Haryana State Board HBSE 8th Class Maths Solutions Chapter 3 चतुर्भुजों को समझना InText Questions and Answers.
Haryana Board 8th Class Maths Solutions Chapter 3 चतुर्भुजों को समझना Intext Questions
प्रश्न 1.
निम्न आकृतियों का सुमेलन कीजिए
हल:
इनका सुमेलन निम्न प्रकार है-
उत्तर:
1. (c), 2. (d), 3. (b), 4. (a).
(इन्हें कीजिए। – पृष्ठ 44)
प्रश्न 1.
कोई एक चतुर्भुज, माना ABCD, लीजिए (आकृति के अनुसार)। एक विकर्ण खींचकर, इसे दो त्रिभुजों में बाँटिए। आप छः कोण 1,2,3,4,5 और 6 प्राप्त करते हैं। त्रिभुज के कोण-योग वाले गुणधर्म का उपयोग कीजिए और तर्क कीजिए कि कैसे ∠A, ∠B, ∠C तथा ∠D की मापों का योगफल 180° + 180° = 360° हो जाता है।
हल :
माना कि ABCD एक चतुर्भुज है, जिसका एक विकर्ण AC है।
अतः ∠1 + ∠4 = ∠A
तथा ∠2 + ∠5 = ∠C
हम जानते हैं कि किसी त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180* होता है। इस प्रकार
ΔABC में, ∠4 + ∠5 + ∠B = 180° ….(1)
तथा, ΔACD में, .
∠1 + ∠2 + ∠D = 180° …..(2)
अब समी. (1) और (2) को जोड़ने पर,
(∠4 + ∠5 + ∠B) + (∠1 + ∠2 + ∠D) = 180° + 180°
⇒ (∠1 + ∠4) + ∠B + (∠2 + ∠5) + ∠D = 360°
⇒ ∠A + ∠B + ∠C + ∠D = 360°
[∵ ∠1 + ∠4 = ∠A तथा ∠2 + ∠5 = ∠C]
अतः ∠A, ∠B, ∠C तथा ∠D कि मापों का योगफल 180° + 180° = 360° हो जाता है।
प्रश्न 2.
किसी चतुर्भुज ABCD की गत्ते वाली चार सर्वांगसम प्रतिलिपियाँ लीजिए, जिनके कोण आकृति (i) में दर्शाए गए हैं। इन प्रतिलिपियों को इस प्रकार से व्यवस्थित कीजिए, जिससे ∠1, ∠2, ∠3, ∠4, एक ही बिन्दु पर मिलें जैसा कि आकृति (ii) में दर्शाया गया है।
आप ∠1, ∠2, ∠3 तथा ∠4 के योगफल के बारे में क्या कह सकते हैं?
हल :
चूंकि एक चतुर्भुज के चारों कोणों की मापों का योगफल 360 होता है, अत: चतुर्भुज ABCD में,
∠A + ∠B + ∠C+ ∠D = 360
∴ m∠1+ m∠2+ m∠3+ m∠4 = 360°
प्रश्न 3.
चतुर्भुज ABCD पर विचार कीजिए (आकृति के अनुसार)।माना इसके अभ्यंतर में कोई बिन्दु P स्थित है।
P को शीर्षों A, B, C तथा D से जोडिए।आकृति में, ΔPAB पर विचार कीजिए।हम देखते हैं कि x = 180° – m∠2 – m∠3; इसी प्रकार APBC, से y = 180° – m∠4 – m∠5, ΔPCD से z = 180° – m∠6 – m∠7 और ΔPDA, w = 180° – m∠8 – m∠1 इसका उपयोग करके कुल माप m∠1 + m∠2 + … + m∠8, ज्ञात कीजिए। क्या यह आप को परिणाम तक पहुंचाने में सहायता करता है? याद रखिए, ∠x + ∠y + ∠z + ∠w = 360° है।
हल :
हम जानते हैं कि किसी त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° होता है।
अतः x = 180° – ∠2 – ∠3 …..(1)
y = 180° – ∠4 – ∠5 …..(2)
z = 180° – ∠6 – ∠7 …..(3)
w = 180° – ∠8 – ∠1 …..(4)
(1), (2), (3) तथा (4) को जोड़ने पर,
x + y + z + w = 720° – (∠1 + ∠2 + ∠3 + ∠4 + ∠5 + ∠6 + ∠7 + ∠8)
परन्तु x + y + z + w = 360°
∴ 360° = 720° – (∠1 + ∠2 + ∠3 + ∠4 + ∠5 + ∠6 + ∠7 + ∠8)
⇒ ∠1 + ∠2 + ∠3 + ∠4 + ∠5 + ∠6 + ∠7 + ∠8
= 720° – 360° = 360°
इससे हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि किसी चतुर्भुज के चारों कोणों का योग 360° होता है।
प्रश्न 4.
ये सभी चतुर्भुज उत्तल (Convex) चतुर्भुज थे। यदि चतुर्भज उत्तल नहीं होते तो क्या होता? चतुर्भुज ABCD पर विचार कीजिए। इसे दो त्रिभुजों में बाँटिए और अंतःकोणों का योगफल ज्ञात कीजिए। (आकृति देखें) ।
हल:
चतुभुज ABCD में BD को मिलाया, जैसा कि आकृति में दिखाया गया है। कोणों को चिह्नित कर नाम दिया।
चूँकि त्रिभुज के तीनों कोणों के योग 180° होता है, अतः
∠1 + ∠2 + ∠3 + ∠4 + ∠5 + ∠6 + ∠7 + ∠8 = 180° + 180°
⇒ ∠1 + (∠2 + ∠6) + ∠5 + (∠3 + ∠4) = 360°
⇒ ∠A + ∠B + ∠C + ∠D = 360°
अतः अंतःकोणों का योग 360° है।
(प्रयास कीजिए – पृष्ठ 47)
प्रश्न 1.
एक सम षड्भुज लीजिए (आकृति के अनुसार)
(i) बाह्य कोणों x, y, z, p, q तथा r की मापों का योग क्या है?
(ii) क्या x = y = z = p = q = r है? क्यों?
(iii) प्रत्येक की माप क्या है?
(a) बाह्य कोण
(b) अन्तःकोण
(iv) इस क्रियाकलाप को निम्नलिखित के लिए दोहराएँ:
(a) एक सम अष्टभुज
(b) एक सम 20 भुज
हल:
(i) चूँकि समषड्भुज बाह्य कोण x तथा अन्त:कोण a रैखिक युग्म बनाता है और रैखिक युग्म के कोणों का योग 180° होता है।
∴ x + ∠a = 180°
इसी प्रकार, y + ∠a = 180°
z + ∠a = 180°
p + ∠a = 180°
q + ∠a= 180°
r + ∠a = 180°
दोनों पक्षों के कोणों को जोड़ने पर,
(∠x + ∠y + ∠z + ∠p + ∠q + ∠r) + (∠a + ∠a + ∠a + ∠a + ∠a + ∠a) = 180° × 6 = 1080°
⇒ (∠x + ∠y + ∠z + ∠p + ∠q + ∠r) + (6 – 2) × 180° = 1080°
⇒ (∠x + ∠y + ∠z + ∠p + ∠q + ∠r) + 720° = 1080°
⇒ ∠x + ∠y + ∠z + ∠p + ∠q + ∠r = 1080° – 720° = 360°
अतः बाह्य कोणों की मापों का योग 360° होता है।
(ii) हाँ, x = y = z = p = q = r; क्योंकि इनमें से प्रत्येक 180° – a के बराबर है।
(iii) (a) प्रत्येक बाह्य कोण = \(\frac{360°}{6}\) = 60°
(ii) प्रत्येक अन्तःकोण = \(\frac{(n-2) \times 180^{\circ}}{n}\),
जहाँ n = 6,
= \(\frac{(6-2) \times 180^{\circ}}{6}\) = \(\frac{4 \times 180^{\circ}}{6}\)
= 4 × 30° = 120°
(iv) (a) एक सम,अष्टभुज के सन्दर्भ में, n = 8 लेने पर
प्रत्येक अंत:कोण = \(\frac{(8-2) \times 180^{\circ}}{8}\) = \(\frac{6 × 180°}{8}\) = 135°
और प्रत्येक बाह्य कोण = 180° -135° = 450
(b) एक सम 20 भुज के सन्दर्भ में, n = 20 लेने पर
प्रत्येक अंत:कोण = \(\frac{(20-2) \times 180^{\circ}}{8}\)
= 18 × 9° = 162°
इन्हें कीजिए (पृष्ठ 49)
प्रश्न 1.
समान सर्वांगसम त्रिभुजों के कटे हुए भाग लीजिए जिनकी भुजाएँ 3 cm, 4 cm, 5 cm हैं। इन्हें व्यवस्थित कीजिए जैसा कि आकृति में दर्शाया गया है।
आपको एक समलम्ब प्राप्त होता है। (निरीक्षण कीजिए) यहाँ पर कौन-सी भुजाएँ समान्तर हैं? क्या असमान्तर भुजाएँ बराबर माप की होनी चाहिए?
इन समान त्रिभुजों के समूह का उपयोग कर आप दो और समलम्ब प्राप्त कर सकते हैं। उनको ढूंढ़िए और अकी आकृतियों की चर्चा कीजिए।
हल:
दी गयी आकृति में भुजा AB || DC । दिए गये समलम्ब चतुर्भुज में असमान्तर भुजा AD = 4 cm तथा BC =3cm, अतः असमान्तर भुजाएँ बराबर नहीं है।
दिए गए समान त्रिभुजों के समूह से दो समलम्ब चतुर्भुज इस प्रकार प्राप्त हो सकते हैं-
इन्हें कीजिए (पृष्ठ 51)
प्रश्न 1.
दो अलग-अलग चौड़ाई वाली गत्ते की आयताकार पट्टियाँ लीजिए (आकृति के अनुसार)
एक गत्ते की पट्टी को समतल पर रखिए और इसके किनारों के अनुदिश रेखाएँ खींचिए।
अब दूसरी पट्टी को खींची गई रेखाओं के ऊपर तिरछी दिशा में रखिए और इसका उपयोग करते हुए दो और रेखाओं को खींचिए।
हल:
इन चार रेखाओं से बनी बंद आकृति चतुर्भुज है [आकृति (ii)]
यह समान्तर रेखाओं के दो युग्मों से मिलकर बनी है। यह एक समांतर चतुर्भुज है।
समांतर चतुर्भुज एक चतुर्भुज होता है जिसकी सम्मुख भुजाएँ समांतर होती हैं।
प्रयास कीजिए। (पृष्ठ 52)
प्रश्न 1.
30° – 60° – 90° कोणों वाले दो समान सेट-स्क्वे यर लीजिए। अब इन्हें आपस में इस प्रकार मिलाकर रखिए जिससे एक समांतर चतुर्भुज बन जाए (आकृति के अनुसार)। क्या यह ऊपर बताए गए गुण की पुष्टि करने में आपकी सहायता करता है?
हल:
एक समान्तर चतुर्भुज ABCD लेते हैं।
समान्तर चतुर्भुज ABCD में एक विकर्ण AC खींचते हैं।
हम देखते हैं कि ∠1 = ∠2 और ∠3 = ∠4
क्योंकि त्रिभुज ABC और ADC में ∠1 = ∠2, ∠3 = ∠4 और AC उभयनिष्ठ है इसलिए, ASA सर्वांगसमता कसौटी
द्वारा –
∆ ABC ≃ ∆CDA
अत:
AB = DC और BC = AD
सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए (पृष्ठ 54)
प्रश्न 1.
m∠R = m∠N = 70°, दर्शाने के उपरान्त क्या आप किसी अन्य विधि से m∠I और m∠G को ज्ञात कर सकते हैं?
Img 15
हल:
यह दिया गया है कि एक समान्तर चतुर्भुज RING में, m∠R = 70°
चूँकि RI ∥ GN और RG एक प्रतिच्छेदक है जो इनको क्रमशः R और G पर प्रतिच्छेदित करता है इसलिए
∠R + ∠G = 180° [अंतःसम्मुख कोण]
⇒ 70° + ∠G = 180°
⇒ ∠G = 180° – 70°
= 110°
अन्यविधि : RG|| IN तथा RI प्रतिच्छेदक है, जो क्रमश: R और I पर प्रतिच्छेदित करता है, इसलिए
∠R + ∠I = 180° [अन्तःसम्मुख कोण]
⇒ 70° + ∠I = 180°
⇒ ∠I = 180° – 70° = 110°
अतः ∠I = ∠G = 110°
इन्हें कीजिए (पृष्ठ 55)
प्रश्न 1.
समान्तर चतुर्भुज (मान लीजिए ABCD) का एक कटा हुआ भाग लीजिए (देखें आकृति)। माना इसके विकर्ण \(\overline{\mathrm{AC}}\) तथा \(\overline{\mathrm{DB}}\) एक-दूसरे को ‘O’ पर प्रतिच्छेद करते हैं। C को A पर रखकर एक तह (Fold) के द्वारा \(\overline{\mathrm{AC}}\) का ‘मध्य-बिन्दु ज्ञात कीजिए। क्या मध्य-बिन्दु O ही है? क्या यह दर्शाता है कि विकर्ण \(\overline{\mathrm{DB}}\), विकर्ण \(\overline{\mathrm{AC}}\) को बिन्दु ‘O’ पर समद्विभाजित करता है? अपने मित्रों के साथ इसकी चर्चा कीजिए। इस क्रियाकलाप को यह ज्ञात करने के लिए दोहराएँ कि \(\overline{\mathrm{DB}}\) का मध्य-बिन्दु कहाँ पर स्थित होगा?
हल:
C को A पर रखने पर हम पाते हैं कि \(\overline{\mathrm{AC}}\) का मध्य बिन्दु O है जो विकर्ण AC तथा BD का प्रतिच्छेदक बिन्दु है। अतः समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण एक-दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए (पृष्ठ 61)
प्रश्न 1.
एक राजमिस्त्री एक पत्थर की पट्टी बनाता है। वह उसे आयताकार बनाना चाहता है। कितने अलगअलंग तरीकों से उसे यह विश्वास हो सकता है कि यह आयताकार है?
हल :
राजमिस्त्री को निम्नलिखित अलग-अलग तरीकों से यह विश्वास हो सकता है कि उसने जो पत्थर की पट्टी बनाई है वह आयताकार है-
(i) यदि इसका प्रत्येक कोण 90° का हो।
(ii) यदि इसके विकर्ण बराबर हो।।
(iii) यदि इसकी सम्मुख भुजाएँ बराबर हों।
प्रश्न 2.
वर्ग को आयत के रूप में परिभाषित किया गया था जिसकी सभी भुजाएँ बराबर होती हैं। क्या हम इसे समचतुर्भुज के रूप में परिभाषित कर सकते हैं, जिसके कोण बराबर माप के हों? इस विचार को स्पष्ट कीजिए।
हल :
हम समचतुर्भुज के रूप में वर्ग को परिभाषित कर सकते हैं। एक समचतुर्भुज, जिसके कोण बराबर माप के हों, वर्ग है; क्योंकि कोण बराबर होते ही समचतुभुज का प्रत्येक कोण \(\frac{360°}{4}\) = 90° होगा। इस प्रकार सभी भुजाएँ बराबर लम्बाई की तथा सभी कोण 90 माप के हो जाते हैं। अतः यह एक वर्ग है।
प्रश्न 3.
क्या एक समलम्ब के सभी कोण बराबर माप के हो सकते हैं? क्या इसकी सभी भुजाएँबराबर हो सकती हैं? वर्णन कीजिए।
हल :
हाँ, जब समलम्ब के सभी कोण बराबर माप के हो जाते हैं, तब वह या तो आयत या वर्ग होता है। परन्तु जब समलम्ब की सभी भुजाएँ बराबर हो जाती हैं, तब वह या तो समचतुर्भुज होता है या वर्ग होता है।