HBSE 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 5 औद्योगीकरण का युग

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 5 औद्योगीकरण का युग Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Important Questions History Chapter 5 औद्योगीकरण का युग

HBSE 10th Class History औद्योगीकरण का युग Important Questions and Answers

औद्योगीकरण का युग प्रश्न उत्तर HBSE 10th Class प्रश्न 1.
औद्योगिकरण से पूर्व के समय को क्या कहा गया?
उत्तर-
पूर्व आदि-औद्योगिकरण।

HBSE 10th Class Important Questions History Chapter 5 औद्योगीकरण का युग प्रश्न 2.
17वीं एवं 18वीं सदी में यूरोपीय शहर के सौदागर गाँवों की ओर क्यों रुख करने गले?
उत्तर-
अन्तर्राष्ट्रय व्यापार के लिए अधिक उत्पादन की आवश्यकता थी जो केवल शहरों में होने वाले उत्पादन से पूरी नहीं की जा सकती थी। अतः सौदागरों ने गाँवों की ओर रुख किया।

औद्योगीकरण का युग Important Questions History HBSE 10th Class प्रश्न 3.
गिल्ड्स क्या थे?
उत्तर-
गिल्ड्स उत्पादकों द्वारा बनाए गए संगठन थे जो कारीगरों को प्रशिक्षण देते, मूल्य निश्चित करते तथा नए व्यवसायियों के आगमन पर रोक लगाते थे।

प्रश्न 4.
प्रश्न 2 के उत्तर में दिए गए कारण के अतिरिक्त क्या कारण था जो सौदागरों ने गाँवों का रुख किया? .
उत्तर-
गिल्ड्स के एकाधिकार तथा नए उत्पादकों पर बाजार में रोक के कारण उन्होंने गाँवों में अपने लिए उत्पादन करवाना आरम्भ कर दिया।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Chapter 5 औद्योगीकरण का युग

प्रश्न 5.
गाँवों के किसान एवं काश्तकार सौदागरों के लिए काम करने के लिए क्यों तैयार हुए?
उत्तर-
गाँवों में बाड़ाबन्दी आरम्भ हो गई। इस कारण छोटे किसानों को जीवन के लिए आय एकत्रित करना मुश्किल हो गया। छोटे-छोटे खेतों से आमदनी नहीं हो पा रही थी। सौदागरों ने काम करने के लिए उन्हें पेशगी देनी आरम्भ की तो वे उनके लिए काम करने के लिए तेयार हो गए।

प्रश्न 6.
स्टेपलर क्या है?
उत्तर-
वह व्यक्ति जो रेशों के हिसाब से ऊन को स्टेपल करने या छाँटने का काम करता है, उसे स्टेपलर कहा जाता है।

प्रश्न 7.
फुलर कौन है?
उत्तर-
वह व्यक्ति जो चुन्नटों के द्वारा कपड़ों को समेटता है, उसे फुलर कहा जाता है।

प्रश्न 8.
शहरों और गाँवों में संबंध किस प्रकार विकसित हुआ?
उत्तर-
सौदागरों ने गाँवों से अपना काम करवाना आरम्भ किया। ये सौदागर शहरों से आते थे। पूरा कपड़ा गाँवों में तैयार होता तथा लंदन में उनकी फिनिशिंग होती थी। तत्पश्चात् निर्यातक कपड़े को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में बेच देते थे।

प्रश्न 9.
इंग्लैंड में कारखाने का उदय कब हुआ?
उत्तर-
इंग्लैंड में कारखाने का उदय 1730 के दशक में हुआ।

प्रश्न 10.
नए युग का प्रतीक किसको माना गया?
उत्तर-
कपास को नए युग का प्रतीक कहा गया।

प्रश्न 11.
18वीं सदी में उत्पादन बढ़ने के क्या कारण थे?
उत्तर-
18वीं सदी में उत्पादन इस कारण बढ़ा, क्योंकि उत्पादन की प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में कुशलता में वृद्धि हुई।

प्रश्न 12.
कारखानों की उत्पत्ति के कारण क्या लाभ हुए?
उत्तर-
पहले कपड़ा उत्पादन ग्रामीण क्षेत्रों में फैला हुआ था। काम लोग घरों में करते, लेकिन फिर मालिकों ने मशीनें खरीदकर कारखाने लगाना आरम्भ कर दिया। उत्पादन की सभी प्रक्रियाएँ एक ही छत के नीचे सम्भव थीं। मालिक आसानी से पूरे उत्पादन पर नियन्त्रण कर पा रहे थे तथा कपड़े की गुणवत्ता का ध्यान रख पाना आसान हो गया।

प्रश्न 13.
उन्नीसवीं सदी के यूरोप में कुछ उद्योगपति मशीनों की बजाय हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को प्राथमिकता क्यों देते थे?
उत्तर-
बहुत से उद्योगपति केवल हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को पसन्द करते थे। मशीन के द्वारा केवल एक ही प्रकार का उत्पाद कर पाना सम्भव था। परन्तु बाजार में बारीक डिजाइन तथा विभिन्न आकारों की माँग की जाती थी। कई वस्तुओं को बनाने के लिए निपुणता की आवश्यकता थी।

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प्रश्न 14.
बाजार में श्रम के बहुतायत से श्रमिकों का जीवन किस प्रकार प्रभावित हुआ?
उत्तर-
जब औद्योगिकरण हुआ तो शहरों में श्रमिकों की माँग बढ़ी। लोग नौकरियों की तलाश में शहरों की ओर चल पड़े। शहरों में रोजगार के लिए उन्हें कई हफ्तों तक प्रतीक्षा करनी पड़ती। इसके अतिरिक्त सीजन का प्रभाव भी श्रमिकों पर पड़ता था।

प्रश्न 15.
उन्नीसवीं सदी में वेतन पर क्या प्रभाव था?
उत्तर-
उन्नीसवीं सदी के आरम्भ से मजदूरों की आय में कुछ वृद्धि हुई परन्तु उनकी दैनिक आय तय होती थी। उनकी आय इस बात पर निर्भर करती थी कि उन्होंने कुल कितने दिन काम किया है।

प्रश्न 16.
1840 के दशक में शहरों के निर्माण की प्रक्रिया बताएँ।
उत्तर-
उद्योगों में वृद्धि के कारण शहरों के निर्माण की प्रक्रिया भी बढ़ी। सड़कों को चौड़ा किया गया, रेलवे स्टेशनों का निर्माण हुआ, रेलवे लाइनें बढ़ गई, नदियों के तटबंध बनाए गए, सुरंगों का निर्माण हुआ तथा सीवर व्यवस्था को बेहतरीन बनाया गया।

प्रश्न 17.
स्पिनिंग जेनी का बेरोजगारी पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
स्पिनिंग जेनी का आविष्कार जेम्स हरग्रीव्ज के द्वारा 1764 में हुआ। इसके द्वारा कलाई की प्रक्रिया बढ़ गई जिसके कारण मजदूरों की माँग अत्यन्त कम हो गई।

प्रश्न 18.
मशीनी उद्योगों के युग से पूर्व भारत की स्थिति अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कैसी थी?
उत्तर-
भारत में उत्पादित रेशमी तथा सूती कपड़े का दबदबा अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्रों में था। यहाँ उत्पन्न होने वाला कपास महीन था। आर्मीनिया तथा फारस के सौदागर भारत से यह कपड़ा ले जाते।

प्रश्न 19.
भारत में पूर्व-औपनिवेशिक समय में व्यापार किन माध्यमों से विकसित हुआ?
उत्तर-
भारत में व्यापार के लिए कई बंदरगाहों का निर्माण किया गया था। व्यापार मुख्यतः समुद्र द्वारा होता था। उदाहरण-गुजरात के तट लाल-सागर तथा भारत की खाड़ी द्वारा जुड़े हुए थे। दक्षिण-पूर्वी एशियायी बन्दरगाह बंगाल में हुगली तथा कोरोमण्डल तट पर मछलीपटनम से जुड़े हुए थे।

प्रश्न 20.
पूर्व-औपनिवेशिक समय में भारतीय व्यापारिक की क्या स्थिति थी?
उत्तर-
भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में बैंकर एवं भारतीय व्यापारी सक्रिय थे। उत्पादन में पैसा लगाकर वे चीजों को निर्यातकों तक पहुँचाते थे। बुनकरों को पेशगी देकर उनसे काम करवाया जाता था। ततपश्चात् जहाज के मालिकों या निर्यात व्यापारियों के दलालों को उत्पाद बेच दिया जाता था।

प्रश्न 21.
1750 के दशक से सौदागरों का नेटवर्क क्यों टूटने लगा?
उत्तर-
18वीं सदी से यूरोपीय ताकतों ने भारत में प्रवेश किया। स्थानीय राजाओं से उन्होंने व्यापारी रियायतें प्राप्त की। उन्होंने इजारेदारी पर अधिकार भी प्राप्त किए। इस कारण निर्यात में बहुत कमी आई। कई बैंक दिवालिया हो गए। जो व्यापारी बच गए, उन्होंने यूरोपीय व्यापारियों से हाथ मिला लिया।

प्रश्न 22.
1760 का आरम्भिक दौर कैसा था?
उत्तर-
जब ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 1760 से स्वयं को सुदृढ़ करना आरम्भ किया। आरम्भ में कपड़ा निर्यात में कोई कमी नहीं आई। इस समय ब्रिटिश कपास उद्योग अधिक नहीं फैला था। यूरोप में भारत के महीन कपास से बने कपड़े की बहुत माँग थी कम्पनी इसी व्यापार को फैलाना चाहती थी।

प्रश्न 23.
ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय बुनकरों से सूती और रेशमी कपड़े की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्या किया।
उत्तर-
ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने कपड़े की नियमित आपूर्ति के लिए पहले एक नई व्यवस्था को लागू किया। इस काम को निम्न चरणों में किया गया कम्पनी ने व्यापार में सक्रिया व्यापारियों और दलालों तथा बुनकरों पर प्रत्यक्ष नियन्त्रण स्थापित करने का प्रयत्न किया। इसके लिए उन्होंने गुमाश्ताओं को तैनात किया। ये गुमाश्ता कर्मचारी कपड़ों की गुणवत्ता तथा बुनकरों पर निगरानी करते थे। जो बुनकर कम्पनी के साथ काम करते थे, उन पर अन्य व्यापारियों तथा खरीदारों के साथ काम करने पर पाबन्दी लगा दी गई। उन्हें पेशगी भी दी जाती तथा कच्चा माल खरीदने के लिए कर्जा भी। इस कारण वे किसी अन्य व्यापारी को कपड़ा नहीं बेच सकते थे।

प्रश्न 24.
उपर्युक्त प्रश्न में दिए गए चरणों का भारतीय बुनकरों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
अधिक आय होने की आशा में बुनकर कर्जे स्वीकार कर लेते। महीन कपड़े की माँग बढ़ने लगी। जिन बुनकरों के पास जमीनें थीं, वे उन्हें किराए पर दकत स्वयं पूरा समय बुनकरी करने लगे। उनका मुख्य उद्देश्य आय में वृद्धि करना था।

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प्रश्न 25.
बुनकरों एवं गुमाश्तों के मध्य संबंध किस प्रकार के थे?
उत्तर-
बुनकरों तथा गुमाश्तों के बीच सदैव टकराव होते रहे। वे उन व्यापारियों के समान कदापि नहीं थे जो समय-समय पर उनकी मदद करते थे। परन्तु गुमाश्तों का व्यवहार अत्यन्त बुरा था। इनका गाँवों के साथ कोई सामाजिक संबंध नहीं था। उनका व्यवहार बुनकरों के प्रति दम्भपूर्ण था। वे काम पूरा न होने पर बुनकरों को मारते तथा कोड़े बरसाते थे।

प्रश्न 26.
19वीं सदी के भारत के कपड़े में गिरावट क्यों आने लगी?
उत्तर-
इंग्लैंड में कपास उद्योग में वृद्धि के कारण वहाँ के उद्योगपति अन्य देशों से आयात के कारण परेशान हो गए। आयातित कपड़े पर आयात शुल्क वसूल करने की माँग की जाने लगी। उन्होंने ईस्ट इंडिया कम्पनी पर ब्रिटिश कपड़ों को भारतीय बाजार में बेचने का दबाव डाला जिससे भारत में उत्पादों का निर्यात कम होने लगा, परन्तु 1870 तक आयात 50 प्रतिशत हो गया।

प्रश्न 27.
निर्यात में कमी के कारण बुनकरों के सामने क्या समस्याएँ उत्पन्न हुई।
उत्तर-
निर्यात में कमी के कारण स्थानीय बाजार सिकुड़ने लगा था। मशीनों द्वारा बनाया गया आयातित कपास बहुत सस्ता था। इसका मुकाबला बुनकर नहीं कर पा रहे थे। जल्दी ही अधिकतर बुनकर बेरोजगार होने लगे। 1860 में उन्हें अच्छी कपास बुनकरों से मिलनी बंद हो गई।

प्रश्न 28.
अमेरिकी गृहयुद्ध का भारत में कपास पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
अमेरिकी गृहयुद्ध के कारण ब्रिटेन को वहाँ से कपास मिलना बंद हो गया। इस कारण भारत से कच्चा कपास ब्रिटेन जाने लगा। निर्यात में वृद्धि से बुनकरों को कच्चा कपास ऊँची कीमत पर मिलने लगा जिससे उनकी आय में बहुत कमी आई।

प्रश्न 29.
भारत में फैक्ट्रियों का आना कब आरम्भ हुआ?
उत्तर-
पहली कपड़ा मिल मुम्बई में 1854 में लगी जिसमें उत्पादन दो वर्ष बाद शुरू हुआ। 1862 तक चार मिलें खुल गई। प्रथम जूट मिल 1855 में तथा दूसरी 1862 में खुली।

प्रश्न 30.
विभिन्न उद्यमी कौन थे जिन्होंने तरह-तरह के उद्योग लगाए?
उत्तर-
चीन के समय से भारत में व्यापार चल रहा था। 18वीं सदी के अंत में अफीम का व्यापार हो रहा था। कुछ उद्यमी उस धन से उद्योग लगाना चाहते थे। द्वारकानाथ टैगोर ने इस व्यापार के बाद 1830 से 1840 तक 6 संयुक्त उद्यम कम्पनियाँ स्थापित की। फिर बम्बई में डिनशॉ पेटिट और काफी समय बाद जमशेदजी टाटा ने उद्यम लगाए। 1917 में हुकुमचन्द ने कलकत्ता में जुट मिल लगाई।

प्रश्न 31.
प्रारंभ में उद्यमी किस प्रकार पूँजी एकत्रित करते थे?
उत्तर-
उद्यमी पूँजी एकत्रित करने के लिए अन्य व्यापारिक नेटवर्को का सहारा लते थे। मद्रास के व्यापारी बर्मा और तथा मध्य पूर्व और पूर्वी अफ्रीका के साथ भी व्यापार करते थे। कुछ अन्य समूह व्यापार से प्रत्यक्ष रूप से नहीं जुड़े थे। ये लोग सूद पर कर्जा देते थे तथा एक शहर से दूसरे शहर धन पहुँचाते थे।

प्रश्न 32.
औपनिवेशकों के आने से भारतीय व्यापर की स्थिति में क्या परिवर्तन हुआ?
उत्तर-
औपनिवेशिक ताकतों के आने से भारतीय व्यापारियों के लिए स्थिति खराब हो गई। उनके लिए जगह एकदम सिकुड़ गई। वे अब तैयार उतपाद यूरोप में नहीं बेच रहे थे। वे केवल नील, गेहूँ, कपास तथा अफीम का निर्यात करते थे। तत्पश्चात् उनका जहाजरानी का व्यवसाय भी समाप्त हो गया।

प्रश्न 33.
फैक्ट्रियों में काम करने के लिए श्रमिक कहाँ से आते थे?
उत्तर-
फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर सामान्यतः समीप के जिलों से आते थे। ये श्रमिक वे लोग थे जिन्हें गाँवों में काम नहीं मिलता था। उदाहरण-बम्बई के सूती उद्योग में काम करने के लिए 1911 में श्रमिक रत्नगिरी क्षेत्र से आए। कानपुर के गाँवों के लोग कानपुर के शहरों की फैक्ट्रियों में काम करते थे। त्यौहारों आदि के समय ये सभी श्रमिक अपने गाँवों में वापिस लौट जाते थे।

प्रश्न 34.
मिलों के बढ़ने से मजदूरों पर क्या असर पड़ा?
उत्तर-
मिलों की संख्या भारत में लगातार बढ़ रही थी परंतु इसके साथ ही मजदूरों की माँग बढ़ी। बेरोजगारों की __ संख्या भी इसके साथ बढ़ी थी। मिलों में प्रवेश सदैव निषेध रहता था। उद्योगपति जॉबर के जरिए नए श्रमिकों को काम पर रखते थे। जॉबर अपने गाँवों से लोगों को लाकर काम दिलाता।

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प्रश्न 35.
यूरोपीय एजेंसियों ने किन उत्पादों में अपनी दिलचस्पी दिखाई?
उत्तर-
यूरोपीय एजेंसियाँ केवल उन्हीं उत्पादों में निवेश करती थीं जिनमें उन्हें अधिक से अधिक लाभ प्राप्त होता है। चाय, कॉफी के बागान, नील, जूट और खनन आदि में निवेश किया क्योंकि इसे निर्यात किया जा सकता था।

प्रश्न 36.
पहले विश्वयुद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन क्यों बढ़ा?
उत्तर-
बीसवीं सदी में औद्योगिकरण के कारण भारत के उद्योगों में बहुत से परिवर्तन आए। पहले विश्वयुद्ध से पूर्व उद्योगों का विकास भारत में कम था, परंतु इस युद्ध से विश्व में नई स्थिति उत्पन्न हो गई। ब्रिटेन के कारखानों में युद्ध संबंधी सामान बनाया जा रहा था। इस कारण भारत में मैनचेस्टर का उत्पाद नहीं आ रहा था। भारतीय फैक्ट्रियों में सेना के लिए सामान बनने लगा। नई फैक्ट्रियों को लगाया गया। नए मजदूरों को काम पर रखा गया। इससे युद्ध के समय उत्पादन में बहुत तेजी आई।

प्रश्न 37.
20वीं सदी में हथकरघों पर बने कपड़े के उतपादन में सुधार हुआ। इसका क्या कारण था?
उत्तर-
1900 से 1940 के मध्य हथकरघों पर बने कपड़े में बहुत सुधार हुआ जो लगभग तीन गुना था। इसका मुख्य कारण तकनीकी बदलाव था। 20वीं सदी तक कई बुनकर फ्लाई शटल का प्रयोग करने लगे जिसकी लागत अधिक नहीं थी। परंतु उत्पादन भी बढ़ता था। इस कारण श्रम की माँग में भी कमी आई।

प्रश्न 38.
प्रथम युद्ध के पश्चात् बुनकरों की क्या स्थिति रही?
उत्तर-
हालाँकि बुनकरों ने फ्लाई शटल के द्वारा उत्पादन में वृद्धि की, परंतु कुछ बुनकर मिलों के कपड़ों का सामना कर पाए तो कुछ नहीं। कुछ बुनकर मोटे कपड़े को निर्मित करते तो कुछ महीन कपास का। मोटा कपड़ा गरीब खरीदते थे। बेहतर तथा महीन कपड़े को अमीर खरीदते। बुनकरों पर मुख्य प्रभाव अकाल आदि का पड़ता था। बुनकरों का जीवन बहुत कठिन था। उन्हें रात-दिन काम करना पड़ता। परिवार का प्रत्येक सदस्य किसी न किसी रूप में कार्यरत रहता था।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित रिक्त स्थानों को दिए गए उपयुक्त शब्दों से पूरा करें।

(i) नए उपभोक्ता……..द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं। (विज्ञापन, मीडिया)
(ii) 19वीं सदी के आखिर में निर्माता अपने उत्पादों को बेचने के लिए………छपवाने लगे। (बैनर, कैलेंडर)
(iii) 1830-1840 के मध्य द्वारकानाथ टैगोर ने………..उद्यम कम्पनियाँ लगाई। (6, 7)
(iv) 1860 के दशक में बुनकरों को…………नहीं मिल पा रहा था।
(v) ………के दशक के बाद ईस्ट इंडिया कम्पनी की सत्ता के सुदृढ़ीकरण के आरंभ में कपड़ा निर्यात में कमी नहीं आई।
(vi) 1871 में…………ने नए इंजन को पेटेन्ट करा लिया। (ब्रिटिश सरकार, जेम्स वॉट)
(vii) ………में सबसे पहले 1730 के दशक में नए कारखाने खुले।
उत्तर-
(i) विज्ञापन,
(ii) कैलेंडर,
(iii) 6,
(iv) कच्चा कपास,
(v) 1760,
(vi) जेम्स वॉट,
(vii) इंग्लैंड।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से सही (√) व गलत (x) की पहचान करें।

(i) जैसे-जैसे कर्जे मिलते गए और महीन कपडे की माँग बढ़ी, बुनकरों ने पेशागी के लिए मना करना आरंभ कर दिया।
(ii) गुमाश्त सदैव बुनकरों का साथ देते।
(iii) नए बंदरगाहों द्वारा होने वाला व्यापार यूरोपीय कम्पनियों के नियंत्रण में था।
(iv) स्पिनिंग जेनी के प्रयोग के कारण हाथ से ऊन कातने वाली महिलाओं ने उनका प्रयोग आरंभ कर दिया।
(v) निर्यात के नेटवर्क में केवल यूरोपीय कम्पनियाँ ही सक्रिय थीं।
(vi) 1750 के दशक तक भारतीय सौदागरों के नियंत्रण वाला नेटवर्क सुदृढ़ होने लगा।
उत्तर-
(i) x,
(ii) x,
(iii) √,
(iv) x,
(v) x,
(vi) x .

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित में दिए गए विकल्पों में सही का चयन कीजिए।

(i) ………के दशक में भारतीय सौदागरों का नेटवर्क कमजोर हो गया?
(क) 1730
(ख) 1740
(ग) 1750
(घ) 1760
उत्तर-
(ग) 1750

(ii) भारत में पैदा होने वाला कपास कैसा था?
(क) महीन
(ख) माटा
(ग) पतला
(घ) उपर्युक्त कोई नहीं
उत्तर-
(क) महीन

(iii) भारत में अधिकतर व्यापार पहले…………द्वारा होता था?
(क) समुद्र
(ख) रेलगाड़ी
(ग) दोनों
(घ) उपर्युक्त कोई नहीं
उत्तर-
(क) समुद्री

(iv) पहले ब्रिटिश सरकार ने किस राज्य पर राजनीतिक सत्ता स्थापित करने का प्रयास किया?
(क) बंगाल
(ख) कर्नाटक
(ग) मद्रास
(घ) क तथा ख दोनों
उत्तर-
(घ) क तथा ख दोनों

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