Haryana State Board HBSE 12th Class Political Science Important Questions Chapter 2 एक दल के प्रभुत्व का दौर Important Questions and Answers.
Haryana Board 12th Class Political Science Important Questions Chapter 2 एक दल के प्रभुत्व का दौर
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत की दलीय प्रणाली की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारतीय दलीय प्रणाली की निम्नलिखित विशेषताएं हैं
1. भारत में बहु-दलीय प्रणाली-भारत में बहु-दलीय प्रणाली है।
2. एक दल के प्रभुत्व युग का अन्त-भारत में लम्बे समय तक विशेषकर 1977 तक कांग्रेस पार्टी का प्रभुत्व रहा, परन्तु वर्तमान समय में कांग्रेस पार्टी का प्रभुत्व समाप्त हो चुका है और उसकी जगह अन्य दलों ने ले ली है।
3. सैद्धान्तिक आधारों का अभाव-राजनीतिक दलों का सैद्धान्तिक आधारों पर संगठित होना अनिवार्य है, परन्तु हमारे देश में ऐसे दलों का अभाव है जो ठोस राजनीतिक तथा आर्थिक सिद्धान्तों पर संगठित हों।
4. क्षेत्रीय दलों की बढ़ रही महत्ता-वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में क्षेत्रीय दलों की महत्ता निरन्तर बढ़ती जा रही है।
5. क्षेत्रीय दलों की बढ़ रही महत्ता-भारतीय दलीय प्रणाली की एक अन्य विशेषता यह है कि इसमें क्षेत्रीय दलों की महत्ता लगातार बढ़ती जा रही है।
6. व्यक्तित्व का प्रभाव-लगभग प्रत्येक भारतीय राजनीतिक दल में किसी विशेष प्रतिनिधित्व की अति महानता है। कांग्रेस में सर्वप्रथम पण्डित जवाहर लाल नेहरू, फिर श्रीमती इन्दिरा गांधी तथा बाद में श्री राजीव गांधी दल का केन्द्र बिन्दु बने हुए थे तथा वर्तमान में श्रीमती सोनिया गांधी एवं श्री राहुल गांधी दल का केन्द्र बिन्दु हैं। भारतीय जनता पार्टी में श्री अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण अडवाणी का महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। वर्तमान समय में यह पार्टी श्री नरेन्द्र मोदी एवं श्री अमित शाह के नेतृत्व में चल रही है। भारतीय राजनीतिक दलों में सिद्धान्तों की अपेक्षा व्यक्तित्व की अधिक महत्ता है।
7. दलों में गुटबन्दी-कोई भी ऐसा भारतीय राजनीतिक दल नहीं है, जो गुटबन्दी का शिकार न हो। दलों में यह गुटबन्दी विभिन्न राजनीतिक के व्यक्तित्व की महानता का कारण है।
8. घोषित सिद्धान्तों का बलिदान-भारतीय राजनीतिक दल अपने सिद्धान्तों को कोई अधिक महत्ता नहीं देते। राजनीतिक लाभ के लिए ये दल अपने घोषित सिद्धान्तों का शीघ्र ही बलिदान कर देते हैं।
प्रश्न 2.
भारत में विरोधी दल की क्या भमिका है? इसका संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर:
भारत में विरोधी दल निम्नलिखित भूमिका निभाता है
1. आलोचना-भारत में विरोधी दल का मुख्य कार्य सरकार की नीतियों की आलोचना करना है। विरोधी दल संसद् के अन्दर और संसद के बाहर सरकार की आलोचना करते हैं। विरोधी दल यह आलोचना मन्त्रिमण्डल सदस्यों से विभिन्न प्रश्न पूछ कर, वाद-विवाद तथा अविश्वास प्रस्ताव पेश करके करते हैं।
2. वैकल्पिक सरकार- भारत में संसदीय शासन प्रणाली होने के कारण विरोधी दल वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए तैयार रहता है। यद्यपि विरोधी दल को सरकार बनाने के ऐसे अवसर बहुत ही कम मिलते हैं।
3. शासन नीति को प्रभावित करना-विरोधी दल सरकार की आलोचना करके सरकार की नीतियों को प्रभावित करता है। कई बार सत्तारूढ़ दल विरोधी दल के सुझावों को ध्यान में रखकर अपनी नीति में परिवर्तन
करते हैं।
4. लोकतन्त्र की रक्षा-विरोधी दल सरकार के तानाशाह बनने से होकर लोकतन्त्र की रक्षा करता है।
5. उत्तरदायी आलोचना-विरोधी दल केवल सरकार की आलोचना करने के लिए आलोचना नहीं करते बल्कि सरकार को विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए सुझाव भी देते हैं। आवश्यकता पड़ने पर विरोधी दल सरकार को पूर्ण सहयोग देता है।
6. अस्थिर मतदाता को अपील करना-विरोधी दल सत्तारूढ़ दल को आम चुनाव में हराने का प्रयत्न करता है। इसके लिए विरोधी दल सत्तारूढ़ दल की आलोचना करके मतदाताओं के सामने यह प्रमाणित करने का प्रयत्न करता है कि यदि उसे अवसर दिया जाए तो वह देश का शासन सत्तारूढ़ दल की अपेक्षा अच्छा चला सकता है। विरोधी दल अस्थायी मतदाताओं को अपने पक्ष में करके चुनाव जीतने का प्रयत्न करता है।
प्रश्न 3.
भारत में एक दल की प्रधानता के कारण लिखें।
उत्तर:
प्रारम्भिक वर्षों में भारत में एक दल की प्रधानता के निम्नलिखित कारण थे
1. कांग्रेस में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व प्राप्त था (Congress as Respresentative of all Shades of Opinion):
कांग्रेस पार्टी की प्रधानता का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण यह था, कि इसमें देश के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व प्राप्त था। वास्तव में कांग्रेस स्वयं में एक ‘महान् गठबन्धन’ (Grand Alliance) था। कांग्रेस पार्टी उग्रवादी, उदारवादी, दक्षिण पंथी, साम्यवादी तथा मध्यमार्गी नेताओं का एक महान् मंच था, जिसके कारण लोग इसी पार्टी को मत दिया करते थे।
2. विरोधी दल कांग्रेस में से ही निकले हुए थे (Opposition Parties as Disgruntled children of the Congress Party):
स्वतन्त्रता प्राप्ति के प्रारम्भिक वर्षों में जितने भी विरोधी राजनीतिक दल थे, उनमें से अधिकांश राजनीतिक दल कांग्रेस में से ही निकले हुए थे। समाजवादी पार्टी, प्रजा समाजवादी पार्टी, संयुक्त समाजवादी पार्टी, 29 जनसंघ, राम राज्य परिषद् तथा हिन्दू महासभा जैसी पार्टियों के सम्बन्ध कभी-न-कभी कांग्रेस से ही रहे हैं। अत: लोगों ने उस समय कांग्रेस से अलग हुए दलों को वोट देने की अपेक्षा कांग्रेस को ही वोट देना उचित समझा।
3. 1967 के पश्चात् भी केन्द्र में कांग्रेस की प्रधानता (Dominance of Congress at the Centre level even after 1967 Elections):
यद्यपि 1967 के चुनावों के पश्चात् राज्यों में से कांग्रेस की प्रधानता समाप्त हो गई, परन्तु केन्द्र में अभी भी कांग्रेस की शक्तिशाली सरकार थी, जो राज्यों की राजनीति में प्रभावशाली भूमिका रखती थी।
4. राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों में समानता (Similarity of Programmes of all Parties):
कांग्रेस एवं उसकी विरोधी पार्टियों के कार्यक्रमों एवं नीतियों में कोई बहुत अधिक अन्तर नहीं था, बल्कि उनमें समानताएं अधिक थीं। जिसके कारण मतदाताओं ने अन्य पार्टियों को वोट देने की अपेक्षा कांग्रेस पार्टी को ही वोट देना उचित समझा।
5. गठबन्धन सरकारों की असफलता (Failure of Coalition govt.):
कांग्रेस की प्रधानता का एक कारण राज्यों में गठबन्धन सरकारों की असफलता थी। 1967 के आम चुनावों के पश्चात् आधे राज्यों में गैर-कांग्रेसी गठबन्धन सरकारें बनीं, परन्तु गैर-कांग्रेसी नेता अपने निजी स्वार्थों के लिए आपस में ही उलझते रहे, जिस कारण गठबन्धन सरकारें सफल न हो सकी तथा लोगों का गैर-कांग्रेसी सरकारों से मोहभंग हो गया।
6. राजनीतिक दल-बदल (Political Defection):
1967 के आम चुनावों के पश्चात् जो राजनीतिक दल-बदल हुए, उससे परोक्ष रूप में आगे चलकर कांग्रेस पार्टी ही अधिक शक्तिशाली हुई।
प्रश्न 4.
भारत में ‘एक दल के प्रभुत्व वाली प्रणाली’ किसी दूसरे देश की एक दल के प्रभुत्व वाली प्रणाली से किस प्रकार भिन्न है ? एक दल के प्रभुत्व का अर्थ क्या यह है कि भारत में वास्तविक प्रजातन्त्र नहीं है ? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दें।
उत्तर:
भारत में एक दल के प्रभुत्व वाली प्रणाली किसी दूसरे देश की इसी तरह की प्रणाली से सर्वथा भिन्न है। क्योंकि भारत में उस दल में भी प्रजातान्त्रिक तत्त्व पाये जाते हैं तथा भारत में एक दल के प्रभुत्व के होते हुए भी वास्तविक तौर पर प्रजातन्त्र पाया जाता है, जिसके पक्ष में निम्नलिखित तर्क दिये जा सकते हैं
- भारत में निर्धारित तौर पर चुनाव होते रहे हैं।
- भारत में सभी दलों को चुनावों में भाग लेने का अधिकार है।
- भारत के सभी वयस्क नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के मतदान का अधिकार प्राप्त है।
- भारत में विरोधी दल पाया जाता है।
- विरोधी दलों एवं लोगों को सरकार की आलोचना करने का अधिकार प्राप्त है।
- चुनावों के पश्चात् उसी दल की सरकार बनती है, जिसे बहुमत प्राप्त हो।
- भारतीय नागरिकों को संविधान के अन्तर्गत मौलिक अधिकार प्रदान किये गए हैं।
- मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए स्वतन्त्र न्यायपालिका की व्यवस्था की गई है।
प्रश्न 5.
भारत में 1952 के आम चुनाव पूरी दुनिया के लोकतंत्र के लिए किस प्रकार मील का पत्थर साबित हुए ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
भारत में 1952 के प्रथम आम चुनाव दुनिया के लोकतन्त्र के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुए, क्योंकि यह चुनाव कई पक्षों से अनूठा तथा इसको सफलतापूर्वक करवाने में कई बाधाएं थीं। स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए चुनाव आयोग के पास मतदाता सूची का होना आवश्यक था तथा चुनाव क्षेत्रों का सीमांकन भी आवश्यक था। भारतीय चुनाव आयोग ने इन कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया। 1952 में लगभग 17 करोड़ मतदाताओं ने 3200 विधायक और लोकसभा के 489 सांसदों का चुनाव करना था। इस प्रकार का कार्य हिमालय पर चढ़ाई करने जैसा था।
भारतीय मतदाताओं में केवल 15 प्रतिशत मतदाता ही साक्षर थे। अतः चुनाव आयोग को विशेष मतदान पद्धति के बारे में सोचना पड़ा। भारत में चुनाव करवाने केवल इसलिए ही मुश्किल नहीं थे, बल्कि अधिकांश भारतीय मतदाता अनपढ़ ग़रीब एवं प्रजातान्त्रिक प्रक्रियाओं से अनभिज्ञ थे, जबकि जिन देशों में लोकतान्त्रिक चुनाव सफलतापूर्वक होते थे, वे अधिकांश विकसित देश थे और उन विकसित देशों में भी महिलाओं को मताधिकार प्राप्त नहीं था।
जबकि भारत में 1952 में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के सिद्धान्त को अपनाया गया था। अतः भारत में स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाना बहुत मुश्किल कार्य था। एक भारतीय सम्पादक ने “इस चुनाव को इतिहास का सबसे बड़ा जुआ कहा था। आर्गनाइजर पत्रिका के अनुसार, “पं. जवाहर लाल नेहरू अपने जीवित रहते ही यह देख लेंगे कि सार्वभौम मताधिकार का सिद्धान्त असफल रहा है।”
1952 में हुए प्रथम चुनाव की सम्पूर्ण प्रक्रिया पूरे होने में लगभग छ: महीने लगे। अधिकांश सीटों पर मुकाबला भी हुआ तथा हराने वाले उम्मीदवारों ने भी माना, कि चुनाव निष्पक्ष हुए। विदेशी आलोचकों ने भी चुनावों की निष्पक्षता को स्वीकार किया। चुनावों के बाद हिन्दुस्तान टाइम्स ने लिखा कि “सर्वत्र यह बात स्वीकृत की जा रही है, कि भारतीय जनता ने विश्व के इतिहास में लोकतन्त्र के सबसे बड़े प्रयोग को सफलतापूर्वक पूरा किया।” इसीलिए कहा जाता है. कि 1952 के चुनाव दुनिया के लोकतन्त्र के इतिहास के लिए मील का पत्थर साबित हुए।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भारतीय दलीय व्यवस्था की कोई चार विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
1. भारत में बहु-दलीय प्रणाली-भारत में बहु-दलीय प्रणाली है।
2. एक दल के प्रभुत्व युग का अन्त-भारत में लम्बे समय तक विशेषकर 1977 तक कांग्रेस पार्टी का प्रभुत्व रहा, परन्तु वर्तमान समय में कांग्रेस पार्टी का प्रभुत्व समाप्त हो चुका है और उसकी जगह अन्य दलों ने ले ली है।
3. सैद्धान्तिक आधारों का अभाव-राजनीतिक दलों का सैद्धान्तिक आधारों पर संगठित होना अनिवार्य है, परन्तु हमारे देश में ऐसे दलों का अभाव है जो ठोस राजनीतिक तथा आर्थिक सिद्धान्तों पर संगठित हों।
4. क्षेत्रीय दलों की बढ़ रही महत्ता-वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में क्षेत्रीय दलों की महत्ता निरन्तर बढ़ती जा रही है।
प्रश्न 2.
एक प्रजातन्त्रीय राज्य के लिए राजनीतिक दल क्यों अनिवार्य हैं ?
उत्तर:
आधुनिक युग राष्ट्रीय राज्यों का युग है। आधुनिक समय के ऐसे राज्यों में प्रत्यक्ष लोकतन्त्र असम्भव है क्योंकि इन राज्यों की जनसंख्या तथा आकार अत्यधिक है। आधुनिक समय में अप्रत्यक्ष लोकतन्त्र अथवा प्रतिनिधि लोकतन्त्र ही सम्भव है। राजनीतिक दलों के बिना इस प्रकार के लोकतन्त्र की सम्भावना नहीं हो सकती। संयुक्त कार्यक्रम के आधार पर चुनाव लड़ने के लिए, सरकार का निर्माण करने के लिए और विपक्षी दल की भूमिका अभिनं करने के लिए राजनीतिक दलों की आवश्यकता है। इसी कारण कहा जा सकता है “राजनीतिक दल नहेंद्र नहीं।” (No political parties, no democracy.)
प्रश्न 3.
लोकतन्त्र में राजनीतिक दलों की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- लोकतन्त्रीय सिद्धान्तों के अनुसार चुनाव में भाग लेना।
- शासक दल अथवा विपक्षी दल के रूप में भूमिका निभाना।
- लोगों को राजनीतिक रूप में जागृत करना।
- सरकार तथा लोगों में एक योजक का काम करना।
प्रश्न 4.
91वें संशोधन द्वारा दल-बदल को रोकने के लिए क्या उपाय किए गए हैं ?
उत्तर:
दल-बदल को रोकने के लिए 52वें संशोधन द्वारा बनाया गया कानून पूरी तरह दल-बदल रोकने में सफल नहीं रहा। इसी कारण दल-बदल कानून को और अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए दिसम्बर, 2003 में संविधान में 91वां संशोधन किया गया।
इस कानून (संवैधानिक संशोधन) द्वारा यह व्यवस्था की गई, कि दल-बदल करने वाला कोई सांसद या विधायक सदन की सदस्यता खोने के साथ-साथ अगली बार चुनाव जीतने तक अथवा सदन के शेष कार्यकाल तक (जो भी पहले हो), मन्त्री पद या लाभ का कोई अन्य पद प्राप्त नहीं कर सकेगा। इस कानून के अन्तर्गत सांसदों या विधायकों के दल-बदल करने के लिए एक तिहाई सदस्य संख्या की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया।
प्रश्न 5.
कांग्रेस पार्टी को ‘छतरी संगठन’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:
कांग्रेस पार्टी की स्थापना सन् 1885 में की गई। कांग्रेस पार्टी की स्थापना के समय भारत में राजनीतिक परिस्थितियां ऐसी थीं, कि समाज का प्रत्येक वर्ग भारत को स्वतन्त्र देखना चाहता था। इसीलिए जब 1885 में कांग्रेस पार्टी की स्थापना की गई, तब समाज का प्रत्येक वर्ग अपने छोटे-मोटे मतभेद भुलाकर कांग्रेस के मंच पर आ गया। कांग्रेस में सभी धर्मों, जातियों, भाषाओं, क्षेत्रों तथा समुदायों के लोग शामिल थे। इसीलिए पामर (Palmer) ने कांग्रेस पार्टी को एक ‘छाता संगठन’ कहा है। आगे चलकर डॉ० अम्बेदकर ने कांग्रेस पार्टी की तुलना एक सराय से की थी जिसके द्वार समाज के सभी वर्गों के लिए खुले हुए थे।
प्रश्न 6.
भारत में एक दल के प्रभुत्व के किन्हीं चार कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर:
1. सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व-कांग्रेस पार्टी की प्रधानता का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण यह था कि इसमें देश के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व प्राप्त था।
2. विरोधी दल कांग्रेस में से ही निकले हुए थे-स्वतन्त्रता प्राप्ति के प्रारम्भिक वर्षों में जितने भी विरोधी दल थे उनमें से अधिकांश दल कांग्रेस में से ही निकले हुए थे। अत: लोगों ने अलग हुए गुटों को वोट देने की अपेक्षा कांग्रेस पार्टी को ही वोट देना उचित समझा।
3. राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों में समानता-कांग्रेस एवं उसकी विरोधी पार्टियों के कार्यक्रमों में काफ़ी समानता पाई जाती थी। इसलिए भी मतदाता अन्य दलों की अपेक्षा कांग्रेस पार्टी को ही वोट देते थे।
4. गठबन्धन सरकारों की असफलता-कांग्रेस की प्रधानता का एक कारण राज्यों में गठबन्धन सरकारों की असफलता थी। जिसके कारण लोगों का गैर-कांग्रेसी सरकारों से मोह भंग हो गया।
प्रश्न 7.
कांग्रेस पार्टी की राज्य स्तर पर असमान प्रधानता की व्याख्या करें।
उत्तर:
कांग्रेस पार्टी की राज्य स्तर पर असमान प्रधानता का अर्थ यह है, कि केन्द्र की तरह राज्यों में कांग्रेस पार्टी . सदैव प्रधान नहीं रही। 1977 तक कांग्रेस पार्टी की केन्द्र स्तर पर प्रधानता बनी रही। परन्तु इसी दौरान राज्य स्तर पर कांग्रेस पार्टी की पूरी प्रधानता नहीं रही। क्योंकि कुछ राज्यों में क्षेत्रीय या अन्य दलों का उदय हो चुका था।
जैसे, भारतीय साम्यवादी दल, मार्क्सवादी दल, अकाली दल, द्रविड़ कड़गम, क्रान्तिकारी समाजवादी पार्टी, फारवर्ड ब्लॉक तथा नेशनल कान्फ्रेंस। इन दलों ने समय-समय पर अपने-अपने राज्यों में सरकार बनाकर राज्य स्तर पर कांग्रेस पार्टी की प्रधानता को चुनौती थी। इसीलिए कहा जाता है, कि राज्य स्तर पर कांग्रेस पार्टी की असमान प्रधानता थी।
प्रश्न 8.
कांग्रेस के गठबन्धनवादी स्वरूप की व्याख्या करें।
उत्तर:
कांग्रेस पार्टी यद्यपि 1977 तक केन्द्र में शासन करती रही। परन्तु राज्यों में कांग्रेस की पूरी प्रधानता नहीं रही तथा समय-समय पर क्षेत्रीय तथा अन्य दलों ने कांग्रेस पार्टी को चुनावों में पराजित भी किया। इसी कारण कांग्रेस पार्टी ने कई राज्यों में अन्य दलों से समझौता करके अपनी सरकारें बनवाने का प्रयास किया।
1954 में कांग्रेस पार्टी ने कोचीन में पी० एस० पी० की अल्पमत सरकार भी बनवाई। 1957 में उड़ीसा में कांग्रेस पार्टी ने दूसरे आम चुनावों में एक स्थानीय दल गणतन्त्र परिषद् से गठबन्धन किया। 1970 के अन्त में केन्द्र में भी कांग्रेस ने अपनी सरकार को चलाने के लिए साम्यवादी दलों का सहारा लिया। इन सब उदाहरणों से स्पष्ट है, कि यद्यपि कांग्रेस की प्रधानता रही है, परन्तु समय-समय पर उसे गठबन्धन राजनीति को स्वीकार करना पड़ा है।
प्रश्न 9.
भारत में एक पार्टी का प्रभत्व विश्व के और देशों में एक पार्टी के प्रभत्व से किस प्रकार भिन्न था ?
उत्तर:
भारत में एक पार्टी का प्रभुत्व विश्व के और देशों में एक पार्टी के प्रभुत्व से सर्वथा भिन्न था। उदाहरण के लिए भारत और मैक्सिको में दोनों देशों में एक खास समय में एक ही दल का प्रभुत्व था। परन्तु दोनों देशों में एक दल के प्रभुत्व के स्वरूप में मौलिक अन्तर था, जहां भारत में लोकतान्त्रिक आधार पर एक दल का प्रभुत्व कायम था, वहीं मैक्सिको में एक दल की तानाशाही पाई जाती थी तथा लोगों को अपने विचार रखने का अधिकार नहीं था।
इसी प्रकार सोवियत संघ एवं चीन में भी एक पार्टी का प्रभुत्व पाया जाता था, परन्तु इन देशों में भी राजनीतिक दल प्रजातान्त्रिक आधारों पर संगठित नहीं हुए थे, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रजातान्त्रिक आधार पर संगठित हुई थी।
प्रश्न 10.
स्वतन्त्रता के शुरू के वर्षों में विपक्षी दलों को यद्यपि कहने भर का प्रतिनिधित्व मिल पाया, फिर भी इन दलों ने हमारी शासन-व्यवस्था के लोकतान्त्रिक चरित्र को बनाये रखने में किस प्रकार निर्णायक भूमिका निभाई ?
उत्तर:
स्वतन्त्रता के शुरू के वर्षों में विपक्षी दलों को यद्यपि कहने भर का प्रतिनिधित्व मिल पाया फिर भी इन दलों ने हमारी शासन-व्यवस्था को लोकतान्त्रिक चरित्र को बनाये रखने में निर्णायक भूमिका निभाई है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के शुरुआती वर्षों में सी०पी०आई०, जनसंघ, स्वतन्त्र पार्टी तथा सोशलिस्ट पार्टी जैसी पार्टियां भारत में विपक्षी दल की भूमिका निभाती थीं।
इन दलों ने समयानुसार एवं आवश्यकतानुसार सत्ताधारी कांग्रेस दल की अनुचित नीतियों एवं कार्यक्रमों की आलोचना की। ये आलोचनाएं सैद्धान्तिक तौर पर सही होती थीं। इन विपक्षी दलों ने अपनी सक्रिय गतिविधियों से कांग्रेस दल पर अंकुश बनाये रखा तथा लोगों को राजनीतिक स्तर पर एक विकल्प प्रदान करते रहे।
प्रश्न 11.
प्रथम तीन चुनावों में मुख्य विपक्षी दल कौन-से थे ?
उत्तर:
प्रथम तीन आम चुनावों में मुख्य विपक्षी दलों में सी० पी० आई०, एस० पी०, प्रजा समाजवादी पार्टी, जनसंघ तथा स्वतंत्र पार्टी शामिल हैं।
प्रश्न 12.
‘भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी’ पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना सन् 1924 में हुई। इस पार्टी को 1952 के लोकसभा चुनावों में 16 सीटें, 1957 के चुनावों में 27 सीटें एवं 1962 के चुनावों में 29 सीटें प्राप्त हुईं। इस पार्टी ने 1957 में केरल में विश्व की पहली लोकतांत्रिक साम्यवादी सरकार का निर्माण किया। 1959 में चीन के साथ सम्बन्ध के बारे में भारतीय साम्यवादी दल में दो गुट बन गए और 1962 में चीन के आक्रमण ने इस मतभेद को और अधिक बढ़ा दिया।
एक गुट ने चीन के आक्रमण को आक्रमण कहा और इसका मुकाबला करने के लिए भारत सरकार के देने का वचन दिया, परन्तु दूसरे गुट ने जो चीन के प्रभाव में था, इसे सीमा सम्बन्धी विवाद कह कर पुकारा, परिणामस्वरूप 1964 में वामपंथी सदस्य जिनकी संख्या लगभग एक तिहाई थी, भारतीय साम्यवादी दल से अलग हो गए और मार्क्सवादी दल की स्थापना की।
प्रश्न 13.
‘भारतीय जनसंघ’ पार्टी पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
भारतीय जनसंघ पार्टी की स्थापना सन् 1951 में हुई थी। इसके संस्थापक श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे। जनसंघ अपनी विचारधारा, सिद्धांत एवं कार्यक्रम के आधार पर अन्य दलों से भिन्न था। यह दल एक देश, एक संस्कृति एवं राष्ट्र पर जोर देता था। जनसंघ का कहना था, कि भारत एवं पाकिस्तान को मिलाकर ‘अखण्ड भारत’ बनाया जाए।
यह दल अंग्रेज़ी को हटाकर हिन्दी को राजभाषा बनाने के पक्ष में था। इस दल ने धार्मिक एवं सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों को ‘विशेष सुविधाएं देने का विरोध किया। सन् 1952 के चुनावों में इस दल को 3 सीटें मिली, 1957 के चुनावों में इस दल को 4 सीटें मिलीं। इस दल के मुख्य नेताओं में श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी, श्री दीनदयाल उपाध्याय एवं श्री बलराम मधोक शामिल थे।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
राजनीतिक दल किसे कहते हैं ?
उत्तर:
राजनीतिक दल ऐसे नागरिकों का समूह है जो सार्वजनिक मामलों पर एक-से विचार रखते हों और संगठित होकर अपने मताधिकार द्वारा सरकार पर अपना नियन्त्रण स्थापित करना चाहते हों ताकि अपने सिद्धान्तों को लागू कर सकें। गिलक्राइस्ट के शब्दानुसार, “राजनीतिक दल ऐसे नागरिकों का संगठित समूह है जिनके राजनीतिक विचार एक से हों और एक राजनीतिक इकाई के रूप में कार्य करके सरकार पर नियन्त्रण रखने का प्रयत्न करते हों।”
प्रश्न 2.
भारत में कांग्रेस पार्टी की स्थापना कब हुई ? इसके मुख्य संस्थापक का नाम लिखिए।
उत्तर:
कांग्रेस की स्थापना सन् 1885 में हुई तथा इसके संस्थापक का नाम ए० ओ० ह्यूम था।
प्रश्न 3.
भारत में साम्यवादी दल की स्थापना कब हुई? इसका विभाजन कब हुआ ?
उत्तर:
भारत में साम्यवादी दल की स्थापना सन् 1924 में हुई और इसका विभाजन सन् 1964 में हुआ।
प्रश्न 4.
स्वतन्त्रता के बाद भारत द्वारा किस शासन प्रणाली को चुना गया था ?
उत्तर:
स्वतन्त्रता के बाद भारत द्वारा संसदीय शासन प्रणाली को चुना गया था।
प्रश्न 5.
भारतीय संविधान में चुनाव कराने की जिम्मेवारी किसे सौंपी गई है ?
अथवा
भारत में चुनाव कराने की जिम्मेवारी किसे सौंपी गई है?
उत्तर:
भारतीय संविधान में चुनाव कराने की जिम्मेवारी चुनाव आयोग को सौंपी गई है।
प्रश्न 6.
भारतीय कम्यनिस्ट पार्टी का 1964 में विभाजन हआ। इसका क्या कारण था ?
उत्तर:
भारतीय साम्यवादी दल की स्थापना 1924 में की गई थी। 1959 में चीन के साथ सम्बन्ध के बारे में भारतीय साम्यवादी दल में दो गुट बन गए और 1962 के चीन के आक्रमण ने इस मतभेद को और अधिक बढ़ा दिया। एक गुट ने चीन के आक्रमण को आक्रमण कहा और इसका मुकाबला करने के लिए भारत सरकार को पूरी सहायता देने का वचन दिया, परन्तु दूसरे गुट ने जो चीन के प्रभाव में था, इसे सीमा सम्बन्धी विवाद कह कर पुकारा। परिणामस्वरूप 1964 में वामपंथी सदस्य जिनकी संख्या लगभग एक तिहाई थी, भारतीय साम्यवादी दल से अलग हो गए और मार्क्सवादी दल की स्थापना की।
प्रश्न 7.
भारतीय जनसंघ की स्थापना कब हुई ? इसके संस्थापक कौन थे ?
उत्तर:
भारतीय जनसंघ की स्थापना सन् 1951 में हुई। इसके संस्थापक श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे।
प्रश्न 8.
किस विद्वान् ने कांग्रेस पार्टी को एक सराय कहा और क्यों ?
उत्तर:
डॉ० भीम राव अम्बेदकर ने कांग्रेस पार्टी को सराय कहा था, क्योंकि कांग्रेस पार्टी के द्वार समाज के सभी वर्गों के लिए खुले हुए थे। डॉ० अम्बेदकर के अनुसार कांग्रेस पार्टी के द्वार मित्रों, दुश्मनों, चालाक व्यक्तियों, मूों तथा यहां तक कि सम्प्रदायवादियों के लिए भी खुले हुए थे।
प्रश्न 9.
भारतीय जनसंघ ने किस विचारधारा पर जोर दिया था ?
उत्तर:
- भारतीय जनसंघ ने एक देश, एक संस्कृति और एक राष्ट्र के विचार पर जोर दिया।
- जनसंघ का विचार था कि भारतीय संस्कृति और परम्परा के आधार पर भारत आधुनिक प्रगतिशील और ताकतर बन सकता है।
प्रश्न 10.
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
मौलाना अबुल कलाम का पूरा नाम अबुल कलाम मोहियुद्दीन अहमद था। इनका जन्म 1888 में हुआ तथा निधन 1958 में हुआ। अबुल कलाम इस्लाम के प्रसिद्ध विद्वान् थे। वे प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी, कांग्रेसी नेता तथा हिन्दू मुस्लिम एकता के समर्थक थे। उन्होंने भारत विभाजन का विरोध किया। वे संविधान सभा के सदस्य थे, तथा स्वतन्त्र भारत के पहले शिक्षा मन्त्री थे।
प्रश्न 11.
भारत की दलीय व्यवस्था के कोई दो लक्षण दीजिए।
उत्तर:
- भारत में बहुदलीय व्यवस्था पाई जाती है।
- भारत में राजनीतिक दलों का चुनाव आयोग के पास पंजीकरण होता है।
प्रश्न 12.
डॉ० भीम राव अम्बेदकर पर एक संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर:
डॉ० भीम राव अम्बेदकर का जन्म महाराष्ट्र में 1891 में हुआ। डॉ० अम्बेदकर कानून के विशेषज्ञ एवं संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। डॉ० अम्बेदकर जाति विरोधी आन्दोलन के नेता तथा पिछड़े वर्गों को न्याय दिलाने के संघर्ष के प्रेरणा स्रोत माने जाते थे। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् नेहरू मन्त्रिमण्डल में मन्त्री बने, परन्तु 1951 में हिन्दू कोड बिल के मुद्दे पर असहमति जताते हुए पद से इस्तीफा दिया। 1956 में उनका निधन हो गया।
प्रश्न 13.
राजकुमारी अमृतकौर के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
राजकुमारी अमृतकौर गांधीवादी स्वतन्त्रता सेनानी थीं, उनका जन्म 1889 में कपूरथला के राजपरिवार में हुआ। उन्होंने अपनी माता के अनुसार ईसाई धर्म अपनाया। वह संविधान सभी की सदस्य भी रहीं तथा नेहरू मन्त्रिमण्डल में स्वास्थ्य मन्त्री का कार्यभार सम्भाला। सन् 1964 में उनका निधन हो गया।
प्रश्न 14.
सी० राजगोपालाचारी पर एक संक्षिप्त नोट लिखें।।
उत्तर:
सी० राजगोपालाचारी का जन्म 1878 में हुआ। सी० राजगोपालाचारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रसिद्ध साहित्यकार थे। वे संविधान सभा के सदस्य थे, वे भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर-जनरल बने। वे केन्द्र सरकार में मन्त्री तथा मद्रास के मुख्यमन्त्री भी रहे। उन्होंने 1959 में स्वतन्त्र पार्टी की स्थापना की। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 1972 में उनका देहान्त हो गया।
प्रश्न 15.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 1901 में हुआ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी संविधान सभा के सदस्य थे। वे हिन्द महासभा के महत्त्वपूर्ण नेता तथा भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे। उन्होंने 1950 में पाकिस्तान के साथ सम्बन्धों को लेकर मतभेद होने पर नेहरू मन्त्रिमण्डल से इस्तीफा दिया। वे कश्मीर को स्वायत्तता देने के विरुद्ध थे। कश्मीर नीति पर जनसंघ के प्रदर्शन के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया तथा 1953 में हिरासत में ही उनकी मृत्यु हो गई।
प्रश्न 16.
चुनाव से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
चुनाव एक ऐसी विधि है, जिसके द्वारा मतदाता अपने प्रतिनिधि चुनते हैं। चुनाव प्रत्यक्ष भी हो सकते हैं, और अप्रत्यक्ष भी हो सकते हैं।
प्रश्न 17.
सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार किसे कहते हैं ?
उत्तर:
सार्वभौम वयस्क मताधिकार का अभिप्राय यह है कि निश्चित आयु के वयस्क नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के मत देने का अधिकार देना है। वयस्क होने की आय राज्य द्वारा निश्चित की जाती है। भारत में मताधिकार की आयु पहले 21 वर्ष थी, परन्तु 61वें संशोधन एक्ट द्वारा यह आयु 18 वर्ष कर दी गई है।
प्रश्न 18.
साम्यवादी दल, सन् 1964 में हुए विभाजन के बाद किन दो राजनीतिक दलों में बंटा था ?
उत्तर:
साम्यवादी दल, सन् 1964 में हुए विभाजन के भारतीय साम्यवादी दल तथा भारतीय साम्यवादी (मार्क्सवादी) दल में बंटा हुआ था।
प्रश्न 19.
गठबन्धन से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
गठबन्धन सरकार का साधारण अर्थ है, कई दलों द्वारा मिलकर सरकार का निर्माण करना। चुनावों से पूर्व या चुनावों के बाद कई दल मिलकर अपना साझा कार्यक्रम तैयार करते हैं। उसके आधार पर वे मिलकर चुनाव लड़ते . हैं अथवा अपनी सरकार बनाते हैं। भारत में सबसे पहले केन्द्र में 1977 में गठबन्धन सरकार बनी।
प्रश्न 20.
‘एक दलीय प्रभत्व’ का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
एक दलीय प्रभुत्व व्यवस्था उसे कहते हैं, जहां बहुदलीय पद्धति के अन्तर्गत किसी एक दल की प्रधानता होती है। एक दलीय प्रभुत्व व्यवस्था में यद्यपि अन्य भी कई दल होते हैं, परंतु उनका राजनीतिक महत्व अधिक नहीं होता, क्योंकि लोगों का उन्हें अधिक समर्थन प्राप्त नहीं होता। ऐसी व्यवस्था में मतदाता केवल एक ही दल को अधिक महत्त्व देते हैं। भारत एक दलीय प्रभुत्व व्यवस्था का एक प्रत्यक्ष उदाहरण रहा है।
प्रश्न 21.
‘एक दल की प्रधानता का युग’ कौन-से काल को कहा जाता है ?
उत्तर:
एक दल की प्रधानता का युग सन् 1952 से 1962 तक के काल को कहा जाता है, क्योंकि इन तीनों चुनावों में केन्द्र एवं राज्य स्तर पर कांग्रेस का ही प्रभुत्व था।
प्रश्न 22.
भारत में एक दल की प्रधानता का युग कब समाप्त हुआ ?
उत्तर:
भारत में एक दल की प्रधानता का युग सन् 1967 में हुए चौथे आम चुनाव के बाद समाप्त हुआ।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. दूसरा आम चुनाव कब हुआ?
(A) 1950 में
(B) 1952 में
(C) 1957 में
(D) 1962 में।
उत्तर:
(C) 1957 में।
2. निम्नलिखित में से किसने कांग्रेस को छाता संगठन (Umbrella organisation) की संज्ञा दी ?
(A) महात्मा गांधी ने
(B) जवाहर लाल नेहरू ने
(C) पामर ने
(D) बाल गंगाधर तिलक ने।
उत्तर:
(C) पामर ने।
3. किसने कांग्रेस की तुलना सराय से की है ?
(A) गोपाल कृष्ण गोखले
(B) लाला लाजपत राय
(C) डॉ० अम्बेदकर
(D) सरदार पटेल।
उत्तर:
(C) डॉ० अम्बेदकर।
4. निम्न में से एक दल को ‘छाता संगठन’ के नाम से सम्बोधित किया गया।
(A) सोशलिस्ट पार्टी
(B) कांग्रेस दल
(C) भारतीय जनसंघ
(D) हिन्दू महासभा।
उत्तर:
(B) कांग्रेस दल।
5. भारत में चुनाव कराने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है
(A) राष्ट्रपति को
(B) संसद् को
(C) मुख्य न्यायाधीश को
(D) चुनाव आयोग को।
उत्तर:
(D) चुनाव आयोग को।
6. निम्नलिखित में से किस नेता ने कांग्रेस को जन-आन्दोलन का रूप दिया ?
(A) पं० जवाहर लाल नेहरू ने
(B) डॉ० राजेन्द्र प्रसाद ने
(C) विनोबा भावे
(D) महात्मा गांधी ने।
उत्तर:
(D) महात्मा गांधी ने।
7. भारत के प्रथम मुख्य चुनाव उपयुक्त कौन थे ?
(A) टी० एन० शेषन
(B) सुकुमार सेन
(C) एम० एस० गिल
(D) हुकुम सिंह।
उत्तर:
(B) सुकुमार सेन।
8. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई ?
(A) 1885 में
(B) 1886 में
(C) 1905 में
(D) 1895 में।
उत्तर:
(A) 1885 में।
9. भारत में एक दल की प्रधानता का युग किस नेता से जुड़ा है ?
(A) सरदार पटेल
(B) पं० नेहरू
(C) महात्मा गांधी
(D) लाल बहादुर शास्त्री
उत्तर:
(B) पं० नेहरू।
10. प्रथम तीन आम चुनावों में किस राजनीतिक दल का प्रभुत्व बना रहा ?
(A) कम्युनिस्ट पार्टी का
(B) समाजवादी पार्टी का
(C) कांग्रेस पार्टी का
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(C) कांग्रेस पार्टी का।
11. स्वतन्त्र भारत में एक दल की प्रधानता का युग निम्नलिखित वर्ष से आरम्भ होता है
(A) 1952 में
(B) 1957 में
(C) 1950 में
(D) 1951 में।
उत्तर:
(A) 1952 में।
12. प्रथम आम चुनावों में कांग्रेस को लोकसभा में कितने स्थान प्राप्त हुए थे?
(A) 361
(B) 401
(C) 364
(D) 370
उत्तर:
(C) 364
13. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में विभाजन कब हुआ ?
(A) 1962 में
(B) 1964 में
(C) 1975 में
(D) 1970 में।
उत्तर:
(B) 1964 में।
14. 1952 के पहले आम चुनाव में लोकसभा के साथ-साथ निम्न के लिए भी चुनाव कराए गए थे
(A) भारत के राष्ट्रपति का चुनाव
(B) राज्य विधानसभा का चुनाव
(C) राज्य सभा का चुनाव
(D) प्रधानमन्त्री का चुनाव।
उत्तर:
(B) राज्य विधानसभा का चुनाव।
15. भारतीय जनसंघ के संस्थापक कौन थे ?
(A) सी० राजगोपालाचारी
(B) डॉ० श्यामा प्रसाद
(C) पं० नेहरू
(D) सरदार पटेल।
उत्तर:
(B) डॉ० श्यामा प्रसाद।
16. राष्ट्रीय मंच पर किस नेता के आगमन से कांग्रेस पार्टी एक जन आन्दोलन में बदल गई ?
(A) महात्मा गांधी
(B) गोपाल कृष्ण गोखले
(C) डॉ० अम्बेदकर
(D) पं० नेहरूं।
उत्तर:
(A) महात्मा गांधी।
17. भारतीय जनता पार्टी की जड़ें किस पार्टी में पाई जाती हैं ?
(A) साम्यवादी पार्टी
(B) स्वतन्त्र पार्टी
(C) भारतीय जनसंघ
(D) कांग्रेस पाटी।
उत्तर:
(C) भारतीय जनसंघ।
18. सन् 1957 के चुनावों के बाद निम्नलिखित किस राज्य में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार का गठन हुआ ?
(A) राजस्थान में
(B) मद्रास में
(C) आन्ध्र प्रदेश में
(D) केरल में।
उत्तर:
(D) केरल में।
19. भारतीय जनसंघ की स्थापना निम्नलिखित वर्ष में हुई :
(A) 1950 में
(B) 1951 में
(C) 1952 में
(D) 1949 में।
उत्तर:
(B) 1951 में।
20. स्वतन्त्र भारत में पहला आम चुनाव कब हुआ ?
(A) 1952 में
(B) 1957 में
(C) 1948 में
(D) 1950 में।
उत्तर:
(A) 1952 में।
21. सन् 1952 से 1966 तक भारत के राजनीतिक मंच पर
(A) एक दल की प्रधानता रही
(B) दो-दलीय प्रधानता रही
(C) तीन दलीय प्रधानता रही
(D) बहु-दलीय प्रधानता रही।
उत्तर:
(A) एक दल की प्रधानता रही।
22. भारत में कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना निम्नलिखित किस वर्ष में हुई-
(A) 1950 में
(B) 1924 में
(C) 1964 में
(D) 1934 में।
उत्तर:
(B) 1924 में।
23. ‘भारतीय जनसंघ’ की स्थापना किस वर्ष हुई ?
(A) 1950 में
(B) 1951 में
(C) 1957 में
(D) 1960 में।
उत्तर:
(B) 1951 में।
24. प्रथम आम चुनाव में लोकसभा में 16 स्थान प्राप्त करके कौन-सा दल कांग्रेस के बाद दूसरे स्थान पर रहा ?
(A) जनसंघ
(B) समाजवार्दी पार्टी
(C) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
(D) हिन्दू महासभा।
उत्तर:
(C) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी।
25. 1957 में केरल विधानसभा में किस दल की सरकार बनी ?
(A) साम्यवादी दल
(B) कांग्रेस पार्टी
(C) स्वतन्त्र पार्टी
(D) जनसंघ
उत्तर:
(A) साम्यवादी दल।
26. भारत में तीसरा आम चुनाव सम्पन्न हुआ
(A) 1961 में
(B) 1962 में
(C) 1960 में
(D) 1963 में।
उत्तर:
(B) 1962 में।
27. भारतीय कम्यनिस्ट पार्टी में विभाजन कब हुआ ?
(A) 1962 में
(B) 1964 में
(C) 1957 में
(D) 1970 में।
उत्तर:
(B) 1964 में।
28. विश्व में सबसे पहले कहां पर निर्वाचित ढंग से साम्यवादी दल की सरकार बनी ?
(A) केरल
(B) मास्को
(C) हवाना
(D) गुजरात।
उत्तर:
(A) केरल।
29. भारत में वयस्क मताधिकार की आयु निश्चित की गई है
(A) 20 वर्ष
(B) 21 वर्ष
(C) 18 वर्ष
(D) 19 वर्ष।
उत्तर:
(C) 18 वर्ष।
30. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना किस स्थान पर हुई ?
(A) दिल्ली में
(B) बम्बई में
(C) लखनऊ में
(D) कलकत्ता में।
उत्तर:
(B) बम्बई में।
31. 1984 में कांग्रेस ने लोकसभा का चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा?
(A) इंदिरा गांधी
(B) मोरार जी देसाई
(C) राजीव गांधी
(D) देवराज अर्स।
उत्तर:
(C) राजीव गांधी।
32. भारत के प्रथम चुनाव आयुक्त थे :
(A) बलराम जाखड़
(B) हुकुम सिंह
(C) सुकुमार सेन
(D) शिवराज पाटिल।
उत्तर:
(C) सुकुमार सेन।
33. मुख्य रूप से कांग्रेस की स्थापना का श्रेय निम्नलिखित को जाता है
(A) जवाहर लाल नेहरू
(B) राजेन्द्र प्रसाद
(C) गोपाल कृष्ण गोखले
(D) ए० ओ० ह्यम।
उत्तर:
(D) ए० ओ० ह्यूम।
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
(1) साम्यवादी पार्टी की स्थापना वर्ष ………… में हुई।
उत्तर:
1924
(2) भारत में एक दल की प्रधानता का युग ……….. भारतीय नेता से जुड़ा हुआ है।
उत्तर:
पं० जवाहर लाल नेहरू
(3) केन्द्र स्तर पर कांग्रेस पार्टी की प्रधानता वर्ष …………… में समाप्त हो गई।
उत्तर:
1977
(4) पामर ने कांग्रेस को एक …………. संगठन कहा।
उत्तर:
छाता
(5) एस० ए० डांगे …………… पार्टी के नेता थे।
उत्तर:
साम्यवादी
(6) भारत के चुनाव आयोग का गठन ………… में हुआ।
उत्तर:
1950
(7) स्वतंत्र भारत में पहला आम चुनाव सन् …………….. में हुआ।
उत्तर:
1952
(8) सन् 1957 के चुनावों के पश्चात् पहली गैर-कांग्रेसी सरकार का गठन ……….. राज्य में हुआ।
उत्तर:
केरल
(9) भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष ……………… थे।
उत्तर:
श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी।
एक शब्द में उत्तर दें
प्रश्न 1.
भारत में किस प्रकार की दलीय प्रणाली पाई जाती है ?
उत्तर:
भारत में बहु-दलीय प्रणाली पाई जाती है।
प्रश्न 2.
मख्य रूप से कांग्रेस की स्थापना का श्रेय किस व्यक्ति को जाता है ?
उत्तर:
मुख्य रूप से कांग्रेस की स्थापना का श्रेय ए० ओ० ह्यूम को जाता है।
प्रश्न 3.
भारत में एक दल की प्रधानता किस दल से सम्बन्धित रही है ?
उत्तर:
भारत में एक दल की प्रधानता कांग्रेस दल से सम्बन्धित रही है।
प्रश्न 4.
किस युग में कांग्रेस पार्टी ने मध्यवर्गीय व्यापारियों, पाश्चात्य शिक्षित व्यापारियों, वकीलों एवं भू-स्वामियों को एक मंच प्रदान किया ?
उत्तर:
उदारवादी युग में।
प्रश्न 5.
कांग्रेस दल किस सन् में राष्ट्रीय चरित्र वाले एक जनसभा के रूप में अस्तित्व में आया ?
उत्तर:
कांग्रेस दल 1905 से 1918 तक के काल में राष्ट्रीय चरित्र वाले एक जनसभा के रूप में अस्तित्व में आया।
प्रश्न 6.
राष्ट्रीय मंच पर किस नेता के आगमन से कांग्रेस पार्टी एक जन आन्दोलन में बदल गई ?
उत्तर:
राष्ट्रीय मंच पर महात्मा गांधी के आगमन से कांग्रेस पार्टी एक जन आन्दोलन में बदल गई।
प्रश्न 7.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का विभाजन कब हुआ ?
उत्तर:
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का विभाजन सन् 1964 में हुआ।
प्रश्न 8.
प्रथम आम चुनावों के समय कितने राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय दल विद्यमान थे ?
उत्तर:
प्रथम आम चुनावों में 14 राष्ट्रीय स्तर एवं 52 राज्य स्तर के दल विद्यमान थे।
प्रश्न 9.
कांग्रेस पार्टी की स्थापना किस वर्ष हुई ?
उत्तर:
कांग्रेस पार्टी की स्थापना सन् 1885 में हुई।
प्रश्न 10.
भारत में मतदाता दिवस कब मनाया जाता है ?
उत्तर:
भारत में मतदाता दिवस 25 जनवरी को मनाया जाता है।
प्रश्न 11.
भारत में चुनाव कराने की जिम्मेदारी किसे सौंपी गई है ?
उत्तर:
चुनाव आयोग को।
प्रश्न 12.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक कौन थे ?
उत्तर:
ए० ओ० ह्यम।
प्रश्न 13.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का विभाजन कब हुआ ?
उत्तर:
सन् 1964 में।
प्रश्न 14.
भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष कौन थे ?
उत्तर:
भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे।
प्रश्न 15.
श्री एस० ए० डांगे किस दल के प्रमुख नेता थे ?
उत्तर:
भारतीय साम्यवादी दल।