Class 9

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 1 भारत-आकार वे स्थिति

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 1 भारत-आकार वे स्थिति

HBSE 9th Class Geography भारत-आकार वे स्थिति Textbook Questions and Answers

भारत आकार और स्थिति प्रश्न उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 1.
निम्नलिखित चार उत्तरों में से उपयुक्त उत्तर चुनिए

(i) कर्क रेखा किस राज्य में नहीं गुजरती है?.
(क)राजस्थान
(ख) उड़ीसा
(ग) छतीसगढ़
(घ) त्रिपुरा।
उत्तर-
(ख) उड़ीसा

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 1 भारत-आकार वे स्थिति

(ii) भारत का सबसे पूर्वी देशांतर कौन सा है?
(क)97°25′ पू.
(ख) 77°6′ पू.
(ग) 6807′ पू.
(घ) 82°30′ पू.
उत्तर-
(क)97°25′ पू.

(iii) उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम की सीमाएँ किस देश को छूती हैं?
(क) चीन
(ख) भूटान
(ग) नेपाल
(घ) म्यांमार
उत्तर-
(ग) नेपाल

(iv) ग्रीष्मावकाश में आप यदि करवत्ती जाना चाहते हैं तो किस केंद्र शासित क्षेत्र में जाएंगे।
(क)पांडिचेरी
(ख) लक्षद्वीप
(ग) अंडमान और निकोबार
(घ) दीव और दमना
उत्तर-
(ग) अंडमान और निकोबार

(v) मेरे मित्र एक ऐसे देश के निवासी हैं जिस देश की सीमा भारत के साथ नहीं है। आप बताइए, वह कौन-सा देश है?
(क) भूटान
(ख) ताजिकिस्तान
(ग) बांग्लादेश
(घ) नेपाल
उत्तर-
(ख) ताजिकिस्तान

भारत आकार और स्थिति HBSE 9th Class प्रश्न 2.
निम्न प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।

(i) अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूह के नाम बताइए। दक्षिण में कौन-कौन से द्वीपीय देश हमारे पड़ोसी हैं?
(ii) उन देशों के नाम बताइए जो क्षेत्रफल में भारत से बड़े हैं?
(iii) हमारे उत्तर-पश्चिमी, उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी ‘ पड़ोसी देशों के नाम बताइए।
(iv) भारत में किन-किन राज्यों से कर्क रेखा गुजरती है, उनके नाम बताइए।
उत्तर-
(i) लक्षद्वीप तथा अंडमान निकोबार-श्रीलंका, मालद्वीप।
(ii) रूस, चीन, कनाड़ा, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील, आस्ट्रेलिया।
(iv) गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिमी, बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम।

Bharat Aakar Aur Sthiti HBSE 9th Class प्रश्न 3.
सूर्योदय अरूणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में गुजरात के पश्चिमी भाग की उपेक्षा 2 घंटे पहले क्यों होता है, जबकि दोनों राज्यों में घड़ी एक ही समय दर्शाती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
सूर्यादय अरूणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में गुजरात के पश्चिमी भाग की अपेक्षा 2 घंटे पहले इसलिए होता कि अरूणाचल प्रदेश में सूर्योदय दो घंटे गुजरात की अपेक्षा पहले होता है। परंतु इस अंतर के होते हुए भी भारत का मानक समय पूरे भारत में एक ही है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 1 भारत-आकार वे स्थिति

Bharat Ki Sthiti HBSE 9th Class प्रश्न 4.
हिंद महासागर में भारत की केन्द्रीय स्थिति से किस प्रकार लाभ प्राप्त हुआ है।
उत्तर-
भारत की मुख्य भूमि 8°4′ तथा 37°4 उत्तर आक्षांश एवं 68°7′ पूर्वी तथा 97°25′ पूर्वी देशांतर के बीच फैला हुआ है। भारतीय सागर 40° पूर्व से 120° पूर्वी देशांतर के बीच फैली हुई है और कन्याकुमारी 80° पूर्वी देशांतर पर स्थित है। भारतीय महासागर भारत को तीन दिशाओं पूरब, पश्चिम और दक्षिण से घेरे हुए है। केन्द्रीय स्थिति के कारण भारत हिन्द महासागर के चारों ओर स्थित देशों की तुलना में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर सका है।

पूर्व में भारत, दक्षिण पूर्वी एशिया, सुदूर पूर्व तथा आस्टेलिया से आर्थिक, तथा व्यापारिक एवं राजनीतिक संबंध स्थापित करने में सफल रहा तो दूसरी ओर पश्चिम के देश विशेषकर अरब देशों, अफ्रीका, यूरोप के देशों से भारत के संबंधों में विकास हुआ तथा स्वेज नहर मार्ग और केप ऑफ होप मार्ग भारत को यूरोप, उत्तर अमेरिका तथा दक्षिण अमेरिका से जोड़ता है। इस कारण भी बहुत लाभ हुआ। यूरोप से पूर्व की ओर जाने वाले जल पोत भारत से होकर गुजरते है। फारस की खाड़ी के देशों की साथ प्राचीनकाल से ही गहरे व्यापारिक तथा राजनैतिक संबंध इसी केन्द्रीय स्थिति के कारण ही विकसित हुए है। _ अतः स्पष्ट है कि भारत की केन्द्रिय स्थिति ने भारत के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है।

मानचित्र कौशल

1. निम्नलिखित की मानचित्र की सहायता से पहचान कीजिए

(i) अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में स्थिति द्वीप समूह। ,
(ii) भारतीय उपमहाद्वीप किन देशों से मिलकर बनता है।
(iii) कर्क रेखा कौन-कौन से राज्यों से गुजरती है?
(iv) भारतीय मुख्य भू-भाग का दक्षिणी शीर्ष बिन्दु।
(v) भारत का सबसे उत्तरी अक्षांश।
(vi) अंशों में भारत के मुख्य भू-भाग का दक्षिणी अक्षांश।
(vii) भारत का सबसे पूर्वी और पश्चिमी देशांतर।
(vii) सबसे लंबी तट रेखा वाला राज्य।
(ix) भारत और श्रीलंका को अलग करने वाली जलसंधि।
(x) भारत के केन्द्र शासित क्षेत्र।
उत्तर-
मानचित्र (i) तथा (ii) देखें।
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HBSE 9th Class Social Science Solutions Geography Chapter 1 भारत-आकार वे स्थिति

संकेत-

(i) लक्षद्वीप एवं अंडमान निकोबार।
(ii) पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, मालद्वीव, म्यांमार।
(iii) गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम।
(iv) इंदिरा बिन्दु (भारतीय संघ); कन्याकुमारी (मुख्य भूमि का भाग)
(v) 37°6′ उतरी अक्षांश।
(vi) 8°4′ उत्तरी अक्षांश।
(vii) 68°7′ पूर्व से 97°25′ पूर्व।
(viii) आन्ध्र प्रदेश।
(ix) पाक स्ट्रेट जलसंधि।
(x) दिल्ली चण्डीगढ़, पांडिचेरी, लक्षद्वीप, दमन-द्वीव, दादरा नागर हवेली, अण्डमान निकोबार द्वीप।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. रिक्त स्थानों को सही शब्दों से पूरा कीजिए।?

(i) भारत का सबसे ऊंचा पर्वत…………… है।
(ii) ………….रेखा भारत को लगभग दो बराबर भागों में बांटती है।
(iii) भारत का संबंध ………………… गोलार्द्ध से ……..
(iv) भारत भूभाग का दक्षिणतम स्थान………………….. को कुछ अंशों से दूर रखता है।
(v) भारत विश्व में ………………..बड़ा है।
(vi) भारत के दक्षिणतम तटीय भाग को ………………… कहा जाता है।
उत्तर-
(i) कंचनजुंगा,
(ii) कर्क,
(iii) उत्तरी,
(iv) सातवां,
(v) विषुवत रेखा,
(vi) कोरोमंडल।

प्रश्न 2. निम्नलिखित के सही जोड़े बनाइए

(i) गंगा : विश्व का सबसे बड़ा देश
(ii) रूस : धर्म से जुड़ी नदी
(iii) ऐवरेस्ट : पहाड़ी स्थल
(iv) शिमला : दक्षिणी प्रायद्वीप की नदी
(v) तापी : संसार की सबसे बड़ी चोटी।
उत्तर-
(i) गंगा : धर्म से जुड़ी नदी
(ii) रूस : विश्व का सबसे बड़ा देश ।
(iii) ऐवरेस्ट : संसार की सबसे बड़ी चोटी।
(iv) शिमला : पहाड़ी स्थल ।
(v) तापी : दक्षिणी प्रायद्वीप की नदी

प्रश्न 3. निम्नलिखित में सही (√) कव गलत (x) का चिह्न लगाइए.

(i) कर्क रेखा 23°30′ उत्तर में स्थित है।
(ii) कर्क रेखा भारत को लगभग दो बराबर भागों में बांटती है।
(iii) कर्क रेखा के दक्षिण का क्षेत्र अपने आकार में गोल है।
(iv) भारत का दक्षिणतम स्थल कन्याकुमारी है।
(v) लक्षद्वीप समूह अपेक्षाकृत अधिक बिखरे द्वीप है।
(vi) कर्क रेखा छतीसगढ़ से होकर नहीं गुजरती।
(vii) विषुवत रेखा केरल से होकर गुजरती है।
(viii) गुवहाटी मेघालय की राजधानी है।
उत्तर-
(i) (√),
(ii) (√),
(iii) (x),
(iv) (x),
(v) (x),
(vi) (x),
(vi) (x),
(viii) (x).

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प्रश्न 4. निम्नखित चार विकल्प उत्तरों में सही चयन कीजिए-

(i) भारत निम्न गोलार्द्ध है
(क) उत्तरी
(ख) पूर्वी
(ग) दक्षिणी
(घ) पश्चिमी
उत्तर-
(क) उत्तरी

(ii) बंगाल की खाड़ी भारत के निम्न की ओर है
(क) दक्षिण-पश्चिम
(ख) दक्षिण-पूर्व
(ग) उत्तर-पश्चिम
(घ) उत्तर-पूर्व
उत्तर-
(ख) दक्षिण-पूर्व

(iii) इंदिरा बिंदु कब सुनामी लहरों में जलमग्न हुआ था
(क)2001 में
(ख.) 2002 में
(ग) 2003 में
(घ) 2004 में
उत्तर-
(घ) 2004 में

(iv) क्षेत्रफल की दृष्टि से निम्न भारत से बड़ा देश
(क)फ्रांस
(ख) बांग्लादेश
(ग) ब्राजील
(घ) जर्मनी
उत्तर-
(ग) ब्राजील

(v) भारत का मानक मान्योतर है
(क)97°25′ पू.
(ख) 68°7′ पू.
(ग) 82°30′ पू.
(घ) 83°20′ पू.
उत्तर-
(ग) 82°30′ पू.

(vi) भारत में संघ प्रशासित क्षेत्रों की संख्या है
(क) छः
(ख) सात
(ग) पांच
(घ) चार
उत्तर-
(ख) सात

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(vii) याम्योतर रेखा भारत में निम्न से गुजरती है
(क) मिर्जापुर
(ख) कानपुर
(ग) जयपुर
(घ) रत्नपुर
उत्तर-
(क) मिर्जापुर

भारत-आकार वे स्थिति Class 9 HBSE Notes in Hindi

भौगोलिक तथ्य

1. इंदिरा बिन्दु : भारतीय संघ का सबसे दक्षिणी बिंदु जो सन् 2004 में सुनामी लहरों के कारण जलमग्न हो गया।
2. भारत का कुल क्षेत्रफल : 32.8 लाख वर्ग किमी.; संसार का 2.4% ।
3. भारत की स्थल सीमा : लगभग 15,200 किमी।
4. भारत की सुमद्री तटरेखा : लगभग 7516.6 किमी
5. भारत में कुल राज्य : 28
6. भारत में केन्द्र शासित क्षेत्र : 7
7. गोलार्द्ध : पृथ्वी का आधा भाग।
8. उत्तरी गोलार्द्ध : पृथ्वी का वह आधा भाग जो विषुवत वृत के ऊपर स्थित है।
9. पूर्वी गोलार्द्ध : पृथ्वी का वह आधा भाग जो प्रधान मध्याह्न के पूर्व में है।
10. प्रायद्वीप : भू-भाग का वह भाग जो तीन ओर से समुद्र से घिरा हो।
11. द्वीप : भू-भाग का वह भाग जो चारो ओर से जल से घिरा है।
12. कर्क रेखा : विषुवत रेखा के उत्तर में 23 उत्तरी अक्षांश जहाँ सूर्य की किरणें 21 जून को सीधा पड़ती हो।
13. प्रधान मध्याह्न : परस्पर सहमति पर निर्धारित शून्य डिग्री देशांतर इसके पूर्व में पूर्वी देशांतर तथा. पश्चिम में पश्चिमी देशांतर : लंदन के समीप ग्रीनविच से प्रधान मध्याहन के गुजरने के कारण इसके समय से अंतर्राष्ट्रीय मानक समय की गणना होती है।
14. विषुवत वृत : एक काल्पनिक वृत जो पृथ्वी को उत्तरी-पश्चिमी गोलार्द्ध में बांटता है।
15. तटरेखा : स्थल व जलखंड का पृथ्वी करने वाली रेखा।
16. भारत की मानक मध्याह्न रेखा : भारत के लगभग बीच से गुजरने वाली 82°30′ पूर्व देशांतर-इसी के समय को पूरे देश का समय माना जाता है।
17. भारतः उत्तर से दक्षिण : 3,214 किमी।
18. भारत : पूर्व से पश्चिम : 2,933 किमी।
19. भारत से अधिक बड़े छः देश : रूस, चीन, कनाड़ा, अमेरिका, ब्राजील, आस्ट्रेलिया।
20. प्राचीन सिल्क रूट . : पूर्व को पश्चिम से तथा भारत से गुजरता मार्ग।
21. भारत. का उत्तर में स्थित उत्तरतम बिंदु : इंदिरा कोला
22. उत्तर-दक्षिण विस्तार : 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर।
23. पूर्व -पश्चिम विस्तार : 68°7′ पूर्व से 97°25 पूर्व।
24. भारत की मध्याह्न रेखा : 82°30′ पूर्व देशांतर।
25. भारत के मानक मध्योतर रेखा : उत्तर प्रदेश में मिर्जापूर से गुजरती है।
26. भारत उत्तर-पश्चिम के पड़ोसी : पाकिस्तान, अफगानिस्तान।
27. भारत के उत्तर के पड़ोसी देश : चीन, नेपाल, भूटान।
28. भारत के पूर्व के पड़ोसी देश : म्यांमार, बंग्लादेश।
29. भारत के दक्षिण में पड़ोसी देश : श्रीलंका, मालदीव।
30. पाक जल संधि/मन्नार की खाड़ी : भारत व श्रीलंका के बीच छोटा समुद्री रास्ता।
31. एशिया में भारत की स्थिति : एशिया के पूर्व और पश्चिम के बीच स्थित।

HBSE 9th Class Social Science Solutions

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HBSE 9th Class Hindi Solutions Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में

Haryana State Board HBSE 9th Class Hindi Solutions Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Hindi Solutions Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में

HBSE 9th Class Hindi इस जल प्रलय में Textbook Questions and Answers

इस जल प्रलय में के प्रश्न उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 1.
बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे ?
उत्तर-
ज्योंहि बाढ़ आने की खबर सुनी तो वे घरों में आवश्यक सामग्री एकत्रित करने लगे। लोग ईंधन, आलू, मोमबत्ती दियासलाई, पीने का पानी व दवाइयाँ आदि जमा करने लगे तथा बाढ़ आने की प्रतीक्षा करने लगे। लोग घरों से निकल-निकलकर बाढ़ के पानी को देखने के लिए आ-जा रहे थे।

Kritika Chapter 1 Class 9 HBSE प्रश्न 2.
बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था ?
उत्तर-
लेखक पहले भी कई बार बाढ़ को देख चुका था। उसने कई बार बाढ़-पीड़ितों की सहायता भी की थी। यह नगर जोकि उसका अपना नगर था, में पानी किस प्रकार घुसा और उस पर लोगों की क्या प्रतिक्रिया होगी, यह जानना बिल्कुल नया अनुभव होगा। इसलिए लेखक को नगर में घुसते हुए पानी को देखने की उत्सुकता थी। उसने रिक्शावाले को भी यही कहा था, “चलो, पानी कैसे घुस आया है, वही देखना है।”

Kritika Chapter 1 Class 9 Questions And Answers HBSE प्रश्न 3.
सबकी ज़बान पर एक ही जिज्ञासा-‘पानी कहाँ तक आ गया है ?’-इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं ?
उत्तर–
पानी कहाँ तक आ गया है’ नगर का प्रत्येक व्यक्ति यही जानने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहा था। उसके इस कथन से नागरिकों की उत्सुकता, सुरक्षा और कौतूहल की भावना व्यक्त होती है। नगर के सब लोग इस नए अनुभव को अपनी आँखों से देखना चाहते थे। वे जीवन-मृत्यु के इस खेल के मोह को छोड़ नहीं पाए थे। उनका इस खेल में गहन आकर्षण था।

Class 9th Kritika Chapter 1 Question Answer HBSE प्रश्न 4.
‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों ?
उत्तर-
लेखक ने बाढ़ के निरंतर बढ़ते हुए जल को मृत्यु का तरल दूत’ कहकर पुकारा है, क्योंकि बाढ़ के पानी ने न जाने कितने लोगों को मौत की गोद में सुला दिया है और न जाने कितने घरों को तबाह कर दिया है। यही कारण है कि लेखक ने बाढ़ के जल को ‘मृत्यु का तरल दूत’ कहा है।

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में

Class 9th Chapter 1 Kritika HBSE प्रश्न 5.
आपदाओं से निपटने के लिए अपनी तरफ से कुछ सुझाव दीजिए।
उत्तर-
आपदाओं से निपटने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं
(क) सरकार को संभावित खतरों या आपदाओं से निपटने के लिए साधन तैयार रखने चाहिएँ। उन सभी साधनों को सदा तैयार रखना चाहिए जो बाढ़ में या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय काम में लाए जाते हैं।
(ख) सरकारी और स्वयंसेवी संस्थाओं में बराबर तालमेल बनाए रखना चाहिए, ताकि आपदा के समय इकट्ठे काम कर सकें।
(ग) स्वयंसेवी संगठनों को बिना किसी मतभेद के आपदा के समय मन लगाकर काम करना चाहिए।
(घ) सरकार द्वारा समय-समय पर स्वयंसेवी संगठनों को पुरस्कृत भी किया जाना चाहिए।

Class 9 Hindi Book Kritika Chapter 1 Question Answer HBSE प्रश्न 6.
‘ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए…..अब बूझो!’-इस कथन द्वारा लोगों की किस मानसिकता पर चोट की गई है ?
उत्तर-
इस कथन के माध्यम से लेखक ने जन-साधारण के मन में बैठी ईर्ष्या, द्वेष की भावना को अभिव्यक्त किया है। गाँव और शहर में भेद सदा ही बना रहा है। अतः नगर और गाँव के लोगों के मन में आपसी कटुता भी घर कर जाती है। यह कटुता ही उस गाँव के व्यक्ति के इस कथन से अभिव्यक्त हुई है। ग्रामीण चाहता है कि इन पटनावासियों का भी ग्रामीणों की भाँति ही नुकसान हो, तब इन्हें पता चलेगा कि बाढ़ से क्या-क्या कष्ट भोगने पड़ते हैं।

प्रश्न 7.
खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी ?
उत्तर-
बाढ़ के आने का खतरा बढ़ता जा रहा था इसलिए अन्य सामानों की दुकानें बंद होती जा रही थीं। परंतु पान की बिक्री बढ़ गई थी, क्योंकि बाढ़ को देखने के लिए बहुत-से लोग वहाँ एकत्रित हो गए थे। वे बाढ़ से भयभीत नहीं थे, अपितु हँसी-खुशी और कौतूहल से युक्त थे। इसलिए वे समय गुजारने के लिए वहाँ खड़े थे। ऐसे में पान खाने की इच्छा उत्पन्न होना स्वाभाविक था।
इसलिए यह बात सही है कि दूसरे सामान की दुकानें बंद होने लगी थीं, किंतु पान की दुकान पर भीड़ बढ़ रही थी और पान की बिक्री भी अचानक बढ़ गई थी।

प्रश्न 8.
जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने क्या-क्या प्रबंध किए ?
उत्तर-
जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने एक सप्ताह का भोजन रखने का प्रबंध किया। उसने किताबों के अलावा गैस की स्थिति के बारे में पत्नी से जानकारी ली। उसने ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, सिगरेट, पीने का पानी और नींद की गोलियों का प्रबंध भी किया।

प्रश्न 9.
बाढ़-पीड़ित क्षेत्र में कौन-कौन सी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है ?
उत्तर-
बाढ़-पीड़ित क्षेत्र में अकसर पकाही घाव हो जाते हैं। गंदे पानी से लोगों के पाँवों की उंगलियाँ गल जाती हैं और तलवों में भी घाव हो जाते हैं। इनके अतिरिक्त हैजा, मलेरिया, टाइफाइड आदि बीमारियों के फैलने की भी आशंका हो जाती है।

प्रश्न 10.
नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया ?
उत्तर-
एक के लिए दूसरे का पानी में कूद पड़ने से कुत्ते और नवयुवक के आत्मीय संबंध का बोध होता है। वे दोनों एक-दूसरे के सच्चे साथी थे। उनमें मानवीय होने या पशु होने का भेदभाव भी नहीं था। वे एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। कुत्ते को यदि नाव में स्थान नहीं दिया जाता तो नवयुवक भी नाव में नहीं बैठता और युवक के बिना कुत्ता नहीं रह सकता, वह बिना किसी डर के पानी में कूद पड़ता है।

प्रश्न 11.
‘अच्छा है, कुछ भी नहीं। कलम थी, वह भी चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं मेरे पास।’-मूवी कैमरा, टेप-रिकॉर्डर आदि की तीव्र उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने अंत में उपर्युक्त कथन क्यों कहा ?
उत्तर-
लेखक बाढ़ के दृश्य को पूरी तरह अनुभव कर लेना चाहता था। उधर उसका लेखक मन चाहता है कि वह बाढ़ के दृश्यों को पूर्ण रूप से संजो ले। यदि उसके पास मूवी कैमरा होता या टेप-रिकॉर्डर या कलम होती तो वह बाढ़ का निरीक्षण करने की बजाए उसका चित्रण करने में लग जाता। तब जीवन को साक्षात भोगने का अवसर उसके हाथ से निकल जाता।

प्रश्न 12.
आपने भी देखा होगा कि मीडिया द्वारा प्रस्तुत की गई घटनाएँ कई बार समस्याएँ बन जाती हैं, ऐसी किसी घटना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
मीडिया जहाँ समस्याओं की ओर हमारा ध्यान खींचकर उनका हल प्रस्तुत करता है वहीं कभी-कभी वे समस्याओं के हल की अपेक्षा उनको बढ़ावा देते हैं। कुछ दिन पूर्व रेल में लगाई आग को इस रूप में प्रस्तुत किया गया जिससे रेल में लगी आग में मरे लोगों की पहचान करने व अन्य सहायता के काम करने की अपेक्षा लोगों में सांप्रदायिकता की भावना को भड़का दिया। इससे अनेक स्थानों पर हिंदू-मुस्लिम दंगे हो गए। इस प्रकार मीडिया कभी-कभी समस्याओं के हल की अपेक्षा समस्याएँ उत्पन्न कर देता है।

प्रश्न 13.
अपनी देखी-सुनी किसी आपदा का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
सन् 1978 में टांगरी नदी का बाँध टूट जाने के कारण अंबाला छावनी व उसके आस-पास के क्षेत्र में बाढ़ आ गई थी। वहाँ के पूरे सदर बाजार में चार-पाँच फुट पानी जमा हो गया था। सभी दुकानों के अंदर पानी घुस जाने के कारण लाखों करोड़ों रुपयों की हानि हुई थी। कुछ निचले क्षेत्रों में तो 8-9 फुट की ऊँचाई तक पानी चढ़ आया था। लोगों ने घरों की छत पर चढ़कर जान बचाई थी। प्रातः होते-होते आस-पास के क्षेत्रों में पानी ही पानी दिखाई दे रहा था। अनेक दूध बेचने वाले ग्वालों के पशु पानी में बह कर मर गए थे। दूसरे दिन जब पानी उतरा तो पता चला कि कुछ लोगों की पानी में डूबने के कारण मृत्यु हो गई थी, उनमें बच्चे व बूढ़े ही अधिक थे। उस बाढ़ के दृश्य को देखने वाले लोगों के दिल आज भी उसे याद करके काँप उठते हैं।

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में

HBSE 9th Class Hindi इस जल प्रलय में Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
‘इस जल प्रलय में’ नामक पाठ का उद्देश्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
‘इस जल प्रलय में’ नामक पाठ में लेखक ने बाढ़ के दृश्य का सजीव चित्रण किया है। लेखक ने विभिन्न लोगों की बाढ़ आने पर होने वाली भिन्न-भिन्न प्रतिक्रियाओं का वर्णन सूक्ष्मतापूर्वक किया है। इसी प्रकार बाढ़ के आने पर या बाढ़ के आने की संभावना से उत्पन्न मानसिक वातावरण का वर्णन करना भी इस पाठ का उद्देश्य है। लेखक ने बताया है कि बाढ़ के आने की खबर सुनते ही लोगों के मन में भय-सा समा गया। लोगों ने अपना सामान समेटना आरंभ कर दिया और बाढ़ के आने पर जिन-जिन वस्तुओं की आवश्यकता होती है, उन वस्तुओं को भी एकत्रित करना आरंभ कर दिया। जिन लोगों ने बाढ़ के दृश्य को पहले कभी नहीं देखा था, उनके मन की दशा का भी सुंदर एवं सजीव चित्रण किया गया है। बाढ़ के समय सरकार के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था आदि का उल्लेख करके लेखक ने बाढ़ के दृश्य को संपूर्णता के साथ प्रस्तुत किया है। यही इस पाठ का प्रमुख लक्ष्य है।

प्रश्न 2.
गाँव के लोगों के पशु प्रेम पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
गाँव के लोग पशुओं को अपने परिवार का सदस्य मानते हैं। वे उनके सुख-दुःख से प्रभावित होते हैं। कुत्ता एक स्वामिभक्त प्राणी है। वह मनुष्य का सबसे अच्छा साथी है। सन् 1949 में जब महानंदा में बाढ़ आई थी, तो बीमारों को बाढ़ से बाहर ले जाने के लिए एक नाव मँगवाई गई। जब एक बीमार युवक अपने कुत्ते को लेकर नाव पर चढ़ने लगा तो डॉक्टर ने उस कुत्ते को ले जाने से मना कर दिया। उस नवयुवक ने उत्तर दिया कि यदि कुत्ते को नाव में नहीं ले जाने दिया गया तो मैं भी नाव पर नहीं जाऊँगा। यही काम कुत्ते ने भी किया, वह भी नाव से झट से नीचे कूद गया। इससे पता चलता है कि गाँव के लोगों के मन में पशुओं व जानवरों के प्रति बहुत प्रेम होता है।

प्रश्न 3.
‘मुसहरी’ कौन थे? वे अपनी किस विशेषता के लिए प्रसिद्ध रहे हैं ?
उत्तर-
‘मुसहरी’ आदिवासियों की एक जाति है। उनका प्रमुख व्यवसाय दोने-पत्तल बनाना है। इस जाति के लोगों की प्रमुख विशेषता उनकी जिंदादिली होती है। बाढ़ की मुसीबत भी उनकी इस विशेषता को नहीं छीन सकती। जब लेखक को पता चला कि ‘मुसहरी’ समाज के लोग बाढ़ में घिरे हुए हैं और मांस-मछली खाकर गुजारा कर रहे हैं। तो वह सेवादल के साथ उनके गाँव में पहुंचा वहाँ उसने देखा गाँव में ऊँचे स्थान पर एक मंच बनाया हुआ है और एक काला-कलूटा नट अपनी रूठी हुई दुल्हन का अभिनय कर रहा है और पुरुष बना नट उसे मनाने का अभिनय कर रहा है। ढोलक और मंजीरे पर आनंदोत्सव चल रहा है। वहाँ के लोग मुसीबत के समय में भी आनंदोत्सव मना रहे थे। इससे पता चलता है कि ‘मुसहरी’ जाति के लोग जिंदादिल होते हैं।

प्रश्न 4.
पठित पाठ के आधार पर राजेन्द्र नगर में आई बाढ़ के दृश्य का चित्रण कीजिए। .
उत्तर-
पटना नगर का राजेन्द्र नगर एक प्रमुख स्थान है। इस क्षेत्र में बाढ़ का पानी पश्चिम दिशा से प्रवेश हुआ था। पानी डोली के आकार में आगे बढ़ रहा था। उसके मुख पर मानो फेन (झाग) था। इसे देखने पर ऐसा लगा कि मानो उसके आगे-आगे किलोल करते हुए बच्चों की एक टोली आ रही है। पानी के समीप आने पर पता चला कि मोड़ पर रुकावट आने पर पानी उछल रहा था। धीरे-धीरे आस-पास शोर मच गया था। कोलाहल, चीख-पुकार और तेज बहने वाले पानी की कलकल ध्वनि। पानी धीरे-धीरे फुटपाथ को पार करके आगे बढ़ने लगा। थोड़ी ही देर में गोलंबर के गोल पार्क में भी पानी भर गया। पानी इतनी तेजी से बढ़ रहा था कि थोड़ी ही देर में दीवार की ईंटें एक-एक करके डूबने लगी थीं। पानी में बिजली के खंभे और पेड़ों के तने भी डूबते जा रहे थे।

प्रश्न 5.
बाढ़ जैसी भयानक आपदाओं से बचने के लिए आप कुछ उपाय सुझाइए। [H.B.S.E. March, 2018]
उत्तर-
बाढ़ जैसी आपदाओं से बचने के लिए हमें सर्वप्रथम अपने जरूरी सामान को सुरक्षित स्थान पर रख देना चाहिए। हमें : बाढ़ के पानी को देखकर घबराना नहीं चाहिए अपितु दूसरों का भी साहस बंधाना चाहिए। बाढ़ के आने पर बिजली के उपकरणों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। घर में करंट आने का खतरा बढ़ जाता है। यदि फोन की सुविधा है तो पुलिस व अन्य सरकारी कार्यालयों को सूचना दे देनी चाहिए ताकि लोगों को बाढ़ जैसी आपदा से बचाने में सहायता मिल सके।

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में

प्रश्न 6.
लेखक ने किसे गंवार और मुस्टंडा कहा था और क्यों ?
उत्तर-
लेखक ने दानापुर के एक अधेड़ ग्रामीण को गँवार एवं मुस्टंडा कहा था, क्योंकि उसका शरीर पूर्णतः स्वस्थ और मजबूत था। उसकी वाणी और व्यवहार असभ्य था। उस व्यक्ति ने पटनावासियों पर अपना सारा गुस्सा निकालते हुए कहा था “ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनिया बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए….. अब बूझो!” निश्चित रूप से ये शब्द कठोर और द्वेषपूर्ण थे। इसी कारण लेखक ने उसके लिए गंवार तथा मुस्टंडा शब्द प्रयोग किए थे।

प्रश्न 7.
बाढ़ के आने पर शहर के कुछ मनचले लोगों की कैसी प्रतिक्रिया हुई थी ?
उत्तर-
बाढ़ के आने पर नगर के कुछ मनचले लोगों को हँसी-मजाक की बातें सूझ रही थीं। वे बाढ़ की समस्या के प्रति जरा भी गंभीर नहीं थे। वे कह रहे थे कि अच्छा है, पूरा पटना नगर डूब जाए जिससे सबके पाप मिट जाएँगे। कुछ कह रहे थे कि गोलघर की मुंडेर पर बैठकर ताश खेली जाए। कुछ कह रहे थे कि इनकम टैक्स वालों को अपनी आसामियों पर इसी समय छापा मारना चाहिए। वे कहीं नहीं भाग सकेंगे।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘इस जल प्रलय में शीर्षक पाठ हिंदी साहित्य की किस विधा के अंतर्गत आता है ?
(A) संस्मरण
(B) निबंध
(C) रिपोर्ताज
(D) कहानी
उत्तर-
(C) रिपोर्ताज

प्रश्न 2.
‘इस जल प्रलय में’ शीर्षक पाठ के लेखक कौन हैं ?
(A) मृदुला गर्ग
(B) फणीश्वरनाथ रेणु
(C) जगदीश चंद्र माथुर
(D) शमशेर सिंह बहादुर
उत्तर-
(B) फणीश्वरनाथ रेणु

प्रश्न 3.
‘इस जल प्रलय में’ शीर्षक पाठ में किस सन् की प्रलयंकारी बाढ़ की घटना का वर्णन है ?
(A) सन् 1978 की
(B) सन् 1977 की
(C) सन् 1976 की
(D) सन् 1975 की
उत्तर-
(D) सन् 1975 की

प्रश्न 4.
प्रस्तुत पाठ में किस नगर में आई बाढ़ का उल्लेख किया गया है ?
(A) पटना
(B) पूर्णिया
(C) बस्ती
(D) बराऊनी
उत्तर-
(A) पटना

प्रश्न 5.
फणीश्वरनाथ रेणु का जन्म कब हुआ था ?
(A) सन् 1901 में
(B) सन् 1911 में
(C) सन् 1921 में
(D) सन् 1922 में
उत्तर-
(C) सन् 1921 में

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में

प्रश्न 6.
श्री रेणु का देहांत कब हुआ था ?
(A) सन् 1977 में
(B) सन् 1987 में
(C) सन् 1990 में
(D) सन् 1996 में
उत्तर-
(A) सन् 1977 में

प्रश्न 7.
लेखक ने ‘डायन कोसी’ नामक रिपोर्ताज किस सन् में लिखा ?
(A) सन् 1938 में
(B) सन् 1948 में
(C) सन् 1958 में
(D) सन् 1965 में
उत्तर-
(B) सन् 1948 में

प्रश्न 8.
‘जय गंगा’ नामक रिपोर्ताज की रचना किस वर्ष में की गई थी ? ‘
(A) सन् 1927 में
(B) सन् 1937 में
(C) सन् 1947 में
(D) सन् 1957 में
उत्तर-
(C) सन् 1947 में

प्रश्न 9.
लेखक को बाढ़ की पीड़ा को भोगने का अनुभव कब हुआ था ?
(A) सन् 1967 को
(B) सन् 1970 को
(C) सन् 1975 को
(D) सन् 1977 को
उत्तर-
(A) सन् 1967 को

प्रश्न 10.
कितने घंटे तक निरंतर वर्षा होने पर पटना में बाढ़ आई थी ?
(A) बारह
(B) अठारह
(C) बीस
(D) चौबीस
उत्तर-
(B) अठारह

प्रश्न 11.
सन् 1967 में किस नदी का पानी पटना नगर में घुस गया था ?
(A) पुनपुन
(B) कोसी
(C) गंगा
(D) कावेरी
उत्तर-
(A) पुनपुन

प्रश्न 12.
लेखक जब रिक्शा में बैठकर बाढ़ का पानी देखने निकला तो उनके साथ कौन था ?
(A) उनका एक रिश्तेदार
(B) आचार्य कवि-मित्र
(C) पत्रकार मित्र
(D) कैमरा मैन
उत्तर-
(B) आचार्य कवि-मित्र

प्रश्न 13.
‘स्वगतोक्ति’ का आशय है-
(A) अपने आप में कुछ बोलना
(B) अपनी प्रशंसा आप करना
(C) स्वयं से बातें करना
(D) दूसरों को अपनी बात कहना
उत्तर-
(A) अपने आप में कुछ बोलना

प्रश्न 14.
कवि ने ‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा है ?
(A) अपने मित्र को
(B) बाढ़ के पानी को
(C) लोगों के समूह को
(D) काली घटा को
उत्तर-
(B) बाढ़ के पानी को

प्रश्न 15.
“चलो, पानी कैसे घुस गया है, वही देखना है।” ये शब्द किसने किसे कहे हैं ?
(A) लेखक ने मित्र से ।
(B) लेखक ने रिक्शावाले से
(C) लेखक के मित्र ने रिक्शावाले से
(D) एक राहगीर ने लेखक से
उत्तर-
(B) लेखक ने रिक्शावाले से

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में

प्रश्न 16.
“ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए ….. अब बूझो!” इस कथन से ग्रामीण की कौन-सी भावना अभिव्यक्त हुई है ?
(A) आपसी सद्भाव
(B) परस्पर मैत्रीभाव
(C) ईर्ष्या-द्वेष
(D) घृणा भाव
उत्तर-
(C) ईर्ष्या-द्वेष

प्रश्न 17.
लेखक के अनुसार साहित्यिक गोष्ठियों में कैसे आदमी की तलाश रहती है ?
(A) शहरी आदमी की
(B) मध्यवर्ग के आदमी की
(C) अमीर आदमी की
(D) आम आदमी की
उत्तर-
(D) आम आदमी की

प्रश्न 18.
कौन-सा समाचार दिल दहलाने वाला था ?
(A) पानी स्टूडियो की सीढ़ियों तक आ गया है
(B) पानी से स्टूडियो डूब गया है
(C) अगले चौबीस घंटों में जोरदार वर्षा होगी
(D) बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ता आ रहा है
उत्तर-
(A) पानी स्टूडियो की सीढ़ियों तक आ गया है

प्रश्न 19.
अन्य दुकानों की अपेक्षा पान वालों की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी ?
(A) लोगों को भूख लगी हुई थी
(B) पान सस्ते हो गए थे
(C) ‘पान खाना’ समय गुजारने का अच्छा साधन था
(D) पान खाने से पानी का आतंक कम हो रहा था
उत्तर-
(C) ‘पान खाना’ समय गुजारने का अच्छा साधन था

प्रश्न 20.
गांधी मैदान में लेखक ने क्या देखा था ?
(A) भीड़
(B) बच्चों को खेलते हुए
(C) हरी घास को पानी में डूबते हुए
(D) नेता को भाषण देते हुए
उत्तर-
(C) हरी घास को पानी में डूबते हुए

प्रश्न 21.
जन संपर्क विभाग ने लोगों के लिए क्या संदेश दिया था ?
(A) वे रात को भी सावधान रहें
(B) वे पानी की चिंता छोड़ दें
(C) अपना सारा सामान लेकर छत पर बैठ जाएँ
(D) वे बाढ़ के समय जागते रहें
उत्तर-
(A) वे रात को भी सावधान रहें

प्रश्न 22.
बाढ़ आने पर मनचले लोग कैसी बातें कर रहे थे ?
(A) बाढ़ का नजारा अत्यंत सुंदर होता है
(B) बाढ़ आने से लूट का मजा आता है
(C) इनकम टैक्स वालों के लिए छापा मारने का सही मौका है
(D) यह मौज मस्ती का अवसर है
उत्तर-
(C) इनकम टैक्स वालों के लिए छापा मारने का सही मौका है

प्रश्न 23.
लेखक के अनुसार बाढ़ पीड़ितों को सबसे अधिक आवश्यकता किन चीजों की होती है ?
(A) भोजन की
(B) पानी की
(C) लकड़ी की
(D) दवाइयों की
उत्तर-
(D) दवाइयों की

प्रश्न 24.
लेखक चाहकर भी अपने मित्रों व स्वजनों से बात क्यों नहीं कर सका था ?
(A) वह थक गया था
(B) वे उससे नाराज थे
(C) टेलीफोन बंद हो चुके थे
(D) लेखक घबराया हुआ था
उत्तर-
(C) टेलीफोन बंद हो चुके थे

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में

प्रश्न 25.
आपकी दृष्टि में बाढ़ में सबसे मार्मिक दृश्य क्या था ?
(A) छाती भर पानी में खड़ी गर्भवती महिला
(B) लोगों का चिल्लाना
(C) पशुओं का डूबना
(D) लोगों द्वारा सामान इकट्ठा करना
उत्तर-
(A) छाती भर पानी में खड़ी गर्भवती महिला

प्रश्न 26.
कौन-सी जाति के लोग बाढ़ से घिरे होने पर हँसी दिल्लगी नहीं छोड़ते ?
(A) ब्राह्मण
(B) यादव
(C) मुसहरी
(D) राजपूत
उत्तर-
(C) मुसहरी

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kshitij Chapter 1 दो बैलों की कथा

इस जल प्रलय में Summary in Hindi

इस जल प्रलय में पाठ-सार/गद्य-परिचय

प्रश्न-
‘इस जल प्रलय में’ शीर्षक पाठ का सार/गद्य-परिचय अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
‘इस जल प्रलय में’ शीर्षक पाठ में लेखक ने बाढ़ का वर्णन किया है। लेखक बिहार की राजधानी पटना में रहता है। उसका गाँव ऐसे क्षेत्र में है जहाँ हर वर्ष पश्चिम, पूर्व और दक्षिण की कोसी, पनार, महानंदा और गंगा की बाढ़ से पीड़ित लोग शरण लेते हैं। परती (बंजर भूमि) पर गाय, बैल, भैंस तथा बकरों के झुंड को देखकर लोग सहज ही बाढ़ की भयंकरता का अनुमान लगा लेते हैं। लेखक को तैरना नहीं आता। वह बाढ़ पर कई लेख लिख चुका है। लेखक ने विभिन्न वर्षों में आई बाढ़ों का वर्णन करते हुए बताया है कि सन् 1967 में भयंकर बाढ़ आई। तब उसका पानी राजेंद्रनगर, कंकड़बाग तथा अन्य निचले हिस्सों में भर गया था। तब लोगों ने आवश्यक सामग्री एकत्रित कर ली थी तथा बाढ़ की प्रतीक्षा करने लगे थे। इसी बीच कभी राजभवन तो कभी मुख्यमंत्री निवास के बाढ़ में डूबने के समाचार आते रहे। कॉफी हाउस भी पानी में डूब चुका था। लेखक अपने एक अंतरंग मित्र के साथ रिक्शा में बैठकर बाढ़-पीड़ित क्षेत्रों को देखने के लिए निकलता है। उस समय दूसरे लोग भी बाढ़ का पानी देखकर लौट रहे थे। सभी लोगों की यह जानने की जिज्ञासा थी कि पानी कहाँ तक आ गया है और कहाँ तक आने की संभावना है। लेखक भी पहले तो लौटने का विचार कर रहा था, किंतु तभी उसने कुछ और आगे जाने का मन बना लिया। वह रिक्शा में बैठकर गांधी मैदान की ओर चल दिया। गांधी मैदान की रेलिंग के सहारे खड़े हजारों लोग बाढ़ के पानी को देख रहे थे।

संध्या हो चुकी थी। बहुत-से लोग पान की दुकान के सामने खड़े समाचार सुन रहे थे। पानी स्टूडियो तक आ चुका था। समाचार दिल दहलाने वाला था। किंतु लोग कुछ ज्यादा परेशान नहीं थे। वे अन्य दिनों की भाँति ही हँस-खेल रहे थे। उस पान वाले की बिक्री अवश्य बढ़ गई थी। कोई भी व्यक्ति बाढ़ से भयभीत नहीं दिखाई दे रहा था। हमारे ही चेहरे दुःखी लग रहे थे। कुछ लोग कह रहे थे कि एक बार पटना भी पूरी तरह से डूब जाए तो सारे पाप धुल जाएँगे। वे ताश खेलने के लिए बैठना चाहते थे कि तभी उनके मन में विचार आया कि इनकम टैक्स वालों को इसी समय छापा मारना चाहिए। उन्हें बहुत-सा माल एक ही स्थान पर मिल जाएगा।

लेखक अपने मकान पर पहुँचा ही था कि उसी समय लाउडस्पीकर से घोषणा करने वाली गाड़ी उनके मुहल्ले में पहुंची। वह घोषणा कर रही थी कि ‘भाइयो! ऐसी संभावना है कि बाढ़ का पानी रात के बारह बजे तक लोहानीपुर, कंकड़बाग और राजेंद्रनगर में घुस सकता है। अतः आप लोग सावधान रहें। लेखक घर में गैस की स्थिति का पता लगाता है। वह फिर सोने की कोशिश करता है पर नींद कहाँ आती है। वह उठ जाता है और कुछ लिखना चाहता है तो उसके मन में अनेक पुरानी यादें आने लगती हैं।

लेखक याद करता हुआ लिखता है कि 1947 में मनिहारी में बाढ़ आई थी। लेखक गुरु जी के साथ बाढ़ से पीड़ित लोगों की सहायता के लिए उस क्षेत्र में गया था। उनकी हिदायत थी कि हर नाव पर दवा, माचिस तथा किरासन तेल अवश्य रहना चाहिए।

इसी प्रकार सन् 1949 में लेखक महानंदा की बाढ़ से घिरे बापसी थाना के एक गाँव में लोगों की सहायता के लिए पहुंचा। वे नाव पर चढ़ाकर बीमारों को कैंप तक ले जाना चाहते थे कि एक बीमार के साथ उसका कुत्ता भी चढ़ गया। किंतु दूसरे लोगों द्वारा एतराज करने पर वह व्यक्ति अपने कुत्ते समेत नाव से नीचे कूद गया था। लेखक सहायता के लिए कुछ और आगे गया तो पता चला कि वहाँ लोग कई दिनों से मछली व चूहों को झुलसाकर खा रहे हैं। जब ये लोग एक टोले के पास पहुंचे तो पता चला कि ऊँची-सी जगह पर मंच बनाकर ‘बलवाही’ लोक नाटक कर रहे हैं। लाल साड़ी पहने काला-कलूटा ‘नटुआ’ दुलहिन के हाव-भाव दिखला रहा था। वहाँ बैठे लोगों के चेहरों पर जरा भी बाढ़ का भय नहीं था।

इसी प्रकार सन् 1967 की बाढ़ में जब पुनपुन का पानी राजेंद्रनगर में घुस आया था, तो एक नाव पर कुछ सजे-धजे युवक-युवतियों की टोली किसी फिल्म में देखे हुए कश्मीर का आनंद घर बैठे लेने के लिए निकली थी। नाव पर चाय बन रही थी। एक युवती अनोखी अदा से नैस्कैफे के पाउडर को मथकर ‘एस्प्रेसो’ बना रही थी। दूसरी लड़की रंगीन पत्रिका पढ़ रही थी। एक युवक उस युवती के सामने घुटनों पर कोहनी टेककर डायलॉग बोल रहा था। ट्रांजिस्टर पर कोई फिल्मी गाना बज रहा था। लेखक रात के ढाई बजे तक जागता रहा, किंतु तब तक बाढ़ का पानी नहीं आया था। सभी लोग जागते रहे। उस समय लेखक के मन में अपने मित्रों के प्रति चिंता हुई कि न जाने किस हाल में होंगे। लेखक को नींद नहीं आ रही थी। वह फिर लिखने बैठ गया पर इस समय वह क्या लिखे। पाँच बजे लेखक फिर आवाज़ सुनता है कि पानी आ रहा है। वह दौड़कर छत पर गया। उसने देखा कि चारों ओर से लोगों की चीख-पुकार सुनाई दे रही थी। पानी की लहरों का नृत्य भी दिखाई दे रहा था। पानी तेज गति से सब कुछ अपने साथ समेटता हुआ आगे बढ़ रहा था। लेखक बाढ़ को तो बचपन से देखता हुआ आ रहा था, किंतु पानी इस तरह आता उसने कभी न देखा था।

कठिन शब्दों के अर्थ –

(पृष्ठ-1) : पीड़ित = दुःखी। पनाह = शरण। ट्रेन = रेलगाड़ी। विशाल = बहुत बड़ी। सपाट = सरल, सीधी। परती = वह जमीन जो जोती-बोई न जाती हो। विभीषिका = भयंकरता। रिलीफवर्कर = राहत पहुंचाने वाला कार्यकर्ता। प्रस्तुत किया = लिखा। छुटपुट = छोटे-छोटे। .

(पृष्ठ-2) : विनाश लीला = नाश करने वाली क्रिया। अविराम = निरंतर। वृष्टि = वर्षा । हैसियत = शक्ति। प्रतीक्षा = इंतजार। प्लावित = जिस पर बाढ़ का पानी चढ़ आया हो, जो जल में डूब गया हो। अबले = अधिक। अनवरत = निरंतर। अनर्गल = बेतुकी, व्यर्थ। अनगढ़ = बेडौल, टेढ़ा-मेढ़ा। स्वगतोक्ति = अपने आप से कुछ बोलना।

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में

(पृष्ठ-3) : जुबान = जीभ। जिज्ञासा = जानने की इच्छा। एरिया = क्षेत्र। आतंक = भय। बाबस = अचानक। समय = भय सहित। अस्फुट = अस्पष्ट । अनुनय = प्रार्थना। गैरिक = गेरुए रंग का। आवरण = पर्दा।

(पृष्ठ–4) : आच्छादित = ढका हुआ। शनैः शनैः = धीरे-धीरे। अधेड़ = चालीस वर्ष की आयु वाला। मुस्टंड = बदमाश। गंवार = ग्रामीण। उत्कर्ण = सुनने को उत्सुक। दिल दहलाने वाले = डरा देने वाले। चेष्टा = प्रयास। परेशान = दुःखी। आसन्न = पास आया हुआ। आदमकद = आदमी के कद के बराबर। मुहर्रमी = निराश, आतंकित।

(पृष्ठ-5) : हुलिया = वेशभूषा। धनुष्कोटि = एक स्थान का नाम। माकूल = सही। मौका = अवसर। बा-माल = माल सहित। पूर्ववत् = पहले की भांति । सुधि लेना = ध्यान रखना। अलमस्त = मौजमस्ती मनाने वाला, बेपरवाह। ऐलान करना = घोषणा करना।

(पृष्ठ-6) : गृहस्वामिनी = घर की मालकिन। अंदाज = अनुमान। आकुल = व्याकुल। बेतरतीब = बेढंगे। बालूचर = रेतीला क्षेत्र।

(पृष्ठ-7) : हिदायत = निर्देश। मुसहरी = एक जाति विशेष का नाम। बलवाही = एक लोक-नृत्य का नाम। दुलहिन = नई नवेली।

(पृष्ठ-8) : रिलीफ़ = राहत का सामान । भेला = नाव। झिंझिर = जल-विहार । अनोखी = अद्भुत। डायलॉग = संवाद । वॉल्यूम = ध्वनि। फूहड़ = बेसुरे।

(पृष्ठ-9) : एक्ज़बिशनिम = प्रदर्शनवाद। छूमंतर होना = समाप्त होना। आसन्नप्रसवा = जिसे आजकल में बच्चा होने वाला हो। बेहतर = बढ़िया।

(पृष्ठ-10-11) : उजले = सफेद। आ रहलौ = आ गया है। किलोल करना = क्रीड़ाएँ करना। अतिथिशाला = विश्राम गृह। अवरोध = रुकावट। कलरव = पक्षियों की ध्वनि। नर्तन = नाच। सशक्त = शक्तिपूर्वक। लोप होना = डूब जाना।

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HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 8 पहनावे का सामाजिक इतिहास

Haryana State Board HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 8 पहनावे का सामाजिक इतिहास Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions History Chapter 8 पहनावे का सामाजिक इतिहास

HBSE 9th Class History पहनावे का सामाजिक इतिहास Textbook Questions and Answers

पहनावे का सामाजिक इतिहास HBSE 9th Class प्रश्न 1.
18वीं शताब्दी में पोशाक शैलियों और सामग्री में आए बदलावों के क्या कारण थे?
उत्तर-
18वीं शताब्दी में पोशाकों और सामग्री में आए बदलावों के मुख्य कारण निम्नलिखित बताए जा सकते हैं।

1. फ्रांसीसी क्रांति ने समाज के सभी वर्गों में समानता की दृष्टि से भिन्न-भिन्न पोशाक शैलियों के अंतर को समाप्त कर दिया।
2. राजनीतिक प्रकार के चिहों का प्रभाव पोशाक पर भी पड़ने लगा। लाल टोपी स्वतंत्रता का प्रतीक बन गयी। लम्बे-लम्बे पायजामों का रिवाज चल पड़ा।
3. पोशाक शैलियों व खानपान सामग्री में सादगी का अनुसरण किया जाने लगा।

Class 9 History Chapter 8 HBSE प्रश्न 2.
फ्रांस में सम्प्चुअरी कानून क्या थे?
उत्तर-
फ्रांस में सम्प्युचरी कानूनों का सम्बन्ध पोशाक व खाने-पीने की सामग्री के प्रयोग से जुड़ा था। समाज के निम्न वर्गों को विशेष शैली की पोशाक पहननी पड़ती थी। यह निम्न वर्ग के लिए विशेष रूप से लागू की जानी होती थी। अमीर व शाही लोगों के लिए ऐसे कोई प्रतिबंध नहीं थे।

प्रश्न 3.
यूरोपीय पोशाक संहिता और भारतीय पोशाक संहिता के बीच कोई दा फर्क बताइए।
उत्तर-
1. यूरोपीय पोशाक संहिता में टोपी के पहनावे को महत्व दिया जाता था जबकि भारतीय पोशाक संहिता में पगड़ी को।
2. यूरोपीय पुरुष पतलून व कमीज का तथा स्त्रियाँ फ्रॉक आदि को पहनते हैं जबकि भारत मे पुरुष धोती-कुर्ता तथा स्त्रियाँ साड़ी-ब्लाउज़ पहनती हैं।

प्रश्न 4.
1850 में अंग्रेी अफसर बेंजमिन हाईन ने बंगलोर में बनने वाली चीजों की एक सूची बनाई थी, जिसमें निम्नलिखित उत्पाद भी शामिल थे
अलग-अलग किस्म और नाम वाले जनाना कपड़े।
मोटी छींट
मखमल
रेशमी कपड़े
बताइए कि बीसवीं सदी के प्रारंभिक दशकों में इनमें से कौन-कौन से किस्म के पकड़े प्रयोग से बाहर चले गए होंगे, और क्यों?
उत्तर-
मखमल कपड़ा प्रयोग में बाहर चला गया। इसे शरीर पर पहनने से आराम का अहसास नहीं होता था।

प्रश्न 5.
उन्नीसवीं सदी के भारत में औरतें परंपरागत कपड़े क्यों पहनती रहीं जबकि पुरुष पश्चिमी कपड़े पहनने लगे थे? इससे समाज में औरतों की स्थिति के बारे में क्या पता चलता हैं?
उत्तर-
19वीं शताब्दी में भारत में औरतें पारंपरिक कपड़े पहनती थीं क्योंकि उनका अधिकतर काम घर की चार दीवारी तक ही सीमित रहता था। दूसरी ओर पुरुष पश्चिमी शैली के कपड़े पहनने लगे थे क्योंकि वह अंग्रेजों के साथ संपर्क में भी आ गए थे तथा उनके कार्यालयों में नौकरी भी करने लगे थे।
स्त्रियों को अपनी पारंपरिक पोशाक बनाए रखने के जरूरत इस कारण थी कि भारत में प्रचलित रीति-रिवाज़ स्त्रियों से जुड़ी पोशाक आदि में बदलाव का विरोध करते थे अतः स्त्रियों की स्थिति पुरुषों की अपेक्षा कमतर रही थी।

HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 8 पहनावे का सामाजिक इतिहास

प्रश्न 6.
विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि महात्मा गाँधी ‘राजद्रोही मिडिल वकील’ से ज्यादा कुछ नहीं हैं, और ‘अधनंगे फकीर का दिखावा’ कर रहे हैं।
चर्चिल ने यह वक्तव्य क्यों दिया और इससे महात्मा गाँगधी की पोशाक की अतीकत्मक शक्ति के बारे में क्या पता चलता है?
उत्तर-
चर्चिल दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इंग्लैंड का प्रधानमंत्री थे। वह अपने स्वरूप में एक साम्राज्यवादी प्रकार का व्यक्ति था। दूसरी ओर महात्मा गाँधी एक सीधा-सादा करोड़ों भारतीयों का एक लोकप्रिय नेता था वह भारत जैसे गरीब देश के लोगों की भांति कम से कम कपड़ों को पहनता था जो अतिआवश्यक होते थे। चर्चिल गाँधी जी की लोकप्रियता से काफी दुःखी था।

प्रश्न 7.
पूरे राष्ट्र को खादी पहनाने का गाँधीजी का सपना भारतीय जनता के केवल कुछ हिस्सों तक ही सीमित क्यों रहा?
उत्तर-
महात्मा गांधी (1869-1948) स्वतंत्र भारत के राष्ट्रपति कहलाए जाते है। उनकी जन-अपील थी। वह करोड़ों भारतीयों के लिए एक पथ-प्रदर्शक थें वह एक साधारण व सरल भारतीय थे तथा अन्य गरीब भारतीयों की भाँति सादगी का जीवन व्यतीत करते थे। राष्ट्रवादी आंदोलन के दौरान उन्होंने खादी के प्रयोग पर जोर दिया था। उनके भारतीयों ने उनका अनुसरण करते हुए खादी के कपड़े पहनने आरंभ कर दिये। पुरुषों व स्त्रियों ने खादी का प्रयो शुरु कर दिया। परंतु कुछेक नेता खादी का प्रयो गनहीं करते थे। डॉ. अम्बेडकर पश्चिमी शैली के ही कपड़े पहनते थे मोतीलाल नेहरु ने धोती कुर्ता पहनना शुरु कर दिया था। कुछेक महिला-नेताओं जैसे सरोजिनी नायडू, कमला नेहरु आदि ने छपी खादी साड़ियाँ पहननी आरंभ कर दी थीं।

HBSE 9th Class History पहनावे का सामाजिक इतिहास Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
जनवादी क्रांतियों से पूर्व यूरोप के लोग कौन-सी वेशभूषा धारण करते थे?
उत्तर-
क्षेत्रीय वेशभूषा।

प्रश्न 2.
जैकाबियन क्लब के सदस्य खुद को क्या कहा करते थे?
उत्तर-
सौ-कुलौत्स।

प्रश्न 3.
सौ-कुलौत्स का क्या अर्थ होता है?
उत्तर-
बिना घुटने वाले।

प्रश्न 4.
फ्रांसीसी तिरंगे के कौन-कौन से रंग है?
उत्तर-
नीला, सफेद व लाल।

प्रश्न 5.
फ्रांस में स्वतंत्रता की निशानी को कैसे व्यक्त किया जात था?
उत्तर-
लाल टोपी।

प्रश्न 6.
फ्रांस में पहनावे की सादगी किसका भाव व्यक्त करती थी?
उत्तर-
समानता का।

HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 8 पहनावे का सामाजिक इतिहास

प्रश्न 7.
कार्बेट का अर्थ बताइए।
उत्तर-
कचुस्त भीतरी कुर्ती को कार्बेट कहा जाता है।

प्रश्न 8.
‘स्टेज’ क्या होते हैं? ।
उत्तर-
महिलाओं के पोशाक के एक भाग के रूप में स्टेज उनके शरीर को कसकर बाँध रखते हैं। .

प्रश्न 9.
रैशनल ड्रेस सोसाइटी ने कब काम करना आरंभ किया था?
उत्तर-
इंग्लैंड में, 1881 में।

प्रश्न 10.
अमेरिकन महिला मताधिकार एसोसिएशन का नेतृत्व किसने किया था?
उत्तर-
श्रीमती स्टेनटन।

प्रश्न 11.
एक ऐसोसिएशन की किसी अन्य महिला के नाम बताइए।
उत्तर-
लुसी स्टोन।

प्रश्न 12.
ट्रावकोर देशी रियासत में उच्च जाति के नयरण ने किन पर आक्रमण किया था?
उत्तर-
शानार जाति (जिन्हें नादार भी कहा जाता था) की महिलाओं पर।

प्रश्न 13.
भारतीय नागरिक सेवा का पहला भारतीय कौन था?
उत्तर-
स्तेन्दरनाथ टैगोर।

प्रश्न 14.
‘ब्राहमिक साड़ी’ कौन पहना करते थे?
उत्तर-
ब्रह्मो समाज की महिलाएँ सदस्य ब्रोझो साड़ी को पहना करती थीं।

प्रश्न 15.
20वीं शताब्दी के आरंभ में भारत में उच्चतर जाति की महिलाओं में किस प्रकार की वेशभूषा प्रचलित थी?
उत्तर-
पश्चिमी जूते तथा लम्बे ब्लाउज।

प्रश्न 16.
20वीं शताब्दी के बारंभ में भारत के प्रसिद्ध सूती केंद्र कहाँ स्थित थे?
उत्तर-
सूरत, मछलीपूरम, मुर्शिदाबाद।

प्रश्न 17.
सम्चुअरी कानूनों का क्या मक्सद था?
उत्तर-
फ्रांस में 1294 से 1789 तक सम्चुअरी कानून लागू थे। इन कानूनों का मकसद था समाज के निचले तबकों के व्यवहार का नियंत्रण : उन्हें खास-खास कपड़े पहनने, खास व्यजन खाने और खास तरह के पेय (मुख्यतः शराब) पीने और खास इलाकों में शिकार खेलने की मनाही थी। इस तरह मध्यकालीन फ्रांस में साल में कोई कितने कपड़े खरीद सकता हैं, यह सिर्फ उसकी आमदनी पर निर्भर नहीं था बल्कि उसके सामाजिक ओहदे से भी तय होता था। परिधान सामग्री भी कानून-सम्मत होती थी।

प्रश्न 18.
फ्रांसीसी कांति के बाद लोगों के पहनावे में क्या परिवर्तन आए?
उत्तर-
फ्रांसीसी क्रांति के बाद पहनावे को लेकर पहले जो समाज के वर्गों में भेद था, वह क्रांति के बाद समाप्त हो गया। मर्द-औरतें दोनों ढीले-ढाले आरामदेह कपड़े पहनने लगे। फ्रांसीसी तिरंगे के तीन रंग-नीला सफेद और लाल-लोकप्रिय हो गए और इन्हें पहनना देशभक्त नागरिक की निशानी बन गया। पोशाके के रूप में दूसरे राजनीतिक प्रतीक भी पहने जाने गले। स्वतंत्रता की निशानी लाल टोपी, लंबी-पतलून और तिरछी टोपियाँ जिन्हें कॉकेड कहा जाता था। पहनावे की सादगी से समानता का भाव प्रकट होता था।

प्रश्न 19.
1830 के दशक में महिलाओं की पोशाक को लेकर जो आंदोलन चले, उनका क्या उद्देश्य था?
उत्तर-
इंग्लैंड में 1830 के दशक तक महिलाओं ने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ना शुरु कर दिया। बोल्ड बांदोलन के जोर पकड़ने पर पोशाक-सुधार की मुहिम भी चल पड़ी। महिला पत्रिकाओं ने बताना शुरु कर दिया कि तंग लिबास व कॉर्सेट पहनने से युवतियों में कैसी-कैसी बीमारियां और विरूपताएं आ जाती हैं। ऐसे पहनावे जिस्मानी विकास में बाधा पहुंचाते हैं, इनसे रक्त-प्रवाह भी अवरुद्ध होता है। मांसपेशियाँ अविकसित रह जाती हैं और रीढ़ भी झुक जाती है। डॉक्टरों ने बताया कि महिलाएँ आम तौर पर कमोरी की शिकायत लेकर आती है, बताती हैं कि शरीर निढाल रहता है, जब-तब बेहोश हो जाया करती हैं।

HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 8 पहनावे का सामाजिक इतिहास

प्रश्न 20.
उदाहरण देकर बताओं कि भारत में सम्प्चुअरी कानूनों के न होने के बावजूद पहनावे, रहन-सहन आदि की रुकावटें क्यों थीं?
उत्तर-
भारत में यूरोपीय किस्म के सम्प्चुअरी कानून नहीं थे, लेकिन यहां खान-पान, वेशभूषा, रहन-सहन की अपनी सख्त सामाजिक संहिताएँ थी। उच्च जाति व निम्न जाति के लोग क्या पहनेंगे क्या खाएँगे, यह जाति प्रथा द्वारा तय था। और इन आचार-संहिताओं के पीछे कानून की ताकत थी। इसलिए जब भी पहनावे में बदलाव से इन आचारों का उल्लंघन हुआ, हिंसक सामाजिक प्रतिक्रियाएँ हुई। मई 1822 में दक्षिण भारत की त्रावणकोर रियासत में उच्च जाति के नायरों ने शानर जाति की महिलाओं पर हमला किया, क्योंकि उन्होंने अपने शरीर के ऊपरी अंश पर कपड़े डालने की हिम्मत की थी।

प्रश्न 21.
‘पगड़ी’ व ‘टोपी’ बहस क्या थी? समझाइए।
उत्तर-
अंग्रेज टोपी (हैंट) का प्रयोग करते थे तथा भारतीय पगड़ी का। सिर पर धारण की जाने वाले ये दोनों ‘अपने मायने में भिन्न-भिन्न थे। भारत मे पगड़ी, धूप व गर्मी से तो बचाव करती ही थी, सम्मान का प्रतीक भी थी जिसे जब चाहे उतारा नहीं जा सकता था। पश्चिमी रिवाज तो यह था कि जिन्हें आदर देना हो, सिर्फ उनके सामने हैट उतारा जाए। इस सांस्कृतिक भिन्नता से गलतफहमी पैदा हुई। ब्रिटिश अफसर जब हिंदुस्तानियों से मिलते और उन्हें पगड़ी उतारते न पाते अपमानित महसूस करते। दूसरे तरफ बहुतेरे हिंदुस्तानी अपनी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अस्मिता को जताने के लिए जान-बूझकर पगड़ी पहनते।

प्रश्न 22.
गाँधी टोपी पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
असहयोग आन्दोलन के आते-आते गाँधी टोपी राष्ट्रीय वर्दी का एक भाग बन चुकी थी अंग्रेजों के विरुद्ध अवज्ञा का प्रतीक। उदाहरणतयः ग्वालियर रियासत ने असहयोग आंदोलन के दौरान 1921 में इसे पहनने पर पाबंदी लगाने की कोशिश की। खिलाफत आंदोलन के दौरान बड़ी तादार में हिंदू और मुसलमान इस टोपी में देखे गए। संथालो की एक टोपी ने 1922 में बंगाल पुलिस पर हल्ला बोल दिया। उनकी माँग थी कि संथाल कैदियों को रिहा किया जाए और उन्हें भरोसा था कि गांधी टोपी के चलते गोलियों से उनका बाल बाँका न होगा टोली के तीन सदस्य खेत रहे। :
कई सारे राष्ट्रभक्त गाँधी टोपी पहनकर चलना अपनी शान मानते थे और कई लोगों को तो इस कारण लठियाँ पड़ी या जेल पड़ा।.

प्रश्न 23.
विक्टोरियाई इंग्लैंड में महिलाओं की वेशभूषा में किस तथ्य पर बल दिया जाता था?
उत्तर-
विक्टोरियाई इंग्लैंड में महिलाओं को बचपन से ही आज्ञाकारी, खिदमती, सुशील व दब्बू होने की शिक्षा दी जाती थी। आदर्श नारी वही थी जो दुख-दर्द संह सके। जहाँ मर्दो से गंभीर, बलवान, आजाद और आक्रामक होने की उम्मीद की जाती थी वहीं औरतों को क्षुद्र, छुई-मुई, निष्क्रिय व दब्बू माना जात था। पहनावे के रस्मो-रिवाज में भी यह अंतर झलकता था। छुटपन से ही लड़कियों को ‘सख्त फीतों से बंधे कपड़ों स्टेज-में कसकर बाँधा जाता था। मकसद यह था कि उनके जिस्म का फैलाव न हो, उनका बदन इकहरा रहे। थोड़ी बड़ी होने पर लड़कियों को बदन से चिपके कॉर्सेट (चुस्त भीतरी कुर्ती) पहनने होते थे। टाइट फीतों से कसी पतली कमर वाली महिलाओं को आकर्षक शालीन व सौम्य समझा जाता था। इस तरह विक्टोरियाई महिलाओं की अबला-दब्बू छवि बनाने में पोशाक ने अहम भूमिका निभाई।

बचपन से ही उन्हें घुट्टी पिला दी जाती थी कि पतली कमर रखना उनका नारी-सुलभ कर्तव्य है। सहनशीलना स्त्रीत्व का जरूरी गुण है। आकर्षक व स्त्रियोचित दिखने के लिए उनका कॉर्सेट पहनना आवश्यक था। इसके लिए शारीरिक कष्ट या यातना भोगना मामूली बात मानी जाती थी।

प्रश्न 24.
स्त्री वेशभूषा के संदर्भ में अमेरिका में क्या-क्या आन्दोलन चले थे?
उत्तर-
अमेरिका में भी पूर्वी तट के गोरे प्रवासी बाशिंदों के बीच स्त्री वेशभूषा के आंदोलन चले। पारंपरिक जनाना लिबास को कई कारणों से बुरा बताया गया। कहा गया कि लंबे स्कर्ट (घाघरा, लहँगा) फर्श बुहारते चलते हैं, अपने साथ-साथ कूड़ा बटोरते हुए चलते हैं जो बीमारी का कारण हैं फिर स्कर्ट इतने विशाल होते थे संभलते ही नहीं थे। चलने में परेशानी होने के चलते औरतों का काम करके जीविका कमाना मुहाल था। वस्त्र सुधार से महिलाओं की स्थिति में बदलाव आएगा, ऐसा कहा गया। कपड़े अगर आरामदेह हों तो औरतें कमाई कर सकती हैं, स्वतंत्र भी हो सकती हैं राष्ट्रीय महिला मताधिकार सभा ने श्रीमती सैंटन के नेतृत्व में और लूसी स्टोन वाली महिला मताधिकार सभा ने 1870 के दशक में पोशाक-सुधार के लिए मुहित चलाई। उनका कहना था कपड़ों को सरल बनाओं, स्कर्ट छोटी करो और कॉर्सेट का त्याग करो। इस तरह अटलांटिक के दोनों तरफ आसानी से पहले जाने वाले कपड़ों की मुहिम चल पड़ी।

प्रश्न 25. महिला परिधान में हुए बदलावों में विश्व युद्धों की भी भूमिका रही है। तर्क सहित उत्तर-दीजिए। .
उत्तर-
महिला परिधान में कई बदलाव तो विश्वयुद्धों के कारण हुए। यूरोप में ढेर सारी औरतों ने जेवर और बेशकीमती कपड़े पहनने छोड़ दिए। उच्च वर्ग महिलाएँ अन्य तबकों की नारियों से घुलने-लिमने लगीं। जिससे सामाजिक सीमाएँ भी टूटीं और महिलाएं एक-सी दिखने लगीं। पहले विश्वयुद्ध (1914-1918) के दौरान कपड़ों के छोआ होने के निहायता व्यावहारिक कारण थे। ब्रिटेन में 1917 तक आते-आते 70,000 औरतें हथियार की फैक्ट्रियों में काम कर रही थीं। वे ब्लाउज व पैंट की कामकाजी वर्दी पर ऊपर से स्कार्फ डाल लेती थीं बाद में इस वर्दी ने ओवरऑल के साथ टोपी का रूप ले लिया। जंग के लंबा खिंचने के साथ-साथ चटख रंग गायब होने लगे, हल्के रंग पहने जाने लगे यानी कपड़े सादे और सरल हो गए। स्कर्ट तो छोटे हुए ही; ट्राउजर भी जल्द ही पाश्चात्य महिला की पोशाक का अहम हिस्सा बन गया। इससे उन्हें चलने-फिरने की बेहतर बाजादी हासिल हुई और सबसे जरूरी बात, सहूलियत की खातिर औरतों ने बाल भी छोटे रखने शुरू कर दिए।

बीसवीं सदी आते-आते कठोर और सादगी-भरी जीवन-शैली गंभीरता और पेशेवराना अंदाज का पर्याय हो गई। बच्चों के नए विद्यालयों में सादी पोशाक पर जोर दिया गया और तड़क-भड़क को हतोत्साहित किया गया। लड़कियों के पाठ्यक्रम में भी जिम्नास्टिक व खेलों का प्रवेश हुआ। खेलने-कूदने में उन्हें ऐसे कपड़ों की दरकार थी जिससे उनकी गति मे बाधा न पड़े। उसी तरह काम के लिए बाहर जाने के लिए उन्हें आरमदेह और सुविधाजनक कपड़ों की जरूरत थी।

प्रश्न 26.
19वीं शताब्दी में पश्चिमी वशभूषा के संदभ्र में भारतीयों की प्रतिक्रियाएं बताइए।
उत्तर-
उन्नीसवीं सदी में पश्चिमी वेशभूषा आई तो हिन्दुस्तानियों की प्रतिक्रिया तीन तरह की थी।
एक-बहुत से लोग, खासकर मर्द, पाश्चात्य पहनावे की कुछ चुनिंदा चीजों को अपनाने लगे। पश्चिमी फैशन के कपड़े अपनाने वालों में पहला नंबर पश्चिमी भारत के अमीर पारसियों का था। बैंगी ट्राउजर और फेंटा (या हैट) के साथ कॉलरवाले कोट और बूट पहने जाते थे। और जेंटलमैन दिखने में कोई कसर न रह जाए, इसलिए हाथ में एक घड़ी भी लटका ली जाती थी। इस समूह के लोगों के लिए पश्चिमी परिधान आधुनिकता और प्रगति का प्रतीक था। पश्चिमी ड्रेस का आकर्षण निम्न जाति के उन तबकों में भी था जिन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया था। उनके लिए यह मुक्ति का प्रतीक था यहाँ भी औरतों से ज्यादा मर्दो ने यह चलन अपनाया।
दो-कुछ लोगों को निचिश्त मत था कि पश्चिमी संस्कृति से पारंपरिक सांस्कृतिक अस्मिता का नाश हो जाएगा। उनके लिए पश्चिमी पोशाक पहनना कलयुग के आने जैसा था। यहां छपे कार्टून में धोती के साथ बंगाली बाबू द्वारा फिरंगी बूट और हैट पहनने के लिए उसका मखौल उड़ाया गया है।
तीन-कुछ पुरुषों ने इस दुविधा का हल ऐसे ढूंढा कि बगैर अपनी भारतीय पोशाक छोड़े पश्चिमी कपड़े पहनने शुरू कर दिए। उन्नीसवीं सदी के आखिरी हिस्से में कई बंगाली अफसरों ने घर के बाहर काम के लिए पश्चिमी शैली के वस्त्र रखने शुरू किए और घर आते ही वे आरामदेह हिंदुस्तानी कपड़ों में समा जाते थे।

HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 8 पहनावे का सामाजिक इतिहास

प्रश्न 27.
खादी पहनने से जुड़ी प्रतिक्रियाओं का विवेचन कीजिए।
उत्तर-
गाँधीजी का सपना था कि पूरा राष्ट्रवादी का प्रयोग करें उनके आह्वान पर हुई प्रतिक्रियाओं को निम्नलिखित बताया जा सकता है।

(1) इलाहाबाद के सफल वकील और राष्ट्रवादी मोतीकाल नेहरू ने अपना बेशकीमती पश्चिमी सूट त्याग दिया और हिंदुस्तानी धोती-कुर्ता अपना लिया। लेकिन उनकी पोशाक मोटे-खुरदरे पकड़े की न होकर बारीक कपड़े से बनी होती थी।
(2) जाति-प्रथा के चलते सदियों से वंचित तबकों का पश्चिमी शैली के कपड़ों के प्रति सहज आकर्षण था। इसलिए बाबा साहब अंबेडकर जैसे राष्ट्रभक्तो न पाश्चात्य शैली का सूट कभी नहीं छोड़ा। कई सारे दलित 1910 के दशक में सार्वजनिक मौंकों पर जूते-मोजे और थ्री। पीस सूट पहनने लगे, जो कि उनकी तरफ से आत्मसम्मान का राजनीतिक वक्तव्य था।
(3) एक महिला ने 1928 में महात्मा गांधी को महाराष्ट्र से लिखा, ‘एक साल पहले मैंने आपकों हर किसी के खादी पहनने की गंभीर जरूरत पर बोलते सुना और हमने खादी अपनाने की ठानी। लेकिन हम गरीब गुरबा हैं, हमारे पति कहते हैं कि खादी महँगी है। मैं मराठी होने के नाते 9 गज की साड़ी पहनती हूँ… (और) बड़े-बुजुर्ग उसे घटाकर 6 गज करने की बात पर राजी नहीं होंगे।’
(4) सरोजिनी नायडू और कमला नेहरू जैसी महिलाएं भी सफेद, हाथ में बुने मोटे कपड़ों की जगह रंगीन व डिजाइनदार साड़ियाँ पहनती थीं।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों को उपयुक्त शब्दों से भरें –
(i) काकेड एक टोपी है जिसे….ओर से पहना जाता है। (एक, दोनों)
(ii) मताधिकार का सम्बन्ध ……है। (मतों से, वेशभूषा से)
(iii) स्टैनन ने महिला परिधान के लिए……….में अभियान चलाया था। (इंग्लैंड, अमेरिका)
(iv) चिजी ………….कपड़ा होता है जिस पर डिजाइन किया जाता है। (सूती, रेशमी)
उत्तर-
(i) एक,
(ii) मतों से,
(iii) अमेरिका,
(iv) सूती।

प्रश्न 2. निम्नलिखित वाक्यों मे से सही (√) व गलत x का चयन करें।

(i) विक्टोरियाई महिलाएं ढीले-ढीले कपड़े पहनती थीं।
(ii) अमेरिका में 19वीं शताब्दी में टाइट कपड़े पहने जाते थे।
(iii) गाँधी जी सादे कपड़े पहनते थे, उतने जितने जरूरी हों।
(iv) गाँधी जी की खादी डॉ. अम्बडेकर को काफी पसंद थी।
उत्तर-
(i) x,
(ii) x,
(iii) √,
(iv) x,

प्रश्न 3. निम्नलिखित विकल्पों में सही विकल्प का चयन कीजिए।

(i) निम्नलिखित के साथ खादी लोकप्रिय थी
(a) गाँधी जी
(b) चर्चिल
(c) अम्बडकर
(d) इनमें कोई नहीं
उत्तर-
(a) गाँधी जी

HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 8 पहनावे का सामाजिक इतिहास

(ii) बंग विभाजन के साथ स्वदेशी आन्दोलन निम्न वर्ष चला
(a) 1905
(b) 1910
(c) 1915
(d) 1920
उत्तर-
(a) 1905

(iii) टैगोर ने निम्नलिखित लिखी थी
(a) रिपब्लिक
(b) दास कैपिटल
(c) गीताजंलि
(d) अन लिबर्टी
उत्तर-
(c) गीताजंलि

(iv) विक्टोरियाई महिलाएं निम्न प्रकार के कपड़े पहनती थीं
(a) ढीले-ढीले,
(b) टाइट
(c) न ढीले न टाइट
(d) ढीले व टाइट दोनों
उत्तर-
(b) टाइट

पहनावे का सामाजिक इतिहास Class 9 HBSE Notes in Hindi

अध्याय का सार

मध्यकालीन युग में समाज के विभिन्न वर्गों के लिए पहनावे से जुड़े अलग-अलग नियम होते थे। सब लोगों को एक जैसे कपड़े पहनने की अनुमति नहीं होती थी। 1294 से फ़्रांसीसी क्रांति तक सम्प्चुअरी कानूनों का फ्रांस में अनुसरण होता था। जिसके द्वारा पोशाक तथा खानपान से जुड़े नियम समाज के निम्न वर्गो पर लागू किए जाते थे। अमीरों व शाही वंश के लोगो पर इस संबंध में कोई प्रतिबंध नहीं होता था। फ्रांसीसी लोगों पर इस संबंध में कोई प्रतिबंध नहीं होता था फ्रांसीसी क्रांति के पश्चात हुए सभी भेद समाप्त कर दिए गए थे। इसके बावजूद समाज के विभिन्न वर्गों में परस्पर भेदभाव बना रहता था।

पोशाक के रूप से जुड़े नियम व उपनियत स्त्रियों व पुरुषों को वैसा बनाते थे जैसा कि वह थे। विक्टोरिया काल में इंग्लैंड की स्त्रियों को बड़े तंग प्रकार के कपड़े पहनाए जाते थे। महिलाओं द्वारा मताधिकार के साथ-साथ पोशाक से जुड़े नियमों में भी बदवाल आने लगा। संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐसे अनेक आंदोलन चलाए गए जिनमें आरामदायक कपड़े पहनने पर जोर दिया जाता था। 18वीं शताब्दी के अन्तिम दिनों तक कपड़ों से जुड़े अनेकों मूल्यों में परिवर्तन आने लगा। कपड़ों की सादगी पर जोर दिया जाने लगा।

भारत में स्त्रियों व पुरुषों की पोशाक में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आने लग गए। अंग्रेजी काल में अंग्रेजी पढ़े लिखे लोगों ने अंग्रेजों की पोशक का अनुसरण करना शुरु कर दिया, यद्यपि वह अपने घरों में भारतीय प्रकार का पहनावा पहनते थे। राष्ट्रीय आंदोलन के दिनों भी पोशाक आदि पर जोर दिए जाने के उदाहरण मिलते हैं। महात्मा गांधी न खादी के प्रयोग पर जोर दिया। उनका अनुसरण करते हुए अनेक कांग्रेस जन खादी व गाँधी टोपी पहनने लगे। अंग्रेजीकाल के दौरान प्रायः स्त्रियां साड़ी व स्थानीय पोशाक का प्रयोग करती थी। ब्रह्मों लोगों में ब्रह्मों प्रकार की साड़ी का खासा रिवाज़ होता था।

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HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 8 A House is Not a Home

Haryana State Board HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 8 A House is Not a Home Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class English Solutions Moments Chapter 8 A House is Not a Home

HBSE 9th Class English A House is Not a Home Textbook Questions and Answers

Think about It

A House is Not a Home Class 9 Questions And Answers HBSE Question 1.
What does the author notice one Sunday afternoon? What is his mother’s reaction? What does she do? :
(एक दिन रविवार को दोपहर बाद लेखक क्या देखता है? उसकी माता की क्या प्रतिक्रिया होती है? वह क्या करती है?)
Answer:
One Sunday afternoon the author notices smoke pouring in through the seams of the ceiling. At first the mother comes out of the house with her son. Then she runs back into the house and comes out carrying a small metal box full of important documents. Then she again runs back into the house to collect something other.

(एक दिन रविवार को दोपहर बाद लेखक अपनी छत की दरारों में से धुएँ को अंदर आता हुआ देखता है। पहले तो माँ अपने बेटे को लेकर घर से बाहर आ जाती है। तब वह वापिस घर के अंदर भाग जाती है और महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों से भरा एक धातु का डिब्बा लेकर बाहर आती है। तब वह किसी अन्य चीज को लेने के लिए घर के अंदर चली जाती है।)

A House is Not a Home Class 9 Question Answer HBSE Chapter 8 Question 2.
Why does he break down in tears after the fire?
(अग्नि के पश्चात वह क्यों रोने लग जाता है?)
Answer:
After the fire for sometime he was thinking just about his mother. But when his mother was okay and the fire was finally out, he thought about his new school and lovely cat. His books had burned and he could not find his cat anywhere. So he breaks down in tears.

(अग्नि के कुछ समय पश्चात तक तो वह केवल अपनी माता के बारे में सोच रहा था। लेकिन जब उसकी माँ ठीक हो गई और आग बुझा दी गई, तो उसे अपने नए स्कूल तथा अपनी बिल्ली की याद आई। उसकी किताबें जल चुकी थीं तथा उसकी बिल्ली उसे कहीं भी दिखाई नहीं दे रही थी। इसलिए वह रोने लग गया।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 8 A House is Not a Home

Question 3.
Why is the author deeply embarrassed the next day in school? Which words show his fear and insecurity?
(लेखक अगले दिन स्कूल में बहुत घबराया हुआ क्यों रहता है? कौन से शब्द उसके भय तथा असुरक्षा का प्रदर्शन करते हैं?)
Answer:
The next day he is deeply embarrassed in school because his backpack had burned in the fire and it was his life. The words ‘Everything felt surreal and I wasn’t sure what was going to happen’ show his fear and insecurity.

(अगले दिन स्कूल में वह बहुत घबराया हुआ प्रतीत होता है क्योंकि उसका थैला आग में जल चुका था और उसमें उसका जीवन था। ये शब्द ‘प्रत्येक चीज विचित्र लग रही थी और मुझे मालूम नहीं था कि क्या होने वाला है, उसके भय और असुरक्षा का प्रदर्शन करते हैं।)

Question 4.
The cat and the author are very fond of each other. How has this been shown in the story? Where was the cat after the fire? Who brings it back and how?
(बिल्ली और लेखक एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। इस बात को कहानी में कैसे दर्शाया गया है? आग के बाद बिल्ली कहां चली गई थी? उसे कौन वापिस लाता है और कैसे?)
Answer:
The cat and the author love each other very much. The author says that dead or alive he could not imagine leaving that place without knowing his cat. The cat was much frightened by the fire and ran a mile away. She too remained sad in the absence of her master. A kind lady brings it back to the author. She had to work hard to bring the cat to the author.

(बिल्ली और लेखक एक दूसरे को बहुत अधिक प्यार करते हैं। लेखक कहता है कि जिंदा या मुर्दा वह अपनी बिल्ली के बारे में जाने बिना उस स्थान से नहीं जा सकता था। बिल्ली अग्नि के कारण बहुत अधिक भयभीत हो गई थी और लगभग एक मील दूर चली गई थी। वह भी अपने स्वामी की अनुपस्थिति में उदास महसूस कर रही थी। एक दयालु महिला उसे लेखक के पास लेकर आती है। उसे बिल्ली को लेखक के पास लाने के लिए काफी कठोर परिश्रम करना पड़ा।)

Question 5.
What actions of the schoolmates change the author’s understanding of life and people, and comfort him emotionally? How does his loneliness vanish and how does he start participating in life?
(स्कूल के साथियों के कौन से कार्य लेखक की जीवन और लोगों के प्रति सोच को बदलते हैं और उसे भावनात्मक राहत प्रदान करते हैं? उसका अकेलापन कैसे समाप्त होता है और वह जीवन में भागीदारी लेना किस प्रकार आरंभ करता है?)
Answer:
The schoolmates make a collection for the author. They buy school supplies, notebooks, all kinds of different clothes-jeans, tops, and sweatsuits. This changes a whole vision of life for the author. He makes many friends and his loneliness vanishes. His house is rebuilding and he takes interest in the planning of the rooms. His friends are with him.

(स्कूल के साथी लेखक के लिए धन एकत्र करते हैं। उन्होंने स्कूल की चीजें, कापियाँ और सभी प्रकार के वस्त्र-जींस, टॉप और स्वेट सूट खरीदे। यह घटना लेखक के लिए जीवन की पूरी सोच को बदल देती है। वह अनेक व्यक्तियों को दोस्त बना लेता है और उसका अकेलापन समाप्त हो जाता है। उसके घर का पुनर्निर्माण हो रहा है और वह अपने मित्रों के साथ कमरों के निर्माण की योजनाओं में पूर्ण रुचि लेता है। उसके मित्र उसके साथ हैं।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 8 A House is Not a Home

Question 6.
What is the meaning of “My cat was back and so was I”? Had the author gone anywhere? Why does he say that he is also back?
(इसका क्या अर्थ है “मेरी बिल्ली वापस आ गई थी और मैं भी वापस आ गया था?” क्या लेखक कहीं पर गया था? वह यह क्यों कहता है कि वह भी वापस आ गया है?)
Answer:
No, the author had not gone anywhere. His cat was missing after the fire tragedy. He thought his life dull and boring without his cat. When the cat comes back to him the things that life has come back to him.

(नहीं, लेखक कहीं पर भी नहीं गया था। उसकी बिल्ली आग लगने की घटना के बाद से गायब हो गई थी। बिल्ली के बिना उसे अपना जीवन नीरस लगता था। जब बिल्ली उसके पास आ जाती है तो वह सोचता है कि उसका जीवन भी वापस आ जाता है।)

Talk about It

Question 1.
Have any of your classmates/schoolmates had an experience like the one described in the story where they needed help? Describe how they were helped.
Answer:
I read in 9th class in Saint Xavior High school, New Delhi. There are about four hundred students in ten sections of 9th class. In our class there are students from different states of India. Some students are from foreign countries like Nepal, Indonesia, Malasia and Sri Lanka. Last week an accident happened with Ruchika Sehgal of 9th H. class. A big theft had taken place in her, home during the broad day light. The thieves left nothing in her home.

All her books, clothes, toys and money had been stolen. The next ween when she come to school, she found that the 9th class students had bought clothes, books, bicycle, toys and shoes for her. A team of ten students visited her home that evening and paid an amount of Rupees one lac to her parents as a relief to meet their daily needs for the time being. This action of 9th class students was highly praised by everyone.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 8 A House is Not a Home

HBSE 9th Class English A House is Not a Home Textbook Questions and Answers

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
How was the author’s first year in the High School?
Answer:
His first year of high school was awkward.

Question 2.
What did the author notice one Sunday afternoon?
Answer:
He noticed some smoke pouring in through the seams of ceiling.

Question 3.
What did the author’s mother carry out of the house first of all?
Answer:
She ran out of the house carrying a small metal box full of important documents.

Question 4.
What had happened to the author’s father?
Answer:
His father had died when he was young.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 8 A House is Not a Home

Question 5.
Why did the author’s mother run into the house for the second time?
Answer:
She ran into the house for the second time to collect her husband’s letters and pictures.

Question 6.
What did the author do after leaving his junior high school?
Answer:
After leaving his junior high school the author joined a high school.

Question 7.
What was the author worried about after the fire tragedy?
Answer:
He was most worried about his cat because it was missing.

Question 8.
Where did the author and his mother spent their night after the fire tragedy?
Answer:
They spent their night in the house of the author’s grand parents.

Question 9.
Why did they have to borrow money?
Answer:
They had to borrow money because their credit cards, cash or even identification to withdraw money from the bank had burnt in fire.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 8 A House is Not a Home

Question 10.
How did the students help the author at school?
Answer:
They collected money to buy for him school supplies, note books, all kinds of clothes.

Question 11.
Did the author get his cat back?
Answer:
Yes, he got his cat back.

Short Answer Type Questions

Question 1.
What problem does the author face when he moves to a new school?
(जब लेखक एक नए स्कूल में दाखिल होता है तो उसके सामने क्या समस्या आती है?)
Answer:
In the junior school he was the head boy of his class. He was very close to all the teachers. He enjoyed the seniority. But when he joins a new school at senior level, he faces many problems. This school was twice as big as his old school. He felt very isolated.

(जूनियर स्कूल में वह अपनी कक्षा का हैड ब्वाय था। वह सभी अध्यापकों के बहुत अधिक निकट था। वह वरिष्ठता का आनंद ले रहा था। लेकिन जब वह वरिष्ठ स्तर पर एक नए स्कूल में गया, तो वहाँ उसे अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा। यह स्कूल उसके पहले वाले स्कूल से दो गुणा बड़ा था। वह बहुत ही अकेला महसूस करता था।)

Question 2.
Even after taking admission in a new school, why did the author keep visit his teachers at the old school?
(नए स्कूल में दाखिला लेने के बाद, लेखक अपने पुराने स्कूल के अध्यापकों से मिलने क्यों जाया करता था?)
Answer:
The author felt very isolated in the new school. It was a big school and nobody knew him there. All his fellow at the junior school had taken admission in other schools. But he was very close to the teachers of the previous school. So he visited them often.

(लेखक नए स्कूल में अपने आपको बहुत अकेला महसूस करता था। यह एक बड़ा स्कूल था और वहाँ उसे कोई भी नहीं जानता था। उसके जूनियर स्कूल के सभी सहपाठियों ने दूसरे स्कूलों में दाखिला ले लिया था। लेकिन वह अपने पुराने स्कूल के अध्यापकों के बहुत निकट था। इसलिए वह उनसे मिलने जाता था।)

Question 3.
What was the effect of the smoke on the author’s mother?
(लेखक की माँ पर धुएँ का क्या असर पहुंचा था?)
Answer:
Their house got a big fire. In a crazed state she ran inside the house to get the pictures of her dead husband. The second time also she rashed inside. But this time she inhaled smoke. A fireman rescued her from inside the house.

(उनका घर भयंकर आग से घिर गया था। अपने मृत पति की तस्वीर को बचाने के लिए वह पागलों जैसी दशा में घर के अंदर दौड़ी। दूसरी बार वह फिर अंदर गई। लेकिन इस बार वह धुएँ से घिर गई। एक अग्निशमक कर्मचारी उसे घर से बाहर निकालकर लाया।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 8 A House is Not a Home

Essay Type Questions

Question 1.
Describe the author’s experience at school after the fire tragedy.
(आग की त्रासदी के बाद विद्यालय में लेखक के अनुभव का वर्णन कीजिए।)
Ans.
The author had just joined a new school. He was facing a big problem to make himself fit in the new school. Just after a couple of days his house caught fire. His school bag and shoes had burnt in fire.

The next day he went to school. He was around school like a wanderes. Everything appeared to him strange. He did not know what was going to happen him. He returned home with a broken heart. He was experiencing terrible developments in his life.

The next day when he went to school; he found a strange atmosphere all around. People were getting together all around him. They had collected money for him and arranged school suppllies and clothing for him. This changed his vision for life once again.

(लेखक ने अभी-अभी नए स्कूल में दाखिला लिया था। वह नए स्कूल में अपने-आपको व्यवस्थित करने में बहुत परेशानी महसूस कर रहा था। कुछ दिनों बाद ही उसके घर में लाग लग गई। उसके स्कूल का बैग और जूते आग में जल गए।

अगले दिन वह स्कूल गया। वह वहाँ करुणाजनक व्यक्ति की भांति घूमता रहा। उसे सब कुछ विचित्र लग रहा था। वह नहीं जानता था कि उसके साथ क्या घटित होने वाला है। वह टूटे हृदय से घर वापिस आ गया। वह अपने जीवन के बुरे दौर से गुजर रहा था।

अगले दिन जब वह स्कूल गया; तो उसने चारों ओर अजीब सा वातावरण महसूस किया। लोग उसके इर्द-गिर्द एकत्र हो रहे थे। उन्होंने उसके लिए पैसे इकट्ठे किए थे और उसके लिए स्कूल की चीजें और वस्त्र लाए थे। इस बदलाव ने उसके जीवन के दृष्टिकोण को एक बार फिर बदल दिया।)

Multiple Choice Questions

Question 1.
Of which age group challengers does the story ‘A House Is Not a Home’ reflect?
(A) childhood
(B) teenage
(C) Youthful
(D) old age
Answer:
(B) teenage

Question 2.
In the beginning how does the author feel in the new high school?
(A) happy
(B) excited
(C) isolated
(D) all of the above
Answer:
(C) isolated

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Question 3.
What does the author notice one sunday afternoon?
(A) smoke pouring in through the ceiling
(B) water pouring in through the ceiling
(C) wind breaking windows
(D) all of the above
Answer:
(A) smoke pouring in through the ceiling

Question 4.
What was the author doing when he saw smoke pouring in through the window?
(A) playing in the courtyard
(B) doing his homework
(C) taking his meal
(D) watching television
Answer:
(B) doing his homework

Question 5.
What did the mother being out of the burning house?
(A) a metal box of full of important documents
(B) some pictures of the author’s father
(C) both (A) and (B)
(D) none of the above
Answer:
(C) both (A) and (B)

Question 6.
Who caught the author when he rushed after his mother in the burning house?
(A) a policeman
(B) a neighbour
(C) a fireman
(D) a friend
Answer:
(C) a fireman

Question 7.
Who did the author find missing after the fire accident?
(A) his dog
(B) his mother
(C) his monkey
(D) his cat
Answer:
(D) his cat

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Question 8.
How long did it take to blow out the fire?
(A) two hours
(B) three hours
(C) four hours
(D) five hours
Answer:
(D) five hours

Question 9.
In which day did the fire accident take place?
(A) Saturday
(B) Sunday
(C) Monday
(D) Tuesday
Answer:
(B) Sunday

Question 10.
Where did the author and his mother spend their night after the fire accident?
(A) in the house of grandparents
(B) in the house of neighbours
(C) in the fire brigade building
(D) in the author’s school
Answer:
(A) in the house of grandparents

Question 11.
What did the author borrow from his aunt to go to school?
(A) tennis shoes
(B) bag
(C) uniform
(D) books
Answer:
(A) tennis shoes

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Question 12.
What did the author lose in the fire?
(A) school shoes
(B) uniform
(C) bag and books
(D) all of the above
Answer:
(D) all of the above

Question 13.
Where did the author and his mother has to borrow money?
(A) grandparents
(B) neighbours
(C) bank
(D) private financial institutions
Answer:
(A) grandparents.

Question 14.
Who made a collection of money for the author?
(A) the students in the new high school
(B) the teachers in the old primary school
(C) neighbours
(D) social workers
Answer:
(A) the students in the new high school

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A House is Not a Home Summary

A House is Not a Home Introduction in English

This story reflects the challenges of being a teenager, and the problems of growing up. In our life sometime such changes take place that our life becomes intolerable for us and sometime we (teenagers) want to end this life. But again we find the things change which make us enjoy the life fully. In this story the same things happen with the author. He finds himself in such an awkward situation when he joins a high school. After some days his house catches fire and he finds that his life has ended. But when his schoolmates show their concern for him, his whole vision for the life changes and he again starts taking interest in life.

A House is Not a Home Summary in English

After passing junior high school the author joined a high school. It was a big school. The author felt awkward during his first year of high school. He missed his old school badly. He often went to meet his old teachers. They encouraged him to get involved in school activities.

One Sunday afternoon, not long after he had started high school, he was sitting at home doing his homework. His little cat was sitting on the table. He smelt something strange. Then he noticed smoke pouring in through the seams of the ceiling. Soon the whole room was engulfed in flames. The author and his mother came out of the room.

The author ran to the neighbours to call the fire brigade. He saw his mother run back into the house. She came out after sometime holding a metal box containing important documents. Dropping the box in the lawn she ran back into the house. The author was about to run after her but a fireman stopped him forcibly. The other firemen rushed in to save the mother. They could bring her safe.

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After five hours, the fire was finally out. The house was completely burned down. Now the author realized that his cat was found nowhere. He broke down in tears and cried and cried. He wanted to go inside the house but the fireman did not let him go inside that night.

The author and his mother went to the author’s grandparents house to spend the night. The next day it was Monday and the author was to go to school. He was wearing the school uniform but he had no shoes. He borrowed tennis shoes from his aunt. His school bag had burned in the fire. He thought that everything had been finished for him. He walked around school like a zombie. Everything felt surreal and was not sure what was going to happen. He was feeling unsecure.

When he walked through what used to be his house after school that day, he was shocked to see how much damage there was. There was no time to grieve. His mother rushed him out of the house. They borrowed money from the author’s grandparents. They rented an apartment nearby. When the debries of their burned house were being cleared off, the author came there daily hoping that his cat was somewhere to be found.

The news of this fire tragedy spread in the school. The next day at school, the people were acting even more strange than usual. They had taken up a collection and had bought him school supplies, notebooks and all kinds of different clothes. They were introducing themselves to the author very warmly. The author made friends that day.

A month later of the fire tragedy, their house was being rebuilt. The author’s friends were with him. A’ kind lady came with the author’s cat and gave it to him. It brought a new life for the author.

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A House is Not a Home Introduction in Hindi

यह कहानी किशोरावस्था की चुनौतियों और बड़े होने की समस्याओं के बारे में वर्णन करती है। हमारे जीवन में कई बार ऐसे परिवर्तन आ जाते हैं कि जीवन हमारे लिए असहनीय हो जाता है और कई बार हम (किशोर) इस जीवन का अंत कर देना चाहते हैं। लेकिन पुनः फिर हम चीजों को परिवर्तित होते हुए देखते हैं जो हमें पूर्ण रूप से जीवन का आनंद प्रदान करती हैं। इस कहानी में लेखक के साथ इसी प्रकार की घटनाएं घटती हैं। वह हाई स्कूल में प्रवेश पाने पर स्वयं को एक ऐसी ही विचित्र स्थिति में पाता है। कुछ दिनों के उपरांत उसके घर में आग लग जाती है और उसे लगता है कि उसके जीवन का अंत हो गया है। लेकिन जब उसके स्कूल के साथी उसके प्रति अपनी चिंता का प्रदर्शन करते हैं, तो जीवन के प्रति उसकी पूरी सोच बदल जाती है और वह पुनः जीवन में आनंद लेना शुरू कर देता है।

A House is Not a Home Summary In Hindi

जूनियर हाई स्कूल पास करने के उपरांत लेखक ने हाई स्कूल में प्रवेश ले लिया। यह एक बड़ा स्कूल था। हाई स्कूल में अपने पहले वर्ष के दौरान लेखक ने स्वयं को विचित्र स्थिति में पाया। उसे अपने पुराने स्कूल की बहुत अधिक याद आती थी। वह प्रायः अपने पुराने अध्यापकों से मिलने जाता था। वे उसे उत्साहित करते थे कि वह स्कूल की गतिविधियों में भाग लेना आरंभ कर दे।

एक दिन रविवार को दोपहर बाद, जब उसे हाई स्कूल में जाते हुए अधिक समय नहीं हुआ था, वह घर पर बैठा हुआ अपना गृह-कार्य कर रहा था। उसकी छोटी-सी बिल्ली मेज पर बैठी हुई थी। उसे कुछ अजीब-सी गंध आई। तब उसने छत की दरारों में से धुएँ को अंदर आते हुए देखा शीघ्र ही सारा कमरा आग की लपटों से भर उठा। लेखक और उसकी माँ कमरे से बाहर आ गए।

लेखक अग्निशमन दस्ते को बुलाने के लिए पड़ोसियों की ओर भागा। उसने अपनी माँ को दौड़कर घर के अंदर जाते हुए देखा। वह कुछ समय के पश्चात एक धातु के डिब्बे को लेकर बाहर आई जिसमें महत्त्वपूर्ण दस्तावेज रखे हुए थे। डिब्बे को प्रांगण में फेंक कर वह वापिस घर के अंदर भाग गई। लेखक भी उसके पीछे भागने ही वाला था कि एक अग्निशमन कर्मचारी ने उसे बलपूर्वक रोक दिया। अन्य अग्निशमन कर्मचारी माँ को बचाने के लिए अंदर की ओर दौड़े। वे उसे सुरक्षित बाहर ला सके।

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पांच घंटे के पश्चात, आग पर अंततः काबू पाया जा सका। घर तो पूरी तरह से जल चुका था। तब लेखक को अहसास हुआ कि उसकी बिल्ली कहीं पर भी दिखाई नहीं दे रही थी। वह फूट-फूट कर रोने लगा और चिल्लाता रहा, चिल्लाता रहा। वह घर के अंदर जाना चाहता था परंतु उस रात अग्निशमन कर्मचारियों ने उसे घर के अंदर जाने नहीं दिया।

लेखक और उसकी माँ रात बिताने के लिए लेखक के दादा के घर गए। अगला दिन सोमवार था और लेखक को स्कूल जाना था। उसने स्कूल की वर्दी तो पहन रखी थी परंतु उसके पास जूते नहीं थे। उसने अपनी मौसी से टेनिस के खेल में पहने जाने वाले जूते उधार लिए। उसका स्कूल का बस्ता आग में जल चुका था। उसे लग रहा था कि उसका सब कुछ नष्ट हो चुका था। वह स्कूल में पागलों की तरह घूमता रहा। उसे हर चीज अजीब लग रही थी और वह इस बारे में आश्वस्त नहीं था कि क्या होने वाला है। वह असुरक्षित महसूस कर रहा था।

जब उस दिन स्कूल से आने के पश्चात वह उस स्थान पर घूमा जहाँ कभी उसका घर हुआ करता था, तो उसे यह देखकर सदमा लगा कि कितना अधिक नुकसान हुआ था। दुःखी होने का कोई समय नहीं था। उसकी माँ उसे जल्दी से वहाँ से ले गई। उन्होंने लेखक के दादा जी से धन उधार लिया। उन्होंने पास में ही एक कमरे को किराए पर ले लिया। जब उनके जले हुए मकान के मलबे को हटाया जा रहा था, तो लेखक इस आशा के साथ वहाँ पर प्रतिदिन आया करता था कि कहीं पर उसे उसकी बिल्ली मिल जाए।

आग लगने की इस दुर्घटना का समाचार स्कूल में भी फैल गया। अगले दिन स्कूल में, लोग पहले की अपेक्षा विचित्र तरीके से व्यवहार कर रहे थे। उन्होंने आपस में पैसे एकत्र किए थे और उसके लिए स्कूल की सभी चीजें, कापियाँ और सभी प्रकार के वस्त्र खरीदे हुए थे। वे बड़ी गर्मजोशी के साथ लेखक को अपना परिचय दे रहे थे। लेखक ने उस दिन मित्र बनाए।

आग लगने की दुर्घटना के एक महीने के पश्चात, उनके घर का पुनर्निर्माण हो रहा था। लेखक के मित्र उसके साथ थे। एक दयालु महिला लेखक की बिल्ली को लेकर आई और उसे उसको दे दिया। इससे लेखक में एक नए जीवन का संचार हुआ।

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A House is Not a Home Word-Meanings

[Page 49] :
Teenager = between the age of thirteen to nineteen years = PORTRETTRIT; awkward = trouble = परेशानी; isolated = lonely = अकेला; involved = made busy = व्यस्त होना; probably = possibly = संभवतया; tabby of different strips = धारीदार; purring = making low sounds = धुरधुराना; swatting = hitting with claw = पंजे से थापी मारना; rescued = saved = बचाया; stoking = feeding the fire = आग में ईंधन डालते हुए; seams = line of separation = दरार।

[Page 50] :
Engulfed = to cover/swallow completely = पूरी तरह से लपेट में लेना; documents = written records = दस्तावेज; crazed = like mad people = पागलों की तरह; yelling = crying = चीखते हुए; emerged = came out = बाहर आया।

[Page 51] :
Dazed = stupefied = परेशान; piled = heaped = ढेर लगा दिया; embarrassed = troubled = परेशान; weird = strange = अजीब; destined = fixed by fortune = भाग्य द्वारा तय; outcast = exiled = निर्वासित; geek = foolish = मूर्ख; curl up = to summarize = समेटना; zombie = a dull and pathetic person = एक करुणाजनक व्यक्ति; surreal = strange = विचित्र; ripped away = splitted away = बिखर जाना।

[Page 52] :
Grieve = pain = पीड़ा; rubble = debries = मलबा; vulnerable = tender = नाजुक; robe = overcoat = लबादा; plight = bad condition = दुर्दशा; milling = getting together = एकत्र होना; shove = push hard = जोर से धक्का देना; genuine = real = असली, वास्तविक।

[Pages 53-54] :
Focusing = pay attentions = ध्यान केंद्रित करना; curb = a restraint = अवरोध; leapt = jumped = कूदा; grabbed = snatched = ले लिया; apparently = clearly = स्पष्ट रूप से; freaked = frightened = भयभीत हो जाना; sorely = very much = अत्यधिक; diminish = to decrease= घटना/कम होना; gratitude= thankfulness = आभार।

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A House is Not a Home Translation in Hindi

[Page 49]

[यह कहानी किशोरावस्था की चुनौतियों और बड़े होने के समय की कठिनाइयों के बारे में बताती है। लेखक अपनी समस्याओं पर किस प्रकार नियंत्रण कर पाता है?]

नाते मुझे जो सम्मान मिलता था को छोड़ने के पश्चात एक नए स्कूल में जाना मेरे लिए विचित्र शुरुआत थी। यह स्कूल मेरे पुराने वाले स्कूल से दुगना बड़ा था और स्थिति को मेरे लिए कष्टकारी करने वाली बात यह थी कि मेरे सभी दोस्तों को अलग हाई स्कूल में भेज दिया गया। मैं बिल्कुल अलग-थलग महसूस कर रहा था।

मुझे अपने पुराने अध्यापकों की इतनी याद आती थी कि मैं उनसे मिलने के लिए जाया करता था। वे मुझे उत्साहित करते थे कि मैं स्कूल की गतिविधियों में व्यस्त हो जाऊँ ताकि मैं नए लोगों से मिल सकूँ। उन्होंने मुझे बताया कि कुछ ही समय में मैं नए स्कूल में समायोजित हो जाऊँगा और फिर मैं अपने नए स्कूल को पुराने स्कूल से अधिक चाहने लग जाऊँगा। उन्होंने मुझसे वचन लिया कि जब वह अपने नए स्कूल को चाहने लग जाएगा तब भी उनसे मिलने आया करेगा। मुझे उनका मनोविज्ञान समझ में आ गया कि वे ऐसा क्यों कह रहे थे, तथापि मुझे उसमें कुछ राहत अवश्य मिली।

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एक रविवार के दिन, जब मुझे हाई स्कूल में दाखिला लिए अधिक समय नहीं हुआ था, मैं घर पर अपने भोजन कक्ष के मेज पर बैठा अपना गृहकार्य कर रहा था। यह एक ठंडा और तेज हवा के साथ हिमपात वाला दिन था और हमने अपनी अंगीठी में आग जला रखी थी। हमेशा की तरह, मेरी लाल रंग की धारियों वाली बिल्ली मेरे कागजों के ऊपर बैठी धुरधुरा रही थी और कभी-कभी मनोरंजन के लिए मेरे पैन पर थापी मार रही थी।

वह कभी भी मेरे से दूर नहीं जाती थी। मैंने उसे तब बचाया था जब वह छोटी-सी बच्ची थी और शायद वह यह जानती थी कि उसके जीवन को बचाने के लिए मैं उत्तरदायी हूँ।

घर को सुखद और गरमाहट पूर्ण रखने के लिए माँ आग में ईंधन डालती रही। अचानक ही मुझे अजीब सी गंध का अनुभव हुआ और तब मैंने छत की दरारों में से धुएँ को अंदर आते देखा। धुआं कमरे में इतनी शीघ्रता के साथ फैल गया कि हम मुश्किल से ही कुछ देख सकते थे।

[Page 50]

एक टोली बनाकर हम सामने वाले दरवाजे तक आए, तब हम सभी सामने वाले आंगन में भाग गए। जब तक हम बाहर आते, सारा कमरा लपटों की चपेट में आ चुका था और आग तेजी से फैल रही थी। मैं अग्निशमन विभाग के लोगों को बुलाने के लिए पड़ोसियों की ओर दौड़ा, तब मैंने अपनी माँ को घर के अंदर वापिस भागते हुए देखा।

तब मेरी माँ घर के अंदर से महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों से भरा एक धातु का डिब्बा लेकर बाहर आई। उसने डिब्बे को बाहर आंगन में रख दिया और एक पागलों जैसी दशा में वापिस घर के अंदर दौड़ी। मैं जानता था कि वह किस चीज के लिए गई थी। जब मैं अभी छोटा था तो मेरे पिता की मृत्यु हो गई थी और मुझे यकीन था कि वह मेरे पिता की तस्वीरों और पत्रों को आग की लपटों के हवाले नहीं होने देगी। केवल ये ही चीजें बची थीं जो उसे उनकी याद दिलाती थीं। फिर भी मैं उस पर चिल्लाया, “माँ! नहीं!”

मैं उसके पीछे भागने ही वाला था तब मैंने पाया कि एक बड़े हाथ ने मुझे पीछे से रोक लिया। वह एक अग्निशमन कर्मचारी था। मैंने अभी तक यह नहीं देखा था कि पूरी सड़क अग्निशमन गाड़ियों से भर गई थी। मैं अपने को उसकी पकड़ से छुड़ाने का प्रयास कर रहा था और चीख रहा था, “आप समझते नहीं हो कि मेरी माँ अंदर है!”

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उसने मुझे तो पकड़े रखा जबकि अन्य कर्मचारी घर के अंदर दौड़ गए। वह जानता था कि मैं तर्कपूर्ण ढंग से कार्य नहीं कर रहा था और यदि उसने मुझे छोड़ दिया तो मैं अंदर भाग जाऊंगा। वह सही था।
“सब ठीक से है, वे उसे ढूँढ लेंगे,” उसने कहा।

उसने मेरे ऊपर एक कंबल लपेट दिया और मुझे हमारी कार में बिठा दिया। उसके थोड़ी देर बाद, एक अग्निशमन कर्मचारी मेरी माँ को खींचकर के बाहर लेकर आया।

[Page 51]

वह जल्दी से उसे अग्निशमन गाड़ी के ऊपर ले गया और उसके मुँह पर ऑक्सीजन का मास्क लगा दिया। मैं भागकर उसके ।

पास गया और उससे चिपक गया। इस दौरान मैंने हमेशा ही उससे बहस और घृणा की थी और वह सब कुछ उसे खोने के विचार से ही ओझल हो गई।

“वह जल्दी ही ठीक हो जाएगी,” अग्निशमन कर्मचारी ने कहा, “केवल कुछ धुआँ ही उसके अंदर गया है।” और वह वापिस आग बुझाने के लिए दौड़ गया जब मैं और मेरी माँ हैरान अवस्था में वहाँ बैठे रहे। मुझे आज भी अपने घर को जलते हुए देखने और स्वयं कुछ न कर पाने की घटना याद है।

पांच घंटे के पश्चात, आग अंततः बुझा दी गई। हमारा घर लगभग पूरी तरह से जल चुका था। लेकिन तब मुझे सूझा…मैंने अपनी बिल्ली को तो नहीं देखा। मेरी बिल्ली कहाँ थी? मैं और अधिक भयभीत हो गया, वह कहीं पर भी नहीं मिली। तब अचानक मुझे अपने नए स्कूल, अग्नि और अपनी बिल्ली का स्मरण हो आया और मैं फूट-फूट कर रोने लग गया और चिल्लाता रहा, चिल्लाता रहा। मैं काफी समय से क्षति से पीड़ित हो रहा था।

अग्निशमन कर्मचारियों ने हमें उस रात घर के अंदर नहीं जाने दिया। घर के अंदर जाना अभी भी खतरनाक था। जिंदा या मुर्दा, मैं अपनी बिल्ली के बारे में जाने बिना वहाँ से जाने की कल्पना भी नहीं कर सकता था। फिर भी मुझे जाना पड़ा। हम अपने शरीर पर कुछ वस्त्रों तथा अग्निशमन कर्मचारियों द्वारा प्रदान किए गए कंबलों के साथ अपनी कार में बैठ गए और रात्रि बिताने के लिए हम सीधे मेरे दादा-दादी के घर चले गए।

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अगले दिन, सोमवार को, मैं स्कूल चला गया। जब आग लगी, तो मैंने स्कूल की वर्दी पहनी हुई थी जो मैंने उसे सुबह के समय चर्च जाते हुए पहना था परंतु मैंने जूते नहीं पहन रखे थे! मैंने गृहकार्य करते समय जूतों को उतार दिया था। वे भी अग्नि का एक और शिकार बन गए। इसलिए मुझे अपनी मौसी से टेनिस के खेल में पहने जाने वाले जूते उधार लेने पड़े। मैं स्कूल जाने की अपेक्षा घर पर क्यों नहीं रह सकता था? मेरी माँ ने इसके बारे में नहीं सुना, लेकिन मैं प्रत्येक चीज से बहुत अधिक परेशान था।

जो कपड़े मैंने पहन रखे थे वे अजीब लग रहे थे, मेरे पास न किताबें थीं और न ही गृहकार्य किया हुआ था और मेरा स्कूल का थैला जो जल चुका था। उस थैले में ही मेरा जीवन था। मैं जितना अधिक स्कूल में सही होने का प्रयास करता था, परिस्थिति उतनी अधिक खराब हो जाती थी। क्या भाग्य ने मुझे सारा जीवन निर्वासित और मूरों के रूप में जीने के लिए बनाया था? मुझे तो ऐसा ही अहसास होता था। यदि जीवन इसी प्रकार से चलना था तो मैं बड़ा होकर जीवन को संभालना नहीं चाहता था। मैं तो केवल जीवन को समेटकर मर जाना चाहता था।

स्कूल में मैं एक करुणाजनक व्यक्ति की भांति घूमता रहा। मुझे सब कुछ विचित्र लग रहा था और मुझे मालूम नहीं था कि क्या होने वाला है। जितनी सुरक्षा मुझे पुराने स्कूल, मेरे मित्रों, मेरे घर और मेरी बिल्ली से प्राप्त हुई थी सब बिखर चुकी थी।

[Page 52]

उस दिन स्कूल से आने के पश्चात जब मैं उस स्थान पर घूम रहा था जो मेरा घर हुआ करता था तो मुझे नुकसान का आभास हुआ-जो कुछ जला नहीं था वह आग बुझाने के लिए डाले गए पानी और रसायनों के कारण नष्ट हो गया था। केवल जो चीजें नष्ट नहीं हुई थीं वे फोटो एलबम, दस्तावेज और कुछ अन्य व्यक्तिगत चीजें थीं जो मेरी माँ ने वीरतापूर्वक बचा ली थी। लेकिन . मेरी बिल्ली मर चुकी थी और उसके लिए मेरे हृदय में दर्द था।

दुःखी होने का कोई वक्त नहीं था। मेरी माँ मुझे जल्दी से घर से बाहर ले गई। हमें रहने के लिए कोई स्थान ढूँढना था और मुझे स्कूल के लिए कुछ कपड़े खरीदने के लिए भी जाना था।

हमें दादा-दादी से धन उधार लेना पड़ा क्योंकि न तो पैसे निकलवाने वाले कार्ड, न नकद पैसे और बैंक से पैसे निकलवाने के लिए न ही कोई पहचान पत्र शेष बचा था। सब कुछ धुएं में उड़ चुका था।

उस सप्ताह उस मलबे को जो हमारा घर हुआ करता था को साफ किया जा रहा था। यद्यपि हमने पास में ही एक फ्लैट किराए पर ले लिया था, मैं मलबे को साफ होते देखने के लिए चला जाता था, इस आशा के साथ कि कहीं से मेरी बिल्ली मिल जाए। वह मर चुकी थी। मैं उसके बारे में उस छोटे से नाजुक जीव के रूप में सोचता रहता था। सवेरे के समय जब मैं उसे परेशान करता था वह बिस्तर से बाहर आती थी, वह मेरे पीछे-पीछे लगी रहती थी, मेरे कोट पर चढ़ जाती थी और सोने के लिए मेरी जेबों में घुस जाती थी। मुझे उसकी बहुत अधिक याद आती थी।

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हमेशा ही ऐसा प्रतीत होता है कि बुरा समाचार जल्दी से फैल जाता है और मेरे वाले मामले में भी यह भिन्न नहीं था। हाई स्कूल में अध्यापकों सहित सभी को मेरी दुर्दशा के बारे में पता था। मैं परेशान था जैसे कि उस स्थिति के लिए मैं जिम्मेदार था। एक नए स्कूल में शुरुआत करने का क्या तरीका था! मैंने इस प्रकार से अपनी ओर ध्यान केंद्रित कराने के बारे में नहीं सोचा था।

अगले दिन स्कूल में लोग, हमेशा की बजाए अजीब ढंग से व्यवहार कर रहे थे। मैं अपने लॉकर के पास जिम क्लास में जाने की तैयारी कर रहा था। लोग मेरे इर्द-गिर्द एकत्र हो रहे थे, मुझे जल्दी करने के लिए कह रहे थे। मैंने इसे बड़ा विचित्र सोचा, लेकिन पिछले कुछ सप्ताह से हो रही घटनाओं की उपस्थिति में, कोई भी चीज मुझे हैरान नहीं करेगी। मुझे ऐसा लग रहा था कि वे मुझे बलपूर्वक जिम की ओर धकेलकर ले जा रहे थे तब मुझे इसका कारण पता चला। वहाँ पर एक मेज रखा था और उस पर सभी प्रकार की चीजें रखी हुई थीं और वे सिर्फ मेरे लिए थीं।

उन्होंने आपस में पैसे इकट्ठे किए थे और मेरे लिए स्कूल की चीजें, कापियाँ, सभी प्रकार के भिन्न-भिन्न वस्त्र-जींस, टॉप स्वेट सूट। यह मेरे लिए क्रिसमस के त्योहार जैसा दिन था। मैं भावुक हो गया। लोग जो पहले कभी मुझसे बोले भी नहीं थे, स्वयं का परिचय देने के लिए आगे बढ़कर मेरे पास आ रहे थे। मैंने उनके घरों के लिए सभी प्रकार के निमंत्रण प्राप्त किए। उनके द्वारा असली चिंता के प्रदर्शन ने सचमुच मेरे दिल को छू लिया।

[Page 53]

उस क्षण मैंने सचमुच ही एक चैन की सांस ली और पहली बार यह सोचा कि अब सब कुछ ठीक होने जा रहा है। उस दिन मैंने मित्र बनाए।

एक महीने बाद, मैं अपने मकान को पुनः बनता हुआ देख रहा था। लेकिन इस बार कुछ अलग था-मैं अकेला नहीं था। इस बार मैं स्कूल के अपने दो मित्रों के साथ था। आग लगने के कारण ही मैंने स्वयं के बारे में ही सोचते रहने की आदत को बंद कर दिया। अब मैं बैठा हुआ अपने घर का पुनर्निर्माण होता देख रहा था और मैंने अनुभव किया कि मेरे जीवन का भी पुनर्निर्माण हो रहा था।

जिस समय हम वहाँ एक अवरोध पर बैठे हुए मेरे नए बैडरूम के बारे में योजनाएँ बना रहे थे, मैंने किसी को अपने पीछे से चलकर आते हुए सुना और उसने कहा, “क्या यह तुम्हारी है?” जब मैं यह देखने के लिए पीछे मुड़ा कि वह कौन था मुझे अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं हुआ। एक महिला मेरी बिल्ली को लिए हुए खड़ी थी। मैंने छलांग लगाई और उस महिला की बांहों से उसे छीन लिया।

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[Page 54]

मैंने उसे पकड़कर अपने निकट कर लिया और उसके संतरी रंग के बालों में मैं अपना चेहरा लगाकर रो रहा था। वह (बिल्ली) खुशी से अपनी आवाज में बोली। मेरे मित्र, मुझसे और बिल्ली से चिपके हुए थे और चारों ओर उछल रहे थे।

स्पष्टतया, मेरी बिल्ली आग के कारण इतनी अधिक भयभीत हो गई थी कि वह भागकर लगभग एक मील दूर चली गई। उसके पट्टे पर हमारा टेलीफोन नंबर लिखा हुआ था, परंतु हमारे फोन नष्ट हो गए थे और उनका संपर्क कट चुका था। उस अद्भुत महिला ने उसे उठा लिया और इस बात का पता लगाने के लिए कि वह बिल्ली किसकी है उसने बहुत मेहनत की। पता नहीं कैसे उसे इस बात का आभास हो गया कि उस बिल्ली को बहुत अधिक प्यार किया जाता था और उसकी बहुत अधिक याद आती होगी।

जैसे ही मैं वहाँ अपने मित्रों के साथ बैठा हुआ था और मेरी बिल्ली मेरी गोद में सिमटी हुई बैठी थी तो नुकसान और दुःखद घटना से संबंधित मन को भावुक करने वाली घटनाएँ कम होती प्रतीत हो रही थीं। मझे अपने जीवन, अपने नए मित्रों. एक अजनबी की दयालुता और अपनी प्यारी बिल्ली के ऊँचे स्वर में धुरधुराने पर कृतज्ञता हो रही थी। मेरी बिल्ली मुझे वापिस मिल गई थी और इसी प्रकार से मेरा जीवन भी वापिस अपने सही रास्ते पर आ गया था।

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HBSE 9th Class Hindi Solutions Kshitij Chapter 15 मेघ आए

Haryana State Board HBSE 9th Class Hindi Solutions Kshitij Chapter 15 मेघ आए Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Hindi Solutions Kshitij Chapter 15 मेघ आए

HBSE 9th Class Hindi मेघ आए Textbook Questions and Answers

Class 9 Chapter 15 Hindi HBSE प्रश्न 1.
बादलों के आने पर प्रकृति में जिन गतिशील क्रियाओं को कवि ने चित्रित किया है, उन्हें लिखिए।
उत्तर-
कवि ने बादलों के आने पर प्रकृति में अनेक गतिशील क्रियाओं का चित्रण किया है। बादलों के आने से पूर्व ठंडी हवा बहने लगती है। लोग अपने घरों के दरवाजे व खिड़कियाँ खोल देते हैं। पेड़ भी हिलने लगते हैं। धूल भरी आँधी बहने लगती है। नदियों में भी ठहराव-सा प्रतीत होने लगता है। लताएँ भी खिल उठती हैं। बादलों में बिजली चमकती हुई दिखाई देने लगती है।

Class 9 Hindi Chapter 15 Bhavarth HBSE प्रश्न 2.
निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं ?
• धूल
• पेड़
• नदी
लता
• ताल
उत्तर-
• धूल-गाँव की युवती की।
• पेड़-गाँव के बड़े-बूढ़े लोगों के।
• नदी-गाँव में रहने वाली विवाहित युवती की।
• लता-प्रेमिका की।
• ताल-परिवार के सदस्यों का।

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kshitij Chapter 15 मेघ आए

मेघ आए के प्रश्न उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 3.
लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों ?
उत्तर-
लता ने बादल रूपी मेहमान को व्याकुलतापूर्ण दृष्टि से देखा। वह बादल के आने पर उसे उपालंभ देते हुए कह रही थी कि तुमने एक वर्ष बाद मेरी सुध ली है। बादल के एक वर्ष बाद आने के कारण ही उसने ऐसा व्यवहार किया है।

Class 9 Hindi Chapter 15 Hindi Translation प्रश्न 4.
भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की
(ख) बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, पूँघट सरके।
उत्तर-
(क) कवि ने प्रस्तुत पंक्ति में बताया है कि बादल आकाश रूपी अटारी पर छा गए, बिजली चमक उठी। लोग कहने लगे कि बादलों के न आने और न बरसने का भ्रम मानों समाप्त हो गया, क्योंकि अब सचमुच में ही बादल बरसने लगे थे। इसी प्रकार जब दो लोगों के मन से भ्रम समाप्त हो जाता है तो उनकी आँखों से स्नेह के आँसू बह निकलते हैं।

(ख) जब बादल आकाश में छा गए तो नदी रूपी युवती थोड़ा रुककर और आश्चर्यपूर्वक अपने मुख से यूँघट उठाकर तिरछी दृष्टि से बादल रूपी मेहमानों को देखने लगती है। कहने का तात्पर्य है कि बादलों के एकाएक छा जाने से नदी के मन में आश्चर्य-सा छा गया कि ये एकाएक कहाँ से आ गए।

Class 9 Hindi Chapter 15 Vyakhya HBSE प्रश्न 5.
मेघ रूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर-
मेघ रूपी मेहमान के आने पर बयार खुशी से झूम उठी। पेड़ मानों झुक-झुककर सलाम करने लगे। नदी की दृष्टि में बाँकापन आ गया। वह मानों बादलों को देखकर मुग्ध-सी हो गई। लताओं में प्रेम भाव का संचार हो गया तथा मेघ के वर्ष-भर बाद आने पर उन्हें उपालंभ भी देने लगी। तालाबों में जल भर गया। ऐसा लगता है मानों तालाब परात में जल भरकर मेघ के स्वागत के लिए ले आया हो।

Megh Aaye Summary HBSE 9th Class प्रश्न 6.
मेघों के लिए ‘बन ठन के सँवर के’ आने की बात क्यों कही गई है?
उत्तर-
कवि ने बादलों की तुलना नगर से आने वाले मेहमानों से की है। जिस प्रकार नगर से आने वाले मेहमान सुंदर वस्त्र धारण करके बन-सँवरकर गाँव में आते हैं; उसी प्रकार बादल भी नया रूप धारण करके बरसने हेतु आते हैं। इसलिए कवि ने बादलों के लिए ‘बन-ठन के सँवर के’ आने की बात कही है।

मेघ आए कविता का सार HBSE 9th Class प्रश्न 7.
कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकारों के उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर-
कविता में निम्नलिखित अंशों में मानवीकरण एवं रूपक अलंकारों का प्रयोग हुआ हैमानवीकरण-
(क) मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
(ख) आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली।
(ग) पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाए।
(घ) धूल भागी घाघरा उठाए।
(ङ) बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी।
(च) बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की।
(छ) हरसाया ताल लाया पानी परात भर के।

रूपक-(क) मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
(ख) हरसाया ताल लाया पानी परात भर के।
(ग) क्षितिज अटारी गहराई दामिनि दमकी।
(घ) क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की।

Class 9 Kshitij Chapter 15 Question Answer HBSE प्रश्न 8.
कविता में जिन रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर-
सर्वप्रथम कवि ने बताया है कि गाँव में मेहमान का आदर-सम्मान करने के लिए नाचने-गाने की प्रथा है। मेहमान के आने पर सब प्रसन्न होते हैं। बड़े-बूढ़े भी उसका झुककर सम्मान करते हैं। मेहमान के आने की सूचना भी बड़े उत्साह के साथ दी जाती है। गाँव की नारियाँ मेहमान को रुककर और स्नेहमयी दृष्टि से देखती हैं। गाँव में मेहमान के हाथ-पाँव धुलवाए जाने की परंपरा भी है। मेहमान के आने पर उससे इतने समय बाद आने का कारण भी पूछा जाता है और जब उसके उत्तर से संतुष्ट हो जाते हैं तो सब उससे गले मिलते हैं। दोनों के मन के गिले-शिकवे दूर हो जाते हैं।

मेघ आए कविता Class 9 HBSE प्रश्न 9.
कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए।
उत्तर-
प्रस्तुत कविता में कवि ने मेघों के आने की तुलना सजकर आए अतिथि (दामाद) से की है। कवि ने बताया है कि जब अतिथि गाँव में आता है तो उसके आने की सूचना बड़े उत्साह से दी जाती है। गाँव के नर-नारी अपने घरों की खिड़कियाँ खोलकर उसे अत्यंत उत्सुकता से देखते हैं। बड़े-बूढ़े भी उसका आदर-सत्कार करते हैं। नवयुवतियाँ उसे अपने यूंघट की ओट में तिरछी दृष्टि से निहारती हैं। उसकी पत्नी दरवाजे की ओट में खड़ी होकर उसे उपालंभ देती है कि वह इतने लंबे समय बाद आया है, किंतु बाद में मेहमान के उत्तर से प्रिया संतुष्ट हो जाती है और उससे मिलने पर स्नेह के आँसू बहने लगते हैं। इसी प्रकार बादल के छाने से पहले ठंडी हवा चलती है। लोग बादलों को निहारने हेतु घरों के दरवाजे खोल देते हैं। वर्षा आने पर पेड़ भी कुछ झुके हुए-से लगते हैं। धूल तो मानों घाघरा उठाकर भाग खड़ी होती है। नदी मानों उसे रुककर तिरछी दृष्टि से देखती है। लताएँ तो मानों उसे उपालंभ देने लगती हैं कि तूने इतने समय बाद हमारी सुध ली है। तालाब भी वर्षा के आने पर पूर्णतः भर जाता है। बिजली चमकने लगती है और तत्पश्चात रिम-झिम, रिम-झिम करके बूंदें पड़ने लगती हैं।

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kshitij Chapter 15 मेघ आए

मेघ आए कविता के प्रश्न उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 10.
काव्य-सौंदर्य लिखिएपाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के। मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
उत्तर-
(क) कवि ने प्रस्तुत काव्य-पंक्तियों में वर्षा ऋतु का मनोरम और काल्पनिक चित्र प्रस्तुत किया है।
(ख) प्रकृति का मानवीकरण किया गया है।
(ग) मानवीकरण अलंकार है।।
(घ) ‘पाहुन ज्यों ….. शहर के।’ में उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(ङ) ‘बड़े बन-ठन के’ में अनुप्रास अलंकार है।
(च) भाषा अत्यंत सरल, सजीव एवं भावानुकूल है।
(छ) लोकभाषा के शब्दों का सुंदर एवं सार्थक प्रयोग किया गया है।

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kshitij Chapter 14 चंद्र गहना से लौटती बेर

रचना और अभिव्यक्ति

Megh Aaye Class 9 HBSE प्रश्न 11.
वर्षा के आने पर अपने आसपास के वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान से देखकर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर-
जून मास के अंतिम दिनों में बहुत अधिक गरमी पड़ रही थी। चारों ओर आग का समुद्र-सा लग रहा था। न जाने कहाँ से एक ठंडी पूर्वी हवा का झोंका आया और वातावरण में नमी-सी भर गया। देखते-ही-देखते एक काली घटा उठी और रिम-झिम, रिम-झिम करके बरसने लगी। वर्षा आने पर गरमी और धूल भरी आँधियाँ कूच कर गईं। चारों ओर हरियाली छा गई। तालाबों, नदियों व अन्य स्थानों पर जल भर गया। हर प्राणी प्रसन्न दिखाई देने लगा। वृक्षों में तो मानों बहार-सी आ गई। पक्षी चहचहाकर अपने हृदय की प्रसन्नता प्रकट करने लगे। किसानों की प्रसन्नता का तो कोई ठिकाना ही न रहा। किसान अपने खेतों में काम करने लगे। चारों ओर से मेंढकों के टर्राने की ध्वनि सुनाई देने लगी। कहने का तात्पर्य है कि वर्षा आने से जीवन में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आ गया।

प्रश्न 12.
कवि ने पीपल को ही बड़ा बुजुर्ग क्यों कहा है ? पता लगाइए।
उत्तर-
वस्तुतः पीपल का वृक्ष अन्य वृक्षों से बड़ा ऊँचा था। उसकी शाखाएँ दूर-दूर तक फैली हुई थीं। इसीलिए कवि ने उसका विशालकाय शरीर देखकर ही उसे बड़ा बुजुर्ग कहा होगा।

प्रश्न 13.
कविता में मेघ को ‘पाहुन’ के रूप में चित्रित किया गया है। हमारे यहाँ अतिथि (दामाद) को विशेष महत्त्व प्राप्त है, लेकिन आज इस परंपरा में परिवर्तन आया है। आपको इसके क्या कारण नजर आते हैं, लिखिए।
उत्तर-
भारतीय समाज में निश्चय ही दामाद विशेष महत्त्व व आदर का पात्र समझा जाता रहा है। इसका प्रमुख कारण है कि जिसको हम अपनी प्यार से पली बेटी का हाथ देते हैं, उसे सुयोग्य पात्र समझा जाता है। उसका विशेष महत्त्व भी इसी कारण माना या समझा जाता है कि वह हमारी प्यारी बेटी का पति है। आज परिस्थितियाँ बदल रही हैं, जीवन-मूल्य भी बदल रहे हैं। कुछ समय से दहेज नामक सामाजिक बुराई फैल रही है। इस बुराई को बढ़ावा देने में दामाद का भी हाथ रहता है। इसके अतिरिक्त आज के भौतिक युग में जीवन की गति तेज होने के कारण मनुष्य के पास इतना समय नहीं है कि वह अधिक समय तक दामाद की सेवा करता रहे। इसके अतिरिक्त लड़कियाँ भी नौकरी करने लगी हैं और पति के बराबर आ खड़ी हुई हैं। एक अन्य कारण यह भी माना जाने लगा है कि बेटियों को पिता की सम्पत्ति में से भाइयों के बराबर हक दिया गया है। इससे बेटी और दामाद भाइयों के बराबर का हक माँगने लगे हैं। इससे भाइयों के मन में बहनोई के प्रति मेहमान की छवि नहीं, अपितु विरोधी की छवि उभरने लगी है फिर भला आदर का भाव कैसे रह सकता है। इन्हीं सब कारणों से आज अतिथि एवं दामाद का महत्त्व पहले से कम होता जा रहा है।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 14.
कविता में आए मुहावरों को छाँटकर अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
उत्तर-
1. बन-ठन कर आना-मेहमान सदा बन-ठन कर ही आते हैं।
2. गरदन उचकाना-झुके हुए लोग (बूढ़े) मेहमानों के आने पर गरदन उचकाकर उन्हें देखते हैं।
3. चूँघट सरकना-स्त्रियों ने घूघट सरकाकर मेहमान को देखा।
4. जुहार करना-बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर बादल की जुहार की।
5. गाँठ खुल जाना-रमेश और उसकी पत्नी के मनों की गाँठे खुलने पर दोनों एक होकर रहने लगे।
6. बाँध टूटना-बहुत समय के बाद मित्र के मिलने पर उसके हृदय के भावों का तो मानों बाँध ही टूट गया।

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kshitij Chapter 15 मेघ आए

प्रश्न 15.
कविता में प्रयुक्त आँचलिक शब्दों की सूची बनाइए।
उत्तर-
प्रस्तुत कविता में निम्नांकित आँचलिक शब्द प्रयुक्त हुए हैंसँवर, बयार, पाहुन, उचकाए, ठिठकी, सरके, जुहार करना, किवार, ताल आदि।

प्रश्न 16.
‘मेघ आए’ कविता की भाषा सरल और सहज है-उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
सहज व सरल भाषा से तात्पर्य है, जिसे साधारण पाठक भी आसानी से समझ सके। प्रस्तुत कविता में ऐसी ही भाषा का प्रयोग सर्वत्र हुआ है। उदाहरणस्वरूप ये पंक्तियाँ देखिए
बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की, ‘बरस बाद सुधि लीन्हीं बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की, हरसाया ताल लाया पानी परात भर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।

पाठेतर सक्रियता

वसंत ऋतु के आगमन का शब्द-चित्र प्रस्तुत कीजिए। उत्तर-विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं लिखेंगे। • प्रस्तुत अपठित कविता के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएधिन-धिन-धा धमक-धमक मेघ बजे दामिनि यह गई दमक मेघ बजे दादुर का कंठ खुला मेघ बजे धरती का हृदय धुला मेघ बजे पंक बना हरिचंदन मेघ बजे हल का है अभिनंदन मेघ बजे धिन-धिन-धा ……..

प्रश्न-
(1) ‘हल का है अभिनंदन’ में किसके अभिनंदन की बात हो रही है और क्यों?
(2) प्रस्तुत कविता के आधार पर बताइए कि मेघों के आने पर प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन हुए?
(3) ‘पंक बना हरिचंदन’ से क्या आशय है?
(4) पहली पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
(5) ‘मेघ आए’ और ‘मेघ बजे’ किस इंद्रिय बोध की ओर संकेत हैं ?
उत्तर-
(1) प्रस्तुत कवितांश में मेघ के अभिनंदन की बात हो रही है।
(2) मेघों के आने पर बिजली चमकने लगती है। मेंढकों के टर्राने की ध्वनियाँ सुनाई पड़ती हैं। धरती की प्यास बुझ जाती है। पंक में हरी-हरी घास व फसलें उग आती हैं। किसान खेतों में काम करने लगते हैं।
(3) पंक अर्थात कीचड़ भी हरिचंदन के समान लगता है, क्योंकि उसमें फसलें व हरी-हरी घास उगती हैं।
(4) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
(5) ‘मेघ आए’ तथा ‘मेघ बजे’ आँखों और कानों की ओर संकेत करते हैं अर्थात देखने और सुनने के इंद्रिय बोध की ओर संकेत करते हैं।

अपने शिक्षक और पुस्तकालय की सहायता से केदारनाथ सिंह की ‘बादल ओ’, सुमित्रानंदन पंत की ‘बादल’ और निराला की ‘बादल-राग’ कविताओं को खोजकर पढ़िए।
उत्तर-
यह प्रश्न परीक्षोपयोगी नहीं है। विद्यार्थी इसे अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से करेंगे।

HBSE 9th Class Hindi मेघ आए Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
‘मेघ आए’ शीर्षक कविता के मूल भाव पर प्रकाश डालिए। अथवा ‘मेघ आए’ कविता के उद्देश्य को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
‘मेघ आए’ एक ऐसी रचना है जिसमें एक ओर प्रकृति के विभिन्न उपादानों की प्राकृतिक सुंदरता को उजागर किया गया है और दूसरी ओर प्रकृति के माध्यम से ग्रामीण संस्कृति, रीति-रिवाज और सद्भावना को एक-साथ व्यक्त किया गया है। लेखक का परम लक्ष्य प्रकृति की सुंदरता और उसके प्रभाव को सजीव रूप में प्रस्तुत करना है। कवि अपने इस लक्ष्य में पूर्णतः सफल रहा है। बहुत दिनों के पश्चात आकाश में घटा छा जाने पर जिस प्रकार सभी उसे प्रसन्नता के भाव से देखते हैं और उसके आने की सूचना एक-दूसरे को अनायास ही दे देते हैं; उसी प्रकार गाँव में शहरी मेहमान के आने की सूचना उसके गाँव में पहुंचने से पहले ही पहुँच जाती है। गाँव में मेहमान का आदर किस प्रकार किया जाता है। इसका वर्णन पीपल के माध्यम से किया गया है। इसी प्रकार वर्षा से पहले तेज हवा के साथ धूल का आना ऐसे लगता है मानों किशोरियाँ घाघरा उठाकर भाग रही हों। काम करती हुई
औरतें पाहुन को देखने के लिए कुछ क्षण के लिए काम रोक देती हैं तथा अपने घूघट को उठाकर तिरछी नजर से उसे देखने का प्रयास करती हैं। अतिथि की पत्नी किवाड़ की ओट में होकर उसे लंबे समय बाद आने का उलाहना देती है। इस प्रकार प्रकृति के विविध उपादानों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की संस्कृति एवं सद्भावना का सजीव चित्रण करना कवि का प्रमुख लक्ष्य है।

प्रश्न 2.
शहरी पाहुन के आगमन पर गाँव में उमगे उल्लास के रूप को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
शहरी पाहुन के आगमन पर कुछ लोग नाचते-गाते हुए आगे चलने लगे। लोगों में उत्सुकता उत्पन्न हुई कि देखें शहरी पाहुन कैसा है। इसलिए गली-गली में लोग अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियाँ खोलकर पाहुंन को देखने लगे। कुछ बूढ़े लोग पाहुन को देखकर गरदन झुका लेते हैं और कुछ गरदन उठाकर उसे देखने का प्रयास करते हैं। कुछ किशोरियाँ घाघरा उठाकर धूल-सी भागने लगती हैं। काम करती औरतें भी रुक कर शहरी पाहुन को देखने लगती हैं। वे औरतें अपने-अपने चूँघट को उठाकर तिरछी दृष्टि से पाहुन को देखने का प्रयास करती हैं। जब पाहुन गाँव के निकट आ जाता है तो गाँव के बड़े-बूढ़े लोग उसके स्वागत के लिए झुककर प्रणाम करते हैं। पाहुन की पत्नी शरमाकर दरवाजे की ओट में हो गई और वहीं से उपालंभ के स्वर में कहती है कि वर्ष-भर बाद हमारी सुध ली है। उधर एक प्रसन्न मन व्यक्ति पाहुन के पैर धोने के लिए परात में पानी भरकर ले आया। इस प्रकार शहरी पाहुन के गाँव में पहुँचने पर वहाँ का वातावरण प्रसन्नता और आनंद से भर उठता है।

प्रश्न 3.
‘बरस बाद सुध लीन्हीं’ में प्रिया के किस भाव की अभिव्यक्ति हुई है-
(क) प्रेमभाव की
(ख) उपालंभ की
(ग) उदारता की
(घ) कृतज्ञता की
उत्तर-
(ख) उपालंभ की।

प्रश्न 4.
मेघ के आगमन का बयार, पेड़, नदी, लता और ताल पर क्या असर हुआ ?
उत्तर-
मेघ के आगमन से बयार खुशी से झूम उठी। पेड़ झुक-झुककर मेघ रूपी मेहमान को झाँकते हुए उसका आदर-सत्कार करने लगे। नदी की दृष्टि में बाँकपन आ गया। वह मानों मेघ पर मुग्ध-सी हो गई हो। लताएँ प्रेमभाव से युक्त हो गईं और मेघ को वर्ष-भर के बाद आने का उपालंभ देने लगीं। ताल वर्षा के जल से भर गया। मानों ताल मेघ के स्वागत में पानी की परात भर लाया हो।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘मेघ आए’ शीर्षक कविता के कवि का क्या नाम है?
(A) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
(B) सुमित्रानंदन पंत
(C) भारत भूषण अग्रवाल
(D) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
उत्तर-
(D) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

प्रश्न 2.
‘आए बड़े बन-ठन के सँवर के’ में कौन बन-ठनकर आया है?
(A) आँधी
(B) मेघ
(C) हवा
(D) सूर्य
उत्तर-
(B) मेघ

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kshitij Chapter 15 मेघ आए

प्रश्न 3.
मेघों के आगे-आगे नाचता हुआ कौन चल रहा था?
(A) बयार
(B) नर्तक
(C) नर्तकी
(D) पक्षी
उत्तर-
(A) बयार

प्रश्न 4.
मेघों के आने पर गली-गली में क्या होने लगा?
(A) लोग नाचने लगे
(B) बच्चे घर से बाहर निकल पड़े
(C) खिड़कियाँ-दरवाजे खुलने लगे
(D) लोग काम करने लगे
उत्तर-
(C) खिड़कियाँ-दरवाजे खुलने लगे

प्रश्न 5.
आँधी आने पर घाघरा उठाकर कौन भागने लगी थीं?
(A) ग्रामीण नारियाँ
(B) युवतियाँ
(C) नर्तकियाँ
(D) धूल
उत्तर-
(D) धूल

प्रश्न 6.
किसने बाँकी चितवन उठाकर मेघ को देखा था?
(A) वृक्षों ने
(B) शहरी
(C) नारियों ने
(D) प्रदेशी
उत्तर-
(B) नदियों ने

प्रश्न 7.
कवि ने मेघों को कहाँ के पाहुने.बताया है?
(A) ग्रामीण
(B) नदियों ने
(C) विदेशी
(D) चिड़ियों ने
उत्तर-
(B) शहरी

प्रश्न 8.
पाहुन का अर्थ है.
(A) अतिथि
(B) खिलाड़ी
(C) पहलवान
(D) चोर
उत्तर-
(A) अतिथि

प्रश्न 9.
मेघों की जुहार किसने की थी?
(A) वायु ने
(B) तालाब ने
(C) बूढ़े पीपल ने
(D) आम ने
उत्तर-
(C) बूढ़े पीपल ने

प्रश्न 10.
‘बरस बाद सुधि लीन्ही’-ये शब्द किसने किसको कहे हैं?
(A) लता ने मेघ को
(B) पीपल ने लता को
(C) लता ने आकाश को
(D) पवन ने मेघ को
उत्तर-
(A) लता ने मेघ को

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प्रश्न 11.
लता किसकी ओट में होकर बोली थी?
(A) पहाड़
(B) किवाड़
(C) दीवार
(D) वृक्ष
उत्तर-
(B) किवाड़

प्रश्न 12.
ताल किसे देखकर हर्षित हुआ था?
(A) पवन को
(B) मेघ को
(C) किसान को
(D) चंद्रमा को
उत्तर-
(B) मेघ को

प्रश्न 13.
तालाब किस बर्तन में पानी लाया था?
(A) घड़े में
(B) परात में
(C) लोटे में
(D) अंजलि में
उत्तर-
(B) परात में

प्रश्न 14.
दामिनी कहाँ दमकती हुई दिखाई दी?
(A) क्षितिज पर
(B) छत पर
(C) सड़क पर
(D) वृक्ष पर
उत्तर-
(A) क्षितिज पर

प्रश्न 15.
‘गाँठ खुलना’ मुहावरे का अर्थ है-
(A) गाँठ का दूर होना
(B) भ्रम का दूर होना
(C) पैसे गिर जाना
(D) मार्ग साफ होना
उत्तर-
(B) भ्रम का दूर होना

प्रश्न 16.
‘धूल’ किसकी प्रतीक है?
(A) आँधी की
(B) वर्षा की
(C) ग्रामीण युवती की
(D) पवन की
उत्तर-
(C) ग्रामीण युवती की

प्रश्न 17.
लता किसकी प्रतीक है?
(A) प्रेमिका की
(B) सहेली की
(C) बहन की
(D) माता की
उत्तर-
(A) प्रेमिका की

प्रश्न 18.
‘धूल भागी घाघरा उठाए’ में कौन-से अलंकार का प्रयोग हुआ है?
(A) अनुप्रास
(B) मानवीकरण
(C) रूपक
(D) श्लेष
उत्तर-
(B) मानवीकरण

प्रश्न 19.
‘झर-झर’ में प्रयुक्त अलंकार का नाम बताएँ।
(A) अनुप्रास
(B) रूपक
(C) पुनरुक्ति प्रकाश
(D) उपमा
उत्तर-
(C) पुनरुक्ति प्रकाश

प्रश्न 20.
‘मेघ आए’ कविता में किस संस्कृति का उल्लेख हुआ है?
(A) ग्रामीण
(B) शहरी
(C) पाश्चात्य
(D) सामन्ती
उत्तर-
(A) ग्रामीण

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kshitij Chapter 15 मेघ आए

प्रश्न 21.
कवि ने गाँव में किसके आने का वर्णन किया है?
(A) चाचा
(B) मेहमान (दामाद)
(C) मामा
(D) नाना
उत्तर-
(B) मेहमान (दामाद)

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kshitij Chapter 15 मेघ आए

मेघ आए अर्थग्रहण एवं सराहना संबंधी प्रश्नोत्तर

1. मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली,
दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगीं गली-गली,
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के। [पृष्ठ 127]

शब्दार्थ-मेघ = बादल। बन-ठन के = बन-सँवरकर, सज-धजकर। बयार = ठंडी एवं सुगंधित वायु। पाहुन = मेहमान।

प्रश्न
(1) कवि एवं कविता का नाम लिखिए।
(2) प्रस्तुत पद्यांश की व्याख्या एवं भावार्थ लिखिए।
(3) प्रस्तुत काव्य-पंक्तियों के काव्य-सौंदर्य/शिल्प-सौंदर्य को स्पष्ट कीजिए।
(4) प्रस्तुत पद्यांश का भाव-सौंदर्य लिखें।
(5) प्रस्तुत पद्यांश में मेघ के आगमन का चित्रण किस रूप में किया गया है ?
(6) गली-गली की खिड़कियाँ क्यों खुलने लगीं ?
उत्तर-
(1) कवि-श्री सर्वेश्वर दयाल सक्सेना। कविता-मेघ आए।

(2) व्याख्या-कवि ने बादलों के आने का वर्णन करते हुए लिखा है कि आज बादल बहुत ही बन-सँवरकर आए हैं अर्थात आकाश में छाए हुए हैं। बादलों के स्वागत में मानों बादलों के आगे-आगे नाचती-गाती हुई ठंडी एवं सुगंधित वायु चली आ रही है। जिस प्रकार शहरी मेहमान को देखने के लिए लोग खिड़कियाँ व दरवाजे खोल देते हैं, ठीक उसी प्रकार आकाश में बादल छा जाने से लोग बादलों को देखने के लिए घरों के दरवाजे व खिड़कियाँ खोल देते हैं। कहने का तात्पर्य है कि बादल छा जाने से वातावरण प्रसन्नतामय बन जाता है।
भावार्थ-इन पंक्तियों में ग्रामीण संस्कृति एवं वहाँ की सद्भावना का सजीव अंकन किया गया है।

(3) (क) कवि ने ग्रामीण संस्कृति एवं सद्भावना का मनोरम चित्रण किया है।
(ख) मेघ व वायु का मानवीकरण किया गया है।
(ग) भाषा सरल, सहज एवं भावानुकूल है।
(घ) चित्रात्मक शैली का प्रयोग किया गया है।
(ङ) प्रकृति का आलंबन रूप में चित्रण हुआ है।
(च) ‘आगे-आगे’ एवं ‘गली-गली’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
(छ) ‘पाहुन ………… शहर के’ में उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(ज) ‘नाचती-गाती’, ‘बन-ठन’ में अनुप्रास अलंकार है।

(4) प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने भावपूर्ण शैली में नए-नए बादलों के आकाश में छा जाने से वातावरण में उत्पन्न प्रसन्नता का उल्लेख किया है। कवि ने बादलों के सौंदर्य की तुलना नगर से सज-धजकर आए अतिथियों से की है। जिस प्रकार नगर एवं गाँव में अतिथि के पधारने पर वहाँ के लोग प्रसन्न हो जाते हैं और उत्सुकतापूर्वक अपने घरों के दरवाजे व खिड़कियाँ खोल देते हैं, उसी प्रकार बादलों के आकाश पर छा जाने पर गली-गली में लोग उन्हें देखने के लिए अपने घरों के दरवाजे व खिड़कियाँ खोल देते हैं।

जैसे गाँव के लोग अतिथियों का स्वागत करने के लिए उनके आगे-आगे चलते हैं, वैसे ही बादलों के आने से पूर्व ठंडी एवं सुगंधित वायु बहने लगती है। कवि ने बादलों के सौंदर्य के साथ-साथ ग्रामीण संस्कृति एवं सद्भावना का अत्यंत सुंदर चित्रण किया है।

(5) प्रस्तुत पद्यांश में बादलों का चित्रण सज-धजकर आए शहरी मेहमानों के रूप में किया गया है। दोनों में सौंदर्य की समानता के साथ-साथ उनके स्वागत की विधि भी समान है।

(6) कवि ने बताया है कि मेघ व वर्षा के स्वागत तथा आनंद-प्राप्ति के लिए लोगों ने अपने घरों के दरवाजे व खिड़कियाँ खोल दी थीं।

2. पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाए,
आँधी चली, धूल भागी घाघरा उठाए,
बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, पूँघट सरके।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के। [पृष्ठ 127]

शब्दार्थ-गरदन उचकाए = गरदन उठाकर । झाँकना = देखना। बाँकी चितवन = तिरछी मनमोहक दृष्टि। ठिठकी = रुकी। यूंघट सरकाना = यूंघट हटाना।

प्रश्न
(1) इस पद्यांश का मुख्य विषय क्या है?
(2) प्रस्तुत पद्यांश की व्याख्या एवं भावार्थ लिखिए।
(3) पेड़ किस लिए झुक गए?
(4) प्रस्तुत पद के भाव-सौंदर्य पर प्रकाश डालिए।
(5) आँधी किसका प्रतीक है वह कैसे दौड़ी?
(6) मेघ किस प्रकार आए?
(7) घाघरा से क्या आशय है?
उत्तर-
(1) इस पद्यांश का मुख्य विषय प्रकृति का चित्रण करना है।

(2) व्याख्या-कवि का कथन है कि जब आकाश में बादल छा गए तो ऐसा लगने लगा कि गाँव के लोगों की भाँति पेड़ गरदन उठाकर तथा कुछ झुक-झुककर बादलों को देखने लगे हों। जिस प्रकार मेहमान के आने की सूचना देने के लिए कोई किशोरी घाघरा सँभालती हुई भागती है; उसी प्रकार धूल-भरी आँधी भी बादलों के आने की सूचना देने के लिए बहने लगी। नदी भी अपने प्रवाह को रोककर मेघों को देखने के लिए कुछ देर के लिए रुकी हुई-सी लगी। उसने अपने मुख से मानों बूंघट सरका दिया हो और वह सजे हुए बादलों को देखने लगी हो जैसे युवतियाँ मेहमान को ठिठककर देखने लगती हैं। मेघ बन-सँवरकर अर्थात नए रूप में आकाश में छा गए हैं।
भावार्थ-प्रस्तुत पद्यांश में आकाश में घटाओं के छा जाने से प्रकृति में हुए परिवर्तन का सुंदर एवं सजीव चित्रण किया गया है।

(3) पेड़ बादलों को देखने के लिए झुक गए थे।

(4) प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने दर्शाया है कि जब कोई नगर का व्यक्ति बन-सँवरकर गाँव में मेहमान बनकर आता है तो वहाँ के वातावरण में प्रसन्नता छा जाती है। शहरी मेहमान के गाँव में आने से वहाँ के वातावरण में जैसा परिवर्तन आता है वैसा ही परिवर्तन बादल आ जाने से प्रकृति में भी छा जाता है। गाँव के बूढ़े लोग मेहमान को उचक-उचककर देखते हैं और झुक-झुककर उसका अभिवादन करते हैं। स्त्रियाँ अपना यूँघट सरकाकर उसे तिरछी दृष्टि से देखती हैं।

(5) आँधी किशोरी का प्रतीक है। वह अपना घाघरा सम्भालती हुई दौड़ी।

(6) मेघ बहुत सज-संवर व बन-ठन कर आए।

(7) घाघरा से सतर्क होने का भाव या आशय है।

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kshitij Chapter 15 मेघ आए

3. बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की,
‘बरस बाद सुधि लीन्हीं’
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,
हरसाया ताल लाया पानी परात भर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के। [पृष्ठ 127]

शब्दार्थ-जुहार = आदर के साथ झुककर नमस्कार करना। बरस = वर्ष । सुधि = याद । लीन्हीं = ली। अकुलाई = व्याकुल। ओट = आड़। किवार = किवाड़, दरवाजा। हरसाया = हर्ष से भरा, प्रसन्नता से युक्त। ताल = तालाब। मेघ = बादल ।

प्रश्न
(1) कवि एवं कविता का नाम लिखिए।
(2) प्रस्तुत पद्यांश की व्याख्या एवं भावार्थ लिखिए।
(3) प्रस्तुत पद्यांश में निहित काव्य-सौंदर्य/शिल्प-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
(4) प्रस्तुत काव्य-पंक्तियों के भाव-सौंदर्य पर प्रकाश डालिए।
(5) ‘बरस बाद सुधि लीन्हीं’ में प्रिया के किस भाव की अभिव्यक्ति हुई है ?
(6) ‘हरसाया ताल लाया पानी परात भर के’-पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
(1) कवि-श्री सर्वेश्वर दयाल सक्सेना। कविता-मेघ आए।

(2) व्याख्या-कवि का कथन है कि मेहमान रूपी बादल सज-धज कर आ गए हैं। जिस प्रकार गाँव के बड़े-बूढ़े झुककर मेहमान का स्वागत करते हैं; उसी प्रकार पीपल के पेड़ ने बादलों का स्वागत किया। जिस प्रकार मेहमान की विरहिणी पत्नी किवाड़ की ओट में छिपकर पति को बहुत दिन बाद आने का उपालंभ देती है, उसी प्रकार प्यासी लता ने बादलों को उलाहना देते हुए कहा कि पूरे एक वर्ष बाद हमारी सुध ली है। मेहमान रूपी बादल के आने की प्रसन्नता में तालाब रूपी परिवार का सदस्य पानी की परात भरकर ले आया अर्थात तालाब पानी से लबालब भर गया।
भावार्थ-कवि ने बूढ़े पीपल के मानवीकरण के माध्यम से ग्रामीण अंचल में बड़े-बूढ़ों द्वारा अतिथियों को लगाए जाने वाली जुहार का उल्लेख किया है। लता के माध्यम से पति के वर्ष बाद आने पर पत्नी द्वारा दिए गए उपालंभ का वर्णन किया है।

(3) (क) प्रकृति के संपूर्ण दृश्य का चित्रात्मक शैली में वर्णन किया गया है।
(ख) मानवीकरण अलंकार का प्रयोग किया गया है।
(ग) कवि की कल्पना अत्यंत सुंदर एवं सार्थक है।
(घ) ब्रज भाषा के संवाद से विषय आकर्षक बन पड़ा है।
(ङ) ‘बरस बाद’, ‘पानी परात’ प्रयोगों में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग किया गया है।
(च) भाषा प्रसाद गुण संपन्न है।

(4) प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने बादल छा जाने से व्याप्त प्रसन्नता का वर्णन किया है। बादल का स्वागत ऐसे किया गया है जैसे गाँव में मेहमान पहुंचने पर उसका स्वागत किया जाता है। पीपल ने सर्वप्रथम आगे बढ़कर झुककर बादल का अभिवादन किया है। पत्नी की भाँति लता ने बादल को उपालंभ देते हुए कहा कि एक वर्ष बाद हमारी सुध ली है। वर्षा होने पर तालाब पानी से भर जाता है। ऐसा लगता है कि वह बहुत प्रसन्न है और परात में पानी भर कर लाया हो। कहने का अभिप्राय है कि बादल छा जाने पर सर्वत्र हर्ष का वातावरण बन गया है।

(5) ‘बरस बाद सुधि लीन्हीं’ में प्रिया के उपालंभ भाव की अभिव्यक्ति हुई है।

(6) वर्षा होने पर तालाब पानी से भर जाता है। ऐसा लगता है कि बादल के आने पर वह तालाब बहुत प्रसन्न हो उठा है और परात भर पानी ले आया है।

4. क्षितिज अटारी गहराई दामिनि दमकी,
‘क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की’,
बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के। [ पृष्ठ 127]

शब्दार्थ-क्षितिज = जहाँ आकाश और पृथ्वी मिलते हुए दिखाई देते हैं। अटारी = भवन या महल का ऊपरी भाग। गहराना = छा जाना। दामिनि = बिजली। दमकी = चमकी। गाँठ खुल जाना = भ्रम दूर हो जाना। भरम = संदेह । बाँध = सेतु, पुल । अश्रु = आँसू।

प्रश्न
(1) कवि एवं कविता का नाम लिखिए।
(2) प्रस्तुत पद्यांश की व्याख्या एवं भावार्थ लिखिए।
(3) प्रस्तुत काव्यांश में वर्णित विषय के संदर्भ को स्पष्ट कीजिए।
(4) प्रस्तुत काव्य-पंक्तियों में निहित काव्य-सौंदर्य/शिल्प-सौंदर्य को स्पष्ट कीजिए।
(5) प्रस्तुत पद्यांश के भाव-सौंदर्य पर प्रकाश डालिए।
(6) ‘क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की’ पंक्ति के आशय को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
(1) कवि-श्री सर्वेश्वर दयाल सक्सेना। कविता-मेघ आए।

(2) व्याख्या-कवि ने बताया है कि मेघ क्षितिज रूपी अटारी पर पहुँच गए अर्थात जैसे अतिथि को देखने के लिए लोग अटारी पर जमा हो जाते हैं, वैसे ही बादलों के गहराने से उनमें बिजली चमकने लगती है। प्रकृति के विविध उपादान मानों मेघ से कह रहे हों कि हमें क्षमा करना। हमारे मन में जो भ्रम था कि तुम वर्षा नहीं करोगे, अब वह दूर हो गया है अर्थात वर्षा हो गई है। झर-झर की आवाज करती हुई बूंदें गिरने लगीं। पति-पत्नी के संदर्भ में बहुत दिनों के बाद पति-पत्नी घर की छत पर मिले । गले मिले, शिकवा-शिकायतें की और आपसी भ्रम दूर हो जाने पर पत्नी पति से गले मिलकर रोने लगी। उसकी आँखों से झर-झर आँसू बहने लगे।
भावार्थ-इन पंक्तियों में कवि ने वर्षा के प्रभाव का सजीव चित्रण किया है।

(3) मेघ आए’ शीर्षक कविता से उद्धृत इन पंक्तियों में कवि ने बादल के बरसने का वर्णन अत्यंत सुंदर कल्पनाओं के माध्यम से किया है। साथ ही कवि ने वर्षा के प्रभाव का उल्लेख भी किया है।

(4) (क) कवि ने वर्षा का वर्णन अत्यंत कलात्मकतापूर्ण किया है।
(ख) नवीन कल्पना-शक्ति का चमत्कार देखते ही बनता है।
(ग) स्वर-मैत्री अलंकार के कारण भाषा में प्रवाह एवं लय का समावेश हुआ है।
(घ) ‘झर-झर’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
(ङ) ‘बन-ठन’ में अनुप्रास अलंकार है।
(च) भाषा-शैली चित्रात्मक है।
(छ) शब्द-चयन अत्यंत सार्थक एवं भावानुकूल है।

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kshitij Chapter 15 मेघ आए

(5) प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने चित्रात्मक शैली के द्वारा वर्षा के सौंदर्य एवं प्रभाव का अत्यंत मार्मिक चित्रण किया है। कवि ने बताया है कि गाँव के लोगों में अतिथि का सत्कार करने की अत्यधिक लगन होती है। वे अतिथि को देखने के लिए छत पर जमा हो जाते हैं। उनके वस्त्रों व गहनों की चमक-धमक ऐसी लगती है जैसे बादलों में बिजली चमकती है। प्रकृति के विविध अंग मानों कह रहे हों कि हमें क्षमा करना। हमारे मन में जो भ्रम था कि तुम वर्षा नहीं करोगे, अब वह भ्रम समाप्त हो गया। कहने का भाव है कि वर्षा हो गई। वर्षा पड़ने का शोर मच रहा है। दूसरे अर्थ में कहा जा सकता है कि पति-पत्नी के बीच जो भ्रम था, वह समाप्त हो गया और मानों पत्नी पति के गले लगी हो और उसकी आँखों से झर-झर करके अश्रुधारा बह निकली हो। अतः स्पष्ट है कि कवि के वर्षा-वर्णन से संबंधित भाव अत्यंत सुंदर एवं सार्थक बन पड़े हैं।

(6) प्रस्तुत पंक्ति द्विअर्थक है। प्रथम अर्थ है प्रकृति के अन्य उपादान यह समझ रहे थे कि शायद बादल न बरसें, किंतु बादलों के बरस जाने पर उनके मन से भ्रम समाप्त हो गया और अब वे बहुत प्रसन्न हैं। इसी प्रकार पति के घर आने पर पत्नी के मन के सब भ्रम समाप्त हो गए और प्रसन्नचित्त हो पति के गले से लगकर आँसू बहा रही है कि मैंने पति के विषय में कैसी-कैसी धारणाएँ बना ली थीं।

मेघ आए Summary in Hindi

मेघ आए कवि-परिचय

प्रश्न-
कविवर सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का संक्षिप्त जीवन-परिचय देते हुए उनकी काव्यगत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
अथवा
कविवर सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का साहित्यिक परिचय दीजिए।
उत्तर-
1. जीवन-परिचय-सर्वेश्वर दयाल सक्सेना आधुनिक युग के प्रतिभाशाली कवि थे। उनकी कविताओं में सम-सामयिक जीवन की समस्याओं का यथार्थ चित्रण हुआ है। उनका जन्म 15 सितंबर, 1927 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में हुआ था। उनकी आरंभिक शिक्षा वहीं पर हुई। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम०ए० की परीक्षा उत्तीर्ण की। आरंभ में उन्होंने स्कूल में अध्यापन कार्य किया। इसके पश्चात वे आकाशवाणी में नियुक्त हुए। उन्होंने कुछ समय के लिए ‘दिनमान’ के उप-संपादक का कार्यभार भी सँभाला। उन्होंने ‘पराग’ पत्रिका का संपादन भी बड़ी सफलतापूर्वक किया। 24 सितंबर, 1983 में उनका निधन हो गया।

2. प्रमुख रचनाएँ-

  • काव्य-संग्रह ‘काठ की घंटियाँ’, ‘बाँस का पुल’, ‘एक सूनी नाव’, ‘गर्म हवाएँ’, ‘कुआनो नदी’ और ‘जंगल का दर्द’ आदि।
  • उपन्यास-‘उड़े हुए रंग’, ‘सोया हुआ जल’, ‘पागल कुत्तों का मसीहा’ आदि।
  • कहानी-संग्रह ‘अँधेरे पर अँधेरा’ ।
  • नाटक-‘बकरी’, ‘लाख की नाक’ आदि।

3. काव्यगत विशेषताएँ-उनके काव्य में शिल्प-विधान की अपेक्षा विषय वस्तु पर अधिक ध्यान दिया गया है। उन्होंने अपने काव्य में सम-सामयिक जीवन के परिवेश का यथार्थ चित्रण किया है। उनके काव्य में अनुभूतियों की गहराई देखते ही बनती है। यथा

‘कोट के गुलाब और जूड़े के फूल को,
हर नन्हीं याद को, हर छोटी भूल को,
नये साल की शुभकामनाएँ।’

वे अपने जीवन में आने वाली पराजय और घुटन की अनुभूतियों से निराश होने की अपेक्षा निरंतर प्रेरणा प्राप्त करते रहे। उनके काव्य में नयी कविता का कोरा बुद्धिवाद नहीं है, अपितु हृदय को छूने वाली कोमल भावनाएँ भी हैं। उन्होंने रोमानी वातावरण की कविताओं की रचना भी की है।

4. भाषा-शैली-उनके काव्य की भाषा सर्वत्र सुलभ, स्पष्ट और बोलचाल की है। भाषा प्रसाद गुण संपन्न है। उनके काव्य में तीखे व्यंग्य भी प्रभावशाली बन पड़े हैं। उनकी भाषा में कहीं भी उलझाव प्रतीत नहीं होता। उनकी कल्पना-शक्ति बेजोड़ है। उनकी कविता के बारे में सुमित्रानंदन पंत ने लिखा था वे जन्मजात, अकृत्रिम कवि हैं। नयी कविता की पहचान कराने वाले कवियों में उनका विशेष स्थान है। प्राकृतिक परिवेश का मानवीकरण करने में वे सिद्धहस्त हैं।

HBSE 9th Class Hindi Solutions Kshitij Chapter 15 मेघ आए

मेघ आए कविता का सार काव्य-परिचय

प्रश्न-
पाठ्यपुस्तक में संकलित ‘मेघ आए’ शीर्षक कविता का सार/काव्य-परिचय अपने शब्दों में लिखिए। .
उत्तर-
प्रस्तुत कविता में कवि ने आकाश में मेघ के आने का वर्णन गाँव में आए शहरी अतिथि के रूप में किया है। संपूर्ण वर्णन में कवि ने रूपक बाँध दिया है। मेघ आने पर ठंडी वायु बहने लगती है। लोग दरवाजे-खिड़कियाँ खोल देते हैं। पेड़ भी हरे-भरे दिखाई देने लगते हैं। ऐसा लगता है कि मानों वे झुककर मेहमान का आदर कर रहे हों। वर्षा आने पर धूल भरी आँधियाँ समाप्त हो जाती हैं। नदियों व तालाबों में पानी भर जाता है। गरमी के कारण पीपल भी मुरझा गया था, किंतु मेघ आने पर वह भी हरा-भरा होकर आगे बढ़कर मेघ का स्वागत करते हुए उसे उपालंभ देता है कि एक वर्ष बाद हमारी सुध ली है। जिस प्रकार पति-पत्नी में वियोग के कारण भ्रम की गाँठ पड़ जाती है तथा मिलन पर वह गाँठ खुल जाती है और वे गले मिलकर आँसू बहाते हैं, वैसे ही मानों आकाश और पृथ्वी गले मिलते-से प्रतीत होते हैं और वर्षा की बूंदें टप-टप करके गिरने लगती हैं। कवि ने बताया है कि जिस प्रकार गाँव में पाहुन आने पर प्रसन्नता का वातावरण छा जाता है, उसी प्रकार आकाश में मेघ छा जाने पर चारों ओर खुशी एवं सुख का वातावरण बन जाता है।

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HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 1 फ्रांसीसी क्रांति

Haryana State Board HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 1 फ्रांसीसी क्रांति Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions History Chapter 1 लोकतंत्र के परिणाम

HBSE 9th Class History फ्रांसीसी क्रांति Textbook Questions and Answers

फ्रांस की क्रांति प्रश्न उत्तर Class 9 HBSE प्रश्न 1.
फ्रांस में क्रांति की शुरुआत किन परिस्थितियों में हुई?
उत्तर-
फ्रांस में क्रांति की शुरुआत से जुड़ी परिस्थितियों का वर्णन निम्नलिखित किया जा सकता है –

  • फ्रांस में असमानताओं व विषमताओं की स्थिति थी। एक ओर पादरी व सामन्तों की व्यवस्था थी. जिन्हें राज्य की ओर से सभी सुविधाएं प्राप्त थी, उन्हें सभी प्रकार के पद प्राप्त थे एवं कोई कर नहीं दिया करते थे। दूसरी ओर, एक तृतीय वर्ग भी या जिस पर सभी प्रकार के कर लागू किए जाते थे तथा वसूले जाते थे।
  • किसानों की स्थिति दयनीय थी। उन पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष राजस्व व कर लगाया जाता था। कृषि के पुराने तरीकों से किसी अच्छी फसल की उन्हें कोई आशा नहीं होती थी। फलस्वरूप ये किसान सदैव कर्जदारी की अवस्था में रहते थे।
  • फ्रांस की तेजी से बढ़ती जनसंख्या को किसी भी रूप में खाद्यान्नों की पूर्ति नहीं हो पा रही थी। जनसख्या थी कि निरन्तर बढ़ रही थी, उपज थी कि निरन्तर कम होती थी। भुखमरी क्रांति से पहले की अवस्था थी।
  • 18वीं शताब्दी के यूरोप ने मध्य वर्ग को पनपने में सहायता की। यह वर्ग शिक्षा प्राप्त वर्ग था तथा तब के कुछेक राजनीतिक विचारकों से काफी प्रभावित था। इन विचारकों में जॉन, लॉक, माण्टेस्क्यू, रूसों आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। इन्होंने लोगों में स्वतंत्रता, एकता, समानता के विचारों का प्रयार किया एवं शक्तियों के केन्द्रीकरण के विरुद्ध आवाज उठायी।
  • फ्रांस की क्रांति से पूर्व अमेरिका में हो रहे स्वतंत्रता संग्राम ने भी फ्रांस में क्रांति के वातावरण को स्फूर्ति प्रदान की।
  • फ्रांस क्रांति से पूर्व दिवालियापन के कगार पर था। 1787 में यह प्रयास किया गया के देश को वित्तीय संकट से बचाने के लिए अमीर वर्ग अपना कुछ योगदान दें। उनके इंकार करने पर देश में आर्थिक संकट की स्थिति बन गई। तब क्रांति रूपी घटना कोई अधिक दूर नहीं थी।

फ्रांसीसी क्रांति प्रश्न उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 2.
फ्रांसीसी समाज के किन तबकों को फ्रांति का फायदा मिला? कौन से समूह सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर हो गए? क्रांति के नतीजों से समाज के किन समूहों को निराशा हुई होगी?
उत्तर-

  • फ्रांसीसी क्रांति से फ्रांसीसी समाज के जिन तबकों को फायदा हुआ था वह लोग थे-बड़े-बड़े व्यापारी, सौदागार, सरकारी कर्मचारी, वकील अर्थात् एक शब्द में मध्य वर्ग-तब के फ्रांस का तीसरा एस्टेट।
  • क्रांति के फलस्वरूप जिन समूहों को सत्ता छोड़ने पर मजबूर किया गया, वह वर्ग था पादरी तथा समान्त अर्थात् तब के समाज के पहले दो बड़े एस्टेट।
  • क्रांति से जिस फ्रांसीसी समाक के वर्ग को निराशा हुई, उनमें सम्मिलित लोग थे किसान गरीब तथा महिलाएं।

HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 1 फ्रांसीसी क्रांति

HBSE 9th Class History Chapter 1 फ्रांसीसी क्रांति प्रश्न 3.
19वीं व 20वीं सदी की दुनिया के लिए फ्रांसीसी क्रांति कौन-सी विरासत छोड़ गई? .
उत्तर-
फ्रांसीसी क्रांति 18वीं शताब्दी में हुई थी 1789 में। यह क्रांति अनेक पहलुओं में महत्त्वपूर्ण समझी जाती है। 19वीं व 20वीं सदी की दुनिया के लिए फ्रांसीसी क्रांति ने, मोटे रूप से, निम्नलिखित विरासत छोड़ी थी-

  • इस क्रांति ने फ्रांस के लोगों को क्रांति के मंच पर ला खड़ा किया। इस क्रांति ने दुनिया को यह बता दिया कि क्रांति समाज के राजनीतिक व सासायनिक ढांचे को बदल सकती है।
  • इस क्रांति ने यूरोप के मानचित्र को सदा के लिए परिवर्तित कर दिया। यह परिवर्तन जितना सामाजिक था, उतना ही राजनीतिक।
  • इस क्रांति ने आने वाली सन्तानों के मन-मस्तिष्क पर स्वंतत्रता व समानता को गहरी छाप छोड़ दी। “लोग स्वतंत्र व समान पैदा होते है”, “स्वतंत्रता, समानता, बन्धुत्व आदि इस क्रांति के महत्त्वपूर्ण नारे थे जिन्होंने आने वाली शताब्दियों में लोगों के लिए मूल मंत्र के कार्य किये थे।’
  • इस क्रांति ने यह संकेत दिया कि अत्याचारी : राजतंत्र व निरंकुश व्यवस्था के दिन समाप्त हो गए हैं।
  • इस क्रांति ने लोकतंत्र की नींव डालने का भी प्रयास किया। 19वीं व 20वीं सदी लोकतंत्र की शताब्दियां बन गई।

प्रश्न 5.
उन जनवादी अधिकारों की सूची बनाएं जो आज हमें मिले हुए हैं और जिनका उद्गम फ्रांसीसी क्रांति में हुआ?
उत्तर-
निम्नलिखित रूप में हम उन स्वंतत्रताओं व अधिकारों का वर्णन कर सकते हैं जो आज हमें प्राप्त हैं तथा जिनका उद्गम फ्रांसीसी क्रांति में देखा जा सकता है अधिकारों के सम्बन्ध में फ्रांसीसी क्रांति व भारतीय संविधान में अनेक प्रयोजन समान हैं।

अधिकार (फ्रांसीसी क्रांति) :

  1. लोग स्वतंत्र पैदा होते हैं, स्वतंत्र रहते है तथा अधिकारों में समान होते हैं।
  2. वह अधिकार जिनका सम्बन्ध स्वतंत्रता, समानता, सम्पति सुरक्षा तथा अत्याचार का प्रतिरोध आदि।
  3. एक राष्ट्र के रूप में लोग सम्प्रभुत्ता सम्पन्न है।
  4. नागरिक, कानून के समक्ष समान हैं।
  5. किसी को भी कानून के अधिकार के बिना बन्दी नहीं बनाया जा सकता।
  6. प्रत्येक नागरिक भाषण दे सकता हैं, लिख सकता है, विचारों की अभिव्यक्ति कर सकता हैं।

अधिकार (भारतीय संविधान) :

  1. समानता व स्वतंत्रता के अधिकार।
  2. स्वतंत्रता, जीवन, सम्पति के अधिकार।
  3. भारत का संविधान भारत के लोगों को सम्प्रभु मानता है।
  4. कानून का शासन।
  5. लोगों को प्राप्त स्वतंत्रताएं।
  6. स्वतंत्रता का अधिकार अनेक स्वतंत्रताएं।

प्रश्न 5.
क्या आप इस तर्क से सहमत हैं कि सार्वभौमिक अधिकारों के संदेश में नाना अंतर्विरोध थे?
उत्तर-
अधिकारों को तभी वास्तविक कहा जा सकता है जब वे सबको समान रूप से प्राप्त हों। यदि किसी समाज में कुछ को अधिकार प्राप्त हों तथा कुछ को न हों, तो वह न तो व्यवहारिक हो सकता है और न ही वास्तविक एवं सार्वभौमिक क्रांति से पूर्व फ्रांस में पादरी व सामन्ती वर्गों को विशेषाधिकार प्राप्त थे, तीसरे वर्ग को वैसी सुविधाएं प्राप्त नहीं थीं। इसी प्रकार क्रांति के पश्चात् फ्रांस में अधिकारों का प्रयोजन सम्पत्ति वाले लोगों के लिए था, किसानों व गरीबों के लिए नहीं था, पुरुषों के लिए तो था, महिलाओं के लिए नहीं था। अतः स्पष्ट है कि यदि सार्वभौतिक अधिकारों का संदेश सबके लिए एक समान नहीं है तो यह परस्पर अंतर्विरोध का संकेत होता है।

प्रश्न 6.
नैपालियन के उदय को कैसे समझा जा सकता हैं?
उत्तर-
फ्रांसीसी क्रांति (1789) के पश्चात् लगभग अगले दो वर्षों की स्थिति फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता व तोड़-फोड़ एवं संकट की स्थिति थी। 1791 को संविधान ने भले ही फ्रासं में संवैधानिक की स्थापना की हो, परन्तु राजनीतिक अस्थिरता का वातावरण बना रहा 1792 से 1794 तब रोबेस्प्येर के समय फ्रांसीसी गणराज्य की स्थापना हुई परन्तु यह काल भी आतंक का काल माना जाता है। 1794 में डिरेक्ट्री के शासन ने भी फ्रांस को राहत नहीं थी। 1799 में नैपोलियन की विजयों ने फ्रांस की स्थिति सुधारा, परन्तु बाद में वह स्वयं फ्रांस का सम्राट् बन बैठा। 1815 में वाटरलू के युद्ध में उसकी हार हुई थी।

HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 1 फ्रांसीसी क्रांति

HBSE 9th Class History फ्रांसीसी क्रांति Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
फ्रांस में राजतंत्र का अंत कब हुआ? उत्तर-1789 की क्रांति के पश्चात्।

प्रश्न 2.
बास्तील क्या था?
उत्तर-
बास्तील एक किले की भांति था जो लुई सोलहवें से सम्बन्धित था। इसके पतन के साथ फ्रांसीसी क्रांति जुड़ी हुई मानी जाती है।

प्रश्न 3.
1789 में क्रांति के समय फ्रांस के सम्राट कौन थे?
उत्तर-
क्रांति से पूर्व फ्रांसीसी मुद्रा की एक इकाई, इसे 1794 में समाप्त कर दिया था।

प्रश्न 4.
लिने क्या था?
उत्तर-
क्रांति से पूर्व फ्रांसीसी मुद्रा की एक इकाई, इसे 1794 में समाप्त कर दिया था।

प्रश्न 5.
पुरानी राज्य व्यवस्था से क्या अभिप्राय था?
उत्तर-
1789 से पूर्व की फ्रांसीसी व्यवस्था को पुरानी राज्य व्यवस्था कहा जाता था।

प्रश्न 6.
पहली व दूसरी एस्टेट में कौन शामिल थे?
उत्तर-

  1. पहली एस्टेट में पादरी वर्ग।
  2. दूसरी एस्टेट में सामन्त वर्ग।

प्रश्न 7.
टाइद क्या थे?
उत्तर-
टाइद एक प्रकार का कर था जो किसानों से चर्च प्राप्त करता था। यह व्यवस्था क्रांति से पूर्व के दिनों __ में विद्यमान थी।

प्रश्न 8.
टाइल क्या थे?
उत्तर-
टाइल वह कर था जो तीसरे एस्टेट द्वारा सीधे राज्य को प्राप्त होता था। ,

प्रश्न 9.
समाज के उन वर्गों का वर्णन कीजिए जिन्हें फ्रांस में तीसरी एस्टेट में सम्मिलित किया जाता । था।
उत्तर-
बड़े-बड़े व्यापारी, सौदागर, अदालती कर्मचारी, वकील आदि। इनके नीचे किसान, कारीगर, मजदूर आदि थे। निम्न आरेख फ्रांस में तीनों एस्टेट के लोगों को वर्णित करता है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 1 फ्रांसीसी क्रांति

प्रश्न 10.
आजीविका संकट से आपका क्या अभिप्राय था?
उत्तर-
आजीविका संकट से अभिप्राय उस स्थिति से था जिसमें लोगों के खाने-पीने के भी लाले पड़ जाते थे।

प्रश्न 11.
जॉन लॉक द्वारा लिखी गई पुस्तक का नाम बताइए।
उत्तर-
टू ट्राइजिज ऑन गवर्नमैंट।

प्रश्न 12.
सोशल कान्ट्रेक्ट लिखने वाले दार्शनिक का नाम बताइए।
उत्तर-
रूसो।

प्रश्न 13.
माण्टेस्क्यू कौन था? उसकी रचना का नाम बताइए।
उत्तर-
माण्टेस्क्यू एक फ्रांसीसी विचारक थां उसकी रचना का नाम था : द स्पीरिट ऑफ लॉज।

प्रश्न 14.
एस्टेट्स जनरल क्या थी?
उत्तर-
एस्टेट्स जनरल एक राजनीतिक संस्था थी जिसमें तीनों एस्टेट्स के प्रतिनिधि सम्मिलित होते थे।

प्रश्न 15.
मिराब्यो कौन था? ।
उत्तर-
मिराब्यो तीसरी एस्टेट का एक नेता था जिसके सदस्यों अपने आपको राष्ट्रीय असेंम्बली घोषित कर दिया था।

प्रश्न 16.
आबेसिए कौन था?
उत्तर-
मिराब्यो की भांति आबेसिए राष्ट्रीय असेंम्बली का एक नेता था। वह इश्तहार लिखने वाला विद्वान था। उसने “तीसरा एस्टेट क्या है” की रचना की थी।

प्रश्न 17.
मेनर क्या था?
उत्तर-
मेनर ऐसा प्रयोजन था जिसमें सामन्त/कुलीन का भूमि व उसका महल सम्मिलित किए जाते थे।

प्रश्न 18.
‘टूटी हुई जंजीर’ प्रतीक से क्या अर्थ था?
उत्तर-
क्रांति से पूर्व दासों को जंजीरों से बांधा जाता था। टूटी हुई जंजीर (हथकड़ी) उनकी स्वंतत्रता का प्रतीक थी।

प्रश्न 19.
‘छड़ो का बींदार गटुर’ किसका प्रतीक था? . .
उत्तर-
‘एकता में ही बल’ होता है।

प्रश्न 20.
“त्रिभुज के अंदर रोशनी गिखेरती आंख’ किसका प्रतीक हैं?
उत्तर-
सर्वदर्शी आंख ज्ञान का प्रतीक है। सूर्य किरणों अज्ञान रूपी अंधेर को मिटा देंगी।

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प्रश्न 21.
‘राजदण्ड’ से आपका क्या अभिप्राय
उत्तर-
शाही सत्ता।

प्रश्न 22.
‘अपनी पूंछ मुंह में लिए सांप’ किसका प्रतीक समझा गया हैं? –
उत्तर-
समानता का प्रतीक।

प्रश्न 23.
“लाल फ्राइजियन टोपी” का मतलब क्या हैं?
उत्तर-
दासों द्वारा स्वतंत्र होने के बाद पहनी जाने वाली टोपी।

प्रश्न 24.
“नीला-सफेद-लाल” किसका प्रतीक
उत्तर-
फ्रांस के राष्ट्रीय रंग में यह तीनों रंग शामिल होते हैं।

प्रश्न 25.
“नों वाली स्त्री” क्या है?
उत्तर-
कानून के मानवीय रूप को डैनों वाली स्त्री कहा जाता था।

प्रश्न 26.
14 जुलाई 1789 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में कैसा माहौल था?
उत्तर-
चौदह जुलाई 1789 की सुबह, पेरिस नगर में आतंक का माहौल था। सम्राट ने सेना को शहर में घुसने का आदेश दे दिया था। अफवाद थी कि वह सेना को नागरि पर गोलियां चलाने का आदेश देने वाला हैं लगभग 7,000 मर्द तथा औरतें टॉउन हॉल के सामने एकत्र हुए और उन्होंने एक जन-सेना का गठन करने का निर्णय किया। हथियारों की खोज में वे बहुत-से सरकारी भवनों में जबरन प्रदेश कर गए।

प्रश्न 27.
बास्तील का पतन किस बात का प्रतीक माना जाता है?
उत्तर-
14 जुलाई, 1789 को बास्तील का पतन फ्रांसीसी क्रांति का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सैंकड़ों __ लोगों का समूह पेरिस के पूर्वी भाग की ओर चल पड़ा तथा
वहां बास्तील किले को तोड़ डाला। उन्हें आशा थी कि इस – किले से उन्हें काफी हथियार प्राप्त होंगे किले के कमाण्डर __को मार दिया गया, कैदियों को छुड़ा दिया गया। सम्राट की निरंकुश शक्तियों का प्रतीक होने के कारण बास्तील किला लोगों की घृणा का केंद्र था। इसलिए किले को ढहा दिया गया और उसके अवशेष बाजार में उन लोगों को बेच दिए गए जो इस ध्वंस को बतौर स्मृति-चिह्न संजोना चाहते थे।

प्रश्न 28.
प्राचीन राजतंत्र से क्या अभिप्राय था? उस समय फ्रांस में उत्पन्न आजीविका संकट आम क्यों थे?
उत्तर-
1789 से पूर्व के फ्रांस को प्राचीन राजतंत्र के नाम से जाना जाता था। उस समय फ्रांस में आजीविका . संकट आम थे। बढ़ती जनसंख्या के लिए पैदावार सदैव
कम होती थी। मजदूरी की दरें मालिकों द्वारा तय होती थी। यह प्रायः बहुत कम बढ़ती थी। फलस्वरूप लोगों में रोटी-रोजी की चिन्ता बनी रहती थी। अमीरी-गरीबी में फासला दिनोंदिन बढ़ता रहता था। खाद्यान्न की कमी ही नहीं थी, अपितु इनकी कीमतें बढ़ी चली जाती थीं स्थितियां तब और बदतर हो जाती जब सूखे व ओले के कारण पैदावार गिर जाती थीं। आजीविका संकट आम हुआ करते थे।

प्रश्न 29.
लॉक, रूसों व माण्टेस्क्यू ने किस प्रकार फ्रांस के क्रांतिकारियों को प्रभावित किया?
उत्तर-
लॉक ने राजा के दैवी और निरंकुश अधिकारों के सिद्धांत का खंडन किया था। रूसों ने इसी विचार को बागे बढ़ाते हुए जनता और उसके प्रतिनिधियों के बीच एक सामाजिक अनुबंध पर आधारित सरकार का प्रस्ताव रखा। माण्टेस्क्यू ने दस्पिरिट ऑफदलॉज नामक रचना में सरकार के अदंर विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता विभाजन की बात कही। जग संयुक्त राज्य अमेरिक में 13 उपनिवेशों ने ब्रिटेन से खुद को आजाद घोषित कर दिया तो वहां इसी मॉडल की सरकार बनी। फ्रांस के लोगों ने इन दार्शनिकों के विचारों से प्रेरणा ली थी।

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प्रश्न 30.
पुस्तक के स्रोत (क) से लिए गए निम्नलिखित वर्णन में यंग क्या संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं? ‘गुलामों’ से उनका क्या बाश्य है? वह किसकी आलोचना कर रहे हैं, सन् 1787 में उन्हें किन खतरों का आभास होता है? ‘सेवा-टहल में लगे अपने गुलामों, खासतौर पर उनके साथ बुरा व्यवहार करने वाले को पता होना चाहिए। कि इस तरह वह अपनी जिंदगी को ऐसी स्थिति में डाल रहा है जो उस स्थिति से बिल्कुल भिन्न होती जिसमें उसने मुक्त लोगों की सेवाएं ली होती और उनसे बेहतर बर्ताव करता। जो अपने पीड़ितों की कराह सुनते हुए भोज उड़ाना पसंद करते हैं उन्हें दंगे के दौरान अपनी बेटी के अपहरण या बेटे का गला रेत दिए जाने का दुखड़ा नहीं राना चाहिए।’
उत्तर-यंग ऐसे समाज का वर्णन कर रहा है जहां गुलामी प्रचलित है वह बताता है कि गुलामों के साथ दुर्व्यवाहर किया जा रहा है। वह सम्भ्रात व्यक्तियों की आलोचना करता है जिस खतरे का वह संकेत दे रहा है, वह या तो यह है कि दंगों के दौरान सामन्तों की बेटी का कोई अपहरण कर लेगा या उनके बेटे का गला काट लेगा।

प्रश्न 31.
प्राचीन राजतंत्र के अनुसार कर लगाने की अनुमति कैसे ली जाती थी? एस्टेट्स जनरल की बैठल कब तथा क्यों बुलाई जाती थी?
उत्तर-
प्राचीन राजतंत्र के तहत फ्रांसीसी सम्राट अपनी मर्जी से कर नहीं लगा सकता था। इसके लिए उसे एस्टेट्स जनरल (प्रतिनिधि सभा) की बैठक बुला कर नए करों के अपने प्रस्तावों पर मंजूरी लेना पड़ती थी। एस्टेट्स जनरल एक राजनीतिक संस्था थी जिसमें तीनों एस्टेट अपने-अपने प्रतिनिधि भेजते थे। लेकिन सम्राट ही यह निर्णय करता था कि इस संस्था की बैठक कब बुलाई जाए। इसकी अंतिम बैठक सन् 1614 में बुलाई गई थी।

प्रश्न 32.
तृतीय एस्टेट के प्रतिनिधि मध्य में एक मेज पर खड़े असेंबली अध्यक्ष बेयली की ओर हाथ उठाकर शपथ लेते हैं। क्या आप मानते हैं कि उस समय बेयली निर्वाचित प्रतिनिधियों की ओर पीठ करके खड़ा रहा होगा? बेयली को इस तरह दर्शाने (पुस्तक के पृष्ठ 9 में चित्र 5) के पीछे छेविड का क्या इरादा प्रतीत होता है?
उत्तर-
बेयली मध्य में एक मेज पर खड़े असेंम्बली में जमा प्रतिनिधियों को प्रेरित करना चाहता था। चित्र में वह जमा प्रतिनिधियों की ओर पीठ करके दिखाया गया है। डेविड कलाकार ने ऐसा करके यह दर्शाया है कि बेयली राष्ट्रीय असेंबली के प्रतिनिधियों का नेतृत्व कर रहा है।

प्रश्न 33.
जॉर्ज दान्तन ने पढ़ाई पूरी करने के बाद के समय को याद करते हुए 1793 में अपने मित्र को निम्नलिखित लिखा था। इस लिखित वर्णन का अध्ययन कीजिए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों का उत्तर-
दीजिए।

“मैं प्लेसिस के आवासीय कॉलेज में था। वहाँ मुझे कई महत्त्वपूर्ण लोगों का सान्निध्य मिला…। पढ़ाई पूरी होने के बाद बेकारी के दिनों में मै। नौकरी की तलाश में जट गया। पेरिस के न्यायालय में नौकरी मिलनी असंभव थी। सेना में नौकरी का विकल्प भी मेरे लिए नहीं था क्योंकि मैं न तो जन्मजात कुलीन था और न ही मेरा कोई संरक्षक था। चर्च भी मुझे आसरा नहीं दे सका। मैं कोई ओहदा भी खरीदने की स्थिति में नहीं था क्योंकि मेरी जेब में एक सू (फ्रासीसी पैसाऋ तक नही था। पुराने दोस्तों ने भी मुँह मोड़ लिया था। व्यवस्था ने हमें पढ़ा-लिखा तो दिया था लेकिन हमारी प्रतिभा के इस्तेमाल के अवसर उपलब्ध नहीं कराए थे।’

(1) कानूनी अदालत में दान्तन को नौकरी क्यों नहीं मिल पायी थी?
उत्तर-
फ्रांस में उन दिनों शिक्षा के प्रसार व नौकरी की उपलब्धि में कोई तालमेल नहीं था।

(2) वह सेना में भी नौकरी क्यों प्राप्त नहीं कर पाया था?
उत्तर-
दान्तन का सम्बन्ध कुलीन वर्ग से नहीं था। तब के फ्रांस में कुलीनों को ही सेना में नौकरी मिला करती थी। उसके पास कोई सिफारिश भी नहीं थी। वह चर्च में नौकरी इसलिए प्राप्त नहीं कर पाया कि उसके पास नौकरी प्राप्त करने के लिए रुपया-पैसा नहीं था।

प्रश्न 34.
विद्रोही प्रजा की इच्छा के समक्ष झुकते हुए सम्राट द्वारा क्या प्रतिक्रिया हुई थी? तब हुए निर्णयों का खुलासा कीजिए।
उत्तर-
अपनी विद्रोही प्रजा की शक्ति का अनुमान करके लुई XVI ने अंततः नैशनल असेंबली को मान्यता दे दी और यह भी मान लिया कि उसकी सत्ता पर अब से संविधान का अंकुश होगा 14 अगस्त, 1789. की रात को असेंबली ने करों, कर्तव्यों और बंधनों वाली सामंती व्यवस्था के उन्मूलन का आदेश पारित किया। पादरी वर्ग के लोगों को भी अपने विशेषाधिकारों को छोड़ देने के लिए विवश किया गया। धार्मिक कर दिया गया और चर्च के स्वामित्व वाली भूमि जब्त कर ली गई। इस प्रकार कम से कम 20 अरब लिने की संपत्ति सरकार के हाथ में आ गई।

प्रश्न 35.
1791 के संविधान की मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-
1791 के संविधान की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित को बताया जा सकता है
(1) फ्रांसीसी सम्राट की शक्तियाँ सीमित कर दी गई।
(2) शक्तियाँ विधायिका, कार्यपालिका, एवं न्यायपालिका आदि संस्थाओं में विभाजित कर दी गई।
(3) फ्रांस में संवैधानिक राजतंत्र लागू कर दिया गया।’
(4) कानून बनाने वाली संस्था राष्ट्रीय असेंबली के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रखा गया।
(5) केवल 25 वर्ष तथा उससे अधिक आयु वाले पुरुषों को ही मताधिकार प्राप्त था। इन्हें ही सक्रिय नागरिक कहा जाता था, क्योंकि वे तीन दिन तक की मजदूरी के बराबर कर दिया करते थे।
(6) संविधान में पुरुष एवं नागरिक अधिकार शोषण पत्र की व्यवस्था की गई थी। इसमें जीवन स्वतंत्रता, सम्पत्ति आदि के अधिकारों का उल्लेख किया गया था।

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प्रश्न 36.
राष्ट्रीय असेंबली ने प्रशिया व आस्ट्रिया पर आक्रमण क्यों किया? इस घटना का लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
यद्यपि फ्रांसीसी सम्राट ने 1191 के संविधान पर हस्ताक्षर कर दिये थे, फिर भी वह अपनी शक्तियों को बनाए रखने के लिए पड़ोसी राज्यों से साँठ-गाँठ कर अपनी स्थिति सुधारना चाहता था। प्रशिया व आस्ट्रिया के शासकों के साथ गुप्त संधि करके लुई सोलहवाँ अपने लोगों को नाराज कर बैठा। इसका परिणाम यह हुआ कि राष्ट्रीय असेंबली ने प्रशिया व आस्ट्रिया पर आक्रमण कर दिया।
लोगों ने हजारों की संख्या में आक्रमण में भाग लिया तथा अपनी देशभक्ति का प्रमाण दिया, स्वयंसेवियों ने कवि रागेट द्वारा रचित गीत गाकर पेरिस पर मार्च किया।
बाद में सम्राट पर देशद्रोह का मुकदमा चलाकर राष्ट्रीय असेंबली ने उसे मृत्यु दण्ड दिया था। तब फ्रांस को गणराज्य घोषित किया गया था।

प्रश्न 37.
मैक्सीमिलियन रोबेस्प्येर कौन था? उसके काल को आतंक का काल क्यों कहा जाता था?
उत्तर-
मैक्सीमिलियन जैकोबिनों का नेता था जो अपने क्लबों में सजनीतियों नीतियों पर विचार-गोष्ठी करते रहते थे। जब जैकाबिनों को फ्रांस की सत्ता प्राप्त हुई तब रोबेस्प्येर के हाथों में शक्ति आ गई। रोबेस्प्येर ने सख्ती से शासन किया तथा जो लोग उसके विचारों व नीतियों से सहमत नही होते थे, वह गिलोटिन तरीके से उन्हें मृत्यु दण्ड दिया करता था। गिलोटिन में दो खम्बों में लटकते – आरे से सिर काट लिया जाता था। इस कारण उसके शासन काल को आतंक का काल कहा जाता था। उसके पतन पर उसको भी स्वयं गिलोटिन का शिकार होना पड़ा था।

प्रश्न 38.
सम्राट घोषित किये जाने के पश्चात् नैपोलियन बोनापार्ट की गतिविधियों पर एक संक्षिप्त नोट लिखिए।
उत्तर-
1804 ई. में नैपोलियन बोनापार्ट ने अपने आपको फ्रांस का सम्राट घोषित कर दिया। साथ ही, वह अन्य यूरोपीय देशों की विजय अभियान में जुट गया। वह अपने आपको यूरोप का मसीहा बनाने के स्वप्न देखने लगा। उसने अनेक कानून लागू किए जिनमें सम्पत्ति की रक्षा तथा माप-तोल प्रणाली आदि थे। परन्तु शीघ्र ही वह एक अधिनायकवादी के रूप में उभरने लगा। अंततः 1815 में वाटरलू की लड़ाई में उसे पराजय प्राप्त हुई।

प्रश्न 39.
फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
स्वतंत्रता व लोकतांत्रिक अधिकारों के विचार फ्रांसीसी क्रांति के महत्त्वपूर्ण मूलमंत्र कहे जा सकते हैं। ये विचार पूरे यूरोप में फैल गए। शीघ्र ही इन विचारों की छाप संसार के दूसरे क्षेत्रों पर भी पड़ी। भारत में टीपू सुल्तान व राजा राममोहन राय भी फ्रांसीसी क्रांति से काफी प्रभावित हुए थे। इस क्रांति से पूरे यूरोप में क्रांतिकारिता की लहर दौड़ गई।

प्रश्न 40.
उन परिस्थितियों का वर्णन कीजिए जो यह दर्शाती हों कि 1789 की क्रांति से पूर्व फ्रांस किस प्रकार संकट में घिरा हुआ था?
उत्तर-
सन् 1774 में बूढे राजवंश का लुई XVI खफ्रांस की राजगद्दी पर आसीन हुआ उस समय उसकी उम्र केवल बीस साल थी और उसका विवाह ऑस्ट्रिया की राजकुमारी मेरी एन्तोएनेत से हुआ था। राज्यारोहण के समय उसने राजकोष खाली पाया। लंबे समय तक चले युद्धों के कारण फ्रांस के वित्तीय संसाधन नष्ट हो चुके थे। वर्साय (Versailles) के विशाल महल और दाजदरबार की शानो-शौकत बनाए रखने की फिजूलखर्ची का बोझ अलग से था। लुई XVI के शासनकाल में फ्रांस ने अमेरिका के 13 उपनिवेशों को साझा शत्रु ब्रिटेन से आजाद कराने में सहायता दी थी। इस युद्ध के चलते फ्रांस पर दस अरब लिने से भी अधिक का कर्ज और जुड़ गया जबकि उस पर पहले से ही दो अरब लिने का बोझ चढ़ा हुआ था। सरकार से कर्जदाता अब 10 प्रतिशत ब्याज की माँग करने लगे थे। फलस्वरूप फ्रांसीसी सरकार अपने बजट का बहुत बड़ा हिस्सा दिनोंदिन बढ़ते जा रहे कर्ज को चुकाने पर ही खर्च करने को मजबूर थी। अपने नियमित ख) जैसे, सेना के रख-रखाव, राजदरबार, सरकारी कार्यालयों या विश्वविद्यालयों को चलाने के लिए फ्रांसीसी सरकार करों में वृद्धि के लिए बाध्य हो गई।

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प्रश्न 41.
1789 से पूर्व फ्रांसीसी समाज के विभिन्न गुटों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
अठारहवीं सदी में फ ांसीसी समाज तीन एस्टेट्स में बँटा था और केवल तीसरे एस्टेट के लोग (जनसाधारण) ही कर अदा करते थे। ___ वर्गों में विभाजित फ्रांसीसी समाज मध्यकालीन सामंती व्यवस्था का अंग था। ‘प्राचीन राजतंत्र’ पद का प्रयोग सामान्यतः सन् 1789 से पहले के फ्रांसीसी समाज एवं संस्थाओं के लिए होता है।
चित्र 2 फ्रांसीसी समाज की वर्ग-व्यवस्था को दर्शाता है। पूरी आबादी में लगभग 90 प्रतिशत किसान थे। लेकिन, ज़मीन के मालिक किसानों की संख्या बहुत कम थी। लगभग 60 प्रतिशत ज़मीन पर कुलीनों, चर्च और तीसरे एस्टेट्स के अमीरों का अधिकार था। प्रथम दो एस्टेट्स, कुलीन वर्ग एवं पादरी वर्ग के लोगों को कुछ विशेषाधिकार जन्मना प्राप्त थे। इनमें से सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषाधिकार था–राज्य को दिए जाने वाले करों से छूट। कुलीन वर्ग को कुछ अन्य सामंती विशेषाधिकार भी हासिल थे। वह किसानों से सामंती कर वसूल करता था। किसान अपने स्वामी की सेवा–स्वामी के घर एवं खेतों में काम करना, सैन्य सेवाएँ देना अथवा सड़कों के निर्माण में सहयोग आदि–करने के लिए बाध्य थे।
चर्च भी किसानों से करों का एक हिस्सा, टाइद (Tithe, धार्मिक कर) के रूप में वसूलता था। ऊपर से तीसरे एस्टेट के तमाम लोगों को सरकार को तो कर चुकाना ही होता था। इन करों में टाइल (Taille, प्रत्यक्ष कर ) और अनेक अप्रत्यक्ष कर शामिल थे। अप्रत्यक्ष कर नमक और तम्बाकू जैसी रोज़ाना उपभोग की वस्तुओं पर लगाया जाता था। इस प्रकार राज्य के वित्तीय कामकाज का सारा बोझ करों के माध्यम से जनता वहन करती थी।

प्रश्न 42.
फ्रांस में 1793 से 1794 के काल को आतंक का युग क्यों कहा जाता था?
उत्तर-
सन् 1793 से 1794 तक के काल को आतंक का युग कहा जाता है। रोबेस्प्येर ने नियंत्रण एवं दंड की सख्त नीति अपनाई। उसके हिसाब से गणतंत्र के जो भी शत्रु थे – कुलीन एवं पादरी, अन्य राजनीतिक दलों के सदस्य, उसकी कार्यशैली से असहमति रखने वाले पार्टी सदस्य – उन सभी को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया और एक क्रांतिकारी न्यायालय द्वारा उन पर मुकदमा चलाया गया। यदि न्यायालय उन्हें ‘दोषी’ पाता तो गिलोटिन . पर चढ़ाकर उनका सिर कलम कर दिया जाता था।
गिलोटिन दो खंभों के बीच लटकते आरे वाली मशीन था जिस पर रख कर अपराधी का सिर धड़ से अलग कर दिया जाता था। इस मशीन का नाम इसके आविष्कारक  डॉ. गिलोटिन के नाम पर पड़ा।

रोबेस्प्येर सरकार ने कानून बना कर मज़दूरी एवं कीमतों की अधिकतम सीमा तय कर दी। गोश्त एवं पावरोटी की राशनिंग कर दी गई। किसानों को अपना अनाज शहरों में ले जाकर सरकार द्वारा तय कीमत पर बेचने के लिए बाध्य किया गया। अपेक्षाकृत महँगे सफ़ेद आटे के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई। सभी नागरिकों के लिए साबुत गेहूँ से बनी और बराबरी का प्रतीक मानी जाने वाली, ‘समता रोटी’ खाना अनिवार्य कर दिया गया। बोलचाल और संबोधन में भी बराबरी का आचार-व्यवहार लागू करने की कोशिश की गई। परंपरागत मॉन्स्यूर (महाशय) एवं मदाम (महोदया) के स्थान पर अब सभी फ़्रांसीसी पुरुषों एवं महिलाओं को सितोयेन (नागरिक) एवं सितोयीन (नागरिका) नाम से संबोधित किया जाने लगा। चर्चों को बंद कर दिया गया और उनके भवनों को बैरक या दफ् तर बना दिया गया।

रोबेस्प्येर ने अपनी नीतियों को इतनी सख्ती से लागू किया कि उसके समर्थक भी त्राहि-त्राहि करने लगे। अंततः जुलाई 1794 में न्यायालय द्वारा उसे दोषी ठहराया गया और गिरफ्तार करके अगले ही दिन उसे गिलोटिन पर चढ़ा दिया गया।

प्रश्न 43.
क्या आप समझते हैं कि 1789 की फ्रांसीसी क्रांति महिलाओं के लिए भी क्रांति थी?
उत्तर-
महिलाएँ शुरू से ही फ़ासीसी समाज में इतने अहम परिवतर्न लाने वाली गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थीं। उन्हें उम्मीद थी कि उनकी भागीदारी क्रांतिकारी सरकार को उनका जीवन सुधारने हेतु ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगी। तीसरे एस्टेट की अधिकांश महिलाएँ जीविका निर्वाह के लिए काम करती थीं। वे सिलाई-बुनाई, कपड़ों की धुलाई करती थीं, बाजारों में फल-फूल-सब्जियाँ बेचती थीं अथवा संपन्न घरों में घरेलू काम करती थीं।

बहुत सारी महिलाएँ वेश्यावृत्ति करती थीं। अधिकांश . महिलाओं के पास पढ़ाई-लिखाई तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण के मौके नहीं थे। केवल कुलीनों की लड़कियाँ अथवा तीसरे एस्टेट के धनी परिवारों की लड़कियाँ ही कॉन्वेंट में पढ़ पाती थीं, इसके बाद उनकी शादी कर दी जाती थी। कामकाजी महिलाओं को अपने परिवार का पालन-पोषण भी करना पड़ता था–जैसे खाना पकाना, पानी लाना, लाइन लगा कर पावरोटी लाना और बच्चों की देख-रेख आदि करना। उनकी मज़दूरी पुरुषों की तुलना में कम थी।

महिलाओं ने अपने हितों की हिमायत करने और उन पर चर्चा करने के लिए खुद के राजनीतिक क्लब शुरू किए और अखबार निकाले। फ्रांस के विभिन्न नगरों में महिलाओं के लगभग 60 क्लब अस्तित्व में आए। उनमें ‘द सोसाइटी ऑफ रेवलूशनरी एंड रिपब्लिकन विमेन’ सबसे मशहूर क्लब था। उनकी एक प्रमुख माँग यह थी कि महिलाओं को पुरुषों के समान राजनीतिक अधिकार प्राप्त होने चाहिए। महिलाएँ इस बात से निराश हुईं कि 1791 के संविधान में उन्हें निष्क्रिय नागरिक का दर्जा दिया गया था। महिलाओं ने मताधिकार, असेंबली के लिए चुने जाने तथा राजनीतिक पदों की माँग रखी। उनका मानना था कि तभी नई सरकार में उनके हितों का प्रतिनिधित्व हो पाएगा।

राजनीतिक अधिकारों के लिए महिलाओं का संघर्ष जारी रहा। आतंक राज के दौरान सरकार ने. महिला क्लबों को बंद करने और उनकी राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून लागू किया। कई जानी-मानी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया और उनमें से कुछ को फाँसी पर चढ़ा दिया गया।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नलिखित रिक्त स्थानों को दिए गए उपयुक्त शब्दों से पूरा करें।

(i) ……. किला क्रांतिकारियों द्वारा नष्ट कर दिया गया। (बास्तील, वर्साय)
(ii) ……. प्रथम एस्टेट के रूप में प्रसिद्ध था। (पादरी, कुलीन)
(iii) लिने मुद्रा की एक इकाई थी। इस इकाई का सम्बन्ध ………. था। (अमेरिका, फ्रांस)
(iv) लुई सोलहवाँ ……… में फ्रांस के सिंहासन पर बैठा था। . (1775, 1774)
(v) ……. नामक विचारक का फ्रांसीसी क्रांति पर काफ़ी प्रभाव पड़ा था। (मार्क्स, रूसो)
(vi) नैपोलियन 1815 में …….. युद्ध में हार गया था। (वाटरलू, एलपैप)
(vii) रोबेस्पयेर के काल को ……. के काल से जाना जाता है। (आतंक, शक्ति)
(viii) ओलम्प दे गूज …… महिला नेता थीं। (क्रांतिकारी, प्रतिक्रियावादी)
उत्तर-
(i) बास्तील,
(ii) पादरी,
(iii) फ्रांस,
(iv)1774,
(v) रूसो,
(vi) वाटरलू, आतंक,
(viii) क्रांतिकारी।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित में सही (√) व गलत (x) की पहचान करें।

(i) पुरुष व नागरिक के अधिकार घोषणा पत्र का सम्बन्ध अमरीकी स्वतंत्रता संग्राम से था।
(ii) फ्रांसीसी क्रांति से प्रभावित एक भारतीय टीपू सुल्तान था तथा दूसरा स्वामी विवेकानन्द।
(iii) अंततः दासता 1848 में फ्रांस में समाप्त कर दी गई थी।
(iv) रोबेस्प्येर जैकोबिनों को नेता था।
(v) मार्सिलेबो फ्रांस का राष्ट्रीय गीत है।
(vi) फ्रांस 1789 में गणराज्य घोषित किया गया था।
(vii) नैपोलियन को 1804 में फ्रांसीसी गणराज्य का राष्ट्रपति बनाया गया था।
(viii) राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की थी।
उत्तर-
(i) x,
(ii) x,
(iii) √,
(iv) √,
(v) √,
(vi) x,
(vii) x,
(viii) √.

प्रश्न 3. निम्नलिखित में दिए गए विकल्पों में सही का चयन कीजिए।

(i) फ्रांसीसी फ्रांति निम्नलिखित वर्ष हुई थी
(a) 1776
(b) 1789
(c) 1814
(d) 1830
उत्तर-
(b) 1789

(ii) आतं के शासन का निम्नलिखित काल था
(a) 1789-1790
(b) 1790-1791
(c) 1792-1793
(d) 1794-1795
उत्तर-
(c) 1792-1793

(iii) डायरेक्ट्री एक ऐसी कार्यपालिका था जिसके सदस्य थे
(a) 3
(b) 4
(c) 5
(d) 6
उत्तर-
(c) 5

(iv) फ्रांस में महिलाओं को निम्नलिखित मताधिकार मिला था
(a) 1945
(b) 1946 सन् में
(c) 1997
(d) 1948
उत्तर-
(b) 1946 सन् में

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(v) फ्रांसीसी क्रांति के समय निम्नलिखित फ्रांस का सम्राट था-
(a) लुई तेहरवाँ
(b) लुई चौदहवाँ
(c) लुई पन्द्रहवाँ
(d) लुई सोलहवाँ
उत्तर-
(d) लुई सोलहवाँ

(vi) प्राचीन राजतंत्र का समय था
(a) 1789 से पूर्व
(b) 1789 के बाद
(c) 1979 से पूर्व व बाद का
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(a) 1789 से पूर्व

(vii) फ्रांस निम्नलिखित वर्ष गणराज्य बना था
(a) 1791
(b) 1792
(c) 1793
(d) 1794
उत्तर-
(b) 1792

(viii) इनमें निम्नलिखित ने फ्रांसीसी क्रांति में भाग लिया था
(a) रूसो
(b) रोबेस्प्येर
(c) रुजवैल्ट
(d) रैम्से मैक्डोनल्ड
उत्तर-
(b) रोबेस्प्येर

फ्रांसीसी क्रांति Class 9 HBSE Notes in Hindi

अध्याय का सार

जुलाई 1789 फ्रांस के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण – महीना व एक महत्त्वपूर्ण वर्ष कहा जा सकता है यह वह समय था जब फ्रांस में क्रांति हुई थी। यह घटना बास्तील के पतन (14 जुलाई, 1789) के साथ जोड़ी जाती है इस दिन के बाद फ्रांस में अनेक तोड़-फोड़ की घ्ज्ञटनाएं हुई तथा बाद में लुई सोलहवें को 35 वर्ष की आयु में मृत्यु दण्ड दे दिया गा था।

1789 की क्राति के अनेक कारण बताए जाते हैं जब 1774 में लुई सोलहवां फ्रांस के राजसिंहासन पर बैठा था। तब तक फ्रांस का खजाना लगभग खाली था। इसके अतिरिक्त बर्साय में अदालती खर्च भी अलग करना पड़ रहा था। प्रशासन हेतु सेना पर खर्च सो अलग। स्वयं अंग्रेजों को यह संदेह था कि फ्रांस अमरीकी स्वतंत्रता संनानियों को आर्थिक सहायता दे रहा है। सरकार को कर्ज देने वाले महाजन ब्याज की दर बढ़ाने के मनसूबे बना रहे थे। इन सबके कारण सरकार को कर लगाने की जरूरत महसूस हुई। यह कर समाज के तृतीय एस्टेट के लोगों से ही हलए जा सकते थे। पहले दो एस्टेट (पादरी तथा सामन्त) के वर्गो को तो पहले से ही विशेषाधिकार प्राप्त थे, वह करों से भी मुक्त थे। सामन्तों के अधीन किसान वर्ग तो शुरू से ही शोषित हो रहा था। पादरी किसानों से टाइद नामक कर वसूल करते थे। स्पष्ट है कि सरकार को वित्त दातित्व निभाने के लिए केवल तृतीय वर्ग से कर लेने की सम्भावना रह गई थी।

HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 1 फ्रांसीसी क्रांति

दूसरी ओर जनसंख्या में वृद्धि तथा उनकी खाद्यान्न की मांग में कोई मेल नहीं था। जनसंख्या अधिक थी तथा बढ़ रही थी। जबकि दूसरी ओर खाद्यान्नों में वृद्धि उस अनुपात में बढ़ नहीं रही थी। प्रति वर्ष रोटी के दामों में निरन्तर वृद्धि होती जा रही थी। सरकार द्वारा लोगों की समस्याओं में वृद्धि का एक अन्य कारण बढ़ती स्वास्थ्य-सुविधाओं की कमी थी। लोग सरकार द्वारा हो रही गतिविधियों से खुश नहीं थे।

18वीं शताब्दी के दौरान यूरोप में एक सामाजिक वर्ग के रूप में मध्य वर्ग का उदय हुआ। यह व्यापारी वर्ग था क्योंकि यह वर्ग पढ़ा-लिखा वर्ग था, इस कारण इस वर्ग ने सरकार से रियायतों व अधिकारों की मांग आरम्भ करनी शुरू कर दी। लॉक, रूसो तथा माण्टेस्क्यू इस वर्ग के दार्शनिक व प्रेरक थे। उन्होंने स्वतंत्रता व अधिकारों से जुड़े विचारों का विकास आरंभ किया था तथा शक्ति के केन्द्रीकरण के विरुद्ध आवाज उठायी थी।

लुई सोलहवें के समक्ष कर बढ़ाने तथा कर लगाने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं था। उसने एस्टेट जरनल, जिसमें पहले, दूसरे तथा तीसरे वर्ग के प्रतिनिधि सम्मिलित थे, का अधिवेशन 5 मई, 1789 को वर्साय में बुलाया। इन प्रतिनिधियों की संख्या 600 थी जिनमें 300 प्रतिनिधि पहले व दूसरे वर्ग से तथा 300 सदस्य तीसरे एस्टेट से लिए गए थे। मत-व्यवस्था हेजु प्रत्येक एस्टेट को एक मत दिए जाने की सम्भावना की गई थी। सम्राट ने सोचा था कि वह पहले दो वर्गों का समर्थन प्राप्त कर लेगा तथा अपने कर लगाने के सुझाव को पास कराने में सफल हो जाएगा। परन्तु तीसरे वर्ग को ऐसा प्रयास रास नहीं आना था और रास आया भी नहीं। उसने सभी एस्टेरस के सदस्यों को एकमत रखने तथा मत देने के लिए सोचा था गतिरोध होने पर तीसरे एस्टेट के नेताओं मिराब्यों और आबेसिए ने इस वर्ग की बैठक वर्साय के मैदान में बुलाई तथा उसे राष्ट्रीय असेम्बली घोषित कर दिया इस वर्ग के प्रतिनिधियों ने यह शपथ ली कि जब तक वह नया संविधान तैयार नहीं कर लेंगे तब तक वह विघटित नहीं होंगे। बास्तील के पतन तथा तोड़-फोड़ के बाद 1719 में नया संविधान तैयार कर लिया गया।

1719 के संविधान ने फ्रांस में संवैधानिक राजतंत्र की घोषणा की तथा अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रीय असेम्बली के चुनाव का प्रयोजन किया। इनसे पूर्व सामन्तवाद तथा चर्च की शक्तियों पर अकुंश लगाने की व्यवस्था की गई । इस संविधान में मानव व नागरिक के अधिकारों की घोषणा को भी सम्मिलित किया गया था।

इस बीच आस्ट्रिया तथा प्रशिया ने लुई सोलहवें के साथ गुप्त संधि की योजना बनाई ताकि क्रांतिकारियों को कुचलने के लिए फ्रांस के सम्राट को सैनिक सहायता दी .जा सके इससे पूर्व कि ऐसी कोई घटना घटती, रास्ट्रीय असेम्बली ने प्रशिया व आस्ट्रिया पर आक्रमण कर दिया तथा मार्सिले गीत गाया जो फ्रांस का राष्ट्रगान बन गया था सम्राट पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया तथा उसे एवं बाद में उसकी पत्नी को मृत्यु दण्ड दिया गया रोबेस्टप्येर के नेतृत्व में जैकोबिनों ने फ्रांस पर शासन करना शुरू किया। उनका शासन 1794 तक रहा इस शासन के दौरान फ्रांस भले ही गणराज्य घोषित किया गया था, परन्तु यह शासन आतंक के शासन के रूप में प्रसिद्ध हुआ था। रोबेस्प्येर ने अपने विरोधियों को गिलोटिन के माध्यम से मृत्यु का दण्ड देना आरंभ किया, स्वंय उसका भी गिलोटिन हुआ अर्थात् उसका सिर कलम कर दिया गया। रोबेस्प्येर की मृत्यु के पश्चात् फ्रांस में डिरेक्टी अर्थात् पांच व्यक्तियों की कार्य पालिका का शासन शुरू हुआ। यह काल फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता काल था। बाद में नैपोलियन बोनापार्ट शासक बना व अपने आपको फ्रांस का सम्राट् घोषित कर दिया। 1815 में वाटरलू के युद्ध में नैपोलियन की हार हुई।

18वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों व 19वीं शताब्दी के आरंभ के वर्षों में फ्रांस में स्वतंत्रता व अधिकारों के क्रांतिकारी विचारों का खूब प्रचार-प्रसार हुआ था।

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HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 9 The Accidental Tourist

Haryana State Board HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 9 The Accidental Tourist Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class English Solutions Moments Chapter 9 The Accidental Tourist

HBSE 9th Class English The Accidental Tourist Textbook Questions and Answers

Think about It

The Accidental Tourist Class 9 Questions And Answers HBSE Question 1.
Bill Bryson says, “I am, in short, easily confused.” What examples has he given to justify this?
(बिल ब्राईसन कहता है, “मैं आसानी से परेशान हो जाता हूँ।” इस बात को सही साबित करने के लिए वह क्या। उदाहरण देता है?)
Answer:
He says that if he goes to cinema, he has to go to lavatory for a number of times. He has to return to hotel desks two or three times to ask the number of his room.

(वह कहता है कि यदि वह सिनेमा जाता है तो इस दौरान उसे कई बार शौचालय जाना पड़ता है। उसे दो-तीन बार होटल के मेजों तक यह पूछने के लिए लौटना पड़ता है कि उसके कमरे का नंबर कितना है।)

The Accidental Tourist Class 9 Question Answer HBSE Chapter 9 Question 2.
What happens when the zip on his carry-on bag gives way?
(जब उसके थैले की जिप टूट जाती है तो क्या होता है?)
Answer:
When the zip on his carry-on bag gives way all thing fall out of bag. The newspaper cuttings and other documents rain down in a fluttery cascade. The coins bounce here and there. The lidless tin of tobacco rolls crazily disgorging its contents. These things spread over an area about the size of a tennis court.

(जब थैले की ज़िप टूट जाती है तो थैले की सारी चीजें बाहर निकल आती हैं। समाचार-पत्र की कतरनें और अन्य दस्तावेज पानी के छोटे झरने की भांति बिखर पड़ते हैं। सिक्के इधर-उधर उछल जाते हैं। बिना ढक्कन के तंबाकू की डिब्बी उन्मुक्त ढंग से अपने अंदर के पदार्थ को बाहर निकालते हुए लुढ़कती है। ये चीजें टेनिस के मैदान जितने क्षेत्र में बिखर जाती हैं।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 9 The Accidental Tourist

Question 3.
Why is his finger bleeding? What is his wife’s reaction?
(उसकी उंगली से खून क्यों बह रहा है? उसकी पत्नी की प्रतिक्रिया क्या है?)
Answer:
His finger has gashed on the zip of the carry-on bag. So it is bleeding. His wife is neither angry nor troubled at his behaviour. She is simply wondered. She says that she can’t believe him do this for a living.

(उसकी उंगली थैले की जिप के कारण घायल हो गई है। इसलिए उससे खून बह रहा है। उसकी पत्नी उसके व्यवहार पर न तो नाराज है और न ही परेशान। वह तो केवल हैरान है। वह कहती है कि उसे यकीन ही नहीं होता है कि वह आजीविका कमाने के लिए यह काम करता है।)

Question 4.
How does Bill Bryson end up in a “crash position” in the aircraft?
(बिल ब्राईसन हवाई जहाज में किस प्रकार से “कुचले जाने” से बचा?)
Answer:
Once on an aeroplane, the author leans over to tie a shoelace. Just at the moment the passenger sitting in the seat ahead of him throws his seat back into full recline. The author finds himself in a crash position. He could escape only by clawing the leg on the man sitting next to him.

(एक बार एक हवाई जहाज में, लेखक अपने जूते के फिते को बाँधने के लिए नीचे झुकता है। उसी क्षण उससे अगली सीट पर बैठा यात्री अपनी सीट को पूरा नीचे कर देता है। लेखक स्वयं को बिल्कुल कुचले जाने की स्थिति में पाता है। वह अपने आगे बैठे व्यक्ति की टाँग को नाखून से काटने के बाद ही अपने आपको बचा पाया।)

Question 5.
Why are his teeth and gums look navy blue?
(उसके दाँत और मसूढे गहरे नीले रंग के क्यों दिखाई देते हैं?)
Answer:
While talking to a sweet lady in the aeroplane, the author was sucking his pen. The pen leaks. So his teeth and gums look ‘navy blue’.

(हवाई जहाज में एक प्यारी महिला से बात करते समय, लेखक अपने पैन को चूस रहा था। पैन लीक हो गया। इसलिए उसके दाँत और मसूढ़े गहरे नीले रंग के दिखाई दे रहे हैं।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 9 The Accidental Tourist

Question 6.
Bill Bryson “ached to be suave”. Is he successful in his mission? List his ‘unsuave’ ways.
(बिल ब्राईसन को “विनम्र रहने में पीड़ा” होती है। क्या वह अपने लक्ष्य में सफल रहता है? उसके ‘अशिष्ट’ कार्यों की सूची बनाइए।)
Answer:
Bill Bryson is ached to be suave. He is fully successful in his mission. He performs many unsuave’ actions. He knocks soft drink onto the lap of a sweet lady in the aeroplane. He sits several times on chewing gum, ice cream, cough syrup and motor oil.

(बिल ब्राईसन को विनम्र रहने में पीड़ा होती है। वह अपने लक्ष्य में पूर्ण सफल रहता है। वह कई ‘अशिष्ट’ कार्य करता है। वह हवाई जहाज में एक प्यारी महिला के पल्ले पर शीतल पेय उड़ेल देता है। वह कई बार चुइंगम, आईसक्रीम, खांसी की दवाई और मोटर ऑयल पर बैठ जाता है।)

Question 7.
Why do you think Bill Bryson’s wife says to the children, “Take the lids off the food for Daddy”?
(आपके विचार में बिल ब्राईसन की पत्नी बच्चों से यह क्यों कहती है, “डैडी के लिए भोजन के ढक्कन उठा दो।”)
Answer:
Bill Bryson’s wife was feared lest her husband should knock the food on all of them. So she asks them to take the lids off the food for Daddy.

(बिल ब्राईसन की पत्नी को इस बात का भय था कि कहीं उसका पति भोजन को उन सभी पर न डाल दे। इसलिए वह बच्चों से कहती है कि वे डैडी के लिए भोजन के ढक्कन उठा ले।)

Question 8.
What is the significance of the title?
(शीर्षक का क्या महत्त्व है?)
Answer:
The title of the lesson ‘The Accidental Tourist’ is quite apt. Bill Bryson is right in describing himself as an accidental fellow. He is never normal in his behaviour. He does some topsy-turvy things all the time. It is also right to call him a tourist. He is all the time on an aeroplane. He says that he flies about 1,00,000 miles a year. Thus the title ‘The Accidental Tourist’ has a big significance.

(इस अध्याय का शीर्षक ‘The Accidental Tourist’ एक बिल्कुल सही शीर्षक है। बिल ब्राईसन स्वयं का आकस्मिक व्यक्ति के रूप में सही वर्णन करता है। वह अपने व्यवहार में कभी भी सामान्य नहीं रहता है। वह हमेशा कुछ उल्टे-पुल्टे काम करता रहता है। उसका एक पर्यटक के रूप में वर्णन किया जाना भी सही है। वह लगभग सारा साल हवाई जहाज पर ही रहता है। वह कहता है कि वह साल में लगभग एक लाख मील की यात्रा करता है। अतः ‘The Accidental Tourist’ शीर्षक बिल्कुल सही है।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 9 The Accidental Tourist

Talk about It

Question 1.
To get confused and behave in ‘unsuave’ ways like Bill Bryson is normal and human. Tell your class about any similar situation that you found yourself in.
Answer:
Man is known as a social animal. Human psychology is a very complex thing. To get confused and behave in ‘unsuave’ ways like Bill Bryson is normal and human. It so happened with me many times. One day I was going to attend an interview in Delhi from Ambala. I was carrying all my original certificates with me.

When I reached Delhi I found that those were not my certificates but those of my elder brother’s. What could I do that time. I had no other option but to return back to Ambala. When I reached home back and emptied the file, I discovered that only four certificates in the file were of my brother’s and the rest of all were mine. It was a result of my total confusion.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 9 The Accidental Tourist

HBSE 9th Class English The Accidental Tourist Important Questions and Answers

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
Who was Bill Bryson?
Answer:
Bill Bryson was a frequent air traveller.

Question 2.
How did Bill Bryson find himself during his air travels?
Answer:
He found himself always uneasy during his air travels.

Question 3.
Where was Bill going when the zip of his carry bag broke?
Answer:
At that time he was going to England.

Question 4.
What happened when the zip of the bag gave way?
Answer:
Everything within the bag-newspaper cuttings, other loose papers, tin pipe tobacco, magazines, passport, English money-ejected on the road.

Question 5.
What happened to Bill’s finger?
Answer:
Bill gashed his finger on the zip and blood was shedding in a lavish manner.

Question 6.
Why did Bill lean over in the plane?
Answer:
He leaned over in the plane to tie a shoelace.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 9 The Accidental Tourist

Question 7.
What did Bill do to the lady travelling with him on one of his plane journeys?
Answer:
He knocked a soft drink over the lap of the lady twice.

Question 8.
What happened when Bill’s pen leaked?
Answer:
His mouth, Chin, tongue, teeth and gums were now a striking scrub-resistant navy blue.

Question 9.
Who was the accidental tourist?
Answer:
Bill Bryson was the accidental tourist.

Question 10.
What type of a person was Bill Bryson?
Answer:
He was a confused person.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 9 The Accidental Tourist

Short Answer Type Questions

Question 1.
What does Bill Bryson tell us about his habit of getting confused?
(बिल ब्राईसन अपनी चकरा जाने की आदत के बारे में क्या बताता है?)
Answer:
Bill Bryson says that he gets easily confused at the things which the other people enjoy performing them. He says that he can’t remember the things for long. He forgets them again and again. He gives an example that when he is staying at some hotel he has to come to the reception counter two or three times to ask the number of his room.

(बिल ब्राईसन कहता है कि वह उन चीजों पर आसानी से परेशान हो जाता है जिनको अन्य लोग करते हुए आनंद लेते हैं। वह . कहता है कि वह देर तक चीजें याद नहीं रख सकता। वह उन्हें बार-बार भूल जाता है। वह एक उदाहरण देता है कि जब वह किसी होटल में ठहरा होता है तो उसे दो-तीन बार स्वागत कक्ष पर कमरे का नंबर पूछने के लिए जाना पड़ता है।)

Question 2.
What happened at London Airport when the author was going to England on a long journey with family?
(जब लेखक सपरिवार एक लंबी यात्रा पर इंग्लैंड जा रहा था तो लंदन हवाई अड्डे पर क्या हुआ?)
Answer:
When the author was going to England on a long journey, he got in a trouble some situation at the London Airport. He had put his visiting card in the carry-on bag. When he tried to open it, it would not open because its zip got jammed. When he pulled it hard, it broke and all the contents of the bag disgorged on the ground.

(जब लेखक इंग्लैंड की एक लंबी यात्रा पर जा रहा होता है तो वह एक कष्टदायक स्थिति में पहुँच जाता है। उसने अपना विजिटिंग कार्ड थैले में रखा हुआ था। जब उसने इसे खोलने की कोशिश की तो यह नहीं खुला, क्योंकि इसकी जिप स्थिर (जाम) हो गई थी। जब उसने इसे जोर से खींचा, तो यह टूट गई और थैले के अंदर रखी सारी चीजें जमीन पर गिर गईं।)

Question 3.
Narrate briefly the incident of spilling a soft drink on to a co-passenger in a plane by the author.
(एक वायुयान में यात्रा करते समय लेखक के द्वारा अपने साथ बैठी महिला के ऊपर शीतल पेय डालने की घटना को संक्षेप में बताइए।)
Answer:
During one of his air flights, the author spilled soft drink on to the lap of a sweet lady sitting beside him. The flight attendant came and cleaned her up. The attendant brought him a replacement drink and he knocked it into the woman again. The lady looked at him with the stupefied expression.

(अपनी हवाई यात्राओं के दौरान किसी एक यात्रा में, लेखक ने अपने साथ बैठी सुंदर महिला की गोद में शीतल पेय गिरा दिया। उड़ान सहायक आया और उसे साफ किया। उड़ान सहायक ने उसे दूसरा पेय दिया और उसने महिला पर दोबारा उड़ेल दिया। महिला ने उसे स्तब्ध भाव से देखा।)

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Question 4.
What two reasons does Bill Bryson give for the absence of air miles cards with him?
(बिल ब्राईसन अपने पास दूरी तय करने वाला हवाई कार्ड न होने के कौन-से दो कारण देता है?)
Answer:
He says that he is a frequent flyer. He must fly one lac miles a year. But he does not have more air miles cards. It is so because he forgets to ask for the air miles when he buys a ticket. And some times the clerk at the air-station makes excuse of non-availability of the air miles cards.

(वह कहता है कि वह नियमित हवाई यात्रा करने वाला एक यात्री है। वह एक वर्ष में एक लाख मील की हवाई यात्रा कर लेता है। परंतु उसके पास कोई ज्यादा दूरी तय करने वाला हवाई कार्ड नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह जब भी टिकट खरीदता है, वह हवाई दूरी बढ़ाना भूल जाता है। और कई बार वायु-स्टेशन पर क्लर्क दूरी तय करने वाला हवाई कार्ड की उपलब्धता न होने का बहाना बनाता है।)

Essay Type Questions

Question 1.
How would you describe Bill Bryson as an accidental tourist. Give two instances from the text.
(आप बिल ब्राईसन को एक अकस्मात पर्यटक के रूप में कैसे वर्णित करोगे? अध्याय से दो उदाहरण दीजिए।)
Answer:
Bill Bryson was such a tourist who remained almost all the year round on an aeroplane. Many accidents take place with him. So he is called an accidental tourist. The two incidents from the text are mentioned as below.

(i) When the zip on his carry-on bag gives way all thing fall out of bag. The newspaper cuttings and other documents rain down in a fluttery cascade. The coins bounce here and there. The lidless tin of tobacco rolls crazily disgorging its contents. These things spread over an area about the size of a tennis court.

(ii) During one of his air flights, the author spilled soft drink on to the lap of a sweet lady sitting beside him. The flight attendant came and cleaned her up. The attendant brought him a replacement drink and he knocked it into the woman again. The lady looked at him with the stupefied expression.

(बिल ब्राईसन एक ऐसा पर्यटक था जिसका वर्ष में अधिकतर समय हवाई जहाज के ऊपर ही बीतता था। उसके साथ अनेक दुर्घटनाएं भी होती हैं। इसलिए उसे अकस्मात पर्यटक के रूप में जाना जाता है। पाठ में इससे संबंधित दो घटनाएँ इस प्रकार से हैं

(i) जब थैले की जिप टूट जाती है तो थैले की सारी चीजें बाहर निकल आती हैं। समाचार-पत्र की कतरनें और अन्य दस्तावेज पानी के छोटे झरने की भांति बिखर पड़ते हैं। सिक्के इधर-उधर उछल जाते हैं। बिना ढक्कन के तंबाकू की डिब्बी उन्मुक्त ढंग से अपने अंदर के पदार्थ को बाहर निकालते हुए लुढ़कती है। ये चीजें टेनिस के मैदान जितने क्षेत्र में बिखर जाती हैं।

(ii) अपनी हवाई यात्राओं के दौरान किसी एक यात्रा में लेखक ने अपने साथ बैठी सुंदर महिला की गोद में शीतल पेय गिरा दिया। उड़ान सहायक आया और उसे साफ किया। उड़ान सहायक ने उसे दूसरा पेय दिया और उसने महिला पर दोबारा उड़ेल दिया। महिला ने उसे स्तब्ध भाव से देखा।)

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Multiple Choice Questions

Question 1.
What type of a man was bill bryson?
(A) determined
(B) easily confused
(C) sure
(D) all of the above
Answer:
(B) easily confused

Question 2.
On what occassion did the author go on a big trip?
(A) Easter
(B) New Year Day
(C) Christmas
(D) His birthday
Answer:
(A) Easter

Question 3.
The author had joined the frequent flyer programme of :
(A) Boston Airways
(B) French Airways
(C) British Airways
(D) American Airways
Answer:
(C) British Airways

Question 4.
What happened to the zip on the bag?
(A) it got jammed
(B) it got free
(C) it was fine
(D) none of the above
Answer:
(A) it got jammed

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Question 5.
What came out of the bag when the zip gave way?
(A) newspaper cutting
(B) magazines
(C) english money
(D) all of the above
Answer:
(D) all of the above

Question 6.
The author was bleeding lavishly in his :
(A) arm
(B) leg
(C) finger
(D) toe
Answer:
(C) finger

Question 7.
Who was along with Bill Bryson when he dirgorged all the things on the road?
(A) son
(B) wife.
(C) daughter
(D) friend
Answer:
(B) wife

Question 8.
Bill Bryson mainly travelled by:
(A) aeroplane
(B) ship
(C) bus
(D) train
Answer:
(A) aeroplane

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Question 9.
What did bill Bryson drop on a sweet lady sitting beside him on an air journey?
(A) soft drink
(B) tea
(C) coffee
(D) dishes
Answer:
(A) soft drink

Question 10.
After an accident in the plane the author’s teeth looked.
(A) green
(B) red
(C) ivory white
(D) navy blue
Answer:
(D) navy blue

Question 11.
What was Bill doing when he was crushed under a seat?
(A) leaning to tie his laces
(B) searching a coin
(C) reading a piece of paper
(D) learning aimlessly
Answer:
(A) leaning to tie his laces

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Question 12.
What was Bill’s nature?
(A) clear minded
(B) frustrated
(C) intelligent
(D) all of the above
Answer:
(B) frustrated

Question 13.
Bill travelled a lot by air. Did he entitle to any free air miles?
(A) yes
(B) no
(C) may be
(D) not known
Answer:
(B) no

Question 14.
What type of a tourist was Bill?
(A) confirmed
(B) pleasant
(C) accidental
(D) risky
Answer:
(C) accidental

Question 15.
Who is the author of the lesson ‘The Accidental Tourist’?
(A) Bill Bryson
(B) William Bryson
(C) Dill Bryson
(D) none of the above
Answer:
(A) Bill Bryson

The Accidental Tourist Summary

The Accidental Tourist Introduction in English

This is a narrative piece by Bill Bryson about his experiences during air flights. He has many bad experiences during these flights. He recalls all those experiences and we come to know how he fails to enjoy his air travels and being a frequent traveller not able to get any air card due to his carelessness. He says that travels have never been easy for him.

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The Accidental Tourist Summary in English

Bill Bryson was a frequent air traveller. He finds himself always uneasy during his air travels. In this lesson the author describes some of his experiences during these travels. He says that once he was going to England with his family. He had a carry-on bag with him.

The trouble started at the airport when the checking staff asked him to open the bag. He tried hard to open the zip of the bag but it would not open. He pulled it harder and it broke.

All the things in the bag were disgarged like a fluttery cascade. The newspaper cuttings, other documents, tin of pipe tobacco, magazines, sport and coins all spread over an area about the size of a tennis court.

Then he describes his another experience. He says that once on an aeroplane, he leaned over to tie a shoelace. Just at the moment someone in the seat ahead of him threw his seat back into full recline and found himself pinned helplessly in the crash position. It was only by clawing the leg of the man sitting next to him that he managed to get himself freed.

On another occasion he knocked a soft drink onto the lap of a lady. He repeated this mischief many times. But it was not his worst experience on the aeroplane. He says that his worst experience took place on a plane flight. He says that he was writing something in a note book. He fell into conversation with an attractive young lady in the next seat. He was sucking his pen on one of the end.

After about 20 minutes, when he went to lavatory he discovered that the pen had leaked and that his mouth, chin, tongue, teeth and gums were now navy blue and would remain so for several days.

Despite being a frequent flyer he never got any air card. He says that he used to fly 100,000 miles a year but due to his carelessness or some other reasons he could get no air card.

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The Accidental Tourist Introduction in Hindi

इस अध्याय में बिल ब्राईसन हवाई उड़ानों के दौरान अपने अनुभवों का वर्णन करता है। इन उड़ानों के दौरान उसके अनेक बुरे अनुभव हैं। वह उन सभी अनुभवों को स्मरण करता है और हमें पता चलता है कि वह अपनी हवाई यात्राओं का आनंद लेने में कैसे असफल रहता है और एक नियमित यात्री होने के बावजूद भी किस प्रकार से हवाई कार्ड प्राप्त करने में भी असफल रहता है। वह कहता है कि उसके लिए यात्राएँ कभी भी आसान नहीं रही हैं।

The Accidental Tourist Summary in Hindi

बिल ब्राईसन एक बार-बार हवाई यात्रा करने वाला यात्री था। वह अपनी हवाई यात्राओं के दौरान स्वयं को असुखद स्थितियों में पाता है। इस अध्याय में लेखक इन उड़ानों के दौरान अपने कुछ अनुभवों का वर्णन करता है। वह कहता है कि एक बार वह अपने परिवार के साथ इंग्लैंड जा रहा था। उसके पास एक थैला था।

परेशानी उस समय आरंभ हुई जब हवाई अड्डे पर निरीक्षण करने वाले कर्मचारियों ने उसे थैला खोलने के लिए कहा। उसने थैले की जिप को खोलने की पूरी कोशिश की परंतु जिप नहीं खुली। उसने उसे जोर से खींचा तथा वह टूट गई। थैले के अंदर रखी सारी चीजें एक फड़फड़ाते हुए छोटे झरने के समान नीचे आ गिरी। समाचार पत्र की कतरनें, अन्य दस्तावेज, सिगार के तंबाकू की डिब्बी, पत्रिकाएँ, पासपोर्ट और सिक्के टेनिस कोर्ट के आकार जितने क्षेत्र में बिखर गए।

तब वह अपने दूसरे अनुभव का वर्णन करता है। वह कहता है कि एक बार एक हवाई जहाज पर, वह अपने जूते के फीते को बांधने के लिए नीचे झुका। उसी क्षण अगली सीट पर बैठे व्यक्ति ने अपनी सीट को पूरा नीचे की ओर कर दिया और उसने स्वयं को कुचली हुई स्थिति में असहाय पाया। तब अपने से आगे बैठे व्यक्ति की टांग पर नाखून से काटकर वह अपने-आपको उस स्थिति से मुक्त करा सका।

दूसरे अवसर पर उसने एक महिला यात्री के ऊपर शीतल पेय की बोतल उड़ेल दी। उसने इस शरारत को कई बार किया। लेकिन यह उसका वायुयान पर सबसे बुरा अनुभव नहीं था। उसका सबसे बुरा अनुभव भी एक हवाई उड़ान के दौरान ही हुआ था। वह बताता है कि वह एक कॉपी में कुछ लिख रहा था। वह अपने से अगली सीट पर बैठी एक युवा महिला के साथ बातचीत करने लग गया। वह एक सिरे से अपने पैन को मुँह में डालकर चूस रहा था। लगभग 20 मिनट के पश्चात, जब वह शौचालय गया तो उसने पाया कि उसका पैन लीक हो गया था और उसका मुँह, ठोड़ी, जीभ, दांत और मसूढ़े गहरे नीले रंग के हो गए और वे कई दिनों तक ऐसे ही रहे थे।

बार-बार हवाई यात्रा करने वाला यात्री होने के बावजूद भी उसे कोई हवाई यात्रा कार्ड नहीं मिला। वह कहता है कि वह एक वर्ष में एक लाख मील की हवाई यात्रा कर लेता था, लेकिन अपनी लापरवाही या अन्य कारणों से उसे कोई भी हवाई कार्ड नहीं मिला।

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 9 The Accidental Tourist

The Accidental Tourist Word-Meanings

(Page 56) :
Constantly = continuously = निरंतर रूप से; evident = clear = स्पष्ट; beyond = out of reach = से परे; lavatory = toilet = शौचालय; alley = a narrow passage = तंग रास्ता; en famille = with family = सपरिवार; yanked = pulled with a jerk = झटके से खींचना; grunts and frowns = growling with anger = गुस्से के साथ गुर्राना; budge=move slightly = Fechall; abruptly =suddenly; gave way = broke = टूट गई; ejected = came out = बाहर निकल आना।

(Pages 57-58) :
Dumbstruck = unable to speak = मूकदर्शक; sorted = separated/selected = छांटे हुए; cascade= a small waterfall = एक छोटा झरना; oblivions = forgetful = भुलक्कड़; concourse = airport = हवाई अड्डा; disgorging =pouring out= बाहर उड़ेलते हुए; gashed = wounded = घायल; shedding =flowing = बहना; lavish = very much= बहुत अधिक; exasperation=irritation = परेशानी; catastrophes =calamities = आपदाएँ; clawingascarching with nail = नाखून से खुरचना; perch = place = स्थान; drenched = made wet = गीला कर दिया।

(Pages 59-60) :
Amused = entertained = मनोरंजन किया; urbane = courteous = शिष्ट; bons mots =jokes = चुटकले; striking = strange = विचित्र ढंग; suave = polite = भद्र; seismic event = a calamity like an earthquake = आपदा; frustration = confusion = परेशानी; accumulated = collected = एकत्र करना; venerable = holy = पवित्र।

The Accidental Tourist Translation in Hindi

(Page 56)

(वे (लोग) कहते हैं कि आज संसार बहुत छोटा बन गया है क्योंकि यात्रा करना बहुत सुगम हो गया है, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए यात्रा करना सुगम नहीं रहा है। यहां पर लेखक एक यात्री के रूप में अपने अनुभवों का विनोदपूर्ण ढंग से वर्णन करता है।)

वास्तविक संसार में रहते हुए, जिन चीजों में मैं बहुत अच्छा नहीं हूँ वह शायद बहुत ही शानदार चीज है। मैं प्रायः विस्मित-सा हो जाता हूँ कि बहुत-सी चीजें जो मेरी पहुँच से बाहर हैं लोग उनको स्पष्ट रूप से बिना किसी कठिनाई के कर देते हैं।

मैं आपको संख्या नहीं बता सकता कि सिनेमा में मैं कितनी बार शौचालय जाता हूँ, और सिनेमा बंद होने पर मैं अपने आपको एक-तंग सी गली में स्वचालित रूप से बंद हो जाने वाले दरवाजे के पास खड़ा पाता हूँ।

अब मैं खासतौर पर इस बारे में विशिष्टता प्राप्त करता जा रहा हूँ। मैं होटल की मेजों पर दिन में दो तीन बार अपने कमरे का नंबर पूछने के लिए लौटकर आता हूँ। संक्षेप में, मैं पूरी तरह से परेशान हो गया था।

अब मैं उस बात के बारे में सोच रहा था जब मैं सपरिवार एक लंबी यात्रा पर गया। ईस्टर का पर्व था और हम वायुयान से एक सप्ताह के लिए इंग्लैंड जा रहे थे। जब हम बोस्टन में लोगान हवाई अड्डे पर पहुंचे और हमारी तलाशी ली जा रही थी, तो मुझे अचानक ही याद आया कि मैंने ब्रिटिश एयरवेज़ के नियमित यात्री कार्यक्रम में हाल ही में भाग लिया था। मुझे यह भी याद आया कि मैंने अपने कार्ड को छोटे थैले में डाला था जो मेरे गले में लटक रहा था और यहीं से ही परेशानी आरंभ हो गई।

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 9 The Accidental Tourist

थैले की जिप जाम हो गई। इसलिए मैंने उसे खींचा और आवेशपूर्ण गुर्राहट तथा बढ़ते हुए विस्मय के साथ उसने जिप को झटका दिया। मैंने उसे कुछ देर तक खींचे रखा लेकिन वह बिल्कुल भी नहीं सरकी, इसलिए मैंने और अधिक जोर के साथ उसे खींचा। तो आप अनुमान लगा सकते हो कि क्या हुआ होगा। अचानक ही जिप टूट गई। थैला एक तरफ से बिल्कुल खुल गया

और थैले के अंदर रखी प्रत्येक चीज समाचार-पत्र की कतरने और अन्य खुले हुए कागज, एक 14 औंस की सिगार के तंबाकू की डिब्बी, पत्रिकाएँ, पासपोर्ट, अंग्रेजी करेंसी, फिल्म ये सभी वस्तुएँ, टेनिस के मैदान जितने क्षेत्र में लापरवाहीपूर्वक फैल गई।

(Page 57)

मैं मूकदर्शक बना देखता रहा क्योंकि सावधानीपूर्वक छांटे गए सैकड़ों कागज फड़फड़ाते हुए एक झरने की भांति नीचे गिर रहे थे, सिक्के भुलक्कड़ लोगों की तरह शोर करते हुए गिर रहे थे और अब बिना ढक्कन की तंबाकू की डिब्बी उन्मुक्त ढंग से हवाई अड्डे पर लुढ़क गई और उसके बीच में जो कुछ भी था उसे बाहर उड़ेल दिया।

“मेरा तंबाकू!” मैं विस्मयपूर्वक चिल्लाया, यह सोचकर कि अब मुझे इतने तंबाकू के लिए इंग्लैंड में और कितना खर्चा करना पड़ेगा क्योंकि एक बजट (खचा) आ भी चुका था और जा भी चुका था और तब मैंने चीख मारी “मेरी उंगली! मेरी उंगली!” क्योंकि मैंने देखा कि मेरी उंगली जिप से कट गई थी और उसमें से काफी मात्रा में खून बह रहा था।

(अपने आस-पास खून देखकर मुझे अच्छा नहीं लगता था, लेकिन जब मैंने अपना खून बहते देखा तो अहसास हुआ कि लोगों की बेहोशी सही होती है।) परेशानी की अवस्था में मेरे बाल भी डरावनी मुद्रा में खड़े हो गए।

तब मेरी पत्नी ने हैरान होकर मेरी ओर देखा-न तो वह गुस्से में थी और न ही परेशानी में, वह तो केवल मात्र हैरान थीऔर उसने कहा, “मैं विश्वास नहीं कर सकती थी कि जीविका कमाने के लिए तुम यह करते हो।”

लेकिन मुझे भय है कि ऐसा हो गया। जब भी मैं यात्रा करता हूँ मेरे साथ आपदाएँ चलती हैं। एक बार एक वायुयान में, मैं अपने जूते का फीता बांधने के लिए नीचे झुका, उसी क्षण मेरे से अगली सीट पर बैठे व्यक्ति ने अपनी सीट को पूरा नीचे की तरफ पीछे कर लिया और मैंने तो अपने आपको बिल्कुल असहाय तथा कुचली अवस्था में पाया। तब अपने से आगे बैठे व्यक्ति की टांग पर नाखून चुभोकर मैं अपने आपको मुक्त करा पाया।

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 9 The Accidental Tourist

(Page 58)
एक और अवसर पर, मैंने शीतल पेय की बोतल को अपने बगल में बैठी एक छोटी प्यारी महिला की गोद में गिरा दिया था। उड़ान सहायक आया और उसने महिला के वस्त्रों को साफ किया तथा मेरे लिए बदले में दूसरा पेय ले आया और मैंने उसे भी तुरंत उस महिला के ऊपर गिरा दिया। उस दिन, मुझे नहीं मालूम कि क्या हुआ।

मुझे तो मात्र इतना याद है कि मेरी बाजू शीतल पेय की नई बोतल लेने के लिए आगे बढ़ती थी और 1950 के दशक में बनी डरावनी फिल्मों (The Undead Limb) के घटिया प्रॉप की तरह हिंसक ढंग से आगे बढ़कर बोतल को उसके स्थान से उठाती थी और महिला के पल्ले में डाल देती थी।

महिला ने मेरी ओर विस्मय भाव से देखा। आप अनुमान लगा सकते हो कि जिसे आपने कई बार गीला कर दिया हो और उसमें एक कसम खाई “ओह, साके” (जापानी मदिरा) के साथ भिगोना बंद किया और इस दौरान मैंने लोगों के बीच से भी कुछ शब्दों को कहते सुना, यह पक्का था कि वे शब्द किसी भिक्षुणी के नहीं थे।

हालांकि, वायुयान के सफर में यह मेरा सबसे बुरा अनुभव नहीं था। मेरा सबसे बुरा अनुभव तो वह था जब एक बार मैं कॉपी में महत्त्वपूर्ण बातों (जुराबें खरीदनी हैं, पेय पदार्थों को सावधानीपूर्वक पकड़ना है, इत्यादि) को लिख रहा था और विचारमग्न मुद्रा में अपने पैन के एक सिरे को चूस रहा था जैसा कि प्रायः आप करते हो और अपने से अगली सीट पर बैठी एक आकर्षक महिला के साथ बातचीत करने लग गया।

(Page 59)

मैंने लगभग 20 मिनट तक अच्छे शिष्ट चुटकले सुनाकर उसका मनोरंजन किया, तब मैं शौचालय में गया जहाँ मुझे पता चला कि पैन तो लीक हो गया है और अब मेरा मुँह, ठोड़ी, जीभ, दाँत और मसूढ़े विचित्र ढंग से इतने गहरे नीले हो गए थे कि उन्हें रगड़कर भी साफ नहीं किया जा सकता था और वे कई दिनों तक ऐसे ही रहे।

इसलिए मुझे विश्वास है कि जब मैं सभ्य होने का प्रयास करता हूँ तो मुझे कितना कष्ट होता है, इस स्थिति को आप समझ जाएंगे। अपने जीवन में केवल एक बार बिना किसी स्थानीय विपदा के मैं रात्रि भोजन के मेज से सही सलामत उठा, कार में बैठा और 14 इंच कोट को बाहर छोड़े बिना ही बैठ गया।

मैंने हल्के रंग की पैंट पहन रखी थी और शाम को मुझे इस बात का अहसास नहीं हुआ कि मैं चुइंगम, आइसक्रीम, खांसी की दवाई तथा मोटर ऑयल पर कितनी बार बैठ चुका था। लेकिन ऐसा नहीं होना था।

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 9 The Accidental Tourist

अब जब भी वायुयान में भोजन बाँटा जाता है, मेरी पत्नी कहती है, “डैडी के लिए भोजन के ढक्कन खोल दो” अथवा “बच्चो, अपने-अपने ढक्कनों को ऊपर उठा लो। डैडी अपने लिए माँस काटने वाले हैं।” निःसंदेह, यह केवल मैं अपने परिवार के साथ हवाई यात्रा कर रहा हूँ।

जब मैं अपने ही परिवार के साथ हूँ, मैं न तो कुछ खाता हूँ, न पीता हूँ और न ही अपने जूतों के फीतों को बांधने के लिए नीचे झुकता हूँ और कभी भी पैन को अपने मुँह के आस-पास लेकर के नहीं आता हूँ।

मैं बिल्कुल शांत होकर बैठ जाता हूँ, कई बार मैं अपने हाथों को इधर-उधर भटकने और कोई शरारत करने से रोकता हूँ। इससे केवल उपहास ही नहीं होता, बल्कि इससे आपके लाऊंडरी (धोबी) के बिल में भी कटौती होती है।

मैं कभी भी एक नियमित यात्री के रूप में दूरी तय करने का कार्ड नहीं लेता था। न कभी लेता हूँ। कभी मुझे समय पर कार्ड मिलता भी नहीं है। यह तो मेरे लिए एक वास्तविक परेशानी बन गया है। प्रत्येक व्यक्ति जिसे मैं जानता हूँ, अपने हवाई यात्रा के मीलों के कार्ड के साथ बाली प्रथम श्रेणी में यात्रा करते हैं।

मैं कभी कार्ड एकत्र नहीं करता हूँ। मैं एक वर्ष में 1,00,000 मील का सफर तय कर लेता हूँ, लेकिन मेरे पास केवल 212 हवाई मील की यात्रा के कार्ड हैं और वे भी 23 हवाई सेवाओं के।

ऐसा इसलिए होता है कि या तो मैं हवाई यात्रा का कार्ड लेना भूल जाता हूँ या यदि मुझे कार्ड लेना याद होता है तो फिर एयरलाईंस वाले उसे दर्ज नहीं करते हैं या क्लर्क मुझे बताता है कि आप तो इसके पात्र नहीं हो। जनवरी के महीने में, ऑस्ट्रेलिया की तरफ उड़ान में जाते समय-उस उड़ान से मुझे एक जिलियन हवाई मील का कार्ड मिलना था लेकिन जब मैंने अपना कॉर्ड प्रस्तुत किया तो क्लर्क ने अपना सिर हिला दिया और मुझे बताया कि मैं किसी कॉर्ड का पात्र नहीं था।

(Page 60)

“क्यों?” “टिकट तो B. Bryson के नाम से है और कॉर्ड W. Bryson के नाम से है।” मैंने उसे बिल और विलियम नामों के बीच घनिष्ठ और पवित्र रिश्ते की व्याख्या की लेकिन उसने उसे स्वीकार नहीं किया।

इसलिए मुझे अपने हवाई मील नहीं मिले और मैं बाली प्रथम श्रेणी से यात्रा नहीं कर पाऊँगा। शायद मैं इतनी दूर तक बिना कुछ खाए जा भी नहीं सकूँगा।

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HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 10 The Beggar

Haryana State Board HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 10 The Beggar Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class English Solutions Moments Chapter 10 The Beggar

HBSE 9th Class English The Beggar Textbook Questions and Answers

Think about It

The Beggar Class 9 Questions And Answers HBSE Question 1.
Has Lushkoff become a beggar by circumstance or by choice?
(क्या लशकॉफ परिस्थितिवश भिखारी बनता है या अपनी इच्छा से?)
Answer:
Lushkoff has become a beggar by choice. Earlier he sang in a Russian choir. He was used to drinking. So they turned him out. He could get no job anywhere so he decides to be a beggar.

(लशकॉफ अपनी मर्जी से भिखारी बना है। पहले वह एक रूसी समूहगान में गीत गाया करता था। वह शराब पीने का आदी था। इसलिए उन्होंने उसे नौकरी से निकाल दिया। उसे कहीं पर कोई नौकरी नहीं मिली इसलिए उसने भिखारी बनने का निर्णय ले लिया।)

The Beggar Class 9 Question Answer HBSE Chapter 10 Question 2.
What reasons does he give to Sergei for his telling lies?
(वह झूठ बोलने के लिए सरजई को क्या कारण बताता है?)
Answer:
He tells Sergei that he is jobless. He says that he was a singer in a Russian choir but they had turned him out of the job. Now he can’t do any job. He says that if he tells the truth, no one will give him anything. So he can’t get along without lying.

(वह सरजई को बताता है कि वह बेरोजगार है। वह बताता है कि वह एक रूसी समूहगान में गायक था लेकिन उन्होंने उसे नौकरी से बाहर निकाल दिया। अब वह कोई दूसरा काम नहीं कर सकता है। यदि वह सच बोलता है कि तो कोई भी उसे कुछ नहीं देता है। इसलिए झूठ बोले बिना उसका गुजारा नहीं है।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 10 The Beggar

Question 3.
Is Lushkoff a willing worker? Why, then, does he agree to chop wood for Sergei?
(क्या लशकॉफ स्वेच्छा से काम करने वाला व्यक्ति है? तब, वह सरजई के लिए लकड़ियाँ फाड़ने पर सहमत क्यों हो जाता है?)
Answer:
No, Lushkoff is not a willing worker. Sergei had caught him telling lies and threatened to call the police. He makes an excuse that he doesn’t find any work to do. When Sergei offers him a job to chop wood for him, he has to agree for it.

(नहीं, लशकॉफ स्वेच्छा से काम करने वाला व्यक्ति नहीं है। सरज़ई उसके झूठ को पकड़ लेता है और पुलिस को बुलाने की धमकी देता है। लशकॉफ बहाना बनाता है कि उसे करने के लिए काम नहीं मिलता है। जब सरजई उसे अपने लिए लकड़ियाँ फाड़ने का काम देता है, तो उसे सहमत होना पड़ता है।)

Question 4.
Sergei says, “I am happy that my words have taken effect.” Why does he say so? Is he right in saying this?
(सरजई कहता है, “मैं प्रसन्न हूँ कि मेरे शब्दों का प्रभाव पड़ा है।” वह ऐसा क्यों कहता है? क्या वह यह कहने में सही
Answer:
Sergei offers a job to Lushkoff to chop wood for him on the first day of every month. Lushkoff makes his appearance on the first of the month and earns half a rouble. Sergei says that he is happy because Lushkoff has acted upon his advice. But he is not right in saying so because Lushkoff has no interest in work but only on money.

(सरजई लशकॉफ को हर महीने की पहली तारीख को आकर उसके लिए लकड़ी फाड़ने का काम देता है। लशकॉफ महीने की पहली तारीख को आता है और आधा रूबल कमा लेता है। सरजई कहता है कि उसे खुशी है कि लशकॉफ ने उसकी सलाह पर अमल कर लिया है। लेकिन ऐसा कहने में वह सही नहीं है क्योंकि लशकॉफ की काम के बजाय धन में अधिक रुचि है।)

Question 5.
Lushkoff is earning thirty five roubles a month. How is he obliged to Sergei for this?
(लशकॉफ प्रतिमास पैंतीस रूबल कमा रहा है। वह इसके लिए सरजई का आभारी कैसे है?)
Answer:
Now Lushkoff has been working as a notary. He is earning thirty five roubles a month. He is obliged to Sergei for giving him a job of chopping wood which has changed him from a beggar to a notary.

(लशकॉफ अब एक नोटरी के रूप में कार्य कर रहा है। वह प्रतिमास पैंतीस रूबल कमा रहा है। वह सरजई का आभारी है कि उसने उसे लकड़ियाँ फाड़ने का काम दिया जिसने उसे एक भिखारी से नोटरी बना दिया।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 10 The Beggar

Question 6.
During their conversation Lushkoff reveals that Sergei’s cook, Olga, is responsible for the positive change in him. How has Olga saved Lushkoff?
(बातचीत के दौरान लशकॉफ इस बात का रहस्य खोलता है कि सरजई की रसोइया, ओल्गा, उसमें आए सकारात्मक परिवर्तन के लिए उत्तरदायी है। ओल्गा ने लशकॉफ को कैसे बचाया?)
Answer:
Olga is very strict to Lushkoff for his habit of begging and drinking. But she is kind at heart. She rebukes Lushkoff for spoiling his life. She takes pity on him and chops wood for him. This behaviour of hers towards Lushkoff brings a positive change in his life and he stops drinking. In this way Olga saves Lushkoff’s life.

(ओल्गा लशकॉफ के प्रति उसकी भीख मांगने और शराब पीने की आदतों को लेकर बहुत कठोर है। लेकिन वह हृदय से दयालु है। वह लशकॉफ को अपना जीवन तबाह करने के लिए फटकारती है। वह उस पर दया करती है और उसके लिए स्वयं लकड़ियाँ फाड़ती है। लशकॉफ के प्रति उसका यह व्यवहार उसके जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन लाता है और वह शराब पीना बंद कर देता है। इस प्रकार से ओल्गा उसके जीवन को बचाती है।)

Talk about It

Question 1.
How can we help beggars/abolish begging?
Answer:
Begging is a crime, In India there is a large number of beggars. We see large queues of beggar outside religious places. Picnic places are also full of beggars. As a sensible citizen of India everyone should do his best efforts to abolish this evil. I would like to do the same as sergei did. If ever I had a chance to meet such a beggar who is physically fit and can do work, I would offer him work. Those who are physically handicapped, the government should open charity homes for them. Social security pension should be given to them. I sincerely wish that begging should be abolished in India.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 10 The Beggar

HBSE 9th Class English The Beggar Important Questions and Answers

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
What was the name of the beggar?
Answer:
The name of the beggar was Lushkoff.

Question 2.
Who did Lushkoff beg from?
Answer:
He begged from Sergei.

Question 3.
What was Sergei’s profession?
Answer:
Sergei was an advocate.

Question 4.
What did Sergei remind about the beggar on seeing him?
Answer:
Sergei reminded that he had seen him the previous day in Sadovya street.

Question 5.
What work did Sergei offer the beggar?
Answer:
He offered the beggar the work of chopping wood.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 10 The Beggar

Question 6.
Who was Olga?
Answer:
Olga was a maid-servant at Sergei’s home.

Question 7.
What did Sergei give Lushkoff after the wood was chopped?
Answer:
He gave him half a rouble.

Question 8.
When did Lushkoff used to visit Sergei’s home?
Answer:
Lushkoff used to visit Sergei’s home on the first of every month.

Question 9.
Where did Sergei meet Lushkoff after an interval of two years?
Answer:
He met him at the ticket window of a theatre.

Question 10.
What did Lushkoff tell Sergei about his profession when he met him after two years?
Answer:
He told him that now he was a notary and was paid thirty five roubles a month.

Question 11.
Who would chop woods for Lushkoff?
Answer:
Olga would chop woods for Lushkoff.

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Question 12.
What changed Lushkoff’s life?
Answer:
Olga’s kindness towards Lushkoff changed his life.

Short Answer Type Questions

Question 1.
How did Sergei recognise the beggar?
(सरजई ने भिखारी को कैसे पहचाना?)
Answer:
Sergei looked at the beggar. His face appeared familiar to him. He tried to recollect where he had seen him. Suddenly, his eyes fell on the beggar’s shoes. One shoe was high and the other was low. Now he clearly remembered where he had seen the beggar before. He had seen the beggar in the Sadovya Street.

(सरजई ने भिखारी को देखा। उसे उसका चेहरा परिचित-सा लगता था। उसने याद करने का प्रयत्न किया कि उसने उसे कहाँ देखा था। अचानक, उसकी नजरें भिखारी के जूतों पर पड़ीं। एक जूता ऊँचा था और एक जूता नीचा। अब उसे स्पष्ट याद . आ गया कि उसने भिखारी को पहले कहाँ देखा था। उसने भिखारी को सडोव्या स्ट्रीट में देखा था।)

Question 2.
What did the beggar tell Sergei? Why did Sergei threaten to call the police?
(भिखारी सरजई को क्या बताता है? सरजई पुलिस को बुलाने की धमकी क्यों देता है?)
Answer:
When the beggar met Sergei for the first time, he told him that he was a student and had been expelled from the college. When he met Sergei, for the second time, he told him that he had been offered a position in Kaluga, but he had no money for the fare to get there. Sergei recognised him that he was telling a lie and threatened to call the police.

(जब भिखारी सरजई को पहली बार मिला, तो उसने उसे बताया कि वह एक छात्र है और उसे कॉलेज से निकाल दिया गया है। जब वह सरजई को दूसरी बार मिला, तो उसने कहा कि उसे कलूगा में नौकरी की पेशकश की गई है, मगर उसके पास वहाँ जाने के लिए किराए के पैसे नहीं हैं। सरजई ने उसे पहचाना कि वह झूठ बोल रहा था और पुलिस को बुलाने की धमकी दी।)

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Question 3.
What kind of work was given to Lushkoff initially? Why did he agree to do it?
(लशकॉफ को आरंभ में किस प्रकार का काम दिया गया? वह इसे करने के लिए क्यों मान गया?)
Answer:
Sergei refused to give alms to Lushkoff, the beggar. He offered to give him work. He took him home and gave him the work of chopping wood. Lushkoff agreed to do this work, not because he was hungry and wanted work. He agreed to do it because of pride and shame and because he had been trapped by his own words.

(सरजई ने लशकॉफ नामक भिखारी को भीख देने से इंकार कर दिया। उसने उसे काम देने की पेशकश की। वह उसे घर ले गया और उसे लकड़ी काटने का काम दिया। लशकॉफ यह काम करने के लिए इसलिए तैयार नहीं हुआ, क्योंकि वह भूखा था और उसे काम चाहिए था। वह काम करने के लिए गर्व और शर्म के कारण तैयार हो गया क्योंकि वह अपने ही शब्दों में फंस गया था।)

Question 4.
How did Olga treat Lushkoff in the beginning? Why did she do this?
(ओल्गा ने आरंभ में लशकॉफ के साथ कैसा व्यवहार किया? उसने ऐसा क्यों किया?)
Answer:
In the beginning, Olga treated Lushkoff callously. She called him a drunkard. She rebuked him. Then she would sit before him and grow sad. She looked into his face and wept. Then she chopped wood for him. She did so because she felt pity for him. Secondly, she wanted to put him on the right path.

(आरंभ में, ओल्गा ने लशकॉफ के साथ निष्ठुरता का व्यवहार किया। उसने उसे शराबी कहकर पुकारा। उसने उसे डांटा। तब वह उसके सामने बैठ जाती थी और उदास हो जाती थी। वह उसके चेहरे को देखती और रोती थी। तब वह उसके लिए लकड़ी काट देती थी। वह ऐसा इसलिए करती थी क्योंकि उसे उस पर तरस आता था। दूसरे, वह उसे सही रास्ते पर डालना चाहती थी।)

Question 5.
Where did Sergei send Lushkoff? What advice did he give him?
(सरजई ने लशकॉफ को कहाँ भेजा? उसने उसे क्या सलाह दी?)
Answer:
Sergei wanted to give Lushkoff better, cleaner employment. His friend needed a copy writer. As Lushkoff was able to write, so Sergei sent him to his friend. Sergei advised him to work hard and not to drink. He asked him not to forget his advice.

(सरजई चाहता था कि लशकॉफ को बेहतर एवं साफ-सुथरा काम दिया जाए। उसके मित्र को प्रतिलिपियाँ बनाने वाले की आवश्यकता थी। क्योंकि लशकॉफ लिख सकता था, इसलिए सरजई ने उसे अपने मित्र के पास भेज दिया। सरजई ने उसे सलाह दी कि वह मेहनत करे एवं शराब न पिए। उसने उससे कहा कि वह उसकी सलाह को न भूले।)

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Question 6.
Where did Sergei see Lushkoff after two years? What work was he doing then?
(दो साल बाद सरजई ने लशकॉफ को कहाँ देखा? वह तब क्या काम कर रहा था?)
Answer:
One day, after two years, Sergei came across Lushkoff standing at the ticket window of a theatre, paying for a seat. He was wearing a coat collar of curly fur and sealskin cap. Sergei recognized him. Lushkoff told him that now he was a notary and was paid thirty-five roubles a month.

(दो साल बाद, एक दिन सरजई की मुलाकात लशकॉफ से हो गई जो एक थिएटर की टिकट खिड़की के पास खड़ा होकर, एक सीट के पैसे दे रहा था। वह मुड़े हुए फर वाला कोट और सील की खाल की टोपी पहने था। सरजई ने उसे पहचान लिया। लशकॉफ ने उसे बताया कि अब वह एक नोटरी है और उसे पैंतीस रूबल प्रतिमाह मिलते हैं।)

Question 7.
Was Lushkoff good at chopping wood?
(क्या लशकॉफ लकड़ी काटने में कुशल था?)
Answer:
No, Lushkoff was not good at chopping wood. He pulled a piece of wood towards him. He put it between his legs. He hit the wood feebly with the axe. The piece of wood became unsteady and fell down. He again pulled it and struck it. The piece of wood again fell down. This shows that Lushkoff did not know how to chop wood.

(नहीं, लशकॉफ लकड़ी काटने में कुशल नहीं था। उसने लकड़ी का एक टुकड़ा अपनी ओर खींचा। उसने इसे अपनी टाँगों के बीच में रखा। उसने लकड़ी पर कुल्हाड़े के साथ कमज़ोरी से प्रहार किया। लकड़ी का टुकड़ा असंतुलित हो गया और गिर गया। उसने इसे फिर खींचा और प्रहार किया। लकड़ी का टुकड़ा फिर गिर गया। इससे प्रकट होता है कि लशकॉफ को लकड़ी काटना नहीं आता था।)

Question 8.
Write a brief character-sketch of Olga.
(ओल्गा का संक्षिप्त चरित्र-चित्रण करो।)
Answer:
Olga was the maidservant of Sergei. She was stern looking. But she was kind at heart. She rebuked Lushkoff. But then she took pity on him as he was weak and hungry. She did the chopping work for Lushkoff. Olga’s kindness had great effect on Lushkoff. He gave up drinking and started taking interest in work. Thus Olga’s kindness saved Lushkoff’s life.

(ओल्गा सरजई की नौकरानी थी। वह देखने में कठोर थी। मगर वह दिल की दयालु थी। उसने लशकॉफ को डाँटा। मगर फिर उसने उस पर तरस खाया क्योंकि वह कमज़ोर एवं भूखा था। उसने लशकॉफ के लिए लकड़ी काटने का काम किया। ओल्गा की दयालुता का लशकॉफ पर बहुत असर हुआ। उसने शराब पीना छोड़ दिया और काम में रुचि लेने लगा। इस प्रकार ओल्गा की दयालुता ने लशकॉफ की जान बचाई।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 10 The Beggar

Essay Type Questions

Question 1.
Describe the first meeting between Sergei and Lushkoff. How did Sergei took pity on Lushkoff?
(सरजई और लशकॉफ की पहली मुलाकात का वर्णन करो। सरजई ने लशकॉफ पर कैसे तरस खाया?)
Answer:
One day advocate Sergei came across a beggar. He was dressed in very poor clothes. He was crying and requested Sergei to have pity on him. He told Sergei that he had the offer of a position in Kaluga, but he did not have money to get there. So he wanted some money to pay for the fare. Sergei looked at the beggar closely,

Suddenly he remembered that he had seen him the previous day in Sadovya Street. Then he had told him that he was a student and had been expelled for not paying his fees. At first, the beggar denied the charge. But when Sergei rebuked him, he admitted that he earned his living by lying. He told Sergei that his name was Lushkoff and that he was out of work.

Sergei refused to give him alms. But he said that he would give him work of chopping wood. He brought Lushkoff home. He called his maidservant Olga and told her to take him into the woodshed and get some wood chopped: Sergei could see from room that Lushkoff was weak as well as unwilling to do the chopping work. However, after one hour, Olga came and told Sergei that the wood had been chopped. Sergei gave Lushkoff half a rouble.

(एक दिन सरजई नाम के वकील की मुलाकात एक भिखारी से होती है। वह बहुत ही गरीबीपूर्ण कपड़े पहने हुए था। वह चिल्ला रहा था और उसने सरजई से प्रार्थना की कि वह उस पर तरस खाए। उसने सरजई से कहा कि उसे कलूगा में नौकरी की पेशकश मिली है, मगर उसके पास वहाँ जाने के लिए पैसे नहीं हैं। इसलिए उसे किराए के लिए पैसे चाहिए थे। सरजई ने भिखारी को ध्यान से देखा।

अचानक उसे याद आया कि उसने उसे पहले दिन सडोव्या स्ट्रीट में देखा था। तब उसने उससे कहा था कि वह एक छात्र है और उसे फीस न देने के कारण निकाल दिया गया है। पहले तो, भिखारी ने इस आरोप से इंकार किया। मगर जब सरजई ने उसे डांटा, तो वह मान गया कि वह अपनी आजीविका झूठ बोलकर कमाता है। उसने सरजई को बताया कि उसका नाम लशकॉफ है और वह बेरोजगार है।

सरजई ने उसे भीख देने से इंकार कर दिया। मगर उसने उससे कहा कि वह उसे लकड़ी काटने का काम दे देगा। वह लशकॉफ को घर ले आया। उसने अपने नौकरानी ओल्गा को बुलाया और उसे कहा कि वह उसे लकड़ी के शैड में ले जाए और उससे लकड़ी कटवाए। सरजई अपने कमरे से देख सकता था कि लशकॉफ कमज़ोर है और उसकी काम करने की इच्छा नहीं है। लेकिन, एक घंटे के बाद ओल्गा आई और उसने सरजई को बताया कि सारी लकड़ी कट गई है। सरजई ने लशकॉफ को आधा रूबल दिया।)

Question 2.
Sergei brought Lushkoff home to get some wood chopped. How did he help Lushkoff after that?
(सरजई लशकॉफ को लकड़ी काटने घर लाया। उसके बाद उसने लशकॉफ की सहायता कैसे की?)
Answer:
After getting all the wood chopped, Sergei was happy that he had helped a man. He had reformed a beggar. He told Lushkoff that he could come on the first of every month and chop wood for money. Thus Lushkoff came on the first of every month. Although he was so weak that he could hardly stand on his legs, yet there was always work for him and he did it.

Sometimes, it was chopping of wood. At other times, he had to shovel snow, or to put the woodshed in order. Sometimes, he was asked to beat the dust out of mattresses and rugs. Every time he received from twenty to forty copecks. One day Sergei moved to another house. He hired Lushkoff to help in packing and hauling of furniture. This time, he was silent and sober. After the work was done, Sergei offered to find better work for him. He wrote a letter to one of his friends. He gave this letter to Lushkoff and told him that he would find the job of copying the written matter. In this way, Sergei helped Lushkoff. He was pleased at having put a man on the right path.

(लकड़ी कटवाने के बाद, सरजई को प्रसन्नता थी कि उसने एक व्यक्ति की सहायता की है। उसने एक भिखारी को सुधार दिया है। उसने लशकॉफ को कहा कि वह हर महीने की पहली तारीख को आकर पैसे के बदले लकड़ी काट जाया करे। इस प्रकार लशकॉफ हर महीने की पहली तारीख को आता। यद्यपि वह इतना कमज़ोर था कि मुश्किल से ही अपनी टाँगों पर खड़ा हो पाता था, फिर भी उसके लिए सदा काम होता था और वह इसे करता था। कभी यह लकड़ी काटने का काम होता था।

अन्य समयों पर बर्फ हटाने का काम होता था या लकड़ी के शैड को व्यवस्थित करने का काम होता था। कई बार उसे चटाइयों और गद्दों की मिट्टी झाड़ने का काम मिलता था। हर बार उसे बीस से चालीस कोपेक मिलते थे। एक दिन सरजई किसी दूसरे घर में चला गया। उसने लशकॉफ को फर्नीचर पैक करने और लादने के काम पर लगाया।

इस बार वह खामोश एवं गंभीर था। जब काम हो चुका, तो सरजई ने उसके लिए बेहतर काम तलाश करने की पेशकश की। उसने अपने एक मित्र को पत्र लिखा। उसने यह पत्र लशकॉफ को दिया और कहा कि वह उसे लिखे हुए काम की प्रतियाँ बनाने का काम देगा। इस प्रकार, सरजई ने लशकॉफ की सहायता की। उसे एक व्यक्ति को सही रास्ते पर लाने की खुशी हुई।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 10 The Beggar

Question 3.
Describe the last meeting between Sergei and Lushkoff. How did Olga help Lushkoff to be a real man?
(लशकॉफ और सरजई की आखिरी मुलाकात का वर्णन करो। ओल्गा ने लशकॉफ को वास्तविक व्यक्ति बनाने में सहायता कैसे की?)
Answer:
One day, after two years, Sergei came across Lushkoff standing at the ticket window of a theatre, paying for a seat. He was wearing a coat collar of curly fur and sealskin cap. Sergei recognized him. Lushkoff told him that now he was a notary and was paid thirty-five roubles a month.

Sergei was pleased to hear this. He congratulated Lushkoff for standing on his own feet in life. At this Lushkoff disclosed something to him. He said that it was not because of him, but his maidservant Olga that he had reformed himself. When he used to come to his house to chop wood, he could not do so because he was weak and inexperienced.

Then Olga would take pity on him and chop the wood for him. He told Sergei that he never chopped a single stick. It was all done by Olga. Her kindness transformed him. He stopped drinking and started earning his living by hard work. In this way, Olga’s kindness had changed his life.

(दो साल के बाद, एक दिन सरजई की मुलाकात लशकॉफ से एक थिएटर की टिकट खिड़की पर हो गई, जहाँ वह एक सीट के लिए पैसे दे रहा था। वह मुड़े हुए फर के कॉलर वाला कोट एवं सील की खाल की टोपी पहने हुए था। सरजई ने उसे पहचान लिया। लशकॉफ ने उसे बताया कि अब वह एक नोटरी है और उसे पैंतीस रूबल प्रतिमाह मिलते हैं।

सरजई को यह सुनकर खुशी हुई। उसने लशकॉफ को जीवन में अपने पैरों पर खड़े होने की बधाई दी। इस पर लशकॉफ ने उसे रहस्य की बात बताई। उसने कहा कि ऐसा उसके कारण नहीं, बल्कि उसकी नौकरानी ओल्गा के कारण हुआ कि उसने स्वयं को सुधारा। जब वह उसके घर लकड़ी काटने आता था, तो काट नहीं पाता था क्योंकि वह कमज़ोर एवं अनुभवहीन था।

तब ओल्गा उस पर तरस खाती थी और उसके लिए लकड़ी काट देती थी। उसने सरजई को बताया कि उसने कभी एक छड़ी भी नहीं काटी। यह सब कुछ ओल्गा ने किया। उसकी दया ने उसे बदल दिया। उसने शराब पीना छोड़ दिया और काम करके रोज़ी कमाना आरंभ कर दिया। इस प्रकार, ओल्गा की दयालुता ने उसका जीवन बदल दिया।)

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Multiple Choice Questions

Question 1.
What was the name of the beggar?
(A) Olga
(B) Lushkoff
(C) Sergei
(D) none of the above
Answer:
(B) Lushkoff

Question 2.
Lushkoff is in the habit of
(A) stealing
(B) telling lies
(C) working hard
(D) making excuse
Answer:
(B) telling lies

Question 3.
What was Lushkoff in his earlier life?
(A) a village school teacher
(B) a student
(C) a Russian choir singer
(D) none of the above
Answer:
(C) a Russian choir singer

Question 4.
What work did Sergei give to Lushkoff?
(A) preparing notes for him
(B) chopping wood for him
(C) making money by begging for him
(D) watching his home
Answer:
(B) chopping wood for him

Question 5.
Who was Olga?
(A) a beggar
(B) Sergei’s cook
(C) an advocate
(D) a wood chopper
Answer:
(B) Sergei’s cook

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Question 6.
Did Lushkoff really want to chop woods?
(A) yes
(B) no
(C) may be
(D) not known
Answer:
(B) no

Question 7.
What did Sergei give Lushkoff for chopping wood?
(A) a pound
(B) a dollar
(C) a frank
(D) halp a rouble
Answer:
(D) halp a rouble

Question 8.
What did Sergei offer to Lushkoff?
(A) to come on every first day of the month
(B) to come on every first day of the week
(C) to come on every sunday
(D) none of the above
Answer:
(A) to come on every first day of the month

Question 9.
Who moved into another house?
(A) Lushkoff
(B) Olga
(C) Sergei
(D) none of the above
Answer:
(C) Sergei

Question 10.
What did Lushkoff become later?
(A) an advocate
(B) a bus conductor
(C) a doctor
(D) a notary
Answer:
(D) a notary

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Question 11.
How much did Lushkoff earn per month working as a notary?
(A) twenty roubles
(B) twenty-five roubles
(C) thirty roubles
(D) thirty-five roubles
Answer:
(D) thirty-five roubles

Question 12.
Who called Lushkoff his godson?
(A) Sergei
(B) Olga
(C) both (A) and (B)
(D) none of the above
Answer:
(A) Sergei

Question 13.
Who used to chop wood for Lushkoff?
(A) Sergei
(B) Olga
(C) both (A) and (B)
(D) none of the above
Answer:
(B) Olga

Question 14.
Who set Sergei actually on a right path?
(A) Sergei
(B) the police
(C) Lushkoff himself
(D) Olga
Answer:
(D) Olga

Question 15.
Who is the author of the lesson ‘The Beggar’?
(A) Bill Bryson
(B) Anton Chekhov
(C) Zan Gaudiose
(D) O Henry
Answer:
(B) Anton Chekhov

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The Beggar Summary

The Beggar Introduction in English

his is the story of Lushkoff, a beggar. He earns a little by telling lies and thus evoking sympathy in his listeners. One day he comes across Sergei, who does not give him alms but offers to give him work.

Lushkoff is weak and unwilling to do the laborious job of chopping wood. But the job is somehow done. He gives up begging. Years later when Sergei comes across Lushkoff, he is no longer a beggar but a respectable notary. Then he discloses the fact that it was Sergei’s maidservant who had chopped the wood for him. This act of her kindness had influenced him so much that his whole life was changed.

The Beggar Summary in English

The day advocate Sergei came across a beggar. He was dressed in very poor clothes. He was crying and requested Sergei to have pity on him. He told Sergei that he had the offer of a position in Kaluga, but he did not have money to get there. So he wanted some money to pay for the fare. Sergei looked at the beggar closely.

Suddenly he remembered that he had seen him the previous day in Sadovya Street. Then he had told him that he was a student and had been expelled for not paying his fees. At first, the beggar denied the charge. But when Sergei rebuked him, he admitted that he earned his living by lying. He told Sergei that his name was Lushkoff and that he was out of work.

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Sergei refused to give him alms. But he said that he would give him work of chopping wood. He brought Lushkoff home. He called his maidservant Olga and told her to take him into the woodshed and get some wood chopped. Sergei could see from room that Lushkoff was weak as well as unwilling to do the chopping work. However, after one hour, Olga came and told Sergei that the wood had been chopped. Sergei gave Lushkoff half a rouble.

After getting wood chopped, Sergei was happy that he had helped a man. He had reformed a beggar. He told Lushkoff that he could come on the first of every month and chop wood for money. Thus Lushkoff came on the first of every month . Although he was so weak that he could hardly stand on his legs, yet there was always work for him and he did it.

Sometimes, it was chopping of wood. At other times, he had to shovel snow, or to put the woodshed in order. Sometimes, he was asked to beat the dust out of mattresses and rugs. Every time he received from twenty to forty copecks. One day Sergei moved to another house. He hired Lushkoff to help in packing and hauling of furniture. This time, he was silent and sober.

After the work was done, Sergei offered to find better work for him. He wrote a letter to one of his friends. He gave this letter to Lushkoff and told him that he would find the job of copying the written matter. In this way, Sergei helped Lushkoff. He was pleased at having put a man on the right path.

After that Sergei did not come across Lushkoff for two years. Then one day, he came across Lushkoff standing at the ticket window of a theatre, paying for a seat. He was wearing a coat collar of curly fur and sealskin cap. Sergei recognised him. Lushkoff told him that now he was a notary and was paid thirtyfive roubles a month.

Sergei was pleased to hear this. He congratulated Lushkoff for standing on his own feet in life. At this, Lushkoff disclosed something to him. He said that it was not because of him, but his maidservant Olga that he had reformed himself. When he used to come to his house to chop wood, he could not do so because he was weak and inexperienced.

Then Olga would take pity on him and chop the wood for him. He told Sergei that he never chopped a single stick. It was all done by Olga. Her kindness transformed him. He stopped drinking and started earning his living by work. In this way, Olga’s kindness had changed his life.

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The Beggar introduction in Hindi

यह लशकॉफ नामक एक भिखारी की कहानी है। वह झूठ बोलकर एवं अपने श्रोताओं के मन में सहानुभूति पैदा करके थोड़ा-बहुत कमाता है। एक दिन उसकी मुलाकात सरजई से होती है जो उसे भीख नहीं देता, मगर उसे काम देने की पेशकश करता है।

लशकॉफ कमज़ोर है और लकड़ी काटने का मेहनती काम करने की उसकी इच्छा नहीं है। मगर किसी तरह काम हो जाता है। वह भीख मांगना छोड़ देता है। कई साल बाद जब सरजई की लशकॉफ से मुलाकातं होती है, तो वह अब भिखारी नहीं, बल्कि सम्मानजनक नोटरी है। तब वह भेद खोलता है कि उसके लिए सरजई की नौकरानी लकड़ी काटा करती थी। उसके इस नेक काम ने उसको इतना प्रभावित किया कि उसका सारा जीवन बदल गया।

The Beggar Summary in Hindi

एक दिन सरजई नामक वकील की मुलाकात एक भिखारी से हुई। वह बहुत ही गरीबीपूर्ण कपड़े पहने हुए था। वह चिल्ला रहा था और उसने सरजई से प्रार्थना की कि वह उस पर तरस खाए। उसने सरजई से कहा कि उसे कलूगा में नौकरी मिली है, मगर उसके पास वहाँ जाने के लिए पैसे नहीं हैं। इसलिए उसे किराए के लिए कुछ पैसे चाहिए थे। सरजई ने भिखारी को ध्यान से देखा।

अचानक उसे याद आया कि उसने उसे पहले दिन सडोव्या स्ट्रीट में देखा था। तब उसने उससे कहा था कि वह एक छात्र है और उसे फीस न देने के कारण निकाल दिया गया है। पहले तो भिखारी ने इस आरोप से इंकार किया। मगर जब सरजई ने उसे डाँटा, तो वंह मान गया कि वह अपनी आजीविका झूठ बोलकर कमाता है। उसने सरजई को बताया कि उसका नाम लशकॉफ है और वह बेरोज़गार है। सरजई ने उसे भीख देने से इंकार कर दिया।

मगर उसने उससे कहा कि वह उसे लकड़ी काटने का काम दे देगा। वह लशकॉफ को घर ले आया। उसने अपनी नौकरानी ओल्गा को बुलाया और उसे कहा कि वह उसे लकड़ी के शैड में ले जाए और उससे लकड़ी कटवाए। सरजई अपने कमरे से देख सकता था कि लशकॉफ कमज़ोर है और उसकी लकड़ी काटने की इच्छा नहीं है। लेकिन, एक घंटे के बाद ओल्गा आई और उसने सरजई को बताया कि सारी लकड़ी कट गई है। सरजई ने लशकॉफ को आधा रूबल दिया।

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 10 The Beggar

लकड़ी कटवाने के बाद सरजई को प्रसन्नता थी कि उसने एक व्यक्ति की सहायता की है। उसने एक भिखारी को सुधार दिया है। उसने लशकॉफ को कहा कि वह हर महीने की पहली तारीख को आकर पैसे के बदले लकड़ी काट जाया करे। इस प्रकार लशकॉफ हर महीने की पहली तारीख को आता था। यद्यपि वह इतना कमज़ोर था कि मुश्किल से ही अपनी टाँगों पर खड़ा हो पाता था, फिर भी उसके लिए सदा काम होता था और वह इसे करता था। कभी लकड़ी काटने का काम होता था।

अन्य समयों पर बर्फ हटाने का काम होता था या लकड़ी के शैड को व्यवस्थित करने का काम होता था। कई बार उसे चटाइयों और गद्दों की मिट्टी झाड़ने का काम मिलता था। हर बार उसे बीस से चालीस कोपेक मिलते थे। एक दिन सरजई किसी अन्य घर में चला गया। उसने लशकॉफ को फर्नीचर पैक करने और लादने के काम पर लगाया। इस बार वह खामोश एवं गंभीर था। जब काम हो चुका था, तो सरजई ने उसके लिए बेहतर काम तलाश करने की पेशकश की। उसने अपने एक मित्र को पत्र लिखा। उसने यह पत्र लशकॉफ को दिया

और कहा कि वह उसे लिखे हुए काम की प्रतियां बनाने का काम देगा। इस प्रकार, सरजई ने लशकॉफ की सहायता की। उसे एक व्यक्ति को सही रास्ते पर ले आने की खुशी थी। उसके बाद सरजई की मुलाकात लशकॉफ से दो साल तक नहीं हुई। तब एक दिन, उसकी मुलाकात लशकॉफ से एक थिएटर की टिकट खिड़की पर हो गई, जहाँ वह एक सीट के लिए पैसे दे रहा था। वह मुड़े हुए फर के कॉलर वाला कोट एवं सील की खाल की टोपी पहने हुए था।

सरजई ने उसे पहचान लिया। लशकॉफ ने उसे बताया कि अब वह एक नोटरी है और उसे 35 रूबल प्रतिमाह मिलते हैं। सरजई को यह सुनकर खुशी हुई। उसने लशकॉफ को जीवन में अपने पैरों पर खड़े होने की बधाई दी। इस पर लशकॉफ ने उसे रहस्य की बात बताई। उसने कहा कि ऐसा उसके कारण नहीं, बल्कि उसकी नौकरानी ओल्गा के कारण हुआ, जिसके फलस्वरूप उसने स्वयं को सुधारा।

जब वह उसके घर लकड़ी काटने आता था तो काट नहीं पाता था, क्योंकि वह कमज़ोर एवं अनुभवहीन था। तब ओल्गा उस पर तरस खाती थी और उसके लिए लकड़ी काट देती थी। उसने सरजई को बताया कि उसने कभी एक छड़ी भी नहीं काटी। यह सब कुछ ओल्गा ने किया। उसकी दया ने उसे बदल दिया। उसने शराब पीना छोड़ दिया और काम करके रोज़ी कमाना आरंभ कर दिया। इस प्रकार, ओल्गा की दयालुता ने उसका जीवन बदल दिया।

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The Beggar Word-Meanings

(Page 62) :
Induced = inspired = प्रेरित किया; copecks = Russian currency = रूसी मुद्रा; lodging = putting up at a place = रहने का स्थान; swear = take oath = कसम खाना; intrigues = tricks = चालें; calumny = defamatory statements = निंदाजनक कथन; ragged = torn = फटा हुआ; fawn = young one of deer = हिरण का बच्चा; suppliant= applicant = आवेदक; mendicant = beggar = भिखारी; expelled = shunted out = निकाल देना; mumbled =grumbled= बुड़बुड़ाया; taken aback = amazed = हैरान; flushed = turned red = लाल हो जाना; creature = living being = प्राणी; disgust = dislike = नफरत।

(Page 63) :
Swindling = cheating = धोखा देना; fiction =imagination = कल्पना; choir = group of singers= गायक समूह; chop = cut = काटना; hastened = hurried = जल्दी करना; scarecrow = figure to frighten away birds in a field = खेत में पक्षियों को डराने वाली आकृति; shrugged = pulled back = उचकाना; perplexity = confusion = परेशानी; irresolutely = hesitatingly = झिझुकते हुए; obvious = clear = स्पष्ट; gait = walk = चाल; consented = agreed = मान गया; trapped = caught = पकड़ा गया; undermined = weakened = कमज़ोर करना; vodka = Russian wine = रूसी शराब; slightest = least = बहुत कम; inclination = willingness = इच्छा; glared = stared = घूर कर देखा; wrathfully = angrily = गुस्से से; shoved = pushed = धकेलना; banged = shut with noise = जोर से बंद किया।

(Page 64) :
Pseudo = unreal = अवास्तविक; log = large piece of wood = लकड़ी का गट्ठा; spat = spat = थूका; scold = rebuke = डाँटना; billet = thick piece of wood = लकड़ी का बड़ा टुकड़ा; tapped = stuck with a sound = ठक-ठक की आवाज़; feebly = weakly = कमज़ोरी से; wavered = shook = हिला; cautiously = with caution = सावधानी से; vanished = disappeared = गायब हो गया; spoiled = useless = बेकार; menial = physical = शारीरिक; waif = . homeless person = बेघर व्यक्ति।

(Page 65) :
Shovel (v) = lift with a tool = बेलचे से उठाना; sober = serious = गंभीर; rugs = mats = चटाइयाँ; mattresses = quilts, cushions, etc. = रजाइयाँ, गद्दे आदि; hauling = carrying = उठाना; gloomy = sad = उदास; shivered = trembled = काँपना; embarrassed = perplexed = परेशान; carters = persons driving carts = छकड़ा गाड़ी चालक; jeered = made fun of = मजाक उड़ाया; tattered = in rags = फटेहाल; curly = twisted = धुंघराले; sealskin = made of the skin of seal = सील की खाल की बनी; timidly = politely = विनम्रता से; notary = notary = नोटरी।

(Pages 66-67) :
Godson = like one’s own son = अपने बेटे जैसा, धर्म पुत्र; roasting = (here) rebuking = डाँटना; dragged = pulled = खींचा; indebted = under debt = ऋणी; strictly speaking = truly speaking = सच बोलते . हुए; sot = drunkard = शराबी; miserable = unhappy = दुःखी; ruin = destruction = विनाश; opposite = before = के सामने; strain = (here) style = स्टाइल; departed = went away = विदा लेना।

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The Beggar Translation in Hindi

(Page 62)

(भिखारी लशकॉफ को क्या चीज अपने तरीके बदलने के लिए प्रोत्साहित करती है ? आओ पढ़ें और पता लगाएँ।)

“दयालु श्रीमान दया करो; अपना ध्यान एक गरीब, भूखे व्यक्ति की तरफ लगाओ! तीन दिन से मेरे पास खाने को कुछ नहीं है; मैं भगवान के सामने कसम खाकर कहता हूँ कि मेरे पास रहने का कमरा लेने के लिए पाँच कोपेक भी नहीं हैं। आठ साल तक .मैं गाँव के स्कूल में अध्यापक था और तब चालबाजी के कारण मेरी नौकरी चली गई। मैं झूठी और निंदाजनक अफवाहों का शिकार हो गया। अब एक साल से मेरे पास करने को कोई काम नहीं है।”

एडवोकेट सरजई, ने प्रार्थी के फटेहाल, फॉन रंग के ओवरकोट को देखा, उसकी सुस्त, शराबी आँखों को देखा; उसकी हर गाल पर लाल निशान को देखा और उसे ऐसे लगा जैसे उसने इस व्यक्ति को पहले कहीं देखा है।

भिखारी ने कहना जारी रखा, “आज मेरे पास कलूगा के इलाके में एक नौकरी की पेशकश है, लेकिन मेरे पास वहाँ जाने के लिए पैसा नहीं हैं। कृपा करके मेरी सहायता करो; मुझे माँगते हुए शर्म आती है, मगर मैं परिस्थितियों के द्वारा मजबूर हो गया हूँ।” _ सरजई की. नज़रें उस व्यक्ति के बड़े जूतों पर पड़ीं, जिनमें से एक ऊँचा था और एक नीचा था और उसे अचानक कुछ याद आ गया।

“देखो जरा, मुझे लगता है कि मैं तुम्हें परसों सडोव्या स्ट्रीट में मिला था,” उसने कहा, “मगर तब तुमने कहा था कि तुम एक छात्र हो और तुम्हें निकाल दिया गया है, तुम गाँव के स्कूल के अध्यापक नहीं थे। क्या तुम्हें याद है ?”

“न-नहीं, ऐसा नहीं हो सकता,” भिखारी हैरान होकर बुड़बुड़ाया। “मैं एक गाँव के स्कूल का अध्यापक हूँ, और अगर आप चाहते हैं तो मैं आपको कागजात दिखा सकता हूँ।”.

“बहुत झूठ बोलते हो! तुम स्वयं को छात्र कहते थे और मुझे यह भी बताया कि तुम्हें स्कूल से निकाला गया है। तुम्हें याद नहीं है क्या ??

सरजई का चेहरा लाल हो गया और वह फटेहाल प्राणी से घृणा की भावना लेकर मिला।

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(Page 63)

“यह गैर-ईमानदारी है, श्रीमान,” वह गुस्से से चिल्लाया। “यह धोखा है-मैं तुम्हारे लिए पुलिस बुलाऊँगा, तुम्हारा बुरा हो!”

“श्रीमान जी!,” उसने अपने दिल पर हाथ रखकर कहा, “सच यह है कि मैं झूठ बोल रहा था! मैं न तो छात्र हूँ और न ही स्कूल का अध्यापक। वह सब मनगढ़ंत कहानी थी। पहले मैं एक रूसी समूहगान में गाता था और शराब पीने के कारण मुझे निकाल दिया गया। लेकिन मैं और क्या कर सकता हूँ ? झूठ बोले बिना मेरा गुजारा नहीं होता। जब मैं सच बोलूँ तो मुझे कोई कुछ नहीं देगा, मैं क्या कर सकता हूँ ?”

“तुम क्या कर सकते हो ? तुम मुझसे पूछते हो कि तुम क्या कर सकते हो ?” सरजई, उसके पास आता हुआ चिल्लाया। “काम! तुम यह कर सकते हो! तुम्हें अवश्य काम करना चाहिए!”

“काम-हाँ, मैं स्वयं भी यह जानता हूँ मगर मुझे काम कहाँ मिलेगा ?”

“क्या तुम मेरे लिए लकड़ियाँ काटना चाहोगे ?”

“मैं यह काम करने से मना नहीं करूँगा, मगर आजकल कुशल लकड़ी काटने वाले भी बेकार रहते हैं।”

“क्या तुम मेरे साथ आओगे और लकड़ी काटोगे ?”

“हाँ श्रीमान, मैं काढूँगा।”

“ठीक है; हम शीघ्र ही पता लगा लेंगे।”

सरजई जल्दी से, अपने हाथ मलते हुए चल दिया। उसने अपनी रसोइन को रसोई से बुलाया।

“सुनो, ओल्गा,” उसने कहा, “इस भद्रपुरुष को लकड़ी के शैड में ले जाओ और उसे लकड़ी काटने दो।”

“भिखारी, जो स्केयरक्रो जैसा लगता था, ने अपने कंधे उचकाए, जैसे कि परेशान हो और अनमने मन से रसोइन के पीछे चला गया। उसकी चाल से यह प्रत्यक्ष था कि उसने लकड़ी काटने के लिए इसलिए हाँ नहीं की थी क्योंकि वह भूखा था और काम चाहता था, बल्कि केवल गर्व एवं शर्म से और क्योंकि वह अपने शब्दों में खुद ही फंस गया था। यह भी स्पष्ट था, कि उसकी शक्ति वोदका के द्वारा क्षीण हो गई थी और वह अस्वस्थ था और मेहनत करने की उसकी जरा भी इच्छा नहीं थी।

सरजई जल्दी से भोजन-कक्ष में गया। इसकी खिड़की में से व्यक्ति लकड़ी के शैड को और आंगन में होने वाले हर काम को देख सकता था। खिड़की के पास खड़े होकर, सरजई ने रसोइन एवं भिखारी को पिछले दरवाजे से आंगन में आते हुए एवं गंदी बर्फ के बीच में से शैड की तरफ रास्ता बनाते देखा। ओल्गा ने अपने साथी को गुस्से से देखा, अपनी कोहनी से धकेला, शैड का ताला खोला और गुस्से से दरवाजा पटका।

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(Page 64)

इसके बाद उसने देखा कि नकली अध्यापक लकड़ी के एक गट्टे पर बैठा और अपने लाल गालों को अपनी मुट्ठियों पर टिका कर ख्यालों में खो गया। औरत ने एक कुल्हाड़ा उसके कदमों के पास फेंका, गुस्से से थूका और उसके होठों की अभिव्यक्ति से अनुमान लगाते हुए, उसे डाँटना आरंभ कर दिया।

भिखारी ने अनिच्छा से लकड़ी का एक टुकड़ा अपनी तरफ खींचा, उसे अपने कदमों के बीच में रखा और कमजोर ढंग से इसे कुल्हाड़े से ठकठकाया। लकड़ी का टुकड़ा हिला और गिर गया। भिखारी ने फिर इसे अपनी तरफ खींचा, अपने ठंडे हाथों पर सांस भरी और इस पर सावधानी से कुल्हाड़ा हल्के से मारा, मानो कि उसे अपने जूते पर प्रहार होने या उंगली कटने का डर हो। लकड़ी का टुकड़ा फिर से जमीन पर गिर पड़ा।

सरजई का गुस्सा गायब हो चुका था और उसे अब कुछ अफसोस था और उसे अपने पर इस बात से शर्म आ रही थी कि उसने एक बिगड़े हुए, शराबी, और शायद बीमार व्यक्ति को ठंड में घटिया काम करने पर लगा दिया था।

एक घंटे बाद ओल्गा आई और घोषणा की कि सारी लकड़ी काटी जा चुकी थी।

“अच्छी बात है! उसे आधा रूबल दे दो”, सरजई ने कहा। “अगर वह चाहे तो वह हर महीने के पहले दिन आकर लकड़ी काट सकता है। हम सदा उसके लिए काम ढूँढ सकते हैं।”

महीने के पहले दिन भिखारी आया और उसने दोबारा आधा रूबल कमा लिया, यद्यपि वह अपनी टाँगों पर कठिनाई से खड़ा हो सकता था।

(Page 65)

उस दिन के बाद वह अकसर आंगन में नजर आता था और हर बार उसके लिए काम ढूँढ लिया जाता था। कभी वह बर्फ को बेलचे से हटाता था; कभी वह लकड़ी के शैड को व्यवस्थित करता था; कभी वह कालीनों एवं गद्दों को पीटकर उनमें से धूल निकालता था। हर बार उसे बीस से चालीस कोपेक मिलते थे, और एक बार, उसके लिए एक पुरानी पैंट भी भेजी गई।

जब सरजई एक अन्य घर में गया, उसने उसे सामान पैक करने एवं फर्नीचर को लादने के काम पर लगाया। इस बार भिखारी विनम्र, उदास एवं शांत था। उसने फर्नीचर को मुश्किल से ही हाथ लगाया और सिर झुकाकर वैगनों के पीछे चला और व्यस्त होने . का ढोंग भी नहीं किया। वह केवल ठंड में काँपता रहा और जब कुलियों ने उसकी सुस्ती, उसकी कमजोरी उसके फटे हुए अजीब कोट के लिए उसका मजाक उड़ाया तो वह परेशान हो गया। जब स्थानांतरण पूरा हो गया तो सरजई ने उसे बुलाया।

“खैर, मुझे खुशी है कि मेरे शब्दों का तुम्हारे पर प्रभाव हो गया है,” उसने उसे एक रूबल देते हुए कहा। “यह लो तुम्हारी मेहनत की मजदूरी। मैं देख रहा हूँ कि तुम शांत हो और तुम्हें काम से एतराज नहीं है। तुम्हारा नाम क्या हैं ?

“लशकॉफ।” “खैर लशकॉफ, मैं तुम्हें कोई अन्य, साफ सुथरा काम दे सकता हूँ। क्या तुम लिख सकते हो ?”

“लिख सकता हूँ।”

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 10 The Beggar

“तो मेरा यह पत्र मेरे एक मित्र के पास कल ले जाओ और उन्हें प्रतियाँ बनाने का काम दिया जाएगा। मेहनत करना, शराब नहीं पीना और जो मैंने तुम्हें कहा है, याद रखना। अलविदा!”

इस बात से प्रसन्न होकर कि उसने एक व्यक्ति को सही रास्ते पर डाल दिया है, सरजई ने हल्के से लशकॉफ का कंधा थपथपाया और जुदा होते समय हाथ भी मिलाया। लशकॉफ ने पत्र लिया और उस दिन के बाद आंगन में काम करने नहीं आया।

दो साल बीत गए। तब एक शाम, जब सरजई एक थियेटर की टिकट खिड़की के पास अपनी सीट का भुगतान करने के लिए खड़ा था, तो उसने अपने पास एक छोटे कद के व्यक्ति को खड़े देखा जिसके कोट का कॉलर मुड़े हुए फर का था और उसने सील की खाल की टोपी पहनी हुई थी। इस छोटे व्यक्ति ने शर्माते हुए टिकट विक्रेता को गैलरी में सीट देने को कहा और उसका भुगतान तांबे के सिक्कों से किया।

“लशकॉफ, यह तुम हो क्या ?” इस छोटे व्यक्ति को अपने पहले वाले लकड़ी काटने वाले के रूप में पहचान कर सरजई चिल्लाकर बोला। “तुम कैसे हो ? तुम क्या कर रहे हो ? आपके लिए हर चीज कैसी है ?”

“सब ठीक है। अब मैं एक नोटरी हूँ और मुझे प्रति महीने पैंतीस रूबल मिलते हैं।”

(Page 66)

“भगवान का धन्यवाद है! यह अच्छी बात है! तुम्हारी खातिर, मैं प्रसन्न हूँ। लशकॉफ, मैं बहुत-बहुत खुश हूँ। देखो, तुम एक प्रकार से मेरे धर्मपुत्र हो। तुम जानते हो, मैंने तुम्हें सही रास्ते पर आगे बढ़ाया। तुम्हें याद है मैंने तुम्हें कितनी डाँट पिलाई थी? उस दिन तो लगभग तुम मेरे पैरों पर गिर ही पड़े थे। मेरे शब्दों को न भूलने के लिए तुम्हारा धन्यवाद।”

“आपका भी धन्यवाद,” लशकॉफ ने कहा। “अगर मैं आपके पास न आया होता तो शायद अभी भी मैं स्वयं को एक अध्यापक या छात्र कहता होता। हाँ, आपके संरक्षण में आकर मैंने स्वयं को खाई से बाहर निकाला।”

“मैं सचमुच बहुत प्रसन्न हूँ।” ।

“आपके दयालु शब्दों एवं कामों के लिए धन्यवाद। मैं आपका और आपकी रसोइन का बहुत कृतज्ञ हूँ। भगवान उस अच्छी एवं नेक औरत का भला करे! आप उस समय अच्छा बोले और मैं अपनी मृत्यु के दिन तक आपका ऋणी रहूँगा; मगर अगर सही बात की जाए तो यह आपकी रसोइन ओल्गा थी जिसने मुझे बचा लिया।”

“ऐसा कैसे है ?”

“जब मैं आपके घर लकड़ी काटने आता था तो वह कहना शुरू करती थी :
‘ओह तुम शराबी! ओह तुम घृणित प्राणी! तेरे लिए संसार में विनाश के सिवाय कुछ नहीं है। और तब वह मेरे सामने बैठ जाती और उदास हो जाती, मेरे चेहरे को देखती और रोने लगती। ‘ओह अभागे व्यक्ति! तेरे लिए इस संसार में कोई खुशी नहीं है और न ही अगले संसार में होगी। तुम शराबी! तुम नरक में सड़ोगे। ओह अप्रसन्न व्यक्ति!’ और तुम जानते हो, उसी लहजे में वह बोलना जारी रखती। और मैं कह नहीं सकता कि उसे कितना कष्ट होता होगा, उसने मेरी खातिर आंसू कितने बहाए होंगे।

(Page 67)

लेकिन मुख्य बात यह थी कि वह मेरे लिए लकड़ी काट दिया करती थी। क्या आप जानते हैं श्रीमान, मैंने आपके लिए लकड़ी का एक टुकड़ा भी नहीं काटा ? सब कुछ उसी ने किया। इस बात ने मुझे क्यों बचाया, मैं क्यों बदल गया, उसको देखने के बाद मैनें पीना क्यों छोड़ दिया, मैं समझा नहीं सकता। मैं केवल इतना जानता हूँ कि उसके शब्दों एवं नेक कामों के कारण, मेरे दिल में एक परिवर्तन आया; उसने मुझे सुधार दिया और मैं उसे कभी नहीं भूल सकता। लेकिन, अब जाने का समय हो गया है; लो घंटी बज गई है।” लशकॉफ झुका और गैलरी में चला गया।

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HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 7 The Last Leaf

Haryana State Board HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 7 The Last Leaf Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class English Solutions Moments Chapter 7 The Last Leaf

HBSE 9th Class English The Last Leaf Textbook Questions and Answers

Think about it

The Last Leaf Class 9 Questions And Answers HBSE Chapter 7 Question 1.
What is Johnsy’s illness? What can cure her, the medicine or the willingness to live?
(जॉन्सी की बीमारी क्या है? उसका इलाज क्या चीज कर सकती है, दवाइयाँ या जीने के लिए इच्छा?)
Answer:
Johnsy falls ill with pneumonia. She keeps lying in her bed many days. During this she has a fancy that she will die when the last leaf on the ivy creeper falls. The treatment given by the doctor proves useless because she is expecting death anytime. Not medicine but the willingness to live can cure her.

(जॉन्सी को निमोनिया हो जाता है। वह कई दिनों तक अपने बिस्तर पर पड़ी रहती है। इस दौरान उसे एक वहम हो जाता है कि जब बेल से आखिरी पत्ता गिर जाएगा तो वह मर जाएगी। डॉक्टर के द्वारा दिया गया इलाज बेकार सिद्ध होता है क्योंकि वह किसी भी समय अपनी मौत की प्रतीक्षा कर रही है। दवाइयों की बजाय जीवन जीने की इच्छा उसका इलाज कर सकती है।)

Last Leaf Class 9 Question Answer HBSE Chapter 7 Question 2.
Do you think the feeling of depression Johnsy has is common among the teenagers?
(क्या आप ऐसा सोचते हो कि जो भय की भावना जॉन्सी के मन में है वह किशोरावस्था में एक सामान्य बात होती है ?)
Answer:
The mind is highly sensitive and imaginative in the teenage. If any fancy takes place in their mind it becomes very difficult to get them out of that. So the feeling of depression in Johnsy has a common among the teenagers.

(किशोरावस्था में मन बहुत ही भावुक और कल्पनाशील होता है। यदि उनके मन में किसी प्रकार का कोई वहम आ जाता है तो उन्हें उससे बाहर निकालना बड़ा कठिन हो जाता है। इसलिए जिस प्रकार के भय की भावना जॉन्सी के मन में है वह किशोरावस्था में एक सामान्य बात है।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 7 The Last Leaf

Question 3.
Behrman has a dream. What is it? Does it come true?
(बैहरमैन का एक सपना है। वह सपना क्या है? क्या वह सच साबित होता है?)
Answer:
Behrman is a sixty-year old painter. He lives on the ground floor of the building in which Sue and Johnsy live. He has a dream. His dream is to paint a masterpiece. This dream comes true when he paints a leaf on the wall. Johnsy thinks it the last leaf on the ivy creeper. This leaf saves Johnsy life.)

(बैहरमैन एक 60 वर्षीय वृद्ध चित्रकार है। वह उस इमारत के सबसे निचले तल पर रहता है जिसमें स्यू और जॉन्सी रहती हैं। उसका एक सपना है। उसका सपना है कि वह एक सर्वश्रेष्ठ कृति की चित्रकारी करे। उसका यह सपना सच हो जाता है जब वह दीवार पर एक पत्ता छापता है। जॉन्सी इसे बेल पर लगा आखिरी पत्ता समझती है। यह पत्ता जॉन्सी का जीवन बचाता है।)

Question 4.
What is Behrman’s masterpiece? What makes Sue say so?
(बैहरमैन की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति क्या है? स्यू ऐसा क्यों कहती है?)
Answer:
Behrman is a sixty-year old painter. He paints a leaf on the wall. It looks like the last leaf on the ivy creeper. Johnsy thinks it the real leaf. It does not fall in ice-cold wind. This inspires a willingness for life in Johnsy’s mind. Johnsy gets better soon. So Sue calls this painting Behrman’s masterpiece.

(बैहरमैन एक 60 वर्षीय वृद्ध चित्रकार है। वह दीवार पर एक पत्ते की चित्रकारी करता है। यह पत्ता दीवार पर छपे आखिरी पत्ते के समान दिखाई देता है। जॉन्सी इसे असली पत्ता समझती है। यह बर्फानी हवा में नीचे नहीं गिरता है। यह जॉन्सी के मन में जीवन के प्रति इच्छा की भावना जागृत करता है। जॉन्सी शीघ्र ही स्वस्थ हो जाती है। इसलिए स्यू इस चित्रकारी को बैहरमैन की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति मानती है।)

Talk about It

Question 1.
Have you ever felt depressed and rejected? How did you overcome such feeling? Share your experience with your classmates.
Answer:
One day my mother was very sick. My father was not at home. I was alone with my mother at home. It was midnight. I could not find any means of transport to carry her to hospital at that time. There was no telephone facility in my home. So I could do nothing but pray to God. I sat before the idol of Lord Sri Krishna with folded hands. I prayed to Lord Krishna to make my mother well.

As if Lord Krishna had listened to my prayer. I found that my mother was sleeping. It was a big relief for me. I too lay beside my mother in her bed and slept. In the morning it was my mother who woke me up at 7 a.m. to get ready for the school. It was a miracle for me that my mother had got well fully. I can never forget this experience.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 7 The Last Leaf

HBSE 9th Class English The Last Leaf Important Questions and Answers

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
What was the Profession of Sue and Johnsy?
Answer:
Sue and Johnsy were close friends and they both were painters.

Question 2.
What happened to Johnsy?
Answer:
Johnsy fell very seriously ill in November.

Question 3.
What fear did Johnsy have in her mind?
Answer:
She feared that she would die on the day when the last leaf of the creeper fell.

Question 4.
Why was the doctor confused about Johnsy’s illness?
Answer:
The doctor was confused because no medicine was proving effective on Johnsy.

Question 5.
What was happening to the leaves on the creeper outside Johnsy’s window?
Answer:
The leaves were falling because of extreme cold and strong wind.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 7 The Last Leaf

Question 6.
Who was Behrman?
Answer:
Behrman was an old painter.

Question 7.
What did Behrman do?
Answer:
He painted a picture of creeper with a leaf on the wall.

Question 8.
What happened to Behrman?
Answer:
Behrman died of pneumonia.

Question 9.
What was Behrman’s dream?
Answer:
Behrman’s dream was to paint a masterpiece.

Question 10.
What was Behrman’s masterpiece?
Answer:
The painting of a creeper with a leaf on it was Behrman’s masterpiece.

Question 11.
Was Johnsy’s life saved?
Answer:
Yes, Johnsy’s life was saved.

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Question 12.
Who saved Johnsy’s life?
Answer:
The old painter Behrman save Johnsy’s life.

Short Answer Type Questions

Question 1.
Why did Johnsy keep looking out of the window?
(जॉन्सी खिड़की से बाहर क्यों देखती रहती थी?)
Answer:
There was a creeper on the wall facing Johnsy’s window. She had a fancy that she would die when the last leaf of the creeper fell. The leaves were falling because it was autumn season. So Johnsy kept looking out of the window.’

(जॉन्सी की खिड़की के सामने वाली दीवार पर एक बेल थी। उसको एक वहम था कि जब बेल का आखिरी पत्ता गिरेगा तो वह भी मर जाएगी। पत्ते गिर रहे थे क्योंकि पतझड़ का मौसम था। इसलिए जॉन्सी खिड़की से बाहर देखती रहती थी।)

Question 2.
How did Sue try to keep Johnsy cheerful?
(स्यू ने जॉन्सी को खुश रखने के लिए किस प्रकार से प्रयास किया?)
Answer:
The doctor had said that Johnsy’s chances of recovery were only one out of ten. Sue became sad and cried bitterly. But she wanted to cheer up Johnsy. So she entered her room, whistling a cheerful tune.

(डॉक्टर ने कहा था कि जॉन्सी के ठीक होने की संभावना केवल दस में से एक थी। स्यू उदास हो गई और फूट-फूट कर रोने लगी। मगर वह जॉन्सी को हिम्मत बंधाना चाहती थी। इसलिए वह उसके कमरे में, एक आनंदपूर्ण धुन गुनगुनाते हुए आई।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 7 The Last Leaf

Question 3.
How did Behrman react to Johnsy’s fancy?
(बैहरमैन ने जॉन्सी के वहम पर प्रतिक्रिया कैसे व्यक्त की?)
Answer:
Johnsy had a fancy that she would die when the last leaf fell. Behrman did not like this fancy of Johnsy. He called her fancy mere nonsense. He said that she should not have such absurd ideas

(जॉन्सी को वहम था कि जब आखिरी पत्ता गिरेगा तो वह मर जाएगी। बैहरमैन को जॉन्सी का यह वहम पसंद नहीं था। उसने उसके वहम को केवल बकवास कहा। उसने कहा कि उसे ऐसे बेकार के विचारों को अपने पास नहीं रखना चाहिए।)

Question 4.
What did Johnsy believe about the falling leaves? Did Sue believe the same?
(जॉन्सी गिरते हुए पत्तों के बारे में क्या सोचती थी? क्या स्यू भी यही सोचती थी?)
Answer:
Johnsy got a fancy that she would die with the fall of the last leaf. But, Sue considered it a foolish idea. She said that there could be no relationship between the last leaf and somebody’s life…

(जॉन्सी को वहम था कि वह आखिरी पत्ते के गिरने के साथ ही मर जाएगी। लेकिन, स्यू इसे एक मूर्खतापूर्ण विचार मानती थी। वह कहती थी कि आखिरी पत्ता एवं किसी की जिंदगी में कोई संबंध नहीं हो सकता।)

Question 5.
How does old Behrman catch pneumonia in ‘The Last Leaf’ by o. Henry?
(o. Henry द्वारा रचित ‘The Last Leaf’ में बूढ़े बैहरमैन को निमोनिया ने कैसे पकड़ लिया?)
Answer:
Behrman knew about Johnsy’s fancy about the falling leaves. He went out in the cold and snow and painted a leaf on the wall. He caught pneumonia and died.

(बूढ़े बैहरमैन को जॉन्सी के गिरते पत्तों के वहम के बारे में पता लगा। वह ठंड और बर्फ में बाहर गया और उसने दीवार पर पत्ता चित्रित कर दिया। उसे निमोनिया हो गया और वह मर गया।)

Question 6.
How did Johnsy realise her mistake?
(जॉन्सी को अपनी गलती का अहसास कैसे हुआ?)
Answer:
Johnsy was suffering from pneumonia. There was a creeper on the wall facing her window. Johnsy had a fancy that she would die when the last leaf fell. One night, there was only one leaf left. She thought that she would also die with the falling of the leaf. But that night, Behrman painted a leaf in its place. So it did not fall. It made her realise that it was a sin to wish to die.

(जॉन्सी निमोनिया से पीड़ित थी। उसकी खिड़की के सामने वाली दीवार पर एक बेल थी। जॉन्सी को वहम था कि जब आखिरी पत्ता गिरेगा तो वह मर जाएगी। एक रात केवल एक पत्ता बचा था। उसने सोचा कि इसके गिरने के साथ वह मर जाएगी। मगर उस रात, बैहरमैन ने उसके स्थान पर पत्ता बना दिया। इसलिए वह नहीं गिरा। इसने उसे यह अहसास करवा दिया कि मरने की कामना करना पाप है।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 7 The Last Leaf

Question 7.
What kind of a friend was Sue to Johnsy?
(स्यू जॉन्सी की किस प्रकार की मित्र थी?)
Answer:
Sue and Johnsy were close friends. Both were painters. Apart from that their tastes and views were similar. They lived in the same small flat. When Johnsy suffered from pneumonia, Sue looked after her with love and care. It was largely because of her care that Johnsy’s life was saved.

(स्यू और जॉन्सी घनिष्ठ सहेलियाँ थीं। दोनों ही चित्रकार थीं। इसके अलावा उनकी रुचियाँ और विचार एक जैसे थे। वे एक ही छोटे से फ्लैट में रहती थीं। जब जॉन्सी को निमोनिया हो गया था, तो स्यू ने उसकी देखभाल प्यार एवं सावधानी से की। यह काफी हद तक उसकी देखभाल से ही हुआ कि जॉन्सी की जान बच पाई।)

Question 8.
Describe in your own words the colony where the artists lived.
(जिस बस्ती में चित्रकार रहते थे, उसका वर्णन अपने शब्दों में करो।)
Answer:
The artists’ colony grew in the old village named Greenwich. It was to the west of Washington Square. Its streets were winding. These streets had strange angles and curves.

(कलाकारों की बस्ती ग्रीनविच नामक एक पुराने गाँव में विकसित हुई। यह वाशिंगटन स्क्वायर के पश्चिम में था। इसकी गलियां टेढ़ी-मेढ़ी थीं। इन गलियों के अजीब कोण और मोड़ थे।)

Essay Type Questions

Question 1.
Describe briefly how Behrman saved Johnsy’s life.
(संक्षेप में बताओ कि बैहरमैन ने जॉन्सी का जीवन कैसे बचाया?)
Or
How is ‘The Last Leaf’ by O. Henry a story of hope, friendship and sacrifice?
(o. Henry द्वारा रचित ‘The Last Leaf’ आशा, मित्रतापूर्वक और बलिदान की कहानी कैसे है?)
Or
Who was Behrman? What was his masterpiece and why did he paint it?
(बैहरमैन कौन था? उसकी सर्वश्रेष्ठ कलाकृति क्या थी और उसने इसे क्यों चित्रित किया?)
Answer:
Sue and Johnsy were two young girl-artists. They lived together in the artists’ colony. Once Johnsy caught pneumonia. She developed a fancy that she would die when the last leaf on the ivy creeper féll. The doctor said that she should take interest in life and wish to live. Only then she could be saved. Behrman was an old painter.

He lived on the ground floor beneath them. He was a failure in art. For forty years he had been trying to paint a masterpiece, but he had not yet started it. He came to know of Johnsy’s fancy. The night the last leaf fell, he painted a leaf on the wall. He worked all the night in rain and snow and painted the leaf. The next morning, Johnsy saw the leaf on the wall. Her will to live returned. Her life was saved. But Behrman caught pneumonia and died. Thus he sacrificed his life and saved Johnsy’s life. The last leaf painted on the wall was his masterpiece.

(स्यू और जॉन्सी दो युवा चित्रकार लड़कियाँ थीं। वे चित्रकारों की बस्ती में इकट्ठी रहती थीं। एक बार जॉन्सी को निमोनिया हो गया। उसे वहम हो गया कि जब बेल का आखिरी पत्ता गिरेगा तो वह मर जाएगी। डॉक्टर ने कहा कि उसे जीवन में रुचि लेनी चाहिए और जीने की इच्छा करनी चाहिए। केवल तभी वह बच सकती है। बैहरमैन एक बूढ़ा चित्रकार था। वह उनके नीचे सबसे पहली मंजिल पर रहता था। वह कला में असफल था।

चालीस सालों से वह एक श्रेष्ठ कलाकृति चित्रित करने का प्रयत्न कर रहा था, पर उसने इसे अभी शुरू नहीं किया था। उसे जॉन्सी के वहम के बारे में पता चला। जिस रात आखिरी पत्ता गिरा, उसने दीवार पर एक पत्ता चित्रित कर दिया। उसने पूरी रात बारिश और बर्फ में काम किया और पत्ता बना दिया। अगली प्रातः जॉन्सी ने दीवार पर पत्ता देखा। उसकी जीने की इच्छा जाग उठी। उसका जीवन बच गया। लेकिन बैहरमैन को निमोनिया हो गया और वह मर गया। इस प्रकार उसने अपने जीवन का बलिदान कर दिया और जॉन्सी का जीवन बचा लिया। दीवार पर चित्रित किया हुआ आखिरी पत्ता उसकी सर्वश्रेष्ठ कलाकृति थी।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 7 The Last Leaf

Question 2.
In “The Last Leaf” why did Sue cry bitterly when the doctor had gone? Later she walked into Johnsy’s room whistling a cheerful tune. Why?
(“The Last Lear” में स्यू डॉक्टर के जाने के बाद जोर-जोर से क्यों रोई ? बाद में वह जॉन्सी के कमरे में एक आनंदपूर्ण धुन गुनगुनाती हुई आई। क्यों?)
Or
What was Johnsy’s real ailment? What were the chances of her recovery?
(जॉन्सी की वास्तविक बीमारी क्या थी? उसके ठीक होने के अवसर कैसे थे?)
Answer:
Sue and Johnsy were two young girls. They were painters. They lived like sisters. They had a joint studio in an artists’ colony. One day, Johnsy had an attack of pneumonia. Her condition worsened. She lost the will to live. One day, the doctor told Sue that Johnsy’s disease was psychological also. She did not want to live.

In such a condition, no medicine could work. If she did not get back the will to live, her chances of recovery were only one out of ten. When Sue heard this she felt very sad. She cried bitterly as soon as the doctor had gone. But the next moment she entered Johnsy’s room, whistling. Sue did so because she wanted to cheer up Johnsy.

(स्यू और जॉन्सी दो युवा लड़कियाँ थीं। वे चित्रकार थीं। वे बहिनों की तरह रहती थीं। कलाकारों की बस्ती में उनका सांझा स्टूडियो था। एक दिन, जॉन्सी को निमोनिया हो गया। उसकी हालत बिगड़ गई। उसकी जीने की इच्छा खत्म हो गई। एक दिन, डॉक्टर ने स्यू को बताया कि जॉन्सी की बीमारी मनोवैज्ञानिक भी है। वह जीना नहीं चाहती थी। ऐसी अवस्था में, कोई भी दवाई असर नहीं कर सकती थी।

अगर उसकी जीने की इच्छा नहीं लौटी तो उसके ठीक होने के अवसर केवल दस में से एक थे। जब स्यू ने यह सुना तो वह बहुत उदास हुई। डॉक्टर के जाने के बाद वह बहुत रोई। मगर अगले ही क्षण वह जॉन्सी के कमरे में सीटी बजाती हुई आई। उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह जॉन्सी को हौंसला देना चाहती थी।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 7 The Last Leaf

Question 3.
What did Johnsy believe about the falling leaves? Did Sue believe the same thing?
(जॉन्सी का गिरते पत्तों के बारे में क्या विश्वास था? क्या स्यू भी यही मानती थी?)
Answer:
Sue and Johnsy were two young artist girls. They had a joint studio. They loved each other like sisters. One day, Johnsy caught pneumonia. There was an ivy creeper on the back wall of the next house. Johnsy could see it through her window. The leaves of this creeper were falling fast in the cold winds.

Johnsy developed a fancy that she would also die when the last leaf of the creeper fell. She lost the will to live. Sue came to know of Johnsy’s fancy. She tried her best to cheer up Johnsy. She told her that there was no link between the falling of leaves and her death. She nursed Johnsy with love and care. She told Behrman about Johnsy’s fancy. Behrman was a painter. He painted a leaf on the wall when the last leaf fell. This saved Johnsy’s life. Thus Sue played an important role in saving Johnsy’s life.

(स्यू और जॉन्सी दो युवा चित्रकार लड़कियाँ थीं। उनका सांझा स्टूडियो था। वे एक-दूसरे को बहिनों की तरह प्यार करती थीं। एक दिन, जॉन्सी को निमोनिया हो गया। अगले घर की पिछली दीवार पर एक बेल थी। जॉन्सी इसे अपने घर की खिड़की से देख सकती थी। इस बेल के पत्ते ठंडी हवा में बहुत तेजी से गिर रहे थे।

जॉन्सी को वहम हो गया कि जब बेल का आखिरी पत्ता गिरेगा तो वह मर जाएगी। उसकी जीने की इच्छा खत्म हो गई। स्यू को जॉन्सी के वहम के बारे में पता चला। उसने जॉन्सी का हौंसला बढ़ाने का पूरा प्रयत्न किया। उसने उसे कहा कि पत्तों के गिरने में और उसकी मृत्यु में कोई संबंध नहीं है। उसने जॉन्सी की प्यार और देखभाल से सेवा की। उसने बैहरमैन को जॉन्सी के वहम के बारे में बताया। बैहरमैन एक चित्रकार था। जब आखिरी पत्ता गिरा तो उसने दीवार पर पत्ता चित्रित कर दिया। इससे जॉन्सी की जिंदगी बच गई। इस प्रकार स्यू ने जॉन्सी की जान बचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 7 The Last Leaf

Question 4.
Write a brief character sketch of old Behrman.
(बूढ़े बैहरमैन का संक्षिप्त चरित्र-चित्रण कीजिए।)
Or
Write a few sentences on the looks and personality of old Behrman.
(बूढ़े बैहरमैन के रूप और व्यक्तित्व के बारे में कुछ वाक्य लिखिए।)
Answer:
Old Behrman was a painter. He was past sixty. But he was a failure in art. He earned very little through his paintings. He always said that he was going to paint a masterpiece. But for the last forty years, he had not even begun it. Behrman was a drunkard. His beard was long and curling. It gave him the look of an imp. He was a tough fellow. He hated weakness in man. He lived on the ground floor beneath Sue and Johnsy. He considered himself their guardian. He was very kind and helpful at heart.

When he came to know of Johnsy’s fancy, he decided to help her. He went out in rain and snow and painted a leaf on the wall. It saved Johnsy’s life. But he caught pneumonia and died. Thus Behrman plays a very important role in the story. He sacrificed his life and saved Johnsy’s life.

(बूढ़ा बैहरमैन एक चित्रकार था। वह साठ साल से ऊपर का था। मगर वह कला में असफल था। वह अपने चित्रों से बहुत कम कमाता था। वह हमेशा कहता था कि वह एक श्रेष्ठ कलाकृति चित्रित करने जा रहा है। लेकिन पिछले चालीस वर्षों से उसने इसे शुरू भी नहीं किया। बैहरमैन एक शराबी था। उसकी दाढ़ी लंबी और धुंघराली थी। इससे वह पिशाच की तरह लगता था। वह एक मजबूत व्यक्ति था। वह मनुष्यों की कमजोरी से नफरत करता था। वह स्यू और जॉन्सी के नीचे पहली मंजिल पर रहता था।

वह अपने आपको उनका संरक्षक मानता था। वह दिल से बड़ा दयालु और सहायक था। जब उसे जॉन्सी के वहम का पता चला तो उसने उसकी सहायता करने का फैसला किया। वह बरसात और बर्फ में बाहर गया और उसने दीवार पर एक पत्ता चित्रित किया। इसने जॉन्सी के जीवन को बचा दिया। मगर उसे निमोनिया हो गया और वह मर गया। इस प्रकार बैहरमैन इस कहानी में बड़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उसने अपनी जीवन का बलिदान करके जॉन्सी का जीवन बचा लिया।)

Question 5.
Justify the title of the story “The Last Leaf’.
(‘The Last Leaf’ कहानी के शीर्षक का औचित्य बताइए।)
Or
Show why the story is entitled “The Last Leaf”?
(यह बताइए कि कहानी का शीर्षक ‘The Last Leaf’ क्यों रखा गया?)
Answer:
This is a psychological story. The whole story is based on the last leaf. Johnsy was a young artist girl. She and her friend Sue lived together. One day Johnsy caught pneumonia. There was an ivy creeper on the back wall of the next house. From her window Johnsy watched that.creeper. Its leaves were falling fast in the cold winds.

Johnsy got a fancy that she would also die when the last leaf of the creeper fell. She lost the will to live. Her condition became worse. Behrman, an old painter came to know of this fancy of Johnsy. The next night, the last leaf fell. But the same night Behrman painted a leaf on the wall. It looked a real leaf. When Johnsy saw that leaf, her will to live returned. That painted leaf saved Johnsy’s life. Thus the leaf plays an important role in the story. So the title of the story ‘The Last Leaf’ is justified.

(यह एक मनोवैज्ञानिक कहानी है। सारी कहानी आखिरी पत्ते पर आधारित है। जॉन्सी एक युवा चित्रकार लड़की थी। वह और उसकी सहेली स्यू इकट्ठी रहती थीं। एक दिन जॉन्सी को निमोनिया हो गया। अगले घर की पिछली दीवार पर एक बेल थी। अपनी खिड़की में से जॉन्सी बेल को देखती थी। ठंडी हवा में इसके पत्ते तेजी से गिर रहे थे।

जॉन्सी को वहम हो गया कि जब उस बेल का आखिरी पत्ता गिरेगा तो वह भी मर जाएगी। उसकी जीने की इच्छा खत्म हो गई। उसकी हालत बिगड़ गई। एक बूढ़े चित्रकार, बैहरमैन को जॉन्सी के इस वहम का पता चला। अगली रात आखिरी पत्ता गिर गया। लेकिन उसी रात बैहरमैन ने दीवार पर एक पत्ता चित्रित कर दिया। यह असली पत्ते की तरह लगता था। जब जॉन्सी ने उस पत्ते को देखा, तो उसकी जीने की इच्छा लौट आई। उस चित्रित पत्ते ने जॉन्सी का जीवन बचा लिया। इस तरह से पत्ता इस कहानी में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इसलिए कहानी का शीर्षक ‘The Last Leaf’ उचित है।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 7 The Last Leaf

Question 6.
Draw a brief character-sketch of Sue.
(स्यू का संक्षिप्त चरित्र-चित्रण करो।)
Answer:
Sue is an important character in the story ‘The Last Leaf’. She is an artist girl. She and Johnsy have a joint studio in the artists’ colony. Sue is kind and noble at heart. She has the qualities of a true friend. Johnsy gets an attack of pneumonia. Sue nurses her with love and care. She works day and night to earn enough money.

With this money she buys medicines and good diet for her friend. She feels shocked when the doctor says that Johnsy doesn’t have many chances of recovery. Johnsy has a fancy that she will die when the last leaf of the creeper falls. Sue tries her best to cheer her up. She says that her fancy is foolish and baseless. She tells of Johnsy’s fancy of old Behrman. He paints the last leaf on the wall and saves Johnsy. Thus, Sue is a kind and ‘ noble girl. She is a true friend.

(‘The Last Leaf’ कहानी में स्यू एक महत्त्वपूर्ण पात्र है। वह एक चित्रकार लड़की है। कलाकारों की बस्ती में उसका और जॉन्सी का साझा स्टूडियो था। स्यू दिल की दयालु और नेक है। उसमें सच्ची सहेली के गुण थे। जॉन्सी को निमोनिया हो जाता है। स्यू उसकी प्यार और सावधानी से सेवा करती है। वह पर्याप्त पैसा कमाने के लिए दिन-रात मेहनत करती है। इस पैसे से वह अपनी सहेली के लिए दवाई और अच्छा भोजन खरीदती है।

जब डॉक्टर कहता है कि जॉन्सी के बचने के अधिक अवसर नहीं हैं तो उसे सदमा लगता है। जॉन्सी को एक वहम है कि बेल का आखिरी पत्ता गिरने पर वह मर जाएगी। स्यू उसका मन बहलाने का पूरा प्रयत्न करती है। वह उससे कहती है कि उसका वहम मूर्खतापूर्ण और आधारहीन है। वह जॉन्सी के वहम के बारे में बैहरमैन को बताती है। वह दीवार के ऊपर आखिरी पत्ता चित्रित कर देता है और जॉन्सी की जान बचा लेता है। इस प्रकार, स्यू एक दयालु और नेक लड़की है। वह एक सच्ची मित्र है।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 7 The Last Leaf

Multiple Choice Questions

Question 1.
Who fell seriously ill?
(A) Sue
(B) Johnsy
(C) both (A) and (B)
(D) none of the above
Answer:
(B) Johnsy

Question 2.
Johnsy was suffering from ____
(A) pneumonia
(B) malaria
(C) headache
(D) stomach pain
Answer:
(A) pneumonia

Question 3.
According to the doctor, about what had Johnsy made up her mind?
(A) she will recover soon
(B) she will recover late
(C) she is not going to get well
(D) all of the above
Answer:
(C) she is not going to get well

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Question 4.
What was Johnsy looking at out of the window?
(A) an ivy creeper
(B) a mango tree
(C) a rose plant
(D) a banana tree
Answer:
(A) an ivy creeper

Question 5.
What was Johnsy country?
(A) leaves on the ivy creeper
(B) bunches of fruit on the ivy creeper
(C) both (A) and (B)
(D) none of the above
Answer:
(A) leaves on the ivy creeper

Question 6.
What will happen when the last leaf will fall?
(A) she will die
(B) Johnsy will die
(C) Behrman will die
(D) all of the above
Answer:
(B) Johnsy will die

Question 7.
What was Sue doing in Johnsy’s room?
(A) reading a book
(B) stitching a shirt
(C) singing a song
(D) making a painting
Answer:
(D) making a painting

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Question 8.
Why was she making a painting?
(A) to present it to Johnsy
(B) to present it to Behrman
(C) to earn some money
(D) to put it in her room
Answer:
(C) to earn some money

Question 9.
Who was Behrman?
(A) a painter
(B) a musician
(C) a doctor
(D) a teacher
Answer:
(A) a painter

Question 10.
Who painted the leaf on the wall?
(A) Sue
(B) Johnsy
(C) Behrman
(D) all of the above
Answer:
(C) Behrman

Question 11.
What will happen when the last leaf will fall?
(A) Johnsy will recover
(B) Johnsy will die
(C) nothing extraordinary won’t happen
(D) not clear in the topic
Answer:
(B) Johnsy will die.

Question 12.
Who has looked after Johnsy so well?
(A) Sue
(B) Behrman
(C) Johnsy’s mother
(D) Johnsy’s father
Answer:
(A) Sue

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Question 13.
What can make a man recover soon?
(A) will to die
(B) will to live
(C) eating healthy food
(D) all of the above
Answer:
(B) will to live

Question 14.
What did Behrman die of?
(A) fever
(B) heart attack
(C) cholera
(D) pneumonia
Answer:
(D) pneumonia

Question 15.
Of the following who met to death?
(A) Sue
(B) Johnsy
(C) Behrman
(D) none of the above
Answer:
(C) Behrman

Question 16.
What was Behrman’s masterpiece?
(A) painting a picture of Sue
(B) painting a picture of Johnsy
(C) painting a picture of leaf
(D) all of the above
Answer:
(C) painting a picture of leaf

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The Last Leaf Summary

The Last Leaf Introduction in English

The Last Leaf’ is a famous story of O. Henry. It is a sentimental story. Sue and Johnsy were two young artistic friends. They lived together. Once Johnsy fell ill. There was an ivy creeper outside the window. Its leaves were falling. Johnsy had a fancy that she would die when the last leaf on the ivy fell. Sue was worried. An old painter named Behrman lived downstairs. He considered the girls like his daughters.

Sue told of Johnsy’s fancy to Behrman. He promised to help her. That night it was snowing. The last leaf also fell. But Behrman worked all night and painted a leaf on the wall. Next morning Johnsy was surprised to see that there was still a leaf on the ivy. Her will to live returned. Soon she recovered. But old Behrman caught pneumonia and died. Thus he sacrificed his own life in order to save Johnsy.

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The Last Leaf Summary in English

The Last Leaf’ is a touching story. It describes the sacrifice made by an old painter named Behrman. He sacrificed his life to save a young girl-artist’s life.

Greenwich village was situated in the west of Washington Square. This village became a colony of artists. Here two young girls, Sue and Johnsy also lived. They had set up a joint studio on the top floor of a three storeyed old building. These girls came from different places. But once they had met and become friends. Now they lived like sisters.

In the month of November, pneumonia attacked the artist’s colony. A number of people died. Johnsy also fell ill with pneumonia. Sue tried her best to nurse Johnsy. But her condition worsened. She became very weak. The doctor told Sue that Johnsy’s chances of recovery were very few. She had lost the will to live. He advised Sue to make Johnsy take interest in life. Only then she could be saved.

There was an ivy creeper on the back wall of the next house. In the cold stormy wind, its leaves were falling. Johnsy developed a fancy that she would also die when the last leaf of this creeper fell down. Sue came to know of this fancy of Johnsy. She told Johnsy that there was no link between the last leaf and her life.

But Johnsy did not listen to her. She said that there were twelve leaves left on the creeper. These were falling fast and she would die when the last one fell. She said that she expected that all leaves would fall in the night. Then she fell asleep.

After Johnsy had fallen asleep, Sue went downstairs to meet Behrman, an old painter. He was past sixty but was a failure in art. He was always talking about the masterpiece which he was going to paint. But he had never started it. He was a drunkard. He earned a little through his paintings. Sue told Behrman about Johnsy’s fancy. Behrman decided to help her.

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That night it was raining and snowing heavily. Old Behrman took a ladder and a few colours and went out. He found that all the leaves of the creeper had fallen. But he painted a leaf on the wall.

Next morning, when Johnsy got up, she looked out of the window. She was surprised to find that the last leaf was still there. She knew that fierce winds had blown during the night. Still the leaf was there. She realised that it was a sin to wish to die. Her will to live returned. She started recovering. The next day, the doctor said that she was out of danger.

That afternoon, they came to know that old Behrman had died. Sue told Johnsy that he had painted the leaf on wall when the last leaf fell. He had gone out in snow and rain in order to paint the leaf. He had caught pneumonia and died. This leaf was, in fact, his masterpiece.

The Last Leaf Introduction in Hindi

‘The Last Leaf’ O. Henry की एक प्रसिद्ध कहानी है। यह एक भावनात्मक कहानी है। स्यू और जॉन्सी दो युवा चित्रकार सहेलियाँ थीं। वे इकट्ठी रहती थीं। एक बार जॉन्सी बीमार पड़ गई। खिड़की के बाहर एक बेल थी। इसके पत्ते गिर रहे थे। जॉन्सी को एक वहम था कि जब बेल का आखिरी पत्ता गिर जाएगा तो वह भी मर जाएगी। स्यू चिंतित थी। बैहरमैन नामक एक बूढ़ा चित्रकार नीचे की मंजिल में रहता था। वह इन लड़कियों को अपनी बेटियों की तरह मानता था।

स्यू ने बैहरमैन को जॉन्सी के वहम के बारे में बताया। उसने उसकी सहायता करने का वायदा किया। उस रात बर्फ पड़ रही थी। आखिरी पत्ता भी गिर गया। लेकिन बैहरमैन ने पूरी रात काम किया और दीवार पर एक पत्ता चित्रित कर दिया। अगली प्रातः जॉन्सी यह देखकर हैरान हो गई कि बेल पर अभी भी एक पत्ता था। उसकी जीने की इच्छा लौट आई। जल्दी ही वह ठीक हो गई। मगर बूढ़े बैहरमैन को निमोनिया हो गया और मर गया। इस प्रकार उसने जॉन्सी का जीवन बचाने के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया।

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The Last Leaf Summary in Hindi

“The Last Leaf’ एक हृदयस्पर्शी कहानी है। यह बैहरमैन नामक एक बूढ़े चित्रकार द्वारा किए गए बलिदान का वर्णन करती है। उसने एक युवा चित्रकार लड़की की जान बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।

ग्रीनविच गाँव वाशिंगटन स्क्वायर के पश्चिम में स्थित था। यह गाँव चित्रकारों की एक बस्ती बन गया। यहाँ दो युवा लड़कियाँ । स्यू और जॉन्सी भी रहती थीं। उन्होंने एक तीन मंजिला पुरानी इमारत के सबसे ऊपर की मंजिल पर एक सांझा स्टूडियो खोल लिया। ये लड़कियाँ अलग-अलग स्थानों से आई थीं। एक बार वे मिली थीं और मित्र बन गई थीं। अब वे बहिनों की तरह रहती थीं।

नवंबर के महीने में, कलाकारों की बस्ती में निमोनिया ने प्रहार किया। बहुत से लोग मर गए। जॉन्सी भी निमोनिया में बीमार हो गई। स्यू ने जॉन्सी की सेवा करने की पूरी कोशिश की। लेकिन उसकी दशा बिगड़ती गई। वह बहुत कमज़ोर हो गई। डॉक्टर ने स्यू को बताया कि जॉन्सी के बचने की संभावना बहुत कम है। उसने जीने की इच्छा बिल्कुल छोड़ दी थी। उसने स्यू को सलाह दी कि वह जॉन्सी को जीवन में रुचि लेने के लिए प्रेरित करे। केवल तभी वह बच सकती है।

अगले घर की पीछे की दीवार पर एक बेल थी। ठंडी तूफानी हवा में इसके पत्ते गिर रहे थे। जॉन्सी को वहम हो गया कि जब बेल का आखिरी पत्ता गिर जाएगा तो वह भी मर जाएगी। स्यू को जॉन्सी के इस वहम का पता चल गया। उसने जॉन्सी को कहा कि आखिरी पत्ता और उसके जीवन के बीच में कोई संबंध नहीं है। लेकिन जॉन्सी ने उसकी कोई बात नहीं सुनी। उसने कहा कि बेल पर बारह पत्ते बचे हैं। ये बहुत तेजी से गिर रहे हैं और जब आखिरी पत्ता गिर जाएगा तो वह भी मर जाएगी। उसने कहा कि उसे आशा थी कि उस रात सब पत्ते गिर जाएँगे। तब वह सो गई।

जॉन्सी के सोने के बाद स्यू, बैहरमैन नामक एक बूढ़े चित्रकार से मिलने नीचे गई। वह साठ साल से ऊपर था, लेकिन कला में असफल था। वह सदा श्रेष्ठ कलाकृति की बात किया करता था, जो वह बनाने जा रहा था। मगर उसने कभी इसे शुरू नहीं किया था। वह एक शराबी था। वह अपने चित्रों से बहुत कम कमाता था।

स्यू ने बैहरमैन को जॉन्सी के वहम के बारे में बताया। बैहरमैन ने उसकी सहायता करने का फैसला किया। उस रात भारी वर्षा और हिमपात हो रहा था। बूढ़े बैहरमैन ने एक सीढ़ी और कुछ रंग लिए और बाहर चला गया। उसने देखा कि बेल के सभी पत्ते गिर गए थे। लेकिन उसने दीवार पर एक पत्ता चित्रित कर दिया।

अगली प्रातः, जब जॉन्सी उठी तो उसने खिड़की से बाहर देखा। वह यह देखकर हैरान हो गई कि दीवार पर अभी भी आखिरी पत्ता मौजूद था। उसे पता था कि रात को तेज हवाएँ चली थीं। फिर भी पत्ता वहाँ था। उसने महसूस किया कि मरने की इच्छा करना पाप है। उसकी जीने की इच्छा लौट आई। उसने ठीक होना आरंभ कर दिया। अगले दिन, डॉक्टर ने कहा कि वह खतरे से बाहर है।

उस दोपहर बाद, उन्हें मालूम हुआ कि बूढ़ा बैहरमैन मर गया था। स्यू ने जॉन्सी को बताया कि जब आखिरी पत्ता गिर गया तो उसने दीवार पर एक पत्ता चित्रित कर दिया था। उस पत्ते को चित्रित करने के लिए वह बरसात और बर्फ में बाहर गया था। उसे निमोनिया हो गया था और वह मर गया। यह पत्ता वास्तव में उसकी श्रेष्ठ कलाकृति थी।

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The Last Leaf Word-Meanings

(Page 44) :
Autumn = the third season of the year= शरद ऋतु; ivy creeper = that which creeps = सिरपेंचे की लता; storey = in one floor = मंजिल; pneumonia = inflammation of one or both the lungs = एक बीमारी; gazing out = to look steadily at = टकटकी लगाकर देखना; respond = to make answer to = उत्तर देना; whisper = to speak in a very low tone = फुसफुसाहट; anxiously = troubled = चिंतित।

(Page 45) :
Finality = the state of being final = अंतिम स्थिति; nonsense = absurd = मूर्खता; confident = in a confident manner = आश्वस्त; bowl = cup = कटोरा; forever = till death = सदा के लिए; curtain = a suspended screen = पर्दा।

(Page 46) :
Begged = asked humbly = प्रार्थना की; miner = one who works in a mine = खान में काम करने वाला; model = a representation = प्रतिमा; rushed down = swiftly went down = वेगपूर्वक नीचे जाना; masterpiece= a piece of the highest workmanship = अति उत्तम रचना; remained = continued = रह जाना; tiptoed = on the tips of toes = पैर की अंगुलियों के अग्रभाग पर; peeped out = squeaked = झांकना; feeble = weak = दुर्बल; reluctantly = unwillingly = अनिच्छा से।

(Pages 47-48) :
Storm = a violent tempest = yes áry; fierce = violent = riche; energetically = with energy = कर्मठता से; clinging = sticking = चिपकना; depressed= dejected = खिन्नचित्त; gloomy = dusky = अंधकारमय; hugged = to embrace closely = आलिंगन करना; soup = a liquid food prepared from flesh, fish or vegetables = शोरबा; combed = dressed hair = कंघी की; janitor = a door keeper = द्वारपाल; shivering = trembling = काँपता हुआ; ladder = a frame with steps = सीढ़ी; lantern = lamp = लालटेन; flutter = to flap wings = फड़फड़ाना।

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The Last Leaf Translation in Hindi

(Page 44)
[पतझड़ का मौसम है। तेज हवा चल रही है और जोर से वर्षा हो रही है। एक बेल पर लगे हुए सारे पत्ते टूटकर गिर गए केवल एक पत्ते को छोड़कर। आखिरी पत्ता क्यों नहीं गिरता है ?]

स्यू एवं जॉन्सी, दो युवा कलाकार एक छोटे से फ्लैट में मिलकर रहती थीं। फ्लैट एक पुराने मकान की तीसरी मंजिल पर था।

जॉन्सी नवंबर में गंभीर रूप से बीमार हो गई। उसे निमोनिया हो गया। वह बिस्तर पर बिना हिले लेटी रहती थी, और खिड़की से बाहर देखती रहती थी। उसकी सहेली स्यू को बहुत चिंता हो गई। उसने डॉक्टर को बुलाया। यद्यपि वह रोज आता था, फिर भी जॉन्सी की हालत में सुधार नहीं हुआ।

एक दिन डॉक्टर स्यू को एक तरफ ले गया और उससे पूछा, “क्या जॉन्सी को किसी बात की चिंता है ?” “नहीं”, स्यू ने उत्तर दिया। “आप ऐसा क्यों पूछते हो ?”

डॉक्टर ने कहा, “ऐसा लगता है कि जॉन्सी ने इरादा कर लिया है कि वह ठीक नहीं होगी। अगर वह जीवित नहीं रहना चाहती, तो दवाइयाँ उसकी सहायता नहीं करेंगी।”

स्यू ने पूरी कोशिश की कि जॉन्सी को अपने आसपास की वस्तुओं में रुचि लेने को राजी कर सके। उसने कपड़ों एवं फैशनों के बारे में बात की, मगर जॉन्सी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की। जॉन्सी ने अपने बिस्तर पर शांत लेटना जारी रखा। स्यू अपना ड्राईंग बोर्ड जॉन्सी के कमरे में ले आई और पेंट करना आरंभ कर दिया। जॉन्सी का मन उसकी बीमारी से हटाने के लिए, उसने सीटी मारना आरंभ कर दिया।

अचानक स्यू ने सुना कि जॉन्सी ने हल्के से कुछ कहा। वह जल्दी से बिस्तर के पास आई और उसने जॉन्सी को उल्टी गिनती बोलते हुए सुना। वह खिड़की से बाहर देख रही थी और कह रही थी, “बारह!” कुछ देर के बाद वह हल्के से बोली, “ग्यारह !” तब “दस”, तब “नौ”, “आठ”, “सात”। स्यू ने चिंतित होकर खिड़की के बाहर देखा। उसने देखा कि खिड़की के सामने वाली ईंटों की दीवार पर आधी चढ़ी हुई एक बेल थी। बाहर की तेज हवा में, बेल अपने पत्तों को गिरा रही थी।

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(Page 45)

“यह क्या है, प्रिय ?” स्यू ने पूछा।

“छह”, जॉन्सी ने धीरे से कहा। “अब वे अधिक तेजी से गिर रहे हैं। तीन दिन पहले वहाँ लगभग सौ पत्ते थे। अब केवल पाँच रह गए हैं।”

“पतझड़ का महीना है,” स्यू ने कहा “और पत्ते तो गिरेंगे।”

“जब आखिरी पत्ता गिरेगा, तो मैं भी मर जाऊँगी,” जॉन्सी ने निश्चित तौर पर कहा। “मुझे यह बात पिछले तीन दिन से . मालूम है।”

“ओह, यह सब बकवास है,” स्यू ने उत्तर दिया। “पुरानी इवी बेल के पत्तों का तुम्हारे ठीक होने से क्या संबंध है ? डॉक्टर को पूरा विश्वास है कि तुम ठीक हो जाओगी।”

जॉन्सी ने कुछ भी नहीं कहा। स्यू गई और सूप का कटोरा ले आई।

“मुझे सूप नहीं चाहिए,” जॉन्सी ने कहा, “मुझे भूख नहीं है…..” अब केवल चार पत्ते रह गए हैं। मैं अंधेरा होने से पहले आखिरी पत्ता गिरते हुए देखना चाहती हूँ। तब मैं हमेशा के लिए सो जाऊँगी।”

स्यू जॉन्सी के बिस्तर पर बैठ गई, उसे चूमा और कहा “तुम नहीं मरोगी। मैं पर्दे नहीं खींच सकती क्योंकि मुझे रोशनी चाहिए। मैं चाहती हूँ कि मैं पेंटिंग समाप्त करके हमारे लिए कुछ पैसा लाऊँ।

(Page 46)

कृपया, मेरी प्यारी सहेली”, उसने जॉन्सी से प्रार्थना की, “वायदा करो कि जब मैं चित्र बनाऊँगी तो तुम खिड़की से बाहर नहीं देखोगी।”

“ठीक है,” जॉन्सी ने कहा। अपना चित्र जल्दी पूरा करो क्योंकि मैं आखिरी पत्ता गिरता हुआ देखना चाहती हूँ। मैं इंतजार करते-करते थक गई हूँ। मुझे मरना है, इसलिए मुझे इन बेचारे, थके हुए पत्तों की तरह शांति से जाने दो।”

“सोने का प्रयत्न करो,” स्यू ने कहा। “मुझे एक बूढ़े खनिक का चित्र बनाना है। मैं बैहरमैन को मेरा मॉडल बनाने के लिए ऊपर बुलाकर लाती हूँ।”

वह भागकर नीचे गई। बैहरमैन सबसे नीचे की मंजिल पर रहता था।

वह साठ साल का बूढ़ा चित्रकार था। उसके जीवन का सपना एक सर्वश्रेष्ठ कलाकृति बनाने का था मगर वह केवल सपना ही रह गया था। स्यू ने अपनी चिंताएँ बैहरमैन को बताई। उसने उसे बताया कि किस प्रकार जॉन्सी को विश्वास हो गया था कि आखिरी पत्ते के गिरने पर वह मर जाएगी।

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“क्या वह मूर्ख है ?” बैहरमैन ने पूछा। “वह इतनी मूर्ख कैसे हो सकती है ?” “उसे बहुत तेज बुखार है,” स्यू ने शिकायत की। “वह खाने-पीने से इंकार करती है और वही चीज मुझे बहुत चिंतित करती है।” “मैं तुम्हारे साथ आऊँगा और जॉन्सी से मिलूँगा,” बैंहरमैन ने कहा।

वे दबे पांव कमरे में आए। जॉन्सी सो रही थी। स्यू ने पर्दे कर दिए और वे दोनों अगले कमरे में चले गए। उसने खिड़की से बाहर देखा। बेल पर केवल एक पत्ता था। तेज बरसात हो रही थी और बर्फ की तरह ठंडी हवा चल रही थी। ऐसा लगता था जैसे पत्ता अब किसी भी क्षण गिर जाएगा। बैहरमैन एक भी शब्द नहीं बोला। वह वापिस कमरे में चला गया।

जॉन्सी अगली प्रातः उठी। उसने कमजोर आवाज में स्यू को पर्दा हटाने के लिए कहा। स्यू घबराई हुई थी। उसने बड़ी अनिच्छा से पर्दे हटाए।

“ओहं !” स्यू ने विस्मय से कहा, जब उसने बेल को देखा।

(Page 47)

“देखो, बेल पर अभी भी एक पत्ता है। यह एकदम हरा एवं स्वस्थ लग रहा है। तूफान एवं तेज हवा के बावजूद भी यह नहीं गिरा।”

“मैंने कल रात को हवा की आवाज़ सुनी थी,” जॉन्सी ने कहा। “मैंने सोचा था कि यह गिर गया होगा। यह अवश्य आज गिर जाएगा। तब मैं मर जाऊँगी।”

“तुम नहीं मरोगी,” स्यू ने जोश के साथ कहा। “तुम्हें अपनी सहेलियों के लिए जीवित रहना है। अगर तुम मर जाओगी तो मेरा क्या होगा ?”

जॉन्सी हल्के से मुस्कराई और उसने अपनी आंखें बंद कर ली। लगभग हर घंटे के बाद वह खिड़की से झांकती और देखती कि पत्ता अभी भी वहीं पर है। यह बेल को चिपटा हुआ प्रतीत होता था।

शाम को, एक अन्य तूफान आया मगर पत्ता नहीं गिरा। जॉन्सी बड़ी देर तक लेट कर पत्ते को देखती रही। तब उसने स्यू को बुलाया।

“मैं बहुत बुरी लड़की हूँ। तुमने इतने प्यार से मेरी देखभाल की है और मैंने तुम्हारे साथ सहयोग नहीं किया है। मैं तनावपूर्ण एवं उदास थी। आखिरी पत्ते ने मुझे बता दिया है कि मैं कितनी बुरी थी। मैंने महसूस कर लिया है कि मरने की इच्छा करना पाप है।”

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उसने जॉन्सी को आलिंगन किया। तब उसने उसे बहुत-सा गर्म सूप और एक दर्पण दिया। जॉन्सी ने अपने बालों में कंघी की और प्रसन्नता से मुस्कराई।

दोपहर बाद डॉक्टर आया। अपने मरीज की जाँच करने के बाद उसने स्यू से कहा, “अब जॉन्सी में जीने की इच्छा है। मुझे विश्वास है कि वह शीघ्र अच्छी हो जाएगी। अब मुझे नीचे जाकर बैहरमैन को देखना है। उसे भी निमोनिया हो गया है। मगर मुझे डर है कि उसकी (बचने की) की कोई आशा नहीं है।”

अगली प्रातः स्यू आई और जॉन्सी के बिस्तर पर बैठ गई। जॉन्सी का हाथ अपने हाथ में लेकर वह बोली, “मैंने तुम्हें कुछ बताना है। आज प्रातः श्री बैहरमैन की निमोनिया से मृत्यु हो गई। वह केवल दो दिन बीमार रहा। पहले दिन चौकीदार ने उसे उसके बिस्तर पर देखा। उसके कपड़े गीले थे और वह काँप रहा था। वह उस तूफानी रात में कहीं बाहर गया था।”

(Page 48)

तब उन्होंने सीढ़ी और उसके बिस्तर के पास अभी तक जलती हुई लालटेन देखी। वहाँ कुछ ब्रुश भी थे और सीढ़ी के पास फर्श पर हरे एवं पीले रंग थे। “प्रिय जॉन्सी”, स्यू ने कहा, “खिड़की से बाहर देखो। बेल के उस पत्ते को देखो। क्या तुम्हें हैरानी नहीं हुई कि यह हवा के चलने पर फड़फड़ाता नहीं है ? यह बैहरमैन की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति है। उसने इसे उस रात बनाया जब आखिरी पत्ता गिरा।”

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HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama

Haryana State Board HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class English Solutions Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama

HBSE 9th Class English Weathering the Storm in Ersama Textbook Questions and Answers

Think about It

Moments Class 9 Chapter 6 Question Answer Question 1.
What havoc has the super cyclone wreaked in the life of the people of Orissa?
(उड़ीसा के लोगों के जीवन में सुपर (तीव्र) चक्रवात ने क्या तबाही मचा दी है?)
Answer:
There was a heavy rain with a fierce storm. The trees were uprooted and crashed to the earth. The water entered into the houses and washed away the most of the household things. Many houses collapsed and a lot of people died.

(तीव्र तूफान के साथ भारी वर्षा हुई। वृक्ष जड़ों से उखड़ गए और जमीन पर धराशायी हो गए। पानी घरों के अंदर घुस गया और घरेलू वस्तुओं को बहा ले गया। बहुत-से मकान गिर गए और काफी संख्या में लोग मारे गए।)

Weathering the Storm in Ersama Summary HBSE 9th Class Question 2.
How has Prashant, a teenager, been able to help the people of his village?
(एक तरुण युवक होते हुए प्रशांत अपने गाँव के लोगों की मदद कैसे करता है?)
Answer:
Prashant was just nineteen years old. He organises a group of youths and elders to make the merchant give them rice. They succeed in their mission. Then he makes a team of youth volunteers to clean the shelter of filth, urine, vomit and floating carcasses.

(प्रशांत की आयु मात्र उन्नीस वर्ष थी। उसने व्यापारी से चावल प्राप्त करने के लिए युवाओं और बुजुर्गों का एक संगठन बनाया। वे अपने प्रयास में सफल हो जाते हैं। तब वह युवा स्वयंसेवकों की एक टीम तैयार करता है ताकि वे उनके आश्रय स्थलों में से गंदगी, उल्टी, पेशाब तथा तैरती हुई लाशों को साफ कर सकें।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama

English Class 9 Moments Chapter 6 Question Answer HBSE Question 3.
How have the people of the community helped one another? What role do the women of Kalikuda play during these days?
(गाँव के लोग किस प्रकार से एक-दूसरे की सहायता करते हैं? इस दौरान कालीकुदा की महिलाएँ क्या भूमिका अदा करती हैं?)
Answer:
The people of the community show a great cooperation. They join hands with Prashant to drive out a cleanliness compaign. The women of Kalikuda looking after the orphaned children and the men secure food and materials for the shelter.

(गाँव के लोग बहुत अधिक सहयोग का प्रदर्शन करते हैं। वे स्वच्छता अभियान को चलाने में पूरा सहयोग देते हैं। कालीकुदा की महिलाएँ अनाथ बच्चों की देखभाल करती हैं और पुरुष उनके लिए भोजन और आश्रय का प्रबंध करने में जुटे हुए हैं।)

Weathering the Storm in Ersama Class 9 Questions And Answers HBSE Question 4.
Why do Prashant and other volunteers resist the plan to set up institutions for orphans and widows? What alternatives do they consider?
(प्रशांत और अन्य स्वयंसेवक अनाथ बच्चों और विधवाओं के लिए संस्थाएँ खोलने की योजना का विरोध क्यों करते हैं? वे क्या विकल्प सुझाते हैं?)
Answer:
The government plans to set up institutions for orphans and widows. Prashant and other volunteers resist this plan. They think that in such institutions, the children will grow up without any love and the widows will suffer from Stigma and loneliness. They suggest that they should be resettled in their own community.

(सरकार अनाथ बच्चों और विधवाओं के लिए संस्थाएँ खोलने की योजना बनाती है। प्रशांत तथा अन्य स्वयंसेवक इस योजना का विरोध करते हैं। वे सोचते हैं कि इन संस्थानों में बच्चे बिना किसी स्नेह के बड़े होंगे और विधवाएँ कलंक तथा अकेलेपन से पीड़ित होंगी। वे सुझाव देते हैं कि उन्हें समुदाय में ही पुनः स्थापित किया जाए।)

Weathering the Storm in Ersama Question Answer HBSE 9th Class Question 5.
Do you think Prashant is a good leader? Do you think young people can get together to help people during natural calamities?
(क्या आपके विचार में प्रशांत एक अच्छा नेता है? क्या आप ऐसा मानते हो कि प्राकृतिक आपदाओं के समय नौजवान लोगों की मदद करने के लिए एकत्र हो सकते हैं?)
Answer:
No doubt Prashant is a good leader. He has an optimistic view about life. He organises both young and elder people to get rice from the merchant. He makes teams to provide help to the storm victims. He inspires women to look after the orphans and start working in the food-for-work programmes.

He successfully protests against the plan of setting up institutions for the orphans and widows. I thinkłyoung people can get together to help people during natural calamities and play an important role.

(निस्संदेह प्रशांत एक अच्छा नेता है। जीवन के प्रति उसकी एक आशावादी सोच है। व्यापारी से चावल प्राप्त करने के लिए वह युवा तथा वृद्ध दोनों वर्ग के लोगों को संगठित करता है। तूफान पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए वह टीमों का गठन करता है। वह महिलाओं को अनाथ बालकों की देखभाल करने तथा

काम के बदले अनाज’ कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है। वह अनाथ बच्चों और विधवाओं के लिए संस्थाएँ खोलने की योजना का सफल विरोध करता है। मेरे विचार में प्राकृतिक आपदाओं के समय पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए नवयुवक एकत्र हो सकते हैं और महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama

Talk about It

Class 9 Moments Chapter 6 Question Answer Short HBSE Question 1.
Talk about the preparedness of the community for a natural disaster. (You can talk about evacuation plans and rehabilitation; permanent safe shelters; warning systems; relief efforts; building materials to withstand cyclone/flood/earthquake i.e. safe housing; peoples’ organisation of their own rescue, the survival instinct, etc.)
Answer:
The Himalayan Range of India is a highly sensitive earthquake prone area. It is right to say that we can’t forecast about earthquake but it is in our hands to minimise the harm caused by it. Some precautionary steps should be taken in this regard. People should make wooden houses to live in.

At the time of earthquake people should come out of the houses in some open space. The government should develop such technique that people may get warning even just a few seconds earlier. After this havoc people should show generosity to stand with the victims. Relief camps should be set up. Medical facilities should be provided at the earliest. Rehabilitation work should be started urgently. Victims should be given utmost help, care and attention to lessen their miseries.

HBSE 9th Class English Weathering The Storm in Ersama Important Questions and Answers

Very Short Answer Type Questions

Class 9th Moments Chapter 6 HBSE Question 1.
When did the cyclone hit Orissa?
Answer:
The cyclone hit Orissa on 27 October, 1999.

Weathering the Storm in Ersama Solutions HBSE 9th Class Question 2.
Where was Prashant when the cyclone hit Orissa?
Answer:
At that time he was in a small coastal town of Orissa, some eighteen kilometres from his village.

Weathering the Storm in Ersama Questions And Answers HBSE 9th Class Question 3.
What was the name of Prashant’s village?
Answer:
The name of his village was Kalikuda.

Moments Class 9 Chapter 6 Question Answer HBSE Question 4.
Who met Prashant on his way back to village?
Answer:
He met two friends of his uncle on his way back to village.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama

Summary Of Weathering the Storm in Ersama Class 9 HBSE Question 5.
What had Prashant to push away on his way back to village?
Answer:
Prashant had to push away many human bodies, and carcasses of dogs, cattle and goats.

Question 6.
How did Prashant find his house when he reached his village?
Answer:
He found only the remnants of the roof of his house.

Question 7.
What did Prashant found about children in the relief camp?
Answer:
Prashant found that a large number of children had been orphaned.

Question 8.
How have the people of the community helped one another?
Answer:
The people of the community helped one another with great co-operation.

Question 9.
How did Prashant feel when he reached his village?
Answer:
His heart went cold when he reached his village.

Question 10.
How did Prashant travel back to his village from Ersama?
Answer:
Prashant travelled on foot and swimming through deep water back to his village.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama

Question 11.
How did people receive food in Prashant’s village?
Answer:
Food packets were dropped by helicopters.

Short Answer Type Questions

Question 1.
Where were Prashant and his friends during the two days of the super cyclone? What did they live on? Where did they get their ‘food’ from?
(तीव्र चक्रवात के पहले दो दिन प्रशांत एवं उसके मित्र कहाँ थे? उन्होंने किस चीज़ पर गुजारा किया? उन्हें अपना भोजन कहाँ से प्राप्त हुआ?)
Answer:
The rain water was entering the house during the super cyclone. So, Prashant and his friend’s family remained on the roof of the house for two days. Two coconut trees had fallen on the roof of the house. Prashant and his friend’s family lived on them. They got their food from these tender coconuts.

(तीव्र चक्रवात के दौरान बरसात का पानी घर में घुस रहा था। इसलिए प्रशांत एवं उसके मित्र का परिवार दो दिन तक मकान की छत पर रहे। नारियल के दो वृक्ष घर की छत पर गिर गए थे। प्रशांत एवं उसके मित्र के परिवार ने उन पर गुजारा किया। उन्हें इन नरम नारियलों से भोजन प्राप्त हुआ।)

Question 2.

(i) Why was it difficult for Prashant to travel back to his village?
(प्रशांत के लिए अपने गाँव वापिस जाना कठिन क्यों था?)
Answer:
There was water everywhere. He had to use his stick to locate the road. At some places, it was waist deep and the progress was slow. Sometimes, he lost the road and had to swim. After some distance, he found two friends of his uncle. They decided to move ahead together. They had to push away many human bodies floating on the water.

(चारों तरफ पानी था। उसे सड़क की तलाश करने के लिए अपनी छड़ी का प्रयोग करना पड़ता था। कई जगह, पानी कमर तक गहरा था और प्रगति धीमी थी। कई बार, सड़क खो जाती थी और उसे तैरना पड़ता था। कुछ दूरी के बाद, उसे अपने चाचा के दो मित्र मिल गए। उन्होंने मिलकर आगे बढ़ने का फैसला किया। उन्हें पानी पर तैरती मानवीय लाशों को धकेलना पड़ता था।)

(ii) “His heart went cold’ when he reached his village. Why?
(जब वह अपने गाँव पहुँचा तो ‘उसका दिल बैठ गया।’ क्यों?)
Answer:
At last Prashant reached his village Kalikuda. His heart sank. His house was gone. His family was nowhere. In order to look for his family, Prashant went to the Red Cross Shelter. Fortunately, his family was alive. They were very glad to see Prashant. He came to know that eighty-six lives were lost in his village and all the ninety-six houses had been washed away.

(आखिर प्रशांत अपने गाँव कालीकुदा पहुंचा। उसका दिल बैठ गया। उसका घर बह गया था। उसका परिवार कहीं नहीं था। अपने परिवार को ढूँढ़ने के लिए, प्रशांत रैडक्रॉस आश्रय में गया। सौभाग्यवश, उसका परिवार जीवित था। वे प्रशांत को देखकर प्रसन्न हुए। उसे मालूम हुआ कि उसके गाँव से 86 लोग मर गए हैं और गाँव के सारे 96 मकान बह गए हैं।)

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Question 3.
What were the two important tasks Prashant did after deciding to be the leader of the village?
(गाँव का नेता बनने का फैसला करने के बाद प्रशांत ने कौन-से दो महत्त्वपूर्ण कार्य किए?)
Answer:
The first task was that he organised a group of youths and elders to make the merchant give them rice. They succeeded in their mission. Secondly, he made a team of youth volunteers. They cleaned the shelter of the dirt, urine, vomit and floating carcasses.

(पहला काम था कि उसने युवा लोगों एवं बुजुर्गों का एक दल संगठित किया ताकि वे व्यापारी को उन्हें चावल देने के लिए मना सकें। वे अपने मिशन में कामयाब हो गए। दूसरे, उसने युवा स्वयंसेवकों का एक दल बनाया। उन्होंने आश्रय में से गंदगी, पेशाब, उल्टी एवं तैरती हुई जानवरों की लाशों को साफ किया।)

Question 4.
How did the villagers make the helicopters drop regular quantities of flood?
(गाँव वालों ने हैलीकॉप्टरों को नियमित रूप से भोजन गिराने के लिए कैसे मजबूर किया?)
Answer:
Prashant and others devised a plan to attract the attention of the helicopters. They deputed children to lie there with empty utensils on their stomachs. This was done to communicate to the helicopters that they were hungry. The scheme worked and the helicopters started dropping food regularly.

(प्रशांत एवं अन्य लोगों ने हैलीकॉप्टरों का ध्यान आकर्षित करने की एक योजना बनाई। उन्होंने बच्चों से कहा कि खाली बर्तन अपने पेट पर रखकर लेट जाएँ। यह इसलिए किया गया ताकि हैलीकॉप्टरों तक यह बात पहुँचाई जाए कि वे भूखे हैं। योजना काम कर गई और हैलीकॉप्टरों ने नियमित रूप से भोजन गिराना आरंभ कर दिया।)

Question 5.
Where is Ersama situated and what was the name of Prashant’s village?
(एरसामा कहाँ स्थित है? और प्रशांत के गाँव का क्या नाम था?)
Answer:
Ersama is situated just eighteen kilometers away from Prashant’s village. The name of Prashant’s village was Kalikuda.

(एरसामा प्रशांत के गाँव से केवल अठारह किलोमीटर दूर था। प्रशांत के गाँव का नाम कालीकुदा था।)

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Essay Type Questions

Question 1.
Describe the destruction caused by the super cyclone as narrated in the story ‘Weathering the Storm in Ersama’.
(Weathering the Storm in Ersama’ कहानी में वर्णित तीव्र चक्रवात के विनाश का वर्णन करो।)
Answer:
On 27th October, 1999, Prashant went to meet one of his friends who lived in Ersama. The place was eighteen kilometres from his village. In the evening, a super cyclone came. Winds beat against the houses with great fury. There was heavy and continuous rain. Houses and people were washed away in the flood. His friend’s house.was made of bricks and cement.

It was strong enough to survive the wind blowing at 350 km per hour. But one uprooted tree fell on their house and damaged some part of its roof and walls. To escape the waters rising in the house, Prashant and his friend’s family took refuge on the roof. For the next two days, Prashant sat huddled with his friend’s family on the rooftop. They froze in cold and rain.

In the early morning, Prashant saw the destruction caused by the cyclone. There was a sheet of water everywhere. Only parts of cemented houses were still visible. All other houses had been washed away. Even huge trees had fallen. Bloated dead-bodies of animals and human beings were floating everywhere.

(27 अक्तूबर, 1999 को प्रशांत अपने एक मित्र को मिलने गया जो एरसामा में रहता था। वह स्थान उसके गाँव से अठारह किलोमीटर दूर था। शाम को एक तीव्र चक्रवात आ गया। हवा बड़े जोश के साथ मकानों से टकराई। वहाँ तेज और लगातार बरसात हुई। घर और लोग बाढ़ में बह गए। उसके मित्र का घर ईंटों और सीमेंट का बना हुआ था।

यह इतना मजबूत था कि 350 मील प्रति घंटा की गति से चलने वाली हवाओं को झेल गया। मगर एक उखड़ा हुआ वृक्ष उनके घर पर गिर गया और छत के कुछ भाग एवं दीवारों को नुकसान पहुंचाया। घर में बढ़ते हुए पानी से बचने के लिए प्रशांत और उसके मित्र के परिवार ने छत पर आश्रय लिया। अगले दो दिनों तक प्रशांत अपने मित्र और उसके परिवार के साथ छत पर दुबक कर बैठा रहा।

वे ठंड एवं बरसात में जम गए। सुबह होते ही प्रशांत ने चक्रवात द्वारा किए गए विनाश को देखा। चारों तरफ पानी की चादर थी। केवल सीमेंट वाले मकानों के कुछ भाग नजर आ रहे थे। बाकी सारे घर बह गए थे। यहाँ तक कि बड़े-बड़े वृक्ष भी गिर गए थे। जानवरों और मनुष्यों की फूली हुई लाशें चारों तरफ तैर रही थीं।)

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Question 2.
Describe how Prashant reached his village after the cyclone?
(वर्णन करो कि चक्रवात के बाद प्रशांत अपने गाँव कैसे पहुँचा ?)
Ans.
The destruction caused by the cyclone and the waves of the ocean continued for the next thirty-six hours. Two days later, the rain ceased and the rainwater slowly began to recede. Prashant was worried about his family. He took a long stick and started on the eighteen kilometre long and difficult journey to his village. There was water everywhere. He had to use his stick to locate the road.

At places it was waist deep and the progress was slow. Sometimes, he lost the road and had to swim. After some distance, he found two friends of his uncle. They decided to move ahead together. They had to push away many human bodies floating on the water. There were also carcasses of dogs, goats and cattle.

In every village they passed, they could barely see a house standing. He feared that his family could not have survived the cyclone. At last he reached his village Kalikuda. His heart sank. His house was gone. His family was nowhere. In order to look for his family, Prashant went to the Red Cross shelter. Fortunately, his family was alive. They were very glad to see Prashant. He came to know that eighty-six lives were lost in his village and all the ninety-six houses had been washed away.

(चक्रवात एवं सागर की लहरों द्वारा पैदा किया गया विनाश अगले छत्तीस घंटे तक चलता रहा। दो दिन बाद, बरसात बंद हो गई और बरसात का पानी धीरे-धीरे उतरने लगा। प्रशांत को अपने परिवार की चिंता थी। उसने एक लंबी छड़ी ली और अपने गाँव की ओर अठारह किलोमीटर लंबी एवं मुश्किल यात्रा आरंभ कर दी। चारों तरफ पानी था। उसे सड़क को ढूँढने के लिए छड़ी का प्रयोग करना पड़ता था।

कई जगह पानी कमर तक गहरा था और आगे बढ़ना बहुत धीमा था। कई बार, सड़क खो जाती थी और उसे तैरना पड़ता था। कुछ दूर जाने के बाद उसे अपने चाचा जी दो के मित्र मिल गए। उन्होंने मिलकर आगे बढ़ने का फैसला किया। उन्हें पानी पर तैरती हुई मानवीय लाशों को परे धकेलना पड़ता था। वहाँ कुत्तों, बकरियों और मवेशियों की लाशें भी थीं। वे जिस भी गाँव से गुजरे, वहाँ मुश्किल से ही कोई घर सलामत नज़र आता था।

उसे डर था कि उसका परिवार उस चक्रवात में जीवित नहीं बचा होगा। आखिर वह अपने गाँव कालीकुदा पहुंचा। उसका दिल डूब गया। उसका घर बह गया था। उसके परिवार का कहीं पता नहीं था। अपने परिवार की तलाश करने के लिए प्रशांत रेडक्रॉस आश्रय में गया। सौभाग्यवश, उसका परिवार जीवित था। वे प्रशांत को देखकर बहुत प्रसन्न हुए। उसे पता चला कि गाँव के 86 लोग मर गए थे और सारे के सारे 96 घर बह गए थे।)

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Question 3.
Describe how Prashant helped himself and others at the time of the natural calamity?
(वर्णन करो कि प्राकृतिक विपदा के समय प्रशांत ने अपनी एवं अन्य लोगों की सहायता कैसे की?)
Answer:
The cyclone caused a lot of damage in Prashant’s village and surrounding areas. Prashant decided to help his own family and the others. He organised a group of youths. They pressurized the local merchant to give rice for the starving villagers. They burnt a fire and cooked the rice, although it was rotting. His next step was to clean the place of filth, dirt, urine and floating dead bodies. They tended the wounds and fractures of many who had been injured.

On the fifth day, a military helicopter dropped food. But it did not return. Prashant and others devised a plan to attract the attention of the helicopters. They deputed children to lie there with empty utensils on their stomachs. This was done to communicate to the helicopters that they were hungry. The scheme worked and the helicopters started dropping food regularly.

Prashant brought the orphaned children and made a shelter for them. He asked the woman to look after them. But he found that women and children were sinking deeper and deeper in their grief. A non-government organization had started a food for work programme. Prashant persuaded them to join it. He engaged other volunteers to help widows start their lives again. The orphaned children were resettled in their own community.

(चक्रवात ने प्रशांत के गाँव एवं आस-पास के गाँवों में बहुत विनाश किया। प्रशांत ने अपने परिवार एवं अन्य लोगों की सहायता करने का निर्णय लिया। उसने जवानों का एक समूह संगठित किया। उन्होंने स्थानीय व्यापारी पर दबाव डाला कि वह भूख से मरते ग्रामीणों को चावल दे। उन्होंने आग जलाई और चावल पकाया, यद्यपि यह सड़ रहा था। उसका अगला कदम था कि उस स्थान से गंदगी, कूड़ा, पेशाब और तैरती हुई लाशें हटाई जाएँ। जो बहुत से लोग घायल हो गए थे, उन्होंने उनके जख्मों और टूटे अंगों की देखभाल की।

पांचवें दिन, मिलिट्री के एक हैलीकॉप्टर ने भोजन गिराया। मगर यह लौटकर नहीं आया। प्रशांत एवं अन्य लोगों ने हैलीकॉप्टरों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए एक योजना बनाई। उन्होंने बच्चों को कहा कि वे अपने पेट पर खाली बर्तन रखकर लेट जाएँ। ऐसा इसलिए किया गया कि वे हैलीकॉप्टरों को बताएँ कि वे भूखे हैं। यह योजना काम कर गई और उसके बाद हैलीकॉप्टरों ने नियमित रूप से भोजन गिराना आरंभ किया।

प्रशांत अनाथ बच्चों को लाया और उनके लिए एक आश्रय बनाया। उसने स्त्रियों को कहा कि वे उनकी देखभाल करें। मगर . उसने देखा कि स्त्रियाँ और बच्चे गम में और गहरे डूबते जा रहे थे। एक गैर-सरकारी संस्था ने काम के बदले अनाज योजना आरंभ की। प्रशांत ने उन्हें मनाया कि वे इस योजना में शामिल हों। उसने अन्य स्वयंसेवकों को इस काम पर लगाया कि वे विधवाओं को अपना जीवन फिर से आरंभ करने में सहायता करें। अनाथ बच्चों को अपने ही समुदाय में फिर से बसाया गया।)

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Multiple Choice Questions

Question 1.
The heavy cyclone hit Orissa in ……………
(A) 1998
(B) 1999
(C) 2000
(D) 2001
Answer:
(B) 1999

Question 2.
Where was Prashant when the cyclone hit his village?
(A) at the block headquarter about 18 k.ms from his village
(B) in his village
(C) in other stage
(D) none of the above
Answer:
(A) at the block headquarter about 18 k.ms from his village

Question 3.
How did Prashant reach his village?
(A) travelling on foot
(B) swimming through water
(C) both (A) and (B)
(D) none of the above
Answer:
(C) both (A) and (B)

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Question 4.
What did Prashant see in the flood water floating?
(A) dead bodies of men, women
(B) carcasses of dogs, goats and cattle and children
(C) household possessions
(D) all of the above
Answer:
(D) all of the above

Question 5.
How much distance was covered by Prashant through flood water?
(A) Eighteen kilometres
(B) Eighty kilometers
(C) Hundred kilometres
(D) Two hundred kilometres
Answer:
(A) Eighteen kilometres

Question 6.
The name of Prashant’s village is ………
(A) kalikuda
(B) ersama
(C) palikuda
(D) none of the above
Answer:
(A) kalikuda

Question 7.
Could Prashant meet his family when he reached his village?
(A) Yes
(B) No
(C) May be
(D) May not be
Answer:
(B) No

Question 8.
How long did it rain continuously in Ersama?
(A) for 24 hours
(B) for 36 hours
(C) for 48 hours
(D) none of the above
Answer:
(B) for 36 hours

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Question 9.
What calamity hit Orissa?
(A) cyclone
(B) earth quake
(C) drought
(D) land sliding
Answer:
(A) cyclone

Weathering The Storm in Ersama Summary

Weathering The Storm in Ersama Introduction in English

7n October, 1999, a cyclone hit Orissa. It killed thousands of people and destroyed hundreds of houses. Prashant, a young man, had gone Ersama, a small town, to visit one of his friends. The place was just eighteen kilometres from his own village. Towards the evening, the town was hit by a devastating cyclone.

Prashant and the family of his friend were marooned on the roof of the house for two dreadful nights. On the third day, Prashant decided to go to his village. He reached there with great difficulty. He found destruction everywhere in his village. He at once gathered some young people of his village and started helping the poor and the needy. This is the story of Prashant’s courage in the face of a great calamity.

Weathering The Storm in Ersama Summary in English

On 27th October, 1999, Prashant went to meet one of his friends who lived in Ersama. The place was eighteen kilometres from his village. In the evening, a super cyclone came. Winds beat against the houses with great fury. There was heavy and continuous rain. Houses and people were washed away in the flood. His friend’s house was made of bricks ar.d cement.

It was strong enough to survive the wind blowing at 350 km per hour. But one uprooted tree fell on the their house and damaged some part of its roof and walls. To escape the waters rising in the house, Prashant and his friend’s family took refuge on the roof. For the next two days, Prashant sat huddled with his friend’s family on the rooftop.

They froze in the cold and the rain. In the early morning, Prashant saw the destruction caused by the cyclone. There was a sheet of water everywhere. Only parts of cemented houses were still visible. All other houses had been washed away. Even huge trees had fallen. Bloated dead bodies of animals and human beings were floating everywhere.

The destruction caused by the cyclone and the waves of the ocean continued for the next thirty-six hours. Two days later, the rain ceased and the rainwater slowly began to recede. Prashant was worried about his family. He took a long stick and started on the eighteen kilometres long and difficult journey to his village. There was water everywhere. He had to use his stick to locate the road.

At places it was waist deep and the progress was slow. Sometimes, he lost the road and had to swim. After some distance, he found two friends of his uncle. They decided to move ahead together. They had to push away many human bodies floating on the water. There were also carcasses of dogs, goats and cattle. In every village they passed, they could barely see.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama

A house standing. He feared that his family could not have survived the cyclone. At last he reached his village Kalikuda. His heart sank. His house was gone. His family was nowhere. In order to look for his family, Prashant went to the Red Cross shelter. Fortunately, his family was alive. They were very glad to see Prashant. He came to know that eighty six lives were lost in his village and all the ninety six houses had been washed away.

The cyclone caused a lot of damage in Prashant’s village and surrounding areas. Prashant decided to help his own family and the others. He organised a group of youths. They pressurized the local merchant to give rice for the starving villagers. They burnt a fire and cooked the rice, although it was rotting. His next step was to clean the place of filth, dirt, urine and floating dead bodies.

They tended the wounds and fractures of many who had been injured. On the fifth day, a military helicopter dropped food. But it did not return. Prashant and others devised a plan to attract the attention of the helicopters. They deputed children to lie there with empty utensils on their stomachs. This was done to communicate to the helicopters that they were hungry. The scheme worked and the helicopters started dropping food regularly.

Prashant brought the orphaned children and made a shelter for them. He asked the woman to look after them. But he found that women and children were sinking deeper and deeper in their grief. A non-government organization had started a food for work programme. Prashant persuaded them to join it. He engaged other volunteers to help widows start their lives again. The orphaned children were resettled in their own community.

Though six months have passed since the cyclone caused a heavy destruction, the widows and orphaned children of the village still seek Prashant in their hour of grief and need.

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Weathering The Storm in Ersama Introduction in Hindi

अक्तुबर, 1999 में, उड़ीसा में एक चक्रवात आया। इसने हज़ारों लोगो को मार दिया आर सकड़ा घर नष्ट कर दिए। एक युवा व्यक्ति, प्रशांत, अपने एक मित्र से मिलने एरसामा नामक एक छोटे-से कस्बे में गया हुआ था। वह स्थान उसके अपने गाँव से केवल अठारह किलोमीटर दूर था। शाम के समय, कस्बे में विनाशकारी चक्रवात आया।

प्रशांत एवं उसके मित्र का परिवार घर की छत पर दो भयानक रातों के लिए फंसा रहा। तीसरे दिन, प्रशांत ने अपने गाँव जाने का फैसला किया। वह वहाँ बहुत कठिनाई से पहुँचा। उसने अपने गाँव में चारों ओर विनाश देखा। उसने तुरंत गाँव के कुछ युवा लोगों को इकट्ठा किया और गरीब एवं जरूरतमंद लोगों की सहायता करना आरंभ कर दिया। यह एक महान विपत्ति का सामना करने में प्रशांत के साहस की कहानी है

Weathering The Storm in Ersama Summary in Hindi

27 अक्तूबर, 1999 को प्रशांत अपने एक मित्र को मिलने गया जो एरसामा में रहता था। वह स्थान उसके गाँव से अठारह किलोमीटर दूर था। शाम को एक तीव्र चक्रवात आ गया। हवा बड़े जोश के साथ मकानों से टकराई। तेज और लगातार बरसात हुई। घर और लोग बाढ़ में बह गए। उसके मित्र का घर ईंटों और सीमेंट का बना हुआ था। यह इतना मजबूत था कि 350 मील प्रति घंटा की गति से चलने वाली हवाओं को झेल गया।

मगर एक उखड़ा हुआ वृक्ष उनके घर पर गिर गया और छत के कुछ भाग एवं दीवारों को नुकसान पहुंचाया। घर में बढ़ते हुए पानी से बचने के लिए प्रशांत और उसके मित्र के परिवार ने छत पर आश्रय लिया। वे ठंड एवं बरसात में जम गए। सुबह प्रशांत ने चक्रवात द्वारा किए गए विनाश को देखा। चारों तरफ पानी की चादर थी। केवल सीमेंट वाले मकानों के कुछ भाग नजर आ रहे थे। बाकी सारे घर बह गए थे। यहाँ तक कि बड़े-बड़े वृक्ष भी गिर गए थे। जानवरों और मनुष्यों की फूली हुई लाशें चारों तरफ तैर रही थीं।

चक्रवात एवं सागर की लहरों द्वारा पैदा किया गया विनाश अगले छत्तीस घंटे तक चलता रहा। दो दिन बाद, बरसात बंद हो गई और बरसात का पानी धीरे-धीरे उतरने लगा। प्रशांत को अपने परिवार की चिंता थी। उसने एक लंबी छड़ी ली और अपने गाँव की ओर अठारह किलोमीटर लंबी एवं मुश्किल यात्रा आरंभ कर दी। चारों तरफ पानी था। उसे सड़क को ढूँढ़ने के लिए छड़ी का प्रयोग करना पड़ता था। कई जगह पानी कमर तक गहरा था और आगे बढ़ना बहुत धीमा था। कई बार सड़क खो जाती थी

और उसे तैरना पड़ता था। कुछ दूर जाने के बाद, उसे अपने चाचा जी के दो मित्र मिल गए। उन्होंने मिलकर आगे बढ़ने का फैसला किया। उन्हें पानी पर तैरती हुई मानवीय लाशों को परे धकेलना पड़ता था। वहाँ कुत्तों, बकरियों और मवेशियों की लाशें भी थीं। वे जिस भी गाँव से गुजरे, वहाँ मुश्किल से ही कोई घर सलामत नज़र आता था। उसे डर था कि उसका परिवार उस चक्रवात में जीवित नहीं बचा होगा।

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama

आखिर वह अपने गाँव कालीकुदा पहुंचा। उसका दिल डूब गया। उसका घर बह गया था। उसके परिवार का कहीं पता नहीं था। अपने परिवार की तलाश करने के लिए, प्रशांत रेडक्रॉस आश्रय में गया। सौभाग्यवश, उसका परिवार जीवित था। वे प्रशांत को देखकर बहुत प्रसन्न हुए। उसे पता चला कि गाँव के छियासी लोग मर गए थे और सारे के सारे छियानवें घर बह गए थे।

चक्रवात ने प्रशांत के गाँव एवं आस-पास के गाँवों में बहुत विनाश किया। प्रशांत ने अपने परिवार एवं अन्य लोगों की सहायता करने का निर्णय लिया। उसने जवानों का एक समूह संगठित किया। उन्होंने स्थानीय व्यापारी पर दबाव डाला कि वह भूख से मरते ग्रामीणों को चावल दे। उन्होंने आग जलाई और चावल पकाया, यद्यपि यह सड़ रहा था। उसका अगला कदम था कि उस स्थान से गंदगी, कूड़ा, पेशाब और तैरती हुई लाशें हटाई जाएँ।

जो बहुत से लोग घायल हो गए थे, उन्होंने उनके जख्मों और टूटे अंगों की देखभाल की। पाँचवें दिन, मिलिट्री के एक हैलीकॉप्टर ने भोजन गिराया। मगर यह लौटकर नहीं आया। प्रशांत एवं अन्य लोगों ने हैलीकॉप्टर का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए एक योजना बनाई। उन्होंने बच्चों को कहा कि वे अपने पेट पर खाली बर्तन रखकर लेट जाएँ। ऐसा इसलिए किया गया कि वे हैलीकॉप्टरों को बताएँ कि वे भूखे हैं। यह योजना काम कर गई और उसके बाद हैलीकॉप्टरों ने नियमित रूप से भोजन गिराना आरंभ किया।

प्रशांत अनाथ बच्चों को लाया और उनके लिए एक आश्रय बनाया। उसने स्त्रियों को कहा कि वे उनकी देखभाल करें। मगर उसने देखा कि स्त्रियाँ और बच्चे गम में और गहरे डूबते जा रहे थे। एक गैर-सरकारी संस्था ने काम के बदले अनाज योजना आरंभ की। प्रशांत ने उन्हें मनाया कि वे इस योजना में शामिल हों। उसने अन्य स्वयं सेवकों को इस काम पर लगाया कि वे विधवाओं को अपना जीवन फिर से आरंभ करने में सहायता करें। अनाथ बच्चों को अपने ही समुदाय में फिर से बसाया गया।

यद्यपि उस बात को छह महीने बीत गए हैं जब चक्रवात ने भारी विनाश किया था, मगर गाँव की विधवाएँ एवं बच्चे अपने दुःख एवं आवश्यकता के समय में अभी भी प्रशांत की तलाश करते हैं।

Weathering The Storm in Ersama Word-Meanings

(Page 37) :
Weathering = facing = सामना करना; cyclone = a very strong wind and storm = चक्रवात; devastated = destroyed = नष्ट किए; dreadful = horrible = भयानक; marooned = stranded = भटके; coastal = on the coast= तटवर्ती; menacing = dangerous = खतरनाक; fury = anger = गुस्सा; witnessed = seen = देखा; incessant= continuous = लगातार; ancient = old = पुराने।

(Page 38) :
Crashed = broke and fell = गिरा एवं टूटा; screams = cries = चीखें; rent = pierced = छेद किया; swirled = moved in circles = घूमना; mortar = iron and cement = लोहा एवं सीमेंट; survive = live = जीवित रहना; velocity = speed = गति; terror = fear= भय; damaging = destroying = नष्ट करना; crazed = mad = पागल; surge= wave = लहर; reduced = lessened = कम होना; refuge = shelter = आश्रय; glimpse = scene = दृश्य; wrought = brought= फूली हुई; carcasses = dead bodies of animals = जानवरों की लाशें; corpses = dead bodies = लाशें; trapped = caught = फंस गए; starving = dying of hunger = भूख से मरना; tender = soft = नरम; huddled = sat closely = साथ दुबककर बैठना; flashed = came to mind = दिमाग में आना; bereaved = suffering from loss of someone = किसी की मृत्यु या गम से पीड़ित; ceased = stopped = रुकना; recede = decrease = कम होना; pleaded = requested = प्रार्थना की; equipped = armed = सुसज्जित; sturdy = strong = मजबूत; expedition = difficult journey = कठिन यात्रा; swollen = increased = बढ़ना; locate = find out = पता लगाना।

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama

(Page 39) :
Shallow = less deep = उथला; waded = went through = लाँघना; macabre = horrifying = भयानक; catastrophe = great natural tragedy = महान प्राकृतिक विपदा; eventually = finally = अंततः; remnants = remaining parts = बचे भाग; mangled = broken = टूटे; twisted = bent = मुड़े; outstretched = spread out= फैलाते हुए; brimming = full of tears = अश्रुपूर्ण; miracle = marvel = चमत्कार; extended = spread = फैली हुई; hugged = embraced = आलिंगन किया; scanned =examined = निरीक्षण किया; motley =of different kinds = अलग-अलग प्रकार के; battered = suffering = पीड़ित।

(Page 40) :
Desperate = hopeless = निराश; grip = catch, hold = पकड़ना; tumult=noise = शोर; delegation = group = समूहदल; triumphantly = victoriously = जीत से; reluctant = slow = धीमा; bellies = abdomens = पेट; volunteers = willing workers = स्वयं सेवक; filth = dirt = गंदगी; vomit = vomit = उल्टी; tend = take care of = देखभाल करना।

(Pages 41-42) :
Utensils = pots = बर्तन; communicate = get across the message = संदेश पहुँचाना; airdropping = dropping from air = हवा से गिराना; orphaned = having lost parents = अनाथ; mobilized = organised = संगठित किया; persuaded = made to agree = मनाया; initial = preliminary = प्रारंभिक; stigma = social bad mark = सामाजिक कलंक; foster = to adopt = अपनाना; healed = cured = ठीक हो गए; seek out = search = तलाश करना।

Weathering The Storm in Ersama Translation in Hindi

(Pages 37-38)
(अक्तूबर, 1999 में उड़ीसा में जो चक्रवात आया उसमें हजारों लोग मारे गए और सैकड़ों घर नष्ट हो गए। दो भयानक रातों तक, प्रशांत नामक एक युवा व्यक्ति; एक मकान की छत पर फंसा रहा। तीसरे दिन उसने अपने गाँव जाने का निर्णय किया। क्या वह अपने परिवार को ढूँढ पाया?)

27 अक्तूबर, 1999 को, अपनी माता की मृत्यु के सात साल बाद, प्रशांत अपने एक मित्र के पास एक दिन बिताने के लिए एरसामा के ब्लॉक हैडक्वार्टर गया, जो उसके गाँव से लगभग अठारह किलोमीटर दूर उड़ीसा के तट पर एक छोटा-सा कस्बा है। शाम के समय अचानक काला एवं खतरनाक तूफान आ गया। हवाएँ घरों के साथ इतनी गति एवं गुस्से से टकराई जितनी प्रशांत ने पहले कभी नहीं देखी थीं। तेज एवं लगातार बरसात ने अंधेरे को भर दिया, प्राचीन वृक्ष उखड़ गए और धरती पर गिर गए।

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama

(Page 38)
हवा चीखों से भर गई जबकि लोग एवं घर जल्दी से बह गए। उग्रं पानी उसके मित्र के घर में गर्दन तक गहरा आ गया। भवन ईंटों एवं सीमेंट का था और इतना मजबूत था कि 350 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती हुई हवाओं के विनाश से बच गया। मगर परिवार का ठंडा भय तब बढ़ गया जब रात के मध्य में वृक्ष जो उखड़ गए थे और उनके घर पर गिर गए थे जिन्होंने इसकी छत एवं दीवारों को नुकसान पहुंचाया।

चक्रवात द्वारा लाया गया पागल विनाश और सागर की लहरों का उठना अगले छत्तीस घंटों तक जारी रहा, यद्यपि अगली प्रातः तक हवाओं की गति कुछ कम हो गई थी। घर में उठते हुए पानी से बचने के लिए, प्रशांत एवं उसके मित्र के परिवार ने छत पर शरण ली। प्रशांत कभी भी उस सदमे को नहीं भूलेगा जो उसे भयंकर चक्रवात के द्वारा किए गए विनाश के पहले नजारे द्वारा अगली प्रातः की धुंधली रोशनी में हुआ।

जहाँ तक उसकी नजर जाती थी, एक फैली हुई, घातक एवं भूरी पानी की चादर चारों ओर नजर आती थी। जानवरों एवं मनुष्यों की फूली हुई लाशें हर दिशा में तैर रही थीं। चारों ओर बड़े-बड़े वृक्ष भी गिर गए थे। नारियल के दो वृक्ष उनके घर की छत पर गिर गए थे। यह एक छिपा हुआ वरदान था, क्योंकि वृक्षों के नरम नारियलों ने फंसे हुए परिवार को आने वाले कई दिनों तक भूखा मरने से बचाया।

अगले दो दिनों तक प्रशांत अपने मित्र के परिवार के साथ छत के ऊपर खुले में दुबककर बैठा रहा। वे ठंडी एवं लगातार बरसात में जम गए; बरसात का पानी प्रशांत के आँसुओं को बहाकर ले गया। उसके मन में जो एकमात्र विचार आ रहा था। वह यह था कि क्या उसका परिवार इस तीव्र चक्रवात के गुस्से से बच गया था। क्या उसे एक बार फिर गम का सामना करना पड़ेगा ?

दो दिनों बाद, जो प्रशांत को दो सालों की तरह लगे, बरसात रुक गई और बरसात का पानी धीरे-धीरे उतरना आरंभ हो गया। प्रशांत का पक्का इरादा था कि अब और देर किए बिना अपने परिवार की तलाश की जाए। लेकिन हालत अभी भी खतरनाक थी और उसके मित्र के परिवार ने उससे प्रार्थना की कि वह कुछ देर और रुक जाए। मगर प्रशांत जानता था कि उसे जाना था।

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(Pages 38-39)
उसने एक लंबी एवं मजबूत छड़ी ली और उठे हुए बाढ़ के पानी के बीच में से अपने गाँव वापिस जाने की अट्ठारह मील लंबी यात्रा आरंभ कर दी। यह ऐसी यात्रा थी जिसे वह कभी नहीं भूलेगा। उसे लगातार यह जानने के लिए अपनी छड़ी का प्रयोग करना पड़ता था, कि सड़क कहाँ है और पानी सबसे कम गहरा कहाँ था।

कई जगह यह कमर तक गहरा था एवं आगे प्रगति धीमी थी। कई जगह, उसने सड़क खो दी और उसे तैरना पड़ा। कुछ फासले के बाद, उसे अपने चाचा के दो मित्रों को देखकर राहत मिली जो अपने गाँव को लौट रहे थे। उन्होंने मिलकर आगे जाने का फैसला किया।

जब वे पानी को लाँघते हुए आगे बढ़े, तो जो दृश्य उन्होंने देखे, वे अधिक से अधिक भयानक होते गए। उन्हें बहत सी मानवीय लाशों को धकेलकर आगे बढ़ना पड़ा-पुरुष, स्त्रियाँ एवं बच्चे और कुत्तों, बकरियों एवं मवेशियों की लाशें जो कि लहरों के कारण उनसे टकराती थी जब वे आगे बढ़ते थे। जिस भी गाँव से वे गुजरे, वे मुश्किल से ही किसी घर को सही सलामत खड़ा पाते। प्रशांत अब जोर से एवं देर तक रोया। उसे पक्का विश्वास था कि उसका परिवार इस विनाश में जीवित नहीं रहा होगा।

आखिर, प्रशांत अपने गाँव, कालीकुदा पहुँचा। उसका दिल ठंडा हो गया। जहाँ कभी उसका घर खड़ा होता था, वहाँ केवल छत का बचा हुआ भाग था। उसके घर का कुछ सामान, जो टूट-फूट और मुड़ गया था, वृक्षों की टहनियों में फंस गया था जो काले पानी के ऊपर कुछ-कुछ नजर आ रहे थे। युवा प्रशांत ने अपने परिवार की तलाश करने के लिए रैडक्रॉस आश्रय में जाने का फैसला किया।

भीड़ में उसने जिसको देखा वह उसकी नानी थी। वह भूख से कमजोर हुई थी, और आँखों में आँसू लेकर, वह बाँहें फैला कर उसकी तरफ दौड़ी। यह एक चमत्कार था। उन्होंने तो बहुत पहले ही उसे मरा हुआ मान लिया था।

शीघ्र ही खबर फैल गई और उसका सारा बड़ा परिवार उसके आसपास इकट्ठा हो गया और उसके साथ से खूब आलिंगन करके मिला। प्रशांत ने चिंता से वह विविध, पीड़ित समूह देखा। उसका भाई और बहन, उसके चाचे एवं चाचियाँ, वे सब वहाँ प्रतीत होते थे।

(Pages 40-41)
अगली प्रातः तक, जब उसने आश्रयस्थल की निराशाजनक अवस्था को समझा, तो उसने स्वयं पर काबू पाने का फैसला किया। उसने देखा कि आश्रयस्थल में 2500 की भीड़ पर मौत जैसा गम छाया जा रहा है। गाँव में 86 लोगों की जान चली गई थी। सभी 96 घर पानी में बह गए थे। यह आश्रयस्थल में उनका चौथा दिन था। अब तक वे कच्चे नारियलों पर गुजारा कर रहे थे, मगर वे इतने कम थे कि इतनी बड़ी भीड़ का और अधिक पेट नहीं भर सकते थे।

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उन्नीस साल के प्रशांत ने फैसला किया कि अगर कोई अन्य व्यक्ति ऐसा नहीं करता, तो वह अपने गाँव का नेता बनेगा। उसने गाँव के युवाओं एवं प्रौढ़ लोगों का एक समूह बनाया कि वे व्यापारी पर दबाव डालें कि वह एक बार फिर उन्हें चावल दे। इस बार दल सफल हो गया और जीतकर लौटा और कम होते हुए पानी को लाँघ कर सारे गाँव के लिए भोजन लाया। किसी ने इस बात की परवाह नहीं की कि चावल पहले से ही सड़ रहे थे। गिरे हुए वृक्षों से टहनियाँ लाई गई और एक अनिच्छापूर्ण एवं धीमी आग जली, जिस पर चावल पकाए गए।

चार दिन में पहली बार चक्रवात आश्रयस्थल पर जीवित लोगों ने भरपेट भोजन किया। उसका अगला काम था युवा स्वयं सेवकों के एक दल का गठन करना ताकि आश्रयस्थल पर से गंदगी, पेशाब, उल्टियाँ और बहती हुई लाशों को साफ किया जा सके और जो लोग घायल हो गए थे उनके घावों का उपचार करना।

पाँचवें दिन, सेना का एक हैलीकॉप्टर आश्रयस्थल के ऊपर से उड़ा और भोजन के कुछ पार्सल गिराए। फिर वह नहीं लौटा। युवा टास्क फोर्स ने आश्रयस्थल से खाली बर्तन लिए।

तब उन्होंने बच्चों से कहा कि वे आश्रय के आस-पास पानी के द्वारा छोड़ी गई रेत पर लेट जाएँ और खाली बर्तनों को अपने-अपने पेट पर रख लें ताकि गुजरने वाले हैलीकॉप्टरों को बता सकें कि वे भूखे हैं। संदेश उन तक पहुंचा और उसके बाद हैलीकॉप्टर ने आश्रयस्थल पर नियमित चक्कर लगाए और भोजन एवं अन्य आवश्यक वस्तुएँ गिराई।

प्रशांत ने देखा कि बड़ी मात्रा में बच्चे अनाथ हो गए हैं। उसने उन्हें इकट्ठा किया और उनके लिए पॉलिथीन की चादरों के टेंट बनाए। स्त्रियों को इकट्ठा किया गया ताकि वे उनकी देखभाल करें जबकि पुरुष लोग आश्रयस्थल के लिए भोजन एवं पदार्थ लाते थे।

(Pages 41-42)

जैसे-जैसे सप्ताह गुजरने लगे, प्रशांत ने यह फौरन भाँप लिया कि स्त्रियाँ एवं बच्चे अपने गम में गहरे डूबते जा रहे थे। उसने स्त्रियों को इस बात के लिए राजी कर लिया कि वे एक गैर-सरकारी संस्था द्वारा चलाए गए काम के बदले भोजन कार्यक्रम में भाग लें, और बच्चों के लिए उसने खेलों का इंतजाम किया। उसे स्वयं भी क्रिकेट खेलना अच्छा लगता था, इसलिए उसने बच्चों के लिए क्रिकेट मैचों का आयोजन किया।

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अन्य स्वयंसेवकों की सहायता से प्रशांत ने विधवाओं और बच्चों को अपने दुःखी जीवन को फिर से संवारने में सहायता की। सरकार की आरंभिक योजना विधवाओं एवं अनाथ बच्चों के लिए संस्था बनाने की थी। मगर इस योजना का सफलतापूर्वक विरोध किया गया क्योंकि ऐसा महसूस किया जाता था कि ऐसी संस्थाओं में बच्चे बिना प्यार के विकसित होंगे और विधवाएँ कलंक एवं अकेलेपन से पीड़ित होंगी।

प्रशांत का समूह मानता है कि अनाथ बच्चों को अपने ही समुदाय में पुनः बसाया जाए, संभवतया नए पालन-पोषण करने वाले परिवारों में जिनमें विधवाएँ और प्रौढ़ देखभाल के बिना के बच्चे हों।

उस भीषण चक्रवात के विनाश को छह महीने बीत गए हैं। इस बार प्रशांत की घायल आत्मा केवल इसलिए ठीक हो गई क्योंकि उसके पास अपने दर्द के बारे में चिंता करने का समय ही नहीं था। अपने गम के कठिनतम समय में उसके गाँव की विधवाएँ एवं अनाथ सबसे अधिक उसके सुंदर एवं युवा चेहरे की तलाश करते हैं।

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HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 3 Iswaran the Storyteller

Haryana State Board HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 3 Iswaran the Storyteller Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class English Solutions Moments Chapter 3 Iswaran the Storyteller

HBSE 9th Class English Iswaran the Storyteller Textbook Questions and Answers

Think about It

Iswaran the Storyteller In Hindi HBSE 9th Class Question 1.
In what way is Iswaran an asset to Mahendra?
(ईश्वरन महेंद्र के लिए एक सम्पत्ति किस प्रकार से है?)
Answer:
Iswaran is Mahendra’s cook. He is quite attached to Mahendra. He follows him wherever he goes on a new posting. He cooks for him, washes his clothes and chats away with him at night. In this way he is an asset to his master Mahendra

(ईश्वरन महेंद्र का रसोइया है। वह बिल्कुल महेंद्र के साथ जुड़ा रहता है। जहाँ कहीं भी वह नई नियुक्ति के लिए जाता है, तो वह उसके साथ ही जाता है। वह उसके लिए भोजन पकाता है, उसके कपड़े धोता है और रात्रि के समय उससे बातें करता है। इस तरह से वह अपने स्वामी महेंद्र के लिए एक सम्पत्ति की भांति है।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 3 Iswaran the Storyteller

Class 9 Moments Chapter 3 HBSE Question 2.
How does Iswaran describe the uprooted tree on the highway? What effect does he want to create in his listeners?
(ईश्वरन मुख्य मार्ग पर उखड़े पड़े वृक्ष का बखान कैसे करता है? वह अपने श्रोताओं में क्या प्रभाव पैदा करना चाहता है?)
Answer:
Iswaran describes the uprooted tree dramatically. He says that one night he was going along the road. It was moonlit night. Suddenly he saw that there was a big and terrible beast lying on the road. He was terrified. But then, he took courage and reached near it. Then he found that it was an uprooted tree. By telling the story in this way, he wants to create an effect of suspense in his listeners.

(ईश्वरन उखड़े हुए वृक्ष का नाटकीय ढंग से चित्रण करता है। वह कहता है कि एक रात वह सड़क पर चला जा रहा था।
उसने हिम्मत दिखाई और उसके निकट पहुँचा। तब उसने पाया कि वह तो एक जड़ से उखड़ा हुआ वृक्ष था। इस तरीके से कहानी सुनाकर, वह श्रोताओं में एक रहस्य का प्रभाव पैदा करना चाहता है।)

Class 9 Moments Chapter 3 Question Answer HBSE Question 3.
How does he narrate the story of the tusker? Does it appear to be plausible?
(वह हाथी की कहानी का वर्णन कैसे करता है? क्या यह बात संभव प्रतीत होती है।)
Answer:
Iswaran says that he was studying in the junior class at the time. He grabbed the stick of a teacher and came to the elephant. He struck the elephant’s toenail. It shivered and fell down. A veterinary doctor was called. After two days, the elephant’s mahout came and took it away, Iswaran tells Mahendra that he made the elephant unconscious using the Japanese art karate or ju-jitsu. This story does not appear to be plausible. It seems to be an imaginary story,

है कि उस समय वह छोटी कक्षा में पढ़ रहा था। उसने एक अध्यापक की छड़ी ली और हाथी के पास आ गया। उसने हाथी के अंगूठे पर प्रहार किया। वह कौंपा और गिर गया। पशुओं के डॉक्टर को बुलाया गया। दो दिन बाद, हाथी का महाबत आया और उसे ले गया। ईश्वरन महेंद्र को बताता है कि उसने जापानी कला कराटे या जुजित्सू का प्रयोग करके हाथी को बेहोश कर दिया था। यह कहानी संभव प्रतीत नहीं होती। यह एक काल्पनिक कहानी प्रतीत होती है।)

English Class 9 Moments Chapter 3 HBSE Question 4.
Why does the author say that Iswaran seemed to more than make up for the absence of a T.V. in Mahendra’s living quarters?
(लेखक क्यों कहता है कि ईश्वरन महेंद्र के कक्ष में टेलीविजन की क्षतिपूर्ति का काम करता था?)
Answer:
Iswaran told daily a story packed with adventure, horror and suspense to Mahendra. It was a great enjoyment for Mahendra. He did not bother whether the story was credible or not. So the author says that Iswaran seemed to more than make up for the absence of a T.V. in Mahendra’s living quarters.

(ईश्वरन महेंद्र को प्रतिदिन साहस, भय और रहस्य से भरपूर एक कहानी सुनाता था। यह महेंद्र के लिए बहुत आनंदमयी होता था। उसे इस बात की कोई परवाह नहीं होती थी कि कहानी सच्ची है या नहीं। इसलिए लेखक कहता है कि ईश्वरन महेंद्र के कक्ष में टेलीविजन की क्षतिपूर्ति के रूप में कार्य करता था।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 3 Iswaran the Storyteller

Class 9 Chapter 3 Moments HBSE Question 5.
Mahendra calls ghosts or spirits a figment of the imagination. What happens to him on a full-moon night?
(महेंद्र भूतों और आत्माओं को एक काल्पनिक आकृति मानता है। पूर्ण चंद्रमा की रात को उसके साथ क्या होता है।)
Answer:
Mahendra does not believe in ghosts or spirits. He calls them a figment of the imagination. But on one full-moon night Mahendra is awakened up from sleep by a low moan. The moan becomes louder. He looks out of the window. He sees a dark cloudy form of a woman, not very far away. She was carrying a bundle in her arms. Mahendra begins to sweat with fear.

(महेंद्र भूतों और आत्माओं में विश्वास नहीं करता है। वह उन्हें एक काल्पनिक आकृति मानता है। लेकिन एक पूर्ण चंद्रमा की रात्रि को महेंद्र एक हल्की सी कराहने की आवाज को सुनकर नींद से जाग उठता है। चीख और तेज हो जाती है। वह खिड़की से बाहर देखता है। उसे पास में ही एक महिला की अस्पष्ट काली परछाई दिखाई देती है। उसने अपनी बाहों में एक बंडल उठा रखा था। महेंद्र को डर के मारे पसीना आ जाता है।)

Iswaran the Storyteller Question Answer HBSE 9th Class Question 6.
Can you think of some other ending for the story?
(क्या आप इस कहानी के लिए किसी अन्य समापन के बारे में सोच सकते हो?)
Answer:
Mahendra does not believe in ghosts. When he sees a figure outside the window at night, he is cold with fear for some time. But then he takes courage and jumps out of the window. He reaches the figure and catches it. He removes the mask from its face. He finds that it is Iswaran, his cook. He has played a practical joke on his master.

(महेंद्र भूतों में विश्वास नहीं करता है। जब उसने रात को अपनी खिड़की के बाहर एक आकृति देखी तो वह कुछ देर के लिए डर से ठंडा हो जाता है। मगर तब वह साहस से काम लेता है और खिड़की से बाहर कूद जाता है। वह आकृति के पास पहुँच जाता है और उसे पका लेता है। वह उसके चेहरे से नकाब उतार देता है। उसे पता चलता है कि यह उसका रसोइया, ईश्वरन है। उसने अपने मालिक के साथ व्यावहारिक मजाक किया है।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 3 Iswaran the Storyteller

Talk about It

Iswaran the Storyteller Summary In Hindi HBSE 9th Class Question 1.
Is Iswaran a fascinating storyteller? Discuss with your friends about the qualities of a good storyteller. Try to use these qualities and tell a story.
Answer:
Iswaran is a fascinating story teller. He is fond of reading Tamil thrills. Most of his stories are influenced by these thrills. He narrates even the simplest description in a very different way. Suspense and surprise are two main factors of his story. A fascinating story teller is only one who does not let the listeners know the actual ending of the story. Sometimes an expert storyteller tells such an aweful story that the listeners are stunned, But then he tells that everything in the story is false. In this lesson all the incidents described by Iswaran are packed with adventure, horror and suspense. The listeners are simply attracted towards them.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 3 Iswaran the Storyteller

HBSE 9th Class English Iswaran the Storyteller Important Questions and Answers

Very Short Answer Type Questions

Iswaran the Storyteller Hindi Translation HBSE 9th Class Question 1.
What work did Mahendra do?
Answer:
He was a junior supervisor in a firm which offered to hire supervisors at various types of construction

Question 2.
Who was Iswaran?
Answer:
Iswaran was Mahendra’s cook.

Question 3.
Iswaran had an amazing capacity. What was it?
Answer:
lswaran had an amazing capacity of producing vegetables and cooking ingredients.

Question 4.
What books did Lswaran read?
Answer:
He read Tamil thrills.

Question 5.
What was the special feature of Lswarans stories?
Answer:
His stories were fuLi of Suspense and they had a surprise ending.

Question 6.
How does Iswaran describe a fallen tree?
Answer:
Iswaran describes a fallen tree as an enormous bushy bcasL

Question 7.
Why was Mahendra able to adjust himself to all kinds of odd conditions?
Answer:
He was a bachelor and his needs were simple.

Question 8.
From where did the tusker escape?
Answer:
The tusker escaped from the timber yard.

Question 9.
How was the tusker breaking down the fences?
Answer:
The tusker was breaking down the fences like matchsticks.

Question 10.
How did the streets look when the tusker entered the town?
Answer:
The streets were empty as if the inhabitants of the entire town had suddenly disappeared.

Question 11.
What did Iswaran do lo tackle the wild elephant?
Answer:
lswaran hit on the third toenail of the elephant to tackle him.

Question 12.
What happened to the elephant when Iswaran hit him on his third toenail?
Answer:
The elephant looked stunned for a nioment, then it shivered from head to foot and collapsed.

Question 13.
Why was the veternary surgeon summoned?
Answer:
The veternary surgeon was summoned to revive the elephant.

Question 14.
What ghost story did lswaran tell Mahendra?
Answer:
He told him the story of a woman ghost which often appeared at midnight during the full moon.

Question 15.
Why did Maliendra decide to leave that place?
Answer:
Mahendra decided to leave that pI.tce because it was a haunted place.

Short Answer Type Questions

Question 1.
Who was Mahendra? What did he do?
(महेंद्र कौन था? वह क्या करता था?)
Answer:
Mahendra was a young man. He was a junior supervisor in a firm. His firm offered supervisors on hire at different construction sites. His job was to keep an eye on the activities at the work site. He had frequently to go from one place to the other. He was a bachelor and his needs were simple. He could adjust himself to all conditions.

(महेंद्र एक युवा व्यक्ति था। वह एक फर्म में कनिष्ठ निरीक्षक था। उसकी फर्म अलग-अलग निर्माण स्थलों पर किराए पर निरीक्षक प्रदान करती थी। उसका कार्य कार्यस्थल पर होने वाली विभिन्न गतिविधियों पर नज़र रखना था। उसे अकसरं एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना पड़ता था। वह कुंवारा था और उसकी आवश्यकताएँ सादी थीं। वह स्वयं को हर अवस्था के अनुसार ढाल लेता था।)

Question 2.
Describe Iswaran’s ‘amazing capacity to produce vegetables, etc.’
(सब्जियाँ आदि पैदा करने की ईश्वरन की अद्भुत क्षमता का वर्णन करो।)
Answer:
Mahendra had a cook. His name was Iswaran. He was quite attached to Mahendra and went wherever Mahendra was transferred. Iswaran was a good cook. He had an amazing capacity to produce vegetables from nowhere and cook them. Even at a place where there were no shops visible for miles, he was able to cook vegetables. He would conjure up delicious dishes made with fresh vegetables within an hour of reaching that place.

(महेंद्र का एक रसोइया था। उसका नाम ईश्वरन था। उसे महेंद्र के प्रति बहुत लगाव था और जहाँ भी महेंद्र का तबादला होता, वह वहीं चला जाता था। ईश्वरन एक अच्छा रसोइया था। उसमें एक अद्भुत क्षमता यह थी कि वह न जाने कहाँ से सब्जियों पैदा करके उन्हें पका सकता था। ऐसे स्थान पर भी जहाँ कई मीलों तक कोई दकान नहीं होती थी. वह वहाँ भी सब्जियां पका सकता था। वह उस स्थान पर पहुंचने के एक घंटे बाद ताजी सब्जियों से बने स्वादिष्ट व्यंजन तैयार कर सकता था।)

Question 3.
How did Iswaran manage to make even the simplest incident interesting? Give an example.
(ईश्वरन छोटी-से-छोटी घटना को किस प्रकार रोचक बना देता था? एक उदाहरण दो।)
Answer:
Iswaran was a master storyteller. He narrated even the smallest of incidents by creating a lost of suspense. For example, if he had to describe a fallen tree, he would not simply say that he saw an uprooted tree on the highway. He would say, “The road was deserted and I was all alone. Suddenly I spotted something that looked like an enormous bushy beast. But as I came closer I saw that it was only a fallen tree.”

(ईश्वरन कहानी सुनाने में बहुत कुशल था। वह छोटी-से-छोटी घटना को भी रोमांचकारी बनाकर सुनाता था। उदाहरण के तौर पर, अगर उसने एक गिरे हुए वृक्ष का वर्णन करना होता था, तो वह केवल यह नहीं कहता था कि उसने मुख्य सड़क पर एक गिरा हुआ वृक्ष देखा। वह कहता था, “सड़क सुनसान थी और मैं अकेला था। अचानक मैंने कुछ देखा जो कि एक बड़ा विशालकाय जानवर की तरह लगता था। नजदीक आने पर मैंने देखा कि वह तो केवल एक गिरा हुआ वृक्ष था।”)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 3 Iswaran the Storyteller

Question 4.
What did Iswaran do after Mahendra had left for office?
(महेंद्र के कार्यालय जाने के बाद ईश्वरन क्या करता था?)
Answer:
When Mahendra left for office, Iswaran would do his work and take a leisurely bath. While taking bath, he kept muttering a prayer. After lunchtime, he would read for a while before going to sleep. He read popular Tamil thrillers. The stories that he narrated were greatly influenced by these novels.

(जब महेंद्र कार्यालय चला जाता था, तो ईश्वरन अपना काम करता था और आराम से स्नान करता था। स्नान करते समय, वह धीरे-धीरे प्रार्थना बोलता रहता था। दोपहर के खाने के बाद, वह सोने से पहले थोड़ी देर पढ़ता था। वह तमिल के प्रसिद्ध रोमांचक उपन्यास पढ़ता था। जो कहानियाँ वह सुनाया करता था, वे इन उपन्यासों से बहुत प्रभावित होती थीं।)

Question 5.
How did Iswaran add a prologue to his story of an elephant?
(ईश्वरन ने अपनी हावी की कहानी की भूमिका कैसे बनाई?)
Answer:
Before starting the story. Iswaran gave a detailed description of the place. He said that the place was a richly wooded forest. The logs of wood were hauled by elephants on lorries. But sometimes, the elephants turned mad. When an elephant turned mad. not even askilled mahout could control it.

(कहानी आरंभ करने से पहले, ईश्वरन ने स्थान का विस्तृत वर्णन दिया। उसने कहा कि वह स्थान पने वृक्षों वाला जंगल था। लकड़ियों के गट्ठों को हाथियों द्वारा लॉरियों पर लादा जाता था। लेकिन कई बार, हाथी पागल हो जाते थे। जब एक हाथी पागल हो जाता था, तो कुशल महावत भी उसे काबू नहीं कर पाते थे।)

Question 6.
What did the elephant do before Iswaran controlled it?
(इससे पहले कि ईश्वरन उस पर काबू पाता हाथी ने क्या किया?)
Answer:
A tusker escaped from the timber yard. It roamed here and there. Then the tusker reached the town. People ran here and there in terror. After sometime, the elephant entered a school ground where children were playing. All the boys ran into the classrooms and shut the doors. The clephant pulled out the football goalpost, tore the volleyball net and broke the drum kept for water. Everyone watched helplessly.

(एक हाथी लकड़ी के गोदाम से बच भागा। वह यहाँ-वहाँ भटकता रहा। तब हाथी शहर में आ गया। लोग डर के मारे इधर-उधर भागे। कुछ समय के बाद, हाथी स्कूल के मैदान में घुस गया जहाँ बच्चे खेल रहे थे। सब बच्चे कक्षाओं में घुस गए एवं दरवाजे बंद कर लिए। हाथी ने फुटबॉल के गोल के डंडे उखाड़ दिए, बॉलीबॉल का जाल फाड़ दिया और पानी का ड्रम तो हर व्यक्ति असहाय होकर देखता रहा।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 3 Iswaran the Storyteller

Question 7.
Why did Mahendra resolve to leave the haunted place the very next day?
(महेंद्र ने अगले ही दिन भूतहा स्थान को छोड़ने का फैसला क्यों किया?)
Answer:
Mahendra had almost forgotten the incident of the previous night. But in the morning, Iswaran told Mahendra that he had also heard the moun at night. He had come to his room. He had seen that Mahendra was looking out of the window at the ghost of the woman. Mahendra was cold with fear. As soon as he reached office, he handed in his papers for transfer from that place.

(महेंद्र को पहली रात की घटना लगभग भूल गई थी। मगर प्रातः ईश्वरन ने महेंद्र को बताया कि उसने भी रात को कराहट की आवाज़ सुनी थी। वह उसके कमरे में आया था। उसने महेंद्र को खिड़की से बाहर औरत के भूत को देखते हुए देखा था। महेंद्र डर के मारे ठंडा हो गया। जैसे ही वह कार्यालय पहुंचा, उसने उस स्थान से तबादले के कागज़ कार्यालय में दे दिए।)

Question 8.
Do you think the ghost seen by Mahendra was only a trick played by his cook, Iswaran? Give reasons for your answer.
(क्या आपके विचार में महेंद्र द्वारा देखा गया भूत केवल उसके रसोइए ईश्वरन की चाल थी? अपने उत्तर के कारण बताइए।)
Answer:
First, Iswaran created the background by telling Mahendra that the place used to be a burial ground. Then he told the story of a ghost. One night Mahendra saw a figure outside his window. The figure looked like the ghost described by Iswaran. The next morning, Iswaran told Mahendra that he had seen Mahendra looking out of the window at the ghost. This shows that it was only a trick played by Iswaran

(पहले तो ईश्वरन महेंद्र को यह बताकर कि सारा क्षेत्र कभी कब्रिस्तान होता था, कहानी की पृष्ठभूमि बनाई। फिर उसने एक भूत की कहानी सुनाई। एक रात महेंद्र ने अपनी खिड़की के बाहर एक आकृति देखी। वह आकृति ईश्वरन द्वारा बताए गए भूत की तरह लगती थी। अगली प्रातः ईश्वरन ने महेंद्र को बताया कि उसने उसे रात को खिड़की से बाहर भूत को देखते हुए देखा था। इससे पता चलता है कि यह तो केवल ईश्वरन की एक चाल थी।)

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 3 Iswaran the Storyteller

Essay Type Questions

Question 1.
Iswaran was a master storyteller. Describe his amazing capacity of narrating stories and anecdotes.
(ईश्वरन एक कुशल कथावाचक था। कहानियाँ और किस्से सुनाने की उसकी अद्भुत कुशलता का वर्णन करो।)
Answer:
Iswaran was a master storyteller. He was fond of reading popular Tamil thrillers. The stories that he narrated were greatly influenced by these novels. He narrated even the smallest of incidents by creating a lost of suspense. For example, if he had to describe a fallen tree, he would not simply say that he saw an uprooted tree on the highway. He would say, “The road was deserted and I was all alone. Suddenly I spotted something that looked like an enormous beast.

But as I came closer I saw that it was only a fallen tree.” In order to make stories interesting, Iswaran added dramatic gestures to it. He would give the stories a surprise ending. Sometimes he would not end the story in order to heighten his master’s curiosity. Often he was excited while telling a story. Then he would jump and stamp his feet in excitement.

(ईश्वरन कहानी सुनाने में कुशल था। उसे तमिल के प्रसिद्ध रोमांचक उपन्यास पढ़ने का शौक था। जो कहानियाँ यह सुनाया करता था, वे इन उपन्यासों से बहुत अधिक प्रभावित होती थीं। वह छोटी से छोटी घटना को भी रोमांच पैदा करके सुनाता था। उदाहरण के तौर पर, अगर उसने एक गिरे हुए वृक्ष का वर्णन करना होता था, तो वह केवल यह नहीं कहता था कि उसने मुख्य मार्ग पर एक गिरा हुआ पेड़ देखा। वह यह कहता था, “सड़क सुनसान थी और मैं एकदम अकेला था।

अचानक मैंने कुछ देखा जो कि एक बड़ा विशालकाय जानवर की तरह लगता था। उसके निकट आने पर मैंने देखा कि वह तो एक गिरा हुआ वृक्ष था।” अपनी कहानियों को रोचक बनाने के लिए, ईश्वरन उनके साथ नाटकीय मद्रा जोड देता था। वह कहानी को हैरान करने वाला अंत भी देता था। कई बार वह अपने मालिक की जिज्ञासा को बढ़ाने के लिए कहानी समाप्त नहीं करता था। कई बार वह कहानी सुनाते समय उत्तेजित हो जाता था। तब वह आवेश से कूदता था और अपने पाँव पटकता था।)

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Question 2.
Describe Iswaran’s encounter with the elephant.
(ईश्वरन के हाबी से हुए सामने का वर्णन करो।)
Answer:
One day, Iswaran told Mahendra the story of a mad elephant. One day an elephant escaped from the timber yard. It roamed here and there. Then the tusker reached the town. People ran here and there in terror After sometime, the elephant entered a school ground where children were playing. All the boys ran into the classrooms and shut the doors.

The elephant pulled out the football goalpost, tore the volleyball net and broke the drum kept for water. Everyone watched helplessly. Iswaran said that he was studying in the junior class at that time. He grabbed the stick of a teacher and came to the elephant. He struck the elephant’s toenail. It shivered and fell down. A veterinary doctor was called. After two days, the elephant’s mahout came and took it away. Iswaran told Mahendra that he made the elephant unconscious using the Japanese art karate or ju-jitsu.

(एक दिन, ईश्वरन ने महेंद्र को एक पागल हाथी की कहानी सुनाई। लकड़ी के गोदाम में से एक दिन एक हाथी बचकर भाग गया। वह यहाँ-वहाँ भटकने लगा। तब हाथी कस्बे में आ गया। लोग डर के मारे इधर-उधर भागे। कुछ देर के बाद, हाथी स्कूल के मैदान में घुस गया जहाँ बच्चे खेल रहे थे। सब बच्चे भागकर कक्षाओं में चले गए और दरवाजे बंद कर लिए। हाथी ने फुटबॉल के गोल के डंडे तोड़ दिए, वॉलीबॉल का जाल फाड़ दिया और पानी का ड्रम तोड़ दिया। हर व्यक्ति असहाय होकर देख रहा था।

ईश्वरन ने कहा कि उस समय वह छोटी कक्षा में था। उसने एक अध्यापक की छड़ी ली और हाथी के पास आया। उसने हाथी के अंगूठे पर प्रहार किया। यह कॉपा और गिर गया। पशुओं के डॉक्टर को बुलाया गया। दो दिन बाद हाथी का महावत आया और उसको ले गया। ईश्वरन ने महेंद्र को बताया कि उसने जापानी कला कराटे या जु-जित्सू का प्रयोग करके हाथी को बेहोश कर दिया था।)

Question 3.
What did Iswaran tell Mahendra about a ghost? Describe Mahendra’s horrible experience one night. Why did he resolve to leave that place?
(ईश्वरन ने महेंद्र को भूत के बारे में क्या बताया ? एक रात हुए महेंद्र के भयानक अनुभव का वर्णन करो। उसने वह स्वान छोड़ने का फैसला क्यों किया?)
Answer:
Iswaran told Mahendra that entire factory area where he worked was once a burial ground. Iswaran told Mahendra that he often saw ghosts at night. Sometimes, there appeared a horrible ghost of woman. She held a foetus in her arms. Hearing this tale, Mahendra shivered. But he told Iswaran that there were no ghosts in reality.

From that time, Mahendra felt somewhat uneasy at night. One night, Mahendra was awakened up from sleep by a moan. The moan became louder. He looked out of the window. He saw a dark cloudy form of a woman, not very far away from window. She was carrying a bundle in her arms. Mahendra began to sweat with fear.

The next morning, Iswaran told Mahendra that he had also heard the moan at night. He had come to his room. He had seen that Mahendra was looking out of the window at the ghost of the woman. Mahendra was cold with fear. As soon as he reached office, he handed in his papers for trane

(ईश्वरन ने महेंद्र को बताया कि फैक्टरी का सारा क्षेत्र, जहाँ वह काम करता था. किसी जमाने में कब्रिस्तान था। उसने कहा कि उसे अकसर रात को भूत दिखाई देते थे। कभी-कभी वहाँ एक औरत का भयानक भूत नज़र आता था। उसने अपनी बाँहों में एक बच्चा उठाया होता था। यह सुनकर महेंद्र कॉपा। मगर उसने ईश्वरन को बताया कि वास्तव में भत नहीं होते।

उस समय के बाद, महेंद्र को रात को बेचैनी महसूस होती थी। एक रात, महेंद्र कराहट की आवाज़ सुनकर जाग गया। कराहट की आवाज़ तेज हो गई। उसने खिड़की में से बाहर देखा। उसने एक स्त्री की काली अस्पष्ट आकृति देखी, जो खिड़की से अधिक दूर नहीं थी। उसके हाथों में एक पोटली थी। महेंद्र को डर के मारे पसीना आने लगा।

अगली प्रातः, ईश्वरन ने महेंद्र को बताया कि उसने भी रात के समय कराहट की आवाज़ सुनी थी। वह उसके कमरे में आया था। उसने देखा कि महेंद्र खिड़की में से औरत के भूत को देख रहा था। महेंद्र डर के मारे ठंडा हो गया। जैसे ही वह कार्यालय पहुंचा, उसने उस स्थान से तबादला करवाने का प्रार्थना-पत्र दे दिया।)

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Multiple Choice Questions

Question 1.
Who is the narrator of the story ‘Iswaran the Storyteller’?
(A) Ganesh
(B) Mahendra
(C) Iswaran
(D) RE. Laxman
Answer:
(B) Mahendra

Question 2.
Whom does Mahendra narrate the story of Lswaran?
(A) Ganesh
(B) Iswaran
(C) R.K. Laxman
(D) none of these
Answer:
(A) Ganesh

Question 3.
What was Mahendra’s job?
(A) he was the manager of a cinema
(B) he worked in a government oflice
(C) he was a supervisor in a construction company
(D) he was a storyteller
Answer:
(C) he was a supervisor in a construction company

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Question 4.
What was Mahcndras marital status?
(A) married
(B) widower
(C) engaged and going to be marned soon
(D) bachelor
Answer:
(D) buchckw

Question 5.
What was the name of Mahendra’s cook?
(A) lswaran
(B) Gancsh
(C) Ramu
(D) Shankrnan
Answer:
(A) lswaran

Question 6.
lswaran had an amazing capacity. What was It?
(A) falling down big trees
(B) producing vegetables and cooking ingredients
(C) telling lies
(D) cheat shopkeepers
Answer:
(B) producing vcgetahlcs and cooking ingredients

Question 7.
What books did Isss aran read?
(A) Tamil thrills
(B) Urdu stories
(C) Hindi novels
(D) Punjabi stories
Answer:
(A) Tamil thrills

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Question 8.
What was the special feature of his stories?
(A) light humour
(B) satire on system
(C) tragic ending
(D) suspense and a surprise ending
Answer:
(D) suspense and a surprise ending

Question 9.
Ho. does lswaran describe a fallen tree?
(A) a huge mountain
(B) a huge building
(C) an çnormous bushy beast
(D) a small thing
Answer:
(C) an enormous bushy beast

Question 10.
In Lswaran story, from where the tukcr escaped?
(A) cage
(B)timberyanl
(C) forest
(D) circus
Answer:
(B) timhcr yard

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Question 11.
How was the mad elephant breaking the walls?
(A) like toys
(B) like kettles
(C) like niatchsticks
(D) like puppets
Answer:
(C) like maichsücks

Question 12.
Why did the people run helter-skelter in panic?
(A) to see the tiger
(B) to see the mad ekphant
(C) to see a giant
(D) none of these
Answer:
(B) to see the mad elephant

Question 13.
When the elephant entered the school ground in which dass was Iswaran studying?
(A) junkw
(B) senior
(C) 10th
(D) 12th
Answer:
(A) junior

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Question 14.
From sstierc was lawaran watching this Incident?
(A) from a room
(B) from the cuphoani
(C) from a tree
(D) from the rooftop
Answer:
(D) from the rooftop

Question 15.
What did Lswaran do to tackle the wild elephant?
(A) hit on his trunk
(B) hit on his third toenail
(C) sit on his neck with an iron goad
(D) pricked his trunk with a needle
Answer:
(B) hit on his third toenail

Question 16.
What happened to the elephant when lswaran hit on the third toenail of the elephant?
(A) gninted loudly and collapsed on the ground
(B) ran away from there
(C) caught Tswaran in his trunk and threw him away
(D) made friendship with lawaran
Answer:
(A) grunted loudly and collapsed on the growid

Question 17.
Why was a veterinary dorios summoned?
(A) to treat Iswaran
(B) to treat the elephant
(C) to take the elephant away from there
(D) all the options are correct
Answer:
(B) to treat the elephant

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Question 18.
Where did the school boys hide themselves to see the mad elephant?
(A) on trees
(B) in their houses
(C) in their classrooms
(D) in the Headmaster’s mom
Answer:
(C) in their classrooms

Question 19.
Who is a mahout?
(A) a labourer
(B) an elephant’s driver
(C) a cook
(D) awntcr
Answer:
(B) an elephant’s drives

Question 20.
WhIch art helped lswaran to bring down the beast?
(A) boxing
(B) wrestling
(C) ju-jitsu
(D) yoga
Answer:
(C) ju-jitsu

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Iswaran the Storyteller Summary

Iswaran the Storyteller Introduction in English

This is an interesting story about lswaran, a cook. He served as a cook to Mahendra, a junior supervi sor. Iswaran was devoted to his master. He was an expert cook. Another quality of lswaran was that he was a master storyteller. He narrated even the smallest incident of his story by weaving suspense around it. One day, he told his master a story about a mad elephant.

On another day, he told Mahendra that the ghost of a woman appeared around the house on the full moon night. One night, Mahendra woke up on hearing some sound. He looked out of the window. He saw a dark cloudy figure. He began to sweat with fear. The next morning, be hurried to his office and handed in his papers for transfer from that place.

Iswaran the Storyteller Summary in English

Mahendra was a young man. He was a junior supervisor in a firm. Bis firm offered supervisors on hire at different construction sites. His job was to keep an eye on the activities at the work site. He had fre quently to go from one place to the other. He was a bachelor and his needs were simple. He could adjust him self to all conditions.

Mahendra had a cook. His name was lswaran. He was quite attached to Mahendra and went wherever Mahendra was transferred. Iswaran was a good cook. He had an amazing capacity to produce vegetables from nowhere and cook them. Even at a place where there were no shops visible for miles, he was able to cook vegetables. He would conjure up delicious dishes made with fresh vegetables within an hour of reaching that place.

When Mahendra left for office, lšwaraii would do his work and take a leisurely bath. While taking bath, he kept muttering a prayer. After lunchtime, he would read for a while before going to sleep. He read popular Tamil thrillers. The stories that he narrated were greatly influenced by these novels.

Iswaran was a master storyteller. He narrated even the smallest of incidents by creating a lost of suspense. For example, if he had to describe a fallen tree, he wouLd not simply say that he saw an uprooted tree on the highway. He would say, “The road was deserted and I was all alone. Suddenly I spotted something that looked like an enormous bushy beast But as I came closer I saw that it was only a fallen tree.”

One day, lswaran told Mahendra the story of a mad tusker. One day a tusker escaped from the timber yard. It roamed here and there. Then the tus ker reached the town. People ran here and there in terror. After some time, the elephant entered a school ground where children were playing. All the boys ran into the classrooms and shut the doors.

The elephant pulled out the football goalpost, tore the volleyball net and broke the drum kept for water. Everyone watched helplessly. Iswaran said that he was studying in the junior class at that time. He grabbed the stick of a teacher and came to the elephant. He struck the elephant’s toenail. It shivered and fell down. A veterinary doctor was called. After two days, the elephant’s mahaout came and took it away. Iswaran told Mahendra that he made the elephant unconscious using the Japanese art karate orju-jitsu.

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 3 Iswaran the Storyteller

Iswaran told Mahendra that the entire factory area where he worked was once a burial ground. He said that he often saw ghosts at night. Sometimes, there appeared a horrible ghost of womaií. She held a foetus in her arms. Hearing this tale, Mahendra shivered. But he told Iswaran that there were no ghosts in reality. From that time, Mahendra felt somewhat uneasy at night. One night, Mahendra was awakened up from sleep by a moan. The moan became louder. He looked out of the window. He saw a dark cloudy form of a woman, not very far away from window. She was carrying a bundle in her arms. Mahendra began to sweat with fear.

The next morning, Iswaran told Mahendra that he had also heard the moan at night. He had come to his room. He had seen that Mahendra was looking out of the window at the ghost of the woman. Mahendra was cold with fear. As soon as he reached office, he handed in his papers for transfer from that place.

Iswaran the Storyteller Introduction in Hindi

यह एक रसोइए, ईश्वरन के बारे में एक रोचक कहानी है। वह महेंद्र नामक, एक कनिष्ठ निरीक्षक का रसोइया था। ईश्वरन अपने मालिक के प्रति समर्पित था। वह एक कुशल रसोइया था। ईश्वरन का एक अन्य गुण यह था कि यह कहानी सुनाने में बड़ा निपुण था। वह अपनी कहानी की छोटी से छोटी घटना को भी रहस्यपूर्ण ढंग से सुनाता था। एक दिन, उसने अपने मालिक को एक पागल हाथी की कहानी सुनाई।

एक अन्य दिन, उसने महेंद्र को बताया की पूर्णिमा की रात को घर के आसपास एक औरत का भूत नज़र आता है। एक रात, महेंद्र कुछ आवाज़ सुनकर जाग गया। उसने खिड़की से बाहर झांका। उसे एक काली अस्पष्ट-सी आकृति दिखाई दी। उसे डर से पसीना आने लगा। अगली प्रातः वह शीघ्रता से अपने कार्यालय गया और वहाँ से तबादला करवाने के कागज़ दे आया।

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Iswaran the Storyteller Summary In Hindi

महेंद्र एक युवा व्यक्ति था। वह एक फर्म में कनिष्ठ निरीक्षक था। उसकी फर्म अलग-अलग निर्माण स्थलों पर किराए पर निरीक्षक प्रदान करती थी। उसका कार्य कार्यस्थल पर होने वाली विभिन्न गतिविधियों पर नज़र रखना था। उसे अकसर एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना पड़ता था। वह कुंवारा था और उसकी आवश्यकताएँ सादा थीं। वह स्वयं को हर अवस्था के अनुसार ढाल लेता था।

महेंद्र का एक रसोइया था। उसका नाम ईश्वरन था। उसे महेंद्र के प्रति बहुत लगाव था और जहाँ भी महेंद्र का तबादला होता, वह वहीं चला जाता था। ईश्वरन एक अच्छा रसोइया था। उसमें एक अद्भुत क्षमता यह थी कि वह कहीं भी सब्जियों पैदा करके उन्हें पका सकता था। ऐसे स्थान पर भी जहाँ कई मील तक कोई दुकान नहीं होती थी, वह वहाँ भी सब्जियों पका सकता था। वह उस स्थान पर पहुंचने के लिए एक घंटे बाद ताजी सब्जियों से बने स्वादिष्ट व्यंजन तैयार कर सकता था।

जब महेंद्र कार्यालय चला जाता था तो ईश्वरन अपना काम करता था और आराम से स्नान करता था। स्नान करते समय वह प्रार्थना गुनगुनाता रहता था। दोपहर के खाने के बाद, वह सोने से पहले थोड़ी देर पढ़ता था। वह तमिल के प्रसिद्ध रोमांचक उपन्यास पढ़ता था। जो कहानियाँ वह सुनाया करता था वे इन उपन्यासों से बहुत प्रभावित होती थीं।

ईश्वरन कहानी सुनाने में बहुत कुशल था। वह छोटी से छोटी घटना को भी उसके आसपास जिज्ञासा बुनकर सुनाता था। उदाहरण के तौर पर, अगर उसने एक गिरे हुए वृक्ष का वर्णन करना होता था, तो वह केवल यह नहीं कहता था कि उसने मुख्य सड़क पर एक गिरा हुआ वृक्ष देखा। वह कहता था, “सड़क सुनसान थी और मैं अकेला था। अचानक मैंने कुछ देखा जो कि एक बड़ा विशालकाय जानवर की तरह लगता था ………. नजदीक आने पर मैंने देखा कि वह तो केवल एक गिरा हुआ वृक्ष था।”

एक दिन, ईश्वरन ने महेंद्र को एक पागल हाथी की कहानी सुनाई। लकड़ी के गोदाम में से एक दिन एक हाथी बचकर भाग गया। वह यहाँ-वहाँ भटकने लगा। तब हाथी शहर में आ गया। लोग डर के मारे इधर-उधर भागे। कुछ देर के बाद, हाथी स्कूल के मैदान में घुस गया, जहाँ बच्चे खेल रहे थे। सब बच्चे भागकर कक्षाओं में चले गए और दरवाजे बंद कर लिए। हाथी ने फुटबॉल के गोल के डंडे तोड दिए, वॉलीबाल का जाल फाड़ दिया और पानी का इम तोड़ दिया। हर व्यक्ति असहाय होकर देख रहा था।

ईश्वरन ने कहा कि उस समय वह छोटी कक्षा में पढ़ रहा था। उसने एक अध्यापक की छड़ी ली और हाथी के पास आया। उसने हाथी के अंगूठे पर प्रहार किया। यह कांपा और गिर गया। पशुओं के डॉक्टर को बुलाया गया। दो दिन बाद, हाथी का महावत आया और उसको ले गया। ईश्वरन ने महेंद्र को बताया कि उसने जापानी कला कराटे या जुजित्सु का प्रयोग करके हाथी को बेहोश कर दिया था।

ईश्वरन ने महेंद्र को बताया कि फैक्टरी का सारा क्षेत्र, जहाँ वह कार्य करता था किसी जमाने में कब्रिस्तान या। उसने कहा कि उसे अकसर रात को भूत दिखाई देते थे। कभी-कभी वहाँ एक औरत का भयानक भूत नज़र आता था। उसने अपनी बाहों में एक बच्चा उठाया होता था। यह कहानी सुनकर, महेंद्र कौंपा। मगर उसने ईश्वरन को बताया कि वास्तव में भूत नहीं होते।

उस समय के बाद, महेंद्र को रात को बेचैनी महसूस होती थी। एक रात, महेंद्र कराहट की आवाज़ सुनकर जाग गया। कराहट की आवाज़ तेज हो गई। उसने खिड़की में से बाहर देखा। उसने एक स्त्री की काली अस्पष्ट आकृति देखी, जो खिड़की से अधिक दूर नहीं थी। उसके हाथों में एक पोटली थी। महेंद्र को डर के मारे पसीना आने लगा।

अगली प्रातः ईश्वरन ने महेंद्र को बताया कि उसने भी रात के समय कराहट की आवाज़ सुनी थी। वह उसके कमरे में आया ‘था। उसने देखा कि महेंद्र खिड़की में से औरत के भूत को देख रहा था। महेंद्र डर के मारे ठंडा हो गया था। जैसे ही वह कार्यालय पहुँचा, उसने उस स्थान से तबादला करवाने का प्रार्थना-पत्र दे दिया।

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Iswaran the Storyteller Word MeaningsHBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 3 Iswaran the Storyteller-1 HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 3 Iswaran the Storyteller-2

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Iswaran the Storyteller Translation in Hindi

(Page 12)

[एक रात महेंद्र नींद से जाग उठा और उसने ‘एक काली आकृति’ देखी। उसे एकदम ठंडा पसीना आ गया। क्या वह (आकृति) भूत थी।]

यह कहानी गणेश को एक युवा व्यक्ति ने सुनाई थी, जिसका नाम महेंद्र था। वह एक ऐसे फर्म में कनिष्ठ निरीक्षक था जो निर्माण के विभिन्न कार्यस्थलों पर किराए पर निरीक्षक प्रदान करती थीः जैसे कि फैक्ट्रियाँ, पुल, बाँध आदि। महेंद्र का कार्य था निर्माण स्थल पर होने वाले कार्यों पर नजर रखना। उसे अपने मुख्यालय के आदेश पर अकसर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना पड़ता था : कोयला खनिक क्षेत्र से रेलवे पुल निर्माण स्थल, वहाँ से कुछ महीनों के बाद किसी रासायनिक संयंत्र में जो कहीं चल रहा था।

(Page 13)

वह कंवारा था। उसकी आवश्यकताएँ कम थीं और वह स्वयं को हर तरह की कठिन अवस्थाओं में डाल सकता था, चाहे वह कोई सभी सुविधाओं वाला सर्किट हाऊस हो या पत्थरों की खानों के बीच में कामचलाऊ मोटे कपड़े का बना तंबू । मगर उसके पास एक मूल्यवान वस्तु थी उसका रसोइया, ईश्वरन । रसोइए को महेंद्र से बहुत लगाव था और जहाँ-जहाँ वह जाता था वह बिना शिकायत उसके पीछे-पीछे जाता था। वह महेंद्र के लिए खाना पकाता था, उसके कपड़े धोता था और रात को अपने मालिक के साथ गप्पे मारता था। वह विभिन्न विषयों पर अनंत कहानियाँ एवं किस्से घड़ सकता था।

ईश्वरन में एक अन्य अद्भुत क्षमता थी, वह, सुनसान वातावरण में से भी, जहाँ मीलों तक कोई दुकान नहीं होती थी, पता नहीं कहाँ से सब्जियों एवं खाना बनाने का सामान पैदा कर लेता था। वह जादुई ढंग से किसी नए कार्यस्थल के जिंक की चादरों के बने आश्रयस्थल में पहुँचने के एक घंटे के अंदर ताजी सब्जियों से बहुत स्वादिष्ट व्यंजन बना सकता था।

महेंद्र प्रातः जल्दी उठ जाता था और नाश्ता करने के बाद, अपने साथ कुछ पका हुआ भोजन लेकर काम पर चला जाता था। इसी दौरान ईश्वरन शेड को साफ-सुथरा बनाता था, कपड़े धोता था और अपने ऊपर पानी की बहुत सी बाल्टियाँ डालकर आराम से स्नान करता था, और पूरे समय प्रार्थना को धीरे-धीरे बोलता रहता था। उस समय तक दोपहर के भोजन का समय हो जाता था। भोजन करने के बाद, सोने से पहले वह कुछ देर तक पढ़ता था। किताब आमतौर पर सैकड़ों पृष्ठों का कोई रोमांचक तमिल उपन्यास होता था। इसके कल्पनात्मक वर्णन एवं शानदार कहानियाँ ईश्वरन को उत्तेजना प्रदान करते थे।

उसके अपने वर्णन उन तमिल लेखकों से प्रभावित होते थे जिन्हें वह पढ़ता था। जब वह किसी छोटी सी घटना का वर्णन भी कर रहा होता था तो वह प्रयत्न करता था कि रहस्य पैदा किया जाए और वर्णन में हैरानी वाला अंत लाया जाए। उदाहरण के तौर पर, यह कहने की बजाए कि उसने मुख्य सड़क पर एक गिरा हुआ वृक्ष देखा वह भौहों को उचित ढंग से सिकोड़कर एवं हाथों को नाटकीय ढंग से उठाकर यह कहता, “सड़क सुनसान थी और मैं एकदम अकेला था।

अचानक मैंने सड़क के आर-पार लेक हुआ एक बहुत बड़ा झाड़ी जैसा जानवर देखा। मेरा आधा मन तो था कि मैं वापस चला जाता। मगर जब मैं नजदीक पहुँचा तो मैंने देखा कि यह एक गिरा हुआ वृक्ष था और इसकी सूखी टहनियाँ फैली हुई थीं।” महेंद्र स्वयं को अपनी केनवस कुर्सी में पीछे को फैलाता और ईश्वरन की कहानियों को बिना आलोचना के सुनता।

HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 3 Iswaran the Storyteller

(Page 14)

“जिस स्थान से में आया हूँ वह अपनी इमारती लकड़ी के लिए प्रसिद्ध है”, ईश्वरन अपनी कहानी सुनाना आरंभ करता। “चारों तरफ घने वृक्षों वाला जंगल है। लकड़ी के गट्ठों को ट्रकों तक हाथियों द्वारा उठाकर लाया जाता है। वे बड़े और अच्छी प्रकार पोषित जानवर हैं। जब वे जंगली बन जाते हैं तो बहुत अधिक अनुभवी महावत भी उन्हें नियन्त्रित नहीं कर सकता। इस भूमिका के बाद ईश्वरन एक हाथी के बारे में एक किस्सा सुनाना आरंभ कर देता।

“एक दिन एक हाथी लकड़ी के गोदाम से निकल भागा और आवारा घूमने लगा तथा अंधाधुंध झाड़ियों को कुचलने लगा, जंगली बेलों को उखाड़ने लगा तथा टहनियों को तोड़ने लगा। आप जानते हैं, श्रीमान कि जब एक हाथी पागल हो जाता है तो कैसा बर्ताव करता है।” ईश्वरन अपनी स्वयं की कहानी में इतना खो जाता था कि वह फर्श से खडा हो जाल करके पाँव पटकता था।

“हाथी हमारे कस्बे की सीमा में पहुंच गया और बाड़ों को माचिस की तीलियों की तरह तोड़ने लगा,” उसने कहना जारी रखा। वह मुख्य सड़क पर आ गया और उसने फल बेचने वाले, मिट्टी के बर्तनों एवं कपड़ों के स्टॉलों को तोड़ डाला। लोग डर के मारे इधर-उधर भागे। अब हाथी एक दीवार तोड़कर स्कूल के मैदान में घुस गया जहाँ बच्चे खेल रहे थे। सब बच्चे कक्षाओं में भाग गए और दरवाजे कसकर बंद कर लिए।

जानवर (हाथी) गुर्राया और इधर-उधर घूमने लगा, उसने फुटबॉल के गोल वाले डडे तोड़ दिए, बॉलीबॉल का जाल फाड दिया: पानी के लिए रखे गए इम को ठोकर मारकर चपटा कर दिया और पीधे उखाड़ दिए। इस बीच सभी अध्यापक स्कूल भवन के छज्जे पर चढ़ गए थे, और वहाँ से हाथी द्वारा किए गए विनाश को असहाय होकर देख रहे थे। नीचे मैदान पर एक भी व्यक्ति नहीं था। गलियाँ खाली थीं मानो कि कस्बे के सारे लोग अचानक गायब हो गए थे।

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“मैं उस समय जूनियर कक्षा में पढ़ता था, और छत पर से सारे नाटक को देख रहा था। मैं नहीं जानता कि अचानक मुझे क्या हो गया। मैंने एक अध्यापक के हाथ से छड़ी छीन ली एवं सीढ़ियों से नीचे भागकर खुले में आ गया। हाथी चिंघाड़ा एवं उसने खतरनाक ढंग से वृक्ष की टहनी हिलाई जो उसने अपनी सूंड में पकड़ी हुई थी। उसने अपने पाँव पटके और बहुत सी मिट्टी एवं कीचड़ उछाला। यह बड़ा भयानक लग रहा था। मगर मैं हाथ में छड़ी लेकर उसकी तरफ धीरे-धीरे बढ़ा। साथ के घरों की छतों से लोग मंत्रमुग्ध होकर दृश्य को देख रहे थे।

हाथी ने लाल आँखों से मेरी ओर देखा और मेरी तरफ भागने के लिए तैयार हो गया। उसने अपनी सूंड उठाई एवं जोर से चिंघाड़ लगाई। उस वक्त में आगे बढ़ा और अपनी सारी शक्ति इकट्ठी करके तेजी से उसके पैर की तीसरी उंगली पर प्रहार किया। जानवर एक क्षण के लिए भौचक्का -सा रह गया; तब यह सिर से लेकर पैर तक कॉपा और गिर गया।”

इस बिंदु पर ईश्वरन कहानी को अधूरा छोड़ देता था, और वह बुड़बुड़ाते हुए उठ जाता था, “मैं गैस जलाकर एवं भोजन गर्म करके अभी वापस आऊंगा।” महेंद्र जो कहानी को पूरे ध्यान से सुन रहा था, बीच में ही लटक जाता था। जब वह लौटकर आता था तो ईश्वरन कहानी को एकदम दोबारा आरंभ नहीं करता था। महेंद्र को उसे याद दिलाना पड़ता था कि कहानी का अंत बाकी है। “खैर, जानवर (हाथी) को होश में लाने के लिए पशुओं का डॉक्टर बुलाना पड़ा”-ईश्वरन लापरवाही से कंधे उचकाकर कहता। “दो दिन बाद उसका महावत उसे वापस जंगल में ले गया।”

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“खैर, ईश्वरन तुमने यह कैसे किया-तुम जानवर को पछाड़ने में कैसे सफल हो गए ?”

“श्रीमान, मेरा विचार है, इसका कुछ वास्ता एक जापानी कला से है। इसे कराटे या जुजित्सु कहते हैं। मैंने इसके बारे में कहीं पड़ा था। वह स्नायु प्रणाली को अस्थायी रूप से सुन्न कर देती है, तुमने देखा।”

एक भी दिन ऐसा नहीं बीतता था जब ईश्वरन कोई ऐसी कहानी नहीं सुनाता था जो साहस, भय एवं रहस्य से भरी हुई नहीं होती थी। चाहे कहानी विश्वसनीय होती या नहीं, महेंद्र को इसे सुनने में आनंद आता था क्योंकि यह बहुत ही शानदार ढंग से सुनाई जाती थी। ईश्वरन महेंद्र के रहने के कमरे में टेलीविज़न की कमी अच्छी प्रकार पूरी करता था।

एक प्रातः जब महेंद्र भोजन कर रहा था तो ईश्वरन ने पूछा, “क्या मैं आज रात के भोजन के लिए कुछ विशेष बना सकता हूँ, श्रीमान जी? आखिर आज एक शुभ दिन है-परंपरा के अनुसार आज के दिन हम अपने पूर्वजों की आत्माओं को स्वादिष्ट व्यंजन खिलाते हैं, श्रीमान जी।”

उस रात महेंद्र ने बहुत स्वादिष्ट भोजन का आनंद उठाया और ईश्वरन को उसकी पाक कुशलता के लिए बधाई दी। वह बहुत प्रसन्न प्रतीत हुआ, मगर एकदम बिना आशा के, अलौकिक शक्तियों के बारे में अलंकृत रूप से वर्णन करने लगा।

“आप जानते हैं, श्रीमान, यह फैक्टरी क्षेत्र जिसमें हम हैं, कभी कब्रिस्तान होता था, उसने कहना आरंभ किया। संतुष्टिपूर्ण भोजन खाकर जिस दिव्य स्वप्न में महेंद्र खो गया था, उसमें से वह एक झटके से बाहर निकला।

“मुझे तो यह पहले दिन ही पता चल गया था जब मैंने रास्ते में एक मानवीय खोपड़ी पड़ी देखी। अब भी मुझे बहुत सी – खोपड़ियाँ और हहियाँ मिलती हैं, ईश्वरन ने कहना जारी रखा।

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उसने कहना जारी रखा कि किस प्रकार उसे कई बार रात को भूत नजर आते हैं। “श्रीमान जी, मैं इन चीज़ों से जल्दी से नहीं डरता। मैं एक बहादुर व्यक्ति हूँ। लेकिन एक औरत का भयानक भूत जो कभी पूर्णिमा की रात को आधीरात के समय नज़र आता है….. यह एक भद्दा प्राणी है इसके बाल जमे हुए हैं और चेहरा सिकुड़ा है, जैसे कोई अस्थि-पिंजर हो और उसकी बाँहों में एक बच्चा होता है।

महेंद्र इस वर्णन को सुनकर कॉपा और तेजी से बीच में ही बोला, “तुम पागल हो, ईश्वरन। भूतों या आत्माओं जैसी कोई चीजें नहीं होतीं। यह सब तुम्हारी कल्पना का भाग है। अपनी पाचन प्रणाली की जाँच करवाओ और हो सके तो सिर का भी। तुम बकवास कर रहे हो।”

वह कमरे से चला गया और सो गया, उसे यह आशा थी कि ईश्वरन दो दिन तक नाराज रहेगा। मगर अगले दिन यह देखकर हैरान रह गया कि रसोइया हमेशा की तरह खुश एवं बातूनी था।

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उस दिन के बाद, महेंद्र अपनी बहादुरी की बातों के बावजूद कुछ बेचैनी से सोता था। हर रात अपने बिस्तर की साथ वाली खिड़की में से अंधेरे में घर-घूर कर देखता था और आश्वस्त होने का प्रयत्न करता था कि नजदीक कहीं अंधेरे में कोई हरकत तो नहीं है। मगर उसे केवल अंधेरे का सागर नजर आता था और मीलों दूर फैक्टरी की टिमटिमाती बत्तियों नजर आती थीं।

उसे पूर्णिमा की रातों, में आसपास के दृश्यों की दूध सी सफेदी की तारीफ करना सदा अच्छा लगता था। मगर ईश्वरन की नारी भूत की कहानी सुनने के बाद जब पूरा चाँद होता था तो वह खिड़की से बाहर झांकने से भी बचा करता था।

एक रात, महेंद्र अपनी खिड़की के पास से एक हल्की कराहट की आवाज सुनकर जाग गया। पहले तो उसने सोचा कि कोई विल्ली चूहों की तलाश कर रही है। मगर आवाज इतनी अधिक गले से निकली हुई थी कि बिल्ली की नहीं हो सकती थी। उसने बाहर झांकने की अपनी जिज्ञासा को रोका ताकि उस कहीं ऐसी चीज नजर न आ जाए जो उसके दिल की धड़कन को न रोक दे। मगर कराहने की खिड़की के किनारे तक नीचे करके बाहर चाँदनी की चादर को देखा। वहाँ, अधिक दूर नहीं, एक काली, धुचली आकृति थी जिसने एक बंडल पकड़ा हुआ था।

महेंद्र को पसीना आ गया और हाँफता हुआ तकिए पर गिर गया। जब वह धीरे-धीरे इस भयानक अनुभव से उबरा, तो उसने स्वयं से तर्क करना आरंभ कर दिया और अंत में इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि यह किसी प्रकार का स्वत सुझाव होगा, या ऐसी कोई चाल होगी जो उसके अर्धचेतन मन ने उससे खेली होगी।

जब तक वह सुबह उठा, स्नान किया और नाश्ता करने के लिए बाहर आया, पिछली रात का भय उसकी स्मरण शक्ति से गायब हो चुका था। ईश्वरन ने दरवाजे पर उसका स्वागत लंच पैक कर और उसके बैग से किया। जैसे ही महेंद्र बाहर निकल रहा था, ईश्वरन हंसा और बोला, “श्रीमान जी, क्या आपको वह दिन याद है जब मैं आपको एक नारी भूत के बारे में बता रहा था जिसके हाथ में एक बच्चा था आप मुझसे नाराज थे क्योंकि मैं वस्तुओं की कल्पना करता था ? खैर, आपने पिछली रात उसे स्वयं देखा था। मैं आपके कमरे से कराहने की आवाज सुनकर भागता हुआ आया था…..”

महेंद्र की रीढ़ की हड्डी में ठंड की लहर दौड़ गई। उसने ईश्वरन के वाक्य को पूरा करने की इंतजार नहीं की। वह अपने दफ्तर गया और (ट्रांसफर के लिए) प्रार्थना पत्र दे दिया, उसका इरादा उस भूतहे स्थान को अगले ही दिन छोड़ देने का था!

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