HBSE 6th Class Social Science Solutions History Chapter 2 आरंभिक मानव की खोज में

Haryana State Board HBSE 6th Class Social Science Solutions History Chapter 2 आरंभिक मानव की खोज में Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Social Science Solutions History Chapter 2 आरंभिक मानव की खोज में

HBSE 6th Class History आरंभिक मानव की खोज में Textbook Questions and Answers

कल्पना करो:

तुम आज से 12,000 साल पहले पत्थर की एक गुफा में रहते हो। एन.सी.ई.आर.टी. की पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 15 पर देखो। तुम्हारे मामा गुफा की एक भीतरी दीवार पर चित्र बना रहे हैं और तुम उनकी सहायता करना चाहते हो। तुम रंग बनाओगे, रेखाएँ खींचोगे या फिर उनमें रंग भरोगे? तुम्हारे मामा तुम्हें कौन-कौन सी कहानियाँ सुनाएंगे?
उत्तर:
मेरे मामाजी ऐसी चित्रकारी को किसी पेसिल या कलम से नहीं बल्कि पत्थर के बने हड्डी की मूठ वाले औजार से करेंगे। वे बार-बार इसकी मूठ पर दूसरे पत्थर से चोट करके रेखाएं खींच रहे हैं। वे इसमें हिरन, शुतुरमुर्ग, जंगली साँड़ और भालू के चित्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका पत्थर जब-जब जमीन पर गिरता है तो मैं उन्हें उठाकर देता हूँ। हमारे रिश्तेदार विन्ध्य पर्वतमाला और दक्कन के पठार की नर्मदा घाटी में ही रहते हैं। जब कभी वे इस ओर आएँ तो यहाँ पाए जाने वाले पशुओं से परिचित हो सकें और यहाँ के रास्तों का उन्हें ज्ञान हो जाए-इसके लिए वे पूरा नक्शा भी बना रहे हैं। वे मुझसे चूल्हे से बुझे हुए कोयले इकट्ठा करने को कहते हैं। मैं ढेर सारे कोयले बड़े-बड़े पत्तों में इकट्ठा कर लाया हूँ। अब हम इन चित्रों में कोयले से रंग परेंगे।

चित्रकारी करते समय मामाजी मुझे बताते हैं कि किस तरह हम लोग जंगली हिरन आदि का पीछा करते हुए यहाँ आए? उनका कहना है कि रास्ते में हमारे कई लोग जहरीली वनस्पतियाँ खाकर मर गए थे। दो-चार लोगों को भालू ने मार दिया और अब केवल मैं और चाचा ही शेष रह गए हैं। उन्होंने मुझे बहुत से स्वादिष्ट पत्तों, जड़ों और जंगली फलों के बारे में बताया। इनको छिलकर कैसे खाते हैं, यह भी बताया। अंत में हमने पिछले दिन मारे गए हिरन को पकाया और पेट भर खाकर सो गए। कल हम यहाँ से चले जाएँगे क्योंकि अब हम अकेले रह गए हैं। हम अपने रिश्तेदारों के पास नर्मदा नदी की घाटी में जाकर रहेंगे। ऐसी चट्टानें ही हमारा घर और पत्थर के औजार बनाने के कारखाने हैं।

आओ याद करें:

आरंभिक मानव की खोज प्रश्न उत्तर HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 1.
इन वाक्यों को पूरा करो।
(क) शिकारी-खाद्य संग्राहक गुफाओं में इसलिए रहते थे क्योंकि ……………….. ।
(ब) घास वाले मैदानों का विकास ……………….. साल पहले हुआ।
(स) आरंभिक लोगों ने गुफाओं की ……………….. चित्र बनाए।
(द) हुस्गी में ……………….. से औजार बनाए जाते थे।
उत्तर:
(अ) उन्हें हिंसक पशुओं से सुरक्षा मिले, तीक्ष्ण गर्मी और ठंडी हवा के थपेडों से बचा जा सके और अपने शिकार को सुरक्षित रखा जा सके।
(ब) 12000
(स) भीतरी दीवारों
(द) चूने के पत्थरों

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आदिमानव का निवास स्थान HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 2.
उपमहाद्वीप के आधुनिक राजनीतिक मानचित्र को देखो। उन राज्यों को ढूँढों जहाँ भीमबेटका, हुँगी और कुरनूल स्थित हैं। क्या तुषार की रेल इन जगहों के पास से होकर गई होगी?
उत्तर:
भीमबेटका मध्य प्रदेश में, हुँगी महाराष्ट्र और कुरनूल आंध्रप्रदेश में है। तुषार की रेल दिल्ली से भीमबेदका (मध्यप्रदेश) और फिर कुरनूल (आंध्र प्रदेश) के पास से होकर चेन्नई पहुँची होगी। आओ चर्चा करें:

Adimanav History HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 3.
शिकारी खाद्य संग्राहक एक स्थान से दूसरे स्थान पर क्यों घूमते रहते थे? उनकी यात्रा और आज की हमारी यात्रा के कारणों में क्या समानताएँ या क्या भिन्नताएँ हैं?
उत्तर:
शिकारी खाद्य संग्राहक एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमने के कारण:
(i) शिकारी पूर्णतः प्राकृतिक चीजों यथा-पेड़-पौधों (कंद, मूल और फल) पर निर्भर था। एक स्थान के फल और वनस्पति समाप्त हो जाने पर दूसरे स्थान में जाकर उन्हें ढूँढना आवश्यक

(ii) शिकार करते समय पशुओं के साथ आदि मानव को भागना पड़ता था और इस तरह वह एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच जाता था।

(iii) पौधे और. वृक्षों में फल लगने की भी ऋतुएँ होती हैं इसलिए आदि मानव बदलती हुई ऋतुओं के साथ स्थान को बदलता रहता था।

(iv) मनुष्य, पेड़-पौधों और पशुओं सभी को जीवित रहने के लिए जल की आवश्यकता रहती है। कई नदियों और झीलों में किसी खास ऋतु में ही जल रहता है जबकि वर्ष के अन्य महीनों में वहाँ जलाभाव होने लगता है। शुष्क मौसम में आदि मानव को दूसरे जल वाले स्थल खोजने पड़ते थे।

(v) अपने समुदाय के अन्य सदस्यों से मिलने के लिए भी आदि मानव भ्रमण करता रहता था।

(vi) शिकारियों में क्रमशः बुद्धि और प्रेरणा विकसित हो रही थी इसलिए वह नए-नए स्थानों के बारे में जानकारी एकत्रित करने की उत्सुकता रखता था।

आधुनिक भ्रमण और आदि-काल के भ्रमण में समानताएँ/असमानताएँ:
(क) समानताएँ:
(i) आधुनिक मनुष्य भी एक राज्य से दूसर राज्य, एक दश से दूसर देश को आवागमन करता रहता है। आज भा वह अधिक लाभकारी काम खजिन, सामाजिक प्रतिष्ठा पाने, संस्कृति का प्रसार प्रचार करने और नए अनुसंधान करने तथा मनोरंजन के लिए यत्र-तत्र भ्रमण करता है।

(ii) आधुनिक युग के मनुष्य की आवश्यकताएँ भी आदि मानव जैसी ही हैं क्योंकि जीवित रहने के लिए उसको भोजन, पहनने के लिए वस्त्र और रहने के लिए घर की आवश्यकता रहती

(ख) असमानताएँ:
(i) आज का मनुष्य प्रशासनिक, सामाजिक और राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय चित्रों में बँधा है। आप्रवासन और उत्प्रवासन को वह दो देशों के बीच हुए समझौते की शर्तों के आधार पर ही कर पाता है।

(ii) आज के मनुष्य की आवश्यकताएँ आरामदायक और विलासिता वाली अधिक हैं अर्थात् वह मनोरंजन करने, सम्मेलन, सभाओं, गोष्ठियों और वार्ताओं के उद्देश्य से भ्रमण करता है।

(iii) आधुनिक मानव स्वेच्छा से पशुओं का शिकार नहीं कर सकता है और न वनस्पतियों को क्षति पहुंचा सकता है। प्रत्येक देश में पर्यावरण सुरक्षा के प्रावधान और कानून हैं जिनके अन्तर्गत ऐसा कृत्य अपराध समझा जाता है।

(iv) आधुनिक मनुष्य के भ्रमण की सीमाएँ उसकी योग्यता, देश के कानून और सामाजिक नियमों ने सीमित कर दी हैं। वह स्वतंत्र एवं स्वच्छंद नहीं है।

(v) प्रत्येक देश के कानूनों ने अपने नागरिकों को एक निश्चित स्थान पर स्वामित्व का अधिकार दिया है और वह केवल कानून की अनुज्ञा के आधार पर ही दूसरे स्थान में अपना अस्तित्व बना सकता है।

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प्रश्न 4.
आज तुम फल काटने के लिए कौन-से औजार चुनोगे? वह औजार किसी चीज से बना होगा?
उत्तर:
छुरी, चाकू, फल-तराश आदि ये बहुधा लोहे के बने होते हैं और इनमें बेकलाइट, लकड़ी आदि की मूठ लगी होती है।

प्रश्न 5.
शिकारी खाद्य-संग्राहक आग का उपयोग किन-किन चीजों के लिए करते थे? क्या तुम आज आग का उपयोग इनमें से किसी चीज के लिए करोगे!
उत्तर:
आदि मानव द्वारा आग का प्रयोग-

  1. माँस आदि पकाने
  2. गुफा में प्रकाश करने और
  3. शीत तथा हिंसक पशुओं के आक्रमण से बचने के लिए किया जाता था।

आज भी हम भोजन बनाने तथा ठंड से बचने के लिए आग। का प्रयोग करते हैं। आदिवासी क्षेत्रों में तो आज भी उक्त तीनों काया हतु आग का प्रयोग होता है। भारत के दूर-दराज के इलाका में आज भी घरों में मिट्टी के तेल के लैंप जलाकर घरों में प्रकाश किया जाता है। शीतकाल में आज भी लोग काठ-कोयला जलाते। हैं। महानगरों में ईधन का कार्य गैस और बिजली के उपकरण कर – रहे हैं लेकिन आज भी आग का प्रयोग इन सभी कार्यों में हो रहा है। केवल हिंसक पशुओं से बचने के लिए आज कोई भी आग नहीं जलाता। इसका कारण यह है कि लोग अब पक्के घरों में रहते हैं। तथा जनसंख्या बढ़ने और वन क्षेत्र संकुचित होते रहने एवं पशुओं। का निर्ममता से शिकार कर दिए जाने के कारण अब ऐसा खतरा। बिल्कुल भी नहीं रह गया है। आज हम हिंसक पशुओं यथा- शेर, बाघ, भालू, साँप आदि को केवल चिड़ियाघरों, अभयारण्यों या जैव आरक्षित क्षेत्र में ही देख सकते हैं।

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आओ करके देखें:

प्रश्न 6.
अपनी पुस्तिका के पन्ने पर एक लाइन खींचकर इसके दो खाने बनाओ। बाएँ खाने में, उन खाद्य पदार्थों की सूची बनाओ, जिन्हें शिकारी-खाद्य संग्राहक खाते थे और ‘दाएँ खाने में तुम जो चीजें खाते हो उनमें से कुछ के नाम लिखो। क्या तुम्हें इन दोनों में कोई समानता या भेद दिखाई देता है?
उत्तर:
शिकारी-खाद्य संग्राहक के भोजन की वस्तुएँ: कुछ विशेष पेड़ों की पत्तियाँ, जड़े, जंगली फल, गिरीदार फल, बीज, डंठल, अंडे, हिरन, मृग, सूअर, मुर्गी, साही आदि पशुओं का गोश्ता
आधुनिक मानव के खाद्य पदार्थ:

  1. पत्ते: पान, पालक, बंदगोभी, दालचीनी आदि।
  2. जड़ें: आलू, प्याज, रतालू. कचालू आदि।
  3. फल: सेब, अनार, संतरा, अमरूद, अनानास आदि।
  4. बीज: मूंगफली, सभी खाद्यान्न (गेहूँ, चावल, दालें आदि)।
  5. डंठल: गन्ना आदि।
  6. अंडे: मुर्गी, बत्तख, मोर, कबूतर आदि।
  7. गोश्त: बकरी, भेड़, सूअर, मुर्गी, मछली, हिरन, मृग, बारहसिंघा, चीतल, फाख्ता आदि।

समानता / असमानता से संबंधित निष्कर्ष:
उक्त सूची से स्पष्ट हो जाता है कि आदि मानव और आधुनिक मानव के खान-पान में किसी भी तरह का अंतर नहीं आया है। यदि अंतर है तो यह केवल भोज्य पदार्थों को पका कर खाने और परोसने के तरीकों में ही दिखाई पड़ता है। समाज का केवल 5% वर्ग ही ऐसा है जो माँसाहारी नहीं है, बाकी 95% सर्वभक्षी हैं। आदिमानव शराब, अफीम, गाँजा आदि मादक पदार्थों का सेवन नहीं करता था लेकिन आधुनिक मानव इन विषैली चीजों को भी नि:संकोच अपना भोजन बनाता है।

प्रश्न 7.
यदि तुम्हारे पास कोई गुटिका (प्राकृतिक पत्थर का टुकड़ा) जैसे कि एन.सी.ई.आर.टी, की पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या 13 पर दिखाया गया है, हो तो उसे किस काम के लिए इस्तेमाल करोगे?
उत्तर:
बिना तराशे हुए पत्थर के टुकड़ों का प्रयोग:

  1. किसी गिरीदार फल (यथा-अखरोट आदि) को तोड़कर, गिरी बाहर निकालने में
  2. किसी पत्थर को तराशते समय हथौड़े का काम करने में
  3. दो पत्थरों को टकराकर बीच में घास रखकर आग उत्पन्न करने में
  4. दूसरे पत्थर को तोड़ते समय भूमि में रखकर पान (आधार) बनाने में
  5. चूल्हा बनाने में
  6. कच्चे घर की दीवार बनाने में
  7. किसी पक्षी का शिकार करने में
  8. गोटी खेलने में
  9. झोपड़ी के दरवाजे को इच्छित सीमा तक खुला रखने के लिए उसके कोने में फंसाने के लिए।

प्रश्न 8.
ऐसे दो काम लिखो जिन्हें आज महिलाएँ और पुरुष दोनों करते हैं। दो ऐसे काम बताओ जिन्हें सिर्फ पहिलाएं ही करती हैं और दो वे जिन्हें सिर्फ पुरुष ही करते हैं। अपनी सूची की अपने दो साथियों की सूचियों से तुलना करो। क्या तुम्हें इनमें कोई समानता या भेद दिखाई दे रहा है?
उत्तर:
पुरुष और महिला दोनों द्वारा किए जाने वाले कार्य:

  • कृषि कार्य, घर संभालना
  • समस्त कार्यालयीय और व्यावसायिक कार्य

केवल महिलाओं द्वारा किए जाने वाले कार्य:

  • बच्चों को जन्म देना
  • गृहचर्या (भोजनादि बनाना, बच्चों को स्तन-पान करना) और कताई-बुनाई जैसे कार्य जिनमें केवल महिलाओं की रुचि रहती है।

पुरुषों द्वारा किए जाने वाले कार्य:

  • गर्भाधान
  • जोखिम भरे और अत्याधिक परिश्रम साध्य कार्य।

इन सूचियों में असमानता भी हो सकती है लेकिन बच्चों को जन्म देने के महिला के कार्य में असंगति कदापि नहीं हो सकती क्योंकि यह ध्रुव सत्य है कि महिलाएँ ही बच्चों को जन्म दे सकती

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HBSE 6th Class History आरंभिक मानव की खोज में Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में रेलें कब से चली?
उत्तर:
आज में लगभग 150 वर्ष पूर्व ।

प्रश्न 2.
आदिमानव एक स्थान से दूसरे स्थान का भ्रमण कैसे करता था?
उत्तर:
पैदल और नंगे पाँव।

प्रश्न 3.
आदिमानव को शिकारी और खाद्य-संग्राहक क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
आदिमानव जंगलों में रहता था और वहाँ के पेड़-पौधों की जड़ें, पत्तियाँ, फल और वहाँ रहने वाले जीव-जन्तु ही उसके आहार थे।

प्रश्न 4.
आदिमानव को किन-किन चीजों की जानकारी थी?
उत्तर:
(i) कौन सी जड़ें, फल और पत्ते खाए जा सकते हैं और कौन से विषैले हैं?
(ii) किस ऋतु में जंगली फल कौन से स्थान पर मिलते हैं?
(iii) पेड़-पौधों और जीव-जन्तुओं की प्रचुरता कौन सी जगह रहती है?
(iv) शिकार करने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जाते हैं?

प्रश्न 5.
क्या आपको भी पेड़-पौधों के बारे में आदिमानव की तरह जानकारी रहती है?
उत्तर:
आदिमानव से भी अधिक। कृषि विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, भूगोल, भू-विज्ञान और पुरातत्व विज्ञान हमें सभी प्रकार के खाद्य और अखाद्य पेड़-पौधों, फलों, जड़ों आदि की जानकारी प्रदान करते हैं।

प्रश्न 6.
आदि-मानव के शिकारी और खाद्य-संग्राहक होने के बारे में आप कैसे जानते हैं?
उत्तर:
स्थान-स्थान पर मिलने वाले तराशे गए पत्थर के औजार, हड्डी से निर्मित औजार और लकड़ी की मूठ वाले औजार। इन औजारों की बनावट ऐसी है कि इनके शिकार करने, फलों एवं जड़ों को छीलने, खोदने, काटने आदि कार्यों में प्रयोग करने की जानकारी मिलती है।

प्रश्न 7.
पुरातत्ववेत्ताओं को जो औजार मिले. हैं-उनसे क्या पता लगता है?
उत्तर:
ऐसा लगता है कि पत्थरों से बने ये औजार, माँस और हड्डी को काटने, पेड़ों की छाल खुरचने, पशुओं को खाल निकालने, फल और जड़ों को काटने, शिकार करने (भाले और बाण जैसे अस्त्र शस्त्र बनाने में प्रयुक्त औजार), पशुओं की खाल को सिलकर वस्त्र बनाने में प्रयोग किए जाते हैं।

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प्रश्न 8.
पुरापाषाण काल के पुरातत्व स्थल कहाँ हैं?
उत्तर:

  • हुस्गी
  • कुर्नूल गुफाएँ।

प्रश्न 9.
नव-पाषाण काल के स्थल कहाँ हैं?
उत्तर:

  1. पेयमपल्ली
  2. हल्लूर
  3. कोल्डिहवा
  4. महागड़
  5. चिरांद
  6. दाउजली हडिंग
  7. बुर्जाहोम।

प्रश्न 10.
महापाषाण काल के पुरातत्वीय स्थल कहाँ हैं?
उत्तर:

  • अदिचनाल्लूर
  • ब्रहमगिरि।

प्रश्न 11.
आधुनिक शहर बन चुके आदिकाल के गाँव कहाँ हैं?
उत्तर:
इनामगाँव (महाराष्ट्र)।

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प्रश्न 12.
पुरातत्वीय वास-स्थल किन्हें कहा जाता है?
उत्तर:
ये वे स्थान हैं जहाँ पाई गई चीजों से यह पता चलता है कि आदि मानव इनमें निवास करते थे। उदाहरणार्थ-भीमबेदका – (मध्य प्रदेश)। ये गुफाएँ और चट्टानों पर बने आश्रय-स्थल हैं।

प्रश्न 13.
वास और कारखाना-स्थल क्या है?
उत्तर:
आदि मानव जिन स्थानों पर निवास करने के साथ ही पत्थरों को तराश कर उनसे औजार भी बनाता था। वास और कारखाना स्थल कहे गए। यहाँ पर टूटे-फूटे औजार, तराशते समय टूटने वाले छोटे-छोटे टुकड़े प्राप्त हुए हैं।

प्रश्न 14.
पुरातत्वीय स्थल किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे स्थान जहाँ पुरातत्ववेत्ताओं को आदि मानव के औजार, भाँड़े-बर्तन, निवास करने के लक्षण वाली गुफाएँ आदि प्राप्त हुई।

प्रश्न 15.
आदिमानव पत्थर के औजार कैसे बनाता था?
उत्तर:
(i) एक पत्थर से दूसरे पत्थर पर चोट करके
(ii) तराशे जाने वाले पत्थर को कठोर शिला पर रखकर दूसरे पत्थर से उस पर हथौड़े की तरह चोट करके सही नुकीला आकार देकर।

प्रश्न 16.
शिकारी आदिमानव को क्या जानकारी थी?
उत्तर:
जन्तुओं की प्रजनन-ऋतु, उनके द्वारा खाई जाने वाली घास की किस्में घास की विविध किस्मों के उत्पत्ति स्थल और विशेष पशुप्रजातियों की पहचान, लक्षण और उनके गोश्त का स्वाद, ऊर्जा प्राप्ति की मात्रा आदि की जानकारी थी।

प्रश्न 17.
शिकारी अवस्था से आदिमानव पशुपालक क्यों बना होगा?
उत्तर:
जब आदिमानव को आखेट योग्य पशुओं की संपूर्ण गतिविधियों, दुधारू पशुओं के स्वभाव, लक्षण आदि का विस्तृत ज्ञान हो गया तो स्वाभाविक ही था कि वन में उनके पीछे-पीछे भागने के स्थान पर उसने उनका झुंड अपने पास रखना चाहा होगा। इन्हीं कारणों से वह पशुपालक बना होगा।

प्रश्न 18.
पुरा-पाषाण काल को कितने वर्गों में बाँटा जाता है?
उत्तर:
तीन वर्गों में:
(i) आदि पाषाण काल
(ii) मध्य पाषाण काल और
(iii) उत्तर पाषाण काल।
पुरा-पाषाण काल की कुल अवधि – 20 लाख वर्ष पूर्व से लगभग 12000 वर्ष पूर्व के बीच अर्थात् 19,88,000 वर्ष की है।

प्रश्न 19.
मध्य पाषाण काल की अवधि बताइए।
उत्तर:
लगभग 12000 वर्ष पूर्व से लगभग 10000 वर्ष पूर्व तक अर्थात् 2000 वर्ष की अवधि।

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प्रश्न 20.
उत्तर पाषाण काल या नव पाषाण काल की अवधि बताइए।
उत्तर:
10000 वर्ष पूर्व से लेकर 8000 वर्ष पूर्व तक अर्थात् 2000 वर्ष की अवधि।

प्रश्न 21.
पुरा-पाषाण काल और नव पाषाण काल के औजारों में क्या अंतर है?
उत्तर:
पुरा-पाषाण काल के औजार बड़े-बड़े आकार के अपरिष्कृत और अच्छी तरह तराशे नहीं गए हैं। जबकि नवपाषाण काल के औजार बहुत कम भार वाले, कई कार्यों के उपयुक्त (यथा-जानवरों की खाल सिलकर वस्त्र बनाने के काम, जड़ों को खोदकर निकालने के काम आदि) तथा बहुत परिष्कृत हैं।

प्रश्न 22.
गुफाओं की चित्रकारी सर्वप्रथम कहाँ की गई थी?
उत्तर:
आंध्र प्रदेश और दक्षिणी उत्तर प्रदेश (झाँसी आदि क्षेत्र) में।

प्रश्न 23.
चित्रकारी के प्रमुख विषय या वस्तुएँ क्या थी? उत्तर: वन्य पशु। प्रश्न 24. शुतुरमुर्ग के अंडे कहाँ पाए गए हैं?
उत्तर:
पाटनी (महाराष्ट्र) में।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
यह बताइए कि आदि मानव गुफाओं के भित्ति चित्रों में कौन से रंग भरता था?
उत्तर:
जैसा कि फ्रांस में मौजद 100000 वर्ष पूर्व की एक गुफा में देखा गया है काला, भूरा और हल्का पीला रंग इन चित्रों में भरा गया है। काले रंग को काठ-कोयले, भूरे रंग को गेरू और हल्का पीला रंग लौह-अयस्क से तैयार किया जाता था।

प्रश्न 2.
फ्रांस की गुफा में कौन-कौन सी चीजों के चित्र बनाए गए हैं?
उत्तर:
जंगली घोड़ा, अरोच (चौपाया पशु), जंगली साँड, घने बालों वाला गैंडा तथा भालू।

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प्रश्न 3.
ऐसा कैसे पता चलता है कि आदि मानव शिकार की खोज में जाने से पहले विशेष मुहूर्तों, अनुष्ठानों में भित्ति-चित्रकारी करता था?
उत्तर:
चित्रों के लक्षणों को देखकर पुरातत्ववेत्ताओं ने ऐसा अनुमान लगाया है। ऐसा प्रतीत होता है कि समुदाय के सभी सदस्यों को पशुओं के लक्षणों, शारीरिक बनावट और उनके दौड़ने की गति से अवगत कराने के लिए ऐसे चित्र शिकार पर जाने से पहले बनाए गए होंगे।

प्रश्न 4.
विचार कीजिए कि आदिमानव का भ्रमण क्षेत्र सीमित क्यों रहा होगा?
उत्तर:
(i)) आदिमानव के पास आज की तरह परिवहन साधन नहीं थे। वह नग्न पाँव इधर से उधर पशु-पक्षियों के पीछे भायता रहता था।
(ii) केवल नदी घाटियों और मैदानों में ही प्राकृतिक भोजन (वनस्पति और जन्तु) उपलब्ध था।
(iii) दक्षिणी भारत की ओर ही गुफाओं आदि की प्रचुरता और उष्णकटिबंधीय अर्थात् उष्ण जलवायु थी।

प्रश्न 5.
विवेचना कीजिए कि आदिमानव सर्वप्रथम खाद्य-संग्राहक क्यों बना?
उत्तर:
खाद्य-संग्राहक से तात्पर्य है: जंगली जड़ों, फलों और पत्तियों को एकत्रित करना और उनका भोजन करके जीवन बिताना। पृथ्वी की सतह पर सबसे पहले वनस्पति ने ही जन्म लिया और यह भी उष्णकटिबंधीय जलवायु वाले क्षेत्रों में ही सर्वप्रथम उगनी आरंभ हुई। यही कारण है कि मनुष्य को सर्वप्रथम पशुओं की तरह वनस्पति को ही अपना आहार बनाना पडा। दसरा तथ्य यह है कि मनुष्य की उत्पत्ति भी क्रमिक विकास की प्रक्रिया से हुई है और वह सबसे पहले अफ्रीका का एक लंगूर (बंदर) था जो कि पशु है और जिसका स्वभाव खाद्य-संग्राहक की तरह ही जीवन व्यतीत करने का है।

प्रश्न 6.
भोजन संग्राहक मनुष्य के विकास, भोजन, वस्त्र और औजारों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
पुरा-पाषाण काल में आदि मानव का जीवन अति-कठिन और विपत्तियों से घिरा हुआ था। उसको भोजन तथा आश्रय की खोज में स्थान-स्थान पर घूमना पड़ता था। उसका जीवन अस्थिर था। उसको सभ्य बनने के लिए विकास की कई अवस्थाओं से गुजरना पड़ा। उसके जीवन की आरंभिक अवस्था “भोजन या खाद्य संग्राहक” की थी।

इस काल में उसकी जीवन-चर्या निम्नवत रही:
(क) निवास: आदिमानव के निवास का आज की तरह कोई निश्चित स्थान नहीं था। वह भोजन की तलाश में स्थान-स्थान पर घूमता था। वह सदी, गर्मी, वर्षा और धूप से बचने के लिए पेड़ों के कोटरों, गुफाओं या वृक्षों की घनी पत्तियों से ढकी शाखाओं में बैठा और सोया करता था।
(ख) भोजन: आदिमानव जंगली जडे, फल और पत्तियाँ और बहुत से पशुओं का माँस खाकर अपनी भूख मिटाता था। एक स्थान पर इन चीजों के समाप्त हो जाने की दशा में वह दूसरे स्थान पर चला जाता था।
(ग) वस्त्र: आदिमानव के वस्त्र वृक्षों की छाल और पशुओं की खाल के थे। इन्हें वह पत्थर के विशेष औजारों से सिलकर तैयार करता था।
(घ) औजार: इसके मुख्य औजार पत्थरों से निर्मित तीर, भाले, कुल्हाड़ी, छुरी, दराँती आदि जैसे आकार के पाए गए हैं।

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आरंभिक मानव की खोज में Class 6 HBSE Notes in Hindi

1. आदि मानव अपना भोजन कैसे प्राप्त करता था?: पशुओं का शिकार करके और पेड़ों के कन्दमूल तथा फल खाकर।
2. आदि मानव का घर कहाँ था?: वृक्षों के कोटरों और गुफाओं में।
3. उसने नदियों और झीलों वाले स्थानों को ही क्यों चुना होगा?: वनस्पति की प्रचुरता और जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहने के कारण।
4. वह स्थान-स्थान पर क्यों भटकता रहता था?: ऋतु परिवर्तन से प्रभावित वनस्पति की उपलब्धता, पशुओं का पीछा करते हुए तथा पर्याप्त जल वाले स्थानों का चयन करने के लिए।
5. आदि मानव के हथियार किस चीज के बने थे?: पत्थरों, हड्डियों और काष्ठ के।
6. उसके वस्त्र किस चीज के थे?: पशुओं के खाल, वृक्षों के पत्ते या छाल के।
7. वह औजारों का प्रयोग किन-किन कार्यों में करता था?: पशु-पक्षियों का शिकार करने, उनकी खाल निकालने, पेड़ की जड़ों को खोदने, फलों को छीलने, कोमल घास के तनों को छीलने आदि में।
8. आदि मानव जहाँ पत्थरों को तराश का औजार बनाता था उन स्थानों का क्या नाम दिया गया है?: कारखाना-स्थल।
9. प्राकृतिक गुफाएँ और चट्टानों के आश्रय-स्थल कहाँ पाए जाते हैं?: विन्ध्य पर्वतमाला और दक्कन पठार में।
10. वास-स्थल किन्हें कहा गया है?: आदि मानव के निवास स्थल। यथा- गुफाएँ।
11. औजार बनाने की विधियाँ कौन सी थीं?:

  • एक पत्थर से दूसरे पर चोट मारकर नुकीला बनाना
  • तराशे जाने वाले

पत्थर को कठोर भूमि पर रखकर दूसरे पत्थर से चोट करना।
12. आदि मानव आग को किस काम में लेता था?: हिंसक पशुओं को गुफा से दूर रखने, प्रकाश करने और गोश्त भूनने।

HBSE 6th Class Social Science Solutions History Chapter 2 आरंभिक मानव की खोज में

13. भूमि पर घास और विभिन्न खाद्यान्न कब उगने आरंभ हुए?: लगभग 12000 वर्ष पूर्व जब तापमान में वृद्धि होने लगी।
14. पुरा-पाषाण काल की अवधि क्या थी?: 20 लाख वर्ष पूर्व से लगभग 12000 वर्ष पूर्व तक।
15. 12000 वर्ष से 10000 वर्ष पूर्व के बीच की 2000 वर्ष पूर्व की अवधि को क्या कहते हैं?: मध्य पाषाण काला
16. मध्य पाषाण काल के दराँती और आरे जैसी हड्डी या लकड़ी की मूठ वाले हथियार क्या कहे जाते हैं?: सूक्ष्मपाषाणी औजार।
17, लगभग 10,000 वर्ष पूर्व से आगे की अवधि को क्या कहा जाता है?: नवपाषाण काल।
18. नवपाषाण काल के स्थानों के नाम आधुनिक ही क्यों दिए गए हैं?: उस काल के नामों की प्रामाणिक जानकारी न रहने के कारण।
19. भित्ति-चित्रकारी सबसे पहले कहाँ की गई थी?: मध्य प्रदेश और दक्षिणी उत्तर प्रदेश में।
20. भारत में शुतुरमुर्ग किस काल में और कहाँ पाए गए?: पाटनी (महाराष्ट्र) में पुरापाषाण काल के दौरान।
21. पुरापाषाण काल के स्थल कहाँ पाए गए हैं?: हुसगी (महाराष्ट्र) में।

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