HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

राजनीतिक दल Important Questions Civics HBSE 10th Class प्रश्न-1.
राजनीतिक दलों के अवगुणों का वर्णन कीजिए। (इन्टैक्स्ट प्रश्नः पृष्ठ : 72)
उत्तर-
राजनीतिक दल पक्षपात करते हैं, भेदभाव व फूट डालते हैं, लोगों को आपस में बाँटने का कार्य करते हैं।

HBSE 10th Class राजनीतिक दल Important Questions Civics प्रश्न-2.
राजनीतिक दल लोकतंत्र के लिए क्यों आवश्यक
उत्तर-
राजनीतिक दल लोकतंत्र को सफल बनाने के साध न हैं। इसके बिना लोकतंत्र का संचालन नहीं हो सकता।

Chapter 6 राजनीतिक दल Important Questions HBSE 10th Class प्रश्न-3.
राजनीतिक दल महिलाओं को पर्याप्त टिकट क्यों नहीं देते? क्या यह आंतरिक लोकतंत्र की कमी है? (इन्टैक्ट प्रश्न : पृष्ठ : 83)
उत्तर-
पुरुष-प्रधान देश में प्रायः दल भी महिलाओं को चुनाव लड़ने हेतु टिकट नहीं देते। स्पष्ट है इसका कारण आन्तरिक लोकतंत्र की कमी है।

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

प्रश्न-4.
राजनीतिक दल किसे कहते हैं?
उत्तर-
राजनीतिक दल लोगों का एक ऐसा संगठित समूह है जो चुनाव लड़ने और सरकार में राजनीतिक सत्ता प्राप्त करने के उद्देश्य से काम करता है।

प्रश्न-5.
राजनीतिक दल के तीन प्रमुख हिस्से कौन-से हैं?
उत्तर-
राजनीतिक दल के तीन प्रमुख हिस्से निम्नलिखित
(क) नेता, (ख) सक्रिय सदस्य, (ग) अनुयायी या समर्थक।

प्रश्न-6.
दो-दलीय व्यवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर-
जिस देश में मुख्यतया दो राजनीतिक दल हों, उसे दो-दलीय व्यवस्था कहते हैं।

प्रश्न-7.
बहुदलीय व्यवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर-
जिस देश में दो से अधिक राजनीतिक दल हों, तथा लगभग समान ताकतवर हों, उसे बहुदलीय व्यवस्था कहा जाता

प्रश्न-8.
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर-
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना 1885 में हुई थी।

प्रश्न-9.
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के लक्ष्यों का मुख्य अजेंडा क्या है?
उत्तर-
धर्म-निरपेक्षता, कमजोर व अल्पसंख्यकों के हितों की प्राप्ति, लोकतंत्र की स्थापना व गुट-निरपेक्षता काँग्रेस के चुनावी अजेंडा हैं।

प्रश्न-10.
राजनीतिक दलों के कोई दो कार्य बताइए।
उत्तर-
1. चुनाव लड़ना, 2. दल की नीतियों व कार्यक्रमों की जनता के सामने रखना।

प्रश्न-11.
शासक दल किसे कहते हैं?
उत्तर-
जो राजनीतिक दल शासन करता है, उसे शासक दल कहा जाता है।

प्रश्न-12.
दो गठबंधनों वाली बहुदलीय व्यवस्था किसे कहा जाता है?
उत्तर-
सरकार बनाने हेतु जब कुछ राजनीतिक दल गठबंध नं बनाते हैं, उन्हें गठबंधीय वाली बहुदलीय व्यवस्था कहा जाता

प्रश्न-13.
कनाडा में राजनेताओं के विषय में लोगों की क्या राय है? .
उत्तर-
एक आंकड़े के अनुसार 98% कनाडावासी राजनेताओं को पसंदनहीं करते।

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प्रश्न-14.
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना कब हुई थी? उसकी नीति में प्रमुख तत्व क्या है?

भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 1980 में हुई थी। इसकी नीति का प्रमुख तत्व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद (या हिन्दुत्व)

प्रश्न-15.
बहुजन समाज पार्टी का गठन कब हुआ था? इसे किस ने गठित किया?
उत्तर-
गठन 1984 में हुआ था।

प्रश्न-16.
भारतीय मार्क्सवादी पार्टी की स्थापना कब हुई। उसकी आस्था किस विचारधारा में है?
उत्तर-
भारतीय मार्क्सवादी पार्टी की स्थापना 1964 में हुई थी। इसकी आस्था मार्क्सवाद-लेनिनवाद में है।

प्रश्न-17.
भारतीय साम्यवादी दल को कब गठित किया गया था?
उत्तर-
1925 में

प्रश्न-18.
राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी की नीतियों का ब्यौरा दीजिए।
उत्तर-
लोकतंत्र, गाँधीवादी धर्म-निरपेक्षता, समता, सामाजिक न्याय और संघवाद।

प्रश्न-19.
किशनजी अब इस दुनिया में नहीं हैं। इन चारों कार्यकर्ताओं के बारे में आपकी क्या राय है? क्या उन्हें नया राजनीतिक दल बनाना चाहिए? क्या कोई राजनीतिक दल राजनीति में नैतिक दल बन सकता है? यह दल कैसा होना चाहिए? (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठ : 70)
उत्तर-
किशनजी एक महत्त्वपूर्ण आन्दोलनकारी थे। वह लोगों के मित्र, राजनीतिक दार्शनिक एवं नैतिक मार्गदर्शक भी थे। उनका मत था कि लोगों को सामाजिक, सांस्कृतिक, नैतिक व आर्थिक मामलों से जुड़े आन्दोलनों में भाग लेना चाहिए। वस्तुतः वह किसी नयी प्रकार की राजनीतिक पार्टी के बजाए एक वैकल्पिक प्रकार की राजनीति चाहते थे। राजनीतिक दलों में खोट होता है. वह वोट प्राप्त करने के लिए किसी भी अनैतिक प्रकार की भूल कर सकते हैं। परन्तु एक नयी प्रकार की राजनीति जो नैतिकता व लोकसेवा पर आधारित होगी, उस से राज्य व समाज दोनों में सुधार सम्भव हो पाएगा।

प्रश्न-20.
क्या आप दो-दलीय व्यवस्था, दो गठबंधनों वाली बहुदलीय व्यवस्था व बहुदलीय व्यवस्था के लिए कम से कम दो राज्यों के नाम बता सकते हैं? (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठ : 77)
उत्तर-

  • दो-दलीय व्यवस्थाः संयुक्त राज्य अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन।
  • दो गठबंधनीय वाली बहुदलीय व्यवस्थाः बेल्जियम, भारत
  • बहुदलीय व्यवस्थाः स्विट्जरलैंड, फ्राँस

प्रश्न-21.
अधिकांश कार्टूनों में नेताओं का मजाक उड़ाया जाता है। क्या आप बता सकते हैं कि इस हिस्से में वर्णित चुनौतियाँ किस कार्टून में आई हैं? यह इटली, अमेरिका तथा भारत से सम्बन्धित हैं। (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठ : 85)
उत्तर-
राजनीतिक दल अपने चुनावी अभियानों में काफी रुपए/धन खर्च करते हैं। उन्होंने राजनीति को व्यवसाय (एक चुनौती) बना दिया है। एक कार्टून का सम्बन्ध नेताओं द्वारा ध न का ब्यौरा देते हुए दिखाया गया है। दूसरे कार्टून द्वारा चुनावों में धन की ताकत को बयान किया गया है।

प्रश्न-22.
क्या आप राजनीतिक दलों के सुधार हेतु अनुशासन पर जोर देने के पक्ष में हैं? (इन्टैक्सट प्रश्न: पृष्ठः 86)
उत्तर-
लोकतंत्र में राजनीतिक दलों का सादा महत्त्व होता है। लोकतंत्र की सफलता, बहुत सीमा तक, राजनीतिक दलों की स्वच्छ प्रणाली, उनके द्वारा ईमानदारी से काम करने व भ्रष्टाचार से जुड़ी गतिविधियों से दूर पर निर्भर करती है। राजनीतिक दलों को अनुशासनात्मक ढंग से अपनी गतिविधियाँ चलानी चाहिए तथा उन्हें भी अनुशासन को घेरे में लिया जाना चाहिए।

प्रश्न-23.
राजनीतिक दल क्यों जरूरी हैं?
उत्तर-
जन-साधारण के लिए लोकतंत्र व राजनीतिक दल एक ही रूप के होते हैं। हम राजनीतिक दलों के बिना लोकतांत्रिक व्यवस्था की कल्पना ही नहीं कर सकते। करीब 100 साल पहले दुनिया के बस कुछ ही देशों में और वह भी गिनती के राजनीतिक दल थे। आज गिनती के ही देश ऐसे हैं जहाँ राजनीतिक दल नहीं हैं। दुनिया भर के लोकतांत्रिक देशों में राजनीतिक दल सर्वव्यापी हो गए हैं।

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प्रश्न-24.
राजनीतिक दल का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
राजनीतिक दल को लोगों के ऐसे संगठित समूह के रूप में बताया जाता है जो चुनाव लड़ने के बाद सरकार में सत्ता प्राप्त करते हैं। इसके सदस्य सार्वजनिक मामलों में एक से विचार रखते हैं। शांतिपूर्ण व संवैधानिक तरीकों से दल सत्ता प्राप्त कर अपनी चुनावी नीतियों को प्रभावी रूप देते हैं। दल के तीन प्रमुख हिस्से होते हैं : (i) नेता, (ii) सक्रिय सदस्य, (iii) अनुयायी या समर्थक।

प्रश्न-25.
राजनीतिक दलों के महत्त्व की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
राजनीतिक दलों के महत्त्व को भूलाना कठिन है। यदि दल न हो तो हमें उसकी उपयोगिता संदिग्ध होगी। निर्वाचित प्रतिनिधि सिर्फ अपने निर्वाचन क्षेत्रों में किए गए कामों के लिए जवाबदेह होंगे। लेकिन, देश कैसे चले इसके लिए कोई उत्तरदायी नहीं होगा। उम्मीदवार स्वतंत्र या निर्दलीय होंगे। तब, इनमें से कोई भी बड़े नीतिगत बदलाव के बारे में लोगों से चुनावी वायदे करने की स्थिति में नहीं होगा। सरकार बन जाएगी पर वह सरकार कभी भी स्थायी नहीं होगा। .

प्रश्न-26.
लोकतंत्रीय व्यवस्था में एक-दलीय व्यवस्था क्यों अच्छा विकल्प नहीं हैं?
उत्तर-
हम एक-दलीय व्यवस्था को अच्छा विकल्प नहीं मान सकते क्योंकि यह लोकतांत्रिक विकल्प नहीं है। किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में कम-से-कम दो दलों को राजनीतिक सत्ता के लिए चुनाव में प्रतिद्वंद्विता करने की अनुमति तो होनी ही चाहिए। साथ ही उन्हें सत्ता में आ सकने का पर्याप्त अवसर भी रहना चाहिए।

प्रश्न-27.
दो-दलीय व्यवस्था की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
कुछ देशों में सत्ता आमतौर पर दो मुख्य दलों के बीच ही बदलती रहती है। वहाँ अनेक दूसरी पार्टियों हो सकती हैं, वे भी चुनाव लड़कर कुछ सीटें जीत सकती हैं पर सिर्फ दो ही दल, बहमत पाने और सरकार बनाने के प्रबल दावेदार होते हैं। अमरीका और ब्रिटेन में ऐसी ही दो-दलीय व्यवस्था है।

प्रश्न-28.
बहुदलीय, व्यवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर-
जहाँ दो से अधिक राजनीतिक दल लगभग एक-जैसी शक्ति रखते हो तथा जिन्हें लगभग एक जैसा समर्थन प्राप्त हो,
उस व्यवस्था को बहुदलीय व्यवस्था कहा जाता है। भारत में _बहुदलीय व्यवस्था है। हमारे देश में चुनावों से पहले कुछेक
राजनीतिक दल गठबंधन बना कर चुनाव लड़ते हैं तथा सरकार बनाने का प्रयास भी करते हैं।

प्रश्न-29.
किसी भी देश में अमुख्य दलीय व्यवस्था के बनने के पीछे क्या कारण होता हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर-
हर देश अपनी विशेष परिस्थितियों के अनुरूप दलीय व्यवस्था है तो उसका कारण यह है कि दो-तीन पार्टियाँ इतने बड़े मुल्क की सारी सामाजिक और भौगोलिक विविधताओं को समेट पाने में अक्षम हैं। हर मुल्क और हर स्थिति में कोई एक ही आदर्श प्रणाली चले यह संभव नहीं है।

प्रश्न-30.
राजनीतिक दलों के विषय में लोगों की क्या राय होती है?
उत्तर-
दक्षिण एशिया की जनता राजनीतिक दलों पर बहुत भरोसा नहीं करती। जो लोग दलों पर ‘एकदम भरोसा नहीं’ ‘बहुत भरोसा नहीं’ के पक्ष में बोले उनका अनुपात ‘कुछ भरोसा’ या ‘पूरा भरोसा’ बताने वालों से काफी ज्यादा था। यही बात ज्यादातर लोकतंत्रों पर लागू होती है। पूरी दुनिया में राजनीतिक दल ही एक ऐसी संस्था है जिस पर लोग सबसे कम भरोसा करते हैं।

प्रश्न-31.
क्या आप जानते हैं कि राजनीतिक दलों के कामकाज में लोगों की भागीदारी बढ़ी है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
राजनीतिक दलों के कामकाज में लोगों की भागीदारी का स्तर काफी ऊँचा है। खुद को किसी राजनीतिक दल का सदस्य बताने वाले भारतीयों का अनुपात कनाड़ा, जापान, स्पेन और दक्षिण कोरिया जैसे विकसित देशों से भी ज्यादा है। पिछले तीन दशकों के दौरान भारत में राजनीतिक दलों की सदस्यता का अनुपात धीरे-धीरे बढ़ता गया है। खुद को किसी राजनीतिक दल का करीबी बताने वालों का अनुपात भी इस अवधि में बढ़ता गया

प्रश्न-32.
राष्ट्रीय दल व प्रान्तीय दलों में मुख्य भेद बताइए। इनके उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
राष्ट्रीय दल वह राजनीतिक दल होते हैं जिनकी नीतियाँ व कार्यक्रम पूरे देश से सम्बन्धित होते हैं। प्रान्तीय राजनीतिक दल प्रान्तीय व क्षेत्रीय रूप से होते हैं तथा उनका प्रभाव उसी प्रान्त व क्षेत्र तक ही रहता है। भारत में राष्ट्रीय दल है: भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, साम्यवाद व मावर्सवादी दल। प्रान्तीय राजनीतिक दलों में नेशनल कान्फ्रेंस, अकाली दल, तेलुगुदेशम आदि उल्लेखनीय

प्रश्न-33.
भारत में साम्यवादी दलों का मुख्य चुनावी लक्ष्य क्या रहा है?
उत्तर-
1925 में भारतीय साम्यवादी दल का गठन हुआ। 1964 में इस दल में फूट के परिणामस्वरूप इसको एक शाखा मार्क्सवादी साम्यवादी दल के रूप में उभर आयी। यह दोनों साम्यवादी दल वामपंथी मोर्चे के गठन के फलस्वरूप मिलकर काम कर हैं। इनका मुख्य चुनावी लक्ष्य मजदूरों व किसानों हेतु सामाजवाद की स्थापना है। यह पूँजीवाद को नियंत्रित रखना चाहती हैं। स्त्री-शक्ति के समर्थक यह दल शासन में दायित्वपूर्ण व्यवस्था का पक्ष लेते हैं।

प्रश्न-34.
भारतीय जनता पार्टी के चुनावी कार्यक्रम में किन्हीं पाँच का उल्लेख करें।
उत्तर-

  1. सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर महत्त्व
  2. सभी धर्मों को मानने वालों के लिए समान नागरिक संहिता;
  3. गाँधीवादी अर्थव्यवस्था;
  4. गुट-निरेपक्षता को स्वच्छ रूप दे लागू करना;
  5. वैश्वीकरण व निजीकरण व उदारीकरण का समर्थन।

प्रश्न-35.
बहुजन समाज पार्टी किन नेताओं के विचारों से प्रेरित हई हैं? इस पार्टी के मुख्य लक्ष्य क्या हैं?
उत्तर-
बहुजन समाज पार्टी साहू महाराज, महात्मा फूले, पेरियार रामास्वामी नायक, बाबा साहेब अम्बेडकर आदि नेताओं के विचारों से प्रेरित हुई है। इस पार्टी ने 2004 के लोकसभा चुनावों में सीटें प्राप्त की थीं। यह दल दलित वर्गों के हित को अपना प्रमुख लक्ष्य मानती है। वह दल पिछड़ी जातियाँ, आदिवासियों, धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए सत्ता प्राप्त करना चाहती हैं।

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प्रश्न-36.
राजनीतिक दलों के मुख्य कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
1. दल चुनाव लड़ते हैं। अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में चुनाव राजनीतिक दलों द्वारा खड़ा किए गए उम्मीदवारों के बीच लड़ा जाता है। राजनीतिक दल उम्मीदवारों का चुनाव कई तरीकों से करते हैं। अमरीका जैसे कुछ देशों में उम्मीदवार का चुनाव दल के सदस्य और समर्थक करते हैं। अब इस तरह से उम्मीदवार चुनने वाले देशों की संख्या बढ़ती जा रही है। अन्य देशों, जैसे भारत में, दलों के नेता ही उम्मीदवार चुनते हैं।

2. दल अलग-अलग नीतियों और कार्यक्रमों को मतदाताओं के सामने रखते हैं और मतदाता अपनी पसंद की नीतियाँ और कार्यक्रम चुनते हैं।

3. पार्टियाँ देश के कानून निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। कानूनों पर औपचारिक बहस होती है और उन्हें विध यिका में पास करवाना पड़ता है लेकिन विधायिका के अधि कतर सदस्य किसी-न-किसी दल के सदस्य होते हैं। इस कारण के अपने दल के नेता के निर्देश पर फैसला करते हैं।

4. दल ही सरकार बनाते और चलाते हैं। शासकीय मामलों से जुड़ी नीतियाँ और बड़े फैसलों के मामले में निर्णय राजनेता ही लेते हैं और ये नेता विभिन्न दलों के होते हैं। पार्टियाँ नेता चुनती हैं, उनको प्रशिक्षित करती हैं और फिर पार्टी के सिद्धांतों और कार्यक्रम के अनुसार फैसले करने के लिए उन्हें मंत्री बनाती हैं ताकि वे पार्टी की इच्छा के अनुसार सरकार चला सकें।

5. चुनाव हारने वाले दल शासक दल के विरोधी पक्ष की भूमिका निभाते हैं। सरकार की गलत नीतियों और असफलताओं की आलोचना करने के साथ वह अपनी अलग राय भी रखते हैं। विपक्षी दल सरकार के खिलाफ आम जनता को भी गोलबंद करते हैं।

6. जनमत-निर्माण में दल महत्त्वपूर्ण निभाते हैं। वे मुद्दों को उठाते और उन पर बहस करते हैं। विभिन्न दलों के लाखों कार्यकर्ता देश-भर में बिखरे होते हैं। समाज के विभिन्न वर्गों में उनके मित्र संगठन या दबाव-समूह भी काम करते रहते हैं। दल कई बार लोगों की समस्याओं को लेकर आन्दोलन भी करते हैं। अक्सर विभिन्न दलों द्वारा रखी जाने वाली राय के इर्द-गिर्द ही समाज के लोगों की राय बनती जाती है।

7. इल ही सरकारी मशीनरी और सरकार द्वारा चलाए जाने वाले कल्याण कार्यक्रमों तक लोगों की पहुँच बनाते हैं। एक साधारण नागरिक के लिए किसी सरकारी अधिकारी की तुलना में किसी राजनीतिक कार्यकर्ता से जान-पहचान बनाना, उससे संपर्क साधना आसान होता है। इसी कारण लोग दलों पर पूरा विश्वास न करते हुए भी उन्हें अपने करीब मानते हैं। दलों को भी हर हाल में लोगों की माँगों और जरूरतों पर ध्यान देना होता है वरना अगले चुनाव में लोग उन्हें धूल चटा सकते हैं।

प्रश्न-37.
राजनीतिक दलों को लोकतंत्र की एक अनिवार्य शर्त क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
राजनीतिक दलों का उदय प्रतिनिधित्व पर आधारित लोकतांत्रिक व्यवस्था के उभार के साथ जुड़ा है। हम पढ़ चुके हैं कि बड़े समाजों के लिए प्रतिनिधित्व आधारित लोकतंत्र की जरूरत होती है। जब समाज बड़े और जटिल हो जाते हैं तब उन्हें विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग विचारों को समेटने और सरकार की नजर में लाने के लिए किसी माध्यम या एजेंसी की जरूरत होती है। विभिन्न जगहों से आए प्रतिनिधियों को साथ करने की जरूरत होती है ताकि एक जिम्मेवार सरकार का गठन हो सके। उन्हें सरकार का समर्थन करने या उस पर अंकुश रखने, नीतियाँ बनवाने और नीतियों का समर्थन करने या उस पर अंकुश रखने, नीतियाँ बनवाने और नीतियों का समर्थन अथवा विरोध करने के लिए उपकरणों की जरूरत होती है। प्रत्येक प्रतिनिधि-सरकार की ऐसी जो भी जरूरतें होती हैं, राजनीतिक दल उनको पूरा करते हैं। इस तरह हम कह सकते हैं कि राजनीतिक दल लोकतंत्र की एक अनिवार्य शर्त हैं।

प्रश्न-38.
भारत में बनी राष्ट्रीय पार्टी भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के बारे में जानकारी दीजिए।
उत्तर-
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस को आमतौर पर काँग्रेस पार्टी कहा जाता है। यह एक पुराना राजनीतिक दल है। ईस्ट इंडिया कम्पनी के अवकाश प्राप्त एक अधिकार ए.आ. ह्यूम ने बम्बई में 1885 में इस दल का गठन किया। इसमें कई बार विभाजन हुआ। स्वतंत्रता दल में कई बार विभाजन हए हैं। आजादी के बाद राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर अनेक दर्शकों तक इसने प्रमुख भूमिका निभाई है। जवाहरलाल नेहरू की अगुवाई में इस दल ने भारत को एक आधुनिक धर्म-निरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने का प्रयास किया। 1971 तक लगातार और फिर 1980 से 1989 तक इसने देश पर शासन किया।

1989 के बाद से इस दल के जन-समर्थन में कमी आई पर अभी यह पूरे देश और समाज के सभी वर्गों में अपना आधार बनाए हुए हैं। अपने वैचारिक रुझान में मध्यमार्गी (न वामपंथी न दक्षिणपंथी) इस दल ने धर्म-निरपेक्षता और कमजोर वर्गों तथा अल्पसंख्यक समुदायों के हितों को अपना मुख्य अजेंडा बनाया है। यह दल नयी आर्थिक नीतियों का समर्थक है पर इस बात को लेकर भी सचेत है कि इन नीतियों का गरीब और कमजोर वर्गों पर बुरा असर न पड़े। 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में 145 सीटें जीतकर भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। अभी केंद्र में शासन करने वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का नेतृत्व यही दल कर रहा है।

प्रश्न-39.
भारतीय जनता पार्टी के विषय में चर्चा कीजिए।
उत्तर-
पुराने भारतीय जनसंघ को पुनर्जीवित करके 1980 में यह पार्टी बनी। भारत की प्राचीन संस्कृति और मूल्यों से प्रेरणा लेकर मजबूत और आधुनिक भारत बनाने का लक्ष्य, भारतीय राष्ट्रवाद और राजनीति की इसकी अवधारणा में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद (या हिंदुत्व) एक प्रमुख तत्व है। पार्टी जम्मू और कश्मीर को क्षेत्रीय और राजनीतिक स्तर पर विशेष दर्जा देने के खिलाफ है। यह देश में रहने वाले सभी धर्म के लोगों के लिए समान नागरिक संहिता बनाने और धर्मातरण पर रोक लगाने के पक्ष में है। 1990 के दशक में इसके समर्थन का आधार काफी व्यापक हुआ। पहले देश के उत्तरी और पश्चिमी तथा शहरी इलाकों तक ही सिमी रहने वाली इस पार्टी ने इस दशक में दक्षिण, पूर्व, पूर्वोत्तर तथा देश के ग्रामीण इलाकों में अपना आध पर बढ़ाया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेता की हैसियत से यह पार्टी 1998 में सत्ता में आई। गठबंधन में कई प्रांतीय और क्षेत्रीय दल शामिल थे। 2004 के लोकसभा चुनाव में यह पार्टी पराजित हुई और अभी लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल है।

प्रश्न-40.
बहुजन समाज पार्टी की स्थापना कब हुई? इस पार्टी के विषय में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
स्व. कांशीराम के नेतृत्व में 1984 में गठन। बहुजन समाज जिसमें दलित, आदिवासी, पिछड़ी जातियाँ और धार्मिक अल्पसंख्यक शामिल हैं, के लिए राजनीतिक सत्ता पाने का प्रयास और उनका प्रतिनिधित्व करने का दावा। पार्टी साहू महाराज, महात्मा फुले, पेरियार रामास्वामी नायकर और बाबा साहब आंबेडकर के विचारों और शिक्षाओं से प्रेरणा लेती है। दलितों और कमजोर वर्ग के लोगों के कल्याण और उनके हितों की रक्षा के मुद्दों पर सबसे ज्यादा सक्रिय इस पार्टी का मुख्य आधार उत्तर प्रदेश में है, पर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, दिल्ली और पंजाब में भी यह पार्टी पर्याप्त ताकतवर है। अलग-अलग पार्टियों से अलग-अलग अवसरों पर समर्थन लेकर इसने उत्तर प्रदेश में तीन बार सरकार बनाई। इस दल को 2004 के लोकसभा चुनाव में करीब 5 फीसदी वोट और 19 सीटें मिलीं।

प्रश्न-41.
भारत के साम्यवादी दलों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारतीय मार्क्सवादी दल की स्थापना 1964 में हुई। यह दल समाजवाद धर्म-निरपेक्षता और लोकतंत्र की समर्थक तथा साम्राज्यवाद और सांप्रदायिकता की विरोधी है। यह पार्टी भारत में सामाजिक-आर्थिक न्याय का लक्ष्य साधने में लोकतांत्रिक चुनावों को सहायक और उपयोगी मानती है। पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा में बहुत मजबूत आधार। गरीबों, कारखाना मजदूरों, खेतिहर मजदूरों और बुद्धिजीवियों के बीच अच्छी पकड़। यह पार्टी देश में पूँजी और सामानों की मुक्त आवाजाही की अनुमति देने वाली नयी आर्थिक नीतियों की आलोचक है। पश्चिम बंगाल में लगातार 30 वर्षों से शासन में। 2004 के चुनाव में इसने करीब 6 फीसदी वोट और लोकसभा की 43 सीटें हासिल की। यह पार्टी अभी केंद्र की संप्रग सरकार का बाहर से समर्थन कर रही है और इस सरकार में शामिल नहीं है।

भारतीय साम्यवादी दल की स्थापना 1925 में हुई। यह दल मार्क्सवाद-लेनिनवाद, धर्म-निरपेक्षता और लोकतंत्र में आस्था एवं अलगाववादी और सांप्रदायिक ताकतों की विरोधी है। यह पार्टी संसदीय लोकतंत्र को मजदूर वर्ग, किसानों और गरीबों के हितों को आगे बढ़ाने का एक उपकरण मानती है। 1964 की फूट (जिसमें माकपा इससे अलग हुई) के बाद इसका जनाध पर सिकुड़ता चला गया लेकिन केरल, पश्चिम बंगाल, पंजाब, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में अभी भी ठीक-ठाक स्थिति। बहरहाल, इसका समर्थन धीरे-धीरे कम होता गया है। 2004 के चुनाव में इसे 1.4 फीसदी वोट और लोकसभा की 10 सीटें हासिल हुई। मजबूत वाम मोर्चा बनाने के लिए सभी वामपंथी दलों को साथ लाने की पक्षधर। अभी केंद्र की संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है।

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प्रश्न-42.
राजनीतिक दलों में सुधार कैसे लाया जा सकता
उत्तर-
राजनीतिक दलों में सुधार हेतु निम्नलिखित प्रयास किए जा सकते हैं:

  • विधायकों और सांसदों को दल-बदल करने से रोकने के लिए संविधान में संशोधन किया गया। निर्वाचित प्रतिनिधियों के मंत्रीपद या पैसे के लोभ में दल-बदल करने में आई तेजी को देखते हुए ऐसा किया गया। नए कानून के अनुसार अपना दल-बदलने वाले सांसद या विधायक को अपनी सीट भी गँवानी होगी। इस नए कानून से दल-बदल में कमी आई है पर इससे पार्टी में विरोध का कोई स्वर उठाना और भी मुश्किल हो गया है पार्टी नेतृत्व जो कोई फैसला करता है, सांसद और विधायक को उसे मानना ही होता है।
  • चुनाव आयोग ने एक आदेश के जरिए सभी दलों के लिए सांगठनिक चुनाव कराना और आयकर का रिटर्न भरना जरूरी बना दिया है। दलों ने ऐसा करना शुरू भी कर दिया है, पर कई बार ऐसा सिर्फ खानापूरी करने के लिए होता है। यह बात अभी नहीं कही जा सकती है कि इससे राजनीतिक दलों में अंदरूनी लोकतंत्र मजबूत हुआ है। इनके अलावा राजनीतिक दलों में सुधार के लिए अक्सर कई कदम सुझाए जाते हैं।
  • राजनीतिक दलों के आंतरिक कामकाज को व्यवस्थित करने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। सभी दल अपने सदस्यों की सूची रखें, अपने संविधान का पालन करें पार्टी में विवाद की स्थिति में एक स्वतंत्र प्राधिकारी को पंच बनाएँ और सबसे बड़े पदों के लिए खुला चुनाव कराएँ-यह व्यवस्था अनिवार्य को जानी चाहिए।
  • राजनीतिक दल महिलाओं को एक खास न्यूनतम अनुपात में (करीब एक-तिहाई) जरूर टिकट दें। इसी प्रकार दल के प्रमुख पदों पर भी औरतों के लिए आरक्षण होना चाहिए।
  • चुनाव का खर्च सरकार उठाए। सरकार दलों को चुनाव लड़ने के लिए धन दे। यह मदद पेट्रोल, कागज, फोन वगैरह के रूप में भी हो सकती है या फिर पिछले चुनाव में मिले मतों के अनुपात में नकद पैसा दिया जा सकता है।
  • दबाव-समूहों द्वारा लोगों का राजनीतिक दलों पर सदैव बना रहना चाहिए ताकि दल लोगों के प्रति सजग रहें। जो राजनीतिक दल में सुधार लाना चाहते हैं, उन्हें स्वयं राजनीतिक दलों में प्रवेश करके जरूरी सुधार लाने के प्रयास करने चाहिए।

विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों से सही व गलत का चयन करे।
(i) राजनीतिक दल लोगों का वह समूह है जिसके सदस्यों में राजनीतिक मतभेद होते हैं।
(ii) काँग्रेस पार्टी की स्थापना 1885 में हुई थी।
(iii) काशीराम बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक थे।
(iv) दल लोकतंत्र में चुनावों को सम्भव करते हैं।
(v) राजनीतिक दलों के सुधार हेतु उसके नेताओं को दल के नेता द्वारा मनोनित करना चाहिए।
उत्तर-
(i) गलत,
(ii) सही,
(iii) सही,
(iv) सही,
(v) गलत।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में सही विकल्प का चयन कीजिए।
(i) राजनीतिक दल का लक्ष्य हैः
(a) धर्म का प्रचार करना
(b) पंचवर्षीय योजना बनाना
(c) सरकार में सत्ता प्राप्त करना
(d) संविधान लागू करना
उत्तर-
(c) सरकार में सत्ता प्राप्त करना

(ii) 1885 में निम्नलिखित पार्टी की स्थापना हुई थी।
(a) काँग्रेस की
(b) बहुजन समाज
(c) भारतीय जनता
(d) साम्यवादी मार्क्सवादी
उत्तर-
(a) काँग्रेस की

(iii) निम्नलिखित भारतीय जनता पार्टी के एक प्रमुख नेता है।
(a) काशीराम
(b) लालकृष्ण, अडवानी
(c) सोमनाथ चैटर्जी
(d) मनमोहन सिंह
उत्तर-
(b) लालकृष्ण, अडवानी

HBSE 10th Class Social Science Important Questions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

(iv) निम्नलिखित पार्टी जम्मू व कश्मीर का एक प्रान्तीय दल है।
(a) अकाली दल
(b) पैन्थर पार्टी
(c) लोकदल
(d) तेलुगुदेशम
उत्तर-
(b) पैन्थर पार्टी

(v) ग्रेट ब्रिटेन में निम्नलिखित प्रकार की पार्टी है:
(a) दो-दलीय
(b) एक-दलीय
(c) बहुदलीय
(d) इनमें कोई नहीं
उत्तर-
(a) दो-दलीय

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