HBSE 6th Class Social Science Solutions History Chapter 12 इमारतें, चित्र तथा किताबें

Haryana State Board HBSE 6th Class Social Science Solutions History Chapter 12 इमारतें, चित्र तथा किताबें Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Social Science Solutions History Chapter 12 इमारतें, चित्र तथा किताबें

HBSE 6th Class History इमारतें, चित्र तथा किताबें Textbook Questions and Answers

कल्पना करो:

तुम एक मंदिर के मण्डप में बैठे हो। अपने चारों तरफ़ के दृश्य का वर्णन करो।
उत्तर:
मैं ऐहोल (कर्नाटक) के दुर्गा मंदिर में दर्शन करने आया हूँ, वहाँ दर्शन करने के पश्चात् मण्डप में बैठा हूँ। मैं देख रहा हूँ कि यहाँ भजन-कीर्तन हो रहे हैं। मंडप के एक कोने में शायद, ग्रामीण लोगों की सभा आयोजित की गई है। उसमें किसी महत्त्वपूर्ण ग्रामीण मुद्दे पर बातचीत चल रही है। मंडल के दूसरे कोने पर एक पाठशाला चलाई जा रही है। शायद आज परीक्षा का दिन है, इसलिए बच्चों को मंदिर के आंगन में परस्पर काफी दूरी पर विठाया गया है। यहाँ कीर्तन मंडली माँ भगवती का गुणगान कर रही है। मण्डप के बीच में एक हवन कुण्ड बना है। इसमें वेद-मंत्रों से यज्ञ किया जा रहा है। यह समूचा एक विशाल और गोलाकार कक्ष है जिसके बाहर एक प्रदक्षिणा पथ है, लोग उसमें चारों ओर घूम कर परिक्रमा कर रहे हैं।

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आओ याद करें:

इमारतें चित्र तथा किताबें HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 1.
निम्नलिखित का सुमेल करो:
(i) स्तूप – (क) देवी-देवता की मूर्ति स्थापित करने की जगह
(ii) शिखर – (ख) टीला
(iii) मण्डप – (ग) स्तूप के चारों तरफ वृत्ताकार पथ का रास्ता
(iv) गर्भगृह – (घ) मंदिर में लोगों के इकट्ठा होने की जगह
(v) प्रदक्षिणापथ – (ङ) गर्भगृह के ऊपर शृंगाकार निर्माण
उत्तर:
(i) – (ख)
(ii) – (छ)
(iii) – (घ)
(iv) – (क)
(v) – (ग)

Class 6 History Chapter 12 HBSE Social Science प्रश्न 2.
खाली जगहों को भरो:
(क) ———— एक बड़े गणितज्ञ थे।
(ख) ———— में देवी-देवताओं की कहानियाँ मिलती हैं।
(ग) ———— को संस्कृत रामायण का लेखक माना जाता है।
(घ) ——— और ———— दो तमिल महाकाव्य है।
उत्तर:
(अ) बराहमिहिर
(ब) पुराणों
(स) बाल्मिकी
(द) शिलापदिकम, मणिमेकलाई

आओ चर्चा करें:

HBSE 6th Class Social Science इमारतें चित्र तथा किताबें प्रश्न 3.
धातुओं के प्रयोग पर जिन अध्यायों में चर्चा हुई है, उनकी सूची बनाओ। धातु से बनी किन-किन चीजों के बारे में चर्चा हुई है या उन्हें दिखाया गया है?
उत्तर:
वैदिक काल से लोहे की खोज होने के संकेत मिलते हैं। वैदिककाल का वर्णन हमारी पुस्तक के अध्याय (6) में हैं। इसमें कृषि कार्य हेतु हल में लोहे का फाल और अस्त्र-शस्त्रों के बल पर ही आर्यों ने राज्य विस्तार किया था और “मगध” राज्य की उन्नति हुई। संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि कृषि कार्यों का चयन और स्थाई तौर पर निवास करने के बाद बनने वाले सभी सामाजिक संगठनों यथा-जाति, समुदाय, समिति, गण, संघ, राज्य, साम्राज्य में लोहे के विविध उपयोगों का उल्लेख हुआ है। इन अध्यायों में वर्णित चीजें हैं:
(i) लोहे की फाल
(ii) भाला, तीर, कुल्हाड़ी, दराँती, गैंती जैसे कृषि औजार
(iii) तोमर, गदा, परशु, मुद्गर, तलवार, बरछा, तेग भिन्दिपाल, चक्र, कवच, मेखला जैसे आयुध और सामाजिक सन्जा
(iv) लोहे के विशाल संदूक।

धातु-कर्म का आरंभ वस्तुतः हड़प्पा नगर सभ्यता से हुआ। इसमें ताँबे और टिन से मिश्रित धातु काँसा बनाने का उल्लेख हुआ है। ताँबे को गलन-भट्टियों का उल्लेख भी है। इस सभ्यता के अचानक पतन का कारण यह बताया गया है कि ईट के भट्ठे और ताँबे की गलन भट्टियों की संख्या बढ़ जाने के कारण ईधन की खपत बढ़ गई थी। लोगों ने बड़े पैमाने पर वन-विनाश करना शुरू किया और एक स्थिति ऐसी आई कि सिन्धु-घाटी की उर्वरा भूमि ऊसर अनुपजाऊ बन गई। जल-स्रोत सूख गए। जीवन की आवश्यक दशाएँ बिगड़ जाने के कारण ही लोग इन नगरों को त्याग कर अन्यत्र चले गये थे।

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प्रश्न 4.
एन.सी.आर.टी. की पाठ्यपुस्तक पृष्ठ संख्या 130 पर लिखी कहानी को पढ़ों। जिन राजाओं के बारे में तुमने अध्याय 6 और 11 में पढ़ा है उनसे यह बंदर राजा कैसे भिन्न या समान था?
उत्तर:
इस अध्याय में बंदर राजा का स्वभाव अपनी संपूर्ण जाति के लिए बलिदान हो जाने का है। वह पेड़ की शाखाओं का पुल बनाकर एक ओर से उसको अपने कंधे पर टिकाए रहता है, परन्तु अपने पूरे दल के नदी पार करते ही मर जाता है। वह अपनी जाति के लिए अपने प्राणों को दाँव पर लगा देता है। इसमें मनुष्य राजा का स्वभाव ठीक मौर्यकाल के साम्राज्य चन्द्रगुप्त जैसा दिखाया गया है। वह गुप्तचरों को भेजकर पता लगवाता है कि नदी में बहकर आने वाला, आम का मीठा फल कौन से वन में और किस पेड़ पर लगता है? साथ ही गुप्तचरों से यह पता कराता है कि उन फलों को कौन खाते हैं? वह वन में भी अपना नियंत्रण रखना चाहता है तथा यह निश्चय करता है कि उस आम को खाने वाले बंदरों का वह वंश-नाश कर देगा।

ठीक उसी तरह जैसे चन्द्रगुप्त ने छल-बल और कौशल तीनों शक्तियों का प्रयोग चाणक्य के मार्गदर्शन करके नंद वंश का नाश किया था। वह गुप्तचर व्यवस्था और कठोर दण्ड व्यवस्था हम इस पुस्तक के अध्याय छ: में मौर्य शासन में देखते हैं। इसका उल्लेख मैगस्थनीज की इंडिका और चाणक्य के अर्थशास्त्र में हुआ है। मनुष्य राजा को जब बाद में अपनी गलती का एहसास होता है तो वह बंदर राजा का दाह-कर्म और श्राद्ध आदि करके प्रायश्चित करता है- उसकी यह प्रवृत्ति वैदिक-काल की है। बंदर राजा के बलिदान का गुण हमें गण, संघ आदि के वर्णन में दिखाई पड़ता है। उदाहरणार्थ-लिच्छवि एवं शाक्य गण के राजकुमार क्रमशः सिद्धार्थ (गौतम बुद्ध) और वर्धमान महावीर ने मानव जाति के उपकार हेतु घर-द्वार, राज-पाट त्यागकर ज्ञान प्राप्ति हेतु तपस्या की थी।

प्रश्न 5.
और भी जानकारी इकट्ठी कर किसी महाकाव्य से एक कहानी सुनाओ।
उत्तर:
तमिल भाषा का महाकाव्य शिलापदिकम है। इसको इलान्गो ने लगभग 1800 वर्ष पूर्व लिखा था। इसमें कुम्हार (कावेरीपत्तनम) में रहने वाले एक शादीशुदा बनिए कोकलन को माधवी नाम की एक वेश्या के साथ प्यार हो जाता है। वह अपनी पत्नी कन्नगी की उपेक्षा करता है और उसको त्याग देता है। अन्ततः कन्नगी के साथ उसके संबंध पुनः बनते हैं और एक दिन जब वह कावेरीपत्तनम छोड़कर मदुराई जाता है तो पांड्य राजा का दरबारी आभूषणकार उस पर आभूषण चोरने का झूठा आरोप लगा देता है। राजा जब कोकलन को मृत्युदंड देता है तो उसकी पत्नी कन्नगी इस अन्याय को देखकर इतनी दु:खी और क्रोधित हो जाती है कि समूचे मदुराई नगर का विध्वंस कर देती है।

आओ करके देखें:

प्रश्न 6.
इमारतों तथा स्मारकों को अन्य प्रकार से सक्षम व्यक्तियों (विकलांग) के लिए और अधिक प्रवेश योग्य कैसे बनाया जाए? इसके लिए सुझावों की एक सूची बनाओ।
उत्तर:
भिन्न-भिन्न योग्यताओं वाले लोगों को भवन और स्मारकों की जानकारी कराने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
1. संचार के मुद्रित माध्यम अर्थात् समाचार पत्र, पत्रिका, सामयिक निबंध, आदि का प्रकाशित कराना और ग्रामीण स्तर तक प्रसार व्यवस्था विकसित करना। इनमें पुरातत्वीय भवनों और स्मारकों के चित्र भी छापे जाएँ।
2. इलैक्ट्रानिक संचार माध्यमों यथा-रेडियो, दूरदर्शन, सिनेमा, चलचित्र आदि से विभिन्न पुरातत्व स्थलों की जानकारी कराना। पुराणों में वर्णित कहानियाँ और उपन्यास आदि की कहानी का मंचन भी कराया जा सकता है।
3. बस्ती, गाँव, उपनगर एवं जिला स्तर पर कई नुक्कड़ नाटक, प्रदर्शनी, मंचन (रामलीला/ध्रुवचरित आदि) आयोजित करना।
4. पाठ्यक्रम के हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी आदि भाषा-अध्ययन में ऐतिहासिक दृष्टांतों, उपाख्यानों एवं कथाओं की पाठ-योजना बनाना।
5. मेले, त्योहारों एवं उत्सवों से जुड़ी हुई कहानियों दंतकथाओं को प्रकाशित कराना, इन्हें सचित्र प्रकाशित कराया जाए ताकि कहानी में वर्णित भवन और स्मारकों का दर्शन भी कराया जा सके।
6. पर्यटन मंत्रालय को सशक्त बनाकर और स्थान-स्थान पर पर्यटन केन्द्र एवं विभाग स्थापित करके तथा विवरणिकाएँ प्रकाशित एवं वितरित करके।

प्रश्न 7.
कागज के अधिक से अधिक उपयोगों की सूची बनाओ।
उत्तर:
कागज के उपयोग:
1. पुस्तक प्रकाशन में
2. लिखने-पढ़ने में
3. खिलौने यथा-कागज की नाव, कोट-पैंट, दिन-रात, रॉकेट, जहाज आदि बनाने में
4. घर एवं स्कूल को झंडियाँ, झालर आदि बनाकर सजाने में
5. प्लेट, कप, गिलास, गुलदस्ता, फूल आदि बनाने में
6. कार्यालीय कार्य-पत्र-लेखन, परिपत्र, अधिसूचना, सूचना, शासकीय-अर्धशासकीय आदि लिखने में
7. व्यावसायिक कार्य-पैकेट, थैलियाँ लेखा-पंजी, रजिस्टर आदि बनाने में
8. टिकट, रसीद, दस्तावेज, प्रलेख, पत्र- मुद्रा (कागजी नोट) आदि तैयार करने में।

प्रश्न 8.
इस अध्याय में बताए गए स्थानों में से तुम्हें किसी एक को देखने का मौका मिले तो किसे चुनोगे और क्यों?
उत्तर:
मेरा चयन अजन्ता और एलोरा की गुफाएँ का होगा? ये गुफाएँ महाराष्ट्र राज्य में हैं। ये यहाँ मालेगाँव और धुले में हैं। विगत कई शताब्दियों में इन गांवों की पहाड़ियाँ काट-काट कर कई बौद्ध मठ एवं विहार (गुफानुमा) बनते रहे है।। इनमें कुछ गुफाओं के अन्दर की दीवारें ज्यामितिक (रेखागणितीय) आकृतियाँ में चित्रित हैं। ये बहुत ही आकर्षक और नयनाभिराम हैं। इन चित्रों में प्रयुक्त रंग आज से 1500 वर्ष पहले का होने पर भी एकदम नई चमक-दमक वाला है। इसको उन दिनों गेरु जैसे खनिजों और पौधों के वास्तविक रंगों से तैयार किया जाता था।

इन तथ्यों को मैं समझ चुका हूँ कि गहरी और विस्तृत गुफाएँ होने के कारण लोगों ने इनमें चित्रकारी किसी मसाल आदि को जलाकर उसके उजाले में ही की होगी। आयत, वृत्त, वर्ग, कोण, कर्ण, विकर्ण आदि से सज्जित ये गुफाएँ, धुंधला-अंधकार और इनमें दमकते हुए प्राकृतिक रंग मेरी कल्पना में साकार होने लगे हैं। अत: जीवन में अवसर मिलने पर मैं अवश्य ही इन गुफाओं को देखने जाऊँगा। गुप्त काल की ये गुफाएँ चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के शौर्य और सौन्दर्यबोध (कला एवं कलाकारों का संरक्षण) एवं संवत् वर्ष आरंभ करने की उनकी अध्यात्मिक सूझ-बूझ एवं सद्विवेक तथा ‘शकारि’ कहलाने का गौरव-ध्वज हैं।

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HBSE 6th Class History नए साम्राज्य और राज्य Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मरूतस्वामी पहियागाड़ी में क्यों बैठा होगा?
उत्तर:
संभवत: वह विकलांग था और उसका भाई उसका मनोरंजन कराने कुतुबमीनार में लाया था।

प्रश्न 2.
पहिया गाड़ी को कहाँ तक ले जाया गया?
उत्तर:
धातु की चादरों के पायदान तक।

प्रश्न 3.
महरौली का लौह-स्तंभ किसने बनवाया होगा?
उत्तर:
इसमें चन्द्रवंश का उल्लेख है लेकिन इतिहासकारों ने अब पुष्टि कर ली है कि वह चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य था।

प्रश्न 4.
लौह-स्तंभ की विशेषता क्या है?
उत्तर:
खुले वातावरण में लगातार 1500 वर्ष रहने पर भी उसमें अभी तक जंग नहीं लगा है।

प्रश्न 5.
अमरावती के विशाल स्तूप का भग्नावशेष क्या संकेत देता है?
उत्तर:
अमरावती (आंध्र-प्रदेश) के विशाल स्तूप का भग्नावशेष इसमें प्रयुक्त पत्थरों की नक्काशी आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व की होने का संकेत देता है।

प्रश्न 6.
मंदिर का गर्भगृह सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भाग क्यों था?
उत्तर:
इसमें मूर्ति प्रतिष्ठित की जाती है।

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प्रश्न 7.
स्तूपों में जंगले और फाटक कब लगने शुरू हुए?
उत्तर:
शक, सातवाहन और कुषाण काल में। कुषाण वंश का प्रसिद्ध शासक कनिष्क था जिसके शासन काल में निर्मित सर्वाधिक स्तूप इसी शैली के थे।

प्रश्न 8.
ईंटों से निर्मित टीले जैसे स्तूप किस काल के हैं?
उत्तर:
मौर्य वंश के तीसरे प्रभावशाली और महान शासक अशोक के शासनकाल के उदाहरणार्थ: अरावली का स्तूप।

प्रश्न 9.
भितरगाँव के मंदिर की क्या विशेषता है?
उत्तर:
उसके ऊपर (गर्भगृह के ठीक उपर) पवित्र स्थल (देव-मूर्ति) का संकेत देने वाले शिखर को बनाया गया है। शंक्वाकार इन शिखरों को बनाने में बहुत ही कुशल-श्रम की आवश्यकता रही होगी।

प्रश्न 10.
मण्डप क्या हैं?
उत्तर:
मंदिर का एक हिस्सा जो एक विशाल कक्ष की बनावट का होता है। इसमें लोग सभा, बैठक आदि आयोजित कर सकते हैं।

प्रश्न 11.
स्तूप या मंदिर निर्माण के चरणों को बताइए।
उत्तर:
राजा या रानी द्वारा निश्चित स्थान पर स्तूप/मंदिर बनवाने का संकल्प लिया जाना+समितियों में वार्ता,(राजकोष से आवश्यक धन की व्यवस्था)-विशेष गुणवत्ता वाले पत्थर की खान का खोजना विशाल शिलाएँ प्राप्त करना→मानव या पशु शक्ति (बैलगाडी आदि) से निश्चित स्थान तक उनका परिवहन (दुलाई)-शिलाओं की नक्काशी-शिलाओं को खंभों एवं दीवार की पट्टियों का आकार देना और उन्हें सही स्थान पर लगाना।

प्रश्न 12.
उड़ीसा के उज्जैन मठ की क्या विशेषता है?
उत्तर:
एक चट्टान को तराशकर उसको दो मंजिला भवन का रूप दिया गया है। इसमें अनेक कमरे बनाए गए हैं। कमरों के प्रवेश द्वार, दूसरी मंजिल का बरामदा, स्तंभों की तकनीकी आदि दर्शनीय है।

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प्रश्न 13.
मंदिर या स्तूप की सजावट/चित्रकारी आदि के लिए दान देने वाले लोगों का पता कैसे लगता है?
उत्तर:
स्तूपों/मंदिरों की दीवारों, जंगलों तथा खंभों पर सैकड़ों लोगों के नाम लिखे गए (उत्कीर्ण) हैं।

प्रश्न 14.
मंदिरों, स्तूपों, पुस्तकों, भवनों आदि को बनवाने/लिखवाने के पीछे उस काल के राजाओं की क्या मंशा रहती थी?
उत्तर:
राज्य के सभी कलाकार, दस्तकार, शिल्पी, बढ़ई आदि को रोजगार मिले, कलाओं में क्रमश: निखार आए, भावी पीढ़ी को प्रेरणा मिले एवं राज्य में सर्वत्र समृद्धि का आगमन हो।

प्रश्न 15.
मणिमेकलाई महाकाव्य किसने लिखा?
उत्तर:
इस तमिल महाकाव्य को सत्तानर ने लिखा।

प्रश्न 16.
पुराणों की कथा-वस्तु क्या रही होगी?
उत्तर:
सृष्टि की उत्पत्ति, राजाओं का वर्णन, देवी-देवताओं की गाथा तथा उनकी उपासना करने के नियम आदि।

प्रश्न 17.
क्या वेदों की तरह ही शूद्र और महिलाओं को पुराणों की कथा सुनने की अनुमति नहीं थी?
उत्तर:
समाज के सभी वर्गों (महिलाएँ, दास, दासी तथा शूद्र आदि) को पुराणों की कथा सुनने का अधिकार था।

प्रश्न 18.
पुराण और महाभारत का संकलन करने वाला विद्वान कौन था?
उत्तर:
कृष्ण द्वैपायन व्यास।

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प्रश्न 19.
रामलीला का मुख्य आधार क्या है?
उत्तर:
बाल्मीकि एवं तुलसीदास कृत रामायण की कथा-वस्तु।

प्रश्न 20.
जातक ग्रंथों में बहुधा किन विषयों पर कहानियाँ
उत्तर:
पशु-पक्षियों, मनुष्यों, चमत्कारपूर्ण घटनाओं आदि पर।

प्रश्न 21.
जातक तथा पंचतंत्र की कहानियाँ कब लिखी
उत्तर:
गुप्तवंश के शासकों के शासन काल में।

प्रश्न 22.
जातक कथाएँ कहाँ चित्रित हैं?
उत्तर:
अजन्ता की गुफाओं में।

प्रश्न 23.
“भरहुत” (मध्य प्रदेश) के स्तूप में कौन सी कहानी चित्रित है?
उत्तर:
बंदरों के राजा की कहानी।

प्रश्न 24.
काई-लुन ने आरंभ में कागज कैसे बनाया?
उत्तर:
चीन के इस निवासी ने “पेपरिस” नामक घास, कपड़ों, रेशों, रस्सियों तथा पेड़ों की छाल का बारीक चूर्ण बनाया और इसके पश्चात उन्हें जल में भिगोया। इस लुगदी को दबाया, धोया तथा अन्त में धूप में सुखाया।

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प्रश्न 25.
कागज बनाने की कला भिन्न-भिन्न देशों में कौन से क्रम में फैली थी?
उत्तर:
लगभग 1900 वर्ष पूर्व-चीन में आविष्कार+1800 वर्ष पूर्व बगदाद (ईराक), यूरोप,अफ़्रीका-लगभग 1400 वर्ष पूर्व कोरिया, जापान,संपूर्ण संसार में।

प्रश्न 26.
कागज का आविष्कार होने से पहले पांडुलिपि किसमें तैयार होती थी?
उत्तर:
भूर्ज (भोज) वृक्ष की छाल, ताड़ पत्र आदि पर।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
स्तूप क्या है? इनका ढाँचा बताइए।
उत्तर:
गौतम बुद्ध या उनके अनुयायियों का श्मशान गृह अथवा कन। उनके दाँत, हड्डी अथवा उनके जीवन काल की प्रमुख चीजों को शव-स्मृति मंजूषा में रख कर इनमें गाड़ा जाता है। गड्ढे को पाट कर उसके केन्द्र बिन्दु से दोनों ओर अर्धवृत्ताकार ऊँचा गुबंद/टीला बना दिया जाता है। इसके चारों ओर जंगलें डालकर गोलाकार पथ निकाला जाता है। इसको प्रदक्षिणा कहते हैं। इसके ऊपर पत्थर की मुड़ी हुई स्लेटों को जमाया जाता है।

प्रश्न 2.
स्तूपों के चारों ओर प्रदक्षिणा पथ का रहना क्या दर्शाता है?
उत्तर:
प्रदक्षिणा का नियम वस्तुतः सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की परिक्रमा के भौतिक दर्शन से लिया गया है। सूर्य प्रकाश एवं ऊर्जा स्रोत है और उसके चारों ओर घूमते समय पृथ्वी का कण-कण इससे प्रदीप्त और उर्जावान बनता है। ठीक इसी तरह बुद्ध और बुद्ध के अनुयायियों के शव-अवशेष भी पूज्य माने जाते हैं अत: लोग शव-स्मृति-चिह्नों की पेटिका को भूमि में गहरा गाड़ कर उसके ऊपर मिट्टी भरकर ईंटों का टीला-सा बनाते हैं। इसकी परिक्रमा की जाती है।

उक्त के अलावा जैन, बुद्ध और हिन्दु धर्म की उपासना विधि में समानता भी इससे प्रकट होती है। उल्लेखनीय है कि मंदिरों के चारों ओर भी प्रदक्षिणा पथ बना होता है और श्रद्धालु भक्त उसकी परिक्रमा करते हैं।

प्रश्न 3.
कुछ प्रमुख स्तूपों के नाम लिखिए जिनका निर्माण उत्तर वैदिक काल से गुप्तकाल तक की अवधि में हुआ।
उत्तर:
1. साँची का स्तूप (मध्य प्रदेश)
2. सारनाथ स्तूप (उत्तर प्रदेश)
3. अमरावती स्तूप (आंध्र प्रदेश)
4. भरहुत स्तूप (मध्य प्रदेश)
5. काले चैत्य (महाराष्ट्र)।

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प्रश्न 4.
उत्तर वैदिक काल से लेकर गुप्तकाल तक निर्मित कुछ मंदिरों के नाम लिखिए।
उत्तर:
1. देवगढ़ मंदिर (झाँसी, मध्य प्रदेश).
2. भितरगाँव मंदिर (कानपुर, उत्तर प्रदेश),
3. कैलाश मंदिर (एलोरा, महाराष्ट्र),
4. मीनाक्षी मंदिर (मदुराई, तमिलनाडु),
5. महाबलीपुरम के रथ मंदिर (तमिलनाडु) तथा
6. बोधगया मंदिर (बिहार)।

प्रश्न 5.
प्राचीन काल के समाज पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
प्राचीन भारत के समाज में गाँवों को बहुत अधिक महत्त्व दिया गया था। अधिसंख्यक लोग गाँव में रहते थे। उनका प्रमुख व्यवसाय कृषि था। धर्म ने समाज के प्रत्येक अंग और क्रिया-कलाप को प्रभावित किया था। भारतीय समाज उस काल में चार वर्णों (जातियों) में विभाजित था-
(i) ब्राह्मण
(ii) क्षत्रिय,

प्रश्न 6.
अजन्ता की गुफाओं में की गई चित्रकारी की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
गुप्त शासकों के संरक्षण में चित्रकारी ने चरम उत्कर्ष प्राप्त किया। इस युग के चित्र महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश स्थित गुफाओं में मिलते हैं। अजन्ता में 27 गुफाएँ हैं। इनमें जातक कथाओं के दृश्य और बुद्ध की आकर्षक मूर्तियाँ चित्रित हैं। इस चित्रकारी की दो विशेषताएँ हैं-(0 इनमें मित्रता, प्रेम, क्रोध, खुशी, बेचैनी तथा घृणा जैसे मनोविकार और मनोवृत्तियों को अभिव्यक्त किया गया है। (10 भिन्न-भिन्न कोणों तथा कथाओं पर आधारित गौतम बुद्ध की सर्वाधिक सुन्दर मूर्तियाँ बनाई गई हैं।

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इमारतें, चित्र तथा किताबें Class 6 HBSE Notes in Hindi

1. अविस्मरणीय अनुभव कब होता है?: जब कुछ ऐसा देखा जाए जो मन में छाप छोड़ दे।
2. महरौली के लौह-स्तंभ की ऊँचाई और इसमें प्रयुक्त लोहा कितना है?: ऊँचाई 7.2 मीटर तथा 3 टन से अधिक लोहा।
3. यह लौह स्तंभ किसने बनाया?: चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य या चन्द्रगुप्त (द्वितीय) ने।
4. स्तूप का क्या अर्थ है?: एक टोला।
5. स्तूप के मध्य भाग की मंजूषा में क्या रखा गया?: बुद्ध या उनके अनुयायियों के दाँत, हड्डी अथवा अस्थियाँ (राख) या भस्म।
6. स्तूप के मध्य भाग की मंजूषा का क्या नाम है?: शव की स्मृति चिह्न पेटी।
7. क्या शव के स्मृति-चिह्न वाला संदूक अनावृत्त रहता है?: नहीं, भूमि में गड़ा रहता है और उसके ऊपर गुंबदाकार एक डाँचा बना दिया जाता है।
8. प्रदक्षिणा पथ क्या है? स्तूप के चारों ओर जंगलों से घिरा हुआ वृत्ताकार पथ (रास्ता)।
9. स्तूपों का निर्माण कब आरंभ हुआ?: आज से लगभग 2000 वर्ष पहले।
10. मंदिर के हिस्से कौन-कौन से थे?: गर्भगृह, शिखर, मंडप आदि।
11. स्तूप और मंदिर का निर्माण कराने के लिए आर्थिक अनुदान कौन देते थे?: राजा, रानी, शिल्प, संघ, व्यापारी, माला बनाने वाले, गंधी, स्वर्णकार, लोहार एवं कुम्हार तथा कुछ अन्य लोग।
12. अजंता एवं एलोरा के गुफा-गृह किनके लिए बनाए गए?: बौद्ध भिक्षुओं के निवास हेतु।
13. भित्ति चित्रकारी के रंग कैसे बनाए गए हैं?: पौधों की पत्तियाँ और चूना, गेरुआ आदि खनिजों से।
14. महाकाव्य क्या है?: आदर्श चरित्र वाले पुरुष और महिलाओं के जीवन और कार्य का विवरण एवं उनमें समाविष्ट देवी-देवताओं का वर्णन।

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15. तमिल महाकाव्य शिलापविकरम का केन्द्रीय भाव क्या है?: चरित्रवान पत्नी जीवन की प्रत्येक परीक्षा को अपने पतिव्रत – बल से देती है।
16. “सिलप्पदिकारम” में महिला के कौन से महान गुण को निर्मित किया गया हैं?: पतिव्रता या पतिव्रत धर्म को।
17. कालीदास प्रकृति प्रेमी था, यह कैसे पता लगता है?: वह मानसूनी हवा के बहने जैसी प्राकृतिक घटनाओं को भी नायिका के माध्यम से प्रियतम/तमा की ठवन या गति कहता है।
18. पुराण क्या है?: पुरातन देवी-देवताओं की कथाएँ।
19. रामायण के रचयिता कौन हैं: आदिकवि बाल्मीकि।
20. महाभारत और पुराणों का संकलन किसने दिया?: वेदव्यास मुनि ने।
21. भारत में महाभारत और रामायण के किन-किन भाषाओं में अनूदित ग्रंथ मिलते हैं?: संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी सहित संविधान में स्वीकार की गई लगभग पन्द्रह भाषाओं में।
22. जातक कथाएँ और पंचतंत्र की कथाएँ किन्होंने लिखी?: उस काल के जन-सामान्य या आम लोगों ने।
23. बन्दर, राजा की कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?: पशुओं से मनुष्य की प्रगाढ़-मैत्री और मनुष्य में गलती का प्रायश्चित करने का भाव।
24. यह मनुष्य के किस गुण को प्रकट करती है?: प्रकृति और जीवमात्र के साथ आत्मीयता का भाव।

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