Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Solutions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 11th Class Chemistry Solutions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ
प्रश्न 1.
निम्नलिखित के लिये मोलर द्रव्यमान का परिकलन कीजिए –
(i) H2O
(ii) CO2
हल:
(i) H2O का मोलर द्रव्यमान
= 2 × हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान + ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान
= 2 × 1 + 16
= 18 u
(ii) CO2 का मोलर द्रव्यमान
= कार्बन का परमाणु द्रव्यमान + (2 x ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान)
= 12 + 32
= 44 u
(iii) CH4 का मोलर द्रव्यमान
= कार्बन का परमाणु द्रव्यमान
+ (4 × हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान)
= 12 + 4 × 1
= 16 u
प्रश्न 2.
सोडियम सल्फेट (Na2SO4) में उपस्थित विभिन्न तत्वों के द्रव्यमान प्रतिशत का परिकलन कीजिए।
हल:
सोडियम सल्फेट का आण्विक द्रव्यमान = (2 x सोडियम का परमाणु द्रव्यमान) + सल्फर का परमाणु द्रव्यमान + (4 x ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान)
= (2 x 23) + 32 + (4 x 16)
= 46 + 32 + 64
= 142 u
प्रश्न 3.
आयरन के उस ऑक्साइड का मूलानुपाती सूत्र ज्ञात कीजिए, जिसमें द्रव्यमान द्वारा 69.9% आयरन और 30.1% ऑक्सीजन है।
हल:
तत्व | प्रतिशतता | परमाणु द्रव्यमान | प्रतिशतता / परमाणु द्रव्यमान | सरल अनुपात | पूर्ण अनुपात |
Fe | 69.9 | 56 | \(\frac { 69.9 }{ 56 }\) = 1.25 | \(\frac { 1.25 }{ 1.25 }\) = 1.0 | 1.0 x 2 = 2 |
O | 30.1 | 16 | \(\frac { 30.1 }{ 16 }\) = 1.88 | \(\frac { 1.88 }{ 1.25 }\) = 1.5 | 1.5 x 2 = 3 |
मूलानुपाती सूत्र Fe2O3
प्रश्न 4.
प्राप्त कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा का परिकलन कीजिए।
जब
(i) 1 मोल कार्बन को वायु में जलाया जाता है और
(ii) 1 मोल कार्बन को 16 ग्राम ऑक्सीजन में जलाया जाता है।
हल:
(i)
अतः 1 मोल कार्बन को वायु में जलाने पर 44 g CO2 प्राप्त होगी ।
(ii)
32 g ऑक्सीजन को जलाने पर प्राप्त होता है।
= 44 g CO2
16 g ऑक्सीजन को जलाने पर प्राप्त होता है = \(\frac { 44×16 }{ 32 }\)
= 22 g CO2
अतः 16 ग्राम ऑक्सीजन का दहन कराने पर 22 g CO2 प्राप्त होगा।
प्रश्न 5.
सोडियम ऐसीटेट (CH3COONa) का 500ml, 0.375 मोलर जलीय विलयन बनाने के लिए उसके कितने द्रव्यमान की आवश्यकता होगी? सोडियम ऐसीटेट का मोलर द्रव्यमान 82.O245 ग्राम / मोल है।
हल:
दिया गया है,
विलेय का भार (WB) = ?
विलयन का आयतन (V) = 500ml
मोलरता (M) = 0.375 mol/L
विलेय का आण्विक द्रव्यमान
(MB) = 82.0245 g/mol
M = \(\frac{W_B \times 1000}{M_B \times V}\)
WB = \(\frac{\mathrm{M} \times \mathrm{W}_{\mathrm{B}} \times \mathrm{V}}{1000}\)
= \(\frac{0.375 \times 82 \cdot 0245 \times 500}{1000}\)
= 15.38 g
विलेय का द्रव्यमान = 15.38 g
प्रश्न 6.
सान्द्र नाइट्रिक अम्ल के उस प्रतिदर्श का मोल प्रति लीटर में सान्द्रता का परिकलन कीजिए, जिसमें उसका द्रव्यमान प्रतिशत 69% हो और जिसका घनत्व 1.41 g ml-1 हो।
हल:
दिया गया है,
द्रव्यमान प्रतिशत = 69%
घनत्व = 1.41 g/ml
विलेय (HNO3) का आण्विक द्रव्यमान = (हाइड्रोजन का परमाणु भार ) + ( नाइट्रोजन का परमाणु भार ) + (3 x ऑक्सीजन का परमाणु भार )
= 1 + 14 + 3 × 16
= 1 + 14 + 48
= 63 u
69% HNO3 का तात्पर्य है 69 g HNO3, 100 g उपस्थित है।
विलेय का भार (WB) = 69 g
विलायक का भार (WA) = 100 – 69 = 31 g
प्रश्न 7.
100 ग्राम, कॉपर सल्फेट (CuSO4) से कितना कॉपर प्राप्त किया जा सकता है?
हल:
कॉपर सल्फेट का आण्विक द्रव्यमान- = Cu का परमाणु भार + S का परमाणु भार + 4 × 0 का परमाणु भार
= 63.5+ 32+ 4 × 16
= 63.5+ 32+ 64
= 159.5 u
159.5 ग्राम CuSO4 देता है = 63.5 ग्राम Cu
100 ग्राम CuSO4 देता है = \(\frac { 63.5×100 }{ 159.5 }\)
= 39.81 ग्राम Cu
100 ग्राम CuSO4 से 39.81 ग्राम कॉपर प्राप्त होता है।
प्रश्न 8.
आयरन के ऑक्साइड का आण्विक सूत्र ज्ञात कीजिए जिसमें आयरन तथा ऑक्सीजन का द्रव्यमान प्रतिशत 69.9g तथा 30.1g है।
हल:
तत्व | प्रतिशतता | परमाणु द्रव्यमान | प्रतिशतता / परमाणु द्रव्यमान | सरल अनुपात | पूर्ण अनुपात |
Fe | 69.9 | 56 | \(\frac { 69.9 }{ 56 }\) = 1.25 | \(\frac { 1.25 }{ 1.25 }\) = 1.0 | 1 x 2 = 2 |
O | 30.1 | 16 | \(\frac { 30.1 }{ 16 }\) = 1.88 | \(\frac { 1.88 }{ 1.25 }\) = 1.5 | 1.5 x 2 = 3 |
मूलानुपाती सूत्र = Fe2O3
आण्विक सूत्र = n x मूलानुपाती सूत्र
= 1 × Fe2O3
= Fe2O3
प्रश्न 9.
निम्नलिखित आँकड़ों के आधार पर क्लोरीन के औसत परमाणु द्रव्यमान का परिकलन कीजिए –
हल:
क्लोरीन का औसत परमाणु भार
= \(\frac{(75.77 \times 34.9689)+(24.23 \times 36.9659)}{75.77+24.23}\)
= \(\frac{2649 \cdot 5936+89568376}{100}\)
= \(\frac{3545 \cdot 2774}{100}\)
= 35.45 amu
प्रश्न 10.
ऐथेन (C2H6) के तीन मोलों में निम्नलिखित का परिकलन कीजिए-
(i) कार्बन परमाणुओं के मोलों की संख्या
(ii) हाइड्रोजन परमाणुओं के मोलों की संख्या
(iii) एथेन के अणुओं की संख्या।
हल:
(i) यहाँ 1 मोल एथेन (C2H6) में 2 मोल कार्बन परमाणु होते हैं। अत: 3 मोल एथेन में कार्बन के मोलों की संख्या
= 2 × 3 = 6 मोल
(ii) 1 मोल एथेन (C2H6) में 6 मोल हाइड्रोजन होते हैं । अतः 3 मोल एथेन में हाइड्रोजन के मोलों की संख्या
= 3 × 6 = 18 मोल
(iii) 1 मोल ऐथेन 6.022 x 1023 अणु ऐथेन होते हैं।
अत: 3 मोल एथेन में अणुओं की संख्या
= 3 × 6.022 x 1023
= 1·8069 × 1024 अणु
प्रश्न 11.
यदि 20 ग्राम चीनी (C12H2O11) को जल की पर्याप्त मात्रा में घोलने पर उसका आयतन 2L हो जाए, तो चीनी के इस विलयन की सान्द्रता क्या होगी ?
हल:
विलेय का भार (WB) = 20 ग्राम
विलेय का अणु भार (C12H22O11)
= 12 × 12 + 1 × 22 + 11 × 16
= 144 +22 + 176
= 342 g/mol
आयतन (V) = 2000ml
मोलरता (M) = \(\frac{W_B \times 1000}{M_B \times V}\)
= \(\frac{20 \times 1000}{342 \times 2000}\)
= 0.029 मोल/लीटर
प्रश्न 12.
यदि मेथेनॉल का घनत्व 0.793 kg L-1 हो तो इसके 0.25 M के 2.5 L विलयन को बनाने के लिए कितने आयतन की आवश्यकता होगी?
हल:
विलेय का घनत्व (d) = 0.793 kg/L-1
मोलरता (M) = 0.25 M
आयतन (V) = 2.5 L
मेथेनॉल का आण्विक द्रव्यमान (MB) = CH3OH
= (कार्बन का परमाणु भार ) + (4 × हाइड्रोजन का परमाणु भार) + (ऑक्सीजन का परमाणु भार )
= 12 + 4 x 1 + 16
= 12+4+ 16
= 32 amu
प्रश्न 13.
दाब को प्रति इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाले बल के रूप में परिभाषित किया जाता है। दाब का SI मात्रक नीचे दिया गया है-
1 Pa = 1 N/m²
यदि समुद्र तल पर हवा का द्रव्यमान 1034 g cm-2 हो तो पास्कल में दाब का परिकलन कीजिए।
हल:
प्रश्न 14.
द्रव्यमान का SI मात्रक क्या है? इसे किस प्रकार परिभाषित किया जाता है?
हल:
द्रव्यमान का SI मात्रक किग्रा. है। यह अन्तर्राष्ट्रीय मानक किग्रा. के बराबर है।
प्रश्न 15.
निम्नलिखित पूर्व-लग्नों को उनके गुणांकों के साथ मिलाइए-
पूर्व लग्न | गुणांक |
(i) माइक्रो | 106 |
(ii) डेका | 109 |
(iii) मेगा | 10-6 |
(iv) गीगा | 10-15 |
(v) फेम्टो | 10 |
हल:
इसका सुमेल निम्न प्रकार है-
पूर्व लग्न | गुणांक |
(i) माइक्रो | 10-6 |
(ii) डेका | 10 |
(iii) मेगा | 106 |
(iv) गीगा | 109 |
(v) फेम्टो | 10-15 |
प्रश्न 16.
सार्थक अंकों से आप क्या समझते हैं?
हल:
सार्थक अंक (Significant Figure):
सार्थक अंक वे अर्थपूर्ण अंक होते हैं, जिनके द्वारा निश्चितता अंक को अंतिम अंक के रूप में लिखा जाता है। सार्थक अंक माप की विश्वसनीयता (reliability) सूचित करते हैं। किसी अभिलिखित माप में सार्थक अंकों की संख्या जितनी अधिक होती है उतना ही अधिक विश्वास (confidence) उस माप में हम रख सकते हैं।
अर्थात् जिस माप में सार्थक अंकों की संख्या जितनी अधिक होती है उसका मान उतना ही अधिक परिशुद्ध (Precise) होता है तथा जिस मान में सार्थक अंकों की संख्या कम होती है वह उतना ही कम परिशुद्ध (Precise) होता है।
सार्थक अंकों को निर्धारित करने के कुछ नियम होते हैं। यह नियम निम्न प्रकार हैं-
(1) सभी गैर शून्य अंक सार्थक होते हैं।
उदाहरण-
2856 = चार सार्थक अंक
5.35 = तीन सार्थक अंक
(2) प्रथम गैर शून्य अंक से पहले आने वाले शून्य सार्थक नहीं होते हैं। ऐसे शून्य केवल दशमलव की स्थिति को बताते हैं ।
उदाहरण-
0.03 = एक सार्थक अंक
0.0052 = दो सार्थक अंक
(3) दो गैर-शून्य अंकों के मध्य स्थित शून्य सार्थक होते हैं।
उदाहरण-
2.005 = चार सार्थक अंक
5.0032 = पाँच सार्थक अंक
(4) किसी अंक की दाँयीं ओर या अंत में आने वाले शून्यं सार्थक होते हैं, परन्तु उसके लिये यह शर्त है कि वे दशमलव की दाँयीं ओर स्थित हों।
उदाहरण-
0.300 तीन सार्थक अंक
0.8000 = चार सार्थक अंक
परन्तु दशमलव विहीन संख्याओं में दाँयीं ओर के शून्य सार्थक नहीं होते।
उदाहरण – 100 में केवल एक सार्थक अंक है तथा 1000 में चार सार्थक अंक हैं। अतः ऐसी संख्याओं को वैज्ञानिक संकेतन में प्रदर्शित करना उपयुक्त होता है अतः अंक 100 के लिए-
1 x 10² = एक सार्थक अंक
1.0 × 10² = दो सार्थक अंक
100 x 10² = तीन सार्थक अंक
(5) वस्तुओं की गिनती, उदाहरण के लिए 2 पेन्सिल, 20 सेबों में । सार्थक अंकों की संख्या अनंत है, क्योंकि ये दोनों ही यथार्थपरक संख्याएँ हैं और इनको दशमलव लिखकर उनके बाद अनंत शून्य लिखकर व्यक्त किया जा सकता है।
जैसे-
2 = 2.0000000 या
20 = 20.0000000
(6) वैज्ञानिक संकेतन में लिखी सभी संख्याओं के अंक सार्थक होते हैं।
उदाहरण – 4.01 x 10² = तीन सार्थक अंक
8.256 x 10-3 = चार सार्थक अंक
परिशुद्धता (Precision) – एक ही राशि के मान ज्ञात करने में उसी प्रयोग को बार-बार दोहराने (replicate) पर करीब-करीब एक से मान (concordancent value) प्राप्त हों तो इसे परिशुद्धता (Precision) कहते हैं ।
यथार्थता (Accuracy ) – किसी भी राशि की सही माप की तुलना मानक मान से करने को ही यथार्थता (Accuracy) कहते हैं।
किसी भी राशि का मान मापने के पश्चात् उसकी तुलना मानक मान से करने पर यदि दोनों के मान आपस में मेल खाते हैं, तो मान अधिक यथार्थ है।
उदाहरण के लिए-यदि किसी परिणाम का सही मान 2.00g है, और एक विद्यार्थी ‘क’ दो मापन करता है, उसे 1.95g और 1.93g परिणाम प्राप्त होते हैं। एक-दूसरे के बहुत पास होने के कारण ये मान परिशुद्ध हैं, परन्तु यथार्थपरक नहीं हैं। दूसरा विद्यार्थी ‘ख’ दो मापनों के लिए 1.94g और 2.05g परिणाम प्राप्त करता है। ये दोनों परिणाम न तो परिशुद्ध हैं और न ही यथार्थपरक । तीसरे विद्यार्थी ‘ग’ को इन मापनों के लिए 2.01g और 1.99g परिणाम प्राप्त होते हैं। ये मान परिशुद्ध भी है और यथार्थपरक भी ।
इसे निम्न सारणी द्वारा प्रदर्शित कर सकते हैं।
सारणी 1.4 : आँकड़ों की परिशुद्धता और यथार्थता का निरूपण
मापन (में) | |||
1 मान | 2 मान | औसत (g) | |
छात्र ‘क’ | 1.95 | 1.93 | 1.940 |
छात्र ‘ख’ | 1.94 | 2.05 | 1.995 |
छात्र ‘ग’ | 2.01 | 1.99 | 2.000 |
प्रायोगिक या परिकलित मानों में अनिश्चितता को सार्थक अंकों की संख्या द्वारा व्यक्त किया जाता है।
प्रश्न 17.
पेय जल के नमूने में क्लोरोफॉर्म, जो कैंसरजन्य है, से अत्यधिक संदूषित पाया गया। संदूषण का स्तर 15 ppm (द्रव्यमान के रूप में) था।
(i) इसे द्रव्यमान प्रतिशतता में दर्शाइए।
(ii) जल के नमूने में क्लोरोफॉर्म की मोललता ज्ञात कीजिए।
हल:
(i) द्रव्यमान प्रतिशतता की गणना
15 ppm से तात्पर्य है कि नमूने के 106 ग्राम में 15 ग्राम क्लोरोफॉर्म उपस्थित है।
विलेय का भार = 15 ग्राम
106 ग्राम नमूने में है = 15 ग्राम क्लोरोफॉर्म
100 ग्राम नमूने में है = \(\frac{15 \times 100}{10^6}\) = 15 x 10-4
अत: नमूने की द्रव्यमान प्रतिशतता = 15 x 10-4%
(ii) मोललता की गणना
विलेय क्लोरोफॉर्म का भार (WB) = 15 x 10-4 g
क्लोरोफॉर्म का अणुभार (MB)
= 12 + 1 + (3 x 35.-5)
= 119.5 g/mol
विलयन का द्रव्यमान = 100 g
विलायक का द्रव्यमान = 1000 – 0015
(WA) = 99.9985 g
मोललता (m) = \(\frac{W_B \times 1000}{\mathrm{M}_{\mathrm{B}} \times \mathrm{W}_{\mathrm{A}}}\)
= \(\frac{0.0015 \times 1000}{119.5 \times 99.9985}\)
= 1.25 × 10-4 मोल/ किग्रा.
= 1.25 × 10-4 mol/kg
प्रश्न 18.
निम्नलिखित को वैज्ञानिक संकेतन में लिखिए-
(i) 0.0048
(ii) 234,000
(iii) 8008
(iv) 500.0
(v) 6.0012
हल:
वैज्ञानिक संकेतन
(i) 0.0048 = 4.8 x 10-3
(ii) 234,000 = 2.34 × 105
(iii) 8008 = 8.008 × 103
(iv) 500.0 = 5.000 × 10²
(v) 6.0012 = 6.0012 × 100
प्रश्न 19.
निम्नलिखित में सार्थक अंकों की संख्या बताइए-
(i) 0.0025
(ii) 208
(iii) 5005
(iv) 126,000
(v) 500.0
(vi) 2.0034
हल:
सार्थक अंक
(i) 0.0025 = 2
(ii) 208 = 3
(iii) 5005 = 4
(iv) 126,000 = 6
(v) 500.0 = 3
(vi) 2.0034 = 5
प्रश्न 20.
निम्न का तीन सार्थक अंकों तक निकटतम मान ज्ञार कीजिए।
(i) 34.216
(ii) 10.4107
(iii) 0.04597
(iv) 2808
हल:
(i) 34.216 = 34.2
(ii) 10.4107 = 10.4
(iii) 0.04597 = 0.0460
(iv) 2808 = 2810
प्रश्न 21.
(क) जब डाईनाइट्रोजन और डाईऑक्सीजन आपस में अभिक्रिया करके भिन्न यौगिक बनाती हैं तो निम्न आँकड़े प्राप्त होते हैं –
डाईनाइट्रोजन का द्रव्यमान | डाईऑक्सीजन का द्रव्यमान |
(i) 14 ग्राम | 16 ग्राम |
(ii) 14 ग्राम | 32 ग्राम |
(iii) 28 ग्राम | 32 ग्राम |
(iv) 28 ग्राम | 80 ग्राम |
उपर्युक्त प्रायोगिक आँकड़ों से रासायनिक संयोजन के किस नियम के अनुरूप है, बताइए।
हल:
डाईनाइट्रोजन का नियत द्रव्यमान 14 ग्राम लेने पर, डाइनाइट्रोजन के 14 ग्राम से संयोजित होने वाले डाइऑक्सीजन का (द्रव्यमानानुसार) अनुपात है –
16 : 32 : 16 : 40 या 2 : 4 : 2 : 5
चूँकि अनुपात एक सरल पूर्ण संख्याएँ हैं, अतः ये आँकड़े गुणित अनुपात के नियम का पालन करते हैं।
गुणित अनुपात का नियम – यह नियम डाल्टन ने सन् 1803 में दिया था।
इसके अनुसार,
“यदि दो तत्व संयोग करके एक से अधिक यौगिक बनाते हैं तो एक तत्व के साथ दूसरे तत्व के संयुक्त होने वाले द्रव्यमान सरल पूर्णांकों के अनुपात में होते हैं।”
(ख) निम्न रूपान्तरणों (Conversions) में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
(i) 1 km = – mm = – pm
(ii) 1 mg = – kg = – ng
(iii) 1 mL = – L = – dm³
हल:
(i) 1 km = (1 km ) x \(\frac{(1000 \mathrm{~m})}{(1 \mathrm{~km})}\)
= (10³ m) x \(\frac{\left(10^3 \mathrm{~mm}\right)}{(1 \mathrm{~m})}\)
= 106 mm
1 km = (1 km ) x \(\frac{(1000 \mathrm{~m})}{(1 \mathrm{~km})}\)
= (10³ m) x \(\frac{\left(10^{12} \mathrm{pm}\right)}{(1 \mathrm{~m})}\)
= 1015 pm
अतः 1 km = 106 mm = 1015 pm
(ii) 1 mg = (1 mg) x \(\frac{\left(10^{-6} \mathrm{~kg}\right)}{(1 \mathrm{mg})}\)
= 10-6 kg
1 mg = (1 mg) x \(\frac{\left(10^{6} \mathrm{~kg}\right)}{(1 \mathrm{mg})}\)
= 10-6 kg
अतः 1 mg = 10-6 kg = 106 ng
(iii) 1 mL = (1 mL) × \(\frac{\left(10^{-3} \mathrm{~L}\right)}{(1 \mathrm{~mL})}\)
= 10-3 L
1 mL = (1 mL ) x \(\frac{\left(10^{-3} \mathrm{dm}^3\right)}{(1 \mathrm{~mL})}\)
= 10-3 dm³
अतः, 1 mL = 10-3 L = 10-3 dm³.
प्रश्न 22.
यदि प्रकाश का वेग 300 x 108 m/s1 हो, तो 2.00ns में प्रकाश कितनी दूरी तय करेगा?
हल:
प्रकाश द्वारा 1 सेकेण्ड में तय दूरी
= 3.0 × 108 m
अर्थात् चाल = 3 x 108 m/s
समय = 2.00ns
= 2.0 × 10-9 s
चाल = \(\frac { दूरी }{ समय }\)
दूरी = चाल x समय
= 3 x 108 × 2 × 10-9
= 0.6m
प्रश्न 23.
किसी अभिक्रिया A + B → AB में निम्नलिखित अभिक्रिया मिश्रणों में सीमांत अभिकर्मकों, यदि कोई हो, तो ज्ञात कीजिए।
(i) A के 300 परमाणु + B के 200 अणु
(ii) A के 2 मोल + B के 3 मोल
(iii) A के 100 परमाणु + B के 100 अणु
(iv) A के 5 मोल + B के 2.5 मोल
(v) A के 2.5 मोल + B के 5 मोल
हल:
(i) प्रश्न के अनुसार, A के 300 परमाणु + B के 200 अणु
A के 1 परमाणु के साथ अभिक्रिया करने वाले B अणुओं की संख्या = 1
A के 300 परमाणु के साथ अभिक्रिया करने वाले B अणुओं की संख्या = 300
किन्तु B के वस्तुतः उपलब्ध अणुओं की संख्या = 200
अतः यहाँ B सीमान्त अभिकर्मक है।
(ii) 2 मोल A + B के 3 मोल B
A परमाणु के 1 मोल B के 1 मोल अणु के साथ अभिक्रिया करते A के 2 मोल परमाणु B2 के 2 मोल अणुओं के साथ ही क्रिया करेंगे। अतः यहाँ A सीमान्त अभिकर्मक है।
(iii) A के 100 परमाणु + B के 100 अणु
चूँकि A का 1 परमाणु B के 1 अणु के साथ अभिक्रिया करता है, अतः A के 100 परमाणु B के 100 अणु के साथ अभिक्रिया करेगा। इसलिए यहाँ पर कोई भी सीमान्त अभिकर्मक नहीं है।
(iv) A के 5 मोल तथा B के 2.5 मोल
चूँकि A का 1 परमाणु B के 1 अणु के साथ अभिक्रिया करता है, अत: 5 मोल A परमाणुओं के लिए 5 मोल B के अणुओं की आवश्यकता होगी। परन्तु B के केवल 2.5 मोल ही उपलब्ध है अत: यहाँ B सीमान्त अभिकर्मक है।
(v) A के 2.5 मोल + B के 5 मोल
A परमाणु के 1 मोल B के 1 मोल अणु के साथ अभिक्रिया करते हैं तो A के 2.5 मोल परमाणु B के 2.5 मोल अणु के साथ अभिक्रिया करेगा परन्तु यहाँ B के 5 मोल अणु उपलब्ध हैं। अतः यहाँ A सीमान्त अभिकर्मक हैं।
प्रश्न 24.
डाइनाइट्रोजन और डाइहाइड्रोजन निम्नलिखित रासायनिक समीकरण के अनुसार अमोनिया बनाती हैं –
N2 (g) + 3H2(g) → 2NH3 (g)
(i) यदि 2.00 × 10³ g डाइनाइट्रोजन 100 x 10³ g डाइहाइड्रोजन के साथ अभिक्रिया करती है, तो प्राप्त अमोनिया के द्रव्यमान का परिकलन कीजिए।
(ii) क्या दोनों में से कोई अभिक्रियक शेष बचेगा ?
(iii) यदि हाँ, तो कौन.सा, उसका द्रव्यमान क्या होगा ?
उत्तर:
28 g N2 को अभिक्रिया के लिये आवश्यकता है
= 6 g H2 की
2 × 10³ g N2 को अभिक्रिया के लिये आवश्यकता है
= \(\frac{6 \times 2 \times 10^3}{28}\)
= 428.6 g H2 की
(ii) किन्तु उपलब्ध हाइड्रोजन की मात्रा = 1 x 10³ g
= 1000 g
अर्थात् हाइड्रोजन अधिकता में है एवं हाइड्रोजन की शेष मात्रा
= 1000.428.6
= 571.4g H2
(iii) यहाँ डाइनाइट्रोजन सीमान्त अभिकर्मक है।
28 g N2 अभिक्रिया करके बनाती है = 34 g NH3
2000 g N2 अभिक्रिया करके बनाती है
= \(\frac{34 \times 2000}{28}\)
= 2428.6g NH3
अर्थात् 2428.6g NH3 बनेगी।
प्रश्न 25.
0.5 mol Na2CO3 और 0.50 M Na2CO3 में क्या अन्तर है?
हल:
Na2CO3 के मोलर द्रव्यमान
= 2 × 23 + 12 + 3 × 16
= 106 g/mol
0.5 मोल Na2CO3 = 0.50 × 106 = 53 g
जबकि 0.50 M Na2CO3 विलयन की मोलरता है। यह Na2CO3 की सान्द्रता को मोल/ली. में व्यक्त करती है। 0.5 mol Na2CO3 को विलयन में घोला गया है।
प्रश्न 26.
यदि डाइहाइड्रोजन गैस के 10 आयतन डाइऑक्सीजन गैस के 5 आयतनों से अभिक्रिया करें तो जलवाष्प के कितने आयतन प्राप्त होंगे।
हल:
अतः 10 आयतन डाइहाइड्रोजन 5 आयतन डाइऑक्सीजन से क्रिया करके 10 आयतन जलवाष्प प्रदान करता है।
प्रश्न 27.
निम्नलिखित को मूल मात्रकों में परिवर्तित कीजिए –
(i) 28.7pm
(ii) 15.15pm
(iii) 25365mg
हल:
(i) 28.7pm = 2.87 × 10-11 m
(ii) 15.15 pm = 15.15 × 10-12
= 1.515 × 10-11 m
(iii) 25365 mg = 2.5365 × 10-2 kg
प्रश्न 28.
निम्नलिखित में से किसमें परमाणुओं की संख्या सबसे अधिक होगी?
(i) 1g Au (s)
(ii) 1g Na (s)
(iii) 1 g Li (s)
(iv) 1g Cl2 (g)
हल:
(i) 1 g Au में (Au का परमाणु द्रव्यमान = 197g/mol)
197 g Au में उपस्थित परमाणु = 6·022 × 1023
1g Au में उपस्थित परमाणु =\(\frac{6022 \times 10^{23}}{197}\)
= 3.06 × 1021 परमाणु
(ii) 1g Na में (Na का परमाणु भार = 23 g/mol)
23 g Na में उपस्थित परमाणु = 6.022 x 1023
1 g Na में उपस्थित परमाणु =\(\frac{6022 \times 10^{23}}{23}\)
= 2.62 × 1022 परमाणु
(iii) 1 g Li में (Li का परमाणु भार = 6.9g/mol)
6.9 g Li में उपस्थित परमाणु = 6.022 × 1023
1 g Li में उपस्थित परमाणु =\(\frac{6022 \times 10^{23} \times 11}{6.9}\)
= 8.73 × 1022 परमाणु
(iv) 1 g Cl2 में (Cl का परमाणु भार = 35.5 g/mol)
71 g Cl2 में उपस्थित परमाणु = 2 x 6.022 × 1023
1 g Cl2 में उपस्थित परमाणु =\(\frac{2 \times 6022 \times 10^{23}}{71}\)
= 1.697 × 1022 परमाणु
अत: 1 g Li में सबसे अधिक परमाणु होंगे।
प्रश्न 29.
ऐथेनॉल के ऐसे जलीय विलयन की मोलरता ज्ञात कीजिए। जिसमें ऐथेनॉल का मोल. अंश 0.040 है। (मान लें कि जल का घनत्व 1 है ।)
हल:
अत: ऐथेनॉल की मोलरता = 2.31 मोल / लीटर है।
प्रश्न 30.
एक 12C कार्बन परमाणु का ग्राम (g) में द्रव्यमान का क्या होगा ?
हल:
कार्बन के 6.022 × 1023 परमाणुओं का द्रव्यमान = 12 g
कार्बन के 1 परमाणु का द्रव्यमान = \(\frac{12}{6.022 \times 20^{23}}\)
= 1.993 × 10-23g
अत: एक 12C कार्बन परमाणु का द्रव्यमान 1993 × 10-23g है।
प्रश्न 31.
निम्नलिखित परिकलनों के उत्तर में कितने सार्थक अंक उपस्थित होने चाहिये ?
(i) \(\frac{002856 \times 298.15 \times 0.112}{0.5785}\)
(ii) 5 × 5.364
(iii) 0.0125 +0.7864+0.0215
हल:
(i) न्यूनतम परिशुद्ध अंक (0.112) में 3 सार्थक अंक है। अतः उत्तर में तीन सार्थक अंक होने चाहिये।
(ii) दूसरे अंक (5.364) में चार सार्थक अंक हैं। अत: उत्तर में चार सार्थक अंक होने चाहिये।
(iii) चूँकि दशमलव के बाद चार अंक हैं अत: उत्तर में भी चार सार्थक अंक होने चाहिये।
प्रश्न 32.
प्रकृति में उपलब्ध आर्गन के मोलर द्रव्यमान की गणना के लिए निम्नलिखित तालिका में दिए गए आँकड़ों का उपयोग कीजिए-
समस्थानिक | समस्थानिक (मोलर द्रव्यमान) | प्रचुरता |
36Ar | 35.96755 | 0.337 % |
38Ar | 37.96272 | 0.063 % |
40Ar | 39.9624 | 99.600 % |
हल:
आर्गन का औसत मोलर द्रव्यमान निम्न प्रकार से ज्ञात किया जा सकता है,
औसत मोलर द्रव्यमान
= \(\begin{aligned}
& (0.337 \times 35.96755)+(0.063 \times 37.96272) \\
& \frac{+(99.600 \times 39.9624)}{99.600+0.337+0.063} \\
&
\end{aligned}\)
= \(\frac{12 \cdot 121064+2 \cdot 3916514+3980 \cdot 255}{100}\)
= 3994.7678/100
= 39.94 g/mol
प्रश्न 33.
निम्नलिखित में से प्रत्येक में परमाणुओं की संख्या ज्ञात कीजिए –
(i) 52 मोल Ar
(ii) 52 u He
(iii) 52g He
हल:
(i) 1 मोल Ar = 6.022 × 1023 परमाणु
52 मोल Ar = 52 × 6.022 x 1023 परमाणु
= 3.13 × 1025 परमाणु
(ii) 4 u He = 1 परमाणु
52u He = \(\frac { 52 }{ 4 }\) परमाणु
= 13 परमाणु He
(iii) He का परमाणु द्रव्यमान = 4gm
4 ग्राम He = 6.022 × 1023 परमाणु
52 ग्राम He = \(\frac{6 \cdot 022 \times 10^{23} \times 52}{4}\) परमाणु
= 78.286 × 1023 परमाणु
= 7.83 x 1024 परमाणु
प्रश्न 34.
एक वेल्डिंग ईंधन गैस (Welding fuel gas) में केवल कार्बन और हाइड्रोजन है। इसके नमूने की कुछ मात्रा ऑक्सीजन से जलाने पर 3.38g कार्बन डाईऑक्साइड, 0.690g जल के अतिरिक्त और कोई उत्पाद नहीं बनाती है। इस गैस के 10.0L (STP पर मापित) आयतन का भार 11.6 gm पाया गया। इसके –
(i) मूलानुपाती सूत्र,
(ii) अणु द्रव्यमान और
(iii) अणुसूत्र की गणना कीजिए।
हल:
प्रथम पद कार्बन व हाइड्रोजन की द्रव्यमान प्रतिशतता की गणना करना
44 ग्राम कार्बन डाईऑक्साइड में है = 12 g कार्बन
3.38 ग्राम कार्बन डाईऑक्साइड में होगा = \(\frac{12 \times 3.38}{44}\)
18 ग्राम जल में है = 2 g हाइड्रोजन
0.690 ग्राम जल में होगी = \(\frac{2 \times 0.690}{18}\)ग्राम हाइड्रोजन
= 0.0766 ग्राम हाइड्रोजन
अतः ईंधन का कुल द्रव्यमान = 0.9218 + 0.0766
= 0.9984 g
द्वितीय पद-ईंधन गैस का मूलानुपाती सूत्र
अतः ईंधन गैस का मूलानुपाती सूत्र = CH
तृतीय पद-ईंधन गैस का आण्विक द्रव्यमान
10 लीटर गैस का N.T.P पर भार= 11.6 g
22.4 लीटर गैस का N. T. P. पर भार = \(\frac { 11.6 }{ 10.0 }\) x 22.4
= 25.98 g
अतः ईंधन गैस का आण्विक द्रव्यमान = 25.98 ≈ 26.0g
चतुर्थ पद-गैस के आण्विक सूत्र की गणना
मूलानुपाती सूत्र द्रव्यमान = 12 + 1 = 13 g
आण्विक द्रव्यमान = 26g
आण्विक सूत्र = n x मूलानुपाती सूत्र
= 2 × CH = C2H2
ईंधन गैस का आण्विक सूत्र C2H2 है एवं यह गैस ऐसिटिलीन
प्रश्न 35.
CaCO3 जलीय HCl के साथ निम्नलिखित अभिक्रिया कर CaCl2 और CO2 बनाता है।
CaCO3(s) + 2HCl(g) → CaCl2 (aq) + CO2 (g) + H2O(l)
0.75M HCl के 25ml के साथ पूर्णत: अभिक्रिया करने के लिये CaCO3 की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी?
हल:
(i) HCl के द्रव्यमान की गणना करना दिया गया है –
मोलरता (M) = 0.75M
मोलर द्रव्यमान (MB) = 1 + 35.5 = 36.5 g
आयतन (V) = 25ml
द्रव्यमान (WB) = ?
मोलरता (M) = \(\frac{W_B \times 1000}{M_B \times V}\)
WB = \(\frac{\mathrm{M} \times \mathrm{M}_{\mathrm{B}} \times \mathrm{V}}{1000}=\frac{0.75 \times 36.5 \times 25}{1000}\)
= 0.684g
(ii) CaCO3 के द्रव्यमान की गणना
CaCO3 (s) + 2 HCl(aq) → CaCl2(aq) + H2O(l) + CO2(g)
1 मोल = 2ml
100gm = 2 × 36.5 = 73g
73 g HCl से अभिक्रिया करने के लिये आवश्यक है
= 100 g CaCO3
0.684 g HCl से अभिक्रिया के लिये आवश्यक होगा
= \(\frac{100 \times 0.684}{73}\)
= 0.94g
अत: 0.94g CaCP3 की आवश्यकता होगी।
प्रश्न 36.
प्रयोगशाला में क्लोरीन का विरचन मैग्नीज डाइऑक्साइड (MnO2) को जलीय HCI विलयन के साथ अभिक्रिया द्वारा निम्नलिखित समीकरण के अनुसार किया जाता है-
4 HCl(aq) + MnO2 (s) 2H2O(l) + MnCl2 (aq) + Cl2 (g) 5.0g मैंग्नीज डाइऑक्साइड के साथ HCI के कितने ग्राम अभिक्रिया करेंगे?
हल:
दी गई अभिक्रिया के अनुसार,
87 ग्राम MnO2 से अभिक्रिया करने वाला HCl = 146 g
5 ग्राम MnO2 से अभिक्रिया करने वाला HCl = \(\frac { 146×5 }{ 87 }\)
= 8.39 g