Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.1 Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 9th Class Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Exercise 7.1
प्रश्न 1.
चतुर्भुज ACBD में, AC = AD है और AB कोण A को समद्विभाजित करता है (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि ΔABC ≅ ΔABD है।
BC और BD के बारे में आप क्या कह सकते हैं?
हल :
यहाँ पर ΔABC और ΔABD में,
AC = AD [दिया है]
∠CAB = ∠BAD [∵ AB कोण Aको समद्विभाजित करता है।]
AB = AB [उभवनिष्ठ]
अतः ΔABC ≅ ΔABD [भुजा-कोण-भुजा सर्वांगसमता]
⇒ BC = BD [∵ सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग] [इति सिद्धम]
प्रश्न 2.
ABCD एक चतुर्भुज है, जिसमें AD = BC और ∠DAB = ∠CBA है (देखिए आकृति)। सिद्ध कीजिए कि
(i) ΔABD ≅ ΔBAC
(ii) BD = AC
(iii) ∠ABD = ∠BAC
हल :
(i) यहाँ पर ΔABD और ΔBAC में,
AD = BC [दिया है]
∠DAB = ∠CBA [दिया है]
AB = AB [उभयनिष्ठ]
अतः ΔABD ≅ ΔBAC [भुजा-कोण-भुजा सर्वांगसमता]
(ii) क्योंकि ΔABD ≅ ΔBAC ∴ BD = AC [∵ सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
(iii) क्योंकि ΔABD ≅ ΔBAC ∴ ∠ABD = ∠BAC [∵ सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
[इति सिद्धम]
प्रश्न 3.
एक रेखाखंड AB पर AD और RC दो बराबर लंब रेखाखंड हैं (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि CD, रेखाखंड AB को समद्विभाजित करता है।
हल :
यहाँ पर AB और CD, O पर प्रतिच्छेद करते हैं।
∴ ∠AOD = ∠BOC [शीर्षाभिमुख कोण]
ΔAOD और ΔBOC में,
∠AOD = ∠BOC [प्रमाणित]
∠DAO = ∠OBC
AD = BC [दिया है]
∴ ΔAOD ≅ ΔBOC [कोण-कोण-भुजा सर्वांगसमता]
⇒ OA = OB
[∵ सर्वागसम त्रिभुजों के संगत भाग]
अतः CD, रेखाखंड AB को समद्विभाजित करता है। [इति सिद्धम]
प्रश्न 4.
l और m दो समांतर रेखाएं हैं जिन्हें समांतर रेखाओं p और q का एक अन्य युग्म प्रतिच्छेदित करता है (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि ΔABC ≅ ΔCDA है।
हल :
क्योंकि l तथा m समांतर रेखाएँ दूसरी समांतर रेखाओं p और q व द्वारा प्रतिच्छेदित की जाती हैं। अतः AD || BC तथा AB || CD
⇒ ABCD समांतर चुतर्भुज है।
⇒ AB = CD और BC = AD [∵ समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।]
अब ΔARC और ΔCDA में,
AB = CD [प्रमाणित]
BC = AD [प्रमाणित]
AC = AC [उभयनिष्ठ]
ΔABC ≅ ΔCDA [भुजा-भुजा-भुजा सर्वांगसमता] [इति सिद्धम]
प्रश्न 5.
रेखा l कोण A को समद्विभाजित करती है और B रेखा l पर स्थित कोई बिंदु है। BP और BQ कोण A की भुजाओं पर B से डाले गए लंब हैं (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि –
(i) ΔAPB ≅ ΔAQB
(ii) BP = BQ है अर्थात बिंदु B कोण की भुजाओं से समदूरस्थ है।
हल :
(i) यहाँ पर ΔAPB तथा ΔAQB में,
∠APB = ∠AQB [प्रत्येक = 90°]
∠PAB = ∠QAB [क्योंकि AB, ∠PAQ का समद्विभाजक है।]
AB = AB [उभयनिष्ठ]
⇒ ΔAPB ≅ ΔAQB
[कोण-कोण भुजा सर्वांगसमता]
(ii) ∵ ΔAPB ≅ ΔAQB
∴ BP = BQ [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
अर्थात बिंदु B, कोण A की भुजाओं से समदूरस्थ है। [इति सिद्धम]
प्रश्न 6.
आकृति में, AC = AE, AB = AD और ∠BAD = ∠EAC है। दर्शाइए कि BC = DE है।
हल :
ΔBAD और ΔEAC में,
∠BAD = ∠EAC [दिया है।]
दोनों ओर ∠DAC जोड़ने पर,
∠BAD + ∠DAC = ∠EAC + ∠DAC
या ∠BAC = ∠EAD
अब ΔBAC और ΔEAD में,
AB = AD [दिया है]
∠BAC = ∠EAD [प्रमाणित]
AC = AE [दिया है]
अतः
ΔBAC ≅ ΔEAD [भुजा-कोण-भुजा सर्वांगसमता]
⇒ BC = DE [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग] [इति सिद्धम]
प्रश्न 7.
AB एक रेखाखंड है और Pइसका मध्य-बिंदु है। D और E रेखाखंड AB के एक ही ओर स्थित दो बिंदु इस प्रकार हैं कि ∠BAD = ∠ABE और ∠EPA = ∠DPB है। (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि
(i) ΔDAP ≅ ΔEBP
(ii) AD = BE
हल :
(i) ∠EPA = ∠DPB [दिया है|
दोनों ओर ∠DPE जोड़ने पर,
∠EPA + ∠DPE = ∠DPB + ∠DPE
⇒ ∠DPA = ∠EPB
अब, ΔEBP तथा ΔDAP में,
∠EPB = ∠DPA [प्रमाणित]
BP = AP [दिया है।]
और ∠EBP = ∠DAP [दिया है]
अतः ΔEBP ≅ ΔDAP [कोण-भुजा-कोण सर्वांगसमता]
(ii) क्योंकि ΔEBP ≅ ΔDAP
AD = BE
[∵ सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
प्रश्न 8.
एक समकोण त्रिभुज ABC में, जिसमें कोण समकोण है, M कर्ण AB का मध्य-बिंद्ध है। C को M से मिलाकर बिंदु D तक इस प्रकार बढ़ाया गया है कि DM = CM है। बिंदु D को बिंदु B से मिला दिया जाता है (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि –
(i) ΔAMC ≅ ΔBMD
(ii) ∠DRC एक समकोण है।
(iii) ΔDBC ≅ ΔACB
(iv) CM = \(\frac {1}{2}\)AB
हल :
(i) ΔAMC तथा ΔBMD में,
AM = BM [∵ M, AB का मध्य-बिंदु है]
∠AMC = ∠BMD [शीर्षाभिमुख कोण]
और CM = MD [दिया गया है]
अतः ΔAMC ≅ ΔBMD [भुजा-कोण-भुजा सर्वांगसमता]
[इति सिद्धम]
(ii) क्योंकि
ΔAMC ≅ ΔBMD
∠BDM = ∠ACM [∵ सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
परंतु ये एकांतर कोण है, अतः BD || CA
या ∠CBD + ∠BCA = 180° [∵ तिर्यक रेखा के एक ही ओर के आंतरिक कोण]
या ∠CBD + 90° = 180° [∵ ∠BCA = 90°]
या ∠DBC = 90° [इति सिद्धम]
(iii) अब ΔDBC तथा ΔACB में,
BD = CA [सर्वांगसम ΔBMD व ΔAMC के भाग]
∠DBC = ∠ACB [प्रत्येक = 90°]
BC = BC [उभयनिष्ठ]
ΔDBC ≅ ΔACB [भुजा-कोण-भुजा सर्वांगसमता] [इति सिद्धम]
(iv) क्योंकि
CD = AB [∵ सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
\(\frac {1}{2}\)CD = \(\frac {1}{2}\)AB
या CM = \(\frac {1}{2}\) AB
[इति सिद्धम]