Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 6 विनिर्माण उद्योग Notes.
Haryana Board 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 6 विनिर्माण उद्योग
Geography Chapter 6 Class 10 Notes HBSE
→ निर्माण का तात्पर्य मशीनों के माध्यम से बड़ी वस्तुओं का उत्पादन से है। यूरोप में आई औद्योगिक क्रांति ने संपूर्ण विश्व भर में उद्योगों का जाल बिछा दिया।
→ यूं तो भारत में तकनीकी का ज्ञान प्राचीन काल से था और इस बात का उदाहरण हैं कुतुबमीनार के समीप स्थित जग मुक्त लौह स्तम्भ, हड़प्पा सभ्यता से प्राप्त कांसे की मूर्तियां, तांबे के मनके और शीशे आदि भी इस बात का प्रमाण देते हैं।
→ भारत वस्त्र निर्माण की कला से भी पूराने समय से परिचित हैं। इतना होने पर भी आधुनिक भारत में लौह अयस्क प्रगलन का आरंभ सन् 1830 में तमिलनाडु के पोर्टोनोवा में हुआ परंतु यह शीघ्र ही बंद हो गया फिर 1864 में पश्चिम बंगाल के कुल्टी में लौह और इस्पात उद्योग का वास्तविक आरंभ हुआ।
→ परंतु लौह और इस्पात का बड़े पैमाने पर उत्पादन 1907 में जमशेदपुर में कारखाने की स्थापना के साथ हुआ।
→ सूती कपड़ा मिल की सर्वप्रथम स्थापना 1854 में की गई थी जबकि जूट का कारखाना सबसे पहले 1855 में कोलकता के निकट रिशरा में स्थापित किया गया।
→ आरंभ में सूती वस्त्र उद्योग गुजरात और महाराष्ट्र में ही केन्द्रित था परंतु आज सूती वस्त्र तमिलनाडु में केन्द्रित है। सूती वस्त्र के बाद भारत का दूसरा सबसे महत्त्वपूर्ण उद्योग है।
→ जूट उद्योग। कच्चे जूट और जूट के बन सामानों के उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान हैं। परंतु जूट के सामन के निर्यात में भारत का बांग्लादेश के बाद विश्व में दूसरा स्थान है।
HBSE 10th Class Geography Chapter 6 विनिर्माण उद्योग
→ आज भारत में लगभग 70 जूट मिलें हैं। 80% से भी अधिक जूट का सामान का उत्पादन अकेले पश्चिम बंगाल में होता है। आंध्रप्रदेश करीब 10% जूट का सामान तैयार करता है।
→ देश का सबसे पुराने वस्त्र उद्योगों में से एक है ऊनी वस्त्र उद्योग। इसका मुख्य संकेन्द्रण पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, और राजस्थान राज्यों में हैं। भारतीय ऊनी सामान संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और यूरोप के देशों में निर्यात किया जाता है।
→ भारत विश्व में अपने रेशम के लिए भी प्रसिद्ध है। भारत में चार प्रकार की रेशम उत्पादित की जाती है-मलबरी, टसर, इरी, मूंगा।
→ वर्तमान में भारत में लगभग 90 मिलें है और कई छोटी इकाईयों में भी रेशमी कपड़ों का उत्पादन किया जाता है।
→ भारत में कृत्रिम वस्त्रों का उद्योग भी महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। इस उद्योग के प्रमुख केन्द्र मुंबई, अहमदाबाद, सूरत, दिल्ली, अमृतसर, ग्वालियर और कोलकाता में स्थित है।
→ गन्ने के उत्पादन में तथा चीनी उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। भारत के आर्थिक विकास में रासायनिक उद्योग का महत्त्वपूर्ण स्थान है।
→ देश में इस उद्योग का तीव्र गति से विकास हो रहा है। भारत में उर्वरक संयंत्र की सर्वप्रथम स्थापना 1906 में तमिलनाडु के रानीपेट में की गई थी।
→ परंतु इस उद्योग का वास्तविक विकास सन् 1951 में भारतीय उर्वरक निगम द्वारा सिंदरी में संयंत्र की स्थापना के साथ हुआ।
→ भारतीय रेल आज विकसित प्रौद्योगिकी की प्रतीक बन चुकी है।
→ भरतीय रेल अपनी आवश्यकता के सभी उपकरण स्वयं तैयार करती है। आज हमारे देश में पोतों का भी निर्माण होता है। इसके लिए पाँच प्रमुख केन्द्र है।
→ इलेक्ट्रोनिक उद्योग भारत को विश्व बाजार में तेजी से स्थापित कर रहा है। भारत ने हॉर्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों के विकास में ही महान ख्याति अर्जित की है।
→ बंगलौर इलेक्ट्रॉनिक उद्योग की राजधानी के रूप में जाना जाने लगा है। इसके अतिरिक्त हैदराबाद, दिल्ली, मुंबइ, चेन्नई, कोलकाता, कानपुर, लखनऊ तथा कोयंबटूर भी इसके प्रमुख केन्द्र हैं।
→ यद्यपि उद्योगों ने भारतीय अर्थवस्था के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, परंतु इन्होंने भूमि, वायु, जल, व पर्यावरण प्रदुषण को भी बढ़ाया है। अतः पर्यावरण निम्नीकरण की रोकथाम अत्यंत आवश्यक है।
विनिर्माण उद्योग Chapter 6 HBSE 10th Class
→ आधुनिकतम तकनीकों पर आध रित उपकरणों का सही उपयोग कर और विद्यमान उपकरणों में सुधार लाकर, अपशिष्ट पदार्थों का न्यूनतम उत्पादन कर, पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए हरित क्षेत्र की सुरक्षा तथा वृक्षारोपण कर और ऐसे ही अन्य उपायों द्वारा हम पर्यावरण सुधार में मदद कर सकते हैं।
भौगोलिक शब्दावली
→ प्राथमिक उद्योग – ये वे संगठित मानव प्रयास हैं जो प्रायः प्रकृति द्वारा दी गई वस्तुओं के प्राप्त करने एवं एकत्र करने से संबंधित होते हैं। उदाहरण के लिए कृषि मत्स्य पालन इत्यादि।
→ द्वितीयक उद्योग – इनका तात्पर्य उन उद्योगों से है जिनमें प्राथमिक उद्योगों से प्राप्त पदार्थों को ऐसे उत्पादों में बदला जाता है जो सुविधापूर्ण जीवन के लिए उपयोगी हों। जैसे-कपड़ा निर्माण, कागज निर्माण आदि।
→ बुनियादी उद्योग-इनका तात्पर्य इन उद्योगों से हैं जिन पर कई उद्योग आधारित होते हैं।
→ भारी उद्योग – ये वे उद्योग हैं जिनका कच्चा माल और तैयार माल भारी और अधिक परिमाण वाला होता है।
→ हल्के उद्योग – इसका तात्पर्य उन उद्योगों से हैं जिनका कच्चा माल और तैयार माल दोनों ही हल्के होते हैं।
→ निर्माण उद्योग – इन उद्योगों में श्रम विभाजन तथा मशीनों के अधिकाधिक उपयोग द्वारा व्यवस्थित उत्पादन होता है।
→ सार्वजनिक क्षेत्र – इसका तात्पर्य उन उद्योगों से है जिनके आर्थिक क्रियाकलापों उत्पादन तथा वितरण पर सरकार या सरकारी प्रतिनिधि संस्थाओं का नियंत्रण होता है।
→ निजी क्षेत्र – इसका तात्पर्य उन उद्योगों से है जिनका स्वामित्व कुछ व्यक्तियों या एक ही व्यक्ति के हाथ में होता है।
→ डी. डब्लू. टी. – इसका तात्पर्य जहाज के वजन से है।
कुछ तथ्य, कुछ सत्य
→ प्रथम सूती वस्त्र मिल : 1854 में मुंबई में स्थापित की गई।
→ सूती वस्त्र उद्योग : कुल श्रम का 20% इसी में लाग है।
- 79% मिलें निजी क्षेत्र में।
- 21% मिलें सार्वजनिक तथा सहकारी क्षेत्रों में।
- 93% सूती वस्त्र कपड़ा विकेन्द्रित क्षेत्र में तैयार किया जाता है।
→ प्रथम जूट मिल : 1855 में रिशरा में स्थापित।
→ प्रथम लौह इस्पात कारखाना : 1830 में तमिलनाडु के पोर्टोनोवा में स्थापित।
→ लौह इस्पात उद्योग का वास्तविक आंरभ : 1864 में पश्चिम बंगाल के कुल्टी नामक स्थान पर।
→ पोत निर्माण केन्द्र : भारत में 5 प्रमुख केन्द्र हैं।
→ चीनी मिलें : वर्तमान में भारत में 460 से अधिक चीनी मिलें हैं।
→ अल्युमिनियम प्रगलन : यह भारत का दूसरा सबसे महत्त्वपूर्ण धातु उद्योग है।
→ विदेशी सहयोग से स्थापित लौह इस्पात संयंत्रों की संख्या : 4
→ एक टन अल्युमिनियम के लिए लगभग 6 टन बॉक्साइट तथा 18,600 किलोवाट विद्युत की आवश्यकता होती है।
→ हिन्दुस्तान ताँबा लिमिटेड भारत में एकमात्र तांबा उत्पादक संस्थान है।
→ जूट का सामान निर्यात मे विश्व में बांग्लादेश को प्रथम स्थान है।
→ जूट का सामान निर्यात करने में भारत का विश्व में दूसरे स्थान पर है।
→ गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत है।
→ भारत में प्रथम ताँबा प्रगलन संयंत्र घाटशिला में स्थापित किया गया था।
→ वर्तमान में भारत में 10 समन्वित लोहा इस्पात संयंत्र है।
→ भारत में पहला उर्वरक संयंत्र सन् 1906 में रानीपेट, तमिलनाडु में स्थापित किया गया था।
→ वर्तमान में भारत में 18 केन्द्रों पर सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क विकसित किये जा चुके है।
→ अभी तक भारत में यात्री परिवहन के लिए वायुयानों का निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ है।
→ आज भारत में सीमेन्ट उद्योग के 119 बड़े तथा लगभग 300 छोटे संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं।
→ वर्तमान में भारत में प्रतिवर्ष लगभग 10 करोड़ टन सीमेन्ट का उत्पादन किया जा रहा है।