Author name: Prasanna

HBSE 12th Class Maths Solutions Chapter 3 आव्यूह विविध प्रश्नावली

Haryana State Board HBSE 12th Class Maths Solutions Chapter 3 आव्यूह विविध प्रश्नावली Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Maths Solutions Chapter 3 आव्यूह विविध प्रश्नावली

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HBSE 12th Class Maths Solutions Chapter 1 संबंध एवं फलन विविध प्रश्नावली

Haryana State Board HBSE 12th Class Maths Solutions Chapter 1 संबंध एवं फलन विविध प्रश्नावली Textbook Exercise Questions and Answers.

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HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ Notes.

Haryana Board 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

Class 10th Geography Chapter 7 Notes HBSE

→ प्रगति के लिए गति आवश्यक है और गति के लिए परिवहन, ताकि एक स्थान से दूसरे स्थान पर सहजता से आवागमन हो सके।

→ सभ्यता के आरंभ से मनुष्य भोजन और निवास स्थान की खोज में एक दूसरे स्थान पर आता-जाता रहा है। पहले तो यह काम व्यक्ति पैदल ही करता था।

→ फिर पहिए की खोज ने गाड़ी के आविष्कार को जन्म दिया। आज जब वैज्ञानिक प्रगति अपने चरम उत्कर्ष पर है तो परिवहन के तरह-तरह से साधन अस्तित्व में आ चुके है।

→ चाहे वह कार हो या बस, ट्रक, रेल, जहाज या वायुयान। वस्तुतः इनमें से प्रत्येक का अपने अलग ही महत्त्व है।

→ परिवहन के समान ही आज के समय में संचार का महत्त्व है। वस्तुतः संचार के आधुनिक साधनों ने आज इतनी सहूलियत ला दी है कि व्यक्ति पलभर में हजारों किमी. दूर स्थित स्थान से संपर्क कर सकता है!

→ संचार माध्यमों में डाक-तार से लेकर इंटरनेट तक सभी कुछ सम्मिलित हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन की पहुँच उन गाँवों में भी है जो विकास की दृष्टि से अभी बहुत आगे नहीं है।

→ सड़कों का अस्तित्व तो भारत में प्राचीन काल से ही रहा है। हड़प्पा कालीन खुदाई से यह प्रमाणित हो ही चुका है। चन्द्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक द्वारा भी अच्छी सड़कों का निर्माण हुआ।

→ शेरशाह सूरी ने भी जी.टी. रोड़ का निर्माण कराया था। वर्तमान में भारत में सड़कों का निर्माण इतनी प्रचुरता से हुआ है कि भारत की गणना संसार के सबसे सघन सड़क जाल वाले देशों में की जाती है।

Class 10 Geography Chapter 7 Notes HBSE

HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

→ वर्तमान में भारत में सड़कों की कुल लंबाई 25 लाख किमी. है। इनमें 57% सड़के पक्की हैं। भारत में रेलवे का इतिहास लगभग 150 वर्ष पुराना है।

→ वर्तमान में भारत में रेलमार्गों की कुल लंबाई 63,000 किमी. है। भारतीय रेलें प्रतिवर्ष 400 करोड़ यात्री और 40 करोड़ टन माल ढोती है।

→ भारत के पास इस समय 14,500 किमी. लंबे अंतः स्थलीय जलमार्ग हैं। भारत के पास 7500 किमी. लंबी तटरेखा है और इस पर 12 बड़े तथा 181 मध्यम और छोटे दर्जे के समुद्री पत्तन सेवारत हैं।

→ 90% से अधिक का विदेशी व्यापार इन्हीं बड़े पत्तनों के माध्यम से होता है।

→ एशिया के सबसे बड़े दुरसंचार जाल में भारत का स्थान उल्लेखनीय हैं वर्तमान समय में भारत में संचार साधनों के दो रूप हैं-

  • व्यक्तिगत संचार साधन
  • जनसंचार साधन।

→ भारत में प्रतिवर्ष समाचार-पत्रिकाओं का प्रकाशन बड़ी संख्या में होता है। भारत में विश्व में सबसे अधिक चलचित्रों का निर्माण होता है।

→ सन् 2000-2001 में भारत में लगभग 43 लाख करोड़ रुपये का विदेशी व्यापार हुआ। इसमें 53% आयात और 47% निर्यात का स्वरूप था।

→ इस दृष्टि से वर्तमान में भारत का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संतुलन प्रतिकूल हैं भारत में पर्यटन उद्योग के विकसित होने की अभी अपार संभावना है।

→ भारत में प्रतिवर्ष लगभग 26 लाख विदेशी पर्यटक आते है। सन् 2000 में भारत ने पर्यटन के माध्यम से 14,000 करोड़ रूपये से अधिक का अर्जन किया।

→ फिर भी अभी भारत के कई भाग पर्यटन की दृष्टि से अछूते से हैं। इन भागों का समूचित विकास करके पर्यटन से अधिकाधि क लाभ अर्जित किया जा सकता है।

राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ Chapter 7 HBSE 10th Class

भौगोलिक शब्दावली

→ परिवहन – यात्री तथा माल का एक स्थान से दूसरे स्थान के बीच लाने ले जाने का कार्य।

→ आयात – किसी देश में अन्य देशों से मँगाई गई वस्तुएँ।

→ निर्यात – एक देश से दूसरे देश को भेजा गया माल।

→ पोताश्रय – इसका तात्पर्य उन स्थलों से हैं जो प्राकृतिक रूप से भी पाये जाते है और कृत्रिम रूप से भी तैयार किये जाते हैं। यहाँ गहरे पानी के विस्तृत भाग में जहाज लंगर के संतुलन से हैं।

HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

→ व्यापार संतुलन – इसका तात्पर्य देश के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में आयात व निर्यात मूल्यों के संतुलन से है।

→ अनुकूल व्यापार संतुलन – वह स्थिति जहाँ आयात से अधिक निर्यात किया जाए।

→ प्रतिकूल व्यापार संतुलन – वह स्थिति जहाँ निर्यात से अधिक आयात किया जाए।

→ लौह अश्व – रेल इंजन जो इन स्थान से दूसरे स्थान तक सामान और यात्रियों को ढोता है।

→ विदेशी मुद्रा विनिमयम – वह यह व्यवस्था है जिसके द्वारा अलग-अलग राष्ट्रीय मुद्राओं में भुगतान धन वास्तविक रूप से बिना दिये ही कर दिया जाता है।

→ सीमान्त सड़कें – इन सड़कों के विकास से सीमावर्ती दुर्गम क्षेत्रों में आवागमन सुलभ हुआ है।

→ जिला मार्ग – ये संड़के जिला के विभिन्न प्रशासनिक इकाइयों को जिला मुख्यालय से जोड़ती हैं।

→ राष्ट्रीय राजमार्ग – देश के दूरस्थ भागों को आपस में जोड़ने का कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग करती है।

कुछ तथ्य, कुछ सत्य

→ संचार के साधन : व्यक्तिगत, जनसंचार।

→ जनसंचार के माध्यम : मुद्रित माध्यम, इलेक्ट्रोनिक माध्यम।

→ एक्सप्रेस मार्ग : 4-6 लेन वाले महामार्ग।

HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

→ राष्ट्रीय महामार्गों की कुल लंबाई : 52,000 किमी.

→ राज्य महामार्गों की कुल लंबाई : 1.3 लाख किमी.

→ स्वर्णिम चतुष्कोण : चार महानगरों को जोड़ने वाला महामार्ग।

→ भारत में रेलवे स्टेशनों की संख्या : 7031

→ रेलमार्गों की कुल लंबाई : 62,759 किमी.

→ रेल इंजनों का बेड़ा। : 7517

→ सावारी डिब्बों की संख्या : 36510

→ चालू रेलमार्गों की लंबाई : 107969

→ विद्युतीकृत रेल मार्ग की भाग : 23%

→ सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा उपक्रम : भारतीय रेल।

→ अंत स्थलीय जलमार्गों की लंबाई : 14,500 किमी.

→ वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण हुआ : 1953 में

→ भारतीय तटरेखा की लंबाई : 7500 किमी.

→ भारत में प्रकाशित समाचर पत्र तथा पत्रिकाओं की कुल संख्या : लगभग 50,000

→ भारत में घरेलु वायु पत्तनों की संख्या : 63

→ पहले दर्जे की डाक सेवा : पोस्टकार्ड, लिफाफे।

HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

→ दूसरे दर्जे की डाक सेवा : समाचार-पत्र, पुस्तकों के बंडल आदि।

→ भारत में सड़कों की कुल लंबाई में राष्ट्रीय महामार्गों का हिस्सा केवल 2% है।

→ 1999-2007 के मध्य देश में लगभग 14,846 किमी. लम्बा राष्ट्रीय महामार्ग बनाने का प्रस्ताव है।

→ स्वर्णिम चतुष्कोण की लम्बाई लगभग 5856 किमी. है।

→ भारत में अभी भी लगभग 50% सड़के कच्ची हैं।

→ भारतीय रेल प्रतिवर्ष लगभग 400 करोड़ यात्री और 40 करोड़ टन माल ढोती हैं।

→ सन् 2000-2001 में भारत में 43 लाख करोड़ रुपए का विदेशी व्यापार हुआ था। इसमें आयात का भाग 53% था जबकि निर्यात का भाग 47% था।

→ भारत से निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में सबसे बड़ा भाग निर्मित वस्तुओं का है।

→ भारत में आयात की जाने वाली वस्तुओं में सबसे बड़ा भाग पेट्रोलियम और पेट्रोलियम पदार्थों का है।

→ भारत में प्रतिवर्ष लगभग 26 लाख विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं।

→ वर्तमान समय में भारत में 1.5 करोड़ से अधिक लोग सीधे-सीधे पर्यटन उद्योग में लगे हुए हैं।

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HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी Notes.

Haryana Board 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी

सत्ता की साझेदारी Class 10 Notes HBSE

→ शासन कार्य एक जटिल प्रक्रिया होती है। ऐसा शासन जितना लोगों की सहमति से जुड़ा होता है, वह व्यवस्था उतनी ही लोकतांत्रिक होती है।

→ लोकतंत्र में शासन-कार्य अपने-अपने अनुभव का आभास देता है। अलग-अलग देशों में लोकतंत्रीय शासन का अनुभव अलग-अलग होता है।

→ ऐसे अनुभव में बेल्जियम व श्रीलंका के अनुभवों का उल्लेख सत्ता की साझेदारी के रूप में उदाहरण हेतु लिया जा सकता है। बेल्जियम व श्रीलंका दोनों देशों में विभिन्न प्रकार की जाति-समूह हैं।

→ बेल्जियम में डच, फ्रांसीसी व जर्मन भाषाएँ बोलने वाली जातियाँ हैं; श्रीलंका में सिंहली व तमिल प्राजातियाँ हैं। बेल्जियम के लोकतांत्रिक माडल में शासन शक्ति की बाँट कुछ इस प्रकार की गयी है कि शासन शक्तियों के प्रयोग में सभी जातियों के समान अधिकार हैं।

→ दूसरी ओर श्रीलंका में लोकतंत्र के बहुसंख्यक नियम के अनुरूप बहुसंख्यकों का शासन है। बेल्जियम में विभिन्न सामाजिक समुदायों में सत्ता की साझेदारी के कारण सामाजिक एकता है जबकि श्रीलंका में समुदायों में समुदायों में मतभेदों के चलते कुछेक तनाव बने रहे हैं।

Satta Ki Sajhedari Class 10th Notes HBSE

HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी

→ लोकतांत्रीय सरकार सत्ता के केन्द्रीकरण के विपरीत सत्ता के विकेन्द्रीकरण पर जोर देती है। विकेन्द्रित व्यवस्था अपेक्षाकृत अधिक लोकतांत्रिक होती है।

→ सत्ता की बाँट कई तरीकों से हो सकती है:

  • सरकार के विभिन्न अंगों अर्थात् विधानपालिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका में सत्ता की बाँट हो ताकि कोई भी एक अंग मनमानापन न कर सके;
  • सरकार की विभिन्न इकाईयों केन्द्रीय, प्रान्तीय व स्थानीय-के पास सत्ता का अलग-अलग अंश हो ताकि प्रत्येक प्रकार की सरकार अपने से सम्बद्ध कार्यों को करती रहे;
  • सत्ता की बाँट समाज में विभिन्न समूहों में हो अर्थात बेल्जियम मॉडल की सामुदायिक सरकार हो;
  • सत्ता की बाँट सशक्त दलों, दबाव-समूहों व आन्दोलनों द्वारा प्रभावित व नियन्त्रित हो अर्थात गठबन्धनीय सरकारों की व्यवस्था हो जिन पर समाज के अन्य अनेक समूहों जैसे-व्यापारियों, किसानों, विद्यार्थियों आदि का शासन-संचालन में प्रभाव हो।

→ जातीय (एथनीक) : ऐसा सामाजिक विभाजन जिसमें हर समूह अपनी-अपनी संस्कृति को अलग-अलग मानता है।

→ बहुसंख्यकवाद : बहुसंख्यकों द्वारा शासन : में उनका मनमानापन; अल्पसंख्यकों के हितों की अनदेखी

→ गृहयुद्ध : किसी देश में अलग-अलग समूहों द्वारा हिंसक गतिविधियाँ।

→ युक्तिपरक : लाभ-हानि का सावधानीपूर्वक हिसाब लगाकर लिया गया निर्णय

→ बेल्जियम : एक यूरोपीय देश; हरियाणा प्रान्त से भी क्षेत्रफल में छोटा : नीदरलैंड, यूक्रेन तथा जर्मनी से घिरा हुआ

→ बेल्जियम के प्रमुख क्षेत्र : फ्लेनिश (59%), वेलोनिया (40%)

सत्ता की साझेदारी Chapter 1 HBSE 10th Class

HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी

→ बेल्जियम में बोली जानी वाली भाषाएँ : डच, फ्रांसीसी, जर्मन

→ बेल्जियम की राजधानी : ब्रूसेल्स

→ श्रीलंका : एक एशियायी द्वीपीय देश जो भारत के दक्षिण में स्थित है

→ श्रीलंका की प्रमुख जातियाँ : सिंहली (74%), तमिल लगभग 18% अन्य लगभग 9%

→ गठबन्धन सरकारः मिली-जुली सरकार : जब कोई राजनीतिक दल अपने बुते पर सरकार नहीं बना पाती, तब कुछ दल मिली-जुली सरकार बनाते हैं। ऐसी सरकार गठबन्धन सरकार होती है।

→ जर्मनी के राजनीतिक दल : क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी तथा डेमोक्रेटिक पार्टी

→ सत्ता-विभाजन के रूप :

  • सरकार के अंगों-विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका में कार्यविभाजन
  • सरकार के विभिन्न स्तरों-केन्द्रीय व प्रान्तीय सरकारों-में शक्तियों की बाँट
  • सामाजिक समूहों में सत्ता की बाँट
  • दबाव-समूहों आदि में सत्ता की बाँट

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HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन Notes.

Haryana Board 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

Geography Class 10 Chapter 5 Notes

→ खनिज एक अत्यधिक महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन हैं, जो देश को आर्थिक व औद्योगिक विकास का आधार प्रदान करते हैं। खनिज ठोस, द्रव और गैस सभी रूपों में पाये जाते हैं।

→ खनिज संसाधन की दृष्टि से भारत एक अत्यंत संपन्न देश है। भारत से अनेक खनिजों का निर्यात किया जाता है। जबकि तांबा, चांदी, निकिल, कोबाल्ट, जस्ता जैसे खनिजों का आयात किया जाता है।

→ खनिज वस्तुतः एक प्राकृतिक रासायनिक यौगिक है जिनके संघटन और संरचना स्वरूप में समानता पाई जाती है। खनिज शैलों और अयस्कों के अवयव हैं। खनिजों की उत्पति भू-गर्भ हो रही विभिन्न भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं के द्वारा होती है।

→ रासायनिक और रवों की संरचना के आधार पर खनिजों का कई प्रकार से वर्गीकरण किया जाता है। कुछ खनिज केवल एक ही तत्व से बने होते हैं। जबकि कुछ अन्य खनिजों की संरचना दो या अधिक तत्वों से मिलकर होती है।

→ नाइट्रेट, पोटाश, अभ्रक, कोयला और पेट्रोलियम जैसे पदार्थ अधात्विक खनिज है। सामान्यतः सभी धात्विक खनिज अयस्क के रूप में मिलते हैं। यही कारण है कि उपयोग में लाने से पूर्व खनिजों को संसाधित करने की आवश्यकता पड़ती है।

→ जीवन की अपरिहार्य आवश्यकताओं में से एक है ऊर्जा विकास के लिए भी ऊर्जा संसाधनों की अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका है। ऊर्जा के परम्परागत स्त्रोत में कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और विद्युत आदि सम्मिलित हैं

→ ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्त्रोत में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगेस, आदि सम्मिलित हैं। ऊर्जा के परम्परागत स्त्रोत जहां सीमित मात्रा में हैं और निश्चित अवधि के बाद समाप्त हो जायेंगे।

Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन HBSE 10th Class

HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

→ वहीं ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्त्रोत नवीनकरण योग्य संसाधन है और अपनी असीमितता के कारण प्रचुर मात्रा में प्रयुक्त हो सकते हैं।

→ ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्त्रोत सभी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है और आज धीरे-धीरे ये अत्यंत लोकप्रिय होते जा रहे है। फिर भी कोई भी संसाधन न चाहे वह असमाप्य ही क्यों हो, सुनिश्चित रूप से प्रयोग किया जाना चाहिए।

→ यही कारण है कि ऊर्जा संसाधानों के संरक्षण के लिए हमारे देश में ऊर्जा संरक्षण एकट 2001 में पारित किया गया जो मार्च 2002 से प्रभावी हो गया है।

→ आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा एक आधारभूत आवश्यकता है। अत: ऊर्जा के विकास के सतत् पोषणीय मार्ग के विकसित करने की तुरंत आवश्यकता है। हमारे पास ऊर्जा के संसाधन सीमित है अतः इनका सावधानीपूर्ण उपयोग हम सबकी जिम्मेदारी है।

भौगोलिक शब्दावली

→ चट्टान-पृथ्वी की परत का निर्माण करने वाले खनिजों का मिश्रण।

→ नवीनकरण संसाधन-वे संसाधन जिनका बार-बार उपयोग हो सकता है और जो उपयोग से रिक्त हुई मात्रा को सम के साथ पुनः पूरित हो जाते हैं।

→ खनिज ईधन-अधात्विक पदार्थ जिन्हें ईधन के रूप में काम लाया जाता है।

→ अपतट बेधन-तट के पास में समुद्र में किया गया गहरा बेधन।

→ एल.पी.जी.-लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस, वह गैस जिसका उपयोग घरों में रसोई के लिए किया जाता है।

→ सी.एन.जी.-कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस, वाहनों में प्रयोग किया जाने वाला ईधन।

→ भू-तापीय ऊर्जा-पृथ्वी के आंतरिक भागों से ताप का प्रयोग कर उत्पन्न की जाने वाली विद्युत को भूतापीय ऊर्जा कहते हैं।

→ लौह खनिज-वे खनिज जिनमें लोहा होता है, लौह खनिज कहलाते हैं।

खनिज और ऊर्जा संसाधन Chapter 5 HBSE 10th Class

HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

→ रैट होल खनन-जोवाई व चेरापूंजी में कोयले का खनन परिवार के सदस्यों द्वारा एक लम्बी संकीर्ण सुरंग के रूप में किया जाता है। जिसे रैट होल खनन कहते हैं।

→ गोबर गैस प्लांट-पशुओं का गोबर प्रयोग करने वाले संयत्र ग्रामीण भारत में ‘गोबर गैस प्लांट’ के नाम से जाने जाते

→ जल विद्युत-वह विद्युत जो प्रवाही जल से हाइड्र-टरबाइन चलाकर उत्पन्न की जाती है।

→ ताप विद्युत-वह विद्युत जो ईधन जैसे-कोयला, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, को जलाने से टरबाइन चलाकर उत्पन्न की जाती है।

कुछ तथ्य, कुछ सत्य

→ लौह खनिज : लौह अयस्क, मैगनीज अयस्क, क्रोमाइट, पाइराइट, टंगस्टन, निकिल, कोबाल्ट।

→ अलौह खनिज : सोना, चाँदी, ताँबा, सीसा, बॉक्साइट, टिन और मैग्नीशियम।

→ अधात्विक खनिज : नाइट्रेट, पोटाश, अभ्रक, जिप्सम, कोयला, पेट्रोलियम।

→ गैलना : सीसा अयस्क।

→ भारत से निर्यात किये जाने वाले खनिज : लौह अयस्क, टिटेनियम, मैगनीज अयस्क, बॉक्साइट।

→ आयात किये जाने वाले खनिज : ताँबा. चाँदी, निकिल, कोबाल्ट, जस्ता, सीसा, टिन, पारा, प्लैटिनम, ग्रेफाइट।

→ भारत में कुल खानों की संख्या : 3000

HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

→ खनिजों का औद्योगिक उत्पादन में योगदान : 11%

→ भारत में लौह अयस्क खनन क्षेत्र : छतीसगढ, झारखंड, उड़ीसा, गोवा कर्नाटक।

→ मैंगनीज उत्पादन में : 5वाँ

→ मैंगनीज के भंडार की दृष्टि से भारत का स्थान : दूसरा।

→ गैस के पास एल.पी.जी. आपूर्ति संयेत्रों की संख्या: 7

→ भारत में 3.3 करोड़ टन कच्चे तेल का उत्पादन होता है

→ भारत का पहला तेल उत्पादक राज्य : असम।

→ असम के तीन प्रमुख तेल क्षेत्र-

  • डिग्बोई
  • नाहर कटिया
  • मोरन हुगरीजान

→ देश में कुल तेल परिष्करण शालाए : 18

→ प्रतिवर्ष तेल की मांग : 10.2 करोड़ टन।

HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

→ संसार के 60% अभ्रक का उत्पादन : भारत में

→ सड़क परिवहन में पेट्रोलियम का 37% भाग खपत होता है।

→ भारत में विद्युत उत्पादन क्षमता : 104917 मेगावाट।

→ भारत में विद्युत खपत (प्रतिव्यक्ति) : 379 किलोवाट घंटे है। (प्रतिव्यक्ति)

→ चीन में विद्युत खपत (प्रतिव्यक्ति) : 746 किलोवाट घंटे।

→ अमेरिका में प्रतिव्यक्ति खपत : 11994 किलोवाट घंटे।

→ भारत में ताप विद्युत केन्द्र : 310 से अधिक।

→ भारत में गैर परम्परागत ऊर्जा उत्पादन की क्षमताः 95,000 मेगावाट।

→ मैगनीज के भंडार की दृष्टि से जिम्बाब्वे का प्रथम स्थान है।

→ बॉक्साइट से एल्यूमिनियम प्राप्त किया जाता है।

→ बॉक्साइट मुख्यतः झारखंड, उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, छतीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु में मिलता है।

→ संसार के लगभग 60% अभ्रक का उत्पादन भारत में होता है।

HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

→ लुनेज और कालोल तेल क्षेत्र अहमदाबाद के निकट स्थित हैं।

→ तारापुर परमाणु ऊर्जा केन्द्र महाराष्ट्र में है।

→ भारत का सबसे बड़ा सौर संयंत्र भुज के पास माधोपुर में स्थापित किया गया है।

→ ऊर्जा संरक्षण एक्ट 2001 में बनाया गया जो मार्च 2002 से प्रभावी हुआ।

→ वानकबाड़ी तापीय शक्ति केंद्र गुजरात में हैं।

→ पनकी और परीछा तापीय शक्ति केंद्र उत्तर प्रेदश में हैं।

→ भारत में उत्पादन की जाने वाली कुल विद्युत में 25% जल विद्युत का योगदान है।

→ भारत में संसार का लगभग 50% थोरियम पाया जाता है।

→ भारत में उत्पन्न की जाने वाली कुल विद्युत का 25% जल विद्युत का है।

→ परली तापीय शक्ति केंद्र महाराष्ट्र में है।

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