Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि
HBSE 8th Class Science ध्वनि InText Questions and Answers
पहेली बूझो
(पृष्ठ संख्या – 160)
प्रश्न 1.
जब हम बोलते हैं तो क्या हमारे शरीर का कोई भाग कंपित होता है ?
उत्तर:
हाँ। बोलने पर हमारा वाक्यंत्र ध्वनि उत्पन्न करने के लिए कषित होता है।
(पृष्ठ संख्या – 165)
प्रश्न 2.
मैं चकित हूँ कि मेरी आवाज मेरे अध्यापक से भिन्न क्यों है ?
उत्तर:
आवृत्ति ध्वनि की तीक्ष्णता या तारत्व को निर्धारित करती है। यदि कम्पन की आवत्ति अधिक है तो हम कहते हैं कि ध्वनि तीखी है। यदि कम्पन की आवृत्ति कम है तो हम कहते हैं कि ध्वनि का तारत्व कम है।
HBSE 8th Class Science ध्वनि Textbook Questions and Answers
सही उत्तर चुनिए
प्रश्न 1.
ध्वनि संचरित हो सकती है।
(क) केवल वायु या गैसों में
(ख) केवल ठोसों में
(ग) केवल द्रवों में
(घ) ठोसों, द्रवों तथा गैसों में।
उत्तर:
(घ) ठोसों, द्रवों तथा गैसों में।
प्रश्न 2.
निम्न में से किस वाक् ध्वनि की आवृत्ति न्यूनतम होने की सम्भावना है
(क) छोटी लड़की की
(ख) छोटे लड़के की
(ग) पुरुष की
(घ) महिला की।
उत्तर:
(ख) छोटे लड़के की।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही कथन के सामने ‘T’ तथा गलत कथन के सामने ‘F लिखिए –
(क) ध्वनि निर्वात में संचरित नहीं हो सकती।
(ख) किसी कपित वस्तु के प्रति सेकंड होने वाले दोलनों की संख्या को इसका आवर्तकाल कहते हैं।
(ग) यदि कंपन का आयाम अधिक है तो ध्वनि मंद होती है।
(घ) मानव कानों के लिए श्रव्यता का परास 20 Hz से 20,000 Hz है।
(ङ) कंपन की आवृत्ति जितनी कम होगी, तारत्व उतना ही अधिक होगा।
(च) अवांछित या अप्रिय ध्वनि को संगीत कहते हैं।
(छ) ध्वनि प्रदूषण आशिक श्रवण अशक्तता उत्पन्न कर सकता है।
उत्तर:
(क) T, (ख) F (ग) E (घ) T. (ङ) E (च) F (छ) T.
प्रश्न 4.
उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए(क) किसी वस्तु द्वारा एक दोलन को पूरा करने में लिए गए समय को …………………. कहते हैं।
(ख) प्रबलता कंपन के ………………. से निर्धारित की जाती है।
(ग) आवृत्ति का मात्रक ……………………. है।
(घ) अवांछित ध्वनि को …………….. कहते हैं।
(ङ) ध्वनि की तीक्ष्णता कंपनों की ………………. से निर्धारित की जाती है।
उत्तर:
(क) आवर्तकाल,
(ख) आयाम
(ग) हर्ट्स,
(घ) शोर,
(ङ) आवृत्ति।।
प्रश्न 5.
एक दोलक 4 सेकंड में 40 बार दोलन करता है। इसका आवर्तकाल और आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हलः
प्रश्न 6.
एक मच्छर अपने पंखों को 500 कंपन प्रति सेकंड की औसत दर से कंपित करके ध्वनि उत्पन्न करता है। कंपन का आवर्तकाल कितना है ?
हल:
आवृत्ति = 500
कंपन = 500 Hz,
आवर्तकाल = ?
हम जानते हैं, आवर्तकाल = \(\frac{1}{500}\)
= 2 ×10-3 सेकण्ड
प्रश्न 7.
निम्न वाद्ययंत्रों में उस भाग को पहचानिए जो ध्वनि उत्पन्न करने के लिए कंपित होता है –
(क) ढोलक (ख) सितार (ग) बाँसुरी
उत्तर:
वाद्य यंत्र | कंपित भाग |
ढोलक | तानित झिल्ली |
सितार | तानित तार |
बाँसुरी | वायु स्तम्भ |
प्रश्न 8.
शोर तथा संगीत में क्या अन्तर है ? क्या कभी संगीत शोर बन सकता है ?
उत्तर:
संगीत –
(क) यह प्रिय ध्वनि है।
(ख) स्वास्थ्य समस्याओं से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है।
(ग) यह सुखद है।
शोर –
(क) यह अप्रिय ध्वनि है।
(ख) स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का कारण बन सकता है।
(ग) यह कष्टप्रद है। यदि संगीत अत्यंत प्रबल हो जाए तो यह शोर बन जाता है।
प्रश्न 9.
अपने वातावरण में ध्वनि प्रदूषण के स्रोतों की सूची बनाइए।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण के स्रोत –
(1) वाहनों का शोर।
(2) लाउडस्पीकर, विवाह जैसे सामाजिक कार्यक्रम, धार्मिक कार्यक्रम।
(3) फेरी वाले, जुलूस।
(4) रेडियो, टेलीविजन, टेलीफोन।
(5) रसोई के कुछ उपकरण, कूलर, वैक्यूम क्लीनर, वाशिग मशीन इत्यादि।
प्रश्न 10.
वर्णन कीजिए कि ध्वनि प्रदूषण मानव के लिए किस प्रकार से हानिकारक है?
उत्तर:
शोर प्रदूषण के मानव पर दुष्प्रभाव –
(1) नींद कम आना।
(2) चिंता जैसे विकार उत्पन्न होना।
(3) उच्च रक्तचाप होना।
(4) आंशिक श्रवण अशक्तता इत्यादि।
प्रश्न 11.
आपके माता-पिता एक मकान खरीदना चाहते हैं। उन्हें एक मकान सड़क के किनारे पर तथा दूसरा सड़क से तीन गली छोड़कर देने का प्रस्ताव किया गया है। आप अपने माता-पिता को कौन-सा मकान खरीदने का सुझाव देंगे ? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
हम माता-पिता को सड़क से तीन गली दूर वाला मकान खरीदने का सुझाव देंगे। क्योंकि सड़क के पास वाले मकान में कई हानियाँ हैं;
जैसे –
(1) वाहनों से निकला धुआँ वायु प्रदूषण उत्पन्न करता है।
(2) सड़क पर चलते हुए वाहनों से अत्यधिक शोर होता है।
(3) ट्रैफिक बाधा के समय हॉों से ध्वनि प्रदूषण होता है।
प्रश्न 12.
मानव वाक्यंत्र का चित्र बनाइए तथा इसके कार्य की अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जब फेफडे वाय को बलपर्वक झिरी से बाहर निकालते हैं, तो वाक्-तन्तु कपित होते हैं, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है। वाक्-तन्तुओं से जुड़ी माँसपेशियाँ तन्तुओं को – तना हुआ या ढीला कर सकती हैं। जब वाक् तंतु तने हुए और पतले होते हैं तब वाक् ध्वनि का प्रकार उस वाक ध्वनि से भिन्न होता है, जब वाक् तन्तु मोटे और ढीले होते हैं।
प्रश्न 13.
आकाश में तड़ित तथा मेघगर्जन की घटना एक समय पर तथा हमसे समान दूरी पर घटित होती है। हमें तड़ित पहले दिखाई देती है तथा मेघगर्जन बाद में सुनाई देता है। क्या आप इसकी व्याख्या कर सकते हैं।
उत्तर:
प्रकाश की चाल, ध्वनि की अपेक्षा काफी अधिक होती है। ध्वनि की चाल 332 मी/से होती है तथा प्रकाश की चाल 3 × 108 मी/से होती है। इसलिए प्रकाश ध्वनि से तेज चलता है। इस कारण एक साथ उत्पन्न होने के बावजूद आकाश में तड़ित, मेघगर्जन की अपेक्षा पहले दिखाई देती है।
HBSE 8th Class Science ध्वनि Important Questions and Answers
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. आवृत्ति को व्यक्त करते हैं –
(अ) प्रति सेकंड में
(ब) हर्टज में
(स) डेसीबल में
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) प्रति सेकंड में
2. अप्रिय ध्वनि को कहते हैं –
(अ) सुस्वर ध्वनि
(ब) संगीत
(स) शोर
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(स) शोर
3. निम्न में से किसमें ध्वनि संचरित नहीं हो सकती है
(अ) वायु में
(ब) निर्वात् में
(स) जल में
(द) ठोस में।
उत्तर:
(ब) निर्वात् में
4. सामान्य वार्तालाप में ध्वनि की प्रबलता होती है
(अ) 10 db
(ब) 30 db
(स) 80 db
(द) 60 db.
उत्तर:
(ब) 30 db
5. मानव में ध्वनि उत्पन्न होती है
(अ) आहार नाल द्वारा
(ब) जीभ द्वारा
(स) कंठ द्वारा
(द) उपरोक्त सभी द्वारा।
उत्तर:
(स) कंठ द्वारा
रिक्त स्थान पूर्ति
(क) किसी वस्तु को अपनी माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे होने वाली गति को ……….. कहते हैं।
(ख) मंजीरा एक ……………….. है।
(ग) मानवों में ध्वनि ………….. द्वारा उत्पन्न होती है।
(घ) ध्वनि को संचरण के लिए कोई ………….. की आवश्यकता होती है।
(ङ) ………… आवृत्ति एक दोलन प्रति सेकंड के बराबर होती है।
उत्तर:
(क) कंपन
(ख) वाद्ययंत्र
(ग) वाक्यंत्र अथवा कंठ
(घ) माध्यम
(ङ) Hz
सुमेलन
कॉलम ‘अ’ | कॉलम ‘ब’ |
(i) तबला | (क) वाक्यंत्र |
(ii) कंठ | (ख) Hz |
(iii) आवृत्ति | (ग) अप्रिय ध्वनि |
(iv) ध्वनि की प्रबलता | (घ) वाद्य यंत्र |
(v) शोर | (ङ) डेसिबल |
उत्तर:
कॉलम ‘अ’ | कॉलम ‘ब’ |
(i) तबला | (घ) वाद्य यंत्र |
(ii) कंठ | (क) वाक्यंत्र |
(iii) आवृत्ति | (ख) Hz |
(iv) ध्वनि की प्रबलता | (ङ) डेसिबल |
(v) शोर | (ग) अप्रिय ध्वनि |
सत्य / असत्य कथन
(क) बाक्यंत्र श्वासनली के ऊपरी सिरे पर होता है।
(ख) पुरुषों में वाक्-तंतुओं की लम्बाई लगभग 15 mm होती है।
(ग) ध्वनि निर्वात में संचरित हो सकती है।
(घ) आवृत्ति को सेमी. में मापा जाता है।
(ङ) 80 dB से अधिक प्रबल शोर शरीर के लिए कष्टदायक होता है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) असत्य
(घ) असत्य
(ङ) सत्य
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
कंपन किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी वस्तु की अपनी माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे होने वाली गति को कंपन कहते हैं।
प्रश्न 2.
आयाम को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
कपित वस्तु द्वारा मध्य स्थिति से अधिकतम तय की गई दूरी आयाम कहलाती है।
प्रश्न 3.
कंपन के आयाम तथा प्रबलता में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
कंपन का आयाम अधिक होने पर ध्वनि की प्रबलता अधिक होती है।
प्रश्न 4.
मानवों में ध्वनि किसके द्वारा उत्पन्न होती है?
उत्तर:
वाकयंत्र या कंठ (Larynx) द्वारा।
प्रश्न 5.
पुरुषों के वाक्-तंतुओं की लंबाई बताइए।
उत्तर:
लगभग 20 mm
प्रश्न 6.
महिलाओं के वाक्-तंतुओं की लंबाई बताइए।
उत्तर:
लगभग 15 mm
प्रश्न 7.
ध्वनि को संरचण के लिए किसकी आवश्यकता होती है?
उत्तर:
कोई माध्यम की।
प्रश्न 8.
क्या ध्वनि निर्वात में संचरित हो सकती है?
उत्तर:
नहीं।
प्रश्न 9.
ध्वनि कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर:
कंपित वस्तुओं के द्वारा।
प्रश्न 10.
आवृत्ति क्या है?
उत्तर:
प्रति सेकंड होने वाले दोलनों की संख्या को दोलन की आवृत्ति कहते हैं।
प्रश्न 11.
आवृत्ति की इकाई क्या है?
उत्तर:
हर्ट्स (Hz)
प्रश्न 12.
आवर्तकाल किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक दोलन को पूरा करने में लगा समय वस्तु का आवर्तकाल कहलाता है।
प्रश्न 13.
ध्वनि के तारत्व से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
तारत्व ध्वनि का वह गुण है जिसके कारण ध्वनि बारीक या मोटी सुनाई देती है।
प्रश्न 14.
उन दो जानवरों के नाम लिखिए जो 20,000 हर्ट्ज़ से अधिक आवृत्ति की तरंगों के लिए संवेदनशील
उत्तर:
कुत्ता एवं चमगादड़।
प्रश्न 15.
मानव कानों के लिए श्रवण की आवृत्ति का परास क्या है?
उत्तर:
20 Hz से 20,000 Hz तक।
प्रश्न 16.
ध्वनि की प्रबलता का मात्रक क्या है ?
उत्तर:
डेसीबल (dB).
प्रश्न 17.
ध्वनि किस मात्रा पर हानिकारक हो सकती है?
उत्तर:
80 डेसीबल से अधिक होने पर।
प्रश्न 18.
पूर्ण बढ़ छड़ में ध्वनि की चाल क्या होगी?
उत्तर:
पूर्ण दृढ छड़ में ध्वनि की चाल अनन्त होती है।
प्रश्न 19.
भिनभिनाते मच्छर अथवा गरजते शेर में से किसकी आवृत्ति अधिक होगी?
उत्तर:
भिनभिनाते मच्छर की ध्वनि की आवृत्ति अधिक होगी।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
धातु की एक प्लेट को दीवार से बिना छुए एक स्थान पर लटकाते हैं। इस पर आधारित निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए (क्रियाकलाप)
(क) प्लेट पर किसी छड़ी से चोट मारने पर क्या ध्वनि सुनाई पड़ती है।
(ख) चोट मारने के तुरंत बाद इसे हाथों से कसकर पकड़ने पर क्या होता है?
(ग) प्लेट के ध्वनि उत्पन्न करना बंद करने पर क्या इसमें कंपन अनुभव होता है?
उत्तर:
(क) हाँ। प्लेट के कंपन्न अनुभव किये जा सकते है। कपन के कारण ध्वनि उत्पन्न होती है।
(ख) प्लेट को हाथों से कसकर पकड़ा जाए तो कोई ध्वनि सुनाई नहीं देती क्योंकि कंपन बंद होने के कारण ध्वनि उत्पन्न नहीं होती है।
(ग) ध्वनि उत्पन्न करना बंद होने पर कोई भी कंपन्न अनुभव नहीं होता है।
प्रश्न 2.
एक पेंसिल बॉक्स पर रबड़ का एक छल्ला चढ़ाकर बॉक्स तथा तानित रबड़ के बीच दो पेंसिल लगाते हैं। इसके बाद रबड़ के छल्ले को बीच में से खींचकर छोड़ने पर क्या होता है? स्पष्ट कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
किसी वस्तु की अपनी माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे होने वाली गति को कंपन कहते हैं। जब कस कर तानित एक रबड़ के छल्ले को कर्षित करते हैं या बीच से खींचकर छोड़ते हैं तो यह कंपन करता है और ध्वनि उत्पन्न करता है। जब यह कंपन बंद कर देता है तो ध्वनि बंद हो जाती है।
प्रश्न 3.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि कंपायमान वस्तुएँ ध्वनि उत्पन्न करती हैं। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
धातु की एक थाली लेकर इसमें कुछ जल डालते हैं। एक चम्मच से इसके किनारे पर आघात करने पर ध्वनि सुनाई देती है। थाली पर पुनः आघात करने पर थाली में कंपन होता है। फिर से आघात करने पर कंपित थाली जल में तरंगें।
अतः हम कह सकते हैं कि कंपायमान वस्तुएँ ध्वनि उत्पन्न करती है।
प्रश्न 4.
कंपन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
किसी वस्तु की अपनी माध्य स्थिति के इधरउधर या आगे-पीछे होने वाली गति को कंपन कहते हैं। जब कसकर तने हुए एक रबड़ के छल्ले को कर्षित (Pluck) करते हैं या बीच में से खींचकर छोड़ते हैं तो यह कंपन करता है और ध्वनि उत्पन्न करता है तथा कंपन के बंद होने पर ध्वनि बंद हो जाती है।
प्रश्न 5.
ध्वनि की प्रबलता से आप क्या समझते हैं ? यह किन कारकों पर निर्भर करती है ?
उत्तर:
ध्वनि की प्रबलता हमारे कानों की आपेक्षिक संवेदनशीलता की माप होती है। ध्वनि की प्रबलता ध्वनि उत्पन्न करने वाले कंपनों के आयाम के वर्ग के समानुपातिक है। उदाहरण के लिए, यदि आयाम दुगुना हो जाए तो प्रबलता 4 के गुणक में बढ़ जाती है। प्रबलता को डेसिबल (db) मात्रक में व्यक्त करते हैं।
प्रश्न 6.
ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानों तक कैसे पहुँचता है?
उत्तर:
जब ध्वनि के कारण किसी माध्यम में कोई विक्षोभ उत्पन्न होता है तो यह विक्षोभ माध्यम के कणों में गति उत्पन्न कर देता है, ये कण अपने समीपवर्ती माध्यम के अन्य कणों में उसी प्रकार गति उत्पन्न कर देते हैं। यह प्रक्रिया इसी प्रकार माध्यम के अन्य कणों में फैलती जाती है तथा विक्षोभ हमारे कानों तक पहुँच जाता
प्रश्न 7,
व्याख्या कीजिए कि आवृत्ति ध्वनि का तारत्व निर्धारित करती है।
उत्तर:
आवृत्ति ध्वनि की तीक्ष्णता या तारत्व को निर्धारित करती है। यदि कंपन की आवृत्ति अधिक है तो हम कहते हैं कि ध्वनि तीखी है। यदि कंपन की आवृत्ति कम है तो हम कहते हैं कि ध्वनि का तारत्व कम है। उदाहरण के लिए ढोल मंद आवृत्ति से कंपित होता है इसलिए यह कम तारत्व की ध्वनि उत्पन्न करता है। दूसरी ओर, सीटी की आवृत्ति अधिक होती है और इसलिए अधिक तारत्व की ध्वनि उत्पन्न करती है। पक्षी उच्च तारत्व की ध्वनि उत्पन्न करता है।
प्रश्न 8.
सिद्ध कीजिए कि किसी दोलन करने वाली वस्तु के लिए आवृत्ति x आवर्तकाल – 1
उत्तर:
यदि दालन करने वाली वस्तु की आवृत्ति = n
1 सेकण्ड में किया गया कम्पन = n
n कम्पन में वस्तु द्वारा लिया गया समय = 1 सेकण्ड
1 कम्पन करने में वस्तु द्वारा लगा समय = \(\frac{1}{n}\) सेकण्ड
क्योंकि कम्पन में लगा समय ‘T’ आवर्तकाल कहलाता है।
अतः \(\frac{1}{n}\) = T अर्थात् n = \(\frac{1}{T}\)
इसलिए n × T = 1
अर्थात् आवृत्ति × आवर्तकाल = 1
प्रश्न 9.
एक स्वरित्र की आवृत्ति 200 हर्ट्ज़ है। इसका आवर्तकाल कितना होगा?
उत्तर:
प्रश्न 10.
मानव का हृदय औसत रूप में एक मिनट में 75 बार धड़कता है, उसकी आवृत्ति परिकलित कीजिए।
उत्तर:
1 मिनट में धड़कनों की संख्या = 75
मानव हृदय की आवृत्ति = 75 बार / मिनट
= \(\frac{75}{60}\) / सेकंड = 1.25 सेकंड-1
प्रश्न 11.
अपश्रव्य तरंगें, श्रव्य तरंगें तथा पराश्रव्य तरंगों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
अपश्रव्य तरंगें : जिन तरंगों की आवृत्ति 20 हर्ट्स से कम होती है उन्हें अपश्रव्य तरंगें कहते हैं।
श्रव्य तरंगें : जिन तरंगों से उत्पन्न ध्वनि को मनुष्य द्वारा सुना जा सकता है, श्रव्य तरंगें कहलाती हैं। इनकी आवृत्ति 20 हर्ट्स से 20,000 हर्ट्स तक होती है।
पराश्रव्य तरंगें : इन तरंगों की आवृत्ति 20,000 हर्ट्स से अधिक होती है। मनुष्य द्वारा पराश्रव्य तरंगें नहीं सुनी जा सकतीं। कुत्ता एवं चमगादड़ पराश्रव्य तरंगों के प्रति संवेदनशील हैं।
प्रश्न 12.
मच्छरों द्वारा उत्पन्न ध्वनि शेर की दहाड़ से भिन्न क्यों होती है ?
उत्तर:
ध्वनि की प्रबलता वस्तु के आयाम पर निर्भर करती है। मच्छरों में ध्वनि पंखों की फरफराहट द्वारा उत्पन्न होती है जबकि शेर की दहाड़ गले में उपस्थित वाक्-तंतुओं से उत्पन्न होती है। मच्छरों में ध्वनि का आयाम कम होता है। इसलिए दोनों ध्वनियाँ अलग-अलग तथा पहचानने योग्य होती हैं।
प्रश्न 13.
ध्वनि प्रदूषण कम करने के उपाय लिखिए।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण को कम करने के निम्नलिखित उपाय हैं-
(1) वायुयान के इंजनों, यातायात के वाहनों, औद्योगिक मशीनों एवं घरेलू उपकरणों में रवशामक युक्तियाँ (silencer) लगानी चाहिए।
(2) स्वचालित वाहनों के हार्न का उपयोग कम से कम करना चाहिए।
(3) ध्वनि प्रदूषण से होने वाले प्रभावों से अवगत कराना चाहिये।
(4) सड़कों तथा घरों के आस-पास पेड़ लगाने चाहिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
काँच का एक खाली गिलास लीजिए। इसमें एक ‘सेल फोन’ रखिए। अपने किसी मित्र से इस सेल फोन’ पर किसी दूसरे ‘सेल फोन’ से टेलीफोन करने के लिए कहिए। घंटी की ध्वनि ध्यानपूर्वक सुनिए। अब गिलास के किनारों को अपने हाथों से सटा कर पकड़िए। अब अपने मुँह को हाथों के बीच की खाली जगह पर सटा कर रखिए।
ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।
अपने मित्र को फिर टेलीफोन करने के लिए संकेत दीजिए। गिलास में से वायु को मुँह द्वारा खींचते हुए घंटी की आवाज को सुनिए।
गिलास में से वायु बाहर खींचने पर घंटी की ध्वनि धीमी हो जाती है?
गिलास को अपने मुँह से हटाइए। ध्वनि फिर से प्रबल हो जाती है।
गिलास में वायु की मात्रा कम होने पर घंटी की प्रबलता में कमी आ जाती है।
यदि गिलास में से सारी वायु बाहर खींच पाते तो ध्वनि पूरी तरह सुनाई देना बंद हो जाती है। इसका कारण यह है कि ध्वनि को संचरण (एक जगह से दूसरी जगह जाने) के लिए कोई माध्यम चाहिए। जब किसी बर्तन में से वायु पूरी तरह निकाल दी जाती है तो कहा जाता है कि वर्तन में निर्वात है। ध्वनि निर्वात में संचरित नहीं हो सकती।
प्रश्न 2.
मानव कान (कण) संरचना तथा ध्वनि के सुनने की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
कान (कर्ण) के बाहरी भाग की आकृति कीप (फनल) जैसी होती है। जब ध्वनि इसमें प्रवेश करती है तो यह एक नलिका से गुजरती है जिसके सिरे पर एक पतली तानित झिल्ली होती है। इसे कण पटह (eardrum) कहत कर्ण पटह एक तानित रबड़ की शीट के समान होता है। ध्वनि के कम्पन कर्ण पटह को कंपित करते हैं (चित्र)। कर्ण पटह कंपनों को आंतर कर्ण (inner ear) तक भेज देता है। वहाँ से संकेतों को मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है। इस प्रकार हम ध्वनि को सुनते हैं।
प्रश्न 3.
ध्वनि की प्रबलता उसके आयाम पर निर्भर करती है। इस कथन को एक प्रयोग द्वारा स्पष्ट कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
एक धातु का गिलास और एक चाय का चम्मच लीजिए। चम्मच को धीमे से गिलास के किनारे से टकराइए। उत्पन्न हुई ध्वनि को सुनिए। अब गिलास पर चम्मच से जोर से आघात कीजिए तथा फिर से उत्पन्न ध्वनि को सुनिए। गिलास पर जोर से आघात करने पर ध्वनि अधिक प्रबल हो जाती है। अब गिलास के किनारे को छूते हुए थर्मोकोल की एक छोटी सी गेंद लटकाइए (चित्र)। गिलास को कंपित कराइए। देखिए कि गेंद कितनी दूर विस्थापित होती है। गेंद का विस्थापन गिलास के कंपन के आयाम की माप है। ध्वनि की प्रबलता इसके आयाम पर निर्भर करती है। जब किसी कंपित वस्तु का आयाम अधिक होता है तो इसके द्वारा उत्पन्न ध्वनि प्रबल होती है। जब आयाम कम होता है तो उत्पन्न ध्वनि मंद होती है। अब गिलास को पहले धीमे तथा बाद में अधिक बल से आघात कीजिए। दोनों स्थितियों में गिलास के
प्रश्न 4.
श्रव्य तथा अश्रव्य ध्वनियों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
उत्तर:
ऐसी ध्वनि जो मानव कान द्वारा संसूचित की जा सकती है, श्रव्य ध्वनि कहलाती है एवं ऐसी ध्वनि जो मानव कान द्वारा संसूचित नहीं की जा सकती है, अश्रव्य ध्वनि कहलाती है।
लगभग 20 कंपन प्रति सेकंड (20 Hz) से कम आवृत्ति की ध्वनियाँ मानव कान सुन नहीं सकता अर्थात् 20 Hz से कम आवृत्ति की ध्वनियाँ मानव कान द्वारा संसूचित नहीं की जा सकी। ऐसी ध्वनियों को अश्रव्य कहते हैं। उधर लगभग 20,000 कंपन प्रति सेकंड (20 kHz) से अधिक आवृत्ति की ध्वनियाँ भी मानव कान द्वारा संसूचित नहीं होती। अत: मानव कानों के लिए श्रव्य की आवृत्ति का परास (Range) लगभग 20 Hz से 20,000 Hz तक है। इसका अर्थ यह है कि हम केवल 20 Hz – 20 kHz के बीच की आवृत्ति वाली ध्वनियाँ ही सुन सकते हैं।
प्रश्न 5.
ध्वनि प्रदूषण क्या है? इसके प्रमुख कारण बताइए एवं इससे क्या हानियाँ हैं? इसको सीमित करने के उपाय लिखिए।
उत्तरः
ध्वनि प्रदूषण : वातावरण में अत्यधिक या अवांछित ध्वनियों को ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।
ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख कारण : वाहनों की ध्वनियाँ, विस्फोट जिसमें पटाखों का फटना भी सम्मिलित है, मशीनें, लाउडस्पीकर आदि। ऊँची आवाज में चलाए गए टेलिविजन तथा ट्रांजिस्टर (रेडियों), रसोईघर के कुछ उपकरण (appliances), कूलर (Coolers), वातानुकूलक (AC) आदि, सभी ध्वनि प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हैं।
ध्वनि प्रदूषण से हानियाँ : ध्वनि प्रदूषण अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्थाओं का कारण बन सकता है। इससे निम्नलिखित समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं
- अनिद्रा
- अति तनाव (उच्च रक्त-चाप)
- चिन्ता
- श्रवण क्षमता में कमी (अस्थायी अथवा स्थायी)
ध्वनि प्रदूषण को सीमित रखने के उपाय :
- ध्वनि को नियंत्रित करने के लिए हमें ध्वनि के स्रोतों पर नियंत्रण करना चाहिए। इसके लिए वायुयानों के इंजनों, यातायात के वाहनों, औद्योगिक मशीनों तथा घरेलू उपकरणों में रवशामक युक्तियाँ (silencer) लगानी चाहिए।
- ध्वनि उत्पन्न करने वाले क्रियाकलापों को आवासीय क्षेत्रों से दूर संचालित करना चाहिए।
- ध्वनि उत्पन्न करने वाले उद्योगों को आवासीय क्षेत्रों से दूर स्थापित करना चाहिए।
- स्वचालित वाहनों के हॉर्न का उपयोग कम से कम करना चाहिए।
- टेलिविजन तथा संगीत निकायों की ध्वनि प्रबलता कम रखनी चाहिए।
- ध्वनि प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए सड़कों तथा भवनों के आस-पास पेड़ लगाने चाहिए, जिससे कि ध्वनि आवासों तक न पहुँच पाए।
ध्वनि Class 8 HBSE Notes in Hindi
→ कम्पन (Vibration) : किसी वस्तु की माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे की गति।
→ आयाम (Amplitude) : कम्पन के दौरान माध्य स्थिति के एक ओर अधिकतम विस्थापन।
→ स्वर यंत्र (Larynx) : मानव में ध्वनि का अंग।
→ बाक् तंतु (Vocal cords) : स्वर यंत्र में दो युग्म पेशीय तंत।
→ संगीत (Musical sound) : वह ध्वनि जो कानों पर मधुर प्रभाव डालती है।
→ कर्ण पटह (Eardnim) : कान के बाहरी भाग में उपस्थित नलिका के सिरे पर एक पतली तनित झिल्ली।
→ दोलन (Vibrating body) : वह वस्तु जो माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे गति करती है।
→ आवृत्ति (Frequency) : प्रति सेकेण्ड होने वाले दोलनों की संख्या।
→ हर्ट्स (Hertz) : आवृत्ति का मात्रक।
→ शोर (Noise) : अप्रिय ध्वनि।
→ तीक्ष्णता (Loudness) : ध्वनि का गुण जो दोलन/कम्पन के आयाम और आवृत्ति पर निर्भर करता है।