Author name: Prasanna

HBSE 11th Class History Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

Haryana State Board HBSE 11th Class History Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class History Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

निबंधात्मक उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
ऐसे कौन-से कारण थे जिनसे 15वीं शताब्दी में यूरोपीय नौचालन को सहायता मिली?
अथवा
15वीं शताब्दी में भौगोलिक खोजों के कारणों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
15वीं शताब्दी में यूरोपवासियों ने भौगोलिक खोजों का सिलसिला आरंभ किया। इसके लिए अनेक कारण उत्तरदायी थे। इनका संक्षिप्त वर्णन निम्नलिखित अनुसार है

1. आर्थिक उद्देश्य (Economic Motives):
यूरोपवासियों को नई खोज यात्राएँ करने में आर्थिक उद्देश्यों की प्रमुख भूमिका थी। 1453 ई० में तुर्कों द्वारा कुंस्तुनतुनिया (Constantinople) पर अधिकार से यूरोपीय व्यापार को गहरा आघात लगा। इस संकट से निपटने के लिए नए प्रदेशों की खोज करना आवश्यक था। 15वीं शताब्दी में यूरोपवासियों की आर्थिक आवश्यकताएँ बहुत बढ़ गई थीं।

नवोदित राष्ट्रीय राज्यों को अपनी सेना के लिए धन आवश्यकता थी। नए प्रदेशों की खोज करके यूरोपवासी अपने इन आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति कर सकते थे। अत: वे नए प्रदेशों की खोज करने के लिए प्रेरित हुए।

2. नए आविष्कार (New Inventions):
14वीं एवं 15वीं शताब्दियों में जहाजरानी से संबंधित नए आविष्कारों ने नाविकों की समुद्री यात्राओं को सुगम बना दिया। 1380 ई० में कुतबनुमा (compass) भाव दिशासूचक यंत्र का आविष्कार हुआ। यह एक सर्वोच्च महत्त्व का आविष्कार था। इससे नाविकों को खुले समुद्र में दिशाओं की सही जानकारी प्राप्त होती थी। 16वीं शताब्दी में एस्ट्रोलेब (astrolab) का आविष्कार हुआ।

इस यंत्र से नाविकों को भूमध्य रेखा (equator) से दूरी मापने में सहायता मिली। इस काल में यूरोपियों ने अपने जहाजों में बहुत सुधार कर लिया था। ये जहाज़ पहले से अधिक हल्के, विशाल एवं तीव्र गति से चलने वाले थे। निस्संदेह इन नवीन आविष्कारों ने समुद्री यात्राएँ करने वालों को एक नई दिशा प्रदान की। प्रसिद्ध इतिहासकार थॉमस एफ० एक्स० नोबल के शब्दों में, “14वीं एवं 15वीं शताब्दियों में जहाजरानी में सहायक सिद्ध हुए अनेक नए आविष्कारों ने खुले समुद्र में यात्राओं को सुगम एवं अधिक पूर्वानुमानित बनाया।

3. टॉलेमी की ज्योग्राफी (Ptolemy’s Geography):
टॉलेमी की ज्योग्राफी ने नए प्रदेशों की खोज में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। टॉलेमी मिस्र का रहने वाला था। उसने दूसरी शताब्दी में ज्योग्राफी की रचना की। यह महत्त्वपूर्ण पुस्तक 1477 ई० में मुद्रित हुई। यह पुस्तक बहुत लोकप्रिय हुई। इससे यूरोपवासी नए प्रदेशों की खोज करने के लिए प्रेरित हुए।

4. मार्को पोलो की यात्राएँ (Travels of Marco Polo):
मार्को पोलो इटली के शहर वेनिस का एक महान् यात्री था। वह 1275 ई० में मंगोलों के महान् नेता कुबलई खाँ (Kublai Khan) के दरबार में पीकिंग (Peking) पहुँचा। कुबलई खाँ ने उसका बहुत सम्मान किया। मार्को पोलो 17 वर्षों तक कुबलई खाँ के दरबार में रहा। इस समय के दौरान वह सरकार के कुछ महत्त्वपूर्ण पदों पर नियुक्त हुआ।

वापसी के समय वह जापान, बर्मा, भारत एवं थाइलैंड होता हुआ वापस इटली पहुँचा। यहाँ पहुँच कर उसने मार्को पोलो की यात्राएँ (Travels of Marco Polo) नामक प्रसिद्ध पुस्तक की रचना की। इसमें उसने पूर्वी देशों के महान् वैभव पर विस्तृत प्रकाश डाला था। उसके विवरण में यूरोपवासियों में इन देशों की समुद्री यात्रा करने की एक होड़-सी आरंभ हो गई।

5. धार्मिक उद्देश्य (Religious Motives):
ईसाई धर्म सदैव से एक प्रचारक धर्म रहा था। ईसाई मिशनरियों ने अपने अथक प्रयासों से मध्यकाल तक संपूर्ण यूरोप में ईसाई धर्म का प्रसार कर दिया था। इसमें उन्हें अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई थी। इसके पश्चात् उन्होंने अपना ध्यान एशिया एवं अफ्रीका की तरफ किया। वे यहाँ के असभ्य लोगों को सभ्य बनाना चाहते थे। इन देशों में ईसाई धर्म का प्रसार करने के लिए बड़ी संख्या में उनके मिशनरी तैयार थे। अतः यूरोपीय व्यापारियों के साथ-साथ ईसाई मिशनरी भी इन देशों में गए। वास्तव में ईसाई धर्म के प्रसार की भावना ने नए देशों की समुद्री खोज को एक नया प्रोत्साहन दिया।

6. आईबेरियाई प्रायद्वीप का योगदान (Contribution of Iberian Peninsula):
15वीं शताब्दी में आईबेरियाई प्रायद्वीप भाव स्पेन एवं पुर्तगाल के देशों ने समुद्री खोज यात्राओं में बहुमूल्य योगदान दिया। अक्सर यह प्रश्न किया जाता है कि स्पेन एवं पुर्तगाल के शासकों ने समुद्री खोजों में अन्य देशों के मुकाबले अग्रणी भूमिका क्यों निभाई ? इसके अनेक कारण थे। प्रथम, इस समय स्पेन एवं पुर्तगाल की अर्थव्यवस्था अच्छी थी जबकि यूरोप की अर्थव्यवस्था गिरावट के दौर से गुजर रही थी।

दूसरा, स्पेन एवं पुर्तगाल के शासक सोना एवं धन दौलत के भंडार एकत्र कर अपने यश एवं सम्मान में वृद्धि करना चाहते थे। तीसरा, वे नई दुनिया में ईसाई धर्म का प्रसार करना चाहते थे। चौथा, धर्मयुद्धों (crusades) के कारण इन देशों की एशिया के साथ व्यापार करने में रुचि बढ़ गई। इन युद्धों के दौरान उन्हें पता चला कि इन देशों के साथ व्यापार करके वे भारी मुनाफा कमा सकते हैं। पाँचवां इन देशों के शासकों ने समुद्री खोज पर जाने वाले नाविकों को प्रत्येक संभव सहायता प्रदान की।

7. पुर्तगाल के राजकुमार हेनरी का योगदान (Contribution of Prince Henry of Portugal):
पुर्तगाल के राजकुमार हेनरी (1394-1460 ई०) ने समुद्री खोज यात्राओं को प्रोत्साहित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। अत: वह इतिहास में हेनरी दि नेवीगेटर (Henry, the Navigator) के नाम से प्रसिद्ध हुआ। उसने खोज यात्राओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सारगेस (Sargess) में एक नाविक स्कूल खोला। इस स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने के लिए विश्व के अनेक देशों से नाविक, वैज्ञानिक एवं मानचित्र बनाने वाले आए।

इसके महत्त्वपूर्ण परिणाम निकले। यहाँ भावी समुद्री खोज यात्राओं की योजना तैयार की जाती थी। यहाँ लंबी दूरी की समुद्री यात्राएँ करने के लिए सुदृढ़ नावों का निर्माण किया गया जिन्हें कैरेवल (caravels) कहा जाता था। नाविकों की सहायता के लिए नए भौगोलिक मानचित्र तैयार किए गए। राजकुमार हेनरी ने व्यापार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से पश्चिमी अफ्रीका के शासकों के साथ संबंध स्थापित किए तथा बोजाडोर (Bojador) में अपना व्यापारिक केंद्र स्थापित किया।

प्रसिद्ध इतिहासकार बी० वी० राव का यह कहना ठीक है कि, “यद्यपि वह (हेनरी) व्यावसायिक तौर पर एक नाविक नहीं था किंतु उसने भौगोलिक खोजों के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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प्रश्न 2.
क्रिस्टोफर कोलंबस कौन था ? उसकी बहामा द्वीप यात्रा का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
क्रिस्टोफर कोलंबस ने नई दुनिया (New World) की खोज में सर्वाधिक उल्लेखनीय योगदान दिया। उसका जन्म 1451 ई० में इटली के प्रसिद्ध शहर जेनेवा (Genoa) में हआ। जेनेवा इटली की एक प्रसिद्ध बंदरगाह थी। अतः यहाँ जहाज़ों का आना-जाना लगा रहता था। अतः कोलंबस के मन में बचपन से ही समुद्री यात्रा करने एवं नाम कमाने की गहरी इच्छा थी।

वह फ्रांसीसी दार्शनिक कार्डिनल पिएर डिऐली द्वारा 1410 ई० में खगोलशास्त्र (Astronomy) एवं भूगोल (Geography) पर लिखी प्रसिद्ध रचना इमगो मुंडी (Imago Mundi) से बहुत प्रभावित हुआ। अतः उसने पूर्व (the Indies) की यात्रा करने का निर्णय किया।

कोलंबस 3 अगस्त, 1492 ई० को स्पेन की एक बंदरगाह पालोस (Palos) से यात्रा के लिए रवाना हुआ। इस समय उसके पास तीन जहाजों-सांता मारिया (Santa Maria), पिंटा (Pinta) तथा नीना (Nina) का एक छोटा-सा बेड़ा था। इनमें कुल 90 नाविक सवार थे। कोलंबस स्वयं सांता मारिया की कमान कर रहा था। इसमें कुल 40 नाविक थे। यह यात्रा काफी लंबी हो गई। समुद्र एवं आकाश के अतिरिक्त कुछ अन्य नज़र नहीं आता था। उनकी खाद्य सामग्री भी कम होने लगी। इससे नाविकों में बेचैनी फैल गई।

वे कोलंबस से तुरंत वापस चलने की माँग करने लगे। सहसा उन्हें 7 अक्तूबर, 1492 ई० को समुद्र के ऊपर कुछ पक्षी उड़ते दिखाई दिए। इससे उनका धैर्य बढ़ गया। उन्हें यह विश्वास हो गया कि उनका बेड़ा किसी भूमि के निकट पहुँचने वाला है। अंतत: उन्हें 12 अक्तूबर, 1492 ई० को भूमि दिखाई दी। इससे उनकी प्रसन्नता का कोई ठिकाना न रहा।

कोलंबस जिस स्थान पर पहुँचा उसने उसे इंडीज (भारत एवं भारत के पूर्व में स्थित देश) समझा। अतः उसने वहाँ के निवासियों को रेड इंडियन्स (Red Indians) कहा। वास्तव में वह बहामा द्वीप समूह के गुआनाहानि (Guanahani) नामक स्थान पर पहुंचा था। जब कोलंबस एवं उसके साथी वहाँ पहुँचे तो वहाँ रहने वाले अरावाक (The Arawaks) लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया।

अरावाक लोग इन अपरिचित लोगों को देखकर एक-दूसरे को आश्चर्य से कह रहे थे कि देखो ये लोग स्वर्गलोक से यहाँ आए हैं। इन लोगों ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया। कोलंबस उनकी उदारता से बहुत प्रभावित हुआ। कोलंबस ने उनके संबंध में लिखा है कि, “वे बहुत उदार हैं तथा वे बुराई को नहीं जानते। वे किसी दूसरे की हत्या नहीं करते तथा न ही चोरी करते हैं तथा उनके पास हथियार भी नहीं हैं।”

कोलंबस लगभग तीन महीने गुआनाहानि में रहा। उसने इस द्वीप में स्पेन का झंडा गाड़ दिया। उसने इस द्वीप का नया नाम सैन सैल्वाडोर (San Salvador) रख दिया। उसने स्वयं को वहाँ का वाइसराय (Viceroy) घोषित कर दिया। वाइसराय का अभिप्राय है राजा का प्रतिनिधि। कोलंबस ने इस समय के दौरान क्यूबा (Cuba) एवं हिस्पानिओला (Hispaniola) की खोज की। कोलंबस ने इन स्थानों की खोजें वहाँ से सोना प्राप्त करने के उद्देश्य से की थी किंतु इसमें उसे कोई विशेष सफलता प्राप्त न हुई।

इस समय के दौरान कोलंबस को कैरिब (Carib) नाम के एक खूखार कबीले का सामना करना पड़ा। अत: कोलंबस के साथी नाविकों ने उसे वापस स्पेन चलने के लिए बाध्य किया। कोलंबस ने 4 जनवरी, 1493 ई० को स्पेन की वापसी यात्रा आरंभ की। इस समय उनका सांता मारिया नामक जहाज़ नष्ट हो गया था तथा बाकी दो अन्य जहाजों को दीमक लगनी आरंभ हो गई थी।

कोलंबस एवं उसके साथी 15 मार्च, 1493 ई० को स्पेन की बंदरगाह पालोस वापस पहुँचने में सफल रहे। उनका स्पेन के शासक फर्जीनेंड द्वारा भव्य स्वागत किया गया। कोलंबस ने भी उसे गुआनाहानि से प्राप्त कुछ बहमल्य उपहार भेंट किए। राजा इससे बहत प्रसन्न हआ। अतः उसने कोलंबस को एडमिरल ऑफ दी ओशन सी (Admiral of the Ocean Sea) नामक उपाधि तथा इंडीज का वाइसराय होने की घोषणा की। इसके पश्चात् कोलंबस ने 1493-96 ई०, 1498-1500 ई० तथा 1502-04 ई० में इंडीज की तीन बार और यात्राएँ कीं।

इस समय के दौरान कोलंबस ने वहाँ सख्ती से शासन किया। उसने वहाँ के लोगों को भारी कर देने तथा सोना देने के लिए बाध्य किया। इंकार करने पर लोगों पर घोर अत्याचार किए जाने लगे। इस कारण वहाँ के लोगों में स्पेनी शासन रोष फैलने लगा। जब यह समाचार स्पेन के शासक फर्जीनेंड को प्राप्त हआ तो उसने कोलंबस को जंजीरों में जकड़ कर दरबार में प्रस्तुत करने को कहा। उसके आदेश की पालना करते हुए कोलंबस को 7 नवंबर, 1504 ई० को दरबार में प्रस्तुत किया गया।

कोलंबस द्वारा क्षमा याचना माँगने पर रानी ईसाबेला ने उसे क्षमा कर दिया किंतु उससे वाइसराय की पदवी छीन ली गई। कोलंबस की 20 मई, 1506 ई० को अत्यंत निराशा की स्थिति में स्पेन के शहर वल्लाडोलिड (Valladolid) में मृत्यु हो गई। प्रसिद्ध इतिहासकार माईकल एच० हार्ट के अनुसार, “उसकी खोज ने नई दुनिया में खोजों एवं उपनिवेशों के युग का आरंभ करके इतिहास को एक नया मोड़ दिया। 1499 ई० में इटली के एक भूगोलवेत्ता अमेरिगो वेस्पुसी (Amerigo Vespucci) ने दक्षिण अमरीका की यात्रा की।

उसने अपनी यात्रा का विस्तृत वर्णन किया तथा दक्षिण अमरीका को नयी दुनिया (New World) के नाम से संबोधित किया। 1507 ई० में एक जर्मन प्रकाशक ने अमेरिगो वेस्पुसी के बहुमूल्य योगदान को देखते हुए नई दुनिया को अमरीका का नाम दिया।

प्रश्न 3.
हरनेडो कोटेंस कौन था? उसने मैक्सिको पर किस प्रकार विजय प्राप्त की?
उत्तर:
हरनेडो अथवा हरनन कोर्टेस जिसने मैक्सिको पर महत्त्वपूर्ण विजय प्राप्त की थी स्पेन का एक महत्त्वपूर्ण विजेता था। उसे तथा उसके सैनिकों को जिन्होंने मैक्सिको पर आक्रमण किया था इतिहास में कोक्विस्टोडोर (Conquistadores) के नाम से जाना जाता है। हरनेंडो कोर्टस का जन्म 1485 ई० में स्पेन के शहर मेडलिन (Medellin) में हुआ था। 1504 ई० में वह अपना भाग्य आजमाने क्यूबा के गवर्नर की सेना में भर्ती हो गया। यहाँ उसने क्यूबा के गवर्नर के आदेश पर अनेक सैनिक अभियानों में भाग लिया। इनमें कोर्टेस ने अपनी बहादुरी के अनेक प्रमाण दिए।

इससे प्रभावित होकर क्यूबा के गवर्नर ने 1519 ई० में कोर्टेस को मैक्सिको पर आक्रमण करने का आदेश दिया। हरनेडो कोर्टेस फरवरी, 1519 ई० में 600 स्पेनी सैनिकों, 11 जहाजों एवं कुछ तोपों के साथ क्यूबा से रवाना हुआ। शीघ्र ही वे मैक्सिको की एक बंदरगाह वेराक्रुज (Veracruz) पहुँचे। यहाँ उसे डोना मैरीना (Dona Marina) का महत्त्वपूर्ण सहयोग मिला। वह स्पेनिश एवं मैक्सिकन भाषाओं में बहुत प्रवीण थी। उसके सहयोग के बिना कोर्टेस के लिए वहाँ के लोगों की भाषा समझना अत्यंत कठिन था।

डोना मैरीना ने इस कार्य को सरल कर दिया। हरनेंडो कोर्टस का कहना था कि, “परमात्मा के पश्चात् हम न्यू स्पेन की विजय के लिए डोना मैरीना के ऋणी हैं।” डोना मैरीना द्वारा अपने देश के साथ किए गए विश्वासघात के लिए मैक्सिकन लोग उसे मालिंच (Malinche) अथवा विश्वासघातिनी कहते थे। डोना मैरीना के संबंध में हमें महत्त्वपूर्ण जानकारी बर्नाल डियाज़ डेल कैस्टिलो (Bernal Diaz del Castillo) की प्रसिद्ध रचना टु हिस्ट्री ऑफ़ मैक्सिको (True History of Maxico) से प्राप्त होती है। हरनेंडो कोर्टेस ने यह जानकारी भी प्राप्त की कि अनेक कबीलों के लोगों में एजटेक शासक मोंटेजुमा द्वितीय (1502-1520 ई०) के घोर अत्याचारों के कारण भारी रोष है। ये लोग उसके शासन का अंत देखना चाहते थे।

इस स्थिति का लाभ उठाते हुए कोर्टेस ने सर्वप्रथम वहाँ के टोटोनेक (Totonacs) लोगों की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया। इसे फौरन स्वीकार कर लिया गया क्योंकि टोटोनेक एज़टेक शासन से मुक्त होना चाहते थे। स्पेनी सैनिकों ने सर्वप्रथम लैक्सकलान (Tlaxcalans) नामक एक खूखार कबीले पर आक्रमण कर दिया। इस कबीले ने स्पेनी सैनिकों से कड़ा मुकाबला किया परंतु अंततः उनकी पराजय हुई। इसके पश्चात् ट्लैक्सकलान स्पेनी सैनिकों के साथ सम्मिलित हो गए। इससे कोर्सेस का साहस बढ़ गया। इस समय तक एज़टेक शासक मोंटेजुमा द्वितीय ने कोर्टेस की ओर कोई ध्यान नहीं दिया।

ट्लैक्सकलानों पर उसकी विजय के पश्चात् मोंटेजुमा द्वितीय ने अपने एक अधिकारी के हाथों अनेक बहुमूल्य उपहार कोर्टेस को इस उद्देश्य के साथ भेजे कि वह उनके साम्राज्य से वापस चला जाए। कोर्टेस ने जब इन उपहारों को देखा तो उसकी अधिक धन प्राप्त करने की लालसा बढ़ गई। इस अधिकारी ने जब वापस जाकर मोंटेजुमा द्वितीय को स्पेनवासियों की आक्रमण क्षमता, उनके बारूद एवं घोड़े के प्रयोग के बारे में बताया तो वह घबरा गया।

कोर्टेस एवं उसके सैनिकों ने 8 नवंबर, 1519 ई० को एजटेक की राजधानी टेनोक्टिटलान (Tenochtitlan) पर आक्रमण कर दिया। यहाँ तक वे बिना किसी विरोध के पहुंच गए थे। यहाँ वे राजधानी टेनोक्टिटलान की भव्यता को देखकर स्तब्ध रह गए। उन्हें लगा जैसा कि वे कोई स्वप्न देख रहे हों। यहाँ मोंटेजुमा द्वितीय ने कोर्टेस को देवता का अवतार समझ उसका भव्य स्वागत किया। शीघ्र ही कोर्टेस ने मोंटेजुमा द्वितीय को बिना किसी कारण बंदी बना लिया। वास्तव में उसके बंदी बनाए जाने से ही कोर्टेस ने मैक्सिको पर लगभग विजय प्राप्त कर ली थी।

इसी समय हरनेडो कोर्टेस को क्यूबा वापस लौटना पड़ा। अतः उसने अपने सहायक ऐल्वारैडो (Alvarado) को मैक्सिको का प्रशासन सौंपा। स्पेनी शासन बहुत अत्याचारी प्रमाणित हुआ। सोने की निरंतर माँग के कारण वहाँ के लोगों ने विद्रोह कर दिया। अतः ऐल्वारैडो ने हुइजिलपोक्टली (Huizilpochtli) के वसंतोत्सव (spring festival) के दौरान हत्याकांड का आदेश दे दिया। इसने स्थिति को अधिक विस्फोटक बना दिया।

अतः स्थिति से निपटने के लिए कोर्टेस 25 जून, 1520 ई० को वापस लौटा। पर लोगों में स्पेनी शासन के विरुद्ध बहुत रोष था। उन्होंने कोर्टेस के लिए अनेक बाधाएँ उत्पन्न कर दी। सड़क मार्ग बंद कर दिए गए। पुलों को तोड़ दिया गया। जलमार्गों को काट दिया गया। स्पेनियों को भोजन की घोर कमी का भी सामना करना पड़ा। विद्रोहियों ने अथवा स्पेनी सैनिकों ने 29 जून, 1520 ई० को मोंटेजुमा द्वितीय को मौत के घाट उतार दिया। इसके बावजूद एज़टेकों एवं स्पेनियों में लड़ाई जारी रही। 30 जून, 1520 ई० को 600 स्पेनी एवं उतने ही एज़टेक लोग मारे गए।

अतः हत्याकांड की इस भयंकर रात को इतिहास में आँसू भरी रात (Night of Tears) के नाम से जाना जाता है। अंततः कोर्टेस ने 15 अगस्त, 1521 ई० को एज़टेकों को पराजित कर उनके साम्राज्य का अंत कर दिया। इस प्रकार हरनेंडो कोर्टेस ने दो वर्षों के भीतर ही एजटेक साम्राज्य का अंत कर दिया। प्रसिद्ध इतिहासकार जे० एम० फारेगर के अनुसार, “दो वर्षों के भीतर ही कोर्टेस एवं उसकी सेना ने एजटेक साम्राज्य को नष्ट कर दिया। यह एक ऐसी शानदार सफलता थी जिसकी विजयों के इतिहास में कोई अन्य उदाहरण नहीं है।’

हरनेंडो कोर्टेस ने मैक्सिको पर कब्जा करने के पश्चात् भारी मात्रा में स्पेन के शासक चाल्र्स पँचम (Charles V) को सोना एवं बहुमूल्य आभूषण भेजे। इससे प्रसन्न होकर चार्ल्स पँचम ने हरनेंडो कोर्टेस को अनेक सम्मानों से विभूषित किया तथा उसे 1522 ई० में न्यू स्पेन (मैक्सिको का नाम अब परिवर्तित करके न्यू स्पेन रख दिया गया था।) का गवर्नर एवं कैप्टन-जनरल (Governor and Captain-General) बनाया गया।

कोर्टेस ने अपने शासनकाल के दौरान न्यू स्पेन में नए नगरों का निर्माण किया। उसने वहाँ के लोगों पर घोर अत्याचार किए। कोर्टेस के बढ़ते हुए प्रभाव के कारण उसके विरोधियों ने चार्ल्स पँचम के कान भरे। अत: चार्ल्स पँचम ने कोर्टेस की शक्तियों में कुछ कमी कर दी। इससे कोर्टेस को बहुत निराशा हुई। अतः कोर्टेस 1541 ई० में वापस स्पेन आ गया। उसकी 2 दिसंबर, 1547 ई० को सेविली (Seville) में मृत्यु हो गई। निस्संदेह हरनेंडो कोर्टेस ने मैक्सिको में स्पेनी शासन स्थापित करने में बहुमूल्य योगदान दिया।

प्रश्न 4.
फ्रांसिस्को पिज़ारो कौन था? उसने इंका साम्राज्य पर किस प्रकार विजय प्राप्त की ?
उत्तर:
फ्राँसिस्को पिज़ारो पेरू (Peru) पर अधिकार करने वाला स्पेन का एक अन्य प्रसिद्ध विजेता था। उसका जन्म 1478 ई० में स्पेन के शहर ट्रजिलो (Trujillo) में हुआ था। वह एक अत्यंत गरीब परिवार से संबंधित था। अत: वह अनपढ़ रहा। वह 1502 ई० में हिस्पानिओला (Hispaniola) में अपना भाग्य आजमाने आ गया था। यहाँ वह सेना में भर्ती हो गया। 1513 ई० में वह प्रसिद्ध नाविक बालबोआ (Balboa) के साथ यात्रा पर गया जिसने प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) की खोज की। इस यात्रा से पिज़ारो बहुत प्रेरित हुआ।

शीघ्र ही उसे इंका राज्य के बारे में यह जानकारी मिली कि यह एक सोने एवं चाँदी का देश (El-do-rado) है। अत: वह इस देश पर अधिकार करने के स्वप्न देखने लगा। 1521 ई० में हरनेंडो कोर्टेस द्वारा मैक्सिको की विजय ने उसमें नव-स्फूर्ति का संचार किया। 1528 ई० में वह पेरू पहुँचने में सफल हो गया।फ्रांसिस्को पिजारो स्पेन की वापसी यात्रा के समय वहाँ से इंका कारीगरों द्वारा बनाए गए सोने के अत्यंत सुंदर कुछ मर्तबान अपने साथ ले आया।

वह स्पेन के शासक चार्ल्स पँचम (Charles V) को 1529 ई० में मिलने में सफल हुआ। उसने अपनी भेंट के दौरान चार्ल्स पँचम को इंका साम्राज्य में उपलब्ध बहुमूल्य दौलत के बारे में जानकारी दी। इससे उसके मन में इस अपार दौलत को प्राप्त करने की इच्छा उत्पन्न हुई। अतः उसने पिज़ारो को यह वचन दिया कि यदि वह इंका साम्राज्य पर विजय प्राप्त करने में सफल हो जाता है तो उसे वहाँ का गवर्नर बना दिया जाएगा।

यह वचन पाकर पिज़ारो बहुत प्रसन्न हुआ। अतः वह इंका साम्राज्य पर आक्रमण करने के लिए किसी सुनहरी अवसर की तलाश करने लगा। 1532 ई० में इंका साम्राज्य में सिंहासन प्राप्त करने के उद्देश्य से दो भाइयों अताहुआल्पा (Atahualpa) एवं हुआस्कर (Huascar) के मध्य गृह युद्ध आरंभ हो गया। अत: यह सुनहरी अवसर देखकर पिज़ारो ने इंका साम्राज्य पर आक्रमण करने की योजना बनाई। उसने केवल 168 सैनिकों एवं 62 घोड़ों के साथ इंका साम्राज्य पर आक्रमण कर दिया।

इस समय तक अताहुआल्पा ने अपने भाई को पराजित कर सिंहासन प्राप्त कर लिया था। पिज़ारो 15 नवंबर, 1532 ई० को अपने सैनिकों के साथ इंका साम्राज्य के शहर काजामारका (Cajamarca) पहुँचा। यहाँ अताहुआल्पा अपने 40,000 सैनिकों के साथ मौजूद था। इतने सैनिकों का मुकाबला करना पिज़ारो के बस की बात नहीं थी। अतः उसने एक चाल द्वारा अताहुआल्पा को 16 नवंबर, 1532 ई० को बंदी बना लिया। अताहुआल्पा ने अपनी मुक्ति के लिए पिज़ारो को एक कमरा भर सोने की फिरौती देने का प्रस्ताव किया।

उस समय तक के इतिहास में इतनी बड़ी फिरौती कभी नहीं दी गई थी। इसके बावजूद पिज़ारो ने 29 अगस्त, 1533 ई० को राजा का वध करवा दिया। अताहुआल्पा के वध के कारण इंका साम्राज्य के सैनिकों में घोर निराशा फैल गई थी। अतः पिज़ारो एवं उसके सैनिकों ने नवंबर 1533 ई० में सुगमता से इंका साम्राज्य की राजधानी कुजको (Cuzco) पर अधिकार कर लिया। निस्संदेह यह पिज़ारो की एक महान् सफलता थी। दो सौ से भी कम सैनिकों के साथ 6 लाख लोगों के साम्राज्य पर अधिकार करने की कोई अन्य उदाहरण इतिहास में नहीं मिलती।

पिज़ारो के सैनिकों ने कुज़को पर अधिकार करने के पश्चात् वहाँ भयंकर लूटमार की। पिज़ारो ने 1535 ई० में लिमा (Lima) को पेरू की नई राजधानी बनाया। अपने शासन के दौरान पिज़ारो ने इंका साम्राज्य के लोगों पर घोर अत्याचार किए। उसने बड़ी संख्या में लोगों को गुलाम बना लिया तथा उन्हें अधिक-से-अधिक धन देने के लिए विवश किया। अत: 1534 ई० में वहाँ के लोगों ने स्पेनी शासन के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। यह विद्रोह दो वर्षों तक जारी रहा। 26 जून, 1541 ई० को लिमा में पिजारो के एक विरोधी गुट ने उसका वध कर दिया। इस प्रकार स्पेन के इस महान् विजेता का दुःखद अंत हुआ।

HBSE 11th Class history Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

प्रश्न 5.
16वीं शताब्दी में ब्राजील के पुर्तगाली प्रशासन के संबंध में आप क्या जानते हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ब्राज़ील पर पुर्तगालियों का कब्जा संयोगवश ही हुआ। पुर्तगाली शासक मनोल (Manoel) के आदेश पर पेड्रो अल्वारिस कैनाल (Pedro Alvares Cabral) 9 मार्च, 1500 ई० को 13 जहाजों के एक बेड़े के साथ पुर्तगाल की बंदरगाह तागुस (Tagus) से भारत के लिए रवाना हुआ। समुद्री तूफानों से बचने के लिए वह अपने जहाजों के साथ 22 अप्रैल, 1500 ई० को ब्राजील के तट पर पहुँचा। उसके वहाँ पहुँचने पर वहाँ के मूल निवासियों (natives) ने उसका गर्मजोशी से स्वागत किया। कैब्राल ब्राज़ील में एक सप्ताह रुकने के पश्चात् पूर्व की ओर चल दिया।

उसने ब्राजील की खोज संबंधी पुर्तगाली शासक को अवगत किया। आरंभ में पुर्तगालियों ने ब्राजील की ओर कम ध्यान दिया। इसका प्रमुख कारण यह था कि वहाँ सोना अथवा चाँदी मिलने की संभावना बहुत कम थी। वहाँ केवल ब्राजीलवुड (Brazilwood) नामक वृक्ष पाया जाता था। इससे लाल रंजक (red dye) तैयार की जाती थी। ब्राजीलवुड के नाम के आधार पर ही यूरोपवासियों ने इस प्रदेश का नाम ब्राजील रखा।

पुर्तगाली शासक ने आरंभिक 30 वर्षों में ब्राजील में व्यापारियों को व्यापार करने की अनुमति बदले में वे सरकार को कर देते थे। ब्राजील के मूल निवासी इन व्यापारियों को लोहे के चाकू, छरियों एवं आरियों के बदले में जिन्हें वे अदभत मानते थे. पेड़ों को काटने तथा उन्हें जहाजों तक ले जाने के लिए तैयार हो गए। इसके अतिरिक्त वे इनके बदले में बहुत से बंदर, मुर्गियाँ, तोते, शहद तथा अन्य वस्तुएँ देने के लिए तैयार रहते थे। ब्राजील के मूल निवासी इस बात को समझने में असमर्थ रहे कि पुर्तगाली एवं फ्रांसीसी लोग इस लकड़ी की तलाश में इतनी दूर से क्यों आते हैं तथा घोर परेशानियाँ क्यों झेलते हैं।

पुर्तगालियों के ब्राजील में बढ़ते हुए व्यापार के कारण फ्रांसीसी व्यापारी उनसे ईर्ष्या करने लगे। अत: वे भी ब्राजील पहुंच गए। अतः पुर्तगाली एवं फ्रांसीसी व्यापारियों के मध्य अनेक भयंकर लड़ाइयाँ हुई। इन लड़ाइयों में अंततः पुर्तगालियों की विजय हुई। 1533 ई० में पुर्तगाली शासक जॉन तृतीय (John II) ने ब्राज़ील को 15 आनुवंशिक कप्तानियों (hereditary captaincies) में बाँट दिया। प्रत्येक कप्तानी का प्रमुख डोनाटेरियस (Donatarius) कहलाता था।

उसे विशाल शक्तियाँ प्रदान की गई थीं। उसे लोगों पर कर लगाने तथा उन्हें भूमि अनुदान देने का अधिकार दिया गया था। वे स्थानीय लोगों को गुलाम भी बना सकते थे। उनका मूल निवासियों के प्रति व्यवहार बहुत क्रूर था। 1540 के दशक में पुर्तगालियों ने ब्राजील में व्यापक पैमाने पर गन्ना उपजाने एवं वहाँ चीनी मिलें चलाने का कार्य शुरू किया। इस चीनी की यूरोप के बाजारों में बहुत माँग थी। अत: उन्हें इस व्यापार से बहुत लाभ होने लगा। पुर्तगाली इन चीनी मिलों में काम करने के लिए स्थानीय लोगों पर निर्भर थे।

इन लोगों की चीनी मिलों में काम करने की कोई दिलचस्पी न थी क्योंकि यह काम बहुत नीरस था। अत: पुर्तगालियों ने इन लोगों को गुलाम बना कर वहाँ काम करने के लिए बाध्य किया। पर्तगालियों के घोर अत्याचार से बचने के लिए इन लोगों ने अपने गाँव खाली कर दिए तथा जंगलों में जाकर शरण ली। अत: बहुत कम लोग गाँवों में बचे थे। अत: मिल मालिकों को अफ्रीका से गुलाम मंगवाने के लिए बाध्य होना पडा। स्पेनी उपनिवेशों-एजटेक साम्राज्य एवं इंका साम्राज्य-में स्थिति इससे बिल्कुल विपरीत थी। वहाँ स्थानीय लोगों ने खेतों एवं खानों में काम करने का विरोध नहीं किया।

अतः स्पेनियों को वहाँ गुलामों की आवश्यकता नहीं पड़ी। ब्राजील में डोनाटेरियसों के क्रूर व्यवहार के कारण वहाँ के लोगों में पुर्तगाली प्रशासन के विरुद्ध विरोध बढ़ता जा रहा था। अतः 1549 ई० में पुर्तगाली शासक ने ब्राजील के शासन को सीधा अपने हाथों में लेने का निर्णय किया। इस उद्देश्य से ब्राज़ील में एक गवर्नर-जनरल को नियुक्त किया गया। उसे अपने सभी कार्यों के लिए राजा के प्रति उत्तरदायी बनाया गया। सैल्वाडोर (Salvador) को ब्राजील की राजधानी घोषित किया गया।

इस समय से जेसुइट पादरियों (Jesuit missionaries) ने ब्राज़ील जाना आरंभ कर दिया था। इन पादरियों ने दास प्रथा की कड़े शब्दों में आलोचना की। जेसुइट पादरी एंटोनियो वीइरा का कथन था, “जो भी आदमी दूसरों की स्वतंत्रता छीनता है और उस स्वतंत्रता को वापस लौटाने की क्षमता रखते हुए भी नहीं लौटाता, वह अवश्य ही महापाप का भागी होता है। इसके अतिरिक्त इन पादरियों ने वहाँ के मल निवासियों के साथ अच्छा बर्ताव किए जाने का पक्ष लिया। इन कारणों से यूरोपवासी इन जेसुइट पादरियों को पसंद नहीं करते थे। इन पादरियों ने ब्राज़ील में ईसाई धर्म का खूब प्रचार किया।

प्रश्न 6.
साम्राज्यवाद से क्या अभिप्राय है? साम्राज्यवाद के उत्थान के लिए कौन-से कारण उत्तरदायी थे?
उत्तर:
साम्राज्यवाद से तात्पर्य उस तीव्र इच्छा से है जिसके कारण एक शक्तिशाली देश राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि से पिछडे हए किसी दूसरे देश पर बलपूर्वक अधिकार जमाने का प्रयास करता है। इतिहास साक्षी है कि प्राचीनकाल से ही राजाओं की इच्छा दूसरे प्रदेशों पर कब्जा करने की रही है। साम्राज्यवाद शब्द विश्व में पहली बार 16वीं शताब्दी में छपा था।

19वीं शताब्दी में साम्राज्वाद को एक नया रूप सामने आया। इस नवीन साम्राज्यवाद के पीछे राजनीति भावना की अपेक्षा आर्थिक भावना अधिक प्रबल थी। साम्राज्यवादी देश उनके नियंत्रण में आए देशों का खूब शोषण करते थे। साम्राज्यवाद को बढ़ावा देने में पुर्तगाल, स्पेन, इंग्लैंड, फ्रांस, रूस एवं जापान ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई। 19वीं शताब्दी में सामाज्यवाद के प्रसार के लिए अनेक कारण उत्तरदायी थे। इनका संक्षिप्त वर्णन निम्नलिखित अनुसार है

1. कच्चे माल की आवश्यकता (Necessity for Raw Materials):
औद्योगीकरण के अधीन यूरोपियन देशों में बड़े-बड़े उद्योगों की स्थापना हुई। इन उद्योगों को चलाने हेतु कच्चे माल की अत्यधिक मात्रा में आवश्यकता थी। हर प्रकार का कच्चा माल देश के अंदर मिलना संभव न था। इसलिए यूरोपीय लोगों ने उन देशों के साथ मेल जोल बढ़ाना शुरू कर दिया था, जहां से उन्हें कच्चा माल अधिक मात्रा में मिल सकता था।

अधिक लाभ कमाने के लिए वे इन देशों से कच्चा माल काफ़ी सस्ते मूल्य पर खरीदते थे। आरंभ में इन यूरोपीय देशों के लोग व्यापारियों के रूप में एशिया तथा अफ्रीका के अनेक भागों में गए। परंतु बाद में उनकी कमजोर राजनैतिक स्थिति और पिछड़ेपन का लाभ उठा कर उन देशों पर अपना अधिकार कर लिया। इन स्थानों पर अधिकार करने हेतु इन देशों में परस्पर होड़ लग गई। इस प्रकार कच्चे माल की आवश्यकता ने साम्राज्यवाद को जन्म दिया।

2. नई मंडियों की खोज (The Search for New Markets):
यूरोप के देशों में औद्योगिक क्रांति के आने से बहुत-से नए और बड़े-बड़े कारखानों की स्थापना हुई। इन कारखानों में पहले से कहीं अधिक माल तैयार होने लगा। यह माल उस देश की आवश्यकताओं से कहीं अधिक होता था। अधिक लाभ कमाने के लिए और देश में मूल्य नियंत्रण रखने के लिए, इस माल को विदेशों में बेचना बहुत आवश्यक था।

इस माल को वे यूरोप के देशों में नहीं बेच सकते थे क्योंकि इनमें से बहुत-से देशों ने संरक्षण नीति को अपनाया हुआ था। इसके अधीन उन्होंने कानून पास करके विदेशों से तैयार माल खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसीलिए इन देशों ने अपना तैयार माल बेचने के लिए नई मंडियों की खोज शुरू कर दी। परिणामस्वरूप इन देशों ने एशिया तथा अफ्रीका से बहुत-से देशों पर अधिकार कर लिया। इस प्रकार साम्राज्यवाद की भावना को प्रोत्साहन मिला।

3. जनसंख्या में वृद्धि (Increase in Population):
19वीं शताब्दी से यूरोप के कुछ बड़े देशों में जनसंख्या में निरंतर वृद्धि हो रही थी। इन देशों में से इंग्लैंड, जर्मनी तथा फ्राँस प्रमुख थे। इस बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण लोगों को रोजगार देने तथा उन्हें बसाने की समस्या ने जटिल रूप धारण कर लिया था। इस समस्या पर नियंत्रण पाने के लिए बड़े राष्ट्रों ने अतिरिक्त जनसंख्या को अपने अधीन उपनिवेशों में भेजना आरंभ कर दिया। ये लोग या तो प्रमुख प्रशासनिक एवं सैनिक पदों पर लग गए अथवा उन्होंने वहाँ अपने उद्योग स्थापित कर लिए। धीरे धीरे उन्होंने इन उपनिवेशों में अपना प्रभाव बढ़ा लिया।

4.ईसाई प्रचारक (Christian Missionaries):
ईसाई प्रचारकों ने भी साम्राज्यवाद के प्रसार में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। इन प्रचारकों ने पिछड़े देशों में जा कर अपने धर्म का प्रचार किया। उन्होंने वहाँ के लोगों में फैले धार्मिक अंधविश्वासों को दूर करने का यत्न किया। इस प्रकार अनेक लोगों ने प्रभावित होकर उनके धर्म में शामिल होना आरंभ कर दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने धन का लालच देकर अनेक लोगों को अपने धर्म में शामिल करना शुरू कर दिया। इस प्रकार धीरे-धीरे उनका प्रभाव एशियाई और अफ्रीकी देशों में बढ़ना शुरू हो गया।

5. उच्चतम सभ्यता में विश्वास (Faith in Higher Civilization):
19वीं शताब्दी में यूरोप के अधिकाँश देशों में एक नई राष्ट्रीय जागृति का विकास हुआ। इस विकास के फलस्वरूप यूरोप के प्रमुख देश अपनी सभ्यता पर अधिक गर्व करने लग पड़े। उनके अनुसार केवल उनकी सभ्यता ही विश्व में विकसित सभ्यता थी। उन्होंने अपनी-अपनी सभ्यता का विकास अविकसित देशों में करना आवश्यक समझा। उनका कहना था कि “हीन जातियों को सभ्य बनाना श्रेष्ठ जातियों का कर्तव्य है।” अधिक-से-अधिक उपनिवेशों को अपने प्रभावाधीन लाने को वे अपने राष्ट्र के लिए सम्मान का चिह्न मानते थे।

6. अतिरिक्त पूँजी का लगाना (Investment of Extra Capital):
औद्योगिक प्रगति के फलस्वरूप यूरोपीय देशों के लोग बहुत धनवान् हो गए। इनके पास पूँजी की मात्रा बढ़ गई, परंतु इस समय ब्याज की दर कम होने के कारण वे पूँजी को बैंकों में रखना नहीं चाहते थे। वे उपनिवेशों में इस अतिरिक्त पूँजी को उद्योग स्थापित करने में लगाना चाहते थे।

अत: उन्होंने अधीनस्थ उपनिवेशों में उद्योग स्थापित किए। वहाँ का कच्चा माल सस्ते दाम पर लेकर निर्मित माल अधिक दामों पर बेचना आरंभ कर दिया। इस प्रकार अपनी पूँजी से अधिक-से-अधिक लाभ प्राप्त करने हेतु उन्होंने अधीन उपनिवेशों में अधिक-से-अधिक कारखाने आदि स्थापित करके अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू कर दिया।

7. देशों का पिछडापन (Backwardness of the Countries):
एशिया तथा अफ्रीका के अधिकाँश देश रोपियन देशों से अनेक पक्षों से पिछडे हए थे। उनके पास न तो आधनिक शस्त्र थे और न ही अच्छी प्रशिक्षित सेना। इसके अतिरिक्त उनमें राजनीतिक एकता का भी अभाव था। वे परस्पर लड़ते-झगड़ते रहते थे। इन कारणों से वे यूरोपियन देशों का मुकाबला न कर सके। अतः यूरोप के शक्तिशाली राष्ट्रों के लिए इन पिछड़े देशों पर अधिकार करना सुगम हो गया।

8. यातायात और संचार के साधन (Means of Transport and Communications) :
यातायात तथा संचार के साधनों के विकास ने साम्राज्यवाद की भावना को प्रोत्साहन दिया। भाप से चलने वाले जहाजों तथा रेलगाड़ियों ने एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा को सरल बना दिया। अब यूरोपीय देशों द्वारा उपनिवेशों के आंतरिक भागों से कच्चा माल प्राप्त करने तथा वहाँ अपने देश का बना माल बेचने का कार्य पहले से कहीं सुगम हो गया। तार के द्वारा दूर-दूर के स्थानों के साथ संपर्क संभव हो पाया। इस प्रकार यातायात और संचार के साधनों ने साम्राज्यवाद के विस्तार कार्य को पहले की अपेक्षा कहीं अधिक सुगम बना दिया।

प्रश्न 7.
अरावाक कौन थे? उनके जीवन की मुख्य विशेषताओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अरावाकी कबीले के लोग कैरीबियन सागर में स्थित छोटे-छोटे द्वीप समूहों जिन्हें आजकल बहामा (Bahamas) कहा जाता है एवं वृहत्तर एंटिलीज (Greater Antilles) में रहते थे। वे अरावाकी लुकायो (Arawakian Lucayos) के नाम से भी जाने जाते थे। वे बहुत शाँतिप्रिय लोग थे। वे लड़ने की अपेक्षा बातचीत से झगड़ा निपटाना अधिक पसंद करते थे। उन्हें कैरिब (Caribs) नामक एक खूखार कबीले ने दक्षिण अथवा लघु ऐंटिलीज (Lesser Antilles) से सहजता से खदेड़ दिया था।

अरावाकी लोग अपने वंश के बुजुर्गों के अधीन संगठित रहते थे। उनका न तो कोई राजा था तथा न ही कोई सेना। चर्च का भी उनके जीवन पर कोई नियंत्रण न था। इस प्रकार वे एक स्वतंत्र जीवन व्यतीत करते थे। उनमें बहु विवाह प्रथा प्रचलित थी। वे स्त्रियों का बहुत सम्मान करते थे। वे कुशल नौका निर्माता थे। वे नौकाओं में बैठकर खुले समुद्र की यात्रा करते थे एवं मछलियाँ पकड़ते थे। उनके प्रमुख शस्त्र तीर एवं कमान थे। इनके द्वारा वे पशुओं का शिकार करते थे। इनके अतिरिक्त वे खेती का धंधा भी करते थे।

उनकी प्रमुख फ़सलें मक्का (corn), मीठे आलू (sweet potatoes), कंद-मूल (tubers) एवं कसावा (cassava) थे। वे खेती का अधिक विस्तार नहीं कर सके क्योंकि उनके पास घने जंगलों की सफाई करने के लिए लोहे की कुल्हाड़ी नहीं थी। अरावाकी गाँवों में रहते थे। उनके घर साधारण प्रकार के थे। यद्यपि वे सोने के गहने पहनते थे किंतु वे यूरोपियों की तरह सोने को उतना महत्त्व नहीं देते थे। यदि कोई यूरोपीय उन्हें सोने के बदले काँच के मनके (glass beads) दे देता था तो वे बहुत प्रसन्नता से इन्हें स्वीकार करते थे।

इसका कारण यह था कि काँच का मनका उन्हें अधिक सुंदर लगता था। वे बुनाई की कला में बहुत निपुण थे। उनके हैमक (Hammock) नामक झूले को देखकर यूरोपीय भी दंग रह गए थे। अरावाकियों का धर्म में अटूट विश्वास था। वे जीववादी (Animists) थे। उनका विश्वास था कि निर्जीव वस्तुओं-पत्थर एवं पेड़ आदि में भी जीवन होता है। वे जादू-टोनों में भी विश्वास रखते थे। शमन लोग (Shamans) लोगों के कष्टों को दूर करने में प्रमुख भूमिका निभाते थे।

अरावाकी बहुत उदार थे। 1492 ई० में जब क्रिस्टोफर कोलंबस (Cristopher Columbus) बहामा द्वीप में पहुँचा तो अरावाकियों ने उसका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। कोलंबस उनकी उदारता से बहुत प्रभावित हुआ था। इस बारे में उसने अपने रोज़नामचे (log-book) में लिखा, “वे इतने ज्यादा उदार एवं सरल स्वभाव के लोग हैं कि अपना सब कुछ देने को तैयार हैं। वे कभी इंकार नहीं करते; बल्कि वे सदा बाँटने को तत्पर रहते हैं और इतना अधिक प्यार जताते हैं कि मानो उनका प्यार भरा कलेजा ही बाहर निकल आएगा।’
HBSE 11th Class History Important Questions Chapter 8 iMG 1
स्पेनी प्रशासन के अधीन अरावाकियों पर घोर अत्याचार किए गए। उन्हें सोने एवं चाँदी की खानों में कार्य करने के लिए बाध्य किया गया। इस कारण अरावाकी उनके विरुद्ध हो गए। स्पेनियों ने उनका क्रूरता से दमन किया। इसके अतिरिक्त यूरोपियों के आगमन से बहामा में अनेक भयंकर बीमारियाँ फैल गईं। इनके चलते स्पेनियों के संपर्क में आने के बाद 25 वर्ष के अंदर ही अरावाकी सभ्यता लुप्त हो गई। निस्संदेह यह एक दुःखदायी अध्याय था।

HBSE 11th Class history Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

प्रश्न 8.
एजटेक सभ्यता की मुख्य विशेषताएँ क्या थीं ? इस सभ्यता के पतन के प्रमुख कारण क्या थे?
उत्तर:
एजटेक एक युद्धप्रिय एवं यायावर कबीला था। वे उत्तर मैक्सिको के रहने वाले थे। वे भोजन की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते थे। एजटेकों ने मैक्सिको की मध्यवर्ती घाटी में 12वीं शताब्दी में बसने का निर्णय किया। मैक्सिको नाम एजटेकों के एक प्रमुख देवता मैक्सिली (Mexitli) के नाम पर पड़ा था।

1. एटेक साम्राज्य (Aztec Empire):
एजटेकों ने एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की थी। इसकी सीमाएं 2 लाख वर्ग किलोमीटर तक फैली हुई थीं। 15वीं शताब्दी में एजटेकों की शक्ति अपने शिखर पर थी। उस समय एजटेक साम्राज्य में 38 प्राँत थे। प्रत्येक प्रांत का मुखिया एक सैनिक गवर्नर होता था। उसकी सहायता के लिए एक सैनिक दल होता था। ये सैनिक लोगों से कर वसूल करते थे तथा गैर-एजटेक लोगों पर घोर अत्याचार करते थे। जॉन ए० गैरटी एवं पीटर गे के अनुसार, “एजटेक खन के प्यासे लोग थे तथा उनका साम्राज्य एक राजनीतिक राज्य की अपेक्षा सैनिक राज्य अधिक था।”

2. सम्राट की स्थिति (Position of the Emperor):
समाज में सम्राट् का स्थान सर्वोच्च था। उसे निरंकुश शक्तियाँ प्राप्त थीं। उसके मुख से निकला प्रत्येक शब्द कानून समझा जाता था। कोई भी उसकी आज्ञा का उल्लंघन करने का साहस नहीं करता था। वह भव्य महलों में निवास करता था। उसके दरबार में विशेष नियमों का पालन किया जाता था। प्रजा उसकी देवता समान उपासना करती थी। उसे पृथ्वी पर सूर्य देवता का प्रतिनिधि समझा जाता था। राजा का चुनाव अभिजात वर्ग द्वारा किया जाता था।

3. कला (Art):
एजटेक शासक महान् कला प्रेमी थे। पाँचवें एज़टेक सम्राट् मोटेजुमा प्रथम (Montezuma I) ने 1325 ई० में टेनोस्टिटलान (Tenochtitlan) नामक राजधानी का निर्माण करवाया। इसका मैक्सिको झील के मध्य निर्माण किया गया था। इसे भव्य महलों, मंदिरों एवं उपवनों से सुसज्जित किया गया था। इस शहर की भव्यता को देखकर बाद में आने वाले स्पेनवासी भी चकित रह गए थे। 16वीं शताब्दी में इसकी गणना अमरीका के सबसे बड़े शहरों में की जाती थी।

4. श्रेणियों (Classes):
एज़टेक समाज श्रेणीबद्ध था। इसमें अभिजात वर्ग (aristocracy) को सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त था। इसमें शाही परिवार के सदस्य, पुरोहित, सैनिक अधिकारी एवं कुछ धनी व्यापारी सम्मिलित थे। उन्हें राज्य के महत्त्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया जाता था। वे भव्य महलों में निवास करते थे। उन्हें अनेक विशेषाधिकार प्राप्त थे।

समाज में उनकी बहुत प्रतिष्ठा थी। व्यापारियों को सरकारी राजदूतों एवं गुप्तचरों के रूप में कार्य करने का अवसर दिया जाता था। समाज में प्रतिभाशाली शिल्पियों, चिकित्सकों एवं अध्यापकों को भी सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। समाज में सबसे निम्न स्थान दासों का था। उनकी स्थिति अत्यंत शोचनीय थी। युद्धबंदियों को दास बना लिया जाता था। गरीब लोग भी विवश होकर अपने बच्चों को दासों के रूप में बेच देते थे।

5. व्यवसाय (Occupations):
एज़टेक लोग विभिन्न प्रकार के व्यवसाय करते थे। उनका मुख्य व्यवसाय कृषि था। क्योंकि एजटेक लोगों के पास भूमि की कमी थी इसलिए उन्होंने एक विशेष ढंग को अपनाया। वे सरकंडे (reed) की चटाइयाँ (mats) बुनकर उन्हें मिट्टी एवं पत्तों से ढक कर मैक्सिको झील में कृत्रिम टापू (artificial islands) बना लेते थे।

इन्हें चिनाम्पा (chinampas) कहा जाता था। इस भूमि पर स्वामित्व किसी व्यक्ति विशेष का नहीं अपितु कुल का होता था। यहाँ की प्रमुख फ़सलें मक्का (corn), फलियाँ (beans), कद्दु (pumpkins), कसावा (manioc root), आलू (potatoes) आदि थीं। कृषि के अतिरिक्त एजटेक लोग वस्त्र बनाने, गहने बनाने, मिट्टी के बर्तन बनाने तथा धातुओं के औजार बनाने का कार्य भी करते थे।

6. शिक्षा (Education):
एजटेक लोग शिक्षा पर विशेष बल देते थे। अभिजात वर्ग के बच्चे जिन स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करते थे उन्हें कालमेकाक (Calmecac) कहा जाता था। यहाँ उन्हें पुरोहित एवं योद्धा बनने का प्रशिक्षण दिया जाता था। उस समय एजटेक समाज में इन दोनों व्यवसायों की विशेष माँग थी। सामान्य लोगों के बच्चे जिन स्कूलों में पढ़ते थे उन्हें तेपोकल्ली (Telpochcalli) कहा जाता था। यहाँ लड़कों को सैन्य प्रशिक्षण, कृषि एवं व्यापार करना सिखाया जाता था। उन्हें धर्म, उत्सवी गीतों एवं इतिहास संबंधी शिक्षा भी दी जाती थी। लड़कियों को घरेलू कार्यों की एवं नैतिक शिक्षा दी जाती थी।

7. स्त्रियों की स्थिति (Position of women):
एजटेक समाज में स्त्रियों की दशा अच्छी थी। उन्हें शिक्षा का अधिकार प्राप्त था। कुछ स्त्रियाँ पुरोहित का कार्य करती थीं। इस व्यवसाय को समाज में विशेष सम्मान प्राप्त था। कुछ स्त्रियाँ पुरुषों के साथ कृषि कार्य करती थीं। कुछ स्त्रियाँ दुकानदारी का कार्य भी करती थीं। अधिकांश स्त्रियाँ घरेलू जीवन व्यतीत करती थीं। उस समय लड़कियों का विवाह प्रायः 16 वर्ष की आयु में कर दिया जाता था। विवाह के समय बहुत जश्न मनाया जाता था। उस समय लड़कियों को दहेज देने की प्रथा प्रचलित थी।

8. धर्म (Religion):
एजटेक लोग अनेक देवी-देवताओं की उपासना करते थे। उनका पंचांग (calendar) 18 माह में विभाजित था। प्रत्येक माह किसी विशेष देवी-देवता को समर्पित था। सूर्य देवता उनका सबसे प्रमुख देवता था। वह विश्व की सभी घटनाओं की जानकारी रखता था तथा पापियों को दंड देता था। युद्ध देवता उनका दूसरा महत्त्वपूर्ण देवता था।

युद्ध में विजय अथवा पराजय उसकी कृपा पर निर्भर करती थी। अन्न देवी (corn goddess) उनकी प्रमुख देवी थी। उसे सभी देवताओं की जननी समझा जाता था। इन देवी-देवताओं की स्मृति में विशाल एवं भव्य मंदिरों का निर्माण किया जाता था। इन मंदिरों में इन देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित की जाती थीं। इन देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष बड़ी संख्या में लोगों की बलियाँ दी जाती थीं। एजटेक . लोग मृत्यु के पश्चात् जीवन में विश्वास रखते थे। उनमें अनेक प्रकार के अंध-विश्वास भी प्रचलित थे।

9. पतन (Decline):
1519 ई० में स्पेन के हरनेडो कोर्टस (Hernando Cortes) ने एज़टेक साम्राज्य पर आक्रमण कर दिया। उसने दो वर्षों के भीतर ही संपूर्ण एजटेक सभ्यता को रौंद डाला। एज़टेक साम्राज्य का इतनी शीघ्र पतन क्यों हो गया इसके लिए अनेक कारण उत्तरदायी थे। सर्वप्रथम, एजटेक शासकों ने लोगों पर भारी कर लगाए थे। इस कारण उनमें भारी असंतोष था। दूसरा, एज़टेक शासकों की लगातार लड़ाइयों के कारण सैनिक भी ऊब चुके थे।

तीसरा, एज़टेक शासकों ने जिन नवीन क्षेत्रों को अपने अधीन किया वहाँ के लोगों पर घोर अत्याचार किए। इस कारण उनमें घोर असंतोष था। चौथा, एजटेक साम्राज्य में रोजाना बड़ी संख्या में युद्धबंदियों एवं गैर एज़टेक लोगों को बलि चढ़ा दिया जाता था। इस कारण लोग ऐसे अत्याचारी शासन का अंत करना चाहते थे। अतः इन लोगों ने हरनेडो कोर्टेस के आक्रमण के समय उसकी यथासंभव सहायता की। अतः ऐसे साम्राज्य का डूबना कोई हैरानी की बात नहीं थी।

प्रश्न 9.
इंका सभ्यता के बारे में आप क्या जानते हैं ? इस सभ्यता के पतन के प्रमुख कारण क्या थे?
उत्तर:
इंका सभ्यता दक्षिण अमरीका की सबसे प्रसिद्ध एवं शक्तिशाली सभ्यता थी। इस सभ्यता की स्थापना 12वीं शताब्दी में मैंको कपाक (Manco Capac) ने पेरू (Peru) में की थी। उसने कुजको (Cuzco) को अपनी राजधानी घोषित किया। यह सभ्यता 15वीं शताब्दी में अपनी उन्नति के शिखर पर थी। इस सभ्यता का सबसे शाक्तशाली शासक पचकुटी इंका (Pachacuti Inca) था। वह नौवां इंका शासक था। वह 1438 ई० में सिंहासन पर बैठा था। उसके शासनकाल में इंका साम्राज्य की सीमाओं में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। इंका साम्राज्य उत्तर में इक्वेडोर (Ecuador) से लेकर दक्षिण में चिली (Chile) तक फैला हुआ था। इसका क्षेत्रफल 3000 मील था तथा इसकी जनसंख्या 10 लाख से अधिक थी।

1. सम्राट् की स्थिति (Position of the Emperor):
इंका साम्राज्य में सम्राट् की स्थिति सर्वोच्च थी। उसे सूर्य देवता का पुत्र समझा जाता था। राज्य के सभी लोग अपने सम्राट् की देवता समान उपासना करते थे। सम्राट को अनेक शक्तियाँ प्राप्त थीं। उसके मुख से निकला प्रत्येक शब्द कानून समझा जाता था। सम्राट् की आज्ञा का उल्लंघन करना मृत्यु को निमंत्रण देना था। इंका सम्राट् अताहुआल्पा (Atahualpa) का कथन था कि, “मेरे साम्राज्य में मेरी इच्छा के बिना न तो कोई पक्षी उड़ सकता है तथा न ही कोई पत्ता हिल सकता है।

2. प्रशासन (Administration):
इंका शासक कुशल प्रशासक थे। उनके प्रशासन का मुख्य उद्देश्य लोक भलाई था। इंका शासकों ने प्रशासन की कुशलता के उद्देश्य से इसे अनेक प्रांतों में विभाजित किया था। प्रत्येक प्रांत का मुखिया एक गवर्नर होता था। वह अभिजात वर्ग से संबंधित होता था। वह अपने अधीन प्रांत में कानून एवं व्यवस्था के लिए उत्तरदायी होता था। उसकी सहायता के लिए कुछ सैनिक एवं अन्य अधिकारी होते थे। इंका साम्राज्य में अनेक कबीले थे। प्रत्येक कबीला स्वतंत्र रूप से वरिष्ठों की सभा (Council of Elders) द्वारा शासित होता था।

इनका चुनाव कबीले के सदस्यों द्वारा लोकतांत्रिक ढंग से किया जाता था। प्रत्येक कबीला अपने कार्यों के लिए शासक के प्रति उत्तरदायी था। शासक उनके कार्यों पर प्रभावी ढंग से नियंत्रण रखता था। निस्संदेह इंका शासकों का प्रशासन बहुत उच्च कोटि का था। प्रसिद्ध इतिहासकार पी० एस० फ्राई के कथनानुसार, “इंका ने अपने विशाल साम्राज्य का प्रशासन एक कुशल संगठन द्वारा चलाया जिसका मुकाबला प्राचीन काल रोम के साथ किया जा सकता है।”

3. भवन निर्माण (Architecture):
इंका सभ्यता के लोग महान् भवन निर्माता थे। कुजको (Cuzco) एवं माचू-पिच्चू (Machu-Picchu) नामक शहरों में बने उनके भव्य महल, किले, मंदिर एवं अन्य भवन उनकी उच्च कोटि की भवन निर्माण कला को दर्शाते हैं। इन भवनों की दीवारों को बनाते समय वे विशाल पत्थरों का प्रयोग करते थे। इनमें से कुछ पत्थरों का वजन 100 टन से भी अधिक तक होता था। इन पत्थरों को वे मजदूरों एवं रस्सियों के सहयोग से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते थे। इन पत्थरों को जो कि वास्तव में बड़ी चट्टानें होती थीं बहुत बारीकी से तराशा जाता था।

इन पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए इंका मिस्त्री किसी गारे अथवा सीमेंट का प्रयोग नहीं करते थे। इसके बावजूद उनके द्वारा बनवाए गए भवन बहुत मज़बूत होते थे। इन भवनों को शल्क पद्धति (flaking) द्वारा सुंदर बनाया जाता था। भवनों के अतिरिक्त इंका लोगों ने पहाड़ों के मध्य संपूर्ण साम्राज्य में सड़कें, पुल एवं सुरंगें बनाईं। इनसे उनके इंजीनियरिंग कौशल का पता चलता है। प्रसिद्ध इतिहासकार जे० एच० हाल का यह कथन ठीक है कि, “इंका भवन निर्माण कला के शिखरों को नई दुनिया में भी नहीं छुआ जा सका है।”

4. विभिन्न श्रेणियाँ (Various Classes):
इंका समाज विभिन्न श्रेणियों में विभाजित था। समाज में सर्वोच्च स्थान सम्राट् को प्राप्त था। वह भव्य महलों में रहता था। वह बहुमूल्य वस्त्र पहनता था। उसकी देखभाल के लिए बड़ी संख्या में नौकर होते थे। उसके मनोरंजन के लिए बड़ी संख्या में रखैलें (concubines) भी होती थीं। सम्राट् के पश्चात् दूसरा स्थान कुलीनों (nobles) एवं पुरोहितों (priests) को प्राप्त था।

उन्हें अनेक विशेषाधिकार प्राप्त थे। वे एक समृद्ध जीवन व्यतीत करते थे। शिक्षक, डॉक्टर एवं सैनिक मध्य वर्ग से संबंधित थे। उनका जीवन निर्वाह भी सुगमता से हो जाता था। किसान एवं दस्तकार साधारण वर्ग से संबंधित थे। उन्हें अपने जीवन निर्वाह के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी। समाज में सबसे निम्न स्थान दासों को प्राप्त था। उनका जीवन जानवरों से भी बदतर था। ई० एम० बर्नस एवं अन्य के शब्दों में, “इंका समाज मानव समुदायों में पाए जाने वाले सबसे कठोर समाजों में से एक था।”

5. स्त्रियों की स्थिति (Position of Women):
समाज में स्त्रियों की स्थिति अच्छी थी। उनका परिवार में पूर्ण सम्मान किया जाता था। उन्हें शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार दिया गया था। वे अपना पति चुनने के लिए भी स्वतंत्र थीं। उनमें बाल विवाह की प्रथा प्रचलित नहीं थी। विधवा को दुबारा विवाह करने की अनुमति थी। अधिकाँश स्त्रियाँ घरेलू होती थीं। कुछ स्त्रियाँ पुरोहित का कार्य करती थीं। उस समय की स्त्रियाँ त्योहारों में बढ़ चढ़ कर भाग लेती थीं।

6. शिक्षा (Education):
इंका समाज में शिक्षा को विशेष महत्त्व दिया जाता था। प्रत्येक बच्चे को शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्कूल भेजा जाता था। लड़कों को प्रायः सैनिक एवं पुरोहित बनने संबंधी शिक्षा दी जाती थी। अधिकाँश लड़कियों को घरेलू कार्यों संबंधी शिक्षा दी जाती थी। कुछ लड़कियाँ पुरोहित संबंधी प्रशिक्षण ग्रहण करती थीं। उस समय विद्यार्थियों को मौखिक (oral) शिक्षा दी जाती थी।

इसका कारण यह था कि इंका समाज में कोई लेखन प्रणाली प्रचलित नहीं थी। वे अपना हिसाब क्विपु (quipu) प्रणाली से रखते थे। इससे चीजों को स्मरण रखने में मदद मिलती थी। इसमें एक डंडा होता था जिस पर विभिन्न रंगों की रस्सियों से गाँठ बाँधी जाती थी। प्रत्येक गाँठ एक किस्म का संकेत होती थी जिससे उस वस्तु का अनुमान लगाया जाता था। इंका लोगों की प्रशासनिक भाषा क्वेचुआ (Quechua) थी।

7. विभिन्न व्यवसाय (Various Occupations):
इंका समाज में विभिन्न प्रकार के व्यवसाय प्रचलित थे। उस समय के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि था। इसे इंका सभ्यता का आधार माना जाता था। उस समय पहाड़ों में सीढ़ीदार खेत (terraces) बनाए जाते थे। इन खेतों की सिंचाई के लिए नहरें बनाई जाती थीं। उनकी प्रमुख फ़सलें मक्का (corn) एवं आलू (potatoes) थीं।

उस समय कुछ लोग पशुपालन का कार्य करते थे। वे लामा (Ilama) तथा अल्पाका (Alpaca) नामक पशुओं को पालते थे। इनसे वे भार ढोने का कार्य करते थे। इनसे ऊन प्राप्त की जाती थी तथा इनका माँस खाया जाता था। इनके अतिरिक्त उस समय वस्त्र उद्योग, मिट्टी के बर्तन बनाने का उद्योग एवं सोने, चाँदी एवं ताँबे के आभूषण बनाने के उद्योग भी प्रसिद्ध थे। कुछ लोग खानों से धातु निकालने का कार्य भी करते थे।

8. धर्म (Religion):
इंका लोगों का जीवन धर्म से बहुत प्रभावित था। यद्यपि वे अनेक देवी-देवताओं में विश्वास रखते थे किंतु सूर्य उनका प्रमुख देवता था। उनका विश्वास था कि उनका प्रथम शासक मैंको कपाक सूर्य का पुत्र था। अतः इंका शासकों ने सूर्य देवता की स्मृति में साम्राज्य भर में अनेक भव्य एवं विशाल मंदिरों का निर्माण करवाया। इन मंदिरों को सोने से सजाया जाता था।

इन मंदिरों में इंका के मृत शासकों के शवों को रखा जाता था। इन मंदिरों में उपासना के लिए बड़ी संख्या में पुरोहितों को नियुक्त किया जाता था। सर्य देवता को प्रसन्न करने के लिए जानवरों की एवं कभी-कभी मनुष्य की बलियाँ दी जाती थीं। विशेष अवसरों पर राजा स्वयं विशेष धूम-धड़के के साथ इन मंदिरों में उपासना के लिए आता था। इंका लोग मृत्यु के पश्चात् जीवन में विश्वास रखते थे। उनमें अनेक प्रकार के अंध-विश्वास भी प्रचलित थे।

9. पतन (Decline):
इंका सभ्यता के पतन के लिए अनेक कारण उत्तरदायी थे। प्रथम, 1532 ई० में स्पेनी आक्रमण से पूर्व इंका साम्राज्य कमज़ोर हो गया था। इसका कारण सिंहासन प्राप्ति के लिए वहाँ अताहुआल्पा (Atahualpa) एवं उसके भाई हुआस्कर (Huascar) में गृह युद्ध आरंभ हो गया था। अताहुआल्पा ने सिंहासन प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की तथा उसने अपने भाई हुआस्कर को बंदी बना लिया था। दूसरा, अताहुआल्पा एक योग्य शासक प्रमाणित न हुआ। वह विशाल सेना के होते हुए भी स्पेनी आक्रमणकारियों का सामना न कर सका।

तीसरा, फ्राँसिस्को पिज़ारो (Francisco Pizarro) जिसके नेतृत्व में स्पेनी सैनिकों ने इंका साम्राज्य पर आक्रमण किया था बहुत अनुभवी था। उसने बहुत चतुराई से अताहुआल्पा को बंदी बना लिया था। चौथा, यूरोपियों के आगमन के कारण इंका साम्राज्य में अनेक बीमारियाँ फैल गई थीं। इस कारण वहाँ बड़ी संख्या में लोग मृत्यु का शिकार हो गए थे। पाँचवां, इंका लोग अपने तीरों एवं तलवारों से स्पेनी बंदूकों एवं तोपों का सामना करने में विफल रहे । अतः उनकी सभ्यता का लोप हो गया।

प्रश्न 10.
माया सभ्यता की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। इस सभ्यता का पतनं क्यों हुआ?
उत्तर:
माया सभ्यता मैक्सिको की एक महत्त्वपूर्ण सभ्यता थी। यह सभ्यता 300 ई० से 900 ई० के दौरान अपनी उन्नति के शिखर पर पहुँची । इस सभ्यता के महत्त्वपूर्ण केंद्र मैकि महत्त्वपूर्ण केंद्र मैक्सिको (Maxico), ग्वातेमाला (Guatemala), होंडुरास (Honduras) एवं अल-सैल्वाडोर (El Salvador) में थे। यद्यपि माया सभ्यता का अंत 16वीं शताब्दी में हुआ किंतु इसका पतन 11वीं शताब्दी से आरंभ हो गया था।

1. माया शासन पद्धति (Maya Polity):
माया सभ्यता की शासन पद्धति के संबंध में हमें कोई विशेष जानकारी प्राप्त नहीं है। माया शासक सामान्यतः पुरुष हुआ करते थे। कभी-कभी रानियाँ भी शासन करती थीं। राजा का पद पैतृक होता था। उसकी मृत्यु के पश्चात् उसका बड़ा पुत्र सिंहासन पर बैठता था। राजा का बहादुर होना अनिवार्य था।

एक बहादुर राजा ही साम्राज्य का विस्तार एवं उसकी सुरक्षा कर सकता था। राजा के सिंहासन पर बैठते समय देवताओं को प्रसन्न करने के उद्देश्य से मानव बलि दी जाती थी। राजा अभिजात वर्ग (nobility) एवं पुराहितों (priests) की सहायता से शासन चलाता था। राजा भव्य महलों में रहता था। उसकी सेवा में बड़ी संख्या में लोग, दास एवं दासियाँ होते थे।

2. श्रेणियाँ (Classes):
माया समाज अनेक श्रेणियों में विभाजित था। समाज में सर्वोच्च स्थान पुरोहितों को प्राप्त था। राजा उनके परामर्श के बिना कोई कार्य नहीं करता था। समाज में दूसरा स्थान अभिजात वर्ग को प्राप्त था। अभिजात वर्ग के लोग राज्य के महत्त्वपूर्ण पदों पर नियुक्त थे। पुरोहित एवं अभिजात वर्ग के लोग बहुत बहुमूल्य वस्त्र पहनते थे तथा वे बहुत ऐश्वर्यपूर्ण जीवन व्यतीत करते थे।

उनकी सेवा में भी अनेक दास-दासियाँ होते थे। समाज की अधिकाँश जनसंख्या किसान वर्ग से संबंधित थी। उन्हें अपने जीवन निर्वाह के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी। समाज में सबसे निम्न स्थान दासों को प्राप्त था। उनकी दशा अत्यंत दयनीय थी।

3. कृषि (Agriculture):
माया लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि था। उन्होंने पत्थर की कुल्हाड़ी (stone axe) तथा आग के द्वारा अनेक घने जंगलों का सफाया किया। इस भूमि को उन्होंने कृषि योग्य बनाया। उनके कृषि करने के ढंग उन्नत एवं कुशलतापूर्वक थे। अतः उस समय फ़सलों की भरपूर पैदावार होती थी। माया किसान सबसे अधिक मक्का (corn) का उत्पादन करते थे। इसका कारण यह था कि माया लोगों के अनेक धार्मिक क्रियाकलाप एवं उत्सव मक्का बोने, उगाने एवं काटने से जुड़े होते थे। इसके अतिरिक्त वे सेम (beans), आलू (potatoes), कपास (cotton) आदि फ़सलों का उत्पादन करते थे।

4. धर्म (Religion):
माया लोगों का धर्म में अटूट विश्वास था। वे अनेक देवी-देवताओं की उपासना करते थे। उनके दो प्रमुख देवता सूर्य देवता एवं मक्का देवता थे। इनके अतिरिक्त वे अग्नि देवता, वन देवता, भूमि देवता एवं वर्षा देवता आदि की भी उपासना करते थे। वे अपने देवी-देवताओं की स्मृति में भव्य मंदिरों एवं सुंदर मूर्तियों का निर्माण करते थे।

इन मंदिरों की देखभाल के लिए बड़ी संख्या में पुरोहितों को नियुक्त किया जाता था। माया लोग अपने देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए पशुओं की बलियाँ देते थे। कुछ विशेष अवसरों पर मानव बलियाँ भी दी जाती थीं। माया लोग मृत्यु के पश्चात् जीवन में विश्वास रखते थे। उनमें अनेक प्रकार के अंध विश्वास भी प्रचलित थे।

5. कला (Art):
माया लोग कला के महान् प्रेमी थे। उन्होंने यूनानी एवं रोमनों की तरह भवन निर्माण कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने अनेक भव्य नगरों, महलों, पिरामिडों, मंदिरों एवं वेधशालाओं (observatories) का निर्माण करवाया। माया लोगों ने जिन नगरों का निर्माण किया उनमें टिक्ल (Tikal), कोपान (Copan), पालेंक (Palenque), कोबा (Coba), युकाटान (Ukatan), चिचेन इटजा (Chichen Itza), बोनामपाक (Bonamapak), कलाक्मुल (Kalakmul) तथा उक्समल (Uxmal) आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।

इन नगरों को अनेक भव्य भवनों, उद्यानों एवं फव्वारों से सुसज्जित किया गया था। माया कलाकारों द्वारा बनाए गए महलों को देखकर व्यक्ति चकित रह जाता है। ये महल बहुत विशाल एवं सुंदर थे। माया लोगों ने बहुत विशाल पिरामिड (pyramids) बनवाए। इन पिरामिडों के ऊपर मंदिरों का निर्माण किया जाता था। इन मंदिरों में अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित की जाती थीं। ये मूर्तियाँ देखने में बिल्कुल सजीव लगती थीं।

माया कलाकारों ने जिन मंदिरों का निर्माण किया उनमें सर्वाधिक प्रसिद्ध आठवीं शताब्दी ग्वातेमाला में निर्मित टिक्ल मंदिर था। यह मंदिर 229 फुट ऊँचा था। इस मंदिर में बनी मूर्तियाँ एवं चित्र इसकी शान में चार चाँद लगाते थे। प्रसिद्ध इतिहासकार टी० एच० वालबैंक के अनुसार, “कला के क्षेत्र में माया भवन निर्माण कला एवं मर्ति कला ने अद्वितीय उन्नति की।”

6. पंचांग (Calendar):
माया सभ्यता ने पंचांग के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण देन दी। उन्होंने दो प्रकार के पंचांग तैयार किए। प्रथम पंचांग धर्म-निरपेक्ष था। इसमें सौर पंचांग की तरह वर्ष में 365 दिन होते थे। उनके वर्ष में 18 माह होते थे। प्रत्येक माह में 20 दिन होते थे। शेष पाँच दिनों को दुर्भाग्यपूर्ण समझा जाता था। माया लोगों का दूसरा पंचांग धार्मिक था। इसमें वर्ष में 260 दिन होते थे। इसे पुराहितों के लिए धार्मिक कर्मकांडों के लिए तैयार किया गया था।

7. लिपि (Script):
माया सभ्यता की एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि उनकी लिपि थी। यह अमरीका की प्रथम सभ्यता थी जिसने सर्वप्रथम लिपि का विकास किया। उनकी लिपि चित्रात्मक (pictographic) थी। माया लेखन के उदाहरण प्रस्तर पट्टों पर उत्कीर्ण अभिलेखों (carved inscriptions on the stelae) एवं पुस्तकों जिन्हें कोडिसेज (codices) कहा जाता था में पाए गए हैं। इनमें माया शासकों से संबंधित महत्त्वपूर्ण घटनाओं एवं खगोल विद्या (astronomical information) संबंधी सूचनाएँ दर्ज की जाती थीं। दुर्भाग्यवश इस लिपि को अभी तक पूर्णतः पढ़ने में सफलता प्राप्त नहीं की जा सकी है।

8. पतन (Downfall):
माया सभ्यता का पतन 11वीं शताब्दी में आरंभ हो गया था। माया सभ्यता का पतन क्यों हुआ इस संबंध में इतिहासकारों में मतभेद हैं। कुछ इतिहासकारों का विचार है कि माया सभ्यता का अंत वहाँ आने वाले भयंकर भूकंपों एवं समुद्री तूफानों के कारण हुआ। कुछ अन्य के विचारों के अनुसार माया सभ्यता का विनाश वहाँ फैलने वाली भयंकर बीमारियों के कारण हुआ। इस कारण बड़ी संख्या में लोग मृत्यु का शिकार हो गए थे। कुछ इतिहासकारों का विचार है कि माया सभ्यता का अंत वहाँ आए जलवायु परिवर्तन के कारण हुआ।

वहाँ काफी लंबे समय तक सूखा पड़ा। इस कारण फ़सलें नष्ट हो गई एवं लोग भूखे मर गए। कुछ इतिहासकारों का कथन है कि माया सभ्यता के पतन में वहाँ होने वाले किसान विद्रोहों ने प्रमुख भूमिका निभाई। अधिकाँश इतिहासकारों का मानना है कि माया सभ्यता का अंत 1519 ई० में हरनेंडो कोर्टेस के आक्रमण के कारण हुआ। उसने 1521 ई० में मैक्सिको को अपने अधीन कर लिया था। शीघ्र ही उसने ग्वातेमाला, निकारागुआ एवं होंडुरास पर कब्जा करके माया सभ्यता का अंत कर दिया।

HBSE 11th Class history Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

प्रश्न 11.
ओलाउदाह एक्वियानो कौन था? उसकी यात्रा का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
अथवा
गुलाम के रूप में पकड़ कर ब्राज़ील ले जाए गए ग्यारह वर्षीय अफ्रीकी लड़के की यात्रा का वर्णन करें।
उत्तर:
ओलाउदाह एक्वियानो नाईजीरिया (Nigeria) का रहने वाला था। 11 वर्ष की उम्र में उसे गुलाम बना लिया गया था। उसे गुलाम के रूप में ब्राज़ील में बेच दिया गया। वहाँ से उसे इंग्लैंड के एक कप्तान ने खरीद लिया। 1766 ई० में उसने अपने स्वामी से मुक्ति प्राप्त कर ली। इसके पश्चात् उसने विभिन्न देशों में दासता के विरुद्ध प्रचार किया। 1789 ई० में उसकी आत्मकथा दि इनटरेस्टिंग नैरेटिव ऑफ़ दि लाइफ ऑफ़ ओलाउदाह एक्वियानो (The Interesting Narrative of the Life of Olaudah Equiano) प्रकाशित हुई।

यह पुस्तक शीघ्र ही संपूर्ण विश्व में बहुत लोकप्रिय हुई तथा इसका विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद किया गया। इस पुस्तक में ओलाउदाह एक्वियानो ने एक गुलाम के रूप में अपनी यात्रा तथा गुलामों के जीवन के बारे में विस्तृत प्रकाश डाला है। ओलाउदाह एक्वियानो ने अपनी आत्मकथा (autobiography) में लिखा है कि उसका जन्म 1745 ई० में नाईजीरिया में हुआ था। मैंने कभी अंग्रेज़ों अथवा समुद्र के बारे में नहीं सुना था।

एक दिन जब मेरे माता-पिता खेतों में कार्य करने गए थे तो उस दिन दो पुरुषों एवं एक स्त्री जो कि अफ्रीकी थे ने मेरे घर पर धावा बोल दिया। वे मुझे तथा मेरी छोटी बहन को बंदी बना कर ले गए। उस समय मेरी आयु 11 वर्ष थी। आगे आने वाले 6 अथवा 7 महीनों के दौरान मुझे कई अफ्रीकी मालिकों को बेचा जाता रहा। हमें बंदरगाह की ओर पैदल ले जाया जाता रहा। मेरे साथ बहत से अन्य लोग थे जिन्हें गुलाम बनाया गया था। इन सभी को जंजीरों से जकड कर पंक्ति के रूप में ले जाया जाता था।

जिन लोगों ने हमें खरीदा था वे हमारे साथ-साथ चलते थे। अधिक शोर मचाने वालों अथवा भागने का प्रयास करने वालों की हंटर से ज़बरदस्त पिटाई की जाती थी। एक शाम को हम बंदरगाह के किनारे पहुंच गए। मुझे बहुत से अन्य गुलामों के साथ बंदरगाह पर खड़े एक जहाज में दूंस दिया गया। जहाज़ में सवार नाविकों की डरावनी शकलें देखकर मैं काँप गया। मुझे लगा कि मैं बुरी आत्माओं की दुनिया में आ गया हूँ तथा ये लोग कर खा जाएँगे।

जहाज़ में गलामों का जीवन नरक समान था। उनमें विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ जैसे चेचक, पेचिश तथा पीला बुखार आदि फैल गई थीं। इससे उनके दुःख बहुत बढ़ गए थे। इन घातक बीमारियों के कारण तथा बिना किसी इलाज के रोज़ाना अनेक गुलामों की मत्य हो जाती थी। दर्द से कराह रहे इन गलामों की आवाज़ सुन कर दिल दहल जाता था।

एक दिन अवसर पाकर दो गुलामों ने पानी में कूदकर आत्महत्या कर ली। मुझे यह अवसर प्राप्त नहीं हुआ नहीं तो मैं भी ऐसा ही करता। जब जहाज़ के सदस्यों को इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने सभी गुलामों की जम कर पिटाई की तथा हम पर निगरानी बढ़ा दी गई।

जब यह जहाज़ अंततः ब्राजील की बंदरगाह पर पहुँचा तो बहुत से गुलाम खरीदने वाले व्यापारी जहाज़ पर चढ़ आए। उनकी शकलें बहुत डरावनी थीं। ऐसा लगता था कि वे हमें खा जाएंगे। उन्हें देखकर बहुत से गुलाम काँपने लगे। इसी समय जहाज़ पर वहाँ पहले से रह रहे दो अफ्रीकी गुलाम आए तथा उन्होंने हमें समझाया कि उन्हें यहाँ मारने के लिए नहीं अपितु काम करने के लिए लाया गया है। मुझे खेतों में कार्य करने के लिए लगाया गया। यहाँ गुलामों पर घोर अत्याचार किए जाते थे।

अफ्रीका में गुलामों के साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया जाता था। वहाँ गुलामों को परिवार के सदस्यों के रूप में सम्मिलित कर लिया जाता था। कुछ समय पश्चात् मुझे एक गोरे व्यक्ति ने खरीद लिया तथा वह अपने साथ मुझे इंग्लैंड ले आया। वह एक व्यापारी था। उसके साथ मैं अनेक बार वेस्टइंडीज़ (West Indies) गया। 1766 ई० में मेरे स्वामी ने मुझे मुक्त कर दिया। इसके पश्चात् ओलाउदाह एक्वियानो ने 1797 ई० में अपनी मृत्यु तक गुलाम प्रथा के विरुद्ध एक जोरदार अभियान चलाया। इस प्रकार इतिहास में सदैव के लिए उसका नाम अमर हो गया।

प्रश्न 12.
दास व्यापार के बारे में आप क्या जानते हैं ? इस प्रथा का उन्मूलन किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
दास व्यापार आधुनिक विश्व इतिहास के माथे पर एक कलंक समान था। इस प्रथा ने 15वीं शताब्दी में अपने पाँव यूरोप में पसारने आरंभ किए। 16वीं शताब्दी में यह प्रथा दक्षिण एवं उत्तरी अमरीका में भी फैल गई। यह प्रथा 17वीं एवं 18वीं शताब्दियों में अपनी उन्नति के शिखर पर थी। आरंभ में पराजित हए लोगों को गुलाम बना लिया जाता था।

बाद में बड़ी संख्या में दासों को अफ्रीका से पकड़ कर इन देशों में बेचा जाने लगा। वास्तव में दास प्रथा ने एक व्यापार का रूप धारण कर लिया था। इन दासों पर जो अमानवीय अत्याचार किए जाते थे उनका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता। दास व्यापार के कारण न केवल अफ्रीका अपितु यूरोप एवं अमरीका के समाजों पर दूरगामी प्रभाव पड़े।

1. दास प्रथा का जन्म (Origin of Slavery):
15वीं शताब्दी में जब कुछ पुर्तगाली एवं स्पेनी नाविक अफ्रीका गए तो वे अपने साथ वहाँ से कुछ दासों को भी ले आए। इन गुलामों को घरों, खेतों एवं खानों में कार्य पर लगाया गया। 16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों एवं स्पेनियों ने दक्षिण अमरीका के कुछ भागों पर अधिकार कर लिया था। वहाँ इन देशों के सैनिकों ने स्थानीय लोगों को पराजित कर उन्हें गुलाम बना लिया था। इन लोगों से गुलाम के रूप में कार्य करवाना अत्यंत कठिन सिद्ध हुआ। इस समस्या से निपटने के लिए यूरोपियों ने नई दुनिया में अफ्रीका से गुलाम मंगवाने आरंभ कर दिए थे।

2. दास व्यापार (Slave Trade):
17वीं एवं 18वीं शताब्दियों में नई दुनिया में दासों की माँग में अभूतपूर्व वृद्धि हो गई थी। इसका कारण था कि जंगलों की सफाई के लिए, खेतों के लिए एवं खानों में कार्य करने के लिए सस्ते श्रम की आवश्यकता थी। अत: यूरोपवासियों ने अफ्रीका के साथ गुलामों का व्यापार आरंभ कर दिया था। ये व्यापारी अपनी माँग अफ्रीका के स्थानीय नेताओं को देते थे।

अफ्रीका के स्थानीय नेता काफी प्रभावशाली होते थे। उन्होंने अपने अधीन कछ सेना रखी होती थी। इन सैनिकों की सहायता से वे रात के समय अफ्रीका के अंदरूनी भागों में छापे मार कर लोगों को बलपूर्वक गुलाम बना लेते थे। इन गुलामों में अधिकाँश संख्या युवा गुलामों की होती थी। इन गुलामों को यूरोपीय व्यापारियों को बेच दिया जाता था।

इसके बदले यूरोपीय व्यापारी उन्हें दक्षिण अमरीका से लाए गए खाद्य पदार्थ देते थे। ये अफ्रीकी लोगों के प्रमुख खाद्य पदार्थ थे। कभी-कभी उन्हें नकद धन भी दिया जाता था। यूरोपीय व्यापारी अफ्रीकी गुलामों को जहाजों में लाद कर नई दुनिया में ले आते थे। बंदरगाह पर पहुँचने पर ये व्यापारी इन दासों को दो से तीन गुना अधिक मुनाफे पर ज़रूरतमंदों को बेच देते थे।

3. दासों का जीवन (Life of Slaves):
अधिकाँश दास खेतों में मजदूरी का कार्य करते थे। कुछ गुलाम खानों में भी काम करते थे। इन्हें अत्यंत भयावह स्थितियों में कार्य करना पड़ता था। गुलामों से प्रतिदिन 14 से 16
HBSE 11th Class History Important Questions Chapter 8 iMG 2
घंटे कार्य लिया जाता था। कार्य के दौरान भी उन्हें जंजीरों से जकड़ कर रखा जाता था ताकि वे भागने न पाएँ। कार्य के दौरान यदि कोई गुलाम सुस्त कार्य करता तो उसकी निगरानी करने वाला गोरा निरीक्षक उसकी हंटर द्वारा जमकर पिटाई करता। उस पर अनेक प्रकार के अन्य अमानवीय अत्याचार किए जाते थे।

कठोर श्रम करने के बावजूद इन गुलामों को दो समय भर पेट खाना भी नसीब नहीं होता था। रात्रि के समय उन्हें गंदी झोंपड़ियों में धकेल दिया जाता था। इस समय भी वे जंजीरों से जकड़े रहते थे। वे नाम मात्र के वस्त्र पहनते थे। संक्षेप में गुलामों का जीवन जानवरों से भी बदतर था। एरिक विलियम्स (Eric Williams) प्रथम आधुनिक इतिहासकार था जिसने 1940 के दशक में अपनी पुस्तक कैपिटलिज्म एंड स्लेवरी (Capitalism and Slavery) में गुलामों के दु:खों पर काफी प्रकाश डाला है।

4. दासों पर प्रतिबंध (Restrictions on Slaves):
दासों पर अनेक प्रकार के प्रतिबंध लगाए गए थे। वे अपने मालिकों से अनुमति पत्र लिए बिना अपने कार्य को नहीं छोड़ सकते थे। वे किसी प्रकार का कोई नशा नहीं कर सकते थे। वे अपने पास किसी प्रकार का कोई हथियार नहीं रख सकते थे। उन्हें पढ़ने तथा लिखने का भी कोई अधिकार न था। वे गोरे लोगों के विरुद्ध चाहे वे उन्हें जान से मार दें अथवा इनकी स्त्रियों के साथ बलात्कार करें कोई शिकायत दर्ज नहीं करवा सकते थे। दसरी ओर वे गोरे लोगों पर हाथ नहीं उठा सकते थे। इनमें से किसी नियम का उल्लंघन करने पर संबंधित गुलाम को कड़ा दंड दिया जाता था।

5. दास व्यापार के प्रभाव (Impacts of the Slave Trade):
दास व्यापार के अनेक दूरगामी परिणाम निकले। प्रथम, यह प्रथा अफ्रीका के लिए विशेष तौर पर विनाशकारी सिद्ध हई। इस प्रथा के कारण अफ्रीका के अधिकांश पुरुषों को दास बना लिया गया। अतः उनकी स्त्रियों को अनेक प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ा। वे खेतों में काम करने के लिए बाध्य हुईं।

यह कार्य पहले पुरुष किया करते थे। दूसरा, इस प्रथा के चलते दासों को घोर अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका जीवन जानवरों से भी बदतर था। बाध्य होकर अनेक बार दास या तो भाग जाते थे या फिर विद्रोह कर देते थे। दास व्यापार यूरोपियों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ। दासों को खानों एवं खेतों में कार्य पर लगाया गया। उनके खून-पसीने के कारण यूरोपीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिली।

6. दास प्रथा का उन्मूलन (The Abolition of Slavery):
दासों के साथ किए जाने वाले अमानुषिक व्यवहार के कारण अनेक देशों में इस क्रूर प्रथा के विरुद्ध आवाज़ बुलंद होने लगी। बहुत से नेताओं ने इस प्रथा का अंत करने के लिए अपनी सरकारों को प्रेरित किया। इसके लिए उन्हें एक लंबा संघर्ष करना पड़ा। सर्वप्रथम डेनमार्क (Denmark) ने 1803 ई० में दासों के व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया।

यह निस्संदेह दास प्रथा का उन्मूलन करने की दिशा में उठाया गया प्रथम महत्त्वपूर्ण पग था। डेनमार्क का अनुसरण करते हुए ब्रिटेन ने 1807 ई० में, फ्राँस ने 1814 ई० में, नीदरलैंड ने 1817 ई० में तथा स्पेन ने 1845 ई० में गुलामों के व्यापार पर पूर्णत: निषेध लगा दिया। 1833 ई० में सर्वप्रथम ब्रिटेन ने दास प्रथा का अंत करने की घोषणा की। इसके पश्चात् फ्राँस ने 1848 ई० में, संयुक्त राज्य अमरीका ने 1865 ई० में, क्यूबा ने 1886 ई० में तथा ब्राजील ने 1888 ई० में दास प्रथा का अंत कर दिया। दास प्रथा का उन्मूलन निस्संदेह एक नए युग का संकेत था।

क्रचन सेख्याबर्षघटना
1.1325 ई०एजटेक की राज्धानी टेनोक्टिटलान का निर्माण।
2.1380 ई०कुलबनुमा का आविष्कार।
3.1410 ई०कार्डिनल पिएर ड्विऐेली ने ‘इमगो मुंड़ी’ की रचना की।
4.1438 ई०इंका सम्र्राज्य का सबसे शब्तिशाली शासक पचकुटी इंका सिंहासन पर बैठा।
5.1453 ई०तुर्कों द्वारा कुस्तुनदुनिया पर अधिकार।
6.1477 ई०टॉलेमी की ज्योग्राफ़ी प्रकाशित हुई।
7.1492 ई०कोलेंबस द्वारा बहामा द्वीप समूह की खोज।
8.1499 ई०अमेरिगो वेस्पुसी ने यदिण अमरीका की यात्रा की।
9.22 अप्रैल, 1500 ई०पेट्गो अल्वारिस कैज्राल ब्राजील पहूँचज।
10.1502 ई०मेंटेजुमा द्वितीय एजटेक सम्नाट् बना।
11.1507 ई०नयी दुनिया को अमरीका का नाम दिया गया।
12.1519 ई०हरनेंड़ो कोटेंस द्वारा एजटेक सात्राज्प पर आक्रमण।
13.30 जून, 1520 ई०औसू भरी रात।
14.15 अगस्त, 1521 ई०एजटेक साम्राज्म का अंत।
15.1522 ई०हरनेंडो कोर्टेस को न्यू स्पेन (मैक्सिको) का गवर्नर एवं कैप्टन-जनरल बनाया गया।
16.1532 ई०अताहुआल्पा इंका साम्राज्य के सिंहासन पर बैठा। फ्राँसिस्को पिज़ारो ने इंका साम्राज्य को जीता।
17.1532 ई०पुर्तगाली शासक ने ब्राज़ील का शासन सीधा अपने हाथों में लिया।
18.1549 ई०ओलाउदाह एक्वियानो की आत्मकथा ‘दि इनटरेस्टिंग नैंरेटिव ऑफ़ दि लाइफ ऑफ़ ओलाउदाह एक्वियानो’ का प्रकाशन।
19.1789 ई०ओलाइदाह एक्वियानो की आत्मकथा ‘दि इनटरेस्टिंग
20.1797 ई०नैरैटिव ऑफ़ दि लाइफ ऑफ ओलाउदाह एक्वियनो’ का प्रकाशन।
21.1803 ई०ओसाउदाह एक्वियानो की मृत्यु हुई।
22.1833 ई०ड़नमार्क ने दास व्यापार पर सर्वप्रथन प्रतिबंध लगापा।
23.1865 ई०ब्रिटेन ने दास प्रथा पर प्रतिबंध लगाया।
24.1888 ई०संयुक्त राज्च अमरीका ने दास प्रथा पर प्रतिबंध लगाया।

संक्षिप्त उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
ऐसे कौन-से कारण थे जिनसे 15वीं शताब्दी में यूरोपीय नौचालन को सहायता मिली ?
अथवा
भौगोलिक खोजों के क्या कारण थे ?
उत्तर:
15वीं शताब्दी में निम्नलिखित कारणों ने यूरोपीय नौचालन में सहायता दी
(1) नए प्रदेशों की खोज कर वहाँ से सोना-चाँदी प्राप्त करना।

(2) विदेशों में ईसाई धर्म का प्रसार करना।

(3)1380 ई० में कुतबनुमा अथवा दिशासूचक का आविष्कार हुआ। इस कारण नाविकों को खुले समुद्र में दिशाओं को सही जानकारी प्राप्त हुई। इस कारण समुद्री यात्राएँ अधिक सुरक्षित हो गई।

(4) समुद्री यात्रा पर जाने वाले यूरोपीय जहाजों में भी काफी सुधार हो चुका था। इससे नाविकों को समुद्र पार जाने के लिए प्रेरणा मिली।

(5) 1477 ई० में टॉलेमी की प्रसिद्ध पुस्तक ज्योग्राफी का प्रकाशन हुआ। इसमें अनेक देशों से संबंधित बहुमूल्य भौतिक जानकारी दी गई थी। इसने नाविकों को समुद्री यात्राएँ करने के लिए प्रेरित किया।

(6) 15वीं शताब्दी में आईबेरियाई प्रायद्वीप अर्थात् स्पेन एवं पुर्तगाल के शासकों ने समुद्री यात्राएँ करने वाले नाविकों को दिल खोलकर सहायता प्रदान की।

HBSE 11th Class history Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

प्रश्न 2.
15वीं शताब्दी में आईबेरियाई प्रायद्वीप ने भौगोलक खोजों के क्षेत्र में क्या योगदान दिया ?
अथवा
किन कारणों से स्पेन और पुर्तगाल ने 15वीं शताब्दी में सबसे पहले अटलांटिक महासागर के पार जाने का साहस किया ?
उत्तर:
15वीं शताब्दी में आईबेरियाई प्रायद्वीप भाव स्पेन एवं पुर्तगाल के देशों ने समुद्री खोज यात्राओं में बहुमूल्य योगदान दिया। अक्सर यह प्रश्न किया जाता है कि स्पेन एवं पुर्तगाल के शासकों ने समुद्री खोजों में अन्य देशों के मुकाबले अग्रणी भूमिका क्यों निभाई ? इसके अनेक कारण थे। प्रथम, इस समय स्पेन एवं पुर्तगाल की अर्थव्यवस्था अच्छी थी जबकि यूरोप की अर्थव्यवस्था गिरावट के दौर से गुजर रही थी।

दूसरा, स्पेन एवं पुर्तगाल के शासक सोना एवं धन दौलत के भंडार एकत्र कर अपने यश एवं सम्मान में वृद्धि करना चाहते थे। तीसरा, वे नई दुनिया में ईसाई धर्म का प्रसार करना चाहते थे। चौथा, धर्मयुद्धों के कारण इन देशों की एशिया के साथ व्यापार करने में रुचि बढ़ गई। इन युद्धों के दौरान उन्हें पता चला कि इन देशों के साथ व्यापार करके वे भारी मुनाफा कमा सकते हैं।

पाँचवां, स्पेन के शासकों द्वारा दिए जाने वाले इकरारनामों जिन्हें कैपिटुलैसियोन कहा जाता था लोगों को महासागरी शूरवीर बनने के लिए प्रोत्साहित किया। इन इकरारनामों द्वारा स्पेन के शासक ने नई दुनिया के प्रदेशों को जीतने वाले नेताओं को पुरस्कार के रूप में शासन का अधिकार दिया। छठा, इन देशों के शासकों ने समुद्री खोज पर जाने वाली नाविकों को प्रत्येक संभव सहायता प्रदान की।

प्रश्न 3.
नए आविष्कारों ने किस प्रकार भौगोलिक खोजों के उत्साहित किया ?
उत्तर:
14वीं एवं 15वीं शताब्दियों में जहाजरानी से संबंधित नए आविष्कारों ने नाविकों की समुद्री यात्राओं को सुगम बना दिया। 1380 ई० में कुतबनुमा भाव दिशासूचक यंत्र का आविष्कार हुआ। यह एक सर्वोच्च महत्त्व का आविष्कार था। इससे नाविकों को खुले समुद्र में दिशाओं की सही जानकारी प्राप्त होती थी।

इससे सुदूर समुद्री यात्राएँ करना संभव हुआ। 16वीं शताब्दी में एस्ट्रोलेब का आविष्कार हुआ। इस यंत्र से नाविकों को भूमध्य रेखा से दूरी मापने में सहायता मिली। इसी शताब्दी में बतिस्ता ने विश्व का ठीक मानचित्र बनाया। इससे नाविकों को स्थानों के मध्य दूरी जानने में सहायता मिली। 1609 ई० में दूरबीन के आविष्कार ने नाविकों को दूर तक देखना संभव बनाया।

इस कारण वे आने वाले किसी ख़तरे से परिचित हो सकते हैं। सबसे बढ़कर इस काल में यूरोपियों ने अपने जहाजों में बहुत सुधार कर लिया था। ये जहाज़ पहले से अधिक हल्के, विशाल एवं तीव्र गति से चलने वाले थे। निस्संदेह इन नवीन आविष्कारों ने समद्री यात्राएँ करने वालों को एक नई दिशा प्रदान की।

प्रश्न 4.
क्रिस्टोफर कोलंबस पर एक संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर:
क्रिस्टोफर कोलंबस ने नयी दुनिया की खोज में उल्लेखनीय योगदान दिया। उसका जन्म 1451 ई० में इटली के शहर जिनोआ में हुआ था। उसे बचपन से ही समुद्री यात्राएँ करने का शौक था। 1492 ई० में स्पेन के शासक फर्जीनेंड ने समुद्री यात्राओं संबंधी उसकी योजना को स्वीकृति दी। कोलंबस 3 अगस्त, 1492 ई० को स्पेन की बंदरगाह पालोस से यात्रा के लिए रवाना हुआ। इस समय उसके पास तीन जहाज़-सांता मारिया, पिंटा तथा नीना थे।

वह 12 अक्तूबर, 1492 ई० को बहामा द्वीप समूह के गुआनाहानि पहुँचा। कोलंबस ने इसे इंडीज समझा। अत: उसने वहाँ के निवासियों को रेड इंडियन्स कहा। वह यहाँ के निवासियों के भव्य स्वागत एवं उदारता से बहुत प्रभावित हुआ। कोलंबस ने इस द्वीप का नाम सैन सैल्वाडोर रखा। कोलंबस की इस महत्त्वपूर्ण सफलता से प्रभावित होकर फर्जीनेंड ने उसे एडमिरल ऑफ़ दी ओशन सी की उपाधि से सम्मानित किया। उसे सैन सैल्वाडोर का वाइसराय नियुक्त किया गया। उसने अपने शासनकाल के दौरान यहाँ के लोगों पर घोर अत्याचार किए। 1506 ई० में क्रिस्टोफर कोलंबस की मृत्यु हो गई।

प्रश्न 5.
हरनेंडो कोर्टेस कौन था ?
उत्तर:
हरनेंडो कोर्टेस स्पेन का एक प्रसिद्ध विजेता (कोंक्विस्टोडोर) था। उसका जन्म 1485 ई० में स्पेन के शहर मेडिलन में हुआ था। 1504 ई० में वह क्यूबा के गवर्नर की सेना में भर्ती हो गया था। उसने अनेक सैनिक अभियानों में भाग लिया एवं महत्त्वपूर्ण सफलताएँ अर्जित की। उसकी बहादुरी एवं योग्यता से प्रभावित होकर क्यूबा के गवर्नर ने हरनेंडो कोर्टेस को 1519 ई० में मैक्सिको पर आक्रमण करने की ज़िम्मेदारी सौंपी। हरनेडो कोर्टेस 1519 ई० में 600 स्पेनी सैनिकों के साथ मैक्सिको के लिए रवाना हुआ। उसे डोना मैरीना का बहुमूल्य सहयोग मिला।

उसके सहयोग के बिना हरनेडो कोर्टेस के लिए वहाँ के लोगों की भाषा समझना अत्यंत कठिन था। उस समय मैक्सिको में एजटेक शासक मोंटेजमा द्वितीय का शासन था। लोग उसके अत्याचारों से बहत दःखी थे। अतः हरनेंडो कोर्टेस बिना किसी विरोध के एज़टेक साम्राज्य की राजधानी टेनोक्टिटलान में 8 नवंबर, 1519 ई० को पहुँच गया था।

उसने धोखे से मोंटेजुमा द्वितीय को बंदी बना लिया। 1521 ई० तक हरनेंडो कोर्टेस ने संपूर्ण एज़टेक साम्राज्य को अपने अधीन कर लिया था। 1522 ई० में उसने मैक्सिको का नाम परिवर्तित करके न्यू स्पेन रख दिया। हरनेंडो कोर्टेस ने 1522 ई० से लेकर 1541 ई० तक न्यू स्पेन के गवर्नर के रूप में शासन किया। अपने शासनकाल के दौरान उसने वहाँ के लोगों पर घोर अत्याचार किए। 1547 ई० में उसकी मृत्यु हो गयी।

प्रश्न 6.
फ्राँसिस्को पिज़ारो के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
फ्रांसिस्को पिज़ारो स्पेन का एक प्रसिद्ध विजेता था। उसका जन्म 1478 ई० में स्पेन के में हुआ था। 1502 ई० में वह सेना में भर्ती हो गया था। वह 1521 ई० में हरनेंडो कोर्टेस की मैक्सिको विजय से बहुत प्रभावित हुआ। वह 1528 ई० में अपना भाग्य आजमाने पेरू चला गया। अगले वर्ष वह वहाँ से स्पेन वापसी यात्रा के समय इंका कारीगरों द्वारा बनाए गए कुछ सोने के बर्तन साथ ले आया था। उसने उन्हें स्पेन के शासक चार्ल्स पँचम को भेंट किया तथा पेरू में उपलब्ध अपार दौलत के बारे में जानकारी दी।

अतः उसने पिज़ारो को पेरू पर आक्रमण करने एवं वहाँ शासन करने की अनुमति दे दी। 1532 ई० में पेरू में सिंहासन प्राप्त करने के लिए दो भाइयों में गृहयुद्ध आरंभ हो गया था। इसके अतिरिक्त वहाँ चेचक के भयंकर रूप में फैलने से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हो गयी थी। यह स्वर्ण अवसर देखकर फ्रांसिस्को पिज़ारो ने 15 नवंबर, 1532 ई० को पेरू पर आक्रमण कर दिया था। उसने धोखे से पेरू के नव-नियुक्त शासक अताहुआल्पा को बंदी बना लिया था। अताहुआल्पा द्वारा भारी फिरौती देने के बावजूद भी उसका वध कर दिया गया।

इसके पश्चात् पिज़ारो ने सुगमता से संपूर्ण इंका साम्राज्य पर अधिकार कर लिया। 1535 ई० में उसने लिमा को पेरू साम्राज्य की राजधानी घोषित किया। अपने शासनकाल के दौरान पिज़ारो ने वहाँ के लोगों पर घोर अत्याचार किए। परिणामस्वरूप 26 जून, 1541 ई० को पिज़ारो का लिमा में वध कर दिया गया।

प्रश्न 7.
अरावाकी सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
(1) अरावाकी लोग बहुत शाँतिप्रिय थे। वे लड़ने की अपेक्षा बातचीत से झगड़ा निपटाना अधिक पसंद करते थे।

(2) अरावाकी लोग अपने वंश के बुजुर्गों के अधीन संगठित रहते थे। उनका न तो कोई राजा था तथा न ही कोई सेना। चर्च का भी उनके जीवन पर कोई नियंत्रण न था। इस प्रकार वे एक स्वतंत्र जीवन व्यतीत करते थे।

(3) वे कुशल नौका निर्माता थे। वे नौकाओं में बैठकर खुले समुद्र की यात्रा करते थे एवं मछलियाँ पकड़ते थे। उनके प्रमुख शस्त्र तीर एवं कमान थे। इनके द्वारा वे पशुओं का शिकार करते थे।

(4) अरावाकी गाँवों में रहते थे। उनके घर साधारण प्रकार के थे। यद्यपि वे सोने के गहने पहनते थे। किंतु वे यूरोपियों की तरह सोने को उतना महत्त्व नहीं देते थे।

(5) वे बुनाई की कला में बहुत निपुण थे। उनके हैमक नामक झूले को देखकर यूरोपीय भी दंग रह गए थे।

(6) अरावाकियों का धर्म के अटूट विश्वास था। वे जीववादी थे। उनका विश्वास था कि निर्जीव वस्तुओं पत्थर एवं पेड़ आदि में भी जीवन होता है। वे जादू-टोनों में भी विश्वास रखते थे।

प्रश्न 8.
एजटेक सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ लिखो।
उत्तर:
(1) एजटेक समाज में सम्राट् का स्थान सर्वोच्च था। उसे पृथ्वी पर सूर्य देवता का प्रतिनिधि समझा जाता था।

(2) एज़टेक शासक महान् कला प्रेमी थे। एजटेक सम्राट् मोंटेजुमा प्रथम ने 1325 ई० में टेनोक्टिटलान नामक राजधानी का निर्माण करवाया।

(3) एज़टेक समाज श्रेणीबद्ध था। इसमें अभिजात वर्ग को सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त था। समाज में सबसे निम्न स्थान दासों का था। उनकी स्थिति अत्यंत शोचनीय थी।

(4) एजटेक लोग विभिन्न प्रकार के व्यवसाय करते थे। उनका मुख्य व्यवसाय कृषि था।

(5) एजटेक लोग शिक्षा पर विशेष बल देते थे। अभिजात वर्ग के बच्चे जिन स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करते थे। उनको कालमेकाक कहा जाता था।

(6) एज़टेक समाज में स्त्रियों की दशा अच्छी थी। उन्हें शिक्षा का अधिकार प्राप्त था। कुछ स्त्रियाँ पुरोहित का कार्य करती थीं।

(7) धर्म एज़टेक लोगों का जीवन का मुख्य आधार था। सूर्य देवता उनका सबसे प्रमुख देवता था। युद्ध देवता और अन्न देवी उनके प्रमुख देवी-देवता थे।

प्रश्न 9.
एजटेक और मेसोपोटामयी सभ्यताओं की तुलना कीजिए।
उत्तर:

  • एज़टेक एवं मेसोपोटामयी दोनों ही सभ्यताएँ एक विशाल क्षेत्र में फैली हुई थीं।
  • दोनों ही सभ्यताओं के समाज में सम्राट् को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था।
  • दोनों ही सभ्यताओं का समाज श्रेणीबद्ध था। समाज में सबसे निम्न स्थान दासों को दिया गया था। उनकी स्थिति अत्यंत शोचनीय थी।
  • दोनों ही सभ्यताओं के लोगों के जीवन में धर्म की प्रमुख भूमिका थी। लोग अपने देवी-देवताओं की स्मृति में भव्य मंदिरों का निर्माण करते थे।
  • दोनों ही सभ्यताओं के समाज में स्त्रियों की दशा अच्छी थी। उन्हें अनेक अधिकार प्राप्त थे।
  • एजटेक समाज में शिक्षा पर विशेष बल दिया जाता था। मेसोपोटामयी सभ्यता के लोग कम शिक्षित थे।

प्रश्न 10.
इंका लोगों की संस्कृति की प्रमुख उपलब्धियाँ क्या थी ? वर्णन कीजिए।
उत्तर:

  • इंका साम्राज्य में सम्राट की स्थिति सर्वोच्च थी। उसे सूर्य देवता का पुत्र समझा जाता था।
  • इंका सभ्यता के लोग महान् भवन निर्माता थे। कुजको एवं माचू-पिच्चू नामक शहर उनकी उच्च कोटि की कला के प्रतीक हैं।
  • इंका समाज अनेक श्रेणियों में विभाजित था। समाज में सबसे निम्न स्थान दासों को प्राप्त था। उनका जीवन नरक समान था।
  • इंका समाज में स्त्रियों की स्थिति अच्छी थी। उनका परिवार में काफ़ी सम्मान किया जाता था। उन्हें अनेक अधिकार भी प्राप्त थे।
  • इंका समाज में शिक्षा को विशेष महत्त्व दिया जाता था। सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्कूल भेजा जाता था।
  • इंका समाज में नैतिकता पर विशेष बल दिया जाता था। लोग सादा एवं पवित्र जीवन व्यतीत करते थे।

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प्रश्न 11.
इंका सभ्यता के लोग महान् भवन निर्माता थे। क्या आप इस कथन से सहमत हैं ?
उत्तर:
इंका सभ्यता के लोग महान् भवन निर्माता थे। कुजको एवं माचू-पिच्चू नामक शहरों में बने उनके भव्य महल, किले, मंदिर एवं अन्य भवन उनकी उच्च कोटि की भवन-निर्माण कला को दर्शाते हैं। इन भवनों की दीवारों को बनाते समय वे विशाल पत्थरों का प्रयोग करते थे। इनमें से कुछ पत्थरों का वज़न 100 टन से भी अधिक तक होता था। इन पत्थरों को वे मजदूरों एवं रस्सियों के सहयोग से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते थे।

इन पत्थरों को जो कि वास्तव में बड़ी चट्टानें होती थीं बहुत बारीकी से तराशा जाता था। इन पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए इंका मिस्त्री किसी गारे अथवा सीमेंट का प्रयोग नहीं करते थे। इसके बावजूद उनके द्वारा बनवाए गए भवन इतने मज़बूत होते थे कि सैंकड़ों वर्ष बीत जाने के बाद एवं कुछ विनाशकारी भूकंपों के बावजूद वे नष्ट नहीं हुए। इन भवनों को शल्क पद्धति द्वारा सुंदर बनाया जाता था। भवनों के अतिरिक्त इंका लोगों ने पहाड़ों के मध्य संपूर्ण साम्राज्य में सड़कें, पुल एवं सुरंगें बनाईं। इनसे उनके इंजीनियरिंग कौशल का पता चलता है।

प्रश्न 12.
माया लोगों की अति महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ क्या थी ?
उत्तर:
(1) माया समाज अनेक श्रेणियों में विभाजित था। समाज में सर्वोच्च स्थान पुरोहितों को प्राप्त था। राजा उनके परामर्श के बिना कोई कार्य नहीं करता था।

(2) माया लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि था। उनके कृषि करने के ढंग उन्नत एवं कुशलतापूर्वक थे। अतः उस समय फ़सलों की भरपूर पैदावार होती थी।

(3) माया लोगों का धर्म में अटूट विश्वास था। वे अनेक देवी-देवताओं की उपासना करते थे। उनके दो प्रमुख देवता सूर्य देवता एवं मक्का देवता थे।

(4) माया लोग कला के महान् प्रेमी थे। उन्होंने यूनानी एवं रोमनों की तरह भवन निर्माण कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनका आठवीं शताब्दी ग्वातेमाला में निर्मित टिक्ल मंदिर सर्वाधिक प्रसिद्ध था।

(5) माया सभ्यता की पंचांग के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण देन थी। उन्होंने दो प्रकार के पंचांग तैयार किए। प्रथम पंचांग धर्म-निरपेक्ष था। दूसरा पंचांग धार्मिक था।

(6) माया सभ्यता अमरीका की प्रथम सभ्यता थी जिसने सर्वप्रथम लिपि का विकास किया।

प्रश्न 13.
माया सभ्यता की कला के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
माया लोग कला के महान् प्रेमी थे। उन्होंने यूनानी एवं रोमनों की तरह भवन निर्माण कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने अनेक भव्य नगरों, महलों, पिरामिडों, मंदिरों एवं वेधशालाओं का निर्माण करवाया। माया लोगों ने जिन नगरों का निर्माण किया उनमें टिक्ल, कोपान, पालेंक, कोबा, युकाटान, बोनामपाक तथा उक्समल आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।

इन नगरों को अनेक भव्य भवनों, उद्यानों एवं फव्वारों से सुसज्जित किया गया था। माया कलाकारों द्वारा बनाए गए महलों को देखकर व्यक्ति चकित रह जाता है। ये महल बहुत विशाल एवं सुंदर थे। इनमें शाही परिवार के अतिरिक्त अनेक अन्य व्यक्तियों के लिए निवास स्थान बनाए जाते थे। इन महलों की छतों एवं दीवारों को अनेक प्रकार के चित्रों से सुसज्जित किया जाता था।

इन चित्रों में चटकीले रंग भरे गए हैं। माया लोगों ने बहुत विशाल पिरामिड बनवाए। इन पिरामिडों के ऊपर मंदिरों का निर्माण किया जाता था। इन मंदिरों में अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित की जाती थीं। ये मूर्तियाँ देखने में बिल्कुल सजीव लगती थीं।

प्रश्न 14.
माया सभ्यता का पतन क्यों हुआ ?
उत्तर:
माया सभ्यता का पतन क्यों हुआ इस संबंध में इतिहासकारों में मतभेद हैं। कुछ इतिहासकारों का विचार है कि माया सभ्यता का अंत वहाँ आने वाले भयंकर भूकंपों एवं समुद्री तूफानों के कारण हुआ। कुछ अन्य के विचारों के अनुसार माया सभ्यता का विनाश वहाँ फैलने वाली भयंकर बीमारियों के कारण हुआ। इस कारण बड़ी संख्या में लोग मृत्यु का शिकार हो गए थे।

कुछ इतिहासकारों का विचार है कि माया सभ्यता का अंत वहाँ आए जलवायु परिवर्तन के कारण हुआ। वहाँ काफ़ी लंबे समय तक सूखा पड़ा। इस कारण फ़सलें नष्ट हो गई एवं लोग भूखे मर गए। कुछ इतिहासकारों का कथन है कि माया सभ्यता के पतन में वहाँ होने वाले किसान विद्रोहों ने प्रमुख भूमिका निभाई।

अधिकाँश इतिहासकारों का माना है कि माया सभ्यता का अंत 1519 ई० में हरनेंडो कोर्टेस के आक्रमण के कारण हुआ। उसने 1521 ई० में मैक्सिको को अपने अधीन कर लिया था।

प्रश्न 15.
ओलाउदाह एक्वियानो कौन था ?
उत्तर:
ओलाउदाह एक्वियानो नाईजीरिया का रहने वाला था। 11 वर्ष की उम्र में उसे गुलाम बना लिया गया था। उसे गुलाम के रूप में दक्षिण अमरीका में बेच दिया गया। वहाँ से उसे इंग्लैंड के एक कप्तान ने खरीद लिया। 1766 ई० में उसने अपने स्वामी से मुक्ति प्राप्त कर ली। इसके पश्चात् उसने विभिन्न देशों में दास्ता के विरुद्ध प्रचार किया। 1789 ई० में उसकी आत्मकथा दि इनटरेस्टिंग नैरैटिव ऑफ़ दि लाइफ ऑफ़ ओलाउदाह एक्वियानो प्रकाशित हुई।

यह पुस्तक शीघ्र ही संपूर्ण विश्व में बहुत लोकप्रिय हुई तथा इसका विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद किया गया। इस पुस्तक में ओलाउदाह एक्वियानो ने एक गुलाम के रूप में अपनी यात्रा तथा गुलामों के जीवन के बारे में विस्तृत प्रकाश डाला है। गुलाम प्रथा का अंत करने में इस पुस्तक ने प्रमुख भूमिका निभाई।

प्रश्न 16.
दासों के जीवन पर एक संक्षिप्त नोट लिखिए।
उत्तर:
दक्षिण अमरीका में दासों का जीवन नरक समान था। उनसे अधिकांशतः खेती का कार्य करवाया जाता था। कुछ गुलाम खानों में भी काम करते थे। इन्हें अत्यंत भयावह स्थितियों में कार्य करना पड़ता था। कार्य के दौरान उन्हें जंजीरों से जकड़ कर रखा जाता था ताकि वे भागने न पाएँ। उन पर अनेक प्रकार के अन्य अमानवीय अत्याचार किए जाते थे। इन अत्याचारों के कारण अनेक गुलामों की मृत्यु हो जाती थी।

इसके बावजूद गोरे लोगों पर किसी प्रकार का न तो कोई मुकद्दमा चलता था तथा न ही उन्हें कोई सज़ा दी जाती थी। कठोर श्रम करने के बावजूद इन गलामों को दो समय भर पेट खाना भी नसीब नहीं होता था। वे गंदी झोंपडियों में रहते थे। वे अर्द्धनग्न घमते रहते थे। घरों में कार्य करने वाले दासों की स्थिति यद्यपि कुछ अच्छी थी, किंतु उन्हें भी अपने मालिकों के घोर अत्याचारों को सहन करना पड़ता था।

प्रश्न 17.
दास व्यापार के क्या परिणाम निकले ?
उत्तर:
दास व्यापार के अनेक दूरगामी परिणाम निकले। प्रथम, यह व्यापार विशेष रूप से अफ्रीका के लिए हानिकारक सिद्ध हुआ। दास व्यापार 15वीं शताब्दी में बहुत छोटे पैमाने पर आरंभ हुआ था। इस व्यापार ने 17वीं एवं 18वीं शताब्दियों में बहुत विकास कर लिया था। इस व्यापार के चलते अफ्रीका के दो तिहाई पुरुषों को दास बना कर यूरोप की मंडियों में बेच दिया गया था।

अतः अफ्रीका में लिंग अनुपात गड़बड़ा गया। अफ्रीका में स्त्रियों की संख्या बहुत बढ़ गई। उन्हें अनेक प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ा। वे खेतों में काम करने के लिए बाध्य हुईं। यह कार्य पहले पुरुष किया करते थे। दूसरा, इस प्रथा के चलते दासों को घोर अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका जीवन नरक समान था।

बाध्य होकर अनेक बार दास या तो भाग जाते थे या फिर विद्रोह कर देते थे। दास व्यापार यूरोपियों के दृष्टिकोण से बहुत लाभकारी प्रमाणित हुआ। दासों की मेहनत के परिणामस्वरूप यूरोपीय अर्थव्यवस्था ने उल्लेखनीय प्रगति की।

प्रश्न 18.
दास प्रथा का उन्मूलन किस प्रकार हुआ ?
उत्तर:
दासों के साथ किए जाने वाले अमानुषिक व्यवहार के कारण अनेक देशों में इस क्रूर प्रथा के विरुद्ध आवाज़ बुलंद होने लगी। बहत-से नेताओं ने इस प्रथा का अंत करने के लिए अपनी सरकारों को प्रेरित किया। इसके लिए उन्हें एक लंबा संघर्ष करना पड़ा। अंत में उनकी प्रेरणा रंग लाई। इसके चलते सर्वप्रथम डेनमार्क ने 1803 ई० में दासों के व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया।

यह निस्संदेह दास प्रथा का उन्मूलन करने की दिशा में उठाया गया प्रथम महत्त्वपूर्ण पग था। डेनमार्क का अनुसरण करते हुए ब्रिटेन ने 1807 ई० में, फ्राँस ने 1814 ई० में, नीदरलैंड ने 1817 ई० में तथा स्पेन ने 1845 ई० में गुलामों के व्यापार पर पूर्णतः निषेध लगा दिया। 1833 ई० में सर्वप्रथम ब्रिटेन ने दास प्रथा का अंत करने की घोषणा की।

इसके पश्चात् फ्राँस ने 1848 ई० में, संयुक्त राज्य अमरीका ने 1865 ई० में, क्यूबा ने 1886 ई० में तथा ब्राज़ील ने 1888 ई० में दास प्रथा का अंत कर दिया। दास प्रथा का उन्मूलन निस्संदेह एक नए युग का संकेत था।

अति संक्षिप्त उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कोई ऐसे दो कारण बताएँ जिनसे 15वीं शताब्दी में सबसे पहले यूरोपीय नौचालन को सहायता मिली ?
उत्तर:

  • 14वीं एवं 15वीं शताब्दियों में जहाजरानी से संबंधित नए आविष्कारों ने नाविकों की समुद्री यात्राओं को सुगम बना दिया।
  • पुर्तगाल के राजकुमार हेनरी ने यूरोपीय नौचालन को यथासंभव सहायता प्रदान की।

प्रश्न 2.
किन कारणों से स्पेन और पुर्तगाल ने पंद्रहवीं शताब्दी में सबसे पहले अटलांटिक महासागर के पार जाने का साहस किया ?
उत्तर:

  • उस समय स्पेन और पुर्तगाल की अर्थव्यवस्था अच्छी थी। इस कारण वे अटलांटिक महासागर के पार जाने का खर्चा उठा सकने में सक्षम थे।
  • स्पेन एवं पुर्तगाल के शासकों ने अटलांटिक महासागर के पार जाने वाले नाविकों की प्रत्येक संभव सहायता की।
  • ईसाई प्रचारक वहाँ ईसाई धर्म का प्रचार करना चाहते थे।

प्रश्न 3.
कुतबनुमा का आविष्कार कब हुआ ? इसने नौचालन को कैसे प्रेरित किया ?
उत्तर:

  • कुतबनुमा का आविष्कार 1380 ई० में हुआ।
  • इसने नाविकों को खुले समुद्र में दिशाओं की सही जानकारी प्रदान की। इससे सुदूर समुद्री यात्राएं करना संभव हआ।

प्रश्न 4.
टॉलेमी कहाँ का निवासी था ? उसकी प्रसिद्ध रचना का नाम क्या था ? इसका प्रकाशन कब हुआ था ?
उत्तर:

  • टॉलेमी मित्र का निवासी था।
  • उसकी प्रसिद्ध रचना का नाम ज्योग्राफी था।
  • इसका प्रकाशन 1477 ई० में हुआ था।

प्रश्न 5.
मार्को पोलो कौन था ?
उत्तर:

  • मार्को पोलो इटली के शहर वेनिस का एक महान् यात्री था।
  • वह 1275 ई० में मंगोलों के महान् नेता कुबलई खाँ के दरबार में पीकिंग पहुंचा।
  • उसने मार्को पोलो की यात्राएँ नामक प्रसिद्ध पुस्तक की रचना की।

प्रश्न 6.
रीकांक्वेस्टा (Reconquista) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
रीकांक्वेस्टा से अभिप्राय है पुनर्विजय। ईसाई राजाओं ने 1492 ई० में आईबेरियन प्रायद्वीप को अरबों के कब्जे से छडा लिया था। इस सैनिक विजय को रीकांक्वेस्टा कहा जाता है।

प्रश्न 7.
कैपिटुलैसियोन (Capitulaciones) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
कैपिटुलैसियोन से अभिप्राय स्पेन के शासक द्वारा दिए गए इकरारनामों से है। इन इकरारनामों द्वारा स्पेन के शासक ने नए जीते गए प्रदेशों पर उन्हें जीतने वाले अभियानों के नेताओं को पुरस्कार के रूप में उनका शासनाधिकार दिया।

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प्रश्न 8.
कौन-सी नयी खाद्य वस्तुएँ दक्षिणी अमरीका से बाकी दुनिया को भेजी जाती है ?
उत्तर:
दक्षिणी अमरीका से तंबाकू, आलू, गन्ने की चीनी, ककाओ, रबड़, लाल मिर्च, मक्का, कसावा एवं कुमाला नामक नयी खाद्य वस्तुएँ बाकी दुनिया को भेजी जाती थीं।

प्रश्न 9.
कार्डिनल पिएर डिऐली (Cardinal Pierre di Ailly) कौन था ?
उत्तर:

  • वह एक प्रसिद्ध फ्रांसीसी दार्शनिक था।
  • उसने खगोलशास्त्र एवं भूगोल पर ‘इमगो मुंडी’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक की रचना की।

प्रश्न 10.
क्रिस्टोफर कोलंबस कहाँ का निवासी था ? वह बहामा द्वीप समूह में कब पहुँचा ?
उत्तर:

  • क्रिस्टोफर कोलंबस इटली का निवासी था।
  • वह बहामा द्वीप समूह में 12 अक्तूबर, 1492 ई० को पहुँचा।

प्रश्न 11.
कोलंबस गुआनाहानि कब पहुँचा ? उसने इस द्वीप का क्या नाम रखा ?
उत्तर:

  • कोलंबस गुआनाहानि 12 अक्तूबर, 1492 ई० को पहुंचा।
  • उसने इस द्वीप का नाम सैन सैल्वाडोर रखा।

प्रश्न 12.
कोलंबस का नाम क्यों प्रसिद्ध है ?
उत्तर:

  • उसने नयी दुनिया की खोज की।
  • उसने उपनिवेशों के युग का आरंभ किया।
  • उसने यूरोप को कच्चे माल एवं खनिज पदार्थों के नए स्रोत दिए।

प्रश्न 13.
नयी दुनिया को अमरीका का नाम किसने, कब तथा किसकी स्मृति में दिया ?
उत्तर:
नयी दुनिया को अमरीका का नाम एक जर्मन प्रकाशक ने 1507 ई० में अमेरिगो वेस्पुसी की स्मृति में दिया।

प्रश्न 14.
कोक्विस्टोडोर (Conquistadores) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
कोक्विस्टोडोर से अभिप्राय स्पेनी विजेताओं एवं उनके सैनिकों से है जिन्होंने नयी दुनिया में अपने साम्राज्य स्थापित किए।

प्रश्न 15.
हरनेंडो कोर्टेस ने मैक्सिको पर कब आक्रमण किया था ? उस समय वहाँ का शासक कौन
उत्तर:

  • हरनेंडो कोर्टेस ने मैक्सिको पर 1519 ई० में आक्रमण किया था।
  • उस समय वहाँ का शासक मोंटेजुमा द्वितीय था।

प्रश्न 16.
डोना मैरीना (Dona Marina) कौन थी ?
उत्तर:
वह मैक्सिको की एक राजकुमारी थी। उसकी माँ ने उसे टैबैस्को लोगों को एक दासी के रूप में बेच दिया था। वह स्पेनिश एवं मैक्सिकन भाषाओं में बहुत प्रवीण थी। उसने हरनेंडो कोर्टेस के लिए दुभाषिये का काम किया था। उसके सहयोग के बिना हरनेंडो कोर्टेस के लिए मैक्सिको पर विजय पाना अत्यंत कठिन था।

प्रश्न 17.
मोंटेजुमा द्वितीय कौन था ?
उत्तर:
मोटेजुमा द्वितीय मैक्सिको का शासक था। वह इस पद पर 1502 ई० से 1520 ई० तक रहा। वह अपने अत्याचारों के कारण प्रजा में बहुत बदनाम था। हरनेंडो कोर्टेस ने 1519 ई० में उसकी राजधानी टेनोक्टिटलान पर आक्रमण कर धोखे से बंदी बना लिया था। 29 जून, 1520 ई० को मोंटेजुमा द्वितीय को मौत के घाट उतार दिया गया।

प्रश्न 18.
हरनेंडो कोर्टस क्यों प्रसिद्ध था ?
उत्तर:
हरनेंडो कोर्टेस स्पेन का एक प्रसिद्ध कोक्विस्टोडोर था। उसने 1519 ई० में मैक्सिको पर आक्रमण कर इसके शासक मोंटेजुमा द्वितीय को बंदी बना लिया था। उसने 1521 ई० में मैक्सिको पर कब्जा कर एज़टेक साम्राज्य का अंत कर दिया था। उसे स्पेन के शासक चार्ल्स पँचम ने न्यू स्पेन (मैक्सिको) का गवर्नर एवं कैप्टन-जनरल नियुक्त किया था। वह इस पद पर 1541 ई० तक रहा।

प्रश्न 19.
फ्रांसिस्को पिज़ारो कौन था ?
उत्तर:
फ्रांसिस्को पिज़ारो स्पेन का एक प्रसिद्ध विजेता था। उसने 1532 ई० में पेरू में स्थापित इंका साम्राज्य पर आक्रमण कर दिया था। उसने धोखे से इसके शासक अताहुआल्पा को बंदी बना लिया। उसने अताहुआल्पा से भारी फिरौती लेने के बावजूद उसका 1533 ई० में वध कर दिया। उसने इंका साम्राज्य में भयंकर लूटमार की। उसने 1535 ई० में लिमा को पेरू की नई राजधानी बनाया। 26 जून, 1541 ई० को पिज़ारो का लिमा में उसके विरोधियों ने वध कर दिया।

प्रश्न 20.
पेड्रो अल्वारिस कैब्राल का नाम क्यों प्रसिद्ध था ?
उत्तर:
पेड्रो अल्वारिस कैब्राल पुर्तगाल का एक प्रसिद्ध नाविक था। उसने 22 अप्रैल, 1500 ई० को ब्राज़ील की खोज की। पुर्तगालियों ने यहाँ से मिलने वाली ब्राज़ीलवुड का भरपूर लाभ उठाया। इससे लाल रंजक (red dye) तैयार की जाती थी।

प्रश्न 21.
आरंभ में पुर्तगालियों ने ब्राज़ील की ओर कम ध्यान क्यों दिया ?
उत्तर:
आरंभ में पुर्तगालियों ने ब्राजील की ओर कम ध्यान इसलिए दिया क्योंकि वहाँ सोना अथवा चाँदी मिलने की संभावना बहुत कम थी। दूसरा, पुर्तगाली उस समय पश्चिमी भारत के साथ अपना व्यवसाय करने के लिए अधिक उत्सुक थे।

प्रश्न 22.
यूरोपीय जेसुइट पादरियों के विरुद्ध क्यों थे ?
उत्तर:

  • वे सभी लोगों की स्वतंत्रता के पक्ष में थे।
  • उन्होंने दास प्रथा की कड़े शब्दों में आलोचना की।
  • उन्होंने यूरोपियों को मूल निवासियों के साथ अच्छा बर्ताव करने का परामर्श दिया।

प्रश्न 23.
पोटोसी (Potosi) को नरक का मुख किसने कहा और क्यों ?
उत्तर:
पोटोसी को नरक का मुख एक संन्यासी डोमिनिगो डि सैंटो टॉमस (Dominigo de Santo Tomas) ने कहा। इसका कारण यह था कि प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में इंडियन लोग जो यहाँ की खानों में काम करते थे मृत्यु का ग्रास बन जाते थे। इन खानों के मालिक इन लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार करते थे।

प्रश्न 24.
दक्षिणी अमरीका को लैटिन अमरीका क्यों कहा जाता है ?
उत्तर
दक्षिणी अमरीका को लैटिन अमरीका इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहाँ स्पेनी एवं पुर्तगाली दोनों ही भाषाएँ बोली जाती थीं। ये दोनों ही भाषाएँ लैटिन भाषा परिवार से संबंधित हैं। अतः दक्षिणी अमरीका को लैटिन अमरीका कहा जाने लगा।

प्रश्न 25.
अरावाकी लुकायो कौन थे?
उत्तर:

  • वे बहुत शांतिप्रिय लोग थे।
  • वे लड़ने की अपेक्षा बातचीत से झगड़ा निपटाना अधिक पसंद करते थे।

प्रश्न 26.
अरावाकी सभ्यता की कोई दो विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:

  • वे अपने वंश के बुजुर्गों के अधीन संगठित रहते थे।
  • उनमें बहु-विवाह प्रथा प्रचलित थी।

प्रश्न 27.
अरावाकी लोगों का आरंभ में स्पेनियों के प्रति कैसा व्यवहार था ? बाद में इस व्यवहार में परिवर्तन क्यों आया ?
उत्तर:

  • अरावाकी लोगों का आरंभ में स्पेनियों के प्रति व्यवहार मैत्रीपूर्ण था।
  • बाद में इस व्यवहार में परिवर्तन का कारण स्पेनियों द्वारा मूल निवासियों के प्रति अपनाई गई क्रूर नीति थी।

प्रश्न 28.
तुपिनांबा लोग कहाँ रहते थे ? वे खेती के लिए घने जंगलों का सफ़ाया क्यों न कर सके ?
उत्तर:

  • तुपिनांबा लोग दक्षिणी अमरीका के पूर्वी तट पर रहते थे।
  • वे खेती के लिए घने जंगलों का सफाया इसलिए नहीं कर सके क्योंकि उनके पास पेड़ काटने के लिए लोहे का कुल्हाड़ा नहीं था।

प्रश्न 29.
स्पेनियों के संपर्क में आने के बाद 25 वर्ष के अंदर ही अरावाकी सभ्यता लुप्त क्यों हो गई ? कोई दो कारण बताएँ।
उत्तर:

  • स्पेनियों ने अरावाकियों का क्रूरता से दमन किया।
  • स्पेनियों के आगमन से अरावाकियों में अनेक भयंकर बीमारियाँ फैल गईं। परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में अरावाकियों की मृत्यु हो गई।

HBSE 11th Class history Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

प्रश्न 30.
एजटेक साम्राज्य की राजधानी का नाम क्या था ? इसका निर्माण कब किया गया था ?
उत्तर:

  • एज़टेक साम्राज्य की राजधानी का नाम टेनोक्टिटलान (Tenochtitlan) था।
  • इसका निर्माण 1325 ई० में किया गया।

प्रश्न 31.
एज़टेक की राजधानी टेनोक्टिटलान का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:

  • इसका निर्माण 1325 ई० में किया गया था।
  • इसे भव्य महलों, मंदिरों एवं उपवनों से सुसज्जित किया गया था।

प्रश्न 32.
एज़टेक सभ्यता की कोई दो विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:

  • एजटेक समाज में सम्राट को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था।
  • एज़टेक समाज श्रेणीबद्ध था। अभिजात वर्ग को विशेष अधिकार प्राप्त थे।

प्रश्न 33.
एजटेक समाज में सम्राट् की स्थिति क्या थी ?
उत्तर:

  • एज़टेक समाज में सम्राट को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था।
  • उसे निरंकुश शक्तियाँ प्राप्त थीं।
  • उसे पृथ्वी पर सूर्य देवता का प्रतिनिधि समझा जाता था।

प्रश्न 34.
चिनाम्पा. (Chinampas) से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
चिनाम्पा मैक्सिको झील में बने कृत्रिम टापू थे। इन्हें सरकंडे की बहुत बड़ी चटाइयाँ बुनकर इन्हें मिट्टी तथा पत्तों से ढककर बनाया जाता था। ये अत्यंत उपजाऊ थे।

प्रश्न 35.
कालमेकाक (Calmecac) तथा तेपोकल्ली (Telpochcally) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:

  • कालमेकाक एजटेक लोगों के वे स्कल थे जिनमें अभिजात वर्ग के बच्चे शिक्षा प्राप्त करते थे।
  • तेपोकल्ली वे स्कल थे जिनमें साधारण वर्ग के बच्चे शिक्षा प्राप्त करते थे।

प्रश्न 36.
एज़टेक समाज में लड़कों एवं लड़कियों को किस प्रकार की शिक्षा दी जाती थी ?
उत्तर:

  • एज़टेक समाज में लड़कों को पुरोहित एवं सैनिक बनने की शिक्षा दी जाती थी।
  • एजटेक समाज में लड़कियों को घरेलू कार्यों की शिक्षा दी जाती थी।

प्रश्न 37.
एज़टेक समाज में स्त्रियों की स्थिति कैसी थी ?
उत्तर:
एजटेक समाज में स्त्रियों की स्थिति बहुत अच्छी थी। वे शिक्षा प्राप्त करती थीं। वे सामान्यतः घरेलू कार्य करती थीं। कुछ स्त्रियाँ खेती का एवं कुछ पुरोहित का कार्य भी करती थीं। उनका विवाह प्रायः 16 वर्ष की आयु में किया जाता था।

प्रश्न 38.
एजटेक लोगों के धार्मिक जीवन की मुख्य विशेषताएँ क्या थी ?
उत्तर:

  • वे अनेक देवी-देवताओं की उपासना करते थे।
  • सूर्य देवता एवं युद्ध देवता उनके दो प्रमुख देवते थे।
  • वे अपने देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए मनुष्यों की बलियाँ देते थे।

प्रश्न 39.
एजटेक सभ्यता के पतन के कोई दो प्रमुख कारण बताएँ।
उत्तर:

  • एज़टेक शासकों ने गैर-एज़टेक लोगों पर घोर अत्याचार किए। इस कारण उनमें भारी असंतोष था।
  • एज़टेक साम्राज्य में रोजाना बड़ी संख्या में लोगों की बलि दी जाती थी। अत: वे ऐसे शासन का अंत करना चाहते थे।

प्रश्न 40.
एजटेक और मेसोपोटामई सभ्यता की तुलना कीजिए।
उत्तर:

  • एज़टेक और मेसोपोटामई सभ्यताएँ एक विशाल क्षेत्र में फैली हुई थीं।
  • दोनों सभ्यताओं के समाजों में दासों को सबसे निम्न स्थान प्राप्त था।
  • दोनों सभ्यताओं में स्त्रियों की स्थिति अच्छी थी।

प्रश्न 41.
इंका सभ्यता का संस्थापक कौन था ? उसकी राजधानी का नाम क्या था ?
उत्तर:

  • इंका सभ्यता का संस्थापक मैंको कपाक था।
  • उसकी राजधानी का नाम कुजको था।

प्रश्न 42.
इंका सभ्यता का सबसे शक्तिशाली शासक कौन था ? वह सिंहासन पर कब बैठा था ?
उत्तर:

  • इंका सभ्यता का सबसे शक्तिशाली शासक पचकुटी इंका था।
  • वह 1438 ई० में सिंहासन पर बैठा था।

प्रश्न 43.
इंका साम्राज्य की राजधानी एवं प्रशासनिक भाषा का नाम बताएँ।
उत्तर:

  • इंका साम्राज्य की राजधानी का नाम कुजको (Cuzco) था।
  • इंका साम्राज्य की प्रशासनिक भाषा कवेचुआ (Quechua) थी।

प्रश्न 44.
इंका सभ्यता की मुख्य विशेषताएँ बताएँ।
अथवा
इंका समाज की कोई दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:

  • इंका साम्राज्य में सम्राट की स्थिति सर्वोच्च थी।
  • इंका समाज विभिन्न श्रेणियों में विभाजित था।
  • इंका सभ्यता का आधार कृषि था।

प्रश्न 45.
इंका लोग उच्चकोटि के भवन निर्माता थे। कैसे ?
उत्तर:

  • उन्होंने कुजको एवं माचू-पिच्चू में भव्य महलों, किलों एवं मंदिरों का निर्माण किया।
  • उन्होंने पहाड़ों के बीच इक्वेडोर से चिली तक अनेक सड़कें बनाईं।

प्रश्न 46.
इंका भवनों की कोई दो विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:

  • वे अपने भवनों में विशाल पत्थरों का प्रयोग करते थे।
  • वे अपने भवनों को शल्क पद्धति (flaking) द्वारा सुंदर बनाते थे।

प्रश्न 47.
“इंका समाज में स्त्रियों की स्थिति अच्छी थी।” कोई दो तर्क दें।
उत्तर:

  • उनका परिवार में पूर्ण सम्मान किया जाता था।
  • उन्हें शिक्षा का अधिकार प्राप्त था।

प्रश्न 48.
क्विपु (quipu) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
क्विपु इंका लोगों की एक प्रणाली थी। इससे चीजों को स्मरण रखने में सहायता मिलती थी। इसमें एक डंडा होता था जिसमें विभिन्न रंगों की रस्सियों से गाँठ बाँधी जाती थी। प्रत्येक गाँठ एक किस्म का संकेत देती थी जिससे उस वस्तु का अनुमान लगाया जाता था।

प्रश्न 49.
इंका कृषि की कोई दो विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:

  • वे कृषि के लिए पहाड़ों में सीढ़ीदार खेत (terraces) बनाते थे।
  • उनकी दो प्रमुख फ़सलें मक्का एवं आलू थीं।

प्रश्न 50.
इंका लोग लामा (Ilama) का पालन क्यों करते थे ?
उत्तर:

  • वे इससे भार ढोने का कार्य लेते थे।
  • वे इससे ऊन प्राप्त करते थे।
  • वे इसका माँस खाते थे।

HBSE 11th Class history Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

प्रश्न 51.
इंका लोगों के धार्मिक जीवन की मुख्य विशेषताएँ क्या थी ?
उत्तर:

  • उनका प्रमुख देवता सूर्य था।
  • वे अपने देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए जानवरों एवं कभी-कभी मनुष्यों की बलियाँ देते थे।
  • वे मृत्यु के बाद जीवन में विश्वास रखते थे।

प्रश्न 52.
इंका सभ्यता के पतन के कोई दो कारण लिखें।
उत्तर:

  • इंका शासक अताहुआल्पा एक योग्य शासक प्रमाणित न हुआ।
  • इंका स्पेनी आक्रमणकारी फ्रांसिस्को पिज़ारो का सामना न कर सके।

प्रश्न 53.
माया काल का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:

  • माया सभ्यता का आरंभ 1500 ई० पू० में हुआ था।
  • यह सभ्यता 300 ई० से 900 ई० के दौरान बहुत प्रफुल्लित हुई।
  • इस सभ्यता का अंत 1519 ई० में हुआ।

प्रश्न 54.
माया सभ्यता की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:

  • उनकी सभ्यता का मुख्य आधार मक्के की खेती थी।
  • माया समाज में पुरोहितों को मुख्य स्थान प्राप्त था।

प्रश्न 55.
मक्के की खेती माया सभ्यता का मुख्य आधार क्यों थी ?
उत्तर:
मक्के की खेती माया सभ्यता का मख्य आधार इसलिए थी क्योंकि उनके अनेक धार्मिक क्रियाकलाप एवं उत्सव मक्का बोने, उगाने एवं काटने से जुड़े थे।

प्रश्न 56.
माया लोगों के धार्मिक जीवन की कोई दो विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:

  • वे अनेक देवी-देवताओं की उपासना करते थे। उनके दो प्रमुख देवता सूर्य देवता एवं मक्का देवता थे।
  • वे मृत्यु के पश्चात् जीवन में विश्वास रखते थे।

प्रश्न 57.
माया मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध मंदिर कौन-सा था ? इसकी स्थापना कब और कहाँ की गई थी ?
उत्तर:

  • माया मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध मंदिर टिक्ल था।
  • इसकी स्थापना 8वीं शताब्दी में ग्वातेमाला में की गई थी।

प्रश्न 58.
माया पंचांग कितनी प्रकार के थे ? इनमें वर्ष में कितने दिन होते थे ?
उत्तर:

  • माया पंचांग दो प्रकार के थे।
  • इनमें एक वर्ष में 365 दिन एवं दूसरे में 260 दिन होते थे।

प्रश्न 59. माया लिपि की कोई दो विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:

  • माया लिपि चित्रात्मक थी।
  • इस लिपि को अभी तक पूरी तरह पढ़ा नहीं जा सका है।

प्रश्न 60.
माया सभ्यता के पतन के कोई दो कारण बताएँ।
उत्तर:

  • इस सभ्यता के पतन में किसानों के विद्रोह मुख्य रूप से उत्तरदायी थे।
  • 1519 ई० में हरनेंडो कोर्टेस के आक्रमण ने माया सभ्यता के पतन का डंका बजा दिया।

प्रश्न 61.
ओलाउदाह एक्वियानो (Olaudah Equiano) कहाँ का निवासी था ? जब उसे गुलाम बनाया गया तो उसकी आयु क्या थी ?
उत्तर:

  • ओलाउदाह एक्वियानो नाईजीरिया का निवासी था।
  • जब उसे गुलाम बनाया गया तो उसकी आयु 11 वर्ष थी।

प्रश्न 62.
ओलाउदाह एक्वियानो ने अपनी आत्मकथा कब लिखी ? इसका नाम क्या था ?
उत्तर:

  • ओलाउदाह एक्वियानो ने अपनी आत्मकथा 1789 ई० में लिखी।
  • इसका नाम दि इनटरेस्टिंग नैरैटिव ऑफ़ दि लाइफ ऑफ़ ओलाउदाह एक्वियानो था।

प्रश्न 63.
आधुनिक इतिहासकार एरिक विलियम्स ने कब तथा किस पुस्तक की रचना की ? इसका विषय क्या था ?
उत्तर:

  • आधुनिक इतिहासकार एरिक विलियम्स ने 1940 के दशक में कैपिटलिज्म एंड स्लेवरी’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक की रचना की।
  • इसका मुख्य विषय अफ्रीकी दासों के कष्टों का वर्णन करना था।

प्रश्न 64.
दासों पर लगे कोई दो प्रतिबंध बताएँ।
उत्तर:

  • वे अपने मालिकों से अनुमति पत्र लिए बिना अपने कार्य को नहीं छोड़ सकते थे।
  • वे अपने पास किसी किस्म का कोई हथियार नहीं रख सकते थे।।

प्रश्न 65.
किन्हीं दो देशों के नाम बताएँ जिन्होंने दास प्रथा का उन्मूलन किया। ऐसा कब किया गया ?
उत्तर:

  • ब्रिटेन एवं संयुक्त राज्य अमरीका ने दास प्रथा का उन्मूलन किया।
  • ऐसा क्रमवार 1833 ई० एवं 1865 ई० में किया गया।

प्रश्न 66.
दास प्रथा के कोई दो प्रभाव लिखें।
उत्तर:

  • अफ्रीका के अधिकांश पुरुषों को दास बना कर यूरोप में बेच दिया गया। इससे अफ्रीका में लिंग अनुपात गड़बड़ा गया।
  • दासों की मेहनत के कारण यूरोपीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिली।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न 

प्रश्न 1.
यूरोपवासियों ने खोज यात्राओं का श्रीगणेश किस शताब्दी में किया ?
उत्तर:
15वीं शताब्दी में।

प्रश्न 2.
15वीं शताब्दी में किन दो देशों ने समुद्री यात्राओं को प्रोत्साहित करने में उल्लेखनीय योगदान दिया ?
उत्तर:
पुर्तगाल एवं स्पेन।

प्रश्न 3.
तुर्कों ने कुंस्तुनतुनिया पर कब अधिकार किया ?
उत्तर:
1453 ई० में।

प्रश्न 4.
कुतबनुमा का आविष्कार कब हुआ था ?
उत्तर:
1380 ई० में।

प्रश्न 5.
विश्व का ठीक मानचित्र किसने बनाया था ?
उत्तर:
बतिस्ता ने।

प्रश्न 6.
टॉलेमी की ज्योग्राफ़ी किस वर्ष प्रकाशित हुई ?
उत्तर:
1477 ई० में।

प्रश्न 7.
मार्को पोलो कुबलई खाँ के दरबार में कब पहुँचा था ?
उत्तर:
1275 ई० में।

प्रश्न 8.
समुद्री खोज यात्राओं को प्रोत्साहित करने वाला राजकुमार हेनरी किस देश से संबंधित था ?
उत्तर:
पुर्तगाल।

प्रश्न 9.
क्रिस्टोफर कोलंबस किस देश का निवासी था ?
उत्तर:
इटली का।

प्रश्न 10.
इमगो मुंडी का लेखक कौन था ?
उत्तर:
कार्डिनल पिएर डिऐली।

प्रश्न 11.
क्रिस्टोफर कोलंबस गुआनाहानि कब पहुँचा ?
उत्तर:
1492 ई० में।

प्रश्न 12.
गुआनाहानि में कौन लोग रहते थे ?
उत्तर:
अरावाक।

प्रश्न 13.
कोलंबस ने गुआनाहानि में रहने वाले लोगों को किस नाम से पुकारा ?
उत्तर:
रेड इंडियन्स।

प्रश्न 14.
कोलंबस ने गुआनाहानि का नाम क्या रखा ?
उत्तर:
सैन सैल्वाडोर।

प्रश्न 15.
कोलंबस की मृत्यु कब हुई ?
उत्तर:
1506 ई० में।

प्रश्न 16.
हरनेंडो कोर्टेस ने मैक्सिको पर कब आक्रमण किया ?
उत्तर:
1519 ई० में।

प्रश्न 17.
हरनेंडो कोर्टस के मैक्सिको आक्रमण के दौरान किसने उसे बहुमूल्य सहयोग दिया ?
उत्तर:
डोना मैरीना ने।

प्रश्न 18.
टु हिस्ट्री ऑफ़ मैक्सिको का लेखक कौन था ?
उत्तर:
बर्नाल डियाज़ डेल कैस्टिलो।

HBSE 11th Class history Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

प्रश्न 19.
हरनेंडो कोर्टेस के आक्रमण के समय वहाँ किस एजटेक शासक का शासन था ?
उत्तर:
मोंटेजुमा द्वितीय का।

प्रश्न 20.
एजटेक साम्राज्य की राजधानी का नाम क्या था।
उत्तर:
टेनोक्टिटलान।

प्रश्न 21.
आँसू भरी रात की घटना कब हुई ?
उत्तर:
30 जून, 1520 ई०।

प्रश्न 22.
हरनेंडो कोर्टेस ने एज़टेक साम्राज्य का अंत कब किया ?
उत्तर:
1521 ई० में।

प्रश्न 23.
हरनेंडो कोर्टेस ने मैक्सिको का क्या नाम रखा ?
उत्तर:
न्यू स्पेन।

प्रश्न 24.
पेरू पर किसने अधिकार किया ?
उत्तर:
फ्राँसिस्को पिज़ारो ने।

प्रश्न 25.
फ्राँसिस्को पिज़ारो ने किसे पेरू की राजधानी घोषित किया ?
उत्तर:
लिमा को।

प्रश्न 26.
ब्राजील की खोज किसने की ?
उत्तर:
पेड्रो अल्वारिस कैब्राल ने।

प्रश्न 27.
ब्राज़ील किस वृक्ष के लिए जाना जाता था ?
उत्तर:
ब्राज़ीलवुड के लिए।

प्रश्न 28.
पुर्तगाल ने ब्राज़ील का शासन कब सीधा अपने हाथों में ले लिया ?
उत्तर:
1549 ई० में।

प्रश्न 29.
पुर्तगाल ने किसे ब्राज़ील की राजधानी घोषित किया?
उत्तर:
सैल्वाडोर को।

प्रश्न 30.
अरावाकी लुकायो नामक कबीला कहाँ रहता था ?
उत्तर:
बहामा एवं वृहत्तर एंटिलीज में।

प्रश्न 31.
हैमक क्या थे ?
उत्तर:
एक प्रकार का झूला।

प्रश्न 32.
एजटेक साम्राज्य कहाँ फैला हुआ था ?
उत्तर:
मैक्सिको में।

प्रश्न 33.
एजटेक साम्राज्य की राजधानी टेनोक्टिटलान का निर्माण कब किया गया था ?
उत्तर:
1325 ई० में।

प्रश्न 34.
एजटेक समाज में सबसे निम्न स्थान किसे प्राप्त था ?
उत्तर:
दासों को।

प्रश्न 35.
मैक्सिको झील में जो कृत्रिम टापू बनाए गए थे वे क्या कहलाते थे ?
उत्तर:
चिनाम्पा।

प्रश्न 36.
एजटेक साम्राज्य में अभिजात वर्ग के बच्चे जिन स्कूलों में पढ़ते थे वे क्या कहलाते थे ?
उत्तर:
कालमेकाक।

प्रश्न 37.
एज़टेकों का प्रमुख देवता कौन था ?
उत्तर:
सूर्य देवता।

प्रश्न 38.
दक्षिण अमरीका की सबसे प्रसिद्ध एवं शक्तिशाली सभ्यता कौन-सी थी ?
उत्तर:
इंका सभ्यता।

प्रश्न 39.
इंका साम्राज्य का संस्थापक किसे माना जाता है ?
उत्तर:
मैंको कपाक को।।

प्रश्न 40.
इंका साम्राज्य की राजधानी का क्या नाम था ?
उत्तर:
कुजको।

प्रश्न 41.
इंका साम्राज्य का सबसे शक्तिशाली शासक कौन था ?
उत्तर:
पचकुटी इंका।

प्रश्न 42.
माचू-पिच्चू नामक प्रसिद्ध शहर का निर्माण किस सभ्यता ने किया था ?
उत्तर:
इंका सभ्यता ने।

प्रश्न 43.
इंका साम्राज्य में किसे सर्वोच्च स्थान प्राप्त था ?
उत्तर:
सम्राट् को।

प्रश्न 44.
इंका साम्राज्य में विद्यार्थियों को शिक्षा किस प्रकार दी जाती थी ?
उत्तर:
मौखिक।

प्रश्न 45.
इंका साम्राज्य के लोगों की प्रशासनिक भाषा कौन-सी थी ?
उत्तर:
क्वेचुआ।

प्रश्न 46.
माया सभ्यता कहाँ फैली थी ?
उत्तर:
मैक्सिको में।

प्रश्न 47.
माया सभ्यता के लोग किस फ़सल का सर्वाधिक उत्पादन करते थे ?
उत्तर:
मक्का का।

प्रश्न 48.
माया लोगों का प्रमुख देवता कौन था ?
उत्तर:
सूर्य देवता।

प्रश्न 49.
माया लोगों ने टिक्ल मंदिर का निर्माण कहाँ करवाया था ?
उत्तर:
ग्वातेमाला में।

प्रश्न 50.
माया लोगों ने कितने प्रकार के पंचांग तैयार किए थे ?
उत्तर:
दो।

प्रश्न 51.
माया लोगों की लिपि कैसी थी ?
उत्तर:
चित्रात्मक।

प्रश्न 52.
ओलाउदाह एक्वियानो कहाँ का निवासी था ?
उत्तर:
नाईजीरिया का।

प्रश्न 53.
दि इनटरेस्टिंग नैरेटिव ऑफ दि लाइफ ऑफ़ ओलाउदाह एक्वियानो का प्रकाशन किस वर्ष हुआ था ?
उत्तर:
1789 ई० में

प्रश्न 54.
17वीं-18वीं शताब्दियों में यूरोपीय देश अधिकाँश दास कहाँ से प्राप्त करते थे ?
उत्तर:
अफ्रीका से।

प्रश्न 55.
कैपिटलिज्म एंड स्लेवरी का लेखक कौन था ?
उत्तर:
एरिक विलियम्स।

प्रश्न 56.
संयुक्त राज्य अमरीका ने दास प्रथा पर कब प्रतिबंध लगाया ?
उत्तर:
1865 ई० में।

रिक्त स्थान भरिए

1. यूरोपवासियों ने खोज यात्राओं का सर्वप्रथम आरंभ ……………… सदी में किया।
उत्तर:
15वीं

2. स्पेन के हरनेंडो कोर्टेस ने ……………….. में मैक्सिको पर आक्रमण कर दिया था।
उत्तर:
1519 ई०

3. एज़टेक की राजधानी का नाम ……………….. था।
उत्तर:
टेनोक्टिटलान

4. माया संस्कृति का संबंध ………………. देश से था।
उत्तर:
मैक्सिको

5. माया संस्कृति के लोगों के द्वारा टिक्ल मंदिर का निर्माण ……………….. में करवाया गया था।
उत्तर:
ग्वातेमाला

6. इंका साम्राज्य की स्थापना ……………….. द्वारा की गई थी।
उत्तर:
मैंको कपाक

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7. टॉलेमी ने ……………….. नामक प्रसिद्ध पुस्तक की रचना की।
उत्तर:
ज्योग्रफ़ी

8. तुर्कों ने कुस्तुनतुनिया पर विजय ……………….. ई० में प्राप्त की।
उत्तर:
1453

9. क्रिस्टोफर ……………….. का निवासी था।
उत्तर:
इटली

10. स्पेनिश भाषा के अनुसार ‘बाओ’ शब्द का अर्थ है …………. ।
उत्तर:
भारी जहाज़

11. वास्कोडिगामा ……………….. ई० में कालीकट पहुँचा।
उत्तर:
1498

12. अमेरिका नाम का सर्वप्रथम प्रयोग एक जर्मन के प्रकाशक द्वारा ………………. ई० में किया गया।
उत्तर:
1507

13. ‘टू हिस्ट्री ऑफ मैक्सिको’ नामक पुस्तक की रचना …………. द्वारा की गई।
उत्तर:
बर्नार्ड

14. फ्रांसीसको पिज़ारो ने ……………….. को पेरु की राजधानी घोषित किया।
उत्तर:
लिमा को

15. स्पेन के फिलिप द्वितीय द्वारा बेगार की प्रथा पर ……………….. ई० में रोक लगा दी गई थी।
उत्तर:
1601

16. एरिक विलियम्स की सुप्रसिद्ध रचना का नाम ……………….. था।
उत्तर:
कैपिटलिज्म एंड स्लेवरी

17. संयुक्त राज्य अमेरिका ने ……………….. ई० में दास प्रथा पर रोक लगा दी थी।
उत्तर:
1865

बहु-विकल्पीय प्रश्न

1. 15वीं से 17वीं शताब्दियों के दौरान यूरोपवासियों और उत्तरी एवं दक्षिणी अमरीका के मूल निवासियों के बीच हुए संघर्ष की जानकारी का प्रमुख स्रोत क्या है ?
(क) भवन
(ख) यात्रियों की डायरियाँ
(ग) जेसुइट धर्म प्रचारकों के विवरण
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपरोक्त सभी।

2. दूरबीन की खोज कब हुई ?
(क) 1409 ई० में
(ख) 1469 ई० में
(ग) 1609 ई० में
(घ) 1709 ई० में।
उत्तर:
(ग) 1609 ई० में

3. दिशासूचक यंत्र का आविष्कार कब हुआ था ?
(क) 1280 ई० में
(ख) 1320 ई० में
(ग) 1380 ई० में
(घ) 1420 ई० में।
उत्तर:
(ग) 1380 ई० में

4. टॉलेमी की ज्योग्राफ़ी किस वर्ष प्रकाशित हुई थी ?
(क) 1475 ई० में
(ख) 1477 ई० में
(ग) 1478 ई० में
(घ) 1479 ई० में।
उत्तर:
(ख) 1477 ई० में

5. तुर्कों ने कुंस्तुनतुनिया पर कब अधिकार कर लिया था ?
(क) 1433 ई० में
(ख) 1443 ई० में
(ग) 1453 ई० में
(घ) 1463 ई० में।
उत्तर:
(ग) 1453 ई० में

HBSE 11th Class history Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

6. मार्कोपोलो किस देश का निवासी था ?
(क) फ्राँस का
(ख) इटली का
(ग) रूस का
(घ) अमेरिका का।
उत्तर:
(ख) इटली का

7. कोलंबस का जन्म स्थान कहाँ था ?
(क) जेनेवा
(ख) पुर्तगाल
(ग) फ्राँस
(घ) स्पेन।
उत्तर:
(ख) पुर्तगाल

8. कोलंबस गुआनाहानि कब पहुँचा ?
(क) 1410 ई० में
(ख) 1451 ई० में
(ग) 1482 ई० में
(घ) 1492 ई० में।
उत्तर:
(घ) 1492 ई० में।

9. कोलंबस ने गुआनाहानि के लोगों को किस नाम से संबोधित किया ?
(क) रेड इंडियन्स
(ख) ब्लैक इंडियनस
(ग) अरावाक
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(क) रेड इंडियन्स

10. कोलंबस ने गुआनाहानि में किस देश का झंडा गाड़ा था ?
(क) पुर्तगाल का
(ख) इटली का
(ग) स्पेन का
(घ) मैक्सिको का।
उत्तर:
(ग) स्पेन का

11. निम्नलिखित में से किसने दक्षिण अमरीका को नयी दुनिया का नाम दिया ?
(क) कोलंबस ने
(ख) अमेरिगो वेस्पुसी ने
(ग) हरनेंडो कोर्टेस ने
(घ) डोना मैरीना ने।
उत्तर:
(ख) अमेरिगो वेस्पुसी ने

12. हरनेडो कोर्टेस और उसके सैनिकों जिन्होंने मैक्सिको पर आक्रमण किया था इतिहास में किस नाम से जाना जाता है ?
(क) कोंक्विस्टोडोर
(ख) मालिंचिस्टा
(ग) लैक्सकलान
(घ) कैरिब।
उत्तर:
(क) कोंक्विस्टोडोर

13. बर्नाल डियाज़ डेल कैस्टिलो ने किस प्रसिद्ध पुस्तक की रचना की ?
(क) इमगो मुंडी
(ख) ट्र हिस्ट्री ऑफ़ मैक्सिको ।
(ग) ट्र हिस्ट्री ऑफ़ अमरीका
(घ) दि प्रिंस।
उत्तर:
(ख) ट्र हिस्ट्री ऑफ़ मैक्सिको ।

14. हरनेंडो कोर्टस ने मैक्सिको पर कब आक्रमण किया था ? ।
(क) 1509 ई० में
(ख) 1511 ई० में
(ग) 1519 ई० में
(घ) 1521 ई० में।
उत्तर:
(ग) 1519 ई० में

15. हरनेंडो कोटेंस ने जब मैक्सिको पर आक्रमण किया तो वहाँ किसका शासन था ?
(क) मोंटेजुमा प्रथम का
(ख) मोंटेजुमा द्वितीय का
(ग) अताहुआल्पा का
(घ) हुआस्कर का।
उत्तर:
(ख) मोंटेजुमा द्वितीय का

16. आँसू भरी रात की घटना किस दिन हुई ?
(क) 19 जन. 1520 ई० को
(ख) 29 जन 1500 ई० को
(ग) 30 जून, 1520 ई० को
(घ) 29 जुलाई, 1520 ई० को।
उत्तर:
(ग) 30 जून, 1520 ई० को

17. हरनेंडो कोर्टेस ने एजटेक साम्राज्य का अंत कब किया ?
(क) 1519 ई० में
(ख) 1520 ई० में
(ग) 1521 ई० में
(घ) 1522 ई० में।
उत्तर:
(ग) 1521 ई० में

18. हरनेंडो कोर्टेस को मैक्सिको विजय के लिए किसने बहुमूल्य सहयोग दिया था ?
(क) मोंटेजुमा द्वितीय ने
(ख) डोना मैरीना ने
(ग) अमेरिगो वेस्पुसी ने
(घ) काजामारका ने।
उत्तर:
(ख) डोना मैरीना ने

19. अताहुआल्पा इंका साम्राज्य का शासक कब बना ?
(क) 1529 ई० में
(ख) 1530 ई० में
(ग) 1531 ई० में
(घ) 1532 ई० में।
उत्तर:
(घ) 1532 ई० में।

HBSE 11th Class history Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

20. इंका साम्राज्य की राजधानी का नाम क्या था ?
(क) पेरू
(ख) लिमा
(ग) कुजको
(घ) टेनोक्टिटलान।
उत्तर:
(ग) कुजको

21. निम्नलिखित में से किसने इंका साम्राज्य पर अधिकार कर लिया था ?
(क) कोलंबस ने
(ख) फ्राँसिस्को पिज़ारो ने
(ग) हरनेंडो कोर्टेस ने
(घ) डोना मैरीना ने।
उत्तर:
(ख) फ्राँसिस्को पिज़ारो ने

22. 1533 ई० में पुर्तगाल के राजा ने ब्राजील को कितने आनुवंशिक कप्तानियों में बाँट दिया था?
(क) 13
(ख) 14
(ग) 15
(घ) 16
उत्तर:
(ग) 15

23. पुर्तगाल के शासक ने किसे ब्राज़ील की राजधानी घोषित किया ?
(क) कुजको को
(ख) सैल्वाडोर को
(ग) क्यूबा को
(घ) सैन सैल्वाडोर को।
उत्तर:
(ख) सैल्वाडोर को

24. एंटोनियो वीइरा कौन था ?
(क) जेसुइट
(ख) कैथोलिक पादरी
(ग) फ्रांसीसी व्यापारी
(घ) पुर्तगाली नाविक।
उत्तर:
(क) जेसुइट

25. अरावाकी लोगों की प्रमुख फ़सल कौन-सी थी ?
(क) मक्का
(ख) कसावा
(ग) मीठे आलू
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपरोक्त सभी।

26. अरावाकी जो झूले बनाते थे वे किस नाम से जाने जाते थे ?
(क) कुजको
(ख) कसावा
(ग) हैमक
(घ) डोनाटेरियस।
उत्तर:
(ग) हैमक

27. एजटेकों ने अपने विशाल साम्राज्य की स्थापना कहाँ की थी ?
(क) मैक्सिको में
(ख) ब्राज़ील में
(ग) स्पेन में
(घ) इटली में।
उत्तर:
(क) मैक्सिको में

28. एज़टेकों ने मैक्सिको नाम अपने किस प्रमुख देवता के नाम पर रखा था ?
(क) युद्ध देवता
(ख) कुजको
(ग) मैक्सिली
(घ) कालमेकाक।
उत्तर:
(ग) मैक्सिली

29. एजटेकों ने मैक्सिको झील में जो कृत्रिम टापू बनवाए वे क्या कहलाते थे ?
(क) चिनाम्पा
(ख) हैमक
(ग) माचू-पिच्चू
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) चिनाम्पा

30. एजटेकों की राजधानी का नाम क्या था ?
(क) कुजको
(ख) टेनोक्टिटलान
(ग) सैल्वाडोर
(घ) लिमा।
उत्तर:
(ख) टेनोक्टिटलान

31. एज़टेक समाज में सर्वोच्च स्थान किसे प्राप्त था ?
(क) अभिजात वर्ग को
(ख) पुरोहितों को
(ग) सैनिकों को
(घ) दासों को।
उत्तर:
(क) अभिजात वर्ग को

32. एनटेक साम्राज्य में अभिजात वर्ग के बच्चे जिन स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करते थे वे क्या कहलाते थे ?
(क) तेपोकल्ली
(ख) कालमेकाक
(ग) हैमक
(घ) डोनाटेरियस।
उत्तर:
(ख) कालमेकाक

33. एजटेक साम्राज्य के लोग किस देवी की प्रमुख रूप से उपासना करते थे ?
(क) मातृदेवी
(ख) अन्न देवी
(ग) मिनर्वा
(घ) डायना।
उत्तर:
(ख) अन्न देवी

34. इंका साम्राज्य की स्थापना कब की गई थी ?
(क) 10वीं शताब्दी में
(ख) 12वीं शताब्दी में
(ग) 13वीं शताब्दी में
(घ) 15वीं शताब्दी में।
उत्तर:
(ख) 12वीं शताब्दी में

35. इंका साम्राज्य की स्थापना कहाँ की गई थी ?
(क) बहामा में
(ख) ब्राज़ील में
(ग) पेरू में
(घ) मैक्सिको में।
उत्तर:
(ग) पेरू में

36. इंका साम्राज्य का सबसे महान् शासक कौन था ?
(क) मैंको कपाक
(ख) पचकुटी इंका
(ग) अताहुआल्पा
(घ) हुआस्कर।
उत्तर:
(ख) पचकुटी इंका

37. निम्नलिखित में से किस शहर का निर्माण इंका साम्राज्य के लोगों ने किया था ?
(क) उर
(ख) मारी
(ग) माचू-पिच्चू
(घ) लिमा।
उत्तर:
(ग) माचू-पिच्चू

38. इंका साम्राज्य के लोगों की प्रशासनिक भाषा क्या थी ?
(क) अंग्रेज़ी
(ख) फ्राँसीसी
(ग) क्विपु
(घ) क्वेचुआ।
उत्तर:
(घ) क्वेचुआ।

39. निम्नलिखित में से किस का साम्राज्य के लोग पालते थे ?
(क) भेड़
(ख) गाय
(ग) लामा
(घ) बाइसन।
उत्तर:
(ग) लामा

40. इंका साम्राज्य का अंत कब हुआ ?
(क) 1530 ई० में
(ख) 1532 ई० में
(ग) 1632 ई० में
(घ) 1638 ई० में।
उत्तर:
(ख) 1532 ई० में

41. माया समाज में सबसे निम्न स्थान किसे प्राप्त था ?
(क) पुरोहितों को
(ख) दासों को
(ग) व्यापारियों को
(घ) किसानों को।
उत्तर:
(ख) दासों को

42. माया सभ्यता के लोग निम्न में से किस फ़सल का सर्वाधिक उत्पादन करते थे ?
(क) आलू
(ख) कपास
(ग) सेम
(घ) मक्का
उत्तर:
(घ) मक्का

43. माया सभ्यता द्वारा निर्मित टिक्ल मंदिर का निर्माण किस शताब्दी में किया गया था ?
(क) 7वीं शताब्दी में
(ख) 8वीं शताब्दी में
(ग) 9वीं शताब्दी में
(घ) 10वीं शताब्दी में।
उत्तर:
(ख) 8वीं शताब्दी में

HBSE 11th Class history Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

44. माया सभ्यता के लोगों ने कितने प्रकार के पंचांग बनाए थे ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
(ख) दो

45. ओलाउदाह एक्वियानो कौन था ?
(क) दास
(ख) दार्शनिक
(ग) चिकित्सक
(घ) अध्यापक।
उत्तर:
(क) दास

46. ओलाउदाह एक्वियानो कहाँ का निवासी था ?
(क) साइबेरिया का
(ख) नाइजीरिया का
(ग) तंजानिया का
(घ) केन्या का।
उत्तर:
(ख) नाइजीरिया का

47. कैपिटलिज्म एंड स्लेवरी का लेखक कौन था ?
(क) जॉन विलियम्स
(ख) एरिक विलियम्स
(ग) कार्डिनल पिएर डिऐली
(घ) मार्को पोलो।
उत्तर:
(ख) एरिक विलियम्स

48. निम्नलिखित में से किस देश ने 1865 ई० में दास प्रथा पर प्रतिबंध लगाया था ?
(क) डेनमार्क
(ख) ब्रिटेन
(ग) संयुक्त राज्य अमरीका
(घ) फ्राँस।
उत्तर:
(ग) संयुक्त राज्य अमरीका

संस्कृतियों का टकराव HBSE 11th Class History Notes

→ 15वीं शताब्दी में यूरोपवासियों द्वारा की गई भौगोलिक खोजों ने एक नए युग का सूत्रपात किया। इन भौगोलिक खोजों को नए आविष्कारों, टॉलेमी की ज्योग्राफी, मार्को पोलो की यात्राओं, आर्थिक एवं धार्मिक उद्देश्यों एवं पुर्तगाल के राजकुमार हेनरी के बहुमूल्य योगदान ने प्रेरित किया। इन खोजों के अनेक दूरगामी परिणाम निकले।

→ 1492 ई० में क्रिस्टोफर कोलंबस ने बहामा द्वीप समूह के गुआनाहानि नामक स्थान पर स्पेन का झंडा गाड़ा। उसने इस द्वीप का नाम सैन-सैल्वाडोर रखा। यहाँ के अरावाकी लोगों ने जिस गर्मजोशी से कोलंबस का स्वागत किया उससे वह चकित रह गया। 1499 ई० में इटली के अमेरिगो वेस्पुसी ने दक्षिण अमरीका की यात्रा की।

→ उसने इसे नई दुनिया के नाम से संबोधित किया। 1507 ई० में एक जर्मन प्रकाशक ने अमेरिगो वेस्पुसी की स्मृति में नयी दुनिया को अमरीका का नाम दिया। स्पेन के हरनेडो कोर्टेस ने 1519 ई० में मैक्सिको पर आक्रमण कर दिया था। इस आक्रमण के दौरान उसे डोना मैरीना ने बहुमूल्य योगदान दिया।

→ कोर्टेस ने मैक्सिको के शासक मोंटेजुमा द्वितीय को धोखे से बंदी बना लिया। 1521 ई० में कोर्टेस ने एज़टेकों को पराजित कर उनके साम्राज्य का अंत कर दिया। हरनेंडो कोर्टेस 1522 ई० से लेकर 1547 ई० तक मैक्सिको जिसे अब न्यू स्पेन का नाम दिया गया था का गवर्नर एवं कैप्टन-जनरल रहा।

→ अपने शासनकाल के दौरान उसने वहाँ के मूल निवासियों पर घोर अत्याचार किए। स्पेन के एक अन्य प्रसिद्ध विजेता फ्रांसिस्को पिज़ारो ने पेरू में स्थापित इंका साम्राज्य पर 1532 ई० में आक्रमण कर दिया। उसने धोखे से वहाँ के शासक अताहुआल्पा को बंदी बना लिया।

→ इस कारण उसने सुगमता से 1533 ई० में इंका साम्राज्य की राजधानी कुज़को पर अधिकार कर लिया। इसके पश्चात् उसने वहाँ भयंकर लूटमार की। पिज़ारो ने 1541 ई० तक पेरू में शासन किया। उसने लिमा को पेरू की नई राजधानी बनाया। 1500 ई० में पुर्तगाल का नाविक पेड्रो अल्वारिस कैबाल संयोगवश ब्राज़ील पहुँच गया था।

→ आरंभ में पुर्तगालियों ने ब्राज़ील की ओर कम ध्यान दिया। इसका प्रमुख कारण यह था कि वहाँ सोना अथवा चाँदी मिलने की संभावना बहुत कम थी। ब्राज़ील में केवल ब्राज़ीलवुड नामक इमारती लकड़ी मिलती थी। 1549 ई० में पुर्तगाल के शासक ने ब्राज़ील का शासन सीधे अपने हाथों में ले लिया था। यहाँ आए जेसुइट पादरियों ने दास प्रथा की कटु आलोचना की।

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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
सहसंयोजक यौगिक विद्युत् के दुर्बल चालक क्यों होते हैं ?
उत्तर-
इन यौगिकों में आयन अथवा मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते जो विद्युत् चालन के लिए आवश्यक हैं अतः सहसंयोजक यौगिक विद्युत के दुर्बल चालक होते हैं।

प्रश्न 2.
यौगिकों में कितने प्रकार के सहसंयोजी आबन्ध उपस्थित रहते हैं ?
उत्तर-
यौगिकों में सहसंयोजी आबन्ध तीन प्रकार के होते हैं-

  • एकल सहसंयोजी आबन्ध,
  • द्वि-सहसंयोजी आबन्ध,
  • त्रि-सहसंयोजी आबन्ध।

प्रश्न 3.
शृंखलन क्या है ? .
उत्तर-
कार्बन तत्व का वह गुण जिसके कारण इसके परमाणु एक-दूसरे से जुड़कर एक दीर्घ श्रृंखला बना सकते हैं, श्रृंखलन कहलाता है।

प्रश्न 4.
किसी चक्रीय असंतृप्त कार्बन यौगिक का नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
बेन्जीन (C6H6)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 1

प्रश्न 5.
एथीन का आण्विक सूत्र लिखिए और उसकी इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना खींचिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 2

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 6.
उस समजातीय श्रेणी के द्वितीय और तृतीय सदस्य का आण्विक सूत्र लिखिए जिसका प्रथम सदस्य मेथेन है। (CBSE 2017)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 3

प्रश्न 7.
कार्बन डाइऑक्साइड के लिए एक परीक्षण दीजिए।
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड चूने के पानी को दूधिया कर देती है।

प्रश्न 8.
सहसंयोजी आबन्ध किस प्रकार बनते हैं? (CBSE 2020)
उत्तर-
दो परमाणुओं के बीच सबसे बाहरी कक्ष के इलेक्ट्रॉन साझा करने से सहसंयोजी आबन्ध बनते हैं।

प्रश्न 9.
जन्तुओं तथा वनस्पतियों की वसाओं तथा तेलों में उपस्थित एस्टरों को क्या कहा जाता है ?
उत्तर-
ग्लिसरॉइड्स।

प्रश्न 10.
उस समजातीय श्रेणी के द्वितीय और तृतीय सदस्य का आण्विक सूत्र लिखिए जिसका प्रथम सदस्य एथीन है। (CBSE 2017)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 4

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 5

प्रश्न 11.
उस समजातीय श्रेणी के द्वितीय और तृतीय सदस्य का आण्विक सूत्र लिखिए जिसका प्रथम सदस्य एथाइन है। (CBSE 2017)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 6

प्रश्न 12.
उस समजातीय श्रेणी के पहले दो सदस्यों के अणुसूत्र लिखिए जिसका प्रकार्यात्मक समूह-CI है। (CBSE 2017)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 7

प्रश्न 13.
एथेन के अणु में सहसंयोजी आबन्धों की संख्या लिखिए। [CBSE 2015]
उत्तर-
07

प्रश्न 14.
संतृप्त हाइड्रोकार्बन को जलाने पर उत्पन्न ज्वाला की प्रकृति क्या होती है ?
उत्तर-
संतृप्त हाइड्रोकार्बन एक स्वच्छ नीली ज्वाला के साथ जलता है।

प्रश्न 15.
हीरे व ग्रेफाइट की संरचना कैसी होती है ?
उत्तर-
हीरा – प्रबल त्रिआयामी संरचना,
ग्रेफाइट – षट्कोणीय संरचना।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 16.
एथेन का संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर-
सूत्र : C2H6
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 8

प्रश्न 17.
प्रोपेन का संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर-
सूत्र : C3H8
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 9

प्रश्न 18.
ब्यूटेन का सूत्र लिखिए व संरचनाएँ बनाइए।
उत्तर-
सूत्र: C4H10
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 10

प्रश्न 19.
साइक्लोहेक्सेन का आण्विक और संरचना सूत्र लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
सूत्र : C6H12
संरचनाम
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 11

प्रश्न 20.
प्रोपेनोन में उपस्थित प्रकार्यात्मक समूह का नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
प्रोपेनोन में एल्कोहॉल समूह उपस्थित है।

प्रश्न 21.
ऐल्कोहॉल को वायु में जलाने पर क्या होता
उत्तर-
ऐल्कोहॉल वायु में जलकर कार्बन डाइऑक्साइड, जल वाष्प, ऊष्मा तथा प्रकाश देता है।

प्रश्न 22.
उस एल्कोहॉल का नाम और संरचना लिखिए जिसके अणु में तीन कार्बन परमाणु हैं। (CBSE 2016)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 12

प्रश्न 23.
उस एल्कोहॉल का नाम और अणुसूत्र लिखिए जिसके एक अणु में 4 कार्बन परमाणु होते हैं। (CBSE 2016)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 13

प्रश्न 24.
कार्बोक्सिलिक अम्ल की प्रकृति दुर्बल है अथवा प्रबल ?
उत्तर-
दुर्बल अम्ल।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 25.
एथेनॉल की ऑक्सीजन से अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
C2H5OH+O2 →CH3COOH+H2O.

प्रश्न 26.
ऑक्सीकरण कारक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जिन पदार्थों में ऑक्सीजन देने की क्षमता होती है, उन्हें ऑक्सीकरण कारक कहते हैं।

प्रश्न 27.
क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट या अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट अम्ल क्या हैं ?
उत्तर-
ऑक्सीकरण कारक।

प्रश्न 28.
फॉर्मिक एसिड का IUPAC नाम तथा संरचनात्मक सूत्र लिखिए।
उत्तर-
फॉर्मिक एसिड का IUPAC नाम मेथेनॉइक अम्ल है। इसका संरचनात्मक सूत्र :HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 14 है।

प्रश्न 29.
संकलन अभिक्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संकलन अभिक्रिया ऐसी अभिक्रिया है जिसमें एक असन्तुष्ट हाइड्रोकार्बन किसी अन्य पदार्थ से मिलकर केवल एक यौगिक उत्पन्न करता है।

प्रश्न 30.
संकलन अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 15

प्रश्न 31.
किण्वन क्या है?
उत्तर-
किण्वन वह क्रिया है जिसमें शक्कर तथा स्टार्च के अणु छोटे अणुओं में टूट जाते हैं और साथ में कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है।

प्रश्न 32.
प्रतिहिम किसे कहते हैं ? इसका उपयोग कहाँ होता है ?
उत्तर-
ऐल्कोहॉल तथा जल के मिश्रण को प्रतिहिम कहते हैं। इसका उपयोग ठण्डे देशों में वाहनों के रेडिएटरों में होता है।

प्रश्न 33. साबुन कैसे बनता है ?
उत्तर-
साबुन, तेल अथवा वसा से बनता है जो वसा अम्ल या ग्लिसरॉल के एस्टर होते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 34.
साबुनीकरण किसे कहते हैं ? .
उत्तर-
वसा को विघटित करने की क्रिया को साबुनीकरण कहते हैं।

प्रश्न 35.
ग्लिसरॉल का उपयोग कहाँ किया जाता
उत्तर-
ग्लिसरॉल का उपयोग औषधियों, विस्फोटक पदार्थ, रंग रोगन आदि में किया जाता है।

प्रश्न 36.
अपमार्जक किससे बनते हैं ?
उत्तर-
अपमार्जक पेट्रोलियम से प्राप्त हाइड्रोकार्बनों से बनते हैं।

प्रश्न 37.
साबुन पानी में घुलकर क्या बनाता है ?
उत्तर-
साबुन पानी में घुलकर मिसेल बनाता है।

प्रश्न 38.
किण्वन क्रिया किस तापमान पर होती है ?
उत्तर-
किण्वन क्रिया 20-30°C पर होती है।

प्रश्न 39.
ऐल्डिहाइड वर्ग का सामान्य सूत्र क्या है ?
उत्तर-
CnH2n+1 CHO.

प्रश्न 40.
प्रतिस्थायी अभिक्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर-
क्लोरीन का हाइड्रोजन के परमाणुओं से विस्थापन को प्रतिस्थायी अभिक्रिया कहते हैं।

प्रश्न 41.
भोजन पकाने के लिए किन तेलों का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर-
असंतृप्त वसा अम्लों से युक्त तेलों का।

प्रश्न 42.
जल किस कारण कठोर बनता है ?
उत्तर-
कैल्सियम और मैग्नीशियम के लवणों के कार्बो नेट, सल्फेट तथा क्लोराइड के कारण।

प्रश्न 43.
कार्बोनायल यौगिक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऐल्डिहाइड और कीटोन वर्ग को कार्बोनायल यौगिक कहते हैं, क्योंकि इनमें कार्बोनायल वर्ग (-CO या -C=0) विद्यमान होता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना खींचिए और इसके अणु में कार्बन और ऑक्सीजन के बीच आबन्ध की प्रकृति लिखिए। अथवा
प्रत्येक के लिए कारण देते हुए कार्बन के इन दो गुणधर्मों की सूची बनाइए जिनके कारण हमारे चारों ओर विशाल संख्या में कार्बन के यौगिक दिखाई देते हैं। (CBSE 2019)
उत्तर-
CO2
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कार्बन तथा ऑक्सीजन के मध्य द्विआबंध (संयोजी) होते हैं।
अथवा

  • कैटीनेशन-यह वह गुण है जिससे कार्बन अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ बन्ध बनाते हैं।
  • चर्तुसंयोजक-कार्बन की चार संयोजकता होने के कारण यह अन्य परमाणुओं के साथ बन्ध बनाता है।

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प्रश्न 2.
किम यौगिकों को (i) ऐल्केन, (ii) ऐल्कीन और (iii) ऐल्काइन कहते हैं? C4H10 इनमें से किससे संबंधित है? इस यौगिक के दो संरचनात्मक समस्थानिक खींचिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
(i) जिन यौगिकों का यौगिक सूत्र CnH2n+2 होता है, उन्हें एल्केन कहते हैं।
(ii) जिनका यौगिक सूत्र CnH2n होता है, उन्हें एल्कीन कहते हैं।
(iii) जिन यौगिकों का यौगिक सूत्र CnH2n-2 होता है, उन्हें ऐल्काइन कहते
C4H10 एल्केन है, जिसे ब्यूटेन कहते हैं।
C4H10 के संरचनात्मक सपस्थानिक हैं।
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प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से ऐल्कीन एवं एल्काइन की पहचान कीजिए :
(i) C2H6
(ii) C3H4
(iii) C3H6
(iv) C3H8
उत्तर-
(iii) ऐल्कीन है और (ii) एल्काइन है।

प्रश्न 4.
(a) कार्बन के दो विशिष्ट लक्षण लिखिए जिनके कारण वह बड़ी संख्या में यौगिक बनाता है। कार्बनिक यौगिकों में आबन्ध की प्रकृति लिखिए।
(b) एथेन के दो उत्तरोत्तर सदस्यों के सूत्र लिखिए। (RBSE 2015)
उत्तर-
(a)
(i) चतुःसंकलन.
(ii) श्रृंखलन . .
सहःसंयोजक बन्ध

(b) C3H8 और C4H10 प्रोपेन और ब्यूटेन

प्रश्न 5.
एथाइन की इलेक्ट्रॉन-बिन्दु संरचना का चित्रण कीजिए। एथाइन और ऑक्सीजन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। आपके विचार से इस कार्य के लिए एथाइन और वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जा सकता है? [CBSE 2015]
उत्तर-
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एथाइन और आक्सीजन का मिश्रण दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। एथाइन और वायु के मिश्रण का उपयोग अवांछनीय पदार्थ बनने के कारण किया जाता है।

प्रश्न 6.
(i) क्या होता है जब मेथेन ओजोन के साथ अभिक्रिया करती है?
(ii) क्या होता है जब मेथेन की क्रिया नाइट्रिक अम्ल से करते हैं?
उत्तर-
(i) मेथेन ओजोन के द्वारा ऑक्सीकृत होकर फॉर्मेल्डिहाइड बनाती है।
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(ii) मेथेन नाइट्रिक अम्ल से क्रिया कर नाइट्रोमिथेन बनाती है।
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प्रश्न 7.
संतृप्त व असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में अन्तर लिखें।
उत्तर-

संतृप्त हाइड्रोकार्बनअसंतृप्त हाइड्रोकार्बन
1. ये कम क्रियाशील होते हैं।1. ये अधिक क्रियाशील होते हैं।
2. ये ब्रोमीन जल का रंग नहीं उड़ाते है।2. ये ब्रोमीन जल का भूरा रंग उड़ा देते हैं।
3. ये ओजोन के साथ ओजोनाइट नहीं बनाते हैं।3. ये ओजोन के साथ क्रिया करके ओजोनाइट बनाते हैं।
4. ये प्रतिस्थापित क्रियायें प्रदर्शित करते हैं।4. ये मुख्यतः योगात्मक अभिक्रिया प्रदर्शित करते हैं।

प्रश्न 8.
किसी परखनली में 3mL एथेनॉल लेकर उसे जल-ऊष्मक में धीरे-धीरे गर्म किया गया। इस विलयन में 5% क्षारीय पौटेशियम परमैंगनेट विलयन को पहले बूंद-बूंद करके और फिर आधिक्य में मिलाया गया।
(i) KMnO4 का 5% विलयन किस प्रकार बनाया जाता है?
(ii) इस अभिक्रिया में क्षारीय पौटेशियम परमैंगनेट की भूमिका का उल्लेख कीजिए। इसे आधिक्य में मिलाने पर क्या होता है?
(iii) इस अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(i) 5 ग्राम (KMnO4) को 95 mL गर्म पानी में घोल कर मिलाने से, 5% (KMnO4) का विलयन प्राप्त होगा।
(ii) इस अभिक्रिया में क्षारीय पौटेशियम परमैंगनेट (KMnO4) एक ऑक्सीकारक के रूप में कार्य करता है। अधिक मात्रा में KMnO4 डालने पर विलयन का रंग बैंगनी हो जायेगा। इसका कारण यह है कि KMnO4 की अधिक मात्रा क्रिया में भाग नहीं लेती क्योंकि क्रिया के लिए एथेनॉल शेष नहीं बचती।
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प्रश्न 9.
(a)
(i) एथेनॉल,
(ii) एथेनॉइक अम्ल की संरचनाएँ खींचिए।
(b) एथेनॉल के एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन की उपचयन (ऑक्सीकरण) अभिक्रिया क्यों माना जाता है? इस अभिक्रिया में उपयोग होने वाले ऑक्सीकरण का नाम लिखिए।
उत्तर-
(a)
(i) एथेनॉल (C2H5OH) की संरचना
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(ii) एथेनॉइक अम्ल (CH3COOH) की संरचना
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(b) एथेनॉल के एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को उपचयन (ऑक्सीकरण) अभिक्रिया माना जाता है क्योंकि इस परिवर्तन में एथेनॉल के अणु में एक ऑक्सीजन के परमाणु का योग होता है तथा 2 हाइड्रोजन के परमाणुओं की हानि होती है। क्षारीय KMnO4 का विलयन इस अभिक्रिया में ऑक्सीकारक है।

प्रश्न 10.
उन दो रासायनिक गुणधर्मों की सूची बनाइए जिनके आधार पर एथेनॉल और एथेनॉइक अम्ल के बीच विभेदन किया जा सकता है और व्याख्या कीजिए यह विभेदन किस प्रकार किया जा सकता है?
अथवा
असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों में दो कार्बन परमाणुओं के बीच बहुआबंध होते हैं तथा यहयौगिक संकलन अभिक्रिया दर्शाते हैं। संतृप्त और असंतृप्त कार्बन यौगिकों में से कौन से यौगिक अधिक अभिक्रियाशील होते हैं? एथेन और में एथीन के बीच विभेदन करने के लिए एक परीक्षण लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
रासायनिक गुणधर्मों के अनुसार एथेनॉल एवं एथेनाइँक अम्ल निम्न प्रकार से हैं-
(i) सोडियम के साथ एथेनॉल रासायनिक क्रिया करके सोडियम एथॉक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है जबकि एथेनॉइक अम्ल सोडियम हाइड्रोक्साइड के साथ सोडियम एसीटेट एवं जल बनाता है।
2Na + 2C2H5 OH → 2C2H5ONa + H2
NaOH + CH3COOH → CH3COONa +H2O

(ii) सोडियम कार्बोनेट के साथ एथेनॉइक अम्ल क्रिया करके सोडियम ऐसीटेट, पानी एवं CO2, बनाता है जबकि एथेनॉल यह अभिक्रिया नहीं देता।
CH3COOH + Na2CO3 →CHCOONa + H2O + CO2,
अथवा
संतृप्त एवं असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन अधिक अभिक्रियाशील होते हैं क्योंकि कार्बन युगल में बहु आबन्ध होते हैं। जैसे-एथेन ब्रोमीन जल के साथ क्रिया नहीं करता जबकि एथीन के साथ करता है। एथेन स्वच्छ एवं नीली ज्वाला के साथ जलता है जबकि एथीन पीली ज्वाला के साथ काला धुआँ उत्पन्न करता है।

प्रश्न 11.
कोई यौगिक ‘X’ आधिक्य सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ 443 K पर गर्म करने पर कोई असंतृप्त यौगिक ‘Y’ बनाता है। यौगिक ‘X’ सोडियम धातु से भी अभिक्रिया करता है जिसमें कोई रंगहीन गैस ‘Z’ निकलती है। ‘X’ ‘Y’ तथा ‘Z’ को पहचानिए। ‘Y’ उत्पन्न होने की रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण भी लिखिए तथा न इसमें सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की भूमिका का उल्लेख भी कीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
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सोडियम ऐथोक्साइड Z = H2, (हाइड्रोजन गैस) इस अभिक्रिया में सल्फ्यूरिक अम्ल निर्जलीकारक के रूप में काम करता है, जो एथेनॉल से जल को अलग करता हैं।

प्रश्न 12.
(a) कार्बन के अधिकांश यौगिक विद्युत के कुचालक क्यों होते हैं?
(b) किसी ऐसे संतृप्त यौगिक का नाम और उसकी संरचना दीजिए जिसमें कार्बन परमाणु वलय के रूप में व्यवस्थित होते हैं। इस यौगिक में उपस्थित एकल आबन्धों की संख्या लिखिए।
उत्तर-
(a) कार्बन इलेक्ट्रॉन की साझेदारी करके सहसंयोजी आबंध बनाता है। चूंकि इलेक्ट्रॉन बंधित अवस्था में होते हैं, इसलिए कार्बन के अधिकांश यौगिक विद्युत के कुचालक होते हैं।
(b) वह श्रृंखला जिसमें कार्बन-कार्बन के मध्य एकल बंध उपस्थित होता है, उसे हम संतृप्त यौगिक कहते हैं। उदाहरण-साइक्लोहेक्सेन (C6H12)
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इस यौगिक में एकल आबंधों की संख्या = 18

प्रश्न 13.
क्या होता है जब (प्रत्येक प्रकरण में रासायनिक समीकरण भी लिखिए।)-
(a) एथेनॉल वायु में जलता है?
(b) एथेनॉल को सांद्र H2SO4 के आधिक्य में 443k पर गर्म किया जाता है?
(c) एथेनॉल में सोडियम का टुकड़ा डाला जाता है? (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) C2H5OH+ 3O2 → 2CO2+3H2O+ ऊर्जा
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प्रश्न 14.
नीचे दिये गये रासायनिक समीकरणों को पूरा कीजिए (CBSE 2017)
(i) CH3COOC2H5+NaOH →
(ii) CH3COOH+NaOH →
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उत्तर-
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प्रश्न 15.
नीचे दिये गये रासायनिक समीकरणों को पूरा कीजिए
(i) C2H5OH+O2
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(iii) CH3COOH + NaHCO3 → (CBSE 2017)
उत्तर –
(i) C2H5 OH+3O2 → 2CO2 +3H2O+ ऊर्जा
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(iii) CH3COOH+NaHCO3 → CH3COONa +H2O+CO2

प्रश्न 16.
दो कार्बन यौगिकों के अणुसूत्र C4H8 और C3H8 है। इनमें से किस यौगिक की संकलन अभिक्रिया दर्शाने की अधिक संभावना हो सकती है? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए। इस प्रकरण में संकलन अभिक्रिया की प्रक्रिया की व्याख्या के लिए रास क समीकरण भी दीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
C4H8, यह एक असंतृप्त पौगिक है और CHA एक संतृप्त यौगिक है। असंतृप्त यौगिक हमेशा संकलन अभिक्रिया देते हैं, क्योंकि इनमें द्विआबन्ध होता है।
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प्रशन 17.
एथेनॉइक अम्ल की निम्नलिखित के साथ अभिक्रिया के रासायनिक समीकरण दीजिए
(a) सोडियम
(b) सोडियम हाइड्रॉक्साइड
(c) एथेनॉल
प्रत्येक अभिक्रिया में बने प्रमुख उत्पाद का नाम भी लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
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प्रश्न 18.
किसी एल्डिहाइड और किसी कीटोन दोनों को समान अणु सूत्र, जैसे C3H6O द्वारा निरूपित किया जा सकता है। इनकी संरचनाएँ और नाम लिखिए। विज्ञान की भाषा में इन दोनों के बीच के संबंध का उल्लेख कीजिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
क्योंकि दोनों अवयवों का समान अणुसूत्र है इसलिए हम इनको संरचनात्मक समावयव कहेंगे। इस एल्डिहाइड का नाम = प्रोपेनल
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 33

प्रश्न 19.
किसी परखनली, जिसमें अणुसूत्र C2H6O का कोई कार्बन यौगिक ‘X’ भरा है, में सोडियम धातु का टुकड़ा गिराए जाने पर तीव्र बुदबुदाहट के साथ कोई गैस, ‘Y’ बाहर निकलती है। परखनली के मुख पर जलती तीली लाने पर यह गैस पॉप ध्वनि से जलती है। ‘x’ और ‘Y’ को पहचानिए। होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए। जब आप ‘x’ को आधिक्य सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म करते हैं, तो जो उत्पाद बनता है, उसका नाम और संरचना लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
X= एथेनॉल, C2H5OH
Y=H2 गैस
2C2H5OH + 2Na→2C2H5ONa + H2
एथेनॉल को सांद्र H2SO4 के साथ गर्म करने पर एथीन बनता है।
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प्रश्न 20.
एथेनॉइक अम्ल के सोडियम एथेनॉएट में परिवर्तन को दर्शाने के लिए तीन विभिन्न अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए तथा प्रत्येक प्रकरण में इन समीकरणों को संतुलित भी कीजिए। एथेनॉइक अम्ल तथा सोडियम एथेनॉएट के अतिरिक्त अन्य सभी अभिकर्मकों और उत्पादों के नाम भी लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 35

प्रश्न 21.
CNG का पूरा नाम लिखिये एवं इसके प्रमुख . घटक की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए।
उत्तर-
CNG-Compressed Natural Gas – CNG का मुख्य घटक मेथेन CH4, है। इसकी इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना निम्न है
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 36

प्रश्न 22.
ऐस्टरीकरण किसे कहते हैं? इसके निर्माण की विधि व सम्बन्धित रासायनिक अभिक्रिया लिखिये।
उत्तर-
ऐस्टरीकरण अभिक्रिया (Estrification Reaction)-ऐथेनॉइक अम्ल किसी अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में परिशुद्ध एथेनॉल से अभिक्रिया करके ऐस्टर बनाते हैं। यह अभिक्रिया ऐस्टरीकरण अभिक्रिया कहलाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 37

प्रश्न 23.
एथेनॉइक अम्ल के कोई दो गुणधर्म बताइये तथा इसकी निम्न के साथ अभिक्रिया समझाइये।
(a) एस्टरीकरण
(b) क्षार के साथ अभिक्रिया
(c) सोडियम कार्बोनेट से क्रिया।
उत्तर-
एथेनॉइक अम्ल के गुणधर्म-
1. एथेनॉइक अम्ल को ऐसीटिक अम्ल कहा जाता है तथा यह कार्बोक्सिलिक अम्ल के समूह से सम्बन्ध रखता है।
2. शुद्ध एथेनॉइक अम्ल का गलनांक 290K होता है।
(a) एस्टरीकरण अभिक्रिया-एथेनॉइक अम्ल किसी · अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में परिशुद्ध एथेनॉल से अभिक्रिया करके एस्टर बनाते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 38
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(b) क्षारक के साथ अभिक्रिया-खनिज अम्ल की भाँति एथेनॉइक अम्ल सोडियम हाइड्रॉक्साड (NaOH) से अभिक्रिया करके सोडियम एथेनोएट बनाता है।
NaOH+CH3COOH→ CH3COONa+H2O
(c) सोडियम कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया करके सोडियम ऐसीटेट, जल एवं कार्बन डाईऑक्साइड का निर्माण करता है।
2CH3COOH+Na2CO3 → 2CH3COONa +H2O + CO2

प्रश्न 24.
साबुनीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
एस्टर अम्ल या क्षारक की उपस्थिति में अभिक्रिया करके पुनः ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल बनाता है। इस अभिक्रिया को साबुनीकरण कहा जाता है क्योंकि इससे साबुन तैयार किया जाता है।
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
संतृप्त हाइड्रोकार्बन किसे कहते हैं? इस श्रेणी का सूत्र बताइये तथा इस श्रेणी के प्रथम छः सदस्यों की संरचना लिखें। (RBSE 2017)
उत्तर-
संतृप्त हाइड्रोकार्बन-हाइड्रोजन व कार्बन से बने वे यौगिक जिनमें एकल बन्ध पाया जाता है, संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं। इस श्रेणी का सूत्र CnH2n+2 होता है। इस श्रेणी के प्रथम छः सदस्यों की संरचना निम्नवत् है –
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प्रश्न 2.
कार्बन के अपररूपों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
कार्बन के अनेक अपररूप हैं। कार्बन के परमाणुओं के परस्पर आबन्धन के तरीकों के आधार पर ही इनमें अन्तर होता है।
1. हीरे में कार्बन का प्रत्येक परमाणु कार्बन के चार अन्य परमाणुओं के साथ आबन्धित होता है जिससे एक दृढ़ त्रिआयामी संरचना बनती है।
2. ग्रेफाइट में कार्बन के प्रत्येक परमाणु का आबन्धन कार्बन के तीन अन्य परमाणुओं के साथ एक ही तल पर होता है जिससे षट्कोणीय व्यूह मिलता है। इनमें से एक आबन्ध द्विबन्धी होता है जिसके कारण कार्बन की संयोजकता पूर्ण होती है। ग्रेफाइट की रचना में षट्कोणीय तल एक-दूसरे के ऊपर व्यवस्थित होते हैं।
3. शुद्ध कार्बन को अत्यधिक उच्च दाब एवं ताप पर उपचारित करके हीरे को संश्लेषित किया जाता है। ये संश्लिष्ट हीरे आकार में छोटे होते हैं।
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4. फुलेरीन कार्बन अपररूप का अन्य वर्ग है। सबसे पहले C-60 की पहचान की गई जिसमें कार्बन के परमाणु फुटबाल के रूप में व्यवस्थित होते हैं। इस अणु को अमेरिकी आर्किटेक्ट बकमिसटर फुलर के नाम पर फुलेरीन नाम दिया गया है।

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प्रश्न 3.
मेथेन, एथेन और एथीन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए। (RBSE 2015)
उत्तर-
(1) मेथेन-सूत्र : CH4
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(2) एथेन-सूत्र : C2H6
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(3) एथीन-सूत्र : C2H4.
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प्रश्न 4.
विवृत श्रृंखला, शाखित श्रृंखला तथा वलय संरचना में प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
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उदाहरण-
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प्रश्न 5.
समजातीय सीरीज की परिभाषा दीजिये। इसके प्रमुख गुण बताइये। ऐसी समजातीय श्रेणी का नाम बतायें जो निम्नलिखित सामान्य सूत्रों द्वारा प्रदर्शित होती है [RBSE 2015; CBSE 2019]
CnH2n -2, CnH2n +2
CnH2n, तथा CnH2n +1OH
प्रत्येक श्रेणी के प्रथम सदस्य का संरचनात्मक सूत्र लिखिए।
उत्तर-
समजातीय श्रेणी-कार्बनिक यौगिकों को एक ही क्रियात्मक समूह वाले, रासायनिक दृष्टि के समान एवं एक ही सामान्य सूत्र से निरूपति किए जा सकने वाले यौगिकों के समूहों में बाँटा जा सकता है। ऐसे प्रत्येक समूह को समजातीय श्रेणी कहते हैं। इस श्रेणी में रखे गए निकटतम दो सदस्यों के आण्विक सूत्रों में (-CH2) ग्रुप का अन्तर होता है। एक समजातीय श्रेणी के प्रत्येक स को समजातीय कहते हैं।

समजातीय श्रेणी के प्रमुख गुण-
1. समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों को एक सामान्य सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है।
2. दो संलग्न सदस्यों में एक कार्बन परमाणु तथा 2 हाइड्रोजन परमाणुओं का अन्तर होता है।
3. समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों के रासायनिक गुण एक समान होते हैं।
4. समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों के भौतिक गुणों में थोड़ा सा अन्तर होता है।
5. दो संलग्न सदस्यों के आण्विक द्रव्यमान में अन्तर 14 amu होता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 50

प्रश्न 6.
(a) बेन्जीन का अणुसूत्र लिखिए।
(b) बेन्जीन का संरचना सूत्र बनाइए तथा इसमें उपस्थित त्रिबंधों की संख्या लिखिए।
(c) निम्नलिखित में से एधन कौनसी है? इसमें उपस्थित सहसंयोजक बंधों की संख्या लिखिए।
(i) C2H2
(ii) C2H4
(iii) C2H6 (RBSE 2016)
उत्तर-
(i) C2H2
(b) वेन्जीन के संग्चना पत्र में तीन ‘दबंध और एक एकल बंध होता है। इसमें कोई त्रिबंध नहीं होता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 51
(c) C2H6.7 एकल बंध

प्रश्न 7.
(a) साइक्लोहेक्सेन का अणुसूत्र लिखिए।
(b) साइक्लोहेक्सेन का संरचना सूत्र बनाइए तथा इसमें उपस्थित सहसंयोजक बंधों की संख्या लिखिए।
(c) निम्नलिखित में से ऐथीन कौन सी है। उसमें उपस्थित द्विबंध की संख्या लिखिए।
(i) C2H2,
(ii) C2H4
(iii) C2H6(RBSE 2016)
उत्तर-
(a) C6H12 :
(b) साइक्लोहेक्सेन के संरचना सूत्र में 16 एकल बंध होते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 52
(c) C2H4 इसमें एक द्वि-आबन्ध होता है।

प्रश्न 8.
(a) नीचे दिए गए परिवर्तनों को कार्यान्वित कीजिए-
(i) एथेनॉल को एथीन में,
(ii) एथेनॉल को एथेनॉइक अम्ल में।
(b) संकलन अभिक्रिया और प्रतिस्थापन अभिक्रिया के बीच विभेदन कीजिए। प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a)
(i) एथेनॉल को एथीन में –
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इस अभिक्रिया में सांद्र H2SO4 अम्ल निर्जलीकारक के रूप में कार्य करता है।

(ii) एथेनॉल को एथेनॉइक अम्ल में –
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 54
इस अभिक्रिया में क्षारीय KMnO4, का विलयन ऑक्सीकारक के रूप में कार्य करता है।
(b)

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प्रश्न 9.
उस यौगिक का नाम और रासायनिक सूत्र लिखिए जो सभी एल्कोहॉली पेय पदार्थों का महत्त्वपूर्ण अवयव है। इसके दो उपयोगों की सूची बनाइए। होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण तथा उत्पाद का नाम लिखिए, जल यह यौगिक
(i) सोडियम धातु से अभिक्रिया करता है।
(ii) गर्म सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया करता
अथवा
मेथेन क्या है? इसकी इलेक्ट्रॉन-बिन्दु संरचना खींचिए। इस यौगिक में बनने वाले आबन्धों का प्रकार लिखिए। इस प्रकार के यौगिक
(i) विद्युत के कुचालक तथा
(ii) कम गलनांक और कम क्वथनांक वाले क्यों होते हैं? क्या होता है जब इस यौगिक का ऑक्सीजन में दहन होता है? (CBSE 2019)
उत्तर-
सभी एल्कोहाल का महत्त्वपूर्ण अवयव C2H5OH है।
उपयोग-इसका उपयोग विभिन्न दवाओं जैसे-टिंचर आयोडीन, कफ सीरप आदि बनाने में किया जाता है।
(i)
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अथवा
मीथेन एक संतप्त हाइड्रोकार्बन है जिसमें एक कार्बन परमाणु से चार हाइड्रोजन परमाणु जुड़े होते हैं और कार्बन का अष्टक पूर्ण करते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 58
इस यौगिक में सभी बन्ध संयोजी बन्ध हैं।
(i) ये विद्युत के कुचालक होते हैं क्योंकि इनमें मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं।
(ii) इनके गलनांक व क्वथनांक कम होते हैं क्योंकि इनमें संयोजी बंध होते हैं। जब इसका ऑक्सीजन में दहन होता है तो CO2, जल व ऊष्मा उत्पन्न होती है।
CH4 + 2O2,→ CO2, +2H2O+ ऊष्मा

प्रश्न 10.
ऐल्डिहाइड तथा कीटोन क्या होते हैं? इनका नामकरण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर-
ऐल्डिहाइड तथा कीटोन कार्बन के वे यौगिक हैं जिनमें कार्बोनिल (>C = 0) समूह उपस्थित होता है। ऐल्डिहाइड में ऑक्सीजन के अलावा कार्बोनिल समूह एक ओर ऐल्किल समूह से तथा दूसरी ओर हाइड्रोजन समूह से जुड़ा रहता है। कीटोन में कार्बोनिल समूह दो एल्किल समूहों से जुड़ा रहता है। दोनों एल्किल समूह समान या भिन्न हो सकते हैं, जैसे-
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यहाँ R तथा R’ ऐल्किल समूह को व्यक्त करते हैं।

ऐल्डिहाइड तथा कीटोन का नामकरण-ऐल्केन (alkane) के नाम के सिरे पर स्थित -e (ई) के स्थान पर al (अल) अनुलग्न लगाने पर ऐल्डिहाइड का नाम प्राप्त होता है, जैसे- फॉर्मेल्डिहाइड, मेथेन से व्युत्पन्न होता है अतः इसको मेथेनल (Methanal) कहते हैं। ऐल्केन नाम के सिरे पर स्थित -e (ई) के स्थान पर -one (ओन) अनुलग्न लगाकर संगत कीटोन का नाम प्राप्त होता है। ऐसीटोन एक सरलतम कीटोन है जो प्रोपेन से व्युत्पन्न होता है। अतः इसको प्रोपेनोन (Propanone) कहते हैं।

प्रश्न 11.
कुछ यौगिकों को हाइड्रोकार्बन क्यों कहा जाता है? ऐल्केन, ऐल्कीन और ऐल्काइन की समजातीय श्रेणियों का सामान्य सूत्र लिखिए तथा प्रत्येक श्रेणी के प्रथम सदस्य की संरचना भी खींचिए। ऐल्कीन को ऐल्केन में परिवर्तित करने की अभिक्रिया का नाम लिखिए और रासायनिक समीकरण द्वारा इस अभिक्रिया के होने के लिए आवश्यक परिस्थितियों को भी दर्शाइए। (CBSE 2017)
उत्तर-
जो यौगिक हाइड्रोजन और कार्बन से मिलकर बनते हैं उनको हम हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
ऐल्केन सूत्र = CnH2n + 2
ऐल्कीन सूत्र = CnH2n
ऐल्काइन सूत्र = CnH2n – 2
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प्रश्न 12.
कुछ प्रमुख क्रियात्मक समूहों को उदाहरण सहित सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर –
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प्रश्न 13.
कार्बन यौगिकों के रासायनिक गुणधर्म लिखिए। प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्या है। (RBSE 2017)
उत्तर-
कार्बन यौगिकों के प्रमुख रासायनिक गुणधर्म निम्नवत् हैं-
(1) दहन-कार्बन अपने सभी अपररूपों में ऑक्सीजन की उपस्थिति में दहन करता है और ऊष्मा तथा प्रकाश के साथ CO, उत्पन्न करता है। उदाहरण के लिए,
C+ O2 → CO2 + ऊष्मा एवं प्रकाश
C2H5OH+ 3O2 → 2CO2+ 3H2O + ऊष्मा एवं प्रकाश
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन स्वच्छ ज्वाला के साथ जलते हैं और असंतृप्त कार्बन काले धुएँ वाली पीली ज्वाला उत्पन्न करते हैं।

(2) ऑक्सीकरण-कार्बन यौगिकों को दहन के द्वारा सरलता से ऑक्सीकृत किया जा सकता है। पोटैशियम परमैंगनेट या अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट ऐल्कोहॉलों को अम्लों में ऑक्सीकृत कर देते हैं-
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प्रतिस्थापन अभिक्रिया-संतृप्त हाइड्रोकार्बन अधिकतर अभिकर्मकों की उपस्थिति में क्रिया नहीं करते परन्तु सूर्य के प्रकाश के उपस्थित होने पर क्लोरीन का हाइड्रोकार्बन में संकलन होता है। क्लोरीन अति तीव्र अभिक्रिया में एक-एक करके हाइड्रोजन के परमाणुओं का प्रतिस्थापन करती है जिस कारण उच्च समजातीय एल्केन के साथ अनेक उत्पादों का निर्माण होता है जो निम्न प्रकार है- .
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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 14.
कोई कार्बन यौगिक ‘P’ आधिक्य सांद्र H2SO4, के साथ गर्म किए जाने पर कोई अन्य यौगिक ” बनाता है जो निकिल उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन से संकलन करके कोई संतृप्त यौगिक ‘R’ बनाता ‘R’ के एक अणु दहन होने पर, कार्बन डाइऑक्साइड के दो अणु तथा जल के तीन अणु बनाता है। P, Q और R को पहचानिए और सम्मिलित अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
यौगिक P C2H5OH एथेनॉल है।
यौगिक Q CH2 = CH2 एथीन है।
यौगिक R CH3 – CH3 एथेन है।

रासायनिक समीकरण-
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प्रश्न 15.
निम्नलिखित पदों की व्याख्या कीजिए –
(i) एस्टरीकरण
(ii) साबुनीकरण ।
(iii) विकार्बोक्सिलीकरण (CBSE 2017)
उत्तर-
(i) एस्टरीकरण-ऐल्कोहॉल तथा कार्बोक्सि लिक अम्ल की परस्पर अभिक्रिया के फलस्वरूप जल के अतिरिक्त जो यौगिक बनता है, उसे एस्टर कहते हैं तथा इस अभिक्रिया को एस्टरीकरण कहते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 65

(ii) साबुनीकरण-जब किसी तेल या वसा को सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन के साथ गर्म करते हैं तो तेल या वसा संगत अम्ल के सोडियम लवण (साबुन) तथा ग्लिसरॉल में बदल जाते हैं। इस अभिक्रिया को साबुनीकरण कहते हैं-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 66

(iii) विकार्बोक्सिलीकरण-एथेनोइक अम्ल के सोडियम लवण (सोडियम एथेनोएट) को सोडालाइम (3 भाग NaOH + 1 भाग Cao) के साथ गर्म करने पर मेथेन गैस बनती है। चूँकि इस अभिक्रिया में कार्बोक्सिलिक समूह (-COOH) से एक CO2 अणु निकल जाता है, अतः इस . अभिक्रिया को विकार्बोक्सिलीकरण कहते हैं
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 67

प्रश्न 16.
एथेनॉइक अम्ल की रासायनिक विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
एथेनॉइक अम्ल कुछ धातुओं तथा धातु कार्बोनेट तथा हाइड्रॉक्साइड बाईकार्बोनेट से क्रिया करता है।
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(ii) सोडियम हाइड्रॉक्साइड और पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड से क्रिया
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प्रश्न 17.
जब आप एक परखनली में ऐसीटिक अम्ल लेकर उसमें सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट मिलाते हैं, तब तुरन्त ही तीव्र बुदबुदाहट के साथ कोई गैस निकलती है। इस गैस का नाम लिखिए। इस गैस के परीक्षण की विधि का वर्णन कीजिए। [CBSE 2015]
उत्तर-
CH3COOH + NaHCO3 → CH3COONa + H2O + CO2
बुदबुदाहट के साथ CO2 , गैस निकलती है।
जब CO2, गैस को Ca(OH)2 के विलयन से गुजारा जाता है तो चूने का पानी दूधिया हो जाता है।
Ca(OH)2 + CO2 →CaCO3, + H2O .

प्रश्न 18.
कार्बनिकं व अकार्बनिक यौगिकों के गुणों में अन्तर लिखो।
उत्तर-
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प्रश्न 19.
साबुन और अपमार्जकों में अन्तर लिखिए। (CBSE 2017,20)
उत्तर-
साबुन तथा अपमार्जक में अन्तर-

साबुन (Soap)अपमार्जक (Detergent)
1. साबुन लम्बी श्रृंखला वाले वसा अम्लों का सोडियम लवण होता है।1. संश्लिष्ट अपमार्जक, लम्बी शृंखला वाले’बेंजीन, सल्फोनिक अम्ल का सोडियम लवण’ या लम्बी श्रेणी वाले ऐल्काइल हाइड्रोजन सल्फेट का सोडियम लवण’ होता है।
2 साबुन कठोर जल के साथ झाग नहीं बनाता।।2. अपमार्जक कठोर जल के साथ भी झाग उत्पन्न करता है।
3. साबुन को वनस्पति तेल या जन्तु वसा से बनाया जाता है।3. संश्लिष्ट अपमार्जक कोयले तथा पेट्रोलियम के हाइड्रोकार्बन से बनते है।
4. साबुन जल प्रदूषण नहीं फैलाता।4. अपमार्जक जल प्रदूषण  फैलाता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. कार्बन चार इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर क्या बनाता है –
(a) ऋणायन
(b) धनायन
(c) उपर्युक्त दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) ऋणायन।

2. सिरके में उपस्थित कार्बनिक अम्ल है
(a) प्रोपेनॉइक अम्ल
(b) मेथेनॉइक अम्ल
(c) एथेनॉइक अम्ल
(d) ब्यूटेनॉइक अम्ल।
उत्तर-
(c) एथेनॉइक अम्ल।।

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3. दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉन के एक युग्म की साझेदारी के द्वारा बनने वाला आबन्ध कहलाता है –
(a) सहसंयोजी
(b) सर्वतोन्मुखी
(c) उपर्युक्त दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) सहसंयोजी।

4. ऐसीटिक अम्ल के कितने प्रतिशत विलयन को सिरका कहा जाता है-
(a)2-3%
(b) 3- 4%
(c) 7-9%
(d) 10-12%.
उत्तर-
(b) 3-4%.

5. श्रृंखलन से कौन-सा तत्व बन्ध बनाने की क्षमता रखता-
(a) हीलियम
(b) हाइड्रोजन
(c) ऑक्सीजन
(d) कार्बन।
उत्तर-
(d) कार्बन।

6. तिहरे बन्ध वाले असंतृप्त हाइड्रोकार्बन को कहते हैं –
(a) ऐल्केन
(b) ऐल्कीन
(c) ऐल्काइन
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) ऐल्काइन।

7. ऐल्डिहाइड के प्रकार्यात्मक समूह का सूत्र है-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 71
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 72

8. आयनिक यौगिकों के गलनांक एवं क्वथनांक होते
(a) निम्न
(b) उच्च
(c) मध्यम
(d) अति निम्न।
उत्तर-
(b) उच्च।

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9. समजातीय श्रेणी के उत्तरोत्तर यौगिकों में अन्तर होता-
(a)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 73
(b) -CH2
(c)-CH3
(d) =C=
उत्तर-
(b) –CH2

10. ऐल्काइन का सामान्य सूत्र है –
(a) Cn H2n-2
(b) CnH2n+2
(c) CnH2n
(d) Cn+2HH2n,
उत्तर-
(c) CnH2n

11. ऐल्कीन का सामान्य सूत्र है –
(a) Cn H2n-2
(b) CnH2n+2
(c) CnH2n
(d) Cn+2HH2n.
उत्तर-
(a) Cn H2n-2.

12. ऐल्कोहॉल किसके साथ हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता
(a) Zn के साथ
(b) Fe के साथ
(c) AI के साथ
(d) Na के साथ।
उत्तर-
(d) Na के साथ।

13. निम्न में से कौन-सा यौगिक ब्रोमीन जल को रंगहीन करता है –
(a) C3H8
(b) C3H4
(c) C4H10
(d) CCl4.
उत्तर-
(b) C3H4 .

14. साबुनीकरण अभिक्रिया का अध्ययन करते समय आप बीकर में जब समान मात्रा में किसी रंगहीन वनस्पति तेल में NaOH का 20% जलीय विलयन मिलाते हैं, तो क्या प्रेक्षण करते हैं?
(a) मिश्रण का रंग गहरा भूरा हो गया है।
(b) बीकर में तीव्र बुदबुदाहट हो रही है।
(c) बीकर का बाहरी पृष्ठ गर्म हो गया है।
(d) बीकर का बाहरी पृष्ठ ठंडा हो गया है। (CBSE 2020)
उत्तर-
(c) बीकर का बाहरी पृष्ठ गर्म हो गया है।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. ऐल्कीनो का सामान्य रासायनिक सूत्र ………………………………. है।
उत्तर-
CnH2n.

2. ऐल्कोहॉलो का सामान्य रासायनिक सूत्र ………………………………. है।
उत्तर-
CnH2n+1 OH.

3. यदि हाइड्रोकार्बनों में त्रिआबन्ध उपस्थित होता है तो ऐसे हाइड्रोकार्बनों को ………………………………. कहते हैं।
उत्तर-
ऐल्काइन,

4. एथेनॉल वायु में नीली लौ के साथ जलकर ………………………………. तथा ……………………………….. बनाता है।
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड, जल

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

5. साइक्लोहेक्सेन के संरचना सूत्र में ………………………………. एकल बंध होते हैं।
उत्तर-
161

सुमेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)

प्रश्न 1.
निम्न को सुमेलित करें –
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 74
उत्तर-
1. (d), 2. (e,i) 3. (f), 4. (a,g) 5. (b, c).

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HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3

Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Exercise 1.3

प्रश्न 1.
निम्नलिखित भिन्नों को दशमलव रूप में लिखिए और बताइए कि प्रत्येक का दशमलव प्रसार किस प्रकार का है –
(i) \(\frac {36}{100}\)
(ii) \(\frac {1}{11}\)
(iii) 4\(\frac {1}{8}\)
(iv) \(\frac {3}{13}\)
(v) \(\frac {2}{11}\)
(vi) \(\frac {329}{400}\)
हल:
\(\frac {36}{100}\) = 0.36; यह दशमलव प्रसार सांत है।

(ii) \(\frac {1}{11}\)
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 - 1
अतः \(\frac {1}{11}\) = 0.0909…… = \(0 . \overline{09}\);
यह दशमलव प्रसार अनवसानी पुनरावृत्ति है।

(iii) 4\(\frac {1}{8}\)
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 - 2
अतः 4\(\frac {1}{8}\) = 4.125
यह दशमलव प्रसार सांत है।

(iv) \(\frac {3}{13}\)
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 - 3
अतः \(\frac {3}{13}\) = \(0 . \overline{230769}\) ; यह दशमलव प्रसार अनवसानी पुनरावृत्ति है। (पुनरावृत्ति)

(v) \(\frac {2}{11}\)
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 - 4
अतः \(\frac {2}{11}\) = \(0 . \overline{18}\) ; यह दशमलव प्रसार अनवसानी पुनरावृत्ति है।
(पुनरावृत्ति)

(vi) \(\frac {329}{400}\)
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 - 5
अतः \(\frac {329}{400}\) = 0.8225, यह दशमलव प्रसार सांत है।

HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3

प्रश्न 2.
आप जानते हैं कि \(\frac {1}{7}\) = \(0 . \overline{142857}\) है। वास्तव में, लंबा भाग दिए बिना क्या आप यह बता सकते हैं कि \(\frac{2}{7}, \frac{3}{7}, \frac{4}{7}, \frac{5}{7}, \frac{6}{7}\) के दशमलव प्रसार क्या हैं? यदि हाँ, तो कैसे?
हल :
हाँ, हम \(\frac {1}{7}\) के मान की सहायता से लंबा भाग किए बिना व \(\frac{2}{7}, \frac{3}{7}, \frac{4}{7}, \frac{5}{7}, \frac{6}{7}\) का मान क्रमशः 2, 3, 4, 5 व 6 से \(\frac {1}{7}\) के मान को गुणा करके ज्ञात कर सकते हैं अर्थात
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 - 6

प्रश्न 3.
निम्नलिखित को \(\frac {p}{q}\) के रूप में व्यक्त कीजिए, जहाँ p और q पूर्णाक हैं तथा q ≠ 0 है-
(i) \(0 . \overline{6}\)
(ii) \(0 . 4\overline{7}\)
(iii) \(0 . \overline{001}\)
हल :
(i) माना x = \(0 . \overline{6}\)
⇒ x = 0.6666………
दोनों ओर 10 से गुणा करने पर
या 10x = 6.6666……….
या 10r = 6 + 0.6666………
या 10x = 6 + x
या 10x – x = 6
या 9x = 6
या x = \(\frac{6}{9}=\frac{2}{3}\)
अतः \(0 . \overline{6}\) = \(\frac {2}{3}\) उत्तर

(ii) माना
x = \(0 . 4\overline{7}\)
x = 0.47777……..
दोनों ओर 10 से गुणा करने पर
10x = 4.7777………
पुनः दोनों ओर 10 से गुणा करने पर
या 100x = 47.777……..
या 100x = 43 + 4.7777……..
या 100x = 43 + 10x
या 100x – 10x = 43
या 90x = 43
या x = \(\frac{43}{90}\)
अतः \(0 . 4\overline{7}\) = \(\frac{43}{90}\) उत्तर

(iii) माना x = \(0 . \overline{001}\)
x = 0.001001001……….
दोनों ओर 1000 से गुणा करने पर
या 1000x = 1.001001………
या 1000x = 1 + 0.001001001………
या 1000x = 1 + x
या 1000x – x = 1
या 999x = 1
या x = \(\frac{1}{999}\)
अतः \(0 . \overline{001}\) = \(\frac{1}{999}\) उत्तर

HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3

प्रश्न 4.
0.99999… को \(\frac{p}{q}\) के रूप में व्यक्त कीजिए। क्या आप अपने उत्तर से आश्चर्यचकित हैं ? अपने अध्यापक और कक्षा के सहयोगियों के साथ उत्तर की सार्थकता पर चर्चा कीजिए।
हल :
माना x = 0.99999……..
दोनों ओर 10 से गुणा करने पर 10x = 9.99999…………
या 10x = 9 + 0.99999……….
या 10x = 9 + x
या 10x – x = 9
या 9x = 9
या x = \(\frac{9}{9}\) = 1
अतः 0.99999……. = \(\frac{1}{1}\) उत्तर

प्रश्न 5.
\(\frac{1}{17}\) के दशमलव प्रसार में अंकों के पुनरावृत्ति खंड में अंकों की अधिकतम संख्या क्या हो सकती है ? अपने उत्तर की जाँच करने के लिए विभाजन-क्रिया कीजिए।
हल :
\(\frac{1}{17}\) के दशमलव प्रसार में अंकों के पुनरावृत्ति खंड में अंकों की अधिकतम संख्या हो सकती है = 17 – 1 = 16
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 - 7
अतः \(\frac{1}{17}\) = \(0 . \overline{05882352941176471}\)
इस प्रकार \(\frac{1}{17}\) में 16 अंकों की पुनरावृत्ति होती है। उत्तर

HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3

प्रश्न 6.
\(\frac{p}{q}\)(q ≠ 0) के रूप की परिमेय संख्याओं के अनेक उदाहरण लीजिए, जहाँ Pऔर 4 पूर्णाक हैं, जिनका 1 के अतिरिक्त अन्य कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं है और जिसका सांत दशमलव निरूपण (प्रसार) है। क्या आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि q को कौन-सा गुण अवश्य संतुष्ट करना चाहिए ?
हल :
\(\frac{p}{q}\) के रूप में परिमेय संख्याएँ = \(\frac{3}{4}, \frac{3}{5}, \frac{1}{2}, \frac{1}{4}, \frac{1}{10}\) हैं तथा इनका दशमलव निरूपण = 0.75, 0.6, 0.5, 0.25, 0.1 सांत है।
इससे पता चलता है कि जिन संख्याओं के हर में 2 या 5 अथवा दोनों के गुणनखंड हों तो उन्हें सात दशमलव के रूप में निरूपित कर सकते हैं।

प्रश्न 7.
ऐसी तीन संख्याएँ लिखिए जिनके दशमलव प्रसार अनवसानी अनावर्ती हों।
हल:
पहली अनवसानी अनावर्ती संख्या = 0.01001000100001………
दूसरी अनवसानी अनावर्ती संख्या = 0.202002000200002………
तीसरी अनवसानी अनावर्ती संख्या = 0.003000300003………..

प्रश्न 8.
परिमेय संख्याओं \(\frac {5}{7}\) और \(\frac {9}{11}\) के बीच की तीन अलग-अलग अपरिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
हल :
यहाँ पर,
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 - 8
अतः \(\frac {5}{7}\) = \(0 . \overline{714285}\) तथा \(\frac {9}{11}\) = \(0 . \overline{81}\)
इस प्रकार \(\frac {5}{7}\) और \(\frac {9}{11}\) के बीच तीन अलग अपरिमेय संख्याएँ होंगी –
I = 0.750750075000750000…….
II = 0.760760076000760000……..
III = 0.770770077000770000………

HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3

प्रश्न 9.
बताइए कि निम्नलिखित संख्याओं में कौन-कौन-सी संख्याएँ परिमेय और कौन-कौन-सी संख्याएँ अपरिमेय हैं
(i) \(\sqrt{23}\)
(ii) \(\sqrt{225}\)
(iii) 0.3796
(iv) 7.478478……
(v) 1.101001000100001…….
हल :
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 - 9
अतः \(\sqrt{23}\) = 4.795831523…….
क्योंकि यह दशमलव प्रसार अनवसानी अनावर्ती है।
∴ \(\sqrt{23}\) एक अपरिमेय संख्या है। उत्तर

(ii)
HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 - 10
अतः \(\sqrt{225}\) = 15 जोकि एक परिमेय संख्या है।
इस प्रकार \(\sqrt{225}\) एक परिमेय संख्या है। उत्तर

(iii) 0.3796
क्योंकि यह दशमलव प्रसार सांत है। इसलिए 0.3796 एक परिमेय संख्या है। उत्तर

(iv) 7.478478………
क्योंकि यह दशमलव प्रसार अनवसानी आवर्ती है। इसलिए 7.478478…….. एक परिमेय संख्या है। उत्तर

(v) 1.101001000100001……
क्योंकि यह दशमलव प्रसार अनवसानी अनावर्ती है। इसलिए यह एक अपरिमेय संख्या है। उत्तर

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HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

HBSE 10th Class Science प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता ?
(a) जल
(b) काँच
(c) प्लास्टिक
(d) मिट्टी।
उत्तर-
(d) मिट्टी।

प्रश्न 2.
किसी बिम्ब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा तथा बिम्ब से बड़ा पाया गया। वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए ?
(a) मुख्य फोकस तथा वक्रता केन्द्र के बीच
(b) वक्रता केन्द्र पर
(c) वक्रता केन्द्र से परे
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच।
उत्तर-
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच।

प्रश्न 3.
किसी बिम्ब का वास्तविक तथा समान आकार का प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए बिम्ब को उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखें ?
(a) लेंस के मुख्य फोकस पर
(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
(c) अनन्त पर
(d) लेंस के प्रकाशिक केन्द्र तथा मुख्य फोकस के बीच।
उत्तर-
(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर।

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प्रश्न 4.
किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लेंस दोनों की फोकस दूरियाँ – 15 cm हैं। दर्पण तथा लेंस सम्भवतः हैं- .
(a) दोनों अवतल
(b) दोनों उत्तल
(c) दर्पण अवतल तथा लेंस उत्तल
(d) दर्पण उत्तल तथा लेंस अवतल।
उत्तर-
(a) दोनों अवतल।

प्रश्न 5.
किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर स खड़े हों, आपका प्रतिबिम्ब सदैव सीधा प्रतीत होता है। है। सम्भवतः दर्पण है
(a) केवल समतल
(b) केवल अवतल
(c) केवल उत्तल
(d) या तो समतल अथवा उत्तल।
उत्तर-
(d) या तो समतल अथवा उत्तल।

प्रश्न 6.
किसी शब्दकोष (dictionary) में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्न में से कौन-सा लेंस पसन्द करेंगे?
(a) 50 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(b) 50 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
(c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(d) 5 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
उत्तर-
(a) 50 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस।

प्रश्न 7.
15 cm फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब बनाना चाहते हैं। बिम्ब का दर्पण से दूरी का परिसर (range) क्या होना चाहिए ? प्रतिबिम्ब की प्रकृति कैसी है ? प्रतिबिम्ब बिम्ब से बड़ा है अथवा छोटा ? इस स्थिति में प्रतिबिम्ब बनने का एक किरण आरेख बनाइए।
उत्तर-
अवतल दर्पण द्वारा वस्तु का सीधा प्रतिबिम्ब
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प्राप्त करने के लिए वस्तु को दर्पण के मुख्य फोकस एवं ध्रुव के बीच रखना होगा। अतः वस्तु की दर्पण के ध्रुव से दूरी 15 cm से कुछ कम हो सकती है। वस्तु का प्रतिबिम्ब सीधा तथा आभासी है तथा आकार में वस्तु से बड़ा है।

प्रश्न 8.
निम्न स्थितियों में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए
(a) किसी कार का अग्र-दीप (हैड-लाइट)
(b) किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण
(c) सौर भट्टी अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए।
उत्तर-
(a) कार की हैडलाइटों में अवतल दर्पण प्रयुक्त होता है। बल्ब दर्पण के मुख्य फोकस पर स्थित होता है तथा परावर्तन के पश्चात् दर्पण से किरणें समान्तर होकर सड़क पर पड़ती हैं।
(b) उत्तल दर्पण ; क्योंकि उत्तल दर्पण सदैव वस्तु का सीधा तथा छोटा प्रतिबिम्ब बनाता है। इसका दृष्टि क्षेत्र बड़ा होता है जिससे चालक को सड़क के पृष्ठ भाग का सम्पूर्ण प्रतिबिम्ब प्राप्त होता रहता है।
(c) सौर भट्टी में अवतल दर्पण का प्रयोग होता है, गर्म किए जाने वाले बर्तन को दर्पण के फोकस पर रखते हैं। अवतल दर्पण सूर्य की समान्तर किरणों के रूप में आती ऊर्जा को दर्पण से परावर्तन के उपरान्त फोकस पर रखे बर्तन पर केन्द्रित कर देता है।

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प्रश्न 9.
किसी उत्तल लेंस का आधा भाग काले कागज से ढक दिया गया है। क्या यह लेंस किसी बिम्ब का पूरा प्रतिबिम्ब बना पाएगा? अपने उत्तर की प्रयोग द्वारा जाँच कीजिए। अपने प्रेक्षणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
लेंस द्वारा वस्तु का पूर्ण प्रतिबिम्ब बनेगा परन्तु इसकी तीव्रता पहले की तुलना में कम हो जाती है। प्रायोगिक सत्यापन-सर्वप्रथम एक प्रकाशिक बैंच के – स्टैण्ड पर उत्तल लेंस लगाते हैं, लेंस की फोकस दूरी से | कुछ अधिक दूरी पर, स्टैण्ड में एक जलती मोमबत्ती लगाकर व दूसरी ओर से मोमबत्ती को देखते हैं। व . अब लेंस के आधे भाग को काले कागज से ढक देते हैं तथा लेंस के दूसरी ओर से मोमबत्ती को देखते हैं। .
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व्याख्या-आधा लेंस काला कर देने पर भी उस बिन्दु पर किरणें आएँगी तथा मोमबत्ती का पूरा प्रतिबिम्ब प्राप्त होगा परन्तु किरणों की संख्या कम होने के कारण प्रतिबिम्ब की तीव्रता घट जाती है।

प्रश्न 10.
5 cm लम्बा कोई बिम्ब 10 cm फोकस – दूरी के किसी अभिसारी लेंस से 25 cm दूरी पर रखा जाता है। प्रकाश किरण-आरेख खींचकर बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति, आकार तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है- u = – 25 cm, f=+ 10 cm
∴ लेंस के सूत्र से
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
∴ \(\frac{1}{v}=\frac{1}{f}+\frac{1}{u}=\frac{1}{10}+\frac{1}{-25}=\frac{5-2}{50}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{3}{50}\)
∴ υ = + \(\frac{50}{3}\) cm
अर्थात् प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर bp cm दूरी पर बनेगा।
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पुनः वस्तु की लम्बाई h = 5 cm
यदि प्रतिबिम्ब की लम्बाई h है, तो
आवर्धन m = \(\frac{v}{u}=\frac{h}{h}\) ‘से
प्रतिबिम्ब की लम्बाई h’ = \(h\left(\frac{v}{u}\right)\) = 5 \(\left(\frac{+50 / 3}{-25}\right)\)
= \(\frac{-5 \times 50}{3 \times 25}=\frac{-10}{3}\)cm
प्रतिबिम्ब की लम्बाई \(\frac{10}{3}\) cm होगी तथा यह एक वास्तविक प्रतिबिम्ब होगा।

प्रश्न 11.
15 cm फोकस दूरी का कोई अवतल लेंस किसी बिम्ब का प्रतिबिम्ब लेंस से 10 cm दूरी पर बनाता है। बिम्ब लेंस से कितनी दूरी पर स्थित है ? किरण आरेख खींचिए।
हल : दिया है-f =- 15 cm
प्रतिबिम्ब की लेंस से दूरी v = – 10 cm
बिम्ब की लेंस से दूरी u = ?
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लेंस सूत्र
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\)
∴ \(\frac{1}{u}=\frac{1}{v}-\frac{1}{f}=\frac{1}{-10}+\frac{1}{15}\)
= \(\frac{-3+2}{30}=\frac{-1}{30}\)
∴ u = -30 cm अर्थात् वस्तु लेंस से 30 cm की दूरी पर स्थित है।

प्रश्न 12.
15 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण से कोई बिम्ब 10 cm दूरी पर रखा है। प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
हल : दिया है-उत्तल दर्पण की फोकस दूरी
f=+15 cm
वस्तु से दर्पण की दूरी u = – 10 cm
दर्पण सूत्र से, \(\frac{1}{v}+\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
∴ \(\frac{1}{v}=\frac{1}{f}-\frac{1}{u}=\frac{1}{15}-\frac{1}{-10}=\frac{1}{15}+\frac{1}{10}\)
= \(\frac{2+3}{30}=\frac{5}{30}\)
∴ v= =+6 cm
अत: दर्पण से पीछे की ओर 6 cm की दूरी पर प्रतिबिम्ब बनेगा तथा यह सीधा और आभासी होगा।

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प्रश्न 13.
एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन +1 है, इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
m = \(\frac{h_2}{h_1}\) = +1 या h2 = h1
चूँकि प्रतिबिम्ब एवं बिम्ब का आकार बराबर है। धनात्मक चिह्न प्रदर्शित करता है कि समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब आभासी होता है तथा वस्तु के विपरीत (दर्पण के पीछे) बनता है।

प्रश्न 14.
5.0 cm लम्बाई का कोई बिम्ब 30 cm वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण के सामने 20 cm दूरी पर रखा गया है। प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति तथा आकार ज्ञात कीजिए।
हल : दिया है- वस्तु की दर्पण से दूरी
u = – 20 cm
दर्पण की वक्रता त्रिज्या R = + 30 cm
वस्तु की लम्बाई h = 5.0 cm
दर्पण की फोकस दूरी
f = \(\frac{\mathrm{R}}{2}=\frac{30}{2}\) = +15 cm
∵ \(\frac{1}{v}+\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
∴ \(\frac{1}{v}=\frac{1}{f}-\frac{1}{u}=\frac{1}{15}-\frac{1}{-20}\)
= \(\frac{1}{15}+\frac{1}{20}=\frac{4+3}{60}=\frac{7}{60}\)
= \( \frac{-3+2}{30}=\frac{-1}{30}\)
∴ प्रतिबिम्ब दर्पण से \(\frac{60}{7}\) cm दर्पण के दूसरी ओर बनेगा। यदि प्रतिबिम्ब की ऊँचाई ‘ हो, तब
m = – \(\frac{v}{u}=\frac{h^{\prime}}{h}\) से
h ‘ = – h \(\left(\frac{v}{u}\right)\) = -5 × \(\frac{(60 / 7)}{-20}=\frac{15}{7}\) cm
अतः वस्तु का प्रतिबिम्ब \( \frac{15}{7}\) cm ऊँचा, सीधा तथा आभासी होगा तथा दर्पण के पीछे-cm की दूरी पर बनेगा।

प्रश्न 15.
7.0 cm आकार का कोई बिम्ब 18 cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 27 cm दूरी पर रखा गया है। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखें कि उस पर वस्तु का स्पष्ट फोकसित प्रतिबिम्ब प्राप्त किया जा सके। प्रतिबिम्ब का आकार तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
हल:
बिम्ब का आकार h’ = 7.0 cm
दर्पण की बिम्ब से दूरी u = – 27 cm
फोकस दूरी f= – 18 cm
प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी v = ?
दर्पण सत्र से, \(\frac{1}{v}+\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
∴ \(\frac{1}{v}=\frac{1}{f}-\frac{1}{u}=\frac{1}{-18}+\frac{1}{27}\)
= \(\frac{-3+2}{54}=\frac{-1}{54}\) या v=- 54 cm
अतः परदे को दर्पण के आगे 54 cm दूरी पर रखना चाहिए। परदे पर बना प्रतिबिम्ब वास्तविक होगा।
आवर्धन m = \( -\frac{v}{u}=-\frac{h^{\prime}}{h}\)
∴ h’ = \( h \times \frac{v}{u}=-7 \times\left(\frac{-54}{-24}\right)\) = -14 cm
अर्थात् प्रतिबिम्ब की ऊँचाई 14 cm होगी तथा यह उल्टा तथा वास्तविक होगा।

प्रश्न 16.
उस लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी क्षमता- 2.0 D है। यह किस प्रकार का लेंस है ?
हल : सूत्र : लेंस की क्षमता
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f = \(\frac{1}{p}\) m = \(\frac{1}{-2.0} \) = -0.5 cm
f= – 50 cm
∵ फोकस दूरी ऋणात्मक है अत: यह अवतल लेंस है।

प्रश्न 17.
कोई डॉक्टर +1.5D क्षमता का संशोधक लेंस निर्धारित करता है। लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। क्या निर्धारित लेंस अभिसारी है अथवा अपसारी ?
हल : दिया हैलेंस की क्षमता P=+ 1.5 D
∴ P= \(\frac{1}{f}\)
अतः फोकस दूरी f= \(\frac{1}{P}=\frac{1}{1.5}=\frac{2}{3}\) m
∴ f=+ 0.67m
∴ फोकस दूरी धनात्मक है, अतः यह एक अभिसारी लेंस है।

HBSE 10th Class Science प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन InText Questions and Answers

(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 185)

प्रश्न 1.
अवतल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
मुख्य अक्ष पर स्थित ऐसा बिन्दु जहाँ पर दर्पण के मुख्य अक्ष के समान्तर आने वाली प्रकाश किरणें, परावर्तन के पश्चात् मिलती हैं, अवतल दर्पण का मुख्य फोकस कहलाता है। इसे F से प्रदर्शित करते हैं।
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प्रश्न 2.
एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 सेमी है। इसकी फोकस दूरी क्या होगी?
उत्तर-
दिया है-R = 20 सेमी. f= ?
f = \(\frac{\mathrm{R}}{2}=\frac{20}{2}\) = 10 सेमी.

प्रश्न 3.
उस दर्पण का नाम बताइए जो बिम्ब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिम्ब बना सके। .
उत्तर-
अवतल दर्पण।

प्रश्न 4.
हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं ?
उत्तर-
वाहनों में उत्तल दर्पण को वरीयता देने के कारण निम्नलिखित हैं-

  • उत्तल दर्पण द्वारा वस्तु का सीधा प्रतिबिम्ब बनता है।
  • इनका दृष्टि क्षेत्र अधिक होता है क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं तथा चालक छोटे से दर्पण में सड़क का सम्पूर्ण क्षेत्र आसानी से देख पाता है।

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(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 188)

प्रश्न 1.
उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता त्रिज्या 32 cm है।
उत्तर-
दिया है-उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या .
R= + 32 cm_
∴ इसकी फोकस दूरी f = \(\frac{R}{2}=\frac{+32}{2}\)
f= + 16 cm

प्रश्न 2.
कोई अवतल दर्पण अपने सामने 10 cm दूरी पर रखे किसी बिम्ब का तीन गुना आवर्धित (बड़ा) वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाता है। प्रतिबिम्ब दर्पण से कितनी दूरी पर है ?
उत्तर-
दिया है-
m = – 3
(वास्तविक प्रतिबिम्ब के लिए ऋणात्मक चि )
बिम्ब की दूरी u = – 10 cm
प्रतिबिम्ब की दूरी v = ?
∴ m= \(\frac{-v}{u}\)
∴ -3 = \(\frac{-v}{-10}\)
अत: v = – 30 cm
अर्थात् प्रतिबिम्ब दर्पण से 30 cm की दूरी पर उसके सामने बनेगा।

(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 194)

प्रश्न 1.
वायु में गमन करती हुयी प्रकाश की एक किरण जल में तिरछी प्रवेश करती है। क्या प्रकाश किरण अभिलम्ब की ओर झुकेगी अथवा अभिलम्ब से दूर हटेगी ? बताइए क्यों ?
उत्तर-
जल, वायु की तुलना में सघन है अतः प्रकाश किरण वायु से जल में प्रवेश करते समय अभिलम्ब की ओर झुक जाएगी।

प्रश्न 2.
प्रकाश वायु से 1.50 अपवर्तनांक की काँच की प्लेट में प्रवेश करता है। काँच में प्रकाश की चाल कितनी है ? निर्वात में प्रकाश की चाल 3 x 108 m/s है। CBSE
उत्तर-
दिया है-काँच का अपवर्तनांक n = 1.50
निर्वात या वायु में प्रकाश की चाल c = 3 x108 m/s
n = \(\frac{c}{v}\) अतः v = \(\frac{c}{n}\)
अतः काँच में प्रकाश की चाल v = \(\frac{3 \times 10^8}{1.5}\)
v = 2 x 108 ms-1

प्रश्न 3.
सारणी 10.3 से अधिकतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को ज्ञात कीजिए। न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
सारणी 10.3 से हीरे का अपवर्तनांक सबसे अधिक (2.42) तथा वायु का अपवर्तनांक सबसे कम (1.0003) है। अतः हीरे का प्रकाशिक घनत्व सबसे अधिक तथा वायु का प्रकाशिक घनत्व सबसे कम है।

प्रश्न 4.
आपको केरोसिन, तारपीन का तेल तथा जल दिए गए हैं। इनमें से किसमें प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है ? सारणी 10.3 में दिए गए आँकड़ों का उपयोग कीजिए।
उत्तर-
सारणी 10.3 से,
केरोसीन का अपवर्तनांक = 1.44
जल का अपवर्तनांक =1.33
तारपीन के तेल का अपवर्तनांक = 1.47
जल का अपवर्तनांक उपर्युक्त तीनों में सबसे कम है, अतः जल में प्रकाश की चाल सबसे अधिक होगी।

प्रश्न 5.
हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
इस कथन से यह अभिप्राय है कि हीरे में प्रकाश की चाल निर्वात् में प्रकाश की चाल की , गुनी होगी।

(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 203)

प्रश्न 1.
किसी लेन्स की 1 डाइऑप्टर क्षमता को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
डाइऑप्टर-1 डाइऑप्टर उस लेंस की क्षमता के बराबर है जिसकी फोकस दूरी 1 मीटर हो।

प्रश्न 2.
कोई उत्तल लेंस किसी सुई का वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिम्ब उस लेंस से 50 cm दूर बनाता है। यह सुई, उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखी है, यदि इसका प्रतिबिम्ब उसी आकार का बन रहा है जिस आकार का बिम्ब है। लेंस की क्षमता भी ज्ञात कीजिए।
हल : दिया है- v = + 50 cm
तथा प्रतिबिम्ब की लम्बाई (h’) = वस्तु की लम्बाई (h)
∴ आवर्धन , m = \(\frac{h^{\prime}}{h}\) = -1
परन्तु लेंस की लिए m = \(\frac{v}{u} ; \frac{v}{u}\) = -1
अतः u=- v = – 50 cm
अतः सुई उत्तल लेंस के सामने उससे 50 cm दूरी पर रखी है।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

लेंस के सूत्र से
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
अतः \(\frac{1}{f}=\frac{1}{50}-\frac{1}{-50}=\frac{2}{50}\)
∴ f = \(\frac{50}{2}\) = 25cm = 0.25m

लेंस की क्षमता
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प्रश्न 3.
2 m फोकस दूरी वाले किसी अवतल लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है-अवतल लेंस की फोकस दूरी f= -2m
∴ क्षमता P = \(\frac{1}{f}=\frac{1}{-2 m}\) =-0.5 D

HBSE 10th Class Science प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन InText Activity Questions and Answers

क्रियाकलाप 10.1 (पा. पु. पृ.सं. 177)

प्रश्न 1.
क्या आप प्रतिबिम्ब देख पाते हैं? यह छोटा है या बड़ा है?
उत्तर-
हाँ, प्रतिबिम्ब छोटा है।

प्रश्न 2.
चम्मच को धीरे-धीरे चेहरे से दूर ले जाने पर प्रतिबिम्ब में क्या परिवर्तन होता है ?
उत्तर-
प्रतिबिम्ब का आकार छोटा होता जा रहा है।

प्रश्न 3.
चम्मच को पलटकर दूसरे पृष्ठसे क्रियाकलाप को दोहराकर प्रेक्षण लें तथा दोनों पृष्ठों पर प्रतिबिम्ब के अभिलक्षणों की तुलना करें।
उत्तर-
चम्मच को पलटने से यह उत्तल दर्पण की भाँति व्यवहार करता है, इससे छोटा और सीधा आकार दिखाई देता है।

आंतरिक पृष्ठबाहरी पृष्ठ
(i) कभी-कभी प्रतिबिम्ब उल्टा तथा कभी सीधा दिखाई देता है।(i) प्रतिबिम्ब हमेशा सीधा होता है।
(ii) प्रतिबिम्ब का आकार कभी छोटा तो कभी बड़ा दिखाई देता है।(ii) प्रतिबिम्ब हमेशा छोटा होता है।

क्रियाकलाप 10.2  (पा. पु. पृ.सं. 178)

प्रश्न 1.
आप क्या देखते हैं? ऐसा क्यों होता है?
उत्तर-
कागज जलना शुरू हो जाता है। सूर्य से आने वाला प्रकाश दर्पण के द्वारा एक तीक्ष्ण, चमकदार बिन्दु के रूप में अभिकेन्द्रित होता है जिससे ऊष्मा उत्पन्न होती है और कागज जलने लगता है।

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क्रियाकलाप 10.3 (पा. पु. पृ.सं. 180)

प्रश्न 1.
अपने प्रेक्षणों को नोट कीजिये तथा सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर-
किसी अवतल दर्पण से बिम्ब की विभिन्न स्थितियों के लिए बने प्रतिबिम्ब।
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क्रियाकलाप 10.4 (पा. पु. पृ. सं. 182)
प्रश्न- अवतल दर्पण को विभिन्न स्थितियों में रखकर किसी वस्तु की विभिन्न स्थितियों में बने प्रतिबिम्बों का अध्ययन करना।
उत्तर-
(a) अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना (Image Formation by Concave Mirror)
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 7
वस्तु की स्थिति – अनंत पर
प्रतिबिम्ब की स्थिति – फोकस F पर
प्रतिबिम्ब का आकार-अत्यधिक छोटा (बिन्दुनुमा)
प्रतिबिम्ब की प्रकृति – वास्तविक एवं उल्टा

(ii)
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 8
वस्तु की स्थिति – C से परे
प्रतिबिम्ब की स्थिति – F तथा C के बीच
प्रतिबिम्ब का आकार – छोटा
प्रतिबिम्ब की प्रकृति- वास्तविक एवं उल्टा

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 9
वस्तु की स्थिति-C पर,
प्रतिबिम्ब की स्थिति – वस्तु के बराबर
प्रतिबिम्ब का आकार – C पर
प्रतिबिम्ब की प्रकृति – वास्तविक एवं उल्टा

(iv)
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 10
वस्तु की स्थिति – C व F के बीच,
प्रतिबिम्ब की स्थिति – C से परे
प्रतिबिम्ब का आकार – वस्तु से बड़ा
प्रतिबिम्ब की प्रकृति – वास्तविक एवं उल्टा

(v)
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 11
वस्तु की स्थिति – F पर,
प्रतिबिम्ब की स्थिति – अनंत पर
प्रतिबिम्ब का आकार – वस्तु से अत्यधिक बड़ा
प्रतिबिम्ब की प्रकृति – वास्तविक एवं उल्टा

(vi)
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 12
वस्तु की स्थिति – P व F के बीच
प्रतिबिम्ब की स्थिति – दर्पण के पीछे
प्रतिबिम्ब का आकार – वस्तु से बड़ा
प्रतिबिम्ब की प्रकृति- आभासी एवं सीधा ॥

क्रियाकलाप 10.5 (पा. पु. पृ. सं. 183)

प्रश्न 1.
दर्पण में पेंसिल का प्रतिबिम्ब देखिये प्रतिबिंब सीधा है या उल्टा? क्या यह छोटा है अथवा विवर्धित (बड़ा) है?
उत्तर-
सीधा एवं छोटा।

प्रश्न 2.
पेंसिल को धीरे-धीरे दर्पण से दूर ले जाइए। क्या प्रतिबिंब छोटा होता जाता है या बड़ा होता जाता है?
उत्तर-
प्रतिबिम्ब छोटा होता जाता है।

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प्रश्न 3.
क्रियाकलाप को सावधानीपूर्वक दोहराइये। बताइये कि जब बिम्ब को दर्पण से दूर ले जाते हैं तो प्रतिबिम्ब फोकस के निकट आता है अथवा उससे और दूर चला जाता है?
उत्तर-
प्रतिबिम्ब फोकस के निकट आता है। प्रतिबिम्ब फोकस के निकट बनता है।

क्रियाकलाप 10.6 (पा. पु. पृ. सं. 184)

प्रश्न 1.
क्या आप पूर्ण लम्बाई का प्रतिबिम्ब देख पाते हैं?
उत्तर-
पूर्ण लम्बाई का प्रतिबिम्ब नहीं देख पाते हैं।

प्रश्न 2.
विभिन्न साइज के समतल दर्पण लेकर प्रयोग दोहराइये। क्या आप दर्पण में बिम्ब का संपूर्ण प्रतिबिम्ब देख पाते हैं?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 3.
इस क्रियाकलाप को अवतल दर्पण लेकर दोहराइये। क्या यह दर्पण बिम्ब की पूरी लम्बाई का प्रतिबिम्ब बना पाता है?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 4.
अब एक उत्तल दर्पण लेकर इस प्रयोग को दोहराइए, क्या पूर्ण प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है?
उत्तर-
किसी छोटे उत्तल दर्पण द्वारा किसी ऊँचे भवन/पेड़ आदि का पूर्ण लम्बाई का प्रतिबिम्ब देख सकते

क्रियाकलाप 10.7 (पा. पु. पृ. सं. 189)

प्रश्न 1.
पानी से भरी एक बाल्टी की तली पर एक सिक्का रखकर अपनी आँख को पानी के ऊपर पार्श्व (side) में रखकर सिक्के को एक बार में उठाने का प्रयत्न कीजिए। क्या आप सिक्का उठाने में सफल हो पाते हैं?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 2:
इस क्रियाकलाप को दोहराइए, आप इसे एक बार में करने में सफल क्यों नहीं हो पाये थे ?
उत्तर-
प्रकाश के अपवर्तन के कारण सिक्का थोड़ा सा ऊँचा उठा हुआ प्रतीत होता है इसलिए इसे उठाने में थोड़ी कठिनाई होती है। थोड़ा अभ्यास करने से सिक्का उठाने में सफलता प्राप्त हो जाती है।

क्रियाकलाप 10.8 (पा. पु. पृ. सं. 189)

प्रश्न-अपने किसी साथी से सिक्के को बिना विचलित किए उस कटोरे में पानी डालवाइए। अपनी स्थिति से पुनः यह सिक्का आपको दिखाई देने लगता है। यह कैसे सम्भव हो पाता है?
उत्तर-
प्रकाश के अपवर्तन के कारण सिक्का अपनी वास्तविक स्थिति से थोड़ा सा ऊपर उठा हुआ प्रतीत होता है तथा वह पानी डालने से पुनः दिखाई देने लगता है।

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क्रियाकलाप 10.9 (पा. पु. प्र. सं. 190)

प्रश्न 1.
स्लैब के नीचे आए रेखा के भाग को पार्श्व से देखिये। आप क्या देखते हैं? क्या काँच के स्लैब के नीचे की रेखा कोरों के पास मुड़ी हुई प्रतीत होती है? ।
उत्तर-
हाँ, ऐसा रोशनी के अपवर्तन के कारण हो रहा है।

प्रश्न 2.
अब काँच के स्लैब को इस प्रकार रखिए कि यह रेखा के अभिलम्बवत हो। अब आप क्या देखते हैं? क्या काँच के स्लैब के नीचे रेखा का भाग मुड़ा हुआ प्रतीत होता है?
उत्तर-
अब, रेखा सीधी है और मुड़ी हुई प्रतीत नहीं हो ब रही क्योंकि रोशनी की सीधी किरण में अपवर्तन नहीं होता है।

प्रश्न 3.
रेखा को काँच के स्लैब के ऊपर से देखिये। क्या स्लैब के नीचे रेखा का भाग उठा हुआ प्रतीत होता है? ऐसा क्यों होता है?
उत्तर-
हाँ, ऐसा अपवर्तन के कारण होता है। इसके कारण बिम्ब की स्थिति वास्तविक स्थिति से उठी हुई दिखाई देती है।

क्रियाकलाप 10.10 (पा. पु. पृ. सं. 190)

प्रश्न 1.
क्या होता है जब प्रकाश की किरणें काँच की – स्लैब में प्रवेश करती हैं?
उत्तर-
प्रकाश का अपवर्तन होता है और यह अभिलम्ब की तरफ मुड़ जाती है। ऐसा प्रकाश की चाल काँच के स्लैब में अपेक्षाकृत कम होने के कारण होता है।

प्रश्न 2.
क्या होता है जब प्रकाश की किरणें स्लैब से बाहर निकलती हैं?
उत्तर-
वायु में प्रकाश की चाल अधिक होती है अतः प्रकाश अभिलम्ब से दूर मुड़ जाता है।

प्रश्न 3.
निर्गत किरण तथा आपतित किरण के बीच की लम्बवत् दूरी को क्या कहते हैं?
उत्तर-
पाश्विक विस्थापन।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 4.
आपतित कोण तथा निर्गत कोण के बीच क्या संबंध होता है यदि आपतित किरण तथा निर्गत किरण का माध्यम समान हो?
उत्तर-
आपतित कोण = निर्गत कोण।

क्रियाकलाप 10.11 (पा. पु. पृ. सं. 195)

प्रश्न 1.
कागज तथा लेंस को कुछ समय के लिए उसी स्थिति में पकड़े रखने पर कागज का क्या होता है, प्रेक्षण कीजिए।
उत्तर-
कागज सुलगता है तथा उससे धुआँ उत्पन्न होता है व कुछ समय बाद यह आग भी पकड़ लेता है, इसका कारण यह है कि सूर्य से आने वाली प्रकाश की किरणें एक तीक्ष्ण चमकदार बिन्दु के रूप में कागज पर अभिकेन्द्रित कर ली जाती हैं जिसके फलस्वरूप कागज जलने लगता है।

क्रियाकलाप 10.12 (पा. पु. पृ. सं. 196)

प्रश्न 1.
उत्तल लेन्स द्वारा बने बिम्बों की विभिन्न स्थितियों का अध्ययन कीजिये।
उत्तर-

  • एक उत्तल लेंस लेकर क्रियाकलाप 10.11 में दी गई विधि से इसकी फोकस दूरी का मान (लगभग) ज्ञात करते हैं।
  • एक लम्बी मेज पर चॉक द्वारा पाँच समान्तर रेखाएँ इस प्रकार खींचते हैं कि किन्हीं दो उत्तरोत्तर रेखाओं के बीच की दूरी लेंस की फोकस दूरी के बराबर हो। लेंस को एक स्टैण्ड पर लगाकर इसे मध्य रेखा पर इस प्रकार रखते हैं कि लेंस का प्रकाशिक केन्द्र इस रेखा पर स्थित हो।
  • लेंस के दोनों ओर दो रेखाएँ क्रमशः लेंस के F तथा 2 F के तदनुरूपी होंगी। इन्हें 2F1 , F1, F2, तथा 2F2, से प्रदर्शित किया जाता है।
  • एक जलती हुई मोमबत्ती को बायीं ओर 2F1, से काफी दूर रखकर लेंस की विपरीत दिशा में रखे एक परदे पर इसका स्पष्ट एवं तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब बनाकर प्रतिबिम्ब की प्रकृति, स्थिति तथा आकार नोट करते हैं।
  • इस क्रियाकलाप में बिम्ब को 2F1, से थोड़ा दूर, F1, तथा 2F1, के बीच, F1, पर तथा F1, व O के बीच रखकर प्रेक्षणों को नोट करके सारणीबद्ध करने पर निम्न निष्कर्ष प्राप्त होते हैं।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 13

क्रियाकलाप 10.13 (पा. पु. पृ. सं. 197)

प्रश्न-अवतल लेन्स द्वारा बने बिम्बों की विभिन्न स्थितियों का अध्ययन कीजिये।
उत्तर-

  • एक अवतल लेंस लेकर इसे एक स्टैण्ड में लगाकर लेंस के एक ओर एक जलती मोमबत्ती रखकर लेंस के दूसरी ओर से प्रतिबिम्ब का प्रेक्षण करते हैं।
  • इस स्थिति में प्रतिबिम्ब की प्रकृति, आपेक्षिक आकार तथा स्थिति नोट करते हैं।
  • अब मोमबत्ती को लेंस से दूर ले जाकर प्रतिबिम्ब के आकार में परिवर्तन नोट कर लेते हैं। जब मोमबत्ती को लेंस से बहुत दूर रखा जाता है तो प्रतिबिम्ब के आकार पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने पर निष्कर्ष इस प्रकार प्राप्त होते हैं।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 14
अतः अवतल लेंस से सदैव एक आभासी, सीधा तथा छोटा प्रतिबिम्ब बनेगा चाहे बिम्ब कहीं भी स्थित हो।

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 15 Improvement in Food Resources

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 15 Improvement in Food Resources Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 15 Improvement in Food Resources

HBSE 9th Class Science Improvement in Food Resources Intext Questions and Answers

Question from Sub-section 15.1

Question 1.
What do we get from cereals, pulses, fruits and vegetables ?
Answer:
From these, we get proteins, carbohydrates, fats, vitamins and minerals, which are the main and required constituents of our food. These all constituents are helpful for our body development, growth and health.

Questions from Sub-section 15.1.1

Question 1.
How do biotic and abiotic factors affect crop production ?
Answer:
Biotic factors: Diseases, insects and nematodes.
Abiotic factors: Drought, salinity, water logging, heat, cold, frost, etc., decrease the production of crops.

Question 2.
What are the desirable agronomic characteristics for crop improvements ?
Answer:
Tallness and profuse branching are desirable characters for fodder crops. Dwarfness is required in cereals and less nutrients are consumed by these crops. Thus, developing varieties of desired agronomic characters help to give higher productivity.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 15 Improvement in Food Resources

Questions from Sub-section 15.1.2

Question 1.
What are macro-nutrients and why are they called macro-nutrients?
Answer:
Macro-nutrients :
Such nutrients which are required by the plants in large quantities are called macro-nutrients. Due to their requirement in large quantities, these are called macro-nutrients, e.g., sulfur, nitrogen, phosphorus potassium, calcium, magnesium, etc;

Question 2.
How do plants get nutrients?
Answer:
Plants get the nutrients in the form of liquid from earth. These nutrients are also available in manures and fertilizers, which plants get easily and in large quantities.

Questions from Sub-section 15.1.2

Question 1.
Compare the use of manures and fertilizers in maintaining soil fertility.
Answer:
The comparison of manures and fertilizers to maintain the fertility of soil is as following ;
Manures
1. Manures are required in large quantities.
2. Continuous use of manures is not harmful to the soil.
3. By the use of manures, production always increases.
4. Using process of manure and crop production is delayed.
5. Use of manures is not costly.
6. Transportation and storage is unconvenient.

Fertilizers:
1. Fertilizers are required in small quantities.
2. Continuous use of fertilizers is harmful to the soil.
3. Unnecessary use of fertilizers can decreased the production.
4. By using fertilizers, crop production can be get early.
5. Use of fertilizers is costly.
6. Transportation and storage is convenient.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 15 Improvement in Food Resources

Questions from Sub-section 15.1.3

Question 1.
Which of the following conditions will give the most benefits? Why?
(a) Farmers use high-quality seeds, do not adopt irrigation or use fertilizers.
(b) Farmers use ordinary seeds, adopt irrigation and use fertilizers.
(c) Farmers use good quality seeds, adopt irrigation, use fertilizers and use crop protection measures.
Answer:
In the above three conditions, the third condition (c) is best because in this condition, seeds are of
high quality, i.e., high-level production. Irrigation is helpful in the nutrition of plants, fertilizers supply the nutrients to plants that are required for the development, growth and production of the plants. Crop protection prevents the crops from various harms and in fact, production increases. Hence, condition (c) is best for farmers.

Questions from Sub-section 15.1.3

Question 1.
Why should preventive measures and biological control methods be preferred for protecting crops?
Answer:
The preventive measures for the protection of crops are: timely sowing of crops, proper seedbed preparation, intercropping and crop rotation also help in weed control. Any type of poisonous chemical such as pesticides, weedicides, etc. is not used. Some other preventive measures against pests are the use of resistant varieties and summer plowing, in which fields are plowed deep in summers to destroy weeds and pests. In this way, soil pollution is not taking place and no extra amount is to be consumed on these measures. Hence, these are also useful economically.

Question 2.
What factors may be responsible for the losses of grains during storage?
Answer:
During storage, two factors are responsible for the loss of grains:
(1) Biotic factors: Insects, rodents, fungi, mites, bacteria, etc.
(2) Abiotic factors: Lack of appropriate moisture and temperature.

Questions from Sub-section 15.2.1

Question 1.
Which method is commonly used for improving cattle breeds and why?
Answer:
The cross-breed method is used for improving cattle breeds so that the lactation and resisting power against diseases increase in such cattle.

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Questions from Sub-section 15.2.2

Question 1.
Discuss the implications of the following statement:
“It is interesting to note that poultry is India’s most efficient converter of low fiber foodstuff (which is unfit for human consumption) into highly nutritious animal protein food.”
Answer:
Poultry has this quality that low fiber foodstuffs which are unfit for human consumption that means on the basis of quality these are totally unfit for human consumption, to those it has the ability to convert into highly nutritious animal protein food. Poultry eggs and meat are enriched with proteins and this diet is considered to be a protein-rich diet for humans

Questions from Sub-section 15.2.2

Question 1.
What management practices are common in dairy and poultry farming?
Answer:
There is a big similarity between animal husbandry and poultry farming :
(1) Both are required clean, well-ventilated, and moisture-less homes.
(2) Both are supplied well balanced and enough diet.
(3) Both suffer from a number of diseases that are prevented by appropriate vaccination and both are also treated by the physicians
(4) Both have economic importance, i.e., both are domesticated for economic profit.
(5) Both the high-quality breeds are domesticated to earn a big profit.
Hence, both are similar under the management system.

Question 2.
What are the differences between broilers and layers in their management?
Answer:
Broiler farming is done for meat purposes, whereas layer farming is undertaken for egg production. This is the main difference between them. Broilers and chickens are fed with protein, fats, and vitamin-rich supplementary food for good growth rate and better feed efficiency. Care is taken to avoid mortality and to maintain feathering and carcass quality, whereas the layer requires this type of feeding in less quantity. The housing, nutritional and environmental requirements of broilers are somewhat different from those of egg-producing layers.

Questions from Sub-section 15.2.3

Question 1.
How are fish obtained?
Answer:
Fish are obtained in two ways:
(1) From natural resources,
(2) From fish farming or culture fishery.
Fish are available both in freshwater (non-saline water) and seawater (saline water). Freshwater fish varieties are: catla, rohu, mullets, millions, etc. whereas marine fish varieties include: pomfret, mackerel, tuna, sardines, Bombay duck, etc. Mullets, bhetki, pearl spots, prawns, mussels, and oysters are cultured in seawater. Fish farming is done in freshwater or non-saline water.

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Question 2.
What are the advantages of composite fish culture?
Answer:
More intensive fish farming can be done in composite fish culture systems. In such a system, a combination of five or six fish species is used in a single fishpond. These species are selected so that they do not compete for food among them having different types of food habits:
(1) The food available in all the parts of the pond is used.
(2) Weeds can be controlled by bio-practices in composite fish culture.
(3) Without competing with each other, fish yield increases in the pond.

Questions from Sub-section 15.2.4

Question 1.
What are the desirable characteristics of bee varieties suitable for honey production?
Answer:
It is the natural desirable character in variety that it is suitable for increasing honey production. Honey collection and the defense of the beehive are both qualities in Italian bees. They stay in a given beehive for long periods and are freed very well, it increases honey production.

Question 2.
What is pasturage and how is it related to honey production?
Answer:
Pasturage is the natural grassy field where grass for animals and other flowering plants are available. By these flowers, the bees make honey from nectar and pollen collection. The taste of honey depends upon the pasturage, or the flowers available to the bees.
For Examples; honey of bruce flowers, honey of neem flowers, and honey of eucalyptus flowers. The quality of honey is determined by the taste of honey.

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HBSE 9th Class Science Improvement in Food Resources Textbook Questions and Answers

Question 1.
Explain any one method of crop production which ensures high yield.
Answer:
One way of incorporating desirable characters into crop varieties is by hybridization. Hybridization is the mating or crossing of genetically different plants. The progeny resulting from hybridization is known as a hybrid. Hybridization refers to crossing between genetically dissimilar plants. This crossing may be intervarietal (between different varieties), interspecific (between two different species of the same genus), or intergeneric (between different genera). Another way of improving the crop is by introducing a gene that would provide the desired characteristics. This results in genetically modified crops.

Question 2.
Why are manures and fertilizers used in fields?
Answer:
Manures and fertilizers have macro-nutrients. There is a lack of nutrients in the soil as crops absorb nutrients from the soil continuously. Manures and fertilizers are mixed in the fields to fulfill the loss of nutrients. The land proves to be barren and the fertility of the land decreases if we do not fulfill the loss. The loss of these nutrients can also be completed by crop rotation.

Question 3.
What are the advantages of intercropping and crop rotation?
Answer:
The following are the advantages of intercropping and crop rotation:
(1) It maintains the fertility of the land. It does not become barren.
(2) Two or more crops can be grown in a year with good harvests.
(3.) Weeds and insects are destroyed.
(4) With the increase of production, farmers’ income also increases.
(5) Threat of unsuccessful crop production also decreases.

Question 4.
What is genetic manipulation? How is it useful in agricultural practices?
Answer:
The high yield of the crops is dependent on the characteristics of their varieties. If we want to improve the crop varieties, then genes with desirable characteristics are used because only genes establish what characteristics of the plants will be, i.e., crop production will increase or decrease. Hence, a change in genes is called genetic manipulation. Today, by using this technique we have got high-quality seeds and crop production has increased the number of times. Especially farmers and gardeners have got an advantage by this technique.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 15 Improvement in Food Resources

Question 5.
How do storage grain losses occur?
Answer:
(A) Biotic Factors: Following biotic factors are responsible for storage losses of grain :
1. Rodents, birds, and other insects: Rats, squirrels, etc. make a loss to the cereals kept in fields, houses, and in warehouses. Loss is caused to foodgrains due to their hair, feathers, and excreta.
2. Micro-organisms: Various insects and molds change the structure of the storage even after the chemical changes and in this way they cause loss of foodgrains.
3. Insects: Various types of insects damage the raw food storage, e.g., cereals and pulses.
4. Enzymes: These are biocatalysts that are found in nerve cells. These destroy the fruits, and vegetables which are stored a long time.

(B) Abiotic Factors: Following abiotic factors are responsible in storage losses of grain:
1. Moisture: There should not be high moisture at the time of storage. Moisture in the foodgrains should not exceed 14% in relation to its weight.

At high moisture in the foodgrains:
(1) Size of the grains develop.
(2) Microorganisms and enzymes cause more activity.
(3) Possibility of insect-infection increases.
(4) Possibility of growing molds in the moist air increases.

2. Temperature: At low temperatures, enzymes, insects and other micro-organisms do not set more active. For this reason, profligate food materials are kept in cold storage.

3. Pots for storage: Pots used in storage should not be made of lead, metal or nickel because these are toxic and the possibility of toxicity in foodgrains increases.

Question 6.
How do good animal husbandry practices benefit farmers?
Answer:
Animal husbandry practices benefit farmers as follows:
(1) Farmers get milk from dairy animals (milch animals).
(2) In animal husbandry, draught animals are useful for agricultural work and carting.
(3) In animal husbandry, due to economical advantages, farmers get occupational work.
(4) Agriculture by animals provides an extra and round year income.
(5) Biogas and organic matter are prepared from the excreta of animals domesticated by the farmers.
(6) Animal husbandry provides wool, meat, skins, and bones.

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Question 7.
What are the benefits of cattle farming?
Answer:
Two main benefits of cattle farming are as under:
1. To get foodstuffs:
The main objective of cattle farming is to produce food products in which the main production is of milk and meat. Furthermore, we get wool, skins and bones from cattle farming. In this way, the objective of cattle farming is related to economic reasons.

2. To get assistance in agricultural activities:
To get assistance in agricultural activities is the main second objective of cattle farming. Oxen, mule, camel, etc. are used in agricultural works such as tilling and carting. Even today low-level farmers are also dependent on animals for agricultural work.

Question 8.
For increasing production, what is common in poultry, fisheries, and bee-keeping?
Answer:
This is only the main common factor to increase the production that the varieties of organisms should be of having disease resistance efficiency, be favorable to the environment, and have high yielding capacity. The major objective for the domestication of these three organisms is to earn the money for the highest yielding. All three organisms are used in agricultural activities as well as in supplementary occupations where the farmer earns income and there is no need to devote their full time.

Question 9.
How do you differentiate between capture fishing, mariculture and aquaculture?
Answer:
Some marine fish of high economic value are farmed in seawater. It is called capture fishing mariculture. The provision of natural environment in the ponds for fish farming is called ‘aquaculture’. In ponds, fish farming is done in non-saline water or freshwater whereas in marine fisheries the fishing is done in saline water.

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 14 Natural Resources

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 14 Natural Resources Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 14 Natural Resources

HBSE 9th Class Science Natural Resources Intext Questions and Answers

Questions from Sub-section 14.1

Question 1.
How is our atmosphere different from the atmospheres on Venus and Mars?
Answer:
The components of life air (breathe of life – oxygen) are present in our atmosphere while this lacks on Venus and Mars.

Question 2.
How does the atmosphere act as a blanket?
Answer:
Air present in the atmosphere is a bad conductor of heat which keeps the average temperature of the atmosphere fairly steady during day-night and even during the course of the whole year, such that a blanket prevents the heat to go out, just like that atmosphere prevents the heat of earth surface to go out and also does not let the temperature to be increased, therefore, the atmosphere acts as a blanket.

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Question 3.
What causes winds?
Answer:
With uneven movements, the warming of the atmosphere of the earth creates somewhere low-pressure area and somewhere high-pressure area. The difference of this pressure creates airflow which is called breeze or wind.

Question 4.
How are clouds formed?
Answer:
Water vapours in the atmosphere when a pass from the cold areas then water vapours are condensed in the form of droplets. These droplets grow bigger and form the shape of clouds.

Question 5.
List any three human activities that you think would lead to air pollution.
Answer:
Following are the human activities which cause air pollution :
(1) Burning of fossil fuels produces pollutants, which pollute the air after mixing with it.
(2) Smoke from vehicles also pollutes the air.
(3) Gases from the industries/factories established by man also pollute the air after mixing with it.

Questions from Sub-section 14.2

Question 1.
Why do organisms need water?
Answer:
Water is the fundamental need of all living organisms. Every organism’s body contains 75% amount of water. In organisms, all biogeochemical reactions take place with water. Water medium is compulsory for all cellular reactions. Transportation of the substances in the bodies of the organisms takes place in a water medium and excretion activities also take place by water. Terrestrial organisms require freshwater to survive. Water is a living place at a lot of organisms.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 14 Natural Resources

Question 2.
What is the major source of freshwater in the city/town/village where your live ?
Answer:
In villages, towns and cities sources of freshwater are underground water, ponds, lakes and rivers. After melting the snow, water is available in the rivers coming from the mountains. In ponds, lakes, etc., mostly we find rainwater.

Question 3.
Do you know of any activity which may be polluting this water source?
Answer:
Sewage waste is mostly dumped into water resources (rivers, canals, lakes) which causes water pollution. Sewage excreta of metropolitan cities and towns situated on the banks of rivers is being dumped into rivers directly. Likewise, half burnt or unburnt dead bodies are thrown in the water of the Ganga by the habitats of the banks of Ganga due to which the water of Ganga is being polluted.

Questions from Sub-section 14.3

Question 1.
How is soil formed?
Answer:
Soil is formed by the breaking and grinding-rubbing of rocks. Soil is formed by the mixing of small pieces of rocks, fresh and decomposition of leaves, dead decayed remains of organisms and sand particles etc. The formation of topsoil of the earth takes a minimum 300 to 800 years. Soil formation is a continuous process.

Question 2.
What is soil erosion?
Answer:
Cutting or flowing away of the soil by any of the reasons is called soil erosion. Soil erosion may take place by various reasons, for example:
1. Flood: Flood is the main reason of soil erosion by which soil flows away from one place to another.
2. Fast Winds: The second main reason of soil erosion is the fast-blowing winds.
3. Deforestation: Deforestation is on high scale due to growing population and industrialisation by which soil erosion increases.
4. Uncontrolled and Overgrazing: Uncontrolled and overgrazing increases soil erosion.
5. Unscientific Techniques of Agriculture: Mostly farmers use to grow one variety of crops continuously in the fields by which fertility of soil decreases and soil erosion increases.
6. Deeper Cultivation of the Land: Soil erosion increases due to deeper cultivation of the land for farming.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 14 Natural Resources

Question 3.
What are the methods of preventing or reducing soil erosion?
Answer:
Following are the methods to prevent soil erosion:
1. By Growing Grass: Leaves and roots of grass retard the flow of water by which soil particles may not be flown by water.
2. By Levelling the Fields: By distributing the tapered land into small levelled pieces for agriculture, the flow of water is checked by which cutting of land is also prevented.
3. By Growing Trees: Roots of the trees bind the soil by which water cannot flow away the soil.
4. Better Techniques of Farming: In spite of ploughing in the sloping direction, if ploughing is being done in left-right sides of the field, then flow of water decreases, and erosion of soil is checked.
5. By Making Small Dams: Small dams constructed on slopes decrease the flow of fast-moving water
and soil erosion is stopped.
6. By Making Ladder-type Field: In hilly areas, farming should be done by making steps opposite to
slope.
7. By Using Manure: Use of manure in field increases the water retention efficiency of the soil by which soil erosion is checked.
8. By Fixing Air-protectors: Where the land is sandy and winds flow fast, there plants should be grown profusely around the field, i.e., fast winds may not flow away the soil particles.
9. By Making High Fences: Fences of the fields should be high because the water of field will not flow out and cutting of land is not possible.
10. By Growing Particular Crops : Soil erosion can be decreased by growing particular crops such as groundnut.

Questions from Sub-section 14.4,14.5

Question 1.
What are the different states in which water is found during the water cycle ?
Answer:
In water cycle, three states of water are found :
(i) Water in liquid state,
(ii) Water in vapour state and
(iii) Ice as solid state.

Vapours form clouds and these clouds bring rain on the earth and sometimes water of clouds freezes in ice, i.e., converts into hailstone. Ice on the peaks of the mountains is also water in solid state, which after melting comes in rivers and there by converting into vapours, mix with air.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 14 Natural Resources

Question 2.
Name two biologically important compounds that contain both oxygen and nitrogen.
Answer:
Nitrates and nitrites.

Question 3.
List any three human activities which would lead to an increase in the carbon dioxide content in air.
Answer:
Following are the reasons of human activities which cause an increase in the carbon dioxide content in air.
(i) By combustion of fuel.
(ii) By using petroleum products in vehicles.
(iii) CO2is also released by respiration.

Question 4.
What is the greenhouse effect?
Answer:
The earth receives different types of radiation from the sun. The ozone layer in the atmosphere absorbs ultraviolet radiation and let go to other radiations, but radiations which come on the earth’s surface, some part of it in the form of infrared radiation reflected back. Molecules of CO2 have the efficiency to absorb infrared radiations, hence carbon dioxide present in the atmosphere can absorb radiation, that reason atmosphere becomes warmer. The warming of the atmosphere in this way is called the greenhouse effect or glasshouse effect.

Question 5.
What are the two forms of oxygen found in the atmosphere?
Answer:
CO2 (Oxygen) and O3 (Ozone).

HBSE 9th Class Science Natural Resources Textbook Questions and Answers

Question 1.
Why is the atmosphere essential for life?
Answer:
Life is dependent only on the atmosphere because
(i) The atmosphere keeps the average temperature of the earth fairly steady.
(ii) Oxygen is available in the atmosphere in the form of life air.
(iii) Ozone layer of the atmosphere protects from the harmful ultraviolet radiation coming from the sun.
(iv) Atmosphere protects the earth from meteors, by which life is also protected.
(v) CO2 gas which is used by green plants in photosynthesis is also found in the atmosphere.
(vi) Water in the atmosphere is found in the form of water vapours which is the foundation of life.
Hence, the atmosphere is essential for life.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 14 Natural Resources

Question 2.
Why is water essential for life?
Answer:
Water is the fundamental need of all living organisms. Every organism’s body contains 75% amount of water. In organisms, all biogeochemical reactions take place with water. Water medium is compulsory for all cellular reactions. Transportation of the substances in the bodies of the organisms takes place in a water medium and excretion activities also take place by the water. Terrestrial organisms require freshwater to survive. Water is a living place at a lot of organisms.

Question 3.
How are living organisms dependent on the soil ? Are organisms that live in water totally independent of soil as a resource?
Answer:
Soil is the base of life. All living organisms are dependent on soil directly or indirectly. Plants get nutrients from the soil in which main are water and minerals and all animals are dependent on plants. Animals get food and oxygen to respire from plants. Life of living organisms is not possible without plants and plants cannot survive without soil. Aquatic animals are also dependent on soil because they fulfil their requirements from plants.

Question 4.
You have seen weather reports on television and in newspapers. How do you think we are able to predict the weather?
Answer:
Yes, we are able to predict the weather. By collecting the data through artificial satellites established in earth orbit, it is very easy to predict the forthcoming weather. After each half an hour reports and photographs are collected by INSAT-IB. Through these photographs, prediction is relayed which prove to be very useful.

Question 5.
We know that many human activities lead to increasing levels of pollution of the air, water bodies and soil. Do you think that isolating these activities to specific and limited areas would help in reducing pollution?
Answer:
Yes, isolating these activities to specific and limited areas would help in reducing pollution, e.g.,
(i) Air pollution will decrease by running the vehicles based on solar system batteries rather then fossil fue/ petroleum.
(ii) These will be a check on pollution if cooking of food, heating of water, etc. are done by the use of solar energy in place of coal, L.P.G., etc. fuels in houses.
(iii) These will be a check on soil pollution by using compost manure in the agricultural field rather than chemical fertilizers.
(iv) The water pollution will be decreased by using useful substances in the treatment plants inspite of throwing the industrial waste directly in the water bodies.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 14 Natural Resources

Question 6.
Write a note on how forests influence the quality of our air, soil and water resources.
Answer:
Forests are the main components in environmental balance. Forests equalize the formation (78% nitrogen, 21% oxygen) of air. This balance is disturbed by deforestation. Temperature increases with the increase of C02 and the content of condensed particles in air while the air becomes, dust free, pure and cool by the deep forestation. Forest decreases pollution. Forests help in maintaining the quality of soil by increasing its fertility and also preventing soil erosion. By deforestation land becomes barren. The temperature of the environment increases. Rains are excess by excess forestation. Water level increases in water bodies and makes the availability of useful fresh water in large quantities. Therefore, forests are helpful in improving the quality of air, soil and water resources.

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 13 Why Do We Fall Ill

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 13 Why Do We Fall Ill Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 13 Why Do We Fall Ill

HBSE 9th Class Science Why Do We Fall Ill Intext Questions and Answers

Questions from Sub-section 13.1

Question 1.
State any two conditions essential for good health.
Answer:
Following are the two conditions essential for good health :
(i) Community cleanliness
(ii) Balanced diet.

Question 2.
State any two conditions essential for being free of diseases.
Answer:
Following are the two conditions essential for being free of diseases :
(1) Clean environment
(ii) Good habits and regular exercise.

Question 3.
Are the answers to the above questions necessarily the same or different ? Why ?
Answer:
The answers to the above questions are necessarily same because to keep good health or diseases free are almost same situation.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 13 Why Do We Fall Ill

Questions from Sub-section 13.2

Question 1.
List any three reasons why you would think that you are sick and ought to see a doctor. If only one of these symptoms were present, would you still go to the doctor ? Why or why not ?
Answer:
There can be many
(i) cough
(ii) fever
(iii) weakness.

If the given symptoms appear for a small period of time, there is no need to go to a doctor, because the immune system of our body stops these quickly and makes the body free of the effects of any disease. But if persistent cough prevails, lungs may be infected. If fever persists, it can be due to a serious ailmant T.B. If there is nutritious deficiency, it can lead to general weakness. In conditions like these, it is proper to go to a physician, so that the real course of the symptoms may be as certained and it can be cured.

Question 2.
In which of the following case do you think the long term effects on your health are likely to be most unpleasant ?

  • If you get jaundice.
  • If you get lice.
  • If you get acne. Why?

Answer:
If we’re suffering from jaundice, it is most likely to have ill effects on our health. Jaundice is a disease that effect the liver, which is an important organ of the body and which has an important role to play in our body. So the body of the person suffering from jaundice is predominantly affected. The effect of getting lice or acne are not so predominant.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 13 Why Do We Fall Ill

Questions from Sub-section 13.3

Question 1.
Why are we normally advised to take bland and nourishing food when we are sick?
Answer:
Bland and nourishing food is recommended to sick people so that it is easily digested and there is reimbursement of the nutrients lost due to sickness.

Question 2.
What are the different means by which infectious diseases are spread?
Answer:
Infectious diseases spread through the following methods:
1. Through ai: Many disease particles spread in the air due to sneezing, coughing, talking, spitting or defecating. When a healthy person breathes in the air containing these disease particles, the person catches the disease.

2. Through water: Pathogens of cholera, tuberculosis etc., get mixed in drinking water and enter the body. The disease spreads by washing utensils or vegetables and fruits in polluted water. It also spreads when the clothes of an infected person are washed near a source of water or he defecates near it.

3. Through food:
Pathogens present in foodstuffs also enter the body and make the person infected. It is harmful to take stale or cold food.

4. Individual contact:
Coming in contact with the patient’s clothes, bedding, utensils, towel or directly with the patient also transmits the pathogens.

5. Through animals: Some animals like houseflies, mosquitoes, mice etc., also play the role of vectors. By polluting food the pathogens are left there which ultimately enter the human body. Malaria is spread by mosquito bite while cholera spreads through houseflies and plague through mice.

Question 3.
What precautions can you take in your school to reduce the incidence of infectious diseases?
Answer:
Following precautions should be taken:
(i) Chlorination of drinking water should be done.
(ii) All the eatables in the school canteen should be kept covered.
(iii) The sale of stale fruits and other eatables should be prohibited.
(iv) If a student catches an infectious disease he should not be allowed to mix up with his classmates in the classroom as well as in the playground till he fully recovers.
(v) Children should be properly educated about personal as well as community hygiene.
(vi) To prevent communicable diseases all children should be given proper vaccination.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 13 Why Do We Fall Ill

Question 4.
What is immunisation?
Answer:
The strength produced in the body to resist diseases is called immunity for example; disease producer is got entered into the body. This disease producer combats with the blood cells. In reaction to that some specific chemical substances are produced. These various substances destroy the pathogens in the body and thus, produce the ability of resistivity to combat diseases. It is called as immunity of the body and this process is called as immunisation.

Question 5.
What are the immunisation programmes available at the nearest health centre in your locality? Which of these diseases are the major health problems in your area ?
Answer:
In our town health centre following vaccination programmes are available:

  • National tuberculosis eradication programme.
  • National, cholera eradication programme.
  • National leprosy eradication programme.
  • National polio eradication campaign.
  • National child communicable disease eradication (vaccination of children).

Generally, in all cities and towns problems in relation to hygienic environment community hygienic and pure drinking water one quite common. In proper disposal of garbage in cities and towns is responsible for polluting the environment. Pure water is not being available. Air and water pollution have been adding to health problems.

HBSE 9th Class Science Why Do We Fall Ill Textbook Questions and Answers

Question 1.
How many times did you fall ill in the last one year? What were the illnesses?
(i) Think of one change you could make in your habits in order to avoid any of/most of the above illnesses.
(ii) Think of one change you would wish for in your surroundings in order to avoid any of/most of the above illnesses.
Answer:
Every person can suffer from a minor or major diseases at any time. Hardly a few persons can be there who do not develop any disease, but even then due to some reasons health can be affected. I also fell ill in the last year. I had suffered from malaria.
(i) Different safety measures can be adopted to get rid of malaria. It can be avoided by filling the pits and landfills around our neighbourhood with soil and sand, drain blockage should be removed, water should be drained out from the flower pots, desert cooler-tanks and empty vessels in our houses, at night net and mosquito repellent cream should be applied to the skin. The doors and windows in the houses should be equipped with wire-gauze.

(ii) The growth of mosquitoes can be checked by keeping our surroundings clean and tidy pits and drains must not be let overflow or choked with stagnant water. Unwanted bushes or weeds should be destroyed.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 13 Why Do We Fall Ill

Question 2.
A doctor/nurse/health worker is exposed to more sick people than others in the community. Find out how she/he avoids getting sick herself/himself.
Answer:
Doctors, nurses and health workers immensely remain in contact with patients than other people. To protect themselves from harmful bacteria or microbes following safety measures are adopted by them :
(1) They are habitual wearing washed and clean clothes every day.
(2) While examining a patient, doctor use to cover their mouth and nose with a mask so that the least microbes carry ing infection should not enter their body through breathing.
(3) Nurses and other medical workers wear rubber gloves while injecting or dressing a patient, so that they may not come in direct contact with the patient.
(4) After examining a patient, a doctor or another person at help wash up their hands with an antiseptic solution.
(5) Whole of the staff in the hospital is much concerned about common hygiene. The floors of the wards and rooms are swabbed with disinfectant phenyl regularly.
(6) The garbage and waste should be destroyed with scientific methods.

Question 3.
Conduct a survey in your neighbourhood to find out what the three most common diseases are. Suggest three steps that could be taken by your local authorities to bring down the incidence of these diseases.
Answer:
On conducting a survey in the neighbourhood it was found that the three most common diseases in my locality are:
(i) Diarrhoea and expectoration (vomiting)
(ii) Malaria
(iii) Cough and cold.

Following are the three suggestions to immunise ourselves against these diseases :
(1) There is a great need to take care of the eatables and drinking water they must be protected against any kind of pollution.
(2) Ensure that the water is covered so that mosquitoes can’t breed and we can have safe drinking water.
(3) Maintaining cleanliness and proper disposal system is needed.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 13 Why Do We Fall Ill

Question 4.
A baby is not able to tell her/his caretakers that she/he is sick. What would help us to find out
(a) that the baby is sick?
(b) what is the sickness?
Answer:
(a) If a baby is not able to tell his/her caretaker that he/she is sick then body symptoms should be observed by the caretaker. The caretaker should take the baby to the doctor, if she or he finds a clue that the baby is sick. Some symptoms that can be observed are :
1. If the baby cries continuously.
2. If the baby doesn’t want to eat anything.
3. If the baby feels irritated all the time.

(b) Kind of sickness can be known by certain symptoms e.g. yellowness of skin and eyes, redness in eye may indicate conjunctivitis.

Question 5.
Under which of the following conditions is a person most likely to fall sick?
(a) when she is recovering from malaria.
(b) when she has recovered from malaria and is taking care of someone suffering from chicken pox.
(c) when she is on a four-day fast after recovering from malaria and is taking care of someone suffering from chicken pox. Why?
Answer:
A person is most likely to fall sick when she is on a four-day fast after recovering from malaria and is taking care of someone suffering from chicken pox. This is because since she has suffered from malaria and is in the recovery phase, it means that she is still not completely disease-free. Her chances of getting chicken pox are also high as her body has lowered.

Question 6.
Under which of the following conditions are you most likely to fall sick?
(a) when you are taking examinations.
(b) when you have travelled by bus and train for two days.
(c) when your friend is suffering from measles. Why?
Answer:
(a) I am most likely to fall sick when my friend is suffering from measles. Measles is a viral infection. It is a contagious disease. It spreads through contact with infected mucus and saliva. The virus can sustain for several hours. Even coming in contact or sharing items with an infected person results in the spread of disease.

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound

HBSE 9th Class Science Sound Intext Questions and Answers

Questions from Sub-section 12.2

Question 1.
How does the sound produced by a vibrating object in a medium reach your ear?
Answer:
The sound produced by a vibrating objcct reaches our ear through medium.

Questions from Sub-section 12.2.1

Question 1.
Explain how sound is produced by your school bell.
Answer:
The school bell produces sound through vibration, because when the hammer strikes the bell, it produces vibration in bell.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound

Question 2.
Why are sound waves called mechanical waves?
Answer:
The sound waves are produced by the motion of the particles of the medium, and mechanical work is possible by them, so sound waves are called mechanical waves.

Question 3.
Suppose you and your friend are on the moon. Will you be able to hear any sound produced by your friend?
Answer:
No, because sound needs a medium to propagate There is no medium on moon and hence it is not possible to hear any sound on Che moon.

Questions from Sub-section 12.2.3

Question 1.
Which wave property determines
(a) loudness
(b) patch?
Answer:
Pitch.

Question 2.
Guess which sound has a higher pitch : guitar or car horn?
Answer:
Car horn.

Questions from Sub-section 12.2.3

Question 1.
What arc wavelength, frequency, time period and amplitude of a sound wave?
Answer:
(i) Wavelength: The distance between two consecutive compresssions or two consecutive
rarefactions is called wavelength. It is denoted by a Greek alphabet, (lambda)
(ii) Frequency: The number of complete oscillations per unit second is called frequency.
(iii) TIme Period: The time taken by the wave for one complete oscillation is called time period.
(iv) AmplItude: The magnitude of maximum disturbance in the medium on either side of the mean value is called amplitude.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound

Question 2.
How are the wavelength and frequency of a sound wave related to its speed?
Answer:
υ = λv
or
Velocity wavelength × frequency.

Question 3.
Calculate the wavelength ora sound wave whose frequency is 220 Hz and speed Is 440 m/s in a given medium.
Solution:
Frequency of wave (υ) = 220 Hz
Velocity of wave (v) = 440 m/s
We know that, = λ × 220
λ = \(\frac {220}{440}\) = 2m

Question 4.
A person is listening to a tone of 500 Hz sitting at a distance of 450 m from the source of the sound. What is the time interval between successive compressions from the source?
Solution:
Frequency of wave (υ) = 500 Hz
Time (T) =?
We know that,
v = \(\frac {1}{T}\)
Or
T = \(\frac {1}{v}\)
T = \(\frac {1}{500}\) = 0.002 sec

Questions from Sith-section 12.2.3

Question 1.
Distinguish between loudness and intensity of sound.
Answer:
The loudness of sound: Loudness is a measure of the response of the ear to the sound. It depends upon low and high vibrations.
The intensity of sound: The amount of sound energy passing each second through unit area is called the intensity of sound.

Questions from Sub-section 12.2.4

Question 1.
In which of three media, air, water or iron, does sound travel the fastest at a particular temperature?
Answer:
The sound travels the fastest in iron. the speed of sound at 25°C in air is 346 m/s, in water 1531 m/s and in iron 5950 m/s.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound

Questions from Sub-section, 12.3.

Question 1.
An echo returned in 3s. What is the distance of the reflecting surface from the source, given that the speed of sound is 342 ms-1?
Solution:
Speed nf sound(v) = 342 ms-1
lime taken by echo (t) = 3s
Distance covered by sound = velocity × time = 342 × 3 m = 1026 m
Thus. the distance of the reflecting surface from the source
\(\frac {1026}{2}\) m = 513 m

Questions from Sub-section 12.3.3

Question 1.
are the ceilings nl concert halls curved?
Answer:
The ceilings of concert halls arc curved so that sound after reflection reaches all corners of the hail.

Questions from Sub-section 12.4

Question 1.
What is the audible range of the average human ear?
Answer:
20 Hz to 20.000 Hz.

Question 2.
What is the range of frequencies associated with
(a) Infrasound?
(h) Ultrasound?
Answer:
(a) The range of infrasound is less than 20 Hz.
(b) The range of ultrasound is more than 20 kHz

Questions from Sub-section 12.5

Question 1.
A submarine emits a sonar pulse, which returns from an underwater cliff I.02s. If the speed of sound in salt water is 1531 mIs, how far awa is the cliff?
Solution:
Here, Time between transmission and detection (t) 1.02 s
Speed of sound in seawater (v) = 1531 m/s
Distance traveled by the ultrasound = 2 x distance of cliff from submarine = 2d
Where. d = distance of cliff from submarine
Total distance (2d) = speed x time = 153 1 m/s x 1.02 s = 1561.62rn
d = \(\frac {1561.62}{2}\) = 780.81m.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound

HBSE 9th Class Science Sound Textbook Questions and Answers

Question 1.
What is sound and how is it produced?
Answer:
Sound:
It is a form of energy that produces a sensation of hearing. Sound is produced by any vibrating material body. For example. the sound of the human voice is produced due to vibrations in the vocal cords. The strings of trumpets and shehnais vibrate when they are played. The vibration is also produced when the bell is rung. The vibration in bell can be felt by touching it. In this way sound is produced.

Question 2.
Describe with the help of a diagram, how compressions and rarefactions are produced in air near a source of the sound.
Answer:
When a vibrating object moves forward, it pushes and compresses the air in front of it creating a region of high pressure which is called compression (C). This compression starts to move away from the vibrating object. When the vibrating object moves backward, it creates a region of low pressure called rarefaction (R). Thus, due to the vibration of an object, a series of compressions and rarefactions is created in the air. These make the sound wave that propagates through the medium.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound - 1

Question 3.
Cite an experiment to show that sound needs a material medium for its propagation.
Answer:
Sound is a mechanical wave. It requires a material medium for propagation. ¡t can
be proved by the following experiment:
Experiment:
Take an electric bell and an airtight glass bell jar. The electric bell is suspended inside the airtight bell jar. Connect the bell jar to a vacuum pump. Switch on the bell. The sound of bell is heard. Now pump out the air of bell jar by vacuum pump gradually. The sound becomes fainter. When there is full vacuum in bell jar, the sound of bell will not be heard. Thus, the experiment proves that sound cannot travel in vacuum. Sound need a material medium to travel. The air was the medium in bell jar so the sound of the electric bell was being heard.
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound - 2

Question 4.
Why is a sound wave called a longitudinal wave?
Answer:
In sound waves, the individual particles of the medium move in a direction parallel to the direction of propagation of the disturbance. The particles do not move from one place to another but they oscillate back and forth about their position of rest. Hence, sound waves are longitudinal waves.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound

Question 5.
Which characteristic of the sound helps you to identify your friend by his voice while sitting with others in a dark room?
Answer:
Pitch of sound. How the brain interprets the frequency of an emitted sound is called pitch. Pitch helps us to identify the sound.

Question 6.
Flash and thunder are produced simultaneously. But thunder ¡s heard a few seconds after the flash is seen, why?
Answer:
At room temperature. the speed of sound is 344 metres per second and the velocity of light is 300000 km per second. Flash and thunder are produced simultaneously but due to the difference in the speed of both, flash is seen first and thunder is heard after it.

Question 7.
A person has a hearing range from 20 Hz to 20 kHz. What are the typical wavelengths of sound waves in air corresponding to these two frequencies? Take the speed of sound in air as 344 ms-1.
Solution:
The velocity of sound in air (y) = 344 ms-1
First frequency of person (v1) = 20 Hz
Second frequency of person (v2) = 20 kHz = 20,000 Hz
First wavelength (λ1) = \(\frac{v}{v_1}=\frac{344}{20}\) = 17.2 m
Second wavelength (λ2) = \(\frac{v}{v_2}=\frac{344}{20,000}\) = 0.0172 m

Question 8.
Two children are at opposite ends of an aluminum rod. One strikes the end of the rod with a stone. Find the ratio of times taken by the sound wave in air and in aluminum to reach the second child.
Solution:
Suppose the length of rod = 1m
Speed of sound in air (v1) = 346 m/s
Time taken in Air = HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound - 7 = \(\frac {1m}{346m}\)s 1/346s
The speed of sound in aluminium (v2) = 6420 m/s
Time taken in Aluminium = HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound - 7 = \(\frac {1m}{6420m}\) = I /6420s
Ratio of both = \(\frac{1}{346}: \frac{1}{6420}\) = 18.55:1

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound

Question 9.
The frequency of a source of sound is loo Hz. How many times does it vibrate in a minute?
Solution:
Frequency of sound (v) = 100 Hz
Number of vibrations in 1 second = 100
Number of vibrations in 60 seconds = 100 x 60 = 6000

Question 10.
Does sound follow the same laws of reflection as light does? Explain.
Answer:
Yes, sound follows the same laws of reflection as light does. Sound is reflected from the surface of
Laws:
(1) The angle of incidence is equal to the angle of reflection.
(2) Incident wave, reflected wave and the normal lie in the same plane. An obstacle of larger size which may be polished or rough is needed for the reflection of sound waves.

Question 11.
When a sound is reflected from a distant object, an echo is produced. Let the distance between the reflecting surface and the source of sound production remains the same. Do you hear an echo sound on a hotter day?
Answer:
Yes, because the speed of sound is more on a hotter day than on a colder day.

Question 12.
Give two practical applications of reflection of sound waves.
Answer:
(1) During night, the bats feel their way by the reflection of sound.
(2) Ultrasound is used to break small ‘stones’ formed in the kidneys into fine grains.

Question 13.
A stone is dropped from the top of a tower 500 m high into a pond of water at the base of the tower. When is the splash heard at the top? Given, g = 10 m/s-2 and speed of sound = 340 ms-1.
Solution:
Here, u 0, s 500 m, g 10 rns2
Buts = ut + gt2 = 0 + \(\frac {1}{2}\) x 1o × t2 ⇒ 5t2 = 500 or = 10s
Distance of the top of the tower from surface faster = 500 m
Speed of sound = 340 ms-1
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound - 9
\(\frac {500}{340}\) = 1.47s
The time taken by the splash to reach at the top = 10 + 1 .47 = 11.47 s
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound - 8

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound

Question 14.
A sound wave travels at a speed of 339 ms-1. If its wavelength is 1.5 cm, what is the frequency of the wave? Will it be audible?
Solution:
Here, the Speed of the sound wave = 339 ms-1
Wavelength = 1.5 cm = \(\frac {15}{10}\) = \(\frac {15}{1000}\) m
Frequency Wavelength = img = \(\frac {339}{15}\) x 1000 = 22600 Hz
This sound is not audible because a person cannot hear a sound more than 20,000 Hz.

Question 15.
What is reverberation? How can it be reduced?
Answer:
Reverberation:
The repeated reflection that results in the persistence of sound is called reverberation. Methods of reducing:
To reduce reverberation, the roof and walls of the auditorium are generally covered with sound absorbent materials like compressed fibreboard, rough plaster or draperies. The seat materials are also selected on the basis of their sound-absorbing properties.

Question 16.
What is the loudness of sound? What factors does it depend on ?
Answer:
The measure of the response of the ear to the sound is called the loudness of sound. It is the sensation of hearing. This level of sensation depends upon the loud or faint vibrations of the source. When vibrations are loud, the loudness of sound is more and when vibrations are faint, the loudness of sound is faint. The loudness or softness of the sound is found by the amplitude. The sound of high energy has more loudness.

Question 17.
Explain how bats use ultrasound to catch a prey.
Answer:
The bat searches out prey in dark night by emitting and detecting reflections of ultrasonic waves. The high pitch ultrasonic squeaks of the hat are reflected from the prey and returned to the bat’s ear as shown in fig. The nature of reflections tells that bat where the prey is and it catches it. In this way the bats use ultrasound to catch prey.
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound - 3

Question 18.
How is ultrasound used for cleaning?
Answer:
Objects to be cleaned are placed in a cleansing solution and ultrasonic waves are sent into the solution. Due to the high frequency. the particles of the dust, grease and dirt get detected and drop out. This technique can clean those objects which are difficult to clean due to their large size.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound

Question 19.
Explain the working and application of a sonar.
Answer:
Procedure:
SONAR-Sound Navigation And Ranging is such a device in which ultrasonic waves are used to measure the distance, direction and speed of underwater objects. Sonar consists of a transmitter and a detector and is installed in a boat or a ship as shown in fig. The transmitter produces and transmits ultrasonic waves and travel through water and after striking the object on the seaboat, get reflected back and are sensed by the detector. The distance of the object that reflected the sound wave can he calculated by knowing the speed of sound in water and the time interval between transmission and reception of the ultrasound.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound - 4

Applications: Following are its applications:

(1) To determine the depth of the sea and oil wells.
(2) To find the distance of groups of fish.
(3) To locate the enemy submarine or torpedo.
(4) To cate underwater hill valleys. icebergs and sunken slp.

Question 20.
A sonar device on a submarine sends out a signal and receives an echo 5 s later. Calculate the speed of sound in water, if the distance of the object from the submarine is 3625 m.
Solution:
Distance of the object from the submarine (d) = 3625 m
The echo covers the double distance.
2d = 2 x 3625 = 7250 m
Time (t) = 5 s
Speed of sound in water = \(\frac {2d}{t}\) = imh = \(\frac {7250}{5}\) = 1450 m/s
Thus, speed of sound in water 1450 m/s

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound

Question 21.
Explain how defects in a metal block can be detected using ultrasound.
Answer:
Ultrasound can be used to detect cracks and flaws in metal blocks. The cracks or holes inside the metal blocks, which are invisible from the outside reduce the strength of the structure of the building or bridge.
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound - 5

Ultrasonic waves are allowed to pass through the metal block and detectors are used to detect the transmitted waves. If there is even a small defect, the ultrasound gets reflected back indicating the presence of the flaw or defect. Ordinary sound of longer wavelengths cannot be used for such purpose as it will bend around the corners of the defective location and enter the detector and instead of detecting the flaw, they create a state of confusion.

Question 22.
E%plaìn how the human ear works.
Answer:
The outer ear of human being collects the sound from surroundings and passed through the auditory canal, and the pressure on the outside of the membrane increases. The pressure from inside is less. Due to the difference in pressure, the eardrum starts vibrating. The vibrations are amplified several times by three bones (the hammer, anvil and stirrup) in middle ear. In the inner ear, the pressure variations are turned into electric signals by the cochlea. These electrical signals are sent to the brain via the auditory nerve, and the brain interprets them as sound.
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 Sound - 6

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy

HBSE 9th Class Science Work and Energy Intext Questions and Answers

Questions from Sub-Section 11.1

Question 1.
A force of 7N acts on an object. The displacement is, say 8 m in the direction of the force (Fig. 11.1). Let us take it that the force acts on the object through the displacement. What is the work done in this case?
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy - 1
Solution:
Here,
Force (F) = 7N
Displacement (s) = 8m
Work done (W) =?
We know that, Work done (W) = Force (F) × Displacement (s) = 7 × 8N.m = S6 Joule

Questions from Sub-Section 11.1

Question 1.
When do we say that work is done?
Answer:
When an object is displaced by applying force, it is said to be work done.
Thus, work done (W) = Force (F) × Displacement (s)

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy

Question 2.
Write an expression for the work done when a force is acting on an object in the direction of its displacement?
Answer:
When a force is acting on an object in the direction of its displacement. The equation of work will be as follows:
Work done (W) = Force (F) X Displacement (s)
Thus, work done ¡s positive when the force is ¡n the direction of displacement.

Question 3.
Define 1 J of work.
Answer:
Work is said to be done 1 joule when a force of 1 N acting on an object and it is displaced through 1 m in the direction of force.
Thus, 1 J = 1 N x lm

Question 4.
A pair of bullocks exerts a force of 140 N on a plough. The field being ploughed is 15 m long. How much work is done in plowing the length of the field?
Solution:
Here,
Force (F) = 140 N
Displacement (s) = 15 m
Work done (W) = F × S = 140 × 15 = 21001

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy

Questions from Sub-Section 11.2

Question 1.
What is the kinetic energy of an object?
Answer:
The energy possessed by an object due to its motion is called kinetic energy. A body of mass m moving with velocity v has kinetic energy (E) equal to \(\frac {1}{2}\)mv2.

Question 2.
Write an expression for the kinetic energy of an object.
Answer:
The kinetic energy of a body of mass m moving with velocity v is; K.E = \(\frac {1}{2}\) v2

Question 3.
The kinetic energy of an object of mass m moving with a velocity of 5 ms-1 is 25 J. What will be its kinetic energy when its velocity is doubled? What will be its kinetic energy when its velocity is increased three times ?
Answer:
The kinetic energy of an object of mass, m moving with a velocity of 5 ms-1 is 25 J. If its velocity is doubled (10 ms-1), its kinetic energy will increase four (2-1) times i.e. 100 J. But if its velocity is tripled (15 ms-1), its kinetic energy will increase nine (32) times i.e. 225 J.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy

Questions from Sub-Section 11.3

Question 1.
What is power ?
Answer:
Power is defined as the rate of doing work or the rate of transfer of energy. If an agent does a work W in time t, then power is given by :
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy - 2
Unit of power is watt (W).

Question 2.
Define 1 watt of power.
Answer:
1 watt is the power of an agent, which does work at the rate of 1 joule per second.
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy - 3

Question 3.
A lamp consumes 1000 J of electric energy in 10 s. What is its power ?
Solution:
Here,
Work done (W) = 1000J Time(t) = 10 s Power (P) = ?
We know that,
Work done(W) = 1000 J
Time(t) = 10 s
Power(P) = ?
We know that,
P = \(\frac {W}{t}\) = \(\frac {1000}{10}\) Js-1= 100 W(Watt)

Question 4.
Define average power.
Answer:
The ratio of total energy used to total time given is called average power. Thus,
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy - 4

HBSE 9th Class Science Work and Energy Textbook Questions and Answers

Question 1.
Look at the activities listed below. Reason out whether or not work is done in the light of your understanding of the term ‘work’.
(i) Suma is swimming in a pond.
(ii) A donkey is carrying a load on its back.
(iii) A wind-mill is lifting water from a well.
(iv) A green plant is carrying out photosynthesis.
(v) A engine is pulling a train.
(vi) Food grains are getting dried in the sun.
(vii) A sailboat is moving due to wind energy.
Answer:
(i) There is work when suma is swimming in a pond, because she is displacing in the direction of force.
(it) No work is done because its displacement is zero.
(iii) Work is done in lifting the water because it displaces in the direction of force.
(iv) No work is done because displacement is zero.
(v) Work is done in pulling the train because the train is displacing in the direction of engine.
(vi) No work is done because the displacement is zero.
(vii) Work is done by the wind energy in producing motion in sailboat because sail boat is displacing in the direction of force.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy

Question 2.
An object was thrown at a certain angle to the ground moves in a curved path and falls back to. the ground. The initial and the final point of the path of the object lie on the same horizontal line. What is the work done by the force of gravity on the object?
Answer:
The work done by the force of gravity on the object is zero because the displacement of the object is zero.

Question 3.
A battery lights a bulb. Describe the energy changes involved in the process.
Answer:
When a battery lights a bulb, chemical energy is converted in electric energy.

Question 4.
The certain force acting on a 20 kg mass changes its velocity from 5 ms-1 to 2 ms-1. Calculate the work done by the force.
Solution:
Here,
Mass of the body (m) = 20 kg
Initial velocity of the body (u) = 5 ms-1
Final velocity of the body (v) = 2 ms-1
Initial kinetic energy of the body (E1) = \(\frac {1}{2}\) mu2 = \(\frac {1}{2}\) × 20 × (5)2 J = 250J
Final kinetic energy of the body (E2) = \(\frac {1}{2}\)m(v)2 = \(\frac {1}{2}\) × 20 × (2)2 J = 40 J
Thus, Work done = Change in the Kinetic Enegry = E1 – E2
= 250 J – 40J = 210 J

Question 5
A mass of 10 kg is at a point A on a table. It is moved to a point B. If the line joining A and B is horizontal. What is the work done on the object by the gravitational force ? Explain your answer.
Solution:
Here,
Mass of the object (m) = 10 kg
Force of gravity (g) = 9.8 ms-2
Height (h) = 0
Work done by force of gravity (w) = mgh = 10 × 9.8 × 0 = 0
Thus, the work done by force of gravity is zero because displacement is horizontal.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy

Question 6.
The potential energy of a freely falling object decreases progressively. Does this violate the law of conservation of energy ? Why ?
Answer:
The potential energy of a freely falling object decreases progressively but this does not violate the law of conservation of energy because this energy is transferred in kinetic energy. The total potential energy nearest to earth changes in kinetic energy and on reaching the earth, it converts in potential energy.

Question 7.
What are the various energy transformations that occur when you are riding a bicycle?
Answer:
When we ride a bicycle, our muscular energy changes in kinetic energy and we get muscular energy from the food after converting in chemical energy.

Question 8.
Does the transfer of energy take place when you push a huge rock with all your might and fail to move it ? Where is the energy you spend going?
Answer:
When we push a huge rock with all our might and fail to move it, the transformation of energy in this stage wastes against friction and the work done is considered as zero.

Question 9.
A certain household has consumed 250 units of energy during a month. How much energy is , in joules?
Solution:
Here,
Energy consumed = 250 units = 250 kWh = 250 × 1000 × 3600s = 900000000 watt second = 9 × 108J

Question 10.
An object of mass 40 kg is raised to a height of 5 m above the ground. What is its potential energy ? If the object is allowed to fall, find its kinetic energy when it is halfway down, (g = 10 ms-2 )
Solution:
Here,
The mass of the object (m) = 40 kg
Height of the object from the earth (h) = 5 m
Acceleration due to gravity (g) = 10 ms-2
Potential energy of the object (w) = mgh
40 × 5 × 10 J = 200J
If the object is allowed to fall freely, the half of the potential energy of the object in the halfway will convert in kinetic energy. Therefore the kinetic energy of the object when it is half-way down = \(\frac {2000}{2}\) = 1000J

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy

Question 11.
What is the work done by the force of gravity on a satellite moving around the earth? Justify your answer.
Answer:
The work done by the force of gravity on a satellite moving around the earth is zero because the displacement of both is zero.

Question 12.
Can there be displacement of an object in the absence of any force acting on it ? Think. Discuss this question with your friends and teacher.
Answer:
Ho, there cannot be displacement of an object in the absense of any force acting on it because the displacement is always due to unbalanced force.

Question 13.
A person holds a bundle of hay over his head for 30 minutes and gets tired. Has he done some work or not ? Justify your answer.
Answer:
The work done by the person is zero when he hold a bundle of hay over his head for 30 minutes because the displacement is zero.

Question 14.
An electric heater is rated 1500 W. How much energy does it use in 10 hours ?
Solution:
Here,
The power of the electric heater (P) = 1500W
Time (t) = 10 hours
Energy (w) = P × t = 15000 Wh = \(\frac {15000}{1000}\) kWh = 15 k Wh

Question 15.
Illustrate the law of conservation of energy by discussing the energy changes which occur when we draw a pendulum bob to one side and allow it to oscillate. Why does the bob eventually come to rest ? What happens to its energy eventually? Is it a violation of the law of conservation of energy.gy ?
Solution:
When we take the bob or pendulum from its middle position to one side (let left side) upto some height, the work done by it is conserved in the form of potential energy. When the bob is allow to swing, then the total potential energy of the bob changes into kinetic energy on reaching left-to-right and middle position. This kinetic energy takes the bob upto that height at which the kinetic energy is changed into potential energy. Due to this potential energy, the bob oscillates again from right to middle. This continuous and bob or pendulum moves from right-left.
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy - 5
After sometime bob comes in rest because frictional force of air works on it and the energy is wasted to work against it. This is not the violation of the law of conservation of energy.

Question 16.
An object of mass m is moving with a constant velocity, v. How much work should be done on the object in order to bring the object to rest ?
Answer:
An object of mass is moving with a constant velocity v, its kinetic energy is \(\frac {1}{2}\) mv2. The work is equal to kinetic energy should be done on the object in order to bring the object to rest.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy

Question 17.
Calculate the work required to be done to stop a car of 1500 kg moving at a velocity of 60 km/h ?
Solution:
Here,
Mass of the car (m) = 1500 kg
Velocity of the car (v) = 60 km/h
= \(\frac{60 \times 1000}{3600}\) ms-1 = \(\frac{50}{3}\) ms-1
Thus, kinetic energy of the car = \(\frac {1}{2}\) mv2 = \(\frac {1}{2}\) = 1500 × \(\frac {1}{2}\) × \(\frac {1}{2}\)J = 208333.3 J
∴ The Work Required to be done to stop the car = 208333.3 J

Question 18.
In each of the following, a force F is acting on an object of mass m. The direction of displacement is from west to east shown by the longer arrow. Observe the diagrams carefully and state whether the work done by the force is negative, positive or zero.
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy - 6
Answer:
The work done in the first stage is zero, in the second stage is positive and in the third stage is negative.

Question 19.
Soni says that the acceleration in an object could be zero even when several forces are acting on it. Do you agree with her? Why?
Answer:
Yes, we agree with Soni because when several forces are acting on an object, the total effect of the force becomes zero, Thus, F = 0, from this, ma = 0, but m cannot be zero, Therefore, the acceleration can be zero.

Question 20.
Find the energy in kW h consumed in 10 hours by four devices of Dower 500 W each.
Solution:
Here,
The total power of four devices (P) = 500 W × 4 = 2000W
Time (t) = 10 hours
The energy consumed = Power × Time
= 2000 W × 10 h
\(\frac {20000}{1000}\) k Wh = 20kWh

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy

Question 21.
A freely falling object eventually stops on reaching the ground. What happenes to its kinetic energy ?
Answer:
Its kinetic energy is transferred in potential energy.

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HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु

Haryana State Board HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

भाग-I : सही विकल्प का चयन करें

1. विश्व में सर्वाधिक वर्षा प्राप्त करने वाला स्थान कौन-सा है?
(A) मॉसिनराम
(B) चेरापूँजी
(C) तुरा
(D) सिल्वर
उत्तर:
(A) मॉसिनराम

2. भारत की जलवायु है-
(A) शीतोष्ण कटिबंधीय
(B) उष्ण कटिबंधीय
(C) ध्रुवीय
(D) उपोष्ण कटिबंधीय
उत्तर:
(B) उष्ण कटिबंधीय

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु

3. भारत के उत्तरी मैदान में ग्रीष्म ऋतु में दिन में बहने वाली पवन का क्या नाम है?
(A) काल बैसाखी
(B) सन्मार्गी पवनें
(C) लू
(D) शिनूक
उत्तर:
(C) लू

4. भारत के उत्तर-पश्चिमी भागों में सर्दियों में होने वाली वर्षा किस कारण से होती है?
(A) चक्रवातीय अवदाब
(B) पश्चिमी विक्षोभ
(C) लौटती मानसून
(D) दक्षिण-पश्चिमी मानसून
उत्तर:
(B) पश्चिमी विक्षोभ

5. निम्नलिखित में से किसके सहारे पर्वतीय वर्षा नहीं होती?
(A) पश्चिमी घाट
(B) अरावली
(C) शिवालिक
(D) गारो, खासी और जयंतिया
उत्तर:
(B) अरावली

6. निम्नलिखित में से वर्षा की सर्वाधिक परिवर्तनीयता कहाँ पाई जाती है?
(A) राजस्थान
(B) केरल
(C) कर्नाटक
(D) मेघालय
उत्तर:
(A) राजस्थान

7. कौन-सी विशेषता मानसूनी वर्षा की नहीं है?
(A) मौसमी वर्षा
(B) वर्षा वाले दिनों की निरंतरता
(C) वषां का असमान वितरण
(D) अनिश्चित और अनियमित वर्षा
उत्तर:
(B) वर्षा वाले दिनों की निरंतरता

8. ग्रीष्मकालीन मानसूनी वर्षा सबसे पहले भारत के किस राज्य में आती है?
(A) केरल
(B) पंजाब
(C) पश्चिमी बंगाल
(D) कर्नाटक
उत्तर:
(A) केरल

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु

9. सर्वाधिक वार्षिक तापांतर निम्नलिखित में से किस महानगर में पाया जाता है?
(A) कोलकाता
(B) फरीदाबाद
(C) मुंबई
(D) चेन्नई
उत्तर:
(B) फरीदाबाद

10. निम्नलिखित में से सबसे कम वार्षिक तापांतर पाया जाता है-
(A) शिलांग
(B) तिरुवनंतपुरम
(C) जोधपुर
(D) जींद
उत्तर:
(B) तिरुवनंतपुरम

11. भारतीय मौसम मानचित्र नहीं दर्शाता है-
(A) मेघाच्छादन
(B) समदाब रेखाएँ
(C) समताप रेखाएँ
(D) वायु की दिशा
उत्तर:
(C) समताप रेखाएँ

12. दिल्ली का वार्षिक तापांतर अधिक है, क्योंकि
(A) यह कर्क रेखा के निकटतम है
(B) यहाँ अल्प वर्षा होती है
(C) यह समुद्र से दूर स्थित है
(D) यह मरुस्थल के निकट है
उत्तर:
(C) यह समुद्र से दूर स्थित है

13. निम्नलिखित में से कौन-से राज्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून से वर्षा नहीं होती?
(A) पंजाब
(B) कर्नाटक
(C) तमिलनाडु
(D) राजस्थान
उत्तर:
(C) तमिलनाडु

14. तमिलनाडु में वर्षा होने का कारण है-
(A) दक्षिण-पश्चिमी मानसून
(B) उत्तर:पूर्वी मानसून
(C) पूर्वी अवदाब
(D) पश्चिमी विक्षोभ
उत्तर:
(B) उत्तर:पूर्वी मानसून

15. दक्षिण-पश्चिमी मानसून भारत के दक्षिण में केरल तट पर कब पहुँचती है?
(A) 1 जून
(B) 10 जून
(C) 13 जून
(D) 18 जून
उत्तर:
(A) 1 जून

16. कोपेन ने अपने जलवायु वर्गीकरण में मानसूनी जलवायु को किस संकेताक्षर से प्रस्तुत किया है?
(A) Am
(B) Aw
(C) Af
(D) Cw
उत्तर:
(A) Am

17. भारत में प्रवेश करने वाले शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति कहाँ होती है?
(A) अरब सागर में
(B) भूमध्य सागर में
(C) हिंद महासागर में
(D) अटलांटिक महासागर में
उत्तर:
(B) भूमध्य सागर में

18. कौन-सा पर्वतीय क्षेत्र अधिकतम वर्षा प्राप्त करता है?
(A) पश्चिमी घाट
(B) नीलगिरि
(C) सतपुड़ा
(D) खासी पहाड़ियाँ
उत्तर:
(D) खासी पहाड़ियाँ

19. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है?
(A) आन वर्षा : ओडिशा
(B) आंधी : उत्तर प्रदेश
(C) काल बैसाखी : पं० बंगाल
(D) लू : उत्तर पश्चिमी भारत
उत्तर:
(A) आन वर्षा : ओडिशा

20. भारत के कोरोमंडल तट पर वर्षा होती है-
(A) मार्च-मई में
(B) जनवरी-फरवरी में
(C) अक्तूबर-नवम्बर में
(D) जून-सितम्बर में
उत्तर:
(C) अक्तूबर-नवम्बर में

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु

21. निम्नलिखित में से किस स्थान पर सूर्य सिर के ऊपर कभी लंबवत् नहीं चमकता?
(A) चेन्नई
(B) दिल्ली
(C) भोपाल
(D) मुम्बई
उत्तर:
(B) दिल्ली

22. वर्षा की सर्वाधिक विरलता निम्नलिखित में से कहाँ पाई जाती है?
(A) जैसलमेर
(B) जोधपुर
(C) बीकानेर
(D) लेह
उत्तर:
(D) लेह

23. कोपेन के जलवायु वर्गीकरण में ‘As’ संकेताक्षर भारत के किस क्षेत्र के लिए प्रयुक्त किया गया है?
(A) पूर्वी हिमालय
(B) केरल तट
(C) तमिलनाडु तट
(D) पश्चिमी राजस्थान
उत्तर:
(C) तमिलनाडु तट

24. दिसंबर मास में भारत में सबसे कम तापमान कहाँ पाया जाता है?
(A) गंगानगर
(B) द्रास/कारगिल
(C) पंजाब
(D) केरल
उत्तर:
(B) द्रास/कारगिल

25. भारत में उच्चतम तापमान कहाँ पाया जाता है?
(A) गंगानगर
(B) द्रास/कारगिल
(C) पंजाब
(D) केरल
उत्तर:
(A) गंगानगर

26. वर्षा ऋतु में वायुमंडल में सर्वाधिक आर्द्रता विद्यमान रहती है-
(A) मध्यान्ह के समय
(B) प्रातःकाल के समय
(C) सायंकाल के समय
(D) मध्यरात्रि के समय
उत्तर:
(B) प्रातःकाल के समय

27. निम्नलिखित में से कौन भारतीय मानसून को प्रभावित नहीं करता?
(A) जेट स्ट्रीम
(B) एल-निनो
(C) गल्फ स्ट्रीम
(D) तिब्बत का पठार
उत्तर:
(C) गल्फ स्ट्रीम

28. पश्चिमी घाट के पूर्व में स्थित वृष्टि-छाया प्रदेश के होने का प्रमुख कारण कौन-सा है?
(A) मंद ढाल
(B) आर्द्रता में वृद्धि
(C) तापमान में वृद्धि
(D) विरल वनस्पति
उत्तर:
(C) तापमान में वृद्धि

29. ग्रीष्म ऋतु में आने वाला कौन-सा तूफान चाय, पटसन व चावल के लिए उपयोगी माना जाता है?
(A) काल बैसाखी
(B) आम्र वर्षा
(C) फूलों वाली बौछार
(D) वज्र तूफान
उत्तर:
(A) काल बैसाखी

30. मानसून की गतिक विचारधारा का प्रतिपादन किस विद्वान ने किया था?
(A) एम०टी० यीन
(B) पी० कोटेश्वरम्
(C) रामारत्ना
(D) एच० फ्लोन
उत्तर:
(D) एच० फ्लोन

31. एल-निनो के बारे में कौन-सा कथन असत्य है?
(A) यह पेरु के तट के सहारे बहने वाली समुद्री धारा है
(B) एल-निनो का अर्थ है ‘बालक ईसा’
(C) यह उष्ण वायु की धारा है जो जल में वाष्पिक अनियमितताएँ उत्पन्न कर देती है
(D) यह धारा क्रिसमस के आस-पास पैदा होती है
उत्तर:
(C) यह उष्ण वायु की धारा है जो जल में वाष्पिक अनियमितताएँ उत्पन्न कर देती है

32. निम्नलिखित में से कौन-सा भारतीय स्थान सबसे ठण्डा है?
(A) श्रीनगर
(B) गुलमर्ग
(C) द्रास
(D) नन्दा देवी
उत्तर:
(C) द्रास

भाग-II : एक शब्द या वाक्य में उत्तर दें

प्रश्न 1.
भारत कौन-सी जलवायु वाला देश है?
उत्तर:
भारत उष्ण कटिबन्धीय मानसूनी जलवायु वाला देश है।

प्रश्न 2.
‘मानसून’ शब्द कौन-सी भाषा के किस शब्द से बना है?
उत्तर:
मानसून शब्द अरबी भाषा के मौसिम’ शब्द से बना है।

प्रश्न 3.
विश्व में सर्वाधिक वर्षा कहाँ होती है?
उत्तर:
विश्व में सबसे अधिक वर्षा मेघालय में चेरापूंजी के निकट मॉसिनराम स्थान पर होती है।

प्रश्न 4.
‘ल’ भारत में कब और किस क्षेत्र में चलती है?
उत्तर:
भारत में ‘लू’ ग्रीष्म ऋतु (मई-जून) में तथा उत्तरी भारत में चलती है।

प्रश्न 5.
जेट-प्रवाह की कौन सी शाखा सर्दियों में उत्तरी भारत में चक्रवात लाने में सहायक होती है?
उत्तर:
जेट-प्रवाह की पश्चिमी शाखा।

प्रश्न 6.
भारत में किस क्षेत्र से मानसून सबसे पहले लौटता है?
उत्तर:
पश्चिमी राजस्थान से।

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु

प्रश्न 7.
भारत के किन भागों में लौटती हुई मानसून पवनें शीतऋतु में वर्षा करती हैं?
उत्तर:
तमिलनाडु में।

प्रश्न 8.
थार्नवेट तथा कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के क्या आधार हैं?
उत्तर:
थार्नवेट : जल-सन्तुलन, कोपेन तापमान एवं वृष्टि के मासिक मान।

प्रश्न 9.
भारत में उच्चतम तापमान कहाँ और कितना पाया जाता है?
उत्तर:
भारत में उच्चतम तापमान राजस्थान के गंगानगर शहर में 52° सेल्सियस पाया जाता है।

प्रश्न 10.
भारत के किस राज्य में वार्षिक तापान्तर सबसे कम होता है?
उत्तर:
केरल में।

प्रश्न 11.
भारत के दक्षिणी-पूर्वी तट पर अथवा कोरोमण्डल तट पर सर्दियों में वर्षा क्यों होती है?
उत्तर:
उत्तर-पूर्वी मानसून पवनों के कारण।

प्रश्न 12.
मानसून पवनें कौन-सी पवनें होती हैं?
उत्तर:
मानसून पवनें मौसमी पवनों को कहते हैं।

प्रश्न 13.
गर्मियों में मानसून पवनों की दिशा बताएँ।
उत्तर:
दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर।

प्रश्न 14.
ग्रीष्मकालीन मानसूनी वर्षा सबसे पहले भारत के किस राज्य में आती है?
उत्तर:
केरल में।

प्रश्न 15.
काल बैसाखी नामक भयंकर तूफानी पवनें क्यों चलती हैं?
उत्तर:
शुष्क व गर्म पवनों के समुद्री आर्द्र पवनों से मिलने के कारण।

प्रश्न 16.
भारत में वर्षा ऋतु के महीने कौन-से माने जाते हैं?
उत्तर:
जून से सितम्बर तक के महीने।

प्रश्न 17.
मानसून प्रस्फोट क्या होता है?
उत्तर:
वर्षा का अचानक आरम्भ होना।

प्रश्न 18.
भारत का कौन-सा तट दक्षिण-पश्चिमी मानसून पवनों से वर्षा प्राप्त करता है?
उत्तर:
पश्चिमी तट।

प्रश्न 19.
भारत के किस राज्य में आम्र वर्षा होती है?
उत्तर:
केरल में।

प्रश्न 20.
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार भारत की चार ऋतुएँ कौन-सी हैं?
उत्तर:

  1. शीत ऋतु
  2. ग्रीष्म ऋतु
  3. वर्षा ऋतु
  4. मानसून के निवर्तन की ऋतु।

प्रश्न 21.
पश्चिमी विक्षोभ या शीतोष्ण कटिबन्धीय चक्रवात सर्दियों में कहाँ कहाँ वर्षा करते हैं?
उत्तर:
हिमालय की श्रेणियों, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में।

प्रश्न 22.
दक्षिणी भारत में उत्तर भारत जैसी प्रखर ग्रीष्म ऋतु क्यों नहीं होती?
उत्तर:
प्रायद्वीपीय स्थिति (तीन ओर से समुद्र) के कारण।

प्रश्न 23.
काल बैसाखी तूफान या नॉरवेस्टर कहाँ चलते हैं?
उत्तर:
असम और पश्चिमी बंगाल में।

प्रश्न 24.
आम्र वर्षा कहाँ होती है?
उत्तर:
पूर्वी महाराष्ट्र तथा पश्चिमी तटीय प्रदेश में।

प्रश्न 25.
200 सें०मी० से अधिक वर्षा प्राप्त करने वाले क्षेत्र कौन से हैं?
उत्तर:
पश्चिमी घाट के पश्चिमी भाग तथा उत्तर-पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र।

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु

प्रश्न 26.
भारत की जलवायु की क्या विशेषता है?
अथवा
उष्ण कटिबन्धीय मानसनी जलवाय की क्या विशेषता है?
उत्तर:
उष्ण-आर्द्र गर्मियाँ व शुष्क एवं ठण्डी सर्दियाँ।

प्रश्न 27.
भारत में जून सबसे गर्म महीना होता हैं, जुलाई नहीं। क्यों?
उत्तर:
जुलाई में वर्षा हो जाने के कारण तापमान 10°C सेल्सियस गिर जाता है।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जनवरी में जेट-प्रवाह की क्या स्थिति होती है?
उत्तर:
जनवरी में जेट-प्रवाह हिमालय के दक्षिण की ओर पश्चिम से पूर्व दिशा में होती है।

प्रश्न 2.
मानसून द्रोणी किसे कहते हैं?
उत्तर:
अंतउष्ण कटिबन्धीय अभिसरण क्षेत्र को मानसून द्रोणी कहते हैं।

प्रश्न 3.
मानसून विच्छेद क्या होता है?
उत्तर:
एक बार कुछ दिनों तक वर्षा होने के बाद यदि एक-दो या कई हफ्तों तक वर्षा न हो तो वह मानसून विच्छेद कहलाता है।

प्रश्न 4.
फूलों वाली बौछार कहाँ होती है और किस फसल के लिए उपयोगी मानी जाती है?
उत्तर:
फूलों वाली बौछार केरल में होती है तथा यह कहवा फसल के लिए उपयोगी मानी जाती है।

प्रश्न 5.
‘अक्तूबर हीट’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
अत्यधिक आर्द्रता तथा गर्मी वाला अक्तूबर का घुटन भरा चिपचिपा मौसम।

प्रश्न 6.
‘लू’ किस प्रकार की पवनें होती हैं?
उत्तर:
गर्मियों में उत्तरी भारत में चलने वाली गर्म एवं धूल भरी पवनें।

प्रश्न 7.
वृष्टि-छाया क्षेत्र कौन-से होते हैं?
उत्तर:
पर्वतों के पवनाविमुखी ढाल वाले क्षेत्र वृष्टि-छाया क्षेत्र होते हैं।

प्रश्न 8.
‘मानसून’ शब्द से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
मानसून शब्द अरबी भाषा के ‘मौसिम’ शब्द से लिया गया है। इस शब्द का अर्थ है ऋतु अर्थात् मानसून का अर्थ एक ऐसी ऋतु से है जिसमें पवनों की दिशा में पूरी तरह से परिवर्तन हो जाता है। ये मौसमी पवनें हैं जो मौसम के अनुसार अपनी दिशा बदल लेती हैं। ये पवनें ग्रीष्मकाल में छह मास सागर से स्थल की ओर तथा शीतकाल में छह मास तक स्थल से सागर की ओर चलती हैं।

प्रश्न 9.
अंतःउष्ण कटिबन्धीय अभिसरण क्षेत्र (I.T.C.z.) क्या है?
उत्तर:
अंतःउष्ण कटिबन्धीय अभिसरण क्षेत्र निम्न वायुदाब क्षेत्र होता है जो सभी दिशाओं से पवनों के अन्तर्वहन को प्रोत्साहित करता है। यह भूमध्य-रेखीय क्षेत्र में स्थित होता है। इसकी स्थिति सूर्य की स्थिति के अनुसार उष्ण कटिबन्ध के मध्य बदलती रहती है। ग्रीष्मकाल में यह उत्तर की ओर तथा शीतकाल में यह दक्षिण की ओर सरक जाता है। इसे भूमध्यरेखीय द्रोणी भी कहते हैं।

प्रश्न 10.
लू से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
लू, वे स्थानीय पवनें हैं जो ग्रीष्मकाल में उत्तर तथा उत्तर:पश्चिमी भारत में दिन के समय तेज गति से चलती हैं। ये अत्यधिक गर्म हवाएँ होती हैं। लू के कारण तापमान 40° सेल्सियस से अधिक रहता है तथा धूल-भरी आँधियाँ चलती हैं। लू की गर्मी सहन नहीं होती और लोग प्रायः बीमार हो जाते हैं।

प्रश्न 11.
‘मानसून’ प्रस्फोट किसे कहते हैं? और भारत में सबसे अधिक वर्षा कहाँ होती है?
उत्तर:
भारत में ग्रीष्म ऋतु के पश्चात् वर्षा ऋतु आरम्भ होती है। इस समय भारत में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून पवनें प्रवेश करती हैं तथा भारत की 80% वर्षा इन्हीं पवनों से होती है। मानसून पवनों की वर्षा के
अकस्मात् आरम्भ होने को ‘मानसून प्रस्फोट’ कहते हैं। इसमें वर्षा की तेज बौछारें पडती हैं। भारत में सबसे अधिक वर्षा मॉसिनराम (चेरापंजी) में होती है।

प्रश्न 12.
वर्षा की परिवर्तनीयता से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
वर्षा की सामान्य मात्रा से अधिक या कम वर्षा होने की घटना को वर्षा की परिवर्तनीयता या विचरणशीलता कहते हैं। परिवर्तनीयता का मूल्य एक ऐसे सूत्र से निकाला जाता है जिसे विचरणशीलता का गुणांक या संक्षेप में C.V. कहा जाता है।
HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु 1

प्रश्न 13.
संसार में सर्वाधिक वर्षा मॉसिनराम में होती है। क्यों?
उत्तर:
मॉसिनराम मेघालय राज्य में स्थित है। यह स्थान 1221 सें०मी० से अधिक वार्षिक वर्षा प्राप्त करता है, जो विश्व में किसी भी स्थान की वर्षा की अपेक्षा अधिक है। यह स्थान खासी-गारो-ज्यन्तिया पहाड़ियों से घिरा हुआ है जिनकी स्थिति कुप्पी जैसी है। यहाँ बंगाल की खाड़ी में मानसून पवनें घुस जाती हैं जिससे यहाँ भारी वर्षा होती है।

प्रश्न 14.
तमिलनाडु के तटीय प्रदेशों में अधिकतर वर्षा जाड़ों में होती है, क्यों?
उत्तर:
दक्षिण-पश्चिमी मानसून के दिनों में वृष्टि-छाया क्षेत्र में होने के कारण ये क्षेत्र सूखे रह जाते हैं, परन्तु लौटती हुई मानसून (Retreating Monsoon) या उत्तर:पूर्वी मानसून के दिनों में यहाँ काफी वर्षा होती है क्योंकि ये पवनें जब खाड़ी बंगाल के ऊपर से गुज़रती हैं तो वाष्प लेकर सीधे तमिलनाडु के तट से टकराकर यहाँ खूब वर्षा करती हैं।

प्रश्न 15.
भारत के उत्तर:पश्चिम के मैदान में शीत ऋतु में वर्षा होती है, क्यों?
उत्तर:
भूमध्य सागर तथा फारस की खाड़ी से आर्द्रता ग्रहण करके पवनें, जेट-प्रवाह की सहायता से शीत ऋतु में उत्तर:पश्चिम भारत में प्रवेश करके और पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियों से टकराकर यहाँ वर्षा करती हैं, जो इस मैदान की कृषि के लिए बहुत लाभदायक है।

प्रश्न 16.
वर्षा का वितरण सारे भारत में एक-समान नहीं है। क्यों?
उत्तर:
भारत में वर्षा का वितरण एक-समान नहीं है। इसका मुख्य कारण यह है कि जैसे-जैसे हम समुद्र से दूर जाते हैं, वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। समुद्र के निकट और पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा की मात्रा अधिक होती है। इसी प्रकार वृष्टिछाया क्षेत्र में वर्षा की मात्रा बहुत कम होती है क्योंकि पर्वतों से नीचे उतरती वायु में वाष्पकण ग्रहण करने की शक्ति बढ़ती जाती है। भारत एक विशाल देश है। यहाँ राजस्थान जैसे प्रदेश समुद्र से इतने दूर हैं कि खाड़ी बंगाल की पवनें यहाँ आते-आते शुष्क हो जाती हैं।

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु

प्रश्न 17.
भारत की वार्षिक वर्षा के वितरण की दो मुख्य प्रवृत्तियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
भारत की वार्षिक वर्षा के वितरण की दो मुख्य प्रवृत्तियां निम्नलिखित हैं (1) वर्षा की मात्रा पश्चिमी बंगाल और ओडिशा के तट से पश्चिम और उत्तर-पश्चिम की ओर कम होती जाती है। (2) पश्चिमी एवं पूर्वी तटों से पठार के आन्तरिक क्षेत्रों की ओर वर्षा की मात्रा कम होती जाती है।

प्रश्न 18.
जैसलमेर में वर्षा शायद ही कभी 12 सें०मी० से अधिक होती है। क्यों?
उत्तर:
जैसलमेर राजस्थान में अरावली पर्वत के पश्चिम में स्थित है। अरावली पर्वत अरब सागर की मानसून पवनों के समानान्तर स्थित है। इसलिए ये मानसून पवनें बिना-रोक-टोक आगे निकल जाती हैं तथा वर्षा नहीं करतीं। इसलिए यहाँ औसत वार्षिक वर्षा 12 सें०मी० से भी कम है।

प्रश्न 19.
उत्तर-पश्चिम भारत में रबी की फसलें बोने वाले किसानों को किस प्रकार के चक्रवातों से वर्षा प्राप्त होती है? ये चक्रवात कहाँ उत्पन्न होते हैं?
उत्तर:
उत्तर-पश्चिम भारत में रबी की फसलें बोने वाले किसानों को अत्यन्त लाभदायक शीतोष्ण कटिबन्धीय चक्रवात प्राप्त होते हैं, जिन्हें पश्चिमी विक्षोभ भी कहा जाता है। ये चक्रवात पूर्वी भूमध्य सागर पर उत्पन्न होते हैं और पूर्व की ओर यात्रा करते हुए भारत पहुँचते हैं।

प्रश्न 20.
भारत के तटीय प्रदेशों में गर्मी और जाड़े की ऋतुओं के मध्य तापमानों में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होता। क्यों?
उत्तर:
भारत के तटीय प्रदेश उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र में स्थित हैं। यहाँ ग्रीष्म ऋतु और शीत ऋतु में तापमान में कोई विशेष अन्तर नहीं होता क्योंकि सागरों के समकारी प्रभाव के कारण तापमान समान रहता है। यहाँ जल समीर तथा स्थल समीर चलती हैं। इनके प्रभाव के कारण तापमान अधिक नहीं बढ़ता तथा शीत ऋतु में सागरों के जल के गर्म रहने के कारण तापमान अधिक कम नहीं होता।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के अत्यधिक गर्म तथा अत्यधिक ठण्डे स्थानों का उल्लेख करें।
उत्तर:
भारत में अत्यधिक ठण्डे प्रदेश उत्तर:पश्चिमी हिमालय में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा अन्य पर्वतीय क्षेत्र हैं। जम्मू-कश्मीर के कारगिल नामक स्थान पर न्यूनतम तापमान-40° सेल्सियस पाया जाता है। इन प्रदेशों के अत्यधिक ठण्डे होने का मुख्य कारण समुद्र-तल से ऊँचाई है। इन प्रदेशों में शीत ऋतु में हिमपात होता है तथा तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है।

भारत में सबसे अधिक गर्म स्थान राजस्थान का बाड़मेर क्षेत्र है। यहाँ ग्रीष्मकाल में दिन का तापमान 50° सेल्सियस तक पहुँच जाता है। यहाँ अधिक तापमान का मुख्य कारण समुद्र तल से दूरी है। गर्मियों में यहाँ लू चलती है जो यहाँ के तापमान को बढ़ा देती है। अन्य कारण यहाँ की रेतीली मिट्टी तथा वायु में आर्द्रता की कमी है।

प्रश्न 2.
भारत के सर्वाधिक वर्षा वाले तथा सर्वाधिक शुष्क स्थानों का उल्लेख करें।
उत्तर:
भारत में सर्वाधिक वर्षा मॉसिनराम (मेघालय राज्य में चेरापूँजी के निकट स्थित) में 1140 सें०मी० तथा 200 सें०मी० से अधिक गारो तथा खासी की पहाड़ियों, पश्चिमी तटीय मैदान तथा पश्चिमी घाट पर होती है क्योंकि ये प्रदेश पर्वतीय क्षेत्र हैं तथा पवनों की दिशा में स्थित हैं। गारो तथा खासी की पहाड़ियों में खाड़ी बंगाल की मानसून पवनें तथा पश्चिमी घाट की पश्चिमी ढलान पर अरब सागर की मानसून पवनें खूब वर्षा करती हैं।

भारत में निम्नतम वर्षा (20 सें०मी० से कम) वाले क्षेत्र पश्चिमी राजस्थान में बाड़मेर क्षेत्र, कश्मीर में लद्दाख क्षेत्र तथा दक्षिणी पठार क्षेत्र हैं क्योंकि राजस्थान में अरावली पर्वत अरब मानसूनी पवनों के समानान्तर स्थित है। प्रायद्वीप पठार तथा लद्दाख क्षेत्र वृष्टिछाया में स्थित होने के कारण बहुत कम वर्षा प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 3.
‘जेट-प्रवाह’ क्या है? इसका क्या प्रभाव है?
उत्तर:
पृथ्वी के तल से लगभग तीन किलोमीटर की ऊँचाई पर तेज गति की धाराएँ चलती हैं, जिन्हें जेट-प्रवाह कहते हैं। एक मान्यता के अनुसार ये ‘जेट-प्रवाह’ मानसून पवनों की उत्पत्ति का एक कारण है। ये जेट-प्रवाह 40° उत्तर से 20° दक्षिण अक्षांशों में नियमित रूप से चलते हैं। हिमालय पर्वत तथा तिब्बत का पठार इसके मार्ग में अवरोध पैदा करते हैं, जिससे यह जेट-प्रवाह दो शाखाओं में बँट जाता है। एक भाग हिमालय के उत्तर में तथा दूसरा भाग दक्षिण में पश्चिमी-पूर्वी दिशा में बहता है। दक्षिणी को प्रभावित करता है। शीत काल में भारत के उत्तर:पश्चिमी भाग में आने वाले चक्रवात इस जेट-प्रवाह का ही परिणाम है।

प्रश्न 4.
पश्चिमी जेट-प्रवाह जाड़े के दिनों में किस प्रकार पश्चिमी विक्षोभों को भारतीय उप-महाद्वीप में लाने में मदद करते हैं?
उत्तर:
जेट-प्रवाह की दूसरी शाखा हिमालय के दक्षिण में पश्चिम से पूर्व को बहती है। यह शाखा 25° उत्तर अक्षांश पर स्थित होती है। इसका दाब स्तर 200 मिलीबार से 300 मिलीबार होता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जेट-प्रवाह की यह दक्षिणी शाखा भारत में शीत ऋतु को प्रभावित करती है तथा यहाँ पश्चिमी विक्षोभ लाने में सहायक है। ये विक्षोभ पश्चिमी एशिया तथा भूमध्य सागर के निकट निम्न वायु-दाब क्षेत्र में उत्पन्न होते हैं तथा जेट-प्रवाह के साथ-साथ ईरान और पाकिस्तान को पार करके भारत में प्रवेश करते हैं। इनके प्रभाव से शीतकाल में उत्तर:पश्चिमी भारत में वर्षा होती है।

प्रश्न 5.
भारतीय मानसून की कोई तीन विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
भारतीय मानसून की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • मानसून पवनों का अनियमित तथा अनिश्चित होना।
  • ऋतु अनुसार पवनों की दिशा में परिवर्तन होना।
  • मानसून पवनों का प्रादेशिक स्वरूप भिन्न-भिन्न होते हुए भी जलवायविक एकता का होना।

प्रश्न 6.
भारत में कितनी ऋतुएँ होती हैं? क्या उनकी अवधि में दक्षिण से उत्तर में कोई अन्तर मिलता है? यदि हाँ, तो क्यों?
उत्तर:
भारत एक विशाल देश है। यहाँ तापमान दबाव, पवनों तथा वर्षा की परिस्थितियाँ सारा वर्ष समान नहीं रहतीं बल्कि इनमें नियमित रूप से परिवर्तन आते हैं। भारत की जलवायु की अवस्था तथा उसके रचना-तन्त्र के अनुसार निम्नलिखित चार ऋतुएँ पाई जाती हैं

  • शीत ऋतु-दिसम्बर से फरवरी।
  • ग्रीष्म ऋतु-मार्च से मध्य जून।
  • वर्षा ऋतु-मध्य जून से मध्य सितम्बर।
  • मानसून प्रत्यावर्तन ऋतु-दक्षिण से उत्तर की ओर जाते हुए विभिन्न प्रदेशों की इस ऋतु की अवधि में अन्तर मिलता है।

दक्षिणी भारत में कोई विशेष ऋतु नहीं होती। यहाँ सामान्यतः ग्रीष्म ऋतु पाई जाती है। तटीय क्षेत्रों में ऋतु परिवर्तन नहीं होता क्योंकि भारत का दक्षिणी भाग उष्ण कटिबन्ध में स्थित है। उत्तरी भारत में स्पष्ट रूप से ग्रीष्म ऋतु तथा शीत ऋतु पाई जाती है क्योंकि यह भाग शीत उष्णकटिबन्ध में स्थित है।

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु

प्रश्न 7.
पश्चिमी विक्षोभ क्या है? भारत में किस भाग में शीत ऋतु में वर्षा होती है?
अथवा
पश्चिमी विक्षोभ क्या है? भारत के किन भागों में ये शीतकालीन वर्षा लाते हैं?
उत्तर:
पश्चिमी विक्षोभ वे चक्रवात हैं जो पश्चिमी एशिया तथा भूमध्य सागर के निकट के प्रदेशों में उत्पन्न होते हैं। पश्चिमी जेट-प्रवाह के कारण ये चक्रवात पूर्व की तरफ से ईरान तथा पाकिस्तान को पार करके भारत में प्रवेश करते हैं। शीत ऋतु में ये चक्रवात पश्चिमी भारत के क्षेत्रों में क्रियाशील होते हैं तथा इनके कारण जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भारी वर्षा होती है। यह वर्षा गेहूँ की फसल के लिए विशेष रूप से लाभदायक होती है।

प्रश्न 8.
कौन-कौन-से कारक भारतीय उप-महाद्वीप में तापमान वितरण को नियन्त्रित करते हैं?
उत्तर:
भारतीय उप-महाद्वीप के तापमान के वितरण में बहुत अन्तर पाया जाता है। मानसून प्रदेश में स्थित होने के कारण यह एक उष्ण देश है। यहाँ के विभिन्न क्षेत्रों के तापमान में पाई जाने वाली विविधता के निम्नलिखित कारक उत्तरदायी हैं-

  • अक्षांश अथवा भूमध्य रेखा से दूरी
  • पर्वतों की स्थिति
  • समुद्र तल से दूरी
  • प्रचलित पवनें
  • चक्रवातीय प्रभाव
  • समुद्र तल से ऊँचाई।

प्रश्न 9.
भारत में वार्षिक वर्षा के विचरण गुणांक के वितरण की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर:
भारत में वार्षिक वर्षा के विचरण गुणांक में सामान्य रूप से 15 से 30 प्रतिशत के बीच विचलन पाया जाता है। विचरण गुणांक अधिक वर्षा वाले भागों में कम और कम वर्षा वाले भागों में अधिक पाया जाता है। पश्चिमी तट पर मंगलौर, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, उप-हिमालयी पेटी, मणिपुर, मिज़ोरम व नगालैण्ड जैसे अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में विचरण गुणांक 15 प्रतिशत से कम है। इसके विपरीत पठारी प्रदेशों में विचरण गुणांक 30 प्रतिशत से अधिक है। ये साधारण वर्षा वाले क्षेत्र हैं। हरियाणा व पंजाब में विचरण गुणांक 40 प्रतिशत तथा पश्चिमी राजस्थान, कच्छ व गुजरात के न्यून वर्षा वाले क्षेत्रों में वर्षा की परिवर्तनीयता सर्वाधिक अर्थात् 50 से 80 प्रतिशत के बीच है।

प्रश्न 10.
जलवायु प्रदेश क्या होता है? जलवायु प्रदेश किन आधारों पर पहचाने जाते हैं?
उत्तर:
जलवायु प्रदेश जलवायु प्रदेश एक ऐसा क्षेत्र होता है जिसमें विभिन्न जलवायविक तत्त्व अपने संयुक्त प्रभाव से एकरूपी जलवायविक दशाओं का निर्माण करते हैं। स्थानीय तौर पर मौसम के तत्त्व; जैसे तापमान, वर्षा इत्यादि मिलकर जलवायु में अनेक क्षेत्रीय विभिन्नताएँ उत्पन्न कर देते हैं। इन विभिन्नताओं को हम जलवायु के उप-प्रकार मानते हैं। इसी आधार पर जलवायु प्रदेश पहचाने जाते हैं।

प्रश्न 11.
भारत में ग्रीष्म ऋतु में आने वाले कुछ प्रसिद्ध तूफानों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गर्मियों में भारत में निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण तूफान आते हैं-

  • आम्र वर्षा यह पूर्वी महाराष्ट्र तथा पश्चिमी तटीय प्रदेशों में चलती है। आम के वृक्षों के लिए यह तूफानी वर्षा फायदेमन्द होती है।
  • फूलों वाली बौछार-इस वर्षा से केरल. तथा निकटवर्ती कहवा उत्पादन वाले क्षेत्रों में फूल खिलने लगते हैं।
  • काल बैसाखी-असम और पश्चिम बंगाल में बैसाख के महीने में चलने वाली ये भयंकर व विनाशकारी वर्षायुक्त पवनें हैं, जिन्हें नॉरवेस्टर भी कहा जाता है। चाय, पटसन व चावल के लिए ये पवनें अच्छी हैं।
  • लू–उत्तरी मैदान में चलने वाली गर्म, शुष्क व भीषण पवनें।

प्रश्न 12.
मानसूनी वर्षा की विशेषताओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानसूनी वर्षा की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • यह मौसमी वर्षा है जो प्रतिवर्ष जून से सितम्बर के दौरान होती है। देश की कुल वर्षा का 75 प्रतिशत ग्रीष्मकालीन मानसून द्वारा प्राप्त होता है।
  • मानसूनी वर्षा अनिश्चित है। कभी निर्धारित समय से पहले व कभी देर से शुरू होती है। कभी तो कुछ समय होकर जल्दी रुक जाती है व कभी वर्षा काल की अवधि बढ़ जाती है।
  • मानसूनी वर्षा का भारत में वितरण असमान है। कुछ भागों में वर्षा 250 सेंटीमीटर से भी अधिक होती है व कुछ भागों में 12 सेंटीमीटर से भी कम होती है।
  • मानसनी वर्षा पर्वतीय है अथवा उच्चावच से प्रभावित होती है।
  • अधिकांश मानसूनी वर्षा मूसलाधार होती है।
  • यह वर्षा अनियमित भी है। एक ही क्षेत्र में कभी अकाल और कभी बाढ़ की दशाएँ उत्पन्न होती हैं।
  • कृषि प्रधान देश होने के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में मानसून की भूमिका महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है।

प्रश्न 13.
दक्षिणी-पश्चिमी मानसून का क्रम अन्तराल पर सामान्यतः शुष्क मौसम की छोटी अवधि द्वारा भंग होता रहता है, क्यों?
उत्तर:
भारत में मुख्य रूप से वर्षा ग्रीष्मकालीन मानसून पवनें करती हैं। इन पवनों द्वारा वर्षा लगातार नहीं होती अपितु कुछ दिनों अथवा कुछ सप्ताहों के अन्तराल पर होती है। इन दिनों एक दीर्घ शुष्क मौसम आ जाता है तथा वर्षा का क्रम भंग हो जाता है क्योंकि इसका कारण खाड़ी बंगाल अथवा अरब सागर में उत्पन्न होने वाले चक्रवात हैं। ये चक्रवात वर्षा की मात्रा को बढ़ाते हैं परन्तु ये चक्रवात अनियमित रूप से चलते हैं। इसलिए सामान्यतः शुष्क मौसम की छोटी अवधि द्वारा मानसून का क्रम भंग होता रहता है।

प्रश्न 14.
लगभग सम्पूर्ण उत्तरी भारत में सितम्बर तथा अक्तूबर के महीने में औसत अधिकतम तापमान काफी ऊँचा रहता है। क्यों?
उत्तर:
भारत में जून मास सबसे अधिक गर्म मास है। इसके पश्चात् मानसून पवनों की वर्षा के कारण तापमान में गिरावट आ जाती है परन्तु वर्षा ऋतु समाप्त होने के पश्चात् तापमान में फिर वृद्धि हो जाती है क्योंकि सितम्बर तथा अक्तूबर में मानसून पवनें वापस लौटने लगती हैं। ये पवनें शुष्क होती हैं तथा तापमान अधिक ऊँचे होते हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली में इन मासों में औसत तापमान अधिकतम 33° सेल्सियस से अधिक रहता है। सितम्बर मास में सूर्य भूमध्य रेखा पर लम्बवत् चमकता है इसलिए दक्षिण भारत में तापमान अधिक पाया जाता है।

प्रश्न 15.
उत्तर-पश्चिमी भारत में मानसून की अवधि बहुत कम है, क्यों?
उत्तर:
जिस प्रकार भारत के भिन्न-भिन्न स्थानों पर मानसून के आने का समय भिन्न-भिन्न है, इसी प्रकार उसके लौटने का समय भी भिन्न-भिन्न होता है। इस प्रकार हर स्थान पर इसकी अवधि भी अलग-अलग होती है। उत्तर:पश्चिमी भारत में यह समय बहुत कम होता है क्योंकि गर्मियों की मानसून पवनें यहाँ बहुत देर से अर्थात् 15 जुलाई के आसपास पहुँचती हैं। यह 15 सितम्बर के आसपास लौटना शुरू कर देती हैं। अतः केवल 2 मास ही इस क्षेत्र में मानसून की अवधि होती है जो भारत के किसी भी क्षेत्र से कम है। वास्तव में यह अवधि भारत में दक्षिण-पूर्व से उत्तर:पश्चिम की ओर कम होती जाती है।

प्रश्न 16.
भारतीय मानसून की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानसून शब्द अरबी भाषा के ‘मौसिम’ शब्द से लिया गया है। इस शब्द का अर्थ है-ऋतु, अर्थात् मानसून का अर्थ एक ऐसी ऋतु से है जिसमें पवनों की दिशा में पूरी तरह से परिवर्तन हो जाता है। ये मौसमी पवनें हैं जो मौसम के अनुसार अपनी दिशा बदल लेती हैं। ये पवनें ग्रीष्मकाल में छः मास सागर से स्थल की ओर तथा शीतकाल में छः मास तक स्थल से सागर की ओर चलती हैं।

मानसून की प्रकृति-मानसून पर लगभग तीन शताब्दियों से प्रेक्षण हो रहे हैं। इसके बावजूद आज भी यह वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली ही है। अब मानसून का अध्ययन क्षेत्रीय स्तर की बजाय भूमंडलीय स्तर पर किया गया है। दक्षिणी एशियाई क्षेत्र में वर्षा के कारणों का व्यवस्थित अध्ययन मानसन के कारणों को समझने में सहायता करता है। इसके कछ विशेष पक्ष अग्रलिखित हैं

  • मानसून का आरम्भ और उसका स्थल की ओर बढ़ना।
  • वर्षा लाने वाले तंत्र तथा मानसूनी वर्षा की आवृत्ति और वितरण के बीच संबंध।
  • मानसून में विच्छेद।
  • मानसून का निवर्तन।

प्रश्न 17.
दक्षिण-पश्चिमी मानसून तथा उत्तर-पूर्वी मानसून में अन्तर बताइए।
उत्तर:
दक्षिण-पश्चिमी मानसून तथा उत्तर-पूर्वी मानसून में निम्नलिखित अन्तर हैं-

दक्षिण-पश्चिमी मानसूनउत्तर-पूर्वी मानसून
1. जून से सितम्बर तक की अवधि दक्षिण-पशिचमी मानसून की होती है।1. दिसम्बर से फरवरी तक की अवंधि उत्तर-पूर्वी मानसून की होती है।
2. इन महीनों में उत्तर भारत में निम्न दाब-क्षेत्र बन जाता है।2. इन महीनों में उत्तर भारत में उच्च दाब-क्षेत्र बन जाता है।
3. इस निम्न दाब-क्षेत्र की ओर पवनें अग्रसर होने लगती हैं और उनकी दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व होती है।3. इस उच्च दाब से पवनें चारों ओर फैलने लगती हैं। पवनों की दिशा गंगा की घाटी में पश्चिम में, बंगाल में उत्तर में और बंगाल की खाड़ी में उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम हो जाती है।

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु

प्रश्न 18.
भारत में पाई जाने वाली शीत ऋतु का वर्णन करें।
उत्तर:
शीतकाल भारत में सामान्यतः नवम्बर मध्य से मार्च तक होता है। इस ऋतु में अधिकांश भागों में महाद्वीपीय पवनें चलती हैं। इस ऋतु में उत्तरी भारत में तापमान अपेक्षाकृत कम रहता है। यहाँ के अधिकांश भागों में तापमान 20° सेल्सियस से नीचे रहता है और कई क्षेत्रों में हिमांक बिन्दु से भी नीचे गिर जाता है। उत्तरी भारत में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान तथा उत्तरी-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शीत लहरें’ (Cold Waves) चलती हैं। दक्षिणी भारत में तापमान 22° सेल्सियस से नीचे नहीं आता।

शीतकाल में पवनें स्थलीय भागों से सागर की ओर चलती हैं, इसलिए ये हवाएँ शुष्क होती हैं। जो बंगाल की खाड़ी को पार करके नमी ग्रहण करती हैं तथा पूर्वी घाट से टकराकर आन्ध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु के तटीय भागों में वर्षा करती हैं।

इस मौसम में उत्तर:पश्चिम से आने वाले चक्रवातों एवं दक्षिण में लौटती हुई मानसून पवनों से वर्षा होती है, लेकिन पश्चिम से पूर्व की ओर जाने पर वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। इसे रबी की फसल के लिए वरदान माना जाता है। उत्तरी-पूर्वी भारत में इस मौसम में थोड़ी वर्षा होती है।

वायुमण्डल की ऊपरी सतह पर पश्चिमी पवनों का प्रभाव होता है अर्थात् 3 किलोमीटर की ऊँचाई पर जेट प्रवाह सक्रिय होता है। हिमालय तथा तिब्बत की उच्च भूमि इन जेट प्रवाहों को अवरुद्ध करती है, जिससे जेट प्रवाह दो शाखाओं में बँट जाता है। इसकी एक शाखा हिमालय के उत्तर में तथा दूसरी दक्षिण में पश्चिमी-पूर्वी दिशा में 25° उत्तरी अक्षांश के सहारे चलने लगती है। इस जेट प्रवाह की दक्षिणी शाखा में शीत ऋतु में उत्तरी भारत में वर्षा होती है अर्थात् जेट प्रवाह उत्तर:पश्चिमी चक्रवातों को लाने में मदद करते हैं।

प्रश्न 19.
एल निनो क्या है? इसका भारतीय मानसून पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
एल निनो एक जटिल मौसम तन्त्र है जो हर पाँच या दस साल बाद प्रकट होता रहता है। इसके कारण संसार के अनेक भागों में सूखा, बाढ़ और मौसम की चरम अवस्थाएँ आती हैं। एल निनो पूर्वी प्रशान्त महासागर में पेरु के तट के निकट उष्ण समुद्री धारा के रूप में प्रकट होता है। इससे भारत का मानसून अत्यधिक प्रभावित होता है। यह धारा पेरु के तट के जल का तापमान 10°C तक बढ़ा देती है जिसके परिणामस्वरूप भूमध्य-रेखीय वायुमण्डलीय परिसंचरण में विकृति उत्पन्न हो जाती है जिससे भारतीय मानसून प्रभावित होता है।

प्रश्न 20.
मानसून की उत्पत्ति पर एक नोट लिखिए।
अथवा
मानसून की उत्पत्ति सम्बन्धित आधुनिक विचारधारा का संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर:
आधुनिक मौसम-विशेषज्ञों का विचार है कि मानसून पवनों की उत्पत्ति का सम्बन्ध क्षोभ सीमा पर पाई जाने वाली जेट प्रवाह से है। सन् 1973 में भारतीय तथा सोवियत मौसम विशेषज्ञों ने ‘मानसून अभियान संगठन’ का गठन किया। यह संगठन इस जलवायु निष्कर्ष पर पहुँचा कि मानसून की उत्पत्ति तिब्बत के ऊँचे पठार से होती है। इस धारणा के अनुसार शीत ऋतु में एशिया में तीन कि०मी० की ऊँचाई पर क्षोभमण्डल में अपनी तरह का एक वायु-परिसंचरण दिखाई देता है। इसमें धरातलीय विषमताओं का कोई योगदान नहीं होता। इस समय समस्त एशिया के मध्य एवं पश्चिमी भाग के क्षोभमण्डल पर पश्चिमी पवनों का प्रभाव होता है, जिन्हें ‘जेट-स्ट्रीम’ कहते हैं।

तिब्बत का पठार तथा हिमालय इस जेट-प्रवाह के मार्ग में अवरोधक का काम करते हैं। इस रुकावट से जेट-प्रवाह दो भागों में विभाजित हो जाता है। एक भाग हिमालय के उत्तर में तथा दूसरा भाग दक्षिण तथा पश्चिम से पूर्व की ओर बहते हैं। इस जेट-प्रवाह से नीचे की ओर उतरती हुई वायु हिन्द महासागर की ओर चलती है। गर्मियों में भूमध्य रेखीय निम्न वायुदाब उत्तर भारत की ओर खिसकने के साथ पश्चिमी जेट-स्ट्रीम भारत से चला जाता है।

उसकी जगह भारत पर एक पूर्वी जेट-स्ट्रीम बहने लगता है, जो उष्ण कटिबन्धीय गों के भारतीय उप-महाद्वीप की ओर आकर्षित कर लेता है। इस पूर्वी जेट की उत्पत्ति गर्मियों में हिमालय पर्वत तथा तिब्बत के पठार के अत्यधिक गर्म होने से होती है। इन ऊँचे भागों से विकिरण के कारण क्षोभमण्डल में दक्षिणवर्ती (Clockwise) परिसंचरण आरम्भ होता है। इन उच्च स्थलों से भूमध्य रेखा की ओर बहने वाला प्रवाह भारत में ‘पूर्वी जेट-प्रवाह’ कहलाता है। अतः गर्मियों में मानसून की उत्पत्ति भूमध्य रेखीय निम्न दाब के उत्तर की ओर स्थानान्तरण तथा हिमालय एवं मध्य एशिया के ऊँचे स्थलों के गर्म होने के संयुक्त प्रयास से होती है।

निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की ऋतु या वर्षा ऋतु का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
केरल तथा तमिलनाडु के तटीय भागों में जून के प्रथम सप्ताह से मानसूनी वर्षा शुरू हो जाती है, लेकिन उत्तरी भारत में मानसून जुलाई के मध्य तक पहुँच जाता है। देश की 80 प्रतिशत वर्षा इसी ऋतु में होती है। जब अकस्मात् मानसून का आरम्भ होता है तो उसे ‘मानसून का विस्फोट’ (Burst of Monsoon) कहते हैं। अगस्त में तापमान 35° से 40° के मध्य रहता है। वर्षा के कारण तापमान में कमी आ जाती है।

दक्षिणी-पश्चिमी मानसून पवनों की निम्नलिखित दो शाखाएँ हैं-

  • बंगाल की खाड़ी का मानसून
  • अरब सागर का मानसून।

(1) बंगाल की खाड़ी का मानसून (Monsoon of Bay of Bengal)-जब बंगाल की खाड़ी से दक्षिणी-पश्चिमी हवाएँ गुज़रती हैं, तो पर्याप्त नमी ग्रहण करती हैं। ये पवनें दो शाखाओं में बँट जाती हैं। एक शाखा पूर्व की ओर मेघालय में गारो, खासी एवं जयन्तिया की पहाड़ियों से टकराती है तथा वर्षा करती है। इन पहाड़ियों की आकृति कीप (Funnel) की तरह होने के कारण यहाँ अत्यधिक वर्षा होती है इसलिए मॉसिनराम (मेघालय राज्य में चेरापूँजी के निकट स्थित) में विश्व की सर्वाधिक वार्षिक वर्षा 1,140 सें०मी० होती है।

बंगाल की खाड़ी को मानसून की दूसरी शाखा सीधे गंगा घाटी में प्रवेश करके हिमालय से टकराकर बंगाल, बिहार तथा उत्तर प्रदेश से होती हुई हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू कश्मीर आदि में वर्षा करती है, लेकिन पश्चिम की ओर जाने पर इन मानसून पवनों की नमी में कमी आती जाती है। कोलकाता में 120 सें०मी०, पटना में 105 सें०मी०, इलाहाबाद में 75 सें०मी० और दिल्ली में 56 सें०मी० वर्षा होती है।

(2) अरब सागरीय मानसून (Monsoon of Arabian Sea) मानसून पवनों की दूसरी शाखा अरब सागरीय मानसून है जो पश्चिमी घाट से टकराकर पश्चिमी भारत में वर्षा करती है, लेकिन जब ये वाष्प भरी हवाएँ पश्चिमी घाट को पार करती हैं तो इनकी आर्द्रता में कमी आ जाती है और पश्चिमी घाट का पूर्वी भाग ‘वृष्टिछाया प्रदेश’ (Rain Shadow Area) में पड़ जाता है, जिसके कारण मंगलौर में जहाँ 280 सें०मी० वर्षा होती है, वहीं बंगलूरू में केवल 60 सें०मी० वर्षा होती है। अरब सागरीय मानसून की दूसरी शाखा उत्तर की ओर गुजरात एवं राजस्थान में अरावली पहाड़ियों के समानान्तर आगे हिमालय तक चली जाती है, लेकिन राजस्थान में वर्षा नहीं करती, वरन् हिमालय से टकराकर वर्षा करती है।

प्रश्न 2.
कोपेन द्वारा प्रस्तुत भारत को जलवायु विभागों में वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
यह बताया जा चुका है कि सारे भारत में मानसूनी जलवायु पाई जाती है, फिर भी यहाँ जलवायु में विभिन्न प्रादेशिक स्वरूप पाए जाते हैं। इसका कारण यह है कि भारत एक विशाल देश है तथा यहाँ पर विभिन्न भौतिक स्वरूप मिलते हैं, जिनके कारण भारत में विभिन्न भागों में तथा विभिन्न समयों में जलवायु की कुछ अलग-अलग विशेषताएँ मिलती हैं। कई जलवायु-वेत्ताओं ने भारतीय जलवायु को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत करने की चेष्टा की है। कोपेन द्वारा प्रस्तुत भारत का जलवायु विभागों में वर्गीकरण अधिक मान्य है।
HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु 2

कोपेन द्वारा प्रस्तुत जलवायु प्रदेश: कोपेन की प्रणाली के अनुसार जलवायु प्रवेश कोपेन द्वारा प्रस्तुत जलवायु प्रदेश कोपेन द्वारा जलवायु के वर्गीकरण की पद्धति तापमान तथा वृष्टि के मासिक मान पर आधारित है। उसने भारतीय जलवाय को आठ जलवाय प्रदेशों में बाँटा है। वैसे कोपेन के जलवाय प्रदेश पाँच प्रकार के हैं, जिनको अंग्रेजी के पहले पाँच बड़े अक्षरों से सम्बोधित किया है; जैसे
(1) उष्ण कटिबन्धीय जलवायु (Tropical Climate) = A
(2) शुष्क जलवायु (Dry Climate) = B
(3) गर्म जलवायु (Warm Climate) = C
(4) हिम जलवायु (Snow Climate) = D
(5) बर्फीली जलवायु (Ice Climate) = E
वृहत रूप के उपर्युक्त पाँच जलवायु प्रदेशों को तापमान तथा वर्षा ऋतु के अनुसार वितरण के आधार पर उप-प्रदेशों में विभाजित किया गया है, जिनके लिए अंग्रेजी के छोटे अक्षरों का प्रयोग किया गया है, जिनका अर्थ इस प्रकार है
a = गर्म ग्रीष्म तथा सबसे अधिक गर्म माह का औसत तापमान 22° सेल्सियस से अधिक।
c = शीतल ग्रीष्म सबसे गर्म माह का औसत तापमान 22° सेल्सियस से कम।
i = कोई भी मौसम शुष्क नहीं।
s = ग्रीष्म ऋतु में शुष्क मौसम।
g = ग्रीष्म ऋतु में वर्षा तथा गंगा तुल्य तापमान का वार्षिक परिसर।
h = वार्षिक औसत तापमान 18° सेल्सियस से नीचे।
m = मानसून, शुष्क मौसम की अल्प अवधि।
भारत के आठ जलवायु प्रदेशों का वितरण इस प्रकार है-

  • लघु शुष्क ऋतु वाला मानसून प्रकार इस प्रकर की जलवायु भारत के पश्चिमी तटों पर गोवा के दक्षिण में पाई जाती है।
  • अधिक गर्मी की अवधि में शुष्क ऋतु का प्रदेश इस प्रकार की जलवायु भारत के कोरोमण्डल तट पर पाई जाती है।
  • उष्ण कटिबन्धीय सवाना प्रकार की जलवायु इस प्रकार की जलवायु दक्षिणी भारत के अधिकांश भाग पर पाई जाती है। कोरोमण्डल तथा मालाबार के तट इसके अपवाद हैं।
  • अर्ध-शुष्क स्टेपी जलवायु–यह जलवायु दक्षिणी पठार के वृष्टि छाया क्षेत्रों, गुजरात, राजस्थान तथा हरियाणा के दक्षिण-पश्चिमी भाग में पाई जाती है।
  • उष्ण मरुस्थलीय जलवायु-यह जलवायु भारत के पश्चिमी भागों में पाई जाती है।
  • शुष्क ऋतु वाला मानसून जलवायु-यह जलवायु भारत के उत्तरी विशाल मैदान में पाई जाती है।
  • लघु ग्रीष्म के साथ शीतल व अर्ध-शीत वाली जलवायु इस प्रकार की जलवायु भारत के उत्तर:पूर्वी भाग में पाई जाती है।
  • ध्रुवीय प्रकार इस प्रकार की जलवायु कश्मीर तथा निकटवर्ती पर्वतमालाओं में पाई जाती है।

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु

प्रश्न 3.
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत की जलवायु को निम्नलिखित कारक प्रभावित करते हैं-
1. उत्तर में स्थित हिमालय पर्वत-भारत की उत्तरी सीमा पर पूर्व-पश्चिम दिशा में फैले हिमालय पर्वत के कारण उत्तर भारत में ऊँचा तापमान तथा शुष्क ऋतु पाई जाती है। यहाँ उष्ण कटिबन्धीय लक्षण पाए जाते हैं, यद्यपि उत्तर भारत शीतोष्ण कटिबन्ध में स्थित है।

2. हिन्द महासागर-भारतीय जलवायु पर हिन्द महासागर का गहरा प्रभाव पड़ता है। यह मानसून पवनों को आर्द्रता प्रदान करता है तथा सम्पूर्ण भारत में वर्षा होती है।

3. भारत का विस्तार तथा विभिन्न प्रकार की स्थलाकृतियाँ देश के बड़े आकार के कारण तथा पृथक्-पृथक् स्थलाकृतियों के मिलने के कारण भारत में विविध प्रकार की जलवायु पाई जाती है।

4. शीत ऋतु में विक्षोभ-भूमध्य सागर में उत्पन्न विक्षोभ चक्रवातों के रूप में भारत में पहुँचकर उत्तरी भारत के पश्चिमी हिमालय से टकराकर वर्षा करते हैं।

5. भूमध्य रेखा की समीपता भारत 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर के मध्य स्थित है। इसलिए भारत का दक्षिणी क्षेत्र भूमध्य रेखा के निकट स्थित है तथा सारा वर्ष गर्मी पड़ती है। कर्क रेखा देश के मध्य से गुजरती है इसलिए यहाँ उष्ण कटिबन्धीय जलवायु पाई जाती है।

6. समुद्र तट से दूरी-भारतीय तटीय प्रदेशों में समकारी प्रभाव के कारण सम प्रकार की जलवायु पाई जाती है। उदाहरण के लिए मुम्बई का ग्रीष्मकालीन तापमान लगभग 27° सेल्सियस तथा शीतकालीन तापमान लगभग 24° सेल्सियस रहता है। जो स्थान समुद्र तट से अधिक दूर है, वहाँ विषम प्रकार का जलवायु मिलता है। उदाहरण के लिए इलाहाबाद समुद्र तट से दूर है। इसलिए यहाँ ग्रीष्मकालीन तापमान लगभग 30° सेल्सियस तथा शीतकालीन तापमान लगभग 16° सेल्सियस रहता है। दक्षिणी भारत तीनों ओर से सागरों तथा महासागर से घिरा है। इसलिए यहाँ गर्मियों में कम गर्मी तथा सर्दियों में कम सर्दी पड़ती है।

7. धरातल का प्रभाव पश्चिमी घाट तथा मेघालय पर्वतीय क्षेत्र मानसून पवनों के सम्मुख ढाल पर स्थित हैं। इसलिए यहाँ वर्षा अधिक होती है। परन्तु दक्षिणी पठार पवन-विमुख ढाल के कारण वृष्टिछाया क्षेत्र में स्थित होने के कारण यहाँ वर्षा बहुत कम होती है। राजस्थान में स्थित अरावली पर्वत मानसून पवनों की दिशा के समानान्तर स्थित होने के कारण शुष्क रह जाता है।

पर्वतीय प्रदेशों में तापमान कम तथा मैदानों में तापमान अधिक होता है। उदाहरण के लिए आगरा तथा दार्जिलिंग एक ही आक्षांश पर स्थित हैं, परन्तु आगरा में जनवरी का तापमान 16° सेल्सियस दार्जिलिंग में 4° सेल्सियस होता है, क्योंकि आगरा मैदानी क्षेत्र है तथा दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र है।

प्रश्न 4.
अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी की मानसूनी पवनों का सविस्तार वर्णन कीजिए।
उत्तर:
1. अरब सागर की मानसून पवनें ये पवनें अरब सागर में उत्पन्न होकर भारत की ओर अग्रसर होती हैं, परन्तु भारत के पश्चिमी तट पर पहुँचकर ये तीन शाखाओं में बँट जाती हैं, जो निम्नलिखित प्रकार से हैं-
(1) पहली शाखा, पश्चिमी घाटों से टकराकर भारत के पश्चिमी तटीय मैदानों पर लगभग 250 सें०मी० वर्षा करती है। पश्चिमी घाट के पूर्व की ओर घाटों से नीचे उतरने के कारण इन पवनों के तापमान में बढ़ोतरी हो जाती है तथा पूर्व की ओर ये वर्षा नहीं करती हैं, अतः पश्चिमी घाट के पूर्व का क्षेत्र ‘वृष्टि छाया’ (Rain Shadow) क्षेत्र कहलाता है।

(2) दूसरी शाखा, नर्मदा तथा ताप्ती नदियों की घाटियों में से होकर भारत के मध्यवर्ती क्षेत्र में प्रवेश करती है। यहाँ इनके रास्ते में ऐसी रुकावट नहीं है जो इन्हें रोककर वर्षा हो सके, अतः ये दूर तक मध्य भारतीय क्षेत्र से में निकल जाती हैं और वर्षा करती हैं। नागपुर के पास इन पवनों द्वारा लगभग 60 सें०मी० वर्षा होती है।

(3) तीसरी शाखा, उत्तर:पूर्व की ओर अरावली पर्वतों के समानान्तर चलती है तथा रुकावट न होने के कारण ये राजस्थान से बिना वर्षा किए निकल जाती है। आगे चलकर हिमालय की पश्चिमी पहाड़ियों से टकराकर काफी वर्षा करती है।

2. बंगाल की खाड़ी की मानसून पवनें-ये पवनें दो शाखाओं में विभक्त होकर चलती हैं-
(1) एक शाखा, गंगा के डेल्टे को पार करके असम में खासी तथा गारो की पहाड़ियों से टकराकर असम में खूब वर्षा करती है। यहाँ मॉसिनराम (मेघालय राज्य में चेरापूंजी के निकट स्थित) नामक स्थान पर विश्व की सर्वाधिक वर्षा (1140 सें०मी०) होती है।

(2) दूसरी शाखा हिमालय पर्वत के समानान्तर पश्चिम की ओर बहती है क्योंकि यह हिमालय को पार नहीं कर पाती इसलिए पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा करती जाती है तथा वर्षा की मात्रा में कमी आती जाती है।

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Haryana State Board HBSE 11th Class Geography Solutions Chapter 4 जलवायु Textbook Exercise Questions and Answers.

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HBSE 11th Class Geography जलवायु Textbook Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर का चयन करें-

1. जाड़े के आरंभ में तमिलनाडु के तटीय प्रदेशों में वर्षा किस कारण होती है?
(A) दक्षिणी-पश्चिमी मानसून
(B) उत्तर:पूर्वी मानसून
(C) शीतोष्ण-कटिबंधीय चक्रवात
(D) स्थानीय वायु परिसंचरण
उत्तर:
(B) उत्तर-पूर्वी मानसून

2. भारत के कितने भू-भाग पर 75 सेंटीमीटर से कम औसत वार्षिक वर्षा होती है?
(A) आधा
(B) दो-तिहाई
(C) एक-तिहाई
(D) तीन-चौथाई
उत्तर:
(C) एक-तिहाई

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3. दक्षिण भारत के संदर्भ में कौन-सा तथ्य ठीक नहीं है?
(A) यहाँ दैनिक तापांतर कम होता है
(B) यहाँ वार्षिक तापांतर कम होता है
(C) यहाँ तापमान सारा वर्ष ऊँचा रहता है
(D) यहाँ जलवायु विषम पाई जाती है
उत्तर:
(D) यहाँ जलवायु विषम पाई जाती है

4. जब सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर रेखा पर सीधा चमकता है, तब निम्नलिखित में से क्या होता है?
(A) उत्तरी-पश्चिमी भारत में तापमान कम होने के कारण उच्च वायुदाब विकसित हो जाता है
(B) उत्तरी-पश्चिमी भारत में तापमान बढ़ने के कारण निम्न वायुदाब विकसित हो जाता है
(C) उत्तरी-पश्चिमी भारत में तापमान और वायुदाब में कोई परिवर्तन नहीं आता
(D) उत्तरी-पश्चिमी भारत में झुलसा देने वाली तेज लू चलती है
उत्तर:
(A) उत्तरी-पश्चिमी भारत में तापमान कम होने के कारण उच्च वायुदाब विकसित हो जाता है

5. कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार भारत में ‘As’ प्रकार की जलवायु कहाँ पाई जाती है?
(A) केरल और तटीय कर्नाटक में
(B) अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में
(C) कोरोमंडल तट पर
(D) असम व अरुणाचल प्रदेश में B-60
उत्तर:
(C) कोरोमंडल तट पर

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
भारतीय मौसम तंत्र को प्रभावित करने वाले तीन महत्त्वपूर्ण कारक कौन-से हैं?
उत्तर:
भारतीय मौसम तंत्र को निम्नलिखित तीन महत्त्वपूर्ण कारक प्रभावित करते हैं-

  • वायुदाब तथा पवनों के धरातलीय वितरण इसके महत्त्वपूर्ण कारक मानसून पवनें, कम वा क्षेत्र हैं।
  • ऊपरी वायु परिसंचरण-इसमें महत्त्वपूर्ण तत्त्व विभिन्न वायुराशियाँ और जेट स्ट्रीम का अंतर्वाह है।
  • विभिन्न वायु विक्षोभ-इसमें उष्ण कटिबन्धीय और पश्चिमी चक्रवातों के प्रभाव से वर्षा होती है।

प्रश्न 2.
अंतःउष्ण कटिबन्धीय अभिसरण क्षेत्र क्या है?
उत्तर:
अंतःउष्ण कटिबन्धीय अभिसरण क्षेत्र निम्न वायुदाब क्षेत्र होता है जो सभी दिशाओं से पवनों के अन्तर्वहन को प्रोत्साहित करता है। यह भूमध्य-रेखीय क्षेत्र में स्थित होता है। इसकी स्थिति सूर्य की स्थिति के अनुसार उष्ण कटिबन्ध के मध्य बदलती रहती है। ग्रीष्मकाल में यह उत्तर की ओर तथा शीतकाल में यह दक्षिण की ओर सरक जाता है। इसे भूमध्यरेखीय द्रोणी भी कहते हैं।

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प्रश्न 3.
मानसून प्रस्फोट से आपका क्या अभिप्राय है? भारत में सबसे अधिक वर्षा प्राप्त करने वाले स्थान का नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत में ग्रीष्म ऋतु के पश्चात् वर्षा ऋतु आरम्भ होती है। इस समय भारत में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून पवनें प्रवेश करती हैं तथा भारत की 80% वर्षा इन्हीं पवनों से होती है। मानसून पवनों की वर्षा के अकस्मात आरम्भ होने को ‘मानसून प्रस्फोट’ कहते हैं। इसमें वर्षा की तेज बौछारें पड़ती हैं। भारत में सबसे अधिक वर्षा मॉसिनराम में होती है।

प्रश्न 4.
जलवायु प्रदेश क्या होता है? कोपोन की पद्धति के प्रमुख आधार कौन-से हैं?
उत्तर:
जलवायु प्रदेश-जलवायु प्रदेश एक ऐसा क्षेत्र होता है जिसमें विभिन्न जलवायविक तत्त्व अपने संयुक्त प्रभाव से एकरूपी जलवायविक दशाओं का निर्माण करते हैं। स्थानीय तौर पर मौसम के तत्त्व; जैसे तापमान, वर्षा इत्यादि मिलकर जलवायु में अनेक क्षेत्रीय विभिन्नताएँ उत्पन्न कर देते हैं। इन विभिन्नताओं को हम जलवायु के उप-प्रकार मानते हैं। इसी आधार पर जलवायु प्रदेश पहचाने जाते हैं। कोपेन ने अपने जलवायु वर्गीकरण का आधार तापमान तथा वर्षण के मासिक मानों को रखा है।

प्रश्न 5.
उत्तर-पश्चिम भारत में रबी की फसलें बोने वाले किसानों को किस प्रकार के चक्रवातों से वर्षा प्राप्त होती है? वे चक्रवात कहाँ उत्पन्न होते हैं?
उत्तर:
उत्तर-पश्चिम भारत में रबी की फसलें बोने वाले किसानों को अत्यन्त लाभदायक शीतोष्ण कटिबन्धीय चक्रवात प्राप्त होते हैं, जिन्हें पश्चिमी विक्षोभ भी कहा जाता है। ये चक्रवात पूर्वी भूमध्य सागर पर उत्पन्न होते हैं और पूर्व की ओर यात्रा करते हुए भारत पहुँचते हैं।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 125 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
जलवायु में एक प्रकार का ऐक्य होते हुए भी, भारत की जलवायु में क्षेत्रीय विभिन्नताएँ पाई जाती हैं। उपयुक्त उदाहरण देकर इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत की जलवायु मानसूनी है जो कदाचित् देश की एकता का प्रतीक है, लेकिन जलवायु में प्रादेशिक विभिन्नता दृष्टिगोचर होती है। ये प्रादेशिक विभिन्नताएँ देश के तापक्रम, वर्षा, आर्द्रता, समुद्र तल से ऊँचाई, पर्वतों की दिशा तथा उच्चावच में देखने को मिलती हैं। इन विभिन्नताओं के निम्नलिखित कारण हैं-
1. अक्षांशीय विस्तार-भारत का अक्षांशीय विस्तार 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर है जो लगभग 30° है। इतने अधिक विस्तार के कारण उत्तरी भारत तथा दक्षिणी भारत की जलवायु में अन्तर पाया जाना स्वाभाविक ही है। दक्षिणी भाग (प्रायद्वीपीय भाग) में भूमध्य रेखा तथा हिन्द महासागर के निकट होने के कारण वर्ष भर तापक्रम ऊँचा रहता है। कोंकण तटीय मैदान में तथा गोवा में रहने वाले लोगों को तापमान की विषमता एवं ऋतु परिवर्तनों का अहसास कम ही होता है।

दिसम्बर, जनवरी में कारगिल में तापक्रम जहाँ -40°C तक गिर जाता है, वहीं गोवा एवं चेन्नई में तापमान 20°-25°C के मध्य रहता है। राजस्थान में गंगानगर का जून का तापक्रम 50°C तक पहुँच जाता है, जबकि गुलमर्ग में 20°C के आसपास रहता है। भूमध्य रेखा से दूर होने के कारण तापक्रम की विभिन्नताएँ दृष्टिगोचर होती हैं।

2. उत्तर में विशाल हिमालय की स्थिति देश की उत्तरी सीमा पर हिमालय पर्वत श्रृंखलाएँ पूर्व से पश्चिम में दीवार की भाँति फैली हुई हैं जो देश की जलवायु को अत्यधिक प्रभावित करती हैं। हिमालय पर्वत अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी से आने वाली वाष्प भरी हवाओं को रोकने का कार्य करता है, जिससे सम्पूर्ण भारत में वर्षा होती है, दूसरी ओर हिमालय उत्तर से आने वाली शीत लहरों को भारत में आने से रोकता है, जिससे शीत ऋतु का तापमान अधिक नीचे नहीं गिर पाता। यदि उत्तर में हिमालय न होता तो सम्भवतः भारत एक मरुस्थली देश होता।

3. जल व स्थल का वितरण-भारत के उत्तर में विशाल स्थलीय भाग एशिया महाद्वीप तथा दक्षिण में हिन्द महासागर स्थित है। स्थल तथा जल में तापमान ग्रहण करने की क्षमता अलग-अलग होती है। स्थलीय भाग शीघ्र गर्म तथा शीघ्र ठण्डे होते हैं। इसके विपरीत जलीय भाग देर से गर्म तथा देर से ठण्डे होते हैं, इसलिए ग्रीष्म ऋतु में जलीय भाग में वायुदाब अधिक तथा उत्तर:पश्चिम भारत में वायुदाब कम होता है और पवनें सागरीय भागों से स्थलीय भाग की ओर चलती हैं। हवाएँ वाष्प-युक्त होती हैं, इसलिए उत्तरी भारत में वर्षा करती हैं।

भारत की जलवायु मानसूनी है। मानसून शब्द अरब भाषा के शब्द ‘मौसिम’ से बना है अर्थात् देश की जलवायु में मानसूनी पवनों का विशेष योगदान है, जो मौसमानुसार देश में चलती हैं। मानसूनी पवनें छह महीने सागर से स्थल की ओर तथा छह महीने स्थल से सागर की ओर चलती हैं, लेकिन देश में पूर्व से पश्चिम तथा उत्तर से दक्षिण की जलवायु दशाओं में अत्यधिक अन्तर या विभिन्नता देखने को मिलती है। इस विभिन्नता के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
(1) तापमान की विभिन्नता राजस्थान में बाड़मेर में जहाँ ग्रीष्मकालीन तापमान 50°C तक पहुँच जाता है, वहीं दूसरी ओर पहलगाम में तापमान 22°C के आसपास रहता है। शीतकाल में कारगिल में
तापमान –40°C तथा त्रिवेन्द्रम में तापमान 20°C के आसपास रहता है।

(2) वर्षा की विभिन्नता भारत के उत्तर:पूर्व में मॉसिनराम (मेघालय राज्य में चेरापूँजी के निकट स्थित) में औसत वार्षिक वर्षा 1140 सें०मी० है, जबकि जैसलमेर (राजस्थान) में केवल 12 सें०मी० है। गारो की पहाड़ियों तुरा (Tura) में एक ही दिन में इतनी वर्षा होती है, जितनी जैसलमेर में 10 वर्षों में भी नहीं होती।

(3) ऋतओं में विभिन्नता-

  • दिसम्बर-जनवरी के महीनों में उत्तरी भारत विशेषकर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब एवं हरियाणा में जहाँ शीत लहर चल रही होती है, वहीं दक्षिण भारत में केरल तथा तमिलनाडु में 22°C के आसपास तापमान रहता है।
  • मुम्बई तथा कोंकण तटीय प्रदेश के लोगों को ऋतु परिवर्तन का अनुभव नहीं होता। ये सारे वर्ष एक ही तरह के वस्त्र पहनते हैं।
  • केरल में वर्षा मई के माह में आरम्भ हो जाती है, जबकि चण्डीगढ़ एवं जम्मू-कश्मीर में जुलाई के महीने में मानसून का आगमन होता है।

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प्रश्न 2.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार भारत में कितने स्पष्ट मौसम पाए जाते हैं? किसी एक मौसम की दशाओं की सविस्तार व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
भारतीय जलवायु में प्रादेशिक विभिन्नता के साथ-साथ मौसमी विभिन्नताएँ भी देखने को मिलती हैं। भारत में प्रायः निम्नलिखित चार ऋतुएँ मानी जाती हैं-

  • शीत ऋतु (Winter Season)
  • ग्रीष्म ऋतु (Summer Season)
  • वर्षा ऋतु (Rainy Season)
  • मानसून के प्रत्यावर्तन या लौटने की ऋतु (Season of Retreating Monsoon)।

इनमें से ग्रीष्म ऋतु का वर्णन इस प्रकार है-
ग्रीष्म ऋतु-मार्च के महीने के बाद सूर्य उत्तर की ओर स्थानान्तरित होने लगता है और उत्तरी भारत, पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान में तापक्रम बढ़ने लगता है और धरातलीय एवं उच्च-स्तरीय वायु का परिसंचरण (Circulation) विपरीत दिशा में होने लगता है अर्थात् समुद्री भागों से हवाएँ स्थलीय भाग की ओर चलने लगती हैं। जून का तापक्रम उत्तरी-पश्चिमी भारत में 40° सेल्सियस से अधिक तापमान के कारण न्यून वायुदाब का केन्द्र बन जाता है, जिससे भूमध्य रेखीय द्रोणी वायु को विभिन्न दिशाओं से अपनी ओर आकर्षित करती है। दक्षिण से आने वाली वायु की दिशा भूमध्य रेखा को पार करने के बाद दक्षिण-पश्चिम हो जाती है, जिसे दक्षिण-पश्चिमी मानसून कहते हैं। इन दक्षिण-पश्चिमी वाष्प भरी पवनों की दो शाखाएँ अग्रलिखित हैं

  • अरब सागर का मानसून
  • बंगाल की खाड़ी का मानसून।

वायुदाब-शीत ऋतु में उत्तरी भारत में तापक्रम कम होने के कारण हवाएँ ठण्डी एवं भारी होती हैं, इसलिए वायुदाब अधिक होता है, जबकि दक्षिणी भाग में अपेक्षाकृत कम वायुदाब होता है। उत्तरी-पश्चिमी भाग में वायुदाब 1018 से 1020 मिलीबार की समदाब रेखाएँ देखी जाती हैं, जबकि दक्षिणी भारत विशेषकर बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर के आसपास 1012 से 1014 मिलीबार वायुदाब अंकित किया जाता है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के कारण पवनों की दिशा में भी विक्षोभ आ जाता है। ये विक्षोभ भूमध्य सागर से उत्पन्न होकर ईरान, इराक, अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान से होता हुआ उत्तरी-पश्चिमी भारत में प्रवेश करता है। इन विक्षोभों को भारत में लाने में जेट-प्रवाह (Jet-flow) का महत्त्वपूर्ण योगदान है। इस प्रकार का प्रवाह उत्तरी भारत में दिसम्बर से फरवरी तक सक्रिय रहता है।

तापमान कर्क रेखा भारत के बीचो-बीच गुजरती है और जून में सूर्य कर्क रेखा पर लम्बवत् चमकता है, जिससे तापमान उत्तरी-पश्चिमी भारत में कई स्थानों पर 45° सेल्सियस तक पहुँच जाता है। मई-जून में अधिक तापमान के कारण गर्म हवाएँ, जिन्हें ‘लू’ कहते हैं, उत्तरी भारत में चलती हैं। दक्षिणी भारत में तापक्रम 30°-35° सेल्सियस के बीच रहता है तथा तटीय भागों में कहीं-कहीं इससे भी कम रहता है अर्थात् समुद्र का प्रभाव रहता है।

वर्षा उत्तरी भारत में इस ऋतु में धूल-भरी आँधियों के साथ कभी-कभी छुट-पुट वर्षा होती है। दिल्ली, राजस्थान, पंजाब एवं हरियाणा में 1 सें०मी० से 3 सें०मी० तक वर्षा होती है, जबकि हिमालय एवं प्रायद्वीपीय भारत में 10 सें०मी० से 15 सें०मी० तक वर्षा होती है।

वायुदाब-ग्रीष्म ऋतु में तापक्रम की अधिकता के कारण उत्तरी भारत में वायुदाब कम होता है। वायुदाब वितरण मानचित्र को देखने से स्पष्ट होता है कि उत्तरी-पश्चिमी भारत में 997 मिलीबार रेखा राजस्थान तथा पाकिस्तान की सीमा के पास होती है, जबकि दक्षिणी भारत में अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी में वायुदाब अपेक्षाकृत अधिक 1008 से 1010 मिलीबार के मध्य अंकित किया गया है।

जलवायु HBSE 11th Class Geography Notes

→ एल-निनो (AI-Nino)-यह एक जटिल मौसम तंत्र है, जो हर पाँच या दस साल बाद प्रकट होता रहता है। इसके कारण संसार के विभिन्न भागों में सूखा, बाढ़ और मौसम की चरम अवस्थाएँ आती है।

→ लू (Loo)-उत्तरी मैदान में पंजाब से बिहार तक चलने वाली ये शुष्क, गर्म व पीड़ादायक पवनें हैं।

→ काल बैसाखी (Norwesters)-असम और पश्चिम बंगाल में बैसाख के महीने में शाम को चलने वाली ये भयंकर व विनाशकारी वर्षायुक्त पवनें हैं।

→ मानसून प्रस्फोट (Monsoon Boost)-मानसून पवनों द्वारा अकस्मात मूसलाधार वर्षा करना।

→ भूमध्यरेखीय द्रोणी (Equatorial Trough) यह अंतउष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र का दूसरा नाम है।

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