Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय Important Questions and Answers.
Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
स्थानीय हॉर्मोन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऐसे हॉर्मोन्स जो स्रावित होने वाले स्थान. पर ही प्रयुक्त हो जाते हैं, स्थानीय हॉर्मोन कहलाते हैं।
प्रश्न 2.
विशिष्ट रासायनिक संदेश वाहक किसे माना. जाता है?
उत्तर-
हॉर्मोन्स को।
प्रश्न 3.
युग्मानुबन्धन (Synaps) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
तत्रिका कोशिकाओं के आपसी सम्बन्ध को युग्मानुबन्धन कहते हैं।
प्रश्न 4.
जड़ों का भूमि के अन्दर प्रवेश करना किस प्रकार की गति है?
उत्तर-
अनुवर्तनी।
प्रश्न 5.
तीन प्रकार के न्यूरॉन्स के नाम लिखिए।
उत्तर-
- मोटर न्यूरॉन,
- संवेदी न्यूरॉन,
- बहुध्रुवी न्यूरॉन।
प्रश्न 6.
पत्तियों का पौधों से गिरना किस हॉर्मोन के प्रभाव के कारण होता है ?
उत्तर-
एब्सीसिक अम्ल ।
प्रश्न 7.
कौन-सा रसायन सूचनाओं को एक तंत्रिका से दूसरी तंत्रिका पर स्थानान्तरित करता है ?
उत्तर-
ऐसीटिल कोलीन।
प्रश्न 8.
प्रतिवर्ती चाप कहाँ बनते हैं ?
उत्तर-
मेरुरज्जु में।
प्रश्न 9.
फेरोमोन्स क्या होते हैं?
उत्तर-
ऐसे रासायनिक पदार्थ जो एक जीव द्वारा स्रावित होते हैं तथा दूसरे जीव पर प्रभाव डालते हैं, फेरोमोन्स कहलाते हैं।
प्रश्न 10.
एड्रीनलीन हॉर्मोन का एक कार्य बताइए।
उत्तर-
यह आपातकालीन स्थिति में शरीर को संकट से बचने के लिए तैयार करता है।
प्रश्न 11.
प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन का कार्य बताइए।
उत्तर-
प्रोजेस्ट्रॉन गर्भाशय में भ्रूण के सही विकास के लिए आवश्यक होता है।
प्रश्न 12.
गुरुत्वानुवर्तन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
गुरुत्वानुवर्तन (Geotropism)- जड़ों द्वारा गुरुव के प्रभाव से भूमि में नीचे की ओर वृद्धि करना, गुरुत्वानुवर्तन कहलाता है।
प्रश्न 13.
फाइटोक्रोप तथा फाइटोहॉर्मोन्स में क्या अन्तर है?
उत्तर-
फाइटोक्रोम प्रकाश अवशोषक वर्णक हैं तथा ये पुष्पन व अंकुरण में सहायता करते हैं। फाइटो हॉर्मोन पौधों के वृद्धि एवं विकास को प्रभावित करते हैं।
प्रश्न 14.
प्रकाश किस प्रकार वृद्धि को प्रभावित करता
उत्तर-
हरितलवक प्रकाश का अवशोषण करके पौधों के लिए भोजन तैयार करने में सहायक होते हैं जो प्रकाश संश्लेषण विधि से पूर्ण होता है।
प्रश्न 15.
दीर्घ प्रदीप्तिकाली पौधे क्या होते हैं?
उत्तर-
ऐसे पौधे जिन्हें पुष्पन के लिए लम्बे प्रकाश काल की आवश्यकता होती है, दीर्घ प्रदीप्तिकाली गधे कहलाते हैं; जैसे-तम्बाकू।
प्रश्न 16.
अल्प प्रदीप्तिकाली पौधे क्या होते हैं?
उत्तर-
ऐसे पौधे जिन्हें पुष्पन के लिए आल्य प्रकाश काल की आवश्यकता होती है, अल्प प्रदीप्तिकाली पौधे कहलाते हैं; जैसे-गेहूँ।
प्रश्न 17.
दिवस निरपेक्ष पौधे क्या होते हैं?
उत्तर-
ऐसे पौधे जिनके पुष्पन पर प्रकाश की अवधि . का कोई प्रभाव नहीं होता है, दिवस निरपेक्ष पादप कहलाते हैं; जैसे-मिर्च।
प्रश्न 18.
पादप गतियाँ कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर-
पादप गतियाँ मुख्यत: दो प्रकार की होती हैं
- अनुवर्तनी गतियाँ,
- अनुकुंचनी गतियाँ।
प्रश्न 19.
मस्तिष्क के किस भाग में बुद्धिमत्ता, वेतनता एवं इच्छा शक्ति का केन्द्र होता है ?
उत्तर-
मस्तिष्क के प्रमस्तिष्क भाग में।
प्रश्न 20.
हाइपोथैलेमस का क्या कार्य है ?
उत्तर-
यह समस्थापन तथा पीयूष ग्रन्थि का नियमन करता है तथा यह संवेदी अंगों के लिए नियंत्रण केन्द्र होता है।
प्रश्न 21.
रसायनानुवर्तन क्या है? इसका एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
किसी रसायन के प्रति पादप गति को रसायनानुवर्तनी गति कहते हैं। उदाहरण-परागनली का वर्तिका में प्रवेश।
प्रश्न 22.
क्रेनियम किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मस्तिष्क को सुरक्षित रखने वाला कंकाल जो तीन परतों का बना होता है, क्रेनियम (Cranium) कहलाता
प्रश्न 23.
तंत्रिका कोशिका (Neuron) के तीन भागों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- तंत्रिका काय (Cyton),
- तंत्रिकाक्ष (Axon),
- वृक्षाभ (Dendrite)।
प्रश्न 24.
मेडुला ओब्लोंगेटा का क्या कार्य है ?
उत्तर-
अनैच्छिक क्रियाओं पर नियन्त्रण रखना।
प्रश्न 25.
मस्तिष्क का कौन-सा भाग बुद्धि तथा स्मरण का केन्द्र है ?
उत्तर-
प्रमस्तिष्क (cerebrum)। .
प्रश्न 26.
मस्तिष्क के तीन प्रमुख भागों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- अग्र मस्तिष्क (Fore brain)।
- मध्य मस्तिष्क (Mid brain)।
- पश्च मस्तिष्क (Hind brain) ।
प्रश्न 27.
पौधे का प्रकाश की ओर वृद्धि करना किस हॉर्मोन के कारण होता है?
उत्तर-
ऑक्सिन।
प्रश्न 28.
आयोडीन की कमी से होने वाले रोग का नाम लिखिए।
उत्तर-
घेघा।
प्रश्न 29.
मादा हॉर्मोन का नाम लिखिए।
उत्तर-
एस्ट्रोजन।
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
अभिग्राहक से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
अभिग्राहक प्राणियों में विशेष प्रकार की संरचना वाले तंत्रिका अंग हैं, जो प्रकाश, ध्वनि एवं गन्ध द्वारा बाह्य सूचनाओं का ज्ञान कराते हैं। इन्हें क्रमशः प्रकाशग्राही (photoreceptor), ध्वनिग्राही (Audio receptor) एवं गंधग्राही (olfactory receptor) कहते हैं। अभिग्राही सम्बन्धित क्रियाओं से उद्दीपन प्राप्त करके मस्तिष्क को प्रेषित करते हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित का एक-एक कार्य लिखिए(a) डेन्ड्राइट (b) एक्सॉन (c) सिनेप्स।
उत्तर-
(a) डेन्ड्राइट शरीर की ग्राहियों में स्थित होते हैं। और संवेदनाओं को ग्रहण करते हैं।
(b) एक्सॉन डेन्ड्राइट द्वारा ग्रहण की गई सूचनाओं को न्यूरॉन के अन्तिम छोरों तक पहुँचाते हैं।
(c) सिनेप्स एक न्यूरॉन से सूचनाओं को दूसरे न्यूरॉन पर स्थानान्तरित करते हैं।
प्रश्न 3.
नीचे दिए गए आरेख के (a) से (e) तक के भागों के नाम लिखिए।
(b) 11-(e)
आरेख में दर्शायी गयी घटनाओं के क्रम का नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) ग्राही,
(b) संवेदी तंत्रिका कोशिका,
(c) मेरुरज्जु,
(d) प्रतिसारण तंत्रिका कोशिका,
(e) प्रेरक तंत्रिका कोशिका।
आरेख में दर्शायी गयी घटनाओं का क्रम :
- ग्राही अंग द्वारा ऊष्मीय उद्दीपन को प्राप्त करना।
- संवेदी तंत्रिका द्वारा उस उद्दीपन को विद्युत लहर के रूप में मेरुरज्जु तक ले जाना।
- मेरुरज्जु की प्रतिसारण तंत्रिका द्वारा उसका विश्लेषण।
- भुजा की पेशियों द्वारा उद्दीपन के प्रति कार्य करना।
प्रश्न 4.
अन्तर्मुखी क्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर-
अन्तर्मुखी क्रिया सामान्यतः स्वतः होने वाली अनुक्रिया है। यह तंत्रिका प्रणाली युक्त जन्तुओं में पाया जाने वाला सामान्य व्यवहार का रूप है। उदाहरणार्थ, किसी व्यक्ति का हाथ गर्म वस्तु पर पड़ने पर वह तुरन्त हाथ हटा लेता है। वास्तव में इस प्रक्रिया का संदेश तंत्रिकाओं के माध्यम से रीढ़ की हड्डी से हाथ की माँसपेशियाँ तक पहुँचने वाली तंत्रिकाओं को सचेत कर देना है, जिसका – तात्कालिक परिणाम यह होता है कि माँसपेशियों में सिकुड़न होती है तथा हाथ खींच लिया जाता है।
प्रश्न 5.
प्रतिवर्ती चाप को रेखाचित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर-
प्रश्न 6.
मानव मस्तिष्क का नामांकित चित्र बनाइए। (मा. शि. बोर्ड 2012)
उत्तर-
प्रश्न 7.
मानव प्रमस्तिष्क के विभिन्न भागों को चित्र द्वारा दर्शाइए।
उत्तर-
प्रश्न 8.
मस्तिष्क के विभिन्न भाग विशिष्ट कार्यों से संबद्ध हैं। मानव मस्तिष्क के उस भाग का नाम लिंखिए जो निम्नलिखित कार्य करता है: .
(a) पेट पूरा भरा होने की संवेदना
(b) वमन (उल्टी आना)
(c) किसी पेंसिल को उठाना
(d) साइकिल चलाना
उत्तर-
(a) पेट पूरा भरा होने की संवेदना-अग्र-मस्तिष्क।
(b) वमन (उल्टी आना)-पश्चमस्तिष्क का मेडुला भाग।
(c) किसी पेंसिल को उठाना-अनुमस्तिष्क ।
(d) साइकिल चलाना-अनुमस्तिष्क।
प्रश्न 9.
कानों को सन्तुलन अंग क्यों कहते हैं ? .
उत्तर-
कान सुनने के अलावा सन्तुलन का कार्य भी करते हैं। अंतः कर्ण की अर्द्धचन्द्राकार नलिकाओं की तुम्बिका नलियाँ, सैक्युलस तथा यूट्रिकुलस शरीर का सन्तुलन बनाने का कार्य करती हैं। यूट्रिकुलस तथा सैक्युलस के मैकुला तथा अर्द्धचन्द्राकार नलिकाओं के तुम्बिका (ampulla) में स्थित संवेदी कूटों द्वारा गतिक सन्तुलन नियन्त्रित होता है। जब शरीर एक ओर झुक जाता है तो तुम्बिकाओं में स्थित ऑटोकोनिया उसी ओर जाकर संवेदी कूटों को उद्दीपन प्रदान करते हैं। इससे तंत्रिका आवेग उत्पन्न होता है और मस्तिष्क में शरीर के झुकने की सूचना पहुँच जाती है। मस्तिष्क प्रेरक तंत्रिकाओं द्वारा सम्बन्धित पेशियों को सूचना भेजकर शरीर का सन्तुलन बनाता है।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित अंगों पर अनुकम्पी तंत्रिका तंत्र का क्या प्रभाव पड़ता है-
(i) हृदय,
(ii) रक्त वाहिनियाँ,
(iii) नेत्र
(iv) ट्रेकिया,
(v) लार ग्रन्थियाँ,
(vi) अधिवृक्क ग्रन्थि,
(vii) मूत्राशय,
(viii) स्वेद ग्रन्थियाँ।
उत्तर
(i) हृदय-स्पंदन दर बढ़ जाती है।
(ii) रक्त वाहिनियाँ-संकुचित होने से, रुधिर दाब बढ़ जाता है।
(iii) नेत्र-उपतारा फैल जाता है।
(iv) ट्रेकिया-ट्रेकिया फैलने से, अधिक वायु फेफड़ों में प्रवेश करती है।
(v) लार ग्रन्थियाँ-लार का स्रावण कम होता है।
(vi) अधिवृक्क ग्रन्थि-एड्रीनलीन हॉर्मोन का स्रावण प्रेरित करता है।
(vii) मूत्राशय-संकुचन कर, मूत्र त्याग को प्रेरित करता है।
(viii) स्वेद ग्रन्थियाँ-पसीना स्रावण को प्रेरित करता है।
प्रश्न 11.
शरीर में मस्तिष्क किस प्रकार सुरक्षित रहता
उत्तर-
मस्तिष्क शरीर का अत्यन्त कोमल अंग है। इसमें अरबों की संख्या में तंत्रिकाएँ (Neurons) उपस्थित होती हैं। इसको सुरक्षित रखने के लिए इसके ऊपर तीन आवरण या तंत्रिकाएँ (Menings) होती हैं।
ये निम्न हैं-
- सबसे बाहर की ओर दृढ़तानिका या ड्यूरामेटर,
- बीच वाली परतं जाल तानिका या एरेकोइड, तथा
- सबसे अन्दर की ओर मृदुतानिका या पियामेटर होती है।
इन आवरणों के बीच-बीच में एक तरल भरा होता है जो मस्तिष्क की आघातों से सुरक्षा करता है।
प्रश्न 12.
तंत्रिका तंत्र कैसे कार्य करता है? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
तंत्रिका कोशिकाओं के दूमिका सिरे ग्राही अंगों से सूचनाएँ ग्रहण करके इन्हें मेरुरज्जु में पहुँचाते हैं। यहाँ पर ये सूचनाएँ संसाधित होती हैं। इसके पश्चात् इनका स्थानान्तरण आवेग के रूप में कार्यकारी पेशियों को कर दिया जाता है जिससे वांछित क्रिया सम्पन्न होती है।
प्रश्न 13.
वृद्धि गति तथा स्फीति गति के बीच अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
वृद्धि गति तथा स्फीति गति में अन्तर-
वद्धि गति | स्फीति गति |
1. यह एक दिशा से हो रहे उद्दीपन के प्रति अनु- क्रिया करती है। | इसमें उद्दीपन की दिशा का कोई प्रभाव नहीं होता है। |
2. यह कोशिकाओं की असमान वृद्धि के कारण होती है। | स्फीति गति कोशिकाओं की स्फीति गति में परि वर्तन आने के कारण होती है। |
3. वृद्धि गति अनुत्क्रमणीय होती है। | स्फीति गति उत्क्रमणीय होती है। |
प्रश्न 14.
अनुवर्तनी गति तथा अनुचलन गति में अन्तर कीजिए।
उत्तर-
अनुवर्तनी गति तथा अनुचलन गति में अन्तर
अनुवर्तनी गति(Tropic Movement) | अनुचलन गति (Tactic Movement) |
1. इसमें उद्दीपन गति की दिशा का निर्धारण करता है। | इसमें उद्दीपन गति की दिशा का निर्धारण नहीं करता है। |
2. यह स्थिर पौधों द्वारा प्रदर्शित वक्रता गति होती है। अतः यह अनुवर्तन गति होती है। | इसमें सम्पूर्ण पादप या उसके किसी भाग में स्थान परिवर्तन होता है, अत: यह अनुचलन गति है। |
3. उद्दीपन के आधार पर अनुवर्तनी गति अनेक प्रकार की हो सकती है। जैसे-प्रकाशानुवर्तन, गुरुत्वानुवर्तन, रसायना नुवर्तन आदि। | उद्दीपन के आधार पर अनुचलन गति भी अनेक प्रकार की होती है। जैसे-प्रकाशानुचलन, ताप अनुचलन आदि। |
प्रश्न 15.
बीजांकुरण में जड़ें सदैव भूमि की ओर तथा प्ररोह ऊपर की ओर वृद्धि करते हैं। क्यों ? प्रयोग द्वारा समझाइए। (मा. शि. बो. 2012)
उत्तर-
बीजांकुरण में जड़ों का भूमि की ओर जाना धनात्मक गुरुत्वानुवर्तन तथा प्ररोह का ऊपर की ओर वृद्धि करना धनात्मक प्रकाशानुवर्तन कहलाता है। प्रयोग-बुरादे या रेत में कुछ बीजों को अंकुरित कराते हैं। इनमें प्ररोह ऊपर की ओर तथा जड़ें नीचे की ओर वृद्धि करती हैं। यदि गमले को क्षैतिज लिटा दिया जाए तो भी जड़ें नीचे की ओर तथा प्ररोह ऊपर की ओर मुड़ जाता है।
प्रश्न 16.
शीर्ष प्रमुखता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
शीर्ष प्रमुखता (Apical Dominance)-यह ऑक्सिन नामक पादप हॉर्मोन्स का एक प्रमुख गुण है। ऑक्सिन प्ररोह शीर्ष में स्रावित होता है। इसके प्रभाव से प्ररोह पर स्थित कक्षस्थ कलिकाओं की वृद्धि रुक जाती है और पौधों में शीर्ष वृद्धि अधिक होती है। यदि पौधे के शीर्ष भाग को काट दिया जाए तो इनमें उपस्थित ऑक्सिन हट जाता है और पार्श्व कलिकाएँ वृद्धि करने लगती हैं। इसे शीर्ष प्रमुखता कहते हैं। इसीलिए माली हेज लगाने के लिए शीर्ष कलिकाओं को काट देते हैं।
प्रश्न 17.
अनिषेक फलन क्या है ? इसमें ऑक्सिन का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
अनिषेक फलन (Parynenocarpy)-बीज रहित फलों का निर्माण होना अनिषेक फलन कहलाता है। अनिषेक फलन ऑक्सिन द्वारा कृत्रिम रूप से प्रेरित किया जा सकता है। यदि अनिषेचित वर्तिकान पर निश्चित सान्द्रता वाले ऑक्सिन घोल का लेपन करके इसे परागण होने से रोक दिया जाता है तो ऐसा करने से फल का निर्माण तो होता है लेकिन इनमें बीजों का निर्माण नहीं होता है।
प्रश्न 18.
अपृतनाशन में ऑक्सिन की भूमिका लिखिए।
उत्तर-
फसल से अवांछनीय पौधों का उन्मूलन करना अपृतनाशन कहलाता है। कुछ ऑक्सिन्स जैसे-2-4-D, 2-4, 5T आदि का छिड़काव करने से कुछ द्विबीजपत्री पौधे (चौड़ी पत्ती । वाले) नष्ट हो जाते हैं। इनके छिड़कने से एकबीजपत्री पौधे,जैसे-गेहूँ, जौ, आदि पर कोई खास प्रभाव नहीं होता है।
प्रश्न 19.
हमारे शरीर में हॉर्मोन्स का महत्त्व बताइए।
उत्तर-
हॉर्मोन्स हमारे शरीर में वृद्धि, परिवर्धन, परिपक्वन एवं जनन की बहुत-सी क्रियाओं का नियन्त्रण करते हैं। ये विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं की दर तथा उनकी लयात्मक विविधताओं का एवं ऊर्जा व्यय का नियमन भी करते हैं। हॉर्मोन्स तंत्रिका तंत्र की क्रियाविधि का भी नियमन करते हैं। किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व और उसका आचरण मुख्यतः अन्तःस्रावी ग्रन्थियों पर ही निर्भर होता है।
प्रश्न 20.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
(i) सरल गलगंड,
(ii) अवटुवामनता,
(iii) मिक्सिडिया।
उत्तर-
(i) सरल गलगंड-यह आहार में आयोडीन की कमी के कारण होता है। इसकी कमी से थायरॉक्सिन के निर्माण में कमी हो जाती है, जिससे थायरॉइड ग्रन्थि फूल जाती है और गर्दन सूजी हुई दिखाई देती है।
(ii) अवटुवामनता-इसमें बालकों में वृद्धि कम होती है। बालक बौना तथा मन्द बुद्धि रह जाता है। यह थायरॉक्सिन के अल्प स्त्रावण से होता है।
(iii) मिक्सिडिया-थायरॉक्सिन के अल्प स्रावण से यह रोग वयस्कों में होता है। इससे हाथ-पैरों में सूजन हो जाती है।
प्रश्न 21.
पीयूष ग्रन्थि से स्रावित होने वाले चार हॉर्मोन्स के नाम लिखिए।
उत्तर-
- वृद्धि हॉर्मोन (Growth hormone),
- थायरॉइड उद्दीपक हॉर्मोन (Thyroid stimulating hormone),
- एड्रीनो कोर्टिकोट्रोपिक हॉर्मोन (Adreno cortico tropic hormone),
- गोनेडो उद्दीपक हॉर्मोन (Gonado stimulating hormone)।
प्रश्न 22.
कोई गिलहरी आतंक की परिस्थिति में है। वह अपने शरीर को लड़ने के लिए अथवा वहाँ से भागने के लिए तैयार करती है। उसके शरीर में तत्काल होने वाले परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए जिससे कि वह गिलहरी लड़ अथवा भाग सके। (CBSE 2020)
उत्तर-
ऐसे समय में गिलहरी की अधिवृक्क ग्रन्थि द्वारा एड्रीनलीन हॉर्मोन सीधा रुधिर में स्रावित हो जाता है और फिर शरीर के सभी भागों में पहुँच जाता है। इसके परिणामस्वरूप हृदय की धड़कन और श्वसन दर बढ़ जाती है। ये सभी अनुक्रियाएँ मिलकर, गिलहरी के शरीर को इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार करती हैं।
अथवा
बहुकोशिकीय जीवों की कोशिकाओं के बीच संचार के साधन के रूप में विद्युत आवेग की तुलना में रासायनिक संचरण बेहतर क्यों होता है? (CBSE 2020)
उत्तर-
विद्युत आवेग तंत्रिकाओं द्वारा अंगों तक जाता है इसलिए जीव के किसी अंग की सभी कोशिकाओं तक जल्दी से इसका संचार नहीं हो पाता, जबकि रासायनिक संचरण में हॉर्मोन का प्रवाह, रक्त परिवहन द्वारा होता है। ये हॉर्मोन किसी अंग की कोशिकाओं को कार्य करने के लिए जल्दी से प्रेरित करते हैं तथा रक्त परिसंचरण द्वारा उस अंग तक पहुँच भी जल्दी जाते हैं। इसलिए विद्युत आवेग की तुलना में रासायनिक संचरण बेहतर माना जाता है।
प्रश्न 23.
पादप हॉर्मोन क्या होते हैं? निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी हॉर्मोन के नाम लिखिए।
(i) तने की वृद्धि में सहायक
(ii) कोशिका विभाजन को प्रेरित करना
(iii) वृद्धि का संदमन
(iv) कोशिका की लम्बाई में वृद्धि में सहायक (CBSE 2019)
उत्तर-
पादप हॉर्मोन-यह एक प्रकार के रसायन होते हैं जो पौधे के विकास एवं वृद्धि की क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।
(i) तने की वृद्धि में सहायक-जिबरेलिन हॉर्मोन।
(ii) कोशिका विभाजन को प्रेरित करनासाइटोकाइनिन हॉर्मोन।
(iii) वृद्धि का संदमन-एब्सिसिक अम्ल (ABA) हॉर्मोन।
(iv) कोशिका की लम्बाई में वृद्धि में सहायक- ऑक्सि हॉर्मोन।
प्रश्न 24.
अग्नाशय ग्रन्थि से स्रावित होने वाले हॉर्मोन का नाम तथा कार्य लिखिए। इसकी कमी से होने वाले रोग का नाम लिखिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
अग्नाशय ग्रंथि से स्रावित होने वाले हॉर्मोनइन्सुलिन का कार्य रक्त में शर्करा का स्तर कम रखना होता है। इसकी कमी से मधुमेह नाम की बीमारी होती है।
प्रश्न 25.
अण्डाशय तथा वृषण से स्रावित हॉर्मोन्स के नाम तथा कार्य लिखिए।
उत्तर-
- अण्डाशय से स्रावित हार्मोन-एस्ट्रोजन्स (Estrogens)। कार्य-ये जननांगों (गर्भाशय, योनि, स्तन आदि) के विकास को प्रेरित करते हैं। इनके कारण द्वितीयक लैंगिक लक्षणों का विकास होता है। यह रजोधर्म को प्रारम्भ करता है।
- वृषण से स्रावित हॉर्मोन-एण्ड्रोजन्स (Androgens)। कार्य-ये लैंगिक परिपक्वता, जननांगों के विकास, द्वितीयक लैंगिक लक्षण आदि के विकास में सहायक हैं। पुरुषों की भारी आवाज, अधिक मजबूत शरीर, दाढ़ी, मूंछ आदि इसी के प्रभाव से विकसित होते हैं।
प्रश्न 26.
एड्रीनलीन तथा नॉर-एड्रीनलीन का स्त्रावण किस ग्रन्थि से होता है ? इसके कार्य लिखिए।
उत्तर-
एड्रीनलीन तथा नॉर-एड्रीनलीन हॉर्मोन्स अधिवृक्क ग्रन्थि के मैडुला भाग से स्रावित होते हैं।
- एडीनलीन या एपीनेफ्रीन प्रमुख हॉर्मोन है। यह ग्लाइकोजेनोलाइसिस तथा वसा के विघटन को प्रेरित करता है। यह हृदय स्पंदन दर, श्वास दर, ग्लूकोज की खपत एवं उपापचय दर को बढ़ाता है। यह संकट की अवस्था में शरीर को उग्र प्रतिक्रिया के लिए तैयार करता है।
- नॉर-एड्रीनलीन या नॉर-एपीनेफ्रीन अल्प मात्रा में स्रावित होता है। यह रुधिर दाब बढ़ाता है तथा हृदय की संकुचनशीलता को नियन्त्रित करता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
प्रतिवर्ती क्रिया को उपयुक्त उदाहरण द्वारा समझाइए।(RBSE 2010, CBSE 2017)
उत्तर-
“बहुत सी क्रियाएँ बाह्य उद्दीपनों के कारण अनुक्रिया (response) के रूप में घटित होती हैं, इन्हें प्रतिवर्ती क्रियाएँ कहते हैं।” काँटा चुभते ही पैर को झटके से ऊपर खींचना, गर्म वस्तु छू जाने पर हाथ खींचना, तीव्र प्रकाश में आँख की पुतली का सिकुड़ना, खाँसना, छींकना, पलक झपकना आदि प्रतिवर्ती क्रिया के उदाहरण हैं।
प्रतिवर्ती क्रियाएँ रीढ़ रज्जु से नियन्त्रित होती हैं। मस्तिष्क को निकाल देने पर ये कुछ समय के लिए चलती रहती हैं। अतः प्रतिवर्ती क्रिया किसी उद्दीपन के प्रति अंग या अंगों के तंत्र द्वारा तीव्र गति से की जाने वाली स्वचालित अनुक्रिया है। __रीढ़ रज्जु से रीढ़ तंत्रिकाएँ निकलती हैं। प्रत्येक रीढ़ तंत्रिका पृष्ठ मूल तथा अधर मूल से मिलकर बनती है। पृष्ठ मूल में संवेदी तन्तु तथा अधर मूल में चालक तन्तु होते हैं। संवेदी अंग उद्दीपन को ग्रहण कर संवेदी तन्तुओं द्वारा रीढ़ रज्जु तक पहँचाते हैं, इसके फलस्वरूप रीढ़ रज्ज से अनक्रिया के लिए आवेश चालक तन्तओं द्वारा सम्बन्धित माँसपेशियों को मिलता है और अंग अनुक्रिया करता है।
इस प्रकार संवेदी अंगों से, संवेदनाओं को संवेदी तन्तुओं द्वारा रीढ़ रज्जु तक आने या रीढ़ रज्जु से प्रेरणा के रूप में अनुक्रिया करने वाले अंगों की माँसपेशियों तक संदेश पहुँचाने के मार्ग को प्रतिवर्ती चाप (Reflex arc) तथा होने वाली क्रिया को प्रतिवर्ती क्रिया (Reflex action) कहते हैं। महत्त्व-बाह्य तथा आन्तरिक उद्दीपनों के फलस्वरूप होने वाली ये क्रियाएँ सुषुम्ना द्वारा नियन्त्रित होती हैं। इससे मस्तिष्क पर कार्य दबाव कम हो जाता है। क्रिया होने के पश्चात् मस्तिष्क को सूचना प्रेषित कर दी जाती है।
प्रश्न 2.
मानव के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) – इसके अन्तर्गत मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु आते हैं। मस्तिष्क शरीर का मुख्य नियन्त्रक एवं समन्वयन केन्द्र होता है।
मस्तिष्क (Brain)-मस्तिष्क अत्यन्त महत्त्वपूर्ण अंग है। यह अत्यधिक कोमल होता है जो कपाल (Cranium) में सुरक्षित रहता है। यह चारों ओर से त्रिस्तरीय झिल्ली से घिरा होता है। बाहरी दृढ़ झिल्ली दृढ़ तानिका (Duramater), मध्य वाली झिल्ली मृदुतानिका (Piamater) तथा आन्तरिक झिल्ली जालतानिका (Arachoid) कहलाती है।
मस्तिष्क के प्रमुख तीन भाग होते हैं –
1. अग्र मस्तिष्क-इसके अन्तर्गत घ्राण पिण्ड, प्रमस्तिष्क तथा डाएनसिफलॉन आते हैं। घ्राण पिण्ड गंध -ज्ञान के, प्रमस्तिष्क स्मृति, सोचने-विचारने, तर्क शक्ति आदि के तथा डाएनसिफलॉन भूख, प्यास, नींद, ताप नियन्त्रण, उपापचय आदि के केन्द्र होते हैं।
2. मध्य मस्तिष्क-मध्य मस्तिष्क का अधिकांश भाग अनुमस्तिष्क से ढका होता है। यह दृष्टि ज्ञान कराता है।
3. पश्च मस्तिष्क-इसके अन्तर्गत अनुमस्तिष्क, पोन्स तथा मस्तिष्क पुच्छ आता है।
- पोन्स-अनुमस्तिष्क के सामने तथा मस्तिष्क पुच्छ के ऊपर स्थित होता है। यह हृदय स्पंदन तथा श्वसन आदि क्रियाओं को नियन्त्रित करता है।
- अनुमस्तिष्क-प्रमस्तिष्क के पश्च भाग के नीचे स्थित गोलाकार भाग होता है। यह शरीर का सन्तुलन बनाने का कार्य करता है।
- मस्तिष्क पुच्छ (Medulla oblongata)-मस्तिष्क का पश्च बेलनाकार भाग है, यह शरीर की अनैच्छिक क्रियाओं पर नियन्त्रण रखता है।
मेरुरज्जु या सुषुम्ना (Spinal Cord)-मस्तिष्क का पश्च भाग लम्बा होकर कपाल के पश्च छोर पर उपस्थित महारन्ध्र से निकलकर रीढ़ की हड्डी में फैला रहता है। यही मेरुरज्जु कहलाता है। रीढ़ की हड्डी कशेरुकाओं की बनी होती है तथा इसके मध्य में एक तंत्रिका नाल होती है। इसी तंत्रिका नाल में मेरुरज्जु स्थित होती है। मेरुरज्जु मस्तिष्क से प्राप्त तथा मस्तिष्क को जाने वाले आवेगों के लिए पथ प्रदान करता है। यह प्रतिवर्ती क्रियाओं के संचालन एवं नियमन के कार्य भी करता है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित के कार्यों का वर्णन कीजिए –
1. ऑक्सिन्स
2. जिबरेलिन्स,
3. एसीसिक अम्ल
4. सायटोकाइनिन,
5. इथाइलीन।
उत्तर-
1. ऑक्सिन (Auxins)-ऑक्सिन्स के अन्तर्गत अनेक हॉर्मोन्स आते हैं, जैसे-इंडोल ऐसीटिक एसिड (IAA), इंडोल ब्यूटाइरिक एसिड (IBA), नैफ्थलीन ऐसीटिक एसिड (NAA), 2-4 डाइफिनोल ऐसीटिक एसिड (2-4, D) आदि ।
इनके कार्य निम्नलिखित हैं
- कोशिकाओं में विवर्धन करना।
- कोशिका विभाजन में सहायता करना।
- फलों व पत्तियों को असमय गिरने से रोकना।
- कायिक प्रजनन में सहायता करना।
- खरपतवार नियन्त्रण।
2. जिबरेलिन्स (Gibberellins)-ये भी विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे GA1, GA2, GA3, आदि।
इनके कार्य निम्नलिखित हैं-
- तनों की लम्बाई में वृद्धि करना।
- बीजों के अंकुरण को बढ़ानां
- कलिका प्रसुप्ति को कम करना।
- पुष्पों के खिलने में सहायता करना।
- कुछ पौधों में अनिषेक फलन उत्पन्न करना।
3. एब्सीसिक अम्ल (Abscissic Acid)-इसे वृद्धि रोधक हॉर्मोन कहते हैं।
इसके निम्नलिखित कार्य हैं ।
- पौधों की वृद्धि को नियन्त्रित करता है।
- सूखे की स्थिति में रन्ध्रों को बन्द करता है।
- बीजों एवं कलियों में अंकुरण का संदमन करता
- प्रोटीन के संश्लेषण को प्रोत्साहित करता है।
4. सायटोकाइनिन्स (Cytokinins)-
इसके कार्य निम्नलिखित हैं-
- कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है।
- जीर्णता को नष्ट करता है।
- सुप्तावस्था को नष्ट करता है।
- पोषक पदार्थों के स्थानान्तरण में सहायक होता है।
5. इथाइलीन (Ethylene)-यह एक गैसीय हॉर्मोन है।
इसके निम्नलिखित कार्य हैं-
- फलों के पकने में सहायक होता है।
- मादा पुष्पों की संख्या बढ़ाता है।
- विलगन को प्रेरित करता है।
- तनों के फूलने में सहायक होता है।
प्रश्न 4.
मानव शरीर में पायी जाने वाली प्रमुख अन्तःस्त्रावी ग्रन्थियों के नाम, उनसे स्त्रावित हॉर्मोन्स तथा कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
मानव शरीर में पायी जाने वाली प्रमुख अन्तः स्रावी ग्रन्थियाँ निम्नलिखित हैं-
1.पीयूष ग्रन्थि (Pituitary gland)-इससे निम्नलिखित हॉर्मोन्स स्रावित होते हैं-
- वृद्धि हॉर्मोन (GH)-यह अस्थियों तथा ऊतकों की वृद्धि को नियन्त्रित करता है।
- एन्टीडाइयूरेटिक हॉर्मोन (ADH)-यह वृक्क द्वारा जल के पुनः अवशोषण को नियमित करता है।
- ACTH-यह कार्टिसोन निर्माण के लिए अधिवृक्क कॉर्टेक्स को उत्तेजित करता है।
- FSH-यह एस्ट्रोजन सावण के लिए अण्डाशय को उत्तेजित करता है।
- TSH- यह थायरॉक्सिन के स्रावण के लिए थायरॉइड ग्रन्थि को उत्तेजित करता है।
2. थायरॉइड (Thyroid)- इससे थायरॉक्सिन हॉर्मोन स्रावित होता है। थायरॉक्सिन उपापचय तथा वृद्धि की दर नियमित करता है। इसकी कमी से पेंघा रोग हो जाता है तथा शरीर में शिथिलता आ जाती है। इसकी अधिकता से भीमकायिकता रोग उत्पन्न हो जाता है।
3. अग्न्याशय (Pancreas)-इसकी. लैंगरहैंस की द्वीपिकाओं की बीटा कोशिकाओं से इन्सुलिन का स्रावण होता है। इन्सुलिन शर्करा के उपापचय का नियमन करता है। इसकी कमी से रुधिर में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है और शरीर में कमजोरी आती है, ऐसी स्थिति को मधुमेह (Diabetes) कहते हैं।
4. अधिवृक्क ग्रन्थि (Adrenal gland)- इससे कार्टिसोन का स्रावण होता है। कार्टिसोन (Cortison) प्रोटीन को शर्करा में बदलने का कार्य करता है।
5. अण्डाशय (Ovary)-इससे एस्ट्रोजन का स्रावण होता है। एस्ट्रोजन (Estrogen) मादा लक्षणों का विकास करता है।
6. वृषण (Testes)- इनसे टेस्टोस्टेरॉन का स्रावण होता है।
7. टेस्टोस्टेरॉन (Testosteron)-यह नर लक्षणों का विकास करता है।
प्रश्न 5.
हॉर्मोन नियमन की पुनर्भरण क्रियाविधि क्या है? इस परिघटना की व्याख्या इन्सुलिन का उदाहरण लेकर कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
वह क्रियाविधि जिसके माध्यम से हमारे शरीर में ग्रंथियों द्वारा स्रावित होने वाले हॉर्मोनों के समय व मात्रा को नियंत्रित किया जाता है, हॉर्मोन की पुनर्भरण क्रियाविधि कहलाती है।
उदाहरण-जब रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है, तो अग्नाश्य की कुछ विशेष प्रकार की कोशिकाएँ, प्रतिक्रिया स्वरूप, अधिक मात्रा में इन्सुलिन का उत्पादन करती हैं। इसके विपरीत जब रक्त में शर्करा का स्तर कम हो जाता है तो अपने आप ही इन्सुलिन की मात्रा कम स्रावित होने लगती है।
प्रश्न 6.
“हमारे शरीर में नियन्त्रण और समन्वय का कार्य तंत्रिका तंत्र और हॉर्मोनी तंत्र द्वारा मिलकर किया जाता है।” किसी उदाहरण की सहायता से इस कथन की पुष्टि कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
तंत्रिका तंत्र, बाहर के उद्दीपनों को, शरीर की ग्राही कोशिकाओं से प्राप्त करके, मस्तिष्क अथवा मेरुरज्जु तक संदेश भेजता है, फिर प्रेरक तंत्रिकाओं द्वारा कार्य कर अंगों को उस पर क्रिया करने के लिए प्रेरक संदेश भेजता जाता है। तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित क्रियाएँ एच्छिक अथवा अनैच्छिक दोनों प्रकार की हो सकती हैं। हॉर्मोन तंत्र में अन्तःस्रावी ग्रंथियों द्वारा रासायनिक हॉर्मोन स्रावित होते हैं। यह हॉर्मोन रक्त द्वारा उस अंग तक पहुँचते हैं, जिस अंग की क्रिया पर उन्हें नियंत्रण करना होता है। उदाहरण के लिए, अग्नाश्य ग्रंथि द्वारा इन्सुलिन हॉर्मोन स्रावित होता है और यह हॉर्मोन रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है।
प्रश्न 7.
जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हार्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
तंत्रिका कार्यविधि तथा हार्मोन कार्यविधि में अंतर :
तंत्रिका कार्यविधि | हार्मोन कार्यविधि |
1. इसमें बाहरी उद्दीपन तथा उसकी प्रतिक्रिया रासा- यनिक तथा विद्युत तरंग के रूप में तंत्रिका कोशि- काओं में से प्रवाहित होती है। | 1. हार्मोन, अन्त:स्रावी ग्रंथियों द्वारा उत्पन्न होकर रक्त द्वारा उस अंग तक पहुँचते हैं, जिसके कार्य को उस हार्मोन ने नियंत्रित करना होता है। |
2. तंत्रिका वेग अपने कार्यों को शीघ्रता से पूरा करती हैं। | 2. हार्मोन अपने कार्यों को धीरे-धीरे पूरा करते हैं। |
3. तंत्रिकाओं द्वारा पेशियों से कार्य करवा कर उद्दीपन के प्रति प्रतिक्रिया काफी तीव्रता से होती है। | 3. हार्मोनों द्वारा प्रतिक्रिया तंत्रिकाओं की अपेक्षा इतनी तीव्रता से नहीं हो पाती है। |
प्रश्न 8.
निम्नलिखित में अन्तर लिखिए
(i) अन्तःस्रावी तथा बहिस्स्रावी ग्रन्थियाँ
(ii) अनुकंपी तथा परानुकंपी तंत्रिका तंत्र
(iii) हॉर्मोन तथा एन्जाइम। [RBSE 2015]
उत्तर-
(i) अन्तःस्रावी तथा बहि स्रावी ग्रन्थियों में अन्तर
अन्तःस्त्रावी ग्रन्थि | बहिःस्रावी ग्रन्थि |
1. ये नलिकाविहीन ग्रन्थियाँ हैं। | 1. ये नलिकायुक्त ग्रन्थियाँ हैं। |
2. इनके स्राव को रुधिर द्वारा गंतव्य तक पहुँचाया जाता है। | 2. इनका स्राव नलिकाओं द्वारा शरीर के भीतर तक पहुँचता है। |
3. ये विशेष अंगों की उचित वृद्धि और कार्यों के लिए उत्तरदायी हैं। | 3. ये भोजन एवं बाह्य पदार्थों पर कार्य करने में निपुण होती हैं। |
(ii) अनुकंपी तथा परानुकंपी तंत्रिका तंत्र में अन्तर
अनुकंपी तंत्रिका तंत्र | परानुकंपी तंत्रिका तंत्र |
1. यह मेरुरज्जु के दोनों तरफ गुच्छकों की एक दोहरी कड़ी होती है। प्रत्येक में 18 गुच्छक (ganglion) होते हैं। | 1. ये भी जोड़ीदार होते हैं लेकिन ये आंतरिक अंगों के समीप नहीं होते हैं। |
2. तंत्रिका तन्तु इन गुच्छकों को केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र तथा आंतरिक अंगों से जोड़ते हैं। | 2. यह तंत्र मस्तिष्क से निकलता है तथा मेरुरज्जु के पश्च भाग तक स्थित होता है। |
(iii) हॉर्मोन्स तथा एन्जाइम में अन्तर-
हॉर्मोन्स | एन्जाइम |
1. ये कार्बनिक पदार्थ हैं जो अन्तःस्रावी ग्रन्थियों से स्रावित होते हैं। | 1. ये भी कार्बनिक पदार्थ हैं जो बहिस्रावी ग्रन्थियों के पाचक रस में पाए जाते हैं। |
2. इनका बहन रुधिर द्वारा होता है। | 2. इनका वहन नलिकाओं द्वारा होता है। |
3. ये उपापचयी क्रिया में प्रयुक्त हो जाते हैं। | 3. ये उपापचयी क्रिया में उत्प्रेरक का कार्य करते हैं। |
4. ये ग्लाइकोप्रोटीन, स्टी- रॉइड या पॉलीपेप्टाइड होते हैं। | 4. ये प्रोटीन होते हैं। |
प्रश्न 9.
मानव में पायी जाने वाली विभिन्न अन्तः स्त्रावी ग्रन्थियों का वर्णन कीजिए। [RBSE 2015]
उत्तर-
अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ (Endocrine glands) –
अन्तःस्रावी अथवा एण्डोक्राइन (endocrine) ग्रन्थियों से अभिप्राय ऐसी ग्रन्थियों से है, जो आन्तरिक रूप से स्रावण करती हैं। इनमें नलिकायें न पायी जाने के कारण इन्हें नलिकाविहीन ग्रन्थियाँ (ductless glands) भी कहते हैं। ग्रन्थियों से स्रावित होने वाले विशिष्ट पदार्थों को हॉर्मोन्स (hormones) कहते हैं। हॉर्मोन्स का शरीर के विभिन्न अंगों तक संचरण रुधिर प्रवाह के माध्यम से होता है।
मनुष्य में निम्नलिखित अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ पायी जाती हैं-
1. पीयूष ग्रन्थि (Pituitary gland)-यह मस्तिष्क में स्थित होती है।
2. थाइरॉइड ग्रन्थि (Thyroid gland)-यह गले में स्थिति होती है।
3. पैराथाइरॉइड ग्रन्थि (Parathyroid gland)-यह भी गले में स्थित होती है।
4. एड्रीनल ग्रन्थि (Adrenal gland)-यह उदर में वृक्क के पास स्थित होती है।
5. थाइमस ग्रन्थि (Thymus gland)-यह वक्ष में स्थित होती है।
6. पीनियल काय (Pineal body)-यह मस्तिष्क में स्थित होते है।
उपर्युक्त अन्तःस्रावी ग्रन्थियों के अतिरिक्त वृक्क (kidneys), वृषण (testes), अण्डाशय (ovary), प्लैसेन्टा, आहारनाल (alimentary canal), त्वचा आदि ऐसे अंग हैं जिनमें हॉर्मोन्स का स्रावण होता है। अग्न्याशय से भी हॉर्मोन्स का स्त्रवण होता है तथा यह एक मिश्रित ग्रन्थि (अन्तःस्रावी व बहिःस्रावी दोनों प्रकार की) होती है।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित के कार्य लिखिए
(i) ऑक्सीटोसिन
(ii) वेसोप्रेसिन
(iii) प्रोलैक्टिन
(iv) प्रेरक तंत्रिका
(v) मिश्रित तंत्रिका
(vi) साहचर्य तंत्रिका
(vii) संवेदी तंत्रिका
(viii) फीरोमोन्स
(ix) एसीटिलकोलीन
(x) फ्लोरीजेन
उत्तर-
(i) ऑक्सीटोसिन (Oxytosin)-यह हॉर्मोन गर्भवती स्त्री के गर्भाशय के प्रबल संकुचनों को प्रेरित करता है, जिससे बच्चे का जन्म होता है।
(ii) वेसोप्रेसिन (Vasopresin)-यह हॉर्मोन रक्त चाप के बढ़ने पर रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है। यह वृक्क नलिकाओं में से जल के पुनः अवशोषण को भी बढ़ाता है।
(iii) प्रोलैक्टिन (Prolactin)-यह हॉर्मोन दुग्ध ग्रन्थियों में दुग्ध उत्पादन की प्रेरणा देता है।
(iv) प्रेरक तंत्रिका (Motor Neuron)-ये आवेग को मुख्य तंत्रिका तंत्र से प्रेरक (पेशी या ग्रन्थि) में ले जाता है।
(v) मिश्रित तंत्रिका (Mixed Neuron)-इनके अन्दर संवेदना एवं प्रेरण दोनों के गुण होते हैं।
(vi) साहचर्य तंत्रिका (Associate Neuron)-ये संवेदी एवं प्रेरक तंत्रिकाओं के बीच साहचर्य बनाए रखते हैं।
(vii) संवेदी तंत्रिका (Sensory Neuron)-आवेग को सूचना ग्राही से मुख्य तंत्रिका तंत्र में ले जाना।
(viii) फीरोमोन्स (Feromones)-ये विशेष रासायनिक पदार्थ हैं जिन्हें जन्तु द्वारा दूसरे जन्तुओं को भगाने, स्वयं की रक्षा करने या जोड़ा बनाने के लिए शरीर से बाहर छोड़ा जाता है।
(ix) ऐसीटिलकोलीन (Acetylcholine)-यह एक्सॉन के अन्तिम सिरों से निकलकर अगले न्यूरॉन में एक नया आवेग प्रारम्भ करता है।
(x) फ्लोरीजेन (Florigen)-ये उद्दीपन को पत्तियों से पुष्पों तक ले जाता है तथा पुष्पों के खिलने में सहायक है।
बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective type Qusetions)
1. निम्न में से कौन-सी ग्रन्थि मास्टर ग्रन्थि कहलाती है-
(a) थायरॉइड ग्रन्थि
(b) पीयूष ग्रन्थि
(c) अग्न्याशय
(d) एड्रीनल ग्रन्थि।
उत्तर-
(b) पीयूष ग्रन्थि।
2. अग्न्याशय से स्त्रावित हॉर्मोन है
(a) वृद्धि हॉर्मोन
(b) थायरॉक्सिन
(c) प्रोलैक्टिन
(d) इन्सुलिन।
उत्तर-
(d) इन्सुलिन।
3. इन्सुलिन हॉर्मोन के अल्प सावण से किस रोग के होने की सम्भावना होती है –
(a) पीलिया
(b) घेंघा
(c) मधुमेह
(d) तपेदिक।
उत्तर-
(c) मधुमेह।
4. किस हॉर्मोन की कमी से घेघा (goiter) रोग होता है-
(a) ऑक्सीटोसिन
(b) थायरॉक्सिन
(c) पिट्यूसिन
(d) प्रोलैक्टिन।
उत्तर-
(b) थायरॉक्सिन।
5. थायरॉक्सिन के निर्माण के लिए किस तत्व की आवश्यकता होती है-
(a) आयोडीन
(b) आयरन
(c) कैल्सियम
(d) सल्फर।
उत्तर-
(a) आयोडीन।
6. तंत्रिका तंत्र की क्रियात्मक एवं संरचनात्मक इकाई है
(a) मस्तिष्क
(b) मेरुरज्जु
(c) केशिका
(d) तंत्रिका।
उत्तर-
(d) तंत्रिका।
7. मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग कौन-सा होता है
(a) प्रमस्तिष्क
(b) अनुमस्तिष्क
(c) मेडुला ओब्लोंगेटा
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) प्रमस्तिष्क। .
8. निम्न में से कौन-सी अनैच्छिक क्रिया है
(a) लिखना
(b) कूदना
(c) थूकना,
(d) पलक झपकना।
उत्तर-
(d) पलक झपकना। .
9. दो तंत्रिकाओं के बीच खाली स्थान कहलाता है –
(a) एक्सॉन
(b) न्यूरॉन
(c) सिनेप्स
(d) दुमिका।
उत्तर-
(c) सिनेप्स।
10. निम्न में से नर हॉर्मोन है-
(a) एड्रीनलीन
(b) इन्सुलिन
(c) टेस्टोस्टेरॉन
(d) एस्ट्रोजन।
उत्तर-
(c) टेस्टोस्टेरॉन।
11. निम्न में से कौन-सा आपातकालीन हॉर्मोन है-
(a) एड्रीनलीन
(b) थायरॉक्सिन
(c) एस्ट्रोजन
(d) प्रोजेस्ट्रॉन।
उत्तर-
(a) एड्रीनलीन।
सुमेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए –
(a)
स्तम्भ I | स्तम्भ II |
1. ऑक्सिन | (i) समन्वयन |
2. जिब्रेलिन | (ii) कोशिका विभाजन |
3. एब्सीसिक अम्ल | (iii) फल परिपक्वन |
4. इथाइलीन | (iv) रन्ध्र बन्द होना |
5. साइटोकाइनिन | (v) तना दीर्धीकरण |
6. हार्मोन | (vi) कोशिका विवर्धन |
(b)
स्तम्भ । | स्तम्भ ॥ |
1. मधुमेह | (i) आयोडीन |
2. घेघा | (ii) इन्सुलिन |
3. नर हॉर्मोन | (iii) एस्ट्रोजन |
4. मादा हॉर्मोन | (iv) टेस्टोस्टेरॉन |
5. मस्तिष्कावरण | (v) न्यूरॉन |
6. साइटॉन | (vi) सुरक्षा |
(c)
स्तम्भ I | स्तम्भ ॥ |
1. इन्सुलिन | (i) वृषण |
2. थाइरॉक्सिन | (ii) अण्डाशय |
3. एड्रीनलीन | (iii) पीयूष |
4. वृद्धि हॉर्मोन | (iv) अधिवृक्क |
5. एस्ट्रोजन | (v) थाइरॉइड |
6. टेस्टोस्टेरॉन | (vi) अग्न्याशय |
उत्तर-
(a)
स्तम्भ I | स्तम्भ II |
1. ऑक्सिन | (vi) कोशिका विवर्धन |
2. जिब्रेलिन | (v) तना दीर्धीकरण |
3. एब्सीसिक अम्ल | (iv) रन्ध्र बन्द होना |
4. इथाइलीन | (iii) फल परिपक्वन |
5. साइटोकाइनिन | (ii) कोशिका विभाजन |
6. हार्मोन | (i) समन्वयन |
(b)
स्तम्भ । | स्तम्भ ॥ |
1. मधुमेह | (i) आयोडीन |
2. घेघा | (ii) इन्सुलिन |
3. नर हॉर्मोन | (iii) एस्ट्रोजन |
4. मादा हॉर्मोन | (iv) टेस्टोस्टेरॉन |
5. मस्तिष्कावरण | (v) न्यूरॉन |
6. साइटॉन | (vi) सुरक्षा |
(c)
स्तम्भ I | स्तम्भ ॥ |
1. इन्सुलिन | (vi) अग्न्याशय |
2. थाइरॉक्सिन | (v) थाइरॉइड |
3. एड्रीनलीन | (iv) अधिवृक्क |
4. वृद्धि हॉर्मोन | (iii) पीयूष |
5. एस्ट्रोजन | (ii) अण्डाशय |
6. टेस्टोस्टेरॉन | (i) वृषण |
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)
1. मस्तिष्क का सबसे बड़ा हिस्सा ………………………………. है।
उत्तर-
सेरेब्रम,
2. …………………………. शरीर का मुख्य समन्वय केंद्र है।
उत्तर-
मस्तिष्क,
3. पीयूष ग्रन्थि को ………………………………. कहते हैं।
उत्तर-
मास्टर ग्रंथि,
4. ……………………………… फलों को पकाने में सहायक गैसीय हॉर्मोन
उत्तर-
इथाइलीन,
5. मस्तिष्क ………………………………….. में बन्द होता है।
उत्तर-
कपाल गुहा।