HBSE 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

HBSE 10th Class Geography खनिज और ऊर्जा संसाधन Textbook Questions and Answers

खनिज और ऊर्जा संसाधन के प्रश्न उत्तर HBSE 10th Class

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न

(i) निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज अपक्षयित पदार्थ के अवशिष्ट भार को त्यागता हुआ चमकानों के अपघटन से बनता है?
(क) कोयला
(ख) बॉक्साइट
(ग) सोना
(घ) जस्ता
उत्तर-
(ख) बॉक्साइड

(ii) झारखंड में स्थित कोडरमा निम्नलिखित से किस खनिज का अग्रणी उत्पादक है?
(क) बॉक्साइट
(ख) अभ्रक
(ग) लौह अयस्क
(घ) ताँबा
उत्तर-
(ख) अभ्रक

(iii) निम्नलिखित चमकानों में से किस चमकान के स्तरों में खनिजों का निक्षेपण और संचयन होता है?
(क) तलछटी चमकानें
(ग) आग्नेय चमकानें
(ख) कायांतरित चमकानें
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(क) तलछटी चमकानें

(iv) मोनाजाइट रेत में निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज पाया जाता है?
(क) खनिज तेल
(ख) यूरेनियम
(ग) थोरियम
(घ)कोयला
उत्तर-
(ग) थोरियम

HBSE 10th Class Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

(i) निम्नलिखित में अंतर 30 शब्दों से अधिक न दें।
(अ) लौह और अलौह खनिज
(ब) परंपरागत तथा गैर परंपरागत ऊर्जा सामान
उत्तर-
(अ) लौह खनिज

  1. ये धातु रूप में प्राप्त होते हैं
  2. ये प्रायः कठोर होते हैं
  3. इनमें चमक होती है
  4. इन्हें तारों अथवा चादारों के रूप में तैयार किया जा सकता है।

अलौह खनिज:

  1. धातु पदार्थ प्राप्त नहीं होते
  2. ये प्रायः नरम होते हैं।
  3. इनमें चमक नहीं होती
  4. इन्हें तारों अथवा चादरों के रूप में परिवर्तित नहीं किया जा सकता।

(ब) परम्परागत तथा गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधन परम्परागत संसाधन-इनमें लकड़ी, उपले, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा विद्युत (दोनों जलविद्युत व ताप विद्युत) शामिल हैं। ये (कोयला व पेट्रोलियम) अनवीकरणीय है ओर भविष्य में इनकी कमी की संभावना है। जीवाश्मी ईंधनों का प्रयोग पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न करता है।

गैर परम्परागत संसाधन-इनमें सौर, पवन, ज्वारीय भू-तापीय, बायोगैस तथा परमाणु ऊर्जा शामिल किये जाते हैं। ये नवीकरणीय है। इनके प्रयोग से पर्यावरणीय समस्या नहीं उपजती।

(ii) खनिज क्या हैं?
उत्तर-
भू-वैज्ञानिकों के अनुसार खनिज पर प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्त्व है जिसकी एक निश्चित आन्तरिक – संरचना है। खनिज प्रकृति में विविध रूपों में विद्यमान है। जिसमें कठोर हीरा वनरम चना तथा शामिल है।

(iii) आग्नेय तथा कायांतरित चमकानों में खनिजों का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर-
आग्नेय तथा कायांतरिक चट्टानों में खनिजों का निर्माण दरारों, जोड़ों, भ्रंशों व विदरों में होता है। यह छोटे जमाम शिराओं के रूप में और बृहत जमाव परत के रूप में पाए जाते हैं। इनका निर्माण भी अधिकतर उस समय होता है जब ये सरल अथवा गैसीय अवस्था में दरारों के सहारे भू-पृष्ठ की ओर धकेले जाते हैं। ऊपर आते हुए ये ठंडे होकर जम जाते हैं। उदाहरणार्थ-मुख्य धात्विक खनिज( जैसे-जस्ता, ताँबा, जिंक
और सीसा आदि इसी तरह शिराओं व जमाओं के रूप में प्राप्त होते हैं।

(iv) हमें खनिजों के संरक्षण की क्यों आवश्यकता है?
उत्तर-
हम सभी को उधोग और कृष्जि की खनिज निक्षेपों – और उनसे विनिर्मित पदार्थों पर भारी निर्भरता सुप्रेक्षित है। खनन योग्य निक्षेप की कुल राशि असार्धक अंश है। जिन खनिजों के निर्माता व सांदण में सैकड़ों वर्ष लगे है, उनका हम शीघ्रता से उपभोग कर रहे हैं। इनके निर्माण की भूगभिक प्रक्रियाएँ बहुत धीमी है। संसाधन सीमित तथा अनवीकरणीय है।

Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन HBSE 10th Class

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।

(i) भारत में कोयले के वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारत में कोयले का वितरण-भारत में कोयला दो प्रमुख भूगर्भिक युगों के शैल क्रम में प्राप्त होता है-एक
गोंडवाना जिसकी आयु 200 लाख वर्ष से कुछ अधिक है और – दूसरा टरशियरी निक्षेप जो लगभग 55 लाख वर्ष पुराने है। गोंडवाना कोयले, जो धातुशोधन कोयला है, के प्रमुख संसाध न दामोदर घाटी (पश्चिमी बंगाल तथा झारखण्ड) झरिया, रानीगंज, बोकारों में स्थित है जो महत्त्वपूर्ण कायेला क्षेत्र है। गोदावरी, महानदी, सोन व वर्धा नदी घाटियों में भी कोयले के जमाव पाये जाते हैं।

टरशियरी कोयला क्षेत्र उत्तर-पूर्वी राज्यों-मेघालय असम, अरुणाचल प्रदेश व नागालैण्ड में पाया जाता है। कोयला एक स्थूल पदार्थ है। जिसका प्रयोग करने पर भार घटता है क्योंकि यह राख में परिवर्तित हो जाता है। इसी कारण भारी उद्योग तथा ताप विद्युत गृह कोयला क्षेत्रों या उनके समीप ही स्थापित किये जाते हैं।

(ii) भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल है। क्यों?
उत्तर-
भारत एक उष्ण-कटिबंधीय देश है। इसलिये यहाँ सौर ऊर्जा के दोहन की असीम संभावनाएँ। फोटोवोल्टाइक प्रौद्योगिकी द्वारा धूप को सीधे विद्युत में परिवर्तित किया जाता – है। भारत के ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्रों में सौर ऊर्जा तीव्रता से लोकप्रिय हो रही है। भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयत्र भुज के समीप माधोपुर में स्थित है, जहाँ सौर ऊर्जा से दुग्ध के बड़े बर्तनों को कीटाणुमुक्त किया जाता है। ऐसा अपेक्षित है कि सौर ऊर्जा के प्रयोग से ग्रामीण घरों में उपलों तथा लकड़ी पर निर्भरता को न्यूनतम किया जा सकेगा। परिणामस्वरूप यह पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना और कृषि में भी प्राकृतिक अर्थात् गोबर खाद्य की पर्याप्त आपूर्ति होगी।
इस प्रकार संभवतः भारत में भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल है।

क्रियाकलाप

नीचे दी गई वर्ग पहेली में उपयुक्त खनिजों का नाम भरेंनोट : पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।
HBSE 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 1

क्षैतिज

1. एक लौह खनिज (9)
2. सीमेंट उद्योग में प्रयुक्त कच्चा माल (9)
3. चुंबकीय गुणों वाला सर्वश्रेष्ठ लोहा (10)
4. उत्कृष्ट कोटि का कठोर कोयला (10)
5. इस अयस्क से एल्यूमिनियम प्राप्त किया जाता है। (7)
6. इस खनिज के लिए खेतरी खदानें प्रसिद्ध हैं। (6)
7. वाष्पीकरण से निर्मित (6)

ऊर्ध्वाधर

1. प्लेसर निक्षेपों से प्राप्त होता है।
2. बेलाडिला में खनन किया जाने वाला लौह-अयस्क (8)
3. विद्युत उद्योग में अपरिहार्य (4)
4. उत्तरी-पूर्वी भारत में मिलने वाले कोयले की भूगर्भिक आयु (8)
5. शिराओं तथा शिरानिक्षेपों में निर्मित (3)

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