HBSE 9th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग व प्रत्यय

Haryana State Board HBSE 9th Class Hindi Solutions Hindi Vyakaran Upasarg Va Prathyay उपसर्ग व प्रत्यय Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग व प्रत्यय

उपसर्ग

उपसर्ग व प्रत्यय HBSE 9th Class प्रश्न 1.
उपसर्ग किसे कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर;
जो शब्दांश शब्दों के आरंभ में जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं; जैसे ‘कर्म’ शब्द जिसका अर्थ है, काम करना। ‘कु’ उपसर्ग जोड़ने से ‘कुकर्म’ शब्द बन जाता है जिसका अर्थ है बुरा काम। उपसर्ग के प्रयोग से अर्थ विपरीत भी हो जाता है; जैसे ‘देखा’ शब्द ‘अन्’ उपसर्ग लगाने से ‘अनदेखा’ बन जाता है जिसका अर्थ है ‘न देखा।’

हिंदी भाषा में संस्कृत और उर्दू भाषा के शब्दों का भी प्रयोग होता है। इसलिए हिंदी में संस्कृत एवं उर्दू भाषा के उपसर्गों का भी प्रयोग होता है। इसलिए इनका अध्ययन भी हमारे लिए उपयोगी होगा।

Upsarg Pratyay Class 9 HBSE

HBSE 9th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग व प्रत्यय

(क) संस्कृत के उपसर्ग-संस्कृत के बाइस उपसर्ग हैं। इनसे बने हिंदी में बहु-प्रचलित शब्दों के उदाहरण यहाँ दिए जा रहे हैं-

उपसर्ग अर्थ उपसर्ग
अति अधिक, उस पार, ऊपर अनुक्रम, अनुशीलन, अनुचार, अनुगामी, अनुसार, अनुकरण, अनुवाद, अनुरूप, अनुचित आदि।
अधि समीपता, प्रधानता, ऊँचाई, श्रेष्ठ अपवाद, अपव्यय, अपकर्ष, अपहरण, अपशब्द, अपयश, अपमान आदि।
अनु क्रम, पश्चात्, समानता अभियान, अभिभावक, अभिशाप, अभिप्राय, अभियोग, अभिनव, अभ्युदय (अभि + उदय), अभिमान, अभिलाषा आदि।
अप अभाव, अधूरा, हीनता, बुरा आरक्त, आकाश, आजन्म, आरंभ, आकर्षण, आक्रमण, आदान, आचरण, आजीवन, आरोहण, आमुख, आमरण आदि।
अभि समीपता, अधिकता और इच्छा प्रकट करना उत्साह, उत्कर्ष, उत्तम, उत्पन्न, उत्पल, उत्पत्ति, उद्देश्य, उन्नति, उत्कंठा।
सीमा, समेत, कमी, विपरीत उदार, उद्रम, उद्धत, उद्यम, उद्घाटन, उद्गम आदि।
उत् उच्चता, उत्कर्ष, श्रेष्ठता आदि अवगत, अवनत, अवलोकन, अवतार, अवशेष, अवगुण, अवज्ञा, अवरोहण आदि।
उद् ऊपर, उत्कर्ष, श्रेष्ठ उपदेश, उपकार, उपमंत्री, उपनिवेश, उपनाम, उपवन, उपस्थित, उपभेद आदि।
अव हीनता, अनादर, अवस्था, पतन दुरवस्था, दुर्दशा, दुर्लभ, दुर्जन, दुराचार (दु + आचार), दुष्कर्म, दुस्साध्य, दुस्साहस, आदि।
उप् सहाय, सुदृढ़, गौण, हीनता उपसर्ग
दुः, दुर् दुर्दुस् बुरा, कठिन, दृष्ट-हीन अनुक्रम, अनुशीलन, अनुचार, अनुगामी, अनुसार, अनुकरण, अनुवाद, अनुरूप, अनुचित आदि।
नि भीतर, नीचे, बाहर निकृष्ट, निपात, नियुक्त, निवास, निमग्न, निवारण, निषेध, निर्मल, निर्विकार आदि।
निस् बाहर, निषेध निस्तेज, निःशंक, निस्सन्देह, निष्कलंक आदि।
पर अनादर, नाश, विपरीत, पीछे, उलटा पराजय, परिवर्तन, पराधीन, पराभव आदि।
परि अतिशय, चारों ओर परिपूर्ण, परिच्छेद, परिवर्तन, परिक्रम आदि।
प्र यज्ञ, गति, उत्कर्ष, अतिशय, आगे प्रताप, प्रयत्न, प्रबल, प्रसिद्ध, प्रसन्न, प्रमाण, प्रयोग, प्रचार, प्रस्थान, प्रगति आदि।
प्रति विरोध, हर एक, सामने प्रतिपल, प्रत्येक, प्रतिदिन, प्रतिशोध, प्रतिकूल आदि।
वि हीनता, भिन्नता, विशेषता विशेष, विज्ञ, वियोग, विमुख, विदेश, विभाग, विज्ञान आदि।
सम् पूर्णता, संयोग, अच्छा संकल्प, संग्रह, संयोग, संग्रह, सम्पत्ति, संहार आदि।
सु सुन्दर, सहन, अच्छा, सरल सुयश, सुकर्म, सुगम, सुकन्या, सुपुत्र आदि।

संस्कृत के कुछ अव्यय जो उपसर्ग की भाँति प्रयुक्त होते हैं; जैसे-

अव्यय अर्थ उदाहरण
अधः नीचे अधःपतन, अधोगति, अधोलिखित।
अलम् बहुत, बस अलंकार, अलंकृत, अलंकरण।
अंतः भीतर अंतर्मन, अंतःकाल, अंतरात्मा, अंतर्धान।
चिर् बहुत देर चिरायु, चिरकाल, चिरपरिचित, चिरस्थायी।
तिरः निषेध तिरोभाव, तिरोहित, तिरस्कार।
पुरा पुराना, पहले पुरातन, पुरातत्व।
पुनः फिर पुनरामगमन, पुनर्जन्म, पुनर्मिलन।
प्राक् पहले प्रागैतिहासिक, प्राक्कथन।
बहिः बाहर बहिर्मुख, बहिर्गमन, बहिष्कार, बहिरंग।
सह साथ सहानुभूति, सहपाठी, सहकारी, सहयोग, सहोदर।

Hindi Vyakaran Pratyay HBSE

HBSE 10th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग

(ख) हिंदी के उपसर्ग: हिंदी के सामान्य उपसर्ग निम्नलिखित हैं-
HBSE 9th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग 1

Upsarg Aur Pratyay HBSE 9th Class

(ग) उर्दू (अरबी-फारसी) के उपसर्ग-
HBSE 9th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग 2

HBSE 9th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग

Upsarg Aur Pratyay Class 9th HBSE

(घ) अंग्रेज़ी के उपसर्ग-

उपसर्ग अर्थ उदाहरण
सब अधीन, नीचे सबजज, सब कमेटी।
डिप्टी सहायक डिप्टी मिनिस्टर, डिप्टी रजिस्ट्रार
चीफ मुख्य चीफमिनिस्टर, चीफ ऑफ स्टाफ।
वाइस उप वाइस चांसलर, वाइस प्रिंसिपल।
जनरल मुख्य जनरल मैनेजर,जनरल सैक्रेटरी।

HBSE 9th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग व प्रत्यय

प्रत्यय

Upsarg Pratyay Class 9th HBSE प्रश्न 1.
प्रत्यय किसे कहते हैं ? प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं ? सोदाहरण उत्तर दीजिए।
उत्तर:
अर्थवान शब्द के अंत में जोड़े जाने वाले वर्ण अथवा वर्ण-समूह को प्रत्यय कहते हैं अर्थात् प्रत्यय वह ध्वनि, अक्षर या शब्दांश है, जिसे धातु अथवा शब्द के अंत में लगाकर कोई रूप या शब्द बनाते हैं; जैसे मूर्ख + ता = मूर्खता; धीर + ता = धीरता; यहाँ ‘ता’ प्रत्यय है। घबरा + आहट = घबराहट; यहाँ आहट प्रत्यय है।
हिंदी भाषा में प्रयुक्त लगभग सभी प्रत्यय अपने हिंदी के ही हैं। प्रत्यय दो प्रकार के हैं-
(1) कृत प्रत्यय
(2) तद्धित प्रत्यय।

1. कृत प्रत्यय अथवा कृदंत प्रत्यय:
धातु (क्रिया के मूल रूप) के अंत में लगकर जो शब्दांश अनेक प्रकार के शब्द (क्रिया-रूप) बनाते हैं, उन्हें कृत अथवा कृदंत प्रत्यय कहा जाता है।
कृत प्रत्यय चार प्रकार के होते हैं-
(क) कर्तृवाचक कृत प्रत्यय,
(ख) कर्मवाचक कृत प्रत्यय,
(ग) भाववाचक कृत प्रत्यय तथा
(घ) क्रियावाचक (क्रियार्थक) कृत प्रत्यय।

Hindi Upsarg Class 9 HBSE

1. कृत प्रत्यय

(क) कर्तृवाचक कृत प्रत्यय जो कृत प्रत्यय धातु कर्ता अर्थात् क्रिया के करने वाले की ओर संकेत करते हैं उन्हें कर्तवाचक कृत प्रत्यय कहते हैं। कुछ उदाहरण देखिए-
प्रत्यय – उदाहरण
दार – देनदार, लेनदार, धारदार।
हार – होनहार, पालनहार, उतारनहार, खेवनहार।
वाला – बचानेवाला, खानेवाला, रखवाला।
आलू – झगड़ालू, कृपालू, लज्जालू।
ऐया – बजैया, खवैया, बचैया।
आऊ – बिकाऊ, टिकाऊ, टकराऊ, कमाऊ।
अक्कड़ – भुलक्कड़, घुमक्कड़, पियक्कड़।
अक – धावक, चालक, पालक, धारक, मारक।
आक – तैराक, चालाक।

(ख) कर्मवाचक कृत प्रत्यय जो कृत प्रत्यय कर्मवाचक शब्दों की रचना में सहायक होते हैं, उन्हें कर्मवाचक कृत प्रत्यय कहते हैं; जैसे-
प्रत्यय – उदाहरण
ना – पालना, ओढ़ना, नाना, पढ़ना, तैरना, बुलाना।
नी – ओढ़नी, बिछौनी, सुंघनी, कहानी।
औना – बिछौना, खिलौना।
न – झाड़न, बेलन, कतरन।

(ग) भाववाचक कृत प्रत्यय वे कृत प्रत्यय जो भाववाचक संज्ञाओं की रचना करते हैं, भाववाचक कृत प्रत्यय कहलाते हैं; जैसे-
प्रत्यय – उदाहरण
आई – लिखाई, सिखलाई, सिलाई, कढ़ाई, पढ़ाई, लड़ाई आदि।
आहट – घबराहट, चिल्लाहट, जगमगाहट, गर्माहट आदि।
आव – चढ़ाव, उतराव, बनाव, बचाव आदि।
आवा – बुलावा, चढ़ावा, पहनावा आदि।
आन – थकान, उड़ान, उठान आदि।
आस – विश्वास, प्यास, हास आदि।

(घ) क्रियावाचक कृत प्रत्यय-जो प्रत्यय क्रिया शब्द बनाते हैं, उन्हें क्रियावाचक कृत प्रत्यय कहते हैं; जैसे-
ता, ते, ती – आता, जाता, जाते, आते, खाती।
आ, ए, या – उठा, चला, गया, आया, गए आदि।
ई – गायी, खाई, पी, गई आदि।

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HBSE 9th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग व प्रत्यय

2. तद्धित प्रत्यय

प्रश्न 2.
तद्धित प्रत्यय की परिभाषा देते हुए उसके भेदों का उदाहरण सहित उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जो क्रिया के अतिरिक्त शेष सभी प्रकार के शब्दों-संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया-विशेषण आदि के अंत में लगकर अनेक प्रकार के शब्द बनाते हैं, उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं।
तद्धित प्रत्यय सात प्रकार के होते हैं-
(1) भाववाचक तद्धित प्रत्यय
(2) कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय
(3) स्त्रीलिंगवाचक तद्धित प्रत्यय
(4) बहुवचनवाचक तद्धित प्रत्यय
(5) गुणवाचक तद्धित प्रत्यय
(6) लघुतावाचक तद्धित प्रत्यय
(7) क्रमवाचक तद्धित प्रत्यय।

(1) भाववाचक तद्धित प्रत्यय-जिन प्रत्ययों से भाववाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण होता है, उन्हें भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं; जैसे-
प्रत्यय – उदाहरण
ता – मनुष्यता, मूर्खता, सरलता, लघुता, प्रभुता आदि।
त्व – गुरुत्व, महत्व, पुरुषत्व, अपनत्व आदि।
पन – बचपन, लड़कपन, पतलापन, पीलापन, बड़प्पन आदि।
आहट – चिकनाहट, चिल्लाहट, गर्माहट आदि।

(2) कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय-जिन प्रत्ययों के सहयोग से कर्ता की ओर संकेत करने वाले शब्द का निर्माण हो, उन्हें कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं; जैसे-
दार – ईमानदार, कर्जदार, समझदार आदि।
आर – सुनार, लुहार, चमार आदि।
आरी – भिखारी, पुजारी, जुआरी, पंसारी आदि।
वाहा – चरवाहा, हलवाहा आदि।
ई – संयमी, ज्ञानी, तेली, कामी आदि।
कार – नाटककार, स्वर्णकार, साहित्यकार, पत्रकार, कहानीकार आदि।
अक – अध्यापक, शिक्षक, पाठक, लेखक।

(3) स्त्रीलिंगवाचक तद्धित प्रत्यय-जिन प्रत्ययों के प्रयोग से स्त्रीलिंग शब्दों की रचना की जाती है, उन्हें स्त्रीलिंगवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं; जैसे-
आ – छात्रा, शिष्या, दुहिता, अध्यापिका, बाला आदि।
ई – देवी, नारी, चाची, नानी, बेटी।
आनी – देवरानी, नौकरानी, जेठानी, इन्द्राणी आदि।
नी – पत्नी, शेरनी, मोरनी, सिंहनी, राजपूतनी आदि।
षी – विदुषी, महिषी।
मती – श्रीमती, बुद्धिमती, धीमती आदि।
इन – धोबिन, लुहारिन, सुहागिन आदि ।

(4). गुणवाचक तद्धित प्रत्यय-जिन तद्धित प्रत्ययों के योग से गुणवाचक विशेषण शब्दों की रचना की जाती है, उन्हें गुणवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं; जैसे-

ई – धनी, मानी, ज्ञानी, सुखी, दुःखी, पंजाबी, हिमाचली, गुलाबी।
ईन – गमगीन, शौकीन, रंगीन, नमकीन।
मंद – अक्लमंद, फायदेमंद।
दार – दुकानदार, हवलदार, ज़मींदार, सरदार।
इया – अमृतसरिया, लाहौरिया, जालंधरिया।
ईला – रंगीला, सजीला, रसीला, ज़हरीला।
ऊ – पेटू, बाज़ारू, बाबू, गंवारू।
आना – ज़माना, मर्दाना, सालाना, फुसलाना, बहलाना।
ऐरा – सपेरा, बहुतेरा, ममेरा, चचेरा, फुफेरा, लुटेरा।
अवी – हरियाणवी, देहलवी, लखनवी।
आलु – दयालु, कृपालु।
इक – राजनीतिक, शारीरिक, साहित्यिक, वैदिक।
इय – राष्ट्रीय, स्थानीय, देशीय, पर्वतीय।
वान् – धनवान्, गुणवान्, विद्वान्।
मान् – बुद्धिमान्, शक्तिमान्।
आ – भूखा, प्यासा।
हला – रूपहला, सुनहला।
इमा – नीलिमा, हरितिमा।

(5) बहुवचनवाचक तद्धित प्रत्यय-जिन प्रत्ययों के प्रयोग से एकवचन शब्द बहुवचन में बदल जाता है, उसे बहुवचन तद्धित प्रत्यय कहते हैं; जैसे-

ए – लड़के, रुपए, कमरे, उठे, घोड़े, मोटे आदि।
एँ – कन्याएँ, बहुएँ, सड़कें, भाषाएँ आदि।

(6) लघुतावाचक तद्धित प्रत्यय-जिन तद्धित प्रत्ययों के प्रयोग से शब्द में लघुता का बोध होने लगे, उन्हें लघुतावाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं; जैसे-

ई – पहाड़ी, बछड़ी, टुकड़ी आदि।
ड़ी – संदुकड़ी, टुकड़ी, गठड़ी, पंखुड़ी आदि।

(7) क्रमवाचक तद्धित प्रत्यय-जिन तद्धित प्रत्ययों के प्रयोग से शब्दों में क्रम का ज्ञान हो, उन्हें क्रम बोध तद्धित प्रत्यय कहते हैं; जैसे-

गुना – चारगुना, छहगुना, दुगुना आदि।
वाँ – बीसवाँ, पाँचवाँ, आठवाँ आदि।
सरा – दूसरा, तीसरा आदि।

HBSE 9th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग व प्रत्यय

परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कोई पाँच ऐसे शब्द लिखो जिनमें दो-दो उपसर्गों का प्रयोग किया गया हो।
उत्तर:
(1) सु + प्रति = सुप्रतिष्ठित।
(2) सु + सम् = सुसंगठित।
(3) अन् + अव = अनवधान।
(4) अ + सु = असुरक्षित।
(5) अ + स = असफल।

प्रश्न 2.
दस ऐसे शब्द लिखिए जिनका निर्माण उपसर्ग और प्रत्यय दोनों की सहायता से किया गया हो।
उत्तर:
HBSE 9th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग व प्रत्यय 3

प्रश्न 3.
भाववाचक कृत प्रत्यय और भाववाचक तद्धित प्रत्यय में क्या अंतर है ? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर:
जो कृत प्रत्यय क्रियाओं के साथ जुड़कर भाववाचक संज्ञा का निर्माण करते हैं, उन्हें भाववाचक कृत प्रत्यय कहते हैं; जैसे लिख से लिखाई, पढ़ से पढ़ाई जबकि भाववाचक तद्धित प्रत्यय संज्ञा विशेषण आदि शब्दों के साथ जुड़कर भाववाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण करते हैं; जैसे मनुष्य से मनुष्यता, बच्चा से बचपन, पीला से पीलापन आदि।

प्रश्न 4.
तद्धित प्रत्यय और कृत प्रत्यय का अंतर स्पष्ट करते हुए दोनों के चार-चार उदाहरण लिखो।
उत्तर:
कृत प्रत्यय क्रियाओं के साथ जुड़कर शब्दों का निर्माण करते हैं, जबकि तद्धित प्रत्यय क्रियाओं के अतिरिक्त अन्य सभी शब्दों या शब्दांशों के साथ जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करते हैं। अग्रलिखित उदाहरणों से दोनों का अंतर और भी स्पष्ट हो जाएगा-
HBSE 9th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग व प्रत्यय 4

प्रश्न 5.
कर्मवाचक और कर्तवाचक प्रत्यय में क्या अंतर है ? उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जो प्रत्यय धातुओं के अंत में जुड़कर कर्म के अर्थ को प्रकट करे; कर्मवाच्य प्रत्यय कहलाता है। जैसे ओना से बिछौना। किन्तु कर्तृवाचक प्रत्यय धातु के पहले जुड़कर क्रिया के कर्ता का अर्थ प्रकट करता है; जैसे अक से पाठक, ता से वक्ता आदि।

प्रश्न 6.
‘कृदंत’ किसे कहते हैं ?
उत्तर:
धातुओं के आगे कृत प्रत्यय लगने से जो शब्द बनते हैं, उन्हें कृदंत शब्द कहते हैं; जैसे भूत धातु में ‘अक्कड़’ प्रत्यय लगाकर भुलक्कड़ शब्द बनता है। ‘तैर’ से तैरना बनता है। ये शब्द कृदंत कहलाते हैं।

HBSE 9th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग व प्रत्यय

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्यय बताओपाठक, कलाकार, धनवान्, घरवाला, कामगार, रसोइया, ममेरा, धार्मिक, खटास, लघुता।
उत्तर:
पाठक = पाठ + अक
धनवान् = धन + वान
कलाकार = कला + कार
घरवाला = घर + वाला
कामगार = काम + गा
रसोइया = रसोइ + या
ममेरा = मम + एरा
धार्मिक = धर्म + इक
खटास = खटा + आस
लघुता = लघु + ता

प्रश्न 8.
कोई पाँच ऐसे शब्द लिखो जो उर्दू उपसर्गों के योग से बने हों।
उत्तर:
कम + जोर = कमजोर
दर + असल = दरअसल
बद + तमीज = बद्तमीज
ला + जवाब = लाजवाब
हम + शक्ल = हमशक्ल

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