Author name: Bhagya

HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 14 जल

Haryana State Board HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 14 जल Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Science Solutions Chapter 14 जल

HBSE 6th Class Science जल InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
बूझो जिज्ञासु है कि क्या हमारे देश के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को समान मात्रा में जल उपलब्ध होता है। क्या ऐसे भी क्षेत्र हैं जहाँ के लोगों को उचित मात्रा में जल नहीं मिलता है? वे अपना काम कैसे चलाते हैं?
उत्तर:
हमारे देश के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले सभी लोगों को समान मात्रा में जल उपलब्ध नहीं होता है। राजस्थान जैसे क्षेत्रों में लोगों को पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध नहीं होता है। वे अपना काम जल का उचित संग्रहण (भण्डारण) करक चलाते हैं।

प्रश्न 2.
बूझो चाहता है कि आप अपने जीवन में किसी ऐसे दिन की कल्पना करें जिस दिन जल की आपूर्ति टोटियों द्वारा नहीं हो रही हो। अतः आपको स्वयं बहुत दूर से जल लाना पड़ता है। तब क्या आप जल की उतनी ही मात्रा का उपयोग करेंगे जितनी अन्य दिनों में करते है?
उत्तर:
निश्चित रूप से हम ऐसे दिनों में जल की उतनी मात्रा का उपयोग नहीं करेंगे जितनी हम अन्य दिनों में करते हैं।

प्रश्न 3.
बूझो वाष्पोत्सर्जन के विषय में पढ़ता रहा है। उसने स्वयं से पूछा-एक किलोग्राम गेहूँ देने वाले, गेहूँ के पौधों से वाष्पोत्सर्जन द्वारा कितने जल की क्षति होती है? उसने पता लगाया कि यह क्षति लगभग 500 लीटर है जो कि अनुमानतः बड़े आकार की 25 बाल्टियों में भरे जल के बराबर है। क्या अब आप यह कल्पना कर सकते हैं कि वनों, फसलों तथा घास के मैदानों द्वारा कुल मिलाकर जल की कितनी मात्रा की क्षति होती है ?
उत्तर:
घास के मैदानों, फसलों एवं वनों से हजारों टन पानी की क्षति होती है।

प्रश्न 4.
पहेली ने सर्दियों में प्रातःकाल घास की पत्तियों पर ओस की बूंदें देखी हैं। क्या आपने भी कभी शीत ऋतु में प्रातःकाल पत्तियों या धातु के पृष्ठों जैसे लोहे की ग्रिल तथा दरवाजों पर इसी प्रकार की ओस की बूंदें देखी हैं ? क्या यह भी संघनन के कारण है? क्या आपने गर्मियों में भी प्रातः काल ऐसा होते देखा है?
उत्तर:

  1. हाँ, संघनन के कारण ऐसा होता है।
  2. गर्मियों में भी कभी-कभी प्रात:काल ऐसा होता है।

प्रश्न 5.
सर्दियों में प्रातःकाल धरती के पास बूझो ने कोहरा देखा है। वह विचार कर रहा है कि क्या यह भी ठंडी धरती के पास जलवाष्प का संघनन है। आप क्या सोचते हैं ?
उत्तर;
हाँ, यह भी ठण्डी धरती के पास का जलवाष्प का संघनन है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 जल

HBSE 6th Class Science जल Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
नीचे दिये गये स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) जल को वाष्प में परिवर्तित करने के प्रक्रम को ………………. कहते हैं।
(ख) जलवाष्य को जल में परिवर्तित करने के प्रक्रम को ………………. कहते है।
(ग) एक वर्ष या इससे अधिक समय तक वर्षा न होना उस क्षेत्र में ………………. लाता है।
(घ) अत्यधिक वर्षा से ………………. आती है।
उत्तर:
(क) वाष्पन
(ख) संघनन
(ग) सूखा
(घ) बाढ़।

प्रश्न 2.
नीचे लिखे में से प्रत्येक का क्या यह वाष्यन अथवा संघनन के कारण से है-
(क) ठंडे जल से भरे गिलास की बाहरी सतह पर जल की बूंदों का दिखना।
(ख) गीले कपड़ों पर इस्वी करने पर भाप का ऊपर उठना।
(ग) सर्दियों में प्रातःकाल कोहरे का दिखना।
(घ) गीले कपड़े से पोंछने के बाद श्यामपट्ट कुछ समय बाद सूख जाता है।
(ङ) गर्म छड़ के ऊपर जल छिड़कने से भाप का ऊपर उठना।
उत्तर:
(क) संघनन
(ख) वाष्पन
(ग) संघनन
(घ) वाष्पन
(ङ) वाष्पन।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य हैं ?
(क) वायु में जलवाष्य केवल मानसून के समय में उपस्थित रहती हैं।
(ख) जल महासागरों, नदियों तथा झीलों से वाष्पित होकर वायु में मिलता है परन्तु भूमि से वाष्पित नहीं होता।
(ग) जल के जलवाष्प में परिवर्तन की प्रक्रिया वाष्यन कहलाती है।
(घ) जल का वाष्पन केवल सूर्य के प्रकाश में ही होता
(ङ) वायु की ऊपरी परतों में, जहाँ यह और अधिक ठण्डी होती है, जलवाष्य संघनित होकर छोटी-छोटी जलकणिकाएँ बनाती है।
उत्तर:
(क) असत्य
(खा) असत्य
(ग) सत्य
(घ) असत्य
(ङ) सत्य।

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प्रश्न 4.
मान लीजिए कि आप अपनी स्कूल यूनिफार्म को वर्षा वाले दिन शीघ्र सुखाना चाहते हैं। क्या इसे किसी अँगीठी या हीटर के पास फैलाने पर इस कार्य में सहायता मिलेगी? यदि हाँ, तो कैसे ?
उत्तर:
हाँ, गीले कपड़े को अँगीठी या हीटर के पास ले जाकर सुखाने में सहायता मिलेगी क्योंकि अंगीठी या हीटर के आस-पास अधिक गर्मी (ऊष्मा) से कपड़े से वाष्पन अधिक होगा और वह शीघ्र सूखेगा।

प्रश्न 5.
एक जल की ठंडी बोतल रेफ्रिजरेटर से निकालिए और इसें मेज पर रखिए। कुछ समय पश्चात् आप इसके चारों ओर जल की छोटी-छोटी बूंदें देखेंगे। करण बताओ?
उत्तर:
ठंडी बोतल की बाहरी सतह भी ठंडी होती है जिससे बाहरी सतह के आस-पास की वायु – ठंडी हो जाती है। ऐसा होने से वायु में उपस्थित जलवाष्प का संघनन हो जाता है और इसकी छोटी-छोटी बूंदें बोतल पर जम जाती हैं।

प्रश्न 6.
चश्मों के लेंस साफ करने के लिए लोग उस पर हूँक मारते हैं तो लेंस भीग जाते हैं। लेंस क्यों भीग जाते है? समझाइए।
उत्तर:
मुँह से निकलने वाली वायु नम होती है जो लेंसों पर संघनित हो जाती है जिससे लेंस भीग जाते हैं।

प्रश्न 7.
बादल कैसे बनते हैं ?
उत्तर:
महासागरों, नदियों एवं तालाबों से जल का लगातार वाष्पन होता रहता है। इसके अतिरिक्त पौधे भी जल का वाष्प के रूप में उत्सर्जन (वाष्पोत्सर्जन) करते हैं। यह जल वायु में मिश्रित होता रहता है। जब जलवाष्प पृथ्वी से अधिक ऊँचाई पर पहुँचती है तो यह ठंडी होने लगती है क्योंकि पृथ्वी से ऊपर की ओर जाने पर ताप कम होता जाता है। अधिक ऊँचाई पर जलवाष्प संघनित होकर धुंभा जैसा रूप बना लेती हैं जिन्हें बादल कहते हैं। जब ये बादल अधिक ठण्डे होने लगते हैं तो जल की बूंदें बनने लगती हैं और वर्षा के रूप में पृथ्वी पर पुनः आ जाती है।

प्रश्न 8.
सूखा कब पड़ता है ?
उत्तर:
यदि किसी क्षेत्र में एक वर्ष या उससे भी अधिक समय तक वर्षा न हो तो वाष्पन एवं वाष्पोत्सर्जन द्वारा मृदा से लगातार जल की हानि होती रहती है क्योंकि यह वर्षा द्वारा वापस नहीं लाया जा रहा है। इसलिए मृदा जलविहीन होने लगती है। उस क्षेत्र के तालाबों और कुओं में जल का स्तर गिर जाता है। उनमें से कुछ सूख भी जाते हैं। भौम जल की भी कमी हो जाती है। इससे सूखा पड़ सकता है।

HBSE 6th Class Science जल Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पी प्रश्न : निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए

1. कौन सा जल पीने योग्य नहीं होता है?
(क) नदियों का
(ख) कुएँ का
(ग) झील का
(घ) समुद्र का
उत्तर:
(घ) समुद्र का

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2. पृथ्वी का कितना भाग जल से घिरा हुआ है?
(क) \(\frac{1}{3}\) भाग
(ख) \(\frac{2}{3}\) भाग
(ग) \(\frac{1}{2}\) भाग
(घ) \(\frac{5}{2}\) भाग
उत्तर:
(ख) \(\frac{2}{3}\) भाग

3. जल को धूप में रखने पर वह वाष्य के रूप में उड़ने लगता है, यह प्रक्रम कहलाता है
(क) वाष्पन
(ख) वाष्पोत्सर्जन
(ग) संघनन
(घ) निष्कासन
उत्तर:
(क) वाष्पन

4. भूमि के अन्दर पाया जाने वाला जल कहलाता है
(क) सतह जल
(ख) बंधित जल
(ग) भौम जल
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) भौम जल

II. रिक्त स्थान : निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए

1. ……………….. और ……………….. के जल में बहुत से लवण घुले होते हैं जिससे जल खारा होता है।
2. ……………….. अपने साथ लवणों का बहन नहीं करती है।
3. जलवाष्य के ……………….. के कारण बादलों से जल की बूंदों का निर्माण होता है।
4. वर्षा का जल एकत्र करने को ……………….. कहते हैं।
उत्तर:
1. समुद्र, महासागरों
2. जलवाष्प
3. संघनन
4. वर्षा जल संग्रहण।

III. सुमेलन : कॉलम ‘A’ के शब्दों का मिलान कॉलम ‘B’ के शब्दों से कीजिए-

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. वाष्पन(i) वर्षा न होना
2. अतिवृष्टि(ii) जल का जमना
3. ओला(iii) जल का गैस में बदलना
4. सूखा(iv) बाढ़ आना

उत्तर:

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. वाष्पन(ii) जल का जमना
2. अतिवृष्टि(iv) बाढ़ आना
3. ओला(iii) जल का गैस में बदलना
4. सूखा(i) वर्षा न होना

IV. सत्य/असत्य : निम्नलिखित वाक्यों में सत्य एवं असत्य कथन छाँटिए

(i) वर्षा होना, जल चक्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कारक
(ii) वाष्पन एवं वाष्पोत्सर्जन का जल चक्र में कोई महत्व नहीं है।
(iii) जलवाष्प के संघनन के फलस्वरूप वर्षा होती है।
(iv) लम्बे समय तक वर्षा न होने के कारण सूखा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. सत्य।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जल किन-किन रूपों में पाया जाता है ?
उत्तर:
तीन रूपों में बर्फ, जल तथा जलवाष्प।

प्रश्न 2.
पृथ्वी का कितना भाग जल से घिरा हुआ है ?
उत्तर:
पृथ्वी का 2/3 भाग जल से घिरा हुआ है।

प्रश्न 3.
आपको पीने के लिए जल कहाँ से प्राप्त होता है?
उत्तर:
कुंओं, नदियों एवं नलकूपों से।

प्रश्न 4.
दो प्लेटों में जल लेकर एक को धूप में तथा दूसरी को छाया में रखा जाता है। कौन सी प्लेट का जल पहले गायब होगा? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
धूप में रखी गई प्लेट का जल पहले गायब होगा।

प्रश्न 5.
प्लेट का जल क्यों गायब हुआ? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
सूर्य के प्रकाश से जल गर्म होकर वाष्पीकृत होता है जिससे वह गायब हो जाता है।

प्रश्न 6.
जल के वाष्पीकरण और वाष्पोत्सर्जन के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत क्या होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
सूर्य का प्रकाश।

प्रश्न 7.
समुद्र एवं सागरों का पानी पीने योग्य क्यों नहीं होता है?
उत्तर:
समुद्र एवं महासागरों के पानी में अत्यधिक लवण घुले होने के कारण यह खारा होता है।

प्रश्न 8.
पौधों द्वारा जल की क्षति को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
बाष्पोत्सर्जन।

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प्रश्न 9.
गीले कपड़ों को धूप में सुखाने पर इनका जल कहाँ गायब हो जाता है?
उत्तर:
गर्मी के कारण जल वाष्प बनकर उड़ जाता है।

प्रश्न 10.
जल कणिका किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जलवाष्प संघनित होकर छोटी-छोटी बूंदें बना लेती हैं, इन्हें जल कणिका कहते हैं।

प्रश्न 11.
पृथ्वी पर सर्वाधिक जल कहाँ उपस्थित है ?
उत्तर:
महासागरों में।

प्रश्न 12.
यदि भारी वर्षा हो तो क्या होगा?
उत्तर:
बाढ़ आने की सम्भावना बढ़ जाएगी।

प्रश्न 13.
क्या हम जल का संरक्षण कर सकते हैं ? किसी एक विधि का नाम लिखिए।
उत्तर:
हाँ, तालाब बनाकर।

प्रश्न 14.
‘जल की बचत’ विषय पर अपने स्वयं के कुछ नारे लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:

  1. जल ही जीवन है।
  2. जल अनमोल है।
  3. जल बचाओ, जीवन बचाओ।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वर्षा जल संग्रहण की दो विधियाँ लिखिए।
उत्तर:
गौ जल संग्रहण की दो विधियाँ निम्न प्रकार हैं-
(1) छत के ऊपर वर्षा जल संग्रहण-इस विधि में भवनों की छत पर एकत्रित वर्षा के जल को भण्डारण टैंकों में पाइपों द्वारा पहुँचाया जाता है।
(2) जलाशय बनाना व्यर्थ बहते पानी को नालियों द्वारा तालाबों में एकत्र किया जा सकता है।

प्रश्न 2.
संघनन की क्रिया को दर्शाने के लिए एक क्रियाकलाप लिखिए।
उत्तर:
क्रियाकलाप-जल से आधा भरा गिलास लीजिए। गिलास को बाहर से सूखे कपड़े से पॉछिए। जल में कुछ बर्फ डालिए। एक या दो मिनट तक प्रतीक्षा कीजिए। गिलास के बाहरी पृष्ठ में होने वाले परिवर्तनों का प्रेक्षण कीजिए।
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 14 जल -1
चित्र : बर्फ व जल से भरे गिलास के बाहरी पृष्ठ पर प्रकट जल की बूंदें
हम देखते हैं कि गिलास की बाहरी सतह पर कुछ बूंदें एकत्र हो जाती हैं। ऐसा संघनन की क्रिया के फलस्वरूप हुआ है। बर्फ युक्त जल से गिलास के बाहर की हवा ठण्डी होकर संघनित होकर गिलास की सतह पर जम जाती है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 14 जल

प्रश्न 3.
जल के चार प्रमुख उपयोग लिखिए।
उत्तर:
जल के उपयोग-

  1. जल पीने में उपयोग होता है।
  2. जल का उपयोग, नहाने, कपड़े धोने में होता है।
  3. जल फसलों एवं पौधों की सिंचाई के लिए उपयोग होता है।
  4. बहुत से जीव जन्तु-जल के अन्दर रहते हैं।

प्रश्न 4.
धूप में फैलाने पर गीले कपड़े कैसे सूख जाते हैं?
उत्तर:
गीले कपड़ों को धूप में फैलाकर डालने से उनसे वाष्पन होने लगता है। कपड़ों में उपस्थित जल गर्मी पाकर वाष्प में बदलकर उड़ जाता है और कपड़े सूख जाते हैं।
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 14 जल -1HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 14 जल -2

प्रश्न 5.
तीन क्रियाकलापों की सूची बनाइए, जिससे आप जल बचा सकते हैं। प्रत्येक क्रियाकलाप को कैसे करेंगे, इसका उल्लेख कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:

  1. बुश करते समय हमें नल बन्द कर देना चाहिए।
  2. हमें नहाने के लिए टब के स्थान पर बाल्टी का प्रयोग करना चाहिए।
  3. नलों की टोटियों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी परिवार द्वारा एक दिन में उपयोग होने वाले जल की मात्रा का अनुमान लगाकर सारणी में लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
किसी परिवार द्वारा एक दिन में उपयोग होने वाले जल की मात्रा का अनुमान

क्रियाकलापउपयोग हुए जल की मात्रा
1. पीने में1/2 बाल्टी
2. ब्रुश करने में1/2 बाल्टी
3. नहाने में4 बाल्टी
4, बर्तन साफ करने में2 बाल्टी
5. कपड़े धोने में6 बाल्टी
6. शौचालय में4 बाल्टी
7. फर्श साफ करने में5 बाल्टी
8. कोई अन्य2 बाल्टी
परिवार में एक दिन में उपयोग जल की कुल मात्रा24 बाल्टी

प्रश्न 2.
जल चक्र किसे कहते हैं? आरेख बनाकर वर्णन कीजिए।
उत्तर-
जल चक्र:
जल का विभिन्न रूपों में बदलते हुए एक स्थान से अन्य स्थान पर पहुँचना तथा पुन: उसी स्थान पर लौटना जल चक्र कहलाता है। महासागर, समुद्र, नदियाँ, झीलें, तालाब आदि जल के प्रमुख स्रोत हैं। इसके अतिरिक्त जल की कुछ मात्रा मृदा में भी उपस्थित होती है। सूर्य की गर्मी से जल सतह से जलवाष्प के रूप में उड़ता है तथा पौधों द्वारा वाष्पोत्सर्जन द्वारा भी जल उड़ता है। यह जल बादलों का निर्माण करता है। बादल हवा द्वारा उड़ाकर एक स्थान से दूसरे स्थानों पर ले जाये जाते हैं। बादलों के बरसने पर जल पुन: पृथ्वी पर आ जाता है। कुछ जलवाष्प पहाड़ों पर बर्फ के रूप में गिरती है, जो पिघलकर जल बनाती है। जो नदियों में बहकर पुनः समुद्रों में पहुँच जाता है। वर्षा का कुछ जल पुनः जमीन में चला जाता है। इस प्रकार जल का चक्रण होता रहता है।

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प्रश्न 3.
जल संग्रहण क्या है ? यह क्यों आवश्यक है? जल संग्रहण की एक विधि लिखिए।
उत्तर:
जल संग्रहण : आज के समय में जल का अत्यधिक दोहन हो रहा है, जिससे पेयजल की दिन-प्रतिदिन कमी होती जा रही है, अत: जल को भविष्य के लिए बचाना अति आवश्यक है। वर्षा के जल को एकत्र करना और उसका भण्डारण करना ही वर्षा जल संग्रहण कहलाता है।

जल संग्रहण की आवश्यकता : हमारे देश में मुख्यतः मानसूनी वर्षा होती है अर्थात् वर्षभर वर्षा समान नहीं होती। वर्षा का अधिकांश जल नदियों से बहकर सागरों में चला जाता है, जो पीने योग्य नहीं रहता है। इस वर्षा जल को एकत्र करके वर्षभर सूखे की समस्या से बचा जा सकता है। जल संग्रहण करके सिंचाई की जा सकती है तथा वर्षभर पीने के पानी की व्यवस्था की जा सकती है। जल संग्रहण की विधि

छत के ऊपर वर्षा जल संग्रहण : इस विधि में भवनों की छत पर एकत्रित वर्षा के जल को भण्डारण टैंक में पाइपों द्वारा पहुँचाया जाता है। इस जल में छत पर उपस्थित मिट्टी के कण हो सकते हैं जिन्हें उपयोग करने से पहले निस्पंदित करना आवश्यक होता है।

जल Class 6 HBSE Notes in Hindi

→ जल जीवन के लिए अति आवश्यक है। जल का उपयोग केवल दैनिक कार्यों के लिए ही नहीं वरन् बहुत-सी वस्तुओं के उत्पादन के लिए भी होता है।
→ तालाब, नदी, कुएँ, झरने आदि जल के स्रोत हैं।
→ पृथ्वी का 2/3 भाग जल से घिरा हुआ है। इस जल का अधिकांश भाग समुद्रों और महासागरों में है।
→ गर्म करने पर या सूर्य की गर्मी से जल वाष्प में परिवर्तित होकर वायु में मिलता रहता है। इस प्रकार बनी जलवाष्प वायु का एक भाग बन जाती है।
→ वायु में वाष्पन और वाष्पोत्सर्जन से जलवाष्प मिलती रहती है।
→ जलवाष्प वायु में संघनित होकर छोटी-छोटी जल की बूंदें बनाती है जो बादल जैसे दिखाई देते हैं। बहुत-सी छोटी जल की बूंदें परस्पर मिलकर वर्षा, हिम अथवा ओले के रूप में गिरती हैं।
→ वर्षा का जल या बर्फ के पिघलने से बहता हुआ जल झीलों, तालाबों तथा नदियों को भर देता है। इस जल का कुछ भाग वाष्पन तथा वाष्पोत्सर्जन द्वारा वापस वायु में चला जाता है। शेष जल धीरे-धीरे भूमि के नीचे रिसता रहता है। इस जल का अधिकांश भाग हमें भूमिगत जल के रूप में उपलब्ध रहता है।
→ महासागरों तथा जलीय भागों के बीच जल के चक्रण को जल चक्र कहते हैं।
→ अत्यधिक वर्षा होने से बाढ़ आ जाती है जबकि लम्बे समय तक वर्षा न होने से सूखा पड़ सकता है।
→ पृथ्वी पर उपयोग करने योग्य जल की मात्रा सीमित है इसलिए जल के विवेकपूर्ण उपयोग की आवश्यकता है।
→ वर्षा के जल को एकत्र करना और उसका भण्डारण करके बाद में प्रयोग करना, वर्षा जल संग्रहण कहलाता है। वर्षा जल संग्रहण का मूलमंत्र यह है कि जल जहाँ गिरे वहीं एकत्र कीजिए।
→ जल वाष्प – जल का गैसीय रूप जल वाष्य कहलाता है। वाष्यन-जल का वाष्प में परिवर्तित होना वाष्पन कहलाता है।
→ संघनन – जल वाष्प के द्रव की बूंदों में बदलने की क्रिया को संघनन कहते हैं।
→ बादल – जल वाष्प वायु में संघनित होकर छोटी-छोटी जल बूंदें बनाती है जो बादल जैसी दिखाई देती है।
→ सूखा – किसी क्षेत्र में लम्बे समय तक वर्षा न होने पर सूखा पड़ सकता है।
→ वर्षा जल संग्रहण – वर्षा के जल को एकत्र करना और उसका भण्डारण करके बाद में प्रयोग करने को वर्षा जल संग्रहण कहते हैं।
→ जल चक्र – महासागरों तथा जलीय भागों के बीच जल के चक्रण को जल चक्र कहते हैं।
→ ओला – जल वाष्प का संघनन होकर पानी की बूंदें बन जाती हैं, जब ये बूंदें जमकर बर्फ की गोलियाँ बनकर जमीन पर गिरती हैं तो इन्हें ओला कहते हैं।
→ बाढ़ – अत्यधिक वर्षा से नदियों, झीलों तथा तालाबों का जल स्तर बढ़ जाता है और बाढ़ आ जाती है।
→ महासागर – जल का प्रमुख स्रोत जिसके जल में बहुत से लवण घुले होते हैं।

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HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार

HBSE 8th Class Science तारे एवं सौर परिवार InText Questions and Answers

पहेली बुझो

(पृष्ठ संख्या – 216)

प्रश्न 1.
चन्द्रमा अपनी आकृति में प्रतिदिन परिवर्तन क्यों करता है ?
उत्तर:
चन्द्रमा अपने पर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी की ओर परावर्तित कर देता है । इसीलिए हम चन्द्रमा के उसी भाग को देख पाते हैं जिस भाग से सूर्य का परावर्तित प्रकाश हम तक पहुंचता है ।

(पृष्ठ संख्या – 218)

प्रश्न 2.
मैंने सुना है कि हम पृथ्वी से चन्द्रमा के पीछे की ओर के भाग को कभी नहीं देखते । क्या यह सही है ?
उत्तर:
हाँ । यह सही है।

प्रश्न 3.
क्या हम चन्द्रमा पर कोई ध्वनि सुन सकते हैं?
उत्तर:
नहीं । ध्वनि संचरण के लिए किसी न किसी माध्यम की आवश्यकता होती है । चन्द्रमा पर कोई वायुमण्डल उपस्थित नहीं है, इसलिए चन्द्रमा पर कोई ध्वनि सुनाई नहीं देता है ।

(पृष्ट संख्या – 220)

प्रश्न 4.
मैं यह जानना चाहता हूँ कि हम दिन के समय तारों को क्यों नहीं देख पाते । वे हा रात में ही क्यों दिखाई देते हैं ?
उत्तर:
तारे दिन के समय भी आकाश में स्थित होते हैं, परन्तु सूर्य के तीव्र प्रकाश के कारण वे हमें दिखाई नहीं देते।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार

(पृष्ठ संख्या – 221)

प्रश्न 5.
मेरे बावाजी ने मुझे बताया था कि आकाश में एक ऐसा तारा है जो एक ही स्थान पर स्थिर विखाई देता है । यह कैसे सम्भव होता है ?
उत्तर:
एक ऐसा तारा ध्रुव तारा है जो पृथ्वी के अक्ष की दिशा में स्थित है। यह गति करता हुआ प्रतीत नहीं होता।

(पृष्ठ संख्या – 226)

प्रश्न 6.
सूर्य की परिक्रमा करते समय ग्रहों की टक्कर क्यों नहीं होती?
उत्तर:
ग्रह केवल अपनी कक्षा में ही गति करते हैं । इस कारण सूर्य की परिक्रमा करते समय ग्रहों की टक्कर नहीं होती।

(पृष्ठ संख्या – 226)

प्रश्न 7.
पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है । क्या इस कारण से पृथ्वी सूर्य का उपग्रह है
उत्तर:
सामान्यतः तारों (सूर्य) की परिक्रमा करने वाले पिण्ड को ग्रह कहते हैं । ग्रहों की परिक्रमा करने वाले पिण्डों को उपग्रह कहते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 227)

प्रश्न 8.
क्या शुक्र पर सूर्योदय पश्चिम में तथा सूर्यास्त पूर्व में होता होगा ?
उत्तर:
शुक्र ग्रह अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर घूर्णन करता है । अत: वहाँ सूर्योदय पश्चिम में तथा सूर्यास्त पूर्व में होता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार

(पृष्ठ संख्या – 228)

प्रश्न 9.
यदि मेरी आयु 13 वर्ष है तो मैंने सूर्य की कितनी परिक्रमा कर ली है?
उत्तर:
पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा एक वर्ष में करती है। इस प्रकार 13 वर्ष की आयु पर मैंने सूर्य की 13 परिक्रमा कर ली हैं।

HBSE 8th Class Science प्रकाश Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1-3 में सही उत्तर का चयन कीजिए

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन सौर परिवार का सदस्य नहीं है ?
(क) क्षुदग्रह
(ख) उपग्रह
(ग) तारामण्डल
(घ) धूमकेतु ।
उत्तर:
(ग) तारामण्डल

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन सूर्य का ग्रह नहीं है?
(क) सीरियस
(ख) बुध
(ग) शनि
(घ) पृथ्वी ।
उत्तर:
(क) सीरियस

प्रश्न 3.
चन्द्रमा की कलाओं का घटने का कारण यह है कि
(क) हम चन्द्रमा का केवल वह भाग ही देख सकते हैं जो हमारी ओर प्रकाश को परावर्तित करता है।
(ख) हमारी चन्द्रमा से दूरी परिवर्तित होती रहती है ।
(ग) पृथ्वी की छाया चन्द्रमा के पृष्ठ के केवल कुछ भाग को ही हुँकती है।
(घ) चन्द्रमा के वायुमण्डल की मोटाई नियत नहीं है ।
उत्तर:
(क) हम चन्द्रमा का केवल वह भाग ही देख सकते हैं जो हमारी ओर प्रकाश को परावर्तित करता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार

प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) सूर्य से सबसे अधिक दूरी वाला ग्रह …………… है।
(ख) वर्ण में रक्ताभ प्रतीत होने वाला ग्रह …………… है।
(ग) तारों के ऐसे समूह को जो कोई पैटर्न बनाता है …………… कहते हैं।
(घ) ग्रह की परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिंड को …………… कहते हैं।
(ङ) शूटिंग स्टार वास्तव में …………… नहीं है।
(च) क्षुद्रग्रह …………… तथा …………… की कक्षाओं के बीच पाए जाते हैं।
उत्तर:
(क) नेप्च्यून
(ख) मंगल
(ग) तारामण्डल
(घ) उपग्रह
(ङ) तारे
(च) मंगल, बृहस्पति ।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित कथनों पर सत्य (T) अथवा असत्य (F) अंकित कीजिए –
(क) ध्रुवतारा सौर परिवार का सदस्य है।
(ख) बुध सौर परिवार का सबसे छोटा ग्रह है ।
(ग) यूरेनस सौर परिवार का दूरतम ग्रह है।
(घ) INSAT एक कृत्रिम उपग्रह है।
(ङ) हमारे सौर परिवार में नौ ग्रह हैं।
(च) ‘ओरॉयन’ तारामण्डल केवल दूरदर्शक द्वारा देखा जा सकता है।
उत्तर:
(क) ध्रुवतारा सौर परिवार का सदस्य है। (F)
(ख) बुध सौर परिवार का सबसे छोटा ग्रह है । (T)
(ग) यूरेनस सौर परिवार का दूरतम ग्रह है। (T)
(घ) INSAT एक कृत्रिम उपग्रह है। (T)
(ङ) हमारे सौर परिवार में नौ ग्रह हैं। (F)
(च) ‘ओरॉयन’ तारामण्डल केवल दूरदर्शक द्वारा देखा जा सकता है। (F)

प्रश्न 6.
स्तम्भ ‘अ’ के शब्दों का स्तम्भ ‘ब’ के एक या अधिक पिंड या पिंडों के समूह से उपयुक्त मिलान कीजिए-

स्तम्भ ‘अ’स्तम्भ ‘ब’
(क) आंतरिक ग्रह(a) शनि
(ख) बाह्य ग्रह(b) ध्रुवतारा
(ग) तारा मण्डल(c) सप्तऋषि
(घ) पृथ्वी के उपग्रह(d) चन्द्रमा
(e) पृथ्वी
(f) ओरॉयन
(g) मंगल

उत्तर:

स्तम्भ ‘अ’स्तम्भ ‘ब’
(क) आंतरिक ग्रह(g) मंगल, (e) पृथ्वी
(ख) बाह्य ग्रह(a) शनि
(ग) तारा मण्डल(c) सप्तऋषि, (f) ओरॉयन
(घ) पृथ्वी के उपग्रह(d) चन्द्रमा

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार

प्रश्न 7.
यदि शुक्र सांध्य तारे के रूप में दिखाई दे रहा है तो आप इसे आकाश के किस भाग में पाएंगे?
उत्तर:
आकाश के पश्चिम भाग में पाएंगे।

प्रश्न 8.
सौर परिवार के सबसे बड़े ग्रह का नाम लिखिए।
उत्तर:
बृहस्पति ।

प्रश्न 9.
तारामण्डल क्या होता है ? किन्हीं दो तारामण्डलों के नाम लिखिए ।
उत्तर:
तारों के वे समूह जो पहचानने योग्य आकृति बनाते हैं, उन्हें तारामण्डल कहते हैं ।
प्रमुख तारामण्डलों के नाम निम्न हैं-
(क) लिओमेजर
(ख) ओरॉयन
(ग) सप्तऋषि (ग्रेट बीयर)
(घ) कैसियोपिया ।

प्रश्न 10.
सप्तर्षि तथा ओरॉयन तारामण्डल के प्रमुख तारों की आपेक्षिक स्थितियाँ दर्शाने के लिए आरेख खींचिए।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार -1

प्रश्न 11.
ग्रहों के अतिरिक्त सौर परिवार के अन्य दो सदस्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:
उल्का, धूमकेतु।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार

प्रश्न 12.
व्याख्या कीजिए कि सप्तऋषि की सहायता से ध्रुव तारे की स्थिति आप कैसे ज्ञात करेंगे ?
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार -2
आकाश में सप्तऋषि तारामण्डल एक निश्चित बिन्दु के चारों ओर घूर्णन करता प्रतीत होता है । यह बिन्दु एक तारा है जिसे ध्रुव तारा कहते हैं । यह तारा स्थिर प्रतीत होता है क्योंकि यह पृथ्वी के घूर्णन के कारण अन्य तारे, ध्रुव तारे के चारों ओर घूर्णन करते प्रतीत होते हैं। ऊपर दी गई व्यवस्था में सप्तऋर्षि रात्रि में प्रत्येक तीन व्यवस्था में नजर आता है किन्तु ध्रुव तारा एक निश्चित अवस्था में दिखाई देता है।

प्रश्न 13.
क्या आकाश में सारे तारे गति करते हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
नहीं, सारे तारे गति नहीं करते। उदाहरणस्वरूप ध्रुव तारा अन्य तारों के समान गति नहीं करता है।

प्रश्न 14.
तारों के बीच की दूरियों को प्रकाश वर्ष में क्यों व्यक्त करते हैं ? इस कथन से क्या तात्पर्य है कि कोई तारा पृथ्वी से आठ प्रकाश वर्ष दूर है?
उत्तर:
पृथ्वी तथा तारों के बीच की दूरियाँ मिलियन अथवा बिलियन किलोमीटर से भी अधिक हैं, इस कारण इनको किलोमीटर में लिखना मुश्किल है । इसलिए एक बड़े प्रकाश वर्ष मात्रक से तारों के बीच की दूरियों को व्यक्त करते हैं । प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी प्रकाश वर्ष कहलाती है।
जब एक तारा 8 प्रकाश वर्ष दूर है तो इसका अर्थ यह है कि प्रकाश अपने वेग 3 × 10<sup>8</sup> m/s से 8 साल में पृथ्वी तक उस तारे से पहुँचेगा।
1 प्रकाश वर्ष = 9.46 × 1015 मीटर
8 प्रकाश वर्ष = 8 × 9.46 × 1015 मीटर
= 75.6 × 1015 मीटर
अर्थात् तारा पृथ्वी से 75.6 × 1016 मीटर की दूरी पर है।

प्रश्न 15.
बृहस्पति की त्रिज्या पृथ्वी की त्रिज्या की 11 गुनी है । बृहस्पति तथा पृथ्वी के आयतनों का अनुपात परिकलित कीजिए । बृहस्पति में कितनी पृथ्वियाँ समा सकती हैं ?
उत्तर:
माना कि पृथ्वी की त्रिज्या = r
प्रश्नानुसार बृहस्पति की त्रिज्या = 11r मीटर
पृथ्वी का आयतन : बृहस्पति का अनुपात
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार -3
अत: बृहस्पति में लगभग 1300 पृथ्वियाँ समा सकती हैं।

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प्रश्न 16.
बूझो ने सौर परिवार का निम्नलिखित आरेख खींचा । क्या यह आरेख सही है ? यदि नहीं तो इसे संशोधित कीजिए।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार -3
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार -5

HBSE 8th Class Science कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में से आन्तरिक ग्रह है –
(अ) शक्र
(ब) शनि
(स) बृहस्पति
(द) यूरेनस ।
उत्तर:
(अ) शक्र

2. सूर्य से निकटतम ग्रह है
(अ) शुक्र
(ब) बुध
(स) शनि
(द) मंगल ।
उत्तर:
(ब) बुध

3. भारत का प्रथम कृत्रिम उपग्रह है
(अ) इन्सै ट – I
(ब) I.R.S. – I
(स) कल्पना – I
(द) आर्यभट्ट ।
उत्तर:
(द) आर्यभट्ट ।

4. सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह है
(अ) शनि
(ब) बृहस्पति
(स) मंगल
(द) बुध ।
उत्तर:
(ब) बृहस्पति

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) उस दिन को जब चन्द्रमा की पूर्ण चक्रिका दिखाई देती है ……………… कहते हैं।
(ख) पहचाने जाने योग्य आकृतियों वालें तारों के समूह को ……………… कहते हैं।
(ग) ………………. तारामण्डल की आकृति बड़ी कलछी या प्रश्न चिन्ह जैसी प्रतीत होती है।
(घ) सूर्य तथा इसकी परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिण्डों से मिलकर ……………… बना है।
उत्तर:
(क) पूर्णिमा
(ख) तारामण्डल
(ग) ग्रेट बीयर
(घ) सौर परिवार।

सुमेलन

कॉलम – Iकॉलम – II
1. सूर्य(क) परिक्रमण पथ
2. पृथ्वी(ख) धूमकेतु
3. कक्षा(ग) तारा
4. हेली(घ) कृत्रिम उपग्रह
5. आर्यभट्ट(ङ) ग्रह

उत्तर:

कॉलम – Iकॉलम – II
1. सूर्य(ग) तारा
2. पृथ्वी(ङ) ग्रह
3. कक्षा(क) परिक्रमण पथ
4. हेली(ख) धूमकेतु
5. आर्यभट्ट(घ) कृत्रिम उपग्रह

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सत्य / असत्य कथन

(क) रात्रि के आकाश में सबसे प्रदीप्त पिण्ड मंगल है।
(ख) पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा के कारण चन्द्रमा की कलाएँ बनती हैं।
(ग) सूर्य हमारे सौर मण्डल का सबसे बड़ा प्रदीप्त पिण्ड
(घ) बुध सौर मण्डल का सबसे छोटा तथा सूर्य का निकटतम ग्रह है।
उत्तर:
(क) असत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी से सूर्य की दूरी कितनी है ?
उत्तर:
किलोमीटर !

प्रश्न 2.
सूर्य के ग्रहों के नाम उनकी दूरी के अनुसार लिखिए।
उत्तर:
सौर परिवार के ग्रह : बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, तथा नेप्च्यून ।

प्रश्न 3.
विभिन्न मौसमों में कौन-सा ग्रह रंग बदलता है?
उत्तर:
मंगल ग्रह ।

प्रश्न 4.
‘प्रकाश वर्ष’ क्या है?
उत्तर:
प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी को प्रकाश वर्ष कहते हैं।

प्रश्न 5.
‘ग्रह’ की परिभाषा लिखिए ।
उत्तर:
वे ठोस आकाशीय पिण्ड जो सूर्य के चारों ओर अण्डाकार पथ में चक्कर लगाते हैं, ग्रह कहलाते हैं ।

प्रश्न 6.
किस कारण ध्रुव तारा विशिष्ट है?
उत्तर:
यह उत्तर दिशा को दर्शाता है तथा यह स्थिर रहता है, अन्य तारे इसके चारों ओर परिक्रमा लगाते नजर आते हैं।

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प्रश्न 7.
हैले धूमकेतु कब देखा गया ?
उत्तर:
सन् 1986 में ।

प्रश्न 8.
पृथ्वी के सबसे निकटतम कौन-सा ग्रह है?
उत्तर:
मंगल ग्रह ।

प्रश्न 9.
सूर्य के सबसे निकटतम तथा दूरस्थ ग्रह कौन-सा
उत्तर:
निकटतम ग्रह बुध तथा दूरस्थ ग्रह नेप्च्यून है ।

प्रश्न 10.
कृत्रिम उपग्रहों के कोई दो उपयोग लिखिए ।
उत्तर:
कृत्रिम उपग्रहों के उपयोग – सुदूर संवेदन तथा अनुसंधान, संचार के लिए ।

प्रश्न 11.
चन्दमा, पृथ्वी की एक परिक्रमा पूर्ण करने में कितने घूर्णन पूर्ण करता है?
उत्तर:
चन्द्रमा पृथ्वी की एक परिक्रमा पूर्ण करने में एक घूर्णन पूर्ण करता है।

प्रश्न 12.
किसी बड़े कमरे के बीच में खड़े होकर घूर्णन कीजिए। कमरे में रखी वस्तुएँ किस दिशा में गति करती प्रतीत होती है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
हमारी गति की विपरीत दिशा में।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या कारण है कि पृथ्वी सौरमण्डल का अनोखा ग्रह है?
उत्तर:
जीवन के लिये आवश्यक ऑक्सीजन और जल पृथ्वी में उपयुक्त मात्रा में उपलब्ध है। पृथ्वी का तापमान भी जीवन के लिए उचित है। इसके चारों तरफ ओजोन परतें हैं, ये परतें सजीवों को सूर्य की हानिकारक विकिरणों से बचाती हैं ! इसलिय पृथ्वी पर जीवन संभव है । इसी कारण पृथ्वी नारमाटान का अनोखा ग्रह है।

प्रश्न 2.
तारे तथा ग्रह में क्या अन्तर है?
उत्तर:
तारे तथा ग्रह में निम्नलिखित अन्तर हैंतारे –
(1) तारे असंख्य होते हैं ।
(2) तारे टिमटिमाते हैं ।
(3) तारों का आकार बड़ा होता है, किन्तु ये पृथ्वी से अधिक दूर होने के कारण छोटे दिखाई देते हैं ।
(4) तारों का अपना प्रकाश होता है।

ग्रह –
(1) मुख्य ग्रह केवल नौ हैं ।
(2) ग्रह टिमटिमाते नहीं हैं।
(3) ग्रह तारों की अपेक्षा काफी छोटे होते हैं।
(4) ग्रहों का अपना प्रकाश नहीं होता । ग्रह सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करने के कारण चमकते हैं।

प्रश्न 3.
तारा और उल्का तारा में अंतर लिखिए –
उत्तर:
तारा तथा उल्का तारा में निम्नलिखित अन्तर हैं –
तारा –
(1) तारों का आकार बहुत बड़ा होता है ।
(2) तारा गर्म गैसों जैसे- हाइड्रोजन और हीलियम से बनता है ।
(3) यह नाभिकीय क्रियाओं के कारण प्रकाश उत्सर्जित करता है।

उल्का तारा –
(1) टूटता तारा आकार में धूलकण से भी छोटा हो सकता है ।
(2) टूटता तारा चट्टानों और धातु कणों से बनता है।
(3) यह वायुमंडल में घर्षण के कारण उत्पन्न ऊर्जा से दीप्त होता है।

प्रश्न 4.
प्राकृतिक उपग्रह तथा कृत्रिम उपग्रह के बीच अंतर लिखिए ।
उत्तर:
प्राकृतिक उपग्रह तथा कृत्रिम उपग्रह में अन्तर निम्न प्रकार हैंप्राकृतिक उपग्रह-
(1) इन उपग्रहों में अन्वेषण कार्य की कोई व्यवस्था नहीं होती ।
(2) ये उपग्रह, ग्रहों से निकले हुए पदार्थों से बनते हैं।

कृत्रिम उपग्रह –
(1) इन उपग्रहों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए अन्वेषण कार्य किया जा सकता है ।
(2) इनका निर्माण मानव ने किया है।

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प्रश्न 5.
तारामण्डल कैसियोपिया के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
उत्तरी आकाश में एक प्रमुख तारामण्डल कैसिसोपिया है, जो सर्दियों में रात्रि के प्रथम प्रहर में दिखाई देता है। यह अंग्रेजी के अक्षर अथवा M के बिगड़े रूप जैसा दिखाई देता है।

प्रश्न 6.
ध्रुव तारे को छोड़कर सभी तार पूर्व से पश्चिम की ओर चलते प्रतीत होते हैं। कारण दीजिए ।
उत्तर:
पृथ्वी अपनी अक्ष पर घूमती है इसके कारण आकाश में तारों की आभासी गति होती है । पृथ्वी अपनी अक्ष पर पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर घूमती है जिसके कारण हमें आकाश के तारे उसकी विपरीत दिशा में (पूर्व से पश्चिम की ओर) चलते प्रतीत होते हैं। ध्रुव तारा हमें आकाश में स्थिर इस कारण दिखाई पड़ता है कि वह पृथ्वी के घूर्णन अक्ष के ठीक ऊपर होता है जो सदैव एक ही जगह पर रहती है और समय के साथ परिवर्तित नहीं होती।

प्रश्न 7.
धूमकेत के बारे में बताइए।
उत्तर:
धूमकेतु भी सौर परिवार का सदस्य है, ये अत्यन्त परवलीय कक्षाओं में सर्य की परिक्रमा करते हैं परन्त इनका सूर्य के परितः शक्रमः कान सामान्यतः काफी ज्यादा होता है । धूमकेतु चमकीले सिर व लम्बी पूंछ वाले होते हैं तथा पूँछ सदैव ही सूर्य से दूर की ओर होती है । बहुत से धूमकेतु ज्ञात हैं जो कि निश्चित समय अंतराल के उपरान्त दिखाई देते हैं । हैले धूमकेतु लगभग 76 वर्ष के अंतराल में दिखाई देता है, इसे सन् 1986 में पिछली बार देखा गया था ।

प्रश्न 8.
क्षुद्रग्रह क्या हैं ?
उत्तर:
मंगल एवं बृहस्पति की कक्षाओं के बीच बहुत बड़ा अन्तराल है, इस अन्तराल को बहुत सारे ऐसे छोटे-छोटे पिंडों ने घेर रखा है जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं। इन्हें छुद्रग्रह कहते हैं। इन्हें केवल बड़े दूरदर्शकों द्वारा ही देखा जा सकता है।

प्रश्न 9.
ओरॉयन तारामण्डल के बारे में बताइए ।
उत्तर:
यह तारा मण्डल सर्दियों में मध्य रात्रि में देखा जा सकता है इसमें सात अथवा आठ चमकीले तारे होते हैं यह आकाश में सर्वाधिक भव्य तारामण्डलों में गिना जाता है। ओरॉयन को शिकारी भी कहते हैं । इसके तीन मध्य के तारे शिकारी की बेल्ट (पेटी) को निरूपित करते हैं। चार चमकीले तारे चतुर्भुज के रूप में दिखाई देते हैं।

प्रश्न 10.
आकाश के किस भाग में तथा वर्ष के किस समय में निम्नलिखित तारे तथा तारामण्डल विखाई देते हैं? सप्तऋषि, ध्रुव तारा ।
उत्तर:
(1) सप्तऋषि – सप्तऋषि तारामण्डल ग्रीष्मकाल में आकाश के उत्तरी भाग में दिखाई देता है। इस तारामण्डल को ‘बिग डिपर’, ग्रेट बीयर’ भी कहते हैं । इसमें सात सुस्पष्ट तारे होते हैं । यह बड़ी कलछी अथवा प्रश्नचिन की भाति प्रतीत होता है । इस कलछी की हत्थी में तीन कटोरी में चार तारे होते हैं।
(2) ध्रुव तारा – ध्रुव तारा सारे वर्ष ही दिखाई देता है और वह आकाश में पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव (Northpole) : के ठीक ऊपर होता है।

प्रश्न 11.
कृत्रिम उपग्रह क्या हैं? इनके क्या उपयोग है?
उत्तर:
कृत्रिम उपग्रह – ये मानव निर्मित उपग्रह होते हैं। इनका प्रमोचन पृथ्वी से किया जाता है । ये पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह चन्द्रमा की तुलना में कहीं अधिक निकट रहकर पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं। भारत ने बहुत से पग्रहों का निर्माण तथा प्रमोचन किया है। आर्यभट्ट भारत का प्रथम उपग्रह था । कुछ अन्य भारतीय उपग्रह इन्सैट (INSAT), IRS, कल्पना-1, EDUSAT आदि
उपयोग – कृत्रिम उपग्रहों का उपयोग मौसम की भविष्यवाणी, रेडियो तथा टेलीविजन संकेतों के प्रेषण में किया जाता है ! इनका उपयोग दूरसंचार तथा सुदूर संवेदन के लिए भी होता है।

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प्रश्न 12.
मंगलयान पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारत का पहला मंगल कक्षित्र (ऑर्बिटर) मिशन-मंगलयान, 5 नवम्बर 2013 को प्रक्षेपित किया। यह 24 सितम्बर 2014 को मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुँच गया।
इस प्रकार भारत अपने प्रथम प्रयास में ही इस कार्य को करने वाला विश्व का प्रथम देश बना।

प्रश्न 13.
पूर्णिमा एवं अमावस्या के दिन क्या हैं? चन्द्रमा की कलाएँ क्या होती हैं। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जब चन्द्रमा की पूर्ण चक्रिका दिखाई देती है, उस दिन को पूर्णिमा कहते हैं। पूर्णिमा के पश्चात् प्रत्येक रात्रि को चन्द्रमा का चमकीला भाग घटता चला जाता है। पन्द्रहवें दिन चन्द्रमा नहीं दिखाई देता। यह दिन अमावस्या कहलाता है। अगले दिन चन्द्रमा का एक छोटा भाग आकाश में दिखाई देता है, इसे बालचन्द्र कहते हैं। इसके पश्चात् फिर प्रतिदिन चन्द्रमा बड़ा होता जाता है। पन्द्रहवें दिन एक बार फिर से हम चन्द्रमा का पूरा दृश्य देखते हैं। पूरे माह तक दिखने वाले चन्द्रमा के प्रदीप्त भाग की विभिन्न आकृतियों को चन्द्रमा की कलाएँ कहते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सीरियस क्या है? इनका प्रेक्षण कैसे करोगे?
उत्तर:
सीरियस : आकाश में उपस्थित अधिक चमकीला तारा सीरियस (लुब्धक) औरॉयन के निकट दिखाई देता है। सीरियस का प्रेक्षण : सीरियस को ढूंढने के लिए ओरॉयन के मध्य के तीन तारों से गुजरने वाली रेखा की कल्पना कीजिए तथा इसके अनुदिश पूर्व दिशा की ओर देखिए । इस रेखा के अनुदिश एक अत्यन्त चमकीला तारा स्पष्ट नजर आता है । यह सीरियस है।

प्रश्न 2.
उल्का को परिभाषित कीजिए । यह पृथ्वी के वायुमण्डल में प्रवेश करने पर क्यों जल जाती है ? यदि उल्का जले बगैर पृथ्वी पर गिर जाए तो क्या होगा । स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
उल्का : वे आकाशीय पिण्ड जिन्हें हम एक क्षण के लिए रात के समय आकाश में प्रकाश की एक चमकती हुई लकीर के रूप में देखते हैं।
जलने का कारण : ये वायुमंडल में प्रवेश करते समय घर्षण के कारण जल जाते हैं । यदि ये नहीं जलते हैं तो उल्का पिण्ड के रूप में पृथ्वी की सतह पर गिरते हैं तथा ज्वालामुखी व अन्य अधिक बड़े पैमाने के विनाश को उत्पन्न करते हैं।

प्रश्न 3.
सौर परिवार क्या है ? सूर्य एवं इसके सौर परिवार का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
सौर परिवार- सूर्य तथा इसकी परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिंडों द्वारा मिलकर सौर परिवार बनता है । सूर्य के सौर परिवार में आठ ग्रह हैं। सूर्य से दूरी के अनुसार इनके क्रम इस प्रकार हैं – बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्च्यून । इनके विवरण निम्नवत् हैं –
(1) बुध – यह सौर परिवार का बसे छोटा ग्रह है तथा यह सूर्य के बहुत निकट है । इसे सूर्योदय के तुरन्त पहले अथवा सूर्यास्त के तुरन्त पश्चात् क्षैतिज रेखा पर देखा जा सकता है । इसका कोई उपग्रह नहीं है।

(2) शुक्र – यह पृथ्वी का पड़ोसी ग्रह है । रात्रि में सबसे अधिक चमकीला है । कभी-कभी शुक्र ग्रह पूर्वी आकाश में सूर्योदय से पूर्व दिखाई देता है । कभी-कभी सूर्यास्त के तुरन्त बाद यह पश्चिमी आकाश में दिखाई देता है। इस कारण इसे प्रभात तारा (Morning star) अथवा सांध्य तारा भी कहते हैं ! यद्यपि यह तारा नहीं है।

(3) पृथ्वी – इस ग्रह पर जीवन का अस्तित्व है जिस पर हम रहते हैं । अन्तरिक्ष से देखने पर पृथ्वी के पृष्ठ पर जल तथा भूमि से प्रकाश के परावर्तित होने के कारण यह नीली-हरी प्रतीत होती है । पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह चन्द्रमा है । पृथ्वी का घूर्णन अक्ष इसकी कक्षा के तल के लम्बवत् नहीं है । इसका अपने अक्ष पर झुकाव पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन के लिए उत्तरदायी है।

(4) मंगल – पृथ्वी की कक्षा के बाहर पहला ग्रह मंगल है, यह हल्का रक्ताभ प्रतीत होता है इसीलिए इस ग्रह को लाल ग्रह भी कहते हैं । मंगल के दो छोटे प्राकृतिक उपग्रह

(5) गृहस्पति – यह सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह है । इसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 318 गुना है। यह अपने अक्ष पर बहुत तेज गति से घूर्णन करता है। बृहस्पति के बहुत से उपग्रह हैं । बृहस्पति के चारों – ओर धुंधले वलय हैं परन्तु बहुत अधिक चमकीला होने के कारण इसे आसानी से देख सकते हैं।

(6) शनि – बृहस्पति के परे शनि ग्रह है जो रंग में पीला प्रतीत होता है । इसे हम दूरदर्शक द्वारा आसानी से देख सकते हैं । शनि के भी बहुत से प्राकृतिक उपग्रह है। इस ग्रह का घनत्व जल के घनत्व से भी कम है ।

(7) यूरेनस – इसे केवल बड़े दूरदर्शक द्वारा ही देखा जा सकता है । यह पूर्व से पश्चिम दिशा में घूर्णन करता है । इसकी घूर्णन अक्ष अत्यन्त झुकी हुई हैं । इसके परिणामस्वरूप यह कक्षीय गति करते समय अपने पृष्ठ पर लुढ़कता सा प्रतीत होता है ।

(8) नेब्यून – यह भी सौर परिवार का बाह्य ग्रह है। इसे केवल बई दूरदर्शक द्वारा ही देखा जा सकता है। नोट – सौर परिवार के प्रथम चार ग्रह – बुध, शुक्र, पृथ्वी तथा मंगल को आन्तरिक ग्रह तथा बृहस्पति, शनि, यूरेनस एवं नेप्च्यून को बाह्यग्रह कहते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार

तारे एवं सौर परिवार Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ खगोलीय पिण्ड (Celestial objects) : आकाश में पाए जाने वाले पिण्ड जैसे – ग्रह, चन्द्रमा, तारे आदि खगोलीय पिण्ड कहलाते हैं।

→ उपग्रह (Satellite) : किसी ग्रह की परिक्रमा करने वाले पिण्ड को उपग्रह कहते हैं।

→ ग्रह (Planets) : वे ठोस आकाशीय पिण्ड जो सूर्य के चारों ओर अण्डाकार पथ में चक्कर लगाते रहते हैं। इनका अपना प्रकाश नहीं होता ।

→ क्षुद्रग्रह (Asterolds) : मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के अंतराल के बीच घूमने वाले छोटे-छोटे पिण्ड ।

→ धूमकेतु (Comets) : गैस तथा धूल से बना एक आकाशीय पिण्डु, जो प्रकाश के एक चमकीले गोले की तरह दिखाई पड़ता है । इसकी अत्यधिक लम्बी प्रकाशमय पूँछ होती है । लम्बी पूँछ होने के कारण इसे पुच्छल तारा भी कहते हैं।

→ उल्काएँ (Meteors) : यह छोटे-छोटे पिण्ड होते हैं जो कभी-कभी पृथ्वी के वायुमण्डल में प्रवेश कर जाते हैं। वह उल्का जो पृथ्वी के वायुमण्डल में प्रवेश करने पर पूर्णतया नहीं जलती तथा पृथ्वी की सतह पर पहुंच जाती है, उसे उल्का पिण्ड कहते हैं।

→ कृत्रिम उपग्रह (Artificial satellite) : मानव द्वारा पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया मशीनी उपग्रह।

→ प्रकाश वर्ष (Light year) : ग्रहों की दूरी नापने की एक इकाई।

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HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 11 जंतुओं और पादप में परिवहन

Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 11 जंतुओं और पादप में परिवहन Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 11 जंतुओं और पादप में परिवहन

HBSE 7th Class Science जंतुओं और पादप में परिवहन InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
रक्त का रंग लाल क्यों होता है?
उत्तर:
रक्त में लाल रुधिर कोशिकाओं में उपस्थित लाल वर्णक हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण रक्त का रंग लाल होता है।

प्रश्न 2.
पहेली सोच रही है कि हृदय के किस भाग में ऑक्सीजन समृद्ध रक्त होगा और किस भाग में कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त?
उत्तर:
हृदय के बायीं ओर के भाग में ऑक्सीजन से समृद्ध रक्त होता है तथा दार्थी ओर के भाग में कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त होता है।

प्रश्न 3.
पहेली जाना चाहती है कि क्या अन्य जन्तु भी मूत्र निष्कासन करते हैं?
उत्तर:
हाँ, अन्य जन्तु भी मूत्र निष्कासन करते हैं।

प्रश्न 4.
बूझो जानना चाहता है क्या स्पंज और हाइड्रा में भी रक्त होता है?
उत्तर:
नहीं।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 11 जंतुओं और पादप में परिवहन

प्रश्न 5.
पहेली ने देखा है कि यदि भिण्डी और अन्य सब्जियाँ सूख गई हों, तो उसकी माँ उन्हें कुछ देर के लिए जल में डुबो देती हैं। वह जानना चाहती है कि उनमें जल कैसे प्रवेश करता है।
उत्तर:
जल कुछ दूरी तक एक कोशिका से दूसरी कोशिका में संवहन के कारण प्रवेश कर सकता है।

HBSE 7th Class Science जंतुओं और पादप में परिवहन Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कॉलम A में दी गई मंरचनाओं का कॉलम B में दिये गये प्रक्रमों से मिलान कीजिए-

कॉलम Aकॉलम B
(क) रंध्र(i) जल का अवशोषण
(ख) जाइलम(ii) वाष्पोत्सर्जन
(ग) मूल रोम(iii) भोजन का परिवहन
(घ) फ्लोएम(iv) जल का परिवहन
(v) कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
(क) रंध्र(ii) वाष्पोत्सर्जन
(ख) जाइलम(iv) जल का परिवहन
(ग) मूल रोम(i) जल का अवशोषण
(घ) फ्लोएम(iii) भोजन का परिवहन

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) हृदय से रक्त का शरीर के सभी अंगों में परिवहन …………. के द्वारा होता है।
(ख) हीमोग्लोबिन …………………… कोशिकाओं में पाया जाता है।
(ग) धमनियाँ और शिराएँ ……………. के जाल द्वारा जुड़ी रहती हैं।
(घ) हृदय का लयबद्ध विस्तार और संकुचन ………………… कहलाता है।
(च) मानव शरीर के प्रमुख उत्सर्जित उत्पाद ……………… है।
(छ) पसीने में जल और ………………. होता है।
(ज) वृक्क अपशिष्ट पदार्थों को द्रव रूप में बाहर निकालते हैं, जिसे हम ……………….. कहते हैं।
(झ) वृक्षों में बहुत अधिक ऊँचाइयों तक जल पहुँचाने के कार्य में …………….. द्वारा उत्पन्न चूषण अभिकर्षण बल सहायता करता है।
उत्तर:
(क) धमनियों
(ख) लाल रक्त
(ग) केशिकाओं
(ब) हृदय स्पंदन
(च) यूरिया
(छ) लवण
(ज) मूत्र
(झ) वाष्पोत्सर्जन।

प्रश्न 3.
सही विकल्प का चयन करिए
(क) पादपों में जल का परिवहन होता है
(i) जाइलम के द्वारा
(ii) फ्लोएम के द्वारा
(iii) रंध्रों के द्वारा
(iv) मूलरोमों के द्वारा।
उत्तर:
(i) जाइलम के द्वारा

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 11 जंतुओं और पादप में परिवहन

(ख) मूलों द्वारा जल के अवशोषण की दर को बढ़ाया जा सकता है, उन्हें
(i) छाया में रखकर
(ii) मंद प्रकाश में रखकर
(iii) पंखे के नीचे रखकर
(iv) पॉलीथीन की थैली से ढककर।
उत्तर:
(iii) पंखे के नीचे रखकर

प्रश्न 4.
पादपों अथवा जन्तुओं में पदार्थों का परिवहन क्यों आवश्यक है ? समझाइए।
उत्तर:
पौधों तथा जन्तुओं के शरीर की संरचना जटिल प्रकार की होती है। शरीर के विभिन्न अंगों के कार्य भी भिन्न-भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिए; पौधों की जड़ें पानी का अवशोषण करती हैं और पत्तियों का कार्य है भोजन निर्माण करना। अतः भोजन को जड़ों तक तथा जड़ों से जल को पत्तियों तक पहुँचाना आवश्यक होता है। इसी प्रकार हमारे शरीर में भोजन का अवशोषण आँतों में होता है, जिसे सम्पूर्ण शरीर में पहुँचाना आवश्यक होता है। इसीलिए पौधों एवं जन्तुओं में परिवहन होता है।

प्रश्न 5.
क्या होगा यदि रक्त में पट्टिकाणु नहीं होंगे?
उत्तर:
रुधिर में उपस्थित पट्टिकाणु चोट लगने पर रक्त का थक्का बनाने में सहायता करते हैं जिससे शरीर से रक्त अधिक समय तक नहीं बहता है। यदि रक्त में रुधिराणु नहीं होंगे तो रक्त का थक्का नहीं बनेगा और चोट लगने पर अधिक रक्तस्राव होने से व्यक्ति की मृत्यु हो जायेगी।

प्रश्न 6.
रन्ध्र क्या हैं ? रन्नों के दो कार्य बताइए।
उत्तर:
पादपों की पत्तियों एवं कुछ अन्य हरे भागों में सूक्ष्म छिद्र उपस्थित होते हैं जिन्हें रंध्र कहते हैं।
रन्ध्रों के कार्य-

  1. रन्धों द्वारा पौधों के लिए वायु से श्वसन तथा प्रकाश संश्लेषण के लिए गैसों का विनिमय होता है।
  2. रन्ध्रों द्वारा वाष्पोत्सर्जन होता है जिससे अतिरिक्त जल पत्ती से बाहर निकाला जाता है।

प्रश्न 7.
क्या वाष्पोत्सर्जन पादपों में कोई उपयोगी कार्य करता है?
उत्तर:
हाँ, वाष्पोत्सर्जन के कारण पौधों में एक चूषण अभिकर्षण बल उत्पन्न होता है। इस बल के कारण जड़ों द्वारा अवशोषित जल पौधों में ऊपर चढ़ता है।

प्रश्न 8.
रक्त के घटकों के नाम बताइए।
उत्तर:
रक्त के घटक हैं लाल रक्त कोशिकाएँ, श्वेत रक्त कोशिकाएँ तथा पट्टिकाणु। ये सभी रक्त प्लाज्मा में तैरते रहते हैं।

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प्रश्न 9.
शरीर के सभी अंगों को रक्त की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर:
शरीर के सभी अंगों को रक्त की आवश्यकता होती है क्योंकि रक्त आँतों से अवशोषित भोजन को शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाता है। रक्त ही ऑक्सीजन तथा अन्य पदार्थों को एक अंग से दूसरे अंगों तक ले जाता तथा वापस लाता है।

प्रश्न 10.
रक्त लाल रंग का क्यों दिखाई देता है ?
उत्तर:
रक्त में लाल रुधिर कोशिकाओं की संख्या सर्वाधिक होती है। इन कोशिकाओं में लाल रंग का वर्णक हीमोग्लोबिन उपस्थित होता है, जिससे रक्त लाल रंग का दिखाई देता है।

प्रश्न 11.
हृदय के कार्य बताइए।
उत्तर:
हृदय का प्रमुख कार्य ऑक्सीजन समृद्ध रक्त को शरीर के सभी अंगों में भेजना तथा कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त को सभी अंगों से वापस लेकर, इसे ऑक्सीजन समृद्ध होने के लिए फेफड़ों में भेजना है। .

प्रश्न 12.
शरीर द्वारा अपशिष्ट पदार्थों को उत्सर्जित करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
अपशिष्ट पदार्थों का शरीर में एकत्र रहना नुकसानदायक होता है इसीलिए इन्हें शरीर से बाहर निकालना आवश्यक है।

प्रश्न 13.
मानव उत्सर्जन तंत्र का चित्र बनाइए और उसके विभिन्न भागों को नामांकित कीजिए।
उत्तर:
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HBSE 7th Class Science जंतुओं और पादप में परिवहन Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए
1. रक्त को हृदय से अंगों एवं ऊतकों की ओर ले जाती
(क) धमनी
(ख) शिराएँ
(ग) लिम्फ वाहिकाएँ
(घ) कोशिकाएँ
उत्तर:
(क) धमनी

2. हीमोग्लोबिन उपस्थित होता है
(क) श्वेत रक्त कणिकाओं में
(ख) लाल रक्त कणिकाओं में
(ग) पट्टिकाणुओं में
(घ) लसीकाणुओं में
उत्तर:
(ख) लाल रक्त कणिकाओं में

3. धमनियों में बहता है
(क) ऑक्सीजन समृद्ध रक्त
(ख) कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त
(ग) प्लाज्मा रहित रक्त
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) ऑक्सीजन समृद्ध रक्त

4. हमारे हृदय में कक्षों की संख्या होती हैं
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच
उत्तर:
(ग) चार

5. मनुष्य के मुख्य उत्सर्जी अंग हैं
(क) त्वचा
(ख) मलाशय
(ग) मूत्राशय
(घ) वृक्क
उत्तर:
(घ) वृक्क

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II. रिक्त स्थान

निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए
1. हदय और रक्त वाहिनियाँ संयुक्त रूप से हमारे शरीर का ………… बनाती हैं।
2. ………… की कमी होने पर शरीर की सभी कोशिकाओं को कुशलतापूर्वक ऑक्सीजन प्रदान करना कठिन होता हैं।
3. ………… की दीवार मोटी तथा प्रत्यास्थ होती है।
4. जल और पोषक तत्वों के परिवहन के लिए पौधों में उपस्थित ऊतक ………… कहलाता है।
उत्तर:
1. परिसंचरण तंत्र
2. हीमोग्लोबिन
3. धमनी
4. जाइलम।

III. सुमेलन

कॉलम ‘A’ तथा कॉलम ‘B’ के शब्दों का मिलान कीजिए-

कॉलम Aकॉलम B
1. धमनी(a) जाइलम व फ्लोएम
2. शिरा(b) ऑक्सीजन समृद्ध रक्त
3. केशिका(c) ऑक्सीजन विहीन रक्त
4. संवहन ऊतक(d) ऊँतकों में वितरण

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
1. धमनी(b) ऑक्सीजन समृद्ध रक्त
2. शिरा(c) ऑक्सीजन विहीन रक्त
3. केशिका(d) ऊँतकों में वितरण
4. संवहन ऊतक(a) जाइलम व फ्लोएम

IV. सत्य/असत्य

निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य कथन छाँटिए
1. श्वेत रक्त कणिकाएँ ऑक्सीजन का परिवहन करती हैं।
2. रक्त का ऑक्सीजन समृद्धीकरण फेफड़ों में होता है।
3. उत्सर्जन तंत्र मूत्र निर्माण एवं इसके निष्कासन में भाग लेता है।
4. पौधों में जाइलम व फ्लोएम से बना संवहन ऊतक पाया जाता है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
3. सत्य
4. सत्य।

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्लाज्मा क्या होता है ?
उत्तर:
रक्त का आधारभूत द्रव जिसमें रक्त कोशिकाएँ निलम्बित होती हैं, प्लाज्मा कहलाता है।

प्रश्न 2.
स्वेद (पसीना) आने का क्या लाभ है?
उत्तर:
यह शरीर के ताप नियन्त्रण में सहायक होता है।

प्रश्न 3.
स्पंदन दर से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
नाड़ी की प्रति मिनट की गति को स्पंदन दर कहते हैं।

प्रश्न 4.
हृदय गति मापने के लिए किस यंत्र का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
स्टेथोस्कोप का।

प्रश्न 5.
यदि हृदय में कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन से समृद्ध रक्त परस्पर मिश्रित हो जाये तो क्या होगा?
उत्तर:
इससे शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जायेगी।

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प्रश्न 6.
धमनी एवं शिरा में एक अन्तर लिखिए।
उत्तर:
धमनी अपेक्षाकृत मोटी दीवार वाली होती है, जबकि शिराएँ पतली दीवार वाली होती हैं।

प्रश्न 7.
श्वेत रक्त कोशिकाएँ हमारे शरीर में क्या कार्य करती हैं ?
उत्तर:
रोग कारक रोगाणुओं को नष्ट करती हैं।

प्रश्न 8.
हृदय को पंपिंग स्टेशन क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
हृदय रक्त को हमारे सम्पूर्ण शरीर में पम्प करता है।

प्रश्न 9.
हृदय के दो प्रमुख भाग कौन-से होते हैं?
उत्तर:
(i) अलिन्द और
(ii) निलय।

प्रश्न 10.
रक्त परिसंचरण की खोज किसने की?
उत्तर:
विलियम हार्वे ने।

प्रश्न 11.
नाड़ी स्पंदन क्या है? यह क्यों होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
धमनी में रुधिर के प्रवाह के कारण स्पंदन होता है। यह स्पंदन नाड़ी स्पंदन कहलाता है और यह धमनियों में प्रवाहित हो रहे रक्त के कारण होता है। यह स्पन्दन एक मिनट में 72 बार होता है।

प्रश्न 12.
मूत्र के घटक क्या होते हैं ?
उत्तर:
मूत्र में 95% जल, 2.5% यूरिया तथा 2.5% अन्य अपशिष्ट होते हैं।

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प्रश्न 13.
पौधों के दो संवहन ऊतकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) जाइलम तथा
(ii) फ्लोएम।

प्रश्न 14.
पौधों में जल तथा खनिजों का अवशोषण कौन-सा अंग करता है ?
उत्तर:
जड़ों पर उपस्थित मूल रोम।

प्रश्न 15.
आलू की गुहाँ में जल का प्रवेश किस कारण हो जाता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
संवहन (परासरण) प्रक्रिया के कारण।

प्रश्न 16.
विशाल वृक्षों में इतनी अधिक ऊँचाई तक जल का आरोहण किस कारण होता है?
उत्तर:
वाष्पोत्सर्जन से उत्पन्न अभिकर्षण बल (खिंचाव) के कारण।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
परिसंचरण तन्त्र का व्यवस्था चित्र बनाइए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
रक्त का संगठन लिखिए। इसके विभिन्न घटकों के कार्य भी लिखिए।
उत्तर:
रक्त मुख्यतः दो घटकों से मिलकर बना होता
(1) प्लाज्मा – यह रक्त का तरल भाग है, यह हल्के पीले रंग का होता है। इसी में विभिन्न प्रकार की रक्त कोशिकाएँ तथा अन्य पदार्थ निलम्बित रहते हैं।
(2) रक्त कोशिकाएँ – प्लाज्मा में मुख्यत: तीन प्रकार की कोशिकाएँ पायी जाती हैं
(a) लाल रक्त कोशिकाएँ हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण ये लाल रंग की होती हैं। ये मुख्यतः ऑक्सीजन का वहन करती हैं।
(b) श्वेत रक्त कोशिकाएँ—ये रंगहीन होती हैं। ये शरीर में प्रवेश करने वाले रोगाणुओं को नष्ट करती हैं।
(c) पट्टिकाणु-ये डिस्क के आकार की कोशिकाएँ होती हैं। ये चोट लगने पर रुधिर का थक्का बनाती हैं।

प्रश्न 3.
धमनी और शिरा में अन्तर लिखिए।
उत्तर:

धमनीशिरा
(i) हृय से ऑक्सीजन समृद्ध रक्त का वितरण करती हैं।(i) ये कार्बन डाइऑक्साइड से समृद्ध रक्त को वापस हृदय में लाती हैं।
(ii) ये प्राय: शरीर में गहराई में स्थित होती हैं।(ii) ये प्रायः सतह पर होती हैं।
(iii) इनकी दीवार मोटी होती है।(iii) इनकी दीवार पतली होती है।
(iv) रक्त प्रवाह झटके से तथा अधिक दाब के साथ होता है।(iv) रक्त प्रवाह समान और धीरे-धीरे होता है।
(v) चमकीली लाल होती हैं।(v) हल्के नीले रंग वाली होती हैं।

प्रश्न 4.
मानव में उत्सर्जन कैसे होता है?
उत्तर:
मानव में मुख्य उत्सर्जी अंग एक जोड़ी वृक्क (गुर्दे) होते हैं। ये यूरिया युक्त रक्त का निस्यंदन करके मूत्र का निर्माण करते हैं। मानव का मुख्य उत्सर्जी उत्पाद यूरिया होता है जिसका निर्माण यकृत में होता है। यकृत से यूरिया युक्त रक्त वृक्कों में आता है। वृक्कों में असंख्य नेफ्रोन होते हैं। ये रक्त से अधिक मात्रा में जल और इसमें घुलित यूरिया को छान देते हैं। वृक्कों में ही जल की काफी मात्रा को पुनः अवशोषित कर लिया जाता है, शेष भाग मूत्र कहलाता है। वाहिनियों द्वारा मूत्र, मूत्राशय में लाया जाता है। मूत्राशय में एकत्र मूत्र को समय-समय पर मूत्र रन्ध्र से होकर बाहर निकाल दिया जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
4-5 मिनट तक दौड़ने के बाद पुनः हृदय स्पंदन की दर ज्ञात कीजिए। अपने प्रेक्षणों की तुलना कीजिए। अपनी तथा अपने मित्रों की विश्राम अवस्था में तथा 4-5 मिनट दौड़ने के बाद हृदय स्पंदन तथा नाड़ी स्पंद (पल्स) दर सारणी में रिकॉर्ड कीजिए। क्या आपको अपने हृदय स्पंदन और नाड़ी स्पंद दर के बीच कोई सम्बन्ध दिखाई देता है ? प्रत्येक हृदय स्पंदन धमनियों में एक स्पंद उत्पन्न करता है। प्रति मिनट धमनी में उत्पन्न स्पंद, हृदय स्पंदन दर को बताती है। (क्रियाकलाप)
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प्रश्न 2.
मानव हृदय का नामांकित चित्र बनाकर इसकी कार्यविधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हृदय:
हदय बन्द मुट्ठी के आकार की संरचना है। यह हमारे शरीर में पम्पिंग स्टेशन का कार्य करता है। यह वक्ष गुहा में स्थित होता है। हमारे हृदय में चार कक्ष होते हैं-दायाँ अलिन्द, बायाँ अलिन्द, दायाँ निलय तथा बायाँ निलय । दायें अलिन्द से महाशिरा तथा बाउँ अलिन्द से फुफ्फुस धमनी निकलती हैं। बायें तथा दायें निलय के बीच एक दीवार उपस्थित होती है जो ऑक्सीजन युक्त तथा कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रुधिर को पृथक करती है।
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कार्यविधि:
शरीर के विभिन्न अंगों से लाया गया अशुद्ध रक्त महाशिराओं द्वारा दाहिने अलिन्द में छोड़ा जाता है जहाँ से यह दाहिने निलय में आता है। दाहिना निलय अशुद्ध रक्त को फुफ्फुस धमनी द्वारा फेंफड़ों में भेजता है। फेंफड़ों में रक्त को ऑक्सीजन समृद्ध (शुद्ध) किया जाता है। अब फेंफड़ों से शुद्ध रक्त फुफ्फुस शिरा द्वारा बायें अलिन्द में लाया जाता है। यहाँ से इसे बायें निलय में भेजा जाता है। बायें निलय से शुद्ध रक्त को महाधमनी द्वारा सम्पूर्ण शरीर में पम्प कर दिया जाता है।

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प्रश्न 3.
पौधों में जल के अवशोषण तथा इसके परिवहन का वर्णन कीजिए। यह भी बताइए कि पौधों में खाद्य पदार्थों का परिवहन कैसे होता है।
उत्तर:
पौधों में जल तथा खाद्य पदार्थों का परिवहन क्रमशः जाइलम तथा फ्लोएम द्वारा होता है। ये दोनों विशेष प्रकार के संवहन ऊतक होते हैं तथा सम्पूर्ण पौधे में एक जाल बनाकर वितरित रहते हैं।
जल का अवशोषण तथा आरोहण:
पौधे जल का अवशोषण जड़ों पर स्थित मूल रोमों द्वारा करते हैं। अवशोषित जल तथा लवणों को विभिन्न कोशिकाओं से होते हुए जाइलम (दारू) तक पहुंचा दिया जाता है। जाइलम ऊतक जल एवं खनिजों को पौधों के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है। इस कार्य में वाष्पोत्सर्जन खिंचाव महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
खाद्य पदार्थों का स्थानान्तरण-खाद्य पदार्थों का निर्माण पौधे के हरे भागों मुख्यतः पत्तियों में होता है। पत्तियों में निर्मित खाद्य पदार्थ जल में घुलकर फ्लोएम (पोषवाह) द्वारा पौधे के विभिन्न अंगों तक पहुँचाये जाते हैं।
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जंतुओं और पादप में परिवहन Class 7  HBSE Notes in Hindi

→ अधिकांश जन्तुओं के शरीर में प्रवाहित होने वाला रक्त शरीर की विभिन्न कोशिकाओं को भोजन और ऑक्सीजन का वितरण करता है। यह शरीर के विभिन्न भागों से उत्सर्जन के लिए अपशिष्ट पदार्थों को भी लाता है।
→ परिसंचरण तंत्र में हृदय और रक्त वाहिनियाँ होती हैं।
→ मानव शरीर में रक्त, धमनियों और शिराओं में प्रवाहित होता है तथा हृदय पम्प की तरह कार्य करता है।
→ रक्त में प्लाज्मा, लाल रक्त कणिकाएँ (RBCs), श्वेत रक्त कणिकाएँ (WBCs) और पट्टिकाणु होते हैं। रक्त का लाल रंग, लाल वर्णक युक्त हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण होता है।
→ शरीर में विभिन्न प्रकार की रक्त वाहिनियाँ होती हैं जो रक्त को शरीर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाती हैं।
→ धमनियाँ हृदय से शरीर के सभी अन्य भागों में रक्त को ले जाती हैं।
→ शिराएँ शरीर के सभी भागों से रक्त को वापस हृदय में लाती हैं।
→ किसी वयस्क व्यक्ति का हृदय एक मिनट में लगभग 70-80 बार धड़कता है। इसे हृदय स्पंदन दर कहते हैं।
→ ऊतकों में पहुँचकर धमनियाँ अत्यंत महीन नलिकाओं में विभाजित हो जाती हैं जिन्हें कोशिकाएँ कहते हैं।
→ हृदय वह अंग है, जो रक्त द्वारा पदार्थों के परिवहन के लिए पंप के रूप में कार्य करता है। हृदय चार कक्षों में बँटा होता है। ऊपरी दो कक्ष अलिन्द तथा निचले दो कक्ष निलय कहलाते हैं।
→ शरीर में से अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालने का प्रक्रम उत्सर्जन कहलाता है।

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→ मानव उत्सर्जन तन्त्र में दो वृक्क (गुर्दे), दो मूत्र वाहिनियाँ, एक मूत्राशय और एक मूत्र मार्ग होता है।
→ लवण और यूरिया जल के साथ स्वेद (पसीने) के रूप में शरीर से बाहर निकाल दिये जाते हैं।
→ मछली अपशिष्ट पदार्थ के रूप में अमोनिया उत्सर्जित करती है, जो सीधे जल में घुल जाती है।
→ पक्षी कीट और छिपकली अर्ध ठोस (सेमी सॉलिड) रूप में यूरिक अम्ल का उत्सर्जन करते हैं।
→ पादप मूलों द्वारा जल और पोषक तत्व मृदा से अवशोषित होते हैं। पूरे पादप में जल के साथ पोषक तत्व जाइलम नामक संवहन ऊतक द्वारा ले जाये जाते हैं। पादप के विभिन्न भागों में भोजन का परिवहन फ्लोएम नामक संवहन ऊतक के द्वारा होता है।
→ वाष्पोत्सर्जन के दौरान रन्ध्रों से वाष्प के रूप में बड़ी मात्रा में जल का रास होता है।
→ वाष्पोत्सर्जन के कारण एक चूषण बल निर्मित होता है, जिसके कारण मूलों द्वारा मृदा में से अवशोषित जल अभिकर्षित (खिंचकर) होकर तने और पत्तियों तक पहुँचता है।
→ परिसंचरण तन्त्र – हृदय, धमनियों, शिराओं एवं केशिकाओं से बना तन्त्र जो हमारे सम्पूर्ण शरीर में रुधिर का संचारण करता है।
→ रक्त – एक तरल पदार्थ (तरल संयोजी ऊतक) जो हृदय और वाहिनियों में बहता है।
→ प्लाज्मा – रुधिर कणिकाओं रहित रक्त का पीला तरल भाग प्लाज्मा कहलाता है।
→ लाल रक्त कोशिकाएं – रुधिर का एक अवयव जिनका रंग लाल होता है।
→ हीमोग्लोबिन – लाल रक्त कणिकाओं में पाया जाने वाला एक श्वसन रंजक।
→ श्वेत रक्त कणिकाएँ – रूधिर अवयव जिसका कार्य शरीर की रक्षा प्रक्रिया में भाग लेना है।
→ पट्टिकाणु – रक्त में प्लेट के आकार की कणिकाएँ।
→ रक्त वाहिनियाँ – रक्त का पूरे शरीर में परिसंचरण कराने वाली पतली नलियाँ।
→ धमनी – हृदय से शरीर के अंगों को ऑक्सीजन से समृद्ध रुधिर ले जाने वाली वाहिकाएँ।
→ शिरा – रक्त वाहिनियाँ जो रूधिर को शरीर के अंगों से हृदय में लाती हैं।
→ हृदय स्पंदन – हृदय का धड़कना।
→ केशिका – रक्त वाहिनियाँ ऊतकों में जाकर अत्यन्त पतली सूक्ष्म नलिकाओं में बँट जाती हैं, ये केशिकाएँ कहलाती है।
→ नाड़ी स्पंद – धमनी में रुधिर का रूक-रूक कर बहना।
→ स्टेथोस्कोप – हृदय की धड़कन सुनने का यन्त्र जो डॉक्टरों के पास रहता है।
→ हृदय – एक मांसल अंग जो रक्त को शरीर में पंप करता है।
→ उत्सर्जन – शरीर से उपापचय के फलस्वरूप अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया।
→ उत्सर्जन तन्त्र – उत्सर्जन की क्रिया में भाग लेने वाले सभी अंग उत्सर्जन तन्त्र बनाते हैं।
→ वृक्क/गुर्दा – प्रमुख उत्सर्जी अंग जो रक्त से मूत्र को अलग करते हैं।
→ डायलाइसिस/अपोहन – जब वृक्क अपना काम बन्द कर देते हैं तो कृत्रिम रूप से वृक्कों का कार्य सम्पन्न कराया जाता है, इसे डायलाइसिस या अपोहन कहते हैं।
→ पसीना/स्वेद – अपशिष्ट पदार्थों से युक्त द्रव जो त्वचा से बाहर निकलता है।
→ मूलरोम – मूल पर उपस्थित बाल जैसी रचनाएँ जो मृदा से जल एवं खनिजों का अवशोषण करती हैं।
→ ऊतक – कोशिकाओं का ऐसा समूह जो संरचना, उत्पत्ति एवं कार्य में समान होता है, ऊतक कहलाता है।
→ जाइलम/दारू – पौधों का एक ऊतक जो जल एवं खनिज लवर्णो का संवहन करता है।
→ फ्लोएम/पोषवाह – पौधों का एक संवहनी ऊतक जो भोज्य पदार्थों का संवहन करता है।

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HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण

HBSE 8th Class Science वायु तथा जल का प्रदूषण InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 242)

प्रश्न 1.
क्या अम्लीय वर्षा खेतों की मिट्टी (मृदा) तथा पौधों को भी प्रभावित करती है
उत्तर:
हाँ, अम्लीय वर्षा का प्रभाव खेतों की मिट्टी तथा पौधों पर भी पड़ता है । इससे मिट्टी प्रदूषित हो जाती है तथा पौधों पर भी अनेक हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 242)

प्रश्न 2.
वायमण्डल में co.की मात्रा कैसे बढ़ती है और इसका आधिक्य कैसे हो जाता है ?
उत्तर:
मानव अपनी आवश्यकता के लिए वनों को काटता जा रहा है। पौधे प्रकाश संश्लेषण के लिए वायुमंडल में उपस्थित CO2 का प्रयोग करते हैं । वनोन्मूलन के कारण CO2 की मात्रा बढ़ जाती है, क्योंकि CO2 का प्रयोग करने वालें वृक्षों की संख्या घट जाती है । इस तरह मानवीय क्रियाकलाप वायुमंडल में CO2 के संचय में योगदान देते हैं। CO2 ऊष्मा को रोक लेती हैं तथा उसे वायुमंडल में नहीं जाने देती। इसके फलस्वरूप वायुमंडल के औसत ताप में निरन्तर वृद्धि हो रही है । इसे ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण

HBSE 8th Class Science वायु तथा जल का प्रदूषण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
किन विभिन्न विधियों द्वारा जल का संदूषण होता है?
उत्तर:
जल संदूषण की विधियाँ :
(क) तेल रिसाव – तेल निकालते समय पेट्रोलियम के समुद्र में रिसने से और जहाजों के संचालन से समुद्री जल प्रदूषित होता है।
(ख) संश्लेषित अपमार्जक से – इनका कपड़े धोने में अत्यधिक प्रयोग करने से झाग उत्पन्न होते हैं, तथा यह जल को प्रदूषित करते हैं।
(ग) औद्योगिक इकाइयों द्वारा- फैक्टरियों से निकलने वाला कचरा नदियों और झीलों में मिलकर जल को प्रदूषित करता है।
(घ) रेडियोधर्मी कचरे से – नाभिकीय रिएक्टर संयंत्रों से निकलने वाला कचरा जल को प्रदूषित करता है।

प्रश्न 2.
व्यक्तिगत स्तर पर आप वायु प्रदूषण को कम करने में कैसे सहायता कर सकते हैं?
उत्तर:
व्यक्तिगत स्तर पर वायु प्रदूषण को निम्न उपायों द्वारा कम किया जा सकता है –
(1) जन परिवहन का प्रयोग करके।
(2) घरों के आस-पास पेड़-पौधे लगाकर।
(3) निजी वाहनों का इस्तेमाल कम करना या सीसा रहित पेट्रोल का उपयोग करना।
(4) कूड़ा-करकट तथा टायरों आदि के जलाने पर रोक लगाकर ।

प्रश्न 3.
स्वच्छ, पारशी जल सवैव पीने योग्य होता है। टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
देखने में स्वच्छ, पारदर्शी जल सदैव पीने योग्य नहीं होता क्योंकि ऐसे जल में सूक्ष्मजीव और अशुद्धियाँ हो सकती हैं। सूक्ष्मजीव रोगों के वाहक हो सकते हैं तथा हमारे शरीर के लिए अत्यन्त हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए जल फिल्टर किया हुआ अथवा उबला हुआ पीने योग्य होता

प्रश्न 4.
आप अपने शहर की नगरपालिका के सदस्य हैं। ऐसे उपायों की सूची बनाइए जिससे शहर के सभी निवासियों को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
उत्तर:
स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु उपाय –
(1) घरों में जल का संचरण करने से पहले उसका शोधन करना चाहिए।
(2) उद्योगों के अपशिष्ट को जल-स्रोतों में फेंकने से पहले उपचारित करना चाहिए ।
(3) औद्योगिक इकाइयों के लिए बनाए गए नियमों को सख्ती से लागू करना चाहिए ताकि प्रदूषित जल को सीधे ही नदियों अथवा झीलों में नहीं मिलाया जा सके।
(4) कम उपयोग, पुनः उपयोग, पुनः चक्रण हमारा मूल मंत्र होना चाहिए ।

प्रश्न 5.
शुद्ध वायु तथा प्रदूषित वायु में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शुद्ध वायु तथा प्रदूषित वायु में निम्नलिखित अन्तर शुद्ध वायु –
(1) शुद्ध वायु स्वच्छ, ताजा एवं पारदर्शी होती है ।
(2) इसमें सूक्ष्मजीव उपस्थित नहीं होते हैं ।
(3) इसमें दुर्गध नहीं होती ।
(4) धुओं और धूल के कण दिखाई नहीं देते हैं।

प्रदूषित वायु –
(1) ऐसी वायु गंदी और पारभासी होती है ।
(2) सूक्ष्मजीव उपस्थित होते हैं ।
(3) दुर्गध हो सकती है ।
(4) धुआँ तथा धूल के कण दिखाई देते हैं।

प्रश्न 6.
उन अवस्थाओं की व्याख्या कीजिए जिनसे अम्ल वर्षा होती है । अम्ल वर्षा हमें कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर:
प्रदूषित वायु में उपस्थित सल्फर डाईऑक्साइड व नाइट्रोजन डाईऑक्साइड जैसी गैसे वायुमण्डल में उपस्थित जल वाष्प से अभिक्रिया करके क्रमशः सल्फ्यूरिक अम्ल व नाइट्रिक अम्ल का निर्माण करती हैं। ये अम्ल वर्षा के साथ नीचे आते हैं । वर्षा में घुलं इन अम्लों के प्रभाव के कारण यह वर्षा अम्लीय वर्षा कहलाती है।

अम्लीय वर्षा के प्रभाव-
(1) अम्ल वर्षा का जल मिट्टी की अम्लीयता को भी बढ़ा देता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता नष्ट हो जाती है।
(2) अम्लीय वर्षा का जल नदी, झीलों तथा अन्य जल-स्रोतों में जाकर उन्हें भी अम्लीय (दूषित) कर देता है । यह प्रदूषित जल अनेक रोगों का कारक बनता है।
(3) जब यह अम्लीय वर्षा ऐतिहासिक स्मारकों के ऊपर गिरती है तो इसमें उपस्थित अम्ल ऐतिहासिक स्मारक के संगमरमर के साथ रासायनिक अभिक्रिया करके उसे धीरे-धीरे क्षति पहुंचाता है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-सी गैस पौधा-घर गैस नहीं है?
(क) कार्बन डाईऑक्साइड ।
(ख) सल्फर डाईऑक्साइड।
(ग) मेथेन ।
(घ) नाइट्रोजन ।
उत्तर:
(घ) नाइट्रोजन ।

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प्रश्न. 8.
पौधा घर प्रभाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पौधा-घर प्रभाव-सूर्य के प्रकाश की किरणें पृथ्वी की सतह को गर्म करती हैं । कुछ विकरित किरणें परावर्तित होकर वापस अंतरिक्ष में लौट जाती हैं। कुछ भाग वायुमंडल में रुककर पृथ्वी को और गर्म करता है। सूर्य की ऊष्मा पौधा-घर (यह शब्द शीशा घर से लिया गया है, जहाँ हरे पौधे रखे जाते हैं) में प्रवेश करने के पश्चात् बाहर नहीं निकल पाती । यही रुकी हुई ऊष्मा पौधा घर को गर्म करती है । पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा रोके गए विकिरण यही कार्य करते हैं । इसी कारण इसे पौधा-घर प्रभाव कहते हैं । इस प्रक्रम के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है किन्तु CO2 व अन्य उत्तरदायी गैसों के कारण यह प्रक्रम अब जीवन के लिए खतरा बन गया है।

प्रश्न 9.
आपके द्वारा कक्षा में विश्व उष्णन के बारे में दिया जाने वाला संक्षिप्त भाषण लिखिए ।
उत्तर:
विश्व उष्णन :
विश्व ऊष्णन का अर्थ है- विश्व के तापमान में वृद्धि । पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में CO2 का उपयोग करते हैं, जिससे वायु में CO2 की मात्रा में कमी आ जाती है | CO2 की खपत करने वाले वृक्षों की संख्या में निरन्तर कमी आ रही है, जिससे CO2 की मात्रा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इस प्रकार CO2 के संचय के लिए मानव उत्तरदायी है | CO2 ऊष्मा को रोक लेती है, वायुमंडल में नहीं जाने देती । इसके फलस्वरूप वायुमंडल के ताप में निरन्तर वृद्धि हो रही है। इसे वैश्विक ऊष्णन कहते हैं ।

मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड तथा जलवाष्प जैसी अन्य गैसें भी इस प्रभाव में योगदान करती हैं | CO2 की भाँति इन्हें भी ‘पौधा-घर गैसें’ कहते हैं। विश्व ऊष्णन से उत्पन्न हो सकने वाली समस्याएँ – हिमनद पिघल जाएंगे, निम्न क्षेत्र डूब जाएंगे, वर्षा पर प्रभाव पड़ेगा । समुद्र तल ऊँचा उठेगा, इसके फलस्वरूप कृषि, वन तथा रहन-सहन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा । इस कारण विश्व ऊष्णन को रोकने के लिए उचित और शीघ्र उपाय लागू करने चाहिए ।

प्रश्न 10.
ताजमहल की सुन्दरता पर संकट का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ताजमहल-ताजमहल विश्व के सात अजूबों में से एक है। आगरा में स्थित ताजमहल पिछले दो दशकों से देशी-विदेशी पर्यटकों को सर्वाधिक आकर्षित कर रहा है । सफेद संगमरमर से बनी यह सफेद इमारत प्रदूषण से प्रभावित हो रही है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषक सफेद संगमरमर को बदरंग कर रहे हैं । आगरा तथा इसके चारों ओर स्थित रबड़ प्रक्रम, वाहनों से निकलने वाला धुआँ, रसायन और मथुरा तेल रिफाइनरी जैसे उद्योग सल्फर डाईऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाईऑक्साइड जैसे प्रदूषकों के लिए उत्तरदायी हैं । ये प्रदूषक अम्लीय वर्षा का कारण हैं । स्मारक के संगमरमर का संक्षारण अम्ल वर्षा के कारण होता है । यह परिघटना ‘संगमरमर कैंसर’ भी कहलाती है । मथुरा तेल परिष्करणी से उत्सर्जित काजल कण जैसे निलम्बित कणों का संगमरमर को पीला करने में व्यापक योगदान है। ताजमहल की सुन्दरता के सुरक्षा उपायताजमहल की सुंदरता को यथावत् बनाए रखने हेतु सर्वोच्च न्यायालय ने बहुत से उपाय किए हैं । ताज के क्षेत्र में मोटर वाहनों को सीसा रहित पेट्रोल का उपयोग करने के आदेश दिए हैं । न्यायालय द्वारा उद्योगों को संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) तथा द्रवित पेट्रोलिया। गैस (16) जैसे स्वच्छ ईंधनों का उपयोग करने के आदेश दिए हैं।

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प्रश्न 11.
जल में पोषकों के स्तर में वृद्धि किस प्रकार जल जीवों की उत्तरजीविता को प्रभावित करती हैं ?
उत्तर:
शैवालों की उपस्थिति के कारण कुछ तालाव दूर से देखने पर हरे प्रतीत होते हैं । इसका कारण उर्वरकों में उपस्थित नाइट्रेट एवं फॉस्फेट जैसे रसायनों की अधिक मात्रा है। इनकी वृद्धि से जल में शैवाल की वृद्धि होती है । इस शैवाल के नष्ट होने पर अपघटित करने के लिए ऑक्सीजन की उपस्थिति आवश्यक है। इस कारण जल में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, जिससे जलीय जीवों की उत्तरजीविता प्रभावित होती है।

HBSE 8th Class Science कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. विश्व ऊष्णन के लिए कौन-सी गैस जिम्मेदार है?
(अ) ऑक्सीजन
(ब) नाइट्रोजन
(स) कार्बन डाईऑक्साइड
(द) ऑर्गन ।
उत्तर:
(स) कार्बन डाईऑक्साइड

2. रेफ्रिजरेटरों व एयर कण्डीशनरों से उत्सर्जित हानिकारक गैस का नाम है
(अ) कार्बन डाईऑक्साइड
(ब) ऑक्सीजन
(स) क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC)
(द) कार्बन मोनोऑक्साइड ।
उत्तर:
(स) क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC)

3. जल को शुद्ध करने के लिए सामान्यतया जो रसायन उपयोग में लेते हैं, वह है –
(अ) नाइट्रोजन गैस
(ब) विरजक चूर्ण
(स) पोटाश
(द) खाने का सोडा ।
उत्तर:
(ब) विरजक चूर्ण

4. ओजोन की परत का क्षरण करने वाला कारक है
(अ) नाइट्रोजन डाइऑक्साइड
(ब) कार्बन डाईऑक्साइड
(स) क्लोराफ्लोरो कार्बन
(द) फ्लोरीन ।
उत्तर:
(स) क्लोराफ्लोरो कार्बन

5. वायु में ऑक्सीजन की मात्रा लगभग है –
(अ) 78%
(ब) 21%
(स) 1%
(द) 100%.
उत्तर:
(ब) 21%

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रिक्त स्थान पूर्ति

(क) वायु में कार्बन डाईऑक्साइड, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन की मात्रा आयतन के अनुसार क्रमशः ……………. , ………. तथा ………… है।
(ख) कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड प्रमुख ………….. हैं।
(ग) नाइट्रिक अम्ल एवं सल्फ्यूरिक अम्ल का वर्षा के साथ पृथ्वी पर आना ……………. कहलाता है।
(घ) पौधा घर प्रभाव के लिए उत्तरदायी मुख्य गैस ……………. है।
(ङ) गंगा कार्य परियोजना को सन् ………… में प्रारम्भ किया गया।
उत्तर:
(क) 0.3%,21%,78%
2. वायु प्रदूषक
3. अम्ल वर्षा
4. कार्बन डाईऑक्साइड
5. 1985

सुमेलन

कॉलम – Iकॉलम – II
1. CFCS(क) जल प्रदूषण
2. CNG(ख) पर्यावरण संरक्षण
3. कागज उद्योग(ग) अम्ल वर्षा
4. तीन – R(घ) वायु प्रदूषण
5. ताजमहल क्षरण(ङ) प्रदूषण रहित इंधन

उत्तर:

कॉलम – Iकॉलम – II
1. CFCS(घ) वायु प्रदूषण
2. CNG(ङ) प्रदूषण रहित इंधन
3. कागज उद्योग(क) जल प्रदूषण
4. तीन – R(ख) पर्यावरण संरक्षण
5. ताजमहल क्षरण(ग) अम्ल वर्षा

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सत्य / असत्य कथन

(क) कार्बन डाईऑक्साइड, मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, जलवाष्प प्रमुख पौधा घर गैसें हैं।
(ख) नाइट्रोजन गैस वैश्विक ऊष्णन का प्रमुख कारक है।
(ग) CFCs का उपयोग रेफ्रिजरेटरों, एयरकण्डीशनरों तथा ऐरोसॉल फुहार में होता है।
(घ) पेट्रोलियम ईंधनों जैसे- पेट्रोल, डीजल तथा कोयले के जलने से हानिकारक वायु प्रदूषक उत्पन्न होते है।
(ङ) वन महोत्सव जुलाई माह में मनाया जाता है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य
(घ) सत्य।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
स्मोग क्या है ?
उत्तर:
धुओं और धुंध का मिश्रण स्मोग कहलाता है।

प्रश्न 2.
सूर्य की विकिरणों को पकड़कर पर्यावरण को गर्म करने वाली गैस कौन-सी है?
उत्तर:
कार्बन डाइऑक्साइड ।

प्रश्न 3.
रक्त में ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता को प्रभावित करने वाली गैस का नाम लिखिए ।
उत्तर:
कार्बन मोनोऑक्साइड ।।

प्रश्न 4.
जलवाहक रोगों के उदाहरण लिखिए ।
उत्तर:
पीलिया, हैजा, टाइफाइड ।

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प्रश्न 5.
वायु प्रदूषकों के नाम लिखिए ।
उत्तर:
सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड तथा रेडियोएक्टिव कचरा ।

प्रश्न 6.
ओजोन परत का क्या कार्य है?
उत्तर:
यह पृथ्वी को सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाती

प्रश्न 7.
साफ ईंधनों के दो उदाहरण दीजिए ।
उत्तर:
संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) तथा द्रवित पेट्रोलियम गैस (LPG) |

प्रश्न 8.
कौन-सा रोग वायु प्रदूषण के कारण फैलता है?
उत्तर:
श्वसन सम्बन्धी रोग । जैसे – अस्थमा ।

प्रश्न 9.
वाहनों के द्वारा कौन-सी गैसें उत्सर्जित होती हैं?
उत्तर:
कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, धुआँ इत्यादि ।

प्रश्न 10.
क्लोरोफ्लोरो कार्बन का क्या दुष्प्रभाव है?
उत्तर:
यह ओजोन परत को नष्ट करते हैं।

प्रश्न 11.
भीड़-भाड़ वाली सड़कों से गुजरते वक्त आपको प्रायः खाँसी आ जाती है, क्यों? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
वाहनों से निकले धुएँ एवं सड़कों पर उड़ने वाले धूल-कणों के हमारे श्वसन तंत्र में पहुँचने के कारण खाँसी उत्पन्न होती है।

प्रश्न 12.
अत्यधिक भीड़-भाड़ वाले स्थानों, धुआँ उगलते ईंटे के भट्टों एवं फैक्ट्रियों के पास से होकर गुजरने पर आपको क्या समस्याएं उत्पन्न होती हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दम घुटना, सांस लेने में कठिनाई, आँखों में जलन, चिड़चिड़पन आदि।

प्रश्न 13.
श्वसन समस्याओं के दिन-प्रतिदिन बढ़ने का क्या कारण है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दिन-प्रतिदिन बढ़ता वायु प्रदूषण।

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प्रश्न 14.
आयु किस प्रकार वायु प्रदूषण को करने में सहभागिता कर सकते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
(i) वृक्षारोपण करके। (ii) धुआँ उत्पन्न करने वाले ईंधनों पर निर्भरता कम करके।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वायु के संघटक क्या हैं ?
उत्तर:
वायु अनेक गैसों का मिश्रण है। इसमें 78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सीजन उपस्थित है । इसमें 1% अन्य गैसें जैसे कार्बन डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, जल-कण, आर्गन, मैथेन, ओजोन आदि उपस्थित होते हैं।

प्रश्न 2.
‘गर्म जल भी एक प्रदूषक है।’ इस वाक्य की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
गर्म जल भी एक प्रदूषक है : यह वाक्य निःसंदेह सत्य है । यह जल अधिकांशत: विद्युत संयंत्रों तथा उद्योगों से निष्काषित होने के पश्चात् नदियों में बहाया जाता है। यह जल जलाशयों के ताप में वृद्धि कर देता है, जिससे जल में रहने वाले पौधे व जीव-जन्तुओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

प्रश्न 3.
‘धूम-कोहरा’ मानव मात्र को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर:
धूम-कोहरा- सर्दियों में वायुमण्डल में धुंध और धुएँ की मोटी परत कोहरा बनाती है जिसे धूम कोहरा कहते धुएँ में नाइट्रोजन ऑक्साइड उपस्थित हो सकते हैं । जो अन्य वायु प्रदूषकों तथा कोहरे के संयोग से धूम कोहरा बनाते हैं। इसके कारण मनुष्यों में रोग उत्पन्न हो सकते हैं । दमा, खाँसी तथा बच्चों में सांस के साथ घरघराहट मुख्य बीमारियाँ हैं।

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प्रश्न 4.
वायु प्रदूषण क्या है ? इसके मुख्य स्रोत कौन-से हैं ? इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?
उत्तर:
वायु प्रदूषण : अपद्रव्यों द्वारा वायु का ऐसा संदूषण है जिसका हानिकारक प्रभाव सजीव एवं निर्जीव दोनों पर हो सकता है।
वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत :
(1) वाहनों से निकलने वाला धुआँ ।
(2) उद्योगों जैसे – कागज उद्योग, स्टील उद्योग, रसायन उद्योग ।
(3) पेट्रोलियम परिष्करण शालाओं से निकलने वाला धुआँ ।
(4) वनस्पति का कम होना ।

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय-
(1) वाहनों में ईंधनों के लिये पूर्ण ज्वलनशील इंधनों जैसे डीजल आदि का प्रयोग करना चाहिए ताकि हानिकारक उत्पादन बनें।
(2) ज्वलनशील व्यर्थ ठोस भट्टियों में जलाना चाहिए।
(3) वनस्पति अधिक लगाना चाहिये तथा उसे अनावश्यक नहीं जलाना चाहिए ।

प्रश्न 5.
ओजोन परत के कम होने का क्या कारण है ? ओजोन परत का क्या कार्य है?
उत्तर:
क्लोरोफ्लोरो कार्बन के द्वारा वायुमंडल की ओजोन परत क्षतिग्रस्त हो जाती है। ओजोन परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से हमें बचाती है। यह पराबैंगनी विकिरण जीवों के लिए अत्यन्त हानिकारक है। जैसे – यह गैस मानव में त्वचा का कैंसर उत्पन्न करती है।

प्रश्न 6.
कुछ प्रमुख प्रदूषकों के नाम, उनके स्रोतों तथा उनके प्रभावों की सूची बनाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
सारणी

वायु प्रदूषकस्रोतप्रभाव
1. SO2, NO2उद्योगअम्लीय वर्षा
2. CO, CO2ईंधन काविश्व ऊष्यन
3. धूल व धुएँअपूर्ण दहनअस्थमा

प्रश्न 7.
अम्लीय वर्षा से क्या तात्पर्य है ? इसके हानिकारक प्रभाव बताइए।
उत्तर:
वायु में जब नाइट्रोजन तथा सल्फर के ‘ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है तो वे वर्षा के जल के साथ मिलकर क्रमशः नाइट्रिक अम्ल तथा सल्फ्यूरिक अम्ल का निर्माण करते हैं। वर्षा के साथ ये अम्ल भी पूर्वी पर नीचे आते हैं, इसलिए इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं। अम्लीय वर्षा के कारण ऐतिहासिक स्मारकों भवनों आदि का संक्षारण हो जाता है। धरती की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है तथा अन्ततः यह बंजर भी हो सकती है।

प्रश्न 8.
पीने योग्य जल के गुण क्या हैं?
उत्तर:
(1) यह पारदर्शी, रंगहीन तथा गंधहीन होता है।
(2) इसमें पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन घुली होती है।
(3) यह हानिकारक रसायनों एवं जीवाणुओं से मुक्त होता

प्रश्न 9.
जल को पीने योग्य किस प्रकार बनाते हैं ? समझाइए।
उत्तर:
जल को पीने योग्य बनाने के लिए निम्न क्रियाविधि अपनानी चाहिए-
(1) जल को फिल्टर कर लें ।
(2) जल को उबालकर भी जीवाणुमुक्त करना चाहिए।
(3) जल को क्लोरीनीकरण द्वारा भी शुद्ध करना चाहिए।
इसके लिए विरंजक चूर्ण का उपयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 10.
प्रदूषित जल से होने वाले तीन प्रभावों को बताइए।
उत्तर:
(1) दूषित जल पीने से उदर रोग, पीलिया, हैजा, टाइफाइड आदि हो जाते हैं ।
(2) तेलीय प्रदूषण के कारण मछलियों को उचित मात्रा में ऑक्सीजन नही मिलती तथा वे बडी संख्या में मृत होने लगती हैं।
(3) विषाणु, जीवाणुयुक्त, तथा नील-हरे शैवालों से युक्त प्रदूषित जल को पीने से पालतू पशुओं में अनेक रोग हो जाते हैं।

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प्रश्न 11.
जल प्रदूषण को किस प्रकार नियन्त्रित किया जाता है?
उत्तर:
(1) कारखानों से निकलने वाले जहरीले अपशिष्ट पदार्थों एवं गर्म जल को जलाशयों, नदियों तथा समुद्रों में नही गिराना चाहिए ।
(2) कीटनाशकों का प्रयोग करते समय ध्यान रखना चाहिए कि उस खेत का जल पीने वाले जलाशयों में बहकर न जाए।
(3) कारखानों के अपशिष्ट पदार्थों को उपचारित करके ही नदियों में गिराया जाना चाहिए।

प्रश्न 12.
जल की बचत के लिए क्या-क्या उपाय कर सकते हैं।
उत्तर:
जल एक अनमोल संसाधन है। इसका उपयोग अत्यन्त समझदारी से करना चाहिए। इसके लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं-
(1) जल को व्यर्थ में बहाना नहीं चाहिए, उपयोग न होने पर नल को तुरन्त बंद कर देना चाहिए ।
(2) हमें जल को उपयोग करते समय तीन उपयोगों कम उपयोग (Reduce) पुनः उपयोग (Reuse), पुनः चक्रण (Recycle) को ध्यान में रखना चाहिये ।
(3) घरों में सब्जियों को धोने के लिए प्रयुक्त जल का उपयोग सिंचाई में किया जा सकता है ।
(4) वर्षा जल को संग्रहित किया जा सकता है।

प्रश्न 13.
यदि हम प्रदूषित जल पिएँ तो क्या होगा? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जो पेयजल हमें देखने में स्वच्छ लगता है, उसमें ”रोगवाहक सूक्ष्मजीव तथा अपद्रव्य मिले होते हैं, ये हमारे शरीर में पहुंचकर स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकते हैं, इसलिए जल को पीने योग्य बनाने के लिए उसे फिल्टर करके या उबालकर पीना चाहिए । घर में उपयोग करने वाले जल को उबालना या फिल्टर करना चाहिए, ऐसा करने से उसमें उपस्थित जीवाणु समाप्त हो जाते हैं । प्रदूषित जल पीने से शरीर रोगी बन जाएगा, हैजा, टाइफाइडे, पीलिया आदि जैसे रोग हो सकते हैं।

प्रश्न 14.
नल तालाब, नदी, कुएँ तथा झील के जल के नमूनों को एकत्र करने का प्रयास कीजिए प्रत्येक को काँच के अलग-अलग बर्तनों में उड़ेलिए इनकी गंध, अम्लीयता तथा रंग की तुलना कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:

स्थान जहाँ से जल लिया गया हैगंधअम्लीयतारंग
नल का जल
तालाब का जल
नदी का जल
कुएँ का जल
झोल का जल

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जल प्रदूषण क्या है ? इसके मुख्य स्रोत कौन-से है?
उत्तर:
जल प्रदूषण :
जल में विषाक्त पदार्थ जैसे – कारखानों का अपशिष्ट उत्पाद, रासायनिक पदार्थ, वाहित मल, कूड़ा-करकट आदि के मिलने से जल दूषित हो जाता है । इसे जल प्रदूषण कहते हैं।

जल प्रदूषण के कारक :
(अ) घरेलू अपशिष्ट –

  • मानव और जन्तुओं का मल-मूत्र.
  • अपमार्जक,
  • जीवाणु,
  • जैविक पदार्थ (खाद्य पदार्थ) ।

(ब) औद्योगिक अपशिष्ट : उद्योगों से निकलने वाली हानिकारक धातुएँ जैसे – पारा, सौसा, कॉपर, कैडमियम, आर्सेनिक, जिन्हें अपनदी, तालाबों या अन्य जल स्रोतों में प्रवाहित किया जाता है तो जल-प्रदूषित हो जाता है।

(स) जल-ऊष्मा :
मानव के क्रियाकलापों द्वारा पानी के ताप की वृद्धि जल-ऊष्मा कहलाती है। ऊष्मीय शक्तिधर आदि गर्म जल जलाशयों में बहा देते हैं जिससे जलाशयों का जल अचानक गर्म हो जाता है और जलीय जीवन पर बुरा असर पड़ता है।

(द) पीड़कनाशी और उर्वरक : खेतों से पानी अपने साथ उर्वरक, पीड़कनाशी, कीटनाशी आदि कई रसायन जलाशयों तक बहा ले जाता है। डीडीटी जैसे पीड़कनाशी अनिम्नीकरण । पदार्थ हैं। यह भी जल प्रदूषण के कारक हैं।

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वायु तथा जल का प्रदूषण Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ वायु प्रदूषण (Air pollution) : अशुद्धियों का वायु में मिलकर उसे प्रदूषित करना ।

→ प्रदूषक (Pollutants) : पदार्थ जो वायु और जल को संदषित करते हैं ।

→ मिलावट (Contamination) : जहरीले पदार्थों और सूक्ष्म जीवों की उपस्थिति, जिससे मानव में रोग उत्पन्न होते

→ पेयजल (Potable water) : पीने योग्य शुद्ध जल ।

→ वैश्विक उष्णन (Global warming) : वायु में CO2 तथा अन्य कुछ गैसों की मात्रा में वृद्धि होने के कारण वायुमंडल के औसत ताप में निरन्तर वृद्धि हो रही है । इसे ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं ।

→ पौधा घर प्रभाव (Green House effect) : वायुमण्डल में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड परत द्वारा ऊष्मीय प्रभाव वाली अवरक्त किरणों के प्रगृहीत (trap) होने के कारण वायुमंडल के गर्म हो जाने को पौधाघर प्रभाव कहते हैं।

→ अम्ल वर्षा (Acid rain) : वायु में उपस्थित सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइटोजन डाइऑक्साइड गैसें वायमंडल में उपस्थित जलवाष्प से अभिक्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाती हैं । ये वर्षा को अम्लीय बनाकर बारिश के साथ पृथ्वी पर बरसते हैं । इसे अम्ल वर्षा कहते हैं ।

→ जल प्रदूषण (Water Pollution) : जल में होने वाले अवांछित परिवर्तन जिससे वह प्रयोग हेतु नहीं रहता।

→ रिड्यूस (Reduce) : अपशिष्ट उत्पन्न करने वाले साधनों का कम से कम उपयोग करना।

→ रियूज (Reuse) : किसी वस्तु का बार-बार विभिन्न प्रकार से उपयोग करना।

→ रिसाइकल (Recycle) : किसी वस्तु के चक्रीकरण द्वारा पुन: उपयोग हेतु बनाना।

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HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 10 जीवों में श्वसन

Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 10 जीवों में श्वसन Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 10 जीवों में श्वसन

HBSE 7th Class Science जीवों में श्वसन InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
बूझो ने नोट किया कि जब कुछ देर तक साँस रोके रखने के बाद उसने साँस छोड़ी, तो उसे तेज साँस लेनी पड़ी। क्या आप उसे बता सकते हैं कि ऐसा क्यों हुआ?
उत्तर:
क्योंकि उसके फेफड़ों में ऑक्सीजन की आपूर्ति काफी देर तक नहीं हो पाई जिससे फेफड़ों में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई थी।

प्रश्न 2.
पहेली जानना चाहती है कि जब हमें नींद आती है या झपकी आती है, तो हम जम्हाई क्यों लेते हैं ?
उत्तर:
जब हमें नींद आती है तो श्वसन दर कम हो जाती है। श्वसन दर में कमी होने से शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। जम्हाई लेने से हम अतिरिक्त ऑक्सीजन लेकर कमी को पूरा कर लेते हैं।

प्रश्न 3.
बूझो जानना चाहता है कि कोई व्यक्ति अपने फेफड़ों में कितनी वायु भर सकता है?
उत्तर:
लगभग आधा लीटर (500 mL)।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 10 जीवों में श्वसन

प्रश्न 4.
बूझो जानना चाहता है कि क्या कॉकरोच (तिलचट्टा), घोंघे, मछली, केंचुए, चींटी और मच्छर में भी फेफड़े होते हैं।
उत्तर:
नहीं, इन जन्तुओं में फेफड़े नहीं होते हैं। इनमें श्वसन के लिए विशेष प्रकार के श्वसन अंग पाये जाते हैं।

प्रश्न 5.
बूझो ने दूरदर्शन कार्यक्रमों में देखा था कि व्हेल और डॉल्फिन अक्सर पानी की सतह पर ऊपर आ जाती हैं। कभी-कभी ऊपर की ओर आते समय वे पानी की फुहार भी छोड़ती हैं ? वे ऐसा क्यों करती हैं ?
उत्तर:
व्हेल और डॉल्फिन अन्तःश्वसन के दौरान अन्तःश्वसित वायु को सतह पर आकर उच्छ्वसित करती हैं। इसी दौरान जल वाष्प फुहार के रूप में दिखाई देती है।

प्रश्न 6.
पहेली जानना चाहती है कि क्या भूमिगत होते हुए भी पादपों की जड़ें ऑक्सीजन ग्रहण करती हैं ? यदि ऐसा है, तो वे ऐसा किस प्रकार करती हैं?
उत्तर:
हाँ, जड़ें मृदा कणों के बीच खाली स्थानों में उपस्थित वायु से ऑक्सीजन लेती हैं।

HBSE 7th Class Science जीवों में श्वसन Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कोई धावक दौड़ समाप्त होने पर सामान्य से अधिक तेजी से गहरी साँसें क्यों लेता है ?
उत्तर:
दौड़ने के समय बहुत अधिक ऊर्जा खर्च होती है, इस ऊर्जा की पूर्ति शरीर में ग्लूकोस के विखण्डन से होती है। ग्लूकोस का विखण्डन ऑक्सीजन द्वारा होता है। तेजी से साँस लेने से ऑक्सीजन की अधिक आपूर्ति होती है तथा अधिक से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकल जाती है।

प्रश्न 2.
वायवीय और अवायवीय श्वसन के बीच समानताएं और अन्तर बताइए।
उत्तर:
समानताएँ-

  1. दोनों ही प्रकार के श्वसन में ऊर्जा उत्पन्न होती है।
  2. दोनों ही प्रकार के श्वसन में कार्बन डाइऑक्साइड बनती है।
  3. दोनों में ही भोज्य पदार्थ समान होते हैं।

अन्तर-

  1. वायवीय श्वसन में ऑक्सीजन की उपस्थिति अनिवार्य होती है, जबकि अवायवीय श्वसन में नहीं।
  2. वायवीय श्वसन में ग्लूकोस का पूर्ण विखण्डन होता है, जबकि अवायवीय श्वसन में ग्लूकोस का अपूर्ण विखण्डन होता है।
  3. वायवीय श्वसन में अधिक ऊर्जा निर्मुक्त होती है जबकि अवायवीय श्वसन में कम ऊर्जा निर्मुक्त होती है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 10 जीवों में श्वसन

प्रश्न 3.
जब हम अत्यधिक धूल भरी वायु में साँस लेते हैं, तो हमें छींक क्यों आ जाती है?
उत्तर:
हमारे आस-पास की वायु में बहुत सारे अवांछनीय कण, जैसे- धूल, धुंआ आदि उपस्थित होते हैं। श्वसन के दौरान ये कण हमारे नथुनों में उपस्थित बालों एवं श्लेष्म में फंस जाते हैं। यदि ये कण बालों को पार करके आगे निकल जाते हैं तो नथुनों में खुजलाहट होती है तथा छींक आती है। छींक के रूप में तीन वायु प्रवाह से ये कण बाहर निकल जाते हैं तथा स्वच्छ वायु अन्दर प्रवेश होती है।

प्रश्न 4.
तीन परखनलियाँ लीजिए। प्रत्येक को 3/4 भाग तक जल से भरिये। इनें A, B तथा C द्वारा चिन्हित कीजिए। परखनली A में एक घोंघा रखिए। परखनली B में कोई जलीय पादप रखिए और C में एक घोंघा और पादप दोनों को रखिए। किस परखनली में कार्बन डाईऑक्साइड की सान्द्रता सबसे अधिक होगी।
उत्तर:
परखनली A में कार्बन डाइऑक्साइड की सान्द्रता अधिक होगी। क्योंकि परखनली में केवल घोंधा है जो श्वसन क्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड निर्मुक्त करता है। परखनली B में पादप है जो प्रकाश संश्लेषण करके कार्बन डाइऑक्साइड को सोख लेता है। परखनली C में पादप तथा घोंघा हैं। इसमें घोंघा द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड को पौध ग्रहण कर लेता है।

प्रश्न 5.
सही उत्तर पर (✓) का निशान लगाइए
(क) तिलचट्टों के शरीर में वायु प्रवेश करती है, उनके
(i) फेफड़ों द्वारा
(ii) क्लोमों द्वारा
(iii) श्वास रन्ध्रों द्वारा
(iv) त्वचा द्वारा।
उत्तर:

(ख) अत्यधिक व्यायाम करते समय हमारी टाँगों में जिस पदार्थ के संचयन के कारण ऐंठन होती है, वह है
(i) कार्बन डाइऑक्साइड
(ii) लैक्टिक अम्ल
(iii) ऐल्कोहॉल
(iv) जल
उत्तर:
(iii) ऐल्कोहॉल

(ग) किसी सामान्य वयस्क व्यक्ति की विश्राम अवस्था में औसत श्वसन दर होती है
(i) 9-12 प्रति मिनट
(ii) 15-18 प्रति मिनट
(iii) 21-24 प्रति मिनट
(iv) 30-33 प्रति मिनट
उत्तर:
(ii) 15-18 प्रति मिनट

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(घ) उच्छ्व सन के समय पसलियों
(i) बाहर की ओर गति करती हैं
(ii) नीचे की ओर गति करती हैं
(iii) ऊपर की ओर गति करती हैं
(iv) बिल्कुल गति नहीं करती हैं।
उत्तर:
(ii) नीचे की ओर गति करती हैं

प्रश्न 6.
कॉलम A में दिये गये शब्दों का कॉलम B के साथ मिलान कीजिए-

कॉलम Aकॉलम B
(क) यीस्ट(i) केंचुआ
(ख) डायाफ्राम (मध्यपट)(ii) क्लोम
(ग) त्वचा(iii) एल्कोहॉल
(घ) पत्तियाँ(iv) वक्ष-गुहा
(च) मछली(v) रन्ध्र
(छ) मेंढक(vi) फेफड़े और त्वचा
(vii) श्वासप्रणाल (वातक)

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
(क) यीस्ट(iii) एल्कोहॉल
(ख) डायाफ्राम (मध्यपट)(iv) वक्ष-गुहा
(ग) त्वचा(i) केंचुआ
(घ) पत्तियाँ(v) रन्ध्र
(च) मछली(ii) क्लोम
(छ) मेंढक(vi) फेफड़े और त्वचा

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प्रश्न 7.
बताइए कि निम्नलिखित वक्तव्य ‘सत्य’ हैं अथवा ‘असत्य’
(क) अत्यधिक व्यायाम करते समय व्यक्ति की श्वसन दर धीमी हो जाती है।
(ख) पादपों में प्रकाश संश्लेषण केवल दिन में, जबकि श्वसन केवल रात्रि में होता है।
(ग) मेंढक अपनी त्वचा के अतिरिक्त अपने फेफड़ों से भी श्वसन करते हैं।
(घ) मछलियों में श्वसन के लिए फेफड़े होते हैं।
(च) अंतःश्वसन के समय वक्ष-गुहा का आयतन बढ़ जाता है।
उत्तर:
(क) असत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) असत्य
(च) सत्य।

प्रश्न 8.
दी गई पहेली के प्रत्येक वर्ग में जीवों के श्वसन से सम्बन्धित हिन्दी वर्णाक्षर अथवा संयुक्ताक्षर दिये गये हैं। इनको मिलाकर जीवों तथा उनके श्वसन अंगों से सम्बन्धित शब्द बनाये जा सकते हैं। शब्द वर्गों के जाल में किसी भी दिशा में, ऊपर, नीचे अथवा विकर्ण में पाये जा सकते हैं। श्वसन तंत्र तथा जीवों के नाम खोजिए।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 10 जीवों में श्वसन -1
(1) कीर्टो की वायु नलियाँ।
(2) वक्ष-गुहा को घेरे हुए हड्डियों की संरचना।
(3) वक्ष-गुहा का पेशीय तल।
(4) पत्ती की सतह पर सूक्ष्म छिद्र।
(5) कीट के शरीर के पार्श्व भागों के छोटे छिद्र।
(6) मनुष्यों के श्वसन अंग।
(7) वे छिद्र जिनसे हम साँस भीतर लेते (अंतःश्वसन) करते हैं।
(8) एक अवायवीय जीव।
(9) श्वासप्रणाल तंत्र वाला एक जीव।
उत्तर:
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प्रश्न 9.
पर्वतारोही अपने साथ ऑक्सीजन सिलिंडर ले जाते हैं, क्योंकि
(क) 5km से अधिक ऊँचाई पर वायु नहीं होती है।
(ख) वहाँ उपलब्ध वायु की मात्रा भू-तल पर उपलब्ध मात्रा से कम होती है।
(ग) वहाँ वायु का ताप भू-तल के ताप से अधिक होता है।
(घ) पर्वत पर वायुदाब भू-तल की अपेक्षा अधिक होता है।
उत्तर:
(ख) वहाँ उपलब्ध वायु की मात्रा भू-तल पर उपलब्ध मात्रा से कम होती है।

HBSE 7th Class Science जीवों में श्वसन Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए
1. वायवीय श्वसन में ग्लूकोज का विखण्डन होता है
(क) ऑक्सीजन द्वारा
(ख) कार्बन डाइऑक्साइड द्वारा
(ग) ऊर्जा द्वारा
(घ) जल द्वारा
उत्तर:
(क) ऑक्सीजन द्वारा

2. अवायवीय जीव कहलाते हैं, जो
(क) ऑक्सीजन द्वारा ऊर्जा प्राप्त करते हैं
(ख) अवायवीय श्वसन द्वारा ऊर्जा प्राप्त करते हैं
(ग) वायु द्वारा ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
(घ) ऊर्जा खर्च नहीं करते हैं।
उत्तर:
(ख) अवायवीय श्वसन द्वारा ऊर्जा प्राप्त करते हैं

3. अत्यधिक व्यायाम करने पर पेशियों में ऐंठन उत्पन्न होने का कारण है
(क) ऑक्सीजन एकत्र होना
(ख) ग्लूकोज एकत्र होना
(ग) लैक्टिक अम्ल एकत्र होना
(घ) एल्कोहॉल एकत्र होना।
उत्तर:
(ग) लैक्टिक अम्ल एकत्र होना

4. मनुष्य की श्वसन दर होती है लगभग
(क) 8-10/मिनट
(ख) 16-18/मिनट
(ग) 25-30/मिनट
(घ) 30-40/मिनट
उत्तर:
(ख) 16-18/मिनट

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5. हमारे फेफड़े स्थित होते हैं
(क) वक्ष गुहा में
(ख) उदर गुहा में
(ग) हृदयावरणी गुहा में
(घ) मस्तिष्क गुहा में
उत्तर:
(क) वक्ष गुहा में

II. रिक्त स्थान

निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए
1. ………… जीव की सबसे छोटी संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई होती है।
2. भोजन के विखण्डन से ………… निर्मुक्त होती है।
3. ग्लूकोज का विखण्डन जब ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है तो ………… और ……. बनते है और ऊर्जा मुक्त होती है।
4. ………… जल में घुली ऑक्सीजन का उपयोग करने में मछली की सहायता करते हैं।
उत्तर:
1. कोशिका
2. ऊर्जा
3. कार्बन डाइऑक्साइड, जल
4. क्लोम।

III. सुमेलन

कॉलम A तथा कॉलम B के शब्दों का मिलान कीजिए-

कॉलम Aकॉलम B
1. मनुष्य(a) रन्ध्र
2. केंचुआ(b) श्वास रन्ध्र
3. कॉकरोच(c) नम त्वचा
4. पौधा(d) फेफड़े

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
1. मनुष्य(d) फेफड़े
2. केंचुआ(c) नम त्वचा
3. कॉकरोच(b) श्वास रन्ध्र
4. पौधा(a) रन्ध्र

IV. सत्य/असत्य

निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य कथन छाँटिए
1. उच्छवसन की प्रक्रिया में पसलियाँ नीचे की ओर एवं डायफ्राम ऊपर की ओर गति करता है।
2. श्वसन के दौरान वक्ष गुहा के आयतन में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
3. कीटों में गैस विनिमय के लिए वायु नलियों का जाल बिछा होता है।
4. पादपों में भी जन्तुओं की भाँति कोशिकीय श्वसन पाया जाता है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. सत्य।

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कोशिकीय श्वसन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
भोजन के विखण्डन से ऊर्जा निर्मुक्त होने की प्रक्रिया कोशिका में होती है, इसे कोशिकीय श्वसन कहते हैं।

प्रश्न 2.
अन्तःश्वसन तथा उच्छ्वसन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
ऑक्सीजन से समृद्ध वायु को अन्दर लेना अन्तःश्वसन तथा कार्बन डाइऑक्साइड युक्त वायु को शरीर से बाहर करना उच्छ्व सन कहलाता है।।

प्रश्न 3.
कुछ समय तक नथुने और मुंह दोनों बन्द रखने पर क्या महसूस होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
श्वासावरोध महसूस होता है।

प्रश्न 4.
एक मिनट में हम कितनी बार साँस लेते हैं एवं छोड़ते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
लगभग 15-16 बार प्रति मिनट।

प्रश्न 5.
तेज चलने के बाद श्वसन दर बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
20-25 बार प्रति मिनट।

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प्रश्न 6.
शरीर की क्रियाओं के संचालन के लिए ऊर्जा कहाँ से आती है?
उत्तर:
भोजन के विखण्डन से।

प्रश्न 7.
क्या आप बता सकते हैं कि आपके माता-पिता आपसे नियमित रूप से भोजन करने के लिए आग्रह क्यों करते हैं?
उत्तर:
भोजन से हमें ऊर्जा प्राप्त होती है। शरीर के निर्माणकारी तत्व भोजन से ही प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 8.
क्या हम जल में जीवित रह सकते हैं ?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि हम जल में श्वसन नहीं कर सकते।

प्रश्न 9.
सर्पो एवं छिपकलियों में श्वसन अंग क्या होते हैं ?
उत्तर:
फेंफड़े।

प्रश्न 10.
मनुष्य में कितने फेंफड़े होते हैं?
उत्तर:
एक जोड़ी।

प्रश्न 11.
क्या अन्तःश्वसन तथा उच्छ्वसन में पसलियाँ भी सहायक होती हैं ?
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न 12.
साँस खींचने तथा बाहर निकालने में प्रमुख भूमिका किसकी होती है ?
उत्तर:
डायाफ्राम की।

प्रश्न 13.
क्या पौधों में भी श्वसन होता है ?
उत्तर:
हाँ, पौधे भी श्वसन क्रिया करते हैं।

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लयु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जब हम चूने के पानी में एक पतली नली द्वारा फूंक मारते हैं तो क्या होता है? हमारी फूंक में हम कौन-सी गैस उच्छवसित करते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जब हम चूने के पानी में फूंक मारते हैं तो चूने का पानी दूधिया होने लगता है। चूंकि चूने के पानी में कार्बन डाइऑक्साइड प्रवाहित करने पर यह दूधिया हो जाता है। इससे स्पष्ट है कि हमारी फूंक में कार्बन डाइऑक्साइड गैस उपस्थित है।

प्रश्न 2.
मछलियाँ जल में श्वसन किस प्रकार करती
उत्तर:
मछलियों के पार्श्व भाग में क्लोम छिद्र होते हैं। इनके क्लोमों में महीन रुधिर वाहिनियों का जाल फैला रहता है। जब ऑक्सीजन समृद्ध जल क्लोमों में प्रवेश करता है तो रुधिर वाहिनियों का रुधिर जल से ऑक्सीजन अवशोषित कर लेता है। जहाँ से सम्पूर्ण शरीर में ऑक्सीजन पहुँचा दी जाती है।
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प्रश्न 3.
पौधों की जड़ें किस प्रकार श्वसन करती हैं ?
उत्तर:
पौधों की जड़ें मृदा कों के बीच उपस्थित वायु को ग्रहण करती हैं। मृदा कणों के बीच उपस्थित वायु मूलों में विसरण करके प्रवेश करती हैं जहाँ से ऑक्सीजन सभी मूल कोशिकाओं को पहुँचा दी जाती है।
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प्रश्न 4.
क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि यदि किसी गमले के पौधे में बहुत अधिक पानी डाल दिया जाये तो क्या होगा?
उत्तर:
यदि गमले में अत्यधिक पानी डाल दिया जायेगा तो पानी मृदा कणों के बीच के खाली स्थानों में भर जायेगा तथा वहाँ की वायु बाहर निकल जायेगी। ऐसी स्थिति में पौधे की जड़ों के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पायेगी और ऊर्जा की उत्पत्ति नहीं होगी फलस्वरूप जड़ें मरने लगेंगी और अन्य क्रियाएँ प्रभावित हो जाएँगी। अन्ततः पौधा सूख जायेगा।

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प्रश्न 5.
श्वासप्रणाल तंत्र क्या होता है ?
उत्तर:
कॉकरोच के शरीर के पार्श्व भाग में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं। अन्य कीटों के शरीर में भी इस प्रकार के छिद्र होते हैं। ये छिद्र श्वास रन्ध्र कहलाते हैं। कीटों में गैस के विनिमय के लिए वायु नलियों का जाल बिछा रहता है जो श्वासप्रणाल या वातक कहलाते हैं। ऑक्सीजन समृद्ध वायु श्वास रन्धों से होकर श्वास प्रणाली में जाती है जहाँ से यह सम्पूर्ण शरीर में विसरित होती है।
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प्रश्न 6.
अन्तःश्वसित और उच्छ्वसित वायु में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का प्रतिशत बताइए।
उत्तर:
अन्तःश्वसित और उच्छ्वसित वायु में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का प्रतिशत
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
श्वसन क्या है ? यह कितने प्रकार का होता है ? ग्लूकोस के विखण्डन समीकरण देकर समझाइए।
उत्तर:
श्वसन:
भोज्य पदार्थों के जारण से ऊर्जा उत्पन्न होने की प्रक्रिया श्वसन कहलाती है। इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन ग्रहण की जाती है तथा कार्बन डाइऑक्साइड मुक्त की जाती है। श्वसन दो प्रकार का होता है
(1) वायवीय श्वसन-जब ग्लूकोस का विखण्डन ऑक्सीजन के उपयोग द्वारा होता है तब इसे वायवीय श्वसन कहते हैं। इस प्रक्रिया में ग्लूकोस का विखण्डन होकर कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल बनता है साथ ही अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
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(2) अवायवीय श्वसन – जब ग्लूकोस का विखण्डन ऑक्सीजन के उपयोग के बिना होता है तो इसे अवायवीय श्वसन कहते हैं। इसमें ग्लूकोस के विखण्डन से एल्कोहॉल तथा कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है तथा कम मात्रा में ऊर्जा निकलती है।
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प्रश्न 2.
मनुष्य के श्वसन अंगों का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
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प्रश्न 3.
मानव में श्वसन की क्रियाविधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
श्वसन की क्रियाविधि सामान्यतः हम अपने नथुनों (नासा-द्वार) से वायु अन्दर लेते हैं। जब हम वायु को अन्तःश्वसन द्वारा अन्दर लेते हैं तो यह हमारे नथुनों से नासा-गुहा में चली जाती है। नासा-गुहा से वायु, श्वास नली से होकर हमारे फेफड़ों (फुफ्फुस) में जाती है। फेफड़े वक्ष गुहा में स्थित होते हैं। वक्ष गुहा पार्श्व में पसलियों से घिरी होती है। एक बड़ी पेशीय परत जो डायाफ्राम (मध्य पट) कहलाती है, वक्ष गुहा को आधार प्रदान करती है। श्वसन में डायाफ्राम और पसलियों से बने पिंजर की गति सम्मिलित है। अंतःश्वसन के समय पसलियाँ ऊपर और बाहर की ओर गति करती हैं और डायाफ्राम नीचे की ओर गति करता है। यह गति हमारी वक्षगुहा के आयतन को बढ़ा देती है और वायु फेफड़ों में आ जाती है। फेंफड़े वायु से भर जाते हैं। उच्छ्व सन के समय पसलियाँ नीचे और अन्दर की ओर आ जाती हैं, जबकि डायाफ्राम ऊपर की ओर अपनी पूर्व स्थिति में आ जाता है। इससे वक्ष गुहा का आयतन कम हो जाता है। इस कारण वायु फेंफड़ों से बाहर धकेल दी जाती है।
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जीवों में श्वसन Class 7  HBSE Notes in Hindi

→ श्वसन क्रिया सभी जीवों के जीवित रहने के लिए अनिवार्य है। यह जीव द्वारा ग्रहण किये गये भोजन से ऊर्जा को निर्मुक्त करती है।
→ हम अन्तःश्वसन द्वारा, जो वायु शरीर के अन्दर लेते हैं, उसमें उपस्थित ऑक्सीजन का उपयोग ग्लूकोस को कार्बन डाइऑक्साइड और जल में विखण्डन के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में ऊर्जा मुक्त होती है।
→ ग्लकोस का विखण्डन जीव की कोशिकाओं में होता है, जिसे कोशिकीय श्वसन कहते हैं।
→ यदि भोजन (ग्लूकोस), ऑक्सीजन के उपयोग द्वारा विखण्डित होता है, तो यह वायवीय श्वसन कहलाता है। यदि विखण्डन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है तो यह श्वसन अवायवीय श्वसन कहलाता है।
→ अत्यधिक व्यायाम करते समय जब हमारी पेशी- कोशिकाओं में ऑक्सीजन की आपूर्ति अपर्याप्त होती है तब भोजन का विखण्डन अवायवीय श्वसन द्वारा होता है।
→ साँस लेना श्वसन प्रक्रम का एक चरण है, जिसमें जीव ऑक्सीजन समृद्ध वायु को शरीर के अन्दर लेता है और कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध वायु को बाहर निकालता है। गैसों के विनिमय के लिए विभिन्न जीवों में श्वसन अंग अलग-अलग प्रकार के होते हैं।
→ साँस को अन्दर खींचना अन्तःश्वसन तथा साँस बाहर निकालना उच्छ्वसन कहलाता है। इस प्रक्रम को श्वासोच्छवास भी कहते हैं।
→ शारीरिक सक्रियता के बढ़ने पर श्वसन दर बढ़ जाती है।
→ एक जोड़ी फेंफड़े हमारे मुख्य श्वसन अंग होते हैं, इसके अतिरिक्त नासिका, नासागुहा, श्वासनली आदि सहायक श्वसन अंग हैं।
→ गाय, भैंस, कुत्ते और बिल्ली जैसे जीवों में श्वसन अंग और श्वसन प्रक्रम मानव के समान ही होते हैं।
→ कॉकरोच एवं अन्य कीटों में श्वसन क्रिया श्वास रन्ध्रों द्वारा होती है।
→ केंचुए में गैसों का विनिमय उसकी आई त्वचा के माध्यम से होता है। मछलियों में यह क्लोम से और कीटों में श्वास प्रणाली से होता है।
→ मछलियों में श्वसन के अंग क्लोम होते हैं।
→ पादपों में मूल, मृदा में उपस्थित वायु को ग्रहण करती हैं। पत्तियों में सूक्ष्म छिद्र होते हैं, जिन्हें रन्ध्र कहते हैं, जिनमें गैसों का विनिमय होता है। पादप कोशिकाओं में ग्लूकोस का विखण्डन अन्य जीवों की ही भाँति होता है।
→ श्वसन – भोज्य पदार्थों के विखण्डन द्वारा ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया।
→ कोशिकीय श्वसन – ग्लूकोस का विखण्डन, विकरों की सहायता से कोशिका के अन्दर होता है, इसे कोशिकीय श्वसन कहते हैं।
→ वायवीय श्वसन – यदि भोजन (ग्लूकोस) ऑक्सीजन के उपयोग द्वारा विखण्डित होता है तो यह प्रक्रम वायवीय श्वसन कहलाता है।
→ अवायवीय श्वसन – यदि भोजन ऑक्सीजन के अभाव में विखण्डित होता है तो इसे अवायवीय श्वसन कहते हैं।
→ अन्तःश्वसन – ऑक्सीजन युक्त वायु को फेफड़ों के अन्दर भरना।
→ उच्छ्वसन – कार्बन डाइऑक्साइड युक्त वायु को फेफड़ों से बाहर निकालना। .
→ श्वसन दर – एक व्यक्ति एक मिनट में जितनी बार साँस लेता है, उसे श्वसन दर कहते हैं।
→ फेफड़ा – मनुष्य के मुख्य श्वसन अंग।
→ श्वासनली – नासा गुहा से फेफड़ों को साँस ले जाने वाली नली।
→ डायाफ्राम – वक्ष गुहा को आधार प्रदान करने वाली एक बड़ी पेशीय परत डायाफ्राम कहलाती है।
→ श्वास रंध्र – कुछ कीटों में वायु के आदान-प्रदान के लिए शरीर पर सूक्ष्म छिद्र पाये जाते हैं, इन्हें श्वास रन्ध्र कहते
→ श्वास प्रणाल – कीटों में गैस विनिमय के लिए वायु नलिकाओं का जाल बिछा रहता है। जो श्वासप्रणाल या वातक कहलाता है।
→ क्लोम–मछलियों में ऑक्सीजन युक्त जल को अन्दर खींचने के लिए छिद्र जो श्वसन में सहायक होते हैं।
→ रन्ध – पौधों के हरे भार्गों में पाए जाने वाले विशेष छिद्र जिनसे गैसीय आदान-प्रदान होता है।

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HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 1 पादपों में पोषण

Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 1 पादपों में पोषण Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 1 पादपों में पोषण

HBSE 7th Class Science पादपों में पोषण InText Questions and Answers

बूझो / पहेली

प्रश्न 1.
बूझो जानना चाहता है कि पादप अपना भोजन किस प्रकार बनाते हैं?
उत्तर:
पौधे अपना भोजन सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में, जल, कार्बन डाइऑक्साइड तथा खनिजों द्वारा बनाते हैं। इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं।

प्रश्न 2.
पहेली जानना चाहती है कि पादपों की तरह हमारा शरीर भी कार्बन डाइऑक्साइड, जल एवं खनिज से अपना भोजन स्वयं क्यों नहीं बना सकता?
उत्तर:
हमारे पास प्रकाश ग्रहण करने वाला वर्णक क्लोरोफिल नहीं है इसलिए हमारा शरीर स्वयं भोजन नहीं बना पाता है।

प्रश्न 3.
बूझो जानना चाहता है कि जड़ द्वारा अवशोषित जल एवं खनिज पत्ती तक किस प्रकार पहुंचते
उत्तर:
पौधे जड़ द्वारा अवशोषित जल एवं खनिज लवण पत्ती तक वाहिकाओं द्वारा पहुँचाते हैं। ये वाहिकाएँ नली के समान रचनाएँ होती हैं तथा जड़, तना, शाखाओं एवं पत्तियों तक फैली होती हैं।

प्रश्न 4.
पहेली जानना चाहती है कि पत्तियों में ऐसी क्या विशेषताएँ हैं कि वे खाद्य पदार्थों का संश्लेषण कर सकती हैं परन्तु पादप के दूसरे भाग नहीं?
उत्तर:
पत्तियों में हरे रंग का वर्णक क्लोरोफिल होता है, जिसके कारण पत्तियाँ खाद्य पदार्थों का संश्लेषण कर सकती हैं। परन्तु हरे तनों एवं हरी शाखाओं में भी प्रकाश संश्लेषण होता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण

प्रश्न 5.
बूझो ने देखा कि कुछ पादपों की पत्तियाँ गहरी लाल, बैंगनी अथवा भूरे रंग की होती हैं। वह जानना चाहता है कि क्या इन पत्तियों में भी प्रकाश संश्लेषण होता
उत्तर:
नहीं, क्लोरोफिल के अभाव के कारण ये पत्तियाँ प्रकाश संश्लेषण नहीं कर पाती हैं।

प्रश्न 6.
पहेली जानना चाहती है क्या हमारा रक्त चूसने वाले मच्छर, खटमल, जूं एवं जोंक जैसे जीव भी परजीवी
उत्तर:
जूं परजीवी है। मच्छर परजीवी नहीं कहलाते हैं, क्योंकि वे अपने अण्डों के भरण-पोषण के लिए ही खुन चूसते हैं न कि भोजन के लिए।

प्रश्न 7.
बूझो भ्रमित है। यदि घटपर्णी हरा होता है और प्रकाश संश्लेषण संपादित करता है, तो यह कीटों का भक्षण क्यों करता है?
उत्तर:
घटपर्णी पौधा ऐसे स्थान पर उगता है जहाँ मिट्टी में नाइट्रोजन नहीं होती है। नाइट्रोजन प्रोटीन निर्माण के लिए आवश्यक होती है। इसकी पूर्ति के लिए ही घटपर्णी कीटों का भक्षण करता है। शेष भोजन यह प्रकाश संश्लेषण द्वारा स्वयं बना लेता है।

प्रश्न 8.
बूझो जानना चाहता है कि ये जीव अपना भोजन किस प्रकार प्राप्त करते हैं? इनमें प्राणियों के समान मुख नहीं होता। ये हरे पादपों के समान भी नहीं होते। इनमें क्लोरोफिल अनुपस्थित होता है। अतः ये प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन का संश्लेषण भी नहीं कर सकते।
उत्तर:
ये जीव अपना भोजन मृत जीवों या उनके अवशेषों को सड़ा-गलाकर अवशोषण द्वारा प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 9.
पहेली को याद है कि उसके सुन्दर जूते, जिन्हें वह विशेष अवसरों पर पहनती थी, वर्षा ऋतु में कवक के कारण खराब हो गये। वह जानना चाहती है कि वर्षा ऋतु में कवक अचानक कैसे प्रकट हो जाते हैं ?
उत्तर:
कवक नम एवं उष्ण स्थानों पर उगते हैं। इनके बीजाणु लम्बे समय तक, हवा, जल एवं मृदा में जीवित रह सकते हैं। जैसे ही वर्षा होती है इन्हें अनुकूल दशाएँ उपलब्ध हो जाती हैं और ये अंकुरण करके बड़ी संख्या में प्रकट हो जाते हैं।

प्रश्न 10.
बूझो को याद है कि उसके दादाजी ने बताया था कि एक बार उनकी गेहूं की फसल कवक द्वारा नष्ट हो गई थी। वह जानना चाहता है कि क्या कवक रोग कारक भी होते हैं?
उत्तर:
हाँ, कवकों से बहुत से रोग भी उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे गेहूँ का कंडुआ, पशुओं में आंतों के रोग, मनुष्य में दाद रोग, त्वचा के रोग आदि।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण

HBSE 7th Class Science पादपों में पोषण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
जीवों को खाद्य की आवश्यकता क्यों होती
उत्तर:
जीवों को खाद्य की आवश्यकता निम्न कार्यों के लिए होती है

  • जीवित रहने के लिए,
  • शरीर की विभिन्न क्रियाओं के संचालन के लिए,
  • कार्य-क्षमता बनाए रखने के लिए,
  • शरीर में हुई टूट-फूट की मरम्मत के लिए,
  • वृद्धि के लिए।

प्रश्न 2.
परजीवी एवं मृतजीवी में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परजीवी एवं मृतजीवी में अन्तर

परजीवीमृतजीवी
1. परजीवी दूसरे जीवों से अपना पोषण प्राप्त करते है।मृतजीवी सड़े-गले पदार्थों से पोषण प्राप्त करते हैं।
2. अधिकांश परजीवी पोषक जीव के अन्दर या उनके ऊपर रहते हैं।ये मृत एवं सड़े गले पदार्थों पर रहते हैं।

प्रश्न 3.
आप पत्ती में मण्ड (स्टार्च) की उपस्थिति का परीक्षण कैसे करेंगे?
उत्तर:
पत्ती में मण्ड की उपस्थिति का परीक्षण करना-

  • एक ऐसे पौधे का चयन करते हैं जो कुछ घंटे से सूर्य के प्रकाश में रखा गया हो।
  • एक स्वस्थ पत्ती लेकर उसे स्प्रिट से भरी परखनली में रखते हैं।
  • अब इस स्प्रिट से भरी परखनली को जलयुक्त बीकर में रखते हैं।।
  • बीकर को तिपाई स्टैण्ड पर रखकर तब तक गर्म करते हैं जब तक परखनली में रची पत्ती का सारा हरा रंग स्प्रिट में न घुल जाए।
  • अब रंगहीन पत्ती को निकाल कर एक वाचग्लास में रख लेते हैं।
  • पत्ती पर दो-तीन बूंदें आयोडीन विलयन की डालते हैं।
  • पत्ती का रंग नीला-काला हो जाता है।
  • पत्ती का नीला-काला होना मण्ड की उपस्थिति की पुष्टि करता है।

प्रश्न 4.
हरे पादपों में खाद्य संश्लेषण प्रक्रम का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
हरे पादपों में खाद्य संश्लेषण प्रक्रम हरे पादपों में खाद्य संश्लेषण प्रक्रम को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं। यह प्रक्रम सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में होता है। इस क्रिया में पौधे मृदा से अवशोषित जल तथा वायुमण्डल से ली गई Co, द्वारा क्लोरोफिल की सहायता से कार्बोहाइड्रेट बनाते हैं। इस प्रक्रिया को निम्न समीकरण द्वारा दर्शाया जाता है-
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 1 पादपों में पोषण -1
इस क्रिया में उत्पन्न ऑक्सीजन वायुमण्डल में चली जाती है तथा कार्बोहाइड्रेट मण्ड में परिवर्तित हो जाता है। मण्ड भी कार्बोहाइड्रेट का ही रूप है।

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प्रश्न 5.
किसी प्रवाह चित्र की सहायता से दर्शाइए कि पादप भोजन के मूलभूत स्रोत हैं।
उत्तर:
प्रवाह चित्र
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 1 पादपों में पोषण -2

  1. घास सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में भोजन बनाती है।
  2. घास को टिड्डा खाता है।
  3. टिड्डे को मेढ़क खाता है।
  4. मेढ़क को सर्प खाता है।
  5. सर्प को बाज खाता है।

प्रश्न 6.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) क्योंकि हरे पादप अपना खाद्य स्वयं बनाते हैं, इसलिए उन्हें ………………….. कहते हैं।
(ख) पादपों द्वारा संश्लेषित खाद्य का भण्डारण ………………….. के रूप में किया जाता है।
(ग) प्रकाश संश्लेषण के प्रक्रम में जिस वर्णक द्वारा सौर ऊर्जा संग्रहीत की जाती है, उसे ………………….. कहते हैं।
(घ) प्रकाश संश्लेषण में पादप वायुमण्डल से ………………….. लेते हैं तथा ………………….. का उत्पादन करते हैं।
उत्तर:
(क) स्वपोषी,
(ख) मंड,
(ग) क्लोरोफिल,
(घ) कार्बन डाइऑक्साइड, ऑक्सीजन।

प्रश्न 7.
निम्न कथनों से सम्बद्ध पारिभाषिक शब्द बताइए
(क) पीत दुर्बल तने वाला परजीवी पादप।
(ख) एक पादप जिसमें स्वपोषण तथा विषमपोषण दोनों ही प्रणाली पायी जाती हैं।
(ग) वे रन्ध्र, जिनके द्वारा पत्तियों में गैसों का आदान-प्रदान (विनिमय) होता है।
उत्तर:
(क) अमरबेल,
(ख) घटपर्णी,
(ग) पर्ण रन्ध्र।

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प्रश्न 8.
सही उत्तर पर (✓) का चिन्ह लगाइए(क) अमरबेल उदाहरण है किसी
(i) स्वपोषी का
(ii) परजीवी का
(iii) मृतजीवी का
(iv) परपोषी का
उत्तर:
(ii) परजीवी का ✓

(ख) कीटों को पकड़कर अपना आहार बनाने वाले पादप का नाम है
(i) अमरबेल
(ii) गुड़हल
(iii) घटपर्णी (पिचर पादप)
(iv) गुलाब।
उत्तर:
(iii) घटपर्णी (पिचर पादप) ✓

प्रश्न 9.
कॉलम ‘A’ में दिये गये शब्दों का मिलान कॉलम ‘B’ के शब्दों से कीजिए-

कॉलम Aकॉलम B
(क) क्लोरोफिल(i) जीवाणु
(ख) नाइट्रोजन(ii) परपोषित
(ग) अमरबेल(iii) घटपर्णी (पिचर पादप)
(घ) जन्तु(iv) पत्ती
(ङ) कीटभक्षी(v) परजीवी

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
(क) क्लोरोफिल(iv) पत्ती
(ख) नाइट्रोजन(i) जीवाणु
(ग) अमरबेल(v) परजीवी
(घ) जन्तु(ii) परपोषित
(ङ) कीटभक्षी(iii) घटपर्णी (पिचर पादप)

प्रश्न 10.
निम्न कथनों में से सत्य एवं असत्य कथनों का चयन कीजिए
(क) प्रकाश संश्लेषण में कार्बन डाइऑक्साइड मुक्त होती है।
(ख) ऐसे पादप, जो अपना भोजन स्वयं संश्लेषित करते हैं, मृतजीवी कहलाते हैं।
(ग) प्रकाश संश्लेषण का उत्पाद प्रोटीन नहीं है।
(घ) प्रकाश संश्लेषण में सौर ऊर्जा का रासायनिक कर्जा में रूपान्तरण हो जाता है।
उत्तर:
(क) असत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य।

सही विकल्प चुनिए

प्रश्न 11.
पादप के किस भाग द्वारा प्रकाश संश्लेषण हेतु वायु से कार्बन डाइऑक्साइड ली जाती है?
(क) मूल रोम
(ख) रंभ
(ग) पर्णशिराएँ
(घ) बाह्य दल।
उत्तर:
(ख) रंभ

प्रश्न 12.
वायुमण्डल से मुख्यतः जिस भाग द्वारा पादप कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त करते हैं, वह है
(क) जड़
(ख) तना
(ग) पुष्प
(घ) पत्तियाँ।
उत्तर:
(घ) पत्तियाँ।

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HBSE 7th Class Science पादपों में पोषण Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

1. जीवों को भोजन की आवश्यकता होती है
(क) वृद्धि के लिए
(ख) ऊर्जा पूर्ति के लिए
(ग) शरीर की मरम्मत के लिए
(घ) ये सभी।
उत्तर:
(ग) शरीर की मरम्मत के लिए

2. सभी जीवों के लिए ऊर्जा का चरम स्रोत क्या है?
(अ) लकड़ी
(ख) कोयला
(ग) सूर्य
(घ) पौधे।
उत्तर:
(ख) कोयला

3. स्टार्च है, एक
(क) प्रोटीन
(ख) कार्बोहाइड्रेट
(ग) तेल
(घ) खनिज
उत्तर:
(ख) कार्बोहाइड्रेट

4. अमरबेल है
(क) परजीवी
(ख) मृत जीवी
(ग) सहजीवी
(घ) परभक्षी
उत्तर:
(क) परजीवी

5. मशरूम में पाषण का प्रकार होता है
(क) सहजीवी
(ख) स्वपोषी
(ग) परजीवी
(घ) मृतजीवी।
उत्तर:
(घ) मृतजीवी।

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II. रिक्त स्थान निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए

1. …………..पादप की खाद्य फैक्ट्रियाँ हैं।
2. रन्ध्र ………….. द्वारा घिरे होते हैं।
3. लाइकेन में एक भागीदार कवक तथा दूसरा ……….. होता है।
4. पौधे नाइट्रोजन को ………….. में ही अवशोषित कर सकते हैं।
उत्तर:
1. पत्तियाँ,
2. द्वार कोशिकाओं,
3. शैवाल,
4. विलेय रूप।

III. सुमेलन स्तम्भ A तथा स्तम्भ B के शब्दों का मिलान कीजिए-

स्तम्भ Aस्तम्भ B
1. मटर(a) कवक
2. क्लोरोफिल(b) सहजीवी
3. मशरूम(c) राइजोबियम
4. लाइकेन(d) प्रकाश संश्लेषण

उत्तर:

स्तम्भ Aस्तम्भ B
1. मटर(c) राइजोबियम
2. क्लोरोफिल(d) प्रकाश संश्लेषण
3. मशरूम(a) कवक
4. लाइकेन(b) सहजीवी

IV. सत्य / असत्य निम्नलिखित वाक्यों में सत्य एवं असत्य कथन छोटिए

1. सभी हरे पौधे स्वपोषी कहलाते हैं।
2. पौधे प्रकाश संश्लेषण के लिए वायुमण्डल से ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं।
3. घटपर्णी नाइट्रोजन प्राप्त करने के लिए कीटों का भक्षण करता है।
4. राइजोबियम जीवाणु कवकों के साथ सहजीवी सम्बन्ध बनाते हैं।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. असत्य।

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अतिलयु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
स्वपोषी किसे कहते हैं? एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
वे जीव जो अपना भोजन स्वयं संश्लेषित कर लेते हैं (बना लेते हैं), स्वपोषी कहलाते हैं। उदाहरणआम, सरसों।

प्रश्न 2.
विषमपोषी किसे कहते हैं? एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
वे जीव जो अपना भोजन दूसरों से प्राप्त करते हैं, विषमपोषी कहलाते हैं, उदाहरण-कुत्ता, शेर।

प्रश्न 3.
क्या पौधे हवा के बिना किसी प्रक्रिया से नाइट्रोजन प्राप्त कर सकते हैं?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 4.
पत्तियों के अतिरिक्त पादपों के कौन-कौन से दूसरे भागों में प्रकाश-संश्लेषण होता है?
उत्तर:
कुछ पादपों के हरे तने तथा हरी शाखाओं में।

प्रश्न 5.
सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पौधे क्लोरोफिल की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल द्वारा किस पदार्थ का निर्माण करते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
भोज्य पदार्थों (मण्ड) का।

प्रश्न 6.
पत्ती में स्थित मण्ड आयोडीन के साथ क्या परीक्षण देता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जब मण्डयुक्त पत्ती पर आयोडीन डाला जाता है तो पत्ती का रंग नीला हो जाता है।

प्रश्न 7.
कीटभक्षी पौधे प्रोटीन कहाँ से प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
कीटभक्षी पौधे प्रोटीन कीटों का भक्षण करके प्राप्त करते हैं?

प्रश्न 8.
सहजीवी सम्बन्ध क्या है?
उत्तर:
जब दो जीव साथ-साथ रहते हैं तथा एक-दूसरे को लाभ पहुंचाते हैं, तो ऐसे सम्बन्ध को सहजीवी सम्बन्ध कहते हैं।

प्रश्न 9.
दो ऐसे जीवों के नाम लिखिए जिनमें सहजीवी सम्बन्ध होता है।
उत्तर:
मटर का पौधा एवं राइजोबियम जीवाणु।

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प्रश्न 10.
राइजोबियम जीवाणु भोजन कहाँ से प्राप्त करता है?
उत्तर:
मटर, चना, अरहर आदि पौधों की जड़ों से।

प्रश्न 11.
वायुमण्डलीय नाइट्रोजन को विलेय पदार्थों में परिवर्तित करने वाले जीवाण का नाम लिखिए।
उत्तर:
राइजोबियम।

प्रश्न 12.
कई दिन पहले रखी ब्रेड को आवर्धक लेंस में देखने पर क्या दिखाई देता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
रूई के धागों के समान संरचनाएँ। ये संरचनाएँ कवक जाल कहलाती हैं।

प्रश्न 13.
कवक अपना भोजन स्वयं क्यों नहीं बना पाते हैं?
उत्तर:
कवकों में हरा पदार्थ क्लोरोफिल अनुपस्थित होता है।

प्रश्न 14.
लाइकेन कहे जाने वाले जीवों के दो भागीदारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) कवक
(ii) शैवाल।

प्रश्न 15.
मशरूम क्या है?
उत्तर:
मशरूम एक प्रकार का कवक है।

प्रश्न 16.
दो जन्तु परजीवी जीवों के नाम लिखिए।
उत्तर:
खटमल।

प्रश्न 17.
दो कीटभक्षी पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • वीनस फ्लाई ट्रैप तथा
  • सनड्यू।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पोषक तथा पोषण में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
पोषक तथा पोषण में अन्तर

पोषकपोषण
1. कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज पदार्थ पोषक कहलाते हैं।पोषण एक क्रिया है जिस में पोषक पदार्थ ग्रहण किए जाते हैं।
2. ये पदार्थ हमारे शरीर को पोषण देने के कारण पोषक कहलाते हैं।भोजन के उपयोग की विधि को पोषण कहते हैं।

प्रश्न 2.
अंधेरे में रखे पौधे की पत्तियों में मण्ड का निर्माण क्यों नहीं हुआ? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
पौधे केवल सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ही कार्बोहाइड्रेट बनाते हैं जो बाद में मण्ड में परिवर्तित हो जाता है। अंधेरे में रखे पौधे में प्रकाश संश्लेषण नहीं हुआ। अतः इसमें मण्ड का निर्माण भी नहीं हुआ।

प्रश्न 3.
प्रकाश संश्लेषण की क्रिया का महत्व लिखिए।
उत्तर:

  1. प्रकाश संश्लेषण द्वारा पौधे अपना भोजन बनाते हैं।
  2. पौधों द्वारा संचित भोजन जन्तुओं के पोषण के काम आता है।
  3. प्रकाश संश्लेषण में ऑक्सीजन उत्पन्न होती है जो सभी जीवों के लिए श्वसन में काम आती है।
  4. प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण की जाती है जिससे वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड तथा ऑक्सीजन में सन्तुलन बना रहता है।

प्रश्न 4.
लाइकेन किस प्रकार भोजन प्राप्त करते
उत्तर:
लाइकेन दो भिन्न प्रकार के जीवों से बनी संरचना है, इसमें दो सहभागी होते हैं जिनमें से एक सहभागी कवक तथा दूसरा सहभागी शैवाल होता है। शैवाल प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन बना लेता है, जबकि कवक, जल एवं खनिज अवशोषित कर सकता है। इस प्रकार सहभागिता से दोनों का जीवन सुगम हो जाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण

प्रश्न 5.
कोशिका क्या है? सचित्र विवरण दीजिए।
उत्तर:
सजीव शरीर की सूक्ष्म इकाइयाँ जिनसे सम्पूर्ण शरीर बना होता है कोशिकाएँ कहलाती हैं। कोशिकाओं को सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखा जा सकता है। कुछ जीव मात्र एक कोशिका के बने होते हैं। कोशिका एक पतली बाह्य संरचना द्वारा घिरी होती है जिसे कोशिका झिल्ली कहते हैं। इसमें केन्द्र में स्थित एक सुस्पष्ट संरचना होती है जिसे केन्द्रक कहते हैं। केन्द्रक चारों ओर से जेली के समान एक पदार्थ से घिरा होता है जिसे कोशिका द्रव्य कहते हैं।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 1 पादपों में पोषण -3
चित्र-कोशिका का आरेख चित्र

प्रश्न 6.
परजीवी क्या होते हैं? एक उदाहरण द्वारा समझाइए।
उत्तर:
कुछ जीव अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते तथा दूसरे जीवों से अपना भोजन प्राप्त करते हैं। ऐसे जीव परपोषी जीव कहलाते हैं। परजीवी जीव भी परपोषी जीवों का एक रूप हैं, ये अन्य जीव से उसकी जीवित अवस्था में भोजन प्राप्त करते हैं। इसका एक उत्तम उदाहरण अमरबेल है। अमरबेल का पौधा तन्तुवत् होता है। इसमें जड़ों एवं पत्तियों का अभाव होता है। क्लोरोफिल के अभाव के कारण यह अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकता। यह अपना भोजन उस पौधे से प्राप्त करता है जिस पर यह रहता है।

प्रश्न 7.
पादप नाइट्रोजन को कैसे प्राप्त करते हैं? समझाइए।
उत्तर:
नाइट्रोजन पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व है। यह प्रोटीन के संश्लेषण के लिए अति आवश्यक होता है। पौधे वायुमण्डलीय नाइट्रोजन को सीधे ही ग्रहण नहीं कर सकते। मृदा में उपस्थित कुछ विशेष जीवाणु वायुमण्डल की स्वतन्त्र नाइट्रोजन को इसके विलेय यौगिकों में बदल देते हैं। जिन्हें पौधे अपनी जड़ों द्वारा आसानी से अवशोषित कर लेते हैं।

प्रश्न 8.
कवक क्या होते हैं? ये अपना भोजन कैसे प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
कवक सरल प्रकार के पौधे होते हैं। इनका शरीर अनेक महीन धागे जैसी संरचनाओं का बना होता है। कवक अथवा फंजाई में हरे रंग का वर्णक क्लोरोफिल नहीं पाया जाता है इसलिए ये अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते। कवक मृतोपजीवी या मृतजीवी कहलाते हैं क्योंकि ये अपना भोजन मृत एवं सड़े-गले पदार्थों से अवशोषित करते हैं। मशरूम, छत्रक, ब्रेड पर लगी फफूंद आदि कवक होते हैं।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 1 पादपों में पोषण -4

प्रश्न 9.
कवक अथवा फंजाई ब्रेड पर कहाँ से आए? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
कवक अत्यंत सूक्ष्म बीजाणुओं का निर्माण करते हैं जो वायु में काफी समय तक उड़ते रहते हैं और उपयुक्त दशाएँ प्राप्त होने पर अंकुरित होकर नया कवक जाल बनाते हैं।

प्रश्न 10.
उस संरचना का आरेख चित्र बनाइए जो आपको बेड पर आवर्धक लेंस में दिखाई देती है। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
आवर्धक लेंस में हमें कई दिन की बासी ब्रेड पर निम्न संरचनाएँ दिखाई देती हैं।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 1 पादपों में पोषण -5
चित्र-ब्रेड पर लगी कवक

प्रश्न 11.
मृदा में पोषक पदार्थों की पुनः पूर्ति किस प्रकार होती है?
उत्तर:
पादप मृदा से विभिन्न खनिज पदार्थ प्राप्त करते हैं, जिससे मृदा में इन पदार्थों की मात्रा लगातार कम होती जाती है। उर्वरक एवं खाद में नाइट्रोजन, पोटैशियम, फास्फोरस जैसे पादप पोषक होते हैं, मृदा को इन पोषक तत्वों से समृद्ध करने के लिए भूमि में सर्वरक तथा खाद मिलाने की आवश्यकता होती है। जीवाणुओं द्वारा मृत जीवों के विघटन से भी इन पदार्थों की पूर्ति होती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण

दीर्य उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रन्ध क्या होते हैं? पत्ती में इनकी उपस्थिति दर्शाने के लिए चित्र बनाइए। रन्धों के क्या कार्य हैं?
उत्तर:
रन्ध्र-रन्ध्र पत्तियों में पाए जाने वाले विशेष प्रकार के छिद्र हैं जो द्वारक कोशिकाओं से घिरे होते हैं। पत्तियों के अतिरिक्त हरे एवं कोमल तनों में भी रन्ध्र उपस्थित होते हैं।
रन्धों के कार्य रन्ध्रों के निम्न कार्य हैं-

1. रन्ध्र वायुमण्डल एवं पत्ती के ऊतकों के बीच कार्बन डाइऑक्साइड तथा ऑक्सीजन के आदान-प्रदान करने में सहायता करते हैं।
2. वाष्पोत्सर्जन में सहायता करते हैं।
3. विभिन्न गैसों के आदान-प्रदान में सहायता करते हैं।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 1 पादपों में पोषण -6

प्रश्न 2.
कीटभक्षी पौधे कीटों का भक्षण क्यों करते हैं ? किसी कीटभक्षी पौधे का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कीटभक्षी पौधे ऐसे स्थानों पर उगते हैं जहाँ की मृदा में नाइट्रोजन की कमी होती है। इन पौधों को जड़ द्वारा नाइट्रोजन उपलब्ध नहीं हो पाती है। नाइट्रोजन प्रोटीन निर्माण के लिए अति आवश्यक होती है। अतः प्रोटीन की प्राप्ति के लिए कीटभक्षी पौधे कीटों का भक्षण करते हैं।

घटपर्णी या पिचर पादप एक कीटभक्षी पौधा है। इसकी कुछ पत्तियाँ घड़े के आकार की हो जाती हैं जिसके मुँह पर एक छोटी पत्ती होती है जो एक ढक्कन का कार्य करती है। घड़े के अन्दर एक पाचक रस भरा रहता है। घड़े के अन्दर रोम होते हैं जो नीचे की ओर उन्मुख होते हैं। जब कोई कीट घड़े में प्रवेश करता है तो वह फिसलकर घड़े में भरे द्रव में गिर जाता है। रोम कीट को वापस ऊपर नहीं चढ़ने देते। कुछ समय में पाचक रस कीट की प्रोटीन को पचा लेता है। इस प्रोटीन से पौधे को नाइट्रोजन की पूर्ति हो जाती है।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 1 पादपों में पोषण -7

प्रश्न 3.
निम्नलिखित के दो-दो उदाहरण लिखिए-
(क) स्वपोषी
(ख) विषमपोषी
(ग) परजीवी
(घ) मृतजीवी
(ङ) सहजीवी
(च) कीटभक्षी पादप।
उत्तर:
(क) स्वपोषी – सरसों, गेहूँ। सम्पूर्ण पौधा –
(ख) विषमपोषी – बिल्ली, कुत्ता।
(ग) परजीवी – अमरबेल, खटमल।
(घ) मृतजीवी – कवक, कुछ जीवाणु।
(ङ) सहजीवी – लाइकेन, राइजोबियम।
(च) कीटभक्षी – पादप सनड्यू, वीनस फ्लाइ ट्रैप।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण

पादपों में पोषण Class 7  HBSE Notes in Hindi

→ पोषक – पोषण देने वाले पदार्थ।
→ स्वपोषी – अपना भोजन स्वयं बनाने वाले जीव स्वपोषी कहलाते हैं।
→ क्लोरोफिल – पत्तियों में पाया जाने वाला हरे रंग का वर्णक।
→ विषमपोषी – ऐसे जीव जो अपने पोषण के लिए विभिन्न विधियों को अपनाते हैं, विषमपोषी कहलाते हैं।
→ प्रकाश संश्लेषण – वह प्रक्रिया जिसमें हरे पौधे अपना भोजन निर्माण करते हैं।
→ रन्ध – पत्तियों एवं कोमल तनों में उपस्थित विशेष प्रकार के छिद्र जिनसे गैसों का आदान-प्रदान होता है।
→ परपोषी – दूसरे पौधे या प्राणी पर निर्भर रहकर भोजन प्राप्त करने वाले जीव परपोषी कहलाते हैं।
→ कीटभक्षी पादप – नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए कीटों का भक्षण करने वाले पादप।
→ परजीवी – ऐसे जीव जो दूसरे जीवों पर आश्रित होकर भोजन प्राप्त करते हैं।
→ मृतजीवी – मृत एवं सड़े-गले पदार्थों से भोजन प्राप्त करने वाले।
→ सहजीवी सम्बन्ध – जब दो जीव साथ-साथ रहकर एक दूसरे को लाभ पहुंचाते हैं तो यह सम्बन्ध सहजीवी सम्बन्ध कहलाता है, जैसे- लाइकेन।
→ कवक – विषमपोषी सरल प्रकार के पादप, जैसेमशरूम।
→ राइजोबियम – जीवाणु जो मटर कुल के पौधों की जड़ों में सहजीवी के रूप में पाए जाते हैं।
→ भोजन के वे घटक जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं, उन्हें पोषक कहते हैं।
→ कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन एवं खनिज लवण हमारे भोजन के पोषक घटक होते हैं।
→ पौधे अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं, इसलिए इन्हें स्वपोषी कहा जाता है।
→ मानव एवं अन्य प्राणी विभिन्न विधियों से पोषण प्राप्त करते हैं, इसलिए इन्हें विषमपोषी कहा जाता है।
→ सभी हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड से अपना भोजन बनाते हैं, इस क्रिया में ऑक्सीजन मुक्त होती है जो वायुमण्डल में चली जाती है।
→ पादपों को कार्बोहाइड्रेट के अलावा अन्य पदार्थों के निर्माण के लिए भी कुछ तत्वों की आवश्यकता होती है जिन्हें पौधे अपनी जड़ों द्वारा जल के साथ मदा से ग्रहण करते हैं।
→ कुछ ऐसे पौधे भी होते है जो अपना भोजन नहीं बना पाते अथवा आंशिक रूप से बना पाते हैं, वे भी प्राणियों की भाँतिविषमपोषी पौधे कहलाते हैं।
→ कुछ पौधे जो दूसरे पौधों पर आश्रित रहकर उनकी जीवित अवस्था में अपना भोजन प्राप्त करते हैं, परजीवी कहलाते हैं।
→ कीटभक्षी पौधे नाइट्रोजन तत्व की पूर्ति के लिए कीटों को पकड़ कर उन्हें पचा लेते हैं।
→ कुकुरमुत्ता, मशरूम, म्यूकर आदि कवकों के उदाहरण हैं। ये सड़ी-गली कार्बनिक वस्तुओं से अपना भोजन प्राप्त करते
→ कुछ जीव एक-दूसरे के साथ रहते हैं तथा अपना आवास एवं पोषक तत्व एक-दूसरे के साथ बाँटते हैं, इसे सहजीवी । संबंध कहते हैं। लाइकेन सहजीवी सम्बन्ध का एक उत्तम उदाहरण है।
→ मृदा में पोषक तत्वों की कमी होने पर इसमें उर्वरक तथा खाद मिलाए जाते हैं।

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HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

HBSE 8th Class Science घर्षण InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 152)

प्रश्न 1.
क्या हम पृष्ठों पर पॉलिश करके अथवा अत्यधि क मात्रा में स्नेहक पदार्थों का प्रयोग करके घर्षण को घटाकर शून्य कर सकते हैं ?
उत्तर
कोई पृष्ठ पूर्णत: चिकना नहीं होता, उसमें कुछ अनियमितताएँ अवश्य होती हैं, इस कारण घर्षण पूरी तरह समाप्त नहीं हो सकता है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

HBSE 8th Class Science घर्षण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) घर्षण एक-दूसरे के सम्पर्क में रखी दो वस्तुओं के पृष्ठों के बीच ………………. का विरोध करता है ।
(ख) घर्षण पृष्ठों के ……….. पर निर्भर करता है।
(ग) घर्षण से ……………. उत्पन्न होती है ।
(घ) कैरम बोर्ड पर पाउडर छिड़कने से घर्षण ………………. हो जाता है।
(ङ) सी घर्षण स्थैतिक घर्षण से ……………….. होता है।
उत्तर:
(क) गति,
(ख) चिकनेपन (प्रकृति),
(ग) ऊष्मा,
(घ) कम,
(ङ) कम ।

प्रश्न 2.
चार बच्चों को लोटनिक, स्थैतिक तथा सी घर्षण के कारण बलों को घटते क्रम में व्यवस्थित करने के लिए कहा गया । उनकी व्यवस्था नीचे दी गयी है। सही व्यवस्था का चयन कीजिए –
(क) लोटनिक, स्थैतिक, सी
(ख) लोटनिक, सी, स्थैतिक
(ग) स्थैतिक, सी, लोटनिक
(घ) सपी, स्थैतिक, लोटनिक
उत्तर:
(ग) स्थैतिक, सपी, लोटनिक

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प्रश्न 3.
आलिदा अपनी खिलौना कार को संगमरमर के सूखे फर्श, संगमरमर के गीले फर्श, फर्श पर बिछे समाचारपत्र तथा तौलिए पर चलाती है । कार पर विभिन्न पृष्ठों द्वारा लगे घर्षण बल का बढ़ता क्रम होगा
(क) संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श, समाचारपत्र, तौलिया
(ख) समाचारपत्र, तौलिया, संगमरमर का सूखा फर्श, संगमरमर का गीला फर्श
(ग) तौलिया, समाचारपत्र, संगमरमर का सूखा फर्श, संगमरमर का गीला फर्श
(घ) संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श, तौलिया, समाचारपत्र
उत्तर:
(क) संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श, समाचारपत्र, तौलिया

प्रश्न 4.
मान लीजिए आप अपने डेस्क को थोड़ा झुकाते हैं । उस पर रखी कोई पुस्तक नीचे की ओर सरकना आरम्भ कर देती है । इस पर लगे घर्षण बल की दिशा दर्शाइए।
उत्तर:
किताब के नीचे खिसकने पर घर्षण बल की दिशा ऊपर की ओर होगी, क्योंकि घर्षण बल सदैव गति की, दिशा के विपरीत कार्य करता है।

प्रश्न 5.
मान लीजिए दुर्घटनावश साबुन के पानी से भरी बाल्टी संगमरमर के किसी फर्श पर उलट जाए । इस गीले फर्श पर आपके लिए चलना आसान होगा या कठिन । अपने उत्तर का कारण बताइए ।
उत्तर:
साबुन का पानी गिरने से गीले फर्श पर चलना कठिन हो जाता है । फर्श पर फैले साबुन के पानी के कारण हमारे पैर तथा फर्श के बीच कार्यरत घर्षण बल कम हो जाता है, जिससे फर्श पर पैर की पकड़ ढीली पड़ जाती

प्रश्न 6.
खिलाड़ी कीलदार जूते (स्पाइक्स) क्यों पहनते हैं ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
स्पाइक्स के कारण पैर व मैदान की सतह के मध्य घर्षण बल बढ़ जाता है तथा सतह पर दौड़ना आसान हो जाता है और फिसलने का भय नहीं रहता ।

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प्रश्न 7.
इकबाल को हल्की पेटिका धकेलनी है तथा सीमा को उसी फर्श पर भारी पेटिका धकेलनी है । कौन अधिक घर्षण बल अनुभव करेगा और क्यों ?
उत्तर:
सीमा अधिक घर्षण बल अनुभव करेगी, क्योंकि घर्षण हमेशा आरोपित बल का विरोध करता है। आरोपित बल जितना ज्यादा होगा उसी के समानुपाती घर्षण बल होगा। चूँकि भारी पेटिका को धकेलने के लिए ज्यादा बल की आवश्यकता होती है, इसलिए उस पर घर्षण बल – अधिक अनुभव होता है।

प्रश्न 8.
व्याख्या कीजिए, सी घर्षण स्थैतिक घर्षण से कम क्यों होता है ?
उत्तर:
जब कोई वस्तु गतिशील नहीं होती अर्थात् विराम अवस्था में होती है तब वस्तु और धरती की सतह के बीच उन दोनों के पृष्ठों की अनियमितताओं के कारण घर्षण अधिक होगा । परन्तु जब वस्तु गति की स्थिति में होती है, तो अनियमितताओं के एक-दूसरे में फँसने का अधिक समय नहीं मिलता, इस कारण सपी घर्षण स्थैतिक घर्षण से कम होता है।

प्रश्न 9.
वर्णन कीजिए, घर्षण किस प्रकार शत्रु एवं मित्र दोनों हैं?
उत्तर:
घर्षण शत्रु निम्न प्रकार से है
(1) यह टूट-फूट का उत्तरदायी है।
(2) ऊष्मा के रूप में ऊर्जा व्यय होती है।
(3) मशीन की कार्यक्षमता कम करता है ।
(4) मशीनों के पुजों में स्नेहक लगाने से काफी मात्रा में धन व्यय होता है।

घर्षण मित्र निम्न प्रकार से है
(1) घर्षण के बिना चलना सम्भव नहीं है, क्योंकि इस दशा में हमारा पैर सतह पर केवल फिसलेगा ।
(2) घर्षण के बिना दो वस्तुओं का चिपकना संभव नहीं है ।
(3) गतिमान वस्तुओं के ब्रेक घर्षण के बिना कार्य नहीं करते ।
(4) ब्लैक बोर्ड या कागज पर घर्षण के बिना लिखना भी संभव नहीं है।

प्रश्न 10.
वर्णन कीजिए, तरल में गति करने वाली वस्तुओं की आकृति विशेष प्रकार की क्यों बनाते हैं ?
उत्तर:
किसी तरल पर लगने वाला घर्षण बल उसकी तरल के सापेक्ष गति पर निर्भर करता है । तरल में गति करने वाली वस्तुओं की आकृति विशेष प्रकार की अर्थात् धारारेखीय बनाई जाती है क्योंकि यदि वाहन उच्च वेग से गति करेगा तो भी उसके चारों ओर हवा का प्रवाह धारारेखीय ही रहेगा और विक्षुब्ध नहीं होगा। इस कारण वाहन की गति नियमित रहती है।

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HBSE 8th Class Science घर्षण Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. घर्षण कम करने वाले पदार्थों को कहते हैं
(अ) कर्षण
(ब) स्नेहक
(स) अंत:बंधित पदार्थ
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ब) स्नेहक

2. पहिए घर्षण के मान को –
(अ) शून्य कर देते हैं
(ब) कम कर देखें हैं
(स) अधिक कर देते हैं
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(ब) कम कर देखें हैं

3. तरलों द्वारा लगाए गये घर्षण बल को कहते हैं
(अ) स्पर्शीय बल
(ब) लोटनिक बल
(स) कर्षण
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(स) कर्षण

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4. तरल नाम संयुक्त रूप से दिया गया है
(अ) गैसों व ठोसों को
(ब) गैसों व द्रवों को
(स) ठोस व द्रवों को
(द) गैस, द्रव व ठोस तीनों को।
उत्तर:
(ब) गैसों व द्रवों को

5. घर्षण सम्पर्क में आने वाले दो पृष्ठों में किसके कारण होता है –
(अ) चिकनाई
(ब) नियमितता
(स) अनियमितता
(द) अ एवं ब दोनों ।
उत्तर:
(स) अनियमितता

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) ………….. सदैव ही लगाए गए बल का विरोध करता है।
(ख) घर्षण सम्पर्क में आने वाले दो पृष्ठों की …………. के कारण होता है।
(ग) यदि पृष्ठ रुक्ष हो तो घर्षण बल ………….. होता है।
(घ) घर्षण कम करने वाले पदार्थो को ……….. कहते हैं।
(ङ) लोटनिक घर्षण सी घर्षण से ……………. होता है।
उत्तर:
(क) घर्षण बल
(ख) अनियमितताओं
(ग) अधिक
(घ) स्नेहक
(ङ) कम

सुमेलन

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(i) घर्षण कम करने वाला पदार्थ(क) घर्षण में वृद्धि हो जाती है।
(ii) तरल द्वारा लगाया गया घर्षण बल(ख) स्नेहक
(iii) पृष्ठों को बलपूर्वक दबाने पर(ग) घर्षण
(iv) ऊष्मा उत्पन्न होने का कारण(घ) कर्षण ।

उत्तर:

कॉलम ‘अ’कॉलम ‘ब’
(i) घर्षण कम करने वाला पदार्थ(ख) स्नेहक
(ii) तरल द्वारा लगाया गया घर्षण बल(घ) कर्षण ।
(iii) पृष्ठों को बलपूर्वक दबाने पर(क) घर्षण में वृद्धि हो जाती है।
(iv) ऊष्मा उत्पन्न होने का कारण(ग) घर्षण

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सत्य / असत्य कथन

(क) यदि हम दाईं दिशा में बल लगाते हैं तो घर्षण बाई दिशा में कार्य करता है।
(ख) सी घर्षण स्थैतिक घर्षण से कुछ अधिक होता है।
(ग) घर्षण कम करने वाले पदार्थों को स्नेहक कहते हैं।
(घ) लोटनिक घर्षण सपी घर्षण से अधिक होता है।
(ङ) तरलों द्वारा लगाए गए घर्षण बल को कर्षण कहते हैं।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) असत्य
(ङ) सत्य

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
घर्षण क्या है ?
उत्तर:
जब कोई एक वस्तु दूसरी वस्तु की किसी सतह पर सरकती है तो एक बल उत्पन्न करती है, जो गति का विरोध करता है । यह बल घर्षण बल कहलाता है।

प्रश्न 2.
बारिश के दिनों में हम आसानी से क्यों फिसल जाते हैं?
उत्तर:
जूतों तथा आर्द्र तल के मध्य घर्षण कम होने के कारण हम आसानी से फिसल जाते हैं।

प्रश्न 3.
कमानीदार तुला क्या है?
उत्तर:
कमानीदार तुला ऐसी युक्ति है जिसके द्वारा किसी वस्तु पर लगने वाले बल को मापा जाता है।

प्रश्न 4.
क्या यह सत्य है कि घर्षण स्व:अनुकूलित होता
उत्तर:
जब तक वस्तु गतिमान होती है, घर्षण बल स्वयं को इस प्रकार अनुकूलित करता है कि यह लगाए गए बल के समान और उलट दिशा में हो ।

प्रश्न 5.
सीमेंट फर्श अथवा गीली मिट्टी में से कौन अधिक चिकनी है ?
उत्तर:
गीली मिट्टी ।

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प्रश्न 6.
बर्फ से ढंके रास्तों पर रेत क्यों डाली जाती है?
उत्तर:
रेत डालने से घर्षण बल बढ़ जाता है और बर्फीली सड़कों पर चलना आसान हो जाता है ।

प्रश्न 7.
स्नेहक किसे कहते हैं ?
उत्तर:
घर्षण कम करने वाले पदार्थ स्नेहक कहलाते हैं।

प्रश्न 8.
पहिए वृत्ताकार (गोल) क्यों होते हैं ?
उत्तर:
पहिए सी घर्षण को लोटनिक घर्षण में बदल देते हैं।

प्रश्न 9.
लोटनिक घर्षण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जब एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु के पृष्ठ पर लुढ़कती है तो उसकी गति के प्रतिरोध को लोटनिक घर्षण कहते हैं।

प्रश्न 10.
सपी घर्षण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जब एक वस्तु किसी अन्य सतह पर फिसलती है तो उनकी सम्पर्क सतहों के बीच लगने वाले घर्षण बल को सी घर्षण बल कहते हैं ।

प्रश्न 11.
कर्षण क्या है ?
उत्तर:
तरलों द्वारा लगाए गए घर्षण बल को कर्षण कहते हैं।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
घर्षण बल सदैव ही लगाए गए बल का विरोध करता है। स्पष्ट कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
यदि बल बार्टी दिशा में लगाया जाता है तो घर्षण बल दायी दिशा में कार्य करता है। यदि बल दार्थी दिशा में लगाया गया है तो घर्षण बल बाटै दिशा में कार्य करता है। दोनों स्थितियों में घर्षण पुस्तक की गति का विरोध करता है। घर्षण बल सदैव ही लगाए गए बल का विरोध करता है।

प्रश्न 2.
क्या कारण है कि वाहनों के टायर में उचित हवा भरने से ईंधन की बचत होती है ?
उत्तर:
हम जानते हैं कि सी घर्षण की तुलना में लोटनिक घर्षण का मान कम होता है । यदि टायरों में सही मात्रा में हवा भरी हो, तो वे बिना फिसले लुढ़कते हैं । इस कारण घर्षण में ऊर्जा हानि कम होती है तथा ईंधन की बचत होती है।

प्रश्न 3.
स्थैतिक घर्षण क्या है ?
उत्तर:
किसी वस्तु की स्थिरावस्था में उस पर लग रहे बाह्य बलों को प्रतिसंतुलित करने वाला घर्षण बल, स्थैतिक घर्षण बल कहलाता है ।

प्रश्न 4.
हम श्यामपट्ट पर.क्यों लिख पाते हैं ?
उत्तर:
जब चॉक द्वारा श्यामपट्ट पर लिखते हैं तो श्यामपट्ट का खुरदरा पृष्ठ रगड़ द्वारा चॉक के कुछ कणों को उतार देता है जो श्यामपट्ट से चिपक जाते हैं और इस प्रकार श्यामपट्ट पर लिखाई हो जाती है।

प्रश्न 5.
घर्षण किस प्रकार ऊष्मा पैदा करता है?
उत्तर:
घर्षण के द्वारा ऊष्मा उत्पन्न होती है । इसका सत्यापन निम्न उदाहरणों द्वारा किया जा सकता है
(1) हाथों को परस्पर रगड़ने से हाथ गर्म हो जाते हैं ।
(2) माचिस की तीली रगड़ने से आग उत्पन्न होती है।
(3) मिक्सर का जार, कुछ देर चलने के बाद गर्म हो जाता है।

प्रश्न 6.
सर्पा घर्षण क्या है ? एक उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
जब एक वस्तु किसी अन्य वस्तु पर फिसलती है तो उसके संपर्क सतहों के मध्य लगने वाला घर्षण बल सी घर्षण कहलाता है ।
उदाहरण – जब लकड़ी का एक ब्लाक जमीन पर खांचा अथवा धकला जाता ह तब यह बल सी घर्षण बल कहलाता है।

प्रश्न 7.
गतिज घर्षण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब वस्तु पर लगाया गया बल सीमांत घर्षण से अधिक हो तो वस्तु गति करने लगती है. इस स्थिति में वस्तु पर प्रभावी बल परिमाण में वस्तु पर लगे बल तथा सीमांत घर्षण बल के अन्तर के बराबर होगा । इसी प्रकार जब एक वस्तु दूसरी वस्तु की सतह पर गति करती है तो उस समय उत्पन्न घर्षण को गतिज घर्षण कहते हैं । गतिज घर्षण का मान सीमान्त घर्षण से थोड़ा कम होता है।

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प्रश्न 8.
सीमांत घर्षण क्या है?
उत्तर:
यदि वस्तु पर लगाया गया बल बढ़ाते जाएँ तो घर्षण बल एक सीमांत मान तक बढ़ता है । यह सीमांतमान, सीमांत घर्षण कहलाता है । इस अवस्था में, वस्तु क्षैतिज सतह पर सरकने वाली ही होती है।

प्रश्न 9.
तरल घर्षण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
हम जानते हैं कि वायु एवं जल वस्तुओं की गति का विरोध करते हैं अर्थात् ये वस्तुओं पर घर्षण बल लगाते हैं । गैसों एवं द्रवों को तरल नाम दिया गया है । तरल इनसे होकर गति करने वाली वस्तुओं पर घर्षण बल लगाते हैं, इसे कर्षण भी कहते हैं।

प्रश्न 10.
मशीनों में स्नेहक का प्रयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:
स्नेहक दो सतहों के मध्य एक पतली परत के रूप में फैल जाता है तथा गति, सतह व स्नेहक की परत के बीच होती है जिससे शुष्क घर्षण, आर्द्र घर्षण में बदल जाता है । इसलिये मशीनों के विभिन्न अंगों के बीच घर्षण कम करने हेतु स्नेहक का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 11.
वाहनों के पहियों पर अनियमित प्रक्षेप (उभार) होते हैं, क्यों ?
उत्तर:
पहियों में अनियमित उभार घर्षण बल बढ़ाने के लिए किए जाते हैं । यदि पहियों में ये उभार न हों तो पहिए व सड़क के बीच घर्षण बल कम हो जाएगा और वाहन को ब्रेक लगाकर रोकने का प्रयास करने पर वह फिसल जाएगा।

प्रश्न 12.
लोटनिक घर्षण से क्या तात्पर्य है? यह किस प्रकार घर्षण को कम कर देता है?
उत्तर:
जब एक वस्तु किसी अन्य वस्तु के पृष्ठ पर लुढ़कती है तो उसकी गति के प्रतिरोध को लोटनिक घर्षण कहते हैं । लोटन द्वारा घर्षण कम हो जाता है तथा किसी वस्तु को दूसरी वस्तु पर सरकने की तुलना में लोटन करना आसान होता है। यही कारण है कि पहिए लगा हुआ समान खींचने में सुविधाजनक होता है; क्योंकि लोटनिक घर्षण का मान सी घर्षण से कम होता है । इसी कारण मशीनों में सपी घर्षण को बॉल वियरिंग का उपयोग करके लोटनिक घर्षण में परिवर्तित कर दिया जाता है ।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
घर्षण बल क्या है ? घर्षण को किस प्रकार कम किया जा सकता है ?
उत्तर:
घर्षण बल : जब एक वस्तु दूसरी वस्तु की किसी सतह पर सरकती है तो एक बल उत्पन्न होता है, जो गति का विरोध करता है । यह बल घर्षण बल कहलाता है। घर्षण को निम्न तरीकों से कम किया जा सकता है –
(1) स्नेहक का प्रयोग : घर्षण कम करने के लिए स्नेहक जैसे तेल या ग्रीस का उपयोग किया जाता है, जब दो सतहों के मध्य ग्रीस या तेल लगाया जाता है तो सतह की अनियमितताएँ पृथक् रहती हैं और पूर्णतया अंत:प्रथित – नहीं हो पातीं । इस प्रकार सतहें उनके मध्य कम घर्षण के साथ गति कर सकती हैं।

(2) बारारेखीय आकृति प्रदान करके : जब वाहन “उच्च वेग के साथ गति करते हैं तो इन्हें वायु प्रतिरोध (वर्षण) का सामना करना पड़ता है। वाहन की गति पर वायु प्रतिरोध का प्रभाव कम करने के लिए इन्हें आगे से धारारेखीय आकृति प्रदान कर दी जाती है।

(3) सी घर्षण को लोटनिक घर्षण में बदलकर : लोटनिक घर्षण सी घर्षण की तुलना में कम होता है। इस कारण हम सी घर्षण को लोटनिक घर्षण में बदल देते हैं । यह व्यवस्था बाल वियरिंग द्वारा की जाती है।

(4) सतह पर पॉलिश करके : घर्षण कम करने के लिए सतहों पर पॉलिश की जाती है । सतह का अनियमित भाग पॉलिश से भर जाता है तथा इस प्रकार घर्षण कम हो जाता प्रश्न 2. यदि घर्षण न हो तो यह जीवन को किस प्रकार प्रभावित करेगा। उत्तर- घर्षण के न होने पर निम्नलिखित परिस्थितियाँ उत्पन्न होंगी-
(1) ब्लैकबोर्ड पर नहीं लिखा जा सकेगा।
(2) माचिस की तीली को नहीं जला पाएंगे ।
(3) मशीनों के विभिन्न पुजों का घूमना सम्भव नहीं होगा ।
(4) वाहन पर ब्रेक लगाने से, वाहन रुकेंगे नहीं तथा वे सड़क पर फिसलने लगेंगे ।
(5) वाहन में गति आरम्भ नहीं की जा सकेगी।
(6) हम कागज पर नहीं लिख पाएंगे।

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प्रश्न 3.
रोलर पर रखे सामान को खींचना सुविधाजनक होता है। स्पष्ट कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जब एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु के पृष्ठ पर लुड़कती है तो उसकी गति के प्रतिरोध को लोटनिक घर्षण कहते हैं। लोटन घर्षण कम कर देता है। किसी वस्तु को दूसरी वस्तु पर सरकने की तुलना में लोटन करना सदैव आसान होता है। यही कारण है कि रोलर पर रखे सामान को खींचना सुविधाजनक होता है। उदाहरण के लिए भारी मशीनों को उनके नीचे लकड़ी के लट्ठे रखकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से ले जा सकते हैं।

प्रश्न 4.
तरल घर्षण की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
वायु से होकर गति करने वाली वस्तुओं पर वायु घर्षण बल लगाती है। इसी प्रकार जल तथा अन्य द्रव भी इनसे होकर गति करने वाली वस्तुओं पर घर्षण बल लगाते है। गैसों तथा द्रवों को तरल कहा जाता है। तरल इनसे होकर गति करने वाली वस्तुओं पर घर्षण बल लगाते हैं। तरलों द्वारा लगाए गए घर्षण बल को कर्षण भी कहते हैं। किसी तरल पर लगने वाला घर्षण बल उसकी तरल के सापेक्ष गति पर निर्भर करता है। घर्षण बल वस्तु की आकृति तथा तरल की प्रकृति पर भी निर्भर करता है। जब वस्तुएँ किसी तरल में गति करती हैं तो उन्हें उन पर लगे घर्षण बल पर पार पाना होता है। इस प्रक्रिया में उनकी ऊर्जा का क्षय होता है।

घर्षण Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ घर्षण (Friction) : संपर्क में रखे दो पृष्ठों के बीच सापेक्ष गति का प्रतिरोध ।

→ स्नेहक (Lubricant) : घर्षण कम करने वाले पदार्थों को स्नेहक कहते हैं।

→ लोटनिक घर्षण (Rolling friction) : दो वस्तुओं के परस्पर पृष्ठों पर लुढ़कने से उत्पन्न गति के प्रतिरोध को लोटनिक घर्षण कहते हैं ।

→ सी घर्षण (Sliding friction) : एक वस्तु का दूसरे वस्तु पर सरकने से उत्पन्न प्रतिरोध बल को सी घर्षण कहते हैं।

तरल घर्षण (Fluid friction) : तरल में डूबी वस्तुओं पर तरल द्वारा लगाया गया बल ।

→ स्थैतिक घर्षण (Staticfriction) : किसी रुकी हुई वस्त की विराम अवस्था में लगा बल स्थैतिक घर्षण कहलाता है।

→ धारारेखीय (Streamline) : एक विशिष्ट आकृति जिसमें वायु और जल में घर्षण कम होता है ।

→ कर्षण (Traction) : तरलों द्वारा लगाए गए घर्षण बल को कर्षण कहते हैं।

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HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 3 रेशों से वस्त्र तकग

Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 3 रेशों से वस्त्र तकग Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 3 रेशों से वस्त्र तकग

HBSE 7th Class Science रेशों से वस्त्र तकग InText Questions and Answers

बूझो / पहेली

प्रश्न 1.
बूझो को आश्चर्य होता है कि जब कोई उसके बालों को खींचता है, तो दर्द होता है, परन्तु जब वह बाल कटवाता है, तब दर्द नहीं होता है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
यदि कोई हमारे बाल खींचता है तो इससे दर्द इसलिए होता है, क्योंकि बालों की जड़ें त्वचा से जुड़ी होती हैं। लेकिन बालों को कटवाने में सिर्फ इनके सिरे ही काटे जाते हैं, जो कि मृत हैं इसलिए बाल कटवाने में दर्द का अनुभव नहीं होता है।

प्रश्न 2.
बूझो यह जानने को उत्सुक है कि सर्दियों में सूती कपड़े हमें उतना गर्म क्यों नहीं रख पाते हैं, जितना ऊनी स्वेटर रखता है।
उत्तर:
सूती कपड़े पतले होने के कारण इनमें हवा नहीं भरती। ऊन सूती कपड़ों की अपेक्षा मोटी होती है और इसके बीच जगह होती है जिसमें हवा भर जाती है। हवा ऊष्मा की कुचालक होने के कारण शरीर की ऊष्मा को बाहर नहीं जाने देती। इसलिए हमें सर्दियों में ऊनी कपड़े आरामदायक लगते हैं।

प्रश्न 3.
पहेली जानना चाहती है कि क्या कपास के धागे और रेशम के धागे की कताई और बुनाई एक ही प्रकार से की जाती है?
उत्तर:
नहीं, रेशम के धागे स्वतः ही काफी लम्बे होते

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण

HBSE 7th Class Science रेशों से वस्त्र तकग Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
सम्भवतः आपने नर्सरी कक्षा में निम्नलिखित पंक्तियाँ पढ़ी होंगी
(क) ‘बा बा ब्लेक शीप हेव यू एनी वूल’
(ख) ‘मेरी हेड ए लिट्ल लैम्ब, हूज फ्लीस वाज व्हाइट एज स्नो’

ऊपर लिखी पंक्तियों के आधार पर यह बताइए कि
(i) ब्लैक शीप (काली भेड़) के किन भागों में ऊन होती है?
(ii) मेमने (लैम्ब) के सफेद रोमों का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
(क) (i) सामान्यतः भेड़ों की पीठ तथा पेट पर ऊन होती है।
(ख) (ii) मेमने के शरीर पर सफेद बाल पाए जाते हैं। इन्हें सफेद रोम भी कहते हैं। इनसे ऊन तैयार की जाती है।

प्रश्न 2.
रेशम कीट (अ) कैटरपिलर, (ब) लार्वा हैं। सही विकल्प चुनिए।
(क) केवल (अ)
(ख) केवल (ब)
(ग) (अ) और (ब)
(घ) न ही (अ) और न (ब)।
उत्तर:
(क) केवल (अ)।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किससे ऊन प्राप्त नहीं होती?
(क) याक
(ख) ऊँट
(ग) बकरी
(घ) घने बालों वाला कुत्ता।
उत्तर:
(घ) घने बालों वाला कुत्ता।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का क्या अर्थ है?
(क) पालन
(ख) ऊन कटाई
(ग) रेशम कीट पालन
उत्तर:
(क) पालन-जन्तुओं को उनसे कुछ वस्तुओं की प्राप्ति के लिए उनकी देखभाल करना पालन कहलाता है।

  • भेड़ो का पालना भड़ पालन है।
  • गड़रिए भड़ा को चराने ले जाते हैं।
  • भेड़ों को खिलाना, पिलाना, गर्मी, सर्दी से बचाना, इनकी सुरक्षा करना पालन के अंतर्गत आता है।

(ख) ऊन कटाई-भेड़ों के बालों को त्वचा से उतारने की प्रक्रिया ऊन की कटाई कहलाती है। भेड़ के बाल उतारने के लिए मशीन का प्रयोग किया जाता है। प्रायः बालों को गर्मी के मौसम में काटा जाता है। ऊन काटने से भेड़ को कोई हानि नहीं होती है।

(ग) रेशम कीट पालन-रेशम प्राप्त करने के लिए रेशम के कीटों का पाला जाना रेशम कीट पालन कहलाता है। रेशम कीट पालन एक पुराना व आर्थिक महत्व का व्यवसाय है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण

प्रश्न 5.
ऊन के संसाधन के विभिन्न चरणों के क्रम में कुछ चरण नीचे दिये गये हैं। शेष चरणों को उनके सही क्रम में लिखिए।
ऊन कटाई, ………….., छंटाई …………, …………..।
उत्तर:
1, ऊन कटाई, 2, अभिमार्जन, 3. छैटाई, 4. रीलिंग, 5. रंगाई।

प्रश्न 6.
रेशम कीट के जीवन-चक्र की उन दो अवस्थाओं के चित्र बनाइए जो प्रत्यक्ष रूप से रेशम के उत्पादन से सम्बन्धित हैं।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 3 रेशों से वस्त्र तकग -1

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-से दो शब्द रेशम उत्पादन से सम्बन्धित हैं?
रेशम कीट पालन, पुष्प कृषि, शहतूत कृषि, मधुमक्खी पालन, वनवर्धन।
संकेत :
(i) रेशम उत्पादन में शहतूत की पत्तियों की खेती और रेशम कीटों को पालना सम्मिलित है।
(ii) शहतूत का वैज्ञानिक नाम मोरस एल्बा है।
उत्तर:
(i) रेशम कीट पालन
(ii) शहतूत की खेती।

प्रश्न 8.
कॉलम A में दिये शब्दों को कॉलम B में दिये गये वाक्यों से मिलाइए-

कॉलम Aकॉलम B
(क) अभिमार्जन(i) रेशम फाइबर उत्पन्न
(ख) शहतूत की पत्तियाँ(ii) ऊन देने वाला जंतु
(ग) याक(iii) रेशम कीट का भोजन
(घ) कोकून(iv) रीलिंग
(v) काटी गई ऊन की सफाई

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
(क) अभिमार्जन(v) काटी गई ऊन की सफाई
(ख) शहतूत की पत्तियाँ(iii) रेशम कीट का भोजन
(ग) याक(ii) ऊन देने वाला जंतु
(घ) कोकून(i) रेशम फाइबर उत्पन्न

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण

प्रश्न 9.
इस पाठ पर आधारित एक वर्ग पहेली दी गई है। रिक्त स्थानों को उन अक्षरों से भरने । के लिए संकेतों का उपयोग करिए, जो अक्षर को पूरा करते है।
सीधे
2. कार्तित ऊन को अच्छी तरह से धोने का प्रक्रम
3. एक प्रकार का जांतव रेशा
6. लम्बी धागे जैसी संरचना जिससे बुनकर वस्त्र बनाते हैं।

ऊपर से नीचे
1. इससे बुने वस्त्र शरीर को गरम रखते हैं।
4. इसकी पत्तियों को रेशम कीट खाते हैं
5. रेशम कीट के अंडे से निकलते हैं।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 3 रेशों से वस्त्र तकग -2

HBSE 7th Class Science प्राणियों में पोषण Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्न में से कौन-सा जान्तव रेशा नहीं है?
(क) ऊन
(ख) रेशम
(ग) पटसन
(घ) ये सभी
उत्तर:
(ग) पटसन

2. भेड़ की रोंयेदार त्वचा पर कितने प्रकार के बाल होते
(क) एक प्रकार के
(ख) दो प्रकार के
(ग) तीन प्रकार के
(घ) चार प्रकार के
उत्तर:
(ख) दो प्रकार के

3. पश्मीना शालों को बनाने के लिए ऊन प्राप्त होती है
(क) भेड़ से
(ख) याक से
(ग) बकरी से
(घ) ऊँट से
उत्तर:
(ग) बकरी से

4. लामा एवं ऐल्पेको पाए जाते हैं
(क) भारत में
(ख) अफगानिस्तान में
(ग) चीन में
(घ) दक्षिण अमेरिका में
उत्तर:
(घ) दक्षिण अमेरिका में

5. कैटरपिलर का भोजन है
(क) सूक्ष्म कीट
(ख) फलों का रस
(ग) शहतूत की पत्तियाँ
(घ) मकरन्द
उत्तर:
(ग) शहतूत की पत्तियाँ

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II. रिक्त स्थान निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए

1. उन्नत नश्ल की भेड़ों को ………… द्वारा उत्पन्न किया जाता है।
2. आजकल अभिमार्जन ………… द्वारा किया जाता है।
3. कैटरपिलर अपने जीवन चक्र की अगली अवस्था में प्रवेश करने के लिए तैयार होता है तब यह …………. कहलाता है।
4. सबसे सामान्य रेशम कीट ………… है।
उत्तर:
1. वरणात्मक प्रजनन
2. मशीनों
3. प्यूपा/कोशित
4. शहतूत रेशम कीट।

III. सुमेलन कॉलम A तथा कॉलम B के शब्दों का मिलान कीजिए-

कॉलम Aकॉलम B
1. प्यूपा(a) सिल्क
2. मादा रेशम कीट(b) अण्डे
3. कैटरपिलर(c) रेशम
4. रेशम(d) शहतूत की पत्ती

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
1. प्यूपा(c) रेशम
2. मादा रेशम कीट(b) अण्डे
3. कैटरपिलर(d) शहतूत की पत्ती
4. रेशम(a) सिल्क

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IV. सत्य / असत्य

निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य कथन छाँटिए
1, भेड़ शाकाहारी होती है और वह घास व पत्तियाँ खाना पसंद करती है।
2. कैटरपिलर को भोजन की आवश्यकता नहीं होती है।
3. ऊन ऊष्मा की कुचालक होती है।
4. रेशम स्टील के तार के समान ही मजबूत होता है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. सत्य।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हमें शरीर के कौन से बाल रूखे तथा कौन-से बाल मुलायम प्रतीत होते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
हमें सिर के बाल रूखे और शरीर के बाल मुलायम प्रतीत होते हैं।

प्रश्न 2.
क्या हमारी तरह जन्तुओं के शरीर पर भी दो प्रकार के बाल पाए जाते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
हाँ, जन्तुओं के शरीर पर भी दो प्रकार के बाल होते हैं।

प्रश्न 3.
जन्तुओं के इन दो प्रकार के बालों के नाम बताइए।
उत्तर:

  1. दाड़ी के रूखे बाल
  2. त्वचा के मुलायम बाल।

प्रश्न 4.
हमें अंगोरा ऊन किस जानवर से प्राप्त होती है?
उत्तर:
अंगोरा ऊन अंगोरा नस्ल की बकरियों से प्राप्त की जाती है।

प्रश्न 5.
पश्मीना शॉलें कहाँ बनायी जाती हैं?
उत्तर:
कश्मीर में।

प्रश्न 6.
सर्दियों में भेड़ों से बाल क्यों नहीं उतारने चाहिए? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
बाल भेड़ों को सर्दियों में ठंड से बचाते हैं। सर्दी में बाल उतरवाने के कारण भेड़ों को ठंड लग सकती है।

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प्रश्न 7.
कैटरपिलर किसे कहते हैं?
उत्तर:
रेशम कीट के अण्डों में से निकले हुए लार्वा – कैटरपिलर कहलाते हैं।

प्रश्न 8.
प्यूपा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब कैटरपिलर अपने जीवन-चक्र की अगली अवस्था में प्रवेश करने के लिए तैयार होता है तो यह एक खोल में बंद हो जाता है, इसे प्यूपा कहते हैं।

प्रश्न 9.
रेशम के रेशे किस प्रकार उपयोगी हैं?
उत्तर:
रेशम फाइबर को रेशमी वस्त्र बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 10.
कृत्रिम रेशम और शुद्ध रेशम ऊन किन पदार्थों की बनी होती है। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
कृत्रिम रेशम रासायनिक पदार्थों की बनी होती है। जबकि शुद्ध रेशम तथा ऊन प्रोटीन की बनी होती है।

प्रश्न 11.
वरणात्मक प्रजनन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जनकों के चयन करके प्रजनन कराने की प्रक्रिया को वरणात्मक प्रजनन कहते हैं।

प्रश्न 12.
जन्तुओं के शरीर पर घने बालों का क्या लाभ है?
उत्तर:
बाल जन्तुओं को ठंड से बचाते हैं।

प्रश्न 13.
सेरीकल्चर किसे कहते हैं?
उत्तर:
रेशम कीट पालन को सेरीकल्चर कहते हैं?

प्रश्न 14.
अभिमार्जन किसे कहते हैं?
उत्तर:
भेड़ से उतारे गये बालों की सफाई को अभिमार्जन कहते हैं?

प्रश्न 15.
रीलिंग किसे कहते हैं?
उत्तर:
कोकून से रेशे निकालने के बाद धागे बनाने की प्रक्रिया रीलिंग कहलाती है।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में पायी जाने वाली भेड़ों की कुछ प्रजातियों के नाम बताइए। उनसे प्राप्त होने वाली ऊन का प्रकार तथा किस राज्य में पायी जाती हैं? बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
भेड़ों की भारतीय नस्ल

नस्लउन की गुणवत्ताराज्य जहाँ पाई जाती हैं
1. मारवाड़ीमोटी/रुक्ष ऊनगुजरात
2. लोहीअच्छी गुणवत्ता की ऊनराजस्थान, पंजाब
3. रामपुर बुशायरभूरी ऊनउत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश

प्रश्न 2.
कृत्रिम रेशम और प्राकृतिक रेशम में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
कृत्रिम रेशम एवं प्राकृतिक रेशम में अन्तर

कृत्रिम रेशमप्राढृतिक रेशम
(i) कृत्रिम रेशम रासायनिक पदार्थों से बनता है।(i) प्राकृतिक रेशम, कीटों से प्राप्त होता है।
(ii) यह बहुत रूक्ष होता है।(ii) यह बहुत मुलायम होता है।
(iii) यह प्राकृतिक रेशम की अपेक्षा कमजोर होता है।(iii) यह बहुत मजबूत होता है।
(iv) इसे बनाने में कम समय लगता है।(iv) इसे बनाने में अधिक समय लगता है।
(v) इसे वृर्तिम रूप से चमकाया जाता है।(v) इसमें प्राकृतिक चमक होती है।

प्रश्न 3.
रेशम कीट पालन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
मादा रेशम कीट एक बार में सैकड़ों अण्डे देती है। अण्डों को सावधानी से कपड़े की पट्टियों अथवा कागज पर संग्रहीत किया जाता है। संग्रहीत अण्डे रेशम कीट पालकों को बेच दिये जाते हैं। रेशम कीट पालक इन अण्डों को अनुकूल दशाओं एवं उचित ताप तथा आर्द्रता की स्थितियों में रखते हैं। अण्डों से निकले लार्वाओं को शहतूत की पत्तियाँ खिलाई जाती हैं।

प्रश्न 4.
कोकून से रेशम किस प्रकार प्राप्त किया जाता है?
उत्तर:
सबसे पहले रेशम कीट के कोकूनों का सावधानीपूर्वक चयन कर लिया जाता है। ध्यान रखा जाना चाहिए कि यदि कोकून से कीट कोकून को तोड़कर बाहर आ जाता है तो रेशम बेकार हो जाता है। एकत्र कोकून को गर्म पानी में डुबो दिया जाता है जिससे उनके अन्दर कीट मर जाते हैं। अब रेशम के तारों की रीलिंग कर ली जाती है।

प्रश्न 5.
ऊन उद्योग में व्यावसायिक संकट क्या है?
उत्तर:
ऊन उद्योग हमारे देश में अनेक व्यक्तियों के लिए जीविकोपार्जन का एक महत्वपूर्ण साधन है। लेकिन छंटाई करने वालों का कार्य जोखिम भरा है क्योंकि कभी-कभी वे एन्थ्रेक्स नामक जीवाणु द्वारा संक्रमित हो जाते हैं, जो एक घातक रक्त रोगकारक है। जिसे सॉर्टर्स रोग कहते हैं। किसी भी उद्योग में कारीगरों द्वारा ऐसे जोखिमों को झेलना व्यावसायिक संकट कहलाता है।

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प्रश्न 6.
भेड़ के अलावा किन-किन जन्तुओं से ऊन प्राप्त की जाती है? ये कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर:
ऊन प्रदान करने वाले जन्तु
याक-यह तिब्बत और लद्दाख में पाया जाता है। अंगोरा बकरी-जम्मू एवं कश्मीर में पायी जाती है। ऊँट राजस्थान में पाया जाता है। लामा और ऐल्पेको ये दक्षिणी अमेरिका में पाए जाते हैं।

दीर्य उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रेशों से ऊन संसाधित करने की प्रक्रिया समझाइए।
उत्तर:
रेशों से ऊन एक लम्बी प्रक्रिया द्वारा तैयार की जाती है। इसके प्रमुख चरण निम्न प्रकार हैं.
1. कटाई – सबसे पहले भेड़ के बालों को त्वचा की पतली परत के साथ शरीर से उतार लिया जाता है। इसके लिए मशीनें उपयोग की जाती हैं।
2. अभिमार्जन – त्वचा सहित उतारे गये बालों को टंकियों में डालकर अच्छी तरह से धोया जाता है जिससे उनकी चिकनाई, धूल और गर्द निकल जाए। यह क्रिया अभिमार्जन कहलाती है। आजकल मशीनों द्वारा भी अभिमार्जन किया जाता है।
3. छंटाई – इस प्रक्रिया के लिए बालों को कारखानों में भेज दिया जाता है। जहाँ विभिन्न गठन वाले बालों को छाँटा जाता है।
4. रेशों को छाँटना – बालों को सुखाने से पहले उनमें से कोमल व फूले हुए रेशों को छाँट लिया जाता है जो बर कहलाते हैं। इन्हें सुखाकर धागों के रूप में कातकर ऊन तैयार की जाती है।
5. रंगाई – अब रेशों की विभिन्न रंगों से रंगाई की जाती है।

प्रश्न 2.
रेशम कीट के जीवन-चक्र का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रेशम कीट के नर एवं मादा कोट अलग-अलग होते हैं। ये दोनों ही पंख वाले होते हैं। मादा कीट शहतूत की पत्तियों पर एक बार में सौ से अधिक अण्डे देती है। अण्डों से रेशम कीट का लार्वा निकलता है जिसे कैटरपिलर कहते हैं। कैटरपिलर शहतूत की पत्तियों को खाता है और आकार में वृद्धि करता है। खूब पत्तियाँ खाकर यह अब शिथिल होने लगता है। अपनी उदर ग्रन्थि से यह प्रोटीन से बना पदार्थ स्रावित करके स्वयं को लगातार ढकता जाता है। इस प्रकार यह अपने ऊपर एक गोलाकार खोल बना लेता है। इस खोल सहित कीट को कोकून कहते हैं। कुछ समय पश्चात् पंखों वाला रेशम कीट कोकून को तोड़कर बाहर निकल आता है तथा पुनः अपना जीवन-चक्र प्रारम्भ करता है।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 3 रेशों से वस्त्र तकग -3

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प्रश्न 3.
रेशम का संसाधन कैसे किया जाता है?
उत्तर:
रेशम का संसाधन:
रेशम फाइबर प्राप्त करने के लिए कोकूनों की बड़ी ढेरी का उपयोग किया जाता है। वयस्क कीट में विकसित होने से पहले ही कोकूनों को धूप में रखा जाता है अथवा पानी में उबाला जाता है या गर्म भाप में रखा जाता है। इस प्रक्रम में रेशम के फाइबर पृथक् हो जाते हैं। रेशम के रूप में उपयोग के लिए कोकून में से रेशे निकालने के पश्चात् उनसे धागे बनाने की प्रक्रिया रेशम की रीलिंग कहलाती है। रीलिंग विशेष मशीनों से की जाती है जो कोकून में से फाइबर या रेशों को निकालती हैं। फिर रेशम के फाइबरों की कताई की जाती है, जिससे रेशम के धागे प्राप्त हो जाते हैं। बुनकरों द्वारा रेशम के इन्हीं धार्गों से वस्त्र बुने जाते हैं।

रेशों से वस्त्र तकग Class 7  HBSE Notes in Hindi

→ जांतव रेशे – जन्तुओं से प्राप्त रेशे, जान्तव रेशे कहलाते हैं।
→ कर्तित ऊन – भेड़ की त्वचा के निकट अवस्थित तन्तु रूपी मुलायम बाल।
→ वरणात्मक प्रजनन – तंतुरूपी मुलायम बालों जैसे गुणों वाली भेड़ों के उत्पादन के लिए जनकों के चयन की प्रक्रिया।
→ ऊन कटाई – भेंड़ एवं अन्य जन्तुओं से बाल उतारना।
→ अभिमार्जन – जन्तुओं की त्वचा से उतारे गए बालों को साफ करने की प्रक्रिया।
→ रीलिंग – रेशों को सीधा करके उन्हें सुलझाने तथा लपेटकर धागे बनाने की प्रक्रिया।
→ रेशम कीट – एक प्रकार का कीट जिससे रेशम प्राप्त होता है।
→ सेरीकल्चर – रेशम कीट पालन।
→ कैटरपिलर – रेशम कीट के अण्डे से निकलने वाली इल्ली ।
→ प्यूपा/कोशित/कोकून – रेशम कीट लार्वा स्वयं को सिल्क के रेशों से पूर्णतः ढक लेता है। यह आवरण प्यूपा/ कोशित/कोकून कहलाता है।
→ संसाधन – कोकून से रेशम के रेशों को पृथक् करके उनको साफ करना।

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Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण

HBSE 7th Class Science प्राणियों में पोषण InText Questions and Answers

बूझो / पहेली

प्रश्न 1.
बूझो पाठ्य-पुस्तक के
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण -1
में दिखाई गई अत्यधिक कुण्डलित क्षुद्रांत्र को देखकर आश्चर्यचकित है। वह इसकी लम्बाई जानना चाहता है। क्या आप इसका अनुमान लगा सकते हैं? पाठ्य पुस्तक पृष्ठ संख्या 17 में इसकी सन्निकट लम्बाई दी गई है। कल्पना कीजिए कि इतनी लम्बी संरचना हमारे शरीर के छोटे से हिस्से में किस प्रकार समायी हुई है?
उत्तर:

  • क्षुद्रान्त्र की लम्बाई लगभग 7.5 मीटर होती है।
  • यह अत्यधिक कुण्डलित होने के कारण ही शरीर के छोटे से हिस्से में समाई हुई है।

प्रश्न 2.
पहेली जानना चाहती है कि वमन के समय भोजन विपरीत दिशा में किस प्रकार जाता है?
उत्तर:
आमाशय में होने वाली क्रमाकुंचन गति के कारण वमन के समय भोजन की विपरीत दिशा में गति होती है।

प्रश्न 3.
पहेली जानना चाहती है कि ये जन्तु (भेड़, भैंस, बकरी) भोजन करते समय इसे भली-भाँति क्यों नहीं चबा पाते?
उत्तर:

1. रूमिनेन्टस का मुख्य भोजन घास तथा झाड़ियाँ हैं।
2. घास में सेलुलोस की प्रचुरता के कारण उसे काफी देर तक चबाने के लिए लार की आवश्यकता होती है।
3. ये जन्तु भोजन को दो बार में चबाते हैं।
4. यदि ये जन्तु खाते समय इसे देर तक चबाते रहेंगे तो उन्हें बहुत समय बर्बाद करना पड़ेगा इसलिए ये आराम के समय ऐसा करते हैं।

प्रश्न 4.
बूझो जानना चाहता है कि मनुष्य मवेशियों की तरह सेलुलोज को क्यों नहीं पचा सकता?
उत्तर:
रूमिनैन्ट में क्षुद्रांत्र एवं बृहदांत्र के बीच एक थैलीनुमा संरचना होती है जिसे अंधनाल कहते हैं। इसमें सेलुलोज का पाचन कुछ जीवाणुओं द्वारा आसानी से किया जाता है। मनुष्य की आहार नाल में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होती इसलिए वह सेलुलोज नहीं पचा सकता।

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HBSE 7th Class Science प्राणियों में पोषण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
उचित शब्द द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) मानव पोषण के मुख्य चरण ………… ।
(ख) मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रन्थि का नाम …..” है।
(ग) आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं …………” का साव होता है, जो भोजन पर क्रिया करते हैं।
(घ) क्षुद्रांत्र की आन्तरिक भित्ति पर अंगुली के समान अनेक प्रवर्ध होते हैं, जो ……..” कहलाते हैं।
(ङ) अमीबा अपने भोजन का पाचन ………” में करता है।
उत्तर:
(क) अन्तर्ग्रहण, पाचन, अवशोषण, स्वांगीकरण, निष्कासन
(ख) यकृत
(ग) पाचक रस
(घ) दीर्घ रोम
(ङ) खाद्यधानी।

प्रश्न 2.
सत्य एवं असत्य कथनों को चिन्हित कीजिए:
(क) मंड का पाचन आमाशय से प्रारम्भ होता है।
(ख) जीभ लार-ग्रन्थि के रस को भोजन के साथ मिलाने में सहायता करती है।
(ग) पित्ताशय में पित्त रस अस्थायी रूप से भण्डारित होता है।
(घ) रूमिनेन्ट निगली हुई घास को अपने मुख में वापस लाकर धीरे-धीरे चबाते रहते हैं।
उत्तर:
(क) असत्य
(ख) सत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य।

प्रश्न 3.
निम्न में से सही विकल्प पर (✓) का चिन्ह लगाइए
(क) वसा का पूर्णरूपेण पाचन जिस अंग में होता है, वह है
(i) आमाशय
(ii) मुख
(iii) क्षुद्रांत्र
(iv) बृहदांत्र।
उत्तर:
(ii) मुख ✓

(ख) जल का अवशोषण मुख्यतः जिस अंग द्वारा होता है, वह है
(i) आमाशय
(ii) ग्रसिका
(iii) क्षुद्रांत्र
(iv) बृहदांत्र ।
उत्तर:
(iv) बृहदांत्र । ✓

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प्रश्न 4.
कॉलम A में दिये गये कथनों का मिलान कॉलम B में दिये गये कथनों से कीजिए।

कॉलम Aकॉलम B
खाद्य घटकपाचन के उत्पाद
(क) कार्बोहाइड्रेट(i) वसा अम्ल एवं ग्लिसरॉल
(ख) प्रोटीन(ii) शर्करा।
(ग) वसा(iii) एमीनो अम्ल

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
खाद्य घटकपाचन के उत्पाद
(क) कार्बोहाइड्रेट(ii) शर्करा।
(ख) प्रोटीन(iii) एमीनो अम्ल
(ग) वसा(i) वसा अम्ल एवं ग्लिसरॉल

प्रश्न 5.
दीर्घरोम क्या हैं? वह कहाँ पाए जाते हैं एवं उनके कार्य क्या हैं?
उत्तर:
दीर्घरोम-छोटी आंत (क्षुद्रांत्र) की भीतरी दीवार पर हजारों की संख्या में अँगुली के समान प्रवर्ध पाए जाते हैं जिन्हें दीर्घरोम कहते हैं।
दीर्घरोम के निम्न कार्य हैं-

  1. दीर्घरोम क्षुद्रांत्र में अवशोषण के क्षेत्र को बढ़ा देते हैं।
  2. इसकी सतह से पचे हुए भोजन का अवशोषण होता है।
  3. प्रत्येक दीर्घरोम में सूक्ष्म रुधिर वाहिकाओं का जाल फैला रहता है, जो अवशोषित पदार्थों को शरीर के विभिन्न भागों में स्थानान्तरित करता है।

प्रश्न 6.
पित्त कहाँ निर्मित होता है? यह भोजन के ‘किस घटक के पाचन में सहायता करता है?
उत्तर:
पित्त का निर्माण यकृत में होता है तथा यह पित्ताशय में संचित रहता है। पित्त वसा के पाचन में सहायक होता है। यह वसा को छोटे-छोटे खण्डों में तोड़कर इसका पायसीकरण (इमल्सीकरण) कर देता है।

प्रश्न 7.
उस कार्बोहाइडेट का नाम लिखिए जिनका पाचन रूमिनेन्ट द्वारा किया जाता है परन्तु मानव द्वारा नहीं। इसका कारण बताइए।
उत्तर;
सेलुलोज नामक कार्बोहाइड्रेट का पाचन रूमिनेन्ट द्वारा कर लिया जाता है किन्तु मानव द्वारा नहीं।
रूमिनेन्ट (जुगाली करने वाले मवेशी) की आहार नाल में क्षुद्रांत्र तथा बृहदांत्र के बीच एक थैली जैसी रचना होती है जिसे अन्धनाल कहते हैं। इसमें विशेष प्रकार के जीवाणु उपस्थित रहते हैं जो सेलुलोज के पाचन को सुगम बनाते हैं। मनुष्य में ऐसी कोई संरचना नहीं पायी जाती है इसलिए वह सेलुलोज का पाचन नहीं कर सकता है।

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प्रश्न 8.
क्या कारण है कि हमें ग्लूकोस से ऊर्जा तुरन्त प्राप्त होती है?
उत्तर:
ग्लूकोस कार्बोहाइड्रेट का सरलतम रूप है। इसे ऊर्जा प्राप्ति के लिए सरलता से तोड़ा जा सकता है इसलिए हमें ग्लूकोस से सरलता से ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इसे त्वरित ऊर्जा दाता भी कहा जाता है। .

प्रश्न 9.
आहार नाल के कौन-से भाग द्वारा निम्न क्रियाएँ संपादित होती हैं-
(i) पचे भोजन का अवशोषण …………..।
(ii) भोजन को चबाना ……………..।
(iii) जीवाणु नष्ट करना ……………|
(iv) भोजन का सम्पूर्ण पाचन ………….. |
(v) मल का निर्माण ……………।
उत्तर:
(i) क्षुद्रान्त्र
(ii) मुख गुहा
(iii) आमाशय
(iv) क्षुद्रात्र
(v) बृहदात्र।

प्रश्न 10.
मानव एवं अमीबा के पोषण में कोई एक समानता एवं एक अन्तर लिखिए।
उत्तर:
समानता – मानव एवं अमीबा दोनों ही भोजन को पचाने के लिए पाचक रसों का प्रयोग करते हैं।
अन्तर – अमीबा को जब भोजन का आभास होता है तो वह खाद्य कण के चारों ओर पादाभ विकसित करके उसका अन्तर्ग्रहण करता है, जबकि मनुष्य भोजन को मुख गुहा में लेकर पहले चबाता है।

प्रश्न 11.
कॉलम A में दिये गये शब्दों का मिलान कॉलम B के उचित कथन से कीजिए।

कॉलम Aकॉलम B
(क) लाला-ग्रंथि(i) पित्त रस का स्रवण
(ख) आमाशय(ii) बिना पचे भोजन का भण्डारण
(ग) यकृत(iii) लाला रस नावित करना
(घ) मलाशय(iv) अम्ल का निर्मोचन
(च) क्षुद्रांत(v) पाचन का पूरा होना
(छ) बृहदांत्र(vi) जल का अवशोषण
(vii) मल त्याग

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
(क) लाला-ग्रंथि(iii) लाला रस नावित करना
(ख) आमाशय(iv) अम्ल का निर्मोचन
(ग) यकृत(i) पित्त रस का स्रवण
(घ) मलाशय(ii) बिना पचे भोजन का भण्डारण, (vii) मल त्याग
(च) क्षुद्रांत(v) पाचन का पूरा होना
(छ) बृहदांत्र(vi) जल का अवशोषण

प्रश्न 12.
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण -2
में दिये हुए पाचन तन्त्र के आरेख को नामांकित कीजिए।
उत्तर:
नामांकित चित्र-
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण -3

प्रश्न 13.
क्या हम केवल हरी सब्जियों/घास का भोजन कर जीवन निर्वाह कर सकते हैं? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
नहीं, हम केवल हरी सब्जियाँ/घास का भोजन कर जीवन निर्वाह नहीं कर सकते। क्योंकि स्वस्थ जीवन जीने के लिए सभी पोषक पदार्थों की सन्तुलित मात्रा में आवश्यकता होती है। हरी कच्ची सब्जियों में सेलुलोज की भी कुछ मात्रा होती है जिसे हम नहीं पचा सकते। इनमें प्रायः वसा, प्रोटीन एवं पूर्ण कार्बोहाइड्रेट का अभाव होता है।

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HBSE 7th Class Science पादपों में पोषण Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए

1. हमारे भोजन के संघटक हैं
(क) वसा
(ख) कार्बोहाइड्रेट्स
(ग) प्रोटीन
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी

2. भोजन के अन्तर्ग्रहण की विधि पायी जाती है
(क) मनुष्य में
(ख) अजगर में
(ग) गाय में
(घ) सभी में
उत्तर:
(घ) सभी में

3. जीभ का कार्य है
(क) स्वाद ग्रहण करना
(ख) भोजन में लार मिलाना
(ग) निगलने में सहायता करना
(घ) ये सभी।
उत्तर:
(घ) ये सभी।

4. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का स्रावण आहार नाल के किस भाग से होता है?
(क) ग्रसिका से
(ख) आमाशय से
(ग) अग्न्याशय से
(घ) यकृत से
उत्तर:
(ख) आमाशय से

5. ऊर्जा प्रदान करता है
(क) ग्लूकोज
(ख) खनिज
(ग) विटामिन
(घ) एमीनो अम्ल
उत्तर:
(क) ग्लूकोज

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II. रिक्त स्थान निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए

1. ….जटिल पदार्थों को उसके सरल रूप में बदल देते हैं।
2. हमारे मुख में ………….. प्रकार के दाँत पाए जाते हैं।
3. लाला रस चावल के मण्ड को ……. में बदल देता है।
4. पित्त रस का स्रावण यकृत से होता है तथा यह ……… में संग्रहित होता है।
उत्तर:
1, पाचक रस
2. चार
3. शर्करा
4. पित्ताशय।

III. सुमेलन कॉलम A तथा कॉलम B के शब्दों का मिलान कीजिए

कॉलम Aकॉलम B
1. मर्मर पक्षी(a) मांसाहार
2. मनुष्य(b) शाकाहार
3. अजगर(c) मकरन्द
4. गाय(d) सर्वाहार

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
1. मर्मर पक्षी(c) मकरन्द
2. मनुष्य(d) सर्वाहार
3. अजगर(a) मांसाहार
4. गाय(b) शाकाहार

IV. सत्य / असत्य निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य छाँटिए

1. आमाशय में उपस्थित रसांकुर भोजन का अवशोषण करते हैं।
2. यकृत मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रन्थि है।
3. पित्ताशय से पित्त रस स्रावित होता है।
4. अपचित पदार्थों का संग्रहण मलाशय में होता है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
3. असत्य
4. सत्य।

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक वयस्क व्यक्ति में दांतों की संख्या कितनी होती है?
उत्तर:
32 दाँत।

प्रश्न 2.
दाँत कितने प्रकार के होते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दाँत चार प्रकार के होते हैं।

प्रश्न 3.
काटने तथा दंशन के लिए दाँतों के कौन-से प्रकार का प्रयोग किया जाता है? (क्रिया कलाप)
उत्तर:
कृतक।

प्रश्न 4.
भोजन को चबाने तथा पीसने के लिए कौन-से दाँत प्रयोग होते हैं? (क्रिया कलाप)
उत्तर:
चर्वणक तथा अग्रचर्वणक।

प्रश्न 5.
कौन-से दाँत चीरने फाड़ने के काम आते हैं? (क्रिया कलाप)
उत्तर:
रदनक।

प्रश्न 6.
क्षुद्रांत्र तथा बृहदांत्र की लम्बाइयाँ बताइए।
उत्तर:
क्षुद्रांत्र लगभग 7.5 मीटर तथा वृहदांत्र लगभग 1.5 मीटर।

प्रश्न 7.
मधुमक्खी एवं मर्मर पक्षी का भोजन क्या
उत्तर:
पौधों का मकरंद।

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प्रश्न 8.
मुख गुहा में लाला-रस की एक क्रिया बताइए।
उत्तर:
लाला-रस मुखगुहा में भोजन के मण्ड को शर्करा में बदल देता है।

प्रश्न 9.
मण्ड क्या होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
मण्ड, कार्बोहाइड्रेट का एक प्रकार है।

प्रश्न 10.
मण्ड आयोडीन के साथ क्या परीक्षण देता (क्रियाकलाप)
उत्तर:
मण्ड विलयन का रंग नीला हो जाता है।

प्रश्न 11.
ग्रसिका में भोजन कैसे-कैसे बढ़ता है?
उत्तर:
ग्रसिका की दीवारों की क्रमाकुंचन गति के कारण।

प्रश्न 12.
अग्न्याशयी रस भोजन के किस भाग पर क्रिया करता है ?
उत्तर:
अग्न्याशयी रस कार्बोहाइड्रेट्स एवं प्रोटीन पर क्रिया करता है।

प्रश्न 13.
अमीबा क्या है?
उत्तर:
अमीबा एक कोशिकीय प्राणी है?

प्रश्न 14.
अमीबा का मुख्य भोजन क्या है?
उत्तर:
सूक्ष्म कण।

प्रश्न 15.
हमारे लिए मुख्य ऊर्जा स्रोत क्या है?
उत्तर:
कार्बोहाइड्रेट।

प्रश्न 16.
अन्धनाल किसे कहते हैं?
उत्तर:
जानवरों जैसे-घोड़ा, खरगोश आदि में क्षुद्रांन्त्र एवं बृहदांत्र के बीच एक थैली जैसी बड़ी संरचना होती है जिसे अन्धनाल कहते हैं।

प्रश्न 17.
पादाभ क्या होते हैं?
उत्तर:
अमीबा अपने शरीर से एक अथवा अधिक अंगुलीनुमा प्रवर्ध निकालता रहता है, जिन्हें पादाभ कहते हैं।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हमें पाचन की आवश्यकता क्यों होती है? समझाइए।
उत्तर:
हम अपने भोजन में विभिन्न जटिल पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन आदि को सम्मिलित करते हैं। इन पदार्थों को शरीर में सीधे नहीं मिलाया जा सकता। अतः उन्हें सरल पदार्थों में बदलना आवश्यक है, जैसा कि निम्न आरेख में दर्शाया गया है
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण -4
सरल पदार्थ जटिल खाद्य पदार्थों का सरल पदार्थों में परिवर्तित होना पाचन कहलाता है।

प्रश्न 2.
जीभ पर स्वाद निम्नलिखित के स्वाद के विभिन्न क्षेत्रों को चित्र द्वारा प्रदर्शित कीजिए। (क्रियाकलाप)
(क) चीनी का विलयन (मीठा)
(ख) नमक का विलयन (नमकीन)
(ग) नींबू का रस (खट्टा)
(घ) नीम की पत्ती अथवा करेले का रस (कड़वा)।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण -5

प्रश्न 3.
दंतक्षय क्या है और यह क्यों होता है?
उत्तर:
सामान्यतः हमारे मुख में जीवाणु पाए जाते हैं, परन्तु उनसे हमें कोई हानि नहीं होती है। यदि दाँत एवं मुख को सही ढंग से साफ न किया जाये तो मुख में अनेक हानिकारक जीवाणु पैदा हो जाते हैं। ये जीवाणु दाँतों के बीच फैंसे भोजन की शर्करा को विघटित कर अम्ल निर्मोचित करते हैं। यह अम्ल धीरे-धीरे दाँतों को क्षति पहुँचाते हैं। इसे दंतक्षय कहते हैं। चॉकलेट, ठण्डे पेय तथा चीनी युक्त मिठाइयाँ व अन्य पदार्थ दंतक्षय के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी होते हैं।
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प्रश्न 4.
स्टारफिश में भोजन ग्रहण किस प्रकार होता है?
उत्तर:
स्टारफिश (तारा मछली) कैल्शियम कार्बोनेट के कठोर कवच वाले जन्तुओं का आहार करती है। कवच खोलने के बाद यह अपने मुख से अपना आमाशय बाहर निकालती… है तथा जन्तु के कोमल भागों को खाती है। आमाशय वापस शरीर : में चला जाता है तथा आहार
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण -7
स्टारफिश

प्रश्न 5.
दूध के दाँत तथा स्थायी दाँत क्या हैं?
उत्तर:
हमारे दाँतों का प्रथम सेट शैशवकाल में निकलता है तथा लगभग 8 वर्ष की आयु तक ये सभी दाँत गिर जाते हैं। इन्हें दूध के दाँत (अस्थायी दाँत) कहते हैं। इन दाँतों के स्थान पर दूसरे दाँत निकलते हैं जिन्हें स्थायी दाँत कहते हैं। सामान्य स्वस्थ व्यक्ति के स्थायी दाँत पूरे जीवन भर बने रहते हैं तथा वृद्धावस्था में ये प्रायः गिरने लगते हैं।

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प्रश्न 6.
भोजन नली (ग्रसिका) में भोजन की गति किस प्रकार होती है? चित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर:
निगला हुआ भोजन भोजन ग्रासनली अथवा ग्रसिका में जाता. है। ग्रसिका गले एवं वक्ष से होती प्रसिका हुई जाती है। ग्रसिका की भित्ति के संकुचन से भोजन नीचे की ओर सरकता जाता है। वास्तव में सम्पूर्ण आहार नाल संकुचित होती रहती है आमाशयतथा यह गति भोजन को नीचे की ओर धकेलती रहती है। कभी-कभी हमारा आमाशय खाए हुए भोजन को स्वीकार नहीं करता, फलस्वरूप चित्र : ग्रसिका में वमन द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण -8

प्रश्न 7.
यकृत एवं पित्ताशय के कार्य लिखिए।
उत्तर:
यकृत : यह हमारे शरीर की सबसे बड़ी ग्रन्थि है जो उदर के ऊपरी भाग में दाँयी ओर स्थित होती है। यह ग्रन्थि पित्त रस का स्रावण करती है जो भोजन के साथ आयी वसा का पाचन करता है।
पित्ताशय :पित्ताशय आहारनाल के ग्रहणी भाग में स्थित पत्ती के आकार की ग्रन्थि है। यह पित्त रस का नावण करती है जो भोजन की प्रोटीन एवं कार्बोहाइड्रेट का पाचन करता

प्रश्न 8.
हमें खाना खाते समय जल्दबाजी या बातें क्यों नहीं करनी चाहिए?
उत्तर:
कभी-कभी हम जल्दी-जल्दी खाना खाते हैं अथवा खाते समय बातें करते हैं। तो ऐसा करने से खाँसी उठ आती है या ठसका लग जाता है। यह खाद्यकों के श्वास नली में प्रवेश करने के कारण होता है। श्वास नली नासिका से आने वाली वायु को फेफड़ों तक ले जाती है। यह ग्रसिका के साथ-साथ स्थित होती है परन्तु ग्रसनी में वायु एवं भोजन मार्ग एक ही होते हैं। भोजन निगलने के समय एक माँसल रचना वाल्व का कार्य करती है जो श्वास नली को ढक लेती है तथा भोजन को ग्रसनी में भेजती है। संयोगवश यदि भोजन के कण श्वासनली में प्रवेश कर जाते हैं, तो हमें घुटन का अनुभव होता है तथा हिचकी आती है या खाँसी उठती है या ठसका लग जाता है।

प्रश्न 9.
निम्न पाचक रसों को स्रावित करने वाले अंगों के नाम तथा इनका एक-एक कार्य लिखिए
(क) जठर रस,
(ख) पित्त रस,
(ग) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल,
(घ) अग्न्याशयी रस।
उत्तर:
(क) जठर रस : आमाशय यह प्रोटीन को सरल पदार्थों में बदलता है।
(ख) पित्त रस-यकृत : यह वसा का पाचन करता है।
(ग) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल : आमाशय-जीवाणुओं को नष्ट करता है।
(घ) अग्न्याशयी रस अग्न्याशय : यह कार्बोहाइड्रेट तथा प्रोटीन का पाचन करता है।

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दीर्य उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जन्तुओं के भोजन के प्रकार तथा पोषण प्राप्त करने की विधि कौन-सी हैं? अपने प्रेक्षण सारणी में लिखिए।
(आहार की विधियाँ-छीलना, चबाना, काटना (वेधन), पकड़ना तथा निगलना, साइफनी, स्पंजी, चूषण इत्यादि) (क्रियाकलाप)
उत्तर:
सारणी : अन्तर्ग्रहण की विभिन्न विधियाँ

जन्तु का नामआहार का प्रकारआहार की विधि
1. घोंषापादपों का निचला भागचूषण
2. चीटीभोजनकण, शर्करा, अन्नकणखुरचना
3. चौलछोटे पक्षी, चूहे. साँपपकड़ना और निगलना
4. मर्मर पक्षीमकरन्दचूसना
5. जूंरुधिरचूसना
6. मच्छरपुष्पों का रस, रक्तचूसना
7. तितलीफुलों का मकरंदचूसना
8. मक्खीशर्करा, अन्य पदार्थचूसना

प्रश्न 2.
दाँतों के प्रकार एवं उनके कार्य को सारणी में संख्या बताते हुए लिखिए। (क्रियाकलाप)
सारणी : दाँत के प्रकार एवं उनके कार्य ।

दाँतों के प्रकारदाँतों के कार्य

 

दाँतों की संख्या
निचला जबड़ाऊपरी जबड़ायोग
(i) कृंतककाटना एवं दंशन करना448
(ii) रदनकचीरना एवं फाड़ना224
(iii) अग्रचर्वणक एवं चर्वणकचबाना एवं पीसना101020

प्रश्न 3.
मानव में पाचन क्रिया का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव में पाचन क्रिया-मानव के पाचन तंत्र के निम्नलिखित अंग होते हैं-

  1. मुख गुहिका,
  2. ग्रासनली,
  3. आमाशय,
  4. क्षुद्रांत्र,
  5. बृहदांत्र तथा
  6. मल द्वार ।

इसके अलावा पाचन तंत्र से सम्बन्धित सहायक पाचक ग्रन्थियाँ यकृत, अग्न्याशय तथा जठर ग्रन्थियाँ।

1. मुख गुहा में पाचन : मुख गुहा में भोजन का अन्तर्ग्रहण किया जाता है तथा दाँतों द्वारा भोजन को चबाया जाता है। मुख गुहा में नावित लार भोजन को लसलसा बनाती है तथा भोजन की कुछ मण्ड को शर्करा में बदलती है।

2. ग्रसिका में पाचन : ग्रसिका में कोई पाचन क्रिया नहीं होती है।

3. आमाशय में पाचन : आमाशय U आकार की सबसे चौड़ी संरचना है। इसकी भीतरी दीवारों से जठर रस नावित होता है। इसमें हाइड्रोक्लोरिक अम्ल भोजन के साथ आए जीवाणुओं को नष्ट करता है तथा भोजन को अम्लीय बनाता है। आमाशय में भोजन का आंशिक पाचन होता है और भोजन छोटे-छोटे कणों में विखण्डित हो जाता है।

4. क्षुद्रांत्र में पाचन : क्षुद्रांत्र में भोजन का पूर्ण पाचन एवं अवशोषण होता है। इसमें अग्न्याशयी रस के प्रभाव से कार्बोहाइड्रेट तथा प्रोटीन का पाचन होता है। पित्त रस वसा के पाचन में सहायता करता है। क्षुद्रांत्र की दीवारों में स्थित दीर्घरोम पचे भोजन का अवशोषण करते हैं।

5. बृहदांत्र वृहदांत्र में कोई पाचन : क्रिया नहीं होती परन्तु इसमें जल का अवशोषण अवश्य होता है। वहदांत्र में अपचित भोजन आता है जिसे मलाशय में धकेल दिया जाता है। मलाशय से अपचित भोजन (मल) को समय-समय पर गुदा द्वार से बाहर निकाल दिया जाता है।

प्रश्न 4.
मण्ड पर लार के प्रभाव को दर्शाने के लिए एक क्रियाकलाप लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
मण्ड पर लार का प्रभाव : दो परखनलियाँ लेकर उन पर ‘A’ तथा ‘B’ अंकित करते हैं। परखनली ‘A’ में एक चम्मच उबले चावल तथा परखनली ‘B’ में 2-3 मिनट तक मुँह में चबाए हुए चावल लेते हैं। दोनों परखनलियों में 3-4 मिली. पानी डालते हैं। अब दोनों परखनलियों में आयोडीन विलयन की 2-3 बूंदें डालते हैं।
प्रेक्षण : परखनली ‘A’ के विलयन का रंग नीला हो जाता है।
निष्कर्ष : परखनली ‘A’ के उबले चावलों में मण्ड उपस्थित रहता है जोकि आयोडीन डालने पर नीला रंग देता है। मुँह से चबाए गए चावलों का मण्ड अन्य पदार्थ में लार के कारण परिवर्तित हो गया। अतः परखनली में आयोडीन परीक्षण नहीं आता।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण -9
चित्र : मंड पर लार का प्रभाव

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण

प्रश्न 5.
घास खाने वाले (रोमन्थी) जन्तुओं में भोजन के पाचन का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गाय, भैंस, बकरी आदि घास खाने वाले जन्तु (रोमन्थी-जुगाली करने वाले) कहलाते हैं। जब ये जन्तु भोजन का अन्तर्ग्रहण करते हैं तो जल्दी-जल्दी इसका आमाशय के एक भाग में भण्डारण कर लेते हैं। इस आमाशयी भाग को रूमेन (प्रथम आमाशय) कहते हैं। इन जन्तुओं (रूमिनेन्ट) के आमाशय में चार कक्ष होते हैं। रूमेन में भोजन का आंशिक पाचन होता है जिसे जुगाल (कड) कहते हैं। जब जन्तु आराम कर रहा होता है तो रूमेन में एकत्र भोजन के छोटे-छोटे पिण्ड मुखगुहा में वापस आते हैं, जिन्हें खूब चबाया जाता है। इस प्रक्रम को रोमन्थन (जुगाली करना) कहते हैं। घास में सेलुलोज की प्रचुरता होती है जो एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है। इसका पाचन जन्तु की अन्धनाल में उपस्थित जीवाणुओं द्वारा होता है।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण -10
चित्र : किसी रोमन्थी का आमाशय

प्रश्न 6.
अमीबा में संभरण एवं पाचन का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अमीबा जलाशयों में पाया जाने वाला एक कोशिकीय जीव है। अमीबा की कोशिका एक झिल्ली द्वारा घिरी होती है। इसके अन्दर एक केन्द्रक तथा अनेक खाद्य धानियाँ होती हैं। अमीबा की झिल्ली द्वारा निरन्तर पदार्थों का निर्माण होता रहता है जो प्रचलन तथा भोजन पकड़ने में सहायता करते हैं।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण -11
अमीबा कुछ सूक्ष्म जीवों का आहार करता है। जब इसे. भोजन का आभास होता है तो यह खाद्य कण के चारों ओर पादाभ बनाकर इसे घेर लेता है। इस प्रकार एक खाद्यधानी बन जाती है। खाद्यधानी में कुछ पाचक रसों का साव होता है जिससे भोजन अपने अवयों में टूट जाता है। अब भोजन के अवयव सम्पूर्ण कोशिका में वितरित कर दिये जाते हैं तथा अपचित भाग बाहर छोड़ दिया जाता है।

प्रश्न 7.
आमाशय की कार्य प्रणाली की खोज किस प्रकार हुई?
उत्तर:
सन् 1822 ई. में ऐलेक्सिस सेंट मार्टिन नामक व्यक्ति गोली लगने के कारण बुरी तरह से घायल हुआ। गोली से वक्ष क्षतिग्रस्त हो गया तथा आमाशय में एक छिद्र हो गया। उसे विलियम ब्यूमॉण्ट नामक अमरीकी सैनिक चिकित्सक के पास ले जाया गया। चिकित्सक ने उसकी जान तो बचा ली परन्तु वह आमाशय का छिद्र भली-भाँति बंद न कर सका तथा उसने छिद्र को पट्टी से ढक दिया (चित्र)। ब्यूमॉण्ट को छिद्र में से आमाशय के अदर झाँकने का दुर्लभ अवसर प्राप्त हुआ। उसने कुछ रोचक प्रेक्षण किए।

ब्यूमॉण्ट ने देखा कि आमाशय भोजन का मंथन कर रहा था। इसकी भित्ति से तरल स्रावित हो रहा था, जो भोजन को पचा सकता था। उसने यह भी देखा कि आमाशय क्षुद्रांत्र में तभी खुलता है, जब आमाशय में भोजन का पाचन पूरा हो जाता है।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण -12

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 2 प्राणियों में पोषण

पादपों में पोषण Class 7  HBSE Notes in Hindi

→ पोषक – भोजन के वे घटक जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं, पोषक कहलाते हैं।
→ पोषण -भोज्य पदार्थों को ग्रहण करके इनके उपयोग की प्रक्रिया पोषण कहलाती है।
→ पाचन – जटिल भोज्य पदार्थों को अवशोषण योग्य सरल पदार्थों में परिवर्तन करने की प्रक्रिया पाचन कहलाती है।
→ पाचन तंत्र – वे सभी अंग जो पाचन क्रिया में भाग लेते हैं, सामूहिक रूप से पाचन तंत्र बनाते हैं।
→ मुख – गुहिका वह स्थान जहाँ से भोजन का अन्तर्ग्रहण होता है, मुख कहलाता है तथा मुख के पीछे का भाग गुहिका कहलाता है।
→ ग्रासनली – मुख गुहिका पीछे की ओर एक नली में खुलती है जिसे ग्रास नली कहते हैं।
→ आमाशय – ग्रासनली के पीछे थैली जैसी रचना जिसमें भोजन कुछ घंटे ठहरता है।
→ क्षुद्रान्त्र – आंत का अगला एवं संकरा भाग। वृहद्रांत्र आंत का पिछला एवं चौड़ा भाग।
→ मलाशय – आहार नाल का अन्तिम थैली समान भाग जिसमें मल एकत्र रहता है तथाजो गुदा द्वार द्वारा बाहर की ओर खुलता है।
→ लाला – ग्रन्थि लार का स्रावण करने वाली ग्रन्धि/लार ग्रन्थि ।
→ यकृत – पित्त रस का स्रावण करने वाली शरीर की सबसे बड़ी ग्रन्थि।
→ अग्न्याशय – पाचक रसों का स्रावण करने वाली ग्रन्थि।
→ अन्तर्ग्रहण – भोजन को शरीर के अन्दर लेना अन्तर्ग्रहण कहलाता है।
→ रदनक – दाँतों का एक प्रकार जो भोजन को चीरने-फाड़ने का काम करते हैं।
→ कृन्तक – दाँतों का एक प्रकार जो भोजन को काटने/ कुतरने का काम करते हैं।
→ अग्रचर्वणक – रदनक दंत के पीछे स्थित चबाने वाले तीन दाँत।
→ पश्चचर्वणक – अग्र चर्वणक दाँतों के पीछे स्थित दाँत ।
→ स्वाद ग्रंथि – जीभ पर पायी जाने वाली ग्रन्थियाँ जो भोजन का स्वाद लेती हैं।
→ वमन – उल्टी होना।
→ जठर रस – आमाशय से स्रावित होने वाला रस जिसमें हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, श्लेष्म तथा कुछ पाचक पदार्थ होते हैं।
→ अवशोषण – पचे हुए भोजन से पोषक तत्वों को क्षुद्रान्त की दीवारों द्वारा रूधिर में लेना।
→ रसांकुर – क्षुद्रान्त की दीवारों पर बाल के समान संरचनाएँ।
→ स्वांगीकरण – पोषक तत्वों को शरीर का भाग बनाया जाना।
→ निष्कासन – अपचित पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना।
→ रोमन्थी – जुगाली करने वाले पशु। रूमेन रोमन्थी पशुओं की आहार नाल का एक भाग।
→ सेलुलोज – घास एवं पत्तियों में पाया जाने वाला पदार्थ जो पशुओं का भोजन होता है।
→ खाद्य धानी – अमीबा का एक कोशिकांग जिसमें भोजन पचाया जाता है।
→ पादाभ – अमीबा की प्रचलन संरचनाएँ।
→ पौधे अपना भोजन प्रकाश संश्लेषण द्वारा स्वयं बना लेते हैं किन्तु प्राणी ऐसा नहीं कर सकते। प्राणी अपना भोजन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पौधों से ही प्राप्त करते हैं।
→ प्राणियों के पोषण में पोषक तत्वों की आवश्यकता, आहार के अंतर्ग्रहण (भोजन ग्रहण करने) की विधि और शरीर में इसके उपयोग की विधि सन्निहित (सम्मिलित) है।
→ कार्बोहाइडेट जैसे कुछ संघटक जटिल पदार्थ हैं। अनेक जन्तु इन जटिल पदार्थों का उपयोग सीधे इसी रूप में नहीं कर सकते। अत: इन्हें सरल पदार्थों में बदलना आवश्यक है, जटिल खाद्य पदार्थों का सरल पदार्थों में परिवर्तन होना या टूटना विखण्डन कहलाता है तथा इस प्रक्रम को पाचन कहते हैं।
→ मनुष्य मुख द्वारा भोजन का अन्तर्ग्रहण करता है, इसे पचाता है तथा फिर इस पचे भोजन से आवश्यक पदाधी को शरीर का अवयव बनाता है। आहार का बिना पचा भाग मल के रूप में बाहर निकाल दिया जाता है।
→ मानव के पाचन तंत्र में भोजन एक सतत् नली से गुजरता है जो मुख गुहिका से प्रारम्भ होकर गुदा तक जाती है।
→ मनुष्य की आहार नाल (पाचन तंत्र) के प्रमुख भाग हैं-

  • मुख-गुहिका
  • ग्रासनली या ग्रसिका
  • आमाशय
  • क्षुद्रांन्त (छोटी आँत),
  • बृहदांत्र
  • मलद्वार या गुदा।।

→ लार ग्रन्थियाँ, यकृत एवं अग्नाशय पाचन से सम्बन्धित ग्रन्थियाँ हैं।
→ विभिन्न जीवों में भोजन अन्तर्ग्रहण करने की विभिन्न विधियाँ हैं।
→ आहार को शरीर के अन्दर लेने की क्रिया अन्तर्ग्रहण कहलाती है।
→ हम अपने मुख द्वारा भोजन का अन्तर्ग्रहण करते हैं, उसे दाँतों से चबाते हैं, पचाते हैं तथा बिना पचे भाग को मल के रूप में निष्कासित कर देते हैं।
→ पाचन क्रिया के मुख्य पाँच चरण होते हैं

  • भोजन का अन्तर्ग्रहण,
  • पाचन,
  • अवशोषण,
  • स्वांगीकरण एवं
  • निष्कासन।

→ भोजन को काटने एवं चबाने के लिए मुख गुहिका में 32 दाँत होते हैं जिन्हें निम्न चार समूहों में बांटा गया है-

  • कृन्तक (8),
  • रदनक (4),
  • अग्र चर्वणक (12) तथा
  • चर्वणक (8)।

→ जल एवं कुछ लवण बृहदांत्र में अवशोषित होते हैं। अवशोषित पदार्थ शरीर के विभिन्न भागों को स्थानान्तरित कर दिये जाते हैं।
→ पोषक पदार्थों का शरीर के पदार्थ में मिश्रित होना स्वांगीकरण कहलाता है।
→ बिना पचे अपशिष्ट जिनका अवशोषण नहीं होता, मल के रूप में गुदा द्वारा शरीर के बाहर निकाल दिए जाते हैं।

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HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 4 ऊष्मा

Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 4 ऊष्मा Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 4 ऊष्मा

HBSE 7th Class Science ऊष्मा InText Questions and Answers

बूझो / पहेली

प्रश्न 1.
बूझो कहता है, “मेरा बायाँ हाथ कहता है कि मग C में पानी गर्म है तथा दाहिना हाथ उसी पानी को ठण्डा बताता है। मैं क्या निष्कर्ष निकालूं।”
उत्तर:
दोनों हाथों से सम्बन्धित दोनों निष्कर्ष सही हैं लेकिन दी हुई सूचना से एक अकेला निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता।

प्रश्न 2.
बूझो के मस्तिष्क में एक नटखट विचार आया। वह डॉक्टरी थर्मामीटर से गर्म दूध का ताप मापना चाहता था। पहेली ने उसको ऐसा करने से क्यों रोक दिया?
उत्तर:
क्योंकि डॉक्टरी थर्मामीटर को केवल मानव शरीर का ताप मापने के लिए ही डिजाइन किया गया है। धूप तथा आग के पास ले जाने पर यह चटक सकता है।

प्रश्न 3.
बूझो को अब समझ में आ गया है कि उच्च तापों को मापने के लिए डॉक्टरी थर्मामीटर का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए। लेकिन वह अब भी उलझन में है कि क्या प्रयोगशाला तापमापी द्वारा उसके शरीर का ताप मापा जा सकता है?
उत्तर:
प्रयोगशाला तापमापी द्वारा शरीर का ताप मापा तो जा सकता है किन्तु ऐसा करना सुविधाजनक नहीं है और सही ताप नोट करना कठिन है।

प्रश्न 4.
बूझो यह जानने के लिए उत्सुक है कि जब तापमापी का बल्ब किसी वस्तु के सम्पर्क में आता है, तो पारे के तल में परिवर्तन क्यों होता है?
उत्तर:
अनेक बार वस्तुओं का तापमान तापमापी के बल्ब जितना नहीं होता। ऐसी स्थिति में जब बल्ब को वस्तु के सम्पर्क में लाया जाता है तो बल्य अपना तापमान बदलता है जिससे पारे का तल भी परिवर्तित हो जाता है।’

प्रश्न 5.
पहेली जानना चाहती है “क्या इसका यह अर्थ है कि यदि दो वस्तुओं का ताप समान हो तो ऊष्मा स्थानान्तरित नहीं होगी?”
उत्तर:
हाँ, दो वस्तुओं का ताप समान होने पर इनके बीच ऊष्मा का आदान-प्रदान नहीं होता है।

प्रश्न 6.
बूझो दुविधा में है कि चित्र 4.1 में दर्शाए दो मापक्रमों में से वह किसे पढ़े। पहेली ने उसे बताया कि भारत में हमने सेल्सियस स्केल को अपनाया है और हमें इसी स्केल का उपयोग करना चाहिए। दूसरा मापक्रम फारेनहाइट स्केल (F) है जिसका परिसर 94 -108 डिग्री तक है, इसे पहले प्रयोग किया जाता था।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 4 ऊष्मा -1
डॉक्टरी थर्मामीटर
उत्तर:
बूझो को सेल्सियस स्केल पर ताप पढ़ना चाहिए।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 4 ऊष्मा

HBSE 7th Class Science ऊष्मा Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
प्रयोगशाला तापमापी तथा डॉक्टरी थर्मामीटर के बीच समानताएँ तथा अन्तर लिखिए।
उत्तर:
समानताएँ

प्रयोगशाला तापमापीडॉक्टरी थर्मामीटर
(i) इसमें पारा होता है।इसमें भी पारा होता है।
(ii) इस थर्मामीटर में उपयोग किया जाने वाला मापक्रम सेल्सियस स्केल है।इस थर्मामीटर में भी उपयोग किया जाने वाला मापक्रम सेल्सियस स्केल है।

असमानताएँ

प्रयोगशाला तापमापीडॉक्टरी थर्मामीटर
(i) यह थर्मामीटर शरीर के ताप को मापने के अलावा अन्य वस्तुओं के ताप को भी मापने में काम आता है।यह सिर्फ मानव शरीर का तापमान मापने के काम आता है।
(ii) इसकी तापमापन क्षमता 10°C से 100°C तक होती है।इसकी तापमापन क्षमता 35°C से 42°C तक होती है।

प्रश्न 2.
ऊष्मा चालक तथा ऊष्मारोधी, प्रत्येक के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
ऊष्मा चालक ताँबा, ऐलुमिनियम। ऊष्मारोधी-लकड़ी, प्लास्टिक।

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) कोई वस्तु कितनी गरम है, इसकी जानकारी …………… द्वारा प्राप्त होती है।
(ख) उबलते हुए पानी का ताप …………… तापमापी से नहीं मापा जा सकता।
(ग) ताप को डिग्री …………… में मापते हैं।
(घ) बिना किसी माध्यम द्वारा ऊष्मा स्थानान्तरण के प्रक्रम को …………… कहते हैं।
(च) स्टील की एक ठंडी चम्मच गर्म दूध के प्याले में रखी गई है। यह अपने दूसरे सिरे तक ऊष्मा का स्थानान्तरण …………… प्रक्रम द्वारा करेगी।
(छ) हल्के रंग के वस्त्रों की अपेक्षा …………… रंग के वस्त्र ऊष्मा का अधिक अवशोषण करते हैं।
उत्तर:
(क) तापमान
(ख) डॉक्टरी
(ग) सेल्सियस
(घ) विकिरण
(च) चालन
(छ) काले।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 4 ऊष्मा

प्रश्न 4.
कॉलम A में दिये कथनों का कॉलम B के शब्दों से मिलान कीजिए-

कॉलम Aकॉलम B
(क) थल समीर के बहने का समय(i) गर्मियों
(ख) समुद्र समीर के बहने का समय(ii) सर्दियाँ
(ग) गहरे रंग के कपड़े पसन्द करने का समय(iii) दिन
(घ) हल्के रंग के कपड़े पसन्द करने का समय(iv) रात

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
(क) थल समीर के बहने का समय(iv) रात
(ख) समुद्र समीर के बहने का समय(iii) दिन
(ग) गहरे रंग के कपड़े पसन्द करने का समय(ii) सर्दियाँ
(घ) हल्के रंग के कपड़े पसन्द करने का समय(i) गर्मियों

प्रश्न 5.
सर्दियों में एक मोटा वस्त्र पहनने की तुलना में उसी मोटाई का कई परतों का बना वस्त्र अधिक उष्णता क्यों प्रदान करता है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सर्दियों में एक मोटा वस्त्र पहनने की तुलना में उसकी मोटाई का कई परतों का बना वस्त्र अधिक ऊष्णता प्रदान करता है क्योंकि
(i) हवा कपड़ों की दो परतों के बीच फंसी होती हैं।
(ii) हवा ऊष्मा की कुचालक होती है जिससे शरीर की ऊष्मा बाहर नहीं निकल पाती है और शरीर एवं वस्त्र के बीच गर्माहट महसूस होती है।

प्रश्न 6.

को देखिए। अंकित कीजिए कि कहाँ-कहाँ चालन, संवहन तथा विकिरण द्वारा ऊष्मा स्थानान्तरित हो रही है?
उत्तर:

प्रश्न 7.
गरम जलवायु के स्थानों पर यह परामर्श दिया जाता है कि घरों की बाहरी दीवारों पर श्वेत (सफेद) पेंट किया जाये। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
गरम जलवायु के स्थानों पर यह परामर्श दिया जाता है कि घरों की बाहरी दीवारों पर श्वेत (सफेद) पेंट किया जाये क्योंकि श्वेत रंग ऊष्मा का परावर्तन करता है। यह कम मात्रा में ऊष्मा का अवशोषण करता है। अत: बाहर से कम से कम ऊष्मा घर में भीतर प्रवेश करती है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 4 ऊष्मा

प्रश्न 8.
30°C के एक लिटर जल को 50°C के एक लिटर जल के साथ मिलाया गया। मिश्रण का ताप होगा।
(क) 80°C
(ख) 50°C से अधिक लेकिन 80°C से कम ।
(ग) 20°C
(घ) 30°C तथा 500C के बीच।
उत्तर:
(घ) 30°C तथा 50°C के बीच। ।

प्रश्न 9.
40°C ताप की लोहे की किसी गोली को कटोरी में भरे 40°C ताप के जल में डुबाया गया। इस प्रक्रिया में ऊष्मा
(क) लोहे की गोली से जल की ओर स्थानान्तरित होगी।
(ख) न तो लोहे की गोली से जल की ओर और न ही जल से लोहे की गोली की ओर स्थानान्तरित होगी।
(ग) जल से लोहे की गोली की ओर स्थानान्तरित होगी।
(घ) दोनों के ताप में वृद्धि कर देगी।
उत्तर:
(ख) न तो लोहे की गोली से जल की ओर और न जल से लोहे की गोली की ओर स्थानान्तरित होगी।

प्रश्न 10.
लकड़ी की एक चम्मच को आइसक्रीम के प्याले में डुबोया गया है। इसका दूसरा सिरा
(क) चालन के कारण ठंडा हो जायेगा।
(ख) संवहन के कारण ठंडा हो जायेगा।
(ग) विकिरण के कारण ठंडा हो जायेगा।
(घ) ठंडा नहीं होगा।
उत्तर:
(घ) ठंडा नहीं होगा।

प्रश्न 11.
स्टेनलेस इस्पात की कड़ाही में प्रायः कॉपर (ताँबे) की तली लगाई जाती है। इसका कारण हो सकता
(क) ताँबे की तली कड़ाही को अधिक टिकाऊ बना देती है।
(ख) ऐसी कड़ाही देखने में सुन्दर लगती है।
(ग) स्टेनलेस इस्पात की अपेक्षा ताँबा ऊष्मा का अच्छा चालक है।
(घ) स्टेनलेस इस्पात की अपेक्षा ताँबा को साफ करना अधिक आसान है।
उत्तर:
(ग) स्टेनलेस इस्पात की अपेक्षा ताँबा ऊष्मा का अच्छा चालक है।

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HBSE 7th Class Science ऊष्मा Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए

1. जब हम किसी गर्म वस्तु को छूते हैं तो हमें जलने का आभास क्यों होता है?
(क) ऊष्मा हमारे हाथ से गर्म वस्तु में चली जाती है।
(ख) ऊष्मा गर्म वस्तु से तीव्रता से हमारे हाथ में प्रवेश करती है।
(ग) ऊष्मा का कोई स्थानान्तरण नहीं होता है।
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) ऊष्मा गर्म वस्तु से तीव्रता से हमारे हाथ में प्रवेश करती है।

2. हम बुखार का मापन कर सकते हैं
(क) प्रयोगशाला तापमापी से
(ख) डाक्टरी तापमापी से
(ग) सेल्सियस मापी से
(घ) ये सभी
उत्तर:
(ख) डाक्टरी तापमापी से

3. मानव शरीर का फारेनहाइट पैमाने पर ताप कितना होता हैं?
(क) 37°C
(ख) 50°C
(ग) 37°F
(घ) 97°F
उत्तर:
(घ) 97°F

4. निम्न में से ऊष्मा का कुचालक है
(क) लोहे की कील
(ख) ऐल्यूमिनियम की कढ़ाही
(ग) लकड़ी का हत्था
(घ) स्टील की कटोरी
उत्तर:
(ग) लकड़ी का हत्था

II. रिक्त स्थान

निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए
1. किसी वस्तु की ऊष्णता की विश्वसनीय माप उसके ………… से की जाती है।
2. थर्मामीटर को धोने के लिए किसी ………… घोल का उपयोग करना सुरक्षित रहता है।
3. ………… तापमापी का उपयोग शरीर ताप मापन के लिए उचित नहीं है।
4. किसी ठोस वस्तु में ऊष्मा का स्थानान्तरण ……………. कहलाता है।
उत्तर:
1. ताप
2. रोगाणुरोधी (प्रतिरोधी)
3. प्रयोगशाला
4. चालन।

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III. सुमेलन
कॉलम A तथा कॉलम B के शब्दों का मिलान कीजिए

कॉलम Aकॉलम B
1. धातु की ठोस वस्तु(a) संवहन
2. बर्तन में उबलता पानी(b) चालन
3. प्लास्टिक का तार(c) लकड़ी का हत्था
4. ऊष्मा रोधी(d) कुचालक

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
1. धातु की ठोस वस्तु(b) चालन
2. बर्तन में उबलता पानी(a) संवहन
3. प्लास्टिक का तार(d) कुचालक
4. ऊष्मा रोधी(c) लकड़ी का हत्था

IV. सत्य / असत्य

निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य छाँटिए
1. ठोसों में ऊष्मा का चालन प्रायः संवहन द्वारा होता है।
2. बर्तन में रखे पानी को गर्म करने पर वह संवहन द्वारा उबलता है।
3. सुचालक पदार्थों में ऊष्मा का स्थानान्तरण आसानी से नहीं होता है।
4. तवे में लकड़ी का हत्था लगाने से हमारा हाथ जलता नहीं क्योंकि लकड़ी ऊष्मा की कुचालक है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
3. असत्य
4. सत्य।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सूर्य से हमें ऊष्मा कैसे प्राप्त होती है?
उत्तर:
सूर्य से हमें ऊष्मा विकिरण द्वारा प्राप्त होती है?

प्रश्न 2.
जब आप धूप में बाहर जाते हैं, आपको छाता प्रयोग करने की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर:
छाता हमें सूर्य की तेज किरणों से बचाता है?

प्रश्न 3.
जल में ऊष्मा का वितरण किस प्रक्रम द्वारा होता है?
उत्तर:
संवहन द्वारा।

प्रश्न 4.
किसी बीकर या मग में थोड़ा गर्म जल लेकर तापमापी के बल्ब को इसमें डुबोया जाता है। थोड़ी देर पश्चात् आप क्या प्रेक्षण करेंगे? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
तापमापी में पारे का तल ऊपर उठा हुआ दिखाई देता है।

प्रश्न 5.
किसी वस्तु के ताप को ज्ञात करने के लिए क्या तापमापी का बल्ब उस वस्तु के सम्पर्क में आना आवश्यक होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
हाँ, तापमापी किसी वस्तु का ताप तभी बताएगा जब उसका बल्ब वस्तु के सम्पर्क में हो।

प्रश्न 6.
डॉक्टरी थर्मामीटर को मुँह से बाहर निकाल लेने पर पारे का तल नीचे या ऊपर क्यों नहीं जाता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
डॉक्टरी थर्मामीटर में एक विभंग होता है जो पारे के तल को नीचे या ऊपर जाने से रोकता है।

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प्रश्न 7.
किसी डॉक्टरी थर्मामीटर का फिर से प्रेक्षण कीजिए। क्या आप बल्ब के पास कोई विभंग (किंक) देखते हैं? विभंग का क्या लाभ है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
हाँ, डॉक्टरी थर्मामीटर में विभंग होता है। यह पारे के तल को अपने आप नीचे गिरने से रोकता है।

प्रश्न 8.
डॉक्टरी थर्मामीटर में वह कौन-सी युक्ति होती है जो पारे को नीचे जाने से रोकती है?
उत्तर:
थर्मामीटर का विभंग।

प्रश्न 9.
हमें किसी वस्तु के गर्म होने का अनुभव कैसे होता है?
उत्तर:
गर्म वस्तु की ऊष्मा हमारे शरीर में स्थानान्तरित होने लगती है।

प्रश्न 10.
मानव शरीर का तापमान कितना होता है?
उत्तर:
मानव शरीर का सामान्य तापमान 37°C होता

प्रश्न 11.
प्रयोगशाला तापमापी का परिसर कितना होता है?
उत्तर:
प्रयोगशाला तापमापी का परिसर प्रायः – 10°C से 110°C होता है।

प्रश्न 12.
चालन किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह प्रक्रम जिसमें ऊष्मा किसी वस्तु के गर्म सिरे से ठंडे सिरे की ओर स्थानान्तरित होती है, चालन कहलाता है।

प्रश्न 13.
क्या सभी प्रकार के पदार्थों में ऊष्मा का संचरण समान होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
नहीं, सभी पदार्थों में ऊष्मा का संचरण समान नहीं होता है।

प्रश्न 14.
वायु में ऊष्मा का स्थानान्तरण किस प्रकार होता है? धुआँ किस दिशा में जाता है?
उत्तर:
वायु में ऊष्मा का स्थानान्तरण संवहन द्वारा होता है। धुआँ ऊपर की ओर जाता है।

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लयु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हमें गर्म एवं ठंडे पानी का अनुभव कैसे होता (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जब हम अपने शरीर ताप से कम ताप की वस्तु को छूते हैं तब वह हमें ठंडी महसूस होती है क्योंकि हमारे हाथ से ऊष्मा वस्तु में जाने लगती है। जब हम शरीर ताप से अधिक ताप की वस्तु को छूते हैं तो वह हमें गर्म महसूस होती है क्योंकि ऊष्मा हमारे हाथ में प्रवेश करने लगती है।

प्रश्न 2.
यदि सर्दियों में आपको ‘एक मोटे कम्बल’ अथवा एक के ऊपर एक जुड़े दो पतले कम्बलों’ में से किसी एक का चुनाव करके उपयोग करने की छूट हो तो आप इनमें से किसे चुनेंगे और क्यों?
उत्तर:
हमें एक के ऊपर एक जुड़े दो पतले कम्बलों का चुनाव करना चाहिए। इसका कारण है कि दो कम्बलों को जोड़ने पर उनके बीच के स्थान में हवा भर जाती है। अर्थात् दोनों कम्बलों के बीच हवा की एक पर्त बन जाती है। हवा ऊष्मारोधी होती है। ऐसे कम्बल को ओढ़ने पर हवा की परत के कारण शरीर की ऊष्मा बाहर नहीं निकल पाती और हमारा शरीर गर्म रहता है।

प्रश्न 3.
सर्दियों में वस्त्र हमें गर्म बनाए रखते हैं क्यों?
उत्तर:
सर्दियों में हम ऊनी वस्त्र पहनते हैं। ऊन के अन्दर वायु फैसी होती है और वायु ऊष्मारोधी होती है। जब हम ऊनी वस्त्र पहनते हैं तो हमारे शरीर से निकलने वाली ऊष्मा बाहर स्थानान्तरित नहीं हो पाती। इसलिए ऊनी वस्त्र हमें गर्म बनाए रखते हैं।

प्रश्न 4.
किसी वस्तु का ताप क्यों बढ़ जाता है?
उत्तर:
सभी गर्म पिण्ड विकिरणों के रूप में ऊष्मा विकरित करते हैं। जब ये ऊष्मा विकिरण किसी अन्य वस्तु से टकराते हैं, तो इनका कुछ भाग परावर्तित हो जाता है, कुछ भाग अवशोषित हो जाता है तथा कुछ भाग पारगत हो सकता है। ऊष्मा के अवशोषित भाग के कारण वस्तु का ताप बढ़ जाता है।

प्रश्न 5.
खाना बनाने के बर्तनों की तली (बाहरी पृष्ठ) को प्रायः काला बनाया जाता है। क्यों? ।
उत्तर:
काला रंग ऊष्मा का सर्वाधिक अवशोषण करता है, इसीलिए खाना बनाने वाले बर्तनों को बाहर से काला कर दिया जाता है। जब इन बर्तनों को आग पर रखा जाता है तो काला पुता हुआ बर्तन अधिक से अधिक ऊष्मा अवशोषित करता है। फलस्वरूप खाना शीघ्र पक जाता है।

प्रश्न 6.
क्या ऐसे भवन बनाना सम्भव है, जिन पर बाहरी गर्मी या सर्दी का कोई प्रभाव न हो?
उत्तर:
हाँ, ऐसे भवन बनाना सम्भव है, जिन पर बाहरी गर्मी या सर्दी का प्रभाव न पड़े।

  • भवन को इस प्रकार बनवाया जाए कि दीवारों के बीच एक हवा की परत बन जाए।
  • भवन के अन्दर खोखली ईंटों का प्रयोग किया जाये।
  • गर्मी में भवन की बाहर से हल्के रंग से तथा सर्दी में गहरे रंग से पुताई की जाए।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
थर्मामीटर को पढ़ने की विधि बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
थर्मामीटर को पढ़ने के लिए सबसे पहले इसके किन्हीं दो क्रमागतं (एक के बाद एक) बड़े चिह्नों द्वारा निरूपित ताप के अंतर को नोट करते है। इन दोनों चिों के बीच भागों की संख्या (छोटे चिों द्वारा दर्शाए गए) को नोट करते हैं। मान लें कि दो बड़े चिह्नों के बीच एक डिग्री का अंतर है तथा इन चिह्नों के बीच पाँच भाग हैं। तब एक छोटे भाग का मान 1/5 °C अर्थात 0.2°C होगा।

उपयोग करने से पहले थर्मामीटर को अच्छी प्रकार धो लेते हैं। धोने के लिए किसी पूतिरोधी (रोगाणुरोधक) घोल का उपयोग करना सुरक्षित रहता है। अब इसे अपने हाथ में कसकर पकड़ते हैं और कुछ झटके देते हैं। झटके देने से पारे का तल नीचे आ जाएगा। सुनिश्चित करते हैं कि यह 35°C से नीचे आ गया है। अब थर्मामीटर के बल्ब को अपनी जीभ के नीचे रखते हैं। एक मिनट के पश्चात् थर्मामीटर को बाहर निकालते हैं और उसका पाठ्यांक नोट कर लेते हैं। यह हमारे शरीर का ताप है। ताप को सदैव इसके मात्रक, °C के साथ व्यक्त किया जाता है।

प्रश्न 2.
विभिन्न प्रकार के तापमापी उपकरणों को प्रयोग करते समय क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए ?
उत्तर:

  1. डॉक्टरी थर्मामीटर का उपयोग मानव शरीर का ताप मापने को छोड़कर किसी अन्य वस्तु का ताप मापने के लिए कभी नहीं करना चाहिए।
  2. थर्मामीटर को धूप तथा आग के पास नहीं ले जाना चाहिए।
  3. विभिन्न प्रयोजनों के लिए भिन्न-भिन्न तापमापी उपयोग करने चाहिए।
  4. प्रयोगशाला तापमापी का बल्ब चारों ओर से उस पदार्थ से घिरा होना चाहिए जिसका ताप मापना है। बल्ब बर्तन को नहीं छूना चाहिए। तापमापी को सदैव उर्ध्वाधर रखना चाहिए।
  5. यदि किसी कारण तापमापी टूट जाए तो उसके अन्दर के पारे का तुरन्त निस्तारण करना चाहिए क्योंकि पारा बहुत विषाक्त होता है।
  6. डॉक्टरी थर्मामीटर का प्रयोग करने से पहले एवं बाद में इसे किसी प्रतिरोधी द्रव से धोना चाहिए।
  7. थर्मामीटर को उसके बल्ब की ओर से नहीं पकड़ना चाहिए।

प्रश्न 3.
स्थल समीर एवं समुद्र समीर का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग एक मनोरंजक परिघटना का अनुभव करते हैं। दिन के समय स्थल (धरती) जल की अपेक्षा अधिक गर्म होता है। स्थल के ऊपर की वायु गर्म होकर ऊपर उठती है। इसका स्थान लेने के लिए समुद्र की ओर से ठंडी वायु स्थल की ओर बहती है। चक्र को पूरा करने के लिए स्थल की ओर से गर्म वायु समुद्र की ओर बहती है। समुद्र की ओर से आने वाली वायु को समुद्र समीर कहते हैं।

रात्रि में यह प्रक्रम ठीक विपरीत होता है। समुद्र का जल स्थल की अपेक्षा धीमी गति से ठंडा होता है। इसलिए स्थल की ओर से ठंडी वायु समुद्र की ओर बहती है और समुद्र की गर्म वायु स्थल की ओर आती है। इसे थल समीर कहते हैं।

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ऊष्मा Class 7  HBSE Notes in Hindi

→ ताप – किसी वस्तु की ऊष्णता की कोटि को ताप कहते हैं।
→ तापमापी – ताप मापने के लिए उपयोग की जाने वाली युक्ति को तापमापी (थर्मामीटर) कहते हैं।
→ सेल्सियस स्केल – ताप मापने का एक मापक्रम जिसमें ताप °C में दर्शाया जाता है।
→ अधिकतम-न्यूनतम तापमापी – मौसम की रिपोर्ट में दिए गए अधिकतम तथा न्यूनतम तापों की जानकारी देने के लिए अधिकतम-न्यूनतम तापमापी का उपयोग किया जाता है।
→ अंकीय तापमापी – वह तापमापी जिस पर ताप अंकों में मापा जाता है।
→ चालन – वह प्रक्रिया जिसमें ऊष्मा गर्म वस्तु से ठंडी वस्तु की ओर प्रवाहित होती है।
→ चालक – ऐसे पदार्थ जो ऊष्मा को अपने से होकर प्रवाहित होने देते हैं, सुचालक कहलाते हैं।
→ कुचालक – ऐसे पदार्थ जो ऊष्मा को अपने से होकर प्रवाहित नहीं होने देते हैं। कुचालक कहते है। इन पदार्थों को ऊष्मारोधी भी कहते हैं।
→ संवहन – द्रवों में ऊष्मा के स्थानान्तरण को संवहन कहते
→ थल समीर – रात्रि में समुद्र के ऊपर की गर्म हवा ऊपर उठती है, इससे उत्पन्न कम दबाव के स्थल की ओर से समुद्र की ओर वायु बहना थल समीर कहलाता है।
→ समुद्र समीर – दिन के समय स्थल को गर्म हवा ऊपर उठती है और समुद्री हवा तेजी से स्थल की ओर आती है, -इसे समुद्र समीर कहते हैं।
→ विकिरण – विकिरण ऊष्मा का स्थानान्तरण है परन्तु इसके लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है।
→ पूतिरोधी – रोगाणु रोधक (ऐंटीसेप्टिक) ।
→ ताप किसी वस्तु की ऊष्णता की कोटि की माप है।
→ किसी वस्तु की उष्णता की कोटि ज्ञात करने के लिए हम सदैव अपनी स्पर्श-इंद्रिय पर विश्वास नहीं कर सकते।
→ तापमापी वह यंत्र है जिससे ताप मापा जाता है।
→ मानव शरीर का सामान्य ताप 37°C होता है।
→ डॉक्टरी थर्मामीटर का उपयोग शरीर का ताप मापने के लिए किया जाता है। इस थर्मामीटर का परिसर 35°C से 42°C होता है। अन्य कार्यों के लिए हम प्रयोगशाला तापमापी का उपयोग करते हैं। इन तापमापियों का परिसर प्रायः -10°C से 110°C होता है।
→ प्रयोगशाला तापमापी का उपयोग हमारे शरीर के तापमान को मापने के लिए उपयुक्त नहीं है।
→ कष्मा उच्च ताप के पिण्ड से निम्न ताप के पिण्ड की ओर स्थानान्तरित होती है। एक वस्तु से दूसरी वस्तु को ऊष्मा तीन प्रक्रों द्वारा स्थानांतरित हो सकती है। ये है, चालन, संवहन तथा विकिरण।
→ ठोसों में ऊष्मा, चालन द्वारा तथा द्रव व गैसों में उष्मा संवहन द्वारा स्थानान्तरित होती है।
→ जो पदार्थ अपने से होकर ऊष्मा को आसानी से प्रवाहित होने देते हैं, उन्हें ऊष्मा का चालक कहते हैं। जैसे-ऐलुमिनियम, आयरन, कॉपर आदि।
→ वे पदार्थ जो अपने से होकर ऊष्मा को आसानी से नहीं जाने देते, ऊष्मा के कुचालक कहलाते हैं।
→ कुचालकों को ऊष्मारोधी पदार्थ भी कहते हैं।
→ द्रवों में ऊष्मा के स्थानान्तरण को संवहन कहते हैं।
→ समुद्र की ओर से थल की ओर आने वाली वायु को समुद्र समीर कहते हैं तथा थल से समुद्र की ओर जाने वाली वायु को थल समीर कहते हैं।
→ सूर्य से ऊष्मा, पृथ्वी तक जिस प्रक्रम से आती है, उसे विकिरण कहते हैं।
→ गहरे रंग की वस्तुएँ हल्के रंग की वस्तुओं की अपेक्षा ऊष्मीय विकिरणों की अच्छी अवशोषक होती हैं। यही कारण है कि हम गर्मियों में हल्के रंग के वस्त्रों में अधिक आराम का अनुभव करते हैं।
→ सर्दियों में कनी वस्त्र हमें गरम रखते हैं। इसका कारण यह है कि ऊन ऊष्मारोधी है तथा इसके रेशों के बीच में वायु फंसी (ट्रैप) होती है।

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HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 5 अम्ल, क्षारक और लवण

Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 5 अम्ल, क्षारक और लवण Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 5 अम्ल, क्षारक और लवण

HBSE 7th Class Science अम्ल, क्षारक और लवण InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
बूझो जानना चाहता है कि, क्या मैं सभी पदार्थों का स्वाद ज्ञात करने के लिए उन्हें चख सकता हूँ?
उत्तर:
नहीं, अज्ञात पदार्थों को नहीं चखना चाहिए क्योंकि ये हमें हानि पहुँचा सकते हैं।

प्रश्न 2.
हल्दी का दाग साबुन से धोने पर लाल क्यों हो जाता है?
उत्तर:
साबुन का विलयन क्षारकीय होता है जो हल्दी (प्राकृतिक सूचक) का रंग लाल कर देता है।

प्रश्न 3.
जब शुष्क लिटमस पत्र पर खाने के सोडे के ठोस कण रखे जाते हैं तो इससे किसी तरह का परिणाम प्राप्त नहीं होता। क्यों?
उत्तर:
लिटमस पत्र किसी अम्ल या क्षारक का परीक्षण प्रायः विलयन अवस्था में ही देते हैं।

प्रश्न 4.
पहेली आपके लिए निम्नलिखित समस्या लेकर आई हैकॉफी का रंग भूरा है, और स्वाद है कड़वा, अम्ल है यह, या है क्षार, प्रश्न बड़ा ही है दुश्वार, स्वाद के कारण से अनजान, बिना परीक्षण हो ना ज्ञान। उत्तर:
अम्लीय।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 5 अम्ल, क्षारक और लवण

HBSE 7th Class Science अम्ल, क्षारक और लवण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
अम्लों और क्षारकों के बीच अन्तर बताइए।
उत्तर:
अम्लों और क्षारकों में अन्तर

अम्लक्षारक
(i) अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं।क्षार स्वाद में कड़वे होते हैं।
(ii) ये नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं।ये लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते हैं।

प्रश्न 2.
अनेक घरेलू उत्पादों, जैसे खिड़की साफ करने के मार्जकों आदि में अमोनिया पाया जाता है। ये लाल लिटमस को नीला कर देते हैं। इनकी प्रकृति क्या है?
उत्तर:
इसकी प्रकृति क्षारीय है। क्योंकि क्षारक लाल लिटमस को नीला करने का गुण रखते हैं।

प्रश्न 3.
उस स्रोत का नाम बताइए, जिससे लिटमस विलयन को प्राप्त किया जाता है। इस विलयन का क्या उपयोग है?
उत्तर:
लाइकेन नामक पौधे से लिटमस विलयन प्राप्त किया जाता है। इस विलयन को सूचक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।

प्रश्न 4.
क्या आसुत जल अम्लीय/क्षारकीय/उदासीन होता है ? आप इसकी पुष्टि कैसे करेंगे?
उत्तर:
आसुत जल उदासीन होता है। इसकी उदासीनता की पुष्टि लिटमस पेपर से कर सकते हैं। यह जल लिटमस पत्र पर कोई प्रभाव नहीं डालता है।

प्रश्न 5.
उदासीनीकरण के प्रक्रम को एक उदाहरण देते हुए समझा
उत्तर:
अम्ल तथा क्षारक के बीच होने वाली क्रिया को उदासीनीकरण कहते हैं। इस क्रिया में ऊष्मा निर्मुक्त होने के साथ-साथ लवण और जल भी निर्मित होते हैं।
अम्ल + क्षारक → लवण + जल (ऊर्जा निर्मुक्त होती है।)
जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा सोडियम हाइड्रॉक्साइड की क्रिया कराई जाती है तो सोडियम क्लोराइड एवं जल बनता है साथ ही ऊष्मा निकलती है।
HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 5 अम्ल, क्षारक और लवण -1

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 5 अम्ल, क्षारक और लवण

प्रश्न 6.
निम्नलिखित कथन यदि सही हैं, तो (T) अथवा गलत हैं, तो (F) लिखिए
(क) नाइट्रिक अम्ल लाल लिटमस को नीला कर देता
(ख) सोडियम हाइड्रॉक्साइड नीले लिटमस को लाल कर देता है।
(ग) सोडियम हाइड्रॉक्साइड और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एक-दूसरे को उदासीन करके लवण और जल बनाते हैं।
(घ) सूचक वह पदार्थ है, जो अम्लीय और क्षारकीय विलयनों में भिन्न रंग दिखाता है।
(च) दंत क्षय, क्षार की उपस्थिति के कारण होता है।
उत्तर:
(क) नाइट्रिक अम्ल लाल लिटमस को नीला कर देता है। (F)
(ख) सोडियम हाइड्रॉक्साइड नीले लिटमस को लाल कर देता है। (F)
(ग) सोडियम हाइड्रॉक्साइड और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एक-दूसरे को उदासीन करके लवण और जल बनाते हैं। (T)
(घ) सूचक वह पदार्थ है, जो अम्लीय और क्षारकीय विलयनों में भिन्न रंग दिखाता है। (T)
(च) दंत क्षय, क्षार की उपस्थिति के कारण होता है। (F)

प्रश्न 7.
दोरजी के रैस्टोरेन्ट में शीतल (मृदु) पेय की कुछ बोतलें हैं। लेकिन दुर्भाग्य से वे चिन्हित नहीं हैं। उसे ग्राहकों की मांग के अनुसार पेय परोसने हैं। एक ग्राहक अम्लीय पेय चाहता है, दूसरा क्षारकीय और तीसरा उदासीन पेय चाहता है। दोरजी यह कैसे तय करेगा, कि कौन-सी बोतल किस ग्राहक को देनी है।
उत्तर:
(i) दोरजी सूचक की सहायता से तय कर सकता है।
(ii) क्षारीय होने पर पेय का नमूना लाल लिटमस पत्र को नीला कर देगा।
(iii) अम्लीय होने पर यह नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है।
(iv) उदासीन होने पर पेय लिटमस पर कोई रंग उत्पन्न नहीं करेगा।

प्रश्न 8.
समझाइए, ऐसा क्यों होता है
(क) जब आप अतिअम्लता से पीड़ित होते हैं, तो प्रति अम्ल की गोली लेते हैं।
(ख) जब चींटी काटती है, तो त्वचा पर कैलेमाइन का विलयन लगाया जाता है।
(ग) कारखाने के अपशिष्ट को जलाशयों में बहाने से पहले उसे उदासीन किया जाता है।
उत्तर:
(क) जब हम अतिअम्लता से पीड़ित होते हैं, तो प्रतिअम्ल की गोली लेते हैं। क्योंकि उदर में अम्ल की मात्रा बढ़ती है तो प्रतिअम्ल की गोली क्षारकीय होने के कारण इसे उदासीन कर देती है और हमें आराम मिलता है।
(ख) चींटी एक अम्ल त्वचा में छोड़ती है। कैलेमाइन का विलयन, इसके प्रभाव को उदासीन करता है इसलिए दर्द में राहत मिलती है।
(ग) अम्लीय तथा क्षारीय दोनों प्रकृति के अपशिष्ट कारखानों से जलाशयों में बहाये जाते हैं। ये अम्ल जलीय जीवों को नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसलिए उन्हें उदासीन कर दिया जाता है।

प्रश्न 9.
आपको तीन द्रव दिये गये हैं, जिनमें से एक हाइड्रोक्लोरिक अम्ल है, दूसरा सोडियम हाइड्रॉक्साइड और तीसरा शक्कर का विलयन है। आप हल्दी को सूचक के रूप में उपयोग करके उनकी पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर:
(1) हल्दी का विलयन क्षारकों के सम्पर्क में आने पर लाल हो जाता है। अम्ल तथा उदासीन पदार्थ इसके सम्पर्क में आने पर प्रभावित नहीं होते।
(2) सबसे पहले हल्दी में अम्ल मिलाया जाता है। अम्ल के सम्पर्क में आने पर यह लाल हो जाता है।
(3) अब हल्दी तथा अम्ल के मिश्रण में तीनों में से एक विलयन धीरे-धीरे डाला जाता है।
(4) यदि विलयन पुन: पीला हो जाता है तो डाला गया विलयन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल है। अन्यथा डाला गया द्रव्य शक्कर का विलयन है।

प्रश्न 10.
नीले लिटमस पत्र को एक विलयन में डुबोया गया। यह नीला ही रहता है। विलयन की प्रकृति क्या है ? समझाइए।
उत्तर:
(1) विलयन उदासीन या क्षारीय कोई भी हो सकता है।
(2) नीले लिटमस पत्र पर उदासीन या क्षारीय विलयन का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित वक्तव्यों को ध्यान से पढ़ें
(क) अम्ल और क्षारक दोनों सभी सूचकों के रंगों को परिवर्तित कर देते हैं।
(ख) यदि कोई सूचक अम्ल के साथ रंग परिवर्तित कर देता है, तो वह क्षारक के साथ रंग परिवर्तन नहीं करता।
(ग) यदि कोई सूचक क्षारक के साथ रंग परिवर्तित करता है, तो वह अम्ल के साथ रंग परिवर्तन नहीं करता।
(घ) अम्ल और क्षारक में रंग परिवर्तन सूचक के प्रकार पर निर्भर करता है।
ऊपर लिखे वक्तव्यों में से कौन-से वक्तव्य सही हैं?
(i) सभी चार
(ii) (क) और (घ)
(iii) (ग) और (घ)
(iv) सिर्फ (घ)
उत्तर:
(iv) सिर्फ (घ)।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 5 अम्ल, क्षारक और लवण

HBSE 7th Class Science अम्ल, क्षारक और लवण Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए

1. निम्न में से किसमें अम्ल उपस्थित है?
(क) आँवला
(ख) साबुन
(ग) खाने का सोडा
(घ) वाशिंग पाउडर
उत्तर:
(क) आँवला

2. एसिड शब्द की उत्पत्ति एसियर शब्द से हुई है। यह किस भाषा का शब्द है?
(क) अंग्रेजी
(ख) हिन्दी
(ग) लैटिन
(घ) फ्रेंच
उत्तर:
(ग) लैटिन

3. निम्नलिखित में से कौन-सा प्राकृतिक सूचक नहीं है?
(क) हल्दी
(ख) लिटमस
(ग) गुड़हल की पंखुड़ियाँ
(घ) पालक की पत्तियाँ
उत्तर:
(घ) पालक की पत्तियाँ

4. उदासीन विलयन
(क) क्षारीय होता है
(ख) अम्लीय होता है
(ग) मीठा होता है
(घ) न उदासीन और न अम्लीय होता है
उत्तर:
(घ) न उदासीन और न अम्लीय होता है

5. क्षारीय विलयन के साथ फिनॉल्फथेलिन रंग देता है
(क) लाल
(ख) गुलाबी
(ग) नीला
(घ) बैंगनी
उत्तर:
(ख) गुलाबी

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II. रिक्त स्थान

निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए-
1. ऐसे पदार्थ जिनका स्वाद कड़वा होता है और स्पर्श करने पर साबुन जैसे लगते हैं, ………… कहलाते हैं।
2. ………… को जब अम्लीय या क्षारकीय पदार्थ युक्त विलयन में मिलाया जाता है तो उनका रंग बदल जाता हैं।
3. कागज की पट्टियों के रूप में उपलब्ध सूचक को …………. कहते हैं।
4. अपाचन से मुक्ति पाने के लिए हम प्रतिअम्ल लेते हैं जिसमें …………. होता है।
उत्तर:
1. क्षारक
2. सूचकों
3. लिटमस पत्र
4. मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड।

III. सुमेलन
कॉलम A तथा कॉलम B के शब्दों का मिलान कीजिए

कॉलम Aकॉलम B
1. चूने का पानी(a) लिटमस
2. चींटी का डंक(b) उदासीन
3. लाइके(c) क्षारक
4. आसुत जल(d) अम्ल

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
1. चूने का पानी(c) क्षारक
2. चींटी का डंक(d) अम्ल
3. लाइके(a) लिटमस
4. आसुत जल(b) उदासीन

IV. सत्य/असत्य

निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य छाँटिए
1. शैम्पू के विलयन में अम्ल उपस्थित होता है।
2. उदासीन विलयन न अम्लीय होते हैं और न क्षारकीय।
3. चींटी काटने के स्थान पर चूने का पानी लगाने से लाभ होता है।
4. अम्ल एवं क्षारक की अभिक्रिया लवणीकरण कहलाती
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
3. सत्य
4. असत्य।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
उदासीनीकरण के तत्काल बाद परखनली को स्पर्श करें। आप क्या अनुभव करते हैं ?
उत्तर:
परखनली गर्म अनुभव होती है। इसका अर्थ है, इस क्रिया में ऊष्मा निर्मुक्त होती है।

प्रश्न 2.
जब नींबू के रस के जलीय विलयन की एक बूंद को लाल लिटमस पर डाला जाता है तो क्या होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
लाल लिटमस नीला हो जाता है।

प्रश्न 3.
सूचक क्या होते हैं ?
उत्तर:
कोई पदार्थ अम्लीय है अथवा क्षारकीय, इसका परीक्षण करने के लिए विशेष प्रकार के पदार्थों का उपयोग किया जाता है, जिन्हें सूचक कहते हैं।

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प्रश्न 4.
अम्लों एवं क्षारकों के रखरखाव में क्यों सावधानी बरतनी चाहिए ?
उत्तर:
ये संक्षारक प्रकृति के होते हैं, जो त्वचा में जलन उत्पन्न करते हैं तथा हानि पहुँचाते हैं।

प्रश्न 5.
जब किसी अम्लीय विलयन को क्षारीय विलयन में मिलाया जाता है तो क्या होता है ?
उत्तर:
उदासीन विलयन बनता है।

प्रश्न 6.
जब चूने के पानी में तनु सल्फ्यूरिक अम्ल मिलाया जाता है तो मिश्रण गर्म होगा या ठंडा?
उत्तर:
गर्म हो जायेगा।

प्रश्न 7.
दो प्राकृतिक अम्ल सूचकों के नाम बताइए।
उत्तर:
हल्दी, गुड़हल के फूल की पंखुड़ियाँ।

प्रश्न 8.
लवण क्या होते हैं ?
उत्तर:
उदासीनीकरण अभिक्रिया में नया पदार्थ बनता है जो लवण कहलाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चार खनिज अम्लों के नाम तथा उनके सूत्र बताइए।
उत्तर:
(i) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl)
(ii) नाइट्रिक अम्ल (HNO3)
(iii) सल्फ्यू रिक अम्ल (H2SO4)
(iv) ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH)।

प्रश्न 2.
चार सूचकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) हल्दी
(ii) लिटमस
(iii) गुड़हल की पंखुड़ियाँ
(iv) फिनॉल्फथेलिन।

प्रश्न 3.
लिटमस को कैसे तैयार किया जाता है ?
उत्तर:
सबसे सामान्य रूप से उपयोग किया जाने वाला प्राकृतिक सूचक लिटमस है। इसे लाइकेन (शैक) से निष्कर्षित किया जाता है। आसुत जल में इसका रंग मॉव (नीलशोण) होता है। जब इसे अम्लीय विलयन में मिलाया जाता है, तो यह लाल हो जाता है और जब क्षारीय विलयन में मिलाया जाता है तो यह नीला हो जाता है। यह विलयन के रूप में अथवा कागज की पट्टियों के रूप में उपलब्ध होता है जिन्हें लिटमस पत्र कहते हैं। सामान्यतः यह लाल और नीले लिटमस पत्र के रूप में उपलब्ध होता है।

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प्रश्न 4.
हल्दी पत्रक कैसे बनाते हैं? इसको कैसे सूचक की तरह प्रयोग करेंगे? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
एक चम्मच हल्दी पाउडर में थोड़ा पानी मिलाकर उसका पेस्ट बनाते है। ब्लोटिंग पेपर पर इस पेस्ट को लगाकर सुखा लेते हैं। अब इसकी पतली पट्टियाँ काट लेते हैं। जब हल्दी पत्रक पर साबुन के विलयन की बूंदे डालते हैं तो पत्रक का रंग लाल हो जाता है।

प्रश्न 5.
अम्ल वर्षा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
कुछ गैसें, जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (जो वायु में प्रदूषकों के रूप में निर्मुक्त होती हैं) वर्षा के साथ क्रिया करके क्रमशः काबौनिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल बनाती हैं। वर्षा के साथ ये अम्ल जमीन पर आते हैं, जिसे अम्ल वर्षा कहते हैं। अम्ल वर्षा, भवनों, ऐतिहासिक इमारतों, पौधों और जन्तुओं को क्षति पहुँचा सकती है।

प्रश्न 6.
चींटी के डंक में कौन-सा अम्ल होता है ? इसे कैसे उदासीन किया जा सकता है?
उत्तर:
चींटी के डंक में फॉर्मिक अम्ल होता है। जब चींटी काटती है तो त्वचा में फार्मिक अम्ल छोड़ देती है। इसके अम्लीय प्रभाव को उदासीन करने के लिए डंक के स्थान की त्वचा पर नमी युक्त खाने का सोडा (सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट) अथवा कैलेमाइन विलयन मलकर उदासीन किया जा सकता है।

प्रश्न 7.
मृदा उपचार क्या है ? अम्लीय एवं क्षारीय मृदा को कैसे उपचारित किया जाता है ?
उत्तर:
रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग मृदा को अम्लीय बना देता है। यदि मृदा अत्यधिक अम्लीय अथवा अत्यधिक क्षारीय हो तो पादपों की वृद्धि अच्छी नहीं होती। जब मृदा अत्यधिक अम्लीय होती है तो उसमें बिना बुझा चूना (कैल्सियम ऑक्साइड) अथवा बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) जैसे धारक मिलाकर उदासीन किया जा सकता है। यदि मृदा क्षारकीय हो तो इसमें जैव पदार्थ मिलाये जाते हैं। जैव पदार्थ मृदा में अम्ल निर्मुक्त करते हैं, जो उसकी क्षारीय प्रकृति को उदासीन कर देते हैं।

प्रश्न 8.
कारखानों के अपशिष्ट पदार्थों को कैसे उदासीन किया जाता है?
उत्तर:
अनेक कारखानों के अपशिष्ट (कचरे) में अम्लीय पदार्थ मिश्रित होते हैं। यदि ऐसे अपशिष्ट पदार्थों को सीधे ही जलाशयों में बहने दिया (विसर्जित किया जाए तो मछली और अन्य जलीय जीवों को अम्ल नष्ट कर सकते हैं। अत: कारखानों के अपशिष्ट को जलाशयों में विसर्जित करने से पहले क्षारकीय पदार्थ मिलाकर उदासीन किया जाता है।

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दीर्य उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नल का पानी, अपमार्जक (डिटरजेंट) का घोल, वातित पेय पदार्थ, साबुन का विलयन, शैम्पू, सामान्य नमक का विलयन, शक्कर का विलयन, सिरका, बेकिंग सोडे का विलयन, दूधिया मैग्नीशियम, धावन सोडे का विलयन तथा चूने का पानी, (यदि सम्भव हो, तो विलयन आसुत जल में बनायें)। अपने प्रेक्षणों को सारणी में नोट कीजिए।
उत्तर:

विलयन का नामनीले लिटमस पर प्रभावलाल लिटमस पर प्रभाव
1. नल का पानी
2. अपमार्जक का घोलनीला
3. वातित पेय पदार्थलाल
4. साबुन का विलयननीला
5. शैम्पूनीला
6. समान्य नमक का विलयन
7. शक्कर का विलयन
8. सिरकालाल
9. बैंकिंग सोड़े का विलयननीला
10. दूधिया मैगनीशियमनीला
11. धावन सोडे का विलयननीला
12. चूने का पानीनीला

प्रश्न 2.
अपाचन (अम्लता) से आप क्या समझते हैं? इसे कैसे दूर किया जा सकता है? इसके समाधान में कौन-सी क्रिया होती है?
उत्तर:
अपाचन (अम्लता)-हमारे आमाशय से भोजन में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल स्रावित होता है। यह हमारे भोजन को पचाने में सहायता करता है। किन्तु कभी-कभी इस अम्ल की आवश्यकता से अधिक मात्रा हो जाती है जिसे अपाचन या अम्लता कहते हैं। कभी-कभी यह अत्यधिक कष्टदायक होता है। अम्लता के प्रभाव को किसी प्रतिअम्ल जिसमें मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड होता है, को देकर कम किया जा सकता है। मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड, आमाशय में उत्पन्न अम्ल के प्रभाव को उदासीन कर देता है। इस क्रिया को उदासीनीकरण कहते हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से अम्ल एवं क्षारक पहचान कर बताइए कि ये किसमें पाये जाते हैं?
ऐसीटिक अम्ल, कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड, फॉर्मिक अम्ल,अमोनियम हाइड्रॉक्साइड, सोडियम हाइड्रॉक्साइड, साइट्रिक अम्ल, टार्टरिक अम्ल, विटामिन C, पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड, लैक्टिक अम्ल, मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड तथा ऑक्सेलिक अम्ल।
उत्तर:

अम्ल का नामकिसमें पाया जाता है।
(i) ऐसीटिक अम्लसिरका
(ii) फॉर्मिक अम्लचींटी का डंक
(iii) साइट्रिक अम्लनींबू कल के फल, जैसे संतरा, नींबू
(iv) ऑक्सेलिक अम्लपालक
(v) एस्कॉर्बिक अम्ल या विटामिन-Cआँवला, सिट्रस फल
(vi) लैक्टिक अम्लदही
(vii) टार्टरिक अम्लइमली, कच्चे आम, अंगूर
क्षारक का नामकिसमें पाया जाता है
(i) कैल्सियम हाइड्रॉक्साइडचूने का पानी
(ii) अमोनियम हाइड्रॉक्साइडखिड़की के काँच साफ करने में प्रयुक्त मार्जक
(iii) सोडियम हाइड्रॉक्साइडसाबुन
(iv) पोटैशियम हाइड्रॉक्साइडसाबुन
(v) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइडदूधिया मैग्नीशियम (मिल्क ऑफ मैग्नीशिया)

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प्रश्न 4.
गुड़हल के पुष्य की कुछ पंखुड़ियाँ लीजिए और उन्हें किसी बीकर में रख दीजिए। इसमें थोड़ा गरम जल मिलाइए। मिश्रण को कुछ समय तक रखिए, जब तक जल रंगीन न हो जाए। रंगीन जल को सूचक के रूप में प्रयोग कीजिए। इस सूचक की पाँच-पाँच बूंदें निम्न सारणी में दिए गए प्रत्येक विलयन में मिलाइए। अब निम्न सारणी को पूरा कीजिए।

परीक्षण विलयनआरसिभक रंगअन्तिम रंग
शैम्पू ( तनु विलयन)
नीबू का रस
सोडा जल
सोडियम हाइड्रोजन
कार्बोनेट का विलयन सिरका
शक्कर का विलयन

उत्तर:

परीक्षण विलयनआरसिभक रंगअन्तिम रंग
शैम्पू ( तनु विलयन)लालहरा
नीबू का रसलालमेजेन्टा
सोडा जललालहरा
सोडियम हाइड्रोजनलालहरा
कार्बोनेट का विलयन सिरकालालमेजेन्टा
शक्कर का विलयनलाललाल

अम्ल, क्षारक और लवण Class 7  HBSE Notes in Hindi

→ अम्ल – पदार्थ जो स्वाद में खट्टे होते हैं और नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
→ क्षारक – स्वाद में कसैले और छूने पर साबुन जैसे पद । जो लाल लिटमस को नीला कर देते हैं।
→ सूचक – सूचक वह पदार्थ है जो अम्लीय तथा क्षारीय पदार्थों को विभिन्न रंगों में बदल देते हैं।
→ लिटमस – एक प्राकृतिक सूचक जो लाइकेन (शैक) से प्राप्त किया जाता है।
→ लाइकेन – कवक एवं शैवाल के सहयोग से बने एक प्रकार के छोटे पौधे।
→ उदासीन विलयन – ऐसा विलयन जो न अम्लीय होता है और न क्षारीय।
→ उदासीनीकरण – अम्ल और क्षार की अभिक्रिया जिसमें लवण तथा जल बनते हैं।
→ लवण – उदासीनीकरण क्रिया में बना नया पदार्थ।
→ अपाचन – आमाशय में अत्यधिक अम्ल बनने की स्थिति।
→ दही, नींबू का रस, सन्तरे का रस और सिरके का स्वाद खट्टा होता है। इन पदार्थों का स्वाद खट्टा इसलिए होता है, क्योंकि इनमें अम्ल (एसिड) होते हैं।
→ ऐसे पदार्थ जिनका स्वाद कड़वा होता है और स्पर्श करने पर साबुन जैसे लगते हैं, क्षारक कहलाते हैं।
→ कोई पदार्थ अम्लीय है अथवा क्षारकीय, इसका परीक्षण करने के लिए विशेष प्रकार के पदार्थों का उपयोग किया जाता है। ये पदार्थ सूचक कहलाते हैं।
→ हल्दी, लिटमस, गुड़हल की पंखुड़ियाँ आदि कुछ प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले सूचक हैं।
→ सबसे सामान्य रूप से उपयोग किया जाने वाला प्राकृतिक सूचक लिटमस है। इसे लाइकेनों (शैक) से निष्कर्षित किया जाता है।
→ लिटमस या तो विलयन के रूप में होता है अथवा कागज की पट्टियों (लिटमस पत्र) के रूप में होता है।
→ अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देते हैं। श्री क्षारक लाल लिटमस को नीला कर देते हैं।
→ वे पदार्थ जो न तो अम्लीय होते हैं और न क्षारकीय, उदासीन कहलाते हैं।
→ किसी अम्ल और किसी क्षारक के बीच होने वाली अभिक्रिया उदासीनीकरण कहलाती है। इस प्रक्रम में ऊष्मा के निर्मुक्त होने के साथ-साथ लवण और जल बनते हैं।
→ उदासीनीकरण अभिक्रिया में नया पदार्थ बनता है, वह लवण कहलाता है।
→ हमारे आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल पाया जाता है। यह भोजन के पाचन में सहायता करता है।
→ जब चींटी काटती हैं तो यह त्वचा में अम्लीय द्रव डाल देती है। डंक के प्रभाव को नमीयुक्त खाने का सोडा (सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट अथवा कैलेमाइन विलयन) मलकर उदासीन किया जा सकता है।
→ यदि मृदा अत्यधिक अम्लीय अथवा क्षारीय हो तो उसे बुझा हुआ या बिना बुझा हुआ चूना जैसे क्षारकों से उपचारित किया जाता है।
→ कारखानों के अपशिष्ट को जलाशयों व नदियों में विसर्जित करने से पहले क्षारकीय पदार्थ मिलाकर उदासीन किया जाता है।

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