HBSE 10th Class Hindi Vyakaran अनेकार्थक शब्द
Haryana State Board HBSE 10th Class Hindi Solutions Hindi Vyakaran Anekarthi Shabd अनेकार्थक शब्द Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 10th Class Hindi Vyakaran अनेकार्थक शब्द
अनेकार्थक शब्द HBSE 10th Class
अनेकार्थक शब्द
प्रत्येक भाषा में अनेक शब्द ऐसे होते हैं जिनके एक से अधिक अर्थ हैं। वे शब्द प्रसंग बदलने पर अलग-अलग अर्थ देते हैं; जैसे –
‘काल’ शब्द के अर्थ हैं, पिछला दिन, अगला दिन, शोर, मशीन, सुंदर आदि।
हिंदी में प्रयुक्त होने वाले कुछ अनेकार्थी शब्द निम्नलिखित हैं –
अज – ब्रह्मा, शिव, बकरा।
अदृष्ट – भाग्य, गुप्त, जो देखा न गया हो।
अंक – संख्या, गोद, अध्याय, चिह्न, नाटक का अंक।
अधर – अंतरिक्ष, निचला होंठ, धरती और आसमान के मध्य।
अक्षर – नष्ट न होने वाला, ईश्वर, वर्ण।
अपवाद – निंदा, कलंक, नियम के विरुद्ध।
अनंत – ईश्वर, आकाश, विष्णु, शेषनाग, असीम, अविनाशी।
अपेक्षा आवश्यकता, तुलना, आशा।
अब्ज – शंख, कमल, कपूर, चंद्रमा।
अब्धि – सरोवर, समुद्र।
अरुण – सूर्य का सारथि, प्रातःकालीन सूर्य, रक्तवर्ण, सिंदूर, लाल ।
अमर – शाश्वत, देवता।
अभिजात – कुलीन, मनोहर, पूज्य।
अंबर – आकाश, कपड़ा, कपास।
अर्थ – धन, व्याख्या, उद्देश्य।
अर्क – सूर्य, आक, रस।
आम – एक फल, सामान्य।
अलि – भँवरा, सखी, कोयल।
अनेकार्थक शब्द के 10 उदाहरण HBSE
अवधि – सीमा, निर्धारित समय।
आदि – प्रारंभ, वगैरह।
अवकाश – बीच का समय, अवसर, छुट्टी।
आराम – सुख-चैन, बगीचा।
आतुर – विकल, रोगी, उत्सुक।
आली – सखी, पंक्ति।
उत्सर्ग – त्याग, दान, समाप्ति।
उत्तर – जवाब, उत्तर दिशा।
उपचार – उपाय, सेवा, इलाज।
कर – हाथ, किरण, हाथी की सैंड, टैक्स, ‘करना’ क्रिया का आज्ञार्थक रूप।
कक्षा – परिधि, समूह, छात्रों का समूह।
कला – एक विषय, गुण, युक्ति, तरीका।
कल – चैन, बीता हुआ दिन, आने वाला दिन, मशीन, शोर, आराम।
कक्ष – बगल, कमरा।
कुंजर – हाथी, बाल।
कनक – सोना, धतूरा, गेहूँ।
काम – इच्छा, कामदेव, कार्य, वासना।
काल – समय, मृत्यु।
कुण्डल – कान का आभूषण, साँप की गेंडुरी।
कुटिल – टेढ़ा, धुंघराला, कपटी।
HBSE 10th Class Hindi Vyakaran अनेकार्थक शब्द
कुशल – चतुर, सुखी, सुरक्षित।
कुल – सब, वंश, घर, गोत्र।
कोष – खज़ाना, फूल का भीतरी भाग।
खर – तेज, गधा।
खग – पक्षी, आकाश, खेचर – देवता, ग्रह, पक्षी।
ग्रहण लेना, सूर्य – चन्द्र ग्रहण, दोष।
गण – समूह, भूत-प्रेत, तीन वर्गों का समूह (छंद – शास्त्र)।
गौ – गाय, पृथ्वी, इंद्रियाँ।
गति – चाल, दिशा, मोक्ष।
गुरु श्रेष्ठ, अध्यापक, भारी, बड़ा, दो मात्राओं वाला वर्ण, मुश्किल से पचने वाला।
गुण – रस्सी, स्वभाव, कौशल, रज-सत तम गुण।
घर – मकान, कुल, कार्यालय।
घन – बादल, घटा, भारी, हथौड़ा।
घट – घड़ा, हृदय, कम, शरीर।
चीर – वस्त्र, रेखा, पट्टी, चीरना।
चपला – लक्ष्मी, बिजली।
जीवन – वायु, प्राण, जिंदगी, जल।
जवान – सैनिक, योद्धा, वीर, युवक।
जड़ अचेतन, मूर्ख, वृक्ष का मूल।
ठाकुर – देवता, स्वामी, क्षत्रिय, ईश्वर।
तात – पिता, भाई, पूज्य।
तप – साधना, गर्मी, अग्नि, धूप।
तार – उद्धार, तारघर का तार, लोहे का तार, चासनी का तार।
तीर – किनारा, बाण।
तार – नक्षत्र, आँखों की पुतली।
दक्षिण – दाहिना, अनुकूल, दक्षिण दिशा।
दंड – डंडा, सज़ा, व्यायाम का एक प्रकार, डंठल ।
दल – समूह, सेना, पत्ता।
द्विज–दाँत, ब्राह्मण, पक्षी।
दर्शन – देखना, नेत्र, आकृति, दर्शनशास्त्र।
धारण – विचार, बुद्धि, समझ, विश्वास, मन की स्थिरता।
नव – नया, नौ।
नाक – नासिका, स्वर्ग।
नग – पर्वत, नगीना।
नायक – नेता, मार्गदर्शक, सेनापति, नाटक का मुख्य पात्र।
निशान – चिह्न, ध्वजा, डंका।
नाग – साँप, हाथी।
पत्र – चिट्ठी, पत्ता, समाचार पत्र, पन्ना।
पतंग – सूर्य, एक कीड़ा, उड़ाई जाने वाली गुड़िया।
पट – द्वार, कपड़ा, पर्दा ।
पय – दूध, पानी, अमृत।
पद – चरण, शब्द, ओहदा, कविता का चरण।
पृष्ठ – पन्ना, पीठ पीछे का भाग, सतह।
पक्ष – पंख, तरफ, सहायक, दो सप्ताह ।
प्रकृति – कुदरत, स्वभाव, मूलावस्था।
पूर्व – पहले, एक दिशा का नाम ।
पानी – जल, मान, चमक।
प्रसाद – कृपा, अनुग्रह, हर्ष।
भोग – खाना, प्रारब्ध, सुख – दुःख का अनुभव।
भृति – नौकरी, मजदूरी, वेतन, मूल्य, वृत्ति।
भव – संसार, उत्पत्ति, शंकर।
भेद – प्रकार, रहस्य, फूट, भिन्नता, तात्पर्य।
भूत – बीता हुआ, प्राण, प्रेत।
मधु – शहद, मदिरा, वसंत, मीठा।
मत – राय, सम्प्रदाय, निषेध (न)।
मुद्रा – मोहर, सिक्का, मुख का भाव, छाया।
मित्र – सूर्य, दोस्त।
रस – स्वाद, सार, आनन्द, प्रेम, फलों का निचोड़।
रंग – वर्ण, दशा, प्रेम, नृत्य – अभिनय का स्थान।
लक्ष्य – उद्देश्य, निशाना।
लाल – एक रंग, पुत्र।
लय – डूबना, मिलना, स्वरों का उठना-गिरना।
वार – दिन, आक्रमण, प्रहार।
वर – अच्छा, पति, दूल्हा।
विजया – दुर्गा, भाँग।
वर्ण – रंग, अक्षर, जाति।
विषय – भोग-विलास, जिसके बारे में कुछ कहा जाए, मज़मून।
वृत्ति – पेशा, छात्रवृत्ति, कार्य, स्वभाव, नीयत।
विधि – ब्रह्मा,, रीति, कानून।
शेष – बचा हुआ, शेषनाग।
श्यामा – राधा, यमुना, काले रंग की गाय, स्त्री, रात, कोयल।
शिखी – मोर, पर्वत, अग्नि। श्रुति – वेद, कान।
श्री लक्ष्मी, सरस्वती, सम्पत्ति, शोभा, कान्ति, धन।
सारंग – मोर, साँप, बादल, मृग, पपीहा, हंस, कोयल, कामदेव।
सार – बल, लोहा, तत्त्व, निष्कर्ष।
सूत – धागा, सारथी।
सोना – शयन, स्वर्ण।
संज्ञा – नाम, चेतना।
हरि – विष्णु, सूर्य, इन्द्र, सिंह, सर्प।
हर – शिव, हर लेना।
हार – पराजय, माला।
हल – समाधान, खेत जोतने का यन्त्र।