HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 10 मानव बस्ती

Haryana State Board HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 10 मानव बस्ती Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Geography Important Questions Chapter 10 मानव बस्ती

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

A. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. आर्थिक कार्यों की प्रकृति के आधार पर बस्तियाँ कितने प्रकार की होती हैं?
(A) 2
(B) 3
(C) 4
(D) 6
उत्तर:
(A) 2

2. नदी घाटियों तथा उपजाऊ मैदानों में पाई जाने वाली ग्रामीण बस्तियां किस प्रारूप की होती हैं?
(A) प्रकीर्ण
(B) संहत
(C) रैखिक
(D) गोलाकार
उत्तर:
(B) संहत

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3. पर्वतीय, पठारी तथा उच्च भूमि के क्षेत्रों में पाई जाने वाली बस्तियां किस प्रारूप की होती हैं?
(A) संहत
(B) गोलाकार
(C) प्रकीर्ण
(D) रैखिक
उत्तर:
(C) प्रकीर्ण

4. 250 से अधिक जनसंख्या वाली बस्ती को किस देश में नगरीय बस्ती कहा जाता है?
(A) डेनमार्क
(B) स्वीडन
(C) फिनलैंड
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

5. निम्नलिखित में कौन-सा नगर सुनियोजित है?
(A) पटना
(B) चंडीगढ़
(C) जम्मू
(D) कानपुर
उत्तर:
(B) चंडीगढ़

6. ‘कैंब्रिज नगर’ प्रसिद्ध है-
(A) उद्योग के लिए
(B) शिक्षण संस्थानों के लिए
(C) आमोद-प्रमोद के लिए
(D) धार्मिक स्थानों के लिए
उत्तर:
(B) शिक्षण संस्थानों के लिए

7. निम्नलिखित में से प्रशासनिक नगर कौन-सा है?
(A) जोधपुर
(B) कोच्चि
(C) वाराणसी
(D) नई दिल्ली
उत्तर:
(D) नई दिल्ली

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8. मुगलसराय और इटारसी किस प्रकार के नगरों के उदाहरण हैं?
(A) औद्योगिक नगर
(B) परिवहन नगर
(C) सांस्कृतिक नगर
(D) रक्षा नगर
उत्तर:
(B) परिवहन नगर

9. विकासशील देशों में अप्रत्याशित नगरीय वृद्धि का मुख्य कारण है-
(A) औद्योगिक विकास
(B) ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की कमी
(C) अनाधिकृत बस्तियों की उत्पत्ति
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

10. मनुष्यों की इमारतों सहित व्यवस्थित कालोनी को कहते हैं-
(A) कारखाना
(B) मकबरा
(C) बस्ती
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(C) बस्ती

11. निकृष्ट आवासीय व्यवस्था’ किस प्रकार की बस्ती की विशेषता है?
(A) ग्रामीण बस्ती
(B) नगरीय बस्ती
(C) मलिन बस्ती
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(C) मलिन बस्ती

12. एशिया की सबसे बड़ी मलिन बस्ती कहाँ स्थित है?
(A) दिल्ली
(B) मुंबई
(C) कोलकाता
(D) रंगून
उत्तर:
(B) मुंबई

13. ‘धारावी’ एक सबसे मलिन बस्ती है-
(A) इंग्लैंड की
(B) यू०एस०ए० की
(C) ब्राजील की
(D) भारत की
उत्तर:
(D) भारत की

14. ‘मेगासिटी’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया था?
(A) पैट्रिक गिडिज ने
(B) एडम्सन ने
(C) जीन गोटमेन ने
(D) लेविस मम्फोर्ड ने
उत्तर:
(C) जीन गोटमेन ने

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15. निम्नलिखित में से मेगासिटी नहीं है-
(A) दिल्ली
(B) टोक्यो
(C) करनाल
(D) ढाका
उत्तर:
(C) करनाल

16. काहिरा, मनीला व इस्तांबुल आदि नगर किस श्रेणी के अंतर्गत आते हैं?
(A) शहर
(B) सन्नगर
(C) मेगासिटी
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) मेगासिटी

17. जब किसी नगर की जनसंख्या 10 लाख से अधिक हो जाती है, तो वह क्या कहलाता है?
(A) शहर
(B) विश्वनगरी
(C) कस्बा
(D) मिलियन सिटी
उत्तर:
(D) मिलियन सिटी

18. सन् 1912 में किसने ऑस्ट्रेलिया की राजधानी के लिए ‘केनबेरा’ की योजना बनाई थी?
(A) पैट्रिक गिडिज ने
(B) लेविस मम्फोर्ड ने
(C) वाल्टर बी० ग्रिफिन ने
(D) जीन गोटमेन ने
उत्तर:
(C) वाल्टर बी० ग्रिफिन ने

19. किस शताब्दी में विकसित देशों में नगरीकरण तेजी से हुआ?
(A) 18वीं शताब्दी में
(B) 19वीं शताब्दी में
(C) 20वीं शताब्दी में
(D) 17वीं शताब्दी में
उत्तर:
(B) 19वीं शताब्दी में

20. सांस्कृतिक नगर का उदाहरण है-
(A) मक्का
(B) बनारस
(C) जैरूसलम
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

21. अलबैनी, लंदन व चेन्नई किस प्रकार के नगरों के उदाहरण हैं?
(A) व्यावसायिक नगर के
(B) सांस्कृतिक नगर के
(C) प्रशासनिक नगर के
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) प्रशासनिक नगर के

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22. प्रतिरक्षा नगर का उदाहरण है-
(A) मेरठ छावनी
(B) अम्बाला छावनी
(C) हिसार छावनी
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

23. किस प्रकार की बस्तियों में मकान एक-दूसरे के समीप बनाए जाते हैं?
(A) अवैध बस्तियों में
(B) प्रकीर्ण बस्तियों में
(C) संहत बस्तियों में
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(C) संहत बस्तियों में

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए

प्रश्न 1.
आर्थिक कार्यों की प्रकृति के आधार पर बस्तियाँ कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
2।

प्रश्न 2.
नदी घाटियों तथा उपजाऊ मैदानों में पाई जाने वाली ग्रामीण बस्तियाँ किस प्रारूप की होती हैं?
उत्तर:
संहत।

प्रश्न 3.
सुनियोजित नगर का एक उदाहरण दें।
उत्तर:
चंडीगढ़।

प्रश्न 4.
प्रशासनिक नगर का एक उदाहरण दें।
उत्तर:
नई दिल्ली।

प्रश्न 5.
‘निकृष्ट आवासीय व्यवस्था’ किस प्रकार की बस्ती की विशेषता है?
उत्तर:
मलिन बस्ती।

प्रश्न 6.
प्रतिरक्षा नगर का कोई एक उदाहरण दें।
उत्तर:
देहरादून।

प्रश्न 7.
किस प्रकार की बस्तियाँ सड़क, नदी या नहर के किनारे होती हैं?
उत्तर:
रेखीय बस्तियाँ।

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प्रश्न 8.
औद्योगिक नगर का एक उदाहरण दें।
उत्तर:
जमशेदपुर।

प्रश्न 9.
किसी एक खनन नगर का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
डिगबोई।

प्रश्न 10.
ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यतः किस प्रकार की आर्थिक क्रियाएँ होती हैं?
उत्तर:
प्राथमिक क्रियाएँ।

प्रश्न 11.
अत्यधिक नगरीकरण की सबसे बड़ी समस्या क्या है?
उत्तर:
मलिन बस्ती।

प्रश्न 12.
शुष्क बिन्दु बस्तियाँ कहाँ पाई जाती हैं?
उत्तर:
नदी वेदिकाओं के साथ।

प्रश्न 13.
नगरीय जनसंख्या किस वर्ग के देशों में तेजी से बढ़ रही है?
उत्तर:
विकासशील वर्ग के।

प्रश्न 14.
किसी एक आमोद-प्रमोद या मनोरंजन नगर का नाम बताएँ।
उत्तर:
मुम्बई।

प्रश्न 15.
एशिया की सबसे बड़ी मलिन बस्ती कहाँ स्थित है?
उत्तर:
मुम्बई (भारत) में।

प्रश्न 16.
सांस्कृतिक नगर का एक उदाहरण दें।
उत्तर:
हरिद्वार।

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प्रश्न 17.
विश्वनगरी का सबसे अच्छा उदाहरण कौन-सा देश है?
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका।

प्रश्न 18.
सन् 1950 तक विश्व में कितने शहर मिलियन सिटी थे?
उत्तर:
80 शहर।

प्रश्न 19.
विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला नगर कौन-सा है?
उत्तर:
टोक्यो।

प्रश्न 20.
कौन-सा नगर सबसे पहले मेगासिटी बना?
उत्तर:
न्यूयॉर्क।

प्रश्न 21.
एशिया पेसिफिक देशों में नगरीय जनसंख्या का कितने प्रतिशत भाग अनाधिकृत बस्तियों में रहता है?
उत्तर:
60 प्रतिशत।

प्रश्न 22.
अदीस अबाबा किस देश की राजधानी है?
उत्तर:
इथोपिया की।

प्रश्न 23.
बड़े नगरों के समीप छोटे-छोटे से नगर बस जाते हैं, उन्हें क्या कहते हैं?
उत्तर:
उपनगर।

प्रश्न 24.
घरों के समूह को क्या कहते हैं?
उत्तर:
बस्ती।

प्रश्न 25.
मैगालोपोलिस का क्या अर्थ है?
उत्तर:
विशाल नगर।

प्रश्न 26.
अदीस अबाबा का क्या अर्थ है?
उत्तर:
नवीन पुष्प।

प्रश्न 27.
केनबेरा किस देश की राजधानी है?
उत्तर:
ऑस्ट्रेलिया की।

प्रश्न 28.
कौन-सा नगर सबसे पहले मिलियन नगर बना?
उत्तर:
लंदन।

प्रश्न 29.
सन्नगरों का समूह क्या कहलाता है?
उत्तर:
विश्वनगरी।

अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ग्रामीण बस्तियाँ क्या हैं?
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियाँ वे बस्तियाँ होती हैं जिनके निवासी अपने जीवनयापन के लिए भूमि के विदोहन पर निर्भर करते हैं।

प्रश्न 2.
नगरीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या के अनुपात में वृद्धि को नगरीकरण कहते हैं।

प्रश्न 3.
ग्रामीण बस्तियों के प्रमुख प्रतिरूप कौन-से होते हैं?
उत्तर:
रैखिक बस्तियाँ, क्रॉस की आकृति वाली बस्तियाँ, तारक बस्तियाँ, T-आकार की बस्तियाँ, वर्गाकार एवं गोलाकार बस्तियाँ, युग्म आकृति की बस्तियाँ इत्यादि।

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प्रश्न 4.
ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप किन कारकों पर निर्भर करते हैं?
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों का प्रतिरूप यह दर्शाता है कि मकानों की स्थिति किस प्रकार एक-दूसरे से संबंधित है। गाँव की आकृति (Shape) और आकार (Size) को प्रभावित करने वाले कारकों में गाँव की स्थिति (Site), समीपवर्ती स्थलाकृति एवं क्षेत्र का भूभाग प्रमुख स्थान रखते हैं।

प्रश्न 5.
उपनगरीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
यह एक नवीन प्रवृत्ति है, जिसमें मनुष्य शहर के घने बसे क्षेत्रों से हटकर रहन-सहन की अच्छी गुणवत्ता की खोज में शहर के बाहर स्वच्छ एवं खुले क्षेत्रों में जा रहे हैं। बड़े शहरों के आसपास ऐसे महत्त्वपूर्ण उपनगर विकसित हो जाते हैं, जहाँ से रोजाना हजारों व्यक्ति अपने घरों से कार्य-स्थलों पर आते-जाते हैं।

प्रश्न 6.
भारतीय जनगणना, 1991 के अनुसार नगर किसे कहते हैं?
उत्तर:
नगर ऐसे सघन व स्थायी बसे मानवीय अधिवास होते हैं जिनमें और कृषिगत क्रियाकलापों; जैसे उद्योग, व्यापार, परिवहन, प्रशासनीय तथा सामुदायिक सेवाओं सम्बन्धी कार्यों की प्रधानता मिलती है।

प्रश्न 7.
पल्ली बस्तियाँ क्या हैं?
उत्तर:
कई बार बस्ती भौतिक रूप से एक-दूसरे से अलग इकाइयों में बँट जाती है। इस प्रकार की बस्ती एक-दूसरे से निश्चित दूरी पर होती है।

प्रश्न 8.
प्रशासनिक नगर क्या है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्रशासनिक नगर प्रशासन के केन्द्र होते हैं; जैसे राष्ट्र की राजधानियाँ-नई दिल्ली, मास्को, बीजिंग आदि; राज्य-स्तर पर राजधानियाँ-जयपुर, गांधीनगर, लखनऊ आदि प्रशासनिक नगरों के उदाहरण हैं। ऐसे नगरों में बड़ी संख्या में सरकारी कार्यालय तथा सरकारी आवास होते हैं।

प्रश्न 9.
संहत बस्तियाँ क्या हैं? ये कहाँ पाई जाती हैं?
उत्तर:
संहत बस्तियों में कई परिवार समुदाय के रूप में अपने घर बनाकर इकट्ठे निवास करते हैं। ये बस्तियाँ मुख्य रूप से मैदानी क्षेत्रों व नदी घाटियों में पाई जाती हैं।

प्रश्न 10.
शहर की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
शहर आकार तथा जनसंख्या में नगरों (Towns) से बड़े होते हैं। किसी क्षेत्र के अग्रणी नगर को शहर का दर्जा प्राप्त होता है। ममफोर्ड के अनुसार, शहर उच्च एवं अत्यधिक जटिल कार्यों से युक्त जीवन का भौतिक स्वरूप है। शहरों में प्रादेशिक प्रशासनिक कार्यालय, प्रमुख शिक्षण संस्थान, उच्च व्यापारिक तथा वित्तीय संस्थाएँ इत्यादि पाए जाते हैं।

प्रश्न 11.
मलिन बस्तियों से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
मलिन बस्तियाँ वे आवासीय क्षेत्र होते हैं जहाँ भौतिक और सामाजिक परिस्थितियाँ बहुत दयनीय होती हैं। यहाँ के मकान तंग गलियों में, सीलन वाले होते हैं जिनमें पानी, शौचालय और स्नानागार की व्यवस्था नहीं होती। भारत में धारावी (मुंबई) एशिया की सबसे बड़ी मलिन बस्ती है।

प्रश्न 12.
अनाधिकृत या अवैध बस्तियों से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
ये आमतौर पर किसी बड़े शहर के वे रिहायशी इलाके होते हैं जिनमें बहुत गरीब लोग रहते हैं। गरीबी के कारण ये लोग अपनी निजी भूमि खरीदने में असमर्थ होते हैं। ये लोग किसी और की खाली पड़ी ज़मीन पर बस जाते हैं। इन अवैध बस्तियों का जन्म शहरों में गरीबों के आवास की भारी कमी के फलस्वरूप होता है।

प्रश्न 13.
ग्रामीण बस्ती की कोई दो विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:

  1. ग्रामीण बस्तियों का आकार छोटा होता है
  2. यहाँ के निवासियों का प्रमुख व्यवसाय कृषि है।

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प्रश्न 14.
नगरीय अधिवास अथवा बस्तियाँ क्या हैं?
उत्तर:
वान रिक्टोफन के अनुसार, नगर एक संगठित समूह होता है जिससे कृषि कार्यों के विपरीत प्रमुख व्यवसाय वाणिज्य तथा उद्योग से सम्बन्धित होते हैं। अन्य शब्दों में, नगरीय बस्ती मानव का सामूहिक स्थाई अधिवास है जो सघन बसा हुआ होता है तथा वहाँ के अधिकांश निवासी गैर-प्राथमिक कार्यों; जैसे उद्योग, व्यापार तथा परिवहन में संलग्न रहते हुए एक विशिष्ट संस्कृति का विकास करते हैं।

प्रश्न 15.
मानव बस्ती से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
मानव बस्ती का अध्ययन मानव भूगोल का मूल बिंदु है, क्योंकि किसी भी क्षेत्र में बस्तियों का रूप उस क्षेत्र के वातावरण से मानव का संबंध दर्शाता है। एक स्थान जो सामान्यतः स्थायी रूप में बसा हुआ हो, उसे मानव बस्ती कहते हैं।

प्रश्न 16.
प्रतिरक्षा नगर से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
इन नगरों में सैनिकों के प्रशिक्षण तथा अभ्यास की व्यवस्था होती है। नगर में जिस स्थान पर सैनिक रहते हैं, उसे कैंटोनमेंट कहते हैं; जैसे जोधपुर, देहरादून, अम्बाला तथा हिसार आदि।।

प्रश्न 17.
आर्थिक कार्यों की प्रकृति के आधार पर बस्तियाँ कितनी प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
आर्थिक कार्यों की प्रकृति के आधार पर बस्तियाँ दो प्रकार की होती हैं-

  1. ग्रामीण बस्तियाँ
  2. नगरीय बस्तियाँ।

प्रश्न 18.
सन्नगर से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
सन्नगर विशाल तथा सतत् नगरीय क्षेत्र होता है जो अलग-अलग नगरों या शहरों के आपस में मिलने से बनता है। जनसंख्या प्रसार तथा आर्थिक विकास के कारण किसी नगर के निकटवर्ती नगरों का आपस में सम्मिलन सन्नगर कहलाता है। कलकत्ता, नई दिल्ली आदि सन्नगरों के उदाहरण हैं।

प्रश्न 19.
विश्व के किन्हीं दस मेगासिटी के नाम बताएँ।
उत्तर:

  1. टोक्यो
  2. मुंबई
  3. न्यूयॉर्क
  4. शंघाई
  5. जकार्ता
  6. मनीला
  7. लंदन
  8. सियोल
  9. मेक्सिको सिटी
  10. बीजिंग।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अनाधिकृत या अवैध बस्तियों की विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:
अनाधिकृत बस्तियों की विशेषताओं को निम्नलिखित तीन वर्गों में बाँटा जा सकता है

  1. भौतिक विशेषताएँ इन बस्तियों में जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की कमी रहती है; जैसे जलापूर्ति, स्वच्छता, बिजली, सड़कें, नालियाँ, स्कूल व स्वास्थ्य केंद्र आदि।
  2. सामाजिक विशेषताएँ इन बस्तियों में अधिकतर निम्न आयु वर्ग के लोग रहते हैं। इनमें अधिकतर निवासी प्रवासी होते हैं।
  3. वैधानिक विशेषताएँ इन बस्तियों के लोगों के पास भू-स्वामित्व का अभाव होता है। यदि किसी एक जगह से इन्हें हटाया जाता है तो वे दूसरे स्थान पर जाकर डेरा जमा लेते हैं।

प्रश्न 2..
नगरीय बस्तियों की पर्यावरणीय समस्याओं की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
नगरों में औद्योगिक बस्तियों के फैलाव, जनसंख्या के बढ़ते घनत्व तथा वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण जल, वायु तथा भूमि तीनों का बड़े पैमाने पर प्रदूषण हुआ है। मिलों और वाहनों से निकलने वाला धुआँ महानगरों के 50 प्रतिशत प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। आज दिल्ली का हर तीसरा व्यक्ति साँस की बीमारी से ग्रस्त है। महानगरों के मोटर वाहन वायुमंडल को गैस चैंबर बना रहे हैं। जिस वायु के बिना मनुष्य दो पल नहीं जी सकता अब उसमें दो पल गुज़ारना मुश्किल हो रहा है।

यह महानगरीय जीवन की त्रासदी (Tragedy) नहीं तो क्या है? अधिकांश नगरों में कूड़ा-कर्कट तथा फैक्ट्रियों व घरों का जल-मल नदियों में उड़ेल दिया जाता है। इससे पेय जल के स्रोत प्रदूषित होते हैं। नगरों में वाहनों और उत्सवों का शोर एक और समस्या है। नगरों में जनसंख्या एवं आर्थिक क्रियाओं के लिए बनाए गए कंक्रीट के विशाल ढाँचे ‘उष्म द्वीप’ (Heat Islands) बनाने में मदद करते हैं।

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प्रश्न 3.
विकासशील देशों में ग्रामीण बस्तियों से संबंधित समस्याओं का उल्लेख करें। अथवा ग्रामीण बस्तियों की किन्हीं चार समस्याओं का वर्णन करें।
उत्तर:
विकासशील देशों में ग्रामीण बस्तियों की संख्या अधिक है एवं इनका आधारभूत ढाँचा भी अविकसित है। इसलिए यहाँ अनेक समस्याएँ होती हैं-

  1.  जल की आपूर्ति-विकासशील देशों में ग्रामीण बस्तियों में जल की आपूर्ति भी पर्याप्त नहीं है। पर्वतीय एवं शुष्क क्षेत्रों में निवासियों को पेयजल के लिए लंबी दूरियाँ तय करनी पड़ती हैं।
  2. जल जनित समस्या-इन क्षेत्रों में जल जनित बीमारियाँ; जैसे हैजा, पीलिया आदि सामान्य समस्याएँ हैं।
  3. परिवहन के साधनों की कमी कच्ची सड़कें एवं आधुनिक संचार के साधनों की कमी भी यहाँ की प्रमुख समस्या है। वर्षा ऋतु में इन क्षेत्रों का संपर्क आसपास के क्षेत्रों और नगरों से कट जाता है जिससे उन्हें गंभीर कठिनाइयाँ उत्पन्न हो जाती हैं।
  4. गृह-निर्माण सामग्री मकानों के लिए प्रयुक्त होने वाली सामग्री हर पारिस्थितिक प्रदेश में भिन्न होती है जो मकान, मिट्टी, लकड़ी एवं छप्पर के बनाए जाते हैं, उन्हें भारी वर्षा और बाढ़ के समय काफी नुकसान पहुँचता है।

प्रश्न 4.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक स्वस्थ शहर क्या है?
अथवा
WHO के अनुसार एक स्वस्थ शहर कैसा होता है?
उत्तर:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक स्वस्थ शहर में निम्नलिखित सुविधाएँ अवश्य होनी चाहिएँ-

  1. स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण
  2. आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति
  3. स्थानीय सरकार में समुदाय की भागीदारी
  4. सभी के लिए

आसानी से उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाएँ।

प्रश्न 5.
नगरों की सामाजिक-सांस्कृतिक समस्याओं का वर्णन करें।
उत्तर:
विकासशील देशों के शहर विभिन्न प्रकार की सामाजिक-सांस्कृतिक बुराइयों से ग्रस्त हैं। अपर्याप्त वित्तीय संसाधनों के कारण लोगों की आधारभूत आवश्यकताएँ भी पूरी नहीं हो पाती हैं। उपलब्ध स्वास्थ्य एवं शिक्षा संबंधी सुविधाएँ गरीब नगरवासियों की पहुँच से बाहर रहती हैं। विकासशील देशों में बेरोजगारी एवं शिक्षा की कमी के कारण अपराध अधिक होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से पुरुषों के अधिक प्रवास के कारण नगरों में जनसंख्या का लिंग अनुपात असंतुलित हो जाता है।

प्रश्न 6.
संहत बस्तियों तथा प्रकीर्ण बस्तियों में क्या अंतर हैं?
उत्तर:
संहत बस्तियों तथा प्रकीर्ण बस्तियों में निम्नलिखित अंतर हैं-

संहत बस्तियाँ प्रकीर्ण बस्तियाँ
1. संहत बस्तियों में कई परिवार समुदाय के रूप में अपने घर बनाकर इकट्टे निवास करते हैं। 1. प्रकीर्ण बस्तियों में मकान अलग-अलग तथा बिखरे हुए होते हैं।
2. इन बस्तियों में निवास स्थान के लिए कम स्थान होता है। 2. इन बस्तियों में कृषि तथा निवास के लिए स्थान होता है।
3. ये बस्तियाँ मुख्य रूप से मैदानी क्षेत्रों में तथा नदी घाटियों में स्थित हैं। 3. ये बस्तियाँ मुख्य रूप से पर्वतीय, पठारी तथा उच्च भूमियों के क्षेत्र में स्थित हैं।
4. संहत बस्तियाँ भारत के उत्तरी मैदान में पाई जाती हैं। 4. ये बस्तियाँ हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित हैं।

प्रश्न 7.
अवैध बस्तियों तथा मलिन बस्तियों में क्या अंतर हैं?
उत्तर:
अवैध बस्तियों तथा मलिन बस्तियों में निम्नलिखित अंतर हैं-

अवैध बस्तियाँ मलिन बस्तियाँ
1. ये बस्तियाँ किसी खाली पड़ी सार्वजनिक भूमि पर बसी हुई होती है। 1. ये ऐसी बस्तियाँ हैं जहाँ न्यूनतम आवश्यक स्तर की सुविधाएँ भी नहीं पाई जातीं।
2. इन बस्तियों में भू-स्वामित्व का अभाव होता है। 2. इनमें भू-स्वामित्व कानूनी भी हो सकता है और गैर-कानूनी भी।

प्रश्न 8.
ग्रामीण बस्तियों के आधारों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण अधिवासों अथवा बस्तियों का वर्गीकरण करने के लिए अनेक विधियाँ प्रस्तुत की गई हैं। इन्हें कई आधारों पर वर्गीकृत किया गया है; जैसे

  • आकार के आधार पर बृहद, मध्यम तथा लघु बस्तियाँ।
  • स्थिति के आधार पर घाटी समीप्र, नदी समीप तथा सड़क समीप बस्तियाँ।
  • समय के आधार पर-पूर्व ऐतिहासिक, प्राचीन, मध्यकालीन तथा आधुनिक बस्तियाँ।
  • प्रकार्य के आधार पर-कृषीय, मत्स्य तथा बाजार बस्तियाँ।
  • घरों की सापेक्षिक दूरी के आधार पर-संहत तथा प्रकीर्ण बस्तियाँ।

बस्तियों के वर्गीकरण का सबसे महत्त्वपूर्ण आधार घरों की सापेक्षिक दूरी है। ग्रामीण घरों के मध्य दूरियाँ, ग्रामीण बस्ती को एक विशिष्ट आकृति प्रदान करती है जिसके आधार पर बस्तियाँ मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं

  • संहत अथवा नाभिक बस्तियाँ
  • प्रकीर्ण बस्तियाँ।

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प्रश्न 9.
ग्रामीण बस्तियों तथा नगरीय बस्तियों में क्या अंतर हैं?
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों तथा नगरीय बस्तियों में निम्नलिखित अंतर हैं-

ग्रामीण बस्तियाँ नगरीय बस्तियाँ
1. ग्रामीण बस्तियों का आकार छोटा होता है तथा यहाँ कम जनसंख्या निवास करती है। 1. नगरीय बस्तियों का आकार,बड़ा होता है तथा यहाँ जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है।
2. यहाँ के निवासियों का प्रमुख व्यवसाय कृषि है। 2. यहाँ के निवासियों का प्रमुख व्यवसाय व्यापार एवं विभिन्न उद्योग-धंधे हैं।
3. ये क्षेत्र कृषि प्रधान होने के कारण नगरों को कृषि तथा पशु उत्पाद भेजते हैं। 3. ये क्षेत्र उद्योग प्रधान होते हैं इसलिए गाँवों को उत्पादित वस्तुएँ भेजते हैं।
4. यहाँ आधुनिक सुविधाओं का अभाव होता है। 4. यहाँ सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं।
5. इनकी जनसंख्या 5000 से कम होती है। 5. इनकी जनसंख्या 5000 से अधिक होती है।

प्रश्न 10.
नगरीय बस्ती की कोई चार विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:
नगरीय बस्ती की चार विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
1. जनसंख्या का आकार-नगरीय बस्तियों में अपेक्षाकृत अधिक जनसंख्या होती है।

2. जनसंख्या घनत्व-नगरों में अपेक्षाकृत जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है। कारण यह है कि नगर में छोटे क्षेत्र पर बने बड़े व्यापारिक क्षेत्र में अधिक जनसंख्या कार्यरत होती है। अतः जनसंख्या घनत्व अधिक हो जाता है।

3. प्रकार्यात्मक विशेषता नगरीय बस्तियों के निवासी प्रायः गैर-प्राथमिक कार्यों; जैसे व्यापार, उद्योग, परिवहन, प्रशासन आदि कार्यों में संलग्न रहते हैं। नगरीय बस्तियाँ इन कार्यों का केन्द्र होती हैं। यहाँ किसी एक या दो कार्यों की प्रधानता पाई जाती है।

4. विभिन्न समुदायों का समूह-नगरीय बस्तियों में अनेक धार्मिक, व्यावसायिक तथा सांस्कृतिक समुदायों के लोग रहते हैं। यहाँ सामुदायिक भावना का अभाव मिलता है।

दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ग्रामीण बस्तियों की स्थिति को कौन-कौन से कारक प्रभावित करते हैं? वर्णन करें।
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों की स्थिति को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं-
1. जल आपूर्ति – साधारणतया ग्रामीण बस्ती जल स्रोतों; जैसे नदियाँ, झीलों एवं झरनों आदि के पास स्थित होती है, जहाँ से जल आसानी से उपलब्ध हो सके। अधिकांश जल आधारित नम बिंदु बस्तियों में पीने, खाना बनाने, वस्त्र धोने आदि के लिए जल की प्राप्ति जैसे अनेक लाभ उपलब्ध होते हैं। फार्म भूमि की सिंचाई के लिए नदियों और झीलों का उपयोग किया जा सकता है। इन्हीं स्रोतों से वहाँ के निवासी भोजन के लिए मछली पकड़ते हैं और यह जल यातायात के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है।

2. भूमि मनुष्य बसने के लिए उस जगह का चुनाव करता है जहाँ की भूमि कृषि कार्य के लिए उपयुक्त व उपजाऊ हो। जैसे दक्षिणी-पूर्वी एशिया में रहने वाले लोग नदी घाटियों के निम्न भागों एवं तटवर्ती मैदानों के निकट बस्ती बसाते हैं।

3. उच्च भूमि के क्षेत्र – मानव ने अपने अधिवास के लिए उच्च भूमि के क्षेत्रों को इसलिए चुना ताकि वहाँ पर बाढ के समय होने वाली क्षति से बचा जा सके और मकान व जीवन सुरक्षित रह सके। नदी बेसिन के निम्न भाग में बस्तियाँ नदी वेदिकाओं एवं तटबंधों पर बसाई जाती हैं, क्योंकि ये भाग शुष्क बिंदु होते हैं। उष्ण कटिबंधीय देशों के दलदली क्षेत्रों के निकट रहने वाले लोग अपने मकान स्तंभों पर बनाते हैं जिससे कि बाढ़ एवं कीड़े-मकौड़ों से बचा जा सके।

4. सुरक्षा-राजनीतिक अस्थिरता, युद्ध या पड़ोसी समूहों के उपद्रवी होने की स्थिति में गाँवों को सुरक्षात्मक पहाड़ियों एवं द्वीपों पर बसाया जाता था। भारत में अधिकतर दुर्ग ऊँचे स्थानों अथवा पहाड़ियों पर स्थित हैं।

5. गृह-निर्माण सामग्री-मानव बस्ती के विकसित होने में गृह-निर्माण सामग्री की उपलब्धता भी एक बड़ा कारक होती है जहाँ आसानी से लकड़ी, पत्थर आदि प्राप्त होते हैं। मनुष्य वहीं अपनी बस्तियाँ बसाता है। वनों को काटकर प्राचीन गाँवों को बनाया गया था जहाँ लकड़ी बहुतायत में थी।

6. नियोजित बस्तियाँ इस प्रकार की बस्तियाँ सरकार द्वारा बसाई जाती हैं। सरकार द्वारा अधिगृहित की गई ऐसी भूमि पर निवासियों को सभी प्रकार की सुविधाएँ; जैसे आवास, पानी और अन्य अवसंरचना आदि उपलब्ध कराकर बस्तियों को विकसित किया जाता है। भारत में इंदिरा गाँधी नहर क्षेत्र में नहरी बस्तियों का विकास इसका एक अच्छा उदाहरण है।

प्रश्न 2.
ग्रामीण बस्तियों की आकृति के आधार पर बस्तियों का वर्गीकरण करें।
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप विभिन्न भौतिक तथा सांस्कृतिक लक्षणों द्वारा निर्धारित होते हैं। विभिन्न आधार पर ये प्रतिरूप कई प्रकार के होते हैं जिसमें से मुख्य निम्नलिखित प्रकार से हैं
1. आयताकार प्रतिरूप ग्रामीण बस्तियों का यह प्रतिरूप समतल क्षेत्रों तथा चौड़ी पर्वतीय घाटियों में पाया जाता है। अधिकांश सघन बस्तियों (Compact Settlements) का आकार आयताकार होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि-मापन बीघा एवं एकड़ के आधार पर किया जाता है जिससे कृषि भूमि की सीमा का निर्धारण भी आयताकार रूप ले लेता है। कृषकों का प्रयास रहता है कि उपजाऊ भूमि कम-से-कम नष्ट हो। इस बात को ध्यान में रखते हुए घरों तथा गलियों का निर्माण खेत की आकृति के अनुरूप होता है। गंगा के मैदान में यह प्रतिरूप विशेष रूप से पाया जाता है।

2. वर्गाकार प्रतिरूप-विशेष परिस्थितियों में आयताकार प्रतिरूप वर्गाकार आकृति धारण कर लेते हैं। इस प्रकार के प्रतिरूप वाली बस्तियाँ स्थल मार्गों के चौराहों पर भी विकसित हो सकती हैं। आयताकार बस्तियों के सामान्य विकास की परिस्थिति में एक तरफ अवरोध उत्पन्न हो जाने पर भी बस्ती की आकृति वर्गाकार हो जाती है। बस्तियों के चारों ओर स्थित बगीचों, तालाबों अथवा मार्गों के कारण भी ग्राम-विस्तार में रुकावट आती है। चौराहे की तरफ आवास निर्माण की प्रकृति से भी बस्ती वर्गाकार हो जाती है।

3. रेखीय प्रतिरूप-ये बस्तियाँ एक सीधी रेखा के रूप में होती हैं। ऐसी बस्तियाँ ज्यादातर किसी सड़क के दोनों किनारों पर, रेलमार्गों, नदी के किनारों पर अथवा किसी संकरी घाटी के समानान्तर विकसित होती हैं। यह प्रतिरूप आयताकार बस्ती का ही विशेष रूप है। यदि बस्ती का विस्तार एक दिशा की ओर अधिक हो जाए तो सड़क या नहर के साथ-साथ उसका प्रतिरूप रेखीय आकृति का हो जाता है।

4. गोलाकार प्रतिरूप-किसी झील या तालाब के चारों ओर घरों के निर्माण के फलस्वरूप इस प्रकार के गोलाकार प्रतिरूप का निर्माण होता है।

5. त्रिभुजाकार प्रतिरूप-इनका आकार त्रिभुजाकार बस्तियों की भाँति होता है। इस प्रकार की बस्तियों का विकास प्रायः दो नदियों अथवा दो सड़कों पर होता है। इस अवस्था में बस्ती का प्रसार मिलना प्रतिबन्धित हो जाता है। इस आकार के अधिवास उन स्थानों पर भी विकसित हो जाते हैं जहाँ कोई सड़क दूसरी सड़क से जाकर मिले, परन्तु चौराहा न बनाए। सड़कों के द्वारा त्रिभुज की दो भुजाएँ बन जाती हैं और त्रिभुज के आधार की ओर खुली भूमि पर बस्ती फैलती रहती है।

6. खोखला आयताकार अथवा वर्गाकार प्रतिरूप-इस प्रतिरूप की बस्ती आकृति में आयताकार या वर्गाकार होते हुए अपने मध्य क्षेत्र में खाली स्थान रखे हुए होती है। ऐसे प्रतिरूप का विकास मुख्य रूप से उन प्रदेशों में हुआ है जहाँ बस्ती की स्थापना हवेलीनुमा आवास के चारों तरफ की गई थी। बाद में यह आवास नष्ट हो जाने पर बस्ती के मध्य में खण्डहर के रूप में रह जाते हैं। कभी-कभी बस्ती के मध्य में तालाब या छायादार वृक्षों से युक्त स्थल होते हैं।

7. नाभिक वृत्ताकार प्रतिरूप-नाभिक ग्रामीण बस्तियाँ अत्यन्त ही संगठित रूप से स्थित आवासों द्वारा निर्मित पाई जाती हैं। बस्ती के बाह्य भागों में मकानों की दीवारें इस प्रकार एक-दूसरे से जुड़ी रहती हैं कि बस्ती बाहर से दीवारों द्वारा घिरी नजर आती है। बस्ती में प्रवेश करने वाले मार्गों की संख्या कम होती है। इनका बाहरी आकार लगभग वृत्ताकार होता है।

8. नीहारकीय वृत्ताकार प्रतिरूप-वृत्ताकार बस्ती के मध्यवर्ती भाग जब खाली रह जाते हैं तो इस प्रकार के वृत्ताकार गाँव का प्रतिरूप नीहारकीय माना जाता है।

9. चापाकार प्रतिरूप दक्षिणी भारत के पहाड़ी प्रदेशों में ढलानों पर बसे हुए बस्तियों की आकृति अपने-आप चापाकार हो जाती है। सरिताओं के मार्गों को रोककर कृत्रिम तालाबों का निर्माण किया जाता है, उनके समीप स्थित बस्तियों का प्रतिरूप भी चापाकार हो जाता है।

10. प्रतिरूप इस प्रकार की बस्तियाँ किसी अन्तरीप के सिरे पर या नदी के नोकीले मोड़ पर बसी होती हैं। इनके अग्र भाग में मकानों की संख्या कम और पृष्ठ भाग में अधिक होती है।।

11. तारा प्रतिरूप-इस प्रतिरूप की बस्ती शुरू में त्रिज्या के आकार की होती है और बाद में मार्गों के किनारे-किनारे विस्तार होने के कारण बस्ती तारा आकार ग्रहण कर लेती है।

12. हार्स-शू प्रतिरूप-इस प्रकार की बस्ती छोटी-सी पहाड़ी या गोल टीले के एक भाग के चारों और इस प्रकार से फैली होती है कि उसका आकार अंग्रेजी के अक्षर ‘U’ जैसा हो जाता है।

13. पंख प्रतिरूप-पंख आकार की बस्तियाँ नदियों के डेल्टाओं पर बसी हुई होती हैं। भारत में महानदी, गोदावरी और कृष्णा नदियों के डेल्टाओं पर इस प्रकार की बस्तियाँ पाई जाती हैं। हिमालय के पाद-प्रदेशों (Piedmont Areas) में भी काँप-पंखों (Alluvial fans) पर भी ऐसे प्रतिरूप विकसित हुए हैं।

14. बहुकोणीय प्रतिरूप यह बड़ी तथा वर्गाकार प्रतिरूपों के मध्य की अवस्था है। इन बस्तियों का प्रतिरूप वर्गाकार से बदलकर बहुकोणीय हो जाता है।

प्रश्न 3.
नगरीय बस्तियों के विभिन्न प्रकारों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
अथवा
नगरीय बस्तियों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
नगरीय बस्तियों को अपने आकार, उनमें उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं तथा इनमें किए जा रहे कार्यों के आधार पर अनेक प्रकारों में विभक्त किया जा सकता है। नगरीय बस्तियों के विभिन्न प्रकार निम्नलिखित हैं-
1. नगर-नगर ग्रामीण बस्ती से बड़ी एक ऐसी संहत बस्ती है जिसमें जन-समुदाय नगरीय जीवन-यापन करता है। ग्रामीण बस्ती से नगर को अलग करने के लिए जनसंख्या के आकार के साथ-साथ नगरों तथा ग्रामीण बस्तियों के कार्यों की विषमता पर भी ध्यान दिया जाता है। अपने विशिष्ट कार्यों के आधार पर नगरों को अनेक प्रकार से बाँटा जा सकता है खनन नगर तथा पत्तन नगर आदि नगरों में निर्माण, उद्योग, थोक तथा खुदरा व्यापार तथा विभिन्न व्यावसायिक सेवाएँ उपलब्ध होती हैं।

2. शहर-शहर आकार तथा जनसंख्या में नगरों से बड़े होते हैं। उनके आर्थिक कार्य भी अधिक तथा जटिल होते हैं। अतः किसी क्षेत्र में अनेक नगरों में से सबसे अग्रणी नगर को शहर का दर्जा प्राप्त होता है। यह प्रादेशिक तथा स्थानीय स्तर पर अनेक नगरों को पीछे छोड़ देता है। मम्फोर्ड के अनुसार, शहर उच्च एवं अत्यधिक जटिल प्रकार के जीवन का भौतिक स्वरूप है। शहरों में प्रादेशिक, प्रशासनिक कार्यालय, प्रमुख शिक्षण संस्थान, उच्च व्यापारिक कार्यालय, वित्तीय संस्थाएँ एवं मनोरंजन स्थल इत्यादि होते हैं।

3. महानगर-दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर महानगर कहलाते हैं। यह प्रादेशिक राजधानी अथवा बड़ी व्यापारिक तथा औद्योगिक क्षेत्र होता है। सन् 1810 में इस श्रेणी में आने वाला पहला शहर लंदन था। सन् 1850 में पेरिस तथा सन् 1860 में न्यूयॉर्क शहर ने इस श्रेणी में प्रवेश किया।

4. सन्नगर-सबसे पहले इस शब्द का प्रयोग सन् 1915 में पैट्रिक गिडिज़ ने किया था। सन्नगर में कई फैलते हुए कस्बे, परस्पर मिलकर एक इकाई बनाते हैं। इनके केन्द्र में भी कई नगरीय बस्ती होती है। सन्नगर विशाल तथा सतत् नगरीय क्षेत्र होता है जो अलग-अलग नगरों या शहरों के आपस में मिलने से बनता है। जनसंख्या प्रसार तथा आर्थिक विकास के कारण किसी नगर के निकटवर्ती नगरों का आपस में सम्मिलन सन्नगर कहलाता है। कोलकाता, नई दिल्ली आदि सन्नगरों के उदाहरण हैं।

5. विश्व नगरी-मैगालोपोलिस का शाब्दिक अर्थ होता है विशाल नगर (Great City)। ये अत्यन्त बड़े नगर होते हैं जिनकी जनसंख्या प्रायः 50 लाख से अधिक होती है। मेगा सिटी शब्द का प्रयोग दक्षिणी हैंपशायर से उत्तरी वर्जीनिया तक फैले हुए क्षेत्र के लिए सर्वप्रथम जीन गोटमेन ने किया था। यह एक फैलता हुआ बड़ा महानगरीय क्षेत्र होता है जिसमें सन्नगरों का समूह तथा जनसंख्या का सतत् विस्तार पाया जाता है। टोकियो, न्यूयॉर्क, मास्को, शंघाई आदि विशाल नगरों को मम्फोर्ड ने मैगालोपोलिस की संज्ञा दी है। मैगालोपोलिस की कुल जनसंख्या मुख्य नगर व उपनगरों को मिलाकर एक करोड़ से अधिक होती है। न्यूयॉर्क को विश्व का पहला मैगालोपोलिस होने का श्रेय प्राप्त है।

प्रश्न 4.
नगरों के प्रकार्यात्मक वर्गीकरण का वर्णन कीजिए।
अथवा
कार्य के आधार पर नगरों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
विशेष व्यवसाय एवं कार्य की प्रधानता के आधार पर नगरों का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से किया जाता है-
1. औद्योगिक नगर इन नगरों में निर्माण उद्योग से सम्बन्धित कार्यों की प्रधानता होती है। औद्योगिक नगरों में कच्चे मालों से सामान तैयार किया जाता है। उदाहरणार्थ कच्चे लोहे से इस्पात (Steel) तैयार करना, रूई से वस्त्र तैयार करना, रबड़ के टायर, बिजली के तार तथा सीमेन्ट तैयार करना आदि निर्माण उद्योग हैं। शुरू में ये औद्योगिक नगर कोयले की खानों के नजदीक स्थापित किए जाते थे परन्त अब बिजली पर निर्भरता के कारण औद्योगिक नगर कोयले की खानों से दर भी विकसित हो रहे हैं। औद्योगिक नगर के उदाहरण-टाटा नगर, हावड़ा, भिलाई, बर्मिंघम, कानपुर आदि।

2. व्यापारिक नगर अथवा व्यापारिक केन्द्र-विश्व के अधिकतर नगर व्यापार के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण रहे हैं। व्यापारिक नगर के विकास का मुख्य आधार परिवहन (Transport) की सुविधा होती है। व्यापारिक नगर का मुख्य कार्य किसी क्षेत्र के उत्पादन को एकत्रित करके दूसरे क्षेत्रों की माँग की पूर्ति करना है। इन्हें बाजार तथा मंडियाँ भी कहा जाता है। इन बाजारों में व्यापारी बैंक, बीमा कम्पनियाँ, स्टॉक एक्सचेंज तथा अन्य वित्तीय संस्थान भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं। ऐसे नगरों में छोटी मात्रा में उद्योग भी होते हैं। स्थानीय कच्चे मालों को निर्मित रूप देने के लिए उद्योग भी स्थापित हो सकते हैं। व्यापारिक नगरों का विकास निम्न स्थितियों में होता है

  • किसी सड़क या रेलमार्ग के समीप
  • दो विपरीत प्रकार के क्षेत्र जैसे पर्वत व मैदान की सीमा पर
  • सड़क या मार्गों के मिलने के स्थान पर
  • समुद्र पत्तनों पर।

कनाडा का विनिपेग, भारत का आगरा, इराक का बगदाद, पाकिस्तान का लाहौर आदि व्यापारिक नगर के उदाहरण हैं। इसी प्रकार दिल्ली में आजादपुर मण्डी, हापुड़, मुजफ्फरनगर तथा मेरठ आदि प्रमुख वितरण केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध हैं।

3. परिवहन नगर परिवहन नगर परिवहन की विशेष सुविधाओं के कारण विकसित होते हैं। परिवहन नगर का विकास दो प्रकार की स्थितियों (Locations) में होता है-

  • मार्ग में बाधा के कारण
  • दो या दो से अधिक व्यापारिक मार्गों के मिलने के स्थान पर। कोई ऐसी बाधा जहाँ परिवहन को रोका जाए तथा वहाँ से सामान अन्य साधन द्वारा आगे ले जाया जाए, ऐसे स्थानों पर नगर बस जाता है।

उदाहरण-

  • रेलमार्ग समाप्त होकर आगे सड़क मार्ग से जाना
  • समुद्री मार्ग समाप्त होकर आगे सड़क अथवा रेलमार्ग से जाना।

दो या अधिक व्यापारिक मार्गों के मिलने के स्थान पर परिवहन नगरों का विकास प्रत्येक देश में हुआ है। उदाहरण-भटिण्डा, आगरा, नागपुर, पेरिस, बर्लिन, मास्को आदि यूरोप के बड़े परिवहन नगर इसी प्रकार के हैं। परिवहन नगरों में निर्माण उद्योग की अत्यधिक उन्नति के कारण ये औद्योगिक नगरों में भी परिवर्तित हो जाते हैं।

4. प्रशासनिक नगर-ये नगर प्रशासन के केन्द्र होते हैं; जैसे राष्ट्र की राजधानियाँ-नई दिल्ली, मास्को, बीजिंग आदि; राज्य-स्तर पर राजधानियाँ-जयपुर, गांधीनगर, लखनऊ आदि प्रशासनिक नगरों के उदाहरण हैं। ऐसे नगरों में बड़ी संख्या में सरकारी कार्यालय तथा सरकारी आवास होते हैं।

5. सांस्कृतिक नगर-इन नगरों में सांस्कृतिक गतिविधियों; जैसे शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान, मनोरंजन तथा धर्म के विकास एवं प्रसार को महत्त्व दिया जाता है। ये मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं

  • शिक्षा नगर-इनमें महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, छात्रावास, खेलकूद तथा प्रशिक्षण केन्द्रों की अधिकता होती है; जैसे इलाहाबाद, पंतनगर, पिलानी, ऑक्सफोर्ड, हारवर्ड, कुरुक्षेत्र, रुड़की, सोनीपत आदि शिक्षा नगरों के उदाहरण हैं।
  • धार्मिक नगर-विश्व के कई नगर धार्मिक क्रियाकलापों के कारण विख्यात हो जाते हैं; जैसे वेटिकन सिटी, धर्मशाला, हरिद्वार, अमृतसर, मथुरा, वाराणसी, बालाजी, अजमेर आदि।

6. प्रतिरक्षा नगर-इन नगरों में सैनिकों के प्रशिक्षण तथा अभ्यास की व्यवस्था होती है। नगर में जिस स्थान पर सैनिक रहते हैं, उसे कैंटोनमेंट कहते हैं; जैसे जोधपुर, देहरादून, अम्बाला तथा हिसार आदि।

7. संग्रह नगर-इन नगरों में प्राकृतिक वस्तुओं के संग्रह करने की सुविधा होती है। इनमें प्रमुख निम्नलिखित हैं

  • खनन केन्द्र-ये नगर खानों के आसपास विकसित हो जाते हैं। ये छोटी-छोटी बस्तियों के समूह होते हैं जिनका विकास वहाँ मिलने वाले खनिजों के कारण होता है; जैसे खेतड़ी, रानीगंज, जोहांसबर्ग, झरिया आदि।
  • मत्स्य पत्तन-ये नगर मछली संग्रह के केन्द्र होते हैं। ये केन्द्र मछली के संग्रह से वितरण तक के सभी कार्य करते हैं; जैसे कालीकट, कोचीन, पुद्दचेरी आदि।
  • काष्ठ बर्तन नगर-ये नगर वनों के निकट विकसित होते हैं। इन नगरों में आरा मिलें, कागज के कारखाने तथा फर्नीचर बनाने के कारखाने स्थापित हो जाते हैं; जैसे नेपानगर, हलद्वानी, काठगोदाम आदि।

8. मनोरंजन नगर (Recreation Towns)-ये नगर अपने पर्यावरण अथवा किसी विशेष कार्य के कारण आमोद-प्रमोद की सभी सुविधाओं से सम्पन्न होते हैं। ये नगर अपनी इन सुविधाओं के कारण पर्यटकों को आकर्षित करते हैं; जैसे जयपुर, आगरा, शिमला, मंसूरी, गोवा, मुम्बई आदि।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 10 मानव बस्तीी

प्रश्न 5.
बस्ती किसे कहते हैं? ग्रामीण बस्तियों तथा नगरीय बस्तियों को कैसे अलग किया जा सकता है?
अथवा
बस्तियों के वर्गीकरण के आधारों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
बस्ती (Settlement) – बस्ती अंग्रेजी के शब्द ‘Settlement’ का रूपांतरण है और इस शब्द की उत्पत्ति ‘Settle’ से हुई है। Settle का तात्पर्य है ठहरना या स्थायी, जिसका अर्थ कुछ समय का घूमना-फिरना, ठहर जाना या स्थायी जीवन से है। इस प्रकार मानव के स्थायी आश्रय या निवास बस्ती कहलाते हैं। जोन्स बूंश (Brunches) ने बस्ती को भूगोल में इस प्रकार से परिभाषित किया है-“अधिवास स्थायी हो या अस्थायी, वह एकल हो या संकुल, उसका महत्त्वपूर्ण उपयोग मानव-आवास है।” समस्त प्रदेश में आवास-क्षेत्र दूर से ही पहचाने जाते हैं।” उनकी सज्जा, निर्माण सामग्री, रचना तथा निर्माण में उस विशेष क्षेत्र की छाप होती है।

वहाँ की सांस्कृतिक एवं भौतिक लक्षणों का एक सामूहिक प्रतिबिंब होता है। भौतिक एवं सांस्कृतिक विशेषताएँ उसके हर लक्षण में परिलक्षित होती हैं। बस्ती में सभी प्रकार के आश्रय (Shelter) सम्मिलित होते हैं, चाहे वह झोंपड़ी हो या मिट्टी का बना मकान और चाहे वह सीमेंट और लोहे की बनी भव्य इमारत हो या महल । बस्ती में व्यापारिक, औद्योगिक, सार्वजनिक, सामाजिक एवं व्यक्तिगत सभी को शामिल किया जाता है। आकार की दृष्टि से बस्ती एकाकी मकान भी हो सकता है दो चार घर भी हो सकते हैं, कुछ परिवारों का समूह या पुरवा (Hamlet) भी हो सकता है, एक बड़ा गाँव या शहर अथवा महानगर (Metropolitan) भी हो सकता है।

बस्तियों के वर्गीकरण के आधार-ग्रामीण बस्तियों तथा नगरीय बस्तियों को निम्नलिखित लक्षणों के आधार पर अलग-अलग किया गया है-
1. जनसंख्या का आधार (Population’s Base) नगरीय तथा ग्रामीण बस्तियों को उनकी जनसंख्या के आधार पर अलग-अलग भागों में बाँटा गया है, लेकिन विश्व के भिन्न-भिन्न देशों में जनसंख्या का आधार अलग-अलग है। डेनमार्क तथा स्वीडन जैसे छोटे देशों में 250 तक की जनसंख्या वाली बस्ती को ग्रामीण तथा 250 से अधिक जनसंख्या वाली बस्ती को, नगरीय बस्ती माना है। कनाडा तथा वेनेजुएला में 1000 से अधिक की जनसंख्या वाली बस्ती को नगरीय बस्ती माना है। संयुक्त राज्य अमेरिका तथा थाइलैंड में 2500 से अधिक जनसंख्या वाली बस्ती को नगरीय बस्ती माना गया है तथा 400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० से अधिक जनसंख्या का घनत्व जिस बस्ती में हो, उसे नगरीय बस्ती की संज्ञा दी गई है।

2. आर्थिक आधार-कुछ देशों ने ग्रामीण तथा नगरीय बस्ती का आधार विभिन्न आर्थिक क्रियाओं को माना है। आर्थिक व्यवसायों के आधार पर दोनों को अलग-अलग भागों में बाँटा जाता है। भारत में बस्तियों के वर्गीकरण के लिए दूसरा आधार व्यावसायिक है। जो बस्ती प्राथमिक व्यवसायों जैसे कृषि, पशपालन, आखेट, मत्स्य, लकड़ी काटना तथा खनन व्यवसायों में लगी है, उसे ग्रामीण तथा जिस बस्ती में अधिकांश लोग द्वितीयक तथा तृतीयक कार्यों; जैसे उद्योग, व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन आदि कार्यों में लगे हैं, उन्हें नगरीय बस्ती कहा जाता है।

3. प्रशासनिक आधार-कुछ देशों में नगरीय तथा ग्रामीण बस्तियों के विभाजन का आधार प्रशासनिक भी है; जैसे भारत में जहाँ पंचायत तथा ग्राम सभाएँ हैं, उन्हें गाँव तथा जिन बस्तियों में नोटीफाईड टाउन एरिया, कंटोनमेंट बोर्ड, नगरपालिकाएँ, नगर परिषद्, महानगरपालिकाएँ आदि हैं, उन्हें नगर की संज्ञा दी है। अमेरिकी देशों; जैसे ब्राजील तथा बोलविया में छोटे-छोटे प्रशासनिक केंद्रों को भी नगर माना गया है।

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