HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 5 शासक और इमारतें

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 5 शासक और इमारतें Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Social Science Solutions History Chapter 5 शासक और इमारतें

HBSE 7th Class History शासक और इमारतें Textbook Questions and Answers

फिर से याद करें

शासक और इमारतें प्रश्न उत्तर Class 7 HBSE Social Science प्रश्न 1.
वास्तुकला का ‘अनुप्रस्थ टोडा निर्माण’ सिद्धांत ‘चापाकार’ सिद्धांत से किस तरह भिन्न है?
उत्तर:
अनुप्रस्थ टोडा निर्माण: सातवीं और दसवीं शताब्दी के मध्य वास्तुकार भवनों में और अधिक कमरे, दरवाजे और खिड़कियाँ अभी भी दो ऊर्ध्याकार खंभों के आर-पार एक अनुप्रस्थ शहतीर रखकर बनाए जाते थे। वास्तुकला की यह शैली ‘अनुप्रस्थ टोडा निर्माण’ कहलाई जाती है।

चापाकार सिद्धांत: दरवाजों और खिड़कियों के ऊपर की अधिरचना का भार कभी-कभी मेहराबों पर डाल दिया जाता था। वास्तुकला का यह ‘चापाकार’ रूप था।

शासक और इमारतें प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class Social Science प्रश्न 2.
‘शिखर’ से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
मंदिर का शीर्ष जिसके नीचे गर्भगृह स्थित होता है, मंदिर का “शिखर” कहलाता है।

शासक और इमारतें HBSE 7th Class Social Science प्रश्न 3.
पितरा-दूरा क्या है?
उत्तर:
उत्कीर्णित संगमरमर अथवा बलुआ पत्थर पर रंगीन, ठोस पत्थरों को दबाकर बनाए गए सुंदर तथा अलंकृत नमूने “पितरा-दूरा” कहलाते हैं।

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Class 7 History Chapter 5 Questions And Answers In Hindi प्रश्न 4.
एक मुगल चारबाग की क्या खास विशेषताएँ
उत्तर:

  1. यह बाग दीवार से घिरे होने के साथ-साथ बनावटी (कृत्रिम) नहरों द्वारा चार हिस्सों में बाँटकर आयताकार अहातों में औपचारिक रूप में योजनाबद्ध तरीके से खाका तैयार करके बनाया जाता था।
  2. चार समान हिस्सों में बँटे होने के कारण ये चार बाग कहलाते थे।
  3. मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर ने अपनी आत्मकथा ‘तुजक-ए-बाबरी’ में ऐसे बागों का उल्लेख किया है। अकबर के समय से आरंभ होकर कुछ सर्वाधिक सुंदर चार बागों को कश्मीर, आगरा और दिल्ली में (अकबर सहित) जहाँगीर और शाहजहाँ ने बनवाया था।

आइए समझें

प्रश्न 5.
किसी मंदिर से एक राजा की महत्ता की सूचना कैसे मिलती थी?
उत्तर:
मंदिरों का निर्माण बहुत सुंदर तरीके से किया जाता था क्योंकि वे हिन्दुओं के लिए उपासना के स्थल थे। वे अपने संरक्षक की शक्ति, धन-वैभव तथा भक्ति-भाव का भी प्रदर्शन करते थे। उदाहरण के लिए, राजराजेश्वर मंदिर को लिया जा सकता है। एक अभिलेख से इस बात का संकेत मिलता है कि इस मंदिर का निर्माण राजाराजदेव ने अपने देवता राजराजेश्वरम की उपासना हेतु किया था। ध्यान दें कि राजा और उसके देवता के नाम काफ़ी मिलते-जुलते हैं। राजा ने इस तरह का नाम इसलिए रखा क्योंकि यह नाम मंगलकारी था और राजा स्वयं को ईश्वर के रूप में दिखाना चाहता था। धार्मिक अनुष्ठान के जरिए मंदिर में एक देवता (राजाराजदेव) दूसरे देवता (राजराजेश्वरम) का सम्मान करता था।

सभी विशालतम मंदिरों का निर्माण राजाओं ने करवाया था। मंदिर के अन्य लघु देवता शासक के सहयोगियों तथा अधीनस्थों के देवी-देवता थे। यह मंदिर शासक और उसके सहयोगियों द्वारा शासित विश्व का एक लघु रूप ही था। जिस तरह से वे राजकीय मंदिरों में इकट्ठे होकर अपने देवताओं की उपासना करते थे, ऐसा प्रतीत होता था मानो उन्होंने देवताओं के न्यायप्रिय शासन को पृथ्वी पर ला दिया हो।

प्रश्न 6.
दिल्ली में शाहजहाँ के दीवान-ए-खास में एक अभिलेख में कहा गया है कि ‘अगर पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो वह यहीं है, यहीं है, यहीं है। यह धारणा कैसे बनी?
उत्तर:
दिल्ली के लाल किले में दीवाने-ए-खास के अभिलेख में एक शाहजहाँ की पत्नी मुमताज की 1631 ई. में मृत्यु हो गई थी। उसके बाद शाहजहाँ का मन आगरा से हट गया था। इसलिए उसने 1639 ई. में यमुना नदी के समीप लाल किले का निर्माण करवाया। लाल किले के अंदर बनाई गई दीवान-ए-खास संगमरमर का बनी हुई अद्भुत इमारत है, जिसमें कई तरह की नक्काशियाँ बनाई गई हैं। इसकी सुदरता को देखते हुए ही दीवान-ए-खास में एक अभिलेख में कहा गया है-‘अगर पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है, तो यहीं है, यहीं है, यहीं है।’

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प्रश्न 7.
मुगल दरबार से इस बात का कैसे संकेत मिलता था कि बादशाह से धनी, निर्धन, शक्तिशाली, कमजोर सभी को समान न्याय मिलेगा?
उत्तर:
मुगल दरबार में निम्न बातों से संकेत मिलता है कि धनी, निर्धन, शक्तिशाली, कमजोर सभी को बादशाह से समान न्याय मिलेगा।
(i) शाहजहाँ के सार्वजनिक सभा भवन का निर्माण यह सूचित करता था कि न्याय करते समय राजा ऊँचे और निम्न सभी प्रकार के लोगों के साथ समान व्यवहार करेगा और सभी सद्भाव के साथ रह सकेंगे।

(ii) ऐसा माना जाता था कि आर्फियस का संगीत आक्रामक जानवरों को भी शांत कर सकता है और वे शांतिपूर्वक एक-दूसरे के साथ रहने लगते हैं।

(iii) बादशाह के सिंहासन के पीछे पितरा-दूरा के जड़ाऊ काम की एक श्रृंखला बनाई गई थी, जिसमें पौराणिक यूनानी देवता आर्फियस को वीणा बजाते हुए चित्रित किया गया था।

प्रश्न 8.
शाहजहाँनाबाद में नए मुगल शहर की योजना में यमुना नदी की क्या भूमिका थी?
उत्तर:
शाहजहाँ ने दिल्ली में यमुना नदी के तट पर स्थित सलीमगढ़ स्थान पर शाहजहाँनाबाद की नींव रखी थी, क्योंकि यह स्थान कई दृष्टि से उपयुक्त था:
(i) यमुना नदी के तट पर होने के कारण इस शहर को पीने के लिए पानी आसानी से उपलब्ध था।
(ii) दिल्ली में शाहजहाँनाबाद में उसने जो नया शहर निर्मित करवाया, उसमें शाही महल नदी पर स्थित था।
(iii) यमुना नदी का तटवर्ती भाग प्रायः समतल था।

आइए चर्चा करें

प्रश्न 9.
आज धनी और शक्तिशाली लोग विशाल घरों का निर्माण करवाते हैं। अतीत में राजाओं तथा उनके दरबारियों के निर्माण किन मायनों में इनसे निम्न थे?
उत्तर:
अतीत में राजाओं तथा उनके दरबारियों के निर्माण निम्न प्रकार से आज के धनी और शक्तिशाली लोगों के विशाल घरों से भिन्न थे:
(i) किले को सुरक्षित करने के लिए किले के चारों ओर गड्ढे खोदे जाते थे।
(ii) अतीत के राजाओं के अधिकांश घर पत्थर के किले के रूप में निर्मित थे।
(iii) सुरक्षा को विशेष महत्त्व दिया जाता था।
(iv) उनके आवास ऊँचे स्थल पर बनाए जाते थे।

प्रश्न 10.
चित्र पर नजर डालें। यह इमारत आज कैसे तेजी से बनवाई जा सकती थी?
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उत्तर:
इस इमारत को तेजी से तभी बनाया जा सकता था जब इसे बनाने के लिए आधुनिक क्रेन, पत्थर-कंकड़ तोड़ने वाली मशीनें, मलबा ढोने वाली मशीनें, मिट्टी उठाकर फेंकने वाले बुलडोजर आदि का प्रयोग होता। अच्छी विद्युत (प्रकाश) या बिजली की रोशनी में दिन-रात काम किया जा सकता है। उसमें
बनाने के लिए विशेषज्ञ जैसे इंजीनियर, वास्तुकार तथा अच्छे भुगतान पर रखे गए कर्मचारी और नकद मजदूरी पर मजदूर बड़ी संख्या में रखे जाते।

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प्रश्न 11.
पता लगाएँ कि क्या आपके गाँव या कस्बे में किसी महान व्यक्ति की कोई प्रतिमा अथवा स्मारक है? इसे वहाँ क्यों स्थापित किया गया था? इसका प्रयोजन क्या
उत्तर:
हमारे गाँव या कस्बे में मोहनदास करमचंद गाँधी की प्रतिमा और स्मारक दोनों हैं। उनकी प्रतिमा इसलिए स्थापित की गई है क्योंकि वे भारत के महान मानवतावादी, स्वतंत्रता सेनानी, देशभक्त, सर्वोच्च नेता, महान मानवतावादी और साधारण व्यक्ति थे। उन्होंने लगभग 30 वर्षों तक (1917-1947 तक) देश की आजादी के लिए भरसक प्रयास किया। उन्होंने दलितों के उत्थान, भारत के कुटीर उद्योग-धंधों की प्रगति के साथ-साथ विश्व में शांति, अहिंसा, असहयोग जैसे नए दार्शनिक विचार और आदर्श दिए। वे हिंदू-मुस्लिम एकता के कट्टर समर्थक थे तो छुआछूत और नारी शोषण के घोर विरोधी थे।

उनकी याद में स्थापित प्रतिमा और स्मारक का उद्देश्य है लोगों को उनके विचारों और आदर्शों को बार-बार याद दिलाना। उनसे संबंधित साहित्य और वस्तुओं को स्मारक स्थली में रखकर आने वाले लोगों और दर्शकों को उस महान व्यक्ति के जीवन से शिक्षा ग्रहण करने में मदद देना है।

प्रश्न 12.
अपने आस-पास के किसी पार्क या बाग की सैर कर उसका वर्णन करें। किन मायनों में ये मुगल बागों से समान अथवा भिन्न हैं?
उत्तर:
हमारे आस-पास कई बाग और पार्क हैं लेकिन पाकों या बागों में मुगलकालीन चार बागों वाला मानचित्र नहीं। इन पार्को और बागों में नहरें नहीं बहती हैं। हाँ, बाग की चारदीवारी है, एक द्वार है जो सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है। इसके चारों कोनों और बीच-बीच में कुछ बैंचें हैं जहाँ लोग जब चाहें आराम कर सकते हैं। इन पार्को और बागों में सुंदर घास के मैदान हैं, फव्वारे हैं लेकिन पानी के अभाव में वे बहुत कम चलते हैं। लोगों के घूमने के लिए छोटी-छोटी पगडडियाँ या मार्ग बने हैं। मुगलकालीन बागों की तरह यह पार्क न तो बहुत ज्यादा विशाल है और न ही सुंदर

बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
उचित विकल्प चुनें:

(i) हुमायूँ के मकबरे की प्रमुख विशेषता थी:
(क) बहुत ऊँची मीनारें
(ख) केंद्रीय गुंधंद
(ग) पितरा-दूरा
उत्तर:
(ख) केंद्रीय गुंबद।

(ii) शाहजहाँ के शासन के आरंभिक वर्षों में उसकी राजधानी थी:
(क) दिल्ली
(ख) आगरा
(ग) सिकंदराबाद
उत्तर:
(ख) आगरा।

(iii) शाहजहाँ के समय की भव्यतम वास्तुकलात्मक उपलब्धि है:
(क) हुमायूँ का मकबरा
(ख) मयूर सिंहासन
(ग) ताजमहल
उत्तर:
(ग) ताजमहल।

(iv) ताजमहल के नक्शे में शाहजहाँ ने कौन-सी योजना अपनाई?
(क) औपचारिक बाग
(ख) चार बाग
(ग) नदी तट के बाग
उत्तर:
(ग) नदी तट के बाग।

(v) शाहजहाँ के सिंहासन के पीछे पितरा-दूरा द्वारा किस देवता को वीणा बजाते दिखाया है?
(क) कृष्ण
(ख) आर्फियस
(ग) सूर्य
उत्तर:
(ख) आर्फियस।

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरो:
(i) लालमहल बारी में चारबाग को ……………….. के रूप में अपनाया गया।
(ii) शाहजहाँनाबाद में शाही महल …. स्थित था।
(ii) वृंदावन के मंदिरों की मास्तुकला शैली और फतेहपुर सीकरी के मुगल महलों में बहुत ………… थी।
(iv) मुगल काल में फेंप्रीष गुपए की परिकल्पना सबसे पहली बार ……………… में दिखाई दी।
(v) आबाद शब्द उस स्थान के लिए प्रयुक्त होता है जिसमें ……………… दी।
उत्तर:
(i) तटीय
(ii) नदी
(ii) समानता
(iv) हुमायूँ के मकबरे
(v) बसावट।

प्रश्न 3.
सही गलत छाँटो:
(i) विशिष्ट वर्गों ने अपने घरों का निर्माण गमुना नदी के ती पर करवाया।
(ii) ताजमहल का निर्माण कार्य 1643 में पूरा हुआ।
(iii) शाहजहाँनाबाद घना बसा शहर था।
(iv) हौज-ए-सुल्तानी का निर्माण हुमा ने किया।
(v) कश्मीर में स्थित शालीमार बाग सीकीदार चार बाग है।
उत्तर:
(i) विशिष्ट वर्गों ने अपने घरों का निर्माण गमुना नदी के ती पर करवाया।
(ii) ताजमहल का निर्माण कार्य 1643 में पूरा हुआ।
(iii) शाहजहाँनाबाद घना बसा शहर था।
(iv) हौज-ए-सुल्तानी का निर्माण हुमा ने किया।
(v) कश्मीर में स्थित शालीमार बाग सीकीदार चार बाग है।

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HBSE 7th Class History शासक और इमारतें Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आगरा किले के निर्माण में लगे श्रम (Labour) का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
अकबर द्वारा निर्मित आगरा किले के निर्माण हेतु 2,000 पत्थर काटने वालों,2,000 सीमेंट व चूना बनाने वालों तथा 8,000 मजदूरों की आवश्यकता पड़ी।

प्रश्न 2.
प्राचीन या पूर्व मध्यकाल में राजा मंदिरों का निर्माण क्यों कराते थे?
उत्तर:
राजा मंदिरों का निर्माण अपनी शक्ति, धन-संपदा और धार्मिकता के प्रदर्शन के लिए करते थे।

प्रश्न 3.
मुसलमान आक्रमणकारियों ने अपने विजय अभियानों के दौरान मंदिरों को क्यों लूटा?
उत्तर:
मुसलमान आक्रमणकारियों ने पराजित राजाओं के ‘मंदिरों को नष्ट करके एक महान इस्लामी योद्धा के रूप में ख्याति प्राप्त करने की कोशिश की।

प्रश्न 4.
इतिहासकारों ने किस प्रकार के बागों को ‘नदी तट के बाग’ कहा है?
उत्तर:
इतिहासकारों ने उन बागों को नदी तट के बाग कहा है जिसमें बाग में निवासस्थान चारबाग के बीच में स्थित न होकर नदी तटों के पास बाग के बिल्कुल किनारे पर होता था।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कुतुबमीनार पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
कुतुबमीनार: इसका निर्माण दिल्ली सल्तनत के संस्थापक सुल्तान कुत्बुद्दीन ऐबक ने लगभग 1199 ई. में पूरा कराया।
मूलत: यह कुल पाँच मंजिली इमारत है। अभिलेखों की पट्टियाँ इसके पहले छज्जे के नीचे हैं। इस इमारत की पहली मंजिल का निर्माण कुत्बुद्दीन ऐबक तथा शेष मंजिलों का निर्माण 1229 के आस-पास इल्तुतमिश द्वारा करवाया गया।
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इस इमारत के छज्जे के नीचे छोटे मेहराब तथा ज्यामितीय रूपरेखाओं द्वारा निर्मित नमूने देखे जा सकते हैं। नीचे (छज्जों के नीचे) जो अभिलेखों की पट्टियाँ हैं वे अरबी में हैं।

इस मीनार का बाहरी हिस्सा घुमावदार तथा कोणीय है। ऐसी सतह पर अभिलेख लिखने के लिए पर्याप्त परिशुद्धता की जरूरत होती थी। सबसे योग्य कारीगर इस कार्य को पूरा कर सकते थे।

अनेक वर्षों में यह इमारत आँधी-तूफान तथा भूकंप की वजह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। अलाउद्दीन खलजी, मुहम्मद तुगलक, फिरोज शाह तुगलक तथा इब्राहिम लोदी ने इसकी मरम्मत करवाई।

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प्रश्न 2.
“चोल राजा राजेंद्र प्रथम द्वारा निर्मित शिव मंदिर को चालुक्य राजाओं से छीनी सामग्री से भर दिया गया था।” इस कथन की संक्षिप्त चर्चा कीजिए।
उत्तर:
ग्यारहवीं शताब्दी के आरंभ में जब चोल राजा राजेंद्र प्रथम ने अपनी राजधानी में शिव मंदिर का निर्माण करवाया तो उसने पराजित शासकों से जब्त की हुई उत्कृष्ट प्रतिमाओं से इसे भर दिया। एक अधूरी सूची में निम्न चीजें सम्मिलित थीं: चालुक्यों से प्राप्त एक सूर्य पीठिका, एक गणेश मूर्ति तथा दुर्गा की कई मूर्तियाँ; पूर्वी चालुक्यों से प्राप्त एक नंदी मूर्ति; उड़ीसा के कलिंगों से प्राप्त भैरव (शिव का एक रूप) तथा भैरवी की एक प्रतिमा तथा बंगाल के पालों से प्राप्त काली की मूर्ति।

प्रश्न 3.
शाहजहाँ के समय में ऐसे कौन-से वस्तुकलात्मक अभिलक्षण उभरे जो इशारा करते थे कि राजा पृथ्वी पर ईश्वर का प्रतिनिधि था?
उत्तर:
शाहजहाँ के भवन विशेष रूप से मस्जिद से मिलते-जुलते बनाए गए थे। जिस मंच पर उसका सिंहासन होता था, उसे प्रायः किबला कहा जाता था। क्योंकि जिस समय दरबार चलता था, उस समय प्रत्येक व्यक्ति उस ओर ही मुंह करके बैठता था। ये वस्तुकलात्मक अभिलक्षण इस ओर इशारा करते थे कि राजा पृथ्वी पर ईश्वर का प्रतिनिधि था।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
नवीं शताब्दी के प्रारंभ में पांड्यन राजा श्रीमर श्रीवल्लभ ने श्रीलंका पर आक्रमण किया तो उसने बौद्ध धर्म संबंधी स्थलों एवं अवशेषों को कैसे निशाना बनाया था? इसका क्या प्रभाव पड़ा था? संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
1. प्राय: नवीं शताब्दी या उससे बाद हर राजा धार्मिक स्थलों तथा स्मारकों आदि को अपने आक्रमणों का निशाना नहीं बनाते थे लेकिन कभी-कभी ऐसी जानकारी (ऐतिहासिक स्रोतों से) मिलती है कि अनेक शासकों ने ऐसा भी किया।

2. नवीं शताब्दी के आरंभ में जब पांड्यन राजा श्रीमर श्रीवल्लभ ने श्रीलंका पर आक्रमण कर राजा सेन प्रथम (831-851) को पराजित किया। श्रीमर श्रीवल्लभ के हमले के विषय में बौद्ध भिक्षु व इतिहासकार धम्मकित्ति ने लिखा है कि, “सारी बहुमूल्य चीजें वह ले गया रल महल में रखी स्वर्ण की बनी बुद्ध की मूर्ति और विभिन्न मठों में रखी सोने की प्रतिमाओं – इन सभी को उसने जब्त कर लिया।”

3. सिंहली शासक के आत्माभिमान को इससे जो आघात लगा था उसका बदला लिया जाना स्वाभाविक था। अगले सिंहली शासक सेन द्वितीय ने अपने सेनापति को, पांड्यों की राजधानी मदुरई पर आक्रमण करने का आदेश दिया। बौद्ध इतिहासकार ने लिखा है कि इस अभियान में बुद्ध की स्वर्ण मूर्ति को ढूंढ निकालने तथा वापस लाने हेतु महत्त्वपूर्ण प्रयास किए गए।

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प्रश्न 2.
महमूद गजनवी किस चोल शासक का समकालीन था? उसने भारत में अपने सैन्य अभियानों के दौरान मंदिरों को क्यों निशाना बनाया था? मध्यकालीन राजनीति में धार्मिक स्थानों के विरुद्ध अभियानों को कैसे व्यावहारिक रूप देते थे?
उत्तर:
1. गजनी (अफगानिस्तान) का सुल्तान महमूद चोल राजा राजेंद्र प्रथम का समकालीन था। भारत में अपने अभियानों के दौरान उसने पराजित राजाओं के मंदिरों को अपवित्र किया तथा उनके धन तथा मूर्तियों को लूट लिया।
2. उस समय सुल्तान महमूद कोई बहुत महत्त्वपूर्ण शासक नहीं था लेकिन मंदिरों को नष्ट करके (खास तौर से सोमनाथ का मंदिर) उसने एक महान इस्लामी योद्धा के रूप में श्रेय प्राप्त करने का प्रयास किया।
3. मध्ययुगीन राजनीतिक संस्कृति में ज्यादातर शासक अपने राजनैतिक बल व सैनिक सफलता का प्रदर्शन पराजित शासकों के उपासना स्थलों पर आक्रमण कर और उन्हें लूट कर करते थे।

शासक और इमारतें Class 7 HBSE Notes in Hindi

1. कुतुब मीनार: कुत्बुद्दीन ऐबक ने लगभग 1199 में महरौली के पास नई दिल्ली में इसका निर्माण करवाया था।
2. सुरक्षित, संरक्षित इबादत तथा आराम की इमारतें: किले, महल, मकबरे, मस्जिदें।
3. धार्मिक और अन्य दृष्टियों से इमारतें: किले, महल, मंदिर, मस्जिद, हौज, कुएँ. सराय तथा बाजार।
4. घरेलू स्थापत्य के उदाहरण: व्यापारियों की विशाल हवेलियाँ।
5. अधिरचना: भूतल से ऊपर किसी भवन का भाग।
6. कुब्बत-अल-इस्लाम मस्जिद: महरौली (नई दिल्ली में कुतुब मीनार के पास बारहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में बनी एक ऐतिहासिक मस्जिद)।

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7. अनुप्रस्थ टोडा निर्माण शैली: सातवीं और दसवीं शताब्दी में इमारतों में छत, दरवाजे और खिड़कियाँ दो ऊर्ध्वाधर खंभों के आर-पार एक अनुप्रस्थ शहतीर रखकर बनाए जाते थे। वास्तुकला की यह शैली अनुप्रस्थ टोडा निर्माण कहलाती है।
8. बाउली: सीढ़ीदार कुआँ। राजस्थान तथा गुजरात में आज भी कई बालियाँ देखी जा सकती हैं।
9. चारुपल्लम: दक्षिण भारत में कुछ मंदिरों के पास बने गाँव को चारुपल्लम कहा जाता है जिसका अर्थ है चढ़ाईदार रास्ते का गाँव।
10. एक शाही वास्तु शिल्पी: मुगल सम्राट शाहजहाँ।
11. शाहजहाँनाबाद (पुरानी दिल्ली) का निर्माण काल: 1650-16561
12. अल्लाह की परछाई: भारत में फारसी दरबारी इतिहासकारों ने मुसलमानों, सुल्तानों और बादशाहों के लिए इस उपाधि का प्रयोग किया जिसका अर्थ है ईश्वर की परछाई।
13. हरमंदिर साहब: अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर।।
14. गुरुद्वारे: सिक्खों के एकत्र होने और उपासना गुरुसाहिब या ईश्वर के प्रति भक्ति आदि धार्मिक कार्य करने के लिए बनाए गए स्थान।
15. हौज-ए-सुल्तानी: राजा का तालाब।
16. धम्मकित्ति: वह श्रीलंका का नौवी शताब्दी का बौद्ध भिक्षु इतिहासकार था।
17. भैरव: हिंदू देवता शिव का एक रूप। 18. हुमायूँ का मकबरा: दिल्ली में स्थित यह मकबरा 1562 से 1571 के मध्य बना।
19. कश्मीर का शालीमार बाग: यह बाग श्रीनगर (कश्मीर) में सीढ़ीदार चारबाग में 1620 से 1634 में बनाया गया।

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20. चारबाग का अर्थ: जो बाग चार समान हिस्सों में बाँटे – जाते थे वह चार बाग कहलाते थे।
21. चारबाग के लिए प्रसिद्ध तीन मुगल सम्राट और शहर: सम्राट-अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ। शहर -कश्मीर, आगरा, दिल्ली।
22. दीवान-ए-आम: दिल्ली के लाल किले में शाहजहाँ द्वारा 1648 में पूरा करवाया गया भव्य सिंहासन वाला आम दरबार।
23. चिहिल सुतुन: चालीस खंभों के शाही सभा भवन।
24. पितरा-दूरा: संगमरमर अथवा बलुआ पत्थर पर उत्कीर्ण रंगीन, ठोस पत्थरों को दबाकर बनाए गए सुंदर तथा अलंकृत नमूने।
25. आर्फियस: पौराणिक संगीत से प्रेम करने वाला यूनानी देवता।
26. ताजमहल: आगरा में शाहजहाँ द्वारा इसका निर्माण 1648 में पूरा हुआ। यह बहुत ही सुंदर इमारत है।
27. दारा शिकोह: शाहजहाँ का सबसे बड़ा बेटा। 28. जोधाबाई महल: अकबर द्वारा निर्मित फतेहपुर सीकरी में सुंदर महल।
29. गौथिक शैली: बारहवीं शताब्दी से फ्रांस में आरंभिक भवनों की तुलना में अधिक ऊँचे व हल्के चर्चा के निर्माण के प्रयास शुरू हुए। वास्तुकला की यह शैली गौथिक नाम से जानी जाती है।
30. नाट्रेडम चर्च: फ्रांस में यह चर्च बारहवीं और तेरहवीं शताब्दियों में अनेक दशकों में बनाया गया।

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