HBSE 12th Class Political Science Important Questions Chapter 8 क्षेत्रीय आकांक्षाएँ

Haryana State Board HBSE 12th Class Political Science Important Questions Chapter 8 क्षेत्रीय आकांक्षाएँ Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Political Science Important Questions Chapter 8 क्षेत्रीय आकांक्षाएँ

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्षेत्रवाद से आप क्या समझते हैं ? क्षेत्रवाद के विकास के क्या कारण हैं ?
उत्तर:
क्षेत्रवाद का अर्थ (Meaning of Regionalism):
भारत में स्वतन्त्रता के पश्चात् राजनीति में जो नए प्रश्न उभरे हैं, उनमें क्षेत्रवाद (Regionalism) का प्रश्न एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न है। क्षेत्रवाद से अभिप्राय किसी देश के उस छोटे-से क्षेत्र से है जो आर्थिक, सामाजिक आदि कारणों से अपने पृथक् अस्तित्व के लिए जागृत है। प्रो० डी० सी० गुप्ता (D.C. Gupta) के अनुसार, “क्षेत्रवाद का अर्थ देश की अपेक्षा किसी विशेष क्षेत्र से प्यार है।” – फ्रॉसटर (Froster) के मतानुसार क्षेत्रवाद से अभिप्राय एक देश के उस छोटे से क्षेत्र से है जो आर्थिक, सामाजिक और भौगोलिक आदि से अपने अस्तित्व के प्रति जागरूक है।”

प्रो० एस० आर० माहेश्वरी (S.R. Maheshwari) के अनुसार, “क्षेत्रवाद के किसी खास क्षेत्र के पारस्परिक समानता और एकरूपता के अलावा बाकी देश से अलग विभिन्नता की भावना का होना ज़रूरी है।” भारत की राजनीति को क्षेत्रवाद और क्षेत्रीय आन्दोलनों ने बहुत अधिक क्षेत्रीय आकांक्षाएँ प्रभावित किया है और यह भारत के लिए एक जटिल समस्या बन रही है और आज भी विद्यमान है।

आज यदि किसी व्यक्ति से पूछा जाए कि वह कौन है तो वह भारतीय कहने के स्थान पर बंगाली, बिहारी, पंजाबी, हरियाणवी आदि कहना पसन्द करेगा। यद्यपि संविधान के अन्तर्गत प्रत्येक नागरिक को भारत की ही नागरिकता दी गई है तथापि लोगों में क्षेत्रीयता व प्रान्तीयता की भावनाएं इतनी पाई जाती हैं कि वे अपने क्षेत्र या प्रान्त के लिए राष्ट्रीय हित को बलिदान करने के लिए तत्पर रहते हैं। 1950 से लेकर आज तक क्षेत्रवाद की समस्या भारत सरकार को घेरे हए है और विभिन्न क्षेत्रों में आन्दोलन चलते रहते हैं।

क्षेत्रवाद के विकास के कारण (Reasons for development of Regionalism) क्षेत्रवाद भावना की उत्पत्ति एक कारण से न होकर अनेक कारणों से होती है, जिनमें मुख्य निम्नलिखित हैं

1. भौगोलिक एवं सांस्कृतिक कारण:
स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् जब राज्यों का पुनर्गठन किया गया तब राज्य की पुरानी सीमाओं को भुलाकर नहीं किया गया बल्कि उनको पुनर्गठन का आधार बनाया गया है। इसी कारण एक राज्य के रहने वाले लोगों में एकता की भावना नहीं आ पाई। प्रायः भाषा और संस्कृति क्षेत्रवाद की भावनाओं को उत्पन्न करने में बहुत सहयोग देते हैं।

2. ऐतिहासिक कारण:
क्षेत्रीयवाद की उत्पत्ति में इतिहास का दोहरा सहयोग रहा है-सकारात्मक सकारात्मक योगदान के अन्तर्गत शिव सेना का उदाहरण दिया जा सकता है और नकारात्मक के अन्तर्गत द्रविड़ मुनेत्र कड़गम का कहना है कि प्राचीनकाल से ही उत्तरी राज्य दक्षिणी राज्यों पर शासन करते आए हैं।

3. भाषा:”
भारत में सदैव ही अनेक भाषाएं बोलने वालों ने कई बार अलग राज्य के निर्माण के लिए व्यापक आन्दोलन किए हैं। भारत सरकार ने भाषा के आधार पर राज्यों का गठन करके ऐसी समस्या उत्पन्न कर दी है जिसका अन्तिम समाधान निकालना बड़ा कठिन होता है।

4. जाति:
जाति ने भी क्षेत्रवाद की उत्पत्ति में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। जिन क्षेत्रों में किसी एक जाति की प्रधानता रही, वहां पर क्षेत्रवाद का उग्र रूप देखने को मिलता है। यही कारण है कि महाराष्ट्र और हरियाणा में क्षेत्रवाद का उग्र स्वरूप देखने को मिलता है।

5. धार्मिक कारण:
धर्म भी कई बार क्षेत्रवाद की भावनाओं को बढ़ाने में सहायता करता है। पंजाब में अकालियों की पंजाबी सूबे की मांग कुछ हद तक धर्म के प्रभाव का परिणाम थी।

6. आर्थिक कारण:
क्षेत्रीयवाद की उत्पत्ति में आर्थिक कारण महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। भारत में जो थोड़ा बहुत आर्थिक विकास हुआ है उसमें बहुत असमानता रही है। कुछ प्रदेशों का अधिक विकास हुआ है और कुछ क्षेत्रों का विकास बहुत कम हुआ है। इसका कारण यह रहा है कि जिन व्यक्तियों के हाथों में सत्ता रही है उन्होंने अपने क्षेत्रों के विकास की ओर ही अधिक ध्यान दिया। अत: पिछड़े क्षेत्रों में यह भावना उभरी कि यदि सत्ता उनके पास होती तो उनके क्षेत्र पिछड़े न रह जाते। इसलिए इन क्षेत्रों के लोगों में क्षेत्रवाद की भावना उभरी और इन्होंने अलग राज्यों की मांग की।

7. राजनीतिक कारण:
क्षेत्रवाद की भावनाओं को भड़काने में राजनीतिज्ञों का भी हाथ रहा है। कई राजनीतिज्ञ यह सोचते हैं कि यदि उनके क्षेत्र को अलग राज्य बना दिया जाएगा तो इससे उनको राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाओं की पूर्ति हो जाएगी अर्थात् उनके हाथ भी सत्ता लग जाएगा।

HBSE 12th Class Political Science Important Questions Chapter 8 क्षेत्रीय आकांक्षाएँ

प्रश्न 2.
पंजाब समस्या पर एक नोट लिखें।
उत्तर:
पंजाब उत्तर भारत का एक महत्त्वपूर्ण राज्य है। इस राज्य की अधिकांश जनसंख्या सिक्ख समुदाय से सम्बन्धित है। 1966 में पंजाब राज्य का विभाजन करके हरियाणा नाम का एक नया राज्य बना दिया गया। पंजाब में अकाली दल महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय राजनीतिक दल है। अकाली दल ने जनसंघ के साथ मिलकर 1967 एवं 1977 में पंजाब में अपनी सरकार बनाई। अकाली दल एवं कांग्रेस में सदैव मतभेद रहे हैं। 1980 में जब अकाली चुनाव हार गए तो उन्होंने केन्द्र में कांग्रेस के विरुद्ध आन्दोलन शुरू कर दिया। उस समय अकाली दल की मांग थी कि

  • चण्डीगढ़ को पंजाब की राजधानी बनाया जाए।
  • दूसरे राज्यों के पंजाबी भाषी क्षेत्र को पंजाब में मिलाया जाए।
  • पंजाब का औद्योगिक विकास किया जाए।
  • भाखड़ा नंगल योजना पंजाब के नियन्त्रणाधीन हो।
  • देश के सभी गुरुद्वारे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के प्रबन्ध में हों।

पंजाब में धीरे-धीरे अशांति बढ़ने लगी थी। अतः केन्द्र की श्रीमती इंदिरा गांधी की सरकार ने ‘आपरेशन ब्लू स्टार’ के अन्तर्गत पंजाब में कार्यवाही की। इसके विरोध में 31 अक्तूबर, 1984 को श्रीमती इन्दिरा गांधी की हत्या कर दी गई। जिससे दिल्ली में सिक्ख विरोधी दंगे शुरू हो गए। एक अनुमान के अनुसार इन दंगों में लगभग 2000 सिख पुरुष, स्त्री एवं बच्चे मारे गए। इस तरह पंजाब समस्या एवं सिक्ख विरोधी दंगों के कारण देश की एकता एवं अखण्डता के लिए खतरा पैदा हो गया।

इसीलिए प्रधानमन्त्री श्री राजीव ने पंजाब में शान्ति बनाये रखने के लिए अकाली नेताओं से समझौता किया। जिसे पंजाब समझौते के नाम से भी जाना जाता है। पंजाब समझौता-जन, 1985 में पंजाब के राज्यपाल अर्जन सिंह ने अकाली नेताओं से पंजाब समस्या पर प्रारम्भिक बातचीत शुरू कर दी। 24 जुलाई, 1985 की शाम भारतीय इतिहास की एक विशिष्ट शाम थी क्योंकि इस दिन बड़े लम्बे समय से चली आ रही पंजाब समस्या को हल किया गया।

प्रधानमन्त्री राजीव गांधी और अकाली नेताओं लौंगोवाल, सुरजीत सिंह बरनाला तथा बलवन्त सिंह) में समझौता हुआ। पंजाब समझौते का सभी राजनीतिक दलों और पंजाब की आम जनता ने स्वागत किया। 26 जुलाई, 1985 को अकाली दल ने आनन्दपुर में प्रधानमन्त्री राजीव गांधी और सन्त हरचन्द सिंह लौंगोवाल के बीच हुए समझौते को अपनी स्वीकृति दे दी।

20 अगस्त, 1985 को संगरूर से 4 किलोमीटर दूर शरंपुर गांव के एक गुरद्वारे में राजनीतिक भाषण के बाद सन्त लौंगोवाल हो रही अरदास में माथा टेकने के लिए नीचे झुके ही थे कि धड़ाधड़ गोलियां चलीं। सन्त लौंगोवाल को तीन गोलियां लगीं और संगरूर अस्पताल में उनका देहान्त हो गया। सन्त लौंगोवाल की हत्या का गहरा आघात न केवल अकाली दल को लगा बल्कि समस्त भारत शोक में डूब गया।

25 अगस्त को सुरजीत सिंह बरनाला को अकाली दल का कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया। – प्रधानमन्त्री श्री राजीव गांधी और अकाली दल के अध्यक्ष श्री हरचन्द सिंह लौंगोवाल के बीच हुए समझौते का विवरण इस प्रकार है

1. मारे गए निरपराध व्यक्तियों के लिए मुआवज़ा:
एक सितम्बर, 1982 के बाद हुई किसी कार्यवाही या आन्दोलन में मारे गए लोगों को अनुगृह राशि के भुगतान के साथ सम्पत्ति की क्षति के लिए मुआवज़ा दिया जाएगा।

2. सेना में भर्ती:
देश के सभी नागरिकों को सेना में भर्ती का अधिकार होगा और चयन के लिए केवल योग्यता ही आधार रहेगा।

3. नवम्बर दंगों की जांच:
दिल्ली में नवम्बर में हुए दंगों की जांच कर रहे रंगनाथ मिश्र आयोग का कार्यक्षेत्र बढ़ाकर उसमें बोकारो और कानपुर में हुए उपद्रवों की जांच को भी शामिल किया जाएगा।

4. सेना से निकाले हुए व्यक्तियों का पुनर्वास:
सेना से निकाले हुए व्यक्तियों को पुनर्वास और उन्हें लाभकारी रोजगार दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।

5. अखिल भारतीय गुरुद्वारा कानून:
भारत सरकार अखिल भारतीय गुरुद्वारा कानून बनाने पर सहमत हो गई। इसके लिए शिरोमणि अकाली दल और अन्य सम्बन्धियों के साथ सलाह-मश्वरा और संवैधानिक ज़रूरतें पूरी करने के बाद विधेयक लागू किया जाएगा।

6. लम्बित मकद्दमों का फैसला:
सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानन को पंजाब में लाग करने वाली अधिसचना वापस ली जाएगी। वर्तमान विशेष न्यायालय केवल विमान अपहरण तथा शासन के खिलाफ युद्ध के मामले सुनेगी। शेष मामले सामान्य न्यायालयों को सौंप दिए जाएंगे और यदि आवश्यक हुआ तो इसके बारे में कानून बनाया जाएगा।

7. सीमा विवाद:
चण्डीगढ़ का राजधानी परियोजना क्षेत्र और सुखना ताल पंजाब को दिए जाएंगे। केन्द्र शासित प्रदेश के अन्य पंजाबी क्षेत्र पंजाब को तथा हिन्दी भाषी क्षेत्र हरियाणा को दिए जाएंगे।

प्रश्न 3.
भारतीय सरकार किस प्रकार लोकतान्त्रिक बातचीत का रास्ता अपनाते हुए कश्मीर समस्या के समाधान की दिशा में प्रयत्नशील रही है ? व्याख्या कीजिए।
अथवा
कश्मीर समस्या पर एक विस्तृत नोट लिखिए।
उत्तर:
स्वतन्त्रता से पूर्व कश्मीर भारत के उत्तर-पश्चिमी कोने में स्थित एक देशी रियासत थी। 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतन्त्र हुआ और पाकिस्तान की भी स्थापना हुई। पाकिस्तान ने पश्चिमी सीमा प्रान्त के कबाइली लोगों को प्रेरणा और सहायता देकर 22 अक्तूबर, 1947 को कश्मीर पर आक्रमण कर दिया। कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत से सहायता मांगी और कश्मीर को भारत में शामिल करने की प्रार्थना की।

भारत में कश्मीर का विधिवत् विलय हो गया, परन्तु पाकिस्तान का आक्रमण जारी रहा और पाकिस्तान ने कुछ क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और अब भी उस क्षेत्र पर जिसे ‘आज़ाद कश्मीर’ कहा जाता है, पाकिस्तान का कब्जा है। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को खदेड़ दिया। भारत सरकार ने कश्मीर का मामला संयुक्त राष्ट्र को सौंप दिया और 1 जनवरी, 1949 को कश्मीर का युद्ध विराम हो गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने कश्मीर की समस्या को हल करने का प्रयास किया पर यह समस्या अब भी है।

इसका कारण यह है कि भारत सरकार कश्मीर को भारत का अंग मानती है जबकि पाकिस्तान कश्मीर में जनमत संग्रह करवा कर यह निर्णय करना चाहता है कि कश्मीर भारत में मिलना चाहता है या पाकिस्तान के साथ। परन्तु पाकिस्तान की मांग गलत और अन्यायपूर्ण है, इसलिए इसे माना नहीं जा सकता। भारत ने सदैव ही कश्मीर समस्या को हल करने का प्रयास किया है, परन्तु पाकिस्तान के अड़ियल रवैये के कारण इसमें सफलता नहीं मिली।

शिमला समझौता:
1972 में हुए शिमला समझौते के अन्तर्गत कश्मीर समस्या को बातचीत द्वारा हल करने की बात कही गई है, भारत ने इस दिशा में लगातार प्रयास भी किया है, परन्तु पाकिस्तान की और से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिले।

1. लाहौर घोषणा:
जनवरी, 1999 में भारतीय प्रधानमन्त्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी बस से लाहौर गए तथा जम्मू-कश्मीर समस्या को हल करने की पहल की।

2. आगरा शिखर वार्ता:
जम्मू-कश्मीर सहित अन्य समस्याओं पर बातचीत के लिए भारत ने पाकिस्तान के शासक जनरल परवेज मुशरफ को भारत आने का निमन्त्रण दिया तथा आगरा में दोनों देशों में शिखर वार्ता हुई। परन्तु पाकिस्तान के कारण यह बातचीत सफल न हो सकी।

महत्त्वपूर्ण नोट:
भारत सरकार ने 5-6 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर ने सम्बन्धित धारा 370 को समाप्त कर दिया तथा स्पष्ट किया, कि अब केवल पाकिस्तान के गैर-कानूनी कब्जे वाले (पी० ओ० के०-P.O.K.) पर ही बातचीत होगी।

प्रश्न 4.
उत्तर-पूर्वी राज्यों की चुनौतियों एवं उसकी अनुक्रियाओं पर एक नोट लिखें।
उत्तर:
भारत का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र सात राज्यों (असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैण्ड, मिज़ोरम एवं त्रिपुरा) से मिलकर बनता है। इन सात राज्यों को सात बहनें भी कहकर बुला लिया जाता है। ये सातों राज्य भारत के अन्य राज्यों की तरह अधिक उन्नति नहीं कर पाए हैं। इसी कारण यहां पर आर्थिक तथा सामाजिक पिछड़ापन पाया जाता है जिसके कारण यहां पर विदेशी ताकतों के समर्थन पर कुछ अलगाववादी तत्त्व अशान्ति फैलाते रहते हैं।

इन राज्यों की अधिकतर जातियां पिछड़ी हुई हैं। संचार साधनों की कमी है, भाषा की विभिन्नता, यातायात के साधनों की कमी तथा अधिकांशतः बेरोज़गारी पाई जाती है, जिसके कारण यहां के स्थानीय निवास अलगाववादी गुटों के बहकावे में आ जाते हैं। इन सभी राज्यों में अपने अलग-अलग राजनीतिक दल हैं, जो सत्ता प्राप्ति के लिए संघर्ष करते हैं, इन क्षेत्रीय दलों का वर्णन इस प्रकार है

1. नागालैण्ड (Nagaland):
नागालैण्ड उत्तर-पूर्व का एक महत्त्वपूर्ण राज्य है। इसकी जनसंख्या लगभग 20 लाख है। इसकी राजधानी कोहिमा है। नागालैण्ड में अनेक जातियां एवं कबीले पाए जाते हैं। इसमें यूनाइटिड डेमोक्रेटिक फ्रण्ट, नागा नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी तथा नागा नेशनल सोशलिस्ट काऊंसिल जैसे राजनीतिक दल पाए जाते हैं। अन्तिम दल अलगाववादियों से सम्बन्धित है।

2. मणिपुर (Manipur):
मणिपुर की जनसंख्या लगभग 27 लाख है। इसकी राजधानी इम्फाल है तथा यहां की मुख्य भाषा मणिपुरी है तथा इसमें कुल 9 ज़िले हैं। मणिपुर 1972 में राज्य बना। इसमें मणिपुर हिल यूनियन, कूकी नेशनल एसेम्बली तथा मणिपुर जनमुक्ति सेना जैसे क्षेत्रीय दल पाए हैं। अन्तिम दल अलगाववादी दल है।

3. मेघालय (Meghalaya):
मेघालय भी उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का एक महत्त्वपूर्ण राज्य है। इस राज्य की राजधानी शिलांग है। यहां की जनसंख्या लगभग 29 लाख है तथा यहां की मुख्य भाषा खासी, गारो तथा अंग्रेज़ी है। मेघालय के कुछ क्षेत्रीय दल आल पार्टी हिल लीडर्स कान्फ्रेंस तथा हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी हैं।

4. त्रिपुरा (Tripura):
त्रिपुरा राज्य की राजधानी अगरतला है। यहां की जनसंख्या लगभग 36 लाख है। यहां की मुख्य भाषाएं बंगला और काकबरक है। त्रिपुरा में चार ज़िले हैं। त्रिपुरा को 1972 में राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ। यहां पर कई छोटे-छोटे क्षेत्रीय राजनीतिक दल हैं। इनमें त्रिपुरा उपजाति युवा समिति तथा त्रिपुरा जनमुक्ति संगठन सेवा प्रमुख हैं।

5. मिज़ोरम (Mizoram):
मिज़ोरम राज्य की राजधानी आइजोल है। इसकी जनसंख्या लगभग 10 लाख है तथा मिज़ो और अंग्रेज़ी यहां की मुख्य भाषाएं हैं। मिज़ोरम को 1987 में भारत का 23वां राज्य बनाया गया। मिज़ोरम के मुख्य क्षेत्रीय दल पीपुल्स कान्फ्रेंस तथा मिज़ो यूनियन पार्टी। मिज़ोरम में एक अलगाववादी संगठन मिजो नेशनल फ्रंट भी है, जो हिंसक कार्यवाहियों में संलग्न रहता है।

6. असम (Assam):
भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के राज्यों में सबसे बड़ा राज्य असम है। यहां की जनसंख्या लगभग 3 करोड़ है। यहां की मुख्य भाषा असमिया है तथा यहां की राजधानी दिसपुर है। असम में उल्फा नामक एक उग्रवादी एवं अलगाववादी संगठन पाया जाता है। असम का सबसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय दल असम गण परिषद् है।

प्रश्न 5.
‘असम आन्दोलन सांस्कृतिक गौरव और आर्थिक पिछड़ेपन की मिली-जुली अभिव्यक्ति था।’ इस कथन का औचित्य निर्धारित कीजिए।
उत्तर:
भारत का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र सात राज्यों (असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैण्ड, मिज़ोरम एवं त्रिपुरा) से मिलकर बनता है। इन सात राज्यों को सात बहनें भी कहकर बुला लिया जाता है। ये सातों राज्य भारत के अन्य राज्यों की तरह अधिक उन्नति नहीं कर पाए हैं। इसी कारण यहां पर आर्थिक तथा सामाजिक पिछड़ापन पाया जाता है जिसके कारण यहां पर विदेशी ताकतों के समर्थन पर कुछ अलगाववादी तत्त्व अशान्ति फैलाते रहते हैं। इन राज्यों की अधिकतर जातियां पिछड़ती हुई हैं।

संचार साधनों की कमी है, भाषा की विभिन्नता, यातायात के साधनों की कमी तथा अधिकांशतः बेरोज़गारी पाई जाती है, जिसके कारण यहां के स्थानीय निवासी अलगाववादी गुटों के बहकावे में आ जाते हैं। इन सभी राज्यों में अपने अलग-अलग राजनीतिक दल हैं, जो सत्ता प्राप्ति के लिए संघर्ष करते हैं। असम पूर्वोत्तर भारत का एक महत्त्वपूर्ण राज्य है। असम राज्य में शामिल अलग-अलग धर्मों एवं भाषायी समुदायों ने सांस्कृतिक अभियान और आर्थिक पिछड़ेपन के कारण असम से अलग होने की मांग की।

इसे ही असम आन्दोलन कहा जाता है। आज़ादी के समय में मणिपुर एवं त्रिपुरा को छोड़कर शेष क्षेत्र असम कहलाता था। गैर-असमी लोगों को यह लगा कि असम सरकार हम पर असमिया भाषा थोपने का प्रयास कर रही है, तो इन लोगों ने असम सरकार के इस प्रयास का विरोध किया। इसके साथ-साथ गैर-असमी लोग यह सोचने को मजबूर हो गये कि आर्थिक तौर पर पिछड़ने का एक मुख्य कारण उनका गैर-असमी होना है।

अत: इन गैर-असमी लोगों ने असम से अलग होने की मांग उठाई। जिसके परिणामस्वरूप केन्द्र सरकार ने धीरे-धीरे असम को बांटकर मेघालय, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश नामक नये राज्य बनाये।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्षेत्रवाद क्या है ?
उत्तर:
क्षेत्रवाद से अभिप्राय किसी देश के छोटे-से क्षेत्र से है जो आर्थिक, सामाजिक आदि कारणों से अपने पृथक् अस्तित्व के लिए जागृत है। भारत में स्वतन्त्रता के पश्चात् राजनीति में जो नए प्रश्न उभरे हैं, उनमें क्षेत्रवाद का प्रश्न एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न है। भारत की राजनीति को क्षेत्रवाद ने बहुत प्रभावित किया है। यह भारत के लिए एक जटिल समस्या बन रही है और आज भी विद्यमान है। आज यदि किसी व्यक्ति से पूछा जाए कि वह कौन है तो वह भारतीय कहने के स्थान पर बंगाली, बिहारी, पंजाबी, हरियाणवी आदि कहना पसन्द करेगा।

प्रश्न 2.
क्षेत्रीयवाद की प्रकृति के कोई चार दुष्परिणाम लिखें।
अथवा
भारतीय राजनीति पर क्षेत्रवाद’ के कोई चार प्रभाव लिखो।
अथवा
क्षेत्रीय राजनीति के कोई चार दुष्परिणाम बताइये।
उत्तर:
(1) क्षेत्रवाद के आधार पर राज्य केन्द्रीय सरकार से सौदेबाज़ी करते हैं। यह सौदेबाज़ी न केवल आर्थिक विकास के लिए होती है, बल्कि कई बार कई महत्त्वपूर्ण समस्याओं के समाधान के लिए भी होती है।

(2) क्षेत्रवाद ने कुछ हद तक भारतीय राजनीति में हिंसक विधियों को उभारा है। कुछ राजनीतिक दल इसे अपनी लोकप्रियता का साधन बना लेते हैं। ..

(3) चुनावों के समय भी क्षेत्रवाद का सहारा लिया जाता है। क्षेत्रीयता के आधार पर राजनीतिक दल उम्मीदवारों का चुनाव करते हैं और क्षेत्रीय भावनाओं को भड़का कर वोट प्राप्त करने की चेष्टा की जाती है।

(4) मन्त्रिमण्डल का निर्माण करते समय क्षेत्रवाद की प्रवृत्ति स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है। मन्त्रिमण्डल में प्रायः सभी मुख्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को लिया जाता है।

प्रश्न 3.
भारत में क्षेत्रवाद की उत्पत्ति के कोई चार कारण लिखिए।
अथवा
भारत में क्षेत्रवाद’ के कोई चार कारण लिखो।
अथवा
भारतीय क्षेत्रीयवाद के कोई चार कारण बताइये।
उत्तर:
(1) क्षेत्रवाद की उत्पत्ति का महत्त्वपूर्ण कारण भाषा का विवाद है। क्षेत्रीयवाद की समस्या स्पष्ट रूप से भाषा से सम्बन्धित है। भाषा के आधार पर अलग राज्य के निर्माण के लिए आन्दोलन होते रहते हैं।

(2) जाति ने क्षेत्रीयवाद की उत्पत्ति में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। जिन क्षेत्रों में किसी एक जाति की प्रधानता रही है, वहीं पर क्षेत्रीयवाद का उग्र रूप देखने को मिलता है।

(3) क्षेत्रीयवाद की उत्पत्ति में आर्थिक कारणों ने भी महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। अविकसित क्षेत्रों ने अलग राज्य की स्थापना के लिए आन्दोलन किए। पिछड़े क्षेत्रों में यह भावना उभरी कि यदि सत्ता उनके पास होती तो उनके क्षेत्र पिछड़े न रह जाते।

(4) धर्म भी कई क्षेत्रवाद की भावनाओं को बढ़ाने में सहायता करता है।

HBSE 12th Class Political Science Important Questions Chapter 8 क्षेत्रीय आकांक्षाएँ

प्रश्न 4.
क्षेत्रीय असन्तुलन क्या है ?
उत्तर:
भारत में संघीय शासन प्रणाली की व्यवस्था की गई है। भारत में 28 राज्य और 8 संघीय क्षेत्र हैं। क्षेत्रीय असन्तुलन का अर्थ यह है कि भारत के विभिन्न राज्यों तथा क्षेत्रों का विकास एक जैसा नहीं है। कुछ राज्यों का आर्थिक विकास बहुत अधिक हुआ है और वहां के लोगों का जीवन स्तर भी ऊंचा है जबकि कुछ राज्यों का विकास बहुत कम हुआ है तथा वहां के लोगों का जीवन स्तर भी बहुत निम्न स्तर का है।

भारत के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों के विकास स्तर और लोगों के जीवन स्तर में पाए जाने वाले अन्तर को क्षेत्रीय असन्तुलन का नाम दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, केरल आदि राज्य अत्यधिक विकसित हैं। जबकि बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश आदि अति पिछड़े हुए क्षेत्र हैं।

प्रश्न 5.
क्षेत्रीय असन्तुलन भारतीय लोकतन्त्र पर क्या प्रभाव डाल रहा है ?
उत्तर:
क्षेत्रीय असन्तुलन भारतीय लोकतन्त्र पर मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रभाव डाल रहा है

(1) पिछड़े क्षेत्रों के लोगों में असन्तुष्टता की भावना बड़ी तेजी से बढ़ रही है और ऐसे क्षेत्रों के लोगों का यह सोचना है कि उनके पिछड़ेपन के लिए सरकार जिम्मेवार है काफ़ी हद तक उचित प्रतीत होता है।

(2) क्षेत्रीय असन्तुलन से लोगों में क्षेत्रवाद की भावना उत्पन्न हो रही है। क्षेत्रवाद ने पृथक्कतावाद की भावना को जन्म दिया है।

(3) क्षेत्रीय असन्तुलन ने अनेक क्षेत्रीय दलों को जन्म दिया है और ये दल राष्ट्र की अपेक्षा अपने क्षेत्र के हित को अधिक महत्त्व देते हैं।

(4) क्षेत्रीय असन्तुलन के कारण कई क्षेत्रों में आतंकवाद का उदय हुआ है। आतंकवाद ने हमारे लोकतन्त्र को बुरी तरह से प्रभावित किया है।

प्रश्न 6.
भारत में क्षेत्रीय असन्तुलन के कोई चार कारण बताओ।
उत्तर:
(1) भौगोलिक विषमताओं ने क्षेत्रीय असन्तुलन पैदा किया है। परिस्थितियों के कारण भारत में एक ओर राजस्थान जैसा मरुस्थल है जो कम उपजाऊ है, तो दूसरी ओर पंजाब जैसे उपजाऊ क्षेत्र हैं।

(2) भाषा की विभिन्नता ने क्षेत्रीय असन्तुलन पैदा किया है।

(3) ब्रिटिश सरकार ने कुछ क्षेत्रों का विकास किया और कुछ का नहीं किया, जिससे क्षेत्रीय असन्तुलन पैदा हुआ। अंग्रेज़ों ने कोलकाता, मुम्बई और चेन्नई का अधिक विकास किया। इन क्षेत्रों के लोगों का जीवन स्तर अन्य क्षेत्रों से कहीं अधिक ऊंचा है।

(4) क्षेत्रीय असन्तुलन का एक महत्त्वपूर्ण कारण नेताओं की भूमिका है। जिस क्षेत्र का वह नेता है, अपने क्षेत्र के विकास की ओर अधिक ध्यान देता है जिससे अन्य क्षेत्र अविकसित रह जाते हैं।

प्रश्न 7.
क्षेत्रवाद को समाप्त करने के कोई चार सुझाव दीजिए।
अथवा
भारत में क्षेत्रीयवाद की बढ़ती प्रवृत्ति को समाप्त करने के कोई चार सुझाव दीजिए।
अथवा
भारत में क्षेत्रीयवाद को समाप्त करने के लिए कोई चार सुझाव दीजिए।
उत्तर:
(1) पिछड़े हुए क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। पिछड़े क्षेत्रों में विशेषकर बिजली, यातायात व संचार के साधनों का विकास किया जाए।

(2) क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने वाले दलों पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए।

(3) जो प्रशासनिक अधिकारी आदिवासी क्षेत्रों में नियुक्त किए जाएं उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाए और उन्हीं को नियुक्त किया जाए जो इन क्षेत्रों के बारे में थोड़ा बहुत ज्ञान भी रखते हों।

(4) केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में सभी क्षेत्रों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए।

प्रश्न 8.
‘क्षेत्रीय असन्तुलन भारत में क्षेत्रवाद के प्रमुख कारण हैं।’ व्याख्या करो।
उत्तर:
क्षेत्रीय असन्तुलन से अभिप्राय विभिन्न क्षेत्रों के बीच प्रति व्यक्ति आय, साक्षरता दरों, स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता, औद्योगीकरण का स्तर आदि के आधार पर अन्तर पाया जाना है। भारत में विभिन्न राज्यों के बीच व्यापक पैमाने पर असन्तुलन पाया जाता है। क्षेत्रीय भिन्नताओं एवं असन्तुलन के कारण क्षेत्रीय भेदभाव को बढावा मिलता है।

भारत में क्षेत्रीय असन्तुलन के कारण क्षेत्रवादी भावनाओं को बल मिला है। इसके कारण कई क्षेत्रों ने पृथक राज्य की मांग की है। बिहार और पश्चिमी बंगाल में झारखण्ड, उत्तर प्रदेश में उत्तराँचल (उत्तराखंड) और मध्य प्रदेश में छत्तीसगढ़ राज्यों की मांग क्षेत्रीय असन्तुलन के कारण ही की गई थी। क्षेत्रीय असन्तुलन ने क्षेत्रवादी हिंसा, आन्दोलनों व तोड़-फोड़ को बढ़ावा दिया है। अनेक क्षेत्रीय दल क्षेत्रीय असन्तुलन के कारण ही बने हैं जो अब क्षेत्रवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। क्षेत्रीय असन्तुलन ने अन्तर्राज्यीय विवादों को बढ़ावा दिया है जिससे क्षेत्रवादी भावनाएं और भी उग्र हो गई हैं।

प्रश्न 9.
क्षेत्रीय दल किसे कहते हैं ?
उत्तर:
चुनाव आयोग उस राजनीतिक दल को राज्य अथवा क्षेत्रीय स्तर के दल के रूप में मान्यता देता है जिसने लोकसभा अथवा विधानसभा के चुनावों में कुल पड़े वैध मतों का 6 प्रतिशत मत प्राप्त किया हो और विधानसभा में कम-से-कम 2 सीटें जीती हों, अथवा राज्य विधानसभा में कुल सीटों की कम-से-कम तीन प्रतिशत सीटें या कम से-कम तीन सीटें (इनमें से जो भी अधिक हो) प्राप्त की हों। जिस राजनीतिक दल ने लोकसभा के किसी आम चुनाव में या लोकसभा की प्रत्येक 25 सीटों पर एक जीत या इससे किसी अन्य आबंटित हिस्से में इसी अनुपात में जीत हासिल की हो।

इसके विकल्प के तौर पर सम्बन्धित राज्य में पार्टी द्वारा खड़े किये गए उम्मीदवारों को सभी संसदीय क्षेत्रों में मतदान का कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त होना चाहिए। इसके अलावा इसी आम चुनाव में पार्टी को राज्य में कम-से-कम एक लोकसभा सीट पर जीत भी हासिल होनी चाहिए। राज्य स्तरीय दल को क्षेत्रीय दल भी कहा जाता है और क्षेत्रीय दल का अस्तित्व राज्य के बाहर भी हो सकता है। चुनाव आयोग ने 53 राज्य स्तरीय दलों को मान्यता प्रदान की हई है।

प्रश्न 10.
क्षेत्रीय पार्टियों की उत्पत्ति के भारत में कारण बताएं।
उत्तर:
भारत में राष्ट्रीय दलों के साथ अनेक क्षेत्रीय दल भी पाए जाते हैं। चुनाव आयोग ने 53 दलों को राज्य स्तर के दलों के रूप में मान्यता दी हुई है। क्षेत्रीय दलों की उत्पत्ति के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं

1. भौगोलिक कारण:
भारत एक विशाल देश है। इसकी भौगोलिक बनावट में विभिन्नताएं पाई जाती हैं। मिज़ो हिल्स पीपुल्स युनियन तथा सिक्किम संग्राम परिषद जैसे दलों के लिए भौगोलिक कारण ही उत्तरदायी हैं।

2. जातिवाद:
भारत में विभिन्न जातियों के लोग रहते हैं। भारत में अनेक क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का निर्माण जाति के आधार पर हआ है। उदाहरण के लिए तमिलनाड़ में डी० एम० के० तथा अन्ना० डी० एम० के० ब्राह्मण विरोधी या गैर-ब्राह्मण के दल हैं।

3. धर्म:
धर्म भी क्षेत्रीय दलों के निर्माण का एक महत्त्वपूर्ण कारण है।

4. आर्थिक पिछड़ापन:
भारत के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में पाई जाने वाली आर्थिक असमानताओं ने असंतुष्ट लोगों को क्षेत्रीय दलों में संगठित होने के लिए प्रोत्साहित किया है।

प्रश्न 11.
शिरोमणि अकाली दल की कोई चार नीतियां लिखिए।
उत्तर:

  • शिरोमणि अकाली दल ने आनन्दपुर साहिब के प्रस्ताव को राष्ट्रीय एकता को बढ़ाने वाला बताया है और इस प्रस्ताव में वर्णित सच्चे संघवाद को लागू करने की बात की है।
  • चण्डीगढ़ और हरियाणा की सीमा के साथ लगते पंजाबी भाषी क्षेत्रों को पंजाब में मिलाने की मांग की गई है।
  • शिरोमणि अकाली दल ने सतलुज-यमुना लिंक नहर परियोजना को रद्द करने की बात कही है।
  • पंजाब में हर हालत में शान्ति बनाई रखी जाएगी।

HBSE 12th Class Political Science Important Questions Chapter 8 क्षेत्रीय आकांक्षाएँ

प्रश्न 12.
अखिल भारतीय अन्नाद्रमुक दल की कोई चार नीतियां लिखिए।
उत्तर:

  • अन्ना डी० एम० के० श्री सी० एन० अन्नादुराय के सिद्धान्तों में पूरा विश्वास रखती है।
  • पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा-पत्र में तमिलनाडु में ईमानदार और कुशल प्रशासन स्थापित करने का वायदा किया है।
  • यह दल लोकतन्त्र में विश्वास रखता है। इस दल का विश्वास है कि सरकार की शक्तियों का स्रोत जनता है और सरकार को अपनी नीतियों का निर्माण जनमत को ध्यान में रखकर करना चाहिए।
  • यह दल समाजवाद का समर्थन करता है। इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य लोकतन्त्रीय समाजवाद की स्थापना करना है।

प्रश्न 13.
नेशनल कान्फ्रेंस पार्टी के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
नेशनल कान्फ्रैंस जम्मू-कश्मीर का एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय दल है। इस दल के वर्तमान अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला हैं। नेशनल कान्फ्रैंस राज्य स्वायत्तता के पक्ष में है। नेशनल कान्फ्रैंस ने जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय को स्थायी माना है, जिसे बदला नहीं जा सकता। परन्तु नेशनल कान्फ्रैंस अनुच्छेद 370 को रखने के पक्ष में है और इसमें किसी प्रकार का संशोधन करने के पक्ष में नहीं है।

पार्टी जम्मू-कश्मीर की एकता व अखण्डता को बनाए रखने के पक्ष में है। पार्टी धर्म-निरपेक्षता में विश्वास रखती है और राज्य में से कट्टरपंथियों को समाप्त करने के पक्ष में है। पार्टी राज्य में सभी समुदायों में साम्प्रदायिक सद्भावना बनाए रखने के लिए वचनबद्ध है। पार्टी देश की सुरक्षा, एकता व अखण्डता को बनाए रखने के लिए सभी तरह के प्रयास करने के लिए तैयार है।

पार्टी केन्द्र से टकराव की नीति अनुसरण करने के पक्ष में नहीं है और राज्य के विकास के लिए केन्द्र में हर तरह की सहायता चाहती है। आजकल जम्मू-कश्मीर की सरकार पृथक्कतावादी तत्त्वों को कुचलने में लगी हुई है।

प्रश्न 14.
1984 के सिक्ख विरोधी दंगों का संक्षिप्त रूप में विवेचन करें।
अथवा
इन्दिरा गांधी की हत्या तथा सिक्ख विरोधी दंगों पर संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर:
सन् 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों का प्रमुख कारण प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गांधी की हत्या करना था। इस हत्या के विरोध में दिल्ली एवं इसके आस-पास के क्षेत्रों में सिक्ख विरोधी दंगे आरम्भ हो गए। सिक्खों पर जानलेवा हमले किये गये, कई सिक्खों के बाल काट दिये गए तथा कई सिक्खों पर तेजाब फेंके गए। सिक्ख विरोधी हिंसा का यह दौर कई दिनों तक जारी रहा। इस हिंसा में लगभग 2000 सिक्ख मारे गए।

प्रश्न 15.
राजीव लोंगोवाल समझौते की मुख्य बातों का वर्णन करें।
अथवा
‘पंजाब समझौते’ पर एक नोट लिखिए।
अथवा
1985 के पंजाब-समझौते के ‘मुख्य प्रावधान’ क्या थे ?
उत्तर:
राजीव-लोंगोवाल समझौता 24 जुलाई, 1985 को हुआ था, जिसके मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं

1. मारे गए निरपराध व्यक्तियों के लिए मुआवज़ा:
एक सितम्बर, 1982 के बाद हुई किसी कार्यवाही का आन्दोलन में मारे गए लोगों को अनुग्रह राशि के भुगतान के साथ सम्पत्ति की क्षति के लिए मुआवज़ा दिया जायेगा।

2. सेना में भर्ती:
देश के सभी नागरिकों को सेना में भर्ती का अधिकार होगा और चयन के लिए केवल योग्यता ही आधार रहेगा।

3. नवम्बर दंगों की जांच:
दिल्ली में नवम्बर में हुए दंगों की जांच कर रहे रंगनाथ मिश्र आयोग का कार्यक्षेत्र बढाकर उसमें बोकारो और कानपुर में हए उपद्रवों की जांच को भी शामिल किया जायेगा।

4. सेना से निकाले हए व्यक्तियों का पनर्वास:
सेना से निकाले हए व्यक्तियों को पुनर्वास और उन्हें लाभकारी रोज़गार दिलाने के प्रयास किये जायेंगे।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्षेत्रीयवाद से क्या अभिप्राय है?
अथवा
क्षेत्रीयवाद के अर्थ को स्पष्ट करें।
उत्तर:
क्षेत्रवाद से अभिप्राय किसी देश के उस छोटे से क्षेत्र से है जो औद्योगिक, सामाजिक आदि कारणों से अपने पृथक् अस्तित्व के लिए जागृत है। क्षेत्रवाद केन्द्रीयकरण के विरुद्ध क्षेत्रीय इकाइयों को अधिक शक्ति व स्वायत्तता प्रदान करने के पक्ष में है।

प्रश्न 2.
‘क्षेत्रवाद’ के उदय के कोई दो कारण लिखें।
अथवा
क्षेत्रीयवाद के कोई दो कारण लिखिए।
उत्तर:
1. क्षेत्रवाद का एक महत्त्वपूर्ण कारण भाषावाद है। भारत में सदैव ही अनेक भाषाएं बोलने वालों ने कई बार अलग राज्य के निर्माण के लिए व्यापक आन्दोलन किए हैं।

2. जातिवाद-जातिवाद ने भी क्षेत्रीयवाद की उत्पत्ति में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। जिन क्षेत्रों में किसी एक जाति की प्रधानता रही है, वहां पर क्षेत्रवाद का उग्र रूप देखने को मिलता है।

प्रश्न 3.
क्षेत्रीयवाद को समाप्त करने के कोई दो सुझाव दीजिए।
उत्तर:

  • पिछड़े हुए क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष प्रयास किये जाएं।
  • क्षेत्रीयवाद को बढ़ावा देने वाले दलों पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए।

प्रश्न 4.
अलगाववाद के अर्थ की व्याख्या करें।
उत्तर:
अलगाववाद से अभिप्राय एक राज्य से कुछ क्षेत्र को अलग करके स्वतन्त्र राज्य की स्थापना की मांग है। अर्थात् सम्पूर्ण इकाई से अलग अपना स्वतन्त्र अस्तित्व बनाए रखने की मांग अलगाववाद है। अलगाववाद का उदय तब होता है जब क्षेत्रवाद की भावना उग्र रूप धारण कर लेती है। उदाहरण के लिए भारत में मिज़ो आन्दोलन, नागालैण्ड आन्दोलन इत्यादि आन्दोलन भारतीय संघ से अलग होने के लिए चलाए गए। यह पृथक्कतावाद के उदाहरण हैं।

प्रश्न 5.
भारत में अलगाववाद आन्दोलन के दो उदाहरण लिखो।
उत्तर:
भारत में कई बार क्षेत्रीय आन्दोलन भारत से अलग होने के लिए किए जाते रहे हैं, जिनमें कुछ मुख्य निम्नलिखित हैं

  • 1960 में डी०एम०के० तथा अन्य तमिल दलों ने तमिलनाडु को भारत से अलग करवाने का आन्दोलन किया।
  • असम के मिज़ो हिल के लिए जिले के लोगों ने भारत से अलग होने की मांग की और इस मांग को पूरा करवाने के लिए उन्होंने मिज़ो नेशनल फ्रंट की स्थापना की।

प्रश्न 6.
अलगाववाद के दो कारण लिखें।
उत्तर:
1. राजनीतिक कारण:
अलगाववाद की भावनाओं को भड़काने में राजनीतिज्ञों का भी हाथ रहा है। कई राजनीतिज्ञ यह सोचते हैं कि यदि उनके क्षेत्र को अलग राज्य बना दिया जाएगा तो इससे उनकी राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाओं की पूर्ति हो जाएगी।

2. आर्थिक पिछड़ापन:
अलगाववाद की उत्पत्ति में आर्थिक पिछड़ापन महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। कुछ प्रदेशों का भारत में अधिक विकास हुआ है और कुछ क्षेत्रों का विकास बहुत कम हुआ है। अतः पिछड़े क्षेत्रों में यह भावना उभरती है कि यदि सत्ता उनके पास होती तो उनके क्षेत्र पिछड़े न रह जाते। इसलिए इन क्षेत्रों में अलग राज्य की मांग को लेकर अलगाववाद उत्पन्न होता है।

प्रश्न 7.
भारत में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के विकास के कोई चार कारण लिखिए।
उत्तर:
क्षेत्रीय दलों की उत्पत्ति के मुख्य कारण अग्रलिखित हैं

1. भौगोलिक कारण-भारत एक विशाल देश है। इसकी भौगोलिक बनावट में विभिन्नताएं पाई जाती हैं। मिज़ो हिल्स पीपुल्स यूनियन तथा सिक्किम संग्राम परिषद् जैसे दलों के लिए भौगोलिक कारण ही उत्तरदायी हैं।

2. जातिवाद-भारत में विभिन्न जातियों के लोग रहते हैं। भारत में अनेक क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का निर्माण जाति के आधार पर हुआ है। उदाहरण के लिए तमिलनाडु में डी० एम० के० तथा अन्ना० डी० एम० के० ब्राह्मण विरोधी या गैर-ब्राह्मण के दल हैं।

3. धर्म-धर्म भी क्षेत्रीय दलों के निर्माण का एक महत्त्वपूर्ण कारण है।

4. आर्थिक पिछड़ापन-भारत के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में पाई जाने वाली आर्थिक असमानताओं ने असंतुष्ट लोगों को क्षेत्रीय दलों में संगठित होने के लिए प्रोत्साहित किया है।

प्रश्न 8.
भारत में दलगत व्यवस्था की कोई दो चनौतियां लिखिए।
उत्तर:

      • भारत में दलों के अन्दर संगठनात्मक चुनाव समय पर नहीं होते।
  • भारत में दलगत अनुशासनहीनता पाई जाती है।

प्रश्न 9.
प्रधानमन्त्री इन्दिरा गांधी की हत्या कब और किनके द्वारा की गई ?
उत्तर:
प्रधानमन्त्री इन्दिरा गांधी की हत्या 31 अक्तूबर, 1984 को उनके अंगरक्षकों द्वारा ही की गई।

प्रश्न 10.
भारत में उभरती क्षेत्रीय आकांक्षाओं से हमें क्या सीख मिलती है ?
उत्तर:

  • क्षेत्रीय आकांक्षाएं लोकतान्त्रिक राजनीति का अभिन्न अंग है।
  • क्षेत्रीय आकांक्षाओं का हल लोकतान्त्रिक संवाद से निकालना चाहिए।

प्रश्न 11.
धारा 370 किससे सम्बन्धित थी ?
उत्तर:
धारा 370 जम्मू-कश्मीर से सम्बन्धित थी। इस धारा के अन्तर्गत जम्मू-कश्मीर को अन्य राज्यों के मुकाबले विशेष दर्जा प्रदान किया गया था। जम्मू-कश्मीर का अपना संविधान था तथा अपना झण्डा था। भारतीय संविधान के सभी प्रावधान इस पर लागू नहीं होते। परन्तु 5-6 अगस्त, 2019 को धारा 370 को समाप्त कर दिया।

प्रश्न 12.
किन्हीं दो क्षेत्रीय दलों के नाम एवं उनके राज्य लिखिए।
अथवा
किन्हीं दो क्षेत्रीय दलों के नाम तथा उनसे सम्बन्धित राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर:

  • नेशनल कान्फ्रेंस-यह दल जम्मू-कश्मीर राज्य में सक्रिय है।
  • डी० एम० के०-यह दल तमिलनाडु में सक्रिय है।

प्रश्न 13.
आस (AASU) का पूरा नाम लिखें।
उत्तर:
आसू (AASU) का पूरा नाम ऑल असम स्टूडेंटस यूनियन (All Asam Student Union) है।

प्रश्न 14.
1980 में अकाली दल की क्या मांगें थीं ?
उत्तर:

  • चण्डीगढ़ को पंजाब की राजधानी बनाया जाए।
  • दूसरे राज्यों के पंजाबी भाषी क्षेत्रों को पंजाब में मिलाया जाए।
  • पंजाब का औद्योगिक विकास किया जाए।
  • भाखड़ा-नंगल योजना पंजाब के नियन्त्रणाधीन हो।
  • देश के सभी गुरुद्वारे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के प्रबन्ध में हों।

प्रश्न 15.
राजीव-लौंगोवाल समझौता कब हुआ ? इसका मुख्य उद्देश्य क्या था ?
अथवा
पंजाब समझौता कब हुआ? इसका क्या उद्देश्य था?
उत्तर:
राजीव-लौंगोवाल समझौता 24 जुलाई, 1985 को हुआ। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य पंजाब में शान्ति स्थापित करना था।

HBSE 12th Class Political Science Important Questions Chapter 8 क्षेत्रीय आकांक्षाएँ

प्रश्न 16.
‘नक्सलवादी आन्दोलन’ क्या है ?
उत्तर:
सन् 1964 में साम्यवादी दल में फूट पड़ गई। दोनों दलों के संसदीय राजनीति में व्यस्त होने के कारण इन दलों के सक्रिय व संघर्षशील कार्यकर्ता दलों से अलग होकर जन कार्य करने लगे। सन् 1967 में बंगाल में साम्यवादी दल की सरकार बनी। इसी समय दार्जिलिंग में नक्सलवादी नामक स्थान पर किसानों ने विद्रोह कर दिया। यद्यपि पश्चिमी बंगाल की सरकार ने इसे दबा दिया। परंतु इस आंदोलन की प्रतिक्रिया पंजाब, उत्तर प्रदेश और कश्मीर में भी हुई। इससे नक्सलवादी आन्दोलन का विरोध किया गया जिसके परिणामस्वरूप मई, 1967 में भारी हिंसक घटनाएं हुईं। यह आन्दोलन तेज़ी से राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी फैल गया।

प्रश्न 17.
श्रीमती इन्दिरा गांधी की मृत्यु कब हुई ?
उत्तर:
श्रीमती इन्दिरा गांधी की मृत्यु 31 अक्तूबर, 1984 को हुई।

प्रश्न 18.
किस स्थान पर हिन्दी को राजभाषा बनाने के खिलाफ आन्दोलन चला?
उत्तर:
तमिलनाडु में हिन्दी को राजभाषा बनाने के खिलाफ आन्दोलन चला।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. क्षेत्रवाद के उदय के मुख्य कारण हैं
(A) भौगोलिक एवं सांस्कृतिक कारण
(B) ऐतिहासिक कारण
(C) भाषावाद
(D) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(D) उपरोक्त सभी।

2. निम्न में से कौन-सा क्षेत्रीय दल है ?
(A) डी० एम० के०
(B) अकाली दल
(C) तेलुगू देशम
(D) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(D) उपरोक्त सभी।

3. डी० एम० के० पार्टी की स्थापना कब हुई ?
(A) 1956
(B) 1949
(C) 1955
(D) 1947
उत्तर:
(B) 1949

4. अन्ना डी० एम० के० पार्टी की स्थापना हुई
(A) 1972
(B) 1975
(C) 1967
(D) 1952
उत्तर:
(A) 1972

5. तेलगू देशम पार्टी की स्थापना कब हुई ?
(A) 1956
(B) 1977
(C) 1982
(D) 1961
उत्तर:
(C) 1982

6. शिरोमणि अकाली दल निम्नलिखित में से किस राज्य का प्रमुख क्षेत्रीय दल है ?
(A) जम्मू-कश्मीर
(B) पंजाब
(C) दिल्ली
(D) हरियाणा
उत्तर:
(B) पंजाब।

7. मास्टर तारा सिंह एवं सन्त फतेह सिंह इत्यादि ने किस वर्ष ‘पंजाबी सूबा’ की मांग के लिए आन्दोलन शुरू किया ?
(A) 1960
(B) 1965
(C) 1971
(D) 1963
उत्तर:
(A) 1960

8. शिरोमणि अकाली दल तथा जनसंघ ने किस वर्ष पंजाब में गठबन्धन सरकार का निर्माण किया ?
(A) 1967
(B) 1975
(C) 1952
(D) 1957
उत्तर:
(A) 1967

9. पंजाब समझौता कब हुआ ?
(A) 1971
(B) 1985
(C) 1988
(D) 2002
उत्तर:
(B) 1985

10. नेशनल कान्फ्रेंस सक्रिय क्षेत्रीय दल है
(A) हरियाणा में
(B) महाराष्ट्र में
(C) जम्मू-कश्मीर में
(D) लद्दाख में।
उत्तर:
(C) जम्मू-कश्मीर में।

11. निम्न में से कौन-सा राज्य उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से सम्बन्धित है ?
(A) नागालैण्ड
(B) असम
(C) मणिपुर
(D) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(D) उपरोक्त सभी।

12. असम गण परिषद् किस राज्य से सम्बन्धित है ?
(A) असम
(B) केरल
(C) त्रिपुरा
(D) मिजोराम।
उत्तर:
(A) असम।

13. श्रीमती इन्दिरा गांधी की हत्या कब हुई ?
(A) 1 जनवरी, 1986
(B) 30 जून, 1984
(C) 31 अक्तूबर, 1984
(D) 1 अगस्त, 1984
उत्तर:
(C) 31 अक्तूबर, 1984

14. भारत में राज्यों का पुनर्गठन किया गया है
(A) राजनीतिक आधार पर
(B) भाषाई आधार पर
(C) आर्थिक आधार पर
(D) धार्मिक आधार पर।
उत्तर:
(B) भाषाई आधार पर।

HBSE 12th Class Political Science Important Questions Chapter 8 क्षेत्रीय आकांक्षाएँ

15. भारत में कौन-सा भाषाई फार्मूला लागू किया गया है ?
(A) तीन-भाषाई फार्मूला
(B) दो-भाषाई फार्मूला
(C) एक-भाषाई फार्मूला
(D) चार-भाषाई फार्मूला।
उत्तर:
(A) तीन-भाषाई फार्मूला।

16. जम्मू एवं कश्मीर’ को भारतीय संविधान की किस धारा के द्वारा विशेष संवैधानिक दर्जा दिया गया था ?
(A) धारा 360
(B) धारा 365
(C) धारा 370
(D) धारा 3721
उत्तर:
(C) धारा 370

17. धारा 370 को कब समाप्त किया गया ?
(A) 5-6 अगस्त, 2019
(B) 5-6 अगस्त, 2018
(C) 5-6 अगस्त, 2017
(D) 5-6 अगस्त, 2016
उत्तर:
(A) 5-6 अगस्त, 2019

18. “Caste in Indian Politics” पुस्तक लिखी
(A) रजनी कोठारी ने
(B) पं० जवाहर लाल नेहरू
(C) मोरिस जोंस ने
(D) एंड्रे पेटीली (Andre Peteille) ने।
उत्तर:
(A) रजनी कोठारी ने।

19. निम्नलिखित में से कौन-सी भाषा भारत की सरकारी भाषा है ?
(A) इंग्लिश
(B) हिन्दी
(C) उर्दू
(D) संस्कृत।
उत्तर:
(B) हिन्दी।

20. भारतीय संघ के राज्यों की सरकारी भाषा निश्चित की जाती है
(A) संसद् द्वारा
(B) मन्त्रिमण्डल द्वारा
(C) मुख्यमन्त्री द्वारा
(D) राज्य विधानमण्डल द्वारा।
उत्तर:
(D) राज्य विधानमण्डल द्वारा।

21. भारतीय संविधान द्वारा कितनी भाषाओं को मान्यता दी गई है ?
(A) 18
(B) 25
(C) 17
(D) 22
उत्तर:
(D) 22

22. कौन-सा राज्य हिन्दी से अंग्रेजी को अधिक अधिमान देता है ?
(A) उत्तर प्रदेश
(B) मध्य प्रदेश
(C) तमिलनाडु
(D) बिहार।
उत्तर:
(C) तमिलनाडु।

23. डी० एम० के० एवं आल इंडिया अन्ना डी० एम० के० निम्नलिखित में से किस राज्य के महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय दल हैं ?
(A) आन्ध्र प्रदेश
(B) बिहार
(C) मध्य प्रदेश
(D) तमिलनाडु।
उत्तर:
(D) तमिलनाडु।

24. “भारत में नए संविधान का निर्माण करते समय सबसे प्रमुख कठिनाइयों में से एक भाषायी प्रदेशों की मांग को संतुष्ट करना तथा इसी प्रकार की दूसरी मांग को संतुष्ट करना होगा।” यह किसका कथन
(A) मोरिस जोन्स
(B) रजनी कोठारी
(C) बी० एन० राव
(D) श्री निवासन।
उत्तर:
(C) बी० एन० राव।

25. ‘मिजो नेशनल फ्रंट’ नामक पार्टी के संस्थापक निम्नलिखित में से कौन थे ?
(A) लालडेंगा
(B) बेअन्त सिंह
(C) पी० के० महन्त
(D) ममता बनर्जी।
उत्तर:
(A) लालडेंगा।

26. 1984 में ‘आपरेशन ब्लू-स्टार’ किस राज्य में चलाया गया ?
(A) बिहार
(B) पंजाब
(C) हरियाणा
(D) उड़ीसा।
उत्तर:
(B) पंजाब।

27. “भारत तो एक है, किंतु वे लोग कहां हैं, जिन्हें भारतीय कहा जा सके।” यह किसका कथन है ?
(A) पं० जवाहर लाल नेहरू
(B) श्री लाल बहादुर शास्त्री
(C) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
(D) जय प्रकाश नारायण।
उत्तर:
(A) पं० जवाहर लाल नेहरू।

28. भारत में किस दशक को स्वायतत्ता की मांग के दशक के रूप में देखा जाता है ?
(A) 2000
(B) 1970
(C) 1980
(D) 1990
उत्तर:
(C) 1980

29. द्रविड़ आन्दोलन की बागडोर किसके हाथ में थी ?
(A) रामाराव
(B) करुणानिधि
(C) जयललिता
(D) ई० वी० रामास्वामी नायकर ‘पेरियार’।
उत्तर:

30. डी० एम० के० ने किस भाषा का विरोध किया ?
(A) पंजाबी
(B) अंग्रेज़ी
(C) हिन्दी
(D) तमिल।
उत्तर:
(C) हिन्दी।

31. नेशनल कान्फ्रेंस के किस नेता ने सन् 1974 में प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गांधी के साथ समझौता किया ?
(A) शेख अब्दुल्ला
(B) फारुख अब्दुल्ला
(C) कर्ण सिंह
(D) उमर अब्दुल्ला।
उत्तर:
(A) शेख अब्दुल्ला।

निम्न रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

(1) 1947 से पहले जम्मू-कश्मीर का शासक ……….. था।
उत्तर:
हरि सिंह

(2) नेशनल कांफ्रेंस ने ………….. के नेतृत्व में जन-आन्दोलन चलाया।
उत्तर:
शेख अब्दुल्ला

(3) ई० वी० रामास्वामी नायकर ………… के नाम से प्रसिद्ध थे।
उत्तर:
पेरियर

(4) ………… से जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी राजनीति ने सर उठाया।
उत्तर:
1989

(5)……….. के दशक को स्वायत्तता की मांग के दशक के रूप में देखा जा सकता है।
उत्तर:
1980

(6) 1966 में पंजाब और …………. के नाम के राज्य बनाए गए।
उत्तर:
हरियाणा

(7) धारा 370…………. राज्य से सम्बन्धित थी।
उत्तर:
जम्मू-कश्मीर

(8)…………. दक्षिण भारत का सबसे बड़ा आन्दोलन माना जाता है।
उत्तर:
द्रविड़ आन्दोलन

(9) 1984 में हरिमंदिर साहिब में हुई सैनिक कार्यवाही को ……….. के नाम से जाना जाता है।
उत्तर:
आप्रेशन बलू स्टार

(10) अक्तूबर, 1984 में प्रधानमन्त्री ………….. की हत्या की गई।
उत्तर:
श्रीमती इन्दिरा गांधी

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
भारत में कौन-सा भाषाई फार्मूला लागू किया गया है ?
उत्तर:
भारत में त्रि-भाषाई फार्मूला लागू किया गया है।

प्रश्न 2.
नेशनल कांफ्रैंस कहां पर सक्रिय क्षेत्रीय दल है ?
उत्तर:
नेशनल कांफ्रैंस जम्मू-कश्मीर में सक्रिय क्षेत्रीय दल है।

प्रश्न 3.
बोडो आन्दोलन किस राज्य में चलाया गया ?
उत्तर:
बोडो आन्दोलन असम में चलाया गया।

प्रश्न 4.
5 जून, 1984 को ऑपरेशन ब्लूस्टार किस राज्य में चलाया गया था ?
उत्तर:
पंजाब में।

प्रश्न 5.
जम्मू कश्मीर को किस धारा के द्वारा विशेष संवैधानिक दर्जा दिया गया था ?
उत्तर:
संविधान की धारा 370 के द्वारा।

HBSE 12th Class Political Science Important Questions Chapter 8 क्षेत्रीय आकांक्षाएँ

प्रश्न 6.
तेलुगू देशम पार्टी किस राज्य का क्षेत्रीय दल है?
उत्तर:
आन्ध्र प्रदेश का।

प्रश्न 7.
धारा 370 किससे सम्बन्धित थी?
उत्तर:
जम्मू-कश्मीर से।

प्रश्न 8.
राजीव-लोगोंवाल समझौता कब हुआ?
उत्तर:
24 जुलाई, 1985 को।

प्रश्न 9.
1947 से पहले जम्मू-कश्मीर का शासक कौन था?
उत्तर:
1947 से पहले जम्मू-कश्मीर का शासक हरि सिंह था।

प्रश्न 10.
5 जून, 1984 को ऑपरेशन ब्लू स्टार किस राज्य में चलाया गया था?
उत्तर:
पंजाब में।

प्रश्न 11.
तमिलनाडु में कौन-से क्षेत्रीय दल की सरकार है ?
उत्तर:
तमिलनाडु में अन्नाद्रुमुक की सरकार है।

प्रश्न 12.
‘आनन्दपुर साहिब प्रस्ताव’ कब पास किया गया ?
उत्तर:
सन् 1973 में।

प्रश्न 13.
‘मिजो नेशनल फ्रंट’ नामक पार्टी के संस्थापक कौन थे ?
उत्तर:
‘मिजो नेशनल फ्रंट’ नामक पार्टी की स्थापना लाल डेंगा ने की थी।

प्रश्न 14.
डी० एम० के० तथा ए० आई० डी० एम० के० किस राज्य के महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय दल हैं ?
उत्तर:
तमिलनाडु।

प्रश्न 15.
भाषा के आधार पर पंजाब राज्य का पुनर्गठन कब हुआ ?
उत्तर:
सन् 1966 में।

प्रश्न 16.
उत्तराखण्ड, झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ राज्यों का गठन कब हुआ ?
उत्तर:
सन् 2000 में।

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