Haryana State Board HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु Important Questions and Answers.
Haryana Board 11th Class Geography Important Questions Chapter 4 जलवायु
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
भाग-I : सही विकल्प का चयन करें
1. विश्व में सर्वाधिक वर्षा प्राप्त करने वाला स्थान कौन-सा है?
(A) मॉसिनराम
(B) चेरापूँजी
(C) तुरा
(D) सिल्वर
उत्तर:
(A) मॉसिनराम
2. भारत की जलवायु है-
(A) शीतोष्ण कटिबंधीय
(B) उष्ण कटिबंधीय
(C) ध्रुवीय
(D) उपोष्ण कटिबंधीय
उत्तर:
(B) उष्ण कटिबंधीय
3. भारत के उत्तरी मैदान में ग्रीष्म ऋतु में दिन में बहने वाली पवन का क्या नाम है?
(A) काल बैसाखी
(B) सन्मार्गी पवनें
(C) लू
(D) शिनूक
उत्तर:
(C) लू
4. भारत के उत्तर-पश्चिमी भागों में सर्दियों में होने वाली वर्षा किस कारण से होती है?
(A) चक्रवातीय अवदाब
(B) पश्चिमी विक्षोभ
(C) लौटती मानसून
(D) दक्षिण-पश्चिमी मानसून
उत्तर:
(B) पश्चिमी विक्षोभ
5. निम्नलिखित में से किसके सहारे पर्वतीय वर्षा नहीं होती?
(A) पश्चिमी घाट
(B) अरावली
(C) शिवालिक
(D) गारो, खासी और जयंतिया
उत्तर:
(B) अरावली
6. निम्नलिखित में से वर्षा की सर्वाधिक परिवर्तनीयता कहाँ पाई जाती है?
(A) राजस्थान
(B) केरल
(C) कर्नाटक
(D) मेघालय
उत्तर:
(A) राजस्थान
7. कौन-सी विशेषता मानसूनी वर्षा की नहीं है?
(A) मौसमी वर्षा
(B) वर्षा वाले दिनों की निरंतरता
(C) वषां का असमान वितरण
(D) अनिश्चित और अनियमित वर्षा
उत्तर:
(B) वर्षा वाले दिनों की निरंतरता
8. ग्रीष्मकालीन मानसूनी वर्षा सबसे पहले भारत के किस राज्य में आती है?
(A) केरल
(B) पंजाब
(C) पश्चिमी बंगाल
(D) कर्नाटक
उत्तर:
(A) केरल
9. सर्वाधिक वार्षिक तापांतर निम्नलिखित में से किस महानगर में पाया जाता है?
(A) कोलकाता
(B) फरीदाबाद
(C) मुंबई
(D) चेन्नई
उत्तर:
(B) फरीदाबाद
10. निम्नलिखित में से सबसे कम वार्षिक तापांतर पाया जाता है-
(A) शिलांग
(B) तिरुवनंतपुरम
(C) जोधपुर
(D) जींद
उत्तर:
(B) तिरुवनंतपुरम
11. भारतीय मौसम मानचित्र नहीं दर्शाता है-
(A) मेघाच्छादन
(B) समदाब रेखाएँ
(C) समताप रेखाएँ
(D) वायु की दिशा
उत्तर:
(C) समताप रेखाएँ
12. दिल्ली का वार्षिक तापांतर अधिक है, क्योंकि
(A) यह कर्क रेखा के निकटतम है
(B) यहाँ अल्प वर्षा होती है
(C) यह समुद्र से दूर स्थित है
(D) यह मरुस्थल के निकट है
उत्तर:
(C) यह समुद्र से दूर स्थित है
13. निम्नलिखित में से कौन-से राज्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून से वर्षा नहीं होती?
(A) पंजाब
(B) कर्नाटक
(C) तमिलनाडु
(D) राजस्थान
उत्तर:
(C) तमिलनाडु
14. तमिलनाडु में वर्षा होने का कारण है-
(A) दक्षिण-पश्चिमी मानसून
(B) उत्तर:पूर्वी मानसून
(C) पूर्वी अवदाब
(D) पश्चिमी विक्षोभ
उत्तर:
(B) उत्तर:पूर्वी मानसून
15. दक्षिण-पश्चिमी मानसून भारत के दक्षिण में केरल तट पर कब पहुँचती है?
(A) 1 जून
(B) 10 जून
(C) 13 जून
(D) 18 जून
उत्तर:
(A) 1 जून
16. कोपेन ने अपने जलवायु वर्गीकरण में मानसूनी जलवायु को किस संकेताक्षर से प्रस्तुत किया है?
(A) Am
(B) Aw
(C) Af
(D) Cw
उत्तर:
(A) Am
17. भारत में प्रवेश करने वाले शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति कहाँ होती है?
(A) अरब सागर में
(B) भूमध्य सागर में
(C) हिंद महासागर में
(D) अटलांटिक महासागर में
उत्तर:
(B) भूमध्य सागर में
18. कौन-सा पर्वतीय क्षेत्र अधिकतम वर्षा प्राप्त करता है?
(A) पश्चिमी घाट
(B) नीलगिरि
(C) सतपुड़ा
(D) खासी पहाड़ियाँ
उत्तर:
(D) खासी पहाड़ियाँ
19. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है?
(A) आन वर्षा : ओडिशा
(B) आंधी : उत्तर प्रदेश
(C) काल बैसाखी : पं० बंगाल
(D) लू : उत्तर पश्चिमी भारत
उत्तर:
(A) आन वर्षा : ओडिशा
20. भारत के कोरोमंडल तट पर वर्षा होती है-
(A) मार्च-मई में
(B) जनवरी-फरवरी में
(C) अक्तूबर-नवम्बर में
(D) जून-सितम्बर में
उत्तर:
(C) अक्तूबर-नवम्बर में
21. निम्नलिखित में से किस स्थान पर सूर्य सिर के ऊपर कभी लंबवत् नहीं चमकता?
(A) चेन्नई
(B) दिल्ली
(C) भोपाल
(D) मुम्बई
उत्तर:
(B) दिल्ली
22. वर्षा की सर्वाधिक विरलता निम्नलिखित में से कहाँ पाई जाती है?
(A) जैसलमेर
(B) जोधपुर
(C) बीकानेर
(D) लेह
उत्तर:
(D) लेह
23. कोपेन के जलवायु वर्गीकरण में ‘As’ संकेताक्षर भारत के किस क्षेत्र के लिए प्रयुक्त किया गया है?
(A) पूर्वी हिमालय
(B) केरल तट
(C) तमिलनाडु तट
(D) पश्चिमी राजस्थान
उत्तर:
(C) तमिलनाडु तट
24. दिसंबर मास में भारत में सबसे कम तापमान कहाँ पाया जाता है?
(A) गंगानगर
(B) द्रास/कारगिल
(C) पंजाब
(D) केरल
उत्तर:
(B) द्रास/कारगिल
25. भारत में उच्चतम तापमान कहाँ पाया जाता है?
(A) गंगानगर
(B) द्रास/कारगिल
(C) पंजाब
(D) केरल
उत्तर:
(A) गंगानगर
26. वर्षा ऋतु में वायुमंडल में सर्वाधिक आर्द्रता विद्यमान रहती है-
(A) मध्यान्ह के समय
(B) प्रातःकाल के समय
(C) सायंकाल के समय
(D) मध्यरात्रि के समय
उत्तर:
(B) प्रातःकाल के समय
27. निम्नलिखित में से कौन भारतीय मानसून को प्रभावित नहीं करता?
(A) जेट स्ट्रीम
(B) एल-निनो
(C) गल्फ स्ट्रीम
(D) तिब्बत का पठार
उत्तर:
(C) गल्फ स्ट्रीम
28. पश्चिमी घाट के पूर्व में स्थित वृष्टि-छाया प्रदेश के होने का प्रमुख कारण कौन-सा है?
(A) मंद ढाल
(B) आर्द्रता में वृद्धि
(C) तापमान में वृद्धि
(D) विरल वनस्पति
उत्तर:
(C) तापमान में वृद्धि
29. ग्रीष्म ऋतु में आने वाला कौन-सा तूफान चाय, पटसन व चावल के लिए उपयोगी माना जाता है?
(A) काल बैसाखी
(B) आम्र वर्षा
(C) फूलों वाली बौछार
(D) वज्र तूफान
उत्तर:
(A) काल बैसाखी
30. मानसून की गतिक विचारधारा का प्रतिपादन किस विद्वान ने किया था?
(A) एम०टी० यीन
(B) पी० कोटेश्वरम्
(C) रामारत्ना
(D) एच० फ्लोन
उत्तर:
(D) एच० फ्लोन
31. एल-निनो के बारे में कौन-सा कथन असत्य है?
(A) यह पेरु के तट के सहारे बहने वाली समुद्री धारा है
(B) एल-निनो का अर्थ है ‘बालक ईसा’
(C) यह उष्ण वायु की धारा है जो जल में वाष्पिक अनियमितताएँ उत्पन्न कर देती है
(D) यह धारा क्रिसमस के आस-पास पैदा होती है
उत्तर:
(C) यह उष्ण वायु की धारा है जो जल में वाष्पिक अनियमितताएँ उत्पन्न कर देती है
32. निम्नलिखित में से कौन-सा भारतीय स्थान सबसे ठण्डा है?
(A) श्रीनगर
(B) गुलमर्ग
(C) द्रास
(D) नन्दा देवी
उत्तर:
(C) द्रास
भाग-II : एक शब्द या वाक्य में उत्तर दें
प्रश्न 1.
भारत कौन-सी जलवायु वाला देश है?
उत्तर:
भारत उष्ण कटिबन्धीय मानसूनी जलवायु वाला देश है।
प्रश्न 2.
‘मानसून’ शब्द कौन-सी भाषा के किस शब्द से बना है?
उत्तर:
मानसून शब्द अरबी भाषा के मौसिम’ शब्द से बना है।
प्रश्न 3.
विश्व में सर्वाधिक वर्षा कहाँ होती है?
उत्तर:
विश्व में सबसे अधिक वर्षा मेघालय में चेरापूंजी के निकट मॉसिनराम स्थान पर होती है।
प्रश्न 4.
‘ल’ भारत में कब और किस क्षेत्र में चलती है?
उत्तर:
भारत में ‘लू’ ग्रीष्म ऋतु (मई-जून) में तथा उत्तरी भारत में चलती है।
प्रश्न 5.
जेट-प्रवाह की कौन सी शाखा सर्दियों में उत्तरी भारत में चक्रवात लाने में सहायक होती है?
उत्तर:
जेट-प्रवाह की पश्चिमी शाखा।
प्रश्न 6.
भारत में किस क्षेत्र से मानसून सबसे पहले लौटता है?
उत्तर:
पश्चिमी राजस्थान से।
प्रश्न 7.
भारत के किन भागों में लौटती हुई मानसून पवनें शीतऋतु में वर्षा करती हैं?
उत्तर:
तमिलनाडु में।
प्रश्न 8.
थार्नवेट तथा कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के क्या आधार हैं?
उत्तर:
थार्नवेट : जल-सन्तुलन, कोपेन तापमान एवं वृष्टि के मासिक मान।
प्रश्न 9.
भारत में उच्चतम तापमान कहाँ और कितना पाया जाता है?
उत्तर:
भारत में उच्चतम तापमान राजस्थान के गंगानगर शहर में 52° सेल्सियस पाया जाता है।
प्रश्न 10.
भारत के किस राज्य में वार्षिक तापान्तर सबसे कम होता है?
उत्तर:
केरल में।
प्रश्न 11.
भारत के दक्षिणी-पूर्वी तट पर अथवा कोरोमण्डल तट पर सर्दियों में वर्षा क्यों होती है?
उत्तर:
उत्तर-पूर्वी मानसून पवनों के कारण।
प्रश्न 12.
मानसून पवनें कौन-सी पवनें होती हैं?
उत्तर:
मानसून पवनें मौसमी पवनों को कहते हैं।
प्रश्न 13.
गर्मियों में मानसून पवनों की दिशा बताएँ।
उत्तर:
दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर।
प्रश्न 14.
ग्रीष्मकालीन मानसूनी वर्षा सबसे पहले भारत के किस राज्य में आती है?
उत्तर:
केरल में।
प्रश्न 15.
काल बैसाखी नामक भयंकर तूफानी पवनें क्यों चलती हैं?
उत्तर:
शुष्क व गर्म पवनों के समुद्री आर्द्र पवनों से मिलने के कारण।
प्रश्न 16.
भारत में वर्षा ऋतु के महीने कौन-से माने जाते हैं?
उत्तर:
जून से सितम्बर तक के महीने।
प्रश्न 17.
मानसून प्रस्फोट क्या होता है?
उत्तर:
वर्षा का अचानक आरम्भ होना।
प्रश्न 18.
भारत का कौन-सा तट दक्षिण-पश्चिमी मानसून पवनों से वर्षा प्राप्त करता है?
उत्तर:
पश्चिमी तट।
प्रश्न 19.
भारत के किस राज्य में आम्र वर्षा होती है?
उत्तर:
केरल में।
प्रश्न 20.
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार भारत की चार ऋतुएँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
- शीत ऋतु
- ग्रीष्म ऋतु
- वर्षा ऋतु
- मानसून के निवर्तन की ऋतु।
प्रश्न 21.
पश्चिमी विक्षोभ या शीतोष्ण कटिबन्धीय चक्रवात सर्दियों में कहाँ कहाँ वर्षा करते हैं?
उत्तर:
हिमालय की श्रेणियों, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में।
प्रश्न 22.
दक्षिणी भारत में उत्तर भारत जैसी प्रखर ग्रीष्म ऋतु क्यों नहीं होती?
उत्तर:
प्रायद्वीपीय स्थिति (तीन ओर से समुद्र) के कारण।
प्रश्न 23.
काल बैसाखी तूफान या नॉरवेस्टर कहाँ चलते हैं?
उत्तर:
असम और पश्चिमी बंगाल में।
प्रश्न 24.
आम्र वर्षा कहाँ होती है?
उत्तर:
पूर्वी महाराष्ट्र तथा पश्चिमी तटीय प्रदेश में।
प्रश्न 25.
200 सें०मी० से अधिक वर्षा प्राप्त करने वाले क्षेत्र कौन से हैं?
उत्तर:
पश्चिमी घाट के पश्चिमी भाग तथा उत्तर-पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र।
प्रश्न 26.
भारत की जलवायु की क्या विशेषता है?
अथवा
उष्ण कटिबन्धीय मानसनी जलवाय की क्या विशेषता है?
उत्तर:
उष्ण-आर्द्र गर्मियाँ व शुष्क एवं ठण्डी सर्दियाँ।
प्रश्न 27.
भारत में जून सबसे गर्म महीना होता हैं, जुलाई नहीं। क्यों?
उत्तर:
जुलाई में वर्षा हो जाने के कारण तापमान 10°C सेल्सियस गिर जाता है।
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जनवरी में जेट-प्रवाह की क्या स्थिति होती है?
उत्तर:
जनवरी में जेट-प्रवाह हिमालय के दक्षिण की ओर पश्चिम से पूर्व दिशा में होती है।
प्रश्न 2.
मानसून द्रोणी किसे कहते हैं?
उत्तर:
अंतउष्ण कटिबन्धीय अभिसरण क्षेत्र को मानसून द्रोणी कहते हैं।
प्रश्न 3.
मानसून विच्छेद क्या होता है?
उत्तर:
एक बार कुछ दिनों तक वर्षा होने के बाद यदि एक-दो या कई हफ्तों तक वर्षा न हो तो वह मानसून विच्छेद कहलाता है।
प्रश्न 4.
फूलों वाली बौछार कहाँ होती है और किस फसल के लिए उपयोगी मानी जाती है?
उत्तर:
फूलों वाली बौछार केरल में होती है तथा यह कहवा फसल के लिए उपयोगी मानी जाती है।
प्रश्न 5.
‘अक्तूबर हीट’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
अत्यधिक आर्द्रता तथा गर्मी वाला अक्तूबर का घुटन भरा चिपचिपा मौसम।
प्रश्न 6.
‘लू’ किस प्रकार की पवनें होती हैं?
उत्तर:
गर्मियों में उत्तरी भारत में चलने वाली गर्म एवं धूल भरी पवनें।
प्रश्न 7.
वृष्टि-छाया क्षेत्र कौन-से होते हैं?
उत्तर:
पर्वतों के पवनाविमुखी ढाल वाले क्षेत्र वृष्टि-छाया क्षेत्र होते हैं।
प्रश्न 8.
‘मानसून’ शब्द से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
मानसून शब्द अरबी भाषा के ‘मौसिम’ शब्द से लिया गया है। इस शब्द का अर्थ है ऋतु अर्थात् मानसून का अर्थ एक ऐसी ऋतु से है जिसमें पवनों की दिशा में पूरी तरह से परिवर्तन हो जाता है। ये मौसमी पवनें हैं जो मौसम के अनुसार अपनी दिशा बदल लेती हैं। ये पवनें ग्रीष्मकाल में छह मास सागर से स्थल की ओर तथा शीतकाल में छह मास तक स्थल से सागर की ओर चलती हैं।
प्रश्न 9.
अंतःउष्ण कटिबन्धीय अभिसरण क्षेत्र (I.T.C.z.) क्या है?
उत्तर:
अंतःउष्ण कटिबन्धीय अभिसरण क्षेत्र निम्न वायुदाब क्षेत्र होता है जो सभी दिशाओं से पवनों के अन्तर्वहन को प्रोत्साहित करता है। यह भूमध्य-रेखीय क्षेत्र में स्थित होता है। इसकी स्थिति सूर्य की स्थिति के अनुसार उष्ण कटिबन्ध के मध्य बदलती रहती है। ग्रीष्मकाल में यह उत्तर की ओर तथा शीतकाल में यह दक्षिण की ओर सरक जाता है। इसे भूमध्यरेखीय द्रोणी भी कहते हैं।
प्रश्न 10.
लू से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
लू, वे स्थानीय पवनें हैं जो ग्रीष्मकाल में उत्तर तथा उत्तर:पश्चिमी भारत में दिन के समय तेज गति से चलती हैं। ये अत्यधिक गर्म हवाएँ होती हैं। लू के कारण तापमान 40° सेल्सियस से अधिक रहता है तथा धूल-भरी आँधियाँ चलती हैं। लू की गर्मी सहन नहीं होती और लोग प्रायः बीमार हो जाते हैं।
प्रश्न 11.
‘मानसून’ प्रस्फोट किसे कहते हैं? और भारत में सबसे अधिक वर्षा कहाँ होती है?
उत्तर:
भारत में ग्रीष्म ऋतु के पश्चात् वर्षा ऋतु आरम्भ होती है। इस समय भारत में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून पवनें प्रवेश करती हैं तथा भारत की 80% वर्षा इन्हीं पवनों से होती है। मानसून पवनों की वर्षा के
अकस्मात् आरम्भ होने को ‘मानसून प्रस्फोट’ कहते हैं। इसमें वर्षा की तेज बौछारें पडती हैं। भारत में सबसे अधिक वर्षा मॉसिनराम (चेरापंजी) में होती है।
प्रश्न 12.
वर्षा की परिवर्तनीयता से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
वर्षा की सामान्य मात्रा से अधिक या कम वर्षा होने की घटना को वर्षा की परिवर्तनीयता या विचरणशीलता कहते हैं। परिवर्तनीयता का मूल्य एक ऐसे सूत्र से निकाला जाता है जिसे विचरणशीलता का गुणांक या संक्षेप में C.V. कहा जाता है।
प्रश्न 13.
संसार में सर्वाधिक वर्षा मॉसिनराम में होती है। क्यों?
उत्तर:
मॉसिनराम मेघालय राज्य में स्थित है। यह स्थान 1221 सें०मी० से अधिक वार्षिक वर्षा प्राप्त करता है, जो विश्व में किसी भी स्थान की वर्षा की अपेक्षा अधिक है। यह स्थान खासी-गारो-ज्यन्तिया पहाड़ियों से घिरा हुआ है जिनकी स्थिति कुप्पी जैसी है। यहाँ बंगाल की खाड़ी में मानसून पवनें घुस जाती हैं जिससे यहाँ भारी वर्षा होती है।
प्रश्न 14.
तमिलनाडु के तटीय प्रदेशों में अधिकतर वर्षा जाड़ों में होती है, क्यों?
उत्तर:
दक्षिण-पश्चिमी मानसून के दिनों में वृष्टि-छाया क्षेत्र में होने के कारण ये क्षेत्र सूखे रह जाते हैं, परन्तु लौटती हुई मानसून (Retreating Monsoon) या उत्तर:पूर्वी मानसून के दिनों में यहाँ काफी वर्षा होती है क्योंकि ये पवनें जब खाड़ी बंगाल के ऊपर से गुज़रती हैं तो वाष्प लेकर सीधे तमिलनाडु के तट से टकराकर यहाँ खूब वर्षा करती हैं।
प्रश्न 15.
भारत के उत्तर:पश्चिम के मैदान में शीत ऋतु में वर्षा होती है, क्यों?
उत्तर:
भूमध्य सागर तथा फारस की खाड़ी से आर्द्रता ग्रहण करके पवनें, जेट-प्रवाह की सहायता से शीत ऋतु में उत्तर:पश्चिम भारत में प्रवेश करके और पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियों से टकराकर यहाँ वर्षा करती हैं, जो इस मैदान की कृषि के लिए बहुत लाभदायक है।
प्रश्न 16.
वर्षा का वितरण सारे भारत में एक-समान नहीं है। क्यों?
उत्तर:
भारत में वर्षा का वितरण एक-समान नहीं है। इसका मुख्य कारण यह है कि जैसे-जैसे हम समुद्र से दूर जाते हैं, वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। समुद्र के निकट और पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा की मात्रा अधिक होती है। इसी प्रकार वृष्टिछाया क्षेत्र में वर्षा की मात्रा बहुत कम होती है क्योंकि पर्वतों से नीचे उतरती वायु में वाष्पकण ग्रहण करने की शक्ति बढ़ती जाती है। भारत एक विशाल देश है। यहाँ राजस्थान जैसे प्रदेश समुद्र से इतने दूर हैं कि खाड़ी बंगाल की पवनें यहाँ आते-आते शुष्क हो जाती हैं।
प्रश्न 17.
भारत की वार्षिक वर्षा के वितरण की दो मुख्य प्रवृत्तियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
भारत की वार्षिक वर्षा के वितरण की दो मुख्य प्रवृत्तियां निम्नलिखित हैं (1) वर्षा की मात्रा पश्चिमी बंगाल और ओडिशा के तट से पश्चिम और उत्तर-पश्चिम की ओर कम होती जाती है। (2) पश्चिमी एवं पूर्वी तटों से पठार के आन्तरिक क्षेत्रों की ओर वर्षा की मात्रा कम होती जाती है।
प्रश्न 18.
जैसलमेर में वर्षा शायद ही कभी 12 सें०मी० से अधिक होती है। क्यों?
उत्तर:
जैसलमेर राजस्थान में अरावली पर्वत के पश्चिम में स्थित है। अरावली पर्वत अरब सागर की मानसून पवनों के समानान्तर स्थित है। इसलिए ये मानसून पवनें बिना-रोक-टोक आगे निकल जाती हैं तथा वर्षा नहीं करतीं। इसलिए यहाँ औसत वार्षिक वर्षा 12 सें०मी० से भी कम है।
प्रश्न 19.
उत्तर-पश्चिम भारत में रबी की फसलें बोने वाले किसानों को किस प्रकार के चक्रवातों से वर्षा प्राप्त होती है? ये चक्रवात कहाँ उत्पन्न होते हैं?
उत्तर:
उत्तर-पश्चिम भारत में रबी की फसलें बोने वाले किसानों को अत्यन्त लाभदायक शीतोष्ण कटिबन्धीय चक्रवात प्राप्त होते हैं, जिन्हें पश्चिमी विक्षोभ भी कहा जाता है। ये चक्रवात पूर्वी भूमध्य सागर पर उत्पन्न होते हैं और पूर्व की ओर यात्रा करते हुए भारत पहुँचते हैं।
प्रश्न 20.
भारत के तटीय प्रदेशों में गर्मी और जाड़े की ऋतुओं के मध्य तापमानों में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होता। क्यों?
उत्तर:
भारत के तटीय प्रदेश उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र में स्थित हैं। यहाँ ग्रीष्म ऋतु और शीत ऋतु में तापमान में कोई विशेष अन्तर नहीं होता क्योंकि सागरों के समकारी प्रभाव के कारण तापमान समान रहता है। यहाँ जल समीर तथा स्थल समीर चलती हैं। इनके प्रभाव के कारण तापमान अधिक नहीं बढ़ता तथा शीत ऋतु में सागरों के जल के गर्म रहने के कारण तापमान अधिक कम नहीं होता।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत के अत्यधिक गर्म तथा अत्यधिक ठण्डे स्थानों का उल्लेख करें।
उत्तर:
भारत में अत्यधिक ठण्डे प्रदेश उत्तर:पश्चिमी हिमालय में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा अन्य पर्वतीय क्षेत्र हैं। जम्मू-कश्मीर के कारगिल नामक स्थान पर न्यूनतम तापमान-40° सेल्सियस पाया जाता है। इन प्रदेशों के अत्यधिक ठण्डे होने का मुख्य कारण समुद्र-तल से ऊँचाई है। इन प्रदेशों में शीत ऋतु में हिमपात होता है तथा तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है।
भारत में सबसे अधिक गर्म स्थान राजस्थान का बाड़मेर क्षेत्र है। यहाँ ग्रीष्मकाल में दिन का तापमान 50° सेल्सियस तक पहुँच जाता है। यहाँ अधिक तापमान का मुख्य कारण समुद्र तल से दूरी है। गर्मियों में यहाँ लू चलती है जो यहाँ के तापमान को बढ़ा देती है। अन्य कारण यहाँ की रेतीली मिट्टी तथा वायु में आर्द्रता की कमी है।
प्रश्न 2.
भारत के सर्वाधिक वर्षा वाले तथा सर्वाधिक शुष्क स्थानों का उल्लेख करें।
उत्तर:
भारत में सर्वाधिक वर्षा मॉसिनराम (मेघालय राज्य में चेरापूँजी के निकट स्थित) में 1140 सें०मी० तथा 200 सें०मी० से अधिक गारो तथा खासी की पहाड़ियों, पश्चिमी तटीय मैदान तथा पश्चिमी घाट पर होती है क्योंकि ये प्रदेश पर्वतीय क्षेत्र हैं तथा पवनों की दिशा में स्थित हैं। गारो तथा खासी की पहाड़ियों में खाड़ी बंगाल की मानसून पवनें तथा पश्चिमी घाट की पश्चिमी ढलान पर अरब सागर की मानसून पवनें खूब वर्षा करती हैं।
भारत में निम्नतम वर्षा (20 सें०मी० से कम) वाले क्षेत्र पश्चिमी राजस्थान में बाड़मेर क्षेत्र, कश्मीर में लद्दाख क्षेत्र तथा दक्षिणी पठार क्षेत्र हैं क्योंकि राजस्थान में अरावली पर्वत अरब मानसूनी पवनों के समानान्तर स्थित है। प्रायद्वीप पठार तथा लद्दाख क्षेत्र वृष्टिछाया में स्थित होने के कारण बहुत कम वर्षा प्राप्त करते हैं।
प्रश्न 3.
‘जेट-प्रवाह’ क्या है? इसका क्या प्रभाव है?
उत्तर:
पृथ्वी के तल से लगभग तीन किलोमीटर की ऊँचाई पर तेज गति की धाराएँ चलती हैं, जिन्हें जेट-प्रवाह कहते हैं। एक मान्यता के अनुसार ये ‘जेट-प्रवाह’ मानसून पवनों की उत्पत्ति का एक कारण है। ये जेट-प्रवाह 40° उत्तर से 20° दक्षिण अक्षांशों में नियमित रूप से चलते हैं। हिमालय पर्वत तथा तिब्बत का पठार इसके मार्ग में अवरोध पैदा करते हैं, जिससे यह जेट-प्रवाह दो शाखाओं में बँट जाता है। एक भाग हिमालय के उत्तर में तथा दूसरा भाग दक्षिण में पश्चिमी-पूर्वी दिशा में बहता है। दक्षिणी को प्रभावित करता है। शीत काल में भारत के उत्तर:पश्चिमी भाग में आने वाले चक्रवात इस जेट-प्रवाह का ही परिणाम है।
प्रश्न 4.
पश्चिमी जेट-प्रवाह जाड़े के दिनों में किस प्रकार पश्चिमी विक्षोभों को भारतीय उप-महाद्वीप में लाने में मदद करते हैं?
उत्तर:
जेट-प्रवाह की दूसरी शाखा हिमालय के दक्षिण में पश्चिम से पूर्व को बहती है। यह शाखा 25° उत्तर अक्षांश पर स्थित होती है। इसका दाब स्तर 200 मिलीबार से 300 मिलीबार होता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जेट-प्रवाह की यह दक्षिणी शाखा भारत में शीत ऋतु को प्रभावित करती है तथा यहाँ पश्चिमी विक्षोभ लाने में सहायक है। ये विक्षोभ पश्चिमी एशिया तथा भूमध्य सागर के निकट निम्न वायु-दाब क्षेत्र में उत्पन्न होते हैं तथा जेट-प्रवाह के साथ-साथ ईरान और पाकिस्तान को पार करके भारत में प्रवेश करते हैं। इनके प्रभाव से शीतकाल में उत्तर:पश्चिमी भारत में वर्षा होती है।
प्रश्न 5.
भारतीय मानसून की कोई तीन विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
भारतीय मानसून की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- मानसून पवनों का अनियमित तथा अनिश्चित होना।
- ऋतु अनुसार पवनों की दिशा में परिवर्तन होना।
- मानसून पवनों का प्रादेशिक स्वरूप भिन्न-भिन्न होते हुए भी जलवायविक एकता का होना।
प्रश्न 6.
भारत में कितनी ऋतुएँ होती हैं? क्या उनकी अवधि में दक्षिण से उत्तर में कोई अन्तर मिलता है? यदि हाँ, तो क्यों?
उत्तर:
भारत एक विशाल देश है। यहाँ तापमान दबाव, पवनों तथा वर्षा की परिस्थितियाँ सारा वर्ष समान नहीं रहतीं बल्कि इनमें नियमित रूप से परिवर्तन आते हैं। भारत की जलवायु की अवस्था तथा उसके रचना-तन्त्र के अनुसार निम्नलिखित चार ऋतुएँ पाई जाती हैं
- शीत ऋतु-दिसम्बर से फरवरी।
- ग्रीष्म ऋतु-मार्च से मध्य जून।
- वर्षा ऋतु-मध्य जून से मध्य सितम्बर।
- मानसून प्रत्यावर्तन ऋतु-दक्षिण से उत्तर की ओर जाते हुए विभिन्न प्रदेशों की इस ऋतु की अवधि में अन्तर मिलता है।
दक्षिणी भारत में कोई विशेष ऋतु नहीं होती। यहाँ सामान्यतः ग्रीष्म ऋतु पाई जाती है। तटीय क्षेत्रों में ऋतु परिवर्तन नहीं होता क्योंकि भारत का दक्षिणी भाग उष्ण कटिबन्ध में स्थित है। उत्तरी भारत में स्पष्ट रूप से ग्रीष्म ऋतु तथा शीत ऋतु पाई जाती है क्योंकि यह भाग शीत उष्णकटिबन्ध में स्थित है।
प्रश्न 7.
पश्चिमी विक्षोभ क्या है? भारत में किस भाग में शीत ऋतु में वर्षा होती है?
अथवा
पश्चिमी विक्षोभ क्या है? भारत के किन भागों में ये शीतकालीन वर्षा लाते हैं?
उत्तर:
पश्चिमी विक्षोभ वे चक्रवात हैं जो पश्चिमी एशिया तथा भूमध्य सागर के निकट के प्रदेशों में उत्पन्न होते हैं। पश्चिमी जेट-प्रवाह के कारण ये चक्रवात पूर्व की तरफ से ईरान तथा पाकिस्तान को पार करके भारत में प्रवेश करते हैं। शीत ऋतु में ये चक्रवात पश्चिमी भारत के क्षेत्रों में क्रियाशील होते हैं तथा इनके कारण जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भारी वर्षा होती है। यह वर्षा गेहूँ की फसल के लिए विशेष रूप से लाभदायक होती है।
प्रश्न 8.
कौन-कौन-से कारक भारतीय उप-महाद्वीप में तापमान वितरण को नियन्त्रित करते हैं?
उत्तर:
भारतीय उप-महाद्वीप के तापमान के वितरण में बहुत अन्तर पाया जाता है। मानसून प्रदेश में स्थित होने के कारण यह एक उष्ण देश है। यहाँ के विभिन्न क्षेत्रों के तापमान में पाई जाने वाली विविधता के निम्नलिखित कारक उत्तरदायी हैं-
- अक्षांश अथवा भूमध्य रेखा से दूरी
- पर्वतों की स्थिति
- समुद्र तल से दूरी
- प्रचलित पवनें
- चक्रवातीय प्रभाव
- समुद्र तल से ऊँचाई।
प्रश्न 9.
भारत में वार्षिक वर्षा के विचरण गुणांक के वितरण की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर:
भारत में वार्षिक वर्षा के विचरण गुणांक में सामान्य रूप से 15 से 30 प्रतिशत के बीच विचलन पाया जाता है। विचरण गुणांक अधिक वर्षा वाले भागों में कम और कम वर्षा वाले भागों में अधिक पाया जाता है। पश्चिमी तट पर मंगलौर, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, उप-हिमालयी पेटी, मणिपुर, मिज़ोरम व नगालैण्ड जैसे अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में विचरण गुणांक 15 प्रतिशत से कम है। इसके विपरीत पठारी प्रदेशों में विचरण गुणांक 30 प्रतिशत से अधिक है। ये साधारण वर्षा वाले क्षेत्र हैं। हरियाणा व पंजाब में विचरण गुणांक 40 प्रतिशत तथा पश्चिमी राजस्थान, कच्छ व गुजरात के न्यून वर्षा वाले क्षेत्रों में वर्षा की परिवर्तनीयता सर्वाधिक अर्थात् 50 से 80 प्रतिशत के बीच है।
प्रश्न 10.
जलवायु प्रदेश क्या होता है? जलवायु प्रदेश किन आधारों पर पहचाने जाते हैं?
उत्तर:
जलवायु प्रदेश जलवायु प्रदेश एक ऐसा क्षेत्र होता है जिसमें विभिन्न जलवायविक तत्त्व अपने संयुक्त प्रभाव से एकरूपी जलवायविक दशाओं का निर्माण करते हैं। स्थानीय तौर पर मौसम के तत्त्व; जैसे तापमान, वर्षा इत्यादि मिलकर जलवायु में अनेक क्षेत्रीय विभिन्नताएँ उत्पन्न कर देते हैं। इन विभिन्नताओं को हम जलवायु के उप-प्रकार मानते हैं। इसी आधार पर जलवायु प्रदेश पहचाने जाते हैं।
प्रश्न 11.
भारत में ग्रीष्म ऋतु में आने वाले कुछ प्रसिद्ध तूफानों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गर्मियों में भारत में निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण तूफान आते हैं-
- आम्र वर्षा यह पूर्वी महाराष्ट्र तथा पश्चिमी तटीय प्रदेशों में चलती है। आम के वृक्षों के लिए यह तूफानी वर्षा फायदेमन्द होती है।
- फूलों वाली बौछार-इस वर्षा से केरल. तथा निकटवर्ती कहवा उत्पादन वाले क्षेत्रों में फूल खिलने लगते हैं।
- काल बैसाखी-असम और पश्चिम बंगाल में बैसाख के महीने में चलने वाली ये भयंकर व विनाशकारी वर्षायुक्त पवनें हैं, जिन्हें नॉरवेस्टर भी कहा जाता है। चाय, पटसन व चावल के लिए ये पवनें अच्छी हैं।
- लू–उत्तरी मैदान में चलने वाली गर्म, शुष्क व भीषण पवनें।
प्रश्न 12.
मानसूनी वर्षा की विशेषताओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानसूनी वर्षा की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- यह मौसमी वर्षा है जो प्रतिवर्ष जून से सितम्बर के दौरान होती है। देश की कुल वर्षा का 75 प्रतिशत ग्रीष्मकालीन मानसून द्वारा प्राप्त होता है।
- मानसूनी वर्षा अनिश्चित है। कभी निर्धारित समय से पहले व कभी देर से शुरू होती है। कभी तो कुछ समय होकर जल्दी रुक जाती है व कभी वर्षा काल की अवधि बढ़ जाती है।
- मानसूनी वर्षा का भारत में वितरण असमान है। कुछ भागों में वर्षा 250 सेंटीमीटर से भी अधिक होती है व कुछ भागों में 12 सेंटीमीटर से भी कम होती है।
- मानसनी वर्षा पर्वतीय है अथवा उच्चावच से प्रभावित होती है।
- अधिकांश मानसूनी वर्षा मूसलाधार होती है।
- यह वर्षा अनियमित भी है। एक ही क्षेत्र में कभी अकाल और कभी बाढ़ की दशाएँ उत्पन्न होती हैं।
- कृषि प्रधान देश होने के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में मानसून की भूमिका महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है।
प्रश्न 13.
दक्षिणी-पश्चिमी मानसून का क्रम अन्तराल पर सामान्यतः शुष्क मौसम की छोटी अवधि द्वारा भंग होता रहता है, क्यों?
उत्तर:
भारत में मुख्य रूप से वर्षा ग्रीष्मकालीन मानसून पवनें करती हैं। इन पवनों द्वारा वर्षा लगातार नहीं होती अपितु कुछ दिनों अथवा कुछ सप्ताहों के अन्तराल पर होती है। इन दिनों एक दीर्घ शुष्क मौसम आ जाता है तथा वर्षा का क्रम भंग हो जाता है क्योंकि इसका कारण खाड़ी बंगाल अथवा अरब सागर में उत्पन्न होने वाले चक्रवात हैं। ये चक्रवात वर्षा की मात्रा को बढ़ाते हैं परन्तु ये चक्रवात अनियमित रूप से चलते हैं। इसलिए सामान्यतः शुष्क मौसम की छोटी अवधि द्वारा मानसून का क्रम भंग होता रहता है।
प्रश्न 14.
लगभग सम्पूर्ण उत्तरी भारत में सितम्बर तथा अक्तूबर के महीने में औसत अधिकतम तापमान काफी ऊँचा रहता है। क्यों?
उत्तर:
भारत में जून मास सबसे अधिक गर्म मास है। इसके पश्चात् मानसून पवनों की वर्षा के कारण तापमान में गिरावट आ जाती है परन्तु वर्षा ऋतु समाप्त होने के पश्चात् तापमान में फिर वृद्धि हो जाती है क्योंकि सितम्बर तथा अक्तूबर में मानसून पवनें वापस लौटने लगती हैं। ये पवनें शुष्क होती हैं तथा तापमान अधिक ऊँचे होते हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली में इन मासों में औसत तापमान अधिकतम 33° सेल्सियस से अधिक रहता है। सितम्बर मास में सूर्य भूमध्य रेखा पर लम्बवत् चमकता है इसलिए दक्षिण भारत में तापमान अधिक पाया जाता है।
प्रश्न 15.
उत्तर-पश्चिमी भारत में मानसून की अवधि बहुत कम है, क्यों?
उत्तर:
जिस प्रकार भारत के भिन्न-भिन्न स्थानों पर मानसून के आने का समय भिन्न-भिन्न है, इसी प्रकार उसके लौटने का समय भी भिन्न-भिन्न होता है। इस प्रकार हर स्थान पर इसकी अवधि भी अलग-अलग होती है। उत्तर:पश्चिमी भारत में यह समय बहुत कम होता है क्योंकि गर्मियों की मानसून पवनें यहाँ बहुत देर से अर्थात् 15 जुलाई के आसपास पहुँचती हैं। यह 15 सितम्बर के आसपास लौटना शुरू कर देती हैं। अतः केवल 2 मास ही इस क्षेत्र में मानसून की अवधि होती है जो भारत के किसी भी क्षेत्र से कम है। वास्तव में यह अवधि भारत में दक्षिण-पूर्व से उत्तर:पश्चिम की ओर कम होती जाती है।
प्रश्न 16.
भारतीय मानसून की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानसून शब्द अरबी भाषा के ‘मौसिम’ शब्द से लिया गया है। इस शब्द का अर्थ है-ऋतु, अर्थात् मानसून का अर्थ एक ऐसी ऋतु से है जिसमें पवनों की दिशा में पूरी तरह से परिवर्तन हो जाता है। ये मौसमी पवनें हैं जो मौसम के अनुसार अपनी दिशा बदल लेती हैं। ये पवनें ग्रीष्मकाल में छः मास सागर से स्थल की ओर तथा शीतकाल में छः मास तक स्थल से सागर की ओर चलती हैं।
मानसून की प्रकृति-मानसून पर लगभग तीन शताब्दियों से प्रेक्षण हो रहे हैं। इसके बावजूद आज भी यह वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली ही है। अब मानसून का अध्ययन क्षेत्रीय स्तर की बजाय भूमंडलीय स्तर पर किया गया है। दक्षिणी एशियाई क्षेत्र में वर्षा के कारणों का व्यवस्थित अध्ययन मानसन के कारणों को समझने में सहायता करता है। इसके कछ विशेष पक्ष अग्रलिखित हैं
- मानसून का आरम्भ और उसका स्थल की ओर बढ़ना।
- वर्षा लाने वाले तंत्र तथा मानसूनी वर्षा की आवृत्ति और वितरण के बीच संबंध।
- मानसून में विच्छेद।
- मानसून का निवर्तन।
प्रश्न 17.
दक्षिण-पश्चिमी मानसून तथा उत्तर-पूर्वी मानसून में अन्तर बताइए।
उत्तर:
दक्षिण-पश्चिमी मानसून तथा उत्तर-पूर्वी मानसून में निम्नलिखित अन्तर हैं-
दक्षिण-पश्चिमी मानसून | उत्तर-पूर्वी मानसून |
1. जून से सितम्बर तक की अवधि दक्षिण-पशिचमी मानसून की होती है। | 1. दिसम्बर से फरवरी तक की अवंधि उत्तर-पूर्वी मानसून की होती है। |
2. इन महीनों में उत्तर भारत में निम्न दाब-क्षेत्र बन जाता है। | 2. इन महीनों में उत्तर भारत में उच्च दाब-क्षेत्र बन जाता है। |
3. इस निम्न दाब-क्षेत्र की ओर पवनें अग्रसर होने लगती हैं और उनकी दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व होती है। | 3. इस उच्च दाब से पवनें चारों ओर फैलने लगती हैं। पवनों की दिशा गंगा की घाटी में पश्चिम में, बंगाल में उत्तर में और बंगाल की खाड़ी में उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम हो जाती है। |
प्रश्न 18.
भारत में पाई जाने वाली शीत ऋतु का वर्णन करें।
उत्तर:
शीतकाल भारत में सामान्यतः नवम्बर मध्य से मार्च तक होता है। इस ऋतु में अधिकांश भागों में महाद्वीपीय पवनें चलती हैं। इस ऋतु में उत्तरी भारत में तापमान अपेक्षाकृत कम रहता है। यहाँ के अधिकांश भागों में तापमान 20° सेल्सियस से नीचे रहता है और कई क्षेत्रों में हिमांक बिन्दु से भी नीचे गिर जाता है। उत्तरी भारत में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान तथा उत्तरी-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शीत लहरें’ (Cold Waves) चलती हैं। दक्षिणी भारत में तापमान 22° सेल्सियस से नीचे नहीं आता।
शीतकाल में पवनें स्थलीय भागों से सागर की ओर चलती हैं, इसलिए ये हवाएँ शुष्क होती हैं। जो बंगाल की खाड़ी को पार करके नमी ग्रहण करती हैं तथा पूर्वी घाट से टकराकर आन्ध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु के तटीय भागों में वर्षा करती हैं।
इस मौसम में उत्तर:पश्चिम से आने वाले चक्रवातों एवं दक्षिण में लौटती हुई मानसून पवनों से वर्षा होती है, लेकिन पश्चिम से पूर्व की ओर जाने पर वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। इसे रबी की फसल के लिए वरदान माना जाता है। उत्तरी-पूर्वी भारत में इस मौसम में थोड़ी वर्षा होती है।
वायुमण्डल की ऊपरी सतह पर पश्चिमी पवनों का प्रभाव होता है अर्थात् 3 किलोमीटर की ऊँचाई पर जेट प्रवाह सक्रिय होता है। हिमालय तथा तिब्बत की उच्च भूमि इन जेट प्रवाहों को अवरुद्ध करती है, जिससे जेट प्रवाह दो शाखाओं में बँट जाता है। इसकी एक शाखा हिमालय के उत्तर में तथा दूसरी दक्षिण में पश्चिमी-पूर्वी दिशा में 25° उत्तरी अक्षांश के सहारे चलने लगती है। इस जेट प्रवाह की दक्षिणी शाखा में शीत ऋतु में उत्तरी भारत में वर्षा होती है अर्थात् जेट प्रवाह उत्तर:पश्चिमी चक्रवातों को लाने में मदद करते हैं।
प्रश्न 19.
एल निनो क्या है? इसका भारतीय मानसून पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
एल निनो एक जटिल मौसम तन्त्र है जो हर पाँच या दस साल बाद प्रकट होता रहता है। इसके कारण संसार के अनेक भागों में सूखा, बाढ़ और मौसम की चरम अवस्थाएँ आती हैं। एल निनो पूर्वी प्रशान्त महासागर में पेरु के तट के निकट उष्ण समुद्री धारा के रूप में प्रकट होता है। इससे भारत का मानसून अत्यधिक प्रभावित होता है। यह धारा पेरु के तट के जल का तापमान 10°C तक बढ़ा देती है जिसके परिणामस्वरूप भूमध्य-रेखीय वायुमण्डलीय परिसंचरण में विकृति उत्पन्न हो जाती है जिससे भारतीय मानसून प्रभावित होता है।
प्रश्न 20.
मानसून की उत्पत्ति पर एक नोट लिखिए।
अथवा
मानसून की उत्पत्ति सम्बन्धित आधुनिक विचारधारा का संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर:
आधुनिक मौसम-विशेषज्ञों का विचार है कि मानसून पवनों की उत्पत्ति का सम्बन्ध क्षोभ सीमा पर पाई जाने वाली जेट प्रवाह से है। सन् 1973 में भारतीय तथा सोवियत मौसम विशेषज्ञों ने ‘मानसून अभियान संगठन’ का गठन किया। यह संगठन इस जलवायु निष्कर्ष पर पहुँचा कि मानसून की उत्पत्ति तिब्बत के ऊँचे पठार से होती है। इस धारणा के अनुसार शीत ऋतु में एशिया में तीन कि०मी० की ऊँचाई पर क्षोभमण्डल में अपनी तरह का एक वायु-परिसंचरण दिखाई देता है। इसमें धरातलीय विषमताओं का कोई योगदान नहीं होता। इस समय समस्त एशिया के मध्य एवं पश्चिमी भाग के क्षोभमण्डल पर पश्चिमी पवनों का प्रभाव होता है, जिन्हें ‘जेट-स्ट्रीम’ कहते हैं।
तिब्बत का पठार तथा हिमालय इस जेट-प्रवाह के मार्ग में अवरोधक का काम करते हैं। इस रुकावट से जेट-प्रवाह दो भागों में विभाजित हो जाता है। एक भाग हिमालय के उत्तर में तथा दूसरा भाग दक्षिण तथा पश्चिम से पूर्व की ओर बहते हैं। इस जेट-प्रवाह से नीचे की ओर उतरती हुई वायु हिन्द महासागर की ओर चलती है। गर्मियों में भूमध्य रेखीय निम्न वायुदाब उत्तर भारत की ओर खिसकने के साथ पश्चिमी जेट-स्ट्रीम भारत से चला जाता है।
उसकी जगह भारत पर एक पूर्वी जेट-स्ट्रीम बहने लगता है, जो उष्ण कटिबन्धीय गों के भारतीय उप-महाद्वीप की ओर आकर्षित कर लेता है। इस पूर्वी जेट की उत्पत्ति गर्मियों में हिमालय पर्वत तथा तिब्बत के पठार के अत्यधिक गर्म होने से होती है। इन ऊँचे भागों से विकिरण के कारण क्षोभमण्डल में दक्षिणवर्ती (Clockwise) परिसंचरण आरम्भ होता है। इन उच्च स्थलों से भूमध्य रेखा की ओर बहने वाला प्रवाह भारत में ‘पूर्वी जेट-प्रवाह’ कहलाता है। अतः गर्मियों में मानसून की उत्पत्ति भूमध्य रेखीय निम्न दाब के उत्तर की ओर स्थानान्तरण तथा हिमालय एवं मध्य एशिया के ऊँचे स्थलों के गर्म होने के संयुक्त प्रयास से होती है।
निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की ऋतु या वर्षा ऋतु का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
केरल तथा तमिलनाडु के तटीय भागों में जून के प्रथम सप्ताह से मानसूनी वर्षा शुरू हो जाती है, लेकिन उत्तरी भारत में मानसून जुलाई के मध्य तक पहुँच जाता है। देश की 80 प्रतिशत वर्षा इसी ऋतु में होती है। जब अकस्मात् मानसून का आरम्भ होता है तो उसे ‘मानसून का विस्फोट’ (Burst of Monsoon) कहते हैं। अगस्त में तापमान 35° से 40° के मध्य रहता है। वर्षा के कारण तापमान में कमी आ जाती है।
दक्षिणी-पश्चिमी मानसून पवनों की निम्नलिखित दो शाखाएँ हैं-
- बंगाल की खाड़ी का मानसून
- अरब सागर का मानसून।
(1) बंगाल की खाड़ी का मानसून (Monsoon of Bay of Bengal)-जब बंगाल की खाड़ी से दक्षिणी-पश्चिमी हवाएँ गुज़रती हैं, तो पर्याप्त नमी ग्रहण करती हैं। ये पवनें दो शाखाओं में बँट जाती हैं। एक शाखा पूर्व की ओर मेघालय में गारो, खासी एवं जयन्तिया की पहाड़ियों से टकराती है तथा वर्षा करती है। इन पहाड़ियों की आकृति कीप (Funnel) की तरह होने के कारण यहाँ अत्यधिक वर्षा होती है इसलिए मॉसिनराम (मेघालय राज्य में चेरापूँजी के निकट स्थित) में विश्व की सर्वाधिक वार्षिक वर्षा 1,140 सें०मी० होती है।
बंगाल की खाड़ी को मानसून की दूसरी शाखा सीधे गंगा घाटी में प्रवेश करके हिमालय से टकराकर बंगाल, बिहार तथा उत्तर प्रदेश से होती हुई हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू कश्मीर आदि में वर्षा करती है, लेकिन पश्चिम की ओर जाने पर इन मानसून पवनों की नमी में कमी आती जाती है। कोलकाता में 120 सें०मी०, पटना में 105 सें०मी०, इलाहाबाद में 75 सें०मी० और दिल्ली में 56 सें०मी० वर्षा होती है।
(2) अरब सागरीय मानसून (Monsoon of Arabian Sea) मानसून पवनों की दूसरी शाखा अरब सागरीय मानसून है जो पश्चिमी घाट से टकराकर पश्चिमी भारत में वर्षा करती है, लेकिन जब ये वाष्प भरी हवाएँ पश्चिमी घाट को पार करती हैं तो इनकी आर्द्रता में कमी आ जाती है और पश्चिमी घाट का पूर्वी भाग ‘वृष्टिछाया प्रदेश’ (Rain Shadow Area) में पड़ जाता है, जिसके कारण मंगलौर में जहाँ 280 सें०मी० वर्षा होती है, वहीं बंगलूरू में केवल 60 सें०मी० वर्षा होती है। अरब सागरीय मानसून की दूसरी शाखा उत्तर की ओर गुजरात एवं राजस्थान में अरावली पहाड़ियों के समानान्तर आगे हिमालय तक चली जाती है, लेकिन राजस्थान में वर्षा नहीं करती, वरन् हिमालय से टकराकर वर्षा करती है।
प्रश्न 2.
कोपेन द्वारा प्रस्तुत भारत को जलवायु विभागों में वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
यह बताया जा चुका है कि सारे भारत में मानसूनी जलवायु पाई जाती है, फिर भी यहाँ जलवायु में विभिन्न प्रादेशिक स्वरूप पाए जाते हैं। इसका कारण यह है कि भारत एक विशाल देश है तथा यहाँ पर विभिन्न भौतिक स्वरूप मिलते हैं, जिनके कारण भारत में विभिन्न भागों में तथा विभिन्न समयों में जलवायु की कुछ अलग-अलग विशेषताएँ मिलती हैं। कई जलवायु-वेत्ताओं ने भारतीय जलवायु को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत करने की चेष्टा की है। कोपेन द्वारा प्रस्तुत भारत का जलवायु विभागों में वर्गीकरण अधिक मान्य है।
कोपेन द्वारा प्रस्तुत जलवायु प्रदेश: कोपेन की प्रणाली के अनुसार जलवायु प्रवेश कोपेन द्वारा प्रस्तुत जलवायु प्रदेश कोपेन द्वारा जलवायु के वर्गीकरण की पद्धति तापमान तथा वृष्टि के मासिक मान पर आधारित है। उसने भारतीय जलवाय को आठ जलवाय प्रदेशों में बाँटा है। वैसे कोपेन के जलवाय प्रदेश पाँच प्रकार के हैं, जिनको अंग्रेजी के पहले पाँच बड़े अक्षरों से सम्बोधित किया है; जैसे
(1) उष्ण कटिबन्धीय जलवायु (Tropical Climate) = A
(2) शुष्क जलवायु (Dry Climate) = B
(3) गर्म जलवायु (Warm Climate) = C
(4) हिम जलवायु (Snow Climate) = D
(5) बर्फीली जलवायु (Ice Climate) = E
वृहत रूप के उपर्युक्त पाँच जलवायु प्रदेशों को तापमान तथा वर्षा ऋतु के अनुसार वितरण के आधार पर उप-प्रदेशों में विभाजित किया गया है, जिनके लिए अंग्रेजी के छोटे अक्षरों का प्रयोग किया गया है, जिनका अर्थ इस प्रकार है
a = गर्म ग्रीष्म तथा सबसे अधिक गर्म माह का औसत तापमान 22° सेल्सियस से अधिक।
c = शीतल ग्रीष्म सबसे गर्म माह का औसत तापमान 22° सेल्सियस से कम।
i = कोई भी मौसम शुष्क नहीं।
s = ग्रीष्म ऋतु में शुष्क मौसम।
g = ग्रीष्म ऋतु में वर्षा तथा गंगा तुल्य तापमान का वार्षिक परिसर।
h = वार्षिक औसत तापमान 18° सेल्सियस से नीचे।
m = मानसून, शुष्क मौसम की अल्प अवधि।
भारत के आठ जलवायु प्रदेशों का वितरण इस प्रकार है-
- लघु शुष्क ऋतु वाला मानसून प्रकार इस प्रकर की जलवायु भारत के पश्चिमी तटों पर गोवा के दक्षिण में पाई जाती है।
- अधिक गर्मी की अवधि में शुष्क ऋतु का प्रदेश इस प्रकार की जलवायु भारत के कोरोमण्डल तट पर पाई जाती है।
- उष्ण कटिबन्धीय सवाना प्रकार की जलवायु इस प्रकार की जलवायु दक्षिणी भारत के अधिकांश भाग पर पाई जाती है। कोरोमण्डल तथा मालाबार के तट इसके अपवाद हैं।
- अर्ध-शुष्क स्टेपी जलवायु–यह जलवायु दक्षिणी पठार के वृष्टि छाया क्षेत्रों, गुजरात, राजस्थान तथा हरियाणा के दक्षिण-पश्चिमी भाग में पाई जाती है।
- उष्ण मरुस्थलीय जलवायु-यह जलवायु भारत के पश्चिमी भागों में पाई जाती है।
- शुष्क ऋतु वाला मानसून जलवायु-यह जलवायु भारत के उत्तरी विशाल मैदान में पाई जाती है।
- लघु ग्रीष्म के साथ शीतल व अर्ध-शीत वाली जलवायु इस प्रकार की जलवायु भारत के उत्तर:पूर्वी भाग में पाई जाती है।
- ध्रुवीय प्रकार इस प्रकार की जलवायु कश्मीर तथा निकटवर्ती पर्वतमालाओं में पाई जाती है।
प्रश्न 3.
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत की जलवायु को निम्नलिखित कारक प्रभावित करते हैं-
1. उत्तर में स्थित हिमालय पर्वत-भारत की उत्तरी सीमा पर पूर्व-पश्चिम दिशा में फैले हिमालय पर्वत के कारण उत्तर भारत में ऊँचा तापमान तथा शुष्क ऋतु पाई जाती है। यहाँ उष्ण कटिबन्धीय लक्षण पाए जाते हैं, यद्यपि उत्तर भारत शीतोष्ण कटिबन्ध में स्थित है।
2. हिन्द महासागर-भारतीय जलवायु पर हिन्द महासागर का गहरा प्रभाव पड़ता है। यह मानसून पवनों को आर्द्रता प्रदान करता है तथा सम्पूर्ण भारत में वर्षा होती है।
3. भारत का विस्तार तथा विभिन्न प्रकार की स्थलाकृतियाँ देश के बड़े आकार के कारण तथा पृथक्-पृथक् स्थलाकृतियों के मिलने के कारण भारत में विविध प्रकार की जलवायु पाई जाती है।
4. शीत ऋतु में विक्षोभ-भूमध्य सागर में उत्पन्न विक्षोभ चक्रवातों के रूप में भारत में पहुँचकर उत्तरी भारत के पश्चिमी हिमालय से टकराकर वर्षा करते हैं।
5. भूमध्य रेखा की समीपता भारत 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर के मध्य स्थित है। इसलिए भारत का दक्षिणी क्षेत्र भूमध्य रेखा के निकट स्थित है तथा सारा वर्ष गर्मी पड़ती है। कर्क रेखा देश के मध्य से गुजरती है इसलिए यहाँ उष्ण कटिबन्धीय जलवायु पाई जाती है।
6. समुद्र तट से दूरी-भारतीय तटीय प्रदेशों में समकारी प्रभाव के कारण सम प्रकार की जलवायु पाई जाती है। उदाहरण के लिए मुम्बई का ग्रीष्मकालीन तापमान लगभग 27° सेल्सियस तथा शीतकालीन तापमान लगभग 24° सेल्सियस रहता है। जो स्थान समुद्र तट से अधिक दूर है, वहाँ विषम प्रकार का जलवायु मिलता है। उदाहरण के लिए इलाहाबाद समुद्र तट से दूर है। इसलिए यहाँ ग्रीष्मकालीन तापमान लगभग 30° सेल्सियस तथा शीतकालीन तापमान लगभग 16° सेल्सियस रहता है। दक्षिणी भारत तीनों ओर से सागरों तथा महासागर से घिरा है। इसलिए यहाँ गर्मियों में कम गर्मी तथा सर्दियों में कम सर्दी पड़ती है।
7. धरातल का प्रभाव पश्चिमी घाट तथा मेघालय पर्वतीय क्षेत्र मानसून पवनों के सम्मुख ढाल पर स्थित हैं। इसलिए यहाँ वर्षा अधिक होती है। परन्तु दक्षिणी पठार पवन-विमुख ढाल के कारण वृष्टिछाया क्षेत्र में स्थित होने के कारण यहाँ वर्षा बहुत कम होती है। राजस्थान में स्थित अरावली पर्वत मानसून पवनों की दिशा के समानान्तर स्थित होने के कारण शुष्क रह जाता है।
पर्वतीय प्रदेशों में तापमान कम तथा मैदानों में तापमान अधिक होता है। उदाहरण के लिए आगरा तथा दार्जिलिंग एक ही आक्षांश पर स्थित हैं, परन्तु आगरा में जनवरी का तापमान 16° सेल्सियस दार्जिलिंग में 4° सेल्सियस होता है, क्योंकि आगरा मैदानी क्षेत्र है तथा दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र है।
प्रश्न 4.
अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी की मानसूनी पवनों का सविस्तार वर्णन कीजिए।
उत्तर:
1. अरब सागर की मानसून पवनें ये पवनें अरब सागर में उत्पन्न होकर भारत की ओर अग्रसर होती हैं, परन्तु भारत के पश्चिमी तट पर पहुँचकर ये तीन शाखाओं में बँट जाती हैं, जो निम्नलिखित प्रकार से हैं-
(1) पहली शाखा, पश्चिमी घाटों से टकराकर भारत के पश्चिमी तटीय मैदानों पर लगभग 250 सें०मी० वर्षा करती है। पश्चिमी घाट के पूर्व की ओर घाटों से नीचे उतरने के कारण इन पवनों के तापमान में बढ़ोतरी हो जाती है तथा पूर्व की ओर ये वर्षा नहीं करती हैं, अतः पश्चिमी घाट के पूर्व का क्षेत्र ‘वृष्टि छाया’ (Rain Shadow) क्षेत्र कहलाता है।
(2) दूसरी शाखा, नर्मदा तथा ताप्ती नदियों की घाटियों में से होकर भारत के मध्यवर्ती क्षेत्र में प्रवेश करती है। यहाँ इनके रास्ते में ऐसी रुकावट नहीं है जो इन्हें रोककर वर्षा हो सके, अतः ये दूर तक मध्य भारतीय क्षेत्र से में निकल जाती हैं और वर्षा करती हैं। नागपुर के पास इन पवनों द्वारा लगभग 60 सें०मी० वर्षा होती है।
(3) तीसरी शाखा, उत्तर:पूर्व की ओर अरावली पर्वतों के समानान्तर चलती है तथा रुकावट न होने के कारण ये राजस्थान से बिना वर्षा किए निकल जाती है। आगे चलकर हिमालय की पश्चिमी पहाड़ियों से टकराकर काफी वर्षा करती है।
2. बंगाल की खाड़ी की मानसून पवनें-ये पवनें दो शाखाओं में विभक्त होकर चलती हैं-
(1) एक शाखा, गंगा के डेल्टे को पार करके असम में खासी तथा गारो की पहाड़ियों से टकराकर असम में खूब वर्षा करती है। यहाँ मॉसिनराम (मेघालय राज्य में चेरापूंजी के निकट स्थित) नामक स्थान पर विश्व की सर्वाधिक वर्षा (1140 सें०मी०) होती है।
(2) दूसरी शाखा हिमालय पर्वत के समानान्तर पश्चिम की ओर बहती है क्योंकि यह हिमालय को पार नहीं कर पाती इसलिए पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा करती जाती है तथा वर्षा की मात्रा में कमी आती जाती है।