HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

Haryana State Board HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

A. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. बस्तियाँ कितने प्रकार की होती हैं-
(A) 2
(B) 3
(C) 4
(D) 5
उत्तर:
(A) 2

2. ग्रामीण बस्तियों के लोग किस प्रकार के क्रियाकलाप करते हैं?
(A) प्राथमिक
(B) द्वितीयक
(C) तृतीयक
(D) चतुर्थक
उत्तर:
(A) प्राथमिक

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3. ग्रामीण बस्तियों में लोगों का मुख्य व्यवसाय क्या है?
(A) आखेट
(B) मत्स्य न
(C) कृषि
(D) संग्रहण
उत्तर:
(C) कृषि

4. पास-पास बने घरों वाली ग्रामीण बस्तियाँ कहलाती हैं-
(A) संहत बस्तियाँ
(B) प्रकीर्ण बस्तियाँ
(C) अर्द्ध-गुच्छित बस्तियाँ
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(A) संहत बस्तियाँ

5. बड़े तथा एक-दूसरे से दूर बने मकानों वाली बस्तियाँ कहलाती हैं-
(A) संहत बस्तियाँ
(B) प्रकीर्ण बस्तियाँ
(C) अर्द्ध-गुच्छित बस्तियाँ
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(B) प्रकीर्ण बस्तियाँ

6. भारत के उत्तरी मैदान में किस प्रकार की ग्रामीण बस्तियाँ पाई जाती हैं?
(A) गुच्छित बस्तियाँ
(B) परिक्षिप्त बस्तियाँ
(C) अर्द्ध-गुच्छित बस्तियाँ
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(A) गुच्छित बस्तियाँ

7. नगरीय बस्तियाँ किस प्रकार के क्रियाकलाप में संलग्न नहीं होती?
(A) प्राथमिक
(B) द्वितीयक
(C) तृतीयक
(D) चतुर्थक
उत्तर:
(A) प्राथमिक

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8. उच्च भूमियों, पर्वतीय क्षेत्रों और मरुस्थलीय भागों में किस प्रकार की बस्तियाँ पाई जाती हैं?
(A) गुच्छित बस्तियाँ
(B) अर्द्ध-गुच्छित बस्तियाँ
(C) परिक्षिप्त बस्तियाँ
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(C) परिक्षिप्त बस्तियाँ

9. उत्तरी भारत के किस राज्य में गाँवों के मध्य दूरी सबसे अधिक है?
(A) हरियाणा
(B) हिमाचल प्रदेश
(C) पंजाब
(D) महाराष्ट्र
उत्तर:
(B) हिमाचल प्रदेश

10. दक्षिणी भारत के किस राज्य में गाँवों के मध्य दूरी सबसे अधिक है?
(A) कर्नाटक
(B) केरल
(C) आंध्र प्रदेश
(D) तमिलनाडु
उत्तर:
(B) केरल

11. गुजरात राज्य में बस्तियाँ पाई जाती हैं-
(A) गुच्छित बस्तियाँ
(B) परिक्षिप्त बस्तियाँ
(C) अर्द्ध-गुच्छित बस्तियाँ
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(C) अर्द्ध-गुच्छित बस्तियाँ

12. किसी तालाब के किनारे बसी बस्ती की आकृति होती है-
(A) रैखिक
(B) गोलाकार
(C) क्रॉस
(D) तारक
उत्तर:
(B) गोलाकार

13. किसी नदी या रेलवे लाइन के किनारे बसी बस्ती की आकृति होती है-
(A) रैखिक
(B) गोलाकार
(C) क्रॉस
(D) तारक
उत्तर:
(A) रैखिक

14. एक लाख से कम जनसंख्या वाला केंद्र कहलाता है-
(A) महानगर
(B) नगर
(C) कस्बा
(D) विराट नगर
उत्तर:
(B) नगर

15. जिन नगरों की जनसंख्या 10 से 50 लाख तक हो, कहलाते हैं-
(A) महानगर
(B) संवैधानिक नगर
(C) जनगणना नगर
(D) विराट नगर
उत्तर:
(A) महानगर

16. 50 लाख से अधिक जनंसख्या वाले नगर कहलाते हैं-
(A) महानगर
(B) नगर
(C) वृहत् नगर
(D) जनगणना नगर
उत्तर:
(C) वृहत् नगर

17. भारत के जनगणना विभाग के अनुसार किसी नगर की न्यूनतम जनसंख्या कितनी होनी चाहिए?
(A) कम-से-कम 2500
(B) कम-से-कम 3500
(C) कम-से-कम 4000
(D) कम-से-कम 5000
उत्तर:
(D) कम-से-कम 5000

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18. भारत के जनगणना विभाग के अनुसार किसी नगर में जनसंख्या का न्यूनतम घनत्व कितना होना चाहिए?
(A) 400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०
(B) 450 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०
(C) 475 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०
(D) 500 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०
उत्तर:
(A) 400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०

19. प्रथम वर्ग के नगर में कितनी जनसंख्या होनी चाहिए?
(A) 10,000-19,999
(B) 20,000-49,999
(C) 50,000-99,999
(D) 1,00,000 से अधिक
उत्तर:
(D) 1,00,000 से अधिक

20. कौन-सा नगर मध्यकालीन नगर है?
(A) दिल्ली
(B) मुंबई
(C) चण्डीगढ़
(D) पाटलिपुत्र
उत्तर:
(A) दिल्ली

21. इलाहाबाद किस प्रकार के युग का नगर है?
(A) प्रागैतिहासिक युग
(B) प्राचीन युग
(C) मध्य युग
(D) आधुनिक युग
उत्तर:
(C) मध्य युग

22. पाटलिपुत्र किस प्रकार के युग का नगर है?
(A) प्रागैतिहासिक युग
(B) प्राचीन युग
(C) मध्य युग
(D) आधुनिक युग
उत्तर:
(B) प्राचीन युग

23. दार्जिलिंग किस प्रकार का नगर है?
(A) खनन नगर
(B) धार्मिक नगर
(C) पर्यटन नगर
(D) छावनी नगर
उत्तर:
(C) पर्यटन नगर

24. निम्नलिखित में से कौन-सा औद्योगिक नगर का उदाहरण है?
(A) जमशेदपुर
(B) शिमला
(C) अम्बाला
(D) दिल्ली
उत्तर:
(A) जमशेदपुर

25. विशाखापत्तनम किस प्रकार के नगरों का उदाहरण है?
(A) पर्यटन नगर
(B) धार्मिक नगर
(C) परिवहन नगर
(D) छावनी नगर
उत्तर:
(C) परिवहन नगर

26. भारत में मलिन बस्तियों की जनसंख्या का अनुपात सबसे अधिक कहाँ है?
(A) पटना में
(B) जमशेदपुर में
(C) वृहत्तर मुंबई में
(D) गुड़गाँव में
उत्तर:
(C) वृहत्तर मुंबई में

27. भारत में मलिन बस्तियों की जनसंख्या का अनुपात सबसे कम कहाँ है?
(A) पटना में
(B) जमशेदपुर में
(C) वृहत्तर मुंबई में
(D) करनाल में
उत्तर:
(A) पटना में

28. देश का सर्वाधिक जनसंख्या वाला महानगर जो भारत की सबसे बड़ी बंदरगाह भी है-
(A) कोलकाता
(B) गोवा
(C) महाराष्ट्र
(D) कालीकट
उत्तर:
(C) महाराष्ट्र

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29. नगरीय संकुल का उदाहरण है-
(A) कोलकाता
(B) हैदराबाद
(C) पूणे
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

30. सोनीपत व रूड़की किस प्रकार के नगर हैं?
(A) प्रशासनिक नगर
(B) पर्यटन नगर
(C) शैक्षिक नगर
(D) छावनी नगर
उत्तर:
(C) शैक्षिक नगर

31. रानीगंज व अंकलेश्वर किस प्रकार के नगर हैं?
(A) प्रशासनिक नगर
(B) खनन नगर
(C) शैक्षिक नगर
(D) परिवहन नगर
उत्तर:
(B) खनन नगर

32. कांडला व कोच्चि किस प्रकार के नगर हैं?
(A) औद्योगिक नगर
(B) परिवहन नगर
(C) खनन नगर
(D) धार्मिक नगर
उत्तर:
(B) परिवहन नगर

33. निम्नलिखित में से प्रशासनिक नगर का उदाहरण नहीं है।
(A) इम्फाल
(B) गाँधीनगर
(C) पटियाला
(D) जयपुर
उत्तर:
(C) पटियाला

34. निम्नलिखित में से औद्योगिक नगर का उदाहरण है-
(A) हुगली
(B) भिलाई
(C) मुंबई
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

35. किस प्रकार के नगर आयात एवं निर्यात कार्यों में संलग्न रहते हैं?
(A) परिवहन नगर
(B) खनन नगर
(C) गैरिसन नगर
(D) धार्मिक नगर
उत्तर:
(A) परिवहन नगर

36. गैरिसन या छावनी नगर का उदाहरण नहीं है-
(A) अम्बाला
(B) करनाल
(C) जालंधर
(D) महू
उत्तर:
(B) करनाल

37. धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगरों के उदाहरण हैं-
(A) पूरी, अजमेर, पुष्कर, तिरुपति, कुरुक्षेत्र
(B) दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता
(C) चण्डीगढ़, देहरादून, करनाल, शिमला
(D) अम्बाला, हिसार, महू, जालंधर
उत्तर:
(A) पूरी, अजमेर, पुष्कर, तिरुपति, कुरुक्षेत्र

38. कौन-सा नगर प्राचीन कालीन नगर है?
(A) वाराणसी
(B) प्रयागराज/इलाहाबाद
(C) जयपुर
(D) (A) व (B) दोनों
उत्तर:
(D) (A) व (B) दोनों

39. कौन-सा नगर आधुनिक नगर है?
(A) चेन्नई
(B) मुंबई
(C) कोलकाता
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए

प्रश्न 1.
भारत के उत्तरी विशाल मैदान में किस प्रकार की ग्रामीण बस्तियों की बहुलता है?
उत्तर:
गुच्छित या समूहित बस्तियों की।

प्रश्न 2.
सामान्यतया दक्षिणी पठारों पर गाँवों के मध्य कितनी दूरी होती है?
उत्तर:
सामान्यतया दक्षिणी पठारों पर गाँवों के मध्य दूरी 3 कि०मी० होती है।

प्रश्न 3.
परिक्षिप्त बस्तियाँ प्रायः किस प्रकार के पर्यावरण में पाई जाती हैं?
उत्तर:
परिक्षिप्त बस्तियाँ प्रायः उच्च भूमियों, पर्वतीय क्षेत्रों और मरुस्थली भागों में पाई जाती हैं।

प्रश्न 4.
बृहत् नगरों को अन्य किन नामों से जाना जाता है?
उत्तर:
विश्वनगरी, मेगा सिटी, मेगालोपोलिस आदि।

प्रश्न 5.
भारत के किसी एक नियोजित नगर का नाम लिखिए।
उत्तर:
चण्डीगढ़।

प्रश्न 6.
मध्य युग के किन्हीं दो नगरों का नाम बताइए।
उत्तर:
इलाहाबाद, आगरा।

प्रश्न 7.
2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कितने महानगर थे?
उत्तर:
2001 की जनगणना के अनुसार भारत में 35 महानगर थे।

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प्रश्न 8.
स्वतन्त्रता के बाद ऐसे पुराने किन्हीं दो नगरों के नाम बताइए जो उपनगरों के रूप में विकसित हुए हैं।
उत्तर:
नोएडा, गुरुग्राम।

प्रश्न 9.
भारत के दो मध्यकालीन नगरों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. जयपुर
  2. आगरा।

प्रश्न 10.
किस वर्ग के नगरों में भारत की जनसंख्या का सबसे अधिक प्रतिशत निवास करता है?
उत्तर:
प्रथम वर्ग के नगरों में।

प्रश्न 11.
भारत के दो आधुनिक नगरों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. मुंबई
  2. कोलकाता।

प्रश्न 12.
ग्रामीण बस्तियाँ जीवन-यापन के लिए किन व्यवसायों पर निर्भर करती हैं?
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियाँ मुख्यतः आजीविका के लिए कृषि अथवा संबंधित प्राथमिक व्यवसायों पर निर्भर करती हैं।

प्रश्न 13.
उत्तर भारतीय मैदान में किस प्रकार की बस्तियाँ बहुतायत में पाई जाती हैं?
उत्तर:
उत्तर भारतीय मैदान में पंजाब से पश्चिमी बंगाल तक बहुतायत केंद्रीकृत ग्रामीण बस्तियाँ पाई जाती हैं।

प्रश्न 14.
बृहत् तौर पर भारत की ग्रामीण बस्तियों को कितने प्रकारों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
चार प्रकारों में।

प्रश्न 15.
गुच्छित बस्तियों को अन्य कौन-कौन से नामों से जाना जाता है?
उत्तर:
संकुलित, समूहित, केंद्रीकृत या आकेंद्रित, सघन/संहत बस्तियाँ आदि।

प्रश्न 16.
पल्लीकृत बस्तियों को अन्य कौन-कौन से नामों से जाना जाता है?
उत्तर:
पाली, पुरवा, पान्ना, पाड़ा, नंगला, ढाणी आदि।

प्रश्न 17.
उपजाऊ जलोढ़ मैदानों और उत्तर-पूर्वी राज्यों में सामान्यतः किस प्रकार की बस्तियाँ पाई जाती हैं?
उत्तर:
गुच्छित या संहत बस्तियाँ।

प्रश्न 18.
किस राज्य में जल के अभाव में उपलब्ध जल संसाधनों के अधिकतम उपयोग ने संहत बस्तियों को अनिवार्य बना दिया है?
उत्तर:
राजस्थान में।

प्रश्न 19.
किस प्रकार की बस्ती किसी सीमित क्षेत्र में गुच्छित होने की प्रवृत्ति का परिणाम है?
उत्तर:
विखंडित या अर्द्ध-गुच्छित बस्ती।

प्रश्न 20.
मध्य व निम्न गंगा के मैदानों और हिमालय की निचली घाटियों में किस प्रकार की बस्तियाँ अधिक पाई जाती हैं?
उत्तर:
पल्लीकृत बस्तियाँ।

प्रश्न 21.
किस प्रकार की बस्तियाँ अकृषि, आर्थिक एवं प्रशासकीय प्रकार्यों में संलग्न होती हैं?
उत्तर:
नगरीय बस्तियाँ।

प्रश्न 22.
भारत के दो प्राचीन नगरों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. प्रयाग (प्रयागराज/इलाहाबाद)
  2. पाटलिपुत्र (पटना)।

प्रश्न 23.
भारत के 20 लाख से अधिक जनसंख्या वाले दो महानगरों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. दिल्ली
  2. मुंबई।

प्रश्न 24.
भारत में प्रथम श्रेणी के नगरों की जनसंख्या का आकार क्या है?
उत्तर:
1 लाख से अधिक।

प्रश्न 25.
10 से 50 लाख की जनसंख्या वाले नगरों को क्या कहते हैं?
उत्तर:
महानगर।

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प्रश्न 26.
एकाकी या प्रविकीर्ण बस्तियों को किस प्रकार की बस्तियाँ कहा जाता है?
उत्तर:
परिक्षिप्त बस्तियाँ।।

प्रश्न 27.
50 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों को क्या कहते हैं?
उत्तर:
मेगा नगर।

प्रश्न 28.
भारत के धार्मिक व सांस्कृतिक नगरों के कोई दो उदाहरण लिखें।
उत्तर:

  1. वाराणसी
  2. पूरी।

प्रश्न 29.
भारत के दो गैरिसन या छावनी नगरों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. अम्बाला
  2. बबीना।

प्रश्न 30.
भारत के दो शैक्षिक नगरों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. रुड़की
  2. अलीगढ़।

प्रश्न 31.
भारत में प्रथम श्रेणी के नगरों की जनसंख्या का आकार क्या है?
उत्तर:
1,00,000 से अधिक।

प्रश्न 32.
भारत में छठी श्रेणी के नगरों की जनसंख्या का आकार क्या है?
उत्तर:
50,000 से कम।

प्रश्न 33.
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े महानगरों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. लखनऊ
  2. कानपुर
  3. आगरा
  4. मेरठ
  5. वाराणसी आदि।

प्रश्न 34.
पंजाब के सबसे बड़े महानगरों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. अमृतसर
  2. लुधियाना।

प्रश्न 35.
गुजरात के सबसे बड़े महानगरों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. राजकोट
  2. अहमदाबाद
  3. वडोदरा
  4. सूरत।

प्रश्न 36.
महाराष्ट्र के सबसे बड़े महानगरों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. बृहत मुंबई
  2. नासिक
  3. पुणे।

अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत की ग्रामीण बस्तियों के चार मुख्य प्रकार लिखिए।
उत्तर:
भारत की ग्रामीण बस्तियों के कोई चार प्रकार इस प्रकार हैं-

  1. गुच्छित अथवा केंद्रीकृत बस्ती
  2. अर्द्ध-गुच्छित अथवा विखंडित बस्ती
  3. पल्लीकृत बस्ती
  4. परिक्षिप्त अथवा एकाकी बस्ती।

प्रश्न 2.
गुच्छित बस्ती किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह बस्ती जिसमें घर एक-दूसरे से सटे हुए होते हैं तथा घरों के संहत खंड बनाए जाते हैं।

प्रश्न 3.
भारत के किन भागों में पुरवे अधिवास पाए जाते हैं?
उत्तर:
पुरवे अधिवास भारत में गंगा के मध्यवर्ती और निचले मैदान, छत्तीसगढ़ और हिमालय की निचली घाटियों में पाए जाते हैं।

प्रश्न 4.
संवैधानिक नगरों से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
वे नगर जहाँ नगरपालिका या नगर निगम या कैंटोनमेंट बोर्ड या नोटीफाइड टाऊन एरिया कमेटी हो, सवैधानिक नगर कहलाते हैं।

प्रश्न 5.
भारत के औद्योगिक नगरों के छः उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
हुगली, भिलाई, जमशेदपुर, मोदीनगर, सेलम तथा फरीदाबाद।

प्रश्न 6.
कस्बा किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक लाख से कम जनसंख्या वाले नगर को कस्बा कहते हैं।

प्रश्न 7.
विराट नगर क्या होते हैं? वर्तमान में भारत में कितने विराट नगर हैं?
उत्तर:
50 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर विराट नगर कहलाते हैं। वर्तमान में भारत में छः विराट नगर हैं।

प्रश्न 8.
महानगर या मेगासिटी (Megacity) से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
एक मेगासिटी आमतौर पर एक महानगरीय क्षेत्र के रूप में परिभाषित की जाती है जिसमें दस लाख की आबादी होती है। एक मेगासिटी एक महानगरीय क्षेत्र या दो या दो से अधिक महानगरीय क्षेत्रों में हो सकती है जो एकजुट होती है।

प्रश्न 9.
बस्ती किसे कहते हैं?
उत्तर:
मानव निवास की मूलभूत इकाई को घर कहते हैं। एक क्षेत्र के घरों के समूह को बस्ती कहते हैं।

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प्रश्न 10.
नम बिन्दु बस्तियाँ क्या हैं? इनके दो लाभ लिखिए।
उत्तर:
नम बिन्दु बस्तियाँ-निचले क्षेत्रों में स्थित नदी किनारों या दलदल से घिरे द्वीपों में बसी बस्तियाँ नम बिन्दु बस्तियाँ (Point Settlements) कहलाती हैं।

लाभ-

  • पीने, खाना बनाने, वस्त्र धोने आदि के लिए जल की उपलब्धता होती है।
  • कषि भमि की सिंचाई के लिए नदियों और झीलों के पानी का उपयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 11.
भारत के दस बड़े महानगरों/शहरों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. अमृतसर
  2. गुरुग्राम
  3. फरीदाबाद
  4. लखनऊ
  5. भोपाल
  6. मुंबई
  7. पटना
  8. हैदराबाद
  9. बंगलुरु
  10. चेन्नई।

प्रश्न 12.
भारत में सघन बस्तियाँ कहाँ पाई जाती हैं?
उत्तर:
भारत में सघन बस्तियाँ गंगा सतलुज के मैदान, मालवा के पठार, नर्मदा घाटी और राजस्थान के मैदानी भागों में पाई जाती हैं।

प्रश्न 13.
बस्ती प्रतिरूप किसे कहते हैं?
उत्तर:
बस्तियों के बसाव की आकृति के आधार पर बस्तियों का जो स्वरूप सामने आता है उसे बस्ती प्रतिरूप कहते हैं।

प्रश्न 14.
नगरीय बस्तियों से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
मानव निर्मित ऐसे निवास स्थान जिनमें अधिकांश लोग द्वितीयक, तृतीयक और चतुर्थक आर्थिक क्रियाओं में संलग्न होते हैं और वहाँ अनेक सुख-सुविधाएँ देखने को मिलती हैं, उन्हें नगरीय बस्तियाँ कहते हैं।

प्रश्न 15.
निवास की मूलभूत इकाई क्या है?
उत्तर:
मानव समस्त पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के गांवों या नगरों में निवास करता है। मानव निवास की मूलभूत इकाई को ‘घर’ कहते हैं। घर एक झोंपड़ी से लेकर भव्य बंगला, कोठी या महल हो सकता है। मानव के रहने के स्थान को अधिवास या घर कहते हैं।

प्रश्न 16.
प्रशासनिक नगर किसे कहते हैं? उदाहरण दें।
उत्तर:
इस प्रकार के नगर प्रशासनिक कार्यों के लिए विकसित होते हैं। देश की राजधानी तथा राज्यों की राजधानियाँ इन नगरों के अंतर्गत आती हैं। चंडीगढ़, दिल्ली, शिमला, भोपाल तथा शिलांग आदि ऐसे नगरों के उदाहरण हैं।

प्रश्न 17.
औद्योगिक नगर किसे कहते हैं? उदाहरण दें।
उत्तर:
अनेक प्रकार के उद्योगों की अवस्थिति ही ऐसे नगरों की प्रेरक-शक्ति होती है; जैसे मुंबई, कोयंबटूर, भिलाई, हुगली, जमशेदपुर, सेलम तथा फरीदाबाद इत्यादि।

प्रश्न 18.
धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगरों के कोई पाँच उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. अमृतसर
  2. कुरुक्षेत्र
  3. हरिद्वार
  4. पुरी
  5. उज्जैन।

प्रश्न 19.
परिवहन नगर किसे कहते हैं? उदाहरण दें।
उत्तर:
वे नगर जो मुख्यतः आयात एवं निर्यात कार्यों में संलग्न रहते हैं, परिवहन नगर कहलाते हैं; उदाहरण-जैसे कांडला, कोच्चि, विशाखापट्टनम आदि।

प्रश्न 20.
भारत के औद्योगिक एवं खनन नगरों के चार-चार उदाहरण दें।
उत्तर:
औद्योगिक नगर-

  • मुंबई
  • कोयंबटूर
  • जमशेदपुर
  • हुगली।

खनन नगर-

  • रानीगंज
  • डिगबोई
  • सिंगरौली
  • अंकलेश्वर

प्रश्न 21.
भारत के वाणिज्यिक एवं पर्यटन नगरों के चार-चार उदाहरण दें।
उत्तर:
वाणिज्यिक नगर-

  • कोलकाता
  • मुंबई
  • सहारनपुर
  • सतना।

पर्यटन नगर-

  • नैनीताल
  • शिमला
  • माउंट आबू
  • जोधपुर।

प्रश्न 22.
भारत के किन्हीं आठ प्रशासकीय नगरों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. नई दिल्ली
  2. चण्डीगढ़
  3. जयपुर
  4. भोपाल
  5. चेन्नई
  6. कोलकाता
  7. श्रीनगर
  8. देहरादून।

प्रश्न 23.
मिलियन सिटी और मेगा सिटी में क्या अंतर है?
अथवा
महानगर और बृहत नगर में अंतर बताएँ।
उत्तर:
महानगर की जनसंख्या 10 से 50 लाख तक होती है, जबकि बृहत नगर की जनसंख्या 50 लाख से अधिक होती है।

प्रश्न 24.
भारतीय गाँवों के आकार और उनके बीच की दूरियों को निर्धारित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. भूमि की उत्पादकता
  2. उस क्षेत्र की गैर-कृषि क्रियाएँ
  3. परिवहन तंत्र
  4. सामाजिक कारक
  5. तकनीकी आर्थिक संगठन
  6. ऐतिहासिक और राजनीतिक प्रक्रियाएँ।।

प्रश्न 25.
गाँव और नगर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्र नगरीय क्षेत्रों को कच्चा माल व खाद्य-पदार्थ उपलब्ध कराते हैं। इसके विपरीत नगरीय क्षेत्र वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन न केवल अपने लिए वरन् ग्रामीण क्षेत्रों को भी प्रदान करते हैं। यह क्रिया परिवहन और संचार के साधनों के माध्यम से पूरी होती है।

प्रश्न 26.
अर्द्ध-गुच्छित बस्तियाँ क्या होती हैं?
उत्तर:
ऐसी बस्तियों में सामान्यतया एक छोटा, परंतु सुसंहत केंद्रक होता है, जिसके चारों ओर छोटे आवास मुद्रिका (Ring) के रूप में बिखरे होते हैं। यदि मकान किसी सड़क के दोनों ओर स्थित होते हैं तो इसे रैखिक कहते हैं।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ग्रामीण आबादी की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
ग्रामीण आबादी की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

  1. ग्रामीण क्षेत्र के लोग आजीविका के लिए कृषि व अन्य प्राथमिक कार्यों पर निर्भर होते हैं।
  2. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के घर प्रायः मिट्टी, लकड़ी व घास-फूस या एक-मंजिले होते हैं।
  3. इनके सामाजिक सम्बन्ध प्रगाढ़ होते हैं।
  4. ये लोग कम गतिशील होते हैं।

प्रश्न 2.
गुच्छित एवं परिक्षिप्त बस्तियों में अंतर स्पष्ट करें।
अथवा
संहत बस्तियों तथा प्रकीर्ण बस्तियों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गुच्छित एवं परिक्षिप्त बस्तियों में निम्नलिखित अंतर हैं-

गुच्छित (संहत) बस्तियाँ परिक्षिप्त बस्तियाँ
1. संहत बस्तियाँ उपजाऊ समतल मैदानों तथा नदी-घाटियों में पाई जाती हैं। 1. परिक्षिप्त बस्तियाँ पहाड़ी प्रदेशों, जंगलों तथा पठारी प्रदेशों में पाई जाती हैं।
2. यहाँ लोगों का मुख्य धंधा कृषि होता है। 2. यहाँ लोगों का मुख्य धंधा पशु पालना तथा लकड़ी काटना होता है।
3. यहाँ खेत छोटे होते हैं। 3. यहाँ खेत बड़े होते हैं।
4. ये बस्तियाँ किसी केंद्रीय स्थल के चारों तरफ बाहर की ओर बढ़ी हुई होती हैं। 4. ये बस्तियाँ दूर-दूर होती हैं जिनमें दो-दो या तीन-तीन मकान बिखरे हुए पाए जाते हैं।
5. पानी के निकास की उचित व्यवस्था न होने के कारण ये बस्तियाँ गंदी रहती हैं। 5. यहाँ पानी के निकास की उचित व्यवस्था होती है अतः ये साफ-सुथरी बस्तियाँ होती हैं।
6. यहाँ मकान एक-दूसरे से सटे हुए होते हैं। 6. यहाँ मकान एक-दूसरे से दूर-दूर होते हैं।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

प्रश्न 3.
पल्ली बस्तियाँ अथवा पुरवा बस्तियाँ क्या होती हैं?
उत्तर:
कई बार बस्ती भौतिक रूप से एक-दूसरे से अलग इकाइयों में बँट जाती है। इस प्रकार की बस्ती एक-दूसरे से स्पष्ट दूरी पर होती है। इन इकाइयों को देश के विभिन्न भागों में स्थानीय स्तर पर पान्ना, पाड़ा, पाली, नंगला या ढाँणी इत्यादि कहा जाता है। किसी विशाल गाँव का ऐसा खंडी भवन प्रायः सामाजिक और मानव जातीय कारकों द्वारा अभिप्रेरित होता है। ऐसे गाँव मध्य और निम्न गंगा के मैदान, छत्तीसगढ़ और हिमालय की निचली घाटियों में अधिकतर पाए जाते हैं।

प्रश्न 4.
भारत में नगरों का विकास किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
भारत में नगरों का अभ्युदय प्रागैतिहासिक काल से हुआ है। सिंधु घाटी की सभ्यता के युग में भी हड़प्पा और मोहनजोदड़ो जैसे नगरों का अस्तित्व था। अंग्रेजों और अन्य यूरोपियों के भारत आने तक की अवधि में अनेक उतार-चढ़ाव आए। विभिन्न युगों में भारतीय नगरों का विकास भिन्न रहा। भारतीय नगरों को विकास के आधार पर निम्नलिखित तीन वर्गों में बाँटा जा सकता है-
1. प्राचीन नगर – भारत में 2 हजार से अधिक वर्षों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाले अनेक नगर हैं; जैसे वाराणसी, प्रयागराज (इलाहाबाद), पटना (पाटलिपुत्र) आदि।

2. मध्यकालीन नगर-भारत के लगभग 100 नगरों का विकास मध्यकाल में हुआ; जैसे हैदराबाद, जयपुर, आगरा, नागपुर आदि।

3. आधुनिक नगर-भारत में आधुनिक नगरों का विकास अंग्रेजों ने किया। इन्होंने सूरत, गोवा, दमन आदि नगर विकसित किए।

प्रश्न 5.
जनगणना नगर क्या हैं?
उत्तर:
जो नगर जनसंख्या संबंधी निम्नलिखित शर्ते पूरी करते हों, उनको जनगणना नगर कहते हैं-

  1. न्यूनतम जनसंख्या 5,000 हो
  2. कम-से-कम 75% पुरुषों का श्रमिक बल कृषि से संबंधित कार्यों में न लगा हुआ हो
  3. जनसंख्या का घनत्व कम-से-कम 400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० हो।

प्रश्न 6.
भारतीय जनगणना के अनुसार नगरों या शहरों को कितने वर्गों में बाँटा गया है?
अथवा
जनसंख्या के आधार पर भारत के नगरों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
भारतीय जनगणना के अनुसार नगरों या शहरों को छः वर्गों में बाँटा गया है-

वर्ग/श्रेणी जनसंख्या आकार 2011 की जनगणना के अनुसार शहरों/नगरों की जनसंख्या
प्रथम 1 लाख से अधिक 2,27,899
द्वितीय 50,000 से 99,999 तक 41,328
तृतीय 20,000 से 49,999 तक 58,174
चतुर्थक 10,000 से 19,999 तक 31,866
पंचम 5,000 से 9,999 तक 15,883
षष्टम 5,000 से कम 1956

प्रश्न 7.
भारतीय ग्रामीण घर का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण लक्षण क्या है?
उत्तर:
भारतीय घर का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण लक्षण आँगन है। यह सार्वभौमिक होता है। आँगन में ही अधिकतर कार्य संपन्न किए जाते हैं। कमरे का प्रयोग सर्दियों में सोने के लिए या धन आदि रखने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 8.
ग्रामीण और नगरीय बस्तियों में अंतर स्पष्ट करें।
अथवा
ग्रामीण और नगरीय बस्तियों की विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:
ग्रामीण और नगरीय बस्तियों में निम्नलिखित अंतर हैं-

ग्रामीण बस्तियाँ नगरीय बस्तियाँ
1. ग्रामीण बस्तियों में लोगों का व्यवसाय मुख्यतः खेती होता है। 1. नगरीय बस्तियों में लोगों का व्यवसाय निर्माण-उद्योग, व्यापार तथा प्रशासन होता है।
2. इन बस्तियों का आकार छोटा होता है। 2. इन बस्तियों का आकार बड़ा होता है।
3. इनमें जनसंख्या कम होती है, इनमें 10-20 से लेकर 1,000 तक व्यक्ति रहते हैं। 3. इनमें कम-से-कम 5,000 की जनसंख्या होती है।
4. यहाँ जनसंख्या का घनत्व कम होता है। 4. यहाँ जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है।
5. यहाँ आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होतीं। 5. यहाँ आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं।

प्रश्न 9.
भारत के नगरों की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारतीय नगरों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. भारत के अधिकांश नगरों में गाँवों की झलक स्पष्ट दिखाई पड़ती है। वास्तव में नगर विस्तृत गाँव ही हैं।
  2. अधिकांश नगरीय जनसंख्या अपनी आदतों और व्यवहार से ग्रामीण ही प्रतीत होती है।
  3. अधिकतर नगरों में मलिन बस्तियों का विकास भारतीय नगरों की प्रमुख विशेषता है। ये प्रवास के प्रतिकर्ष कारकों का . परिणाम है।
  4. अनेक नगरों में पूर्व शासकों और प्राचीन कलाकृतियों के चिहन स्पष्ट देखने को मिलते हैं।
  5. भारतीय नगरों का प्रकार्यात्मक पृथक्करण स्पष्ट तथा प्रारंभिक अवस्था में है।

प्रश्न 10.
गुच्छित ग्रामीण बस्तियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गुच्छित अथवा केंद्रीकृत बस्तियाँ सिंधु-गंगा के मैदान में पंजाब से लेकर पश्चिमी बंगाल तक खूब पाई जाती हैं। इस प्रकार असम, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश की महानदी घाटी, ओडिशा, कर्नाटक का मैदानी भाग, आंध्र-प्रदेश के रायल सीमा, कावेरी बेसिन आदि में गुच्छित ग्रामीण बस्तियाँ पाई जाती हैं। इन बस्तियों में सड़कें एक-दूसरे को विभिन्न कोणों पर काटती हैं तथा गलियों का निर्माण करती हैं। इस प्रकार की बस्तियाँ उपजाऊ तथा सिंचित क्षेत्रों की विशेषताएँ हैं। इन बस्तियों की आकृति प्रायः आयताकार होती है। जाति-व्यवस्था के कारण उत्पन्न सामाजिक बिखराव कभी-कभी गुच्छित बस्तियों को विखंडित कर देता है। बस्तियों की इन गौण इकाइयों को डाणी, पल्ली, नगला तथा पाढा आदि कहते हैं। कई राज्यों में निम्न जातियों की बस्तियाँ गांव से हटकर बनाई जाती हैं।

प्रश्न 11.
ग्रामीण बस्तियों को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं-
1. भौतिक कारक-बस्तियों के आकार तथा विस्तार पर अनेक भौतिक कारक; जैसे धरातल की बनावट, मिट्टी, जल-स्तर, जलवायु, ढलान, अपवाह तंत्र आदि गहरा प्रभाव डालते हैं। पहाड़ी भागों में विरल तथा मरुस्थलीय भागों में किसी तालाब के चारों ओर बस्तियों का विकास होता है।

2. सांस्कृतिक कारक-एक ही जाति या जनजाति या धर्म के लोग एक ही गांव में रहते हैं। बस्ती के मध्य में गांव के मुखिया या ज़मींदारों के मकान होते हैं तथा बाहर की ओर सेवा करने वाले समुदायों के मकान या झोंपड़े होते हैं।

3. ऐतिहासिक कारक-मध्य युग में बाहर से होने वाले आक्रमणों तथा सेना के आतंक से बचने के लिए संहत बस्तियाँ बनाई जाती थीं। इनमें सुरक्षा और इकट्ठा रहने की स्थिति बनती थी।

प्रश्न 12.
बस्ती किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार की होती हैं? ग्रामीण और नगरीय बस्तियों से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
मानव निवास की मूलभूत इकाई को घर कहते हैं। किसी क्षेत्र में घरों के समूह को बस्ती कहते हैं। बस्ती नगरों या शहरों की तरह घरों के छोटे-बड़े दोनों तरह के समूह में हो सकती हैं। बस्ती के प्रकार-बस्ती मुख्यतः दो प्रकार की होती है
1. ग्रामीण बस्ती-ग्रामीण बस्ती उसे कहते हैं जिसमें लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती करना होता है। ये बस्तियाँ अपने जीवन का पोषण या आधारभूत आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति भूमि या कृषि आधारित प्राथमिक आर्थिक क्रियाकलापों से करती हैं। अपने आकार-प्रकार के अनुसार ये बस्तियाँ विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न प्रकार की होती हैं।

2. नगरीय बस्ती-नगरीय बस्तियाँ ग्रामीण बस्तियों की अपेक्षा सामान्यतः संहत एवं विशाल आकार की होती हैं। ये अनेक प्रकार के आकृषि, आर्थिक व प्रशासकीय प्रकार्यों में संलग्न होती हैं। इनमें अनेक प्रकार की सुख-सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं।

प्रश्न 13.
गुच्छित या संहत बस्तियों की कोई चार विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:
गुच्छित या संहत बस्तियों की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. गुच्छित बस्तियों में मकान छोटे और एक-दूसरे से सटे हुए होते हैं।
  2. ये बस्तियाँ नदी, घाटियों और जलोढ़, उपजाऊ मैदानों में पाई जाती हैं।
  3. इन बस्तियों में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होती।
  4. इन बस्तियों में रहने वालों को सुख-दुःख में एक-दूसरे से मदद मिलती है।

प्रश्न 14.
अर्ध-गुच्छित या विखंडित बस्तियों की कोई चार विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:

  1. अर्घ-गुच्छित बस्तियों में मकान एक-दूसरे से दूर होते हैं परंतु एक ही बस्ती में होते हैं।
  2. इनमें बस्तियाँ अनेक पुरवों में बंटी होती हैं।
  3. निम्न कार्यों में संलग्न लोग इन बस्तियों में रहते हैं।
  4. इनमें अलग-अलग पुरवों में अलग-अलग जातियों के लोग रहते हैं।

प्रश्न 15.
पल्लीकृत बस्तियों की कोई चार विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:

  1. पल्लीकृत बस्तियों में मकान अधिक सटे होते हैं।
  2. इन बस्तियों को देशों के विभिन्न भागों में स्थानीय स्तर पर पान्ना, पाड़ा, पाली, नगला, ढाँणी आदि कहा जाता है।
  3. इन बस्तियों का विस्तार अपेक्षाकृत बड़े क्षेत्र में होता है।
  4. ये बस्तियाँ अधिकतर मध्य व निम्न गंगा के मैदान और हिमालय की निचली घाटियों में पाई जाती हैं।

प्रश्न 16.
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार किन्हीं आठ दस लाखी नगरों या नगरीय संकुलों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
दस लाखी नगरों या नगरीय संकुलों को निम्नलिखित ढंग से सूचीबद्ध किया गया है-

भारत – दस लाखी नगरों/नगरीय संकुलों की जनसंख्या, 2011
क्र०सं० नगर संकुल/नगरों का नाम जनसंख्या
1. श्रीनगर 1273312
2. लुधियाना 1613878
3. अमृतसर 1183705
4. चण्डीगढ़ 1025682
5. फरीदाबाद 1404653
6. दिल्ली 16814838
7. जयपुर 3073350
8. जोधपुर 1137815

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प्रश्न 17.
‘घर अपने डिज़ाइन अथवा आंतरिक नियोजन में लोगों के सामाजिक तथा सांस्कृतिक मूल्यों को परिलक्षित करता है।’ उपयुक्त उदाहरण देते हुए इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानव का मूलभूत निवास स्थान घर होता है। इसका मनुष्य के सामाजिक तथा सांस्कृतिक कारकों के साथ निकट का संबंध है तथा भारतीय सभ्यता के मूलभूत तत्त्वों को परिलक्षित करता है। घर अपने डिजाइन अथवा आंतरिक नियोजन में लोगों के सामाजिक तथा सांस्कृतिक मूल्यों को परिलक्षित करता है। किसी क्षेत्र के सामाजिक जीवन की छाप वहाँ के घरों के प्रकार पर पड़ती है। हमारे घर, परिवार की संकल्पना, मित्रों तथा बंधओं से संबंध तथा हमारे धार्मिक विश्वास के प्रतीक हैं। आंगन भारतीय घर का एक विशिष्ट लक्षण है।

इस आंगन में कृषि पर आधारित कार्य तथा अन्य कार्य किए जाते हैं। दक्षिणी भारत के घरों में कई आंगन होते हैं। इनके डिजाइन पर मंदिरों का विशेष प्रभाव दिखाई पड़ता है। केरल के मछुआरे अपने आंगन का एक छोर खुला रखते हैं। उत्तरी भारत में संपन्न परिवार दो या दो से अधिक मंजिल के घर बनाते हैं। शीत तथा आर्द्र प्रदेशों में घर के आगे एक बरसाती बनाई जाती है। इस तरह घर के डिजाइन, दीवारों तथा छतों की बनावट, मुख्य दरवाजे की दिशा तथा आंगन का आकार व विस्तार लोगों के सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित हैं।

प्रश्न 18.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए (क) महानगर (ख) मध्यवर्ती व्यापार क्षेत्र (सी.बी.डी.) (ग) प्रकार्यात्मक क्षेत्र।
उत्तर:
(क) महानगर-जिन नगरों की जनसंख्या 10 से 50 लाख तक होती है, उन्हें महानगर कहा जाता है। 1991-2001 के दशक में दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों की संख्या 23 से बढ़कर 35 हो गई है। दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बंगलौर, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे, सूरत, जयपुर, कानपुर, लखनऊ और नागपुर आदि ऐसे महानगर हैं जिनकी जनसंख्या 20 लाख से अधिक है। सन् 1991 में इन नगरों की जनसंख्या कुल नगरीय जनसंख्या का 32.5 प्रतिशत थी जो 2011 में बढ़कर 40 प्रतिशत से अधिक हो गई।

(ख) मध्यवर्ती व्यापार क्षेत्र (सी०बी०डी०) मध्यवर्ती व्यापार क्षेत्र या सी०बी०डी० किसी भी नगर का अत्यंत महत्त्वपूर्ण क्षेत्र होता है। यह नगर की विविध गतिविधियों का केंद्र-बिंदु होता है। इसलिए इसे नगर का हृदय-स्थल भी कहते हैं। इस क्षेत्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • यहाँ भूमि का मूल्य अधिक पाया जाता है।
  • यह क्षेत्र घना बसा, भीड़-भाड़ वाला और तंग गलियों वाला बना होता है।
  • यह नगर की प्रमुख व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र होता है।
  • यह क्षेत्र यातायात के द्वारा नगर के सभी भागों से जुड़ा होता है।
  • औद्योगिक क्षेत्र कुछ दूरी पर स्थित होते हैं।
  • इस क्षेत्र में प्रकार्यात्मक पृथक्करण स्पष्ट दिखाई देता है।

(ग) प्रकार्यात्मक क्षेत्र अधिकांश कस्बों और नगरों में अनेक प्रकार के भूमि उपयोग क्षेत्र विकसित हो जाते हैं, जिन्हें प्रकार्यात्मक क्षेत्र कहा जाता है। ये विशिष्ट क्षेत्र व्यापार, उद्योग, प्रशासन, संस्थागत परिवहन तथा आवास जैसी गतिविधियों के केंद्र बन जाते हैं। नगर में विशिष्ट कार्यों के लिए अलग-अलग केंद्र विकसित हो जाते हैं; जैसे व्यापारिक क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, थोक व्यापार तथा हल्का विनिर्माण क्षेत्र तथा आवासीय क्षेत्र इत्यादि । इस प्रकार प्रकार्यात्मक पृथक्करण अथवा भूमि उपयोग की विविधता नगरों की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता होती है।

दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में ग्रामीण बस्तियों के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
अथवा
ग्रामीण अधिवास क्या है? इसके प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
ग्रामीण बस्तियों को कितने प्रकारों में बाँटा गया है? वर्णन करें।
उत्तर:
ग्रामीण बस्ती/अधिवास (Rural Settlements)-ग्रामीण बस्तियों में लोग मुख्यतः प्राथमिक कार्यों में लगे होते हैं। इनमें कृषक, चरवाहे, मछुआरे, लकड़हारे आदि वर्गों का वर्चस्व रहता है। यहाँ के निवासी कृषि अथवा कृषि से संबंधित कार्यों से जुड़े रहते हैं। भारत की लगभग 70% जनसंख्या ग्रामीण अधिवासों (बस्तियों) में निवास करती है।

बस्तियों के प्रकार-बसाव की सघनता तथा प्रकीर्णन के आधार पर ग्रामीण अधिवासों (बस्तियों) को मुख्यतः चार प्रकारों में विभाजित किया जाता है-
1. सघन ग्रामीण बस्तियाँ-इन्हें गुच्छित, सकेंद्रित तथा सामूहित आदि कई नामों से जाना जाता है। सघन बस्ती एकल केंद्रीय होती है जिसमें मकान या झोपड़ियाँ पास-पास सटे होते हैं। घरों के सघन खण्ड पाए जाते हैं। इनके चारों ओर खेत, खलिहान या बगीचे स्थित होते हैं। घरों की दो कतारों को संकरी, तंग तथा टेढ़ी-मेढ़ी गलियाँ अलग करती हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं उत्तरी राजस्थान के नहरी क्षेत्रों में सघन बस्तियाँ मिलती हैं। ये बस्तियाँ प्रायः उपजाऊ जलोढ़ मैदानों तथा शिवालिक की घाटियों में पाई जाती हैं।

2. अर्द्ध-गुच्छित या अति सघन ग्रामीण बस्तियाँ-ये बस्तियाँ प्रविकीर्ण तथा सघन अधिवासों के बीच की अवस्था को प्रदर्शित करती हैं। ऐसा प्रकार किसी बड़े, सघन गाँव के विखंडन अथवा पृथकन के परिणामस्वरूप उत्पन्न होता है। इसमें गाँव के मूल अधिवास के अतिरिक्त उसकी सीमा पर कुछ दूरी पर एक या अनेक बस्तियाँ होती हैं। समाज का एक वर्ग अपनी मर्जी या मजबूरी से मुख्य बस्ती से दूर रहता है। इसमें प्रायः प्रभावशाली लोग गाँव में तथा निम्न वर्ग के या सेवक जातियों के लोग बाहरी भागों में रहते हैं। भारत के गंगा के मैदान, गुजरात के मैदान में ऐसी बस्तियाँ व्यापक रूप से देखने को मिलती हैं।

3. पल्लीकृत/पुरवा ग्रामीण बस्तियाँ-इस प्रकार के अधिवास में समूचा गाँव का क्षेत्र छोटे-छोटे कई नगलों/पुरवों में बंटा होता है। इस बिखराव के बावजूद भी गाँव के सामुदायिक जीवन में परस्पर सहयोग रहता है। इन इकाइयों में एक से अधिक जातियों के लोग रहते हैं। ऐसे अधिवास सघन तथा प्रविकीर्ण अधिवासों के संक्रमण क्षेत्र में विशेष रूप से देखे जाते हैं। भारत में ऐसे अधिवास गंगा-घाघरा दोआब के पूर्वी भाग, मध्य तथा निम्न गंगा के मैदान, छत्तीसगढ़, हिमालय की निचली घाटियां तथा विंध्य उच्च भू-भाग में देखे जा सकते हैं।

4. प्रविकीर्ण ग्रामीण बस्तियाँ इस प्रकार के अधिवासों में आठ-दस लघु आकार के आवास गृह एक-दूसरे से दूर-दूर समूचे क्षेत्र में बिखरे होते हैं। इनके बीच-बीच में खेत, बाग-बगीचा अथवा गैर-आवासीय क्षेत्र होता है। भारत में ऐसे अधिवास सुदूर वनों अथवा छोटी पहाड़ियों पर एकांकी झोंपड़ी अथवा झोंपड़ियों के समूह के रूप में मिलते हैं। अधिवासों का यह प्रकार हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केरल तथा मेघालय के अनेक क्षेत्रों में पाया जाता है।

प्रश्न 2.
ग्रामीण बस्तियों के प्रमख प्रतिरूपों का विस्तत वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गांव में मकानों की स्थानिक व्यवस्था ही इसका प्रतिरूप निर्धारित करती है। बस्ती के प्रतिरूप निर्धारण में सड़कों तथा गली-तंत्र का महत्त्व बहुत अधिक है। इनके अतिरिक्त गांव के कुएँ, मंदिर, मस्जिद आदि भी किसी बस्ती के प्रतिरूप को प्रभावित करते हैं।

सामान्यतया भारत में बस्तियों के प्रमुख प्रतिरूप निम्नलिखित हैं-
1. रैखिक प्रतिरूप (Linear Pattern)-इस प्रकार की बस्तियों का विकास प्रायः सड़कों, रेलमार्गों तथा नदियों के किनारों के साथ-साथ पाया जाता है। इस प्रकार इन बस्तियों में मकान सड़कों और रेलवे लाइनों के दोनों ओर तथा सागर तटीय किनारों पर पाए जाते हैं। मणिपुर, मध्य प्रदेश के बालाघाट, मांडला तथा रायगढ़ जिलों में ऐसी बस्तियाँ नदी किनारों के साथ-साथ पाई जाती हैं। नागालैंड तथा छोटा नागपुर के पठार में भी ऐसी बस्तियाँ पाई जाती हैं।
HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ 1

2. गोलाकार प्रतिरूप (Circular Pattern)-ऐसी बस्तियों का विकास झीलों तथा तालाबों के चारों ओर होता है। लोग झील तथा तालाब के रास्ते से एक-दूसरे के पास पहुंचते हैं। इस प्रकार के गांव गंगा-यमुना दोआब के ऊपरी भाग, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात आदि राज्यों में पाए जाते हैं।
HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ 2

3. त्रिज्या अथवा अरीय प्रतिरूप (Radial Pattern) इन गांवों में कई दिशाओं से आकर मार्ग मिलते हैं या फिर इन गांवों से मार्ग चारों ओर बाहर जाते हैं। इन गांवों की गलियाँ भी गांव के केंद्रीय भाग पर आकर मिलती हैं। ऊपरी गंगा के मैदान तथा तमिलनाडु में इस प्रकार के गांव पाए जाते हैं।
HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ 3

4. पंखा प्रतिरूप (Fan Pattern) यदि गांव के एक सिरे पर कोई आकर्षण बिंदु; जैसे कोई पूजा-स्थल, नदी या सड़क स्थित हो तो उसी दिशा में मकान बनने शुरू हो जाते हैं और बस्ती का आकार पंखानुमा हो जाता है। ऐसे गांव महानदी, गोदावरी, कृष्णा नदी आदि के डेल्टों में पाए जाते हैं।

5. सीढ़ीनुमा प्रतिरूप (Terrace Pattern)-ऐसे गांव पर्वतीय ढलानों पर पाए जाते हैं। इनमें मकानों की पंक्तियाँ सीढ़ीनुमा प्रतीत होती हैं। पर्वतीय भागों में खेत भी सीढ़ीनुमा होते हैं जो समोच्च रेखाओं का अनुसरण करते हैं। इस प्रकार के गांव हिमालय क्षेत्र की ढलानों पर पाए जाते हैं। पश्चिमी घाट की ढलानों पर | रेलवे भी इसी प्रकार के गांव हैं।

6. चौक-पट्टी प्रतिरूप (Checker Board Pattern) इस प्रकार के गांव दो सड़क – मार्गों के मिलन-स्थल पर विकसित होते हैं। इन गांवों की गलियाँ परस्पर लंबवत् व समानांतर होती हैं और आयताकार प्रतिरूप बनाती हैं। गंगा-यमुना के दोआब में ये बहुतायत में पाए जाते हैं। दक्षिणी भारत में तमिलनाडु, कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश में भी ऐसे गाँव मिलते हैं।
HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ 4

7. अनाकार प्रतिरूप (Amorphous Pattern) इन गांवों का कोई नियमित प्रतिरूप नहीं होता। भारत के अधिकांश गांव इसी श्रेणी में आते हैं। अधिकतर छोटा नागपुर के पठार तथा बिहार के चंपारन जिले तथा मध्य प्रदेश के भोपाल, जबलपुर, उज्जैन तथा बीना और तमिलनाडु में इस प्रकार के गांव पाए जाते हैं।

प्रश्न 3.
भारत के ग्रामीण घरों की आकृति तथा आकारिकी का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण घर एक कमरे की छोटी-सी झोपड़ी से लेकर कई कमरों का मकान हो सकता है। बड़े मकानों की आकारिकी में बड़ा-सा एक बढ़िया आंगन होता है तथा मुख्य द्वार आकर्षक होता है, जो दहलीज पर होता है। अतः किसी ग्रामीण घर के मुख्य स्थान आंगन, दहलीज तथा एक सुंदर मुख्य द्वार होता है। मकानों का वर्गीकरण विभिन्न आधारों पर किया गया है

  • भारत की जलवायु को ध्यान में रखते हुए भारत के हर क्षेत्र में मकानों में आंगन जरूर होते हैं।
  • एक ग्रामीण घर में कृषि उपज के भंडारण तथा पशुओं के रखने के स्थानों का विशेष प्रबंध होता है।
  • मकान की दीवारें तथा छत स्थानीय तौर पर उपलब्ध पदार्थों से बनाई जाती हैं।

लगभग सभी जगह भारत में ग्रामीण घर का महत्त्वपूर्ण लक्षण घर में आंगन का होना है। इस आंगन में अधिकांश काम किए जाते हैं। कमरे का प्रयोग या तो सर्दियों में सोने के लिए या धन आदि रखने के लिए किया जाता है। भारत के उत्तरी पहाड़ी प्रदेशों में मकान में आंगन के स्थान पर मुख्य मकान के विस्तार के रूप में आगे निकली हुई एक बरसाती बना दी जाती है। एकत्रण, संग्रहण तथा स्थानांतरी कृषि के क्षेत्रों में लोग एक कमरे की झोपड़ी में रहते हैं। इनकी छतें गोलाकार या शंक्वाकार होती हैं। इन्हीं झोपड़ियों में पशुओं को रखने, अनाज रखने तथा रसोई की व्यवस्था होती है।

भारत में उत्तरी मैदान में घरों की आकारिकी में बहुत अंतर पाया जाता है। इन घरों के चारों ओर से एक लंबा-चौड़ा आंगन मिट्टी की दीवारों या मकानों से घिरा होता है। कई जगह कई झोपड़ियों से घिरा हुआ एक सामान्य आंगन होता है। कई बार झोपड़ियाँ एक-दूसरे के आमने-सामने बनाई हुई होती हैं तथा उनके बीच में एक गली या सड़क होती है। केरल में मछुआरों के गांव के आंगन प्रायः एक छोर पर खुलते हैं। उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा हरियाणा में दो या तीन मंजिली मकान होते हैं। मकानों की छत से आंगन साफ दिखाई देते हैं।

कुछ परिवारों की झोपड़ियाँ एक-दूसरे के समकोण पर बनाई जाती हैं तथा एक घेरा बनाकर एक आयताकार आंगन बना लिया जाता है। ऐसे घर प्रायद्वीप के आंतरिक भागों में मिलते हैं। केरल, उड़ीसा, पश्चिमी बंगाल, असम, त्रिपुरा तथा मणिपुर में दो झोपड़ियाँ आमने-सामने बनाकर तथा दोनों भुजाओं में घेरा डालकर आंगन बना लिया जाता है। दक्षिणी भारत के घरों की आकारिकी तथा उनके नियोजन में मंदिरों का प्रभाव पड़ा है तथा वहाँ मकानों में कई आंगन होते हैं।

प्रश्न 4.
विकास के आधार पर भारत के नगरों के प्रकारों का वर्णन करें।
उत्तर:
भारत में नगरों के विकास को निम्नलिखित तीन प्रकारों में बाँटा गया है-
1. प्राचीन नगर-इस युग का अस्तित्व 2000 वर्षों से भी अधिक समय से है। इसमें लगभग 45 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाले नगर पाए जाते थे। अधिकांश नगरों का विकास धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों के रूप में हुआ था। वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज (इलाहाबाद), पाटलिपुत्र (पटना), मथुरा और मदुरै इस युग के कुछ प्राचीन महत्त्वपूर्ण नगर हैं।

2. मध्यकालीन नगर-मध्य युगीन भारत में अधिकांश नगरों का विकास राज्यों या रियासतों की राजधानियों के रूप में हुआ। लगभग 101 वर्तमान नगरों का विकास इस युग में हुआ। ये अधिकतर दुर्ग नगर हैं। दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर, आगरा, लखनऊ और नागपुर इस युग के कुछ प्रसिद्ध नगर हैं।

3. आधुनिक नगर-अंग्रेज़ों और अन्य यूरोपवासियों ने भारत के नगरीय परिदृश्य को पूर्णतया बदल दिया। ये व्यापारिक इरादे से भारत आए और इन्होंने अनेक तटीय नगरों का विकास किया; जैसे सूरत, गोआ, दमन और पुदुचेरी इत्यादि । तत्पश्चात् अंग्रेजों ने देश के तीन महत्त्वपूर्ण नगरों मुंबई, चेन्नई और कोलकाता पर अपना प्रशासनिक अधिकार जमाया। उन्होंने इन नगरों का निर्माण अंग्रेजी वास्तुकला के अनुसार किया। इस दौरान उन्होंने अनेक प्रशासनिक नगरों, पर्यटन केंद्रों और पर्वतीय नगरों का विकास किया तथा पहले से विद्यमान नगरों के क्षेत्रों को और विस्तृत किया। सन् 1850 के बाद इन्होंने उद्योगों पर आधारित अनेक नगरों का विकास किया जिसमें जमशेदपुर उल्लेखनीय है।

स्वतंत्रता के पश्चात् अनेक प्रशासनिक नगरों और औद्योगिक केंद्रों का विकास हुआ। चंडीगढ़, भुवनेश्वर, गांधीनगर आदि प्रशासनिक मुख्यालय के रूप में तथा दर्गापुर, भिलाई, सिंदरी, बरौनी आदि औद्योगिक नगरों के रूप में विकसित हुए।

प्रश्न 5.
भारत में कस्बों और नगरों के वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ऐतिहासिक दृष्टि से भारत के उत्तरी मैदान में सबसे अधिक कस्बे और नगर थे। पश्चिमी और पूर्वी तट के समुद्री पत्तनों की पृष्ठभूमि में भी अनेक कस्बे और नगर स्थित थे। मध्य भारत और दक्षिणी पठार की विस्तृत भूमि पर अपेक्षाकृत कम नगर थे जो दूर-दूर स्थित थे। प्राचीन भारत के ये कस्बे और नगर देश के आंतरिक भागों में मुख्यतः प्रशासनिक मुख्यालय व्यापारिक केंद्र या धार्मिक महत्त्व के स्थान थे।
1. पंजाब-हरियाणा-गंगा का ऊपरी मैदान-उत्तरी भारत के उपजाऊ मैदान के पश्चिमी भाग में विभिन्न आकार के कस्बों और नगरों की संख्या अधिक है। इस क्षेत्र में दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले महानगरों की एक श्रृंखला अमृतसर से वाराणसी तक फैली है।

2. कोलकाता-रांची पट्टी-दक्षिण-पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा के उत्तरी भाग में खनिजों के विपुल भंडार हैं। इसलिए इस क्षेत्र को भारत का सार कहा जाता है। इस खनिज बाहुल क्षेत्र का प्रमुख केंद्र कोलकाता तथा इसकी पत्तन सेवाएँ हैं। आसनसोल, धनबाद और जमशेदपुर इस पट्टी के अन्य महत्त्वपूर्ण और प्रमुख नगर हैं।

3. मुंबई-गुजरात प्रदेश-इस क्षेत्र के चार प्रमुख महानगर; राजकोट, अहमदाबाद, बड़ोदरा और सूरत हैं। इस क्षेत्र के अधिकतर नगरों का विकास पेट्रोलियम पर आधारित उद्योगों के विकास से हुआ। एक अन्य नगरीय पेटी है जो मुंबई से पुणे तक फैली है तथा मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग के साथ-साथ विस्तृत है।

4. केरल तट केरल के तट पर माहे से कन्याकुमारी तक नगरों की एक निरंतर पट्टी है जिसमें कोच्चि तथा तिरूवनंतपुरम महत्त्वपूर्ण नगर हैं।

5. तमिलनाडु-दक्षिण कर्नाटक पट्टी-इस पेटी में चेन्नई और बंगलौर दो औद्योगिक महानगर हैं। इनके अतिरिक्त कोयंबटूर, तिरूचिरापल्ली, मदुरई, सेलम और पांडिचेरी अन्य प्रमुख औद्योगिक नगर हैं।

6. ऊपरी कृष्णा द्रोणी-महाराष्ट्र में सतारा से लेकर कर्नाटक के शिमोगा तथा पश्चिमी घाट के समानांतर कस्बों और नगरों की एक अविछिन्न पेटी है। जल विद्युत विकास और खनिज भंडारों ने यहाँ औद्योगीकरण और नगरीकरण में बहुत सहायता की है।

7. कष्णानगोदावरी डेल्टा पर्वी तट पर कष्णा-गोदावरी देल्टा तशा नमकी निम्न तट पर कृष्णा-गोदावरी डेल्टा तथा उसकी निम्न भूमियों में कस्बों और नगरों की एक विस्तृत पेटी है। यह विजयवाड़ा, वारंगल और हैदराबाद तक विस्तृत है। इसका विस्तार आंध्र प्रदेश के तटीय मैदान में विशाखापत्तनम तक है।

प्रश्न 6.
प्रकार्यों के आधार पर नगरों का वर्गीकरण कीजिए। अथवा नगरों का प्रकार्यात्मक वर्गीकरण का वर्णन करें।
उत्तर:
नगरों का वर्गीकरण उनके आकार के अतिरिक्त उनके कार्यों के आधार पर भी किया जाता है। कुछ कस्बों और नगरों ने कुछ निश्चित प्रकार्यों में विशिष्टता ग्रहण कर ली है और ये नगर अपनी विशिष्ट सेवाओं के लिए अलग से जाने जाते हैं। यद्यपि प्रत्येक नगर अनेक प्रकार के कार्य करता है परंतु प्रमुख या विशिष्ट कार्यों के आधार पर नगरों को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया गया है
1. प्रशासनिक नगर-इस प्रकार के नगर प्रशासनिक कार्यों के लिए विकसित होते हैं। देश की राजधानी तथा राज्यों की राजधानियाँ इन नगरों के अन्तर्गत आती हैं। चंडीगढ़, दिल्ली, शिमला, भोपाल तथा शिलांग आदि ऐसे नगरों के उदाहरण हैं।

2. औद्योगिक नगर-अनेक प्रकार के उद्योगों की अवस्थिति ही ऐसे नगरों की प्रेरक शक्ति होती है; जैसे मुंबई, कोयंबटूर, भिलाई, हुगली, जमशेदपुर, सेलम तथा फरीदाबाद इत्यादि।

3. परिवहन नगर-ये नगर मुख्य रूप से आयात और निर्यात की गतिविधियों के कार्यों में सक्रिय रहते हैं; जैसे, कोच्चि, विशाखापत्तनम तथा कालीकट इत्यादि। कुछ नगर आंतरिक परिवहन के केंद्र भी होते हैं; जैसे आगरा, इटारसी तथा कटनी आदि।

4. व्यापारिक नगर-व्यापार में विशिष्टता प्राप्त करने वाले नगरों और कस्बों को इस वर्ग में सम्मिलित किया जाता है, जैसे कोलकाता, मुंबई, सहारनपुर, सतना इत्यादि।

5. खनन नगर-खनन कार्यों में विशिष्टता प्राप्त नगर हैं रानीगंज, झरिया, अंकलेश्वर, डिगबोई तथा सिंगरौली आदि।

6. छावनी नगर-सुरक्षा की दृष्टि से विकसित नगर छावनी नगर कहलाते हैं; जैसे अंबाला, जालंधर, मेरठ आदि।

7. शैक्षिक नगर इस वर्ग के नगरों में शैक्षिक कार्यों की विशिष्टता होती है; जैसे रुड़की, पिलानी, कुरुक्षेत्र, अलीगढ़ तथा वाराणसी आदि।

8. धार्मिक और सांस्कृतिक नगर-ऐसे नगरों में धार्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियों की प्रधानता रहती है; जैसे वाराणसी, मथुरा, अमृतसर, हरिद्वार तथा तिरूपति आदि।

9. पर्यटन नगर-ये नगर अपने मनोरम दृश्यों, प्राकृतिक सौंदर्य और स्वास्थ्यवर्धक जलवायु के लिए जाने जाते हैं; जैसे शिमला, नैनीताल, मसूरी, ऊटी, मांउट आबू इत्यादि।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

प्रश्न 7.
‘नगर’ की परिभाषा दीजिए। पिछले चार दशकों में बड़े शहरों की जनसंख्या में वृद्धि की समीक्षा कीजिए।
अथवा
वर्तमान सदी में भारत में नगरीकरण की प्रवृत्तियों की विस्तारपूर्वक व्याख्या कीजिए।
अथवा
नगर क्या है? भारत में नगरीकरण की प्रवृत्तियों का उल्लेख करें।
उत्तर:
रेटजल ने नगर को एक लगातार घना, लोगों एवं मकानों का ऐसा जमघट कहा है, जिसके अंदर वृहद् व्यापारिक मार्गों का संगम हो, लोगों का जीवन वाणिज्य एवं उद्योग पर आधारित होता है। वॉन रिचथोपेफन के अनुसार, “नगर के अंदर एक ऐसा सुव्यवस्थित वर्ग निहित है, जहां का मुख्य धंधा वाणिज्य और उद्योग से संबंधित होता है और ये धंधे कृषि कार्यों से सर्वथा भिन्न होते हैं।”

भारत के जनगणना विभाग ने नगर की निम्नलिखित विशेषताएं बताई हैं-

  • वे सभी स्थान जहां नगरपालिका, महापालिका, छावनी या नोटीफाइड क्षेत्रीय समिति स्थापित हो।
  • जनसंख्या कम-से-कम 5000 हो।
  • कार्यशील जनसंख्या का कम से कम 75% भाग अकृषि कार्यों में संलग्न हो।
  • जनसंख्या का घनत्व 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से कम न हो।

नगरीकरण की प्रवृत्तियाँ (Trends of Urbanisation) – बढ़ता हुआ नगरीकरण आर्थिक स्थिति का द्योतक माना जाता है। स्वतंत्रता से पूर्व भारत में नगरीकरण की गति बहुत धीमी थी। जैसे-जैसे देश में आर्थिक विकास हुआ वैसे-वैसे देश में नगरों की संख्या तथा नगरीयं जनसंख्या में बढ़ोत्तरी होती गई। विश्व के अन्य देशों की तरह भारत में भी नगरीकरण तेजी से हो रहा है। जनसंख्या में भारी वृद्धि के साथ-साथ भारत में नगरीय जनसंख्या में भी वृद्धि हुई। नगरीय जनसंख्या का कुल जनसंख्या में प्रतिशत उतनी तेजी से नहीं बढ़ा, जितना कि उसकी कुल जनसंख्या में वृद्धि हुई है।

सन् 1901 में भारत के कुल नगरों की संख्या 1827 तथा नगरीय जनसंख्या 2.59 करोड़ थी जो कुल जनसंख्या का 10.84% थी जो बढ़कर 2011 में क्रमशः 7935 तथा 37.71 करोड़ हो गई जो कुल जनसंख्या का 31.2% है अर्थात् पिछले 110 वर्षों में नगरों की संख्या में चार से साढे चार गुणा तथा नगरीय जनसंख्या में लगभग 14 से 15 गुणा वृद्धि हुई। भारत में नगरीकरण का यह स्तर विकसित देशों की तुलना में बहुत कम है क्योंकि विश्व की कुल 45% जनसंख्या नगरों में रहती है। नगरीय जनसंख्या की प्रवृत्ति को अग्रलिखित तालिका में दर्शाया गया है
HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ 5
इस तालिका के अनुसार, हम नगरीकरण के विकास को निम्नलिखित तीन युगों में बाँट सकते हैं-
1. नगरीकरण की मंद वृद्धि का युग (Era of Low Growth of Urbanisation)- सन् 1901 से 1921 के बीच भारत की कुल जनसंख्या तथा नगरीय जनसंख्या में कोई खास परिवर्तन नहीं आया। नगरीकरण के विकास की दर काफी धीमी थी। इस दौरान भयंकर बीमारी; जैसे प्लेग, इन्फ्लूएंजा आदि के फैलने से नगरीकरण में काफी कमी आई। नगरीय जनसंख्या 2.5 करोड़ से बढ़कर 2.7 करोड़ ही हो पाई। नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत भी बहुत कम बढ़ा। अतः भारत की कुल जनसंख्या तथा नगरीय जनसंख्या दोनों ही इस काल में मंद गति से बढ़ी।

2. नगरीकरण की मध्यम वृद्धि का युग (Era of Medium Growth of Urbanisation)- सन् 1921 के बाद यद्यपि प्राकृतिक विपदाओं के प्रभाव से देश मुक्त रहा, लेकिन फिर भी नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत 17.62 ही रहा। इसमें केवल 2/2 गुना वृद्धि हुई। इस समय मध्यम वृद्धि का कारण राजनीतिक अस्थिरता तथा धीमा आर्थिक विकास रहा है। सन् 1921 में नगरीय जनसंख्या 3.2 करोड़ थी जो सन् 1951 में 6.1 करोड़ हो गई।

3. नगरीकरण की तीव्र वृद्धि का युग (Era of Speed Growth of Urbanisation)- इस युग में नगरीय जनसंख्या में काफी वृद्धि हुई। इन बीस वर्षों में वृद्धि पिछले 60 वर्षों से भी अधिक थी। भारत की कुल जनसंख्या सन् 1991 में सन् 1951 की तुलना में ढाई गुना हो गई, जबकि नगरीय जनसंख्या तीन गुना हुई। सन् 1961 में नगरों की जनसंख्या 7.89 करोड़ से बढ़कर सन् 2011 में 37 करोड़ 71 लाख हो गई। भारत के नगरों की जनसंख्या विश्व के नगरों की जनसंख्या से अभी कम है। भारत में नगरीकरण प्रारंभिक अवस्था में है। इस युग में नगरीकरण वृद्धि के कारण हैं-

  • देश में भारी मात्रा में औद्योगिक विकास हुआ।
  • नए-नए व्यवस्थित नगरों का निर्माण हो गया।
  • नगरों में सुख-सुविधाएं गांवों की तुलना में अधिक हैं।
  • नगरों के आकार में भारी वृद्धि हो गई है।
  • अनेक ग्रामीण क्षेत्र नगरों में परिवर्तित हो गए हैं।
  • नगरों में रोजगार के अधिक अवसर हैं।
  • सुरक्षा की दृष्टि से नगर उपयुक्त हैं, क्योंकि यहां पुलिस की विशेष व्यवस्था रहती है।

भारत की आधी से अधिक नगरीय जनसंख्या महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिमी बंगाल तथा आंध्र प्रदेश में निवास करती है। सबसे अधिक नगरीकरण चण्डीगढ़ (97.25%), दिल्ली (97.50%), पुडुचेरी (68.31%), लक्षद्वीप (78.08%) में हुआ। केरल में नगरीकरण की प्रवृत्ति अन्य राज्यों की तुलना में अधिक पाई गई है। बिहार, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम व राजस्थान में नगरीकरण की प्रवृत्ति कम देखी गई है। सिक्किम में पांच राज्यों के पुनर्गठन के कारण नगरीय जनसंख्या 1,51,726 हो गई है। सन् 1981-91 की अवधि में सिक्किम की नगरीय जनसंख्या में 27.67% ह्रास हुआ। बड़े राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक आदि में अधिक नगरीकरण हुआ।

भारत के विभिन्न राज्यों में नगरीय जनसंख्या का वितरण बहुत ही असमान है। पंजाब, हरियाणा, मिजोरम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गोआ, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु राज्यों में नगरीकरण का स्तर भारतीय औसत से अधिक है। इसके विपरीत अन्य उत्तर पूर्वी राज्य, बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश आदि में यह स्तर भारतीय औसत से कम है। दादर एवं नगर हवेली को छोड़कर शेष सभी केंद्रशासित प्रदेशों में नगरीय जनसंख्या भारतीय औसत से अधिक है।

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