Class 10

HBSE 10th Class Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत Notes.

Haryana Board 10th Class Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

→ ऊर्जा (Energy)-किसी वस्तु द्वारा कार्य करने की क्षमता को उसकी ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा के विविध रूप होते हैं, ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में बदला जा सकता है।

→ विद्युत के उपकरणों को चलाने के लिए विद्युत ऊर्जा तथा शारीरिक कार्यों के लिए पेशीय ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

→ प्राचीनकाल में ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में लकड़ी का प्रयोग होता था, पवन और बहते हुए जल की ऊर्जा का भी थोड़ा बहुत प्रयोग होता था।

→ कोयले के उपयोग के द्वारा औद्योगिक क्रान्ति हुई, ऊर्जा की बढ़ती माँग की पूर्ति जीवाश्मी ईंधन, कोयला और पेट्रोलियम पदार्थों के माध्यम से की जाने लगी।

→ जीवाश्म (Fossils)-जीव जन्तुओं व पेड़ पौधों के अवशेष जो लाखों वर्षों से पृथ्वी के अन्दर दबे हुए हैं जीवाश्म कहलाते हैं। जीवाश्मी ईधन को जलाने से अनेक प्रकार का प्रदूषण होता है। |

→ विद्युत संयंत्रों में विशाल मात्रा में जीवाश्मी ईधन को जलाकर जल को गर्म करके भाप बनाई जाती है जिसके द्वारा टरबाइनों को घुमाकर विद्युत उत्पन्न की जाती है।

→ हमारी ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए हमें ऊर्जा के उपयोग की दक्षता में सुधार का प्रयास करना चाहिए। साथ ही हमें ऊर्जा के नए वैकल्पिक स्रोतों का परीक्षण तथा उनका प्रयोग करना चाहिये। हमारे पारंपरिक ऊर्जा स्रोत, जैसे-जीवाश्मी ईंधन अत्यन्त सीमित हैं और शीघ्र ही समाप्त हो जाएँगे। जल विद्युत ऊर्जा एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। जीवाश्मी ईंधन को जलाने से कम ऊष्मा और अधिक धुआँ उत्पन्न होता है। चारकोल अधिक ऊष्मा उत्पन्न कर बिना ज्वाला के जलता है तथा धुआँ भी कम देता है।

HBSE 10th Class Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

→ जैव मात्रा (Bio-mass)-जन्तु एवं पौधों से प्राप्त ऐसे उत्पाद जिनका प्रयोग ईंधन के रूप में किया जाता है जैव मात्रा कहलाते हैं। बायो गैस (Bio gas)—जैव मात्रा के विघटन से उत्पन्न गैस जैव गैस या बायो गैस कहलाती है। बायोगैस को प्रायः गोबर गैस कहते हैं। इसमें 75% मीथेन गैस होती है। जैव गैस संयंत्र से उप-उत्पाद के रूप में स्लरी निकलती है जो एक उत्तम कोटि की खाद है जिसमें प्रचुर मात्रा में नाइट्रोजन तथा फॉस्फोरस होती है।

→ पवन ऊर्जा का उपयोग पवन चक्कियों द्वारा यांत्रिक कार्यों को करने में होता है। जिस स्थान पर अनेक पवन चक्कियाँ लगाई जाती हैं उस क्षेत्र को पवन ऊर्जा फार्म कहते हैं।

→ सौर ऊर्जा, असीमित ऊर्जा का एक विशाल वैकल्पिक स्रोत है। सौर ऊर्जा का एक बहुत छोटा हिस्सा ही पृथ्वी के वायुमण्डल की बाहरी परत तक पहुँच पाता है। इसका लगभग आधा भाग वायुमण्डल से गुजरते समय अवशोषित हो जाता है तथा शेष भाग पृथ्वी की सतह पर पहुँचता है। हमारा देश प्रतिवर्ष 5000 ट्रिलियन किलोवॉट घण्टा सौर ऊर्जा प्राप्त करता है।

→ पृथ्वी के किसी क्षेत्र में प्रतिदिन प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा का औसत परिमाप 4 से 7 kWh/m2, के बीच होता है।। सौर कुकर, सौर जल तापक, सौर सैल, सौर पैनल आदि सभी सूर्य की ऊर्जा पर आधारित यन्त्र हैं। जिनका प्रयोग विद्युत उत्पादन तथा अन्य उपयोगी कार्यों में होता है। सौर सैल बनाने के लिए सिलिकॉन का उपयोग किया जाता है।।

→ ज्वारीय ऊर्जा, तरंग ऊर्जा, सागरीय तापीय ऊर्जा के पूर्ण व्यापारिक दोहन में कुछ कठिनाइयाँ हैं। महासागरों की ऊर्जा की क्षमता अति विशाल है।

→ महासागरीय तापीय ऊर्जा (Ocean Thermal energy)-सूर्य के प्रकाश की गर्मी से सागर के जल में तापान्तर से प्राप्त ऊर्जा महासागरीय तापीय ऊर्जा कहलाती है।

→ तप्त स्थल (Hot spots)-भौमिकीय परिवर्तनों के कारण भू पर्पटी की गहराइयों में तप्त क्षत्रों में पिघली चट्टानें ऊपर धकेल दी जाती हैं जो कुछ क्षेत्रों में एकत्र हो जाती हैं। इन क्षेत्रों को तप्त स्थल कहते हैं।

→ नाभिकीय विखण्डन (Nuclear Fission)-किसी बड़े नाभिक का दो छोटे नाभिकों में विखण्डित होना नाभिकीय विखण्डन कहलाता है। इसमें अपार ऊर्जा मुक्त होती है।

→ हमारे देश में विद्युत उत्पादन क्षमता की केवल 3% आपूर्ति नाभिकीय विद्युत संयंत्रों से होती है। विकसित देश अपनी आवश्यकता की 30% से भी अधिक विद्युत शक्ति की आपूर्ति नाभिकीय विद्युत सयन्त्रों से कर रहे हैं।

HBSE 10th Class Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

→ तारापुर, राणाप्रताप सागर, कलपक्कम, नरौरा, काकरापार तथा कैगा में हमारे देश के नाभिकीय विद्युत संयंत्र स्थापित हैं।

→ प्राकृतिक पर्यावरण में नवीकरणीय ऊर्जा बड़ी मात्रा में उपलब्ध है। इसके भंडार असीमित हैं तथा भंडार खाली होने की बात व्यावहारिक दृष्टि से नगण्य है।

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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

अति लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type Questinos)

प्रश्न 1.
दो जीवाश्म ईंधनों के नाम दीजिए।
उत्तर-

  • कोयला,
  • पेट्रोलियम।

प्रश्न 2.
पर्यावरण संरक्षण हेतु आप किस तकनीक का प्रयोग करेंगे?
उत्तर-
तीन आर (Reduce, Recycle तथा Reuse) का।

प्रश्न 3.
चिपको आन्दोलन कहाँ प्रारम्भ हुआ?
उत्तर-
उत्तराखण्ड के ‘रेनी’ ग्राम में सन् 1970 में।

प्रश्न 4.
जल संग्रहण (Water Harvesting) क्या है ?
उत्तर-
जल संग्रहण का अर्थ है कि वर्षा के पानी को एकत्र करके बाद में उपयोग करना।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

प्रश्न 5.
प्रदूषण क्या है ?
उत्तर-
प्राकृतिक रूप में पाए जाने वाले अथवा शुद्ध रूप में पाए जाने वाले पदार्थों में धूल कण तथा अन्य नुकसानदेह पदार्थों का मिश्रण प्रदूषण कहलाता है।

प्रश्न 6.
CFC का पूरा नाम बताएँ।
उत्तर-
क्लोरोफ्लोरो कार्बन।

प्रश्न 7.
गंगा सफाई योजना किस सन् में अपनाई गई थी?
उत्तर-
सन् 1985.

प्रश्न 8.
कोलीफॉर्म क्या है ?
उत्तर-
कोलीफार्म एक जीवाणु वर्ग है जो जल प्रदूषण के कारण मानव की आँत में पाया जाता है।

प्रश्न 9.
खुदाई से किस प्रकार प्रदूषण बढ़ता है ?
उत्तर-
खुदाई में धातु निष्कर्षण के साथ-साथ बड़ी मात्रा में धातुमल निकलता है।

प्रश्न 10.
समुद्री जल से हमें क्या मिलता है ?
उत्तर-
आयोडीन हमें समुद्री जल से प्राप्त होता है।

प्रश्न 11.
सौर ऊर्जा हमें किस प्रकार मिलती है ?
उत्तर-
सौर ऊर्जा हमें सौर किरणों के रूप में सीधे सूर्य से मिलती है एवं पेड़-पौधों के द्वारा हम उसे ग्रहण करते हैं।

प्रश्न 12.
तीन विषैली गैसों के नाम बताएँ।
उत्तर-
नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड विषैली गैसें हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

प्रश्न 13.
तीन मुख्य खनिज संसाधनों के नाम बताएँ।
उत्तर-
कॉपर, आयरन तथा मैंगनीज।

प्रश्न 14.
ऊर्जा के नवीनीकरणीय स्रोतों के उदाहरण दो।
उत्तर-
लकड़ी, जल तथा सौर ऊर्जा ।

प्रश्न 15.
ऊर्जा के अनवीनीकरणीय स्रोतों के दो उदाहरण दें।
उत्तर-
कोयला एवं पेट्रोलियम ।

प्रश्न 16.
जल संभर प्रबंधन में किस पर जोर दिया जाता है?
उत्तर-
मृदा एवं जलसंरक्षण पर।

प्रश्न 17.
वन्य संपदा संरक्षण के दो उपाय बताओ।
उत्तर-

  1. प्राकृतिक आवासों में मानव दखल को रोका जाए।
  2. शिकार को वर्जित किया जाए।

प्रश्न 18.
भारत की वर्षा किस पर निर्भर करती है ?
उत्तर-
मानसून पर।

प्रश्न 19.
टिम्बर का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर-
इमारती लकड़ी।

प्रश्न 20.
वनों से प्राप्त उत्पादों की सूची बनाइए।
उत्तर-
लकड़ी, फल, फूल, शहद, ईंधन, माँस, ऊन, हाथी-दाँत आदि।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

प्रश्न 21.
वायुमण्डल में नाइट्रोजन की मात्रा का क्या प्रतिशत है ?
उत्तर-
78%.

प्रश्न 22.
जल प्रदूषण के दो कारण लिखिए।
उत्तर-

  1. वाहित मल विसर्जन
  2. परमाणु भट्टी से निकला जल।

प्रश्न 23.
जल प्रदूषण के दो प्रभाव बताइए।
उत्तर-

  • प्रदूषित जल प्रयोग करने से भयंकर बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं।
  • जलीय जीवों की मृत्यु।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
हमें संसाधनों के प्रबन्धन की क्यों आवश्यकता (मा. शि. बोर्ड 2012)
उत्तर-
संसाधन सीमित होते हैं। हमें अनेक दैनिक वस्तुएँ प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त होती हैं। यदि हम इन संसाधनों का उपयोग अल्प समय में कर लेंगे तो अपनी भावी पीढ़ी को इन संसाधनों से वंचित रहना पड़ेगा। इसीलिए हमें संसाधनों का प्रयोग विवेकपूर्ण ढंग से करना चाहिए।

प्रश्न 2.
संपोषणीय विकास से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
संपोषणीय विकास की संकल्पना मनुष्य की वर्तमान आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति एवं विकास को प्रोत्साहित तो करती ही है साथ ही आने वाली पीढ़ी के लिए संसाधनों का संरक्षण भी करती है। आर्थिक विकास पर्यावरण संरक्षण से सम्बन्धित है अतः संपोषित विकास से जीवन के सभी आयाम में परिवर्तन निहित हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में प्रत्येक के तीन लाभों की सूची बनाइए:
(i) कम अवधि के उद्देश्य से संसाधनों का दोहन, तथा
(ii) हमारे प्राकृतिक संसाधनों का लम्बी अवधि को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन। (CBSE 2019)
उत्तर-
(i) कम अवधि के उद्देश्य से संसाधनों के दोहन के लाभ –
(a) वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को शीघ्रता से पूरा करना।
(b) बिना किसी जवाबदेही के अधिक लाभ अर्जित करना।
(iii) आधुनिकीकरण व औद्योगिकरण को तीव्रता से बढ़ाना।

(ii) प्राकृतिक संसाधनों की लम्बी अवधि के प्रबंधन के लाभ
(a) वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ आने वाली पीढ़ी के लिए संसाधनों को बनाए रखना।
(b) इससे प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन पर रोक लगेगी।
(c) पर्यावरण को भी कम-से-कम क्षति होगी।

प्रश्न 4.
“वन जैव विविधता के तप्त स्थल (Hotspots) है” इस कथन को समझाइए।
उत्तर-
जैव विविधता का एक आधार उस क्षेत्र में पाई जाने वाली विभिन्न स्पीशीज की संख्या है। किसी स्थान विशेष पर पाए जाने वाले दुर्लभ प्राणिजात एवं पादपजात जैव विविधता के तप्तस्थल कहलाते हैं। ऐसे विशिष्ट स्थल केवल वनों में ही पाए जाते हैं। ये स्थल हमारी प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करते हैं।

प्रश्न 5.
(i) वन संरक्षण तथा
(ii) जंगली प्राणियों के संरक्षण में प्रत्येक के दो-दोलाभ लिखिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
(i) वन संरक्षण के लाभ
(a) वन संरक्षण से बाढ़ तथा भूमि कटाव को रोकने में सहायता मिलती है।
(b) वन संरक्षण से उस स्थान की ‘जैव विविधता’ भली प्रकार बनी रहती है।
(c) वन संरक्षण बाढ़ जैसी भयानक प्राकृतिक आपदा को भी रोकने में सहायक है।

(ii) जंगली प्राणियों के संरक्षण
(a) इनके संरक्षण से पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने में सहायता मिलती है।
(b) जंगली प्राणियों के संरक्षण से खाद्य श्रृंखलाएँ तथा खाद्य जाल सुरक्षित रहते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

प्रश्न 6.
पर्यावरण संरक्षण में वनों की तीनभूमिकाओं की सूची बनाइए। वन किस प्रकार अपक्षयित (नष्ट) हो जाते हैं? वनोन्मूलन के पर्यावरण पर दो दुष्परिणामों का उल्लेख कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
पर्यावरण संरक्षण में वनों की भूमिका

  • वन वर्षा लाने में सहायक होते हैं जिससे पर्यावरण में जल-चक्र संतुलित रहता है।
  • वन वन्यजीवों तथा पक्षियों को वास-स्थान प्रदान करते हैं।
  • वन मृदा की उर्वरता बनाये रखने में सहायक होते हैं तथा अधिक वर्षा के समय भूमि कटाव को भी रोकते हैं।

वनों के अपक्षयित होने के कारण-औद्योगीकरण तथा शहरीकरण के चलते वनों का धीरे-धीरे नाश हो रहा है। जनसंख्या बढ़ने के साथ उसके रहने के लिए अधिक स्थान की आवश्यकता पड़ती है और यह वनों के विनाश का मुख्य कारण बनती है। इसवेह अतिरिक्त जंगल में प्रतिवर्ष लगने वाली आग तथा अतिचारन के कारण भी वनों का प्रतिशत कम होता जा रहा है।

वनोन्मूलन के दुष्परिणाम-

  • पेड़ों के अधिक कटने से मृदा अपरदन होता है तथा जल-चक्र भी प्रभावित होता है।
  • वनोन्मूलन से वायुमण्डल में CO2, गैस की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण अधिक हरितग्रह प्रभाव उत्पन्न होता है तथा वायुमण्डल का तापक्रम बढ़ने लगता है।

प्रश्न 7.
पारिस्थितिक विशेषज्ञों के अनुसार वनारोपण का क्या प्रभाव होगा?
उत्तर-
वनारोपण के निम्नलिखित प्रभाव होंगे –

  • वनों की वृद्धि से वायुप्रदूषण में कमी होगी।
  • वनों की वृद्धि से मृदा अपरदन कम होता है तथा वर्षा अधिक होती है।
  • कुछ वन वन भूमि की शुद्धता में वृद्धि करते हैं जिससे सल्फर तथा नाइट्रोजन के यौगिकों का ऑक्सीकरण होता है।
  • अम्लीय आर्द्र भूमि चीड़ के वृक्षों द्वारा उत्पन्न की जाती है जो भूमि की अम्लीयता को बढ़ाती है।

प्रश्न 8.
चिपको आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? (मा. शि. बोर्ड 2012)
अथवा
चिपको आन्दोलन क्या था? (CBSE 2016)
उत्तर-
गढ़वाल के रेनी नामक गाँव की महिलाओं ने वनों के ठेकेदार द्वारा काटे जाने का विरोध किया। उन्होंने पेड़ों से लिपटकर उनकी रक्षा की। उनके इस प्रयास से स्थानीय वन उजड़ने से बच गए। इस घटना को चिपको आन्दोलन नाम दिया गया।

प्रश्न 9.
वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए आप क्या उपाय सुझाएँगे ?
उत्तर-

  • प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा करना।
  • विलुप्त प्रजातियों को प्रजनन द्वारा बढ़ावा देना।
  • शिकार पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाना।
  • वृक्षों की कटाई को रोका जाना।

प्रश्न 10.
भू-जल की उपलब्धता में काफी कमी क्यों आई है?
उत्तर-
इसके निम्नलिखित कारण हैं-

  • पेड़ों का काटा जाना।
  • भू-जल का अत्यधिक मात्रा में दोहन।
  • उद्योगों से पेय जल प्रदूषण।
  • अपर्याप्त वर्षा |

प्रश्न 11.
जल संग्रहण किसे कहते हैं? सामुदायिक स्तर पर जल संग्रहण से संबंधित दो प्रमुख लाभों की सूची बनाइए। भूजल की संपोषित उपलब्धता में असफलता के दो.कारण लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
जल संग्रहण से अभिप्राय है जल तथा जल के भूमिगत स्रोतों को मनुष्य की प्राप्ति के लिए बनाए रखना। वर्षा के जल को भूमिगत जलाशयों, गड्ढे खोद कर, झीलों का निर्माण करके व छत पर बनी टंकियों में एकत्रित करके किया जाना चाहिए ताकि उस जल का उपयोग गरमी तथा सूखे के दिनों में किया जा सके।

सामुदायिक स्तर पर जल संग्रहण के दो लाभ-

  • सूखे के दिनों में एकत्रित जल को सभी लोगों में वितरित किया जा सकता है ताकि किसी के लिए जल का अभाव न हो।
  • इस जल द्वारा भीषण गर्मीयों में फसलों को भी न्यूनतम मात्रा में जल से सिंचित किया जा सकता है।

भूजल की संपोषित उपलब्धता में असफलता के दो कारण-

  1. नलकूपों द्वारा अत्यधिक मात्रा में फसलों की सिंचाई के लिए भूजल का उपयोग।
  2. स्थानीय लोगों द्वारा जल संग्रहण के पुराने तरीकों को त्याग देने के कारण।
  3. सिंचाई के लिए अधिक माँग वाली फसलों का विषयांतर।

प्रश्न 12.
बांध क्या होता है? हम बड़े बांध क्यों बनाना चाहते हैं? बड़े बांधों का निर्माण करते समय किन तीन समस्याओं का ध्यान रखना चाहिए, ताकि स्थानीय लोगों में शांति बनी रहे, उनका उल्लेख कीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
किसी नदी के जल को, ऊँचाई पर बहुत बड़े कुंड-रूपी संरचना में एकत्र करने की प्रक्रिया को बांध कहते हैं। बड़े बाँध द्वारा जल संग्रहण पर्याप्त मात्रा में किया जा सकता है जिसका प्रयोग न केवल सिंचाई वरन् विद्युत का अधिक मात्रा में उत्पादन करने के लिए भी किया जाता है।

बड़े बांधों के निर्माण करते समय हमें निम्नलिखित समस्याओं का ध्यान रखना चाहिए

  • बांध बनाने के कारण विस्थापित हुए किसानों तथा आदिवासी लोगों को पुनः स्थापित करना।
  • बांध के निर्माण के समय होने वाले खर्च पर नियंत्रण रखना।
  • बांध बनने से पर्यावरण का नुकसान कम से कम होना चाहिए।

प्रश्न 13.
‘जल संरक्षण की खादिन संरचना’ का नामांकित चित्र बनाकर जल संरक्षण के कोई दो उपाय लिखिए।
उत्तर-
अनुच्छेद 16.3.2. का अध्ययन करें।

प्रश्न 14.
वर्षा जल संग्रहण के दो तरीके तथा दो लाभ बताइए।
उत्तर-
वर्षा जल संग्रहण के उपाय
(i) खाली भूमि पर तालाब बनवाए जाएँ।
(ii) शहरों में भूमिगत टैंकों में छतों से आने वाला वर्षा जल संग्रहीत किया जाए।

वर्षा जल संग्रहण के लाभ –
(i) वर्ष भर पेय जल की उपलब्धता,
(ii) कृषि के लिए सिंचाई जल की प्राप्ति।

प्रश्न 15.
गंगा प्रदूषण के स्रोत क्या हैं ?
उत्तर-

  • कचरा एवं मल का प्रवाह-नगरों द्वारा उत्सर्जित कचरा एवं मल को नाले एवं नालियों द्वारा गंगा जल में प्रवाहित कर दिया जाता है।
  • उद्योग अपशिष्ट-विभिन्न नगरों में स्थित छापेखाने, कागज मिलों, कपड़ा मिलों से निकली गन्दगी गंगा में छोड़ दी जाती है।

प्रश्न 16.
बड़े बाँधों के निर्माण के विरोध के क्या कारण हैं ? (नमूना प्रश्न पत्र 2012)
उत्तर-

  • सामाजिक कारण-बड़ी संख्या में जनजीवन को विस्थापित करना एवं उनका पुर्नवास कराना।
  • आर्थिक कारण-इन पर जनता का बहुत धन खर्च होता है।
  • पर्यावरणीय कारण-इनके निर्माण के कारण बड़ी मात्रा में वन विनाश होता है तथा प्रदूषण उत्पन्न होता है।

प्रश्न 17.
राजस्थान में कार्यान्वित वर्षा जल संग्रहण के खादिन तंत्र को समझाइए।
उत्तर-
‘खादिन’ का प्रयोग सिंचाई के लिए किया जाता है। वर्षा जल संग्रहण के खादिन तंत्र की विशेषता है कि यह ढालू खेत के निचले भाग में निर्मित काफी लम्बा (100 मी से 300 मी) मिट्टी का बना तटबंध होता है। अपवाह क्षेत्र में जल ढलानों पर नीचे की ओर बहता है और बंध द्वारा रुककर जलाशय बना लेता है। एकत्र जल की कुछ मात्रा को कुँयें बनाकर भूमि में प्रवेश करा दिया जाता है। इन जलाशयों के सूखने पर भी इनमें काफी नमी होती है, जहाँ फिर कृषि की जाती है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

प्रश्न 18.
जल के भौम जल संग्रहण के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
जल के भौम जल के रूप में संग्रहण के निम्नलिखित लाभ है-

  • यह वाष्प बनकर उड़ता नहीं है।
  • इसके लिए अधिक भूमि क्षेत्र की आवश्यकता नहीं व होती है।
  • यह पौधों की जड़ों द्वारा अवशोषित होता है।
  • इससे भूमि जल स्तर में वृद्धि होती है।

प्रश्न 19.
जीवाश्मी ईंधनों का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से करना चाहिए। क्यों ?
उत्तर-

  1. पृथ्वी पर जीवाश्मी ईंधनों के स्रोतों (कोयला एवं पेट्रोलियम) की मात्रा सीमित है।
  2. जीवाश्मी ईंधनों के जलाने से वायु प्रदूषण उत्पन्न होता है।

प्रश्न 20.
कोयला तथा पेट्रोलियम के उपयोग को कम करने के दो उपाय बताइए।
उत्तर-

  1. कोयला द्वारा निर्मित विद्युत उत्पादन तथा । इसकी खपत को कम करना चाहिए।
  2. व्यक्तिगत वाहनों के स्थान पर सामूहिक वाहनों का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 21.
वायु में CO2, की मात्रा बढ़ने से क्या प्रभाव होते हैं?
उत्तर-

  • फसल के पैदावार क्रम में परिवर्तन होता है।
  • वैश्विक ऊष्मायन प्रभाव उत्पन्न होता है।
  • ध्रुवीय बर्फ पिघलती है।

प्रश्न 22.
ओजोन परत किस प्रकार बनती है? पृथ्वी पर सभी जीवन स्वरूपों के लिए इसके महत्त्व का उल्लेख कीजिए। 1980 के दशक में वायुमण्डल में ओज़ोन की मात्रा में तीव्रता से गिरावट क्यों आई? (CBSE 2020)
उत्तर-
आजोन परत का निर्माण-वायुमण्डल के ऊपरी भाग में सूर्य की पराबैंगनी विकिरणों के उपयोग से ऑक्सीजन गैस ओज़ोन में परिवर्तित होती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन 1
ओज़ोन परत का महत्त्व-पृथ्वी पर सभी जीवों को ओज़ोन परत सूर्य के प्रकाश की हानिकारक पराबैंगनी विकिरणों से बचाती है। इसलिए सभी जीव इन विकिरणों से होने वाले रोगों से बच जाते हैं।
ओजोन परत का ह्रास-मनुष्य द्वारा अत्यधिक मात्रा में क्लोरोफ्लुओरो कार्बन (CFCs) रसायनों के उपयोग करने के कारण 1980 के दशक में वायुमण्डल में आज़ोन की मात्रा में तीव्रता से गिरावट आई।

प्रश्न 23.
CO2 में उत्सर्जन के विनियमन के लिए अन्तर्राष्ट्रीय मानक का पता लगाइए।
उत्तर-
क्योटो प्रोटोकाल में CO2 के उत्सर्जन विनियमन के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों में चर्चा की गई। इस समझौते के अनुसार औद्योगिक राष्ट्रों को अपने CO2 तथा अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन स्तर में 5.2% की कमी लाने के लिए कहा गया था। आस्ट्रेलिया एवं आइसलैंड के लिए यह मानक क्रमश: 8% तथा 10% निर्धारित किया गया है। क्योटो प्रोटोकाल समझौता जापान में क्योटो शहर में दिसम्बर 1997 में हुआ था। इसे 16 फरवरी, 2005 को लागू किया गया। दिसम्बर 2006 तक 169 देशों ने इस समझौते का अनुमोदन किया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
‘नमामि गंगे परियोजना’ पर एक निबन्ध लिखिए।
उत्तर-
भारत सरकार ने गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नमामि गंगे नामक संरक्षण मिशन शुरू किया था। इस अभियान की शुरूवात 2014 में की गई थी। गंगा नदी को सन् 2020 तक प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लिया गया है। इस मिशन के तहत केन्द्रीय हिस्सेदारी के साथ 8 राज्यों और 47 शहरों को कार्यान्वित किया गया है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय निगरानी केन्द्र तथा 4 स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

इस मिशन के द्वारा गंगा नदी के मुख्य घटकों जैसे की नालों के गंदे जल का उपचार, नदी भूतल साफ-सफाई, नदी में से माद हटाना, नदी के आस-पास का विकास करना, जैव-विविधता संरक्षण, वनीकरण बनाना, ग्राम परियोजना इत्यादि शामिल है। राष्ट्रीय गंगा परिषद ने 2016 में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण का जगह ली थी। इस मिशन के तहत अब तक लगभग 313 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनकी लागत 25,000 करोड़ रुपये है।

प्रश्न 2.
वन्य प्राणियों के जीवन की सुरक्षा के लिए कौन-कौन से कानून एवं नियम अस्तित्व में आए हैं ?
उत्तर-
केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा वन्य प्राणियों के जीवन की सुरक्षा के लिए अनेक नियम व कानून बनाए गए हैं-

  • वन्य पक्षी एवं प्राणी सुरक्षा नियम, 1912
  • मद्रास वन्य हाथी सुरक्षा नियम, 1873
  • अखिल भारतीय हाथी सुरक्षा नियम, 1879
  • बंगाल राइनो सुरक्षा कानून, 1932.
  • वन्य प्राणियों हेतु भारतीय बोर्ड की स्थापना, 1952.
  • राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य प्राणी विज्ञानशालाओं की स्थापना।
  • असम गैंडा सुरक्षा कानून 1954.
  • जैव मंडल सुरक्षा हेतु भारतीय राष्ट्रीय मानव तथा जैव-मण्डलीय समिति, 1972.
  • विलुप्त होती जा रही प्रजातियों जैसे मगरमच्छ तथा बाघों के संरक्षण हेतु परियोजना 1973.
  • राष्ट्रीय वन्य जीवन क्रियाकलाप नियम, 1982.

प्रश्न 3.
वनों को किस प्रकार हानि होती है ? वन विनाश के प्रभाव तथा वन विनाश को रोकने के उपाय सुझाइए।
उत्तर-
वन हमारे प्राकृतिक संसाधन हैं। वनों की हानि के लिए मनुष्य सबसे अधिक जिम्मेदार है। मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं जैसे कृषि भूमि, भवन निर्माण, उद्योगधन्धे, आखेट, ईधन आदि के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई की है जिससे प्राकृतिक संतुलन खतरे में पड़ गया है। बढ़ती आबादी एवं विकास कार्यक्रमों के कारण वन भूमि सिकुड़ती जा रही है।

वन विनाश के निम्नलिखित प्रभाव हैं-

  • प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होना,
  • वन्य जीवों की संख्या में कमी,
  • सूखे की स्थिति उत्पन्न होना,
  • जलवायु में परिवर्तन,
  • मृदा अपरदन में वृद्धि।

वन विनाश को रोकने के निम्न उपाय किए जा सकते है-

  • खाली भूमि पर पुनः वन रोपण,
  • वनों की कटाई पर प्रतिबन्ध,
  • वनों को राष्ट्रीय सम्पत्ति घोषित कर इन्हें हानि पहुँचाने वालों को दण्ड का प्रावधान,
  • जैव विविधता को बढ़ावा देना,
  • पशुओं के चारण पर रोक,
  • व उत्पादों के विकल्पों की खोज।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

प्रश्न 4.
सार्वसूचक (Universal indicator) की सहायता से अपने घर में आपूर्ति पानी का pH ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
सार्वसूचक एक pH सूचक है, जो pH के विभिन्न मान वाले विलयनों में विभिन्न रंग प्रदर्शित करता है। अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं। ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं। क्षारकों का स्वाद कड़वा होता है। यह लाल लिटमस को नीला कर देते हैं लिटमस एक प्राकृतिक सूचक होता है।

पानी के नमूनों को अलग-अलग परखनली या बीकर में लेकर इसमें लिटमस कागज डालने पर कागज में आने वाले परिवर्तनों से पानी के नमूने की प्रकृति ज्ञात की जा सकती है। यदि रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता तो वह जल का नमूना उदासीन होता है। उदासीन जल का pH मान 7 होता है। इससे कम मान अम्लता को तथा अधिक मान क्षारकता को प्रदर्शित करता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. मानव की आँत में कौन सा जीवाणु होता है जो गंगा जल को दूषित करता है ?
(a) राइजोबियम
(b) कोलीफॉर्म
(c) फीताकृमि
(d) प्लाज्मोडियम
उत्तर-
(b) कोलीफॉर्म।

2. IUCN का अर्थ है-
(a) इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर एण्ड नेचुरल रिसोर्सेस
(b) इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ कंट्री नेचर
(c) इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ कॉउन्सिल नेचुरल रिसॉर्सेस
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर एण्ड नेचुरल रिसोर्सेस।

3. पर्यावरण को बचाने के लिए है –
(a) 3R’
(b) 5 Rs.
(c) 3 Ps.
(d) 5 Ps.
उत्तर-
(a) 3R’.

4. प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त होता है-
(a) भोजन
(b) सीमेण्ट
(c) पत्थर
(d) ये सभी।
उत्तर-
(d) ये सभी।

5. संसाधन प्रबंधन का अर्थ है कि उनका उपयोग
(a) गाँव में रहने वाले करें
(b) शहर में रहने वाले करें
(c) सभी वर्गों में समान रूप से हो
(d) सिर्फ उद्योगपति करें।
उत्तर-
(c) सभी वर्गों में समान रूप से हो।

6. सन् 1970 के गढ़वाल में ‘रेनी’ नामक गाँव में पेड़ों को बचाने के लिए कौन सा आन्दोलन चलाया गया?
(a) पर्यावरण बचाओ आन्दोलन
(b) चिपको आन्दोलन
(c) खेजड़ी बचाओ आन्दोलन
(d) इनमें कोई नहीं।
उत्तर-
(b) चिपको आन्दोलन।

7. किस वर्ष खेजड़ली गाँव में 363 लोगों ने ‘खेजड़ी वृक्षों’ को बचाने हेतु अपने जीवन का बलिदान दिया ?
(a) 1741
(b) 1831
(c) 1713
(d) 1841.
उत्तर-
(c) 1713.

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

8. भारत में जल संग्रहण की पुरानी पद्धति है-
(a) खादिन एवं कुल्ह
(b) बंधारस एवं ताल
(c) अहार तथा पाइन
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपर्युक्त सभी।

9. जल संग्रहण है-
(a) जलीय नहरों का शाखान्वयन
(b) नदियों का शाखान्वयन
(c) वर्षा जल का संग्रहण
(d) गंदे जल का संग्रहण ।
उत्तर-
(c) वर्षा जल का संग्रहण।

10. चिपको आंदोलन किस वर्ष प्रारम्भ हुआ ?
(a) 1970
(b) 1985
(c) 1990
(d) 1995.
उत्तर-
(a) 1970.

11. गंगा कार्य योजना किस वर्ष प्रारम्भ हुई थी ?
(a) 1980
(b) 1985
(c) 1990
(d) 1995.
उत्तर-
(b) 1985.

12. सरदार सरोवर बाँध किस नदी पर निर्मित हुआ?
(a) नर्मदा
(b) गंगा
(c) नर्मदा
(d) तावा।
उत्तर-
(c) नर्मदा।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. सफेदी करने के दो-तीन दिन बाद ……………………….. की परत का निर्माण होता है।
उत्तर-
कैल्सियम कार्बोनेट,

2. श्वसन एक ……………………….. रासायनिक अभिक्रिया है।
उत्तर-
ऊष्माक्षेपी,

3. लोहे की वस्तुओं पर जंग उनकी खुली सतह पर ……………………….. एवं ……………………….. के कारण लगती हैं।
उत्तर-
ऑक्सीजन, नमी,

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4. तेल एव वसायुक्त खाद्य पदार्थों के अपचयन से बचाव हेतु हम इनमें ……………………….. प्रवाहित कर देते हैं।
उत्तर-
नाइट्रोजन,

5. मैग्नीशियम को वापयु की उपस्थिति में जलाने पर ……………………….. प्राप्त होगा।
उत्तर-
मैग्नीशियम ऑक्साइड।

सुमेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)

सूची A तथा सूची B को मिलान कीजिए।

सूची Aसूची B
1. कुल्ह(i) उत्तरप्रदेश
2. चिपको आन्दोलन(ii) वन
3. तालाब(iii) हिमाचल प्रदेश
4. तप्त स्थल(iv) कागज उद्योग
5. गंगा सफाई योजना(v) 1985
6. वन पर आधारित(vi) उत्तराखंड

उत्तर-

सूची Aसूची B
1. कुल्ह(iii) हिमाचल प्रदेश
2. चिपको आन्दोलन(vi) उत्तराखंड
3. तालाब(i) उत्तरप्रदेश
4. तप्त स्थल(ii) वन
5. गंगा सफाई योजना(v) 1985
6. वन पर आधारित(iv) कागज उद्योग

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(b)

सूची A, सिंचाई प्रणालीसूची B, राज्य
1. खादिन(i) महाराष्ट्र
2. ताल(ii) केरल
3. कुल्ह(iii) तमिलनाडु
4. एरिस(iv) राजस्थान
5. पाइन(v) हिमाचल प्रदेश
6. सुरंगम(vi) बिहार

उत्तर-

सूची A, सिंचाई प्रणालीसूची B, राज्य
1. खादिन(iv) राजस्थान
2. ताल(i) महाराष्ट्र
3. कुल्ह(v) हिमाचल प्रदेश
4. एरिस(iii) तमिलनाडु
5. पाइन(vi) बिहार
6. सुरंगम(ii) केरल

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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions) 

प्रश्न 1.
क्या प्रकाश को आँखों से देखा जा सकता हैं ?
उत्तर-
नहीं, प्रकाश की उपस्थिति में अन्य वस्तुओं को देखा जा सकता है परन्तु प्रकाश स्वयं दिखाई नहीं देता।

प्रश्न 2.
प्रकाश किरण के तीक्ष्ण किनारों पर मुड़ने की घटना को क्या कहते हैं?
उत्तर-
विवर्तन।

प्रश्न 3.
विवर्तन की घटना को स्पष्ट करने के लिये प्रकाश किस रूप को प्रदर्शित करता है?
उत्तर-
तरंग (Wave)। .

प्रश्न 4.
प्रकाश के परावर्तन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
किसी चमकदार. सतह से प्रकाश किरणों के टकराकर वापस लौटने की घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।

प्रश्न 5.
प्रकाश का परावर्तन कितने प्रकार का होता हैं ?
उत्तर-
प्रकाश का परावर्तन दो प्रकार का होता है-

  • नियमित परावर्तन,
  • विसरित परावर्तन।

प्रश्न 6.
गोलीय दर्पण किसे कहते हैं ? |RBSE 2015]
उत्तर-
गोलीय दर्पण किसी चमकीले गोले का कटा हुआ भाग होता है जो अन्दर या बाहर से प्रकाश का परावर्तन कर सकता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 7.
किसी गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या और फोकस दूरी में क्या सम्बन्ध होता है ?
उत्तर-
वक्रता त्रिज्या (R) = 2 x फोकस दूरी (f).

प्रश्न 8.
दर्पण सूत्र क्या है ?
उत्तर-
\(\frac{1}{f}= \frac{1}{v}+\frac{1}{u}\)

प्रश्न 9.
किसी दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
किसी गोलीय दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब का आकार तथा वस्तु के आकार के अनुपात को आवर्धन कहते हैं।

प्रश्न 10.
प्रकाश के परावर्तन के नियम लिखिए।
उत्तर-

  • आपतन कोण
  • तथा परावर्तन कोण r बराबर होते हैं।
  • आपतित किरण, दर्पण’ के आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एवं परावर्तित किरण एक ही तल में होते हैं।

प्रश्न 11.
समतल दर्पण की फोकसदूरी कितनी होती है ?
उत्तर-
समतल दर्पण की फोकस दूरी अनन्त होती है।

प्रश्न 12.
एक अवतल दर्पण के ध्रुव तथा फोकस बिन्दु के बीच रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा ?
उत्तर-
प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनेगा। यह सीधा, वस्तु से बड़ा तथा आभासी होगा।

प्रश्न 13.
समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब का आवर्धन कितना होता है?
उत्तर-
m = + 1 (आवर्धन)

प्रश्न 14.
गाड़ी की हैडलाइट में कौन-सा दर्पण प्रयुक्त किया जाता है ?
उत्तर-
अवतल दर्पण।

प्रश्न 15.
किस दर्पण द्वारा आवर्धन धनात्मक परन्तु 1 से कम होता है?
उत्तर-
उत्तल दर्पण द्वारा।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 16.
वाहनों के पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में प्रयुक्त गोलीय दर्पण का नाम लिखिए। (RBSE 2015)
उत्तर-
उत्तल दर्पण।

प्रश्न 17.
प्रकाश का अपवर्तन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है, तो विचलित हो जाती है, इस क्रिया को अपवर्तन कहते हैं।

प्रश्न 18.
जब प्रकाश की किरण वायु से पानी में प्रवेश करती है तब क्या होता है ?
उत्तर-
जब प्रकाश की किरण वायु (विरल माध्यम) से पानी (सघन माध्यम) में प्रवेश करती है तो यह अभिलम्ब की ओर मुड़ जाती है। इस कारण से अपवर्तन कोण, आपतित कोण से छोटा होता है।

प्रश्न 19.
अपवर्तन के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  • पानी में डूबे सिक्के का ऊपर उठा हुआ दिखाई देना।
  • पानी में डूबी लकड़ी टेढ़ी दिखाई देना।

प्रश्न 20.
प्रकाश के अपवर्तन में उसकी आवृत्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
आवृत्ति पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है।

प्रश्न 21.
जब प्रकाश विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करता है, तो उसकी चाल तथा पथ किस प्रकार प्रभावित होते हैं?
उत्तर-
जब प्रकाश किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में जाती है तो वह अभिलम्ब की ओर झुक जायेगी। माध्यम का घनत्व अधिक होने के कारण उसकी चाल कम हो जायेगी।

प्रश्न 22.
जब प्रकाश दो माध्यमों के अन्तरापृष्ठ पर अभिलम्बवत् आपतित होता है तो क्या होता है?
उत्तर-
प्रकाश के पथ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

प्रश्न 23.
अपवर्तनाँक का प्रकाश के वेग से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 1

प्रश्न 24.
एक ऐसे पदार्थ का नाम लिखो जिसका अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है। .
उत्तर-
हीरा, जिसका अपवर्तनांक 2.42 होता है।

प्रश्न 25.
अपवर्तनांक का क्या मात्रक होता है?
उत्तर-
अपवर्तनांक का कोई भी मात्रक नहीं होता है क्योंकि यह समान राशियों का अनुपात है।

प्रश्न 26.
अपवर्तनांक सम्बन्धी स्नैल का नियम लिखिये।
या
अपवर्तन का नियम लिखिये जो आपतन कोण और अपवर्तन कोण के बीच सम्बन्ध बताता है।
उत्तर-
जब कोई प्रकाश किरण किसी पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करती है तो उसके आपतन कोण की ज्या (sin i) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sin r) में एक निश्चित अनुपात होता है जिसे अपवर्तनांक कहते हैं।

प्रश्न 27.
छोटे अक्षरों को पढ़ने हेतु कौन-सा लेंस उपयोग किया जाता है?
उत्तर-
उत्तल लेंस।

प्रश्न 28.
दूर स्थित किसी वस्तु का उत्तल लेंस द्वारा किस प्रकार का प्रतिबिम्ब बनता है ?
उत्तर-
वास्तविक, उल्टा तथा छोटा।

प्रश्न 29.
मुख्य फोकस व प्रकाशिक केन्द्र के बीच की दूरी को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
फोकस दूरी (f).

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 30.
किस स्थिति में प्रतिबिम्ब वस्तु के आकार के समान होता है ?
उत्तर-
जब वस्तु 2f पर हो।

प्रश्न 31.
जब वस्तु लेंस से अनन्त दूरी पर हो तो प्रतिबिम्ब कैसा बनता है ?
उत्तर-
वास्तविक, उल्टा तथा आकार में वस्तु से छोटा होता है।

प्रश्न 32.
जब वस्तु F और प्रकाशिक केन्द्र के बीच में हो, तो उत्तल लेंस द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब कहाँ और कैसा बनेगा ?
उत्तर-
उत्तल लेंस के F व प्रकाशिक केन्द्र के बीच रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब वस्तु की ओर काल्पनिक और सीधा बनेगा।

प्रश्न 33.
लेंस किसे कहते हैं ? ये कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर-
एक ऐसा पारदर्शक माध्यम जो दो वक्र तलों से घिरा हुआ हो लेंस कहलाता है।
ये दो प्रकार के होते हैं-

  1. उत्तल लेंस,
  2. अवतल लेंस।

प्रश्न 34.
लेंस से दूरियाँ किस बिन्दु पर मापी जाती हैं?
उत्तर-
प्रकाशिक केन्द्र से।

प्रश्न 35.
किसी लेंस की क्षमता का क्या अर्थ है ? तथा इसका S.I. मात्रक लिखिये। [CBSE 2015]
उत्तर-
मीटर में व्यक्त की गई लेंस की फोकस दूरी (f) के व्युत्क्रम को लेंस की क्षमता (P) कहते हैं।
P = \(\frac{1}{f(\mathrm{~m} \text { में })} \text { या } \frac{100}{f(\mathrm{~cm} \text { में })} \)
तथा S.I. मात्रक डायोप्टर (D) होता हैं।

प्रश्न 36.
लेंस को सूत्र लिखिए।
उत्तर-
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)

प्रश्न 37.
कौन सा लेंस अभिसारी लेंस कहलाता हैं?
उत्तर-
उत्तल लेंस।

प्रश्न 38.
किस लेंस को अपसारी लेंस कहते हैं ?
उत्तर-
अवतल लेंस को।

प्रश्न 39.
अभिसारी लेंस की क्षमता धनात्मक होती है या ऋणात्मक ?
उत्तर-
अभिसारी लेंस की क्षमता धनात्मक होती है क्योंकि इसकी फोकस दूरी धनात्मक होती है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 40.
किस लेंस का आवर्धन सदैव 1 से कम होता
उत्तर-
अवतल लेंस का।।

प्रश्न 41.
सम्पर्क में रखे दो लेंसों की क्षमताएँ P1 व P2 हैं। संयुक्त लेंस की क्षमता क्या होगी?
उत्तर-
क्षमता P = P1 + P2.

प्रश्न 42.
एक उत्तल लेंस वस्तु का सीधा तथा आभासी प्रतिबिम्ब बनाता है। वस्तु कहाँ स्थित होगी ? ।
उत्तर-
मुख्य फोकस व लेंस के प्रकाशिक केन्द्र के मध्य रखी है।

प्रश्न 43.
5 cm ऊँची वस्तु उत्तल लेंस से 2f दूरी पर रखी है। प्रतिबिम्ब की लम्बाई क्या होगी ?
उत्तर-
5 cm.

प्रश्न 44.
यदि किसी लेंस की क्षमता 0.25D है तो उस लेंस का नाम बताओ?
उत्तर-
अवतल लेंस।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
ड्राइवर का रात्रि में किस प्रकार के प्रकाश पुंज का प्रयोग करना चाहिए एवं क्यों? स्पष्ट कीजिये। (RBSE 2016)
उत्तर-
ड्राइवर को रात्रि में कम तीव्रता वाले प्रकाश पुंज का प्रयोग करना चाहिये। कम तीव्रता वाले प्रकाश पुंज का प्रयोग करने से सामने से आने वाली वाहन के ड्राइवर की आँखों में रोशनी नहीं पड़ती, उसे सामने स्पष्ट दिखायी देता है। इस प्रकार से आपस में दुर्घटनाएँ होने से बच जाते हैं। कम तीव्रता वाले प्रकाश पुंज रात में वाहन चलाने के लिए बहुत मदद करता है।

प्रश्न 2.
समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं

  • यह सीधा तथा आभासी होता है तथा वस्तु के आकार के बराबर होता है।
  • यह दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने होती है।
  • यह पार्श्व परिवर्तित होता है।

प्रश्न 3.
प्रतिबिम्ब से क्या तात्पर्य है ? आभासी तथा वास्तविक प्रतिबिम्ब में क्या अन्तर है ? [RBSE 2015]
उत्तर-
प्रतिबिम्ब-दर्पण के सामने रखी वस्तु की दर्पण में जो आकृति बन जाती है उस आकृति को वस्तु का प्रतिबिम्ब कहते हैं। अतः जब प्रकाश किरणें किसी बिन्दु से चलकर परावर्तन के पश्चात् (दर्पण में) अथवा लेंस में अपवर्तित होकर किसी दूसरे बिन्दु पर मिलती हैं अथवा किसी दूसरे बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती हैं तो इस दूसरे बिन्दु को पहले बिन्दु का प्रतिबिम्ब कहते हैं।

प्रतिबिम्ब दो प्रकार के होते हैं-

  1. वास्तविक प्रतिबिम्ब-यदि किसी बिन्दु या वस्तु से चलने वाली प्रकाश किरणें परावर्तन (अथवा अपवर्तन)के पश्चात् किसी बिन्दु पर वास्तव में मिलती हैं तो इस दूसरे बिन्दु पर बने प्रतिबिम्ब को वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब . कहते हैं। वास्तविक प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है।
  2. आभासी प्रतिबिम्ब-यदि किसी बिन्दु से चलने वाली प्रकाश किरणें परावर्तन (अथवा अपवर्तन) के पश्चात् किसी दूसरे बिन्दु पर वास्तव में नहीं मिलती हैं, बल्कि दूसरे बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती हैं तो जहाँ से किरणें आती हुई प्रतीत होती हैं, बने प्रतिबिम्ब को वस्तु का आभासी प्रतिबिम्ब कहते हैं। इस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
दर्पणों की पहचान किस प्रकार करते हैं?
उत्तर-
दर्पणों की पहचान दो प्रकार से करते हैं-
(i) स्पर्श करके-दर्पणों की पहचान के लिए समतल पैमाने का उपयोग करते हैं। पैमाने को दर्पण पर रखने से यदि पैमाना दर्पण को सभी जगह स्पर्श करे तो दर्पण समतल दर्पण होता है। यदि पैमाना दर्पण को किनारों पर स्पर्श करे तथा दर्पण के बीच का भाग कुछ दबा रह जाए तो दर्पण अवतल होता है। यदि पैमाना दर्पण के बीच के भाग का स्पर्श करे तथा किनारों पर उठा रहे तो दर्पण उत्तल है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 2
(ii) प्रतिबिम्ब देखकर-किसी वस्तु को दर्पण से विभिन्न दूरियों पर रखने पर हर बार प्रतिबिम्ब वस्तु के बराबर ही बने तो दर्पण समतल है। यदि वस्तु को दर्पण के पास रखने पर प्रतिबिम्ब सीधा व बड़ा बने तो दर्पण अवतल है। यदि प्रतिबिम्ब प्रत्येक स्थिति में वस्तु से छोटा तथा सीधा बने तो दर्पण उत्तल है।

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प्रश्न 5.
उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण में अन्तर लिखिए। [RBSE 2011]
उत्तर –

उत्तल दर्पणअवतल दर्पण
1. इसमें परावर्तन करने वाला चमकीला तल बाहर की ओर उभरा होता है।1. इसमें परावर्तन करने वाला चमकीला तल अन्दर की ओर फँसा होता है।
2. इसमें आभासी प्रति बिम्ब बनता है।2. इसमें वास्तविक एवं आभासी दोनों प्रकार के प्रतिबिम्ब बनते हैं।
3. इसमें सीधा प्रतिबिम्ब बनता है।3. इसमें प्रतिबिम्ब उल्टा तथा सीधा दोनों बनते है।
4. इसमें प्रतिबिम्ब छोटा बनता है।4. इसमें प्रतिबिम्ब बड़ा, छोटा तथा वस्तु के आकार का अर्थात् तीनों प्रकार का बनता है।

प्रश्न 6.
(i) किसी गोलीय दर्पण के लिए आवर्धन का सूत्र लिखिए।
(ii) उस दर्पणं का नाम लिखिए, जो बिम्ब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिम्ब बना सके।
(iii) उत्तल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए। (RBSE 2016)
उत्तर-
(i) आवर्धन m = HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 3
(ii) अवतल दर्पण
(iii) मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली प्रकाश की किरणें, दर्पण से परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष पर मिलती हुई प्रतीत होती हैं, उसे उत्तल दर्पण का मुख्य फोकस कहते है|

प्रश्न 7.
एक उत्तल दर्पण के सामने 30 cm दूरी पर एक वस्तु पड़ी है। यदि इस दर्पण की फोकस दूरी 15 cm है तो वस्तु का जो प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है उसकी चार विशेषताएँ लिखिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
प्रतिबिम्ब की चार विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं –

  • प्रतिबिम्ब सीधा व आभासी होगा।
  • प्रतिबिम्ब वस्तु से आकार में छोटा बनता है।
  • प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है।
  • प्रतिबिम्ब दर्पण के P व F बिन्दुओं के बीच बनता है।

प्रश्न 8.
ऐसी दोस्थितियों का वर्णन कीजिए जिन पर किसी बिम्ब को रखने पर, एक अवतल दर्पण दोनों बार बिम्ब का बड़ा प्रतिबिम्ब बनाता है। इन दोनों प्रतिबिम्बों के बीच दो अंतर लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
यह दो स्थितियाँ हैं –

  1. जब बिम्ब को अवतल दर्पण के सामने P व F बिन्दुओं के बीच रखते हैं।
  2. जब बिम्ब को अवतल दर्पण के सामने F व C बिन्दुओं के बीच रखते हैं।

दोनों प्रतिबिम्बों में अंतर निम्न प्रकार हैं –

स्थिति (i) में, प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है।स्थिति (ii) में, प्रतिबिम्ब दर्पण के वक्रता केंद्र से दूर बनता है।
स्थिति (i) में, प्रतिबिम्ब सीधा व काल्पनिक होता है।स्थिति (ii) में, प्रतिबिम्ब उल्टा व वास्तविक बनता है।

प्रश्न 9.
अवतल दर्पण द्वारा विभिन्न स्थितियों में रखी वस्तुओं की स्थिति, आकार और प्रकृति के लिए सारणी बनाइए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 4

प्रश्न 10.
कोई बिम्ब 30 सेमी वक्रता त्रिज्या के अव तल दर्पण के सामने 12 सेमी दूरी पर स्थित है। दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब के चार अभिलक्षणों की सूची बनाइए। (CBSE 2017)
उत्तर-

  1. यह प्रतिबिम्ब आकार में बिम्ब से छोटा होगा।
  2. यह प्रतिबिम्ब आभासी भी होगा।
  3. यह प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनेगा।
  4. यह प्रतिबिम्ब सीधा बनेगा।

प्रश्न 11.
कोई बिम्ब 15 सेमी फोकस दूरी के उत्तल दर्पण के सामने 30 सेमी दूरी पर स्थित है। दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब के चार अभिलक्षणों का उल्लेख कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-

  • यह प्रतिबिम्ब आभासी होगा।
  • यह हमेशा सीधा होगा।
  • यह हमेशा बिम्ब से आकार में छोटा होगा।
  • यह दर्पण के पीछे बनेगा।

प्रश्न 12.
यदि किसी गोलीय दर्पण द्वारा उसके सामने रखे बिम्ब की किसी भी स्थिति के लिए सदैव ही बिम्ब का सीधा और आकार में छोटा प्रतिबिम्ब बनता है, तो यह दर्पण किस प्रकार का है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए नामांकित किरण आरेख खींचिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
यह दर्पण एक उत्तल दर्पण है।
उत्तल दर्पण द्वारा किरण आरेख :
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प्रश्न 13.
अपवर्तन के नियम लिखिए। (CBSE 2018,20)
उत्तर-
अपवर्तन के नियम निम्नलिखित हैं-
(i) किन्हीं दो माध्यमों के लिए एक ही रंग के प्रकाश के लिए आपतन कोण (i) की ज्या (sin) तथा अपवर्तन कोण (r) की ज्या (sin) का अनुपात सदैव स्थिरांक होता है।
\(\frac{\sin i}{\sin r}\) = स्थिरांक = 1n2
स्थिरांक 1n2 को पहले माध्यम का दूसरे के सापेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं।

(ii) आपतित किरण, आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एवं अपवर्तित किरण तीनों एक ही तल पर होते हैं।

प्रश्न 14.
परावर्तन और अपवर्तन में क्या अन्तर हैं? बताइए।
उत्तर –

परावर्तनअपवर्तन
1. किसी चमकीली सतह से टकराकर प्रकाश की किरण का वापस लौट जाना प्रकाश का परावर्तन कहलाता है।1. पारदर्शक माध्यम से प्रकाश का एक-दूसरे पारदर्शक माध्यम में प्रवेश करने पर अपने पथ से विचलित हो जाना, प्रकाश का अपवर्तन कहलाता है।
2. इसमें आपतन कोण तथा परावर्तन कोण सदा समान होते हैं।2. इसमें आपतन कोण और अपवर्तित कोण छोटे-बड़े होते हैं।
3. परावर्तन के पश्चात् प्रकाश की किरणें पुन: उसी माध्यम में वापस लौट आती हैं।3. अपवर्तन के पश्चात् प्रकाश की किरणें दूसरे माध्यम में चली जाती हैं।

प्रश्न 15.
जल से भरे किसी बर्तन की आभासी गहराई, उसकी वास्तविक गहराई से कम क्यों प्रतीत होती है?
उत्तर-
माना कि एक वस्तु O सघन माध्यम (जल) में रखी हुई है और देखने वाले की आँख विरल माध्यम (वायु) में वस्तु के ठीक ऊपर है। तब O से चलने वाली एक आपतित किरण OA जल तथा वायु के सीमा-पृष्ठ PQ पर अभिलम्बवत् गिरती है। इसके लिए आपतन कोण शून्य है। अतः अपवर्तन के नियमानुसार, अपवर्तन कोण भी शून्य होगा। अतः किरण सीधी AB दिशा में चली जाती है। दूसरी किरण OC, सीमा-पृष्ठ के बिन्दु C पर गिरती है। चूंकि किरण सघन माध्यम (जल) से विरल माध्यम (वायु) में जा रही है, अतः अपवर्तन के पश्चात् अभिलम्ब NCN’ से दूर हटती हुई दिशा CD में चली जाती है। अपवर्तित किरणें AB तथा CD पीछे बढ़ायी जाने पर बिन्दु I पर मिलती हैं।
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इस प्रकार आँख को ये किरणें बिन्दु I से आती हुई प्रतीत होती हैं। अतः बिन्दु I, बिन्दु 0 का अपवर्तन द्वारा बना आभासी प्रतिबिम्ब है। चित्र में I, बिन्दु 0 की अपेक्षा ऊँचा है। अर्थात् जल से भरे बर्तन की आभासी गहराई, उसकी वास्तविक गहराई से कम प्रतीत होती है।

प्रश्न 16.
दिए गए किरण चित्र में आपतन कोण का मान एवं अपवर्तित किरण का नाम लिखिए। (RBSE 2015)
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उत्तर-
आपतन कोण = 30°
अपवर्तित किरण – P

प्रश्न 17.
(a) काँच के स्लैब द्वारा प्रकाश के अपवर्तन को दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए। इस आरेख पर अपवर्तन कोण तथा स्लैब से गुजरते समय प्रकाश किरण के पाश्विक विस्थापन को भी अंकित कीजिए।
(b) यदि वायु से कांच में गमन करते समय प्रकाश के लिए कांच का अपवर्तनांक 3/2 है, तो प्रकाश के कांच से वायु में गमन करने के लिए वायु का अपवर्तनांक ज्ञात कीजिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
(a) .
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 8
(b) जब वायु से कांच में गमन करते समय प्रकाश के लिए कांच का अपवर्तनांक 3/2 है तो प्रकाश के कांच से वायु में गमन करने के लिए वायु का अपवर्तनांक
ang=3/2
gna = \(\frac{1}{a^n g}=\frac{1}{(3 / 2)}=\frac{2}{3} \)

प्रश्न 18.
कोई छात्र किसी भली-भांति दूरस्थ बिम्ब के प्रतिबिम्ब को उत्तल लेंस द्वारा किसी पर्दे पर फोकसित करता है। तत्पश्चात् वह धीरे-धीरे बिम्ब को लेंस की ओर ले जाता है और हर बार वह लेंस को समायोजित करके बिम्ब के प्रतिबिम्ब को पर्दे पर फोकसित करता है।
(i) वह लेंस को किस दिशा में स्थानान्तरित करता है-पर्दे की ओर अथवा पर्दे से दूर?
(ii) प्रतिबिम्ब के आकार का क्या होता है-यह घटता है अथवा बढ़ता है?
(iii) जब वह बिम्ब को लेंस के अत्यधिक निकट ले जाता है तब पर्दे पर प्रतिबिम्ब कैसा होता है? (CBSE 2016)
उत्तर-
(i) वह लेंस को पर्दे से दूर स्थानान्तरित करता है।
(ii) प्रतिबिम्ब का आकार बढ़ता जाता है।
(iii) इस स्थिति में प्रतिबिम्ब अब पर्दे पर नहीं बनता क्योंकि अब प्रतिबिम्ब आभासी होता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 19.
उत्तल लेंस द्वारा क्रमशः तथा 2f की दूरी पर रखी वस्तु के लेंस द्वारा बने प्रतिबिम्बों की स्थिति, आकार, प्रकृति बताइए।
उत्तर-
(i) जब वस्तु फोकस पर रखी हो-जब वस्तु फोकस F1 पर रखी हो तो वस्तु का प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर अनन्त पर वास्तविक, वस्तु से बड़ा तथा उल्टा बनता है।
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(ii) जब वस्तु लेंस के फोकस तथा फोकस दूरी की दूरी के बीच स्थित हो-चित्र में AB वस्तु लेंस के फोकस F तथा उसकी फोकस दूरी की दो गुनी दूरी 2F के बीच स्थित है। प्रतिबिम्ब 2F और अनन्त के बीच लेंस के दूसरी ओर बनता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 10
यह प्रतिबिम्ब वास्तविक उल्टा तथा वस्तु से बड़ा बनता है।

प्रश्न 20.
उत्तल लेंस तथा अवतल लेंस की पहचान कैसे करोगे?
उत्तर –

उत्तल लेंसअवतल लेंस
1. यह लेंस बीच में मोटा तथा किनारों पर पतला होता है।1. यह लेंस बीच में से पतला तथा किनारों पर मोटा होता है।
2. यह प्रकाश किरणों को एक बिन्दु पर केन्द्रित करता है।2. यह प्रकाश पुंज को बिखेर देता है।
3. वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्त- विक, आभासी तथा उल्टा बनता है।3. वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी तथा सीधा बनता है।
4. इसे बायीं ओर हिलाने पर प्रतिबिम्ब दायीं ओर गति करता है।4. इसे बायीं ओर हिलाने पर प्रतिबिम्ब भी बायीं ओर गति करता है।

प्रश्न 21.
लेंस पर आपतित होने के पश्चात् प्रकाश किरण का अपवर्तन किस प्रकार होता है? समझाइए।
उत्तर-
लेंस द्वारा बने प्रतिबिम्ब की स्थिति निम्नलिखित किरणों द्वारा ज्ञात की जाती है

  1. मुख्य अक्ष के समान्तर आ रही किरण अपवर्तन के पश्चात् लेंस के मुख्य फोकस से होकर जाती है।
  2. प्रकाशीय केन्द्र से गुजरने वाली किरण अपने मार्ग से हटे बिना सीधी चली जाती है।
  3. मुख्य फोकस से गुजरने वाली किरण अपवर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समान्तर चली जाती है।

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प्रश्न 22.
किसी लेंस की क्षमता से क्या तात्पर्य है? इसका SI मात्रक लिखिए। कोई छात्र 40 सेमी फोकस दूरी का लेंस उपयोग कर रहा है तथा कोई अन्य छात्र-20 सेमी फोकस दूरी का लेंस उपयोग कर रहा है। इन दोनों लेंसों की प्रकृति और क्षमता लिखिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
लेंस की क्षमता-किसी लेंस की फोकस दूरी के व्युत्क्रमानुपात को उस लेंस की क्षमता कहते हैं।
P (लेंस की क्षमता) =\(\frac{1}{f}\)
इसका S.I. मात्रक डाइऑप्टर (D) है।

(i) लेंस की फोकस दूरी (f) = 40 cm = 0.4 m
इस लेंस की क्षमता (P) = \(\frac{1}{0.4}=\frac{10}{4}\) = + 2.5 D
प्रकृति-यह एक उत्तल लेंस है क्योंकि उत्तल लेंस की क्षमता धनात्मक (Positive) होती है।

(ii) इस लेंस की फोकस दूरी (f) = – 20 cm = -0.2 m
इस लेंस की क्षमता (P) = \(\frac{1}{-0.2}=\frac{-10}{4}\) = – 5.0 D
प्रकृति-यह एक अवतल लेंस है क्योंकि अवतल लेंस की क्षमता ऋणात्मक (Negative) होती है।

प्रश्न 23.
उत्तल लैंस द्वारा विभिन्न स्थितियों में रखी वस्तुओं के प्रतिबिम्ब की स्थिति, आकार और प्रकृति के लिए सारणी बनाइये।
उत्तर –
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प्रश्न 24.
4.0 सेमी ऊँचाई का कोई बिम्ब 20 सेमी फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र ‘O’ से 30 सेमी दूरी पर स्थित है। बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति और आकार ज्ञात करने के लिए किरण आरेख खींचिए। इस आरेख में प्रकाशिक केन्द्र ‘O’ तथा मुख्य फोकस ‘F’ अंकित कीजिए। प्रतिबिम्ब की ऊँचाई का लगभग अनुपात भी ज्ञात कीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
u= – 30,f= 20 सेमी, h = 4 सेमी
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
⇒ \(\frac{1}{v}-\frac{1}{(-30)}=\frac{1}{20}\)
⇒ \(\frac{1}{v}=\frac{1}{60}\)
⇒ v = 60 सेमी
m= \(\frac{v}{u}=\frac{h_i}{h_0}\) =-2= \(\frac{h_i}{4} \)
⇒ h1 = – 8 सेमी
अतः m = \(\frac{\mathrm{H}_{\text {प्रतिबिम्ब }}}{{ }^{H_{\text {विम्ब }}}}=\frac{8}{4}\) = 2:1
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
आपतित किरण, परावर्तित किरण, आपतन कोण, परावर्तन कोण तथा अभिलम्ब की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
(i) आपतित किरण-किसी दर्पण पर आकर आपतित होने वाली किरण. को आपतित किरण कहते हैं।
(ii) परावर्तित किरण-दर्पण पर टकराकर लौटने वाली प्रकाश किरण को परावर्तित किरण कहते हैं।
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(ii) अभिलम्ब-जिस बिन्दु पर आपतित एवं परावर्तित किरणें मिलती हैं, उस बिन्दु पर खींचा गया लम्ब अभिलम्ब कहलाता है।
(iv) आपतन कोण-आपतित किरण तथा अभिलम्ब के बीच बने कोण को आपतन कोण कहते हैं।
(v) परावर्तन कोण-परावर्तित किरण तथा अभिलम्ब के बीच बने कोण को परावर्तन कोण कहते हैं।

प्रश्न 2.
जब अनंत से अवतल दर्पण की ओर किसी वस्तु को बढ़ाया जाए तो बिम्बों की स्थिति और उनकी प्रकृति स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
(i) वस्तु अनंत पर-जब कोई वस्तु अनंत पर होती है तो उसका वास्तविक बिम्ब F पर बनता है। किरण मख्य अक्ष के समान्तर चल कर दर्पण से टकराकर परावर्तित होती है तथा फोकस F पर मिलती है। इस स्थिति में बिम्ब अति छोटा, वास्तविक और उल्टा बनता है।
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(ii) वस्तु अनंत व C के मध्य होने पर-वस्तु के C व अनंत के मध्य होने पर इसका वस्तु से छोटा, उल्टा एवं वास्तविक प्रतिबिम्ब F व C के बीच बनता है।
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(iii) जब वस्तु C पर हो-वस्तु के C पर होने पर वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा एवं समान आकार का बनता है।
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(iv) वस्तु F वC के बीच स्थित हो-जब वस्तु F व C के बीच हो तब AD मुख्य अक्ष के समांतर चलकर फोकस से गुज़रेगी तथा द्वितीय किरण की सहायता से वह वास्तविक, आवर्धित तथा उल्टा प्रतिबिम्ब बनाती है।
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(v) वस्तु F पर स्थित हो-जब वस्तु फोकस पर स्थित हो तो मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली किरण AD फोकस से गुजरेगी। दूसरी प्रकाशीय किरण की सहायता से , वह बहुत बड़ा, उल्टा और अनंत पर प्रतिबिम्ब बनाएगी।
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(vi) जब वस्तु P व F के बीच हो-जब कोई वस्तु P और F के बीच में हो तो किरण AD मुख्य अक्ष के समान्तर चलकर F से गुजरेगी तथा एक अन्य किरण E से टकराकर आभासी, सीधा और बड़ा बिम्ब बनाएगी।
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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 3.
गोलीय दर्पण किसे कहते हैं ? ये कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्येक के उपयोग लिखिए।
उत्तर-
गोलीय दर्पण (Spherical mirror)-गोलीय दर्पण किसी काँच के खोखले गोले के वे भाग होते हैं, जिनका एक तल पॉलिश किया हुआ होता है और दूसरा तल चमकदार होता है। चमकदार तल से प्रकाश का परावर्तन होता है।
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गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैं-
(i) अवतल दर्पण (Concave mirror) तथा
(ii) उत्तल दर्पण (Convex mirror)।
(i) अवतल दर्पण (Concave mirror) इस दर्पण में उत्तल पृष्ठ (उभरे हुए पृष्ठ) पर चाँदी की पॉलिश की जाती है तथा प्रकाश का परावर्तन अवतल तल से होता है।
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(ii) उत्तल दर्पण (Convex mirror)-इस दर्पण से अवतल पृष्ठ (दबे हुए पृष्ठ) पर चाँदी की पॉलिश की जाती है तथा प्रकाश का परावर्तन उत्तल तल से होता है।

गोलीय दर्पण के उपयोग (Uses of Spherical Mirror)-
अवतल दर्पण के उपयोग (Uses of concave mirror) –

  • फोकस और ध्रुव के बीच रखी वस्तु का सीधा व बड़ा प्रतिबिम्ब बनने के कारण इस दर्पण को दाढ़ी बनाने के समय प्रयोग किया जाता है।
  • कान, नाक व गले की जाँच करने के लिए डॉक्टरों द्वारा प्रयोग किया जाता है।
  • परावर्तक के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है।
  • परावर्तक दूरदर्शी में इसका प्रयोग किया जाता है।

उत्तल दर्पण के उपयोग (Uses of convex mirror)
(i) इस दर्पण द्वारा अधिक विस्तृत क्षेत्र का प्रतिबिम्ब कम स्थान में बनने के कारण इसे ट्रक चालक के पार्श्व में लगा दिया जाता है, जिससे पीछे की ओर के काफी क्षेत्र का स्पष्ट व सीधा प्रतिबिम्ब दिखायी पड़ता है। इस दर्पण का दृष्टि क्षेत्र विस्तृत होता है।
(ii) सड़क पर लगे लैम्पों के परावर्तक तल के रूप में इस दर्पण का प्रयोग करने से प्रकाश अधिक बड़े क्षेत्र में फैल जाता. है।

प्रश्न 4.
12 सेमी फोकस दूरी के अवतल दर्पण द्वारा किसी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब बनाने के लिए कहा गया है।
(i) दर्पण के सामने बिम्ब की दूरी का क्या परिसर होना चाहिए?
(ii) बनने वाला प्रतिबिम्ब आकार में बिम्ब से छोटा होगा अथवा बड़ा? इस प्रकरण में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए।
(ii) इस बिम्ब का प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा, यदि इसे दर्पण के सामने 24 सेमी दूरी पर रख दिया जाए? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए इस स्थिति के लिए भी किरण आरेख खींचिए।
उपरोद किरण आरेखों में ध्रुव, मुख्य फोकस और वक्रता केन्द्र की स्थितियों को भी दर्शाइए। (CBSE 2016)
उत्तर-
(i) अवतल दर्पण में किसी भी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब प्राप्त होगा यदि बिम्ब को दर्पण के ध्रुव तथा फोकस के मध्य रखा जाए।
फोकस, f= 12 सेमी
बिम्ब की दूरी का परिसर ‘P’ बिन्दु व ‘F’ बिन्दु के बीच होना चाहिए अर्थात् बिम्ब की दूरी 0 सेमी < 12 सेमी के मध्य होनी चाहिए।
(ii) बनने वाला प्रतिबिम्ब आकार में बिम्ब से बड़ा तथा सीधा बनेगा।
किरण आरेख :
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(iii) इस अवस्था में प्रतिबिम्ब भी दर्पण के सामने 24 सेमी पर बनेगा। इस दूरी पर प्रतिबिम्ब, बिम्ब के ठीक नीचे उल्टा बनेगा। इस प्रतिबिम्ब का img
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 24

प्रश्न 5.
(a) प्रकाश किरण आरेखों की रचना करते समय हम ऐसी दो किरणों को चुनते हैं, जिनकी दर्पण से परावर्तन के पश्चात् की दिशा ज्ञात करना सरल होता है। ऐसी दो किरणों की सूची बनाइए और अवतल दर्पण के प्रकरण में परावर्तन के पश्चात् इन किरणों के पथों का उल्लेख कीजिए। इन्हीं दो किरणों का उपयोग अवतल दर्पण के ध्रुव और फोकस के बीच स्थित किसी बिम्ब के प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकाश किरण आरेख खींचकर ज्ञात कीजिए।
(b) कोई अवतल दर्पण अपने सामने 20 सेमी दूरी पर स्थित किसी बिम्ब का तीन गुना आवर्धित प्रतिबिम्ब पर्दे पर बनता है। पर्दा बिम्ब से कितनी दूरी पर है? (CBSE 2017)
उत्तर-
(a)
(1) जब आपतित किरण मुख्य अक्ष के समानांतर होती है तो अपवर्तित किरण अवतल दर्पण के फोकस से होकर गुजरती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 25

(2) जब आपतित किरण अवतल दर्पण के फोकस से गुजरती है तो अपवर्तित किरण दर्पण के मुख्य अक्ष के समानान्तर होती है।
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(b) u=-20 cm, m = -3
m = –\(\left(\frac{v}{u}\right)\)
-3 = –\(\left(\frac{v}{-20}\right)\)
3x-20 = v
v= -60 सेमी
पर्दे की बिम्ब से दूरी = v-u = 60 – 20 =-40 सेमी

प्रश्न 6.
(a) यदि किसी दर्पण द्वारा उसके सामने स्थित बिम्ब का किसी भी स्थिति के लिए सदैव ही छोटा, सीधा और आभासी प्रतिबिम्ब बनता है, तो इस दर्पण की प्रकृति लिखिए और अपने उत्तर की पुष्टि के लिए किरण आरेख भी खींचिए। इस प्रकार के दर्पणों का एक उपयोग लिखिए तथा इनका उपयोग क्यों किया जाता है, उसका उल्लेख कीजिए।
(b) गोलीय दर्पणों की वक्रता त्रिज्या की परिभाषा लिखिए। किसी गोलीय दर्पण की प्रकृति और फोकस दूरी ज्ञात कीजिए, जिसकी वक्रता त्रिज्या + 24 सेमी है। (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) यदि किसी दर्पण द्वारा उसके सामने स्थित बिम्ब का किसी भी स्थिति के लिए सदैव ही छोटा, सीधा और आभासी प्रतिबिम्ब बनता है तो वह दर्पण उत्तल है। इस तरह के दर्पणों का उपयोग सामान्यतः वाहनों के पश्च-दृश्य दर्पणों के रूप में किया जाता है। इनमें ड्राइवर अपने पीछे के वाहनों को देख सकते हैं जिससे वे सुरक्षित रूप से वाहन चला सकें

रेखाचित्र
बिम्ब की स्थिति :- अनंत तथा दर्पण के ध्रुव P के बीच
प्रतिबिम्ब की स्थिति – P तथा F के बीच दर्पण के पीछे
प्रतिबिम्ब की प्रकृति = आभासी, सीधा तथा छोटा।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 27
(b) गोलीय दर्पण के ध्रुव से वक्रता केन्द्र तक की दूरी वक्रता त्रिज्या कहलाती है। गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ जिस गोले का भाग है, उसकी त्रिज्या दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहलाती है। अगर किसी दर्पण की वक्रता त्रिज्या 24 सेमी है, तो उसकी फोकस दूरी R/2 होगी।
f= \(\frac{24}{2}\) = +12 cm, यह दर्पण एक उत्तल दर्पण है।

प्रश्न 7.
सिद्ध कीजिए कि वायु के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक, काँच के सापेक्ष वायु के अपवर्तनांक का व्युत्क्रम होता है। अथवा प्रकाश-किरणों की उत्क्रमणीयता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
माना कि वायु में चलती एक प्रकाश-किरण OA एक काँच के गुटके PQRS पर गिरती है। यह किरण तल PQ पर अपवर्तित होकर काँच में AB दिशा में चली जाती है। इस प्रकार वायु में आपतित किरण OA है तथा काँच में अपवर्तित किरण AB है। यदि वायु में आपतन कोण i तथा काँच में अपवर्तन कोण । हो, तो वायु के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक
ang = \(\frac{\sin i}{\sin r}\) …………………… (i)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 28
इसके विपरीत, यदि काँच के भीतर प्रकाश-किरण BA दिशा में चले तब वह तल PQ पर अपवर्तित होकर वायु में AO दिशा में जाएगी। इस स्थिति में काँच में आपतन कोण r होगा तथा वायु में अपवर्तन कोण i होगा। अतः जब प्रकाश-किरण काँच से वायु में जाती है तो काँच के सापेक्ष वायु का अपवर्तनांक
gna = \(\frac{\sin r}{\sin i}\) ……………………….. (ii)
समीकरण (i) एवं (ii) की तुलना करने पर,
ang= \(\frac{1}{{ }_g n_a} \)
अर्थात् वायु के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक, काँच के सापेक्ष वायु के अपवर्तनांक का व्युत्क्रम होता है। यदि वायु के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक \(\frac{3}{2}\) है, तो काँच के सापेक्ष वायु का अपवर्तनांक \(\frac{2}{3}\) होगा।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 8.
पार्श्व विस्थापन से क्या तात्पर्य है? सिद्ध कीजिये कि दो समान्तर पृष्ठों वाले काँच के गुटके से निकलने वाली किरण आपतित किरण के समान्तर होती (CBSE 2020)
उत्तर-
पार्श्व विस्थापन (Lateral Displacement)जब कोई प्रकाश-किरण समान्तर पृष्ठों वाले काँच के गुटके पर गिरती है तो अपवर्तन के पश्चात् गुटके के दूसरे पृष्ट से बाहर निकलने पर उसकी दिशा में कोई अन्तर नहीं पड़ता, परन्तु उसके मार्ग में कुछ विस्थापन आ जाता है। इसे ‘पार्श्व विस्थापन’ कहते हैं।

माना कि कोई प्रकाश-किरण OA एक काँच के गुटके PQRS पर आपतन कोण i बनाती हुई गिरती है। गुटके के पहले पृष्ठ PQ पर अपवर्तन के पश्चात् यह किरण अभिलम्ब की ओर झुक जाती है तथा इसकी दिशा AB हो जाती है। माना कि अपवर्तन कोण r है। चूँकि गुटके के दोनों पृष्ठ समान्तर हैं, अतः किरण AB गुटके के दूसरे पृष्ठ SR पर आपतन कोण बनाती हुई गिरती है तथा अपवर्तन के पश्चात् अभिलम्ब से दूर हट जाती है। माना वायु में निकलने पर निर्गत किरण BC, अभिलम्ब से निर्गत कोण e बनाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 29
पृष्ठ PQ पर प्रकाश-किरण वायु से काँच में जा रही है। अत: वायु के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक
ang = \(\frac{\sin i}{\sin r}\) ………………….. (i)
पृष्ठ SR पर किरण काँच से वायु में जा रही है। अतः काँच के सापेक्ष वायु का अपवर्तनांक
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 30
अतः स्पष्ट है कि दो समान्तर पृष्ठों वाले काँच के गुटके से निकलने वाली किरण आपतित किरण के समान्तर होती है।

प्रश्न 9.
(a) किसी अवतल लेंस द्वारा उसके सामने रखे किसी बिम्ब का प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए।
(b) उपर्युक्त आरेख में बिम्ब-दूरी, प्रतिबिम्ब दूरी को इनके उचित चिह्न (नई कार्तीय चिह्न परिपाटी के अनुसार धनात्मक (+) अथवा ऋणात्मक (-) सहित दर्शाइए और उल्लेख कीजिए कि इस प्रकरण में ये दूरियाँ अवतल लेंस की फोकस दूरी () से किस प्रकार संबंधित हैं।
(c) उस लेंस की प्रकृति और क्षमता ज्ञात कीजिए, जो अपने प्रकाशिक केन्द्र से 40 सेमी दूरी पर स्थित किसी बिम्ब का -1 आवर्धन का प्रतिबिम्ब बनाता है। (CBSE 2016)
उत्तर-
(a)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 31
(b) बिम्ब दूरी (u) = – u
प्रतिबिम्ब की दूरी (v) = – v
फोकस दूरी (f) =-f
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)

(c) दिया गया है – m = – 1, u = – 40 सेमी
m = \(\frac{v}{u}\)
⇒ -1 = \(\frac{v}{-40}\)
v = 40 सेमी
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
= \(\frac{1}{40}-\frac{1}{-40} \)
f = 20 सेमी = 0.2 मी.
P= \(\frac{1}{f}=\frac{1}{0.20}\) =5D
यह लेंस एक उत्तल लेंस हैं, क्योंकि उत्तल लेंस वास्तविक और उल्टा प्रतिबिम्ब बनाता है।

प्रश्न 10.
उत्तल लेंस के प्रकरण में बिम्ब दरी (u) के साथ प्रतिबिम्ब दूरी (v) में विचरण को दर्शाने वाली नीचे दी गयी प्रेक्षण तालिका का विश्लेषण कीजिए और परिकलन किए बिना ही निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 32
(a) उत्तल लेंस की फोकस दूरी क्या है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए कारण लिखिए।
(b) उस प्रेक्षण की क्रम संख्या लिखिए जो सही नहीं है। यह निष्कर्ष आपने किस आधार पर निकाला है?
(c) कोई भी उचित पैमाना लेकर प्रेक्षण संख्या 4 के लिए प्रकाश किरण आरेख खींचिए और आवर्धन का लगभग मान ज्ञात कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) क्रम संख्या 3 से हमें यह ज्ञात होता है कि लेंस की त्रिज्या 30 cm है क्योंकि जब उत्तल लेंस में बिम्ब c पर रखा जाता है तो लैंस से बिम्ब और प्रतिबिम्ब की दूरी समान होती है। फोकस दूरी हमेशा त्रिज्या की आधी होती है तो इस लेंस की फोकस दूरी + 15 cm होगी।
(b) संख्या 6 सही नहीं है क्योंकि बिम्ब की दूरी F और P के बीच है। इस तरह की स्थिति के लिए प्रतिबिम्ब हमेशा आभासी होता है, लेकिन इस स्थिति में प्रतिबिम्ब वास्तविक है, क्योकि प्रतिबिम्ब की दूरी धनात्मक हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 33
m = \(\frac{v}{u} \)
v = +60 cm
u = -20 cm
m = \(\left(\frac{60}{-20}\right)\) =-3

प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रेक्षण सारणी का विश्लेषण कीजिए जिसमें उत्तल लेंस की स्थिति में बिम्ब दूरी (u) के साथ प्रतिबिम्ब दूरी (v) का विचरण दर्शाया गया है, और बिना कोई परिकलन किए ही निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 34
(a) उत्तल लेंस की फोकस दूरी क्या है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए कारण दीजिए।
(b) उस प्रेक्षण की क्रम संख्या लिखिए जो सही नहीं है। यह निष्कर्ष आपने किस आधार पर निकाला है।
(c) किसी उचित पैमाने को चुनकर क्रम संख्या 2 के प्रेक्षण के लिए किरण आरेख खींचिए। आवर्धन का लगभग मान भी ज्ञात कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) इस उत्तल लेंस की फोकस दूरी + 20 cm होगी, क्योंकि इस सारणी में तीसरी क्रम संख्या में बिम्ब और प्रतिबिम्ब दूरी समान है, तो हमें यह ज्ञात होता है कि R = 40
फोकस दूरी हमेशा इसकी आधी होती है इसलिए फोकस दूरी + 20 cm होगी।
(b) क्रम संख्या 6 सही नहीं है क्योंकि u =- 15 cm और इस केस में प्रतिबिम्ब आभासी बनता है न कि वास्तविक।
(c) HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 35
आवर्धन का लगभग मान
m = \( \begin{aligned}&\frac{v}{u} \\= &\frac{30}{-60}=-\frac{1}{2}=\end{aligned}\) = -0.5

प्रश्न 12.
अवतल लैंस द्वारा किसी वस्तु का निम्न स्थितियों में बना प्रतिबिम्ब कैसा होगा ? किरण आरेख भी बनाइए।
(a) जब वस्तु अनन्त पर हो।
(b) जब वस्तु 2F तथा F1 के मध्य हो।
उत्तर-
(a) जब वस्तु अनन्त पर हो-अनन्त से आने वाली मुख्य अक्ष के समान्तर किरणे अपवर्तन के पश्चात् अपसारित हो (फैल) जाती हैं तथा फोकस F1 से निकलती प्रतीत होती हैं अतः प्रतिबिम्ब सीधा, आभासी व अत्यधिक छोटा फोकस F1 पर बनता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 36
(b) जब वस्तु 2F व F1 के मध्य हो-वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा, छोटा तथा फोकस F1 तथा प्रकाशिक केन्द्र के बीच बनता है।
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आकिक प्रश्न (Numerical Questions)
उत्तल दर्पण पर आधारित प्रश्न (Problems on Based Convex Mirror)

विशेष तथ्य-
1. उत्तल दर्पण के प्रश्नों को हल करने के लिये चि परिपाटी
f= + (धनात्मक) तथा 0 = + (वस्तु का आकार)
v=+ (धनात्मक) I = + (प्रतिबिम्ब का आकार)
u= – (ऋणात्मक)
m = + (धनात्मक) सदैव 1 से छोटा
2. अज्ञात राशि का चिन्ह प्रश्न के हल करने में नहीं लिया जाता है वह प्रश्न हल करने के पश्चात् स्वयं निकल कर आता है।

प्रश्न 1.
25 सेमी फोकस दूरी के उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
हल : प्रश्नानुसार, फोकस दूरी f= 25 सेमी
वक्रता. त्रिज्या R = ?
∴ वक्रता त्रिज्या R=2f
= 2 x 25
R=50 सेमी

प्रश्न 2.
उत्तल दर्पण से 40 cm दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब 10 cm दूर बनता है। उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए तथा सम्बन्धित किरण आरेख भी बनाइए।
हल : वस्तु से दर्पण की दूरी u = – 40 cm
प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी v = 10 cm
माना दर्पण की फोकस दूरी f है, अतः
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\)
\( =\frac{1}{-40}+\frac{1}{10}\)
\(=\frac{-1+4}{40}=\frac{3}{40}\)
∴ फोकस दूरी f = \(\frac{40}{3}\) =13.3 cm
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प्रश्न 3.
एक उत्तल दर्पण की फोकस दूरी 20 cm है। इस दर्पण से 25 cm दूर रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब की स्थिति ज्ञात कीजिए।
हल :
प्रश्नानुसार, उत्तल दर्पण की फोकस दूरी (f) = 20 cm
वस्तु की दर्पण से दूरी (u) = – 25 cm
दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी (v) = ?
∵ \(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\)
∴ \(\frac{1}{-25}+\frac{1}{v}=\frac{1}{20}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{1}{20}+\frac{1}{25}=\frac{5+4}{100}=\frac{9}{100}\)
अतःv = \(\frac{100}{9} \) =+11.1cm
अतः प्रतिबिम्ब उत्तल दर्पण के पीछे 11.1 cm दूरी पर बनता है।

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प्रश्न 4.
एक उत्तल दर्पण से 25 cm दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब वस्तु की लम्बाई का आधा बनता है। दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
हल : प्रश्नानुसार,
वस्तु की उत्तल दर्पण से दूरी u = – 25 cm
आवर्धन (m) = img
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 39

∴ फोकस दूरी f= 25 cm

प्रश्न 5.
6 cm लम्बाई की एक कील उत्तल दर्पण के सामने 20 cm दूर रखी है। यदि इस दर्पण की फोकस दूरी 10 cm हो तो कील के प्रतिबिम्ब की लम्बाई तथा स्थिति ज्ञात कीजिए।
हल :
प्रश्नानुसार,
वस्तु की लम्बाई h = 6 cm
कील की उत्तल दर्पण से दूरी = -20 cm
दर्पण की फोकस दूरी f= + 10cm
कील के प्रतिबिम्ब की लम्बाई v = ?
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 40
h’= 2 cm
अतः प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे 6.67 cm दूरी पर 2 cm लम्बाई का बनेगा।

अवतल दर्पण पर आधारित प्रश्न । (Problems Based on Concave Mirror)
विशेष तथ्य
1. अवतल दर्पण के लिये चि परिपाटी
f= – (ऋणात्मक)
u = – (ऋणात्मक)
v = – लेकिन जब u m = लेकिन जब u 2. अज्ञात राशि का चिन्ह नहीं लेते, वह स्वयं प्रश्न को हल करते समय निकलकर आता है।

प्रश्न 6.
एक अवतल दर्पण से 20 cm दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब 30 cm दूर बनता है। दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
हल :
प्रश्नानुसार, दर्पण से वस्तु की दूरी u = -20 cm
प्रतिबिम्ब की दूरी v = -30 cm
फोकस दूरी (f) = ?
∴ \(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\)
= \(-\frac{1}{20}-\frac{1}{30}=\frac{-3-2}{60}=\frac{-5}{60}\)
‘या \(\frac{1}{f}=-\frac{1}{12}\) या f=-12cm
अतः अवतल दर्पण की फोकस दूरी 12 cm होगी।

प्रश्न 7.
एक अवतल दर्पण की फोकस दूरी 25 cm है। दर्पण से 20 cm की दूरी पर रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब की स्थिति एवं प्रकृति बताइए।
हल : प्रश्नानुसार,
अवतल दर्पण की फोकस दूरी f= – 25 cm
अवतल दर्पण से वस्तु की दूरी u = – 20 cm
प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी v = ?
∴ \(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\)
∴ \(\frac{-1}{20}+\frac{1}{v}=-\frac{1}{25}\)
∴ \(\frac{1}{v}=-\frac{1}{25}+\frac{1}{20}=\frac{-4+5}{100}=\frac{1}{100}\)
∴ v= 100 cm

अतः प्रतिबिम्ब दर्पण से 100 cm की दूरी पर बनेगा।
आवर्धन (m) = \(-\frac{v}{u}=-\frac{100}{-(20)}\) = 5
अतः प्रतिबिम्ब दर्पण से 100 cm दूर, सीधा तथा वस्तु से 5 गुना बनता है। चूँकि प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है। अतः प्रतिबिम्ब आभासी है।

प्रश्न 8.
एक अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या 60 cm है। 4 cm लम्बी एक वस्तु दर्पण से 45 cm दूर रखी है। प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल : प्रश्नानुसार ,
अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या R = – 60 cm
वस्तु की लम्बाई (h) = 4 cm
वस्तु की दर्पण से दूरी u = – 45 cm
(i) अवतल दर्पण की फोकस दूरी f= – \(\frac{60}{2}\) =-30
∴ सूत्र \(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\) से,
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 41
v=-90 cm
अतः प्रतिबिम्ब दर्पण से 90 cm दूर बनेगा।

(ii) माना प्रतिबिम्ब की लम्बाई h है
\(\frac{h^{\prime}}{h}=-\frac{v}{u} \)
\(\frac{h^{\prime}}{u}=-\frac{90}{-45} \)
\(\frac{h^{\prime}}{u}=-\frac{2}{1} \)
या h= – 8 cm
अतः प्रतिबिम्ब की लम्बाई 8 cm होगी।

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प्रश्न 9.
12 cm फोकस दूरी वाले अवतल दर्पण के सामने 4 cm लम्बी वस्तु कहाँ रखी जाए कि उसका 1 cm लम्बा.प्रतिबिम्ब बने ?
हल :
प्रश्नानुसार, अवतल दर्पण की फोकस दूरी f= – 12 cm
वस्तु की लम्बाई h = 4 cm
प्रतिबिम्ब की लम्बाई h’ = 1 cm
माना वस्तु को u cm दूर रखा जाए।

अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब वस्तु से छोटा बन रहा है। इसलिए प्रतिबिम्ब उल्टा तथा वास्तविक होगा। अतः प्रतिबिम्ब की लम्बाई ऋणात्मक रखेंगे
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अतः अवतल दर्पण से वस्तु को 60 cm दूर रखा जाए।

प्रश्न 10.
कोई 6 सेमी लम्बा बिम्ब 30 सेमी फोकस दूरी के अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के लम्बवत् स्थित है। दर्पण से बिम्ब की दूरी 45 सेमी है। दर्पण सूत्र का उपयोग करके बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति और आकार निर्धारित कीजिए। इस प्रकरण में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए नामांकित किरण आरेख भी खींचिए।
अथवा
6 सेमी आकार का कोई बिम्ब 30 सेमी फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के सामने 50 सेमी दूरी पर स्थित है। इस बिम्ब का तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए पर्दै को लेंस से कितनी दूरी पर रखा जाना चाहिए? प्रतिबिम्ब की प्रकृति और आकार ज्ञात कीजिए। इस प्रकरण में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए नामांकित किरण आरेख भी खींचिए।
हल :
दिया है, बिम्ब की ऊँचाई h = 6 सेमी, फोकस दूरी f=-30 सेमी
बिम्ब की दूरी (दर्पण से) v = – 45 सेमी
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 44
अवतल दर्पण से बिम्ब की दूरी = – 90 सेमी। \
वस्तु का आकार = 6 सेमी,
प्रतिबिम्ब का आकार = ?
सूत्र आवर्धन m = –\(\frac{v}{u} \)
\(-\frac{90}{45}\) =-2
nc=-2 x 6 सेमी
= – 12 सेमी
प्रतिबिम्ब = वास्तविक, उल्टा एवं बड़ा होगा।
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अथवा
दिया है, f= 30 सेमी, u = – 50 सेमी, h = 6.0 सेमी AM
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प्रश्न 11.
किसी दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब, वास्तविक, उल्टा और -1 आवर्धन का है। यदि प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी 40 cm है, तो बिम्ब कहाँ स्थित है? यदि बिम्ब को दर्पण की ओर 20 cm स्थानांतरित कर दिया जाए, तो प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए कारण दीजिए तथा बिम्ब की नई स्थिति के लिए किरण आरेख खींचिए। (CBSE 2016)
हल-
आवर्धन, m = – 1; प्रतिबिाय बास्तविक तथा उल्टा है; प्रतिबिम्ब की दूरी = – 40 cm
यह दर्पण अवतल है।
∵ प्रतिबिम्ब वास्तविक है।
\(\frac{-v}{u}=m \quad \Rightarrow \frac{-(-40)}{u}=-1\)
⇒ u = \(\frac{-(-40)}{-1}\)
⇒ u = -40 cm
∵ बिम्ब दर्पण के सामने 40 cm की दूरी पर स्थित है।
इस अवस्था में, बिम्ब और प्रतिबिम्ब दोनों दर्पण के सामने एक ही बिन्दु ‘C’ पर स्थिति है। जब बिम्ब को दर्पण की और 20 cm पर स्थानान्तरित किया जाता है तो वह दर्पण के ‘F’ बिन्दु पर स्थिति होगा। अब प्रतिबिम्ब दर्पण के सामने अनंत दूरी (Infinity) पर बनेगा।
दर्पण सूत्र द्वारा,
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}=\frac{1}{u} \Rightarrow \frac{1}{f}=\frac{1}{-40}+\frac{1}{-40} \)
⇒\(\frac{1}{f}=\frac{-1}{40}-\frac{1}{40} \Rightarrow \frac{1}{f}=\frac{-2}{40}=\frac{-1}{20} \)
⇒ f=-20 cm
दूसरी स्थिति :f=-20 cm; u = -20 cm; v= ?
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 47
∴ अतः प्रतिबिम्ब दर्पण के सामने अनंत पर बनेगा।

प्रश्न 12.
कोई 3 cm ऊँचाई का बिम्ब 12 cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 18 cm दूरी पर स्थित है। इस दर्पण से किसी पर्दे को कितनी दूरी पर रखा जाना चाहिए ताकि इस पर्दे पर बिम्ब का स्पष्ट प्रतिबिम्ब दिखाई दे। प्रतिबिम्ब की ऊँचाई भी परिकलित कीजिए। (CBSE 2017)
हल: f = -12
u = -18
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}+\frac{1}{u}\)
\(\frac{1}{-12}=\frac{1}{v}+\frac{1}{-18}\)
\(\frac{1}{18}-\frac{1}{12}=\frac{1}{v} \)
\(\frac{2-3}{36}=\frac{1}{v} \)
v = -36 cm
m = \(\frac{-v}{u}=\frac{-(-36)}{-18}\)
m = -2
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 48
m = \(\frac{H_i}{3}\)
प्रतिबिम्ब की ऊँचाई = – 2 × 3
प्रतिबिम्ब की ऊँचाई = – 6 cm

प्रश्न 13.
किसी दर्पण से 30 cm दूरी पर स्थित मोमबत्ती की ज्वाला का प्रतिबिम्ब दर्पण के सामने उसके ध्रुव से 60 cm दूरी पर स्थित पर्दे पर बनता है। दर्पण की प्रकृति क्या है? इसकी फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। यदि ज्वाला की ऊँचाई 2.4 cm है, तो इसके प्रतिबिम्ब की ऊँचाई ज्ञात कीजिए। उल्लेख कीजिए कि यह प्रतिबिम्ब सीधा होगा अथवा उल्टा। (CBSE 2017)
हल :
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}+\frac{1}{u}\)
= \(\frac{1}{-60}+\frac{1}{-30}\)
\(\frac{1}{f}=\frac{-1-2}{60}\)
∴ f=-20
m = \(-\left(\frac{v}{u}\right)=-\left(\frac{-60}{-30}\right)\)
m =-2
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 49
प्रतिबिम्ब की ऊँचाई = 2 x (-2.4) =- 4.8 cm
यह एक अवतल दर्पण है। यह प्रतिबिम्ब उल्टा बनेगा।

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प्रश्न 14.
4 cm आकार का कोई बिम्ब 15.0 फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 25.0 cm दूरी पर स्थित है।
(i) इस दर्पण के सामने किसी पर्दे को कितनी दूरी पर रखा जाए ताकि उस पर बिम्ब का तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब बने।
(ii) बनने वाले प्रतिबिम्ब का आकार ज्ञात कीजिए।
(ii) इस प्रकरण में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए किरण आरेख दीजिए। (CBSE 2020)
हल : दिया है, बिम्ब का आकार, h1 = 4 cm
u=-25 cm,f=- 15 cm,v= ?
(i) दर्पण सूत्र द्वारा,
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 50
इसलिए इस प्रतिबिम्ब को प्राप्त करने के लिए पर्दे को दर्पण के सामने 37.5 cm दूरी पर रखना चाहिए।
(ii) प्रतिबिम्ब आकार (h2) = ?
\(\frac{h_2}{h_1}=\frac{-v}{u} \Rightarrow \frac{h_2}{4}=\frac{-\left(\frac{-75}{2}\right)}{-25}\)
∴ h2 = \(\frac{-75}{2 \times 25} \times 4\) = – 6cm
प्रतिबिम्ब का आकार 6 cm होगा, (-) चिन्ह दर्शाता है कि प्रतिबिम्ब उल्टा बनता है।

(iii)
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विशेष तथ्य
1. उत्तल लेंस के लिये चिन्ह परिपाटी
f(फोकस दूरी) =+
u (वस्तु की दूरी) =
v (प्रतिबिम्ब की दूरी) = + लेकिन जब u O (वस्तु का आकार) =+ धनात्मक
प्रतिबिम्ब का आकार = – ऋणात्मक लेकिन जब m = – (ऋणात्मक) लेकिन जब u <fसे तब m = +
2. प्रश्न को हल करते समय अज्ञात राशि का चि नहीं रखते वह प्रश्न को हल करते समय स्वयं निकल कर आता है।

प्रश्न 15.
0.12 मीटर फोकस दूरी के उत्तल लेंस से वस्तु का 3 गुना वास्तविक प्रतिबिम्ब पर्दे पर प्राप्त करने के लिए वस्तु को लेंस से कितनी दूर रखना पड़ेगा?
हल : प्रश्नानुसार, उत्तल लेंस की फोकस दूरी,f= 0.12
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 52
माना वस्तु को उत्तल लेंस से 4 मीटर दूर रखा जाए।
m=\(\frac{u}{v}\) =-3
वास्तविक प्रतिबिम्ब के लिए आवर्धन क्षमता ऋणात्मक लेते हैं जो विशेष तथ्य में स्पष्ट है।
या \(\frac{v}{u}=-\frac{3}{1}\)
या v=-3u
सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
या \(\frac{1}{0.12}=\frac{1}{-3 u}-\frac{1}{u}\)
या \(\frac{1}{0.12}=\frac{-1-3}{3 u} \)
या \(\frac{1}{0.12}=-\frac{4}{3 u} \text { या } u=\frac{-0.12 \times 4}{3}=-0.16 \)
अतः वस्तु को लेंस से 0.16 मीटर दूर रखा जायेगा।

प्रश्न 16.
एक उत्तल लेंस से 15 cm दूर रखी वस्तु का चार गुना बड़ा वास्तविक प्रतिबिम्ब बनता है। उत्तल लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
हल :
प्रश्नानुसार,
वस्तु की उत्तल लेंस से दूरी u = – 15 cm
आवर्धन (m)=-4
माना उत्तल लेंस की फोकस दूरी f cm है।
m = \(\frac{v}{u}\) = -4 ;
\(\frac{v}{-15}\) = -4
∴ v= 60 cm .
लेंस के सूत्र
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{60}-\frac{1}{-15}\)
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{60}+\frac{1}{15}=\frac{5}{60}=\frac{1}{12}\)
f= 12 cm
अतः लेंस की फोकस दूरी 12 cm होगी।

प्रश्न 17.
(a) 10 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के आधे भाग को काले काग़ज से ढक दिया गया है। क्या यह लेंस 30 cm दूरी पर स्थित बिम्ब का पूरा प्रतिबिम्ब बना सकता है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए एक किरण आरेख खींचिए।
(b) कोई 4 cm लम्बा बिम्ब 20 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के मुख्य अक्ष के लम्बवत् रखा है। बिम्ब की लेंस से दूरी 15 cm है। प्रतिबिम्ब की प्रकृति, स्थिति और आकार ज्ञात कीजिए। [CBSE 2015]
हल:
(a) हाँ, क्योंकि बिम्ब से जाने वाली प्रकाश किरणों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, केवल बनने वाले प्रतिबिम्ब की तीव्रता कम हो जाती है।
(b) बिम्ब की लम्बाई (O) = + 4 सेमी.
लैन्स की फोकस दूरी (f) = 20 सेमी.
बिम्ब की लैंस से दूरी = (u) = -15 सेमी.

लैन्स सूत्र से-
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आवर्धन के सूत्र m= \(\frac{\mathrm{I}}{\mathrm{O}}=\frac{v}{u}\) = “से.
\(\frac{I}{4}=\frac{-60}{-15}\)
∴ I =4×4= 16 सेमी
अतः प्रतिबिम्ब आभासी सीधा व वस्तु से बड़ा बनता है।

प्रश्न 18.
एक मोमबत्ती तथा पर्दे के बीच की दूरी 90 cm है। इसके मध्य 20 cm फोकस दूरी वाला उत्तल लेंस कहाँ रखा जाए कि मोमबत्ती का वास्तविक, उल्टा प्रतिबिम्ब पर्दे पर बने।
हल:
प्रश्नानुसार, u+y= 90 cm
माना वस्तु से लेंस की दूरी u = – x cm
अतः लेंस से प्रतिबिम्ब (पर्दै) की दूरी
v = (90-x) cm
अतः लेंस के सूत्र से –
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 54
(x-60) (x-30) = 0
अतःx-60 = 0
∴ x = 60
अत: वस्तु की लेंस से दूरी 60 cm होगी।
प्रतिबिम्ब पर्दे की लेंस से दूरी 90 – x = 90 – 60 = 30 cm होगी।

विशेष तथ्य –
1. अवतल लेंस के लिये चिन्ह परिपाटी
f(फोकस दूरी) = — (ऋणात्मक)
(वस्तु की दूरी) = – (ऋणात्मक) ।
(प्रतिबिम्ब की दूरी) = – (ऋणात्मक)
वस्तु का आकार (O) = + धनात्मक
प्रतिबिम्ब का आकर (h’) = धनात्मक (+ 1)
m (आवर्धन) = + धनात्मक
2. अज्ञात राशि का चिन्ह नहीं लेते, वह स्वयं प्रश्न को हल करते समय निकलकर आता है।

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प्रश्न 19.
एक अवतल लेंस की फोकस दूरी 15 cm है। इस लेंस से 10 cm दूर रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा प्रकृति बताइए।
हल:
प्रश्नानुसार, अवतल लेंस की फोकस दूरी (f)= – 15 cm
वस्तु की अवतल लेंस से दूरी (u) = – 10 cm
लेंस से प्रतिबिम्ब की दूरी (v) = ?
लेंस के सूत्र
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 55
या v=-6 cm
ऋण चि से स्पष्ट है कि प्रतिबिम्ब वस्तु की ओर बनता है तथा लेंस से 6 cm दूर, आभासी, छोटा व सीधा बनता है।

प्रश्न 20.
कोई बिम्ब 30 सेमी फोकस दूरी के किसी अवतल लेंस से 60 सेमी दूरी पर स्थित है।
(i) लेंस सूत्र का उपयोग करके लेंस से प्रतिबिम्ब की दूरी ज्ञात कीजिए।
(ii) इस प्रकरण में बनने वाले प्रतिबिम्ब के चार अभिलक्षणों (प्रकृति, स्थिति, आकार, सीधा/उल्टा) की सूची बनाइए।
(iii) भाग (ii) में दिए गए अपने उत्तर की पुष्टि के लिए किरण आरेख खींचिए। (CBSE 2019)
हल:
(i) f=-30 सेमी, u =-60 सेमी लेंस सूत्र से,
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
\(-\frac{1}{30}=\frac{1}{v}-\frac{1}{(-60)}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{1}{-30}-\frac{1}{60}\)
⇒ \(\frac{1}{v}=\frac{-2-1}{60}\)
v = \(-\frac{60}{3}\) = -20 सेमी

(ii) हम जानते हैं- m= \(\frac{h^{\prime}}{h}=\frac{v}{u}\)
m = \(\frac{-20}{-60}=\frac{1}{3}\)
इससे तात्पर्य है कि प्रतिबिम्ब आभासी, वस्तु की ओर प्रकाशीय केन्द्र व फोकस के मध्य, वस्तु के आकार का 1e3 बनेगा। प्रतिबिम्ब सीधा बनेगा।
(iii)
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प्रश्न 21.
अनन्त से आने वाली किरणें जब अवतल लेंस पर पड़ती हैं तो लेंस से 30 सेमी. की दूरी पर प्रतिबिम्ब बनता हुआ प्रतीत होता है। जब इस लैंस के सामने 3 सेमी. ऊँचा बिम्ब, लेंस से 15 सेमी. की दूरी पर रखा जाता है तो बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति एवं आकार की गणना कीजिये।
हल:
सर्वप्रथम –
u= – ∞
v=- 30 सेमी
f=?
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{-30}+\frac{1}{\infty}\)
\(\frac{1}{f}=-\frac{1}{30}\)
f=-30 cm
अत: h = 3 सेमी., h’ = ?
u=- 15 सेमी.

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अतः प्रतिबिम्ब लेंस से 10 सेमी. की दूरी पर उसी तरफ बनता है जिस तरफ बिम्ब रखा है। प्रतिबिम्ब का आकार 2 सेमी बनता हुआ प्रतीत होता है।

प्रश्न 22.
2.5 cm ऊँचाई का कोई बिम्ब 10 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र ‘0’ से 15 cm दूरी पर स्थित है। बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति और साइज़ ज्ञात करने के लिए किरण आरेख खींचिए। इस आरेख में प्रकाशिक केन्द्र ‘0’, मुख्य फोकस F तथा है. प्रतिबिम्ब की ऊँचाई अंकित कीजिए।
हल :
(i) h = 2.5 cm, u=-15 cm,
f= 10 cm, v=?, h = ?
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}, \frac{1}{v}=\frac{1}{f}+\frac{1}{u}\)
∴ \(\frac{1}{v}=\frac{1}{10}+\frac{1}{-15}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{3-2}{30} \Rightarrow \quad \frac{1}{v}=\frac{1}{30}\)
∴ v=30 cm
प्रतिबिम्ब की स्थिति में, लेंस के दूसरी तरफ 30 cm दूरी पर।
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प्रतिबिम्ब का आकार = 5 cm (उल्टा बनेगा)
(ii)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 59

प्रश्न 23.
यदि किसी लेंस की फोकस दूरी 0.2 मीटर हो तो उसकी क्षमता चिह्न सहित ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रश्नानुसार, लेंस की फोकस दूरी (f) = 0.2
मीटर लेंस की क्षमता (P) = ?
∴ लेंगी :. लेंस की क्षमता (P) = \(\frac{1}{f(\text { मी) में }}=\frac{1}{0.2} \)
अतः P=+5 डायोप्टर

प्रश्न 24.
25 cm फोकस दूरी के अवतल लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिए।
हल:
अवतल लेंस की क्षमता (P) = \(\frac{100}{f(\mathrm{~cm} \text { में) }}=\frac{100}{-25} \)
P=-4D

प्रश्न 25.
एक अभिसारी लैंस जिसकी क्षमता +2.5D है, जिसे एक अपसारी लैंस जिसकी क्षमता – 3.0 D है के सम्पर्क में रखा जाता है। इस संयोजन से बने लैंस की क्षमता तथा फोकस दूरी की गणना कीजिए।
हल : अभिसारी लैंस की क्षमता (P1) = + 2.5 D
अपसारी लैंस की क्षमता (P2) = – 3.0 D
संयोजन की क्षमता (P) = P1 + P2
=+2.5-3.0
=-0.5D
संयोजन की फोकस दूरी (F) = \(\frac{100}{P}\) सेमी.
= \(\frac{100}{-0.5}\) =-200 सेमी.

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. समतल दर्पण का आवर्धन होता है
(a) +1
(b)-1
(c) 0
(d).
उत्तर-
(a)
+1.

2. दूर स्थित किसी ऊँची इमारत के प्रतिबिम्ब को निश्चित रूप से किसके द्वारा देखा जा सकता है –
(a) अवतल दर्पण
(b) उत्तल दर्पण
(c) समतल दर्पण
(d) अवतल और समतल दर्पण।
उत्तर-
(b) उत्तल दर्पण।

3. टॉर्च, सर्चलाइट और वाहनों के अग्रदीपों में बल्ब लगाए जाते हैं –
(a) परावर्तक के ध्रुव एवं फोकस के बीच
(b) परावर्तक के फोकस के बहुत निकट
(c) परावर्तक के फोकस एवं वक्रता केन्द्र के बीच
(d) परावर्तक के वक्रता केन्द्र पर।
उत्तर-
(b) परावर्तक के फोकस के बहुत निकट।

4. अवतल दर्पण द्वारा किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी सीधा तथा वस्तु से बड़ा बनता है तब वस्तु की स्थिति होगी –
(a) वक्रता केन्द्र पर
(b) वक्रता केन्द्र से परे
(c) फोकस तथा वक्रता के बीच में
(d) दर्पण के ध्रुव तथा फोकस के बीच में।
उत्तर-
(d) दर्पण के ध्रुव तथा फोकस के बीच में।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

5. किसी वस्तु को अवतल दर्पण और फोकस के बीच रखा जाता है, प्रतिबिम्ब बनेगा –
(a) अनन्त पर
(b) दर्पण के पीछे
(c)F पर
(d) वक्रता केन्द्र पर ।
उत्तर-
(b) दर्पण के पीछे।

6. किसी गोलीय दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब हमेशा सीधा बनता है जबकि आप कितनी भी दूर खड़े हों, दर्पण-
(a) समतल
(b) समतल या उत्तल
(c) उत्तल
(d) अवतल।
उत्तर-
(c) उत्तल।

7. साधारण दर्पण से परावर्तित होकर कौन-सा प्रतिबिम्ब बनता है –
(a) वास्तविक
(b) आभासी
(c) वास्तविक एवं आभासी दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(c) वास्तविक एवं आभासी दोनों।

8. यदि काँच का अपवर्तनांक 1.5 हो तो काँच में प्रकाश का वेग होगा –
(a) 2 x 108 m/s
(b) 3 x 108 m/s
(c) \(\frac{2}{3}\) x 108 m/s
(d) \(\frac{3}{2}[/latex x 108 m/s .
उत्तर-
(a) 2 x 108 m/s
∴ v=[latex]\frac{c}{\mu}=\frac{3 \times 10^8}{1.5}= \) = 1.5

9. कोई किरण पृष्ठ पर लम्बवत् आपतित होती है तब अपवर्तन कोण का मान है –
(a) 90°
(b)0°
(c) 45°
(d)60°.
उत्तर-
(b) 0°

10. एक काँच के गुटके (स्लैब) की क्षमता होगी-
(a) शून्य
(b) अनन्त
(c) शून्य से कम
(d) शून्य से अधिक।
उत्तर-
(a) शून्य।

11. प्रकाश का वेग, न्यूनतम होता है-
(a) निर्वात में
(b) जल में
(c) वायु में
उत्तर-
(d) काँच में।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

12. निर्वात में प्रकाश का वेग है
(a) 3 x 108 m/s
(b) 3 x 1010 m/s
(c) 3 x 1011 km/s
(d) 3 x 109 m/s
उत्तर-
(a) 3 x 108 m/s

13. किसी माध्यम में प्रकाश का वेग, वायु में प्रकाश के वेग से कम है तो इस माध्यम का अपवर्तनांक होगा –
(a) 1
(b) 1 से कम
(c) 1 से अधिक
(d) 1 से कम या अधिक कुछ भी हो सकता है।
उत्तर-
(c) 1 से अधिक।

14. \(\frac{\sin i}{\sin r}\) = n को किस नियम से जाना जाता है?
(a) जूल का नियम
(b) स्नैल का नियम
(c) न्यूटन
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) स्नैल का नियम।

15. लेंस की क्षमता ज्ञात करने का सूत्र है –
(a) P=4f
(b) P = \(\frac{f}{2}\)
(c) P = \(\frac{1}{f}\)
(d) P= \(\frac{1}{2f}\)
उत्तर-
(c) P = \(\frac{1}{f}\)

16. किसी उत्तल लेंस की फोकस दूरी क्या होगी, जिसकी वक्रता त्रिज्या 40 cm है –
(a) 20 cm
(b) 10 cm
(c) 15 cm
(d) 3 cm.
उत्तर-
(c) 20 cm.

17. एक उत्तल लेंस की फोकस दूरी 20 cm है, उसकी क्षमता है –
(a) +20 D
(b)-20 D
(c) +5D
(d)-5 D.
उत्तर-
(c) +5 D.

18. उत्तल लेंस द्वारा सूर्य का प्रतिबिम्ब बनता है –
(a) F पर
(b) 2 F से दूर
(c) F व 2F के मध्य
(d) 2F पर।
उत्तर-
(a) F पर।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

19. एक लेंस बीच में से मोटा तथा किनारों पर से पतला है तब यह लेंस कौन-सा होगा?
(a) अवतल
(b) साधारण दर्पण
(c) उत्तल
(d) प्रिज्म।
उत्तर-
(c) उत्तल।

20. एक उत्तल लेंस की क्षमता का चिह्न
(a) धनात्मक होता है
(b) शून्य होता है
(c) ऋणात्मक होता है
(d) इनमें से कोई भी नहीं।
उत्तर-
(a) धनात्मक होता है।

21. यदि उत्तल लेंस के सामने वस्तु अनन्त व 2F के बीच रखी हो तो उसका प्रतिबिम्ब बनेगा –
(a) वास्तविक, उल्टा और बिन्दु आकार का
(b) आभासी, सीधा और वस्तु के आकार का
(c) वास्तविक, उल्टा और वस्तु से छोटा
(d) वास्तविक, उल्टा और वस्तु से बड़ा।
उत्तर-
(c) वास्तविक, उल्टा और वस्तु से छोटा।

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)

निम्नलिखित को समेलित कीजिए-

कॉलम (X)कॉलम (Y)
(i) उत्तल लेंस(A) फोकस दूरी धनात्मक
(ii) अवतल लेंस(B) फोकस दूरी शृणात्मक
(iii) लेंस की शक्ति(C) \( \frac{1}{f}=\frac{1}{v}+\frac{1}{u} \)
(iv) दर्पण(D) डाइऑप्टर
(v) लेंस(E) \( \frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u} \)

उत्तर-

कॉलम (X)कॉलम (Y)
(i) उत्तल लेंस(A) फोकस दूरी धनात्मक
(ii) अवतल लेंस(B) फोकस दूरी शृणात्मक
(iii) लेंस की शक्ति(D) डाइऑप्टर
(iv) दर्पण(C) \( \frac{1}{f}=\frac{1}{v}+\frac{1}{u} \)
(v) लेंस(E) \( \frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u} \)

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. दर्पण सूत्र ………………………… होता है।
उत्तर-
\(\frac{1}{v}+\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)

2. निर्वात में प्रकाश की चाल ………………………… होती है।
उत्तर-
3 x 108 m/s,

3. लेंस की क्षमता का मात्रक ………………………… होता है।
उत्तर-
डाइऑप्टर (D)

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

4. गोलीय दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच की दूरी को दर्पण की ………………………… कहते हैं।
उत्तर-
फोकस दूरी,

5. वाहनों के अग्रदीपों में प्रकाश का शक्तिशाली समान्तर किरण पुंज प्राप्त करने में ………………………… का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
अवतल दर्पण।

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HBSE 10th Class Science Notes Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Notes Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है Notes.

Haryana Board 10th Class Science Notes Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

→ DNA (Deoxyribonucleic acid) के अणुओं में आनुवंशिक गुणों का सन्देश होता है जो जनक से संतति पीढ़ी में जाता है। DNA की प्रतिकृति का बनना, जनन की मूल घटना है।

→ जनन (Reproduction)-किसी जीवधारी द्वारा अपने जैसे प्रतिरूप अथवा सन्तान का उत्पन्न करना जनन कहलाता  है। जनन मुख्यतः दो प्रकार का होता है-

  • अलैंगिक जनन तथा
  • लैंगिक जनन।

→ अलैंगिक जनन (Asexual reproduction)-इस प्रकार के जनन में केवल एक ही जीव सन्तान उत्पन्न कर सकता है। इस प्रकार जनन एककोशिकीय जीवों, कुछ प्राणियों तथा पादपों में पाया जाता है। अलैंगिक जनन की अनेक विधियाँ हैं-द्विखण्डन, बहुविखण्डन, बीजाणुजनन, मुकुलन, कायिक प्रवर्धन, पुनरुद्भवने आदि।

→ विखण्डन (Fission)-अलैंगिक जनन की वह विधि जिसमें एक जीव टुकड़ों में टूटकर नये जीवों का निर्माण करता है, विखण्डन कहलाती है। यह दो प्रकार का होता है|

  • द्विखण्डन (Binary Fission)-कुछ एककोशिकीय जीवों, जैसे-अमीबा, पैरामीशियम आदि में कोशिका दोभागों में बँट जाती है। प्रत्येक भाग नये जीव का निर्माण कर लेता है। इस प्रक्रिया को द्विखण्डन कहते हैं।
  • बहुविखण्डन (Multiple Fission)-कुछ एककोशिकीय जीवों, जैसे-अमीबा, प्लाज्मोडियम (मलेरिया परजीवी) में अत्यधिक ताप तथा शीत से बचने के लिए यह अपने चारों ओर पुटी (cyst) बना लेते हैं। इसका केन्द्रक तथा कोशा द्रव्य अनेक बार विभाजन करके अनेक पुत्री कोशिकाएँ बना लेता है। अनुकूल परिस्थितियाँ आने पर पुटी की भित्ति फट जाती है तथा नन्हें जीव बाहर निकल आते हैं।

→ पुनरुद्भवन (Regeneration)- यह प्रक्रिया स्पंजों, हाइड्रा आदि में मुख्य रूप से पायी जाती है। इसमें जीव किसी कारणवश दो या अधिक भागों में बँट जाता है और कटा हुआ प्रत्येक भाग नये जीव का निर्माण कर लेता है।

→ मुकुलन (Budding)-कुछ जीवों जैसे यीस्ट, हाइड्रा आदि के शरीर से एक छोटी कलिका निकलती है। इस कलिका में जीवद्रव्य एवं केन्द्रक का भाग भी होता है। अन्ततः यह कलिका मातृ जीव से पृथक् होकर नये जीव का निर्माण करती है।

→ कायिक प्रवर्धन (Vegetative Propagation)- अनेक पौधों में ऐसी कायिक संरचनाएँ पायी जाती हैं, जो मात पौध से अलग होकर नये पौधे का निर्माण करती हैं। उदाहरण के लिए; आलू के कन्द, ब्रायोफिलम् एवं केलेन्चों पर्ण कलिकाएँ, अदरक में प्रकन्द, अरबी में घनकन्द इत्यादि।

→ बीजाणुजनन (Spore Formation)-कुछ एक-कोशिकीय जीव जैसे अमीबा आदि में कभी-कभी केन्द्रक कला कई स्थानों पर टूट जाती है और इसके केन्द्रक में स्थित क्रोमैटिन कण टूटकर अपने चारों ओर जीवद्रव्य एकत्र करके जीवाणु बनाते हैं। अनुकूल परिस्थितियों में आवरण के फटने पर बीजाणु बाहर निकल आते हैं, तथा अंकुरण करके नया जीव बनाते हैं। अनेक पौधों जैसे-शैवाल, कवक, लाइकेन आदि में बीजाणुओं का निर्माण अनुकूल तथा प्रतिकूल दोनों ही मौसमों में होता है।

→ लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)-जनन की वह विधि जिसमें नर तथा मादा जीव युग्मक उत्पन्न करते हैं। जिनके मिलन से नयी सन्तान का निर्माण होता है, लैंगिक जनन कहलाती है। लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न संतान में कुछ विभिन्नताएँ उत्पन्न हो जाती हैं। किसी जाति समूह में पायी जाने वाली विभिन्नताएँ उप जाति के अस्तित्व को बनाए रखने में सहायक होती हैं।

लैंगिक जनन में भाग लेने वाले दोनों जीव पहले युग्मक (Gamete) का निर्माण करते हैं जिनमें DNA की मात्रा पैतृक | कोशिकाओं की अपेक्षा आधी हो जाती है। जब नर एवं मादा युग्मक आपस में संयुजन करते हैं तो युग्मनज (Zygote) का निर्माण होता है। इससे DNA की मात्रा पुर्नस्थापित हो जाती है।

HBSE 10th Class Science Notes Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

लैंगिकता के आधार पर दो प्रकार के जीव होते हैं-

  • एकलिंगी जीव (Unisexual Organisms)- इनमें नर एवं मादा जननांग अलग-अलग जीवों में पाए जाते हैं; जैसे-मनुष्य, पपीता।
  • द्विलिंगी जीव (Hermaphrodite Organisms)-इनमें नर एवं मादा जननांग एक ही जीव में पाए जाते हैं। जैसे-केंचुआ, जोंक, अधिकांश पौधे।

→ पौधों में लैंगिक जनन (Sexual Reproduction in Plants)- पुष्पीय पौधों में लैंगिक जनन के लिए विशेष रचनाओं ‘पुष्प’ का निर्माण होता है। पुष्प में नर जननांग (पुंकेसर) तथा मादा जननांग (स्त्रीकेसर) पाये जाते हैं। पौधों में लैंगिक जनन के निम्न चरण होते हैं –

(i) युग्मकजनन (Gametogenesis)-पुंकेसरों के परागकोष में युग्मक जनन द्वारा अगुणित परागकणों का निर्माण होता है। स्त्रीकेसर के अण्डाशय में युग्मक जनन द्वारा भ्रूणकोष का निर्माण होता है। भ्रूणकोष में एक अण्डकोशिका, दो सहायक कोशिकाएं, तीन प्रतिमुख कोशिकाएँ तथा दो ध्रुवीय केन्द्रक होते हैं।

(ii) परागण (Pollination)- परागकोष से परागकणों (Pollengrains) का वर्तिकाग्र तक पहुँचना परागण कहलाता है। यह क्रिया वायु, जल, कीट, पक्षी अथवा चमगादड़ों द्वारा सम्पन्न होती है। परागण क्रिया दो प्रकार की होती है-स्वपरागण तथा पर-परागण। स्वपरागण में एक पौधे के परागकण उसी पुष्प या उसी पौधे के अन्य पुष्प के वर्तिकान पर पहुंचते हैं। पर-परागण में एक पौधे के पुष्प से परागकण उसी  जाति के किसी दूसरे पौधे के पुष्प के वर्तिकान पर पहुँचते हैं।

(iii) निषेचन (Fertilization)- परागण के पश्चात् परागकण से परागनलिका निकलती है जो वर्तिका (Style) को भेदती हुई भ्रूणकोष में प्रवेश कर जाती है। परागनलिका दो नर केन्द्रकों (युग्मकों) को भ्रूणकोष में छोड़ देती है। इनमें से एक केन्द्रक अण्ड केन्द्रक से तथा दूसरा केन्द्रक द्वितीयक केन्द्रक से संलयन करता है। आवृतबीजियों में इस प्रक्रिया को द्विनिषेचन (Double Fertilization) कहते हैं।

(iv) भ्रूण एवं भ्रूणपोष निर्माण (Formation of Embryo and Endosperm)-निषेचित अण्ड विकसित होकर द्विगुणित भूण का तथा द्वितीयक केन्द्रक संलयन के पश्चात् त्रिगुणित भ्रूणपोष का निर्माण करता है। इसके बाद बीजाण्ड से बीज तथा सम्पूर्ण अण्डाशय से फल बनता है। संलयन (Fusion) नर तथा मादा युग्मकों का मिलना संलयन कहलाता है।

→ सूक्ष्म प्रवर्धन (Micropropagation)-पौधों की कोशिकाओं, कलिकाओं अथवा किसी अंग का संवर्धन करके नये । पौधे का निर्माण करना सूक्ष्म प्रवर्धन कहलाता है।

→ मानव के नर जनन अंग (Male Reproductive Organ’s of Human)-नर जनन तन्त्र के निम्नलिखित भाग होते हैं।

  • वृषण (Testes)-पुरुषों में एक जोड़ी वृषण गुहा के बाहर तथा टाँगों के बीच थैली समान रचना वृषण कोष (Scrotal Sac) में स्थित होते हैं। वृषणों में शुक्राणु जनन द्वारा शुक्राणुओं का निर्माण होता है।
  • अधिवृषण (Epididymis)-वृषण में निर्मित शुक्राणु अनेक नलिकाओं से गुजरते हुए वृषण के बाहर स्थित एक अतिकुण्डलित नलिका से बने अधिवृषण में आते हैं। अधिवृषण भी वृषण कोष में स्थित होते हैं।
  • शुक्रवाहिनी (Vas deferens)-अधिवृषण की नलिका एक पतली नली शुक्रवाहिनी में खुलती है जो शुक्राणुओं को शुक्राशय में ले जाती है।
  • शुक्राशय (Seminal Vesicle)-यह थैलीनुमा रचना है। इसमें शुक्र पोषक पदार्थ होते हैं, इस तरल पदार्थ को वीर्य कहते हैं। शुक्राणु शुक्राशय में एकत्र होते हैं। दोनों शुक्रनलिकाएँ इसमें खुलती हैं।
  • मूत्रमार्ग (Urethra)-शुक्राशय एक संकरी नली, स्खलन नलिका द्वारा एक संकरे मार्ग मूत्रमार्ग में खुलता है। मूत्रमार्ग एक माँसल रचना शिश्न में होता है। यह एक छिद्र द्वारा बाहर खुलता है।
  • ग्रन्थियाँ (Glands)- नर जनन तन्त्र में कुछ ग्रन्थियाँ जैसे- प्रोस्टेट ग्रन्थि, काउपर्स ग्रन्थि तथा पीनियल ग्रन्थि वीर्य बनाने, शुक्राणुओं का पोषण तथा इनकी सुरक्षा आदि का कार्य करती हैं।

→  मानव के मादा जनन अंग (Female Reproductive Organ’s of Human)-मादा जनन तन्त्र के निम्नलिखित भाग होते हैं –

  • अण्डाशय (Ovaries)-स्त्री में एक जोड़ी अण्डाशय होते हैं। ये अण्डाकार, भूरे रंग के तथा उदर गुहा में गर्भाशय के दोनों ओर स्थित होते हैं। ये अण्डजनन द्वारा अण्डाणु का निर्माण करते हैं।
  • अण्डवाहिनी (Oviduct)-प्रत्येक अण्डाशय के समीप स्थित एक झालरदार कीप से एक-एक अण्डवाहिनी निकलती है जो आगे चलकर फैलोपियन नलिका में खुलती है। दोनों ओर की फैलोपियन नलिकाएँ गर्भाशय के ऊपरी भाग में खुलती हैं। .
  • गर्भाशय (Uterus)-गर्भाशय एक बन्द मुट्ठी के आकार की रचना है। इसका ऊपरी भाग चौड़ा तथा निचला भाग संकरा होता है। चौड़े भाग में फैलोपियन नलिका खुलती है। संकरा भाग योनि में खुलता है जिसे योनिमुख (Cervics) कहते हैं।
  • योनि (Vagina)-योनिमुख एक संकरी माँसल नलिका में खुलता है। इसे योनि कहते हैं। इसी भाग में नर द्वारा शुक्राणु छोड़े जाते हैं।
  • भग (Vulva)- योनि एक छिद्र द्वारा बाहर खुलती है। इसे भग कहते हैं। यह दो कपाटनुमा संरचनाओं से ढकी होती है। इन्हें बाह्य ओष्ठ तथा अन्तः ओष्ठ कहते हैं। इनके जुड़ने के स्थान पर ऊपर की ओर भग शिश्न होता हैं।

HBSE 10th Class Science Notes Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

→ अण्ड प्रजक (Oviparous)- ऐसे जीव जो अण्डे देते हैं, अण्ड प्रजक कहलाते हैं। ऐसे जीवों में बाह्य परिवर्धन होता है।

→ सजीव-प्रजक (Viviparous)- ऐसे जीव जो शिशुओं को जन्म देते हैं, सजीव-प्रजक कहलाते हैं। ऐसे जीवों में आन्तरिक परिवर्धन होता है।

→ अनिषेक जनन (Parthenogenesis)-वह प्रक्रिया जिसमें संतति जीव की उत्पत्ति अनिषेचित अण्ड से होती है,अनिषेक जनन कहलाता है।

→ लैंगिक द्विरूपता (Sexual Dimorphism)-कशेरुकियों में नर तथा मादा जीव संरचनात्मक रूप से अलग-अलग होते हैं, इसे लैंगिक द्विरूपता कहते हैं।

→ उभयलिंगता (Bisexuality)- एक ही जीव में नर तथा मादा जननांगों का पाया जाना उभयलिंगता कहलाती है।

→  शुक्राणुजनन (Spermatogenesis)-वृषणों में शुक्राणुओं का निर्माण होना शुक्राणु जनन कहलाता है। अण्डजनन (Oogenesis)-अण्डाशय में अण्डाणु का बनना अण्ड जनन कहलाता है। अण्डोत्सर्ग (Ovulation)-अण्डाशय से अण्ड का निकलना, अण्डोत्सर्ग कहलाता है। रोपण (Implantation)- भ्रूण का गर्भाशय में स्थापित होना रोपण कहलाता है।

→ रजोधर्म (Menstruation)- स्त्रियों में निषेचन न होने की अवस्था में गर्भाशय की आन्तरिक मोटी भित्ति रुधिर वाहिनियों के साथ टूटकर रुधिर स्राव के रूप में योनिमार्ग से बाहर आती है, इसे रजोधर्म कहते हैं।

→ आर्तव चक्र (Menstruation Cycle)-स्त्रियों में प्रत्येक 28 दिन बाद अण्डाशय तथा गर्भाशय में होने वाली घटना आर्तव चक्र कहलाती है।

→ रजोनिवृत्ति (Menopause)-रजोधर्म का स्थायी रूप से बन्द होना रजोनिवृत्ति कहलाता है।

→ ट्यूबेक्टोमी (Tubectomy)- गर्भधारण को रोकने के लिए अण्डवाहिनी के एक भाग को काटकर बाँध देना ट्यूबेक्टोमी कहलाता है।

→ वासोक्टोमी (Vasoctomy)- पुरुषों में शुक्रवाहिनी को काटकर बाँध देना वासोक्टोमी कहलाता है।

→ जनन स्वास्थ्य (Reproductive health)-जनन स्वास्थ्य का अर्थ जनन के सभी पहलुओं सहित सम्पूर्ण स्वास्थ्य अर्थात शारीरिक, भावनात्मक, व्यवहारात्मक, सामाजिक स्वास्थ्य है। जनन स्वास्थ्य में परिवार नियोजन का बहुत महत्त्व है। परिवार नियोजन के लिए विभिन्न विधियाँ, जैसे- रासायनिक, यांत्रिक तथा शल्य क्रियात्मक विधि अपनायी जाती हैं।

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HBSE 10th Class Science Notes Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Notes Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय Notes.

Haryana Board 10th Class Science Notes Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

→ नियन्त्रण (Control)-पर्यावरण की अनुक्रिया के प्रति उत्पन्न गति को विशिष्टीकृत तंत्रिका तंत्र द्वारा नियन्त्रित करने की प्रक्रिया नियन्त्रण कहलाती है।

→ समन्वयन (Co-ordination)-उद्दीपक के प्रति उचित प्रतिक्रिया उत्पन्न करने के लिए किसी जीव के विभिन्न अंगों का परस्पर सुसंगठित ढंग से कार्य करना, समन्वयन कहलाता है।

→ उद्दीपक (Stimulent)-वातावरण में परिवर्तन जिनके प्रति जीव प्रतिक्रिया दिखाते हैं और सक्रिय रहते हैं, उद्दीपक कहलाते हैं। उद्दीपक के प्रति जीवों की अनुक्रिया (Response) प्रायः उनके शरीर-अंग की किसी गति के रूप में होती है।

→ तंत्रिका तंत्र (Nervous System)-जन्तुओं के शरीर में तंत्रिकाओं का एक सघन जाल बिछा रहता है जो उद्दीपकों । को ग्रहण करने तथा उनके प्रति अनुक्रिया करने की क्रियाओं का संचालन करता है, यह तंत्रिका तंत्र कहलाता है।

→ तंत्रिका कोशिका (Neuron) तंत्रिका तंत्र की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई (unit) को तंत्रिका कोशिका अथवा न्यूरॉन कहते हैं।

→ तंत्रिका कोशिका के तीन भाग होते हैं-कोशिका काय (Cell body), दुमिकाएँ (Dendrites) तथा एक्सॉन (Axon) |

→ कशेरुकी (मानव सहित) जैसे उच्चतर प्राणियों में नियन्त्रण तथा समन्वयन तंत्रिका तंत्र के साथ-साथ अन्तःस्रावी तंत्र नामक हॉर्मोनी तंत्र के द्वारा होता है।

→ हमारे शरीर में पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ हैं-आँख, कान, नाक, जीभ तथा त्वचा। इनके द्वारा हम अपने चारों ओर के वातावरण से विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ प्राप्त करते हैं।

→ संवेदनग्राही (Effectors) शरीर का एक अंग होता है जो तंत्रिका तंत्र से भेजी गयी सूचनाओं के अनुसार उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया दर्शाता है। संवेदनग्राही मुख्यतः हमारे शरीर की पेशियाँ और ग्रन्थियाँ होती हैं

→ शरीर के किसी भाग से सूचना एक तंत्रिका कोशिका के द्रुमाकृतिक (dendroite) सिरे द्वारा उपार्जित की जाती है।

HBSE 10th Class Science Notes Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

→ तंत्रिका कोशिकाएँ निम्नलिखित तीन प्रकार की होती हैं।

  • संवेदी तंत्रि कोशिकाएँ (Sensory Neurons)-ये आवेगों को संवेदी कोशिकाओं से केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र की ओर प्रेषित करती हैं।
  • प्रेरक तंत्रि कोशिकाएँ (Motor Neurons)-ये आवेगों को केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र से पेशी कोशिकाओं की ओर प्रेषित करती हैं।
  • प्रसारण तंत्रि कोशिकाएँ (Relay Neurons)-ये केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र में पायी जाती हैं और दूसरी तंत्रि कोशिकाओं के बीच कड़ी का कार्य करती हैं।

→ तंत्रिका आवेग (Nerve Impulse)-तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा रासायनिक या विद्युत् संकेतों का प्रसारण तंत्रिका आवेग कहलाता है।

→ युग्मानुबन्धन (Synaps)-वह सम्पर्क बिन्दु जो एक न्यूरॉन के एक्सॉन की अन्य शाखाओं एवं दूसरे न्यूरॉन के डेंड्राइटों के बीच बनता है, युग्मानुबन्धन कहलाता है।

→ प्रतिवर्ती क्रिया (Reflex Action)-तंत्रिका तंत्र में अनुक्रिया या प्रतिक्रिया का सबसे सरल रूप प्रतिवर्ती क्रिया है, और यह वह क्रिया है जिसे हम यन्त्रवत् करते हैं। गर्म प्लेट छू जाने पर हमारे हाथ का दूर हटना प्रतिवर्ती क्रिया का एक उदाहरण है।

→ तंत्रिका तंत्र के मुख्यतः दो भाग होते हैं। केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र तथा परिधीय तंत्रिका तंत्र।

  • केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System)-मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु से बना तंत्रिका तंत्र केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र कहलाता है।
  • परिधीय तंत्रिका तंत्र (Peripheral Nervous System)-मस्तिष्क से निकलने वाली कपाल तंत्रिकाओं न तथा मेरुरज्जु से निकलने वाली मेरु तंत्रिकाओं से बना तंत्रिका तंत्र परिधीय तंत्रिका तंत्र कहलाता है।

→ परिधीय तंत्रिका तंत्र को पुनः दो भागों में बाँटा जा सकता है-स्वायत्त तंत्रिका तंत्र तथा ऐच्छिक तंत्रिका तंत्र।

  • स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (Autonomic Nervous System)-स्वतः संचालित होने वाले तंत्रिका तंत्र को स्वायत्त तंत्रिका तंत्र कहते हैं।
  • ऐच्छिक तंत्रिका तंत्र (Voluntary Nervous System)- ऐच्छिक क्रियाएँ जो मस्तिष्क के सचेतन द्वारा नियन्त्रण में होती हैं, के संचालन को ऐच्छिक तंत्रिका तंत्र कहते हैं।

→  मस्तिष्क (Brain)-शरीर में मस्तिष्क सर्वश्रेष्ठ समन्वयकारी केन्द्र है। मस्तिष्क कपाल गुहा (Cranial cavity) में बन्द होता है। मस्तिष्क तीन झिल्लियों से घिरा होता है जिन्हें मस्तिष्कावरण (Meninges) कहते हैं।

→ मस्तिष्क मुख्यतः तीन भागों में विभाजित होता है-

  • अग्र मस्तिष्क (Fore brain)- यह प्रमस्तिष्क (Cerebrum) का बना होता है।
  • मध्य मस्तिष्क (Mid brain)-इसमें कोई विभाजन नहीं होता है।
  • पश्च मस्तिष्क (Hind brain)-यह पॉन्स (Pons), अनुमस्तिष्क (Cerebellum) तथा मेड्यूला (Medulla) नामक तीन केन्द्रों का बना होता है

→ शरीर की सभी ऐच्छिक क्रियाएँ प्रमस्तिष्क द्वारा सम्पादित की जाती हैं।

→ मध्य मस्तिष्क दृष्टि एवं श्रवण उद्दीपनों के प्रति अनुक्रिया करते हैं।

→ पॉन्स (Pons) श्वसन को नियन्त्रित करते हैं।

→ अनुमस्तिष्क (Cerebellum) शरीर के आसन को स्थिर बनाये रखता है।

→ मेड्यूला (Medulla) विभिन्न अनैच्छिक क्रियाओं का नियन्त्रण करता है।

→ पादप गति (Plant Movement)-पौधे या इसके किसी भाग में किसी उद्दीपन के प्रति होने वाली गति पादप गति कहलाती है।

→ अनुवर्तन (Tropism)-किसी बाहरी उद्दीपक के प्रति अनुक्रिया में पौधे के किसी भाग की गति जिसमें उद्दीपन की दिशा अनुक्रिया की दिशा को निर्धारित करती है, अनुवर्तन कहलाता है।

→ गुरुत्वानुवर्तन (Geotropism)-पृथ्वी के गुरुत्व बल के कारण पौधों की जड़ों का पृथ्वी की ओर बढ़ना गुरुत्वानुवर्तन कहलाता है।

→ प्रकाशानुवर्तन (Phototropism)-पौधों की प्रकाश की दिशा में गति को प्रकाशानुवर्तन कहते हैं।

→ अनुकुंचन (Nastics)-किसी बाहरी उद्दीपक के प्रति अनुक्रिया में पौधे के अंग की गति जिसमें उद्दीपक की दिशा द्वारा अनुक्रिया की दिशा निर्धारित नहीं होती, अनुकुंचनी गति कहलाती है और इस घटना को अनुकुंचन कहते ।

HBSE 10th Class Science Notes Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

→ स्पर्शानुकुंचन (Thigmonasty)-किसी वस्तु के स्पर्श के प्रति अनुक्रिया में पौधे के भाग की गति स्पर्शानुकुंचन कहलाती है।

→ प्रकाशानुकुंचन (Photonasty)-प्रकाश की अनुक्रिया में पौधे के अंग की अदिशात्मक गति प्रकाशानुकुंचन कहलाती है।

→ पौधे हॉर्मोन्स के द्वारा वातावरण के परिवर्तनों के प्रति अपने व्यवहार को समन्वित करते हैं।

→ पादप हॉर्मोन (Plant Hormones)-ये विशेष प्रकार के कार्बनिक पदार्थ हैं, जो पौधों के विभिन्न भागों से स्रावित होकर उनकी विभिन्न क्रियाओं को प्रभावित करते हैं।

पादप हॉर्मोन प्रमुखतः पाँच प्रकार के होते हैं-

  • ऑक्सिन्स (Auxins)-यह पौधों में कोशिका विवर्धन तथा कोशिका विभेदन को प्रोत्साहित करते हैं।
  • जिबरेलिन्स (Gibberellins)-यह ऑक्सिन की उपस्थिति में कोशिका विवर्धन और कोशिका विभेदन को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ बीजों तथा नलिकाओं में प्रसुप्ति विच्छेद में सहायता करता है।
  • सायटोकायनिन्स (Cytokinins)-यह कोशिका विभाजन को उत्प्रेरित तथा काल प्रभावन को रोकता है।
  • एब्सिसिक अम्ल (Abscisic Acid)- यह बीजों तथा कलियों में प्रसुप्ति बढ़ाता है। यह रन्ध्रों को बन्द करने में भी सहायक होता है।

→ इथाइलीन (Ethyline)-यह फलों के पकाने में सहायक गैसीय हॉर्मोन है।

→ फाइटोक्रोम (Phytochrome)-पादपों के वे विशेष वर्णक जो दीप्तिकाल उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया करते हैं, उन्हें फाइटोक्रोम कहते हैं।

→ बसन्तीकरण (Venelization)-पौधों के पुष्पन पर शीत के प्रभाव का अध्ययन बसन्तीकरण कहलाता है।

→ दीप्तिकालिता (Photoperiodism)-प्रतिदिन पौधे पर पड़ने वाले प्रकाश की अवधि के प्रति उसकी वृद्धि तथा पुष्पन में होने वाले प्रभावों को दीप्तिकालिता कहते हैं।

→ जन्तु हार्मोन (Animal hormones)-ये रासायनिक कार्बनिक पदार्थ होते हैं जो अन्तःस्रावी ग्रन्थियों से स्रावित होकर – शरीर की विभिन्न क्रियाओं का नियंत्रण करते हैं।

→ अन्तःस्रावी तंत्र (Endocrine System)-अन्तःस्रावी ग्रन्थियों का एक समूह जो विभिन्न हॉर्मोनों को उत्पन्न करता है, अन्तःस्रावी तंत्र कहलाता है।

→  मानव शरीर में उपस्थित विभिन्न अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ निम्न प्रकार हैं –

  • पीयूष ग्रन्थि,
  • थायरॉइड ग्रन्थि,
  • थाइमस ग्रन्थि,
  • पैराथायरॉइड ग्रन्थि,
  • अग्न्याशय,
  • अण्डाशय,
  • वृषण तथा
  • एड्रीनल ग्रन्थिा

→ पीयूष ग्रन्थि (Pituitary gland) को मास्टर ग्रन्थि कहत हैं। इससे स्रावित हॉर्मोन विभिन्न ग्रन्थियों को अन्य हॉर्मोन्स के स्रावण की प्रेरणा देते हैं।

→  एड्रीनल ग्रन्थि से स्रावित हॉर्मोन को आपातकालीन हॉर्मोन कहते हैं। यह हॉर्मोन एड्रीनल है जो संकट, क्रोध, आवेश इत्यादि आपातकालीन परिस्थितियों के दौरान हमें अत्यधिक कार्यकुशलता से कार्य करने के लिए तैयार करता है।

→ थायरॉक्सिन हॉर्मोन की कमी से फेंघा (goitre) नामक रोग उत्पन्न होता है। थायरॉइड ग्रन्थि से थायरॉक्सिन के स्त्राव को बनाये रखने के लिए भोजन में आयोडीन की आवश्यकता होती है।

HBSE 10th Class Science Notes Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

→ विभिन्न ग्रन्थियों द्वारा निर्मुक्त हॉर्मोनों के सम” और मात्रा को पुनर्निवेशन प्रक्रिया (Feedback mechanism) द्वारा नियन्त्रित किया जाता है जो हमारे शरीर में अन्त:रचित होती हैं।

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HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 1 Real Numbers Ex 1.4

Haryana State Board HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 1 Real Numbers Ex 1.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 1 Real Numbers Exercise 1.4

Question 1.
Without actually performing the long division, state whether the following rational numbers will have a terminating decimal expansion or non-terminating repeating decimal expansion.
(i) \(\frac{13}{3125}\)
(ii) \(\frac{17}{8}\)
(iii) \(\frac{64}{455}\)
(iv) \(\frac{15}{1600}\)
(v) \(\frac{29}{343}\)
(vi) \(\frac{23}{2^3 5^2}\)
(vii) \(\frac{129}{2^2 5^7 5^5}\)
(viii) \(\frac{6}{15}\)
(ix) \(\frac{35}{50}\)
(x) \(\frac{77}{210}\)
Solution :
(i) \(\frac{13}{3125}\)

\(\frac{13}{3125}=\frac{13}{5 \times 5 \times 5 \times 5 \times 5}\)

= \(\frac{13}{5^5}=\frac{13}{2^0 \times 5^5}\)
Since the denominator of \(\frac{13}{3125}\) is of the form 2m5n, where m and n are non-negative integers hence, it has terminating decimal expansion.

(ii) \(\frac{17}{8}\)

\(\frac{17}{8}=\frac{17}{2 \times 2 \times 2}=\frac{17}{2^3}=\frac{17}{2^3 \times 5^0}\)
Since the denominator of \(\frac{17}{8}\) is of the form 2m5n, where m and n are non-negative integers hence, it has terminating decimal expansion.

(iii) \(\frac{64}{455}=\frac{64}{5 \times 7 \times 13}\)

Since the denominator of \(\frac{64}{455}\) is not of the form 2m5n hence, it has non-terminating repeating decimal expansion.

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(iv) \(\frac{15}{1600}\)

\(\frac{15}{1600}=\frac{3 \times 5}{2 \times 2 \times 2 \times 2 \times 2 \times 2 \times 5 \times 5}\)

= \(\frac{3}{2^6 \times 5^2}\)
Since the denominator of \(\frac{15}{1600}\) is of the form of 2m5n, where m and n are non-negative integers hence, it has terminating decimal expansion.

(v) \(\frac{29}{343}\)

\(\frac{29}{343}=\frac{29}{7 \times 7 \times 7}=\frac{29}{7^3}\)

Since the denominator of \(\frac{29}{343}\) is not of the form of 2m5n hence, it has non-terminating repeating decimal expansion.

(vi) \(\frac{23}{2^3 5^2}\)
Since the denominator of \(\frac{23}{2^3 5^2}\) is of the form of 2m5n, where m and n are non-negative integers hence, t has terminating decimal expansion.

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(vii) \(\frac{129}{2^2 5^7 7^5}\)
Since the denominator of \(\frac{129}{2^2 5^7 7^5}\) is not of the form of 2m5n hence, it has non-terminating repeating decimal expansion.

(viii) \(\frac{6}{15}\)

\(\frac{6}{15}=\frac{2 \times 3}{3 \times 5}=\frac{2}{5}=\frac{2}{2^0 \times 5^1}\)

Since the denominator of is of the form of 2m5n where m and n are non-negative integers hence, it has a terminating decimal expansion.

(ix) \(\frac{35}{50}\)

\(\frac{35}{50}=\frac{5 \times 7}{2 \times 5 \times 5}=\frac{7}{2^1 \times 5^2}\)

Since the denominator of \(\frac{35}{50}\) is of the form of 2m5n where m and n are non-negative integers hence, it has a terminating decimal expansion.

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(x) \(\frac{77}{210}\)

\(\frac{77}{210}=\frac{7 \times 11}{2 \times 3 \times 5 \times 7}=\frac{11}{2 \times 3 \times 5}\) is not of the form of 2m5n hence, it has a non-terminating decimal expansion.

Question 2.
Write down the decimal expansions of those rational numbers in question 1 above which have terminating decimal expansions.
Solution:
(i) \(\frac{13}{3125}\)

\(\frac{13}{3125}=\frac{13}{5 \times 5 \times 5 \times 5 \times 5}\)

= \(\frac{13}{5^5}=\frac{13}{2^0 \times 5^5}\)

Since denominator of \(\frac{13}{3125}\) is of the form of 2m5n where m and n are non-negative integers hence, it is a terminating decimal expansion.

Now, \(\frac{13}{5^5}=\frac{13 \times 2^5}{5^5 \times 2^5}\)

= \(\frac{13 \times 32}{(5 \times 2)^5}=\frac{416}{10^5}\)

= \(\frac{416}{100000}\)
= 0.00416.

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(ii) \(\frac{17}{8}\)

\(\frac{17}{8}=\frac{17}{2 \times 2 \times 2}=\frac{17}{2^3}=\frac{17}{2^3 \times 5^0}\)

Since the denominator of \(\frac{17}{8}\) is of the form of 2m5n, where m and n are non-negative integers hence, it is terminating decimal expansion.

Now, \(\frac{17}{8}=\frac{17}{2^3}=\frac{17 \times 5^3}{2^3 \times 5^3}=\frac{2125}{(2 \times 5)^3}\)

= \(\frac{2125}{10^3}=\frac{2125}{1000}\) = 2.125

(iii) \(\frac{64}{455}\)

\(\frac{64}{455}=\frac{64}{5 \times 7 \times 13}\)

Since the denominator of \(\frac{64}{455}\) is not of the form of 2m5n so it has non-terminating repeating decimal expansion.

(iv) \(\frac{15}{1600}\)

\(\frac{15}{1600}=\frac{3 \times 5}{2 \times 2 \times 2 \times 2 \times 2 \times 2 \times 5 \times 5}\)

= \(\frac{3}{2^6 \times 5^2}\)

Since the denominator of is of the form of 2m5n, where m and n are non-negative integers
hence, it has terminating decimal expansion.
Now \(\frac{3}{2^6 \times 5^2}=\frac{3 \times 5^4}{2^6 \times 5^2 \times 5^4}=\frac{1875}{1000000}\) = 0.001875

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(v) \(\frac{29}{343}\)

\(\frac{29}{343}=\frac{29}{7 \times 7 \times 7}=\frac{29}{7^3}\)

Since the denominator of \(\frac{29}{343}\) is not of the form of 2m5n so, it is non-terminating repeating decimal expansion.

(vi) \(\frac{23}{2^3 5^2}\)
Since the denominator of \(\frac{23}{2^3 5^2}\), is of the form of 2m5n, where m and n are non-negative integers hence, it has terminating decimal expansion.

Now, \(\frac{23}{2^3 5^2}=\frac{23 \times 5}{2^3 \times 5^2 \times 5}\)

\(\frac{115}{1000}\) = 0.115

(vii) \(\frac{129}{2^2 5^7 7^5}\)

Since the denominator of \(\frac{129}{2^2 5^7 7^5}\) is not of the form of 2m5n hence, it has non-terminating repeating decimal expansion.

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(viii) \(\frac{6}{15}\)

\(\frac{6}{15}=\frac{2 \times 3}{3 \times 5}=\frac{2}{5}=\frac{2}{2^0 \times 5^1}\)

Since the denominator of is of the form 2m5n where m and n are non-negative integers hence, it has terminating decimal expansion.

Now, \(\frac{2}{5}=\frac{2 \times 2}{2 \times 5}=\frac{4}{10}\) = 0.4

(ix) \(\frac{35}{50}\)

\(\frac{35}{50}=\frac{5 \times 7}{2 \times 5 \times 5}=\frac{7}{2 \times 5}\)

Since the denominator of \(\frac{35}{50}\) is of the form of 2m5n, where m and n are non-negative integers hence, it has terminating decimal expansion.
Now, \(\frac{7}{2 \times 5}=\frac{7}{10}\) = 0.7

(x) \(\frac{77}{210}\)

\(\frac{77}{210}=\frac{7 \times 11}{2 \times 3 \times 5 \times 7}=\frac{11}{2 \times 3 \times 5}\)
Since the denominator of \(\frac{77}{210}\) form of 2m5n hence, it has non-terminating decimal expansion.

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Question 3.
The following real numbers have decimal expansions as given below. In each case, decide whether they are rational or not. If they are rational, and the form of \(\frac{p}{q}\) the prime factors of q ?
(i) 43.123456789,
(ii) 0.120120012000120000…
(iii) \(43 . \overline{123456789}\)
Solution :
(i) 43.123456789
Since it is terminating decimal expansion so, it is a rational number.
43.123456789 = \(\frac{43123456789}{1000000000}\)
q = 1000000000= 109
= (2 × 5)9 = 29 × 59
Prime factors of q is of the form 2m × 5n where, m and n are non-negative integers.

(ii) 0.120120012000120000…..
Since it is non-terminating non-repeating decimal expansion so, it is an irrational number.

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(iii) \(43 . \overline{123456789}\)
Since it is non-terminating but repeating decimal expansion so, it is a rational number.
Let x = \(43 . \overline{123456789}\)
= 43.123456789123456789…. ……………..(i)
Multiplying both sides by 1000000000
1000000000 x = \(43123456789 . \overline{123456789}\) ……………..(ii)
Subtract (i) from (ii),
999999999 x= 43123456746
x = \(\frac{43123456746}{999999999}\)
q= 999999999
= 3 × 3 × 3 × 3 × 37 × 333667
Prime factorisation of q is not of the form 2m × 5n, where m and n are non-negative integers.

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HBSE 10th Class Science Notes Chapter 6 जैव प्रक्रम

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Notes Chapter 6 जैव प्रक्रम Notes.

Haryana Board 10th Class Science Notes Chapter 6 जैव प्रक्रम

→ सजीव (Living)-सप्राण या जीवित वस्तुओं को सजीव कहते हैं। सभी पौधे और जन्तु सजीव वस्तुएँ हैं।

→ सजीवों के लक्षण (Characteristics of Livings)-गति, प्रचलन, पोषण, वृद्धि, श्वसन, उत्सर्जन, नियंत्रण एवं समन्वयन, प्रजनन, मृत्यु आदि सजीवों के प्रमुख लक्षण हैं।

→ निर्जीव (Non-Living)-जिन वस्तुओं में उपरोक्त लक्षण नहीं पाए जाते हैं, उन्हें निर्जीव कहते हैं।

→ जैव प्रक्रम (Life Processes)-जीवधारियों में जीवित रहने के लिए होने वाली समस्त क्रियाओं को सामूहिक रूप से जैव प्रक्रम कहा जाता है, जैसे-पोषण, पाचन, श्वसन, वहन, उत्सर्जन, प्रचलन, नियन्त्रण एवं समन्वयन इत्यादि।

→ पोषण (Nutrition)-जीवधारी द्वारा पोषकों, जैसे-कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन्स, खनिज, विटामिन तथा जल के अन्तर्ग्रहण के साथ-साथ जीवधारी द्वारा इन पोषकों के उपयोग की प्रक्रिया को पोषण कहते हैं।

→  स्वपोषी पोषण (Autotrophic Nutrition)-पोषण की वह विधि जिसमें जीवधारी, पर्यावरण में उपस्थित सरल । कार्बनिक पदार्थों (जैसे-CO2, जल) से अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, स्वपोषण विधि (mode of autotrophic nutrition) कहलाती है तथा ऐसे जीवधारी स्वपोषी (autotrophs) कहलाते हैं।

→ प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)-पौधों के हरे भागों द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पर्णहरित (chloro phyll) की सहायता से CO2 तथा जल को ग्रहण करके जटिल कार्बनिक भोज्य पदार्थों (कार्बोहाइड्रेट्स) का संश्लेषण करना प्रकाश-संश्लेषण कहलाता है।

→ प्रकाश संश्लेषण के लिए सूर्य के प्रकाश, पर्णहरित, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल की आवश्यकता होती है। यह एक संश्लेषी (anabolic) प्रक्रिया है जिसमें सरल पदार्थों से जटिल पदार्थों का निर्माण होता है।

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→ विषमपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition)-पोषण की वह विधि जिसमें जीवधारी अपना भोजन स्वयं बनाकर, दूसरे जीवधारियों से प्राप्त करते हैं, पोषण की विषमपोषी विधि (mode of heterotrophic nutrition) ! कहलाती है तथा ऐसे जीवधारी विषमपोषी (Heterotrophic) कहलाते हैं।

→ शाकाहारी (Herbivorous)-वे जन्तु जो सीधे ही पौधों या पौधों के उत्पादों पर निर्वाह करते हैं, शाकाहारी कहलाते हैं; जैसे-हिरण) गाय आदि। |

→ माँसाहारी (Carnivorous)-ये जन्तु दूसरे जन्तुओं के माँस पर निर्वाह करते हैं; जैसे- शेर, बाघ आदि। |

→ सर्वाहारी (Omnivorous)-ये जन्तु पौधों एवं जन्तुओं तथा इनके उत्पादों पर निर्वाह करते हैं; जैसे-मानव, कुत्ता, बिल्ली आदि।

→ परभक्षी (Predators)- ऐसे जन्तु जो अपना भोजन किसी अन्य जन्तु को मार कर प्राप्त करते हैं; जैसे-बाघ, चीता आदि।

→ परजीवी (Parasites)- ऐसे जीव जो दूसरे जीवों पर निर्वाह करते हैं, किन्तु इनका उद्देश्य पोषक को मारना नहीं होता है; जैसे-घु, अमरबेल आदि।

→ कीटभक्षी पौधे (Insectivorous Plants)-ये वे पौधे होते हैं जो अपना भोजन तो स्वयं बना लेते हैं, किन्तु कुछ तत्वों (जैसे-नाइट्रोजन) की पूर्ति के लिए कीटों को पकड़ कर उनका पाचन करते हैं; जैसे-घटपर्णी, ड्रासेरा आदि।

→ पाचन (Digestion)-वह प्रक्रिया जिसके द्वारा भोज्य पदार्थों के बड़े, जटिल तथा अघुलनशील पदार्थ छोटे, सरल । एवं घुलनशील अणुओं में परिवर्तित हो जाते हैं, पाचन कहलाती है।

→ एककोशिकीय जीवों जैसे अमीबा में भोजन सम्पूर्ण सतह से ग्रहण किया जा सकता है, परन्तु जीव की जटिलता बढ़ने । । के साथ-साथ भोजन ग्रहण करने की जटिलता बढ़ती जाती है।

→ मानव पाचन तंत्र (Human Digestive System) मनुष्य में पाचन तंत्र जटिल प्रकार का होता है। जिसमें मुख, । ग्रासनली, आमाशय, आँत एवं विभिन्न पाचक ग्रन्थियाँ सम्मिलित होती हैं। |

→ श्वसन (Respiration)-जीवों में होने वाली वह जैव-रासायनिक प्रक्रिया जिसमें ऑक्सीजन की कोशिकीय आवश्यकता के अनुसार खाद्य पदार्थों का विघटन होकर ऊर्जा उत्पन्न होती है, श्वसन कहलाती है। इस क्रिया में ऑक्सीजन ग्रहण की जाती है तथा CO2, मुक्त होती है।

→ साँस लेना या श्वासोच्छवास (Breathing) – वह क्रियाविधि जिसके द्वारा जीवधारी वायु से ऑक्सीजन लेते हैं तथा कार्बन डाइऑक्साइड निकालते हैं, साँस लेना कहलाती है।

→ श्वसन दो प्रकार का होता है-वायवीय श्वसन (जिसमें वायु की आवश्यकता होती है) तथा अवायवीय श्वसन । i जिममें वायु की आवश्यकता नहीं होती है।

→ किण्वन (Fermentation)-यह एक प्रकार का अवायवीय श्वसन है जिसमें यीस्ट द्वारा शर्करा का विघटन होकर ऐल्कोहॉल, कार्बन डाइऑक्साइड तथा ऊर्जा मुक्त होती है।

→ पौधों एवं जन्तुओं में साँस लेने की क्रिया भिन्न होती है किन्तु कोशिकीय श्वसन क्रियाएँ समान होती हैं। |

→ उपापचय (Metabolism)-उपचय (संश्लेषणात्मक) तथा अपचय (विघटनात्मक) क्रियाओं को सम्मिलित रूप से उपापचय कहते हैं।

→ उपचय क्रियाएँ (Anabolic Activities)-वे जैव-रासायनिक क्रियाएँ जिनमें सरल पदार्थों से जटिल पदार्थों का संश्लेषण होता है, उपचय क्रियाएँ कहलाती हैं। इन क्रियाओं में ऊष्मा अवशोषित की जाती है; जैसे-प्रकाश संश्लेषण।

→ अपचय क्रियाएँ (Catabolic Activities)-वे जैव-रासायनिक क्रियाएँ जिनमें जटिल पदार्थों का सरल पदार्थों में . विघटन होता है, अपचय क्रियाएँ कहलाती हैं। इन क्रियाओं में ऊष्मा उत्सर्जित होती है; जैसे – श्वसन।

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→ सन्तुलन प्रकाश तीव्रता बिन्दु (Compensation Point)-सूर्योदय तथा सांय के समय पौधे वातावरण से CO2, तथा O2 का विनिमय नहीं करते हैं, उस समय को सन्तुलन प्रकाश तीव्रता बिन्दु कहते हैं।

→ विभिन्न प्राणियों में श्वसन विभिन्न अंगों द्वारा होता है; जैसे-अमीबा में कोशिका झिल्ली द्वारा, केंचुए में नम त्वचा द्वारा, जलीय जीवों में क्लोमों (Gills) द्वारा, कीटों में श्वासनली (Trachea) द्वारा तथा मनुष्य, कुत्ता, बन्दर आदि में फेफड़ों (Lungs) द्वारा श्वसन होता है जबकि मेंढक में त्वचा व फेफड़ों द्वारा श्वसन होता है।

→ वहन (Transportation)-शरीर में विभिन्न पदार्थों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर संचरण वहन कहलाता है। निम्न श्रेणी के जन्तुओं में वहन देहगुहीय द्रव, रुधिर प्लाज्मा या सीधे कोशिकाओं द्वारा होता है। उच्च श्रेणी के जन्तुओं में वहन रुधिर एवं लसीका द्वारा होता है।

→ मनुष्य में रुधिर परिवहन (Blood Circulation in Human)- मनुष्य के शरीर में परिवहन मुख्यतः रुधिर द्वारा होता है। मानव के परिसंचरण तन्त्र में हृदय (Heart), धमनियाँ (Arteries), शिराएँ (Veins) तथा केशिकाएँ (Capillaries) सम्मिलित हैं। हृदय पंपिंग स्टेशन का कार्य करता है तथा धमनियाँ रुधिर को विभिन्न अंगों तक पहुँचाती हैं और शिराएँ रुधिर को विभिन्न अंगों से हृदय में लाती हैं।

→ फुफ्फुस महाधमनी से अशुद्ध रुधिर फेफड़ों तक पहुँचाया जाता है तथा फुफ्फुस शिरा द्वारा शुद्ध रुधिर फेफड़ों से हृदय में लाया जाता है। शेष सभी धमनियाँ शुद्ध रुधिर तथा सभी शिराएँ अशुद्ध रुधिर का वहन करती हैं।

→ रुधिर के मुख्यतः दो भाग हैं-रुधिर प्लाज्मा तथा रुधिर कणिकाएँ। रुधिर कणिकाएँ तीन प्रकार की होती हैं-लाल रुधिर कणिकाएँ (RBCs), श्वेत रुधिर कणिकाएँ (WBCs) तथा बिम्बाणु (Platelets)।

→ पौधों में परिवहन (Transportation in Plants)-पौधों में जल एवं इसमें घुलित लवणों तथा कार्बनिक भोज्य पदार्थों का स्थानान्तरण परिवहन कहलाता है।

पौधों में यह कार्य मुख्य रूप से दो ऊतकों द्वारा किया जाता है –

  • जाइलम (Xylem)- यह ऊतक जल एवं जल में घुलित लवणों को पौधों की जड़ों से विभिन्न भागों तक पहुँचाता है। !
  • फ्लोएम (Phloem)- फ्लोएम पत्तियों में निर्मित भोज्य पदार्थों को पौधों के विभिन्न भागों में पहुँचाता है।

→ विसरण (Diffusion)-पदार्थ के अणुओं का अधिक सान्द्रता (concentration) से कम सान्द्रता वाले स्थान की ओर गति करना विसरण कहलाता है।

→ परासरण (Osmosis)-वह प्रक्रिया जिसमें जल के अणु अर्द्ध-पारगम्य कला से होकर अधिक सान्द्रता वाले घोल की ओर प्रसरण करते हैं, परासरण कहलाती है।

→ वाष्योत्सर्जन (Transpiration)-पौधों के हरे भागों से जल का जलवाष्प के रूप में उड़ना वाष्पोत्सर्जन कहलाता |

→ बिन्दुस्राव (Guttation)-प्रातः के समय पत्तियों के शीर्ष एवं किनारों से पानी की बूंदों का निकलना बिन्दुस्राव कहलाता है।

HBSE 10th Class Science Notes Chapter 6 जैव प्रक्रम

→ उत्सर्जन (Excretion)-शरीर में उपापचयी क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न हानिकारक अपशिष्ट पदार्थों का शरीर से बाहर निकाला जाना उत्सर्जन कहलाता है।

→ जनन (Reproduction)-जीवधारियों द्वारा अपने जैसे प्रतिरूप (सन्तान) उत्पन्न करना जनन कहलाता है।

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HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.1

Haryana State Board HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.1

Question 1.
Aftab tells his daughter, “Seven years ago, I was seven times as old as you were then. Also, three years from now, I shall be three times as old as you will be.” (Isn’t this interesting ?) Represent this situation algebraically and graphically.
Solution:
Let the age of Aftab be x years and age of his daughter be y years.
Seven years ago Aftab’s age = (x – 7) years
Seven years ago his daughter’s age = (y – 7) years
According to question,
x – 7 = 7 (y – 7)
⇒ x – 7 = 7y – 49
⇒ x – 7y = – 49 + 7 = – 42 ………………(1)
After three years Aftab’s age = (x + 3) years
After three years his daughter’s age = (y + 3) years
According to question
x + 3 = 3(y + 3)
⇒ x + 3 = 3y + 9
⇒ 3y = 9 – 3 = 6 …………..(2)
The algebraic representation of this situation is :
x – 7y = – 42 and x – 3y = 6
For representation of these equations graphically, we draw the graphs of these equations as follows :
x – 7y = – 42
⇒ – 7y = – 42 – x
⇒ y = \(\frac{42+x}{7}\)
We put the different values of x in this equation then we get different values of y and we prepare the table of x, y for the equation x – 7y = – 42.

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and x – 3y = 6
⇒ 3y = x – 6
⇒ y = \(\frac{x-6}{3}\)
We put the different values of x in this equation then we get different values of y and we prepare the table of x, y for the equation x – 3y = 6.

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Now, we plot the values of x and y from table 1 and 2 on the graph paper and we draw the graphs of the equations 1 and 2, those passes through these values.

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Observe that we get two straight lines which intersect each other at point (42, 12).

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Question 2.
The coach of a cricket team buys 3 bats and 6 balls for ‘ 3900. Later, he buys another bat and 3 more balls of the same kind for 1300. Represent this situation algebraically and geometrically.
Solution :
Let the price of 1 bat be ₹ x and price of 1 ball be ₹ y.
According to question,
3x + 6y = 3900
x + 2y = 1300 ………………(1)
and x + 3y = 1300 ……………..(2)
The algebraic representation of this situation is :
x + 2y = 1300
and x + 3y = 1300
For representation of these equations graphi-cally, we draw the graphs of these equations as follows :
x + 2y = 1300
⇒ 2y = 1300 – x
⇒ y = \(\frac{1300-x}{2}\)
We put the different values of x in this equation then we get different values of y and we prepare the table of x, y for the equation x + 2y = 1300.

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and x + 3y = 1300
⇒ 3y = 1300 – x
⇒ y = \(\frac{1300-x}{3}\)
We put the different values ofx in this equation then we get different values of y and we prepare the table of x, y for the equation x + 3y = 1300.

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Now, we plot the values of x andy on the graph paper from table 1 and 2 and we draw the graphs of equations 1, 2, those passes through these values.

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Observe that we get two straight lines which intersect each other at point (1300, 0).

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Question 3.
The cost of 2 kg of apples and 1 kg of grapes on a day was found to be ₹ 160. After a month, the cost of 4 kg of apples and 2 kg of grapes is ₹ 300. Represent the situation algebraically and geometrically.
Solution :
Let the cost of 1 kg. apples be ₹ x and cost of 1 kg. of grapes be ₹ y
According to question,
2x + y = 160 ……………….(1)
and 4x + 2y = 300
⇒ 2x + y = 150 ……………..(2)
The algebraic representation of this situation
2x + y = 160
and 2x + y = 150
For representation of these equations graphically, we draw the graphs of these equations as follows:
2x + y = 160
y = 160 – 2x
We put the different values of x in this equation then we get different values of y and we prepare the table of x, y for the equation 2x + y = 160.

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2x + y = 150
⇒ y = 150 – 2x

We put the different values of x in this equation then we get different values of y and we prepare the table of x, y for the equation 2x + y = 150.

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Now, we plot the values of x, y on the graph paper from table 1 and 2 and we draw the graphs of equations (1) and (2) which passes through these values.

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Observe that we get two straight lines which are parallel to each other.

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HBSE 10th Class Science Notes Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Notes Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन Notes.

Haryana Board 10th Class Science Notes Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

→ प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources)-मानव के लिए उपयोगी प्राकृतिक पदार्थ जैसे- जल, वायु, वन, खनिज, पेट्रोलियम, मृदा आदि को प्राकृतिक संसाधन कहते हैं।

→ अक्षय प्राकृतिक संसाधन (Inexhaustible Resources)-ऐसे प्राकृतिक संसाधन जो मानव द्वारा प्रयोग करने पर समाप्त नही होते, अक्षय प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। जैसे-सूर्य का प्रकाश, समुद्र आदि।

→ क्षयशील संसाधन (Exhaustible Resources) ऐसे संसाधन जो मनुष्य के प्रयोग करने पर धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं, क्षयशील प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। जैसे-खनिज, कोयला आदि।

→ नवीकरणीय स्रोत (Renewable Sources)-ऐसे प्राकृतिक स्रोत जिनका प्रकृति में पुनः चक्रण किया जा सकता है, नवीकरणीय स्त्रोत कहलाते हैं। जैसे-जल, वन आदि।

→ अनवीकरणीय स्रोत (Non-Renewable Sources)-ऐसे प्राकृतिक स्रोत जिनका प्रकृति में पुनः चक्रण नहीं किया जा सकता है, अनवीकरणीय स्रोत कहलाते हैं। जैसे-पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, कोयला आदि।

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→ संरक्षण (Conservation) यह वह प्रक्रिया है जो मानव द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन से पर्यावरण को होने वाली हानि से रोकती है।

→ भूमिगत जल (Underground water)-भूमि के अन्दर उपस्थित जल भूमिगत जल कहलाता है।

→ पर्यावरण बचाने के लिए तीन आर (Three R’s)

  • कम उपयोग (Reduce) – हम प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग कम करें।
  • पुनः चक्रण (Recycle)-प्रयोग की गई वस्तुओं को पुनः चक्रण के लिए भेजना। जैसे प्लास्टिक, काँच, कागज धातुएँ आदि।
  • पुनः प्रयोग (Reuse)-प्रयोग की गई वस्तुओं को पुन: उपयोग करना।

→ संसाधनों के सावधानीपूर्वक उपयोग की आवश्यकता-हमें अपने प्राकृतिक संसाधन जैसे-वन, जल, मृदा आदि का सावधानीपूर्वक प्रयोग करने की आवश्यकता है क्योंकि ये संसाधन असीमित नहीं हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार तथा कुछ अन्य कारणों से मानव जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इस वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों पर अधिक दबाव बढ़ गया है। हमें प्राकृतिक संसाधनों पर इस दबाव को कम करने के लिए इनके दोहन को सीमित करने की आवश्यकता है ताकि हम आने वाली पीढ़ी को भी धरोहर के रूप में इनका कुछ अंश दे सकें।

→ स्टेकहोल्डर (Stakeholders)-वन्य संसाधनों के विभिन्न दावेदार स्टेक होल्डर कहलाते हैं जो निम्नलिखित हैं-

  • वन के अन्दर एवं इनके निकट रहने वाले लोग जो अपनी अनेक आवश्यकताओं के लिए वन पर निर्भर करते हैं। |
  • वन विभाग जिसके पास वनों का स्वामित्व है तथा जो वनों से प्राप्त संसाधनों पर नियंत्रण रखते हैं।
  • उद्योगपति, जो कि वनों से विभिन्न उद्योगों के संचालन हेतु कच्ची सामग्री प्राप्त करते हैं जैसे-कागज उद्योग, बीड़ी उद्योग, फर्नीचर उद्योग आदि।
  • वन्य जीवन एवं प्रकृति प्रेमी भी प्रकृति का संरक्षण इसकी आरम्भिक अवस्था में करना चाहते हैं।

→ चिपको आन्दोलन (The Chipko Andolan)-इस आन्दोलन का प्रारम्भ उत्तराखण्ड के गढ़वाल जिले के ‘रेनी’ गाँव में सन् 1970 के प्रारम्भिक दशक में एक घटना के रूप में हुआ। स्थानीय लोगों एवं ठेकेदार जिन्हें गाँव के समीप ! के वृक्षों को काटने का अधिकार दे दिया गया था, के बीच विवाद प्रारम्भ हुआ। एक दिन जब ठेकेदार के कर्मी वृक्ष | काटने वहाँ पहुँचे तो वहाँ की महिलाओं ने निडरतापूर्वक वृक्ष काटने का विरोध किया और वृक्षों से लिपट गईं, . फलस्वरूप कर्मियों को वृक्ष काटने का काम बंद करना पड़ा। इसे चिपको आन्दोलन कहते हैं। बाद में अनेक जगहों ! पर बहुत से लोगों ने इसी प्रकार के आन्दोलन चलाकर वृक्षों को काटने से बचाया।

→ जल संरक्षण (Water Conservation)-गिरते हुए भू-जल स्तर तथा पानी की कमी से बचने के लिए जल को बचाने के लिए किए गए प्रयास जल संरक्षण कहलाते हैं। विभिन्न राज्यों में जल संरक्षण एवं जल के सीमित दोहन के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास किये जा रहे हैं।

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→ कुल्ह (Kulhs)-यह नहर द्वारा सिंचाई की एक स्थानीय विधि है जिसका प्रचलन हिमाचल प्रदेश के कुछ भागों में किया जाता है।

→ बाँध (Dams)-ये नदियों पर बनाई जाने वाली ऐसी संरचनाएँ हैं जो जल प्रवाह को रोकती हैं और जल का संचय तथा जलविद्युत उत्पादन कर सकती हैं।

→ नदियों पर बाँध बनाने के लाभ-

  • बाँधों द्वारा एकत्र जल नहरों द्वारा दूर-दूर तक सिंचाई के लिए प्रयोग किया जाता है। बाँध वर्ष भर खेतों के लिए जलापूर्ति निश्चित करने के साथ-साथ कृषि उपज बढ़ाने में सहायक होते हैं।
  • बड़े बाँधों का जल उपचारित करने के बाद पेय जल सप्लाई के लिए नगरों में भेजा जाता है।
  • तेज बहाव वाली नदियों पर बाँध बनाकर जल को ऊँचाई से गिराकर पन-विद्युत का उत्पादन किया जाता है।
  • बाँधों द्वारा सूखा एवं बाढ़ से काफी हद तक बचाव होता है।

→ वर्षाजल संग्रहण (Water Harvesting)-वर्षा के जल को एकत्र करने, इसे पीने, सिंचाई या भू-जल स्तर में वृद्धि के लिए प्रयोग किया जाना वर्षा जल संग्रहण कहलाता है। इसके लिए बहुमंजिली इमारतों की छतों पर बने टैंक, भूमिगत टैंक, बड़े जलाशय, आदि प्रयोग किए जाते हैं। ऐसे जल को तुरन्त पीने हेतु प्रयोग किया जा सकता है।

→ कुछ प्रचलित जल संग्रहण तथा जल परिवहन प्रणालियों के उदाहरण निम्न प्रकार हैं –

  • मध्यप्रदेश तथा उत्तरप्रदेश में बंधिस (Bhandhis),
  • बिहार में आहर तथा पाइन (Ahars and Pynes),
  • राजस्थान में खादिन, बड़े पात्र एवं नाड़ी (Khadin, Tanks),
  • महाराष्ट्र में बंधारस एवं ताल (Bandharas, Tals)
  • हिमाचल में कुल्ह (Kulhs),
  • कर्नाटक में कट्टा (Kattas),
  • जम्मू में कादी क्षेत्र में तालाब (Ponds),
  • केरल में सुरंगम (Surangams),
  • तमिलनाडु में एरिस (Aris)।

→ कोयला एवं पेट्रोलियम (Coal and Petroleum)-कोयला एवं पेट्रोलियम जीवाश्मी ईंधन के उदाहरण हैं। इनका | निर्माण पृथ्वी के अन्दर लाखों वर्ष पूर्व दबी वनस्पतियों से अत्यधिक दाब एवं ताप के कारण हुआ है। इनके कुछ अंश प्राकृतिक गैस के रूप में पाए जाते हैं। जीवाश्मीय ईंधन अनवीकरणीय स्रोत है। इनकी खपत की वर्तमान दर के अनुसार हमारा ज्ञात पेट्रोलियम भंडार अगले 40 वर्षों में समाप्त हो जाएगा जबकि कोयला भंडार समाप्त होने में लगभग 200 वर्ष लगेंगे। जब कोयला एवं पेट्रोलियम जलाए जाते हैं तो CO2 , जल, SO2, तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड उत्पन्न होते हैं।

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→ यदि  इनका पूर्ण दहन नहीं होता तो जहरीले हाइड्रोकार्बन्स उत्पन्न होते हैं।

  • SO2, फेफड़ों को प्रभावित करके ब्रोंकाइटिस तथा अन्य रोग उत्पन्न करती है। यह वर्षा जल के साथ मिलकर अम्ल वर्षा उत्पन्न करती है।
  • नाइट्रोजन आक्साइड श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं तथा अम्ल वर्षा करते हैं।
  • CO2 एक अत्यन्त विषैली गैस है। यह हमारे रुधिर में पहुँच कर ऑक्सीजन आपूर्ति को बाधित करती है।
  • CO2, यद्यपि विषैली नहीं है किन्तु इसकी अत्यधिक मात्रा पृथ्वी के ऊष्मायन (Global Warming) में वृद्धि करती है।

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HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2

Haryana State Board HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2

Question 1.
Form the pair of linear equations in the following problems, and find their solutions graphically.

(i) 10 students of class X took part in a Mathematics quiz. If the number of girls is 4 more than the number of boys, find the number of boys and girls who took part in the quiz.
(ii) 5 pencils and 7 pens together cost ₹ 50, whereas 7 pencils and 5 pens together cost ₹ 46. Find the cost of one pencil and that of one pen.
Solution :
(i) Let the number of boys in the class be x and number of girls be y.
According to question,
x + y = 10 ……………..(1)
and y = x + 4
⇒ – x + y = 4 ……………(2)
∴ Linear equations are :
x + y = 10
– x + y = 4
Now, we draw the graphs of linear equations as follows :
x + y = 10
⇒ y = 10 – x
We put the different values of x in this equation, then we get different values of y and we prepare the table of x, y for equation x + y = 10

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 1

and – x + y = 4
y = 4 – x

We put the different values of x in this equation, then we get different values of y and we prepare the table of x, y for equation – x + y = 4

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 2

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 3

Now, we plot the points (2, 8), (5, 5) and (0, 10) on the graph paper and we draw a graph which passes through these points.
∴ We get a graph of a linear equation x + y = 10
Again, we plot the points (0, 4), (2, 6) and (- 1, 3) on the graph paper and we draw a graph which passes through these points.
∴ We get a graph of a linear equation – x + y = 4.
We observe that the graphs of the linear equations x + y = 10 and – x + y = 4, intersect each other at the point (3, 7). Hence x = 3, y = 7 is the solution of the linear equations.
Therefore, pair of linear equations is, x + y = 10, – x + y = 4 and number of boys = 3, and number of girls = 7.

(ii) Let the cost of 1 pencil be ₹ x
and the cost of 1 pen be ₹ y
According to question,
5x + 7y = 50 ……………………(1)
and 7x + 5y = 46 …………………..(2)
∴ Linear equations are:
5x + 7y = 50
7x + 5y = 46
Now, we draw the graphs of linear equations as follows :
5x + 7y = 50
⇒ 7y = 50 – 5x
⇒ y = \(\frac{50-5 x}{7}\)
We put the different values of x in this equation, then we get different values of y and we prepare the table of x, y for equation 5x + 7y = 50

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 4

and 7x + 5y = 46
5y = 46 – 7x
y = \(\frac{46-7 x}{5}\)
We put the different values of x in this equation, then we get different values of y and we prepare the table of x, y for equation 7x + 5y = 46

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 5

Now, we plot the points (3, 5), (10, 0), (- 4, 10) on the graph paper and we draw a graph which passes through these points.
∴ We get a graph of linear equation 5x + 7y = 50.
Again, we plot the points (8, – 2), (3, 5) and (- 2, 12) on the graph paper and we draw a graph which passes through these points.
∴ We get a graph of linear equation 7x + 5y = 46.

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 6

We observe that the graphs of equations 5x + 7y = 50, 7x + 5y = 46; intersect each other at point (3, 5). Hence, x = 3, y = 5 is the solution of linear equations.
Therefore, the pair of linear equations are :
5x + 7y = 50,
7x + 5y = 46
and the cost of 1 Pencil is ₹ 3 and the cost of 1 pen is ₹ 5.

Question 2.
On comparing the ratios \(\frac{a_1}{a_2}\), \(\frac{b_1}{b_2}\) and \(\frac{c_1}{c_2}\) find out whether the lines representing the following pairs of linear equations intersect at a point, are parallel or coincident:
(i) 5x – 4y + 8 = 0
7x + 6y – 9 = 0

(ii) 9x + 3y + 12 = 0
18x + 6y + 24 = 0

(iii) 6x – 3y + 10 = 0
2x – y + 9 = 0.
Solution :
(i) On comparing the linear equations 5x – 4y + 8 = 0, 7x + 6y – 9 = 0 with the general form of linear equations a1x + b1y + c1 = 0 and a2x + b2y + c2 = 0, we get
a1 = 5, b1 = – 4, c1 = 8, a2 = 1, b2 = 6, c2 = – 9
\(\frac{a_1}{a_2}=\frac{5}{7}\)

\(\frac{b_1}{b_2}=\frac{-4}{6}=\frac{-2}{3}\)

and \(\frac{c_1}{c_2}=\frac{8}{-9}=\frac{-8}{9}\)

Since, \(\frac{a_1}{a_2} \neq \frac{b_1}{b_2}\)
Therefore, the given lines intersect at a point.

(ii) On comparing the linear equations 9x + 3y + 12 = 0 and 18x + 6y + 24 = 0 with the general form of linear equations a1x + b1y + c1 = 0 and a2x + b2y + c2 = 0, we get
a1 = 9, b1 = 3, c1 = 12, a2 = 18, b2 = 6, c2 = 24
\(\frac{a_1}{a_2}=\frac{9}{18}=\frac{1}{2}\)

\(\frac{b_1}{b_2}=\frac{3}{6}=\frac{1}{2}\)

and \(\frac{c_1}{c_2}=\frac{12}{24}=\frac{1}{2}\)

Since, \(\frac{a_1}{a_2}=\frac{b_1}{b_2}=\frac{c_1}{c_2}\)
Therefore, the given lines are coincident lines.

(iii) On comparing the linear equations 6x – 3y + 10 = 0 and 2x – y + 9 = 0 with the general form of linear equations :
a1x + b1y + c1= 0
and a2x + b2y + c2 = 0, we get
a1 = 6, b1 = – 3, c1 = 10,
a2 = 2, b2 = – 1, c2 = 9

\(\frac{a_1}{a_2}=\frac{6}{2}\) = 3

\(\frac{b_1}{b_2}=\frac{-3}{-1}\) = 3

and \(\frac{c_1}{c_2}=\frac{10}{9}\)

Since, \(\frac{a_1}{a_2}=\frac{b_1}{b_2} \neq \frac{c_1}{c_2}\)

Therefore, the given lines are parallel lines.

Question 3.
On comparing the ratios \(\frac{a_1}{a_2}\), \(\frac{b_1}{b_2}\) and \(\frac{c_1}{c_2}\), find out whether the following pair of linear equations are consistent, or inconsistent:
(i) 3x + 2y = 5
2x – 3y = 7

(ii) 2x – 3y = 8
4x – 6y = 9

(iii) \(\frac{3}{2}\) x + \(\frac{5}{3}\) y = 7
9x – 10y = 14

(iv) 5x – 3y = 11
– 10x + 6y = – 22

(v) \(\frac{4}{3}\)x + 2y = 8
2x + 3y = 12.
Solution :
(i) We can write the given linear equations in the form of :
3x + 2y – 5 = 0
2x – 3y – 7 = 0
On comparing these equations with the general form of linear equations a1x + b1y + c1 = 0 and a2x + b2y + c = 0, we get
a1 = 3, b1 = 2, c1 = – 5, a2 = 2, b2 = – 3, c2 = – 7

\(\frac{a_1}{a_2}=\frac{3}{2}\) \(\frac{b_1}{b_2}=\frac{2}{-3}=\frac{-2}{3}\)

Since, \(\frac{a_1}{a_2} \neq \frac{b_1}{b_2}\)

Therefore, the pair of linear equations has unique solution. So, the equations are consistent.

(ii) We can write the given linear equations in the form of :
2x – 3y – 8 = 0
4x – 6y – 9 = 0
On oemparing these equations with the general form of linear equations a1x + b1y + c1 = 0 and a2x + b2y + c2 = 0, we get
a1 = 2, b1 = – 3, c1 = – 8, a2 = 4, b2 = – 6, c2 = – 9
\(\frac{a_1}{a_2}=\frac{2}{4}=\frac{1}{2}\)

\(\frac{b_1}{b_2}=\frac{-3}{-6}=\frac{1}{2}\)

and \(\frac{c_1}{c_2}=\frac{-8}{-9}=\frac{8}{9}\)

Since, \(\frac{a_1}{a_2}=\frac{b_1}{b_2} \neq \frac{c_1}{c_2}\)
Therefore, the pair of linear equations are parallel lines. So, the equations are inconsistent.

(iii) We can write the given linear equations in the form of:
\(\frac{3}{2}\)x + \(\frac{5}{3}\)y – 7 = 0
9x – 10y – 14 = 0
On comparing these equations with the general form of linear equations a1x + b1y + c1 = 0 and a2x + b2y + c2 = 0, we get
a1 = \(\frac{3}{2}\), b1 = \(\frac{5}{3}\), c1 = – 7, a2 = 9, b2 = – 10, c2 = – 14
\(\frac{a_1}{a_2}=\frac{\frac{3}{2}}{9}=\frac{3}{2} \times \frac{1}{9}=\frac{1}{6}\)

\(\frac{b_1}{b_2}=\frac{\frac{5}{3}}{-10}=\frac{5}{3} \times \frac{-1}{10}=-\frac{1}{6}\)

Since \(\frac{a_1}{a_2} \neq \frac{b_1}{b_2}\)

Therefore, the pair of linear equations has a unique solution. So, the equations are consistent.

(iv) We can write the given linear equations in the form of:
5x – 3y – 11 = 0
– 10x + 6y + 22 = 0
On comparing these equations with the general form of linear equations a1x + b1y + c1 = 0 and a2x + b2y + c2 = 0, we get
a1 = 5, b1 = – 3, c1 = – 11, a2 = – 10, b2 = 6, c2 = 22

\(\frac{a_1}{a_2}=\frac{5}{-10}=\frac{-1}{2}\) \(\frac{b_1}{b_2}=-\frac{3}{6}=\frac{-1}{2}\)

and \(\frac{c_1}{c_2}=-\frac{11}{22}=\frac{-1}{2}\)

Since, \(\frac{a_1}{a_2}=\frac{b_1}{b_2}=\frac{c_1}{c_2}\)
Therefore, the given linear equations are coincident lines. So, the equations are consistent.

(v) We can write the given linear equations in the form of:
\(\frac{4}{3}\)x + 2y – 8 = 0
2x + 3y – 12 = 0
On comparing these equations with the general form of linear equations a1x + b1y + c1 = 0 and a2x + b2y + c2 = 0, we get
a1 = \(\frac{4}{3}\), b1 = 2, c1 = – 8, a2 = 2, b2 = 3, c2 = – 12

\(\frac{a_1}{a_2}=\frac{3}{2}=\frac{4}{3} \times \frac{1}{2}=\frac{2}{3}\) \(\frac{b_1}{b_2}=\frac{2}{3}\)

and \(\frac{c_1}{c_2}=\frac{-8}{-12}=\frac{2}{3}\)

Since, \(\frac{a_1}{a_2}=\frac{b_1}{b_2}=\frac{c_1}{c_2}\)

Therefore, the given linear equations are coincident lines. So, the equations are consistent.

Question 4.
Which of the following pairs of linear equations are consistent/inconsistent? If consistent, obtain the solution graphically:
(i) x + y = 5
2x + 2y = 10

(ii) x – y = 8
3x – 3y = 16

(iii) 2x + y – 6 = 0
4x – 2y – 4 = 0

(iv) 2x – 2y – 2 = 0
4x – 4y – 5 = 0
Solution:
(i) We can write the given linear equations in the form of:
x + y – 5 = 0
2x + 2y – 10 = 0
On comparing these equations with the general form of linear equations a1x + by + c = 0 and ax + by + c = 0, we get
a1 = 1, b1 = 1, c1 = – 5, a2 = 2, b2 = 2, c2 = – 10
\(\frac{a_1}{a_2}=\frac{1}{2}\), \(\frac{b_1}{b_2}=\frac{1}{2}\)

and \(\frac{c_1}{c_2}=\frac{-5}{-10}=\frac{1}{2}\)

Since \(\frac{a_1}{a_2}=\frac{b_1}{b_2}=\frac{c_1}{c_2}\)

Therefore, the given linear equations are coincident lines. So, the equations are consistent.

Graphical solution :
We draw the graphs of given linear equations as follows:
x + y – 5 = 0
⇒ y = 5 – x
We put the different values of x in this equation then we get different values of y and we prepare the table of x, y for equation x + y – 5 = 0.

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 7

and 2x + 2y – 10 = 0
2y = 10 – 2x
⇒ y = \(\frac{10-2 x}{2}\)
⇒ y = 5 – x
The table of (x, y) for equation 2x + 2y – 10 = 0

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 8

Now, we plot the points (5, 0), (2, 3) and (1, 4) from table 1 and 2. Then we draw the graphs of linear equations x + y – 5 = 0 and 2x + 2y – 10 = 0 which passes through these points.

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 9

We observe that the graphs of linear equations are coincident lines which overlap each other so, it has infinitely manv solutions. Solutions are (5, 0), (2, 3) and (1, 4).

(ii) We can write the given linear equations in the form of :
x – y – 8 = 0
3x – 3y – 16 = 0
On comparing these equations with the general form of linear equations a1x + b1y + c1 = 0 and a2x + b2y + c2 = 0, we get
a1 = 1, b1 = – 1, c1 = – 8, a2 = 3, b2 = – 3, c2 = – 16
\(\frac{a_1}{a_2}=\frac{1}{3}\), \(\frac{b_1}{b_2}=\frac{-1}{-3}=\frac{1}{3}\)

and \(\frac{c_1}{c_2}=\frac{-8}{-16}=\frac{1}{2}\)

Since, \(\frac{a_1}{a_2}=\frac{b_1}{b_2} \neq \frac{c_1}{c_2}\)
Therefore, the given linear equations are parallel lines. So, the equations are inconsistent.

(iii) On comparing the linear equations 2x + y – 6 = 0 and 4x – 2y – 4 = 0 with the general form oflinear equations a1x + b1y + c1 = 0 and a2x + b2y + c2 = 0, we get
a1 = 2, b1 = 1, c1 = – 6, a2 = 4, b2 = – 2, c2 = – 4
\(\frac{a_1}{a_2}=\frac{2}{4}=\frac{1}{2}\),

\(\frac{b_1}{b_2}=\frac{1}{-2}=\frac{-1}{2}\)

and \(\frac{c_1}{c_2}=\frac{-6}{-4}=\frac{3}{2}\)

Since, \(\frac{a_1}{a_2} \neq \frac{b_1}{b_2}\)
Therefore, the given linear equations intersect each other at a point. So, the equations are consistent.

Graphical solution :
We draw the graphs of linear equations as follows :
2x + y – 6 = 0
⇒ y = 6 – 2x
We put the different values of x in this equation then we get different values of y and we prepare the table of x, y.

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 10

and 4x – 2y – 4 = 0
⇒ 2y = 4x – 4
⇒ y = \(\frac{4 x-4}{2}\)
y = 2x – 2
We put the different values of x in this equation, then we get different values of y and we prepare the table of x, y.

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 11

Therefore, the given linear equations are coincident lines. So, the equations are consistent.

Now, we plot the points (0, 6), (1, 4) and (3, 0) on the graph paper and we draw a graph which passes through these points.
∴ We get a graph of linear equation 2x + y – 6 = 0.
Again, we plot the points (0, – 2), (1, 0) and (2, 2) on the graph paper and we draw a graph which passes through these points.
∴ We get a graph of linear equation 4x – 2y – 4 = 0.
We observe that the graphs of linear equations 2x + y – 6 = 0 and 4x – 2y – 4 = 0 intersect each other at point (2, 2). Hence, x = 2, y = 2 is the solution of the given linear equations.

(iv) On comparing the linear equations 2x – 2y – 2 = 0 and 4x – 4y – 5 = 0, with the general form of linear equations a1x + b1y + c1 = 0 and a2x + b2y + c2 = 0, we get
a1 = 2, b1 = – 2, c1 = – 2, a2 = 4, b2 = – 4, c2 = – 5
\(\frac{a_1}{a_2}=\frac{2}{4}=\frac{1}{2}\)

\(\frac{b_1}{b_2}=\frac{-2}{-4}=\frac{1}{2}\)

and \(\frac{c_1}{c_2}=\frac{-2}{-5}=\frac{2}{5}\)

Since, \(\frac{a_1}{a_2}=\frac{b_1}{b_2} \neq \frac{c_1}{c_2}\)
Therefore, the given linear equations are parallel lines. So, the equations are inconsistent.

Question 5.
Half the perimeter of a rectangular garden, whose length is 4 m more than its width, is 36 m. Find the dimensions of the garden.
Solution:
Let the length of rectangular garden be x m and width be y m.
According to question,
\(\frac{2(x+y)}{2}\) = 36
x + y = 36 …………………(1)
and x = y + 4
⇒ x – y = 4 ……………….(2)
We draw the graphs of these equations as follows :
x + y = 36
⇒ y = 36 – x
We put the different values of x in this equation then we get different values of y and we prepare the table of x, y for equation x + y = 36

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 14

x – y = 4
⇒ y = x – 4
We put the different values of x in this equation then we get different values of y and we prepare the table of x, y for equation x – y = 4

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 15

Now, we plot the points (10, 26), (20, 16) and (12, 24) on the graph paper and we draw a graph which passes through these points.
∴ We get a graph of linear equation x + y = 36.
Again, we plot the points (20, 16), (2, – 2) and (4, 0) on the graph paper and we draw a graph which passes through these points.
∴ We get a graph of linear equation x – y = 4.

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 16

We observe that the graphs of linear equations x + y = 36 and x – y =4 intersect each other at point (20, 16). Hence, x = 20, y = 16 is the solution of given linear equations.
Therefore, Length of garden = 20 m
Width of garden = 16 m.

Question 6.
Given the linear equation 2x + 3y – 8 = 0, write another linear equation in two variables such that the geometrical representation of the pair so formed is :
(i) intersecting lines
(ii) parallel lines
(iii) coincident lines.
Solution :
On comparing the given linear equation 2x + 3y – 8 = 0 with the general form of linear equation ax + by + c = 0, we get
a = 2, b = 3, c = – 8
(i) When a pair of linear equations are intersecting lines, then condition is :
\(\frac{a_1}{a_2} \neq \frac{b_1}{b_2}\)

⇒ \(\frac{2}{a_2} \neq \frac{3}{b_2}\)

⇒ \(\frac{a_2}{b_2} \neq \frac{2}{3}\)

Hence, required possible another linear equation is 3x + 2y – 10 = 0.

(ii) When a pair of linear equations are parallel lines, then condition is :

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Ex 3.2 17

Hence, required possible another linear equation is 2x + 3y – 12 = 0.

(iii) When the pair of linear equations are coincident lines, then the condition is :
\(\frac{a_1}{a_2}=\frac{b_1}{b_2}=\frac{c_1}{c_2}\)

\(\frac{2}{a_2}=\frac{3}{b_2}=\frac{-8}{c_2}\) \(\frac{a_2}{2}=\frac{b_2}{3}=\frac{c_2}{-8}\)

Let \(\frac{a_2}{2}=\frac{b_2}{3}=\frac{c_2}{-8}\) = k [Where k is constant]

a2 = 2k
b2 = 2k
and c2 = – 8k

Hence, the required linear equation is : 2kx + 3ky – 8k = 0 [Where k is constant].
Therefore, the required possible linear equation is 4x + 6y – 16 = 0.

Question 7.
Draw the graphs of the equations x – y + 1 = 0 and 3x + 2y – 12 = 0. Determine the coordinates of the vertices of the triangle formed by these lines and the x- axis and shade the triangular region.
Solution:
We draw the graph of given linear equations as follows :
x – y + 1 = 0
y = x + 1
We put the different values of x in this equation, then we get different values of y and we prepare the table of x, y for equation x – y + 1 = 0

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and 3x + 2y – 12 = 0
⇒ 2y = 12 – 3x
⇒ y = \(\frac{12-3 x}{2}\)

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We put the different values of x m this equation then we get different values of y and we prepare the table of x, y for equation 3x + 2y – 12 = 0

Now, we plot the points (2, 3), (4, 5) and (5, 6) on the graph paper and we draw a graph which passes through these points.
∴ We get a graph of linear equation x – y + 1 = 0.
Again, we plot the points (0, 6), (2, 3) and (4,0) on the graph paper and we draw a graph, which passes through these points.
∴ We get a graph of linear equation 3x + 2y – 12 = 0.

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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Veryshort Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मानव नेत्र का कौन-सा भाग नेत्रदान में दान किया जाता है?
उत्तर-
कॉर्निया (दृष्टि पटल)।

प्रश्न 2.
मानव नेत्र (सामान्य) का दूर बिंदु कहाँ स्थित होता है?
उत्तर-
अनन्त पर।

प्रश्न 3.
चलचित्र में मानव नेत्र के किस गुण का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
दृष्टि निर्बन्धता का।

प्रश्न 4.
दोनों नेत्रों का एक साथ दृष्टि क्षेत्र लगभग कितना होता है ?
उत्तर-
लगभग 180° ।

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प्रश्न 5.
पुतली (Iris) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आँख के बीच के छिद्र को पुतली (Iris) कहते हैं।

प्रश्न 6.
आँख का लेंस क्या कार्य करता है ?
उत्तर-
आँख का लेंस अपवर्तित किरणों को रेटिना पर पड़ने से पहले फोकस दूरी निर्धारित करता है।

प्रश्न 7.
कम प्रकाश में पुतली पर क्या प्रभाव पड़ता
उत्तर-
पुतली फैल जाती है।

प्रश्न 8.
रेटिना पर प्रतिबिम्ब कैसा बनता है ?
उत्तर-
रेटिना पर प्रतिबिम्ब उल्टा, छोटा और वास्तविक बनता है।

प्रश्न 9.
क्रिस्टलीय लेंस का कार्य क्या है ?
उत्तर-
क्रिस्टलीय लेंस विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं को रेटिना पर फोकसित करने के लिए आवश्यक दूरी में सूक्ष्म समायोजन करता है।

प्रश्न 10.
कौन सा जीव पराबैंगनी किरणों की उपस्थिति में भी देख सकता है?
उत्तर-
शहद की मक्खियाँ।

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प्रश्न 11.
नेत्रदान में कितना समय लगता है ?
उत्तर-
10 से 15 मिनट।

प्रश्न 12.
कौन से लोग नेत्रदान नहीं कर सकते ?
उत्तर-
एड्स, हेपेटाइटिस B या C , जलभित्ती, मस्तिष्क ‘ शोथ के संक्रमण से पीड़ित लोग नेत्रदान नहीं कर सकते।

प्रश्न 13.
अभिनेत्र लेंस की वह क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर लेता है, क्या कहलाती है? [RBSE 2015]
उत्तर-
समायोजन क्षमता।

प्रश्न 14.
निकट दृष्टिदोष के क्या कारण है ?
उत्तर-
(i) अभिनेत्र लेंस की वक्रता का अधिक होना। अथवा
(ii) नेत्र गोलक का लंबा हो जाना।

प्रश्न 15.
नेत्र लेंस को निकट की वस्तु देखने पर यह कैसे समायोजित हो जाता है ?
उत्तर-
लेंस पतला हो जाता है।

प्रश्न 16.
निकट दृष्टि दोष से युक्त नेत्र के लिये प्रतिबिम्ब कहाँ बनता है?
उत्तर-
रेटिना से पहले बनता है।

प्रश्न 17.
निकट दृष्टि दोष से युक्त नेत्र के दोष निवारण के लिये कौन-सा लेंस प्रयुक्त किया जाता है?
उत्तर-
अवतल लेंस।।

प्रश्न 18.
एक विद्यार्थी कक्षा में तीसरी पंक्ति में बैठा हुआ है, जिसे अध्यापक द्वारा बोर्ड पर लिखा संदेश स्पष्ट दिखायी नहीं पड़ता है तो बताइए कि विद्यार्थी किस दोष से पीड़ित है?
उत्तर-
निकट दृष्टि दोष।

प्रश्न 19.
दूर दृष्टिदोष के क्या कारण हैं?
उत्तर-

  • अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी अधिक हो जाना,
  • नेत्र गोलक का छोटा हो जाना।

प्रश्न 20.
एक व्यक्ति के चश्में में उत्तल लेंस लगा है। बताइए उस व्यक्ति की आँख में कौन सा दोष है ?
उत्तर-
व्यक्ति की आँख में दूर दृष्टि दोष है।

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प्रश्न 21.
दूर दृष्टि दोष से युक्त नेत्र के लिये प्रतिबिम्ब कहाँ बनता है?
उत्तर-
रेटिना के बाद बनता है।

प्रश्न 22.
एक विद्यार्थी पुस्तक को स्पष्ट रूप से नहीं पढ़ पाता है तो बताइए उसे कौन-सा दोष है?
उत्तर-
दूर दृष्टि दोष है।

प्रश्न 23.
जरा दूर-दृष्टिता का क्या कारण है ?
उत्तर-
यह पक्ष्माभी पेशियों के धीरे-धीरे दुर्बल होने तथा क्रिस्टलीय लेंस के लचीलेपन में कमी आने के कारण होता है।

प्रश्न 24.
जरा दूर-दृष्टिता के निवारण के लिये किस प्रकार के लेंस का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
द्विफोकसी लेंस का प्रयोग किया जाता है जिसमें ऊपर का भाग अवतल लेंस की तरह तथा नीचे का भाग उत्तल लेंस की भाँति कार्य करता है।

प्रश्न 25.
वृद्धावस्था में कुछ लोगों को मोतियाबिन्दु क्यों हो जाता है?
उत्तर-
उनकी आँख के लेंस पर पारभासक या अपारदर्शक झिल्ली जमने के कारण मोतियाबिन्दु हो जाता है।

प्रश्न 26.
आजकल चश्में के स्थान पर नेत्र दोषों को किस प्रकार सुधारा जा सकता है?
उत्तर-
कॉन्टेक्ट लेंसों के प्रयोग या शल्य चिकित्सा के द्वारा नेत्र दोषों को सुधारा जा सकता है।’

प्रश्न 27.
तारों के टिम-टिमाने का मुख्य कारण क्या
उत्तर-
वायुमण्डलीय अपवर्तन।

प्रश्न 28.
वास्तविक व आभासी सूर्यास्त के बीच कितना समयान्तराल होता है?
उत्तर-
2 मिनट।

प्रश्न 29.
यदि पृथ्वी पर वायुमंडल न होता तो आकाश का रंग कैसा दिखता ?
उत्तर-
काला। .

प्रश्न 30.
प्रिज्म में कितने आधार और पृष्ठ होते हैं ?
उत्तर-
प्रिज्म में दो त्रिभुजाकार आधार तथा तीन आयताकार पार्श्व पृष्ठ होते हैं।

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प्रश्न 31.
प्रिज्म कोण से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
प्रिज्म के दो पार्श्व फलकों के बीच के कोण को प्रिज्म कोण कहते हैं।

प्रश्न 32.
सर्वप्रथम सूर्य का स्पेक्ट्रम प्राप्त करने के लिए काँच के प्रिज्म का उपयोग किसने किया था ?
उत्तर-
आइजक न्यूटन।

प्रश्न 33.
इन्द्रधनुष आकाश में किस दिशा में दिखाई देता है ?
उत्तर-
सूर्य के विपरीत दिशा में।

प्रश्न 34.
इन्द्रधनुष बनने का कारण क्या है ?
उत्तर-
वायुमण्डल में उपस्थित जल की सूक्ष्म बूंदों के द्वारा सूर्य के प्रकाश के परिक्षेपण के कारण इन्द्रधनुष बनता

प्रश्न 35.
स्पेक्ट्रम से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
प्रकाश के अवयवी वर्गों के बैंड को स्पेक्ट्रम कहते हैं।

प्रश्न 36.
प्रकाश स्पेक्ट्रम में पाए जाने वाले वर्णों को क्रम से लिखिए।
उत्तर-
बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी तथा लाल।

प्रश्न 37.
प्रिज्म में से श्वेत प्रकाश के गुजरने पर कौन-सा रंग सबसे अधिक विक्षेपित होता है ?
उत्तर-
बैंगनी रंग।

प्रश्न 38.
विचलन कोण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
प्रिज्म द्वारा अपवर्तन होने पर प्रिज्म की विशेष आकृति के कारण निर्गत किरण आपतित किरण की दिशा से एक कोण बनाती है। इस कोण को विचलन कोण कहते हैं।

प्रश्न 39.
विक्षेपण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
प्रकाश के अवयवी वर्गों में विभाजित हो जाने को विक्षेपण या वर्ण विक्षेपण कहते हैं।

प्रश्न 40.
जंगल के कुहासे में जल की सूक्ष्म बूंदें प्रकाश का प्रकीर्णन किस कारण करती हैं ?
उत्तर-
टिण्डल प्रभाव के कारण।

प्रश्न 41.
पृथ्वी के चारों ओर वायुमण्डल न होने पर आकाश किस रंग का दिखाई देगा?
उत्तर-
वायुमण्डल की अनुपस्थिति में प्रकीर्णन न हो पाने के कारण आकाश का रंग काला दिखाई देगा।

प्रश्न 42.
खतरे का संकेत लाल बनाने का क्या कारण है ? या सूर्योदय के समय रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है? [CBSE 2015]
उत्तर-
लाल रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य अधिक होती है, इसलिये इसका प्रकीर्णन कम होता है अतः दूर से देखने पर भी रंग की तीव्रता में कोई कमी नहीं आती है। इसीलिये ये लाल रंग के होते हैं।

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प्रश्न 43.
स्वच्छ आकाश के नीले रंग का मुख्य कारण क्या है? [CBSE 2015]
उत्तर-
प्रकाश का प्रकीर्णन।

प्रश्न 44.
अंतरिक्ष यात्री को आकाश कैसा दिखायी देता है?
उत्तर-
काला, अत्यधिक ऊँचाई पर प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
दृष्टि पटल का कार्य लिखिए।
उत्तर-
नेत्र के उचित कार्य के लिए दृष्टि पटल (Retina) अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। ये नेत्र गोलक का भीतरी पर्दा है जिसका रूप अत्यन्त कोमल झिल्ली के समान होता है। इस पर असंख्य प्रकाश संवेदी कोशिकाएँ होती हैं। इस पर दण्ड और शंकु जैसी रचनाएँ होती हैं जो प्रकाश और रंगों के प्रति संवेदनशील होती हैं। यही प्रकाश की संवेदना को संकेतों के रूप में मस्तिष्क तक दृष्टि तंत्रिका के माध्यम से भेजती हैं जिससे दिखाई देता है।

प्रश्न 2.
मनुष्य की आँख व फोटोग्राफिक कैमरे में अन्तर लिखिए।

उत्तर-
मनुष्य की आँख व फोटोग्राफिक कैमरे में अन्तर

मनुष्य की आँखफोटोग्राफिक कैमरा
1. यह सजीव है।1. यह निर्जीव है।
2. पेशियों की सहायता से इसकी उत्तलता को कम या अधिक किया जा सकता है।2. इसकी उत्तलता को कम या अधिक नहीं किया जा सकता।
3. इसमें लेंस, एक्वस एवं विट- रस ह्यूमर मिलकर संयुक्त लेंस का कार्य करते हैं।3. इसमें एक या अनेक लेंसों का प्रयोग किया जाता है।
4. पुतली के द्वारा लेंस को नियन्त्रित किया जाता है।4. एक छिद्र के द्वारा लेंस द्वार को छोटा या बड़ा किया जाता है।

प्रश्न 3.
कौन-कौन व्यक्ति नेत्रदान कर सकते हैं?
उत्तर-

  • किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति
  • किसी भी लिंग के व्यक्ति
  • चश्मा लगाने या चश्मा न लगाने वाले
  • मोतियाबिन्दु का ऑपरेशन करा चुके व्यक्ति
  • उच्च रक्त चाप से पीड़ित
  • दमे के रोगी
  • मधुमेह रोगी।

प्रश्न 4.
हमारी आँखें किस प्रकार किसी वस्तु की लम्बाई, चौड़ाई और गहराई को प्रकट करती हैं?
उत्तर-
हमारी आँखें सिर के सामने की ओर स्थित रहती हैं। इससे हमारा दृष्टि क्षेत्र अवश्य कुछ कम हो जाता है परन्तु इससे त्रिविमीय चित्र भली-भाँति दिखाई पड़ते हैं। हमारी-आँखों के बीच कुछ सेन्टीमीटर का अन्तर होता है इसलिए दोनों आँखों से किसी भी वस्तु का थोड़ा सा भिन्न प्रतिबिम्ब दिखाई देता है। हमारा मस्तिष्क दोनों प्रतिबिम्बों का संयोजन करके एक प्रतिबिम्ब बना देता है जिससे उस वस्तु की निकटता या दूरी का ज्ञान हो पाता है। इससे लम्बाई, चौड़ाई और गहराई का ज्ञान हो सकता है।

प्रश्न 5.
सिनेमा की रील में सभी लोग स्वाभाविक रूप से हिलते-डुलते क्यों दिखाई देते हैं जबकि वास्तव में वे स्थिर ही होते हैं।
उत्तर-
मनुष्य की आँख का एक विशेष गुण है कि रेटिना पर बने बिम्ब की संवेदना एक सेकण्ड के सोलहवें भाग तक बनी रहती है। यदि इस वेग से जल्दी एक सी तस्वीरें आँख के सामने से गुजारी जाएँ तो वे चलती-फिरती और सहज रूप से गति करती प्रतीत होती हैं। सिनेमा की रील फिल्म में एक सेकण्ड में 24 या इससे अधिक तस्वीरें ली जाती हैं तथा जब ये तस्वीरें आँख के सामने से गुजरती हैं तो वे चलती-फिरती दिखाई देती हैं।

प्रश्न 6.
नेत्रदान करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-

  1. मृत्यु के बाद 4 से 6 घंटे के भीतर ही नेत्रदान हो जाना चाहिए।
  2. नेत्रदान एक सरल प्रक्रिया है और इससे किसी प्रकार का विरूपण नहीं होता।
  3. नेत्रदान समीपवर्ती नेत्र बैंक को दिया जाना चाहिए। उनकी टीम दिवगंत व्यक्ति के घर या निकटवर्ती अस्पताल में 10-15 मिनट में नेत्र निकाल लेती है।

प्रश्न 7.
रेटिमा से मस्तिष्क तक संकेत कैसे पहुँचते हैं ?
उत्तर-
पुतली से प्रकाश किरणें नेत्र में प्रवेश कर अभिनेत्र लेंस के माध्यम से रेटिना पर किसी वस्तु का उल्टा, छोटा तथा वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाती हैं। रेटिना पर बहुत अधिक संख्या में प्रकाश सुग्राही कोशिकाएँ होती हैं जो सक्रिय होकर विद्युत सिग्नल उत्पन्न करती हैं। ये सिग्नल दृक् तंत्रिकाओं के द्वारा मस्तिष्क तक पहुँचा दिए जाते हैं और मस्तिष्क उनकी व्याख्या कर लेता है।

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प्रश्न 8.
स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी का क्या अर्थ है ? (RBSE 2017)
उत्तर-
यदि वस्तु नेत्र के अधिक समीप हो तो वह स्पष्ट दिखाई नहीं देती है अतः वह निकटतम बिन्दु जिस पर स्थित वस्तु को नेत्र अपनी अधिकतम समंजन क्षमता लगाकर स्पष्ट देख सकता है, नेत्र का निकट बिन्दु कहलाता है। नेत्र से निकट बिन्दु तक की दूरी स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी कहलाती है। सामान्य नेत्र के लिए यह दूरी 25 cm होती है।

प्रश्न 9.
मोतियाबिन्दु किसे कहते हैं ? इसका उपचार क्या है ?
उत्तर-
आँख के लेंस के पीछे अनेक कारणों से एक झिल्ली जम जाती है जिस कारण पारदर्शी लेंस के पार की प्रकाश की किरणों के गुजरने में रुकावट उत्पन्न होती है। कभी-कभी लेंस पूर्णतः अपारदर्शी भी बन जाता है। शल्य चिकित्सा के द्वारा उस खराब लेंस को बाहर निकाल दिया जाता है। उसके स्थान पर उचित शक्ति का कॉन्टेक्ट लेंस लगाने या शल्य चिकित्सा के बाद चश्मा लगाने से ठीक दिखाई देने लगता है।

प्रश्न 10.
जब किसी व्यक्ति की आँख की पक्ष्माभी पेशियाँ कमज़ोर होने लगती हैं तथा आँख के लेंस का लचीलापन कम होने लगता है तो उस व्यक्ति की आँख के इस दोष को क्या नाम दिया जाता है? इस दोष को ठीक करने के लिए उसे किस प्रकार के लेंस का चश्मा लगाया जाता है, इस लेंस का वर्णन करें।
उत्तर-
इस दोष का नाम जरा दूरदृष्टिता है। इस दोष को ठीक करने के लिए द्विफोकसी लेंस का उपयोग किया जाता है। इस लेंस के ऊपरी भाग में अवतल लेंस हा… है जो कि दूर की वस्तुओं को ठीक से देखने के लिए उपयोग किया जाता है। इस लेंस के नीचे वाले भाग में उत्तल लेंस होता है जो नज़दीक की वस्तुओं को देखने के लिए उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 11.
क्या होता है जब कोई श्वेत प्रकाश पुंज किसी काँच के प्रिज्म से होकर अपवर्तित होता है? प्रिज्म से अपवर्तन के पश्चात् किस वर्ण का विचलन अधिकतम होता है और किसका न्यूनतम? क्या हो सकता है यदि किसी दूसरे सर्वसम प्रिज्म को पहले प्रिज्म के सापेक्ष उल्टी स्थिति में रखा जाए? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
अथवा
किसी छात्र को अपनी दृष्टि के संशोधन के लिए-0.5D क्षमता के चश्मों की आवश्यकता होती है।
(i) उस दृष्टि दोष का नाम लिखिए जिससे यह छात्र पीड़ित है। (RBSE 2016)
(ii) संशोधक लेंस की प्रकृति और फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
(iii) इस दृष्टि दोष के दो कारणों की सूची बनाइए। (CBSE 2019)
उत्तर-
जब कोई श्वेत प्रकाश पुंज किसी प्रिज्म से अपवर्तित होता है तो श्वेत प्रकाश पुंज सात रंगों में VIBGYOR में विभक्त होता है, इसे वर्ण विक्षेपण कहते हैं। बैंगनी रंग का विचलन अधिकतम; लाल रंग का विचलन न्यूनतम होता यदि प्रिज्म के सामने दूसरा प्रिज्म उल्टा रख दिया जाय तो विभक्त रंगों की पट्टी पुनः मिलकर श्वेत प्रकाश पुंज के रूप में निकलती है।

अथवा.
(i) छात्र के लेंस की क्षमता – 0.5 D है अतः वह मायोपिया-निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है।
(ii) वह अवतल लेंस का चश्मा प्रयोग करता है जिसकी फोकस दूरी 200 सेमी है।
(iii) दोष के कारण-लेंस का मोटा होना, नेत्र गोलक का लम्बा होना।

प्रश्न 12.
(a) कोई व्यक्ति निकट दृष्टि दोष तथा दीर्घ दृष्टि दोष दोनों से पीड़ित है।।
(i) इस दोष को किस प्रकार लेंस संशोधित कर सकते हैं?
(ii) इस प्रकार के लेंस किस प्रकार बनाए जाते हैं?
(b) किसी व्यक्ति को दीर्घ दृष्टि दोष के संशोधन के लिए + 3D के लेंस तथा निकट दृष्टि दोष के लिए – 3D के लेंस की आवश्यकता होती है। इन दोषों को संशोधित करने वाले इन लेंसों की फोकस दूरियाँ परिकलित कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a)
(i) द्विफोकसी लेंस द्वारा निकट दृष्टि तथा दीर्घ दृष्टि दोनों प्रकार के दोषों को दूर किया जा सकता है।
(ii) द्विफोकसी लेंस में ऊपरी भाग अवतल लेंस होता है जो दूर की वस्तुओं को देखने के लिए होता है तथा नीचे के भाग में उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है जो नज़दीक की वस्तुओं को देखने तथा पढ़ने के लिए होता है।
(b) दीर्घ दृष्टि दोष संशोधन के लेंस की फोकस दूरी (f)
P= +3D
f1 = \(\frac{1}{P_1}=+\frac{1}{3} m=+\frac{100}{3} \mathrm{~cm}\) = +33.3cm
निकट दृष्टिदोष संशोधन के लेंस की फोकस दूरी (f):
P=-3D
f2 = \(\frac{1}{P_2}=-\frac{1}{3} m=-\frac{100}{3} \mathrm{~cm} \) = -33.3cm

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

प्रश्न 13.
प्रातःकाल सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है? क्या कोई प्रेक्षक इस परिघटना का प्रेक्षण चन्द्रमा पर भी कर सकता है? अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
सूर्योदय के समय सूर्य क्षितिज के समीप होता है। क्षितिज के समीप स्थित सूर्य से आने वाला प्रकाश हमारे नेत्रों तक पहुँचने से पहले पृथ्वी के वायुमंडल में वायु की मोटी परतों से होकर गुज़रता है। क्षितिज के समीप नीले तथा कम तरंगदैर्ध्य के प्रकाश का अधिकांश भाग वायुमंडल के सक्ष्म कणों द्वारा प्रकीर्ण हो जाता है। इसलिए हमारे नेत्रों तक पहुँचने वाला प्रकाश अधिक तरंगदैर्ध्य अर्थात् लाल रंग का होता है। इससे सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है। कोई प्रेक्षक इस परिघटना का प्रेक्षण चन्द्रमा पर नहीं कर सकता क्योंकि यह परिघटना सूर्य के प्रकाश के किरणों की वायुमंडल के कणों द्वारा प्रकीर्णन के कारण ही होती है और चंद्रमा पर कोई वायुमंडल नहीं होता है।

प्रश्न 14.
(i) मानव नेत्र में पक्ष्माभी पेशियों का महत्व लिखिए। उस दृष्टि दोष का नाम लिखिए जो वृद्धावस्था में पक्ष्माभी पेशियों के धीरे-धीरे दुर्बल होने के कारण उत्पन्न होता है। इस दोष से पीड़ित व्यक्तियों को सुस्पष्ट देख सकने के लिए किस प्रकार के लेंसों की आवश्यकता होती है?
(ii) अक्षय अपनी कक्षा में अंतिम पंक्ति में बैठे हुए, ब्लैकबोर्ड पर लिखे शब्दों को स्पष्ट नहीं देख पा रहा था। जैसे ही शिक्षक महोदय को पता चला उन्होंने कक्षा में घोषणा की, कि क्या पहली पंक्ति में बैठा हुआ कोई छात्र अक्षय से अपनी सीट बदलना चाहेगा? सलमान तुरन्त ही अपनी सीट अक्षय से बदलने के लिए तैयार हो गया। अब अक्षय को ब्लैकबोर्ड पर लिखा हुआ स्पष्ट दिखाई देने लगा। यह देखकर शिक्षक महोदय ने अक्षय के माता-पिता को संदेश भेजा कि वे शीघ्र ही अक्षय के नेत्रों का परीक्षण करवाएँ। उपयुक्त घटना के संदर्भ में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(a) अक्षय किस दृष्टि दोष से पीड़ित है? इस दोष के संशोधन के लिए किस प्रकार का लेंस उपयोग किया जाता है?
(b) शिक्षक महोदय और सलमान द्वारा प्रदर्शित मूल्यों का उल्लेख कीजिए।
(c) आपके विचार से अक्षय को शिक्षक महोदय और सलमान के प्रति अपनी कृतज्ञता किस प्रकार प्रकट करनी चाहिए? [CBSE 2015]
उत्तर-
(i) पक्ष्माभी पेशियों का महत्व-पक्ष्माभी पेशियाँ लेंस की फोकस दूरी को परिवर्तित करके बिम्ब (वस्तु) का प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनाती है।
वृद्धावस्था में पक्ष्माभी पेशियों के कारण नेत्र दोष-जरा दूर दृष्टिता दोष निवारण-द्वि फोकसी लैन्स की आवश्यकता होती है।
(ii)
(a) अक्षय निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है तथा इसके निवारण के लिये अवतल लैंस की आवश्यकता पड़ती है।
(b) दया तथा विषय की उपयोगिता।
(c) हमारे अनुसार शिक्षक महोदय तथा सलमान ने अक्षय की समस्या को समझ कर सामाजिकता तथा अपने कर्तव्यों का एक श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया।

प्रश्न 15.
यह दर्शाने के लिए किसी क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए कि किस प्रकार एक प्रिज्म द्वारा विपाटित श्वेत प्रकाश को अन्य सर्वसम प्रिज्म द्वारा पुनर्योजित करके पुनः श्वेत प्रकाश प्राप्त किया जा सकता है। श्वेत प्रकाश के स्पेक्ट्रम के पुनर्योजन को दर्शाने के लिए किरण आरेख भी खींचिए। (CBSE 2016, 17)
उत्तर-विधि :
(1) समान काँच पदार्थ तथा समान अपवर्तन कोण के दो प्रिज्म P1 और P2 लीजिए।
(2) दूसरे प्रिज्म P2 को प्रिज्म P1 के सापेक्ष उल्टा करके चित्र (नीचे) में दर्शाए अनुसार रखिए।
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(3) श्वेत प्रकाश का एक पतला किरण पुंज प्रिज्म P1 पर डालिए तथा प्रिज्म P2 से आने वाले निर्गत किरण पुंज का प्रेक्षण किसी पर्दे अथवा दीवार पर कीजिए। पर्दे/दीवार पर श्वेत प्रकाश की चित्ती दिखाई देती है। पहला प्रिज्म P1 श्वेत प्रकाश को इसके सात-वर्ण के अवयवों में विक्षेपित अथवा विभाजित कर देता है। जब ये वर्ण उल्टे प्रिज्म P2 पर पड़ते हैं, तो वह उन्हें श्वेत प्रकाश में संयोजित कर देता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मानव नेत्र का सचित्र वर्णन कीजिए तथा नेत्र द्वारा रेटिना पर प्रतिबिम्ब का बनना किरण आरेख द्वारा स्पष्ट कीजिए। (CBSE 2018, 19)
उत्तर-
मानव नेत्र (Human Eye) नेत्र मनुष्य के शरीर का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। इसके द्वारा मानव सभी वस्तुओं को देख सकता है। मानव. की आँख एक कैमरे की भाँति कार्य करती है। नेत्र के निम्नलिखित भाग होते हैं
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(1) दृढ़ पटल (Sclerotic)-मानव नेत्र एक खोखले गोले के समान होता है. यह बाहर से एक दढ व अपारदर्शी श्वेत परत से ढका रहता है। इस परत को दढ पटल कहते हैं. इसके द्वारा नेत्र के भीतरी भागों की सुरक्षा होती है।

(2) रक्तक पटल (Choroid)-दढ पटल के भीतरी पृष्ठ पर एक काले रंग की झिल्ली लगी रहती है इसे रक्तक पटल कहते हैं। यह आपतित प्रकाश का अवशोषण करता है, इसे कोरॉइड भी कहते हैं।

(3) कॉर्निया (Cornea)-यह आँख में प्रकाश का अपवर्तन करती है। यह एक कठोर पारदर्शी गोलीय संरचना होती है।

(4) परितारिका अथवा आइरिस (Iris)-कॉर्निया के पीछे एक रंगीन एवं अपारदर्शी झिल्ली का पर्दा होता है जिसे परितारिका कहते हैं। यह परितारिका वृत्तीय आकृति की तथा काले-भूरे रंग की होती है। .

(5) पुतली अथवा तारा (Pupil)-आइरिस के बीच में एक छोटा सा छिद्र होता है जिसे पुतली अथवा नेत्र तारा कहते हैं। यह गोल तथा काली दिखाई देती है। कॉर्निया से आया प्रकाश पुतली से होकर लेंस पर आपतित होता है। पुतली की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि अन्धकार में यह अपने आप बड़ी व अधिक प्रकाश में अपने आप छोटी हो जाती है, इस प्रकार यह नेत्र में जाने वाले प्रकाश को नियन्त्रित करती है।

(6) नेत्र-लेंस (Eye-lens)-पुतली के ठीक पीछे पारदर्शी ऊतक का बना उत्तल लेंस होता है, जिसे नेत्र लेंस कहते हैं। इसके पिछले भाग की वक्रता त्रिज्या अगले भाग की अपेक्षा अधिक होती है। इसका माध्य अपवर्तनांक लगभग 1.44 होता है। नेत्र लेंस माँसपेशियों के बीच टिका रहता है, जिन्हें सिलियरी माँसपेशियों कहा जाता है।

(7) जलीय द्रव (Aqueous humour)-कॉर्निया व नेत्र लेंस के बीच जल के समान एक नमकीन पारदर्शी द्रव भरा रहता है, जिसे जलीय द्रव कहते हैं। इसका अपवर्तनांक 1.336 होता है।

(8) काचाभ द्रव (Vitreous humour)-लेंस के पीछे दृश्य पटल तक का स्थान एक गाढ़े पारदर्शी द्रव से भरा रहता है जिसे काचाभ द्रव कहते हैं। इसका अपवर्तनांक उच्च होता है।

(9) दृष्टि पटल (Retina)-रक्तक पटल के नीचे की ओर स्थित पारदर्शी झिल्ली को रेटिना कहते हैं, इसे दृष्टि पटल भी कहा जाता है। यह बहुत सारी प्रकाश शिराओं की एक फिल्म होती है। रेटिना पर बने प्रतिबिम्ब के रूप, रंग एवं आकार आदि का ज्ञान मस्तिष्क को इन्हीं शिराओं द्वारा होता है।

(10) पीत बिन्दु तथा अन्ध बिन्दु (Yellow spot and Dark spot)-रेटिना के मध्य में एक पीला भाग होता है। इसकी सुग्राहता सबसे अधिक होती है। इस भाग को पीत बिन्दु कहते हैं। जिस स्थान पर प्रकाश की सुग्राहिता शून्य होती है, उसे अन्ध बिन्दु कहते हैं।

नेत्र का कार्य (Working of eye)-जब हमारी पलकें खली होती हैं तब हमारे सामने रखी वस्त से चली किरणें कॉर्निया पर आपतित होती हैं। यहाँ से किरणें अपवर्तित होकर रेटिना पर आपतित होती हैं तथा रेटिना पर वस्तु का उल्टा प्रतिबिम्ब बनता है। प्रतिबिम्ब की सूचना प्रकाश सुग्राही कोशिकाओं द्वारा रेटिना की संवेदी कोशिकाओं से होकर मस्तिष्क में पहुँचती है। मस्तिष्क उसका ज्ञान अनुभव द्वारा प्राप्त कर लेता है।

प्रश्न 3.
(a) मानव नेत्र में नीचे दिए गए प्रत्येक भाग का कार्य लिखिए : पुतली, परितारिका, क्रिस्टलीय लेंस, पक्ष्माभी पेशियां।
(b) संसार के विकासशील देशों के लाखों व्यक्ति कॉर्निया-अंधता से पीड़ित हैं। इन व्यक्तियों को नेत्रदान द्वारा प्राप्त कॉर्निया के प्रत्यारोपण/प्रतिस्थापन द्वारा ठीक किया जा सकता है। आपके शहर के किसी परोपकारी समाज ने आपके पड़ोस में इसी तथ्य के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से एक अभियान का आयोजन किया है। यदि आपसे इस जीवन-लक्ष्य में भाग लेने के लिए कहा जाए, तो आप इस पुण्य कार्य में किस प्रकार सहयोग देंगे?
(i) इस प्रकार के अभियानों को आयोजित करने का उद्देश्य लिखिए।
(ii) मृत्यु के पश्चात् अपने नेत्रों को दान करने के लिए प्रेरित करते समय आप लोगों को क्या तर्क देंगे? ऐसे दो तर्कों की सूची बनाइए।
(iii) उन दो मूल्यों की सूची बनाइए, जो उन व्यक्तियों में विकसित हो जाते हैं, जो इस प्रकार के कार्यों में भाग लेकर सक्रिया योगदान देते हैं। (CBSE 2016)
उत्तर-
(a)

  1. पुतली-जब नेत्रों में प्रकाश प्रवेश करता है, तो ज्यादातर प्रकाश का अपवर्तन कॉर्निया की बाहरी सतह पर होता है।
  2. परितारिका-यह पुतली का व्यास बढ़ाने या घटाने में डायफ्राम की भाँति कार्य करता है।
  3. क्रिस्टलीय लेंस-यह रेटिना पर भिन्न-भिन्न दूरियों पर स्थित वस्तुओं को फोकस करने के लिए फोकस दूरी को समायोजित करता है।
  4. पक्ष्माभी पेशियाँ-जब यह पेशियाँ फैल जाती हैं, तो लेंस पतला हो जाता है, जिससे फोकस दूरी बढ़ जाती है। यह हमारी दूरस्थ वस्तुओं को देखने में सहायता करता है। जब हम इन्हीं वस्तुओं को समीप से देखते हैं तो यह संकुचित हो जाता है जिससे नेत्र लेंस की वक्रता बढ़ जाती है और लेंस मोटा हो जाता है परिणामस्वरूप नेत्र लेंस की फोकस दूरी कम हो जाती है। जिससे हम समीप की वस्तुओं को देख पाते हैं।

(b)
(i) इस तरह के संगठन का उद्देश्य आँखों को दान करके एक नेत्रहीन व्यक्ति के जीवन को प्रकाश देना है।
(ii)
(1) एक व्यक्ति नेत्र दान करके, दो व्यक्तियों को दृष्टि प्रदान कर सकता है।
(2) हमारी आँखें हमारे मृत होने के पश्चात् भी नेत्र दान किए गए व्यक्ति की आंखों के रूप में जीवित रह सकती हैं।
(iii) सामाजिक कल्याण, जागरूकता, कुछ ऐसे मूल्य हैं जो किसी व्यक्ति को सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करते हैं और ऐसे कार्यक्रमों में योगदान देते हैं।

प्रश्न 4.
दूर दृष्टि किसे कहते हैं ? इस दोष का निवारण किस प्रकार किया जाता है ? किरण आरेख द्वारा समझाइए।
उत्तर-
दूर दृष्टि दोष (Hypermetropia or Long Sightedness)-इस दोष में मनुष्य दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकता है, परन्तु पास की वस्तुएँ स्पष्ट रूप से नहीं देख सकता। इसमें नेत्र का स्पष्ट बिन्दु निकट बिन्दु 25 सेमी से अधिक दूर हो जाता है।
इस दोष में प्रतिबिम्ब रेटिना पर न बनकर रेटिना के पीछे बनता है।
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दूर दृष्टि दोष के कारण (Reasons of Hypermetropia)- इस दोष के दो कारण हैं-

  1. नेत्र लेंस से रेटिना तक की दूरी का कम हो जाना अर्थात् नेत्र के गोले की लम्बाई का कम हो जाना।
  2. लेंस का पतला हो जाना जिससे उसकी फोकस दूरी बढ़ जाती है।

दूर दृष्टि दोष का निवारण-इस दोष को दूर करने के लिए उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है। प्रयुक्त उत्तल लेंस की फोकस दूरी इतनी होनी चाहिए कि स्वस्थ नेत्र के निकट बिन्दु से आने वाली किरणें, उत्तल लेंस से अपवर्तन के पश्चात् नेत्र लेंस पर आँख के अपने निकट बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती हों जिससे कि इनका नेत्र लेंस से अपवर्तन होने पर वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना पर बन जाए। इससे नेत्र को वस्तु स्पष्ट दिखाई देने लगती है।
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प्रश्न 5.
(a) निकट-दृष्टि दोष से पीड़ित कोई छात्र 5 cm से अधिक दूरी पर स्थित बिम्बों को स्पष्ट नहीं देख पाता। इस दृष्टि दोष के उत्पन्न होने के दो संभावित कारणों की सूची बनाइए। किरण आरेखों की सहायता से व्याख्या कीजिए कि
(i) वह छात्र 5 m से अधिक दूरी पर स्थित बिम्बों को स्पष्ट क्यों नहीं देख पाता?
(ii) इस दृष्टि दोष के संशोधन के लिए उसे किस प्रकार के लेंस का उपयोग करना चाहिए और इस लेंस के उपयोग द्वारा इस दोष का संशोधन किस प्रकार होता है?
(b) यदि इस प्रकरण में संशोधक लेंस की फोकस दूरी का संख्यात्मकमान 5 m है, तो नयी कार्तीय चिह्न परिपाटी के अनुसार इस लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) निकट दृष्टि दोष उत्पन्न होने के कारण
(1) अभिनेत्र लेंस की वक्रता का अत्यधिक होना अथवा
(2) नेत्र गोलक का सामान्य से लंबा हो जाना।
(i) वह छात्र 5 m से अधिक दूरी पर स्थित बिम्बों को स्पष्ट इसलिए नहीं देख पाता, क्योंकि ऐसे दोष युक्त व्यक्ति का दूर बिन्दु अनंत पर न होकर नेत्र के पास आ जाता है। इस स्थिति में किसी दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना पर न बनकर उसके सामने बनता है।
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(ii) यह दोष किसी उपयुक्त क्षमता के अवतल लेंस से ठीक किया जा सकता है।
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(b) चूँकि संशोधित लेन्स अवतल है इसलिए यदि F = – 5 m है तो P = \(\frac{1}{f}=\frac{1}{-5 m} \)
इस लेंस की क्षमता = – 0.20 डाइऑप्टर होगी।

प्रश्न 6.
(a) विचलन कोण की व्याख्या किरण आरेख खींचकर कीजिए।
(b)किसी कांच के प्रिज्म से गुजरने पर आपतित श्वेत प्रकाश अवयवी वर्ण स्पेक्ट्रम के रूप में विभक्त क्यों हो जाते हैं, व्याख्या कीजिए?
(c) इन्द्रधनुष का बनना नामांकित किरण आरेख खींचकर दर्शाइए। (CBSE 2017, 18)
उत्तर-
(a) माना कि किसी एक रंग के प्रकाश की एक किरण PQ प्रिज्म के अपवर्तक पृष्ठ AB पर गिरती है जो QR दिशा में परिवर्तित होकर RS दिशा में बाहर वायु में निकल जाती है। आपतित किरण PQ तथा निर्गत किरण RS को पीछे बढ़ाने पर वे बिन्दु D पर मिलती है। इन दोनों किरणों के बीच बना कोण δ ‘विचलन कोण’ कहलाता है।
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(b) किसी काँच के प्रिज्म से गुजरने वाली आपतित श्वेत प्रकाश किरण अवयवी वर्गों में विभक्त हो जाती है, इसे वर्ण विक्षेपण कहते हैं। इसका कारण यह है कि किसी पदार्थिक माध्यम में विभिन्न रंगों के प्रकाश की चाल भिन्न-भिन्न होती है, यद्यपि निर्वात में सभी रंगों की चाल समान होती है।
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प्रश्न 7.
प्रिज्म द्वारा सूर्य के प्रकाश के वर्ण विक्षेपण से क्या तात्पर्य है? आवश्यक चित्र द्वारा प्रदर्शित कीजिए। [RBSE 2015], (CBSE 2017)
उत्तर-
वर्ण विक्षेपण (Dispersion)-श्वेत प्रकाश की किरण जब किसी प्रिज्म के अपवर्तक फलक पर आपतित होती है तब प्रिज्म द्वारा वह अपने अवयवी रंगों में विभाजित हो जाती है । यह घटना वर्ण विक्षेपण (Dispersion) कहलाती है ।

प्रिज्म द्वारा प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण (Dispersion of Light by Prism)-जब प्रिज्म में से कोई श्वेत प्रकाश की किरण गुजरती है तब वह अपने मार्ग से विचलित होकर प्रिज्म के आधार की ओर झुककर विभिन्न रंगों की किरणों में विभाजित हो जाती है, इस प्रकार से उत्पन्न विभिन्न रंगों के समूह को स्पेक्ट्रम कहते हैं। इसका एक सिरा लाल तथा दूसरा सिरा बैंगनी होता है। सामान्यतया हमारी आँख को सात रंग समूहों के रूप में दिखाई पड़ते हैं। प्रिज्म के आधार की ओर से ये रंग बैंगनी (Violet), नीला (जम्बूकी नीला) (Indigo), आसमानी (Sky blue), हरा (Green), पीला (Yellow), नारंगी (Orange) तथा लाल (Red) के क्रम में होते हैं। रंगों के इस क्रम को अंग्रेजी के शब्द विबग्योर (VIBGYOR) से याद रखा जा सकता है।
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चित्रप्रिज्म द्वारा वर्ण विक्षेपण चित्र से स्पष्ट है कि लाल प्रकाश की किरण में विचलन सबसे कम तथा बैंगनी प्रकाश की किरण में विचलन सबसे अधिक होता है तथा अन्य रंगों की किरणों में विचलन, लाल व बैंगनी किरणों के बीच होता है। प्रिज्म द्वारा प्रकाश के वर्ण विक्षेपण का कारणकिसी पारदर्शी पदार्थ जैसे काँच का अपवर्तनांक प्रकाश के रंग पर निर्भर करता है। अपवर्तनांक लाल रंग के लिए सबसे कम तथा बैंगनी रंग के लिए सबसे अधिक होता है। इसी कारण से श्वेत रंग के प्रकाश का प्रिज्म में से गुजरने पर वर्ण विक्षेपण हो जाता है। आयताकार गुटके में श्वेत रंग के प्रकाश का वर्ण विक्षेपण नहीं होता है। गुटके में आपतित किरण तथा निर्गत किरण परस्पर समान्तर हो जाती हैं।

आंकिक प्रश्न | (Numerical Questions)

प्रश्न 1.
एक निकट दृष्टि दोष वाला व्यक्ति 15 सेमी दूर स्थित पुस्तक को पढ़ सकता है। पुस्तक को 25 सेमी दूर रखकर पढ़ने के लिए उसे कैसा व कितनी फोकस दूरी .. का लेंस अपने चश्मे में प्रयुक्त करना पड़ेगा?
हल : निकट दृष्टि दोष को दूर करने के लिए ऐगा अवतल लेंस जिसकी फोकस दूरी 1 है, का प्रयोग करना होगा जो 25 सेमी दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब 15 सेमी पर बना दे।
इस प्रकार v= – 15 सेमी. u = -25 सेमी, f = ?
ये मान लेंस के सत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) में रखने पर.
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प्रश्न 2.
एक व्यक्ति 20 सेमी दूरी पर रखी पुस्तक पढ़ सकता है। यदि पुस्तक को 30 सेमी दूर रख दिया जाए, तो व्यक्ति को चश्मा प्रयुक्त करना पड़ता है। गणना कीजिए।
(i) प्रयुक्त लेंस की फोकस दूरी
(ii) प्रयुक्त लेंस का प्रकार। हलः दिया है- v= -20 सेमी, u=-30 सेमी, f = ?
उपरोक्त मान, लेंस के सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{\mathrm{T}}{u} \) में रखने पर,
\(\frac{1}{f}=-\frac{1}{20}+\frac{1}{30}=\frac{3+2}{60}=-\frac{1}{60} \)
अतः प्रयुक्त लेंस की फोकस दूरी = – 60 सेमी

(ii) फोकस दूरी ऋणात्मक होने के कारण प्रयुक्त लेंस अवतल होगा।

प्रश्न 3.
एक व्यक्ति 100 सेमी से अधिक दूरी की वस्तु को नहीं देख सकता है। गणना करके बताइए कि सही दृष्टि पाने के लिए वह व्यक्ति किस फोकस दूरी वाले चश्मे का प्रयोग करेगा?
हल : दिया है- v : 100 सेमी, u = ∞ f = ?
उपरोक्त मान, लेंस के सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) में रखने पर,
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{100}-\frac{1}{\infty}=-\frac{1}{100}\)
अतः लेंस की फोकस दूरी (f) = 100 सेमी (अवतल लेंस)।

प्रश्न 4.
एक दूर दृष्टि से पीड़ित व्यक्ति की आँख के लिए निकट बिन्दु की दूरी 0.50 मीटर है। इस व्यक्ति के दृष्टि दोष के निवारण हेतु चश्मे में प्रयुक्त लेंस की प्रकृति, फोकस दूरी व क्षमता ज्ञात कीजिए।
हल : दिया है-
v=-0.50 मीटर, u = 0.25 मीटर, f = ?
उपरोक्त मान, लेंस के सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) में रखने पर,
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{-0.50}+\frac{1}{0.25}=-\frac{-1+2}{0.50}\)
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{0.50}\)
अतः लैंस की फोकस दूरी (1) = 0.50 मीटर, (उत्तल लेंस)।
लेंस की क्षमता P = \(\frac{1}{f}=\frac{1}{0.50}\) = 2 डाइऑप्टर

प्रश्न 5.
किसी व्यक्ति के नेत्र का निकट बिन्दु 50 cm है। नेत्र से 25 cm दूरी पर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट देख सकने के लिए उस व्यक्ति को जिस संशोधक लेंस की आवश्यकता होगी, उसकी प्रकृति और क्षमता ज्ञात कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
दिया है-
व्यक्ति के नेत्र का निकट बिन्दु v= 50 cm
v=-50 cm; u=- 25 cm f= ?
लेंस सूत्र का प्रयोग करने पर,
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f} \Rightarrow \frac{1}{-50}-\frac{1}{-25}=\frac{1}{f} \)
⇒ \(\frac{-1}{50}+\frac{1}{25}=\frac{1}{f}\)
⇒ \(\frac{1}{f}=\frac{-1+2}{50}=\frac{1}{50}\)
⇒ f = +50 cm
लेंस की शक्ति, P= \(\frac{1}{f( मीटर में)\)
⇒ P = \(\frac{1 \times 100}{50} \) = +2D
इसलिए व्यक्ति को स्पष्ट देखने के लिए + 2 डाइऑप्टर क्षमता वाले उत्तल लेंस की आवश्यकता होगी।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. नेत्र गोलक का व्यास कितना होता है?
(a) लगभग 2.0 cm
(b) लगभग 2.3 cm
(c) लगभग 4.0 cm
(d) लगभग 4.3 cm.
उत्तर-
(b) लगभग 2.3 cm.

2. एक नेत्र का क्षैतिज दृष्टि क्षेत्र लगभग कितना होता है?
(a) 120°
(b) 200°
(c) 150°
(d) 180°
उत्तर-
(a) 150°.

3. नेत्रदान मृत्यु के कितने घंटे के भीतर हो जाना चाहिए?
(a) 2-3 घंटों में
(b) 4-6 घंटों में
(c) 6-10 घंटों में
(d) 1 घंटे में। .
उत्तर-
(b)4-6 घंटों में।।

4. प्रिज्म के अवयवी वर्गों के स्पेक्ट्रम हेतु परिवर्णी शब्द
(a) ROYVIBG
(b) VIBGYOR
(c) GYORVIB
(d) BIVGYOR.
उत्तर-
(b) VIBGYOR.

5. कौन-सा प्रकाश सबसे कम कोण पर झुकता है ?
(a) बैंगनी प्रकाश
(b) हरा प्रकाश
(c) पीला प्रकाश
(d) लाल प्रकाश।
उत्तर-
(d) लाल प्रकाश।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

6. परितारिका किसके पीछे स्थित है ?
(a) पुतली
(b) रेटिना
(c) कॉर्निया
(d) नेत्र गोलक।
उत्तर-
(c) कॉर्निया।

7. दोपहर के समय सूर्य सफेद दिखाई देता है क्योंकि –
(a) प्रकाश सबसे कम प्रकीर्णित होता है,
(b) प्रकाश के सभी वर्ण प्रकीर्णित हो जाते हैं,
(c) नीला रंग सबसे अधिक प्रकीर्णित होता है,
(d) लाल रंग सबसे अधिक प्रकीर्णित होता है।
उत्तर-
(a) प्रकाश सबसे कम प्रकीर्णित होता है।

8. जब नेत्र में प्रकाश किरणें प्रवेश करती हैं तब अधिक प्रकाश किससे अपवर्तित होता है ?
(a) क्रिस्टलीय लेंस
(b) कॉर्निया के बाहरी तल
(c) पुतली
(d) आइरिस।
उत्तर-
(b) कॉर्निया के बाहरी तल।

9. आँख किस रंग के लिए अधिक सुग्राही होती है ?
(a) लाल
(b) गुलाबी
(c) हरा
(d) पीला।
उत्तर-
(c) हरा।

10. स्वस्थ आँख के लिए दूर बिन्दु स्थित होता है-
(a) 25 cm
(b) 50 cm
(c) 1 m
(d) अनन्त।
उत्तर-
(d) अनन्त।

11. स्वस्थ आँख के लिए निकटतम बिन्दु स्थित होता
(a) 25 cm पर
(b) 50 cm पर
(c) 1 m पर
(d) अनन्त पर।
उत्तर-
(b) 25 cm पर।

12. सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य दिखाई देता है
(a) पीला
(b) लाल
(c) नीला
(d) काला।
उत्तर-
(b) लाल।

13. मानव नेत्र में उपस्थित लेंस है –
(a) उत्तल
(b) अवतल
(c) कोई लैंस नहीं
(d) समतल अवतल।
उत्तर-
(a) उत्तल।

14. प्रकाश के विक्षेपण से प्राप्त सात रंगों के समूह को कहते हैं –
(a) प्रतिबिम्ब
(b) स्पेक्ट्रम
(c) छाया
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) स्पेक्ट्रम।

15. निकट दृष्टिदोष के निवारण के लिए प्रयुक्त लेंस
(a) गोलीय बेलनाकार लेंस
(b) उत्तल लेंस
(c) समोत्तल लेंस
(d) अवतल लेंस।
उत्तर-
(d) अवतल लेंस।

16. दूर दृष्टिदोष के निवारण के लिए उपयोग किया जाने वाला लेंस है –
(a) गोलीय बेलनाकार लेंस
(b) उत्तल लेंस
(c) द्विफोकसीय लेंस
(d) अवतल लेंस।
उत्तर-
(b) उत्तल लेंस।

17. निकट दृष्टि दोष का कारण है
(a) नेत्र गोलक का बढ़ना
(b) नेत्र गोलक का छोटा होना
(c) अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी में अनियमित परिवर्तन
(d) आयु में वृद्धि होना।
उत्तर-
(a) नेत्र गोलक का बढ़ना।

18. एक व्यक्ति 1 मीटर से कम दूरी पर रखी वस्तुओं को साफ नहीं देख पाता। वह किस नेत्र दोष से पीड़ित
(a) दूर-दृष्टि दोष
(b) निकट-दृष्टि दोष
(c) जरा-दृष्टि दोष
(d) मोतियाबिंदु।
उत्तर-
(a) दूर-दृष्टिदोष।

19. तारों के टिमटिमाने का कारण है-
(a) वायुमंडलीय अपवर्तन
(b) वायुमंडलीय परावर्तन
(c) वायुमंडलीय प्रकीर्णन
(d) वायुमंडलीय विक्षेपण।
उत्तर-
(a) वायुमंडलीय अपवर्तन।

20. आकाश के नीले रंग का कारण है-
(a) प्रकाश का प्रकीर्णन
(b) प्रकाश का विक्षेपण
(c) प्रकाश का अपवर्तन
(d) प्रकाश का परावर्तन।
उत्तर-
(a) प्रकाश का प्रकीर्णन।

रिक्त स्थानों की पूर्तिकीजिए (Fill in the blanks)

1. किसी वस्तु को स्पष्ट रूप से आसानी से देखने के लिए इसे कम से कम …………………………………… दूर रखना चाहिए।
उत्तर-
2.5 cm,

2. …………………………………… रंग के धुए या कुहरे में सबसे कम प्रकाश का प्रकीर्णन होता है।
उत्तर-
लाल,

3. प्रकाश के अवयवी वर्गों के बैंड को …………………………………… कहते हैं।
उत्तर-
स्पेक्ट्रम,

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

4. वास्तविक व आभासी सूर्यास्त के बीच …………………………………… का समयान्तराल होता है।
उत्तर-
2 मिनट,

5. यदि वायुमण्डल न होता तो आकाश का रंग …………………………………… दिखाई देता।
उत्तर-
काला,

6. जंगल के कुहासे में जल की सूक्ष्म बूंदें प्रकाश का प्रकीर्णन …………………………………… के कारण करती है।
उत्तर-
टिण्डल प्रभाव।

समेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)

निम्नलिखित को सुमेलित कीजिये

‘कॉलम (X)कॉलम (Y)
(i) नेत्रिका लेंस की फोकस दूरी का परिवर्तन(A) विद्युत सिग्नल
(ii) श्वेत प्रकाश किरण का सात रंगों में विभाजित होना(B) प्रिज्म
(iii) नेत्र में जाने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करना(C) संमजन क्षमता
(iv) तारों का टिम-टिमाना(D) प्रर्कीणन
(v) विचलन कोण(E) वायुमण्डलीय अपवर्तन
(vi) रेटिना पर बने प्रतिबिम्ब की सूचना का परिवर्तन(F) परितारिका

उत्तर-

‘कॉलम (X)कॉलम (Y)
(i) नेत्रिका लेंस की फोकस दूरी का परिवर्तन(C) संमजन क्षमता
(ii) श्वेत प्रकाश किरण का सात रंगों में विभाजित होना(D) प्रर्कीणन
(iii) नेत्र में जाने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करना(F) परितारिका
(iv) तारों का टिम-टिमाना(E) वायुमण्डलीय अपवर्तन
(v) विचलन कोण(B) प्रिज्म
(vi) रेटिना पर बने प्रतिबिम्ब की सूचना का परिवर्तन(A) विद्युत सिग्नल

निम्नलिखित को सुमेलित कीजिये –

कॉलम (X)कॉलम (Y)
(i) पास की वस्तुयें न दिखना(A) निकट दृष्टि दोष
(ii) दूर की वस्तुओं का न दिखना(B) प्रर्कीणन
(iii) नेत्रिका लैन्स के आगे दूधिया पर्त बनना(C) वर्णान्धता
(iv) रंगों में भेद न कर पाना(D) दूर दृष्टि दोष
(v) द्वि-फोकस लेंस का प्रयोग(E) जरा-दूरदृष्टिता
(vi) इन्द्रधनुष(F) मोतियाबिन्दु

उत्तर-

कॉलम (X)कॉलम (Y)
(i) पास की वस्तुयें न दिखना(D) दूर दृष्टि दोष
(ii) दूर की वस्तुओं का न दिखना(A) निकट दृष्टि दोष
(iii) नेत्रिका लैन्स के आगे दूधिया पर्त बनना(F) मोतियाबिन्दु
(iv) रंगों में भेद न कर पाना(C) वर्णान्धता
(v) द्वि-फोकस लेंस का प्रयोग(E) जरा-दूरदृष्टिता
(vi) इन्द्रधनुष(B) प्रर्कीणन

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