HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन Notes.

Haryana Board 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

Geography Class 10 Chapter 5 Notes

→ खनिज एक अत्यधिक महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन हैं, जो देश को आर्थिक व औद्योगिक विकास का आधार प्रदान करते हैं। खनिज ठोस, द्रव और गैस सभी रूपों में पाये जाते हैं।

→ खनिज संसाधन की दृष्टि से भारत एक अत्यंत संपन्न देश है। भारत से अनेक खनिजों का निर्यात किया जाता है। जबकि तांबा, चांदी, निकिल, कोबाल्ट, जस्ता जैसे खनिजों का आयात किया जाता है।

→ खनिज वस्तुतः एक प्राकृतिक रासायनिक यौगिक है जिनके संघटन और संरचना स्वरूप में समानता पाई जाती है। खनिज शैलों और अयस्कों के अवयव हैं। खनिजों की उत्पति भू-गर्भ हो रही विभिन्न भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं के द्वारा होती है।

→ रासायनिक और रवों की संरचना के आधार पर खनिजों का कई प्रकार से वर्गीकरण किया जाता है। कुछ खनिज केवल एक ही तत्व से बने होते हैं। जबकि कुछ अन्य खनिजों की संरचना दो या अधिक तत्वों से मिलकर होती है।

→ नाइट्रेट, पोटाश, अभ्रक, कोयला और पेट्रोलियम जैसे पदार्थ अधात्विक खनिज है। सामान्यतः सभी धात्विक खनिज अयस्क के रूप में मिलते हैं। यही कारण है कि उपयोग में लाने से पूर्व खनिजों को संसाधित करने की आवश्यकता पड़ती है।

→ जीवन की अपरिहार्य आवश्यकताओं में से एक है ऊर्जा विकास के लिए भी ऊर्जा संसाधनों की अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका है। ऊर्जा के परम्परागत स्त्रोत में कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और विद्युत आदि सम्मिलित हैं

→ ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्त्रोत में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगेस, आदि सम्मिलित हैं। ऊर्जा के परम्परागत स्त्रोत जहां सीमित मात्रा में हैं और निश्चित अवधि के बाद समाप्त हो जायेंगे।

Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन HBSE 10th Class

HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

→ वहीं ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्त्रोत नवीनकरण योग्य संसाधन है और अपनी असीमितता के कारण प्रचुर मात्रा में प्रयुक्त हो सकते हैं।

→ ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्त्रोत सभी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है और आज धीरे-धीरे ये अत्यंत लोकप्रिय होते जा रहे है। फिर भी कोई भी संसाधन न चाहे वह असमाप्य ही क्यों हो, सुनिश्चित रूप से प्रयोग किया जाना चाहिए।

→ यही कारण है कि ऊर्जा संसाधानों के संरक्षण के लिए हमारे देश में ऊर्जा संरक्षण एकट 2001 में पारित किया गया जो मार्च 2002 से प्रभावी हो गया है।

→ आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा एक आधारभूत आवश्यकता है। अत: ऊर्जा के विकास के सतत् पोषणीय मार्ग के विकसित करने की तुरंत आवश्यकता है। हमारे पास ऊर्जा के संसाधन सीमित है अतः इनका सावधानीपूर्ण उपयोग हम सबकी जिम्मेदारी है।

भौगोलिक शब्दावली

→ चट्टान-पृथ्वी की परत का निर्माण करने वाले खनिजों का मिश्रण।

→ नवीनकरण संसाधन-वे संसाधन जिनका बार-बार उपयोग हो सकता है और जो उपयोग से रिक्त हुई मात्रा को सम के साथ पुनः पूरित हो जाते हैं।

→ खनिज ईधन-अधात्विक पदार्थ जिन्हें ईधन के रूप में काम लाया जाता है।

→ अपतट बेधन-तट के पास में समुद्र में किया गया गहरा बेधन।

→ एल.पी.जी.-लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस, वह गैस जिसका उपयोग घरों में रसोई के लिए किया जाता है।

→ सी.एन.जी.-कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस, वाहनों में प्रयोग किया जाने वाला ईधन।

→ भू-तापीय ऊर्जा-पृथ्वी के आंतरिक भागों से ताप का प्रयोग कर उत्पन्न की जाने वाली विद्युत को भूतापीय ऊर्जा कहते हैं।

→ लौह खनिज-वे खनिज जिनमें लोहा होता है, लौह खनिज कहलाते हैं।

खनिज और ऊर्जा संसाधन Chapter 5 HBSE 10th Class

HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

→ रैट होल खनन-जोवाई व चेरापूंजी में कोयले का खनन परिवार के सदस्यों द्वारा एक लम्बी संकीर्ण सुरंग के रूप में किया जाता है। जिसे रैट होल खनन कहते हैं।

→ गोबर गैस प्लांट-पशुओं का गोबर प्रयोग करने वाले संयत्र ग्रामीण भारत में ‘गोबर गैस प्लांट’ के नाम से जाने जाते

→ जल विद्युत-वह विद्युत जो प्रवाही जल से हाइड्र-टरबाइन चलाकर उत्पन्न की जाती है।

→ ताप विद्युत-वह विद्युत जो ईधन जैसे-कोयला, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, को जलाने से टरबाइन चलाकर उत्पन्न की जाती है।

कुछ तथ्य, कुछ सत्य

→ लौह खनिज : लौह अयस्क, मैगनीज अयस्क, क्रोमाइट, पाइराइट, टंगस्टन, निकिल, कोबाल्ट।

→ अलौह खनिज : सोना, चाँदी, ताँबा, सीसा, बॉक्साइट, टिन और मैग्नीशियम।

→ अधात्विक खनिज : नाइट्रेट, पोटाश, अभ्रक, जिप्सम, कोयला, पेट्रोलियम।

→ गैलना : सीसा अयस्क।

→ भारत से निर्यात किये जाने वाले खनिज : लौह अयस्क, टिटेनियम, मैगनीज अयस्क, बॉक्साइट।

→ आयात किये जाने वाले खनिज : ताँबा. चाँदी, निकिल, कोबाल्ट, जस्ता, सीसा, टिन, पारा, प्लैटिनम, ग्रेफाइट।

→ भारत में कुल खानों की संख्या : 3000

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→ खनिजों का औद्योगिक उत्पादन में योगदान : 11%

→ भारत में लौह अयस्क खनन क्षेत्र : छतीसगढ, झारखंड, उड़ीसा, गोवा कर्नाटक।

→ मैंगनीज उत्पादन में : 5वाँ

→ मैंगनीज के भंडार की दृष्टि से भारत का स्थान : दूसरा।

→ गैस के पास एल.पी.जी. आपूर्ति संयेत्रों की संख्या: 7

→ भारत में 3.3 करोड़ टन कच्चे तेल का उत्पादन होता है

→ भारत का पहला तेल उत्पादक राज्य : असम।

→ असम के तीन प्रमुख तेल क्षेत्र-

  • डिग्बोई
  • नाहर कटिया
  • मोरन हुगरीजान

→ देश में कुल तेल परिष्करण शालाए : 18

→ प्रतिवर्ष तेल की मांग : 10.2 करोड़ टन।

HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

→ संसार के 60% अभ्रक का उत्पादन : भारत में

→ सड़क परिवहन में पेट्रोलियम का 37% भाग खपत होता है।

→ भारत में विद्युत उत्पादन क्षमता : 104917 मेगावाट।

→ भारत में विद्युत खपत (प्रतिव्यक्ति) : 379 किलोवाट घंटे है। (प्रतिव्यक्ति)

→ चीन में विद्युत खपत (प्रतिव्यक्ति) : 746 किलोवाट घंटे।

→ अमेरिका में प्रतिव्यक्ति खपत : 11994 किलोवाट घंटे।

→ भारत में ताप विद्युत केन्द्र : 310 से अधिक।

→ भारत में गैर परम्परागत ऊर्जा उत्पादन की क्षमताः 95,000 मेगावाट।

→ मैगनीज के भंडार की दृष्टि से जिम्बाब्वे का प्रथम स्थान है।

→ बॉक्साइट से एल्यूमिनियम प्राप्त किया जाता है।

→ बॉक्साइट मुख्यतः झारखंड, उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, छतीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु में मिलता है।

→ संसार के लगभग 60% अभ्रक का उत्पादन भारत में होता है।

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→ लुनेज और कालोल तेल क्षेत्र अहमदाबाद के निकट स्थित हैं।

→ तारापुर परमाणु ऊर्जा केन्द्र महाराष्ट्र में है।

→ भारत का सबसे बड़ा सौर संयंत्र भुज के पास माधोपुर में स्थापित किया गया है।

→ ऊर्जा संरक्षण एक्ट 2001 में बनाया गया जो मार्च 2002 से प्रभावी हुआ।

→ वानकबाड़ी तापीय शक्ति केंद्र गुजरात में हैं।

→ पनकी और परीछा तापीय शक्ति केंद्र उत्तर प्रेदश में हैं।

→ भारत में उत्पादन की जाने वाली कुल विद्युत में 25% जल विद्युत का योगदान है।

→ भारत में संसार का लगभग 50% थोरियम पाया जाता है।

→ भारत में उत्पन्न की जाने वाली कुल विद्युत का 25% जल विद्युत का है।

→ परली तापीय शक्ति केंद्र महाराष्ट्र में है।

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