Haryana State Board HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 10 परिवहन तथा संचार Important Questions and Answers.
Haryana Board 12th Class Geography Important Questions Chapter 10 परिवहन तथा संचार
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
A. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए
1. उत्तर-दक्षिण गलियारा श्रीनगर को दक्षिण के किस शहर से जोड़ता है?
(A) कन्याकुमारी
(B) तूतीकोरिन
(C) तिरुवनन्तपुरम
(D) चेन्नई
उत्तर:
(A) कन्याकुमारी
2. स्वर्णिम चतुर्भुज महामार्ग में लेनों की संख्या कितनी है?
(A) 4
(B) 6
(C) 8
(D) 12
उत्तर:
(B) 6
3. राज्यों की राजधानियों को जिला मुख्यालयों से जोड़ने वाली सड़कों को कहते हैं-
(A) स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग
(B) राष्ट्रीय राजमार्ग
(C) राज्य राजमार्ग
(D) जिला मार्ग
उत्तर:
(C) राज्य राजमार्ग
4. सीमा सड़क संगठन का निर्माण कब हुआ था?
(A) सन् 1950 में
(B) सन् 1952 में
(C) सन 1960 में
(D) सन् 1966 में
उत्तर:
(C) सन 1960 में
5. स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्गों का निर्माण और रख-रखाव कौन करता है?
(A) राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)
(B) केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग (CPWD)
(C) सीमा सड़क संगठन (BRO)
(D) लोक निर्माण विभाग (PWD)
उत्तर:
(A) राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)
6. जहाँ से यातायात प्रारंभ हो, कहलाता है-
(A) उद्गम
(B) गंतव्य
(C) मार्ग
(D) वाहक
उत्तर:
(A) उद्गम
7. वह बिंदु जहाँ पर यातायात समाप्त होता है, कहलाता है
(A) उद्गम
(B) गंतव्य
(C) मार्ग
(D) वाहक
उत्तर:
(B) गंतव्य
8. वह वाहन जो यात्रियों और सामान को ढोता है, कहलाता है-
(A) मार्ग
(B) वाहक
(C) उद्गम
(D) गंतव्य
उत्तर:
(B) वाहक
9. अमृतसर से दिल्ली तक राष्ट्रीय महामार्ग है-
(A) NH-1
(B) NH-3
(C) NH-4
(D) NH-5
उत्तर:
(A) NH-1
10. दिल्ली से मुंबई तक राष्ट्रीय महामार्ग है-
(A) NH-1
(B) NH-3
(C) NH-8
(D) NH-15
उत्तर:
(C) NH-8
11. ग्रांड ट्रंक रोड (GT. Road) कहा जाता है-
(A) NH-1
(B) NH-2
(C) NH-3
(D) NH4
उत्तर:
(A) NH-1
12. दिल्ली से कोलकाता तक राष्ट्रीय महामार्ग है-
(A) NH-1
(B) NH-2
(C) NH-3
(D) NH-4
उत्तर:
(B) NH-2
13. भारतीय सुदूर संवेदन (IRS) का प्रारंभ कब हुआ?
(A) सन् 1975 में
(B) सन् 1983 में
(C) सन् 1988 में
(D) सन् 1992 में
उत्तर:
(C) NH-7
14. राष्ट्रीय महामार्ग कहाँ-से-कहाँ तक है?
(A) दिल्ली से अमृतसर तक
(B) वाराणसी से कन्याकुमारी तक
(C) दिल्ली से मुंबई तक
(D) दिल्ली से कोलकाता तक
उत्तर:
(B) वाराणसी से कन्याकुमारी तक
15. कोंकण रेलवे का निर्माण कब हुआ?
(A) सन् 1990 में
(B) सन् 1998 में
(C) सन् 1994 में
(D) सन् 1992 में
उत्तर:
(B) सन् 1998 में
16. भारत में वायु परिवहन सेवा की शुरुआत कब हुई?
(A) सन् 1960 में
(B) सन् 1950 में
(C) सन् 1911 में
(D) सन् 1907 में
उत्तर:
(C) सन् 1911 में
17. भारत में पहली रेलगाड़ी कब चलाई गई?
(A) 16 अप्रैल, 1853 को
(B) 20 अप्रैल, 1855 को
(C) 22 अप्रैल, 1872 को
(D) 25 अप्रैल, 1875 को
उत्तर:
(A) 16 अप्रैल, 1853 को
18. ब्रॉड गेज में रेल की पटरियों के बीच कितनी दूरी होती है?
(A) 1.616 मीटर
(B) 1 मीटर
(C) 0.762 मीटर
(D) 0.610 मीटर
उत्तर:
(A) 1.616 मीटर
19. मीटर गेज में रेल की पटरियों के बीच कितनी दूरी होती है?
(A) 0.610 मीटर
(B) 0.762 मीटर
(C) 1 मीटर
(D) 1.676 मीटर
उत्तर:
(C) 1 मीटर
20. नैरो गेज में रेल की पटरियों के बीच कितनी दूरी होती है?
(A) 1.676 मीटर
(B) 1 मीटर
(C) 0.762 मीटर
(D) 0.532 मीटर
उत्तर:
(C) 0.762 मीटर
21. बीस वर्षीय सड़क योजना कब आरंभ की गई?
(A) सन् 1961 में
(B) सन् 1965 में
(C) सन् 1972 में
(D) सन् 1977 में
उत्तर:
(A) सन् 1961 में
22. भारत में राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास और रख-रखाव के लिए भारतीय आंतरिक जलमार्ग प्राधिकरण का गठन किया गया-
(A) सन् 1956 में
(B) सन् 1972 में
(C) सन् 1986 में
(D) सन् 1995 में
उत्तर:
(C) सन् 1986 में
23. भारत की तटरेखा की लंबाई है-
(A) लगभग 7516 कि०मी०
(B) लगभग 8234 कि०मी०
(C) लगभग 9005 कि०मी०
(D) लगभग 9500 कि०मी०
उत्तर:
(A) लगभग 7516 कि०मी०
24. भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (INSAT) की स्थापना कब की गई?
(A) सन् 1975 में
(B) सन् 1983 में
(C) सन् 1988 में
(D) सन् 1992 में
उत्तर:
(B) सन् 1983 में
25. सदिया-धुबरी मार्ग कौन-सा जलमार्ग है?
(A) राष्ट्रीय जलमार्ग-1
(B) राष्ट्रीय जलमार्ग-2
(C) राष्ट्रीय जलमार्ग-3
(D) राष्ट्रीय जलमार्ग-4
उत्तर:
(B) राष्ट्रीय जलमार्ग-2
26. “भारतीय रेलवे ने विविध संस्कृति के लोगों को एक-साथ लाकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया है।” यह कथन है-
(A) महात्मा गाँधी
(B) डॉ बी०आर० अम्बेडकर
(C) स्वामी विवेकानंद
(D) जवाहरलाल नेहरू
उत्तर:
(A) महात्मा गाँधी
27. परिवहन का सबसे तेज और महँगा साधन है-
(A) सड़क मार्ग
(B) वायुमार्ग
(C) रेलमार्ग
(D) जलमार्ग
उत्तर:
(B) वायुमार्ग
28. वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण कब किया गया?
(A) सन् 1911 में
(B) सन् 1946 में
(C) सन् 1950 में
(D) सन् 1953 में
उत्तर:
(D) सन् 1953 में
29. पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन का सबसे उत्तम साधन है-
(A) सड़कमार्ग
(B) वायुमार्ग
(C) पाइप लाइन
(D) जलमार्ग
उत्तर:
(C) पाइप लाइन
30. भारत की पहली पाइप लाइन कहाँ-से-कहाँ तक बिछाई गई?
(A) नहारकटिया से नूनमती
(B) नूनमती से बरौनी
(C) बरौनी से कानपुर
(D) लाकवा से बरौनी
उत्तर:
(A) नहारकटिया से नूनमती
31. भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड की स्थापना कब की गई?
(A) सन् 1965 में
(B) सन् 1972 में
(C) सन् 1984 में
(D) सन् 1988 में
उत्तर:
(C) सन् 1984 में
32. राष्ट्रीय पावर ग्रिड की स्थापना कब हुई थी?
(A) सन् 1955 में
(B) सन् 1972 में
(C) सन् 1980 में
(D) सन् 1985 में
उत्तर:
(C) सन् 1980 में
33. प्रसार भारती का गठन कब किया गया?
(A) सन् 1980 में
(B) सन् 1985 में
(C) सन् 1992 में
(D) सन् 1997 में
उत्तर:
(D) सन् 1997 में
34. भारत में आकाशवाणी का प्रसारण कब हुआ?
(A) सन् 1927 में
(B) सन् 1936 में
(C) सन् 1945 में
(D) सन् 1957 में
उत्तर:
(A) सन् 1927 में
35. आकाशवाणी को ऑल इंडिया रेडियो का नाम कब दिया गया?
(A) सन् 1927 में
(B) सन् 1936 में
(C) सन् 1945 में
(D) सन् 1957 में
उत्तर:
(B) सन् 1936 में
36. दूरदर्शन ने राष्ट्रीय चैनल कब शुरू किया था?
(A) सन् 1927 में
(B) सन् 1936 में
(C) सन् 1983 में
(D) सन् 1988 में
उत्तर:
(D) सन् 1988 में
37. भारत में राष्ट्रीय कार्यक्रम और रंगीन टेलीविज़न की शुरुआत हुई
(A) सन् 1936 में
(B) सन् 1983 में
(C) सन् 1992 में
(D) सन् 1996 में
उत्तर:
(C) सन् 1992 में
38. दूरदर्शन का पहला कार्यक्रम कब प्रसारित किया गया?
(A) 15 सितंबर, 1958 को
(B) 15 सितंबर, 1959 को
(C) 15 सितंबर, 1960 को
(D) 15 सितंबर, 1961 को
उत्तर:
(B) 15 सितंबर, 1959 को
B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए
प्रश्न 1.
स्वर्ण चतुष्कोण परम राजमार्ग योजना कब शुरू की गई थी?
अथवा
स्वर्णिम चतुर्भुज महा-राजमार्ग परियोजना कब आरंभ की गई?
उत्तर:
2 जनवरी, 1999 में।
प्रश्न 2.
अमृतसर से दिल्ली तक राष्ट्रीय महामार्ग कौन-सा है?
उत्तर:
NH-1।
प्रश्न 3.
भारत में वायु परिवहन की शुरुआत कब हुई?
उत्तर:
सन् 1911 में।
प्रश्न 4.
भारत में सबसे लंबा राष्ट्रीय महामार्ग/राजमार्ग कौन-सा है?
उत्तर:
राष्ट्रीय महामार्ग नं० 44 भारत का सबसे लम्बा राजमार्ग है। पहले NH-7 था।
प्रश्न 5.
भारत में पहली रेलगाड़ी कब चलाई गई?
उत्तर:
16 अप्रैल, 1853 को।
प्रश्न 6.
पहली रेलगाड़ी कहाँ-से-कहाँ तक चलाई गई?
उत्तर:
मुम्बई-ठाणे।
प्रश्न 7.
परिवहन का सबसे महंगा साधन कौन-सा है?
उत्तर:
वायु परिवहन।
प्रश्न 8.
परिवहन का सबसे सस्ता साधन कौन-सा है?
उत्तर:
जल परिवहन।
प्रश्न 9.
ब्रॉड गेज में रेल की पटरियों के बीच कितनी दूरी होती है?
उत्तर:
1.616 मीटर।
प्रश्न 10.
भारतीय रेलतंत्र का एशिया में कौन-सा स्थान है?
उत्तर:
पहला।
प्रश्न 11.
वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण कब किया गया?
उत्तर:
सन् 1953 में।
प्रश्न 12.
भारत में पहली पाइप लाइन कब बिछाई गई?
उत्तर:
सन् 1962 में।
प्रश्न 13.
देश की सबसे बड़ी पाइपलाइन हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर कितनी लंबी है?
उत्तर:
लगभग 1750 किलोमीटर।
प्रश्न 14.
दक्षिण भारत में सड़कों के अधिकतम घनत्व वाले दो राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर:
केरल और तमिलनाडु।
प्रश्न 15.
भारत की दो प्रमुख नाव्य नदियों के नाम बताइए।
उत्तर:
गंगा और ब्रह्मपुत्र।।
प्रश्न 16.
भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण गैस पाइप लाइन का नाम बताइए।
उत्तर:
एच०वी०जे० गैस पाइप लाइन।
प्रश्न 17.
राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-1 किस नदी पर तथा किन दो स्थानों के बीच पड़ता है?
उत्तर:
गंगा-हल्दिया-इलाहाबाद।
प्रश्न 18.
भारत के किस भौगोलिक क्षेत्र में रेलमार्गों का सर्वाधिक विकास हुआ है?
उत्तर:
उत्तरी भारत के विशाल मैदान में।
प्रश्न 19.
‘स्वर्णिम चतुर्भुज’ किन चार महानगरों को जोड़ता है?
उत्तर:
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई तथा कोलकाता को।
प्रश्न 20.
दो राष्ट्रीय जलमार्गों के नाम बताइए।
उत्तर:
- इलाहाबाद से हल्दिया
- सदिया से धुबरी।
प्रश्न 21.
स्वर्णिम चतर्भज महा-राजमार्ग परियोजना का क्या उद्देश्य है?
उत्तर:
महानगरों के बीच की दूरी और परिवहन समय को कम करना।
प्रश्न 22.
भारत का सबसे लम्बा राष्ट्रीय जलमार्ग कौन-सा है?
उत्तर:
हल्दिया और इलाहाबाद (प्रयागराज) गंगा जलमार्ग।
प्रश्न 23.
संचार का आधुनिकतम साधन कौन-सा है?
उत्तर:
इंटरनेट।
प्रश्न 24.
सीमा सड़क संगठन का गठन कब हुआ?
उत्तर:
सन् 1960 में।
प्रश्न 25.
उत्तर-दक्षिण गलियारा महा-राजमार्ग किन दो शहरों को जोड़ता है?
उत्तर:
उत्तर-दक्षिण गलियारा महा-राजमार्ग श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ता है।
प्रश्न 26.
पूर्व-पश्चिम गलियारा महा-राजमार्ग किन दो शहरों को जोड़ता है?
उत्तर:
पूर्व-पश्चिम गलियारा महा-राजमार्ग सिलचर (असम) को पोरबंदर (गुजरात) से जोड़ता है।
प्रश्न 27.
स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्गों का निर्माण व रख-रखाव कौन करता है?
उत्तर:
भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)।
प्रश्न 28.
राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण व रख-रखाव कौन करता है?
उत्तर:
राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण व रख-रखाव केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) करता है।
प्रश्न 29.
राज्य राजमार्गों का निर्माण व रख-रखाव कौन करता है?
उत्तर:
राज्य राजमार्गों के निर्माण व रख-रखाव का कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग (P.W.D.) द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 30.
राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-2 किस नदी पर तथा किन दो स्थानों के बीच पड़ता है?
उत्तर:
बह्मपुत्र नदी तथा सदिया व धुबरी के बीच।
प्रश्न 31.
मुंबई और ठाणे के बीच चली पहली भारतीय रेल ने कितना सफर तय किया था?
उत्तर:
34 कि०मी०।
प्रश्न 32.
दिल्ली और मुंबई को कौन-सा राष्ट्रीय महामार्ग जोड़ता है?
उत्तर:
राष्ट्रीय महामार्ग-8।
प्रश्न 33.
भारत में ग्रैण्ड ट्रंक रोड़ का निर्माण किसने करवाया था?
उत्तर:
अफगान सम्राट शेरशाह सूरी ने।
प्रश्न 34.
भारत में सर्वप्रथम मैट्रो की शुरुआत कब और कहाँ हुई?
उत्तर:
सन् 1972 में कोलकाता में।
प्रश्न 35.
भारतीय देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन कब हुआ?
उत्तर:
27 अक्तूबर, 1986 में।
प्रश्न 36.
मैट्रो रेलवे कोलकाता जोन की घोषण कब की गई?
उत्तर:
25 दिसम्बर, 2010 को।
प्रश्न 37.
भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड की स्थापना कब हुई?
उत्तर:
सन् 1984 में।
प्रश्न 38.
निम्नलिखित का पूरा नाम लिखें BOT, BRO, NRSA, INSAT, IRS, NHAI, NH, HVJ, CPWD, SPWD.
उत्तर:
- BOT : Built Operate and Transfer
- BRO : Border Roads Organisation
- NRSA : National Remote Sensing Agency
- INSAT : Indian National Satellite System
- IRS : Indian Remote Sensing
- NHAI : National Highway Authority of India
- NH : National Highways
- HVJ : Hajira Vijaipur Jagdishpur
- CPWD: Central Public Works Department
- SPWD : State Public Works Department
अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड का क्या उद्देश्य है?
उत्तर:
क्षेत्रीय ग्रिडों को मिलाकर देश में बिजली की आपूर्ति को सतत् व नियमित रखना।
प्रश्न 2.
भारत में संचार के प्रमुख साधन कौन से हैं? संचार के कौन-कौन से साधन होते हैं?
उत्तर:
दूरभाष (टेलीफोन), टेलीग्राम, फैक्स, ई-मेल, इंटरनेट, रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा, समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, पुस्तकें, उपग्रह (सेटेलाइट) जनसभाएँ, सम्मेलन आदि।
प्रश्न 3.
सड़क परिवहन की क्या असुविधाएँ हैं?
उत्तर:
- दुर्गम क्षेत्रों में सड़कें बनाना कठिन है
- इनसे अधिक तथा भारी माल नहीं ढोया जा सकता
- वर्षा ऋतु में सड़क परिवहन में दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है।
प्रश्न 4.
उत्तर-पूर्वी राज्यों में रेलमार्गों का अभाव क्यों है?
उत्तर:
इन राज्यों में ऊबड़-खाबड़ धरातल, नदियाँ, नाले, चट्टानें, सघन चन, आर्थिक पिछड़ापन तथा विरल जनसंख्या रेलों के विकास में बाधा उत्पन्न करती है।
प्रश्न 5.
भारत के विशाल मैदानों में रेलमार्गों का जाल हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों से अधिक क्यों है?
अथवा
भारत के विशाल मैदानों में रेलों का विकास हिमालय प्रदेश की तुलना में अधिक क्यों हुआ है?
उत्तर:
भारत के विशाल मैदान समतल भूमियाँ हैं। इन मैदानों में रेल लाइनें बिछाना आसान है और अधिक खर्चा भी नहीं आता, जबकि हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों में पर्वतों को काटकर रेल लाइनें बिछाना बहुत ही कठिन कार्य है और इस पर खर्चा भी बहुत अधिक आ जाता है। इसलिए भारत के विशाल मैदानों में रेलमार्गों का जाल हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों से अधिक है।
प्रश्न 6.
व्यक्तिगत संचार के साधन से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
व्यक्तिगत संचार के साधन से अभिप्राय उन साधनों से है जिनका प्रयोग कोई व्यक्ति अपने संदेशों के आदान-प्रदान के लिए करता है। उदाहरण-टेलीफोन, पत्र आदि।
प्रश्न 7.
जनसंचार के साधनों से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जनसंचार के साधनों से हमारा अभिप्राय संचार के उन साधनों से है जिनके द्वारा किसी सूचना को हजारों, लाखों लोगों तक एक-साथ पहुँचाया जा सकता है। उदाहरण-रेडियो, समाचार-पत्र आदि।
प्रश्न 8.
परिवहन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
परिवहन एक ऐसा तंत्र है जिसमें यात्रियों और सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाया और ले जाया जाता है।
प्रश्न 9.
स्थल परिवहन के कौन-कौन से प्रकार हैं?
उत्तर:
- सड़क परिवहन
- रेल परिवहन
- पाइपलाइन।
प्रश्न 10.
संचार के साधन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जो साधन संदेशों और सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं, उन्हें संचार के साधन कहते हैं।
प्रश्न 11.
जीवन के लिए संचार के साधन क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर:
आपसी मेल-जोल को बढ़ाने के लिए संचार के साधन आवश्यक हैं। इसके अतिरिक्त वर्तमान समय में उद्योगों और व्यापार के लिए भी संचार के साधनों की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 12.
भारत के उत्तर, दक्षिण, पूर्व एवं पश्चिम गलियारों के अन्तिम स्टेशनों/छोरों के नाम लिखें।
अथवा
उत्तर-दक्षिण गलियारे के दो अन्तिम स्टेशनों के नाम लिखें।
अथवा
पूर्व-पश्चिम गलियारे के दो अन्तिम स्टेशनों के नाम लिखें।
उत्तर:
- उत्तरी गलियारे का अन्तिम छोर-श्रीनगर
- पूर्वी गलियारे का अन्तिम छोर-सिलचर
- दक्षिणी गलियारे का अन्तिम छोर-कन्याकुमारी
- पश्चिमी गलियारे का अन्तिम छोर-पोरबंदर
प्रश्न 13.
राष्ट्रीय राजमार्ग क्या है?
उत्तर:
राष्ट्रीय राजमार्ग राष्ट्रीय महत्त्व की सड़कें हैं। ये देश के एक राज्य को दूसरे राज्य से मिलाती हैं। इन राजमार्गों के निर्माण का कार्य एवं रख-रखाव केंद्र सरकार द्वारा कराया जाता है।
प्रश्न 14.
‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना’ क्या है?
उत्तर:
यह परियोजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई है। इस परियोजना में वे सड़कें आती हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों तथा गाँवों को शहरों से जोड़ती हैं।
प्रश्न 15.
भारत के दो अंतःस्थलीय जलमार्गों के नाम बताइए।
उत्तर:
भारत के दो अंतःस्थलीय जलमार्ग निम्नलिखित हैं-
- गंगा नदी जलमार्ग इलाहाबाद और हल्दिया के बीच।
- ब्रह्मपुत्र नदी जलमार्ग-सदिया और धुबरी के बीच।।
प्रश्न 16.
भारत में महा राजमार्गों के कोई दो उद्देश्य लिखें।
उत्तर:
- भारत के महानगरों के बीच की दूरी व परिवहन समय को कम करना।
- तीव्र गति से चलने वाले वाहनों की जरूरतों को पूरा करना।
प्रश्न 17.
सीमांत सड़कों की कोई दो विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:
- देश के सीमांत क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण करना।
- सीमांत क्षेत्रों के आर्थिक विकास में सहायता प्रदान करना।
प्रश्न 18.
साइबर स्पेस से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
साइबर स्पेस कम्प्यूटर में एक ऐसा काल्पनिक स्पेस है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक संवाद सूचनाओं और चित्रों का आदान-प्रदान होता है।
प्रश्न 19.
मुक्त आकाश नीति के बारे में बताइए।
उत्तर:
सरकार ने अप्रैल, 1992 में मुक्त आकाश नीति को अपनाया। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय निर्यातकों की सहायता करना और उनके निर्यात को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतियोगितापूर्ण बनाना था। इस नीति के अंतर्गत विदेशी निर्यातकों का संगठन कोई भी मालवाहक वायुयान देश में ला सकता है।
प्रश्न 20.
ग्रामीण सड़कें क्या होती हैं?
उत्तर:
वे सड़कें जो ग्रामीण क्षेत्रों और गाँवों को शहरों से जोड़ती हैं, उन्हें ग्रामीण सड़कें कहते हैं। इन सड़कों को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना के तहत विशेष प्रोत्साहन मिलता है।
प्रश्न 21.
दूरदर्शन दूनिया का सबसे बड़ा स्थलीय नैटवर्क कैसे है?
उत्तर:
भारत में दूरदर्शन की शुरुआत सन् 1959 में हुई। दूरदर्शन जनसंचार का सबसे प्रभावशाली दृश्य-श्रव्य साधन है, क्योंकि यह विभिन्न आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए मनोरंजक, ज्ञानवर्धक एवं खेल जगत से संबंधित कार्यक्रम प्रसारित करता है। इसलिए यह दुनिया का सबसे बड़ स्थलीय नैटवर्क है।
प्रश्न 22.
राज्य राजमार्ग क्या होता है?
उत्तर:
राज्यों की राजधानियों को जिला मुख्यालयों से जोड़ने वाली सड़कें राज्य राजमार्ग (State Highways) कहलाती हैं। इनका निर्माण व रख-रखाव राज्य लोक निर्माण विभाग (S.P.W.D.) करता है।
प्रश्न 23.
महासागरीय मार्ग क्या है?
उत्तर:
भारत के पास द्वीपों सहित लगभग 7517 कि०मी० लंबा समुद्री तट है। इन मार्गों में 12 प्रमुख तथा 185 गौण पत्तन हैं। ये महासागरीय मार्ग, परिवहन व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के साथ-साथ इन मार्गों का उपयोग देश की मुख्य भूमि तथा द्वीपों के बीच परिवहन के लिए भी होता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
परिवहन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
परिवहन-तंत्र देश की अर्थव्यवस्था को एकीकृत करता है। स्वतंत्रता के पश्चात् भारत में परिवहन व्यवस्था के विकास के क्षेत्र में अनेक कार्य किए गए हैं। देश में उत्पादन का विशिष्टीकरण खनिज पदार्थों की उपलब्धता के आधार पर स्थानीय स्तर पर हुआ है तथा इन उत्पादों की खपत के लिए स्थानीय बाजार है। यह विशिष्टीकरण विशेष रूप से स्थानीय वस्त्रों, खाद्य पदार्थों तथा हस्तशिल्प कलाओं में दिखाई देता है। परिवहन के साधन इन स्थानीय बाजारों को राष्ट्रीय बाजारों से तथा राष्ट्रीय बाजार इन्हें अंतर्राष्ट्रीय बाजार से जोड़ते हैं। औद्योगिक क्षेत्र, व्यापारिक क्षेत्र तथा पिछड़े हुए क्षेत्र सड़कों द्वारा आपस में जुड़े हुए हैं। रेलमार्गों का विकास किया गया है। देश की आर्थिक व्यवस्था में भारी सामान को दूर-दूर के क्षेत्रों में पहुँचाने के लिए रेलें तथा सड़कें एक-दूसरे के पूरक का कार्य करते हैं। प्रादेशिक विकास के लिए विभिन्न प्रकार के परिवहन साधनों को संगठित किया गया है।
सड़क, रेलमार्ग, वायुमार्ग तथा जलमार्ग सभी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए आपस में जुड़े हुए हैं। अतः परिवहन का एक सुगठित और समन्वित तंत्र देश के आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रश्न 2.
सड़क परिवहन के क्या लाभ हैं? अथवा सड़क परिवहन के प्रमुख गुणों का उल्लेख करें।
उत्तर:
सड़क परिवहन यातायात का एक उत्तम साधन है। इसके के निम्नलिखित लाभ हैं-
- यह कम दूरियों के लिए माल तथा यात्रियों के ढोने का उत्तम साधन है।
- यह ग्रामीण क्षेत्रों को नगरों से जोड़ता है।
- सड़क परिवहन द्वारा विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ ग्राहक के घर तक पहुँचाई जा सकती हैं।
- शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं को शीघ्रता से उपभोग-क्षेत्रों तक पहुँचाया जाता है।
प्रश्न 3.
भारत में सड़कों के घनत्व में प्रादेशिक भिन्नता का वर्णन कीजिए। अथवा भारत में सड़कों का वितरण समान नहीं है स्पष्ट करें।
उत्तर:
सड़कों के घनत्व में प्रादेशिक अंतर पाया जाता है। प्रति वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सड़कों की लंबाई को सड़कों का घनत्व कहा जाता है। सड़कों का राष्ट्रीय घनत्व 75.42 कि०मी० है। लगभग सभी उत्तरी राज्यों और प्रमुख दक्षिणी राज्यों में सड़कों का घनत्व अधिक है। हिमालयी प्रदेश, उत्तर:पूर्वी राज्यों, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सड़कों का घनत्व कम है क्योंकि इन राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियाँ सड़क-निर्माण के अनुकूल नहीं हैं। भारत में उच्चावचीय विविधता के कारण सड़कों का वितरण असमान है। ये क्षेत्र निम्नलिखित प्रकार से हैं
1. पर्वतीय और मरुस्थलीय क्षेत्र-इन क्षेत्रों में सड़कों का जाल बहुत ही विरल है। अतः यहाँ पर सड़कों का घनत्व बहुत कम है। सामरिक महत्त्व के कारण इन क्षेत्रों में बहुत-सी सीमावर्ती सड़कों का निर्माण किया गया है। पहाड़ी तथा अधिक ऊबड़-खाबड़ क्षेत्रों में सड़कें बनाना कठिन तथा खर्चीला कार्य है। इसलिए मैदानी क्षेत्रों में अपेक्षाकृत घनत्व तथा गुणवत्ता अधिक होती है।
2. पठारी क्षेत्र भारत के पठारी क्षेत्र में सड़कों का घनत्व सामान्य (मध्यम स्तर) है। पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश तथा ओडिशा राज्य इस क्षेत्र के अन्तर्गत आते हैं।
3. मैदानी क्षेत्र-उत्तरी भारत में गंगा और पंजाब के मैदान तथा दक्षिणी भारत में केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में सड़कों के जाल का घनत्व सबसे सघन पाया जाता है। कुछ सड़कें दूर-दराज़ के क्षेत्रों को भी मिलती है।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए (i) परिवहन और संचार, (ii) राष्ट्रीय मार्ग और राज्य महामार्ग, (ii) मीटर गेज और ब्रॉड गेज, (iv) व्यक्तिगत संचार और जनसंचार।
उत्तर:
(i) परिवहन और संचार में निम्नलिखित अंतर हैं-
परिवहन | संचार |
1. परिवहन यंत्रों तथा संगठनों द्वारा मनुष्य और माल-भार को एक-स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाया जाता है। | 1. समाचारों, सूचनाओं और ज्ञान के आदान-प्रदान को संचार कहा जाता है। |
2. परिवहन के मुख्य साधन हैं-रेलें, सड़के जलमार्ग और वायुमार्ग। | 2. संचार के मुख्य साधन हैं-रेडियो, दूरदर्शन, दूरभाष तथा उपग्रह। |
(ii) राष्ट्रीय मार्ग और राज्य महामार्ग में निम्नलिखित अंतर हैं
राष्ट्रीय महामार्ग | राज्य महामार्ग |
1. ये समस्त देश की प्रमुख सड़कें हैं। | 1. ये विभिन्न राज्यों की मुख्य सड़कें हैं। |
2. ये महामार्ग प्रमुख व्यापारिक, औद्योगिक नगरों और राजधानियों को तथा प्रमुख बंदरगाहों को आपस में मिलाते हैं। | 2. ये महामार्ग विभिन्न राज्यों की राजधामियों को राज्यों के प्रमुख नगरों व कार्यालयों से मिलाते हैं। |
3. ये प्रायः केंद्रीय सरकार द्वारा निर्मित हैं। | 3. ये राज्य सरकारों द्वारा निर्मित हैं। |
4. इनकी कुल लंबाई 1,01,011 कि०मी० है। | 4. इनकी लंबाई 1,76,166 कि०मी० है। |
5. ये आर्थिक तथा सैनिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। | 5. ये प्रशासनिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। |
(iii) मीटर गेज और ब्रॉड गेज में निम्नलिखित अंतर हैं
मीटर गेज | ब्रॉड गेज (बड़ी रेल लाइन) |
1. इसमें रेल पटरियों के बीच की दूरी एक मीटर होती है। | 1. इसमें रेल पटरियों के बीच की दूरी $1.616$ मी० होती है। |
2. ये अधिकतर पहाड़ी भागों में पाए जाते हैं। | 2. ये अधिकतर मैदानी भागों में पाए जाते हैं। |
3. ये यात्री तथा हल्के सामान के ढोने के लिए बनाए गए हैं। | 3. ये अधिक भारी सामान तथा यात्रियों के परिवहन के लिए बनाए गए हैं। |
4. मीटर गेज लाइन की कुल लंबाई 2016 में 3,880 कि०मी० है। | 4. ब्रॉड गेज लाइन की कुल लंबाई 2016 में 60,510 कि०मी० है। |
(iv) व्यक्तिगत संचार और जनसंचार में निम्नलिखित अंतर हैं
व्यक्तिगत संचार | जनसंचार |
1. किसी व्यक्ति विशेष तक संदेश पहुँचाना व्यक्तिगत संचार कहलाता है। | 1. सामूहिक रूप से लोगों के समूह तक संदेश पहुँचाना जनसंचार कहलाता है। |
2. व्यक्तिगत संचार के साधन हैं-डाक सेवा तथा कंप्यूटर, जिसमें इंटरनेट और ई-मेल भी शामिल हैं। | 2. जनसंचार के माध्यम हैं-अखबार, पत्र पत्रिकाएँ, रेडियो तथा दूरदर्शन। |
प्रश्न 5.
उपग्रह संचार पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
दूरदर्शन के कार्यक्रमों को दूर-दूर तक पहुँचाने के लिए उपग्रह का प्रयोग किया जाता है। इस दिशा में भारत का पहला सफल प्रयास SITE था जो अगस्त, 1975 से जुलाई, 1976 तक कार्यरत रहा। इस प्रयोग से राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक को लाभ हुआ। अब इनसेट-बी (INSAT-B) इस कार्य को सफलता से कर रहा है तथा इन प्रदेशों में दूरदर्शन के कार्यक्रम देखे जाते हैं। इसके द्वारा दिल्ली से 181 उच्च शक्ति तथा निम्न शक्ति के ट्रांसमीटर जुड़े हुए हैं तथा इसके द्वारा सारे भारत में राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं। अब इनसेट-1B का स्थान इनसेट-1D ने ले लिया है।
प्रश्न 6.
भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण ने किन परियोजनाओं की जिम्मेदारी ले रखी है?
उत्तर:
भारतीय राष्ट्रीय प्राधिकरण ने देश-भर में विभिन्न चरणों में कई प्रमुख परियोजनाओं की जिम्मेदारी ले रखी है।
1. स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना-देश के चार महानगरों दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई को 4/6 गलियों वाले परम राजमार्ग से जोड़ने की योजना को स्वर्ण चतुर्भुज कहा जाता है। इन परम राजमार्गों के बन जाने से भारत के महानगरों के बीच समय-दूरी काफी कम हो गई है।
2. उत्तर-दक्षिण तथा पूर्व-पश्चिम गलियारा-उत्तर:दक्षिण गलियारे का उद्देश्य जम्मू कश्मीर के श्रीनगर से तमिलनाडु के कन्याकुमारी को 4,016 कि०मी० लंबे मार्ग द्वारा जोड़ना है। पूर्व एवं पश्चिम गलियारे का उद्देश्य असम में सिलचर से गुजरात में पोरबंदर को 3,640 कि०मी० लंबे मार्ग द्वारा जोड़ना है।
प्रश्न 7.
रेलवे पटरियों की चौड़ाई के आधार पर भारतीय रेल को कितने वर्गों में बाँटा गया है।
उत्तर:
भारतीय रेल के तीन वर्ग निम्नलिखित हैं-
- बड़ी लाइन (Broad Guage)-ब्रॉड गेज में रेल पटरियों के बीच की दूरी 1 616 मी० होती है। ब्रॉड गेज लाइन की कुल लंबाई सन् 2016 में लगभग 60,510 कि०मी० थी।
- मीटर लाइन (Meter Guage) मीटर गेज में रेल पटरियों के बीच की दूरी 1 मीटर होती है। इसकी कुल लंबाई सन् 2016 में लगभग 3,880 कि०मी० थी।
- छोटी लाइन (Narrow Guage)-नैरो गेज़ में रेल पटरियों के बीच की दूरी 0.762 या 0.610 मीटर होती है। इसकी कुल लंबाई सन् 2016 में लगभग 2,297 कि०मी० थी।
प्रश्न 8.
परिवहन तथा संचार के साधन किसी देश की जीवन रेखा तथा अर्थव्यवस्था क्यों कहे जाते हैं?
अथवा
परिवहन के साधन हमारी अर्थव्यवस्था की मूल धमनियाँ होती हैं इस कथन को स्पष्ट करें।
उत्तर:
वे साधन, जिनके प्रयोग से यात्री और माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जाता है, यातायात एवं परिवहन के साधन कहलाते हैं। यातायात तथा संचार के विभिन्न साधनों को देश की जीवन-रेखाएँ कहते हैं, क्योंकि देश के आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विकास में आधुनिक रेल, सड़क, जल एवं वायु-सेवाओं का बहुत बड़ा योगदान है। भारत जैसे विशाल देश में, जहाँ के बीच में विस्तृत दूरियाँ हैं, जहाँ आर्थिक एवं सामाजिक विभिन्नताएँ और विविध प्रकार के प्राकृतिक साधन असमान ढंग से वितरित हैं। आधनिक यातायात और संचार के साधनों का देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास पर बह प्रभाव पड़ता है। यातायात एवं संचार के विभिन्न साधन किसी राष्ट्र की जीवन-रेखाएँ इसलिए कहे जाते हैं, क्योंकि-
- ये देश के दूरवर्ती भागों को समीप ले आते हैं और उनके विकास में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ये किसी प्रदेश के प्राकृतिक साधनों के विकास में सहयोग देते हैं।
- ये विभिन्न प्रकार के प्रदेशों के आर्थिक विशिष्टीकरण को विकसित करते हैं।
- ये परस्पर निर्भरता को विकसित करते हैं। देश के विभिन्न प्रदेशों के बीच आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध स्थापित करते हैं।
- भारत जैसे विशाल देश के आर्थिक विकास की यातायात तथा संचार के साधनों के बिना कल्पना नहीं की जा सकती।
- ये देश को एक राजनीतिक व सामाजिक सूत्र में बाँध देते हैं।
प्रश्न 9.
दक्षिणी भारत की तुलना में उत्तरी भारत में रेलों और सड़कों का विकास अधिक हुआ है, क्यों?
उत्तर:
दक्षिणी भारत की अपेक्षा उत्तरी भारत में रेलों तथा सड़कों का विकास अधिक हुआ है क्योंकि
(1) उत्तरी मैदान एक विस्तृत समतल मैदान है। उसकी भूमि नरम है। इसलिए इस भाग में सड़कें बनाना तथा रेल लाइनें बिछाना आसान है। इसके विपरीत, दक्षिणी भारत एक पठारी प्रदेश है। पठारी और ऊँची-नीची भूमि में रेल लाइनें बिछाना बड़ा कठिन तथा महँगा काम है।
(2) उत्तरी मैदान एक उपजाऊ प्रदेश है। इसलिए यहाँ कृषि और उद्योग-धंधों का काफी विकास हुआ है। कच्चे माल को कारखानों तक ले जाने और वहाँ से तैयार माल को बाजारों तक लाने के लिए सड़कों तथा रेलों का काफी विकास हुआ है।
(3) उत्तरी मैदान की जनसंख्या का घनत्व अधिक है। इसलिए यहाँ यात्रियों की संख्या तथा काम करने के लिए मजदूर अधिक मात्रा में उपलब्ध हैं।
प्रश्न 10.
किसी प्रदेश के सामाजिक विकास में सड़कों की क्या भूमिका है?
उत्तर:
सड़कें देश के लिए जीवन-रेखा का कार्य करती हैं। हमारी अर्थव्यवस्था में सड़कों का महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। देश के सुदूर क्षेत्रों तक पहुँचना सड़क परिवहन की सुविधा के द्वारा ही संभव हुआ है। जिस राज्य में सड़कों का अधिक विकास हुआ है वह राज्य औद्योगिक तथा व्यापारिक प्रगति के पथ पर तेजी के साथ अग्रसर हुआ है। सड़कों का जाल सामाजिक प्रगति का एक महत्त्वपूर्ण साधन है। हमारा राज्य, हरियाणा इसका एक जीता-जागता उदाहरण है। यहाँ गाँव-गाँव को सड़कों के साथ जोड़ दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप ही हमारे गाँवों की काया पलट हो गई है। कृषि विकास, शिक्षा तथा चिकित्सा आदि के क्षेत्रों में भी हमारे राज्य में काफी प्रगति हुई है।
प्रश्न 11.
भारत के जनसंचार साधनों में दूरभाष और रेडियो/आकाशवाणी व दूरदर्शन के महत्त्व का वर्णन करें।
उत्तर:
1. दूरभाष-टेलीफोन संचार का एक महत्त्वपूर्ण साधन है। भारत में टेलीफोन सुविधा प्रत्येक गांव तक नहीं पहुंच पाई है। अभी तक 70% गांवों में ही सार्वजनिक टेलीफोन सेवा उपलब्ध हो पाई है। भारत में प्रति सौ व्यक्ति टेलीफोन सघनता 2.5 तक ही हुई है। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तुलना में नगण्य है। इसके अलावा नगरीय तथा ग्रामीण टेलीफोन सुविधा में बड़ा अंतराल है। देश में दूरसंचार सुविधा प्रतिवर्ष 20% की दर से बढ़ी है। जिन गांवों में टेलीफोन सुविधा उपलब्ध भी है तो उनमें रख-रखाव तथा व्यवस्थात्मक की कमी के कारण सुविधा प्रभावी नहीं है, जबकि भारत का वास्तविक विकास, कृषि का रोजगार सृजन तथा सकल घरेलू आय में योगदान, गाँव की प्रभावी दूर संचार सुविधा पर ही निर्भर है।
2. आकाशवाणी तथा दूरदर्शन-रेडियो तथा दूरदर्शन न केवल लोकप्रिय हैं, बल्कि इसने लोगों के सामाजिक तथा सांस्कृतिक जीवन में भी बदलाव ला दिया है। इन्होंने थोड़े समय में ही घर-घर में जगह बना ली है। नवीनतम सूचनाओं की प्राप्ति के लिए इनसे सरल तथा उत्तम कोई और साधन नहीं है। दूरदर्शन जनसंचार का न केवल लोकप्रिय, अपितु अत्यंत प्रभावशाली माध्यम बन चुका है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता ध्वनि के साथ-साथ दृश्यता भी है। दूरदर्शन ने लोगों की सोच तथा जीवनशैली पर गहरा प्रभाव डाला है। इससे सामाजिक तथा सांस्कृतिक मूल्यों में गहरा बदलाव हुआ है। समाचार, मौसम, खोज, अनुसंधान, ज्ञान-विज्ञान, संगीत, नाटक, फिल्म, नृत्य, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल आदि के प्रसारण के लिए दूरदर्शन का नियमित उपयोग होने लगा है।
प्रश्न 12.
रेल परिवहन के चार गुण बताएँ।
उत्तर:
रेल परिवहन के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं-
- रेलें सबसे अधिक संख्या में यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती हैं।
- रेलें प्रतिवर्ष भारी मात्रा में खाद्यान्नों और उर्वरकों की ढुलाई करती हैं।
- रेलें कोयले, खनिज तेल और खनिज अयस्क की लंबी दूरी तक ढुलाई करती हैं।
- ये अंतःस्थलीय परिवहन का सबसे महत्त्वपूर्ण साधन हैं।
प्रश्न 13.
रेल परिवहन की अपेक्षा सड़क परिवहन अधिक महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर:
रेल परिवहन की अपेक्षा सड़क परिवहन के अधिक महत्त्वपूर्ण होने के कारण निम्नलिखित हैं-
- रेलवे लाइन की अपेक्षा सड़कों की निर्माण लागत बहुत कम है।
- अपेक्षाकृत ऊबड़-खाबड़ भू-भागों पर सड़कें बनाई जा सकती हैं।
- अधिक ढाल प्रवणता तथा पहाड़ी क्षेत्रों में भी सड़कें निर्मित की जा सकती हैं।
- अपेक्षाकृत कम व्यक्तियों, कम दूरी व कम वस्तुओं के परिवहन में सड़क परिवहन सस्ता है।
- यह घर-घर सेवाएँ उपलब्ध करवाता है तथा सामान चढ़ाने व उतारने की लागत भी अपेक्षाकृत कम है।
प्रश्न 14.
सीमावर्ती सड़कों का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
सीमावर्ती सड़कों का निर्माण भारत सरकार द्वारा गठित संस्थान सीमा सड़क संगठन (BRO) के द्वारा किया जाता है। सीमा सड़क संगठन की स्थापना सन् 1960 में की गई थी। यह संगठन देश के उत्तर और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में सामरिक महत्त्व की सड़कों का निर्माण करता है जो दुर्गम सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए रक्षा सामग्री और खाद्य सामग्री भेजने में सहायक रहती है। इन सड़कों के विकास से दुर्गम क्षेत्रों में आने-जाने की सुगमता बढ़ी है तथा ये इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास में भी सहायक हुई है।
प्रश्न 15.
भारत में जल परिवहन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
जलमार्ग परिवहन का सबसे सस्ता साधन है। यह भारी तथा अधिक स्थान घेरने वाले सामानों को ढोने के लिए अधिक त है। भारत में 14,500 किलोमीटर लंबे अंतःस्थलीय जलमार्ग हैं। इनमें से 3700 किलोमीटर लंबे जलमागों में यंत्रीकृत नावें चलाई जा सकती हैं। भारत सरकार ने निम्नलिखित जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है
- गंगा नदी जलमार्ग इलाहाबाद और हल्दिया के बीच (लंबाई 1620 कि०मी)
- ब्रह्मपुत्र नदी जलमार्ग-सदिया और धुबरी के बीच (लंबाई 891 कि०मी०)
- केरल में पश्चिम-तटीय नहर-कोहापुरम से कोम्मान के बीच उद्योगमंडल तथा चंपक्कारा नहरें (लंबाई 250 कि०मी०), गोदावरी,
- कृष्णा, बरक, सुंदरवन बकिंघम नहर, ब्रह्माणी, पूर्व तटीय नहर तथा दामोदर घाटी परियोजना के अंतर्गत निकाली गई नहर की गणना अन्य उपयोगी अंतःस्थलीय जलमार्गों में की जाती है।
प्रश्न 16.
भारत में सड़क परिवहन की प्रमुख समस्याओं का वर्णन करें।
उत्तर:
भारत में सड़क परिवहन की प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं-
- यातायात व यात्रियों की संख्या को देखते हुए हमारे देश में सड़कों का जाल अपर्याप्त है।
- भारत में लगभग आधी सड़कें कच्ची हैं तथा वर्षा ऋतु के दौरान इनका उपयोग सीमित हो जाता है।
- राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या भी पर्याप्त नहीं है।
- शहरों में बनी सड़कें अत्यंत तंग तथा भीड़ भरी हैं।
- सड़कों पर बने पुल तथा पुलियाँ पुरानी तथा तंग हैं और उन पर आवागमन सुरक्षित नहीं है।
- सड़कों का रख-रखाव ठीक नहीं है।
प्रश्न 17.
भारत में जल परिवहन के लाभ व हानि बताएँ।
उत्तर:
लाभ-
- यह सस्ता साधन है।
- इसके रख-रखाव की लागत बहुत कम है।
- यह पर्यावरण अनुकूल परिवहन है।
हानि-
- यह धीमा परिवहन है।
- यह अन्य साधनों से अधिक जोखिम-भरा है।
प्रश्न 18.
रेल परिवहन कहाँ पर अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन साधन है तथा क्यों?
उत्तर:
रेल परिवहन मैदानी प्रदेशों में अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन साधन है। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-
- मैदानी प्रदेश समतल होने के कारण यहाँ पर रेल लाइनें बिछाना सरल है।
- मैदानी प्रदेशों में समतल भूमि होने के कारण रेल लाइनों के बिछाने पर लागत कम आती है।
- मैदानी भाग सघन बसे होते हैं और यह सघन जनसंख्या आवागमन के लिए रेलों का प्रयोग करती है जिससे रेलवे को. बहुत आय होती है।
प्रश्न 19.
स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग से क्या अभिप्राय है?
अथवा
भारत के स्वर्ण चतुर्भुज परम राजमार्ग का उल्लेख करें।
अथवा
एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजमार्ग किसे कहते हैं?
उत्तर:
भारत सरकार ने दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई-मुंबई को जोड़ने वाली छः लेन वाली महा राजमार्गों की सड़क परियोजना 2 जनवरी, 1999 में आरंभ की, जिसे स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग कहते हैं। इस महा राजमार्ग के बन जाने से भारत के महानगरों के बीच समय-दूरी कम हो गई है। इन सड़कों को एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजमार्ग भी कहते हैं। इस परियोजना के अन्तर्गत दो गलियारे प्रस्तावित हैं। पहला उत्तर:दक्षिण गलियारा जो श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ता है और दूसरा पूर्व-पश्चिम गलियारा जो सिल्वर (असम) को पोरबंदर (गुजरात) से जोड़ता है।
प्रश्न 20.
भारत में रेल जाल वितरण प्रतिरूप किन कारणों से प्रभावित हुआ है? वर्णन करें।
अथवा
“भूमि का प्राकृतिक स्वरूप और जनसंख्या का घनत्व रेलमार्ग के जाल को प्रभावित करता है।” वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रेलमार्गों का प्रादेशिक वितरण (Regional Distribution of Railways)-भारत में रेलमार्गों का विकास धरातल के स्वरूप के अनुसार ही हुआ है। स्पष्ट रूप से रेलमार्गों की सघनता के स्वरूप द्वारा प्रभावित हुई है।
1. उत्तरी मैदान (Northern lands)-सतलुज-गंगा के मैदान में रेलों का सर्वाधिक विकास हुआ है। पश्चिम में अमृतसर से लेकर पूर्व में हावड़ा तक रेलों का जाल बिछा हुआ है, जिससे स्पष्ट होता है कि समतल भूमि रेलों के विकास के लिए अनुकूल है। आर्थिक दृष्टि से भी यह क्षेत्र कृषि एवं औद्योगिक रूप से संपन्न है, जिसने रेलों की मांग और विकास को प्रोत्साहित किया है। इस क्षेत्र में दिल्ली, कानपुर, मुगलसराय, पटना, हावड़ा, कोलकाता चारों ओर से रेलमार्गों से जुड़े हुए हैं। ये देश के जंक्शन हैं। दिल्ली और कोलकाता महानगर देश के सभी प्रमुख शहरों से रेलमार्गों द्वारा जुड़े हुए हैं।
2. प्रायद्वीपीय पठार (Continental Plateau)-पठारी भाग अपेक्षाकृत कम विकसित हैं। इस भाग में रेलवे लाइन बिछाने का खर्चा अधिक आता है। इस क्षेत्र में जनसंख्या भी विरल है। इस प्रदेश के मुख्य रेलवे केंद्र भोपाल, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बंगलौर, तिरुवनंतपुरम तथा कोचीन हैं जो दिल्ली तथा कोलकाता महानगरों से रेलवे द्वारा ज़ परिवहन तथा संचार
3. हिमालयी प्रदेश (Himalaya Region) इस क्षेत्र में रेलों का विकास न्यूनतम हुआ है। पर्वतीय एवं पहाड़ी धरातल, पिछड़ी अर्थव्यवस्था एवं विरल जनसंख्या होने के कारण यहाँ रेल लाइनें नहीं बिछाई जा सकीं। इस क्षेत्र में छोटी एवं सीमित रेल लाइनें हैं, जिनमें कालका-शिमला, सिलीगुड़ी-दार्जिलिंग तथा गुवाहाटी-दीमापुर ही मुख्य हैं। उत्तर प्रदेश का पर्वतीय भाग, उत्तर पूर्व का अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर तथा त्रिपुरा रेल सुविधाओं से पूर्ण रूप से वंचित हैं।
4. तटीय मैदान (Coastal Regions)-पूर्वी घाट के पूर्वी तटीय मैदान तथा पश्चिमी घाट के पश्चिमी तटीय मैदानों में प्रायद्वीपीय पठार की तुलना में रेलमार्गों का विकास अधिक हुआ है। इसका प्रमुख कारण धरातल समतल तथा मैदानी है। पूर्वी तट में चेन्नई-कोलकाता रेलमार्ग प्रमुख हैं। पश्चिमी घाट अपेक्षाकृत कटा-फटा है तथा तटीय मैदानी भाग संकरा है, जिससे रेलमार्गों के निर्माण में बाधा उत्पन्न होती है। भारत सरकार की चिर-प्रतीक्षित कोंकण रेलवे जो पश्चिमी तट के साथ-साथ 838 कि०मी० लंबी है, बनकर तैयार हो गई है तथा 26 जनवरी, 1998 को इसका शुभारंभ करके रेलों के आवागमन के लिए खोल दी गई है।
दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सड़कों के घनत्व से क्या तात्पर्य है? सड़क घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक उदाहरण सहित दीजिए।
उत्तर:
सड़कों का घनत्व (Density of Roads)-प्रति 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल की सड़कों की कुल लम्बाई को सड़क मार्ग का घनत्व कहते हैं।
सड़क के घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक (Factor-effecting of Density of Road)-देश में सड़कों के घनत्व में बहुत अधिक प्रादेशिक अंतर पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, जम्मू कश्मीर में यह घनत्व 10.48 कि०मी० है, जबकि केरल में यह 387.24 कि०मी० है। भारत में सड़कों का राष्ट्रीय घनत्व 75.42 कि०मी० प्रति 100 वर्ग कि०मी० है।
1. मैदानी भाग (Part of Land)-उत्तरी भारत का मैदान समतल व सपाट है। वहाँ भूमि नरम है, जिसके कारण सड़कों काण सस्ता व आसान हो जाता है। दूसरी ओर पर्वतीय और पठारी क्षेत्रों में कठोर धरातल, ऊबड़-खाबड़ भूमि तथा घने वन के कारण सड़कों का निर्माण कठिन और महंगा हो जाता है।
2. विकसित उद्योग (Developed Industry)-कच्चे माल को औद्योगिक क्षेत्र तथा तैयार माल को मंडियों लिए सड़कों की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है।
3. कच्चा माल (Raw Material)-दक्षिण भारत में उत्तर भारत की अपेक्षा पक्की सड़कों का अनुपात अधिक है। दक्षिण में कठोर धरातल के कारण पक्की सड़कों के निर्माण की अधिक सुविधा प्राप्त है। वहाँ सड़क बनाने के लिए आवश्यक कंकड़-पत्थर भी आसानी से मिल जाते हैं। इसके विपरीत उत्तरी भारत में सड़क-निर्माण के लिए आवश्यक पत्थर की कमी है तथा इसे दूर से लाना पड़ता है।
इसके अतिरिक्त उत्तरी मैदान के राज्यों में सघन जनसंख्या, उत्तम कृषि, बड़े-बड़े नगरों की उपस्थिति भी सड़कों के विकास को प्रोत्साहित करती है। दूसरी ओर, पठारी और पर्वतीय क्षेत्र में पिछड़ी अर्थव्यवस्था, विरल जनसंख्या, अधिक वर्षा तथा नदियों की अधिकता के कारण सड़कों का निर्माण कठिन होता है। दुर्गम भूमियाँ प्रायः सड़क विहीन होती हैं।
प्रश्न 2.
सड़क परिवहन के महत्त्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्राचीनकाल में मनुष्य पगडंडियों तथा कच्ची सड़कों के रास्ते आवागमन करते थे। वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर पैदल थे लेकिन प्रौद्योगिक विकास के साथ-साथ आवागमन के लिए पक्की सड़कों तथा महामार्गों का विकास किया गया जिन पर मोटरगाड़ियाँ, बसें, ट्रक, स्कूटर, ट्रैक्टर आदि के द्वारा परिवहन होने लगा। मनुष्य अपनी आवश्यकता की वस्तुओं को विभिन्न स्थानों से मंगवाने लगा। अपने अतिरेक कृषि उत्पादनों को उनकी माँग के अनुसार बाजार तक भेजने लगा। अतः सड़क परिवहन का हमारे लिए बहुत महत्त्व है। इसका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है-
- सड़कों के द्वारा मनुष्य अपनी आवश्यकता की विभिन्न वस्तुओं को मंगवा सकता है तथा दूसरे स्थान तक पहुँचा सकता है।
- सड़कें यातायात का सस्ता साधन हैं।
- सड़कों का निर्माण दुर्गम, पहाड़ी तथा हिमाच्छादित प्रदेशों में भी किया जा सकता है।
- कम दूरी के लिए सड़कें यातायात के सस्ते साधन हैं।
- सड़कों द्वारा पदार्थों का परिवहन उत्पादक क्षेत्रों से उपभोक्ता के घर तक किया जा सकता है।
- सड़कों द्वारा माल को लाने-ले जाने में अधिक सुरक्षा रहती है।
- शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं; जैसे सब्जी, फल, मछली, दूध, घी आदि को सड़कों द्वारा माँग वाले क्षेत्रों में शीघ्र पहँचाया जा सकता है।
- छोटी दूरियों के लिए सड़क परिवहन, रेल परिवहन की अपेक्षा आर्थिक दृष्टि से लाभदायक होता है।
- सड़क परिवहन रेल, जहाज तथा वायु परिवहन का पूरक है क्योंकि रेल जहाज और विमान केवल सीमित स्थानों पर ही जाते हैं, जबकि सड़कें सभी गाँवों, नगरों और बाज़ारों को इन साधनों से जोड़ती है।
- इससे सम्पूर्ण परिवहन तन्त्र की क्षमता बढ़ती है।
- दुर्गम क्षेत्रों में जहाँ परिवहन के अन्य साधन नहीं पहुँच सकते। वहाँ केवल सड़कें ही यातायात को सुविधा प्रदान करती हैं।
- सड़कों द्वारा उद्योगों के लिए कच्चे तथा निर्मित माल का परिवहन आसान हो गया है।
- गाँवों को नगरों से जोड़कर सड़कें वंचित ग्रामीण समुदाय को शिक्षा व अन्य सुविधाओं तक पहुँचाने का अवसर प्रदान करती हैं।
निष्कर्ष – सड़कें कच्ची भी होती हैं और पक्की भी। कच्ची सड़कों को बनाना आसान व सस्ता पड़ता है। लेकिन इनका प्रयोग सभी ऋतुओं में नहीं किया जा सकता। अत्यधिक भारी वर्षा और बाढ़ के दौरान पक्की सड़कें भी टूट जाती हैं। सड़कें किसी भी देश के व्यापार और वाणिज्य को विकसित करने एवं पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। विश्व में परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में सड़क परिवहन का विकास एवं प्रसार अधिक हुआ है तथा इसने आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
प्रश्न 3.
भारत के आंतरिक जलमार्गों पर एक भौगोलिक लेख लिखिए।
अथवा
भारत के आंतरिक जलमार्गों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
किसी देश के औद्योगिक विकास के लिए जलमार्गों का विकसित होना नितांत आवश्यक है। संसार के लगभग सभी औद्योगिक तथा व्यापारिक राष्ट्रों को उत्तम जलमार्गों की सुविधा उपलब्ध है। जलमार्ग यात्रियों तथा माल के परिवहन का एक महत्त्वपूर्ण साधन है। कोयला, धातु अयस्क, इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, खाद्यान्न आदि भारी सामानों को जलमार्गों से वहन करने में न्यूनतम व्यय होता है अर्थात् भारी तथा कम मूल्य के पदार्थों के लिए जलमार्ग उपयुक्त तथा सस्ते साधन हैं। जलमार्गों के साधनों में ईंधन की खपत कम होने के कारण ये पर्यावरण के अनुकूल प्रणाली भी है। देश में जल परिवहन को दो भागों में बाँटा जा सकता है
1. अंतर्देशीय या आंतरिक जलमार्ग-भीतरी जलमार्गों में नदियों, नहरों तथा बड़ी झीलों को सम्मिलित किया जाता है। भारत में भीतरी जलमार्गों द्वारा केवल 5 से 35 लाख टन सामान प्रतिवर्ष ढोया जाता है। यह देश के परिवहन में लगभग 1 प्रतिशत का योगदान है। देश की विशालता, क्षेत्रफल, जनसंख्या तथा नदियों की दृष्टि से भारत में भीतरी जलमार्गों की सेवाएं नगण्य हैं।
नौ संचालन की दृष्टि से दक्षिणी भारत की अपेक्षा उत्तरी भारत की नदियाँ अधिक उपयोगी हैं क्योंकि ये हिमालय से निकलने के कारण वर्षभर जल से भरी रहती हैं। दक्षिण भारत की नदियों में केवल वर्षाकाल में ही जल उपलब्ध होता है। दक्षिणी भारत में नदियों की अपेक्षा इनसे निकली नहरें परिवहन के लिए अधिक उपयोगी हैं। पश्चिमी तट पर लैगूनों को नहरों द्वारा जोड़कर उपयोगी जलमार्ग तैयार किए गए हैं। भारत की अनेक नहरों को जल परिवहन के लिए उपयोग किया जाता है
- पंजाब की सरहिंद नहर में हिमालय से लकडियाँ लाई जाती हैं।
- गोआ से कच्चा लोहा नावों द्वारा मार्मागोआ बंदरगाह तक लाया जाता है।
- केरल के पश्चिमी तट पर 480 कि०मी० लंबी नहर में जल परिवहन द्वारा प्रतिवर्ष लगभग 20 लाख टन सामान तथा 18 से 19 लाख यात्रियों का परिवहन होता है।
- कोलकाता से प्रतिवर्ष लगभग 48 लाख टन चाय, जूट, खनिज, चावल तथा यात्री भारत के विभिन्न भागों में पहुँचाए जाते हैं।गोदावरी में दोलेश्वरम तक तथा कृष्णा नहर में परिवहन होता है।
- आंध्र प्रदेश में कृष्णा तथा गोदावरी डेल्टा की नहरें काकीनाड़ा तथा मसुलिपट्टनम बंदरगाह के मध्य जल परिवहन के लिए
नदी परिवहन वर्षभर चालू रहने वाले मार्गों पर स्टीमर तथा बड़ी नावें चलती हैं। जलमार्गों की दृष्टि से पश्चिम बंगाल, असम, बिहार तथा तमिलनाडु राज्य महत्त्वपूर्ण हैं। हल्दिया-कोलकाता-पटना के मध्य प्रतिवर्ष लगभग एक लाख यात्री तथा 70 लाख टन माल स्टीमर व कारगो सेवा के द्वारा लगभग 935 कि०मी० की दूरी तक ढोया जाता है। असम, पश्चिम बंगाल तथा बिहार से कोलकाता तक नियमित स्टीमर सेवा उपलब्ध है। इसके द्वारा कृषि तथा बागान उद्योग का सामान तथा खनिज व यात्रियों की ढुलाई होती है।
ब्रह्मपुत्र नदी के मुहाने से डिब्रूगढ़ के मध्य लगभग 1440 कि०मी० तक स्टीमर सेवा उपलब्ध है। कोलकाता से असम तक स्टीमर चलते हैं। अधिकांश जूट, चाय, लकड़ी, चावल आदि सामान बड़े शहरों तक नावों द्वारा पहुंचाया जाता है। आंतरिक जलमार्गों के विकास के लिए सन् 1986 में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन किया गया। यह प्राधिकरण देश में आंतरिक जलमार्गों तथा परिवहन की उन्नति, विकास, रख-रखाव तथा नियमन के लिए उत्तरदायी होगा। सरकार ने निम्नलिखित जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्गों का दर्जा प्रदान किया है
- राष्ट्रीय जलमार्ग-1 हल्दिया से इलाहाबाद तक गंगा नदी में 1620 कि०मी० तक फैला है। यह जलमार्ग उत्तर प्रदेश, बिहार तथा पश्चिम बंगाल से गुजरता है।
- राष्ट्रीय जलमार्ग-2 धुबरी से नादिया तक ब्रह्मपुत्र नदी में 891 कि०मी० तक फैला है। यह जलमार्ग पूर्वोत्तर क्षेत्र को कोलकाता तथा हल्दिया बंदरगाह से जोड़ता है।
- राष्ट्रीय जलमार्ग-3 केरल में कोलम से कोटापुरम तक 250 कि०मी० तक फैला है।
- राष्ट्रीय जलमार्ग-4 काकीनाड़ा से मखकानम जलमार्ग 1078 कि०मी० लंबा है। यह जलमार्ग गोदावरी तथा कृष्णा नदियों में फैला है।
- राष्ट्रीय जलमार्ग-5 ब्रह्माणी नदी से महानदी डेल्टा नदी-तंत्र के साथ छरबतिया से घमारा तक का 588 कि०मी० लंबा है।
2. सामुद्रिक जलमार्ग भारत के 7,516 कि०मी० लंबे समुद्र तट पर 12 मुख्य तथा 185 छोटी बंदरगाहें स्थित हैं। इस तटीय भाग में परिवहन का मुख्य साधन जल परिवहन है। घरेलू माल की ढुलाई
तटीय जल परिवहन द्वारा होती है। देश की अर्थव्यवस्था में विदेशी व्यापार का मुख्य स्थान होता है। लगभग सभी महत्त्वपूर्ण देशों के व्यापारी जहाज भारत के पत्तनों पर आते हैं।
भारत के हिंद महासागर से पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व की ओर चीन, जापान, मलेशिया, इण्डोनेशिया तथा ऑस्ट्रेलिया को; दक्षिण तथा पश्चिम में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप तथा अफ्रीका को तथा दक्षिण में श्रीलंका को सामुद्रिक मार्ग जाते हैं। इस प्रकार भारत, पश्चिम के औद्योगिक व सम्पन्न देशों, दक्षिण-पूर्वी, एशियाई विकासशील तथा कृषि प्रधान देशों के मध्य महत्त्वपूर्ण स्थिति में है। भारत के महत्त्वपूर्ण पत्तनों पर आने वाले महत्त्वपूर्ण जलमार्ग हैं
- स्वेज जलमार्ग भारत तथा यूरोप के मध्य इस व्यापारिक मार्ग से कच्चा माल और खाद्य पदार्थ यूरोप को और तैयार माल तथा मशीनें भारत को आती हैं।
- उत्तमाशा अंतरीप जलमार्ग-यह मार्ग भारत को दक्षिणी तथा पश्चिमी अफ्रीका से जोड़ता है।
- सिंगापुर जलमार्ग यह जलमार्ग भारत को चीन तथा जापान से जोड़ता है। इस मार्ग से भारत, कनाडा तथा न्यूजीलैंड के मध्य भी व्यापार होता है। इस मार्ग से भारत को सूती, रेशमी कपड़ा, लोहे तथा इस्पात का सामान, मशीनें, रासायनिक पदार्थ तथा कागज आता है और बदले में रूई, मैंगनीज, जूट, लोहा, अभ्रक आदि निर्यात होता है।
- सुदूर-पूर्व का जलमार्ग-यह जलमार्ग भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के मध्य स्थित है। इस मार्ग से भारत में ऊन, फल, अयस्क आदि आते हैं तथा जूट, अलसी, चाय, इंजीनियरिंग का सामान तथा परिधान आदि का निर्यात होता है।
प्रश्न 4.
भारत में परिवहन के साधन के रूप में तेल और गैस पाइपलाइनों के विकास पर टिप्पणी लिखिए।
अथवा
भारत में तेल और गैस पाइपलाइन परिवहन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गैस एवं तरल पदार्थों का परिवहन पाइपलाइनों द्वारा किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से गैस, गैसोलिन, पेट्रोलियम, ईंधन तथा जल का परिवहन किया जाता है। तेल उत्पादक क्षेत्रों से खनिज तेल शोधन-शालाओं और फिर खपत के क्षेत्रों तक पहुँचाने में पाइपलाइन सबसे सस्ता तथा सुलभ साधन है। पहले यह कार्य रेल तथा सड़क परिवहन द्वारा किया जाता था, लेकिन जब से पाइपलाइनों का प्रयोग किया जाने लगा, कई समस्याओं का समाधान हो गया।
स्वतंत्रता से पूर्व भारत में तेल पाइपलाइनें बहुत कम थीं, लेकिन 1960 के बाद नए तेल क्षेत्रों का अन्वेषण तथा उत्पादन में वृद्धि के कारण पाइपलाइनों की लंबाई में निरंतर वृद्धि होती गई। 1980 में देश में 5,000 कि०मी० लंबी पाइपलाइनें थीं, जो 1995-96 में लगभग 9,000 कि०मी० लंबी पाइपलाइनें हो गईं। देश में पहली पाइपलाइन सन् 1962 में असम राज्य में बिछाई गई। सन् 1964 में इस पाइपलाइन का विस्तार बिहार में बरौनी तक किया गया।
भारत का दूसरा तेल उत्पादक क्षेत्र गुजरात में कच्छ की खाड़ी के पास स्थित है। यहाँ विभिन्न तेल क्षेत्रों से शोधन-शालाओं को पाइपलाइन द्वारा जोड़ दिया गया है। 1965 में अंकलेश्वर-कोयली पाइपलाइन का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त यहाँ काकोल-साबरमती, नवगांव-काकोल-कोयली पाइपलाइन, अंकलेश्वर-उत्तरन गैस लाइन, अंकलेश्वर-बडौदरा गैस लाइन, कैम्बे-धुबरन गैस पाइपलाइन तथा कोयली-अहमदाबाद पाइपलाइन का निर्माण कार्य गा, जिससे खाड़ी क्षेत्र के तेल उत्पादन को प्रोत्साहन मिला।
बॉम्बे हाई अरब सागर में महत्त्वपूर्ण तेल उत्पादक क्षेत्र है, यहाँ का तेल 1,256 कि०मी० लंबी पाइपलाइन द्वारा मथुरा की अति आधुनिक तेल शोधन-शाला में पहुँचाया जा रहा है। एक नई प्रस्तावित पाइपलाइन मथुरा से जालंधर तक है। इस पाइप लाइन से पानीपत की तेल शोधन-शाला को भी लाभ हो रहा है। इस पाइप लाइन को बॉम्बे हाई के अलावा कोयली (कोयली-मथुरा) से भी जोड़ दिया गया है।
गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा विश्व की सबसे लंबी भूमिगत गैस लाइन हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर (H.V.J.) का निर्माण किया गया है जो 1750 कि०मी० लंबी है। इसे दिल्ली महानगर तक बढ़ाने की योजना है। एक पाइपलाइन कांडला से भटिंडा तक बनाने की योजना है जो गुजरात, राजस्थान और पंजाब में लगभग 1454 कि०मी० लंबी होगी तथा इस लाइन को मथुरा से भी जोड़ा जाएगा।
प्रश्न 5.
भारत में वायु परिवहन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
वायु परिवहन, परिवहन का सबसे तेज तथा महंगा साधन है। भारत जैसे बड़े भौगोलिक क्षेत्र वाले देश में बड़े-बड़े औद्योगिक तथा व्यापारिक केंद्रों के मध्य वाय परिवहन की सविधा अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। देश के अत्यं पहुंचने के लिए वायु परिवहन एक उचित माध्यम है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी वायु परिवहन की आवश्यकता अपरिहार्य है।
भारत में वायु परिवहन के विकास के लिए उचित परिस्थितियां पाई जाती हैं। यहाँ की अनुकूल प्राकृतिक परिस्थितियां, तीव्र गति से औद्योगिक विकास, वायुयान बनाने के लिए कच्चे माल व तकनीकी ज्ञान की उपलब्धि तथा कुशल श्रमिकों की उपलब्धि मुख्य अनुकूल कारक हैं। इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय वायुमार्गों में भारत की स्थिति अत्यंत लाभप्रद है।
भारत में वायु परिवहन की शुरुआत वर्ष 1911 में हुई जब इलाहाबाद से नैनी तक वायुयान डाक सेवा शुरू की गई। पहली अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवा वर्ष 1922 में मद्रास से कराची के मध्य शुरू की गई। प्रथम महायुद्ध के पश्चात् भारत में वायु परिवहन का विकास तेजी से हुआ। वर्ष 1953 में भारत की सभी वायु परिवहन कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करके इसे दो निगमों में बांट दिया गया
- इंडियन एयर लाइंस कार्पोरेशन तथा
- एयर इंडिया इंटरनेशनल कार्पोरेशन जो अब एयर इंडिया के नाम से जानी जाती है।
प्रथम निगम का कार्यक्षेत्र आंतरिक उड़ानों तथा दूसरे निगम का कार्यक्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों से संबंधित है। मार्च, 1994 से निजी कंपनियों को भी वायु परिवहन व्यवसाय में भाग लेने का अधिकार दे दिया गया है। इससे सार्वजनिक क्षेत्र की इन दोनों कंपनियों का एकाधिकार समाप्त हो गया है। वायु परिवहन में निजी कंपनियों का हिस्सा तेजी से बढ़ने के कारण वर्तमान में कुल व्यवसाय का लगभग,63% निजी कंपनियों के हाथ में है। भारत में वायु परिवहन की सुविधाएँ प्रदान करने का दायित्व भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण का है।
प्रश्न 6.
भारत में संचार तंत्र का विस्तृत वर्णन कीजिए।
अथवा
संचार-तंत्र क्या होता है? भारत में संचार के विभिन्न साधनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वे साधन जो समाचारों तथा संदेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाते हैं; जैसे समाचार-पत्र, टेलीफोन, रेडियो, संचार, टेलीविजन आदि संचार के साधन कहलाते हैं। संचार साधन किसी देश के व्यापारिक तथा औद्योगिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत के प्रमुख संचार साधन निम्नलिखित हैं
1. डाक सेवाएँ-देश में औसतन 4,700 व्यक्तियों के लिए एक डाकघर है जो सामान्यतया 22 वर्ग कि०मी० में काम करता है। देश में 50 हजार से अधिक गाँवों में चलती-फिरती डाक सेवा उपलब्ध है। लगभग सभी गाँवों में डाक प्रतिदिन वितरित की जाती है। भारत का संसार के लगभग सभी देशों के साथ डाक संचार संपर्क है।
2. टेलीफोन सेवाएँ जब भारत स्वतंत्र हुआ उस समय देश में केवल 321 टेलीफोन एक्सचेंज थे और संपूर्ण देश में 87,000 के लगभग टेलीफोन थे। मार्च, 1990 में देश में 14,300 टेलीफोन एक्सचेंज थे और टेलीफोनों की संख्या 45.91 लाख थी। देश के सभी प्रमुख नगरों के बीच सीधा डायल घुमाकर टेलीफोन किया जा सकता है। अब भारत का 50 से अधिक देशों के साथ सीधा टेलीफोन संपर्क स्थापित किया जा सकता है।
3. टैलेक्स सेवा-भारत में टैलेक्स सेवा 1963 ई० में आरंभ हुई थी। 31 दिसंबर, 1989 को देश के 311 नगरों में टैलेक्स सेवा उपलब्ध थी। अब देश में इसकी स्थापना के बाद तो इस सेवा का अत्यधिक विस्तार हो गया है।
4. टेलीविज़न या दूरदर्शन भारत में पहला दूरदर्शन केंद्र सन् 1959 में दिल्ली में स्थापित किया गया था। अब तो देश में रंगीन टेलीविज़न का भी प्रचलन हो गया है। टेलीविज़न शिक्षा, मनोरंजन तथा विज्ञान का प्रमुख साधन बन गया है। INSAT-IB की स्थापना से तो टेलीविज़न सेवा में एक क्रांति आ गई है। वर्तमान में एल०सी०डी०, एल०ई०डी० का अधिक प्रचलन है।
5. रेडियो और बेतार-इस समय देश में 200 से अधिक रेडियो स्टेशन हैं तथा लगभग 327 ट्रांसमीटर हैं। यह सेवा 94.96% जनसंख्या को प्राप्त है।
6. उपग्रह संचार सेवा भारत ने जून, 1981 में अपना पहला उपग्रह-APPLE SATELLITE अंतरिक्ष में भेजा था। INSAT-IB के अंतरिक्ष में स्थापित किए जाने के बाद तो उपग्रह संचार सेवा में एक क्रांति-सी आ गई है। यह बहु-उद्देशीय संचार उपग्रह है। INSAT-D के अंतरिक्ष में स्थापित किए जाने के बाद तो इस सेवा में और भी सुधार हुआ है।
श्री राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री थे तथा डॉ० कल्पना चावला ने भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री होने का गौरव प्राप्त किया था।
7. समाचार-पत्र और पत्रिकाएँ-समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं को जनसंचार के साधनों के नाम से जाना जाता है। इनका विभिन्न भाषाओं में दैनिक, साप्ताहिक या मासिक प्रकाशन होता है। ये लोगों तक आसानी से उपलब्ध होने वाले साधन हैं।
प्रश्न 7.
आधुनिक जीवन में ‘उपग्रह व कम्प्यूटर’ से भारत के जनसंचार-तंत्र में क्रांति आ गई वर्णन करें।
उत्तर:
उपग्रहों का उपयोग-भारत में अंतरिक्ष उपग्रह प्रणाली से संबंधित गतिविधियाँ सन् 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (इसरो) के गठन से प्रारंभ होकर वर्तमान समय तक अनवरत जारी हैं। उपग्रह प्रणाली के विकास से संसार और भारत के संचार तंत्र में एक क्रांति आ गई है। भारत की उपग्रह प्रणालियाँ दो प्रकार की हैं
- भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली (इंडियन नेशनल सेटेलाइट सिस्टम-INSAT)
- भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह प्रणाली (इंडियन रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट सिस्टम-IRS)।
इन्सेट दूरसंचार, मौसम की जानकारी और पूर्वानुमान विविध प्रकार के आंकड़ों और कार्यक्रमों के लिए एक बहुउद्देशीय उपग्रह प्रणाली है। भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह (आई० आर० एस०) प्रणाली द्वारा अंतरिक्ष में स्थापित उपग्रह अनेक वर्णक्रमीय (स्पेक्ट्रल) बैंडों में आंकड़े एकत्र करते हैं तथा विभिन्न उपयोगों के लिए स्थलीय स्टेशनों को इनका प्रसारण करते हैं। ये उपग्रह प्रकृति के संसाधनों के प्रबंधन में बहुत उपयोगी सिद्ध हुए हैं। भारतीय सुदूर संवेदी एजेंसी हैदराबाद में स्थित है।
कंप्यूटर का उपयोग-आधुनिक युग में कंप्यूटर की भूमिका अत्यंत महत्त्वूपर्ण हो गई है। कंप्यूटर के माध्यम से इंटरनेट और ई-मेल किया जा सकता है। यह सारे संसार में कम लागत पर सूचनाएँ और ज्ञान प्रसारित कर सकता को तीव्र गति और कम लागत पर भेजा और प्राप्त किया जा सकता है। अपनी विशिष्ट सेवाओं और क्षमताओं के कारण कंप्यूटर का विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग बढ़ता जा रहा है। कंप्यूटर की विशिष्ट क्षमताएँ हैं-गति, शुद्धता, भंडारण क्षमता और स्वचालन। शिक्षा और ज्ञान के प्रसार में कंप्यूटर की भूमिका उल्लेखनीय है।
प्रश्न 8.
भारत में रेल परिवहन के विकास तथा वितरण का संक्षेप में वर्णन कीजिए। अथवा भारत में रेलमार्गों के विकास तथा महत्त्व का विस्तार से वर्णन करें।
उत्तर:
रेल परिवहन (Rail Transport) दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ने के लिए एवं आन्तरिक परिवहन की दृष्टि से रेल महत्त्वपूर्ण साधन है। रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा के पश्चात् भारतीय रेलतंत्र विश्व में चौथा बड़ा रेल जाल है। भारत में रेलवे परिवहन का सबसे महत्त्वपूर्ण साधन है। रेलवे भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों; जैसे कृषि, व्यापार, उद्योग तथा सेवा आदि के . विकास में सहयोग करने वाला प्रमुख माध्यम है। भारत में परिवहन साधनों का समुचित विकास के अभाव में कृषि क्षेत्रों से अन्न . को अन्य क्षेत्रों तक पहुंचाने, कोयले का अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरण, कच्चे माल को उद्योगों तक तथा तैयार माल को बाजार तथा पत्तनों तक पहुँचाने का कार्य मुख्यतः रेलों द्वारा ही होता है। भारतीय रेलवे, सुरक्षा, शान्ति व्यवस्था, राष्ट्रीय सांस्कृतिक तथा भौगोलिक एकता स्थापित करने में भी महत्त्वपूर्ण है।
भारत के रेलमार्ग का विकास 19वीं शताब्दी में प्रारम्भ हुआ। देश में पहली रेल मुंबई से थाणे तक 34 कि०मी० मार्ग पर 16 अप्रैल, 1853 को चलाई गई थी। देश के विभाजन से पूर्व भारत में लगभग 65.5 हजार कि०मी० लम्बा रेलमार्ग था, परन्तु विभाजन के पश्चात् लगभग 55000 कि०मी० लंबी लाइन भारत के हिस्से में आई। तब से भारतीय रेलों ने बहुत उन्नति की है और आज यह एक विशाल रेल तंत्र के रूप में विकसित हुआ है। वर्तमान में भारत में रेलमार्गों की कुल लम्बाई लगभग 67,368 कि०मी० है। इसमें दोहरा बहुपथ रेलमार्ग की लम्बाई लगभग 21,237 कि०मी० (कुल का 31.85%) और विद्युतकृत रेलमार्ग की लम्बाई लगभग 25,367 कि०मी० (कुल का 37.65%) है। देश के नियोजन काल में रेल परिवहन का संरचनात्मक तथा गुणात्मक विकास हुआ। रेलवे भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीयकृत सरकारी प्रतिष्ठान है।
रेलमार्गों का महत्त्व (Importance of Railways) भारत में रेलमार्गों का महत्त्व निम्नलिखित हैं-
- रेल परिवहन संसार के आर्थिक विकास में अकेला सबसे अधिक शक्तिशाली कारक सिद्ध हुआ है। यह सर्वाधिक विभिन्न उत्पादों,
- सवारियों तथा डाक ले जाने की सुविधा प्रदान करता है।
- रेल स्थल पर अत्यंत तीव्र गति वाला परिवहन का साधन है।
- यह मोटर गाड़ियों की अपेक्षा कई गुना अधिक भार ढोने की क्षमता रखता है।
- रेल भारी तथा सस्ती वस्तुओं को दूर-दूर तक ले जाती है।
- अधिक दूरी तय करने के लिए रेल सबसे उपयुक्त एवं सुविधाजनक साधन है।
- स्थल पर पशुओं के परिवहन के लिए रेलों से बढ़कर कोई और सस्ता, सुविधाजनक और विस्तृत साधन उपलब्ध नहीं है।
- रेल-तंत्र किसी भी देश के आंतरिक परिवहन का आधार होता है।
रेलमागों का वितरण (Distribution of Railways)-भारत में रेलमार्गों का वितरण समान नहीं है। देश में क्षेत्रीय स्तर पर सघन, सामान्य तथा विरल रेखा जाल पाया जाता है। रेलमार्गों के वितरण के तीन विभिन्न प्रतिरूप निम्नलिखित प्रकार से हैं
1. सघन रेलमार्गों वाला क्षेत्र-भारत के उत्तरी मैदान में अमृतसर से कोलकाता के बीच रेलमार्गों का सघन जाल बिछा हुआ है। यहाँ रेलमार्गों की सघनता 40 लाख कि०मी० प्रति 1000 कि०मी० है।
2. सामान्य रेलमार्गों वाला क्षेत्र-तमिलनाडु तथा छोटा नागपुर के क्षेत्रों को छोड़कर लगभग समस्त प्रायद्वीपीय पठार पर रेलों का घनत्व सामान्य है। यहाँ रेलमार्ग उत्तरी मैदान की तुलना में कम हैं। अपेक्षाकृत मध्यम जनसंख्या घनत्व, पहाड़ी तथा पठारी भूप्रदेश के कारण रेलों का आंतरिक भागों में विस्तार कम है।
3. विरल रेलमार्गों वाला क्षेत्र-इसके अंतर्गत निम्नलिखित क्षेत्र आते हैं-
- हिमालय प्रदेश
- उत्तरी पूर्वी भारत
- पश्चिमी राजस्थान।
बिखरी हुई अल्प जनसंख्या, अल्प विकसित अर्थव्यवस्था, कठिन भूप्रदेश तथा रेल विकास की उच्च लागत इन क्षेत्रों की निम्न सघनता के कारण हैं।
रेलवे जोन (Railway Zones) भारतीय रेलवे का संचालन केंद्र सरकार द्वारा होता है। भारतीय रेलवे को नौ प्रखण्डों में बांटकर प्रशासन और संचालन को व्यवस्थित करने का प्रयास सन् 1950 के बाद किया गया। समस्त देश में रेलमार्गों का जाल निरंतर सघन होता जा रहा है।
वर्तमान में भारतीय रेल को 17 रेल मण्डलों (Zones) में विभाजित किया गया है जो निम्नलिखित प्रकार से हैं-
रेल-मण्डल | मुख्यालय |
1. उत्तरी-पूर्वी सीमांत रेल मण्डल | मालेगांव (गुवाहाटी) |
2. पूर्वोत्तर रेल मण्डल | गोरसपुर |
3. पूर्वी रेल मण्डल | कोलकाता (हावड़ा) |
4. दक्षिणी-पूर्वी रेल मण्डल | कोलकाता |
5. पूर्वी तटीय रेल मण्डल | भुवनेश्वर |
6. पूर्वी मध्य रेल मण्डल | हाजीपुर |
7. दक्षिणी-पूर्वी-मध्य रेल मण्डल | बिलासपुर |
8. उत्तर-मध्य रेल मण्डल | इलाहाबाद |
9. पश्चिम-मध्य रेल मण्डल | जबत्लपुर |
10. उत्तरी रेल मण्डल | नई दिल्ली |
11. उत्तरी-पश्चिमी रेल मण्डल | जयपुर |
12. पश्चिमी रेल मण्डल | मुंबई (चर्च गेट) |
13. दक्षिणी-मध्य रेल मण्डल | सिकन्दराबाद |
14. मध्य रेल मण्डल | मुंबई (विक्टोरिया टर्मिनल) |
15. दक्षिणी-पश्चिमी रेल मण्डल | हुबली |
16. दक्षिणी रेल मण्डल | चेन्नई |
रेल परिवहन भारत के आंतरिक स्थल परिवहन का आधार है। यह माल और. सवारियों को सुगमतापूर्वक दूर तक ढोने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐतिहासिक दृष्टि से रेल परिवहन भारत के आर्थिक विकास और राष्ट्रीय एकीकरण में अकेला सबसे शक्तिशाली कारक सिद्ध हुआ है। महात्मा गाँधी ने कहा था कि “भारतीय रेलवे ने विविध संस्कृतियों के लोगों को एक साथ लाकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया है।”
प्रश्न 9.
“भारत के आर्थिक विकास में रेलों और सड़कों का विकसित होना अति आवश्यक है।” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
भारत के आर्थिक विकास हेतु रेलों और सड़कों का विकसित होना अति आवश्यक है जिसका विस्तृत वर्णन इस प्रकार है
सड़कों की उपयोगिता-
- सड़क परिवहन रेल, जहाज और वायुयान यातायात का पूरक है क्योंकि रेल और जहाज केवल सीमित स्थानों पर ही पहुँच सकते हैं जबकि सड़कें सभी गाँवों, नगरों और बाज़ारों को इन साधनों से जोड़ती हैं। इससे संपूर्ण परिवहन तंत्र की क्षमता बढ़ती है।
- कृषि और ग्रामीण विकास में सड़कों का योगदान सर्वोपरि है। गाँवों तक कृषि यंत्र, खाद, उर्वरक, बीज इत्यादि पहुँचाना तथा कृषि-उत्पादों को मंडियों तक लाना सड़कों द्वारा ही संभव है।
- सीमावर्ती दुर्गम क्षेत्रों में तैनात सेनाओं को रसद एवं युद्ध-सामग्री पहुँचाने का एकमात्र कारगर साधन सड़कें ही हैं।
- सड़कें छोटे-से-छोटे गाँव को भी नगरों से मिलाकर ग्रामीण लोगों को शिक्षा एवं अन्य सुविधाओं तक पहुँचने का अवसर प्रदान करती हैं।
- रेलमार्गों की तुलना में सड़कों का निर्माण सस्ता और आसान होता है।
- सड़क यात्रा अधिक लोचदार (Flexible) होती है, जिसमें सवारी को कहीं भी चढ़ाया या उतारा जा सकता है। यह सुविधा रेलों, जहाज़ों और वायुयानों में नहीं है।
भारतीय रेल की उपयोगिता-भारतीय रेल की उपयोगिता निम्नलिखित हैं-
- रेल परिवहन भारत के आंतरिक स्थल परिवहन का आधार है। यह माल और सवारियों को सुगमतापूर्वक दूर तक ढोने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- रेल परिवहन भारत के आर्थिक विकास और राष्ट्रीय एकीकरण में सबसे शक्तिशाली कारक है।
- कोयले द्वारा चालित वाष्प इंजनों के प्रतिस्थापन से रेलवे स्टेशनों के पर्यावरण में भी सुधार हुआ है।
- रेलों का सही विकास सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद आरंभ हुआ जब अंग्रेज़ सरकार ने अनुभव किया कि प्रशासन के शिकंजों को फैलाने और मज़बूत करने के लिए रेल-परिवहन का विकास आवश्यक है।