Haryana State Board HBSE 9th Class Social Science Solutions History Chapter 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 9th Class Social Science Solutions History Chapter 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय
HBSE 9th Class History नात्सीवाद और हिटलर का उदय Textbook Questions and Answers
नात्सीवाद और हिटलर का उदय के प्रश्न उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 1.
वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्याएं थीं।
उत्तर-
जर्मनी के वाइमर गणराज्य की स्थापना प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् आने वाली समस्याओं को, संक्षेप में, निम्नलिखित बताया जा सकता है।
- सरकार तथा लोगो को गम्भीर आर्थिक संकट का सामान करना पड़ा। युद्ध के बाद औद्योगिक विकास निम्न स्तर तक जा पहुंचा था, कृषि की स्थिति उद्योग से भ्ज्ञी बदतर थी, जर्मन मुद्रा गिरते-रहने की स्थिति में थी, अप्रैल, 1923 मे एक अमरीकी डालर 24,000 मार्क, जुलाई में 35300 मार्क, अगस्त में 4,621,000 मार्क तथा दिसम्बर, 1923 में 98,860,00 मार्क के बराबर आ गया। महँगाई जोरों पर थी, बेरोजगारी अपनी सीमा को छू चुकी थी, युद्ध के दौरान लिए गए ऋण को सोने में वापस करना था।
- क्षतिपूर्ति वाइमर गणराज्य की एक अन्य समस्या थी। जर्मनी को छः अरब पौंड युद्ध हर्जाना के रूप में देने को कहा गया था। जैसे-जैसे जर्मनी की अर्थव्यवस्था गिरती चली गई, उसके लिए क्षतिपूर्ति की वार्षिक किश्त देना मुश्किल पड़ गया। अमेरिका द्वारा डास व यंग योजनाएँ भी जर्मनी की स्थिति को सुधार नहीं सकीं।
- युद्ध के बाद जर्मनी को बहुत कुछ खोना पड़ा था वाइमर जर्मनी ने अपने बाहरी उपनिवेश खो दिये, उसकी सेना को राष्ट्रीय सुरक्षा के स्तर तक कम कर दिया गया, उसे अपने संसाधनों को गिरवी रखना पड़ा था।
- वाइमर गणराज्य को स्पार्टासिस्ट के रूप में रैडिकल . लोगों की क्रांतिकारी गतिविधियां सहनी पड़ी थी। वह जर्मनी को बोलशेविक रूस बनाना चाहते थे फलस्वरूप इस गणराज्य को राजनीतिक अस्थिरता के वातावरण को सहना पड़ा था।
नात्सीवाद और हिटलर का उदय Class 9 Question Answer HBSE प्रश्न 2.
इस बारे में चर्चा कीजिए कि 1930 तक आते-आते जर्मनी में नाजीवाद को लोकप्रियता क्यों मिलने लगीं?
उत्तर-
1930 के आते-आते जर्मनी में नाजीवाद को लोकप्रियता मिलने के अनेक कारण बताए जा सकते हैं। नाजीवादियों ने जर्मनी की जनसंख्या के सभी वर्गों को वह सब कुछ वापस दिलाने का वचन दिया जो वह प्रथम विश्व युद्ध में खो चुका था। उन्होंने जर्मन वासियों में राष्ट्रवाद की भावनाओं को भर दिया, उनमें जर्मन पहचान भर दी थी। उन्होंने जर्मन लोगों को रोजगार का आश्वासन दिया, अर्थव्यवस्था के विकास का वचन दिया, जर्मनी से विदेशी प्रभाव समाप्त किया जाएगा ऐसे आश्वासन दिये तथा जर्मनी के विरुद्ध सभी षड्यंत्रों का भण्डा फोड़ने के वायदे किए।
नात्सीवाद और हिटलर का उदय HBSE 9th Class प्रश्न 3.
नाज़ी सोच के ख़ास पहलू कौन से थे?
उत्तर-
नाज़ी सोच के खास पहलुओं को निम्नलिखित बताया जा सकता है-
- राज्य सबसे ऊपर है लोग राज्य के लिए होते हैं, राज्य लोगों के लिए नहीं होता,
- सभी प्रकार की संसदीय संस्थाओं को समाप्त कर एक व्यक्ति तथा एक दल के शासन पर जोर देना,
- युद्ध व हिंसा के प्रयोग का प्रचार,
- उदारवाद, समाजवाद तथा साम्यवाद का पूर्ण विनाश,
- जर्मन यहूदियों के विरुद्ध घृणा का प्रसार : जर्मनी की बुरी हालत के लिए यहूदी ही जिम्मेदार हैं,
- सभी प्रकार के विपक्ष का उन्मूलन,
- जर्मन साम्राज्य का विस्तार : सभी खोए उपनिवेशों की वापसी,
- जर्मन सैनिकवाद पर बलः विश्व में जर्मन प्रभाव का प्रचार।
नात्सीवाद और हिटलर का उदय Class 9 HBSE प्रश्न 4.
नाज़ियों का प्रोपेगंडा यहूदियों के खिलाफ नफरत पैदा करने में इतना असदार कैसे रहा?
उत्तर-
नाज़ियों का प्रोपेगंडा यहूदियों के खिलाफ नफरत पैदा करने में खासा असरदार था। वह यहूदियों को इस मसीह का कातिल बताते थे, उन्हें धन-प्रेमी व सूदखोर कहते थे। वह उन्हें जर्मन वासियों का शत्रु बताते थे तथा इस कारण उन्हें सभी प्रकार की यातनाएं देने के पक्षधर थे। नाजियों के अनुसार आर्य उत्तम नसल है तथा यहूदी निम्न प्रकार की नसल।
Class 9th History Chapter 3 Question Answer In Hindi HBSE प्रश्न 5.
नाज़ी समाज में औरतों की क्या भूमिका थी? फ्रांसीसी क्रांति के बारे में जानने के लिए अध्याय 1 को देखें। फ्रांसीसी क्रांति व नाजी शासन में औरतों की भूमिका के बीच क्या फर्क था? एक पैराग्राफ में बताइए।
उत्तर-
नाज़ी समाज में पुरुषों की अपेक्षा औरतों की भूमिका कोई अधिक अच्छी नहीं थी। हिटलर शाही के दौरान औरतों को पुरुषों की अपेक्षा निम्न समझा जाता था। हिटलर के अनुसार औरतें जर्मन संस्कृति की धारणकर्ता होती हैं। एक बार उसने कहा था, हम नहीं समझते कि औरतों को पुरुषों के क्षेत्र में हस्ताक्षेप करना चाहिए, औरतें स्व-त्याग की मूर्ति होती हैं, वे आंतरिक दुख का अनुभव करती हैं। जर्मनी में जो औरतें नस्ल रूप से अच्छी नस्ल पैदा करती हैं, उन्हें पुरस्कार मिलना चाहिए तथा जो खराब नस्ल करती हैं, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। .
फ्रांसीसी औरतें जर्मन औरतों की अपेक्षा अच्छी स्थिति में थीं। फ्रांसीसी क्रांति के दिनों में फ्रांसीसी औरत राजनीति व सार्वजनिक जीवन में भाग लेती थी। दूसरी ओर, जर्मन
औरतें घर की चारदीवारी तक सीमित रहा करती थी। जिनका मुख्य काम संतान-उत्पति होता था। फ्रांसीसी क्रांति के दिनों की फ्रांसीसी औरतें क्रांति में भाग लेती थी, सार्वजनिक नीतियों पर बातचीत करती थीं तथा राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेती थीं। दूसरी ओर, हिटलर के समय की जर्मन औरतें मर्दो के मुकाबले दूसरे दर्जे की औरतें समझी जाती है।
प्रश्न 6.
नाज़ियों ने जनता पर पूरा नियन्त्रण हासिल करने के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाए?
उत्तर-
नाजियों ने जनता पर पूरा नियन्त्रण हासिल करने के लिए मुख्य रूप से निम्नलिखित तरीके अपनाए थे
- अनेबलिंग एक्ट (1933) द्वार नाज़ियों ने पूरे देश में लोकतंत्र के स्थान पर अधिनायकवाद की स्थापना कर दी। पुलस्वरूप हिटलर के हाथों में सारी शक्ति आ गई।
- सभी प्रकार के राजनीतिक दलों तथा ट्रेड यूनियनों की मनाही कर दी गयी, सिवाए नाजी पार्टी के।
- राज्य द्वारा अर्थव्यवस्था, समाज, संचार, सेना व न्यायपालिका पर नियन्त्रण स्थापित कर दिया गया।
- जैसे नाज़ी चाहते थे, समाज में व्यवस्था स्थापित करने हेतु सुरक्षा बल बना दिये गए। गेस्टापों जो कि गुप्त पुलिस सेवा थी, प्रभावपूर्ण ढंग से काम करने लग गई।
HBSE 9th Class History नात्सीवाद और हिटलर का उदय Important Questions and Answers
प्रश्न 1.
नाज़ी कौन थे?
उत्तर-
वह लोग जिनका प्रजातंत्र में कोई विश्वास नहीं था तथा जो समाजवाद का तिरस्कार करते थे एवं अधिनायकवाद में आस्था रखते थे। अपने बर्ताव में वे अत्याचारी थे।
प्रश्न 2.
नाज़ियों के नेता का नाम बताइए।
उत्तर-
नाज़ियों का नेता थाः हिटलर।
प्रश्न 3.
हिटलर द्वारा बनायी गई पार्टी का पूरा नाम क्या था?
उत्तर-
राष्ट्रवादी समाजवादी जर्मन वर्कर्स पार्टी, संक्षेप में नाज़ी पार्टी।
प्रश्न 4.
नाज़ी पार्टी की कब स्थापना हुई थी?
उत्तर-
1921 में।
प्रश्न 5.
‘मैंन काम्फ’ का क्या अर्थ होता है?
उत्तर-
मेरा संघर्ष।
प्रश्न 6.
किस वर्ष आर्थिक महामंदी घटी थी?
उत्तर-
1929 में
प्रश्न 7.
हिटलर को कब जर्मन चांसलर नियुक्त किया गया था? .
उत्तर-
30 जनवरी, 1933 को।
प्रश्न 8.
‘राइखस्टैग’ का क्या अर्थ है?
उत्तर-
जर्मनी में संसद को शाइखस्टैग कहा जाता है।
प्रश्न 9.
नाज़ियों ने राइखस्टैग इमारत को कब आग लगायी थी?
उत्तर-
27 फरवरी, 1933 को।
प्रश्न 10.
हिटलर कब जर्मनी का राष्ट्रपति बना ‘था?
उत्तर-
1934 में।
प्रश्न 11.
ब्लीटज़रीग क्या है?
उत्तर-
ब्लीटज़रीग का अर्थ है चमकने वाला अर्थात् तीव्र युद्ध। यह युद्ध जर्मनी द्वारा बड़े तेजी व तीव्रता से किया गया था।
प्रश्न 12.
कौन से देश एंटी-कामिनटर्न के देश-सदस्य थे?
उत्तर-
जर्मनी, इटली जापान।
प्रश्न 13.
1936 से 1939 के बीच नाजो जर्मनी ने ‘किन-किन देशों तथा क्षेत्र पर आक्रमण कर अपने कब्जे में लिया था?
उत्तर-
- राइनलैंड (मार्च, 1936)
- आस्ट्रिया (1938)
- स्विटजरलैंड (सितम्बर, 1938)
- चेकोस्लोवाकिया (मार्च, 1939)
- पोलैण्ड (सितम्बर, 1939)।
प्रश्न 14.
रूस के साथ अनाक्रमण संधि के बावजदू भी जर्मन ने कब उस पर आक्रमण किया था?
उत्तर-
जून 22, 19411
प्रश्न 15.
धुरी शक्तियां जिन्होंने दूसरे विश्व युद्ध .में भाग लिया था, उनके नाम बताइए।
उत्तर-
जर्मनी, जापान, इटली।
प्रश्न 16.
दूसरे विश्व युद में भाग लेने वाले मित्र देशों में मुख्य देशों का नात बताइए।
उत्तर-
ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका, सोवियत संघ “आदि-आदि।
प्रश्न 17.
संयुक्त राज्य अमेरिका ने दूसरे विश्प-युद्ध में कब भाग लिया था?
उत्तर-
1942 में।
प्रश्न 18.
‘युद्ध अपराधबोध अनुच्छेद’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
वह अनुच्छेद जो किसी अमुक देश को युद्ध का ज़िम्मेदार माने।
प्रश्न 19.
वर्साय की सन्धि किन देशों के बीच हुई थी?
उत्तर-
प्रथम विश्व युद्ध में विजयी देशों तथा पराजिम जर्मन के बीच।
प्रश्न 20.
खंदक किस कहते हैं?
उत्तर-
युद्ध के मोर्चे पर सैनिकों ने छिपने के लिए खोदे गए गडे।
प्रश्न 21.
हर्जाना का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
किसी गलती के बदले दण्ड के रूप में नुकसान की भरपाई करना।
प्रश्न 22.
स्पार्टासिस्ट लीग क्या था?
उत्तर-
जर्मनी के वे क्रांतिकारी जो जर्मनी में रूस के बोल्शेविकों की भांति क्रांतिकारी विद्रोह करना चाहते थे।
प्रश्न 23.
वाइमर गणराज्य कब तथा कैसे बना?
उत्तर-
प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् समाजवादियों, लोकतंत्रवादियों व रूढ़िवादियों द्वारा वाइमर (मर्जनी का एक सीन) स्थानी में बने संविधान के अंतर्गत बनाया गया गणराज्य। .
प्रश्न 24.
‘नवम्बर अपराधी’ किन्हें कहा जाता था?
उत्तर-
वाइमर गणराज्य के शासकों को नवम्बर अपधारी कहा जाता था।
प्रश्न 25.
‘अति मुद्रा स्फूर्ति’ का अर्थ बताइए।
उत्तर-
मुद्रा का तंज़ी से गिरना।
प्रश्न 26.
दूसरे विश्व युद्ध के साए में जर्मन जनसंहार के उदाहरणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
दूसरे विश्व युद्ध के साए में जर्मनी ने जनसंहार – कर क्रूरता का उदाहरण दिया। यूरोप में रहने वाले कुछ खास नस्ल के लोगों को सामूहिक रूप से मारा जाने लगा। इस युद्ध में मारे गए लोगों में 60 लाख यहूदी, 2 लाख जिप्सी और 10 लाख पोलैंड के नागरिक थे साथ ही मानसिक व शारीरिक रूप से अपंग घोषित किए गए 70,000 जर्मन नागरिक भी मार डाले गए। इनके अलावा न जाने किमने ही राजनीतक विरोधियों को भी मौत की नींद सुला दिया गया। इतनी बड़ी मादाद में लोगों को मारने के लिए ऑशविट्ज जैसे कत्लखाने बनाए गए जहां जहरीली गैस हो हजारों लोगों को एक साथ मौत के घाट उतार दिया जाता था।
प्रश्न 27.
वर्साय की संधि किस प्रकार एक कठोर व अपमानजनक संधि थी?
उत्तर-
विजयी देशों व पराजित जर्मनी के बीच वर्साय की संधि (1919) एक कठोर व अपमानजनक संधि कही जाती है। इस संधि की वजह से जर्मनी का अपने सारे उपनिवेश करीब 10 व्रतिशत आबादी, 13 प्रतिशत भूभाग, 75 प्रतिशत लौह भंडार और 26 प्रतिशत कोयला भंडार फ्रांस पोलैंड, डेनमार्क और लिथुआनिया के हवाले करने पड़े। जर्मनी की रही-सही ताकत खत्म करने के लिए मित्र राष्ट्रों ने उसकी सेना भी भंग कर दी। युद्ध अपराधबोध अनुच्छेद (War Guilt Clause) की आड़ में तमाम प्रकार की क्षति के लिए जर्मनी को ज़िम्मेदार ठहराया गया। इसके एवज में उस पर छः अरब पौंड का जुर्माना लगाया गया। खनिज संसाधनों वाले राइनलैंड पर भी बीस के दशक में ज्यादातर मित्र राष्ट्रों का ही कब्जा रहा।
प्रश्न 28.
जब जर्मनी कर्ज व हर्जाना न चुका पाया तो मित्र देशों ने क्या कार्यवाही की? जर्मन अर्थव्यवस्था पर उसका क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
जब जर्मनी कर्ज व हर्जाना न चुका पाया तो मित्र देशों विशेष रूप से फ्रांसीसीयों ने जर्मनी के मुख्य औद्योगिक इलोक रूर (Ruhr) पर कब्जा कर लिया। यह जर्मनी के विशाल कोयला भंडारों वाला इलाका था। जर्मनी ने फ्रांस के विरुद्ध निष्क्रिय प्रतिरोध के रूप में बड़े पैमाने पर कागज़ी मुद्रा छापना शुरू कर दिया। जर्मन सरकार ने इतने बड़े पैमाने पर मुद्रा छाप दी कि उसकी मुद्रा मार्क का मल्य तेजी से गिरने लगा। अप्रैल में एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 24,00 मार्क के बराबर थी जो जुलाई में 3,53,000 मार्क, अगस्त में 46,21,000 मार्क तथा दिसंबर में 9,88,60,000 मार्क हो गई। इस तरह एक डॉलर में खरबों मार्क मिलने लगे। जैसे-जैसे मार्क की कीमत गिरती गई, जरूरी चीज़ों की कीमतें आसमान छूने लगीं। रेखाचित्रों में जर्मन नागरिकों को पावरोटी खरीदने के लिए बैलगाड़ी में नोट भरकर ले जाते हुए दिखाया जाने लगा।
प्रश्न 29.
आर्थिक महामंदी का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
1929 में वाल स्ट्रीट एक्सचेंज़ शेयर बाज़ार में कीमतों की गिरावट की आशंका को देखते हुए लोग धड़ाधड़ अपने शेयर बेचने लगे। 24 अक्तूबर को केवल एक दिन में 1.3 करोड़ शेयर बेच दिए गए। यह आर्थिक महामंदी की शुरुआत थी। 1929 से 1932 तक के अगले तीन सालों में अमेरिका की राष्ट्री आय केवल आधी रह गई। फैक्ट्रियां बंद हो गई थीं, निर्यात गिरता जा रहा था, किसानों की हालत खराब थी और सट्टेबाज बाज़ार से पैसा खींचते जा रहे थे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में आई इस मंदी का असर दुनिया भर में महसूस किया गया।
प्रश्न 30.
वाइमर संविधान की कमियों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
बाइंमर संविधान में कुछ ऐसी कमियां थीं जिनकी वजह से गणराज्य कभी भी अस्थिरता और तानाशाही का शिकर बन सकता था। इनमें से एक कमी आनुपातिक प्रतिनिधित्व से संबंधित थी। इस प्रावधान की वजह से किसी एक पार्टी को बहुमत मिलना लगभग नामुमकिन बन गया था। हर बार गठबंधन सरकार सत्ता में आ रही थी। दूसरी समस्या अनुच्छेद 48 की वजह से थी जिसमें राष्ट्रपति को आपातकाल लागू करने, नागरिक अधिकार रद्द करने और अध्यादेशों के जरिए शासन चलाने का अधिकार दिया गया था। अपने छोटे से जीवन काल में वाइमर गणराज्य का शासन 20 मंत्रिमंडलों के हाथों में रहा और उनकी औसत अवधि 239 दिन से ज्यादा नहीं रही।
प्रश्न 31.
हिटलर के प्रारम्भिक जीवन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
1889 में ऑस्ट्रिया में जन्मे हिटलर की युवावस्था बेहद गरीबी में गुज़री थी। रोजी-रोी का कोई ज़रिया न होने के कारण पहले विश्व युद्ध की शुरुआत में उसने भी अपना नाम फौजी भर्ती के लिए लिखवा दिया था। भर्ती के बाद उसने अग्रिम मोर्चे पर संदेशवाहका का काम किया, कॉर्पोरल बना और बहादूरी के लिए उसने कुछ तमगे भज्ञी हासिल किए। जर्मन सेना की पराजय ने तो उसे हिला दिया था, लेकिन वर्साय की संधि ने तो उसे आग-बबूला ही कर दिया। 1919 में उसने जर्मन वर्कर्स पार्टी नामक एक छोटे-से समूह की सदस्यता ले ली। धीरे-धीरे उसने इस संगठन पर अपना नियंत्रण कायम कर लिया और उसे नेशनन सोशलिस्ट पार्टी का नया नाम दिया। पार्टी को बाद में में नाज़ी पार्टी के नाम से जाना गया।
प्रश्न 32.
नाज़ी पार्टी किस प्रकार जर्मन जनता को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हो पायी थी? विवेचना कीजिए।
उत्तर-
नाजी पार्टी 1930 के दशक के शुरुआती सालों तक जनता. को बड़े पैमाने पर अपनी तरफ आकर्षित नहीं कर पाई। लेकिन महामंदी के दौरान नाजीवाद ने एक जन
आंदोलन का रूप ग्रहरण कर लिया। जैसा कि हम पहले देख चुके हैं, 1929 के बाद बैंक दिवालिया हो चुके थे, काम-धंधे बंद होते जा रहे थे, मज़दूर बेरोज़गार हो रहे थे और मध्यवर्ग को लाचारी और भुखमरी का डर समा रहा था। नाजी प्रोपेगंडा में लोगों को एक बेहत भविष्य की उम्मीद दिखाई देती थी। 1929 में नाज़ी पार्टी को जर्मन संसद-राइखस्टैग-के लिए हुए चुनावों में महज़ 2.6 फीसदी वोट मिले थे। 1932 तक आते-आते यह देश की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी थीं और और उसे 37 फीसदी वोट मिले।
प्रश्न 33.
विदेशी नीति के मोर्चे पर हिटलर को क्या-क्या सफलताएं प्राप्त हुई थीं? ।
उत्तर-
विदेश नीति के मोर्च पर भी हिटलर को फौरन कामयाबियां मिली। 1933 उसने ‘लीग ऑफ नेशंस’ से पल्ला झाड़ लिया। 1936 में राईनलैंड पर दोबारा कब्जा किया और एकजन, एकसाम्राज्य, एकनेता के नारे की आड़
(2) वह सेना में भी नौकरी क्यों प्राप्त नहीं कर पाया था?
उत्तर-दान्तन का सम्बन्ध कुलीन वर्ग से नहीं था। तब के फ्रांस में कुलीनों को ही सेना में नौकरी मिला करती थी। उसके पास कोई सिफारिश भी नहीं थी। वह चर्च में नौकरी इसलिए प्राप्त नहीं कर पाया कि उसके पास नौकरी प्राप्त करने के लिए रुपया-पैसा नहीं था।
प्रश्न 34.
विद्रोही प्रजा की इच्छा के समक्ष झुकते हुए सम्राट द्वारा क्या प्रतिक्रिया हुई थी? तब हुए निर्णयों का खुलासा कीजिए।
उत्तर-
अपनी विद्रोही प्रजा की शक्ति का अनुमान करके लुई XVI ने अंततः नैशनल असेंबली को मान्यता दे दी. और यह भी मान लिया कि उसकी सत्ता पर अब से संविधान का अंकुश होगा 14 अगस्त, 1789 की रात को असेंबली ने करों, कर्तव्यों और बंधनों वाली सामंती व्यवस्था के उन्मूलन का आदेश पारित किया। पादरी वर्ग के लोगों को भी अपने विशेषाधिकारों को छोड़ देने के लिए विवश किया गया। धार्मिक कर दिया गया और चर्च के स्वामित्व वाली भूमि जब्त कर ली गई। इस प्रकार कम से कम 20 अरब लिने की संपत्ति सरकार के हाथ में आ गई।
प्रश्न 35.
1791 के संविधान की मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-
1791 के संविधान की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित को बताया जा सकता है-
- फ्रांसीसी सम्राट की शक्तियाँ सीमित कर दी गई।
- शक्तियाँ विधायिका, कार्यपालिका, एवं न्यायपालिका आदि संस्थाओं में विभाजित कर दी गई। ,
- फ्रांस में संवैधानिक राजतंत्र लागू कर दिया गया।
- कानून बनाने वाली संस्था राष्ट्रीय असेंबली के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रखा गया। .
- केवल 25 वर्ष तथा उससे अधिक आयु वाले पुरुषों को ही मताधिकार प्राप्त था। इन्हें ही सक्रिय नागरिक कहा जाता था, क्योंकि वे तीन दिन तक की मजदूरी के बराबर कर दिया करते थे।
- संविधान में पुरुष एवं नागरिक अधिकार शोषण पत्र की व्यवस्था की गई थी। इसमें जीवन स्वतंत्रता, सम्पत्ति आदि के अधिकारों का उल्लेख किया गया था।
प्रश्न 36.
राष्ट्रीय असेंबली ने प्रशिया व आस्ट्रिया पर आक्रमण क्यों किया? इस घटना का लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
यद्यपि फ्रांसीसी सम्राट ने 1191 के संविधान पर हस्ताक्षर कर दिये थे, फिर भी वह अपनी शक्तियों को बनाए रखने के लिए पड़ोसी राज्यों से साँठ-गाँठ कर अपनी स्थिति सुधारना चाहता था। प्रशिया व आस्ट्रिया के शासकों के साथ गुप्त संधि करके लुई सोलहवाँ अपने लोगों को नाराज कर बैठा। इसका परिणाम यह हुआ कि राष्ट्रीय असेंबली ने प्रशिया व आस्ट्रिया पर आक्रमण कर दिया। लोगों ने हजारों की संख्या में आक्रमण में भाग लिया तथा अपनी देशभक्ति का प्रमाण दिया, स्वयंसेवियों ने कवि रागेट द्वारा रचित गीत गाकर पेरिस पर मार्च किया।
बाद में सम्राट पर देशद्रोह का मुकदमा चलाकर राष्ट्रीय असेंबली ने उसे मृत्यु दण्ड दिया था। तब फ्रांस को गणराज्य घोषित किया गया था।
प्रश्न 37.
मैक्सीमिलियन रोबेस्प्येर कौन था? उसके काल को आतंक का काल क्यों कहा जाता था?
उत्तर-
मैक्सीमिलियन जैकोबिनों का नेता था जो अपने क्लबों में राजनीतियों नीतियों पर विचार-गोष्ठी करते रहते थे। जब जैकाबिनों को फ्रांस की सत्ता प्राप्त हुई तब रोबेस्प्येर के हाथों में शक्ति आ गई। रोबेस्प्येर ने सख्ती से शासन किया तथा जो लोग उसके विचारों व नीतियों से सहमत नही होते थे, वह गिलोटिन तरीके से उन्हें मृत्यु दण्ड दिया करता था। गिलोटिन में दो खम्बों में लटकते आरे से सिर काट लिया जाता था। इस कारण उसके शासन काल को आतंक का काल कहा जाता था। उसके पतन पर उसको भी स्वयं गिलोटिन का शिकार होना पड़ा था।
प्रश्न 38.
सम्राट घोषित किये जाने के पश्चात् नैपोलियन बोनापार्ट की गतिविधियों पर एक संक्षिप्त नोट लिखिए।
उत्तर-
1804 ई. में नैपोलियन बोनापार्ट ने अपने आपको फ्रांस का सम्राट घोषित कर दिया। साथ ही, वह लोगों को गोलबंद करने के लिए आडंबर और प्रदर्शन की अहमियत समझता था। हिटलर के प्रति भारी समर्थन दर्शाने और लोगों में परस्पर एकता का भाव पैदा करने के लिए नाजियों ने बड़ी-बड़ी रैलियां और जनसभाएं आयोजित की। स्वस्तिक छपे लाल झंडे नाजी सैल्यूट और भाषणों के बाद खास अंदाज में तालियों की गड़गड़ाहट ये सारी चीजें शक्ति प्रदर्शन का हिस्सा थीं।
नाज़ियों ने अपने धुआंधार प्रचार के ज़रिए हिटलर को एक मसीहा, एक रक्षक, एक ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश किया, जिसने मानो जनता को तबाही से उबारने के लिए ही अवतार लिया था। एक ऐसे समाज को यह छवि बेहद आकर्षक दिखाई देती थी। जिसकी प्रतिष्ठा और गर्व का अहसास चकनाचूर हो चुका था और जो एक भीषण आर्थिक एवं राजनीतिक संकट से गुजर रहा था।
प्रश्न 38.
सत्ता प्राप्त करने के पश्चात् हिटलर ने किस प्रकार जर्मनी राज्य व समाज पर नियन्त्रण स्थापित किया? समझाइए।
उत्तर-
जनवरी, 1933 में जर्मन राष्ट्रपति हिंडनवर्ग ने हिटलर को चांसलर नियुक्त किया। इस समय तक हिटलर की नाज़ी पार्टी रूढ़िवादियों का समर्थन भी ले चुकी थी हिटलर के लिए जर्मन राज्य व समाज पर नियन्त्रण के लिए मार्ग खुल गया।
(1) सत्ता हासिल करने के बाद हिअलर ने लोकतांत्रिक शासन की संरचना और संस्थानों को भंग करना शुरू कर दिया। फरवरी माह में जर्मन संसद भवन में हुए रहस्यमय अग्निकांड से उसका रास्ता और आसान हो गया । 28 फरवरी 1933 को जारी किए गए अग्नि अध्यादेश (फायर डिक्री) के जरिए अभिव्यक्ति, प्रेस एवं सभा करने की आजादी जैसे नागरिक अधिकारों को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया गया।
(2) इसके बाद हिटलर ने अपने कट्टर शत्रु-कम्युनिस्टों पर निशाना साधा। ज्यादातर कम्युनिस्ठों को रातों रात यातना गृहों (कंसन्ट्रेशन कैंपों) में बंद कर दिया गया कम्युनिस्टों का बर्बर दमन किया गया। लगभग पांच लाख की आबादी वाले ड्यूसेलडोर्फ शहर में गिरफ्तार किए गए लोगों की बची-खुची 6,808 फाइलों में से 1,440 सिर्फ कम्यूनिस्टों की थीं। नाज़ियों ने सिर्फ कम्युनिस्टों का ही सफाया नहीं किया। नाज़ी शासन ने कुल 52 किस्म के लोगों को अपने दमन का निशाना बनाया था।
(3) 3 मार्च 1933 को प्रसिद्ध विशेषाधिकार अधिनियम (इनेबलिंग एक्ट) पारित किया गया। इस कानून के जरिए जर्मनी में बाकायदा तानाशाही स्थापित कर दी गई। इस कानून ने हिटलर को संसद को हाशिए पर धकेलने और केवल अध्यादेशों के ज़रिए शासन चलाने का निरंकुश अधिकार प्रदान कर दिया। नाजी पार्टी और उससे जुड़े संगठनों के अलावा सभी राजनीतिक पार्टिया और ट्रेड यूनियनों पर पाबंदी लगा दी गई। अर्थव्यवस्था, मीडिया, सेना और न्यायपालिका पर राज्य का पूरा नियंत्रण स्थापित हो गया।
(4) पूरे समाज को नाज़ियों के हिसाब से नियंत्रित और व्यवस्थित करने के लिए विशेष निगरानी और सुरक्षा दस्ते गठित किए गए। पहले से मौजूद हरी वर्दीधारी पुलिस और स्टॉर्म टूपर्स (एसए) के अलावा गेस्टापों (गुप्तचर राज्य पुलिस), एसएस (अपराध नियंत्रण पुलिस) औश्र सुरक्षा सेवा (एसडी) का भी गठन किया गया। इन नवगठित दस्तों को बेहिसाब असंवैधानिक अधिकार दिउ गए और इन्हीं की वजह से नाजी राज्य को एक खूखार आपराधिक राज्य की छवि प्राप्त हुई। गेस्टापों के यंत्रणा गुहों में किसी को भी बंद किया जा सकता था। ये नए दस्ते किसी को भी यातना गहों में भेज सकते थे, किसी को भी बिना कानूनी कार्रवाई के. देश निकाला दिया जा सकता था या गिरफ्तार किया जा सकता था। दंड की आशंका से मुक्त पुलिस बलों ने निरंकुश और निरपेक्ष शासन का अधिकार लिया था।
प्रश्न 39.
नाजी जर्मनी में यहूदियों के साथ कैसे व्यवहार किया जाता था? विवेचना कीजिए।
उत्तर-
नाजी जर्मनी में सबसे बुराहाल यहूदियों का हुआ। यहूदियों के प्रति नाज़ियों की दुश्मी का एक आधार यहूदियों के प्रति ईसाई धर्म में मौजूद परंपरागत घृणा भी थी। ईसाइयों का आरोप था कि ईसा मसीह को यहदियों ने ही मारा था। ईसाइयों की नज़र में यहूदी आदतन हत्यारे और सूदखोर थेमध्यकाल तक यहूदियों को जमीन का मालिक बनने की मनाही थी। ये लोग मुख्य रूप से व्यापार और धन उधार देने का धंधा करके अपना अपना गुजारा करते थे। वे बाकी समाज में अलग बस्तियों में रहते थे जिन्हें घेटो (Ghettoes) यानी दड़बा कहा जाता था नस्ल-संहार के -ज़रिए ईसाई बार-बार उनका सफाया करते रहते थे। उनके खिलाफ जब-तब संगठित हिंसा की जाती थी और उन्हें उनकी बस्तियों से खदेड़ दिया जाता था। लेकिन ईसाइयत ने उन्हें बचने का एक रास्ता फिर भी दिया हुआ था। यह धर्म परिवर्तन का रास्ता था। आधुनिक काल में बहुत सारे यहूदियों ने ईसाई धर्म अपना लिया और जानते-बूझते हुए जर्मन संस्कृति में ढल गए। लेकिन यहूदियों के प्रति हिटलर की घृणा तो नस्ल के छद्म वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारि थी। इस नफरत में ‘यहूदी समस्या’ का हल धर्मातरण से नहीं निकल सकता था। हिटलर की ‘दृष्टि’ में इस समरूा का सिफ एक ही हल था यहूदियों को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए।
सन् 1933 से 1938 तक नाजियो ने यहूदियों को तरह-तरह से आतंकित किया, उन्हें दरिद्र कर आजीविका के साधनों से हीन कर दिया और उन्हें शेष समाज से अलग-थलग कर डाला। यहूदी देश छोड़कर जाने लगे। 1939-45 के दूसरे और यहूदियों को कुछ खास इलाकों में इकट्ठा करने और अंततः पोलैंड में बनाए गए गैस चेम्बरों में ले जाकर मार देने की रणनीति अपनाई गई।
प्रश्न 40.
नाजी जर्मनी में मातृत्व की नाज़ी सोचा पर निबन्ध लिखिए।
उत्तर-
नाजी जर्मनी में मातृत्व की नाजी सोच विशेष – विचारों से ओत-प्रोत बताई सकती है नाजी जर्मनवासियों को बताया जाता था। कि औरतें बुनियादी तौर पर मर्दो से भिन्न होती हैं। उन्हें समझाया जाता था कि औरत-मर्द के लिए समान अधिकारों का संघर्ष गलत है जो समाज को नष्ट कर देगा।
लड़को को आक्रातक, मर्दाना और पत्थरदिल होना सिखाया जाता था। जबकि लड़कियों को यह कहा जाता था कि उनका फर्ज़ एक अच्छी मां बनना और शुद्ध आर्य रक्त वाले बच्चों को जन्म देना और उनका पालन-पोषण करना है नस्ल की शुद्धता बनाए रखने, यहूदियों से दूर रहने, घर संभालने और बच्चों को नाज़ी मूल्य-मान्यताओं की शिक्षा देने का दायित्व उन्हें ही सौंपा गया था। आर्य संस्कृति और नस्ल की ध्वजवाहक वही थीं। 1933 में हिटलर ने कहा था, “मरे राज्य की सबसे महत्त्वपूर्ण नागरिक मां है।”
हिटलर ने खूब सारे बच्चे को जन्म देने वाली माताओं के लिए वैसे ही तमगे देने का इंतजाम किया था जिस तरह के तमगे सिपाहियों को दिए जाते थे। चार बच्चे पैदा करने वालों माँ को काँसे का, छः बच्चे पैदा करने वाली माँ को चांदी का और आठ या उससे ज्यादा बच्चे पैदा करने वाली माँ को सोने का तमगा दिया जाता था।
प्रश्न 41.
क्या आप इस तथ्य के सहमत हैं कि – नाज़ी शासन ने भाषा और मीडिया का बड़ी होशियारी से प्रयोग किया था? उदाहरण सहित उत्तर-दीजिए।
उत्तर-
नाजी शासन ने भाषा और मीडिया का बड़ी होशियारी से इस्तेमाल किया और उसका जबर्दस्त फायदा उठाया। उन्होंने अपने तौर-तरीकों को बयान करने के लिए जो शब्द ईजाद किए थे वे न केवल भ्रामक बल्कि दिल दहला देने वाले शब्द थे। नाज़ियों ने अपने अधिकृत दस्तावेजों में हत्या या मौत जैसे शब्दों का कभी इस्तेमाल नहीं किया। सामूहिक हत्याओं को विशेषव्यवहार, अंतिम समाधान (यहूदियों के संदर्भ में), यूथेनीसिया (विकलांगों के लिए) चयन औश्र संक्रमण-मुक्ति आदि शब्दों से व्यक्त किया जाता था। इवेक्युएशन (खाली कराना) का आशय था लोगों को गैस चेम्बरों में ले जाना क्या आपको मालूम है कि गैस चेम्बरों को क्या कहा जाता था? उन्हें ‘संक्रमण मुक्ति-क्षेत्र’ कहा जाता था गैस चेम्बर स्नानघर जैसे दिखाई देते थे और उनमें नकली फव्वारे भी लगे होते थे।
शासन के लिए मौडिया का बहुत सोच-समझ कर प्रयोग किया गया। नाजी विचारों को फैलाने के लिए तस्वीरो, फिल्मों रेडियो, पोस्टरों, आकर्षक नारों और इश्तहारी पर्ची का खूब सहारा लिया जाता था। पोस्टरों में जर्मनों के ‘दुश्मनों’ की रटी-रटाई छवियां दिखाई जाती थीं, उनका मजाक उड़ाया जाता था, उन्हें अपमानित किया जाता था उन्हें शैतान के रूप के पेश किया जाता था। समाजवादियों – और उदारवादियों को कमज़ोर और पथभ्रष्ट तत्त्वों के रूप में । प्रस्तुत किया जाता था। उन्हें विदेशी एजेंट कहकर बदनाम किया जाता था। प्रचार फिल्मों में यहूदियों प्रति नफरत फैलाने पर जोर दिया जाता था। ‘द इटर्नल ज्यू’ (अक्षय यहूदी) इस सूची की सबसे कुख्यात फिल्म थी परंपराप्रिय यहूदियों को खास तरह की छवियों में पेश किया जाता था उन्हें दाढ़ी बढ़ाए और काफ्तान (चागा) पहले दिखाया जाता था, जबकि वास्तव में जर्मन यहूदियों और बाकी जर्मनों के बीच कोई फर्क करना असंभव था क्योंकि दोनों समुदाय एक-दूसरे में काफी घुले-मिले हुए थे। उन्हें केंचुआ, चूहा और कीड़ी जैसे शब्दों से संबोधित किया जाता था। उनकी चाल-ढाल की तुलना कुतरने वाल छछुदरी जीवों से की जाती थी। नाजीवाद ने लोगों के दिलोदिमाग पर गहरा असर डला, उनकी भावनाओं को भड़का कर उनके गुस्से और नफरत को ‘अवांछितों’ पर केंद्रित कर दिया।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों में सही (√) व गलत (x) का वयन करें।
(i) जर्मनी ने केंद्रीय शक्ति के रूप में प्रथम विश्व युद्ध लड़ा था।
(ii) पराजित जर्मनी ने लंदन में शांति संधि पर हस्ताक्षर किए थे।
(iii) वाइमर संविधान का सम्बन्ध फ्रांस से था।
(iv) हिटलर 1889 में जर्मनी में पैदा हुआ था।
(v) हिटलर द्वारा बनायी गई पार्टी का नाम फासीवादी पार्टी था।
(vi) हिटलर यहूदियों का एक समर्थक था।
(vii) हिटलर ने अपने परिवार के साथ बर्लिन के एक खंदक में अप्रैल, 1945 में आत्म-हत्या की थी।
उत्तर-
(i) √,
(ii) x,
(iii) x,
(iv) x,
(v) x,
(vi) x,
(vii) √,
प्रश्न 2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों को दिए गए शब्दों से भरें।
(i) ……मित्र देश में के रूप में लड़ने वाला एक राष्ट्र था (जर्मनी, ब्रिटेन)
(ii) हिटलर द्वारा लिखी गयी पुस्तक का नाम था…….(डाकट्रिन ऑफ फासिन्मि, मैनकाम्फ)
(iii) नाजी पार्टी ………का विरोध करती थी। (यहदियों, आर्यो)
(iv) राइखस्टै …………संसद का नाम है। (फ्रांसीसी, जर्मन).
(v) वर्साय की संधि पर हस्ताक्षर……में किए गए थे? ( 1918, 1919)
(vi) इनबलिंग एक्ट……..में पास किया गया था। (1932,1933)
(vii) गेस्टापों का अर्थ थाः गुप्त राज्य………(पुलिस, सेना)
उत्तर-
(i) ब्रिर्टन,
(ii) मैन काम्फ
(iii) यहूदी,
(iv) जर्मन,
(v) 1919,
(vi) 1933,
(vii) पुलिस।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए चार विकल्पों में सही विकल्प का चयन कीजिए।
(i) सुदेंतनलैण्ड निम्न देश का एक भाग था जिसे जर्मनी ने म्युनिख पैक्ट द्वारा प्राप्त कर लिया था।
(a) युगोस्लाविया
(b) चेकोस्लोवाकिया
(c) फ्रांस
(d) ब्रिटेन
उत्तर-
(b) चेकोस्लोवाकिया
(ii) जर्मनी ने सोवियत संघ पर निम्न वर्ष आक्रमण किया था।
(a) मई 1941
(b) जनू, 1941
(c) जुलाई, 1941
(d) आगस्त, 1941
उत्तर-
(b) जनू, 1941
(iii) अमेरिका ने हिरोशिया व नागासाकी पर एटल बम्ब गिराया था। यह दो शहर निम्नलिखित देश से जुड़े हैं
(a) चीन
(b) फ्रांस
(c) जापान
(d) इटली
उत्तर-
(c) जापान
(iv) हिटलर एक नस्लवादी था जो निमन से प्रभावित था।
(a) डार्विन
(b) मार्क्स
(c) हीगल
(d) रूसो
उत्तर-
(a) डार्विन
(v) दूसरे विश्व युद्ध के युद्ध अपराधियों पर निम्नलिखित स्थान पर मुकदमा चलाया गया था
(a) बर्लिन
(b) बॉन
(c) न्यूरमबर्ग
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(c) न्यूरमबर्ग
(vi) हिटलर जर्मनी का चांसलर निम्नलिखित में नियुक्त किया गया था।
(a) 1933
(b) 1934
(c) 1935
(d) 1936
उत्तर-
(a) 1933
(vii) नाज़ी प्रोपेगेंडा के अनुसार एक शत्रु जर्मन पूंजीवाद था, दूसरा निम्न था।
(a) बोल्शविज़म
(b) अराजकतावाद
(c) उदारवाद
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(a) बोल्शविज़म
नात्सीवाद और हिटलर का उदय Class 9 HBSE Notes in Hindi
अध्याय का सार
प्रथम विश्व युद्ध केन्द्रीय शक्तियों (जर्मनी, आस्ट्रिया_हगरी, तुर्की) तथा मित्र देशों ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, रूस, अमेरिका) आदि के बीच लड़ा गया था। यह युद्ध 1914 · से 1918 के बीच लड़ा गया। अमेरिका 1917 में प्रथम विश्व युद्ध में शामिल हुआ था। युद्ध केन्द्रीय शक्तियों की पराजय के साक्ष समाप्त हुआ था। विजयी देशों तथा जर्मनी के बीच वसाय की संधि हुई थी। इस संधि के फलस्वरूप जर्मनी को अपने सभी उपनिवेशों से वंचित होना पड़ा था। उसकी 1/10 जनसंख्या युद्ध में काम आयीः 13% क्षेत्रों को उसने खो दिए; अपने लौह भण्डार का 75% तथा कोयला भण्डार का 26% उससे ले लिया गया। युद्ध छेड़ने के बदले में उसे काफी युद्ध बिल अदा करना पड़ा-छः अरब पौंड का जुर्माना।
युद्ध के पश्चात् जर्मनी में जो सरकार बनी उसमें समाजवादी, लोकतंत्रवादी तथा कैथोलिक शामिल थे, मजाक व मखोल में उन्हें नवम्बर के अपराधी भी कहा जाता था। यह सरकार वाइमर संविधान के अनुसार शासन करने लगी। जम्रनी की अनेक बुराइयों का दायित्व वाइमर गणराज्यों के नेताओं पर डाला जा रहा था। हिटलर का उत्कर्ष भी वाइमर गणराज्य की कमजोरियों के साथ जोड़ा जाता है।
1914-18 के युद्ध का जर्मनी पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा था, उसका उद्योग पुन:खड़ा न हो सका; 1929 की अमरीकी आर्थिक मंदी ने जर्मनी की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से झकझोर दिया था; जर्मन मुद्रा मार्क अमरीकी डालर के मुकाबले में दिन प्रतिदिन गिरता चला जा रहा था, रोटी खरीदने के लिए लोग बाजार में ‘ट्रक से भरे मार्क को ले जाते थे, महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ रही थी, बेरोजगारी की स्थिति और अधिक बदतर थी। 1933 में हिटलर का उदय जर्मन समस्याओं का स्वाभाविक उत्तर-था।
हिटलर का शासन निरंकुश रूप का थाः अधिनायकवादी, नस्लवादी तथा युद्ध मुखी उसके नेतृत्व की नाजी पार्टी ही पूरे देश में मात्र एक पार्टी थी जिसने 1933 के पश्चात् जर्मनी में शासन किया था, हिटलर ही एक ऐसा नेता था जिसने पार्टी व देश पर पूर्ण रूप से शासन किया-एक – दल, एक प्रोग्राम एक नेता। हिटलर ने समाज पर, समाज ने राज्य पर, राज्य ने सरकार पर, सरकार ने राष्ट्र व लोगों पर शासन किया। वह लोग जो हिटलर का विरोध करते थे, उन्हें कठोर दण्ड दिया जाता था, कारावास भेजा जाता था, कन्सन्ट्रेशन कैम्पों में भेजा जाता था। गैर-आर्य नस्लों-विशेष रूप से यहूदियों के साथ हिटलर का बर्ताव बहुत ही कठोर था। उसने अपने शासन-काल के दौरान लगभग 60 लाख रुहूदी दो लाख जिप्सीज दस लाख लोपैण्ड के नागरिक, 75 हजार विकलांग लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। हिटलर एक नस्लवादी था तथा अपने स्वरूप में एक डिक्टेटर तथा कृति में एक अत्याचारी यह सही है कि हिटलर के काल में अर्थव्यवस्था में कुछेक सुधार हुए थे, एक सीमा तक उसकी विदेश नीति सफल भी कही जा सकती है परन्तु इन सबकी खासी कीमत देनी पड़ी थी।
इस प्रक्रिया में लोकतंत्र को नष्ट करना पड़ा तथा अधिनायकवाद को अपनाना पड़ा, लोगों के अधिकारों को जब्त करना पड़ा एंव बाहरी रूप से विस्तारवाद की नीति अपनानी पड़ी। इटली व जापान के साथ मिल कर संसार को दूसरे विश्व युद्ध में धकेलना पड़ा, भारी संख्या में जनंसख्या को बलि चढ़ाना पड़ा, आणविक शक्ति का प्रयोग करके दो जापानी शहरों-हिरोशिमा व नागासाकी-को नष्ट करना पड़ा, युद्ध के कारण संसार की – अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई तथा पुनः निर्माण के लिए अनेक वर्षों तक परिश्रम करना पड़ा। दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी को युद्ध के लिए उत्तरदायी ठहराया गया तथा उसके नेताओं पर मुकदमा चलाया गया जिसे न्यूरमबर्ग मुकदमा कहा जाता हैं