) ……….तक यूरोप में अत्यन्त गरीबी तथा भूखमरी थी। (20वीं सदी, 19वीं सदी)
(vi) अर्थशास्त्रियों ने अर्थव्यवस्था की तीन………..में व्याख्या की है। (प्रवाहों, रूपों)
उत्तर-
(i) 3000 ई. पूर्व,
(ii) यूरोपीय,
(iii) अमेरिका,
(iv) चेचक, 1915,
(v) 19वीं सदी,
(vi) प्रवाहों।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से सही (√) व गलत (x) की पहचान करें।
(i) तीसरा प्रवाह श्रम प्रवाह होता है जिसमें मजदूर काम की तलाश करते हैं।
(ii) 18वीं शताब्दी के अंतिम दशकों में ब्रिटेन की जनसंख्या में बहुत कमी आई।
(iii) 18वीं सदी के समय में भारत और चीन को धनी राष्ट्र भाना जाता था।
(iv) हमलावरों में चेचक के विरुद्ध लड़ने की क्षमता विकसित थी।
(v) मक्का के आयात पर पाबन्दी को कॉर्न लॉ कहा गया।
(vi) यूरोप के लगभग 5 करोड़ निवासी 19वीं सदी में अमेरिका एवं ऑस्ट्रेलिया में बस गए।
(vii) 1820-1914 तक विश्व व्यापार में बहुत गिरावट आई।
(viii) तकनीक की व्यापार में कोई भूमिका नहीं रही।
उत्तर-
(i) x,
(ii) x,
(iii) √,
(iv) √,
(v) √,
(vi) √,
(vii) x,
(viii) x,

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में दिए गए विकल्पों में सही का चयन कीजिए।

(i) तकनीकी प्रगति निम्नलिखित में से किन कारकों का परिणाम होती है?
(क) सामाजिक
(ख) राजनीतिक .
(ग) आर्थिक
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-
(घ) उपर्युक्त सभी

(ii) ……….के दशक में मांस का निर्यात यूरोप तक नहीं किया जाता था।
(क) 1880
(ख) 1870
(ग) 1860
(घ) 1850
उत्तर-
(ख) 1870

(iii) पहले यूरोप में केवल…………..और ब्रेड खाने के लिए होते थे।
(क) माँस
(ख) मक्खन
(ग) आलू
(घ) उपर्युक्त कोई नहीं
उत्तर-
(ग) आलू

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(iv) अफ्रीका में किस दशक में रिंडरपेस्ट नामक बीमारी फैली?
(क) 1880
(ख) 1870
(ग) 1890
(घ) 1960
उत्तर-
(ग) 1890

(v) गिरमिटिया श्रमिकों को ले जाया जाना………..सदी की विविधता को प्रतिबिंबित करता है।
(क) 18वीं
(ख) 17वीं
(ग) 16वीं
(घ) 19वीं
उत्तर-
(घ) 19वीं

(vi) 1921 में किस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया
(क) आयात शुल्क
(ख) अनुबंधित मजदूरी
(ग) निर्यात शुल्क
(घ) उपर्युक्त कोई नहीं
उत्तर-
(ख) अनुबंधित मजदूरी

(vii) त्रिनिदाद में मुहर्रम के सालाना जुलूस को क्या कहा गया-
(क) होसे
(ख) ताजिया
(ग) चटनी म्यूजिक
(घ) रास्ताफारियानवाद
उत्तर-
(क) होसे

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HBSE 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 6 काम, आराम और जीवन

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 6 काम, आराम और जीवन Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 6 काम, आराम और जीवन

काम, आराम और जीवन प्रश्न उत्तर HBSE 10th Class प्रश्न 1.
दुर्गाचरण राय ने अपने उपन्यास देबगानेर मर्ये आगमन में क्या उल्लेख किया था?
उत्तर-
दुर्गाचरण राय ने अपने उपन्यास में लिखा कि ब्रह्मा तथा कुछ अन्य देवता धरती पर आकर कलकत्ता की रेलगाड़ी में आकर भ्रमण करते हैं तथा वहाँ के जीवन से अवगत होते हैं।

HBSE 10th Class Important Questions History Chapter 6 काम, आराम और जीवन प्रश्न 2.
शहर का जीवन किन परस्पर विरोधी छवियों और अनुभवों को जन्म दे रहा था?
उत्तर-
शहर का जीवन बढ़ रहा था तथा उसी समय इन शहरों में सम्पन्नता उत्पन्न हुई एक ओर अत्यन्त चमक-दमक थी तो दूसरी ओर अत्यन्त गरीबी, बेरोजगारी आदि फैल रही थी।

काम, आराम और जीवन Important Questions History HBSE 10th Class प्रश्न 3.
आरंभ के कुछ शहरों के नाम बताएँ।
उत्तर-
उर, निप्पुर, मोहनजोदड़ो, हड़प्पा आदि

प्रश्न 4.
आरंभिक शहरों की कुछ विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-
पहले के शहर नदी-घाटियों के पास विकसित किए जाते थे, अन्य बस्तियों की अपेक्षा यहाँ अधिक आबादी होती थी। इन शहरों को तभी बसाया जाता था कि जब तक इन स्थानों पर खाद्य पदार्थों की उपलब्धता रहती थी। इन शहरों में व्यापार उद्योग, राजनीतिक सत्ता और अन्य गतिविधियाँ स्थापित किए जाते थे।

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प्रश्न 5.
शहरी इलाके के विभिन्न प्रकार कौन-से थे?
उत्तर-
शहरी क्षेत्र कई प्रकार के हो सकते हैं। किसी शहर में स्थाई बाजार होते हैं तो कहीं समय-समय पर बाजार लगते हैं। कई शहर राजनीतिक और धार्मिक गतिविधियों के केंद्र भी कहे जाते हैं। आधुनिक प्रकार के शहरों को महानगर भी कहा जाता है।

प्रश्न 6.
शहरीकरण का क्या अर्थ है?
उत्तर-
वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत किसी शहर या कस्बे का विकास होता है, उसे शहरीकरण कहा जाता है।

प्रश्न 7.
औद्योगिक क्रांति के समय शहर किस प्रकार के थे?
उत्तर-
आरंभ के शहर गाँवों के समान ही थे। औद्योगिक शहरों की स्थापना 18वीं सदी में आरंभ हुई कपड़ा मिलों के लगने के कारण मजदूर इन शहरों में काम करने आते थे।

प्रश्न 8.
औद्योगिक क्रांति के समय के आरंभिक शहरों के नाम बताएँ।
उत्तर-
मैनचेस्टर तथा लीड्स।

प्रश्न 9.
18वीं तथा 19वीं सदी में लंदन की जनसंख्या में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर-
लंदन की आबादी 1750 के दशक में 6,75,000 थी। 19वीं सदी में भी लंदन की आबादी बढ़ने का क्रम जारी रहा। 1810 में आबादी दस सलाख थी जो 1880 में 40 लाख हो गई।

प्रश्न 10.
लंदन में आबादी बढ़ने का क्या कारण था?
उत्तर-
लंदन में सभी व्यवसायों के लोग रहते थे, जैसे-क्लर्क, श्रमिक, फेरीवाले, कुशल कारीगर, वकील आदि। यहाँ केवल पाँच उद्योग ही थे। परंतु पहले विश्वयुद्ध के बाद मोटरकार और बिजली के उपकरणों के उद्योग लगे जिसमें काम करने के लिए लोग दूर क्षेत्रों से आने लगे।

प्रश्न 11.
19वीं सदी में लंदन शहर में अपराध की क्या दशा थी?
उत्तर-
लंदन में आबादी बढ़ने के साथ-साथ अपराध में भी वृद्धि हुई। 1870 के दशक में 20,000 अपराधी लंदन के निवासी थे। कुछ चोर या अपराधी माहिर नहीं थे जो केवल कपड़, सीसे कोयले के ढेर आदि चुराने का काम ही करते थे। परंतु दूसरे प्रकार के चोर ठग, जालसाज, जेबकतरे आदि थे।

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प्रश्न 12.
टेनेमेंट्स क्या हैं?
उत्तर-
वे घर या अपार्टमेंट मकान जो गरीब क्षेत्रों में पाए जाते थे तथा जिनके घरों में बहुत आबादी पाई जाती थी, उन्हें टेनेमेंन्ट्स कहा जाता था।

प्रश्न-13.
शहरों में बाहरी क्षेत्रों से लोगों के आने से क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
औद्योगिक क्रांति के पश्चात् मजदूरों ने शहरों में काम के लिए रुख किया। इस कारण शहरों में प्रवास की समस्या उत्पन्न हुई। फैक्ट्री के मालिक द्वारा इन श्रमिकों को रहने की जगह प्रदान नहीं की जाती थी।

प्रश्न 14.
आरंभ में अमीर लोगों की क्या माँग थी?
उत्तर-
आरंभ में अमीर लोगों ने यह माँग की कि झोपड़-पट्टियों को साफ किया जाना चाहिए।

प्रश्न 15.
लंदन शहर को साफ करने के लिए क्या प्रयत्न किए गए?
उत्तर-
लदंन को साफ करने के लिए कई प्रयत्न हुए। बस्तियों में भीड़ कम करना, हरियाली करना, तथा शहरों का विकास योजनाबद्ध रूप में करना प्रमुख थे। प्रथम विश्वयुद्ध के समय किराया नियंत्रण कानून बनाया गया। इसके अतिरिक्त बर्लिन तथा न्यूयॉर्क में अपार्टमेंटस के विशाल ब्लॉकों का निर्माण भी हुआ।

प्रश्न 16.
वास्तुकारों तथा योजनाकारों ने किस प्रकार की अवधारणाओं को प्रस्तुत किया जिसके द्वारा गार्डन सिटी का निर्माण किया जा सकता था?
उत्तर-
कई वास्तुकारों एवं योजनाकारों ने गार्डन सिटी के निर्माण की अवधारणा को प्रस्तुत किया। एबनेजन हावर्ड एक ऐसा शहर चाहते थे जहाँ लोग रहें, काम करें तथा हरियाली बहुत हो। इन विचारों पर बैरी पार्कर और रेमंड अनविन ने न्यू अर्जविक नामक गार्डन सिटी का डिजाइन बनाया। परंतु ऐसे मकानों को केवल अमीर लोग ही खरीद पाने में समर्थ थे।

प्रश्न 17.
विश्वयुद्धों के समय ब्रिटिश राज्य ने किस प्रकार आवास की समास्या को सुलझाने का प्रयास किया?
उत्तर-
ब्रिटिश राज्य ने विश्वयुद्धों के समय स्वयं मजदूरों की आवासीय समस्या सुलझाने का प्रयास किया। उन्होंने 10 लाख घरों का निर्माण किया। जिनमें अधिकतर एक परिवर के लोग रह सकते थे।

प्रश्न 18.
शहरों के फैलने से अन्य समस्या उत्पन्न हुई। वह समस्या क्या थी?
उत्तर-
शहर इतने अधिक फैलते जा रहे थे कि लोगों के रहने की जगह और काम की जगह अत्यन्त दूर हो गई। लोग काम पर पैदल नहीं जा सकते थे। इस कारण परिवहन की आवश्यकता उत्पन्न हुई।

प्रश्न 19.
दुनिया की पहली भूमिगत रेल का उद्घाटन कब किया गया?
उत्तर-
भूमितग रेल का उद्घाटन लंदन मे 10 जनवरी, 1863 में किया गया जिसमें 10,000 यात्रियों ने यात्रा की।

प्रश्न 20.
कुछ लोगों ने भूमिगत रेल के लिए क्या विचार व्यक्त किए?
उत्तर-
कुछ लोगों ने भूमिगत रेल को स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त हानिकारक माना। चारों ओर अस्वास्थ्यकर वातावरण बनता जा रहा था। लोग इन्हें लौह-दैत्य मानने लगे थे। निर्माण की प्रक्रिया में अत्यन्त विनाश होता था।

प्रश्न 21.
क्या भूमिगत रेल सफल साबित हुई? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर-
भूमिगत रेवले अत्यन्त सफल हुई। न्यूयॉर्क, शिकागो, टोकियो आदि में 20वीं सदी तक बहुत बड़े पैमाने पर भूमिगत रेल का निर्माण किया गया इस नेटवर्क के द्वारा लाखों लोगों का काम पर पहुंचना आसान हो मया।

प्रश्न 22.
संयमता आंदोलन क्या था?
उत्तर-
संयमता आंदोलन एक सुधार आंदोलन था जिसे मध्यवर्ग ने इंगलैंड और अमेरिका में 19वीं सदी में आरंभ किया। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था, मादक पदार्थो जैसे-शराब आदि के सेवन में कमी लाना।।

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प्रश्न 23.
18वीं सदी में परिवार की संस्था पर शहरों में क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
18वीं सदी में परिवार समाज की महत्त्वपूर्ण इकाई था जिसका कार्य उपभोग, उत्पादन और राजनीतिक निर्णय करना था। शहरों में वृद्धि के कारण परिवार के सदस्यों के मध्य संबंध ढीले होने लगे। विवाह संस्था लगभग समाप्ति पर पहुँच गई।

प्रश्न 24.
औरतों पर शहरी जीवन का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
ब्रिटेन की उच्च एवं मध्यमवर्गीय औरतें अब स्वयं को अकेला महसूस करने लगी थीं। उनके घर के काम नौकरानियाँ करती थीं। परंतु वेतन प्राप्त करने वाली औरतें अपना जीवन नियंत्रित कर पाती थीं। कई लोगों का यह मानना था कि औरतों को बाहर काम पर नहीं जाना चाहिए। उनके लिए औद्यागिक रोजगार समाप्त होने लगे थे। इस कारण औरतों का स्थान केवल घर तक ही सीमित रह गया था, जबकि आदमी घर के बारह का जीवन संभालने लगे।

प्रश्न 25.
19वीं सदी के आंदोलनो के उद्देश्य क्या थे?
उत्तर-
19वीं सदी में कई आंदोलन चलाए गए। चार्टिज्म में वयस्क पुरुषों के मताधिकार के लिए आंदोलन छेड़ा गया, जबकि दस घंटे के आंदोलन का मुख्य उद्देश्य कारखानों में काम के घंटे निश्चिय करना था। अधिकतर आंदोलन केवल आदिमियों के लिए ही थे। उनके लिए मताधिकार आंदोलन आदि 1870 के दशक में प्रारंभ हुए।

प्रश्न 26.
व्यक्तिवाद क्या है?
उत्तर-
व्यक्तिवाद वह सिद्धांत है जिसमें व्यक्ति की स्वतंत्रता, अधिकारों आदि को महत्त्व दिया जाता है, समुदायों या समूह को नहीं। .

प्रश्न 27.
लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध करने के लिए इंग्लैंड में उन्नीसवीं सदी में मनोरंजन के कौन-कौन से साधन सामने आए? . उत्तर-
रविवार तथा अन्य छुट्टियों के साथ मनोरंजन की समस्या उत्पन्न हुई ‘लंदन सीजन’ मानने की परंपरा पुरानी थी। आम लोगों के लिए मनोरंजन के साधन उपलब्ध नहीं थे। कुछ साधन सरकारी धन से शुरू हुए। सरकार चाहती थी कि ब्रिटेनवासी ब्रिटने की उपलब्धियों के विषय में जाने। अतः उसने पुस्तकालयों, संग्रहालयों आदि का आरंभ किया। शुरू में केवल 15,000 दर्शक ही संग्रहालयों में जाते थे। 1824 से 25 के बीच 127,643 दर्शक और 1846 में 825,901 दर्शक आए। निचले वर्ग के लोग संगीत सभाओं का आयोजन करते। इसके अतिरिक्त श्रमिकों में ब्लैकपूल नामक समुद्री तट प्रसिद्ध हुआ।

प्रश्न 28.
19वीं सदी से पूर्व लोग मनोरंजन किस प्रकार करते थे?
उत्तर-
19वीं सदी से पहले लोग लंदन सीजन मनाते थे। संभ्रांत परिवारों के लोगों को रंगमंच, शास्त्रीय संगीत तथा ओपेरा पसंद थे। जबकि श्रमिक आदि खाली समय में पबों या शराबघरों में जाते थे। जहाँ लोग आपस में बातचीत भी करते थे।

प्रश्न 29.
आनंद बाग क्या था?
उत्तर-
19वीं सदी में आनंद बागों का निर्माण किया गया। इस स्थान पर अमीर एवं सम्पन्न घरों के लोग आते थे जहाँ मनोरंजन, खेलकूद तथा खाने-पीने की उपलब्धियाँ होती थीं।

प्रश्न 30.
पेरिस के हॉसमानीकरण का क्या अर्थ है? इस तरह के विकास को आप किस हद तक सही या गलत मानते हैं?
उत्तर-
लुई नेपोलियन तृतीय ने स्वयं को सन् 1852 में सम्राट घोषित किया। इसके पश्चात् पेरिस के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हुआ जो बेरॉन हॉसमान नामक वास्तुकार कर रहा था। पहले उसने पेरिस से गरीबों को हटवाया। 17 साल तक यह कार्य चला। जगह-जगह खुली सड़कें, खुले मैदान, बड़े-बड़े पेड़ लगाए गए। इस निर्माण के लिए साढ़े तीन लाख लोगों को बेघर कर दिया गया। यही लोगों को गलत लगा। लोगों को सड़के अत्यन्त खाली लगीं। उन्हें कई मील चलना पड़ता था।

प्रश्न 31.
उन्नीसवीं सदी तक बंबई की आबादी में किस प्रकार वृद्धि हुई।
उत्तर-
भारत के प्रमुख शहर के रूप में भारत उभरकर सामने आया। 1872 में यहाँ की आबादी 6,44,405 थी, जबकि यही आबादी 1941 में पंद्रह लाख तक पहुंच गई।

प्रश्न 32.
ब्रिटिश शासन के समय प्रेसीडेसी शहर कौन-से थे?
उत्तर-
बंबई, बंगाल तथा मद्रास को प्रेसीडेंसी शहरों के रूप में ब्रिटिश शासन ने घाषित किया।

प्रश्न 33.
बंबई के विषय में जी. जी. अगरकर ने क्या लिखा?
उत्तर-जी. जी. अगरकर ने बंबई के घरों की महलनुमा हवेलियां कहा। सड़कें इतनी चौड़ी थी कि एक साथ 6 घोड़ा गाडियाँ चल सकती थीं। लोग व्यापरिक गलियों में प्रविष्ट होना चाहते थे। गड़ियों की सीटी शोर उत्पन्न करती। लोग जेब में नोट भरकर सौदेबाजी करते नजर आते थे।

प्रश्न 34.
प्रेसीडेंसी शहरों की क्या विशेषता थी?
उत्तर-
प्रेसीडेंसी शहर अत्यन्त महत्त्वपूर्ण थे। यहाँ बंदरगाह, वेयरहाउस, घर, दफ्तर, संग्राहलय, पुस्तकालय तथा शिक्षण संस्थान पाए जाते थे।

प्रश्न 35.
17वीं से 19वीं सदी तक बंबई शहर कैसा था?
उत्तर-
बंबई शहर पहले सात टापुओं का शहर था जिस पर पुर्तगालियों का नियंत्रण 17वीं शताब्दी में था। राजा चार्ल्स द्वितीय के विवाह के पश्चात् बंबई पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया। इसी शहर में सूरत बंदगारह का मुख्यालय स्थापित किया गया। गुजरात से आने वाले कपड़े का निर्यात बंबई से होता था। बंबई 19वीं सदी में एक बेहतरीन बंदगाह के रूप में विकसित हुआं जहाँ से अफीम और कपास का निर्यात होता था।

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प्रश्न 36.
बंबई में आवास व्यवस्था प्रकार की थीं?
उत्तर-
आरंभ में बंबई का विकास योजनानुसार नहीं किया गया। सन् 1800 में बंबई फोर्ट एरिया दो भागों में विभाजित था।
एक भाग में नेटिव एवं दूसरे भाग में यूरोपीय रहते थे। इस भाग के उत्तर में यूरोपीय उपनगर और औद्योगिक पट्टी का विकास होने लगा। दक्षिणी क्षेत्र में छावनी थी। 1850 तक बंबई में आवास की समस्या उत्पन्न हुई जो कपड़ा मिलों में काम करने आने वाले लोगों की बढ़ती आबादी के कारण हुई 70 प्रतिशत जनता चालों में रहती जो मजदूर थीं मिलों में काम करने वाले लोग गिरनगाँव में रहते थे; जबकि यूरोपीय अफसर, अमीर पारसी, उद्योगपति आदि बंगलों में रहते। चॉलें अधिकतर बहुमंजिला होती थीं जो महाजनों, ठेकेदारों द्वारा बनवाई जाती थीं।

प्रश्न 37.
1898 में बंबई के इम्प्रवमेंट ट्रस्ट ने किस प्रकार के कार्य किए ?
उत्तर-
बंबई में बढ़ती आबादी, चॉलों में बढ़ती गंदगी ने प्लेग के डर को उत्पन्न किया। इस कारण बंबई का इम्प्रूवमेंट के लिए 1898 में बॉम्बे इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट बनाया गया। इस ट्रस्ट काम था-बंबई के मध्य से गरीबों के मकान हटाना। इस कारण 64,000 लोग बेघर हो गए। परंतु उनमें से केवल 14,000 लोगों को ही घर मिल पाए। किरायों में कमी की गई जिस कारण लोगों ने मकान किराए पर देना बंद कर दिया।

प्रश्न 38.
बंबई के भूमि विकास परियोजनाओं के विषय में टिप्पीणी लिखें।
उत्तर-
अधिक से अधिक समुद्री भूमि को प्रयोग करने के लिए 19वीं सदी में व्यवासायिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सरकार एवं नीजि कम्पनियों ने योजनाएं शुरू की। निर्माण का काम मिला। पहाड़ी क्षेत्रों को भी सपाट किया जाता था। 1870 में समुद्री भूमि को विकसित किया जाने लगा। इसके अतिरिक्त 1914 से 1918 तक सूखी गोदी का निर्माण किया गया। तत्पश्चात् मरीन ड्राइव का निर्माण किया गया।

प्रश्न-39.
19वीं सदी में इंग्लैंड में प्रदूषण किस प्रकार समस्या बन गया?
उत्तर-
19वीं सदी में औद्योगिक परिवर्तन इंग्लैंड में आ चुका था। कोयले का प्रयोग इन फैक्ट्रियों तथा कारखानों में अत्याधिक हो रहा था। चिमनियों से काला धुआँ हवा में फैल जाता था। सभी लोग परेशान होने लग गए थे। धुएँ से बीमारियाँ फैलती थीं तथा कपड़े भी गंदे रहते।।

प्रश्न-40.
सरकारी नियम और नए कानूनों ने प्रदूषण की समस्या को किस हद तक हल किया?
उत्तर-
प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए आरंभ से ही कई कानून बनने लगे। डर्बी, लीड्स, मैनचेस्टर आदि में फैल रहे धुएँ को नियंत्रित करने के लिए 1840 के दशक में कानूनों का निर्माण हुआ। कारखना मालिकों ने भी मशीनों में कुछ परिवर्तन किए। परंतु अधिकतर प्रदूषण नियंत्रण कानून असफल ही रहे। इस प्रकार कालकत्ता में वायु प्रदूषण शुरू से ही था। दलदली जमीन के कारण काली धुंध सर्दियों मे फैल जाती थी। उद्योगों में वाष्प इंजनों का प्रयोग होता था। जो कोयले से चलते थे। 1863 में कलकत्ता में धुआँनिरोध कानून परित किए गए। 1920 में बंगाल स्मोक नुइसेंस कमीशन औद्योगिक धुएँ पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित रिक्त स्थानों को दिए गए उपयुक्त शब्दों से पूरा करें।

(i) सन्……..में दुर्गाचरण राय ने देबागानेर म] आगमन उपन्यास लिखा। (1880, 1890)
(ii) मोहनजोदडो………..के समीप स्थित शहर था (नदी, पहाड़ियों)
(iii) आधुनिक काल में…………ने शहरीकरण के स्वरूप पर गहरा प्रभाव डाला। (औद्योगीकरण, कृषि)
(iv) 1870 के दशक में लंदन में 20,000………रहते थे। (मजदूर, अपराधी)
(v) नवागंतुको के लिए ………….बनाए गए। ((वर्कशॉप, टेनेमेन्ट्स)
(vi) 1887 में लगभग 10 लाख लोग ………….थे। (अमीर, गरीब)
(vii) 1917 की ……………..क्रांति का डर बढ़ गया था। (रूसी, अमेरिकी)
(viii) एबेनेजर हावर्ड ने ……………की अवधारणा प्रस्तुत की। (गॉर्डन सिटी, चॉलों)
उत्तर-
(i) 1880,
(ii) नदी,
(iii) औद्योगीकरण,
(iv) अपराधी,
(v) टेनेमेन्ट्स,
(vi) गरीब,
(vii) रूसी,
(viii) गार्डन सिटी।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में सही (✓) व गलत (✗) की पहचान करें।
(i) दुनिया की पहली भूमिगत रेल 10 जनवरी, 1864 को आरंभ की गई।
(ii) तकरीबन दो मील की रेलवे लाइन बिछाने के लिए 9000 घर गिरा दिय जाते थे।
(iii) शहर पुरुषों और महिलाओं में व्यक्तिवाद की भावना उत्पन्न कर रहा था।
(iv) चार्टिज्म आंदोलन फैक्ट्रियों में काम के घंटे निश्चित करवाने के लिए आरंभ हुआ।
(v) अमीर ब्रिटेनवासियों में लंदन सीजन प्रमुख था।
(vi) 1939 मे ब्लैकपूल स्थित समुद्र तट पर पर्यटकों की संख्या 70 लाख थी।
(vii) 20वीं सदी तक सिनेमा एक अहम् मनोरंजन का साधन बन गया।
उत्तर-
(i) (✗),
(ii) (✗),
(iii) (✓),
(iv) (✗),
(v) (✓),
(vi) (✓),
(vii) (✓)

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Chapter 6 काम, आराम और जीवन

प्रश्न 3.
निम्नालिखित में दिए गए विकल्पों में सही का चयन कीजिए-

1. आधुनिक किस्म शहरों को क्या कहा जाता है?
(क) महानगर
(ख) कस्बा
(ग) केंद्र
(घ) उपर्युक्त कोई नहीं
उत्तर-

2. …………….समाज की नैतिकता को लेकर बेचैन थे।
(क) उद्योगपति
(ख) राजनीतक
(ग) परोपकारी
(घ) मजदूर

3. किस वर्ष की जनगणना से पता चलता है कि लंदन में ढाई लाख नौकर थे
(क) 1859
(ख) 1831
(ग) 1862
(घ) 1863

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HBSE 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 5 औद्योगीकरण का युग

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 5 औद्योगीकरण का युग Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 5 औद्योगीकरण का युग

HBSE 10th Class History औद्योगीकरण का युग Important Questions and Answers

औद्योगीकरण का युग प्रश्न उत्तर HBSE 10th Class प्रश्न 1.
औद्योगिकरण से पूर्व के समय को क्या कहा गया?
उत्तर-
पूर्व आदि-औद्योगिकरण।

HBSE 10th Class Important Questions History Chapter 5 औद्योगीकरण का युग प्रश्न 2.
17वीं एवं 18वीं सदी में यूरोपीय शहर के सौदागर गाँवों की ओर क्यों रुख करने गले?
उत्तर-
अन्तर्राष्ट्रय व्यापार के लिए अधिक उत्पादन की आवश्यकता थी जो केवल शहरों में होने वाले उत्पादन से पूरी नहीं की जा सकती थी। अतः सौदागरों ने गाँवों की ओर रुख किया।

औद्योगीकरण का युग Important Questions History HBSE 10th Class प्रश्न 3.
गिल्ड्स क्या थे?
उत्तर-
गिल्ड्स उत्पादकों द्वारा बनाए गए संगठन थे जो कारीगरों को प्रशिक्षण देते, मूल्य निश्चित करते तथा नए व्यवसायियों के आगमन पर रोक लगाते थे।

प्रश्न 4.
प्रश्न 2 के उत्तर में दिए गए कारण के अतिरिक्त क्या कारण था जो सौदागरों ने गाँवों का रुख किया? .
उत्तर-
गिल्ड्स के एकाधिकार तथा नए उत्पादकों पर बाजार में रोक के कारण उन्होंने गाँवों में अपने लिए उत्पादन करवाना आरम्भ कर दिया।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Chapter 5 औद्योगीकरण का युग

प्रश्न 5.
गाँवों के किसान एवं काश्तकार सौदागरों के लिए काम करने के लिए क्यों तैयार हुए?
उत्तर-
गाँवों में बाड़ाबन्दी आरम्भ हो गई। इस कारण छोटे किसानों को जीवन के लिए आय एकत्रित करना मुश्किल हो गया। छोटे-छोटे खेतों से आमदनी नहीं हो पा रही थी। सौदागरों ने काम करने के लिए उन्हें पेशगी देनी आरम्भ की तो वे उनके लिए काम करने के लिए तेयार हो गए।

प्रश्न 6.
स्टेपलर क्या है?
उत्तर-
वह व्यक्ति जो रेशों के हिसाब से ऊन को स्टेपल करने या छाँटने का काम करता है, उसे स्टेपलर कहा जाता है।

प्रश्न 7.
फुलर कौन है?
उत्तर-
वह व्यक्ति जो चुन्नटों के द्वारा कपड़ों को समेटता है, उसे फुलर कहा जाता है।

प्रश्न 8.
शहरों और गाँवों में संबंध किस प्रकार विकसित हुआ?
उत्तर-
सौदागरों ने गाँवों से अपना काम करवाना आरम्भ किया। ये सौदागर शहरों से आते थे। पूरा कपड़ा गाँवों में तैयार होता तथा लंदन में उनकी फिनिशिंग होती थी। तत्पश्चात् निर्यातक कपड़े को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में बेच देते थे।

प्रश्न 9.
इंग्लैंड में कारखाने का उदय कब हुआ?
उत्तर-
इंग्लैंड में कारखाने का उदय 1730 के दशक में हुआ।

प्रश्न 10.
नए युग का प्रतीक किसको माना गया?
उत्तर-
कपास को नए युग का प्रतीक कहा गया।

प्रश्न 11.
18वीं सदी में उत्पादन बढ़ने के क्या कारण थे?
उत्तर-
18वीं सदी में उत्पादन इस कारण बढ़ा, क्योंकि उत्पादन की प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में कुशलता में वृद्धि हुई।

प्रश्न 12.
कारखानों की उत्पत्ति के कारण क्या लाभ हुए?
उत्तर-
पहले कपड़ा उत्पादन ग्रामीण क्षेत्रों में फैला हुआ था। काम लोग घरों में करते, लेकिन फिर मालिकों ने मशीनें खरीदकर कारखाने लगाना आरम्भ कर दिया। उत्पादन की सभी प्रक्रियाएँ एक ही छत के नीचे सम्भव थीं। मालिक आसानी से पूरे उत्पादन पर नियन्त्रण कर पा रहे थे तथा कपड़े की गुणवत्ता का ध्यान रख पाना आसान हो गया।

प्रश्न 13.
उन्नीसवीं सदी के यूरोप में कुछ उद्योगपति मशीनों की बजाय हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को प्राथमिकता क्यों देते थे?
उत्तर-
बहुत से उद्योगपति केवल हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को पसन्द करते थे। मशीन के द्वारा केवल एक ही प्रकार का उत्पाद कर पाना सम्भव था। परन्तु बाजार में बारीक डिजाइन तथा विभिन्न आकारों की माँग की जाती थी। कई वस्तुओं को बनाने के लिए निपुणता की आवश्यकता थी।

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प्रश्न 14.
बाजार में श्रम के बहुतायत से श्रमिकों का जीवन किस प्रकार प्रभावित हुआ?
उत्तर-
जब औद्योगिकरण हुआ तो शहरों में श्रमिकों की माँग बढ़ी। लोग नौकरियों की तलाश में शहरों की ओर चल पड़े। शहरों में रोजगार के लिए उन्हें कई हफ्तों तक प्रतीक्षा करनी पड़ती। इसके अतिरिक्त सीजन का प्रभाव भी श्रमिकों पर पड़ता था।

प्रश्न 15.
उन्नीसवीं सदी में वेतन पर क्या प्रभाव था?
उत्तर-
उन्नीसवीं सदी के आरम्भ से मजदूरों की आय में कुछ वृद्धि हुई परन्तु उनकी दैनिक आय तय होती थी। उनकी आय इस बात पर निर्भर करती थी कि उन्होंने कुल कितने दिन काम किया है।

प्रश्न 16.
1840 के दशक में शहरों के निर्माण की प्रक्रिया बताएँ।
उत्तर-
उद्योगों में वृद्धि के कारण शहरों के निर्माण की प्रक्रिया भी बढ़ी। सड़कों को चौड़ा किया गया, रेलवे स्टेशनों का निर्माण हुआ, रेलवे लाइनें बढ़ गई, नदियों के तटबंध बनाए गए, सुरंगों का निर्माण हुआ तथा सीवर व्यवस्था को बेहतरीन बनाया गया।

प्रश्न 17.
स्पिनिंग जेनी का बेरोजगारी पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
स्पिनिंग जेनी का आविष्कार जेम्स हरग्रीव्ज के द्वारा 1764 में हुआ। इसके द्वारा कलाई की प्रक्रिया बढ़ गई जिसके कारण मजदूरों की माँग अत्यन्त कम हो गई।

प्रश्न 18.
मशीनी उद्योगों के युग से पूर्व भारत की स्थिति अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कैसी थी?
उत्तर-
भारत में उत्पादित रेशमी तथा सूती कपड़े का दबदबा अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्रों में था। यहाँ उत्पन्न होने वाला कपास महीन था। आर्मीनिया तथा फारस के सौदागर भारत से यह कपड़ा ले जाते।

प्रश्न 19.
भारत में पूर्व-औपनिवेशिक समय में व्यापार किन माध्यमों से विकसित हुआ?
उत्तर-
भारत में व्यापार के लिए कई बंदरगाहों का निर्माण किया गया था। व्यापार मुख्यतः समुद्र द्वारा होता था। उदाहरण-गुजरात के तट लाल-सागर तथा भारत की खाड़ी द्वारा जुड़े हुए थे। दक्षिण-पूर्वी एशियायी बन्दरगाह बंगाल में हुगली तथा कोरोमण्डल तट पर मछलीपटनम से जुड़े हुए थे।

प्रश्न 20.
पूर्व-औपनिवेशिक समय में भारतीय व्यापारिक की क्या स्थिति थी?
उत्तर-
भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में बैंकर एवं भारतीय व्यापारी सक्रिय थे। उत्पादन में पैसा लगाकर वे चीजों को निर्यातकों तक पहुँचाते थे। बुनकरों को पेशगी देकर उनसे काम करवाया जाता था। ततपश्चात् जहाज के मालिकों या निर्यात व्यापारियों के दलालों को उत्पाद बेच दिया जाता था।

प्रश्न 21.
1750 के दशक से सौदागरों का नेटवर्क क्यों टूटने लगा?
उत्तर-
18वीं सदी से यूरोपीय ताकतों ने भारत में प्रवेश किया। स्थानीय राजाओं से उन्होंने व्यापारी रियायतें प्राप्त की। उन्होंने इजारेदारी पर अधिकार भी प्राप्त किए। इस कारण निर्यात में बहुत कमी आई। कई बैंक दिवालिया हो गए। जो व्यापारी बच गए, उन्होंने यूरोपीय व्यापारियों से हाथ मिला लिया।

प्रश्न 22.
1760 का आरम्भिक दौर कैसा था?
उत्तर-
जब ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 1760 से स्वयं को सुदृढ़ करना आरम्भ किया। आरम्भ में कपड़ा निर्यात में कोई कमी नहीं आई। इस समय ब्रिटिश कपास उद्योग अधिक नहीं फैला था। यूरोप में भारत के महीन कपास से बने कपड़े की बहुत माँग थी कम्पनी इसी व्यापार को फैलाना चाहती थी।

प्रश्न 23.
ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय बुनकरों से सूती और रेशमी कपड़े की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्या किया।
उत्तर-
ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने कपड़े की नियमित आपूर्ति के लिए पहले एक नई व्यवस्था को लागू किया। इस काम को निम्न चरणों में किया गया कम्पनी ने व्यापार में सक्रिया व्यापारियों और दलालों तथा बुनकरों पर प्रत्यक्ष नियन्त्रण स्थापित करने का प्रयत्न किया। इसके लिए उन्होंने गुमाश्ताओं को तैनात किया। ये गुमाश्ता कर्मचारी कपड़ों की गुणवत्ता तथा बुनकरों पर निगरानी करते थे। जो बुनकर कम्पनी के साथ काम करते थे, उन पर अन्य व्यापारियों तथा खरीदारों के साथ काम करने पर पाबन्दी लगा दी गई। उन्हें पेशगी भी दी जाती तथा कच्चा माल खरीदने के लिए कर्जा भी। इस कारण वे किसी अन्य व्यापारी को कपड़ा नहीं बेच सकते थे।

प्रश्न 24.
उपर्युक्त प्रश्न में दिए गए चरणों का भारतीय बुनकरों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
अधिक आय होने की आशा में बुनकर कर्जे स्वीकार कर लेते। महीन कपड़े की माँग बढ़ने लगी। जिन बुनकरों के पास जमीनें थीं, वे उन्हें किराए पर दकत स्वयं पूरा समय बुनकरी करने लगे। उनका मुख्य उद्देश्य आय में वृद्धि करना था।

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प्रश्न 25.
बुनकरों एवं गुमाश्तों के मध्य संबंध किस प्रकार के थे?
उत्तर-
बुनकरों तथा गुमाश्तों के बीच सदैव टकराव होते रहे। वे उन व्यापारियों के समान कदापि नहीं थे जो समय-समय पर उनकी मदद करते थे। परन्तु गुमाश्तों का व्यवहार अत्यन्त बुरा था। इनका गाँवों के साथ कोई सामाजिक संबंध नहीं था। उनका व्यवहार बुनकरों के प्रति दम्भपूर्ण था। वे काम पूरा न होने पर बुनकरों को मारते तथा कोड़े बरसाते थे।

प्रश्न 26.
19वीं सदी के भारत के कपड़े में गिरावट क्यों आने लगी?
उत्तर-
इंग्लैंड में कपास उद्योग में वृद्धि के कारण वहाँ के उद्योगपति अन्य देशों से आयात के कारण परेशान हो गए। आयातित कपड़े पर आयात शुल्क वसूल करने की माँग की जाने लगी। उन्होंने ईस्ट इंडिया कम्पनी पर ब्रिटिश कपड़ों को भारतीय बाजार में बेचने का दबाव डाला जिससे भारत में उत्पादों का निर्यात कम होने लगा, परन्तु 1870 तक आयात 50 प्रतिशत हो गया।

प्रश्न 27.
निर्यात में कमी के कारण बुनकरों के सामने क्या समस्याएँ उत्पन्न हुई।
उत्तर-
निर्यात में कमी के कारण स्थानीय बाजार सिकुड़ने लगा था। मशीनों द्वारा बनाया गया आयातित कपास बहुत सस्ता था। इसका मुकाबला बुनकर नहीं कर पा रहे थे। जल्दी ही अधिकतर बुनकर बेरोजगार होने लगे। 1860 में उन्हें अच्छी कपास बुनकरों से मिलनी बंद हो गई।

प्रश्न 28.
अमेरिकी गृहयुद्ध का भारत में कपास पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
अमेरिकी गृहयुद्ध के कारण ब्रिटेन को वहाँ से कपास मिलना बंद हो गया। इस कारण भारत से कच्चा कपास ब्रिटेन जाने लगा। निर्यात में वृद्धि से बुनकरों को कच्चा कपास ऊँची कीमत पर मिलने लगा जिससे उनकी आय में बहुत कमी आई।

प्रश्न 29.
भारत में फैक्ट्रियों का आना कब आरम्भ हुआ?
उत्तर-
पहली कपड़ा मिल मुम्बई में 1854 में लगी जिसमें उत्पादन दो वर्ष बाद शुरू हुआ। 1862 तक चार मिलें खुल गई। प्रथम जूट मिल 1855 में तथा दूसरी 1862 में खुली।

प्रश्न 30.
विभिन्न उद्यमी कौन थे जिन्होंने तरह-तरह के उद्योग लगाए?
उत्तर-
चीन के समय से भारत में व्यापार चल रहा था। 18वीं सदी के अंत में अफीम का व्यापार हो रहा था। कुछ उद्यमी उस धन से उद्योग लगाना चाहते थे। द्वारकानाथ टैगोर ने इस व्यापार के बाद 1830 से 1840 तक 6 संयुक्त उद्यम कम्पनियाँ स्थापित की। फिर बम्बई में डिनशॉ पेटिट और काफी समय बाद जमशेदजी टाटा ने उद्यम लगाए। 1917 में हुकुमचन्द ने कलकत्ता में जुट मिल लगाई।

प्रश्न 31.
प्रारंभ में उद्यमी किस प्रकार पूँजी एकत्रित करते थे?
उत्तर-
उद्यमी पूँजी एकत्रित करने के लिए अन्य व्यापारिक नेटवर्को का सहारा लते थे। मद्रास के व्यापारी बर्मा और तथा मध्य पूर्व और पूर्वी अफ्रीका के साथ भी व्यापार करते थे। कुछ अन्य समूह व्यापार से प्रत्यक्ष रूप से नहीं जुड़े थे। ये लोग सूद पर कर्जा देते थे तथा एक शहर से दूसरे शहर धन पहुँचाते थे।

प्रश्न 32.
औपनिवेशकों के आने से भारतीय व्यापर की स्थिति में क्या परिवर्तन हुआ?
उत्तर-
औपनिवेशिक ताकतों के आने से भारतीय व्यापारियों के लिए स्थिति खराब हो गई। उनके लिए जगह एकदम सिकुड़ गई। वे अब तैयार उतपाद यूरोप में नहीं बेच रहे थे। वे केवल नील, गेहूँ, कपास तथा अफीम का निर्यात करते थे। तत्पश्चात् उनका जहाजरानी का व्यवसाय भी समाप्त हो गया।

प्रश्न 33.
फैक्ट्रियों में काम करने के लिए श्रमिक कहाँ से आते थे?
उत्तर-
फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर सामान्यतः समीप के जिलों से आते थे। ये श्रमिक वे लोग थे जिन्हें गाँवों में काम नहीं मिलता था। उदाहरण-बम्बई के सूती उद्योग में काम करने के लिए 1911 में श्रमिक रत्नगिरी क्षेत्र से आए। कानपुर के गाँवों के लोग कानपुर के शहरों की फैक्ट्रियों में काम करते थे। त्यौहारों आदि के समय ये सभी श्रमिक अपने गाँवों में वापिस लौट जाते थे।

प्रश्न 34.
मिलों के बढ़ने से मजदूरों पर क्या असर पड़ा?
उत्तर-
मिलों की संख्या भारत में लगातार बढ़ रही थी परंतु इसके साथ ही मजदूरों की माँग बढ़ी। बेरोजगारों की __ संख्या भी इसके साथ बढ़ी थी। मिलों में प्रवेश सदैव निषेध रहता था। उद्योगपति जॉबर के जरिए नए श्रमिकों को काम पर रखते थे। जॉबर अपने गाँवों से लोगों को लाकर काम दिलाता।

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प्रश्न 35.
यूरोपीय एजेंसियों ने किन उत्पादों में अपनी दिलचस्पी दिखाई?
उत्तर-
यूरोपीय एजेंसियाँ केवल उन्हीं उत्पादों में निवेश करती थीं जिनमें उन्हें अधिक से अधिक लाभ प्राप्त होता है। चाय, कॉफी के बागान, नील, जूट और खनन आदि में निवेश किया क्योंकि इसे निर्यात किया जा सकता था।

प्रश्न 36.
पहले विश्वयुद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन क्यों बढ़ा?
उत्तर-
बीसवीं सदी में औद्योगिकरण के कारण भारत के उद्योगों में बहुत से परिवर्तन आए। पहले विश्वयुद्ध से पूर्व उद्योगों का विकास भारत में कम था, परंतु इस युद्ध से विश्व में नई स्थिति उत्पन्न हो गई। ब्रिटेन के कारखानों में युद्ध संबंधी सामान बनाया जा रहा था। इस कारण भारत में मैनचेस्टर का उत्पाद नहीं आ रहा था। भारतीय फैक्ट्रियों में सेना के लिए सामान बनने लगा। नई फैक्ट्रियों को लगाया गया। नए मजदूरों को काम पर रखा गया। इससे युद्ध के समय उत्पादन में बहुत तेजी आई।

प्रश्न 37.
20वीं सदी में हथकरघों पर बने कपड़े के उतपादन में सुधार हुआ। इसका क्या कारण था?
उत्तर-
1900 से 1940 के मध्य हथकरघों पर बने कपड़े में बहुत सुधार हुआ जो लगभग तीन गुना था। इसका मुख्य कारण तकनीकी बदलाव था। 20वीं सदी तक कई बुनकर फ्लाई शटल का प्रयोग करने लगे जिसकी लागत अधिक नहीं थी। परंतु उत्पादन भी बढ़ता था। इस कारण श्रम की माँग में भी कमी आई।

प्रश्न 38.
प्रथम युद्ध के पश्चात् बुनकरों की क्या स्थिति रही?
उत्तर-
हालाँकि बुनकरों ने फ्लाई शटल के द्वारा उत्पादन में वृद्धि की, परंतु कुछ बुनकर मिलों के कपड़ों का सामना कर पाए तो कुछ नहीं। कुछ बुनकर मोटे कपड़े को निर्मित करते तो कुछ महीन कपास का। मोटा कपड़ा गरीब खरीदते थे। बेहतर तथा महीन कपड़े को अमीर खरीदते। बुनकरों पर मुख्य प्रभाव अकाल आदि का पड़ता था। बुनकरों का जीवन बहुत कठिन था। उन्हें रात-दिन काम करना पड़ता। परिवार का प्रत्येक सदस्य किसी न किसी रूप में कार्यरत रहता था।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित रिक्त स्थानों को दिए गए उपयुक्त शब्दों से पूरा करें।

(i) नए उपभोक्ता……..द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं। (विज्ञापन, मीडिया)
(ii) 19वीं सदी के आखिर में निर्माता अपने उत्पादों को बेचने के लिए………छपवाने लगे। (बैनर, कैलेंडर)
(iii) 1830-1840 के मध्य द्वारकानाथ टैगोर ने………..उद्यम कम्पनियाँ लगाई। (6, 7)
(iv) 1860 के दशक में बुनकरों को…………नहीं मिल पा रहा था।
(v) ………के दशक के बाद ईस्ट इंडिया कम्पनी की सत्ता के सुदृढ़ीकरण के आरंभ में कपड़ा निर्यात में कमी नहीं आई।
(vi) 1871 में…………ने नए इंजन को पेटेन्ट करा लिया। (ब्रिटिश सरकार, जेम्स वॉट)
(vii) ………में सबसे पहले 1730 के दशक में नए कारखाने खुले।
उत्तर-
(i) विज्ञापन,
(ii) कैलेंडर,
(iii) 6,
(iv) कच्चा कपास,
(v) 1760,
(vi) जेम्स वॉट,
(vii) इंग्लैंड।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से सही (√) व गलत (x) की पहचान करें।

(i) जैसे-जैसे कर्जे मिलते गए और महीन कपडे की माँग बढ़ी, बुनकरों ने पेशागी के लिए मना करना आरंभ कर दिया।
(ii) गुमाश्त सदैव बुनकरों का साथ देते।
(iii) नए बंदरगाहों द्वारा होने वाला व्यापार यूरोपीय कम्पनियों के नियंत्रण में था।
(iv) स्पिनिंग जेनी के प्रयोग के कारण हाथ से ऊन कातने वाली महिलाओं ने उनका प्रयोग आरंभ कर दिया।
(v) निर्यात के नेटवर्क में केवल यूरोपीय कम्पनियाँ ही सक्रिय थीं।
(vi) 1750 के दशक तक भारतीय सौदागरों के नियंत्रण वाला नेटवर्क सुदृढ़ होने लगा।
उत्तर-
(i) x,
(ii) x,
(iii) √,
(iv) x,
(v) x,
(vi) x .

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Chapter 5 औद्योगीकरण का युग

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में दिए गए विकल्पों में सही का चयन कीजिए।

(i) ………के दशक में भारतीय सौदागरों का नेटवर्क कमजोर हो गया?
(क) 1730
(ख) 1740
(ग) 1750
(घ) 1760
उत्तर-
(ग) 1750

(ii) भारत में पैदा होने वाला कपास कैसा था?
(क) महीन
(ख) माटा
(ग) पतला
(घ) उपर्युक्त कोई नहीं
उत्तर-
(क) महीन

(iii) भारत में अधिकतर व्यापार पहले…………द्वारा होता था?
(क) समुद्र
(ख) रेलगाड़ी
(ग) दोनों
(घ) उपर्युक्त कोई नहीं
उत्तर-
(क) समुद्री

(iv) पहले ब्रिटिश सरकार ने किस राज्य पर राजनीतिक सत्ता स्थापित करने का प्रयास किया?
(क) बंगाल
(ख) कर्नाटक
(ग) मद्रास
(घ) क तथा ख दोनों
उत्तर-
(घ) क तथा ख दोनों

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HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 1 संसाधन एवं विकास

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 1 संसाधन एवं विकास Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 1 संसाधन एवं विकास

संसाधन एवं विकास HBSE 10th Class Important Questions Geography प्रश्न 1.
भारत की कुल बंजर भूमि में लवण और क्षारीय भूमि का प्रतिशत कितना है?
उत्तर-
6%

संसाधन एवं विकास प्रश्न उत्तर HBSE 10th Class Important Questions Geography प्रश्न 2.
वर्तमान समय में भारत में परती भूमि का प्रतिशत क्या है?
उत्तर-
8%

संसाधन एवं विकास के प्रश्न उत्तर HBSE 10th Class Important Questions Geography प्रश्न 3.
वर्तमान में भारत का कितना भाग शुद्ध बोये गये क्षेत्र में आता है?
उत्तर-
43.41%

प्रश्न 4.
भारत के कुल कितने प्रतिशत भूमि उपयोग के आँकड़े हमें उपलब्ध हैं?
उत्तर-
93%

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 1 संसाधन एवं विकास

प्रश्न 5.
कपास उत्पादन के लिए कौनसी मिट्टी सर्वाधि क उपयुक्त मानी जाती है?
उत्तर-
काली मिट्टी।

प्रश्न 6.
मरुस्थलीय मिट्टी की कोई दो विशेषताएं बताइए
उत्तर-

  1. घुलनशील नमक की अधिकता।
  2. जैव पदार्थों की कमी।

प्रश्न 7.
देश के किस भाग में उत्खात भूमि को बीहड़ या खड्ड कहते हैं।
उत्तर-
चंबल घाटी में।

प्रश्न 8.
पर्वतीय मिट्टीयों की दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-

  1. इनमें जैविक अंशों की अधिकता होती है।
  2. ये हयूमस से रिक्त होती है।

प्रश्न 9.
चार ऐसी धातुओं के नाम बतायें जो समाप्त होने वाली हैं परंतु जिनका पुनः उपयोग संभव है।
उत्तर-

  1. लोहा,
  2. ताँबा
  3. सोना
  4. टिन।

प्रश्न 10.
संसाधन विकास से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
संसाधन विकास का तात्पर्य संसाधनों के उपयोग के साथ-साथ उनके संरक्षण व पुनः उपयोग से भी है।

प्रश्न 11.
देश का कितना भाग पठारीय है?
उत्तर-

  1. हमारे देश में पर्वतीय भाग लगभग 30% है।
  2. देश के कुल 27% भाग पर पठारों का विस्तार है।

प्रश्न 12.
मृदा क्या है?
उत्तर-
मृदा अर्थात् मिट्टी का तात्पर्य पृथ्वी की भूपर्पटी की सबसे ऊपरी परत से है जो महीन और विखंडित शैलों के चूर्ण से बनी होती है और जो पौधों के लिए उपयोगी है।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 1 संसाधन एवं विकास

प्रश्न 13.
प्रकृति, प्रौद्योगिक एवं संस्थाओं के बीच अंतर्सबंध ‘ को स्पष्ट करें।
अथवा
मानव एक महत्त्वपूर्ण संसाधन है। कैसे?
उत्तर-
हमारे पर्यावरण में उपलब्ध वस्तुओं की रूपांतरण प्रक्रिया प्रकृति, प्रौद्योगिकी और संस्थाओं के परस्पर अंतर्संबंध में निहित है। मानव प्रौद्योगिकी द्वारा प्रकृति के साथ क्रिया करते हैं और अपने आर्थिक विकास की गति को तेज़ करने के लिए संस्थाओं का सृजन करते हैं।

प्रश्न 14.
जैव तथा अजैव संसाधनों के बीच अंतर है?
उत्तर-
जैव संसाधन-इन संसाधनों की प्राप्ति जीवमंडल होती है और इनमें जीवन व्याप्त रहता है। उदाहरणार्थ-मानव, प्राणिजात, वनस्पति जात, मत्स्य-जीवन, पशुधन आदि।
अजैव संसाधान-ऐसे संसाधन निर्जीव वस्तुओं से निर्मित है। उदाहरणार्थ-चट्टानें और धातुएँ।

प्रश्न 15.
नवीनकरण योग्य संसाधन क्या हैं? उदाहरण दीजिये।
उत्तर-
नवीकरण योग्य संसाधन-वे संसाधन जिन्हें भौतिक, रासायनिक या यांत्रिक प्रक्रियाओं द्वारा नवीकृत या पुनः प्राप्त किया जा सकता है, उन्हें नवीकरण योग्य अथवा पुनः पूर्ति योग्य संसाधन कहा जाता है। उदाहरणार्थ, सौर तथा पवन ऊर्जा, जल, वन व वन्य जीवन। इन संसाधनों को सतत् अथवा प्रवाह संसाधनों में बाँटा किया गया है।

प्रश्न 16.
अनवीकरण संसाधन किसे कहते हैं?
उत्तर-
अनवीकरण योग्य संसाधन-इन संसाधनों का विकास एक लंबे भू-वैज्ञानिक अंतराल में होता है। उदाहरणार्थ-खनिज ओर जीवाश्म ईंधन। इनके बनने में लाखों वर्ष लग जाते हैं। इनमें से कुछ संसाधन जैसे धातुएँ पुनः चक्रीय हैं और कुछ संसाधन जैसे जीवाश्म ईंधन अचक्रीय हैं व एक बार के प्रयोग के साथ ही समाप्त हो जाते हैं। .

प्रश्न 17.
सामुदायिक स्वामित्व वाले संसाधन कौन-कौन हैं?
उत्तर-
सामुदायिक स्वामित्व वाले संसाधन-ऐसे संसाधन समुदाय के सभी सदस्यों को उपलब्ध होते हैं। ग्रामों की शामिलात भूमि (चारण भूमि, श्मशान भूमि, तालाब इत्यादि) और शहरी क्षेत्रों के सार्वजनिक पार्क, पिकनिक स्थल और क्रीडास्थल, वहाँ रहने वाले सभी लोगों के लिए उपलब्ध हैं।

प्रश्न 18.
व्यक्तिगत संसाधन किसे कहते हैं? उदाहरण के साथ बताइये।
उत्तर-
व्यक्तिगत संसाधन-संसाधन निजी व्यक्तियों के स्वामित्व में भी होते हैं। बहुत से कृषकों के पास सरकार द्वारा आवंटित भूमि होती है जिसके बदले में वे सरकार को लगान चुकाते हैं। ग्रामों में बहुत से लोग भूमि के स्वामी भी होते हैं और बहुत से लोग भूमिहीन होते हैं। शहरों में लोग भूखंड, घरों व अन्य बगीचे के मालिक होते हैं। बाग-बगीचे, चारागाह, तालाब और कुओं का जल आदि संसाधनों के निजी स्वामित्व के कुछ उदाहरण हैं। अपने परिवार के संसाधनों की एक सूची तैयार कीजिए।

प्रश्न 19.
अंतर्राष्ट्रीय संसाधन से आप क्या समझते हैं?
अथवा
उन संसाधनों को कौन नियंत्रित करता है जो किसी भी देश की सीमा में नहीं आते?
उत्तर-
अंतर्राष्ट्रीय संसाधन-कुछ अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएँ संसाधनों को नियंत्रित करती हैं। तट रेखा से 200 किमी. की दूरी (अपवर्जक आर्थिक क्षेत्र) से परे खुले महासागरीय संसाधनों पर किसी देश का अधिकार नहीं है। इन संसाधनों को अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की सहमति के बिना उपयोग नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 20.
संभावी संसाधन की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
संभावी संसाधन-वे संसाधन हैं जो किसी प्रदेश में विद्यमान होते हैं परंतु इनका उपयोग नहीं किया गया है। उदाहरणार्थ भारत के पश्चिमी भाग, विशेषकर राजस्थान और गुजरात में पवन और सौर ऊर्जा संसाधनों की असीमित संभावना है, परंतु इनका सही ढंग से विकास नहीं हुआ है।

प्रश्न 21.
विकासित संसाधन किसे कहते हैं?
उत्तर-
विकसित संसाधन-वे संसाधन जिनका सर्वेक्षण किया जा चुका है और उनके उपयोग की गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित की जा चुकी है, विकसित संसाधन कहलाते हैं। संसाधनों का विकास प्रौद्योगिकी और उनकी संभाव्यता के स्तर पर आश्रित करता है।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 1 संसाधन एवं विकास

प्रश्न 22.
संसाधनों का समाज में न्यायसंगत बंटवारा आवश्यक क्यों है?
अथवा
हर तरह के जीवन का अस्तित्व बनाए रखने के लिए संसाधनों के उपयोग की योजना बनाना अति आवश्यक है। क्यों?
उत्तर-

  • मानव जीवन की गुणवत्ता और विश्व शांति बनाए रखने के लिए संसाधनों का समाज में न्यायसंगत बँटवारा आवश्यक हो गया है। यदि कुछ ही व्यक्तियों तथा देशों द्वारा संसाधनों का वर्तमान दोहन जारी रहता है, तो हमारी पृथ्वी का भविष्य संकट में पड़ सकता है।
  • इसलिए हर तरह के जीवन का अस्तित्व बनाए रखने के लिए संसाधनों के उपयोग की योजना बनाना अति आवश्यक है।
  • मानव जीवन की गुणवत्ता और विश्व शांति बनाए रखने के लिए संसाधनों का समाज में न्यायसंगत बँटवारा आवश्यक हो गया है। यदि कुछ ही व्यक्तियों तथा देशों द्वारा संसाधनों का वर्तमान दोहन जारी रहता है, तो हमारी पृथ्वी का भविष्य संकट में पड़ सकता है।
  • इसलिए हर तरह के जीवन का अस्तित्व बनाए रखने के लिए संसाधनों के उपयोग की योजना बनाना अति आवश्यक है।

प्रश्न 23.
सत्त पोषणीय विकास से आपका क्या तात्पर्य
उत्तर-
सतत् पोषणीय विकास-सतत् पोषणीय आर्थिक विकास से अर्थ यह है कि विकास पर्यावरण को बिना हानि
पहुँचाए हो और वर्तमान विकास की प्रक्रिया भविष्य की – पीढ़ियों की आवश्यकता की अवलेहलना न करे।

प्रश्न 24.
किसी क्षेत्र के विकास के लिए किन कारकों की उपलब्धि अनिवार्य हैं?
उत्तर-

  1. संसाधनों की उपलब्धता।
  2. प्रौद्योगिकी विकास
  3. संस्थागत परिवर्तन।

प्रश्न 25.
अंतर स्पष्ट कीजिए
उत्तर-
नवीनकरण संसाधन :

  1. ये निश्चित समय अंतराल पर स्वयं बन जाते हैं
  2. उचित मात्रा में प्रयोग करने पर इनके समाप्त होने भय नहीं रहता।
  3. ये संसाधन कई बार प्रयोग करने पर भी समाप्त नहीं होते।
  4. इनका भंडार असीमित है।
  5. जल, वृक्ष, भूमि मछली आदि इसके उदाहरण हैं।

अनवीनीकरण संसाधन

  1. ये समय अंतराल पर भी स्वयं नहीं बनते।
  2. इनका भंडार खाली होना ही होता है।
  3. ये संसाधन एक बार खनन करने के बाद समाप्त हो जाते हैं।
  4. इनका भंडार सीमित है।
  5. कोयला, खनिज, लोहा आदि इनेक उदाहरण हैं।

प्रश्न 26.
संचित कोष से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
संचित कोष-यह संसाधन भंडार का ही हिस्सा है, जिन्हें उपलब्ध तकनीकी ज्ञान की सहायता से प्रयोग में लाया जा सकता है, परंतु इनका उपयोग अभी आरंभ नहीं हुआ है। इनका उपयोग भविष्य में आवश्यकता पूर्ति हेतु किया जा सकता है। नदियों के जल को विद्युत पैदा करने में प्रयुक्त किया जा सकता है, परंतु वर्तमान समय में इसका उपयोग सीमित पैमाने पर ही हो रहा है। इस प्रकार बाँधों में जल, वन आदि संचित कोष हैं जिनका उपयोग भविष्य में किया जा सकता है।

प्रश्न 27.
मानव द्वारा संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग के कारण कौनसी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं?
उत्तर-
मानव द्वारा संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग के कारण निम्नलिखित मुख्य समस्याएँ पैदा हो गई हैं।

  1. संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से वैश्विक पारिस्थितिकी संकट पैदा हो गया है जैसे भूमंडलीय तापन, ओजोन परत अवक्षय, पर्यावरण प्रदूषण और भूमि निम्नीकरण आदि हैं।
  2. कुछ व्यक्तियों के स्वार्थवश संसाधनों का ह्रास
  3. संसाधन समाज के कुछ ही लोगों के हाथ में आ गए हैं, जिससे समाज दो भागों संसाधन संपन्न एवं संसाधनहीन अर्थात् अमीर और गरीब में बँट गया।

प्रश्न 28.
रियो-डी-जेनेरो पृथ्वी सम्मेलन, 1992 की उपलब्धियाँ बताइये।
उत्तर-
रियो डी जेनेरो पृथ्वी सम्मेलन, 1992-

  1. जून, 1992 में 100 से भी अधिक राष्ट्राध्यक्ष ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरो में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी सम्मेलन में एकत्रित हुए।
  2. सम्मेलन का आयोजन विश्व स्तर पर उभरते पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक-आर्थिक विकास की समस्याओं का हल ढूँढने के लिए किया गया था।
  3. इस सम्मेलन में एकत्रित नेताओं ने भूमंडलीय जलवायु परिवर्तन और जैविक विविधता पर एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किया।
  4. रियो सम्मेलन में भूमंडलीय वन सिद्धांतों (Forest Principles) पर सहमति जताई और 21वीं शताब्दी में सतत् पोषणीय विकास के लिए एजेंडा 21 को स्वीकृत किया गया ।

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प्रश्न 29.
ऐजेंडा 21 पर एक सक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
एजेंडा 21 यह एक घोषणा है जिसे 1992 में ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरो में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण और विकास सम्मेलन (UNCED) के तत्वाधान में राष्ट्राध्यक्षों द्वारा स्वीकृत किया गया था। इसका उद्देश्य भूमंडलीय सतत् पोषणीय विकास प्राप्त करना है। यह एक कार्यसूची है जिसका उद्देश्य समान हितों, पारस्परिक आवश्यकताओं एवं सम्मिलित उत्तदायित्वों के अनुसार विश्व सहयोग के द्वारा पर्यावरणीय क्षति, गरीबी और रोगों से निपटना है। एजेंडा 21 का मुख्य उद्देश्य यह है कि प्रत्येक स्थानीय निकाय अपना स्थानीय एजेंडा 21 तैयार करे।

प्रश्न 30.
संसाधनों के संरक्षण हेतु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किए गये प्रयासों की विवेचना कीजिये।
उत्तर-

  1. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यवस्थित तरीके से संसाधन संरक्षण की वकालत 1968 में क्लब ऑफ रोम ने की।
  2. 1974 में शुमेसर ने अपनी पुस्तक ‘स्माल इज ब्यूटीफुल’ में इस विषय पर गांधी जी के दर्शन की एक बार फिर से पुनरावृत्ति की है।
  3. 1987 में ब्रुन्टलैंड आयोग रिपोर्ट द्वारा वैश्विक स्तर पर संसाधन संरक्षण में मूलाधार योगदान किया गया। इस रिपोर्ट ने सतत् पोषणीय विकास (Sustainable Development) की संकल्पना प्रस्तुत की और संसाधन संरक्षण की वकालत की। यह रिपोर्ट बाद में हमारा सांझा भविष्य (Our Common Future) शीर्षक से पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुई।
  4. इस संदर्भ में एक और महत्त्वपूर्ण योगदान रियो डी जेनेरो, ब्राजील में 1992 में आयोजित पृथ्वी सम्मेलन द्वारा किया गया।

प्रश्न 31.
संसाधन नियोजन के विभिन्न सोपानों का निर्माण कीजिए।
उत्तर-
भारत में संसाधन नियोजन-संसाधन नियोजन एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें निम्नलिखित सोपान हैं –

  • देश के विभिन्न प्रदेशों में संसाधनों की पहचान कर उनकी तालिका बनाना। इस कार्य में क्षेत्रीय सर्वेक्षण, मानचित्र बनाना और संसाधनों का गुणात्मक एवं मात्रात्मक अनुमान लगाना व मापन करना है।
  • संसाधन विकास योजनाएं लागू करने के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी, कौशल और संस्थागत नियोजन ढाँचा तैयार करना।
  • संसाधन विकास योजनाओं और राष्ट्रीय विकास योजना में समन्वय स्थापित करना। स्वाधीनता के बाद भारत में संसाधन नियोजन के उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रथम पंचवर्षीय योजना से ही प्रयास किए गए।

प्रश्न 32.
भारत में पाइ जाने वाली विभिन्न भू-आकृतियों को एक-एक महत्त्व बताईए।
उत्तर-

  • भारत में भूमि पर विभिन्न प्रकार की भू-आकृतियाँ जैसे पर्वत, पठार, मैदान और द्वीप पाए जाते हैं।
  • लगभग 43 प्रतिशत भू-क्षेत्र मैदान हैं जो कृषि और उद्योग के विकास के लिए सुविधाजनक हैं।
  • पर्वत पूरे भू-क्षेत्र के 30 प्रतिशत भाग पर फैला हैं। वे कुछ बारहमासी नदियों के प्रवाह को सुनिश्चित करते हैं, पर्यटन विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ प्रदान करता है और पारिस्थितिकी के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  • देश के क्षेत्रफल का लगभग 27 प्रतिशत भाग पठारी क्षेत्र है। इस क्षेत्र में खनिजों, जीवाश्म ईंधन और वनों का अपार संचय कोष है।

प्रश्न 33.
भारत में भूमि निम्नीकरण की समस्या को किस प्रकार सुलझाया जा सकता है।
उत्तर-
भूमि निम्नीकरण की समस्या को सुलझाने के निम्नलिखित तरीके हैं-

  1. वनारोपण
  2. चरागाहों का उचित प्रबंधन
  3. पेड़ों की रक्षक मेखला (shelter belt),
  4. पशुचारण नियंत्रण
  5. रेतीले टीलों को काँटेदार झाड़ियाँ लगाकर स्थिर बनाना
  6. बंजर भूमि के समुचित उचित प्रबंधन,
  7. खनन नियंत्रण
  8. औद्योगिक जल को परिष्करण के पश्चात् विसर्जन

प्रश्न 34.
भारत में जलोढ़ मृदा किन क्षेत्रों में पाई जाती है?
उत्तर-
भारत में जलोढ़ मिट्टी निम्नलिखित क्षेत्रों में पाई जाती हैं-

  1. संपूर्ण उत्तरी मैदान जलोढ़ मृदा से बना है।
  2. एक सँकरे गलियारे के द्वारा ये मिट्टियाँ राजस्थान और गुजरात तक फैली हैं।
  3. पूर्वी तटीय मैदान, विशेषकर महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियों के डेल्टे भी जलोढ़ मिट्टी से बने हैं।

प्रश्न 35.
मानव प्राणियों के लिए संसाधन क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर-
मानव प्राणियों के लिए संसाधनों की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से हैं-

  • प्राकृतिक संसाधन मनुष्यों की मूलभूत आवश्कताओं की पूर्ति के आधार स्तंभ हैं।
  • प्राकृतिक संसाधनों के अभाव में जीवन की कल्पना असंभव है क्योंकि ऐसे में उसके पास ने भोजन को अन्न होगा न सांस लेने को हवा ही होगी।
  • मनुष्य के विकास और शक्ति संपन्न होने में भी संसाध नों की भूमिका है।
  • प्राकृतिक संसाधनों के अभाव में विज्ञान हो या तकनीक, कोई भी विकास संभव नहीं।
  • रहने के लिए घर पहनने के वस्त्र, खाने को अन्न सभी कुछ मनुष्य संसाधन से ही प्राप्त करता है।
  • संसाधनों में मानव निर्मित संसाधनों की भूमिका भी कोई कम नहीं। यातायात के संसाधनों में मानव निर्मित संसाध नों के ही भिन्न-भिन्न रूप हैं।

प्रश्न 36.
भारत में संसाधन नियोजन की आवश्यकता क्यों हैं?
उत्तर-

  • संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए नियोजन एक सर्वमान्य रणनीति है। अतः भारत जैसे देश में जहाँ संसाधनों की उपलब्धता में बहुत अधिक विविधता है, यह और भी महत्त्वपूर्ण है।
  • यहाँ ऐसे प्रदेश भी हैं जहाँ एक तरह के संसाधनों की प्रचुरता है, परंतु दूसरे तरह के संसाधनों की कमी है।
  • कुछ ऐसे प्रदेश भी हैं जो संसाधनों की उपलब्धता के संदर्भ में आत्मनिर्भर हैं कुछ ऐसे भी प्रदेश हैं जहाँ महत्त्वपूर्ण संसाधनों की अत्यधिक अभाव है।
  • उदाहरणार्थ-झारखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ आदि प्रांतों में खनिजों और कोयले के प्रचुर भंडार हैं। अरुणाचल प्रदेश में जल संसाधन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, परंतु मूल विकास की कमी है।
  • राजस्थान में पवन और सौर ऊर्जा संसाधनों की बहुतायत है, लेकिन जल संसाधनों की कमी है।
  • लद्दाख का शीत मरुस्थल देश के अन्य भागों से अलग-थलग पड़ता है। यह प्रदेश सांस्कृतिक विरासत का धनी है परंतु यहाँ जल, आधारभूत अवसंरचना तथा कुछ महत्त्वपूर्ण खनिजों का अभाव है।
  • इसलिए राष्ट्रीय, प्रांतीय, प्रादेशिक और स्थानीय स्तर पर संतुलित संसाधन नियोजन की आवश्यकता है।

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प्रश्न 37.
भू-संसाधनों के उपयोग की विस्तृत टिप्पणी कीजिए।
अथवा
भू-संसाधनों के उपयोग का क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर-
भू-संसाधनों का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों से किया जाता है
1. वन
2. कृषि के लिए अनुपलब्ध भूमि
(अ) बंजर तथा कृषि अयोग्य भूमि
(ब) गैर-कृषि प्रयोजनों में लगाई गई भूमि -जैसे इमारतें, सड़क, उद्योग इत्यादि।

3. परती भूमि के अतिरिक्त अन्य कृषि अयोग्य भूमि
(अ) स्थायी चरागाहें तथा अन्य गोचर भूमि
(ब) विविध वृक्षों, वृक्ष फसलों, तथा उपवनों के अधीन भूमि (जो शुद्ध बोए गए क्षेत्र में शामिल नहीं है)
(स) कृषि योग्य बंजर भूमि जहाँ पाँच से अधिक वर्षों से खेती न की गई हो।

4. परती भूमि
(अ) वर्तमान परती (जहाँ एक कृषि वर्ष या उससे कम समय से खेती न की गई हो)
(ब) वर्तमान परती भूमि के अतिरिक्त अन्य परती भूमि या पुरातन परती (जहाँ 1 से 5 कृषि वर्ष से खेती न की गई
हो)

5. शुद्ध (निवल) बोया गया क्षेत्र
एक कृषि वर्ष में एक बार से अधिक बोए गए क्षेत्र को शुद्ध (निवल) बोए गए क्षेत्र में जोड़ दिया जाए तो वह सकल कृषित क्षेत्र कहलाता है।

प्रश्न 38.
भू-उपयोग के दो वृत चित्रों की तुलना करके पता लगाएं कि 1960-61 और 2002-03 के बीच शुद्ध (निवल) बोये गये क्षेत्र और वनों के अंतर्गत भूमि में बहुत सीमित परिवर्तन ही क्यों आया है?
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उत्तर-
1. स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हमारे देश की जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई। जिससे एक बड़ी जनसंख्या को भोजन उपलब्ध कराने की समस्या खड़ी हो गई।
2. परंतु सत्तर के दशक में आई हरित क्रांति से प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ गई। जिससे बढ़ती जनसंख्या को भोजन उपलब्ध कराने की समस्या का समाधान हो गया।
3. इस दौरान शुद्ध बोये गये क्षेत्र में वृद्धि नहीं हुई थी अपितु प्रति हेक्टेयर उपज में वृद्धि हुई। अतः 1960-61 और 2002-03 के बीच शुद्ध निवल बोये गये क्षेत्र में बहुत सीमित परिवर्तन ही आया है।
4. स्वतंत्रता से पहले तथा बाद के आरंभिक दिनों में हमारे देश में वनों की अंधाधुंध कटाई की गई। विभिन्न उद्योगों के विकास, कृषि कार्य तथा आवास के लिए भूमि निर्माण के उद्देश्य से ऐसा किया गया।
5. वनों की अंधाधुंध कटाई से अनेक समस्याएँ उत्पन्न हुई जिनके कारण सरकार द्वारा वनों के सुरक्षा तथा संरक्षा संबंधी अनेक नीतियाँ बनाई गइ।
6. इनके लागू हो जाने के बाद वनों की कटाई की दर में कमी आई। जिससे वनों का घटता ग्राफ थम गया। अत: 1960-61 और 2002-03 के बीच वनों के अंतर्गत भूमि में बहुत सीमित परिवर्तन ही देखने को मिलता है।

प्रश्न 39.
काली मिट्टी की छः विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
1. काली मिट्टी कपास की खेती के लिए उचित मानी जाती है
2. काली मिट्टी सूक्ष्म कणों अर्थात् मृत्तिका से निर्मित है।
3. इसकी नमी धारण करने की क्षमता बहुत होती है।
4. ये मृदाएँ कैल्शियम कार्बोनेट, मैगनीशियम, पोटाश और चूने जैसे पौष्टिक तत्त्वों से परिपूर्ण होती हैं।
5. इनमें फास्फोरस की मात्रा कम होती है।
6. गर्म और शुष्क मौसम में इन मृदाओं में गहरी दरारें पड़ जाती हैं जिससे इनमें वायु मिश्रण हो जाता है।

प्रश्न 40.
जलोढ़ मिट्टी की छः विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
1. जलोढ़ मिट्टी बहुत उपजाऊ होती हैं।
2. अधिकतर जलोढ़ मिट्टियाँ पोटाश, फास्फोरस और चूनायुक्त होती हैं।
3. ये मिटिटयाँ गन्ने, चावल, गेहूँ और अन्य अनाजों और दलहन फसलों की खेती के लिए उपयुक्त होती है।
4. शुष्क क्षेत्रा की मृदाए आधिक क्षारीय होती है।
5. जलोढ़ मृदा वाले क्षेत्रों में गहन कृषि की जाती है।
6. जलोढ़ मिट्टी वाले क्षेत्रों जनसंख्या घनत्व भी अधिक होता है।

प्रश्न 41.
मृदा निर्माण की प्रक्रिया का विवरण दीजिये।
उत्तर-
मिट्टी अथवा मृदा सबसे महत्त्वपूर्ण नवीकरण योग्य प्राकृतिक संसाधन है। यह पौधों के विकास का माध्यम है जो पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीवों पोषक है। मृदा एक जीवंत तंत्र है। कुछ सेंटीमीटर गहरी मृदा बनने में लाखों वर्ष लग जाते हैं। मृदा बनने की प्रक्रिया में उच्चावच, जनक शैल अथवा

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संस्तर शैल, जलवायु, वनस्पति और अन्य जैव पदार्थ और समय मुख्य कारक हैं। प्रकृति के विविध तत्त्व जैसे तापमान परिवर्तन, जलप्रवाह जल की क्रिया, वायु, हिमनदी और अपघटन क्रियाएँ आदि मृदा बनने की प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका देती हैं। मृदा में होने वाले रासायनिक और जैविक परिवर्तन भी महत्त्वपूर्ण हैं। मृदा जैव (ह्यूमस) और अजैव दोनों प्रकार के पदार्थों से निर्मित होती है।

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प्रश्न 42.
भारत के मानचित्र पर दर्शाइए-
1. जलोढ़ मृदा वाले क्षेत्र
2. काली मृदा वाले क्षेत्र
3. लाल एवं पीली मृदा वाले क्षेत्र
4. मरुस्थली मृदा वाले क्षेत्र
5. पर्वत एवं वन मृदा वाले क्षेत्र
6. लेटराइट मिट्टी वाले क्षेत्र
उत्तर-

बहुवैकल्पिक प्रश्न

सही उत्तर का चयन कीजिये।

प्रश्न 1.
अजैव संसाधन का उदारहण है।
(क) मनुष्य
(ख) वनस्पति जात
(ग) धातुएँ
(घ) पशुधन
उत्तर-
(ग) धातुएँ

प्रश्न 2.
नवीनकरण योग्य संसाधन हैं
(क) खनिज
(ख) जीवाश्म
(ग) ईधन
(घ) जल
उत्तर-
(घ) जल

प्रश्न 3.
नवीकरण योग्य संसाधन है।
(क) जल ,
(ख) पवन
(ग) खनिज
(घ) वन
उत्तर-
(ग) खनिज

प्रश्न 4.
अपवर्जक आर्थिक क्षेत्र की सीमा रेखा कितनी है?
(क) 100 किमी
(ख) 200 किमी
(ग) 300 किमी
(ज्ञ) 1000 किमी
उत्तर-
(ख) 200 किमी

प्रश्न 5.
प्रथम अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी सम्मेलन कब हुआ था?
(क) 1992
(ख) 1995
(ग) 1990
(घ) 2001
उत्तर-
(क) 1992

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प्रश्न 6.
जून, 1992 ई. में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी सम्मेलन कहाँ हुआ था।
(क) दिल्ली
(ख) लंदन
(ग) रियो डी जेनेरो
(घ) वाशिंगटन
उत्तर-
(ग) रियो डी जेनेरो

प्रश्न 7.
एजेंडा 21 की घोषणा कब हुई थी?
(क) 1990
(ख) 1992
(ग) 1994
(घ). 2005
उत्तर-
(ख) 1992

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प्रश्न 8.
किसने कहा, “हमारे पास व्यक्ति की आवश्यकता पूर्ति के लिए कुछ है, लेकिन किसी के लालच की संतुष्टि के लिए नहीं।”
(क) नेहरू
(ख) गाँधीजी
(ग) सरदार पटेल
(ग) बी. एन. झा
उत्तर-
(ग) सरदार पटेल

प्रश्न 9.
‘स्माल इज ब्यूटीफुल’ पुस्तक किसने लिखी?
(क) गाँधी जी
(ख) राजेन्द्र प्रसाद
(ग) शूमेसरु
(घ) अमृता प्रीतम
उत्तर-
(ग) शूमेसरु

प्रश्न 10.
भारत में कितना प्रतिशत १ क्षेत्र मैदान हैं?
(क) 30
(ख) 43
(ग) 27
(घ) 55
उत्तर-
(ख) 43

प्रश्न 11.
भारत में कितना प्रतिशत भू-क्षेत्र पठार है?
(क) 43
(ख) 30
(ग) 50
(घ) 27
उत्तर-
(घ) 27

प्रश्न 12.
भारत में कितना प्रतिशत भू-क्षेत्रों पर्वत है?
(क) 43
(ख) 27
(ग) 30
(घ) 47
उत्तर-
(ग) 30

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प्रश्न 13.
भारत का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल कितना है।
(क) 32.8 लाख वर्ग किमी
(ख) 33.8 लाख वर्ग किमी
(ग) 34.8 लाख वर्ग किमी
(घ) 40.4 लाख वर्ग किमी
उत्तर-
(क) 32.8 लाख वर्ग किमी

प्रश्न 14.
भारत में कितने बड़े क्षेत्र का भू-उपयोग आँकड़ा .. उपलब्ध है?
(क) 91%
(ख) 93%
(ग) 95%
(घ) 98%
उत्तर-
(क) 91%

प्रश्न 15.
भारत में वर्तमान परती भूमि कितनी हैं?
(क) 3.82%
(ख) 32%
(ग) 4.41 %
(घ) 7.03%
उत्तर-
(घ) 7.03%

प्रश्न 16.
2002-03 में शुद्ध बोया गया क्षेत्र कितना था।
(क) 22.5%
(ख) 6.29%
(ग) 43.41%
(घ) 1.10%
उत्तर-
(ग) 43.41%

प्रश्न 17.
2002-03 में भारत में कृषि योग्य बंजर भूमि कितनी थी?
(क) 3.45%
(ख) 4.41%
(ग) 7.92%
(घ) 22.5%
उत्तर-
(ख) 4.41%

प्रश्न 18.
भारत में राष्ट्रीय वन नीति कब बनाई गई?
(क) 1952
(ख) 1955
(ग) 1988
(घ) 1991
उत्तर-
(क) 1952

प्रश्न 19.
भारत में राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार वनों के अंतर्गत कितना भौगोलिक क्षेत्र वांछित हैं?
(क) 22%
(ख) 25%
(ग) 38%
(घ) 33%
उत्तर-
(घ) 33%

प्रश्न 20.
भारत में कितनी भूमि वन निम्नीकृत है?
(क) 10 करोड़ हेक्टेयर
(ख) 13 करोड़ हेक्टेयर
(ग) 15 करोड़ हेक्टेयर
(घ) इनमें कोई नहीं
उत्तर-
(ख) 13 करोड़ हेक्टेयर

प्रश्न 21.
भारत में कितना प्रतिशत क्षेत्र जल अपरदित है?
(क) 56
(ख) 59
(ग) 70
(घ) 45
उत्तर-
(क) 56

प्रश्न 22.
भारत में कितनी भूमि निम्नीकृत वनों के अंतर्गत
(क) 56%
(ख) 28%
(ग) 6%
(घ) 10%
उत्तर-
(ख) 28%

प्रश्न 23.
काली मृदा को किस दूसरे नाम से जाना जाता है?
(क) रेगर
(ख) कंकर
(ग) बांगर
(घ) खादर
उत्तर-
(क) रेगर

प्रश्न 24.
काजू की फसल के लिए कौनसी मृदा सर्वाधिक उपयुक्त है?
(क) काली
(ख) कंकर
(ग) लाल व पीली
(घ) लेटराइट
उत्तर-
(घ) लेटराइट

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प्रश्न 25.
मृदा के कटाव और उसके बहाव को क्या कहते।
(क) स्पंदन
(ख) निक्षालन
(ग) मृदा अपरदन
(घ) मृत्रिका
उत्तर-
(ग) मृदा अपरदन

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HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन

वन एवं वन्य जीव संसाधन Class 10 Important Questions HBSE प्रश्न 1.
वन किस प्रकार के संसाधन हैं?
उत्तर-
नवीनीकरण संसाधन।

वन एवं वन्य जीव संसाधन के प्रश्न उत्तर HBSE 10th Class प्रश्न 2.
किस प्रकार के वनों में पशु चराने की अनुमति नहीं होती?
उत्तर-
आरक्षित वनों में।

HBSE 10th Class Important Questions Geography Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन प्रश्न 3.
अधिकतर दुर्गम वन किस प्रकार के वनों में आते हैं?
उत्तर-
अवर्गीकृत वन

प्रश्न 4.
राष्ट्रीय वन नीति की घोषणा कब की गई थी।
उत्तर-
राष्ट्रीय वन नीति की घोषणा 1988 में की गई थी।

प्रश्न 5.
भारत में कुल कितना वन क्षेत्र है।
उत्तर-
भारत में कुल 765 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र है।

प्रश्न 6.
भारत का कुल कितना क्षेत्र वनाच्छादित है?
उत्तर-
भारत का लगभग 637 लाख हेक्टेयर क्षेत्र वनाच्छादित है।

प्रश्न 7.
चारे और ईंधन की लकड़ी की आवश्यकता वनों के निम्नीकरण का मुख्य कारण नहीं है। क्यों?
उत्तर-
चारे और ईंधन की लकड़ी की आवयश्कता पूर्ति मुख्यतः पेड़ों की टहनियाँ प काटकर की जाती है न कि पूरे पेड़ काटकर। इसलिए यह वनों के निम्नीकरण का मुख्य कारण नहीं है।

प्रश्न 8.
उपनिवेश काल में किन गतिविधियों के कारण वनों का विनाश हुआ?
उत्तर-

  1. रेलवे का विस्तार
  2. कृषि का विस्तार
  3. व्यवसाय व वाणिज्यवानकी
  4. खनन क्रियाएँ

प्रश्न 9.
पूर्वोतर और मध्य भारत में वनों के निम्नीकरण का क्या कारण है?
उत्तर-
पूर्वोतर और मध्य भारत में स्थानंतरी (झूम) खेती अथवा ‘स्लैश और बर्न’ खेती के कारण वनों की कटाई या निम्नीकरण हुआ है।

प्रश्न 10.
हिमालयन यव की क्या विशेषता है? यह संकटग्रस्त क्यों हो गया है?
उत्तर-
हिमालयन यव (चीड़ की प्रकार का सदाबहार वृक्ष) एक औषधीय पौधा है जो हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में पाया जाता है। पेड़ की छाल, पत्तियों, टहनियों और जड़ों से टकसोल (taxol) नामक रसायन प्राप्त होता है तथा इसे कुछ कैंसर रोगों के उपचार हेतु प्रयोग किया जाता है। इससे बनी गई दवाई संसार में सर्वाधिक बिकने वाली कैंसर औषधि हैं। इसके अत्याधिक प्रयोग से इस वनस्पति जाति को खतरा पैदा हो गया है। पिछले एक दशक में हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में यव के हजारों वृक्ष सूख गए हैं।

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प्रश्न 11.
खनन के कारण किस टाइगर रिजर्व को खतरा पैदा हो गया है?
उत्तर-
पश्चिम बंगाल में बक्सा टाइगर रिजर्व डोलोमाइट के खनन के कारण गंभीर खतरे में है।
इसके दो प्रभाव हैं-

  1. इसने कई प्रजातियों के प्राकृतिक आवासों को नुकसान पहुचायाँ है।
  2. इसने कई जातियों जिसमें भारतीय हाथी भी शामिल है, के आवागमन मार्ग बाधित किया है।

प्रश्न 12.
वनों एवं वन्य जीवन का संरक्षण क्यों जरूरी
उत्तर-
संरक्षण से पारिस्थितिकी विविधता बनी रहती है तथा हमारे जीवन साध्य संसाधन जल, वायु और मृदा बने रहते हैं। यह विभिन्न जातियों में बेहतर जनन के लिए वनस्पति और पशुओं में जींस (हमदमजपब) विविधता को भी संरक्षित करती है। उदाहरणार्थ हम कृषि में अभी भी पारंपरिक फसलों पर आश्रित हैं। जलीय जैव विविधता स्थूल रूप से मत्स्य पालन बनाए रखने पर निर्भर है।

प्रश्न 13.
अवर्गीकृत वन किसे कहते हैं? भारत में किन क्षेत्रों में इन वनों का बड़ा अनुपात है?
उत्तर-
वे वन और बंजरभूमि जो सरकार, व्यक्तियों के निजी और समुदायों के स्वामित्व में होते हैं, अवर्गीकृत वन कहे जाते हैं। पूर्वोतर के सभी राज्यों में और गुजरात में अधिकतर वन क्षेत्र अवर्गीकृत वन हैं तथा स्थानीय समुदायों के प्रबंध में हैं।

प्रश्न 14.
स्थायी वन क्षेत्र से आपका क्या तात्पर्य है? किस राज्य में स्थायी वनों के अंतर्गत सर्वाधिक क्षेत्र हैं?
उत्तर-

  1. आरक्षित और रक्षित वन ऐसे स्थायी वन क्षेत्र हैं जिनकी देखभाल इमारती लकड़ी, अन्य वन पदार्थों और उनके क्षण से बचाव के लिए किया जाता है।
  2. मध्य प्रदेश में स्थायी वनों के अंतर्गत सर्वाधिक क्षेत्र है जोकि प्रदेश के कुल वन क्षेत्र का भी 75% है।

प्रश्न 15.
किन आंदोलनों की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया है कि रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग के बिना भी विविध फसल उत्पादन संभव हैं?
उत्तर-
टिहरी में कृषकों का बीज बचाओ आंदोलन और नवदानय ने दिखा दिया है कि रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग के अभाव में भी विविध फसल उत्पादन द्वारा आर्थिक रूप से व्यवहार्य कृषि उत्पादन संभव है।

प्रश्न 16.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
1. वन्य जीव अभयारण
2. जैव आरक्षित क्षेत्र।
अथवा
वन्य जीव अभयारण क्या हैं? ये राष्ट्रीय उद्यान से किस प्रकार भिन्न है।
उत्तर-
1. वन्य जीव अभयारण-वन्य जीव अभयारण का तात्पर्य ऐसे से हैं जहाँ वन्य श्रावियों सहित प्राकृतिक वनस्पति और प्राकृतिक वनस्पति और प्राकृतिक सुन्दरता को सुरक्षित रखने का प्रयत्न किया जाता है। इन स्थानों की सुरक्षा और – प्रबंध की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है। इन अर्थों में ये स्थान राष्ट्रीय उद्यान के समान प्रतीत होते हैं जबकि राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभ्यारणों में कई भिन्नताएं हैं। जैसे-

  • वन्य जीव अभयरणों में सीमित मात्रा में पशु चारण और वन्य पदार्थ एकत्र करने की छूट होती है। जबकि राष्ट्रीय उद्यानों में ऐसा नहीं होता।
  • वन्य जीव अभ्यारणों में स्थानीय जनतीय समुदाय के लोगों को सीमित मात्रा में निवास करने की भी छूट दी जाती है जबकि राष्ट्रीय उद्यानों में यह संभव नहीं है।
  • राष्ट्रीय उद्यानों में वन्य प्राणियों को और प्राकृतिक वनस्पतियों को प्रकृति के सहारे छोड़ दिया जाता है। जबकि वन्य जीव अभ्यारणों में इनकी देखभाल की व्यवस्था भी की जाती है।
  • वन्य जीव अभयारणों की अपेक्षा राष्ट्रीय उद्यानों का अधिक महत्त्व दिया जाता है। इनका प्रचार-प्रसार भी अधिक किया जाता है।

2. जैवआरक्षित क्षेत्र-जैव आरक्षित क्षेत्र का अर्थ एक बहुद्देशीय सुरक्षित क्षेत्र से है जहाँ वैज्ञानिक स्थानीय जनता और प्रशासन सभी एक साथ मिलकर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए कार्य करते हैं। जिससे वन्य प्राणी तथा प्राकृतिक संपदा की सर्वोतम ढंग से रक्षा की जा सके इन क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को एक सीमा तक कृषि कार्य की अनुमति प्रदान की जाती है। साथ ही उन्हें नौकरियां भी उपलब्ध कराई जाती है। ऐसे क्षेत्रों में आर्थिक संसाधनों को बढ़ाने के उद्देश्य से पर्यटकों को आने के लिए प्रात्साहित किया जाता है।

प्रश्न 17.
भारत में जैव-विविधता को कम करने के लिए कौन-से कारण जिम्मेदार हैं?
उत्तर-
जैव-विविधता को कम करने वाले कारक-

  • वन्य जीवन के आवास का विनाश
  • जंगली जानवरों को मारना
  • आखटेन
  • पर्यावरणीय प्रदुषण
  • विषक्तिकरण
  • दावानल

प्रश्न 18.
संवर्द्धन वृक्षारोपण क्या है? सोदाहरण समझाइए।
उत्तर-
‘संवर्द्धन (enrichment) वृक्षारोपण’ अर्थात् वाणिज्य की दृष्टि से कुछ या एकल वृक्ष जातियों के बड़े पैमाने पर रोपण करने से पेड़ों की दूसरी जातियाँ खत्म हो गई। उदाहरणार्थ-

  1. सागवान के एकल रोपण से दक्षिण भारत में अन्य प्राकृतिक वन नष्ट हो गए।
  2. हिमालय में चीड पाईन के रोपण से हिमालयन ओक और रोडोडेंड्रोन (rhododendron) वनों का नुकसान हुआ।

प्रश्न 19.
आजकल संरक्षण परियोजनाएँ जैव-विविधताओं पर केंद्रित होती है न कि इसके विभिन्न घटकों पर। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-

  1. आजकल संरक्षण परियोजनाएँ जैव विविधताओं पर केंद्रित होती हैं न कि इसके विभिन्न घटकों पर।
  2. संरक्षण के विभिन्न तरीकों की गहनता से खोज की जा रही है।
  3. संरक्षण नियोजन में कीटों को भी महत्त्व मिल रहा है।
  4. वन्य जीव अधिनियम 1980 और 1986 के तहत् सैकड़ों तितलियों, पतंगों, भूगों और एक ड्रैगनफ्लाई को भी संरक्षित जातियों में सम्मिलित किया गया है।
  5. 1991 में पौधों की भी 6 जातियाँ पहली बार इस सूची में रखी गई।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन

प्रश्न 20.
आरक्षित और रक्षित वन में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
आरक्षित वन-देश में आमो से अधिक वन क्षेत्र आरक्षित वन घोषित किए गए हैं। जहाँ तक वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण की बात है, आरक्षित वन सर्वाधिक मूल्यवान माने जाते हैं।
रक्षित वन-वन विभाग के अनुसार देश के कुल वन क्षेत्र का एक-तिहाई भाग रक्षित है। इन वनों को और अधिक नष्ट होने से बचाव हेतु इनकी सुरक्षा की जाती है।

प्रश्न 21.
सुभेद्य जातियों तथा संकटग्रस्त जातियों के मध्य अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
सुभेद्य (Vulnerable) जातियाँ-इसी जातियाँ जिनकी संख्या निरन्तर घट रही है। यदि इनकी संख्या पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली परिस्थितियाँ परिवर्तित नहीं हुई जाती और इनकी संख्या घटती रहती है तो यह संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में सम्मिलित हो जाएँगी। उदाहरणार्थ- नीली भेड़, एशियाई हाथी, गंगा नदी की डॉल्फिन इत्यादि हैं।

संकटग्रस्त जातियाँ-इसके अन्तर्गत जातियाँ हैं जिनके लुप्त होने का खतरा बना हुआ है। जिन विषम परिस्थितियों के कारण इनकी संख्या कम हुई है, यदि वे जारी रहती हैं तो इन जातियों का जीवित रहना कठिन है। उदाहरणर्थ काला हिरण, मगरमच्छ, भारतीय जंगली गधा, गैंडा, शेर-पूंछ वाला बंदर, संगाई (मणिपुरी हिरण) इत्यादि।

प्रश्न 22.
लुप्त जातियों और स्थानिक जातियों के बीच क्या अंतर है?
उत्तर-
लुप्त जातियाँ-ऐसी जातियाँ जो इनके रहने के आवासों में अन्वेषण करने पर अनुपस्थित पाई गई हैं। ये उपजातियाँ स्थानीय क्षेत्र, प्रदेश, देश, महाद्वीप या पूरी पृथ्वी से ही लुप्त हो गई हैं। ऐसी उपजातियों में एशियाई चीता और गुलाबी सिरवाली बत्तख सम्मिलित हैं। स्थानिक जातियाँ-प्राकृतिक या भौगोलिक सीमाओं से पृथक विशेष क्षेत्रों में पाई जाने वाली जातियाँ अंडमानी टील अरुणाचल के मिथुन इत्यादि इन जातियों के उदाहरण हैं।

प्रश्न 23.
भारत में संयुक्त वन प्रबंधन में स्थानीय समुदायों की भूमिका समझाए।
उत्तर-

  1. भारत में संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम क्षरित वनों के प्रबंध और पुनर्निर्माण में स्थानीय समुदायों की भूमिका के महत्त्व को दर्शाते करते हैं।
  2. औपचारिक रूप में इन कार्यक्रमों की शुरुआत 1988 प्रस्ताव पास किया।
  3. वन विभाग के अंतर्गत ‘संयुक्त वन प्रबंधन’ क्षरित वनों के बचाव के लिए कार्य करता है और इसमें गाँव के स्तर पर संस्थाएँ बनाई जाती हैं जिसमें ग्रामीण और वन विभाग के अधिकारी मिलजुलकर कार्य करते हैं।
  4. इसके बदले ये समुदाय मध्य स्तरीय लाभ जैसे गैर-इमारती वन उत्पादों के अधिकारी होते हैं तथा सफल संरक्षण से प्राप्त इमारती लकड़ी लाभ में भी हिस्सेदार होते हैं।

प्रश्न 24.
भारत के कुछ क्षेत्रों में स्थानीय समुदाय सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर किस प्रकार अपने आवास स्थलों के संरक्षण में जुटे हैं?
उत्तर-

  1. भारत के कुछ क्षेत्रों में तो स्थानीय समुदाय सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर अपने आवास स्थलों के संरक्षण में जुटे हैं क्योंकि इसी से ही दीर्घकाल में उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति संभव है।
  2.  सरिस्का बाघ रिज़र्व में राजस्थान के गाँवों के लोग वन्य जीव रक्षण अधिनियम के तहत वहाँ से खनन कार्य बन्द करवाने हेतु संघर्षरत हैं।
  3.  कई क्षेत्रों में तो लोग स्वयं वन्य जीव आवासों की रक्षा कर रहे हैं और सरकार की ओर से हस्तक्षेप भी स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
  4.  राजस्थान के अलवर जिले में 5 गाँवों के लोगों ने तो 1.200 हेक्टेयर वन भूमि भैरोंदेव डाकव ‘सोंचुरी’ घोषित कर दी जिसके अपने ही नियम कानून हैं जो आखेट वर्जित करते हैं तथा बाहरी लोगों की घुसपैठ से यहाँ के वन्य जीवन की रक्षा है।

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प्रश्न 25.
मानव के लिए वन किस प्रकार उपयोगी हैं?
उत्तर
वन प्रकृति प्रदत्त प्रमुख संसाधनों में से एक हैं। ये मनुष्य के लिए अत्यधिक उपयोगी हैं। इनकी कुछ प्रमुख उपयोगिताएं निम्नवत् हैं-

  1. ये पर्यावरण के संरक्षरक हैं।
  2. वनों से पर्यावरण की गुणवता में वृद्धि होती है।
  3. वन स्थानीय जलवायु के सुधारक हैं।
  4. वनों से मृदा अपदन नियंत्रित होता है।
  5. वन नदी प्रवाह को नियमित करते हैं।

प्रश्न 26.
बाघ संरक्षण मात्र एक संकटग्रस्त जाति को बचाने का प्रयास नहीं है, अपितु इसका उद्देश्य बहुत बड़े आकार के जैव जाति को बचाना भी है। विवेचना कीजिये।
अथवा
भारत में बाघ परियोजना पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
वन्यजीवन संरचना में बाघ (टाईगर) एक महत्त्वपूर्ण जंगली जाति है। 1973 में अधिकारियों ने पाया कि देश में 20वीं शताब्दी के आरंभ में बाघों की संख्या अनुमानित संख्या 55,000 से घटकर मात्र 1,827 रह गई है। बाघों को मारकर उनको व्यापार के लिए चोरी करना, आवासीय स्थलों का सिकुड़ना, भोजन हेतु आवश्यक जंगली उपजातियों की संख्या कम होना और जनसंख्या में वृद्धि बाघों की घटती संख्या के मुख्य कारण हैं। बाघों की खाल का व्यापार, और उनकी हड्डियों का एशियाई देशों में परंपरागत औषधियों में प्रयोग के कारण यह जाति विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है। चूंकि भारत और नेपाल दुनिया की दो-तिहाई बाघों को आवास उपलब्ध करवाते हैं, अतः ये देश ही शिकार, चोरी और गैर-कानूनी व्यापार करने वालों के मुख्य निशाने पर हैं।

‘प्रोजेक्ट टाईगर’ विश्व की बेहतरीन वन्य जीव परियोजनाओं में से एक है और इसकी शुरुआत 1973 में हुई। आरम्भ में इसमें पर्याप्त सफलता प्राप्त हुई क्योंकि बाघों की संख्या बढ़कर 1985 में 4,002 और 1989 में 4334 हो गई थी। परंतु 1993 में इनकी संख्या घटकर 3ए600 तक पहुँच गई। भारत में 37,761 वर्ग किमी. पर फैले हुए 27 बाघ रिज़र्व (Tiger reserves) हैं। बाघ संरक्षण मात्र एक संकटग्रस्त जाति को बचाने का प्रयास नहीं है, वरन् इसका उद्देश्य बहुत बड़े आकार के जैवजाति को भी बचाना है। उत्तरांचल में कॉरबेट राष्ट्रीय उद्यान, पश्चिम बंगाल में सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान में सरिस्का वन्य जीव पशुविहार (sanctuary)] असम में मानस बाघ रिजर्व (reserve) और केरल में पेरियार बाघ रिज़र्व (reserve) भारत में बाघ संरक्षण परियोजनाओं के उदाहरण हैं।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन

मानचित्र प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में वन्य जीव पशुविहार और राष्ट्रीय उद्यानों की स्थिति मानचित्र पर अंकित करें।
उत्तर-
HBSE 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन 1

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

सही उत्तर का चयन कीजिए:

प्रश्न 1.
भारत में विश्व की सारी जैव उपजातियों की कितनी संख्या पाई जाती है?
(क) 4%
(ख) 8%
(ग) 10%
(घ) 22%
उत्तर-
(ख) 8%

प्रश्न 2.
हमारे देश में वन्य जीवन की कितनी उपजातियां मिलती हैं?
(क) 81,000
(ख) 47,000
(ग) 15,000
(घ) 89,000
उत्तर-
(क) 81,000

प्रश्न 3.
भारत में कितनी संख्या में वनस्पति उपजातियाँ पाई जाती हैं?
(क) 15,000
(ख) 81,000
(ग) 47,000
(घ) 25,000
उत्तर-
(ग) 47,000

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन

प्रश्न 4.
वनस्पति उपजातियों कितनी उपजातियाँ भारतीय मूलं की हैं?
(क) 81,000
(ख) 93,000
(ग) 47,000
(घ) 15,000
उत्तर-
(घ) 15,000

प्रश्न 5.
भारत में कितनी वनस्पतिजात के लुप्त होने का खतरा है?
(क) 10%
(ख) 20%
(ग) 12%
(घ) 28%:
उत्तर-
(क) 10%

प्रश्न 6.
भारत में कितने स्तनधारी लुप्त होने के कगार पर
(क) 10%
(ख) 12%
(ग) 20%
(घ) 30%
उत्तर-
(ग) 20%

प्रश्न 7.
हमारे देश में वन आवरण के अंतर्गत लगभग कितना क्षेत्रफल है?
(क) 637,293 वर्ग किमी
(ख) 81,000वर्ग किमी
(ग) 47,000 वर्ग किमी
(घ) इनमें कोई नहीं
उत्तर-
(क) 637,293 वर्ग किमी

प्रश्न 8.
भारत में सघन वन का प्रतिशत क्या है?
(क) 0.15%
(ख) 7.76%
(ग) 19.39%
(घ) 11.48%
उत्तर-
(घ) 11.48%

प्रश्न 9.
भारत में खुले वन का प्रतिशत क्या है?
(क) 11.48%
(ख) 7.76%
(ग) 19.39%
(घ) 0.15%
उत्तर-
(ख) 7.76%

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन

प्रश्न 10.
भारत में मैंग्रोव का प्रतिशत क्या है।
(क) 0.15%
(ख) 11.48%
(ग) 7.76%
(घ) 19.40%
उत्तर-
(क) 0.15%

प्रश्न 11.
सामान्य जाति का उदाहरण है।
(क) जंगली सुअर
(ख) मिथुन
(ग) नीली भेड़ा
(घ) रोडेंट्स
उत्तर-
(घ) रोडेंट्स

प्रश्न 12.
संकट ग्रस्त जाति का उदाहरण है।
(क) गैंडा
(ख) साल
(ग) चीर
(घ) मिथुन
उत्तर-
(क) गैंडा

प्रश्न 13.
सुभेद्य जाति का उदाहरण है।
(क) पशु
(ख) गैंडा
(ग) एशियाई हाथी
(घ) कबूतर
उत्तर-
(ग) एशियाई हाथी

प्रश्न 14.
स्थानिक जाति का उदाहरण है।
(क) नीली भेड़
(ख) चीर
(ग) साल
(घ) अरुणाचल के मिथुन
उत्तर-
(घ) अरुणाचल के मिथुन

प्रश्न 15.
लुप्त जाति का उदाहरण है।
(क) हाथी
(ख) कृन्तक
(ग) गैंडा
(घ) एशियाई चीता
उत्तर-
(घ) एशियाई चीता

प्रश्न 16.
1952 से नदी घाटी परियोजनाओं के कारण कितने बड़े क्षेत्र से वनों का विनाश हो गया है?
(क) 4,000 वर्ग किमी
(ख) 5,000 वर्ग किमी
(ग) 2,000 वर्ग किमी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ख) 5,000 वर्ग किमी

प्रश्न 17.
बक्सा टाईगर रिजर्व कहां स्थित है?
(क) बिहार
(ख) आसाम
(ग) पश्चिम बंगाल
(घ) गुजरात
उत्तर-
(ग) पश्चिम बंगाल

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प्रश्न 18.
भारतीय वन्य जीवन (रक्षण) अधिनियम कब पारित किया गया?
(क) 1952
(ख) 1972
(ग) 1992
(घ) 2001
उत्तर-
(ख) 1972

प्रश्न 19.
भारत में ‘बाघ परियोजना’ की शुरुआत कब हुई?
(क) 1972
(ख) 1973
(ग) 1949
(घ) 1962
उत्तर-
(ख) 1973

प्रश्न 20.
भारत में कुल कितने बाघ रिजर्व हैं?
(क) 15
(ख) 29
(ग) 40
(घ) 27
उत्तर-
(घ) 27

प्रश्न 21.
कॉरबेट राष्ट्रीय उद्यान कहां स्थित हैं?
(क) उत्तर प्रदेश
(ख) उत्तराखंड
(ग) पंजाब
(घ) दिल्ली
उत्तर-
(ख) उत्तराखंड

प्रश्न 22.
स्थायी वनों के अंतर्गत सबसे ज्यादा क्षेत्र किस राज्य में हैं?
(क) मध्यप्रदेश
(ख) दिल्ली
(ग) बिहार
(घ) आसाम
उत्तर-
(क) मध्यप्रदेश

प्रश्न 23.
बीज बचाओं आंदोलन कहां शुरू हुआ था?
(क) पौडी
(ख) नैनीताल
(ग) टिहरी

प्रश्न 24.
उड़ीसा ने संयुक्त वन प्रबंधन का प्रस्ताव कब पारित किया?
(क) 1985
(ख) 1987
(ग) 1989
(घ) 1988
उत्तर-
(घ) 1988

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HBSE 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 7 मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 7 मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 7 मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया

 मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया प्रश्न उत्तर HBSE 10th Class प्रश्न 1.
मुद्रण की आरम्भिक तकनीति किन देशों में विकसित हुई?
उत्तर-
चीन, जापान तथा कोरिया।

HBSE 10th Class Important Questions History Chapter 7 मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया प्रश्न-2.
594 ई. में चीन में मुद्रण तकनीक क्या थी?
उत्तर-
चीन में काठ की तख्ती पर कागज को रगड़कर पुस्तकें छापी जाती थीं। इस तख्ती पर स्याही लगी होती थी तत्पश्चात् किनारों से किताब को सिला जाता था।

मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया Important Questions History HBSE 10th Class प्रश्न-3.
खुशनवीसी कौन थे?
उत्तर-
चीन के वे लेखक जो किताबों को लिखने में निपुण एवं दक्ष थे, उन्हें खुशनवीसी कहा जाता था। उनमें बड़े-बड़े अक्षरो में किताबें लिखने की दक्षता थी।

प्रश्न-4.
चीनी राजतन्त्र पुस्तकों का प्रयोग क्यों करता था?
उत्तर-
चीने में आरंभ से नौकरशाही विद्यमान थी। कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाएं ली जाती थी। जिसके लिए परीक्षार्थी पुस्तकों का प्रयोग करते थे।

प्रश्न-5.
17वीं सदी में चीन में छपाई के प्रयोग मे क्या परिवर्तन आया?
उत्तर-
चीन की शहरी संस्कृति का विकास 17वीं सदी में हुआ। मुद्रित सामग्री का प्रयोग विभिन्न व्यावसायी करने लगे। पाठक वर्ग रोचक कहानियां, कविताएँ आदि पढ़ता तो व्यापारी प्रतिदिन की सूचना मुद्रित पत्रिकाओं से प्राप्त करना।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Chapter 7 मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया

प्रश्न-6.
19वीं सदी तक चीन में किस नई मुद्रण तकनीक का विकास हुआ?
उत्तर-
19वीं सदी में पश्चिमी मुद्रण तकनीक और मशीनी प्रेस का आयात हुआ। शंघाई-प्रिंट संस्कृतिक का जन्म हुआ। यांत्रिक मशीनों ने हाथ की मशीनों की जगह ले ली।

प्रश्न 7.
जापन में छपाई तकनीकी किस प्रकार पहंची?
उत्तर-
चीन में बौद्ध प्रचारक लगभग 768-770 ई. में छपाई की तकनीक जापान लेकर गए।

प्रश्न-8.
डायतंड सत्र क्या है?
उत्तर-
जापान में 868 ई. में डायमन्ड सूत्र नामक पुस्तक थी। इसमे पाठ के साथ-साथ चित्र भी छापे गए थे।

प्रश्न-9.
जापान में पुस्तकों के अतिरिक्त चित्रों को कहाँ छापा जाता था।
उत्तर-
चित्रों को पुस्तकों के अतिरिक्त कपड़ों, ताश के पत्तों एवं कागज के नोटों पर छापा जाता था।

प्रश्न-10.
एदो या तोक्यो संस्कृति किसे कहा गया?
उत्तर-
एदो या तोक्यो जापान की शहरी संस्कृति थी जो चित्रकारी से जुड़ी थी। इसका प्रचलन जापान में 18वीं सदी के अंत तक हुआ जिसमें हाथ से मुद्रित तरह-तरह के चित्र, जैसे-फूलसाजी शिष्टाचार आदि की सामग्री चित्रित थी।

प्रश्न-11.
कितागावा उतामारो पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
कितागावा उतामारो का जन्म 1753 में एदो (जापान के शहर) में हुआ। उन्होंने उकियो नामक चित्रकला शैली में अहम् योगदान दिया। उन्होंने अपनी कला के द्वारा साधारण जन-जीवन का चित्रण किया।

प्रश्न-12.
यूरोप में चीनी कागज किस प्रकार पहँचा?
उत्तर-
आंरभ से ही यूरोप और चीन के बीच व्यापार होता रहा इसी व्यापार के माध्यम से चीनी कागज यूरोप पहुँच गया। इस कागज का प्रयोग पाण्डुलिपियाँ लिखने के लिए किया जाता था।

प्रश्न-13.
वुड ब्लॉक छपाई की तकनीक का यूरोप पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
मार्को पोलो 1295 में चीन से वुड ब्लाक छपाई की तकनीक लेकर इटली गया। जल्दी ही इटली में इस तकनीक से पुस्तकें छपने लगीं। यह तकनीक सम्पूर्ण यूरोप में फैल गई।

प्रश्न-14.
यूरोप के कुलीन वर्गो ने मुद्रित पुस्तकों के लिए क्या राय व्यक्त की?
उत्तर-
कुलीन वर्गों के लोग मुद्रित पुस्तकों को सस्ती, अश्लील तथा अत्यन्त घटिया मानते थे। उनके संस्करण चर्म-पत्रों पर ही सदैव की तरह रहे।

प्रश्न-15.
किताबों की मांग बढ़ने से यूरोप पर क्या असर हुआ?
उत्तर-
जब किताबों की मांग बढ़ी तक पुस्तक विक्रेता पुस्तकें निर्यात करने लगे। पुस्तकों के मेले लगाए जाने लगे। माँग की पूर्ति के लिए नई तकनीकियों का विकास किया जाने लगा। सुलेखक केवल अमीरों यहाँ ही नहीं बल्कि पुस्तक विक्रेताओं के यहाँ भी काम करने लगे। इससे रोजगार वृद्धि हुई और लगभग 50 सुलेखक एक ही विक्रेता के यहाँ काम करने लगे।

प्रश्न-16.
हस्तलिखित पाण्डुलिपियों में क्या कमियाँ थी?
उत्तर-
हस्तलिखित पाण्डुलिपियों से यूरोप में बढ़ती हुई पुस्तकों की माँग की आपूर्ति सम्भव नहीं थी। पुस्तकों की हीथ से नकल करना बहुत खर्चीला था। इससे श्रम तथा समय दोनों ही अधिक लगते थे। हस्तलिखित पाण्डुलिपियों को अत्यन्त ध्यान से रखना पड़ता था। अतः ये अधिक प्रचलित नहीं रहीं।

प्रश्न-17.
पन्द्रहवी सदी में वुड ब्लॉक प्रिटिंग का प्रयोग यूरोप में कहाँ किया जा रहा था?
उत्तर-
वुड ब्लॉक प्रिटिंग के द्वारा चित्र टिप्पणियों के साथ ताश, कपड़ों आदि पर छापे जाते थे।

प्रश्न-18.
आरम्भिक छपी पुस्तकें किस प्रकार की दिखती थीं?
उत्तर-
छपी पुस्तके आरंभ में हस्तलिखित पाण्डुलिपियों के समान दिखती थीं। धातु के बने अक्षर हाथ की शैली के समान ही थे। फूल-पत्तियों के डिजाइन हाशिए पर बनाए जाते, जबकि अमीरों के लिए यह जगह खाली छोड़ दी जाती थी। वे स्वयं ही इस स्थान पर अपनी मनपसद डिजाइन बनवा सकते थे।

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प्रश्न-19.
1450-1550 के मध्य यूरोप में मुद्रण क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर-
यूरोप के अधिकतर देशों में 1450-1550 के बीच छापेखाने खुल गए। मुद्रक अन्य देशों में छापेखाने को खोलने थे। पुस्तकों के उत्पादन में अत्यन्त वृद्धि हुई। 1450 के बाद लगभग 2 करोड़ मुद्रित पुस्तकें बाजार में आई, जबकि 16वीं सदी में यह संख्या 20 करोड़ हो गई!

प्रश्न-20.
प्लाटेन किसे कहते हैं?
उत्तर-
प्लाटेन लेटन प्रेस छपाई मे एक बोर्ड होता हैं इसे कागज के पीछे दबाकर टाइप की छाप प्राप्त की जाती है।

प्रश्न-21.
छापेखाने के आने से समाज में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर-
छापेखाने से अधिक से अधिक पुसतकें छपने लगीं जिसके कारण नए पाठक वर्ग का उदय हुआ जैसे-जैसे बाजार में किताबें आई, पाठक वर्ग की संख्या में वृद्धि आई।

प्रश्न-22.
किताबों से किस प्रकार नई सस्कृति विकसित हुई?
उत्तर-
किताबों के विकास से पूर्व लोग धार्मिक ज्ञान, कहानियां आदि सुनते थे। पहले पुस्तकें अधिक संख्या में नहीं छप पाती थीं, परन्तु छपाई से पुस्तकें अधिक लोगों तक पहुँचने लगी। अब जनता श्रोता नहीं, पाठक बन चुकी थी।

प्रश्न-23.
पुस्तकों का संक्रमण सरल क्यों नहीं था?
उत्तर-
पुस्तकों का संक्रमण कठिन था। अधिक लोग पढ़े-लिखे नहीं थे। प्रकाशकों का उद्देश्य था कि वे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सकें। जो पाठक पढ़ नहीं सकते थे, वे सूचना या कहानियाँ आदि सुनते थे। प्रकाशक गाथा-गीत, लोक-कथाएँ छापने लगे जिनमें सुन्दर चित्र भी छपे होते थे। प्रकाशक पुस्तकों का मौखिक प्रसार किया।

प्रश्न-24.
विचारों के प्रसार किस प्रकार बहस का मुद्दा बनें?
उत्तर-
छापेखाने के कारण पुस्तकें सरलता से छपने तथा उपलब्ध हाने लगीं सभी प्रकार के लोग अपने विचार व्यक्त कर सकते जिनमें सत्ता का विरोध, धर्म-सुधार आदि की बातें प्रमुख होती थीं। यह डर पनपने लगा कि इन विचारों के द्वारा आम जनता पर गलत प्रभाव पड़ेगा। धर्मगुरू, सम्राट आदि अक्सर ऐसे विचारों के आलोचक थे जो इन्हें बागी मानते थे।

प्रश्न-25.
प्रोटेस्टेन्ट धर्म सुधार आंदोलन क्या था?
उत्तर-
प्रोटेस्टेन्ट धर्म सुधार आंदोलन का आरम्भ मार्टिन लूथर ने किया। वे कैथोलिक चर्च की कुरीतियों के विरोधी थे। उन्होंने यह आंदोलन 19वीं सदी में 95 प्रतिज्ञप्तियां विटेनबर्ग के चर्च के दरवाजे पर आँगी। इन सभी में कैथोलिक चर्च का विरोध किया गया था। इस आंदोलन से चर्च के विरोध की धाराएँ निकलीं।

प्रश्न-26.
इक्वीजीशन क्या हैं?
उत्तर-
वह प्रथा जिसके अन्तर्गत धर्म-विद्रोहियों को ढूँढ़ कर रोमन कैथोलिक चर्च नियमानुसार सजा देता है, यह इन्क्वीजीशन कहलाता है।

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प्रश्न-27.
यूरोप में 17वीं तथा 18वीं शताब्दी में लोगों में पढ़ने का जुनून क्यों उत्पन्न हुआ?
उत्तर-
17वीं सदी सेपूर्व लोगों में साक्षरता दर अत्यन्त कम थी। अगल-अलग धर्मो के समूह 17वीं और 18वीं सदी में गाँवों में स्कूल स्थापित करने लगे। इस प्रकार किसान, गरीब आदि भी शिक्षा पाने लगे। 18वीं सदी के अन्त तक यूरोप के देशों की साक्षरता 60% से 80% तक पहुँच गई। अब लोगों को पढ़ने के लिए पुस्तकें चाहिए थीं, क्योंकि उनमें पढने का जुनून उत्पन्न हो चुका था।

प्रश्न-28.
नए पाठकों के लिए किस प्रकार की पुस्तकें छपने लगीं?
उत्तर-
पाठकों की संख्या बढ़ती देख विक्रेताओं ने अगल-अगल प्रकार की पुस्तकें छापनी शुरू कर दी। ये पुस्तकें मनोरंजन प्रधान होती थीं फिर उन्होंने पॉकेट बुक्स (चैपबुक्स) बनानी आरम्भ की। कभी इतिहास की कहानियाँ, ताक कभी लोक-कथाएँ और कभी प्रेम-कहानियाँ छपने लगीं। अखबारों में दूर-देशों के युद्धों और व्यापार की खबरें छापी जाती थीं। इसके अतिरिक्त दार्शनिक तथा विज्ञान संबंधी पुस्तकें लोगों तक पहुँचने लगीं।

प्रश्न-29.
अठारहवीं सदी में यूरोप में कुछ लोगों को क्यों ऐसा लगता था कि मुद्रण संस्कृति से निरंकुशवाद का अंत और ज्ञानोदय होगा?
उत्तर-
लोगों में यह विश्वास 18वीं सदी तक पनप चुका था कि पुस्तकें ज्ञान का एक महत्त्वपूर्ण साधन हैं। लोगों के विचार, अभिव्यक्तियाँ इन पुस्तकों में छपती थीं जो आम जनता के हित की बात करती थी। जनता का मानना था कि किताबें विश्व का स्वरूप बदल सकती हैं। इनके द्वारा निरंकुशवादी सत्ता को समाप्त किया जा सकता है। छापाखाना एक ताकतवर औजार है जिससे ज्ञानोदय होता है।

प्रश्न-30.
क्या मुद्रण संस्कृति और फ्रांसीसी क्रांति में कोई संबंध है? स्पष्ट करें।
उत्तर-
फ्रांसीसी क्रांति का संबंध मुद्रण संस्कृति से किया गया, क्योंकि इसके कारण क्रांति के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न हुई इसके मुख्यतः तीन कारण दिए गए-

  • छपाई के कारण अभिव्यक्ति और ज्ञानेदय हुआ। चिंतक गलत का विरोध करते तथा सही का समर्थन करते थे। अंधविश्वास, निरंकुश शासन आदि का विरोध हुआ।
  • मुद्रण संस्कृति ने वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न की। पुरानी रीतियों, अंधविश्वासों आदि की आलोचना होने लगी। यह रूढ़ियाँ लोगों में बहस का मुद्दा बनती। जनता धर्म और आस्था पर प्रश्न उठाने लगी।
  • राजशाही/राजतन्त्र का मजाक 1780 के दशक में अनन्त पुस्तकों में उड़ाया गया। पत्रिकाओं में इनके विरुद्ध कार्टून छपा। जनता पुस्तकों के कारण राजतन्त्र के विरुद्ध भड़क उठी।

प्रश्न-31.
19वीं सदी में पाठकों में क्या अन्तर आए?
उत्तर-
19वीं सदी में यूरोप में प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य कर दी गई। प्रकाशक बाल-पुस्तकें भी छापने लगे। बच्चों के रूप में नया पाठक पर्ग उभरा। उनके लिए कहानियों की पुस्तकें छपने लगीं। महिलाएँ लेखिका तथा पाठिकाओं के रूप में उभर रहीं थीं। वे उपन्यास भी लिखने लगीं। निम्नवर्गीय लोग किराए पर पुस्तकें लेकर पढ़ने लगे। मजदूरों ने स्वयं आत्मकथाएँ लिखीं।

प्रश्न-32:
19वीं सदी में छपाई के क्षेत्र में क्या नए तकनीकी सुधार हुए?
उत्तर-
18वीं शताब्दी के अंत तक प्रेस धातु से बनने लगी। 19वीं सदी के मध्य में शक्ति चालित बेलनकार प्रेस का निर्माण हुआ जो 8,000 शीट प्रति घण्टा छाप सकती थीं। पेपर रील, रंगों, कागज डालने की विधियों में सुधार हुआ।

प्रश्न-33.
मुद्रण युग से पूर्व भारत में छपाई का काम किस प्रकार किया जाता था?
उत्तर-
पहले भारत में हस्तलिखित पाण्डुलिपियों का निर्माण किया जाता था। पुस्तकें हाथ से विभिन्न भाषाओं में लिखीं जाती थीं। इसके लिए ताड़-पत्रों का प्रयोग होता था। इन पर चित्र भी बनाए जा सकते थे।

प्रश्न-34.
भारत में प्रिटिंग प्रेस का काम कब आरंभ हुआ?
उत्तर-
पुर्तगाली 16वीं शताब्दी में भारत के गोवा क्षेत्र में प्रिंटिश प्रेस लाए। आरंभ में कोंकणी भाषा में पुस्तकें छापी गई। तत्पश्चात् 1674 से कन्नड़ भाषा में भी पुस्तकें छपी। 1713 में मलयालम पुस्तक छपी तो डच प्रोटेस्टेन्ट प्रचारकों ने 32 तमिल पुस्तकें छापी। इनमें से कई पुस्तकें अनुवादित होती थीं।

प्रश्न-35.
जेम्स ऑगस्टस हिक्की ने भारत में छपाई में किस प्रकार योगदान दिया?
उत्तर-
1780 में जेम्स ऑगस्ट हिक्की ने बंगाल गजट नामक पत्रिका आरंभ की। यह एक व्यावसायिक पत्रिका थी जो एक निजी उद्यम थी। इसमें विज्ञापन छपते थे। वरिष्ठ अंग्रेज अफसरों की खबरे छपती। औपनिवेशिक शासन का विरोध भी छापा जाता था।

प्रश्न-36.
मुद्रण संस्कृति को किस प्रकार धर्म-सुधार एवं समाज-सुधार के लिए प्रयोग किया गया?
उत्तर-
यूरोप की तरह भारत में भी मुद्रण तकनीक अभिव्यक्ति का स्रोत बनी। सुधारकों ने जमकर पुरानी रूढ़ियों की कटु आलोचना पत्रिकाओं में की। विधवा-प्रथा, सती-प्रथा, मूर्ति-पूजा आदि का विरोध हुआ तो एकेश्वरवाद का समर्थन किया गया। आम भाषा छापी गई ताकि लोग समझ सकें राजा राममोहन राय का नाम सुधारकों में शामिल किया गया।

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प्रश्न-37.
उलेमा समूह किस कारण चिंतित थे? इस चिंता को उन्होंने किस प्रकार दूर किया?
उत्तर-
मुस्लिम राजवंशों का पतन उत्तर भारत में औपनिवेशिक सरकार कारण हो रहा था। उलेमा को लग रहा था कि ब्रिटिश सरकार मुस्लिम कानूनों में परिवर्तन आरंभ कर देगी। इस कारण उन्होंने फारसी तथा उर्दू में मुस्लिम धर्म ग्रन्थों के अनुसार छापे। मुसलमान पाठकों को जीवन जीने का तरीक सिखाया गया। धर्म को लेकर व्याख्या की गई।

प्रश्न-38.
उन्नीसवी सदी में भारत में गरीब जनता पर मुद्रण संस्कृति का क्या असर हुआ?
उत्तर-
दक्षिण भारत के मद्रासी क्षेत्रों में 19 वीं सदी में सस्ती किताबें चौराहों पर बेची जान लेगी। इस कारण बड़ी संख्या में गरीबों ने पुस्तकें खरीदनी आरंभ कर दी। इस प्रकार पुस्तकालय भी खोले गए जहाँ कम किराए पर पुस्तकें उपलब्ध होती थी। जो गरीबों की पहुँच में थीं।

प्रश्न-39.
जाति-प्रथा का विरोध किस प्रकार किया गया?
उत्तर-
भारत में जाति-प्रथा सदैव विद्यमान थी। लेखकों ने पत्रिकाओं एवं पुस्तकों में जाति-प्रथा की आलोचना कर इसका विरोध किया। ज्योतिबा फुले ने गुलामगिरी में इस विषय पर लिखा। इसके अतिरिक्त भीमराव-अम्बेडकर, ई.वी. रामास्वामी नायकर ने खुलकर लेखों में जाति-प्रथा का विरोध किया। लेखक धर्म ग्रंथों के भी आलोचक थे।

प्रश्न-40.
मुद्रण संस्कृति ने भारत में राष्ट्रवाद के विकास में क्या मदद की?
उत्तर-
औपनिवेशिक शासनकाल का विरोध पुस्तकों के द्वारा सामने आया। सभी राष्ट्रवादियों ने पत्रिकाओं, अखबारों आदि का प्रयोग लोगों में राष्ट्रवाद की भावना जागृत करने के लिए किया। तिलक ने, उदाहरण के लिए, केसरी अखबार आरंभ किया जिसमें वे ब्रिटिश शासन के विरुद्ध लेख छापते थे। लेखों में राष्ट्रवादी भारतीय जनता को औपनिवेशिक शासन के विरोध में एक होने का आग्रह करते। इस कारण सभी धर्मों के लोग अंग्रेजों के विरुद्ध उठ खड़े हुए।

वस्तुनिष्ठ-प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित रिक्त स्थानों को दिए गए उपयुक्त शब्दों से पूरा करें।

(i) …………….के विद्रोह से प्रेस की स्वतन्त्रता के प्रति रवैया बदल गया।
(ii) काशीबाबा ने 1938 में…………..पुस्तक छापी।
(iii) सुदर्शन चक्र ने……………नामक संग्रह छापा।
(iv) ……………के दशक से महिलाओं के अनुभवों के विषय में लिखा जाने लगा।
(v) इंग्लैंड की एक श्रृंखला का नाम…………..था।
(vi) 1930 की…………के आने से प्रकाशकों को किताबों की बिक्री गिरने का भय हुआ। (आर्थिक मंदी, अकाल)
उत्तर-
(i) 1857,
(ii) छोटे और बड़े सवाल,
(iii) सच्ची कविताएँ,
(iv) 1860,
(v) शिलिंग श्रृंखला,
(vi) आर्थिक मंदी।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में सही (√) व गलत (x) की पहचान करें।

(i) भारत में संस्कृत, अरबी, फारसी में हस्तलिखित पाण्डुलिपियाँ लिखी जाती थीं।
(ii) 19वीं सदी के अंत तक भी पाण्डुलिपियाँ छापी जाती रहीं।
(iii) चैपबुक्स बड़ी-बड़ी पुस्तकें होती थीं।
(iv) लोगों का विश्वास था कि मुद्रण क्रांति से निरकुंशवाद को समाप्त किया जा सकता है।
(v) मार्टिन लूथर की न्यू टेस्टामेन्ट की 500 प्रतियाँ बिकीं।
(vi) मेनोकियो को कैथोलिक धर्म न धर्म-विद्रोही मानकर मौत की सजा दी।
(vii) 1568 से प्रतिबंधित किताबों की सूची रखी जाने लगीं।
(viii) मार्टिन लूथर ने कैथोलिक चर्च का समर्थन किया।
(ix) सामूहिक ग्रामीण सभाओं या शहरी शराबघरों में किताबों को सुनाया जाता था।
उत्तर-
(i) (√),
(ii) (√),
(iii) (x),
(iv) (√),
(v) (x),
(vi) (√),
(vii) (x),
(viii) (x),
(ix) (√)।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित में दिए गए विकल्पों में सही का चयन कीजिए।

(i) मार्को पोलो ……… में इटली वुडब्लॉक तकनीक लेकर आया।
(क) 1290
(ख) 295
(ग) 1300
(घ) 1305
उत्तर-
(ख) 295

(ii) वेलम क्या है-
(क) कागज
(ख) ताड़ पत्र
(ग) चर्म पत्र
(घ) उपर्युक्त कोई नहीं
उत्तर-
(ग) चर्म पत्र

(iii) सबसे पहली पुस्तक गुटेनबर्ग ने कौन-सी छापी
(क) बाइबल
(ख) कहानियों की किताब
(ग) उपन्यास
(घ) कविताएँ
उत्तर-
(क) बाइबल

(iv) पहले मुद्रण की तकनीक कहाँ विकसित हुई
(क) कोरिया
(ख) जापान
(ग) चीन
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-
(ख) जापान

(v) ‘डायमण्ड सूत्र’ किस वर्ष में प्रकाशित हुई
(क) 865 ई.
(ख) 868 ई.
(ग) 870 ई.
(घ) 871 ई.

(vi) ………ने आमार जीवन नामक आत्मकथा लिखी।
(क) रशसुंदरी देवी
(ख) पंडिता रमावाई
(ग) कैलाश बाशिनी देवी
(घ) ताराबाई शिंदे
उत्तर-
(क) रशसुंदरी देवी

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HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

खनिज और ऊर्जा संसाधन Important Questions Geography HBSE 10th Class प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दीजिए।

(क) धात्विक और अधात्विक खनिजों के तीन-तीन दाहरण दीजिए।
उत्तर-
धात्विक खनिज-

  1. मैंगनीज,
  2. अयस्क,
  3. सोना

अधात्विक खनि-

  1. नाइट्रेट,
  2. पोटाश,
  3. अभ्रक।

(ख) भारत के चार महत्त्वपूर्ण लौह-अयस्क उत्पादक राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर-
भारत के चार महत्त्वपूर्ण लौह अयस्क उत्पादक राज्यों के नाम निम्नवत् हैं

  1. छत्तीसगढ़,
  2. झारखंड,
  3. उड़ीसा,
  4. अभ्रक।

(ग) भारत के चार महत्त्वपूर्ण मैंगनीज अयस्क उत्पादक राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर-
भारत के चार महत्त्वपूर्ण मैंगनीज अयस्क राज्य हैं-

  1. महाराष्ट्र,
  2. मध्यप्रदेश,
  3. उड़ीसा,
  4. कर्नाटक

(घ) भारत के चार बॉक्साइड उत्पादक राज्यों नाम बताइए।
उत्तर-

  1. झारखंड,
  2. उड़ीसा,
  3. गुजरात,
  4. महाराष्ट्र।

(ङ) वाणिज्यिक ऊर्जा के स्त्रोत क्या हैं?
उत्तर-
वाणिज्यिक ऊर्जा के निम्नलिखित स्त्रोत हैं

  1. कोयला,
  2. पेट्रोलियम,
  3. प्राकृतिक गैस,
  4. जल-विद्युत,
  5. परमाणु ऊर्जा।

(च) परम्परागत ऊर्जा के स्त्रोत क्या हैं?
उत्तर-
परम्परागत ऊर्जा के स्त्रोत हैं-

  1. कोयला,
  2. पेट्रोलियम,
  3. गैस,
  4. विद्युत।

(छ) गैर-वाणिज्यिक ऊर्जा के छः स्त्रोतो नाम लिखिए।
उत्तर-
गैर-वाणिज्यिक ऊर्जा के छः स्त्रोत निम्न हैं

  1. जलाऊ लकड़ी,
  2. लकड़ी का कोयला,
  3. गोबर,
  4. कृषि,
  5. गोबर गैस,
  6. कृषि अपशिष्ट।

(ज) भारत के तीन सबसे महत्त्वपूर्ण कोयला उत्पादक राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर-

  1. झारखंड
  2. छत्तीसगढ़,
  3. उड़ीसा।

(झ) भारत के तीन पेट्रोलियम उत्पाद के क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. गुजरात,
  2. महाराष्ट्र,
  3. असम।

HBSE 10th Class खनिज और ऊर्जा संसाधन Important Questions Geography प्रश्न 2.
भारत में ऊर्जा संरक्षण एक्ट कब बनाया गया? यह कब से प्रभाव में आया?
उत्तर-
भारत में ऊर्जा संरक्षण एक्ट 2001 में पारित किया गया। यह मार्च 2002 से प्रभाव में आया।

Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन Important Questions HBSE 10th Class प्रश्न 3.
भारत में सौर ऊर्जा के उत्पादन की क्या क्षमता है।
उत्तर-
20000 मेगावाट।

प्रश्न 3(i).
देश का सबसे बड़ा पवन ऊर्जा फार्म कहां है।
उत्तर-
तमिलनाडु में।

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प्रश्न 4.
सर्वोत्तम प्रकार का कोयला कौनसा है?
उत्तर-
एन्धेसाइट। प्रश्न सबसे निम्न श्रेणी का कोयला क्या कहलाता है? उत्तर-पीट

प्रश्न 5.
भारत में संसार का लगभग कितना पोरियम प्राप्त होता है?
उत्तर-
50%

प्रश्न 6.
जामनगर तेल परिष्करण शाला किस राज्य में हैं?
उत्तर-
गुजरात में।

प्रश्न 7.
सीसे का अयस्क क्या कहलाता है?
उत्तर-
गैलेना।

प्रश्न 8.
खनिज क्या है?
उत्तर-
खनिज प्राकृतिक रासायनिक यौगिक हैं इनके संघटन और संरचना में समानता पाई जाती हैं। इनकी उत्पति भू-गर्भ में भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं द्वारा होती है।

प्रश्न 9.
चूना पत्थर का मुख्य उपयोग किस उद्योग में होता है?
उत्तर-
सीमेंट उद्योग में।

प्रश्न 10.
भारत में खनिज तेल का अनुमानित भंडार कितना है?
उत्तर-
लगभग 400 करोड़ टन है।

प्रश्न 11.
लुनेज और कलोल तेल क्षेत्र कहां स्थित है?
उत्तर-
लुनेज और कलोल तेल क्षेत्र अहमदाबाद के निकट स्थित हैं।

प्रश्न 12.
असम के प्रमुख तेल क्षेत्रों के नाम बताइए।
उत्तर-
असम में तीन प्रमुख तेल क्षेत्र हैं-

  1. डिगबोई,
  2. नाहरकटिया,
  3. मोरन-हुगरी जान।

प्रश्न 13.
भारत में वर्तमान में कितनी तेल परिष्करणशालाएं हैं?
उत्तर-
भारत में वर्तमान में 18 तेल परिष्करणशालाएं हैं।

प्रश्न 14.
भारत के प्राकृतिक गैस का ज्ञात भंडार कितना है?
उत्तर-
भारत में 70,000 करोड़ घनमीटर प्राकृतिक गैस के ज्ञात भंडार है।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 15.
लौह खनिज क्या महत्त्व है?
उत्तर-

  • लौह खनिज धात्विक खनिजों के कुल उत्पादन मूल्य के तीन-चौथाई भाग का योगदान करते हैं।
  • ये धातु शोधन उद्योगों के विकास को मजबूत आधार प्रदान करते हैं।
  • भारत अपनी घरेलू माँग को पूर्ण करने के पश्चात बड़ी मात्रा में धात्विक खनिजों का निर्यात करता है।

प्रश्न 16.
निम्न वृत चित्र का अध्ययन कीजिए तथा निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(1) किस राज्य में लौह अयस्क का सर्वाधिक उत्पादन होता है?
HBSE 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 2
मैंगनीज उत्पादन में राज्यों का अंश

(2) किस राज्य में लौह अयस्क का सबसे कम उत्पादन होता है?
HBSE 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 3
लौह अयस्क उत्पादन में राज्यों का अंश (प्रतिशत
उत्तर-

  1. कर्नाटक,
  2. झाखंड।

प्रश्न 17.
भारत में पाए जाने वाले दो प्रमुख लौह अयस्क एवं उनकी विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
मैग्नेटाइट-मैग्नेटाइट सर्वोत्तम प्रकार का लौह अयस्क है जिसमें 70% लोहांश पाया जाता है। इसमें सर्वश्रेष्ठ चुंबकीय गुण होते हैं, जो विद्युत उद्योगों में विशेष रूप से उपयोगी हैं।
हेमेटाइट-हेमेटाइट सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक लौह अयस्क है जिसका अधिकतम मात्रा में उपभोग हुआ है। किंतु इसमें लोहांश की मात्रा मैग्नेटाइट की अपेक्षा थोड़ी-सी अल्प होती है। इसमें लोहांश 50 से 60% तक प्राप्त होता है।

प्रश्न 18.
मैंगनीज के दो उपयोग बताइए।
उत्तर-
1. मैंगनीज़ मुख्य रूप से इस्पात के विनिर्माण में प्रयुक्त होता है। एक टन इस्पात बनाने में लगभग 10 किग्रा. मैंगनीज़ की आवश्यकता होती है।
2. इसका उपयोग ब्लीचिंग पाउडर, कीटनाशक दवाएँ व पेंट बनाने में किया जाता है।

प्रश्न 19.
नीचे दिए वृत चित्र का अध्ययन कीजिए तथा निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) वर्ष 2003-2004 में मैंगनीज का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौनसा था।
(ख) वर्ष 2003-2004 में कर्नाटक तथा मध्यप्रदेश की मिलाकर मैंगनीज का कितना प्रतिशत उत्पादन हुआ? यह उड़ीसा के उत्पादन से कितना प्रतिशत अधिक या कम था?
उत्तर-
(अ) उड़ीसा – 33%
(ख) कर्नाटक – 15%
मध्यप्रदेश – 22%
दोनों राज्यों का उत्पादन 37% था जो उड़ीसा से 3% अधि क है।

प्रश्न 20.
भारत में मैंगनीज का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन हैं?
उत्तर-
भारत में सर्वाधिक मैगनीज़ उड़ीसा राज्य में पाया जाता है। है। वर्ष 2000-01 में देश के कुल उत्पादन का एक तिहाई भाग यहाँ से प्राप्त हुआ।

प्रश्न 21.
भारत के चार मुख्य अलौह खनिजों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. तांबा,
  2. बॉक्साइट,
  3. सीसा,
  4. सोना।

प्रश्न 22.
अलौह खनिज किन उद्योगों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं?
उत्तर-

  1. धातु शोधन,
  2. इंजीनियरिंग,
  3. विद्युत उद्योग।

प्रश्न 23.
भारत में तांबे का उत्पादन किन राज्यों में होता है?
उत्तर-

  1. मध्य प्रदेश की बालाघाट खदानें देश का लगभग 52% ताँबा उत्पन्न करती हैं।
  2. झारखंड का सिंहभूम जिला भी ताँबे का मुख्य उत्पादक है।
  3. राजस्थान की खेतड़ी खदानें भी ताँबे के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न 24.
ताँबे का मुख्य उपयोग क्या हैं?
उत्तर-
घातवर्ध्य (malleable), तन्य और ताप सुचालक होने के कारण ताँबे का उपयोग मुख्यतः बिजली के तार बनाने, इलैक्ट्रोनिक्स और रसायन उद्योगों में किया जाता है।

प्रश्न 25.
वर्ष 2003-2004 में मध्य प्रदेश और राजस्थान में तांबे का कितना उत्पादन हुआ था।
उत्तर-
(क) मध्य प्रदेश – 58%
(ख) राजस्थान – 42%

प्रश्न 26.
बॉक्साइट निक्षेपों का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर-
बॉक्साइट निक्षेपों की रचना एल्यूमिनियम सीलिकेटों से समृद्ध व्यापक भिन्नता वाली चट्टानों के विघटन से होता

प्रश्न 27.
एल्यूमिनियम एक महत्त्वपूर्ण धातु क्यों हैं?
उत्तर-
एल्यूमिनियम एक महत्त्वपूर्ण धातु है क्योंकि यह लोहे जैसी शक्ति के साथ-साथ अत्यधिक हल्का एवं सुचालक __ भी होता है। इसमें अत्यधिक घातवर्ध्यता (malleability) भी पाई जाती है।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 28.
भारत का सबसे बड़ा बॉक्साइट उत्पादक राज्य कौनसा है? कुछ अन्य बॉक्साइट निक्षेप वाले स्थानों के नाम लिखिए।
उत्तर-
उड़ीसा भारत का सर्वाधिक बॉक्साइट उत्पादक राज्य है, जहाँ वर्ष 2000-01 में देश के 45% बॉक्साइट का उत्पादन हुआ। यहाँ कोरापुट जिले में पंचपतमाली निक्षेप राज्य के सबसे महत्त्वपूर्ण बॉक्साइट निक्षेप हैं।
भारत में बॉक्साइट के निक्षेप मुख्यतः अमरकंटक पठार, मैकाल पहाड़ियों तथा बिलासपुर-कटनी के पठारी प्रदेश में पाए जाते हैं।

प्रश्न 29.
अभ्रक का निक्षेप किन क्षेत्रों में पाया जात है?
उत्तर-

  • अभ्रक के निक्षेप छोटानागपुर पठार के उत्तरी पठारी किनारों पर पाए जाते हैं।
  • बिहार-झारखंड की कोडरमा- गया-हजारीबाग पेटी अग्रणी उत्पादक हैं।
  • राजस्थान के मुख्य अभ्रक उत्पादक क्षेत्र अजमेर के आस पास हैं।
  • आंध्र प्रदेश की नेल्लोर अभ्रक पेटी भी देश की महत्त्वपूर्ण उत्पादक पेटी है।

प्रश्न 30.
खनिज संसाधनों के संरक्षण के कुछ उपाय बताइए।
उत्तर-

  • खनिज संसाधनों को सुनियोजित एवं सतत् पोषणीय ढंग से प्रयोग करने हेतु एक तालमेल युक्त प्रयत्न करना होगा।
  • निम्न कोटि के अयस्कों का अल्प लागतों पर प्रयोग करने हेतु उन्नत प्रौद्योगिकियों का सतत् विकास करते रहना होगा।
  • धातुओं का पुन: चक्रण, रपी धातुओं का प्रयोग तथा अन्य प्रतिस्थापनों का उपयोग भविष्य में हमारे खनिज संसाधनों के संरक्षण के उपाय हैं।

प्रश्न 31.
कोयले की उपयोगिता बताइए।
उत्तर-

  • भारत में कोयला बहुतायत में पाया जाने वाला जीवाश्म ईंधन है। यह देश की ऊर्जा आवश्यकताओं का महत्त्वपूर्ण भाग प्रदान करता है। इसका उपयोग ऊर्जा उत्पादन तथा उद्योगों और घरेलू आवश्यकताओं के लिए ऊर्जा की आपूर्ति के लिए किया जाता है।
  • भारत अपनी वाणिज्यिक ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु मुख्यतः कोयले पर निर्भर है।

प्रश्न 32.
भारत में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के कोयले और उसमें पाए जाने वाले कार्बन का हिस्सा लिखिए।
उत्तर-
कोयला — कार्बन
1. एंथेसाईट — 80% से ज्यादा
2. बिटुमिनस — 60-80%
3. लिग्नाईट — 50-60%
4. पीट — 50% से कम

प्रश्न 33.
भारी उद्योग एवं तापग्रह कोयला क्षेत्रों अथवा उनके निकट ही स्थापित क्यों किए जाते हैं?
उत्तर-
कोयला एक स्थूल पदार्थ है। जिसका प्रयोग करने पर भार घटता है क्योंकि यह राख में परिवर्तित हो जाता है। इसी कारण भारी उद्योग तथा ताप विद्युत गृह कोयला क्षेत्रों अथवा उनके निकट ही स्थापित किये जाते हैं।

प्रश्न 34.
भारत में कोयला किन दो प्रमुख भू-गर्भिक युगों के शैलक्रम में पाया जाता है?
उत्तर-
भारत में कोयला दो प्रमुख भूगर्भिक युगों के शैल क्रम में प्राप्त होता है – एक गोंडवाना जिसकी आयु 200 लाख वर्ष से कुछ अधिक है और दूसरा टरशियरी निक्षेप जो लगभग 55 लाख वर्ष पुराने हैं। गोंडवाना कोयले, जो धातुशोधन कोयला है, के प्रमुख संसाधन दामोदर घाटी (पश्चिमी बंगाल तथा झारखंड), झरिया, रानीगंज, बोकारो में स्थित हैं जो महत्त्वपूर्ण कोयला क्षेत्र हैं। गोदावरी, महानदी, सोन व वर्धा नदी घाटियों में भी कोयले के जमाव पाए जाते हैं।

प्रश्न 35.
पेट्रोलियम का क्या महत्त्व हैं?
उत्तर-

  • भारत में कोयले के पश्चात् ऊर्जा का द्वितीय प्रमुख साधन पेट्रोलियम या खनिज तेल है।
  • यह ताप व प्रकाश के लिए ईंधन, मशीनों को स्नेहक और अनेक विनिर्माण उद्योगों को कच्चा माल प्रदान करता है।
  • तेल शोधन शालाएँ – संश्लेषित वस्त्र, उर्वरक तथा असंख्य रासायन उद्योगों में एक नोडीय बिंदु का कार्य करती हैं।

प्रश्न 36.
भारत में पेट्रोलियम उत्पादन का वितरण बताइए।
उत्तर-
भारत में कुल पेट्रोलियम उत्पादन का 63% भाग मुंबईहाई से, 18% गुजरात से और 16% असम से प्राप्त होता है। मानचित्र में तीन प्रमुख अपतटीय तेल क्षेत्र चिह्नित करें। – अंकलेश्वर गुजरात का सबसे महत्त्वपूर्ण तेल क्षेत्र है। असम भारत का सबसे पुराना तेल उत्पादक राज्य है। डिगबोई, नहरकटिया और मोरन-हुगरीजन इस राज्य के महत्त्वपूर्ण तेल उत्पादक क्षेत्र हैं।

प्रश्न 37.
प्राकृतिक गैस को वर्तमान शताब्दी का ईंधन क्यों कहा जाता है?
उत्तर-

  • प्राकृतिक गैस एक महत्त्वपूर्ण स्वच्छ ऊर्जा संसाधन है जो पेट्रोलियम के साथ अथवा पृथक रूप से पाई जाती है।
  • इसे ऊर्जा के एक साधन के रूप में तथा पेट्रो रासायन उद्योग के एक औद्योगिक कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
  • कार्बनडाई-ऑक्साइड के न्यून उत्सर्जन के कारण प्राकृतिक गैस को पर्यावरण-अनुकूल माना जाता है। अत: यह वर्तमान शताब्दी का ईधन है।

प्रश्न 38.
भारत में प्राकृतिक गैस के भंडार किन क्षेत्रों में पाए जाते हैं?
उत्तर-

  • पश्चिमी तट के साथ मुम्बई हाई
  • कृष्ण गोदावरी नदी बेसिन
  • खंभात की खाड़ी
  • अंडमान-निकोबार द्वीप समूह

प्रश्न 39.
खनन का खनिजों के स्वास्थ्य तथा पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-

  • खदानों में काम करने वाले श्रमिक लगातार धूल व हानिकारक धुएँ में साँस लेते हुए फेफड़ों संबंधी बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं।
  • खदानों की छतों के गिरने, सैलाब आने (जलप्लावित होना), कोयले की खदानों में आग लगने आदि. खतरे खदान श्रमिकों के लिए स्थाई हैं।
  • खदान क्षेत्रों में खनन के कारण जल स्रोत संदूषित हो जाते हैं।
  • अवशिष्ट पदार्थों तथा खनिज तरल के मलबे के खत्ता लगाने से भूमि व मिट्टी का अवक्षय होता है और नदियों के प्रदूषण में बढ़ता है। ..

प्रश्न 40.
खनिजों का संरक्षण क्यों आवश्यक है?
उत्तर-

  • जिन खनिज संसाधनों के निर्माण व सांद्रण में सैकड़ों वर्ष लगे हैं, हम उनका शीघ्रता से उपभोग कर रहे हैं।
  • खनिज निर्माण की भूगर्भिक प्रक्रियाएँ इतनी मन्द है कि उनके वर्तमान उपभोग की दर की तुलना में उनके पुनर्भरण की दर अपरिमित रूप से अल्प है। अतः खनिज संसाधन सीमित तथा अनवीकरण योग्य हैं।
  • समृद्ध खनिज निक्षेप हमारे देश की बहुमूल्य संपदा संपत्ति हैं, परंतु ये अल्पजीवी हैं।
  • अयस्कों के निरन्तर उत्खनन से लागत बढ़ती है क्योंकि खनिजों के उत्खनन की गहराई बढ़ने के साथ उनकी गुणवत्ता घटती जाती है।

प्रश्न 41.
अंतर स्पष्ट कीजिए
(क) धात्विक औरअधात्विक खनिज।
उत्तर-

धात्विक खनिज-

  1. यह दो उपवर्गों में बंटा है
  2. लोहा, सीसा, टिन, सोना आदि इसके उदाहरण है।
  3. यह वह खनिज है जिसमें धातु पायी जाती है।

अधात्विक खनिज

1. यह किसी उपवर्ग में नहीं बांटा
2. नाइट्रटे, पोटाश, अभ्रक, जिप्सम, कोयला आदि इसके उदाहरण है।
3. इस खनिज में धातु नही पायी जाती।

(ख) ऊर्जा के परम्परागत और गैर परम्परागत साधन।
उत्तर-
परम्परागत ऊर्जा साधन

  1. इसका प्रयोग लम्बे समय से होता आ रहा है।
  2. ये अपेक्षाकृत प्राचीन है।
  3. कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, विद्युत आदि इसके उदाहरण है।

गैर परम्परागत साधन

  1. इनका प्रयोग हाल ही में शुरू हुआ है।
  2. ये अपेक्षाकृत नए हैं।
  3. सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वार, भूताप, परमाणु और बायोगैस ऊर्जा इसके उदाहरण है।

(ग) एन्थ्रोसाइट और बिटुमिन्स कोयला। उत्तर

एन्थ्रासाइट कोयला

  1. यह सबसे उच्च कोटि का कोयला है।
  2. इसमें कार्बन की मात्रा 80% से अधिक हाती है।
  3. यह कठोर काला और ठोस पदार्थ है।
  4. यह केवल जम्मू और कश्मीर में पाया जाता है।

बिटुमिन्स कोयला-

  1. यह अपेक्षाकृत निम्नकोटि का कोयला है।
  2. इसमें कार्बन की मात्रा 60-80% होती है
  3. यह कम काला होता है।
  4. यह झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, और मध्य प्रदेश में पाया जाता है।

(घ) प्राकृतिक गैस और बायोगैस।
उत्तर-
प्राकृतिक गैस

  1. यह परम्परागत ऊर्जा माध्यम है।
  2. यह खनिज तेल के साथ और उसके बिना भी पाई जाती है।
  3. यह प्रकृति प्रदत्त है।

बायोगैस

  1. यह गैर परम्परागत ऊर्जा माध्यम है।
  2. यह जैव पदार्थो के अपघटन से बनती है।
  3. यह मानव निर्मित है।

प्रश्न 42.
जीवांश ईंधन से आप क्या समझते हैं? जीवांश ईंधन प्राप्त करने के स्त्रोतों के नाम बताइये।
उत्तर-
जीवांश ईधन का तात्पर्य उन ईधन पदार्थों से है जिन्हें अवसादी चट्टानों से प्राप्त किया जाता है। जैसे, कोयला, खनिज, तेल और प्राकृतिक गैस। इन्हें जीवांश ईंधन के रूप में पुकारा जाता है क्योंकि इन्हें अवसादी चट्टानों से प्राप्त किया जाता है। इन चट्टानों का निर्माण नदियों, झालों और कम गहरे समुद्रों के तलों में तलछटों के जमाव के कारण होता है। इन अवसादों चट्टानों की प्रमुख विशेषता यह होती है कि इनमें जीवित प्राणियों और पौधों के दबे हुए अस्थि पंजर आदि के अवशेष विद्यमान होते हैं।

इस प्रकार के स्त्रोतों से प्राप्त शक्ति के प्रमुख दोष निम्नलिीखित है-

  1. ईंधन प्रकार के ईंधनों का भंडार सीमित है।
  2. इन ईंधनों का नवीकरण करना संभव नहीं है।
  3. इन ईधनों से प्रदुषण फैलता है और पर्यावरण को हानि पहुंचती है।

प्रश्न 43.
सौर ऊर्जा के प्रमुख गुणों की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
भारत एक उष्ण-कटिबंधीय देश है। यहाँ सौर ऊर्जा के दोहन की असीम संभावनाएं हैं। फोटोवोल्टाइक प्रौद्योगिकी द्वारा धूप को सीमो विद्युत में परिवर्तित किया जाता है। भारत के ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्रों में सौर ऊर्जा तीव्रता से लोकप्रिय हो रही है। भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र भुज के समीप माधापुर में स्थित है, जहाँ सौर ऊर्जा से दुग्ध के विशाल बर्तनों को कीटाणुमुक्त किया जाता है।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 44.
बायोगैस के संबंध में आप क्या जानते हैं? संक्षेप में लिखें।
अथवा
बायोगैस धीरे-धीरे लोकप्रियता के पायदान पर चढ़ रहा है। टिप्पणी कीजिए।
उत्तर-
ग्रामीण इलाकों में झाड़ियों, कृषि अपशिष्ट, पशुओं और मानव जनित अपशिष्ट के उपयोग से घरेलू उपभोग हेतु बायोगैस उत्पन्न की जाती है। जैविक पदार्थों के अपघटन से गैस उत्पन्न होती है, जिसकी तापीय सक्षमता मिट्टी के तेल, उपलों व चारकोल की अपेक्षा अधिक होती है। बायोगैस संयत्र नगरपालिका, सहकारिता तथा निजी स्तर पर लगाए जाते हैं। पशुओं का गोबर प्रयोग करने वाले संयंत्र ग्रामीण भारत में ‘गोबर गैस प्लांट’ के नाम से जाने जाते हैं। ये किसानों को दो प्रकार से लाभ पहुंचाते हैं- एक ऊर्जा के रूप में और दूसरा उन्नत प्रकार के उर्वरक के रूप में। बायोगैस अब तक पशुओं के गोबर का प्रयोग करने में सबसे निपुण है। यह उर्वरक की गुणवत्ता को वृद्धि करता है और उपलों तथा लकड़ी को जलाने से होने वाले वृक्षों की हानि को रोकता है।

प्रश्न 45.
धात्विक और अधात्विक खनिजों में क्या अंतर है?
अथवा
धात्विक तथा अधात्विक खनिजों के कुछ उदारहण dhem|
उत्तर-
लौह खनिज

  1. ये धातु रूप में प्राप्त होते हैं
  2. ये प्रायः कठोर होते हैं
  3. इनमें चमक होती है
  4. इन्हें तारों अथवा चादारों के रूप में तैयार किया जा सकता है।

अलौह खनिज

  1. धातु पदार्थ प्राप्त नहीं होते
  2. ये प्रायः नरम होते हैं।
  3. इनमें चमक नहीं होती
  4. इन्हें तारों अथवा चादरों के रूप में परिवर्तित नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 46.
उपयोग के आधार पर ऊर्जा को किन स्त्रोतों में बांटा जा सकता है।
अथवा
वाणिज्यिक और गैरवाणिज्यिक ऊर्जा में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
उपयोग के आधार पर ऊर्जा को प्रमुखतः दो भागों में बांटा जा सकता है- वाणिज्यिक ऊर्जा और गैर वाणिज्यिक ऊर्जा।

प्रश्न 47.
परम्परागत ऊर्जा स्त्रोत से आप क्या समझते हैं ऊर्जा के परम्परागत तथा गैर-परम्परागत स्त्रोतों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
परम्परागत ऊर्जा स्त्रोत-इसका तात्पर्य उन ऊर्जा स्त्रोतों से है जिनका प्रयोग ऊर्जा के रूप में सदियों से होता आर रहा है। ये ऊर्जा के लौकिक तथा प्रारंभिक साधन भी कहे जाते हैं इस प्रकार के ऊर्जा के स्त्रोत नवीनीकरण के योग्य नहीं है। इस कारण से समाप्त होने वाले हैं। परंतु कुछ स्त्रोत ऐसे भी हैं जो नवीनकरण के योग्य हैं जैसे-जल विद्युत। कोयला, ताप-विद्युत जल-विद्युत, परमाणु शक्ति आदि ऊर्जा के परम्परागत साधनों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्त्रोत-ऊर्जा के इस प्रकार के स्त्रोत में वे स्त्रोत सम्मिलित है-जिनका प्रयोग हाल के वर्षों में किया जाने लगा है। इस प्रकार के ऊर्जा में सूर्य वायु, ज्वार-भाटे, बायोगैस आदि से प्राप्त ऊर्जा को सम्मिलित किया जाता है। इस प्रकार के ऊर्जा स्त्रोतों का भण्डार प्रमुखतः अक्षय है क्योंकि ये नवीकरण योग्य है। इस प्रकार के ऊर्जा स्त्रोत प्रकृति से बिना मूल्य प्राप्त किये जा सकते है, परंतु अभी इन ऊर्जा स्त्रोतों का प्रयोग छोटे पैमान पर ही हो रहा है। उद्योगों आदि में अभी इनका प्रयोग लोकप्रिय नहीं हआ है।

प्रश्न 48.
तापीय तथा जल-विद्युत में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
तापीय विद्युत –

  1. इसे कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस से प्राप्त किया है।
  2. यह विद्युत शक्ति का स्थायी स्त्रोत नहीं है क्योंकि इसके स्त्रोत स्वयं समाप्त होने वाले हैं
  3. इस प्रकार के विद्युत निर्माण में प्रदुषण फैलता है।

जल विद्युत-

  1. इसे गिरते हुए जल की शक्ति का प्रयोग करके प्राप्त किया जाता है।
  2. जल एक कभी न समाप्त होने वाला साधन है अतः अपेक्षाकृत विद्युत का स्थायी स्त्रोत है।
  3. इस प्रकार का विद्युत निर्माण प्रदुषण नहीं फैलाता है।

प्रश्न 49.
प्रश्न निम्नलिखित को संक्षेप में समझाइए।
1. शक्ति के संपूर्ति
2. शक्ति के अनापूर्ति साधन।
उत्तर-
1. शक्ति के सम्पर्ति साधन-इसका तात्पर्य ऐसे साधनों से है जो एक बार प्रयोग करने से समाप्त नहीं होते । इस प्रकार के साधनों का बार-बार प्रयोग किया जा सकता है। जल, सूर्य, वायु, भूतापीय ऊर्जा, समुद्री ज्वार-भाटा आदि इसी प्रकार के शक्ति साधनों के उदाहरण हैं।

2. शक्ति के अनापूर्ति साधन-इसका तात्पर्य ऐसे साधनों से हैं जो एक बार प्रयोग करने पर पुनः प्रयोग में नहीं लाये जा सकते। इस प्रकार के साधनों का नवीनीकरण संभव ने होने के करण इन स्त्रोतों के समाप्त होने का अंदेशा बना रहता है। कोयला, खनिज तेल, आदि इसी वर्ग के प्रतिनिधि हैं।

प्रश्न 50.
आप पेट्रोलियम के कौन-कौन से प्रयोग सुझा सकते हैं। स्पष्ट करें?
अथवा
भारत में पेट्रोलियम के सम्भाव्य निक्षेपों के बारे में जानकारी देते हुए, भारत स्थित तेल परिष्करणाशालाओं के विषय में लिखें।
अथवा
पेट्रोलियम पदार्थों की मांग और उपयोग में दिनों दिन वृद्धि होती जा रही है। टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
आज के आधुनिक समाज में पेट्रोलियम ने मध्यम बिंदु का रूप धारण कर लिया है। आज पेट्रोलियम का उपयोग किसी एक क्षेत्र विशेष तक ही सिमटा हुआ नहीं है वरन् इसके उपयोग ने विविध रूप धारण कर लिया है।

पेट्रोलियम के विविध उपयोग-आज के समय में पेट्रोलियम एकमात्र बहुउद्देशीय ईधन है जो ताप विद्युत और चालक शक्ति का महत्त्वपूर्ण साधन है। पेट्रोलियम पदार्थों का उपयोग जहाँ परिवहन के लिए किया जाता है। वहीं इसका प्रयोग उद्योगों में मशीनों के चलन में किया जाता है। पेट्रोलियम पदार्थों के अपशिष्टों आदि से पेट्रोलियम जैली आदि बनाई जाती है। पेट्रोलियम पदार्थों का अपशिष्ट कृत्रिम धागों में भी प्रयोग किया जाता है।

भारत में पेट्रोलियम के सम्भाव्य निक्षेप-भारत में पेट्रोलियम के संभावित क्षेत्र लगभग दस लाख किमी. से भी अधिक है। इन निक्षेपित क्षेत्र के अंतर्गत उत्तर का मैदान तटीय पट्टियाँ, गुजरात का मैदान, थार मरूस्थल एवं अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह आते हैं।

सामान्यतः खनिज तेल के स्त्रोतों के साथ ही गैस के भंडार भी पाये जाते हैं। परंतु कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं जहाँ मुख्यतः गैस के भंडार ही पाये जाते हैं जैसे त्रिपुरा, राजस्थान में पाये जाते हैं।

खनिज तेल उत्पादन की प्रवृति-जब हमारा देश स्वतंत्र हुआ था। उस समय असम एकमात्र ऐसा प्राप्त था कि जहाँ खनिज तेल निकाला गया था। खनिज तेल के लिए भी मात्र यहीं मात्र यहीं प्रान्त क्रियाशील था। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जब खनिज तेल उत्पादन की ओर विशेष ध्यान दिया गया तो इसके उत्पादन में निरन्तर वृद्धि होती चली गई और इसकी खपत भी बढ़ती गई। सन् 1951 में जहाँ खनिज तेल का उत्पादन 2.7 लाख टन वहीं सन् 1974 ई. में यह बढ़कर 128 लाख टन हो गया और सन् 1984 तक यह 260 लाख टन तक हो गया परंतु उत्पादन में इस वृद्धि की तुलना में खनिज तेल की खपत कहीं अधिक वृद्धि हुई। इस कारण से भारत को बड़ी मात्रा में खनिज तेल का आयात करना होता है।

आज नए-नए क्षेत्रों में खनिज तेल की खोज की जा रही है, जैसे महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियों के डेल्टा क्षेत्र के आपपास।

यद्यपि भारत में खनिज तेल के आयात में एक बहुत बड़ी अथवा मात्रा में विदेशी मुद्रा व्यय करना होता है तथापि यह खपत पेट्रोलियम पदार्थों की मांग और उपयोग में दिनों विकसित देशों की तलना में नगण्य है।

भारत स्थित तेल परिष्करणशालाएँ-भारत में वर्तमान में निम्नलिखित तेल परिष्करणशालाएं कार्यरत हैं-

  1. बरौनी (बिहार)
  2. कोचीन (केरल),
  3. डिगबोई (असम),
  4. बी. पी. सी. एल. (भारत पेट्रोलियम) मुंबई,
  5. गुवाहटी (असम),
  6. हल्दिया (पश्चिम बंगाल),
  7. एच.पी.एस.एल. (मुंबई),
  8. एच.पी.सी. विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश),
  9. कोयली (गुजरात),
  10. चैन्नई (तमिलनाडु),
  11. बोंगई गाँव (असम),
  12. मथुरा (उत्तर प्रदेश),
  13. मंगलौर (कर्नाटक),
  14. पानीपत (हरियाणा)।

प्रश्न 51.
क्या आज विश्व ऊर्जा संकट से जूझ रहा है। संक्षेप में विचार व्यक्त करें।
उत्तर-
वर्तमान विश्व में ऊर्जा के तीन मुख्य स्त्रोत हैं-(1) कोयला, (2) तेल, (3) जल-विद्युत। लेकिन विज्ञान और तकनीक की तीव्र उन्नति के कारण ऊर्जा के सबसे महत्त्वपूर्ण साधन के रूप में सामने आया है। खनिज तेल।

पिछली चौथाई शताब्दी से खनिज तेल का उपयोग विश्व भर में इतना अधिक बढ़ा है कि तेल भंडारों के समाप्त होने की संभावना आ खड़ी हुई है। वस्तुतः आज स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि खनिज. तेल की खपत की अगर यही रफ्तार बनी रही तो विश्व भर के तेल भंडार कुछ एक दशकों मे ही खाली हो जायेंगे।

खनिज तेल की इस वस्तुस्थिति से अवगत होकर 1970 के दशक में तेल उत्पाद देशों ने तेल की कीमतों में अचानक भारी वृद्धि कर दी। इसके फलस्वरूप विश्व भर में मुद्रा प्रसार का संकट उत्पन्न हो गया। समस्या से सबसे अधिक हानि विकाशील देशों को उठानी पड़ी क्योंकि ऊर्जा के बढ़ते हुए खर्च को उठाना पाना इन देशों के लिए महंगा पड़ने लगा। भारत भी इन्हीं समस्याग्रस्त देशों में शामिल है।

ऊर्जा संकट ने अमेरिका जैसे विकासित देश को अपने प्रभाव क्षेत्र को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार से तेल उत्पादक देश तथा औद्योगिक देशों में खींचतान आरंभ हुई। परंतु इसका सबसे अधिक खमियाजा भारत जैसे विकाशील देशों को ही उठना पड़ा।

निस्संदेह आज का संपूर्ण विश्व ऊर्जा संकट से जूझ रहा है। इसके गंभीर परिणाम भी सामने आ रहे हैं। उदाहरण के लिए हाल का ईराक युद्ध इसी का एक उदाहरण है। इस प्रकार ऊर्जा संकट वह संकट है जो मात्र ऊर्जा या उद्योगों तक या आर्थिक जगत् तक ही सिमटा हुआ नहीं है बल्कि यह संपूर्ण मानवता के लिए संकट बनता जा रहा है। ऐसे में यह आवश्यक है कि ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतों को शीघ्रातिशीघ्र खोज निकाला जाए ताकि मानवता पर मंडरा रहे विनाशकारी संकट से विश्व भर के मनुष्य की रक्षा की जा सके।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 52.
भारत में उपलब्ध अधात्विक खनिजों पर संक्षेप में जानकारी दें।
अथवा
भारत में पाये जाने वाले प्रमुख अधात्विक खनिज कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
भारत में धात्विक खनिज के साथ ही अधात्विक खनिजों का भी विशाल भंडार पाया जाता है। इन खनिजों का प्रमुखतः उपयोग कच्चे माल के रूप में तो होता ही है। साथ ही गालक खनिज और ऊष्मा खनिज के रूप में भी होता है। देश में औद्योगिकरण की गति में तीव्रता के साथ ही इन खनिजों के उत्पादन को भी तीव्रता मिलती जा रही है।

वर्ष 2000-01 में 47 अधात्विक खनिजों का व्यापारिक पैमाने पर उत्पादन हुआ है। इन खनिजों का कुल मूल्य 18. 53 अरब रुपये अर्थात् कुल उत्पादित खनिजों के मूल्य का 3. 86% था भारत में प्राप्त होने वाले कुछ प्रमुख अधात्विक खनिज निम्नलिखित हैं-

चूने का पत्थर-यह निर्माण उद्योग की आधारशिला तो है ही, साथ ही रासायनिक और धातुकर्मीय उद्योगों के लिए भी आधारभूत पदार्थ है। देश में चूना पत्थर, कडप्पा, विध्य और क्रिटेशस शैल समूहों में व्यापक रूप से पाया जाता है। चूने के पत्थर का आधे से अधिक भाग अग्रलिखित तीन राज्यों में भंडारित है-(1) कर्नाटक, (2) आंध्रप्रदेश, (3) राजस्थान।

इसके अलावा बाकी आधे भाग का संकेन्द्र वाले राज्य है- मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, मेघालय, प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल।

डोलामाइट-डोलोमाइट के भंडार भारत के प्रायः सभी भागों में उपलब्ध हैं। 90% के करीब डोलोमाइट भंडार इन राज्यों में संग्रहीत हैं-मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, गुजरात, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, और महाराष्ट्र।

वर्ष 2000-2001 में कुल डोलोमाइट उत्पादन 28.15 लाख टन था। अधिकतर डोलोमाइट लोहे और इस्पात के कारखानों के निकट स्थित भंडारों से निकाला जाता है।

फास्फेट खनिज-इनका प्रमुखतः उपयोग फास्फेट युक्त उर्वरक बनाने के लिए किया जाता है। फास्फोराइट भंडार मुख्यतः राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, और गुजरात में पाये जाते हैं।

राजस्थान इसका सबसे प्रमुख उत्पादक हैं।
फास्फेट खनिज उत्पादन की दृष्टि से प्रमुख स्थान अनलिखित हैं-(1) उदयपुर, (2) देहरादून, (3) झाबुआ, (4) छत्तरपुर, (5) ललितपुर।

ऐपटाइट- यह मुख्यतः आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम और पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिलों में से निकाला जाता है। इन व दोनों राज्यों के अतिरिक्त झारखंड, तमिलनाडु, और राजस्थान में भी इनका उत्पादन होता है।

अभ्रक-परतदार अभ्रक उत्पादन में भारत का संसार में सबसे प्रमुख राष्ट्र है। यह विश्व के कुल अभ्रक व्यापार के 60% की भागीदारी करता है। अभ्रक के प्रमुख खनिज भंडार आंध्रप्रदेश, झारखण्ड और राजस्थान में पाये जाते हैं। इनके अलावा भारत में पाये जाने वाले अन्य प्रमुख अधात्विक खनिज निम्नलिखित हैं-

  • कैओलिन-इसका प्रमुख उत्पादक राज्य केरल है।
  • जिप्सम-इसके प्रमुख उत्पादक राज्य हैं-(1) राजस्थान, (2) जम्मू और कश्मीर, गुजरात व तमिलनाडु में भी इसका कुछ उत्पादन होता है।

प्रश्न 53.
निम्नलिखित राज्यों के प्रमुख जल-विद्युत उत्पादन केन्द्रों के नाम लिखिए।
1. जम्मू और कश्मीर
2. उत्तर प्रदेश
3. उत्तरांचल
4. राजस्थान
5. मध्यप्रदेश
6. झारखंड
7. पश्चिम बंगाल
8. बिहार
9. उड़ीसा
10 गुजरात राज्य
उत्तर-
जल विद्युत उत्पादन केन्द्र-
1. जम्मू और कश्मीर –1. निचला सेलम, 2. चिनाब पर सलाल, 3. दुलहस्ती, 4. कर्राह
2. उत्तर प्रदेश –1. रिंद, 2. खोदरी, 3. चिबरो।
3. उत्तरांचल — 1. टिहरी
4. राजस्थान – 1. राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर।
5. मध्यप्रदेश — 1. गाँधी नगर, 2. पैच, 3. बारगी, 4. बनसागर।
6. झारखंड — 1. सुर्वण, 2. मैथान, 3. पंचेत, 4. तिलैया,
7. पश्चिम बंगाल — 1. पंचैत।
8. बिहार — 1. कौसी।
9. उड़ीसा — 1. हीराकुण्ड, 2. मेलावाली।
10. गुजरात — 1. उकई, कदाना।

मानचित्र प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित को भारत के मानचित्र पर दिखाइए:
(अ) स्वर्ण रेखा तापीय शक्ति केंद्र (ब) बालीमेला तापीय शक्ति केन्द्र (स) कलपक्कम नाभिकीय शक्ति केन्द्र (द) बोंगाई गाँव तापीय शक्ति केन्द्र (य) नरोरा नाभिकीय शक्ति केंद्र (र) वानकवाड़ी तापीय शक्ति केन्द्र (ल) तूतीकोरन (व) उरण शक्ति केंद्र।
उत्तर
HBSE 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 4

प्रश्न 2.
भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाइए।
(क) चार लौह अयस्क खानें।
(ख) चार लौह अयस्क निर्यात पत्तन।
(ग) चार मैंगनीज उत्पादक शहर।
(घ) चार बॉक्साइट उत्पादक शहर।
(च) चार अभ्रक उत्पादक शहर।
उत्तर-क
HBSE 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 5

प्रश्न 3.
भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित को दशाईए।
(क) चार कोयला खानें।
(ख) चार तेल उत्पादक शहर।
(ग) प्राकृतिक गैस पाईप लाइन।
उत्तर-
HBSE 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 6

प्रश्न 4.
भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित को दशाईए।
(क) छः आणविक ऊर्जा संयंत्र।
(ख) छः तापीय ऊर्जा संयंत्र।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. सही उत्तर का चयन कीजिए।
उत्तर-

HBSE 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 7

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

सही उत्तर का चयन कीजिए:

प्रश्न 1.
एक ही खनिज से बनी चट्टान कौन-सी हैं?
(क) चूना पत्थर
(ख) लोहा
(ग) कोयला
(घ) सीसा
उत्तर-
(क) चूना पत्थर

प्रश्न 2.
धात्विक खनिज का उदाहरण है:
(क) मैंगनीज
(ख) अभ्रक
(ग) नमक
(घ) सल्फर
उत्तर-
(क) मैंगनीज

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 3.
अधात्विक खनिज का उदाहरण है:
(क) ताँबा
(ख)सीसा
(ग) निकल
(घ) पोटाश
उत्तर-
(घ) पोटाश

प्रश्न 4.
ऊर्जा खनिज का उदाहरण है:
(क) कोयला
(ख) नमक
(ग) जस्ता
(घ) कोबाल्ट
उत्तर-
(क) कोयला

प्रश्न 5.
रैट होल खनन कहाँ प्रचलित हैं?
(क) बिहार
(ख) चेरापूँजी
(ग) हरियाणा
(घ) गोआ
उत्तर-
(ख) चेरापूँजी

प्रश्न 6.
कर्नाटक में लौह अयस्क का कितना उत्पादन होता है?
(क) 12%
(ख) 25%
(ग) 26%
(घ) 19%
उत्तर-
(ग) 26%

प्रश्न 7.
मैग्नेटाइट में कितना लोहांश पाया जाता है?
(क) 40%
(ख) 50%
(ग) 60%
(घ) 70%
उत्तर-
(घ) 70%

प्रश्न 8.
सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण लौह अयस्क क्या है?
(क) हेमेटाइट
(ख) मेग्नेटाइट
(ग) पीट
(घ) लिग्नाइट
उत्तर-
(क) हेमेटाइट

प्रश्न 9.
महाराष्ट्र-गोवा पेटी को लोहा किस पत्तन से निर्यात किया जाता है?
(क) हल्दिया
(ख) मुंबई
(ग) कांदला
(घ) मरगमागाओ
उत्तर-
(घ) मरगमागाओ

प्रश्न 10.
एक टन इस्पात बनाने में लगभग कितने किलोग्राम मैंगनीज की आवश्यकता होती है?
(क) 5
(ख) 10
(ग) 15
(घ) 20
उत्तर-
(ख) 10

प्रश्न 11.
भारत में मैंगनीज का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन है?
(क) बिहार
(ख) कर्नाटक
(ग) गोआ
((घ) उड़ीसा
उत्तर-
(घ) उड़ीसा

प्रश्न 12.
मध्यप्रदेश की बालाघाट खदानों में कितना ताँबा उत्पादन होता है?
(क) 32%
(ख) 40%
(ग) 52%
(घ) 75%
उत्तर-
(ग) 52%

प्रश्न 13.
बॉक्साईट उत्पादन में प्रथम स्थान किस राज्य को प्राप्त है?
(क) महाराष्ट्र
(ख) उड़ीसा
(ग) झारखंड
(घ) गुजरात
उत्तर-
(ख) उड़ीसा

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 14.
सीमेंट उद्योग का एक आधारभूत कच्चा माल क्या है?
(क) चूना पत्थर
(ख) अभ्रक
(ग) लोहा
(घ) कोयला
उत्तर-
(क) चूना पत्थर

प्रश्न 15.
विद्युत व इलैक्ट्रोनिक उद्योगों में प्रयुक्त होने वाले अपरिहार्य खनिजों में एक है:
(क) लोहा
(ख) अभ्रक
(ग) पानी
(घ) कोयला
उत्तर-
(क) लोहा

प्रश्न 16.
ग्रामीण घरों में आवश्यक ऊर्जा का कितना भाग लकड़ी और उपले से मिलता है?
(क) 50%
(ख) 40%
(ग) 70%
(घ) 19%
उत्तर-
(ग) 70%

प्रश्न 17.
सर्वोत्तम गुण वाला कोयला कौनसा है?
(क) पीट
(ख) लिग्नाइट
(ग) एंथेसाइट
(घ) बिटुमिन्स
उत्तर-
(क) पीट

प्रश्न 18.
भारत में कुल पेट्रोलियम उत्पादन का कितना हिस्सा मुंबई हाई से प्राप्त होता है?
(क) 18%
(ख) 16%
(ग) 50%
(घ) 63%
उत्तर-
(ग) 50%

प्रश्न 19.
गुजरात का सबसे महत्त्वपूर्ण तोल क्षेत्र है:
(क) अंकलेश्वर
(ख) गिर
(ग) कांदला
(घ) उड़ीसा
उत्तर-
(घ) उड़ीसा

प्रश्न 20.
भारत का सबसे पुराना तेल उत्पादक राज्य हैं
(क) बिहार
(ख) गुजरात
(ग) असम
(घ) उड़ीसा
उत्तर-
(क) बिहार

प्रश्न 21.
HVJ पाईपलाईन की लंबाई कितनी है?
(क) 1700 किमी.
(ख) 1400 किमी.
(ग) 5000 किमी.
(घ) 10,000किमी.
उत्तर-
(ग) 5000 किमी.

2. निम्नलिखित सूचियों का सही मिलान कीजिए-

सूची
(क) बॉक्साइट (अ) मिश्रित इस्पात
(ख) कोयल (ब) बिजली का उत्पादन
(ग) लिग्नाइट (स) लोहा और इस्पात उद्योग
(घ) यूरेनियम (द) एल्यूमिनियम उद्योग
(ङ) मैंगनीज (य) उर्वरक उद्योग
(च) प्राकृतिक गैस (र) परमाणु ऊर्जा
(छ) अभ्रक (ल) बिजली उद्योग
उत्तर-
(क-द),
(ख-स),
(ग-ब),
(घ-र),
(ङ-अ),
(च-य),
(छ-ल)।

3. निम्नलिखित कथनों के आगे सत्य/असत्य लिखें।

(क) लौह अयस्क के मुख्यतः चार प्रकार होते हैं।
(ख) भारत में उत्पादित मैंगनीज का लगभग 80% देश में ही उपभोग हो जाता है।
(ग) भारत में प्राप्त सीसे से भारत की जरूरत पूरी हो जाती है।
(घ) भारत के प्रायः सभी राज्यों में चूना पत्थर पाया जाता है।
(ङ) भारत में लगभग 67% ऊर्जा की प्रति कोयले से होती है।
(च) लुनेज तेल क्षेत्र कर्नाटक में स्थित है। (छ) गुजरात 50% प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करता है।
उत्तर-
(क) सत्य,
(ख) सत्य,
(ग) असत्य,
(घ) सत्य,
(ङ) सत्य
(च) असत्य,
(छ) असत्य।

4. निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।

(क) भारत में संसार के लगभग ……..% लौह अयस्क का भंडार है।
(ख) भारत में मैंगनीज उत्पादन में विश्व में …….. स्थान है।
(ग) एल्युमिनियम …….से प्राप्त किया जाता है।
(घ) कलोल तेल क्षेत्र …….. राज्य में स्थित है।
(ङ) भारत में ……….करोड़ घनमीटर प्राकृतिक गैस का ज्ञात भंडार है।
उत्तर-
(क) 20%
(ख) पाँचवाँ
(ग) बॉक्साइट
(घ) गुजरात
(ङ) 70,000

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

5. निम्नलिखित सूचियों को सही सुमेलित करें।

सूची A — सूची B
(i) कोयली — (A) कोयला
(ii) नाहरकटिया — (B) परिष्करणशाला
(iii) काला सोना — (C) तेल क्षेत्र
(iv) सौर संयंत्र –(D) उड़ीसा
(v) पारदीप — (E) भुज
उत्तर-
(i) B (ii) C, (iii)A, (iv) E, (v) D.

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HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing  Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

Multiple Choice Questions

Power Sharing Important Questions HBSE 10th Class Question 1.
Which one of the following languages is not spoken in Belgium?
(a) French
(b) Dutch
(c) Hindi
(d) German.
Answer:
(c) Hindi

Class 10 Civics Chapter 1 Important Questions HBSE  Question 2.
Which of the following is the capital city of Belgium ?
(a) Antwerp
(b) Brussels
(c) Charleroi
(d) None of these.
Answer:
(b) Brussels

Power Sharing Questions HBSE 10th Class Question 3.
Which one of the following minority communities is relatively rich and powerful in Belgium?
(a) English
(b) French
(c) Dutch
(d) Hindus.
Answer:
(b) French

Question 4.
Which of the following are a major caste-group of Sri Lanka ?
(a) Sinhalas and Muslims
(b) Buddhists and Hindus
(c) Sinhalas and Tamils
(d) Sinhalas and Christians
Answer:
(b) Buddhists and Hindus

Question 5.
Tamil natives of Sri Lanka are called
(a) Sri Lankan Tamils
(b) Indian Tamils
(c) Muslim Tamils
(d) All of these.
Answer:
(a) Sri Lankan Tamils

Question 6.
What is the percentage of Sinhalese-speaking people in Sri Lanka?
(a) 74%
(b) 59%
(c) 30%
(d) 44%.
Answer:
(a) 74%

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

Question 7.
Which one of the following is the main religion of Sri Lankans?
(a) Buddhism
(b) Christianity
(c) Hinduism
(d) All of these.
Answer:
(a) Buddhism

Question 8.
Which one of the following languages was recognised as the official language of Sri Lanka in 1956?
(a) Tamil
(b) English
(c) Hindi
(d) Sinhala.
Answer:
(d) Sinhala.

Question 9.
When did Sri Lanka gain independence?
(a) 1949
(b) 1950
(c) 1952
(d) 1948.
Answer:
(d) 1948.

Question 10.
A war-like conflict between two opposite groups within a country is called.
(a) Ethnic war
(b) Civil war
(c) Summer war
(d) None of these.
Answer:
(b) Civil war

Question 11.
A belief that the majority community should be able to rule over a country in whichever way it wants is :
(a) Communism
(b) Majoritarianism
(c) Communalism
(d) Absolutism.
Answer:
(b) Majoritarianism

Question 12.
How many times was the Belgian constitution amended between 1970 to 1993?
(a) Thrice
(b) Twice
(c) Six times
(d) Four times.
Answer:
(d) Four times.

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

Question 13.
Who elects the community government in Belgium?
(a) The Community leaders of Belgium.
(b) People belonging to one language community only.
(c) The citizens of the whole country.
(d) The leader of Belgium.
Answer:
(b) People belonging to one language community only.

Question 14.
Which of the following statements about coalition government is true?
(a) Power is shared by different social groups.
(b) Power is shared among the different organs of the government.
(c) Power is shared among governments at different levels.
(d) Power is shared by two or more political parties.
Answer:
(d) Power is shared by two or more political parties.

Question 15.
Which is not one of the benefits of power sharing?
(a) It upholds the spirit of democracy.
(b) Reduce the possibility of conflicts between social groups.
(c) All political parties get their expected share.
(d) Ensures political stability in the long run.
Answer:
(c) All political parties get their expected share.

Question 16.
The functioning of executive or laws made by legislatures are checked by the :
(a) Law Minister
(b) Parliament
(c) Judiciary
(d) All of these.
Answer:
(c) Judiciary

Question 17.
Modern democracies maintain check and balance system, identify the correct option based on the horizontal power-sharing arrangement.
(a) Unitary Government
(b) Dictatorship
(c) Federal Government
(d) Monarchy.
Answer:
(a) Unitary Government

Question 18.
Community government in Belgium is a good example of power sharing among:
(a) Different organs of government
(b) Different social groups
(c) Government at different levels
(d) Political parties.
Answer:
(b) Different social groups

Fill in the blanks

1. Sri Lanka is an ………….. just a few kilometres off the southern coast of Tamil Nadu.
2. …………. was chosen as the headquarters of European Union.
3. A ……….. government is one where citizens, through participation, acquire a stake in the system.
4. The idea of ………… has emerged in opposition to be notions of undivided political power.
5. In …………… power sharing arrangement can take many forms.
6. A system of checks and balances comes under …………. form of power sharing.
7. An example of power, sharing between social groups in Belgium is ………….. government.
8. In a democracy, the citizens must have ………….. to choose among various contenders for power.
Answer:
1. Island nation
2. Brussels
3. legitimate
4. power sharing
5. modem democracies
6. horizontal
7. community
8. freedom.

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
Name any two countries with which Belgium has borders.
Answer:
Belgium has borders with France and Luxembourg.

Question 2.
What percent of total population of Belgium lives in the Flemish region?
Answer:
Of the country’s total population, 59 per cent lives in the Flemish region.

Question 3.
Which language is spoken in the Flemish region?
Answer:
Dutch language is spoken in the Flemish region.

Question 4.
What percent of total population of Belgium lives in the Wallonia region?
Answer:
Of the country’s total population, 40 per cent lives in the Wallonia region.

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

Question 5.
Which language is spoken in the Wallonia region?
Answer:
French language is spoken in the Wallonia region.

Question 6.
Which other language, besides Dutch and French, is spoken in Belgium?
Answer:
Besides Dutch and French, German is spoken in Belgium.

Question 7.
Which is the capital city of Belgium?
Answer:
Brussels is the capital city of Belgium.

Question 8.
Which language is spoken in Brussels?
Answer:
In Brussels, 80 per cent people speak French, while 20 percent speak Dutch.

Question 9.
Which community was more rich and powerful in Belgium?
Answer:
The French-speaking community was more rich and powerful in Belgium.

Question 10.
What is the cause of tension between Dutch-speaking and French-speaking communities?
Answer:
Dutch-speaking community got the benefits of economic development and education, much later, in comparison to the rich and powerful French-speaking community.

Question 11.
Mention the period of tension between Dutch-speaking and French-speaking communities.
Answer:
During 1950s and 1960s, there was a tension between Dutch-speaking and French¬speaking communities.

Question 12.
At which place was the tension between two communities more acute?
Answer:
In Brussels, the tension between two communities was more acute.

Question 13.
In which year Sri Lanka emerged as an independent country ?
Answer:
Sri Lanka emerged as an independent country in 1948.

Question 14.
Where is Sri Lanka situated?
Answer:
Sri Lanka is an island nation situated a few kilometres off the southern coast of Tamil Nadu (India).

Question 15.
What is the ethnic composition of Sri Lanka?
Answer:
Ethnic communities of Sri Lanka are Sinhalese, Sri Lankan Tamils, Indian Tamils and Muslims.

Question 16.
Which languages are spoken in Sri Lanka?
Answer:
Two languages Sinhala and Tamil are spoken in Sri Lanka.

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

Question 17.
Name the Sri Lankan community that follow Buddhism.
Answer:
Sinhala- speaking people follow Buddhism.

Question 18.
Name the social group constituting the largest share in the population of Sri Lanka.
Answer:
Sinhala-speakers (74%) constituted the largest share in the population of Sri Lanka.

Question 19.
Which language was recognised as the only official language of Sri Lanka in 1956?
Answer:
In 1956, an act was passed to recognise Sinhala as the only official language.

Question 20.
Name the two major social groups of Sri Lanka. =
Answer:
Sinhala-speakers (74%), Tamil-speakers (18%).

Question 21.
Which major social group consitutued the largest share in population of Sri Lanka?
Answer:
Sinhalese constituted the largest share in population of Sri Lanka.

Question 22.
Which country do ‘Indian Tamils’ belong to ?
Answer:
‘Indian Tamils’ belong to Sri Lanka. ,

Question 23.
Which country has adopted Buddhism as its official religions?
Answer:
Sri Lanka has adopted Buddhism as its official religion.

Question 24.
What is the religion of Sinhala-speaking people?
Answer:
Most of the Sinhala-speaking people are Buddhists.

Question 25.
Name the two major ethnic communities of Sri Lanka. (CBSE 2019)
Answer:
The major ethnic communities of Sri Lanka are Sinhalese and Sri Lankan Tamils.

Question 26.
Who raised the demand of ‘Regional Autonomy1 in Sri Lanka?
Answer:
The Sri Lankan Tamils raised the demand of ‘Regional Autonomy’ in Sri Lanka.

Question 27.
Define the term civil war.
Answer:
A war-like conflict between different groups of people residing in the same country is called civil war.

Question 28.
How many times was the constitution of Belgium amended between 1970 and 1993?
Answer:
Between 1970 and 1993, the constitution of Belgium was amended four times.

Question 29.
What are the three levels of government in Belgium?
Answer:
In Belgium, there are three levels of government –
(i) central government
(ii) state government
(iii) community government.

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

Question 30.
Where is the headquarters of European Union situated?
OR
Which city was chosen as its headquarters when the European Union was formed?
Answer:
Brussels.

Question 31.
Who elects the community government in Belgium ? (CBSE 2011;
Answer:
‘Community government’ is elected by people lelonging to one language community— Dutch, French and German-Speaking, no matter where they live.

Question 32.
In which type of government power sharing is good ? (CBSE 2011)
Answer:
Democracy.

Question 33.
Why is power sharing desirable?
Answer:
Power sharing is desirable for two reasons-prudential reasons and moral reasons.

Question 34.
What are the common forms of power sharing in modern democracies?
Answer:
Power can be shared
(i) among different organs of government
(ii) among governments at different levels
(iii) among different social groups
(iv) political parties, pressure groups and movements.

Question 35.
Explain the meaning of Horizontal sharing of power. (CBSE 2010, 2012;
Answer:
Power shared among different organs of government, such as the legislature, executive and judiciary is called horizontal distribution of power.

Short Answer Type Questions-I

Question 1.
What is the complex ethnic composition of Belgium in terms of the percentage of each language spoken there?
Answer:
Of the country’s total population, 59%, lives in the Flemish region and speaks Dutch language. Another 40% people live in Wallonia region and speak French. Rema^iing 1% of the Belgians speak German. In the capital city Brussels, 80% people speak French while 20% are Dutch speaking.

Question 2.
What was the cause of tension between Dutch-speaking and French-speaking communities?
Answer:
The French-speaking minority community was relatively rich and powerful. On the other hand, the Dutch-speaking community got the benefit of economic development and education, much later. This created a tension between both communities.

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

Question 3.
Write a short note on the ethnic composition of Sri Lanka.
Answer:
Sri Lanka has a diverse population, 74 per cent are Sinhala-speakers while the percentage of Tamil-speakers is 18. Tamils are divided into two sub-groups- ‘Sri Lankan Tamils’ and ‘Indian Tamils’.

Question 4.
What is the religious composition of Sri Lanka?
Answer:
In Sri Lanka, most of the Sinhalese are Buddhists, while most of the Tamils are Hindus or Muslims. About 7 per cent are Christians, who are both, Tamil and Sinhalese.

Question 5.
What role has been played by the majority community in Belgium?
Answer:
In Belgium, the Dutch community is in majority, but it did not impose its will on minority communities, which are French and German-speaking population.

Question 6.
What measures were adopted by the leaders of Sinhalese community to secure dominance over government by virtue of their majority?
Answer:
The leaders of Sinhalese community sought to secure dominance over government by virtue of their majority. For this purpose, the democratically elected government adopted a series of ‘majoritarian’ measures to establish Sinhalese supremacy.

Question 7.
Explain the meaning of majoritarianism as practised in Sri Lanka. (CBSE 2010)
Answer:
Majoritarianism as practised in Sri Lanka means a belief that the majority community should be able to rule a country in whichever way it
wants, by disregarding the wishes and needs of the minority.

Question 8.
Describe the ‘majoritarian measures’ taken by the elected government to establish Sinhalese supremacy.
Answer:
(i) By the Act of 1956, Sinhala was recognized as the only official language.
(ii) Through preferential policies, Sinhalese applicants were favoured for university positions and government jobs.
(iii) It was decided that the state should protect Buddhism.

Question 9.
What were the reasons of strained relationship between Sinhalese and Tamil communities?
Answer:
The Sinhalese adopted ‘majoritarian measures’ to establish supremacy. This increased the feeling of alienation among Sri Lankan Tamils. They felt that nobody was sensitive towards their language and culture. As a result, relations were strained between them.

Question 10.
What forced Sri Lankan Tamils to launch their parties and struggles?
Answer:
(i) To recognize Tamil as an official language.
(ii) To gain regional autonomy.
(iii) To secure equal opportunities in education and jobs.

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

Question 11.
What were the consequences of civil war in Sri Lanka?
Answer:
As a result of civil war, thousands of people of Sinhalese and Tamil communities were killed. Many families were forced to leave the country as refugees and they lost their livelihood.

Question 12.
What were the gains of political arrangement as made in the Belgian model through amendments?
Answer:
(i) They helped to avoid civic strife between the two major communities.
(ii) It made possible the administrative division of country on linguistic basis.
(iii) Brussels was chosen the headquarters of European Union.

Question 13.
Explain the term community government in reference to Belgium.
Answer:
Apart from the central and the state government, there is a third kind of government in Belgium i.e. community government that caters to the needs of a single linguistic community.

Question 14.
State any one step taken in Belgium to rule out the problem of regional differences and cultural diversities.
Answer:
Belgium introduced a third kind of government, i.e. community government to rule out the problem of regional difference and cultural diversities. Community government is elected by all the people of a linguistic group irrespective of their region.

Question 15.
Why is power sharing desirable ?
Answer:
Power sharing is the very spirit of democracy and it helps to reduce the possibility of conflict between social groups. Therefore, it is strongly desired in a democracy.

Question 16.
What is the moral ground of power sharing?
Answer:
From the moral point of view, power sharing is a very essential element for the spirit of democracy. People have a right to be consulted on how they are to be governed.

Question 17.
What is the horizontal distribution of power?
Answer:
Power is shared among different organs of government, such as the legislature, executive and judiciary. As the different organs are placed at the same level to exercise different powers, it is known as ‘Horizontal distribution’.

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

Question 18.
What is the ‘Federal division’ of power?
Answer:
Power can be shared among governments at different levels. For example, a central government for entire country and state governments at the provincial or regional level. This is called the federal division of power.
Explain the vertical division of power.
When power is shared among governments at different levels, such as central government, state government and panchayats, etc. such division of power is known as the vertical division of power.

Question 19.
What do you know about coalition government?
Answer:
When no party gains a clear majority in the legislative assembly then two or more parties join to form the government. Such a government is called coalition government. Explain the relationship between democracy and power sharing. In a democracy, people are the basic source of political power. They rule through their representatives. In this, every citizen has the right to take part in decision making. Power sharing is the essence of democracy, in which every citizen inspite of various diversities, takes part in the political system.

Short Answer Type Questions-II

Question 1.
Describe the location and ethnic composition of Belgium.
Answer:
Belgium is a small country in Europe. It shares its borders with France, the Netherlands, Luxembourg and Germany. Areawise, it is smaller than the state of Haryana. Its population is around one crore, about half the population of Haryana. The Ethnic composition of Belgium is very complex. Of the country’s total population, 59 percent lives in the Flemish region and speaks Dutch language, 40 per cent lives in the Wallonia region and speaks French and the remaining one per cent speaks German. The capital city is Brussels, where 80 per cent people speak French while 20 per cent people speak Dutch language.

Question 2.
What was the cause of tension between Dutch-speaking and French-speaking communities in Belgium during the 1950s and 1960s?
OR
What led to the tension between the French-speaking and Dutch-speaking communities in Belgium in 1950s-1960s.
Answer:
In Belgium, the French-speaking minority community was relatively rich and powerful. On the other hand, the Dutch-speaking community got the benefit of economic development and education much later. This created resentment among Dutch-speaking people and also proved the chief cause of tension between the Dutchspeaking and French-speaking communities during 1950s and 1960s. This tension between two communities was more acute in capital city, Brussels.

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

Question 3.
Clarify the difference between ‘Sri Lankan Tamils’ and ‘Indian Tamils’.
Answer:
The ethnic composition of Sri Lanka is comprised of chiefly two linguistic groups- Sinhalese and Tamil. These Tamils are further divided into two categories-Sri Lankan Tamils and Indian Tamils. Tamil natives of the country are called ‘Sri Lankan Tamils’. On the other hand, the Tamils, whose forefathers came from India as plantation workers during colonial period, are called ‘Indian Tamils’. Sri Lankan Tamils are concentrated in the North and East of the country.

Question 4.
What were the results of Majoritarianism in Sri Lanka?
Or
Discuss the causes of strained relationship between Sinhalese and Tamil communities.
Answer:
In 1948, Sri Lanka became an independent country. The leaders of Sinhalese community sought to secure dominance over government by virtue of their majority. As a result, the democratically elected government adopted a series of ‘majoritarian’ measures to establish Sinhalese supremacy.

By the Act of 1956, Sinhala was recognized as the sole official language. Preference was given to Sinhalese applicants for university positions and government jobs. The Tamils felt that constitution and government policies denied them equal rights and discriminated against them in getting jobs. As a result, relationship was strained between the Sinhalese and Tamil communities.

Question 5.
Which factors were responsible for civil war in Sri Lanka? What were its results or consequences?
Or
What were the demands of Sri Lankan Tamils? Trace the development of their struggle.
Answer:
Majoritarianism in Sri Lanka led to strained relationship between The Sinhalese and the Tamils. Sri Lankan Tamils launched parties and struggles for-
(i) the recognition of Tamil as an official language
(ii) regional autonomy
(iii) equal opportunities in securing education and jobs.

But, their demands were repeatedly denied. By 1980s, several political organizations were formed, demanding an independent Tamil Eelam (state) in northern and eastern parts of Sri Lanka. Soon, it turned into a civil war and as a result, thousands of people were killed and a large number of people became refugees.

Question 6.
What measures were adopted by Belgium and Sri Lanka in dealing with the question of power sharing?
Answer:
Belgium and Sri Lanka adopted quite different methods in dealing with the question of power sharing. In Belgium, the leaders realized that the unity of the country was possible only by respecting the feelings and interests of different communities and regions. It resulted in mutually acceptable arrangements for sharing power. On the contrary, Sri Lanka presents the example, that if a majority community wants to force its dominance over others and refuses to share power, it can undermine the unity of the country.
Thus, Belgium dealt with ethnic problem peacefully while Sri Lanka faced a civil war.

Question 7.
Which type of government is much better- Unitary Government or Federal Government? Explain with the examples of Belgium and Sri Lanka.
Answer:
In unitary government, we see the centralization of powers while in federal type of government, the power is divided between centre and its units. As far as the examples of Belgium and Sri Lanka are concerned, the Belgian leaders tried to solve ethnic problems by establishing a federal government. Sri Lankan goverment tried to solve the problem through majoritarianism. The Belgian government avoided the civil strife whereas Sri Lankan government had to face the civil war. Thus, federal type of government is much better in comparison to unitary government.

Question 8.
Compare the different ways in which the Belgians and Sri Lankans have dealt with the problem of cultural diversity.
Answer:
Both Belgium and Sri Lanka are democracies, yet they have dealt with the problem of cultural diversity very differently.
Belgium:
(1) leaders realised that for the unity of the country, it is important to respect the feelings and interests of different communities. The constitution prescribes that the number of Dutch and French speaking ministers shall be equal in the central government.

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

(2) Both Dutch and French communities, share power on an equal basis at the centre. Along with the state government, both communities have a third kind of government called ‘community government which decides on cultural, education and language related issues.

(3) Between 1970 and 1993, the consittution was amended four times to enable all linguistic groups to live together within the same country.

Sri Lanka :
(1) Both communities have lived in tension as the Sinhalese have denied political, educational, religious, employment and economic rights to the Tamils leading to the civil war.
(2) In 1956, the government passed an act to recognise Sinhala as the only official language, thus disregarding Tamil.

Question 9.
Explain any three consequences of the majoritarian policies adopted by the Sri Lankan government. (CBSE2013)
Answer:
Sri Lanka emerged as an independent country in 1948. The democratically elected government adopted a series of majoritarian measures to establish Sinhala supremacy. Consequences of these majoritorian policies : •
(1) The Sri Lankan Tamils felt that none of the major political parties led by the Buddhist Sinhala leaders were sensitive to their language and culture, and the government policies denied them equal political righs which led to increased feelings of alienation among them.

(2) The Sri Lankan Tamils felt that the constitution denied them equal rights in politics, in getting jobs and ignored their interests. The relation between the Tamil and Sinhala communities became extremely strained as a result.

(3) The Sri Lankan Tamils launched parties and struggles for the recognition of Tamil, for regional autonomy and equality opportunity in every field.

(4) Therefore, the measures adopted by the government to establish Sinhala supermacy led to distrust between the two communities which turned the widespread conflict into a civil war. As a result, thousands of people of both communities were killed and many families were forced to leave the country as refugees and lost their livelihoods.

Question 10.
Examine the reasons for strained relationship between the Sinhala and Tamil communities. (CBSE 2010)
Answer:
(1) In 1956, an act was passed under which, Sinhala was recognized as Sri Lankan official language. No consideration was given to Tamil language.

(2) The government followed preferential policies which favoured Sinhala applicants for university positions and government jobs.

(3) The new constitution stipulated that state would protect and promote Buddhism. All these government measures increased the feeling of alienation among Sri Lankan Tamils and they felt that government’s constitution denied them equal political rights, discriminated against them in getting jobs and other opportunities and ignored their interests. Thus, the relations between the Sinhala and Tamil communities became strained over time.

Question 11.
Give the difference between Horizontal division of power and Vertical division of power.
Answer:
Horizontal Division of Power:
1. Power is shared among different organs of government, i.e. legislature, executive and judiciary.
2. In this, different organs exercise their power based on the concept of separation of powers.
3. In this, the concept of ‘checks and balances’ is followed.

Vertical division of power:
1. Power is shared at different levels of government, i.e. union, state and local levels.
2. In this, constitution clearly lays down the power of different governance levels.
3. In this, there is no concept of checks and balances.

Question 12.
Explain the prudential and moral reasons given in favour of power sharing ?
Answer:
Prudential Reasons: First, power sharing is good because it helps to reduce the possibility of conflict between social groups, since social conflict often leads to violence and political instability, power sharing is a good way to ensure the stability of political order. Imposing the will of majority community over minority community may look good in the short run but in the long run it undermines the unity of the nation.

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

Moral Reason: Power sharing is the very spirit of democracy. A democratic rule involves sharing power with those affected by its exercise and who have to live with its effects. People have a right to be consulted on how they are “to be governed. A legitimate government is one where citizens through participation acquire a stake in the system.

Question 13.
Explain how power is shared among different organs of government? (CBSE 2009)
Answer:
Power is shared among different organs of government such as the legislature, judiciary and executive. It is called horizontal distribution of power because it allows different organs of government placed at the same level to exercise different powers. Each organ checks the others. This results in a balance of power among various institutions. Although, judges are appointed by the executive, they can check the functioning of executive or laws made by the legislatures. This arrangement is called a system of checks and balances.

Question 14.
How far do you agree with the statement that power sharing is keeping with spirit of democracy ? (CBSE 2012 )
Answer:
Power sharing is desirable in democracy because it helps to reduce the possibility of conflict between social groups. Conflict between social groups leads to violence and political instability. Power sharing is a good way to ensure the stability of political order. Imposing the will of majority community over others, in the long run may undermine the unity of the nation. Tyranny of the majority is not just oppressive for the minority, it oft^ brings ruin to the majority as well.

A democratic rule involves sharing power with those affected by its exercise and who have to live with its effects. People have a right to be consulted on how they are to be governed. A legitimate government is one where citizens, through participation, acquire a stake in the system. Prudential reasons stress that power sharing brings out better outcomes, whereas moral reasons emphasize the act of power sharing as valuable.

Question 15.
Why is decentralization favoured in democracy ? Explain any three advantages.
Answer:
Advantages of decentralisation of power :
When power is taken away from central and state governments and given to local governments, it is called Decentralisation. The basic idea behind decentralisation is that there are a large number of problems and issues which are best settled at the local level. People have better knowledge of problems in their localities.
They also have better ideas on where to spend money and how to manage things more efficiently.

Question 16.
How is power shared among different social groups ?
Answer:
Power is shared among different social groups such as the religious and linguistic groups. Community government in Belgium is a good example of this arrangement. In some countries, there are constitutional and legal arrangements whereby socially weaker sections and women are represented in the leg is latures and administration. ‘Reserved constituencies’ in assemblies and the Parliament of our country is meant to give space in the government and administration to diverse social groups who otherwise would feel alienated from the government. This method is used to give minority communities a fair share in power.

Question 17.
How is power shared among political parties, pressure groups and movements?
Answer:
(1) In democracies, there is competition among the political parties. In the long run, the power is shared among the political parties which can directly be done by forming alliance or coalition government. They also have a share in governmental power either through participation in governmental committees or bringing influence on the decision-making process. Power is shared among different political parties that represent different ideologies and social groups.

Long Answer Type Questions

Describe the geographical distribution of different ethnic communities in Belgium and Sri Lanka.
Answer:
Geographical Distribution of Ethnic Communities in Belgium: In Belgium, the geographical distribution of ethnic groups is as mentioned below of the total population, 59% lives in the Flemish region and speaks Dutch language. 40% lives in the Wallonia region and speaks French. 1% speaks German. As a whole, Dutch-speaking people are in majority, but in Brussels, French-speaking people are in majority.

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

Geographical Distribution of Ethnic Communities in Sri Lank:
In Sri Lanka, the geographical distribution of ethnic communities is as given below-Sinhala-speaking people are spread all over the country except north and eastern coastal areas.Sri Lankan Tamils are spread in the east and northern parts. They are also seen in some pockets of west coastal area. Indian Tamils are concentrated in the central and southern parts of Sri Lanka. Muslims are very small in number and scattered in various parts of Sri Lanka.

Question 2.
What is the ethnic composition of Sri Lanka? Explain some steps taken by the Sri Lankan Government to achieve majoritarianism.
Answer:
The Ethnic Composition of Sri Lanka:
Sri Lanka is an island nation. It has a diverse population. The major social groups are the Sinhala-speakers (74 per cent) and the Tamil speakers (18 per cent).

There are two sub-groups among Tamils:
(i) Sri Lankan Tamils: Tamil natives of the country are called Sri Lankan Tamils, who comprise 13 per cent of the population of Sri Lanka; and
(ii) Indian Tamils: Tamils whose forefathers came here from India as plantation workers during colonial period are called Indian Tamils. They who comprise 5 per cent of the population of Sri Lanka. Most of the Sinhala-speaking people are Buddhists, while most of the Tamils are Hindus or Muslims. There are about 7 per cent Christians, are both Tamil and Sinhalese.

Steps taken by the Sri lankan Government to achieve majoritarianism:
(i) In the year 1956, an Act was passed to recognise Sinhala as the only official language, thus disregarding Tamil.
(ii) The Sri Lankan Government followed preferential policies that favoured the Sinhalese applicants for university positions and government jobs.
(iii) A new constitution stipulated that the government will protect and foster Buddhism.

Question 3.
What were the main causes of tension between the two different linguistic communities of Belgium? How was this problem resolved? Describe it.
Or
In what ways is the political system of Belgium different from that of the other countries of the world? Explain.
Or
What steps did the Belgian government take to accommodate all the social groups in its system of governance?
Answer:
Main reasons of tension between the two different linguistic communities in Belgium were as follows : .
(i) The ethnic composition of Belgium is very complex. Of the country’s total population, 59 per cent lives in the Flemish region and speaks Dutch language. Another 40 per cent lives in the Wallonia region and speaks French. Remaining 1 per cent speaks German. The capital city is Brussels, where 80 per cent people speak French, while 20 per cent people speak Dutch language.

(ii) The French-speaking minority community was relatively rich and powerful. On the other hand, the Dutch-speaking community got the benefit of economic development and education much later. This led to resentment among Dutch-speaking people and also proved to be the chief cause of tension between the Dutch-speaking and Frenchspeaking communities during 1950s and 1960s. This tension between two communities was more acute in capital city, Brussels.

Solutions of the Linguistic Problem of Belgium:
The Belgian leaders recognized the existence of regional differences and cultural diversities. Between 1970 and 1993, they amended their constitution four times. The arrangements made through amendments were innovative and different from that of other countries of the world.

The chief features of the Belgian model are as follows:
(i) The number of Dutch and French-speaking ministers shall be equal in the Central Gov-ernment. A special law requires the support of majority of members from each linguistic community.
(ii) Many powers of the Central Government have been given to the State Government, which is not subordinate to the Central Government.
(iii) The capital city Brussels has a separate government, in which both the communities have equal representation.
(iv) Belgium also implemented the model of community government which is elected by the people belonging to one language community-Dutch, French and German-speaking people. This government has the power regarding language, culture and education-related matters.

Question 4.
What is majoritarianism? How has it increased the feeling of alienation among Sri Lankan Tamils ? Explain with examples.
Answer:
A belief that the majority community should be able to rule a country in whichever way it wants, by disregarding the wishes and needs of the minority, is majoritarianism. Sri Lanka emerged as an independent country in The democratically elected

government adopted a series of measures to establish Sinhala supremacy:
(1) In 1956, an act was passed to make Sinhala the official language.
(2) The government followed preferential policies favouring Sinhala applicants for university positions and government jobs.
(3) The constitution provided for state protection and fostering of Buddhism. The Sri Lankan Tamils felt that none of the major political parties led by the Buddhist Sinhala leaders were sensitive to their language and culture, and the government policies denied them equal political rights which led to increased feeling of alienation among them. The Sri Lankan Tamils launched parties and struggles for the recognition of Tamil, for regional autonomy and equality of opportunities in every field.

Therefore, the measures adopted by the government to establish Sinhala supremacy led to distrust between the two communities which turned the widespread conflict into a civil war.

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 Power Sharing

Question 5.
What were the methods adopted by Belgian leaders to accommodate diversity in Belgium ? (CBSE 2016, 2017)
Answer:
The Belgian leaders recognized the existence of regional differences and cultural diversities. Between 1970 and 1993, the constitution was amended four times so as to work out an arrangement which would satisfy everybody. Following steps were taken:
(1) Equal number of ministers from both the groups in the central government : This was done to ensure that no single community can make decisions unilaterally.

(2) More powers to state governments: Under the new power-sharing arrangement, many powers of the central government were given to state governments of the regions of the country.

(3) Equal representation at state and central level: A separate government was set up at Brussels where both communities have equal rep esentation.

(4) Formation of community government: Apart from central and state governments, a third from of government was formed which was elected by people belonging to one language community, i.e. Dutch, French and German speaking-no matter where they live. This government has the power to discuss educational, cultural and language related issues.

Question 6.
Why is power sharing desirable? Explain with examples.
Answer:
Power sharing is desirable due to the following reasons:
(1) To Prevent Social Conflicts:
Power sharing is desirable because it reduces the possibility of conflicts among different social groups. Since, social conflicts often lead to violence and political instability. So, power sharing is a good way to ensure the stability of the political order.

(2) Spirit of Democracy:
Power sharing is the basis of democracy. It is essential for its development. In modem democracy, the power resides in the hands of public. This power is used by the people through their elected representatives. In this way, all the communities are given power through participation in administration.
Examples: The below-mentioned examples show the desirability of power sharing –

(i) In Belgium, French-speaking communities were richer and more powerful. They had the power. Their power was not shared by Dutch-speaking communities. This was non-democratic, and consequently a conflict took place in the society.

(ii) In Sri Lanka, the majority Sinhalese had the power, while minority Tamils were deprived of it. As a result of it, Tamils revolted against the Sinhalese. This caused civil war in Sri Lanka.
Thus, power sharing is desirable for the development and welfare of society.

Map Work

Question
Show Belgium and Sri Lanka on an outline map of the world.
Answer:
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HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

राजनीतिक दल Important Questions Civics HBSE 10th Class प्रश्न-1.
राजनीतिक दलों के अवगुणों का वर्णन कीजिए। (इन्टैक्स्ट प्रश्नः पृष्ठ : 72)
उत्तर-
राजनीतिक दल पक्षपात करते हैं, भेदभाव व फूट डालते हैं, लोगों को आपस में बाँटने का कार्य करते हैं।

HBSE 10th Class राजनीतिक दल Important Questions Civics प्रश्न-2.
राजनीतिक दल लोकतंत्र के लिए क्यों आवश्यक
उत्तर-
राजनीतिक दल लोकतंत्र को सफल बनाने के साध न हैं। इसके बिना लोकतंत्र का संचालन नहीं हो सकता।

Chapter 6 राजनीतिक दल Important Questions HBSE 10th Class प्रश्न-3.
राजनीतिक दल महिलाओं को पर्याप्त टिकट क्यों नहीं देते? क्या यह आंतरिक लोकतंत्र की कमी है? (इन्टैक्ट प्रश्न : पृष्ठ : 83)
उत्तर-
पुरुष-प्रधान देश में प्रायः दल भी महिलाओं को चुनाव लड़ने हेतु टिकट नहीं देते। स्पष्ट है इसका कारण आन्तरिक लोकतंत्र की कमी है।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

प्रश्न-4.
राजनीतिक दल किसे कहते हैं?
उत्तर-
राजनीतिक दल लोगों का एक ऐसा संगठित समूह है जो चुनाव लड़ने और सरकार में राजनीतिक सत्ता प्राप्त करने के उद्देश्य से काम करता है।

प्रश्न-5.
राजनीतिक दल के तीन प्रमुख हिस्से कौन-से हैं?
उत्तर-
राजनीतिक दल के तीन प्रमुख हिस्से निम्नलिखित
(क) नेता, (ख) सक्रिय सदस्य, (ग) अनुयायी या समर्थक।

प्रश्न-6.
दो-दलीय व्यवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर-
जिस देश में मुख्यतया दो राजनीतिक दल हों, उसे दो-दलीय व्यवस्था कहते हैं।

प्रश्न-7.
बहुदलीय व्यवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर-
जिस देश में दो से अधिक राजनीतिक दल हों, तथा लगभग समान ताकतवर हों, उसे बहुदलीय व्यवस्था कहा जाता

प्रश्न-8.
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर-
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना 1885 में हुई थी।

प्रश्न-9.
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के लक्ष्यों का मुख्य अजेंडा क्या है?
उत्तर-
धर्म-निरपेक्षता, कमजोर व अल्पसंख्यकों के हितों की प्राप्ति, लोकतंत्र की स्थापना व गुट-निरपेक्षता काँग्रेस के चुनावी अजेंडा हैं।

प्रश्न-10.
राजनीतिक दलों के कोई दो कार्य बताइए।
उत्तर-
1. चुनाव लड़ना, 2. दल की नीतियों व कार्यक्रमों की जनता के सामने रखना।

प्रश्न-11.
शासक दल किसे कहते हैं?
उत्तर-
जो राजनीतिक दल शासन करता है, उसे शासक दल कहा जाता है।

प्रश्न-12.
दो गठबंधनों वाली बहुदलीय व्यवस्था किसे कहा जाता है?
उत्तर-
सरकार बनाने हेतु जब कुछ राजनीतिक दल गठबंध नं बनाते हैं, उन्हें गठबंधीय वाली बहुदलीय व्यवस्था कहा जाता

प्रश्न-13.
कनाडा में राजनेताओं के विषय में लोगों की क्या राय है? .
उत्तर-
एक आंकड़े के अनुसार 98% कनाडावासी राजनेताओं को पसंदनहीं करते।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

प्रश्न-14.
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना कब हुई थी? उसकी नीति में प्रमुख तत्व क्या है?

भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 1980 में हुई थी। इसकी नीति का प्रमुख तत्व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद (या हिन्दुत्व)

प्रश्न-15.
बहुजन समाज पार्टी का गठन कब हुआ था? इसे किस ने गठित किया?
उत्तर-
गठन 1984 में हुआ था।

प्रश्न-16.
भारतीय मार्क्सवादी पार्टी की स्थापना कब हुई। उसकी आस्था किस विचारधारा में है?
उत्तर-
भारतीय मार्क्सवादी पार्टी की स्थापना 1964 में हुई थी। इसकी आस्था मार्क्सवाद-लेनिनवाद में है।

प्रश्न-17.
भारतीय साम्यवादी दल को कब गठित किया गया था?
उत्तर-
1925 में

प्रश्न-18.
राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी की नीतियों का ब्यौरा दीजिए।
उत्तर-
लोकतंत्र, गाँधीवादी धर्म-निरपेक्षता, समता, सामाजिक न्याय और संघवाद।

प्रश्न-19.
किशनजी अब इस दुनिया में नहीं हैं। इन चारों कार्यकर्ताओं के बारे में आपकी क्या राय है? क्या उन्हें नया राजनीतिक दल बनाना चाहिए? क्या कोई राजनीतिक दल राजनीति में नैतिक दल बन सकता है? यह दल कैसा होना चाहिए? (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठ : 70)
उत्तर-
किशनजी एक महत्त्वपूर्ण आन्दोलनकारी थे। वह लोगों के मित्र, राजनीतिक दार्शनिक एवं नैतिक मार्गदर्शक भी थे। उनका मत था कि लोगों को सामाजिक, सांस्कृतिक, नैतिक व आर्थिक मामलों से जुड़े आन्दोलनों में भाग लेना चाहिए। वस्तुतः वह किसी नयी प्रकार की राजनीतिक पार्टी के बजाए एक वैकल्पिक प्रकार की राजनीति चाहते थे। राजनीतिक दलों में खोट होता है. वह वोट प्राप्त करने के लिए किसी भी अनैतिक प्रकार की भूल कर सकते हैं। परन्तु एक नयी प्रकार की राजनीति जो नैतिकता व लोकसेवा पर आधारित होगी, उस से राज्य व समाज दोनों में सुधार सम्भव हो पाएगा।

प्रश्न-20.
क्या आप दो-दलीय व्यवस्था, दो गठबंधनों वाली बहुदलीय व्यवस्था व बहुदलीय व्यवस्था के लिए कम से कम दो राज्यों के नाम बता सकते हैं? (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठ : 77)
उत्तर-

  • दो-दलीय व्यवस्थाः संयुक्त राज्य अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन।
  • दो गठबंधनीय वाली बहुदलीय व्यवस्थाः बेल्जियम, भारत
  • बहुदलीय व्यवस्थाः स्विट्जरलैंड, फ्राँस

प्रश्न-21.
अधिकांश कार्टूनों में नेताओं का मजाक उड़ाया जाता है। क्या आप बता सकते हैं कि इस हिस्से में वर्णित चुनौतियाँ किस कार्टून में आई हैं? यह इटली, अमेरिका तथा भारत से सम्बन्धित हैं। (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठ : 85)
उत्तर-
राजनीतिक दल अपने चुनावी अभियानों में काफी रुपए/धन खर्च करते हैं। उन्होंने राजनीति को व्यवसाय (एक चुनौती) बना दिया है। एक कार्टून का सम्बन्ध नेताओं द्वारा ध न का ब्यौरा देते हुए दिखाया गया है। दूसरे कार्टून द्वारा चुनावों में धन की ताकत को बयान किया गया है।

प्रश्न-22.
क्या आप राजनीतिक दलों के सुधार हेतु अनुशासन पर जोर देने के पक्ष में हैं? (इन्टैक्सट प्रश्न: पृष्ठः 86)
उत्तर-
लोकतंत्र में राजनीतिक दलों का सादा महत्त्व होता है। लोकतंत्र की सफलता, बहुत सीमा तक, राजनीतिक दलों की स्वच्छ प्रणाली, उनके द्वारा ईमानदारी से काम करने व भ्रष्टाचार से जुड़ी गतिविधियों से दूर पर निर्भर करती है। राजनीतिक दलों को अनुशासनात्मक ढंग से अपनी गतिविधियाँ चलानी चाहिए तथा उन्हें भी अनुशासन को घेरे में लिया जाना चाहिए।

प्रश्न-23.
राजनीतिक दल क्यों जरूरी हैं?
उत्तर-
जन-साधारण के लिए लोकतंत्र व राजनीतिक दल एक ही रूप के होते हैं। हम राजनीतिक दलों के बिना लोकतांत्रिक व्यवस्था की कल्पना ही नहीं कर सकते। करीब 100 साल पहले दुनिया के बस कुछ ही देशों में और वह भी गिनती के राजनीतिक दल थे। आज गिनती के ही देश ऐसे हैं जहाँ राजनीतिक दल नहीं हैं। दुनिया भर के लोकतांत्रिक देशों में राजनीतिक दल सर्वव्यापी हो गए हैं।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

प्रश्न-24.
राजनीतिक दल का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
राजनीतिक दल को लोगों के ऐसे संगठित समूह के रूप में बताया जाता है जो चुनाव लड़ने के बाद सरकार में सत्ता प्राप्त करते हैं। इसके सदस्य सार्वजनिक मामलों में एक से विचार रखते हैं। शांतिपूर्ण व संवैधानिक तरीकों से दल सत्ता प्राप्त कर अपनी चुनावी नीतियों को प्रभावी रूप देते हैं। दल के तीन प्रमुख हिस्से होते हैं : (i) नेता, (ii) सक्रिय सदस्य, (iii) अनुयायी या समर्थक।

प्रश्न-25.
राजनीतिक दलों के महत्त्व की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
राजनीतिक दलों के महत्त्व को भूलाना कठिन है। यदि दल न हो तो हमें उसकी उपयोगिता संदिग्ध होगी। निर्वाचित प्रतिनिधि सिर्फ अपने निर्वाचन क्षेत्रों में किए गए कामों के लिए जवाबदेह होंगे। लेकिन, देश कैसे चले इसके लिए कोई उत्तरदायी नहीं होगा। उम्मीदवार स्वतंत्र या निर्दलीय होंगे। तब, इनमें से कोई भी बड़े नीतिगत बदलाव के बारे में लोगों से चुनावी वायदे करने की स्थिति में नहीं होगा। सरकार बन जाएगी पर वह सरकार कभी भी स्थायी नहीं होगा। .

प्रश्न-26.
लोकतंत्रीय व्यवस्था में एक-दलीय व्यवस्था क्यों अच्छा विकल्प नहीं हैं?
उत्तर-
हम एक-दलीय व्यवस्था को अच्छा विकल्प नहीं मान सकते क्योंकि यह लोकतांत्रिक विकल्प नहीं है। किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में कम-से-कम दो दलों को राजनीतिक सत्ता के लिए चुनाव में प्रतिद्वंद्विता करने की अनुमति तो होनी ही चाहिए। साथ ही उन्हें सत्ता में आ सकने का पर्याप्त अवसर भी रहना चाहिए।

प्रश्न-27.
दो-दलीय व्यवस्था की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
कुछ देशों में सत्ता आमतौर पर दो मुख्य दलों के बीच ही बदलती रहती है। वहाँ अनेक दूसरी पार्टियों हो सकती हैं, वे भी चुनाव लड़कर कुछ सीटें जीत सकती हैं पर सिर्फ दो ही दल, बहमत पाने और सरकार बनाने के प्रबल दावेदार होते हैं। अमरीका और ब्रिटेन में ऐसी ही दो-दलीय व्यवस्था है।

प्रश्न-28.
बहुदलीय, व्यवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर-
जहाँ दो से अधिक राजनीतिक दल लगभग एक-जैसी शक्ति रखते हो तथा जिन्हें लगभग एक जैसा समर्थन प्राप्त हो,
उस व्यवस्था को बहुदलीय व्यवस्था कहा जाता है। भारत में _बहुदलीय व्यवस्था है। हमारे देश में चुनावों से पहले कुछेक
राजनीतिक दल गठबंधन बना कर चुनाव लड़ते हैं तथा सरकार बनाने का प्रयास भी करते हैं।

प्रश्न-29.
किसी भी देश में अमुख्य दलीय व्यवस्था के बनने के पीछे क्या कारण होता हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर-
हर देश अपनी विशेष परिस्थितियों के अनुरूप दलीय व्यवस्था है तो उसका कारण यह है कि दो-तीन पार्टियाँ इतने बड़े मुल्क की सारी सामाजिक और भौगोलिक विविधताओं को समेट पाने में अक्षम हैं। हर मुल्क और हर स्थिति में कोई एक ही आदर्श प्रणाली चले यह संभव नहीं है।

प्रश्न-30.
राजनीतिक दलों के विषय में लोगों की क्या राय होती है?
उत्तर-
दक्षिण एशिया की जनता राजनीतिक दलों पर बहुत भरोसा नहीं करती। जो लोग दलों पर ‘एकदम भरोसा नहीं’ ‘बहुत भरोसा नहीं’ के पक्ष में बोले उनका अनुपात ‘कुछ भरोसा’ या ‘पूरा भरोसा’ बताने वालों से काफी ज्यादा था। यही बात ज्यादातर लोकतंत्रों पर लागू होती है। पूरी दुनिया में राजनीतिक दल ही एक ऐसी संस्था है जिस पर लोग सबसे कम भरोसा करते हैं।

प्रश्न-31.
क्या आप जानते हैं कि राजनीतिक दलों के कामकाज में लोगों की भागीदारी बढ़ी है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
राजनीतिक दलों के कामकाज में लोगों की भागीदारी का स्तर काफी ऊँचा है। खुद को किसी राजनीतिक दल का सदस्य बताने वाले भारतीयों का अनुपात कनाड़ा, जापान, स्पेन और दक्षिण कोरिया जैसे विकसित देशों से भी ज्यादा है। पिछले तीन दशकों के दौरान भारत में राजनीतिक दलों की सदस्यता का अनुपात धीरे-धीरे बढ़ता गया है। खुद को किसी राजनीतिक दल का करीबी बताने वालों का अनुपात भी इस अवधि में बढ़ता गया

प्रश्न-32.
राष्ट्रीय दल व प्रान्तीय दलों में मुख्य भेद बताइए। इनके उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
राष्ट्रीय दल वह राजनीतिक दल होते हैं जिनकी नीतियाँ व कार्यक्रम पूरे देश से सम्बन्धित होते हैं। प्रान्तीय राजनीतिक दल प्रान्तीय व क्षेत्रीय रूप से होते हैं तथा उनका प्रभाव उसी प्रान्त व क्षेत्र तक ही रहता है। भारत में राष्ट्रीय दल है: भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, साम्यवाद व मावर्सवादी दल। प्रान्तीय राजनीतिक दलों में नेशनल कान्फ्रेंस, अकाली दल, तेलुगुदेशम आदि उल्लेखनीय

प्रश्न-33.
भारत में साम्यवादी दलों का मुख्य चुनावी लक्ष्य क्या रहा है?
उत्तर-
1925 में भारतीय साम्यवादी दल का गठन हुआ। 1964 में इस दल में फूट के परिणामस्वरूप इसको एक शाखा मार्क्सवादी साम्यवादी दल के रूप में उभर आयी। यह दोनों साम्यवादी दल वामपंथी मोर्चे के गठन के फलस्वरूप मिलकर काम कर हैं। इनका मुख्य चुनावी लक्ष्य मजदूरों व किसानों हेतु सामाजवाद की स्थापना है। यह पूँजीवाद को नियंत्रित रखना चाहती हैं। स्त्री-शक्ति के समर्थक यह दल शासन में दायित्वपूर्ण व्यवस्था का पक्ष लेते हैं।

प्रश्न-34.
भारतीय जनता पार्टी के चुनावी कार्यक्रम में किन्हीं पाँच का उल्लेख करें।
उत्तर-

  1. सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर महत्त्व
  2. सभी धर्मों को मानने वालों के लिए समान नागरिक संहिता;
  3. गाँधीवादी अर्थव्यवस्था;
  4. गुट-निरेपक्षता को स्वच्छ रूप दे लागू करना;
  5. वैश्वीकरण व निजीकरण व उदारीकरण का समर्थन।

प्रश्न-35.
बहुजन समाज पार्टी किन नेताओं के विचारों से प्रेरित हई हैं? इस पार्टी के मुख्य लक्ष्य क्या हैं?
उत्तर-
बहुजन समाज पार्टी साहू महाराज, महात्मा फूले, पेरियार रामास्वामी नायक, बाबा साहेब अम्बेडकर आदि नेताओं के विचारों से प्रेरित हुई है। इस पार्टी ने 2004 के लोकसभा चुनावों में सीटें प्राप्त की थीं। यह दल दलित वर्गों के हित को अपना प्रमुख लक्ष्य मानती है। वह दल पिछड़ी जातियाँ, आदिवासियों, धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए सत्ता प्राप्त करना चाहती हैं।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

प्रश्न-36.
राजनीतिक दलों के मुख्य कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
1. दल चुनाव लड़ते हैं। अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में चुनाव राजनीतिक दलों द्वारा खड़ा किए गए उम्मीदवारों के बीच लड़ा जाता है। राजनीतिक दल उम्मीदवारों का चुनाव कई तरीकों से करते हैं। अमरीका जैसे कुछ देशों में उम्मीदवार का चुनाव दल के सदस्य और समर्थक करते हैं। अब इस तरह से उम्मीदवार चुनने वाले देशों की संख्या बढ़ती जा रही है। अन्य देशों, जैसे भारत में, दलों के नेता ही उम्मीदवार चुनते हैं।

2. दल अलग-अलग नीतियों और कार्यक्रमों को मतदाताओं के सामने रखते हैं और मतदाता अपनी पसंद की नीतियाँ और कार्यक्रम चुनते हैं।

3. पार्टियाँ देश के कानून निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। कानूनों पर औपचारिक बहस होती है और उन्हें विध यिका में पास करवाना पड़ता है लेकिन विधायिका के अधि कतर सदस्य किसी-न-किसी दल के सदस्य होते हैं। इस कारण के अपने दल के नेता के निर्देश पर फैसला करते हैं।

4. दल ही सरकार बनाते और चलाते हैं। शासकीय मामलों से जुड़ी नीतियाँ और बड़े फैसलों के मामले में निर्णय राजनेता ही लेते हैं और ये नेता विभिन्न दलों के होते हैं। पार्टियाँ नेता चुनती हैं, उनको प्रशिक्षित करती हैं और फिर पार्टी के सिद्धांतों और कार्यक्रम के अनुसार फैसले करने के लिए उन्हें मंत्री बनाती हैं ताकि वे पार्टी की इच्छा के अनुसार सरकार चला सकें।

5. चुनाव हारने वाले दल शासक दल के विरोधी पक्ष की भूमिका निभाते हैं। सरकार की गलत नीतियों और असफलताओं की आलोचना करने के साथ वह अपनी अलग राय भी रखते हैं। विपक्षी दल सरकार के खिलाफ आम जनता को भी गोलबंद करते हैं।

6. जनमत-निर्माण में दल महत्त्वपूर्ण निभाते हैं। वे मुद्दों को उठाते और उन पर बहस करते हैं। विभिन्न दलों के लाखों कार्यकर्ता देश-भर में बिखरे होते हैं। समाज के विभिन्न वर्गों में उनके मित्र संगठन या दबाव-समूह भी काम करते रहते हैं। दल कई बार लोगों की समस्याओं को लेकर आन्दोलन भी करते हैं। अक्सर विभिन्न दलों द्वारा रखी जाने वाली राय के इर्द-गिर्द ही समाज के लोगों की राय बनती जाती है।

7. इल ही सरकारी मशीनरी और सरकार द्वारा चलाए जाने वाले कल्याण कार्यक्रमों तक लोगों की पहुँच बनाते हैं। एक साधारण नागरिक के लिए किसी सरकारी अधिकारी की तुलना में किसी राजनीतिक कार्यकर्ता से जान-पहचान बनाना, उससे संपर्क साधना आसान होता है। इसी कारण लोग दलों पर पूरा विश्वास न करते हुए भी उन्हें अपने करीब मानते हैं। दलों को भी हर हाल में लोगों की माँगों और जरूरतों पर ध्यान देना होता है वरना अगले चुनाव में लोग उन्हें धूल चटा सकते हैं।

प्रश्न-37.
राजनीतिक दलों को लोकतंत्र की एक अनिवार्य शर्त क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
राजनीतिक दलों का उदय प्रतिनिधित्व पर आधारित लोकतांत्रिक व्यवस्था के उभार के साथ जुड़ा है। हम पढ़ चुके हैं कि बड़े समाजों के लिए प्रतिनिधित्व आधारित लोकतंत्र की जरूरत होती है। जब समाज बड़े और जटिल हो जाते हैं तब उन्हें विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग विचारों को समेटने और सरकार की नजर में लाने के लिए किसी माध्यम या एजेंसी की जरूरत होती है। विभिन्न जगहों से आए प्रतिनिधियों को साथ करने की जरूरत होती है ताकि एक जिम्मेवार सरकार का गठन हो सके। उन्हें सरकार का समर्थन करने या उस पर अंकुश रखने, नीतियाँ बनवाने और नीतियों का समर्थन करने या उस पर अंकुश रखने, नीतियाँ बनवाने और नीतियों का समर्थन अथवा विरोध करने के लिए उपकरणों की जरूरत होती है। प्रत्येक प्रतिनिधि-सरकार की ऐसी जो भी जरूरतें होती हैं, राजनीतिक दल उनको पूरा करते हैं। इस तरह हम कह सकते हैं कि राजनीतिक दल लोकतंत्र की एक अनिवार्य शर्त हैं।

प्रश्न-38.
भारत में बनी राष्ट्रीय पार्टी भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के बारे में जानकारी दीजिए।
उत्तर-
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस को आमतौर पर काँग्रेस पार्टी कहा जाता है। यह एक पुराना राजनीतिक दल है। ईस्ट इंडिया कम्पनी के अवकाश प्राप्त एक अधिकार ए.आ. ह्यूम ने बम्बई में 1885 में इस दल का गठन किया। इसमें कई बार विभाजन हुआ। स्वतंत्रता दल में कई बार विभाजन हए हैं। आजादी के बाद राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर अनेक दर्शकों तक इसने प्रमुख भूमिका निभाई है। जवाहरलाल नेहरू की अगुवाई में इस दल ने भारत को एक आधुनिक धर्म-निरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने का प्रयास किया। 1971 तक लगातार और फिर 1980 से 1989 तक इसने देश पर शासन किया।

1989 के बाद से इस दल के जन-समर्थन में कमी आई पर अभी यह पूरे देश और समाज के सभी वर्गों में अपना आधार बनाए हुए हैं। अपने वैचारिक रुझान में मध्यमार्गी (न वामपंथी न दक्षिणपंथी) इस दल ने धर्म-निरपेक्षता और कमजोर वर्गों तथा अल्पसंख्यक समुदायों के हितों को अपना मुख्य अजेंडा बनाया है। यह दल नयी आर्थिक नीतियों का समर्थक है पर इस बात को लेकर भी सचेत है कि इन नीतियों का गरीब और कमजोर वर्गों पर बुरा असर न पड़े। 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में 145 सीटें जीतकर भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। अभी केंद्र में शासन करने वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का नेतृत्व यही दल कर रहा है।

प्रश्न-39.
भारतीय जनता पार्टी के विषय में चर्चा कीजिए।
उत्तर-
पुराने भारतीय जनसंघ को पुनर्जीवित करके 1980 में यह पार्टी बनी। भारत की प्राचीन संस्कृति और मूल्यों से प्रेरणा लेकर मजबूत और आधुनिक भारत बनाने का लक्ष्य, भारतीय राष्ट्रवाद और राजनीति की इसकी अवधारणा में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद (या हिंदुत्व) एक प्रमुख तत्व है। पार्टी जम्मू और कश्मीर को क्षेत्रीय और राजनीतिक स्तर पर विशेष दर्जा देने के खिलाफ है। यह देश में रहने वाले सभी धर्म के लोगों के लिए समान नागरिक संहिता बनाने और धर्मातरण पर रोक लगाने के पक्ष में है। 1990 के दशक में इसके समर्थन का आधार काफी व्यापक हुआ। पहले देश के उत्तरी और पश्चिमी तथा शहरी इलाकों तक ही सिमी रहने वाली इस पार्टी ने इस दशक में दक्षिण, पूर्व, पूर्वोत्तर तथा देश के ग्रामीण इलाकों में अपना आध पर बढ़ाया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेता की हैसियत से यह पार्टी 1998 में सत्ता में आई। गठबंधन में कई प्रांतीय और क्षेत्रीय दल शामिल थे। 2004 के लोकसभा चुनाव में यह पार्टी पराजित हुई और अभी लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल है।

प्रश्न-40.
बहुजन समाज पार्टी की स्थापना कब हुई? इस पार्टी के विषय में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
स्व. कांशीराम के नेतृत्व में 1984 में गठन। बहुजन समाज जिसमें दलित, आदिवासी, पिछड़ी जातियाँ और धार्मिक अल्पसंख्यक शामिल हैं, के लिए राजनीतिक सत्ता पाने का प्रयास और उनका प्रतिनिधित्व करने का दावा। पार्टी साहू महाराज, महात्मा फुले, पेरियार रामास्वामी नायकर और बाबा साहब आंबेडकर के विचारों और शिक्षाओं से प्रेरणा लेती है। दलितों और कमजोर वर्ग के लोगों के कल्याण और उनके हितों की रक्षा के मुद्दों पर सबसे ज्यादा सक्रिय इस पार्टी का मुख्य आधार उत्तर प्रदेश में है, पर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, दिल्ली और पंजाब में भी यह पार्टी पर्याप्त ताकतवर है। अलग-अलग पार्टियों से अलग-अलग अवसरों पर समर्थन लेकर इसने उत्तर प्रदेश में तीन बार सरकार बनाई। इस दल को 2004 के लोकसभा चुनाव में करीब 5 फीसदी वोट और 19 सीटें मिलीं।

प्रश्न-41.
भारत के साम्यवादी दलों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारतीय मार्क्सवादी दल की स्थापना 1964 में हुई। यह दल समाजवाद धर्म-निरपेक्षता और लोकतंत्र की समर्थक तथा साम्राज्यवाद और सांप्रदायिकता की विरोधी है। यह पार्टी भारत में सामाजिक-आर्थिक न्याय का लक्ष्य साधने में लोकतांत्रिक चुनावों को सहायक और उपयोगी मानती है। पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा में बहुत मजबूत आधार। गरीबों, कारखाना मजदूरों, खेतिहर मजदूरों और बुद्धिजीवियों के बीच अच्छी पकड़। यह पार्टी देश में पूँजी और सामानों की मुक्त आवाजाही की अनुमति देने वाली नयी आर्थिक नीतियों की आलोचक है। पश्चिम बंगाल में लगातार 30 वर्षों से शासन में। 2004 के चुनाव में इसने करीब 6 फीसदी वोट और लोकसभा की 43 सीटें हासिल की। यह पार्टी अभी केंद्र की संप्रग सरकार का बाहर से समर्थन कर रही है और इस सरकार में शामिल नहीं है।

भारतीय साम्यवादी दल की स्थापना 1925 में हुई। यह दल मार्क्सवाद-लेनिनवाद, धर्म-निरपेक्षता और लोकतंत्र में आस्था एवं अलगाववादी और सांप्रदायिक ताकतों की विरोधी है। यह पार्टी संसदीय लोकतंत्र को मजदूर वर्ग, किसानों और गरीबों के हितों को आगे बढ़ाने का एक उपकरण मानती है। 1964 की फूट (जिसमें माकपा इससे अलग हुई) के बाद इसका जनाध पर सिकुड़ता चला गया लेकिन केरल, पश्चिम बंगाल, पंजाब, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में अभी भी ठीक-ठाक स्थिति। बहरहाल, इसका समर्थन धीरे-धीरे कम होता गया है। 2004 के चुनाव में इसे 1.4 फीसदी वोट और लोकसभा की 10 सीटें हासिल हुई। मजबूत वाम मोर्चा बनाने के लिए सभी वामपंथी दलों को साथ लाने की पक्षधर। अभी केंद्र की संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

प्रश्न-42.
राजनीतिक दलों में सुधार कैसे लाया जा सकता
उत्तर-
राजनीतिक दलों में सुधार हेतु निम्नलिखित प्रयास किए जा सकते हैं:

  • विधायकों और सांसदों को दल-बदल करने से रोकने के लिए संविधान में संशोधन किया गया। निर्वाचित प्रतिनिधियों के मंत्रीपद या पैसे के लोभ में दल-बदल करने में आई तेजी को देखते हुए ऐसा किया गया। नए कानून के अनुसार अपना दल-बदलने वाले सांसद या विधायक को अपनी सीट भी गँवानी होगी। इस नए कानून से दल-बदल में कमी आई है पर इससे पार्टी में विरोध का कोई स्वर उठाना और भी मुश्किल हो गया है पार्टी नेतृत्व जो कोई फैसला करता है, सांसद और विधायक को उसे मानना ही होता है।
  • चुनाव आयोग ने एक आदेश के जरिए सभी दलों के लिए सांगठनिक चुनाव कराना और आयकर का रिटर्न भरना जरूरी बना दिया है। दलों ने ऐसा करना शुरू भी कर दिया है, पर कई बार ऐसा सिर्फ खानापूरी करने के लिए होता है। यह बात अभी नहीं कही जा सकती है कि इससे राजनीतिक दलों में अंदरूनी लोकतंत्र मजबूत हुआ है। इनके अलावा राजनीतिक दलों में सुधार के लिए अक्सर कई कदम सुझाए जाते हैं।
  • राजनीतिक दलों के आंतरिक कामकाज को व्यवस्थित करने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। सभी दल अपने सदस्यों की सूची रखें, अपने संविधान का पालन करें पार्टी में विवाद की स्थिति में एक स्वतंत्र प्राधिकारी को पंच बनाएँ और सबसे बड़े पदों के लिए खुला चुनाव कराएँ-यह व्यवस्था अनिवार्य को जानी चाहिए।
  • राजनीतिक दल महिलाओं को एक खास न्यूनतम अनुपात में (करीब एक-तिहाई) जरूर टिकट दें। इसी प्रकार दल के प्रमुख पदों पर भी औरतों के लिए आरक्षण होना चाहिए।
  • चुनाव का खर्च सरकार उठाए। सरकार दलों को चुनाव लड़ने के लिए धन दे। यह मदद पेट्रोल, कागज, फोन वगैरह के रूप में भी हो सकती है या फिर पिछले चुनाव में मिले मतों के अनुपात में नकद पैसा दिया जा सकता है।
  • दबाव-समूहों द्वारा लोगों का राजनीतिक दलों पर सदैव बना रहना चाहिए ताकि दल लोगों के प्रति सजग रहें। जो राजनीतिक दल में सुधार लाना चाहते हैं, उन्हें स्वयं राजनीतिक दलों में प्रवेश करके जरूरी सुधार लाने के प्रयास करने चाहिए।

विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों से सही व गलत का चयन करे।
(i) राजनीतिक दल लोगों का वह समूह है जिसके सदस्यों में राजनीतिक मतभेद होते हैं।
(ii) काँग्रेस पार्टी की स्थापना 1885 में हुई थी।
(iii) काशीराम बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक थे।
(iv) दल लोकतंत्र में चुनावों को सम्भव करते हैं।
(v) राजनीतिक दलों के सुधार हेतु उसके नेताओं को दल के नेता द्वारा मनोनित करना चाहिए।
उत्तर-
(i) गलत,
(ii) सही,
(iii) सही,
(iv) सही,
(v) गलत।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में सही विकल्प का चयन कीजिए।
(i) राजनीतिक दल का लक्ष्य हैः
(a) धर्म का प्रचार करना
(b) पंचवर्षीय योजना बनाना
(c) सरकार में सत्ता प्राप्त करना
(d) संविधान लागू करना
उत्तर-
(c) सरकार में सत्ता प्राप्त करना

(ii) 1885 में निम्नलिखित पार्टी की स्थापना हुई थी।
(a) काँग्रेस की
(b) बहुजन समाज
(c) भारतीय जनता
(d) साम्यवादी मार्क्सवादी
उत्तर-
(a) काँग्रेस की

(iii) निम्नलिखित भारतीय जनता पार्टी के एक प्रमुख नेता है।
(a) काशीराम
(b) लालकृष्ण, अडवानी
(c) सोमनाथ चैटर्जी
(d) मनमोहन सिंह
उत्तर-
(b) लालकृष्ण, अडवानी

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

(iv) निम्नलिखित पार्टी जम्मू व कश्मीर का एक प्रान्तीय दल है।
(a) अकाली दल
(b) पैन्थर पार्टी
(c) लोकदल
(d) तेलुगुदेशम
उत्तर-
(b) पैन्थर पार्टी

(v) ग्रेट ब्रिटेन में निम्नलिखित प्रकार की पार्टी है:
(a) दो-दलीय
(b) एक-दलीय
(c) बहुदलीय
(d) इनमें कोई नहीं
उत्तर-
(a) दो-दलीय

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HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी

सत्ता की साझेदारी Extra Questions HBSE 10th Class प्रश्न-
बेल्जियम में जातीय बनावट का विवरण दीजिए।
उत्तर-
फ्लेमिश इलाके के डच बोलने वाले लोग : 59% वेलोनिया क्षेत्र के फ्रेंच बोलने वाले लोग : 40% जर्मन बोलने वाले लोग

Satta Ki Sajhedari Important Questions HBSE 10th Class प्रश्न-
बेल्जियम की राजधानी की जातीय बनावट बताइए।
उत्तर-
बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स का जातीय बनावट इस प्रकार है : फ्रेंच बोलने वाले लोग 80% है जबकि डच भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या 20% है।

प्रश्न-
भारत के संदर्भ में श्रीलंका की भौगोलिक स्थिति क्या है?
उत्तर-
श्रीलंका भारत के दक्षिण में स्थित है।

प्रश्न-
क्या सत्ता का बँटवारा सत्ता के टुकड़े होते हैं?
उत्तर-
सत्ता की बाँट सत्ता की साझेदारी होती है, उसका टुकड़ों में बाँट नहीं।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी

प्रश्न-
श्रीलंका में सिंहली जाति के लोग कुल जनसंख्या का कितना भाग हैं?
उत्तर-
74%

प्रश्न-
श्रीलंका में तमिल लोग कुल जनसंख्या का कितना भाग है?
उत्तर-
18%। इनमें श्रीलंकाई मूल के तमिल 13% है जबकि भारत मूल के तमिल 5%

प्रश्न-
सिंहली-भाषी लोगों का सम्बन्ध किस धर्म से
उत्तर-
बौद्ध धर्म से।

प्रश्न-
तर्क दीजिए कि सरकार के मंत्री किन्हीं सामाजिक समूहों के आधार पर बनाए जाएँ।
उत्तर-
सामाजिक समूहों की संख्या के अनुपात में मन्त्रियों की नियुक्ति सामाजिक एकता बनाए रखने में सहायता करती है।

प्रश्न-
गृहयुद्ध किसे कहते हैं?
उत्तर-
किसी देश में सरकार विरोधी समूहों की हिंसक लड़ाई गृहयुद्ध होती है।

प्रश्न-
2005 में जर्मनी में जो चुनाव हुए उनमें किस राजनीतिक दल को बहुमत प्राप्त हुआ था?
उत्तर-
जर्मनी में 2005 में हुए चुनावों में किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत प्राप्त नहीं हुआ था।

प्रश्न-
जर्मनी के राजनीतिक दलों मे दो प्रमुख दलों के नाम बताइए।
उत्तर-
(1) क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी (2) सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी।

प्रश्न-
ख़लील के पिता का सम्बन्ध किस धर्म से था?
उत्तर-
आर्थोडक्स ईसाई धर्म से। प्रश्न-खलील की माँ का सम्बन्ध किस धर्म से था? उत्तर-ख़लील की माँ सुन्नी मुखलमान थी।

प्रश्न-
लेबनान की राजधानी का नाम बताइए।
उत्तर-
बेरूत।

प्रश्न-
विधानपालिका का मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर-
कानूनों का निर्माण करना।

प्रश्न-
अगर आपको लेबनान का कानून फिर से लिखने का अधिकार दिया जाए तो आप क्या करना चाहेंगे?
उत्तर-
लेबनान में गृहयुद्ध की स्थिति को बचाने के लिए वहाँ के बुजुर्गों ने कुछेक नियम बनाकर सत्ता बाँट करने की व्यवस्था को स्वीकृति दी थी। परन्तु ऐसा सब कुछ लोकतांत्रिक नहीं था। सामाजिक समूहों में एकता बनाने के लिए परस्पर ताल-मेल की आवश्यकता है। परन्तु इसे लोकतांत्रिक रूप दिया जाना चाहिए एवं निर्वाचन व्यवस्था लाने हेतु नए कानून बनाने की ज़रूरत है।

प्रश्न-
बेल्जियम में कौन-से जातीय समूह अल्पसंख्यक हैं? डच-भाषा बहुसंख्यक समुदाय की स्थिति बताइए।
उत्तर-
बेल्जियम में फ्रेंच-भाषी जातीय समूह अल्पसंख्यक से है। इस भाषा के बोलने वाले लोग बेल्जियम का कुल आबादी के केवल 40% लोग हैं। परन्तु अल्पसंख्यक फ्रेंच-भाषी लोग तुलनात्मक रूप से ज़्यादा समृद्ध और ताकतवर रहे हैं। बहुत बाद में जाकर आर्थिक विकास और शिक्षा का लाभ पाने वाले डच-भाषी लोगों को इस स्थिति से नाराज़गी थी। डच-भाषी लोग जनसंख्या से अधिक थे परन्तु, धन व समृद्धि के मामले में फ्रेंच-भाषी लोग सशक्त थे।

प्रश्न-
श्रीलंका में तमिल-भाषा अल्पसंख्यक लोग देश के किस क्षेत्र में आबाद हैं? उनका सम्बन्ध किस ध म से है?
उत्तर-
श्रीलंका में तमिल-भाषा अल्पसंख्यक लोग देश के उत्तर व पूर्वी प्रान्तों में आबाद हैं। इनमें अधिकतर का सम्बन्ध हिन्दू व इस्लाम धर्म से है। कुछेक ईसाई लोग भी हैं जिनकी संख्या कुल जनसंख्या का सात प्रतिशत है। वह सिंहाली भी बोलते हैं तथा तमिल भी। तमिल बोलने वाले 18% लोगों 13% श्रीलंकाई हैं तथा शेष भारतीय मूल के तमिल।

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प्रश्न-
तमिल-भाषा लोगों की क्या माँगें हैं?
उत्तर-
श्रीलंका में तमिल-भाषा लोगों ने अपने राजनीतिक दलों के माध्यम से निम्नलिखित माँगें रखी हुई हैं-

  • तमिल भाषा को राजभाषा बनाया जाए;
  • क्षेत्रीय स्वायतता दी जाए।
  • अन्य जातीय-समूहों के समान शिक्षा व रोजगार की सुविधाएँ/अवसर दिए जाएँ।
  • 1980 के दशक में तमिल ईलम (सरकार) बनाने की माँग की थी।

प्रश्न-
बेल्जियम में वह कौन-से प्रयास किए गए हैं जिनके कारण जातीय एकता बनाया रखा जा सके?
उत्तर-

  • केन्द्र सरकार में मुख्य भाषा बोलने वालों को मन्त्रिमण्डल में एक-समान प्रतिनिधित्व दिया। .
  • ऐसे कानून बनाए गए हैं कि कोई भी एक जातीय समूह एक तरफा फैसला न कर सके।
  • केन्द्रीय सरकार की अनेक शक्तियाँ देश के दो क्षेत्रों की क्षेत्रीय सरकारों को दी गयी हैं जो केन्द्र सरकार से अलग __ शासन करती हैं।
  • बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में बनी सरकार में दोनों जातीय समूहों को एक समान प्रतिनिधित्व प्राप्त हैं।

प्रश्न-
बेल्जियम की सामुदायिक सरकार के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
बेल्जियम में केन्द्रीय और राज्य सरकारों के अलावा एक तीसरे स्तर की सरकार भी काम करती है यानी सामुदायिक सरकार। इस सरकार का चुनाव एक ही भाषा बोलने वाले लोग करते हैं। डच फ्रेंच और जर्मन बोलने वाले समुदायों के लोग चाहे वे जहाँ भी रहते हों, इस सामुदायिक सरकार को चुनते हैं। इस सरकार को संस्कृति, शिक्षा भाषा जैसे मसलों पर फैसले लेने का अधिकार है।

प्रश्न-
यूरोपीय देशों ने यूरोपीय संघ का मुख्यालय ब्रुसेल्स को क्यों चुना?
उत्तर-
बेल्जियम जातीय एकता का एक महत्त्वपूर्ण उदाहरण है। प्रायः अनेक देशों में रहने वाले अलग-अलग जातियों के लोग एक-दूसरे से लड़ते रहते हैं। परन्तु बेल्जियम के डच व फ्रेंच-भाषी लोगों के समुदाय जातीय एकता का प्रमाण देते हुए एक-साथ मिल-जुलकर रहते हैं। इसी जातीय एकता के कारण यूरोपीय संघ का मुख्यालय ब्रसेल्स को चुना गया।

प्रश्न-
श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद व उसके प्रभाव का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
बहुसंख्यकवाद से अर्थ उस व्यवस्था से है जहाँ तक बहुसंख्यक वर्ग अपने बहुमत के कारण शासन करते हुए मनमानापन कर सकता है तथा अल्पसंख्यकों के हितों की अनेदेखी करता है। श्रीलंका इसका एक उदाहरण है। सन् 1948 में श्रीलंका स्वतंत्र राष्ट्र बना। सिंहली समुदाय के नेताओं ने अपनी बहुसंख्या के बल पर शासन पर प्रभुत्व जमाना चाहा। इस वजह से लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार ने सिंहली समुदाय की प्रभुता कायम करने के लिए अपनी बहुसंख्यक-परस्ती के तहत कई कदम उठाए।

  • 1956 में एक कानून बनाया गया जिसके तहत तमिल को दरकिनार करके सिंहली को एकमात्र राजभाषा घोषित कर दिया गया।
  • विश्वविद्यालयों और सरकारी नौकरियों में सिंहलियों को प्राथमिकता देने की नीति भी चली।
  • नए संविधान में यह प्रावधान किया गया कि सरकार बौद्ध मत को संरक्षण और बढ़ावा देगी।

इन सरकारी फैसलों ने श्रीलंकाई तमिलों की नाराजगी और शासन को लेकर उनमें बेगानापन बढ़ाया। उन्हें लगा कि बौद्ध धर्मावलंबी सिंहलियों के नेतृत्व वाली सारी राजनीतिक पार्टियाँ उनकी भाषा और संस्कृति को लेकर असंवेदनशील हैं। उन्हें लगा कि संविधान और सरकार की नीतियाँ उन्हें समान राजनीतिक अधिकारों से वंचित कर रही है। परिणाम यह हुआ कि तमिल व सिंहली समुदायों में सम्बन्ध बिगड़ने लगे।
श्रीलंका में दो समुदायों के बीच पारस्परिक अविश्वास ने बड़े टकराव का रूप ले लिया। यह टकराव गृहयुद्ध में परिणत हुआ। परिणामस्वरूप दोनों पक्ष के हजारों लोग मारे जा चुके हैं।
अनेक परिवार अपने मुल्क से भागकर शरणार्थी बन गए हैं। .. इससे भी कई गुना ज्यादा लोगों की रोजी-रोटी चौपट हो गई है।

प्रश्न-
परस्पर जातीय तत्वों के उन्मूलन व जातीय एकता लाने हेतु बेल्जियम में क्या प्रभाव किए गए? उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
उत्तर-
बेल्जियम के नेताओं ने श्रीलंका से अलग रास्ता अपनाने का फैसला किया। उन्होंने क्षेत्रीय अंतरों और सांस्कृतिक विविधता को स्वीकार किया। 1970 और 1993 के बीच उन्होंने अपने संविधान में चार संशोधन सिर्फ इस बात के लिए किए कि देश में रहने वाले किसी भी आदमी को बेगानेपन का अहसास न हो और सभी मिल-जुलकर रह सकें। उन्होंने इसके लिए जो व्यवस्था की वह बहुत की कल्पनाशील है उसकी कुछ मुख्य बातें निम्नलिखित हैं-

  • संविधान में इस बात का स्पष्ट प्रावधान है कि केंद्रीय सरकार में डच और फ्रेंच-भाषी मंत्रियों की संख्या समान रहेगी। कुछ विशेष कानून तभी बन सकते हैं जब दोनों भाषायी समूह के सांसदों का बहुमत उसके पक्ष में हो। इस प्रकार किसी एक समुदाय के लोग एक तरफ फैसला नहीं कर सकते।
  • केंद्र सरकार की अनेक शक्तियाँ देश के दो इलाकों की क्षेत्रीय सरकारों को सुपुर्द कर दी गई है यानी राज्य सरकारें केंद्रीय सरकार के अधीन नहीं है।
  • ब्रूसेल्स में अलग सरकार है और इसमें दोनों समुदायों का समान प्रतिनिधित्व है। फ्रेंच-भाषी लोगों ने ब्रूसेल्स में समान प्रतिनिधित्व के इस प्रस्ताव को स्वीकार किया क्योंकि डच-भाषी लोगों ने केंद्रीय सरकार में बराबरी का प्रतिनधित्व स्वीकार किया था।
  • 4. ऐसी व्यवस्था से अलग-अलग एक सामुदायिक सरकार की भी रचना की गयी है जो सभी भाषी लोगों द्वारा चुनी जाती है तथा जिसका मुख्य कार्य शिक्षा व भाषा के मामलों पर निर्णय लेना है।

प्रश्न-
आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के विभिन्न रूप बताइए।
उत्तर-
आधुनिक लोकतांत्रिक व्ययवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के विभिन्न रूपों में कुछेक का निम्नलिखित का वर्णन किया जा सकता है
1. शासन के विभिन्न अंग, जैसे विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता का बँटवारा रहता है। इसे हम सत्ता का क्षैतिज वितरण कहेंगे क्योंकि इसमें सरकार के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी-अपनी शक्ति का उपयोग करते हैं। ऐसे बँटवारे से यह सुनिश्चित हो जाता है कि कोई भी एक अंग सत्ता का असीमित उपयोग नहीं कर सकता। हर अंग दूसरे पर अंकुश रखता है। इससे विभिन्न संस्थाओं के बीच सत्ता का संतुलन बनता है। हमारे देश में कार्यपालिका सत्ता का उपयोग करती ज़रूर है पर यह संसद के अधीन कार्य करती है; न्यायपालिका की नियुक्ति कार्यपालिका करती है पर न्यायपालिका ही कार्यपालिका पर और विधायिका द्वारा बनाए कानूनों पर अंकुश रखती है। इस व्यवस्था को ‘नियंत्रण और संतुलन की व्यवस्था’ भी कहते हैं।

2. सरकार के बीच भी विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बँटवारा हो सकता है : जैसे, पूरे देश के लिए एक सामान्य सरकार हो और फिर प्रांत या क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग सरकार रहे। पूरे देश के लिए बनने वाली ऐसी सामान्य सरकार को अक्सर संघ या केंद्र सरकार कहते हैं, प्रांतीय या क्षेत्रीय स्तर की सरकारों को हर जगह अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। भारत में हम
इन्हें राज्य सरकार कहते हैं। हर देश में बँटवारा ऐसा ही नहीं है। कई देशों में प्रांतीय या क्षेत्रीय सरकारे नहीं हैं। लेकिन हमारी तरह, जिन देशों में ऐसी व्यवस्था है वहाँ के संविधान में इस तथ्य को स्पष्ट किया जाता है। राज्य सरकारों से नीचे के स्तर की सरकारों के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था हो सकती है। नगरपालिकाएँ और पंचायतें ऐसी ही इकाइयाँ हैं। उच्चतर और निम्नतर स्तर की सरकारों के बीच सत्ता के ऐसे बँटवारे को उर्ध्वाधर वितरण कहा जाता है।

3. सत्ता का बँटवारा विभिन्न सामाजिक समूहों, मसलन, भाषायी और धार्मिक समूहों के बीच भी हो सकता है। बेल्जियम में ‘सामुदायिक सरकार’ इस व्यवस्था का एक अच्छा उदाहरण है। कुछ देशों के संविधान और कानून में इस बात का प्रावध न है कि सामाजिक रूप से कमजोर समुदाय और महिलाओं को विधायिका और प्रशासन में हिस्सेदारी दी जाए।

4. सत्ता के बँटवारे का एक रूप हम विभिन्न प्रकार के दबाव-समूह और आंदोलनों द्वारा शासन को प्रभावित और नियंत्रित करने के तरीके में भी लक्ष्य कर सकते हैं। लोकतंत्र में लोगों के सामने सत्ता के दावेदारों के बीच चुनाव का विकल्प होता है। समकालीन लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में यह विकल्प पार्टियों के रूप में उपलब्ध होता है। पार्टियाँ सत्ता के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करती हैं। पार्टियों की यह आपसी प्रतिद्वंद्विता ही इस बात को सुनिश्चित करती है कि सत्ता एक व्यक्ति या समूह के – हाथ में न रहे। प्रायः सत्ता बारी-बारी से अलग-अलग विचारध परा और सामाजिक समूहों वाली पार्टियों के हाथ आती-जाती रहती है। कई बार सत्ता की यह भागीदारी एकदम प्रत्यक्ष दिखती है क्योंकि दो या अधिक पार्टियाँ मिलकर चुनाव लड़ती हैं या सरकार का गठन करती हैं। लोकतंत्र में हम व्यापारी, उद्योगपति, किसान और औद्योगिक मजदूर जैसे कई संगठित हित-समूहों को भी सक्रिय देखते हैं। सरकार की विभिन्न समितियों में सीध ी भागीदारी करके या नीतियों पर अपने सदस्य-वर्ग के लाभ के लिए दबाव बनाते हुए ऐसे समूह सत्ता में भागीदारी करते हैं।

विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान को उचित शब्दों में भरिए-
(i) बेल्जियम जातीय. …का एक महत्त्वपूर्ण उदारहरण है (एकता, फूट)
(ii) श्रीलंका में शासन में……..है। (बहुसंख्यकवाद, . अल्पसंख्यकवाद)
(iii) श्रीलंका भारत के……….में स्थित एक द्वीपीय देश है। (उत्तर, दक्षिण)
(iv) ख़लील का सम्बन्ध…….देश से है। (सीरिया, लेबनान)
(v) विधानपालिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका में सत्ता की बाँट………हैं। (क्षैतिज, उर्ध्वाधर)
उत्तर-
(i) एकता
(ii) बहुसंख्यकवाद,
(iii) दक्षिण,
(iv) लेबनान,
(v) क्षैतिजा

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में सही व गलत का चयन कीजिए।
(i) बेल्जियम की जनसंख्या भारत में उत्तर प्रदेश से भी अधि . क है।
(ii) श्रीलंका भारत के उत्तर में स्थित एक पहाड़ी देश है।
(iii) श्रीलंका में सिंहली व तमिल जातियाँ देखी जा सकती
(iv) एक नियम के अनुसार लेबनान में एक मुसलमान ही प्रधानमंत्री बन सकता है।
(v) बेल्जियम में सामुदायिक प्रकार की सरकार है।
उत्तर-
(i) गलत,
(ii) गलत
(iii) सही,
(iv) सही,
(v) सही।

प्रश्न 3.
सही विकल्पक का चयन करें

1. (i) बेल्जियम की राजधानी ब्रूसेल्स में यूरोपीय संघ का मुख्यालय है।
(ii) श्रीलंका में जातीय एकता पायी जाती है।
उत्तर-
कूट (क) (i) ठीक है
(ख) (ii) ठीक है .
(ग) (i) ठीक है परन्तु, (ii) गलत है
(घ) (ii) ठीक है परन्तु, (i) गलत है।

2. सही विकल्प का चयन करें
सूची। — सूची II
A. ख़लील 1. बेल्जियम
B. एनिले 2. लेबनान
C. सेल्वी 3. श्रीलंका
उत्तर-
HBSE 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी 2

3. सही कथन का चयन कीजिए।
(क) बेल्जियम में सामुदायिक सरकार है
(ख) श्रीलंका में जातीय एकता है।
(ग) सत्ता की साझेदारी में समझदारी नहीं है।
(घ) श्रीलंका में तानाशाही व बेल्जियम में लोकतंत्र है।
उत्तर-
(i) (ग),
(ii) (क),
(iii) (क)

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