Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार Important Questions and Answers.
Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Veryshort Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
मानव नेत्र का कौन-सा भाग नेत्रदान में दान किया जाता है?
उत्तर-
कॉर्निया (दृष्टि पटल)।
प्रश्न 2.
मानव नेत्र (सामान्य) का दूर बिंदु कहाँ स्थित होता है?
उत्तर-
अनन्त पर।
प्रश्न 3.
चलचित्र में मानव नेत्र के किस गुण का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
दृष्टि निर्बन्धता का।
प्रश्न 4.
दोनों नेत्रों का एक साथ दृष्टि क्षेत्र लगभग कितना होता है ?
उत्तर-
लगभग 180° ।
प्रश्न 5.
पुतली (Iris) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आँख के बीच के छिद्र को पुतली (Iris) कहते हैं।
प्रश्न 6.
आँख का लेंस क्या कार्य करता है ?
उत्तर-
आँख का लेंस अपवर्तित किरणों को रेटिना पर पड़ने से पहले फोकस दूरी निर्धारित करता है।
प्रश्न 7.
कम प्रकाश में पुतली पर क्या प्रभाव पड़ता
उत्तर-
पुतली फैल जाती है।
प्रश्न 8.
रेटिना पर प्रतिबिम्ब कैसा बनता है ?
उत्तर-
रेटिना पर प्रतिबिम्ब उल्टा, छोटा और वास्तविक बनता है।
प्रश्न 9.
क्रिस्टलीय लेंस का कार्य क्या है ?
उत्तर-
क्रिस्टलीय लेंस विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं को रेटिना पर फोकसित करने के लिए आवश्यक दूरी में सूक्ष्म समायोजन करता है।
प्रश्न 10.
कौन सा जीव पराबैंगनी किरणों की उपस्थिति में भी देख सकता है?
उत्तर-
शहद की मक्खियाँ।
प्रश्न 11.
नेत्रदान में कितना समय लगता है ?
उत्तर-
10 से 15 मिनट।
प्रश्न 12.
कौन से लोग नेत्रदान नहीं कर सकते ?
उत्तर-
एड्स, हेपेटाइटिस B या C , जलभित्ती, मस्तिष्क ‘ शोथ के संक्रमण से पीड़ित लोग नेत्रदान नहीं कर सकते।
प्रश्न 13.
अभिनेत्र लेंस की वह क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर लेता है, क्या कहलाती है? [RBSE 2015]
उत्तर-
समायोजन क्षमता।
प्रश्न 14.
निकट दृष्टिदोष के क्या कारण है ?
उत्तर-
(i) अभिनेत्र लेंस की वक्रता का अधिक होना। अथवा
(ii) नेत्र गोलक का लंबा हो जाना।
प्रश्न 15.
नेत्र लेंस को निकट की वस्तु देखने पर यह कैसे समायोजित हो जाता है ?
उत्तर-
लेंस पतला हो जाता है।
प्रश्न 16.
निकट दृष्टि दोष से युक्त नेत्र के लिये प्रतिबिम्ब कहाँ बनता है?
उत्तर-
रेटिना से पहले बनता है।
प्रश्न 17.
निकट दृष्टि दोष से युक्त नेत्र के दोष निवारण के लिये कौन-सा लेंस प्रयुक्त किया जाता है?
उत्तर-
अवतल लेंस।।
प्रश्न 18.
एक विद्यार्थी कक्षा में तीसरी पंक्ति में बैठा हुआ है, जिसे अध्यापक द्वारा बोर्ड पर लिखा संदेश स्पष्ट दिखायी नहीं पड़ता है तो बताइए कि विद्यार्थी किस दोष से पीड़ित है?
उत्तर-
निकट दृष्टि दोष।
प्रश्न 19.
दूर दृष्टिदोष के क्या कारण हैं?
उत्तर-
- अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी अधिक हो जाना,
- नेत्र गोलक का छोटा हो जाना।
प्रश्न 20.
एक व्यक्ति के चश्में में उत्तल लेंस लगा है। बताइए उस व्यक्ति की आँख में कौन सा दोष है ?
उत्तर-
व्यक्ति की आँख में दूर दृष्टि दोष है।
प्रश्न 21.
दूर दृष्टि दोष से युक्त नेत्र के लिये प्रतिबिम्ब कहाँ बनता है?
उत्तर-
रेटिना के बाद बनता है।
प्रश्न 22.
एक विद्यार्थी पुस्तक को स्पष्ट रूप से नहीं पढ़ पाता है तो बताइए उसे कौन-सा दोष है?
उत्तर-
दूर दृष्टि दोष है।
प्रश्न 23.
जरा दूर-दृष्टिता का क्या कारण है ?
उत्तर-
यह पक्ष्माभी पेशियों के धीरे-धीरे दुर्बल होने तथा क्रिस्टलीय लेंस के लचीलेपन में कमी आने के कारण होता है।
प्रश्न 24.
जरा दूर-दृष्टिता के निवारण के लिये किस प्रकार के लेंस का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
द्विफोकसी लेंस का प्रयोग किया जाता है जिसमें ऊपर का भाग अवतल लेंस की तरह तथा नीचे का भाग उत्तल लेंस की भाँति कार्य करता है।
प्रश्न 25.
वृद्धावस्था में कुछ लोगों को मोतियाबिन्दु क्यों हो जाता है?
उत्तर-
उनकी आँख के लेंस पर पारभासक या अपारदर्शक झिल्ली जमने के कारण मोतियाबिन्दु हो जाता है।
प्रश्न 26.
आजकल चश्में के स्थान पर नेत्र दोषों को किस प्रकार सुधारा जा सकता है?
उत्तर-
कॉन्टेक्ट लेंसों के प्रयोग या शल्य चिकित्सा के द्वारा नेत्र दोषों को सुधारा जा सकता है।’
प्रश्न 27.
तारों के टिम-टिमाने का मुख्य कारण क्या
उत्तर-
वायुमण्डलीय अपवर्तन।
प्रश्न 28.
वास्तविक व आभासी सूर्यास्त के बीच कितना समयान्तराल होता है?
उत्तर-
2 मिनट।
प्रश्न 29.
यदि पृथ्वी पर वायुमंडल न होता तो आकाश का रंग कैसा दिखता ?
उत्तर-
काला। .
प्रश्न 30.
प्रिज्म में कितने आधार और पृष्ठ होते हैं ?
उत्तर-
प्रिज्म में दो त्रिभुजाकार आधार तथा तीन आयताकार पार्श्व पृष्ठ होते हैं।
प्रश्न 31.
प्रिज्म कोण से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
प्रिज्म के दो पार्श्व फलकों के बीच के कोण को प्रिज्म कोण कहते हैं।
प्रश्न 32.
सर्वप्रथम सूर्य का स्पेक्ट्रम प्राप्त करने के लिए काँच के प्रिज्म का उपयोग किसने किया था ?
उत्तर-
आइजक न्यूटन।
प्रश्न 33.
इन्द्रधनुष आकाश में किस दिशा में दिखाई देता है ?
उत्तर-
सूर्य के विपरीत दिशा में।
प्रश्न 34.
इन्द्रधनुष बनने का कारण क्या है ?
उत्तर-
वायुमण्डल में उपस्थित जल की सूक्ष्म बूंदों के द्वारा सूर्य के प्रकाश के परिक्षेपण के कारण इन्द्रधनुष बनता
प्रश्न 35.
स्पेक्ट्रम से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
प्रकाश के अवयवी वर्गों के बैंड को स्पेक्ट्रम कहते हैं।
प्रश्न 36.
प्रकाश स्पेक्ट्रम में पाए जाने वाले वर्णों को क्रम से लिखिए।
उत्तर-
बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी तथा लाल।
प्रश्न 37.
प्रिज्म में से श्वेत प्रकाश के गुजरने पर कौन-सा रंग सबसे अधिक विक्षेपित होता है ?
उत्तर-
बैंगनी रंग।
प्रश्न 38.
विचलन कोण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
प्रिज्म द्वारा अपवर्तन होने पर प्रिज्म की विशेष आकृति के कारण निर्गत किरण आपतित किरण की दिशा से एक कोण बनाती है। इस कोण को विचलन कोण कहते हैं।
प्रश्न 39.
विक्षेपण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
प्रकाश के अवयवी वर्गों में विभाजित हो जाने को विक्षेपण या वर्ण विक्षेपण कहते हैं।
प्रश्न 40.
जंगल के कुहासे में जल की सूक्ष्म बूंदें प्रकाश का प्रकीर्णन किस कारण करती हैं ?
उत्तर-
टिण्डल प्रभाव के कारण।
प्रश्न 41.
पृथ्वी के चारों ओर वायुमण्डल न होने पर आकाश किस रंग का दिखाई देगा?
उत्तर-
वायुमण्डल की अनुपस्थिति में प्रकीर्णन न हो पाने के कारण आकाश का रंग काला दिखाई देगा।
प्रश्न 42.
खतरे का संकेत लाल बनाने का क्या कारण है ? या सूर्योदय के समय रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है? [CBSE 2015]
उत्तर-
लाल रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य अधिक होती है, इसलिये इसका प्रकीर्णन कम होता है अतः दूर से देखने पर भी रंग की तीव्रता में कोई कमी नहीं आती है। इसीलिये ये लाल रंग के होते हैं।
प्रश्न 43.
स्वच्छ आकाश के नीले रंग का मुख्य कारण क्या है? [CBSE 2015]
उत्तर-
प्रकाश का प्रकीर्णन।
प्रश्न 44.
अंतरिक्ष यात्री को आकाश कैसा दिखायी देता है?
उत्तर-
काला, अत्यधिक ऊँचाई पर प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
दृष्टि पटल का कार्य लिखिए।
उत्तर-
नेत्र के उचित कार्य के लिए दृष्टि पटल (Retina) अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। ये नेत्र गोलक का भीतरी पर्दा है जिसका रूप अत्यन्त कोमल झिल्ली के समान होता है। इस पर असंख्य प्रकाश संवेदी कोशिकाएँ होती हैं। इस पर दण्ड और शंकु जैसी रचनाएँ होती हैं जो प्रकाश और रंगों के प्रति संवेदनशील होती हैं। यही प्रकाश की संवेदना को संकेतों के रूप में मस्तिष्क तक दृष्टि तंत्रिका के माध्यम से भेजती हैं जिससे दिखाई देता है।
प्रश्न 2.
मनुष्य की आँख व फोटोग्राफिक कैमरे में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
मनुष्य की आँख व फोटोग्राफिक कैमरे में अन्तर
मनुष्य की आँख | फोटोग्राफिक कैमरा |
1. यह सजीव है। | 1. यह निर्जीव है। |
2. पेशियों की सहायता से इसकी उत्तलता को कम या अधिक किया जा सकता है। | 2. इसकी उत्तलता को कम या अधिक नहीं किया जा सकता। |
3. इसमें लेंस, एक्वस एवं विट- रस ह्यूमर मिलकर संयुक्त लेंस का कार्य करते हैं। | 3. इसमें एक या अनेक लेंसों का प्रयोग किया जाता है। |
4. पुतली के द्वारा लेंस को नियन्त्रित किया जाता है। | 4. एक छिद्र के द्वारा लेंस द्वार को छोटा या बड़ा किया जाता है। |
प्रश्न 3.
कौन-कौन व्यक्ति नेत्रदान कर सकते हैं?
उत्तर-
- किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति
- किसी भी लिंग के व्यक्ति
- चश्मा लगाने या चश्मा न लगाने वाले
- मोतियाबिन्दु का ऑपरेशन करा चुके व्यक्ति
- उच्च रक्त चाप से पीड़ित
- दमे के रोगी
- मधुमेह रोगी।
प्रश्न 4.
हमारी आँखें किस प्रकार किसी वस्तु की लम्बाई, चौड़ाई और गहराई को प्रकट करती हैं?
उत्तर-
हमारी आँखें सिर के सामने की ओर स्थित रहती हैं। इससे हमारा दृष्टि क्षेत्र अवश्य कुछ कम हो जाता है परन्तु इससे त्रिविमीय चित्र भली-भाँति दिखाई पड़ते हैं। हमारी-आँखों के बीच कुछ सेन्टीमीटर का अन्तर होता है इसलिए दोनों आँखों से किसी भी वस्तु का थोड़ा सा भिन्न प्रतिबिम्ब दिखाई देता है। हमारा मस्तिष्क दोनों प्रतिबिम्बों का संयोजन करके एक प्रतिबिम्ब बना देता है जिससे उस वस्तु की निकटता या दूरी का ज्ञान हो पाता है। इससे लम्बाई, चौड़ाई और गहराई का ज्ञान हो सकता है।
प्रश्न 5.
सिनेमा की रील में सभी लोग स्वाभाविक रूप से हिलते-डुलते क्यों दिखाई देते हैं जबकि वास्तव में वे स्थिर ही होते हैं।
उत्तर-
मनुष्य की आँख का एक विशेष गुण है कि रेटिना पर बने बिम्ब की संवेदना एक सेकण्ड के सोलहवें भाग तक बनी रहती है। यदि इस वेग से जल्दी एक सी तस्वीरें आँख के सामने से गुजारी जाएँ तो वे चलती-फिरती और सहज रूप से गति करती प्रतीत होती हैं। सिनेमा की रील फिल्म में एक सेकण्ड में 24 या इससे अधिक तस्वीरें ली जाती हैं तथा जब ये तस्वीरें आँख के सामने से गुजरती हैं तो वे चलती-फिरती दिखाई देती हैं।
प्रश्न 6.
नेत्रदान करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
- मृत्यु के बाद 4 से 6 घंटे के भीतर ही नेत्रदान हो जाना चाहिए।
- नेत्रदान एक सरल प्रक्रिया है और इससे किसी प्रकार का विरूपण नहीं होता।
- नेत्रदान समीपवर्ती नेत्र बैंक को दिया जाना चाहिए। उनकी टीम दिवगंत व्यक्ति के घर या निकटवर्ती अस्पताल में 10-15 मिनट में नेत्र निकाल लेती है।
प्रश्न 7.
रेटिमा से मस्तिष्क तक संकेत कैसे पहुँचते हैं ?
उत्तर-
पुतली से प्रकाश किरणें नेत्र में प्रवेश कर अभिनेत्र लेंस के माध्यम से रेटिना पर किसी वस्तु का उल्टा, छोटा तथा वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाती हैं। रेटिना पर बहुत अधिक संख्या में प्रकाश सुग्राही कोशिकाएँ होती हैं जो सक्रिय होकर विद्युत सिग्नल उत्पन्न करती हैं। ये सिग्नल दृक् तंत्रिकाओं के द्वारा मस्तिष्क तक पहुँचा दिए जाते हैं और मस्तिष्क उनकी व्याख्या कर लेता है।
प्रश्न 8.
स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी का क्या अर्थ है ? (RBSE 2017)
उत्तर-
यदि वस्तु नेत्र के अधिक समीप हो तो वह स्पष्ट दिखाई नहीं देती है अतः वह निकटतम बिन्दु जिस पर स्थित वस्तु को नेत्र अपनी अधिकतम समंजन क्षमता लगाकर स्पष्ट देख सकता है, नेत्र का निकट बिन्दु कहलाता है। नेत्र से निकट बिन्दु तक की दूरी स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी कहलाती है। सामान्य नेत्र के लिए यह दूरी 25 cm होती है।
प्रश्न 9.
मोतियाबिन्दु किसे कहते हैं ? इसका उपचार क्या है ?
उत्तर-
आँख के लेंस के पीछे अनेक कारणों से एक झिल्ली जम जाती है जिस कारण पारदर्शी लेंस के पार की प्रकाश की किरणों के गुजरने में रुकावट उत्पन्न होती है। कभी-कभी लेंस पूर्णतः अपारदर्शी भी बन जाता है। शल्य चिकित्सा के द्वारा उस खराब लेंस को बाहर निकाल दिया जाता है। उसके स्थान पर उचित शक्ति का कॉन्टेक्ट लेंस लगाने या शल्य चिकित्सा के बाद चश्मा लगाने से ठीक दिखाई देने लगता है।
प्रश्न 10.
जब किसी व्यक्ति की आँख की पक्ष्माभी पेशियाँ कमज़ोर होने लगती हैं तथा आँख के लेंस का लचीलापन कम होने लगता है तो उस व्यक्ति की आँख के इस दोष को क्या नाम दिया जाता है? इस दोष को ठीक करने के लिए उसे किस प्रकार के लेंस का चश्मा लगाया जाता है, इस लेंस का वर्णन करें।
उत्तर-
इस दोष का नाम जरा दूरदृष्टिता है। इस दोष को ठीक करने के लिए द्विफोकसी लेंस का उपयोग किया जाता है। इस लेंस के ऊपरी भाग में अवतल लेंस हा… है जो कि दूर की वस्तुओं को ठीक से देखने के लिए उपयोग किया जाता है। इस लेंस के नीचे वाले भाग में उत्तल लेंस होता है जो नज़दीक की वस्तुओं को देखने के लिए उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 11.
क्या होता है जब कोई श्वेत प्रकाश पुंज किसी काँच के प्रिज्म से होकर अपवर्तित होता है? प्रिज्म से अपवर्तन के पश्चात् किस वर्ण का विचलन अधिकतम होता है और किसका न्यूनतम? क्या हो सकता है यदि किसी दूसरे सर्वसम प्रिज्म को पहले प्रिज्म के सापेक्ष उल्टी स्थिति में रखा जाए? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
अथवा
किसी छात्र को अपनी दृष्टि के संशोधन के लिए-0.5D क्षमता के चश्मों की आवश्यकता होती है।
(i) उस दृष्टि दोष का नाम लिखिए जिससे यह छात्र पीड़ित है। (RBSE 2016)
(ii) संशोधक लेंस की प्रकृति और फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
(iii) इस दृष्टि दोष के दो कारणों की सूची बनाइए। (CBSE 2019)
उत्तर-
जब कोई श्वेत प्रकाश पुंज किसी प्रिज्म से अपवर्तित होता है तो श्वेत प्रकाश पुंज सात रंगों में VIBGYOR में विभक्त होता है, इसे वर्ण विक्षेपण कहते हैं। बैंगनी रंग का विचलन अधिकतम; लाल रंग का विचलन न्यूनतम होता यदि प्रिज्म के सामने दूसरा प्रिज्म उल्टा रख दिया जाय तो विभक्त रंगों की पट्टी पुनः मिलकर श्वेत प्रकाश पुंज के रूप में निकलती है।
अथवा.
(i) छात्र के लेंस की क्षमता – 0.5 D है अतः वह मायोपिया-निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है।
(ii) वह अवतल लेंस का चश्मा प्रयोग करता है जिसकी फोकस दूरी 200 सेमी है।
(iii) दोष के कारण-लेंस का मोटा होना, नेत्र गोलक का लम्बा होना।
प्रश्न 12.
(a) कोई व्यक्ति निकट दृष्टि दोष तथा दीर्घ दृष्टि दोष दोनों से पीड़ित है।।
(i) इस दोष को किस प्रकार लेंस संशोधित कर सकते हैं?
(ii) इस प्रकार के लेंस किस प्रकार बनाए जाते हैं?
(b) किसी व्यक्ति को दीर्घ दृष्टि दोष के संशोधन के लिए + 3D के लेंस तथा निकट दृष्टि दोष के लिए – 3D के लेंस की आवश्यकता होती है। इन दोषों को संशोधित करने वाले इन लेंसों की फोकस दूरियाँ परिकलित कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a)
(i) द्विफोकसी लेंस द्वारा निकट दृष्टि तथा दीर्घ दृष्टि दोनों प्रकार के दोषों को दूर किया जा सकता है।
(ii) द्विफोकसी लेंस में ऊपरी भाग अवतल लेंस होता है जो दूर की वस्तुओं को देखने के लिए होता है तथा नीचे के भाग में उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है जो नज़दीक की वस्तुओं को देखने तथा पढ़ने के लिए होता है।
(b) दीर्घ दृष्टि दोष संशोधन के लेंस की फोकस दूरी (f)
P= +3D
f1 = \(\frac{1}{P_1}=+\frac{1}{3} m=+\frac{100}{3} \mathrm{~cm}\) = +33.3cm
निकट दृष्टिदोष संशोधन के लेंस की फोकस दूरी (f):
P=-3D
f2 = \(\frac{1}{P_2}=-\frac{1}{3} m=-\frac{100}{3} \mathrm{~cm} \) = -33.3cm
प्रश्न 13.
प्रातःकाल सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है? क्या कोई प्रेक्षक इस परिघटना का प्रेक्षण चन्द्रमा पर भी कर सकता है? अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
सूर्योदय के समय सूर्य क्षितिज के समीप होता है। क्षितिज के समीप स्थित सूर्य से आने वाला प्रकाश हमारे नेत्रों तक पहुँचने से पहले पृथ्वी के वायुमंडल में वायु की मोटी परतों से होकर गुज़रता है। क्षितिज के समीप नीले तथा कम तरंगदैर्ध्य के प्रकाश का अधिकांश भाग वायुमंडल के सक्ष्म कणों द्वारा प्रकीर्ण हो जाता है। इसलिए हमारे नेत्रों तक पहुँचने वाला प्रकाश अधिक तरंगदैर्ध्य अर्थात् लाल रंग का होता है। इससे सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है। कोई प्रेक्षक इस परिघटना का प्रेक्षण चन्द्रमा पर नहीं कर सकता क्योंकि यह परिघटना सूर्य के प्रकाश के किरणों की वायुमंडल के कणों द्वारा प्रकीर्णन के कारण ही होती है और चंद्रमा पर कोई वायुमंडल नहीं होता है।
प्रश्न 14.
(i) मानव नेत्र में पक्ष्माभी पेशियों का महत्व लिखिए। उस दृष्टि दोष का नाम लिखिए जो वृद्धावस्था में पक्ष्माभी पेशियों के धीरे-धीरे दुर्बल होने के कारण उत्पन्न होता है। इस दोष से पीड़ित व्यक्तियों को सुस्पष्ट देख सकने के लिए किस प्रकार के लेंसों की आवश्यकता होती है?
(ii) अक्षय अपनी कक्षा में अंतिम पंक्ति में बैठे हुए, ब्लैकबोर्ड पर लिखे शब्दों को स्पष्ट नहीं देख पा रहा था। जैसे ही शिक्षक महोदय को पता चला उन्होंने कक्षा में घोषणा की, कि क्या पहली पंक्ति में बैठा हुआ कोई छात्र अक्षय से अपनी सीट बदलना चाहेगा? सलमान तुरन्त ही अपनी सीट अक्षय से बदलने के लिए तैयार हो गया। अब अक्षय को ब्लैकबोर्ड पर लिखा हुआ स्पष्ट दिखाई देने लगा। यह देखकर शिक्षक महोदय ने अक्षय के माता-पिता को संदेश भेजा कि वे शीघ्र ही अक्षय के नेत्रों का परीक्षण करवाएँ। उपयुक्त घटना के संदर्भ में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(a) अक्षय किस दृष्टि दोष से पीड़ित है? इस दोष के संशोधन के लिए किस प्रकार का लेंस उपयोग किया जाता है?
(b) शिक्षक महोदय और सलमान द्वारा प्रदर्शित मूल्यों का उल्लेख कीजिए।
(c) आपके विचार से अक्षय को शिक्षक महोदय और सलमान के प्रति अपनी कृतज्ञता किस प्रकार प्रकट करनी चाहिए? [CBSE 2015]
उत्तर-
(i) पक्ष्माभी पेशियों का महत्व-पक्ष्माभी पेशियाँ लेंस की फोकस दूरी को परिवर्तित करके बिम्ब (वस्तु) का प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनाती है।
वृद्धावस्था में पक्ष्माभी पेशियों के कारण नेत्र दोष-जरा दूर दृष्टिता दोष निवारण-द्वि फोकसी लैन्स की आवश्यकता होती है।
(ii)
(a) अक्षय निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है तथा इसके निवारण के लिये अवतल लैंस की आवश्यकता पड़ती है।
(b) दया तथा विषय की उपयोगिता।
(c) हमारे अनुसार शिक्षक महोदय तथा सलमान ने अक्षय की समस्या को समझ कर सामाजिकता तथा अपने कर्तव्यों का एक श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया।
प्रश्न 15.
यह दर्शाने के लिए किसी क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए कि किस प्रकार एक प्रिज्म द्वारा विपाटित श्वेत प्रकाश को अन्य सर्वसम प्रिज्म द्वारा पुनर्योजित करके पुनः श्वेत प्रकाश प्राप्त किया जा सकता है। श्वेत प्रकाश के स्पेक्ट्रम के पुनर्योजन को दर्शाने के लिए किरण आरेख भी खींचिए। (CBSE 2016, 17)
उत्तर-विधि :
(1) समान काँच पदार्थ तथा समान अपवर्तन कोण के दो प्रिज्म P1 और P2 लीजिए।
(2) दूसरे प्रिज्म P2 को प्रिज्म P1 के सापेक्ष उल्टा करके चित्र (नीचे) में दर्शाए अनुसार रखिए।
(3) श्वेत प्रकाश का एक पतला किरण पुंज प्रिज्म P1 पर डालिए तथा प्रिज्म P2 से आने वाले निर्गत किरण पुंज का प्रेक्षण किसी पर्दे अथवा दीवार पर कीजिए। पर्दे/दीवार पर श्वेत प्रकाश की चित्ती दिखाई देती है। पहला प्रिज्म P1 श्वेत प्रकाश को इसके सात-वर्ण के अवयवों में विक्षेपित अथवा विभाजित कर देता है। जब ये वर्ण उल्टे प्रिज्म P2 पर पड़ते हैं, तो वह उन्हें श्वेत प्रकाश में संयोजित कर देता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
मानव नेत्र का सचित्र वर्णन कीजिए तथा नेत्र द्वारा रेटिना पर प्रतिबिम्ब का बनना किरण आरेख द्वारा स्पष्ट कीजिए। (CBSE 2018, 19)
उत्तर-
मानव नेत्र (Human Eye) नेत्र मनुष्य के शरीर का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। इसके द्वारा मानव सभी वस्तुओं को देख सकता है। मानव. की आँख एक कैमरे की भाँति कार्य करती है। नेत्र के निम्नलिखित भाग होते हैं
(1) दृढ़ पटल (Sclerotic)-मानव नेत्र एक खोखले गोले के समान होता है. यह बाहर से एक दढ व अपारदर्शी श्वेत परत से ढका रहता है। इस परत को दढ पटल कहते हैं. इसके द्वारा नेत्र के भीतरी भागों की सुरक्षा होती है।
(2) रक्तक पटल (Choroid)-दढ पटल के भीतरी पृष्ठ पर एक काले रंग की झिल्ली लगी रहती है इसे रक्तक पटल कहते हैं। यह आपतित प्रकाश का अवशोषण करता है, इसे कोरॉइड भी कहते हैं।
(3) कॉर्निया (Cornea)-यह आँख में प्रकाश का अपवर्तन करती है। यह एक कठोर पारदर्शी गोलीय संरचना होती है।
(4) परितारिका अथवा आइरिस (Iris)-कॉर्निया के पीछे एक रंगीन एवं अपारदर्शी झिल्ली का पर्दा होता है जिसे परितारिका कहते हैं। यह परितारिका वृत्तीय आकृति की तथा काले-भूरे रंग की होती है। .
(5) पुतली अथवा तारा (Pupil)-आइरिस के बीच में एक छोटा सा छिद्र होता है जिसे पुतली अथवा नेत्र तारा कहते हैं। यह गोल तथा काली दिखाई देती है। कॉर्निया से आया प्रकाश पुतली से होकर लेंस पर आपतित होता है। पुतली की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि अन्धकार में यह अपने आप बड़ी व अधिक प्रकाश में अपने आप छोटी हो जाती है, इस प्रकार यह नेत्र में जाने वाले प्रकाश को नियन्त्रित करती है।
(6) नेत्र-लेंस (Eye-lens)-पुतली के ठीक पीछे पारदर्शी ऊतक का बना उत्तल लेंस होता है, जिसे नेत्र लेंस कहते हैं। इसके पिछले भाग की वक्रता त्रिज्या अगले भाग की अपेक्षा अधिक होती है। इसका माध्य अपवर्तनांक लगभग 1.44 होता है। नेत्र लेंस माँसपेशियों के बीच टिका रहता है, जिन्हें सिलियरी माँसपेशियों कहा जाता है।
(7) जलीय द्रव (Aqueous humour)-कॉर्निया व नेत्र लेंस के बीच जल के समान एक नमकीन पारदर्शी द्रव भरा रहता है, जिसे जलीय द्रव कहते हैं। इसका अपवर्तनांक 1.336 होता है।
(8) काचाभ द्रव (Vitreous humour)-लेंस के पीछे दृश्य पटल तक का स्थान एक गाढ़े पारदर्शी द्रव से भरा रहता है जिसे काचाभ द्रव कहते हैं। इसका अपवर्तनांक उच्च होता है।
(9) दृष्टि पटल (Retina)-रक्तक पटल के नीचे की ओर स्थित पारदर्शी झिल्ली को रेटिना कहते हैं, इसे दृष्टि पटल भी कहा जाता है। यह बहुत सारी प्रकाश शिराओं की एक फिल्म होती है। रेटिना पर बने प्रतिबिम्ब के रूप, रंग एवं आकार आदि का ज्ञान मस्तिष्क को इन्हीं शिराओं द्वारा होता है।
(10) पीत बिन्दु तथा अन्ध बिन्दु (Yellow spot and Dark spot)-रेटिना के मध्य में एक पीला भाग होता है। इसकी सुग्राहता सबसे अधिक होती है। इस भाग को पीत बिन्दु कहते हैं। जिस स्थान पर प्रकाश की सुग्राहिता शून्य होती है, उसे अन्ध बिन्दु कहते हैं।
नेत्र का कार्य (Working of eye)-जब हमारी पलकें खली होती हैं तब हमारे सामने रखी वस्त से चली किरणें कॉर्निया पर आपतित होती हैं। यहाँ से किरणें अपवर्तित होकर रेटिना पर आपतित होती हैं तथा रेटिना पर वस्तु का उल्टा प्रतिबिम्ब बनता है। प्रतिबिम्ब की सूचना प्रकाश सुग्राही कोशिकाओं द्वारा रेटिना की संवेदी कोशिकाओं से होकर मस्तिष्क में पहुँचती है। मस्तिष्क उसका ज्ञान अनुभव द्वारा प्राप्त कर लेता है।
प्रश्न 3.
(a) मानव नेत्र में नीचे दिए गए प्रत्येक भाग का कार्य लिखिए : पुतली, परितारिका, क्रिस्टलीय लेंस, पक्ष्माभी पेशियां।
(b) संसार के विकासशील देशों के लाखों व्यक्ति कॉर्निया-अंधता से पीड़ित हैं। इन व्यक्तियों को नेत्रदान द्वारा प्राप्त कॉर्निया के प्रत्यारोपण/प्रतिस्थापन द्वारा ठीक किया जा सकता है। आपके शहर के किसी परोपकारी समाज ने आपके पड़ोस में इसी तथ्य के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से एक अभियान का आयोजन किया है। यदि आपसे इस जीवन-लक्ष्य में भाग लेने के लिए कहा जाए, तो आप इस पुण्य कार्य में किस प्रकार सहयोग देंगे?
(i) इस प्रकार के अभियानों को आयोजित करने का उद्देश्य लिखिए।
(ii) मृत्यु के पश्चात् अपने नेत्रों को दान करने के लिए प्रेरित करते समय आप लोगों को क्या तर्क देंगे? ऐसे दो तर्कों की सूची बनाइए।
(iii) उन दो मूल्यों की सूची बनाइए, जो उन व्यक्तियों में विकसित हो जाते हैं, जो इस प्रकार के कार्यों में भाग लेकर सक्रिया योगदान देते हैं। (CBSE 2016)
उत्तर-
(a)
- पुतली-जब नेत्रों में प्रकाश प्रवेश करता है, तो ज्यादातर प्रकाश का अपवर्तन कॉर्निया की बाहरी सतह पर होता है।
- परितारिका-यह पुतली का व्यास बढ़ाने या घटाने में डायफ्राम की भाँति कार्य करता है।
- क्रिस्टलीय लेंस-यह रेटिना पर भिन्न-भिन्न दूरियों पर स्थित वस्तुओं को फोकस करने के लिए फोकस दूरी को समायोजित करता है।
- पक्ष्माभी पेशियाँ-जब यह पेशियाँ फैल जाती हैं, तो लेंस पतला हो जाता है, जिससे फोकस दूरी बढ़ जाती है। यह हमारी दूरस्थ वस्तुओं को देखने में सहायता करता है। जब हम इन्हीं वस्तुओं को समीप से देखते हैं तो यह संकुचित हो जाता है जिससे नेत्र लेंस की वक्रता बढ़ जाती है और लेंस मोटा हो जाता है परिणामस्वरूप नेत्र लेंस की फोकस दूरी कम हो जाती है। जिससे हम समीप की वस्तुओं को देख पाते हैं।
(b)
(i) इस तरह के संगठन का उद्देश्य आँखों को दान करके एक नेत्रहीन व्यक्ति के जीवन को प्रकाश देना है।
(ii)
(1) एक व्यक्ति नेत्र दान करके, दो व्यक्तियों को दृष्टि प्रदान कर सकता है।
(2) हमारी आँखें हमारे मृत होने के पश्चात् भी नेत्र दान किए गए व्यक्ति की आंखों के रूप में जीवित रह सकती हैं।
(iii) सामाजिक कल्याण, जागरूकता, कुछ ऐसे मूल्य हैं जो किसी व्यक्ति को सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करते हैं और ऐसे कार्यक्रमों में योगदान देते हैं।
प्रश्न 4.
दूर दृष्टि किसे कहते हैं ? इस दोष का निवारण किस प्रकार किया जाता है ? किरण आरेख द्वारा समझाइए।
उत्तर-
दूर दृष्टि दोष (Hypermetropia or Long Sightedness)-इस दोष में मनुष्य दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकता है, परन्तु पास की वस्तुएँ स्पष्ट रूप से नहीं देख सकता। इसमें नेत्र का स्पष्ट बिन्दु निकट बिन्दु 25 सेमी से अधिक दूर हो जाता है।
इस दोष में प्रतिबिम्ब रेटिना पर न बनकर रेटिना के पीछे बनता है।
दूर दृष्टि दोष के कारण (Reasons of Hypermetropia)- इस दोष के दो कारण हैं-
- नेत्र लेंस से रेटिना तक की दूरी का कम हो जाना अर्थात् नेत्र के गोले की लम्बाई का कम हो जाना।
- लेंस का पतला हो जाना जिससे उसकी फोकस दूरी बढ़ जाती है।
दूर दृष्टि दोष का निवारण-इस दोष को दूर करने के लिए उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है। प्रयुक्त उत्तल लेंस की फोकस दूरी इतनी होनी चाहिए कि स्वस्थ नेत्र के निकट बिन्दु से आने वाली किरणें, उत्तल लेंस से अपवर्तन के पश्चात् नेत्र लेंस पर आँख के अपने निकट बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती हों जिससे कि इनका नेत्र लेंस से अपवर्तन होने पर वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना पर बन जाए। इससे नेत्र को वस्तु स्पष्ट दिखाई देने लगती है।
प्रश्न 5.
(a) निकट-दृष्टि दोष से पीड़ित कोई छात्र 5 cm से अधिक दूरी पर स्थित बिम्बों को स्पष्ट नहीं देख पाता। इस दृष्टि दोष के उत्पन्न होने के दो संभावित कारणों की सूची बनाइए। किरण आरेखों की सहायता से व्याख्या कीजिए कि
(i) वह छात्र 5 m से अधिक दूरी पर स्थित बिम्बों को स्पष्ट क्यों नहीं देख पाता?
(ii) इस दृष्टि दोष के संशोधन के लिए उसे किस प्रकार के लेंस का उपयोग करना चाहिए और इस लेंस के उपयोग द्वारा इस दोष का संशोधन किस प्रकार होता है?
(b) यदि इस प्रकरण में संशोधक लेंस की फोकस दूरी का संख्यात्मकमान 5 m है, तो नयी कार्तीय चिह्न परिपाटी के अनुसार इस लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) निकट दृष्टि दोष उत्पन्न होने के कारण
(1) अभिनेत्र लेंस की वक्रता का अत्यधिक होना अथवा
(2) नेत्र गोलक का सामान्य से लंबा हो जाना।
(i) वह छात्र 5 m से अधिक दूरी पर स्थित बिम्बों को स्पष्ट इसलिए नहीं देख पाता, क्योंकि ऐसे दोष युक्त व्यक्ति का दूर बिन्दु अनंत पर न होकर नेत्र के पास आ जाता है। इस स्थिति में किसी दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना पर न बनकर उसके सामने बनता है।
(ii) यह दोष किसी उपयुक्त क्षमता के अवतल लेंस से ठीक किया जा सकता है।
(b) चूँकि संशोधित लेन्स अवतल है इसलिए यदि F = – 5 m है तो P = \(\frac{1}{f}=\frac{1}{-5 m} \)
इस लेंस की क्षमता = – 0.20 डाइऑप्टर होगी।
प्रश्न 6.
(a) विचलन कोण की व्याख्या किरण आरेख खींचकर कीजिए।
(b)किसी कांच के प्रिज्म से गुजरने पर आपतित श्वेत प्रकाश अवयवी वर्ण स्पेक्ट्रम के रूप में विभक्त क्यों हो जाते हैं, व्याख्या कीजिए?
(c) इन्द्रधनुष का बनना नामांकित किरण आरेख खींचकर दर्शाइए। (CBSE 2017, 18)
उत्तर-
(a) माना कि किसी एक रंग के प्रकाश की एक किरण PQ प्रिज्म के अपवर्तक पृष्ठ AB पर गिरती है जो QR दिशा में परिवर्तित होकर RS दिशा में बाहर वायु में निकल जाती है। आपतित किरण PQ तथा निर्गत किरण RS को पीछे बढ़ाने पर वे बिन्दु D पर मिलती है। इन दोनों किरणों के बीच बना कोण δ ‘विचलन कोण’ कहलाता है।
(b) किसी काँच के प्रिज्म से गुजरने वाली आपतित श्वेत प्रकाश किरण अवयवी वर्गों में विभक्त हो जाती है, इसे वर्ण विक्षेपण कहते हैं। इसका कारण यह है कि किसी पदार्थिक माध्यम में विभिन्न रंगों के प्रकाश की चाल भिन्न-भिन्न होती है, यद्यपि निर्वात में सभी रंगों की चाल समान होती है।
प्रश्न 7.
प्रिज्म द्वारा सूर्य के प्रकाश के वर्ण विक्षेपण से क्या तात्पर्य है? आवश्यक चित्र द्वारा प्रदर्शित कीजिए। [RBSE 2015], (CBSE 2017)
उत्तर-
वर्ण विक्षेपण (Dispersion)-श्वेत प्रकाश की किरण जब किसी प्रिज्म के अपवर्तक फलक पर आपतित होती है तब प्रिज्म द्वारा वह अपने अवयवी रंगों में विभाजित हो जाती है । यह घटना वर्ण विक्षेपण (Dispersion) कहलाती है ।
प्रिज्म द्वारा प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण (Dispersion of Light by Prism)-जब प्रिज्म में से कोई श्वेत प्रकाश की किरण गुजरती है तब वह अपने मार्ग से विचलित होकर प्रिज्म के आधार की ओर झुककर विभिन्न रंगों की किरणों में विभाजित हो जाती है, इस प्रकार से उत्पन्न विभिन्न रंगों के समूह को स्पेक्ट्रम कहते हैं। इसका एक सिरा लाल तथा दूसरा सिरा बैंगनी होता है। सामान्यतया हमारी आँख को सात रंग समूहों के रूप में दिखाई पड़ते हैं। प्रिज्म के आधार की ओर से ये रंग बैंगनी (Violet), नीला (जम्बूकी नीला) (Indigo), आसमानी (Sky blue), हरा (Green), पीला (Yellow), नारंगी (Orange) तथा लाल (Red) के क्रम में होते हैं। रंगों के इस क्रम को अंग्रेजी के शब्द विबग्योर (VIBGYOR) से याद रखा जा सकता है।
चित्रप्रिज्म द्वारा वर्ण विक्षेपण चित्र से स्पष्ट है कि लाल प्रकाश की किरण में विचलन सबसे कम तथा बैंगनी प्रकाश की किरण में विचलन सबसे अधिक होता है तथा अन्य रंगों की किरणों में विचलन, लाल व बैंगनी किरणों के बीच होता है। प्रिज्म द्वारा प्रकाश के वर्ण विक्षेपण का कारणकिसी पारदर्शी पदार्थ जैसे काँच का अपवर्तनांक प्रकाश के रंग पर निर्भर करता है। अपवर्तनांक लाल रंग के लिए सबसे कम तथा बैंगनी रंग के लिए सबसे अधिक होता है। इसी कारण से श्वेत रंग के प्रकाश का प्रिज्म में से गुजरने पर वर्ण विक्षेपण हो जाता है। आयताकार गुटके में श्वेत रंग के प्रकाश का वर्ण विक्षेपण नहीं होता है। गुटके में आपतित किरण तथा निर्गत किरण परस्पर समान्तर हो जाती हैं।
आंकिक प्रश्न | (Numerical Questions)
प्रश्न 1.
एक निकट दृष्टि दोष वाला व्यक्ति 15 सेमी दूर स्थित पुस्तक को पढ़ सकता है। पुस्तक को 25 सेमी दूर रखकर पढ़ने के लिए उसे कैसा व कितनी फोकस दूरी .. का लेंस अपने चश्मे में प्रयुक्त करना पड़ेगा?
हल : निकट दृष्टि दोष को दूर करने के लिए ऐगा अवतल लेंस जिसकी फोकस दूरी 1 है, का प्रयोग करना होगा जो 25 सेमी दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब 15 सेमी पर बना दे।
इस प्रकार v= – 15 सेमी. u = -25 सेमी, f = ?
ये मान लेंस के सत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) में रखने पर.
प्रश्न 2.
एक व्यक्ति 20 सेमी दूरी पर रखी पुस्तक पढ़ सकता है। यदि पुस्तक को 30 सेमी दूर रख दिया जाए, तो व्यक्ति को चश्मा प्रयुक्त करना पड़ता है। गणना कीजिए।
(i) प्रयुक्त लेंस की फोकस दूरी
(ii) प्रयुक्त लेंस का प्रकार। हलः दिया है- v= -20 सेमी, u=-30 सेमी, f = ?
उपरोक्त मान, लेंस के सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{\mathrm{T}}{u} \) में रखने पर,
\(\frac{1}{f}=-\frac{1}{20}+\frac{1}{30}=\frac{3+2}{60}=-\frac{1}{60} \)
अतः प्रयुक्त लेंस की फोकस दूरी = – 60 सेमी
(ii) फोकस दूरी ऋणात्मक होने के कारण प्रयुक्त लेंस अवतल होगा।
प्रश्न 3.
एक व्यक्ति 100 सेमी से अधिक दूरी की वस्तु को नहीं देख सकता है। गणना करके बताइए कि सही दृष्टि पाने के लिए वह व्यक्ति किस फोकस दूरी वाले चश्मे का प्रयोग करेगा?
हल : दिया है- v : 100 सेमी, u = ∞ f = ?
उपरोक्त मान, लेंस के सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) में रखने पर,
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{100}-\frac{1}{\infty}=-\frac{1}{100}\)
अतः लेंस की फोकस दूरी (f) = 100 सेमी (अवतल लेंस)।
प्रश्न 4.
एक दूर दृष्टि से पीड़ित व्यक्ति की आँख के लिए निकट बिन्दु की दूरी 0.50 मीटर है। इस व्यक्ति के दृष्टि दोष के निवारण हेतु चश्मे में प्रयुक्त लेंस की प्रकृति, फोकस दूरी व क्षमता ज्ञात कीजिए।
हल : दिया है-
v=-0.50 मीटर, u = 0.25 मीटर, f = ?
उपरोक्त मान, लेंस के सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) में रखने पर,
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{-0.50}+\frac{1}{0.25}=-\frac{-1+2}{0.50}\)
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{0.50}\)
अतः लैंस की फोकस दूरी (1) = 0.50 मीटर, (उत्तल लेंस)।
लेंस की क्षमता P = \(\frac{1}{f}=\frac{1}{0.50}\) = 2 डाइऑप्टर
प्रश्न 5.
किसी व्यक्ति के नेत्र का निकट बिन्दु 50 cm है। नेत्र से 25 cm दूरी पर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट देख सकने के लिए उस व्यक्ति को जिस संशोधक लेंस की आवश्यकता होगी, उसकी प्रकृति और क्षमता ज्ञात कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
दिया है-
व्यक्ति के नेत्र का निकट बिन्दु v= 50 cm
v=-50 cm; u=- 25 cm f= ?
लेंस सूत्र का प्रयोग करने पर,
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f} \Rightarrow \frac{1}{-50}-\frac{1}{-25}=\frac{1}{f} \)
⇒ \(\frac{-1}{50}+\frac{1}{25}=\frac{1}{f}\)
⇒ \(\frac{1}{f}=\frac{-1+2}{50}=\frac{1}{50}\)
⇒ f = +50 cm
लेंस की शक्ति, P= \(\frac{1}{f( मीटर में)\)
⇒ P = \(\frac{1 \times 100}{50} \) = +2D
इसलिए व्यक्ति को स्पष्ट देखने के लिए + 2 डाइऑप्टर क्षमता वाले उत्तल लेंस की आवश्यकता होगी।
बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)
1. नेत्र गोलक का व्यास कितना होता है?
(a) लगभग 2.0 cm
(b) लगभग 2.3 cm
(c) लगभग 4.0 cm
(d) लगभग 4.3 cm.
उत्तर-
(b) लगभग 2.3 cm.
2. एक नेत्र का क्षैतिज दृष्टि क्षेत्र लगभग कितना होता है?
(a) 120°
(b) 200°
(c) 150°
(d) 180°
उत्तर-
(a) 150°.
3. नेत्रदान मृत्यु के कितने घंटे के भीतर हो जाना चाहिए?
(a) 2-3 घंटों में
(b) 4-6 घंटों में
(c) 6-10 घंटों में
(d) 1 घंटे में। .
उत्तर-
(b)4-6 घंटों में।।
4. प्रिज्म के अवयवी वर्गों के स्पेक्ट्रम हेतु परिवर्णी शब्द
(a) ROYVIBG
(b) VIBGYOR
(c) GYORVIB
(d) BIVGYOR.
उत्तर-
(b) VIBGYOR.
5. कौन-सा प्रकाश सबसे कम कोण पर झुकता है ?
(a) बैंगनी प्रकाश
(b) हरा प्रकाश
(c) पीला प्रकाश
(d) लाल प्रकाश।
उत्तर-
(d) लाल प्रकाश।
6. परितारिका किसके पीछे स्थित है ?
(a) पुतली
(b) रेटिना
(c) कॉर्निया
(d) नेत्र गोलक।
उत्तर-
(c) कॉर्निया।
7. दोपहर के समय सूर्य सफेद दिखाई देता है क्योंकि –
(a) प्रकाश सबसे कम प्रकीर्णित होता है,
(b) प्रकाश के सभी वर्ण प्रकीर्णित हो जाते हैं,
(c) नीला रंग सबसे अधिक प्रकीर्णित होता है,
(d) लाल रंग सबसे अधिक प्रकीर्णित होता है।
उत्तर-
(a) प्रकाश सबसे कम प्रकीर्णित होता है।
8. जब नेत्र में प्रकाश किरणें प्रवेश करती हैं तब अधिक प्रकाश किससे अपवर्तित होता है ?
(a) क्रिस्टलीय लेंस
(b) कॉर्निया के बाहरी तल
(c) पुतली
(d) आइरिस।
उत्तर-
(b) कॉर्निया के बाहरी तल।
9. आँख किस रंग के लिए अधिक सुग्राही होती है ?
(a) लाल
(b) गुलाबी
(c) हरा
(d) पीला।
उत्तर-
(c) हरा।
10. स्वस्थ आँख के लिए दूर बिन्दु स्थित होता है-
(a) 25 cm
(b) 50 cm
(c) 1 m
(d) अनन्त।
उत्तर-
(d) अनन्त।
11. स्वस्थ आँख के लिए निकटतम बिन्दु स्थित होता
(a) 25 cm पर
(b) 50 cm पर
(c) 1 m पर
(d) अनन्त पर।
उत्तर-
(b) 25 cm पर।
12. सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य दिखाई देता है
(a) पीला
(b) लाल
(c) नीला
(d) काला।
उत्तर-
(b) लाल।
13. मानव नेत्र में उपस्थित लेंस है –
(a) उत्तल
(b) अवतल
(c) कोई लैंस नहीं
(d) समतल अवतल।
उत्तर-
(a) उत्तल।
14. प्रकाश के विक्षेपण से प्राप्त सात रंगों के समूह को कहते हैं –
(a) प्रतिबिम्ब
(b) स्पेक्ट्रम
(c) छाया
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) स्पेक्ट्रम।
15. निकट दृष्टिदोष के निवारण के लिए प्रयुक्त लेंस
(a) गोलीय बेलनाकार लेंस
(b) उत्तल लेंस
(c) समोत्तल लेंस
(d) अवतल लेंस।
उत्तर-
(d) अवतल लेंस।
16. दूर दृष्टिदोष के निवारण के लिए उपयोग किया जाने वाला लेंस है –
(a) गोलीय बेलनाकार लेंस
(b) उत्तल लेंस
(c) द्विफोकसीय लेंस
(d) अवतल लेंस।
उत्तर-
(b) उत्तल लेंस।
17. निकट दृष्टि दोष का कारण है
(a) नेत्र गोलक का बढ़ना
(b) नेत्र गोलक का छोटा होना
(c) अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी में अनियमित परिवर्तन
(d) आयु में वृद्धि होना।
उत्तर-
(a) नेत्र गोलक का बढ़ना।
18. एक व्यक्ति 1 मीटर से कम दूरी पर रखी वस्तुओं को साफ नहीं देख पाता। वह किस नेत्र दोष से पीड़ित
(a) दूर-दृष्टि दोष
(b) निकट-दृष्टि दोष
(c) जरा-दृष्टि दोष
(d) मोतियाबिंदु।
उत्तर-
(a) दूर-दृष्टिदोष।
19. तारों के टिमटिमाने का कारण है-
(a) वायुमंडलीय अपवर्तन
(b) वायुमंडलीय परावर्तन
(c) वायुमंडलीय प्रकीर्णन
(d) वायुमंडलीय विक्षेपण।
उत्तर-
(a) वायुमंडलीय अपवर्तन।
20. आकाश के नीले रंग का कारण है-
(a) प्रकाश का प्रकीर्णन
(b) प्रकाश का विक्षेपण
(c) प्रकाश का अपवर्तन
(d) प्रकाश का परावर्तन।
उत्तर-
(a) प्रकाश का प्रकीर्णन।
रिक्त स्थानों की पूर्तिकीजिए (Fill in the blanks)
1. किसी वस्तु को स्पष्ट रूप से आसानी से देखने के लिए इसे कम से कम …………………………………… दूर रखना चाहिए।
उत्तर-
2.5 cm,
2. …………………………………… रंग के धुए या कुहरे में सबसे कम प्रकाश का प्रकीर्णन होता है।
उत्तर-
लाल,
3. प्रकाश के अवयवी वर्गों के बैंड को …………………………………… कहते हैं।
उत्तर-
स्पेक्ट्रम,
4. वास्तविक व आभासी सूर्यास्त के बीच …………………………………… का समयान्तराल होता है।
उत्तर-
2 मिनट,
5. यदि वायुमण्डल न होता तो आकाश का रंग …………………………………… दिखाई देता।
उत्तर-
काला,
6. जंगल के कुहासे में जल की सूक्ष्म बूंदें प्रकाश का प्रकीर्णन …………………………………… के कारण करती है।
उत्तर-
टिण्डल प्रभाव।
समेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिये
‘कॉलम (X) | कॉलम (Y) |
(i) नेत्रिका लेंस की फोकस दूरी का परिवर्तन | (A) विद्युत सिग्नल |
(ii) श्वेत प्रकाश किरण का सात रंगों में विभाजित होना | (B) प्रिज्म |
(iii) नेत्र में जाने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करना | (C) संमजन क्षमता |
(iv) तारों का टिम-टिमाना | (D) प्रर्कीणन |
(v) विचलन कोण | (E) वायुमण्डलीय अपवर्तन |
(vi) रेटिना पर बने प्रतिबिम्ब की सूचना का परिवर्तन | (F) परितारिका |
उत्तर-
‘कॉलम (X) | कॉलम (Y) |
(i) नेत्रिका लेंस की फोकस दूरी का परिवर्तन | (C) संमजन क्षमता |
(ii) श्वेत प्रकाश किरण का सात रंगों में विभाजित होना | (D) प्रर्कीणन |
(iii) नेत्र में जाने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करना | (F) परितारिका |
(iv) तारों का टिम-टिमाना | (E) वायुमण्डलीय अपवर्तन |
(v) विचलन कोण | (B) प्रिज्म |
(vi) रेटिना पर बने प्रतिबिम्ब की सूचना का परिवर्तन | (A) विद्युत सिग्नल |
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिये –
कॉलम (X) | कॉलम (Y) |
(i) पास की वस्तुयें न दिखना | (A) निकट दृष्टि दोष |
(ii) दूर की वस्तुओं का न दिखना | (B) प्रर्कीणन |
(iii) नेत्रिका लैन्स के आगे दूधिया पर्त बनना | (C) वर्णान्धता |
(iv) रंगों में भेद न कर पाना | (D) दूर दृष्टि दोष |
(v) द्वि-फोकस लेंस का प्रयोग | (E) जरा-दूरदृष्टिता |
(vi) इन्द्रधनुष | (F) मोतियाबिन्दु |
उत्तर-
कॉलम (X) | कॉलम (Y) |
(i) पास की वस्तुयें न दिखना | (D) दूर दृष्टि दोष |
(ii) दूर की वस्तुओं का न दिखना | (A) निकट दृष्टि दोष |
(iii) नेत्रिका लैन्स के आगे दूधिया पर्त बनना | (F) मोतियाबिन्दु |
(iv) रंगों में भेद न कर पाना | (C) वर्णान्धता |
(v) द्वि-फोकस लेंस का प्रयोग | (E) जरा-दूरदृष्टिता |
(vi) इन्द्रधनुष | (B) प्रर्कीणन |