Haryana State Board HBSE 10th Class Hindi Solutions Hindi Vyakaran Muhavare मुहावरे Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे
मुहावरे
Muhavare Hindi Class 10 HBSE प्रश्न 1.
मुहावरा किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब किसी वाक्यांश का सामान्य अर्थ न लेकर किसी विशेष अर्थ में उसका प्रयोग किया जाता है, तब हम उसे मुहावरा कहते हैं; जैसे-
अँगूठा दिखाना, अंगारे बरसाना।।
(अ, आ)
1. अँगूठा दिखाना – साफ इंकार कर देना मैंने जब रमेश से अपनी पुस्तक वापस मांगी तो उसने अठा दिखा दिया।
2. अंत पाना – भेद जानना – ईश्वर की महिमा का अंत पाना कठिन है।
3. अंगारे उगलना – क्रोध में कठोर शब्द कहना – गरीब मजदूर को दोपहर के समय सुस्ताते देख मालिक अंगारे उगलने लगा।
4. अपना उल्लू सीधा करना स्वार्थ सिद्ध करना – आज के भौतिकवादी युग में सब अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं।
5. अंधे की लाठी – एकमात्र सहारा – बुढ़ापे में संतान ही अंधे की लाठी होती है।
6. अंग – अंग ढीला होना बहुत थकावट महसूस करना – आज दिन – भर घूमते रहने के कारण मेरा अंग – अंग ढीला हो गया है।
7. अंगारों पर पैर रखना – जान – बूझकर हानिकारक काम करना – महेश को अंगारों पर पैर रखकर कुल के नाम को कलंक नहीं लगाना चाहिए।
8. अंगारे बरसना – बहुत गर्मी पड़ना – मई – जून के महीने में दोपहर के समय अंगारे बरसते हैं।
9. अक्ल का दुश्मन – मूर्ख – उस मूर्ख व्यक्ति को मैंने बहुत समझाया परंतु उस अक्ल के दुश्मन को कुछ समझ नहीं आया।
10. अगर – मगर करना – टालमटोल करना – पैसा उधार लेने वाले लोग वापस करते वक्त अकसर अगर – मगर करते हैं।
11. अपनी खिचड़ी अलग पकाना – सबसे अलग रहना – अशदवीर कक्षा में किसी से बात नहीं करता, वह सदा अपनी खिचड़ी अलग पकाता है।
12. अपना राग अलापना – अपनी ही कहना दूसरे की न सुनना – आजकल के मंत्री तो अपना ही राग अलापते रहते हैं जनता की तो सुनते नहीं।
13. अरण्य – रोदन – बेकार रोना – धोना – सरकार के सामने बेरोजगारों की माँगें अरण्य – रोदन बनकर रह जाती हैं।
14. अक्ल के घोड़े दौड़ाना–सोच – विचार करना – मैंने गणित के प्रश्नों को हल करने के लिए अक्ल के घोड़े दौड़ाए, पर असफल रहा।
15. आँखों का तारा – अत्यधिक प्यारा – रमेश अपने माँ – बाप की आँखों का तारा है।
16. आँखें दिखाना – क्रोध से देखना छात्रों को शोर करते देख अध्यापक आँखें दिखाने लगा।
17. आपे में न रहना – क्रोध में बेकाबू होना – आधी रात के समय अपने गधे की आवाज़ सुनकर धोबी आपे में न रहा और उसे पीटने लगा।
18. आग उगलना – क्रोध में बोलना–अध्यापक को आग उगलते देख सभी छात्र शांत हो गए।
19. आसमान सिर पर उठाना – बहुत शोर करना – गर्मियों की छुट्टियों में सभी बच्चे इकट्ठे होकर आसमान सिर पर उठा लेते हैं।
20. आकाश से बातें करना बहुत ऊँचा होना – हिमालय के शिखर आकाश से बातें करते हैं।
21. आकाश से तारे तोड़ना असंभव बात करना बातें करने से आकाश से तारे नहीं तोड़े जा सकते, सफलता तो परिश्रम करने से ही मिलती है।
22. आँख का काँटा – खटकने वाला व्यक्ति – मैंने अपने बॉस को घर का काम करने से मना क्या किया, मैं तो उसकी आँख का काँटा बन गया।
23. आँखें खुलना – होश आना – कपटी साधु की वास्तविकता जानकर मेरी आँखें खुल गईं।
24. आसमान टूट पड़ना – बड़ी मुसीबत आना – मोहन कभी झूठ नहीं बोल सकता, चाहे उस पर आसमान क्यों न टूट पड़े।
25. आस्तीन का साँप – कपटी मित्र – विशाल से सावधान रहना, वह तो आस्तीन का साँप है।
26. इधर – उधर की हाँकना – बेकार गप्पें मारना – गाँव के बेरोज़गार नवयुवक इधर – उधर की हाँककर समय बिता देते हैं।
HBSE 10th Class मुहावरे Hindi Vyakaran
27. ईश्वर को प्यारा होना – मर जाना – पाँच मंजिला इमारत के गिर जाने के कारण अनेक लोग ईश्वर को प्यारे हो गए।
28. ईद का चाँद होना बहुत दिनों बाद दिखाई देना – जब से श्याम की नौकरी लगी है, वह तो ईद का चाँद हो गया है।
29. ईंट से ईंट बजाना – नष्ट करना – नादिरशाह ने दिल्ली की ईंट से ईंट बजा दी थी।
30. ईंट का जवाब पत्थर से देना करारा जवाब देना – कारगिल युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को ईंट का जवाब पत्थर से दिया।
31. उल्लू बनाना मूर्ख बनाना – उमेश बहुत होशियार है, उसे उल्लू बनाना इतना आसान नहीं है।
32. उन्नीस बीस होना थोड़ा – सा अंतर होना – तुम दोनों बहनों में तो उन्नीस – बीस का ही अंतर है।
33. उँगली पर नचाना – वश में करना – रमेश की पत्नी अपने पति को उँगली पर नचाती है।
34. उड़ती चिड़िया पहचानना – मन के भाव समझ लेना हमारी कक्षा के अध्यापक की नज़र से कोई नहीं बच सकता, वे तो उड़ती चिड़िया पहचानते हैं।
35. उल्टी गंगा बहाना – नियम के विरुद्ध काम करना – खाना खाने के बाद कसरत करना तो उल्टी गंगा बहाने के समान है, इससे नुकसान अवश्य होता है।
36. उँगली उठाना – नुकसान पहुंचाने की कोशिश करना मेरे पिताजी ने कहा कि मेरे रहते तुम पर कोई उँगली नहीं उठा सकता।
37. एड़ी – चोटी का जोर लगाना – खूब परिश्रम करना – कक्षा में प्रथम स्थान पाने के लिए प्रणव एड़ी – चोटी का जोर लगा रहा है।
38. एक आँख से देखना – समान भाव से देखना – माता – पिता अपने सभी बच्चों को एक आँख से देखते हैं।
39. एक और एक ग्यारह एकता में बल – मिलकर परिश्रम करने से सफलता मिलती है क्योंकि एक और एक ग्यारह होते हैं।
40. एक ही थैली के चट्टे – बट्टे – सब एक जैसे – वोट किसको डालें क्योंकि आजकल हर पार्टी के नेता एक ही थैली के चट्टे – बट्टे हैं।
41. एक लकड़ी से हाँकना – अच्छे – बुरे सबके साथ एक – सा व्यवहार करना योग्य – अयोग्य में अंतर देखे बिना मेरे ऑफिस का अधिकारी सबको एक लकड़ी से हाँकता है।
(क, ख)
42. कमर कसना – पूरी तरह तैयार होना – परीक्षा पास आ रही है, अब तुम पूरी तरह कमर कस लो।
43. कुन सिर पर बाँधना – मरने को तैयार होना – वीर सैनिक युद्ध में कुन सिर पर बाँधकर जाते हैं।
44. कमर टूटना – हिम्मत टूट जाना – आजकल की महँगाई ने तो गरीबों की कमर ही तोड़ दी है।
45. कठपुतली होना – दूसरे के इशारे पर चलना – यूनियन का नेता कर्मचारियों के हित में कोई काम नहीं करता क्योंकि वह तो कंपनी की कठपुतली है।
46. कलेजा मुँह को आना – अत्यधिक दुःखी होना – अपने इकलौते बेटे की मृत्यु का समाचार सुनकर माँ का कलेजा मुँह को आ गया।
47. कटे पर नमक छिड़कना – दुःखी को और दुःखी करना – महेश पहले ही दुःखी है, उसे बीती बातें याद करा के तुम कटे पर नमक क्यों छिड़क रहे हो।
48. काम आना – वीरगति पाना – युद्ध के समय देश की रक्षा करते हुए कितने वीर सैनिक काम आते हैं।
49. कोल्हू का बैल – बहुत परिश्रम करने वाला – आजकल नौकरियों में कोल्हूं के बैल की तरह काम करना पड़ता है, परंतु वेतन बहुत कम मिलता है।
मुहावरे Hindi Vyakaran HBSE 10th Class
50. कान में तेल डालना – बात न सुनना – पिता बेटे को दो घंटे तक समझाते रहे, परंतु वह कान में तेल डालकर बैठा रहा।
51. काम तमाम करना – मार डालना – शिकारी ने एक ही गोली से शेर का काम तमाम कर दिया।
52. कान भरना – चुगली करना – तुम रमन की बात पर विश्वास न करना, उसकी तो दूसरों के कान भरने की आदत है।
53. कागज़ी घोड़े दौड़ाना केवल कागजी कार्रवाई करना हमारी सरकार केवल कागज़ी घोड़े दौड़ाती है, कोई ठोस कार्य नहीं करती।
54. कान खड़े होना – चौकन्ना होना – शेर की दहाड़ सुनकर हिरणों के कान खड़े हो गए।
55. कान पर जूं न रेंगना – कुछ असर न होना – मेरा मित्र सबको मारता रहता है। मैं उसे बहुत समझाता हूँ पर उसके तो कान पर जूं नहीं रेंगती।
56. खाला जी का घर – आसान काम – आज के युग में नौकरी पाना खाला जी का घर नहीं है।
57. खाक छानना – भटकना – आज के युवक नौकरी की तलाश में खाक छानते फिरते हैं।
58. ख्याली पुलाव पकाना – कल्पनाओं में रहना – ख्याली पुलाव पकाने से कुछ हासिल नहीं होगा, कोई ठोस कार्य करो।
59. खून सूखना – डर जाना – पुलिस को घर में आते देख मेरा खून सूख गया।
60. खेल – खेल में आसानी से केशव ने एम.ए. की परीक्षा खेल – खेल में पास कर ली है।
61. खून खौलना – अत्यधिक क्रोध आना – द्रौपदी का चीरहरण होते देख भीम का खून खौलने लगा।
62. गागर में सागर भरना – संक्षेप में बड़ी बात कहना – बिहारी ने अपने दोहों में गागर में सागर भरा है।
63. गुदड़ी का लाल – छिपी हुई अमूल्य वस्तु – लाल बहादुर शास्त्री गुदड़ी के लाल थे।
64. गड़े मुर्दे उखाड़ना – बेकार में पुरानी बातें दोहराना – घर में शांति तभी रह सकती है, जब सब लोग गड़े मुर्दे उखाड़ना बंद कर देंगे।
65. गुस्सा पीना – क्रोध को रोकना – आज राकेश ने सुरेश को कक्षा में अपमानित किया, परंतु सुरेश अपना गुस्सा पी गया।
66. गंगा नहाना – बड़ा कार्य पूर्ण होना – बेटी की शादी करके तो तुम गंगा नहा आए हो।
67. गाँठ बाँध लेना – हमेशा के लिए याद रखना – मेरी यह बात गाँठ बाँध लो कि बिना मेहनत किए तुम सफल नहीं हो सकते।
68. गुड़ – गोबर कर देना – मज़ा खराब होना – बेटी की शादी में बारिश हो जाने से सारा प्रबंध गुड़ गोबर हो गया।
69. गिरगिट की तरह रंग बदलना – सिद्धांतहीन होना – विशाल गिरगिट की तरह रंग बदलता है, इसलिए उस पर कोई विश्वास नहीं करता।
(घ, च)
70. घाव पर नमक छिड़कना – दुःखी को और दुःखी करना – किसी के घावों पर नमक छिड़कने वाले व्यक्ति को ईश्वर कभी माफ नहीं करता।
71. घुटने टेकना – पराजय स्वीकार करना – पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेक दिए।
72. घी के दीए जलाना – खुशी मनाना – मोहन ने अपने बेटे के विदेश से लौटने पर घर में घी के दीए जलाए।
73. घोड़े बेचकर सोना – गहरी नींद सोना – परीक्षा इतनी निकट है और तुम घोड़े बेचकर सो रहे हो।
74. घाट – घाट का पानी पीना – बहुत अनुभवी होना – अध्यापक ने छात्रों से कहा कि मैंने तो घाट – घाट का पानी पिया है, तुम मुझे बेवकूफ नहीं बना सकते।
75. घड़ों पानी पड़ना – लज्जित होना – अध्यापक ने जब मिलिंद को कक्षा में चोरी करते पकड़ा, तो उस पर घड़ों पानी पड़ गया।
76. घास खोदना – व्यर्थ समय नष्ट करना – परीक्षा में तुम्हारे फेल होने का यही कारण है कि तुम पढ़ने की अपेक्षा सारा साल घास खोदते रहे।
77. चकमा देना – धोखा देना – जेबकतरा पुलिस को चकमा देकर भाग निकला।
78. चाँदी होना – लाभ – ही – लाभ होना – जब से बहादुर सिंह को पुलिस में नौकरी मिली है, उसकी तो चाँदी हो गई है।
79. चादर तानकर सोना – निश्चित होकर सोना – कमला तो अपनी बेटी की शादी के बाद चादर तानकर सोती है।
80. चोली – दामन का साथ – गहरा संबंध – परिश्रम तथा सफलता का चोली – दामन का साथ है।
81. चारपाई पकड़ना – बहुत बीमार पड़ना – मेरी माता जी ने एक साल से चारपाई पकड़ रखी है।
82. चैन की बंसी बजाना – चिंतामुक्त होना – अभी मेहनत कर लो, परीक्षा के बाद चैन की बंसी बजाना।
83. चिकना घड़ा – कुछ असर न होना – मेरा भाई तो चिकना घड़ा है, किसी की बात नहीं मानता।
84. चार चाँद लगाना – शोभा बढ़ाना – चाँदनी रात में ताजमहल के सौंदर्य को चार चाँद लग जाते हैं।
85. चंपत होना – भाग जाना – माली को आते देख अमरूद तोड़ते बच्चे चंपत हो गए।
86. चादर देखकर पाँव पसारना – अपनी समर्थता के अनुसार खर्च करना – चादर देखकर पाँव पसारने वाले लोगों को बाद में कभी पछताना नहीं पड़ता।
87. चाँद पर थूकना – बड़े व्यक्ति का अपमान करने का प्रयत्न करने पर स्वयं नुकसान होना – गाँधी जी पर आरोप लगाना तो चाँद पर थूकने के समान है।
88. छक्के छुड़ाना – हरा देना – भारतीय सेना ने अनेक बार पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ाए हैं।
89. छाती पर साँप लोटना – ईर्ष्या करना – मेरी सफलता पर मेरे पड़ोसी की छाती पर साँप लोटने लगे।
90. छाती पर पत्थर रखना – दुःख सहने के लिए दिल कठोर कर लेना – पुत्र के जेल जाने के बाद पिता ने छाती पर पत्थर रख लिया।
91. छप्पर फाड़कर देना – बिना मेहनत किए धन प्राप्त होना – कर्ण पर ईश्वर की अपार कृपा है। ऐसा लगता है ईश्वर ने उसे छप्पर फाड़कर दिया है।
92. छुपा रुस्तम – देखने में साधारण पर वास्तव में गुणी – महेश को कभी पढ़ते नहीं देखा परंतु कक्षा में प्रथम आने पर लगता है कि वह छुपा रुस्तम है।
93. छाती पर मूंग दलना – बहुत तंग करना हमारे किराएदार किराया भी नहीं देते और हमेशा हमारी छाती पर मूंग दलते हैं।
94. छोटा मुँह बड़ी बात – सीमा से अधिक बोलना – अमिता पर कोई विश्वास नहीं करता, वह तो छोटा मुँह बड़ी बात करती है।
95. जान पर खेलना – जोखिम उठाना – एक सैनिक ने डूबते हुए बालक को अपनी जान पर खेलकर बचाया।
96. जले पर नमक छिड़कना – दुःखी व्यक्ति को और दुःखी करना – गरीब के जले पर नमक छिड़कने से तुम्हें क्या हासिल होता है।
97. जूती चाटना – चापलूसी करना – आजकल अफसरों की जूतियाँ चाटे बिना कोई काम नहीं बनता।
98. जान – में – जान आना – चैन आना – पुत्र को देखकर चिंतित माँ की जान – में – जान आ गई।
99. जलती आग में घी डालना – क्रोध को और बढ़ाना – तुम माँ को भैया के विरुद्ध भड़काकर जलती आग में घी डाल – रहे हो।
100. झख मारना – बेकार समय नष्ट करना – सारा दिन झख मारते – फिरते हो, बिना मेहनत किए कुछ भी प्राप्त नहीं होगा।
(ट, ठ, ड)
101. टका – सा जवाब देना – साफ इंकार करना – जब मैंने अपने मित्र से कुछ रुपयों की मदद माँगी तो उसने टका – सा जवाब दे दिया।
102. टेढ़ी खीर – कठिन काम – आजकल अच्छे विद्यालय में दाखिला लेना अत्यंत टेढ़ी खीर है।
103. टस से मस न होना – ज़रा न हिलना – चार लोगों ने अलमारी को उठाने का प्रयास किया, परंतु वह टस – से – मस न हुई।
104. टूट पड़ना – सहसा आक्रमण करना मार्ग में जाते हुए पीछे से अचानक एक व्यक्ति मुझ पर टूट पड़ा।
105. टाँग अड़ाना – दखल देना – बड़ों की बातों में टाँग अड़ाकर तुम अच्छा नहीं करते हो।
106. टोपी उछालना – अपमान करना – बारात के स्वागत के बाद दूल्हे ने कार माँगकर लड़की के पिता की टोपी उछाल दी।
107. ठन – ठन गोपाल – बिल्कुल कंगाल – महेश के पिता की मृत्यु के बाद से वह परिवार ठन – ठन गोपाल हो गया है।
108. ठिकाने आना – ठीक स्थान पर आना – जब तक मनीष को असफलता का मुँह नहीं देखना पड़ेगा, तब तक उसकी अक्ल ठिकाने नहीं आएगी।
109. ठोकर खाना – हानि उठाना – ठोकर खाने पर ही तुमने मेहनत की और जीवन में सफल हो गए।
110. ठंडा पड़ जाना – मंद होना – आजकल व्यापारियों का काम – धंधा ठंडा पड़ा हुआ है।
111. डींगें हाँकना – अपनी प्रशंसा करना – केवल डींगें हाँकने वाला व्यक्ति समाज में सम्मान नहीं पा सकता।
112. डंका बजाना – प्रभाव जमाना – अंग्रेजों ने भारतीयों पर अपना डंका बजाने का बहुत प्रयत्न किया, पर असफल रहे।
113. डंके की चोट पर कहना चुनौती देकर कहना हमारा पड़ोसी डंके की चोट पर चुनाव जीतने की बात कहता था, परंतु असफल रहा।
(त, थ)
114. तारे गिनना – बेचैनी से इतंजार करना – पिताजी की प्रतीक्षा में मेरी माता जी रात – भर तारे गिनती रहीं।
115. तू – तू, मैं – मैं – आपसी लड़ाई – हमारे पड़ोस में सास और बहू में दिन – रात तू – तू, मैं – मैं होती है।
116. तितर – बितर होना – बिखर जाना – जैसे ही पुलिस ने भीड़ पर अश्रु – गैस छोड़ी, सभी लोग तितर – बितर हो गए।
117. तिल का ताड़ बनाना – छोटी – सी बात को बढ़ा – चढ़ाकर कहना – सही बात को बताने की तो तुममें हिम्मत नहीं है, वैसे ही तिल का ताड़ बना रहे हो।
118. तिल धरने की जगह न होना – बहुत भीड़ होना – जनसंख्या इतनी बढ़ गई है कि जहाँ भी जाओ, तिल धरने की जगह नहीं मिलती।
119. तेली का बैल होना – हमेशा काम में लगे रहना मेरे पिताजी कभी खाली नहीं बैठते, वे तेली के बैल की तरह काम करते
120. तारे तोड़ लाना – असंभव काम करना – चाँद पर जाने की बात करके तो तुम तारे तोड़ लाने वाली बात कर रहे हो।
121. तूती बोलना – प्रभाव होना – ज़िले में प्रथम आने के बाद से तो पूरे शहर में मीनल की तूती बोलने लगी है।
122. थाली का बैंगन हानि – लाभ देखकर बात बदल लेने वाला – विकास तो थाली का बैंगन है, जो अधिक धन देगा, उसी का पक्ष लेगा।
123. थूककर चाटना वचन से मुकर जाना – थूककर चाटने वाले व्यक्ति पर कोई विश्वास नहीं करता।
(द, ध)
124. दाँत खट्टे करना – बुरी तरह हराना हमारी सेना ने दुश्मनों के दाँत खट्टे कर दिए और जीत का सेहरा अपने सिर पर बाँधा।
125. दाँत पीसना – क्रोध करना – अपने गहरे मित्र द्वारा विश्वासघात करने पर मैं केवल दाँत पीसकर रह गया।
126. दाँतों तले उँगली दबाना – हैरान होना – आकाश में जहाज़ों की कलाबाज़ी देखकर मैंने दाँतों तले उँगली दबा ली।
127. दूध का दूध, पानी का पानी – पूरा न्याय करना – जज ने हत्या के मामले में अपराधी को सज़ा दिलवाकर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया।
128. दौड़ – धूप करना बहुत मेहनत करना – आजकल नौकरी पाने के लिए बहुत दौड़ – धूप करनी पड़ती है।।
129. दूर की हाँकना – गप्प मारना मेरा मित्र हमेशा दूर की हाँकता है, इसीलिए कोई उस पर विश्वास नहीं करता।
130. दुम दबाकर भागना – डरकर भाग जाना – माली को आते देख बच्चे अमरूद के बाग से दुम दबाकर भाग गए।
131. दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति करना बहुत उन्नति करना – माँ – बाप हमेशा बच्चों को दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति करने का आशीर्वाद देते हैं।
132. दाल में काला होना – कुछ गड़बड़ होना – अपने बेटे को चुप देखकर माँ को दाल में कुछ काला लगा।
133. दाहिना हाथ होना – सहायक होना – मोहन के विदेश जाने की बात सुनकर उसके पिता चिंतित हो गए क्योंकि वह तो उनका दाहिना हाथ है।
134. दाँत काटी रोटी होना – पक्की दोस्ती होना – राजेश और राकेश की दाँत काटी रोटी थी, परंतु अब वे एक – दूसरे के दुश्मन बन गए हैं।
135. दूज का चाँद होना बहुत कम दिखाई देना – जब से सोनिया की नौकरी लगी है, वह तो दूज का चाँद हो गई है।
136. धूप में बाल सफेद न होना – अनुभवी होना – हमें बड़ों की सलाह को अवश्य मान लेना चाहिए क्योंकि उन्होंने धूप में बाल सफेद नहीं किए होते।
137. धरती पर पाँव न पड़ना – अभिमान से भरा होना – तुम कक्षा में प्रथम क्या आ गए हो, तुम्हारे तो धरती पर पाँव नहीं पड़ रहे हैं।
138. नाक कटना इज़्ज़त जाना – बच्चों के फेल हो जाने पर माता – पिता की नाक कट जाती है।
139. नाक – भौं चढ़ाना – घृणा करना – आजकल के बच्चे दूध को देखते ही नाक – भौं चढ़ाने लगते हैं।
140. नौ – दो ग्यारह होना – भाग जाना – पुलिस को देखते ही चोर नौ – दो ग्यारह हो गया।
141. नाक पर मक्खी न बैठने देना – ज़रा भी दोष न आने देना हमारे अध्यापक का सारा काम इतना व्यवस्थित ढंग से होता है कि वह अपने नाक पर मक्खी नहीं बैठने देते।
142. नमक – मिर्च लगाना – बढ़ा – चढ़ाकर कहना – हमारी पड़ोसन हर बात को नमक – मिर्च लगाकर कहती है।
143. नाकों चने चबवाना – बहुत परेशान करना वज़ीर अली ने अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए थे।
144. नानी याद आना कष्ट का अनुभव होना – सारा साल न पढ़ने वाले छात्रों को परीक्षा के दिनों में नानी याद आ जाती है।
145. निन्यानवे के फेर में पड़ना – धन जमा करने की चिंता में रहना – तुम तो निन्यानवे के फेर में पड़ गए हो, कुछ धर्म – कर्म भी कर लिया करो।
146. नाक रख लेना – इज्ज़त बचा लेना – ज़रूरत के समय तुमने मेरी आर्थिक सहायता करके मेरी नाक रख ली।
147. नाम पर धब्बा लगना – बदनामी होना – बेटे की घटिया हरकतों के कारण सारे परिवार के नाम पर धब्बा लग गया है।
148. पगड़ी उछालना – इज्जत उतारना – दुष्ट व्यक्ति बड़े – बूढ़ों की पगड़ी उछालने में हिचकिचाते नहीं।
149. पत्थर की लकीर – पक्की बात – छोटे बच्चों के लिए अध्यापकों की बात पत्थर की लकीर होती है।
150. पानी का बुलबुला – क्षणिक जीवन – मनुष्य का जीवन पानी के बुलबुले के समान है।
151. पाँचों उँगलियाँ घी में होना बहुत लाभ होना – पाँच रुपए की टिकट पर एक करोड़ की लाटरी निकलने पर उसकी तो पाँचों उँगलियाँ घी में हैं।
152. पाँव उखड़ जाना – स्थिर न रहना – पुलिस द्वारा अश्रु गैस छोड़े जाने पर भीड़ के पाँव उखड़ गए।
153. पहाड़ टूटना – भारी कष्ट आना – माँ की आकस्मिक मृत्यु से परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा।
154. पानी – पानी होना – लज्जित होना – चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने पर मेरा मित्र पानी – पानी हो गया।
155. पेट काटना – बचत करना – माँ – बाप अपना पेट काटकर बच्चों को पढ़ाते – लिखाते हैं।
156. पापड़ बेलना कठोर मेहनत करना – उसने बहुत पापड़ बेले पर उसे कहीं भी नौकरी नहीं मिली।
157. पेट में दाढ़ी होना – बचपन में ही चतुर होना – महक को बड़ी – बड़ी बातें करते देख मुझे लगा कि उसके पेट में दाढ़ी है।
158. पाला पड़ना – वास्ता पड़ना – विश्वासघाती मित्रों से किसी का पाला न पड़े।
(फ, ब)
159. फूला न समाना – बहुत प्रसन्न होना – अच्छा परिणाम आने पर मेधावी छात्र फूले नहीं समाते।
160. फूंक – फूंककर कदम रखना – सोच – समझकर काम करना – एक बार गलती होने पर मैं सावधान हो गया हूँ, अब मैं फूंक – फूंककर कदम रखता हूँ।
161. फूटी आँख न सुहाना – ज़रा भी अच्छा न लगना – सदा पीटने वाले अध्यापक मुझे फूटी आँख नहीं सुहाते।
162. बाएँ हाथ का खेल – आसान काम – शास्त्रीय संगीत सीखना कोई बाएँ हाथ का खेल नहीं है।
163. बाल – बाल बचना – साफ बच जाना – आज तो मैं गाड़ी के नीचे आने से बाल – बाल बच गया।
164. बगुला भगत होना – ऊपर से अच्छा पर अंदर से धोखेबाज – आज के राजनीतिज्ञ बगुला भगत होते हैं।
165. बहती गंगा में हाथ धोना – अवसर का लाभ उठाना – आज के समाज में हर कोई बहती गंगा में हाथ धोना चाहता है।
166. बाल की खाल निकालना – सूक्ष्म विवेचन करना – तुम तो हमेशा बाल की खाल निकालते हो, कभी सीधी बात भी किया करो।
(भ, म)
167. भौंए चढ़ाना – नाराज़ होना – अध्यापक की कड़वी सच्चाई सुनकर छात्र ने भौंए चढ़ा लीं।
168. भूत सवार होना हठ पकड़ लेना – तुम पर तो विदेश जाने का भूत सवार हो गया है।
169. मुट्ठी गरम करना – रिश्वत देना – आज के युग में बिना मुट्ठी गरम किए कोई काम करवाना संभव नहीं।
170. मुँह में पानी भर आना – जी ललचाना – गरम – गरम जलेबियाँ देखकर तुम्हारे मुँह में पानी भर गया है।
171. मुँह उतरना – उदास होना–परीक्षा में फेल होते ही कमल का मुँह उतर गया।
172. मति मारी जाना – बुद्धि भ्रष्ट होना लगता है तुम्हारी मति मारी गई है, जो तुमने पिता जी के सामने गालियाँ निकाली।
173. मारा – मारा फिरना इधर – उधर भटकना – आज के नवयुवकों को नौकरी पाने के लिए मारे – मारे फिरना पड़ता है।
(र, ल, व)
174. रात – दिन एक करना बहुत मेहनत करना – परीक्षा में अच्छे अंक पाने के लिए मैंने रात – दिन एक कर दिया।
175. रंग उड़ना – घबरा जाना – घर के पिछवाड़े में साँप देखकर मेरा रंग उड़ गया।
176. रंग में भंग पड़ना – खुशी में बाधा पड़ना मेरे भाई के विवाह के दिन घर में चोरी होने से रंग में भंग पड़ गया।
177. लाल – पीला होना – क्रोध करना – छोटी – सी बात पर लाल – पीला होने वाले व्यक्ति घर की शांति को भंग कर देते हैं।
178. राई का पहाड़ बनाना बहुत बढ़ा – चढ़ाकर कहना – राई का पहाड़ बनाने वाले सबको खटकते हैं।
179. लेने के देने पड़ना – लाभ के स्थान पर हानि होना – व्यापार में सावधानी से काम करना चाहिए, अन्यथा लेने के देने पड़ जाते हैं।
180. लंगोटिया यार – पक्का दोस्त – रमेश व केशव तो लंगोटिए यार हैं, उनमें झगड़ा करवाना नामुमकिन है।
181. लहू – पसीना एक करना बहुत मेहनत करना – मज़दूर दिन – भर लहू – पसीना एक कर देते हैं, पर उन्हें दो वक्त की रोटी नहीं मिल पाती।
182. लहू का यूंट पीकर रह जाना – क्रोध को मन में दबा लेना – भरी सभा में द्रौपदी का अपमान होते देख पांडव लहू का चूंट पीकर रह गए।
183. लोहा मानना – शक्ति मानना – विश्व के सभी राष्ट्र अमेरिका का लोहा मानते हैं।
184. विष घोलना – बुराई का प्रचार करना – शकुनि पांडवों के विरुद्ध विष घोलता रहता था।
185. विपत्ति मोल लेना – संकट में पड़ना – व्यापार में इतना अधिक धन लगाकर तुमने विपत्ति मोल ली है, अब घबराने से क्या फायदा?
186. विष उगलना – कठोर शब्द कहना – विष उगलने वाले व्यक्ति का कोई मित्र बनना नहीं चाहता।
(श, स, ह)
187. शहीद होना – देश के लिए संघर्ष करते हुए मृत्यु को प्राप्त होना – कारगिल युद्ध में अनेक वीर सैनिक शहीद हुए।
188. शेर के दाँत गिनना – साहसी होना – भरत बचपन में ही शेर के दाँत गिनता था।
189. शैतान के कान कतरना – बहुत चालाक होना – आजकल के बच्चों को धोखा नहीं दिया जा सकता क्योंकि वे शैतान के कान कतरते हैं।
190. शर्म से पानी – पानी होना – लज्जित होना – बेटे के दुर्व्यवहार के कारण माता – पिता शर्म से पानी – पानी हो गए।
191. सिर पर पाँव रखकर भागना – बहुत तेज़ भागना – पुलिस को देखकर चोर सिर पर पाँव रखकर भागा।
192. सोने पर सुहागा – अच्छी वस्तु का और अधिक अच्छा होना – सचिन कक्षा में प्रथम आने के साथ एक अच्छा वक्ता भी है, यह तो सोने पर सुहागा हो गया।
193. साँप को दूध पिलाना – दुष्ट की रक्षा करना – साँप को दूध पिलाने से कोई फायदा नहीं, वह तो डसेगा ही।
194. सूरज को दीपक दिखाना – महान् व्यक्ति का परिचय देना महात्मा गाँधी का परिचय देना सूरज को दीपक दिखाने के समान है।
195. सिर पर सवार होना – पीछे पड़ना – मिल के कर्मचारी अपना वेतन बढ़वाने के लिए मालिक के सिर पर सवार हो जाते हैं।
196. हवा से बातें करना – तेज़ दौड़ना – आधुनिक युग की कारें हवा से बातें करती हैं।
197. हाथ साफ करना – चुरा लेना – भीड़ में जेबकतरों के लिए हाथ साफ़ करना मुश्किल काम नहीं होता।
198. हाथ तंग होना – पैसे का अभाव होना – नौकरी छूट जाने के बाद से विनय का हाथ तंग हो गया है।
199. हाथ – पाँव मारना – कोशिश करना – घर बैठे तुम्हें नौकरी नहीं मिलेगी, हाथ – पाँव तो मारने ही पड़ेंगे।
200. हवा लगना – असर होना – पाश्चात्य संस्कृति के कारण आज के युवा वर्ग को हवा लग गई है।
201. हाथ फैलाना – माँगना – किसी के आगे हाथ फैलाने से बेहतर मर जाना है।
202. हाथों – हाथ बिक जाना – जल्दी बिक जाना – बंगाली मिठाई स्वादिष्ट होने के कारण हाथों – हाथ बिक जाती है।