HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 2 संघवाद

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 2 संघवाद Notes.

Haryana Board 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 2 संघवाद

संघवाद Class 10 Notes HBSE

→ सत्ता में भागीदार का एक रूप संघवादी व्यवस्था में देखा जा सकता है।

→ संघवाद शासन की वह व्यवस्था है जहाँ शासक-कार्यों की बाँट के आधार पर एक ओर संघीय (इसे केन्द्रीय व राष्ट्रीय) सरकार तथा दूसरी ओर प्रान्तों (इन्हें राज्यों व इकाईयों) की सरकारों की व्यवस्था की जाती है तथा उन्हें अपने-अपने क्षेत्र में अपने-अपने मामलों पर बनाने व प्रशासन का अधिकार प्राप्त होता है।

→ शासन कार्यों की बाँट प्रायः संविधान द्वारा की जाती है जिसके अनुरूप संघीय व प्रान्तीय सरकारें अपने-अपने क्षेत्राधि कार में कार्य करती हैं।

→ ऐसे संविधान में बदलाव दोनों प्रकार की सरकारों की सहमति पर ही होता है : सर्वोच्च संविधान होता है।

→ सरकार में स्थापित न्यायालय समस्त संघीय व संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा करते हैं।

HBSE 10th Class Civics Chapter 2 संघवाद

HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 2 संघवाद

→ संघ व्यवस्था-केन्द्रोन्मुखी-जब स्वतंत्र व प्रभुसत्ता सम्पन्न राज्य अपने प्रभुसत्ता त्याग अपने ऊपर संघीय सरकार की स्थापना करते हैं।

→ केन्द्र विमुख-जब कोई बड़ी व एकात्मक सरकार अपने आपको कुछ राज्यों में विभक्त कर संघीय सरकार बनाती है तरीकों से बनायी जाती है।

→ पहले तरीके में प्रान्तों की सरकारें दूसरे तरीके द्वारा बनी प्रान्तीय सरकारों से अधिक शक्तिशाली होती हैं।

→ संघीय व्यवस्था की विशेषताओं में निम्नलिखित का उल्लेख किया जा सकता है:

  • दो अथवा दो से अधिक वाले सरकार-स्तरों का होना;
  • अलग-अलग सरकार एक ही नागरिक समूह पर शासन करते हैं, परन्तु प्रत्येक सरकार अपने-अपने क्षेत्र में;
  • सरकारों का अधिकार-क्षेत्र संविधान द्वारा स्पष्ट किया जाता है;
  • संविधान में बदलाव सभी प्रकार के स्तरों पर बनी सरकारों की अनुमति से होता है;
  • न्यायालयों के पास अधिकार-क्षेत्र की व्यवस्था की शक्ति होती है।
  • वित्तीय स्वायतता हेतु प्रत्येक प्रकार की सरकार को कर लगाने की शक्ति प्राप्त होती है।
  • देश की एकता व सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय विविध ताओं का सम्मान।

→ भारत में संघीय व्यवस्था को लागू करने हेतु सभी प्रयास किए गए है। स्वतंत्रता पश्चात विभिन्न प्रकार के राज्यों का संघ-राज्यों में बनते-संवरते सम्बन्धों ने भारत की संघीय व्यवस्था भाषायी आधार पर गठन किया गया।

→ संघीय व्यवस्था इसके को सुदृढ़ किया है। संघ शासन के तीन स्तर-केन्द्र, राज्य व व्यवस्थित संचालन हेतु भाषा-नीति व परिस्थितियों के अनुसार स्थानीय इकाईयाँ-अपने-अपने क्षेत्र में सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं।

→ गठबन्धन सरकार: एक से अधिक राजनीतिक दलों द्वारा बनायी गयी सरकार। ऐसी सरकार एक राजनीतिक गठजोड़ बनाती है तथा कोई साझाा कार्यक्रम स्वीकार करती है।

→ संघवाद : एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था जहाँ शासन हेतु शासक-कार्यों की बाँट के फलस्वरूप एक ओर संघीय सरकार बनायी जाती है तथा दूसरी ओर इकाईयों की सरकारें बनायी जाती हैं।

→ संघवाद के उदाहरण : भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, स्विटज़रलैंड, कनाडा

→ एकात्मक सरकार : वह सरकार जहाँ शासन-शक्तियाँ एक केन्द्रीय सरकार में निहित होती हैं।

→ एकात्मक सरकार के उदाहरण : श्रीलंका, चीन, फ्रांस, ग्रेट ब्रिटेन

Chapter 2 संघवाद Civics HBSE 10th Class

HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 2 संघवाद

→ विकेन्द्रीकरण : शक्तियों की बाँट

→ केन्द्रविमुख : किसी बड़े राज्य का अपना एकात्मक रूप छोड़ कुछेक अधीन राज्यों के निर्माण द्वारा संघ-शासन बनाना।

→ भारत में संघीय शासन के स्तर :

  • केन्द्रीय, संघीय अथवा राष्ट्रीय सरकार
  • प्रान्तीय, राज्य इकाईयों की सरकारें
  • स्थानीय सरकारें : पंचायतें व इकाईयाँ

→ संसार में संघीय शासनों की संख्या : 192 में 25 राज्य संघीय शासन हैं जिनकी जनसंख्या संसार की आबादी का 40 प्रतिशत

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