HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 5 जन-संघर्ष और आंदोलन

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 5 जन-संघर्ष और आंदोलन Notes.

Haryana Board 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 5 जन-संघर्ष और आंदोलन

जन संघर्ष और आंदोलन नोट्स HBSE 10th Class

→ राजनीतिक व सामाजिक माँगों के लिए संघर्ष करना लोकतांत्रिक प्रयोजन होता है। ऐसे संघर्ष व आन्दोलन अक्सर होते रहते हैं।

→ इन आन्दोलनों में एक उदाहरण 2005-2006 में नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना के लिए चलाया गया था। इसी प्रकार बोलिविया में जनसंघर्ष के चलाए जाने का उदाहरण भी हमारे सामने हैं।

→ वहाँ के इंजीनियरों, पर्यावरणवादियों व कामकाजी लोगों के एक संगठन ने जल-प्राप्ति के लिए एक सफल आन्दोलन चलाया था।

→ लोकतंत्र में अनेकों फैसले परस्पर मेल-जाने से हो जाया करते हैं। परन्तु कुछेक फैसलों के लिए कई बार आन्दोलन भी चलाए जाते हैं।

→ विरोध जितना अधिक होता है आन्दोलन व जन-संघर्ष उतना अधिक तीव्र होता है। लोकतांत्रिक संघर्ष का समाधान जनता की व्यापक लामबन्दी द्वारा होता है।

→ राजनीतिक संगठनों अर्थात राजनीति दलों व अनेको समाज सेवी संगठन ऐसे आन्दोलनों व जन-संघर्ष द्वार। लोगों में चेतना जगाते रहते हैं।

जन-संघर्ष और आंदोलन Notes HBSE 10th Class

HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 5 जन-संघर्ष और आंदोलन

→ लोगों की लामबन्दी प्रायः संगठनो द्वारा प्रेरित होती है। यह संगठन दबाव-समूहों का रूप लेकर लोगों में लामबन्दी करने में सफल हो पाते हैं।

→ दबाव-समूह जैसे लक्षण होते हैं। किसी लोकतंत्र में हित-समूहों का गठन स्वाभाविक होता है। ऐसे अनेक समूह बन जाते हैं जो जन-सामान्य व लोक-कल्याण हेतु कार्यरत रहते हैं।

→ बन्धुआ मजदूरी के विरुद्ध लड़ने वाले समूह ऐसे जन-सामान्य व लोक-कल्याण समूहों का एक उदाहरण है। ‘बाससेफ’ ऐसा ही एक अन्य उदाहरण है।

→ दबाव-समूहों में कुछेक ऐसे समूह भी होते हैं जो विशेष किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए आन्दोलन करते रहते हैं।

→ नेपाल में नेपाल नरेश के विरुद्ध लोकतंत्र की स्थापना हेतु चलाया गया आन्दोलन करते रहते हैं। नेपाल में नेपाल नरेश के विरुद्ध लोकतंत्र की स्थापना हेतु चलाया गया आन्दोलन एक आन्दोलनकारी समूह था।

→ यह आन्दोलन किसी एक मुद्दे को लेकर चलाया गया था। कुछेक आन्दोलन कुछेक मुद्दों को लेकर चला जाते हैं तथा ऐसे आन्दोलनों को चलाने वाले संगठन भी अनेकों हो सकते हैं।

→ नारीवादी व पर्यावरणीयवादी आन्दोलन कई समूहों द्वारा चलाए जाते हैं। राजनीति में दबाव-समूहों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है: वह जनता का समर्थन प्राप्त करने के लिए लोगों में जागृति पैदा करते रहते हैं।

→ हड़ताल आदि ऐसे समूहों का एक साधन होता है। कुछेक तो ‘लॉबिस्टों’ की भी नियुक्ति करते हैं। दबाव-समूहों का लोकतंत्र पर पड़ने वाला समूह प्रायः सकारात्मक ही होता है।

→ माओवादी: चीनी क्रान्ति के नेता माओ के विचारों को मानने वाले साम्यवादी माओवादी कहलाए जाते हैं।

→ माओवादी क्रान्ति : क्रान्ति लाने में हिंसा के प्रयोग के प्रचार का माओ का तरीका

HBSE 10th Class Civics Chapter 5 जन-संघर्ष और आंदोलन

HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 5 जन-संघर्ष और आंदोलन

→ सर्वहारा का शासन : मजदूरों व किसानों के शासन को सर्वहारा शासन कहा जाता है।

→ एस.पी.ए. : सेवेन पार्टी अलाएस (नेपाल में सात दलों का गठनबंधन)

→ जल-युद्ध : बोलिविया में पानी के लिए चलाया गया आन्दोलन

→ फेडेकोर : जल के लिए चलाया गया बोलिविया का वह आन्दोलन जिसे इंजीनियरों, पर्यावरणवादियों व कामकाजी लोगों के न चलाया था।

→ दबाव समूह : अपनी मांगों के लिए सरकार पर डाले जाने वाले दबाव-ऐसा दबाव कोई संगठित समूह चलाता है।

→ दबाव समूह के उदाहरण : पेशेवरों (वकीलों, डॉक्टरों, शिक्षकों, मजदूरों व्यावसायिक) से संगठन दबाव समूहों के उदाहरण हैं।

HBSE 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 5 जन-संघर्ष और आंदोलन

→ बामसेफ : बैकवर्ड एण्ड मायनॉरिटी कम्युनिटी एम्पलाइज सेफरेशनः जनसामान्य हितों की माँगों का प्रतिनिधित्व करने वालों के संगठन का एक रूप।

→ ग्रीन बैल्ट मूवमैण्ड : पूरे केन्या में (1970-1980) हरि पट्टी आन्दोलन के अंतर्गत लगभग 3 करोड़ वृक्ष लगाने वाला आन्दोलन

→ मेवात : हरियाणा का 2005 में बनाया गया एक जिला

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