Haryana State Board HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 13 उच्च पादपों में प्रकाश-संश्लेषण Important Questions and Answers.
Haryana Board 11th Class Biology Important Questions Chapter 13 उच्च पादपों में प्रकाश-संश्लेषण
(A) वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
1. ऑक्सीकीय फॉस्फेटीकरण होता है-
(A) क्लोरोप्लास्ट में
(B) माइटोकॉण्ड्रिया में
(C) परऑक्सीसोम में
(D) सेन्ट्रिओल में
उत्तर:
(B) माइटोकॉण्ड्रिया में
2. जब ATP ADP में परिवर्तित होता है तो-
(A) ऊर्जा निकलती है।
(B) ऊर्जा शोषित होती है
(C) विकर बनता है।
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) ऊर्जा निकलती है।
3. ऑक्सीजन के EMP पथ के मध्य कुल ATP का उत्पादन होता है-
(A) 24 ATP
(B) 8 ATP
(C) 38 ATP
(D) 6 ATP
उत्तर:
(B) 8 ATP
4. सुमेलित करके सही कूट चुनिए –
1. C4 चक्र के प्रतिपादनकर्ता | (a) बारवर्ग |
2. फोटोफॉस्फोरिलेशन के खोजकर्ता | (b) ब्लैकमेन |
3. C3 चक्र के प्रतिपादनकर्ता | (c) केल्विन व बेन्सन |
4. सीमाकारक नियम के प्रस्तुतकर्ता | (d) आर्नन |
5. क्लोरेला पर प्रयोग | (e) हैच व स्लैक |
कूट
(A) 1 (a), 2. (b), 3. (c), 4. (d), 5. (e)
(B) 1. (e), 2. (d), 3. (c), 4. (b), 5. (a)
(C) 1. (a), 2. (b), 3. (e), 4. (d), 5. (c)
(D) 1. (c), 2. (b), 3. (d), 4. (a), 5. (e)
उत्तर:
(B) 1. (e), 2. (d), 3. (c), 4. (b), 5. (a)
5. कौन-सा युग्म सही नहीं है ?
(A) C3 – मक्का
(B) केल्विन चक्र – PGA
(C) हैच- स्लेक चक्र – OAA
(D) C4 – ब्रॉन्ज शारीरिकी
उत्तर:
(A) C3 – मक्का
6. केरोटीन पौधों को बचाता
(A) प्रकाश ऑक्सीकरण से
(B) निर्जलीकरण से
(C) प्रकाश श्वसन से
(D) प्रकाश संश्लेषण से
उत्तर:
(C) प्रकाश श्वसन से
7. कौन- इलेक्ट्रॉन संवहन में भाग नहीं लेता है-
(A) CO2
(B) Fa-S
(C) ATP
(D) NAD+
उत्तर:
(C) ATP
8. कौन-सा C4 पौधा है-
(A) प्याज
(B) चौलाई
(C) आलू
(D) सरसों
उत्तर:
(B) चौलाई
9. प्रकाश तंत्र-1 में पहला इलेक्ट्रॉन पाही है-
(A) एक- आयरन सल्फर प्रोटीन
(B) फैरोडॉक्सिन
(C) साइटोक्रोम
(D) प्लास्टोसायनिन
उत्तर:
(A) एक- आयरन सल्फर प्रोटीन
10. प्रकाश संश्लेषण में O निकलती है-
(A) CO2 से
(C) जल से
(B) ATP से
(D) भोजन से
उत्तर:
(C) जल से
11. ग्लूकोज के संश्लेषण में आवश्यक हाइड्रोजन का स्रोत है –
(A) NADPH2
(B) FADH2
(C) H2O
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) NADPH2
12. मण्ड संचित करने वाला लवक होता है-
(A) एमाइलोप्लास्ट
(B) ल्यूकोप्लास्ट
(C) क्लोरोप्लास्ट
(D) क्रोमोप्लास्ट
उत्तर:
(B) ल्यूकोप्लास्ट
13. सूर्य की ऊर्जा किस रूप में रासायनिक ऊर्जा में संचित होती है ?
(A) ATP
(B) RNA
(C) DNA
(D) खाद्य रूप में
उत्तर:
(A) ATP
14. प्रकाश संश्लेषण की दर सर्वाधिक होती है-
(A) लाल प्रकाश में
(B) नीले प्रकाश में
(C) अवरक्त प्रकाश में
(D) हरे प्रकाश में
उत्तर:
(A) लाल प्रकाश में
15. DCMU
(A) ऑक्सीजन को मुक्त होने से रोकता है।
(B) ऑक्सीजन का मुक्त होना उद्दीपित करता है।
(C) CO2 का स्थिरीकरण निरुद्ध करता है
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) ऑक्सीजन को मुक्त होने से रोकता है।
16. केल्विन चक्र पाया जाता है-
(A) क्लोरोप्लास्ट में
(B) माइटोकॉन्ड्रिया में
(C) गॉल्सीका में
(D) केन्द्रक में
उत्तर:
(A) क्लोरोप्लास्ट में
17. प्रकाश संश्लेषण में प्रकाश-
(A) पत्ती को गर्म करता है
(B) इलेक्ट्रॉनों को ऊर्जा देता है
(C) ATP में संचित होता है
(D) जल अपघटन करता है
उत्तर:
(D) जल अपघटन करता है
18. प्रकाश कर्म-11 में होता है –
(A) CO2 स्थिरीकरण
(B) CO2 अपचयन
(C) HO2 विखण्डन
(D) ये सभी
उत्तर:
(B) CO2 अपचयन
19. वॉयलेकॉइड होते हैं-
(A) माइटोकॉण्ड्रिया में
(B) हरित लवक में
(C) गॉल्जीकार्य में
(D) तारक काय में
उत्तर:
(B) हरित लवक में
20. प्रकाश संश्लेषण में प्रमुख सीमाकारी है-
(A) जल
(B) O2
(C) CO2
(D) N2
उत्तर:
(C) CO2
21. प्रकाश कर्म-1 में अभिक्रिया केन्द्र है-
(A) P-680
(B) P – 700
(C) P-650
(B) P – 700
(D) P-670
उत्तर:
(B) P – 700
22. O18 का प्रयोग करके किसने बताया कि O2 जल से निकलती है-
(A) केल्विन तथा बेन्सन ने
(B) इमर्सन तथा अरनॉल्ड ने
(C) हिल तथा बेहाल ने
(D) रुबेन तथा कामेन ने
उत्तर:
(D) रुबेन तथा कामेन ने
23. क्लोरोफिल ‘ए’ का सूत्र है-
(A) C55 H70O6N4 Mg
(B) C55 H72O5N4 Mg
(C) C55 H48O2N4 Mg
(D) C55 H70O5N6 Mg
उत्तर:
(B) C55 H72O5N4 Mg
24. प्रकाशीय क्रिया के दौरान नहीं होता है-
(A) जल का प्रकाशीय अपघटन
(B) H की विमुक्ति
(C) O2 की विमुक्ति
(D) इलेक्ट्रॉन स्थानान्तरण
उत्तर:
(D) इलेक्ट्रॉन स्थानान्तरण
25. फोटोसिस्टम-11 में उपयोग होने वाले आयन है-
(A) Mn+ और Cl–
(B) Mg+2 और NO–
(C) Fe++ और Cl–
(D) K+ और Na+
उत्तर:
(A) Mn+ और Cl–
26. हरित लवक में NADPH2 का निर्माण किस समय होता है ?
(A) अचक्रीय प्रकाशीय फॉस्फोरिलेशन
(B) चक्रीय प्रकाशीय फॉस्फोरिलेशन
(C) ऑक्सकीय फॉस्फोरिलेशन
(D) सबस्ट्रेट लेबल फॉस्फोरिलेशन
उत्तर:
(B) चक्रीय प्रकाशीय फॉस्फोरिलेशन
27. प्रकाश संश्लेषण में प्रथम CO2 पाही है-
(A) फॉस्फोरिक अम्ल
(B) राहबुलोज फॉस्फेट
(C) ग्लूकोज
(D) राहबुलोज 1, 5-बाइफॉस्फेट
उत्तर:
(D) राहबुलोज 1, 5-बाइफॉस्फेट
28. केल्विन चक्र की खोज में प्रयोग किया गया था-
(A) स्पाइरोगाइरा
(C) क्लेमाइडोमोनास
(B) वॉलवॉक्स
(D) क्लोरेला
उत्तर:
(D) क्लोरेला
29. C4 पौधों में CO2 का प्रथम प्राही है-
(A) फॉस्फोइनोल पाइरुवेट
(B) रिबुलोज-1, 5-बाईफॉस्फेट
(C) आक्सेलोएसीटिक एसिड
(D) फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल
उत्तर:
(A) फॉस्फोइनोल पाइरुवेट
30. प्रकाश संश्लेषण के दौरान –
(A) उत्पन्न O2 CO2 से आती है
(B) ATP बनते हैं
(C) ATP नहीं बनते हैं
(D) H2O माध्यम आवश्यक है किन्तु प्रकाश संश्लेषण में भाग नहीं लेता
उत्तर:
(B) ATP बनते हैं
31. C4 पाया जाता है-
(A) अंजीर में
(B) आम में
(C) गन्ना में
(D) इनमें से किसी में नहीं
उत्तर:
(C) गन्ना में
32. RuBP पाया जाता है –
(A) ETS में
(B) केल्विन चक्र में
(C) C, पौधे में
(D) फ्रेम में
उत्तर:
(B) केल्विन चक्र में
33. प्रकाश श्वसन के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ हैं-
(A) अधिक O2 तथा कम CO2
(B) कम O2 तथा अधिक CO2
(C) अधिक तापमान तथा अधिक CO2
(D) अधिक आईता तथा कम तापमान
उत्तर:
(A) अधिक O2 तथा कम CO2
34. गन्ना CO2 स्थिरीकरण की उच्च दक्षता दर्शाता है क्योंकि होता है –
(A) केल्विन चक्र
(B) हैच-स्लैक चक्र
(C) TCA
(D) उच्च सूर्य प्रकाश
उत्तर:
(B) हैच-स्लैक चक्र
35. क्लोरोप्लास्ट में क्लोरोफिल स्थित होते हैं-
(A) बाह्य झिल्ली में।
(B) आन्तरिक झिल्ली में
(C) पॉयलेॉइड में
(D) स्ट्रोमा में
उत्तर:
(C) पॉयलेॉइड में
36. C4 पादपों में प्रकाश-संश्लेषण वातावरणीय CO2 के कारण अन्य सीमित होता है क्योंकि –
(A) CO2 बंडलाच्छद कोशिका में प्रभावी पम्पिंग
(B) C4 पौधों में रुविस्को को CO2 के प्रति उच्च बन्धुता
(C) CO2 स्थिरीकरण का प्राथमिक उत्पाद 4 कार्बन यौगिक
(D) CO2 का प्राथमिक स्थिरीकरण PEP के मध्यस्थ होकर
उत्तर:
(D) CO2 का प्राथमिक स्थिरीकरण PEP के मध्यस्थ होकर
37. C4 पादपों में CO2 स्थिर करने वाला एन्जाइम है-
(A) PEP कार्बोक्सिले
(C) RuBP ऑक्सिलेज
(B) RuBP कार्बोक्सिलेज
(D) लाइगेज
उत्तर:
(D) लाइगेज
38. प्रकाश संश्लेषण के लिए ऊर्जा को कौन-सा पदार्थ ग्रहण करता है ?
(A) पर्णहरित
(B) जल का अणु
(C) O2
(D) RUBP
उत्तर:
(A) पर्णहरित
39. सीमाकारी कारकों का नियम किसने दिया-
(A) लीबिग
(B) ब्लैकमैन ने
(C) केल्विन ने
(D) आर्नन ने
उत्तर:
(B) ब्लैकमैन ने
40. प्रकाश कर्म-II के उत्तेजित क्लोरोफिल अणु से उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन का प्रथम ग्राही है-
(A) सायटोक्रोम
(B) आयरन-सल्फर प्रोटीन
(C) फैरीडॉक्सिन
(D) क्वीनोन
उत्तर:
(D) क्वीनोन
41. उच्च पादपों में हरित लवक के स्ट्रोमा में उपस्थित होते हैं-
(A) प्रकाश-स्वतन्त्र अभिक्रिया के एन्जाइम
(B) प्रकाश-निर्भर अभिक्रिया के एन्जाइम
(C) राइबोसोम
(D) पर्णहरिम
उत्तर:
(A) प्रकाश-स्वतन्त्र अभिक्रिया के एन्जाइम
42. चक्रीय प्रकाश फास्फोरिलीकरण द्वारा निर्मित होते हैं-
(A) NADPH
(B) ATP तथा NADPH
(C) ATP, NADPHO2
(D) ATP.
उत्तर:
(D) ATP.
43. C3 पादपों में प्रकाश-संश्लेषण की अप्रकाशिक अभिक्रिया का प्रथम स्थाई उत्पाद है-
(A) PGAL
(B) RuBP
(C) PGA
(D) OAA.
उत्तर:
(C) PGA
44. चक्रीय प्रकाश फास्फोरिलीकरण ह्षोता है-
(A) प्रकाश तन्न्र-I में
(B) प्रकाश तन्त्र-II में
(C) A तथा B दोनों में
(D) केल्विन-चक्र में।
उत्तर:
(A) प्रकाश तन्न्र-I में
45. क्राँज शरीरिकी (Kranz anatomy) अभिलक्षण है-
(A) जलोद्भिदों का
(B) मरुद्भिदों का
(C) C3 पादपों का
(D) C4 पादपों का।
उत्तर:
(D) C4 पादपों का।
46. निम्नलिखित में से किसमें प्रकाश-संश्लेषण के दौरान प्रथम CO2 स्थिरीकरण उत्पाद के रूप में PGA की खोज की गई-
(A) बायोफाइटा
(B) अनावृतबीजी
(C) आवृतबीजी
(D) शैवाल।
उत्तर:
(D) शैवाल।
47. कैम (CAM) पौधों की सहायता करता है –
(A) द्वितीयक वृद्धि में
(B) रोग प्रतिरोधकता में
(C) प्रजनन में
(D) जल संरक्षण में।
उत्तर:
(D) जल संरक्षण में।
48. कुल और विकिरण में PAR अनुपात होता है-
(A) लगभग 60 %
(B) 50 % से कम
(C) 80% से अधिक
(D) लगभग 70%
उत्तर:
(B) 50 % से कम
49. प्रकाश-संश्लेषण में प्रथम अभिक्रिया होती है-
(A) जल का प्रकाश अपघटन
(B) पर्णहरिम अणु का उत्तेजन
(C) ATP का निर्माण
(D) CO2 का स्थिरीकरण
उत्तर:
(B) पर्णहरिम अणु का उत्तेजन
50. हरित लवक के स्ट्रोमा लैमेली में प्रकाश अभिक्रिया के फलस्वसूप निर्मित होता है-
(A) NADPH2
(B) ATP, NADPHN2
(C) ATP
(D) O2
उत्तर:
(B) ATP, NADPHN2
51. प्रकाश-श्वसन निम्नलिखित पौधों का अभिलक्षण है-
(A) C3-पादप
(B) C4-पादप
(C) वायवीय श्वसन करने वाले पादप
(D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(A) C3-पादप
52. C3 तथा C4 पादपों के मध्य महत्वपूर्ण अन्तर करने वाली प्रक्रिया है-
(A) वाष्पोत्सर्जन
(B) ग्लाइकोलाइसिस
(C) प्रकाश संश्लेषण
(D) प्रकाश-श्वसन
उत्तर:
(D) प्रकाश-श्वसन
53. प्रकाश-श्वसन के दौरान कोशिकांगों का सही क्रम है-
(A) हरितलवक-गाल्जीकाय-माइटोकॉण्ड्रिया
(B) हरितलवक-रुक्ष अन्तःप्रद्रव्यी जालिका-डिक्टियोसोम्स
(C) हरितलवक-माइटोकॉण्ड्रिया-परॉक्सीसोम्स
(D) हरितलवक-रिक्तिका-परॉक्सीसोम्स
उत्तर:
(C) हरितलवक-माइटोकॉण्ड्रिया-परॉक्सीसोम्स
54. आरेख में दिए गए तीन कक्ष तीन मुख्य जैव संश्लेषण मार्गकों को निरूपित करते हैं। तीर सकल अभिकारक या उत्याद को निरूपित कसते हैं।
4,8 और 12 संख्यांकित तीर क्या हो सकते हैं ?
(A) NADH
(B) ATP
(C) H2O
(D) FAD+ या FADH2
उत्तर:
(B) ATP
55. अनॉक्सी प्रकाश संश्लेषण किसका अभिलधे है?
(A) स्पाइरोगाइरा
(B) क्लेमाइडोमोनास
(C) अल्वा
(D) रोडोस्पाइरिलम।
उत्तर:
(D) रोडोस्पाइरिलम।
(B) अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer type Quesitons)
प्रश्न 1.
प्रकाश संश्लेषण सम्बन्धी शोध में प्रयुक्त शैवाल का नाम लिखिए।
उत्तर:
डार क्लोरेला (Chlorella)
प्रश्न 2.
ऐसे स्वपोषी जीव का नाम बताइए जिसमें हरित लवक नहीं पाया
उत्तर:
सायनोबैक्टीरिया (Cyanobacteria)
प्रश्न 3.
कॉज शारीरिकी किन पौधों में पायी जाती है ?
उत्तर:
C, पौधों में
प्रश्न 4.
C. चक्र को किसने प्रस्तावित किया ?
उत्तर:
एम. डी. हेच तथा सौ. आर. स्लैक ने
प्रश्न 5.
प्रकाशिक अभिक्रिया की 2 स्कीम किसने प्रस्तुत की ?
उत्तर:
रोबिन हिल एवं बेन्डाल (R. Hill & Bendall 1960) ने
प्रश्न 6.
हरित लवक के किस भाग में प्रकाश अभिक्रिया होती है ?
उत्तर:
मेना (Grana) में।
प्रश्न 7.
हरित लवक के किस भाग में अन्धकार अभिक्रिया होती है ?
उत्तर:
स्ट्रोमा (Stroma) में।
प्रश्न 8.
प्रकाश अभिक्रिया के दोनों प्रक्रमों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रकाशकर्म-1 तथा प्रकाशकर्म-II ।
प्रश्न 9.
ऐसे दो पौधों के नाम लिखिए जिनमें रात्रि में रन्ध खुलते हैं ?
उत्तर:
नागफनी (Opuntia) तथा अगेव (Agave)
प्रश्न 10.
प्रकाश अनिर्भर अभिक्रिया के लिए ऊर्जा कहाँ से आती है ?
उत्तर:
प्रकाश अभिक्रिया में उत्पन्न ATP से।
प्रश्न 11.
हिल अभिक्रिया के तीन उत्पादों के नाम लिखिए।
उत्तर:
ऑक्सीजन, ATP तथा NADPH,
प्रश्न 12.
क्वांटम लब्धि किसे कहते हैं ?
उत्तर:
अवशोषित प्रकाश की प्रति क्वांटा में विमोचित ऑक्सीजन अणुओं की संख्या क्वांटम लब्धि (Quantum yield) कहलाती है।
प्रश्न 13.
NADP का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
निकोटिनामाइड एडीनीन डाह न्यूक्लियोटाइड फॉस्फेट
प्रश्न 14.
C पौधों में CO2 माही कौन होता है ?
उत्तर:
रियुलोज वा फॉस्फेट ( RUBP)।
प्रश्न 15.
C2 पौधों में CO2 पाही कौन होता है ?
उत्तर:
फास्फोइनोल पाइरुविक अम्ल (PEP)। प्रश्न 16. किन्हीं दो C, पौधों के नाम लिखिए। उत्तर—गन्ना, मक्का ।
प्रश्न 17.
CAM चक्र किन पौधों में पाया जाता है ?
उत्तर:
मांसल पौधों में।
प्रश्न 18.
किसी प्रकाश संश्लेषी जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर:
क्लोरोबियम (Chlorobium) ।
प्रश्न 18.
वायुमण्डल में गैसीय CO का सान्द्रण कितना होता है ?
उत्तर:
0.039% से 0.04% 1
प्रश्न 20.
जलीय पौधे किस रूप में सामान्य सतह से कार्बन का अवशोषण करते हैं ?
उत्तर:
बाइकार्बोनेट्स ।
प्रश्न 21.
जन्तुओं तथा मनुष्यों में कौन-सा वर्णक विटामिन A में बदलता
उत्तर:
B-कैरोटिन।
प्रश्न 22.
उस एन्जाइम का नाम लिखिए जो राज्युलोस-1, 5-बाइफॉस्फेट को 3- फॉस्फोलिसारिक अम्ल तथा 2- फॉस्फोग्लाइकोलिक अम्ल में तोड़ता है।
उत्तर:
राइबुलोस बाइफॉस्फेट ऑक्सीजनेस ।
प्रश्न 23.
प्रकाश संश्लेषण में सर्वाधिक महत्वपूर्ण सीमाकारी कारक कौन सा है ?
उत्तर:
कार्बन डाइ ऑक्साइड।
प्रश्न 24.
केल्विन चक्र में कौन-सा यौगिक कार्बोहाइड्रेट को हाइड्रोजन दान करता है ?
उत्तर:
NADPH
प्रश्न 25.
C4 चक्र में प्रथम स्थायी उत्पाद कौन सा होता है ?
उत्तर:
ऑक्सेलो ऐसीटिक अम्ल ।
(C) लघु उत्तरीय प्रश्न-1 (Short Answer Type Questions-I)
प्रश्न 1.
प्रकाश का गुण किस प्रकार प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को प्रभावित करता है ?
उत्तर:
प्रकाश संश्लेषी वर्णक दृश्य स्पैक्ट्रम की तरंगदैर्धा (400 mp-800mji) को अवशोषित कर सकते हैं हरे पौधों में लाल प्रकाश में अधिकतम प्रकाश संश्लेषण होता है लाल शैवालों में अधिकतम प्रकाश संश्लेषण नीले प्रकाश में होता है।
प्रश्न 2.
रेड ड्राप किसे कहते हैं ?
उत्तर:
रॉबर्ट इमर्सन (Robert Emerson) ने पता लगाया कि जब पौधों को 680 m से अधिक की तरंगदैर्ध्य (लाल रंग) दी जाती है, तब क्वांटम लब्धि में कमी आ जाती है, इसे रेड ड्राप (Red drop) कहते हैं।
प्रश्न 3.
सोलेराइजेशन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
अत्यधिक तीव्र प्रकाश में पर्णहरित (Chlorophylli) का प्रकाशीय ऑक्सीकरण होने लगता है, इस स्थिति को सोलेराइजेशन (Solarization) कहते हैं। इसमें प्रकाश संश्लेषण की दर अत्यधिक गिर जाती है।
प्रश्न 4.
श्वसन तथा प्रकाश श्वसन में अन्तर बताइए।
उत्तर:
(i) श्वसन सभी पौधों में पाया जाता है, जबकि प्रकाश श्वसन केवल C2 पौधों में पाया जाता है।
(ii) श्वसन क्रिया में ग्लूकोज प्रयुक्त होता है, जबकि प्रकाश श्वसन में ग्लाइकोलेट प्रयुक्त होता है।
प्रश्न 5.
कन्येन्सेसन विन्दु क्या है ?
उत्तर:
संतुलन प्रकाश तीव्रता (Compensation point)- शाम एवं सुबह के समय पौधों के लिए एक ऐसा समय आता है जब पत्तियों और वायुमण्डल के बीच गैसों का आदान-प्रदान नहीं होता अर्थात् कम प्रकाश प्रखरता के कारण प्रकाश संश्लेषण एवं श्वसन दरें समान होती हैं। इस समय CO2 व O का वायुमण्डल से विनिमय (Exchange) नहीं होता है, इसे कम्पेन्सन बिन्दु (Compensation point) कहते हैं।
(D) लघु उत्तरीय प्रश्न-II (Short Answer type Questions-II)
प्रश्न 1.
प्रकाश संश्लेषण की रासायनिक प्रक्रिया के सारांश को प्रदर्शित करने वाले निम्न समीकरण की व्याख्या कीजिए-
उत्तर:
प्रकाश संश्लेषण एक उपचयी ( anabolic) क्रिया है। इसमें वायुमण्डलीय CO2 तथा अवशोषित जल का उपयोग करके क्लोरोफिल (chlorophyll) तथा प्रकाश की उपस्थिति में ग्लूकोज (शर्करा) का निर्माण होता तथा O2 उपोत्पाद के रूप में निकलती है। हिल (1941) स्वेन तथा कामेन (1943) आदि ने अपने प्रयोगों द्वारा यह सिद्ध किया कि प्रकाश संश्लेषण में O2 जल के प्रकाशीय अपघटन से प्राप्त होती है। उपरोक्त समीकरण में ग्लूकोज (Glucose) के एक अणु के निर्माण के लिए 6 अणु CO2 क्रे तथा 12 अणु जल के प्रयुक्त होते हैं और साथ ही 6 अणु जल के तथा 6 अणु O2 के निकल जाते हैं।
प्रश्न 2.
प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि प्रकाश संश्लेषण में CO2 की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
CO2 प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में कार्बोहाइड्रेट के निर्माण में होती हैं। यह ज्ञात करने के लिए कि इस प्रक्रिया में CO की आवश्यकता होती है, घोल की आधी पत्ती का प्रयोग (Mohl’s half leaf experiment) किया जा सकता है। एक चौड़े मुंह वाली बोतल लेकर कार्क (Cork) को दो भागों में काटकर इसके बीच गमले में लगे पौधे की एक स्वस्थ पत्ती फँसाकर इसे कार्क सहित बोतल के मुंह में फिट कर देते हैं। बोतल में पहले से ही थोड़ी मात्रा में KOH रखा होता है। उपकरण को चित्रानुसार तैयार करके धूप में रख देते हैं। कुछ समय पश्चात् पत्ती को बाहर निकाल कर इसका मण्ड परीक्षण करते हैं। परीक्षण स
ज्ञात होता है कि पत्ती का वह भाग जो बोतल के अन्दर है, को CO2 प्राप्त नहीं हुई ( क्योंकि KOH CO2 का अवशोषण कर लेता है) जिससे उसमें मण्ड (Starch) का निर्माण नहीं हुआ। अतः स्पष्ट है कि प्रकाश संश्लेषण के लिए CO2 आवश्यक है।
प्रश्न 3.
कैसे सिद्ध करोगे कि प्रकाश संश्लेषण में ऑक्सीजन निकलती है?
उत्तर:
प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में CO2 तथा जल प्रयुक्त होकर शर्करा तथा ऑक्सीजन का निर्माण होता है।
यह सिद्ध करने के लिए कि प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में O2 उत्पन्न होती है एक सरल प्रयोग किया जा सकता है। कोई जलीय पौधा जैसे हाइड्रिला (Hydrilla) काँच की एक फनल में लेकर इसे जल से भरे बीकर में उल्टा करके रख देते हैं । फनल के ऊपर जल से भरी एक परखनली उलट देते हैं । उपकरण को धूप में रख देते हैं। कुछ समय बाद हम देखते हैं कि परखनली में जल का स्तर नीचे गिरने लगता है और इसके स्थान पर पौधे से बुलबुलों के रूप में निकली एक गैस एकत्र होने लगती है। यह प्रदर्शित करने के लिए कि यह गैस ऑक्सीजन है परखनली के भरने पर इसे अंगूठे से बन्द करके बाहर निकाल लेते हैं। अब एक जलती हुई तीली नली के मुख के पास लाते हैं। यह तीली तेजी से जलने लगती है। इससे सिद्ध होता है कि प्रकाश संश्लेषण में O2 निकलती है।
प्रश्न 4.
कैसे सिद्ध करोगे कि प्रकाश संश्लेषण में प्रकाश की आवश्यकता होती है ?
उत्तर:
यह सिद्ध करने के लिए कि प्रकाश संश्लेषण में प्रकाश की आवश्यकता होती है एक सरल प्रयोग किया जा सकता है। गमले में लगा एक स्वस्थ पौधा लेकर पहले
इसे 48 घंटे के लिए अंधेरे में रख देते हैं जिससे पत्तियों में संचित मण्ड समाप्त हो जाए। अब इस पौधे की किसी पत्ती पर दोनों ओर काले कागज की चौकोर पट्टी क्लिप (Clip) की सहायता से लगाते हैं। पौधे को धूप में रख देते हैं। जिससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है कुछ घंटे बाद उस पत्ती को तोड़कर उसका मण्ड परीक्षण करते हैं। परीक्षण (Strach Test) से ज्ञात होता है कि पत्ती में कागज लगाए गए भाग को प्रकाश न मिलने के कारण मण्ड (Starch) का निर्माण नहीं हुआ जबकि पत्ती के शेष भाग ने मण्ड परीक्षण (Starch) दिया।
प्रश्न 5.
प्रकाश फॉस्फेटीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
प्रकाश फॉस्फेटीकरण (Photo Phosphorylation):
प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में हरित लवक के अन्दर उपस्थित हरित कण प्रकाश ऊर्जा का अवशोषण करते हैं। यह ऊर्जा प्रकाश रासायनिक क्रिया में ADP द्वारा उच्च ऊर्जा बन्धों के रूप में एकत्र की जाती है तथा उच्च ऊर्जा अणु ATP का निर्माण होता है। आर्नन ने इसे फोटोसिन्थेटिक फॉस्फोराइलेशन (Photosynthetic Phosphorylation) कहा तथा ATP को प्रकाश संश्लेषण की स्वांगीकरण शक्ति (Assimilatory power) माना। प्रकाश फॉस्फेटीकरण की क्रिया दो वर्णक तंत्रों में उपस्थित भिन्न-भिन्न वर्णकों द्वारा होती हैं। इस प्रक्रिया में दो चक्र कार्य करते हैं। इन्हें चक्रीय फास्फेटीकरण (cyclic phosphorylation) तथा अचक्रीय फॉस्फेटीकरण (Noncyclic phosphorylation) कहते हैं।
प्रश्न 6.
प्रकाश संश्लेषण की चक्रिक फॉस्फेटीकरण अभिक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चक्रिक प्रकाश फॉस्फेटीकरण (Cyclic Photophosphorylation):
प्रकाश कर्म-1 के वर्णक तंत्र I के अणु प्रकाश ऊर्जा का अवशोषण करके इसे अभिक्रिया केन्द्र P-700 पर स्थानान्तरित कर देते हैं। P-700 ऊर्जा प्राप्त करके 4e– बाहर निकालता है। उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन एक आयरन सल्फर प्रोटीन माही A(FeS) द्वारा प्रहण कर लिए जाते हैं। यहाँ से इलेक्ट्रान क्रमशः फैरीडाक्सिन (Ferridoxin) तथा FAD द्वारा महण किये जाते हैं। यहाँ पर इलेक्ट्रान तथा प्रकाश जल अपघटन द्वारा उत्पन्न Ht के संयोग से FADH2 का निर्माण होता है। FADH2 से इलेक्ट्रान व H+ आयन्स NADP पर स्थानान्तरित होकर NADPH बनता है। ये NADPH2 अंधकार प्रक्रिया में CO2 स्थिरीकरण में भाग लेते हैं। यदि अपचयित A (FeS) से आगे का कोई इलेक्ट्रॉन माही e को ग्रहण नहीं कर पाता तो ये e एक अन्य पथ द्वारा वापस Cyt – bof कॉम्प्लैक्स से में पहुँच जाते हैं। इस पथ में ATP का निर्माण होता
होते हुए पुन P – 700 है। इस प्रक्रिया को चक्रीय प्रकाश फॉस्फेटीकरण (Cyclic Phosphorylation) कहते हैं।
प्रश्न 7.
अचक्रीय प्रकाश फॉस्फेटीकरण को समझाइए।
उत्तर:
अचक्रीय प्रकाश फॉस्फेटीकरण (Non-cyclic Pho Photophosphorylation ):
प्रकाश कर्म – II के वर्णक तंत्र से उत्सर्जित इलेक्ट्रान क्रमशः फिओफाइटिन (Phaeophytin) प्लास्टोक्वीनोन (Plastoquinone), cyt-bo f समिश्र तथा प्लास्टोसायनिन (Plastocyanin) से होते हुए प्रकाश कर्म-1 के अभिक्रिया केन्द्र P-700 पर पहुँचते हैं। ये इलेक्ट्रॉन वापस वर्णक तंत्र I के अभिक्रिया केन्द्र P-680 में वापस नहीं लौटते हैं। इस
पथ में भी एक ATP अणु का निर्माण होता है। इसे अचक्रीय प्रकाश फॉस्फेटीकरण कहते हैं।
प्रश्न 8.
प्रकाश कर्म-1 तथा प्रकाश कर्म-11 में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
प्रकाश कर्म । तथा प्रकाश कर्म | में अन्तर
प्रकाश कर्म-I (Photo act-I) | प्रकाश कर्म-II (Photo act-II) |
इसका अभिक्रिया केन्द्र P-700 होता है। | इसका अभिक्रिया केन्द्र P-680 होता है। |
प्रकाश तंत्र-I स्ट्रोमा थाइलेकॉइड की झिल्ली तथा इसके दृश्य भाग में होता है। | यह प्रेना थाइलेकॉइड (Thylakoid) के दृश्य भाग की केवल झिल्ली में होता है। |
यह प्रकाश फॉस्फेटीकरण के चक्रीय तथा अचक्रीय दोनों पदों में भाग लेता है। | यह केवल अचक्रीय प्रकाश फॉस्फेटीकरण में भाग लेता है। |
यह PS-II से इलेक्ट्रॉन प्रहण करता है। | यह प्रकाश जल अपघटन से इलेक्ट्रॉन लेता है। |
यह इलेक्ट्रॉन NADP को देता है। | यह P-700 को इलेक्ट्रॉन देता है। |
प्रश्न 9.
टिप्पणी लिखिए पत्तियाँ सौर संग्राहक हैं।
उत्तर:
सभी हरे पौधे अपना भोजन सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में स्वयं बना लेते हैं। इन पौधों की पत्तियों में हरित लवक पाया जाता है। हरित लवक (Chloroplast) में विभिन्न प्रकार के वर्णक मिलते हैं। ये वर्णक सूर्य के प्रकाश की विभिन्न तरंगदैयों (Wave length) का अवशोषण करते हैं। इसीलिए पत्तियों को सौर संग्राहक कहते हैं। हरित लवक का मुख्य वर्णक क्लोरोफिल होता है। यह CO2 व जल द्वारा प्रकाश की उपस्थिति में शर्करा का निर्माण करते हैं। पौधों द्वारा अवशोषित सौर ऊर्जा (Solar energy) का केवल 3-5% भाग ही प्रकाश संश्लेषण में प्रयुक्त होता है। शेष का परावर्तन कर दिया जाता है।
प्रश्न 10.
प्रकाश संश्लेषण की प्रकाशिक तथा अप्रकाशिक अभिक्रियाओं में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
प्रकाशिक व अप्रकाशिक अभिक्रिया में अन्तर (Difference between Light and Dark Reaction)
प्रकाशिक अभिक्रिया (Light Reaction): | अप्रकाशिक अभिक्रिया (Dark Reaction): |
इसके लिए प्रकाश आवश्यक है। | इसके लिए प्रकाश की उपस्थिति आवश्यक नहीं होती है। |
हरित लवक के म्रेना (grana) में होती है। | हरितलवक के स्ट्रोमा (Stroma) में होती है। |
प्रकाशीय ऊर्जा का अवशोषण होता है तथा रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तन कर ATP का निर्माण होता है। इसे प्रकाश फॉस्फेटीकरण कहते हैं। | प्रकाशीय क्रिया से प्राप्त ऊर्जा का प्रयोग CO2 स्वांगीकरण में होता है तथा कार्बोहाइड्रेट बनता है । |
जल का अपघटन होता है जिससे O2 उप-उत्पाद के रूप में मिलती है तथा H+ व e– मिलते हैं। | H+ का उपयोग CO2 के अपचयन में होता है। |
ऑक्सीजन गैस मुक्त होती है। वर्णक तन्नों की आवश्यकता होती है। | CO2 प्रयुक्त होती है । |
प्रश्न 11.
रसो- परासरणी परिकल्पना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। रसो- परासरणी परिकल्पना
उत्तर:
रसो- परासरणी परिकल्पना (Chemi-osmotic Hypothesis)
हरित लवक में ATP का संश्लेषण होता है। ATP संश्लेषण का वर्णन रसोपरासरणी (Chemi-osmotic) परिकल्पना के आधार पर किया जा सकता है। ATP का संश्लेषण क्लोरोप्लास्ट के थायलेकॉइड झिल्लियों के आर-पार प्रोटोन प्रवणता (Proton gradint) के कारण होता है। प्रोटॉन का संचय झिल्ली के अन्दर अर्थात् गुहा (Lumen) की ओर होता है। प्रोटॉन का झिल्ली की गुहा में संचय निम्नलिखित कारणों से होता है –
(क) जल के अणु का अपघटन झिल्ली के अन्दर होता है, अतः जल के अपघटन से मुक्त H+ अथवा थायलेकॉइड गुहा में संचित होते हैं।
(ख) इलेक्ट्रॉन के प्रकाश तंत्र के माध्यम से गति करते ही प्रोटॉन झिल्ली के पार चला जाता है। क्योंकि इलेक्ट्रॉन माही झिल्ली के बाहर स्थित होता है। इलेक्ट्रॉन का स्थानान्तरण H+ ग्राही को किया जाता है। अतः e– प्रवाह के समय यह अणु स्ट्रोमा से एक प्रोटॉन ले लेता है, जब यह अणु अपने इलेक्ट्रॉन को झिल्ली के भीतरी ओर स्थित इलेक्ट्रॉन वाहक (elctron carrier) को देता है, तब प्रोटॉन को झिल्ली के अन्दर की ओर मुक्त कर देता है।
(ग) NADP रिडक्टेज विकर ( enzyme) झिल्ली के स्ट्रोमा की ओर होता है। प्रकाश प्रक्रम I के इलेक्ट्रॉन ग्राही आने वाले इलेक्ट्रॉन के साथ-साथ प्रोटीन NADP को NADPH में अपचयित करने के लिए आवश्यक होता है। ये प्रोटॉन स्ट्रोमा से प्राप्त होते हैं। अतः स्ट्रोमा में प्रोटॉन की संख्या घटती है और झिल्ली के भीतर (गुहा में) प्रोटॉन का संचय होता है। इस प्रकार झिल्ली के आर-पार प्रोटॉन प्रवणता उत्पन्न होती है। प्रोटॉन प्रवणता के टूटने से ऊर्जा मुक्त होती है। ATPase विकर की उपस्थिति में ADP ऊर्जा महण करके ATP का निर्माण करता है।
प्रश्न 12.
CAM पौधों में CO2 का स्थिरीकरण किस प्रकार होता है ?
उत्तर:
अनेक मांसल, मरुद्भिद (xerophytic) पादपों जैसे नागफनी (Opuntia), भीक्वार (Agave) आदि को कैम (CAM) पौधे कहते हैं। इन पौधों में CO2 स्थिरीकरण विशेष प्रकार से होता है। इन पौधों में वाष्पोत्सर्जन रोकने के लिए रन्ध्र दिन के समय बन्द रहते हैं तथा रात्रि के समय खुलते हैं। दिन के समय पौधों को प्रकाश संश्लेषण के लिए CO2 उपलब्ध नहीं होती । रात्रि के समय CO2 स्थिरीकरण C2 पौधों की भांति होता है। CO2 पहले फॉस्फोइनोल पाइरुविक अम्ल (PEP) से क्रिया करके ऑक्सेलोऐसीटिक अम्ल (OAA) बनाती है। यह मैलिक अम्ल में अपचयित (Reduce) हो जाता है। मैलिक अम्ल कोशिका रस में संचित हो जाता है।
इस क्रिया को अम्लीकरण कहते हैं। प्रात:काल रन्ध्र (Stomata) बन्द होने पर मैलिक अम्ल विघटित होकर CO2 मुक्त करता है। CO2 केल्विन चक्र में प्रवेश करके RuBP से मिलकर 3- फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल बनाती है। दिन के समय मैलिक अम्ल में विघटन से CO2 के मुक्त होने की क्रिया को विअम्लीकरण कहते हैं। इस प्रकार अम्लीकरण की क्रिया को कैम (CAM-Crassulacean Acid Metabolism) कहते हैं। कैम तथा C2 पौधों में CO2 का स्थिरीकरण दो बार होता है लेकिन कैम पौधों में यह क्रिया पर्णमध्योतक कोशिकाओं (Mesophyll cells) में होती है। और अलग-अलग समय पर होती है C2 पौधों में CO2 का स्थिरीकरण अलग-अलग कोशिकाओं में दिन के समय ही होता है।
(E) निबन्धात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
प्रकाश संश्लेषण को परिभाषित कीजिए। प्रकाश संश्लेषण की क्रियाविधि का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis ) – प्रकाश संश्लेषण हरे पादपों में होने वाली एक जटिल जैव रासायनिक क्रिया है। सुकेन्द्री (Eukaryotic) पादपों में यह क्रिया हरित लवक में होती है। इस सम्पूर्ण क्रिया में पौधे मृदा से जल व वायुमण्डल से CO2 महण करके सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में हरित लवक की सहायता से शर्करा (sugar) का निर्माण करते हैं। अतः वह उपचय क्रिया जिसमें हरे पौधे CO2 व जल का उपयोग करके सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में हरित लवक की सहायता से भोज्य पदार्थ व O2 बनाते हैं प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) कहलाती है।
प्रकाश संश्लेषण की क्रिया दो चरणों में पूर्ण होती है –
I. प्रकाश निर्भर अभिक्रिया या प्रकाश रासायनिक प्रतिक्रिया।
II. अन्धकार अभिक्रिया या ब्लैकमैन प्रतिक्रिया।
1. प्रथम प्रकाश रासायनिक आयाक्रया (First Step Photo Chemical Reaction):
यह अभिक्रिया हरित लवक के मेना में होती है। सर्वप्रथम हरित लवक में हरिम कण अणु प्रकाश की निश्चित तरंगदैर्ध्य का अवशोषण करके उत्तेजित अवस्था में आ जाते हैं। प्रकाश की इस ऊर्जा से जल के अणुओं का अपघटन OH+ तथा H+ आयनों में होता है। OH– आयन संयुक्त होकर पानी तथा O2 बनाते हैं H+ आयन NADP2 द्वारा ग्रहण कर लिये जाते हैं। उत्पन्न ऑक्सीजन की कुछ मात्रा कोशिकीय श्वसन में प्रयुक्त हो जाती है तथा शेष वातावरण में मुक्त हो जाती है। इस क्रिया में इलेक्ट्रानों की उत्पत्ति होती है जो विभिन्न पथों से गुजरते हुए ATP का निर्माण करते हैं। इस प्रकार प्रकाश अभिक्रिया के तीन उत्पाद होते हैं – ATP NADP H2 तथा O2
II. द्वितीय चरण अंधकार अभिक्रिया या ब्लैकमैन अभिक्रिया (Second Step Dark reaction or Blackmann reaction ) – इस प्रक्रिया के लिए प्रकाश की आवश्यकता नहीं होती है। यह हरित लवक के स्ट्रोमा में होती है। इसमें प्रकाश अभिक्रिया में उत्पन्न ATP तथा NADPH का प्रयोग करके CO2 का अवकरण होकर शर्करा का निर्माण होता है। इस क्रिया में स्ट्रोमा (Stroma) में पहले से उपस्थित 5 कार्बन वाला पदार्थ रिबुलोज डाई फास्फेट ( Ru BP) कार्बन डाइ ऑक्साइड के एक अणु को प्राप्त करके 6 कार्बन वाला एक अस्थाई यौगिक बनाना है जो बाद में 3 कार्बन वाले फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल (3-PGA) के अणुओं में टूट जाते हैं। यहाँ पर NADPH2 प्रयुक्त होकर अन्ततः 6 कार्बन परमाणु वाले यौगिक ग्लूकोज का निर्माण करते हैं।
प्रश्न 2.
0प्रकाश संश्लेषण के दो वर्णक तंत्रों का वर्णन कीजिए।
अथवा
सिद्ध कीजिए कि प्रकाश संश्लेषण की क्रिया दो वर्णक तंत्रों में पूर्ण होती है।
उत्तर:
इमरसन (Emerson) ने क्लोरेला (Chlorella) नामक शैवाल पर किये गए प्रयोगों के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि प्रकाश अवशोषण करने के लिए वर्णकों के कम से कम दो समूह होते हैं। एक समूह के वर्णक लघु तरंगदैर्ध्य वाली प्रकाश किरणों को अवशोषित करते हैं तथा दूसरे समूह के वर्णक दीर्घ तरंगदैर्ध्य की प्रकाश किरणों को अवशोषित करते हैं। वर्णकों के ये समूह क्रमश: प्रकाश कर्म-1 (Photosystem I) तथा प्रकाश कर्म-11 (Photosystem II ) को संचालित करते हैं।
वर्णक तंत्र-I (Pigment system-1 ) यह प्रकाश कर्म-1 को संचालित करता है। इसमें पर्णहरिम ‘8’ के विभिन्न अणु जैसे Chl ‘a’ 660, Chl ‘a’ 670, Chla 690, Chl ‘a’ 700 होते हैं। ये सभी विभिन्न तरंगदैर्ध्य वाली प्रकाश किरणों का अवशोषण करते हैं। इनमें से Chl ‘a’ 700 अभिक्रिया केन्द्र का कार्य करता है। इसके शेष क्लोरोफिल अणु एन्टीना का कार्य करते हैं और अवशोषित ऊर्जा को अभिक्रिया केन्द्र पर स्थानान्तरित करते हैं। Chl’a’ 700 को P-700 भी कहते हैं। इसी से उच्च ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉनों (High energy electron) का स्थानांतरण होता है। यह प्रकाश कर्म चक्रीय प्रकाश फॉस्फेटीकरण (Cyclic Photophosphorylation) तथा अचक्रीय प्रकाश फॉस्फेटीकरण (Non-cyclic Photophosphorylation) दोनों में कार्य करता है।
वर्णक तंत्र-II (Pigment system-II) – यह प्रकाश कर्म-11 को संचालित करता है। इसमें क्लोरोफिल ‘४’ के विभिन्न अणु जैसे Chl ‘a’ 660, Chl-‘a’ 670, Chl ‘a’ 678 तथा Chl ‘b’ 650 होते हैं। इनमें से एक विशिष्ट अणु क्लोरोफिल a-680 (Chlorophyll] ‘a’ 680) भी होता है। यह अभिक्रिया केन्द्र का कार्य करता है। इसे P-680 भी कहते हैं। प्रकाशकर्म-II तथा वर्णक तंत्र-II केवल अचक्रीय प्रकाश फॉस्फेटीकरण में भाग लेता है।